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Fast Track Analysis

July , 2020
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स्टे ट ऑफ द वर्ल्ड पॉपु लेशन, 2020 रिपोटड
 ‘यू नाइटे ड ने शन्स पॉपुलेशन फंड’ (The United Nations Population Fund- UNFPA) द्वारा विश्व
स्तर पर मविलाओं की घटती सं ख्या के सं दर्भ में ‘स्टे ट ऑफ िर्ल्भ पॉपुलेशन , 2020 (State of the
World Population 2020) ररपोटभ जारी की गई िै ।

 ररपोटभ के अनु सार, िर िर्भ विश्व


में 142 वमवलयन (14.2 करोड़)
लड़वकयों की मृ त्यु िो रिी िै ।
स्टे ट ऑफ द वर्ल्ड पॉपु लेशन, 2020 रिपोटड
 इस ररपोटभ में पक्षपातपूर्भ वलं ग चयन के साथ-साथ जन्म के समय वलं ग अनु पात असं तुलन का अध्ययन
करके मविलाओं की मृ त्यु के कारर्ों की जााँ च की गई िै ।
 ररपोटभ के अनु सार, अफगावनस्तान, बां ग्लादे श और पावकस्तान में 5 िर्भ से कम उम्र की लड़वकयों की
मृ त्यु दर 3 % से कम िै ।
 पााँ च िर्भ की अिवि (िर्भ 2013-17) के औसत के अनु सार, िर िर्भ िै वश्वक स्तर पर जन्म के समय 1.2
वमवलयन मविलाओं की मृ त्यु हुई िै , ििीं र्ारत में िर िर्भ जन्म के समय लगर्ग 4,60,000 लड़वकयों
की मृ त्यु हुई िै ।
 ररपोटभ के अनु सार, र्ारत में िर्भ 2020 तक मृ त मविलाओं की सं ख्या 45.8 वमवलयन िो गई िै ििी
चीन में यि आाँ कड़ा 72.3 वमवलयन िै ।
स्टे ट ऑफ द वर्ल्ड पॉपु लेशन, 2020 रिपोटड
 ररपोटभ के अनु सार, विश्व में वलं ग परीक्षर् के कारर् कुल मृ त लड़वकयों की सं ख्या लगर्ग 2/3 िै तथा जन्म
के बाद की मविला मृ त्यु दर लगर्ग एक-वतिाई िै ।
 लैं वगकआिाररत र्े दर्ाि के कारर् अथाभ त जन्म से पूिभ वलं ग चयन के कारर् विश्व में िर िर्भ लगर्ग 12-
15 लाख लड़वकयों की मृ त्यु िो जाती िै वजनमें से 90%- 95% र्ारत और चीन में िोती िैं ।
भाित की स्थितत:
 र्ारत में वलं ग चयन के कारर् 46 वमवलयन(4.6 करोड़) लड़वकयों की िर िर्भ मृ त्यु िो रिी िै ।
 इस ररपोटभ में िर्भ 2014 के एक अध्ययन को आिार बनाते हुए बताया गया वक र्ारत में प्रवत 1,000
मविला पर 13.5 प्रवत मविला की मृ त्यु प्रसिपूिभ वलं ग चयन के कारर् हुई िै ।
 ररपोटभ के अनु सार, र्ारत में 5 िर्भ से कम उम्र की लड़वकयों में मृ त्यु दर का अनु पात 9 लड़वकयों पर 1
िै , जो सिाभ विक िै ।
ऑनलाइन वशक्षा: चुनौती और सं र्ािनाएाँ
• ऑनलाइन वशक्षा (Online Education) में मौजू द सामावजक असमानता को कम करने के वलये केंद्र
सरकार दीघभ कावलक उपाय अपनाने पर विचार कर रिी िै , वजसमें आगामी पााँ च िर्ों में दे श र्र के 40
प्रवतशत कॉले जों और विश्वविद्यालयों के छात्ों को लै पटॉप या टै बले ट वितररत करना र्ी शावमल िै ।
• COVID-19 मिामारी के कारर् दे श र्र में ऑनलाइन वशक्षा का मित्त्व काफी बढ़ गया िै , वकंतु सामावजक
असमानता और वडवजटल वडिाइड (Digital Divide) ऑनलाइन वशक्षा के समक्ष अर्ी र्ी बड़ी चु नौती बने
हुए िैं ।
• लगर्ग 3.1 लाख सरकारी स्कूलों, वजनके पास सू चना ि सं चार तकनीक (ICT) सु वििाएाँ निीं िैं , को ऐसी
सु वििाओं से लै स करने के वलये केंद्र सरकार 55,840 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित करे गी।
ऑनलाइन वशक्षा: चुनौती और सं र्ािनाएाँ
• मानि सं सािन विकास मं त्ालय (Ministry of Human Resource Development- MHRD) के
अं तगभ त स्कूल वशक्षा और साक्षरता विर्ाग (Department of School Education and Literacy) के
अनु मानानु सार, मिामारी के कारर् बं द हुए स्कूलों को वफर से खोलने के वलये स्वच्छता और क्वारं टाइन
उपायों िे तु प्रवत स्कूल 1 लाख रुपए तक खचभ करने की आिश्यकता िोगी।
• MHRD ने आगामी पााँ च िर्ों में वडवजटल पाठ्यक्रम सामग्री और सं सािनों के विकास एिं अनु िाद पर
2,306 करोड़ रुपए खचभ करने का प्रस्ताि वकया िै ।
• केंद्र सरकार ने िर्भ 2026 तक दे श र्र के विवर्न्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने िाले लगर्ग 4.06 करोड़ छात्ों
(दे श की कुल छात् सं ख्या का लगर्ग 40 प्रवतशत) को लै पटॉप और टै बले ट प्रदान करने की र्ी योजना
बनाई िै तथा इस कायभ के वलये कुल 60,900 करोड़ रुपए का बजट वनिाभ ररत वकया गया िै ।
ऑनलाइन वशक्षा: चुनौती और सं र्ािनाएाँ
• स्कूल वशक्षा और साक्षरता विर्ाग के अनु सार, केंद्र और राज्य उपकरर् उपलब्ध कराने की लागत को
वफलिाल 60:40 के अनु पात में साझा करें गे ।
• र्ारत में लॉकडाउन की शु रु आत से िी लगर्ग सर्ी वशक्षर् सं स्थाएाँ शै क्षवर्क कायों के वलये ऑनलाइन
वशक्षा (Online Education) अथिा ई-लवनिं ग को एक विकल्प के रूप में प्रयोग कर रिी िैं , ऐसे में दे श
की आम जनता के बीच ऑनलाइन वशक्षा की लोकवप्रयता में अत्यविक िृ द्धि हुई िै ।
• िालााँ वक जिााँ एक ओर कई विशे र्ज्ों ने मौजू दा मिामारी के दौर में ऑनलाइन वशक्षा अथिा ई-लवनिं ग
को मित्त्व को स्वीकार वकया िै , ििीं कुछ आलोचकों का मत िै वक ऑनलाइन वशक्षा, अध्ययन की
पारं पररक पिवत का स्थान निीं ले सकती िै ।
ऑनलाइन तशक्षा की सीमाएँ औि चुनौततयाँ
• COVID-19 मिामारी से पूिभ र्ारतीय के अविकां श वशक्षर् सं स्थानों को ऑनलाइन वशक्षा का कोई
विशे र् अनु र्ि निीं रिा िै , ऐसे में वशक्षर् सं स्थानों के वलये अपनी व्यिस्था को ऑनलाइन वशक्षा के
अनु रूप ढालना और छात्ों को अविक-से -अविक वशक्षर् सामग्री ऑनलाइन उपलब्ध कराना एक बड़ी
चु नौती िोगी।

