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76253bis61611 m1 cp1
76253bis61611 m1 cp1
प्रारं �भक
सीखने का प�रणाम
अध्याय का अवलोकन
1. प�रचय
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 कंप�नय� से संबं�धत कानून को समे�कत और संशो�धत करने के �लए एक
अ�ध�नयम है। जो राष्ट्र�य और अंतरार्ष्ट्र�य आ�थर्क वातावरण म� प�रवतर्न को परू ा करने और हमारे
दे श क� अथर्व्यवस्था के �वस्तार और �वकास के �लए एक कानूनी अ�नवायर्ता थी।
29 अगस्त 2013 को कंपनी अ�ध�नयम, 2013 को भारत के माननीय राष्ट्रप�त क� सहम�त प्राप्त
हुई और सावर्ज�नक सूचना के �लए 30 अगस्त 2013 को आ�धका�रक राजपत्र म� अ�धसू�चत �कया
गया। कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के �व�भन्न प्रावधान� को लागू करने के �लए अ�धसच
ू नाओं के
माध्यम से अलग-अलग �त�थयां �नयत क� जा सकती ह�।
30 अगस्त 2013 को धारा 1 लागू हुई; 12 �सतंबर 2013 को 98 धाराएँ लागू हु�; 1 अप्रैल 2014
से 143 धाराएँ लागू क� ग� और इसी तरह ये जार� रह�ं।
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 �नयम आधा�रत कानून है िजसम� 470 धाराएँ और सात अनुसू�चयां ह�। परू े
अ�ध�नयम को 29 अध्याय� म� �वभािजत �कया गया है । प्रत्येक अध्याय म� �नयम� का कम से कम
एक सेट होता है । कंपनी अ�ध�नयम, 2013 का उद्देश्य कॉप�रे ट प्रशासन म� सुधार करना, �नयम� को
सरल बनाना और �नवेशक� के �हत� को मजबूत करना है । इस प्रकार, यह अ�ध�नयम हमारे कॉप�रे ट
�व�नयम� को अ�धक समकाल�न बनाता है ।
इसके अलावा, इस अ�ध�नयम क� प्रयोज्यता क� धारा सीमा से संबं�धत है। इसम� कहा गया है �क यह
अ�ध�नयम पूरे भारत म� लागू होगा।
स्पष्ट�करण 1: एबीसी �ल�मटे ड को कंपनी अ�ध�नयम, 1956 के तहत 1.1.1972 को �नग�मत �कया
गया था। इस�लए, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 एबीसी �ल�मटे ड पर भी लागू होगा।
(b) बीमा कंप�नयाँ, जहाँ तक उक्त प्रावधान बीमा अ�ध�नयम, 1938 या बीमा �नयामक और
�वकास प्रा�धकरण अ�ध�नयम, 1999 के प्रावधान� के साथ असंगत ह�;
(c) ब��कं ग कंप�नयाँ, जहाँ तक उक्त प्रावधान ब��कं ग �व�नयमन अ�ध�नयम, 1949 के प्रावधान� के
साथ असंगत ह�;
(d) �बजल� के उत्पादन या आप�ू तर् म� लगी कंप�नयाँ, जहाँ तक उक्त प्रावधान �बजल� अ�ध�नयम,
2003 के प्रावधान� के साथ असंगत हो;
(e) कोई भी कंपनी जो उस समय तक लागू �कसी भी �वशेष अ�ध�नयम द्वारा शा�सत ह�, �सवाय
इसके �क उक्त प्रावधान ऐसे �वशेष अ�ध�नयम के प्रावधान� के साथ असंगत ह�, और
(f) ऐसे �नकाय �नग�मत, जो उस समय लागू �कसी अ�ध�नयम द्वारा �नग�मत ह�, जैसा �क क�द्र
सरकार, अ�धसच
ू ना द्वारा, इस संबध
ं म� �व�न�दर् ष्ट करे , इस तरह के अपवाद�, संशोधन� या
अनुकूलन के अधीन, जैसा �क अ�धसूचना म� �न�दर् ष्ट �कया जा सकता है ।
�टप्प�णयाँ : शब्द "जहाँ तक को छोड़कर" का अथर् होगा, अथार्त क� सीमा तक को छोड़कर य�द
कंपनी अ�ध�नयम का कोई प्रावधान अन्य अ�ध�नयम (बीमा अ�ध�नयम, ब��कं ग �व�नयमन
अ�ध�नयम, �वद्युत अ�ध�नयम, आ�द) के �कसी भी प्रावधान से असंगत है , िजसके �लए कंपनी
�व�नय�मत है , तो कंपनी संबं�धत अ�ध�नयम/अ�ध�नयम� के प्रावधान� का पालन करे गी। िजसके
द्वारा यह शा�सत और �व�नय�मत होता है ।
धारा 1 एक ह� कंप�नयां
सीमा
प्रारं भ
1.
