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Mahiti
Mahiti
( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुं ती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में
नहीं की जाती है )
यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कु न्ती थीं ……तथा , नकु ल और सहदेव की माता माद्री थी ।
ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।
ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कु रुक्षेत्र की रणभूमि में।
ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-
ज्ञान सिखाने के लिए।
अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे।
धन्यवाद
कोटि = प्रकार।
देवभाषा संस्कृ त में कोटि के दो अर्थ होते है,
हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं
और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...
12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!
8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।
11 प्रकार है :-
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।
एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कु मार।
कु ल :- 12+8+11+2=33 कोटी
🌍 विश्व में भारत के अलावा 15 अगस्त को ही स्वतन्त्रता दिवस और किस देश में मनाया जाता
है?
👍:- कोरिया में
🌍 विश्व का ऐसा कौन सा देश है जिसने कभी किसी युद्ध में भाग नहीं लिया?
👍:- स्विट्जरलैंड
🌍 विश्व का का कौन सा ऐसा देश है जिसके एक भाग में शाम और एक भाग में दिन होता है?
👍:- रूस
कै सी लगी जानकारी
-------------------
1) मुख्यमंत्री-देवेंद्र फडणवीस - मो.9373107881
अर्ज करा:
💻1. पॅन कार्ड
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=15
💻4. पासपोर्ट
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=2
नोंदणी:
💻1. जमीन / मालमत्ता
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=9
💻2. वाहन
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=13
💻5. कं पनी
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=19
चेक / ट्रॅक:
💻1. कें द्र सरकारने गृहनिर्माण यादी स्थिती प्रतीक्षा
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=9
योगदान:
💻1. पंतप्रधान मदत निधी
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=11
इतर:
💻इलेक्ट्रॉनिक पत्रे पाठवू
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=20
ग्लोबल नेव्हिगेशन
💻1. नागरिक
http://www.india.gov.in/citizen.php
💻3. ओव्हरसीज
http://www.india.gov.in/overseas.php
💻4. सरकार
http://www.india.gov.in/govtphp
💻6. क्षेत्रांमध्ये
http://www.india.gov.in/sector.php
💻7. संचयीका
http://www.india.gov.in/directories.php
💻8. दस्तऐवज
http://www.india.gov.in/documents.php
💻9. अर्ज
http://www.india.gov.in/forms/forms.php
💻10. कायदे
http://www.india.gov.in/govt/acts.php
💻11.नियम
http://www.india.gov.in/govt/rules.phpmoo
मित्रांनो Message जपुन ठेवा ... कारण कोणलाही आवश्यकता भासु शकते
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📍📍📍📍📍📍📍📍📍
💕 * राष्ट्रपति
🚥 श्री प्रणब मुखर्जी
💕 * उप राष्ट्रपति
🚥 श्री हामिद अंसारी
💕 * प्रधान मंत्री
🚥 श्री नरेंदर मोदी
💕 * लोकसभा अध्यक्ष
🚥 श्रीमती सुमित्रा महाजन
💕 * अटार्नी जनरल
🚥 श्री मुकु ल रोहतगी
💕 * सोलिसिटर जनरल
🚥 श्री रनजीत कु मार
📍〽〽〽〽〽〽〽〽〽
भारत के सभी राज्यों के वर्तमान मुख्यमंत्री
**********************************************
राज्य ---- मुख्यमंत्री
तेलंगाना ----- के चंद्रशेखर राव
आन्ध्र प्रदेश ---- चन्द्रबाबू नायडू
अरुणाचल प्रदेश ---- नबम तुकी
असम ---- तरुण गोगोई
बिहार ........नितिश कु मार
छत्तीसढ ---- रमन सिंह
दिल्ली ------ अरविंद के जरीवाल
गोआ ----- लक्ष्मीकांत परेस्कर
गुजरात ----- आनंदीबेन पटेल
हरियाणा ----- मनोहर लाल खट्टर
हिमाचल प्रदेश ----- वीरभद्र सिंह
जम्मू और कश्मीर ----- मुफ्ती मुहम्मद
झारखण्ड ---- रघुवर दास
कर्नाटक ----- सिद्धारैया
के रल ------ ओमान चांडी
मध्य प्रदेश ------ शिवराज सिंह चौहान
महाराष्ट्र ----- देवेन्द्र फड़नवीस
मणिपुर ----- ओकराम इबोई सिंह
मेघालय ----- मुकु ल संगमा
मिज़ोरम पु ----- ललथानवाला
नागालैण्ड ----- टी आर जेलियांग
ओडिशा ----- नवीन पटनायक
पॉण्डिचेरी ---- एन. रंगास्वामी
पंजाब ---- प्रकाश सिंह बादल
राजस्थान ---- वसुंधरा राजे सिंधिया
सिक्किम ---- पवन कु मार चामलिंग
तमिलनाडु ----ओ. पनीरसेल्वम्
त्रिपुरा ------ माणिक सरकार
उत्तराखण्ड ------ हरीश रावत
उत्तर प्रदेश ------ अखिलेश यादव
पश्चिम बंगाल ------ ममता बनर्जी
:::::: 🔴पंचायती राज🔴:::::::
🔴 संविधान के किस भाग में पंचायती राज व्यवस्था का वर्णन है—👉 भाग-9
🔴 पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य क्या है— 👉जनता को प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
🔴 संविधान के किस संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया है— 👉
75 वें संशोधन
🔴75 वें संशोधन में कौन-सी अनुसूची जोड़ी गई हैं— 👉11 वीं
🔴पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचन हेतु कौन उत्तरदायी है— 👉राज्य निर्वाचन आयोग
🔴सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था कहाँ लागू की गई— 👉नागौर, राजस्थान में
🔴देश के सामाजिक व सांस्कृ तिक उत्स्थान के लिए कौन-सा कार्यक्रम चलाया गया—👉 सामुदायिक
विकास कार्यक्रम
🔴 किसकी सिफारिश पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था की स्थापना की गई 👉बलवंत राय
मेहता समिति
🔴 बलवंत राय समिति के प्रतिवेदन के अनुसार महत्वपूर्ण संस्था कौन-सी है— 👉पंचायत समिति
🔴 पंचायती राज संस्थाओं के संगठन के दो स्तर होने का सुझाव किसने दिया था— 👉अशोक
मेहता समिति
🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴
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🍭 नगर 👉 नदी
〰🔸〰🔸〰
🍭 मास्को 👉 मोस्कवा नदी
🍭 कोलम्बो 👉 के लानी नदी
🍭 बगदाद 👉 टिगरिस नदी
🍭नई दिल्ली 👉 य मुनानदी
🍭बेलग्रेड 👉 डेन्यूब नदी
🍭आगरा 👉 यमुनानदी
🍭 बर्लिन 👉 स्ट्री नदी
🍭 हरिद्वार 👉 गंगा नदी
🍭 बुडापेस्ट 👉 डेन्यूब नदी
🍭 कानपुर 👉 गंगानदी
🍭 काहिरा 👉 नील नदी
🍭 नासिक 👉 गोदावरी नदी
🍭 करांची 👉 सिन्धु नदी
🍭 उज्जैन 👉 क्षिप्रा नदी
🍭 लन्दन 👉 टेम्स नदी
🍭 श्रीनगर 👉 झेलमनदी
🍭 लाहौर 👉 रावी नदी
🍭 इलाहाबाद 👉 गंगा-यमुना
🍭 न्यूयार्क 👉 हडसन नदी
🍭 अहमदाबाद 👉 साबरमती
🍭 पेरिस 👉 सीन नदी
🍭 कोलकात्ता 👉 हु गली
🍭 रोम 👉 टाईबर नदी
🍭 गुवाहाटी 👉 ब्रह्मपुत्र
🍭 शंघाई 👉 यांगटिसिक्यांग
🍭 जबलपुर 👉 नर्मदा
🍭टोकियो 👉 सुमीदा नदी
🍭 सूरत 👉 ताप्ती
🍭 विएना 👉 डेन्यूब नदी
🍭 हैदराबाद 👉 मूसी
🍭 वारसा 👉 विस्तुला न दी
🍭 लखनऊ 👉 गोमती
🍭 वाशिंगटन 👉 पोटोमेक नदी ।
+++ गुड़ खाने से फायदे +++
> पाचन क्रिया को सही रखना -- गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉल्जिम ठीक
करता है। रोज एक गिलास पानी या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है। इससे गैस
की दिक्कत नहीं होती। जिन लोगों को गैस की परेशानी है, वो रोज़ लंच या डिनर के बाद थोड़ा
गुड़ ज़रूर खाएं
> गुड़ आयरन का मुख्य स्रोत है। इसलिए यह एनीमिया के मरीज़ों के लिए बहु त फायदेमंद है।
खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहु त अधिक ज़रूर है
> त्वचा के लिए -- गुड़ ब्लड से खराब टॉक्सिन दूर करता है, जिससे त्वचा दमकती है और
मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
> गुड़ की तासीर गर्म है, इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ से आराम दिलाता है। जुकाम
के दौरान अगर आप कच्चा गुड़ नहीं खाना चाहते हैं तो चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल
कर सकते हैं।
> एनर्जी के लिए -- बुहत ज़्यादा थकान और कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन करने से
आपका एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। गुड़ जल्दी पच जाता है, इससे शुगर का स्तर भी नहीं बढ़ता।
दिनभर काम करने के बाद जब भी आपको थकान हो, तुरंत गुड़ खाएं।
> गुड़ शरीर के टेंपरेचर को नियंत्रित रखता है। इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं, इसलिए दमा के
मरीज़ों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है।
> जोड़ों के दर्द में आराम -- रोज़ गुड़ के एक टु कड़े के साथ अदरक का सेवन करें, इससे जोड़ों
के दर्द की दिक्कत नहीं होगी।
> गुड़ के साथ पके चावल खाने से बैठा हु आ गला व आवाज खुल जाती है।
> गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा की परेशानी नहीं होती है।
> जुकाम जम गया हो, तो गुड़ पिघलाकर उसकी पपड़ी बनाकर खिलाएं।
> पांच ग्राम सौंठ दस ग्राम गुड़ के साथ लेने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
> पांच ग्राम गुड़ को इतने ही सरसों के तेल में मिलाकर खाने से श्वास रोग से छु टकारा मिलता
है।
(1)-के ला: 🍌
ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,हड्डियों को मजबूत बनाता है,हृदय की सुरक्छा करता है,अतिसार में
लाभदायक है, खांसी में हितकारी है।
(2)-जामुन: 🌑
के न्सर की रोक थाम,हृदय की सुरक्क्छा,कब्ज मिटाता है,स्मरण शक्ति बढाता है,रक्त शर्क रा
नियंत्रित करता है।डायबीटीज में अति लाभदायक।
(3)-सेवफ़ल: ""
हृदय की सुरक्षा करता है, दस्त रोकता है,कब्ज में फ़ायदेमंद है,फ़े फ़डे की शक्ति बढाता है.