• ितभ मान समय में र्ी र्ारत में वडवजटल इन्फ्रास्टर क्चर की बहुत कमी िै , दे श में अब र्ी उन छात्ों की
सं ख्या काफी सीवमत िै , वजनके पास लै पटॉप या टै बले ट कंप्यू टर जै सी सु वििाएाँ उपलब्ध िैं । अतः ऐसे
छात्ों के वलये ऑनलाइन कक्षाओं से जु ड़ना एक बड़ी समस्या िै ।
ऑनलाइन तशक्षा की सीमाएँ औि चुनौततयाँ
• वशक्षकों के वलये र्ी तकनीक एक बड़ी समस्या िै , दे श के अविकां श वशक्षक तकनीकी रूप से इतने
प्रवशवक्षत निीं िै वक औसतन 30 बच्ों की एक ऑनलाइन कक्षा आयोवजत कर सकें और उन्हें
ऑनलाइन िी अध्ययन सामग्री उपलब्ध करा सकें।
• इं टरने ट पर कई विशे र् पाठ्यक्रमों या क्षे त्ीय र्ार्ाओं से जु ड़ी अध्ययन सामग्री की कमी िोने से छात्ों
को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता िै ।
• कई विर्यों में छात्ों को व्याििाररक वशक्षा (Practical Learning) की आिश्यकता िोती िै , अतः
दू रस्थ माध्यम से ऐसे विर्यों को वसखाना काफी मु द्धिल िोता िै ।
तवद्युत (संशोधन) तवधेयक 2020
• केंद्र सरकार ने विद् यु त अविवनयम 2003 के विवर्न्न प्राििानों में सं शोिन करने के वलये विद् यु त
(सं शोिन) वििेयक, 2020 सदन में पेश वकया िै ।
• विद् यु त क्षे त् की मौजू दा चु नौवतयााँ सं रचनात्मक मु द्ों को दू र करने में हुई लापरिािी से उत्पन्न हुई िैं ।

• इनमें विद् यु त उत्पादन, पारे र्र् और वितरर् उपयोवगताओं, वबजली आपूवतभ की पहुाँ च और गु र्ित्ता,
राजनीवतक िस्तक्षे प, वनजी वनिे श की कमी, अपयाभ प्त सािभ जवनक अिसं रचना और उपर्ोक्ता
र्ागीदारी की कमी तथा पररचालन और वित्तीय अक्षमताएाँ शावमल िैं ।
तवद्युत (संशोधन) तवधेयक 2020
उद्दे श्य
• उपर्ोक्ता केंवद्रत अििारर्ा सु वनवित करना।
• विद् यु त क्षे त् की द्धस्थरता में िृ द्धि करना।
• िररत ऊजाभ को प्रोत्सािन प्रदान करना।
मुख्य संशोधन
 िाष्ट्रीय चयन सतमतत: अलग चयन सवमवत (अध्यक्ष और राज्य विद् यु त वनयामक आयोगों के सदस्यों की
वनयु द्धक्त के वलये ) के बजाय एक राष्ट्रीय चयन सवमवत गवित करने का प्रस्ताि िै ।
• केंद्र सरकार, प्रत्ये क राज्य के वलये मौजू दा चयन सवमवतयों को बनाए रखने पर विचार कर रिी िै लेवकन उन्हें
स्थायी चयन सवमवतयााँ में पररिवतभ त करने की आिश्यकता िै तावक िर बार पद ररक्त िोने पर उन्हें नए वसरे से
गवित करने की आिश्यकता न िो।

 प्रत्यक्ष लाभ हस्ां तिण का प्रयोग: प्रत्यक्ष लार् िस्तां तरर् राज्य सरकारों और वितरर् कंपवनयों
दोनों के वलये लार्दायक िोगा।
• यि राज्य सरकार के वलये लार्दायक िोगा क्ोंवक यि सुवनवित करे गा वक सद्धिडी उन लोगों तक पहुाँ च रिी
िै जो िास्ति में पात् िैं ।
• यि वितरर् कंपनी को लार्ावथभ यों की संख्या के अनुसार, प्राप्त िोने िाली सद्धिडी सुवनवित करके लार्ाद्धित
करे गा।
मुख्य संशोधन
 िाष्ट्रीय अक्षय ऊर्ाड नीतत: र्ारत पेरिस र्लवायु समझौते का िस्ताक्षरकताभ िै , इसवलये ऊजाभ के
निीकरर्ीय स्रोतों से वबजली उत्पादन के विकास और सं ििभ न के वलये एक अलग नीवत का प्रस्ताि
करता िै ।

