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 आंगनवाड़ी कें द्रों को अब िश�ा के न्द्र बनाने क� आवश्यकता
 के रल सावरी
 अंग्रेजी के प्रित अत्यिधक जुनून देश में िवकास सभं ावनाओ ं को
सीिमत करता है|
 चीन ने भारतीय छात्रों के िलए दो साल बाद वीजा जारी करने क�
योजना क� घोषणा क�
आंगनवाड़ी कें द्रों को अब िश�ा के न्द्र बनाने क� आवश्यकता
चचार् में क्यों ?
• आज हम आजादी के 75 वषर् मना रहे हैं । ऐसे में यह आवश्यक है िक
हम आंगनवाड़ी कें द्रों के बारे में भी चचार् करें और देखे िक वे आज
बच्चों के स्वास्थ्य व िश�ा में िकतना योगदान कर रहे हैं।
मुख्य िबंदु -
• भारत में आगं नवाड़ी, मां और बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते ह�ए इस योजना का शुभारंभ
िकया गया। आगं नबाड़ी कें द्र 6 वषर् तक क� आयु के बच्चों के साथ साथ िकशोर युवितयों, गभर्वती
मिहलाओ के स्वास्थ्य से सबं ंिधत आवश्यकताओ ं क� पूितर् करने हेतु बनाई गई है। आगं नबाड़ी छोटे
बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और िश�ा सबं ंधी जाग�कता फैलाने का कें द्र है।
• आगं नवाड़ी प्रणाली, भारत सरकार क� "एक�कृत बाल िवकास योजना" (आईसीडीएस) का
िहस्सा है, जो देश भर के 1.3 िमिलयन कें द्रों में 3-6 आयु वगर् के 30 िमिलयन से अिधक बच्चों को
सेवा प्रदान करती है।
• ICDS योजना को छह साल से कम उम्र के सभी बच्चों को उनके स्वास्थ्य, पोषण और िश�ा क�
ज�रतों का समथर्न करने के िलए िडज़ाइन िकया गया है।
आंगनवाड़ी क� सक
ं ल्पना का िवकास -
• आगं नबाड़ी मां और बच्चों क� देखभाल का कें द्र है। यह योजना बच्चों क� भूख व कुपोषण जैसी
समस्याओ ं के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा 1975 में शु� क� गई।
• आगं नवाड़ी का अथर् होता है "आगं न अथवा आश्रय"। प्रत्येक गांव में आगं नवाड़ी लगभग 400 से
800 लोगों क� जनसख्ं या के आधार पर बनाई जाती है।
• प्रत्येक ग्राम पंचायत �ेत्र में जनसख्
ं या के आधार पर एक या एक से अिधक आगं नवाड़ी कें द्र हो
सकते हैं, आगं नवाड़ी कायर्कतार्ओ ं और सहाियका द्वारा आगं नवाड़ी कें द्र को चलाया जाता है।
• प्रत्येक गांव में 6 वषर् तक के बच्चों को अनेकों सिु वधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, इन सिु वधाओ ं के
अंतगर्त िश�ा ,पौि�क आहार, स्वास्थ्य ,टीकाकरण इत्यािद आते हैं। इस योजना का उद्देश्य यह
होता है िक 6 वषर् तक के बच्चों को हर प्रकार क� सिु वधा का लाभ िदया जाए तािक कोई बच्चा
कुपोषण का िशकार ना हो।
• आगं नवािड़यों के बारे में माता-िपता क� धारणा िवचारणीय है क्योंिक आईसीडीएस
�रपोटर् ''माता-िपता को िनयिमत �प से के वल "लाभाथ�" के �प में सबं ोिधत करता है।
• लेिकन यह िकसी भी माता िपता का उद्देश्य अपने बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के साथ ही
अच्छी िश�ा देना भी होता है।
• आज आगं नवाड़ी कें द्रों क� सहायता से बच्चों क� स्कूलों में नामांकन दर 90 % तक
पह�चँ गई है लेिकन एक सव� के अनुसार आगं नवाड़ी से जुड़े 80% माता िपता इस बात
को लेकर िचंता जािहर करते हैं िक "आगं नवाड़ी कें द्रों में िश�ा का स्तर अच्छा नही है।
