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● हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत & कर्नाटक संगीत

❖ TCS द्वनरन 2023 में पूछे गए 30 सवनल ( र्ए पैटर्ा पर )

V.Imp For All SSC Exams .

- एक्स्ट्रन Fact सहित

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- ये सभी सवनल TCS कंपर्ी द्वनरन आयोजित CRPF
re

HCM एग्िनम 2023 में पूछे गए िै ।


pt
.to

1Q. हनम्नहिहित में से कौन-सी हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की हिधा निीं िै?

A. ख्याि B. ध्रुपद C. गमका D. ठु मरी


w

Ans- C
w

● हिंद्
ु तनर्ी संगीत में गनयर् की 10 मुख्य शैललयनाँ-
w

1. ध्रप
ु द 2. िोरी 3.ख्यनल 4. टप्पन 5. चतरु ं ग

6. रनगसनगर 7. तरनर्न 8. सरगम 9.ठुमरी 10. धमनर

● कर्नाटक संगीत - कर्नाटक, आंध्र प्रदे श, तलमलर्नडु और केरल

● कर्नाटक संगीत शैली की 'त्रिमूर्ता' -त्यनगरनि, मुथु्वनमी दीक्षितनर और श्यनमन शन्िी

● पुरंदर दनस को अक्स्टसर कर्नाटक शैली कन पपतन किन िनतन िै।

● कर्नाटक संगीत की शैललयनं- गीतम , सल


ु नदी , ्वरनिनर्त ,िर्त्वरम, कीतार्म, कृर्त, पद ,तर्म

●कर्नाटक गनयर् शैली के प्रमुख रूप- वर्ाम, िनवनली &र्तल्लनर्न


● वर्ाम: तीर् भनग पल्लवी, अर्ुपल्लवी तथन मुक्स्टतयीश्वर िोते िैं।

वर्ाम हिंद्
ु तनर्ी शैली के ठुमरी के समनर् िै।

● िनवनली: यि प्रेम प्रधनर् गीतों की शैली िै । भरतर्नट्यम के सनथ इसे पवशेष रूप से गनयन िनतन िै।

● र्तल्लनर्न: उत्तरी भनरत में तरनर्न के समनर् िी कर्नाटक संगीत में र्तल्लनर्न शैली िोती िै ।

यि भजक्स्टत प्रधनर् गीतों की गनयर् शैली िै ।

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2Q.शन्िीय हिंद्
ु तनर्ी संगीत में पंडडत पवष्र्ु र्नरनयर् भनतखंडे (Pandit Vishnu Narayan

Bhatkhande) की ्वरललपप प्रर्नली के संबंध में र्र्म्र्ललखखत में से कौर् से कथर् सिी िैं?

gk
I. कोमल ्वर (Komal Svara) को ्वर के र्ीचे िैर्ति रे खन द्वनरन दशनायन िनतन िै ।

g
II तीव्र ्वर (Tivra Svara) को मध्यम के ऊपर लंब रे खन द्वनरन दशनायन िनतन िै

in
III. मंद्र सप्तक (Mandra Saptak) को ्वरों के ऊपर त्रबंद ु द्वनरन दशनायन िनतन िै
nd
IV. तनर सप्तक (Tara Saptak) को ्वरों के र्ीचे त्रबंद ु द्वनरन दशनायन िनतन िै
re

Ans - केवल I & II


pt

➢ मंद्र सप्तक के र्ीचे त्रबंद ु यन डॉट लगनयन िनतन िै ।


.to

➢ मध्य सप्तक में कोई चचन्ि र्िीं िोतन ।

➢ तनर सप्तक के ्वर के ऊपर त्रबंद ु डॉट लगनयन िनतन िै ।


w

➢ अर्त मंद्र सप्तक के र्ीचे 2 डॉट लगनए िनते िैं ।,


w

➢ तनर सप्तक के ऊपर िम यहद 2 त्रबंद ु लगन दे तो अर्त तनर सप्तक िोगन
w

● शद्
ु ध ्वर- शद्
ु ध ्वर के ललए कोई भी चचन्ि र्िीं हदयन( सन, रे , ग, म, प, ध, र्र् )

