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महिषिवाल्मीिकसंस्कृतिवश्विवद्यालयः

मौनधारा (मन्ू दडी), कििष्ठलम् (कै थल)-१३६०२७, हररयाणा


(हररयाणासविकारािधिनयम २०/२०१८ द्वारा संस्थािितः)

पररचाययका
Prospectus
2022-23

वर्तमानपररसर– डॉ. बी. अर. ऄम्बेडकर राजकीय महायवद्यालय, जगदीशपुरा, ऄम्बाला रोड़, कै थल-
136027
सम्पकत सूत्रम् – 93500-45366, वेबसाईट- www.mvsu.ac.in
mvsumktl@gmail.com
कुलायधपयर्-सन्देशः

ऄत्यन्तमेवाह्लादकरो गौरवास्िदश्चायं िवषयो वतिते यद् हररयाणासविकारः


संस्कृतभाषायास्संरक्षणे संवर्द्िने च कृतसंकल्िो दरीदृश्यते । सक ं ल्िस्यास्य सम्िर्त्ू यि े च
हररयाणासविकारे ण 2018 तमे इस्वीये वषे कििष्ठलनगरे (कै थल) मन्ू दडीनामके ग्रामे
महिषिवाल्मीिकसंस्कृतिवश्विवद्यालयस्य स्थािना िविहता । िवश्विवद्यालयोऽसौ ज्ञानिवज्ञानयो:
संरक्षणाय, सवं र्द्िनाय सस्ं कृतभाषाप्रचारप्रसाराथिञ्च कृतसकं ल्िो भत्ू वा न के वलं हररयाणाप्रदेशम्
ऄिितु सम्िणू मि ेव भारतराष्ट्रं गौरवािन्वतं िवधास्यित । ऐितहािसके कििष्ठलनगरे (कै थल)
संस्कृतिवश्विवद्यालयस्य स्थािनायै कै थलनगरस्य समस्तजनताभ्यो हािदिकािन वधाििनािन ।
िवश्विवद्यालयोऽयमर्त्ु रोर्त्रं प्रगितमागे ऄग्रेसरो भत्ू वा स्वीयिविशष्टस्योद्देश्यस्य सम्िर्त्ू ौ
ससु फलो भवेदते दथं समस्तिवश्विवद्यालयकुटुम्बेभ्योऽशेषशभु कामाः ।

महामिहम बंडारूदर्त्ात्रेय:
कुलािधिितः
कुलपयर्-सन्देशः
सस्ं कृ तभाषा भारतस्य अत्मतत्त्वरूिेण भारतीयसंस्कृ तेः संरिक्षका संविधिका च वतिते । संस्कृ तं िवना
िणू ािखण्डभारतस्य कल्िनािि गगनकुसमु सदृशी ऄसम्भवा वतिते । ऄत एव ईक्तमिस्त- "भारर्स्य प्रयर्ष्ठे द्वे संस्कृर्ं
संस्कृयर्स्र्था" ऄथाित् भारतस्य प्रितष्ठा संस्कृ तेन संस्कृ त्या एव जायतेऽत्र नािस्त सन्देहलेश: । ऄस्य सविजनविन्दतस्य
भारतस्य अधारस्तम्भः संस्कृ तमेव वतिते नान्यत् । ऄतः भारतस्य सवििवधस्य सम्िणू स्ि येितवृर्त्स्य ज्ञानं संस्कृ तेन
सस्ं कृ तशास्त्रेणवै च भिवतमु हिित ।
भारतीयवैिदकसभ्यतायाः भारतीयसस्ं कृ तेश्च िवकासः सरस्वतीनद्यास्तटे एवाभदू ् । ऄतः ऐितहािसकदृष्ट्या
हररयाणाप्रदेशस्तथा प्रदेशस्यास्य कििष्ठलनगरमतीव महत्विणू ं स्थानं िवभिति । आयमेव प्रागैितहािसकऋषेः कििलस्य
तिोभिू मः वतिते । भारतीयसंस्कृ तेः त्रय: कालखण्डा: स्वीिियन्ते, प्रथमो भारतीयवैिदककालखण्ड:, िद्वतीयो
रामायणकालखण्ड: तृतीयश्च महाभारतकालखण्डः। ऄनेन खण्डत्रयेणािि ऄस्य कििष्ठलस्य साक्षात्सबन्धो वतिते ।
वैिदककालखण्डे वैिदकसभ्यतायामस्य कििष्ठलस्य वणिनमवाप्यते, ऄिि च कृ ष्ट्णयजवु दे े कठ-कििष्ठलशाखािि प्राप्यते ।
रामायणकालस्य चचाि िियेत चेत् लवकुशजन्मना सह ऄस्य कििष्ठलस्य साक्षात्सम्बन्धो दृश्यते । ऄत्रैव
लवकुशतीथिनामकं धािमिकस्थलमद्यािि वतिते । महाभारतकालेन ऄस्य सम्बन्धः सवििविदतो वतिते । ऄिस्मन्नेव कुरुक्षेत्रे
ऄभतू िवू िमहाभारतयर्द्
ु ो जात असीत् । ऄष्टचत्वाररंशत्िोशात्मकक्षेत्रोऽयं कुरुक्षेत्रनाम्ना प्रिथतो वतिते । ऄत्रैव भगवान्
हनमु ान् ऄजनिु रथध्वजस्थो जातः । ऄतो भारतीयसंस्कृ तौ कििष्ठलनामकस्यास्य िविशष्टस्य स्थलस्य ऄभतू िवू ं स्थानं वतिते
। आत्येव सवं मनिस िनधाय हररयाणासविकारे ण संस्कृ तस्य संस्कृ तेश्च रक्षणाय प्रथमतया प्रदेशऽे िस्मन्
महिषिवाल्मीिकसस्ं कृ तिवश्विवद्यालयस्य स्थािना 2018 तमे इस्वीये वषे िविहता । ऄयञ्च सस्ं कृ तिवश्विवद्यालयः
ऄत्यन्तमेवाल्िीयसा कालेन अभारते सप्रु िथतो भत्ू वा समेषां ज्ञानिििासनू ामाकषिणके न्रभतू ो जातो वतितेऽित िनश्चप्रचम।्
िनरन्तरमेव संस्कृ तस्य प्रचारे -प्रसारे संलग्नोऽयं िवश्विवद्यालयो रुतगत्या स्वलक्ष्यं प्रत्यग्रेसरन् िवद्यतेऽित दृष्ट्वा मनिस
महान्प्रमोदो जायते । ऄिस्मन्न के वलं वेदोििनषद-् रामायण-महाभारत-दशिन-िरु ाण-धमिशास्त्रािदप्राचीनानां
शास्त्राणामध्यािनेन प्राचीनभारतीयज्ञानन्यासभण्डागारस्य रक्षणमेव िियते ऄिितु-योग अयवु दे संगणक-जीवनप्रबन्धन-
ित्रकाररतािद-अधिु नकिवषयाणामध्यािनेन, िनतनवनवानसु न्धानेन, व्यवसायोन्मख ु िाठ्यिममाध्यमेन च
भारतीयसमस्तयवु कानां कृ ते अत्मिनभिरतां प्रित प्रेरणमिि िवधीयते ।
आत्थमेव िवश्विवद्यालयोऽयं सततं भारतीयसस्ं कृ तेस्संस्कृ तस्य च प्रचारं, प्रसारं, सरं क्षण,ं सवं धिनञ्च कुविन्
भारतीयज्ञानिवज्ञानिरम्िरायाः शोधस्थलरूिेण प्रिशक्षणसंस्थानरूिेण न के वलं हररयाणाप्रदेशस्यािितु सम्िणू भि ारतस्य
सांस्कृ ितकमागिदशिनं कुवािणस्सदैव संवधितां देिदव्यतािमित कामयेऽहम् ।