 कॉस्ट रिफ्ले स्िव टै रिफ: वनिाभ ररत वकये गए टै ररफ को अपनाने में विवर्न्न राज्य आयोग लापरिािी
करते िैं , वजससे लागत में िृ द्धि िो जाती िै ।
• इस समस्या को िल करने के वलये प्रस्तावित सं शोिन ने वनिाभ ररत टै ररफ को अपनाने के वलये 60
वदनों की अिवि वनिाभ ररत कर दी िै ।
मुख्य संशोधन
 तवद् यु त सं तवदा प्रवतड न प्रातधकिण की थिापना: इस प्राविकरर् की अध्यक्षता उच् न्यायालय के
एक से िावनिृ त्त न्यायािीश द्वारा की जाएगी जो अपनी शद्धक्तयों को दीिानी न्यायालय की वडक्री की र्ााँ वत
वनष्पावदत करें गे ।
• यि प्राविकरर् विद् यु त उत्पादक कंपनी, वितरर् लाइसें सिारी या टर ां सवमशन लाइसें सिारी के बीच
विद् यु त की खरीद या वबक्री या प्रसारर् से सं बंवित अनु बंिों को वक्रयाद्धित करे गा।
• केंद्रीय विद् यु त वनयामक आयोग (Central Electricity Regulatory Commission-
CERC) और राज्य विद् यु त वनयामक आयोगों (State Electricity Regulatory Commissions-
SERCs) के पास अपने आदे शों को वनष्पावदत करने का अविकार निीं िै , जै सा वक वकसी दीिानी
न्यायालय के पास वडक्री जारी करने की शद्धक्त िोती िै ।
मुख्य संशोधन
 सीमा पाि व्यापाि तवद् यु त व्यापाि: वििेयक में अन्य दे शों के साथ विद् युत व्यापार को सुवििाजनक
बनाने और विकवसत करने के वलये कई प्राििान जोड़े गए िैं ।
 तवतिण उप-लाइसें स: आपूवतभ की गुर्ित्ता में सुिार करने के वलये राज्य विद् युत वनयामक आयोग की
अनु मवत के साथ वडस्कॉम को अपने क्षे त् के वकसी विशे र् विस्से में विद् यु त आपूवतभ सु वनवित करने के वलये
एक अन्य व्यद्धक्त को अविकृत करने का अविकार वडस्कॉम को एक विकल्प के रूप में प्रदान करने का
प्रस्ताि िै ।
 अपीलीय न्यायातधकिण को मज़बू त किना: मामलों के त्वररत वनपटान की सुवििा के वलये अपीलीय
न्यायाविकरर् की सं ख्या में िृ द्धि करना प्रस्तावित िै ।
• अपने आदे शों को प्रर्ािी ढं ग से लागू करने के वलये , इसे कंटे म्प्ट ऑफ कोटभ एक्ट (Contempt of
Courts Act) के प्राििानों के तित उच् न्यायालय की शद्धक्तयााँ दे ने का र्ी प्रस्ताि िै ।
अंतिाडष्ट्रीय छात्ों के तलये फैलोतशप कायडक्रम
• स्वास्थ्य एवं परिवाि कल्याण मं त्ालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वािा
अं तिाड ष्ट्रीय छात्ों के तलये फैलोतशप कायडक्रम (FPIS) हे तु गु ड क्लीतनकल प्रै स्िस गाइडलाइं स
हैं डबु क औि प्रॉस्पेिस (Prospectus) र्ािी तकये गए हैं ।

• साकड दे शों के साि- साि अन्य दे शों के छात्ों के तलये कॉमन फेलोतशप प्रवेश पिीक्षा के
माध्यम से डॉिि ऑफ मे तडतसन (MD)/मास्टि इन सर्डिी (MS) के बाद के स्ि पि
अं तिाड ष्ट्रीय फैलोतशप कायडक्रम (FPIS) शु रू तकया र्ा िहा है ।
o FPIS, िाष्ट्रीय पिीक्षा बोडड (National Board Of Examination- NBE) का कायडक्रम
है ।
o यह कायडक्रम अं तिाड ष्ट्रीय तचतकत्सा क्षे त् में दे श की प्रततष्ठा को शीर्ड पि ले कि र्ाएगा।
अंतिाडष्ट्रीय छात्ों के तलये फैलोतशप कायडक्रम
• िाष्ट्रीय पिीक्षा बोडड (National Board Of Examination- NBE) के प्रमु ख तडप्लोमै ट्स ऑफ
ने शनल बोडड (Diplomates of National Board- DNB) में , आधु तनक तचतकत्सा के तवर्य
औि उप-तवशे र्ज्ञताएँ शातमल हैं ।
o इसमें वृहत् रूप से DNB, तनर्ी औि सिकािी सं थिानों में उप-तवशे र्ज्ञताओं में सु पि
स्पेशतलटीज़ औि फैलोतशप कायडक्रम शातमल हैं ।
• गु ड क्लीतनकल प्रै स्िस गाइडलाइं स हैं डबु क, DNB िे ज़ीडें ट को मागड दशड क तबं दु प्रदान किने का
एक प्रयास है ।
िाष्ट्रीय पिीक्षा बोडड
 NBE, की स्थापना िर्भ 1975 में राष्ट्रीय वचवकत्सा विज्ान अकादमी के एक विं ग के रूप में , हुई थी।
 इसका कायभ राष्ट्रीय स्तर पर स्नातकोत्तर वचवकत्सा परीक्षाओं को आयोवजत कराना िै ।
 िर्भ 1982 में इसे स्वास्थ्य एिं पररिार कल्यार् मं त्ालय के अं तगभ त एक स्वायत्त सं स्था के रूप में पंजीकृत
वकया गया था।
 इसका उद्े श्य अद्धखल र्ारतीय स्तर पर आिुवनक वचवकत्सा के क्षे त् में उच् मानक स्नातकोत्तर परीक्षाओं का
आयोजन करना, पात्ता के वलये बु वनयादी प्रवशक्षर् आिश्यकताओं को तै यार करना, स्नातकोत्तर प्रवशक्षर् के
वलये पाठ्यक्रम विकवसत करना और वजन सं स्थानों में इसका प्रवशक्षर् वदया जाता िै उन्हें मान्यता प्रदान
करना िै ।
 इसके अं तगभ त नामां वकत छात्ों को वडप्लोमै ट्स ऑफ ने शनल बोडभ किा जाता िै ।
िाष्ट्रीय तचतकत्सा तवज्ञान अकादमी
(National Academy Of Medical Science-
•NAMS)
इसे सोसायटी पंजीकरर् अविवनयम XXI, 1860 के तित 21 अप्रैल, 1961 को 'र्ारतीय वचवकत्सा विज्ान
अकादमी' के रूप में पंजीकृत वकया गया था।
o इस अविवनयम के तित िै ज्ावनक शै क्षवर्क, िमाभ थभ एिं कल्यार्ाथभ िे तु वनवमभ त सवमवतयों के पंजीकरर् एिं प्रत्ये क
पााँ च िर्भ बाद पंजीकृत सवमवतयों के निीनीकरर् का कायभ वकया जाता िै ।
o र्ारत में सोसायटी पंजीकरर् अविवनयम के तित सोसायटी पंजीकरर् और संचालन के वलये कुछ प्रवक्रयाओं को
पूरा करना िोता िै ।
• इसका उद् घाटन 19 वदसं बर 1961 को नई वदल्ली में र्ारत के पिले प्रिानमं त्ी पंवडत जिािरलाल ने िरू द्वारा
वकया गया था।
• 16 निं बर, 1976 को र्ारत सरकार द्वारा स्थावपत एक कायभ कारी समू ि की वसफाररशों पर अकादमी का पुन:
नाम राष्ट्रीय वचवकत्सा विज्ान अकादमी (र्ारत) वकया गया।
‘एक्सीलेरेट विज्ान’ योजना
• दे श में िै ज्ावनक शोि को बढ़ािा दे ने के वलये 'विज्ान और प्रौद्योवगकी विर्ाग' (Department of
Science and Technology- DST) के तित सां विविक वनकाय 'विज्ान और इं जीवनयररं ग अनु संिान
बोडभ ' (SERB) द्वारा ‘एक्सीले रेट विज्ान’ (Accelerate Vigyan) योजना की शु रुआत की गई िै ।
• योजना के माध्यम से विज्ान के क्षे त् में कररयर बनाने के इच्छु क छात्ों को शोि, इं टनभ वशप, क्षमता वनमाभ र्
कायभ क्रमों और कायभ शालाओं से सं बंवित एकल राष्ट्रीय मं च प्रदान वकया जाएगा।
• SERB की स्थापना सं सद के अविवनयम के माध्यम से 11िीं पंचिर्ीय योजना के दौरान की गई थी, जो
विज्ान और इं जीवनयररं ग में बु वनयादी अनु संिान को बढ़ािा दे ने तथा वित्तीय सिायता प्रदान करने का
कायभ करता िै ।
‘एक्सीलेरेट विज्ान’ योजना
• योजना का मु ख्य उद्े श्य िै ज्ावनक अनु संिान को प्रोत्सावित करना और िै ज्ावनक श्रमशद्धक्त तै यार करना िै ,
तावक अनु संिान-आिाररत कररयर और ज्ान-आिाररत अथभव्यिस्था का वनमाभ र् िो सके।
• राष्ट्रीय स्तर पर अनु संिान क्षमता, सलाि, प्रवशक्षर् और कायभ शालाओं की पिचान करने िाले तं त् को आरं र्
करना तथा मज़बू ती प्रदान करना।
• योजना का मू ल दृवष्ट्कोर् अनु संिान के आिार को विस्तृ त करना िै ।