आवेदन
2013 बार म� और शेष 2. बीमा कंप�नयां
प्रावधान� को 3. ब��कं ग
अ�धसूचनाओं के कंप�नयां
माध्यम से अलग- 4. �बजल� का
अलग �त�थय� पर उत्पादन /
लागू �कया गया। आपू�तर् करने
वाल� कंप�नयां
5. �वशेष
अ�ध�नयम
द्वारा
�व�नय�मत
कंपनी
6. क�द्र सरकार
द्वारा
अ�धसू�चत
�नकाय
3. प�रभाषाएं
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2 एक प�रभा�षत धारा है। यह अ�ध�नयम म� प्रयुक्त �व�भन्न
शब्दावल� प्रदान करता है । प�रभा�षत धारा या खंड,'�नमार्ण के �लए आंत�रक सहायता' के रूप म� जाना
जाता है और अ�ध�नयम या इसके �कसी भी �हस्से क� व्याख्या करने या समझने म� बहुत उपयोगी हो
सकता है ।
इसके अलावा, धारा 2 के खंड 95 के अनुसार, इस अ�ध�नयम म� प्रयुक्त और प�रभा�षत नह�ं �कए
गए शब्द� और अ�भव्यिक्तय� को प्र�तभ�ू त अनुबंध (�व�नयमन) अ�ध�नयम, 1956 या भारतीय
प्र�तभू�त और �व�नमय बोडर् अ�ध�नयम, 1992 या �डपॉिजटर� अ�ध�नयम, 1996 म� प�रभा�षत �कए
गए ह� का अथर् उन अ�ध�नयम� म� क्रमशः उनके �लए �न�दर् ष्ट अथर् ह�गे।
जब �कसी शब्द या वाक्यांश को अ�ध�नयम म� एक �वशेष अथर् के रूप म� प�रभा�षत �कया जाता है ,तो
अ�ध�नयम क� �कसी धारा क� व्याख्या करते समय केवल यह� अथर् �दया जाना चा�हए जब तक �क
संदभर् म� कुछ भी प्र�तकूल न हो।
(2) लेखांकन मानक� का अथर् है धारा 133 म� �न�दर् ष्ट कंप�नय� या कंप�नय� के वगर् के �लए
लेखांकन के मानक या कोई प�र�शष्ट;
अ�ध�नयम क� धारा 133 लेखा मानक� को �नधार्�रत करने के �लए क�द्र सरकार से संबं�धत है । धारा
के अनुसार, क�द्र सरकार, राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण द्वारा क� गई �सफा�रश� के परामशर्
और पर��ण के बाद, चाटर् डर् एकाउं ट� ट अ�ध�नयम, 1949 क� धारा 3 के तहत ग�ठत भारतीय चाटर् डर्
एकाउं ट� ट संस्थान द्वारा अनश
ु �ं सत लेखांकन के मानक� या उसके �कसी भी प�र�शष्ट को �नधार्�रत कर
सकती है ।
धारा 133 को कंपनी (लेखा) �नयम, 2014 के �नयम 7 के साथ पढ़ा जाना है । तदनुसार,
(i) कंपनी अ�ध�नयम, 1956 के तहत �न�दर् ष्ट लेखांकन के मानक� को तब तक लेखांकन
मानक� के रूप म� माना जाएगा जब तक �क क�द्र सरकार द्वारा धारा 133 के तहत
लेखांकन मानक� को �न�दर् ष्ट नह�ं �कया जाता है।
इसके अलावा, धारा 133 द्वारा प्रदत्त शिक्तय� का प्रयोग करते हुए, क�द्र सरकार ने लेखांकन
मानक� पर राष्ट्र�य सलाहकार स�म�त के परामशर् से �नधार्�रत �कया �क कंपनी (लेखा मानक)
�नयम, 2006 और कंपनी (भारतीय लेखा मानक) �नयम, 2015 का पालन �कया जा सकता
है ।
1
कोष्ठक म� द� गई संख्या अथार्त ( ) प�रभाषा के प्रारं भ म� , धारा 2 के खंड को दशार्ता है ।
*क�द्र सरकार एत�वारा 1 अक्टूबर 2018 को राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण के गठन क� �त�थ
के रूप म� �नयक्
ु त करती है ।
प�रपत्र �दनांक 25/06/2014 के माध्यम से यह स्पष्ट �कया गया है �क एक कंपनी द्वारा �कसी
अन्य कंपनी म� एक प्रत्ययी �मता म� शेयर (एक प्रत्ययी वह व्यिक्त है जो अ�धक पा�टर् य�
(व्यिक्तय� या व्यिक्तय� के समूह) के साथ �वश्वास का कानूनी या नै�तक संबंध रखता है । आमतौर
पर, एक प्रत्ययी �ववेकपूणर् तर�के से �कसी अन्य व्यिक्त के �लए धन या अन्य संपित्त का ख्याल
रखता है ) को सहयोगी कंपनी के संबध
ं को �नधार्�रत करने के उद्देश्य से नह�ं �गना जाएगा।
�टप्प�णयाँ : छात्र कृपया ध्यान द� �क एएस 23/इंड एएस 28 के तहत प�रभा�षत एसो�सएट कंपनी
क� प�रभाषा (समे�कत �वत्तीय �ववरण� म� एसो�सएट्स म� �नवेश के �लए लेखांकन/एसो�सएट्स और
संयुक्त उद्यम� म� �नवेश) कंपनी अ�ध�नयम, 2013 म� द� गई उपरोक्त प�रभाषा से थोड़ा अलग है।
(7) लेखा-पर��ा मानक का अथर् है धारा 143 क� उप-धारा (10) म� संद�भर्त कंप�नय� या कंप�नय�
के वगर् के �लए लेखा-पर��ा या उसके �कसी प�र�शष्ट के मानक से है ।
, , कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 143 लेखा पर��क� और ऑ�ड�टंग मानक� क� शिक्तय�
और कतर्व्य� से संबं�धत है । उप-धारा (10) से धारा 143 म� प्रावधान है �क क�द्र सरकार,
राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण द्वारा क� गई �सफा�रश� के परामशर् और पर��ण के बाद,
चाटर् डर् एकाउं ट� ट्स अ�ध�नयम, 1949 क� धारा 3 के तहत ग�ठत भारतीय चाटर् डर् एकाउं ट� ट्स
संस्थान द्वारा अनश
ु ं�सत ऑ�ड�टंग के मानक� या उसके �कसी भी प�र�शष्ट को �नधार्�रत कर
सकती है :
(10) �कसी कंपनी के संबंध म� �नदे शक मंडल या बोडर् का अथर् कंपनी के �नदे शक� के
सामू�हक �नकाय से है ;
(11) �नग�मत �नकाय या �नगम म� भारत के बाहर �नग�मत एक कंपनी शा�मल है , ले�कन इसम�
शा�मल नह�ं है -
(i) सहकार� स�म�तय� से संबं�धत �कसी भी कानून के तहत पंजीकृत एक सहकार� स�म�त;
तथा
(ii) कोई अन्य �नग�मत �नकाय (इस अ�ध�नयम म� प�रभा�षत कंपनी नह�ं है ), िजसे क�द्र
सरकार, अ�धसच
ू ना द्वारा, इस संबध
ं म� �न�दर् ष्ट कर सकती है।
(12) पुस्तक और पेपर और लेखा या कागजात म� खाते क� �कताब�, �वलेख, वाउचर, लेखन,