प्रो० रमेशचन्रभारद्वाजः
कुलपयर्ः
यवषय-सच
ू ी
क्रम यवषय
1 पररचय (Introduction)
2 उद्दे श्य (Purposes of the University)
3 दृयि (Vision)
4 ध्ये य (Mission)
5 सक ं ाय एवं यवभाग (Faculty and Department)
6 पाठ्य क्रमानु सार शु ल्क यववरण
7 प्रवेश प्रयक्रया (Admission)
8 पाठ्यक्रम की ऄहतर्ा
9 शोध एवं प्रकाशन यवभाग
10 राष्ट्रीय क्रैयडट कोर (N.C.C)
11 राष्ट्रीय सेवा योजना यवभाग (NSS)
12 IQAC अन्र्ररक गण ु वत्ता प्रत्यायन पररषद्
(Internal Quality Assurance Cell)
13 यनगरानी पररषद् (Vigilance Cell)
14 युवा कल्याण यवभाग (Department of Youth Welfare)
15 क्रीडा यनदेशालय (Directorate of Sports)
16 ऄन्र्जातलीय प्रकल्प (Web Portal)
17 ई पयत्रका (E-Magazine)
18 क्रीडा (Sports)
19 सांस्कृयर्क गयर्यवयधयााँ (Cultural Activities)
20 स्वास््य के न्र (Health Centre)
21 यवकास र्था उपलयधधयााँ (Developments and Achievements)
22 शैक्षयणक कै लेण्डर
23 छात्रवृयत्त* (Scholarship)
24 पस्ु र्कालय (Library)
25 प्रयोगशाला सयु वधा
26 छात्रावास (Hostel)
27 सस्ं कृर् सभ ं ाषण
28 शैक्षयणक एवं प्रशासयनक ऄयधकारी एवं यवभागाध्यक्ष
1. पररचय (Introduction)
भारत के समृर्द् हररयाणा राज्य में कै थल िजले के मन्ू दडी गााँव में हररयाणा सरकार के ऄिधिनयम 20/2018 द्वारा
2018 में “महयषत वाल्मीयक संस्कृर् यवश्वयवद्यालय, मौनधारा (मून्दडी), कै थल (कयपष्ठल)” स्थािित है । यह
संस्कृ तभाषा के संरक्षण, प्रचार-प्रसार तथा िवकास हेतु कायिरत हररयाणा का मात्र एक संस्कृ त िवश्विवद्यालय है ।

2. उद्दे श्य (Purposes of the University)


सस्ं कृ त िवश्विवद्यालय की स्थािना का ईद्देश्य संस्कृ त िवद्या का अधिु नक दृिष्टकोण के सािेक्ष िारम्िररक
सस्ं कृ त िवद्या का प्रचार-प्रसार, सरं क्षण एवं प्रोत्साहन के साथ-साथ ईनका िालन करते हुए :-
i) संस्कृ त िवद्या की सभी िवधाओ ं में ऄनसु न्धान, ऄनदु ान, प्रोत्साहन तथा संयोजन करना है, साथ ही िशक्षक-
प्रिशक्षण तथा िाण्डुिलिि िवज्ञान अिद को भी संरक्षण देना, िजससे िाठमल ू क प्रासंिगक िवषयों में अधिु नक
शोध के िनष्ट्कषि के साथ सम्बन्ध स्िष्ट िकया जा सके तथा आनका प्रकाशन हो सके ।
ii) देश के िविवध भागों में िररसरों की स्थािना, िवद्यािीठों का ऄिधग्रहण तथा संचालन करना और समान ईद्देश्यों
वाली ऄन्य संस्थाओ ं को िवश्विवद्यालय से सम्बर्द् करना।
iii) संस्कृ त के संवधिनाथि राज्य सरकार के ईििम के रूि में ईनकी नीितयों एवं योजनाओ ं को लागू करना।
iv) शोध एवं ज्ञान के प्रसार एवं िवकास के िलए समिु चत मागिदशिन एवं व्यवस्था करना।
v) प्राचीन-नवीन ऄध्ययन एवं िवस्ताररत योजनाएाँ जो समाज के िवकास में योगदान देती हों, ईनका ईर्त्रदाियत्व
लेना।
vi) आसके ऄितररक्त ईन सभी ईर्त्रदाियत्वों एवं काययों का िनष्ट्िादन करना जो आस सस्ं कृ त िवश्विवद्यालय के ईद्देश्यों
को अगे बढाने के िलए अवश्यक या वािञ्छत हों।
vii) िािल एवं प्राकृ त भाषाओ ं का संरक्षण एवं संवधिन करना।

1
3. दृयि (Vision)
वै िश्वक िररप्रे क्ष्य में सं स्कृ त िशक्षा की गररमा की सं स्थािना के िलए महिषि वाल्मीिक सं स्कृ त
िवश्विवद्यालय, मौनधारा (मू न्दडी),कििष्ठलम् (कै थल) का िवश्वस्तरीय िवश्विवद्यालय के रूि में
िवकास ।

4 ध्ये य (Mission)

1. सं स्कृ त िवद्या की समग्र शाखाओ ं का सवाि ङ्गीण िवकास तथा अधु िनक प्रणािलयों के
द्वारा सं स्कृ त सं साधनों की ईिलिधध।
2. सं स्कृ त, िािल एवं प्राकृ त भाषाओ ं में आन भाषाओ ं के िरस्िर सां स्कृ ितक ऄन्त:सम्बन्धों के
िररप्रे क्ष्य में िशक्षण व ऄनु स न्धान की व्यवस्था करते हु ए भािषक िविवधता तथा
सां स्कृ ितक बहु ल ता का ईन्नयन।
3. सं स्कृ त के साथ –साथ आन भाषाओ ं की ज्ञान प्रणािलयों में दाशि िनक एवं वै ज्ञािनक तत्त्वों का
सं र क्षण एवं समु न्नयन तथा आन ज्ञान प्रणािलयों का सां स्कृ ितक धरोहर के साथ सम्बन्ध
स्थािित करते हु ए सू च ना और सं चार प्रौद्योिगकी के माध्यम से आनकी ईिलधधता
सु िनिश्चत करना।

2
5 सक
ं ाय एवं यवभाग (Faculty and Department)

सक
ं ाय यवभाग शास्त्री अचायत यडप्लोमा
वेद वेद वेद वेद
ज्योितष ज्योितष ज्योितष ज्योितष
1. व्याकरण व्याकरण व्याकरण कमिकाण्ड
वेद-वेदाङ्गसंकाय
धमिशास्त्र धमिशास्त्र धमिशास्त्र वैिदक गिणत
- - - अयवु दे
वास्तु
संस्कृ त भाषा
सािहत्य सािहत्य सािहत्य दक्षता
2. सायहत्य-सस्ं कृयर् सक
ं ाय -
-
िहन्दू ऄध्ययन - िहन्दू ऄध्ययन
-
दशिन दशिन दशिन -
3. दशतन सक
ं ाय योग योग योग योग
- िहन्दी - -
- ऄग्रं ेजी - -
4. सामायजक यवज्ञान संकाय
- आितहास - -
- राजनीित -

