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Sanskritbhashi सं कृतभाषी
सं कृत जगत् को नूतन एवं जानकारी दे ना।

श नवार, 1 माच 2014 इस लॉग के बारे म

दे व पूजा व ध Part-2 कलश थापन


आचाया दवरण
           हाथ म जल लेकर ॐ त स. तथौ आचाया दऋ वजां वरणमहं क र ये, आचाय को
पूवा भमुख बैठाकर पाँव धोव तथा ग धा त से प चोपचार पूजन कर हाथ म वरण , जल
और अ त लेकर दा हने घुटने का पश करते ए आचाय वरण का संक प कर। 
 ॐ त सत् अमुकगो वरशाखा वतयजमानोऽहम् अमुकगो वरशाखा या यनममुकनामाचायम्
अ मन् कत े अमुकयागा ये कम ण दा यमानैः ए भवरण ैः आचाय वेन वामहं वृणे।
वृतोऽ म।
ऐसा आचाय कहे। पुनः आचाय के हाथ म न न ल खत मं पढ़कर वरण हेतु मंगल सू  बांधे।
                 ॐ तेन द ामा ो त द या ो त द णाम्।
                द णा ामा ो त या स यमा यते।।
पुनः वरण लेकर न न संक प पूवक ऋ वक् का वरण कर। ॐ त स. अ मन् अमुककम ण इस लॉग क साम ी को खोज
ऋ व वेन वामहं वृणे। ऋ वक् कहे-वृ ोऽ म। 
पुनः ाथना- खोज