उनके बच्चों क� गिणत व अंग्रेजी भाषा मे पकड़ कमजोर रहती है।"
• आगं नबाडी प्रणािलयाँ अच्छे इरादों के बावजूद आज माता-िपता क� माँगों को पूरा करने
में स�म नहीं हैं।
• आज आगं नवाड़ी में िविभन्न राज्यों के िलए "ईसीसीई पाठ्यक्रम" इस आयु वगर् के िलए भारत में प्रमुख
िश�कों द्वारा अनुशंिसत स्थानीय भाषा और खेल-आधा�रत िश�ाशा� पर ध्यान कें िद्रत करते हैं।
• हालांिक पयार्� अनुभवी िश�कों क� कमी आज भी िवद्धमान है।आगं नबािड़यों में कम उपिस्थित
भारत के बच्चों के िवकास के िलए एक त्रासदी है।
• िवशेष�ों के अनुसार, आदशर् पूवर्स्कूली (प्री स्कूिलंग) में यह सिु नि�त िकया जाता है िक बच्चे
अपना अिधकांश समय सीखने और खेलने में िबताए।ं
• इसमें प्रारंिभक भाषा, प्रारंिभक अंकगिणत, सामािजक-भावनात्मक, कायर्कारी कायर्, और कौशल
िवकिसत करने के िलए उनके भौितक वातावरण क� खोज और हेरफेर करना शािमल है ।
• आज भी इन कें द्रों में बच्चों को चीजें रटने पर जोर िदया जाता है। जबिक इससे बच्चों के मानिसक
िवकास में बाधा उत्पन्न होती है।
• अतः यह आवश्यक है िक जब देश आजादी के 75 वषर् मना रहा है तो हमारे आगं नवाड़ी कें द्रों का
भी आधुिनक�करण िकया जाए व हमारे देश के नौिनहालों के िलए एक मजबूत कें द्रों का िवकास हो
सके जो उनके स्वास्थ्य के साथ उनक� िश�ा को भी महत्व प्रदान करे।
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1. आगं नबाड़ी योजना बच्चों क� भूख व कुपोषण जैसी समस्याओ ं के समाधान हेतु भारत
सरकार द्वारा 1975 में शु� क� गई।
2. आगं नबाड़ी के न्द्रों का उद्देश्य बच्चों व गभर्वती मिहलाओ ं को टीकाकरण के िलए
जाग�क करना है।
3. आगं नबाड़ी के न्द्रों में पूवर्स्कूली (प्री स्कूिलंग) िश�ा प्रदान नहीं क� जाित है|
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के रल सावरी
चचार् में क्यों ?
के रल ने ऑटो-टै क्सी श्रिमकों को उिचत पा�रश्रिमक के साथ याित्रयों के िलए
उिचत सेवा सिु नि�त करने के िलए राज्य सरकार के स्वािमत्व वाली देश क�
पहली ऑनलाइन टै क्सी सेवा 'के रल सावरी' लॉन्च क� है।
मुख्य िबंदु -
• के रल सरकार के "श्रम िवभाग" के तत्वावधान में 'मोटर वकर् सर् वेलफेयर बोडर्' द्वारा
सच ं ािलत, 'के रल सावरी' योजना िबना िकसी अित�र� मूल्य अथार्त 'सजर् प्राइिसगं ' के
'सरकार द्वारा अनुमोिदत िकराए पर जनता के िलए सरु ि�त यात्रा सिु नि�त कराएगी।
• पैिनक बटन िसस्टम : के रल सावरी क� एक और िवशेषता है। हर ड्राइवर के पास
"पुिलस क्लीयरेंस सिटर् िफके ट" होना चािहए।
• के रल सावरी ऐप में आपात िस्थित में मदद के िलए पैिनक बटन िसस्टम होगा। कोई भी
ड्राइवर या यात्री एक दूसरे को बताए िबना इस बटन को दबा सकते हैं। इससे सबं ंिधत
प्रवतर्न एजेंिसयों क� सेवाएं तेजी से प्रा� करने में मदद िमलेगी।
ग्राहकों के शोषण को रोकना -
• इसके अलावा िनजी ऐप-आधा�रत कै ब कम्पिनयों व एग्रीगेटसर् द्वारा किथत अनुिचत व्यापार प्रथाओ ं
और उपभो�ा अिधकारों का उल्लंघन सरकारों के िलए एक िचंता का िवषय है।
• हाल ही में, कें द्रीय उपभो�ा सरं �ण प्रािधकरण (सीसीपीए) ने कै ब एग्रीगेटसर् ओला और उबर को