नोट-: िवश्विवद्यालय िकसी भी िाठ्य िम में कम से कम 10 छात्र होने िर ही सम्बिन्धत िाठ्य िम सं चािलत िकया जा
सकता है । िाठ्य िम सं चािलत न होने िर नामां िकत छात्र का शु ल्क वाििस िकया जाएगा ।

3
6 पाठ्य क्रम (Course)
पाठ्यक्रम योग्यर्ा ऄवयध
शास्त्री (B.A.) 10+2/समकक्ष चारवषीय
अचायत (M.A.) शास्त्री/B.A./ समकक्ष िद्ववषीय
यडप्लोमा (योग) 10+2/समकक्ष एक वषीय
यडप्लोमा (अयुवेद) 10+2/समकक्ष िद्व-वषीय
पाठ्यक्रमानुसार शुल्क यववरण
महिषि वाल्मीिक संस्कृ त िवश्विवद्यालय िररसर में प्रवेश स्वीकृ त होने िर प्रत्येक छात्र को िनम्निलिखत शल्ु क एवं सरु िक्षत
धनरािश (रुिये में) िरू े सत्र के िलए अरम्भ में ही जमा करानी होगी ।
पररचाययका शल्ु क = रु. 200/-
(पररचाययका का मुरण प्रयर् ययद चाहर्े हो र्ो )
शैयक्षक पाठ्यक्रमों का शुल्क
क्र. स.ं यववरण शास्त्री अचायत यडप्लोमा यडप्लोमा
(एक वषीय) (यद्व-वषीय)
1. प्रवेश अवेदन ित्र 200 200 200 200
2. प्रवेश-शल्ु क 50 50 50 50
3. सरु िक्षत धन (िस्ु तकालय हेतु) 200 300 200 200
4. नामांकन शल्ु क 50 50 50 50
5. िररचय-ित्र 50 50 50 50
6. िित्रका-शल्ु क* 70 100 70 70
7. िीडा-शल्ु क 100 100 100 100
8. छात्रकोष-शल्ु क 300 300 300 300
9. िविवध प्रवृिर्त् शल्ु क 200 200 200 200
10. कला/कृ ित शल्ु क 50 50 50 50
11. िरीक्षा-शल्ु क 400 400 400 400
12. िवकास शल्ु क 500 500 500 500
13. रिजस्रेशन शल्ु क 150 150 150 150
14. रे ड िॉस 80 80 80 80
15. राष्ट्रीय सेवा योजना 50 50 50 50
16. ित्राचार शल्ु क 50 50 50 50
17. िाठ्यिम शल्ु क 50 50 50 50
18. िशक्षा शल्ु क 100 100 1600 4600
19. संगणक शल्ु क 50 50 50 50
20. प्रायोिगक शल्ु क - - 2000 3000
योग रु. 2700/- रु. 2830/- रु. 6200/- रु. 10,200/-

* छात्रों के अलेख, किवता, िनबन्ध अिद िवश्विवद्यालय िररसर से प्रकािशत िकए जाएगं े ।

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7 प्रवेश प्रयक्रया (Admission)
यवश्वयवद्यालय में ऄध्यापन व्यवस्था –
िवश्विवद्यालय िनम्निलिखत िरीक्षाओ ं के िाठ्य िम की ऄध्यािन व्यवस्था करता है िजनकी राज्य
सरकार से मान्यता प्राप्त है ।
िम िरीक्षा नाम समकक्षता
1. िडप्लोमा ऄं श कािलक िाठ्य िम बाहरवीं/समकक्ष
2. शास्त्री चारवषीय िाठ्य िम/8 सत्रार्द्ि बी.ए./समकक्ष
3. अचायि िद्ववषीय िाठ्य िम / 4 सत्रार्द्ि एम.ए./समकक्ष

प्रवे शाथत यनयम एवं पं जीकरण का यनरस्र्ीकरण


1. एक शै क्ष िणक-वषि में िकसी एक िनयिमत िाठ्य िमके साथ एक िडप्लोमा िाठ्य िम में भी ऄिनी
िात्रता के ऄनु सार प्रवे श िा सकता है ।
2. िवश्विवद्यालय के प्रत्ये क िाठ्य िम में िनधाि ररत-ऄहि ता में कोइ छू ट नहीं दी जाएगी।
3. यिद िकसी िवषय में छात्रों की सं ख्या ऄिधक है , तो छात्र की रुिच के ऄनु सार ऄन्य-िवषय में
स्थान ईिलधध होने िर प्रवे श की ऄनु शं सा की जाएगी।
4. प्रवे श -िरीक्षा में वे ऄभ्यथी भी भाग ले सकते हैं , िजन्होंने ऄिनी ऄहि ता िरीक्षा ईर्त्ीणि की हो या
आस िरीक्षा का िररणाम ऄविशष्ट हो। ऄहि ता-िरीक्षा-िररणाम न अने िर या ऄनु र्त्ीणि होने की
िस्थित में सम्बिन्धत छात्र/छात्रा का प्रवे श स्वतः िनरस्त समझा जाएगा।
5. शास्त्री, अचायि , में प्रवे श घोिषत-कायि ि मानु सार िनिश्चत होगा, िजसे प्रवे श -सम्बन्धी महत्त्व िू णि
ितिथयों के कॉलम में ईर्द्ृ त िकया जाएगा।
6. िाठ्य िमों में प्रत्ये क िवभाग में सीटें - अचायि - 30, शास्त्री-35, िडप्लोमा-50 िनधाि ररत हैं ।
यवशे ष
i. िू वि - ईर्त्ीणि - िरीक्षाओ ं की ईर्त्ीणि ता के िवषय में िवश्विवद्यालय ऄथवा मान्यता प्राप्त सं स्था से
प्रमाणित्र।
ii. जन्मितिथ-प्रमाणित्र (दसवीं या तत्सम्बन्धी िरीक्षा का प्रमाणित्र, िजसमें जन्मितिथ का ईल्ले ख
हो)
iii. चररत्र-प्रमाणित्र (िू वि - सं स्था के प्रधानाचायि द्वारा) (ऄं श कािलक-िाठ्य िम के प्रवे शाथी राजिित्रत
ऄिधकारी/सं स्था-प्रमु ख जहााँ ऄभ्यथी ने ऄध्ययन िकया हो, के द्वारा) ।
iv. मू ल -िनवास-प्रमाणित्र ।
v. िवश्विवद्यालय के िनयमानु सार मू ल -स्थानान्तरण-प्रमाणित्र (टी.सी.)/प्रव्रजन-प्रमाणित्र (माआग्रे श न
सिटि िफके ट)/ ऄं क -तािलकाएं (माकि शीट) िनधाि ररत समयाविध में ऄिनवायि रू ि से नामां क न
शाखा(प्रवे श –प्रकोष्ठ) - में जमा करवानी होंगी, ऄन्यथा प्रवे श िनरस्त िकया जाएगा ।
vi. िीडा सम्बन्धी-प्रमाणित्र (रािष्ट्र य-ऄन्तराि ष्ट्रीय प्रितयोिगता में भाग ले ने का प्रमाणित्र यिद कोइ हो
तो)

