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अतििादन – सादि प्रणाम ( बड़ों को ), सदा खुश िहो ( छोटों को ),सप्रेम नमस्िे ( तमत्रों को)
संबंध
नाम
औपचारिक ई मेल
तिषय –
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सधन्यिाि ।
भििीय / भििीया
नीलम
प्रश्न – अपने मोहल्ले की सफाई के संदर्भ में नगर ननगम के स्िास््य अधधकारी को एक ईमेल
ललखखए ।
गंदगी की लिकायत
गंदगी का प्रर्ाि
ननिेदन
औपचाररक ई मेल
प्रनि- nasiksvaasthyaadhikari@gmail.com
सधन्यिाि ।
भििीय / भििीया
नाम
लेख लेखन –
प्रस्िािना – -------------------------------------------------------------
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मख्
ु य भाग – प्रथम पररच्छे ि - आप जिस मि से सहमि हैं ----
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२ ददनााँक --
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३ सेिा में,
२)ददनााँक
तमत्र को-सप्रेमनमस्िे
६)तिषय तिस्िाि
आदिणीय अध्यि महोदय,तिद्वान तनणाकयक दल ंिं मेिे तप्रय सातथयों आम म (नाम ि किा )
आपके समि (तिषय) पि अपने तिचाि प्रस्िुि किना चाहिा / चाहिी हाँ ।
आदिणीय अध्यि महोदय,तिद्वान तनणाकयक दल ,श्रद्धेय अध्यापक गण ंिं मेिे तप्रय सातथयों
आम म................................................... आपके समि समय की हातन मीिन की हातन
है।अपने तिचाि प्रस्िुि किना चाहिा हाँ ।
मी हााँ, मब फसल सूख मां िब िषाक हो िो उसका क्या लाि;मब अिसि हाथ से तनकल मां
िब लकीि पीटने से कु छ नहीं होिा है।
समय नदी की बहिी धािा के समान है।समय तनिं िि गतिशील है।महााँ उसमें ठहिाि
आया,िहीं उसका अंि हो मािा है। उसी प्रकाि तमस व्यति के मीिन में समय रुक गया ,
उसका मीिन मृि िुल्य है।
सातथयों! समय दकसी की प्रिीिा नहीं कििा यदद हमें इसका उपयोग किना आ गया िो
सफलिा हमािे कदम चूमग े ी। ककं िु यदद कायक किने के स्थान पि बैठे-बैठे स्िप्न देखेंगे िो कहीं के
नहीं िहेंगे । समय को व्यथक गाँिाकि मनुष्य की ऐसी अिनति होिी है दक उसका बाहि तनकलना
असंिि हो मािा है। इतिहास इस बाि का सािी है दक हि महान व्यति ने समय का सदुपयोग
कि अपने द्वािा तनधाकरिि लक्ष्य को पूिा कि नाम कमाया ।
रिपोटक का तिषय
िीषमक
उपिीषमक
विषय विस्िार
उपाय
स्लोगन
स्िच्छिा की ओर एक किम
िो बूँि जिंिगी की
समाजप्ि पोशलयो की
छात्र : नमस्िे ! उत्ति िािि में कु तचपुड़ी नृत्य को लोकतप्रय बनाने के तलं
आप कौन – से प्रयास कि िही ह ?
आत्ममा नायि : कु तचपुड़ी को उत्ति िािि में लोकतप्रय बनाने के तलं मने
िेलुगू िाषा के स्थान पि हहंदी िाषा के प्रयोग पि ज्यादा बल ददया िादक
दशकक औि तशष्य ज्यादा मुड़ सकें ।
छात्र: नृत्यांगना , सामातमक कायककिाक होने के साथ आप अपनी पारििारिक
तमम्मेदािी कै से तनिा पािी ह ?
आत्ममा नायि : यह सिी कायक म अपने परििाि के सहयोग से ही कि पािी
हाँ । अगि हम सुबह मल्दी उठकि कायक आिं ि किें िो संिि है ।
छात्र : आम के युिाओं के मन में िाष्ट्र भजक्ि है या नहीं ?
आत्ममा नायि : आम की युिा पीढ़ी में अद्िुि िाष्ट्र िति है । ििकमान में
इसके मायने िी अलग ह पिं िु युिा इसपि खिे उिि िहे ह ।
छात्र: हमािे देश के तशिा िेत्र में आपको कौन सी कमी नमि आिी है ?