(4)-चुकं दर:-🍐
वजन घटाता है,ब्लडप्रेशर नियंत्रित करता है,अस्थिक्छरण रोकता है,कें सर के विरुद्ध लडता है,हृदय
की सुरक्षा करता है।
(5)-पत्ता गोभी: 🍏
बवासीर में हितकारी है,हृदय रोगों में लाभदायक है,कब्ज मिटाता है,वजन घटाने में सहायक है।
कें सर में फ़ायदेमंद है।
(6)-गाजर:-
नेत्र ज्योति वर्धक है, कें सर प्रतिरोधक है, वजन घटाने मेँ सहायक है, कब्ज मिटाता है, हृदय की
सुरक्षा करता है।
(7)- फ़ू ल गोभी:-🍈
हड्डियों को मजबूत बनाता है, स्तन कें सर से बचाव करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के कें सर में भी
उपयोगी है, चोंट,खरोंच ठीक करता है।
(8)-लहसुन:""
कोलेस्टरोल घटाती है, रक्त चाप घटाती है, कीटाणुनाशक है,कें सर से लडती है
(9)-नींबू:""
त्वचा को मुलायम बनाता है,कें सर अवरोधक है, हृदय की सुरक्छा करता है,,ब्लड प्रेशर नियंत्रित
करता है, स्कर्वी रोग नाशक है।
(10)-अंगूर:🍇
रक्त प्रवाह वर्धक है, हृदय की सुरक्छा करता है, कें सर से लडता है, गुर्दे की पथरी नष्ट करता है,
नेत्र ज्योति वर्धक है।
(11)-आम:🍋
कें सर से बचाव करता है,थायराईड रोग में हितकारी है, पाचन शक्ति बढाता है, याददाश्त की
कमजोरी में हितकर है।
(12)-प्याज: 🍑
फ़ं गस रोधी गुण हैं, हार्ट अटेक की रिस्क को कम करता है। जीवाणु नाशक है,कें सर विरोधी है
खराब कोलेस्टरोल को घटाता है।
(14)-अलसी के बीज:
मानसिक शक्ति वर्धक है, रोग प्रतिकारक शक्ति को ताकत देता है, डायबीटीज में उपकारी है,
हृदय की सुरक्षा करता है, पाचन शक्ति को ठीक करता है।
(15)-संतरा:🍈
हृदय की सुरक्षा करता है, रोग प्रतिकारक शक्ति उन्नत करता है,, श्वसन पथ के विकारों में
लाभकारी है, कें सर में हितकारी है
(16)-टमाटर: ""
कोलेस्टरोल कम करता है, प्रोस्टेट ग्रंथि के स्वास्थ्य के लिये उपकारी है,कें सर से बचाव करता है,
हृदय की सुरक्छ ।
(17)-पानी: """"
गुर्दे की पथरी नाशक है, वजन घटाने में सहायक है, के सर के विरुद्ध लडता है, त्वचा के चमक
बढाता है।
(18)-अखरोट:
मूड उन्नत करन में सहायक है, मेमोरी पावर बढाता है,कें सर से लड सकता है, हृदय रोगों से
बचाव करता है, कोलेस्टरोल घटाने मं मददगार है।
(19)-तरबूज:""
स्ट्रोक रोकने में उपयोगी है, प्रोस्टेट के स्वास्थ्य के लियेओ हितकारी है, रक्तचाप घटाता है,
वजन कम करने में सहायक है।
(20)-अंकु रित गेहूं: ""
बडी आंत की कें सर से लडता है, कब्ज प्रतिकारक है, स्ट्रोक से रक्षा करता है, कोलेस्टरोल कम
करता है, पाचन सुधारता है।
(21)-चावल:""
किडनी स्टोन में हितकारी है, डायबीटीज में लाभदायक है,स्ट्रोक से बचाव करता है, कें सर से
लडता है, हृदय की सुरक्छा करता है।
(22)-आलू बुखारा:🍒
हृदय रोगों से बचाव करता है, बुढापा जल्द आने से रोकता है, याददाश्त बढाता है, कोलेस्टरोल
घटाता है, कब्ज प्रतिकारक है।
(23)-पाएनेपल:🍍
अतिसार(दस्त) रोकता है, वार्ट्स(मस्से) ठीक करता है, सर्दी,ठंड से बचाव करता है, अस्थि क्छरण
रोकता है। पाचन सुधारता है।
(24)-जौ,जई: 🌽
कोलेस्टरोल घटाता है,कें सर से लडता है, डायबीटीज में उपकारी है,,कब्ज प्रतिकारक् है ,त्वचा पर
शाईनिंग लाता है।
(25)-अंजीर:
रक्त चाप नियंत्रित करता है, स्ट्रोक्स से बचाता है, कोलेस्टरोल कम करता है, कें सर से लडता
है,वजन घटाने में सहायक है।
(26)-शकरकं द:🍠
आंखों की रोशनी बढाता है,मूड उन्नत करता है, हड्डिया बलवान बनाता है, कें सर से लडता है
आप कु छ साधारण रोगों का इलाज खुद कर सकते हैं।
1. पेट दर्द - अाधा चम्मच हल्दी और आधे चम्मच नमक को मिलाकर ठंडे पानी से फांकी मार
लें।
पेट दर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
2. बालों का गिरना - यदि आपके बालों में रूसी है या फिर आपके बाल झड़ रहे हैं तो आप
कच्चे पपीते
का पेस्ट बनाकर बालों की जड़ों पर 10 मिनट
तक लगाएं। उसके बाद बाल धो लें। ऐसा करने से
आपके बाल नहीं झड़ेंगे।
3. खून की खराबी - खून साफ नहीं हैं तो 1 चम्मच शहद को आधे गिलास पालक के रस में
मिलाकर 1
महीने तक सेवन करें। यह आपके रक्त विकार
को दूर करेगा और खून को साफ रखेगा।
4. स्किन प्रॉब्लम - नारियल पानी में कच्चा दूध, नींबू का रस, बेसन और चंदन पाउडर
मिलाकर लेप तैयार करें। नहाने से 15 मिनट
पहले ये लेप चेहरे पर लगाएं। उसके बाद
चेहरा धो लें। यह नुस्खा स्किन प्रॉब्लम दूर कर
चेहरे को चमकदार बनाता है।
5. एसिडिटी - भोजन करने के बाद आप थोड़े से गुड़ का सेवन करें। ऐसा करने से
एसिडिटी की समस्या खत्म हो जाएगी।
6. सिरदर्द - एक गिलास गर्म पानी में आधे नींबू का रस डालकर पिएं। सिर दर्द दूर हो जाएगा।
7.सिरदर्द - युके लिप्टस के तेल से सिर की मसाज करें। इससे सिर दर्द में आराम मिलता है।
8. गैस्ट्रिक ट्रबल - अजवायन और काला नमक पीस कर समान मात्रा में मिला लें। इस चूर्ण
को एक चम्मच मात्रा में गर्म पानी से लें। गैस
की समस्या में तुरंत आराम मिलेगा।
9. गैस्ट्रिक ट्रबल - एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू, थोड़ा सा काला नमक, सिका हु आ
जीरा और थोडी सी हींग मिलाकर लेने से गैस
की तकलीफ में तत्काल राहत मिलती है।
10. जुकाम - यदि जुकाम या सर्दी हो तो रात को सोने से पहले गर्म पानी पीकर सोएं। जुकाम
में बहु त राहत मिलेगी।
• पापलेट :
----------------
रंगाने सफे द व चमकदार दिसणारी पापलेट ताजी असतात.
