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अध्याय

प्रारं �भक
सीखने का प�रणाम

इस अध्याय का अध्ययन के बाद आप समथर् ह�गे-

 कंपनी अ�ध�नयम 2013 क� सीमा और इसको लागू करने के तर�के


को जानने म� ;

 अ�ध�नयम के अनुप्रयोग को जानने म� ;

 इस अ�ध�नयम म� �दए गए प�रभाषा खंड से प�र�चत होने म� ;

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1.2 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अध्याय का अवलोकन

अ�ध�नयम के प्रारं �भक अध्याय म� शा�मल

सं��प्त शीषर्क, �वस्तार और आवेदन प�रभाषा


प्रारं भ

1. प�रचय
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 कंप�नय� से संबं�धत कानून को समे�कत और संशो�धत करने के �लए एक
अ�ध�नयम है। जो राष्ट्र�य और अंतरार्ष्ट्र�य आ�थर्क वातावरण म� प�रवतर्न को परू ा करने और हमारे
दे श क� अथर्व्यवस्था के �वस्तार और �वकास के �लए एक कानूनी अ�नवायर्ता थी।

29 अगस्त 2013 को कंपनी अ�ध�नयम, 2013 को भारत के माननीय राष्ट्रप�त क� सहम�त प्राप्त
हुई और सावर्ज�नक सूचना के �लए 30 अगस्त 2013 को आ�धका�रक राजपत्र म� अ�धसू�चत �कया
गया। कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के �व�भन्न प्रावधान� को लागू करने के �लए अ�धसच
ू नाओं के
माध्यम से अलग-अलग �त�थयां �नयत क� जा सकती ह�।

30 अगस्त 2013 को धारा 1 लागू हुई; 12 �सतंबर 2013 को 98 धाराएँ लागू हु�; 1 अप्रैल 2014
से 143 धाराएँ लागू क� ग� और इसी तरह ये जार� रह�ं।

कंपनी अ�ध�नयम, 2013 �नयम आधा�रत कानून है िजसम� 470 धाराएँ और सात अनुसू�चयां ह�। परू े
अ�ध�नयम को 29 अध्याय� म� �वभािजत �कया गया है । प्रत्येक अध्याय म� �नयम� का कम से कम
एक सेट होता है । कंपनी अ�ध�नयम, 2013 का उद्देश्य कॉप�रे ट प्रशासन म� सुधार करना, �नयम� को
सरल बनाना और �नवेशक� के �हत� को मजबूत करना है । इस प्रकार, यह अ�ध�नयम हमारे कॉप�रे ट
�व�नयम� को अ�धक समकाल�न बनाता है ।

2. सं��प्त शीषर्क, �वस्तार, प्रारं भ और �क्रयान्वयन


कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 1 उस अ�ध�नयम के शीषर्क से संबं�धत है िजसके अनस
ु ार इस
अ�ध�नयम को कंपनी अ�ध�नयम, 2013 कहा जा सकता है ।

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प्रारं �भक 1.3

इसके अलावा, इस अ�ध�नयम क� प्रयोज्यता क� धारा सीमा से संबं�धत है। इसम� कहा गया है �क यह
अ�ध�नयम पूरे भारत म� लागू होगा।

यह धारा इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने क� तार�ख भी �न�दर् ष्ट करता है । तद्नस


ु ार,यह धारा एक ह�
बार म� लागू होगी और इस अ�ध�नयम के शेष प्रावधान उस तार�ख को लागू ह�गे जो क�द्र सरकार,
आ�धका�रक राजपत्र म� अ�धसच
ू ना द्वारा, �नयत करे और इस अ�ध�नयम के �व�भन्न प्रावधान� के
�लए अलग-अलग तार�ख �नयत क� जा सकती ह�। और इस अ�ध�नयम के प्रारं भ के �लए �कसी
प्रावधान म� �कसी भी संदभर् को उस प्रावधान के लागू होने के संदभर् के रूप म� माना जाएगा।

यह धारा अ�ध�नयम क� प्रयोज्यता को भी बताती है । इस अ�ध�नयम के प्रावधान �नम्न�ल�खत पर


लागू ह�गे-

(a) इस अ�ध�नयम के तहत या �कसी �पछले कंपनी कानन


ू के तहत �नग�मत कंप�नय� पर।

स्पष्ट�करण 1: एबीसी �ल�मटे ड को कंपनी अ�ध�नयम, 1956 के तहत 1.1.1972 को �नग�मत �कया
गया था। इस�लए, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 एबीसी �ल�मटे ड पर भी लागू होगा।

(b) बीमा कंप�नयाँ, जहाँ तक उक्त प्रावधान बीमा अ�ध�नयम, 1938 या बीमा �नयामक और
�वकास प्रा�धकरण अ�ध�नयम, 1999 के प्रावधान� के साथ असंगत ह�;

(c) ब��कं ग कंप�नयाँ, जहाँ तक उक्त प्रावधान ब��कं ग �व�नयमन अ�ध�नयम, 1949 के प्रावधान� के
साथ असंगत ह�;

(d) �बजल� के उत्पादन या आप�ू तर् म� लगी कंप�नयाँ, जहाँ तक उक्त प्रावधान �बजल� अ�ध�नयम,
2003 के प्रावधान� के साथ असंगत हो;

(e) कोई भी कंपनी जो उस समय तक लागू �कसी भी �वशेष अ�ध�नयम द्वारा शा�सत ह�, �सवाय
इसके �क उक्त प्रावधान ऐसे �वशेष अ�ध�नयम के प्रावधान� के साथ असंगत ह�, और

(f) ऐसे �नकाय �नग�मत, जो उस समय लागू �कसी अ�ध�नयम द्वारा �नग�मत ह�, जैसा �क क�द्र
सरकार, अ�धसच
ू ना द्वारा, इस संबध
ं म� �व�न�दर् ष्ट करे , इस तरह के अपवाद�, संशोधन� या
अनुकूलन के अधीन, जैसा �क अ�धसूचना म� �न�दर् ष्ट �कया जा सकता है ।

स्पष्ट�करण 2: भारतीय खाद्य �नगम (एफसीआई), भारतीय राष्ट्र�य राजमागर् प्रा�धकरण


(एनएचएआई) इत्या�द।

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1.4 कॉप�रे ट और अन्य कानून

�टप्प�णयाँ : शब्द "जहाँ तक को छोड़कर" का अथर् होगा, अथार्त क� सीमा तक को छोड़कर य�द
कंपनी अ�ध�नयम का कोई प्रावधान अन्य अ�ध�नयम (बीमा अ�ध�नयम, ब��कं ग �व�नयमन
अ�ध�नयम, �वद्युत अ�ध�नयम, आ�द) के �कसी भी प्रावधान से असंगत है , िजसके �लए कंपनी
�व�नय�मत है , तो कंपनी संबं�धत अ�ध�नयम/अ�ध�नयम� के प्रावधान� का पालन करे गी। िजसके
द्वारा यह शा�सत और �व�नय�मत होता है ।

कंपनी अ�ध�नयम, संपूणर् भारत म�


शीषर्क

धारा 1 एक ह� कंप�नयां
सीमा

प्रारं भ
1.

आवेदन
2013 बार म� और शेष 2. बीमा कंप�नयां
प्रावधान� को 3. ब��कं ग
अ�धसूचनाओं के कंप�नयां
माध्यम से अलग- 4. �बजल� का
अलग �त�थय� पर उत्पादन /
लागू �कया गया। आपू�तर् करने
वाल� कंप�नयां
5. �वशेष
अ�ध�नयम
द्वारा
�व�नय�मत
कंपनी
6. क�द्र सरकार
द्वारा
अ�धसू�चत
�नकाय

3. प�रभाषाएं
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2 एक प�रभा�षत धारा है। यह अ�ध�नयम म� प्रयुक्त �व�भन्न
शब्दावल� प्रदान करता है । प�रभा�षत धारा या खंड,'�नमार्ण के �लए आंत�रक सहायता' के रूप म� जाना
जाता है और अ�ध�नयम या इसके �कसी भी �हस्से क� व्याख्या करने या समझने म� बहुत उपयोगी हो
सकता है ।

इसके अलावा, धारा 2 के खंड 95 के अनुसार, इस अ�ध�नयम म� प्रयुक्त और प�रभा�षत नह�ं �कए
गए शब्द� और अ�भव्यिक्तय� को प्र�तभ�ू त अनुबंध (�व�नयमन) अ�ध�नयम, 1956 या भारतीय
प्र�तभू�त और �व�नमय बोडर् अ�ध�नयम, 1992 या �डपॉिजटर� अ�ध�नयम, 1996 म� प�रभा�षत �कए
गए ह� का अथर् उन अ�ध�नयम� म� क्रमशः उनके �लए �न�दर् ष्ट अथर् ह�गे।

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प्रारं �भक 1.5

जब �कसी शब्द या वाक्यांश को अ�ध�नयम म� एक �वशेष अथर् के रूप म� प�रभा�षत �कया जाता है ,तो
अ�ध�नयम क� �कसी धारा क� व्याख्या करते समय केवल यह� अथर् �दया जाना चा�हए जब तक �क
संदभर् म� कुछ भी प्र�तकूल न हो।

धारा 2 1 म� कहा गया है �क- इस अ�ध�नयम म� , जब तक �क संदभर् क� अन्यथा जरूरत न हो,—


0

(1) सं��प्त �ववर�णका का अथर् है एक �ापन िजसम� एक �ववर�णका क� ऐसी


मुख्य �वशेषताएं शा�मल ह� जो इस संबंध म� �नयम बनाकर प्र�तभू�त और
�व�नमय बोडर् द्वारा �न�दर् ष्ट क� जा सकती ह�;

(2) लेखांकन मानक� का अथर् है धारा 133 म� �न�दर् ष्ट कंप�नय� या कंप�नय� के वगर् के �लए
लेखांकन के मानक या कोई प�र�शष्ट;

अ�ध�नयम क� धारा 133 लेखा मानक� को �नधार्�रत करने के �लए क�द्र सरकार से संबं�धत है । धारा
के अनुसार, क�द्र सरकार, राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण द्वारा क� गई �सफा�रश� के परामशर्
और पर��ण के बाद, चाटर् डर् एकाउं ट� ट अ�ध�नयम, 1949 क� धारा 3 के तहत ग�ठत भारतीय चाटर् डर्
एकाउं ट� ट संस्थान द्वारा अनश
ु �ं सत लेखांकन के मानक� या उसके �कसी भी प�र�शष्ट को �नधार्�रत कर
सकती है ।

धारा 133 को कंपनी (लेखा) �नयम, 2014 के �नयम 7 के साथ पढ़ा जाना है । तदनुसार,

(i) कंपनी अ�ध�नयम, 1956 के तहत �न�दर् ष्ट लेखांकन के मानक� को तब तक लेखांकन
मानक� के रूप म� माना जाएगा जब तक �क क�द्र सरकार द्वारा धारा 133 के तहत
लेखांकन मानक� को �न�दर् ष्ट नह�ं �कया जाता है।

(ii) जब तक अ�ध�नयम क� धारा 132 के तहत राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण* का


गठन नह�ं �कया जाता है , तब तक क�द्र सरकार लेखांकन के मानक� या उसके �कसी
प�र�शष्ट को �नधार्�रत कर सकती है ,जैसा �क कंपनी अ�ध�नयम, 1956 क� धारा 210A
के तहत ग�ठत लेखा मानक� पर राष्ट्र�य सलाहकार स�म�त द्वारा क� गई �सफा�रश� के
परामशर् और जांच के बाद भारतीय चाटर् डर् एकाउं ट� ट्स संस्थान द्वारा अनश
ु ं�सत है।

