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History Literature
History Literature
आधधहनक कसल
इककाई -१
हहिन्ददी सकाहहित्य कका आधहध निक ककाल :एक पहरिचय
Dr Rajan T K
Assistant Professor of Hindi
SDE, University of Kerala
Thiruvananthapuram
पपरसतसवनस
उदलर तत्ककालदीनि सवयकध त परिप कान्त कक दफतरिलव कदी भकाषका बनि गयदी
हहिन्ददी धमर ,परिध काण आहद सनिध निक -सनिध कानिक कदी भकाषका
गकासकार द तकासदी,सशयद अहिमद ,रिकाजका हशवपरिप सकाद हसतकारिक हहिन्द
आहद उदलर कक समथरक
रिकाजका लकमण हसवहि ,भकारितकन्दध हिहरिशचन्दपरि –हहिन्ददी कक पकधरि
सवसमद दयसननद सरसवहत कद हहनदद सलवस
आयर समकाज कदी सथकापनिका (1875 )
वश हदक धमर कक समथरक
सत्यकाथर परिप ककाश कदी रिचनिका कदी (पहरिमकाहजरत हहिन्ददी मम )
खडद-बबलद कल पपरसरनहभक रचनसकसर
1884 - परिप यकाग मम हहिन्ददी उदकाहरिणदी परिप हतहनिहध सभका कदी सथकापनिका
1893 – ककाशदी निकागरिदी परिप चकाहरिणदी सभका कका सथकापनि
बकाब ल शयकामसन्ध दरि दकास,पव.रिकामनिकारिकायण हमशरिप ,हशवकधमकारि हसवहि आहद
कका निकतत्त व
निकागरिदी अकरिलव कका परिप चकारिऔरि हहिन्ददी सकाहहित्य कल समद त करिनिका आहद
मखध य लकय
परिप काचदीनि हिसतहलहखत पसध तकलव कदी खलज ,उत्कतष्ट पसध तकलव कका
परिप ककाशनि,हहिन्ददी शब्द सकागरि, हहिन्ददी वयकाकरिण,हहिन्ददी सकाहहित्य कका
इहतहिकास आहद गरिप थ व लव कका परिप ककाशनि
समकाचकारि पतरिप एवव पहतरिप ककाओव कका परिप ककाशनि
दपहववलदद यग
ध दन हनबनध
यगध कदी सबसक महित्वपण ल र हवधका
आचकायर महिकावदीरिपरिप सकाद हदवकददी ,पव.मकाधवपरिप सकाद हमशरिप बकाब ल
बकालमक ध ध न्द गप्ध त, शयकामसदव ध रि दकास, चवदरिप धरि शमकार गल
ध रिक दी –परिप मख
ध
हनिबवधककारि
कछध आ धमर मज़दलरिदी औरि परिप कम, सच्चदी वदीरित ,हशवशम्भ ल कक हचट्ठक -
परिप मख
ध हनिबवध रिचनिकाएय
हवचकारि परिप धकानि हनिबन्धलव कदी रिचनिका
भकाषका शशलदी मम परिप नौढ़तका
सकाहहिहत्यक एवव वश चकाहरिक हनिबवधलव परि धयकानि दकनिका
दपहववलदद यधग :उपनयसस
हहिन्ददी उपन्यकासलव कदी अहवहच्छन्नि परिवपरिका इस यगध मम पपरिकारिवभ हिधई |
हकशलरिदी लकाल गलसवकामदी ,लजजकारिकाम शमकार ,अयलदकाहसवहि उपकाधयकाय ,
रिकाहधककारिमण पपरिसकाद हसवहि,गलपकालरिकाम गहिमरिदी-पपरिमखध उपन्यकासककारि |.