              अ य याग य न प ौ भव तोऽ य चता मया।


              सु स ैः कत ं कमदं व धपूवकम्।।
पुनः ऋ वक् के साथ आचाय अपने आसन पर बैठकर आचमन, ाणायाम कर सङ् क प कर। ॐ मेरे बारे म
त स. अ मन् कम ण यजमानेन वृतोऽहं आचाय-(ऋ वक्)-कम क र ये।
दग् र ण जगदान द झा
बाय हाथ म ेत सरस अथवा अ त लेकर द ण करे।
            ॐ पूव र तु गो व द आ ने यां ग ड वजः।
            या ये र तु वाराहो नार सह तु नैऋते।।
            केशवो वा ण र ेद ् वाय ां मधुसूदनः। अनुसरण कर 404
            उ रे ीधरोर ेद शाने च गदाधरः।।
मेरा पूरा ोफ़ाइल दे ख
            ऊ वं गोव नो र ेदध ता ु व मः।
            एवं दश दशो र े ासुदेवो जनादनः।।
            य ा े पातु मा शंखः पृ े प तु र तु। Jagdanand Jha
            वामपा वे गदा र े णे च सुदशनः।।
                        उपे ः पातु ा णमाचाय पातुवामनः।
                        अ युतः पातु ऋ वेदं यजुवदमधो जः।।
                        कृ णो र तु सामा यमथवाण तु माधवः।
                        व ा ये चोपदे ार तां दामोदरोऽवतु।।
                        यजमानं सप नीक पु डरीक वलोचनः।
                        र ाहीन तु य थानं त सव र ता रः।।
सरस या अ त सभी दशा म छ ट द।
भूतो सारण
ॐ अपसप तु ते भूता ये भूृता भू म सं थताः।
            ये भूता व नकतार ते न य तु शवा या।।
            अप ाम तु भूता न पशाचाः सवतो दशम्।
            सवषाम वरोधेन शा तकम समारभेत्।।
उपयु ोक पढ़कर बाय हाथ, पाँव को तीन बार भू म पर पटक।
र ाब धन
यजमान तीन धागा वाला लाल सू ा एवं थोड़ा बाय हाथ म लेकर एवं दा हने हाथ से ढककर
जगदान द झा
‘ॐ ं फट् ’ यह मं तीन बार करके उस सू ा को गणप त के चरण म नवे दत कर। पुनः ग ध पु प
से उसक पूजा कर। फर यह सू ा गणप त के अनु ह से ा त आ ऐसा समझते ए अ य दे व
को भी नवे दत कर। पुनः आचाय स हत अ य व के सीधे दा हने हाथ म न न मं से बांधे -
                        ॐ तेन द ामा ो त द याऽऽ ो त द णाम्।
                        द णा  ामा ो त  या    स यमा यते।।
उसके बाद आचाय भी यजमान के दा हने हाथ म और यजमान प नी के बांय हाथ म न न मं
पढ़ते ए अ भम ात र ा सू बांध।
म - ॐ यदाब नं दा ायणा हर य Ủ शतानीकाय सुमन यमाना। त म आव ना म
शतशारदायायु मांजरद यथासम्।।
                        ॐ येन ब ो बली राजा दानवे ो महाबलः।
                        तेन वामनुब ना म र े  मा  चल  मा  चल।।
व णकलश थापन
हाथ म ग ध, अ त और पु प लेकर पृ वी क पूजा कर-
ॐ भूर स भू मर य द तर स व धाया व य भुवन य ध । पृ थव य छ पृ थव Ủ ह पृ थव
मा ह Ủ सीः।
कलश था पत कये जाने वाली भू म पर रोली से अ दल कमल बनाकर उ ान हाथ से भू म का
पश कर-
 ॐ मही ौः पृ थवी चन इमं य ं म म ताम्। पपृता ो भरीम भः।।
पुनः धा यम स मं से जौ रख-ॐ धा यम स धनु ह दे वा ाणाय वोदानाय वा ानाय वा
द घानु स तमायुषेधा दे वो वः स वता हर यपा णः तगृ णा व छदे र् ेण पा णना च ुषे वां
महीनां पयो स।। Create Your Badge
कलश म व तक का च बनाकर तीन धागेवाली मौली को उसम लपटे । पुनः धातु या म के
कलश को जौ के ऊपर ‘आ ज ’ इस मं को पढ़कर था पत कर।-
ॐ आ ज कलशं म ा वा वश वंदवः। पुन जा नवत वसानः। सह धु वो धारा पय वती पृ
पुन मा वशता यः।।
वेश
कलश म जल-ॐ व ण यो भनम स व ण य क भसजनी थो व ण य ऋतसद य स व ण य
जयेश- जतेशयोः सं कृत श ण- पाठशाला
ऋतसदनम स व ण य ऋतसदनमासीद।
गध ेप-ॐ ग ध ारां राधषा न यपु ां करी षणीम्। ई र सवभूतानां ता महोप ये यम्। मेरी क वताएँ

च दन लेपकर सव ष ध डाल। ॐ या ओषधीः पूवा जाता दे वे य ायुगं पुरा। मनै नु ब ूणामहं Facebook पर मेरे वचार का संकलन
शतं धामा न स त च।। आलव दार तो म् ( व नस हतः)
धा य ेप-ॐ धा यम स धनु ह। इस पूव मं से।
रामच मृ त
वा ेप-ॐ का डा का डा रोह ती प षः प ष प र। एवानो व तनु सह ेण शतेन च।।
सुभा षता न
पंचप लव ेप-ॐ अ थे वो नषदनं पण वो वस त कृता गोभाज इ कला सथ य सनवथ
पू षम्।। व प रचयः 1

स तमृ का ेप-ॐ योना पृ थ वनो भवानृ रा नवेशनी। य छा नः श म स थाः। व प रचयः 2


पूगीफल ेप-ॐ याः फ लनीया अफला अपु पाया पु पणीः। बृह प त सूता ता नो मु च व व प रचयः 3
Ủ हसः।। व प रचयः 4
पंचर न ेप-ॐ प रवाजप तः क वर नह ा य मीत् दध ना न दाशुषे।।
व प रचयः 5
द णा ेप-ॐ हर यगभः समवतता े भूत य जातः प तरेक आसीत्। सदाधार पृ थव ामुतेमां
वषयगत पु तक सूची
क मै दे वाय ह वषा वधेम।।
कुशप व ेप-ॐ प व ो थो वै ण ौ स वतुवः सव उ पुना य छ े ण प व ोण सूय य च माला

