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xii

अनु म णका
सं ेपा र 3
प रभाषाएं 5
1. तावना 7
2. प ृ ठभू म 9
2.1 ऐ तहा सक प र े य
2.2 सं वधान का 73वाँ संशोधन
2.3 व त आयोग
2.4 बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.)
2.5 ामीण जल आपू त क वतमान ि थ त
ु तयॉ ं एवं एस.ड य.ओ.ट
2.6 चनौ ू . व लेषण
3. आयोजना एवं काया वयन क कायनी त 14
3.1 वज़न
3.2 मशन
3.3 उ े य
3.4 जल जीवन मशन के घटक (8 मु य घटक)
3.5 कायनी त
3.6 आयोजना
3.6.1 गांव, िजला और रा य तर पर काय योजनाएं
3.6.2 भावी कायनी त – सेवा दाय और जन सु वधा वकास
4. जल जीवन मशन म आमे लत पवव ू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू योजनाएं/उप- मशन 4
4.1 कम आय वाले रा य के लए ामीण जल आपू त और व छता प रयोजना (आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.)

4.2 रा य जल गणव ु ता उप- मशन (एन.ड य.ू य.एस.एम.)

4.3 जापानी ए सेफलाइ टस-उ ए सेफलाइ टस सं ोम (जे.ई.-ए.ई.एस.)
4.4 वजल
4.5 जल गणव
ु ता नगरानी एवं चौकसी (ड य.ू य.एम.एं
ू ड.एस.)
4.6 सहायक ग त व धयां
5. सं थागत तं 26
5.1 रा य तर-रा य जल जीवन मशन
5.1.1 डट े ा और लेखन के
5.1.2 काय म बंधन इकाई (पी.एम.य.) ू
5.2 रा य तर – रा य जल एवं व छता मशन (एस.ड य.एस.एम.)ू
5.3 िजला जल एवं व छता मशन (डी.ड य.एस.एम.)

5.4 ाम पंचायत/ और/ या इसक उपस म त अथात ् ाम जल एवं व छता स म त (वी.ड य.एस.सी.)/पानी
ू स म त/
यो ता समह ू आद
5.5 काया वयन सहायता एज सयां (आई.एस.ए.)
5.6 लोक वा य इंजी नय रग ं वभाग (पी.एच.ई.डी.)/ ामीण जल आपू त (आर.ड य.एस.)
ू वभाग
5.7 से टर के साझद े ार
5.8 रा य पेयजल, व छता और गणव ु ता के (एन.सी.डी.ड य.एस.
ू य.)

6. काया वयन 36
6.1 अ त: ाम जल आपू त अवसंरचना
6.1.1 योजना च
6.1.2 सामदा ु यक योगदान
6.1.3 समदायु के लए ो साहन
6.1.4 चालन एवं रख-रखाव (ओ.एंड एम.)
6.2 े ीय जल आपू त और वतरण नेटवक
6.3 मेल-जोल
7. व तीय आयोजना एवं व त-पोषण 44
7.1 लागत
7.2 के य तर पर जे.जे.एम. न ध का आबंटन/ नधारण

1
अनु म णका

7.3 न ध आबंटन के लए मानदं ड


7.4 जे.जे.एम. के अतं गत आमे लत पववू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के घटक के लए न ध भागीदार प त
7.5 व तीय आयोजना
7.6 काय- न पादन को परु कतृ करना
7.7 अ त र त बजट य संसाधन (ई.बी.आर.)
7.8 न ध आबंटन और अवमिु त क या
7.9 न ध आ वाह
7.10 अमा य यय
7.11 सामदा ु यक योगदान
7.12 अत ं : ाम अवसंरचना वकास हे तु अ य ोत से ा त धन
7.13 ो साहन न ध
7.14 जे.जे.एम. के तहत उपल ध ले सी फंड
7.15 पी.एफ.एम.एस.
7.16 संपर ा
7.17 वकै ि पक व तपोषण वक प/ मॉडल
7.18 रा य जल जीवन कोष (आर.जे.जे.के.)
8. ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशस) और नवाचार 53
8.1 छट-पट ु के/एका त/आ दवासी गांव के लए सौर-ऊजा आधा रत वतं जल आपू त णाल
8.2 संद ू षत भजलू े म सामदा ु यक जल शोधन संयं (सी.ड य.पी.पी.)

8.3 ठं डे रे ग तानी/कठोर च ानी/पहाड़ी/तट य े
8.4 आयोजना और नगरानी म ौ यो गक का उपयोग
8.5 तकनीक स म त
8.6 नवाचार और अनसं ु धान एवं वकास
8.7 जल संपर ा और जल सरु ा
9. सहायक ग त व धयां 57
9.1 सचना,
ू श ा एवं संचार (आई.ई.सी.)
9.2 मानव संसाधान वकास (एच.आर.डी.) और श ण
9.3 जन-सु वधा, नेत ृ व वकास और प रवतन बंधन
9.4 कौशल वकास और उ य मता
9.5 थानीय समदायु को एकजट ु करना
9.6 अ य प वारा नर ण
9.7 मु य संसाधन के (के.आर.सी.)
9.8 ान के
9.9 लेखन
10. जल गणव
ु ता क नगरानी और चौकसी (ड य.ू य.एम.एं
ू ड एस.) 60
10.1 पर ण क आविृ त
10.2 व त-पोषण
10.3 गणव
ु ता भा वत े म जल गणवु ता क नगरानी
10.4 श ण और आई.ई.सी. ग त व धय क सची ू
10.5 नगरानी
11. नगरानी एवं मू यांकन 64
11.1 नगरानी
11.1.1 जल जीवन मशन-एक कत ृ बंधन सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.)
11.1.2 रयल टाइम डश ै बोड
11.1.3 प रसंपि तय क िजयो-टै गग

11.1.4 एफ.एच.ट .सी. को आधार के साथ जोड़ना
11.1.5 समदायु वारा चौकसी
11.2 मू यांकन
12. आउटपट
ु और प रणाम को मापना 67
13. आपदा बंधन 68
14. बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.) 71
अनबं
ु ध 72

2
सं ेपा र

ए.ए.पी. वा षक काय योजना एच.आर. मानव संसाधन

ए.डी.बी. ए शयाई वकास बक आई.एम.आई.एस. एक कत


ृ बंधन सचना
ू णाल

ए.डी.डी. ए यट
ू डाय रया रोग आई.ई.सी. सचना,
ू श ा और संचार

ए.आई. कृ म बु म ता आई.एफ.डी. एक कत
ृ व त भाग

ए.जी.एम. वा षक आम बठ
ै क आई.पी.सी. पार प रक संचार

बी.सी.सी. यवहार प रवतन संचार आई.एस.ए. काया वयन सहायता एजसी

सी.पी.एच.ई.ई.ओ. के य सावज नक वा य और जे.ई.-ए.ई.एस. जापानी ए सेफलाइ टस – उ


पयावरण इंजी नय रग
ं संगठन ए सेफलाइ टस सं ोम

सी.बी.ओ. समदाय
ु आधा रत संगठन जे.जे.एम. जल जीवन मशन

सी.एस.ओ. स वल सोसाइट संगठन के.आर.सी. मु य संसाधन के

सी.ड य.पी.पी.
ू सामदा
ु यक जल शोधन संयं एल.पी.सी.डी. ल टर त यि त त दन

डी.डी.पी. म थल वकास काय म एम.एंड ई. नगरानी और मू यांकन

डी.डी.ड य.एस.
ू पेयजल और व छता वभाग एम.ई.आई.ट .वाई. इले ॉ न स और सचना
ू ौ यो गक
मं ालय
डी.एम.डी.एफ. िजला ख नज वकास न ध
एम.जी.एन.आर.
डी.पी.ए.पी. सखा-
ू वण े काय म
ई.जी.ए. महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार
डी.पी.आर. व तत
ृ प रयोजना रपोट गारं ट अ ध नयम

डी.ड य.एस.एम.
ू िजला जल और व छता मशन एम.पी.एल.ए.डी.एस. सास
ं द थानीय े वकास योजना

ई.ए.पी. बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं एम.एल.ए.एल.


ए.डी.एस. वधान सभा सद य थानीय े
ई.बी.आर. अ त र त बजट य संसाधन
वकास योजना
ई.एस.आर. उ था पत भंडारण जलाशय
एम.वी.एस. बहु ाम योजना
एफ.सी. परू तरह से कवड
एन.डी.बी. े लपमट बक
यू डव
एफ.एच.ट .सी. कायशील घरे लू नल कने शन
एन.ई. पव
ू तर
एफ.ट .के. फ ड पर ण कट
एन.जी.ट . नेशनल ीन यनल
ू (रा य ह रत
जी.ओ.आई. भारत सरकार ा धकरण)

जी.बी.एस. सकल बजट य सहायता एन.जी.ओ. गैर सरकार संगठन

जी.आई.एस. भौगो लक सचना


ू णाल एन.जे.जे.एम. रा य जल जीवन मशन

जी.पी. ाम पंचायत एन.आर.डी.ड य.पी.


ू रा य ामीण पय
े जल काय म

एच.आर.डी. मानव संसाधन वकास ओ.एंड एम. संचालन और अनरु ण

3
सं ेपा र

पी.एम.के.वी.के. धानमं ी कौशल वकास के एस.एच.जी. वयं सहायता समह


पी.एफ.एम.एस. सावज नक व तीय बंधन णाल एस.वी.एस. एकल ाम योजना

पी.एच.ई.डी. लोक वा य अ भयां क वभाग एस.ड य.एस.एम.


ू रा य जल और व छता मशन

पी.पी.पी. सावज नक नजी भागीदार ट .ओ.आर. वचाराथ वषय

पी.पी.आर. ारं भक प रयोजना रपोट ट .एस.एस. आ दवासी उप योजना

पी.आर.ए. सहभागी ामीण मू यांकन ट .ओ.ट . श क का श ण

पी.आर.आई. पंचायती राज सं थान य.सी.


ू उपयोग माण प

य.एं
ू ड य.ू गणव
ु ता एवं मा ा य-डी.आई.एस.ई.
ू कल
ू श ा संबधी एक कत
ृ िजला
सचना

आर.एंड डी. अनसं
ु धान और वकास
वी.ए.पी. ाम काय योजना
आर.जे.जे.के. रा य जल जीवन कोष
वी.ओ. ाम संगठन
आर.ड य.एच.
ू वषा जल संचयन
वी.ड य.एस.सी.
ू ाम जल और व छता स म त
आर.ड य.एस.
ू ामीण जल आपू त
ड य.ए.एस.एम.ओ.
ू जल और व छता बंधन संगठन
एस.सी.ए.डी.ए. पयवे ी नयं ण और डट
े ा ाि त
ड य.ू य.एम.

एस.बी.एम.(जी) व छ भारत मशन ( ामीण)
एंड एस. जल गणव
ु ता नगरानी और चौकसी
एस.डी.जी. सतत वकास ल य

4
प रभाषाएं
(जल जीवन मशन के संदभ म)
कायशील घरे लू नल कने शन [एफ.एच.ट .सी.] - नय मत तथा अनस
ु ू चत जा त/अनस
ु ू चत जनजा त बहल ु बसावट को
आधार पर पया त मा ा म नधा रत गणव
ु ता वाला पेयजल भी इसम शा मल कया जाना है । गांव /बि तय से दरू एकल
उपल ध कराने हे तु ामीण प रवार के लए नल कने शन। घर /फाम हाउस के लए एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए
व तपोषण जे.जे.एम. के तहत नह ं कया जाएगा।
कायशीलता - नल कने शन क कायशीलता का अथ है - एक
बु नयाद ढांचा तय
ै ार करना अथात ऐसा घरे लू नल कने शन पीने के पानी का ोत - भजल
ू (खले
ु कएं
ु , बोरवेल, यबवे
ू ल,
उपल ध कराना िजससे पया त मा ा म, अथात कम से कम 55 हडपंप, आ द)/धरातल पानी (सोता, बंध, नद , झील, तालाब,
एल.पी.सी.डी., बीआईएस: 10500 मानक के अनु प, नधा रत जलाशय, आ द)/बा रश का पानी, जो पीने और घरे लू उपयोग के
गणव
ु ता1 वाला जल, नय मत आधार पर द घका लक नरं तर लए उपल ध हो।
आपू त के प म पेयजल ा त होता रहे ।
प रसर - जनगणना काय के लए यथा-प रभा षत।
अत
ं : ाम जल आपू त अवसंरचना – अत
ं : ाम नल जल आपू त
अवसंरचना म नई योजना अवसंरचना/मौजदा कम क ामीण जल आपू त (आर.ड य.एस.)
ू वभाग - रा य म

रे ो फ टग
ं /मौजदा
ू जल ोत या ोत और इनके आव यक ामीण जल आपू त के लए उ तरदायी वभाग िजसम
घटक िजनम ई.एस.आर., सॅ प, वषा जल संचयन, कृ म पी.एच.ई.डी./पंचायती राज/ ामीण वकास/बोड/ नगम, आ द
पनभर
ु ण अवसंरचना, गंदले पानी के बंधन क अवसंरचना, शा मल हो सकते ह।
कपड़े धोने/ नान करने क जगह, मवेशी कंु ड आ द शा मल ह।
जल-संकट त े - समय-समय पर के य भजल
ू बोड
रे ग तानी, सखा-
ू वण, पहाड़ी और जल-संकट त े म,
(सी.जी.ड य.बी.)
ू वारा अ भ नधा रत िजले और वकास खंड
सामू हक जल भंडारण भी, अतं : ाम जल आपू त अवसंरचना
का ह सा होगा। जन-सु वधा – मु यत: सेवा दाय अथात ् पया त मा ा म
नय मत आधार पर नधा रत गणव
ु ता वाले पानी क आपू त
वतरण नेटवक – वतरण नेटवक के अत
ं गत जहां एक ओर,
और प रचालन तथा व तीय था य व पर यान केि त करने
जल- ोत से ाम तर के सॅ प तक क चे/शो धत जल को ले
जाने वाल पाइपलाइन शा मल ह गी, वह ं दसर ओर गाँव के के लए न मत संगठन।

भीतर घर तक पानी ले जाने वाल पाइपलाइन भी। जल गणव
ु ता नगरानी - समान पेयजल गणव
ु ता नगरानी

ब क वाटर ास
ं फर – कसी जल- ोत से उस थान तक, जहां ोटोकॉल के अनसार
ु ामीण जल आपू त के लए िज मेदार
कोई थानीय जल ोत उपल ध न हो, खले ु चन
ै ल या एजसी वारा जल ोत और एफ.एच.ट .सी. से एक पानी के
पाइपलाइन के मा यम से या दोन के मल-जले
ु मा यम से बड़ी नमन
ू के योगशाला और फ ड पर ण।
मा ा म क च/ेशो धत पय
े जल को पहंु चाना। ामीण और शहर
जल गणव
ु ता चौकसी – थानीय समदाय,
ु ाम पंचायत
दोन े म, घरे लू और औ यो गक ज रत के लए पानी का
और/या इसक उप-स म त, अथात ाम जल और व छता
ावधान कया जाना होगा। ामीण े म थोक (ब क) जल
स म त/पानी स म त/ यो ता समह,
ू आ द या फ ड टे ट कट
गाव
ँ क सीमा तक उपल ध कराया जाएगा। इसके बाद, ाम
(फ ड पर ण कट) का योग करने वाले कल
ू वारा कए
पच
ं ायत और/या इसक उप-स म त, अथात ाम जल और
जाने वाले समान पेयजल गणव
ु ता नगरानी ोटोकॉल पर
व छता स म त/पानी स म त/ यो ता समह,
ू आ द को एकल
ाम योजना क भां त इस यव था का बध ं न, सच
ं ालन और आधा रत एक नय मत ग त व ध और वा य के लए खतरा
रखरखाव करना होगा। थोक म जल का अ तरण द घका लक पद
ै ा कर सकने वाले पेयजल से जड़
ु े कारक क पहचान करने
नरं तर आधार पर या समय-समय पर और अ थायी आधार पर और उनका मू यांकन करने के लए इसी तरह के आकलन।
कया जा सकता है और जल आपू त क मा ा, गणवु ता और
कायशीलता मू यांकन - नमना
ू सव ण के आधार पर ामीण
नय मतता को मापने क यव था भी क जानी चा हए।
घरे लू नल कने शन क कायशीलता का आकलन।
समदाय
ु - कसी गाँव/ब ती म रहने वाले लोग का समह।

एन.ए.बी.एल. मा यता ा त योगशालाएँ - रा य पर ण
ब ती - यनतम
ू 20 घर और/या 100 यि तय का समह। ू और अश
ं ाक
ं न योगशाला (एन.ए.बी.एल.) यायन (ए े डटे शन)
तथा प, इससे कम सं या वाले पहाड़ी/आ दवासी और वन े बोड वारा मा यता ा त जल गणव
ु ता पर ण योगशालाए।ँ

आईएस 10500:2012 ‘भारतीय मानक - समय-समय पर यथा-संशो धत पेयजल व नदश ।


1

5
प रभाषाएं

ाम काय योजना -बेसलाइन सव ण, संसाधन मान च ण और ांसफर और टमट लां स आ द को समे कत करके
ाम समदाय
ु वारा य त ज रत के आधार पर ाम पंचायत एस.ड य.एस.एम.
ू वारा तय
ै ार क गई योजना, िजसका योग
और/या इसक उप-स म त, अथात ाम जल और व छता रा य म सम पेयजल सरु ा ा त करने के लए रा य के
स म त/पानी स म त/ यो ता समह,
ू आद वारा येक सभी ामीण प रवार को कवर करने क ि ट से व तीय
ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने, उ प न े- आयोजना हे तु कया गया हो।
वाटर का उपचार करने और इसके पन:
ु उपयोग क योजना
पानी का मला-जला
ु उपयोग - पानी क अबाध उपल धता और
बनाने, नगरानी ग त व धयां संचा लत करने आ द के लए
ोत के इ टतम उपयोग को सु नि चत करने के लए धरातल
तय
ै ार क गई योजना। ाम काय योजना के अत
ं गत, मशन के
जल, भजल
ू और वषा जल का सामंज यपण
ू उपयोग।
तहत काम को परा
ू करने के लए न ध क आव यकता और
समय सीमा का उ लेख कया जाएगा और ाम सभा वारा उसे कवरे ज - कसी राज व गांव म कसी एक नि चत समय पर,
अनमो
ु दत कया जाएगा। व तपोषण का ोत चाहे कोई भी हो, एफ.एच.ट .सी. ा त प रवार का तशत।
ले कन गांव म पीने के पानी से जड़
ु े सभी काम, ाम काय
सामदा
ु यक नान और कपड़े धोने का थान - नल के साथ
योजना के आधार पर कए जाने ह।
नान और शौचालय थल; िजन े म यि तय के पास
िजला काय योजना (डी.ए.पी.) – सम त ाम काय योजनाओं अपना शौचालय और/अथवा नान एवं कपड़े धोने का थान
और अ त र त काय, यानी थोक (ब क) वॉटर ांसफर, नह ं है , वहां औसतन 20 प रवार के उपयोग के लए एका धक
ड यशन
ू नेटवक, योगशालाओं आ द को समे कत करके नल और े-वॉटर बंधन उपाय के साथ वक सत कया गया
डी.ड य.एस.एम.
ू वारा तय
ै ार क गई योजना, िजसम व तीय कपड़े धोने का थान ।
ववरण और समय-सीमा के साथ िजले के सभी गांव /बि तय
मवेशी कंु ड - जानवर को पीने का पानी उपल ध कराने के लए
म पेयजल सरु ा सु नि चत क गई हो।
एक लंबी, संकर खल ु संरचना।
'रा य काय योजना' (एस.ए.पी.) – सम त िजला काय
योजनाओं और े ीय जल आपू त योजना, थोक (ब क) वॉटर

6
अ याय

तावना 1
जी
वन क मलभत ू ू आव यकता है- जल। जल
नह ,ं तो जीवन नह ।ं मानव वकास के लए
पय
े जल क सु नि चत उपल धता बहत ु
मह वपण ू होती है। द ु नया क कल ु सं या म से 18% लोग और
15% मवश े ी भारत म रहते ह। यह भी यान दे ने यो य है क
द ु नया क कल ु जमीन म से हमारे पास मा 2% जमीन और
मीठे पानी के मा 4% सस ं ाधन ह। एक अनमान
ु के अनसार,

2

वष 1951 म मीठे पानी क त यि त वा षक उपल धता


5,177 घन मीटर थी, जो वष 2011 म घटकर 1,545 घन
मीटर रह गई। अनमान ु है क वष 2019 म यह लगभग 1,368
घन मीटर है, जो वष 2025 म और घटकर सभ ं वतः 1,293 घन
मीटर रह जाएगी। मीठे पानी क उपल धता म य द यह गरावट
जार रह , तो वष 2050 म मीठे पानी क त यि त
अब तक संचा लत कए जा रहे 'रा य ामीण पेयजल
उपल धता घटकर 1,140 घन मीटर ह रह जाएगी।
काय म (एन.आर.डी.ड य.पी.)
ू 2017' के अत
ं गत एक उ े य
दे श म आबाद बढ़ रह है और आ थक ग त व धय का व तार यह भी था क 'सभी प रवार को, जहां तक संभव हो, उनके
होता जा रहा है । इस कारण, व भ न से टर जस ै े कृ ष, प रसर के भीतर ह , उनके योग के लए व छ और पया त
उ योग, घरे लू-उपयोग, मनोरं जन, अवसंरचना वकास आ द म पेयजल उपल ध कराया जाए'। इस उ े य को वष 2030 तक
जल क मांग बढ़ गई है , जब क जल के ोत सी मत ह। इस ा त कए जाने का ताव था। संयु त रा संघ के 'सतत
कार, सी मत उपल धता और उ तरो तर बढ़ती मांग के कारण
वकास ल य (य.एन.-एस.डी.जी.
ू 6) म भी यह ल य 2030
पेयजल बंधन क सम या ज टल होती जा रह है । मांग और
तक ह ा त कया जाना तय था।
आपू त के बीच बढ़ते अ तराल क सम या, कछ ु अ य
चनौु तय के कारण गंभीर होती जा रह है । ये चनौ
ु तयां ह – भ-ू ामीण े म पीने हे तु और अ य घरे लू योजन हे तु
जल का अ य धक दोहन, पनभर ु ण क कमी के कारण भ-जल ू पाइपलाइन से जल आपू त करना, एक बहत ु ह मह वपण
ू और
तर घटते जाना, भंडारण क अ प- मता, जलवायु प रवतन चनौतीपण
ु ू काय है । वष से चल रहे जल आपू त काय म से
के कारण अ नय मत वषा, संदषक ू त व क मौजदगी,
ू जल हमने कछ
ु मह वपण ू सबक लए ह िजनम, अ य के साथ-साथ,
आपू त णाल का चालन एवं रख-रखाव ठ क न होना आ द। न न ल खत बात शा मल ह:

वाधीनता-पव ू भारत म आबाद कम थी इस लए, कम आबाद (i) पंज


ू ीगत आव यकताओं के साथ-साथ चालन एवं रख-
क ज रत को परा रखाव (ओ.ए ड एम.) ज रत को पराू करने के लए
ू करने के लए जल बंधन णाल और
अपे त नवेश अपया त रहने से जल आपू त णा लयां
अवसंरचनाएं पया त स हो रह थीं। मदा ृ और जलवायु क
अधरू रह ग और/ अथवा नि य हो ग ;
भ न- भ न ि थ तय के अनसार ु उस समय के थानीय
समदाय,
ु अपने पांरप रक ान और ववेक का योग करके (ii) यादातर ामीण जल आपू त योजनाएं भ-जल ू पर
समदाय क ज रत को परा आधा रत थीं। उधर, खेती क ज रत के लए भ-जल
ू के
ु ू करने करने के लए अपनी वयं क
अ य धक दोहन से ये जल आपू त णा लयां, अपनी
णाल तय ै ार करने के लए जाने जाते थे। तथा प, आबाद बढ़ते
नधा रत अव ध तक सेवा नह ं दे सक ं;
जाने, वषा-प त म यवधान आने तथा भंडारण म कमी के
कारण जल संकट संबंधी चनौु तयां गंभीर होती गई ह। (iii) यह महसस ू कया गया क ए वीफर पनभर
ु ण, वषा जल
संचयन, जल भंडार व जलाशय क भंडारण मता म
वाधीनता के बाद, ामीण आबाद को व छ पय े जल उपल ध व ृ , गाद नकालने आ द जस
ै े ोत था य व उपाय
कराने के लए रा य सरकार ने ामीण जल आपू त काय म करने से जल आपू त णा लय क उपयोग-अव ध म
लागू कए ह। वष 1972 म, ' यनतम ू आव यकता काय म' के सधार
ु आता है ;
भाग के प म भारत सरकार ने ' व रत ामीण जल आपू त (iv) ाय: यह दे खा जाता है क योजनाओं का रख-रखाव
काय म' (ए.आर.ड य.एस.पी.)
ू के मा यम से रा य को सहायता अ छ तरह से न करने पर नवेश न फल हो जाता है ।
देनी शु क थी। तब से लक े र अब तक, भारत सरकार न,े हर (v) अब यह दख रहा है क सु नि चत जल आपू त क
ामीण प रवार को पीने यो य पानी उपल ध कराने क ि ट स,े ि थ त म समदाय,
ु जल आपू त का भगतान
ु करने के
रा य के यास म सहायता देने हत े ु अनक
े क़दम उठाए ह। लए त पर होता है ;

जल संसाधन, नद
2
वकास और गंगा संर ण वभाग। जनसं या अनमान
ु के आधार पर भावी आकलन।

7
तावना

(vi) सव
े ा- दान करने पर यान केि त करने के लए 'जन- पचं ायती राज/ ामीण पय
े जल के भार ामीण जल आपू त
सु वधा क मान सकता' वक सत कया जाना आव यक है। वभाग, सं वधान म क गई प रक पना के अनसार,
ु ाम
पच
ं ायत को उनके क त य के नवहन म सहायता दान करग।े
(vii) अत ं : ाम जल आपू त णाल को सतत बनाए रखने के
लए ज र है क समदाय ु म इसके त 'अपन व क इस काय म का काया वयन वके कत,
ृ मांग-आधा रत और
भावना' हो। इस लए यह आव यक है क जल आपू त समदायु बं धत प म कया जा रहा है । इस कारण, थानीय
णा लय क आयोजना, काया वयन, बंधन और समदाय म इस के त 'अपन व का भाव' जागत
ु ृ होगा, व वास
चालन व रख-रखाव म समदाय ु को शा मल कया जाए। का माहौल बनेगा और पारद शता आएगी, िजससे जल आपू त
गजरात
ु म 'जल एवं व छता बंधन संगठन' णाल का बेहतर काया वयन और द घ काल तक चालन व
(ड य.ए.एस.एम.ओ.),
ू उ तराखंड म ' वजल' और रख-रखाव हो सकेगा। ऐसा होने से जल आपू त तक येक
व भ न रा य म सरकार तथा गैर सरकार संगठन प रवार क पहंु च म भागीदार सु नि चत हो सकेगी और आपू त
वारा शु क गई अनेक अ य पहल क सफलता से यह नय मत होगी, िजससे वे इस सेवा के लए भगतान करने को

स होता है क ोत और णा लय के द घकाल न त पर ह गे। जल आपू त का योग, अ य योजन हे तु कए
था य व को सु नि चत करने का मं यह है क समदाय ु जाने क घटनाओं क रोकथाम भी हो सकेगी।
म इनके त अपन व क भावना पद ै ा क जाए।
जल आपू त े म अनेक हतधारक काय कर रहे ह। ये
पछले पांच वष म चंू क सरकार का बल मलभत
ू ू सेवाओं जस ै े
हतधारक ह - अनसं ु धान और वकास सं थान, ट,
आवास, शौचालय, बजल , रसोई गैस, वा य सु वधाएं,
त ठान, गैर सरकार संगठन (एन.जी.ओ.), ाम संगठन
व तीय सेवाएं, सामािजक सरु ा, ॉडबड कनेि ट वट , सड़क
(वी.ओ.), समदायु आधा रत संगठन, वयं सहायता समह, ू
आ द उपल ध कराने पर केि त रहा है , इस लए लोग क
यो ता समह, ू कॉरपोरे ट, अत
ं रा य एज सयां और उ साह -
वाभा वक आकां ा अब यह है क उनके प रसर म पाइप से
जन। जल के त सभी को िज मेदार बनाने क ि ट से, इन
जल आपू त उपल ध हो जाए। इससे उनका जीवन अ धक
सभी सं थान /लोग को भागीदार बनाने और उनके साथ
सगम
ु बनाने म मदद मलेगी। लोग के प रसर के भीतर
मलकर काम करने के लए यह मशन भरसक यास करे गा,
पेयजल क सु नि चत उपल धता से न केवल ामीण आबाद
ता क 'जे.जे.एम' के अत
ं गत नधा रत ल य ा त कए जा सक
के वा य और उनक सामािजक-आ थक ि थ त म सधार ु
और द घ काल तक पेयजल सरु ा सु नि चत क जा सके।
होगा, बि क इससे ामीण म हलाओं और लड़ कय को भी
सरकार ने, जल संकट त िजल म पहले ह जल शि त
क ठनाइय से छटकारा
ु मलेगा।
अ भयान (जे.एस.ए.) नामक सघन अ भयान शु कर दया है ,
'जल जीवन मशन' क शु आत इसी प ृ ठभू म म क गई है। इस ता क जल संर ण के लए यासरत सभी हतधारक के काय
मशन का ल य, वष 2024 तक यके ामीण प रवार को म तालमेल रखा जा सके।
'कायशील घरे लू नल कने शन' (एफ.एच.ट .सी.) उपल ध कराना
है। इस काय म म प रवार तर पर सव े ा उपल ध करान,े अथात ् पेयजल एवं व छता वभाग वारा संचा लत 'एक कत ृ बंधन
नय मत आधार पर पया त मा ा और नधा रत गणव ता वाल सचना
ू णाल ' के अनसार,
ु 31 माच, 2019 तक दे श के कलु

जल आपू त पर बल दया गया है। इसस,े जल आपू त क म 17.87 करोड़ ामीण प रवार म से 3.28 करोड़ अथात ् लगभग
क आयोजना और काया वयन, जल ोत के वकास, जल के 18% प रवार के पास नल कने शन ह। इस कार, लगभग
शु करण और आपू त, ाम पच ं ायत / थानीय समदाय के 14.60 करोड़ प रवार के पास नल कने शन नह ं ह और

सश तीकरण, जल उपल धता पर बल दे न,े अ य हतधारक के रा य /संघ रा य े क भागीदार से, वष 2024 तक उ ह इस
साथ भागीदार करन,े अ य काय म के साथ तालमल े बठ ै ान,े मशन के दायरे म लाने क योजना है ।
काय म क व धवत ् नगरानी करने और सव े ा क गणव ु ता
वतमान प र य को दे खते हए ु यह आव यक है क सभी तर
सु नि चत करने के लए जल उपल धता के आक ं ड़े वचा लत
पर उ चत सं थागत तं के वकास स हत जल आपू त णाल
प से ा त करने म आधु नक टै नोलॉजी का उपयोग
क उ चत आयोजना, कायनी त बनाई जाए और काया वयन
आव यक हो जाता है। ऐसा करने से हम, सह मायन म 'जल
कया जाए। जल जीवन मशन के अत ं गत जल आपू त क म
जीवन मशन' के ल य को ा त करने म सहायता मलग े ी।
क आयोजना और काया वयन के दौरान यह आव यक है क
भारत के सं वधान म 73व सश ं ोधन के मा यम से पय े जल के अतं : ाम जल आपू त अवसंरचना के नमाण हे तु उ चत
वषय को यारहवीं अनसची ु ू म ला दया गया है और इसके तकनीक -आ थक मू यांकन और सामािजक-आ थक व लेषण
बधं न क िज़ मद े ार ाम पच ं ायत को स प द गई है। इसे कया जाए, सवा धक उपयु त वक प का चयन कया जाए एवं
यान म रखते हए,ु 'ज.
े ज.
े एम' क े अतं गत, पय े जल ोत के साथ- थानीय समदाय/
ु यो ता समह ू से आव यक अनमोदन
ु लया
साथ अत ं : ाम जल आपू त णाल क योजना, काया वयन, जाए, ता क यह सु नि चत हो सके क उनम इस णाल के त
बध
ं न, चालन एवं रख-रखाव म ाम पच ं ायत और थानीय 'अपन व का भाव' पद ै ा हो और वे इस णाल के बंधन,
समदाय
ु मह वपण
ू भू मका नभाएग ं ।े रा य के 'लोक वा य चालन एवं रख-रखाव के साथ-साथ पेयजल ोत के
अ भयां क वभाग' (पी.एच.ई.डी.)/ ामीण वकास और द घकाल न था य व के उपाय करने हे तु त पर हो सक।

8
अ याय

प ृ ठभू म 2
2.1 ऐ तहा सक प र े य
वतं ता के बाद भारत के योजनाब वकास क शु आत के
दौरान 'पयावरण व छता स म त' ने एक काय म क
सफा रश क थी। इस काय म के अनसार, ु पहल पंचवष य
योजना (1951-56) के भाग के प म, एक नधा रत अव ध के
दौरान सभी गांव को व छ जल आपू त उपल ध कराई जानी
थी। इस योजन से, वा य े के अत
ं गत 1954 म 'रा य
जल आपू त काय म' क शु आत क गई।

तीसर पंचवष य योजना (1961-66) तक, ामीण े म


पेयजल क आपू त का काय, समदाय
ु वकास काय म के एक
घटक के प म शा मल था। वा य मं ालय, त काल न
रा य जल आपू त एवं व छता काय म के तहत इस यास
म सहायता करता था।

वष 1972-73 म, रा य सरकार के यास के परक


ू के प म,
वशष
े कर जल-संकट त और जलज नत बीमा रय से
भा वत े म ' व रत
ामीण जल आपू त काय म'
(ए.आर.ड य.एस.पी.)
ू क शु आत क गई। पांचवीं पंचवष य
योजना (1974-79) के दौरान, ' यनतम
ू आव यकता काय म'
के तहत इस काय म को और भी ग त ा त हई।

वष 1986 म, रा य पेयजल मशन, जो ' ौ यो गक मशन'
के प म लोक य था, क शु आत क गई, ता क जल संकट
के समाधान हे तु वै ा नक सचना
ू और कफायती ौ यो गक य
का नया नाम दया गया। इस काय म म, मु यत: पच
ं ायती
उपाय उपल ध कराए जा सक।
राज सं थाओं और सामदा
ु यक सगं ठन को शा मल करके
आठवीं योजना (1992-97) म गणव
ु ता क सम या अथात वकेि त ि टकोण अपनाकर थायी आधार पर जल क
आस नक, लोराइड, लौह-त व, लवणता क अ धकता वाल , शु ता, पया तता, सलभता,
ु वहनता और भागीदार से जल क
जल ोत क यनता
ू से भा वत बि तय और ोत एवं उपल धता का था य व सु नि चत करने पर बल दया गया।
णा लय के था य व क आव यकता वाल बि तय म
वष 2013 म 'एन.आर.डी.ड य.पी.'
ू म कछ
ु प रवतन कए गए। ये
गणव
ु ता सम या को दरू करने हे तु उप- मशन शु कए गए।
प रवतन थे- (i) पाइप से जल आपू त करने वाल क म पर बल
वष 1999-2000 म वकेि त, मांग-आधा रत, समदाय
ु दे ना; (ii) जहां संभव हो, जल उपल धता को 40 एल.पी.सी.डी. से
बं धत से टर सधार
ु काय म शु कए गए, िजनम पेयजल बढ़ाकर 55 एल.पी.सी.डी. करना; (iii) जल गणव
ु ता पर और
क म क आयोजना, काया वयन और बंधन म ाम जापानी एनसेफेलाइ टस- उ एनसेफेलाइ टस सं ोम (जे. ई.-
पंचायत / थानीय समदाय
ु को शा मल कया गया। बाद म, ए.ई.एस.) भा वत िजल पर अ धक यान दे ना; (iv) अप श ट जल
इसे 2002 म ' वजलधारा' के प म व ता रत कया गया और का शोधन, पनच
ु ण करना; और (v) परानी
ु क म का चालन एवं
2007-08 तक कायाि वत कया जाता रहा। रख-रखाव करना।

वष 2004-05 म 'ए.आर.ड य.एस.पी.'


ू भारत नमाण का अग ं वष 2017 म 'एन.आर.डी.ड य.पी.'
ू का पनगठ
ु न कया गया ता क
बना, िजसका ल य वष 2008-09 तक बि तय को पणू प से (i) इसे अ धक पधा मक, प रणाम-उ मख ु और नगम-आधा रत
इस काय म म कवर कया जाना था। यारहवीं पच ं वष य बनाया जा सके; (ii) घटक को आपस म समा व ट करके काय म के
योजना (2007-12) म वष 2008-09 तक 'ए.आर.ड य.एस.पी'
ू काया वयन के दौरान रा य को वक प ( ले सी ब लट ) दए जा
का काया वयन कया गया। वष 2009-10 म इसे प रव तत कर सक; (iii) जे.ई.-ए.ई.एस. भा वत िजल के लए अनमत
ु एकमा
इसे 'रा य ामीण पय
े जल काय म' (एन.आर.डी.ड य.पी.)
ू अपवाद को छोड़कर, पाइप से जल आपू त उपल ध कराई जा सके।

9
प ृ ठभू म

वष 1951 से 2019 के दौरान 'पि लक टड पो ट' वतरण के वषय, पंचायती राज सं थाओं को स पा गया है । इसके साथ ह ,
के प म हड पंप , संर त कओ
ु ं से अथवा पाइपलाइन जल आपू त पंचायत, उपयु त थानीय कर सं ह कर सकती ह तथा इसका
के मा यम से ामीण आबाद को सरु त पेयजल उपल ध कराने इ तमे ाल कर सकती ह और उ त काय को परा
ू करने के लए
पर जोर दे ने के यास कए गए। पछले कछ ु दशक म गजरात,
ु सहायता-अनदान
ु ा त कर सकती ह।
गोवा, ह रयाणा, हमाचल दे श, पंजाब, सि कम, तल
े ंगाना आ द
रा य ने, ा त सचना
ू के अनसार,
ु ामीण प रवार को नल 2.3 व त आयोग
कने शन उपल ध कराने पर बल दया है । पछले कछ
ु समय से, एक के बाद एक ग ठत व त आयोग न,े अ य बात के साथ-साथ,
व भ न रा य सभी ामीण प रवार को पाइप से जल आपू त 'जल आपू त बध
ं न' के लए पच
ं ायत को अनदान
ु एवं रा य व श ट
उपल ध कराने हे तु एकजटु यास कर रहे ह। अनदान
ु के प म, सामािजक से टर को ाथ मकता द है। इसके
'एन.आर.डी.ड य.पी.'
ू के अत
ं गत, ामीण े को कवर करने हत े ु अलावा, जल आपू त को पचं ायत का मल ू काय बताया गया है।
नय मत अवसरंचना के व तपोषण के अलावा जल गणव
ु ता के मु आयोग ने जल आपू त सव
े ाओं के ावधान के लए यो ता भार क
पर भी यान दया गया है और रा य को वशष
े प रयोजना न ध भी वसल
ू और उनक दर म मु ा- फ त के अनसार ु सश
ं ोधन करने क
उपल ध कराई गई ह।ै इन यास के भाग के प म फरवर , 2017 म तथा इन सव
े ाओं को उपल ध कराने के लए पच
ं ायत को पण
ू चालन
'रा य जल गणव
ु ता उप मशन' (एन.ड य.ू य.एस.एम.)
ू क एवं रख-रखाव लागत वसल
ू करने दे ने क सफा रश भी क है।
शु आत क गई, िजसका उ े य माच 2021 तक आस नक और 14व व त आयोग (2015-2020) ने वा य, श ा, पेयजल और
लोराइड भा वत बि तय म सरु त पय
े जल का ावधान करना ह।ै व छता क पहचान, रा य मह व³ क सावज नक सेवा के प म
इस उप मशन के तहत यह प रक पना क गई है क इन बि तय को क और थायी पेयजल आपू त णाल को औपचा रक बध ं न
या तो पाइप से जल आपू त उपल ध कराई जाएगी अथवा अ पका लक मॉडल के अत
ं गत चा लत णाल के प म प रभा षत⁴ कया है ,
उपाय अथात पीने के लए और रसोई के योजन हत े ु 8-10 िजसम 100% घरे लू मीटर लगाए जाने अपे त ह और िजसम जल
एल.पी.सी.डी. पय
े जल के ावधान के साथ समदाय
ु आधा रत शु करण शु क और सि सडी से ा त नवल राज व, कम से कम, इस णाल
सय
ं ं के मा यम से सरु त पय
े जल उपल ध कराया जाएगा। क चालन एवं रख-रखाव लागत को कवर करने के लए पया त
इसके अलावा, वा य एवं प रवार क याण मं ालय ने पांच रा य होने चा हए। इसम यह भी सझाव
ु दया गया है क ामीण तथा शहर
म ि थत 60 िजल क पहचान क है , जो ‘जापानी ए सेफलाइ टस - दोन े के घर के अलग-अलग कने शन , वा णि यक
– उ ए सेफलाइ टस सं ोम' से भा वत ह। वभाग/ रा य इकाइय और सं थान क 100% मीट रग
ं क जाए, तथा कायशील
मशन, इन भा वत िजल म सरु त पेयजल उपल ध कराने हे तु जल मीटर लगे होने पर ह यि तगत कने शन दए जाए।ं
रा य को वशष
े सहायता दान कर रहा है ।
चौदहव व त आयोग ने 9 : 1 के अनपात ु म साधारण और
पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग को जल आपू त क काय न पादन अनदान
ु के दोहरे शीष के तहत थानीय नकाय को
गणव
ु ता क नगरानी म स म बनाने और थानीय समदाय ु को 2 लाख करोड़ पए तक के अनदानु दे ने क सफा रश क है । इस
जल आपू त क गणव
ु ता पर नगरानी का अ धकार दे ने के लए बु नयाद अनदान
ु का योग, ाम पंचायत वारा मलभतू ू सेवाएं
'जल गणव
ु ता नगरानी और चौकसी काय म' का काया वयन दे ने के लए कया जाएगा, िजनम, अ य के साथ-साथ, से टे ज
कया जा रहा है । इन ग त व धय म शा मल ह- रा य, िजला और बंधन, सीवरे ज और ठोस अप श ट बंधन आ द स हत जल
उप- डवीजन तर पर जल गणव
ु ता जांच योगशालाओं क आपू त, व छता शा मल है ।
थापना और उ नयन, मोबाइल योगशालाओं का ावधान (पहंु च
2.4बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.)
के लए और आपदा के दौरान उपयोग हे त),
ु फ ड टे ट कट (फ ड
पर ण कट) का ापण, व भ न पेयजल ोत से जल गणव
ु ता व व बक, ए.डी.बी., एन.डी.बी. जस
ै ी बह-ु तर य एज सयां और
क नय मत नगरानी और बु नयाद जल गणव
ु ता जांच के लए ज.े आई.सी.ए. जस
ै ी वप ीय एज सया,ं व भ न रा य म जल
जमीनी तर पर कायकताओं का मता संवधन। आपू त प रयोजनाओं का व तपोषण करती आ रह ह। यह
व तपोषण बड़े पम
ै ाने पर जल पहंु चान,े वतरण नट
े वक और/ अथवा
2.2सं वधान का 73वां संशोधन
इस े
म सधार
ु को बढ़ावा दे ने हेतु समदाय
ु बं धत, माग
ं -
वष 1992 म सं वधान के 73व संशोधन से सं वधान म “पंचायत” आधा रत, वकेि त जल आपू त काय म पर केि त रहा है, जहां
नामक एक नया भाग 'IX' जोड़ा गया िजसम अनु छे द 243 से 243 ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उप स म तयां जस
ै े ाम जल और
(ओ) तक के ावधान शा मल थे; इसके अलावा, पंचायत के काय व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द इन क म
म शा मल 29 वषय के साथ एक नई ' यारहवीं अनसची'
ु ू जोड़ी गई क आयोजना, काया वयन, बध
ं न, चालन एवं रख-रखाव म
थी। इस अनसची
ु ू क वि ट 11 के तहत, 'पेयजल' के बंधन का मह वपण
ू भू मका नभाते ह। पछले दो दशक के दौरान जल आपू त

आयोग क
3
रपोट का परैा ाफ 11.59
आयोग क
4
रपोट के परैा ाफ 15.49 और 15.50

10
क म के काया वयन म इस बात पर बल दया गया है क चालन
एवं रख-रखाव लागत वसल
ू क जाए और आं शक पज
ंू ीगत योगदान
लया जाए, ता क थानीय समदाय
ु अपनी जल आपू त क म को
अपना सक, इनका बध
ं न, चालन एवं रख-रखाव कर सक।

2.5 ामीण जल आपू त क वतमान ि थ त


एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के अतं गत, ब ती को एक इकाई मानकर जल
आपू त कवरे ज क नगरानी क जाती थी। 31 माच 2019 क
ि थ त के अनसार,
ु दे श म सू चत कल ु 17,25,576 ामीण
बि तय म जल आपू त कवरे ज क ि थ त न नवत रह ः-
(बि तय क सं या)

पण
ू प आं शक प
जल गणव
ु ता-
से कवर से कवर क
उपल धता भा वत7
क गई5 गई6

13,96,304 2,69,661 59,611

40
एल.पी.सी.डी.
80.92% 15.63% 3.45%

8,15,523 8,50,442 59,611


55
एल.पी.सी.डी.
47.26% 49.28% 3.45%

ता लका 1

इसके अलावा, रा य / संघ रा य े


वारा द गई सचना
ू के
अनसार
ु 31.03.2019 तक, 18.33% प रवार के पास नल
कने शन ह।

वष 2017 से, एन.आर.डी.ड य.पी.


ू के तहत, जे.ई.-ए.ई.एस. से
भा वत िजल को छोड़कर, अ य िजल म नए हड पंप लगाना
रोक दया गया। संशो धत 'एन.आर.डी.ड य.पी.'
ू के अतं गत
उ े य यह रखा गया है क घरे लू नल कने शन के ावधान
स हत पाइप से जल आपू त क म का काया वयन कया जाए।
व तीय संसाधन क सी मत उपल धता को दे खते हए ु और
अ य यवधान के कारण रा य ने मखत: ु 'पि लक टड
पो ट' के मा यम से पाइप से जल आपू त उपल ध कराने के
यास कए ह। रा य सरकार / संघ रा य े वारा द गई
सचना
ू के अनसार
ु घरे लू नल कने शन क ि थ त अनल
ु नक-
1 म द गई है ।

5
बि तयाँ, िजनम घर के 100 मीटर के ( ै तज/ ल बवत) दायरे म, परेू वष कम से कम 40 एल.पी.सी.डी. व छ पेयजल उपल ध हो।
6
आं शक प से कवर बि तयाँ : पण
ू प से कवर तथा गणव
ु ता भा वत बि तय के अलावा अ य सभी बि तयाँ।
बि तयाँ, जहां कम से कम एक पेयजल
7
ोत के मामले म नधा रत आईएसः10500 मानद ड के अनसार
ु रसायन संदषण
ू (आस नक, लोराइड, लौह-त व, लवणता,
नाइ े ट और भार धात)ु के मापदं ड परेू न ह और शष
े सरु त ोत से 40 एल.पी.सी.डी. क जल उपल धता सु नि चत न होती हो।
11
प ृ ठभू म

2.6 चनौ
ु तयां और 'एस.ड य.ओ.ट
ू .' व लेषण

पेयजल से टर के स मख
ु आने वाल चनौ
ु तय का उ लेख नीचे कया जा रहा है :

वषा का बदलता व प
भारत म वषा के सब ं ध
ं म भारतीय मौसम व ान वभाग क
रपोट के अनसार,
ु देश म सम प से मौसमी वषा सामा य से
कम हो रह है। जलवायु प रवतन के कारण वषा म था नक
और टै पोरल भ नताएं रह ,ं िजनके प रणाम व प धरातल
जल भडं ारण म कमी आई।

जल गणव
ु ता मु े
के य भजल
ू बोड 2018 के डटे ा के अनसार,
ु लगभग 50%
आकलन इकाइयां ( लॉक/ फरका/ मड ं ल) भू मज नत और
मानवज नत – दोन कारण से आस नक, लोराइड, लोर न,
नाइ े ट और/ अथवा लवणता से सद ं ू षत पाई गई ह।

अपया त अवसंरचना
जल उपल धता को 40 एल.पी.सी.डी. से बढ़ाकर 55
एल.पी.सी.डी. करने, अलग-अलग प रवार को अं तम छोर
तक कने शन उपल ध कराने के लए अवसंरचनाएं अपया त
ह, अवसंरचनाएं परानी
ु हो गई ह, गंदले जल के बंधन का
अभाव है , ोत था य व के उपाय जस ै े वषा जल संचयन
अवसंरचनाएं बनाना, बोरवेल, पनभर
ु ण अवसंरचनाएं तयै ार
करना, आ द काय नह ं कए जा पा रहे ह।

खराब चालन एवं रख-रखाव


हालां क, रा य जल नी त- 2012 म रा य वारा रख-रखाव
क पण ू लागत क वसल ू का दशा नदश है तथा प, कछ

रा य को छोड़कर, शष े रा य म चालन एवं रख-रखाव के
लए व तीय आबंटन अपया त है , िजसके कारण
प रसंपि तय का अनरु ण नह ं हो पाता और अत ं तः ये
प रसंपि तयां अनपयोगी
ु हो जाती ह।

संसाधन क मता म कमी


िज़ मेदार पण
ू उपयोग क कमी, जल क बबाद , वतरण
नेटवक म और यो ता थल पर रसाव, जै वक संदषण,ू
खेती आ द के लए जल के अ य धक दोहन आ द के कारण
संसाधन का द उपयोग नह ं हो पाता है ।

सामदा
ु यक भागीदार क कमी
भारत के सं वधान के 73व संशोधन के बाद पेयजल आपू त
क िज़ मेदार थानीय व-शासन सं थाओं को दे द गई।
तथा प, उनका ि टकोण मु यतः अ भयां क / नमाण पर
संकेि त रहा है । इसके कारण डज़ाइन, आयोजना और
काया वयन म समदायु क भागीदार सी मत रह है ।

सम वय क चनौ
ु तयां
जल से टर से जड़
ु े सरकार वभाग जसै े जल संसाधन, लोक
वा य अ भयां क , शहर वकास, भ-जल, ू ामीण
वकास, ामीण जल आपू त और व छता आ द क बहलता ु
के कारण, सम वय क कमी से जड़ी
ु चनौ
ु तयां उ प न हईु ह।

12
एस.ड य.ओ.ट
ू . व लेषण

ु तयां असं य ह, फर भी जल जीवन मशन से हम बेहतर योजना और काया वयन के लए एस.ड य.ओ.ट
चनौ ू .
व लेषण का अवसर ा त होता है । हमने ऐसे व लेषण का यास कया है और इसके प रणाम न न ल खत ह:

खबी
ू (ताकत) कमजो रयां (क मयाँ)
Ÿ के य और रा य व त आयोग अनदान
ु क Ÿ ऊपर से नद शत काय व ध और समदाय
ु के
उपल धता अपन व/भागीदार वाल सोच क कमी
Ÿ भ न- भ न भौगो लक े म पी.ड य.एस.
ू के Ÿ अपया त व तीय संसाधन
काया वयन का यापक अनभव

Ÿ ाम पंचायत तर पर तकनीक मानव संसाधन का
Ÿ पंचायती राज सं थाओं को शि तयां स पना उपल ध न होना
Ÿ आयोजना और काया वयन के लए अलग तकनीक Ÿ सेवा भार क वसल
ू अ छ न होना/ जल शु क
संवग क उपल धता का अभाव
Ÿ संद ू षत भ-जल
ू ोत से सरु त जल उपल ध कराने Ÿ पण
ू हो चक
ु क म के चालन एवं रख-रखाव पर
के लए ौ यो गक क उपल धता कम यान दया जाना
Ÿ वतमान अवसंरचनाएं Ÿ अ भयां क वभाग क सोच अवसंरचना नमाण
Ÿ जल क अ धकता वाले थान म बि तय क उ मख
ु होना और जन-सु वधा के तौर पर अवसंरचना
सघनता क कायशीलता पर यान न दे ना

एस.ड य.ू
अवसर ओ.ट .
जो खम (खतरा)
Ÿ जल जीवन मशन के काया वयन के लए थानीय व-
Ÿ बढ़ती आबाद
शासी सं थान को शा मल करने हेतु समु चत ावधान
Ÿ कृ ष के लए भ-जल
ू का अ नयं त दोहन िजससे ोत
Ÿ जल जीवन मशन के अत
ं गत के य न धय क
घटते जाते ह और रासाय नक सद
ं षण
ू बढ़ता जाता है
उपल धता और रा य जल जीवन कोष के मा यम से
अ त र त संसाधन क उपल धता Ÿ कछ
ु थान पर जल संकट
Ÿ जलवायु प रवतन और जलवायु च प रवतन क
Ÿ काया वयन म मागदशन करने के लए सम पत
एन.जी.ओ., सी.एस.ओ. को पी.आर.ए. के लए शा मल घटनाओं क गंभीरता
करना Ÿ कछ
ु रा य म अपया त ावधान और/अथवा रा य
ं रण म वल ब
व त के अत
Ÿ काया वयन के लए भ न- भ न सं थागत तर पर
सम पत मानव संसाधन को काम पर लेना Ÿ थानीय जलापू त क म अथवा गैर-कायशील क म
पंचायती राज सं थाओं को स पने म रा य सरकार
Ÿ भावी काया वयन के लए नई ौ यो ग कय का
क अ न छा
इ तम
े ाल
Ÿ काय क वशालता
Ÿ भ न- भ न हतधारक के साथ भागीदार क संभावना
तलाशना Ÿ ाम पंचायत तर पर मता का अभाव

13
अ याय

3 आयोजना और
काया वयन हे तु कायनी त
3.1 वज़न ि थत गाव
ं , सासं द आदश ाम योजना (एस.ए.जी.वाई.)
म शा मल गावं आ द म एफ.एच.ट .सी. के ावधान को
येक ामीण प रवार को कफायती सेवा डल वर भार के ाथ मकता देना;
बदले, नय मत और द घकाल न आधार पर नधा रत गणव ु ता
वाल पेयजल आपू त, पया त मा ा म उपल ध कराया जाना, iii.) कल
ू , आग
ं नवाड़ी के , ाम पंचायत भवन , वा य
ता क ामीण समदाय
ु के जीवन तर म सधार
ु हो सके। के , आरो यता के और सामदाु यक भवन म
कायशील नल कने शन उपल ध कराना;
3.2 मशन
iv.) नल कने शन क कायशीलता क नगरानी करना;
जल जीवन मशन म न न ल खत के लए सहायता, शि त
और सु वधा दान क जाएगीः v.) नकद, व तु और/ अथवा मह े नत तथा विै छक मदान
के वारा थानीय समदाय ु म विै छक अपन व को
i.) रा य / संघ रा य े को ामीण जल आपू त कायनी त बढ़ावा दे ना और उसे सु नि चत करना;
क आयोजना म भागीदार करने हे त;ु ता क येक
ामीण प रवार और सावज नक सं था जस
ै े ाम पंचायत vi.) जल आपू त णाल अथात ् जल ोत, जल आपू त
भवन, कल,
ू आगं नवाड़ी के , वा य के , अवसंरचना और नय मत चालन एवं रख-रखाव हे तु
आरो यता के आ द म द घ-काल न आधार पर पीने न धय का था य व सु नि चत करने म सहायता दे ना;
यो य जल क उपल धता सु नि चत क जा सके;
vii.) इस से टर म मानव संसाधन का सश तीकरण और
ii.) रा य / संघ रा य े को जल आपू त अवसंरचनाओं के उनका वकास करना ता क नमाण काय, लं बग ं ,
नमाण हे त;ु ता क येक ामीण प रवार को वष 2024 बजल , जल गणव
ु ता बंधन, जल शोधन, जलागम
तक कायशील नल कने शन उपल ध कराया जा सके और संर ण, चालन एवं रख-रखाव आ द से जड़ी
ु मांग को,
नय मत आधार पर, पया त मा ा म नधा रत गणवु ता अ पकाल और द घकाल म परा
ू कया जा सके; और
वाले जल क आपू त उपल ध हो सके;
viii.) सरु त पेयजल के व भ न प और मह व के बारे म
iii.) रा य / संघ रा य े को; उनक पेयजल सरु ा क
जाग कता पद ै ा करना और हतधारक को इस कार
योजना बनाने हे त;ु
भागीदार बनाना क जल, हर कसी का सरोकार बन सके।
iv.) ाम पंचायत / ामीण समदाय
ु को उनक वयं क ाम
जल आपू त णा लय क आयोजना, काया वयन, 3.4 जल जीवन मशन के घटक
बंधन, अपन व, चालन एवं रख-रखाव हे त;ु
जल जीवन मशन के अत ं गत न न ल खत घटक के लए
v.) रा य / संघ रा य े को; उनके वयं के ऐसे सु ढ़ सहायता दान क जानी है :
सं थान का वकास करने हे त,ु िजनम जन-सु वधा
i.) येक ामीण प रवार को नल जल कने शन उपल ध
ि टकोण को बढ़ावा दे कर से टर म व तीय था य व
कराने के लए अत ं : ाम पाइपलाइन जल आपू त
और जल दाय पर बल दया गया हो;
अवसंरचना का वकास करना;
vi.) जीवन क गणव
ु ता म सधार ु क ि ट से जल के मह व
पर हतधारक क मता बढ़ाने और समदाय म ii.) जल आपू त णाल को द घकाल न था य व उपल ध

जाग कता फैलाने हे त;ु कराने के लए व वसनीय पेयजल ोत का वकास और/
अथवा मौजदाू ोत को बढ़ाना;
vii.) मशन के काया वयन के लए रा य / सघ
ं रा य े के
लए व तीय सहायता का ावधान करने और व त जटाने
ु iii.) जहां आव यक हो, वहां यक
े ामीण प रवार क
हत
े ।ु आव यकता को परा ू करने के लए थोक (ब क) वॉटर
ास
ं फर, शोधन सय
ं ं और वतरण नट े वक था पत करना;
3.3 उ े य
iv.) जहां जल गणवु ता क सम या हो, वहां संदषण
ू के
इस मशन के यापक उ े य न न ल खत ह : नवारण हे तु ौ यो गक य म यवतन करना;
i.) येक ामीण प रवार को कायशील घरे लू नल कने शन v.) 55 एल.पी.सी.डी. के यनतम सवे ा तर पर एफ.एच.ट .सी.

