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लेखन विधाओं के प्रारूप

अनौपचारिक ई मेल लेखन

प्रति – मेल आई डी ( In English only )

तिषय – दिया गया विषय

संबोधन – आदिणीय ( बड़ों को ), तप्रय ( छोटों को ) , तप्रय ( तमत्रों को)

अतििादन – सादि प्रणाम ( बड़ों को ), सदा खुश िहो ( छोटों को ),सप्रेम नमस्िे ( तमत्रों को)

कु शलिा ि कािण --------------------------------------------------------------


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तिषय तिस्िाि ------------------------------------------------------------------


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समापन + रिश्िेदािों को अतििादन -------------------------------------------


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संबंध

नाम
औपचारिक ई मेल

प्रति- Mail id (In English only )

तिषय –

मान्यिर / माननीय महोिय ,

सविनय ननिेिन है मैं ---- +कारण

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सधन्यिाि ।

भििीय / भििीया

नीलम
प्रश्न – अपने मोहल्ले की सफाई के संदर्भ में नगर ननगम के स्िास््य अधधकारी को एक ईमेल
ललखखए ।

 गंदगी की लिकायत
 गंदगी का प्रर्ाि
 ननिेदन

औपचाररक ई मेल

प्रनि- nasiksvaasthyaadhikari@gmail.com

विषय - गंिगी की शिकायि हे िु ।

मान्यिर / माननीय महोिय ,

सविनय ननिेिन है कक मैं आपके क्षेत्र ------ मोहल्ले का ननिासी हूँ ।


हमारे मोहल्ले में वपछले कई दिनों से कोई सफाई नहीं हुई है । चारों िरफ गंिगी
दिखाई िे िी है ।

मोहल्ले का सफाई कममचारी ननयशमि रूप से नहीं आिा है । जिससे


नाशलयों में भी कचरा िमा होने के कारण नाशलयों का गंिा पानी सड़क पर फैल
िािा है । जिसकी िग
ु ध
ं से लोगों को अपनी नाक बंि करनी पड़िी है ।मक्खी ि
मच्छरों का साम्राज्य होने से संक्रामक रोग िैसे- है िा, ज्िर, डेंग्यु , मलेररया फ़ेल
रहे हैं ।

अिः आपसे अनरु ोध कक आप िल्ि से िल्ि कायमिाही करें िो आपकी


अनि कृपा होगी ।

सधन्यिाि ।

भििीय / भििीया

नाम
लेख लेखन –

िीषमक – महत्िपणम अंग ( संक्षक्षप्ि , विषयानुसार )

प्रस्िािना – -------------------------------------------------------------
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मख्
ु य भाग – प्रथम पररच्छे ि - आप जिस मि से सहमि हैं ----
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द्वििीय पररच्छे ि – िसरे विचार के बारे में ------------------------


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उपसंहार – हमेिा सकारात्मक उपाय , सीख आदि बिािे हुए ---


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नोट – कवििा की पंजक्ियाूँ , िोहे , सुिाक्य का प्रयोग


पानी की समस्या विकट रूप लेिी िा रही है । कुछ इलाकों में िो पीने के शलए िक
पानी नहीं है । सब कुछ िानिे हुए भी कई लोग पानी को बहाने में संकोच नहीं करिे ।
पानी की बचत पर अपने विचार व्यक्ि करिे हुए एक लेख शलखखए । आपका लेख िी
गयी िानकाररयों पर आधाररि होना चादहए ।

कई ककलोमीटर चलकर घर में नल खोलिे ही पानी शमलिा

पानी नसीब होिा है । है कहाूँ है पानी की कमी ?

पानी इिना कम क्यों है ?

ऊपर िी गयीं दटप्पखणयाूँ आपके लेखन को दििा प्रिान कर सकिीं हैं ।


8 अंक अंििमस्िु के शलए िथा 8 अंक सटीक भाषा के शलए दिए िाएूँगे ।
औपचारिक पत्र का प्राूपप

१ पत्र तलखने िाले का पिा – िीन लाइन में ---------------

---------------
---------------
२ ददनााँक --

X-------------------------------------------------------------------X

३ सेिा में,

४ पाने िाले का पिा - िीन लाइन में ---------------


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---------------
५ तिषय - संतिप्त में

६ संबोधन --------------------------- माननीय महोदय /महोदया , मान्यिि / मान्यििा

७ परिचय ,कािण - सतिनय तनिेदन है दक

८ तिषय तिस्िाि ---------------------------------------------------------------------------------


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९ समापन ---------------------- अिः आपसे नम्र तनिेदन है ------------------------------

