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संपादक य
नम कार,
हमारे सं थान के जीवंत सार एवं ेरणा से भरी हमारी िति त इन-हाउस पि का के सातव सं करण
को तुत करते ए मुझे असीम स ता हो रही है। इस काशन के िनरं तर िवकास और मागत
उ ित को देखकर म काफ गौरवाि वत ,ँ यह पि का हमारे टाफ सद य के िलए अपने कौशल का
दशन करने और अपने िवचार करने का एक मू यवान मंच बन गई है।
इस तेजी से बदलती दुिनया म एक तरफ जहां ौ ोिगक ने हमारी जीवन-शैली को बेहद सुखद एवं
सरल बना दया है वह दूसरी ओर आज हम अपने जीवन म इतना त हो गए ह क हम अपने
िनकट थ समुदाय के भीतरी साथक संबंध के मह व को भूलते जा रहे ह। हमारी ई-पि का समु का
हम सभी को एक मंच पर लाने, पर पर सौहाद क भावना उ प करने एवं हमारे रास ौसं प रवार के
सद य के भीतर छु पी अिव सनीय ितभा को उजागर करने क दशा म एक सेतु के प म काय
करती है। इस पि का के मा यम से हम हमारे वै ािनक , कमचा रय क उपलि धय क सराहना
करने का एक अवसर ा होता है और उ ह अपनी कहािनय , अनुभव और अंतदृि को साझा करने के
िलए एक मंच ा होता है।
हमारी पि का का यह सं करण िविवधता और समावेिशता को अपनाने क हमारी ितब ता का एक
ितिबंब है। यह पि का हमारे ितभाशाली टाफ सद य के असं य दृि कोण और िवचार का
ितिनिध व करने वाले तकनीक लेख , किवता , कहािनय और कलाकृ ित को दशाती है। हम अपने
रा क समृ भाषाई िवरासत का भी स मान करते ह और उन सभी भाषा का स कार करते ह
िज ह ने हमारी सां कृ ितक पहचान को आकार दया है।
म इस पि का के संपादक य म डल और उन सभी योगदानकता का दय से आभार करता ं
िज ह ने इस पि का को सफल बनाने के िलए अपना समय और यास इसके ित समिपत कया है।
अंततः, म इस सं करण को जीवंत बनाने म शािमल सभी लोग को बधाई देना चा ग
ं ा। आपके
सामूिहक यास के कारण ही यह पि का हमारे संगठन क भावना और उ कृ ता के ित ितब ता
का साथक ितिबंब बन पाई है। मुझे इस सफर का िह सा बनने पर गव है, और म आने वाले वष के
िलए हमारी पि का को ओर बेहतर एवं सफल बनाने के िलए त पर ।ं
ध यवाद, एवं है पी रीिडंग!
जय िह द!