उपल ध कराना;
उपल ध कराने क ि ट से, पहले ह परू हो चक ु और
ii.) गणव
ु ता- भा वत े , सखा
ू त और रे ग तानी े म चालू क म क रे ो फ टग ं करना;

14
vi.) गंदले जल का बंधन;

vii.) सहायक ग त व धयां जसै े आई.ई.सी., एच.आर.डी.,


श ण, सावज नक सु वधाओं का वकास, जल
गणव
ु ता योगशालाएं, जल गणव
ु ता पर ण और
नगरानी, अनसं
ु धान और वकास, ान के , समदायु
का मता नमाण आ द; और

viii.) व त मं ालय क ले सी न ध से जड़ ु े दशा नदश के


ु , ाकृ तक आपदा/ दघट
अनसार ु ना के कारण उभरने वाल
क ह ं ऐसी अनदे खी चनौ
ु तय से नपटना, िजनसे वष
2024 तक सभी प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध
कराने का ल य भा वत होता हो।

भ न- भ न ोत / काय म से न धयां जटाने ु का यास


कया जाना चा हए और यह काय, तालमेल से ह संभव है ।

3.5 कायनी त

जल जीवन मशन के अत ं गत, रा य /संघ रा य े के लए


यह आव यक होगा क वे, पेयजल सरु ा सु नि चत करने और
येक ामीण प रवार तक एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने क
योजना बनाएं। येक प रवार तक जल आपू त का बंधन
करना रा य सरकार/ वभाग के लए संभव नह ं है , इस लए
अतं : ाम जल आपू त क आयोजना, काया वयन, बंधन,
चालन और रख-रखाव म ाम पंचायत और/ अथवा इसक
उप-स म तय / थानीय समदाय ु क भू मका बहत ु मह वपण ू
हो जाती है । इसके अलावा, पेयजल का बंधन, पंचायत के
संवैधा नक कायादे श म भी शा मल है । इसके अलावा, यह
आव यक है क अत ं : ाम चालन एवं रख-रखाव, लागत वसल ू
और सशासन
ु म थानीय समदाय/ ु ाम पंचायत और/ अथवा
इसक उप-स म तयां अथात ् ाम जल और व छता स म त/
पानी स म त/ यो ता समह ू आ द मह वपण ू भू मका नभाएं।

जल आपू त णा लय से सब ं ं धत सभी नणय म समदाय ु क


भागीदार , अपन व और योगदान ज र समझा गया है । अतः
जल जीवन मशन के उ े य क ाि त के लए सह कायनी त
यह रहे गी क समदाय
ु के नते ृ व म रा य / सघ
ं रा य े के
बि तय , जहां लगभग 54% ामीण आबाद रहती है , म
साथ भागीदार क जाए। अतः समदाय ु इस अवसर का परा ू लाभ
यनतम
ू 40 एल.पी.सी.डी. क उपल धता के साथ पाइप से जल
उठा सकते ह और यह सु नि चत कर सकते ह क सभी ामीण
आपू त उपल ध है , िजसम घरे लू नल कने शन और सावज नक
प रवार तक ऐसा एफ.एच.ट .सी. उपल ध हो जाए, िजससे ाम
टड पो ट शा मल ह। रा य वारा द गई सचना ू के अनसार,

पच ं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात-् ाम जल
18% ामीण प रवार म नल कने शन ह।
आपू त स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू वारा यथा-
नधा रत तौर पर, पया त मा ा ( यनतम
ू 55 एल.पी.सी.डी.) भारत भर म कल ु 20 कृ ष-पा रतं ीय मंडल ऐसे ह, जहां भ न-
म, नय मत आधार पर नधा रत गणव ु ता (बीआईएसः भ न प रमाण म वा षक वषा और ताज़े पानी क उपल धता
10500) वाला जल उपल ध कराया जा सके। रा य सरकार और है । वष 2017 म, 731 िजल म से 1592 वकास खंड 8 वाले
इसके वभाग को वा त वक सु वधा- दाता क भू मका नभानी 256 िजल को जल संकट त िजल के प म वग कत ृ कया
है । इस ि टकोण को अपनाने से इस से टर म द घकाल न गया है । इसके कारण पेयजल आपू त क योजना म माट जल
था य व आएगा। बंधन/ प तय स हत जल संर ण यास को शा मल करना
अ त आव यक हो गया है ।
दनांक 1 अ ल
ै 2019 क ि थ त के अनसार,
ु दे श क लगभग
81% ामीण बि तय को व भ न क म के मा यम से पीने जल जीवन मशन के अत ं गत आयोजना, काया वयन,
यो य जल ा त हो रहा है जब क लगभग 46% ामीण नगरानी, बध
ं न, चालन और रख-रखाव के लए जनगणना म

डायनै मक
8
ाउं डवॉटर रसोस ऑफ इं डया, 2017 के बारे म सी.जी.ड य.बी.
ू क रपोट म द गई सचना
ू के अनसार
ु लॉक को ह आकलन इकाई माना गया है ।

15
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त

उि ल खत राज व ाम और उनक बि तयाँ एक इकाई समझे vii.) गम और ठं ड़े रे ग तानी े म नवाचार ि टकोण


जाएग
ं ।े कसी राज व ाम इकाई म सभी सब ं ं धत बि तयाँ और और संभा वत ौ यो गक य म यवतन क खोज क
सभी छट-पट ु बसावट शा मल ह गी। द घ-काल म चालन एवं जाएगी (इसका ववरण अ याय 8 म दया गया है );
रख-रखाव के व तीय था य व और ाम तर पर सं थागत
viii.) िजन गांव म भ-जल
ू पया त मा ा म उपल ध है पर तु
यव था नरं तर सफल जल दाय सव े ा क कंु जी होगी।
उनम गणवु ता क सम या है , वहां व- थाने (इन-ट)ू
ामीण म हलाओं और कशो रय को, दै नक उपयोग के लए उपयु त शोधन ौ यो गक क संभावना तलाशी जा
जल लाने म बहत ु अ धक समय और ऊजा खच करनी पड़ती है । सकती है ;
इसके प रणाम व प, आय सजन ृ के अवसर म म हलाओं क
ix.) सखा-
ू वण े म ि थत गाव ं म जल के व भ न ोत
भागीदार घटती है , बा लकाओं क कल ू उपि थ त का हजा
जस ै े तालाब-पोखर , झील , न दय , भ-जल,
ू ल बी दरू से
होता है और उनके वा य पर वपर त भाव पड़ता है । ामीण
आपू त, वषा जल सच ं यन और/ अथवा कृ म पनभरु ण
समदाय,
ु वशषे कर म हलाओं के 'जीवन को आसान' बनाने म
के मल-ेजले ु उपयोग पर वचार कया जा सकता है;
जल जीवन मशन मह वपण ू भू मका नभाएगा। यह आव यक
है क म हलाएं अपनी आव यकताओं और आकां ाओं को परा ू x.) िजन गांव म जल गणव ु ता क सम या है और आस-
करने के लए अपने गांव म जल जीवन मशन का नेत ृ व कर। पास के े म उपयु त धरातल जल ोत उपल ध
जल जीवन मशन के उ े य को ा त करने के लए नह ं ह, वहां ल बी दरू से थोक म पानी पहंु चाना अ धक
न न ल खत कायनी त अपनानी चा हएः- उपयु त होगा। इसके अलावा, सखा- ू वण और
रे ग तानी दे श म जहां मले-जले ु उपयोग के मा यम
i.) माच, 2020 से पहले रा य / संघ रा य े वारा घरे लू
से जल आपू त संभव नह ं है , वहां भी ल बी दरू से थोक
जल कने शन के आधारभत ू आक ं ड़ क पनः
ु जांच और
(ब क) म पानी पहंु चाने के समान ि टकोण को
पिु ट क जाए और इसक सचना ू वभाग/ रा य
अपनाया जा सकता है ;
मशन क एक कत ृ बंधन सचनाू णाल
(आई.एम.आई.एस.) पर द जाए; xi.) जल-गणव ु ता से भा वत बि तय , वशषे कर
ii.) जल को व छ रखने और द ु पयोग को रोकने के लए आस नक और लोराइड संदषक ू से भा वत बि तय
येक प रवार म तीन थान अथात ् रसोई म, कपड़ा म ाथ मकता के आधार पर पीने यो य जल उपल ध
धोने और नहाने के थान पर और शौचालय म कराना आव यक है । चंू क व छ जल ोत पर
एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने क योजना बनाई जाए। आधा रत पाइपलाइन जल आपू त क म क आयोजना
इन तीन म से येक प रवार के लए केवल एक नल और काया वयन म समय लगेगा, इस लए एकदम
हे तु व तपोषण कया जाएगा; अनं तम उपाय के प म ऐसे गांव / बि तय म रहने
वाले येक प रवार के लए पीने और रसोई के योजन
iii.) एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के लए पछले वष म
हे तु जल क आव यकता को परा ू करने के लए 8-10
न मत ामीण जल आपू त अवसरंचनाओं का
एल.पी.सी.डी. पीने यो य जल उपल ध कराने क ि ट
सदपयोग,
ु सधार
ु और नवीनीकरण कया जाएगा। चालू
पाइपलाइन जल आपू त क म म सधार को ाथ मकता से सामदा ु यक जल शु करण संयं (सी.ड य.पी.पी.)


द जाएगी और उसके बाद टड पो ट के मा यम से जल आरं भ कया जा सकता है । तथा प, एस.ड य.एस.एम.

उपल ध कराने हेतु परू हो चक
ु पाइपलाइन जल आपू त वारा ऐसे े को ाथ मकता दे कर माच, 2021 तक
क म को ाथ मकता द जाएगी; वहां के येक ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. के
मा यम से पीने यो य जल उपल ध कराया जाए;
iv.) िजन गांव क सीमा के भीतर उपयु त गणव ु ता का
पया त भ-जल
ू उपल ध हो, उन गां व म उसी थानीय xii.) िजन रा य म जल का अभाव है अथवा जो इलाके रे न
जल ोत का उपयोग कया जाए; शडै ो े म आते ह और िजसके कारण वहां वषा कम
होती है , वहां यह ज र हो जाता है क बारहमासी
v.) िजन गांव म कायशील हडपंप ह , वहां आव यकता
पड़ने पर उनक गहराई बढ़ाई जा सकती है और जल धरातल ोत से ऐसे शहर तथा ामीण - दोन े के
उपल धता तर को ा त करने के लए एक ोत के लए े ीय जल आपू त क म क योजना बनाई जाए।
प म इनका उपयोग कया जा सकता है ; यह यान म रखा जाए क जल जीवन मशन के
अत ं गत नय मत जल आपू त हे तु ामीण आबाद /
vi.) जनजातीय/ पहाड़ी/ वन े म गु वाकषण बल
गांव के लए केवल आनपा ु तक यय कया जाए;
अथवा सौर ऊजा आधा रत जल आपू त क म िजनक
चालन एवं रख-रखाव लागत कम हो, का वक प xiii.) हालां क, जल जीवन मशन के मा यम से येक
खोजा जा सकता है और उ ह ाथ मकता द जा सकती प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने क
है । पहाड़ी और पवतीय े म सोत को पेयजल के प रक पना क गई है , फर भी, क ठन तकल

भरोसेमंद ोत के प म उपयोग कए जा सकने क जलवायु वाले े जस ै े ऊंचे ठं डे रे ग तानी े म,
संभावना तलाशी जाए; अ य धक दगमु भौगो लक ि थ त वाले इलाक म,

16
बहत ु कम आबाद वाले गरम रे ग तानी दे श आ द म 'रा य जल एवं व छता मशन (एस.ड य.एस.एम.)

यह संभावना हो सकती है क येक ामीण प रवार काम करगे और येक िजले म 'िजला जल एवं
को एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराना यवहाय न हो। ऐसे व छता मशन' (डी.ड य.एस.एम.)
ू ह गे। ाम तर
े के संबंध म, बदं ु (vi) और (vii) म कए गए पर संवैधा नक ावधान के अनसार
ु , ाम पंचायत और/
उ लेख के अनसार
ु , पीने और खाना पकाने के लए 8- अथवा इसक उप-स म त अथात ् ाम जल और
10 एल.पी.सी.डी. तक पेयजल उपल ध कराने क ि ट व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता स म त आ द
काय करे गी। अ य काय म के साथ संबंध और
से, थानीय नवाचार / ौ यो गक उपाय क संभावना
तालमेल बनाते हए
ु सभी तर पर सं थागत यव थाएं
तलाश क जानी चा हए; तथा घरे लू उपयोग के लए
था पत क जानी चा हए। (सं थागत तं का व तार
दसर
ू यव था क जाए।
से ववरण अ याय 5 म दया गया है ।);
xiv.) जल-अभाव वाले े के अधशहर / बड़े गांव म,
सं थागत यव थाओं के सभी तर , वशषे कर ाम तर
मू यवान व छ जल को बचाने क ि ट से, दोहर
पर, म हलाओं क स य भागीदार सु नि चत क जानी
पाइपलाइन जल आपू त णाल वाल नई जल आपू त
चा हए। यह जल जीवन मशन क सफलता क कंु जी ह;ै
क म क आयोजना बनाई जानी चा हए अथात ् एक
पाइप म व छ जल क आपू त और दसरे ू पाइप म xx.) रा य सरकार, पंचायती राज अ ध नयम के तहत
शो धत गंदले जल/ अप श ट जल क आपू त क जानी उपयु त अ धसचनाू जार करे गी, (य द पहले जार नह ं
चा हए। दोन पाइप से येक प रवार को केवल एक- क हो), ता क ाम पंचायत और/ अथवा इसक
एक कने शन दया जाएगा। शो धत गंदले/ अप श ट उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/
जल के पाइप से ा त पानी का उपयोग पेयजल से यो ता समहू आ द को ाम जल आपू त णाल क
अलावा उपयोग/ बागवानी/ शौचालय लश करने के आयोजना, काया वयन, बंधन, चालन व रख-रखाव
लए कया जा सकता है । इसके अलावा, इन े म का अ धकार ा त हो सके। इन अ धकार म अ य के
ि थत प रवार को ो सा हत कया जाएगा क साथ-साथ वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त आ द क
आई.ई.सी. के भाग के प म वे घर के अदं र उपयोग शि तयां, उ तरदा य व, आत ं रक याएं, गठन और
कए जा रहे नल म फॉसेट एअरे टर का उपयोग कर जल सेवा भार आ द के बारे म नणय लेन,े भार
िजससे काफ जल क बचत होती है ; लगाने, सं ह त करने क शि तयां शा मल ह;
xv.) जल के समान वतरण को सु नि चत करने के लए xxi.) एस.ड य.एस.एम.
ू वारा वष भर के लए तमाह -वार
अ भनव ौ यो गक क खोज क जाएगी; और िजला-वार ल य नधा रत कए जाएग ं े और न धय
xvi.) ोत पनभर
ु ण (र चाज) अथात ् सम पत बोरवले पनभर
ु ण क आव यकता और यय का आकलन कया जाएगा;
ढाचं , वषा जल पनभर
ु ण, वतमान जल भडंार के नवीकरण xxii.) एस.ड य.एस.एम
ू ., रा य से टर क ामीण जल
आ द के लए वॉटरशडे/ि ग ं शडे के स ात
ं का उपयोग आपू त क म , इस से टर म बा य सहायता- ा त
मनरग े ा, आई.ड य.एम.पी.,
ू व तीय आयोग अनदान
ु , प रयोजनाओं स हत अ य ोत और जल जीवन
रा य क म , एम.पी.एल.ए.डी., एम.एल.ए.एल.ए.डी., मशन के तहत व तपो षत प रयोजनाओ/ं क म के
सी.एस.आर. आ द के तालमल े से कया जाना चा हए; म य सगम एक करण और तालमेल सु नि चत करगे;

xvii.) वशषे कर शु क और अध-शु क े म, ए वीफर के xxiii.) येक ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध
पनभर
ु ण (र चाज) को बढ़ाने के लए, रा य सरकार को कराने के लए गांव म चलाई जाने वाल क म क
वतमान नहर (केनाल) नट े वक को सु ढ़ करन/े बढ़ाने क म के आधार पर ' ाम काय योजना' तय ै ार क
क और/ अथवा नई नहर को बनाने क आव यकता है
जाएगी। 'िजला काय योजना' (डी.ए.पी.) और 'रा य
ता क बाधं / रज़रवायर से बाढ़ के अ त र त पानी को
काय योजना' (एस.ए.पी.) तयै ार करने क ज रत के
पोखर / झील और अ य जल भड ं ार म थानात ं रत
आधार पर, े ीय जल आपू त क म / थोक (ब क)
कया जा सके और वषा ऋतु म भ-जल ू का पनभर
ु ण
जल ा फ़र और शोधन संयं के साथ-साथ िजले म
(र चाज) भी कया जाए। ऐसी ग त व धय के लए,
ि थत सभी गांव क ' ाम काय योजनाओं' और रा य
अ य ोत से न धय का बध ं करना चा हए;
म सभी िजल क 'िजला काय योजनाओं' को मश:
xviii.) अ धक ऊंचाई तक जल पहंु चाने क ज रत वाल जल समे कत कया जाना होगा। इसके अलावा, रा य भी,
आपू त क म / प रयोजनाओं क योजना बनाते व त वा षक आबंटन के अनु प सालाना ल य को नधा रत
बजल क लागत और साथ ह साथ मा सक बजल करते हए
ु वा षक काय योजना तय ै ार करगे। (आगे का
बल को यान म रखे जाने क आव यकता है और ववरण परैा 3.6 म दया गया है );
रा य / संघ रा य े वारा इस आव यकता क पू त
xxiv.) जल आपू त और इससे जड़ ु े सभी काय के लए गांव का
हे तु नी त नधा रत कए जाने क आव यकता है ;
मु य द तावेज़, ' ाम काय योजना' होगा और ाम
xix.) रा य तर पर 'रा य जल जीवन मशन' सभा वारा इसका अनमोदन
ु कर दए जाने पर भ न-
(एन.जे.जे.एम.) काय करे गा। रा य / संघ रा य े म भ न ोत से ा त सभी न धय को जल जीवन

17
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त

मशन स हत व भ न ोत से ा त न धय के साथ नजी घरे लू भंडारण टक क आव यकता ह न पड़।े इस


' ाम काय योजना' के व भ न घटक के काया वयन योजन से, सामदा ु यक व वास और अपन व क
हे तु समि वत कया जाएगा। केवल इस आधार पर क भावना, जल के ववेकपण ू उपयोग और ऐसी कायशील
कसी पथक्
ृ ोत से न धयां उपल ध ह, गांव म ' ाम णाल के मह व पर जाग कता पद ै ा करने के लए हर
काय योजना' से अलावा कोई अ य काय शु नह ं कया संभव उपाय करना होगा।
जाएगा। एकजट ु प रणाम ा त करने हे तु संसाधन के xxxi.) एफ.एच.ट .सी. के ावधान के बाद घरे लू तर पर
इ टतम उपयोग म इससे सहायता मलेगी;
अ त र त गंदला जल सिजत ृ होगा, िजसे कृ ष अथवा
xxv.) द घ काल न जल सरु ा ा त करने के लए 'रा य काय गैर-पेय इ तम ू , शो धत कए जाने क
े ाल म लाने से पव
योजना' (एस.ए.पी.) और 'िजला काय योजना' (डी.ए.पी.) आव यकता होगी। कई े म, शो धत गंदला जल
म व भ न क म / काय म के तहत चलाई जा रह ाम पंचायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
अ य ग त व धय को भी शा मल कया जाएगा; वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता स म त आ द
के लए राज व का उपयु त ोत बन सकता है िजसका
xxvi.) जल क बबाद को हतो स हत करने और साथ ह साथ
उपयोग चालन एवं रख-रखाव यय के कछ ु ह से क
थोक (ब क) जल ा फ़र, इसके शोधन, वतरण नट े वक
पू त के लए कया जा सकता है । (आगे का ववरण परैा
और घरेलू तर तक क जल आपू त पर होने वाले आवत
6.1 म व तार से दया गया है ।);
यय को परा ू करने के लए नी त म उपयु त ो साहन
और हतो साहन तं तय ै ार कया जाना होगा। इसके xxxii.) ाथ मकता और नरंतरता के आधार पर 'पी.एम.के.वी.के.'
अ त र त, घरेलू कने शन उपल ध कराने और साथ ह के साथ तालमल े क सभ ं ावना तलाशी जाए ता क नमाण
जल आपू त करने के लए यो ता भार का नधारण काय और चालन एवं रख-रखाव के लए राज मि य ,
करने के लए रा य सरकार/ सघ ं रा य े शासन पपं ऑपरेटर , लब ं र , बजल मि य , मोटर मक े ै नक
वारा ाम पच ं ायत और/ अथवा इसक उप स म त आ द जस ै े कशल
ु मानव सस ं ाधन के मता सव ं धन क
अथात ् वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समहू भार मागं को परा ू कया जा सके;
आ द को सु वधा दान क जाएगी;
xxxiii.) वयं सहायता समह ू (एस.एच.जी.)/ सी.बी.ओ./
xxvii.) अत ं : ाम जल आपू त णाल का नधारण करते व त एन.जी.ओ./ वी.ओ. जस ै ी काया वयन सहायता एज सय
पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग वारा ाम (आई.एस.ए.) क पहचान क जाए और उ ह सचीब ू
पचं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ् कया जाए ता क वे समदाय ु को रा ता दखा सक और
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द के ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उप स म तय अथात ्
सम सबसे कम लागत पर सभ ं व जल आपू त णाल वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आद
के तीन वक प तत ु कए जाएग ं ,े िजनम पी.आर.ए. वारा अत ं : ाम अवसरंचना म भागीदार यव था के
ग त व धय आ द जस ै े सव
ं ाद साधन का उपयोग करके तहत अनमोदन ु तथा काया वयन, बध ं न, चालन एवं
समदायु क भागीदार के साथ सप ं णू ौ यो गक य- रख-रखाव आ द म मदद दान कर सक;
आ थक और सामािजक-आ थक व लष े ण मौजद ू हो। xxxiv.) कई रा य म पछले कछ ु दशक से ाम पच ं ायत और/
णाल और इसके थान आ द का नधारण करते व त,
अथवा इसक उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी
चालन एवं रख-रखाव क कम लागत पर बल दया
स म त/ यो ता समह ू को जल आपू त बध ं न क
जाएगा और इस णाल के चालन एवं रख-रखाव म
िज़ मदे ार लने े यो य बनाया जा रहा है। तथा प, अब भी
थानीय समदायु क मता पर वचार कया जाएगा;
ऐसे कई े ह, जहां ाम पच ं ायत और/ अथवा इसक
xxviii.) प रवार तर पर जल दाय क नगरानी के लए उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी स म त/
'इट े ऑफ थ ं स' आधा रत ससर और 'आई- लाउड'
ं रनट यो ता स म त आ द को ऐसी काया वयन सहायता
का उपयोग करके कायशीलता से सब ं ं धत आकं ड़ अथात ् एज सय से मागदशन लन े े क आव यकता हो सकती है।
पया त मा ा म नधा रत गणव
ु ता वाले जल क आपू त ऐसे गावं म, आई.एस.ए. क सव े ाओं का उपयोग कया
क अव ध-बारंबारता का पता लगाया जाएगा और यथा- जा सकता है;
आव यक सधार
ु उपाय कए जाएगं ;े
xxxv.) े ीय जल आपू त/ ब क (थोक) वॉटर ा फ़र क
xxix.) वभाग वारा योगशाला पर ण के मा यम से जल क म और वतरण नट े वक के मामले म काया वयन
गणव
ु ता क नगरानी क जाएगी और े जांच कट हेतु रा य / सघ
ं रा य े वारा मौजदा
ू या का
(फ ड पर ण कट) तथा व छता जांच के मा यम उपयोग कया जाएगा। तथा प, जल जीवन मशन के
से समदाय
ु वारा जल गणव
ु ता चौकसी बरती जाएगी। अतं गत काया वयन एजसी वारा 2-5 वष के रख-रखाव
(आगे का ववरण अ याय 10 म दया गया है ); कए जाने क शत के साथ, उस एजसी से ई.पी.सी. व ध
से काम कराया जाना पसदं दा वक प होगा;
xxx.) ाम पंचायत और/ अथवा इसक उप-स म त अथात ्
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आद xxxvi.) ई.पी.सी. सं वदा को अं तम प दे ने से पव
ू न वदा
के परामश से रा य/ संघ रा य े , 24X7 जल आपू त द तावज़े म ऐसी उपयु त धारा को जोड़ना आव यक है,
उपल ध कराने के वक प क तलाश कर सकते ह ता क िजसम यह उि ल खत हो क सं वदागत एजसी वारा

18
नमाण म उपयोग क जाने वाल साम ी सग ं त भारतीय घ.) ाम पचं ायत और/ अथवा इसक उप-स म त अथात ्
मानक के अनु प होगी। इसके अलावा, भ न- भ न वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द के
भौगो लक े /ि थ तय म उपयोग क जाने वाल परामश से डी.ड य.एस.एम.
ू और पी.एच.ई.डी./
साम ी ऐसी ि थ त के लए समय-समय पर यथा- आर.ड य.एस.ू वभाग काया वयन के लए सचीबू
सश ं ो धत और अनसं ु शत सी.पी.एच.ई.ई.ओ. सफा रश एज सय क सची ू म से एक एजसी का नधारण करगे
के अनु प हो । उपयोग क गई साम ी क गणव ु ता ता क यह सु नि चत हो सके क कसी एक गावं म सभी
सु नि चत करने क िज़ मद
े ार पी.एच.ई.डी./ काय के लए एक ह एजसी काय करे;
आर.ड य.एस./ू वभाग/ बोड/ कॉप रे शन आ द और
ड.) ाम पचं ायत और/ अथवा इसक उप स म त अथात ्
काय करने वाल एजसी क होगी। इस योजन से वे,
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द के
आपू तक ता से आ ह करगे क आपू तकता इस साम ी
परामश से डी.ड य.एस.एम.
ू वारा चय नत एजसी को
को मानक / व नदश के अनु प स कराने हेतु
काय स पा जाएगा और डी.ड य.एस.एम.,
ू ाम पच ं ायत
या यत (अ डट े े ड) जाच
ं एजसी/ सं थान से इनका
और/ अथवा इसक उप-स म त और काया वयन एजसी
माणन करवाए।ं यह एजसी/सं थान यह मा णत
के बीच प ीय समझौते पर ह ता र कए जाएग ं ।े य द
करे गा क साम ी मानक / व नदश के अनु प है।
वहां पर कोई काया वयन सहायता एजसी हो, तो वह भी
भगतान
ु करने क ि ट से, परेू हो चकु े काय का अ य
समझौते का ह सा बनग े ी। चंू क यह समयब मशन
प एजसी वारा नर ण कए जाने के समय इस
मोड काय म ह,ै इस लए सं वदा द तावज़ े म उपयु त
पहलू क जाच ं क जाएगी और इसे रकाड कया जाएगा;
दाि डक शत शा मल करना भी आव यक है ता क एजसी
xxxvii.) इतने बड़े पम ै ाने पर चलाए जाने वाले काय म का को काया वयन म वल ब करने से हतो सा हत कया
काया वयन करने और ती ता से इसे परा ू करने के लए जा सके। काय करने वाल काया वयन एजसी को, बना
अतं : ाम अवसरंचना नमाण के काय के लए काया वयन कसी वल ब के भगतान
ु कए जाने के बारे म भी इसी
एजसी क आव यकता होगी, िजसके लए के कत ृ ई- कार का ावधान कया जाना चा हए;
न वदा तं को अपनाया जाएगा ता क सवा धक उपयु त च.) ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
दर , सव े ठ एज सय क तलाश क जा सके और इतने वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समहू आद
यापक पम ै ाने पर काया वयन को ग त मल सके; तथा िजला जल एवं व छता मशन के परामश से वह
xxxviii.) काय म के काया वयन के लए न न ल खत काय व ध एजसी काय आरंभ करेगी और काया वयन के दौरान
अपनाई जाएगी: हत म टकराव के कसी मामले के समाधान म तथा
समय पर काय परा ू करने हेतु काया वयन एजसी को
क.) ाम पच ं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ् आव यक सहायता द जाएगी;
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द को
छ.) काया वयन एजसी से, चालू भगतान ु जार कए जाने
शा मल करते हए ं म काय म के काया वयन हेतु हर
ु गाव
का अनरोध ु ा त होने पर (i) ाम पंचायत और/ अथवा
पहलू पर वचार करते हए ु एस.ड य.एस.एम.
ू वारा
इसक उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी
भ न- भ न कार के सभ ं ा वत डज़ाइन तय ै ार कए
स म त/ यो ता समह ू आ द; (ii) पी.एच.ई.डी./
जाएगं े और जल आपू त क म के सभी घटक जस ै े
आर.ड य.एस. ू वभाग (iii) एस.ड य.एस.एम.
ू वारा
ई.एस.आर., सप ं , कपड़े धोने और नहाने के थान आ द
सचीब
ू अ य प क जांच एजसी वारा
पर आने वाल लागत का आकलन आबाद , ोफाइल और
डी.डी.ड य.एस. ू वारा तयै ार मानदं ड9 के आधार पर
मदा
ृ क ि थ त के आधार पर कया जाएगा;
मौके पर संयु त नर ण कया जाएगा। सहमत चचा
ख.) एस.ड य.एस.एम.
ू , ऐसी मद / घटक के लए सं वदा म बद ं ओ
ु ं को, ाम पंचायत और/ अथवा इसक उपस म त
मदवार दर नि चत करने और अ भयां क ापण अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी स म त/ यो ता समह ू
( ो योरमट) व नमाण (ई.पी.सी.) व ध पर काय कराने आ द वारा इस काय हे तु न मत 'काय रिज टर' म
के लए एका धक एज सय को सचीब ू करने हेतु ई- नोट कया जाएगा और उस पर ह ता र कये जाएंगे।
न वदा आमं त करेगा। यह सं वदा 2-3 वष के लए इसके आधार पर पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग
वधै रखी जा सकती है; माप पिु तका (एम.बी.) म माप को रकाड करे गा और
फर भगतानु हे तु या शु करे गा;
ग.) जहां भू म-अ ध हण काय पण ू हो चकाु हो और सब ं ं धत
ा धकरण को स प दया गया हो (अथात ् जहां भू म ज.) काय परा
ू होने पर, उपयु त नधा रत या वारा ह
अवसरंचना नमाण के लए तरत अं तम बल का भगतान
ु कया जाएगा और एजसी, दोष
ु ं सलभ
ु हो) वहां
एस.ड य.एस.एम., रा य के वा षक ल य, न धय क दा य व अव ध के दौरान जल आपू त णाल के सगम ु

उपल धता, प रयोजनाओं क सं या और काय करने हत े ु संचलन हे तु िज़ मेदार होगी;
एजसी क मता को यान म रखते हए ु सचीबू झ.) भगतान
ु हे तु बल जमा करने के बाद, अ य प वारा
एज सय को काय स पे जाने क अ धकतम सं या का काय का नर ण कया जाएगा और नर ण के बाद
नधारण करेगा; 30-45 दन म भगतान
ु कर दया जाएगा। भगतान
ु म

अ य प
9
नर ण एजसी के चयन के लए सझाए
ु गए मानदं ड और वचाराथ वषय अनबं
ु ध - VIII पर दए गए ह।

19
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त

वल ब होने पर इसके लए दाि डक ावधान अथात ् ाम काय योजना (वी.ए.पी.)


याज स हत भगतान,
ु जवाबदे ह का नधारण और
आधारभत ू सव ण, सस ं ाधन मै पग ं और ामीण समदाय
ु वारा
वसलू क यव था क जाएगी;
य त आव यकता के आधार पर आई.एस.ए., पी.एच.ई.डी./
ञ.) जल आपू त क म के घटक (मशीनर , बजल के आर.ड य.एस.
ू वभाग, डी.ड य.एस.एम.
ू क सहायता से ाम
उपकरण आ द) क गारं ट और/ अथवा वारं ट क पच
ं ायत अथवा इसक उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू
िज़ मेदार संबं धत एजसी क होगी। तथा प, इसक पानी स म त/ यो ता समह ू आ द वारा एक ' ाम काय
जांच/ स यापन पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग योजना' (वी.ए.पी.)10 तयै ार क जाएगी। इसम न न ल खत
वारा कया जाएगा; घटक शा मल ह गे:
i.) भ-जल
ू पनभर
ु ण वा षक तपू त सीमा के भीतर भ-ू i.) गांव क जल आपू त/ जल उपल धता का पवव ू ृ त, कसी
जल के व भ न उपयोग को नयं त करने के लए सखा/
ू जल अभाव/ च वात/ बाढ़ अथवा कसी अ य
रा य सरकार/ संघ रा य े के शासन वारा ाकृ तक आपदा प त का ववरण; टकर , रे लगा ड़य
नयामक नी तयां बनाई जाएंगी। जल जीवन मशन के आ द के मा यम से जल आपू त जस ै ी कसी आपात
अत ं गत भार मा ा म सरकार खजाने से और समदाय
ु यव था का पवव
ू ृ त, जल आप ू त, ोत सु ढ़ करण से
क ओर से यय कया जाएगा और इस कारण यह संबं धत आं शक काय , जल क उपल धता क सामा य
सु नि चत कया जाएगा क कया गया नवेश, जल क विृ त, मखु जल ज नत बीमा रय का पवव
ू ृ त;
उपल धता के अभाव म यथ न हो जाए। इसके लए
ii.) ोत, जल गणव
ु ु े मु , य द कोई ह तो, और
ता से जड़
कृ ष, औ यो गक उपयोग आ द के लए भ-जल ू के
चालन एवं रख-रखाव यव था स हत गांव क जल
अ तशय उपयोग को हतो सा हत जाएगा;
आपू त क वतमान ि थ त;
ii.) समवत नगरानी, जल जीवन मशन का मह वपण ू
iii.) जल ोत म जल क वतमान उपल धता (उपल ध जल
ह सा होगी। ाम पंचायत और/ अथवा इसक उप-
क मा ा) और इसका द घकाल न था य व;
स म तय अथात ् वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/
यो ता समहू आ द, डी.ड य.एस.एम.,
ू iv.) गांव म जल क आव यकता का आकलन और उपल ध
एस.ड य.एस.एम.
ू आ द वारा कायाि वत क जा रह संसाधन। इस ववरण के आधार पर, एकल ाम क म
क म क वा त वक और व तीय ग त पर नज़र (एस.वी.एस.) अथवा बहु ाम क म (एम.वी.एस.) के
रखने के लए डी.डी.ड य.एस.ू वारा एक रयल टाइम भाग के नमाण के बारे म नणय कया जाएगा;
डश
ै बोड स हत आई.एम.आई.एस. को तय ै ार करने,
v.) सभी बि तय म मौजद ू एफ.एच.ट .सी. क सं या और उन
इसक यव था संभालने और उसक नगरानी करने का
एफ.एच.ट .सी. क सं या जो अभी उपल ध कराए जाने ह;
काम कया जाएगा (आगे का ववरण अ याय 11 म
व तार से दया गया है ); vi.) चालन एवं रख-रखाव के लए नगद/ व तु और/ अथवा
मज़दरू के प म आं शक पंज
ू ीगत लागत और नय मत
iii.) काय म के काया वयन के सभी तर पर शा मल
अश
ं दान क लोग क मता और त परता;
व भ न हतधारक का मता सव ं धन नरं तर कया
जाता रहेगा। जल से टर म वशष े ता रखने वाले vii.) ाम पंचायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
यात सं थान को इन ग त व धय म नयोिजत वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द,
कया जाएगा और समदाय
ु को भावी तर के से इस काय ज़मीनी तकनी शयन का मता संवधन करना, जल के
के साथ जोड़ने के लए हर सभ
ं व यास कए जाएग ं ।े ू उपयोग और जीवन तर म बदलाव के बारे म
ववेकपण
समदाय
ु म जाग कता पदै ा करना;
3.6 आयोजना
viii.) ता वत जल ोत का थान, कपड़े धोने/ नहाने का
3.6.1 ाम, िजला और रा य तर पर काय योजनाएं थान, मवेशी कंु ड, ौ यो गक वक प का नधारण,
काया वयन समय-ता लका, द घ-काल न चालन एवं
य द जनगणना म कटब ू कसी राज व ाम के सभी वाड /
रख-रखाव योजना आ द;
बि तय / मोह ल / फ लया/ मजरा/ कौड/ प ल / खेड़ा/ टोला
आ द म ि थत सभी बि तय म 100% एफ.एच.ट .सी. का ix.) अतं : ाम जल आपू त अवसंरचना के नमाण के लए
ावधान हो जाए, तो उसे 100% एफ.एच.ट .सी. गांव घो षत ाम पंचायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
कर दया जाएगा। य द कसी िजले के भीतर, जनगणना म वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द के
कटब
ू सभी राज व गांव क सभी बि तय म 100 प म भू म क उपल धता सु नि चत करना;
एफ.एच.ट .सी. का ावधान हो जाए, तो उस िजले को 100% x.) ाम पचं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
एफ.एच.ट .सी. िजला घो षत कर दया जाएगा। य द कसी वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द और
रा य के सभी िजल के सभी घर म 100% एफ.एच.ट .सी. का इसके सद य क सम भू मकाएं और िज़ मद े ा रयां और
ावधान हो जाए, तो उस रा य को 100% एफ.एच.ट .सी. डी.ड य.एस.एम.,
ू एस.ड य.एस.एम.,
ू आई.एस.ए., एजसी,
रा य घो षत कर दया जाएगा। पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग के साथ तालमल े ;

वी.ए.पी. हे तु सझाया
10
ु गया ा प अनबं
ु ध- Xक पर दया गया है ।

20
xi.) गांव के सावज नक सं थान अथात ् कल,
ू आग
ं नवाड़ी जल भंडारण टक , संप, जल पंप, सौर पन ै ल, वतरण
के , वा य के , ाम पंचायत भवन आ द म जल नेटवक, एफ.एच.ट .सी., कपड़े धोने/ नहाने के थान,
उपल ध कराने क योजना; मवेशी कंु ड, गंदले जल के शोधन और पनः
ु उपयोग के
उपाय, ोत था य व के उपाय आ द क जांच करना और
xii.) मामल
ू मर मत काय , चालन एवं रख-रखाव आ द के
इनक लागत का आकलन करना;
लए ज़मीनी तकनी शयन क पहचान करना;
viii.) सचीब
ू आई.एस.ए. म से आव यक आई.एस.ए. क
xiii.) फ ड पर ण कट के मा यम से जल क गणव ु ता क
सं या क पहचान करना, उनक तन ै ाती क योजना
जांच करने के लए गांव म सम पत यि तय क पहचान
बनाना और ' ाम काय योजना' क तय ै ार के ारं भ से
करना और उ ह इसके लए श त करना;
गांव म उनक उपल धता सु नि चत करना;
xiv.) गंदले जल के बंधन के उपाय;
ix.) मता सवं धन, श ण, अ य प क जाच ं , चालन एवं
xv.) व छता जांच के लए समय-ता लका नधा रत करना; रख-रखाव और आई.ई.सी. ग त व धय क योजना बनाना;

xvi.) जल सरु ा और संर ा योजना। x.) ाम काय योजना' क आव यकताओं को परा


ू करने के
लए तालमेल के ोत क पहचान करना;
ाम पच ं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द यह xi.) िजला जल गणव
ु ता पर ण योगशाला के एन.ए.बी.एल.
सु नि चत करेगी क ाम समदाय ु स हत इसक सभी बि तया,ँ यायन क योजना बनाना और लॉक/ ाम तर पर
आई.एस.ए., डी.ड य.एस.एम.,
ू पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू जल गणव
ु ता पर ण मॉडल क पहचान करना;
वभाग आ द ाम सभा म भागीदार कर। ाम सभा तभी ' ाम xii.) िजला काय योजना' क सम लागत और न धय क
काय योजना' का अनमोदनु करे, जब बठ ै क म मौजदू 80% ाम आव यकताओं व आउटपट ु के साथ समय-सारणी का
ु , तय
समदाय ै ार क गई योजना से सहमत हो। इसके बाद आगे क नधारण करना;
कारवाई हेतु ' ाम काय योजना' को डी.ड य.एस.एम.
ू के सम
ततु कया जाएगा। पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग/ बोड xiii.) अ त: ाम और े ीय जल आपू त - दोन के चालन एवं
वारा इस योजना को तकनीक अनमोदन ु दान कया जाएगा। रख-रखाव, व तीय और सं थागत आव यकताओं और
यव था का ववरण;
िजला काय योजना' (डी.ए.पी.)
xiv.) एस.ड य.एस.एम.
ू के सम अं तम 'िजला काय योजना'
'िजला काय योजना' (डी.ए.पी.)11 को तय
ै ार करने और अं तम का ततीकरण।

प दे ने क िज मेदार डी.ड य.एस.एम.
ू क होगी। इस योजना
म न न ल खत घटक शा मल ह गे:- 'रा य काय योजना' (एस.ए.पी.)

i.) तमाह और वा षक योजना स हत वष 2024 तक सभी रा य म सम पेयजल सरु ा क ि थ त लाने के उ े य के


ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के साथ 'रा य काय योजना' (एस.ए.पी.)12 इस कार बनाए जाने
लए कायनी तक योजना; क आव यकता है क कसी भी गांव म टकर/ रे लगाड़ी, हडपंप
सं थापना आ द के मा यम से जल आपू त क यव था न
ii.) ा त हो चक
ु सम त ' ाम काय योजनाओं' का समेकन; करनी पड़।े
iii.) ाम काय योजना' से उभरे व भ न घटक का डट
े ाबेस एस.ए.पी. तय ै ार करने और उसे अं तम प दन े े का काम,
तय
ै ार करना और उसका व लेषण; एस.ड य.एस.एम.
ू वारा, 'िजला काय योजना' क े आधार पर
iv.) एफ.एच.ट .सी. कवरे ज और व तीय आव यकता के लए पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग क सहायता से कया जाएगा।
अ भ नधा रत सभी ग त व धय के लए समय-सारणी i.) ाथ मकता, वतमान अवसरंचनाओं क रे ो फ टग ं को द
नधा रत करना; भ न- भ न तर पर मानव संसाधन जानी चा हए अथात पण ू हो चक ु पाइप जल आपू त
क सम आव यकता बताना और उनका मता संवधन क म और चालू पाइप जल आपू त क म क पहचान
करना भी 'िजला काय योजना' का ह सा होगा; क जानी चा हए और पहले दो व तीय वष म इन पर
रे ो फ टग
ं का काम शु करके इ ह पराू कर लया जाना
v.) उन गांव क पहचान करना, जहां जल आपू त णाल
चा हए। इसके अलावा, जल गणव ु ता भा वत े ,
थानीय जल ोत आधा रत होगी, आव यक रे ो फ टग
ं /
ज.ेई.-ए.ई.एस. े , डी.डी.पी. े , डी.पी.ए.पी. े ,
व तारण और/ अथवा धरातल जल से जल आपू त क
आकां ी िजल और सास ं द आदश ाम योजना
आव यकता होगी;
(एस.ए.जी.वाई.) गाव
ं म माच, 2021 तक एफ.एच.ट .सी.
vi.) पेयजल आपू त को बढ़ाने के लए ऐसी था नक उपल ध कराने को ाथ मकता द जानी चा हए;
पारं प रक जल भंडारण तकनीक / संरचनाओं क पहचान
ii.) संसाधन और यास आ द के तालमेल से वषा जल
करना, िज ह नवीकत ृ और पनज
ु वत कया जाना हो;
संचयन, पेयजल ोत के कृ म पनभर
ु ण वारा थानीय
vii.) िजले के भीतर जल ोत के कार, राइिजंग मे स, तर पर जल क उपल धता म सधार ु लाने का यास
आव यक शोधन सु वधाओ,ं ऊंचाई पर बनाए जाने वाले कया जाना चा हए;

िजला काय योजना' हे तु सझाया


11
ु गया ा प अनबंु ध-Xख पर दया गया है ।
एस.ए.पी. हे तु सझाया
12
ु गया ा प अनबं
ु ध- Xग पर दया गया है ।

21
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त

iii.) सभी िजल क 'िजला काय योजना' को यान म रखते पी.आर.ए. काय व धया,ं उपल ध कराई जाने वाल क म
हए
ु और रा य म अ धक जल वाले े क पहचान कर के कार (रे ो फ़ टगं /नई एस.वी.एस./एम.वी.एस./ दगम
ु और
एस.ड य.एस.एम.
ू यह नणय लेगा क या अ धक जल दर-दराज
ू के े के लए वतं योजनाए,ं आ द),
वाले े से कम जल वाले े म जल ा फ़र कया पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.ू वभाग वारा तय ै ार कए
जाए और फर एका धक गांव को कवर करते हएु े ीय जाने वाले अनमान,
ु काया वयन समय-ता लका आ द का
जल आपू त क म के लए वतरण नेटवक तय ै ार कया ववरण शा मल होगा;
जाए या नह ं;
xii.) इसम, एफ.एच.ट .सी. के िजलेवार कवरे ज के अत
ं गत
iv.) सखा-
ू वण और रे ग तानी े वाले रा य म संबं धत अ भ नधा रत सम त ग त व धय और उनक व तीय
एज सय / वभाग के परामश से बह-उु े यी रज़रवायर/ ज रत को शा मल कया जाएगा;
भंडारण से घरे लू आव यकता के लए जल सरु त रखे
xiii.) भ न- भ न तर पर मानव संसाधन क सम
जाने क आव यकता है ;
आव यकता भी रा य काय योजना का ह सा होगी,
v.) एस.ए.पी. म वशषे प से उन अपे त सं थागत सधार
ु िजसम उ त मानव संसाधन का मता नमाण, श ण
का उ लेख कया जाएगा, िजनम जल आपू त के व श ट आ द शा मल होगा;
पहलओु ं अथात थोक म जल पहंु चाने/ अवसंरचना नमाण
xiv.) पाइप से जल आपू त क योजना बनाने के लए सभी
करने, अ तः िजला और अत ं र-िजला वतरण णाल और
तर पर एच.जी.एम. न श /अत
ं र ौ यो गक के
ामीण तर क सं थागत यव था को मदद दे ने पर
उपयोग क आव यकता होती है । ( ौ यो गक का
यान केि त करने वाल भ न- भ न एज सयां तय ै ार
व तत
ृ ववरण अ याय 8 म दया गया है );
करने के लए मौजदाू जल आपू त वभाग को वभािजत
करने क आव यकता भी शा मल होगी; xv.) एस.ए.पी. के अत ं गत गाव ं के जल भड ं ार /पारंप रक जल
सच ं यन सरंचनाओं के नवीकरण और सफाई के लए
vi.) उ त एज सया,ं व श ट जल आपू त सव े ाओं पर यान देने
रा य यापी कायनी त वक सत क जाएगी। गद ं ले जल का
के साथ बु नयाद ढाच
ं े के नमाण के लए जन- सु वधाओं
शोधन और पन: ु उपयोग, जल सर
ु ा कायन ी त का एक
के प म काय करगी। इस काय के लए, ोत से पानी
अ भ न अग ं होगा। पय े जल सरु ा ा त करने म जल
लने े और ड से उसक आपू त करने के लए जल शु क
भडं ार क र ा और उनका सरं ण सहायक होगा। इस
का व नदश भी रा य काय योजना म कया जाएगा;
उ े य स,े एस.ड य.एस.एम.
ू को भ न- भ न ोत
vii.) रा य काय योजना म सावज नक नजी भागीदार अथात मनरेगा, आई.ड य.एम.पी., ू एस.बी.एम.(जी),
(पी.पी.पी.) अथात ् हाइ ड ए यट ु मॉडल (एच.ए.एम.), एम.पी.एल.ए.डी., एम.एल.ए.एल.ए.डी., डी.एम.डी.एफ. आ द
डज़ाइन, नमाण, चालन, वा म व, ह तांतरण क ग त व धय और न धय के साथ तालमल े करने का
(डी.बी.ओ.ओ. ट .), नमाण, चालन, ह तांतरण नणय लन े ा होगा ।
(बी.ओ.ट .), आ द जस ै े भ न- भ न व तपोषण मॉडल
क परे खा भी बताई जाएगी;
viii.) घरे लू नल कने शन और जल गणव ु ता नगरानी और वष 2024 तक रा य ल य ा त करने के लए, जल
चौकसी (ड य.ू य.एम.
ू ए ड एस.) क कायशीलता जीवन मशन 'प रयोजना कायनी त' का पालन करे गा।
सु नि चत करने के लए एस.ए.पी. म व तत ृ
इस योजन स,े रा य काय योजनाए,ं 2024 तक क
काययोजना होनी चा हए। इसम, अ य बात के साथ-
साथ, जल पर ण योगशालाओं क ढांचागत अव ध के लए तय
ै ार क जाएग
ं ी, िजनम, अ य बात के
आव यकताओं और मानव संसाधन जटाने ु के लए साथ-साथ, सम कायनी तक योजना, काया वयन के
आयोजना बनाना भी शा मल होगा; तौर-तर के, कायाि वत क जाने वाल ग त व धया,ँ
समय-सीमा स हत ा त कया जाने वाला आउटपट,

ix.) एस.ए.पी. म वशष े प से उन े (पहाड़ी/आ दवासी/
वन/गम और ठं डे रे ग तानी और दगम े ) क पहचान वा षक व तीय प र यय आ द को कवर कया जाएगा।

क जाएगी, िज ह नवीकरणीय ऊजा का उपयोग करके एस.ए.पी. क कायनी तक योजना म इस णाल के
जल आपू त सु नि चत करने के लए नवीन लए ोत था य व, कायशीलता, नगरानी, काया वयन
ौ यो गक य ह त ेप क आव यकता होगी; के लए अ य प ीय नर ण, जल मापन, गद
ं ले जल
का बध
ं न और रख-रखाव एवं चालन क यापक
x.) िजला काय योजनाओ'ं के आधार पर, एस.ए.पी. म ोत
योजना का व तत
ृ ववरण शा मल होगा। सब
ं ं धत
था य व और गंदले जल के बंधन से संबं धत उपाय के
बीच तालमेल करने क योजना का उ लेख होगा; रा य/सघ
ं रा य े के साथ परामश के आधार पर
डी.डी.ड य.एस.
ू वारा एस.ए.पी. पर वचार कया
xi.) इसके अलावा, एस.ए.पी. म ाम पच ं ायत/गाव
ँ क िजलव े ार
जाएगा और उसका अनमोदन
ु कया जाएगा। एस.ए.पी.
सची
ू तत
ु क जाएगी। इन व तत ृ सू चय म यके
के आधार पर, व तपोषण क यव था क जानी होगी।
गावँ म उपल ध कराए जाने वाले एफ.एच.ट .सी. क सं या,
दान करने हते ु शष
े एफ.एच.ट .सी. क सं या, अपे त

22
ii.) ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात
वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह,
ू आ द के
साथ-साथ नगरपा लका नकाय को जल उपल ध कराने
वा त वक और व तीय िजला-वार ल य को तय
के लए अत ं :-िजला और अत
ं र-िजला जल वतरण णाल
करने के बाद अनमो
ु दत एस.ए.पी. से ह रा य/सघं
क योजना बनाने और उसके या वयन के लए एक
रा य े क वा षक काय योजना (ए.ए.पी.) बनगे ी
एजसी बनाई जाए; तथा
और फर उसे डी.डी.ड य.एस./
ू रा य जल जीवन
मशन के सम तत
ु कया जाएगा। iii.) ामीण तर के सं थान , जो एफ.एच.ट .सी. के मा यम
डी.डी.ड य.एस./
ू रा य जल जीवन मशन वारा से सेवा दाय और लंबे समय तक इसके बंधन, संचालन
सबं ं धत रा य/सघ
ं रा य े के साथ परामश के और रख-रखाव के लए ाम पंचायत और/या इसक उप-
आधार पर ए.ए.पी. को मज ं रू द जाएगी और वा षक स म त यानी वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता
काय योजना (ए.ए.पी.) के तहत ा त उपलि धय समह,ू आ द का ह सा ह गे, के सश तीकरण, सहायता
और मागदशन के लए एक अलग एजसी बनाई जाए।
को यान म रखते हए
ु धनरा श जार क जाएगी।
रा य, यह नणय ले सकते ह क वे अपनी-अपनी ज रत और
पसद ं के अनसार
ु उपयु त तीन वक प म से कम से कम दो
एज सयां बना ल। एस.ड य.एस.एम.,
ू उ त एज सय क थापना
3.6.2 भावी कायनी त – सेवा दाय और जन-सु वधा वकास म मह वपण ू भू मका नभाएगा। इस तरह के सधार
ु से ये सं थान,
मशन क योजना, सम प से, रा य जल आपू त े क चालन और रख-रखाव खच को परा ू करने के लए यो ताओं से
द घका लक योजना पर आधा रत होगी और इसम जल सरु ा व जल शु क क वसल ू और सव े ाओं पर यान देते हए
ु सावज नक
ोत तथा णा लय के था य व से संबं धत मु पर यान सु वधा के प म काय कर पाने म स म हो सकग।े
दया जाएगा। इसके लए, वतमान शास नक संरचना को ाम तर पर काम करने वाल काया वयन सहायता एजसी
वतमान के ' वभाग-आधा रत और नमाण या बु नयाद ढांचे के (आई.एस.ए.) क मदद से आदश बंधन सं वदा तय ै ार क जा
वकास' के ि टकोण से बदलकर 'जन सु वधा-आधा रत' सकती है , ता क ामीण तर पर वतं प से या ल टर-
ि टकोण म बदलना होगा। आव यकता इस बात क है क जल आधा रत मॉडल पर यवा
ु उ य मय / वयं सहायता समह ू वारा
आपू त अवसंरचना नमाण के बजाय जल बंधन अथात सेवा जल आपू त सेवाएं दान क जा सक। इसी व ध का उपयोग
दाय पर यान केि त कया जाए। इस ि टकोण म, अ य गंदले जल के बंधन के लए भी कया जा सकता है । इससे नई
बात के साथ-साथ, इस णाल का सतत चालन एवं रख- ौ यो गक लाने, बंधन क मजबत ू प तयां अपनाने और
रखाव करना, नय मत प से जल बजट और संपर ा का यो ता शु क क वसल ू म मदद मलेगी और इस कार से
काय, लागत वसल ू , जल के सामंज यपण ू उपयोग क व ध णाल म द घका लक था य व आ सकेगा।
अपनाने के साथ-साथ पारं प रक और गैर-पारं प रक ऊजा, वशष

प से सौर ऊजा का उपयोग करके ऊजा भार को घटाना, रा य, जल आपू त े के लए एक ऐसा वतं नयामक
दो हत जल क माप और उसका लेखा-जोखा रखना, शकायत नकाय भी बना सकते ह, जो व भ न एज सय वारा जल
का स य प से समाधान करना आ द शा मल है । आपू त उपल ध कराने के नयम और शत तय करे गा, शु क
नधा रत करे गा और इसके सं ह क नगरानी करे गा और
इसके अलावा, जल क उपल धता और व तीय था य व ववाद को हल करे गा तथा जल आपू त लोकपाल के प म भी
सु नि चत करने के लए पहले से तय
ै ार क गई कायनी त के काय करे गा ता क कोई भी य थत यो ता शकायत के
आधार पर, इस े के लए द घका लक योजना तय ै ार कए नवारण के लए उससे संपक कर सके।
जाने क आव यकता है । इस ल य को ा त करने का तकसंगत
रा ता यह है क सं थागत सधार
ु कए जाएं जस
ै े क मौजदा

सं थान को मु त कया जाए और एक वतं एजसी को जल
आपू त नयामक काय स प दया जाए। इससे नजी नवेश का
माग भी श त होगा।

कछ
ु रा य म, मौजदा
ू सं थान म सधार
ु लाने क ि ट से
न न ल खत का सजन
ृ कए जाने क आव यकता है :

i.) शहर , ामीण और औ यो गक उपयोग के लए पेयजल


उपल ध कराने हे तु थोक (ब क) जल ा फ़र और
शोधन क योजना बनाने के लए एक सम पत एजसी का
सजन
ृ कया जाए। यह जन-सु वधा, पु ट वा णि यक
स ांत पर काय करे गी;

23
अ याय

4 जल जीवन मशन म आमे लत पवव


एन.आर.डी.ड य.पी.

ू त
योजनाएं/ उप- मशन


काल न एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के तहत चल रहे रा य जल गणव ु ता उप- मशन 31 माच, 2021 को समा त हो
न न ल खत काय म को जल जीवन मशन म जाएगा। तदनसार,
ु रा य को एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू के तहत 31
आमे लत कया गया है : माच, 2021 तक यय करने क अनम ु त होगी। 31 माच, 2021
के बाद रा य के पास शष े बची रा श को जल जीवन मशन के
4.1 कम आय वाले रा य के लए ामीण जल अत ं गत जार होने वाल रा श के साथ समायोिजत कया जाएगा।
आपू त और व छता प रयोजना अपण ू योजनाओं के मामले म, यय होने वाल शष े रा श को
(आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.)
ू सबं ं धत रा य/ सघं रा य े वारा वहन कया जाएगा।

कम आय वाले रा य के लए ामीण जल आपू त और एन.ड य.ू य.एस.एम.


ू के तहत अनमो ु दत पाइपलाइन जल
आपू त (धरातल जल/ भजल) ू के मामले म, रा य वारा ऐसे
व छता प रयोजना (नीर नमल प रयोजना) को वष 2014 म,
उपाय कए जाएग ं े क वष 2021 तक येक ामीण घर म 55
व व बक, आई.डी.ए. क सहायता से छ: वष अथात ् माच,
एल.पी.सी.डी. के सव े ा दाय तर क एफ.एच.ट .सी. दान
2020 तक 4 रा य नामत: असम, बहार, झारखड ं और
करने के लए उ त णाल क रे ो फ टग ं करके उसे जल जीवन
उ तर दे श क 78 लाख क आबाद को कवर करने हेतु शु
मशन के अनु प बना दया जाए। एन.ड य.ू य.एस.एम. ू के
कया गया था। इस प रयोजना का उ े य, उपयु त रा य के
तहत अनमो ु दत अ पका लक उपाय (सामदा ु यक जल शोधन
चय नत ामीण समदायु म वके कत
ृ जल दाय णाल के
सयं ं ) के मामले म रा य, वष 2021 तक येक ामीण
मा यम से पाइपलाइन जल आपू त और व छता सव े ाओं म
प रवार को 55 एल.पी.सी.डी. सव े ा तर पर एफ.एच.ट .सी.
सधार
ु लाने और आपातकाल न ि थ त म तरंु त और कशल ु
दान करने के लए कदम उठाएग ं ।े
कारवाई करने क रा य क मता म व ृ का था।
आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.
ू का उ े य ामीण प रवार 4.3जापानी ए सेफलाइ टस - उ
को 70 एल.पी.सी.डी. मता पर घरे लू नल कने शन दान ए सेफलाइ टस सं ोम (जे.ई.-ए.ई.एस.)
करना था। जल जीवन मशन क शु आत स,े
आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.
ू को जल जीवन मशन म वा य और प रवार क याण मं ालय ने ज.ेई.-ए.ई.एस. से
आमे लत कर दया गया है। सवा धक भा वत 60 िजल 13 क पहचान क है। उ च
ाथ मकता वाले इन 60 िजल म पय े जल ोत क सं या और
4.2 रा य जल गणव
ु ता उप- मशन सद ं षण
ू के तर के आधार पर भा वत रा य को धन आबं टत
(एन.ड य.ू य.एस.एम.)
ू कया जाता है। पहल,े ज.ेई.-ए.ई.एस. घटक के लए
एन.आर.डी.ड य.पी.ू आबटं न 2% था। तथा प, जल जीवन
रा य जल गणव ु ता उप- मशन (एन.ड य.ू य.एस.एम.)
ू मशन के बजट म व ृ होने के कारण, यह रा श अब रा य को
माच, 2017 से कायाि वत कया जा रहा है । इसका उ े य, दए जाने वाले कल
ु वा षक आबट ं न का 0.5% भाग होगी। ज.ेई.-
मौजदा
ू दशा नदश के अनसार
ु माच, 2021 तक अ भ नधा रत ए.ई.एस. भा वत िजल म 55 एल.पी.सी.डी. के सव े ा तर पर
27,544 आस नक/ लोराइड भा वत ामीण बि तय म एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए पाइप से जल आपू त
सरु त पेयजल उपल ध कराना है । (धरातल जल/ भजल) ू क म चलाकर मौजदा ू नी त के अनसार

उनम सरु त पय े जल उपल ध कराने का काय शु कया
चंू क पाइप से जल आपू त क योजनाओं को शु करने म 2-3
जाएगा। परू हो चक ु / चल रह सभी योजनाओं म सधार ु करके
साल लग सकते ह, इस लए रा य को सलाह द गई है क वे
उ ह जल जीवन मशन के अनु प बनाकर रा य वारा वष
आस नक और लोराइड भा वत बि तय म सामदा ु यक जल
2021 तक यक े ामीण प रवार को 55 एल.पी.सी.डी. सव े ा
शोधन संयं (सी.ड य.पी.पी.)
ू क म चलाएं ता क ता का लक
तर पर एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए उपाय कए जाएग ं ।े
(अ पका लक) उपाय के प म केवल पीने और खाना पकाने के
लए 8-10 एल.पी.सी.डी. सरु त जल उपल ध कराया जा 4.4 वजल
सके। हालां क, रा य को कहा गया है क वे इन बि तय म
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए द घका लक उपाय क ' वजल' योजना का काया वयन, मौजदा ू दशा नदश के
अनसार,
ु समदाय
ु नधा रत, कायाि वत, अनरु त और सरु त
योजना बनाएं।
प से बं धत एकल गाव ं जल आपू त क म के मा यम से
रा य को यह अ धकार है क वे, माग म आने वाल बि तय के आकां ी िजल म कया जा रहा है। वजल के तहत चल रह
लए जल जीवन मशन न ध का उपयोग कर सक, बा य योजनाएं मौजदाू वजल दशा नदश के तहत जार रहगी और
सहायता- ा त प रयोजनाओं (ई.ए.पी.)/ रा य क म और उ ह नधा रत समय सीमा के भीतर पराू करना सु नि चत कया
अ य न धय को पा ता क सीमा के भीतर उपयोग म ला सक। जाएगा। इन आकां ी िजल म भ व य म ारं भ क जाने वाल

60 िजल क सची
13
ू अनबं
ु ध-XII पर है ।

24
नई योजनाए,ँ जल जीवन मशन के तहत शु क जाएग ं ी। परू के नमने
ू भी एक कए जाएंगे। ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस. को
हो चकु वजल योजनाओं िजनम एफ.एच.ट .सी. का ावधान अब जल जीवन मशन के अत ं गत आमे लत कर दया गया है
नह ं है, उनम जल जीवन मशन के तहत सधार
ु कया जाएगा। और इसके लए जल जीवन मशन हे तु नधा रत न धय का
2% तक ह सा इसे दया जाएगा। इस संबंध म व तत ृ
4.5 जल गणवु ता नगरानी और चौकसी ववरण अ याय 10 म दया गया है ।
(ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस.)
4.6 सहायक ग त व धयां
जल गणव ु ता नगरानी के तहत वभाग वारा व भ न जल
ोत से एक जल के नमन ू का योगशालाओं म जल पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी.ू क सभी सहायक ग त व धय को
गणव
ु ता पर ण कया जाना शा मल है । समदाय
ु वारा जल जीवन मशन के अत ं गत आमे लत कर दया गया है और
नगरानी, जल जीवन मशन के तहत े जांच कट (फ ड इसके लए इ ह, जल जीवन मशन हे तु नधा रत न धय का
पर ण कट), व छता नर ण आ द के मा यम से क 5% तक ह सा दया जाएगा। इस संबंध म व तत ृ ववरण
जाती है । जल जीवन मशन के अत ं गत, एफ.एच.ट .सी. से जल अ याय 9 म दया गया है ।

25
अ याय

5 सं थागत तं


ल जीवन मशन एक समयब मशन-मोड xiii.) सचना,
ू श ा और संचार (आई.ई.सी.) अ भयान चलाना;
काय म है और इसके सफल काया वयन के लए
xiv.) एस.ड य.एस.एम.,
ू डी.ड य.एस.एम.,
ू रा य अ भयां क
मजबतू सं थागत ढांचे क आव यकता है , ता क
वभाग /बोड और उनके मानव सस
ं ाधन के मता सवं धन
नधा रत ल य को ा त कया जा सके। अत: रा य, रा य,
म सहायता देना;
िजला और ाम तर पर एक चार तर य सं थागत तं
था पत कया जाना है जो न नानसार
ु होगा: ं ररा य एज सय के साथ सम वय और सहयोग के
xv.) अत
लए अवसर क तलाश करना;
5.1 रा य तर - रा य जल जीवन मशन
(एन.जे.जे.एम.) xvi.) आव यकता पड़ने पर परामशदाताओ,ं एज सय और
वशष
े क सेवाएं ा त करना;
एक व र ठ अ धकार क अ य ता म 'रा य जल जीवन
मशन' और एक नदे शालय काय करे गा। इस मशन के पास, xvii.) व भ न हतधारक क पहचान करना और उनके
ामीण समदाय को द घका लक पेयजल सरु ा उपल ध काय न पादन को परु कत
ृ करना;

कराकर मशन का सफल काया वयन करने हे तु आव यक सभी xviii.) मशन क ग त व धय को चलाने के लए छा , यवाओ,
ु ं
शि तयां ह गी। रा य जल जीवन मशन क भू मकाएं और म हलाओं जस ै े अ य हतधारक को मशन से जोड़ने से
िज मेदा रयां न नानसार
ु ह: संबं धत ग त व धयां चलाना।
i.) यह, जल जीवन मशन के काया वयन और रा य को नदे शालय के अलावा, रा य जल जीवन मशन म
नी तगत मागदशन, व तीय सहायता और तकनीक
न न ल खत क यव था भी होगी:
मदद दान करने के लए िज मेदार होगा;
5.1.1डट
े ा और लेखन के
ii.) नय मत नगरानी और समय-समय पर आव यक
सधारा
ु मक कारवाई करना; इस मशन के तहत, इसके या वयन क नगरानी, रा य से
जानकार एक करने और सचना ू को संसा धत करने के लए
iii.) व रत काया वयन सु नि चत करने के लए रा य तर
एक डटे ा और लेखन के था पत कया जाएगा। इस के
पर न ध के उपयोग क नगरानी करना;
को मु य प से रा य सचना ू व ान के (एन.आई.सी.)
iv.) नय मत कायशीलता आकलन, मू यांकन और भाव वारा चलाया जाएगा। एन.आई.सी., रा य और रा य तर
आकलन करना; पर एक आई.ट . सलाहकार के प म काम करे गा और इसक
िज मेदा रयां न न ल खत ह गी:
v.) ल य ाि त हे तु अ य सं थान और काय म के साथ
साझद
े ार बनाना; i.) एक कत
ृ बंधन सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.) का
बंधन करना और प रयोजना बंधन तथा म यवतन के
vi.) तालमेल हे तु अ य मं ालय / वभाग के साथ सम वय
लए आव यक रपोट तय ै ार करना;
करना;

vii.) मशन के काया वयन के लए रा य वा षक काय ii.) जल जीवन मशन के तहत नगरानी मापदं ड / घटक के
योजनाओं का अनमोदन करना; सभी मा टर कोड और अवि थ त कोड एन.आई.सी.