● अचल ्वर - सन और प ---- क्स्टयोंकक ये अपर्ी िगि पर कनयम रिते िैं।

●पवकृत ्वर

➢ कोमल ्वर ( रे , ग, ध, र्र् )

➢ तीव्र ्वर ( म )

● पवष्र्ु हदगम्बर ्वरललपप पद्धर्त में- बनरि ्वर

➢ अचल व शद्
ु ध ्वर- प
➢ शुद्ध ्वर- रि, ग, म, ध, नि

➢ पवकृत ्वर- रि, ग्, म्, ध्, नि (इिमें रि, ग, ध, नि' कोमल औि 'म' तीव्र है)

● भनरतीय संगीत कुल 7 ्वर िै - इर् सनतों ्वरों के र्नम क्रम से षड्ि, ऋषभ, गनंधनर, मध्यम, पंचम,

धैवत और र्र्षनद रखे गए िैं जिर्के संक्षिप्त रूप सन, रे ग, म, प, ध और र्र् िैं।

** षड्ि से र्र्षनद तक सनतों ्वरों के समूि को सप्तक किते िैं।

●प्रत्येक ्वर दो दो, तीर् तीर् भनगों में बंटन रितन िैं, जिर्में से प्रत्येक भनग 'श्रुर्त' किलनतन िै।

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3Q भारतीय शास्त्रीय नृत्य के नौ रसों में से कौन-सा रस घृणा को दशााता िै?

gk
A. िीभत्स B. रौद्र C. श्ृंगार D. िीर

g
Ans- A

● रस र्ौ िैं: वीर, श्रंग


in
ृ नर, करुर्, िन्य, भयनर्क, रौद्र, वीभत्स, अद्भुत& शनंत रस
nd
● भरत मर्ु र् र्े ‘र्नट्यशन्ि’ में शंग
ृ नर, रौद्र, वीर तथन वीभत्स, इर् चनर रसों को िी प्रधनर् मनर्न िै,
re

4Q. कर्नाटक संगीत में, रनगों (रनगम) को पवलभन्र् पवधनओं में वगीकृत ककयन गयन िै । इर् पवधनओं को
pt

मेलकतना किन िनतन िै, िो संख्यन में ______िैं।


.to

Ans. बित्तर
w

● मेलकतना िर्क रनग के रूप में िनर्न िनतन िै जिससे अन्य रनग उत्पन्र् िो सकते िैं।
w

●हिंद्
ु तनर्ी संगीत में थनट मेलनकतना के समकि िै । हिंद्
ु तनर्ी संगीत में 10 थनट िैं ,
w

● 12 ्वरों के मेल से िी कई रनग बर्नए गये

● कपव लोचर् र्े ‘रनग-तरं चगर्ी’ ग्रंथ में 16 ििनर रनगों कन उल्लेख ककयन िै, लेककर् इतर्े सनरे रनगों में

से चलर् में केवल 16 रनग िी थे।

5Q. पिचानें हक हिंदुस्तानी संगीत में थाट (Thata) के बारे में हदए गए कथनों में से कौन-से कथन सिी िैं।

I. बारि स्िरों में से चुने गए सात स्िरों का एक सेट (सनत शुद्ध और पांच हिकृ त स्िर) एक थाट बनाता िै।

॥. प्रलसद्ध संगीतन शन्िी पंडडत पवष्र्ु र्नरनयर् भनतखंडे के अर्ुसनर 15 थनट िोते िैं।
III. थनट से अंततः रनगों की उत्तपपत्त िोती िै ।

Ans - I और III

● भनतखण्डे िी द्वनरन प्रचललत 10 थनट िैं- कल्यनर्, त्रबलनवल, खमनि, भैरव, पूवी, मनरवन, कनफी,

आसनवरी, तोडी और भैरवी

● थनट’ में 7 ्वर अथनात ् ‘सन’, ‘रे ,’ ‘ग’, ‘म’, ‘प’,‘ध’, ‘र्र्’, िोर्े आवश्यक िै

6Q. हिन्द्
ु तनर्ी संगीत की प्रनचीर्तम शैली धमनर की पवषय-व्तु में ककस उत्सव कन वर्ार् िै ?

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Ans. िोली

● हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत की सबसे प्रनचीर् शैली- ध्रुपद

g gk
7Q. हिंद्
ु तनर्ी संगीत में 'र्नद' के सबसे छोटे रूप को क्स्टयन किन िनतन िै?