5
6
vii. प्रमाणित्र (यिद प्रवे शाथी अिथि क रूि से कमजोर सामान्य वगि (EWS), ऄनु सू िचत-जाित,
जनजाित एवं नॉन-ििमीले य र-सम्बन्धी ििछडी जाित, ऄल्िसं ख्यक-वगि या िवकलां ग कोटे का हो)
तो नगर मिजस्रे ट / सब िडिवजनल मिजस्रे ट /तहसीलदार या िनधाि ररत ऄिधकारी द्वारा प्रमािणत
होना चािहए। िवकलां ग ऄभ्यिथि यों के िलए मु ख्य स्वास््य-ऄिधकारी, राजकीय िचिकत्सालय द्वारा
प्रमािणत होना चािहए। (न्यू न तम 40 प्रितशत िवकलां ग ता िर ही िवचार िकया जाएगा)
viii. शास्त्री प्रथमवषि में प्रवे श ले ने वाले छात्र/छात्रा 15 िदन की समयाविध में ही िवषय-िररवति न कर
सकता/सकती है । िवषय िररवति न करने हे तु सम्बिन्धत-िवषयों के िवभागाध्यक्ष एवं सं काय-प्रमु ख
के माध्यम से अवे द नित्र सं स्तु त करवाकर शै क्ष िणक-िवभाग में जमा करवाना होगा।
ix. ‘िवश्विवद्यालय ऄनु दान अयोग’ के िनदे शानु सार िविभन्न-िाठ्य िमों में प्रिवष्ट सभी ऄभ्यािथि यों
को ऄिने अधार-काडि एवं बैं क -खाते से सम्बिन्धत-दस्तावे ज की प्रितिलिि प्रवे श -अवे द न ित्र के
साथ सं ल ग्न करना ऄिनवायि है । प्रत्ये क ऄभ्यथी को अवे द न ित्र के साथ ऄिना एक ऄितररक्त
नवीन छायािचत्र (फोटोग्राफ) सं ल ग्न करना ऄिनवायि है ।
x. योग के छात्रों को योग-वे श भू षा एवं यौिगक-सामग्री का व्यय-िनवि ह न स्वयं करना होगा ।
xi. िकसी भी छात्र के िवरुर्द् ऄनु शासनहीनता, ऄमयाि िदत-अचरण, रै िगं ग -सम्बन्धी-ऄिराध,
दु व्यि व हार अिद की िशकायत प्राप्त होने िर ऄनु शासन-सिमित की ऄनु शं सा के अधार िर
कु लिित द्वारा छात्र का िं जीकरण िनयमानु सार िनरस्त िकया जा सकता है ।

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महर्षिवाल्मीर्िसंस्िृ तर्वश्वर्वद्याऱयः
मौनधारा (मून्दडी), कयपष्ठल (कै थल), हररयाणा
(हररयाणा सरकार के ऄयधयनयम २०/२०१८ द्वारा सस्ं थायपर् एवं य.ू जी.सी. की धारा २(एफ) के ऄन्र्गतर् मान्यर्ा प्राप्त)

पञ्जीिरण आरम्भ
सत्र 2022-2023
आचायश (एम.ए.) शास्त्री (बी.ए.)
चार वषीय (NEP 2020)
व्याकरण - ज्योतिष  योग
व्याकरण - ज्योतिष
सातहत्य - दर्श न  आयु वेद
सातहत्य - दर्श न
वेद - योग  ज्योतिष
वेद - योग
तहन्द ू अध्ययन - धमशर्ास्त्र  वास्िु र्ास्त्र
धमशर्ास्त्र
 संस्कृ ि भाषा दऺिा
तवश्वतवद्याऱय में अध्ययन करने के ऱाभ-
 वैतदक-गतणि
 राष्ट्रीय शिऺा नीशि 2020 के िहि स्नािक ऩाठ्यक्रम  वेद

 रोजगार ऩरक ऩाठ्यक्रमों का समावेि  कमशकाण्ड (ऩौरोतहत्य)

 संस्कृि शवषयों के साथ आधुशनक शवषयों का अध्ययन ।

 शहन्दी व अंग्रजे ी शवषय अशनवायय रूऩ में । शविेष –


 राजनीशि, इशिहास वैकशपऩक शवषय । शवश्वशवद्याऱय में
 िास्त्री करके प्रिासशनक सेवा की ऩरीऺा में बैठनें (I.A.S., I.P.S) का सुनहरा अवसर छात्र-छात्राओं के
 भारिीय सेना में R.T. (J.C.O) बनने का सुनहरा अवसर । शऱए छात्रावास की
 शिशकत्सा (आयुवेद शिप्ऱोमा) व्यवस्था उऩऱब्ध है ।
 संिार (सूिना-िकनीक)

तवस्िृि जानकारी हे िु सम्ऩकश करे्-


र्िप्ऱोमा
वेबसाइट्- www.mvsu.ac.in संऩकश-सूत्र- 93500-45366
आयु वेद (तिवषीय)
प्रवेर् हे िु नीचे तदए गए ऩिे ऩर सम्ऩकश करें र्ु ल्क 10,000/- (प्रति वषश)

कायाशऱय ऩतरसर- डॉ भीमराव अम्बेडकर राजकीय महातवद्याऱय


अन्य तडप्ऱोमा (एकवषीय)
जगदीर्ऩुरा (अम्बाऱा रोड़, कैथऱ-136027 (
र्ु ल्क 6,000/-
www.mvsu.ac.in
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8 पाठ्य क्रम की ऄहत र्ा

शास्त्री (बी.ए.)
शास्त्री पाठ्य क्रम में प्रवे शाथत यनयम :
शास्त्री िाठ्य िम हे तु िररसर में प्रवे श के िलये िवश्विवद्यालय द्वारा प्रवे श -िरीक्षा अयोिजत की
जाये गी, िजसमें सिम्मिलत होने के िलए िनम्निलिखत िरीक्षाओ ं में से िकसी एक में ईर्त्ीणि होना ऄिनवायि
है –
1. ईर्त्र मध्यमा/प्राक्शास्त्री/िवशारद/10+2(बाहरवीं)
2. ऄथवा मान्यता प्राप्त िकसी सं स्कृ त िवश्विवद्यालय या सं स्कृ त िररषद् से िरम्िरागत प्रणाली से
ईर्त्ीणि की गइ ईच्चर्त्र माध्यिमक या समकक्ष िरीक्षा ।
3. महिषि सान्दीििन रािष्ट्र य वे द िवद्या प्रितष्ठान, ईज्जै न की वे द िवभू ष ण िरीक्षा ।
4. शास्त्री िाठ्य िमों में प्रवे शाथि चु ने गये भाषा/अधु िनक िवषय, ईर्त्रमध्यमा/(बाहरवीं कक्षा) तक
िढे हु ए होने चािहए ।
शास्त्री का पाठ्यक्रम :
शास्त्री िरीक्षा चतु र वषीय वािषि क /8 से मे स्टर में सम्िन्न होगी । जो 186 िे िडट की होगी ।
मु ख्ययवषय : (ऄधोिलिखत में से कोइ एक)
वेद/ व्याकरण/ सािहत्य/ दशिन/ योग/ ज्योितष/धमिशास्त्र
1. शास्त्री (SHASTRI)/(बी.ए.) का सम्िण ू ि िाठ्यिम प्रश्नित्रों के साथ 186 िे िडट का होगा । मल्ू याङ्कन
के 80 ऄङ्क एवं अन्तररक – मल्ू याङ्कन 20 ऄङ्क का होगा। अन्तररक मल्ू याङ्कन चार भागों में
िवभक्त होगा, यथा-
1. अन्तररक िरीक्षण /प्रदर्त् िनयत कायि - 05
(Internal test/Assignment)
2. शास्त्र सम्बर्द् संगोष्ठी/शास्त्र िररचचाि - 05
(Shastriya Paricharcha (seminar/symposia)
3. िशक्षण स्रोत सामग्री का सचं यन एवं प्रबन्धन - 05
(Learning Resource Maintenance)
4. ईििस्थित (Attendance) - 05
75% = 01 ऄङ्क,
76% से 80% = 02ऄङ्क,
81% से 85% = 03 ऄङ्क,
86% से 90% = 04 ऄङ्क,
91% से ऄिधक = 05 ऄङ्क देय होंगे।
कुल योग – - 20 ऄङ्क