इसके अलावा, धारा 133 द्वारा प्रदत्त शिक्तय� का प्रयोग करते हुए, क�द्र सरकार ने लेखांकन
मानक� पर राष्ट्र�य सलाहकार स�म�त के परामशर् से �नधार्�रत �कया �क कंपनी (लेखा मानक)
�नयम, 2006 और कंपनी (भारतीय लेखा मानक) �नयम, 2015 का पालन �कया जा सकता
है ।

1
कोष्ठक म� द� गई संख्या अथार्त ( ) प�रभाषा के प्रारं भ म� , धारा 2 के खंड को दशार्ता है ।

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1.6 कॉप�रे ट और अन्य कानून

*क�द्र सरकार एत�वारा 1 अक्टूबर 2018 को राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण के गठन क� �त�थ
के रूप म� �नयक्
ु त करती है ।

(3) बदलाव या बदलाव म� प�रवधर्न, चक


ू और प्र�तस्थापन करना शा�मल है ;

(5) लेख का अथर् है -

 मूल रूप से तैयार �कए गए कंपनी के एसो�सएशन के लेख, या

 जैसा �क समय-समय पर बदला गया हो, या

 �कसी �पछले कंपनी कानून के अनुसरण म� लागू �कया गया हो, या

 इस अ�ध�नयम के अनुपालन म� लागू �कया गया;

(6) �कसी अन्य कंपनी के संबध


ं म� सहयोगी कंपनी, का अथर् ऐसी कंपनी से है िजसम� उस अन्य
कंपनी का महत्वपूणर् प्रभाव है , ले�कन जो इस तरह के प्रभाव वाल� कंपनी क� सहायक कंपनी
नह�ं है और इसम� एक संयक्
ु त उद्यम कंपनी भी शा�मल है ।

व्याख्या| — इस खंड के प्रयोजन के �लए, —

(a) अ�भव्यिक्त "महत्वपण


ू र् प्रभाव" का अथर् कुल मतदान शिक्त के कम से कम बीस
प्र�तशत का �नयंत्रण है , या �कसी समझौते के तहत व्यावसा�यक �नणर्य� पर �नयंत्रण
या भागीदार�;

(b) अ�भव्यिक्त "संयुक्त उद्यम" का अथर् है एक संयक्


ु त व्यवस्था िजसके द्वारा व्यवस्था
का संयक्
ु त �नयंत्रण रखने वाले प�� के पास व्यवस्था क� शुद्ध संपित्त का अ�धकार
होता है ;

प�रपत्र �दनांक 25/06/2014 के माध्यम से यह स्पष्ट �कया गया है �क एक कंपनी द्वारा �कसी
अन्य कंपनी म� एक प्रत्ययी �मता म� शेयर (एक प्रत्ययी वह व्यिक्त है जो अ�धक पा�टर् य�
(व्यिक्तय� या व्यिक्तय� के समूह) के साथ �वश्वास का कानूनी या नै�तक संबंध रखता है । आमतौर
पर, एक प्रत्ययी �ववेकपूणर् तर�के से �कसी अन्य व्यिक्त के �लए धन या अन्य संपित्त का ख्याल
रखता है ) को सहयोगी कंपनी के संबध
ं को �नधार्�रत करने के उद्देश्य से नह�ं �गना जाएगा।

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प्रारं �भक 1.7

�टप्प�णयाँ : छात्र कृपया ध्यान द� �क एएस 23/इंड एएस 28 के तहत प�रभा�षत एसो�सएट कंपनी
क� प�रभाषा (समे�कत �वत्तीय �ववरण� म� एसो�सएट्स म� �नवेश के �लए लेखांकन/एसो�सएट्स और
संयुक्त उद्यम� म� �नवेश) कंपनी अ�ध�नयम, 2013 म� द� गई उपरोक्त प�रभाषा से थोड़ा अलग है।

(7) लेखा-पर��ा मानक का अथर् है धारा 143 क� उप-धारा (10) म� संद�भर्त कंप�नय� या कंप�नय�
के वगर् के �लए लेखा-पर��ा या उसके �कसी प�र�शष्ट के मानक से है ।

, , कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 143 लेखा पर��क� और ऑ�ड�टंग मानक� क� शिक्तय�
और कतर्व्य� से संबं�धत है । उप-धारा (10) से धारा 143 म� प्रावधान है �क क�द्र सरकार,
राष्ट्र�य �वत्तीय �रपो�ट� ग प्रा�धकरण द्वारा क� गई �सफा�रश� के परामशर् और पर��ण के बाद,
चाटर् डर् एकाउं ट� ट्स अ�ध�नयम, 1949 क� धारा 3 के तहत ग�ठत भारतीय चाटर् डर् एकाउं ट� ट्स
संस्थान द्वारा अनश
ु ं�सत ऑ�ड�टंग के मानक� या उसके �कसी भी प�र�शष्ट को �नधार्�रत कर
सकती है :

बशत� �क जब तक �कसी भी ऑ�ड�टंग मानक� को अ�धसू�चत नह�ं �कया जाता है , तब तक


इंस्ट�ट्यूट ऑफ चाटर् डर् अकाउं ट� ट्स ऑफ इं�डया द्वारा �न�दर्ष्ट ऑ�ड�टंग के �कसी भी मानक या
मानक� को ऑ�ड�टंग मानक माना जाएगा।

(8) अ�धकृत पँज


ू ी या नाममात्र पँज
ू ी का मतलब ऐसी पँज
ू ी है जो कंपनी के �ापन द्वारा कंपनी
क� अंश पँूजी क� अ�धकतम रा�श होने के �लए अ�धकृत है ;

(10) �कसी कंपनी के संबंध म� �नदे शक मंडल या बोडर् का अथर् कंपनी के �नदे शक� के
सामू�हक �नकाय से है ;

(11) �नग�मत �नकाय या �नगम म� भारत के बाहर �नग�मत एक कंपनी शा�मल है , ले�कन इसम�
शा�मल नह�ं है -

(i) सहकार� स�म�तय� से संबं�धत �कसी भी कानून के तहत पंजीकृत एक सहकार� स�म�त;
तथा

(ii) कोई अन्य �नग�मत �नकाय (इस अ�ध�नयम म� प�रभा�षत कंपनी नह�ं है ), िजसे क�द्र
सरकार, अ�धसच
ू ना द्वारा, इस संबध
ं म� �न�दर् ष्ट कर सकती है।

, , केवल छात्र� क� जानकार� के �लए

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1.8 कॉप�रे ट और अन्य कानून

(12) पुस्तक और पेपर और लेखा या कागजात म� खाते क� �कताब�, �वलेख, वाउचर, लेखन,
दस्तावेज, सू�म और रिजस्टर शा�मल ह� िजनको पेपर या इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� रखा
गया है ;

(13) “खाते क� �कताब�" म� �नम्न�ल�खत के संबध


ं म� बनाए गए �रकॉडर् शा�मल ह�-

(i) एक कंपनी द्वारा प्राप्त और व्यय क� गई सभी रा�शयां और वे मामले


िजनके संबध
ं म� प्रािप्तयां और व्यय होते ह�।

(ii) कंपनी द्वारा माल और सेवाओं क� सभी �बक्र� और खर�द।

(iii) कंपनी क� संपित्त और दे नदा�रयां तथा

(iv) एक कंपनी के मामले म� धारा 148 2 के तहत �नधार्�रत लागत क� वस्तुएँ जो उस धारा
1

के तहत �न�दर् ष्ट कंप�नय� के �कसी भी वगर् से संबं�धत ह�;

खाते क� �कताब�

धारा 148 के तहत �न�दर् ष्ट


कंप�नय� के मामले म� अन्य कंप�नयां

मद� क� लागत धारा


(i) प्रािप्तयां और (ii) �बक्र� और (iii) संपित्त और
148 और (i), (ii),
व्यय खर�द दे नदा�रयां
(iii) के तहत

(14) �कसी कंपनी के संबध


ं म� शाखा कायार्लय का अथर् कंपनी द्वारा इस प्रकार बताए गए �कसी
संस्थान है ;

(15) माँगी गयी पँज


ू ी का अथर् है पँज
ू ी का ऐसा �हस्सा, िजसे भुगतान के �लए माँगा गया हो;

(16) शुल्क का अथर् �कसी कंपनी या उसके उपक्रम� क� संपित्त या प�रसंपित्त क� प्र�तभू�त के रूप
म� ब्याज या धारणा�धकरण के बंधक भी शा�मल है ।

2
कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 148 क�द्र सरकार को कुछ कंप�नय� के संबध
ं म� लागत क� मद� क�
लेखापर��ा �न�दर्ष्ट करने के �लए अ�धकृत करती है ।

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प्रारं �भक 1.9

(17) चाटर् डर् एकाउं ट� ट का अथर् चाटर्डर् एकाउं ट� ट अ�ध�नयम, 1949 क� धारा 2 क� उप-धारा (1) के
खंड (बी) म� प�रभा�षत चाटर् डर् एकाउं ट� ट से है , जो उस अ�ध�नयम क� धारा 6 क� उप-धारा (1)
के तहत एक वैध अभ्यास प्रमाण पत्र रखता हो;

(18) मख्
ु य कायर्कार� अ�धकार� (सीईओ) का अथर् �कसी कंपनी का एक अ�धकार� है , िजसे इसके
द्वारा इस रूप म� ना�मत �कया गया है ;

(19) मुख्य �वत्तीय अ�धकार� (सीएफओ) का अथर् है �कसी कंपनी के मुख्य �वत्तीय अ�धकार� के
रूप म� �नयक्
ु त व्यिक्त;

सीईओ और सीएफओ क� इन प�रभाषाओं को धारा 2(51) और 203 के साथ पढ़ा जाना चा�हए
जो कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� प्रमुख प्रबंधक�य का�मर्क (केएमपी) क� प�रभाषा और
�नयुिक्त से संबं�धत है ।

(20) कंपनी का अथर् है इस अ�ध�नयम के तहत या �कसी �पछले कंपनी कानून के तहत �नग�मत
कंपनी।

स्पष्ट�करण 3: �रलायंस इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड को वषर् 1973 म� �नग�मत �कया गया था, टाटा
स्ट�ल �ल�मटे ड को वषर् 1907 म� �नग�मत �कया गया था, इंफो�सस �ल�मटे ड को वषर् 1981 म�
�नग�मत �कया गया था। ऐसी कंप�नय� को कंपनी अ�ध�नयम, 1956 (�पछला कंपनी कानून)
के तहत �नग�मत �कया गया है , उन्ह� भी कंपनी के रूप म� माना जाने के �लए उपरोक्त
प�रभाषा म� शा�मल �कया गया है ।

(21) गारं ट� द्वारा सी�मत कंपनी का अथर् एक ऐसी कंपनी है िजसके सदस्य� क� दे नदार� �ापन
द्वारा सी�मत है , जो सदस्य क्रमशः कंपनी क� संपित्त म� योगदान करने के �लए इसके
समापन क� िस्थ�त म� योगदान करने के �लए वचन दे सकते ह�;

(22) अंश� द्वारा सी�मत कंपनी का अथर् है एक कंपनी िजसके सदस्य� क� दे नदार� �ापन द्वारा
सी�मत रा�श होती है , य�द कोई हो, तो उनके द्वारा रखे गए अंश� पर क्रमशः अवैत�नक होती
है ;

स्पष्ट�करण 4: एक शेयरधारक िजसने 100 रुपये अं�कत मूल्य के शेयर पर 75 रुपये का


भुगतान �कया है , उसे केवल 25 रुपये क� शेष रा�श का भुगतान करने के �लए कहा जा
सकता है ।

