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– Indian classical dance

1. ट् ्

बयत नाट्मभ, बायत के प्रसिद्ध नृत्मों भसे िे हक तथ तथा ािका िधफधध दिण भण बायत के
तसभरनाडु याज्म िे तथ ऩतरे ािे िािदय, दािी अट्टभ औय तन्जावूरनयनाट्मभ के नाभों िे
जाना जाता था

 बयत नाट्मभ भसे नृत्म के तीन भनरबनत तत्वूरों कु कुारताऩनवूरक


श ाासभर िकमा मा
तथ मे तैं बावूर अथवूरा भन:िथथसत, या अथवूरा िध ीत औय थवूरयभाधुम
श औय तार अथवूरा
कार िभधजन
 बयत नाट्मभ भसे जीवूरन के तीन भनर तत्वूर – दाशन ााथर, धभश वूर ववूरज्ञान तैं मत हक
सताीर वूर िाधिारयक नृत्म ाथरी तथ , तथा ािकी प्राचीनता थवूरमध सिद्ध तथ
 वूरथतुत: मत हक सिी ऩयध ऩया तथ , िजिभसे ऩनणश िभऩशण, िाधिारयक फधधनों िे ववूरयवि तथा
सनष्ऩादनकताश का ािभसे चयभुत्कर्षश ऩय तुना ववूर्‍मक तथ

2. थ ल

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– Indian classical dance

केयर के दिण भण – ऩििभी याज्म का हक िभृद्ध औय परने पनरने वूरारा नृत्म कथकरी मताध
की ऩयम्ऩया तथ कथकरी का अथश तथ हक कथा का नाटक मा हक नृत्म नािटका

 मताध असबनेता याभामण औय भताबायत के भताग्रधथों औय ऩुयाणों िे सरह ह चरयरों


कु असबनम कयते तैं मत अत्मधत यध वफयध ा नृत्म तथ ािके नतशक भबये तुह
ऩरयधानों, पनरदाय दऩ
ु ट्टों, वबनर्षणों औय भुकुट िे िजे तुते तैं
 वूरे भन ववूरसबन्न बनसभकांध कु सचवरत कयने के सरह िाधकेसतक ूपऩ िे ववूरसाष्ट प्रकाय
का ूपऩ धयते तैं , जु वूरथमविक चरयर के फजाह भि चरयर के असधक नजदीक तुते तैं
 ववूरसबन्न ववूराेर्षताहध, भानवूर, दे वूरता िभान, दथ त्म विद कु ाानदाय वूरेाबनर्षा औय
ऩरयधानों के भाध्मभ िे प्रदसाशत िकमा जाता तथ ाि नृत्म का िफिे असधक
प्रबावूराारी बा मत तथ िक ािके चरयर कबी फुरते नतीध तैं , केवूरर भनके ताथों के तावूर
बावूर की भच्च ववूरकसित बार्षा तथा चेतये की असबव्मवि तुती तथ जु ाि नािटका के
ऩाठ्म कु दाशकों के िाभने प्रदसाशत कयती तथ
 भनके चेतये के छुटे औय फडे तावूर बावूर, बधवूरों की सत, नेरों का िधचरन, ारों, नाक
औय ठुडी की असबव्मवि ऩय फायीकी िे काभ िकमा जाता तथ तथा हक कथकरी
असबनेता – नतशक द्वाया ववूरसबन्न बावूरनांध कु प्रकट िकमा जाता तथ ािभसे
असधकाधात: ऩुरुर्ष ती भितरांध की बनसभका सनबाते तैं , जफिक अफ कुछ िभम िे
भितरांध कु कथकरी भसे ाासभर िकमा जाता तथ

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– Indian classical dance

3. थ

कथक का नृत्म ूपऩ 100 िे असधक घुधघरुंध कु ऩथयों भसे फाधध कय तारफद्ध ऩदचाऩ, ववूरतध भ
चक्कय द्वाया ऩतचाना जाता तथ औय ितन्द ु धासभशक कथांध के अरावूरा ऩसाशमन औय भदश न कववूरता
िे री ई ववूरर्षमवूरथतुंध का नाटकीम प्रथतुतीकयण िकमा जाता तथ कथक का जन्भ भ्तरय भसे
तुव िकन्तु ऩसाशमन औय भुिथरभ प्रबावूर िे मत भधिदय की यीसत िे दयफायी भनुयध जन तक
ऩतुधच मा