हजवदक कदी लकाश ,हतलसमदी शदीशमहिल ,लदीलकावतदी -जकासस ल दी उपन्यकास
(हकशलरिदीलकाल गलसवकामदी)
सरिकटदी लकाश, जकासस ल कदी भल ल ,गप्ध त भकद –जकासस ल दी उपन्यकास (गलपकालरिकाम
गहिमरिदी )
अयलधयकाहसवहि उपकाधयकाय-ठक ठ हहिन्ददी कका ठकाठ ,अधहखलका फलल- सध ध कारिवकाददी
उपन्यकास (हहिन्दल समकाज कदी कध रिदीहतयलव कक हखलकाफ )
मनिलरिवजनि ककहलए हलखका गयका उपन्यकास
उपदकशकात्मक वहत त एवव सध ध कारिवकाददी दतहष्ट
दपहववलदद यग
ध दन कहवतस
खडदी-बललदी –ककावय कदी भकाषका
परिप बवध ककावय हलखनिक कका परिप यकास
रिदीहतवकाद कका हवरिलध
ललक जदीवनि –ककावय कका हवषय
परिप कतहत औरि जदीवनि कका सकामवजसय
अयलधयकाहसवहि उपकाधयकाय ‘हिहरिऔध’,शरिप दीधरि पकाठक , मशहथलदीशरिण
गप्ध त ,गलपकालशरिण हसवहि –परिप मखध रिचनिकाककारि
हपरिप यपरिप वकास , एककावतवकासदी यलगदी ,भकारित भकारितदी ,सकाककत
यशलधरिका ,हमलनि ,पहथक –परिप मख ध रिचनिकाएय
दपहववलदद यधगदन कसवय कद पपरववहतयसय
रिकाष्टप रिदीयतका,दकशपरिप कम,अतदीत गनौरिव
परिप बवध रिचनिका कदी परिप वहत त
निशहतकतका एवव आदशरवकाद
परिप कतहत हचतरिप ण
सकामकाहजक समसयकाओव कका हचतरिप ण
दपहववलदद यधग :कहसनद
परिप सतकावनिका
सकामकाहजक,रिकाजनिदीहतक,सकावसकतहतक पहरिवकश कका पहरिचय
हहिन्ददी सकाहहित्य कदी नियदी रिदीहतयलव परि हवचकारि करिनिका
आधहध निक रिचनिकाककारि एवव उनिकदी रिचनिकाएय
सवकातवतयलतरि सकाहहित्य कदी मल ल परिप वहत तयकाय
सवसतनतयबतर हहनदद ससहहतय :हवशलषतसएय
हवभकाजनि कदी तरिप कासददी –सबसक बड़दी समसयका
गकायवलव सक शहिरि कदी ओरि जकानिक कदी समसयका
अककलकापनि कदी मकानिहसकतका
निकारिदी हशकका मम परिप गहत
निकारिदी समसयका –सवकावलवबदी निकारिदी कका हचतरिप ण
पकाहरिवकाहरिक जदीवनि ,‘निरि-निकारिदी सम्बन्ध आहद कदी अहभवयहकत
अहसतत्ववकाददी दशरनि कका परिप भकाव
मलहिभवग,कणतका ,वयवग आहद कका हचतरिप ण
दहलत चलतनस
सतरि कक बकाद आयक एक नियका सकाहहिहत्यक आन्दललनि
समकाज सक बहहिष्कतत दहलत समकाज कदी समसयकाओव कदी अहभवयहकत
डकाय.जयपरिप ककाश कदरम ,ओमपरिप ककाश वकालमदीहक ,सरिल जपकाल
चनौहिकानि आहद परिप हसद रिचनिकाककारि
जठ ल नि (आत्मकथका ) छप्परि (परिप थम उपन्यकास) बस बहिधत हिल
चकध का हिश (कहवतका ) सलकाम , घस ध पशहठए (कहिकानिदी )
जकातदीयतका,वणर-वयवसथका ,अवधहवशवकास ,छध आछल त आहद कका हवरिलध
सकामकाहजक एवव रिकाजनिदीहतक मकानि-सम्मकानि ककहलए सवघषर
सवसतनतयबतर हहनदद ससहहतय: नसरद चलतनस
निकारिदी समकाज कदी समसयकाओव कदी अहभवयहकत
सकामकाहजक औरि रिकाजनिदीहतक मकानि-सम्मकानि ककहलए सवघषर
निकारिदी सवतवतरिप तका एवव समकानितका मखध य सवरि
ममतका ककाहलयका, मशतरिप यदी पष्ध पका, उषका हपरिप यववदका, मदत ल
ध का गगर, परिप भका
खकतकानि, हचतरिप का मदध गल, ककात्यकायनिदी -परिप मख ध महहिलका लकखक
