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वतंत्रता िदवस केवल िब्रिटश शासन से मुिक्त का उ सव नहीं है , बि क यह एक

नए रा ट्र के ज म का भी प्रतीक है । यह हमारे वतंत्रता सेनािनय वारा िकए गए


बिलदान और हमारे वशासन के अिधकार के िलए लड़ने वाले हमारे पूवज
र् के संघष
को याद करने का िदन भी है । यह हमारे दे श की िविवधता और एकता का ज न
मनाने और सभी के िलए एक बेहतर भारत बनाने की हमारी प्रितबद्धता हे तु संक प
लेने का िदन है । उस शुभ-िदवस की वषर्गांठ मनाते हुए हम लोग सभी वाधीनता
सेनािनय को सादर नमन करते ह।

जब हम वाधीनता िदवस मनाते ह तो वा तव म हम अपनी 'भारतीयता' का उ सव


मनाते ह। हमारा भारत अनेक िविवधताओं से भरा दे श है । परं तु इस िविवधता के
साथ ही हम सभी म कुछ न कुछ ऐसा है जो एक समान है । यही समानता हम
सभी दे शवािसय को एक सत्र
ू म िपरोती है तथा 'एक भारत, े ठ भारत' की भावना
के साथ आगे बढ़ने के िलए प्रेिरत करती है । भारत की आजादी हमारे साथ-साथ
िव व म लोकतंत्र के हर समथर्क के िलए उ सव का िवषय है ।

हम यहाँ बैठ के इस बात की क पना नहीं कर सकते िक िब्रटीश शासन से आजादी


िकतनी मिु कल थी। इसने अनिगनत वतंत्रता सेनानीय के जीवन का बिलदान और
1857 से 1947 तक कई दशक का संघषर् िलया है । भारत की आजादी के िलये
अंग्रेज के िखलाफ सबसे पहले आवाज िब्रटीश सेना म काम करने वाले सैिनक मंगल
पांडे ने उठायी थी।

बाद म कई महान वतंत्रता सेनानीय ने संघषर् िकया और अपने पूरे जीवन को


आजादी के िलये दे िदया। हम सब कभी भी भगत िसंह, खद
ु ीराम बोस और च द्रशेखर
ू सकते िज ह ने बहुत कम उम्र म दे श के लड़ते हुए अपनी जान
आजाद को नहीं भल
गवाँ दी। इसिलए हम इसे एितहािसक प से उनकी याद और स मान म इस िदन
को मनाते ह।
महा मा गांधी जैसे महानायक के नेत ृ व म हुए वाधीनता संग्राम के दौरान हमारे
प्राचीन जीवन-मू य को आधुिनक युग म िफर से थािपत िकया गया। इसी कारण
से हमारे लोकतंत्र म भारतीयता के त व िदखाई दे ते ह। गाँधी जी एक महान
यिक्त व थे िज ह ने भारतीय को अिहंसा का पाठ पढ़ाया था।

आजादी के 76 साल बाद आज हमारा दे श हर क्षेत्र म प्रगित की ओर अग्रसर है ।


हमारा दे श हर िदन अलग क्षेत्र म एक नया अ याय िलख रहा है , जैसे सै य ताकत,
िशक्षा, तकिनकी, खेल और कई अ य क्षेत्र म यह हर िदन नया आयाम िलख रहा
है ।

“चंद्रयान-3 भारत का एक मह वाकांक्षी चंद्र िमशन है । चंद्रयान-3 के मा यम से,


भारत का ल य अपनी तकनीकी कौशल, वैज्ञािनक क्षमताओं और अंतिरक्ष अ वेषण
के प्रित अपनी प्रितबद्धता को प्रदिशर्त करना है । यह िमशन युवा पीढ़ी को िवज्ञान,
प्रौ योिगकी, इंजीिनयिरंग और गिणत म किरयर बनाने के िलए प्रेिरत करे गा।”

हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातभ


ृ ूिम का िदया हुआ है । इसिलए हम अपने
दे श की सुरक्षा, प्रगित और समिृ द्ध के िलए अपना सब कुछ अपर्ण कर दे ने का
संक प लेना चािहए। हमारे अि त व की साथर्कता एक महान भारत के िनमार्ण म
ही िदखाई दे गी। आज दे श के कोने-कोने म हमारा ितरं गा शान से लहरा रहा है ।

'म नहीं रहूंगा, न रहोगे तुम,


पर तु हमारी अि थय पर
उिदत होगी, उिदत होगी
नये भारत की महागाथा।'

म सभी के सख
ु द और मंगलमय जीवन के िलए शभ
ु कामनाएं यक्त करती हूं। सभी
को आजादी की 77 वीं वषर्गाठ पर ढे र सारी शुभकामनाएं।

जय िह द! जय भारत!

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