वारा बनाए जाएंगे और के य डट
े ाबेस के प म रखे
viii.) बा य ोत से धन ा त करने म रा य को सु वधा ं प त का पालन करगे;
जाएंगे। रा य भी इस को डग
दान करना;
iii.) रा य तर पर, एन.आई.सी. क रा य इकाई, रा य के
ix.) रा य जल जीवन कोष (आर.जे.जे.के.) संचा लत करना एम.आई.एस. काय म को तकनीक सहायता दे गी,
और संसाधन जटाना;
ु िजसम पार प रक प से सहमत ताव के अनसार

x.) सव तम थाओ,ं सफलता क गाथाओं आ द को साझा सॉ टवेयर अनु योग का वकास और श ण
करके आपस म ान बांटना; शा मल होगा;

xi.) उपयोगी स हो चक ु नवीन प रयोजनाओं का तर iv.) डश


ै बोड का रखरखाव;
बढ़ाने म सहायता दे ना;
v.) वा त वक और व तीय ग त क नगरानी और
xii.) नवाचार, अनसं
ु धान और ौ यो गक वकास संबंधी एफ.एच.ट .सी. क कायशीलता का व लेषण करना और
ग त व धय को बढ़ावा दे ना; मशन के उ े य को ा त करने के लए कारवाई करना;

26
vi.) जल जीवन मशन के ल य को ा त करने के लए करे गी, इस व लेषण के आधार पर आई.एम.आई.एस. रपोट
भ व य म आव यक समझी जाने वाल और वक सत क को डजाइन करे गी, सफलता क गाथाएं खोजेगी और उनके
जाने वाल कोई भी अ य आई.ट . ग त व ध। लेखन के ा प वक सत करे गी, आई.एस.ए., अ य प क
नर ण एज सय के काय- न पादन क नगरानी करे गी,
5.1.2प रयोजना बंधन इकाई (पी.एम.य.)
ू कायशीलता मू यांकन म सम वय करे गी, मता संवधन
जल जीवन मशन को लगभग 15 करोड़ ामीण प रवार को काय म क यव था करे गी, श ण आव यकताओं क
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए कायाि वत कया जा रहा पहचान करे गी, अतं र- े ीय बाहर सम याओं का अ ययन
है । यह सं या आधारभत ू आकं ड़ के पन:स
ु यापन के बाद बढ़ करे गी और काय-प त म सधार ु के लए नी तगत सफा रश
सकती है । चंू क पाइप से जल आपू त क योजनाएं ामीण तर करे गी, मह वपण
ू आई.ई.सी. साम ी अथात ् सचना
ू साम ी,
पर शु क जाएंगी, इस लए काम क मा ा कई गना ु बढ़ व ापन साम ी आ द वक सत करे गी।
जाएगी। इसके अलावा, जल अभाव और गणव ु ता भा वत
े के लए अ भनव ौ यो गक समाधान क तलाश क
5.2 रा य तर - रा य जल एवं व छता
जानी है । साथ ह , इस मशन का उ े य नल कने शन क मशन (एस.ड य.एस.एम.)

कायशीलता क नगरानी करना है ता क हर घर म नय मत
रा य के मु य स चव क अ य ता म वष 1999 म रा य तर
आधार पर पया त मा ा म पीने यो य जल क आपू त
पर सम वय, मेल-जोल और नी तगत मागदशन के लए 'रा य
सु नि चत हो सके। न केवल प रयोजना बंधन के लए, बि क
जल और व छता मशन' (एस.ड य.एस.एम.) ू क संक पना
आई.ई.सी. अ भयान चलाने, उ तम मॉडल खोजकर लाने,
क गई थी। एस.ड य.एस.एम. ू को सं ब ं धत रा य सरकार/ संघ
अत ं : ाम और थोक (ब क) जल ा फ़र एवं वतरण का
रा य े शासन वारा लए गए फैसले के अनसार ु सोसाइट
तकनीक -आ थक व लेषण करने, शोधन ौ यो ग कय , गंदले
के प म पंजीकत ृ कया जा सकता है । रा य सरकार, जल
जल के पन: ु उपयोग, वा त वक और व तीय ग त और
जीवन मशन के सफल काया वयन के लए
प रयोजना को सह माग पर रखने के लए समय पर कारवाई
एस.ड य.एस.एम.ू को आव यक शि तयाँ दान करगी। जल
करने का गु तर काय कया जाना होगा। ौ यो गक के मामले जीवन मशन के उ े य को ा त करने के लए मौजदा ू
म रा य को बहत ु अ धक सचनाू क आव यकता होगी और एस.ड य.एस.एम. को और सु ढ़ कया जा सकता है ।

रा य क योजनाओं के तकनीक -आ थक मू यांकन क नरं तर एस.ड य.एस.एम., एक रा य तर य सं था है , जो रा य म

आव यकता होगी ता क कफायती और सतत जल आपू त जल जीवन मशन के काया वयन के लए िज मेदार संगठन है ,
योजनाएं शु क जा सक। मशन को चालन व रख-रखाव के िजसके अ य रा य के मु य स चव होते ह और पी.एच.ई.डी./
व भ न पहलओ ु ं पर काम करने के साथ-साथ सु ढ़ शकायत आर.ड य.एस. ू वभाग के धान स चव/ भार स चव इसके
नवारण तं के साथ रा य वभाग / बोड / नगम क सहायता मशन नदे शक होते ह।
करनी होगी ता क वे इस मशन पर जन-सु वधा सिजत ृ करने
क सोच से काय कर। अ धकांश मशन अ धका रय को जल जीवन मशन के
समयब काया वयन के लए व भ न वभाग / एज सय /
रा य तर पर इस िज मेदार को नभाने के लए, इस मशन सं थान से त नयिु त पर लया जाएगा। फर भी, नय मत
के पास एक ओर तो लोक वा य इंजी नय रग ं और तकनीक - अ धका रय के अलावा, नवीनतम ान के साथ तालमेल
आ थक मू यांकन म वशष े ता रखने वाल एक प रयोजना था पत करने और ऊजा का संचार करने के लए, वषय
बंधन इकाई (पी.एम.य.)
ू होगी; और दसर
ू ओर इसके पास, वशषे क सेवाएं अनबं
ु ध पर ल जाएंगी। वशष े सहायता
सॉ ट ि कल जस ै े सामदा
ु यक ेरणा, आई.ई.सी., मता दान करने के लए, एस.ड य.एस.एम.
ू वारा परामशदाताओं
संवधन, श ण आ द क सु वधा भी होगी। पी.एम.य.ू के को काम पर लया जा सकता है , िजसके लए सहायता
तहत दो ट म काय करगी - एक तकनीक सहायता के लए ग त व धय के तहत दान क गई न धय का उपयोग कया
और दसर ू बंधन सहायता के लए, िजसके लए उपयु त जा सकता है । मौजदा
ू जल और व छता सहायता संगठन
ोत तं वक सत करने का यास कया जाएगा। (ड य.ू एस.एस.ओ.) को एस.ड य.एस.एम.
ू म आमे लत कर
दया जाएगा। मशन क संरचना और मानव संसाधन का
तकनीक सहायता दल, रा य को तकनीक सहायता दान
नधारण, रा य वारा कया जाएगा। लोक वा य इंजी नयर
करेगा, कफायती काया वयन के लए प रयोजना का तकनीक
के अलावा, मशन म प रयोजना बंधन, व त बंधन,
मू याक
ं न करेगा व सधारा
ु मक कारवाईय के बारे म सझाव
ु देगा,
आई.ट ., आई.ई.सी., मता संवधन और श ण, एन.जी.ओ.
डजाइन टे पले स का वकास करेगा और छोट वतं योजनाओं
सम वय आ द के लए अ धकार / कमचार भी रखे जाएंगे।
के लए लागत का आकलन करेगा, सामा य ौ यो गक य
लोक वा य इंजी नयर के अलावा, काय क मा ा और रा य
म यवतन और आई.ओ.ट .आधा रत नगरानी णाल क राह म
के आकार के आधार पर न न ल खत को नयोिजत कए जाने
आने वाल चनौ ु तय को दरू करने के लए ायो गक तौर पर
का सझाव
ु है :
अ भनव समाधान खोजने म सहायता दान करेगा।
i. कायनी त और काया वयन का भार नदे शक
बंधन सहायता ट म, प रयोजना बंधन/ नगरानी म सहायता
दान करे गी, काया वयन से जड़ी
ु बाधाओं क पहचान और ii. तकनीक , व तीय और नगरानी योजन के लए
व तीय नयोजन के लए डट े ा व लेषण उपकरण का योग प रयोजना बंधक

27
सं थागत तं

iii. काया वयन सहायता एज सय (आई.एस.ए.) के लए vi.) स म त, व तीय नयोजन के लए िज मद े ार होगी, िजसम
सम वयक समय पर न धय का उपयोग सु नि चत करना और
न धय को अ यु त पड़े रहने से बचाना भी शा मल है;
iv. सचना
ू , श ा और संचार (आई.ई.सी.) सम वयक
vii.) तालमेल के लए व भ न वभाग और अ य एज सय
v. मता संवधन और श ण सम वयक
के बीच सम वय था पत करना;
vi. एक कत ृ बंधन सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.)
viii.) शि तयां स पने क िज मद े ार इसी स म त क होगी,
हे तु सम वयक
िजससे अत ं : ाम अवसरंचना के बध ं न के लए ाम
vii. जल गणवु ता नगरानी और चौकसी पच
ं ायत/ उप-स म त को सश त बनाने वाल शि तयाँ उ ह
(ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस.) सम वयक द जा सक, अगर पहले से ऐसा न कर दया गया हो तो;

viii. हाइ ो-िजयोलॉिज ट ix.) अ त:-िजला तर पर और अत ं : ाम अवसंरचना जल


आपू त क म क शास नक वीकृ त दान करने के
ix. अ य यि त, आव यकतानसार।

लए डी.ड य.एस.एम.
ू को अ धकार दान करना;
एस.ड य.एस.एम.
ू म i) शीष स म त और ii) कायकार
x.) एकल नोडल खाते के संचालन के लए तौर-तर के तय
स म त शा मल होगी।
करना;
शीष स म त का नेत ृ व, रा य के मु य स चव करगे और
xi.) जल क बबाद रोकने के लए े रत करने के साथ-साथ
पी.एच.ई./ ामीण जल आपू त, ामीण वकास (आर.डी.),
थोक जल अ तरण, वतरण नेटवक और घरे लू तर क
पंचायती राज (पी.आर.), ाथ मक श ा, वा य, व त,
आपू त पर होने वाले आवत यय को पराू करने के लए
योजना, सचना ू और जनसंपक के भार स चव तथा भारत उपयु त ो साहन दे ने या हतो सा हत करने के लए
सरकार का एक त न ध इसके सद य ह गे। इसके अलावा, नी तगत तं का नमाण करना;
ामीण जल आपू त, सावज नक सेवा, ाकृ तक संसाधन
बंधन, सामदा ु यक वकास आ द के े म काम करने वाले xii.) अ य से टर वारा जल के उपयोग के लए भावी
तीन वशष े / ति ठत यि तय को भी शीष स म त का नी तयाँ और व नयम बनाना, ता क उ योग , खेती-बाड़ी
सद य बनाया जाएगा। पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग के काम या यि तगत प रवार / सं थाओं वारा ठोस
के धान स चव/ भार , इस स म त के सद य स चव ह गे। एवं तरल अप श ट के गलत बंधन के कारण होने वाले
रा य वारा, शास नक अनभव ु रखने वाले एक अ धकार को जल दषण ू क रोक-थाम क जा सके;
मशन नदे शक बनाया जा सकता है अथवा पी.एच.ई.डी./ xiii.) भजल पनभर ण क वा षक पनःप
ू ु ु ू त क मा ा के अद ं रह
आर.ड य.एस. ू वभाग के धान स चव/ भार स चव को भी व भ न उपयोग के लए भजल ू के उपयोग हे तु एक-
मशन नदे शक के प म नयु त कया जा सकता है । शीष समान नी त कायाि वत करना;
स म त, वष म कम से कम दो बार, और य द संभव हो तो
तमाह आधार पर बठ ै क करे गी। रा य को इस संबंध म xiv.) स म त, जल आबंटन के लए िज मेदार होगी;
एस.ड य.एस.एम.
ू के सद य स चव और मशन नदे शक को xv.) फ ड पर ण कट का उपयोग करके जल गणव ु ता
सू चत करना होगा। पर ण के साथ-साथ चौकसी सु नि चत करने के लए
शीष स म त के काय न न ल खत ह: सम पत मानव संसाधन नयोिजत करने क रा य नी त
तय करना;
i.) नी तगत मागदशन दान करना, इसके अलावा यह
स म त, रा य म जल जीवन मशन के काया वयन क xvi.) व भ न सं वदाओं के नयम व शत को अं तम प
सम आयोजना, कायनी त नमाण और काया वयन के दे ना, वशष
े प से इनम वलंब से जड़
ु े ावधान शा मल
लए िज मेदार होगी; करना और इनक नगरानी करना;

xvii.) णाल / क म का व तीय था य व सु नि चत करने के


ii.) वष 2024 तक रा य के येक ामीण प रवार को
लए चालन एवं रख-रखाव रणनी त और मा सक शु क/
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए 'रा य काय योजना'
यो ता शु क नधा रत करना। ाम पच ं ायत और/ या
(एस.ए.पी.) को अं तम प दे ना;
इसक उप-स म त वारा चालन एवं रख-रखाव खात
iii.) ामीण घर को एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए और इनक सच ं ालन या के बारे म नी त बनाना;
शु क तय करना;
xviii.) आई.ई.सी./ बी.सी.सी. ग त व धय के लए सहायता
iv.) जल सेवा मानक तय करना; न ध के नधा रत तशत के अनसार ु नी त बनाना;

v.) वभाग/ रा य मशन के साथ चचा के बाद 'रा य काय xix.) जल/ राज व क नरं तर त को रोकने के लए
योजना' (एस.ए.पी.) का मू यांकन और सै ां तक अन धकत/
ृ मीटर र हत/ अ ात कने शन पर कारवाई
अनमोदन
ु करना; करना।

28
एक कायकार स म त, मशन नदे शक क सहायता करे गी। इस काया वयन क नगरानी करना, श क के श ण
स म त म 5 से 10 सद य ह गे। ामीण पेयजल आपू त के (ट .ओ.ट .), आई.ई.सी. साम ी के उपयोग आ द क
भार अ भयंता/ मु य अ भयंता, संबं धत वभाग अथात ् जल यव था करना;
संसाधन, ामीण वकास और पंचायती राज, वा य,
xiii.) सु नि चत करना क उपयो गता माण प (य.सी.)
ू ,
ाथ मक श ा, व त, आ द के अ धकार इसके पदे न सद य
सपं र त लेखा ववरण (ए.एस.ए.) आ द समय पर
ह गे। जल, ामीण वकास, सावज नक/ सामदा ु यक वा य
भारत सरकार को तत
ु कए जाएं;
और साफ-सफाई, व छता के े से संबं धत अ धकतम तीन
वशषे और ति ठत विै छक संगठन को सह-योिजत xiv.) रपोट , सफलता क कहा नय , सव तम थाओं को
सद य के प म शा मल कया जाएगा। आई.एम.आई.एस. और रा य के भीतर साझा करना और
एस.ड य.एस.एम. क कायकार समत के काय रा य के सोशल मी डया वारा उसका सार करना;

न न ल खत ह गे: xv.) के और रा य - दोन क सरकार वारा शु कए
i.) डी.ड य.एस.एम.
ू के नमाण म सहायता दे ना, आव यक अ भयान परेू रा य म चलाना;
मता सवं धन सु नि चत करना, इसके कामकाज क xvi.) अ छे काय न पादन वाले िजल , ाम पच ं ायत और/ या
नय मत नगरानी करना; डी.ड य.एस.एम.
ू के साथ इसक उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी
सम वय करना, जानकार का मलान करना, वा षक स म त/ यो ता समह ू , आ द, और आई.एस.ए. को
काय योजनाओं (ए.ए.पी.) को अं तम प दे ना; समय-समय पर चि नत करना और उ ह ो सा हत
ii.) जल आपू त प रयोजनाओं के वा त वक और व तीय करने के लए नी तयां बनाना;
काय न पादन और बधं न क नगरानी करना;
xvii.) जी.आई.एस. लेटफॉम पर जल जीवन मशन
iii.) एकल नोडल खाता खोलने के लए अनमोदनु दे ना और प रसपं ि तय क डिजटल इ व बनाना और उसे
पी.एफ.एम.एस. का काया वयन सु नि चत करना; अपडटे करना;

iv.) डी.ड य.एस.एम.


ू के साथ मलकर भ न- भ न कार xviii.) कसी गाव ं म ि थत घर क सं या के आधार पर जल
क योजनाओं का डज़ाइन तयै ार करना और उ ह साझा जीवन मशन के लए रा य व श ट नार , द वार
करना; च कार के बारे म और उन े के बारे म नणय लेना,
जहां इ ह च त कया जाना हो।
v.) जहां भी सभ
ं व हो, नवाचार, नई ौ यो गक को बढ़ावा/
समथन दे ना; स म त क वा षक आम बठै क (ए.जी.एम.) म न न ल खत का
नणय/ अनमोदन
ु कया जा सकता है,
vi.) मू याकं न अ ययन, भाव आकलन अ ययन करना,
ु ं ान एवं वकास ग त व धयां चलाना;
अनसध i.) खाता खोलना;

vii.) आई.एम.आई.एस. पर जल जीवन मशन क वा त वक ii.) सी.ए.जी के सचीब


ू लेखा पर क म से सोसाइट के
और व तीय ग त को नय मत प से अपडट
े करना लए लेखा पर क क नयिु त;
और उसका स यापन करना;
iii.) वा षक योजना क काय न पादन समी ा; तथा
viii.) व रत काया वयन के लए के कत
ृ न वदा या के
iv.) अगले वष क वा षक योजना क मज
ं रू , आ द।
मा यम से दर अनबध
ु ं पर नणय ले न ा और सचीब

ति ठत नमाण एज सय / व े ताओं को पन ै ल म हर रा य म 'रा य तर य योजना सं वीकृ त स म त'
शा मल करना; (एस.एल.एस.एस.सी.) होती है जो मलू प से 'रा य तर य
ix.) भागीदार एन.जी.ओ./ वी.ओ./ एस.एच.जी. को तकनीक स म त' के प म काम करती है और इसी स म त को
काया वयन सहायक एज सय (आई.एस.ए.) के प म जल जीवन मशन के लए पनग ु ठत कया जाएगा/जार रखा
सचीब
ू करना; जाएगा। मु य स चव/ धान स चव/ पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.

वभाग के भार स चव क अ य ता वाल एस.एल.एस.एस.सी.
x.) भगतान
ु से पव,
ू काय के नर ण के लए अ य प क म, यथा-ि थ त, न न ल खत सद य हो सकते ह:
नर ण एज सय को नयोिजत करना;
i.) वभाग/ मशन से, भारत सरकार का तनध
xi.) रा य सचना
ू , श ा और सच ं ार (आई.ई.सी.)/ यवहार
प रवतन सचं ार (बी.सी.सी.) कायनी त नधा रत करना। ii.) एस.ड य.एस.एम.
ू के मशन नदे शक
आई.ई.सी. ग त व धय के लए नधा रत सहायता न ध
iii.) नदे शक, े ीय के य भजल
ू बोड कायालय
का भावी उपयोग सु नि चत करना;
iv.) नदे शक, रा य जल सस
ं ाधन/ भजल
ू वभाग
xii.) मशन के व भ न तर पर कायरत क मय के लए
मता सव
ं धन क काय योजना तय
ै ार करना और उसके v.) के य जल आयोग के े ीय कायालय का नदे शक

29
सं थागत तं

vi.) रा य और/ या रा य तर के ति ठत तकनीक जल बंधन, सामदा ु यक वा य, सामदा ु यक वकास आ द


सं थान के तकनीक वशष
े के े के ति ठत यि तय और थानीय सांसद को सद य
के प म सह-योिजत कया जा सकता है । कायकार अ भयंता
vii.) मु य अ भयत
ं ा, नयोजन, पी.एच.ई.डी. /
(ई.ई.), पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग, इस स म त के
आर.ड य.एस.
ू वभाग
सद य स चव ह गे। अत ं : ाम जल आपू त क म को
viii.) रा य के मु य स चव वारा ना मत कोई अ य सद य शास नक अनमोदन ु दे ने पर वचार करने और उ ह अनमोदन

(आव यकता आधा रत) दे ने, गाँव के जल ोत क र ा और संर ा क योजना बनाने,
ix.) इंजी नयर-इन-चीफ, पी.एच.ई.डी. / आर.ड य.एस.
ू े-वॉटर का बंधन करने, जल नकाय / ोत को द ू षत होने
वभाग, इस स म त के सद य-स चव ह ग।े से बचाने आ द के लए डी.ड य.एस.एम. ू वारा मा सक बठ ै क
आयोिजत क जाएगी। हर वष िजले क वा षक काय योजना
वभाग/ रा य मशन को बठ ै क से कम से कम 15 दन पहले बनाने म, िजला पंचायत के अ य /सांसद/ वधायक जस ै े जन
बठै क क कायसची ू भेजी जाएगी ता क वह ताव क जाच ं कर त न धय से उनके मत क जानकार मांगी जा सकती है ।
सके, अपना मत बना सके, सव े ठ तकनीक -आ थक
जानकार दान कर सके और उसके त न धय वारा डी.ड य.एस.एम.
ू को समथन दे ने के लए काय क मा ा, िजले
एस.एल.एस.एस.सी. बठ ै क म भाग लया जा सके। सद य- के आकार के आधार पर न न ल खत मानव संसाधन
स चव उन योजनाओं के अनमोदन ु के लए एस.एल.एस.एस.सी. नयोिजत करने का सझाव
ु है :
क बठ ै क बलाएग
ु ं े , जो डी.ड य.एस.एम.
ू के अनमोदन
ु के
i.) तकनीक , व तीय बंधन और नगरानी के लए
अ धकार- े म नह ं आती ह अथात अत ं :िजला/ अ तर-िजला
प रयोजना बंधक
वतरण नट े वक, े ीय जल आपू त क म, वॉटर स, शोधन
सय ं ं आ द के मा यम से थोक जल आपू त से सब ं ं धत ii.) आई.एस.ए. के लए सम वयक
योजनाओं के अनमोदन ु के लए। एस.एल.एस.एस.सी. के सम
रखे गए ताव क नरपवाद प से समी ा, योजना क तय iii.) आई.ई.सी. के लए सम वयक
अव ध के दौरान पया त मा ा म नधा रत गणव ु ता वाले iv.) मता संवधन और श ण के लए सम वयक
पेयजल क उपल धता क जाच ं हे तु ' ोत खोज स म त' वारा
क जानी चा हए। ोत खोज स म त के सद य के बारे म v.) एम.आई.एस. के लए सम वयक
नणय, एस.ड य.एस.एम. ू वारा लया जा सकता है । येक
vi.) ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस. के लए सम वयक
रा य को भ न- भ न तर के अ धका रय को तकनीक
वीकृ त दे ने का अ धकार ा त है और जल जीवन मशन के य द इ ह अनबंु ध के आधार पर नयोिजत कया हो तो,
लए उ ह अ धसू चत कया जा सकता है । उपयु त तकनीक / वषय वशष े को पा र मक, सम
सहायता ग त व ध न ध म से दया जाएगा।
5.3 िजला जल और व छता मशन
(डी.ड य.एस.एम.) डी.ड य.एस.एम.
ू के काय न न ल खत ह गे:

िजला तर पर, डी.ड य.एस.एम., जल जीवन मशन के सम i.) एफ.एच.ट .सी. के लए येक गांव का जायजा लेने के

काया वयन के लए िज मेदार होगा। डी.ड य.एस.एम.
ू क बाद ' ाम काय योजना' तय
ै ार करना;
अ य ता उपायु त/ िजला कले टर (डीसी) करगे। इसके ii.) वष 2 0 2 4 तक येक ामीण प रवार को
सद य न न ल खत ह गेः- एफ.एच.ट .सी. दान करने क ि ट से 'िजला काय
i.) मु य कायकार अ धकार (सी.ई.ओ.)–िजला प रषद/ योजना' ('िजला काय योजना' ) को अं तम प दे ना;
िजला वकास अ धकार / मु य वकास अ धकार
iii.) एस.ड य.एस.एम.
ू वारा द त शि तय के अनसार
ु ,
ii.) संभागीय वन अ धकार िजला तर पर अत ं : ाम जल आपू त कम/
प रयोजनाओं को शास नक वीकृ त दान करना;
iii.) आई.ट .डीए./ आई.ट .डी.पी. िजल के प रयोजना नदे शक

iv.) िजला च क सा अ धकार iv.) तालमेल था पत करके गाँव के भीतर मौजद


ू ोत के
था य व से जड़ु े काय और े-वॉटर बंधन के लए
v.) िजला श ा अ धकार न धय क उपल धता सु नि चत करना और
vi.) कायकार अ भयंता, जल संसाधन/ भजल/
ू सच
ं ाई प रयोजनाओं को तभी मंजूर दे ना, जब ये घटक
डी.पी.आर. का ह सा बनाए गए ह ;
vii.) िजला कृ ष अ धकार
v.) आई.एस.ए. समथन क आव यकता वाले गांव क
viii.) िजला सचना
ू और जनसंपक अ धकार
पहचान करना, तयै ार क गई पन
ै ल-सची
ू म से
ix.) कायकार अ भयंता, पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू आई.एस.ए. को नयोिजत करना और उनके काय
वभाग (सद य-स चव) न पादन क नगरानी करना;

30
vi.) ाम काय योजना' म स य भागीदार के लए xviii.) रा य तर पर मा टर े नर के प म श त कए
पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग को आव यक जाने वाले ऐसे यि तय क पहचान करना, जो ाम
दशा- नदश दे ना और ाम पंचायत और/ या इसक उप- पंचायत और/ या इसक उप-स म त, यानी
स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह ू , आद
यो ता समह ू , आ द के परामश से तकनीक -आ थक का मता संवधन करगे;
फ़ िज़ ब लट शु करना, डी.पी.आर. तय ै ार करना;
xix.) ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
vii.) ाम काय योजना (वी.ए.पी.) को अनमो
ु दत करना, वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समहू , आद
िजसम अत ं : ाम अवसंरचना के नमाण अथात ् से कायार भ का माण प ा त होने के बाद
रे ो फ टग
ं या नई योजना का ा कलन और इसके आई.एम.आई.एस. पर एफ.एच.ट .सी. अपलोड करना;
काया वयन क समय-सारणी शा मल हो;
xx.) जल जीवन मशन के आई.एम.आई.एस. और िजले के
viii.) इकाई क क म के डजाइन का नधारण करना और भीतर क रपोट , सफलता क कहा नय , सव तम
एस.ड य.एस.एम.
ू या पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू थाओं को अनमोदन
ु दे ना और उ ह साझा करना;
वभाग, आई.एस.ए., ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-
स म त, यानी वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता xxi.) जल जीवन मशन के संबंध म के और रा य सरकार
समहू , आ द वारा तय क गई लागत को अनमोदन
ु दे ना। - दोन वारा शु कए गए सभी अ भयान का संचालन
करना;
ix.) ‘ ाम काय योजना’ से उभरने वाल अनमा
ु नत वा षक
आव यकता के आधार पर पन ै ल-सची
ू म से एजसी को xxii.) समय-समय पर अ छे काय न पादन वाल ाम
नयोिजत करना और उसे काय स पना; पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह
ू ,आद
x.) एजसी को भगतान
ु करने से पहले काय के नर ण के
और आई.एस.ए. को मा यता दे ना;
लए अ य प क एजसी को नयु त करना;
xxiii.) सधारा
ु मक कारवाई के लए वा य संकेतक , जल
xi.) ाम पंचायत क उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /
ज नत बीमा रय आ द के आक
ं ड़ का व लेषण करना;
पानी स म त/ यो ता समह ू , आ द के गठन म
सहायता दे ना और योजना के काया वयन को सु नि चत xxiv.) जहां भी आव यक हो, ाम पंचायत और/ या उसक
करने म मागदशन दे ना; उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/
यो ता समहू , आ द के लए य अनभव- ु या ाओं
xii.) ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
क यव था करना;
वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह ू , आद
के साथ सम वय करना, सचनाओू ं का मलान करना, xxv.) सु नि चत कर क जल जीवन मशन आरं भन काय म
'िजला काय योजना' ('िजला काय योजना') तय ै ार करना के ह से के प म गांव म नधा रत ा प म रा य-
और इसे एस.ड य.एस.एम.
ू को भेजना; व श ट नारे च त कए जाएं;
xiii.) पी.एम.के.वी.के. के साथ मलकर जल जीवन मशन के xxvi.) सख/
ू े बाढ़ जस
ै ी आपदाएं आने पर आव यक कदम उठाना;
तहत अ त: ाम अवसंरचना बनाने के लए ाम पंचायत
और/ या उसक उप-स म त, यानी वी.ड य.एस.सी./ू xxvii.) शकायत नवारण करना;
पानी स म त/ यो ता समह ू , आ द वारा नयु त कए xxviii.) सु नि चत करना क सम त जानकार आई.एम.आई.एस.
जाने यो य कशलु मानव संसाधन का एक समहू बनाना। पर उपल ध हो।
उनका पा र मक भगतान ु , सहायता न ध म से कया
जा सकता है ; 5.4 ाम पच
ं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
xiv.) आई.एम.आई.एस. पर जल जीवन मशन क वा त वक ाम जल और व छता स म त (वी.ड य.एस.सी.)/

और व तीय ग त का नय मत अपडट े सु नि चत पानी स म त/ यो ता समह,ू आ द।
करना और उनका स यापन करना;
ज.ेज.ेएम. के तहत यह प रक पना क गई है क समदाय, ु
xv.) वा त वक और व तीय काय न पादन क नगरानी और अतं : ाम जल आपू त अवसरंचना क आयोजना, काया वयन,
मू यांकन करना; बध ं ालन और रख-रखाव म मु य भू मका नभाएगा,
ं न, सच
xvi.) एन.जी.ओ./ वी.ओ./ सी.बी.ओ. भागीदार क तन
ै ाती, िजसके प रणाम व प, हर ामीण घर म एफ.एच.ट .सी. उपल ध
काया वयन सहायता एजसी (आई.एस.ए.) के प म हो सकेगा। ाम सभा सक ं प और सामदाु यक योगदान के
सकर
ु बनाना; मा यम से त बं बत समदाय
ु क त परता, गाव
ं म जल आपू त
णाल क योजना बनाने का सबसे मह वपणू मानदंड होगा।
xvii.) आई.ई.सी./ बी.सी.सी. रणनी त को कायाि वत करना
और उसके लए नधा रत सहायता न ध का भावी ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
उपयोग सु नि चत करना; वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह,
ू आ द सं वधान

31
सं थागत तं

के 73व सश ं ोधन म प रकि पत व धमा य इकाई के प म iv.) के कत


ृ व तु दर न वदा या के मा यम से
काय करग।े ाम सभा तय करे गी क ाम पच ं ायत या उसक एस.ड य.एस.एम.
ू वारा यथा- नधा रत एज सय /
उप-स म त गाव ँ म जल आपू त बध ं न क िज़ मद े ा रय को व े ताओं से नमाण सेवाओ/ं व तओ/ ु ं साम ी का
नभाएगी या नह ।ं जहाँ भी उप-स म तय अथात ् ापण करना;
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह,ू इ या द को
v.) अतं : ाम अवसरंचना नमाण क पजंू ीगत लागत म यथा-
चनाु जाएगा, वहां उनका नत े ृ व सरपच ं / उप-सरपच ं / ाम ि थ त 5% या 10% अश ं दान करने के लए और एकजट ु
पचं ायत सद य/ पारं प रक मु खया/ व र ठ ाम नत े ा कर सकते होने के लए समदाय को े रत करना। यह अशं दान नकद

ह, िजसका नणय ाम सभा ले सकती है और स चव के प म और/ या व तु और/ या म के प म हो सकता है;
काय पच ं ायत स चव/ पटवार / तलाती वारा कया जा सकता है।
इस स म त म 10-15 सद य शा मल हो सकते ह, िजसम 25% vi.) ोत था य व, गंदले जल के पन:
ु उपयोग, जल संर ण
तक पच ं ायत के नवा चत सद य शा मल ह ; 50% म हला उपाय , आ द स हत अतं : ाम अवसंरचना के नमाण का
सद य ह (जो सफलता क कंु जी ह); और शष े 25% म गाव ँ के पयवे ण करना;
कमजोर वग (एस.सी./ एस.ट .) के त न ध, उनक आबाद के vii.) सामदा ु यक अश ं दान के लए और चालन एवं रख-रखाव
अनपात ु म शा मल ह । आमतौर पर, उप-स म त का कायकाल सव े ा शु क जमा करने के लए बक खाता खोलना/ ाम
2-3 साल का होगा और जल जीवन मशन अव ध के दौरान ाम पचं ायत के मौजदाू खाते का उपयोग करना। य द कसी
सभा को उप-स म त का पनगठ ु न करने का अ धकार होगा। य द मौजदा ू खाते का उपयोग कया जा रहा हो, तो यह
उप-स म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी स म त/ यो ता सु नि चत कया जाना चा हए क अश ं दान और ो साहन
समह ू आ द म पच ं ायत के नवा चत सद य का कायकाल, रा श के लए एक अलग बह -खाता बनाया जाए;
क ह ं कारण से समा त हो गया हो, तो डी.ड य.एस.एम. ू
viii.) उन खात के लए रिज टर बनाएं और उसका रख-रखाव
वारा उप-स म त क नरं तरता सु नि चत क जाएगी जब तक
कर, जो नकद और/ या व तु और/ या म के संदभ म
क ाम पच ं ायत का पनगठ ु न नह ं हो जाता। इसी तरह, िजन
ु यक योगदान; नमाण क लागत; चालन एवं
सामदा
रा य म नवा चत ाम पच ं ायत मौजद ू नह ं है, वहां उप- रख-रखाव लागत/ जल शु क सं ह और ा त ो साहन
स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी स म त/ यो ता समह ू रा श को दशाते ह ;
आ द का नत े ृ व पारं प रक ाम नत े ाओ/ं व र ठ ाम नत े ा वारा
कया जा सकता है, िजसका नणय ाम प रषद ले सकती है ix.) पी.आर.ए. ग त व धय के लए समदाय
ु को एकजट
ु करना;
और इनका कायकाल न द ट कर सकती है। ाम पच ं ायत या x.) जल शु क/ यो ता शु क नि चत करना और एक
उसक उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी स म त/ करना;
यो ता समह, ू आ द के लए पच ं ायती राज अ ध नयम के तहत
xi.) थानीय जल ोत स हत अत
ं : ाम जल आपू त णाल
रा य सरकार, उपयु त अ धसचना ू जार करे गी।
के बंधन और नय मत चालन एवं रख-रखाव क
य द छट-पटु बसावट / बि तय म वतं जल आपू त णाल िज मेदार लेना;
क योजना बनाई जाती है, तो ऐसी बसावट / बि तय म एक
xii.) ाम पंचायत/ ाम प रसंपि त रिज टर म पेयजल
यो ता समह ू ग ठत कया जाना होगा, जो जल आपू त णाल प रसंपि त ववरण दज करना;
का अपन व, बध ं न, चालन और रख-रखाव करे गा। ऐसे
यो ता समह,
ू ाम पचं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ् xiii.) योजना के परा
ू होने पर उसका ायो गक तौर पर
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त आ द के त जवाबदे ह ह ग।े इ तम
े ाल सगम
ु बनाना;
जल जीवन मशन न ध का उपयोग गाव ँ / ब ती से दरू ि थत xiv.) अ य प वारा नर ण और कायशीलता मू यांकन
कसी एकल घर/ फाम हाउस के लए नह ं कया जा सकता है। सगम
ु बनाना;
ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ् xv.) एक वष म कम से कम चार बार आव धक बठ ै क
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह,
ू आद आयोिजत करना और उनका कायव ृ त/ रकॉड रखना;
न न ल खत काय का नवहन करगे:
xvi.) फ ड जांच कट (फ ड पर ण कट) का उपयोग करके
i.) हर मौजदा
ू ामीण प रवार और भ व य म अि त व म जल क गणव ु ता का पर ण सु नि चत करना,
आने वाले कसी नए प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान योगशालाओं म समय-समय पर पर ण कराना और
करना और यह सु नि चत करना क मु य बि तय से समदाय
ु के बीच इसका चार- सार करना और सफाई
दरू ि थत छट-पट
ु घर को भी एफ.एच.ट .सी. ा त हो; नर ण करवाना। इन ग त व धय को करने के लए
ामीण यवाओ/
ु ं छा / म हलाओं को नयोिजत/
ii.) जल आपू त योजना के लए ाम काय योजना श त करना;
(वी.ए.पी.) क तय
ै ार सु नि चत करना;
xvii.) संबं धत रा य क नी त के अनसार,
ु फ ड पर ण कट
iii.) गाव
ँ के भीतर जल आपू त योजनाओं क आयोजना का उपयोग करके जल क गणव ु ता का पर ण
बनाना, इनक परेखा बनाना, काया वयन, चालन और सु नि चत करने के लए एक सम पत यि त को
रख-रखाव करना और मौसमी आपू त का समय तय करना; नयु त कया जा सकता है ;

32
xviii.) सामािजक संपर ा करवाना; सच ं ालन के लए व तीय सहायता दान क जाएगी।
डी.ड य.एस.एम.
ू वारा आई.एस.ए. के चयन के बाद,
xix.) जल के ववेकपण ू उपयोग पर जाग कता अ भयान
पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग क सहायता से सप ं ण

चलाना; पानी का कोई द ु पयोग न करे , यह सु नि चत
योजना च के लए उसे स पे गए गाव ं क काय योजना एजसी
करने के लए एक तं वक सत करना और द वार पर
को ह तय ै ार करनी होगी और प ट प से तमाह आउटपट ु तय
च कार आ द करवाने स हत नधा रत आई.ई.सी.
करना होगा। यह आयोजना एस.ड य.एस.एम.
ू वारा सझाए
ु गए
अ भयान चलाना;
योजना च के अनु प होगी। आई.एस.ए. को कया जाने वाला
xx.) पंप ऑपरे टर, जमीनी तकनी शयन को नयु त करना/ भगतान
ु समय-ता लका और तमाह आउटपट ु से जोड़ा जाएगा।
काम पर लेना, नय मत प से मर मत एवं रख-रखाव आई.एस.ए. का भगतान,ु सहायता न धय म से कया जाएगा।
काय करना और णाल का संचालन करना।
आई.एस.ए. के काय न न ल खत ह गे:
5.5काया वयन सहायता एज सयां (आई.एस.ए.) i.) ाम पंचायत क उप-स म त अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /
पानी स म त/ यो ता समहू , आ द का गठन सगमु
गैर-सरकार संगठन / वयंसेवी संगठन / म हला व-सहायता
बनाना और इसके कायक ताओं के मता संवधन क
समह ू / सी.बी.ओ./ यास / त ठान को आई.एस.ए. कहा
जाएगा और वे अत ं : ाम आपू त अवसंरचना क आयोजना, यव था करना;
डजाइन, काया वयन, बंधन, चालन और रख-रखाव के लए ii.) परैा 5.4 म नधा रत सभी काय , िजनम अ य के साथ-
समदाय
ु को े रत करने और साथ लाने म एक भागीदार के प साथ बक खाते खोलना, सामदा ु यक अश ं दान जटाना
ु ,
म मह वपण ू भू मका नभाएंगी। एस.ड य.एस.एम.
ू वारा चालन एवं रख-रखाव क यव था करना, ाम सभा
पनै ल म शा मल काया वयन सहायता एज सय 14 म से एक का आयोजन करना, उप-स म त क बठ ै क आयोिजत
आई.एस.ए. क नयु त डी.ड य.एस.एम.ू वारा क जाएगी। करना, ाम सभा म संक प पा रत कया जाना सगम ु
पांच साल क 'िजला काय योजना' के आधार पर, हर साल कवर बनाना और ाम योजना क वीकृ त दे ना, व छता
कए जाने वाले गांव क सं या नधा रत क जाएगी। ये और े-वॉटर बंधन ग त व धय , आ द को सकर ु
चि हत गाँव भ न- भ न े णय अथात ् वतरण नेटवक और बनाना आ द शा मल ह, म ाम पंचायत और/ या इसक
एफ.एच.ट .सी. के ि ट से केवल अं तम छोर क कनेि ट वट उप-स म त अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/
क आव यकता वाले गांव, वे गांव िजनम जल के ववेकपण ू यो ता समहू आ द को सहायता दे ना;
उपयोग पर केवल आई.ई.सी. अ भयान चलाए जाने ह, चालन
iii.) एफ.एच.ट .सी. क आव यकता का मू यांकन करना
एवं रख-रखाव सहायता क ज रत वाले गांव, नई योजनाओं क
और एफ.एच.ट .सी. ा त करने के लए समदाय
ु को
आव यकता वाले गांव आ द के प म वग कत ृ कए जाएंगे,
े रत करना;
और मागदशन के लए आई.एस.ए. को नयु त करने हे तु इन
गांव को समहब ू कया जाएगा। तदनसार,
ु येक वष इन iv.) डी.ड य.एस.एम.
ू और वी.ड य.एस.सी.
ू के बीच
े णय म से येक के लए नयोिजत क जाने वाल सम वय मंच के प म काय करना;
आई.एस.ए. क आव यकतानसार ु सं या और समय-सारणी
नधा रत क जाएगी। नई योजनाओं के लए, येक v.) सामदा
ु यक जाग ृ त हे तु सहभागी ामीण मू यांकन
आई.एस.ए. एक बार म 40-60 गांव के लए अ धकतम 18 (पी.आर.ए.) उपकरण का उपयोग करना और
मह ने के परेू प रयोजना च के लए िज मेदार होगा। आव यकता मू यांकन करना;

िजले क आव यकता के आधार पर और आई.एस.ए. के काय- vi.) भारत सरकार/ रा य सरकार वारा शु कए गए जल
न पादन को दे खते हए अ भयान म समदाय
ु क सहायता करना;
ु उ ह चार से छह मह ने के बाद 40-60
गांव का अगला समह ू दया जाएगा या दसराू आई.एस.ए. vii.) जल के व भ न पहलओ ु ं जस
ै े वषा जल संचयन, कृ म
नयु त कया जाएगा। िजले म, काय और मागदशन क पनभर ण, जल गणव ता, जल ज नत बीमा रय , जल क
ु ु
आव यकता के आधार पर कई आई.एस.ए. नयु त कए जा बचत, जल का रख-रखाव, पेयजल के ोत म व ृ /
सकते ह। आयोजना इस तरह से तय ै ार क जानी चा हए क जल
ु ं आ द के बारे म जाग कता पद
था य व के पहलओ, ै ा
जीवन मशन को मशन मोड म कायाि वत कया जा सके और
करना;
वष 2024 तक िजल के सभी गाँव के सभी ामीण प रवार को
एफ.एच.ट .सी. उपल ध हो सके। viii.) गांव से ा त होने वाल सफलता क कहा नय का
लेखन करना और उ ह अपलोड करना;
आई.एस.ए., अत
ं : ाम जल आपू त णाल और योगदान क
आयोजना, काया वयन, बंधन, चालन और रख-रखाव के ix.) गांव म उ चत थान पर द वार पर च कार सु नि चत
सभी तर पर म हलाओं क भागीदार को सगम
ु बनाएगा। करना;

प रणाम ा त करने के लए, आई.एस.ए. को 6-8 सद य वाल x.) सामािजक यवहारगत प रवतन संचार (एस.बी.सी.सी.)
एक ट म नयोिजत करने और प रयोजना ग त व धय के काय व धयाँ चलाना।

60 िजल क सची
14
ू अनबं
ु ध-XII पर है

33
सं थागत तं

5.6 लोक वा य इंजी नय रग


ं वभाग/ ामीण और बंधन का काय करना और यह सु नि चत करना
क गाँव म बनाए गए हौद तक जल पहँु चाया जाए;
जल आपू त वभाग
viii.) जल गणव ु ता भा वत े के मामले म, यह
रा य सरकार वारा यथा- नधा रत लोक वा य इज ं ी नय रगं
सु नि चत करना क उपयु त जल शोधन ौ यो गक
वभाग (पी.एच.ई.डी.)/ आर.ड य.एस. ू वभाग, रा य म जल
का उपयोग कया जाए और आपू त के लए व छ जल
जीवन मशन के काया वयन के लए सब ं / नोडल वभाग ह ग।े
उपल ध कराया जाता रहे ;
दशा नदश के परैा 6.2 म बह-ु ाम योजनाओं के लए अत ं : ाम
अवसरंचना और बु नयाद ढाच ँ े ( वतरण नट े वक/ े ीय जल ix.) एम.बी. म वि ट करना और चल रहे काय का बल
आपू त ड) के नमाण म इसक भू मका व णत है। यह यान बनाना;
रखना मह वपण ू है क य य प पच ं ायती राज सं थाए,ं न मत
क गई अत ं : ाम अवसरंचना के मा लक और बध ं क ह, ले कन x.) ायल रन करना और क म के कायार भ को सगम

इसक परे खा नमाण, ा कलन, न वदा, तकनीक मागदशन बनाना;
और काय न पादन क गणव ु ता सु नि चत करने क
xi.) मौजदा/
ू न मत क गई प रसंपि तय का ववरण ा त
िज़ मदे ार वभाग क होगी। वे गाव ं के घर से पी.आर.आई.
करना और उ ह िजयो-टै ग करना;
वारा ा त कए जाने वाले शु क को नधा रत करने म
मागदशन दग,े ोत था य व और े वाटर बध
ं न, xii.) आधारभतू मान च ण के भाग के प म आधार के
आई.एम.आई.एस. पर आक ं ड़े वि ट करने और आक ं ड़ का रख- मा यम से घर के मु खया को मौजदा
ू एफ.एच.ट .सी. से
रखाव आ द करने लए अ य वभाग के साथ सम वय करग।े लकं कया जाना सु नि चत करना;

हर रा य म, एस.ड य.एस.एम.
ू वारा जल जीवन मशन के xiii.) अतं : ाम अवसंरचना वाले थान पर चारद वार से घरे
काया वयन के लए इंजी नय रगं वभाग/ बोड/ एजसी चि हत 'जल काय' प रसर का डज़ाइन बनाना और इसे थानीय
क जाएगी। गाँव के भीतर के अवसंरचना नमाण म इस सं कृ त के अनसार
ु उपयु त नाम दे ना।
वभाग/ बोड/ एजसी क भू मका न नानसार
ु होगी :
5.7 से टर साझद
े ार
i.) पी.आर.ए. ग त व धय म भाग लेना, गांव क
आव यकता का आकलन करना, और ' ाम काय योजना' से टर साझद े ार का आशय संयु त रा एज सय , अत ं रा य
तय
ै ार करने म तकनीक सहायता दान करना; वकास एज सय , फाउं डशे न/ यास/ एन.जी.ओ./ सी.बी.ओ./
सी.एस.आर. न ध वाले कॉरपोरे ट जस ै े संगठन से है , जो
ii.) पेयजल ोत क पहचान करने के लए ाम पंचायत
यापक तर पर भावशाल तर के से जल े म स य प से
और/ या इसक उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /
काय कर रहे ह। उनसे उ मीद है क उनके व तत ृ अनभव
ु को
पानी स म त/ यो ता समह
ू , आ द को वै ा नक और
दे खते हए
ु वे जल जीवन मशन के काया वयन म एक बड़ी
तकनीक जानकार दान करना;
भू मका नभाएंगे। सु वधा दाता क उनक भू मका से, दे श के
iii.) संबं धत जल वद (हाइ ोलॉिज ट)/ भजलू अ धका रय ामीण े म बेहतर तर के से सरु त पेयजल उपल ध कराने
को शा मल करते हए
ु थायी प से ोत क मा ा और म सहायता मलेगी। जल जीवन मशन म योगदान करने के
गणव
ु ता के लए ाम पंचायत और/ या इसक उप- लए के , रा य और िजला तर पर, साझद े ार क मता के
स म त, अथात वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ आधार पर उ ह चि नत कया जाएगा।
यो ता समह,ू आ द वारा चय नत ोत का माणन
सु नि चत करना; रा य तर पर भी इसी कार से से टर साझद े ार को चि नत
कया जाएगा। वभाग/ रा य मशन, रा य वारा मानव
iv.) रे ो फट क जा सकने वाल मौजदा
ू प रसंपि तय क संसाधन सहायता उपल ध कराने, डजाइ नग ं अ भयान चलाने,
पहचान करना; जल जीवन मशन सं थागत तं का मता संवधन करने,
v.) ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ् ौ यो गक म नवाचार लाने, बंधन, नगरानी आ द के लए
वी.ड य.एस.सी./ पानी स म त/ यो ता समह से टर साझदे ार के साथ भागीदार क जाएगी।
ू ू आद
वारा वचारण और वीकृ त के लए अ त: ाम इन साझद
े ार म न न ल खत शा मल हो सकते ह:
अवसंरचना डजाइन का ा कलन तय ै ार करना और
तकनीक वीकृ त दान करना; i.) संयु त रा संघ और अ य अत
ं रा य वकास संगठन;

vi.) जहां भी आव यक हो, काय के न पादन के लए ii.) सी.एस.आर. न धय वाला यापार और उ योग जगत;
वध
ै ा नक/ काननी
ू और अ य अनापि तयां ा त करना; iii.) समदाय-आधा रत संगठन;

vii.) बहु ाम क म के मामले म ोत वकास स हत थोक
iv.) ु धान एवं वकास सं थान;
ान और अनसं
(ब क) जल अत
ं रण के बंधन, शोधन और वतरण
नेटवक क आयोजना, डजाइन, काया वयन, संचालन v.) परैवी भागीदार;

34
vi.) श ण/ कौशल वकास सं थान; वारा आयोिजत कायशालाओं, स मेलन आ द म
शा मल होता है , वहां वा त वक ज रत के आधार पर
vii.) व व व यालय/ तकनीक सं थान।
इसके लए जे.जे.एम. के तहत सहायता न ध म से धन
से टर साझद
े ार न न ल खत काय म सहायता दगे: उपल ध कराया जा सकता है ।

i.) एस.ड य.एस.एम./


ू डी.ड य.एस.एम.
ू तर पर, उनके 5.8 रा य पेयजल, व छता और गणव
ु ता
काय के नवहन के लए वशष े ता- ा त मानव
के (एन.सी.डी.ड य.एस.
ू य.)

संसाधन सहायता दान करना;
कोलकाता ि थत रा य पेयजल, व छता और गणव ु ता
ii.) श ण के लए उ चत साम ी, काय म, संकलन
के को डी.डी.ड य.एस.,
ू जल शि त मं ालय क एक
तय
ै ार करके जे.जे.एम. से जड़
ु े व भ न कायक ताओं के
वाय त सं था के प म सं था पत कया गया है , िजसका
मता संवधन क आयोजना बनाना;
उ े य दे श म आस नक और लोराइड पर वशष े बल दे ते हए,

iii.) आई.ई.सी./ आउटर च अ भयान क परे खा बनाना; पेयजल क गणव ु ता और व छता सं ब ध
ं ी सम याओ ं क
पहचान करने, उनका शमन करने और बंधन करने के े म
iv.) सामदा
ु यक बंधन, ौ यो गक नवाचार, जल संर ण,
काय करना और नी त नमाण के लए सचना ू उपल ध कराना
आ द संबंधी सव तम थाओं के बारे म जानकार का
है । यह के , सम तापण ू और एक कतृ तर के से जल बंधन
लेखन करना और उसका सार करना;
से जड़ ु े ज टल मु से नपटने के लए जल और व छता के
v.) समय-समय पर आव यकतानसार ु कायशालाएं, उ कृ ट के के प म काम करे गा। जे.जे.एम. के काया वयन
स मेलन, से मनार आ द के आयोजन म मदद दान म एक बड़ी और साथक भू मका नभाने के लए इसे सु ढ़ कया
करना। जहां भी वभाग/ रा य मशन, से टर साझद
े ार जाएगा।

35
अ याय

6 काया वयन


ल जीवन मशन एक समयब मशन-मोड जल पया त मा ा और गणव ु ता के अनसार
ु उपल ध है , वहां
काय म है , िजसके मा यम से यह सु नि चत उन रा य को सलाह द गई है क वे इन ोत के आधार पर
कया जाना है क वष 2024 तक येक ामीण एकल ाम योजनाएं शु कर। बहु ाम क म का सझाव ु उन
प रवार के पास ऐसा कायशील घरे लू नल कने शन वकास खंड के लए दया गया है , जो मा ा और गणव ु ता क
(एफ.एच.ट .सी.) हो, िजसके वारा नय मत प से, नधा रत सम या वाले वकास खंड 17 के अत
ं गत नह ं आते ह।
गणव
ु ता वाला (बीआईएस: 10500) और पया त मा ा म
मोटे तौर पर, जल आपू त अवसंरचना नमाण काय को इन दो
( यनतम
ू 55 एल.पी.सी.डी.) पेयजल उपल ध कराया जा सके।
े णय म वग कत ृ कया जाएगा : -
एफ.एच.ट .सी. के वारा येक घर म तीन थान यानी रसोई,
कपड़े धोने एवं नान करने के थान और शौचालय म पानी i.) ोत वकास/ सु ढ़ करण/ संव न और े-वॉटर बंधन
(नल) उपल ध कराने क योजना बनाई जा सकती है ता क जल स हत अत
ं : ाम अवसंरचना का नमाण; तथा
व छ रहे और इसका द ु पयोग न हो। जल जीवन मशन के
ii.) थोक (ब क) जल ा फ़र, शोधन और वतरण
तहत, इन तीन थान म से त घर केवल एक थान पर ह
णा लय के लए अवसंरचना का नमाण।
नल पहंु चाने के लए व तपोषण कया जाएगा।
इस सब ं ध
ं म, रा य सरकार/ सघ ं रा य े शासन, सबं ं धत एकल ाम योजना (एस.वी.एस.), एक भजल/ू सोता आधा रत/
रा य /सघ ं रा य े के सभी गाव ं को कवर करने क समय थानीय धरातल जल योजना है , िजसे ाम पंचायत और/या
सीमा के साथ बनाई गई 'रा य काय योजना' (एस.ए.पी.) के इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल आपू त स म त/ पानी
आधार पर इस मशन को कायाि वत करग।े पय े जल एवं स म त/ यो ता समह ू आ द वारा नयोिजत और बं धत
व छता मशन वारा ाम पच ं ायत और/ या उनक उप- कया जाता है । बहु ाम योजना (एम.वी.एस.), एक भजल/

स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ धरातल -जल आधा रत योजना है , जो कई गांव क आव यकता
यो ता समह को परा
ू करती है और आमतौर पर पी.एच.ई.डी./ ाम जल
ू आ द और आई.एस.ए. के परामश से मौजदा ू जल
आपू त अवसरंचना के आधार पर येक गावँ का मू याक ं न आपू त वभाग/ बोड/ एजसी वारा इसक आयोजना बनाई
कया जाएगा। उसी के आधार पर, सझाई गई न न ल खत जाती है , िजसम ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त,

े णय म से कसी एक ेणी के तहत गाव ँ के भीतर ोत के अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता
वकास स हत जल आपू त अवसरंचना का नमाण करके येक समहू आ द अ त: ाम जल आपू त णाल का बंधन,
ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान कया जाएगा :- संचालन और रख-रखाव करती ह।

i.) अं तम छोर तक कनेि ट वट दे ने के लए पवव


ू त एस.ड य.एस.एम.
ू वारा मौजदा ू अवसंरचना अथात ्
एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के तहत चल रह योजनाओं क पाइपलाइन जल आपू त क परू हो चक ु योजनाओं और
रे ो फ टग
ं ; पाइपलाइन जल आपू त क पहले से जार योजनाओं िज ह
पहले दो वष म परा
ू कया जाना है , के सधार
ु को ाथ मकता द
ii.) परू हो चक ु ामीण जल आपू त योजनाओं को जल जाएगी । इसके अलावा, जल गणव
ु ता भा वत े , वशष
े कर
जीवन मशन के अनकल ु ू बनाने के लए उनक आस नक और लोराइड से भा वत े , डी.डी.पी. े ,
रे ो फ टग
ं ; डी.पी.ए.पी. े और एस.ए.जी.वाई. गांव म एफ.एच.ट .सी.
iii.) नधा रत गणवु ता वाले पया त भजल/सोता
ू जल/ दान करने को ाथ मकता द जाएगी।
थानीय या धरातल जल ोत वाले गाँव म एकल ाम अतं : ाम अवसरंचना नमाण और बध ं न क िज मद े ार , ाम
योजना (एस.वी.एस.); पच
ं ायत और/ या उसक उप-स म त अथात ् ाम जल और
iv.) शोधन क आव यकता वाले क तु पया त भजल
ू वाले व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द क होगी
गाँव म एकल ाम योजना (एस.वी.एस.); िजसम पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग/ एजसी और
आई.एस.ए. सहयोग दग,े जब क गाव ं क सीमा तक ब क वाटर
v.) जल ड/ े ीय जल आपू त योजना के साथ बहु ाम
ासं फर और वतरण णाल के बु नयाद ढाच ं े क िज मद े ार
योजना (एम.वी.एस.); तथा
पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग/ बोड/ नगम क होगी।
vi.) एका त/ जनजातीय छोटे गांव म लघु सौर ऊजा
पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग एक मह वपण ू भू मका
आधा रत पाइप जल आपू त।
नभाएगा और सभी तकनीक पहलओ ु ं पर ाम पच
ं ायत और/ या
के य भजल ू बोड (सी.जी.ड य.बी.)
ू ने मा ा15 और इसक उप-स म त, अथात ाम जल और व छता स म त/ पानी
गणवु ता क सम या वाले ऐसे वकास खंड क एक सची
16
ू स म त/ यो ता समह ू आ द को मागदशन देगा। यह वभाग,
तयै ार क है , िजनम पया त मा ा म नधा रत गणव ु ता का पानी क जाच ं करवाएगा और ोत से ा त जल क मा ा और
भजल ू मौजद ू है । िजन गांव म भजल/
ू धरातल जल / सोते का गणव
ु ता को मा णत करेगा, डजाइन ा कलन तय ै ार करेगा
15
डायनै मक ाउं ड वॉटर रसोसेज़ ऑफ इं डया, 2017; 2019 म का शत
16
ाउं डवॉटर वा लट इन वलो ए वीफस इन इं डया, 2018
17
मा ा और गणव ु ता क सम या वाले इन वकास खंड क सचीू जल जीवन मशन पोटल पर उपल ध है
36
और ाम पच ं ायत और/या इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल (एम.वी.एस.)/ छट-पट ु बि तय के लए सौर ऊजा आधा रत
और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आद क वतं योजनाओं के मा यम से अत ं : ाम जल आपू त
सहायता, काय- न पादन के लए एजसी क पहचान करन,े अवसंरचना तय ै ार क जाएगी। ाम पंचायत और/ या इसक
कायाि वत कए गए काय क गणव ु ता क नगरानी करन,े अ य उप-स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी
प वारा काय का नर ण करवान,े कायाि वत कए गए काय स म त/ यो ता समह ू आ द पेयजल और घरे लू ज रत के
के मापन को सगम ु बनाएगा तथा चल रहे काय का भगतान ु के लए े-वाटर मन ै ेजमट स हत जल आपू त अवसंरचना और
लए बल तय ै ार करेगा, ायल सच ं ालन करवाएगा और योजना जल संसाधन क आयोजना, काया वयन, बंधन, संचालन
का शभार
ु भ करेगा। िजन गावँ म ाम पच ं ायत और/ या इसक और रखरखाव के लए िज मेदार ह गे। इसम पेयजल ोत के
उप-स म त अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी संर ण के साथ-साथ जल-शोधन और े-वाटर का पन: ु उपयोग
स म त/ यो ता समह ू आ द काय न पा दत करने म असमथ करना भी शा मल होगा।
ह, वहां पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.ू वभाग, डज़ाइन ा कलन
येक गांव के लए, सभी प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान
आ द ाम सभा के सम तत
ु कए जाने और इनको वीकत ृ करने क ाम काय योजना (वी.ए.पी.) म लागत ा कलन,
कए जाने के बाद इस काय को परा ू करेगा। तथा प, बधं न,
काया वयन समय-सची, ू चालन एवं रख-रखाव यव था,
चालन और रख-रखाव क िज मद े ार ाम पच ं ायत और/ या
आं शक पंज ू ीगत लागत और चालन एवं रख-रखाव के लए
इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी
येक घर से अश ं दान ा त करने, ई.एस.आर./ स प क टाइप
स म त/ यो ता समह ू आ द क होगी। डजाइन, गर ब भू मह न प रवार के लए शौचालय के साथ
य द गांव को एम.वी.एस. के तहत कवर कया जाना है , तो कपड़े धोने और नान करने हे तु प रसर, मवेशी कंु ड, े-वॉटर
पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग, वतरण णाल से गांव बंधन, ोत था य व के उपाय, गांव म सभी जल नकाय
के संप हाउस तक जल पहंु चाना सु नि चत करगे। अत
ं : ाम को बरकरार रखने क योजना आ द घटक शा मल ह गे। ' ाम
अवसंरचना के नमाण के लए पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त काय योजना' के अत ं गत आव यकता के अनसार ु छट-पट