(26) अंशदायी का अथर् है एक व्यिक्त जो कंपनी के बंद होने क� िस्थ�त म� उसक� संपित्त म�
योगदान करने के �लए उत्तरदायी है

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प्रारं �भक 1.11

स्पष्ट�करण:- इस खंड के प्रयोजन के �लए, एत�वारा यह स्पष्ट �कया जाता है �क �कसी कंपनी म�
पूणर् प्रदत्त शेयर रखने वाले व्यिक्त को अंशदायी माना जाएगा।

(27) �नयंत्रण म� अ�धकांश �नदे शक� क� �नयुिक्त का अ�धकार शा�मल होगा या �कसी व्यिक्त या
व्यिक्त द्वारा व्यिक्तगत रूप से या साम�ू हक रूप से प्रत्य� या अप्रत्य� रूप से कायर् करने
वाले प्रबंधन या नी�तगत �नणर्य� को �नयं�त्रत करने का अ�धकार शा�मल होगा, िजसम� उनक�
शेयरधा�रता या प्रबंधन अ�धकार या शेयरधारक करार या वो�टंग करार या कोई अन्य तर�का
शा�मल होगा;

यह एक समावेशी प�रभाषा है और सहायक और होिल्डंग कंप�नय� से संबं�धत प्रावधान� के �लए


प्रासं�गक है ।

(30) ऋणपत्र म� ऋणपत्र स्टॉक, बॉन्ड या कंपनी का कोई अन्य उपकरण शा�मल है जो ऋण का
सबूत दे ता है , चाहे वह कंपनी क� संपित्त पर प्रभार हो या नह�ं हो;

बशत� �क-

(a) भारतीय �रजवर् ब�क अ�ध�नयम, 1934 के अध्याय III-डी म� संद�भर्त साधन; तथा

(b) ऐसा अन्य उपकरण, जो �कसी कंपनी द्वारा जार� �कए गए भारतीय �रजवर् ब�क के
परामशर् से क�द्र सरकार द्वारा �नधार्�रत �कया जा सकता है ,

उन्ह� ऋणपत्र के रूप म� नह�ं माना जाएगा;

(34) �नदे शक का अथर् है �कसी कंपनी के बोडर् म� �नयुक्त �नदे शक;

(35) लाभांश म� कोई अंत�रम लाभांश शा�मल है ;

(36) दस्तावेज़ म� सम्मन, नो�टस, माँग, आदे श, घोषणा, प्रपत्र और रिजस्टर शा�मल है , चाहे वह इस
अ�ध�नयम के अनुसरण म� जार�, भेजा या रखा गया हो या �कसी अन्य कानून के तहत या
अन्यथा, कागज पर या इलेक्ट्रॉ�नक रूप म� रखा गया हो;
(37) कमर्चार� स्टॉक �वकल्प का अथर् है �कसी कंपनी या उसक� होिल्डंग कंपनी या सहायक कंपनी
या कंप�नय� के �नदे शक�, अ�धका�रय� या कमर्चा�रय� को �दया गया �वकल्प, य�द कोई हो, जो
ऐसे �नदे शक�, अ�धका�रय� या कमर्चा�रय� को भ�वष्य क� तार�ख म� पूव-र् �नधार्�रत मल्
ू य पर
कंपनी के शेयर� को खर�दने, या सदस्यता लेने का लाभ या अ�धकार दे ता है ;

(38) �वशेष� म� एक इंजी�नयर, एक मल्


ू यांकक, एक सनद� लेखाकार, एक कंपनी स�चव, एक लागत

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1.12 कॉप�रे ट और अन्य कानून

लेखाकार और कोई भी अन्य व्यिक्त शा�मल है िजसके पास �कसी भी कानून के अनुसरण म�
प्रमाण पत्र जार� करने क� शिक्त या अ�धकार है ;

(40) एक कंपनी के संबंध म� �वत्तीय �ववरण म�, शा�मल ह�—

(i) �वत्तीय वषर् के अंत म� एक तुलन पत्र;

(ii) एक लाभ और हा�न खाता, या एक कंपनी के मामले म� कोई भी ग�त�व�ध जो लाभ के


�लए नह�ं है , �वत्तीय वषर् के �लए एक आय और व्यय खाता है ;

(iii) �वत्तीय वषर् के �लए नकद� प्रवाह �ववरण;

(iv) इिक्वट� म� प�रवतर्न का �ववरण, य�द लागू हो; तथा

(v) उप-खंड (i) से उप-खंड (iv) म� संद�भर्त �कसी भी दस्तावेज के साथ संलग्न या उसका
�हस्सा बनने वाला कोई व्याख्यात्मक नोट::

बशत� �क, एक व्यिक्त कंपनी, छोट� कंपनी और �निष्क्रय कंपनी के संबंध म� �वत्तीय
�ववरण म� नकद� प्रवाह �ववरण शा�मल न हो;

छूट

�नजी कंप�नय� के �लए धारा 2(40) के �नयम को �नम्नानस


ु ार पढ़ा जाएगा:

"हालाँ�क, एकल, छोट� कंपनी, �निष्क्रय कंपनी और �नजी कंपनी (य�द ऐसी �नजी कंपनी एक स्टाटर् -
अप है) के संबध
ं म� �वत्तीय �ववरण म� नकद� प्रवाह �ववरण शा�मल नह�ं हो सकता है ।

स्पष्ट�करण.- औद्यो�गक नी�त और संवधर्न �वभाग वा�णज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जार�
अ�धसच
ू ना के अनस
ु ार अ�ध�नयमो के प्रयोजन� के �लए "स्टाटर्-अप" या "स्टाटर्-अप कंपनी" शब्द का
अथर् कंपनी अ�ध�नयम 2013 या कंपनी अ�ध�नयम 1956 के तहत �नग�मत एक �नजी कंपनी है
और इसके अनस
ु ार यह स्टाटर्-अप के रूप म� मान्यता प्राप्त है ।

िजसने अपने �वत्तीय �ववरण दा�खल करने म� कोई चक


ू नह�ं क� है अपवाद, संशोधन और अनक
ु ू लन
�नजी कंपनी पर उक्त अ�ध�नयम क� धारा 137 के तहत या उक्त अ�ध�नयम क� धारा 92 के तहत
रिजस्ट्रार के पास वा�षर्क �रटनर् पर लागू ह�गे।

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प्रारं �भक 1.13

�टप्प�णयाँ : छात्र ध्यान द� �क कुछ स्थान� पर अ�ध�नयम के तहत 'लाभ और हा�न खाते' को
'लाभ और हा�न का �ववरण' भी कहा जा सकता है ।

(41) �वत्तीय वषर्, �कसी भी कंपनी या �नकाय के संबध


ं म�, हर साल माचर् के 31 व� �दन समाप्त
होने वाल� अव�ध का मतलब है , और जहाँ इसे एक वषर् के 1 जनवर� को या उसके बाद
शा�मल �कया गया है , वहाँ क� अव�ध 31 व� �दन समाप्त होती है अगले वषर् का माचर्, िजसके
संबंध म� कंपनी या �नकाय कॉप�रे ट का �वत्तीय �ववरण तैयार �कया गया है । 3 2

हालाँ�क, जब कोई कंपनी या �नग�मत �नकाय जो एक होिल्डंग कंपनी हो तथा भारत के बाहर
�नग�मत कंपनी क� सहायक कंपनी या सहयोगी कंपनी है तो उसे भारत से बाहर अपने खात�
के समेकन के �लए एक अलग �वत्तीय वषर् का पालन करना आवश्यक है क�द्र सरकार उस
कंपनी या �नग�मत �नकाय द्वारा �कसी भी अव�ध को उसके �वत्तीय वषर् के रूप म� अनुम�त
�नधार्�रत कर सकती है इसके �लए चाहे वह अव�ध एक वषर् हो या नह�ं। 4 3

�टप्प�णयाँ : शब्द "भारत के बाहर �नग�मत कंपनी" भारत के बाहर कंपनी के गठन के �लए
�कसी भी लागू कानून� के तहत शा�मल �वदे शी कंपनी को संद�भर्त करता है ।

(43) मुक्त संचय का मतलब ऐसे �रजवर् से है , जो कंपनी के नवीनतम ऑ�डटे ड तल


ु न पत्र के
अनुसार लाभांश के रूप म� �वतरण के �लए उपलब्ध ह�:

बशत� �क-

�न�दर् ष्ट आईएफएससी सावर्ज�नक कंपनी और �न�दर् ष्ट आईएफएससी �नजी कंपनी के संबंध म� ,5 जनवर�,
3

2017 क� अ�धसूचना के माध्यम से एक प्रावधान डाला गया है िजसम� कहा गया है �क उपरोक्त कंपनी जो एक
�वदे शी कंपनी क� सहायक कंपनी है , सहायक कंपनी का �वत्तीय वषर् उसक� होिल्डंग कंपनी के �वत्तीय वषर् के
समान हो सकता है और �ट्रब्यूनल के अनुमोदन क� आवश्यकता नह�ं होगी।
बशत� यह भी �क कंपनी (संशोधन) अध्यादे श, 2019 के शुरू होने क� तार�ख को प्रा�धकरण के सम� लं�बत
4

�कसी भी आवेदन का �नपटारा प्रा�धकरण द्वारा इस तरह के प्रारं भ से पहले लागू प्रावधान� के अनुसार �कया
जाएगा। यह भी बताया गया है �क कोई भी आवेदन जो कंपनी (संशोधन) अद्यादे श 2019 के प्रारम्भ होने क�
�त�थ के अ�धकरण से पहले लं�बत है , ऐसे अ�धकरण के प्रारं भ होने से पहले लागू होने वाले प्रावधान� के अनस
ु ार
�नपटाया जाएगा।
बशत� यह भी �क इस अ�ध�नयम के प्रारं भ होने पर �वद्यमान कोई कंपनी या �नग�मत �नकाय, ऐसे प्रारं भ से दो
वषर् क� अव�ध के भीतर, इस खंड के प्रावधान� के अनुसार अपने �वत्तीय वषर् को संरे�खत करे गा। (यह प्रावधान
अभी प्रासं�गक नह�ं है , हालां�क, यह अभी भी अ�ध�नयम का �हस्सा है )

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1.14 कॉप�रे ट और अन्य कानून

(i) अप्राप्त लाभ, काल्प�नक लाभ या संपित्त के पुनमल्


ूर् यांकन का प्र�त�न�धत्व करने वाल�
कोई भी रा�श, चाहे वह आर��त के रूप म� �दखाया गया हो या अन्यथा, या
(ii) प�रसंपित्त या उ�चत मल्
ू य पर दे यता के मापन पर लाभ और हा�न खाते म� अ�धशेष
स�हत इिक्वट� म� मान्यता प्राप्त �कसी प�रसंपित्त या दे यता क� अग्रणीत रा�श म� कोई
प�रवतर्न।
मुक्त संचय के रूप म� नह�ं माना जाएगा;

(44) ग्लोबल �डपॉिजटर� रसीद का मतलब �डपॉिजटर� रसीद के रूप म� कोई भी उपकरण है , चाहे
वह �कसी भी नाम से जाना जाता हो, जो भारत के बाहर �कसी �वदे शी �डपॉिजटर� द्वारा
बनाया गया हो और ऐसी �डपॉिजटर� रसीद� जार� करने वाल� कंपनी द्वारा अ�धकृत हो।