आत्ममा नायि : व्यािसातयक तशिा पि ध्यान देने की आिश्यकिा है आम
की तशिा तसफक बाबुओं का तनमाकण कि िही है ।
छात्र: अपना समय देने के तलं धन्यिाद ।
आत्ममा नायि : आपका आिाि ।
संिाद लेखन
संिाद का अथक दो या दो से अतधक व्यतियों में पिस्पि बािचीि है बािचीि अथाकि संिाद के
तलं ििा औि श्रोिा दोनों का होना आिश्यक है इसमें दकसी बाि या तिचाि को स्िािातिक
ूपप से व्यि दकया मािा है इस प्रकाि मौतखक िािाकलाप को तलतपबद्ध किना संिाद कहलािा
है
1.संिादों की प्रमुख तिशेषिांाँ
2.संिाद छोटे स्िािातिक औि िोचक होने चातहं
3.संिाद आपस में ंक दूसिे से संबंतधि हो
4. संिाद की िाषा सिल, तिषय औि पात्रों के अनुकूल होनी चातहं
5.बनािटी िाषा का प्रयोग नहीं किना चातहं । िाषा की गरिमा बनां िखनी चातहं
6.संिाद लेखन में पात्रों की मनोिाि, तिचाि मुद्रा आदद को कोष्ठक में तलखना चातहं
7.िािानुसाि तििाम तचन्ह का प्रयोग किना चातहं.
िीषमक
दिनाूँक-------समय ------
दिन ------
वप्रय डायरी,
दिये गए विषय का वििरण ----------------------------------
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अंनिम भाग ( आि के शलए बस इिना ही )
िुभरात्रत्र
कफल्म समीक्षा प्रारूप
शीषकक
प्रस्िािना
तिषय तिस्िाि
उपसंहाि
मगिमाल
प्रश्न ---- आपके शहि में प्रदूषण को कम किने के तलं स्थानीय प्रशासन ने कई तनयमों को लागू
दकया है उन तनयमों के प्रति आम लोगों में उदासीनिा है अपने शहि के लोगों में इन तनयमों के
प्रति मागूपकिा बढ़ाने के तलं ंक मगि माल बनाइं इस िेबसाइट में प्रदूषण के महत्िपूणक
पहलुओं को उमागि कीतमं
तनयम पालन
प्रदूषण अथाकि दूतषि िािाििण ,मो हमािे चािों ओि विद्यमान है । इसकी गति कम किने ने
तलं स्थानीय प्रशासन ने कु छ तनयम बनाये ह पि देखा मा िहा है दक अपनी लापििाही से
लोग इन तनयमों का पालन न किके अपने पााँि पि कु ल्हाड़ी माि िहे ह ।
लोग इस तनयम की गंिीििा को नहीं समझ पा िहे ह । सिकाि के द्वािा प्लातस्टक
थैतलयों के प्रयोग पि प्रतिबंध लगाया गया है लेदकन लोग बड़ी लापििाही से प्लातस्टक की
थैतलयों का प्रयोग कििे ह धििी के प्रदूषण का सबसे बड़ा कािण प्लातस्टक का प्रयोग है यह
कचिे के ूपप में धििी औि मल को प्रदूतषि कििा िहिा है । यह िी तनयम है दक हमें अपने
िाहनों को प्रदूषण मुि िखना चातहं औि समय-समय पि उनकी मााँच किानी चातहं पिं िु
इस तनयम का िी पालन नहीं दकया मा िहा है इसी ििह के अन्य तनयमों के प्रति िी हम
लापििाही ददखा िहे ह । मैसे दक िेम आिाम में संगीि सुनना, यहााँ- िहााँ कू ड़ा न फै लाना ।
इस ििह से तनयमों के प्रति उदासीनिा ददखाकि हम अपनी आने िाली
पीदढ़यों का मीिन तमट्टी में तमला देंगे । इसी ििह चलिा िहा िो आने िाला कल प्राकृ तिक
तिपदाओं िथा शािीरिक व्यातधयों से ििा होगा । मानि माति के उज्जिल ितिष्य के तलं हमें
अपने सामातमक किकव्यों का तनिाकह कििे हुं इन तनयमों का पालन किना चातहं ।