सकात भकाईयलव कक बदीच चवपका, सदीमका रिकखका, मग हकसकदी औरित हिलय ,
अन्यका सक अनिन्यका, हज़वदगदीनिकामका, शकषयकातरिप का, अलमका कबत ल रिदी,
हमतरिप ल मरिजकानिदी-परिप हसद रिचनिकाएय
उतरसधधहनकतस
सलहवयत सवघ कक हवघटनि कक बकाद उतरिकाधहध निकतका कका परिप चकारि-
परिप सकारि हिधआ
उपकहकत जनितका कदी हचवतका करिनिक कका दकावका करितका हिश
समकासयकाओव कल सकामकानि रूप सक दकखनिक कका परिप यकास (हकसदी भदी
समसयका कल परिप काधहमकतका निहिदी व हिश
वयवग्य कदी परिप वहत त बढ़निक लगदी
कहवतका गद कक हनिकट आयदी
कहिकानिदी मम आत्मकालकाप कदी परिप वहत त निज़रि आनिक लगदी
सवसतनतयबतर कहवतस
निई कहवतका कदी शधरआत
1951-दलसरिका सप्तक,1953-तदीसरिका सप्तक –अजकय (सवपकादक)
हिहरिनिकारिकायण वयकास,भवकानिदीपपरिसकाद हमशपरि ,शमशकरिबहिकादधरि हसवहि,निरिकश मकहितका ,शकध न्त
मकाथधरि ,रिघधवदीरि सहिकाय,औरि धमरवदीरि भकारितदी –दलसरिक सप्तक कक पपरिमधख कहव
पपरितकापनिकारिकायण हतपरिपकाठदी,कधय वरि निकारिकायण,कदीहतर चनौधरिदी ,सवर शवरिदयकाल सकसकनि
्का,मदनि वकात्सयकायनि ,औरि हवजयनिकारिकायण सकाहिदी -तदीसरिक सप्तक कक कहव
कहवतका कदी हनिजतका कदी सधरिकका –पपरियलगवकाददी ककावय कदी हवशकषतका
मलहिभवग एवव उससक उत्पन्नि वयवग हवदपरूपतका कदी मनिहसथहत कका हचतपरिण
लघध मकानिव कदी पपरिहतष्ठका –निई कहवतका कदी हवशकषतका
शमशकरिबहिकादधरि हसवहि,अजकय आहद कदी रिचनिकाएय उललकखनिदीय
अकहवतका –(1960 कक बकाद)-परिम्परिका कल पण ल र रूप सक निककारिनिक कदी पपरिवहत त
पपरगहतशदल कसवयधसरस
शमशकरिबहिकादधरि हसवहि,निरिकश मकहितका ,हगहरिजकाकधमकारि
मकाथरिध ,भवकानिदीपरिप सकाद हमशरिप ,महध कतबलध धहल मल आहद
हबम्बलव कका परिप यलग,मकानिव कक दल पकलव कदी अहभवयहकत -सवकाथर एवव
आदशरवकाददी,अवसरिवकाददी,सहध वधका जदीवदी मकानिव कका हचतरिप ण,
सकामकाहजक यथकाथर कका हचतरिप ण,छव द,अलवककारि आहद कका निककारि
सवसद सक सड़क तक,कल सनिध निका मझ ध क,कधआनिल निददी,यहिकाय सक
दकखल,चकायद कका महिय ध टक ढ़का आहद चहचरत कहवतकाएय
चवदरिप ककावत दकवतकालक,मवगलकश डबरिकाल,अरण कमल,अनिकाहमक
्का,निदीलकश रिघवध वशदी,आललक धन्वका ,सहवतका हसवहि -समककालदीनि
कहव
सवसतनतयबतर उपनयसस
आवचहलक उपन्यकास –फणदीशवरिनिकाथ रिकण,ध भशरिवपपरिसकाद गधप्त ,रिकाहिदी मकासमल रिकाजका ,अब्दधल
हबहसमललकाहि-पपरिमधख उपन्यकासककारि
मशलका आयचल,रिहतनिकाथ कदी चकाचदी, बलचनिमका ,अवधका गकायव, झदीनिदी झदीनिदी बदीनिदी चदहरियका –
पपरिमधख रिचनिकाएय
रिकाजनिदीहतक उपन्यकास-यशपकाल अमत त लकाल निकागरि,भदीष्म सकाहिनिदी –पपरिमधख रिचनिकाककारि
झठल का –सच ,बदयल औरि समधदरिप ,तमस-चहचरत उपन्यकास
सकामकाहजक-पकाहरिवकाहरिक उपन्यकास-मलहिनि रिकाककश,भगवतदीचरिण वमकार, रिकाजकन्दपरि
यकादव,उपकन्दपरिनिकाथ अशक ,रिमकाककावत पहसद रिचनिकाककारि