(45) सरकार� कंपनी का मतलब ऐसी कंपनी से है िजसम� कम से कम 51% चक


ु ता शेयर पंज
ू ी क�द्र
सरकार, या �कसी राज्य सरकार या सरकार, या आं�शक रूप से क�द्र सरकार और आं�शक रूप
से एक या अ�धक राज्य सरकार� के पास हो, और ऐसी कंपनी शा�मल है जो ऐसी सरकार�
कंपनी क� सहायक कंपनी है ।

4 स्पष्ट�करण.- इस खंड के प्रयोजन� के �लए, "प्रदत्त अंश पँूजी" को "कुल मतदान शिक्त" के
5

रूप म� माना जाएगा, जहाँ अंतर मतदान अ�धकार वाले शेयर जार� �कए गए ह�।

उदाहरण 5: एक्स इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड एक ऐसी कंपनी है िजसम� 25% अंश होिल्डंग क�द्र
सरकार के पास है ; 10% अंश होिल्डंग महाराष्ट्र सरकार के पास है और 15% अंश होिल्डंग
क�द्र सरकार और राजस्थान सरकार के पास है । यहां, एक्स इंडस्ट्र�ज �ल�मटे ड एक सरकार�
कंपनी नह�ं है क्य��क चक
ु ता अंश पँज
ू ी क� न्यूनतम होिल्डंग का कोई अनुपालन नह�ं है यानी
कम से कम 51% क�द्र सरकार द्वारा, या �कसी राज्य सरकार या सरकार द्वारा या आं�शक
रूप से क�द्र सरकार द्वारा और आं�शक रूप से एक या अ�धक राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम
होिल्डंग का कोई अनुपालन नह�ं है ।

(46) एक या एक से अ�धक अन्य कंप�नय� के संबध


ं म� होिल्डंग कंपनी का मतलब ऐसी कंपनी है
िजसक� ऐसी कंप�नयाँ सहायक कंप�नयाँ ह�

व्याख्या. — इस धारा के प्रयोजन� के �लए, "कंपनी" अ�भव्यिक्त म� कोई भी �नग�मत �नकाय


शा�मल है ।

सीए 2013 क� धारा 462 के तहत सरकार� कंप�नय� को छूट द्वारा सिम्म�लत, अ�धसूचना �दनांक
5

02।03।2020 (03 माचर् 2020 से प्रभावी)

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प्रारं �भक 1.15

"सहायक कंपनी" के अथर् के �लए कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2(87) म� द� गई प�रभाषा दे ख�।

(50) �न�गर्�मत पँज


ू ी का अथर् है ऐसी पँज
ू ी िजसे कंपनी समय-समय पर सदस्यता के �लए जार�
करती है ;

(51) एक कंपनी के संबंध म� प्रमख


ु प्रबंधक�य का�मर्क का अथर् है—

(i) मुख्य कायर्कार� अ�धकार� या प्रबंध �नदे शक या प्रबंधक;

(ii) कंपनी स�चव;

(iii) पूणक
र् ा�लक �नदे शक;

(iv) मुख्य �वत्तीय अ�धकार�;

(v) ऐसे अन्य अ�धकार�, जो �नदे शक से एक से अ�धक स्तर से नीचे के नह�ं ह�, जो
पण
ू क
र् ा�लक �नयिु क्त पर ह�, िजन्ह� बोडर् द्वारा प्रमख
ु प्रबंधक�य क�मर्य� के रूप म� ना�मत
�कया गया है ; और

(vi) इस तरह के अन्य अ�धकार� िजन्ह� अ�धकार� के रूप म� �नधार्�रत �कया जा सकता है ।

�टप्प�णयाँ : हालाँ�क,""अभी तक �कसी अन्य अ�धकार� क� �नयुिक्त नह�ं क� गई है ।

सीईओ / एमडी / प्रबंधक

सीएस

डब्ल्यूट�डी
केए

ऐसे ह� अन्य अ�धकार�-�नदे शक� से नीचे एक नह�ं + पण


ू क
र् ा�लक रोजगार म�
+ केएमपी के रूप म� ना�मत

अन्य �व�हत अ�धकार�

(52) सच
ू ीबद्ध कंपनी का अथर् ऐसी कंपनी से है िजसक� कोई भी प्र�तभ�ू त �कसी मान्यता प्राप्त
स्टॉक एक्सच� ज म� सच
ू ीबद्ध है ;

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1.16 कॉप�रे ट और अन्य कानून

बशत� �क ऐसी श्रेणी क� कंप�नयाँ, जो सच


ू ीबद्ध ह� या प्र�तभू�तय� के ऐसे वगर् को सूचीबद्ध करने
का इरादा रखती ह�, जैसा �क प्र�तभू�त और �व�नमय बोडर् के परामशर् से �नधार्�रत �कया जा
सकता है , सच
ू ीबद्ध कंप�नय� के रूप म� नह�ं माना जाएगा।

कंपनी (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) �नयम, 2014 6 के �नयम 2ए के अनस


5
ु ार, �नम्न श्रेणी
क� कंप�नय� को सच
ू ीबद्ध कंप�नय� के रूप म� नह�ं माना जाएगा, अथार्त ्: -

(a) सावर्ज�नक कंप�नयां िजन्ह�ने �कसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सच� ज म� अपने इिक्वट�
शेयर� को सूचीबद्ध नह�ं �कया है , ले�कन अपने को सच
ू ीबद्ध �कया है -

(i) सेबी (ऋण प्र�तभू�तय� का �नगर्म और सच


ू ीकरण) �व�नयम, 2008 के अनस
ु ार
�नजी �नयोजन के आधार पर जार� गैर-प�रवतर्नीय ऋण प्र�तभू�तयां; या

(ii) सेबी (गैर-प�रवतर्नीय प्र�तदे य वर�यता शेयर� का �नगर्म और सूचीकरण) �व�नयम,


2013 के संदभर् म� �नजी प्लेसम�ट के आधार पर जार� गैर-प�रवतर्नीय प्र�तदे य
वर�यता शेयर; या

(iii) उपरोक्त (i) और (ii) क� दोन� श्रे�णयां।

(b) �नजी कंप�नयां िजन्ह�ने सेबी (ऋण प्र�तभू�तय� का �नगर्म और सच


ू ीकरण) �व�नयम,
2008 के संदभर् म� एक मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सच� ज पर �नजी प्लेसम� ट के आधार पर
अपनी गैर-प�रवतर्नीय ऋण प्र�तभ�ू तय� को सच
ू ीबद्ध �कया है ;

(c) सावर्ज�नक कंप�नयां िजन्ह�ने �कसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सच� ज म� अपने इिक्वट�
शेयर� को सूचीबद्ध नह�ं �कया है , ले�कन िजनके इिक्वट� शेयर अ�ध�नयम क� धारा 23
क� उप-धारा (3) म� �न�दर् ष्ट अ�धकार �ेत्र म� स्टॉक एक्सच� ज म� सच
ू ीबद्ध ह�।

(53) प्रबंधक का अथर् एक ऐसे व्यिक्त से है , जो �नदे शक मंडल के अधी�ण, �नयंत्रण और �नद� शन
के अधीन है , िजसके पास कंपनी के मामल� का संपण
ू ,र् या पयार्प्त रूप से संपूणर् प्रबंधन है ,
और इसम� एक �नदे शक या कोई अन्य व्यिक्त शा�मल है जो प्रबंधक के पद पर आसीन है ,
चाहे वह �कसी भी नाम से जाना जाता हो, चाहे वह सेवा के अनब
ु ंध के तहत हो या नह�ं;

(54) प्रबंध �नदे शक का अथर् एक ऐसे �नदे शक से है , िजसे �कसी कंपनी के लेख� या कंपनी के साथ
एक समझौते या उसक� आम बैठक म� पा�रत एक प्रस्ताव के आधार पर, या उसके �नदे शक
मंडल द्वारा कंपनी के मामल� के प्रबंधन क� पयार्प्त शिक्तयां स�पी जाती ह�। और इसम� एक

6
जैसा �क कंप�नय� द्वारा संशो�धत �कया गया है (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) दस
ू रा संशोधन �नयम,"2021

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प्रारं �भक 1.17

�नदे शक शा�मल होता है जो प्रबंध �नदे शक के पद पर होता है , चाहे �कसी भी नाम से जाना
जाता हो।

स्पष्ट�करण.—इस खंड के प्रयोजन� के �लए,बोडर् द्वारा अ�धकृत होने पर �नय�मत प्रकृ�त के


प्रशास�नक कायर् करने क� शिक्त प्रदान क� जाती है जैसे:

 �कसी दस्तावेज़ पर कंपनी क� सामान्य मुहर लगाने क� शिक्त या

 �कसी भी ब�क म� कंपनी के खाते पर �कसी भी चेक को �नकालने और समथर्न करने के


�लए या

 �कसी भी परक्राम्य प्रलेख को �नकालने और उसका समथर्न करने के �लए या

 शेयर के �कसी प्रमाणपत्र पर हस्ता�र करने या �कसी शेयर के हस्तांतरण के सीधे


पंजीकरण के �लए,

प्रबंधन क� पयार्प्त शिक्तय� म� शा�मल नह�ं माना जाएगा;

स्पष्ट�करण.- �कसी भी व्यिक्त को प्रबंध �नदे शक के रूप म� बल


ु ाए जाने के �लए,एक व्यिक्त
पहले कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के प्रावधान� के तहत कंपनी द्वारा �व�धवत रूप से �नयक्
ु त
एक �नदे शक होगा। इसका तात्पयर् यह भी है �क कोई व्यिक्त जो कंपनी म� �नदे शक नह�ं है ,
उस कंपनी के प्रबंध �नदे शक के रूप म� �नयक्
ु त नह�ं �कया जा सकता है ।

(55) एक कंपनी के संबंध म� सदस्य, का अथर् है —

(i) कंपनी के �ापन के ग्राहक, िजसे कंपनी का सदस्य बनने के �लए सहमत माना जाएगा,
और इसके पंजीकरण पर, सदस्य� के रिजस्टर म� सदस्य के रूप म� दजर् �कया जाएगा;

(ii) प्रत्येक अन्य व्यिक्त जो �ल�खत रूप म� कंपनी का सदस्य बनने के �लए सहमत है और
िजसका नाम कंपनी के सदस्य� के रिजस्टर म� दजर् है ;

(iii) कंपनी के अंश धारण करने वाला प्रत्येक व्यिक्त और िजसका नाम एक �न�ेपागार के
�रकॉडर् म� एक लाभकार� स्वामी के रूप म� दजर् �कया गया है ;
(56) �ापन का अथर् है �कसी कंपनी का पाषर्द सीमा�नयम िजसे मूल रूप से बनाया गया है या
�कसी �पछले कंपनी कानून या इस अ�ध�नयम के अनुसरण म� समय-समय पर बदला गया है ;

(57) �नवल मल्


ू य का अथर् है चक
ु ता अंश पँज
ू ी का कुल मूल्य और लाभ, प्र�तभू�त प्री�मयम खाते
और लाभ और हा�न खाते के डे�बट या क्रे�डट बैल�स से बनाए गए सभी भंडार, लेखापर���त
तुलन-पत्र के अनुसार सं�चत हा�नय�, आस्थ�गत व्यय और बट्टे खाते म� नह�ं डाले गए �व�वध

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1.18 कॉप�रे ट और अन्य कानून

व्यय� के कुल मूल्य को घटाने के बाद, ले�कन इसम� प�रसंपित्तय� के पुनमल्


ूर् यांकन से सिृ जत
भंडार, मल्
ू यह्रास और समामेलन का राइट-बैक शा�मल नह�ं है ;