पापलेट घेताना त्यांच्या डोळ्याखालील भाग दाबून पाहावा. सफे द पाणी आल्यास ती ताजी
असतात, लाल पाणी आल्यास ती पापलेट शिळी असतात.तसेच पापलेट शिळी व खराब होत
आल्यास त्याना पिवळसर रंग येऊ लागतो.
• कोलंबी :
---------------
कोलंबी लाल व पांढरी अशी दोन प्रकारची येते.
•लाल कोलंबी : लाल कोलंबी मध्ये काळसर लाल व पांढर्या हिरवट रंगाची
लाल कोलंबी ताजी असते. हि कोलंबी रंगाने ऑरेंज कलरची होऊ लागली कि ती शिळी व खराब
झाली असे समजावे.
तसेच शिळ्या व खराब कोलंबीची डोकी तुटलेली असतात.
ताजी कोलंबी घट्ट व कडक सालीची असते.
शिळ्या व खराब कोलंबीचे साल मऊ पडलेले असते व घाण वास येतो.
•पांढरी कोलंबी : पांढरी कोलंबी पचायला हलकी व जास्त चांगली असते.
पांढरी कोलंबी हि पांढर्या स्वच्छ रंगाची, घट्ट व चमकदार असते.
पांढर्या कोलंबीत जर पिवळसर काळा रंग येऊ लागला
तर ती शिळी व खराब होत आली आहे असे समजावे.
तसेच कोलंबीची डोकी तुटू लागलेली व डोक्याला काळा रंग येऊ लागलेली
व साल मऊ पडलेली कोलंबी शिळी व खराब झालेली असते. ती घेऊ नये.
• करंदी :
-------------
तांबूस सफे द रंगाची व घट्ट सालीची करंदी ताजी असते.
• बांगडे :
-----------
काळसर सफे द रंगाचे चमकदार व घट्ट बांगडे ताजे असतात.
तोंड उघडू न पाहिल्यास लालसर रंग दिसणारे बांगडे ताजे असतात.
बांगडे शिळे व खराब झाल्यास त्याना पिवळसर रंग येऊ लागतो व मऊ पडतात दाबल्यास खड्डा
पडतो.
• बोंबील :
--------------
ताजे बोंबील पांढऱ्या स्वच्छ रंगाचे, घट्ट व चमकदार दिसतात.त्यांच्या तोंडाच्या आतील भाग लाल
असतो.
बोंबील खराब होत आले कि त्याना पिवळसर रंग येऊ लागतो.
• मुडदुशा (रेणवे) :
---------------------------
पांढऱ्या स्वच्छ व चमकदार दिसणाऱ्या मुडदुशा ताज्या असतात.
त्यांच्या तोंडाच्या आतील भाग लाल असतो.
मुडदुशा शिळ्या व खराब झाल्या कि त्याना पिवळसर रंग येतो व त्या मऊ पडतात.
• मांदेली :
-------------
पिवळसर सोनेरी रंगाची, घट्ट व तोंडाच्या आतील भाग लाल असलेली
मांदेली ताजी असतात.मांदेली शिळी व खराब होऊ लागली कि तिला ऑरेंज रंग येऊ लागतो व
त्या मऊ पडतात.
• बोय :
-----------
काळसर चमकदार रंगाची व घट्ट बोय ताजी असते.जास्त मोठी बोय चवीला उग्र असते व हिरमुस
वास असतो.
• ओला जवळा :
-----------------------
ओला जवळा घेताना पांढऱ्या स्वच्छ रंगाचा ताजा घ्यावा.
• शिंपल्या (तिसर्या) :
-----------------------------
शिपल्या घेताना काळसर रंगाच्या व तोंड मिटलेल्या घ्याव्यात, किं वा जिवंत असणाऱ्या, तोंडे
उघडझाप करणाऱ्या घ्याव्यात.
शिपल्या खराब व शिळ्या झाल्या कि त्यांची तोंडे उघडी पडलेली असतात मिटत नाहीत.
• कालवे :
--------------
कालवे घेताना पाढर्या रंगाची, मोठी व ताजी पाण्यात ठेवलेली घ्यावीत.
छोटी कालवे साफ करायला व आतील खडकाची कच काढायला त्रास होतो व कचही जास्त असते.
मोठी कालवे पटकन साफ करता येतात.
*Obtain:
🔴 1. Birth Certificate
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=1
🔴 2. Caste Certificate
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=4
🔴 3. Tribe Certificate
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=8
🔴 4. Domicile Certificate
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=5
🔴 5. Driving Licence
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=6
🔴 6. Marriage Certificate
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=3
🔴 7. Death Certificate
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=2
Apply for:
🔴 1. PAN Card
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=15
🔴 2. TAN Card
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=3
🔴 3. Ration Card
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=7
🔴 4. Passport
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=2
Register:
🔴 1. Land/Property
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=9
🔴 2. Vehicle
http://www.india.gov.in/howdo/howdoi.php?service=13
🔴 4. As Employer
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=17
🔴 5. Company
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=19
🔴 6. .IN Domain
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=18
🔴 7. GOV.IN Domain
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=25
Check/Track:
🔴 1. Waiting list status for Central Government Housing
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=9
🔴 3. Land Records
http://www.india.gov.in/landrecords/index.php
🔴 8. Exam Results
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=16
Contribute to:
🔴 1. Prime Minister's Relief Fund
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=11
Others:
🔴 1. Send Letters Electronically
http://www.india.gov.in/howdo/otherservice_details.php?service=20
Global Navigation
🔴 1. Citizens
http://www.india.gov.in/citizen.php
🔴 3. Overseas
http://www.india.gov.in/overseas.php
🔴 4. Government
http://www.india.gov.in/govtphp
🔴 5. Know India
http://www.india.gov.in/knowindia.php
🔴 6. Sectors
http://www.india.gov.in/sector.php
🔴 7. Directories
http://www.india.gov.in/directories.php
🔴 8. Documents
http://www.india.gov.in/documents.php
🔴 9. Forms
http://www.india.gov.in/forms/forms.php
🔴 10. Acts
http://www.india.gov.in/govt/acts.php
🔴 11. Rules
http://www.india.gov.in/govt/rules.php
अर्थात :
मुंगी तांदळाचा दाणा घेऊन आनंदाने निघाली. पण तितक्यात वाटेत तिला डाळीचाही दाणा
दिसला. मुंगी मनात म्हणाली, 'क्या बात है देवा! तू भाताची सोय के लीच होती, आता वरणाचीही
सोय झाली.' पण एकावेळी दोन्ही दाणे उचलणे मु़ंगीला शक्य नसल्यामुळे ती खिन्न झाली.
तेव्हा कबीर म्हणाले, 'वेडाबाई! तुला दोन्ही गोष्टी नाही मिळणार. तुला भात हवा असेल, तर वरणाचा त्याग
करावा लागणार आणि वरण हवे असेल, तर भाताचा त्याग करावा लागणार.'