वभाग क भू मका एस.वी.एस. और एम.वी.एस. दोन के लए बसावट म पाइप से जल आपू त क योजना बनाई जाएगी।
समान रहे गी। ' ाम काय योजना' तय ै ार करने का ा प अनबं
ु ध Xक पर दया
गया है , िजसे थानीय आव यकता के अनसार ु संशो धत कया
एस.ड य.एस.एम.
ू वारा अ त: ाम अवसंरचना के
जा सकता है । जल जीवन मशन के तहत ' ाम काय योजना'
काया वयन के लए न मत क जाने वाल इंजी नय रग ं
को ाम पंचायत वकास योजना (जी.पी.डी.पी.) के साथ
संरचनाओं (जस ै े ई.एस.आर., संप, मवेशी कंु ड, कपड़े धोने/
एक कत ृ कया जाएगा।
नान करने के थान इ या द) क व श ट सं या का पता
लगाया जाएगा और उ ह ाम सभा म ततु कए जाने एवं सामािजक-आ थक व लेषण और पी.एच.ई.डी./ ाम जल
अनमो ु दत कए जाने के बाद उनक े टाइप डजाइन का आपू त वभाग वारा दान कए जाने वाले कम से कम 3
अनमोदन
ु कया जाएगा। यह मशन, इंजी नय रग ं , ापण तकनीक -आ थक यवहायता वक प के आधार पर ाम सभा
( ो योरमट) और नमाण (ई.पी.सी.) व ध से परेू क जाने वारा गाँव म दान क जाने वाल जल आपू त योजना क
वाल सं वदाओं को अं तम प दे गा और इन अ भ नधा रत क म के बारे म नणय लया जाएगा। नणय लेते समय,
संरचनाओं के न पादन के लए एका धक एज सय को सचीब ू आई.एस.ए. और पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग,
करे गा। येक सचीब ू एजसी को न द ट समय म कवर करने पसंद दा जल आपू त योजनाओं के लए बजल पर आने वाले
के लए नधा रत सं या म गांव क िज मेदार लेने क खच स हत चालन एवं रख-रखाव खच के बारे म जानकार
अनम ु त द जाएगी, िजसका नधारण एस.ड य.एस.एम. ू दान करगे, य क इनका भाव, पंज ू ीगत लागत के साथ-साथ
वारा कया जाएगा। सचीब ू करने और लागत नधारण करने चालन एवं रख-रखाव के संदभ म सामदा ु यक अशं दान पर
के लए न वदाएं रा य तर पर जार क जाएंगी ले कन पड़ग े ा। सव तम तकनीक -आ थक वक प का चयन करते
अ त: ाम अवसंरचना का नमाण करने के काय आदे श समय, पंज ू ीगत यय और साथ ह साथ, चालन एवं रख-रखाव
डी.ड य.एस.एम.
ू वारा जार कए जाएंगे। यय को यनतम ू रखना होगा। यह सु नि चत करने क
चंू क यह मशन पाच ं साल क अव ध म व तत िज मेदार डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू क होगी क
ृ है, इस लए
रा य, यक े चरण म कवर कए जाने वाले गाव ं क सं या के कोई भी ओवर- डज़ाइ नग ं न क जाए और सावज नक धन का
आधार पर, चरण म ई.पी.सी. सं वदाओं क योजना बना सकते इ टतम उपयोग कया जाए। अ त: ाम जल आपू त
ह। चँ ू क यह एक समयब मशन-मोड काय म है, इस लए अवसंरचना के व भ न घटक के लए तकनीक व नदश को
सं वदा द तावज े म उपयु त दंड धारा को शा मल कए जाने े ीय भाषाओं म उपल ध कराया जाएगा ता क वाड/पंचायत भी
क आव यकता है ता क काया वयन म दे र होने पर एज सय इ ह समझ सक। इसके लए, पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त
को हतो सा हत कया जा सके। भगतान
ु से पहले सभी काय का वभाग और/या आई.एस.ए. मांग का आकलन करगे, व भ न
अ यप वारा नर ण और माणन कया जाना अ नवाय है। आई.ई.सी. उपकरण का उपयोग करके जल जीवन मशन क
जानकार दगे, योजना क क म तय करने म समदाय ु क मदद
6.1 अत
ं : ाम जल आपू त अवसंरचना के लए पी.आर.ए. ग त व धयाँ चलाएंगे।

सभी ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए, आई.एस.ए. वारा, ाम समदाय
ु को ाम सभा म भाग लेने के
एकल ाम योजना (एस.वी.एस.) / बहु ाम योजना लए े रत कया जाएगा और ाम सभा के सद य बहमतु से

37
काया वयन

इस योजना को शु करने के लए एक संक प पा रत करगे और तय कया जाएगा। उदाहरण के लए आं दे श म इसे


इसके आधार पर, पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग, 'जल दे वालयम' कहा जाता है ;
डी.ड य.एस.एम.
ू से अनमोदन
ु लेने के लए अत ं : ाम
v.) एक व श ट थान पर 8x6 फ ट का साइन बोड लगाया
अवसंरचना का ा कलन तय ै ार करगे। डी.ड य.एस.एम.
ू से
जाएगा, िजसम इस योजना के सभी ासं गक ववरण
अनमोदन
ु लेने के बाद ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त,
शा मल ह गे जस ै े जल जीवन मशन च ह (लोगो),
अथात ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता
योजना क कल ु लागत, काया वयन एजसी/सेवा दाता,
समह ू आ द, पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग,
कायकार अ भयंता/ क न ठ अ भयंता/ पानी स म त के
या वयन के लए कसी भी सचीब ू एजसी को काय स पगे।
अ य और स चव के नाम और संपक ववरण, काय-
पेयजल आपू त क मा ा कम से कम 55 एल.पी.सी.डी. होनी आरं भन और समापन त थ आ द। पारद शता सु नि चत
चा हए। रा य वारा, पेयजल ोत क उपल धता के आधार करने और परेू ाम समदाय
ु को काय म के बारे म
पर अ धक मा ा म जल आपू त क जा सकती है , िजसके लए सू चत करने के लए ऐसा करना आव यक है ।
अ त र त व तीय संसाधन क आव यकता हो सकती है और
िजन गाँव म मौजदा ू कायशील पाइपलाइन जल आपू त
इस अ त र त धन क यव था रा य सरकार या थानीय
यव था है , उ ह कायशील घरे लू नल कने शन दान करने के
समदाय ु या दानदाताओं से क जा सकती है । इसके अलावा,
लए न नानसार ु रे ो फट कए जाने क आव यकता है :
वशष े कर पहाड़ी इलाक , सखा-
ू वण और रे ग तानी इलाक म
पशओ ु ं को पीने का पानी उपल ध कराने के लए मवे शय के i.) मौजदा/
ू चल रह योजनाएं, जो सावज नक टड-पो ट/
कंु ड का नमाण कया जा सकता है । हड पंप के मा यम से यनतम
ू 55 एल.पी.सी.डी. जल
दाय का सेवा तर बनाए हए ु ह, उनक रे ो फ टगं म
एस.वी.एस. योजनाओं म, कायशील घरे लू नल कने शन
वतरण नेटवक, आपू त म व ृ और े-वाटर बंधन
उपल ध कराए जाने के लए अतं : ाम पाइपलाइन जल आपू त
जसै ी अ य अवसंरचना शा मल करनी होगी, िजससे
अवसंरचना म पेयजल ोत का वकास/ संव न, ोत था य व
कायशील घरे लू नल कने शन दान कया जा सके;
के उपाय, जल शोधन संयं (य द ोत, गणवु ता क सम या
से त हो), पि पंग यव था (वर यतन सौर ऊजा से ii.) मौजदा/
ू चल रह योजनाएं, जो सावज नक टड-पो ट/
संचा लत) ओवरहे ड टक (ओ.एच.ट .)/ भू मगत हौद और हड पंप के मा यम से 40 एल.पी.सी.डी. जल दाय का
वतरण नेटवक शा मल होगा। येक ई.एस.आर. से क जाने सेवा तर बनाए हए ु ह, उनक रे ो फ टगं म, जल क
वाल जल आपू त को आधु नक ससर आधा रत आई.ओ.ट मा ा यनतम
ू 55 एल.पी.सी.डी. तक बढ़ाने के लए
.उपकरण का उपयोग करके मापा जाएगा। पेयजल ोत वकास/ व ृ , आपू त णाल और वतरण
नेटवक म सधार,
ु े-वाटर बंधन करना शा मल है ता क
एम.वी.एस. योजनाओं के लए, कायशील घरे लू नल कने शन
कायशील घरे लू नल कने शन दान कया जा सके।
दए जाने के लए अ त: ाम पाइपलाइन से जल आपू त
अवसंरचना म पि पंग क यव था, ओएचट / भू मगत हौद, पेयजल ोत और योजनाओं के द घका लक था य व क
पानी क आपू त के लए पाइप लाइन, वतरण नेटवक के साथ- आयोजना से, संकट क अव ध म भी सरु त पेयजल क
साथ ब क मीटर/ ससर होगा, िजसके मा यम से आपू त कए उपल धता सु नि चत होती है । ोत था य व का मु य उ े य
गए पानी को मापा जाएगा। जल आपू त णाल को संचा लत यह सु नि चत करना है क जल आपू त योजना अपनी परू
करने के लए ाम तर पर ऊजा/ बजल क आव यकता, य द नधा रत अव ध तक काय करती रहे । यह उ े य वषा जल
कोई हो, तो वह भी अ त: ाम अवसंरचना के अत
ं गत आती है । संचयन, कृ म पनभर ु ण जसै े था य व उपाय के मा यम से
ामीण जल आपू त णाल क आवत ऊजा लागत को कम ा त कया जाता है । भजल
ू आधा रत ोत के लए, बोरवेल
करने के लए सौर ऊजा आधा रत पं पग
ं णाल के संयोजन से पनभर
ु ण संरचनाएं भी ा कलन म शा मल क जाएंगी।
ऊजा का उपयोग करने के वक प क तलाश क जाएगी। धरातल जल पर आधा रत एस.वी.एस. ( सग ं ल व लज क म)
के लए, वाटरशड े बंधन, जल संर ण आ द जस ै े ोत
गांव क जल आपू त णाल के लागत ा कलन म
था य व उपाय को तालमेल के मा यम से लागू कया जाना
न न ल खत घटक भी शा मल ह गे:
चा हए। सभी सावज नक सं थाओ,ं वशष े कर जल-संकट त
i.) थानीय भजल
ू ोत के मामले म बोरवल
े पनभर
ु ण सरंचना; े क सं थाओं म यह सु नि चत कया जाएगा क उनम वषा
जल संचयन सु वधाएं ह ।
ii.) गर ब , भू मह न , एस.सी./ एस.ट . बि तय म कपड़े
धोने और नान करने का प रसर (ज रत के आधार पर); ामीण े म आपत ू कए गए कलु जल का 65-70% भाग,
घर से गदं ले पानी के प म बाहर आता है । इस यापक ेणी म
iii.) मवेशी कंु ड ( वशु प से ज रत आधा रत);
नान करन,े बतन धोन,े कपडे धोन,े रसोई इ या द म उपयोग
iv.) हर बाड़ वाला प रसर िजसम गांव क जल आपू त के बाद नकलने वाला पानी शा मल है । जब सह शोधन
अवसंरचनाएं अथात ई.एस.आर./ हौद, पंप ऑपरे टर म, तकनीक का उपयोग कया जाता है , तो यह े-वाटर कृ ष और
सामदा
ु यक जल शोधन संयं (य द कोई हो), आ द अ य पेयजल-इतर उपयोग के लए उपयोगी सस ं ाधन बन जाता
अवि थत ह । एस.ड य.एस.एम.
ू वारा इस प रसर के है । जल जीवन मशन के तहत े-वाटर बध ं न एक मह वपण ू
लए थानीय सं कृ त के आधार पर एक उपयु त नाम घटक है और इसका सं ह, शोधन और पन: ु उपयोग, ाम काय

38
योजना और अ त: ाम अवसरंचना का ह सा होगा। जस ै ा परैा 6.1.1 योजना च
6.3 म उि ल खत है , इसके लए धन का उपयोग मेल-जोल से
आमतौर पर, अ त: ाम जल आपू त अवसंरचना के वकास म
कया जा सकता है । इस घटक के लए न धयां ' व छ भारत
12 से 18 मह ने लग सकते ह। इसे न न ल खत तीन चरण
मशन' से ा त क जा सकती ह और दान-दाताओ,ं
म वभािजत कया जा सकता है :
सी.एस.आर. और एम.पी.एल.ए.डी./ एम.एल.ए.एल.ए.डी. से
योगदान लेने को ो सा हत कया जा सकता है । इससे, इन i.) योजना और साम ी-संचय चरण;
न धय के उ चत बध ं न और गाव ँ को व छ रखने म इनक
ii.) काया वयन चरण;
भू मका के बारे म सह सदं े श जाएगा।
iii.) काया वयन के बाद का चरण।
शु क और अध-शु क े के अ धकांश गाँव म, घर से
नकलने वाले े वाटर के नपटान हे तु 'सो ता ग ढा' बनाना एकल ाम योजनाओं के लए, योजना च ाम पंचायत
बेहतर वक प होगा। इस पानी का उपयोग गाँव के प रवेश म संक प के दन से 12 से 18 मह ने के बीच का हो सकता है ।
ह रयाल लाने और घरे लू उपभोग के लए फल का उ पादन
योजना और साम ी संचय चरण (3-6 मह ने)
करने म कया जा सकता है । इस लए सझावु दया जाता है क
i) ह रयाल और छाया बढ़ाने के लए एक पेड़ लगाएं; (ii) इन योजना और साम ी-संचय चरण, डी.ड य.एस.एम.
ू वारा जल
संरचनाओं के आस-पास फलदार व ृ लगाएं बशत भू म जीवन मशन के काया वयन के लए कसी गांव को चि हत
उपल ध हो। आई.एस.ए. को वी.ड य.एस.सी. ू क सहायता करने से ारं भ होकर डी.ड य.एस.एम.
ू वारा अ त: ाम
करनी चा हए और इसे अलग-अलग प रवार वारा अपनाए अवसंरचना काया वयन के ा कलन के अनमोदन
ु तक बना
जाने और सार के लए आई.ई.सी. ग त व ध का ह सा भी रहता है । इस चरण म न न ल खत चि हत काय शा मल
बनाया जाना चा हए। होते ह:

ग त व धयां िज मेदार एजसी


मौजदा
ू कायशील घरे लू नल कने शन क आधारभत
ू मै पग
ं डी.ड य.एस.एम.

जल जीवन मशन के तहत योजना के काया वयन हेतु गाव
ं क पहचान करना डी.ड य.एस.एम.

गाव
ँ को आई.एस.ए., पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग का का मक स पना डी.ड य.एस.एम.

ज.ेज.ेएम. के काया वयन के बारे म काया वयन सहायता एज सय के लए कायशालाएं डी.ड य.एस.एम.

पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग के सम वय स,े आई.ई.सी. अ भयान के
आई.एस.ए.
मा यम से जल जीवन मशन के उ े य के बारे म समदायु को बताना
गाव
ं म जल जीवन मशन शु करने के लए ाम पच
ं ायत सक
ं प ाम पंचायत/ ाम सभा
ाम पच
ं ायत, उप स म त अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/
ाम पंचायत/ ाम सभा
यो ता समहू आ द का गठन
पी.आर.ए. ग त व धयाँ चलाना ाम पंचायत और आई.एस.ए.
ाम पचं ायत और/ या इसक उप स म त अथात ् ाम जल और व छता स म त/
आई.एस.ए.
पानी स म त/ यो ता समहू आ द के कायक ताओं का मता सव
ं धन
' ाम काय योजना' तय
ै ार करना ाम पंचायत/ पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग
' ाम काय योजना' का अनमोदन
ु ाम सभा
डजाइन तथा ा कलन तयै ार करना और उ ह अं तम प देना तथा मौजदा
ू पी.एच.ई.डी./ ामीण
वभागीय याओं के अनसार
ु तकनीक अनमोदन
ु देना। जल आपू त वभाग
ा कलन क शास नक वीकृ त डी.ड य.एस.एम.

सामदा
ु यक अश
ं दान का नधारण और बक खाते म
ाम पंचायत
इसे जमा करना
आव यक वध
ै ा नक मज
ं रू ा त करना डी.ड य.एस.एम.

काम स पना और सं वदा जार करना ाम पंचायत/ पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग

काय न पादन क आयोजना बनाना ाम पंचायत/ पी.एच.ई.डी./


ामीण जल आपू त वभाग

नोट: डी.ड य.एस.एम.


ू वारा उन गांव को ाथ मकता द जाएगी, िज ह ने आयोजना और साम ी-संचय चरण को सफलतापवक
ू परा
ू कर लया है ।
ता लका 2

39
काया वयन

काया वयन चरण (6-12 मह न)े

काया वयन चरण का आरंभ, काम स पे जाने और जमीनी तर पर काय शु होने से होता है और योजना चालू हो जाने तक चलता है।

ग त व धयां िज मेदार एजसी


ा त होने वाले जल और इसक गणव
ु ता का पर ण पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग
ोत का वकास/ सव ं धन ाम पच
ं ायत और पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग
ोत था य व स हत कायशील घरेलू नल कने शन तक पानी क ाम पच
ं ायत और पी.एच.ई.डी./
आपू त के लए अवसरंचना का नमाण ामीण जल आपू त वभाग
एम.बी. म वि ट और चल रहे काय का बल बनाना पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग
े वाटर बध
ं न नमाण काय (उपयु त के साथ समानात
ं र
डी.ड य.एस.एम.
ू और ाम पच
ं ायत
प से याि वत कया जाना है)
अ य प वारा नर ण के बाद भगतान
ु क यव था डी.ड य.एस.एम.
ू और ाम पच
ं ायत
प रसप
ं ि त क िजयो-टै गग
ं पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग
लख
े ाओं के लए रिज टर बनाना और उसका रख-रखाव करना ाम पच
ं ायत और पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग
ायल रन ाम पच
ं ायत और पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग
पानी मापने के उपकरण अथात ् मीटर या ससर था पत करना, डी.ड य.एस.एम.,
ू ाम पच
ं ायत और
और इसे आई.एम.आई.एस. म एक कत ृ करना पी.एच.ई.डी./ ामीण जल आपू त वभाग
चालन एवं रख रखाव लागत जल भार नधा रत करना और एक करना ाम पच
ं ायत
योजना का आर भन ाम पच
ं ायत और पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग
ता लका 3

काया वयन के बाद का चरण (3-4 मह ने)


क म के आरं भन के बाद काया वयन के बाद का चरण शु होता है ।

ग त व धयां िज मेदार एजसी


जल आपू त, चालन एवं रख-रखाव और जल शु क सं ह ाम पच
ं ायत
-ेवाटर बध
ं न ाम पच
ं ायत
बह
े तर काय- न पादन करने वाल अ य ाम पच
ं ायत और/ डी.ड य.एस.एम./

अथवा इनक उप स म त से सव ं ाद एस.ड य.एस.एम.

ाम पच
ं ायत और अथवा इसक उप स म त का नरंतर मता सव
ं धन डी.ड य.एस.एम.

ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उप स म त को ो साहन न ध देना डी.ड य.एस.एम.

ता लका 4

जहां पर भी िज मेदार एजसी, ाम पंचायत और/ या उसक डी.ड य.एस.एम.


ू वारा सीधे काया वयन चरण पर जाने का
उप-स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी नणय लया जा सकता है और आई.एस.ए. क आव यकता से
स म त/ यो ता समह, ू इ या द है , वहां पर आई.एस.ए. अपने बचा जा सकता है ।
आप शा मल हो जाती है । 6.1.2 सामदा
ु यक योगदान
कई गांव म, ाम पंचायत बहत ु स य होती ह और वहां उसक ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल और
उप-स म तयाँ, अथात ाम जल और व छता स म त/ पानी व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द वारा
स म त/ यो ता समह ू आ द का गठन से टर सधार
ु , वजल कायाि वत क जाने वाल अ त: ाम पाइपलाइन जल आपू त
धारा आ द जस ै े पव-
ू संचा लत काय म के तहत पहले ह कया अवसंरचना और संबं धत ोत वकास के लए पहाड़ी और वन
जा चका
ु है । उन गाँव म जहाँ उप-स म तयाँ कायशील ह, दे श , पव
ू तर और हमालयी रा य , 50% से अ धक एस.सी.

40
और/ या एस.ट . आबाद वाले गांव म समदाय
ु वारा पंज
ू ीगत बजल शु क, रसायन लागत, नवारक एवं टट-फटू ू मर मत
लागत का 5% नकद/ या व तु और/ या म के प म दया पर कया जाने वाला यय, प प ऑपरे टर का पा र मक आ द
जाएगा और अ य गांव म पंज ू ी लागत का 10% भाग दया जसै ी आवत लागत शा मल ह गी। इस लए, नीचे दए गए
जाएगा। मामल म समदाय
ु क मह वपणू भू मका होगी:

समदाय
ु क स म त और गांव के कम से कम 80% घर से i.) सरकार से ा त आवत न ध का उपयोग ववेकपण

अशं दान लेना जल जीवन मशन के तहत जल आपू त योजना तर के से करना;
चलाने क अ नवाय पव- ू आव यकता है । ाम पंचायत और/ या ii.) व त आयोग क सफा रश के ह से के प म ा त धन;
इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/
पानी स म त/ यो ता समह ू आ द, गर ब, नबल, द यांगजन iii.) जमीनी तकनी शयन के मा यम से स टम के चालन
या वधवा, िजनक आय का कोई नय मत ोत नह ं है , से क यव था करना;
यि तगत अश ं दान न लेने पर वचार कर सकते ह। हालां क, मामल
iv.) ू मर मत काय करना;
यह नयम के बजाय एक अपवाद है ।
v.) लोर नेशन;
समदायु वारा एकमु त नकद भगतान ु कए जाने के बोझ को
कम करने के लए ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, vi.) पानी क गणव
ु ता क जांच/ चौकसी;
अथात ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता vii.) बु नयाद ढांचे का उ चत उपयोग, ोत के आस-पास
समह ू आ द यह अनम ु त दे सकते ह क अलग-अलग प रवार सफाई इ या द सु नि चत करना।
क त म अश ं दान का भगतान
ु कर द। थानीय सं थाओ,ं
परोपकार यि तय , समदाय आधा रत संगठन को ो सा हत ाम पंचायत और/ इसक उपस म त अथात ् ाम जल और

कया जाना चा हए क वे अश ं दान कर। हालां क, इस तरह के व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द को
अशं दान सामदा आवत शु क को परा ू करने के लए जल जीवन मशन से
ु यक योगदान का ह सा नह ं ह गे। इसे योजना
क सम लागत म योगदान के प म लया जाएगा। इसी तरह ो साहन न ध, व त आयोग अनदान ु तथा सामदा
ु यक
से एम.पी.एल.ए.डी. आ द से योगदान को के य शये र के प योगदान जसै े भ न- भ न ोत से चालन व रख रखाव हे तु
म गना जाएगा, एम.एल.ए.एल.ए.डी. आ द को रा य के धनरा श ा त करने के लए एक खाता खोलना होगा।
योगदान म गना जाएगा, डी.एम.डी.एफ. को रा य के योगदान ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उप स म त अथात ् ाम जल
के प म और अ य दान को सम लागत का ह सा माना और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द वारा
जाएगा। थानीय वयं सहायता समह ू (एस.एच.जी.) वारा जल आपू त क म का बध ं न, चालन एवं रख रखाव; यो ता
कया गया योगदान सामदा ु यक योगदान का ह सा होगा। के भार क वसल ू तथा पणू चालन व रख रखाव वसलू , इस
(इसका ववरण परैा 7.11 म दया गया है ।) क म के द घका लक था य व क आधार शला होगी।
चल रह पवव ू त एन.आर.डी.ड य.पी. ू क म के संबंध म,
6.2 े ीय जल आपू त और वतरण नेटवक
पंूजी लागत क मद म कोई सामदा ु यक अशं दान नह ं होगा।
तथा प, उ ह जल जीवन मशन के अनु प बनाने के लए जल क गणव ु ता के मु से त तथा धरातल जल ोत क
रे ो फ टग
ं करते समय, समदाय
ु वारा नकद और/ या व तु कमी वाले गांव म, वशष े कर, सखा- ू वण और रे ग तानी
और/या म के तौर पर, यथा-ि थ त, पंज ू ी लागत का 5% या इलाक म, जल सरु ा ा त करने हे तु लंबी दरू से भार मा ा म
10% भाग का अश ं दान कया जाना होगा जो क रे ो फ टग ं / जल ले कर आना एक स चाई है । इसके अलावा, उन सखा- ू वण
व ृ और/ या अ त र त मद जस ै े मवेशी कंु ड, नान और कपड़े तथा रे ग तानी इलाक म, जहां मले-जले ु उपयोग के मा यम
धोने के लॉक, वषा जल संचयन आ द क लागत क मद म से पानी क आपू त संभव नह ं है , लंबी दरू से भार मा ा म जल
योगदान समझा जाएगा। लाने के लए ऐसी ह प त अपनायी जाएगी। जल क कमी
वाले रा य , अपया त वषा वाले विृ ट छाया े म पड़ने वाले
6.1.3 समदाय
ु के लए ो साहन
इलाक म बारहमासी धरातल ोत से पानी क सो सग करके
समदाय
ु को, अपने-अपने गांव क अ त: ाम जल आपू त इस े के शहर और ामीण - दोन े को कवर करते हए, ु
क म पर आने वाले पंज ू ीगत यय के 10% तक े ीय जल आपू त क म क योजना बनाना आव यक है ।
परु कार/ ो साहन रा श चरण-ब तर के से, क म के आरं भन
चंू क जल, बहत ु अ धक लागत पर लंबी दरू से ढोकर लाया
के बाद दान क जाएगी। यह रा श, क म क आपातकाल न
जाता है , अत: आव यक है क जल ढोकर लाने के दौरान जल
मर मत/ रख रखाव को परा ू करने के लए 'आवत न ध' के प
का रसाव कम से कम हो। इस योजन से गैर-राज व जल क
म काम करे गी। इसक भरपाई यो ता समह/ ू थानीय समदाय

मा ा यनतम ू रखने के लए एस.सी.ए.डी.ए. णाल तथा/ या
वारा क जाएगी।
ससर आधा रत तं के साथ िजला मीट रग ं े (डी.एम.ए.) का
6.1.4 चालन एवं रख रखाव होना ज र है ।

घरे लू नल कने शन क कायशीलता सु नि चत करने के लए ब क वाटर ांसफर/ बहु ाम क म म त यि त लागत


चालन व रख रखाव मह वपणू है । चालन व रख रखाव म और रख रखाव लागत अ धक होती है और कशल
ु मानव

41
काया वयन

संसाधन क आव यकता होती है । इस लए रा य को संसाधन ऐसी वशाल योजनाओं के डजाइन, चालन और रख रखाव के
क उपल धता तथा भावी चालन व रख रखाव यय को यान लए रा य को सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मानदं ड का कड़ाई से पालन
म रखते हए,
ु इन काय को ववेकपण ू तर के से अं तम वक प करना चा हए। क म म वतरण के अथात ् गांव/ बसावट के
के प म करने क आयोजना बनानी होगी। हौद पर थोक जल मीटर के लए ावधान कया जाना चा हए।
जल के अत ं रण क आव यकता वाल क म क आयोजना, एम.वी.एस. क म के मामले म, अपे त भू म अ ध हण क
काया वयन तथा नगरानी का काय एस.ड य.एस.एम./ ू रा य सीमा, इसक समय-सारणी एवं लागत के साथ भू म अ ध हण
सरकार वारा यथा- नधा रत पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू के व भ न चरण हेतु समय-ता लका का ववरण एस.ए.पी. म
वभाग/ बोड/ एजसी वारा कया जाएगा। तथा प, इस तरह क दए जाने क आव यकता है। अ त: ाम जल नमाण काय के
क म क अ त: ाम जल आपू त अवसरंचना क िज मद े ार , लए भू म, ाम पचं ायत वारा उपल ध कराई जानी होगी। य द
ाम पचं ायत और/ या इसक उपस म त अथात ् ाम जल और ऐसी भू म उपल ध नह ं है तो रा य सरकार वारा भू म उपल ध
व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द क होगी, कराई जाएगी/ भू म क यव था क जाएगी। भू म क लागत
और पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग तथा काया वयन
जल जीवन मशन के के य ह से के तहत वीकाय नह ं होगी।
सहायता एजसी (आई.एस.ए.) इसे सगम ु बनाएग
ं ी। ाम पच
ं ायत
और/ या इसक उपस म त अथात ् ाम जल और व छता 6.3 मेल-जोल
स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द रा य सरकार या
नयामक, जस ै ा भी मामला हो, वारा तय कए गए अनसार ु थोक जल संर ण, भ-जल ू पनभर
ु ण, वषाजल संचयन तथा गंदला
जल के आपू तक ता को थोक जल भार का भगतान ु करग।े जल बंधन के लए वतमान म अनेक के य तथा रा य
पो षत क म चल रह ह, िजनका ल य, जल सरु ा ा त
जल अत ं रण के घटक म हैड वक, इट ं े क वक, नलकप,
ू पि पग ं
करने का है । चल रह ऐसी क म के साथ जल जीवन मशन
टे शन, ं स/ मे स/ पाि वक वतरण नट े वक, शोधन सय
ं ं ,
का मेल-जोल कराने से ग त व धय क धनरा श म व ृ होगी
ए लवट े े ड टोरे ज रजवायर (ई.एस.आर.), हौद, ब क मीटर, थोक
जल आपू त सभ ं ालने के लए उप- टे शन आ द सि म लत ह। तथा गणव
ु ता, मा ा तथा था य व के संबंध म जल संसाधन
बढ़गे। जहां कह ं भी अ त: ाम अवसंरचना के तहत मेल-जोल
एका धक गांव को कवर करने वाल थोक जल अ तरण/ े ीय ग त व धय को शु कया जाना है , वहां डी.डी.पी./ डी.पी.ए.पी.,
जल आपू त क म के लए इस मशन के तहत शु कए जाने वना छा दत तथा जनजातीय े , जल गणव ु ता भा वत
वाले ऐसे काय क सं या को दे खते हए
ु चरणब आधार पर तथा जल-संकट त े आ द म जल सरु ा ा त कए जाने
अलग-अलग ई.पी.सी. सं वदा स पी जा सकती है । के लए वशष े यास कए जाने ह। मेल-जोल के मा यम से
गजरात,
ु तले ंगाना, कनाटक, आं दे श, महारा जस
ै े कछ
ु चलाई जाने वाल जल संर ण ग त व धय के अलावा, यह
रा य ने या तो जल ड/ धरातल जल आधा रत बड़ी योजनाएं मशन के य और रा य सरकार के अ य काय म के साथ
तयै ार कर ल ह या वे धरातल जल का उपयोग करके सभी गांव कौशल वकास, श ण, मता नमाण तथा समदाय ु के बीच
म पेयजल उपल ध कराने के लए ऐसी योजनाएं चलाने क जाग कता पद ै ा करने के उ े य से भी ताल-मेल करे गा।
आयोजना बना रहे ह।

के य सरकार क उन चालू क म के नाम िजनका आपस म मेल-जोल कराया जा सकता है :

योजना का नाम के / रा य घटक िजनका मेल-जोल


सरकार का वभाग कराया जा सकता है
व छ भारत मशन ामीण पय
े जल एवं व छता वभाग, गदं ला जल बधं न – सो ता ग ढे,
(एस.बी.एम.-जी) जल शि त मं ालय ( यि तगत/सामदाु यक), अप श ट
तलछट तालाब आ द।
एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस. ामीण वकास मं ालय ाकृ तक सस
ं ाधन बध ं न (एन.आर.एम.)
घटक के तहत सभी जल
सरं ण ग त व धया।ँ
पी.एम.के.एस.वाई. के तहत वॉटरशड
े भू म सस
ं ाधन वभाग वॉटरशड
े बध
ं न/ आर.ड य.एच./क
ू ृ म
वकास घटक (ड य.डी.सी.)
ू पनभर
ु ण, जल भड ं ार आ द का
नमाण/ सव
ं न।
जल भडं ार क मर मत, जल सस ं ाधन, नद वकास और बड़े जल भड
ं ार का पन
ु ार।
नवीनीकरण और उनका जीण ार गग
ं ा सरं ण वभाग
रा य कृ ष वकास योजना कृ ष, सहका रता और वाटरशड
े से सब
ं ं धत काय।
(आर.के.वी.वाई.) कसान क याण मं ालय

42
योजना का नाम के / रा य घटक िजनका मेल-जोल
सरकार का वभाग कराया जा सकता है
धानमं ी कृ ष सच ं ाई योजना कृ ष, सहका रता और ए वीफस से जल के दोहन को कम करने
(पी.एम.के.एस.वाई.) कसान क याण मं ालय के लए अ धक पानी चाहने वाल व भ न
फसल के लए सू म- सच ं ाई का ावधान।
तपरक
ू वनीकरण कोष बध
ं न पयावरण, वन एवं जलवायु वनीकरण, वन पा रतं का पन
ु :सजन
ृ ,
और योजना ा धकरण प रवतन मं ालय ोत क बहाल और सु ढ करण,
(सी.एम.पी.ए.) वाटरशड
े वकास आ द।
धानमं ी कौशल वकास के कौशल वकास और ामीण जल आपू त क म के लए
(पी.एम.के.वी.के.) उ य मता मं ालय आव यक मानव सस ं ाधन के लए
कौशल वकास श ण आ द।
सम श ा मानव सस
ं ाधन वकास मं ालय व यालय म पये जल
आपू त का ावधान।

आकां ी िजला नी त आयोग िजला कले टर के ववक


े ाधीन
काय म कोष के तहत जल सरं ण
ग त व धया।ं
िजला ख नज वकास न ध रा य बड़े पम
ै ाने पर जल
(डी.एम.डी.एफ.) सरं ण ग त व धया।ं
सािं यक और काय म अ त: ाम अवसरंचना।
एम.पी.एल.ए.डी.
काया वयन मं ालय
एम.एल.ए.एल.ए.डी. रा य अ त: ाम अवसरंचना।
सं वधान के अनु छे द 275(1) के जनजातीय काय मं ालय और रा य अ त: ाम अवसरंचना।
तहत अनदान/
ु जनजातीय
उप-योजना (ट .एस.एस.)
रा य ामीण आजी वका ामीण वकास मं ालय जल आपू त सव े ाओं के लए म हला
मशन/ रा य ामीण उ य मओं तथा वयं सहायता समह ू के
आजी वका मशन नत
े ृ व वाले उ यम का वकास।
ता लका 5

इसके अलावा, ोत था य व और गंदला जल बंधन उसका उ लेख जल नमाण-काय थल के एक मख


ु थान पर
ग त व धय को शु करने के लए के य और रा य व त कया जा सकता है ।
आयोग के अनदान
ु का उपयोग कया जा सकता है ।
' ाम काय योजना' के तहत अ भ नधा रत तालाब /जल
जल शि त अ भयान (ज.ेएस.ए.) देश के 1,592 वकास खड ं म भंडार /झील क गाद नकालकर ाम पेयजल सरु ा को
फैले 256 जल-सक ं ट त िजल म चलाया जाने वाला एक बढ़ाया जा सकता है । इस काय को व भ न हतधारक के साथ
समयब मशन-मोड जल सरं ण अ भयान है। इस अ भयान के मेल-जोल और सहयोग के मा यम से कफायती तर के से
अत ं गत, के और रा य सरकार क अ य जल सरं ण कायाि वत कया जा सकता है । डी.ड य.एस.एम.
ू वारा इस
योजनाओं के मले -जोल से गहन आई.ई.सी. अ भयान के मा यम संभावना क तलाश क जा सकती है क या गाद नकालने के
स,े समदाय
ु को शा मल करते हए,
ु वषा जल सच ं यन/पनभर
ु ण लए भार मशीनर कराये पर लेने, सरकार काय म के तहत
सरंचनाओं आ द जस ै े काय म को चलाया जाना है। ज.ेएस.ए. के धन के लए धन दए जाने और उ पादकता म व ृ क ि ट
तहत, वशष े प से जल सक ं ट त इन िजल म, पय े जल सरु ा से कसान को अपने खेत/बाग म गाद का उपयोग करने के
ा त करने पर यान दया जा सकता है। लए ो सा हत करने के लए सी.एस.आर. न धय का उपयोग
कया जा सकता है । इसी कार से, गाँव म जल क उपल धता
के और रा य सरकार क कम से परे , म सधार
ु के लए गाँव के तालाब क 'सफाई' क जानी है । ' ाम
यास / त ठान /सी.एस.आर./दानक ताओ/ंसामदा ु यक पहल काय योजना', ामीण तर पर इस योजना के काया वयन का
आ द के मेल-जोल का भी पता लगाया जा सकता है , जो पेयजल आधार है और ामीण पेयजल आपू त के लए सम त धनरा श
सरु ा के लए जल संर ण ग त व धय के काया वयन म ' ाम काय योजना' के अनसार ु खच क जानी है । इस कार,
सहायता दान करने के लए काय कर रह ह/काय करने क संसाधन का इ टतम उपयोग कया जा सकता है तथा कसी भी
इ छकु ह। उन दानदाताओं के मामले म जो गांव क अवसंरचना दोहराव से बचा जा सकता है । जल जीवन मशन के अत ं गत,
क लागत म 25% से अ धक का योगदान करते ह, उनका नाम जल े के व भ न हतधारक के साथ मेल-जोल और सहयोग
या िजस नाम से वे इस यास को सम पत करना चाहते ह, कया जाएगा, ता क जल को सभी का सरोकार बनाया जा सके।

43
अ याय

7 व तीय आयोजना एवं व त पोषण


ल जीवन मशन (जे.जे.एम.) एक समयब मशन न ध, दान इ या द जस
ै े उपल ध सभी संसाधन का संचय
मोड काय म है और इसके सफल काया वयन के करके ामीण पेयजल आपू त के लए वष-वार व तीय योजना
लए यह आव यक है क व तीय आयोजना तय
ै ार क जाएगी।
मजबत ू हो, व त पोषण समय से हो, पया त संसाधन जटाए

जल जीवन मशन के लए के से ा त व तीय सहायता के
जाएं और सं चत न धय का ववेकपण ू उपयोग कया जाए।
दो ोत ह गे - सकल बजट य सहायता (जी.बी.एस.) और
एस.ड य.एस.एम./डी.ड
ू य.एस.एम.
ू वारा के य न ध,
अ त र त बजट य संसाधन (ई.बी.आर.) । मशन क न ध
रा य न ध, अ य काय म , एम.पी.एल.ए.डी. योजना,
भागीदार प त न नानसार
ु रहे गी:
एम.एल.ए.-एल.ए.डी. योजना, डी.एम.डी.एफ़., सी.एस.आर.

रा य/सघ
ं रा य े के का भाग तशत म रा य का भाग तशत म
हमालयी और उ तर-पव
ू रा य 90 10
अ य रा य 50 50
वधा यका वाले सघ
ं रा य े 90 10
वधा यका र हत सघ
ं रा य े 100 -
ता लका 6

7.1 लागत
जे.जे.एम. के अतं गत पंज
ू ीगत यय के लए न ध क सं या तय क गई थी। एक औसत घर म यि तय क कल ु
आव यकता का आकलन, भ न- भ न कार क योजनाओं के सं या पाँच मानी गई है । यह गणना केवल और केवल जल
तहत ' त घर लागत' के अनसार ु एफ.एच.ट .सी. दान कए जीवन मशन के लए कल ु प र यय का आकलन करने क ि ट
जाने हे तु शष
े प रवार को आधार बनाकर कया गया है । से क गई है और इस आकलन को, योजनाओं के अनमोदन
ु का
आई.एम.आई.एस. पर रा य वारा दज कए गए आक ं ड़ के आधार नह ं बनाया जा सकता। कल ु न ध आव यकता हे तु
आधार पर, एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए शष े घर क अपनाई गई त प रवार औसत लागत न नानसार ु है :

त प रवार औसत
योजना का कार
लागत ( पये म)
एफ.एच.ट .सी. दान करने क ि ट से अं तम छोर तक सय
ं ोजन
7,500
उपल ध कराने के लए चालू योजनाओं क रे ो फ टग

अ छ गणव
ु ता और सम ृ भजल
ू वाले वकास
15,000
खड
ं म एस.वी.एस.
कठोर च ानी े /शो धत भजल
ू पर आधा रत एस.वी.एस. 25,000
बह-ु ाम योजना 47,000
एका त/ जनजातीय इलाक़ म लघु सौर ऊजा आधा रत
7,00,000
पाइपलाइन जल आपू त योजना
ता लका 6

मशन का अनमा
ु नत प र यय 3.60 लाख करोड़ पये है , और 1.52 लाख करोड़ पये है । तदनसार,
ु पांच वष का
िजसम के और रा य का भाग मशः 2.08 लाख करोड़ पये अनमा
ु नत प र यय इस कार है :

44
(रा श करोड़ म)
वष भारत सरकार का भाग रा य का भाग कल

2019-20 20,798 15,202 36,000
2020-21 34,753 25,247 60,000
2021-22 58,011 41,989 1,00,000
2022-23 48,708 35,292 84,000
2023-24 46,382 33,618 80,000
कल
ु 2,08,652 1,51,348 3,60,000
ता लका 8

7.2 के य तर पर जे.जे.एम. न ध का आबंटन/ नधारण

क.) जल जीवन मशन के तहत वा षक आबट ं न (क) = वाल आव यकता के अनसार


ु रा य के बीच आबं टत
(सकल बजट य सहायता) + (अ त र त बजट य सस
ं ाधन) कया जाएगा
ख.) वभाग/ रा य मशन तर क ग त व धय के लए च.) वभाग/ रा य मशन वारा तय क गई रा य क
नधारण = 'क' का 2 तशत तक (िजसम आव यकता के अनसार
ु एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू के लए
एन.सी.डी.ड य.एस.
ू य.ू न ध भी शा मल है ) आबट
ं न
ग.) जे.ई.-ए.ई.एस. के लए आबंटन = 'क' का 0.5 तशत, छ.) उ तर-पवू रा य से इतर रा य / संघ रा य े के लए
िजसे इस संबंध म मौजदा
ू मानदं ड के अनसार
ु जे.ई.- शष
े रा श = 'क' - (ख+ग+घ+ड.+च)
ए.ई.एस. रा य के बीच आबं टत कया जाना है ।
इसके, घ) और छ) क रा श को मशः पव ू तर रा य और
घ) उ तर-पव
ू रा य के लए आबंटन = 'क' का 10 तशत पव
ू तर रा य से इतर रा य / संघ रा य े के बीच,
न न ल खत मानदं ड के अनसार
ु आबं टत कया जाना है :
ड.) आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.
ू के ई.ए.पी. के
लए आबंटन = संचालन स म त वारा तय क जाने

7.3 न ध आबंटन के लए मापदं ड


जल जीवन मशन के तहत बजट य और अ त र त बजट य संसाधन - दोन के लए न ध आबंटन हे तु नधा रत मापदं ड और
वेटेज न नानसार
ु ह:

मापदंड वट
े ेज तशत
ामीण जनसं या ( पछल जनगणना के अनसार)
ु 30
ामीण एस.सी. और एस.ट . जनसं या ( पछल जनगणना के अनसार)
ु 10
डी.डी.पी., डी.पी.ए.पी., एच.ए.डी.पी. और ामीण े के संदभ म
30
वश ट ेणी के पहाड़ी रा य के अत
ं गत आने वाले रा य
भार धातओ
ु ं स हत रासाय नक संदषकू से भा वत बि तय म
नवास करने वाल जनसं या (आई.एम.आई.एस. के अनसार)
ु 10
(पव
ू व त वष के 31 माच के अनसार)

उपल ध कराने हे तु शष
े यि तगत घरे लू
20
कने शन के लए वेटेज
ता लका 9

कसी रा य/ संघ रा य े को आबं टत कल ु धनरा श के 5 अनस ु ू चत जा त और अनस ु ू चत जनजा त बहल ु ामीण


तशत और 2 तशत तक का उपयोग मशः सहायक गांव /बि तय म एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए ामीण
ग त व धय और ड य.ू य.एम.
ू एंड एस. ग त व धय के लए जल आपू त योजनाओं को न पा दत करने के संबंध म रा य /
कया जाएगा। शष े रा श का उपयोग ामीण घर म संघ रा य े वारा यु त कए जाने वाले सं वीकृ त आदे श
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए कया जाएगा। एस.सी. और म बताए गए अनसार,
ु अनस ु ू चत जा त/ अनस
ु ू चत जनजा त
एस.ट . के लए न ध, कम से कम रा य म उनक आबाद के क आबाद के अनपात ु म, उनके लए तय घटक का उपयोग
अनपात
ु म नयत क जाएगी। कया जाए।

45
व तीय आयोजना एवं व त पोषण

7.4 जे.जे.एम. के अत
ं गत आमे लत पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के घटक के लए
न ध भागीदार प त
व भ न उप-घटक/उप- मशन जो पहले क एन.आर.डी.ड य.पी. ू के साथ ह न न ल खत ववरण के अनसार
ु व तपो षत कया
का ह सा थ,े उ ह कायशील घरेलू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) जाएगा:

.सं. जे.जे.एम.के तहत उप-घटक/उप- मशन के : रा य व तपोषण प त


1. i.) कवरे ज अथात, हर घर जल के लए अवसंरचना Ÿ वधा यका र हत संघ रा य े के लए - 100:0
( ामीण प रवार को दान कए गए एफ.एच.ट .सी. के Ÿ वधा यका स हत पवू तर और हमालयी रा य
संदभ म) तथा संघ रा य े के लए - 90:10
Ÿ अ य रा य के लए - 50:50
ii.) सहायक ग त व धयाँ Ÿ वधा यका र हत संघ रा य े के लए - 100:0
iii.) ड य.ू य.एम.एं
ू ड एस. Ÿ वधा यका स हत पवू तर और हमालयी रा य
तथा संघ रा य े के लए - 90:10
Ÿ अ य रा य के लए - 60:40

2. व व बक से सहायता ा त ामीण जल आपू त और Ÿ जे.जे.एम. के मा यम से 50 तशत बा य सहायता


व छता प रयोजना - न न आय वाले रा य Ÿ जे.जे.एम. के तहत जार कए गए कवरे ज घटक म
(आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.)
ू अथात चार रा य से 33 तशत (पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू शय
े र)
असम, बहार, झारखंड और उ तर दे श म Ÿ 16 तशत* रा य का योगदान
Ÿ 1 तशत सामदा
ु यक योगदान
*सभी चार रा य को दे खते हए
ु औसतन 16 तशत
का आकं ड़ा।

3. जे.ई.-ए.ई.एस. भा वत उ च ाथ मकता वाले िजले Ÿ असम के लए - 90:10


(60 िजले) Ÿ अ य रा य के लए - 50:50

4. आस नक और लोराइड भा वत े म Ÿ पव
ू तर और हमालयी रा य के लए - 90:10
एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू Ÿ अ य रा य के लए - 50:50
ता लका 10

वभाग/ रा य मशन तर पर, न न ल खत ग त व धय के करना होगा और के य ह से से कसी भी अ त र त यय क


लए वा षक आबंटन का 2 तशत तक अलग रखा जाएगा: अनम
ु त नह ं होगी।
i.) एन.सी.डी.ड य.एस.
ू य.ू से संबं धत शास नक और 7.5.1 चल रह एन.आर.डी.ड य.पी.
ू योजनाओं के लए
पंज
ू ीगत यय; तथा
i.) एन.आर.डी.ड य.पी.ू के तहत चलायी जा रह पवव ू त
ii.) पी.एम.य.,ू यावसा यक सव े ाओ,ं अ य प कायशीलता सभी योजनाए,ं िज ह मल ू अनमोदन
ु के अनसारु 31
मू याक
ं न, आई.ई.सी. एवं मता नमाण, एम. एड ं ई., माच, 2019 और/ या 2019-20 के दौरान परा ू कया
आर. एड ं डी., ए शन रसच, एच.आर.डी., क यटरू करण जाना था, को परा
ू कया जाना चा हए और येक ामीण
और एम.आई.एस., उ कृ टता के , कायशालाओ,ं प रवार को 31 माच, 2020 तक ल त एफ.एच.ट .सी.
से मनार , स मल े न , दश नय , आ द जसै ी वभागीय/ दान कर दया जाना चा हए। इन योजनाओं के लए
रा य मशन क ग त व धय के लए। समय या लागत म कसी बढ़ोतर क अनम ु त नह ं द
जाएगी। तथा प, एफ.एच.ट .सी. दान करने हे तु
7.5 व तीय आयोजना रे ो फ टग
ं के लए, ज.ेज.ेएम. से ा त अ त र त न ध
का उपयोग कया जा सकता है। ऐसी कसी भी योजना,
येक रा य को एक पंचवष य 'रा य काय योजना' तय ै ार
जो द गई समय सीमा के भीतर परू नह ं क जा सक है,
करनी होगी, िजसम एफ.एच.ट .सी. के वा षक ल य और
के लए यय रा य न ध से वहन कया जाएगा और
तदनु प व तीय आव यकताओं को दशाया जाएगा। जल
के य ह से से परे कसी यय क अनम ु त नह ं है;
जीवन मशन के तहत वीकत ृ सभी योजनाओं को नधा रत
लागत और समय- सीमा के भीतर लागू कया जाएगा। ii.) पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी. ू के तहत मंजरू क गई
अनमो
ु दत लागत से परे अ त र त लागत व ृ होने पर, इसे सभी योजनाएं, िजनक नधा रत पणत ू ा त थ 31 माच,
वधा यका वाले संबं धत रा य और संघ रा य े को वहन 2020 के बाद क है , को मलू प से अनमो
ु दत समय-

46
सारणी के भीतर और अनमो ु दत लागत के अनसार
ु परा
ू i.) अगले व तीय वष के दौरान दान कए जाने वाले
करके येक ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान एफ.एच.ट .सी. क तमाह -वार सं या;
कया जायेगा। कसी भी कार से समय या लागत व ृ
ii.) अं तम छोर तक संयोजन के लए, जल गणव ु ता
क अनम ु त नह ं द जाएगी। हालां क, एफ.एच.ट .सी.
भा वत े , रे ग तानी और सखा-
ू वण े , जे.ई.-
दान करने हे तु रे ो फ टग
ं के लए, जल जीवन मशन
ए.ई.एस. िजल और एस.ए.जी.वाई. गांव म रे ो फ टग

म से अ त र त फंड का उपयोग कया जा सकता है ।
के मा यम से वर यता दे कर दान कए जाने वाले
ऐसी कसी भी योजना को, िजसे अपे त समय सीमा म
एफ.एच.ट .सी. क सं या;
परा
ू नह ं कया जा सका है , को परा ू करने के लए यय
रा य न ध से वहन कया जाएगा और अनमो ु दत समय iii.) वा षक न ध आव यकता;
सीमा के बाद के य ह से से परे कोई यय करने क
iv.) वा षक ल य क ाि त हे तु दान कए जाने वाले
अनम ु त नह ं होगी। एफ.एच.ट .सी. क सं या और मा सक यय आयोजना;
7.5.2 जे.जे.एम. के तहत नई योजनाओं के लए v.) के य ह से से इतर न ध के ोत;
जल जीवन मशन के तहत नई योजनाओं क आयोजना बनाते vi.) सहायक ग त व धय क आयोजना;
समय, योजनाओं को परा
ू करने के लए न न ल खत समय-
vii.) ड य.ू य.ू एम. एंड एस. आयोजना
सीमा का अनपालन
ु कया जा सकता है :
माच/ अ ल ै के मह ने म रा य के साथ परामश के बाद ह ,
i.) एस.वी.एस. और एम.वी.एस. को परा
ू करने के लए
दशा नदश के परैा 7.8 म उि ल खत ववरण के अनसार ु ,
अ धकतम अनमतु समय मशः 18 और 36 मह ने है ;
अ लै माह म रा य को न ध जार करने क या शु क
ii.) 3 साल तक क अव ध म परू क जा सकने वाल जाएगी। रा य वारा, जे.जे.एम. के तहत नई योजनाओं के
योजनाओं के संबंध म, काया वयन परा ू करने के लए अलावा, रा य म चल रह / परू हो चक ु पवव
ू त
सं वदा माच, 2021 से पहले जार कर द जानी चा हए। एन.आर.डी.ड य.पी.
ू योजनाओं , पर
ू हो चक
ु ं रा य योजनाओ ं
ऐसी योजना के लए माच, 2021 के बाद कोई सं वदा िज ह जे.जे.एम. के अनु प बनाने हे तु रे ो फ टग ं क
जार नह ं क जाएगी। कसी अ त वशष े मामले, जहां आव यकता है , और िजनके लए काय आदे श 1 अ ल ै , 2019
इस तरह क योजना आव यक है , वहां इस मामले को, के बाद जार कया गया है , को भी शा मल कया जा सकता है ,
व तत ृ औ च य दे ते हए,
ु वचारण/ अनमोदन ु के लए और इस कार एक सम वा षक काय योजना सु नि चत क
डी.डी.ड य.एस./
ू मशन को भे ज ा जाये ग ा; जाएगी। रा य े / एन.आर.डी.ड य.पी. ू से इतर या कसी
अ य ोत के तहत चल रह योजनाओं के मामले म,
iii.) 2 साल तक म परू क जा सकने वाल योजनाओं के एफ.एच.ट .सी. को भी उसी काय म से कवर कया जाना है ।
संबंध म, काया वयन परा ू करने के लए सं वदा माच, ऐसी योजनाओं म जल जीवन मशन फंड का परक ू के तौर पर
2022 से पहले जार कर द जानी चा हए। ऐसी योजना उपयोग नह ं कया जाना चा हए।
के लए माच, 2022 के बाद कोई सं वदा जार नह ं क
जाएगी। कसी अ त वशष े मामले म, इस मामले को, 7.6 काय- न पादन को परु कत
ृ करना
व तत ृ औ च य दे ते हए,
ु वचारण/ अनमोदन
ु के लए
जे.जे.एम. चँ ू क एक समयब दे श यापी काय म है , इस लए
डी.डी.ड य.एस./
ू मशन को भेजा जायेगा;
बेहतर दशन करने वाले रा य / संघ रा य े को, उनके
iv.) कसी मौजदा ू वफ़ल क म अथात ऐसी क म जो काय- न पादन हे तु ो सा हत करने के लए व तीय वष के
अपनी तयशदा ु अव ध से पहले काम करना बंद कर चक
ु अं तम दौर म अ य रा य / संघ रा य े वारा उठाई न गई
है , क एवज म कोई नई क म नह ं लाई जाएगी। धनरा श म से अ त र त फंड, उनके वा षक आबंटन के अनपात

अपवाद व प, य द कोई रा य मौजदा ू योजना को म, उपल ध कराया जाएगा। रा य / संघ रा य े के काय-
यागने के उ चत कारण के साथ त थापन का ताव न पादन का आकलन करने के लए नणायक मापदं ड वभाग/
तत
ु करता है , तो उस ताव को डी.डी.ड य.एस./
ू रा य मशन वारा जार कए जाएंगे।
मशन के सम भेजा जाएगा। इस फंड का लाभ लन े े के लए, आव यक है क रा य/ सघ ं रा य
े अपने वयं के बजट य सस ं ाधन / रा य के अ त र त बजट य
7.5.3 वा षक काय योजना (ए.ए.पी.)
ससं ाधन (ई.बी.आर.)/ बा य सहायता इ या द से मशन के लए
येक वष, रा य/संघ रा य े वारा, 'रा य काय योजना' अ त र त न ध दान करके काय म को परा ू करने क आयोजना
(एस.ए.पी.) के अनु प फरवर माह म एक वा षक काय योजना बनाए,ं ता क के सरकार वारा द त अ त र त धनरा श उसी
(ए.ए.पी.) तय
ै ार क जाएगी और इसे वभाग/ रा य मशन व तीय वष म उपयोग म लाई जा सके। अ त र त फंड,
वारा वक सत ा प म ऑनलाइन जमा कराया जाएगा। इसे जी.बी.एस. या ई.बी.आर. या दोन म स,े परैा 7.3 म व णत आबटं न
वभाग/ रा य मशन और रा य के बीच परामश के आधार पर के मानदडं के आधार पर, काय- न पादन करने वाले रा य / सघ ं
अं तम प दया जाएगा। ए.ए.पी. म, अ य के साथ-साथ, रा य े के बीच वत रत कया जाएगा, िजसका उपयोग केवल
न न ल खत बद ं ु शा मल ह गे; एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के लए कया जाना ह।ै

47
व तीय आयोजना एवं व त पोषण

7.7 अ त र त बजट य संसाधन (ई.बी.आर.) 7.8.1.1 पहल क त जार करना

i.) उन रा य / संघ रा य े के लए िज ह ने पछले व तीय


जल जीवन मशन को मंजूर दे ते समय, सरकार ने अ त र त
वष के दौरान दसर
ू क त उठा ल है
बजट य संसाधन तक पहंु च को भी मंजरू दान क । त वष,
धन क आव यकता को दे खते हए ु व त मं ालय, वभाग/ पहल क त क रा श, व त वष म कसी रा य को वीकाय
रा य मशन को अ त र त बजट य संसाधन का उपयोग ु आबंटन का 50 तशत होगी और पहल क त के प म
कल
करने क अनम ु त दे गा। इन अ त र त संसाधन का आबंटन, फंड जार करने के लए, अवमिु त के समय पछले वष क 10
रा य / संघ रा य े को येक वष के ांरभ म नय मत तशत से परे क आ द शष
े क रा श को मलाकर बनी रा श द
बजट आबंटन के साथ ह , परैा 7.2 म व णत आबंटन मानदं ड जाएगी। पहल क त को दो भाग म चरणब तर क़े से रल ज़
के अनसार
ु कया जाएगा। वभाग/ रा य मशन जी.बी.एस. कया जाएगा। पी.एफ.एम.एस. पोटल/ आई.एम.आई.एस. म
के तहत द गई न ध के उपयोग क समी ा करे गा और समय- दशाए गए इसके उपयोग के आधार पर रल ज वचा लत प म
समय पर ई.बी.आर. क आव यकता का आकलन करे गा। क जाएगी। समची ू पहल क त क रल ज़ के लए स म
तदनसार
ु , आव यकता के अनसार ु ई.बी.आर. क मांग ा धकार क वीकृ त और आई.एफ.डी. क सहम त ा त क
क जाएगी। जानी होगी।

अ त र त आ द शष े को मला लेने के बाद पहला भाग, पहल


7.8 न ध आबंटन और अवमिु त क या
क त के 50 तशत के बराबर होगा और यह भाग, अ ल ै के
के य जल शि त मं ी के अनमोदन
ु के प चात, व तीय वष मह ने म जार कया जाएगा। पहल क त के दसरे ू भाग क
क शु आत म ह , अनमो ु दत मानदं ड के अनसारु रा य/ सघ ं रल ज़, पी.एफ.एम.एस. पोटल/ आई.एम.आई.एस. पर दशाए
रा य े -वार जी.बी.एस. और ई.बी.आर.- दोन का आबट ं न गए इसके उपयोग पर नभर करे गी । जस ै े ह उपल ध न ध
कया जाएगा। वा षक आबट ं न दो समान क त म और येक अथात, व तीय वष का आ द शष े और पहल क त के पहले
क त को दो भाग म जार कया जाएगा। सभी पा रा य / भाग क 80 तशत रा श का उपयोग कर लया जाता है , पहल
सघ ं रा य े को, क त जार करने के लए डी.डी.ड य.एस.ू क त का दसरा
ू भाग, वभाग/ रा य मशन वारा वचा लत
के एक कत ृ व त भाग क सम सहम त ा त करनी होगी प से ( कसी भी ताव के बना और आई.एफ.डी. क सहम त
और उसके बाद रा य / सघ ं रा य े वारा न ध के उपयोग के बना) जार कर दया जायेगा।
का आकलन करने के बाद वभाग, न ध को क त-वार जार तथा प, पहल क त क शष े धनरा श अथात पहल क त का
करे गा। इस कार, न ध-अवमिु त क आयोजना, व त पहला भाग जार करते समय मलाई गई आ द शष े क
मं ालय के 'ज ट इन टाइम' स ात ं के अनु प तय ै ार क गई अ त र त धनरा श तभी जार क जाएगी जब रा य वारा,
है ता क फंड के अ यु त पड़ा रहने क ि थ त से बचा जा सके। के और रा य के उपल ध फंड के कम से कम 60 तशत के
7.8.1 वभाग/ रा य मशन वारा रा य को धनरा श यय को दशाता हए ु एक 'उपयोग माणप ' तत
ु कया
जार करना जाएगा। उपल ध न ध (ओ.बी. + पहल क त के परेू पहले भाग
के तहत जार फंड ) के 80 तशत के उपयोग के आधार पर
पी.एफ.एम.एस. लेटफॉम/आई.एम.आई.एस. म प रल त फंड पहल क त का दसरा
ू भाग वचा लत प से जार हो जायगे ा।
उपयोग को आधार मानकर रा य / संघ रा य े को क त
रा य / संघ रा य े वारा कसी भी समय तत
ु कए जाने
जार क जाएंगी। जल जीवन मशन के तहत आने वाले
वाले 'उपयोग माणप ' को, रा य या संघ रा य े के मख

न न ल खत उप-घटक / उप- मशन के लए धनरा श
स चव या स चव या समक अ धकार वारा तह ता रत
उपल ध होगी:
कया जाना चा हए।
क.) कवेरज
ii.) उन रा य / संघ रा य े के लए िज ह ने पछले व तीय
ख.) जे.ई.- ए.ई.एस. वष के दौरान दसर
ू क त नह ं उठाई है

ग.) आर.ड य.एस.एस.पी.