दस्तावेज, सू�म और रिजस्टर शा�मल ह� िजनको पेपर या इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� रखा
गया है ;
(iv) एक कंपनी के मामले म� धारा 148 2 के तहत �नधार्�रत लागत क� वस्तुएँ जो उस धारा
1
खाते क� �कताब�
(16) शुल्क का अथर् �कसी कंपनी या उसके उपक्रम� क� संपित्त या प�रसंपित्त क� प्र�तभू�त के रूप
म� ब्याज या धारणा�धकरण के बंधक भी शा�मल है ।
2
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 148 क�द्र सरकार को कुछ कंप�नय� के संबध
ं म� लागत क� मद� क�
लेखापर��ा �न�दर्ष्ट करने के �लए अ�धकृत करती है ।
(17) चाटर् डर् एकाउं ट� ट का अथर् चाटर्डर् एकाउं ट� ट अ�ध�नयम, 1949 क� धारा 2 क� उप-धारा (1) के
खंड (बी) म� प�रभा�षत चाटर् डर् एकाउं ट� ट से है , जो उस अ�ध�नयम क� धारा 6 क� उप-धारा (1)
के तहत एक वैध अभ्यास प्रमाण पत्र रखता हो;
(18) मख्
ु य कायर्कार� अ�धकार� (सीईओ) का अथर् �कसी कंपनी का एक अ�धकार� है , िजसे इसके
द्वारा इस रूप म� ना�मत �कया गया है ;
(19) मुख्य �वत्तीय अ�धकार� (सीएफओ) का अथर् है �कसी कंपनी के मुख्य �वत्तीय अ�धकार� के
रूप म� �नयक्
ु त व्यिक्त;
सीईओ और सीएफओ क� इन प�रभाषाओं को धारा 2(51) और 203 के साथ पढ़ा जाना चा�हए
जो कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� प्रमुख प्रबंधक�य का�मर्क (केएमपी) क� प�रभाषा और
�नयुिक्त से संबं�धत है ।
(20) कंपनी का अथर् है इस अ�ध�नयम के तहत या �कसी �पछले कंपनी कानून के तहत �नग�मत
कंपनी।
स्पष्ट�करण 3: �रलायंस इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड को वषर् 1973 म� �नग�मत �कया गया था, टाटा
स्ट�ल �ल�मटे ड को वषर् 1907 म� �नग�मत �कया गया था, इंफो�सस �ल�मटे ड को वषर् 1981 म�
�नग�मत �कया गया था। ऐसी कंप�नय� को कंपनी अ�ध�नयम, 1956 (�पछला कंपनी कानून)
के तहत �नग�मत �कया गया है , उन्ह� भी कंपनी के रूप म� माना जाने के �लए उपरोक्त
प�रभाषा म� शा�मल �कया गया है ।
(21) गारं ट� द्वारा सी�मत कंपनी का अथर् एक ऐसी कंपनी है िजसके सदस्य� क� दे नदार� �ापन
द्वारा सी�मत है , जो सदस्य क्रमशः कंपनी क� संपित्त म� योगदान करने के �लए इसके
समापन क� िस्थ�त म� योगदान करने के �लए वचन दे सकते ह�;
(22) अंश� द्वारा सी�मत कंपनी का अथर् है एक कंपनी िजसके सदस्य� क� दे नदार� �ापन द्वारा
सी�मत रा�श होती है , य�द कोई हो, तो उनके द्वारा रखे गए अंश� पर क्रमशः अवैत�नक होती
है ;
(26) अंशदायी का अथर् है एक व्यिक्त जो कंपनी के बंद होने क� िस्थ�त म� उसक� संपित्त म�
योगदान करने के �लए उत्तरदायी है
स्पष्ट�करण:- इस खंड के प्रयोजन के �लए, एत�वारा यह स्पष्ट �कया जाता है �क �कसी कंपनी म�
पूणर् प्रदत्त शेयर रखने वाले व्यिक्त को अंशदायी माना जाएगा।
(27) �नयंत्रण म� अ�धकांश �नदे शक� क� �नयुिक्त का अ�धकार शा�मल होगा या �कसी व्यिक्त या
व्यिक्त द्वारा व्यिक्तगत रूप से या साम�ू हक रूप से प्रत्य� या अप्रत्य� रूप से कायर् करने
वाले प्रबंधन या नी�तगत �नणर्य� को �नयं�त्रत करने का अ�धकार शा�मल होगा, िजसम� उनक�
शेयरधा�रता या प्रबंधन अ�धकार या शेयरधारक करार या वो�टंग करार या कोई अन्य तर�का
शा�मल होगा;
(30) ऋणपत्र म� ऋणपत्र स्टॉक, बॉन्ड या कंपनी का कोई अन्य उपकरण शा�मल है जो ऋण का
सबूत दे ता है , चाहे वह कंपनी क� संपित्त पर प्रभार हो या नह�ं हो;
बशत� �क-
(a) भारतीय �रजवर् ब�क अ�ध�नयम, 1934 के अध्याय III-डी म� संद�भर्त साधन; तथा
(b) ऐसा अन्य उपकरण, जो �कसी कंपनी द्वारा जार� �कए गए भारतीय �रजवर् ब�क के
परामशर् से क�द्र सरकार द्वारा �नधार्�रत �कया जा सकता है ,
(36) दस्तावेज़ म� सम्मन, नो�टस, माँग, आदे श, घोषणा, प्रपत्र और रिजस्टर शा�मल है , चाहे वह इस
अ�ध�नयम के अनुसरण म� जार�, भेजा या रखा गया हो या �कसी अन्य कानून के तहत या
अन्यथा, कागज पर या इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� रखा गया हो;
(37) कमर्चार� स्टॉक �वकल्प का अथर् है �कसी कंपनी या उसक� होिल्डंग कंपनी या सहायक कंपनी
या कंप�नय� के �नदे शक�, अ�धका�रय� या कमर्चा�रय� को �दया गया �वकल्प, य�द कोई हो, जो
ऐसे �नदे शक�, अ�धका�रय� या कमर्चा�रय� को भ�वष्य क� तार�ख म� पूव-र् �नधार्�रत मल्
ू य पर
कंपनी के शेयर� को खर�दने, या सदस्यता लेने का लाभ या अ�धकार दे ता है ;
लेखाकार और कोई भी अन्य व्यिक्त शा�मल है िजसके पास �कसी भी कानून के अनुसरण म�
प्रमाण पत्र जार� करने क� शिक्त या अ�धकार है ;
(v) उप-खंड (i) से उप-खंड (iv) म� संद�भर्त �कसी भी दस्तावेज के साथ संलग्न या उसका
�हस्सा बनने वाला कोई व्याख्यात्मक नोट::
बशत� �क, एक व्यिक्त कंपनी, छोट� कंपनी और �निष्क्रय कंपनी के संबंध म� �वत्तीय
�ववरण म� नकद� प्रवाह �ववरण शा�मल न हो;
छूट
"हालाँ�क, एकल, छोट� कंपनी, �निष्क्रय कंपनी और �नजी कंपनी (य�द ऐसी �नजी कंपनी एक स्टाटर् -
अप है) के संबध
ं म� �वत्तीय �ववरण म� नकद� प्रवाह �ववरण शा�मल नह�ं हो सकता है ।