स्पष्ट�करण 6: कंपनी के वैधा�नक लेखा पर��क� को कंपनी अ�ध�नयम 2013 क� धारा 2(57) के
प्रावधान के अनुसार गणना क� गई 30 �सतंबर 2020 को प्रबंधन क� आवश्यकता के अनुसार कंपनी
के �नवल मूल्य पर एक प्रमाण पत्र जार� करना आवश्यक था।

कंपनी ने चालू वषर् म� अपनी संपित्त संयत्र


ं और उपकरण� का उ�चत मल्
ू यांकन �कया था िजसे गलती
से कंपनी क� अपनी बह�खात� म� रखी गई कमाई म� ले �लया गया था। कृपया सलाह द� �क क्या यह
उ�चत मूल्यांकन कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार कंपनी के �नवल मल्
ू य म� शा�मल �कया जाएगा।

�टप्प�णयाँ : कंपनी अ�ध�नयम 2013 क� धारा 2(57) के अनस


ु ार संपित्त के पुनमल्
ूर् यांकन से बनाया
गया कोई भी भंडार �नवल मल्
ू य का �हस्सा नह�ं बनता है । कंपनी अपनी संपित्त म� संयंत्र और
उपकरण� का मूल्यांकन करती है और यह� कंपनी क� मूल आय होती है ।

भले ह� कंपनी ने अपने खात� क� �कताब� म� रखी कमाई के �लए उ�चत मूल्यांकन �कया हो पर
�रजवर् म� प�रणामी क्रे�डट (िजस भी नाम से जाना जाता है ) 'संपित्त के पुनमल्
ूर् यांकन से बनाए गए
भंडार' क� श्रेणी म� होगा िजसे �वशेष रूप से बाहर रखा गया है धारा 2 (57) म� 'नेट वथर्' क�
प�रभाषा के अनुसार कंपनी द्वारा इसे बाहर रखा जाना चा�हए।

इसके अलावा, लेखापर��क� को कंपनी क� लेखा पस्


ु तक� के लेखा-पर��ा के समय इस आर��त
�न�ध के लेखांकन से संबं�धत मामले पर भी अलग से �वचार करना चा�हए।

(58) अ�धसच
ू ना का अथर् है आ�धका�रक राजपत्र म� प्रका�शत एक अ�धसच
ू ना और "अ�धसू�चत"
अ�भव्यिक्त का अथर् तदनुसार लगाया जाएगा;

(59) अ�धकार� म� कोई भी �नदे शक, प्रबंधक या प्रमुख प्रबंधक�य कम� या कोई भी व्यिक्त शा�मल है
िजसके �नद� श� या �नद� श� के अनस
ु ार �नदे शक मंडल या कोई एक या अ�धक �नदे शक कायर्
करते ह� या करने के आद� ह�;

(60) अ�धकार� जो इस अ�ध�नयम म� �कसी प्रावधान के प्रयोजन के �लए चक


ू कतार् है , जो यह
अ�ध�नय�मत करता है �क कंपनी का एक अ�धकार� जो चक
ू म� है , कारावास, जम
ु ार्ना या
अन्यथा के रूप म� �कसी भी दं ड या दं ड के �लए उत्तरदायी होगा, िजसका अथर् है कंपनी का
�नम्न�ल�खत म� से कोई भी अ�धकार�, अथार्त ्:—

(i) पूणक
र् ा�लक �नदे शक (WTD);

(ii) प्रमुख प्रबंधक�य कमर्चार� (KMP);

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प्रारं �भक 1.19

(iii) जहाँ कोई प्रमख


ु प्रबंधक�य कम� नह�ं है , ऐसे �नदे शक या �नदे शक जो इस संबध
ं म� बोडर्
द्वारा �न�दर् ष्ट �कए गए ह� और िजन्ह�ने इस तरह के �व�नद� श के �लए बोडर् को �ल�खत
रूप म� अपनी सहम�त द� है , या सभी �नदे शक, य�द कोई �नदे शक ऐसा �न�दर् ष्ट नह�ं है ;

(iv) कोई भी व्यिक्त, जो बोडर् या �कसी प्रमुख प्रबंधक�य क�मर्य� के तत्काल अ�धकार के
तहत, �कसी भी िजम्मेदार� के प्रभा�रत है खात� या अ�भलेख� के रखरखाव, फाइ�लंग या
�वतरण स�हत, अ�धकृत करता है , स�क्रय रूप से भाग लेता है , जानबूझकर अनम
ु �त
दे ता है , या जानबूझकर �कसी भी चूक को रोकने के �लए स�क्रय कदम उठाने म� �वफल
रहता है ;

(v) कोई भी व्यिक्त िजसक� सलाह, �नद� श� या �नद� श� के अनुसार कंपनी का �नदे शक मंडल
कायर् करने का आद� है , उस व्यिक्त के अलावा जो एक पेशेवर �मता म� बोडर् को सलाह
दे ता है ;

(vi) प्रत्येक �नदे शक, इस अ�ध�नयम के �कसी भी प्रावधान के उल्लंघन के संबंध म� , जो इस


तरह के उल्लंघन के बारे म� बोडर् क� �कसी भी कायर्वाह� क� प्रािप्त के आधार पर या
उस पर आपित्त �कए �बना ऐसी कायर्वाह� म� भाग लेने से अवगत है , या जहाँ ऐसा
उल्लंघन उसक� सहम�त या �मल�भगत से हुआ था;

(vii) �कसी कंपनी के �कसी शेयर के �नगर्म या हस्तांतरण के संबध


ं म� , अंश ट्रांसफर एज�ट,
रिजस्ट्रार और मच�ट ब�कर को �नगर्म या ट्रांसफर करने के �लए;

उदाहरण 7: एक कंपनी म�, अ�धका�रय� द्वारा अंश� के आवंटन के संबध


ं म� एक चक
ू क� गई
थी। कंपनी म� कोई प्रबंध �नदे शक, पूणक
र् ा�लक �नदे शक, एक प्रबंधक, स�चव, बोडर् द्वारा
अ�ध�नयम के प्रावधान� के अनुपालन क� िजम्मेदार� वाला कोई व्यिक्त नह�ं था, और न ह�
बोडर् द्वारा �न�दर् ष्ट कोई �नदे शक / �नदे शक थे। इस�लए, ऐसी िस्थ�त म� , कंपनी के सभी
�नदे शक� को चक
ू कतार् अ�धकार� माना जा सकता है ।

(62) एक व्यिक्त कंपनी का अथर् ऐसी कंपनी से है िजसम� सदस्य के रूप म� केवल एक व्यिक्त हो;
(63) साधारण या �वशेष समाधान का अथर् है एक साधारण समाधान, या जैसा भी मामला हो, धारा
114 (साधारण और �वशेष समाधान) म� �न�दर् ष्ट �वशेष समाधान;

(64) प्रदत्त अंश पँज


ू ी या अंश प्रदत्त पँज
ू ी मतलब प्रदत्त के रूप म� जमा क� गई ऐसी कुल रा�श जो
जार� �कए गए अंश� के संबध
ं म� प्रदत्त के रूप म� प्राप्त रा�श के बराबर है और इसम� कंपनी
के अंश� के संबंध म� प्रदत्त के रूप म� जमा क� गई कोई भी रा�श शा�मल है , ले�कन इसम�

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1.20 कॉप�रे ट और अन्य कानून

कोई अन्य शा�मल नह�ं है ऐसे अंश� के संबंध म� प्राप्त रा�श, चाहे उसे �कसी भी नाम से जाना
जाता हो;

(65) पोस्टल बैलेट का अथर् है डाक द्वारा या �कसी इलेक्ट्रॉ�नक माध्यम से मतदान करना;""यह
प�रभाषा कंपनी (प्रबंधन और प्रशासन) �नयम, 2014 के �नयम 22 के साथ पढ़� जाने वाल�
धारा 110 से संबं�धत है पोस्टल बैलेट के माध्यम से व्यवसाय के संचालन के �लए अपनाई
जाने वाल� प्र�क्रया को �न�दर् ष्ट करता है और व्यापार क� वस्तुओं क� सच
ू ी प्रदान करता है िजसे
केवल पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान �कया जाना चा�हए।

(66) �नधार्�रत का अथर् है इस अ�ध�नयम के तहत बनाए गए �नयम� द्वारा �नधार्�रत;

(68) �नजी कंपनी का अथर् है एक न्यूनतम चक


ु ता शेयर पज
ूं ी रखने वाल� कंपनी, जैसा �क �नधार्�रत
�कया जा सकता है , 7 और जो इसके लेख� द्वारा,—
6

(i) अपने अंश को स्थानांत�रत करने के अ�धकार को प्र�तबं�धत करता है ;

(ii) एक व्यिक्त कंपनी के मामले को छोड़कर, इसके सदस्य� क� संख्या दो सौ तक सी�मत


है :

बशत� �क जहाँ दो या दो से अ�धक व्यिक्त संयुक्त रूप से कंपनी म� एक या अ�धक


अंश रखते ह�, उन्ह� इस खंड के प्रयोजन� के �लए एकल सदस्य के रूप म� माना जाएगा:

बशत� आगे �क—

(A) वे व्यिक्त जो कंपनी म� कायर्रत ह�; तथा

(B) ऐसे व्यिक्त जो पूवर् म� कंपनी के रोजगार म� थे, उस रोजगार म� रहते हुए कंपनी
के सदस्य थे और रोजगार समाप्त होने के बाद भी सदस्य बने रहे ह�,

उन्ह� सदस्य� क� संख्या म� शा�मल नह�ं �कया जाएगा; तथा

(iii) कंपनी क� �कन्ह�ं प्र�तभू�तय� क� सदस्यता के �लए जनता को �कसी भी आमंत्रण को


प्र�तबं�धत करता है ;

7
चूं�क अब तक कुछ भी �नधार्�रत नह�ं �कया गया है , इस�लए �नजी कंपनी बनाने के �लए कोई न्यूनतम प्रदत्त अंश पूंजी
नह�ं है ।

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प्रारं �भक 1.21

न्यन
ू तम प्रदत्त अंश पँज
ू ी रखने क� आवश्यकता 5 जन
ू 2015 क� अ�धसच
ू ना के तहत धारा 8
कंपनी (धमार्थर् उद्देश्य� वाल� कंप�नय� का गठन, आ�द) पर लागू नह�ं होगी।

उपयुक्
र् त छूट एक धारा 8 कंपनी पर लागू होगी िजसने कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा
137 के तहत अपने �वत्तीय �ववरण या रिजस्ट्रार के साथ उक्त अ�ध�नयम क� धारा 92 के
तहत वा�षर्क �रटनर् दा�खल करने म� चक
ू नह�ं क� है । [संशोधन अ�धसच
ू ना जी.एस.आर.
584(ई) �दनांक 13 जून 2017।]

(69) प्रवतर्क का अथर् है उस व्यिक्त से है —

(a) प्रोस्पेक्टस म� �दया गया नाम या कंपनी द्वारा धारा 92 म� संद�भर्त वा�षर्क �रटनर् म�
�न�दर् ष्ट �कया गया है ; या

(b) कंपनी के मामल� म� िजसका प्रत्य� या अप्रत्य� रूप से, अंशधारक, �नदे शक या
अन्यथा के रूप म� �नयंत्रण है ; या

(c) िजनक� सलाह के अनस


ु ार, �नद� श� द्वारा कंपनी का �नदे शक मंडल के अधीन ह�।

बशत� �क उपखंड (c) म� कुछ भी ऐसे व्यिक्त पर लागू नह�ं होगा जो केवल पेशेवर
�मता म� कायर् कर रहा है ;