िो आपकी अति कृ पा होगी ।

१० ििदीय/ ििदीया , आपका आज्ञाकािी तशष्य / तशष्या

११ (पत्र तलखने िाले का नाम


अनौपचारिक पत्र का प्राूपप

१)पत्र तलखने िाले का पिा – िीन लाइन में

२)ददनााँक

३)संबोधन(आदिणीय – बड़ों को, तप्रय – छोटों को ,तमत्र को िी तप्रय तमत्र )

४)अतििादन(बड़ों को-सादि प्रणाम, छोटों को-शुिाशीष या सदा खुश िहो,

तमत्र को-सप्रेमनमस्िे

५)कु शलिा ि पत्र तलखने का कािण

६)तिषय तिस्िाि

७)समापन के साथ अन्य बड़ों को अतििादन

८)आपका नाम िथा संबध



िाषण लेखन का प्राूपप

सिा में उपतस्थि लोगों के सम्मान, परिचय , अपने िाषण का तिषय

आदिणीय अध्यि महोदय,तिद्वान तनणाकयक दल ंिं मेिे तप्रय सातथयों आम म (नाम ि किा )
आपके समि (तिषय) पि अपने तिचाि प्रस्िुि किना चाहिा / चाहिी हाँ ।

तिषय की िूतमका --------------------------------------------------------------------------


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तिषय पि आपके अपने तिचाि -------------------------------------------------------------------
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अंि में ददं गं तिषय पि आपका मि -----------------------------------------------------------
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मेिे िाषण को ध्यान पूिक क सुनने के तलं आप सिी का धन्यिाद ।
समय की हातन मीिन की हातन

आदिणीय अध्यि महोदय,तिद्वान तनणाकयक दल ,श्रद्धेय अध्यापक गण ंिं मेिे तप्रय सातथयों
आम म................................................... आपके समि समय की हातन मीिन की हातन
है।अपने तिचाि प्रस्िुि किना चाहिा हाँ ।

“का िषाक मब कृ तष सुखाने, समय चूदक पुतन का पछिाने ।”

मी हााँ, मब फसल सूख मां िब िषाक हो िो उसका क्या लाि;मब अिसि हाथ से तनकल मां
िब लकीि पीटने से कु छ नहीं होिा है।
समय नदी की बहिी धािा के समान है।समय तनिं िि गतिशील है।महााँ उसमें ठहिाि
आया,िहीं उसका अंि हो मािा है। उसी प्रकाि तमस व्यति के मीिन में समय रुक गया ,
उसका मीिन मृि िुल्य है।
सातथयों! समय दकसी की प्रिीिा नहीं कििा यदद हमें इसका उपयोग किना आ गया िो
सफलिा हमािे कदम चूमग े ी। ककं िु यदद कायक किने के स्थान पि बैठे-बैठे स्िप्न देखेंगे िो कहीं के
नहीं िहेंगे । समय को व्यथक गाँिाकि मनुष्य की ऐसी अिनति होिी है दक उसका बाहि तनकलना
असंिि हो मािा है। इतिहास इस बाि का सािी है दक हि महान व्यति ने समय का सदुपयोग
कि अपने द्वािा तनधाकरिि लक्ष्य को पूिा कि नाम कमाया ।

इसतलं समय की महत्ता को मानो,उठो,मागो औि लक्ष्य प्रातप्त िक रुको नहीं।


मेिे िाषण को ध्यान पूिकक सुनने के तलं आप सिी का धन्यिाद ।
रिपोटक लेखन प्राूपप ( प्रतििेदन लेखन या िृत्तांि लेखन )
मब दकसी कायकक्रम का िणकन हो

रिपोटक का तिषय

ददन, ददनांक िथा कायकक्रम के स्थान बिािे हुं कायकक्रम की


शुरुआि---------------------------------------------------------------
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------------------------------।
कायकक्रम कै सा था औि दशककों की प्रतिदक्रया -------------------------
------------------------------------------------------------------------
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कायकक्रम का अंि ------------------------------------------------------
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आपका नाम
आपके िहर में प्लाजस्टक की थैशलयों का प्रयोग न करने के शलए प्रिासन की ओर
से सख्ि ननयम बनाये गये हैं । ये ननयम ककिने कारगर शसद्ध हुए हैं बिािे
हुए स्थानीय समाचार पत्र के शलए ररपोटम शलखखए । 200 िब्िों में