स्पष्ट�करण.- औद्यो�गक नी�त और संवधर्न �वभाग वा�णज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जार�
अ�धसच
ू ना के अनस
ु ार अ�ध�नयमो के प्रयोजन� के �लए "स्टाटर्-अप" या "स्टाटर्-अप कंपनी" शब्द का
अथर् कंपनी अ�ध�नयम 2013 या कंपनी अ�ध�नयम 1956 के तहत �नग�मत एक �नजी कंपनी है
और इसके अनस
ु ार यह स्टाटर्-अप के रूप म� मान्यता प्राप्त है ।
�टप्प�णयाँ : छात्र ध्यान द� �क कुछ स्थान� पर अ�ध�नयम के तहत 'लाभ और हा�न खाते' को
'लाभ और हा�न का �ववरण' भी कहा जा सकता है ।
हालाँ�क, जब कोई कंपनी या �नग�मत �नकाय जो एक होिल्डंग कंपनी हो तथा भारत के बाहर
�नग�मत कंपनी क� सहायक कंपनी या सहयोगी कंपनी है तो उसे भारत से बाहर अपने खात�
के समेकन के �लए एक अलग �वत्तीय वषर् का पालन करना आवश्यक है क�द्र सरकार उस
कंपनी या �नग�मत �नकाय द्वारा �कसी भी अव�ध को उसके �वत्तीय वषर् के रूप म� अनुम�त
�नधार्�रत कर सकती है इसके �लए चाहे वह अव�ध एक वषर् हो या नह�ं। 4 3
�टप्प�णयाँ : शब्द "भारत के बाहर �नग�मत कंपनी" भारत के बाहर कंपनी के गठन के �लए
�कसी भी लागू कानून� के तहत शा�मल �वदे शी कंपनी को संद�भर्त करता है ।
बशत� �क-
�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी और �न�दर् ष्ट आईएफएससी �नजी कंपनी के संबंध म� ,5 जनवर�,
3
2017 क� अ�धसूचना के माध्यम से एक प्रावधान डाला गया है िजसम� कहा गया है �क उपरोक्त कंपनी जो एक
�वदे शी कंपनी क� सहायक कंपनी है , सहायक कंपनी का �वत्तीय वषर् उसक� होिल्डंग कंपनी के �वत्तीय वषर् के
समान हो सकता है और �ट्रब्यूनल के अनुमोदन क� आवश्यकता नह�ं होगी।
बशत� यह भी �क कंपनी (संशोधन) अध्यादे श, 2019 के शुरू होने क� तार�ख को प्रा�धकरण के सम� लं�बत
4
�कसी भी आवेदन का �नपटारा प्रा�धकरण द्वारा इस तरह के प्रारं भ से पहले लागू प्रावधान� के अनुसार �कया
जाएगा। यह भी बताया गया है �क कोई भी आवेदन जो कंपनी (संशोधन) अद्यादे श 2019 के प्रारम्भ होने क�
�त�थ के अ�धकरण से पहले लं�बत है , ऐसे अ�धकरण के प्रारं भ होने से पहले लागू होने वाले प्रावधान� के अनस
ु ार
�नपटाया जाएगा।
बशत� यह भी �क इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने पर �वद्यमान कोई कंपनी या �नग�मत �नकाय, ऐसे प्रारं भ से दो
वषर् क� अव�ध के भीतर, इस खंड के प्रावधान� के अनुसार अपने �वत्तीय वषर् को संरे�खत करे गा। (यह प्रावधान
अभी प्रासं�गक नह�ं है , हालां�क, यह अभी भी अ�ध�नयम का �हस्सा है )
(44) ग्लोबल �डपॉिजटर� रसीद का मतलब �डपॉिजटर� रसीद के रूप म� कोई भी उपकरण है , चाहे
वह �कसी भी नाम से जाना जाता हो, जो भारत के बाहर �कसी �वदे शी �डपॉिजटर� द्वारा
बनाया गया हो और ऐसी �डपॉिजटर� रसीद� जार� करने वाल� कंपनी द्वारा अ�धकृत हो।
4 स्पष्ट�करण.- इस खंड के प्रयोजन� के �लए, "प्रदत्त अंश पँूजी" को "कुल मतदान शिक्त" के
5
रूप म� माना जाएगा, जहाँ अंतर मतदान अ�धकार वाले शेयर जार� �कए गए ह�।
उदाहरण 5: एक्स इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड एक ऐसी कंपनी है िजसम� 25% अंश होिल्डंग क�द्र
सरकार के पास है ; 10% अंश होिल्डंग महाराष्ट्र सरकार के पास है और 15% अंश होिल्डंग
क�द्र सरकार और राजस्थान सरकार के पास है । यहां, एक्स इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड एक सरकार�
कंपनी नह�ं है क्य��क चक
ु ता अंश पँज
ू ी क� न्यूनतम होिल्डंग का कोई अनुपालन नह�ं है यानी
कम से कम 51% क�द्र सरकार द्वारा, या �कसी राज्य सरकार या सरकार द्वारा या आं�शक
रूप से क�द्र सरकार द्वारा और आं�शक रूप से एक या अ�धक राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम
होिल्डंग का कोई अनुपालन नह�ं है ।
सीए 2013 क� धारा 462 के तहत सरकार� कंप�नय� को छूट द्वारा सिम्म�लत, अ�धसूचना �दनांक
5
"सहायक कंपनी" के अथर् के �लए कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2(87) म� द� गई प�रभाषा दे ख�।
(iii) पूणक
र् ा�लक �नदे शक;
(v) ऐसे अन्य अ�धकार�, जो �नदे शक से एक से अ�धक स्तर से नीचे के नह�ं ह�, जो
पण
ू क
र् ा�लक �नयिु क्त पर ह�, िजन्ह� बोडर् द्वारा प्रमख
ु प्रबंधक�य क�मर्य� के रूप म� ना�मत
�कया गया है ; और
(vi) इस तरह के अन्य अ�धकार� िजन्ह� अ�धकार� के रूप म� �नधार्�रत �कया जा सकता है ।
सीएस
डब्ल्यूट�डी
केए
(52) सच
ू ीबद्ध कंपनी का अथर् ऐसी कंपनी से है िजसक� कोई भी प्र�तभ�ू त �कसी मान्यता प्राप्त
स्टॉक एक्सच� ज म� सच
ू ीबद्ध है ;
(a) सावर्ज�नक कंप�नयां िजन्ह�ने �कसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सच� ज म� अपने इिक्वट�
शेयर� को सूचीबद्ध नह�ं �कया है , ले�कन अपने को सच
ू ीबद्ध �कया है -
(c) सावर्ज�नक कंप�नयां िजन्ह�ने �कसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सच� ज म� अपने इिक्वट�
शेयर� को सूचीबद्ध नह�ं �कया है , ले�कन िजनके इिक्वट� शेयर अ�ध�नयम क� धारा 23
क� उप-धारा (3) म� �न�दर् ष्ट अ�धकार �ेत्र म� स्टॉक एक्सच� ज म� सच
ू ीबद्ध ह�।
