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GS-III

• Technology Mission, and Development of New Technology


• Infrastructure: Energy, Ports, Roads, Airports, Railways etc.
Mains…

इले ्ঠ३ क वाहन पर ঋितबंध के ॺप म७ चािज४ग इं ঌा ३ ঞर की सम ा

ঋासंिगकता/पाਉॿम से संबंिधत
की वड्१ स : इले्ঠ३ क वाहन, इं ঌा ३ ঞर, फेम इं िडया, िड ॉम, चािज४ग े शन।

चचा१ म७ ভों:
भारत म७ इले ्ঠ३ क वाहन के ो साहन के साथ-साथ यह आव क है िक इले ्ঠ३ क वाहन के चािज४ ग
इं ঌा ३ ঞर को भी बढ़ावा िदया जाए।
भारत म७ इले्ঠ३ क वाहन अवसं रचना:
 एसीएमए की जु लाई 2021 की ौरपोट१ के अनु सार िव वष१ 2011 म७ भारत के इले ्ঠ३ क वाहन बाजार
म७ 61% इले ्ঠ३ क टू - ीलर, 37% इले ्ঠ३ क ইी- ीलस१ और लाइट कमिश१ यल ीकल, 2% इले ्ঠ३ क
फोर- ीलस१ और 0.2% ई-बस७ स् िलत है ।

 नीित आयोग के अनु सार 2030 तक लगभग 80% टू ीलर तथा ইी ीलर , 50 ঋितशत फोर ीलर
तथा 40% बस की मां ग इले्ঠ३ क वाहनों से पूरी की जानी चािहए। इसके िलए चािज४ ग इं ঌा ३ ঞर म७
तेजी से सुधार करना अिनवाय१ है । य िप 2030 तक सकल भारतीय ऑटोमोबाइल म७ इले ्ঠ३ क
ीक अनु पात माআ 40% तक होगा परं तु यह संূा वत१मान के 9 िमिलयन की अपे঴ा 15
िमिलयन के आसपास पॽं च जाएगी। इतनी भारी संূा म७ इले ्ঠ३ क बाइक को जीवा ईंधन
आधाौरत ऑटोमोबाइल थािपत करने के िलए चािज४ ग े शन की आव कता है ।

 इस लশ को ঋा करने के िलए भारत को इले ्ঠ३ क ीक के िलए तीन उप ঴ेআों म७ रणनीित की


आव कता है । ये तीन उप঴ेআ वाहन उ ादन, बैटरी तथा चािज४ ग े शन ह॰ य िप इस वाहन तथा
बैटरी के उपल ता की िदशा म७ तेजी से काम हो रहा है ।

 फेम योजना के अं तग१त इले ्ঠ३ क ीक तथा बैटरी के उ ादन को ঋो ाहन िदया जा रहा है ।
चािज४ ग े शन के िलए भी साव१जिनक पौर य की आव कता को नकारा नही ं जा सकता।

 अतः चािज४ ग े शन के िलए इं ঌा ३ ঞर म७ वृ् करना अिनवाय१ है ।

ग-इन चािज४ग इं ঌा ३ ঞर की ् थित


 क७ঈीय िवद् युत ঋािधकरण ारा ঋकािशत आं कड़ों के अनुसार, 30 जू न 2020 तक भारत म७ 927
साव१जिनक चािज४ ग े शन ह॰ ।

 भारी उ ोग िवभाग ने फेम 1 तथा फेम 2 योजना के अं तग१त 3,397 चािज४ ग े शनों को मंजूरी दी है ।
फेम 1 के अं तग१त भारत के िविभ शहरों म७ 427 चािज४ ग े शन थािपत िकए गए। इसम७ ঋमुख
शहरों को जोड़ने वाले कुछ ঋिस राजमाग१ म७ पर ् थत चािज४ ग े शनो को भी स् िलत िकया गया
है ।

 फेम 2 योजना के अं तग१त अ्खल भारतीय र पर लगभग 2877 े शनों का िनमा१ ण िकया जाएगा
।फेम 2 के अं तग१त कुल चािज४ ग े शनों का 48% को शीष१ 5 रा৸ों (महारा ३ , तिमलनाडु , गुजरात,
आं উ ঋदे श और म ঋदे श) म७ थािपत िकए जाय७गे। इन चािज४ ग े शनों के बनने से उपभोঢाओं
की ीकल के िड चाज१ होने की िचंताओं को कुछ हद तक समा कर उ े इले ्ঠ३ क ीक के
ঋयोग की तरफ ঋो ािहत िकया जायेगा।

भारत म७ चािज४ग इं ঌा ३ ঞर की कमी के कारण:


इले्ঠ३ क ीकल चािज४ग के िलए िव पोषण: चाज१ स१ के सीिमत उपयोग के कारण चािज४ ग े शन के िलए
नकदी ঋवाह का उिचत अनुमान लगा पाना िव ीय सं थानों के िलए किठन होता है । फाइन७ सर ईवी चािज४ ग
पौरयोजनाओं के जो्खम लाभ अनु पात का उिचत मू ां कन नही ं कर पाता िजसके फल ॺप िव ीयन की
सम ाउ होती है ।