र म भः। त य ते प व ापते प व ापूत य य कामः पुने त छकेयम्। प रशीलनम्


मौन रहकर पु प डाल। लाल व या मौली क ठ म लपेट-ॐ युवा सुवासाः प रवीत आगात् स
उ ेयान् भव त जायमानः। तं धीरासः कवय उ य त सा यो मनसा दे वय तः।।
समथक
चावल से भरा पूण पा कलश के ऊपर रख 
               ॐ पूणाद व परापत सुपूणा पुनरापत। 
                 व नेव व णावहा इषमूज ठ. शत तो।।
र व से लपटा ना रयल-ॐ ी ते ल मी प यावहो रा ो पा वे न ा ण पम नौ
ा म्। इ ण षाणामु म इषाण सवलोक म इषाण।।
व णावाहन-ॐ त वाया म णा व दमान तदाशा ते यजमानो ह व भः। अहेडमानो व णेह
बो î श कृ समान आयुः मोषीः।। ॐ भूभुवः वः अ मन् कलशे व णं साङ् ं सप रवारं सायुधं
सश कम् आवाहया म थापया म। यानम्-व णः पाशभू सौ यः ती यां मकरा यः।
पाशह ता मको दे वो जलरा य धपो महान्।।
हाथ म अ त पु प लेकर त ा-ॐ मनोजू तजुषतामा य य बृह प तय ममं तनो व र ं य ठ.
स ममं दधातु। व ेदेवा स इह मादय ताम त । ॐ व णाय नमः सु त तो वरदो भव
पुनः ॐ भूभुवः वः अपां पतये व णाय नमः इस मं से प चोपचार या षोडशोपचार पूजन कर ॐ
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त वाया म इस पूव म ा से पु पा ल अ पत करे।  ॐ अनेन पूजनेन व णः ीयताम् जल
छोड़ द।
ग ा ावाहन-ॐ सव समु ाः स रत तीथा न जलदा नदाः। आया तु मम शा यथ
रत यकारकाः।।
पुनः कलश पर अ त छ ट।-ॐ ऋ वेदाय नमः। ॐ यजुवदाय नमः। ॐ सामवेदाय नमः। ॐ
अथववेदाय नमः। ॐ कलशाय नमः। ॐ ाय नमः। ॐ समु ाय नमः। ॐ ग ायै नमः। ॐ
यमुनायै नमः। ॐ सर व यै नमः। ॐ कलशकु भाय नमः।
अना मका से कलश का पश कर पढ़।
                        ॐ कलश य मुखे व णुः क ठे ः समा तः।
                        मूले व य थतो ा म ये मातृगणाः मृताः।।
                        कु ौ तु सागराः स त स त पा वसु धरा। Follow
                        ऋ वेदोऽथ यजुवदः सामवेदो थवणः।।
                        अंगै स हताः सव कलश तु समा ताः।
                        अ ा गाय ी सा व ी शा तः पु करी तथा।
                        आया तु यजमान य रत यकारकाः।। लॉग आकाइव
ततः गाय या द यो नमः इस मं से प चोपचार पूजन कर। ►  2018 (1)
कलश ाथना- ►  2017 (45)
                        ॐ दे वदानवस वादे म यमाने महोदधौ। ►  2016 (30)
                        उ प ो स तदा कु भ वघृतो व णुना वयम्।। ►  2015 (38)
                        व ोये सवतीथा न दे वाः सव व य थताः। ▼  2014 (106)
                        व य त त भूता न व य ाणाः त ताः।। ►  21 December - 28 December
                        शवः वयं वमेवा स व णु वं च जाप तः। (1)
                        आ द या वसवो ा व ेदेवाः सपैतृकाः।। ►  7 December - 14 December (3)
                        व य त त सवऽ प यतः कामफल दः। ►  30 November - 7 December (2)
                        व सादा ददं कम कतुमीहे जलो व। ►  23 November - 30 November
(6)
                        सा यं कु मे दे व स ो भव सवदा।।
►  9 November - 16 November (2)
                        नमो नम ते फ टक भाय सु ेतहाराय सुमङ् लाय।
                        सुपाशह ताय झषासनाय जला धनाथाय नमो नम ते।। ►  26 October - 2 November (3)
►  19 October - 26 October (1)
जल लेकर-ॐ अनया पूजया कलशे व णा ावा हतदे वताः ीय ताम् यह पढ़कर जल छोड़ द। इ त ►  12 October - 19 October (1)
कलशपूजा व ध। ►  28 September - 5 October (1)
►  31 August - 7 September (2)
तुतकता जगदान द झा पर 1:42 am
►  24 August - 31 August (3)
Excellent
►  17 August - 24 August (3)
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►  11 May - 18 May (1)
►  20 April - 27 April (5)
►  13 April - 20 April (3)
►  6 April - 13 April (1)
►  23 March - 30 March (11)
►  2 March - 9 March (23)
▼  23 February - 2 March (16)
दे व पूजा व ध Part-6 नव ह-
थापन एवं पूजन
दे व पूजा व ध Part-5 ना द ा
योग
दे व पूजा व ध Part-4
षोडशमातृका आ द-पूजन
दे व पूजा व ध Part-3
पु याहवाचनम्
दे व पूजा व ध Part-2
कलश थापन
दे व पूजा व ध Part-1 व तवाचन,
गणेश पूजन
दे वता के पूजन के नयम