Ans श्रुर्त
in
nd
● संगीत में प्रयुक्स्टत िोर्े वनली ध्वर्र्, उपयोग में आर्े वनली ध्वर्र् को र्नद किते िैं ।
re
pt

8Q. हिंद्
ु तनर्ी संगीत के बनरे में हदए गए कथर्ों में से कौर् से सिी िैं?

1. क्रम में आरोिी ्वरों के सेट को आरोि किन िनतन िै।


.to

॥ क्रम में अवरोिी ्वरों के सेट को अवरोि किन िनतन िै।


w

III. रनग में सबसे मित्त्वपर्


ू ा ्वर को संवनदी ्वर किते िैं।
w

Ans- I और ।।
w

● Note-रनग में सबसे मित्त्वपूर्ा ्वर वनदी किलनतन िै उसके बनद मित्त्वपूर्ा ्वर संवनदी ्वर किलनतन िै ।

●रनग में चनर प्रकनर के ्वर प्रयोग ककए िनते िैं- वनदी, संवनदी,अर्ुवनदी & पववनदी

● िो ्वर रनग में प्रयुक्स्टत र्िीं िोतन उसे पववनदी किते िैं। कभी कभी िब गनयक यन बिनर्े वनलन रनग

कन ्वरूप ्थनपपत कर लेतन िै, तो रनग की संुदरतन बढ़नर्े के ललये पववनदी ्वर कन प्रयोग कर

सकतन िै, मगर पववनदी ्वर कन बनर बनर प्रयोग रनग कन ्वरूप त्रबगनड दे तन िै ।

9Q.र्र्म्र्ललखखत में से कौर्-सी शैली, एक तनल, तीर् तनल, झपतनल आहद में धीमी और तेि तनल
की संगीत शैली िै जिसमें आलनप, बोल-तनर् और तनर् शनलमल िैं?

A. प्रबन्ध B. ध्रुपद C. ठुमरी D) ख्यनल

Ans- D

10Q. कर्नाटक संगीत के संबंध में र्र्म्र्ललखखत में से कौर् सन/से कथर् सत्य िै / िैं?

I. ्वर से िुडन सूक्ष्म अलंकरर् 'श्रुर्त' किलनतन िै ।

॥ र्ए रनगों यन धुर्ों को उत्पन्र् करर्े की िमतन वनले संगीत के पैमनर्े (musical scales) को मेल

.in
किन िनतन िै ।

III. तनरतन (pitches) कन सबसे छोटन अंतरनल जिसे प्रलशक्षित कनर् द्वनरन पिचनर्न िन सकतन िै,

gk
'गमक' किलनतन िै।

g
Ans- केवल II

● गमक अत्यंत सूक्ष्म अलंकरर् िै ।


in
nd
● एक श्रुर्त उपलब्ध तनरतन ( पपच ) कन सबसे छोटन क्रम िै ।
re

● र्नट्य शन्ि 22 श्रुर्त और सनत ्वर प्रर्त सप्तक की पिचनर् और चचना करतन िै।
pt

11Q. संगीत समय की गर्त (tempo) को लय (Laya) के रूप में िनर्न िनतन िै। हिन्द्
ु तनर्ी संग ीत
.to

में लय ककतर्े प्रकनर के िोते िैं?


w

Ans- 3
w

● लय-संगीत में समनर् गर्त यन चनल को लय किते िैं अथनात एक मनिन से दस


ू री मनिन और क्रमशः इसी
w

प्रकनर

अन्य मनिनओं तक बिनर्े में िो समय लगतन िै उसे लय किते िै।

● लय तीर् प्रकनर की िोती िै - पवलंत्रबत लय ,मध्य लय, व द्रत


ु लय।

➢ िब लय की गर्त धीमी रिती िैं तो उसे पवलजम्बत लय किते िैं।

➢ िब लय सनधनरर् गर्त में रिती िैं तो उसे मध्य लय किते िै।

➢ िब लय सनधनरर् से अचधक तेज़ लय की गर्त रिती िैं तो उसे द्रत


ु लय किते िैं।

● घडी की सेकंड की िो गर्त िै उसकी आधी गर्त पवलंत्रबत मनर्ी िनती िै ।


और सेकंड की लगभग दग
ु र्ी गर्त को द्रत
ु मनर्ी िनती िै ।

12Q. िब ्वरों को उर्की र्र्हदाष्ट श्रुर्तयों पर रखन िनतन िै, तो वे क्स्टयन किलनते िैं?