 वत१मान म७ , एक PCS के िलए, पूंजीगत य, िঁड कने লन लागत, ऊजा१ लागत, ऋण सेवा, भू िम शु
(यिद कोई हो) के साथ-साथ संचालन और रखरखाव सिहत आम तौर पर एक बड़ा बिहवा१ ह होता है ।
अनु मािनत नकदी ঋवाह के िलए ईवी िवकास दर अनु मानों की आव कता होती है जो रा৸ और
रा ३ ीय नीितयों, बाजार म७ वाहन मॉडल की उपल ता, उपभोঢा की जागॺकता और चािज४ ग िबजने स
मॉडल के उ व पर अ िधक िनभ१ र करता है ।

इसके साथ ही साथ कुछ मु ों म७ कले ঠर ॰ डडा१ इजे शन की कमी, चािज४ ग इं ঌा ३ ঞर म७ िमलने वाले
उपकरणों का अभाव, िबजली की कमी, बो े ज म७ उतार चढ़ाव तथा ने ट मीटौरं ग की अनु प् थित भारत म७
चािज४ ग े शनों के उपल ता म७ बाधक ह॰ ।
 भूिम ािम पर ता का अभाव : कई मामलों म७ भू िम के ािम पर ता के अभाव म७
चािज४ ग े शनों के िनमा१ ण म७ िवलं ब होता है । उदाहरण ॺप वािण्৸क दु कान तथा अ ঋित ान
अपने पौरसर के बाहर के सड़क पािक४ग थल को िनयंिআत करते ह॰ जो वा व म७ सरकारी जमीन होती
ह॰ ।
 इसके साथ ही चािज४ ग े शनों के िनमा१ ण म७ काफी य होता है ।वही ं यह कुछ समय के िलए आसपास
के जन जीवन को अ कर दे ता है ।
 इसके साथ ही साथ इले ्ঠ३ क चािज४ ग इं ঌा ३ ঞर को कई अ अं तरालो तथा चुनौितयों का सामना
करना पड़ता है ।भारत म७ , AC001 और DC001 चाज१ र साव१जिनक चािज४ ग थानों के िलए ঋाथिमक
िवक ह॰ , जबिक अिधकां श 2W, 3W और 4W मॉडल उनका उपयोग नही ं करते ह॰ ।
 बढ़े ॽए भार को पूरा करने के िलए िঁड िवकास के िलए समथ१ न की कमी एक अ बड़ी सम ा है ।
एक उ ोग िव ेषण के अनु सार, 2030 तक इले ्ঠ३ क वाहनों के बढ़ते उपयोग से िबजली की मां ग म७
100 TWh की वृ् होगी।

भारत म७ चािज४ग इं ঌा ३ ঞर इकोिस म के िनमा१ण के उपाय:


इले ्ঠ३ क ीकल चािज४ ग े शन थािपत करने की उৡ लागत को वहाय१ बनाने के िलए उनके उपयोग को
बढ़ावा दे ना अिनवाय१ है । इस उ े की पूित१ के िलए चािज४ग इं ঌा ३ ঞर म७ डीसी चािज४ग ঋिॿया का उपयोग
िकया जाना चािहए। सरकार को भी चािज४ ग े शनों के इं ঌा ३ ঞर म७ ईवी कंपिनयों के साथ िनवेश करना होगा ।
 चािज४ ग इं ঌा ३ ঞर काया१ यन म७ शािमल िनयामक और काय१कारी सरकारी एज७ िसयों की पहचान
करके और चाज१ पॉइं ट ऑपरे टरों और ई-मोिबिलटी सेवा ঋदाताओं की भू िमकाओं को पौरभािषत करके
ईवी चािज४ ग पाौर् थितकी तंআ की शासन संरचना तैयार कर७ ।

 इले ्ঠ३ क ीकल चािज४ ग े शन थािपत करने के िलए चािज४ ग े शन की लोकेशन एक बड़ी चुनौती
है । चािज४ ग े शन का थान या िडज़ाइन ऐसा होना चािहए िक वह आसानी से िदखाई दे , सुलभ हो,
समय की बचत हो और चािज४ ग कतार को कम िकया जा सके।

 लশ िनधा१ ौरत करने के िलए (आव क साव१जिनक चाज१र की संূा के िलए) पॽं च और मां ग-
आधाौरत ि कोण के अवलोकन के साथ योजना ঋिॿया शु ॺ िकया जाय और साव१जिनक ईवी चािज४ ग
के िलए ऊजा१ की मां ग का आकलन करने के िलए एक प ित को पौरभािषत िकया जाय।

 चािज४ ग इं ঌा ३ ঞर के िलए िबजली की आपूित१ पर ान क७िঈत करने की जॺरत है, चालकों को ईवी
चािज४ ग के िलए िबजली आपूित१ को िनयंिআत करने वाले िनयमों से पौरिचत कराया जाय, ईवी चािज४ ग
कने লन के ঋावधान म७ िड ॉम की भू िमका, और भारत म७ तीन मॉडलों - सरकार ारा संचािलत
मॉडल, उपभोঢा-संचािलत मॉडल और चाज१ ाइं ट ऑपरे टर-संचािलत मॉडल की पहचान - चािज४ ग
इं ঌा ३ ঞर के काया१ यन के िलए िकया जाय।