ू – एल.आई.एस. रा य/ संघ रा य े से उपयोग माणप ., संपर त लेखा
ववरण, आ द स हत आव यक द तावेज के साथ औपचा रक
घ) एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू ताव ा त करने के बाद ह फंड जार कया जाएगा
(अनबं
ु ध-II और अनबं
ु ध -III म द गई सची
ू दे ख)।
आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस,
ू जे.ई.-ए.ई.एस. और
एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू उप-घटक के लए, संबं धत मौजदा ू फंड के इस ह से को जार करते समय, आ द शष
े ( पछले वष
दशा नदश म नधा रत आबंटन और अवमिु त या का क रल ज का 10 तशत) क नधा रत सीमा से ऊपर क
पालन कया जाएगा। इन घटक क न ध जार करने क कसी भी रा श को इसम मला दया जाएगा। हालाँ क, पहल
या का ववरण अनबंु ध- XIII म व णत है । कवरे ज उप- क त क शष े रा श अथात अ त र त आ द शष े के कारण
घटक हे तु पहल और दसर ू क त जार करने के लए पहल क त का ह सा जार करते समय मलाई गई धनरा श,
न न ल खत अवमिु त या लागू होगी: तभी जार क जाएगी जब रा य वारा, के और रा य के

48
ह से के उपल ध फंड के कम से कम 60% के यय को दशाने 7.8.1.3 अ छा काय- न पादन करने वाले रा य / संघ रा य
वाला उपयोग माणप तत
ु कर दया जाएगा। े को अ त र त न ध जार करना

पहल क त, चरणब तर के से दो भाग म अवमु त क i.) अ त र त धन क उपल धता को हर व तीय वष के अत



जाएगी। अवमिु त, पी.एफ.एम.एस. पोटल/ आई.एम.आई.एस. म नि चत कर दया जाएगा;
पर दशाए गए, इस रा श के उपयोग के आधार पर ह क जाएगी।
ii.) रा य क पा ता वभाग/ रा य मशन वारा तय क
पहला भाग, अ त र त आ द शष े मला लए जाने के बाद बनी जाएगी;
पहल क त क रा श के 50 तशत के बराबर होगा। इसे तभी
iii.) काय- न पादन करने वाले रा य / संघ रा य े के
जार कया जायेगा जब रा य वारा, पहल क त को जार
करने क मांग करते हए लए अ त र त धनरा श, आबंटन मानदं ड के अनसार

ु एक पण ू औपचा रक ताव तत

कया जाएगा। जसै े ह उपल ध फंड अथात व तीय वष क परु कार के प म जार क जाएगी;
आ दशष े रा श और पहल क त के पहले भाग म जार न ध के iv.) अ त र त फंड को सामा य पल ू के दो सेट म वग कतृ
80 तशत भाग का योग कर कया जाता है , पहल क त का कया जाएगा, अथात पहला - उ तर-पव ू रा य के लए
दसरा
ू भाग, वभाग/ रा य मशन वारा वचा लत प से और दसराू उ तर-पव
ू रा य से इतर रा य / संघ
(अथात बग़ैर कसी ताव के और आई.एफ.डी. के सम रा य े के लए और यह न ध, उ तर-पव ू /उ तर-
तत
ु कए बना) जार हो जायेगा। पवू से इतर रा य के संबं धत वग के, काय- न पादन
7.8.1.2 दसर
ू क त क रल ज़ करने वाले रा य / संघ रा य े को उनके वा षक
आबंटन के अनपात
ु म जार कया जाएगा।
दसर
ू क त क रा श, व तीय वष म रा य के लए वीकाय
कल
ु आबंटन का 50 तशत होगी और दसर ू क त भी दो 7.9 न ध आ वाह
भाग म चरणब तर के से पहल क त के लए अपनाई गई
प त के अनु प जार क जाएगी। एस.ड य.एस.एम.
ू वारा, कसी भी अनस ु ू चत वा णि यक बक
म एक एकल नोडल खाता खोला जाएगा। एस.ड य.एस.एम. ू
दसर
ू क त जार करने के लए, रा य वारा तत
ु कए जाने वारा, ज.ेज.ेएम. काया वयन के लए आव यक पी.एफ़.एम.एस.
वाले न न ल खत द तावेज़ के आधार पर व तीय ग त का अनपालन जस
ै ी सवे ाओं के बारे म रा य मु यालय म कायरत

मू यांकन कया जाएगा: इन बक से ववरण ा त कया जाएगा। भारत सरकार वारा
i.) उपल ध शष े रा श (के य न ध) और रा य समतु य रा य सरकार को जार कए गए फंड, उनके रा य कोषागार म
ं दान के 60 तशत के बराबर रा श के संबंध म चालू
अश भजे े जाएग
ं ,े जहां से रा य को सब ं ं धत रा य के मै चग ं शय े र के
वष के लए अनं तम उपयोग माणप ; साथ 15 दन के भीतर एस.ड य.एस.एम. ू के एकल नोडल
खाते म फंड ास ं फर कया जाएगा। एस.ड य.एस.एम. ू वारा,
ii.) पछले वष के पहले के वष के लए महालेखाकार क
पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी. ू के मौजदा ू एकल नोडल खाते का
रपोट/ सी.ए.जी के सचीब
ू सी.ए. से पछले वष का
उपयोग कया जा सकता है या ज.ेज.ेएम. के तहत नोडल खाते के
संपर त लेखा ववरण
सच ं ालन के लए रा य मु यालय पर ि थत कसी भी अनस ु ू चत
iii.) पछले वष के लए अं तम के य और रा य उपयोग वा णि यक बक म एक नया खाता खोला जा सकता है, य द वहां
माणप एकल नोडल खाता उपल ध न हो तो।
पहला भाग, दसरू क त के 50 तशत के बराबर होगा और नोडल खाते म कसी भी प रवतन क अनम ु त केवल वभाग/
इसे तब जार कया जाएगा, जब रा य/ संघ रा य े व तीय रा य मशन क सहम त से द जाएगी। बक से ल खत म एक
ग त से संबं धत उपयु त द तावेज को तत
ु करगे। जसै ेह वचनप इस आशय के साथ उपल ध कराया जायग े ा क बक
उपल ध फंड (स ल और टे ट शय े र) क 80 तशत धनरा श वारा, वभाग/ रा य मशन न ध म से भगतान ु करने के
का उपयोग कर लया जाता है , दसर
ू क त का दसरा
ू भाग भी लए भारत सरकार के दशा नदश का पालन कया जाएगा।
वभाग/ रा य मशन वारा वतः जार कर दया जायेगा एस.ड य.एस.एम.
ू वारा, वभाग/ रा य मशन को बक
(यानी बना कसी ताव के और आई.एफ.डी. के सम शाखा, आई.एफ.एस.सी. कोड और खाता सं या का ववरण
तत
ु कए बना) । सू चत कया जाएगा। बक वारा, नोडल खाते म लन े -दे न क
रा य / सघं रा य े से, दसर ू क त स हत कोई भी रल ज अनम ु त तभी द जाएगी, जब लन े दे न का अनरोध ु
ताव, अनबध
ु ं -II और अनबध ु ं - III पर द गई जाच
ँ सची
ू के पी.एफ़.एम.एस. मोड के मा यम से ा त होता है और य द यह
अनसार
ु सभी कार से प रपण ू ि थ त म ा त करने क अं तम काय राजकोष के मा यम से कया जाता है, तो सब ं ं धत रा य
त थ, यक े व तीय वष क 15 फरवर क त थ होगी। अगले राजकोष और पी.एफ़.एम.एस. स टम के बीच उपयु त इट ं रफेस
व तीय वष म आ दशष े , इस वष जार क गई कल ु रा श के 10 बनाकर पी.एफ़.एम.एस. स टम म इसे दशाया/ त बं बत
तशत तक रखने क अनम ु त द जाएगी। माच के मह ने म कया जाएगा और तब जाकर लन े दे न क अनम ु त मलग े ी। बक,
जार कए गए सं वीकृ त आदेश क रा श को अ त र त आ द खाते के सच ं ालन के सब
ं ध
ं म वभाग/ मशन वारा समय-समय
शषे म मलाते समय गणना म नह ं लया जाएगा। पर जार नदश का पालन करने के लए सहमत होगा।

49
व तीय आयोजना एवं व त पोषण

एक कत ृ बध
ं न सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.) सॉ टवय े र, 7.10 अमा य यय
लेखाक
ं न णाल के अनु प बनाया जाएगा, और इसम, ामीण
जल आपू त वभाग/ एस.ड य.एस.एम.
ू और सब ं ं धत बक कोई यय जस ै े क लागत व ृ , न वदा ी मयम और काय म
शाखा के लए यह सु वधा होगी क उनके वारा कए जाने वाले स ब धी दसरे ू ख़च जो के य ह से के तहत अमा य ह,
लेनदे न के लए ऑनलाइन डटे ा वि ट क जा सके। जे.जे.एम. के के य ह से के तहत व त पो षत होने के यो य
है अथवा नह ,ं इसका नणय रा य सरकार/ एस.ड य.एस.एम. ू
याज के प म उपािजत धन उसी खाते म जमा कया जाएगा करे गी। इसके अ त र त, भारत सरकार वारा दान क जाने
और संबं धत वष के उपयोग माणप (य.सी.) ू म दशाया वाल अनदान ु सहायता म से कोई भी शु क नह ं लया जाएगा।
जाएगा। याज रा श म से यय, दशा नदश म अनमत ु काय य द इसक आव यकता पड़ती है , तो यह रा य सरकार/ संघ
क मद पर कया जाएगा। यय म कसी भी कार का रा य े शासन क िज मेदार होगी। नय मत कमचा रय
वचलन, समय-समय पर वभाग/ रा य मशन वारा जार को सहायक ग त व धय क रा श म से 'वेतन' का भगतान ु नह ं
नदश / दशा नदश वारा नद शत होगा। बक, कया जाएगा और अनबं ु ध पर रखे गए क मय /
एस.ड य.एस.एम.
ू को उसके वारा जमा क गई याज रा श पेशव े र /परामशदाताओं को केवल पा र मक/ मानदे य का
के स ब ध म मै ा सक आधार पर सू चत करे गा। भगतान
ु कया जा सकता है । जे.जे.एम. के तहत दान क गई
रा य सरकार/ एस.ड य.एस.एम. ू , नधा रत व तपोषण प त भारत सरकार क न ध म से, चालन व रख-रखाव अथात जल
के अनसार ु मै चगं फंड के बारे म नणय लग।े एकल नोडल खाते आपू त काय से संबं धत बजल बल आ द का भगतान ु नह ं
म एस.ड य.एस.एम. ू वारा के और रा य दोन से कया जा सकता है । अमा य यय क एक सांके तक सची ू ,
ज.ेज.ेएम. का ह सा ा त होने पर, िजल के बीच इसका अनबं ु ध - IV पर द गई है ।
आबट ं न, दो स ताह के भीतर कया जाएगा और इसका आधार,
7.11 सामदा
ु यक योगदान
सब ं ं धत एस.ड य.एस.एम. ू वारा तय क गई वा षक िजला
काय योजनाओं ('िजला काय योजनाओं') को बनाया जाएगा। जसै ा क परैा 6.1.2 म उ लख े कया गया है, सामदा ु यक
आबट ं न के आधार पर, एस.ड य.एस.एम. ू वारा येक िजले योगदान नकद और/ या व तु और/या म के प म हो सकता है।
के लए एक आहरण सीमा नधा रत क जाएगी और व तु और/ या म के प म कए गए योगदान क गणना क
एस.ड य.एस.एम. ू ह , भगतान
ु बल तय ै ार करने के लए िजल जाएगी और इसक समक रा श को नकद योगदान के प म
को अ धकत ृ करे गा और भगतान ु , एकल नोडल खाते म से कया ाम पच
ं ायत और/ या इसक उप-स म त यानी वी.ड य.एस.सी./ू
जाएगा। डी.ड य.एस.एम. ू वारा िजला तर पर उपल ध पानी स म त/ यो ता समह ू इ या द वारा एक अलग रिज टर
'िजला काय योजना' और न ध के अनसार ु , यथा-ि थ त, ाम म दज और यवि थत कया जायग े ा। इसे दशा नदश के परैा
पचं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात वी.ड य.एस.सी. ू / 7.16 के अनसार
ु सब
ं ं धत अ धका रय वारा माग ं े जाने पर,
पानी स म त/ यो ता समह ू या पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू उपल ध कराया जाए और इसक सप ं र ा कराई जाए।
वभाग के मा यम से काय को परा ू कराएगा।
अत ं : ाम अवसरंचना के नमाण के लए नकद म कए गए
काय समाि त के बाद, पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग सामदा ु यक योगदान को ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-स म त,
वारा बल, डी.ड य.एस.एम./ ू एस.ड य.एस.एम.
ू को, यथा- अथात वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह, ू आ द के
ि थ त, े षत कया जाएगा, जो, बल ा त होने पर, पन ै लम सबं ं धत बक खाते म जमा कया जाएगा; यह खाता कसी भी
शा मल कसी अ य प एजसी वारा काय का नर ण अनस ु ू चत वा णि यक बक म खोला जा सकता ह।ै इस खाते को
कराएगा। इसके बाद, कए गए काय क गणव ु ता और काम क ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-स म त अथात वी.ड य.एस.सी./

मा ा से संतु ट होकर, डी.ड य.एस.एम./ ू एस.ड य.एस.एम.,
ू पानी स म त/ यो ता समहू इ या द के अ य और सब ं ं धत
जस ै ा भी मामला हो, एजसी को भगतान ु कए जाने क यव था पच
ं ायत स चव वारा सय ं ु त प से सच ं ा लत कया जाएगा।
करे गा। डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू वारा उस वष सामदा ु यक योगदान (अत ं : ाम अवसरंचना सजन हत
े ),ु ात

वशष े म एस.ड य.एस.एम.
ू वारा िजले के लए नधा रत ो साहन रा श के लए और चालन व रख-रखाव आव यकताओं
कए गए धन आबंटन / आहरण क सीमा के अधीन, न पा दत को परा ू करने के लए प रवार वारा दान कए गए यो ता
काय के लए एजसी को पी.एफ.एम.एस. मोड म भगतान ु करने शु क के लए अलग- अलग लज़ ै र रखे जाने ह ग।े
के लए कहा जाएगा। े जर मोड के मा यम से तय ै ार कए गए डी.ड य.एस.एम. वारा तय क गई एजसी/ व े ता को

भगतान
ु आदे श क अनम ु त केवल तभी द जाएगी, जब सामदा ु यक योगदान का भगतान ु कया जाएगा।
संबं धत रा य े जर और पी.एफ.एम.एस. के बीच उपयु त
इंटरफेस बनाकर पी.एफ.एम.एस. णाल म इसे दशाया गया 7.12 अत ं : ाम अवसंरचना सजन
ृ हे तु अ य
हो। संबं धत एजसी के खाते म पी.एफ.एम.एस. मोड म, एकल ोत से ा त धन
नोडल खाते से भगतान ु करने के लए, यथा-अ धकत ृ प म,
डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू वारा ह भगतान ु नवा चत त न ध (संसद सद य, वधान सभा के सद य
आदे श भेजा जाएगा। सं वदा के अनसार ु स बं धत एजसी के इ या द), व भ न संगठन, सी.एस.आर. कानन ू के अतं गत
अलावा कसी अ य खाते म कोई अ म भगतान, ु साम ी आने वाल स थाएं, परोपकार लोग भी जे.जे.एम. के तहत
जटाने
ु के लए अ म रा श के तौर पर, नह ं कया जायेगा। ामीण जल आपू त णाल था पत करने हे तु अपना योगदान

50
दे सकते ह। ामीण जल आपू त णाल क थापना के लए रहा है , के बाद ो साहन ा त करने के पा हो जाते ह । इस
कसी सांसद वारा कए गए योगदान को, योजना क पंज ू ीगत न ध को दान करने के लए एस.ड य.एस.एम.ू , ऐसे मतू
लागत का के य ह सा माना जाता है और तदनसार ु , और पारदश मानदं ड वक सत कर सकती है , िजनका उ े य
योगदान म इतनी ह रा श क कटौती करके योजना के के य ाम पंचायत और/ या इसक उप- स म त, अथात
ह से को संशो धत कया जा सकता है । इसी तरह, वधायक या वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह
ू इ या द वारा
रा य के कसी नवा चत त न ध वारा कए गए योगदान जल आपू त णाल और चालन एवं रख-रखाव के था य व
को रा य के ह से से कया गया योगदान माना जाएगा और को ो सा हत करने का हो।
तदनसार
ु , योजना के रा य के ह से के योगदान म कटौती
ो साहन न ध, अत ं : ाम अवसरंचना लागत का 10 तशत
करके उसे संशो धत कया जा सकता है ।
होगी, िजसे पाचं वष क अव ध म चरणब तर के से वत रत
भारत सरकार के अ य मं ालय / वभाग से पेयजल आपू त कया जायग े ा। ो साहन न ध, कसी भी अत ं : ाम अवसरंचना
योजनाओं के लए ा त धन, नि चत प से एफ.एच.ट .सी. के क कसी ऐसी त काल मर मत लागत का भगतान ु करने के लए
लए ह उपयोग म लाया जाएगा। इन योजनाओं म भारत एक आवत न ध के प म इ तम े ाल क जाएगी, िजससे पानी
सरकार का ह सा, य द ये योजनाएं आं शक प से जे.जे.एम. क आपू त बा धत होने क सभ ं ावना हो और समदाय ु वारा फ़र
के तहत व त पो षत ह तो, पंज
ू ीगत लागत के लए के य से इसक तपू त क जाए। ो साहन न ध, च लत व तपोषण
शये र म शा मल माना जाएगा। रा य वारा ामीण जल प त म ज.ेज.ेएम. (के और रा य के म चग ं शये र) के तहत
आपू त के ावधान के साथ ता वत कसी भी नई बा य रा य के पास उपल ध न ध म से दान क जाएगी।
सहायता- ा त प रयोजना को केवल तभी सहायता द जाएगी,
य द इसम एफ.एच.ट .सी. का ावधान हो या इसके 7.14 जे.जे.एम. के तहत उपल ध ले सी फंड
प रणाम व प एफ.एच.ट .सी. ा त होने ह । दोन ह मामल अनबं
ु ध- VII पर रखे दनांक 06.09.2016 के कायालय ापन
म, उनक गणना, उपल ध कराए गए एफ.एच.ट .सी. क सं या 55(5)/पीएफ़-II/2011 और बाद म व त मं ालय के यय
क गनती करते समय वभाग के आई.एम.आई.एस. के ह से वभाग वारा जार कए गए संशोधन के अनसार, जल जीवन

के तौर पर क जाएगी। मशन के तहत ले सी फंड का उपयोग न न ल खत उ े य
अत ं : ाम अवसंरचना सजन ृ क लागत क मद म अ य क ाि त हे तु कया जा सकता है :
संगठन , कॉरपोरे ट सामािजक उ तरदा य व (सी.एस.आर.) म i.) ाकृ तक आपदाओं के मामले म बचाव/ पन ार

शा मल सं थाओ,ं परोपकार यि तय इ या द के योगदान को, ग त व धयाँ सच
ं ा लत करना, या आत
ं रक सरु ा गड़बड़ी से
योजना क कल ु अत ं : ाम अवसंरचना सजन ृ क लागत म से भा वत े म थानीय आव यकताओं को परा ू करना;
घटा दया जाएगा और अ नवाय सामदा ु यक योगदान के
अत ं गत शष े रा श को अनपा ु तक प म संशो धत कया जा ii.) द ता म सधार
ु करने के लए ायो गक तौर पर नवाचार
सकता है । इस तरह के सम त योगदान को योजना के पंज ू ीगत करना;
यय का ह सा माना जाएगा। कटौती करने के बाद के के
रा य / सघ ं रा य े को सलाह द जाती है क वे ाकृ तक
शये र, रा य के शये र और सामदा ु यक योगदान क गणना क आपदाओं और आत ं रक सम याओं से उ प न अ या शत
जाएगी। योजना के अ त: ाम घटक क शष े लागत पर
चनौ
ु तय / म ु से नपटने के लए, ज.ेज.ेएम. के तहत कये गए
सामदा ु यक योगदान फ़र भी अ नवाय होगा। कए गए सभी
वा षक आबट ं न का 5 तशत ह सा अलग रख द और इ तम े ाल
योगदान आई.एम.आई.एस. म दज कये जायगे।
म न लाए जा पाने क दशा म रा य सरकार वारा व तीय वष
डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू वारा, जल आपू त के के अं तम दौर म इसका उपयोग कया जा सकता है। इसके
लए तयै ार क गई ' ाम काय योजना' के तहत प रकि पत, अलावा, रा य/ सघ ं रा य े भी ए.ए.पी. के अनु प ज.ेज.ेएम. के
भ न- भ न एज सय के ऐसे सभी यास का सम वय, मेल- तहत नवाचार क आयोजना बना सकते ह। ौ यो गक ह त प े
जोल और संयोजन कया जा सकता है । अनमो ु दत ' ाम काय पर अ धक जानकार के लए अ याय 8 देख।
योजना' के बाहर कोई समांतर काय नह ं कया जाएगा, इससे
संसाधन का इ टतम उपयोग कया जा सकेगा और दोहराव से 7.15 पी.एफ़.एम.एस.
बचा जा सकेगा। जे.जे.एम. के तहत कये जाने वाले सभी लेनदे न अ नवायतः
पी.एफ.एम.एस. के मा यम से ह कये जायगे और समय-
7.13 ो साहन न ध
समय पर पी.एफ.एम.एस. पर भारत सरकार वारा जार
ाम पंचायत और/ या इसक उप- स म त, अथात नदश का पालन कया जाना होगा। जे.जे.एम. के तहत रा य /
वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह ू इ या द, संघ रा य े वारा न ध का उपयोग कैसे कया जा रहा है ,
योजना को सफलतापवकू एक वष तक सं च ा लत कए जाने, पी.एफ.एम.एस. के मा यम से इसक नगरानी क जाएगी।
िजसम यह सु नि चत हो सके क योजना के तहत कवर कए भ व य म जार क जाने वाल न ध को, पी.एफ.एम.एस. म
गए येक ामीण प रवार को नय मत आधार पर पया त न ध क उपल धता और उपयोग के ववरण के साथ जोड़ दया
मा ा म गणव
ु तापण
ू जल ा त हो रहा है और चालन एवं जाएगा और क गई भौ तक और व तीय ग त क नगरानी
रख-रखाव के लए जल भार नय मत प से एक कया जा आई.एम.आई.एस. के मा यम से क जाएगी।

51
व तीय आयोजना एवं व त पोषण

7.16 संपर ा जसै ी बहप


ु ीय एज सय , जो ामीण जल आपू त प रयोजनाओं
का समथन करने क इ छक ु ह, के मा यम से न ध इक ा करने
i.) सोसाइट के मामले म, एस.ड य.एस.एम.
ू यह म सहायता करे गी। बाहर व तपोषण के लए तत
ु कए जाने
सु नि चत करे गा क व तीय वष क समाि त के छह वाले प रयोजना ताव को ज.ेज.ेएम. के उ े य के अनु प
माह के भीतर उसके खात क लेखापर ा नयं क बनाए जाने क आव यकता होगी।
महालेखा पर क वारा सचीब ू चाटड एकाउं ट स क
एक ट म वारा क जाए। काया वयन एजसी के खात 7.18 रा य जल जीवन कोष (आर.जे.जे.के.)
का समाशोधन ववरण और इसक सट कता पर चाटड
पेयजल उपल ध कराने म सहायता के भारतीय लोकाचार के
अकाउं टट का माण प भी इस लेखापर ा रपोट के
ह से के प म, व भ न यि त, कॉप रे ट/ औ यो गक घराने,
साथ उपल ध कराए जाएंगे;
धमाथ सं थान, आ द नय मत प से योगदान/ दान करते ह।
ii.) डी.ड य.एस.एम.
ू यह भी सु नि चत करेगा क ाम इसके अलावा, कंपनी अ ध नयम, 2013 के अनसार,ु कसी भी
पच
ं ायत और/ या इसक उप- स म त, अथात व तीय वष के दौरान नधा रत ऊपर सीमा से अ धक नवल
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू इ या द मू य वाल येक कंपनी को, अपने औसत नवल लाभ का
वारा ा त कये जाने वाले सामदा ु यक अश ं दान, कम से कम 2 तशत ह सा, कारपोरे ट सामािजक दा य व
ो साहन रा श आ द के लए रखे जाने वाले हर खात/े (सी.एस.आर.) ग त व धय म खच करना होता है । ऐसे सभी
लज़े र का लख े ा-पर ण, यक े व तीय वष म कया जाए; दान/ योगदान को सकरु बनाने के लए, एन.जे.जे.एम. के तहत
iii.) ाम पंचायत या इसक उप-स म त के खात क 'रा य जल जीवन कोष' क थापना क जा रह है । यह कोष,
नय मत समवत लेखा-पर ा, सेवा नव ृ त थानीय जे.जे.एम. के ल य क ाि त हे तु धमाथ योगदान/ दान और
लेखा पर ा अ धका रय वारा क जाएगी; सी.एस.आर. फंड के लए एक पा के प म काम करे गा।

iv.) जे.जे.एम. के संबंध म रा य वारा तत


ु क जाने इस कोष से न न ल खत ग त व धय को व तपो षत कया
वाल लेखापर ा रपोट का एक ा प अनबं ु ध-III पर जाएगा:
दया गया है । चाटड अकाउं टट वारा क जाने वाल
i.) जे.जे.एम. के तहत ामीण प रवार को सरु त पेयजल
संपर ा के अलावा, इस मशन के तहत कए गए काय
उपल ध कराने के लए पेयजल ोत (धरातल और
का संपर ण, भारत के नयं क महालेखा पर क
भजल
ू - दोन ) का और अवसंरचना का वकास;
(सी.एंड ए.जी.) वारा भी कया जा सकता है । नयं क व
महालेखा पर क वारा क गई संपर ा म, व तीय ii.) वशषे प से जल गणव
ु ता भा वत े म ामीण
संपर ा के अलावा कए गए काय क गणव ु ता के पेयजल आपू त दान करने के लए अनसं
ु धान एवं
पहलओ ु ं को भी शा मल कया जा सकता है ; वकास और अ भनव प रयोजनाएं;

v.) य द कसी अ या शत कारणवश महालख े ाकार/सी.ए. से iii.) गाँव म े-वाटर बंधन;


रपोट ा त नह ं होती ह,ै तो उस दशा म य द रा य
iv.) दशन के योजन से अ भनव ताव;
सरकार/सघ ं रा य े शासन, देर के लए व श ट कारण
सू चत करता है और यह वचन देता है क महालख े ाकार/ v.) समदाय
ु का मता संवधन;
सी.ए. के कायालय से इसक ाि त होते ह इसे उपल ध
vi.) व भ न तर पर जे.जे.एम. के काया वयन म शा मल
कराया जायग े ा, तो न ध अवमिु त को रोका नह ं जाएगा।
अ भ नधा रत क मय का कौशल वकास; तथा
य द ए.जी./ सी.ए. क रपोट म, कछ ु वसगं तय /क मय
क सचना
ू द जाती ह,ै तो बाद म क जाने वाल अवमिु त vii.) जल जीवन मशन के काया वयन क आव यकताओं के
म इसे समायोिजत कर लया जायग े ा / रा य सरकार अनु प रा य और/ या िजला तर पर मानव संसाधन
वारा इस पर अनवत ु कारवाई क जाएगी; उपल ध कराना/ उनका व त पोषण करना;
vi.) व तीय वष के 31 माच को एस.ड य.एस.एम.
ू के खाते viii.) दानकता वारा अनरोध ु क गई कोई भी व श ट
म अिजत याज स हत उपल ध शष े रा श के संबंध म ग त व ध जो जे.जे.एम. के ल य के अनु प हो।
लेखापर ा रपोट के साथ बक ा धकार से ा त
ववरण तत ु करना आव यक है ।

7.17 वक
ै ि पक व तपोषण वक प/ मॉडल
अ त र त न ध क आव यकता को, रा य वारा, सावज नक
नजी भागीदार (पी.पी.पी.), हाइ ड वा षक मॉडल (एच.ए.एम.),
यवहायता अतं र व तपोषण (वी.जी.एफ.), आ द जस ै े अ भनव
व तपोषण तं के मा यम से परा ू कया जा सकता है। इसके
अलावा, भारत सरकार व व बक एवं ए शयाई वकास बक आ द

52
अ याय

ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशंस)
और नवाचार 8

मीण जल आपू त े को भ-भाग ू , ाकृ तक 8.2 संद ू षत भजलू े म सामदा
ु यक जल शोधन
और अ य कारण ( दषण) ू से जल (जमीनी
संयं (सी.ड य.पी.पी.)

और धरातल जल दोन ) क उपल ध मा ा और
सी.जी.ड य.बी.ू रपोट म यह ववरण दया गया है क भजल ू
1
9
उसक गणव ु ता, लंबी दरू से पानी लाने, पं पग
ं के लए बजल
क आव यकता को परा ू करने, पहले से चलाए जा रहे म छह परैामीटर पाए जाते ह नामत: आस नक, लोराइड,
ौ यो गक ह त ेप को जार रखने (उनका नय मत रख लोराइड, लोहा, नाइ े ट और लवणता। दे श के 6,834 वकास
रखाव करने और उससे नकले गाद/कचरे का उ चत नपटान खड ं / फ़रक /मडं ल /तालक ु म से 3,559 इन परैामीटर के सद ं भ
आ द), दर-दर
ू ू तक फैल णा लय के कारण दै नक म भा वत े ह जो छह मापदं ड म से कसी न कसी से
नगरानी/ बंधन म क ठनाई, वतरण णाल म रसाव, पानी भा वत ह। आस नक, लोराइड, आयरन और अ य भार धातु
का द ु पयोग/अ त योग आ द के कारण कई चनौ ु तय का भा वत बि तय म त काल राहत दान करने के लए, पीने
सामना करना पड़ता है । ौ यो गक से अ धकांश चनौ और खाना बनाने के लए अ पका लक उपाय के प म 8-10
ु तय का
समाधान ा त हो जाता है । तथा प, कछ मामल म , चनौ एल.पी.सी.डी. जल दान करने के लए सी.ड य.पी.पी. ू
ु ु तय
क ज टल कृ त के कारण, उपल ध तकनीक से कोई यापक था पत कया जा सकता है । तथा प, एक थायी उपाय के प
म, सरु त भजलू (आस-पास के गाव ँ से) या धरातल जल
समाधान ा त नह ं होता और इस लए अ भनव समाधान क
आपू त आधा रत णाल को 55 एल.पी.सी.डी. मता के साथ
आव यकता पड़ती है ।
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए सं था पत कया जाना
अ य धक क ठन जलवायु प रि थ तय वाले े जस ै े अ धक होगा। इस काय को ाथ मकता द जानी चा हए और इन
ऊंचाई वाले ठं डे रे ग तान म, और दगम ु भ-भाग
ू से जड़ी
ु क ठन गणव
ु ता- भा वत बि तय वशष े प से आस नक, लोराइड,
चनौु तय का सामना करने वाले े या कम आबाद वाले गम यरेू नयम आ द जस ै े सद
ं षक
ू से भा वत बि तय म पीने यो य
रे ग तानी इलाक म यह संभावना बन सकती है क हर घर म पानी उपल ध कराने के लए हर सभ ं व यास कए जाने चा हए।
घरे लू नल कने शन दान न कया जा सके। ऐसे े म,
ौ यो गक चयन का काम रा य पर छोड़ दया गया है ता क
थानीय नवाचार / ौ यो गक य समाधान क तलाश क जा
यह सु नि चत हो सके क इस तरह क सी.ड य.पी.पी. ू
सकती है । पीने के पानी के े म नवाचार क खोज से समदाय ु णा लय म सं थापना के बाद सु ढ़ चालन एवं रखरखाव
को मौजदा ू बु नयाद ढांच,े पंज
ू ी नवेश, प रचालन लागत का णाल काय करे और अवशष े का सरु त नपटान होता रहे
इ टतम उपयोग करने और इस तरह से कफायती क मत पर ता क वे नधा रत मानक के अनसार काय करते रह। हालां क

सरु त पेयजल उपल ध कराने म सहायता मलेगी। कृ म भ न- भ न संदषक के लए नन ै ो तकनीक आधा रत, रवस

बु म ता1 8 (ए.आई.), डट े ा एना ल ट स, लॉक-चेन ऑ मो सस20, कैपे स टव डी-आयनीकरण, अवशोषण (सोखना),
टे नोलॉजी, मशीन ल नग, नन ै ो-टे नोलॉजी आ द जसै ी उभरती इले ोलाइ टक डी- लो रडश े न, आ द जस ै े कई जल शोधन
ौ यो ग कय से सरु त जल क उपल धता और जल आपू त समाधान उपल ध ह, फर भी कसी वशष े तकनीक का चयन
णाल तथा नल कने शन क कायशीलता सु नि चत क जा करते समय न न ल खत पर यान दया जाना चा हए i.)
सकती है । पेयजल क आपू त म आने वाल चनौ ु तय का फ़ टर मा यम क उपल धता, ii.) रजे ट जल का बंधन
समाधान करने के लए सांके तक ौ यो गक य समाधान और iii.) समाधान क कफायती लागत, आ द।
न नानसारु ह:
8.2.1 रजे ट जल का बंधन
8.1 छट-पट/एका
ु त/आ दवासी/पहाड़ी गाव ँ म सं था पत रवस ओ मो सस आधा रत शोधन सय ं ं से
गांव के लए सौर ऊजा आधा रत वतं बहत ु सा पानी ( रजे ट जल) नकलता है िजसे वतमान म या तो
जल आपू त णाल खल ु ना लय म बहा दया जाता है या पास म छोड़ दया जाता
है िजससे छोटा-मोटा तालाब बन जाता है। सय ं ं के रकवर
यनतम ू चालन एवं रख रखाव लागत के साथ सौर ऊजा वारा अनपात ु के आधार पर, रजे ट जल क मा ा आमतौर पर बहत ु
सच ं ा लत वतं जल आपू त णाल के वक प को छट- अ धक होती है और अनमान ु है क यह सयं ं म इ तमे ाल पानी
पट/एका
ु त/जनजातीय/पहाड़ी गावं म आजमाया जा सकता ह।ै का लगभग 60% होता है। रजे ट जल क समु चत यव था
सोलर पन ै ल और बट
ै र बक ै -अप, मोटर ऑन-ऑफ ससर , ाई- करने के लए यह सझाव ु दया जाता है क इस जल को, इसके
रन ससर और जल तर ससर जस ै े ससर , ट ल टेिजज के साथ भड ं ारण के लए वशष े प से न मत सरंचनाओं म अलग से
पया त मता के भड ं ारण टक क सु वधा वाल एक सम पत लघु सं ह त कया जाए और इसे पय े जल से इतर तथा गरै-कृ ष े
जल आपू त णाल , इन मामल म था पत क जा सकती ह।ै जस ै े वाहन क धलाई,ु कृ ष उपकरण , घर क धलाई,ु बतन क
सचना
ू है क इस तरह क णा लयां महारा , ओ डशा, धलाई,
ु नजद क सामदाु यक शौचालय क ल ं
शग/सफाई
छ तीसगढ़ और झारखड ं के कछ
ु ह स म चलाई जा रह ह। आ द म इ तम े ाल कया जाए। आर.ओ. के रजे ट जल के
18
कृ म बु मता का उपयोग डट े ा अपलोड करने, मेके नकल वफलताओं का पता लगाने, जल के इ टतम उपयोग आ द म कया जा सकता है ।
19
ाउं ड वाटर वा लट इन शलै ो ए वीफस इन इं डया, 2018
20
रकवर अनपात,ु रजे ट जल बंधन तथा इस संबंध म एनजीट के आदे श के संबंध म उ चत तय ै ार के बाद ह आर.ओ. टे नोलॉजी अपनाई जानी चा हए।
53
ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशंस) और नवाचार

भडं ारण क अवसरंचना पर और उसके आस-पास, रजे ट कए एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस, रा य क योजनाओं के तहत जार
गए पानी का उपयोग पीने और कृ ष हे तु न करने के सब
ं ध
ं म न धय का उपयोग कया जा सकता है ।
सक
ं े त/चत
े ावनी के सद
ं े श च त कए जाने चा हए।
8.4 आयोजना और नगरानी म ौ यो गक का
8.3 ठं डे रे ग तानी/कठोर च ानी/पहाड़ी/तट य े उपयोग
8.3.1 ठं डे रे ग तान माट ौ यो ग कय के आगमन के साथ, त समय के यकतृ
और नरं तर नगरानी करना संभव है । इस उ े य को ा त
ठं डे रे ग तान मु य प से अ णाचल देश, ल ाख, हमाचल
करने के लए इंटरनेट ऑफ थ ं स (आई.ओ.ट .)21, भौगो लक
देश, उ तराखड ं , आ द के हमालयी े म, ऊंचाई पर अवि थत
सचना
ू णाल (जी.आई.एस.) सॉ टवेयर आ द का उपयोग
ह। इन े म पानी का ाथ मक ोत ले शयर के पघलने से
करने क आव यकता होगी। आक ं ड़ा व लेषण व ान का
ा त जल होता है, जो जलवायु प रवतन के कारण भा वत हो
उपयोग करके ामीण े से एक आक ं ड़ का व लेषण संभव
रहा है। इसके अलावा स दय के दौरान पाइपलाइन म पानी
हो सकता है , िजसका उपयोग जन सु वधाओं वारा व भ न
जमने के कारण पानी क आपू त बा धत हो जाती है। बहकर चले
काय के माट बंधन और बेहतर सेवाओं म हो सकता है ।
जाने वाले जल को छोटे जलाशय - पारंप रक जल सच ं यन
क याणकार उपाय के लए आव यक नी तगत तर पर
सरंचना, अथात ् िज़ग ं म एक त करने और इसके भड ं ारण को
म यवतन म यह प त मददगार हो सकती है ।
बढ़ाने के लए समाधान तलाशे जा सकते ह। इसके अलावा बहकर
चले जाने वाले जल को ले शयर के प म ज करके और न न ल खत का उपयोग कया जा सकता है :
उसके भड ं ारण वारा कृ म हमनद जलाशय बनाए जा सकते ह।
भड ं ार कया और जमा हआ आयोजना
ु यह जल वसत ं ऋतु के ारंभ म, पीने
और सच ं ाई - दोन के ोत के प म काम करेगा। सू म सच ं ाई i.) भजल
ू ोत के थान का पता लगाने के लए एच.जी.एम.
के उपयोग को बढ़ावा देने से सच ं ाई के लए जल क आव यकता न श का उपयोग। मौजदा ू जल ोत के थान को
कम हो सकती है और पय े जल सरु ा बढ़ सकती है। खोजने म जी.आई.एस. ौ यो गक मददगार होगी;
8.3.2 कठोर च ानी े ii.) पीने के पानी के बु नयाद ढांचे के थान क खोज के
लए और गांव म पानी क आपू त के बु नयाद ढांचे म
कठोर च ानी े म, भजल
ू तक पहँु चने के लए कशल

या त अत ं राल क पहचान करने के लए, इले ॉ नक
पयवे ण म बोर- ला ट तकनीक, ै चर सील सीमटे शन, म
लाि टं ग आ द के उपयोग क सभ
ं ावना तलाशी जा सकती है। एवं संचार मं ालय (एम.ई.आई.ट .वाई.) वारा तयै ार
मौजदा
ू ाम डिजटल 6 डी कंटरू मान च का उपयोग
8.3.3 पहाड़ी े कया जाना चा हए;
पहाड़ी े म, वशष े प से अ धक ऊंचाई वाले े म, जहां iii.) अ त र त आव यक अवसंरचना क आयोजना हे तु
घर क सं या बहत ु कम होती है , वहां घाट से पानी पंप करना मौजदा
ू प रसंपि तय (हड पंप, बु नयाद ढांचे, आ द) क
आ थक प से यवहाय नह ं होता है । इन थान पर, सोता डिजटल इ व तय ै ार करना और उ ह जी.आई.एस.
(ि ंग) - आधा रत ोत , वषा जल संचयन और वतं बोरवेल मप
ै पर डालना होगा;
स टम (य द संभा य हो तो) को अपनाना कफायती होगा।
iv.) काया वयन क नगरानी के लए प रयोजना बंधन
सोता (ि ंग) आधा रत णा लय को सावधानी से पहचानने
सॉ टवेयर का उपयोग;
और ि ंगशड े का रे खा- च ण करने, सोते म िजन ए वीफस से
पानी आता है , उनका पता लगाने और उ ह थायी बनाए रखने v.) योजनाओं को शु करने के लए गाव
ँ को ाथ मकता देना;
के लए उनका इंजे शन पनभरु ण करना आव यक होगा।
vi.) सभी कार क प रसंपि तय के काया वयन म सहायता
जल सरु ा के लए समदाय ु को वषा जल संचयन (जस ै े दे ने के लए नणय सहायक णाल ।
पव ू तर रा य म बांस का उपयोग करके कया जाता है ) के
पारं प रक ान को अपनाने के लए ो सा हत कया जा सकता
नगरानी
है । ऐसे े म, ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस. पर यान केि त i.) जल तर, ड चाज, पानी क गणव ु ता, वचा लत
करने क आव यकता है । मोटर चालन, डट
े ा ा त करने के लए डटे ा लॉगर,
आ द क नगरानी के लए ससर का उपयोग;
8.3.4 तट य े
ii.) उपचार संयं (दाब, पानी क गणव
ु ता, वाह दर, आ द
तट य े म, उ च रकवर अनपात ु वाले ऊजा कशलु छोटे
जसै े परैामीटर) और वतरण णाल क नगरानी के
वलवणीकरण संयं के साथ जल दाय सेवाओं का संव न
लए एम.वी.एस. म पयवे ी नयं ण और डट े ा ए सेस
कया जा सकता है । इसके अलावा, समु जल के वेश को
(एस.सी.ए.डी.ए.) णाल का उपयोग;
रोकने के लए, न दय म उप-धरातल डाइक का नमाण कया
जा सकता है , िजससे आस-पास के े म भजल ू आधा रत iii.) व लेषण के लए मोबाइल नेटवक का उपयोग करके
पेयजल ोत म भी सधार ु हो सकता है । इसक े लए उपयु त डटे ा को ा त और े षत करने के लए

ससर आधा रत मॉनीट रग


21
ं णाल से अव ध, मा ा तथा गणव
ु ता के संबंध म गांव /बि तय म जल आपू त का पता लगाया जा सकता है ।

54
आई.ओ.ट .का उपयोग और नणय उपकरण के प म 8.4.2 अत
ं र ौ यो गक का उपयोग
इसका उपयोग;
अतं र ौ यो गक से त समय भ-ू थै तक और टपोरल
iv.) त समय वा त वक और व तीय ग त को कै चर करने आक ं ड़े ा त होते ह। अत ं र आधा रत च ण से य और
के लए वभाग/रा य मशन वारा जल जीवन मशन अ य काय व ध का उपयोग करके मशः जल संसाधन क
का आई.एम.आई.एस. तय
ै ार कया जाएगा। सामािजक उपल धता और गणव ु ता के बारे म जानकार ा त हो जाती है ।
नगरानी के लए यह सु वधा, सावज नक डोमेन म दर-सं
ू वेद उप ह का उपयोग करते हए ु जल उपल धता के बारे
उपल ध होगी; म पवानमान
ू ु लगाना, पीने के पानी के ोत के प म काय
करने वाले धरातल जल क गणव ु ता क भ व यवाणी करना,
v.) घरे लू नल कने शन क कायशीलता क लगातार
े जाँच के लए भजल ू उपल धता के संभा वत े को
नगरानी करने के लए रयल टाइम डश
ै बोड;
सी मत दायरे म लाने और सखे ू के मामल म वक ै ि पक जल
vi.) जल जीवन मशन के तहत सिजतृ प रसप
ं ि तय क ोत क पहचान करने म मदद करना संभव हो सका है । यह
कायशीलता क ि थ त क नगरानी के लए जी.आई.एस. मशन, पेयजल सरु ा ा त करने के लए अत ं र ौ यो गक
ौ यो गक और आई.ओ.ट .आधा रत ससर का उपयोग; का उपयोग करने म रा य /संघ रा य े क सहायता करे गा।
vii.) नवारक चालन एवं रख रखाव आयोजना बनाने और
8.5 तकनीक स म त
उसके काया वयन के लए सभी कार क योजनाओं
(पाइप, वै व, पंप, मोटर, आ द) म पानी क आपू त के वष 2014 म, पववू त पय े जल और व छता मं ालय ने जल
बु नयाद ढांचे का आकलन करने के लए ए.आई. और व छता से सब ं ं धत सव े ठ ौ यो ग कय क जाच ं के
ौ यो ग कय /मशीनी समझ का उपयोग; लए एक थायी स म त का गठन कया था। स म त क
अ य ता वै ा नक एवं औ यो गक अनसध ु ं ान प रषद के पव

viii.) व वसनीय वा त वक और व तीय डट े ा के लए
महा नदेशक डॉ. मशल
े कर ने क थी। जल और व छता क कई
उपयु त लॉक चेन ौ यो गक का उपयोग;
ौ यो ग कय पर स म त वारा वचार कया गया और व भ न
ix.) पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस.
ू वभाग इ या द वारा से टर म उपयोग क ि ट से उनका अनमोदन
ु कया गया।
उपयोग कए जाने वाले नगरानी उपकरण, आ द।
इतने यापक पमै ाने पर और ती ता के साथ, वष 2024 तक हर
रा य को ौ यो गक /नवाचार के उपयोग क योजना बनानी है ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान करके सव यापी
और इसे डी.पी.आर. क तय
ै ार म जोड़ना है । कवरे ज के ल य को ा त करने म कई चनौ ु तयां सामने आई
ह, िजनके लए नई ौ यो ग कय के उपयोग के साथ अ भनव
8.4.1 हाइ ो-िजयो मॉफ लॉिजकल (एच.जी.एम.) न शे का
समाधान क आव यकता होगी। इसे यान म रखते हए, ु भारत
उपयोग
सरकार के धान वै ा नक सलाहकार क अ य ता म एक
डी.डी.ड य.एस.
ू क सहायता से, रा य सदर ु ू संवेद के तकनीक स म त का गठन कया गया है । नई स म त के
(एन.आर.एस.सी.), है दराबाद ने दे श के लए 1:50,000 के वचाराथ वषय (ट .ओ.आर.) इस कार ह:
पमै ाने पर हाइ ो-िजयो-मॉफ लॉिजकल (एच.जी.एम.) न शे
i.) वभाग/रा य मशन पोटल के मा यम से पेयजल,
(4,898) तयै ार कए ह, िजनका उपयोग भ-जल ू क उपल धता
व छता, े वाटर बंधन और ठोस अप श ट बंधन
के संभा वत थान और ए वीफस के पनभर ु ण के थान का पता
े म अ भनव ौ यो ग कय को आमं त करना;
लगाने के लए कया जा सकता है । एच.जी.एम. न शे सव ऑफ
इं डया टोपो-शीट पर आधा रत ह, िजनम थानीय वशष े ताएं ii.) तकनीक -आ थक मू यांकन के लए ौ यो ग कय को
भी उपल ध ह और कछ ु रा य ने बोरवे ल के थान का पता सचीब
ू करना;
लगाने के लए इनका सफलतापण ू उपयोग शु कर दया है ।
iii.) ए योड' मै स े मवक के अनसार
ु ौ यो ग कय का
चंू क रा य ने 1:10,000 के पम ै ाने पर न शे बनाने क
तकनीक -आ थक मू यांकन सगम
ु बनाना;
आव यकता य त क है , इस लए उ ह ज रत और वा त वक
मांग के आधार पर गांव /बि तय के ऐसे मान च ा त करने iv.) मू यां कत ौ यो ग कय को वीकृ त दे ने पर वचार
को ाथ मकता दे नी चा हए। करना;

भजल
ू संभावना मान च रा य को स प दए गए ह और वे v.) ऐसी ौ यो ग कय के उपयोग का पम
ै ाना बढ़ाने के
पीडीएफ ा प म वभाग/रा य मशन क वेबसाइट पर लए आव यक समझे जाने वाले क ह ं गैर-
उपल ध ह। एच.जी.एम. मान च से, कृ म भजल ू पनभर
ु ण ौ यो गक य म यवतन क सफा रश करना;
के लए उ पादन कओ ु ं और था य व संरचनाओं के लए सह
vi.) ौ यो ग कय के मू यांकन के संबंध म कोई अ य
थल क तलाश करने म मदद मलती है । भ-भौू तक अ ययन
पहल/इस
ू संबंध म शु क जाने यो य ग त व धयां।
के साथ इन मान च के उपयोग से बोरवेल/ यबवे ू ल क
वफलता को कम करने म और कछ ु रासाय नक संदषकू का यह स म त रा य क सहायता से पानी क आपू त के ावधान
व- थाने डाय यशन
ू करने म भी मदद मलती है । म आने वाल व श ट चनौ
ु तय क पहचान करे गी, उ ह हल

55
ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशंस) और नवाचार

करने के लए ऑनलाइन ताव आमं त करे गी, चनौ


ु तय का कृ ष म जल के अ य धक दोहन और अकशल ु उपयोग से गाव ं
समाधान करने और काय न पादन व ौ यो गक मानक को म भजल/धरातल
ू जल ोत का य होता है, िजससे पय े जल
वक सत करने के लए दशन प रयोजनाओं स हत आगे क सरु ा गभ ं ीर प से भा वत होती है। ' ाम काय योजना' के
कारवाई के लए सझाव
ु दे गी और उनके बारे म नणय लेगी। ह से के प म तय ै ार कए गए जल बजट को थानीय समदाय ु
के बीच सा रत कया जाना चा हए ता क उ ह सू म सच ं ाई
8.6 नवाचार और अनसं
ु धान एवं वकास और/या कृ ष-जलवायु जोन के अनकल ु ू फसल उपजाने क प त
वभाग/रा य मशन वारा एन.आई.सी., 'इसरो' और रा य को अपनाकर कृ ष म जल उपयोग द ता म सधार ु के लए
के पास उपल ध आक ं ड़ के आधार पर, रा य /संघ रा य े म े रत कया जा सके। उपयु त के अ त र त,
जल जीवन मशन क आयोजना, काया वयन और नगरानी के एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस, रा य योजनाओ,ं पी.एम.के.एस.वाई.
लए एक डिजटल डट े ा लेटफॉम बनाया जाएगा। इस लेटफाम आ द जस ै ी व भ न योजनाओं के तहत उपल ध धन का
म एका धक जी.आई.एस. और रमोट स सग ं आधा रत तर उपयोग करके, गाव ँ म घटते भजलू ए वीफस का वै ा नक ढं ग
ह गे, िजनम ने ेज, वाटरशड े , मौजदा से पनभर
ु ण कया जा सकता है, िजससे भजल ू तर म व ृ हो
ू पाइपलाइन नेटवक, भ-ू
ज नत संदषक आ द का ववरण होगा। इससे, रा य को यह और गम के मह न के दौरान पय े जल सरु ा सु नि चत हो सके।

सहायता मल सकेगी क वे े क ाथ मकता तय करने के कई रा य ने पहले से ह इस तरह के संर ण उपाय शु कर
साथ-साथ रा य के भीतर भ न- भ न े म अपनाए जाने दए ह और भजल
ू उपल धता म सधार ु लाया है । हाल ह म
वाले म यवतन के कार क पहचान कर सक। संप न हए
ु जल सं र ण के एक गहन अ भयान अथात 'जल
इसके अलावा, अनसं शि त अ भयान' के वारा जल संर ण के बारे म लोग और
ु धान और वकास सं थाओं तथा नव-
वतनकताओं से ा त जल और व छता संबंधी उ च मू य कसान के बीच जाग कता पद ै ा क गई है और कृ ष म जल
वाले ताव को ायो गक आधार पर दशन के लए अपनाया उपयोग द ता म सधारु लाया गया है । द घका लक जल सरु ा
जाएगा। तकनीक स म त वारा ताव के अनमोदन के बाद, के लए आई.ई.सी. ग त व धय के तहत रा य वारा ऐसे

वभाग/रा य मशन, रा य के परामश से, दशन का थान अ भयान चलाए जा सकते ह।
तय करगे। कफायती समाधान उपल ध कराने के लए जल के
े म काम करने वाले यवा
ु उ य मय / टाट-अ स को इससे
बढ़ावा मलेगा। इसके अलावा, हर वष वभाग/रा य मशन,
एस.ड य.एस.एम.
ू वारा ामीण जल आपू त को भावी ढं ग
से बं धत करने के लए सा य आधा रत नी तगत ह त ेप
को अपनाने के लए कारवाई अनसं
ु धान और समवत मू यांकन
अ ययन शु कए जाएंगे।

8.7 जल संपर ा और जल सरु ा


एका धक कारण से पानी क उपल धता म कमी को दे खते हए ु
अब समय आ गया है क वतरण णाल म होने वाले नकसान ु
को कम करने के लए नय मत प से आपत ू कए जाने वाले
पानी क सपं र ा क जाए। नकसान,
ु दो कार के हो रहे ह -
वा त वक नकसान
ु और प ट नकसान।
ु वा त वक नकसान
ु म
वतरण णाल , सेवा कने शन और भड ं ारण टं कय म रसाव
(ओवर लो स हत) के कारण बबाद होने वाला पानी शा मल है ।
प ट नकसान
ु म, मीटर और रकॉड क गड़बड़ी और अन धकत ृ
जल उपयोग जस ै े जल क चोर और अन धकत ृ कने शन
शा मल ह। जल आपू त णा लय क द ता म सधार ु लाने के
लए, रा य को भावी सधार ु क ि ट से अ भ नधा रत
णा लय क नय मत प से जल सप ं र ा शु करनी होगी।

यह सु नि चत करने के लए क जल जीवन मशन के तहत


कया गया नवेश द घका लक आधार पर टका रहे , यह
मह वपणू है क सभी ोत (भ-जल
ू और धरातल जल - दोन )
से कल
ु उपल ध पानी का आकलन करके गाँव का जल बजट
तय
ै ार कया जाए। इसके अलावा, घरे ल/क
ू ृ ष/औ यो गक
योजन आ द के लए पानी के उपयोग का आकलन भी कया
जाना चा हए।

56
अ याय

सहायक ग त व धयाँ 9

ष 2024 तक हर ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. सहायक ग त व धय क नगरानी, जल जीवन मशन पोटल के
दान करने के ल य को ा त करने के लए, जल क मा यम से क जाएगी। समाचार प /प काओं म व ापन
आपू त के बु नयाद ढांचे के वकास के साथ-साथ जल जार करने, उपहार , चार आ द के लए प रहाय समारोह क
के ववेकपण ू उपयोग के बारे म जाग कता फैलाने और लोग मेजबानी आ द के लए कसी सहायक ग त व ध न ध का
को संवेदनशील बनाकर सामदा ु यक योगदान और अपन व को उपयोग नह ं कया जाएगा।
बढ़ावा दे ने, ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त अथात ्
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आद क
9.1 सचना,
ू श ा एवं संचार (आई.ई.सी.)
मता बढ़ाने, अतं : ाम अवसंरचना क आयोजना, जल जीवन मशन का सब ं धं केवल पानी के बु नयाद ढाच ं े का
काया वयन, बंधन, चालन और रख रखाव करने, नमाण करने के वषय से ह नह ं ह,ै बि क इसम भ न- भ न
द घका लक टकाऊ सं थागत तं था पत करने पर यान हतधारक का मता सव ं धन भी शा मल ह,ै वशष े प से
केि त करने, आव यक व भ न मानव संसाधन अथात ् थानीय समदाय ु , िज मदे ार और उ तरदायी नत े ृ व क मताओं
राज म ी, लंबर, इले शयन, मोटर मक ै े नक, पंप ऑपरे टर को बढ़ाना भी इसम शा मल ह,ै ता क वे अत ं : ाम जल आपू त
आ द के कौशल को बढ़ाने क आव यकता है । इस कार क णाल का बध ं न, चालन और रख रखाव कर सक। इस लए,
ग त व धय से जल आपू त णा लय का द घका लक आई.ई.सी. कायनी त, आयोजना और उनका भावी काया वयन
था य व सु नि चत करते हए ु समदाय
ु के बीच िज मेदार और जल जीवन मशन क सफलता क कंु जी होगी। इस मशन के
उ तरदायी नेत ृ व वक सत करने म मदद मलेगी। अत ं गत आई.ई.सी. ग त व धयां जस ै े पी.आर.ए. ग त व धया,ं
अत ं र-वय
ै ि तक स ष े ण (आई.पी.सी.), यवहारगत प रवतन
इस योजन से, इस मशन के अत ं गत सहायक ग त व ध कोष
सच ं ार (बी.सी.सी.) और अ य सभी सब ं ं धत सचं ार ग त व धय का
के प म रा य के वा षक आबंटन क पाँच तशत तक रा श
सचं ालन कया जाएगा। आई.ई.सी./ यवहारगत प रवतन सच ं ार
का ावधान कया है । सभी रा य ए.ए.पी. के ह से के प म,
(बी.सी.सी.) योजनाओं का नत े ृ व एस.ड य.एस.एम.
ू वारा कया
सहायक ग त व धय को चलाने के लए एक व तत ृ
जाएगा और वह , परेू रा य म इस तरह के काय को अमल म
काया वयन कायनी त वक सत करगे।
शा मल कराने के लए िज मद े ार होगा।
न न ल खत काय को संचा लत करने के लए सहायता कोष
वतमान म, ड य.एस.एस.ओ.
ू वारा, कछ ु रा य /सघ ं
रा य के लए उपल ध ह गे:
रा य े म ये काय कए जा रहे ह। ड य.एस.एस.ओ.
ू को
i.) थानीय समदायु के बीच सचना,
ू श ा और संचार एस.ड य.एस.एम.
ू म शा मल कर लए जाने के बाद आई.ई.सी.,
(आई.ई.सी.); एच.आर.डी., श ण, मता नमाण के लए ग त व धय क
एक वा षक आयोजना/कैलडर, एस.ड य.एस.एम.
ू वारा तय
ै ार
ii.) मानव संसाधन वकास (एच.आर.डी.);
क जाएगी और यह आयोजना/कैलडर ए.ए.पी. का ह सा होगा।
iii.) जन सु वधा और नेत ृ व वकास; ये ग त व धयाँ जल जीवन मशन के तहत कए जा रहे मख ु
iv.) श ण और कौशल वकास; कायकलाप का ह सा ह गी और इ ह मखता ु द जाएगी।

v.) थानीय समदाय


ु को एकजट
ु करना; आई.ई.सी. ग त व धय के उ े य न न ल खत ह:

vi.) अ यप नर ण; i.) जल के ववक


े पण
ू उपयोग, उ चत रखरखाव और भड ं ारण,
जल आपू त णाल के अपन व आ द के सब ं धं म
vii.) प रवतन बंधन; हतधारक के बीच सकारा मक यवहार प रवतन लाना;
viii.) मख
ु संसाधन के (के.आर.सी.); ii.) पय
े जल के ोत क सरु ा और पानी के द ु पयोग को
ix.) ान के ; रोकने के बारे म लोग म जाग कता पद ै ा करना और
उ ह सकारा मक कारवाई करने के लए े रत करना;
x.) सव तम थाओ,ं सफलता क गाथाओं का लेखन,
काशन आ द; iii.) जल सस ं ाधन के सरं ण के बारे म लोग म जाग कता
पद
ै ा करना और उ ह इसके लए े रत करना;
xi.) जल जीवन मशन संबंधी स मेलन , से मनार ,
कायशालाओ,ं समी ा बठै क का आयोजन, य iv.) वा य और व छता के पहलओ ु ं के त यवहार
अनभव
ु दौर का आयोजन; प रवतन को बढ़ावा दे ना;
xii.) आई.एम.आई.एस. सहायता और संबं धत आई.ट . v.) सभी हतधारक को यान म रखते हए
ु भावी सच
ं ार
अवसंरचना। कायनी त बनाना;

57
सहायक ग त व धयाँ

vi.) जल दाय सव े ा सु नि चत करने के लए अपनी जल आपू त सेवाओं के ावधान म मान सकता प रवतन क
आपू त णा लय के बध ं न, चालन और रख रखाव के प रक पना क गई है । सेवा ावधान को 'बु नयाद ढांचे के
त िज मदे ार क भावना पद ै ा करना; वकास के ि टकोण' से 'जन सु वधा आधा रत ि टकोण' म
बदलना चा हए। इसके लए, इंजी नय रग ं और अ य मानव
vii.) 'अपन व क भावना' का सचं ार करने के लए पजंू ीगत
संसाधन - दोन को फर से इस ओर उ मख ु करना आव यक
लागत म सामदा
ु यक योगदान को ो सा हत करना;
है । ज रत के अनसारु नधा रत अ भ व यास काय म, य
viii.) पानी को मापने और जल शु क/ यो ता शु क को बढ़ावा अनभव ु या ा आ द के मा यम से यह काय कया जाएगा। ऐसी
दे ने के लए समदाय
ु को ो सा हत करना; सं थाओं का कत य होगा क वे, मा ा और गणव ु ता दोन के
संबंध म नधा रत सेवा मानक के अनसार, ु जल जीवन मशन
ix.) व भ न हतधारक के काय न पादन क सराहना करना। के तहत येक ामीण घर म पानी क आपू त दान कराएं। वे
वभाग/रा य मशन वारा रा य और िजल के लए अलग पानी का यथा- नधा रत शु क/ यो ता शु क एक करने के
से आई.ई.सी./पी.आर.ए. ग त व धय क परे खा के साथ लए भी िज मेदार ह गे और इस तरह के सेवा ावधान से
आई.ई.सी. दशा नदश जार कए जाएंगे। तथा प, उ प न सावज नक शकायत का समाधान भी करगे। सभी
तर , अथात ् गाँव, ाम पंचायत, िजला और रा य म जल
एस.ड य.एस.एम.
ू को सलाह द जाती है क वे आई.ई.सी.
आपू त सेवाओं का बंधन करने वाले का मक को अपे त प
ग त व धय के लए सहायता न ध के नधारण पर नी त तय ै ार
से तय ै ार श ण और नेत ृ व काय म उपल ध कराए जाने
कर और इसका अनवत ु एवं भावी उपयोग सु नि चत कर।
क आव यकता है ता क वे इन जन सु वधाओं के बंधन म
9.2 मानव संसाधन वकास (एच.आर.डी.) और अपनी भू मका का नवहन कर सक।
श ण प रवतन बंधन का आशय 'एक ऐसी यवि थत कायनी त से
है िजसके वारा यह सु नि चत कया जाएगा क प रवतन परू
मानव संसाधन वकास सहायक ग त व ध के तहत, व भ न
तरह और सचाु प से कायाि वत कए जाएं और प रवतन के
हतधारक के मता संवधन के मा यम से मख ु द ताओं का थायी लाभ ा त होते रह'। यह एक ऐसी या है िजसके
अ भ नधारण और वकास कया जाता है , जो न नानसार
ु ह: अत ं गत यह सु नि चत कया जाएगा क संगठन वारा ऐसे
i.) मक कायनी त पर आधा रत मता संवधन काय म यवहार और साधन क थापना और सहायता का काय कया
चलाने हे तु मु य संसाधन के (के.आर.सी.); जाए, िजससे अ पका लक और द घका लक ल य को अ धक
द ता से ा त कया जा सके।
ii.) एस.ड य.एस.एम.
ू और डी.ड य.एस.एम.
ू के तहत
इन उ े य के भाग के प म, रा य म पी.एच.ई.डी./
सं वदा पर कमचार नयोिजत करना;
आर.ड य.एस. ू वभाग के इं ज ी नय रग
ं और बध
ं क य सव ं ग
iii.) काया वयन सहायता एज सयां; के लए ज रत के अनसार ु वा षक श ण कैलडर तय ै ार कया
जाना होगा। इस काय म को व भ न तकनीक , बध ं क य और
iv.) ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ्
नते ृ व-सब ं ध ं ी पहलओ
ु ं को कवर करने वाले भ न- भ न तर
वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह, ू आ द; के अनकल ु ू बनाया जाना चा हए। ामीण जल आपू त उपल ध
v.) ाम तर के कशल ु मानव संसाधन जस ै े राज म ी, कराने म उ कृ ट दशन करने वाले दे श का दो स ताह का
लंबर, इले शयन, पंप ऑपरे टर आ द। श ण और थल दौरा करना अ नवाय होगा और इसके लए
वभाग/रा य मशन वारा दे श और वदे श - दोन म उपयु त
के य और रा य तर के श ण सं थान, के.आर.सी., भागीदार /सं थान क पहचान क जाएगी। द घका लक जल
िजनके नाम के य पन
ै ल म शा मल ह, को रा य और िजल सरु ा के लए, इंजी नयर को लोक वा य इंजी नयर और
वारा पव-
ू नधा रत दर पर सीधे नयोिजत कया जा सकता है ; जन सु वधा/सेवा बध ं क का प दए जाने के लए मान सकता
मता नमाण म अनभव ु रखने वाले सचीब
ू गैर-सरकार म बदलाव लाने के ठोस यास कए जाने क आव यकता है ।
संगठन /आई.एस.ए. को इस तरह के श ण के लए
नयोिजत कया जा सकता है । ए.ए.पी. म उपयु त हतधारक 9.4 कौशल वकास और उ य मता
के लए मता संवधन काय योजना शा मल होगी। येक ामीण प रवार, येक गांव/ब ती को द घका लक
वभाग/रा य मशन वारा येक ाम पंचायत के आधार पर एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के ल य को ा त
त न धय क मता संवधन के लए पहले से ह 'सजल
ु और करने के लए, राज म ी, लि बंग, फ टग ं , बजल आ द जस ै े
व छ गाँव' श ण काय म कायाि वत कया जा रहा है । े म कशलु मानव सं स ाधन क आव यकता होगी। इसक े
अलावा, योजनाओं को याि वत करने वाल एज सय को बड़े
9.3 जन सु वधा, नेत ृ व वकास और प रवतन पम
ै ाने पर उ च गणव
ु ता वाले मानव संसाधन क आव यकता
होगी य क प रयोजना क अव ध के दौरान काम क मा ा कई
बंधन
गना
ु बढ़ती जाएगी। नरं तर चालन एवं रखरखाव क ि ट से,
जन सु वधा से ता पय उस उप म से है , जो आव यक सेवाएं इन आव यकताओं को परा ू करने के लए थानीय कशल ु
उपल ध कराता है । जल जीवन मशन के अत ं गत पेयजल यि तय क आव यकता होगी।