(70) �ववर�णका का अथर् है एक �ववर�णका के रूप म� व�णर्त या जार� �कया गया कोई भी दस्तावेज
और इसम� एक लाल हे �रंग �ववर�णका या शेल्फ �ववर�णका या कोई नो�टस, प�रपत्र, �व�ापन
या अन्य दस्तावेज शा�मल ह� जो �कसी �नग�मत �नकाय क� �कसी भी प्र�तभ�ू तय� क�
सदस्यता या खर�द के �लए जनता से प्रस्ताव आमं�त्रत करते ह�;

(71) सावर्ज�नक कंपनी का अथर् एक ऐसी कंपनी से है जो—

(a) एक �नजी कंपनी नह�ं है ; तथा

(b) न्यूनतम प्रदत्त अंश पँज


ू ी है जैसा �क �नधार्�रत �कया जा सकता है :7
8

बशत� �क एक कंपनी जो एक कंपनी क� सहायक कंपनी है , जो एक �नजी कंपनी नह�ं है , इस


अ�ध�नयम के प्रयोजन� के �लए सावर्ज�नक कंपनी मानी जाएगी, भले ह� ऐसी सहायक कंपनी अपने

8
चूं�क अब तक कुछ भी �नधार्�रत नह�ं �कया गया है , इस�लए �नजी कंपनी बनाने के �लए कोई
न्यन
ू तम प्रदत्त अंश पज
ंू ी नह�ं है ।

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1.22 कॉप�रे ट और अन्य कानून

लेख� म� एक �नजी कंपनी बनी रहे ;

उदाहरण 8: एक प्रा.�ल�मटे ड कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के तहत �नग�मत एक सावर्ज�नक


कंपनी एबी �ल�मटे ड क� पण
ू र् स्वा�मत्व वाल� सहायक कंपनी है। एक प्रा.�ल�मटे ड �नजी
कंप�नय� को प्रदान क� गई छूट का लाभ उठाना चाहता था। इस मामले म� , चँ�ू क, ए
प्रा.�ल�मटे ड एबी �ल�मटे ड क� सहायक कंपनी है , जो एक सावर्ज�नक कंपनी है , इस�लए ए
प्रा.�ल�मटे ड को एक सावर्ज�नक कंपनी माना जाएगा और �कसी �नजी कंपनी को प्रदान क� गई
छूट का लाभ उठाने क� अनम
ु �त नह�ं द� जाएगी।

न्यूनतम प्रदत्त अंश पँज


ू ी क� आवश्यकता 5 जून 2015 क� अ�धसूचना के तहत धारा 8 कंपनी
पर लागू नह�ं होगी।

(74) कंप�नय� के रिजस्टर का अथर् है इस अ�ध�नयम के तहत रिजस्ट्रार द्वारा कागज पर या �कसी
इलेक्ट्रॉ�नक मोड म� बनाए गए कंप�नय� का रिजस्टर;

(75) रिजस्ट्रार का अथर् है एक रिजस्ट्रार, एक अ�त�रक्त रिजस्ट्रार, एक संयक्


ु त रिजस्ट्रार,
एक �डप्ट� रिजस्ट्रार या एक सहायक रिजस्ट्रार, जो इस अ�ध�नयम के तहत कंप�नय� को
पंजीकृत करने और �व�भन्न काय� का �नवर्हन करने का कतर्व्य रखता हो;

(76) �कसी कंपनी के संदभर् म� संबं�धत पाट� का अथर् है —

(i) एक �नदे शक या उसका �रश्तेदार;

(ii) एक प्रमुख प्रबंधक�य कम� या उसके �रश्तेदार;

(iii) एक फमर्, िजसम� एक �नदे शक, प्रबंधक या उसका �रश्तेदार भागीदार है ;

(iv) एक �नजी कंपनी िजसम� एक �नदे शक या प्रबंधक या उसका �रश्तेदार सदस्य या


�नदे शक है ;
(v) एक सावर्ज�नक कंपनी िजसम� एक �नदे शक और प्रबंधक एक �नदे शक होता है
और अपने �रश्तेदार� के साथ अपनी प्रदत्त अंश पँज
ू ी का दो प्र�तशत से अ�धक
रखता है ;

(vi) कोई भी कॉप�रे ट �नकाय िजसका �नदे शक मंडल, प्रबंध �नदे शक या प्रबंधक �कसी
�नदे शक या प्रबंधक क� सलाह, सलाह या �नद� श� के अनस
ु ार कायर् करने का आद� है ;

(vii) कोई भी व्यिक्त िजसक� सलाह, सलाह या �नद� श पर कोई �नदे शक या प्रबंधक कायर्

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प्रारं �भक 1.23

करने का आद� है :

बशत� �क उप-खंड (vi) और (vii) म� कुछ भी पेशेवर �मता म� द� गई सलाह, �नद� श� या


�नद� श� पर लागू नह�ं होगा;

(viii) 8 कोई भी �नग�मत �नकाय जो है -


9

(A) ऐसी कंपनी क� होिल्डंग, सहायक कंपनी या सहयोगी कंपनी;

(B) एक होिल्डंग कंपनी क� एक सहायक कंपनी िजसके �लए वह एक सहायक कंपनी


भी है ; या

(C) एक �नवेश कंपनी या कंपनी के उद्यमकतार्।

स्पष्ट�करण.- इस खंड के प्रयोजन के �लए, "�नवेश करने वाल� कंपनी या �कसी कंपनी
के उद्यमकतार्" का अथर् एक �नग�मत �नकाय है , िजसके कंपनी म� �नवेश के
प�रणामस्वरूप कंपनी कॉप�रे ट �नकाय क� सहयोगी कंपनी बन जाएगी।

छूट - यह खंड (viii) 5 जून, 2015 क� अ�धसच


ू ना संख्या जीएसआर 464 (ई) के तहत एक
�नजी कंपनी पर धारा 188 (संबं�धत पाट� से लेनदे न) के संबंध म� लागू नह�ं होगा।

(ix) (ऐसा अन्य व्यिक्त जो �व�हत �कया जाए;

कंपनी (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) �नयम, 2014 म� �दए गए �नयम 3 के


अनुसार, अ�ध�नयम क� धारा 2 के खंड (76) के उप-खंड (ix) के प्रयोजन� के �लए, एक
�नदे शक (एक स्वतंत्र �नदे शक के अलावा) या �कसी कंपनी के संदभर् म� होिल्डंग कंपनी
या उसके �रश्तेदार के प्रमुख प्रबंधक�य क�मर्य� को संबं�धत प� माना जाएगा।

9
उपरोक्त खंड (viii)4 क� अ�धसूचना संख्या जीएसआर 08 (ई) के तहत एक �न�दर्ष्ट आईएफएससी
सावर्ज�नक कंपनी पर धारा 188 के संबध
ं म� लागू नह�ं होगा।

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1.24 कॉप�रे ट और अन्य कानून

उदाहरण 9: एक्सवाईजेड प्रा.�ल�मटे ड क� दो सहायक कंप�नयाँ ह�, वाई प्रा.�ल�मटे ड और


जेड प्रा.�ल�मटे ड यहाँ धारा 2(76)(viii)(B), वाई प्रा.�ल�मटे ड और जेड प्रा.�ल�मटे ड
संबं�धत प� ह�। तथा�प, अ�धसच
ू ना संख्या जी.एस.आर. 464(ई) �दनांक 5 जून,
2015, खंड (viii) एक �नजी कंपनी के �लए धारा 188 के संबध
ं म� लागू नह�ं होगा।
इस�लए वाई प्रा.""�ल�मटे ड और जेड प्रा. �ल�मटे ड धारा 188 के प्रयोजन के �लए संबं�धत
प� नह�ं ह�।. हालाँ�क,य�द वाई प्रा.�ल�मटे ड और जेड प्रा.�ल�मटे ड के सामान्य �नदे शक
ह�, तो उन्ह� धारा 2(76)(iv) के कारण संबं�धत प� माना जाएगा।

स्पष्ट�करण 10: अब मान ल�िजए, एक सावर्ज�नक कंपनी एक्सवाईजेड �ल�मटे ड क� दो


सहायक कंप�नयाँ ह�, वाई प्रा.�ल�मटे ड और जेड प्रा.�ल�मटे ड यहां धारा 2(71) के
अनुसार, एक �नजी कंपनी जो एक सावर्ज�नक कंपनी क� सहायक कंपनी है , एक
सावर्ज�नक कंपनी मानी जाएगी,तो वाई प्रा.�ल�मटे ड और जेड प्रा.�ल�मटे ड अ�धसच
ू ना
संख्या जीएसआर 464(ई) �दनांक 5 जून, 2015 के तहत छूट प्राप्त करने के �लए पात्र
नह�ं होगा। इस�लए, धारा 2(76)(viii)(बी), वाई प्रा.�ल�मटे ड और जेड प्रा.�ल�मटे ड
संबं�धत प� ह�। इसके अलावा, एक्सवाईजेड �ल�मटे ड वाई प्राइवेट �ल�मटे ड और जेड
प्राइवेट �ल�मटे ड से संबं�धत पाट� भी होगी।

(77) �रश्तेदार, �कसी भी व्यिक्त के संदभर् म�, का अथर् है कोई भी जो दस


ू रे से संबं�धत है , य�द—

(i) वे एक �हंद ू अ�वभािजत प�रवार के सदस्य ह�;

(ii) वे प�त और पत्नी ह�; या

(iii) एक व्यिक्त दस
ू रे से इस तरह से संबं�धत है जैसा �क �नधार्�रत �कया जा सकता है ;

कंपनी (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) �नयम, 2014 म� �दया गया �नयम 4 धारा 2 के खंड
(77) के अनस
ु ार �रश्तेदार� क� सच
ू ी प्रदान करता है । तदनस
ु ार, एक व्यिक्त को दस
ू रे का
�रश्तेदार माना जाएगा, य�द वह या वह �नम्न�ल�खत तर�के से दस
ू रे से संबं�धत है , अथार्त ्:-
(1) �पता: बशत� �क "�पता" शब्द म� सौतेला �पता शा�मल है।
(2) माँ: बशत� �क "माँ" शब्द म� सौतेल� माँ शा�मल है ।
(3) बेटा: बशत� �क "बेटा" शब्द म� सौतेला बेटा शा�मल है ।
(4) बेटे क� पत्नी।
(5) बेट�
(6) बेट� का प�त।
(7) भाई: बशत� �क "भाई" शब्द म� सौतेला भाई शा�मल है ;

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प्रारं �भक 1.25

(8) बहन: बशत� �क "बहन" शब्द म� सौतेल� बहन शा�मल है ।

(78) पा�रश्र�मक का अथर् �कसी भी व्यिक्त को उसके द्वारा प्रदान क� गई सेवाओं के �लए �दया
गया या �दया गया कोई भी धन या उसके समक� है और इसम� आयकर अ�ध�नयम, 1961
के तहत प�रभा�षत अनल
ु ाभ शा�मल ह�।

(84) अंश का मतलब कंपनी क� अंश पँज


ू ी म� �हस्सा है और इसम� स्टॉक शा�मल है ;

(85) छोट� कंपनी का अथर् है सावर्ज�नक कंपनी के अलावा कोई कंपनी,—

(i) प्रदत्त अंश पँज


ू ी िजसक� पचास लाख रुपये से अ�धक नह�ं है या इतनी अ�धक रा�श जो
�नधार्�रत क� जा सकती है जो दस करोड़ रुपये से अ�धक नह�ं होगी; तथा

(ii) िजसका कारोबार ठ�क पूवव


र् त� �वत्तीय वषर् के लाभ और हा�न खाते के अनुसार दो करोड़
रुपये से अ�धक नह�ं है या इतनी अ�धक रा�श जो �नधार्�रत क� जा सकती है जो एक
सौ करोड़ रुपये से अ�धक नह�ं होगी:

बशत� �क इस खंड म� कुछ भी लागू नह�ं होगा—

(A) एक होिल्डंग कंपनी या एक सहायक कंपनी;

(B) धारा 8 के तहत पंजीकृत एक कंपनी; या

(C) �कसी �वशेष अ�ध�नयम द्वारा शा�सत एक कंपनी या �नकाय कॉप�रे ट;

कंपनी (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) �नयम, 2014 10, के अनुसार, अ�ध�नयम


9

क� धारा 2 के खंड (85) के उप-खंड (i) और उप-खंड (ii) के प्रयोजन� के �लए,


प्रदत्त पँज
ू ी और छोट� कंपनी का टनर्ओवर क्रमशः दो करोड़ रुपये और बीस
करोड़ रुपये से अ�धक नह�ं होगी।

पँूजी - `4 करोड़

टनर्ओवर- `40 करोड़

10
जैसा �क कंप�नय� (प�रभाषाओं के �ववरण क� �व�शष्टता) संशोधन �नयम, 2022 द्वारा संशो�धत �कया गया है ।

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1.26 कॉप�रे ट और अन्य कानून

स्पष्ट�करण 11: एच �ल�मटे ड एस प्राइवेट �ल�मटे ड क� होिल्डंग कंपनी है। एस प्राइवेट �ल�मटे ड
के 31 माचर्, 2023 को समाप्त वषर् के �लए �पछले लाभ और हा�न खाते के अनुसार, इसका
टनर्ओवर `1.50 करोड़ क� सीमा तक था; और प्रदत्त अंश पँज
ू ी `40 लाख थी। चँ �ू क, एस प्रा.""
�ल�मटे ड, टनर्ओवर और प्रदत्त अंश पँज
ू ी मानदं ड� के अनुसार, एक 'छोट� कंपनी' क� िस्थ�त के
�लए अहर्ता प्राप्त करता है िजसे वह 'छोट� कंपनी' के रूप म� वग�कृत करना चाहता है । एस प्रा.
�ल�मटे ड को 'छोट� कंपनी' के रूप म� वग�कृत नह�ं �कया जा सकता है क्य��क यह �कसी अन्य
कंपनी (एच �ल�मटे ड) क� सहायक कंपनी है । [धारा 2(85) का प्रावधान]।

(86) अ�भदत्त पँज


ू ी का अथर् है पँज
ू ी का ऐसा �हस्सा जो �कसी कंपनी के सदस्य� द्वारा कुछ समय
के �लए अ�भदा �कया गया हो;

स्पष्ट�करण 12: एबीसी �ल�मटे ड रिजस्ट्रार के पास `2,00,00,000 क� अ�धकृत पँज


ू ी के साथ
पंजीकृत था जहाँ प्रत्येक शेयर `10 का है ।

कंपनी द्वारा कंपनी म� शेयर खर�दने के �लए �कए गए �व�ापन� के जवाब म� , 10,00,000
शेयर� के �लए आवेदन प्राप्त हुए ह�, ले�कन कंपनी ने वास्तव म� 700,000 शेयर जार� �कए ह�,
जहाँ कंपनी ने 8 रुपये प्र�त शेयर क� माँग क� है ।

तीन शेयरधारक� को छोड़कर सभी कॉल� को पूरा कर �लया गया है , िजन पर अभी भी कुल
6000 शेयर बकाया ह�।

�व�भन्न अंश पँज


ू ी क� रा�श

अ�धकृत शेयर पूंजी = `2,00,00,000 (2 करोड़)

अ�भदत्त पूंजी = 10,00,000 x 10 = `1,00,00,000 (1 करोड़)

जार� पज
ंू ी = 7,00,000 x 10 = `70,00,000

आहूत पूंजी = 7,00,000 x 8 = `56,00,000

चुकता पूंजी = 56,00,000 – (6000 x `8) = `55,52,000

(87) �कसी अन्य कंपनी (अथार्त होिल्डंग कंपनी) के संबध


ं म� सहायक कंपनी या सहायक कंपनी का
अथर् ऐसी कंपनी से है िजसम� होिल्डंग कंपनी —

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प्रारं �भक 1.27

(i) �नदे शक मंडल क� संरचना को �नयं�त्रत करता है ; या


(ii) कुल मतदान शिक्त के आधे से अ�धक का प्रयोग या �नयंत्रण या तो स्वयं या अपनी
एक या अ�धक सहायक कंप�नय� के साथ करता है :

बशत� �क होिल्डंग कंप�नय� के ऐसे वगर् या वगर् के रूप म� �नधार्�रत �कया जा सकता है , िजसम�
�नधार्�रत संख्या से अ�धक सहायक कंप�नय� क� परत� नह�ं ह�गी।

स्पष्ट�करण— इस खंड के प्रयोजन� के �लए,—

(a) एक कंपनी को होिल्डंग कंपनी क� सहायक कंपनी माना जाएगा, भले ह� उप-खंड (i) या
उप-खंड (ii) म� �न�दर् ष्ट �नयंत्रण होिल्डंग कंपनी क� �कसी अन्य सहायक कंपनी का हो;

(b) एक कंपनी के �नदे शक मंडल क� संरचना को �कसी अन्य कंपनी द्वारा �नयं�त्रत माना
जाएगा य�द वह अन्य कंपनी अपने �ववेक पर कुछ शिक्त का प्रयोग करके सभी या
अ�धकांश �नदे शक� को �नयक्
ु त या हटा सकती है ;

(c) अ�भव्यिक्त "कंपनी" म� कोई भी �नग�मत �नकाय शा�मल है ;

(d) एक होिल्डंग कंपनी के संबध


ं म� "परत" का अथर् है उसक� सहायक या सहायक कंप�नयाँ;

27 �दसंबर 2013 क� अ�धसच


ू ना के अनस
ु ार, मंत्रालय ने स्पष्ट �कया �क कंपनी अ�ध�नयम,
2013 क� धारा 2(87) के प्रावधान� के अनुसार �कसी कंपनी द्वारा धा�रत शेयर� या �कसी
अन्य कंपनी म� उसके द्वारा प्रयोग क� जा सकने वाल� शिक्त को एक प्रत्ययी �मता म�
होिल्डंग-सहायक संबंध �नधार्�रत करने के उद्देश्य से नह�ं �गना जाएगा।

(88) स्वेट इिक्वट� अंशो का अथर् है ऐसे इिक्वट� शेयर जो �कसी कंपनी द्वारा अपने �नदे शक� या
कमर्चा�रय� को छूट पर या नकद के अलावा �वचार के �लए जार� �कए जाते ह�, बौ�द्धक संपदा
अ�धकार� या मूल्य वधर्न क� प्रकृ�त म� अपनी जानकार� प्रदान करने या उपलब्ध अ�धकार
उपलब्ध कराने के �लए, चाहे �कसी भी नाम से जाना जाता हो;

(89) कुल मतदान शिक्त, �कसी भी मामले के संबंध म�, कुल मत� क� संख्या का
मतलब है जो उस मामले के संबंध म� �कसी कंपनी क� बैठक म� मतदान पर
डाले जा सकते ह� य�द उसके सभी सदस्य या उस मामले पर वोट दे ने का
अ�धकार रखने वाले उनके प्र�त�न�ध बैठक म� उपिस्थत ह� और अपना वोट
डालते ह�;

(90) �ट्रब्यूनल का अथर् है धारा 408 के तहत ग�ठत राष्ट्र�य कंपनी कानून न्याया�धकरण;

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1.28 कॉप�रे ट और अन्य कानून

(91) टनर्ओवर का अथर् है एक �वत्तीय वषर् के दौरान �कसी कंपनी द्वारा माल क� �बक्र�, आपू�तर्,
या �वतरण या प्रदान क� गई सेवाओं, या दोन� के कारण लाभ और हा�न खाते म� मान्यता
प्राप्त राजस्व क� सकल रा�श;

(92) असी�मत कंपनी का अथर् है ऐसी कंपनी िजसके सदस्य� के दा�यत्व क� कोई सीमा नह�ं है ;
(93) मतदान का अ�धकार का मतलब कंपनी के �कसी सदस्य को कंपनी क� �कसी
मी�टंग म� या पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट दे ने का अ�धकार है ।

अपना �ान क� जाच� कर�

बाहु�वकल्पीय प्रश्न
1. ग्रीन �ल�मटे ड को 3 जनवर�, 2022 को शा�मल �कया गया है । कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के
अनुसार, कंपनी का �वत्तीय वषर् क्या होगा:

(a) 31 माचर्, 2022

(b) 31 �दसंबर 2022

(c) 31 माचर्, 2023

(d) 30 �सतंबर 2023

2. रोमा ने अपने छह दोस्त� के साथ मई 2021 म� रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड को शा�मल �कया। कंपनी
क� चुकता शेयर पूंजी `2 करोड़ है । इसके अलावा, अप्रैल 2022 म�, उन्ह�ने दे खा �क �पछले
�वत्तीय वषर् म� कंपनी का टनर्ओवर `40 करोड़ से काफ� नीचे था। सलाह द� �क क्या कंपनी को
'छोट� कंपनी' माना जा सकता है।

(a) रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड �निश्चत रूप से एक 'छोट� कंपनी' है क्य��क इसक� चक
ु ता पज
ंू ी
`4 करोड़ से काफ� कम है और इसका टनर्ओवर भी ` 40 करोड़ क� सीमा से अ�धक
नह�ं है ।
(b) ‘छोट� कंपनी' क� अवधारणा केवल एक प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी/ओपीसी के मामले म�
लागू होती है और इस�लए, 'छोट� कंपनी' के मानदं ड� को पूरा करने के बावजद
ू यह एक
सावर्ज�नक �ल�मटे ड कंपनी होने के बावजूद 'छोट� कंपनी' के लाभ� का आनंद नह�ं ले
सकती है ।

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प्रारं �भक 1.29

(c) एक प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी/ओपीसी के �वपर�त, जो 'छोट� कंपनी' के मानदं ड� को परू ा


करते ह� स्वचा�लत रूप से 'छोट� कंपनी' बन जाती है , रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड को एक
सावर्ज�नक �ल�मटे ड कंपनी होने के नाते 'छोट� कंपनी' पर लागू मानदं ड� को लगातार
बनाए रखना पड़ता है । दो साल ता�क, उसके बाद, इसे एक 'छोट� कंपनी' माना जाएगा।

(d) य�द रोमा ट्रे �डंग �ल�मटे ड के सभी शेयरधारक आरओसी को यह वचन दे ते ह� �क वे
भुगतान क� गई शेयर पज
ंू ी और अगले दो वष� म� कारोबार को 'छोट� कंपनी' पर लागू
सीमाओं से अ�धक नह�ं होने द� गे, तो इसे 'छोट� कंपनी' के रूप म� माना जा सकता है।

3. अ�भलाषा और अमत
ृ ा ने एक 'नॉट फॉर प्रॉ�फट' प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी बनाई है जो कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के तहत पंजीकृत है । उनके एक �मत्र ने उन्ह� स�ू चत �कया है
�क उनक� कंपनी को 'छोट� कंपनी' के रूप म� वग�कृत �कया जा सकता है क्य��क माचर्, 2022
को समाप्त वषर् के अं�तम लाभ और हा�न खाते के अनस
ु ार, इसका कारोबार `0 करोड़ से कम
था और इसका भुगतान �कया गया �हस्सा था पज
ूं ी ` 4 करोड़ से कम थी। सलाह दे ना।