डॉ.जी ए रामदास, िनदेशक
3
िवषय-सूची
पूरा करने के िलए 250 मीटर लाइन क दसंबर 2022 के दौरान 5271 मीटर क
दूरी पर परी ण कया गया था। सभी गहराई पर सभी पेलोड के साथ 13º
वै ािनक पेलोड और पयावरण ससर के 32.10 'दि ण अ ांश और 75º 33.15'
साथ 3390 मीटर गहराई म (यानी 3360 पूव देशांतर म क गई थी। एयूवी को सभी
मीटर क एयूवी प रचालन गहराई) समु वै ािनक पेलोड के साथ पूविनधा रत
तल से 30 मीटर क ऊंचाई पर 48 घंटे के चयिनत लॉक म 7 कमी X 2 कमी े
िनरं तर संचालन के साथ कु ल 275 लाइन म संचािलत कया गया था और 5271
कलोमीटर का परी ण कया गया था। मीटर क गहराई पर 30 मीटर क ऊंचाई
पूव-िनधा रत रे खा म समु तल क (समु ी तल से) से 26 घंटे से अिधक समय
प ता ा करने के िलए एयूवी को 5 तक डेटा सेट ा कया और उ समु
मीटर क ऊँचाई पर समु ी तल क ि थित म सुरि त प से तैनात और
फोटो ाफ के िलए संचािलत कया गया पुन ा कया गया।
था। िमशन के पूरा होने के बाद एयूवी उ रज़ॉ यूशन वाली सीबेड
(एयूवी) को समु ी सतह पर लाया गया फ़ोटो ाफ़ के िलए, 1 कमी x 0.5 कमी
और रे िडयो सी मॉडेम के साथ रे िडयो को े चुना गया था और 17 और 18
संचार थािपत कया गया। वतमान समय दसंबर 2022 के दौरान समु ी तल (5271
म 200 मीटर क दूरी पर डेटा ांसफर के मीटर क गहराई म) से 5 मीटर क ऊँचाई
िलए आपातकालीन और वाईफाई संचार के पर 30 घंटे के िलए एयूवीको संचािलत
मामले म इ रिडयम उप ह संचार क कया गया और 4 मीटर क दूरी पर 130
काय मता के िलए परी ण भी कए गए से अिधक फ़ोटो ा फ़क लाइन पूरी क ग ।
ह। िनयोिजत िमशन गितिविध के पूरा होने मेसस क सबग मैरीटाइम, नॉव और भारत
के बाद 28 नवंबर 2022 को 16.00 बजे के किमय के समथन से रास ौसं-पृिवमं,
िस टम को जहाज पर सुरि त प से पुनः एनसीपीओआर-पृिवमं और एनआईओ-
ा कया गया। सीएसआईआर के वै ािनक क भागीदारी
से डेटा सेट हािसल कए गए और संसािधत
म य िहंद महासागर बेिसन क पॉली- कए जा रहे ह।
मेटैिलक मगनीज नो ल ू साइट म 5271
मीटर क गहराई पर वै ािनक अ वेषण:
समु ी वीकृ ित परी ण के बाद,
एयूवी-ओएमई 6000 को अनुसंधान जहाज
सागर िनिध के ारा म य िहंद महासागर म
पीएमएन साइट पर हाई रे जो यूशन समु ी
तल के मानिच ण के िलए लगाया गया था। िच 1. म य िहंद महासागर बेिसन म
एयूवी क पहली तैनाती 15 और 16 एयूवीक तैनाती
6
िच 12. पीएमएन े के नो ल
ू
सारांश
समु ी िव ान अनुसंधान के े म सवािधक उपयोग म लाये जाने वाले उपकरण म से एक
संवाहकता, तापमान और गहराई (सीटीडी) ससर है। इन उपकरण का उपयोग मु य प से
समु क अिधकतम गहराई से समु ी मापदंड एक करने के िलए कया जाता है। एक कृ त
संवाहकता, तापमान और डे थ ससर ने ापक प से वचिलत ससर के थान म प रवतन
कर फ ड डाटा सं हण के काय को सरल बनाते ह। चूं क संवाहकता-तापमान और जल घन व
एवं लवणता से अ यिधक भािवत होते है, इसिलए संवाहकता का सटीक मापन अ य भौितक
मापदंड क तुलना म इतना सरल नह होता। रा ीय समु ौ ोिगक सं थान (रास ौसं) ने