 ाब्द कथक का भ्वूर कथा िे तुव तथ , िजिका ाािब्दक अथश तथ कतानी कतना ऩुयाने
िभम भसे कथा वूराचक ानों के ूपऩ भसे ािे फुरते औय अऩनी कथा कु हक नमा ूपऩ
दे ने के सरह नृत्म कयते
 ाििे कथा कराण भेऩभ औय दिण भण बायत भसे तयी कथा का ूपऩ फना औय मती भ्तरय
बायत भसे कथक के ूपऩ भसे जाना जाता तथ
 र ब 15वूरीध ाताब्दी भसे ाि नृत्म ऩयम्ऩया भसे भु र नृत्म औय िध ीत के कायण
फडा ऩरयवूरतशन वमा
 16वूरीध ाताब्दी के अधत तक किे तुह चनडीदाय ऩामजाभे कु कथक नृत्म की वूरेाबनर्षा
भान सरमा मा
 कथक की ाथरी का जन्भ ्ा्मणण ऩुजारयमों द्वाया ितन्दं
ु ध की ऩायम्ऩरयक ऩुन: णना
भसे सनितत तथ , िजन्तसे िकथक कतते थे, जु नाटकीम अधदाज भसे तावूर बावूरों का भऩमु
कयते थे

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– Indian classical dance

 क्रभा: ािभसे कथा कतने की ाथरी औय असधक ववूरकसित तुई तथा हक नृत्म ूपऩ फन
मा भ्तरय बायत भसे भु रों के वने ऩय ाि नृत्म कु ााती दयफाय भसे रे जामा मा
औय ािका ववूरकाि ह ऩरयष्कृ त कराूपऩ भसे तुव, िजिे भु र ाािकों का िधयण भण
प्राप्त था औय कथक ने वूरतशभान थवूरूपऩ सरमा ाि नृत्म भसे अफ धभश की अऩेण भा
िौंदमश फुध ऩय असधक फर िदमा मा
 ाि नृत्म ऩयम्ऩया के दु प्रभु घयाने तैं , ान दुनों कु भ्तरय बायत के ातयों के नाभ
ऩय नाभ िदमा मा तथ औय ानभसे िे दुनों ती ण भेरीम याजांध के िधयण भण भसे ववूरथतारयत
तुव – र नऊ घयाना औय जमऩुय घयाना

4. ओड़िस

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– Indian classical dance

ंिडिी कु
ऩुयाताित्वूरक िाक्ष्मों के वधाय ऩय िफिे ऩुयाने जीववूरत नृत्म ूपऩों भसे िे हक भाना जाता तथ
ंिडिा के ऩायम्ऩरयक नृत्म, ंिडिी का जन्भ भधिदय भसे नृत्म कयने वूरारी दे वूरदासिमों के
नृत्म िे तुव था

 ंिडिी नृत्म का भ्‍रे सारा रे ों भसे सभरता तथ , ािे ््मणे्‍वूरय भधिदय के सारा रे ों
भसे दााशमा मा तथ िाथ ती कुणाकश के िनमश भधिदय के केन्रीम कण भ भसे ािका भ्‍रे
सभरता तथ
 वूरर्षश 1950 भसे ाि ऩनये नृत्म ूपऩ कु हक नमा ूपऩ िदमा मा, िजिके सरह असबनम
चधिरका औय भधिदयों भसे ऩाह ह तयााे तुह नृत्म की भुराहध धन्मवूराद के ऩार तैं