(a) एक धारा 8 कंपनी, जो �पछले �वत्तीय वषर् म� "व्यापार" और "भुगतान क� गई शेयर


पूंजी" के मानदं ड� को पूरा करती है , केवल तभी "छोट� कंपनी" क� िस्थ�त का लाभ उठा
सकती है जब वह तत्काल अगले �वत्तीय वषर् के भीतर �कसी अन्य "छोट� कंपनी" म�
कम से कम 5% �हस्सेदार� हा�सल करती है ।

(b) य�द �कसी अन्य 'छोट� कंपनी' म� न्यूनतम 5% �हस्सेदार� का अ�धग्रहण 'टनर्ओवर' और
'पेड-अप शेयर कै�पटल' के मानदं ड� को परू ा करने के बाद दस
ू रे �वत्तीय वषर् म� (और
तुरंत अगले �वत्तीय वषर् म� नह�ं) होता है तो �ल�खत के साथ संबं�धत आरओसी क�
अनुम�त से यह 'छोट� कंपनी' का दजार् प्राप्त कर सकती है।

(c) 'छोट� कंपनी' का दजार् उस 'गैर-लाभकार�' कंपनी को नह�ं �दया जा सकता जो कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के तहत पंजीकृत है।

(d) एक धारा 8 कंपनी, य�द एक प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी (और सावर्ज�नक �ल�मटे ड कंपनी
के रूप म� नह�ं) के रूप म� �नग�मत है , तो वह संबं�धत आरओसी क� अनुम�त से "छोट�
कंपनी" क� िस्थ�त का लाभ उठा सकती है , जब वह "टनर्ओवर" और "पेड-अप शेयर
पूंजी" के मानदं ड� को पूरा करती है।
4. कावेर� गुड्स कै�रयसर् प्राइवेट �ल�मटे ड (केजीसीपीएल) ने `10 लाख मूल्य के 9% गैर-
प�रवतर्नीय �डब�चर जार� �कए और उसके बाद, �नदे शक� ने उन्ह� सच
ू ीबद्ध करने पर �वचार
�कया।

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1.30 कॉप�रे ट और अन्य कानून

उ�चत औपचा�रकताओं के बाद, �नजी तौर पर रखे गए इन `10 लाख रुपये के गैर-प�रवतर्नीय
�डब�चर को सच
ू ीबद्ध �कया गया। �नम्न�ल�खत म� से कौन सा �वकल्प द� गई िस्थ�त म� लागू
है :

(a) केजीसीपीएल को एक सच
ू ीबद्ध कंपनी माना जाएगा।

(b) केजीसीपीएल को सच
ू ीबद्ध कंपनी नह�ं माना जाएगा।

(c) केजीसीपीएल को केवल तभी सूचीबद्ध कंपनी माना जाएगा जब सच


ू ीबद्ध �नजी तौर पर
रखे गए गैर-प�रवतर्नीय �डब�चर क� न्यन
ू तम रा�श `15 लाख हो।

(d) केजीसीपीएल को केवल तभी सूचीबद्ध कंपनी माना जाएगा जब सच


ू ीबद्ध �नजी तौर पर
रखे गए गैर-प�रवतर्नीय �डब�चर क� न्यूनतम रा�श न्यूनतम `20 लाख हो।

5. ं म� "सहयोगी कंपनी" का अथर् ऐसी कंपनी है िजसम� उस अन्य


�कसी अन्य कंपनी के संबध
कंपनी का महत्वपूणर् प्रभाव है ले�कन जो इस तरह के प्रभाव वाल� कंपनी क� सहायक कंपनी
नह�ं है और इसम� एक संयक्
ु त उद्यम कंपनी भी शा�मल है । यहाँ, 'महत्वपण
ू र् प्रभाव' शब्द का
अथर् है :

(a) कुल मतदान शिक्त का कम से कम 10% पर �नयंत्रण

(b) कुलमतदान शिक्त का कम से कम 15% पर �नयंत्रण

(c) कुलमतदान शिक्त का कम से कम 20% पर �नयंत्रण

(d) कुलमतदान शिक्त का कम से कम 25% पर �नयंत्रण

�ववरणात्मक प्रश्न
1. एमएनपी प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के तहत पंजीकृत कंपनी है , िजसक� चक
ु ता
शेयर पज
ंू ी ` करोड़ रुपये और टनर्ओवर `60 करोड़ रुपये है । "छोट� कंपनी" का अथर् स्पष्ट कर�
और कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के प्रावधान� के अनुसार �नम्न�ल�खत का पर��ण कर� :

(i) क्या एमएनपी प्राइवेट �ल�मटे ड छोट� कंपनी का दजार् प्राप्त कर सकता है?

(ii) अगर कंपनी का टनर्ओवर `30 करोड़ है तो आपका जवाब क्या होगा?

2. फ्लोरा फॉना �ल�मटे ड को एक सावर्ज�नक कंपनी के रूप म� पंजीकृत �कया गया था। कंपनी म�
230 सदस्य ह� जैसा �क नीचे बताया गया है :

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प्रारं �भक 1.31

( a) �नदे शक और उनके �रश्तेदार 50

(b) कमर्चा�रय� 15

(c) पूवर् कमर्चार� (जब वे कमर्चार� थे तब अंश आवं�टत �कए गए थे) 10

(d) प�त और पत्नी के नाम पर संयक्


ु त रूप से अंश रखने वाले 5 जोड़े (5*2) 10

(e) अन्य 145

कंपनी के �नदे शक मंडल ने इसे एक �नजी कंपनी म� बदलने का प्रस्ताव रखा है । साथ ह� सलाह �दए
ह� �क सदस्य� क� संख्या म� कमी क्य� जरूर� है ।

जवाब

बाहु�वकल्पीय प्रश्न

1. (c) 31 माचर्, 2023

2. (b) 'छोट� कंपनी' क� अवधारणा केवल एक प्राइवेट �ल�मटे ड कंपनी/ओपीसी के मामले म�


लागू होती है और इस�लए, 'छोट� कंपनी' के मानदं ड� को परू ा करने के बावजद
ू यह
एक सावर्ज�नक �ल�मटे ड कंपनी होने के बावजद
ू 'छोट� कंपनी' के लाभ� का आनंद
नह�ं ले सकती है ।

3. (c) 'छोट� कंपनी' का दजार् उस 'गैर-लाभकार�' कंपनी को नह�ं �दया जा सकता जो कंपनी
अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 8 के तहत पंजीकृत है।

4. (b) केजीसीपीएल को सच
ू ीबद्ध कंपनी नह�ं माना जाएगा।

5. (c) कुलमतदान शिक्त का कम से कम 10% पर �नयंत्रण

वणर्नात्मक प्रश्न� के उत्तर


1. छोट� कंपनी: कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2(85) के अनस
ु ार, छोट� कंपनी का अथर् एक
सावर्ज�नक कंपनी के अलावा अन्य कंपनी है ,—
(1) प्रदत्त अंश पँज
ू ी िजसक� पचास लाख रुपये से अ�धक नह�ं है या इतनी अ�धक रा�श जो
�नधार्�रत क� जा सकती है जो दस करोड़ रुपये से अ�धक नह�ं होगी; तथा

(2) िजसका टनर्ओवर उसके अं�तम लाभ और हा�न खाते के अनुसार दो करोड़ रुपये से

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1.32 कॉप�रे ट और अन्य कानून

अ�धक नह�ं है या इतनी अ�धक रा�श जो �नधार्�रत क� जा सकती है जो एक सौ करोड़


रुपये से अ�धक नह�ं होगी।

इस खंड का कुछ भी लागू नह�ं होगा —

(A) एक होिल्डंग कंपनी या एक सहायक कंपनी;

(B) धारा 8के तहत पंजीकृत एक कंपनी; या

(C) �कसी �वशेष अ�ध�नयम द्वारा शा�सत एक कंपनी या �नकाय कॉप�रे ट;

कंपनी (प�रभाषा �ववरण क� �व�शष्टता) �नयम, 2014 के अनस


ु ार, अ�ध�नयम क� धारा 2 के
खंड (85) के उप-खंड (i) और उप-खंड (ii) के प्रयोजन� के �लए, प्रदत्त पँूजी और छोट� कंपनी
का टनर्ओवर क्रमशः दो करोड़ रुपये और बीस करोड़ रुपये से अ�धक नह�ं होगी।

(i) वतर्मान मामले म�, एमएनपी प्राइवेट �ल�मटे ड, कंपनी अ�ध�नयम, 2013 के तहत
पंजीकृत एक कंपनी है िजसक� प्रदत्त अंश पँूजी `70 लाख है और िजसका टनर्ओवर
`30 करोड़ है । चँ�ू क, अंश पँज
ू ी का केवल एक मानदं ड `4करोड़ से अ�धक नह�ं है ,
ले�कन दस
ू रा मानदं ड `40 करोड़ से अ�धक नह�ं है , को परू ा नह�ं �कया गया है और
प्रावधान� को एक छोट� कंपनी क� िस्थ�त का लाभ उठाने के �लए दोन� मानदं ड� को परू ा
करने क� आवश्यकता होती है , अतः एमएनपी �ल�मटे ड छोट� कंपनी का दजार् प्राप्त नह�ं
कर सकता है ।

(ii) य�द कंपनी का टनर्ओवर `15 करोड़ है , तो दोन� मानदं ड परू े ह�गे और एमएनपी
�ल�मटे ड छोट� कंपनी का दजार् हा�सल कर सकती है ।

2. कंपनी अ�ध�नयम, 2013 क� धारा 2(68) के अनुसार, "�नजी कंपनी" का अथर् एक ऐसी कंपनी
है िजसके पास �नधार्�रत न्यन
ू तम प्रदत्त अंश पँज
ू ी है , और जो अपने लेख� द्वारा, एक व्यिक्त
कंपनी के मामले को छोड़कर, सी�मत करती है इसके सदस्य� क� संख्या दो सौ है ।

हालाँ�क,जहाँ दो या दो से अ�धक व्यिक्त संयुक्त रूप से एक कंपनी म� एक या अ�धक अंश


रखते ह�, उन्ह� इस खंड के प्रयोजन� के �लए एकल सदस्य के रूप म� माना जाएगा।

आगे यह भी प्रदान �कया जाता है �क-

(A) वे व्यिक्त जो कंपनी म� कायर्रत ह�; तथा

(B) ऐसे व्यिक्त जो पूवर् म� कंपनी के रोजगार म� थे, उस रोजगार म� रहते हुए कंपनी के
सदस्य थे और रोजगार समाप्त होने के बाद भी सदस्य बने रहे ह�,

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प्रारं �भक 1.33

उन्ह� सदस्य� क� संख्या म� सिम्म�लत नह�ं �कया जायेगा।

मौजद
ू ा मामले म�, फ्लोरा फॉना �ल�मटे ड* को एक �नजी कंपनी म� तभी प�रव�तर्त �कया जा
सकता है , जब कंपनी के कुल सदस्य 200 तक सी�मत ह�। सदस्य� क� कुल संख्या

(i) �नदे शक और उनके �रश्तेदार 50

(ii) 5 जोड़े (5x1) 5

(iii) अन्य 145

कुल 200

इस�लए, सदस्य� क� संख्या म� कमी करने क� कोई आवश्यकता नह�ं है क्य��क मौजद
ू ा सदस्य�
क� संख्या 200 है जो 200 क� अ�धकतम सीमा से अ�धक नह�ं है ।

*सावर्ज�नक कंपनी को �नजी कंपनी म� बदलने से संबं�धत प्रावधान अध्याय 2 - कंपनी का


�नगमन और उससे संबं�धत मामले म� शा�मल ह�।

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1.34 कॉप�रे ट और अन्य कानून

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