योर्ना के लक्ष्य:- योजना के तीन व्यापक लक्ष्य वनम्नवलद्धखत िैं:


• िै ज्ावनक कायभ क्रमों का सामे कन करना;
• िाई-एं ड अनुसंिान कायभ शालाओं की शु रुआत करना:
• वजन लोगों की अनुसंिान कायभ शालाओं तक पहुाँ च न िो उनके वलये अनुसंिान इं टनभवशप के अिसर पैदा करना।
योर्ना के प्रमुख घटक:
‘एक्सीले रेट विज्ान’ योजना के 2 प्रमु ख घटक (Component) िैं :
1. अभ्यास (ABHYAAS)
2. सम्मोिन (SAMMOHAN)

सम्मोहन (SAMMOHAN) घटक:- 'सम्मोिन' घटक कायभ क्रम के 2 उप-घटक सं योवजका


(SAONJIKA) और सं गोष्ठी (SANGOSHTI) िैं ।
• सं योतर्का (SAONJIKA):- इसका उद्े श्य विज्ान एिं प्रौद्योवगकी में क्षमता वनमाभ र् गवतविवियों को
सू चीबि करना िै ।
• सं गोष्ठी (SANGOSHTI):- सं गोष्ट्ी, SERB का पूिभ में सं चावलत वकया जा रिा कायभ क्रम िै ।
‘अभ्यास‘ (ABHYAAS) घटक:
• ‘अभ्यास’ (ABHYAAS)’; ‘एक्सीले रेट विज्ान’ योजना का एक प्रमु ख घटक िै , वजसका लक्ष्य
स्नातकोत्तर (Post-Graduate) एिं पीएचडी के छात्ों को उनके सं बंवित विर्यों में कौशल
विकास को प्रोत्सावित करना िै ।
• इस कायभ क्रम के दो उप-घटक ‘कायभ शाला’ (KARYASHALA) और ‘िृ वत्तका’ (VRITIKA) िैं :
1. ‘कायड शाला’ (KARYASHALA):- यि एक िाई-एं ड िकभशॉप के रूप में कायभ करे गी।
2. ‘वृतिका’ (VRITIKA):- यि ररसचभ इं टनभवशप कायभक्रम िै। िाल िी में ‘कायभशाला’ और
‘िृ वत्तका’ घटकों के तित शीतकालीन सत् (वदसं बर 2020 से जनिरी 2021) के वलये
आिे दन आमं वत्त वकये गए िैं ।
तमशन मोड के तहत कायाडन्वयन:-
• ‘एक्सीले रेट विज्ान’ योजना को वमशन मोड के तित कायाभ द्धित वकया जाएगा।
• वमशन मोड पररयोजनाओं को एक तय समय सीमा में पूरा करना िोता िै तथा प्राप्त वकये गए लक्ष्यों
के पररर्ामों के मापन के स्पष्ट् मानक िोते िैं |