ल क हबसरिक हचतपरि,अयधकरिक बन्ध कमरिक,हगरितदी ददीवकारिम आहद पपरिहसद रिचनिकाएय
टक ढक मकढ़क रिकासतक,भल
सवसतनतयबतर उपनयसस
अहसतत्ववकाददी उपन्यकास –अपनिक अपनिक अजनिबदी,शकखरि एक जदीवनिदी पपरिहसद
उपन्यकास –अजकय पपरिमधख रिचनिकाककारि
ऐहतहिकाहसक उपन्यकास-वन्त दकावनिलकाल वमकार,रिकाहिधल सकावकतत्यकायनि,चतधरिसकनि
शकासतपरिदी,अमत त लकाल निकागरि ,आचकायर हिजकारिदी पपरिसकाद हदवकददी –पपरिमधख
रिचनिकाककारि
मगत नियनिदी,हसवहि सकनिकापहत,वश शकालदी कदी निगरि वधध,अनिकामदकास कका पलथका ,पधनिनिरवका
आहद –पपरिहसद रिचनिकाएय
महिकानिगरिदीय उपन्यकास-जगदवबकापपरिसकाद ददीहकत ,पवकज हबष्ट ,मवनिभ ध ड
व कारिदी अलकका
सरिकावगदी -पपरिहसद रिचनिकाककारि
आप कका बवटदी,कहलकथका वकायका बकाईपकास ,लकहकनि दरिवकाज़का ,-उललकखनिदीय
रिचनिकाएय
सवसतनतयबतर कहसनद
1955ई॰ सक निई कहिकानिदी आन्दललनि कदी शर ध आत
हशवपरिप सकाद हसवहि ,मकारिकवडकय,फणदीशवरिनिकाथ रिकण,ध मलहिनि
रिकाककश,कमलकशवरि ,कतष्णका सलबतदी, भदीष्म सकाहिनिदी ,रिकाजकन्दपरि यकादव
–आहद उललकखनिदीय रिचनिकाककारि
दकाददी मकाय,गल ध रिक का कक बकाबका ,तदीसरिदी कसम,एक औरि हज़वदगदी ,रिकाजका
हनिरिकाबवहसयका,हमतरिप ल मरिजकानिदी,चदीफ कदी दकावत ,वकापसदी –चहचरत
कहिकाहनियकाय
आवचहलकतका ,निए पकाहरिवकाहरिक सवबध व , भरिप ष्टकाचकारि ,हशहकत एवव
निनौकरिदी परिप काप्त निकारिदी कदी समसयका,बज ध गध र कदी हिकालत,निए सतरिप दी-
पर ध ष सम्बन्ध आहद समसयकाओव कदी अहभवयहकत
सवसतनतयबतर नसरक एवन एकसनकद
मत्त यज
व ध य,शकहवजय,कलणकाकर,पहिलका रिकाजका ,अवधकायगध ,आषकाढ़ कका
एक हदनि,आधक अधरिल क ,लहिरिलव कका रिकाजहिवस ,आठवकाय सगर
,मकाधवदी,कबदीरिका खडका बकाज़कारि मम –परिप मख ध निकाट्य कतहतयकाय
जगददीशचन्दपरि मकाथरिध ,धमरवदीरि भकारितदी,मलहिनि रिकाककश
,लकमदीनिकारिकायण लकाल,सरिध कन्दपरि वमकार ,भदीष्म सकाहिनिदी –परिप हसद
निकाटकककारि
उपकन्दपरिनिकाथ अशक,भवध निकशवरि,हवष्ण ध परिप भकाकरि ,हवनिलद रिसतलगदी
आहद-एककावकदीककारि
इन्सकानि ,दस बजक रिकात,सटप रिकाइक, लकमदी कका सवकागत, कफयर
्ल,आज कका आदमदी आहद परिप मख ध रिचनिकाएय
सवसतनतयबतर ससहहतय –हनबनध
आचकायर हिजकारिदी परिप सकाद हदवकददी ,अजकय ,रिकामवक त बकनिदीपरिध दी,डकाय
निगकन्दपरि,हिहरिशवकरि परिसकाई ,बकाब ल गल
ध काबरिकाय हशवपज ल नि सहिकाय –
परिप मखध हनिबवधककारि
कधटज,हशरिदीष कक फलल,भकारितदीय सवसकतहत कदी दकनि ,बरिप ज भकाषका
कका गद,हफरि हनिरिकाशका कयलव ,मनि कदी बकातम,आत्मनिकपद ,हतरिप शवक
्ध,सदकाचकारि कका तकाबदीज –परिप मख ध हनिबवध सकाहहित्य
वश चकाहरिक,भकावकात्मक, हववरिणकात्मक ,वणरनिकात्मक,आत्मपरिक
हनिबवधलव कका सज त नि
सकामकाहजक,रिकाजनिदीहतक समसयकाओव कदी अहभवयहकत
सवसतनतयबतर समसलबचनस