 बैटरी ैिपंग े शन एक वैक् क रणनीित हो सकती है । वे थािपत करने और संचािलत करने म७


आसान ह॰ । ऐसे े शनों को उपयु१ঢ थानों के साथ-साथ पेट३ोल बंक पर भी थािपत िकया जा सकता
है । उ ७ कम जगह चािहए (3x2x2m िजतनी कम) और बैटरी िनमा१ ता उन मॉडलों पर काम कर सकते
ह॰ िजनम७ 4-6 बैटरी वाले ैिपंग े शन छोटे खु दरा दु कानों पर भी उपल कराए जा सकते ह॰ ।

 सभी शहरी थानीय िनकायों को पािक४ग थलों म७ चािज४ ग ाइं ट्स को अिनवाय१ िकया जाना चािहए।
चािज४ ग ाइं ट्स की संূा मां ग के अनु सार िनधा१ ौरत हो। इस ঋकार पािक४ग थलों म७ चािज४ ग पॉइं ट्स
के िनमा१ ण से एक वहाय१ राज मॉडल तैयार िकया जा सकता है । आगे इस ঋिॿया को रे लवे े शन
, एयरपोट्१ स तक भी िव ाौरत िकया जा सकता है । ঋ े क साइट् स म७ मां ग के अनु सार ू नतम
चािज४ ग े शनों का िनधा१ रण करना होगा ।

 एসेस-िनयंिআत चािज४ ग पॉइं ट्स के िलए कम से कम 10% पािक४ग थल आरि঴त करने का आदे श
इले ्ঠ३ क वाहनों को और भी आकष१ क बना दे गा। हमारा मानना है िक आवास और शहरी मामलों के
मं আालय ने आवासीय संपि उपिनयमों म७ पहले ही संशोधन कर िदया है तािक पया१ ईवी चािज४ ग पॉइं ट
हाउिसंग कॉलोिनयों/िब् ं ग अपाट१ म७ट को अिनवाय१ िकया जा सके।

आगे की राह
इले ्ঠ३ क ीकल चािज४ ग इं ঌा ३ ঞर को िनजी आवास, पेट३ोल पंप, रे लवे े शन,बस िडपो तथा वािण्৸क
ঋित ान इ ािद थानों पर थािपत िकया जा सकता है ।
 िबजली मं আालय ने राजमाग१ के दोनों िकनारों पर तीन िकलोमीटर और हर 25 िकलोमीटर के िঁड म७
कम से कम एक चािज४ ग े शन थािपत करने का िनद८ श िदया है ।

 क७ঈ सरकार और रा৸ सरकार७ 2030 तक भारत को 100% इले ्ঠ३ क वाहन रा ३ बनाने के िलए कई
उपाय कर रही ह॰ । नीित र पर उठाए गए ऐसे सकारा क कदम और ঋमु ख िनजी ঴े আ के
ऑटोमोबाइल क िनयों ारा हौरत रणनीित को अपनाने के साथ तेजी से बदलाव की उ ीद कर
सकते ह॰ ।

ঔोत https://www.thehindubusinessline.com/opinion/editorial/charger-
up/article64927178.ece

ঋारं िभक ঋ :
ঋ : FAME India योजना के बारे म७ िन िल्खत कथनों पर िवचार कर७ :
1. FAME India ने शनल इले ्ঠ३ क मोिबिलटी िमशन ान का एक िह ा है ।

2. FAME का मु ূ जोर स् डी, ঋो ाहन और तकनीकी िवकास ঋदान करके इले ्ঠ३ क वाहनों और
हाइि঍ड वाहनों को ঋो ािहत करना है ।

3. यह ऊजा१ मं আालय और नवीन और नवीकरणीय ऊजा१ मं আालय की एक संयुঢ पहल है ।

ऊपर िदए गए कथनों म७ से कौन-सा/से सही है/ह॰ ?


a) केवल 1 और 2

b) 2 और 3 केवल

c) 1,2 और 3

d) इनम७ से कोई नही ं

उ र: ए
ाূा
 FAME India ने शनल इले ्ঠ३ क मोिबिलटी िमशन ान का एक िह ा है ।

 इस योजना म७ हाइि঍ड और इले ्ঠ३ क तकनीक जै से माइ हाइि঍ड, ३ ां ग हाइि঍ड, ग इन


हाइि঍ड और बैटरी इले ्ঠ३ क वाहन शािमल ह॰ ।

 यह भारी उ ोग िवभाग, भारी उ ोग और साव१जिनक उ म मं আालय की एक पहल है ।

मुূ ঋ :
ঋ : इले ्ঠ३ क वाहनों की बढ़ती मां ग म७ , भारत म७ इले ्ঠ३ क वाहन उपयोग के सामने आने वाली चुनौितयों पर चचा१
कर७ । इन चुनौितयों से िनपटने के िलए ভा कदम उठाए जाने चािहए? समालोचना क परी঴ण कर७ ।

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