(53) प्रबंधक का अथर् एक ऐसे व्यिक्त से है , जो �नदे शक मंडल के अधी�ण, �नयंत्रण और �नद� शन
के अधीन है , िजसके पास कंपनी के मामल� का संपण
ू ,र् या पयार्प्त रूप से संपूणर् प्रबंधन है ,
और इसम� एक �नदे शक या कोई अन्य व्यिक्त शा�मल है जो प्रबंधक के पद पर आसीन है ,
चाहे वह �कसी भी नाम से जाना जाता हो, चाहे वह सेवा के अनब
ु ंध के तहत हो या नह�ं;
(54) प्रबंध �नदे शक का अथर् एक ऐसे �नदे शक से है , िजसे �कसी कंपनी के लेख� या कंपनी के साथ
एक समझौते या उसक� आम बैठक म� पा�रत एक प्रस्ताव के आधार पर, या उसके �नदे शक
मंडल द्वारा कंपनी के मामल� के प्रबंधन क� पयार्प्त शिक्तयां स�पी जाती ह�। और इसम� एक
6
जैसा �क कंप�नय� द्वारा संशो�धत �कया गया है (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) दस
ू रा संशोधन �नयम,"2021
�नदे शक शा�मल होता है जो प्रबंध �नदे शक के पद पर होता है , चाहे �कसी भी नाम से जाना
जाता हो।
(i) कंपनी के �ापन के ग्राहक, िजसे कंपनी का सदस्य बनने के �लए सहमत माना जाएगा,
और इसके पंजीकरण पर, सदस्य� के रिजस्टर म� सदस्य के रूप म� दजर् �कया जाएगा;
(ii) प्रत्येक अन्य व्यिक्त जो �ल�खत रूप म� कंपनी का सदस्य बनने के �लए सहमत है और
िजसका नाम कंपनी के सदस्य� के रिजस्टर म� दजर् है ;
(iii) कंपनी के अंश धारण करने वाला प्रत्येक व्यिक्त और िजसका नाम एक �न�ेपागार के
�रकॉडर् म� एक लाभकार� स्वामी के रूप म� दजर् �कया गया है ;
(56) �ापन का अथर् है �कसी कंपनी का पाषर्द सीमा�नयम िजसे मूल रूप से बनाया गया है या
�कसी �पछले कंपनी कानून या इस अ�ध�नयम के अनुसरण म� समय-समय पर बदला गया है ;
स्पष्ट�करण 6: कंपनी के वैधा�नक लेखा पर��क� को कंपनी अ�ध�नयम 2013 क� धारा 2(57) के
प्रावधान के अनुसार गणना क� गई 30 �सतंबर 2020 को प्रबंधन क� आवश्यकता के अनुसार कंपनी
के �नवल मूल्य पर एक प्रमाण पत्र जार� करना आवश्यक था।
भले ह� कंपनी ने अपने खात� क� �कताब� म� रखी कमाई के �लए उ�चत मूल्यांकन �कया हो पर
�रजवर् म� प�रणामी क्रे�डट (िजस भी नाम से जाना जाता है ) 'संपित्त के पुनमल्
ूर् यांकन से बनाए गए
भंडार' क� श्रेणी म� होगा िजसे �वशेष रूप से बाहर रखा गया है धारा 2 (57) म� 'नेट वथर्' क�
प�रभाषा के अनुसार कंपनी द्वारा इसे बाहर रखा जाना चा�हए।
(58) अ�धसच
ू ना का अथर् है आ�धका�रक राजपत्र म� प्रका�शत एक अ�धसच
ू ना और "अ�धसू�चत"
अ�भव्यिक्त का अथर् तदनुसार लगाया जाएगा;
(59) अ�धकार� म� कोई भी �नदे शक, प्रबंधक या प्रमुख प्रबंधक�य कम� या कोई भी व्यिक्त शा�मल है
िजसके �नद� श� या �नद� श� के अनस
ु ार �नदे शक मंडल या कोई एक या अ�धक �नदे शक कायर्
करते ह� या करने के आद� ह�;
(i) पूणक
र् ा�लक �नदे शक (WTD);
(iv) कोई भी व्यिक्त, जो बोडर् या �कसी प्रमुख प्रबंधक�य क�मर्य� के तत्काल अ�धकार के
तहत, �कसी भी िजम्मेदार� के प्रभा�रत है खात� या अ�भलेख� के रखरखाव, फाइ�लंग या
�वतरण स�हत, अ�धकृत करता है , स�क्रय रूप से भाग लेता है , जानबूझकर अनम
ु �त
दे ता है , या जानबूझकर �कसी भी चूक को रोकने के �लए स�क्रय कदम उठाने म� �वफल
रहता है ;
(v) कोई भी व्यिक्त िजसक� सलाह, �नद� श� या �नद� श� के अनुसार कंपनी का �नदे शक मंडल
कायर् करने का आद� है , उस व्यिक्त के अलावा जो एक पेशेवर �मता म� बोडर् को सलाह
दे ता है ;
(62) एक व्यिक्त कंपनी का अथर् ऐसी कंपनी से है िजसम� सदस्य के रूप म� केवल एक व्यिक्त हो;
(63) साधारण या �वशेष समाधान का अथर् है एक साधारण समाधान, या जैसा भी मामला हो, धारा
114 (साधारण और �वशेष समाधान) म� �न�दर् ष्ट �वशेष समाधान;
कोई अन्य शा�मल नह�ं है ऐसे अंश� के संबंध म� प्राप्त रा�श, चाहे उसे �कसी भी नाम से जाना
जाता हो;
(65) पोस्टल बैलेट का अथर् है डाक द्वारा या �कसी इलेक्ट्रॉ�नक माध्यम से मतदान करना;""यह
प�रभाषा कंपनी (प्रबंधन और प्रशासन) �नयम, 2014 के �नयम 22 के साथ पढ़� जाने वाल�
धारा 110 से संबं�धत है पोस्टल बैलेट के माध्यम से व्यवसाय के संचालन के �लए अपनाई
जाने वाल� प्र�क्रया को �न�दर् ष्ट करता है और व्यापार क� वस्तुओं क� सच
ू ी प्रदान करता है िजसे
केवल पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान �कया जाना चा�हए।
(B) ऐसे व्यिक्त जो पूवर् म� कंपनी के रोजगार म� थे, उस रोजगार म� रहते हुए कंपनी
के सदस्य थे और रोजगार समाप्त होने के बाद भी सदस्य बने रहे ह�,
7
चूं�क अब तक कुछ भी �नधार्�रत नह�ं �कया गया है , इस�लए �नजी कंपनी बनाने के �लए कोई न्यूनतम प्रदत्त अंश पूंजी
नह�ं है ।
न्यन
ू तम प्रदत्त अंश पँज
ू ी रखने क� आवश्यकता 5 जन
ू 2015 क� अ�धसच
ू ना के तहत धारा 8
कंपनी (धमार्थर् उद्देश्य� वाल� कंप�नय� का गठन, आ�द) पर लागू नह�ं होगी।
उपयुक्
र् त छूट एक धारा 8 कंपनी पर लागू होगी िजसने कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा
137 के तहत अपने �वत्तीय �ववरण या रिजस्ट्रार के साथ उक्त अ�ध�नयम क� धारा 92 के
तहत वा�षर्क �रटनर् दा�खल करने म� चक
ू नह�ं क� है । [संशोधन अ�धसच
ू ना जी.एस.आर.