अनुिचत व्यापार प्रथाओ ं और उपभो�ा अिधकारों के उल्लंघन के िलए नोिटस जारी िकया था।
• यात्री अक्सर सेवाओ ं में कमी के बारे में िशकायत करते हैं, जैसे पीक ऑवसर् के दौरान अत्यिधक
िकराया वसल ू ना, ड्राइवरों क� ओर से अनुिचत व्यवहार, ग्राहक सहायता से उिचत प्रितिक्रया क�
कमी और कै ब चालक द्वारा बुक क� गई सवारी को स्वीकार करने से इनकार करने के बावजूद
रद्दीकरण शुल्क क� अनुिचत वसल ू ी शािमल है।
• इसके अलावा श्रिमकों या ड्राइवरों द्वारा प्रा� दरों और ऑनलाइन टै क्सी सेवा प्रदाताओ ं द्वारा याित्रयों से
वसल ू क� जाने वाली दरों के बीच 20 से 30 प्रितशत का अंतर है। इससे श्रिमकों का शोषण िकया जाता है।
• जबिक के रल सवारी में एक ही िकराया िनधार्�रत होगा और के वल आठ प्रितशत का सेवा शुल्क िलया
जाएगा, िजससे यह सेवा अन्य ऑनलाइन टै क्सी सेवाओ ं क� तुलना में सस्ती हो जाएगी।।
• सरकार द्वारा िनधार्�रत दर के साथ सेवा शुल्क के �प में एकत्र क� गई रािश का उपयोग इस योजना के
कायार्न्वयन के िलए और याित्रयों और ड्राइवरों आिद को प्रोत्साहन प्रदान करने के िलए िकया जाएगा।
GPS योजना -
• आने वाले महीनों में सभी टै क्सी वाहनों में �रयायती दर पर "ग्लोबल पोिजशिनंग िसस्टम" (जीपीएस)
लगाने क� भी योजना है। 24 घंटे का कॉल सेंटर भी इसका िहस्सा होगा। ित�वनंतपुरम नगरपािलका में
500 ऑटो-टै क्सी चालकों को िवशेष प्रिश�ण िदया गया है। प्रिश�ण कायर्क्रम का उद्देश्य ड्राइवरों को
पयर्टक गाइड बनाना भी है।
• योजना का िहस्सा होने वाले वाहन के तेल, वाहन बीमा, टायर और बैटरी पर छूट प्रदान करने पर िवचार
िकया जा रहा है। याित्रयों और ड्राइवरों के िलए बीमा और दुघर्टना बीमा भी िवचाराधीन है।
• वाहनों के िव�ापन से अिधक राजस्व उत्पन्न करने क� एक और योजना है। िव�ापन राजस्व का 60
प्रितशत ड्राइवरों को भुगतान िकया जाएगा।
अन्य िबन्दु -
• िनजी ऐप-आधा�रत टै क्सी कंपिनयां आपात िस्थित के दौरान सेवाओ ं के िलए शुल्क दो से तीन गुना
तक बढ़ा देती हैं, इससे याित्रयों को नुकसान होने के साथ ही श्रिमकों को भी इसका लाभ नही
िमलता है। लेिकन 'के रल सावरी' सरकार द्वारा िनधार्�रत दर के अलावा के वल 8% सेवा शुल्क ले
सकती हैं, जबिक िनजी कै ब एग्रीगेटर 20 से 30% तक सेवा शुल्क लेते हैं।
• ऐप आधा�रत इस योजना में याित्रयों, मिहलाओ,ं व�र� नाग�रकों व बच्चों क� सरु �ा के िलए
िवशेष प्रावधान िकया गया है।इस योजना में में �रयायती दर पर जीपीएस को चरणबद्ध तरीके से
लागू िकया जाएगा। इसके िलए 24 घंटे का कॉल सेंटर तैयार िकया गया है।
• के रल में लगभग पांच लाख से अिधक ऑटो�रक्शा और एक लाख कै ब हैं। राज्य सरकार का उद्देश्य
इस �ेत्र में लगे सभी ऑटो कमर्चा�रयों को नए प्लेटफॉमर् के तहत लाने क� है।
• चूंिक के रल में स्माटर् फोन सा�रता दर अिधक है, इसिलए सरकार को कम समय में उन्हें इस योजना
के तहत करने क� उम्मीद है। इसके अलावा, के रल सरकार ने भिवष्य में वाहन मािलकों के िलए
ईधन,
ं बीमा और टायर सिब्सडी प्रदान करने का भी फैसला िकया है और इस सबं ंध में प्रमुख
कंपिनयों के साथ बातचीत शु� कर दी है।