A. शुद्ध ्वर B. अशुद्ध ्वर C. तीव्र ्वर D. संशोचधत ्वर

Ans- A

● हिन्द्
ु तनर्ी शन्िीय संग ीत वि छोटे से छोटन र्नद िो कनर्ो को ्पष्ट सुर्नई दे , व समझन िन सके ,

श्रर्ु त किलनतन िै।

.in
● श्रुर्त की संख्यन 22 िै । इन्िी से 7 ्वरों की उत्पर्त िोती िै ।

gk
13Q. शन्िीय कर्नाटक संगीत में अलंकनरों की कुल संख्यन ककतर्ी िै?

g
Ans- 35

● कर्नाटक संगीत में 7 तनल िैं।


in
nd
re

14Q. रनगों के बनरे में र्र्म्र्ललखखत में से कौर् से कथर् सत्य िैं?
pt

I. एक रनग में, मध्यम और पंचम को एक सनथ िटनयन िन सकतन िै एक रनग में, मध्यम

और पंचम को एक सनथ छोडन िन सकतन िै।


.to

॥ एक रनग में आरोिी और अवरोिी ्वरों कन एक पवलशष्ट समूि िोर्न चनहिए।


w

III. एक रनग में वनदी, संवनदी और अर्व


ु नदी ्वर िोर्े चनहिए।
w

IV. हिंद्
ु तनर्ी संगीत प्रर्नली में, रनगों को हदर् के अलग-अलग घंटों और अलग-अलग मौसमों
w

के ललए आवंहटत ककयन िनतन िै ।

Ans- केवल II III और IV

● रनग में मध्यम 'म' और पंचम 'प' दोर्ों को र्िीं छोडन िनर्न चनहिए; यन तो 'म' यन 'प' छोडन िन सकतन
िै।
.in
●रनग की उत्पर्त सं्कृत धनतु रञ्ि से मनर्ी िनती िै ।

gk
● रनग कन उल्लेख सवाप्रथम मतंग की 'बि
ृ द्दे शी' में उपलब्ध िोतन िै।

g
15Q. र्र्म्र्ललखखत में से कौर्-सन हिंद्
ु तनर्ी संगीत कन सबसे पुरनर्न रूप िै, िो वतामनर् समय में

भी प्रचललत िै?
in
nd
Ans. ध्रुपद
re
pt

16Q. एक रनग में प्रयुक्स्टत ्वरों की संख्यन के अर्ुसनर तीर् प्रकनर की िनर्तयनं िोती िैं, रनग िनर्त के उर् प्रकनरों
.to

में से एक रनग जिसमें आरोि और अवरोि में सनत ्वर िोते िैं, को............ किते िैं।

A. षनडव B. संपर्
ू ा C. ओडव D. ओडव-संपर्
ू ा
w

Ans- B
w

● ककसी रनग में कम से कम 5 ्वर, यन 6 ्वर यन 7 ्वर िरूर उपज्थत रितन िै ।


w

● रनग में प्रयक्स्ट


ु त ्वरों की संख्यन के आधनर पर तीर् प्रकनर की िनर्तयनाँ िोती िैं: -

1. संपूर्ा- जिस रनग में आरोि तथन अवरोि में सनत ्वरों कन प्रयोग िोतन िै, वि

संपूर्ा किलनती िै।

2. षनडव - जिस रनग में आरोि तथन अवरोि में छि ्वरों कन प्रयोग िोतन िै,

षनडव किलनती िै ।

3. औडव- जिस रनग में आरोि तथन अवरोि में पनाँच ्वरों कन प्रयोग िोतन िै , वि

औडव किलनती िै।


ये मुख्य िनर्तयनाँ आपसी पवर्र्मय तथन संयोिर् के पश्चनत ् छि अन्य िनर्तयों को िन्म

