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१ मीरा के पद और मनुष्यता में ईश्वर की महानता का वर्णन किस प्रकार किया गया है।

२ तीसरी कसम ने साहित्य रचना के साथ सही न्याय किया है तर्क संगत उत्तर दीजिए।

३ डायरी का एक पन्ना के आधार पर स्पष्ट करे क्या एक संगठित समाज कृ तसंकल्प हो तो कोई भी कार्य को
सफलतापूर्वक संभव कर सकता है

४ पर्वतीय प्रदेश में वर्षा के सौन्दर्य का वर्णन 'पर्वत प्रदेश में पावस' के आधार पर अपने शब्दों में कीजिए

५ संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुखी कौन ? यहाँ ‘सोना’ और ‘जागना’ किसके प्रतिक हैं ? इसका प्रयोग
यहाँ क्यों किया गया है ? स्पष्ट कीजिए।

.६ ‘हरिहर काका एक सीधे साधे और भोले किसान की अपेक्षा चतुर हो चले थे’ कथन के संदर्भ में 60-70 शब्दों
में विचार व्यक्त कीजिए

७ समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर बताइए

Q ८ . ‘तताँरा-वामीरो कथा’ पाठ के आधार पर तताँरा का चरित्र-चित्रण कीजिए।

उत्तर – ‘तताँरा-वामीरो कथा’ का नायक तताँरा है जो पासा गाँव का रहने वाला है। उसके चरित्र की विशेषताएँ
निम्नलिखित हैं-

(क) आकर्षक व्यक्तित्व – तताँरा आकर्षक व्यक्तित्व का स्वामी है। वह शारीरिक रूप से बलिष्ठ, सुंदर और
आकर्षक है। उसे देखते ही वामीरो प्रथम मुलाकात में उसकी ओर आकर्षित हो जाती है।

(ख) मानवीय गुणों से युक्त – तताँरा मानवीय गुणों से युक्त है। वह नेक, उदार, सहयोगी और परोपकारी है जो
हर किसी की मदद को तत्पर रहता है।

(ग) सम्मान का पात्र – तताँरा अपने व्यवहार एवं सहयोग पूर्ण स्वभाव के कारण द्वीपवासियों के सम्मान का
पात्र है। उसे दूसरे गाँव के लोग भी अपने यहाँ निमंत्रित करते हैं।

(घ) दैवीय शक्ति संपन्न व्यक्ति – तताँरा के पास लकड़ी की तलवार थी जो उसे अद्भुत दैवीय शक्ति का स्वामी
बनाए हुए थी। इस तलवार की मदद से साहसिक और विलक्षण कार्य करता था, परंतु इसका उपयोग दूसरों का
अहित करने के लिए नहीं करता था।

Q ९ . रूढ़ियों और परंपराओं का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता। तताँरा-वामीरो कथा के आधार पर
स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – तताँरा पासा गाँव का सुंदर, साहसी और नेकदिल नवयुवक था और वामीरो लपाती गाँव की जो अंदमान-
निकोबार द्वीप समूह का भाग है। वामीरो के गाँव की परंपरा थी कि गाँव के नवयुवक और युवतियाँ अपने ही
गाँव में वैवाहिक संबंध स्थापित कर सकते थे, अन्य किसी गाँव में नहीं। एक शाम जब तताँरा शाम के समय
सागर तट पर घूम रहा था तो उसने मधुर गायन सुना और उधर गया जहाँ गीत गाती वामीरो को देख वह अपनी
सुध-बुध खो बैठा। तताँरा को देखकर वामीरो की भी कु छ ऐसी ही स्थिति थी। वामीरो अपने गाँव की परंपरा
जानती थी फिर भी दोनों एक दूसरे से प्रेम करने लगे। वे लोगों द्वारा समझाने पर भी एक दूसरे से प्रेम करते रहे।
इससे स्पष्ट होता है कि रूढ़ियों और परंपराओं का बंधन प्रेम की राह में बाधक नहीं बन सकता है

१० तताँरा वामीरो कथा के माध्यम से क्या सन्देश दिया गया है?

उत्तर – तताँरा वामीरो कथा एक प्रशिद्ध लोक-कथा है। जसमे यह सन्देश दिया गया है कि प्रेम को किसी बंधन ,
सीमा अथवा रीति-रिवाज में नहीं बाँधा जा सकता। यदि कोई जाति,धर्म, क्षेत्र, प्रदेश आदि प्रेम की पवित्र भावना
पर पहरे लगाएगा और उसे पनपने का अवसर नहीं देगा, तो इसका परिणाम सुखद नहीं होगा। समाज में
जातीय, धार्मिक पर सामाजिक भेद में और अधिक वृद्धि होगी, जिससे अंततः मानवता को ही नुक्सान पहुंचेगा।
अतः हमें सभी प्रकार के भेदभावों को मिटाकर सभी को अपनाना चाहिए।

सपनों के से दिन” पाठ के आधार पर लिखिए कि लेखक छात्र-जीवन में छु ट्टियों के लिए मिले काम को कै से पूरा
करता या।