8
अचायत (एम.ए.)

अचायि कक्षा में प्रवेश के िलए िनम्निलिखत िरीक्षायें मान्य होंगी :-


शास्त्री : संस्कृ त िवश्विवद्यालय/संस्कृ त महािवद्यालय या मान्यता प्राप्त संस्था।
िशरोमिण : मरास िवश्विवद्यालय, ऄन्नामलाइ िवश्विवद्यालय, श्री वेंकटेश्वर िवश्विवद्यालय,ितरुिित।
िवद्वद् मध्यमा : कनािटक सरकार, बैंगलरुु
शास्त्रभषू ण : (प्रीिलिमनरी) के रल सरकार, ित्रवेन्रम।्
िवद्या प्रवीण : अन्र िवश्विवद्यालय, वाल्टेयर
बी.ए. : मान्यता प्राप्त िवश्विवद्यालय/महािवद्यालय से ।
: (संस्कृ त माध्यम से शास्त्री/B.A को वरीयता दी जाएगी)
प्रथमपत्रम् : ऄयनवायत पत्र (सभी के यलए)
मूलयवषय : ऄधोयलयिर् -
व्याकरण सािहत्य ज्योितष धमिशास्त्र
वेद दशिन योग िहन्दू ऄध्ययन

यवशेष यनयम :
 िजन अवेदकों ने बी.ए. (सस्ं कृ त)/अचायि/एम.ए, ऄथवा वेदालक ं ार/िवद्यालक
ं ार की ईिािध प्राप्त की है, वे
अचायि/एम. ए. स्तर िर सािहत्य/धमिशास्त्र/दशिन/ज्योितष/वेद/योग/िहन्द-ू ऄध्ययन व व्याकरण िवषय ले सकते
है ।
 अचायिः (M.A.) कक्षा षाण्मािसकी िरीक्षा प्रणाली के ऄनुसार दो वषाित्मक होगा िजसमें षाण्मािसक चार सत्र
होंगे
 सत्र 2021-22 से िवश्विवद्यालय द्वारा िहन्द-ू ऄध्ययन िशक्षा िवषय में स्नातकोर्त्र िद्ववषीय िाठ्यिम अरम्भ
िकया गया है िजसमें िहन्दू धमि के वैिशष्ट्य और िरम्िराओ ं िर अधाररत िाठ्यिम की रचना की गइ है मख्ु य
रूि से तत्त्व, प्रमाण िवमशि, वेद िरम्िरा और शास्त्रों के ऄथि िनधािरण की िर्द्ित, िाश्चात्य ज्ञान मीमांसा,
रामायण, महाभारत, स्थाित्य, लोकवाताि, नाट्य, कला, भाषा िवज्ञान और सैन्य िवज्ञान आत्यािद िवषयों को
शािमल िकया गया है ।
 प्रथम-ित्र अचायि के सभी वगयों के िवद्यािथियों के िलए ऄिनवायि रूि से िढाया जाएगा िजससे संस्कृ त वाङ्मय
की सभी िवधाओ ं के सािहत्य से ईनका सामान्य िररचय हो सके ।
 अचायि सम्िणू ि िाठ्यिम में कुल 20 ित्र होंगे िजनका कुल श्रेयांक 96 होगा, िजनका िववरण ऄधोिलिखत हैः-
i) मख्ु य िवषय के 14 ित्र होंगे, िजनमें प्रत्येक ित्र 5 श्रेयांक का होगा ।
ii) रोजगार िरक िवषय के 4 ित्र होंगे, िजनमें प्रत्येक ित्र 4 श्रेयाकं का होगा ।
iii) शोध प्रिविध एवं िाण्डुिलिि िवज्ञान का 1 ित्र होगा िजसका श्रेयांक 5 होगा ।
iv) लघु शोध प्रबन्ध, शलाका एवं शास्त्रीय व्याख्यान का 1 ित्र होगा िजसका श्रेयांक 4 होगा ।

9
अन्तररक िरीक्षण/प्रदर्त् िनयत कायि - 05
(Internal test/Assignment)
शास्त्र सम्बर्द् सगं ोष्ठी/शास्त्र िररचचाि - 05
(Shastriya paricharcha(seminar/symposia)
िशक्षण स्रोत सामग्री का सचं यन एवं प्रबन्धन - 05
(Learning Resource Maintenance)
ईििस्थित (Attendance) - 05

75% = 01 ऄङ्क,
76% से 80% = 02ऄङ्क,
81% से 85% = 03 ऄङ्क,
86% से 90% = 04 ऄङ्क,
91% से ऄिधक = 05 ऄङ्क देय होंगे।

कुल योग – - 20 ऄङ्क

यटप्पणी :
क) सम्बिन्धत िवषयाध्यािक को अन्तररक मल्ू याङ्कन की ऄक ं तािलका एवं तत् सम्बन्धी सभी मल्ू याङ्िकत
प्रित्रों को िवभागाध्यक्ष के माध्यम से िरीक्षा िवभाग में ऄिनवायि रूि से जमा करना होगा। िजससे अवश्यकता
ऄनसु ार िरीक्षा िवभाग मल्ू याङ्िकत प्रित्रों का िनु िनिरीक्षण और छात्र/ऄिभभावक के मागं ने िर सन्तिु ष्ट हेतु
ऄवलोकनाथि प्रस्ततु कर सके । िरीक्षा िवभाग समग्र प्रित्रों का यथोिचत समय तक रख रखाव िरीक्षा मानदण्डों
के ऄनरू ु ि करे गा।
ख) अचायि िाठ्यिम में प्रवेश के आच्छुक छात्र ऄिने अवेदन ित्र में िवषयों के चयन हेतु प्राथिमकता के िम से
िवषयों का ईल्लेख करें गे ।