• के रल के श्रम मंत्री िशवांकुट्टी ने कहना है िक "इस प�रयोजना को ित�वनंतपुरम नगरपािलका में


पायलट आधार पर लागू िकया जाएगा। उसके बाद इसे पूरे राज्य में चरणों में लागू िकया जाएगा।"

• िनष्कषर् �प में कहा जा सकता है िक इस योजना से ऑटो चालकों, श्रिमकों को लाभ के साथ ही
ग्राहकों को भी फायदा होगा।
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1. के रल सरकार के "श्रम िवभाग" के तत्वावधान में 'मोटर वकर् सर् वेलफेयर बोडर्' द्वारा 'के रल
सावरी' योजना आरम्भ क� गयी है|
2. के रल सावरी एक ऐप-आधा�रत योजना है िजसका सच
ं ालन िनजी कंपिनयों के द्वारा िकया
जाएगा।
3. इस योजना के अंतगर्त हर ड्राइवर के पास "पुिलस क्लीयरेंस सिटर् िफके ट" होना चािहए।
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अंग्रेजी के प्रित अत्यिधक जुनून देश में िवकास सभ
ं ावनाओ ं को सीिमत करता है

चचार् में क्यों ?


अभी हाल ही में देश के गहृ मंत्री अिमत शाह ने भोपाल में नई िश�ा नीित 2020 पर
आयोिजत एक कायर्क्रम में बोलते ह�ए कहा िक "अंग्रेजी भाषा के प्रित भारत के
अत्यिधक आकषर्ण ने हमारे देश क� 95 प्रितशत प्रितभाओ ं को देश क� प्रगित में
योगदान करने से रोक िदया है।"
मुख्य िबंदु -
• गहृ मंत्री अिमत शाह भोपाल में कें द्र सरकार के द्वारा जारी क� गई "नई िश�ा नीित
2020" पर आयोिजत एक कायर्क्रम में बोल रहे थे।
• उन्होंने कहा "आप िकसी ऐसे व्यि� क� गलती कै से िनकाल सकते हैं, िजसक� बचपन
में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल तक पह�ंच नहीं थी? अंग्रेजी के प्रित आकषर्ण के कारण ही
आज हम देश के िवकास में अपनी प्रितभा का 5% ही उपयोग कर रहे हैं क्योंिक आज
भी 95% बच्चे अपनी मातृभाषा में पढ़ते हैं। क्या अपनी मातृभाषा में पढ़ने वाले
प्रितभाशाली नहीं हैं? हमने अपने िवकास के दायरे को सीिमत कर िदया है।"
• गृहमंत्री ने कहा िक "आज जेईई और एनईईटी परी�ा 12 भारतीय भाषाओ ं में
आयोिजत क� जा रही है, सामान्य िव�िवद्यालय प्रवेश परी�ा 13 भाषाओ ं और 20
कॉलेजों में आयोिजत क� जा रही है। 10 राज्यों में िहंदी, कन्नड़, बांग्ला और गुजराती
जैसी भाषाओ ं में इज
ं ीिनय�रंग (एम.टे क तक) के पाठ्यक्रम के साथ तैयार थे।"
• “िजस िदन स्थानीय भाषाओ ं में पढ़ने वालों को उनका हक िमलेगा, देश दुिनया के
ि�ितज पर सरू ज क� तरह चमके गा क्योंिक देश क� 5% प्रितभा का उपयोग करके भी
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश हर �ेत्र में अग्रणी है। " उन्होंने यह भी कहा िक "नई एनईपी