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– Indian classical dance

 िकिी अन्म बायतीम ााथरीम नृत्म ूपऩ के िभान ंिडिी के दु प्रभु ऩण भ तैं : नृत्म
मा थय सनरुऩण नृत्म, जताध अधतरयण भ औय िभम भसे ायीय की बधस भांध का भऩमु
कयते तुह िजावूरटी ऩथटनश िृिजत िकह जाते तैं
 ािका हक अन्म ूपऩ असबनम तथ , िजिे िाधकेसतक ताथ के तावूर बावूर औय चेतये की
असबव्मविमों कु कतानी मा ववूरर्षमवूरथतु िभझाने भसे भऩमु िकमा जाता तथ
 ािभसे वरबध ऩय ध्मान केिन्रत िकमा जाता तथ , िजिका अथश तथ ायीय कु तीन बा ों
भसे फाधटना, सिय, ायीय औय ऩथय; भुराहध औय असबव्मविमाध बयत नाट्मभ के िभान तुती
तथ
 ंिडिी नृत्म भसे ववूरष्णु के वठवूरसे अवूरताय कृ ष्ण के फाये भसे कथाह फताई जाती तैं मत
हक कुभर, कववूरताभम ााथरी नृत्म तथ िजिभसे भडीिा के ऩरयवूरेा तथा ािके िवूराशसधक
रुकवप्रम दे वूरता, ब वूरान ज न्नाथ की भितभा का ान िकमा जाता तथ

5. णिप ी

ऩनवूरो्तरय के भिणऩुय ण भेर िे वमा ााथरीम नृत्म


भिणऩुयी नृत्म तथ भिणऩुयी नृत्म बायत के अन्म नृत्म ूपऩों िे सबन्न तथ ािभसे ायीय धीभी
सत िे चरता तथ , िाधकेसतक बव्मता औय भनभुतक सत िे बुजाह अध ुसरमों तक प्रवूराितत
तुती तैं

 मत नृत्म ूपऩ 18वूरीध ाताब्दी भसे वूरथष्णवूर िम्प्रदाम के िाथ ववूरकसित तुव जु ािके
ाुूपवती यीसत रयवूराज औय जादईु नृत्म ूपऩों भसे िे फना तथ ववूरष्णु ऩुयाण, बा वूरत

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ऩुयाण तथा ीत ुववूरन्द की यचनांध िे वई ववूरर्षमवूरथतुह ािभसे प्रभु ूपऩ िे भऩमु


की जाती तैं
 भिणऩुय की भेतई जनजासत की दध तकथांध के अनुिाय जफ ई्‍वूरय ने ऩृ्‍वूरी का िृजन
िकमा तफ मत हक वऩधड के िभान थी िात रथननयात ने ाि नवूर सनसभशत ुराधश ऩय
नृत्म िकमा, अऩने ऩथयों िे ािे भजफनत औय सचकना फनाने के सरह ािे कुभरता िे
दफामा मत भेतई जा ुई का भ्वूर तथ
 वज के िभम तक जफ भिणऩुयी रु नृत्म कयते तैं वूरे कदभ तेजी िे नतीध य ते
फि्‍क अऩने ऩथयों कु बनसभ ऩय कुभरता औय भृदत
ु ा के िाथ य ते तैं भनर भ्ाधसत औय
कतासनमा अबी बी भेतई के ऩुजारयमों मा भाावफि द्वाया भााफी के ूपऩ भसे िुनाई जाती
तैं जु भिणऩुयी की जड तैं
 भितरा “याि” नृत्म याधा-कृ ष्ण की ववूरर्षमवूरथतु ऩय वधारयत तथ जु फेरे तथा हकर
नृत्म का ूपऩ तथ ऩुरुर्ष “िधकीतशन” नृत्म भिणऩुयी ढुरक की तार ऩय ऩनयी ावि के
िाथ िकमा जाता तथ

6. ोडि अट्ट

भुितनीअट्टभ केयर की भितरांध द्वाया िकमा जाने


वूरारा अधश ााथरीम नृत्म तथ जु कथकरी िे असधक ऩुयाना भाना जाता तथ िाितित्मक ूपऩ िे
नृत्म के फीच भु्‍म भाना जाने वूरारा जादईु भुितनीअटट्भ केयर के भधिदयों भसे प्रभु त: िकमा
जाता था

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 मत दे वूरदािी नृत्म ववूरयाित का भ्तरयासधकायी बी भाना जाता तथ जथिे िक बयत नाट्मभ,