माणसाचंही तसंच आहे. जोवर समोर विकल्प उपलब्ध नसतो, तोवर माणूस आहे त्या गोष्टीत समाधानी
असतो. पण विकल्प निर्माण झाले, की ते त्याचा आनंद आणि समाधन क्षणात हिरावून घेतात.
साधं मोबाईलचं उदाहरण घ्या ना! एखादी व्यक्ती बचत करुन कसाबसा आवडीचा
मोबाईल घेते, नि आठवडाभरातच त्याचं लेटेस्ट मॉडेल बाजारात येतं आणि त्याने घेतलेल्या
मोबाईलचा आनंद, एका आठवड्यातच संपुष्टात येतो. तो मनाशी म्हणतो, 'इतके दिवस थांबलो
होतोच, आणखी आठवडाभर थांबलो असतो, तर काय बिघडलं असतं.'
विकल्प माणसाच्या डोक्यात बिघाड निर्माण करतात. हे मर्म लक्षात घेऊन शोषण
/शासन व्यवस्था विकल्पांची लयलूट करतात.
ती बघून, 'घेशील किती दोन करांनी' अशी माणसाची अवस्था होते. त्याचं डोकं काम करेनासं
होतं. अशी माणसं शोषण,शासन व्यवस्थांना हाकायला खुप सोपी पडतात.
पूर्वी आजोबा-पणजोबांच्या काळातल्या वस्तुही, पुढील पिढ्या आनंदाने वापरत. त्यांना त्या
जुन्या वाटत नसत. कारण तेव्हा इतके विकल्प नव्हते (आणि ऐपतही नव्हती.)
आज असंख्य विकल्पांनी, वस्तुंचा जुन्या होण्याचा कालावधीच क्षणिक करुन टाकला आहे.
परिणामी लोक चांगल्या वस्तुही भंगारात टाकू लागले आहेत.
भौतिक वस्तुंचा हा नियम मानवी नातेसंबंधांनाही लागू झाला आहे, कारण माणूसही भौतिकच
आहे. नातं, मैत्री यांची नाळही, कधी नव्हे इतकी कमजोर झाली आहे.
देवाने माणसाला दोन हात दिलेत, ते दोन्ही हातांनी गोळा करावे म्हणून नाहीत, तर एका हाताने
घ्यावं आणि दुस-या हाताने द्यावं, यासाठी आहेत. नुसतं घेत राहिल्याने एकू णच असमतोल
निर्माण होतो. मानवी जीवनातील अरिष्टास तो कारणीभूत ठरतो.
म्हणून देवघेव सुरु राहिली पाहिजे. देवघेवीमुळे समतोल तर टिकू न राहतोच, माणसाचं समाधान
आणि आनंदही त्यामुळे टिकावू बनतो. कबीरांच्या या दोह्यात असा मोठ्ठा आशय दडला आहे.
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏
*18 Stages Of Civil Suit as per Civil Procedure Code, 1908 are as under*
1. Presentation of plaint.
2. Service of summons on defendant.
3. Appearance of parties
4. Ex-parte Decree
5. Interlocutory Proceedings
6. Filing of written statement by defendant
7. Production of documents by parties (plaintiff and defendant)
8. Examination of parties
9. Discovery and Inspection
10. Admission
11. Framing of issues by the court.
12. Summoning And Attendance Of Witnesses
13. Hearing Of Suits And Examination Of Witnesses
14. Argument
15. Judgment
16. Preparation of Decree
17. Appeal, Review, Revision
18. Execution of Decree
1.Plaint (Order 7) :- The entire legal machinery under the Civil Law is set in motion by filing of
plaint and hence plaint is the actual starting point of all pleadings in a case.
If after submitting the plaint the court finds that it should be submitted before some other court
the plaint could be returned, and intimation thereof can be given to the plaintiff.
In ROOPLAL SATHI V/s. SINGH 1982 3SCC 487 it was held that the whole plaint should be
rejected and not a portion of it.
However the rejection of plaint on aforesaid grounds does not bar the plaintiff from presenting a
fresh plaint. (ORDER 7 RULE 13 OF CPC)
Defendant to whom a summons has been issued may appear in person or by a pleader duly
instructed or by a pleader accompanied by some person who is able to answer all questions.
To expedite the filing of reply and adjudication of claim, the court may direct filing of written
statement on date of appearance and issue suitable summons for that purpose. Failure to do so
may result in Ex-parte judgment under order 8, rule 10.
The provisions of substituted service have to be resorted when the summons is not served by
normal process through the court bailiff. Where the court is satisfied that there is reason to
believe that the defendant is keeping out of the way for purpose of avoiding service or that for
any others reason the summons can not be served in ordinary way the court shall order summons
to be served by affixing copy thereof in conspicuous part of the house. (ORDER 5, RULE 20 OF
CIVIL PROCEDURE CODE.)
To expedite service of summons one more provision is relating to substituted service under which
the court orders service by an advertisement in a newspaper, the newspaper shall be a daily
newspaper circulating in the locality in which the defendant last resided or carried on business or
personally worked for gain (ORDER 20 RULE - 1A)
3. Appearance of parties :- On the day fixed in the summons the defendant is required to appear
and answer and the parties shall attend the court unless the hearing is adjourned to a future day
fixed by the court, if the defendant is absent court may proceed exparte. Where on the day so
fixed it is found that summons has not been served upon defendant is consequence of failure of
plaintiff to pay the court fee or postal charges the court may dismiss the suit. Where neither the
plaintiff nor the defendant appears the court may dismiss the suit. Such dismissal does not bar
fresh suit in respect of same cause of action.
4. Ex-parte Decree :- A decree against the Defendant without hearing him or in his absence or in
absence of his defense can be passed under the following circumstances
1.Where any party from whom a written statement is required fails to present the same within the
time permitted or fixed by the court, as the case may be the court shall pronounce judgment
against him, or make such order in relation to the suit as it thinks fit and on pronouncement of
such judgment a decree shall be drawn up.(ORDER 8, RULE 10 CIVIL PROCEDURE CODE.)
2. Where defendant has not filed a pleading, it shall be lawful for the court to pronounce
judgment on the basis of facts contained in the plaint, except against person with disability.
(ORDER 8, RULE 5(2), CIVIL PROCEDURE CODE.)
3. Where the plaintiff appears and defendant does not appear when suit is called up for hearing
and summons is property served the court may make an order that suit will be heard ex parte
(ORDER 9, RULE 6(1 )(a) OF CIVIL PROCEDURE CODE)
If an exparte decree is passed and the defendant satisfies that he was prevented by sufficient cause
then he has the following remedies open
In UCO BANK V/S. IYENGER CONSULTANCY SERVICES, 1994 (SCC) 399 (SUPPLE.) it
was observed that the words “Sufficient Cause” has not been defined and it will depend on facts
and circumstances of each case.“
5. Interlocutory Proceedings :- The period involved between initiation and disposal of litigation is
substantially long. The intervention of the court may sometimes be required to maintain the
position as it prevailed on the date of litigation. In legal parlance it is known as "status quo”. It
means preserving existing state of things on a given day.
In that context interlocutory orders are provisional, interim, temporary as compare to final. It does
not finally determine cause of action but only decides some intervening matter pertaining to the
cause.
6. Written Statement (Order 8) :- The defendant is required to fiie written statement of his defense
at or before the first hearing or such time as may be allowed
If defendant disputes maintainability of the suit or takes the plea that the transaction is void it
must be specifically stated. A general denial of grounds alleged in the plaint is not sufficient and
denial has to be specific. The denial should not be an evasive denial but it must be on point of
substance. Every allegation of fact in the plaint if not denied specifically or by necessary
implication or stated to be not admitted in the pleading shall be deemed to be admitted. (ORDER
8 RULE 5 OF CPC)
Before amendment 2002 in C.P.C. there was no time limit to file written statement by defendant.
By amendment 2002 under order 8 rule 1 of C.P.C. defendant has to presentwritten statement
within 90 days from the date of service of summons on him. Under this rule discretion is given to
court that if defendant fails to file written statement within a period of 30 days he shall be
allowed to file the same on such other day which may be specified by the court but such period
shall not be later than 90 days from the date of service of summons.
By Amendment 1999 in rule 1-A of order 8 duty is casts upon the defendant to produce
documents on which he bases his defense or other documents which are in his possession along
with a list.Such list of documents is he supplied with frie written statement.