• विवर्न्न मं त्ालयों/विर्ागों तथा कुछ अन्य सदस्यों को वमलाकर एक ‘अं तर मं त्ालयी वनरीक्षर् सवमवत’
(Inter-Ministerial Overseeing Committee- IMOC) का गिन वकया गया िै ।
• IMOC योजना को कायाभ द्धित करने में SERB की सिायता और समथभन प्रदान करे गा।
योर्ना का महत्त्व:
 योजना के अं तगभ त विवर्न्न विर्यों पर केंवद्रत उच् स्तरीय कायभ शालाओं का आयोजन वकया जाएगा,
वजससे आगामी पााँ च िर्ों में करीब 25 िज़ार स्नातकोत्तर एिं पीएचडी छात्ों को आगे बढ़ने के अिसर
वमल सकते िैं ।
 योजना दे श के प्रमु ख िै ज्ावनक सं स्थानों एिं प्रयोगशालाओं को एक साथ वमलकर कायभ करने का
अिसर प्रदान करती िै ।
 र्ारत में शै क्षवर्क प्रयोगशालाएाँ बहुत खराब द्धस्थवत में िै । योजना के तित सु रवक्षत िै ज्ावनक
प्रयोगशालाओं के वनमाभ र् पर विशे र् ध्यान वदया जाएगा।
गोर्ल् नैनोपावटभ कल्स
• ‘राष्ट्रीय ध्रुिीय एिं समु द्री अनु संिान
केंद्र’ (NCPOR) तथा ‘गोिा विश्वविद्यालय’
द्वारा पयाभ िरर् अनु कूल तरीके से
‘साइक्रोटॉलरें ट अं टाकभवटक बै क्टीररया’
(Psychrotolerant Antarctic
Bacteria) का प्रयोग करते हुए गै र विर्ै ले
तथा कम लागत िाले गोर्ल् नै नोपावटभ कल्स
अथाभ त सोने के नै नोकर्ों (Gold
Nanoparticles-GNPs) को
सफलतापूिभक सं श्लेवर्त वकया गया िै ।
गोर्ल् नैनोपावटभ कल्स
• NCPOR तथा GU ने अपने शोि के दौरान वनयं वत्त िातािरर्ीय दशाओं में 20 से 30 नै नो मीटर
गोलाकार आकार के गोर्ल् नै नोपावटभ कल्स को सं श्लेवर्त वकया िै ।
• शोि के दौरान ‘सल्फेट रीडयू वसं ग बै क्टीररया’ (Sulphate Reducing Bacteria-SRB) पर गोर्ल्
नै नोपावटभ कल्स के जीनोटॉद्धक्सक(Genotoxicity) प्रर्ाि को दे खा गया ।
• जीनोटॉद्धक्सवसटी द्वारा ऐसे रासायवनक एजें टस को िवर्भ त वकया जाता िै जो DNA द्वारा प्राप्त
आनु िंवशक जानकारी (Genetic Information of DNA) को नष्ट् करने में सक्षम िै ।
• गोर्ल् नै नोपावटभ कल्स द्वारा सल्फेट रीडयू वसं ग बै क्टीररया की िृ द्धि को रोकते हुए तथा इसकी कोवशका
के DNA की आनु िंवशक जानकारी को नष्ट् करते हुए बै क्टीररयारोिी गु र् प्रदवशभ त वकये गए िैं ।
गोर्ल् नैनोपावटभ कल्स
• इस शोि में ‘साइक्रोटॉलरें ट अं टाकभवटक बै क्टीररया’ का उपयोग करके गोर्ल्न नै नोपावटभ कल में सोने के
आयन (Gold Ion) को कम करने के वलये पयाभ िरर्ीय रूप से स्वीकायभ िररत रसायन प्रवक्रयाओं का
उपयोग वकया गया।
• साइक्रोटॉलरें ट अं टाकभवटक बै क्टीररया के अपने विशे र् लार् िैं , जै से एक बे ितर तरीके से फैलने िाले
गोर्ल्न नै नोपावटभ कल में आयन को कम करने के वलये िल्की प्रवतवक्रया द्धस्थवत का िोना।
गोर्ल् नैनोपातटड कल एवं इनका महत्त्व:
• गोर्ल् नै नोपावटभ कल को थोक सोने (Bulk Gold) की तु लना (1064° से द्धल्सयस) में बहुत कम तापमान
(300° से द्धल्सयस) पर वपघलाया जाता िै ।
• गोर्ल् नै नोपावटभ कल में पारं पररक थोक सोने की तु लना में अविक सौर विवकरर् अिशोवर्त करने
की क्षमता पाई गई िै , जो फोटोिोद्धिक से ल वनमाभ र् उद्योग में उपयोग के वलये बे ितर सावबत िो
सकती िै ।
• इनमें विशे र् प्रकाशीय गु र् र्ी विद्यमान िोते िै । जै से- 100nm से अविक आकार के गोर्ल्
नै नोपातटड कल कर् पानी में नीले या बैं गनी रं ग का प्रर्ाि उत्पन्न करते िैं जबवक 100 nm आकर के
कर् सोने के कोलोइडी कर्ों के साथ सु खभ लाल रं ग के वदखाई दे ते िैं ।
• इस प्रकार वचवकत्सीय इमे वजं ग के वनमाभ र् में इनका उपयोग वकया जा सकता िै ।
गोर्ल् नैनोपातटड कल एवं इनका महत्त्व:
• गोर्ल् नै नोपावटभ कलस में अवद्वतीय र्ौवतक रासायवनक गु र् र्ी पाये जाते िैं ।
• उनकी जै ि-रासायवनकता, उच् सतिी क्षे त्, द्धस्थरता और गै र-विर्ाक्तता (नॉनटॉक्सीवसटी) उन्हें
वचवकत्सीय उपयोग में विवर्न्न अनु प्रयोगों के वलये उपयु क्त बनाती िै वजसमें बीमाररयों का पता
लगाना और उनका वनदान करना, बायो-ले बवलं ग तथा लवक्षत दिा वितरर् इत्यावद शावमल िैं ।

• ये कर् पेटाइड् स, प्रोटीन, प्लाद्धिड डीएनए और कीमोथेरेप्यू वटक एजें टों से बनी विवर्न्न दिाओं को
स्थानां तररत करने में र्ी सक्षम िैं वजनके प्रयोग से मानि शरीर की कोवशकाओं को उपचाररत वकया
जाता िै ।
गोर्ल् नैनोपातटड कल एवं इनका महत्त्व:
• इन गोर्ल् नैनोपावटभ कल्स का उपयोग समग्र वचवकत्सीय एजें ट नैदावनक परीक्षर्ों यथा कैंसर-
रोिी, विर्ार्ु-रोिी, मिु मेि-रोिी और कोले स्टरॉल कम करने िाली दिाओं इत्यावद में वकया जा
सकता िै ।