तापमान एवं डे थ ससर के साथ कै पेिस टव क लड कं ड टिवटी तापमान तकनीक पर आधा रत
सीटीडी ससर के वदेशी िवकास काय क शु आत क है। यह लेख पानी म 1000 मीटर क
िनयत गहराई वाले टेनलेस टील सीटीडी ससर के घेराव के ा प, संरचना मक मू यांकन
एवं हाइ ो टे टक दाब परी ण के प रणाम को दशाता है। प रिमत त व िव ेषण का उपयोग
करके संल ससर का संरचना मक िव ेषण कया जाता है ता क उपधारा तनाव एवं िवकृ ित
का अनुमान लगाया जा सके । इसिलए यह ा प जल म 1000 मीटर तक क गहराई पर
प रचालन काय करने के िलए उपयु ह।
संकेत श द: सीटीडी (संवाहकता, तापमान एवं गहराई) ससर, 1000 मीटर समु ी जल
गहराई, िनयत घेराव, हाइ ो टे टक दाव परी ण।
* संबंिधत लेखक (ईमेल): rsrini34@gmail.com@gmail.com
घटना एवं जलीय जाित के अ ययन म सीटीडी ोफाइलर का िवकास कया िजसे
सहायक ह। मूरड बॉय, अ तजलीय बाथीस स के नाम से िन द कया जाता
ो फिलंग लोट एवं वाय अंतरजलीय है । वष 1964 म नील ाउन ारा
वाहन (एयूवी) जैसे वाय उपकरण लघु, इले ोिनक अवयवो के साथ थम सीटीडी
सटीक एवं िन ऊजायु सीटीडी ससर के िवकिसत कया गया। वष 1970 म इ ह ने
िलए अिनवाय बनते जा रहे ह। चार पोल क ितरोधकता के मापन के
यात डेिनस वै ािनक मा टन िलए चार इले ोड (एमके IIIबी) के साथ
नुडसन ने वष 1898 म काय थल पर खारे संशोिधत संपक कार के एक सीटीडी ससर
पानी का तापमान एवं लवणता का पता का िवकास कया । वष 1978 म समु ी
लगाने के िलए एक मह वपूण तकनीक जल के पर पर िवरोधी संवाहकता-
िवकिसत क थी। बाद म वष 1900 म तापमान-दाब संबंध को प करने के िलए
उ ह ने जल क लवणता और तापमान क ावहा रक लवणता के ल, बचमाक के ल
व रत िनगरानी के िलए एक उपकरण का िवकास कया गया । [1]।
िवकिसत कया। वु स होल ओसोनो ा फक 1987 क शु आत म, माक वी सीटीडी
इं टी ूशन के साथ एक उपअनुबंध क को माइ ो ोसेसर तकनीक का उपयोग
शत के अधीन एड लू जैकबसन ने वष करने के िलए िवकिसत कया गया था,
1940 एक मैकेिनकल बैथीथम ाफ िजसने हाडवेयर क तुलना म सॉ टवेयर म
(एमबीटी) िवकिसत कया था। एलनवाईन अिधकांश क टम समायोजन और अंशांकन
ारा 400 मीटर क गहराई पर योग म प रवतन क अनुमित दी, िजससे उ पादन
लाई जाने वाली पनडु ि बय और अनुसंधान या म कमी देखने को िमली बेहतर
पनडु ि बय म काफ संशोधन काय कया ि थरता दान करने वाले छः इले ोड सेल
गया। को अपनाना इसक एक अ य मह वपूण
ि कमम ि चड और ए टरसन ने िविश ता है। सेल के एक छोर पर बाहरी
1950 के दशक म स य और िस ल ओर से यह समु ी जल के ित
ांसफामर का उपयोग करते ए एक रे क ित याशील है, परं तु समु जल के भीतर
संवाहक तापमान संकेतक िवकिसत कया। से नह । सभी छह इले ोड सेल के भीतर,
वष 1958 म सीटीडी िस टम के जनक स ु इसके संवेदनशील े से दूर थ ह। माक III
हेमन और नील ाउन ारा 1000 मीटर िस टम के ससर क तुलना म, माक वी
क गहराई के िलए ट ेचर- लो रिनटी-डे थ सीटीडी का टाइटेिनयम दाब ससर लगभग
रकॉडर के ा प का िनमाण और िवकास तीन गुना अिधक सटीक है [2]।