58
यके िजले और यक
े गाव ं म कशल
ु मानव सस ं ाधन क v.) अ य समान काय म के साथ तालमेल के बारे म ान
यव था के लए आयोजना तय ै ार कए जाने क आव यकता ह,ै और कौशल बढ़ाना;
िजसके लए यक े िजले म कायरत धान मं ी कौशल वकास
vi.) भावी काया वयन के लए सामािजक, आ थक,
के (पी.एम.के.वी.के.) के साथ तालमल े कया जाना होगा।
ौ यो गक य और राजनी तक वातावरण के साथ-साथ
रा य को ऐसे कशल ु मानव ससं ाधन क िजलव े ार आव यकता क
यावसा यक आव यकताओं क बेहतर समझ को बढ़ावा
पहचान करनी होगी और पी.एम.के.वी.के. के मा यम से श ण
दे ना; तथा
देने हत
े ु उ ह ाथ मकता द जानी होगी। उ चत श ण मन ै अल

थानीय भाषा म तय ै ार कया जाना ह।ै यह अनशस ु ं ा क जाती है vii.) संचार और मता वकास इकाई क मता को बढ़ाना।
क ऐसे श त यि तय को माण प जार कए जाएं और
वभाग/रा य मशन वारा के.आर.सी. का पन ै ल बनाया जाएगा
ऐसे लोग क सव े ाओं का उपयोग जल जीवन मशन के तहत शु
और 100% सहायता-अनदानु के आधार पर रा य के.आर.सी.
क जाने वाल योजनाओ/ंकाय म कया जाए।
को व त उपल ध कराया जाएगा तथा उनके ैक रकॉड, अथात ्
लं बग
ं , मेसन, इले शयन, मोटर मक ै े नक, आ द क रा य त ठा, सम अनभव, ु ामीण पय
े जल े म पछला
उभरती मांग को परा
ू करने के लए कशल
ु मानव संसाधन को काय आ द के आधार पर उनका चयन कया जाएगा।
ामीण उ यमी बनने और ामीण जल आपू त े म उ यम
शु करने के लए ो सा हत कया जाएगा। 9.8 ान के

9.5 थानीय समदाय को एकजट ति ठत भारतीय व व व यालय /सं थाओं म वभाग/रा य


ु ु करना
मशन वारा नरं तर अनसधु ं ान करान,े अ ययन, नी त नमाण
जल जीवन मशन को एक 'जन आ दोलन' बनाने के लए बड़े के लए इनपटु उपल ध करान,े काय म वकास आ द के लए
पमै ाने पर समदाय
ु को एकजट
ु करना आव यक है । आई.ई.सी. ान के या उ कृ टता के था पत कए जाएगं ।े अनसध
ु ं ान
दशा नदश के भाग के प म इससे संबं धत और अ धक उपलि धय , पानी और व छता के े म उनके अनभव, ु
जानकार अलग से जार क जाएगी। मता और अ य योगदान के आधार पर व व
व यालय /सं थान का चयन कया जाएगा।
9.6 अ य प वारा नर ण
एस.ड य.एस.एम.,
ू वभाग/रा य मशन वारा जार कए 9.9 लेखन
गए ' वचाराथ वषय' - ट .ओ.आर.के आधार पर अ य प रा य वारा, िजल और गांव से ा त सव तम
स यापन एज सय को सचीब ू करे गा, जो एज सय वारा थाओ/ंसफलता क गाथाओं का लेखन कया जाएगा। इसके
न पा दत काय क गणव ु ता, येक योजना म सं था पत अलावा, थानीय भाषाओं और अ य भाषाओं म मशन क
मशीनर के नमाण और उपयोग म लाई गई साम ी क ग त व धय के लए आव यक काशन /समाचार प क आ द
गणव
ु ता क जांच करगी। पर होने वाला यय इन न धय म से परा
ू कया जाएगा।
9.7 मु य संसाधन के (के.आर.सी.)
के.आर.सी. एक ऐसी सं था है जो एक से अ धक रा य म
मता नमाण, भ न- भ न हतधारक के पन: ु अ भमखीकरण,

ान और सचनाू का चार- सार, सव तम थाओं का
द तावजे ीकरण आ द का काय करती है, िजससे ामीण पय
े जल
आपू त के े ीय ल य को ा त कया जा सके। के.आर.सी. के
उ े य इस कार ह:

i.) जल जीवन मशन के काया वयन के संदभ म प रवतन


बंधन के साथ कदम मलाकर चलने के लए िजला
मिज े ट/उपायु त/पी.एच.ई.डी. इंजी नयर के लए
नेत ृ व वकास काय म आयोिजत करना;

ii.) पी.आर.आई. अ धका रय , मा टर े नर और अ य


हतधारक के ान, कौशल और ि टकोण को उ नत
बनाना;

iii.) जल े म नवीनतम ौ यो ग कय और नवाचार के


बारे म क मय को अपडट
े (अ यतन) करना;

iv.) योजना और काय न पादन म शा मल मख ु क मय के


लए य अनभव ु या ा ( थल दौरा) का आयोजन;

59
अ याय

10 जल गणव
ु ता क नगरानी
और चौकसी


ल आपू त के चालन क नगरानी, पेयजल क नोट: सफाई नर ण णाल का आशय, कसी जल आपू त
सरु ा का स यापन, बीमार के कोप क जांच, के का मौके पर नर ण कए जाने से है ता क बाहर
मा यकरण या और नवारक उपाय के लए पयावरणीय कारक (जस ै े शौचालय क अवि थ त) और जल
जल पर ण कया जाना मह वपण ू है । पेयजल क सरु ा तय आपू त णाल भौ तक सरंचना तथा उसके चालन के
करने के लए जल गणवु ता पर ण उपकरण का उपयोग ोत मू याक
ं न के लए सू मजीव सद ं षणू के वा त वक और सभ ं ा वत
पर; कसी पाइप लाइन वतरण णाल के भीतर या यो ता के ोत क पहचान क जा सके। इस सचना ू का उपयोग, पये जल
सरे पर कए जाने क आव यकता होती है । ोत और आपू त णाल म सधार ु या सरु ा के लए उ चत
उपचारा मक कारवाई तय करने के लए कया जा सकता है।
पेयजल क गणव ु ता क नगरानी और जल गणव ु ता क पानी के सभी नए और मौजदा ोत के लए व छता नर ण

चौकसी के काय अलग-अलग होते ह परं तु फर भी, ये काय एक समय-समय पर कया जाएगा। सफाई नर ण के प रणाम
दसरे
ू से जड़
ु े होते ह। पेयजल क गणव
ु ता क नगरानी और ि थ तय म सधार ु लाने के लए आव यक सधारा ु मक
पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग अथात ् आपू तकता/ पानी कारवाइय के बारे म चचा, समदाय ु के साथ क जाएगी। ज.ेई.-
क गणवु ता के लए िज मेदार/ नधा रत एजसी वारा क ए.ई.एस. और उ द त क बीमार से भा वत िजल म
जाएगी, जब क ज़मीनी तर पर पानी क गणव ु ता क चौकसी व छता नर ण, वष म दो बार करने क सलाह द जाती है।
क िज मेदार ाम पंचायत/ ामीण समदाय ु क होगी।
जनसं या म व ृ , औ यो गक और कृ ष ग त व धय के
पानी क गणव ु ता क नगरानी म जल ोत और कायशील व तार के कारण जल क उपल धता और इसक गणव ु ता म
घरे लू नल कने शन से एक पानी के नमन
ू का योगशाला म गरावट और हाइ ोलॉिजकल च पर जलवायु प रवतन े रत
और मौके पर पर ण करना शा मल है । ामीण े क जल प रवतन अब परू द ु नया म दे खे जा रहे ह। जल गणव
ु ता क
गणवु ता नगरानी के लए रा य/ िजला/ उप-मंडल/ लॉक नगरानी और चौकसी अब अ नवाय हो गई है ।
तर पर पहले से था पत योगशालाओं का उपयोग कया
यह यान रखना मह वपण ू है क समदाय, ु पानी क उपल धता
जाएगा। इसके अलावा, जहां तक संभव हो, मोबाइल जल
को तो बहत ु अ धक ाथ मकता दे त ा है , ले कन पानी क
गणव
ु ता पर ण योगशालाओं को योग म लाया जाएगा।
गणव ु ता के मु े पर समान प से यान नह ं दया जाता है ।
येक ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ् ऐसा इस लए है , य क जमीनी तर पर पानी क गणव ु ता क
वी.ड य.एस ू .सी. / पानी स म त/ यो ता समह ू आ द को पहचान, आमतौर पर, पानी के रं ग, गंध और वाद से ह क
नगरानी ग त व धय का चालन करने के लए हर गाँव म जाती है । अ धकांश रासाय नक संदषक ू क उपि थ त से
पांच-पांच म हलाओं क पहचान करनी है और उ ह श त पेयजल क तलना ु म संद ू षत पानी के रं ग, गंध या वाद म
करना है । थानीय समदाय ु क े तालमे ल क े साथ जल गणव
ु ता कोई भी प रवतन दखाई नह ं दे ता है और लोग इस तरह के
क चौकसी न द ट समय-सारणी के अनसार ु क जानी है । जल द ू षत पानी क े से व न के संभा वत खतर को अनदे खा करके
गणवु ता चौकसी ग त व धय म शा मल ह : गणव ु ता भा वत पानी का उपभोग करना जार रखते ह। कछ ु
समदाय ु का मानना है क पानी को उबालने से यह हा नकारक
i.) ाम पंचायत तर पर े पर ण कट का उपयोग संदषक ू समा त हो जाते ह और वे खाना पकाने के लए
करके संदषण ू क सीमा का पता लगाना और पर ण म गणव ु ता भा वत पानी का उपयोग करना जार रखते ह।
संद ू षत पाए गए नमन ू को पिु ट के लए आस-पास क इस लए, पानी क गणव ु ता के बारे म जाग कता पद ै ा करने
जल गणव ु ता पर ण योगशाला म भेजना; तथा और लोग को जानकार दे ने तथा जल गणव ु ता चौकसी म
ii.) सफाई नर ण: यह एक अ वेषणा मक ग त व ध है , समदाय ु क भागीदार बनाए रखने क नि चत आव यकता है ।
िजसम पेयजल से जड़ ु े ऐसे कारक क पहचान और जल गणव ु ता क नगरानी और चौकसी क ग त व धय म
उनका मू यांकन कया जाएगा जो वा य के लए न न ल खत उपाय शा मल ह:
खतरा पद ै ा कर सकते ह। सफाई नर ण म जो खम क
i.) कल
ू , आग ं नवाड़ी के , वा य के , ाम
रोकथाम और पहचान को म रखा जाता है और
पंचायत/पी.आर.आई., आ द म पानी क गणव ु ता के
सावज नक वा य सम याओं के पद ै ा होने से पहले ह ,
बारे म जाग कता और श ा काय म;
समय पर उपचारा मक कारवाई करने म इससे मदद
मलती है । इसके अलावा, जल ज नत बीमार के कोप ii.) पानी क गणव ु ता के व भ न पहलओ ु ं के बारे म सभी
से जड़ ु े ोत क समय पर पहचान करना और तरंु त ह तर पर इसके मह व, जल ज नत रोग , वा य भाव ,
आव यक सधारा ु मक कारवाई करना भी चौकसी के सरु त चालन, भड ं ारण आ द पर सभी हतधारक म
दायरे म आता है । जाग कता पद ै ा करना और मता सव ं धन करना;

60
iii.) अ नवाय व छता नर ण जस ै ी चौकसी ग त व धय xii.) पानी क गणव
ु ता के आक
ं ड़ का पर पर स यापन और
म समदाय
ु को भागीदार बनाना; रा य/के सरकार क एज सय क अ य
योगशालाओं के साथ इनका एक करण करना।
iv.) फ ड पर ण कट का उपयोग करते हएु समदाय
ु को जल
गणव
ु ता क पवान
ू मा ं करने म स म बनाना;
ु नत जाच रा य /संघ रा य े के पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग,
v.) समदाय
ु के सभी मखु हतधारक अथात ् सरपंच, उप- इस संबंध म 'एकसमान पेयजल गणव ु ता नगरानी ोटोकॉल'
सरपंच, ाम सभा सद य / वी.ड य.एस
ू .सी. / पानी का संदभ ले सकते ह। यह ोटोकॉल सामा य तौर पर सांके तक
स म त के सद य आ द के साथ एस.एम.एस./पो ट है और इसम जल गणव ु ता पर ण, मॉनीट रग ं और चौकसी
काड के मा यम से जल गणव
ु ता पर ण के प रणाम ग त व धय को भावी ढं ग से संचा लत करने क ि ट से
साझा करना। सकारा मक प रणाम आई.एम.आई.एस. रा य /संघ रा य े हे तु मागदशन और सहायता के लए
पर अपलोड कए जाएं और जहां भी पी.एच.ई.डी./ ाम परामश दए गए ह। भ न- भ न तर पर योगशालाओं म
जल आपू त या वा य वभाग से इंटरवशन आ द क जांचे जाने वाले जल गणव ु ता मापदं ड का और ाम पंचायत
आव यकता हो, उनके अ धका रय को सतक करने वाले तर पर फ ड पर ण कट का उपयोग करके पर ण के लए
संदेश भेजे जाएं; आव यक जल गणव ु ता मापदं ड को इस ोटोकॉल म
प रभा षत कया गया है । ोटोकॉल के संशो धत सं करण क
vi.) ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ्
मु य वशष े ताओं म न न ल खत ब द ु शा मल ह- i.)
वी.ड य.एस
ू .सी. / पानी स म त/ यो ता समहू आद
वारा फ ड पर ण कट/बै ट रयोलॉिजकल वायल सं थागत ढांचा जो योगशालाओं को मजबत ू कर सकता है ,
क सहायता से जल गणव ता पर ण करने तथा ii.) पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग और योगशालाओं

प रणाम क सचनाू दे ने के लए 5 म हलाओं क क भू मकाएं और िज मेदा रयां; iii.) गणव ु ता हे तु नगरानी
पहचान, श ण और नयोजन कया जाए; े मवक; iv.) रा य और िजला योगशालाओं क र कग ं ; v.)
ोत का पव-
ू नधा रत रो टर ; और vi.) अ य प वारा
vii.) रा य/िजला/ उप-मंडल/ लॉक/ मोबाइल योगशालाओं स यापन। वशष े प से जी.ई.एम. पोटल, एन.ए.बी.एल.
क थापना/ उ नयन करके जल गणव ु ता पर ण
यायन का उपयोग करते हए ु , पानी क जांच एवं जवाबदे ह
योगशालाओं को सु ढ़ करना और योगशाला
मानक म सधार ु के लए उ नत उपकरण को शा मल करते हए ु
मू यांकन व सधार
ु योजनाओं क नगरानी करना।
ापण याओं पर इसम वशष े यान दया गया है ।
योगशाला मू यांकन के समय, वहां उपल ध मानव
संसाधन और उनके श ण क आव यकता का रा य/सघं रा य े को, इस काय म सावज नक- नजी
व लेषण, भौ तक अवसंरचना ( योगशाला का भागीदार का उपयोग करने के लए ो सा हत कया जाता है,
वातावरण), उपकरण और इं मटे शन, वा षक रख िजसम पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग वारा,
रखाव अनबंु ध तं , ल य और आव यकता के अनसार ु एन.ए.बी.एल./ आई.एस.ओ./ उपयु त प से मा यता ा त
जांचे जा रहे नमनू क सं या को यान म लया अ य नजी फम के साथ सहायता सग ं ठन (एस.ओ.) के प म
जाएगा। येक योगशाला क सधार
ु योजना म, पाई सहयोग कया जा सकता है और सरकार याओं के अनसार

गई कमी को दरू करने क या का उ लेख होगा; सभी मानक चालन प तय का पालन करते हए उनक े पास

viii.) फ ड पर ण कट/बै ट रयोलॉिजकल वायल ापण उपल ध सु वधाओं का उपयोग कया जा सकता है। उदाहरण के
( ो योरमट) /र फल करने क णाल था पत करना लए वा य च क सा के े म हब और पोक मॉडल,
और उनके उपयोग क नगरानी करना; पय
े जल गणव ु ता पर ण े म पि चम बग ं ाल पी.एच.ई.डी.
मॉडल से बहम ु ू य योगदान ा त हो सकता है। इसके अ त र त,
ix.) जल गणव
ु ता पर ण, नगरानी, डट
े ा या या और
सावज नक- नजी भागीदार का भी पता लगाया जा सकता है
रपो टग म भ न- भ न बंधक य तर के क मय को
िजसम पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग वारा, रा य/ के
मागदशन और श ण दान करना;
सरकार क अ य समान एज सय क जल गणव ु ता पर ण
x.) जल गणवु ता संदषण
ू के बड़े मामले म, य द आव यक योगशालाओं के साथ सहयोग कया जाएगा। इसके अलावा,
हो, तो रा य पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग रा य/ सघ ं रा य े वारा, सरकार याओं म नधा रत
वारा सधारा
ु मक कारवाई क जाएगी और शमन सम त आचा रक औपचा रकताओं का पालन करते हए, ु क हं
और/या वशष े प से आस नक, लोराइड, यरेू नयम भी एन.ए.बी.एल./ आई.एस.ओ./ उपयु त मा यता ा त अ य
संदषक
ू तथा बै ट रयोलॉिजकल संदषण ू के बारे म सावज नक या नजी जल गणव ु ता पर ण योगशालाओ/ं
वा य वभाग को सचेत कया जाएगा; फम को बार -बार से ना मत कया जा सकता है।
xi.) आई.एस./ आई.एस.ओ./ आई.ई.सी.: 17025 के
उदाहरण : हमाचल दे श आई.पी.एच. वभाग मॉडल।
अनसार,
ु कम से कम बु नयाद जल गणव ु ता मह व के
मापदं ड पर, पेयजल गणव ु ता पर ण योगशालाओं रा य / संघ रा य े वारा थानीय तर पर जल गणव ु ता
का यायन और थानीय प रि थ तय को दे खते हए ु पर ण के लए ामीण उ य मता और उ यम को ो साहन
धीरे -धीरे इसे अ य मापदं ड तक अप ेड करना; और बढ़ावा दया जा सकता है । थानीय उ यम, गांव के एक

61
जल गणव
ु ता क नगरानी और चौकसी

समहू या वकास खंड क िज मेदार ले सकते ह और पानी क तर क सभी योगशालाओं के कल ु पय


े जल नमन ू के
गणव
ु ता के पर ण तक पहंु च को आसान बना सकते ह। कम से कम 5% का पर ण कया जाएगा, िजसम
िजला/उप-मड ं ल/ लॉक/मोबाइल लबै वारा जाचं म
रा य / संघ रा य े वारा डी.ड य.एस.एम.
ू और संबं धत
सदं ू षत पाए गए नमने ू शा मल ह ग।े य द कसी
सं थान के बीच पर पर सहम त से नाममा के भगतान
ु पर,
रा य/सघ ं रा य े म िजल क सं या बहत ु अ धक (>
जल गणव ु ता पर ण के लए कॉलेज / व व व यालय /
50) है, तो नमन ू / ोत का पर ण रा य योगशाला के
पॉ लटे कनीक सं थान म था पत योगशालाओं का उपयोग
लए 3% तक सी मत कया जा सकता है। शष े 2%
कया जा सकता है ।
नमन ू को अ य े ीय/िजला योगशालाओं के साथ
नधा रत गणव
ु ता वाले जल क आपू त एक मह वपण ू कारक एक कत ृ कया जा सकता है।
है , िजससे एच.ट .सी. क कायशीलता तय होती है । यह
iv.) फ ड पर ण कट का उपयोग करके ाम पच ं ायत तर
सु नि चत करने के लए, पवव ू त ए.आर.ड य.एस.पी.
ू ,
पर जल क गणव ु ता का पर ण: ाम पच ं ायत और/या
एन.आर.डी.ड य.पी.ू और अब जल जीवन मशन के तहत
इसक उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी./
ू पानी
था पत जल गणव
ु ता पर ण योगशालाओं म, सामा य
स म त/ यो ता समह, ू आ द फ ड पर ण कट का
जनता वारा सं ह त जल नमन ू क मामलू दर पर जांच
उपयोग करते हए ु अपने अ धकार े के नजी ोत और
कराने का ावधान कया जाएगा; दर का नधारण वभाग वारा
सफाई नर ण को शा मल करते हए ु 100% पय े जल
कया जा सकता है । इसके बारे म यापक चार कया जाए
ोत का पर ण करना सु नि चत करग।े पर ण के
ता क जनता को इस पहल के बारे म पता चल सके।
प रणाम और व छता नर ण रपोट सब ं ं धत
10.1 पर ण क आविृ त पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस.
ू वभाग को तत ु क जाएगी।

भ न- भ न तर पर ोत /नमन
ू का पर ण कराने के लए 10.2 व त पोषण
यापक दशा नदश:
i.) रा य के आबट ं न का 2% तक ह सा, ड य.ू य.एम.ए
ू ड
i.) उप-मड ं ल/ लॉक योगशाला: यह सझाव ु दया जाता है क एस. ग त व धय को परा ू करने के लए उपयोग म लाया
उप-मड ं ल/ लॉक योगशाला अपने अ धकार े के तहत जा सकता है;
आने वाले 100% जल ोत का पर ण करे गी; एक वष
म एक बार रासाय नक मापदं ड के लए और दो बार ii.) उपयु त सभी ग त व धय के सबं ध
ं म व त-पोषण क
बै ट रयोलॉिजकल मापदं ड (मानसन सरंचना, पव
ू तर और हमालयी रा य के लए 90:10
ू से पहले और बाद)
के लए, िजसम कम से कम 13 बु नयाद जल गणव ता क होगी, जब क शष
े रा य के लए व त–पोषण सरंचना

मानक 22 के लए कसी लॉक के सभी ोत को कवर 60:40 क होगी। वधानमड ं ल र हत सघ ं रा य े म
कया जाएगा। पर ण म सद ं ू षत पाए गए नमन ू को न ध साझीदार क सरंचना के तथा सघं रा य े के
तरंु त िजला योगशाला म भज े ा जाएगा। अ य मापदं ड बीच 100:0 क होगी, जब क वधानमड ं ल वाले सघ

का पर ण थानीय सद ं षण
ू के अनसार ु कया जा सकता रा य े के लए यह सरंचना 90:10 क होगी;
है। य द, लॉक तर क योगशालाएँ उपल ध नह ं ह, तो iii.) न ध का उपयोग, रा य तर य योगशाला क थापना
आसपास के श ण सं थान या व व व यालय क (केवल रा य तर क योगशाला के भवन नमाण
योगशालाओं क सव े ाओं का उपयोग कया जा सकता है लागत के लए), नई िजला/उप-सभ ं ागीय योगशालाओं
और उनका लाभ उठाया जा सकता है। (रा य सरकार वारा नमाण क लागत वहन क जाएगी,
ii.) िजला योगशाला: यह सझाव ु दया जाता है क िजला कराया आ द इस न ध म से लया जा सकेगा), पी.पी.पी.
योगशाला वारा 250 जल ोत /नमन ू का त माह मोड के तहत योगशालाओं, मौजदा ू जल गणव
ु ता
पर ण कया जाएगा (अथात ् वभाग/रा य मशन पर ण योगशालाओं को अप ड े करना िजसम, अ य
आई.एम.आई.एस. पर उपल ध रो टर के ल य के अनसार ु बात के साथ, उपकरण , यं , रसायन /र -एजट , काच ं के
एक वष म 3000), िजसम उस भौगो लक े के औचक बतन , उपभो य साम ी क खर द शा मल है, आउटसोस
प से चने
ु गए सभी ोत को कवर कया जाएगा और पर मानव सस ं ाधन नयु त करने ( नय मत कमचा रय
िजसम कम से कम 13 बु नयाद जल गणव ु ता मानक के वते न का भगतान
ु रा य सरकार/सघ ं रा य े शासन
के लए उप-मड ं ल/ लॉक योगशाला/मोबाइल योगशाला वारा कया जाएगा), पानी के नमन ू को ले जाने के लए
वारा पर ण म सद ं ू षत पाए गए नमन ू को भी शा मल वाहन को कराए पर लन े े से लक े र योगशाला और
कया जाएगा। पर ण म सद ं ू षत पाए जाने वाले नमन ू एन.ए.बी.एल. यायन या (परामशदाता शु क,
को िजला योगशाला वारा तरंु त रा य क योगशाला म सपं र ा लागत, आवद े न शु क और वा षक शु क) के
भजे ा जाएगा। िजला तर पर थानीय सद ं षणू के अनसार
ु खच के लए कया जा सकता है;
अ य मापदंड का पर ण कया जा सकता है।
iv.) इन न धय का उपयोग फ ड पर ण कट, र फल और
iii.) रा य योगशाला: रा य योगशाला वारा, या ि छक बै ट रयल डटे शन कट क खर द के लए भी कया
(रडम) तौर पर तथा समान भौगो लक व तार म, िजला जा सकता है;

13 बु नयाद जल गणव
22
ु ता मानक अनबं
ु ध-XI पर दए गए ह।

62
v.) नय मत कमचा रय के वत े न और कसी भी सव े ा के लए vi.) पोषाहार म अ छ गणव ु ता वाले पेयजल के मह व पर
भगतान
ु , 2% आबट ं न से ऊपर कया गया यय, रा य अतं र-वय
ै ि तक संचार (घर-घर जाकर);
सरकार के कोष म से परा ू कया जाएगा।
vii.) े न के द ु भाव के बारे म, व छता
द ू षत जल के सव
एस.ड य.एस.एम.
ू वारा भी नधा रत समय म फ ड
नर ण के मह व, नजी जल गणव ु ता ोत का पर ण
पर ण कट/बै ट रयोलॉिजकल वायल के मा यम से
करने क या के बारे म य- य चार, आ द;
पानी क गणव ु ता क जाच ं सु नि चत करने और
उ चतर अ धका रय को डट े ा पहंु चाने के लए ाम viii.) नल से जल के उपयोग को बढ़ावा देने वाल सचना ू को
पच
ं ायत तर पर एक सम पत यि त को मानदे य आधार ै े 'यह जल सद
द वार पर लखना- जस ं षण
ू से मु त ',
है और;
पर रखने का नणय लया जा सकता है। ix.) जल गणव
ु ता के बारे म नारे , समह ै क, नु कड़ नाटक,
ू बठ
पी.आर.ए. ग त व धयाँ, दशनी, आ द का आयोजन।
10.3 गणव
ु ता भा वत े म जल गणव
ु ता
क नगरानी 10.5 नगरानी
ऐसे भी जल ोत हो सकते ह, जहां रासाय नक सद ं षक
ू क जल गणव ु ता डट े ा को वत: ा त करने के लए नवीनतम
सां ता ( कॉ स े शन ) सीमा रे खा पर हो, यानी बीआईएस: ौ यो गक के उपयोग स,े नणय लन े े और जल आपू त सु वधाओं
10500 म नधा रत अनम ु य सीमा से थोड़ा ह कम हो। यह के काय न पादन को बढ़ावा मलग े ा। लोक वा य इज ं ी नयर
सु नि चत करने के लए क एफ.एच.ट .सी. के मा यम से पानी वारा भी जल गणवु ता के लए ससर और आई.ओ.ट .आधा रत
क आपू त नधा रत गणव ु ता क है, ऐसे जल ोत का उपयोग नगरानी णाल नयोिजत क जाएगी। एस.ड य.एस.एम./ ू
करने वाले गाव ं क समय-समय पर नगरानी करने क पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग वारा ऑनलाइन पोटल और
आव यकता होती है और इ ह 'हॉट पॉट' के प म सचीब ू फ ड दौरे के मा यम से नगरानी क वतमान या का पालन
कया जा सकता है। इस तरह के 'हॉट पॉट' क सची ू कया जाएगा। जल गणव ु ता ि थ त क नगरानी के लए
पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस. ू वभाग वारा एस.ड य.एस.एम.,
ू रा य/सघ ं रा य े नय मत समी ा बठ ै क आयोिजत करग।े यह
डी.ड य.एस.एम.
ू और ाम पच ं ायत के साथ साझा क जानी डटे ा सावज नक डोमन े पर उपल ध कराया जाएगा।
चा हए। पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस. ू वभाग ऐसे जल ोत क जल जीवन मशन आई.एम.आई.एस. पोटल पर न न ल खत
पानी क गणव ु ता क नय मत नगरानी करगे और पानी क सचना
ू वत: द शत होगी:
गणव
ु ता क चौकसी ाम पच ं ायत और/या इसक उप-स म त,
i) आविृ त के अनसार
ु सभी तर पर योगशाला पर ण
अथात ् वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह ू आ द और
के मा यम से जलगणव
ु ता क नगरानी;
थानीय समदाय ु वारा क जाएगी। जहां भी और जब भी
आव यक हो, सधारा ु मक उपाय कए जाने चा हए। ii) पर ण क आविृ त के अनसार
ु सभी गांव म फ ड
पर ण कट के मा यम से समदायु वारा जल
जल जीवन मशन आई.एम.आई.एस. के मा यम से 'हॉट
गणव
ु ता क नगरानी;
पॉ स' के जल ोत क जल गणव ु ता के आकं ड़ क वशष े
प से नगरानी क जाएगी। पाइपलाइन जल आपू त णाल के iii) जल गणव
ु ता भा वत िजल और जे.ई.-ए.ई.एस. िजल
लए इस तरह के कसी भी जल ोत का चयन करने से पहले, म एफ.एच.ट .सी. ावधान क ग त;
ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ् iv) आस नक, लोराइड और लौहत व से भा वत गांव और
वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह ू आ द वारा इस क ह ं अ य, िजनके बारे म नणय वभाग/रा य
पर चचा क जाएगी और ाम सभा के मा यम से उसे मशन वारा लया जा सकता है , क नगरानी के लए
अनमोु दत कया जाएगा, जसै ा क अ याय 6 म उि ल खत है । अलग रपोट तय
ै ार क जाएंगी;
10.4 श ण और आई.ई.सी. ग त व धय क सची
ू v) योगशाला मू यांकन और संबं धत सधार
ु आयोजनाएं;

i.) गांव / वकास खंड /िजल के मखु थान पर नकटतम vi) एन.ए.बी.एल. से या यत रा य/िजला योगशालाओं क
जल गणव ु ता पर ण योगशाला का ववरण दशाना; सं या और लॉक/उप-मड ं ल योगशालाओं क सं या;

ii.) वभागीय हतधारक , ाम पंचायत और/या इसक उप- vii) ं


योगशाला र कग;
स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /पानी स म त/ यो ता viii) पर ण क अनशं ु सत सं या के अनसार
ु समदाय

समहू आ द, आई.एस.ए., पी.आर.आई., जमीनी तर के वारा फ ड पर ण कट/जै वक वायल का उपयोग;
तकनी शयन , आ द का जल गणवु ता संबंधी श ण;
ix) जल गणव
ु ता के सब ं म सामने आने वाले अ य मामल।े
ं ध
iii.) जल गणव
ु ता के मु , जल ज नत रोग और वा य
भाव पर जाग कता पद ै ा करना;
iv.) जल सरु ा आयोजना;
v.) गणव
ु ता भा वत ोत से पानी उपयोग करने से बचने'
के बारे म यवहारगत प रवतन संबंधी संचार;

63
अ याय

11 नगरानी एवं मू यांकन


11.1 नगरानी उनक थापना क जा सकती है। यह डट े ा, नय मत
अतं राल पर ा त कया जाएगा और मै यअल ु प से पन:

भावी नगरानी तं से नल कने शन क कायशीलता, अथात ् देखने हेतु डट
े ा टोर म सं ह त कया जाएगा या सम का
नय मत आधार पर नधा रत गणव ु ता वाले पेयजल क उपयोग करके लाउड सवर म े षत कर दया जाएगा;
पया त मा ा म आपू त सु नि चत होगी।
ii.) एम.वी.एस. के मामले म, यक े गाव
ँ म पानी का एक बड़ा
जल जीवन मशन नगरानी तं , विै वक मानक अथात ् मीटर उस थान पर लगाया जाना है जहां के हौद म पानी
विै वक पधा मकता सचकां
ू क (जी.सी.आई.) के अनु प बनाया लाया जाता ह।ै इसके अलावा, हौद म जल तर को मापकर
गया है । जी.सी.आई. के अतं गत रा य पधा मकता का पप
ं को चालू और बद ं करने के लए ससर लगाए जाने ह।
नधारण 'उ पादकता के तर को व नधा रत करने वाल सयं ं के चालन के साथ-साथ उनक नगरानी के लए
सं थाओ,ं नी तय और कारक के समह' ू के प म कया गया बड़-ेबड़े शोधन सयं ं के लए एस.सी.ए.डी.ए. णाल लगाई
है । जी.सी.आई. म न न ल खत दो संकेतक शा मल ह: जानी अ नवाय ह।ै आपत ू कए गए पानी के दबाव, रसाव
i.) असरु त पेयजल का उपयोग: इसके अत ं गत, कसी और गणव ु ता सबं ध
ं ी पहलओ
ु ं को मापने के लए वतरण
आबाद वारा असरु त पेयजल के उपयोग का मापन णा लय म एस.सी.ए.डी.ए. का उपयोग करने क सभ ं ावना
कया जाता है और ऐसा करते समय, जो खम तर के तलाशकर, उनक थापना रा य वारा क जा सकती ह;ै
अनसार
ु असरु त जल के उपयोग क मा ा और बीमार iii.) ससर के मा यम से एक कए गए डट े ा को ा त करने
उ प न होने म उस जो खम के योगदान क गंभीरता को और उनका व लेषण करने के लए एम.आई.एस. तय ै ार
यान म रखा जाता है ; क जानी चा हए। डट े ा हड लगं म एक पता लाने के लए
ii.) जल आपू त क व वसनीयता: यह संकेतक इस बात पर रा य म एक जस ै े डटे ा ाि त ा प और ोटोकॉल होना
आधा रत है क पानी क आपू त कतनी व वसनीय है मह वपणू है । डट
े ा एक पता आव यकताओं को परा ू
( यवधान और वाह म उतार-चढ़ाव का अभाव)। करने के लए रा य वारा, ज रत होने पर, मौजदा ू
एम.आई.एस. का संशोधन कया जा सकता है ;
नगरानी के लए आपत
ू जल का मापन
iv.) न न ल खत के बारे म डट
े ा ा त करने के लए डश
ै बोड
कहते ह क जो मापा नह ं जा सकता है , उस पर नयं ण नह ं बनाया जाना है :
पाया जा सकता है । एस.वी.एस. के लए अत ं : ाम अवसंरचना,
क.) आयोजना
एम.वी.एस. के लए वशाल अवसंरचना प रयोजनाओं और
पाइप से टड पो ट के मा यम से जल आपू त योजनाओं - के ख.) कायसंपादन
संबंध म, हर दन आपत ू कए जाने वाले पानी क मा ा के ग.) चालन और रख रखाव
आक ं ड़,े आपत
ू कए गए पानी क गणव ु ता के साथ-साथ
बोरवेल म पानी क गहराई से जड़ी घ.) मा ा और गणव
ु ता स हत गांव क दै नक जल
ु सचना
ू होना आव यक है ।
इसके अलावा, एम.वी.एस. (म ट व लज क म) के मामले म, आपू त का ववरण।
हर दन व भ न गांव को उपल ध कराया जाने वाला पानी भी यह सु नि चत कया जाना चा हए क इन पहलओ ु ं को
मापा जाना है । चंू क ामीण जल आपू त योजनाएं दर-दर ू ू तक ा कलन के भाग के प म आयोजना चरण म ह यवि थत
फैल होती ह, इस लए बंधन के संबंध म नणय लेने के लए प से एक कत
ृ कया जाए, ता क योजना/प रयोजना के साथ ह
डट
े ा को नय मत प से ा त करने और उसके व लेषण के उनका पर ण और आरं भन कया जा सके।
लए ससर, आई.ओ.ट ., अनक ु ू लत डश
ै बोड आ द जसै े आई.ट .
वभाग/रा य मशन वारा, मशन क व तीय और
उपकरण का सहारा लेना आव यक है । इस संबंध म
वा त वक ग त क ि थ त दज करने के लए एक
न न ल खत सझाव ु दए जाते ह:
आई.एम.आई.एस. तय ै ार क जाएगी और ामीण जल
i.) एस.वी.एस. और टड पो ट पाइपलाइन जल आपू त के आपू त/पी.एच.ई. वभाग, उ त आई.एम.आई.एस. म आक
ं ड़
लए, व भ न ोत से हर दन आह रत कए जाने वाले क वि ट के लए िज मेदार होगा।
पानी को मापने के लए ससर, भजल ू आधा रत योजना के
11.1.1  जल जीवन मशन-एक कत
ृ बंधन सचना
ू णाल
मामले म बोरवल े म पानी का तर, भड ं ारण टं कय के
(आई.एम.आई.एस.)
मामले म ओवर लो होने पर, ससर आधा रत पप ं के बदं
और चालू होने क यव था आव यक है। इसके अलावा, हर कायशील घरे लू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) क ि थ त
पानी क गणव
ु ता से जड़
ु े पहलओ
ु ं जस ै े पीएच, नाइ े स, दज करने के लए एक सम पत जल जीवन मशन
लवणता आ द क उपि थ त को मापने के लए कछ ु आई.एम.आई.एस. डज़ाइन कया गया है । जल जीवन मशन
बु नयाद ससर के उपयोग क सभ ं ावना का पता लगाकर आई.एम.आई.एस. म न न ल खत शा मल ह गे:

64
i.) ाम काय योजना, 'िजला काय योजना', रा य काय यह सु नि चत कया जाएगा क व भ न प रयोजनाओं क
योजना और रा य-वार वा षक काय योजना को अपलोड वा त वक ग त, प रसप ं ि तय क िजयो-टै गगं , प रयोजनाओं पर
करने का ावधान; कए गए खच, प रयोजनाओं क कायशीलता क ि थ त के सब ं ध

म, रा य से ा त डट
े ा को जल जीवन मशन आई.एम.आई.एस.
ii.) ाम पच
ं ायत उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /पानी
पर दज कया जाएगा और उसे सावज नक डोमन े म रखा जाएगा,
स म त/ यो ता समहू , आ द के गठन क नगरानी, बक ता क अं तम यो ता और व भ न सं थागत सरंचनाओं वारा
खाता खोलना, सामदा
ु यक योगदान आ द; इसका पयवे ण और सामािजक सप ं र ा सभं व हो सके।
iii.) आबं टत गांव म आई.एस.ए. के न पादन अथात ् आपू त क बारं बारता, गणव
ु ता और मा ा को मापने के लए
संसाधन मान च ण, पी.आर.ए. ग त व धय आ द क ससर आधा रत जल आपू त यव था अपनाई जाएगी। जल
नगरानी करना; आपू त णाल क कायशीलता क नगरानी करने के लए
iv.) सभी योजनाओं क भौ तक और व तीय ग त क नयं ण और कमांड तथा आई.एम.आई.एस. के साथ इसका
नगरानी करना; लगातार एक करण कए जाने क आव यकता होगी।
11.1.2 रयल-टाइम डश
ै बोड
v.) फ ड पर ण कट का उपयोग करके समदाय
ु वारा पानी
क गणव
ु ता योगशालाओं क नगरानी और चौकसी; एक रयल टाईम डश ै बोड के मा यम से, सभी आव यक
नगरानी मापदं ड अथात ् अब तक दान कए गए
vi.) प रवतन बंधन ग त व धय क नगरानी;
एफ.एच.ट .सी. क सं या, वष 2024 से पहले दान कए जाने
vii.) सहायक ग त व धय क नगरानी आ द। के लए शष े एफ.एच.ट .सी. क सं या, दान कए गए
कायशील नल कने शन और ब द पड़े नल कने शन क सं या
तय
ै ार क गई रपोट का उपयोग े दौर , कायशालाओ,ं वी डयो
दज क जाएगी। यह डट े ा सावज नक डोमेन म उपल ध होगा।
स मल े न आ द के मा यम से नय मत नगरानी के लए कया
जाएगा। योजनाओं के बह े तर बध
ं न और उनक नगरानी के 11.1.3 प रसंपि तय क िजयो-टै गग

लए पय े जल प रसपं ि तय क एक डिजटल िजला व त-सची
ु ू पारद शता लाने और नगरानी के योजन से, जल आपू त
बनाई जाएगी। रा य तर पर एस.सी.ए.डी.ए. णाल के मा यम योजनाओं क सभी प रसंपि तय को रा य वारा िजयो-टै ग
से यक े एम.वी.एस. नटे वक णाल क नगरानी क जाएगी कया जाना आव यक है । हर अवसंरचना प रसंपि त चाहे वह
ता क इसका समु चत कायकरण सु नि चत कया जा सके। नई हो या परानी,
ु सभी को िजयो-टै ग कया जाएगा, िजसम

65
नगरानी एवं मू यांकन

कपड़े धोने और नान करने के थान, े-वाटर सं ह और वारा लए जाने वाले नणय के अनसार)
ु पया त मा ा (55
शोधन संयं , ोत था य व संरचनाएं आ द शा मल ह। एल.पी.सी.डी.) म, नधा रत गणव
ु ता (बीआईएस: 10500)
वाला जल उपल ध कराने वाले घरे लू नल कने शन क
11.1.4 एफ.एच.ट .सी. को आधार के साथ जोड़ना
उपल धता से है । इसम ोत और णाल का द घका लक
ल त डल वर और उसके व श ट प रणाम क नगरानी के था य व भी शा मल होगा।
लए यह ता वत है क सां वधा नक ावधान के अधीन
एफ.एच.ट .सी. को घर के मु खया के आधार नंबर के साथ नल कने शन क कायशीलता का वग करण, ता लका 11 म
जोड़ा जाए। दए गए मानदं ड के आधार पर कया जाएगा।

11.1.5 समदाय
ु वारा चौकसी चंू क नल कने शन क कायशीलता तय करने के लए
नधा रत क गई शत म ोत था य व भी शा मल है , इस लए
समदाय
ु वारा, अपनी जल आपू त योजना के कामकाज पर
कायशीलता आकलन मापदं ड म, भ न- भ न कार क
बार क से नज़र रखी जाएगी और अपनी अत ं : ाम जल आपू त
योजनाओं को चलाने/कायाि वत करने हे तु कए गए ोत
के बु नयाद ढांचे के बंधन, संचालन और रख रखाव के लए
था य व उपाय पर पछे ू जाने वाले न तथा यह काय
भी समदायु ह िज मेदार होगा। समदाय ु वारा, अ याय 10 म
व णत नय मत सफाई नर ण काय कया जाएगा और पानी एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस., आई.ड य.एम.पी.
ू के मा यम से
के द ु पयोग को रोकने के लए सामू हक प से नणय लया कए जाने वाले मेल-जोल से कए गए होने का ववरण भी
जाएगा। एक सम पत टोल नंबर, ऑनलाइन पोटल, आ द के शा मल कया जाएगा (मेल-जोल पर अ धक जानकार के लए
मा यम से संबं धत डी.ड य.एस.एम./एस.ड
ू य.एस.एम.
ू म परैा 6.3 का संदभ ल)।
शकायत दज कराने का अ धकार भी समदाय ु को होगा। भारत सरकार वारा, घरे लू नल कने शन क कायशीलता का
11.2 मू यांकन आकलन करने के लए नमना ू सव ण कया जाएगा।
कायशीलता आकलन के आधार पर, रा य को धनरा श जार
कायशीलता आकलन क जाएगी। कायशीलता आकलन23 के अत ं गत, जल आपू त
कायशीलता से ता पय अवसंरचना अथात ् नय मत आधार पर णाल के द घका लक था य व के लए आव यक अ य
( त दन अथवा ाम पंचायत और/अथवा इसक उप-स म त जानकार भी दज क जाएगी।

पणत आं शक प से
ू या कायशील नि य
कायशील
मा ा >=55 एल.पी.सी.डी. >40 एल.पी.सी.डी.
<40 एल.पी.सी.डी.
<55 एल.पी.सी.डी.
गणव
ु ता पीने यो य पीने यो य न पीने यो य
नय मतता 12 मह ने अथवा 9-12 मह ने <9 मह ने
दै नक आधार <दै नक आधार <दै नक आधार
ता लका 11

काय मता आकलन अनबं


23
ु ध-VI पर दया गया है ।

66
अ याय

आउटपट
ु और प रणाम का मापन 12

ल जीवन मशन का मल-भत ू ू आउटपट,
ु वष 2024 पर लड़ कय के कल ू छोड़ने क दर म कमी के तौर पर मापे जा
तक सभी ामीण प रवार को एक कायशील घरे लू सकने यो य 4 मु य प रणाम को ा त करने का यास कया
नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) उपल ध कराना है। जाना और ामीण समदाय ु के लए रोजगार के अवसर म व ृ
इस के समात
ं र, इस मशन के अत ं गत, ामीण समदाय
ु के सु नि चत करना शा मल है। इस तरह क कायनी त से ामीण
वा य क बह े तर ि थ त; म हलाओं और लड़ कय क द ु वार प रवार क सामािजक-आ थक सम ृ सु नि चत होगी। प रणाम
म कमी और म हलाओं का सशि तकरण, उ च ाथ मक तर परे खा म इन व श ट प रणाम का नीचे दया गया है:

जल जीवन मशन क आउटपट-प


ु रणाम प-रे खा
प रणाम 1: जलज नत रोग म कमी तथा व थ ामीण समदाय

प रणाम संकेतक: रा य वा य ोफाइल 2019 के पछले बले
ु टन म सू चत कए गए सम त संग क
तलना
ु म उ डाय रया रोग क सं या म तशत घटाव
आउटपट
ु संकेतक स यापन के कार
वष 2024 तक येक ामीण उपल ध कराए गए आई.एम.आई.एस. डट
े ा, यमान एफ.एच.ट .सी.,
प रवार को कायशील घरे लू नल एफ.एच.ट .सी. क सं या कायशीलता का आकलन, सोशल ऑ डट

कने शन [एफ.एच.ट .सी.] पया त मा ा म अथात ् 55 वाह मीटर, घरे लू मीटर,


एल.पी.सी.डी. जल दान करने वाले कायशीलता का आकलन
उपल ध कराया जाना
एफ.एच.ट .सी. क सं या
नधा रत गणव
ु ता अथात ् बीआईएस वत रत क गई फ ड पर ण कट/
मानक के अनसारु जल दान करने बै ट रयोलॉिजकल वायल, योगशालाओं म
वाले एफ.एच.ट .सी. क सं या जांचे गए नमने
ू , कायशीलता का
आकलन, क यु नट फ डबक ै
घर म जलज नत रोग म % कमी वा य डटे ा, अ पताल जाने के अवसर क
सं या, आशा कायकताओं के पास उपल ध डटे ा
प रणाम 2: म हलाओं क द ु वार म कमी
प रणाम संकेतक: उन म हलाओं क सं या िज ह लंबी दरू से
जल लाने क द ु वार से छटकारा
ु मला है ।
आउटपट
ु संकेतक स यापन के कार
सभी ामीण प रवार म एफ.एच.ट .सी. ाम पंचायत और वयं सहायता ाम पंचायत और वयं सहायता समह

उपल ध हो जाने से म हलाओं के समहू म म हलाओं क क बठै क के कायवत
ृ क समी ा।
उ पादक घरल
े ू समय म व ृ हई।
ु भागीदार म व ृ हई

प रणाम 3: उ च ाथ मक तर पर बा लकाओं के व यालय छोडने म आई कमी
प रणाम संकेतक: उ च ाथ मक व यालय क छा ाओं क ापआउट दर -% से घटकर -%
हई
ु तथा उपि थ त -% से बढ़कर -% हई

आउटपट
ु संकेतक स यापन के कार
सभी ामीण प रवार म कल
ू जाने वाल उ च ाथ मक कल
ू नामाक
ं न और उपि थ त रिज टर
एफ.एच.ट .सी. उपल ध हो जाने से व यालय क छा ाओं
उ च ाथ मक कल ू क छा ाओं क सं या म % व ृ
को पीने का पानी लबं ी दरू से लाने
म राहत मल ।
प रणाम 4: ामीण समदाय
ु के लए रोजगार के अवसर म व ृ
प रणाम संकेतक: ामीण आय म - % क व ृ से ामीण प रवार क सम ृ म सधार

आउटपट
ु संकेतक स यापन के कार
सभी ामीण प रवार म त वष रोजगार के दन थानीय रोजगार/ भगतान
ु रिज टर /
एफ.एच.ट .सी. उपल ध हो क सं या म % व ृ था पत कए गए थानीय उ यम क सं या
जाने से रोजगार के ा त अवसर ।
ता लका 12

67
अ याय

13 आपदा बंधन


लवायु प रवतन के कारण घ टत होने वाल चंड और मानसन ू म दे र होने पर पानी क उपल धता
मौसमी घटनाओं जस ै े सखा
ू और बाढ़ से सु नि चत होगी;
अ या शत तौर पर मीठे पानी क वतमान और
iii.) उ थानशील बु नयाद ढांचे क मौजदगी, ू संकट क
भावी उपल धता म बदलाव आते जा रहे ह। पया त मा ा म
ि थ त म लाभकार होती है और रोकथाम/शमन के लए
और गणव ु ता-यु त पानी क अ नि चत उपल धता के
तथा आपदा के भाव को कम करने के लए यह बहत ु
प रणाम व प होने वाले तकल
ू भाव से भोजन क
भावी स होती है । पहाड़ी े म पाइपलाइन बछाते
उपल धता, वा य मानदं ड , पोषाहार और आजी वका सरु ा
समय भू खलन संभा वत े से बचने क सावधानी
पर भाव पड़ता है । इसके अलावा, भू खलन, भक ू ंप आ द क
बरतनी चा हए। इसके अलावा, पाइप क एंक रग ं भावी
बढ़ती घटनाओं से कभी-कभी जल आपू त के बु नयाद ढांचे को
ढं ग से क जानी चा हए ता क वे बाढ़ म/क चड़ वाह से
भी नकसान
ु पहंु चता है , िजसके प रणाम व प पेयजल आपू त
बह न जाएं। शोधन संयं , भू मगत जलाशय, सावज नक
बा धत होती है । ये घटनाएं, समदाय ु को सरु त पेयजल
पेयजल पहंु च थल आ द जस ै े जल आपू त के बु नयाद
उपल ध कराने का काम कर रहे शहर / ामीण योजनाकार के
ढांचे क अवि थ त का चयन सावधानी से कया जाना
लए एक चनौती
ु बन गई ह और इस लए, जल जीवन मशन के
चा हए ता क उसे बाढ़ और च वात, भू खलन, भ-धाव, ू
अतं गत, आपदा बंधन आयोजना को लागू करने म रा य /संघ
भक ू ं प के द ु भाव आ द से सरु त रखा जा सक े ;
रा य े के यास को मजबती ू द जाएगी।
iv.) आर.ड य.एस.
ू के ढाच
ं े के नमाण के समय, भक ू ं प/ बाढ़
आपदा क ि थ त म मु य प से न न ल खत कार क
या च वात/भू खलन- वण े के लए, भारतीय मानक
चनौ
ु तयां सामने आती ह:
यरो
ू (बीआईएस)/के य लोक वा य तथा पयावरण
i.) आपदा के भाव को दरू करने/कम करने के लए अ म इिंज नय रग ं सग ं ठन (सी.पी.एच.ई.ई.ओ.) जस ै े सं थान
आयोजना और तयै ार करना; वारा जार मानक /सं हता ावधान / दशा नदश का
अनपालन
ु करने से द घकाल तक टकाऊ बने रहने वाले
ii.) आपदा के समय तज
े ी से कारवाई करना; तथा
बु नयाद ढाच ं े का सजन
ृ सु नि चत कया जा सकेगा;
iii.) आपदा के उपरांत एक मजबतू और उ थानशील आपू त
v.) एस.एल.एस.एस.सी. से अपे त है क योजनाओं को
णाल क सहायता से सेवाओं क बहाल ।
मंजूर दे ते समय वह स या पत कर क ता वत जल
इस कार, इस आयोजना से अपे ा है क पेयजल आपू त के आपू त अवसंरचना को आपदाओं से कतना खतरा है
संदभ म उपयु त चनौ
ु तय का समाधान हो सकेगा। और स यापन के बाद बठ ै क के कायवत
ृ म उसे अपना
पव- मत उपयु त पहलओ ु ं को यान म रखत े हए,
ु ल खत म
ू आपदा: इसे आयोजना चरण कहते ह। इस अव ध के दौरान
संसाधन क ठोस आयोजना बनाने और उनक कशल तनै ाती से दज कराना चा हए।

आपदा के समय नकसान
ु कम होता है । vi.) ‘ ाम काय योजना’ तय
ै ार करते समय, इन पहलओ
ु ं पर
थानीय समदाय
ु के ान और जानकार को काय थल
रोकथाम और शमन
तथा आयोजना को अं तम प दे ते समय यान म रखा
i.) ए वीफस क जल भंडारण मता म सधार ु करना जाना चा हए।
सव तम द घाव ध कायनी त है । वशष े प से वन े
आपदा के लए तय ै ार : इस या म ऐसे उपाय शा मल होते ह,
म मौजद ू ए वीफस का वत: पनभर ु ण करना, भ व य
िजनसे सरकार , समदायु और यि तय को आपदा ि थ तय
क पेयजल सरु ा के लए सबसे भावी जल संर ण
म तज
े ी से कारवाई करने और उनसे भावी ढं ग से नपटने म
व ध है । वन, अपने धरातल पर अपे ाकत ृ ल बी अव ध स मता ा त होती है ।
तक बड़ी मा ा म पानी को रोककर रख सकते ह य क
वनभू म पंज का काम करती है और बाद म, जल आकि मक आयोजनाओं म थायी जल ोत क अवि थ त
धाराओं म धीरे -धीरे पानी छोड़ती रहती है । इस उदाहरण और जल-आपू त णा लय क संरचना का उ लेख होना
से पता चलता है क कछ ु पा रतं कस कार से पानी चा हए। भावी आपदा तयै ा रय और आपदा प चात रकवर म
क उपल धता सु नि चत करते ह और बाढ़ के जो खम यह ान मह वपण ू होता है । आकि मक आयोजना म जल हण
म कमी लाते ह। तथा प, इसके लए द घका लक े , जलाशय और वतरण णा लय के त संभा वत
आयोजना और कारवाई क आव यकता होती है ; जो खम पर भी वचार कया जाना चा हए।

ii.) उथले और गहरे ए वीफस से गणवु तायु त पानी क आपदा- वण ( ोन) े जस ै े तट य े , बाढ़- वण ( ोन)
उपल धता बढ़ाने के यास से सखे
ू क अव ध के दौरान े , हमालयी े के रा य को चा हए क वे नकटतम

68
सभ ं ा वत सरु त थान पर थायी मोबाइल जल शोधन सय ं ं iii.) भा वत े म मोबाइल जल शोधन संयं क थापना;
लगाने क योजना बनाएं और इन सय ं ं क एक सची ू तय ै ार
iv.) े पर ण कट का उपयोग करके रोग पर नज़र रखे
कर। इसी तरह, हडपप ं जस ै े बहत
ु से पॉट सोस पवव ू त
जाने के संदभ म पानी क गणव
ु ता क चौकसी;
एन.आर.डी.ड य.पी. ू और व भ न रा य योजनाओं के तहत
तयै ार कए गए ह। च वात और बाढ़ जस ै ी ाकृ तक आपदा क v.) पया त सं या म शु करण कट क आपू त।
ि थ त म, हडपप ं , पीने यो य पानी उपल ध कराने के लए उस
आपदा के बाद: बाढ़, च वात, भक ू ं प आ द जस ै ी आपदाओं क
समय तक के लए अत ं रम समाधान दान करते ह, जब तक
ि थ त म पये जल और व छता क सु वधा दान करना सबसे
क पाइपलाइन के मा यम से पानी क आपू त फर से बहाल
बड़े मु म से एक है और इसे सव च ाथ मकता के प म
नह ं हो जाती। इस कार, इन हड पप ं क कायशीलता क
लया जाना चा हए। कसी आपदा के बाद, मह वपण ू चनौती
ु यह
समय-समय पर जाच ँ करके उनका रख रखाव सु नि चत करने
क आव यकता है। है डप प के लट े फ़ॉम को ऊंचा उठा दे ने से होती है क तजे ी से और थायी रकवर कस कार क जाए,
हडपप ं के पानी म बाढ़ के पानी के म ण को रोका जा सकेगा िजससे सकं ट काल न प रि थ तयां पन: ु पश े न ह । आपदा के
और आपदा क तय ै ा रय के लए रा य के पास उपल ध धन का बाद कए जाने वाले पन ु नमाण का उ े य, आपदापव ू जल
उपयोग करके या टे ट फ़ंड वारा यह काय कया जा सकता है। आपू त क ि थ त को बहाल करना होता है। इसम त त
जल ोत और जल आपू त अवसरंचना के व रत और भावी
जवाबी कारवाई के लए आपातकाल न तय
ै ार त थापन जस ै े कायकलाप शा मल ह। ऐसा करते समय, लब ं ी
अव ध के वकास प र य और सभ ं ा वत आपदा- वणता पर
सभी तर , अथात ् वभागीय (रा य तर), िजला और ाम
यान दया जाना चा हए और यह सु नि चत करना चा हए क
तर पर तयै ार अ य धक मह वपण ू होती है । तय
ै ा रय के
जल आपू त के बु नयाद ढाच ँ े को फर से और बह े तर तर के से
मु य त व इस कार ह:
तयै ार कया जाए। इस कार, साम ी के चयन के साथ-साथ
i.) आपदा प चात ् होने वाल त और ज रत के लए नमाण आयोजना म आपदा के त उ थानशीलता का सायास
श त मानव सस ं ाधन क पहचान और उन तक पहंु च; एक करण करने से जल आपू त के बु नयाद ढाच ं े को आपदा से
अ भा वत रखने वाल अवसरंचना का सजन ृ हो सकेगा बजाय
ii.) सं मणकाल न सेवाएं दान करने के लए आकलन और
इसके क उसी कार क ि थ तयां पन: ु न मत हो जाए।ं
आयोजना; और आपदा भा वत णा लय क
पनबह
ु ाल । रा य सरकार वारा संबं धत वषयगत व त मं ालय के नदश के अनसार,ु के वारा ायोिजत
पा य म म एक ठोस और एक कत ृ श ण दान योजनाओं म रा य को कए जाने वा षक आबंटन के 25%
कया जाना चा हए; भाग का उपयोग ले सी-फंड के प म कया जा सकता है ।
आपदा प चात रकवर काय के लए धन क त काल
iii.) श वर और बड़े पमै ाने पर सामने आने वाल वाल अ य
आव यकता को परा ू करने के लए, जल जीवन मशन के तहत
व थापन प रि थ तय म सं मणकाल न सेवाएं दान
रा य के पास उपल ध ले सी-फंड का उपयोग कया जा
करने के लए आपातकाल न जल आपू त कट क पहले
सकता है । रा य /संघ रा य े को सलाह द जाती है क वे
से यव था करके रखा जाना;
ाकृ तक आपदाओ/ंमहामा रय और आत ं रक संकट से उ प न
iv.) समवत नगरानी के भाग के प म रोग चौकसी के होने वाल अ या शत चनौ ु तय /मु का यान रखने के लए
संदभ म जल गणव
ु ता चौकसी; जल जीवन मशन के तहत उपल ध वा षक आबंटन का कम से
v.) थानीय बाढ़ क ि थ त को कम से कम तर पर लाने, कम 5% भाग अलग करके रख और य द यह रा श अ यु त रहे
सीवेज ओवर लो टग
ं या भंडारण के लए नई तो इसका उपयोग रा य वारा व तीय वष के अत ं म
णा लय का अनकलन करना या डजाइन करना; तथा एफ.एच.ट .सी. कवरे ज के लए कया जा सकता है ।
ु ू

vi.) ना लय और सीवर को नय मत प से साफ करने के उपयु त के अ त र त, रा य को अनवत ु व त आयोग वारा


लए नवारक रख रखाव क यव था करना। रा य आपदा कारवाई न ध (एस.डी.आर.एफ.) भी दान क
जाती रह है । उस न ध का उपयोग पो ट डजा टर रकवर
आपदा के दौरान: इस अव ध के दौरान, पी ड़त लोग क ज रत काय म पेयजल और व छता दान करने के लए भी कया
और सु वधाओं का यान रखकर उनक तकल फ को समा त जा सकता है । इसके अलावा, य द आपदा के लए अ त र त
और कम कया जाता है । धनरा श क आव यकता होती है तो रा य/संघ रा य े के
आपदा क ि थ त म जवाबी कारवाई के मख
ु घटक अनरोध
ु पर गह ृ मं ालय/कृ ष मं ालय, जस
ै ा भी मामला हो,
नि न ल खत ह गे: वारा अत ं र-मं ालयी के य ट म का गठन कया जाता है ,
और वे रा य का दौरा करके आपदा का आकलन करती ह और
i.) सं मणकाल न सेवाएं दान करने के लए श त और इस हे तु धनरा श क सफा रश करती ह। इस सफा रश के
कशल
ु मानव संसाधन तक पहंु च;
आधार पर, एस.डी.आर.एफ.से ऊपर अ त र त फंड रा य
ii.) श वर म और अ य जन व थापन ि थ तय म, पहले आपदा कारवाई कोष (एन.डी.आर.एफ.) के तहत उपल ध कराए
से तय
ै ार करके रखे गए आपातकाल न जल आपू त कट; जाते ह।

69
आपदा बंधन

आपदा बंधन अ ध नयम, 2005 क धारा 35 खंड 2 (ख) म ाकृ तक आपदाओं से नपटने क मानक प रचालन या
यह उपबंध है क- (एस.ओ.पी.) वभाग/रा य मशन के पोटल पर उपल ध है ।
"भारत सरकार के मं ालय या वभाग वारा अपनी वकास आपदा क ि थ त म पानी क नरं तर आपू त सु नि चत करने
आयोजनाओं और प रयोजना म आपदाओं के शमन और के लए हर रा य को एक सु वचा रत आपदा बंधन कायनी त
रोकथाम के लए उपाय का एक करण सु नि चत कया जाए"। तय
ै ार करनी चा हए।

70
अ याय

बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं 14

त र त व त-पोषण के लए रा य को एक वारा स या पत/प ृ ठां कत कया जाएगा और इस
मह वपणू ोत उपल ध होता है और वह ोत है - पी.पी.आर. को भारत सरकार के अ य मं ालय / वभाग
बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.)। इस को ऑनलाइन े षत कया जाएगा;
ोत के मा यम से रा य, जल जीवन मशन काया वयन म
iii.) िजन नोडल मं ालय / वभाग को पी.पी.आर. े षत कया
उ प न होने वाल धन क कमी को परा ू कर सकते ह। रा य को
गया है, वे मशः पवू तर रा य के मामले म अपनी
यह सु नि चत करना होगा क ऐसे ई.ए.पी. का अं तम ल य
ट पणी 45 दन और अ य रा य के मामले म अपनी
एफ.एच.ट .सी. क यव था करना है , और ऐसी प रयोजनाएं
ट पणी 30 दन के भीतर ऑनलाइन दे सकते ह;
ामीण और शहर - दोन े को कवर करने वाल होनी
चा हए। रा य /संघ रा य े को ो सा हत कया जाता है क iv.) बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं सब ं ध
ं ी ताव का
वे, वप ीय और बहप ु ीय एज सय वारा व तपो षत ताल-मले , रा य तथा भारत सरकार क वकास
ई.ए.पी. के मा यम से बा य व तीय सहायता ा त कर। ाथ मकताओं के साथ होना चा हए। इस प रयोजना के
" व तपोषण लस" त व पर वशष े बल दया जाना है;
ई.ए.पी.के ताव म प ट प स,े यह उ लख े कया जाएगा क
इसके तहत दान कए जाने वाले एफ.एच.ट .सी. क सं या v.) सबं ं धत मं ालय/ वभाग, आव यक तकनीक मू याक ं न
या होगी और यह भी बताना होगा क एस.ए.पी. पर आधा रत करने के बाद आगे क आव यक कारवाई के लए अपनी
ामीण कायशील घरे लू नल कने शन के सम तशत म रपोट आ थक काय वभाग को ऑनलाइन भज े दग।े सघं
कतनी व ृ हो सकेगी। रा य को आ थक काय वभाग, जो रा य े के मामले म, रपोट क एक त, सचना ू क े
बाहर सहायता मण या के लए नोडल वभाग है, के लए गहृ मं ालय को भी प ृ ठां कत क जाएगी;
दनाकं 25.11.2019 के प स.ं 8/1/2019-बी.पी.सी.ए ड ट . के
vi.) सफा रश / ट प णय के साथ ऑनलाइन ा त पी.पी.आर.
अतं गत जार कए गए दशा नदश का अनपालन ु करना होगा।
को आ थक काय वभाग क नगं स म त के सम
बा य सहायता क माग
ं करने क सं त या न नानसार
ु ह:ै रखा जाएगा। मानदंड को परा
ू न करने वाल प रयोजनाओं
को आ थक काय वभाग वारा, यथा-ि थ त, अ वीकत ृ
i.) सभी रा य /सघ ं रा य े क सरकार को, आ थक काय
या वापस कर दया जाएगा।
वभाग वारा नधा रत ा प के अनसार ु अनं तम
व तीय ववरण के साथ एक ारं भक प रयोजना रपोट
(पी.पी.आर.) ताव तय
ै ार करना होगा। उस पी.पी.आर.
को आ थक काय वभाग के ऑनलाइन पोटल24 पर जमा
कराया जाना होगा। रा य/सघ ं रा य े का नोडल
अ धकार ऑनलाइन पी.पी.आर. को स या पत/प ृ ठां कत
करे गा और सब ं ं धत पोटल पर ह इस ताव को, भारत
सरकार के सब ं ं धत मं ालय और नी त आयोग के पोटल
पर ऑनलाइन माक करे गा। य द अपे त ग त व धयाँ
एक से अ धक मं ालय से सब ं ं धत ह , तो इ ह सभी
मं ालय को प ृ ठां कत कया जाना चा हए। उदाहरण के
लए, शहर और ामीण जल आपू त - दोन से जड़ी ु
प रयोजनाओं के लए पी.पी.आर. जमा करते समय
रा य से अपे त होगा क वे, बाहर सहायता लेने के
लए पय े जल एवं व छता वभाग तथा आवासन और
शहर काय मं ालय दोन को पी.पी.आर. टै ग कर;

ii.) पव ू तर रा य के मामले म, पी.पी.आर. का ष े ण,


सब ं ं धत मं ालय के अलावा, पव ू तर े वकास
मं ालय, गहृ मं ालय और वदे श मं ालय को ऑनलाइन
कया जाना चा हए। वधानमड ं ल वाले सघ ं रा य े के
मामले म, पी.पी.आर. को सचना
ू के लए गहृ मं ालय को
े षत कया जाना है। वधानमड ं ल र हत सघ ं रा य े
के लए, पी.पी.आर. को गहृ मं ालय के नोडल अ धकार

https://eapdea.gov.in/ppr/
24

71
अनबं
ु ध-I

रा य-वार घरे लू नल कने शन


पाइपलाइन जल आपू त कने शन वाले अलग-अलग ामीण प रवार क सं या
(रा य / संघ रा य े वारा यथा-सू चत, 31.03.2019 तक क ि थ त के अनसार)

. सं. रा य/ संघ रा य े कल
ु प रवार कल
ु घरे लू कने शन थायी जल आपू त
वाले कल
ु घरे लू कने शन
का तशत
1 अड
ं मान और नकोबार वीप समह
ू 65,096 6,604 10.15
2 आं दे श 91,29,939 30,60,696 33.52
3 अ णाचल दे श 2,20,826 20,069 9.09
4 असम 57,92,987 127962 2.21
5 बहार 1,78,46,077 3,36,178 1.88
6 छ तीसगढ़ 43,17,108 3,85,417 8.93
7 गोवा* 16,14,59 0 0
8 गजरात
ु 64,77,917 50,82,540 78.46
9 ह रयाणा 32,88,145 17,58,292 53.47
10 हमाचल दे श 13,48,841 7,59,047 56.27
11 ज मू और क मीर 4,91,152 30.02
16,36,151
12 झारखंड 50,28,402 2,88,992 5.75
13 कनाटक 80,72,422 35,36,476 43.81
14 केरल 91,75,250 15,36,707 16.75
15 म य दे श 1,08,90,226 13,28,100 12.2
16 महारा 1,32,03,245 50,74,878 38.44
17 म णपरु 4,38,943 24,512 5.58
18 मेघालय 4,60,527 4,359 0.95
19 मजोरम 1,03,949 16,359 15.74
20 नागालड 3,17,975 15,559 4.89
21 ओ डशा 81,25,852 3,19,955 3.94
22 पदचे
ु ु र 82,258 41,418 50.35
23 पंजाब 33,01,599 17,59,212 53.28
24 राज थान 92,84,150 11,49,036 12.38
25 सि कम 88,013 87,431 99.34
26 त मलनाडु 98,62,767 29,33,243 29.74
27 तल
े ंगाना 54,09,686 18,13,791 33.53
28 परा
ु 8,59,052 27,358 3.18
29 उ तर दे श 2,58,81,064 3,45,452 1.33
30 उ तराखंड 15,09,758 2,16,182 14.32
31 पि चम बंगाल 1,63,35,210 2,14,683 1.31
जोड़ 17,87,14,894 3,27,61,660 18.33
*गोवा म 30.11.2019 तक क ि थ त के अनसार
ु कवरे ज 88.51% है
ोत: आई.एम.आई.एस., डी.डी.ड य.एस.