प्लाजस्टक की थैशलयों पर प्रनिबंध


नाशसक ,
26 माचम , 2021
िुक्रिार
नाशसक िहर में स्थानीय प्रिासन ने प्लाजस्टक की थैशलयों के प्रयोग
पर ननयंत्रण करने के शलए बड़े ही सख़्ि ननयम बनाए हैं िैसे कोई
व्यजक्ि प्लाजस्टक की थैली लेकर बािार में घमिा शमलेगा ,ठे लेिाला या
िक
ु ानिार इनमें सामान बेचिा पकड़ा िाएगा िो िुमामना भरने के साथ-
साथ उसे िेल भी िाना पड़ सकिा है ।
इन ननयमों का िनिा पर सकारात्मक प्रभाि पड़ा । प्लाजस्टक की
थैशलयाूँ अब िगह – िगह पड़ी नहीं दिखिीं । लोगों के हाथों में भी
कपड़े की थैली ही रहिी है । िक
ु ानिार भी कपड़े की थैली का इस्िेमाल
कर रहे हैं । ठे लेिाले कागि की थैशलयों में सब्िी ि फल िे रहे हैं ।
गशलयों िथा घरों के सामने भी प्लाजस्टक की गंिी थैशलयों के ढे र निर
नहीं आिे हैं क्योंकक जिन लोगों को इन थैशलयों में सामान या खाना
फैकिे पाया गया िो प्रिासन ने उनपर हिार रुपये का िम
ु ामना लगा
दिया िथा इसिरह का काम करने िालों के नाम िथा फ़ोटो अपनी
िेबसाइट पर डाल दिये । इससे लोग सिकम हो गए । इसिरह प्रिासन
थैशलयों के प्रयोग पर ननयंत्रण लगाने में सफल रहा ।
नीलम
विज्ञापन का प्रारूप

 िीषमक
 उपिीषमक
 विषय विस्िार
 उपाय
 स्लोगन

प्रश्न --- स्िास््य मंत्रालय की ओर से आम िनिा


को स्िच्छिा के प्रनि सचेि करिे हुए विज्ञापन
शलखखए ।
स्िच्छ भारि , स्िस्थ भारि

स्िच्छिा की ओर एक किम

हम भारििासी अस्िच्छिा से इस किर नघरे रहिे हैं कक


बीमाररयों कक चपेट में बहुि िल्िी आ िािे हैं। सड़क पर कचरा
, नाली - गली में कचरा, कड़ेिान के बाहर भी कचरा फैला रहिा
है । मच्छर – मक्खी पैिा होकर रोग फैलािे हैं कफर भी न िाने
हम स्िच्छिा को नहीं समझ पािे हैं ।

सरकार का एक प्रयास सड़क ककनारे कड़ेिान , घर- घर


घंटेगाड़ी का आह्िान कृपया कचरा मुझमें ही डालें । सरकार के
प्रयास को सफल बनाएूँ । कड़े को उसकी सही िगह पहुूँचाएूँ ।
िे ि को स्िच्छ , स्िस्थ , सुंिर बनाने के शलए अपना परा
सहयोग िें ।

भारि को स्िच्छ बनाएूँ , बीमाररयों से मक्


ु ि कराएूँ

घर में खुशियाूँ फैलाएूँ , िे ि को हम स्िगम बनाएूँ


प्रश्न – िे ि में पोशलयो की बीमारी को िड़ से शमटाने के शलए
सरकार द्िारा की गयी मदु हम पोशलयो की बूँि िरूरी है को
बिाने के शलए एक विज्ञापन िैयार कीजिए ।

िो बूँि जिंिगी की

समाजप्ि पोशलयो की

सरकार द्िारा िे ि में पोशलयो िैसी भयानक बीमारी को िर


भगाने के शलए कमर कस ली है । सरकार ने सम्पणम िे ि में
पोशलयो की बूँिें ननःिल्
ु क वपलाने के शलए हर अस्पिाल चाहे िो
सरकारी हो या गैरसरकारी सभी में यह ििा उपलब्ध है । कृपया
अपने पाूँच िषम िक के बच्चों को यह ििा अिश्य वपलाएूँ । िी
गयी िारीख को िरूर िे खें ि अस्पिाल िाएूँ ।

िो बूँि जिंिगी की अिश्य वपलाएूँ


इस बीमारी को िड़ से शमटाएूँ
अपने बच्चों को अपादहि होने से बचाएूँ
िे ि को सिक्ि बनाएूँ
सािात्काि लेखन
 शीषकक
 सािात्कािदािा का संतिप्त परिचय ---------------------------
--------------------------------- उनसे सािात्काि कै से संिि
हुआ ----------------------------------------------------------
---------------------।
 प्रश्न सूची िथा उनके संिातिि उत्ति तलतखं ।
प्रश्न सिल ि संतिप्त हों , प्रश्नों के उत्ति प्रश्नानुसाि हों
प्रश्न : ----------------------------------------
उत्ति : --------------------------------------
प्रश्न : ----------------------------------------
उत्ति : --------------------------------------