10
से र्ु परीक्षा
1. िजस छात्र/छात्रा ने िू वि में सं स्कृ त िवषय नहीं िलया है वह छात्र/छात्रा शास्त्री कक्षा में प्रवे श ले
सकता है । ले िकन ईन िवद्यािथि यों को से तु िरीक्षा का िाठ्य िम ईर्त्ीणि करना ऄिनवायि होगा।
2. िजस छात्र/छात्रा के िास सं स्कृ त नहीं है वह छात्र/छात्रा अचायि कक्षा में प्रवे श ले सकते हैं ।
ले िकन ईन िवद्यािथि यों को से तु िरीक्षा का िाठ्य िम ईर्त्ीणि करना होगा।
3. आस से तु िरीक्षा में शास्त्री/अचायि कक्षा के ऄभ्यथी/छात्र को छः िवषयों/ित्रों का षाण्मािसक
िाठ्य िम का ऄध्ययन कर िरीक्षा ईर्त्ीणि करना ऄिनवायि होगा।
4. िरीक्षा ईर्त्ीणि करने वाला छात्र/छात्रा ही शास्त्री/अचायि के प्रथम सत्रार्द्ि की िरीक्षा दे सकें गे ।
5. से तु िाठ्य िम में सामान्य सं स्कृ त ज्ञान, व्यवहाररक सम्भाषण, सं स्कृ त सािहत्य का ज्ञान,
सं स्कृ त व्याकरण, श्लोकोच्चारण अिद का ऄध्ययन ऄिनवायि होगा।
6. आसमें िमशः िनम्निलिखत ित्रों का ऄध्ययन होगा :-
क) प्रथम ित्र - व्याकरण
ख) िद्वतीय ित्र - भाषा-प्रवे श
ग) तृ तीय ित्र - िद्य सािहत्य
घ) चतु थि ित्र - गीता एवं नाटकम्
ङ) िञ्चम ित्र - भाषा कौशल िवकास
च) षष्ठ ित्र - कथा सािहत्यम्
7. से तु िरीक्षा में ईर्त्ीणि छात्र का ही शास्त्री/अचायि के सत्रार्द्ि िरीक्षा का िररणाम घोिषत िकया
जाएगा।
8. िरीक्षा में ऄनु र्त्ीणि िवद्याथी का नामां क न िनरस्त कर िदया जाएगा व ऄिग्रम िरीक्षा में भी बै ठ ने
नहीं िदया जाएगा।

यडप्लोमा पाठ्यक्रम

1. योग-प्रमाणित्रीय 2. ज्योितष-प्रमाणित्रीय
3. कमिकाण्ड-प्रमाणित्रीय 4. वेद-प्रमाणित्रीय
5. वास्त-ु प्रमाणित्रीय 6. अयवु दे -प्रमाणित्रीय
7. भाषा-प्रिशक्षण-प्रमाणित्रीय 8. कमिकाण्ड/ िौरोिहत्य-प्रमाणित्रीय
9. वैिदकगिणत-प्रमाणित्रीय

यवशे ष :

1. ऄं श कािलक-िाठ्य िमों में प्रवे श -ऄहि ता योग्य ता के ऄनु सार वरीयता-सू ची के अधार िर
साक्षात्कार के माध्यम से िकया जाएगा।
2. योग की प्रायोिगक-कक्षाएं प्रातः 6.30 से 9.30 तक होंगी तथा दो िदन सै र्द्ां ितक-कक्षाएं होंगी ।

11
3. िकसी भी िाठ्य िम में प्रवे श -हे तु बाह्य-ऄभ्यिथि यों एवं िवश्विवद्यालय में ऄध्ययनरत छात्र/छात्राओ ं
से एक समान प्रवे श -शु ल्क िलया जाएगा।
4. िरीक्षा में सिम्मिलत होने हे तु छात्र/छात्रा की प्रायोिगक एवं सै र्द्ां ितक कक्षा में कम से कम 80%
ईििस्थित ऄिनवायि होगी।
5. ऄं श कािलक-िाठ्य िमों में प्रिवष्ट-छात्रों को िवश्विवद्यालय द्वारा ऄं श कािलक-िाठ्य िमों को
सं चािलत करने हे तु समय-समय िर िनधाि ररत-िनयमों का िालन करना ऄिनवायि होगा। िकसी
िनयम की ऄस्िष्टता या नए िनयम की अवश्यकता की िस्थित में कु लिित का िनणि य प्रभावी होगा।
6. िजन ऄं श कािलक-िाठ्य िमों में प्रवे श -हे तु अवे द कों की सं ख्या 10 से कम हो, तो ईस िाठ्य िम
को आस सत्र में सं चािलत नहीं िकया जाएगा ।

9. शोध एवं प्रकाशन यवभाग


िवश्विवद्यालय में शोध एवं प्रकाशन िवभाग स्थािित है । िजसके ऄन्तगित िस्ु तक प्रकाशन, शोध िित्रका अिद
का प्रकाशन िकया जा रहा है ।
10 राष्ट्रीय कै डेट कोर (NCC)
NCC िवश्विवद्यालय द्वारा प्रस्तािवत है िजसमें िजसमें िवश्विवद्यालयीय अचायि सदस्य हैं । म०वा०सं०
िवश्विवद्यालय द्वारा वषि 2021 में NCC को प्रस्तािवत िकया गया । आससे संबंिधत कायि ऄभी प्रगित िर है ।

11 राष्ट्रीय सेवा योजना NSS

िवश्विवद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना िणू ति ः िियाशील है तथा आसके स्वयं सेवक ऄिने िदािधकाररयों के
नेतत्ृ व में स्वच्छता, शराबबंदी, दहेज ईन्मल ू न, मिहला सशक्तीकरण, ियािवरण, नागररक िशक्षा, सामािजक सद्भाव,
मानवािधकार की सरु क्षा, बेटी बचाओ-ं बेटी िढाओ, कै शलेश व्यवस्था, रैिफक िनयंत्रण, खल ु े शौच से मिु क्त, एड्स
िनयत्रं ण एवं रक्तदान अिद के िलए जनजागरण ऄिभयान चलाते रहे हैं ।
12 IQAC अन्र्ररक गुणवत्ता प्रत्यायन पररषद् Internal Quality Assurance Cell
NAAC के िनदेशानसु ार आस िवश्विवद्यालय में एक IQAC (Internal Quality Assurance Cell) है। आस
Cell की िनयिमत बैठकें अयोिजत की जाती हैं तथा िकए गए काययों की समीक्षा की जाती है ।
13 यनगरानी पररषद् Vigilance Cell
वतिमान में आस िवश्विवद्यालय के ऄन्तगित कोइ िनगरानी िररषद् गिठत नहीं है। तत्काल प्रशासिनक स्तर िर ही
िवश्विवद्यालय और महािवद्यालयों के कायिकलािों िर िनगरानी रखी जाती है। शीघ्र ही स्वतन्त्र रूि से प्रथमतः
िवश्विवद्यालय स्तर िर िनगरानी कोष्ठ (Vigilance Cell) के गठन की कायिवाही की जाएगी ।

12
14 युवा कल्याण यवभाग Department of Youth Welfare

ऄध्यक्ष, छात्र कल्याण कायािलय में ही यवु ा कल्याण िवभाग कायिरत है। िजसके ऄध्यक्ष िदेन ऄध्यक्ष, छात्र
कल्याण होते हैं ।
15 क्रीड़ा यनदेशालय Directorate of Sports