दे ती िैं, यथन

1. संपूर्ा षनडव- जिस रनग के आरोि में सनत तथन अवरोि में छि ्वर िोते

िैं, वि संपर्
ू ा - षनडव किलनती िै ।

2.संपूर्ा - औडव- जिस रनग के आरोि में सनत तथन अवरोि में पनाँच ्वर िोते

वि संपूर्ा औडव किलनती िै।

3. षनडव - संपूर्ा - जिस रनग के आरोि में छि तथन अवरोि में सनत ्वर िोते

.in
िैं, वि षनडव- संपूर्ा किलनती िै ।

gk
4. षनडव- औडव - जिस रनग के आरोि में छि तथन अवरोि में पनाँच ्वर िोते

िैं, वि षनडव- औडव किलनती िै ।

g
in
5. औडव- संपूर्ा - जिस रनग के आरोि में पनाँच तथन अवरोि में सनत ्वर िोते

िैं, वि औडव- संपूर्ा किलनती िै।


nd
6. औडव षनडव -जिस रनग के आरोि में पनाँच तथन अवरोि में छि ्वर िोते
re

िैं, वि औडव- षनडव किलनती िै ।


pt
.to

17Q. हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत के संबंध में र्र्म्र्ललखखत में से कौर् सन सिी र्िीं िै ?

A. हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत र् केवल प्रनचीर् हिंद ू संगीत परं परनओं और वैहदक दशार् से प्रभनपवत थन,
w

बजल्क फनरसी तत्वों से भी प्रभनपवत थन।


w

B. इसकी उत्पपत्त 10वीं और 11वीं शतनब्दी के आसपनस उत्तर भनरत में िुई थी।
w

C. हिंद्
ु तनर्ी संगीत रनग प्रर्नली पर आधनररत िै।

D. हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत मुख्य रूप से ्वर-केंहद्रत िै।

Ans- B

● इसकी उत्पपत्त 12 वीं शतनब्दी CE से िुई ।

18Q. हिस स्िर का अपने स्थान पर िगातार या बार-बार उच्चारण हकया िाता िै, उससे हकस िणा की

उत्पहि िोती िै?


A. संचारी िणा B. स्थायी िणा C. अिरोिी िणा D. आरोिी िणा

Ans- B

● स्थायी वर्ा - िब कोई ्वर एक से अचधक बनर उच्चनररत ककयन िनतन िै िैसे - रे रे , ग ग ग, म म म आहद

● आरोिी वर्ा - ्वरों के चढ़ते िुये क्रम को आरोिी वर्ा किते िैं िैस-े सन रे ग म प ध र्ी

●. अवरोिी वर्ा - ्वरों के उतरते िुये क्रम को अवरोिी वर्ा किते िैं िैसे - र्र् ध प म ग रे सन

● संचनरी वर्ा - आरोिी, अवरोिी & ्थनई इर् तीर्ों वर्ों के लमचश्रत रूप को संचनरी वर्ा किते िैं ।

संचनरी वर्ा में कभी आरोिी, कभी अवरोिी और कभी ्थनई वर्ा र्र्कलते िै

.in
_______

✓ ्वर और वर्ा से पवभूपषत र्र्यमबद्ध रचर्न िो मर्ुष्यों के मर् कन रं िर् करे , रनग किलनती िै।

gk
✓ चढ़ते िुए क्रम में ्वरों कन समच्
ु चय आरोि किलनतन िै।

g
✓ उतरते िुए क्रम में ्वरों कन समुच्चय अवरोि किलनतन िै ।

in
✓ प्रत्येक रनग के ललए र्र्िी रूप से ्वरों कन एक सुर्र्जश्चत अर्ुक्रम पकड किलनतन िै।
nd
✓ रनग कन सबसे प्रमुख ्वर वनदी ्वर किलनतन िै।
re

✓ वनदी ्वर के बनद सबसे मित्त्वपूर्ा ्वर संवनदी किलनतन िै।


pt

✓ वनदी तथन संवनदी ्वरों के अर्तररक्स्टत रनग के अन्य सभी ्वर अर्व
ु नदी किलनते िैं।
.to
w

