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www.jainelibrary.org and register your e-mail id (or sign in if previously registered). श्री मुहूर्तराज (फोल्डर नं. ००१९३३) मुनि जयप्रभ विजय “श्रमण” मुख्य टाइटल अर्पण समर्पण श्री मुहूर्तराज प्रस्तावना मेरी ओर से सम्पादक की लेखनी से अथ मुहूर्तराज अनुक्रमणिका अथ शुभाशुभ प्रकरण मंगलाचरण------------------------------------------------------------------------------------------------------ १ शकात संवत्सरज्ञानम------------------------------------------------------------------------------------------ २ अयन ज्ञानम---------------------------------------------------------------------------------------------------- २ रवे उत्तरायणं समस्त शुभ कृतियेषु सत्फलदम-------------------------------------------------------------२ दक्षिणायन में क्रूरदे व स्थापना दि कर्तव्यता----------------------------------------------------------------३ ऋतुज्ञानम------------------------------------------------------------------------------------------------------- ३ क्षयाधिक मास ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------------- ३ चान्द्रमास------------------------------------------------------------------------------------------------------- ४ क्षय एवं अधिकमासों में वर्जनीय कार्य---------------------------------------------------------------------- ४ मलमास--------------------------------------------------------------------------------------------------------- ४ मलमास में वर्ज्य कार्य---------------------------------------------------------------------------------------- ४ नियतकालिक कार्यों में मलमासादि दोषाभाव---------------------------------------------------------------५ रौरवकाल योग एवं शभ ु कृत्य--------------------------------------------------------------------------------- ५ तिथि विचार तिथि संज्ञा------------------------------------------------------------------------------------------------- ५ पक्षानुसार तिथियों में विशेषता ज्ञापक सारणी--------------------------------------------------------५ दग्धातिथिनामक पंचागदोष------------------------------------------------------------------------------ ६ दग्धातिथिफल--------------------------------------------------------------------------------------------- ७ प्रतिपदादि तिथियों के स्वामी---------------------------------------------------------------------------- ७ तिथि वद्धि ृ क्षय लक्षण----------------------------------------------------------------------------------- ७ आवश्यककृत्य में तिथि वद्धि ृ क्षयदोषाभाव-------------------------------------------------------------८ वार विचार शुभाशुभ संज्ञक वार--------------------------------------------------------------------------------------- ८ वारानुसार निषिद्ध तिथियाँ नक्षत्र------------------------------------------------------------------------ ८ मत ृ संज्ञक तिथि दग्ध नक्षत्र सारणी-------------------------------------------------------------------- ९ क्रूरवारों में करने योग्य कार्य---------------------------------------------------------------------------- ९ मंगल एवं शनिवार को कुछे क कार्यों में अशुभता-----------------------------------------------------९ वार प्रवत्ति ृ ------------------------------------------------------------------------------------------------- १० वारों की कालहोराएँ-------------------------------------------------------------------------------------- १० होरा प्रयोजन--------------------------------------------------------------------------------------------- १० होरा फल-------------------------------------------------------------------------------------------------- ११ वार वेला ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------------- ११ वार वेला ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------------- ११ वारों में छाया लग्न ज्ञान------------------------------------------------------------------------------- १२ रवि आदि वारों की सिद्धच्छाया ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------१२ समस्त शुभकृत्यों में मंगल का त्याग---------------------------------------------------------------- १३ दिन एवं रात्रि के चौघडियों का ज्ञान------------------------------------------------------------------ १३ दिन एवं रात्रि चतुर्घटिका सारणी---------------------------------------------------------------------- १४ नक्षत्र विचार नक्षत्र वर्ण राशि एवं स्वामी ज्ञापक सारणी----------------------------------------------------------१५ नक्षत्रों के स्वामी----------------------------------------------------------------------------------------- १६ ध्रव ु संज्ञक नक्षत्र तथा उनमें करने योग्य कार्य-----------------------------------------------------१६ चर संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य------------------------------------------------------------------------- १६ उग्र संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य------------------------------------------------------------------------- १६ मिश्र संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य------------------------------------------------------------------------ १७ लघु संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य------------------------------------------------------------------------- १७ मद ृ ु संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य------------------------------------------------------------------------- १७ तीक्ष्ण संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य---------------------------------------------------------------------- १८ अधोमुख न. नक्षत्र एवं तत्कृत्य------------------------------------------------------------------------ १८ ऊर्ध्वमख ु न. नक्षत्र एवं तत्कृत्य----------------------------------------------------------------------- १८ तिर्यडमुख न. नक्षत्र एवं तत्कृत्य---------------------------------------------------------------------- १८ ध्रुवादि संज्ञक नक्षत्र एवं तत्कृत्य ज्ञापक सारणी----------------------------------------------------१८ अभिजित नक्षत्र मान------------------------------------------------------------------------------------ २० अभिजित की ग्राह्याग्राह्यता का विचार----------------------------------------------------------------- २० जन्म नक्षत्र विषय में कश्यप-------------------------------------------------------------------------- २० जन्म एवं उपनाम नक्षत्रों का विचार------------------------------------------------------------------ २० पंचक ज्ञान----------------------------------------------------------------------------------------------- २१ पंचक फल------------------------------------------------------------------------------------------------ २१ पुष्य नक्षत्र प्रशंसा--------------------------------------------------------------------------------------- २१ नक्षत्रपाया ज्ञान एवं उसका फल----------------------------------------------------------------------- २२ नक्षत्रादि की अन्तिम घटियों की शभ ु कार्यों में त्याज्यता-----------------------------------------२२ नक्षत्रों क अन्धादि संज्ञाएँ एवं फल------------------------------------------------------------------- २२ अन्धादिसंज्ञक नक्षत्र एवं तत्फल ज्ञापक सारणी----------------------------------------------------२३ राशि विचार राशियों के स्वामी---------------------------------------------------------------------------------------- २३ सर्वदे श प्रसिद्ध अष्टकूट---------------------------------------------------------------------------------- २४ वर्णकूट---------------------------------------------------------------------------------------------------- २४ वश्यकूट--------------------------------------------------------------------------------------------------- २४ राशियों की द्वियदादिसंज्ञा------------------------------------------------------------------------------- २४ राशि द्विपदादि संज्ञा वर्ण वश्य बोधक सारणी-------------------------------------------------------२५ ताराकूट--------------------------------------------------------------------------------------------------- २५ योनिकूट--------------------------------------------------------------------------------------------------- २६ नक्षत्र योनि एवं परस्पर महावैर ज्ञापक सारणी-----------------------------------------------------२६ अपवाद सहित