भारत क� आत्मा को दशार्ती है और भारतीयता क� घोषणा है।"
भारत में भाषाई िववाद: एक िव�े षण -
• हमारे देश में समय समय पर भाषाई िववाद उठता रहता है। अभी कुछ समय पहले कन्नड़ के
एक अिभनेता के द्वारा यह कहा गया िक "िहदं ी अब राष्ट्रभाषा नही रह गई है" ।
• दरसअल भारत में भाषा से जुड़ा िववाद कोई नया नही है बिल्क देश क� स्वतंत्रता के पहले
से ही भाषा नीित को लेकर िववाद जारी रहा है।
• इसका जन्म उस समय ही हो गया था जब "1813 के चाटर् र एक्ट" में िब्रिटश कंपनी के द्वारा
भारत में िश�ा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रितवषर् 1 लाख �पये प्रदान करने का प्रावधान
रखा गया था।
• िकंतु, इस रािश को खचर् करने के प्र� पर िववाद उत्पन्न हो जाने के कारण यह रािश उपलब्ध
नहीं कराई गई।
• इसी को लेकर "लोक िश�ा सिमित" में दो दल बन गए थे िजनमें एक दल प्राच्य िश�ा व
भारतीय भाषाओ ं का समथर्क था, जबिक दूसरा आग्ं ल िश�ा व अंग्रेजी का समथर्क था।
• यह िववाद 1835 में तब समा� ह�ए, जब िब्रिटश सरकार ने मैकाले क� अनुशंसा पर यह िनणर्य िकया
िक "वह अपने सीिमत सस
ं ाधनों को के वल अंग्रेजी भाषा के माध्यम से पढ़ाने में लगाएगी।"
• इस िनणर्य के प�ात् िब्रिटश सरकार ने तेजी से कारर्वाई करते ह�ए अपने स्कूलों एवं कॉलेजों में
अंग्रेजी को िश�ा का माध्यम बना िदया। उसने बड़ी सख्
ं या में प्राथिमक स्कूल खोलने के बजाय
थोड़े से अंग्रेजी स्कूल खोले।
स्वतंत्रता के प�ात भाषाई िववाद का इितहास -
• जब स्वतंत्रता के प�ात हमारे सिं वधान का िनमार्ण िकया गया तब सिं वधान सभा क� बहसों में भाषा
को लेकर तीखी बहस ह�ई।
• डॉक्टर अम्बेडकर ने भी कहा था िक "सिं वधान सभा में िजतनी बहस िहंदी को आिधका�रक भाषा
बनाने को लेकर ह�ई वह अभूतपूवर् है।
• देश क� भाषाई िविवधता को देखते ह�ए ही हमारे सिं वधान में '14 भाषाओ'ं को आिधका�रक भाषा का
दजार् िदया गया था और समय समय पर इसमें बढ़ो�री क� जाती रही। और ये सख् ं या 22 हो गई है।
• सभु ाषचंद्र बोस क� 'आजाद िहंद फौज' क� राष्ट्रभाषा भी िहंदी ही थी। श्री अरिवंद घोष िहन्दी-प्रचार
को स्वाधीनता-सग्रं ाम का एक अंग मानते थे।
• इस प्रकार हम कह सकते हैं िक स्वतंत्रता आदं ोलन के दौरान िहंदी और राष्ट्रभाषा को लेकर व्यापक
सहमित थी, लेिकन स्वतंत्रता के प�ात भाषाई िववाद ने राजनीितक व �ेत्रीय अिस्मता का �प ले िलया।
• सिं वधान में प्रावधान िकया गया था िक 1965 के प�ात अंग्रेजी को पूरी तरह से हटा िदया जाएगा और उसका