Subhash Sharma के प म ट पणी जोड़ Learn Hieratic in Hindi Part


-4 अ ये -4,पंचक...
Learn Hieratic in Hindi Part
-4 अ ये -3,एकोद...
Learn Hieratic in Hindi Part
शीष ट प णयां -4 अ ये -2,,सप...
Learn Hieratic in Hindi Part
-4 अ ये सं का...
जगदान द झा
3 वष पहले +1 सावज नक प से साझा क गई Learn Hieratic in Hindi Part
-3 ववाह सं कार
दे  व पूजा व ध Part-2 कलश थापन
Learn Hieratic in Hindi Part
आचाया दवरण            हाथ म जल -2 मुख सं कार
लेकर ॐ त स. तथौ आचाया दऋ वजां वरणमहं क र ये , आचाय को पूवा भमुख बैठाकर पाँव धोव
Learn Hieratic in Hindi Part
तथा ग धा त से प चोपचार
-1
पूजन कर हाथ म वरण , जल और अ त लेकर दा हने घुटने
सं कृत छ दः शा वषयक थ
का पश करते ए आचाय वरण का संक प करे...
व ान् और पु तक म े कौन?

Niraj Panday ►  2 February - 9 February (2)


2 स ताह पहले सावज नक प से साझा क गई
►  26 January - 2 February (1)
 जय हो
►  19 January - 26 January (3)
►  12 January - 19 January (2)
Rajesh Sharma Rajesh ने इसे साझा कया Google+ के मा यम से
►  5 January - 12 January (1)
4 महीने पहले सावज नक प से साझा क गई

  ►  2013 (13)
►  2012 (54)
Raghav Shashtri ने इसे साझा कया Google+ के मा यम से ►  2011 (13)
6 महीने पहले सावज नक प से साझा क गई

सं कृतसजना वष 1 अंक 1
amitendra mishra
5 महीने पहले सावज नक प से साझा क गई

 Bahut upyogi

Gurudev Shukla
10 महीने पहले सावज नक प से साझा क गई

 Ati Sundar jha ji


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Shambhu bhatt ने इसे साझा कया Google+ के मा यम से
11 महीने पहले सावज नक प से साझा क गई

 
सं कृतसजना वष 1 अंक 2
Deva Nand Tiwari
1 वष पहले सावज नक प से साझा क गई

 Sastri ji aapka poojan vidhan bahot hi acha hi

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सं कृतसजना वष 1 अंक 3
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Sanskritsarjana वष 2 अंक-1