योनिफल-------------------------------------------------------------------------------- २७ योनिकूट में गुण विभाग-------------------------------------------------------------------------------- २७ ग्रहमैत्री---------------------------------------------------------------------------------------------------- २७ ग्रहमैत्री ज्ञापक सारणी---------------------------------------------------------------------------------- २८ ग्रहमैत्री में गुण विभाग--------------------------------------------------------------------------------- २८ ग्रहमैत्री प्रकार एवं गुणबोधक सारणी----------------------------------------------------------------- २९ गणकूट---------------------------------------------------------------------------------------------------- २९ गणफल--------------------------------------------------------------------------------------------------- ३० गणकूट गुण विभाग------------------------------------------------------------------------------------- ३० गणापवाद------------------------------------------------------------------------------------------------- ३१ राशिकूट--------------------------------------------------------------------------------------------------- ३१ वैरषट काष्टक--------------------------------------------------------------------------------------------- ३१ मित्रषटक काष्टक----------------------------------------------------------------------------------------- ३२ राशिकूट के विषय में विशेष--------------------------------------------------------------------------- ३२ नवपंचक के विषय में----------------------------------------------------------------------------------- ३२ द्विर्द्वादस--------------------------------------------------------------------------------------------------- ३२ मीनादि एवं मेषादि युग्म राशियों के द्विर्द्वादश का अशुभ फल------------------------------------३३ द्विर्द्वादश शुभाशुभयुग्म एवं तत्फलज्ञापक सारणी----------------------------------------------------३३ भकूट के गुण-------------------------------------------------------------------------------------------- ३४ सकलवकूट प्रधान नाडीकूट----------------------------------------------------------------------------- ३४ नाडी बोधक सारणी-------------------------------------------------------------------------------------- ३५ नाडी फल------------------------------------------------------------------------------------------------- ३५ प्राचीनाचार्य संमत वर्गफूट------------------------------------------------------------------------------ ३५ अवर्गादि शत्रव ु र्ग तथा उदासीन वर्ग एवं फल बोधक सारणी---------------------------------------३६ नक्षत्रों की स्त्रीपुरुषादि संज्ञा---------------------------------------------------------------------------- ३६ स्त्री परु ु षादि संज्ञक नक्षत्र बोधक सारणी-------------------------------------------------------------३६ योग विचार विष्कंु भादि दिन योग------------------------------------------------------------------------------------ ३७ विष्कंु भादि योगों की त्याज्य घडियाँ------------------------------------------------------------------ ३७ आनन्दादि संज्ञक २८ योग----------------------------------------------------------------------------- ३७ आनन्दादि योग बोधक सारणी------------------------------------------------------------------------- ३७ आनन्दादि योग ज्ञानोपाय वार निर्धारित नक्षत्र से दिन नक्षत्र------------------------------------३८ गणनानुसार आनन्दादि योग ज्ञापक सारणी---------------------------------------------------------३८ आनन्दादि योग वर्ज्य घटिकाएँ------------------------------------------------------------------------ ३९ अमत ृ सिद्धि योग----------------------------------------------------------------------------------------- ३९ अमत ृ सिद्धि योग सारणी-------------------------------------------------------------------------------- ४० क्रकचयोग एवं तज्ज्ञापकचक्र--------------------------------------------------------------------------- ४० कण्टक एवं उपकुलिक योग---------------------------------------------------------------------------- ४१ कण्टक एवं उपकुलिक योग ज्ञापक सारणी-----------------------------------------------------------४१ कुलिक योग---------------------------------------------------------------------------------------------- ४१ कुलिक योग ज्ञापक चक्र-------------------------------------------------------------------------------- ४२ संवर्त योग------------------------------------------------------------------------------------------------ ४२ यमघण्ट योग-------------------------------------------------------------------------------------------- ४२ यमघण्ट योग का अपवाद------------------------------------------------------------------------------ ४२ उत्पात मत्ृ यु काण एवं सिद्धि योग-------------------------------------------------------------------- ४३ दष्ट ु योगों की भी दे श भेद से अदष्ट ु ता---------------------------------------------------------------- ४३ व्यतिपातादि कुयोग भी मध्याहन के बाद दोषदायी नहीं-------------------------------------------४३ तिथि विशेष योग होने पर भी शुभ कृत्यों में हस्तार्कादि योगों की त्याज्यता------------------४४ सिद्धियोग भी कार्य विशेष में निन्दनीय--------------------------------------------------------------४४ सर्या ू दिवरों और नक्षत्र विशेषों के योग से सर्वार्थसिद्धि योग----------------------------------------४४ दिन एवं नक्षत्र योग जन्य सर्वार्थ सिद्धि योग ज्ञापक सारणी-------------------------------------४५ सिद्धियोग एवं उनके फल------------------------------------------------------------------------------- ४५ कुमार योग----------------------------------------------------------------------------------------------- ४६ कुमार योग ज्ञापक चक्र--------------------------------------------------------------------------------- ४६ कुमार योग के सम्बन्ध में श्रीहरिभद्र सूरि-----------------------------------------------------------४६ राजयोग--------------------------------------------------------------------------------------------------- ४७ अनेक दोषापवाद भूत रवियोग------------------------------------------------------------------------- ४७ राजयोग ज्ञापक सारणी--------------------------------------------------------------------------------- ४७ रवियोग ज्ञापक सारणी---------------------------------------------------------------------------------- ४७ कुयोग ज्ञापक सारणी----------------------------------------------------------------------------------- ४९ करण विचार चर करण नाम------------------------------------------------------------------------------------------- ४९ स्थिर करण नाम---------------------------------------------------------------------------------------- ४९ चन्द्र विचार गोचरगत चन्द्र फल------------------------------------------------------------------------------------- ५० चन्द्र के रुप्यादि पायों का ज्ञान----------------------------------------------------------------------- ५० घातचन्द्र दोष-------------------------------------------------------------------------------------------- ५० घातचन्द्र की वर्ज्यता एवं ग्राह्यता--------------------------------------------------------------------- ५१ स्त्री घातचन्द्र--------------------------------------------------------------------------------------------- ५१ पुरुष स्त्री घातचन्द्र ज्ञापक सारणी--------------------------------------------------------------------- ५२ स्त्री पुरुष के लिए चन्द्रबल की कुछ विशेषता-------------------------------------------------------५२ जन्मराशि नक्षत्रादि के अज्ञान में उनके जानने का उपाय-----------------------------------------५२ नाम राशि ग्रहण विचार--------------------------------------------------------------------------------- ५३ बारहवां चन्द्र भी शभ ु ----------------------------------------------------------------------------------- ५३ जन्म चन्द्र विचार--------------------------------------------------------------------------------------- ५३ सभी कार्यों में चन्द्रबल की विशेषता------------------------------------------------------------------ ५४ तारा विचार तारा बल ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------------- ५५ ताराओं के नाम------------------------------------------------------------------------------------------ ५५ जन्मतारा