स्थान पूरी तरह से िहदं ी ले लेगी।
• इसी के साथ व्यापक राजनीित िववाद उत्पन्न हो गया खासकर तिमलनाडु में िहदं ी का व्यापक िवरोध ह�आ और
िहदं ी के िखलाफ जमकर िवरोध िकया गया। प�रणामस्व�प 1967 में राजभाषा कानून में सश ं ोधन के द्वारा यह
सिु नि�त िकया गया िक 'अंग्रेजी तब तक राजभाषा बनी रहेगी जब तक गैर िहदं ी भाषी राज्य इसे स्वीकार नही
कर लेते हैं'।
• लेिकन भाषा से जुड़ा िववाद समय समय पर आज भी उठता ही रहता है। सिं वधान के अनुच्छे द 343 में 'िहदं ी को सघं क�
राजभाषा' घोिषत िकया गया है और सरकार का यह दाियत्व है िक वह िहदं ी को बढ़ावा देने का प्रयास करे।
• सरकार के द्वारा िहदं ी के िवकास के िलए समय समय अनेक कदम उठाए जाते रहे ।
• सरकार के द्वारा 'ित्रभाषी फामर्ूले' में यह प्रयास िकया गया िक बच्चों को प्राथिमक िश�ा में मातृ-भाषा व
अंग्रजी के साथ िहदं ी का भी �ान िदया जाए। लेिकन कई राज्यों ने इस पर भी घोर प्रितिक्रया व्य� क�।
• नई िश�ा नीित 2020 को लेकर भी यही िववाद उठा था तब सरकार के द्वारा कहा गया िक "वह िकसी पर कोई
भाषा थोप नही रही है बिल्क सभी भारतीय भाषाओ ं को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है"।
• देश के गहृ मंत्री के द्वारा अभी कुछ समय पहले यह कहा गया िक 'िहदं ी देश क� सपं कर् भाषा बननी चािहए,
आज हमारी सरकार के स�र प्रितशत कायर् िहदं ी में िकए जा रहे हैं' ... इस पर भी कुछ लोगों ने प्रितिक्रया दी थी।
• आज तकनीक� और इटं रनेट के युग में िहंदी तीव्र गित से प्रसार और िवकास ह�आ है। आज िहंदी भाषा का
बाजार भी तेजी बढ़ रहा है आज िफ़ल्म, सािहत्य, कला, मीिडया जगत में िहंदी ने नई उड़ान भरी है। सरकार के
द्वारा िश�ा के �ेत्र में भी िहंदी को प्रोत्साहन देने का प्रयास कर रही है।
• इस सबके बावजूद कुछ राज्यों व नाग�रकों को इस बात क� आशंका रहती है िक उन पर िहदं ी थोपी जा सकती
है। इसके िलए आवश्यक है िक उनक� आशंकाओ ं का समाधान िकया जाए क्योंिक भारत एक िवशाल और
िविवधताओ ं वाला देश है, जहाँ प्रशासन और लोगों के मध्य सवं ाद स्थािपत करने के िलये एक सामान्य भाषा
क� आवश्यकता है।
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1. जेईई और एनईईटी परी�ा 12 भारतीय भाषाओ ं में आयोिजत क� जा रही है, सामान्य
िव�िवद्यालय प्रवेश परी�ा 13 भाषाओ ं और 20 कॉलेजों में आयोिजत क� जा रही है।