584(ई) �दनांक 13 जून 2017।]
(a) प्रोस्पेक्टस म� �दया गया नाम या कंपनी द्वारा धारा 92 म� संद�भर्त वा�षर्क �रटनर् म�
�न�दर् ष्ट �कया गया है ; या
(b) कंपनी के मामल� म� िजसका प्रत्य� या अप्रत्य� रूप से, अंशधारक, �नदे शक या
अन्यथा के रूप म� �नयंत्रण है ; या
बशत� �क उपखंड (c) म� कुछ भी ऐसे व्यिक्त पर लागू नह�ं होगा जो केवल पेशेवर
�मता म� कायर् कर रहा है ;
(70) �ववर�णका का अथर् है एक �ववर�णका के रूप म� व�णर्त या जार� �कया गया कोई भी दस्तावेज
और इसम� एक लाल हे �रंग �ववर�णका या शेल्फ �ववर�णका या कोई नो�टस, प�रपत्र, �व�ापन
या अन्य दस्तावेज शा�मल ह� जो �कसी �नग�मत �नकाय क� �कसी भी प्र�तभ�ू तय� क�
सदस्यता या खर�द के �लए जनता से प्रस्ताव आमं�त्रत करते ह�;
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चूं�क अब तक कुछ भी �नधार्�रत नह�ं �कया गया है , इस�लए �नजी कंपनी बनाने के �लए कोई
न्यन
ू तम प्रदत्त अंश पज
ंू ी नह�ं है ।
(74) कंप�नय� के रिजस्टर का अथर् है इस अ�ध�नयम के तहत रिजस्ट्रार द्वारा कागज पर या �कसी
इलेक्ट्रॉ�नक मोड म� बनाए गए कंप�नय� का रिजस्टर;
(vi) कोई भी कॉप�रे ट �नकाय िजसका �नदे शक मंडल, प्रबंध �नदे शक या प्रबंधक �कसी
�नदे शक या प्रबंधक क� सलाह, सलाह या �नद� श� के अनस
ु ार कायर् करने का आद� है ;
(vii) कोई भी व्यिक्त िजसक� सलाह, सलाह या �नद� श पर कोई �नदे शक या प्रबंधक कायर्
करने का आद� है :
स्पष्ट�करण.- इस खंड के प्रयोजन के �लए, "�नवेश करने वाल� कंपनी या �कसी कंपनी
के उद्यमकतार्" का अथर् एक �नग�मत �नकाय है , िजसके कंपनी म� �नवेश के
प�रणामस्वरूप कंपनी कॉप�रे ट �नकाय क� सहयोगी कंपनी बन जाएगी।
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उपरोक्त खंड (viii)4 क� अ�धसूचना संख्या जीएसआर 08 (ई) के तहत एक �न�दर्ष्ट आईएफएससी
सावर्ज�नक कंपनी पर धारा 188 के संबध
ं म� लागू नह�ं होगा।
(iii) एक व्यिक्त दस
ू रे से इस तरह से संबं�धत है जैसा �क �नधार्�रत �कया जा सकता है ;
कंपनी (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) �नयम, 2014 म� �दया गया �नयम 4 धारा 2 के खंड
(77) के अनस
ु ार �रश्तेदार� क� सच
ू ी प्रदान करता है । तदनस
ु ार, एक व्यिक्त को दस
ू रे का
�रश्तेदार माना जाएगा, य�द वह या वह �नम्न�ल�खत तर�के से दस
ू रे से संबं�धत है , अथार्त ्:-
(1) �पता: बशत� �क "�पता" शब्द म� सौतेला �पता शा�मल है।
(2) माँ: बशत� �क "माँ" शब्द म� सौतेल� माँ शा�मल है ।
(3) बेटा: बशत� �क "बेटा" शब्द म� सौतेला बेटा शा�मल है ।
(4) बेटे क� पत्नी।
(5) बेट�
(6) बेट� का प�त।
(7) भाई: बशत� �क "भाई" शब्द म� सौतेला भाई शा�मल है ;
(78) पा�रश्र�मक का अथर् �कसी भी व्यिक्त को उसके द्वारा प्रदान क� गई सेवाओं के �लए �दया
गया या �दया गया कोई भी धन या उसके समक� है और इसम� आयकर अ�ध�नयम, 1961
के तहत प�रभा�षत अनल
ु ाभ शा�मल ह�।
पँूजी - `4 करोड़
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जैसा �क कंप�नय� (प�रभाषाओं के �ववरण क� �व�शष्टता) संशोधन �नयम, 2022 द्वारा संशो�धत �कया गया है ।
स्पष्ट�करण 11: एच �ल�मटे ड एस प्राइवेट �ल�मटे ड क� होिल्डंग कंपनी है। एस प्राइवेट �ल�मटे ड
के 31 माचर्, 2023 को समाप्त वषर् के �लए �पछले लाभ और हा�न खाते के अनुसार, इसका
टनर्ओवर `1.50 करोड़ क� सीमा तक था; और प्रदत्त अंश पँज
ू ी `40 लाख थी। चँ �ू क, एस प्रा.""