72
अनबं
ु ध-II

वष 20___ - 20__ के लए उपयोग माणप

(आर.ड य.एस.
ू के स चव/ भार धान स चव वारा मा णत कया जाना होगा)

(एस.सी.एस.पी., ट .एस.पी. और सामा य मद के तहत न धय के आबंटन, अवमिु त और उपयोग का अलग-अलग


यौरा परैा 1 और 2 म दया जाना होगा)

के य न ध / रा य न ध*

म सं या प सं या और दनांक .....

1. यह मा णत कया जाता है क हा शए पर दए गए ववरण के अनसार______


ु को भारत सरकार / (रा य का नाम)* से
वष 20___-___ के लए सहायता अनदान
ु के प म ________ (यथा-ि थ त) वारा केवल .______ क रा श ा त
क गई थी। _____ पये क धनरा श बक याज थी िजसे कवरे ज/ जे.ई. - ए.ई.एस. म जमा कया गया था। इसके अलावा,
पछले वष 20__-__ क अनखच धनरा श ______ को वष के दौरान उपयोग के लए अ ेनीत करने क अनम
ु तद
गई थी।

2. यह भी मा णत कया जाता है क उपयु त कल____


ु पये क न ध म से______ से____ तक के दौरान उस उ े य,
िजसके लए इसे वीकत
ृ कया गया था, के लए केवल . ___ धनरा श का उपयोग कया गया है । यह भी मा णत कया
ं म केवल____ . का अ यु त शष
जाता है क वष के अत े था और उसे अगले वष इस काय म के लए उपयोग करने क
अनम
ु त द गई है ।

. सं. ववरण रा श ( लाख . म)


अनस
ु ू चत अनस
ु ू चत सामा य कल

जा त जनजा त
1. आ द शष

2. अनदानु क ाि त
(i) सं वीकृ त आदेश सं या और दनाक

(ii) सं वीकृ त आदेश सं या और दनाकं
3. याज
4. अ य ाि तयाँ
कल
ु नध
5. यय
6. अ त शष

3. मा णत कया जाता है क म इस बात से संतु ट हँू क िजन शत पर अनदान


ु सं वीकत
ृ कया गया था, उ ह व धवत परा

कया गया है / परा
ू कया जा रहा है और यह दे खने के लए क िजस योजन के लए धन क सं वीकृ त द गई थी, उस धन
का उपयोग उसी योजन के लए कया गया है , मने न न ल खत जाँच क है ।

i)  सनद लेखाकार/ महालेखापर क (जस


ै ा भी मामला हो) वारा ………… से …….. तक का व धवत संपर त लेखा ववरण
ा त और वीकत
ृ कया गया।

ii) यह सु नि चत कया गया है क वा त वक और व तीय न पादन, भारत सरकार/रा य सरकार* वारा जार काय म
दशा नदश म यथा- नधा रत अपे ाओं के अनसार
ु रहा हो ।

4. पव
ू त न ध के उपयोग के प रणाम व प न न ल खत प रणाम ा त हए
ु ह:
i) कवरे ज के संदभ म प रणाम (स यापन यो य व प म)

73
अनबं
ु ध-II

क. ..........माह तक कायशील घरे लू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) का ावधान


. सं. दान कए गए एफ.एच.ट .सी. वष के लए वष के दौरान/ ...... उपलि धय का %
ए.ए.पी. ल य तक उपलि धयाँ
1. दान कए गए कल
ु एफ.एच.ट .सी.
2. एस.सी. प रवार को दान कए
गए एफ.एच.ट .सी.
3. एस.ट . प रवार को दान कए
गए एफ.एच.ट .सी.
4. अ पसं यक केि त िजल म
दान कए गए एफ.एच.ट .सी.
5. आकां ी िजल म दान कए गए
एफ.एच.ट .सी.

ख. कायशील घरे लू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) के मा यम से ....... माह तक गणव


ु ता
भा वत बि तय का कवरे ज (जे.ई.- ए.ई.एस. न धय स हत)
. सं. संदषण
ू वष के लए वष के दौरान/ ...... उपलि धय का %
ए.ए.पी. ल य तक उपलि धयाँ
1. जे.ई.- ए.ई.एस. भा वत

ग. कायशील घरे लू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) के मा यम से ....... माह तक गणव


ु ता
भा वत बि तय का कवरे ज (एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू न धय स हत)
. सं. संदषण
ू वष के लए वष के दौरान/ ...... उपलि धय का %
ए.ए.पी. ल य तक उपलि धयाँ
1. आस नक
2. लोराइड
3. लौह त व
4. नाइ े ट
5. लवणता
6. भार धातु
कल

ii) कायशील घरे लू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) के मा यम से कवरे ज और योजनाओं के काया वयन के संदभ म प रणाम
(स यापन यो य व प म)

. सं. कायाि वत योजनाओं का कार वष के लए वष के दौरान/ ..... उपलि धय का %


ए.ए.पी. ल य तक उपलि धयाँ
क. एकल ाम पाइपलाइन जल आपू त योजनाएं
धरातल ोत
भजल
ू ोत
ख. बह-ु ाम पाइपलाइन जल आपू त योजनाएं
धरातल ोत
भजलू ोत
जोड़

ह ता र___________________पदनाम______________________ थान ____________ दनांक __________

त ह ता र ( ामीण जल आपू त के भार स चव के) ____________ थान ___________ दनांक __________

74
अनबं
ु ध-III

लेखापर ा रपोट के लए ा प

(जल जीवन मशन/ सहायता और जल गणव


ु ता नगरानी एवं चौकसी के लए समे कत लेखापर ा रपोट)

(रा य ामीण पेयजल काय म/जल जीवन मशन (जे.जे.एम.) और सहायता/ जल गणव
ु ता नगरानी एवं चौकसी न ध क
लेखा पर ा रपोट अलग-अलग तत ु क जाएं )

इसम न न ल खत बद
ं ु शा मल ह गे: -

i.) लेखा पर क क रपोट

ii.) ाि त और भगतान
ु लेखा

iii.) आय और यय लेखा

iv.) तलन
ु प

v.) लेखाओं के भाग के प म ट प णयां (वा त वक आउटपट


ु के बारे म रपो टग)

vi.) लेखा पर क क ट प णयां 'अनल


ु नक' के प म ( कसी भी ट पणी के मामले म, दए गए उ तर पर सनद लेखाकार
वारा त ह ता र आव यक ह)

अ त मह वपणू ट पणी: सभी द तावेज क मल


ू त द जाएगी और एस.ड य.एस.एम.
ू के स म ा धकार वारा आ धका रक
महर
ु के साथ इन पर तह ता र कए जाने चा हए।

75
ु ध-III
अनबं

i.) लेखा पर क क रपोट

सेवा म
रा य जल एवं व छता मशन

डाक पता:

1. हमने, 31 माच, 20.. तक क ि थ त के अनसार ु रा य जल एवं व छता मशन ('अनदान ु ा तकता') - ''लेखा - पव

रा य ामीण पेयजल काय म (एन.आर.डी.ड य.पी.) ू और जल जीवन मशन (जस ै ा भी मामला हो)” के संल न तलन
ु प
क लेखा पर ा क है और साथ ह , उसके साथ संल न, उसी तार ख को समा त वष के लए आय और यय लेखे तथा ाि त
एवं भगतान
ु लेखे क भी लेखा पर ा क है । ये व तीय ववरण अनदान
ु ा तकता के बंधकवग क िज मेदार ह। हमार
िज मेदार , अपनी लेखा पर ा के आधार पर, इन व तीय ववरण पर राय य त करने क है ।

2. हमने अपनी लेखा पर ा, सामा य तौर पर भारत म वीकत ृ लेखा पर ा मानक के अनसार ु संचा लत क है । उन मानक म
यह अपे त है क हम अपनी लेखापर ा क आयोजना इस कार तय ै ार कर क हम इस आशय का पया त आ वासन ा त
हो सके क ये व तीय ववरण, गंभीर म याकथन से मु त ह। कसी लेखा पर ा म यह काय शा मल होता है क व तीय
ववरण म द गई रा शय और कए गए कट करण क , पर ण के आधार पर जाँच क जाए। लेखापर ा के अत ं गत,
बंधकवग वारा यु त लेखांकन स ांत और मह वपण ू अनमान
ु का मू यां क न करने के साथ-साथ व तीय ववरण क
सम तु त का मू यांकन कया जाना भी शा मल होता है । हम मानते ह क हमार लेखा पर ा से हमार राय के लए एक
उ चत आधार ा त हआ ु है ।
3. ऊपर उि ल खत अनल
ु नक म हमार ट पणी के अलावा, हम यह भी रपोट करते ह क:

i.  हमने, अपने लेखा पर ा योजन के लए आव यक सभी जानकार और प ट करण, अपनी सव तम जानकार और


व वास के अनसार
ु ा त कए ह;

ii.  हमार राय म, अनदान


ु ा तकता वारा आव यक लेखा ब हयां उ चत ि थ त म तय
ै ार क गई ह, जस
ै ा क उन ब हय
क हमार लेखा पर ा से कट होता है ;

iii. इस रपोट म दशाए गए तलन


ु प , आय और यय लेखे और ाि त व भगतान
ु लेखे लेखा ब हय के अनु प ह;

iv. हमार राय म, और हमार सव तम जानकार तथा हम दए गए प ट करण के अनसार


ु एवं इस रपोट म संल न हमार
ट प णय के अधीन, हम रपोट करते ह क:

क. तलन
ु प से 31.3.20.. तक क ि थ त के अनसार,
ु अनदान
ु ा तकता “लेखा - पव
ू रा य ामीण पेयजल काय म
(एन.आर.डी.ड य.पी.)/
ू जल जीवन मशन-जे.जे.एम. (जस ै ा भी मामला हो)” के याकलाप और ि थ त क वा त वक
और सह त वीर ा त होती है ।

ख. आय और यय लेखे से, 31.03.20.. को समा त अव ध के संबंध म, यय से अ धक आय क वा त वक और सह


त वीर ा त होती है ।

ग. ाि त और भगतान
ु लेखे से, काय म/योजना के अत
ं गत, 31.03.20.. को समा त हई
ु अव ध म हए
ु लेनदे न क
वा त वक और सह त वीर ा त होती है ।

घ. आय और यय लेखे म संसू चत कया गया यय, उसी अव ध से जड़


ु े उपयोग माणप ( ) म उ चत प से प रल त
हो रहा है ।

(महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम _____________________________

सद यता सं.___________________________

सी.ए.जी पन
ै ल सचीकरण
ू सं या एवं वष/ संपक सं.

76
ii.) ाि त और भगतान
ु लेखा

1अ ल
ै , 20.. से 31 माच, 20.. तक क अव ध के लए ाि त और भगतान
ु लेखा

योजना का नाम - जल जीवन मशन (पवव


ू त एन.आर.डी.ड य.पी.)

( . लाख म)
ाि तयां रा श भगतान
ु रा श

1. आ द शष े 1. न न ल खत को दए गए अ म
i) रोकड़ शष े
ii) बक म नकद i) काया वयन एज सयाँ
iii) मंडल/िजल आ द म जमा रा शयाँ ii) अ य कोई एज सयाँ आ द

2. अनदानु क ाि तयां 2. रा य ामीण पेयजल काय म


i) के सरकार और/ या जे.जे.एम. के अत
ं गत
ii) रा य सरकार कए गए अनमोु दत काय के
iii) अ य एज सयाँ योजन से यय;

3. बक से ा त याज एन.आर.डी.ड य.पी.ू और/या


जे.जे.एम. (सामा य घटक)
4. न न ल खत से ा त अ म/ऋण/ अनदान
ु एन.ड य.ू य.एस.एम.

का पनभग
ु ु तान जे.ई. – ए.ई.एस.
i) काया वयन एज सयाँ
ii) अ य कोई एज सयाँ आ द 3. लेखा पर ा शु क

5. व वध 4. अत
ं शष

स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________

कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________

संपक सं. सी.ए.जी पन


ै ल सचीकरण
ू सं या और वष

77
ु ध-III
अनबं

iii.) आय और यय लेखा

रा य जल एवं व छता मशन

1 अ ल
ै , 20.. से 31 माच, 20.. तक क अव ध के लए आय और यय लेखा

योजना का नाम - जल जीवन मशन (पवव


ू त एन.आर.डी.ड य.पी.)

( . लाख म)
यय धनरा श आय धनरा श

1. रा य ामीण पेयजल काय म और/ या 1. न न ल खत से ा त सहायता


जे.जे.एम. के अत
ं गत कए गए अनमो
ु दत काय अनदान/सि
ु सडी
के योजन से यय; (क) के सरकार
(ख) रा य सरकार
एन.आर.डी.ड य.पी.ू और/या जे.जे.एम. (ग) अ य एज सयाँ
(सामा य घटक) एन.ड य.ू य.एस.एम.

जे.ई. – ए.ई.एस. 2. वष के दौरान बक खात से ा त
हआ
ु याज
2. लेखा पर ा शु क वष के दौरान ा त
जोड़: वष के दौरान उपािजत
3. तलनु प म अ ेनीत यय से अ धक आय घटाएं: पछले वष से संबं धत
i) रोकड़ शष े
ii) बक म नकद 3. काया वयन एज सय वारा खच न
iii) मंडल/िजल आ द म जमा रा शयाँ कए गए अनदान
ु का रफंड

2. अनदानु क ाि त 4. व वध ाि तयाँ
i) के सरकार
ii) रा य सरकार 5. तलन
ु प म अ ेनीत अ त र त
iii) अ य एज सयाँ यय

3. बक से ा त याज

4. न न ल खत से ा त अ म/ऋण/
अनदान
ु का पनभग
ु ु तान
i) काया वयन एज सयाँ
ii) अ य कोई एज सयाँ आ द

5. व वध

स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________

कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________

संपक सं. सी.ए.जी. पन


ै ल सचीकरण
ू सं या और वष

78
iv.) तलन
ु प

31 माच, 20.. क ि थ त के अनसार


ु तलन
ु प

योजना का नाम - जल जीवन मशन (पवव


ू त एन.आर.डी.ड य.पी.)

( . लाख म)
पँज
ू ी न धय क आव यकता पछले वष क चालू वष क
धनरा श धनरा श

सं चत न ध
आ द शष

जोड़/घटाएँ
आय और यय खाते से अत
ं रत बकाया
मौजदा
ू दे यताएँ
i.) बकाया यय/दे य
ii.) अ य कोई दे यता

जोड़

प रसंपि तयां

नयत प रसंपि तयां


(i) वाहन
(ii) फन चर और जड़नार

(iii) कायालय उपकरण
(iv) क यटर
ू और संब उप कर
(v) अ य आ द
वतमान प रसंपि तयाँ और अ म
(i) टॉक
(ii) अ य योजनाओं म अ थायी प से अत
ं रत वसल
ू यो य न धयाँ
(iii) अत
ं शष

(क) रोकड़ शष

(ख) बक म नकद
(ग) खाते म ा य रा शयां और वसल
ू यो य अ म
(i) काया वयन एज सयाँ
(ii) अ य एज सयाँ
(iii) कमचार
(iv) आपू तकता आ द

जोड़

स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________

कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________

संपक सं. सी.ए.जी. पन


ै ल सचीकरण
ू सं या और वष

79
ु ध-III
अनबं

ाि तय का घटक-वार ववरण

रा य जल और व छता मशन ________

यह मा णत कया जाता है क वष के लए एन.आर.डी.ड य.पी.


ू और/ या जे.जे.एम. के अत
ं गत ा त धन का घटक
वार ववरण न नानसार
ु है ।

आ द शष
े अनदान
ु बक से यय अत
ं शष

ा त याज
सामा य घटक (एफ.एच.
ट .सी. का कवरे ज)
एन.ड य.ू य.एस.एम.

जे.ई. – ए.ई.एस.

जोड़

स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________

कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________

संपक सं. सी.ए.जी. पन


ै ल सचीकरण
ू सं या और वष

संपक सं. ______________________

80
v.) लेखाओं के भाग के प म द गई ट प णयाँ

रा य जल और व छता मशन

आय और यय लेखे म यथा-संसू चत यु त न धय के लए वा त वक प रणाम: जल जीवन मशन (पवव


ू त
एन.आर.डी.ड य.पी.):

रा य ामीण पेयजल के घटक वा त वक प रणाम (स यापन यो य व प म)

एफ.एच.ट .सी. कवरे ज :

i. हडप प

ii. एकल ाम पाइपलाइन जल आपू त


योजनाएं

- धरातल ोत

- भजल
ू ोत

iii. बहु ाम पाइपलाइन जल आपू त योजनाएं

- धरातल ोत

- भजल
ू ोत

iv. अ य (डगवेल, सेनेटर वेल)

v. था य व संरचनाएँ और उनक ेणी आ द

vi. जे.ई. – ए.ई.एस.

vii. एन.ड य.ू य.एस.एम.


viii. अ य (य द कोई हो)

स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________

कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________

संपक सं. सी.ए.जी. पन


ै ल सचीकरण
ू सं या और वष

संपक सं.

81
ु ध-III
अनबं

vi.) लेखा पर क क ट प णयाँ

रा य जल और व छता मशन ________

अनदान
ु ा तकता संगठन का नाम:

लेखा पर क
. सं. मु े
क ट प णयाँ
ाि त और भगतान
ु लेखे का आ द शष े और
1.
अतं शषे रोकड़ बह से मेल खाता है ।
2. गत वष का अत
ं शष
े , अग
ं ीकत
ृ आ द शष
े से मेल खाता है ।
3. या अनदान
ु ा तकता या अ य काया वयन एज सय ने इस अव ध के दौरान, मौजदा ू
दशा नदश के उ लंघन म एक योजना से दसर
ू के य योजना म या रा य वारा व त-पो षत
योजना म न धय को डायवट/अतं :अत
ं रत कया है ? य द हाँ, तो त संबंधी यौरा या है ।
4. या वष के दौरान अनदान
ु ा तकता या अ य काया वयन एज सय वारा धन का
कोई गलत उपयोग/ असंगत यय कया गया है और धन क हे राफेर क गई है ? य द हाँ,
तो त संबंधी यौरा या है ।
5. योजना के लए बक खाते नधा रत सं या म ह ह
6. वष के दौरान कसी भी समय पर नकारा मक शष
े नह ं था।
7. या धनरा श जार करते समय मं ालय वारा सं वीकृ त आदे श म
कछ
ु शत को न द ट कया गया है , या वे शत परू क गई ह।

8. योजना क न ध केवल बचत खाते म ह रखी गई है ।

9. अिजत याज को योजना क न ध म जोड़ दया गया है ।


10. या याज क धनरा श का उपयोग केवल मौजदा
ू दशा नदश म यथा- नधा रत
काय म के योजन के लए ह कया गया है ।
11. काय म के दशा नदश के अनसार
ु वष के लए रा य का ह सा
वष के दौरान ा त हआ
ु है ।
12. सभी ाि तयां/ रफंड, योजना के बक खाते म सह ढं ग से
लेखां कत और े षत कए गए ह
13. योजना क न धय को रा य के ख़जाने म नह ं रखा जा रहा है ।
14. बक से मलान नय मत प से कया जा रहा है ।

15. पछले लेखा पर क का नाम और पता

स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)

परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________

कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________

संपक सं. सी.ए.जी. पन


ै ल सचीकरण
ू सं या और वष

संपक सं.

82
अनबं
ु ध-IV

अमा य खच क सांके तक सची


i) भू म, वाहन आ द क खर द

ii) सटे ज चाज

iii) भवन, कायालय भवन का नमाण/ नवीनीकरण/ मर मत, भवन का व तार, कॉ स हॉल, गे ट हाउस, आवासीय
भवन, आ द का नमाण/नवीनीकरण/ मर मत।

iv) न वदा ी मयम

v) जे.जे.एम. योजनाओं से रा य योजनाओं के लए फंड का डाइवजन

vi) योजनाओं क अनमा


ु नत/ अनमो
ु दत लागत से अ धक यय

vii) थायी कमचार को वेतन का भगतान


83
अनबं
ु ध-V

काया वयन सहायता एज सय (आई.एस.ए.)


के चयन के लए मानदं ड

एस.ड य.एस.एम.
ू वारा एक पारदश या के मा यम से ऐसी उपयु त काया वयन सहायता एज सय क
पहचान क जाएगी जो न न ल खत े म काम कर रह ह -

i)  पेयजल और सामदा
ु यक बंधन

ii)  जल गणव
ु ता

iii) वषा जल संचयन/ पनभर


ु ण, जल संसाधन बंधन

iv)  मता नमाण और जाग कता सजन


v)  लोक वा य इंजी नय रग

vi) जडर और जल

काया वयन सहायता एज सय के लए पा ता मानदं ड न न ल खत ह गे:

i) सोसाइट पंजीकरण अ ध नयम, 1860 के तहत पंजीकतृ संगठन या भारतीय ट अ ध नयम 1982 के
तहत पंजीकतृ सावज नक यास या कंपनी अ ध नयम क धारा 8 के तहत पंजीकत ृ नगम या िजल के
अं दर मौजद
ू अनभवी
ु वयं सहायता समहू (एस.एच.जी.) स हत 4 (क) के तहत आने वाले पंजीकत

संगठन, िज ह यनतमू 3 साल का अनभव
ु हो;

ii)  संगठन को एक गैर-लाभकार संगठन होना चा हए या ऐसा संगठन होना चा हए, जो अपने लाभ या अ य
आय, य द कोई हो, का उपयोग धमाथ उ े य को बढ़ावा दे ने म करता हो;

iii) उस यि त को पव ू त े म कम से कम 3 वष का काय अनभव,


ु गैर सरकार संगठन के अ य /
बोड/ या संगत ा धकार के प म हो, िजसका ताव इस पहल का नेत ृ व करने के लए कया गया हो;

iv) सामदा
ु यक मो बलाइजेशन म सहभागी ामीण मू यांकन (पी.आर.ए.) तकनीक और अ य संचार साधन
का उपयोग करने का अनभव;

v)  पछले तीन वष के व धवत संपर त और सह ढं ग से तय


ै ार कए गए लेखे और आयकर रटन तथा
का शत वा षक रपोट।

आई.एस.ए. क चयन या इस कार होगी:

ै ल म शा मल होने क इ छा रखते है , वे अपना पंजीकरण जे.जे.एम. पोटल पर कराएंगे और


i)  जो संगठन पन
एस.ड य.एस.एम.
ू वारा पोटल से आई.एस.ए. के चयन के लए एक पारदश चयन या अपनायी
जाएगी और उ ह उनके रा य के लए पन ै ल म सचीब
ू कया जाएगा;

ii) संबं धत े म अ छा ै क रकॉड रखने वाले संगठन पर ह वचार कया जा सकता है और समदाय-

आधा रत ामीण जल आपू त को सकर
ु बनाने क तकनीक वशष े ता रखने वाले आई.एस.ए. को
ाथ मकता द जाएगी।

काया वयन सहायता एज सय क पव-


ू आव यकताएं:

i) व तीय सहायता ा त करने के लए संगठन वारा अलग बक खाता खोला जाएगा।

ii)  ामीण पेयजल े म काम करना उनके 'मेमोरडम ऑफ एसो सएशन' म एक ग त व ध के प म


त बं बत होना चा हए।

iii) वभाग वारा अ धकत


ृ कसी अ धकार / अ य प एजसी वारा संगठन का नर ण कया जा सकता है ।

84
अनबं
ु ध-VI

कायशीलता मू यांकन

1. डी.डी.ड य.एस.,
ू भारत सरकार वारा एफ.एच.ट .सी. क कायशीलता का मू यांकन कया जाएगा।

2. परेू हो चक
ु े एस.वी.एस. और एम.वी.एस. के साथ-साथ उन प रवार के नमना
ू सेट का सव ण कया जाएगा, जो इन
योजनाओं के अत ं गत कवर कए गए ह।

3. एफ.एच.ट .सी. क कायशीलता का मू यांकन न न ल खत मानक पर कया जाएगा:

I) एफ.एच.ट .सी. के मा यम से जल आपू त क मा ा, गणव


ु ता और नय मतता:

परू तरह से कायशील आं शक प से कायशील नि य


मा ा > = 55 एल.पी.सी.डी. >40 एल.पी.सी.डी. <40 एल.पी.सी.डी.
<55 एल.पी.सी.डी.
गणव
ु ता पीने यो य पीने यो य पीने यो य नह ं
नय मतता * 12 मह ने या 9-12 मह ने <9 मह ने
दै नक आधार पर <दै नक आधार पर <दै नक आधार पर

i) या ाम पंचायत क उप-स म त का गठन कया गया है ? य द हा,ं तो या चालन और रख-रखाव क


िज मेदार उ ह सौपी गई है ?

ii) या जल शु क एक कया जा रहा है ? य द हा,ं तो इसके लए कौन-सा तं मौजद


ू है ?

iii) या बोरवेल रचाज संरचना उपल ध है ? ोत था य व के अ य कौन-कौन से उपाय कए गए ह?

iv) या अप श ट न ेप जलाशय या अ य संरचनाओं के मा यम से गंदले जल के बंधन के लए ावधान कया


गया है ?

v) या वषा जल संचयन के लए ावधान कया गया है ?

85
अनबध
ु ं -VII

के ायोिजत योजनाओं के अत
ं गत
ले सी-फंड के लए दशा- नदश

फाइल सं या. 55 (5)/ पीएफ-II/ 2011


व त म ांलय
यय वभाग
योजना व त- II भाग

नई द ल ,

दनांक - 6 सतंबर, 2016

कायालय ापन

वषय: के ायोिजत योजनाओं के अत


ं गत ले सी-फ़ंड के लए दशा- नदश

1.  उपयु त वषय पर कपया


ृ इस वभाग के दनांक 6 जनवर , 2014 के समसं यक कायालय ापन का संदभ हण कर। यह
व नधा रत कया गया था क के य मं ालय को अपने बजट का 10% ह सा, येक सी.एस.एस. के तहत एक ले सी-
फंड के प म उपल ध कराना चा हए, सवाय उन योजनाओं के जो कसी काननू से बनी ह या िजनम बजट य आबंटन का
परा
ू या काफ बड़ा अनपात
ु लचीले व तपोषण का हो।

2.  मु यमं य के उप-समहू क सफा रश और हतधारक के साथ वचार- वमश के आधार पर, नी त आयोग ने दनांक 17
अग त, 2016 के कायालय ापन सं या. ओ-11013/02/2015-सी.एस.एस. और सी.एम.सी. के मा यम से सी.एस.एस. के
यिु तकरण के लए नदश जार कए ह। उ त का. ा. के परैा 6 के अनसार,
ु येक सी.एस.एस. म उपल ध ले सी-फंड को
रा य के संबंध म, येक योजना के तहत सम वा षक आबंटन के 10% के वतमान तर से बढ़ाकर 25% और संघ
रा य े के लए 30% कर दया गया है ।

3.  ये नदश के य ायोिजत योजनाओं के लए लागू ह गे, सवाय उन योजनाओं के, जो कसी वधान से बनी ह (जस ै े
मनरे गा), या, ऐसी योजनाओं के, जहाँ बजट य आबंटन का परा
ू या काफ बड़ा अनपात
ु लचीला होता है (जस
ै े रा य कृ ष
वकास योजना, सीमा े वकास काय म, यामा साद मखज ु रबन मशन आ द)। इस वभाग के का. ा. सं या.
55(5)/ पीएफ-II/ 2011 दनांक: 6 जनवर , 2014 के ावधान को न नानसारु त था पत कया गया है :

उ े य

4.  के ायोिजत योजनाओं के अत
ं गत आने वाले ले सी-फंड घटक का उपयोग न न ल खत उ े य को ा त करने के लए
कया जा सकता है :

(i)  उप-शीष तर पर कसी नि चत योजना के सम उ े य के भीतर रा य को थानीय ज रत और आव यकताओं को


परा
ू करने के लए लचीलापन दान के लए;

(ii) उप-शीष तर पर कसी नि चत योजना के सम उ े य के भीतर कायद ता म सधार


ु हत
े ु ायो गक नवाचार करने के लए;

(iii)  ाकृ तक आपदाओं क ि थ त म उपशमन/ राहत ग त व धयाँ चलाने, या आत


ं रक सरु ा गड़बड़ी से भा वत े म
थानीय आव यकताओं को परा
ू करने के लए।

न ध आबंटन और अनमोदन

5.  रा य, य द चाह, तो के वारा ायोिजत कसी भी योजना का 25% ( कसी व तीय वष म कसी नि चत योजना के लए
के और रा य क ह सेदार स हत) ह सा, कसी भी ऐसी उप-योजना या घटक या नवाचार पर खच कए जाने वाले
ले सी फंड के प म नधा रत कर सकते ह, जो अनमो
ु दत योजना के सम उ े य और ल य के अनु प हो।

6.  रा य, जो ले सी-फंड सु वधा का लाभ उठाना चाहते ह, उ ह ले सी-फंड घटक के तहत प रयोजनाओं या ग त व धय को


मंजूर दे ने के लए आर.के.वी.वाई. क तज पर एक रा य तर य मंजूर स म त (एस.एल.एस.सी.) का गठन करना चा हए।
तथा प, कसी भी के य ायोिजत योजना के तहत ले सी-फंड सु वधा लागू करने से पहले संबं धत के य मं ालय क
भागीदार एस.एल.एस.सी. म अ नवाय होगी।

86
7.  यह बात नोट क जा सकती है क कसी भी के ायोिजत योजना क मु य वशष े ता नाम, सं ता र और लोगो होते ह,
िज ह ले सी फंड घटक के लए भी बरकरार रखा जाना चा हए। य द रा य वारा, इन मख ु वशष े ताओं म से कसी को भी
बदल दया जाता है , तो के य योगदान समा त हो जाएगा और ले सी फंड घटक, वशु प से एक रा य योजना का प
ले लेगा।

ले सी-फंड का उपयोग

8.  ले सी-फंड, मलू के ायोिजत योजना का ह सा बना रहे गा। इस न ध को योजना, उप-योजना और इसके घटक के
तर पर संचा लत कया जा सकता है , ले कन अ ेला काय म के तर पर नह ं; उदाहरण के लए, ले सी-फंड का उपयोग,
ाथ मक श ा योजना के तहत कोई अ भनव घटक सिजत ृ कए जाने स हत कसी भी उप-योजना या घटक पर कया जा
सकता है , ले कन उ च श ा या कसी अ य े म ाथ मक श ा न ध को थानांत रत करने के लए इ तम े ाल नह ं
कया जा सकता है । हालां क, प रणाम क द ता और भावशीलता म सधार ु लाने के लए एक अ ल ै ा काय म के तहत
भ न- भ न योजनाओं को आमे लत करने के लए ले सी-फ़ंड का उपयोग करने क अनम ु त होगी; उदाहरण के लए,
पोषाहार मशन का उपयोग आग ं नवाड़ी सेवाओं को, मात ृ व लाभ के साथ आमे लत करने के लए कया जा सकता है और
वा यचया नेटवक का उपयोग ाथ मक, मा य मक और ततीयक ृ तर म वा य दे खभाल सेवाओं को एक नरं तरता
दान करने के लए कया जा सकता है ।

9.  यह भी यान दया जाए क ले सी-फं स का उ े य रा य को थानीय ज रत को परा ू करने और के ायोिजत


योजनाओं वारा कवर कए गए े म नवाचार करने म स म बनाना है । रा य क अपनी योजनाओं और प रयोजना खच
क एवज म ले सी- न धय का उपयोग नह ं कया जाना चा हए। इसका उपयोग सरकार अ धका रय के लए कायालय /
आवास के नमाण/ मर मत, सामा य चार, कायालय के लए वाहन / फन चर क खर द, उपभो ता यरेू ब स/गैर-
यरेू ब स के वतरण, कमचा रय के लए ो साहन/ परु कार और अ य अनु पादक यय के लए भी नह ं कया जाना
चा हए।

नगरानी, मू यांकन और लेखा पर ा

ू एम.आई.एस. म मॉ यल
10. मौजदा ू जोड़कर, ले सी-फंड के उपयोग के लए वेब-आधा रत रपो टग को डज़ाइन कया जा
सकता है । सभी रा य म अ धक पारद शता और अ भगम सु नि चत करने के लए प रणाम (म यम अव ध) और आउटपट

(अ पाव ध) क जानकार को, च / छ वय और उ तम थाओं के साथ-साथ एम.आई.एस. का ह सा बनाया जाना चा हए।

11.  ले सी-फंड का मू यांकन मौजदा


ू मू यांकन तं के मा यम से कया जा सकता है , िजनम मं ालय , नी त आयोग या
वतं अ य प वारा तय मू यांकन तं भी शा मल ह। मू यांकन के लए नयम और शत इस तरह से डज़ाइन क जा
सकती ह क सम योजना के साथ-साथ ले सी-फ़ंड के प रणाम को अ भ नधा रत कया जा सके और मापा जा सके।

12.  येक सी.एस.एस. के अत ं गत आने वाले ले सी-फंड उ ह ं लेखापर ा अपे ाओं के अधीन ह गे, जो क मल ू के
ायोिजत योजना पर लागू होती ह, इनम नयं क महालेखा पर क वारा क जाने वाल लेखापर ा भी शा मल है ।

13. ये दशा- नदश, व त मं ी के अनमोदन


ु से जार कए गए ह और त काल भाव से लागू ह।

(अ णीश चावला)
संयु त स चव, भारत सरकार

1. स चव, सभी वभाग/ मं ालय, भारत सरकार।

2. मु य स चव, सभी रा य/ संघ रा य े ।

87
अनबध
ु ं -VIII

रा य वारा पनै ल म शा मल क जाने वाल


अ य प एज सय के चयन के लए ता वत
मानदं ड और वचाराथ वषय

अ य प नर ण एज सय के चयन के लए मानदं ड:

i)  फम/ एजसी/ सं था के पास जल आपू त और/ या स वल अवसंरचना से संबं धत प रयोजना काय के नर ण का यनतम

5 साल का अनभव
ु होना चा हए;

ii)  फम को कम से कम दो प रयोजनाओं क नगरानी कर चकने


ु का अनभव
ु होना चा हए;

iii)  फम/ एजसी के पास स वल/ मक


ै े नकल/ इलेि कल और पयावरण के े म बह-ु वषयी इंजी नयर मानव संसाधन होना
चा हए;

iv)  फम का यनतम
ू कारोबार 5 करोड़ पये होना चा हए।

अ य प नर ण एज सय के वचाराथ वषय:

1.) न न ल खत पहलओ ु ं को कवर करते हए


ु अत
ं : ाम अवसंरचना के तहत न पा दत स वल, मक
ै े नकल और इलेि कल
घटक से संबं धत सभी इंजी नय रग
ं काय का नर ण करने के लए -

क. न न ल खत क नमना
ू जाँच

i) नमाण के लए यु त साम ी क पर ण रपोट;

ii) काय थल पर नमाण के समय पर अपनाए गए गणव


ु ता नयं ण के उपाय;

iii) काय थल पर नमाण के समय पर अपनाए गए सरु ा उपाय;

iv) न पादन एजसी वारा उपल ध कराए गए मक का भगतान


ु ।

ख. भगतान
ु के लए जमा बल के अनसार
ु न पा दत काय क मा ा और गणव
ु ता

ग. न पा दत काय के लए भगतान
ु के बारे म सफा रश।

घ. ायल रन के दौरान अत
ं : ाम अवसंरचना का कायकरण

2.)  स वल, मकै े नकल और इलेि कल घटक से संबं धत सभी इंजी नय रग ं काय का नर ण करने के लए अ त: ाम
इं ा चर (इनटे क चर, टमट लांट, इं ा और इंटर डि ट डि यशन
ू नेटवक, बल
ै सग
ं / इंटरमी डएट जलाशय,
पि पंग और इलेि कल णाल आ द) को छोड़कर अ य न पा दत काय का नर ण करना, इस नर ण म
न न ल खत पहलओ ु ं को कवर कया जाएगा-

क. न न ल खत क नमना
ू जाँच

i) नमाण के लए यु त साम ी क पर ण रपोट;

ii) काय थल पर नमाण के समय पर अपनाए गए गणव


ु ता नयं ण के उपाय;

iii) काय थल पर नमाण के समय पर अपनाए गए सरु ा उपाय;

iv) न पादन एजसी वारा उपल ध कराए गए मक का भगतान


ु ।

ख. भगतान
ु के लए जमा बल के अनसार
ु न पा दत काय क मा ा और गणव
ु ता

ग. न पा दत काय के लए भगतान
ु के बारे म सफा रश।

घ. ायल रन के दौरान अत
ं : ाम अवसंरचना का कायकरण

3.)  अ य प वारा नर ण कराए जाने क ि ट से रा य सरकार/ संघ रा य े शासन वारा यथा- नधा रत कोई
अ य काय।

88
अनबध
ु ं -IX

बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं क तु त,
काया वयन और नगरानी संबंधी दशा नदश

सं. 8/1/2019-बी.पी.सी.एंड ट .
व त म ांलय
आ थक काय वभाग
(बी.पी.सी.एंड ट . अनभाग)

दनांक 25 नवंबर, 2019

वषय: बा य सहायता ा त प रयोजनाओं (ई.ए.पी. ) क तु त, काया वयन और नगरानी संबंधी दशा- नदश

1.  आ थक मामल का वभाग (आ थक काय वभाग) भारत और बहप ु ीय एज सय , वप ीय एज सय और अत ं ररा य


व तीय सं थान के बीच होने वाले सम त आदान- दान (ऋण, े डट, अनदान, ु तकनीक सहायता आ द) के लए
राजनी तक और शास नक के बदं ु के प म काय करता है । बा य व त क ाि त बहप
ु ीय वकास बक (एम.डी.बी.),
वप ीय एज सय , और अत ं ररा य व तीय सं थान (आई.एफ़.आई.) से ऋण/ े डट/सरकार वकास सहायता
(ओ.डी.ए.)/तकनीक सहायता (ट .ए.) के प म होती है । भारत सरकार के मं ालय / वभाग और रा य सरकार से ा त उन
प रयाजनाओं िजनम बा य व त सहायता क मांग क गई होती है , क जांच और मण का काय आ थक काय वभाग
वारा कया जाता है , और उसके बाद उ ह संबं धत एजसी/सं था के सम पेश कया जाता है ।

2.  आ थक काय वभाग ने समय-समय पर बा य सहायता के लए प रयोजना ताव से संबं धत दशा नदश जार कए ह
ता क इसक याओं को अ धक सरल बनाकर बा य व त पोषण को और अ धक भावी बनाया जा सके। इस वभाग के
कायालय ापन सं. 3/3/2004-पी.एम.य.ू दनांक 9 मई 2005, सं. 3/6/2017- बी.पी.सी. एंड ट ., दनांक 5 अ ल
ै , 2018
और सं. 3/9/2015 दनांक 17 मई 2018 का संदभ हण करने का अनरोध ु है । इन कायालय ापन के मा यम से बा य
सहायता प रयोजनाओं क तु त, काया वयन और नगरानी स ब धी दशा नदश जार कए गए थे। उपयु त
दशा नदश के अ ध मण म, इस संबंध म न न ल खत दशा नदश जार कए जाते ह:

3.  ारं भक प रयोजना रपोट (पी.पी.आर.) क तय ै ार और ततीकरण


ु - रा य से टर क प रयोजनाएँ: रा य से टर क
प रयोजनाओं के मामले म, रा य सरकार/ प रयोजना काया वयन ा धकरण (पी.आई.ए.) वारा, इस उ े य के लए
वक सत कये गए आ थक काय वभाग के वेब पोटल [http://eapdea.gov.in/ppr] के मा यम से एक ऑनलाइन
ारं भक प रयोजना रपोट (पी.पी.आर.) तत
ु क जाएगी। 1 जनवर 2019 से वेब पोटल काय कर रहा है और आ थक
काय वभाग वारा, केवल ऑनलाइन तत ु कए गए ताव पर ह वचार कया जाता है । तत ु पी.पी.आर. को रा य के
संबं धत नोडल अ धकार वारा ऑनलाइन स या पत/ एंडोस कया जायेगा। नोडल अ धकार उस ताव को भारत सरकार
के संबं धत मं ालय, और नी त आयोग क ववेचना हे तु (पोटल पर ह ) ऑनलाइन माक करे गा। य द ग त व धयाँ एक से
अ धक के य मं ालय के डोमेन से संबं धत ह, तो उन सभी मं ालय के लए ताव को माक कया जाना चा हए।
संबं धत के य मं ालय और नी त आयोग वारा इस ताव क जांच क जाएगी और वे अपने सझाव/ ु ट प णयां दगे और
साथ ह पोटल पर इस ताव के ा त होने के 30 दन के भीतर इन सझाव
ु / ट प णय को वेब पोटल पर अपलोड करगे
और संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं थान को माक करगे। य द नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती
है , तो यह माना जाएगा क संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं थान को कोई ट पणी नह ं करनी है ।

4.  उ तर पवू े म रा य से टर प रयोजनाएं: उ तर-पव ू (एन.ई.) रा य से ा त रा य से टर प रयोजनाओं के मामले म,


रा य सरकार/प रयोजना काया वयन ा धकरण (पी.आई.ए.) पव ू ि ल खत ढं ग से वेब पोटल के मा यम से ऑनलाइन
पी.पी.आर. दज कराएंगे। तत ु पी.पी.आर. को रा य के संबं धत नोडल अ धकार वारा ऑनलाइन स या पत/ एंडोस कया
जायेगा। नोडल अ धकार उस ताव को भारत सरकार के संबं धत मं ालय, और नी त आयोग क ववेचना हे तु (पोटल पर
ह ) ऑनलाइन माक करे गा। य द ता वत ग त व धयाँ एक से अ धक के य मं ालय के डोमेन से संबं धत ह, तो उन
सभी मं ालय के लए ताव को माक कया जाना चा हए। इसके अलावा, ताव को पव ू तर े वकास मं ालय
(एम.डी.ओ.एन.ई.आर.), गह ृ मं ालय (गह ृ मं ालय), और वदे श मं ालय (एम.ई.ए.) को भी माक कया जाना चा हए।
संबं धत के य मं ालय और नी त आयोग इस ताव क जांच करगे और अपने सझाव/ ु ट प णयां दगे और साथ ह
पोटल पर इस ताव के ा त होने के 45 दन के भीतर उसे वेब पोटल पर अपलोड करगे तथा संबं धत मं ालय/ वभाग/

89
ु ध-IX
अनबं

सं था को माक करगे। य द नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती है , तो यह माना जाएगा क
संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था को कोई ट पणी नह ं दे नी है । पव ू तर े के नोडल मं ालय के प म,
एम.डी.ओ.एन.ई.आर. क वयं क ट प णय के साथ-साथ नी त आयोग और संबं धत के य मं ालय क ट प णयां,
नधा रत समय के भीतर ा त करना सु नि चत करने क िज़ मेदार एम.डी.ओ.एन.ई.आर. क होगी।

5.  के य से टर प रयोजनाएं: के य से टर प रयोजनाओं के मामले म, के य मं ालय/ वभाग/ पी.आई.ए. वारा


पव ू ि ल खत ढं ग से वेब पोटल के मा यम से ऑनलाइन ारं भक प रयोजना रपोट (पी.पी.आर.) तत
ु क जाएगी। तत ु
पी.पी.आर. को मं ालय/ वभाग के नोडल अ धकार वारा ऑनलाइन स या पत/ एंडोस कया जायेगा। नोडल अ धकार उस
ताव को नी त आयोग क ववेचना हे तु ऑनलाइन माक करे गा। नी त आयोग क ट पणी/ सहम त, पोटल पर इस ताव
क ाि त के 30 दन के भीतर, ा त हो जानी चा हए। य द नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती
है , तो यह माना जाएगा क नी त आयोग को कोई ट पणी नह ं दे नी है ।

6.  वे ताव जो बा य व तीय सहायता ा त करने के लए दए गए ह, आम तौर पर रा य सरकार के साथ-साथ भारत


सरकार क वकासा मक ाथ मकताओं के साथ भी मेल खाने वाले होने चा हए। वकास सहयोग काय म/दे श भागीदार
े मवक/ बाहर बहप
ु ीय और वप ीय व त पोषण एज सय क दे श भागीदार कायनी त भी सरकार क ाथ मकताओं के
साथ मेल खाने वाल होनी चा हए । बा य व त पोषण हे तु ताव को संसा धत करते समय, प रयोजना के " व त लस"
त व पर वशष े यान दया जाता है य क बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं को केवल व तपोषण स ब धी
आव यकताओं के परकू के प म नह ं दे खा जाता है ।

7.  सं तु तय / ट प णय के साथ केवल ऑनलाइन मोड के मा यम से ा त पी.पी.आर. को ह आ थक काय वभाग क


नग ं कमेट के सम रखा जाएगा। जो प रयोजनाएं, बा य सहायता के ताव को तत ु करने के मानदं ड को परा
ू नह ं
करती ह, उ ह यथा-ि थ त, आ थक काय वभाग वारा या तो अ वीकत ृ कर दया जाएगा या वापस कर दया जायेगा।

8. संघ रा य े से ताव

(I)  वधा यका वाले संघ रा य े क वतं प रयोजनाएं :

(i)  वधा यका वाले संघ रा य े म प रयोजना के अनमोदन,


ु पंज
ू ी वाह और शासन क या, रा य सरकार वारा
बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं के संबंध म अपनाई जाने वाल या के ह समान होगी।

(ii)  संबं धत संघ रा य े शासन वारा पी.पी.आर. को अपने स म तर पर (य द आव यक हो तो अपने मं मंडल


वारा) व धपवक
ू अनमोु दत करके, पव ू ि ल खत ढं ग से वेब पोटल पर दज कराया जाएगा। ततु पी.पी.आर. को
रा य के नोडल अ धकार वारा ऑनलाइन स या पत/ एंडोस कया जायेगा। नोडल अ धकार उस ताव को भारत
सरकार के संबं धत मं ालय, और नी त आयोग क ववेचना हे तु (पोटल पर ह ) ऑनलाइन माक करे गा। य द ता वत
ग त व धयाँ एक से अ धक के य मं ालय के डोमेन से संबं धत ह, तो उन सभी मं ालय हे तु ताव को माक कया
जाना चा हए। ताव को सचनाू हे तु गह
ृ मं ालय को भी माक कया जाना चा हए। संबं धत के य मं ालय और नी त
आयोग इस ताव क जांच करगे और अपने सझाव/ ु ट प णयां दगे और साथ ह पोटल पर इस ताव के ा त होने
के 30 दन के भीतर उसे वेब पोटल पर अपलोड भी करगे तथा संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था को माक करगे। य द
नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती है , तो यह माना जाएगा क संबं धत मं ालय/ वभाग/
सं था को कोई ट पणी नह ं दे नी है ।

(iii)  आ थक काय वभाग म संबं धत बहप ु ीय/ वप ीय संभाग क सलाह पर आ थक काय वभाग का बजट वभाग,
यय बजट म संबं धत संघ रा य े के अनदान
ु क मांग म उ त बा य सहायता- ा त प रयोजना के लए आव यक
बजट आबंटन करे गा।

(iv)  वधा यका वाले संघ रा य े म इन प रयोजनाओं के लए व त वाह भी नरं तर होना चा हए। चँ ू क वधा यका वाले
संघ रा य े क अपनी अलग समे कत न ध होती है , इस लए के सरकार से बा य ऋण के मा यम से ा त कोष
एवं उसका पनभग
ु ु तान भी, स बं धत सं घ रा य े के अपने लोक ऋण के तहत दशाया जाना चा हए।

(v)  इस कार क प रयोजनाओं के न पादन क नगरानी क िज मेदार , संबं धत संघ रा य े शासन क होगी।
तथा प जब भी आव यकता होगी, गह
ृ मं ालय शास नक सम वय करे गा।

(ll)  ग़ैर वधा यका वाले संघ रा य े क वतं प रयोजनाएँ:

(i)  ग़ैर वधा यका वाले संघ रा य े के मामले म, ऐसे संघ रा य े वारा, पी.पी.आर. पव
ू ि ल खत ढं ग से वेब पोटल
पर दज कराए जाएंगे। इस कार से तत
ु पी.पी.आर. को गह
ृ मं ालय के संबं धत नोडल अ धकार वारा ऑनलाइन

90
स या पत/ एंडोस कया जाना होगा। नोडल अ धकार उस ताव को भारत सरकार के संबं धत मं ालय, और नी त
आयोग क ववेचना हे तु (पोटल पर ह ) ऑनलाइन माक करे गा। य द ता वत ग त व धयाँ एक से अ धक के य
मं ालय के डोमेन से संबं धत ह, तो उन सभी मं ालय हे तु ताव को माक कया जाना चा हए। संबं धत के य
मं ालय और नी त आयोग इस ताव क जांच करगे और अपने सझाव/
ु ट प णयां दगे और साथ ह पोटल पर इस
ताव के ा त होने के 30 दन के भीतर उसे वेब पोटल पर अपलोड करगे तथा संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था
को माक भी करगे। य द नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती है , तो यह माना जाएगा क
संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था को कोई ट पणी नह ं करनी है । वयं गह
ृ मं ालय क ट प णय के साथ-साथ नी त
आयोग और संबं धत के य मं ालय क ट प णयां नधा रत समय के भीतर ा त ह , इसे सु नि चत करना गह ृ
मं ालय क िज़ मेदार होगी।

(ii)  इसके बाद गह


ृ मं ालय, संगत मं ालय से ा त ववरण के आधार पर, " थायी व त स म त (एसएफसी)/ यय व त
स म त (ई.एफ.सी.)/ कै बनेट अनमोदन
ु स हत सभी आव यक शास नक वीकृ तयां ा त करे गा।

(iii)  आ थक काय वभाग का बजट डवीजन, आ थक काय वभाग के संबं धत भाग/ ऑ फस ऑफ़ कं ोलर ऑफ़ एड,
अकाउं स एंड ऑ डड (सी.ए.ए.ए.) क सलाह पर, संबं धत संघ रा य े क अनदान
ु मांग म ऐसी बा य सहायता-
ा त प रयोजनाओं के लए यय बजट म आव यक बजट य आबंटन करे गा।

(iv)  वधा यक र हत संघ रा य े के पास अलग समे कत न ध नह ं होती है । उनका राज व वाह, भारत के समे कत
कोष (सी.एफ.आई.) म से होता है और कायशील मु य लेखा-शीष के मा यम से उनके यय भी सी.एफ.आई. म से परेू
कये जाते ह। अतः वधा यका र हत संघ रा य े क बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं के मद म जटाई
ु गई न ध,
संघ सरकार के खात के मा यम से वा हत होगी और के सरकार के ऋण म गनी जाएगी।

(v)  ऐसी प रयोजनाओं के न पादन/ काया वयन क नगरानी संबं धत संगत मं ालय
वारा क जाएगी। तथा प, गह

मं ालय ऐसे ताव के सम सम वय और शास नक पयवे ण के लए िज मेदार होगा।

(III) बह-रा
ु यीय/ के य से टर के लए वधा यका स हत अथवा वधा यका र हत संघ रा य े म बा य सहायता-
ा त प रयोजनाएं

(i)  वधा यका वाले स बं धत संघ रा य े , सीधे संबं धत संगत मं ालय को अपनी आव यकताओं से अवगत कराएंगे
ृ मं ालय को सू चत करगे। वधा यका र हत संघ रा य े , संगत मं ालय को अपनी आव यकताओं का
एवं गह
ृ मं ालय के मा यम से दगे।
ताव, गह

(ii)  संबं धत संगत मं ालय, संघ रा य े के घटक के साथ, न न ल खत मौजदा


ू या के अनसार,
ु इस तरह क बहु
रा यीय/के य े प रयोजना को तय
ै ार और तत ु करगे तथा अनमोदन
ु ा त करगे ।

(iii)  ऐसी योजनाओं के संदभ म बजट ावधान, वधा यका र हत संघ रा य े के संबंध म कायशील लेखा-शीष के अधीन
संगत मं ालय/ वभाग क अनदान ु मांग म उपल ध कराया जाएगा और वधा यका वाले संघ रा य े के संबंध म,
मु य लेखा-शीष ' वधा यका वाले संघ रा य े के लए 3602-अनदान
ु सहायता' के तहत कया जायेगा।

9.  व तत ृ प रयोजना रपोट (डी.पी.आर.) ततु करना: आ थक काय वभाग क नगं कमेट वारा ताव के अनमोदन

के बाद, रा य सरकार / संघ शा सत े को शी तशी संगत मं ालय और व त पोषण एजसी के सम , स म ा धकार
वारा व धवत अनमो
ु दत व तत ृ प रयोजना रपोट (डी.पी.आर.) तत
ु करनी चा हए। के य े क प रयोजनाओं के
मामले म डी.पी.आर. संबं धत मं ालय/ वभाग वारा व तपोषण एजसी के सम ततु क जानी चा हए। व तत

प रयोजना रपोट म मापे जा सकने यो य व प म प रयोजना के डजाइन म तकनीक -आ थक (आ थक यवहायता,
सामािजक लागत-लाभ, मू य संवधन, आ द), पा रि थ तक य (भू म उपयोग, पा रतं ीय था य व आ द), सामािजक-
सां कृ तक (ल त जनसं या और लग ं मामले, भागीदार , सामािजक भाव, आ द) और सं थागत (सं थागत और
संगठना मक व लेषण, मता नमाण, श ण, आ द) आयाम के कायनी तक त व का समु चत उ लेख कया गया
होना चा हए।

यह तु त, सामा य संरचना के अनसार


ु होनी चा हए जस
ै ा क यय वभाग के कायालय ापन स.ं 1(2)-पीएफ-ll/03
दनांक 07.05.2003 म बताया गया है । काय योजना, लागत और समय सारणी के साथ मै स ा प म ल य/आउटपट, ु
नकद वाह ववरण आ द को इं गत करने वाल , उ े य-उ मख
ु प रयोजना डजाइन भी डी.पी.आर. का ह सा होनी चा हए।
मागदशन के लए उपयु त मै स क एक सांके तक परे खा संल न है (अनबं
ु ध)।

91
ु ध-IX
अनबं

10. समतु य व तपोषण और बजट ावधान: रा य सरकार /संबं धत के य मं ालय को यह सु नि चत करने क आव यकता
है क प रयोजना के लए आव यक समतु य न ध, जहां भी लागू हो, सु नि चत क जाए। उ ह यह भी सु नि चत करने क
आव यकता है क बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं के लए पया त बजट य ावधान कए गए ह । इस संबंध म आव यक
नदश अ शासक य प सं या 5/1/99-एफबी-II दनांक 12 मई, 1999 और सं. 12/24/94-ई.एफ.सी. (सम वय) दनांक
20 सतंबर 1994 के अत
ं गत जार कए गए ह ( तयां संल न)।