7. Production of Documents :- After filing written statement by defendant the next stage of the
suit is documents. On this stage both parties have to file documents in court which are in their
possession or power. If parties relay on some documents which are not in their possession in that
case they have to apply to court for issue of summons to authority or persons in whose possession
these documents are. The parties have to deposit in court cost of such production of documents.
(Process fees and bhatta).
9. Discovery and Inspection (Order 11) :- The purpose of discovery and inspection of document
and facts is to enable the parties to ascertain the facts to be proved. With the leave of the court the
plaintiff or defendant may deliver interrogatories in writing for examination of opposite parties
which are required to be answered and which are related to the matter.
10. Admission (Order 12) :- Either party may call upon the other party to admit within seven
days from the date of service of the notice, any document saving all just exception. In case of
refusal or neglect to admit after such notice, the cost of proving such document shall be paid by
the party, so neglecting or refusing whatever be the result of the suit may be, unless the court
otherwise directs and no cost of proving any such document shall be allowed unless such notice is
given, except where the omission to give the notice is in the opinion of the court a saving of
expenses. The above procedure is rarely followed by the advocates of parties.
11.Framing of Issue (Order 14):- The next stage is framing issues. The job of framing issues is
exclusively assigned to a judge. Issues are framed considering provisions of order 14 rule 1 of
C.P.C.
Rule 1 sub rule (1) states, "Issues arise when a material proposition of fact or law is affirmed by
one party and denied by the other."
Sub rule (2) states, "Material propositions are those propositions of law or fact which a plaintiff
must allege in order to show a right to sue or a defendant must allege in order to constitute his
defense,"
Sub rule (3) States "Each material proposition affirmed by one party denied by other shall form
subject of distinct issues."
• Issues of fact
• Issues of law.
12. Summoning And Attendance Of Witnesses (Order 16) :- On the date appointed by the court
and not later than 15 days after the date on which issues are settled parties shall present in court a
list of witnesses whom they propose to call either to give evidence or to produce documents.
13. Hearing Of Suits And Examination Of Witnesses (Order 18) :- The plaintiff is entitled to
have first right to begin unless the defendant admits the facts alleged by the plaintiff and contends
that either in point of law or on some additional facts alleged by the defendant the plaintiff is not
entitled to any part of relief. In such case defendant has the right to begin.
The plaintiff has to state his case in front of the judge. The plaintiff has to submit the evidence
that was earlier marked. If any evidence was not marked earlier then it will not be considered by
the court. Then the plaintiff will be cross-examined by the defendant's Advocate. The witnesses
from plaintiff's side also have to appear in the court, who are also cross-examined by the
defendant's lawyer.
The defendant also presents his side of the story supported by his witnesses and evidence from
his side. The evidence needs to be be marked earlier by the court, otherwise it will not be
considered by the court. The plaintiff's lawyer will then cross-examine the defendant.
14. Argument :- As soon as evidence of both side is over then the suit is kept for argument. Once
the evidence has been submitted and cross-examination is conducted by the plaintiff and
defendant, both sides are allowed to present a summary of their case and evidence to the judge in
the Final argument session.
15. Judgment (Order 20) :-Judgment means the statement given by the judge on ground of which
a decree is passed.
The court after the case has been heard shall pronounce judgment in open court either within one
month of completion of arguments or as soon thereafter as may be practicable, and when the
judgment is to be pronounced judge shall fix a day in advance for that purpose.
16. Preparation of Decree (Order 20 rule 6, 6A) :- Once the judgment is delivered by a judge a
decree is to be prepared by concerned clerk.
The decree shall agree with the judgment; it shall contain the number of the suit, the names and
descriptions of the parties, their registered addresses, and particulars of the claim, and shall
specify clearly the relief granted or other determination of the suit.
A. Appeal :- An appeal may be an appeal from order or an appeal from decree. All orders are not
appealable and complete discretion of the appealable order has been given in order 43 of the code
of Civil Procedure Code. The appeal has to be preferred within prescribed limitation period
before the appellate court. The limitation period for appeal to High Court is 90 days and appeal to
District Court is 30 days. If the period of limitation is expired, then application for condonation of
delay also is required to be moved.
B.Review :- The right of review is having very limited scope under the Civil Procedure Code
A review application is maintainable only when the following conditions are satisfied,
1. If involves a decree or order from which no appeal is allowed or if allowed it is not preferred.
2. The appellant was aggrieved, on the ground, that because of the discovery
of a new and important matter of evidence, which, after the exercise of due diligence, was not
within his knowledge or could not be produced by him at the time of decree or on account of
some mistake, apparently on the face of the record, or for any sufficient reason, desires to obtain
a review of such decree. The other side will be granted an opportunity to be heard, when any
review application has been granted.
C. Revision :- The High Court in its revision jurisdiction can interfere in any case decided by
subordinate court under certain circumstances.
The High Court may call for the record of any case which has been decided
by subordinate court and in which no appeal lies, if such subordinate court appears -
18. Execution of Decree (Order 21) :- Execution is the medium by which a decree- holder
compels the judgment-debtor to carry out the mandate of the decree or order as the case may be.
It enables the decree-holder to recover the fruits of the judgment. The execution is complete when
the judgment-creditor or decree-holder gets money or other thing awarded to him by judgment,
decree or order.
_________________________________________
നല്ല അറിവുകൾ
1. *PAN* - permanent account number.
2. *PDF* - portable document format.
3. *SIM* - Subscriber Identity Module.
4. *ATM* - Automated Teller machine.
5. *IFSC* - Indian Financial System Code.
6. *FSSAI(Fssai)* - Food Safety & Standards Authority of India.
7. *Wi-Fi* - Wireless fidelity.
8. *GOOGLE* - Global Organization Of Oriented Group Language Of Earth.
9. *YAHOO* - Yet Another Hierarchical Officious Oracle.
10. *WINDOW* - Wide Interactive Network Development for Office work Solution.
11. *COMPUTER* - Common Oriented Machine. Particularly United and used under Technical
and Educational Research.
12. *VIRUS* - Vital Information Resources Under Siege.
13. *UMTS* - Universal Mobile Telecommunicati ons System.
14. *AMOLED* - Active-matrix organic light-emitting diode.
15. *OLED* - Organic light-emitting diode.
16. *IMEI* - International Mobile Equipment Identity.
17. *ESN* - Electronic Serial Number.
18. *UPS* - Uninterruptible power supply.
19. *HDMI* - High-Definition Multimedia Interface.
20. *VPN* - Virtual private network.
21. *APN* - Access Point Name.
22. *LED* - Light emitting diode.
23. *DLNA* - Digital Living Network Alliance.
24. *RAM* - Random access memory.
25. *ROM* - Read only memory.
26. *VGA* - Video Graphics Array.
27. *QVGA* - Quarter Video Graphics Array.
28. *WVGA* - Wide video graphics array.
29. *WXGA* - Widescreen Extended Graphics Array.
30. *USB* - Universal serial Bus.
31. *WLAN* - Wireless Local Area Network.
32. *PPI* - Pixels Per Inch.
33. *LCD* - Liquid Crystal Display.
34. *HSDPA* - High speed down-link packet access.
35. *HSUPA* - High-Speed Uplink Packet Access.
36. *HSPA* - High Speed Packet Access.
37. *GPRS* - General Packet Radio Service.
38. *EDGE* - Enhanced Data Rates for Globa Evolution.
39. *NFC* - Near field communication.
40. *OTG* - On-the-go.
41. *S-LCD* - Super Liquid Crystal Display.
42. *O.S* - Operating system.
43. *SNS* - Social network service.
44. *H.S* - HOTSPOT.
45. *P.O.I* - Point of interest.
46. *GPS* - Global Positioning System.
47. *DVD* - Digital Video Disk.
48. *DTP* - Desk top publishing.
49. *DNSE* - Digital natural sound engine.
50. *OVI* - Ohio Video Intranet.
51. *CDMA* - Code Division Multiple Access.
52. *WCDMA* - Wide-band Code Division Multiple Access.
53. *GSM* - Global System for Mobile Communications.
54. *DIVX* - Digital internet video access.
55. *APK* - Authenticated public key.
56. *J2ME* - Java 2 micro edition.
57. *SIS* - Installation source.
58. *DELL* - Digital electronic link library.
59. *ACER* - Acquisition Collaboration Experimentation Reflection.
60. *RSS* - Really simple syndication.
61. *TFT* - Thin film transistor.
62. *AMR*- Adaptive Multi-Rate.
63. *MPEG* - moving pictures experts group.
64. *IVRS* - Interactive Voice Response System.