कया गया। वष 1961 म ब चालकता सािह य समी ा के अनुसार, समु ी
के वल के िलए तापमान, संवाहकता और अनु योग के िलए इले ॉिनक ससर
दाब के संबंध म तीन मापक ोबस के िवकिसत करने हेतु एक घेराव क
िवकास ारा कोरबेल ने थम भावकारी आव यकता होती है जो अ यिधक सं ारण
10
िवकृ त त व का ितशत 0
2
6.75 0.019 0.00019 0.951 * 10 1.82
2
7 0.016 0.00016 0.920 * 10 1.88
12. बॉयलर, ए.एस.एम.ई., और कोड, 15. वेन, बीसी, 2010 मशीन िडजाइन
पी.वी. (2019). खंड VIII िडवीजन 1. हडबुक बीिजंग: चीन मशीन ेस।
ेशर वे सल के िनमाण हेतु िनयम।
16. रोक, आर जे और यंग, ड यू सी, ेस
13. बॉयलर, ए.एस.एम.ई., और कोड,
एंड ेन के िलए फॉमुला, पांचवां
पी.वी. (2019). खंड VIII िडवीजन 2
सं करण, मैक ा िहल, यूयॉक, 1975।
- वैकि पक िनयम श े र वे सल के
िनमाण हेतु िनयम। 17. मावोर, जेड यू, जूिनयर, एि वन
फ ड और वै रएबल बॉयंसी े के
14. भारतीय मानक यूरो (बीआईएस),
िनमाण, िनरी ण और परी ण पर
सामा य सिह णुता, भाग 1: ि गत
सारांश रपोट, वु स होल
सिह णुता संकेत के िबना रै िखक और
ओशनो ा फक इं टी ूशन टे कल
कोणीय आयाम के िलए सिह णुता.
मेमोरडम नंबर डीएस -15, जनवरी
आईएस 2102-1:1993।
1965।
*****
19
फे कल कॉलीफाम
लेरस बेउ लाह एम, कृ पा र म, पंकज वमा, धरणी जी
*****
22
महासागर माइ ोबायोम वैि क अनुकरण कया है, िजसे काया मक िनंग
जैव-भू-रासायिनक च , मुख बायोमास के साथ जोड़ा जा सकता है। आई-िचप
उ पादन और तटीय एवं समु ी वातावरण िविध का उपयोग एक उपकरण म जुड़े 192
म पोषक त व के पुनच ण म मह वपूण सार क के साथ एक इन-सीटू संवधन
भूिमका िनभाता है। गहरा समु ी जैवम डल तकनीक के प म कया गया था, जो समु ी
(पेलािजक और बिथक) पृ वी पर सबसे जल और िम ी के नमून के िलए मानक
बल एवं िन अ ययन वाले पा रि थितक खेती तकनीक क तुलना म पयावरणीय
तं म से एक है। अरब सागर को सू मजीव क समानांतर संवधन और
महासागरीय दुिनया म सबसे गितशील जीवाणु िविवधता म वृि क अनुमित देती
समु म से एक माना जाता है जो गहरे है। हाल ही म, माइ ोिपपेट टप का
समु के नीचे तलछट के मह व पर भारी उपयोग करते ए आई- टप िविध के अंतगत
काश डालने वाली न दय के ोत से - एक इन-सीटू संवधन तकनीक का उपयोग
5×108 टन तक तलछट जमा करता है। ताजे पानी के पंज म माइ ोिबयल
उ ोग , िच क सीय और कृ िष म इसके िविवधता का अ ययन करने के िलए कया
िवशाल जैव ौ ोिगक अनु योग के गया था। रास ौसं म, हम अरब सागर से
कारण जैव स य यौिगक क पहचान के ाकृ ितक वातावरण म गहरे समु ी
िलए समु ी सू मजीव क जैव पूव ण सू मजीव के संवधन के िलए इसी तरह क
मता पर कई शोध रपोट यान क त आई- टप प ित का उपयोग करते ह। हमने
करती ह। कसी भी पयावरणीय नमूने म ओआरवी सागर िनिध ( ू ज नंबर एसएन-
सू म जीव क िवशाल िविवधता होती है, 137) म गु वाकषण कोरर का उपयोग
ले कन रोगाणु क िन संवधन मता के करके 3354 मीटर और 3929 मीटर क
कारण खतनारिहत जीव क जैव-पूव ण गहराई पर अरब सागर तलछट के नमूने