�ल�मटे ड, टनर्ओवर और प्रदत्त अंश पँज
ू ी मानदं ड� के अनुसार, एक 'छोट� कंपनी' क� िस्थ�त के
�लए अहर्ता प्राप्त करता है िजसे वह 'छोट� कंपनी' के रूप म� वग�कृत करना चाहता है । एस प्रा.
�ल�मटे ड को 'छोट� कंपनी' के रूप म� वग�कृत नह�ं �कया जा सकता है क्य��क यह �कसी अन्य
कंपनी (एच �ल�मटे ड) क� सहायक कंपनी है । [धारा 2(85) का प्रावधान]।
कंपनी द्वारा कंपनी म� शेयर खर�दने के �लए �कए गए �व�ापन� के जवाब म� , 10,00,000
शेयर� के �लए आवेदन प्राप्त हुए ह�, ले�कन कंपनी ने वास्तव म� 700,000 शेयर जार� �कए ह�,
जहाँ कंपनी ने 8 रुपये प्र�त शेयर क� माँग क� है ।
तीन शेयरधारक� को छोड़कर सभी कॉल� को पूरा कर �लया गया है , िजन पर अभी भी कुल
6000 शेयर बकाया ह�।
जार� पज
ंू ी = 7,00,000 x 10 = `70,00,000
बशत� �क होिल्डंग कंप�नय� के ऐसे वगर् या वगर् के रूप म� �नधार्�रत �कया जा सकता है , िजसम�
�नधार्�रत संख्या से अ�धक सहायक कंप�नय� क� परत� नह�ं ह�गी।
(a) एक कंपनी को होिल्डंग कंपनी क� सहायक कंपनी माना जाएगा, भले ह� उप-खंड (i) या
उप-खंड (ii) म� �न�दर् ष्ट �नयंत्रण होिल्डंग कंपनी क� �कसी अन्य सहायक कंपनी का हो;
(b) एक कंपनी के �नदे शक मंडल क� संरचना को �कसी अन्य कंपनी द्वारा �नयं�त्रत माना
जाएगा य�द वह अन्य कंपनी अपने �ववेक पर कुछ शिक्त का प्रयोग करके सभी या
अ�धकांश �नदे शक� को �नयक्
ु त या हटा सकती है ;
(88) स्वेट इिक्वट� अंशो का अथर् है ऐसे इिक्वट� शेयर जो �कसी कंपनी द्वारा अपने �नदे शक� या
कमर्चा�रय� को छूट पर या नकद के अलावा �वचार के �लए जार� �कए जाते ह�, बौ�द्धक संपदा
अ�धकार� या मूल्य वधर्न क� प्रकृ�त म� अपनी जानकार� प्रदान करने या उपलब्ध अ�धकार
उपलब्ध कराने के �लए, चाहे �कसी भी नाम से जाना जाता हो;
(89) कुल मतदान शिक्त, �कसी भी मामले के संबंध म�, कुल मत� क� संख्या का
मतलब है जो उस मामले के संबंध म� �कसी कंपनी क� बैठक म� मतदान पर
डाले जा सकते ह� य�द उसके सभी सदस्य या उस मामले पर वोट दे ने का
अ�धकार रखने वाले उनके प्र�त�न�ध बैठक म� उपिस्थत ह� और अपना वोट
डालते ह�;
(90) �ट्रब्यूनल का अथर् है धारा 408 के तहत ग�ठत राष्ट्र�य कंपनी कानून न्याया�धकरण;
(91) टनर्ओवर का अथर् है एक �वत्तीय वषर् के दौरान �कसी कंपनी द्वारा माल क� �बक्र�, आपू�तर्,
या �वतरण या प्रदान क� गई सेवाओं, या दोन� के कारण लाभ और हा�न खाते म� मान्यता
प्राप्त राजस्व क� सकल रा�श;
(92) असी�मत कंपनी का अथर् है ऐसी कंपनी िजसके सदस्य� के दा�यत्व क� कोई सीमा नह�ं है ;
(93) मतदान का अ�धकार का मतलब कंपनी के �कसी सदस्य को कंपनी क� �कसी
मी�टंग म� या पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट दे ने का अ�धकार है ।
बाहु�वकल्पीय प्रश्न
1. ग्रीन �ल�मटे ड को 3 जनवर�, 2022 को शा�मल �कया गया है । कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के
अनुसार, कंपनी का �वत्तीय वषर् क्या होगा:
2. रोमा ने अपने छह दोस्त� के साथ मई 2021 म� रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड को शा�मल �कया। कंपनी
क� चुकता शेयर पूंजी `2 करोड़ है । इसके अलावा, अप्रैल 2022 म�, उन्ह�ने दे खा �क �पछले
�वत्तीय वषर् म� कंपनी का टनर्ओवर `40 करोड़ से काफ� नीचे था। सलाह द� �क क्या कंपनी को
'छोट� कंपनी' माना जा सकता है।
(a) रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड �निश्चत रूप से एक 'छोट� कंपनी' है क्य��क इसक� चक
ु ता पज
ंू ी
`4 करोड़ से काफ� कम है और इसका टनर्ओवर भी ` 40 करोड़ क� सीमा से अ�धक
नह�ं है ।
(b) ‘छोट� कंपनी' क� अवधारणा केवल एक प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी/ओपीसी के मामले म�
लागू होती है और इस�लए, 'छोट� कंपनी' के मानदं ड� को पूरा करने के बावजद
ू यह एक
सावर्ज�नक �ल�मटे ड कंपनी होने के बावजूद 'छोट� कंपनी' के लाभ� का आनंद नह�ं ले
सकती है ।
(d) य�द रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड के सभी शेयरधारक आरओसी को यह वचन दे ते ह� �क वे
भुगतान क� गई शेयर पज
ंू ी और अगले दो वष� म� कारोबार को 'छोट� कंपनी' पर लागू
सीमाओं से अ�धक नह�ं होने द� गे, तो इसे 'छोट� कंपनी' के रूप म� माना जा सकता है।
3. अ�भलाषा और अमत
ृ ा ने एक 'नॉट फॉर प्रॉ�फट' प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी बनाई है जो कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के तहत पंजीकृत है । उनके एक �मत्र ने उन्ह� स�ू चत �कया है