65. *HP* - Hewlett Packard.
मूलबाळ नसणं हा एके काळी सामाजिक शाप होता. आता या स्थितीत थोडी फार सुधारणा झाली असली
तरी अपत्यहीन दांपत्याला, त्यातही पत्नीला, हा डंख कळत-नकळत सामाजिक जीवनात जाणवत
असतो.घरात लहान मूल असणं आणि त्या मुलाचा प्रेमाने सांभाळ करणं याचा अनुभव शब्दांत सांगता येणं
अशक्य आहे. पण हे खरं की तेव्हा आपलं आयुष्य परिपूर्ण झाल्यासारखं वाटतं. सध्याच्या काळात मूल न
होण्याची समस्या वाढत जाते आहे असे समाजशास्त्रज्ञांचे निरीक्षण आहे. ही समस्या वैद्यकीय स्वरूपाची
असेल तर सुरुवातीला औषधोपचार, IVF म्हणजेच इन विट्रो फर्टीलायझेशन हे उपाय वापरले जातात.
हे उपाय करूनही जेव्हा बाळ होत नाही तेव्हा मूल दत्तक घेणे हा एकच उपाय शिल्लक राहतो.
मात्र, मूल दत्तक घेणे हे दिसते तितके सोपे नाही. भारतासारख्या निधर्मी देशात हिंदू, मुस्लिम,
ख्रिश्चन, पारशी आणि यहुदी यांच्यासाठी दत्तकविधानासंबंधीचे वेगवेगळे Personal Law आहेत.
यापैकी हिंदू धर्म वगळता इतर धर्मांमध्ये कायदेशीर दत्तकविधान होऊ शकत नाही.
या दोन्ही कायद्यांमध्ये काही त्रुटी आहेत. म्हणून एक तिसरा कायदा Juvenile Justice
(Care and Protection of Children) Act, 2015 आहे. या कायद्याची मदत घेऊन मूल
दत्तक घेता येते. हा कायदा आणि त्याची अंमलबजावणी हे सर्व इतके गुंतागुंतीचे प्रकरण आहे,
की यापुढील लेख आपण प्रश्नोत्तराच्या माध्यमातूनच वाचूया.
०२. दत्तक घेण्यासाठी मूलतः कु ठल्या अटी आणि नियम लागू होतात?
👉०१. परदेशस्थ भारतीय नागरिक किं वा परदेशी नागरिक भारतात जन्माला आलेले
मूल दत्तक घेऊ शकतो. या तिन्हीसाठी वेगवेगळ्या प्रक्रिया पार पाडाव्या लागतात.
०३. स्त्री किं वा पुरुष कोणीही मूल दत्तक घेऊ शकतं. जर एखादे जोडपे मूल दत्तक घेऊ इच्छित असेल तर
त्यांच्या लग्नाला कमीतकमी २ वर्ष पूर्ण झालेली असावीत. आणि दत्तक घेण्यासाठी दोघांचीही संमती
असावी.
०६. ज्यांना ३ किं वा अधिक मुलं आहेत त्यांना दत्तक घेण्याची परवानगी मिळत नाही.
०७. एकल पालकत्व -एकल पालकत्वा मध्ये स्त्री मुलगा किं वा मुलगी कोणालाही दत्तक घेऊ शकते. पण
पुरुष पालकाला मुलगी दत्तक घ्यायचा अधिकार नाही. यासोबत एकल पालक ५५ वर्षांपेक्षा जास्त वयाचा
नसावा अशीही अट आहे.
०८. दांपत्य जर एखादे मूल दत्तक घेत असेल तर त्यांच्या वयाची बेरीज ११० वर्षापेक्षा जास्त असता कामा
नये.
👉B]. RIPA किं वा SPA या संस्थेत काम करणारे सामाजिक कार्यकर्ते इच्छु क पालकांच्या घरी
जाऊन त्यांच्या राहणीमानाचा अभ्यास करतात. याचसोबत पालकांनी मार्गदर्शनपर वर्गात जाऊन
पालकत्वाची मानसिक तयारी करायची असते. नोंदणी के ल्यानंतर ३ महिन्याच्या आत हा भाग
पूर्ण करावा लागतो.
👉C]. यानंतर RIPA किं वा SPA संस्था दत्तक जाण्यासाठी तयार असललेल्या मुलांची भेट
इच्छु क पालकांशी करून देतात.या दरम्यान या मुलांसोबत काही वेळ देखील घालवण्याची
परवानगी दिली जाते.दत्तकपात्र मुलाचे वैद्यकीय कागदपत्र इच्छु कांना अभ्यासासाठी दिले जातात.
०५. *ओळख झालेल्या आणि लळा लागलेल्या मुलाला दत्तक घेण्याची मानसिक तयारी झाल्यावर
एक स्वीकृ ती अर्ज पालकांना सही करावा लागतो.*
🍇1 डझन = 12 वस्तू / नग
🍇12 डझन = 1 ग्रोस.
🍇 1 दस्ता = 24 कागद.
🍇20 दस्ता = 1 रीम, 480 कागद
🍇1 तोळा = 10 ग्रॅम.
⏱1 तास = 60 मिनिटे
⏱1 मिनिट = 60 सेकं द
⏱1 तास = 3600 सेकं द
⏱1 दिवस =24 तास, 86400 सेकं द
⏱1 दिवस =24 तास =1440 मि.
🔹Trick
१ ते १० संख्यांची बेरीज = ५५
११ ते २० संख्यांची बेरीज = १५५
२१ ते ३० संख्यांची बेरीज = २५५
३१ ते ४० संख्यांची बेरीज = ३५५
४१ ते ५० संख्यांची बेरीज = ४५५
५१ ते ६० संख्यांची बेरीज = ५५५
६१ ते ७० संख्यांची बेरीज = ६५५
७१ ते ८० संख्यांची बेरीज = ७५५
८१ ते ९० संख्यांची बेरीज = ८५५
९१ ते १०० संख्यांची बेरीज =९५५
१ ते १०० संख्यांची बेरीज = ५०५०
?स्कॉलरशिपच्या दृष्टीने थोडक्यात महत्वाचे...*
📚गणित रोमन अंक📚
1I
2 II
3 III
4 IV
5V
6 VI
7 VII
8 VIII
9 IX
10 X
11 XI
12 XII
13 XIII
14 XIV
15 XV
16 XVI
17 XVII
18 XVIII
19 XIX
20 XX
21 XXI
22 XXII
23 XXIII
24 XXIV
25 XXV
26 XXVI
27 XXVII
28 XXVIII
29 XXIX
30 XXX
31 XXXI
32 XXXII
33 XXXIII
34 XXXIV
35 XXXV
36 XXXVI
37 XXXVII
38 XXXVIII
39 XXXIX
40 XL
41 XLI
42 XLII
43 XLIII
44 XLIV
45 XLV
46 XLVI
47 XLVII
48 XLVIII
49 XLIX
50 L
51 LI
52 LII
53 LIII
54 LIV
55 LV
56 LVI
57 LVII
58 LVIII
59 LIX
60 LX
61 LXI
62 LXII
63 LXIII
64 LXIV
65 LXV
66 LXVI
67 LXVII
68 LXVIII
69 LXIX
70 LXX
71 LXXI
72 LXXII
73 LXXIII
74 LXXIV
75 LXXV
76 LXXVI
77 LXXVII
78 LXXVIII
79 LXXIX
80 LXXX
81 LXXXI
82 LXXXII
83 LXXXIII
84 LXXXIV
85 LXXXV
86 LXXXVI
87 LXXXVII
88 LXXXVIII
89 LXXXIX
90 XC
91 XCI
92 XCII
93 XCIII
94 XCIV
95 XCV
96 XCVI
97 XCVII
98 XCVIII
99 XCIX
100 C
200 CC
300 CCC
400 CD
500 D
600 DC
700 DCC
800 DCCC
900 CM
1000 M
5000 V
10000 X
50000 L
100000 C
500000 D
1000000 M
Years in roman numerals
Year Roman numeral
1000 M
1100 MC
1200 MCC
1300 MCCC
1400 MCD
1500 MD
1600 MDC
1700 MDCC
1800 MDCCC
1900 MCM
1990 MCMXC
1991 MCMXCI
1992 MCMXCII
1993 MCMXCIII
1994 MCMXCIV
1995 MCMXCV
1996 MCMXCVI
1997 MCMXCVII
1998 MCMXCVIII
1999 MCMXCIX
2000 MM
2001 MMI
2002 MMII
2003 MMIII
2004 MMIV
2005 MMV
2006 MMVI
2007 MMVII
2008 MMVIII
2009 MMIX
2010 MMX
2011 MMXI
2012 MMXII
2013 MMXIII
2014 MMXIV
2015 MMXV
2016 MMXVI
2017 MMXVII
2018 MMXVIII
2019 MMXIX
2020 MMXX
🎯वर्तुळ -
त्रिज्या(R)- वर्तुळाच्या कें द्रबिंदूतून निघून परिघाला जाऊन मिळणार्या रेषाखंडाला वर्तुळाची त्रिज्या
म्हणतात.