मता का पता लगाया जाता है। एक कए ह। हमने आई- टप िविध
सू मजीव के संवधन क प ितय अपनाई जो एक इन-सीटू क टीवेशन
म सुधार के िलए हाल ही म कई तकनीक िडवाइस (1 एमएल माइ ो टप) है जो
का िवकास कया गया है, िजसम तलछट म ाकृ ितक रासायिनक यौिगक को
मेटागेनोिमक दृि कोण और सं कृ ित- वतं िड यूज़न क अनुमित देता है, िजससे
डीएनए अनु म जानकारी के मा यम से सू मजीव को उनके ाकृ ितक वातावरण म
योगशाला म ाकृ ितक वातावरण का मौजूद पोषक त व का उपयोग करके टप
23
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िच 1 ेकवाटर के ित त खंड का दृ य
िच 3 ेकवाटर क अ तजलीय ि थित
हाल ही म रास ौसं ारा ेकवाटर से
िपछले अ ययन के आधार पर िपछले
संबि धत एक ऐसा ही मामला देखा गया
िडजाइन का िव ेषण कया जा सकता है।
है, िजसम तरं ग बल के यूनतम आकलन
ेकवाटर के नुकसान का आकलन करना
और िनमाण के दौरान िडजाइन से िवचलन
एक बड़ी चुनौती है य क इसका मह वपूण
के कारण ेकवाटर के ंक और हेड से शन
िह सा अ तजलीय है और ेकर जोन म है।
का जं शन ित त हो गए ह ह। रास ौसं
एक इं जीिनय रं ग समाधान करने के िलए,
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28
रा िनमाण म िश क क भूिमका
दलीप कु मार झॉ
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इले ॉिनक गैजे स पर िनभरता बढ़ती जा सुिनयोिजत उपयोग करना ही उपयु होता
रही ह। ब े सारा दन मोबाइल, टीवी, है।
गे स म लगे रहते ह। इससे उनके शारी रक उपसंहार- इले ॉिनक गैजे स ब के
व मानिसक िवकास दोन पर असर पड़ता िवकास म सहायक भी है और गलत तरीके
ह। ब क शारी रक याए कम हो जाती से उपयोग करने पर इसके नुकसान भी ह।
ह। आंख के िलए ये उपकरण हािनकारक माता िपता उिचत फायदे व नुकसान
होते ह। लगातार इनके संपक म रहना ब बताकर इन गैजेटनस का उपयोग ब के
क दृि दोष का कारण बन सकता है। ब े िवकास व अपने जीवन को सरल बनाने म
पाक म खेलना-कू दना लोग से िमलना, कर सकते ह। इन गैजे स पर अ यिधक
सामािजक काय म म भाग लेना जैसी िनभरता ब के िलए हािनकारक ह य द
या म भाग नह लेते जो क उनके हम समय-समय पर के वल आव यकता
िवकास म सहयोगी होते ह। ब े टीवी, पड़ने पर ही इनका उपयोग कर, तभी हम
मोबाइल देखते ए खाना खाते ह। जो उ ह इनका पूरा लाभ उठा सकते ह। और ये ब े
अपने भारतीय परं परा से दूर ले जाता है। आगे जाकर हमारे देश के िनमाण म सहयोग
ब े हर काम के िलए इन इले ॉिनक दे सकते ह। ब का िवकास इस बात पर
उपकरण पर आि त हो जाते ह और अपना िनभर करता है क वो इन गैजे स को
दमाग का उपयोग करना कम कर देते ह समुिचत उपयोग करते ए शारी रक
जो उनके मि त क के िवकास के िलए या म अ यािधक भाग ल तभी इन
हािनकारक होता है। हर अिव कार का अिव कार का फायदा यादा व नुकसान
कम होगा।
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नैितकता
एस.आर. जोशी
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नील समंदर
क णा राव
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