कुचीऩुडी औय ंडीिी ाि ाब्द भुितनी का अथश तथ हक सिी भितरा जु दे ने वूरारों
का भन भुत रसे मा भनभसे ाच्छा भत्ऩन्न कयसे
 मत ब वूरान ववूरष्णु की हक जानी भानी कतानी तथ िक जफ भन्तोंने दधु ध िा य के
भधथन के दौयान रु ों कु वकवर्षशत कयने के सरह भुितनी का ूपऩ धायण िकमा था
औय बाभािुय के ववूरनाा की कतानी ािके िाथ जुडी तुई तथ अत: मत िुचा मा तथ
िक वूरथष्णवूर बिों ने ाि नृत्म ूपऩ कु भुितनीअटट्भ का नाभ िदमा
 भुितनीअटट्भ का प्रथभ िधदबश भाजाभध रभ नायामण नब्फनिदयी द्वाया िधकि्‍ऩत
व्मवूरताय भारा भसे ऩामा जाता तथ जु 16वूरीध ाताब्दी ह डी भसे यचा मा 19वूरीध ाताब्दी
भसे थवूरासत सतरुनार, ऩनवूरश रावूरण कुय के याजा थे, िजन्तोंने ाि करा ूपऩ कु प्रुत्िातन
औय िथथयीकयण दे ने के सरह कापी प्रमाि िकह
 थवूरासत के ऩ्‍चात के िभम भसे मयपिवऩ ाि करा ूपऩ भसे स यावूरट वई िकिी प्रकाय
मत कुछ प्राधतीम जभीधदायों औय भच्च वूर गीयम रु ों के बु वूरादी जीवूरन की िधतुवटि के
सरह काभवूरािना तक स य मा
 कववूर वूराराठुर ने ािे हक फाय िपय नमा जीवूरन िदमा औय ािे केयर करा भधडरभ
के भाध्मभ िे हक वधुसनक थथान प्रदान िकमा, िजिकी थथाऩना भन्तोंने 1903 भसे
की थी
 कराभधडरभ क्‍माणीभा, कराभधडरभ की प्रथभ नृत्म सािण भका थीध जु ाि प्राचीन
करा ूपऩ कु हक नमा जीवूरन दे ने भसे िपर यतीध भनके िाथ कृ ष्णा ऩणीकय, भाधवूरी
अम्भा औय सचन्नम्भन अम्भा ने ाि रुप्त तुती ऩयम्ऩया की अधसतभ किडमाध जुडी जु
कराभधडर के अनुाािन भसे ऩुवर्षत अन्म वकाधण भी थीध
 भनरबनत नृत्म तार चाय प्रकाय के तुते तैं : त ानभ, ज ानभ, ध ानभ औय िाभीश्रभ
मे नाभ वूरथट्टायी नाभक वूर गीयकयण िे भत्ऩन्न तुह तैं

7. चिप़िी

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कुचीऩुडी वधध्र प्रदे ा की हक थवूरदे ाी नृत्म ाथरी तथ िजिने ािी नाभ के ाधवूर भसे जन्भ सरमा
औय ऩनऩी, ािका भनर नाभ कुचेराऩुयी मा कुचेराऩुयभ था, जु कृ ष्णा िजरे का हक कथफा तथ

