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यतो धर्मः ततो जयः

एकम ् सनातन भारत दल


.....
.......... सप्त संकल्प
..... अंकुर शर्मम ( रमष्ट्रीय अध्यक्ष )

एकम् सनातन भारत दल संविधान में संशोधन कर भारत की राजसत्ता को संिैधावनक


तौर पर बाध्य करे गा वक िह भारत का सनातन बाहुल्य चररत्र सदा सदा के वलए
सुवनवित एिं संरवक्षत करे ।
वहं दू नरसंहार एिं जनसांस्थख्यकी पररिता न (भूवम वजहाद अथिा अन्य साधनों से) भारत
की राजसत्ता के विरुद्ध वकए गए अपराध माने जाएँ गे वजनको ले कर मृत्युदंड का
प्रािधान कानून द्वारा सुवनवित वकया जाएगा।

संविधान में संशोधन कर केिल 5% से कम जनसंख्या िाले समुदाय को अल्पसंख्यक


का दजाा दे ना। साथ ही भारत को विश्व के सभी सनातनधवमायों का नैसवगाक राष्ट्र घोवित
कर उनके वलए नागररकता का मागा खोलना।

मंवदरों और मठों को सरकारी वनयंत्रण से मुक्त करिाना। मंवदरों में भगिान के


अवधकार को सिोच्च रखना। कश्मीर स्थित भगिान भास्कर के प्राचीन मातं ड सूया
मंवदर, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूवम और काशी के ज्ञानिापी तीथा क्षेत्र की पु निाापना
करना।

समस्त वहमालयी राज्ों का सनातनी स्वरूप अक्षुण्ण रखना तथा J&K का पु नगाठन
कर उसे 2 केंद्र शावसत प्रदे शों में बांटकर वहं दू बहुल जम्मू संभाग को स्वतं त्र राज्
बनाना।

गो-हत्या पर संपूणा प्रवतबंध लगाकर गाय, गं गा और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोवित


करना। संविधान की प्रस्तािना में अिैध रूप से जोडे गये सेक्यूलर और समाजिाद को
हटाकर राम राज् की िापना का लक्ष्य रखना ।

िक्फ एक्ट, Places of Worship Act एिं सच्चर कमेटी के वियान्वयन को तत्काल
प्रभाि से वनरस्त करना। संविधान के अनुच्छेद 30 को संशोवधत कर वहं दुओ ं को भी
अपने स्वायत्त वशक्षण संिान िावपत एिं संचावलत करने का मौवलक अवधकार दे ना।
समीक्षा कर सनातन संस्कृवत एिं सभ्यता को हावन पहुं चाने िाले अनुच्छेद, कानून एिं
धाराओं को वनरस्त करना। लि वजहाद और धमांतरण पर पू री तरह से रोक लगाना।
केिल विकास नही ं, अध्यात्म, संस्कृवत, सही इवतहास, सामावजक मूल्य, क्षेत्रीय भािा
और पयाािरण के साथ संपूणा विकास। भारतीय सेना के परं परागत ढांचे को अक्षुण्ण
रखना और सेना एिं पुवलस का सशस्थक्तकरण ि आधु वनकीकरण करते हुए सैवनकों,
पू िा सैवनकों एिं उनके पररिारों को उवचत सम्मान वदलाना।

www.ekamsanatanbharat.org info@ekamsanatanbharat.org 01146534860

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