िवश्विवद्यालय के ऄन्तगित िीडा िवभाग स्थािित है जो ऄध्यक्ष छात्र कल्याण के ऄधीन संचािलत है ।
िवश्विवद्यालय में िवगत वषयों में आस िवभाग के द्वारा कबड्डी, वॉलीवॉल, एथलेिटक्स, योग अिद िीडािवधाओ ं का
अयोजन िकया जाता रहा है । राजभवन के िनदेशानसु ार अयोिजत एकलव्य एवं तरंग प्रितयोिगताओ ं में आस
िवश्विवद्यालय के छात्र भाग लेकर िरु स्कार प्राप्त करते रहे हैं । िवश्विवद्यालय में आस िवभाग के द्वारा समय–समय िर यवु ा
महोत्सव का भी अयोजन िकया जाता है ।
16 ऄन्र्जातलीय प्रकल्प - Web Portal
महिषि वाल्मीिक संस्कृ त िवश्विवद्यालय सविदा से ही सवे भवन्र्ु सुयिनः आस सत्रू को ध्यान में रखते हुए समस्त
राष्ट्र कल्याण के िलए किटबर्द् है ।
17 ई पयत्रका – E-Magazine
महिषि वाल्मीिक संस्कृ त िवश्विवद्यालय द्वारा महयषत प्रभा मायसक ई-पयत्रका प्रकािशत की जाती है । िजसमें
िवश्विवद्यालय के गितिविधयााँ एवं प्रगित िववरण के साथ साथ ज्ञान िवज्ञान िरक अलेख िवश्विवद्यालय के िशक्षकों एवम्
ऄध्ययनरत छात्र एवं छात्राओ ं द्वारा प्रकािशत िकया जाता है । आसमें िवशेष रूि से प्रितयोिगता िरीक्षाओ ं को दृिष्टगत
करते हुए छात्र एवं समाज के िलए प्रकाशन िकया जाता है ।
18 क्रीडा
िवश्विवद्यालय में िीडा सम्बिन्धत व्यवस्थाऐ ं अरंभ हो चक ु ी हैं, िीडा के ईिकरण शीघ्राितशीघ्र ईिलधध कराने
का प्रयत्न है । आस िर भी िवश्विवद्यालय के छात्रों ने ऄतं िविश्विवद्यालयीय प्रितयोिगताओ ं में िरु स्कार भी प्राप्त िकये हैं ।
19 सांस्कृयर्क गयर्यवयधयां – Cultural Activities
िवश्विवद्यालय द्वारा िवद्यािथियों के सवांगीण िवकास के िलए समय समय िर ऄनेक सास्ं कृ ितक ,सामािजक एवं
धािमिक गितिविधयों के अयोजन करवाए जाते हैं ।
20 स्वस््य के न्र
िवश्विवद्यालय में समय-समय िर स्वास््य िशिवर लगाये जाते रहे है । कोरोना काल में िशिवर लगाकर िनशल्ु क कोरोना
िरीक्षण िकया गया है । स्वास्थय के संदभि में िवश्विवद्यालय में कायिशालाओ ं एवं संगोिष्ठयों का अयोजन होता रहा है ।

13
21 यवकास र्था उपलयधधयााँ Developments and Achievements
िवकास व ईिलिधधयााँ-िवश्विवद्यालय का कायि िनरंतर प्रगित िर है ।भवन िनमािण कायि प्रारम्भ हो चक
ु ा है।
वतिमान मे डा०भीमराव ऄबं ेडकर महािवद्यालय में कक्षाऐ ं चल रही हैं।

उपलयधधयां- िवश्विवद्यालय के िवद्याथी ऄनेक महािवद्यालयों व िवश्विवद्यालयों मे िविभन्न राष्ट्रीय एवं ऄन्तरािष्ट्रीय
प्रितयोिगताओ ं में प्रितभािगता कर ऄनेक िाररतोिषक भी प्राप्त कर चक
ु े हैं ।

प्रमु ि कायत
िवश्विवद्यालय ऄिने ईद्देश्यों की प्रािप्त हेतु िनम्निलिखत प्रमख
ु कायििमों और िियाकलािों में कायिरत है:
 स्नातक एवं स्नातकोर्त्र स्तरों िर िरम्िरागत िर्द्ित से संस्कृ त-िशक्षण तथा संस्कृ त के िविभन्न क्षेत्रों में
िवद्यावाररिध (िीएच.डी.) ईिािध हेतु शोध-कायि का संचालन कर रहा है ।
 ईभयिनष्ठ ऄिभरुिच वाली िररयोजनाओ ं के प्रायोजन में ऄन्य सगं ठनों से सहयोग करना ।
 संस्कृ त िस्ु तकालय, िाण्डुिलिि संग्रहालय की स्थािना और दल ु िभ िाण्डुिलिियों एवं महत्त्विणू ि ग्रन्थों का
सम्िादन तथा प्रकाशन करना ।
 स्वीकृ त िनधािररत िाठ्यिम शोध को सतं ोषजनक रूि से िणू ि करके िनधािररत िरीक्षाएाँ ईर्त्ीणि करने वाले छात्र-
छात्राओ ं को ईिािधयााँ और िडप्लोमा प्रमाण-ित्र प्रदान करना ।
 िविजटरिशि, फे लोिशि, छात्रवृिर्त्यााँ, िरु स्कार तथा िदकों का संस्थािन एवं योग्य ऄभ्यिथियों को प्रदान करना

14
22-शै क्ष यणक कै ले ण्डर
महिषि वाल्मीिक सं स्कृ त िवश्विवद्यालयः
Schedule of Academic Calendar for UG & PG Courses for the Session 2022-23
FOR UNDER-GRADUATE (FIRST SEMESTER) COURSES

DURATION
Admissions 01.07.2022 to 05.08.2022
ODD SEMESTER
Orientation Programme 08.08.2022 to 10.08.2022
1ST Teaching Term 12.08.2022 to 30.09.2022
Vacations Durga Pooja 01.10.2022 to 05.10.2022
2nd Teaching Term 06.10.2022 to 21.10.2022
Vacations (Diwali ) 22.10.2022 to 26.10.2022
3nd Teaching Term 27.10.2022 to 10.12.2022
Examinations 12.12.2022 to 04.01.2023

EVEN SEMESTER
1ST Teaching Term 06.01.2023 to 04.03.2023
Vacations ( Holi ) 05.03.2023 to 12.03.2023
2nd Teaching Term 13.03.2023 to 06.05.2023
Examinations 08.05.2023 to 02.06.2023
Summer Vacation 03.06.2023 to 30.06.2023

FOR POST- GRADUATE (FIRST SEMESTER) COURSES

DURATION
Admissions 15.07.2022 to 16.08.2022
ODD SEMESTER
Orientation Programme 17.08.2022 to 19.08.2022
1ST Teaching Term 20.08.2022 to 30.09.2022
Vacations Durga Pooja 01.10.2022 to 05.10.2022
2nd Teaching Term 06.10.2022 to 21.10.2022
Vacations (Diwali ) 22.10.2022 to 26.10.2022
3nd Teaching Term 27.10.2022 to 17.12.2022
Examinations 19.12.2022 to 10.01.2023

EVEN SEMESTER
ST
1 Teaching Term 11.01.2023 to 04.03.2023
Vacations ( Holi ) 05.03.2023 to 12.03.2023
2nd Teaching Term 13.03.2023 to 11.05.2023
Examinations 12.05.2023 to 02.06.2023
Summer Vacation 03.06.2023 to 30.06.2023

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*Examinations be completed of each class within 25-30 days and the evaluation of Answer
Books, etc. be got done in remaining days and during Vacations.
Note:
 The next Academic session 2022-23 will start from 01/08/2023
 If the number of Teaching Days falls less than 180 days (90 days in each semester) in
the academic session of 2022-23 due to some unforeseen reasons, it would be the
responsibilities of each Department Institute/College to make good the loss by
arranging extra classes.
 Changes, if any cause by Covid-19 Pandemic, directions of UGS/ State Government
shall be followed.