उतर :- लेखक छु ट्टियों में मिले गृह कार्य को पूरा करने के लिए तरह-तरह की योजनाएँ बनाता था, परंतु छु ट्टियों
में काम पूरा नहीं कर पाता था। विद्यालय से मिले काम के अनुसार वह समय-सारणी भी बनाता था, परंतु उस
काम को पूरा नहीं कर पाने की स्थिति में स्कू ल में होने वाली पिटाई का डर अब और ज्यादा सताने लगता। फिर
से अपना डर भगाने के लिए सोचते कि दस या पंद्रह सवाल भी आसानी से एक दिन में किए जा सकते हैं। जब
ऐसा सोचने तो दिन बहुत छोटे लगने लगते थे। लेखक उस स्थिति में अपने मित्र “ओमा’, की तरह बहादुर बनने
की कल्पना करता था। ओमा काम करने की अपेक्षा शिक्षकों द्वारा की गई पिटाई को सस्ता सौदा समझता था।

प्रश्न ११ . ‘फ़ारसी की घंटी बजते ही बच्चे डर से क्यों कांप उठते थे? “सपनों के से दिन” पाठ के आधार पर
लिखिए।

उतर :- चौथी श्रेणी में मास्टर प्रीतमचंद बच्चों को फ़ारसी पढ़ाते थे। वे काफी सख्त शिक्षक थे। अगर बच्चे उनके
सामने शरारत करे तो वे बच्चों को बहुत डांटते फटकारते थे। बच्चों के मन में डर इतना था कि फ़ारसी की घंटी
बजते ही बच्चे काँप उठते थे। एक बार मास्टर प्रीतमचंद ने फ़ारसी का शब्द-रूप याद करने को दिया था और न
याद करने पर बच्चों की बुरी तरह पिटाई की, यह सब देखकर हेडमास्टर शर्मा जी सहन नहीं कर सके और उन्हें
स्कू ल से निलंबित कर दिया, फिर भी बच्चों के मन से डर नही गया वे सोचते थे कि निलंबित होने के बाद भी
कहीं मास्टर प्रीतमचंद उन्हें पढ़ाने के लिए न आ जाएँ। राम जी मास्टर या प्रधानाध्यापक जी के कक्षा में आ
जाने पर ही उनका यह डर समाप्त होता था।
१२ लेखक अपने छात्र जीवन में स्कू ल से छु टियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया
करता था और उसे पूरा न कर पाने की स्थिति में किसकी भाँति ‘बहादुर’ बनने की कल्पना किया करता था?

उत्तर – जैसे-जैसे लेखक की छु ट्टियों के दिन ख़त्म होने लगते तो वह दिन गिनने शुरू कर देता था। हर दिन के
ख़त्म होते-होते उसका डर भी बढ़ने लगता था। अध्यापकों ने जो काम छु ट्टियों में करने के लिए दिया होता था,
उसको कै से करना है और एक दिन में कितना काम करना है यह सोचना शुरू कर देता। जब लेखक ऐसा सोचना
शुरू करता तब तक छु ट्टियों का सिर्फ एक ही महीना बचा होता।

एक-एक दिन गिनते-गिनते खेलकू द में दस दिन और बीत जाते। फिर वह अपना डर भगाने के लिए सोचता कि
दस क्या, पंद्रह सवाल भी आसानी से एक दिन में किए जा सकते हैं। जब ऐसा सोचने लगता तो ऐसा लगने
लगता जैसे छु ट्टियाँ कम होते-होते भाग रही हों। दिन बहुत छोटे लगने लगते थे। लेखक ओमा की तरह जो
ठिगने और बलिष्ट कद का उदंड लड़का था उसी की तरह बनने की कोशिश करता क्योंकि वह छु ट्टियों का काम
करने के बजाय अध्यापकों की पिटाई अधिक ‘सस्ता सौदा’ समझता था। और काम न किया होने के कारण
लेखक भी उसी की तरह ‘बहादुर’ बनने की कल्पना करने लगता।

Q1. गद्यांश में किस द्वीप का जिक्र किया गया है –

(क) अंदमान द्वीप समूह

(ख) निकोबार द्वीपसमूह

(ग) लिटिल अंदमान और कार -निकोबार

(घ) इनमे से कोई नहीं

उत्तर – (ग) लिटिल अंदमान और कार -निकोबार

Q2. गद्यांश में ताँतारा के किन गुणों का वर्णन किया गया है –

(क) तताँरा एक नेक और मददगार व्यक्ति था

(ख) सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता

(ग) अपने गाँव वालों को ही नहीं ,अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्तव्य समझता था

(घ) उपरोक्त सभी


उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न ३ - सपनो के से दिन के लेखक कौन हैं ?

(A) मिथिलेश्वर

(B) रही मासूम

(C) गुरदयाल सिंह

(D) कोई नहीं

प्रश्न ४ स्कू ल के पी.टी. सर का क्या नाम था ?

(A) मास्टर प्रीतमचंद

(B) हरीश चंद

(C) मुकुं द लाल

(D) कोई नहीं

प्रश्न ५ - मास्टर प्रीतमचंद कतारों के पीछे खड़े खड़े क्या देखते थे ?

(A) लड़कों को

(B) कौन सा लड़का कतार में ठीक से नहीं खड़ा

(C) कोई नहीं

(D) कता

प्रश्न ६ - लड़के किसके डर से कतार खड़े रहते ?

(A) मास्टर प्रेमचंद की घुड़की के डर से

(B) मार के डर से

(C) कोई नहीं

(D) घुड़की के डर से

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