की शुभाशुभता------------------------------------------------------------------------------- ५५ अशुभतारा ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------------------------------- ५६ आवश्यक कृत्यों में तारा परिहार---------------------------------------------------------------------- ५७ भद्रा विचार भद्रा नियत काल---------------------------------------------------------------------------------------- ५८ भद्रा ज्ञापक सारणी-------------------------------------------------------------------------------------- ५८ बह ृ स्पति की भद्रा विषयक स्पष्टोक्ति------------------------------------------------------------------- ५८ भद्रा अंग विभाग व फल------------------------------------------------------------------------------- ५९ भद्रा के तीन परिहार-------------------------------------------------------------------------------- ५९-६० भद्रा निवास एवं तत्फल-------------------------------------------------------------------------------- ६१ भद्रा मुख पुच्छ विभाग--------------------------------------------------------------------------------- ६१ भद्रा मुख पुच्छ घटीमान प्रहरानुसार ज्ञापक सारणी------------------------------------------------६२ समस्त कार्यों में वर्जनीय पंचांग दष ू ण---------------------------------------------------------------६२ गरु ु शक्र ु विचार गुरु शुक्र अस्त काल में वर्जनीय कार्य----------------------------------------------------------------६३ सिंह एवं मकर राशि स्थित गुरु दोष----------------------------------------------------------------- ६३ गर्वा ु दित्य पदार्थ के विषय में-------------------------------------------------------------------------- ६४ गुरु शुक्र बाल्य वार्धक्य दिन संख्या------------------------------------------------------------------ ६५ वक्रातिचारगत गुरु में वर्जनीय कार्य--------------------------------------------------------------६५-६६ होलिकाष्टक दोष एवं अपवाद--------------------------------------------------------------------------- ६७ विवाह विचार विवाह दस दोष------------------------------------------------------------------------------------------ ६७ पंचशलाका यन्त्र निर्माण विधि------------------------------------------------------------------------ ६८ पंचशलाका यन्त्र----------------------------------------------------------------------------------------- ६८ अन्यत्र कार्यों में सप्तशलाका यन्त्र--------------------------------------------------------------------- ६९ लत्ता दोष-------------------------------------------------------------------------------------------------- ६९ लत्ता दोष ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------------------------------- ७० लत्ता दोष फल-------------------------------------------------------------------------------------------- ७१ पात दोष-------------------------------------------------------------------------------------------------- ७२ पात संज्ञाएँ----------------------------------------------------------------------------------------------- ७२ पात दोष ज्ञापक सारणी-------------------------------------------------------------------------------- ७३ युति दोष-------------------------------------------------------------------------------------------------- ७४ यति ु फल------------------------------------------------------------------------------------------------- ७४ विवाह में वर्ज्य पंचशलाका वेध------------------------------------------------------------------------ ७४ सप्तशलाक वेध------------------------------------------------------------------------------------------- ७५ सप्त शलाका वेध यन्त्र---------------------------------------------------------------------------------- ७५ ईस वेध का अपवाद------------------------------------------------------------------------------------- ७६ पाद वेध विषय में वशिष्ट------------------------------------------------------------------------------- ७६ वेध फल-------------------------------------------------------------------------------------------------- ७६ यामित्र दोष----------------------------------------------------------------------------------------------- ७७ यामित्र फल----------------------------------------------------------------------------------------------- ७७ पंचाख्य बाण दोष--------------------------------------------------------------------------------------- ७७ समय वार कार्य भेद से बाणदोष परिहार-------------------------------------------------------------७८ त्रिविध बाणदोष परिहार ज्ञापक सारणी---------------------------------------------------------------७९ एकार्गल दोष--------------------------------------------------------------------------------------------- ७९ उपग्रह दोष----------------------------------------------------------------------------------------------- ८० उपग्रह अपवाद------------------------------------------------------------------------------------------- ८१ विधुदादि त्रयोदशा उपग्रह दोष बोदक सारणी क्रान्ति साम्य चक्र--------------------------------------------------------------------------------------- ८३ क्रान्ति साम्य चक्र--------------------------------------------------------------------------------------- ८३ लत्तादि दोष परिहार---------------------------------------------------------------------------------- ८३-८४ मांगलिक कर्यों में अब्दादि अनेक दोषों का परिहार-------------------------------------------------८४ आत्मच्छायोपरि ईष्टघटी ज्ञान-------------------------------------------------------------------------- ८५ रात्रि में ईष्टघटी ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------ ८५ अथ लग्नशुद्धि प्रकरण लग्न जानने की विधि--------------------------------------------------------------------------------------- ८६ लग्न स्थति मान--------------------------------------------------------------------------------------------- ८६ लग्नवांश ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------------------ ८७ नवांश प्रधानता------------------------------------------------------------------------------------------------ ८७ कुण्डली बारह स्थानों के नाम------------------------------------------------------------------------------- ८७ भावों की केन्द्रादि संज्ञाएँ------------------------------------------------------------------------------------ ८७ भाव केन्द्रादि ज्ञापक सारणी-------------------------------------------------------------------------------- ८७ ग्रह राशि स्थित मान---------------------------------------------------------------------------------------- ८८ ग्रहों की उच्च नीच एवं मूल त्रिकोणासांश राशियाँ-------------------------------------------------------८८ ग्रह स्वराश्यादि ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------------------------------ ८९ ग्रहों के उच्चत्व नीचत्व का प्रयोजन---------------------------------------------------------------------- ८९ ग्रहों के वर्ण--------------------------------------------------------------------------------------------------- ९० ग्रहों की स्थानों पर दृष्टियां---------------------------------------------------------------------------------- ९० क्रूर और सौभ्य ग्रह------------------------------------------------------------------------------------------ ९० भाव बलाबल ज्ञान-------------------------------------------------------------------------------------------- ९० लग्न शुद्धि----------------------------------------------------------------------------------------------------- ९१ सर्वथा लग्नभड्गकर्ता ग्रह----------------------------------------------------------------------------------- ९१ लग्न में रे खा दे ने वाले ग्रह--------------------------------------------------------------------------------- ९१ ग्रह रे खास्थान ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------------------------------- ९२ लग्न में निषिद्ध ग्रह------------------------------------------------------------------------------------------ ९२ कर्तरी दोष----------------------------------------------------------------------------------------------------- ९२ लग्न विंशोपका------------------------------------------------------------------------------------------------ ९३ लग्न भंगकारीं कर्तरी आदि परिहार------------------------------------------------------------------------ ९३ उक्तानक्त ु ा अनेक दोषों के अनेक परिहार------------------------------------------------------------------- ९४ अथ आवश्यक मुहूर्त प्रकरण शान्तिक पौष्टिक कृत्य मुहूर्त-------------------------------------------------------------------------------- ९५ अक्षरम्भ मुहूर्त-------------------------------------------------------------------------------------------- ९५-९६ विधारम्भ में लग्न शुद्धि--------------------------------------------------------------------------------- ९६-९७ विधारम्भ में लग्न शद्धि ु ------------------------------------------------------------------------------------- ९७ दीक्षा मुहूर्त---------------------------------------------------------------------------------------------------- ९८ दीक्षा प्रतिष्ठा विवाह कर्म ग्राह्य नक्षत्र ज्ञापक सारणी-----------------------------------------------------९९ दीक्षा में लग्नांश रशियाँ------------------------------------------------------------------------------------- ९९ दीक्षा लग्न में ग्रहों की श्रेष्ठ मध्यम व उत्तंम स्थिति----------------------------------------------९९-१०० सूर्यादिग्रहों की स्थानस्थित्यनुसार उत्तमा दि अवस्था ज्ञापक सारणी--------------------------------१०१ दीक्षा लग्न में विशेषता------------------------------------------------------------------------------------ १०१ लोचकर्मादि मुहूर्त------------------------------------------------------------------------------------------- १०१ पात्रभोग मह ु ू र्त----------------------------------------------------------------------------------------------- १०२ यात्रा मुहूर्त--------------------------------------------------------------------------------------------------- १०२ यात्रा में वार------------------------------------------------------------------------------------------------- १०२ यात्रा में वारों की ग्राह्याग्राह्यता----------------------------------------------------------------------------- १०३ वार शूल एवं नक्षत्र शूल----------------------------------------------------------------------------------- १०३ वार नक्षत्र शूल फल---------------------------------------------------------------------------------------- १०४ पूर्वादि दिशाओं में नक्षत्र वार शूल ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------१०५ वार शूल परिहार सारणी----------------------------------------------------------------------------------- १०५ काल शल ू ----------------------------------------------------------------------------------------------------- १०६ यात्रा में उत्तमादि नक्षत्र ज्ञापक सारणी-------------------------------------------------------------------१०७ यात्रा के मध्यम निषिद्ध कतिपय नक्षत्र वर्ज्य घटिकाएँ------------------------------------------------१०७ योगिनी दोष------------------------------------------------------------------------------------------------- १०८ योगिनी फल------------------------------------------------------------------------------------------------- १०९ अर्ध प्रहर योगिनी------------------------------------------------------------------------------------------- १०९ अर्ध प्रहर योगिनी------------------------------------------------------------------------------------------- १०९ योगिनी बोधक सारणी-------------------------------------------------------------------------------------- ११० यात्रा शभ ु ाशभ ु दिशा बोधक सारणी----------------------------------------------------------------------- ११० अर्धप्रहर योगिनी स्थित ज्ञापक सारणी------------------------------------------------------------------ ११० सर्व दिग्द्वार नक्षत्र------------------------------------------------------------------------------------------- १११ काल एवं पाश योग----------------------------------------------------------------------------------------- १११ राहुचार ज्ञान------------------------------------------------------------------------------------------------- ११२ काल पाश योग बोधक सारणी---------------------------------------------------------------------------- ११३ दिन अथवा रात्रि के अर्धप्रहर दिशाएँ राहुचार सारणी--------------------------------------------------११३ राहू फल------------------------------------------------------------------------------------------------------ ११४ चन्द्रचार ज्ञान----------------------------------------------------------------------------------------------- ११४ चन्द्र फल---------------------------------------------------------------------------------------------------- ११४ सम्मुख चन्द्र की सर्व दोष नाशकता---------------------------------------------------------------------११५ परु ालयादि प्रवेश में चन्द्र विचार-------------------------------------------------------------------------- ११६ समस्त ग्रहों क पर्वा ू दि दिशा विचरण--------------------------------------------------------------------११६ रविचार तथा तदबोधक सारणी---------------------------------------------------------------------------- ११६ यात्रा में दिशा शद्धि ु के लिए परिघ ज्ञान-----------------------------------------------------------------११७ दिग्द्वार नक्षत्र तत्स्वामिग्रह एवं यात्रा शुभाशुभ ज्ञापक सारणी----------------------------------------११८ परिघ यन्त्र--------------------------------------------------------------------------------------------------- १२१ यात्रा में अयन शुद्धि---------------------------------------------------------------------------------------- ११९ यात्रा में सम्मुख शुक्र दोष--------------------------------------------------------------------------------- १२० प्रतिशक्र ु दोष फल------------------------------------------------------------------------------------------- १२१ प्रतिशुक्र का अपवाद एवं शुक्रास्त में कुछ विशेष-------------------------------------------------१२१-१२२ दक्षिण शुक्र भी त्याज्य------------------------------------------------------------------------------------ १२३ शक्र ु ोदयास्त दिन संख्या------------------------------------------------------------------------------------ १२३ यात्रा में पथिराहु एवं तच्चक्र निर्माण विधि-------------------------------------------------------------१२३ पथिराहु चक्र------------------------------------------------------------------------------------------------- १२४ पथिराहु फल------------------------------------------------------------------------------------------------- १२५ आवश्यक यात्रार्थ तिथि चक्र योजना---------------------------------------------------------------------१२५ प्रयाण शभ ु ाशभ ु फल ज्ञापक सारणी----------------------------------------------------------------------१२६ प्रयाण में लग्न शुद्धि--------------------------------------------------------------------------------------- १२६ अन्यान्य अनिष्ट लग्न एवं ईष्ट लग्न फल---------------------------------------------------------------१२७ अनिष्ट लग्न का एक और प्रकार-------------------------------------------------------------------------- १२८ यात्रार्थ शुभ लग्न------------------------------------------------------------------------------------------- १२८ दिशानुसार मेषादि राशियों के यात्रा लग्न का फल-----------------------------------------------------१२९ दिशानुसार यात्रा में शुभाशुभ फलद यात्रा लग्न बोधक सारणी---------------------------------------१३० दिशा स्वामी------------------------------------------------------------------------------------------------- १३० लालाटिक योग---------------------------------------------------------------------------------------------- १३१ दिशास्वामी ज्ञापक एवं दिशानुसार लालटिक योग कारक ग्रह स्थिति ज्ञापक कुण्डलियाँ- --------१३२ यात्रा में दिशानुसार समय बल---------------------------------------------------------------------------- १३३ अभिजिन्मह ु ू र्त प्रशंसा--------------------------------------------------------------------------------------- १३४ यात्रा लग्न कुण्डली में ग्रहों की शुभाशुभ फल दायकता-----------------------------------------------१३४ यात्रा लग्न ग्रह शुभाशुभ स्थान ज्ञापक सारणी---------------------------------------------------------१३६ मन शुद्धि निमित्तादि प्रशंसा-------------------------------------------------------------------------------- १३६ यात्रा में निषिद्ध निमित्त------------------------------------------------------------------------------ १३६-१३७ गमनसमय