23 छात्रवृयत्त*- Scholarship
िवश्विवद्यालय में ऄध्ययन कर रहे छात्रों को छात्रवृिर्त् देने का प्रमख
ु ईद्देश्य सस्ं कृ त िशक्षा ग्रहण करने हेतु छात्रों
को प्रोत्सािहत करना है। हररयाणा सरकार , भारत वषि की िविभन्न संस्थाओ ं के द्वारा एवं सामािजक सहयोग के द्वारा
िनधािररत छात्रवृिर्त्यों को िनिदिष्ट वरीयता िम के ऄनसु ार छात्र -छात्राओ ं को प्रदान की जाएगी । छात्रवृिर्त् की रािश को
िवश्विवद्यालय द्वारा िकसी भी समय कम या ऄिधक िकया जा सकता है।
छात्र-छात्राओ ं को प्रदेय सयु वधाएं
बस सुयवधा
 गााँवों से अने वाले छात्र-छात्राओ ं के िलए हररयाणा सरकार द्वारा िनधािररत हररयाणा रोजवेज की सिु वधानसु ार
बस सिु वधा ।
 कै थल बस-स्टैण्ड से िवश्विवद्यालय तक छात्राओ ं के िवद्यावािहनी बस सिु वधा लगाइ गइ है ।
रेलवे ररयायर्ी यात्रा की सयु वधा
िवश्विवद्यालय िररसर में िंजीकृ त समस्त छात्रों को िजू ावकाश, शीतावकाश एवं ग्रीष्ट्मावकाश के ऄवसर िर
ऄिने गृहनगर जाने तथा िवश्विवद्यालय िररसर वािस अने के िलए रे लवे द्वारा िकराये में छूट दी जाती है। ग्रीष्ट्मावकाश में
ऄिन्तम िरीक्षा में सिम्मिलत छात्रों को के वल घर जाने की सिु वधा दी जायेगी। आस सिु वधा को प्राप्त करने के िलए छात्र
द्वारा अवेदन करने िर कायािलय द्वारा अवश्यक प्रित्र िनगित िकये जाते हैं। यात्रा अरम्भ से एक सप्ताह िहले अवेदन
ित्र कायािलय में प्रस्ततु करना होगा। ऄवधेय है िक रे लवे के िनयमानसु ार यह छूट के वल 25 वषि से कम अयु वाले छात्रों
को ही ईिलधध है िकन्तु शोध-छात्र के िलए ऄवकाश ऄथवा गृहनगर का बन्धन नहीं है। वे ऄिने शोध-िनदेशक की
संस्तिु त िर शोध कायि करने के िलए िकसी भी समय भारत के िकसी भी नगर की रे लवे छूट िर यात्रा कर सकते हैं।
24 पुस्र्कालय Library

िवश्विवद्यालय में ससु मृर्द् तथा िवशाल ग्रन्थालय की सिु वधा िवद्यमान है। आनमें प्राच्य िवद्या तथा संस्कृ त शास्त्रों के दल
ु िभ
ग्रन्थ ईिलधध हैं। िनयिमत रूि से शोध-ित्र तथा िित्रकाएाँ भी अती रहती हैं।

17
िवश्विवद्यालय के सभी िवभागों को िनधािररत िस्ु तकालय िनयमों का िालन करना होगा िजन्हें सभी िवभाग
ऄिने-ऄिने िस्ु तकालय में प्रदिशित करें ग,े यिद ईनके िवभाग में िृथक् िवभागीय िस्ु तकालय होगा ।
25 प्रयोगशाला सुयवधा
िवश्विवद्यालय में प्रयोगशाला की सिु वधा है। प्रमख
ु रूि से कम्प्यटू र प्रयोगशाला, मनोिवज्ञान प्रयोगशाला,
शैक्षिणक तकनीकी प्रयोगशाला तथा भाषा िशक्षण प्रयोगशाला आत्यािद प्रयोगशालाएाँ ईिलधध हैं। िवश्विवद्यालय के सभी
िवभागों को िनधािररत प्रयोगशाला िनयमों का िालन करना होगा िजन्हें सभी िवभाग ऄिने-ऄिने प्रयोगशाला में प्रदिशित
करें ग,े यिद िृथक् प्रयोगशाला है तो ।
26 छात्रावास – Hostel
िवश्विवद्यालय द्वारा छात्र व छात्राओ ं के िलए छात्रावास की सिु वधा ईिलधध है ।
27 सस्ं कृर् सम्भाषण एवं लेिन Sanskrit Speaking and Writing

सभ
ं ाषण कक्षा-प्रत्येक सत्र प्रारम्भ होने से िहले िवश्विवद्यालय द्वारा सस्ं कृ त सभं ाषण कक्षाओ ं का अयोजन िकया
जाता है । िजससे िवषय प्रवेश मे िवद्यािथियों को सरलता हो सके ।

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28. प्रशासयनक ऄयधकारी एवं यवभागाध्यक्ष
प्रशासयनक ऄयधकारी

1. प्रो. रमेशचन्र भारद्वाज कुलिित


2. -------------------- कुलसिचव , ऄिधष्ठाता महािवद्यालय (ऄितररक्त प्रभार)
3. डॉ. रिव भषू ण गगि ईिकुलसिचव
4. डॉ. जगत नारायण कौिशक ऄिधष्ठाता छात्र कल्याण एवं कुलानश
ु ासक
5. डॉ. सरु े न्र िाल वत्स िरीक्षा िनयन्त्रक
6. डॉ. शिशकान्त ितवारी यवु ा कल्याण एवं जन सम्िकि ऄिधकारी
7. डॉ.ऄिखलेश कुमार िमश्र िस्ु तकालय प्रभारी
8. श्री सश
ु ील काजला िवर्त् ऄिधकारी
9. श्री दशिन कौिशक ऄधीक्षक (प्रशासन)
10. श्री सभ
ु ाष चन्द ऄधीक्षक (िरीक्षा एवं शैक्षिणक)

यवभागाध्यक्ष

नाम यवभाग
1. डॉ. जगत नारायण कौिशक सािहत्य
2. डॉ. सरु े न्र िाल वत्स व्याकरण
3. डॉ. रामानन्द िमश्र योग
4. डॉ. शिशकान्त ितवारी दशिन
5. डॉ.नरे श शमाि ज्यौितष
6. डॉ. ऄिखलेश कुमार िमश्र वेद
7. डॉ. कृ ष्ट्णचन्रिाण्डेय िहन्दू ऄध्ययन
8. डॉ. शिमिला धमिशास्त्र

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