 समापन में सािात्कािदािा से तमली प्रेिणा


ि समय तनकालने के तलं धन्यिाद दें ।
नृत्य िी समामसेिा िी
आत्ममा नायि ने कु तचपुड़ी नृत्य को ंक नया आयाम ददया है । िह कु तचपुड़ी
नृत्यांगना होने के साथ सामातमक कायों में िी तहस्सा लेिी ह । ंक नृत्य
कायकक्रम में प्रथम आने के कािण उनका सािात्काि लेने का अिसि प्राप्त
हुआ ।

छात्र : नमस्िे ! उत्ति िािि में कु तचपुड़ी नृत्य को लोकतप्रय बनाने के तलं
आप कौन – से प्रयास कि िही ह ?
आत्ममा नायि : कु तचपुड़ी को उत्ति िािि में लोकतप्रय बनाने के तलं मने
िेलुगू िाषा के स्थान पि हहंदी िाषा के प्रयोग पि ज्यादा बल ददया िादक
दशकक औि तशष्य ज्यादा मुड़ सकें ।
छात्र: नृत्यांगना , सामातमक कायककिाक होने के साथ आप अपनी पारििारिक
तमम्मेदािी कै से तनिा पािी ह ?
आत्ममा नायि : यह सिी कायक म अपने परििाि के सहयोग से ही कि पािी
हाँ । अगि हम सुबह मल्दी उठकि कायक आिं ि किें िो संिि है ।
छात्र : आम के युिाओं के मन में िाष्ट्र भजक्ि है या नहीं ?
आत्ममा नायि : आम की युिा पीढ़ी में अद्िुि िाष्ट्र िति है । ििकमान में
इसके मायने िी अलग ह पिं िु युिा इसपि खिे उिि िहे ह ।
छात्र: हमािे देश के तशिा िेत्र में आपको कौन सी कमी नमि आिी है ?
आत्ममा नायि : व्यािसातयक तशिा पि ध्यान देने की आिश्यकिा है आम
की तशिा तसफक बाबुओं का तनमाकण कि िही है ।
छात्र: अपना समय देने के तलं धन्यिाद ।
आत्ममा नायि : आपका आिाि ।
संिाद लेखन
संिाद का अथक दो या दो से अतधक व्यतियों में पिस्पि बािचीि है बािचीि अथाकि संिाद के
तलं ििा औि श्रोिा दोनों का होना आिश्यक है इसमें दकसी बाि या तिचाि को स्िािातिक
ूपप से व्यि दकया मािा है इस प्रकाि मौतखक िािाकलाप को तलतपबद्ध किना संिाद कहलािा
है
1.संिादों की प्रमुख तिशेषिांाँ
2.संिाद छोटे स्िािातिक औि िोचक होने चातहं
3.संिाद आपस में ंक दूसिे से संबंतधि हो
4. संिाद की िाषा सिल, तिषय औि पात्रों के अनुकूल होनी चातहं
5.बनािटी िाषा का प्रयोग नहीं किना चातहं । िाषा की गरिमा बनां िखनी चातहं
6.संिाद लेखन में पात्रों की मनोिाि, तिचाि मुद्रा आदद को कोष्ठक में तलखना चातहं
7.िािानुसाि तििाम तचन्ह का प्रयोग किना चातहं.

 तिषयानुसाि ही उतचि ढंग से तलखा माना चातहं ।


डायरी लेखन का प्रारूप

िीषमक
दिनाूँक-------समय ------
दिन ------
वप्रय डायरी,
दिये गए विषय का वििरण ----------------------------------
-------------------------------------------------------------------
-------------------------------------------------------------------
-------------------------------------------------------------------
-----------------------------------------------।
अंनिम भाग ( आि के शलए बस इिना ही )
िुभरात्रत्र
कफल्म समीक्षा प्रारूप

 कफल्म का नाम --------


 ननमामिा ----------------
 ननिे िक --------------
 कलाकार------------------
 कफ़ल्म को अंक 1 से 5 िक
 कफल्म की कहानी का सारांि ----------------------------------
---------------------------------------------------------------------
----------------------------------------------------------।
 कलाकारों का काम ----------------------------------------------
---------------------------------------------------------------------
------------------------------------------।
 कफ़ल्म के गुण – िोष -------------------------------------------
---------------------------------------------------------------------
----------------------------------।
 कफ़ल्म का संगीि
िाद –वििाद लेखन का प्रारूप