2. "1813 के चाटर् र एक्ट" में िब्रिटश कंपनी के द्वारा भारत में िश�ा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से
प्रितवषर् 1 लाख �पये प्रदान करने का प्रावधान रखा गया था।
3. अनुच्छे द 343 में 'िहंदी को सघं क� राजभाषा' घोिषत िकया गया है|
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चीन ने भारतीय छात्रों के िलए
दो साल बाद वीजा जारी करने क� योजना क� घोषणा क�
चचार् में क्यों ?
चीन ने भारतीय छात्रों को कुछ िनयमों के साथ वापस लौटने व पढ़ाई आरंभ करने क�
अनुमित दी है। चीन ने कोरोना महामारी के बाद पुनः 22 अगस्त, 2022 यह को घोषणा
क�, िक "भारतीय छात्र 24 अगस्त से अपनी पढ़ाई पुनः आरंभ करने के िलए चीन के
वीजा के िलए आवेदन कर सकते हैं।"
मुख्य िबंदु -
• चीन ने कोिवड प्रितबंधों के कारण फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों के िलए दो साल से अिधक समय बाद
वीजा जारी करने क� योजना क� घोषणा क�। इसके अलावा भारतीयों के िलए व्यापार वीजा सिहत
िविभन्न श्रेिणयों के िलए भी वीजा जारी िकए जाने क� योजना क� घोषणा क� गई।
• चीनी िवदेश मंत्रालय में एिशयाई मामलों के िवभाग में काउंसलर जी रोंग ने ट्वीट िकया, ‘‘भारतीय
छात्रों को हािदर्क बधाई! आपका धैयर् साथर्क सािबत ह�आ। मैं वास्तव में, आपके उत्साह और खुशी
को साझा कर सकती ह�ं। चीन में आपका स्वागत है!"
• 2019 तक चीनी िव�िवद्यालयों में 23,000 से अिधक भारतीय छात्र नामांिकत थे। चीन ने नवंबर
2020 में महामारी का हवाला देते ह�ए भारतीयों के यात्रा करने पर प्रितबंध लगा िदया था।
• घोषणा के अनुसार, एक्स1-वीजा, उन छात्रों को जारी िकया जाएगा जो उच्च शै�िणक िश�ा के िलए
लंबी अविध क� खाितर चीन जाना चाहते हैं। इनमें नए छात्रों के अलावा वे छात्र भी शािमल हैं जो
अपनी पढ़ाई आगे जारी रखने के िलए चीन लौटना चाहते हैं।
• छात्र वीजा जारी करना िफर से शु� करना उन हजारों भारतीय छात्रों क� वापसी क� िदशा में एक
महत्वपूणर् कदम है।
• श्रीलंका, पािकस्तान, �स और कई अन्य देशों के कुछ छात्र हाल के हफ्तों में चाटर् डर् उड़ानों से पहले ही
चीन पह�ंच चुके हैं।
• हालांिक, कुछ बाधाएं अभी भी बनी ह�ई हैं। छात्रों को वापस पढ़ाई शु� करने के िलए "कैं पस में लौटने
का प्रमाण पत्र" प्रा� करना है जो वीज़ा आवेदनों के िलए आवश्यक है। जबिक चीन के कुछ
िव�िवद्यालय अपने प्रांतों में स्थानीय महामारी क� िस्थित का हवाला देते ह�ए पत्र जारी नहीं कर रहे हैं।
• इसके अलावा एक बाधा और है िजसके अनुसार भारत से चीन के िलए सीधी उड़ानें अभी िफर से