• गोर्ल् नैनोपावटभ कलस को इले क्टरॉवनक्स उद्योग में र्ी उपयोगी पाया जाता िै ।
गोर्ल् नैनोपातटड कल एवं इनका महत्त्व:
• िै ज्ावनकों द्वारा 'नॉमफेट' नाम का एक टर ां वज़स्टर बनाया िै ।
o वजसका पूरा नाम ‘नैनोपावटभ कल ऑगे वनक मै मोरी फीर्ल्-इफेक्ट’ (Nanoparticle Organic Memory
Field-Effect Transistor) िै ।
o इसे विकवसत करने के वलये कमरे के तापमान पर उत्प्रेरक के रूप में मैं गनीज़ ऑक्साइड में गोर्ल्
नैनोपावटभ कलस को अं तःस्थावपत (Embedding) वकया गया तावक ििा में िाष्पशील काबभ वनक यौवगक को
तोड़ा जा सके तथा काबभ वनक अर्ु ओ ं के साथ गोर्ल् नैनोपावटभ कलस को संयोवजत वकया जा सके।
o नॉमफेट न्यू रॉन से न्यू रॉन की ओर जाने िाले वसग्नल की गवत एिं शद्धक्त की वर्न्नता/ प्लाद्धस्टवसटी के
रूप में पिचाने जाने िाले ‘मानि सूत्यु ग्मन’ (Human Synapse) की नकल कर सकने में सक्षम िैं ।
विशे र् तरलता योजना
• सरकार द्वारा ‘स्पेशल पपभज़ व्हीकल’ (SPV) के माध्यम से ‘गै र-बैं वकंग वित्त कंपवनयों’ (NBFCs) और
िाउवसं ग फाइनें स कंपवनयों (HFCs) के वलये एक ‘विशे र् तरलता योजना’ (Special Liquidity
Scheme ) की शु रुआत की गई िै ।
• इस योजना को वित्तीय क्षे त् में तरलता की द्धस्थवत में सु िार करने तथा वकसी र्ी सं र्ावित प्रर्ालीगत
जोद्धखम से बचने के उद्े श्य से शु रु वकया गया िै ।
• सरकार द्वारा मई, 2020 में गै र-बैं वकंग वित्त कं पवनयों के वलये 3000 करोड़ रुपए की ‘विशे र् तरलता
योजना’ की घोर्र्ा की गई थी।
• इस योजना के वक्रयाियन के वलये र्ारतीय स्टे ट बैं क की सिायक कं पनी ‘र्ारतीय स्टे ट बैं क कैवपटल
माकेट् स वलवमटे ड’ (SBICAP) द्वारा ‘SLS टर स्ट’ नाम से ‘स्पेशल पपभज़ व्हीकल’ को स्थावपत वकया
गया िै ।
विशे र् तरलता योजना
• इस ‘स्पेशल पपभज़ व्हीकल’ के माध्यम से िी गै र-बैं वकंग वित्त कंपवनयों और िाउवसं ग फाइनें स कंपवनयों को
विशे र् तरलता योजना से जोड़ने का कायभ वकया जाएगा।
‘स्पे शल पपडज़ व्हीकल’:
• ‘स्पेशल पपभज़ व्हीकल’ पात् NBFCs और HFCs से अल्पकावलक दस्तािज़ों/कागज़ों की खरीदे गा
वजनमें केिल ‘गै र-पररितभ नीय वडबें चर’ (Non-convertible debentures- NCDs) तथा ‘िावर्द्धज्यक
पत्’ (Commercial paper- CP) को िी खरीदा जाएगा।
• ‘स्पेशल पपभज़ व्हीकल’ के द्वारा खरीदे गए दस्तािज़ों की शतभ यि िोगी वक इनकी पररपक्वता अिवि तीन
माि से अविक न िो तथा इनकी रे वटं ग इिे स्टमें ट ग्रे ड की िोनी चाविये । 30 वसतं बर, 2020 के बाद जारी
वकये गए वकसी र्ी दस्तािे ज़ के वलये यि सु वििा उपलब्ध निीं िोगी क्ोंवक ‘स्पेशल पपभज़ व्हीकल’ 30
वसतं बर, 2020 के बाद नई खरीद करने के वलये बं द िो जाएगा।
NBFCs एवं HFCs के तलये तनधाडरित मानदं ड:
• इस योजना का लार् केिल NBFCs और HFCs को िी वमले गा। कोर इिे स्टमें ट कंपवनयों (Core
Investment Companies) तथा गै र-बैं वकंग वित्तीय कंपवनयों (NBFC) को इस योजना से बािर रखा गया
िै । इस योजना के माध्यम से केिल िे िी कंपवनयााँ िन जु टाने की पात् िै जो वनम्नवलद्धखत व्यापक शतों को पूरा
करती िैं -
• वपछले दो वित्तीय िर्ों (2017-2018 और 2018-2019) में कंपनी वकसी एक िर्भ में मु नाफे में रिी िो।
• रे वटं ग एजें सी ( Rating Agency) द्वारा इिे स्टमें ट ग्रे ड की रे वटं ग वमली िो।
• 31 माचभ, 2021 तक गै र-वनष्पावदत पररसंपवत्त 6 ​प्रवतशत से अविक न िो।
• 1 अगस्त, 2018 से वपछले एक िर्भ के दौरान वकसी र्ी बैं क द्वारा उसके उिार के वलये एसएमए -1 या एसएमए -2
श्रे र्ी के तित ररपोटभ निी ं की गई िो।
अकाबभवनक-काबभवनक यौवगक का सं श्लेर्र्
• ‘तवज्ञान औि प्रौद्योतगकी तवभाग’
(Department of Science and
Technology ) के अधीन मोहाली स्थित
स्वायि सं थिान, ‘नै नो तवज्ञान औि प्रौद्योतगकी
सं थिान’ (Institute of Nano Science &
Technology- INST) के वैज्ञातनकों द्वािा
अकाबड तनक-काबड तनक सं कि यौतगक का
सं श्लेर्ण तकया गया है र्ो स्न, फेफडे एवं
यकृत में कैंसि कोतशकाओं की वृस्ि को िोकने
में सहायक है ।
अकाबभवनक-काबभवनक यौवगक का सं श्लेर्र्
• फोस्फोमोलीवबक एवसड का यि अकाबभ वनक लिर् ‘फॉस्फोमोलीबडे ट क्लस्टर’
(phosphomolybdate cluster) पर आिाररत िोस यौवगक पोलीओक्सोमे टले ट
(Polyoxometalates- POMs) पररिार से सं बंवित िै ।
• इस अकाबभ वनक लिर् में एं टीट्यू मर गु र् की पिचान की गई िै । इन यौवगकों की सिायता से कैंसर
कोवशकाओं को नष्ट् वकया जा सकता िै ।
• पोलीओक्सोमे टले ट अकाबभ वनक िातु ऑक्साइड का एक विकवसत िगभ िै , जो कई प्रकार की जै विक
गवतविवियों को सं पन्न करता िै तथा उनकी सं रचनाओं और गु र्ों में अत्यविक विवििता उत्पन्न करता
िै ।
• यि शोि डािन टर ां जेक्शंस (Dalton Transactions) नामक जनभ ल में प्रकावशत हुआ िै ।
अकाबभवनक-काबभवनक यौवगक का सं श्लेर्र्
• िै ज्ावनकों द्वारा अपने शोि कायभ में िाइडर ोथमभ ल विवि का प्रयोग करते हुए ‘पोलीओक्सोमे टलेट’ यौवगक का
संश्लेर्र् वकया गया तथा इस बात का पता लगाया गया वक यौवगक द्वारा कैंसर कोवशकाओं को वकस प्रकार
नष्ट् वकया जाता िै ।िाइडर ोथमभ ल विवि जलीय माध्यम में एक वनवित ताप और दाब पर अकाबभ वनक पदाथों के
संश्लेर्र् की एक प्रवक्रया िै ।
• िाइडर ोथमभ ल विवि का प्रयोग करते हुए सोवडयम मोवलब्डे ट, फॉस्फोरस एवसड तथा बाइवपररडीन के जलीय
वमश्रर् को pH 4 के एसीटे ट बफर घोल में 160 वडग्री सेद्धल्सयस पर 72 घंटों के वलये गमभ वकया गया।
• स्तन कैंसर (MCF-7), फेफड़े के कैंसर (A549) तथा यकृत कैंसर (HepG2) कोवशकाओं को नष्ट् करने िाले
तं त् का मू ल्यां कन वकया गया।
• शोि के इन विटर ो (In Vitro) पररर्ामों से पता चला वक यि िाइविड िोस यौवगक सामान्य कोवशकाओं के
प्रवत कम विर्ाक्त गु र् प्रदवशभ त करता िै ।
शोध का महत्त्व:
• कैंसर वचवकत्सा के क्षे त् में इस शोि का विशे र् मित्त्व िै ।
• यि शोि कैंसर के उपचार में प्रयोग की जाने िाली मे टलोडरग्स (Metallodrugs) के वलये
सं र्ािनाओं के नए मागभ खोलता िै ।
• इस यौवगक की एं टीट्यू मर गवतविवि वनयवमत इस्ते माल वकए जाने िाले कीमोथैरेप्यू वटक एजें ट,
मै थोटर े क्सेट (MTX) के समान िी मित्त्वपू र्भ िै ।
जैि ईि
ं न आपूवतभ शं खला
• र्ारतीय प्रौद्योवगकी सं स्थान (Indian Institute of Technology- IIT) िै दराबाद के शोिकत्ताभ ओं
द्वारा ‘कृवत्म बु द्धिमत्ता’ (Artificial Intelligence) पर आिाररत ऐसी कम्प्प्यूटेशनल विवियों
(Computational Methods) को विकवसत वकया जा रिा िै जो दे श में जै ि ईंिन को शावमल करने
से जु ड़े विवर्न्न मु द्ों एिं समस्याओं को समझने में मददगार सावबत िो सकती िैं ।