वर्तुळाच्या व्यास (D) – कें द्रबिंदूतून निघून जाणार्या व वर्तुळाच्या परिघावरील दोन बिंदुना जोडणार्याह
रेषाखंडास वर्तुळाचा व्यास म्हणतात.
जीवा – वर्तुळाच्या परिघावरील कोणत्याही दोन बिंदूंना जोडणार्या रेषाखंडाला वर्तुळाची जीवा म्हणतात.
अर्धवर्तुळाची परिमिती = 11/7 D+D (D=व्यास) किं वा D = वर्तुळाचा व्यास, त्रिज्या (r) × 36/7
घनफळ -
घनाची बाजू दुप्पट के ल्यास घनफळ 8 पट, बाजू चौपट के ल्यास घनफळ पटीत वाढत जाते, म्हणजेच 64
पट होते आणि ते बाजूच्या पटीत कमी अथवा वाढत जाते.
वक्रपृष्ठ = πrl
बहुभुजाकृ ती -
n बाजू असलेल्या बहुभुजाकृ तीच्या सर्व आंतरकोनांच्या मापांची बेरीज (2n-4) काटकोन असते,
म्हणजेच 180(n-2)0 किं वा [90×(2n-4)]0 असते.
सुसम बहुभुजाकृ तीचे सर्व कोन एकरूप असतात व सर्व बाजू एकरूप असतात.
n बाजू असलेल्या सुसम बहुभुजाकृ तीच्या प्रत्येक बहयकोनाचे माप हे 3600/n असते.
1 तास = 60 मिनिटे
1 मिनिट = 60 सेकं द
1 दिवस = 24 तास
= 24 × 60
=1440 मिनिटे
= 1440 × 60
= 86400 सेकं द
तास काटा व मिनिट काटा यांच्या वेगतील फरक = 6 –(1/0)0 = 5(1/2) = (11/2)0 म्हणजेच
मिनिटकाट्यास 10 भरून काढण्यास (2/11) मिनिटे लागतात.
दशमान परिमाणे -
10 क्विंटल = 1 टन
1 टन = 1000 कि.ग्रॅ.
1 क्युसेक=1000 घन लि.
12 वस्तू = 1 डझन
12 डझन = 1 ग्रोस
24 कागद = 1 दस्ता
20 दस्ते = 1 रीम
1 रीम = 480 कागद.
अ) अंतर –
1 फु ट = 30.5 सेमी.
1 मी = 3.25 फु ट
ब) क्षेत्रफळ -
क) शक्ती -
1 मी 3 = 35 फु ट 3
1 यार्ड 3 = 0.765 मी. 3
इ) वजन -
वय व संख्या -
दोन संख्यांपैकी मोठी संख्या = (दोन संख्यांची बेरीज + दोन संख्यातील फरक) ÷ 2
दिनदर्शिका –
महाराष्ट्र दिन, गांधी जयंती आणि नाताळ हे दिवस एकाच वारी येतात.
टिळक पुण्यतिथी, स्वातंत्र्यदिन, शिक्षक दिन, बाल दिन हे दिवस एकाच वारी येतात.
नाणी -
पदावली -
पदावली सोडविताना कं स, चे, भागाकार, गुणाकार, बेरीज, वजाबाकी (÷, ×, +, -)9
इम्मॉर्टल… (रिपोस्ट)....
जिवंत असता तर एक्याण्णव वर्षाचा झाला असता तो आज. ह्रषिके श मुखर्जी त्याला आणि मेहमूदला घेऊन
'आनंद' काढणार होते. त्याच्या आवाजात 'आनंद'ची गाणी कशी वाटली असती? सुंदरच वाटली असती पण
तुमचं ते 'कही दूर जब' मुके शच्या आवाजात चांगलं आहे असं म्हणावं तर त्यापेक्षा मूळ चाल
हेमंतकु मारच्या आवाजातलं 'अमॉय प्रोश्नो करे निल ध्रुवो तारा' जास्ती सरस आहे असं वाटतं. तुलनेला अंत
नसतो. पण त्याच्या आवाजात हळवी गाणी जास्ती सुंदर आहेत. अत्यंत प्रतिभावान, विक्षिप्त माणूस.
एखादा माणूस का आवडतो याचं नेमकं स्पष्टीकरण देता येत नाही. जे उमगतात ते मन व्यापत नसावेत.
त्याची नक्कल करणारे अनेक आले, येतील. पण काही नेमके हळवे शब्दोच्चार (त्याचा 'ह' दुसरा कु णी
म्हणत नाही तसा), सॅड व्हर्जन त्याच्या आवाजातच ऐकावीत.
कधी 'फं टू श' मधलं 'दुखी मन मेरे' ऐका कान देऊन. 'पत्थर के दिल मोम न होंगे' ओळ ऐका, 'होंगे'चा 'ह'
स्वरयंत्रातून आलेला नाही, हृदयातून आलाय. 'दोस्त' मधलं 'गाडी बुला रही है' ऐकाल. त्यातल्या त्या दोन
संथ ओळी अशाच हृदयातून आल्यात. 'आते है लोग, जाते है लोग, पानीके जैसे रेले, जानेके बाद, आते है
याद, गुजरे हुए वो मेले' मधला 'गुजरे' ऐका. 'ये क्या हुआ, कब हुआ' चा हसत रडवेला म्हटलेला 'हुआ' ऐका.
'मुकद्दर का सिकं दर'मधे 'रोते हुए, आते है सब' त्याच्या आवाजात येणारच होतं त्यामुळे शेवटी विनोद
खन्नाला रफी आला पण मला कायम वाटत आलंय ते त्याच्या आवाजातच पाहिजे होतं. 'शोले' मधे
आर.डी.ने तो लफडा ठे वलाच नाही, 'ये दोस्ती'ला बच्चनला मन्ना डे घेतल्यावर आपसूक धर्मेंद्रला तो आला.
इतक्यांदा बघूनसुद्धा 'साथी तू बदल गया' ऐकताना काहीतरी होतंच. 'शराबी'तलं 'इंतहा हो गई इंतजारकी'
ऐकताना पण असा वेगळाच आवाज कानाला मोहून टाकतो. विनोदी ते गंभीर अशी टोकांची गाणी त्यानीच
गावीत.
त्या 'कोई होता जिसको अपना'ला, 'तेरी दुनियासे होके मजबूर चला'ला, 'मेरे मेहबूब कयामत होगी'ला, 'अगर
सुन ले तो इक नगमा'ला, 'कोई लौटा दे मेरे बिते हुए दिन'ला, 'ओ साथी रे'ला, 'मै शायर बदनाम'ला, 'चिंगारी
कोई भडके 'ला, 'वो शाम कु छ अजीब थी'ला, 'तुम आ गये हो'ला, 'मेरी प्यारी बहनिया'ला, 'तेरे बिना
जिंदगीसे'ला, 'अपने प्यारके सपने सच हुए'ला, 'सफर'चं 'जीवनसे भरी'ला, 'आप की कसम'चं 'जिंदगी के
सफर में'ला त्याचा आवाज वेगळा आहे. काय साला पोटातून गायलाय तो. उमाळा आतून यायला लागतो
तसा हा आवाज पण आतून येतो. फॉस्फरस जसा पाण्यात ठे वतात तसा हा राखलेला आवाज, पोटात
दडलेला. 'माना जनाब ने', 'अरे यार मेरी', 'छोड दो आंचल', चुडी नही ये मेरा', 'चल चल चल मेरे साथी', 'एक
लडकी भिगीभागीसी', 'जानेजा, धुंडता फिर रहा', 'तू तू है वही' चा आवाज वेगळा आहे. 'मेरी प्यारी बिंदू', 'ओ
मन्नू तेरा हुआ', 'मेरे सामनेवाले खिडकीमें', 'चिलचिल चिल्लाके ', 'एक चतुर नार', 'देखा ना हाय रे', 'बचना
ऐ हसीनो' चा आवाज वेगळा आहे.