 सभा में उपजस्थि लोगों का सम्मान, पररचय


 ककस पक्ष में
आिरणीय ननणामयकगण , शिक्षकगण ि मेरे वप्रय साथथयों
मैं ------------------- विषय --------------- और --------पक्ष
( विपक्ष ) में अपने विचार रख रहा हूँ ।
कवििा से या सि
ु ाक्य से िरु
ु आि
 बीच – बीच में िसरे पक्ष का असमथमन करिे हुए
अपना पक्ष रखना िो या िीन पररच्छे ि में
 अंि में – यदि आप मेरे िब्िों से आहि हुए हों िो
मुझे क्षमा कररएगा ।
 धन्यिाि
ब्लॉग लेखन का प्रारूप

िीषमक ( बीच में )


 समय , स्थान
 भशमका – ( िुरुआि ककसी अनुभि ,उिाहरण , घटना
से )----------------------------------------------------------
--------------------------------------------------------------
-----------------------------------
 विषय विस्िार ( क्यों , कैसे का ििाब िे िे स्पष्ट
करािे हैं )
 उपसंहार – सुझाि , सीख , संिेि
 पाठकों की राय – मेरी ये राय हैं आपको भी अपने
विचारों को व्यक्ि करने के शलए आमंत्रत्रि ककया
िािा है । आपकी राय का मझ
ु े इंििार रहे गा ।
 ब्लॉगर का नाम
मगि माल का प्राूपप

गह विभाग मुख्य विषय उपविषय


शीषकक
प्रस्िािना
तिषय तिस्िाि
उपसंहाि
मगिमाल

प्रश्न ---- आपके शहि में प्रदूषण को कम किने के तलं स्थानीय प्रशासन ने कई तनयमों को लागू
दकया है उन तनयमों के प्रति आम लोगों में उदासीनिा है अपने शहि के लोगों में इन तनयमों के
प्रति मागूपकिा बढ़ाने के तलं ंक मगि माल बनाइं इस िेबसाइट में प्रदूषण के महत्िपूणक
पहलुओं को उमागि कीतमं

गृह पयाकििण िथा िूगोल प्रदूषण महत्िपूणक पहलू

तनयम पालन

आम मानििा का सबसे बड़ा शत्रु प्रदूषण है । आम िकनीकी ि तिज्ञान के युग में


हम प्रदूषण को िोक िो नहीं सकिे पिं िु इसकी गति को कम अिश्य कि सकिे ह

प्रदूषण अथाकि दूतषि िािाििण ,मो हमािे चािों ओि विद्यमान है । इसकी गति कम किने ने
तलं स्थानीय प्रशासन ने कु छ तनयम बनाये ह पि देखा मा िहा है दक अपनी लापििाही से
लोग इन तनयमों का पालन न किके अपने पााँि पि कु ल्हाड़ी माि िहे ह ।
लोग इस तनयम की गंिीििा को नहीं समझ पा िहे ह । सिकाि के द्वािा प्लातस्टक
थैतलयों के प्रयोग पि प्रतिबंध लगाया गया है लेदकन लोग बड़ी लापििाही से प्लातस्टक की
थैतलयों का प्रयोग कििे ह धििी के प्रदूषण का सबसे बड़ा कािण प्लातस्टक का प्रयोग है यह
कचिे के ूपप में धििी औि मल को प्रदूतषि कििा िहिा है । यह िी तनयम है दक हमें अपने
िाहनों को प्रदूषण मुि िखना चातहं औि समय-समय पि उनकी मााँच किानी चातहं पिं िु
इस तनयम का िी पालन नहीं दकया मा िहा है इसी ििह के अन्य तनयमों के प्रति िी हम
लापििाही ददखा िहे ह । मैसे दक िेम आिाम में संगीि सुनना, यहााँ- िहााँ कू ड़ा न फै लाना ।
इस ििह से तनयमों के प्रति उदासीनिा ददखाकि हम अपनी आने िाली
पीदढ़यों का मीिन तमट्टी में तमला देंगे । इसी ििह चलिा िहा िो आने िाला कल प्राकृ तिक
तिपदाओं िथा शािीरिक व्यातधयों से ििा होगा । मानि माति के उज्जिल ितिष्य के तलं हमें
अपने सामातमक किकव्यों का तनिाकह कििे हुं इन तनयमों का पालन किना चातहं ।

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