आचकायर निवददधलकारिक वकाजपकयदी ,आचकायर हिजकारिदी परिप सकाद हदवकद
्दी,डकाय॰निगकन्दपरि ,डकाय॰रिकामहवलकास शमकार ,डकाय॰निकामवरि हसवहि
हशवदकानिहसवहि चनौहिकानि –परिप हसद आललचक
हहिन्ददी सकाहहित्य बदीसवदी व सददी,आधहध निक सकाहहित्य,हहिन्ददी सकाहहित्य कदी
भहल मकका ,कबदीरि,सकाककत :एक अधययनि,रिस हसदकावत ,परिप गहत औरि
परिम्परिका ,परिप गहतशदील सकाहहित्य कदी समसयकाएय,कहिकानिदी औरि निई
कहिकानिदी,छकायकावकाद,परिप गहतवकाद –चहचरत आललचनिकात्मक गरिप न्थ
गद कद अनय हवधसएन
हरिपलतकारज,आत्मकथका,जदीवनिदी
,रिकखकाहचतरिप /सवसमरिण,यकातरिप कावत त कावत ,जकानि सकाहहित्य ,पतरिप सकाहहित्य
आहद
हरिपलतकारज- तफ ल कानिलव कक बदीच (रिकावगकय रिकाघव),यद ध यकातरिप का (धमरवदीरि
भकारितदी)लकमदीपरिध का (हशवदकानिहसवहि चनौहिकानि),लकाल धरितदी
(अमत त रिकाय )
आत्मकथका –अदर कथकानिक-(बनिकारिसदीदकास जशनि) –हहिन्ददी कदी
पहिलदी आत्मकथका
हसहिकावललकनि (यशपकाल),मकरिदी असफलतकाएय(गल ध काबरिकाय),मकरिदी
जदीवनियकातरिप का (रिकाहिधल सकावकतत्यकायनि )अपनिदी धरितदी अपनिक
ललग(रिकामहवलकास शमकार )
गद कद हवहभनन हवधसएय
जदीवनिदी -अमत त रिकाय,रिकामहवलकास शमकार ,हवष्णध पपरिभकाकरि,--पपरिमधख रिचनिकाककारि
कलम कका हसपकाहिदी(अमत त रिकाय)आवकारिका मसदीहिका (हवष्णध पपरिभकाकरि ),हनिरिकालका कदी
सकाहहित्य सकाधनिका(रिकामहवलकास शमकार),पन्त कदी जदीवनिदी (शकाहन्त जलशदी) महित्वपण ल र
रिचनिकाएय
रिकखकाहचतपरि /सवसमरिण-महिकादकवदी वमकार ,रिकामवक त बकनिदीपधरिदी,आचकायर हवनियमलहिनि शमकार
,जगददीशचवदरिप मकाथधरि –पपरिहसद रिचनिकाककारि
अतदीत कक चलहचतपरि ,समहत त कदी रिकखकाएव,पथ कक सकाथदी(महिकादकवदी वमकार),रिकखकाएव औरि
रिवग(हवनियमलहिनि शमकार),मकाटदी कदी मरिल तम,लकाल तकारिका(रिकामवक त बकनिदीपधरिदी), दस तसवदीरिम
(जगददीशचन्दपरि मकाथधरि)-पपरिहसद रिकखकाहचतपरि
जकानि कका सकाहित्य-शब्दकानिधशकासनि (हकशलरिदीदकास वकाजपकयदी ),हहिन्ददी हवशवकलश (ककाशदी
निकागरिदी पपरिचकाहरिणदी सभका )सकाहहित्य कलश(जकानिमवडल ,बनिकारिस)
पतपरि सकाहहित्य-हशवशवभ ध कक हचट्ठक (बकालमधकधन्द गधप्त)हमतपरि सववकाद (रिकामहवलकास शमकार )
पकायका पतपरि तधम्हिकारिका (निकहमचन्दपरि जशनि )
हहनदद ससहहहतयक पहतपरकसएय
कहववचनि सध ध का (1868),हिहरिशचन्दपरि मशगजदीनि
(1873 ),बकालबलहधनिदी (1874) –भकारितमद(ध सवपकादक)
हहिन्ददी परिप ददीप (1877)-बकालकतष्ण भट्ट(सवपकादक) ,सरिसवतदी
(1900)-हचवतकामहण घलष ,शयकामसदव ध रि दकास(सवपकादक )
परिप तकाप,चकायद, मकाधरिध दी, सध
ध का,हिवस,वसध
ध का ,निई कहवतका आहद परिप मख
ध
पहतरिप ककाएय
आललचनिका-समदीकका परि ककहन्दपरित –हशवदकानिहसवहि चनौहिकानि (परिप थम
सवपकादक)
निटरिवग –निकाटक परि ककहन्दपरित –निकहमचवदरिप जशनि (सवपकादक )
आजकल-कमदपरि सरिककारि कदी पहतरिप कका