19Q. सप्तक में प्रयुक्स्टत िोर्े वनली ध्वर्र् सनमनन्य ध्वर्र् से दग


ु र्ी धीमी िोती िै तो उसे क्स्टयन किन िनतन िै?
w

A. मध्य सप्तक B. सनमनन्य सप्तक C. तनर सप्तक D. मंद्र सप्तक


w

Ans- D

● सप्तक- सन रे ग म प ध र्र् इर् सनत ्वरों के समूि को सप्तक किन िनतन िै।

● मन्द्र सप्तक ्वर हॄदय से, मध्य ्वर सप्तक ्वर कण्ठ से तथन तनर सप्तक ्वर मूधना से र्र्कलते िै।

● मन्द्र सप्तक- िो सप्तक मध्य सप्तक से दग


ु ुर्ी र्ीची ध्वर्र् के प्रयुक्स्टत ककयन िनतन िै

--मन्द्र सप्तक ्वर के र्ीचे त्रबंदी लगनई िनती िै ।

● मध्य सप्तक-सप्तक की ध्वर्र् मन्द्र सप्तक से दोगुर्ी िोती िै।

- मध्य सप्तक में ्वर के र्ीचे यन ऊपर कोई भी चचन्ि लगनयन र्िीं िनतन।
● तनर सप्तक- मध्य सप्तक से ऊाँचन गनयर् के ललए तनर सप्तक के ्वरों कन प्रयोग करते िै।

इस सप्तक के ्वरों की ध्वर्र् मन्द्र सप्तक से चौगुर्ी तथन मध्य सप्तक से दोगुर्ी ऊाँची िोती िै।

- तनर सप्तक में ्वर के ऊपर त्रबंदी लगनई िनती िै।

20Q. हिंद्
ु तनर्ी संगीत के संबंध में र्र्म्र्ललखखत में से कौर् सन कथर् सिी गलत िै ?

i. हिंद्
ु तनर्ी संगीत, रनग प्रर्नली पर आधनररत िै।

ii. रनग कन रूप, ्वरों के आरोिर् और अवरोिर् की पवशेष संरचर्न से र्र्धनाररत िोतन िै , िो कक

.in
अर्र्वनया रूप से रै खखक िोती िै।

Ans- केवल पवकल्प i सिी िै।

g gk
21Q. र्र्म्र्ललखखत में से कौर् सन/से सिी/गलत िै/िैं?

in
i. तरनर्न ऐसे गीत िैं जिर्कन उपयोग खुशी की भनवर्न व्यक्स्टत करर्े के ललए और सनमनन्यतः एक संगीत
nd
कनयाक्रम ,की शुरुआत में ककयन िनतन िै।
re

ii. ठुमरी हिंद्


ु तनर्ी शन्िीय संगीत कन एक अर्ौपचनररक मुखर रूप िै और ऐसन किन िनतन िै कक इसकी
pt

शरु
ु आत अवध के र्वनब वनजिद अली शनि के दरबनर से िुई थी।
.to

Ans. केवल पवकल्प ii सिी िै।

● तरनर्न हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत के अंतगात आर्े वनली एक गनयर् शैली िै ।
w

तरनर्न के बनदशनि' (तरनर्न के रनिन) - मेवनती घरनर्े के पंडडत रतर् मोिर् शमना
w

तरनर्न में तीव्र गर्त से गनए िनर्े वनले कई शब्दों कन प्रयोग िोतन िै। यि लयबद्ध पवषय बर्नर्े पर
w

केंहद्रत िोतन िै

● ठुमरी लमचश्रत रनगों पर आधनररत िै और इसे अद्ाध-शन्िीय भनरतीय संगीत मनर्न िनतन िै।

ठुमरी भजक्स्टत आंदोलर् से अचधक प्रेररत िै कक इसके पनठों में सनमनन्यतः कृष्र् के प्रर्त गोपपयों के प्रेम को

दशनायन िनतन िै।

- ठुमरी के प्रलसद्ध गनयक- बेगम अख्तर

- ठुमरी के प्रकनर- पूवी ठुमरी: & पंिनबी ठुमरी


● ख्यनल - इसकन उद्भव कन श्रेय अमीर खुसरो को हदयन िनतन िै।

➢ खयनल दो से लेकर आठ पंजक्स्टतयों वनले लघु गीतों के रं ग पटल पर आधनररत िै।

➢ ख्यनल रचर्न को 'बंहदश' के रूप में भी िनर्न िनतन िै।

➢ ख्यनलके सबसे बडे संरिक- 15वीं सदी में सुल्ताि मोहम्मद शकी

➢ ख्यनल में ताि का उपयोग नकया जाता है।

➢ खयाल केे प्रकनर-

❖ बडन खयनल: धीमी गर्त में गनयन िनर्े वनलन

.in
❖ छोटन खयनलः तेज़ गर्त में गनयन िनर्े वनलन

gk
22Q. िब ्वरों कन उच्चनरर् अवरोिी क्रम में ककयन िनतन िै , तो इसे_____के रूप में िनर्न िनतन िै।