'जंगल में मंगल'चं 'तुम कितनी खूबसूरत हॊ', 'रात कली', 'सवेरा का सूरज', भारत भूषणचं 'तुम
बिन जाऊ कहा', अमेरिके ला जायचं असल्यामुळे बच्चनची एकच ओळ आधी गाऊन गेलेलं 'परदा
है परदा', 'खिलते हैं गुल यहा', 'प्यार दिवाना होता है', 'ये शाम' कशात टाकायची? लताला वेळ
नव्हता, रेकॉर्डिंग तर उरकायचंय म्हणून दोन्ही आवाजात गायलेलं 'हाफ टिकिट'मधलं 'आ के
सिधी लगी दिलपे' सारखी धमाल परत होणार नाही. गाण्यांची यादी किती देणार. वारूळ
फु टल्यासारखं होतं, रांग थांबतंच नाही. मराठीत पुलं आणि हिंदीत हा. यांच्यात मला कायम
साम्यं वाटत आलंय. गीतलेखन, अभिनय, संगीतदिग्दर्शन, गायन, लेखन, चित्रपट दिग्दर्शन आणि
सोड्याच्या बाटलीसारखा बाहेर येणारा निर्विष, उच्च दर्जाचा कारुण्याची झालर लावून आलेला,
टचकन डोळ्यात पाणी आणणारा, सहज, आटापिटा न के लेला विनोद. त्याच्या हस-या
मुखवटयामागे दडलेला खरा चेहरा पाह्यचा असेल तर 'दूर गगन की छांवमें' बघा. त्याच्या
धीरगंभीर आवाजातलं 'आ चल के तुझे' कधीही ऐका, श्रवणीयच.
त्याच्या विक्षिप्तपणाचे किस्से त्याच्या गाण्यांएवढेच प्रसिद्ध आहेत. योगीताबालीशी लग्न के लं म्हणून
त्यानी काही काळ मिथूनसाठी आवाज देणं बंद के लं होतं. 'लव्ह स्टोरी' साठी कु मार गौरवचा आवाज तो
देणार होता. कबूल करूनही रेकॉर्डींगला तो गेलाच नाही, माणूस घ्यायला आला तर त्यानी दरवाजाच
उघडला नाही शेवटी आर.डी.नी अमितकु मारला घेऊन काम के लं, याचा हेतू साध्यं झाला. फिल्म
इंडस्ट्रीमध्ये प्रत्येकजण प्रयत्नं करतोच आपल्या मुलांना पुढे आणायला, ह्याचा खाक्या वेगळाच. अनेक
हिरोंची चलती याच्या आवाजामुळे झाली. आराधना हिट नसता झाला तर हा गायन बंद करणार होता. पण
सगळी गाणी हिट झाली मग त्याने मागे वळून पाहिलंच नाही कधी. रफी, मुके श, मन्नादा सगळे मागे पडले.
यॉडलींगचा आठवा सूर होताच.
कु णीतरी त्याला श्रद्धांजली म्हणून सैगलची गाणी गाण्याचा आग्रह के ला होता. काय सुरेख बोलून गेलाय तो.
'मी म्हणणार नाही, मी भिकार म्हटलीयेत असं कु णी म्हणालं तर मला वाईट वाटणार नाही पण मी
त्याच्यापेक्षा चांगली म्हटली असं कु णी म्हणालं तर मला वाईट वाटेल'. आदर पाया पडलो म्हणजेच असतो
असं नाही, कृ तीतून दिसतो तो ही आदरच असतो. पैसे मिळाल्याशिवाय रेकॉर्डिंग न करणा-या या माणसाने
राजेश खन्नानी काढलेल्या 'अलग अलग' साठी एक रुपयाही घेतला नव्हता. विक्षिप्तपणा सुद्धा ओरिजिनल
हवा, तो मग हवाहवासा वाटतो. आमची ही अनंत कारणांनी काजळली गेलेली चिमूटभर आयुष्यं तू किती
सुखाची करून गेलास याची तुला कल्पना नाही. अजूनही तो सतत वाजता आहे.
सत्तेचाळीस गेलेला सैगल अजून ऐकतो मी, तुला जाऊन एकतीस वर्ष झालीत फक्त. मी मरेपर्यंत तू सोबत
असशील. शेवटी तूच लिहिलेल्या, संगीत दिलेल्या, गायलेल्या, अभिनीत के लेल्या वर्णनाच्या ठिकाणीच
जाणार, मी काय किं वा अजून दुसरा कु णी काय :
'आ चल के तुझे,, मै लेके चलू एक ऐसे गगन के तले
जहां गम भी न हो, आंसू भी न हो, बस प्यार ही प्यार पले'
आहे का रे खरंच असं सगळं तिथे? तरच मजा आहे तिथे येण्यात, नाहीतर मग मेलो काय आणि
जगलो काय, फरक शून्यं.
जयंत विद्वांस
*ग्रामपंचायत*
एक स्वराज्य संस्था जिथे स्थानिक निर्णय घेण्याचे स्वातंत्र्य असते (घटनेच्या चौकटीत राहून)
तसेच स्वयंपूर्तीसाठी विविध योजना तयार करून राबविण्याची संपूर्ण अधिकार असलेली घटनात्मक
संस्था.
आपणास आवश्
यक असलेली माहिती कोणत्या नोंदवहीत असते याबाबत ही माहिती.
* *गाव नमुना नंबर - 1* - या नोंदवहीमध्ये भूमी अभिलेख खात्याकडू न आकारबंध के लेला
असतो, ज्यामध्ये जमिनीचे गट नंबर, सर्व्हे नंबर दर्शविलेले असतात व जमिनीचा आकार
(ऍसेसमेंट) बाबतती माहिती असते.
* *गाव नमुना नंबर - 2* - या नोंदवहीमध्ये गावातील सर्व बिनशेती (अकृ षिक) जमिनींची
माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 3* - या नोंदवहीत दुमला जमिनींची नोंद मिळते. म्हणजेच देवस्थाना
साठीची नोंद पाहता येते.
* *गाव नमुना नंबर - 4* - या नोंदवहीमध्ये गावातील जमिनीचा महसूल, वसुली, विलंब शुल्क
याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 5* - या नोंदवहीत गावाचे एकू ण क्षेत्रफळ, गावाचा महसूल, जिल्हा
परिषदेचे कर याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 6 ड* - या नोंदवहीमध्ये जमिनीचे पोटहिस्से, तसेच वाटणी किं वा भूमी
संपादन याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 7* - (7/12 उतारा) या नोंदवहीमध्ये जमीन मालकाचे नाव, क्षेत्र, सर्व्हे
नंबर, हिस्सा नंबर, गट नंबर, पोट खराबा,आकार, इतर बाबतीची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 10* - या नोंदवहीमध्ये गावातील जमिनीच्या जमा झालेल्या महसुलाची
माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 11* - या नोंदवहीत प्रत्येक गटामध्ये सर्व्हे नंबर, पीकपाणी व झाडांची
माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 12 व 15* - या नोंदवहीमध्ये पिकाखालील क्षेत्र, पडीक क्षेत्र, पाण्याची
व्यवस्था व इतर बाबतीची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 13* - या नोंदवहीमध्ये गावाची लोकसंख्या व गावातील जनावरे
याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 16* - या नोंदवहीमध्ये माहिती पुस्तके , शासकीय आदेश व नवीन
नियमावली याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 17* - या नोंदवहीमध्ये महसूल आकारणी याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 18* - या नोंदवहीमध्ये सर्क ल ऑफिस, मंडल अधिकारी यांच्या
पत्रव्यवहाराची माहिती असते.
* *गाव नमुना नंबर - 20* - पोस्ट तिकिटांची नोंद याबाबतची माहिती मिळते.
* *गाव नमुना नंबर - 21* - या नोंदवहीमध्ये सर्क ल यांनी के लेल्या कामाची दैनंदिन नोंद
याबाबतची माहिती मिळते.
तलाठी कार्यालयात सामान्य नागरिकांना गाव कामगार तलाठी यांच्याकडू न वरील माहिती
विचारणा के ल्यास मिळू शकते. आपणास आपल्या मिळकतीबाबत व गावाच्या मिळकतीबाबत
माहिती मिळाल्यामुळे मिळकतीच्या मालकी व वहिवाटीसंबंधीचे वाद कमी होण्यास व मिटण्यास
मदत होऊ शकते असे वाटते.