विधि-------------------------------------------------------------------------------------------- १३८ विभिन्न दिग्यात्रार्थ विभिन्नयान-------------------------------------------------------------------------- १३८ यात्रा में विलम्बता के कारण प्रस्थाप्य वस्तुए-ँ ---------------------------------------------------------१३९ प्राच्यमत से प्रस्थान परिमाण----------------------------------------------------------------------- १३९-१४० प्रस्थान दिन संख्या तथा मैथुन निषेध------------------------------------------------------------------ १४१ प्रस्थानकर्ता के नियम-------------------------------------------------------------------------------- १४१-१४२ यात्रा में शभ ु सच ू क शकुन----------------------------------------------------------------------------- १४२-१४३ शकुन प्रयोजन----------------------------------------------------------------------------------------------- १४४ अशुभसूचक शकुन------------------------------------------------------------------------------------- १४५-१४७ शुभाशुभशकुन सूचक सारणी------------------------------------------------------------------------------- १४८ क्षुतफल दिशा एवं समय भेद से-------------------------------------------------------------------------- १४९ दिशायाम क्रम से क्षुतफलज्ञापक सारणी-----------------------------------------------------------------१४९ वसन्तराज मत से छींक के आठ प्रकार-----------------------------------------------------------------१५० कतिपय अन्य शकुन--------------------------------------------------------------------------------------- १५० वामांग शभ ु सच ू क शकुन---------------------------------------------------------------------------------- १५१ समय एवं निवास विशेष से शकुन निष्फलता----------------------------------------------------------१५१ विरुद्ध शकुन निन्दा----------------------------------------------------------------------------------------- १५२ यात्रा की आवश्यकता में दश ु कुन होने पर कर्त्तव्य------------------------------------------------------१५२ प्राण समय प्रमाण------------------------------------------------------------------------------------------ १५२ द ु शकुन का उपचार---------------------------------------------------------------------------------------- १५३ यात्रा निवत्ति ृ पर गह ृ प्रवेश मुहूर्त------------------------------------------------------------------------- १५३ त्रिविध गहृ प्रवेश-------------------------------------------------------------------------------------------- १५४ सप ु र्व ू प्रवेश में तिथि वार एवं लग्न----------------------------------------------------------------------१५४ ज्वरोत्पत्ति समय से तत्स्थिति दिन संख्या-------------------------------------------------------------१५५ शीध्र रोगिमरण का विशिष्ट योग-------------------------------------------------------------------------- १५६ औषधसेवन मुहूर्त------------------------------------------------------------------------------------------- १५७ नवधा विभक्त वस्त्र के दग्धादिक्ता से शुभाशुभ फल-----------------------------------------------------१५९ नत ू न वस्त्र नवभागों में दे वादि स्थापना क्रम------------------------------------------------------१५९-१६० नव वस्त्र धारण में शुभाशुभ फलद नक्षत्र बोध सारणी-------------------------------------------------१६१ वारानुसार नूतन वस्त्र धारण शुभाशुभ फल बोध सारणी-----------------------------------------------१६१ विभिन्न वर्ण वस्त्रों के धारण में विहित वार------------------------------------------------------------१६१ स्त्रियों के नूतन वस्त्र एवं अलंकार धारण---------------------------------------------------------------- १६२ स्त्रियों के रक्तवस्त्र धारण में निषिद्ध नक्षत्र---------------------------------------------------------------१६३ राजदर्शन मुहूर्त---------------------------------------------------------------------------------------------- १६३ क्रय विक्रय नक्षत्रों में परस्पर विरोध एवं क्रय नक्षत्र--------------------------------------------------१६४ विक्रय एवं विपणि मुहूर्त----------------------------------------------------------------------------------- १६४ धन प्रयोग में निषिद्ध नक्षत्र विष्टि व्यत्तिपातादि---------------------------------------------------------१६५ द्रव्य प्रयोग मुहूर्त------------------------------------------------------------------------------------------- १६६ सेवक द्वारा स्वामिसेवा मह ु ू र्त------------------------------------------------------------------------------ १६७ नाटक एवं काव्यारम्भ मुहर्त------------------------------------------------------------------------------- १६७ मन्त्रादि ग्रहण समय--------------------------------------------------------------------------------------- १६८ धर्मारम्भ एवं नन्दीस्थापन-------------------------------------------------------------------------------- १६८ अथ वास्तु प्रकरणम गह ृ निर्माण प्रयोजन---------------------------------------------------------------------------------------- १६९ ग्राम अथवा नगर में गह ृ निर्माणार्थ स्व शुभाशुभ एवं गह ृ द्वार---------------------------------१६९-१७० काकिणी के सम्बन्ध में स्पष्टतया निर्देश----------------------------------------------------------------१७१ गह ृ निर्माणार्थ गह ृ कर्ता एवं ग्राम नगर राशिमेलापक सारणी------------------------------------------१७१ गह ृ निर्माणार्थ काकिणी बोध एवं तत्शुभाशुभ फल बोधक सारणी-----------------------------------१७२ राशि वर्ण परत्व गह ृ द्वारा निवेशन दिग बोध सारणी--------------------------------------------------१७३ राशि सम्बन्ध से ग्राम निवास निषिद्ध स्थान-----------------------------------------------------------१७३ आयादि लाने के प्रकार------------------------------------------------------------------------------------- १७४ उदाह्रत क्षेत्रफलीय भूभाग आयादि बोध सारणी---------------------------------------------------------१७५ आयों के नाम उनकी दिशास्थिति एवं शुभाशुभता------------------------------------------------------१७५ आयों के ग्रहण करने की व्यवस्था----------------------------------------------------------------------- १७६ स्थानानस ु ार आय ग्रहण व्यवस्था बोध सारणी---------------------------------------------------------१७६ आयानुसार गह ृ द्वार----------------------------------------------------------------------------------------- १७७ आयानुसार द्वार निवेश सारणी----------------------------------------------------------------------------- १७७ व्यय लाने का प्रकार--------------------------------------------------------------------------------------- १७८ अंश लाने का प्रकार---------------------------------------------------------------------------------------- १७८ घरों के नाम------------------------------------------------------------------------------------------------- १७८ दिशानुसार अलिन्द स्थिति से भवनों के नाम फल सारणी-------------------------------------------१७९ आयफल------------------------------------------------------------------------------------------------------ १८० वारफल------------------------------------------------------------------------------------------------------- १८० धन ऋण फल----------------------------------------------------------------------------------------------- १८० ताराफल------------------------------------------------------------------------------------------------------ १८१ नक्षत्रफल----------------------------------------------------------------------------------------------------- १८१ एक नाडी दोषाभाव------------------------------------------------------------------------------------------ १८१ गह ृ ारम्भ में समय निषेध---------------------------------------------------------------------------------- १८१ वास्तु में चन्द्रबल------------------------------------------------------------------------------------------- १८२ विभिन्न दिगद्वारीय भवनों के मान चित्रानुसार चन्द्र स्थिति------------------------------------१८३-१८४ वास्तु शास्त्रोक्त नत्रत्रानुसार राशि बोधक सारणी---------------------------------------------------------१८५ गह ृ ारम्भ वष ृ वास्तु चक्र फल सहित---------------------------------------------------------------१८५-१८६ वष ृ वास्तु चक्र सारणी I----------------------------------------------------------------------------------- १८७ वष ृ वास्तु चक्र सारणी II---------------------------------------------------------------------------------- १८८ सौर चान्द्र मासों की एकता से गह ृ द्वार दिशाएं निर्माण नक्षत्रादि------------------------------------१८९ गह ृ ारम्भ में चान्द्रमास एवं फल-------------------------------------------------------------------------- १९० द्वार नियम--------------------------------------------------------------------------------------------------- १९० गह ृ ारम्भ में सौर चान्द्र मास समन्वय------------------------------------------------------------------- १९१ गेहारम्भार्थ संक्रान्तियों एवें तत्संयोग से मासों की ग्राहयाग्राह्यता सारणी---------------------------१९२ तण ृ ादि निर्मेय गह ृ ारम्भ में -------------------------------------------------------------------------------- १९२ तिथ्यनुसार गह ृ द्वार निषेध-------------------------------------------------------------------------------- १९२ पर्वा ू दि दिग्द्वार गह ृ ों के ४ मानचित्र----------------------------------------------------------------------- १९३ गेहारम्भ में विहित एवं निषिद्ध तिथियाँ-----------------------------------------------------------------१९३ गेहारम्भ में पंचांग शुद्धि----------------------------------------------------------------------------------- १९४ गेहारम्भ में त्याज्य एवं ग्राह्य वार------------------------------------------------------------------------ १९४ गेहारम्भ नक्षत्र---------------------------------------------------------------------------------------------- १९४ दे वालय गह ृ एवं जलाशय निर्माण में राहुमुख-----------------------------------------------------------१९५ खातारम्भ के लिए भिन्न भिन्न मत---------------------------------------------------------------१९५-१९७ दे वालयादि के खातारम्भ में राहुमुख मानचित्र----------------------------------------------------------१९७ दे वालययादि के खातोपयक्त ु विदिड मानचित्र-------------------------------------------------------------१९७ खातारम्भ नक्षत्र--------------------------------------------------------------------------------------------- १९८ खात पट्टाभिषेकादि के लिए उपयुक्त नक्षत्र ज्ञापक सारणी---------------------------------------------१९८ भमि ू शयन विचार-------------------------------------------------------------------------------------------- १९९ भूशयन ज्ञानोपाय सारणियाँ २---------------------------------------------------------------------------- १९९ वत्सचार ज्ञान----------------------------------------------------------------------------------------------- १९९ वस्त रुप----------------------------------------------------------------------------------------------------- २०० वत्सचार सम्बन्धी विशेष---------------------------------------------------------------------------------- २०० वस्तचार एवं तत्स्थिति बोधक चक्र----------------------------------------------------------------------२०० वस्तचार फल------------------------------------------------------------------------------------------------ २०१ वस्तवत अन्य ग्रह दिशा स्थिति बोधक चक्र त्रय------------------------------------------------------२०१ शिवचार------------------------------------------------------------------------------------------------------ २०१ शिवचार फल------------------------------------------------------------------------------------------------ २०२ सूर्य संक्रान्तिपरत्व दिगविदिक स्थित शिवचार बोधार्थ सारणी---------------------------------------२०३ संक्रान्त्यनुसार शिवस्थिति से गन्तव्य सिद्धिद दिगविदिग्बोध सारणी-------------------------------२०४ गेहारम्भ में लग्न बल-------------------------------------------------------------------------------------- २०५ गेहारम्भ में कुछ विशेष------------------------------------------------------------------------------------ २०६ बलवद लग्न में प्रारब्ध घरों की आय-ु ------------------------------------------------------------------- २०६ लक्ष्मीयुक्त गह ृ ों के ३ योग--------------------------------------------------------------------------- २०६-२०८ गह ृ ारम्भ में अनिष्टप्रद योग-------------------------------------------------------------------------------- २०८ गह ृ ारम्भ में अशुभकारक नीच निर्बल एवं अस्तगत चन्द्रादि------------------------------------------२०८ गह ृ कूप की दिशआनुसार स्थिति फल------------------------------------------------------------------- २०९ गह ृ कूप की उपक्तानप ु यक्त ु दिशाएं एवं तत्फल सारणी-------------------------------------------------२०९ भवन में अन्याय प्रकोष्ठ दिगविदिक----------------------------------------------------------------------२०९ भवनगत अन्याय प्रकोष्ठों का दिशाविदिशानुसार मानचित्र---------------------------------------------२१० द्वार चक्र एवं उसका फल---------------------------------------------------------------------------------- २११ द्वारांगों पर स्थित चन्द्र नक्षत्र संख्या एवं शुभाशुभ फल बोध सारणी--------------------------२१२-२१३ अंगधिष्ठित नक्षत्र वशात शभ ु ाशभ ु फल सच ू क द्वार मानचित्र------------------------------------------२१३ द्वार शाखा स्थापन नक्षत्र----------------------------------------------------------------------------------- २१४ द्वारशाखा विहित चन्द्र नक्षत्रों की भी सूर्य नक्षत्र परत्व ग्राह्यग्राह्यता बोध सारणी------------------२१५ द्वारशाखावरोपण में शभ ु ाशभ ु तिथियाँ--------------------------------------------------------------------- २१६ द्वार शाखावरोपण में शुभाशुभ तिथि फल सारणी-------------------------------------------------------२१६ द्वार शाखावरोपण में लग्न शुद्धि--------------------------------------------------------------------------- २१६ द्वारशाखावरोपण में राहु विचार---------------------------------------------------------------------- २१६-२१७ सूर्यसंक्रात्यनुसार राहु स्थिति दिगज्ञापक मानचित्र-----------------------------------------------------२१७ द्वार कपाट महु ू र्त-------------------------------------------------------------------------------------------- २१७ द्वार कपाट युग्मयोग में शुभाशुभ फल ज्ञापक तालिका------------------------------------------------२१८ द्वार वेध विचार---------------------------------------------------------------------------------------------- २१८ द्वार वेध फल------------------------------------------------------------------------------------------------ २१८ अथ गह ृ प्रवेशा पर पर्याय प्रतिष्ठा प्रकरण अपूर्व प्रवेश एवं सुपर्व प्रवेशार्थ काल शुद्धि---------------------------------------------------------२२०-२२३ जीर्ण गह ृ प्रवेश---------------------------------------------------------------------------------------------- २२३ प्रवेश में तिथि वार निर्णय--------------------------------------------------------------------------------- २२३ त्रिविध गह ृ प्रवेश में लग्नबल----------------------------------------------------------------------------- २२४ दिग्द्वारीय गह ृ ों के दिग्द्वारीय नक्षत्र निर्देश सहित ४ मानचित्र-----------------------------------------२२५ गह ृ प्रवेश में लग्नशुद्धि तिथिशुद्धि एवं प्रवेश विधि-----------------------------------------------२२५-२२७ वामार्क ज्ञान एवं तिथिपरत्व पर्वा ू दिदिगद्वार भवन प्रवेश-----------------------------------------------२२८ पूर्वादिदिडमुख गह ृ ों के प्रवेश कुण्डली सहित ४ मानचित्र----------------------------------------------२२९ पूर्वादिमुख भवन प्रवेशार्थ विहित तिथि ज्ञान सारणी---------------------------------------------------२२९ प्रवेश समय में शुक्र स्थिति------------------------------------------------------------------------------- २०३ ग्रहों की प्रकारत्रय से प्रवुश कुण्डली में स्थिति---------------------------------------------------------२३० गह ृ प्रवेश लग्न कुण्डली में ग्रहों की उत्तम मध्यमाधम स्थितिबोधार्थ सारणी----------------------२३१ गह ृ प्रवेश में कलश चक्र----------------------------------------------------------------------------- २३१-२३२ सूर्यनक्षत्र से चन्द्रनक्षत्रावधि गणना गत कलश वास्तुचक्र शुभांग स्थिति नक्षत्र सारणी----------२३३ प्रवेश में निष्कृष्टार्थ विशेष--------------------------------------------------------------------------------- २३४ वास्तुपूजा---------------------------------------------------------------------------------------------------- २३४ नूतनगह ृ प्रवेश एवं सुपूर्वगह ृ प्रवेश में ग्राह्य अयनादि बोध सारणी--------------------------------------२३५ जीर्ण एवं जीर्णोदघत गह ृ प्रवेश में ग्राह्य अयनादि बोध सारणी---------------------------------------२३६ प्रतिष्ठा समय विचार---------------------------------------------------------------------------------- २३६-२३७ जन्ममास तिथि एवं नक्षत्रों की त्याज्यता---------------------------------------------------------------२३७ प्रतिष्ठा में दिनशुद्धि----------------------------------------------------------------------------------------- २३८ भद्रादिदोषों से लग्न भंग----------------------------------------------------------------------------------- २३९ प्रतिष्ठा नक्षत्र------------------------------------------------------------------------------------------------- २३९ प्रतिष्ठा में पक्ष----------------------------------------------------------------------------------------------- २३९ प्रतिष्ठा तिथि------------------------------------------------------------------------------------------------- २४० प्रतिष्ठा लग्न------------------------------------------------------------------------------------------------- २४० श्रीजिनेश्वर प्रतिष्ठा में लग्न-------------------------------------------------------------------------------- २४१ अन्य दे वों की प्रतिष्ठा में लग्न---------------------------------------------------------------------------- २४१ प्रतिष्ठा में लग्न नवांश-------------------------------------------------------------------------------- २४१-२४३ लग्नविषयक सामान्य नियम------------------------------------------------------------------------------ २४३ कर्तरीफल एवं परिहार-------------------------------------------------------------------------------------- २४३ कर्तरी के विषय में व्यास एवं कर्तरी के प्रकारत्रय------------------------------------------------------२४४ त्रिविध कर्तरी बोध कुण्डलियाँ----------------------------------------------------------------------------- २४५ प्रतिष्ठा लग्न में ग्रहयति ु एवं दृष्टि------------------------------------------------------------------------- २४६ प्रतिष्ठा लग्न में ग्रहयुति दृष्टि बोध सारणी---------------------------------------------------------------२४६ समस्त शुभकार्यों के लग्नों में त्याज्य पदार्थ-----------------------------------------------------------२४६ प्रतिष्ठा कुण्डली में सप्तम स्थान में त्याज्य ग्रह संस्था------------------------------------------------२४७ प्रतिष्ठादि कार्यों में सामान्यतया ग्रहस्थिति रुप योग---------------------------------------------------२४७ श्रीवत्सादि द्वादश योग कुण्डलियाँ------------------------------------------------------------------------- २४८ गजादि चार योग-------------------------------------------------------------------------------------------- २४८ गजादि योग कुण्डलियाँ------------------------------------------------------------------------------------- २४९ उपर्युक्तयोग शभ ु ाशभ ु ता------------------------------------------------------------------------------------- २४९ श्रीपूर्णभद्र के विचार---------------------------------------------------------------------------------------- २४९ कतिपय अन्य शुभ लग्न कुण्डली योग------------------------------------------------------------------ २५० आनन्दादि सात योग कुण्डलियाँ-------------------------------------------------------------------------- २५० आनन्दादि योग फल--------------------------------------------------------------------------------------- २५१ प्रतिष्ठा लग्न कुण्डली में रे खादात ृ ग्रह संस्था------------------------------------------------------------२५१ प्रतिष्ठा भंगद ग्रह संस्था------------------------------------------------------------------------------------ २५१ यहाँ कुछ विशेष--------------------------------------------------------------------------------------------- २५२ प्रतिष्ठा में ग्रह संस्था से विभिन्न प्रकार बोध सारणी--------------------------------------------------२५३ श्री पूर्णभद्र मतानुसार ग्रह. संस्था फल------------------------------------------------------------------- २५३ प्रतिष्ठा कुण्डली में भावस्थित्यनुसार ग्रह शुभाशुभता बोध सारणी------------------------------------२५४ श्री अरिहन्त स्थापना कुण्डली में ग्रहस्थिति------------------------------------------------------------२५५ श्री महादे व स्थापना कुण्डली में ग्रहस्थिति--------------------------------------------------------------२५५ श्री बह्मा स्थापना कुण्डली में ग्रहस्थिति----------------------------------------------------------------- २५५ श्री दे वी स्थापना कुण्डली में ग्रहस्थिति------------------------------------------------------------------ २५५ श्री ईन्द्रादि स्थापना कुण्डली में ग्रहस्थिति--------------------------------------------------------------२५५ ग्रह विंशोपक बल------------------------------------------------------------------------------------------- २५६ ग्रह बलवत्ता-------------------------------------------------------------------------------------------------- २५७ मुथुशिल एवं मुशरिफ योग-------------------------------------------------------------------------------- २५८ ग्रहों की बलहीनता------------------------------------------------------------------------------------ २५८-२५९ दे वादि प्रतिष्ठा में अयनादि पदार्थ बोध सारणी----------------------------------------------------------२६० श्री जिनेश्वरों के च्वयन नक्षत्र राशि योनि आदि--------------------------------------------------------२६१ श्री जिनेश्वर नाम नक्षत्र राशि योनि गण चिह्न नाडी बोधक यन्त्र------------------------------------२६२ अथ ग्रन्थ प्रशस्ति------------------------------------------------------------------------------------------ २६३ परिशिष्ट क-गणित विभाग ईष्टघटीपल तात्पर्य-------------------------------------------------------------------------------------- २६६ समय प्रकार--------------------------------------------------------------------------------------------- २६६ स्थानीय समय ज्ञानोपाय------------------------------------------------------------------------------ २६६ स्थानीय सूर्योदय ज्ञान विधि------------------------------------------------------------------------- २६७ स्थानीय ईष्ट समय ज्ञान विधि----------------------------------------------------------------------- २६७ सूर्य स्पष्टीकरण----------------------------------------------------------------------------------------- २६८ चालाक विधि गोमत्रि ू का गण ु नफल का ग्रहराश्यदि योगन्तर-------------------------------------२६९ भौम स्पष्टीकरण---------------------------------------------------------------------------------- २६९-२७० चन्द्रस्पष्टीकरण विधि---------------------------------------------------------------------------------- २७१ चन्द्रगति ज्ञानोपाय------------------------------------------------------------------------------------ २७१ चन्द्रसाधन प्रक्रिया------------------------------------------------------------------------------- २७१-२७२ चन्द्रगति साधन प्रक्रिया------------------------------------------------------------------------------- २७२ लग्न साधन--------------------------------------------------------------------------------------- २७३-२७५ षडवर्ग पदार्थ-------------------------------------------------------------------------------------------- २७६ होरा द्रे ष्काण-------------------------------------------------------------------------------------------- २७६ सप्तमांश एवं तत्खण्ड सारणी------------------------------------------------------------------------- २७७ नवमांश एवं तत्खण्ड सारणी------------------------------------------------------------------------- २७७ द्वादशांश एवं तत्खण्ड सारणी------------------------------------------------------------------------- २७८ त्रिशांस एवं तत्खण्ड सारणी--------------------------------------------------------------------------- २७८ ईष्टकालिक सूर्यादि स्पष्ट ग्रह लग्न सहित-----------------------------------------------------------२७९ होरा द्रे ष्काण सप्तमांश त्रिशांश राशि बोधन सारणी मेष कन्या-----------------------------------२८० होरा द्रे ष्काण सप्तमांश त्रिशांश राशि बोध सारणी तुला मीन--------------------------------------२८१ नवमांश द्वादशांश राशि बोधन सारणी---------------------------------------------------------------२८२ लग्न एवं षडवर्ग कुण्डलियाँ-------------------------------------------------------------------------- २८३ ख-परिशिष्ट - श्री जिनेन्द्र प्रतिभा मेलापक द्वादशारपादवेद यन्त्र------------------------------------------------------------------------------------ २८५ गणमेलक यन्त्र----------------------------------------------------------------------------------------- २८५ नक्षत्र यन्त्र---------------------------------------------------------------------------------------------- २८६ राशि यन्त्र----------------------------------------------------------------------------------------------- २८७ साधक साध्य विंशोपक यन्त्र------------------------------------------------------------------------- २८८ श्री जिनेश्वर राश्यादि यन्त्र I-------------------------------------------------------------------------- २८९ श्री जिनेश्वर राश्यादि यन्त्र II------------------------------------------------------------------------- २९० राशिकूट चक्र-------------------------------------------------------------------------------------------- २९१ लभ्यदे य यन्त्र------------------------------------------------------------------------------------------ २९१ श्री तीर्थंकर नाडी गण यन्त्र श्री तर्थंकर राशिकूट यन्त्र I--------------------------------------------------------------------------- २९३ श्री तीर्थंकर राशिकूट यन्त्र II------------------------------------------------------------------------- २९४ श्री तीर्थंकर विंशोपक यन्त्र---------------------------------------------------------------------------- २९५ सर्वाक्षर कूट यन्त्र-------------------------------------------------------------------------------- २९६-२९७ साधक अक्षर (अ ह) तक मेलापक सारणियाँ--------------------------------------------------२९८-३५९ परिशिष्ट ग विविध मुहूर्तादि अनेक सारणियाँ से यक् ु त़ मह ु ू र्त चिन्तामणि मार्तण्ड गणपत्यादि मतानस ु ारे ण आवश्यक मह ु ू र्त कोष्ठका-------------३६९-३६७ रामादि प्रश्न---------------------------------------------------------------------------------------------- २६८ रामादि प्रश्न चक्र---------------------------------------------------------------------------------------- २६८ कार्यसिद्धि प्रश्न------------------------------------------------------------------------------------------ ३६९ कार्योकार्य प्रश्न------------------------------------------------------------------------------------------ ३६९ पज्चदशी यन्त्र प्रश्न------------------------------------------------------------------------------------ ३६९ पज्चदशी यन्त्र प्रश्न------------------------------------------------------------------------------------ ३६९ पज्चदशी यन्त्र------------------------------------------------------------------------------------------ ३७० गर्भिणी प्रश्न--------------------------------------------------------------------------------------------- ३७० गर्भिणी प्रश्न चक्र--------------------------------------------------------------------------------------- ३७० प्रकारान्तरे ण गर्भिणी के पुत्र पुत्री सम्बन्धी प्रश्न---------------------------------------------------३७१ परु ु ष अथवा स्त्री की जन्मकुण्डली की पहिचान----------------------------------------------------३७१ चरलग्न फल बोध सारणी----------------------------------------------------------------------------- ३७२ स्थिर लग्न बोध सारणी------------------------------------------------------------------------------ ३७३ द्विस्वभाव लग्न बोध सारणी-------------------------------------------------------------------------- ३७४ अंगस्फुरण कोष्ठक फल-------------------------------------------------------------------------------- ३७५ अंगानुसार पल्ली (छिपकली) पतन विचार चक्र-----------------------------------------------------३७६ सत्यरुप शकुनावलि कोष्टक--------------------------------------------------------------------------- ३७७ अंकानुसार सत्यरुप शकुनावलि फल----------------------------------------------------------------- ३७७ प्रश्नलग्नगत राशि पर पाप एवं शभ ु ग्रह दृष्टि फल------------------------------------------------३७८ प्रश्न से कार्य सिद्धि योग------------------------------------------------------------------------------- ३७८ प्रश्न से अशुभफल योग-------------------------------------------------------------------------------- ३७८ परदे शी के आगमन सम्बन्धी प्रश्न------------------------------------------------------------------- ३७८ जय पराजय सन्धि विषयक प्रश्न---------------------------------------------------------------------३७९ रोगी के सम्बन्ध में सुखदख ु प्रश्न--------------------------------------------------------------------३७९ विवाह प्रश्न---------------------------------------------------------------------------------------------- ३८० स्वप्नदर्शन प्रश्न----------------------------------------------------------------------------------------- ३८० चोर ज्ञान प्रश्न------------------------------------------------------------------------------------------ ३८१ हत नष्ट वस्तु स्थान----------------------------------------------------------------------------------- ३८१ ग्रहों के शरीर स्वरुप----------------------------------------------------------------------------------- ३८१ हत वस्तु प्राप्ति एवं दिशा ज्ञान----------------------------------------------------------------------- ३८२ कूर्म चक्र की फल सहित विधि---------------------------------------------------------------------- ३८२ कूर्म जल निवास ज्ञापक सारणी--------------------------------------------------------------------- ३८३ रवि योग तालिका-------------------------------------------------------------------------------------- ३८४ कुमार योग तालिका----------------------------------------------------------------------------------- ३८४ राज योग तालिका------------------------------------------------------------------------------------- ३८४ अमत ृ सिद्धि योग तालिका---------------------------------------------------------------------------- ३८४ सिद्धि योग तालिका------------------------------------------------------------------------------------ ३८५ स्थिर योग तालिका------------------------------------------------------------------------------------ ३८५ अन्य कतिपय सुयोग तालिका----------------------------------------------------------------------- ३८५ अन्यान्य शुभ योग तालिका-------------------------------------------------------------------------- ३८६ कतिपय सिद्धिदायक तिथि योग तालिका-----------------------------------------------------------३८६ कतिपय सिद्धिदायक तिथि योग तालिका-----------------------------------------------------------३८६ कतिपय अशुभयोग तालिला-------------------------------------------------------------------------- ३८७ वार तिथि नक्षत्र जन्य अशुभ योग------------------------------------------------------------------ ३८७ तिथि वार जन्य अशुभ योग-------------------------------------------------------------------------- ३८८ ग्रहजन्म नक्षत्र नाम----------------------------------------------------------------------------------- ३८८ हालाहल योग------------------------------------------------------------------------------------------- ३८८ अशुभ योग द्वय----------------------------------------------------------------------------------------- ३८८ वार नक्षत्र तिथि परत्वे शभ ु ाशभ ु योग---------------------------------------------------------------३८९ कतिपय अन्यान्य योग-------------------------------------------------------------------------- ३९०-३९२ सूर्यादि वारों के विषय में विशेष ज्ञातव्य-----------------------------------------------------------३९२ ईष्ट स्थान में वार प्रवत्ति ृ ------------------------------------------------------------------------------ ३९२ निषिद्ध या विहित वारों के २ प्रकार-----------------------------------------------------------------३९३ मध्य रे खा से १२ मिनिट पश्चिम दे शान्तरित स्थानों में काल होरा प्रवत्ति ृ निवत्ति ृ सारणी---------------------------------------------------------------------------------------------- ३९४ किसी भी स्थान के दिनमान एवं सूर्योदयास्त समय का ज्ञानोपाय-----------------------------३९५ अयनांश साधन प्रकार--------------------------------------------------------------------------------- ३९६ दे शान्तर सारणी----------------------------------------------------------------------------------- ३९७-४०० ईति परिशिष्ट ग परिशिष्ट ५----------------------------------------------------------------------------------------------- ४२९ ज्योतिष सहित्य सम्बन्धि पूर्वाचार्यों की कृत्तियों का संक्षिप्त परिचय----------------------------४३३