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A. संचनरी वर्ा B. अवरोिी वर्ा C. ्थनयी वर्ा D. आरोिी वर्ा

Ans- B
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23Q. हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत के पवलभन्र् रूपों के संबंध में र्र्म्र्ललखखत में से कौर् सन कथर् गलत िै ?
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A. तरनर्न ऐसे गीत िैं जिर्कन उपयोग खश


ु ी की भनवर्न व्यक्स्टत करर्े के ललए ककयन िनतन िै और वे आमतौर
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पर एक संगीत कनयाक्रम की शुरुआत में पेश ककये िनते िैं।

B. ठुमरी हिंद्
ु तनर्ी शन्िीय संगीत कन एक अर्ौपचनररक ्वर रूप िै और किन िनतन िै कक इसकी शुरुआत
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अवध के र्वनब वनजिद अली शनि के दरबनर से िुई थी।


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C. खयनल में एक गीत की लगभग 4-8 पंजक्स्टतयनाँ िोती िैं, जिर्को ककसी धुर् में गनयन िनतन िै। कलनकनर
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इर् कुछ पंजक्स्टतयों कन उपयोग आशरु चर्न के ललए आधनर के रूप में करतन िै।

D. गनयर् की ध्रप
ु द शैली पनरं पररक रूप से पुरुषों द्वनरन तनर्पुरन और पखनवि के सनथ पेश की िनती िै

Ans- A

● ठुमरी के मुख्य घरनर्े बर्नरस और लखर्ऊ में ज्थत िैं और ठुमरी गनयर् में सबसे प्रलसद्ध

्वर बेगम अख्तर कन िै

24Q. हिंद्
ु तनर्ी संगीत में तनल के तत्वों के बनरे में हदए गए कथर्ों में से कौर्-से सिी िैं?
i. ककसी हदए गए तनल के पूर्ा चक्र को अवतार् किन िनतन िै। इसे एक से अचधक बनर दोिरनयन िन सकतन िै।

॥ तनल की वि इकनई िो संगीत समय (musical time) की मनप को इंचगत करती िै , मनिन किलनती िै।

III. बोल यन तनल के शब्दों कन पूरन समूि लय कन गठर् करतन िै।

Ans- I और II

● तनल के आधुर्र्क तत्त्व- प्रनचीर् कनल में तनल के दस तत्त्व प्रयोग में थे

यथन- कनल, मनगा, कक्रयन, अंग, ग्रि, िनर्त, कलन, लय, यर्त एवं प्र्तनर ।

●तनल के आधुर्र्क तत्त्वों में आवतार्, मनिन, लय, बोल, ठे कन,पवभनग, सम, खनली एवं तनली

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● आवतार् -प्र्तुत तनल कन सम्पूर्ा चक्र आवतार् किलनतन िै। इसकी पुर्रनवपृ त्त एक से अचधक बनर िो सकती िै।

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● मनिन- तनल की वि इकनई िो सनंगीर्तक समय के मनप कन र्र्दे श करे , मनिन किलनती िै

लभन्र् तनलों में मनिनओं की समनर् संख्यन सम्भव िै । उदनिरर् के ललये, चौतनल तथन एकतनल, दोर्ों में

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बनरि मनिनएं िैं। चौतनल कन प्रयोग ध्रप


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ु द में पखनवि पर तथन एकतनल कन प्रयोग खयनल में तबले पर
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ककयन िनतन िै ।

●लय- सनंगीर्तक समय की गर्त यन रफ्तनर को लय किन िनतन िै।


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लय तीर् प्रकनर की िोती िै:-


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पवलंत्रबत, मध्य तथन द्रत



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➢ पवलंत्रबत लय धीमी गर्त की लय को पवलंत्रबत किते िैं।