शु� होनी हैं, जबिक पारगमन उड़ानें सामान्य िकराए क� क�मत से कई गुना अिधक िबक रही हैं।

• चीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों क� सख्


ं या में विृ द्ध कर रहा है, तथा अंतरराष्ट्रीय यात्रा को सख्ती से

िनयंित्रत कर रहा है क्योंिक वह सख्त "शून्य-कोिवड" नीित का पालन कर रहा है। चीन आने

वाले याित्रयों को अभी भी क्वारेंटीने िकया जा रहा है हालांिक यह अविध 21 िदनों से घटाकर 10

कर दी गई है।
भारत-चीन के बीच अन्य वीजा िववाद -
नत्थी वीजा (स्टे पल वीजा) :
• नत्थी वीजा में आव्रजन अिधकारी व्यि� के पासपोटर् पर स्टाम्प नही लगाता है बिल्क एक कागज
अलग से पासपोटर् के साथ नत्थी या जोड़ देता है। इस कागज में उस देश क� यात्रा करने का उद्देश्य
िलखा होता है। अिधकारी इसी कागज पर स्टाम्प लगाते हैं। इसे ही नत्थी वीजा कहते हैं।
• चीन भारत के दो राज्यों अ�णाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा जारी करता
है क्योंिक चीन अ�णाचल प्रदेश को ितब्बत का भाग मानता है और ितब्बत पर चीन का अिधकार
है इस कारण चीन अ�णाचल प्रदेश को अपने देश का िहस्सा मानता है। इसे लेकर समय समय पर
िववाद उत्पन्न होता रहता है।
• चीन के अनुसार, "अ�णाचल प्रदेश के नाग�रकों को अपने देश अथार्त चीन क� यात्रा के िलए
वीजा क� आवश्यकता नहीं है, लेिकन िफलहाल यह �ेत्र भारत के कब्जे में आता है इसिलये
स्टे पल वीजा या नत्थी वीजा जारी िकया जाता है।"
नत्थी वीजा जारी करने से क्या फकर् पड़ता है?
• नत्थी वीजा का यह िनयम है िक जब कोई नत्थी वीजा धारक यात्री (जैसे अ�णाचल िनवासी) चीन
में अपना काम ख़त्म करके स्वदेश को लौटना चाहता है तो उसको िमलने वाले नत्थी वीजा, प्रवेश
और बाहर िनकलने वाले िटकटों को फाड़ िदया जाता है। इस प्रकार यात्रा करने वाले व्यि� के
पासपोटर् पर इस यात्रा का कोई िववरण दजर् नही होता है जो िक भारत जैसे देश के प्रशासन के िलए
सरु �ा चुनौती पैदा करता है।
• िजस देश के िनवासी के िलए नत्थी वीजा जारी िकया जाता है उस देश के िलए यह अिस्मता का
सवाल बन जाता है क्योंिक एक शत्रु देश एक “स्वतंत्र देश” के भूभाग को अपना िहस्सा मानता है।
इसीिलए यह भारत क� सप्रं भुता पर हमला है।
• एक देश, िकसी शत्रु देश द्वारा जारी िकये जाने वाले नत्थी वीजा का इसिलए िवरोध करता है

क्योंिक हो सकता है िक नत्थी वीजा पर बार-बार िवदेश यात्रा करने वाला नाग�रक देश के िखलाफ

आपरािधक गितिविधयों में शािमल हो जबिक उसके पासपोटर् पर इस यात्रा का कोई �रकॉडर् नही

िमलता है। जम्मू & कश्मीर के अलगाववादी नेताओ ं क� चीन यात्रा इसका पुख्ता सबूत है। �ातव्य

है िक 2009 से चीन ने जम्मू और कश्मीर के िनवािसयों को भी नत्थी वीजा देना शु� कर िदया है।
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1. चीन ने कोिवड प्रितबंधों के कारण फंसे सैकड़ों भारतीय छात्रों के िलए दो साल से अिधक
समय बाद वीजा जारी करने क� योजना क� घोषणा क�
2. नत्थी वीजा के अंतगर्त एक िवशेष प्रकार का वीजा जारी िकया जाता है|
3. चीन भारत के दो राज्यों अ�णाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के लोगों को नत्थी वीजा
जारी करता है|
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(a) 1 vkSj 2 (b) 1 vkSj 3
(c) 2 vkSj 3 (d) 1] 2 vkSj 3

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