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लेबल

अंक (1)

अ भनवगु त (1)

अलंकार (2)

आचाय (1)

आधु नक सं कृत गीत (1)

आधु नक सं कृत सा ह य (2)

आ बेडकर (1)

उ र दे श सं कृत सं थान (1)

उ राखंड (1)

ऋ वेद (1)

ऋतु (1)

ऋ षका (1)

कणाद (1)

करक चतुथ (1)

करण (2)

करवा चौथ (1)

कमका ड (30)

कामशा (1)

काल (1)

का (1)

का शा (6)

का शा कार (1)

कुमाऊँ (1)

कूर (1)

कूमाचल (1)

कोजगरा (1)

गंगा (1)

गया (1)

गाय (1)

गीतकार (1)
गी त का (1)

गु (1)

गृह क ट (1)

गो व दराज (1)

ह (1)

चरण (1)

च कूट (1)

छ द (4)

जगत् (1)

जगदान द झा (1)

जग ाथ (1)

जीवनी (2)

यो तष (13)

त थ (2)

तीथ (1)

दशन (3)

ध व त र (1)

धम (1)

धमशा (12)

व न (1)

न (3)

ना शा (2)

ना यका (2)

नी त (1)

प (1)

पतंज ल (1)

पत ल (2)

प कार (2)

प का रता (1)

प का (6)

पराङ् कुशाचाय (2)

पा डु ल प (2)

पा ल (3)

पुर कार (12)

पुर कार 2016 (1)

पुर कार 2017 (1)

पुराण (2)

पु षाथ पदे श (1)

पु तक (2)

पु तक संद शका (1)

पु तक सूची (13)

पु तकालय (4)

पूजा (1)

य भ ा शा (1)

श तपाद (1)

हसन (1)

ौ ो गक (1)

ब हण (1)
बौ (5)

बौ दशन (2)

सू (1)

भरत (1)

भतृह र (2)

भामह (1)

भा य (1)

भोज ब ध (1)

मंगल (1)

मगध (3)

मनु (1)

मनोरोग (1)

महा व ालय (1)

महो सव (2)

मु त (2)

योग (6)

योग दवस (2)

रचनाकार (3)

रस (1)

राजभाषा (1)

रामसेतु (1)

रामानुजाचाय (4)

रामायण (1)

रा श (1)

री त (1)

रोजगार (3)

रोमशा (1)

ल प (1)

वग करण (1)

व लभ (1)

वा मी क (1)

व ालय (1)

व ध (1)

व नाथ (1)

व भारती (1)

व व ालय (1)

वृ (1)

वेद (1)

वैचा रक नब ध (12)

वैशे षक (1)

ाकरण (5)

ास (1)

त (1)

त कथा (1)

शंकाराचाय (1)

शतक (1)

शरद् (1)

शैव दशन (1)


सं या (1)

संचार (1)

सं कार (19)

सं कृत (19)

सं कृत आयोग (1)

सं कृत गीतम् (8)

सं कृत प का रता (1)

सं कृत चार (1)

सं कृत लेखक (1)

सं कृत वाचन (1)

सं कृत व ालय (1)

सं कृत श ा (1)

सं कृत सजना (1)

सं कृतसजना (4)

स मान (1)

सामु क शा (1)

सा ह य (1)

सा ह यदपण (1)

सुभा षत (2)

सू (3)

सूचना (1)

सोलर स टम (1)

सोशल मी डया (2)

तु त (2)

तो (3)

मृ त (11)

व तवाचन (1)

वा म र रामानुजाचाय (2)

हा य (1)

हा य का (1)

लासगंज (2)

Akhil Bhartiya Sanskrit Parishd (1)

Dharma (1)

epic (1)

Kahani (1)

Library (1)

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Mahabharata (1)

Manuscriptology (2)

photo (1)

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ramanuja devanathan (1)

Sanskrit (2)

Sanskrit language (1)

sanskrit saptaha (1)

Sanskrit sarjana (1)

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आपक उप थ त

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