�क उनक� कंपनी को 'छोट� कंपनी' के रूप म� वग�कृत �कया जा सकता है क्य��क माचर्, 2022
को समाप्त वषर् के अं�तम लाभ और हा�न खाते के अनस
ु ार, इसका कारोबार `0 करोड़ से कम
था और इसका भुगतान �कया गया �हस्सा था पज
ूं ी ` 4 करोड़ से कम थी। सलाह दे ना।
(b) य�द �कसी अन्य 'छोट� कंपनी' म� न्यूनतम 5% �हस्सेदार� का अ�धग्रहण 'टनर्ओवर' और
'पेड-अप शेयर कै�पटल' के मानदं ड� को परू ा करने के बाद दस
ू रे �वत्तीय वषर् म� (और
तुरंत अगले �वत्तीय वषर् म� नह�ं) होता है तो �ल�खत के साथ संबं�धत आरओसी क�
अनुम�त से यह 'छोट� कंपनी' का दजार् प्राप्त कर सकती है।
(c) 'छोट� कंपनी' का दजार् उस 'गैर-लाभकार�' कंपनी को नह�ं �दया जा सकता जो कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के तहत पंजीकृत है।
(d) एक धारा 8 कंपनी, य�द एक प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी (और सावर्ज�नक �ल�मटे ड कंपनी
के रूप म� नह�ं) के रूप म� �नग�मत है , तो वह संबं�धत आरओसी क� अनुम�त से "छोट�
कंपनी" क� िस्थ�त का लाभ उठा सकती है , जब वह "टनर्ओवर" और "पेड-अप शेयर
पूंजी" के मानदं ड� को पूरा करती है।
4. कावेर� गुड्स कै�रयसर् प्राइवेट �ल�मटे ड (केजीसीपीएल) ने `10 लाख मूल्य के 9% गैर-
प�रवतर्नीय �डब�चर जार� �कए और उसके बाद, �नदे शक� ने उन्ह� सच
ू ीबद्ध करने पर �वचार
�कया।
उ�चत औपचा�रकताओं के बाद, �नजी तौर पर रखे गए इन `10 लाख रुपये के गैर-प�रवतर्नीय
�डब�चर को सच
ू ीबद्ध �कया गया। �नम्न�ल�खत म� से कौन सा �वकल्प द� गई िस्थ�त म� लागू
है :
(a) केजीसीपीएल को एक सच
ू ीबद्ध कंपनी माना जाएगा।
(b) केजीसीपीएल को सच
ू ीबद्ध कंपनी नह�ं माना जाएगा।
�ववरणात्मक प्रश्न
1. एमएनपी प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के तहत पंजीकृत कंपनी है , िजसक� चक
ु ता
शेयर पज
ंू ी ` करोड़ रुपये और टनर्ओवर `60 करोड़ रुपये है । "छोट� कंपनी" का अथर् स्पष्ट कर�
और कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के प्रावधान� के अनुसार �नम्न�ल�खत का पर��ण कर� :
(i) क्या एमएनपी प्राइवेट �ल�मटे ड छोट� कंपनी का दजार् प्राप्त कर सकता है?
(ii) अगर कंपनी का टनर्ओवर `30 करोड़ है तो आपका जवाब क्या होगा?
2. फ्लोरा फॉना �ल�मटे ड को एक सावर्ज�नक कंपनी के रूप म� पंजीकृत �कया गया था। कंपनी म�
230 सदस्य ह� जैसा �क नीचे बताया गया है :
(b) कमर्चा�रय� 15
कंपनी के �नदे शक मंडल ने इसे एक �नजी कंपनी म� बदलने का प्रस्ताव रखा है । साथ ह� सलाह �दए
ह� �क सदस्य� क� संख्या म� कमी क्य� जरूर� है ।
जवाब
बाहु�वकल्पीय प्रश्न
3. (c) 'छोट� कंपनी' का दजार् उस 'गैर-लाभकार�' कंपनी को नह�ं �दया जा सकता जो कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के तहत पंजीकृत है।
4. (b) केजीसीपीएल को सच
ू ीबद्ध कंपनी नह�ं माना जाएगा।
(2) िजसका टनर्ओवर उसके अं�तम लाभ और हा�न खाते के अनुसार दो करोड़ रुपये से
(i) वतर्मान मामले म�, एमएनपी प्राइवेट �ल�मटे ड, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के तहत
पंजीकृत एक कंपनी है िजसक� प्रदत्त अंश पँूजी `70 लाख है और िजसका टनर्ओवर
`30 करोड़ है । चँ�ू क, अंश पँज
ू ी का केवल एक मानदं ड `4करोड़ से अ�धक नह�ं है ,
ले�कन दस
ू रा मानदं ड `40 करोड़ से अ�धक नह�ं है , को परू ा नह�ं �कया गया है और
प्रावधान� को एक छोट� कंपनी क� िस्थ�त का लाभ उठाने के �लए दोन� मानदं ड� को परू ा
करने क� आवश्यकता होती है , अतः एमएनपी �ल�मटे ड छोट� कंपनी का दजार् प्राप्त नह�ं
कर सकता है ।
(ii) य�द कंपनी का टनर्ओवर `15 करोड़ है , तो दोन� मानदं ड परू े ह�गे और एमएनपी
�ल�मटे ड छोट� कंपनी का दजार् हा�सल कर सकती है ।
2. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2(68) के अनुसार, "�नजी कंपनी" का अथर् एक ऐसी कंपनी
है िजसके पास �नधार्�रत न्यन
ू तम प्रदत्त अंश पँज
ू ी है , और जो अपने लेख� द्वारा, एक व्यिक्त
कंपनी के मामले को छोड़कर, सी�मत करती है इसके सदस्य� क� संख्या दो सौ है ।
(B) ऐसे व्यिक्त जो पूवर् म� कंपनी के रोजगार म� थे, उस रोजगार म� रहते हुए कंपनी के
सदस्य थे और रोजगार समाप्त होने के बाद भी सदस्य बने रहे ह�,
मौजद
ू ा मामले म�, फ्लोरा फॉना �ल�मटे ड* को एक �नजी कंपनी म� तभी प�रव�तर्त �कया जा
सकता है , जब कंपनी के कुल सदस्य 200 तक सी�मत ह�। सदस्य� क� कुल संख्या
कुल 200
इस�लए, सदस्य� क� संख्या म� कमी करने क� कोई आवश्यकता नह�ं है क्य��क मौजद
ू ा सदस्य�
क� संख्या 200 है जो 200 क� अ�धकतम सीमा से अ�धक नह�ं है ।