• इस शोि कायभ की एक विशे र्ता यि िै वक इसके ढााँ चे में केिल जै विक ईंिन की वबक्री को राजस्व
सृ जन का आिार निीं माना गया िै , बद्धल्क इस चक्र में 'ग्रीनिाउस गै स’ (Greenhouse Gas ) के
उत्सजभ न में कटौती के माध्यम से प्राप्त ‘काबभ न क्रेवडट’ (Carbon Credit) को र्ी राजस्व सृ जन में
शावमल वकया गया िै ।
जैि ईंिन आपूवतभ शं खला
 शोिकताभ ओं द्वारा विकवसत मॉडल से पता चला िै वक मु ख्यिारा में उपयोग िोने िाले ईि
ं न में बायो-
एथेनॉल क्षे त् को शावमल करने पर इससे जु ड़े खचभ लागत इस प्रकार िैं -
• उत्पादन पर सबसे अविक 43% खचभ का आकलन वकया गया िै ।
• आयात पर 25% खचभ का आकलन वकया गया िै ।
• पररििन पर 17% खचभ का आकलन वकया गया िै ।
• ढााँ चागत संसािनों पर 15% खचभ का आकलन वकया गया िै ।
• इिें टरी पर 0.43% खचभ का आकलन वकया गया िै ।
 अपने इस शोि कायभ के दौरान शोिकत्ताभ ओं द्वारा दे श के विवर्न्न क्षे त्ों में जै विक ऊजाभ उत्पादन के वलये
प्रयु क्त विवर्न्न तकनीकों का र्ी विश्ले र्र् वकया िै वजसमे शोिकत्ताभ ओं द्वारा आपूवतभ कताभ ओ,ं पररििन,
र्ं डारर् एिं उत्पादन के आाँ कड़ों का उपयोग करके जै ि ईंिन की व्यििायभ ता का अध्ययन वकया िै ।
शोध का महत्त्व:
• कृवत्म बु द्धिमत्ता तकनीकी पर आिाररत दे शव्यापी बहुस्तरीय जै िईंिन आपूवतभ श्रृं खला ने टिकभ
तकनीकी-आवथभक-पयाभ िरर्ीय विश्ले र्र्, मां ग पूिाभ नुमान, आपूवतभ श्रृं खला मापदं डों में विद्यमान
अवनवितता को दू र करने में सिायक िोगा।
• जै ि ईंिन आपूवतभ श्रृं खला ने टिकभ पररचालन पर पड़ने िाले प्रर्ाि एिं दू रगामी वनर्भ य ले ने में उपयोगी
वसि िो सकता िै ।
• गै र-खाद्य स्रोतों से उत्पन्न जै विक ईंिन काबभ न-न्यू टरल निीकरर्ीय ऊजाभ का मित्त्वपूर्भ स्रोत िै । वजनमें
कृवर् अपवशष्ट् जै से- पुआल, घास और लकड़ी जै से अन्य उत्पाद शावमल िैं ।
• जीिाश्म ईंिन के घटते र्ं डार तथा इसके उपयोग से िोने िाले प्रदू र्र् से जु ड़ी वचं ताओं का समािान के
तौर पर जै ि ईंिन के क्षे त् में इस शोि कायभ का खासा मित्त्व िो जाता िै ।
रेंड् स ऑफ पुवलस: अििारर्ा और मित्त्व
• तवमलनाडु में ‘रेंड् स ऑफ पुवलस’ (Friends of Police-FoP) की सेिाओं को अगली सूचना तक वनलंवबत कर
वदया गया िै । राज्य सरकार ने यि वनर्भ य पुवलस द्वारा विरासत में वलये गए दो व्यापाररयों की मृ त्यु (Custodial
Death) और यातना की घटना के बाद वलया िै , क्ोंवक जााँ च के दौरान इस घटना में कुछ रेंड् स ऑफ पुवलस
(FoP) स्वयं सेिकों की र्ूवमका र्ी पाई गई िै ।
• तवमलनाडु पुवलस ने दोनों लोगों को 19 जू न की रात कवथत तौर पर COVID-19 लॉकडाउन के दौरान अपनी
दु कानों को अनुमवत की अिवि से अविक समय के वलये खोलने िे तु वगरफ्तार वकया था।
• वगरफ्तारी के पिात् पुवलस ने दोनों लोगों को बे रिमी से पीटा और विरासत में रिते हुए पुवलसकवमभ यों द्वारा उन्हें
अत्यविक यातनाएाँ दी गईं, इसके बाद दोनों लोगों को पास के सरकारी अस्पताल में र्ती करिाया गया और कुछ
समय बाद उनकी मृ त्यु िो गई।
• तवमलनाडु की अपराि जााँ च शाखा द्वारा दोनों लोगों की पुवलस यातना के कारर् हुई मृ त्यु की जााँ च करने पर कुछ
FoP स्वयं सेिकों की र्ूवमका र्ी सामने आई िै , जो दै वनक कायों में पुवलस अविकाररयों की सिायता कर रिे थे ।
फ्रेंड् स ऑफ पु तलस’ की अवधािणा
• रेंड् स ऑफ पुवलस (FoP) एक सामु दावयक पुवलवसं ग पिल और एक सं युक्त सरकारी सं गिन (JGO)
िै वजसका उद्े श्य पुवलस और जनता को करीब लाना िै ।
• एक स्वयं सेिा प्रर्ाली के रूप में रेंड् स ऑफ पुवलस (FoP) की शु रुआत िर्भ 1993 में तवमलनाडु के
रामनाथपुरम वज़ले से हुई थी।
• एक अनु मान के अनु सार, पूरे तवमलनाडु के सर्ी पुवलस थानों में लगर्ग 4000 सवक्रय FoP स्वयं सेिी
सदस्य िैं ।
• FoP स्वयं सेिी राज्य के आम लोगों में अपराि जागरूकता को बढ़ािा दे ने में मदद करते िैं और राज्य
पुवलस प्रशासन को अपरािों की रोकथाम में सक्षम बनाते िैं ।
• इसके साथ िी यि पुवलस के काम में वनष्पक्षता, पारदवशभ ता और तटस्थता लाने का र्ी प्रयास करते
िैं ।
‘फ्रेंड् स ऑफ पुतलस’ (FoP) का उद्दे श्य
• पु वलस से िाओं को समु दाय में रिने िाले आम लोगों तक पहुाँ चाना।
• आम लोगों को सामु दावयक पु वलवसं ग में र्ाग ले ने के वलये प्रोत्सावित करना।
• पु वलस और समु दाय को एक साथ एक मं च पर लाना।
• राज्य की पु वलस से िा को और अविक पे शेिर तथा समु दाय उन्मु ख बनाना।
• पु वलस अविकाररयों को राज्य के साथ-साथ समु दाय के प्रवत र्ी जिाबदे ि बनाना।
• पु वलस में जनता के खोए हुए विश्वास को बिाल करने में सिायता करना।
‘फ्रेंड्स ऑफ पुतलस’ अवधािणा का महत्त्व