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➢ मध्य लय पवलंत्रबत से दोगुर्ी िलद गर्त की लय को मध्य किते िैं।


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➢ मध्य से दोगुर्ी िलद गर्त की लय को द्रत


ु किते िैं।
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● बोल - तनल बिनते समय उत्पन्र् ध्वर्र् को दशनार्े वनले शब्दों को बोल किते िैं।

ये र्र्रथाक अिर िोते िैं, िैसे धन, चध, र्तरककट इत्यनहद । प्रनचीर् समय में इर्के ललये

'पनटनिर' शब्द कन प्रयोग िोतन थन।,

● ठे कन- बोलों अथवन तनल के शब्दों के संपूर्ा समूि से ठे कन बर्तन िै।

● पवभनग - तनल कन ठे कन पवलभन्र् खंडों में पवभनजित िोतन िै, जिन्िें 'पवभनग' किते िैं

सोलि मनिन यक्स्ट


ु त तीर् तनल में चनर पवभनग िोते िै, तथन सनत मनिन से यक्स्ट
ु त रूपक में तीर्

पवभनग िोते िैं।


● सम - तनल की वि प्रनरजम्भक मनिन जिस पर संपूर्ा गर्त क्रम कन बल हदयन िनतन िै

● खनली- तनल की वि मनिन िो गर्त क्रम के चक्र को संतुललत करर्े िेतु सम के प्रर्ततुल्य कन

कनम करती िै, खनली किलनती िै । भनतखंडे ्वरललपप पद्धर्त के अर्ुसनर इसकन चचह्र् (0) िोतन िै।

● तनली- तनल की वि मनिन िो आघनत के ्थनर् कन संकेत करती िै, तनली किलनती िैं।

25Q.हिंद्
ु तनर्ी संगीत में र्नद के बनरे में हदए गए कथर्ों में से कौर्-सन/से सिी िै/िैं?

I. र्नद दो प्रकनर के िोते िैं आित और अर्नित।

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॥ आित र्नद दो व्तुओं के घषार् / आघनत से प्रनप्त िोतन िै, अर्नित र्नद सवाव्यनपी िै ।

III. तनरतन, तीव्रतन और ध्वर्र् ्वरूप आित र्नद की तीर् पवशेषतनएं िैं।

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Ans - I, II और III

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● संगीत में उपयोग में आर्े वनली यन प्रयुक्स्टत िोर्े वनली ध्वर्र् को र्नद किते िैं ।

● अर्नित र्नद िो केवल अर्भ


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ु व से िनर्न िनतन िै और जिसके उत्पन्र् िोर्े कन कोई
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खनस कनरर् र्िी िोतन िै ।
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26Q. ध्रुपद (Dhrupad) और धमार (Dhamar) दोनों गायन शैिी के हिए कौन-सा ताििाद्य
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संगत के रूप में बिनयन िनतन िै?

Ans पखनवि
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● तबले की उत्पपत्त इसी यंि से िुई िै ।


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27Q.भनरतीय शन्िीय संगीत और र्त्ृ य के प्रचनर-प्रसनर के ललए कनया करर्े वनलन अखखल भनरतीय गंधवा

मिनपवद्यनलय मंडल (Akhil Bharatiya Gandharva Mahavidyalaya Mandal) किनं ज्थत िै?

Ans. मुंबई

28Q. उस्ताद अल्िाहदया िान हिंदुस्तानी संगीत के हकस घराने के संस्थापक िैं?

Ans ियपुर घराना

29Q. कर्नाटक संगीत में अपर्े योगदनर् के ललए, चेन्र्ई को_________में यूर्े्को के रचर्नत्मक शिरों के र्ेटवका
(UNESCO Creative Cities Network) में शनलमल ककयन गयन थन।

✔Ans. 2017

● यूर्े्को कक्रएहटव लसटीि र्ेटवका (यूसीसीएर्) में पनंच भनरतीय शिर

❖ Jaipur-Crafts and Folk Arts(2015).

❖ Varanasi-Creative city of Music (2015).

❖ Chennai-Creative city of Music(2017).

❖ Mumbai – Film (2019).

❖ Hyderabad – Gastronomy (2019).

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❖ श्रीर्गर- शिर को लशल्प और लोक कलन के िेि में 2021 में

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