 अऩने भनर िे ती मत तीियी ाताब्दी फीिी भसे अऩने धुधधरे अवूराेर्ष छुड वई तथ , मत
ाि ण भेर की हक सनयध तय औय जीववूरत नृत्म ऩयम्ऩया तथ कुचीऩुडी करा का जन्भ
असधकाधा बायतीम ााथरीम नृत्मों के िभान धभके के िाथ जुडा तुव तथ
 हक रम्फे िभम िे मत करा केवूरर भधिदयों भसे औय वूरत बी वधध्र प्रदे ा के कुछ भधिदयों
भसे वूरावर्षशक भत्िवूर के अवूरिय ऩय प्रदसाशत की जाती थी
 ऩयम्ऩया के अनुिाय कुचीऩुडी नृत्म भनरत: केवूरर ऩुरुर्षों द्वाया िकमा जाता था औय वूरत
बी केवूरर ्ा्मणण िभुदाम के ऩुरुर्षों द्वाया
 मे ्ा्मणण ऩरयवूराय कुचीऩुडी के बा वूरतथारन कतराते थे कुचीऩुडी के बा वूरतथारन
्ा्मणणों का ऩतरा िभनत 1502 ह. डी. सनसभशत िकमा मा था भनके कामशक्रभ
दे वूरतांध कु िभवऩशत िकह जाते थे तथा भन्तोंने अऩने िभनतों भसे भितरांध कु प्रवूरेा
नतीध िदमा
 भितरा नृत्माध नांध के ाुर्षण के कायण नृत्म करा के ्ाि के मु भसे हक सिद्ध
ऩुरुर्ष सिद्धसे र मु ी ने नृत्म कु ऩुन: ऩरयबावर्षत िकमा कुचीऩुडी के ऩधरत ्ा्मणण
ऩरयवूरायों ने ऩाधच ातािब्दमों िे असधक िभम तक ऩयम्ऩया कु व े फ़ाामा तथ
 प्रसतवित ुरु जथिे वूरेदाधतभ रक्ष्भी नायामण, सचधता कृ ष्णा भनसतश औय तादे ऩ्‍री ऩेयामा ने
भितरांध कु ािभसे ाासभर कय नृत्म कु औय िभृद्ध फनामा तथ ड॰ वूरेभाऩसत सचन्ना
ित्मभ ने ािभसे कई नृत्म नािटकांध कु जुडा औय कई हकर प्रदाशनों की नृत्म
िधयचना तथमाय की औय ाि प्रकाय नृत्म ूपऩ के िण भसतज कु व्माऩक फनामा
 मत ऩयम्ऩया तफ िे भतान फनी तुई तथ जफ ऩुरुर्ष ती भितरांध का असबनम कयते थे
औय अफ भितराहध ऩुरुर्षों का असबनम कयने र ी तैं

8. डट ट्ट

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किटमाट्टभ केयर के ााथरीम यध भधच का अिद्वतीम ूपऩ तथ जु अत्मधत भनभुतक तथ मत


2000 वूरर्षश ऩतरे के िभम िे िकमा जाता था औय मत िधथकृ त के नाटकों का असबनम तथ औय
मत बायत का िफिे ऩुयाना यध भधच तथ , िजिे सनयध तय प्रदसाशत िकमा जाता तथ

 याजा कुर ाे य वूरभशन ने 10वूरीध ाताब्दी ह. डी. भसे कुिटमाट्टभ भसे िुधाय िकमा औय
ूपऩ िधथकृ त भसे प्रदाशन की ऩयम्ऩया कु जायी य े तुह तथ प्राकृ त बार्षा औय भरमारभ
अऩने प्राचीन ूपऩों भसे ाि भाध्मभ कु जीववूरत य े तैं ाि ब्‍डाय भसे बाि, तर्षश औय
भते न्र ववूरक्रभ ऩ्‍रवूर द्वाया िद े ह नाटक ाासभर तैं
 ऩायम्ऩरयक ूपऩ िे चकमाय जासत के िदथम ािभसे असबनम कयते तैं औय मत ाि
िभनत कु िभऩशण ती तथ जु ातािब्दमों िे कुिटमाट्टभ के िधयण भण का भ्तरयदामी तथ
 रभ
ु यों की भऩ जासत नािम्फमाय कु ाि यध भधच के िाथ सनझावूरन के असबनेता के ूपऩ
भसे जुडा जाता तथ (भटके के वकाय का हक फडा ड्रभ कुिटमाट्टभ की ववूराेर्षता तथ )
नािम्फमाय िभुदाम की भितराहध ािभसे भितरा चरयरों का असबनम कयती तथ औय फेर
धातु की घधिटमाध फजती तथ जफिक अन्म िभुदामों के रु ाि नाट्म करा का
अध्ममन कयते तैं औय भधच ऩय प्रदाशन भसे बा रे िकते तैं , िकन्तु वूरे भधिदयों भसे
प्रदाशन नतीध कयते
 जिटर तावूर बावूर की बार्षा, भधरुच्चाय, चेतये औय वध ों की असताम असबव्मवि ववूरथतृत
भुकुट औय चेतये की िज्जा के िाथ सभरकय कुिटमाट्टभ का असबनम फनाते तैं
ािभसे सभझावूरन ड्रभों द्वाया, छुटी घधिटमों औय ाडक्का (हक िीधे स राि के वकाय का
ड्रभ) िे तथा कुझार (पनधक कय फजाने वूरारा हक वूरायपि) औय ाध िे िध ीत िदमा
जाता तथ

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