• सामु दावयक पु वलवसं ग के रूप में ‘रेंड् स ऑफ पु वलस’ (FoP) की अििारर्ा एक समग्र
रूप से उपयोगी अििारर्ा िै ।
• साथ िी आम जनता के बीच पु वलस की छवि को बदलने तथा राज्य के पु वलस बल को
मज़बू त करने िे तु यि अििारर्ा काफी उपयोगी सावबत िो रिी िै ।
• इस अििारर्ा को राज्य के पु वलस बल और आम जनता के बीच एक से तु के रूप में प्रयोग
वकया जा सकता िै ।
• ‘फ्रेंड् स ऑफ पुतलस’ की आलोचना
• राज्य के कई िररष्ठ अविकाररयों का मानना िै वक राज्य के छोटे शिरों और ग्रामीर् क्षे त्ों में
व्यापक रूप से ‘रेंड् स ऑफ पु वलस’ (FoP) स्वयं सेिकों की कायभ क्षमता का दु रुपयोग वकया
जा रिा िै , जिााँ पु वलस अविकारी FOP स्वयं सेिकों को एक सिायक के रूप में दे खते िैं ।
• इन क्षे त्ों में FOP स्वयं सेिकों का प्रयोग केिल चाय या र्ोजन खरीदने, िािन की जााँ च में
मदद करने, ज़ब्त िािनों को थाने तक ले जाने और स्थानीय लोगों को अिै ि रूप से
विरासत में ले ने के वलये िी वकया जाता िै , जिााँ िे अविकाररयों के आदे श मानने िे तु
बाध्य िोते िैं ।
सामुदातयक पुतलस व्यवथिा औि इसका महत्त्व
• सामु दावयक पुवलस व्यिस्था, पुवलस के कायों में नागररकों की र्ागीदारी बढ़ाने का एक तरीका िै ।
इसके तित एक ऐसे िातािरर् का वनमाभ र् वकया जाता िै , वजसमें आम नागररक समु दाय की सु रक्षा
में अपनी र्ागीदारी सु वनवित करते िैं ।
• सामु दावयक पुवलवसं ग से अपरािों की सु र्ेद्यता की पिचान करना सं र्ि िो जाता िै । नशीली दिाओं
के दु रुपयोग, मानि तस्करी और अन्य सं वदग्ध गवतविवियों की पिचान कर उनके विरुि कायभ िािी
करना र्ी अपेक्षाकृत आसान िो जाता िै ।
• गौरतलब िै वक र्ारत के कई राज्यों ने सामु दावयक पुवलस व्यिस्था स्थावपत करने का प्रयास वकया िै ,
वजसमें तवमलनाडु के ‘रेंड् स ऑफ पुवलस’ (FoP), असम में ‘प्रिरी’ (Prahari) और बं गलु रु वसटी
पुवलस की ‘स्पंदन’ (Spandana) नामक पिल शावमल िैं ।
भूटान के क्षेत् पि चीन का दावा
• अपनी विस्तारिादी नीवत को आगे बढ़ाते हुए, चीन ने र्ारत के पारं पररक सियोगी र्ू टान के
साथ एक नया सीमा वििाद पै दा कर वदया िै ।
• बीते माि आयोवजत ‘िै वश्वक पयाभ िरर् सु वििा’ (Global Environment Facility- GEF) की
एक ऑनलाइन बै िक में पू िी र्ू टान द्धस्थत ‘सकतें ग िन्यजीि अर्यारण्य’ (Sakteng
Wildlife Sanctuary) के विकास से सं बंवित एक पररयोजना पर आपवत्त जताते हुए चीन ने
किा था वक यि चीन और र्ू टान के बीच एक वििावदत क्षे त् िै ।
• िालााँ वक र्ू टान ने चीन के दािे पर आपवत्त जताई और िै वश्वक पयाभ िरर् सु वििा (GEF) ने
र्ू टान की पररयोजना के वित्तपोर्र् के प्रस्ताि को मं ज़ूरी दे दी।
सकतेंग वन्यर्ीव अभयािण्य
• सकतें ग िन्यजीि अभ्यारण्य (Sakteng Wildlife Sanctuary) र्ू टान के पू िी र्ाग में द्धस्थत
अर्यारण्य िै और यि लगर्ग 650 िगभ वकमी. का क्षे त् किर करता िै ।
• इससे पू िभ यि क्षे त् कर्ी र्ी चीन और र्ू टान के बीच वििावदत क्षे त् निीं रिा िै ।
• र्ू टान के पू िी क्षे त् में काफी बड़ी सं ख्या में र्ू टानी लोग रिते िैं ।
• यि अर्यारण्य बां ग्लादे श के अविकां श पृ थक खानाबदोश जनजावत के लोगों का वनिास
स्थान िै ।
Sakteng Wildlife Sanctuary
• The sanctuary represents the easternmost
temperate ecosystems and landscapes of Bhutan,[2] and is part
of the Eastern Himalayan subalpine conifer forests ecoregion. It
protects several endemic species including the eastern blue
pine and the black-rumped magpie.
• Sakteng Wildlife Sanctuary was created in part to protect
the migoi, a yeti-like cryptid whose existence has not been
scientifically confirmed, but in which the local population
strongly believes.[3][4] The migoi are believed to haunt the
northern part of the area. Black-rumped magpie
• It is an independently operating financial organization
• GEF is multilateral financial mechanism that provides grants to developing
countries for projects that benefit global environment and promote
sustainable livelihoods in local communities.
• It was setup as a fund under World Bank in 1991
• In 1992, at the Rio Earth Summit, the GEF was restructured and moved out
of the World Bank system to become a permanent, separate institution.
• Since 1994, however, the World Bank has served as the Trustee of the
GEF Trust Fund and provided administrative services.
• It is based in Washington DC, United States.
• It addresses six designated focal areas:
1. biodiversity,
2. climate change,
3. international waters,
4. ozone depletion,
5. land degradation and
6. Persistent Organic Pollutants.
• The program supports an active portfolio of over 200 investments globally.
• GEF serves as financial mechanism for :
• Convention on Biological Diversity (CBD)
• United Nations Framework Convention on Climate Change (UNFCCC)
• UN Convention to Combat Desertification (UNCCD)
• Stockholm Convention on Persistent Organic Pollutants (POPs)
• Minamata Convention on Mercury
• India is both donor and recipient of GEF.
S.K. Sharma’s UPSC Student
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