11. तकनीक सहायता ताव: तकनीक सहायता (ट .ए.) अनदान ु या तकनीक सहायता ऋण के ताव भी स बं धत
पी.आई.ए./रा य सरकार/के य मं ालय वारा, यथा-ि थ त, ऋण/ े डट (पी.पी.आर.) के लए नधा रत ा प म
ऑनलाइन पोटल के मा यम से ततु कए जाएंगे। उन ताव िजनम एम.डी.बी./ आई.एफ.आई./ वप ीय एज सय से
लेन-दे न सलाहकार सेवाएँ लेने क मांग क गई है , के संबंध म भी इसी प त का पालन कया जाना होगा।

12. अ य या मक आव यकताएँ: बा य सहायता- ा त प रयोजना को बा य व तपोषण एजसी का मू यांकन परा ू होते ह


और सौदे क वाता शु होने से पहले, यथा-ि थ त, ई.एफ.सी./ पि लक इ वे टमट बोड (पी.आई.बी.) का अनमोदन ु ा त
करने के लए ोसेस कर दया जाना चा हए। इस प रयोजना के लए स म ा धकार का अनमोदन ु ा त करना भी
आव यक होगा। संबं धत मं ालय / वभाग के व तीय सलाहकार, ई.एफ.सी./ पी.आई.बी. का अनमोदन ु ा त करने के लए
फ़ा ट ै क आधार पर समय रहते कारवाई शु कर सकते ह और वे, ई.एफ.सी./ पी.आई.बी. मेमो के प रचालन के चार स ताह
परेू होने के तरंु त बाद योजनाओ/ं प रयोजना के लए ई.एफ.सी./पी.आई.बी. का अनमोदन
ु ा त करने के लए समय रहते
कारवाई शु कर सकते ह। व तत ृ नदश, यय वभाग के प रप मां क 1 (1) पीएफ II/2011, दनांक 31 माच 2014 म
दे खे जा सकते ह।

13. य द ता वत प रयोजना को ‘सधार


ु काय म’ के तहत लागू कया जाना है अथवा 'संशो धत प-रे खा शत (उदाहरण के
लए यो ता शु क लागू करना/ ख़ म करना/कम करना, चालन एवं रख-रखाव लागत वसल ू करना, ो साहन
रा श/सि सडी पनवास
ु योजना आ द उपल ध कराना) म बदलाव करके सधार ु लाने' के अधीन कायाि वत कया जाना है
िजससे प रयोजना के काया वयन के लए अनकल ु ू वातावरण बनाया जा सके, तो प रयोजना को आ थक मामल के वभाग
म े षत कये जाने से पहले ये उपाय परेू कर लए जाने चा हए। ता वत प रयोजना के अत ं गत, प रयोजना काया वयन म
अ य संगठन (जस ै े एन.जी.ओ., विै छक संगठन / नाग रक समाज) क भू मका और जवाबदे ह का उ लेख कया जाना
चा हए। प रयोजना का था य व सु नि चत करने के लए, प रयोजना के पण ू होने पर प रयोजना क
संगठना मक/सं थागत संरचना ( वा म व) का भी उ लेख कया जाना चा हए।

14. बा य सहायता- ा त सभी प रयोजनाओं के लए, एक प रयोजना काया वयन ट म ग ठत क जानी चा हए, िजसे वीकत ृ
समय और लागत के भीतर प रयोजना के न पादन के लए परू तरह से जवाबदे ह लेनी होगी। ट म के पास कोई समवत
िज मेदार नह ं होनी चा हए और यह सु नि चत कया जाना चा हए क प रयोजना क समाि त तक यह सचा ु ढं ग से काय
करे गी। यह भी सु नि चत कया जाना चा हए क प रयोजना ट म को, प रयोजना के काया वयन से पहले समु चत श ण
दया जाए। ई.एफ.सी./ पी.आई.बी. मेमो म इस बात का प ट प से उ लेख होना चा हए। िजस प रयोजना म इस तरह क
प ट यव था नह ं होगी, उस प रयोजना पर वचार नह ं कया जाएगा।

15. बा य सहायता का ताव कसी के य मं ालय या रा य सरकार वारा सीधे वप ीय या बहप
ु ीय व त पोषण
एज सय को नह ं भेजा जाएगा। बा य सहायता के नयम और शत के बारे म, आ थक मामल के वभाग के मा यम से
चचा को छोड़कर बाहर व तपोषण एजसी से चचा नह ं क जानी चा हए। अतः, रा य सरकार / के य मं ालय से यह
अनरोध
ु है क एम.डी.बी./ आई.एफ.आई./ वप ीय एज सय से बा य व तीय सहायता/ तकनीक सहायता ा त करने के
लये उपयु त नधा रत या का पालन कर ।

16.  नगरानी और मू यांकन: प रयोजना ा धकार , प रयोजना के काय- न पादन और भाव दोन के संदभ म, यापक
मू यांकन को, प रयोजना क डज़ाइन म शा मल करके प रयोजनाओं क नगरानी म सधार ु ला सकते ह। प रयोजना के
मू यांकन चाहे वह समवत हो, म याव ध या प रयोजना-प चात ् हो, क यव था का उ लेख ता वत प रयोजना म कया
जाना चा हए। समवत मू यांकन के अतं गत प रयोजना च / काय म म मह वपण ू समझे जाने वाले कसी बद
ं ु पर गहनता
से यान केि त कया जाना चा हए।

यह समवत मू यांकन, कसी काय-चरण के अत ं म या जब कभी वशषे प रि थ तय क मांग हो अथवा प रयोजना क


समाि त पर कया जा सकता है । यह दे खने के लए क प रयोजना काय, लागत और उ े य के अनु प संचा लत कया जा
रहा है , मू यांकन का काम, वशष
े एज सय वारा भी कराया जा सकता है । प रयोजनाओं के समवत मू यांकन के संबंध
म बा य व त पोषण एज सय वारा अपनाई जाने वाल सव तम थाओं का पालन भी कया जा सकता है ।

92
17. प रयोजना अ धका रय से यह अपे ा क जाती है क वे प रयोजना के पण ू होने पर (अ) भौ तक- व तीय मापदं ड पर
प रयोजना क पणत ू ा रपोट और (ख) प रयोजना ल य- ाि त मापदं ड के बारे म मू यांकन रपोट तत ु कर। प रयोजना
के पणू होने के दो या तीन वष बाद, कसी चय नत प रयोजना का एक भाव आकलन अ ययन भी कया जा सकता है
िजससे प रयोजना के उ े य और ल त प रयोजना उ े य क तलना ु म प रयोजना के उ े य क ाि त और वा त वक
उपलि ध का पता लगाया जा सके। यह काय कसी ति ठत न प सं थान या संगठन वारा कया जाना चा हए। इस
तरह के द घका लक भाव मू यांकन से यह अपे ा क जाती है क इससे, प रयोजनाओं के भाव क नरं तरता क सहायता
से प रयोजनाओं क एक आदश सची ू न मत क जा सकेगी, िज ह ो सा हत कया और दोहराया जा सकता है । साथ ह , उन
प रयोजनाओं क नकारा मक भाव सची ू भी बनाई जा सकती है , जो अपने ल त उ े य क ाि त म असफ़ल रह ं, और
उनम सधारु कया जा सकता है । के य से टर क प रयोजनाओं क नगरानी और मू यांकन क िज मेदार संबं धत
के य से टोरल मं ालय/ वभाग के पास होगी। रा य/ संघ रा य े से टर क प रयोजनाओं के मामले म, संबं धत रा य/
संघ रा य े ह प रयोजनाओं क नगरानी और मू यांकन के लए िज मेदार ह गे।

(रजत कमार
ु म ा)
संयु त स चव, भारत सरकार

दरभाष:
ू 011 23094818

नोट,

1. सभी के य मं ालय / वभाग के स चव

2. सभी रा य सरकार के मु य स चव/ संघ रा य े के मु य स चव

3. सी.इ.ओ., नी त आयोग

4. आ थक काय वभाग म सभी े डट डवीजन के भाग मख


93
ु ध-IX
अनबं

बाहर सहायता ा त प रयोजनाओं के लए या

मै स क एक परे खा

कायनी त संकेतक स यापन के अनमान/


ु जो खम
ोत/ साधन
ल य
(सरकार क ाथ मकता/
काय म/ नी त से संब )
प रणाम / न कष
ल त आबाद को ा त होने वाल व तएं ु /
सेवाएं / साम ी/ अपे त बदलाव, जो वे
प रयोजना के ह त ेप के बना अपने
दम पर हा सल नह ं कर सकते

ग त व धयां इनपट
ु / लागत
( योगकता संसाधन , अथात ् मानव,
व तीय, उपकरण आ द वारा
कए जाने वाले काय)

94
यय वभाग
का. ा. सं या - 1 (2) - दनांक 7 मई, 2003

डी.पी.आर. क सामा य संरचना

(i) संदभ/ प ृ ठभू म: इस खंड म से टर/ उप-से टर, रा य ाथ मकता, कायनी त और नी तगत प-रे खा के एक सं त
ववरण के साथ-साथ मौजदा ू ि थ त का एक सं त ववरण दान कया जाना चा हए।

(ii)  हल क जाने वाल सम याएं: इस खंड म थानीय/ े ीय/ रा य तर पर, यथा-ि थ त, प रयोजना/ योजना के मा यम
से हल क जाने वाल सम याओं का व ततृ यौरा दया जाना चा हए। आधारभतू डटे ा/ सव ण / रपोट क सहायता से,
इन सम याओं क कृ त और प रमाण के बारे म सा य तत ु कए जाने चा हए। हल क जाने वाल सम याओं क कृ त
और प रमाण के बारे म प ट माण उपल ध होना चा हए।

(iii)  प रयोजना के उ े य: इस खंड म उन वकास उ े य का उ लेख कया जाना चा हए जो ा त कए जाने ता वत ह, और


यह ववरण, उन उ े य को, उनके मह व के म म रखकर दे ना चा हए। येक वकास उ े य के लए ा य प रणाम/
आउटपट
ु प ट प से बताए जाने चा हए। इस खंड म प रयोजना का सामा य ववरण भी दया जाना चा हए।

(iv) ल त लाभाथ : ल त लाभा थय क प ट पहचान द जानी चा हए। प रयोजना नमाण के समय हतधारक के साथ
कए जाने वाले परामश स हत हतधारक व लेषण कया जाना चा हए। प रयोजना म लागत सहभा गता और लाभाथ क
भागीदार के वक प तलाशे और शा मल कए जाने चा हए। समाज के अपे ाकत
ृ कमजोर वग पर प रयोजना के
सकारा मक या नकारा मक भाव का मू यांकन कया जाना चा हए औरतकल
ू भाव के मामले म उपचारा मक उपाय
सझाए
ु जाने चा हए।

(v)  प रयोजना क कायनी त: इस खंड म वकास उ े य को ा त करने के लए उपल ध वक


ै ि पक कायनी तय का व लेषण
तत
ु कया जाना चा हए। ता वत कायनी त के चयन के कारण को सामने लाया जाना चा हए। गैर-सरकार संगठन के
समावेश पर वचार कया जाना चा हए। अव थान को ाथ मकता दए जाने के आधार को इं गत कया जाना चा हए (जहां
ासं गक हो)। सावज नक- नजी भागीदार के मा यम से सरकार न ध का लाभ उठाने के वक प और अवसर को
ाथ मकता द जानी चा हए और इस वक प क तलाश गहनता से क जानी चा हए।

(vi)  काननी
ू प-रे खा: इस खंड म वह काननी
ू प-रे खा तत
ु क जानी चा हए िजसके भीतर प रयोजना को लागू कया जाएगा
और जहाँ तक प रयोजना के उ े य क उपलि ध पर भाव का न है , उस सीमा तक काननी ू प-रे खा क ताकत और
कमजोर के बारे म बताया जाना चा हए।

(vii)  पयावरणीय भाव आकलन: पयावरणीय भाव का, जहां भी आव यक हो, आकलन कया जाना चा हए, और तकलू
भाव को कम करने के उपाय , य द कोई ह , का अ भ नधाराण कया जाना चा हए। इस खंड म भू म अ ध हण, वन भू म
के डायवजन, पनवास
ु और पनु थापन से संबं धत मु पर भी चचा क जानी चा हए।

(viii) चल रह पहल: इस खंड म उन चालू पहल का ववरण दया जाना चा हए और उन तौर-तर क का ववरण भी दया जाना
चा हए, िज ह अपनाकर ता वत प रयोजना के मा यम से दोहराव से बचा जाएगा और तालमेल बनाया जाएगा।

(ix)  ौ यो गक मु े: इस खंड म ौ यो गक वक प , य द कोई ह , का ववरण, वक प का मू यांकन दे ने के साथ ह


ता वत प रयोजना के लए ौ यो गक के वक प चयन के आधार का यौरा होना चा हए।

(x)  बंधन यव था: प रयोजना बंधन और काया वयन के लए भ न- भ न एज सय क िज मेदा रय को प ट कया


जाना चा हए। व भ न तर पर संगठन क संरचना के साथ-साथ नगरानी और सम वय यव था के बारे म बताया जाना
चा हए।

(xi)  व त और प रयोजना बजट के साधन: इस खंड म व त के साधन , वक प के मू यांकन, प रयोजना बजट, अनमा
ु नत
लागत और यय क चरणब ता पर यान केि त कया जाना चा हए। लागत साझीदार और लागत वसल ू ( यो ता
शु क) के वक प पर वचार कया जाना चा हए और कल
ु प रयोजना लागत म इसका समावेशन कया जाना चा हए।

95
ु ध-IX
अनबं

बु नयाद ढांचे से संबं धत प रयोजनाओं का आकलन, ऋण व त क लागत और उसक अव ध के आधार पर कया जा


सकता है । नजी े क भागीदार के मा यम से धन जटानेु के वक प पर वचार कया जाना चा हए और प रयोजना
लागत म इसका समावेश कया जाना चा हए।

(xii) समय सीमा: इस खंड म प रयोजना ारं भन के लए ता वत 'आरं भ' त थ का संकेत दे ना चा हए और जहाँ भी ासं गक
हो, एक पी.ई.आर.ट ., सी.पी.एम. चाट दया जाना चा हए।

(xiii) जो खम व लेषण: इस खंड म प रयोजना जो खम क पहचान और मू यांकन पर और इन जो खम को कैसे कम कया


जाना ता वत है , इस बात पर यान केि त कया जाना चा हए। जो खम व लेषण म काननी/सं
ू वदा मक जो खम,
पयावरणीय जो खम, राज व जो खम, प रयोजना बंधन जो खम, नयामक जो खम आ द शा मल कए जा सकते ह।

ू म लागू समान प रयोजनाओं के मू यांकन से ल गई सीख पर यान केि त कया जाना


(xiv) मू यांकन: इस खंड म, पव
चा हए। प रयोजना के लए मू यांकन क यव था, चाहे समवत हो, म य अव ध हो या प रयोजना के बाद क हो, प ट
क जानी चा हए। यह नोट कया जाए क एक पंचवष य योजना अव ध से दसर ू पंचवष य योजना अव ध तक
प रयोजनाओ/ंयोजनाओं क नरं तरता, कसी वतं तथा गहन मू यांकन के बना वीकाय नह ं होगी।

(xv)  सफलता मानदं ड: यह नधा रत करने क वकास के उ े य हा सल कर लए गए ह या नह ं, सफलता के मापदं ड, मापे जाने
यो य व प म बताए जाने चा हए। बेस-लाइन डट
े ा उपल ध होना चा हए िजसक तलना
ु से प रयोजना क सफलता का
आकलन प रयोजना के अत
ं म कया जा सके ( भाव आकलन)। इस संबंध म, यह आव यक है क बड़ी, लाभाथ -उ मख ु
प रयोजनाओं के मामले म बेस-लाइन सव ण कए जाएं।

प रयोजना के येक ा य प रणाम/आउटपट ु के लए सफलता के मापदं ड को, नजद क ल य क तलना


ु म उपलि ध का
आकलन करने क ि ट से, मापे जा सकने यो य व प म भी व नधा रत कया जाना चा हए।

(xvi)  व तीय और आ थक व लेषण: प रयोजना का व तीय और आ थक व लेषण कया जाए, जहां व तीय रटन प रग णत
कए जा सकते ह । यह व लेषण आम तौर पर नवेश और बु नयाद ढांचा प रयोजनाओं के लए आव यक होगा, ले कन
सामािजक े क प रयोजनाओं के लए हमेशा संभव नह ं हो सकता है य क ऐसी प रयोजनाओं म लाभ को आसानी से
प रग णत नह ं कया जा सकता है ।

(xvii) था य व: इस खंड म था य व से संबं धत मु ,े िजनम प रयोजना के परा


ू होने के बाद हतधारक तब ता, प रसंपि तय
का चालन और रख-रखाव शा मल है , और अ य संबं धत मु को संबो धत कया जाना चा हए।

नोट: ई.एफ.सी./ पी.आई.बी. ा प क अपे ाओं को भी डी.पी.आर. तय


ै ार करते समय यान म रखा जाए।

96
अनब
ु ध-Xक

ाम काय योजना (वी.ए.पी.)

जल संबंधी उन सभी ग त व धय क पहचान करना जो ाम समदाय ु क 'जीवन सगमता'


ु को बेहतर बनाने म मदद करती ह।
( ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द वारा तय ै ार क जानी है
और डी.ड य.एस.एम.
ू को तत
ु कए जाने से पहले ाम सभा म अनमो
ु दत क जानी ह। आई.एस.ए. वारा मागद शन सहायता
दान क जानी है )

1. तय
ै ार क तार ख: ______________________________________________________________________
ाम सभा म अनमोदन
ु क तार ख : __________________________________________________________
डी.ड य.एस.एम.
ू को तत
ु कए जाने क तार ख : _______________________________________________
2. ाम का नाम: _________________________________________________________________________
ाम पंचायत का नाम: ___________________________________________________________________
लॉक का नाम: ________________________________________________________________________
िजला का नाम: ________________________________________________________________________
रा य का नाम: ________________________________________________________________________
ाम जनगणना कोड: ____________________________________________________________________

(य द लागू हो तो, बि तय क सं या और उनके नाम)

I. ाम पंचायत संक प

3. ाम समदाय
ु क आकां ा : ....... (सं या) मवेशी कंु ड को औऱ ...... (सं या) कपड़े धोने/ नान करने के थान को
जल आपू त करने स हत त दन नय मत आधार पर अथात ...... घ टे नधा रत गणव ु ता * वाले..... एल.पी.सी.डी.
जल क आपू त वष ...... तक ..... ामीण प रवार को उपल ध कराने के लए एफ.एच.ट .सी. दान करना

हम, ाम समदाय ु के लोग, अपनी अत


ं : ाम जल आपू त अवसंरचना के अपन व, बंधन, चालन और रख-रखाव क
िज मेदार लेते ह। हम अपने जल नकाय का स मान करगे और उनक र ा करगे और उ ह संद ू षत नह ं करगे। हम अपने
गंदले जल क यव था करगे और अपने मीठे पानी को बचाएंगे।

यह संक प लया जाता है क पंूजी लागत का ___%, चालन और रख-रखाव लागत के प रग णत ह से का भगतान
ु कया
जाएगा और जल आपू त णाल के बंधन म योगदान कया जाएगा।

* पानी क गणव
ु ता का माण प पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग वारा जार कया जाएगा।

II. ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात वी.ड य.एस.सी./


ू पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द का ववरण
4. कौन सी स म त गाँव म जल आपू त योजना क आयोजना, काया वयन, बंधन, चालन और रख-रखाव का नेत ृ व करे गी?
( ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त): ______________________________________________________
स म त को या कहा जाता है : _____________________________________________________________
अ य का नाम: ______________________________________________________________________
लग
ं : ______________________________________________________________________________
आय:ु ______________________________________________________________________________

सद य का नाम लग
ं आयु

97
अनब
ु ध-Xक

III. सामा य ववरण

6.
2011 क जनगणना के अनसार
ु : वतमान पंचायत/ आग
ं नवाड़ी रकॉड के अनसार:

जनसं या: _________________________________ वतमान जनसं या: _____________________________
प रवार क सं या: ___________________________ प रवार क सं या: ____________________________
म हलाओं क सं या: __________________________ म हलाओं क सं या: ___________________________
पु ष क सं या: _____________________________ पु ष क सं या: ______________________________
ब च क सं या: ____________________________ ब च क सं या: ______________________________
एफ.एच.ट .सी. क सं या: ______________________ एफ.एच.ट .सी. क सं या:_________________________

7. जनसं या अनमान:

म यवत चरण – वतमान से 15 वष (वतमान जनसं या म 18% व ृ ): ____ कलोल टर/ दन (के.एल.डी.) अं तम चरण
–वतमान से 30 वष (वतमान जनसं या म 32% व ृ ): ____ कलोल टर/ दन (के.एल.डी.)

8. वतमान मवेशी सं या (पशपालन


ु रकॉड): ________________

9. कृ ष फसल पट
ै न: _____________________

मख
ु फसल खर फ रबी
ग ना
धान
म का
कपास
गेहू ँ
अ य

10. औसत िजला वषा ( म.मी. म): __________________________________________________

11. थलाकृ त (समतल, ढलान, आ द): ______________________________________________

IV. ि थ त व लेषण

12. या संसाधन मान च ण कया गया है ? (हाँ /नह ं)


(' ाम काय योजना' के साथ मान च संल न कर)

13. या सामािजक मान च ण कया गया है ? (हाँ /नह ं)


(' ाम काय योजना' के साथ मान च संल न कर)

14. . सं. सावज नक सं था का नाम या एफ.एच.ट .सी. या वषा जल संचयन संरचना सो ता ग ढ क


उपल ध है ? (हाँ/नह ं) उपल ध है ? (हाँ/नह ं) उपल धता? (हाँ/नह ं)
1. कल

2. आग
ं नवाड़ी
3. वा य के
4. ाम पंचायत भवन
5. अ य

98
पानी क कल
ु दै नक आव यकता
15. पानी क वतमान आव यकता - जनसं याn X दर: ________ के.एल.डी.
मवे शय के लए पानी क वतमान आव यकता: __________ के.एल.डी.
मवेशी कंु ड क आव यक सं या:______
म यवत चरण के लए पानी क आव यकता - जनसं याn X दर:_____________के.एल.डी.
अं तम चरण के लए पानी क आव यकता - जनसं याएन X दर: ____________ के.एल.डी.

पानी क आपू त का इ तव ृ त

16. गाँव म पानी क आपू त/उपल धता का इ तव ृ त, सखा/अकाल/च


ू वात/बाढ़ या कसी अ य ाकृ तक आपदा का पट
ै न,
पानी क उपल धता क सामा य विृ त:

17. आपातकाल न यव था का कोई इ तव ृ त जस


ै े टं कय , रे ल गा ड़य आ द के मा यम से पानी क आपू त।

18. पानी क आपू त से संबं धत आं शक काय, ोत को मजबत


ू करने का इ तव ृ त

19. जल ज नत रोग का इ तव ृ त:

पानी क गणव
ु ता

20. फ ड पर ण कट / वायल का उपयोग करके समदाय


ु के साथ जल गणव
ु ता क चौकसी के लए अ भ नधा रत
तार ख: ________

21. सै न नर ण के लए अ भ नधा रत तार ख: _____________

22. जल आपू त योजना म इ तम े ाल कए जाने वाले मौजदा/


ू ता वत पेयजल ोत ( ोत ) के पानी क गणव
ु ता: ोत
का नाम (अवि थ त): ___________

मापदं ड तर का प रणाम
गंदगी य तलना

पीएच प ी रं ग तलना

पण
ू लवणता ट मे क व ध
पण
ू ार यता ट मे क व ध
लोराइड ट मे क व ध
अमो नया य रं ग तलना

फा फेट य रं ग तलना

अव श ट लोर न य रं ग तलना

आयरन य रं ग तलना

नाइ े ट य रं ग तलना

लोराइड य रं ग तलना

आस नक (हॉट पॉट म) य रं ग तलना

कपड़े धोने / नान करने का थान

23. यह संभावना है क गाँव के कछ


ु गर ब इलाक म कपड़े धोने के लए और/ या नल कने शन के लए पया त जगह न हो। ऐसे
अ भ नधा रत थान क सं या, िजनम कपड़े धोने/ नान करने के थान उपल ध कराए जाने ह: _________

अवि थ त का नाम घर क सं या आबाद

99
अनब
ु ध-Xक

ोत था य व

24. भ-जल
ू ोत के मामले म, या बोरवेल रचाज संरचना है ? (हाँ/नह ं)

25. गाँव म उन मौजदा


ू जल भंडार क सची
ू िजनका कायाक प/मर मत काय कया जाना आव यक है :

गंदले जल का बंधन

26. उ प न गंदला जल (जल आपू त का 65%): ___________ के.एल.डी.


अलग-अलग सो ता ग ढ वाले प रवार क सं या: _____
उन प रवार क सं या िज ह सो ता ग ढ क आव यकता है : _______
आव यक सामदा
ु यक सो ता ग ढ़ क सं या : _________
या अप श ट तलछट तालाब क आव यकता है ? (हाँ /नह ं): ________
य द हां, तो या इसके लए थान अ भ नधा रत कया गया है : ______ ________
य द नह ं, तो गंदला जल बंधन के कौन से अ य उपाय को अपनाया जाना चा हए? ________________

V. जल आपू त योजना

27. न न ल खत म से कस ेणी के तहत एफ.एच.ट .सी. दान कए जाएंगे:


Ÿ अं तम छोर तक पहँु च के लए पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के तहत शु क गई योजनाओं क रे ो फ टग

Ÿ पण
ू हो चकु े आर.ड य.एस.
ू क रे ो फ टग
ं ता क इसे जे.जे.एम. के अनकल
ु ू बनाया जा सके
Ÿ नधा रत गणव
ु ता वाले पया त भ-जल/ि
ू ंग वाटर/ थानीय या धरातल जल वाले गांव म एस.वी.एस.
Ÿ शोधन क आव यकता वाले क तु पया त भ-जल
ू वाले गांव म एस.वी.एस.
Ÿ वाटर ड/ े ीय जल आपू त योजनाओं वाले एम.वी.एस.
Ÿ मनी सौर ऊजा आधा रत पी.ड य.एस.
ू जो एका त/आ दवासी बि तय म ि थत ह

28. अ भ नधारत जल ोत: _________________________ तकनीक -आ थक और सामािजक-आ थक मू यांकन के


आधार पर ता वत जल आपू त योजना: ____________________________________________________
इस योजना के लए अ भ नधा रत भू म: ______________________________________________________
वह तार ख, िजस पर यह भू म पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस.
ू वभाग को स प द जाएगी: _____________________
योजना क लागत: ________________ भारत सरकार का ह सा: ____________ रा य का ह सा: ____________
समदाय
ु का ह सा: __________________________________________________ यि तगत घरे लू अश
ं दान:
________________ वा षक चालन व रख-रखाव शु क: _______________ यि तगत घरे लू मा सक जल शु क/
यो ता शु क: ________________________________________ कोई दरू थ बसावट हो तो, अ भ नधा रत
पी.ड य.एस.:
ू ___________________

VI. मेल-जोल

( न न ल खत ता लका म उन संभा वत योजनाओं का उ लेख कया गया है िजसके तहत ग त व ध/ न ध मेल-जोल


संभव है । ाम समदाय
ु वारा ाम क आव यकताओं के अनसार
ु अ भ नधा रत योजनाओं के ताव भेजे जाने ह।)

29. योजना का नाम संभा वत ग त व धयाँ जो ता वत


के /रा य
सरकार का वभाग शु क जा सकती ह नध
चौदहवां व त ाम पच
ं ायत -ेवाटर मन
ै ज
े मट,
आयोग न
े जे स टम आ द।
व छ भारत पय
े जल और व छता वभाग, -ेवाटर मन
ै ज
े मट –सो ता ग ढे
मशन - ामीण जल शि त मं ालय ( यि तगत / सामदा ु यक),
(एस.बी.एम.-जी) अप श ट तलछट तालाब आ द।
एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस. ामीण वकास मं ालय ाकृ तक सस
ं ाधन बधं न (एन.आर.एम.)
घटक के तहत सभी जल
सरं ण ग त व धयाँ

100
योजना का नाम के /रा य संभा वत ग त व धयाँ जो ता वत
सरकार का वभाग शु क जा सकती ह नध
एक कतृ वाटरशड
े भू म सस
ं ाधन वभाग वाटरशड
े बध ं न/ आर.ड य.एच./

बध
ं न काय म कृ म पनभर
ु ण, जल नकाय का
(आई.ड य.एम.पी.)
ू नमाण/ व ृ आ द।

जल भडं ार क मर मत, जल ससं ाधन, नद वकास बड़े जल भड


ं ार का
नवीनीकरण और और गग
ं ा सरं ण वभाग जीण ार
जीण ार
रा य कृ ष वकास योजना कृ ष, सहका रता और वाटरशड
े से सब
ं ं धत काय
(आर.के.वी.वाई.) कसान क याण
धानमं ी कृ ष कृ ष, सहका रता और जल क अ धक खपत वाल व भ न
सचाई योजना कसान क याण मं ालय फसल के लए सू म- सच ं ाई का
(पी.एम.के.एस.वाई.) ावधान, ए वीफस से जल क नकासी
को कम करने के लए
तपरक
ू वनीकरण पयावरण, वन और वनीकरण, वन पा रि थ तक
कोष बधं न और जलवायु प रवतन तं का पनजन
ु न, वॉटरशड

आयोजना ा धकरण मं ालय वकास, आ द।

धानमं ी कौशल कौशल वकास और आर.ड य.एस.


ू योजनाओं के लए
वकास योजना उ य मता मं ालय आव यक मानव ससं ाधन के लए
(पी.एम.के.एस.वाई.) कौशल वकास, श ण आ द
सम श ा मानव सस
ं ाधन कल
ू म पय
े जल
वकास मं ालय आपू त का ावधान

आकां ी िजला नी त आय़ोग िजला कले टर के पास उपल ध


काय म ववक
े ाधीन न धय के तहत
जल सरं ण ग त व धयाँ
िजला ख नज वकास रा य बड़े पम
ै ाने पर जल
न ध (डी.एम.ए.फ) सरं ण ग त व धयाँ
एम.पी.एल.ए.डी. सािं यक और काय म अत
ं : ाम अवसरंचना
काया वयन मं ालय
(एमओएसपीआई)

एम.एल.ए.एल.ए.डी. रा य अत
ं : ाम अवसरंचना

सं वधान के अनु छे द 275 (1) जनजातीय मामल अत


ं : ाम अवसरंचना
के तहत अनदान/जनजातीय
ु का मं ालय और
उप योजना (ट .एस.एस.) रा य

दानदाता/ ायोजक

101
अनब
ु ध-Xक

अ य का ह ता र: _________

पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.


ू वभाग के अ धकार का नाम और ह ता र : _______________

आई.एस.ए. त न ध का नाम और ह ता र (य द लागू हो): _______________

संपक ववरण
ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह,
ू आ द का अ य :
पंचायत स चव का नाम और फोन नंबर:
जमीनी तकनी शयन का नाम और फोन नंबर:
पानी क गणव
ु ता क चौकसी सु नि चत करने के लए पांच म हलाओं के नाम और फोन नंबर:

1.

2.

3.

4.

5.

पंप ऑपरे टर का नाम और फोन नंबर:

102
अनब
ु ध-Xख

िजला काय योजना (डी.ए.पी.)

िजला जल और व छता मशन, 'िजला काय योजना' क तय ै ार करने और उसे अं तम प दे ने के लए िज मेदार है । यह योजना
िजले म तयै ार सभी ाम काय योजनाओं को मलाकर तय ै ार क जाएगी। वष 2024 तक एफ.एच.ट .सी. का ल य ा त करने के
लए रोड-मप ै दे ने के अलावा, इस योजना म िजले क द घका लक पेय जल सरु ा योजना भी शा मल होगी। इसके लए, इस काय
योजना के अत ं गत धरातल और भ-जल ू क मा ा के आधार पर, रा य के बाहर से लंबी दरू के जल अत ं रण से उपल ध होने वाले
पानी के आधार पर एक िजला वा षक जल बजट तय ै ार कया जाएगा, और घरे लू, कृ ष, औ यो गक, आ द उपयोग का आकलन
कया जाएगा। इसम उन जल संर ण ग त व धय का ववरण भी होगा जो क जल भंडार के कायाक प और पन ु थापन वारा
धरातल ोत क मता बढ़ाकर और भ-जल ू ए वीफस को र चाज करके पेयजल सरु ा सु नि चत करने क ि ट से शु क
जानी ह गी।

इस योजना म सभी हतधारक को श त करके, िजला तर पर कायशालाओ/ं संगोि ठय / रा य तर पर संगोि ठय का


आयोजन करके, अ य िजल के साथ आदान- दान या ाओं आ द के मा यम से सभी हतधारक के मता संवधन पर भी यान
केि त कया जाएगा। आयोजना क तय
ै ार के लए एक ा प का सझाव
ु नीचे दया गया है ।

. सं. घटक का नाम ट प णयाँ


I सामा य

i) िजले का नाम

ii) िजले के कले टर/डी.एम./िजला पंचायत के सी.ई.ओ. और ामीण जल आपू त के भार इंजी नयर
के मोबाइल नंबर और ईमेल आई.डी. स हत संपक का पण ू ववरण। य द ामीण जल आपू त म
एका धक वभाग शा मल ह, तो इन वभाग से िजला तर के सभी अ धका रय का संपक ववरण
दान कर।

iii) वकास खंड क सं या

iv) ाम पंचायत क सं या

v) जनगणना को डत राज व गांव क सं या

vi) गांव म घर क कल
ु सं या
vii) जल जीवन मशन के तहत शा मल कए जाने वाले गांव क सं या

viii) पहले से ह एफ.एच.ट .सी. वाले घर क सं या

ix) माच 2024 तक दान करने हे तु अपे त एफ.एच.ट .सी. क सं या

II िजला जल सरु ा

क. या िजला जल बजट तय
ै ार कया गया है ?

ख. जल बजट के आधार पर या परेू वष के लए पेयजल सरु ा सु नि चत करने के लए पानी क


उपल धता पया त है ?

ग. जल सरु ा ा त करने के लए कए जाने वाले संर ण के यास - भजल


ू पनभर
ु ण, वषा जल संचयन,
िजल म जल नकाय क बहाल / कायाक प, भजल ू बंधन आ द के मा यम से धरातल जल ोत
क मता व ृ ।

घ. जल संर ण और उसके लए न ध के अ भ नधारण क ता वत काय योजना ।

ड. अ भ नधा रत धन ोत के साथ कए जाने वाले काय का वषवार ववरण।

103
अनब
ु ध-Xख

. सं. घटक का नाम ट प णयाँ


III एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए म
ै ा सक और वा षक काय योजना एक कतृ
' ाम काय
एफ.एच.ट .सी. का ावधान (सं या म) योजनाओ'ं के
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल
ु अनसार

20 21 22 23 24
पहल तमाह

दसर
ू तमाह
तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़

IV एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए म


ै ा सक और वा षक व तीय काय योजना एक कतृ
' ाम काय
ामीण े म एफ.एच.ट .सी. का ावधान (करोड़ पए म) योजनाओ'ं
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल
ु के अनसार

20 21 22 23 24
पहल तमाह

दसर
ू तमाह
तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़
इसम, मेल-जोल के मा यम से गंदले जल के बंधन और ोत था य व
के लए व त पोषण क आव यकता भी शा मल होगी।

V जल जीवन मशन के काया वयन के लए आव यक भू म


क. जे.जे.एम. के तहत आव यक कल
ु भू म क सीमा - हे टे यर म
ख. जे.जे.एम. के तहत उपयोग के लए उपल ध कल
ु सरकार / पंचायती भू म- हे टे यर म
ग. अ ध ह त क जाने वाल कल
ु भू म (जनवर -माच 2019 तमाह से ारं भ म
ै ा सक योजना
का ववरण द)
घ. उन योजनाओं क सं या िजनके नमाण के लए नबाध भू म उपल ध है ।
ड. उन योजनाओं क सं या जहां नमाण काय के लए स पे जाने हे तु भू म उपल ध है ।

VI अपे त मानव संसाधन


1. व भ न तर पर जे.जे.एम. को लागू करने के लए और 2023-24 तक भरे जाने के लए अपे त
वभागीय अ धका रय के पद क कलु सं या। सभी पद के लए वीकत,
ृ भरे हए
ु और र त पद का
ववरण द।
2. डी.पी.एम.य.ू के लए अपे त बह-ु वषयी अनभव
ु वाले यि तय क सं या
3. िजला तर पर सरपंच /वी.ड य.एस.सी.
ू सद य /गैर-सरकार संगठन /एस.एच.जी. क मता
नमाण- कपया
ृ अनमा
ु नत सं या, आव यक न ध, इसके ोत, वष-वार ता वत श ण आ द
का अ भ नधारण कर।
4. ऊपर 1 और 2 के लए आव यक मता नमाण श ण काय म क सं या। वा षक योजना का
ववरण द। ( श ण योजना)
5. कायशाला/संगो ठ / वचार-गो ठ / या ा व नमय काय म आयोिजत करने क वषवार आयोजना।

104
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
VII गाँव के जल ोत और शु कए जाने वाले अपे त काय $ का अ भ नधारण। ' ाम काय
योजना' के
. सं. ोत का कार कवर कए जाने दान कए जाने आधार पर
वाले गाव
ं क वाले एफ.एच.ट .सी. तयै ार कया
सं या क सं या
जाना है। घर
क. रे ो फटे ड पी.ड य.एस.
ू योजनाएं - मौजदा
ू कायशील के भीतर
योजनाएं िजनम टड पो ट और/ या आं शक एफ.एच.ट .सी. यनतम

सव े ा तर 55
शा मल ह और इसम नवीकरण क आव यकता वाल
एल.पी.सी.डी.
योजनाएं शा मल ह ।
है।
1 ोत पया त है । रे ो फ टग
ं क आव यकता है ।
क. भजल
ू आधा रत योजनाओं क सं या
ख. धरातल जल आधा रत योजनाओं क सं या
ग. े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर के धरातल जल ोत क सं या -मौजदा

योजनाएं

2 न न ल खत पर आधा रत बढ़ोतर और रे ो फ टग

क. थानीय भजल
ू ोत क सं या
ख. धरातल जल ोत क सं या
ग. े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर के धरातल जल ोत क सं या

3 अ य कार क योजनाएँ

उप-जोड़ जोड़ क

ख. नई योजनाएँ
4 े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर के धरातल जल ोत क सं या ।" (सं या)
5 भ-जल
ू आधा रत योजनाओं क सं या*

6 थानीय धरातल जल आधा रत योजनाओं क सं या*

7 धरातल जल, भजल


ू और बा रश के पानी के मल-जले

उपयाग के आधार पर बनी योजनाएं
8 सामदा
ु यक जल शोधन संयं का उपयोग करके और
55 एल.पी.सी.डी. दान करने वाल व- थाने जलशोधन
वाल भजल
ू आधा रत योजनाएं ।
9 5-8 एल.पी.सी.डी. क मता वाल मौजदा
ू सी.ड य.पी.पी.

योजनाएं िजन म एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए नई
योजनाओं क आव यकता है ।
10 छट-पट/पहाड़ी/गम
ु और ठं डे रे ग तानी/गांव से परे दरू यहां एफ.एच.ट .सी.
दराज के े म ि थत घर , जहाँ एफ.एच.ट .सी. दान के बजाय
करना खच ला है और उसके लए थानीय समाधान/ टडपो ट और
तकनीक ह त ेप क आव यकता है , के कवर कए जाने
लए योजनाओं क आव यकता वाले घर क
सं या द ।

105
अनब
ु ध-Xख

. सं. घटक का नाम ट प णयाँ


11 अ य कार क योजनाएं ( न द ट कर)
* इन योजनाओं म मौजदा
ू हड पंप आधा रत जल आपू त
योजनाओं को भी शा मल कया जाएगा।
उप-जोड़ ख

सकल जोड़ (क + ख)

$ कपया
ृ उन िजल म मौजदा ू प रसपं ि तय क एक सची
ू दान कर िजनका उपयोग ज.ेज.ेएम. के तहत कया
जा सकता है। यह उ लख े करना उ चत होगा क केवल अपने इ टतम उपयोग के लए मौजदा ू प रसपं ि तय
क वतमान ि थ त का आकलन करने के बाद, नई प रसप ं ि तय को नमाण के लए ता वत कया
जाना/ लया जाना चा हए।

VIII काया वयन सहायता एज सय (आई.एस.ए.) क आव यकता


क. िजले म ऐसे गाव
ँ क सं या िज ह आई.एस.ए. क आव यकता है
ख. िजले के ऐसे गाव
ँ क सं या िजनके पास सु ढ़ वी.ड य.एस.सी.
ू ह और उ ह आई.एस.ए. क
आव यकता नह ं है
ग. एकल आई.एस.ए. वारा कवर कए गए गाव
ं क सं या
घ. आई.एस.ए.क तमाह -वार ता वत तन
ै ाती का ववरण

ामीण े म काया वयन सहायता एज सय क तन


ै ाती
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल

20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह

तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़

IX आई.ई.सी. ग त व धयाँ
क. िजला म आई.ई.सी. ग त व धयां संचा लत करने के लए आव यक एज सय क सं या
ख. गांव म आई.ई.सी. ग त व धय के लए एज सय क ता वत तन
ै ाती का ववरण।

ामीण े म काया वयन सहायता एज सय क तन


ै ाती
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- Total
20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह

तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़

ग. रे डयो िजंग स, नु कड़ नाटक , वॉल प टग


ं , पै फलेट आ द के मा यम से आई.ई.सी. क कायनी त के
बारे म बताएं।

106
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
X जल गणव ता योगशालाएं

क. िजले म जल गणव
ु ता योगशालाओं क सं या ।

ख. एन.ए.बी.एल. माणन के लए ता वत योगशालाओं क वष-वार सं या।

ग. सभी ोत के लए जल गणव ु ता पर ण कस कार कराए जाने क योजना है । कपया ृ उ लेख कर


क मौजदा
ू कॉलेज (इंजी नय रग
ं / व ान) को शा मल करने और पी.पी.पी. मॉडल पर जल गणव
ु ता
पर ण क संभावना का पता लगाने क योजना या है । इसके लए इन दोन को रा य तर के तं के
आधार पर कस कार से अपनाया जाना है ।

घ. ड य.ू य.एम.एस.
ू के लए िजला तर क आयोजना।

XI सभी योजनाओं के लए िजला तर पर चालन और रख-रखाव (ओ.एंड एम.)


क. ामीण जल आपू त के लए कल
ु चालन व रख-रखाव लागत
i. ऊजा क लागत
ii. नवारक रख रखाव लागत
iii. ेक डाउन रख रखाव लागत
iv. चालन व रख रखाव टाफ के लए भगतान

v. जल गणव
ु ता पर ण
vi. अ य चालन व रख रखाव शु क
जोड़
ख. अपनाया जाने वाला ता वत जल शु क
ग. सं हण के लए ता वत जल शु क या चालन और रख रखाव भार को कवर करने के लए
पया त है ?
घ. य द उपयु त का उ तर 'नह 'ं म है , तो इसे कैसे परा
ू कया जाना ता वत है ?
ङ. मौजदा
ू चालन व रख-रखाव फंड का त वष आबंटन - लाख पए म

XII अपनाए जाने के लए ता वत शकायत नवारण तं का ववरण


(यह तं , इस संबंध म बनाई गई रा य नी त के अनु प होना चा हए)

107
अनब
ु ध-Xग

रा य काय योजना

रा य जल और व छता मशन, एस.ए.पी. को तय


ै ार करने और उसे अं तम प दे ने के लए िज मेदार होगा; रा य काय योजना को
एन.जे.जे.एम. वारा अनमो
ु दत कया जाएगा। यह आयोजना रा य म तय
ै ार सभी िजला काय योजनाओं के एक करण पर आधा रत
होगी। वष 2024 के भीतर एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के लए रोड-मप
ै दे ने के अलावा, इस आयोजना म रा य क द घका लक पेय
जल सरु ा योजना भी शा मल होगी। इसके लए, रा य काय योजना म धरातल जल और भजल
ू क मा ा, रा य के बाहर से लंबी दरू के
जल अतं रण से उपल ध होने वाले पानी (जसै े त मलनाडु के लए कृ णा, राज थान म इं दरा गांधी नहर), रा य के भीतर े ीय जल
अत
ं रण क आयोजना, छट-पट/ ु पहाड़ी/ दगम
ु इलाक आ द के लए अ भनव/ ौ यो गक य ह त ेप आ द के आधार पर रा य वा षक
जल बजट तयै ार कया जाएगा, जो और घरे लू, कृ ष, औ यो गक, आ द जल उपयोग का आकलन कया जाएगा । इस बजट म उन जल
संर ण ग त व धय का ववरण भी होगा, जो जल भंडार के कायाक प और पन ु थापन वारा धरातल जल ोत क मता बढ़ाने और
भजल
ू ए वीफस का पनभ
ु रण करके पेयजल सरु ा सु नि चत करने क ि ट से शु क जाएंगी।

इस आयोजना म सभी हतधारक को श त करके, रा य तर पर कायशालाओ/ं संगोि ठय / वचार-संगोि ठय का आयोजन करके,


अ य रा य के साथ आदान- दान या ाओं आ द के मा यम से सभी हतधारक के मता संवधन पर भी यान केि त कया जाएगा।
आयोजना तय
ै ार करने के लए एक ा प का सझाव
ु नीचे दया गया है ।

. सं. घटक का नाम ट प णयाँ


I सामा य
i) रा य का नाम
ii) धान स चव/एस.ड य.एस.एम.
ू के मखु अ धकार / ामीण जल आपू त इंजी नयर-इन-चीफ/ चीफ
इंजी नयर का पण
ू संपक ववरण - मोबाइल नंबर और ई-मेल आई.डी. स हत। य द ामीण जल
आपू त म एका धक वभाग शा मल ह, तो इन वभाग के, रा य तर के सभी अ धका रय का संपक
ववरण दान कर।
iii) िजल क सं या
iv) वकास खंड क सं या
v) ाम पंचायत क सं या
vi) जनगणना को डत राज व गांव क सं या
vii) गांव म घर क कल
ु सं या
viii) जल जीवन मशन के तहत शा मल कए जाने वाले गांव क सं या
ix) पहले से ह एफ.एच.ट .सी. वाले घर क सं या
x) माच 2024 तक कतने एफ.एच.ट .सी. दान कए जाने अपे तह

II रा य जल सरु ा
क. या रा य जल बजट तय
ै ार कर लया गया है ?
ख. जल बजट के आधार पर, या परेू वष के लए पेयजल सरु ा सु नि चत करने हे तु जल क उपल धता
पया त है ?
ग. जल सरु ा ा त करने के लए कए जाने वाले संर ण के यास - भजल
ू पनभर
ु ण, वषा जल संचयन,
िजल म जल भंडार क बहाल /कायाक प, गंदले जल के बंधन आ द के मा यम से धरातल जल
ोत मता संवधन।
घ. जल संर ण और उसके लए न ध अ भ नधारण हे तु ता वत काय योजना ।
ड. अ भ नधा रत व त-पोषण ोत के साथ-साथ कए जाने वाले काय का वष-वार ववरण।

108
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
III एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए म
ै ा सक और वा षक काय योजना एक कतृ
'िजला काय
एफ.एच.ट .सी. का ावधान (सं या) योजनाओ'ं
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल
ु के अनसार

20 21 22 23 24
पहल तमाह

दसर
ू तमाह
तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़

IV एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए म


ै ा सक और वा षक व तीय काय योजना एक कतृ
'िजला काय
ामीण े म एफ.एच.ट .सी.का ावधान (करोड़ पए म) योजनाओ'ं
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल
ु के अनसार

20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह

तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़
व त पोषण क आव यकता के अत
ं गत, मेल-जोल के मा यम से गंदले
जल के बंधन और ोत था य व काय भी शा मल ह गे।
IV जल जीवन मशन के काया वयन के लए अपे त भू म
क. जे.जे.एम. के तहत अपे त कल
ु भू म सीमा - हे टे यर म
ख. जे.जे.एम. के तहत उपयोग के लए उपल ध कल
ु सरकार / पंचायती भू म - हे टे यर म
ग. अ ध ह त क जाने वाल कल
ु भू म (जनवर -माच 2019 तमाह से लेकर आगे क म
ै ा सक
योजना द जाए)
घ. उन योजनाओं क सं या िजनके नमाण के लए नबाध भू म उपल ध है ।

ङ. उन योजनाओं क सं या जहां नमाण काय हे तु स पे जाने के लए भू म तय


ै ार है ।

V अपे त मानव संसाधन


1. जे.जे.एम. को लागू करने के लए व भ न तर पर और वष 2023-24 तक वभागीय अ धका रय के
कल
ु अपे त पद क सं या। सभी पद के लए सं वीकत ृ , भरे हए
ु और र त पद का ववरण द।
2. एस.पी.एम.य.ू के लए अपे त बह-ु वषयी अनभव
ु वाले यि तय क सं या
3. रा य तर पर सरपंच /वी.डय.एस.सी.
ू सद य /गैर-सरकार संगठन /एस.एच.जी. का मता
संवधन- अनमा
ु नत सं या, अपे त न ध, इसके ोत, वष-वार ता वत श ण आ द का
अ भ नधारण।
4. ऊपर 1 से 3 के लए अपे त मता संवधन श ण काय म क सं या। वा षक योजना ( श ण
योजना) का ववरण द।
5. रा य तर पर कायशाला/ संगो ठ / वचार-गो ठ / व नमय या ा काय म आयोिजत करने क वष-
वार आयोजना।

109
अनब
ु ध-Xग

. सं. घटक का नाम ट प णयाँ


VII गाँव म मौजद
ू जल ोत का अ भ नधारण और शु कए जाने वाले अपे त काय$ 'िजला काय
योजना' के
. सं. ोत का कार कवर कए जाने दान कए जाने आधार पर
वाले गाव
ं क वाले एफ.एच.ट .सी. तयै ार कया
सं या क सं या
जाना है। घर
के भीतर
क. रे ो फटे ड पी.ड य.एस.
ू योजनाएं - टड पो ट क
यनतम

सु वधा वाल मौजदा ू कायशील योजनाएं और/या आं शक
सव े ा तर 55
एफ.एच.ट .सी.; इसम नवीकरण क आव यकता वाल
एल.पी.सी.डी.
योजनाएं भी शा मल ह । है।

1 ोत पया त है । रे ो फ टग
ं क आव यकता है ।

क. भजल
ू आधा रत योजना

ख. धरातल जल आधा रत योजना

ग. े ीय योजना/ थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर से धरातल जल - मौजदा
ू योजनाएं

2 न न ल खत पर आधा रत बढ़ोतर और रे ो फ टग

क. थानीय भजल
ू ोत
ख. धरातल जल ोत
ग. े ीय योजना/थोक जल अत
ं रण के ह से के प म गाँव
के बाहर से धरातल जल
3 अ य कार क योजनाएँ

उप-जोड़ जोड़ क

ख. नई योजनाएँ
4 े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के भाग के प म
गाँव के बाहर से धरातल जल*
5 भ-जल
ू आधा रत योजना*

6 थानीय धरातल जल आधा रत योजना*

7 धरातल , जमीनी और वषा जल के मल-जले



योग पर आधा रत योजनाएं
8 सामदा
ु यक जल शोधन संयं का उपयोग
करके और 55 एल.पी.सी.डी. दान करके
व- थाने जल शोधन वाल भजलू आधा रत योजनाएं
9 5-8 एल.पी.सी.डी. मता वाल मौजदा ू
सी.ड य.पी.पी.
ू योजनाएं िजनके अत
ं गत
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए
नई योजनाओं क आव यकता है ।
10 गांव से दरू छट-पट/
ु पहाड़ी/ गम और ठं डे रे ग तानी/ एफ.एच.ट .सी. के
दरू दराज के े म ि थत घर के लए योजनाएँ, बजाय टडपो ट
जहाँ एफ.एच.ट .सी. दान करना खच ला है और उसके क सं या और
लए थानीय समाधान/ ौ यो गक कवर कए जाने
ह त ेप क आव यकता है । वाले घर क
सं या का
ववरण द ।

110
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
11 अ य कार क योजनाएं ( न द ट कर)

*इन योजनाओं म मौजदा


ू हड पंप आधा रत जल आपू त
योजनाओं को भी शा मल कया जाएगा।
उप-जोड़ ख

कल
ु जोड़ (क + ख)

$ कपया
ृ िजल क उन मौजदा
ू प रसप
ं ि तय क एक सची
ू उपल ध कराए,ं िजनका उपयोग ज.ेज.ेएम. के तहत
कया जा सकता है। यह उ लखे करना उ चत होगा क केवल अपने इ टतम उपयोग के सब ं ध
ं म मौजदाू
प रसपं ि तय क वतमान ि थ त का आकलन करने के बाद ह , नई प रसप
ं ि तय का नमाण ता वत/ शु
कया जाना होगा।
VIII काया वयन सहायता एज सय (आई.एस.ए.) क आव यकता
क. काया वयन सहायता एज सय को पन
ै ल म शा मल करने क ि थ त
ख. रा य म ऐसे गाँव और िजल क सं या िज ह काया वयन सहायता एज सय क आव यकता है
ग. रा य के ऐसे गाँव क सं या िजनके पास मजबत
ू वी.ड य.एस.सी.
ू ह और िज ह काया वयन सहायता
एज सय क आव यकता नह ं है
घ. एकल आई.एस.ए. वारा कवर कए जाने वाले गांव क सं या
ङ. आई.एस.ए. क तमाह -वार ता वत तन
ै ाती का ववरण

ामीण े म काया वयन सहायता एज सय क तन


ै ाती
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल

20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह

तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़

IX आई.ई.सी. ग त व धयाँ
क. आई.ई.सी. एज सय को पन
ै ल म शा मल करने क ि थ त।
ख. रा य म आई.ई.सी. शु करने के लए आव यक एज सय क सं या ।
ग. गांव म आई.ई.सी. ग त व धयां चलाने के लए एज सय क ता वत तन
ै ाती का ववरण।
घ. रे डयो िजंग स, नु कड़ नाटक , वॉल प टग
ं , पै फलेट आ द के मा यम से आई.ई.सी. क कायनी त को
समझाया जाए।
ामीण े म काया वयन सहायता एज सय क तन
ै ाती
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल

20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह

तीसर तमाह

चौथी तमाह

जोड़

111
अनब
ु ध-Xग

. सं. घटक का नाम ट प णयाँ


X जल गणव ता योगशालाएं

क. रा य म जल गणव
ु ता योगशालाओं क सं या ।

ख. एन.ए.बी.एल. माणन के लए ता वत योगशालाओं क वष-वार सं या।

ग. सभी ोत के लए जल गणव ु ता पर ण कस कार कराए जाने क योजना है । कपया


ृ उ लेख कर
क मौजदाू कॉलेज (इंजी नय रग
ं / व ान) को इस काय म शा मल करने और पी.पी.पी. मॉडल जल
गणव
ु ता पर ण का उपयोग करने क योजना है । दोन व धय को इस संबंध म उपल ध रा य तर
के तं के आधार पर अपनाया जाएगा।

ङ. ड य.ू य.एम.एस.
ू के लए आयोजना।

XI सभी योजनाओं के लए रा य तर पर चालन और रख रखाव (ओ.एंड एम.)।

क. ामीण जल आपू त के लए कल
ु चालन और रख रखाव लागत

क. ऊजा लागत

ख. नवारक रख रखाव लागत

ग. ेकडाउन रख रखाव लागत

घ. चालन और रख रखाव टाफ के लए भगतान



ङ. जल गणव
ु ता पर ण

च. अ य चालन और रख रखाव भार

कल

ख. अपनाया जाने वाला ता वत जल शु क

ग. या ता वत जल शु क चालन और रख रखाव भार को कवर करने के लए पया त है ?

घ. य द उपयु त का उ तर 'नह 'ं म है , तो इसे कस कार परा


ू कया जाना ता वत है ?

ङ. मौजदा
ू चालन व रख-रखाव फंड का आबंटन - त वष लाख पए म

XII अ यप नर ण एज सयां
क. पन
ै ल म शा मल कए जाने क ि थ त
ख. रा य म अपे त एज सय क सं या
ग. येक एजसी को स पे गए िजल क सं या

XIII ता वत सं थागत सधार


ु का ववरण

XIV भ न- भ न कार के व तपोषण मॉडल का ववरण िज ह अपनाया जाना ता वत है ।

XV शकायत नवारण तं िजसे अपनाया जाना ता वत है , का ववरण द।

112
अनबध
ु ं -XI

बु नयाद जल गणव
ु ता मानक क सची

. सं. वशष
े ता इकाई अपे ा वकै ि पक ोत क
( वीकाय सीमा) अनपि
ु थ त म अनमेु य सीमा
1. पी.एच. मान – 6.5-8.5 कोई ढ ल नह ं

2. पणत
ू ः घले
ु हए
ु ठोस पदाथ मल ाम/ ल टर 500 2000
3. गंदगी एनट यू 1 5
4. लोराइड मल ाम/ल टर 250 1000
5. पण
ू ार यता मल ाम/ल टर 200 600
6. पण
ू खारापन मल ाम/ल टर 200 600
7. स फेट मल ाम/ल टर 200 400
8. आयरन मल ाम/ल टर 1.0 कोई ढ ल नह ं

9. पण
ू आस नक मल ाम/ल टर 0.01 कोई ढ ल नह ं

10. लोराइड मल ाम/ल टर 1.0 1.5


11. नाइ े ट मल ाम/ल टर 45 कोई ढ ल नह ं

12. पण
ू कोल फॉम बै ट रया 100 मल ल टर के कसी भी नमने
ू म पता लगने यो य नह ं होना चा हए।
ई, कोल या थम टॉलरे ट
13. 100 मल ल टर के कसी भी नमने
ू म पता लगने यो य नह ं होना चा हए।
कोल फॉम बै ट रया

113
अनबध
ु ं -XII

जापानी ए सेफलाइ टस (जे.ई.) और एडवां ड


ए सेफलाइ टस सं ोम (ए.ई.एस.) से सवा धक गंभीर प
से भा वत 60 गंभीर (उ च ाथ मकता) िजल क सची ू

रा य रा य
. सं. रा य िजला . सं. रा य िजला
. सं. . सं.
1. असम 1. बारपेटा 31. उ तर दे श 1. आजमगढ़

2. असम 2. धेमाजी 32. उ तर दे श 2. बहराइच

3. असम 3. डब गढ़ 33. उ तर दे श 3. ब लया


4. असम 4. गोलाघाट 34. उ तर दे श 4. बलरामपरु

5. असम 5. जोरहाट 35. उ तर दे श 5. ब ती


6. असम 6. लखीमपरु 36. उ तर दे श 6. दे व रया
7. असम 7. शवसागर 37. उ तर दे श 7. ग डा
8. असम 8. सो नतपरु 38. उ तर दे श 8. गोरखपरु

9. असम 9. तनसु कया 39. उ तर दे श 9. हरदोई

10. असम 10. उदलगड़ी


ु 40. उ तर दे श 10. कानपरु दे हात

11. बहार 1. अर ड़या 41. उ तर दे श 11. कशीनगर


12. बहार 2. दरभंगा 42. उ तर दे श 12. लखीमपरु खीर

13. बहार 3. गया 43. उ तर दे श 13. महाराजगंज

14. बहार 4. गोपालगंज 44. उ तर दे श 14. मऊ

15. बहार 5. जहानाबाद 45. उ तर दे श 15. रायबरे ल


16. बहार 6. मज
ु फरपरु 46. उ तर दे श 16. सहारनपरु

17. बहार 7. नालंदा 47. उ तर दे श 17. संत कबीर नगर


18. बहार 8. नवादा 48. उ तर दे श 18. ाव ती
19. बहार 9. पि चम चंपारण 49. उ तर दे श 19. स ाथ नगर
20. बहार 10. पटना 50. उ तर दे श 20. सीतापरु

21. बहार 11. पव


ू चंपारण 51. पि चम बंगाल 1. बांकु ड़ा

22. बहार 12. सम तीपरु 52. पि चम बंगाल 2. बधवान


23. बहार 13. सारण 53. पि चम बंगाल 3. बीरभम

24. बहार 14. सीवान 54. पि चम बंगाल 4. द ण दनाजपरु

25. बहार 15. वश


ै ाल 55. पि चम बंगाल 5. दािज लग

26. त मलनाडु 1. क र 56. पि चम बंगाल 6. हगल

27. त मलनाडु 2. मदरैु 57. पि चम बंगाल 7. हावड़ा

28. त मलनाडु 3. तंजावरु 58. पि चम बंगाल 8. जलपाईगड़ी


29. त मलनाडु 4. त व र 59. पि चम बंगाल 9. मालदा

30. त मलनाडु 5. व लपरम


ु ु 60. पि चम बंगाल 10. मदनापरु पि चम

114
अनबध
ु ं -XIII

जे.ई.-ए.ई.एस. उ े य और आर.ड य.एस.एस.पी.-



एल.आई.एस. उ े य के तहत न ध
जार कए जाने क या

न धयां, 2 क त म जार क जाएंगी।

क) पहल क त (50%) जार कया जाना :

i)  उन रा य के लए िज ह ने गत व तीय वष के दौरान दसर


ू क त आह रत क है - गत वष जार क गई धनरा श के 10% से
ऊपर के आ द अ धशषे को समावे शत करने के बाद धनरा श इन रा य को जार क जाएगी।

या

ii)  उन रा य के लए िज ह ने गत व तीय वष के दौरान दसर ू क त आह रत नह ं क है - गत वष जार क गई धनरा श के


10% से ऊपर के आ द अ धशष े को समावे शत करने के बाद और उपयोग माणप , जांच सचीू समेत अपे त द तावेज के
साथ अनरोध
ु ताव ा त होने के बाद धनरा श इन रा य को जार क जाएगी।

iii)  न ध के इस ह से को जार करते समय, नधा रत सीमा से ऊपर क अ धशष


े रा श ( पछले वष जार क गई धनरा श का
10%) क कटौती कर ल जाएगी। तथा प, पहल क त क शष
े रा श को उसी समय जार कर दया जाएगा जब रा य वारा
उपल ध न ध के कम से कम 60% का खच दशाने वाला उपयोग माणप जमा कर दया जाएगा।

iv)  कल
ु जार क गई रा श के 10% को ह अगले व तीय वष म अ ेनीत करने क अनम ु त द जाएगी। य द कोई रा श ऐसी है ,
िजसके लए माच के मह ने म सं वीकृ त आदे श जार कया गया है , तो उस रा श क गनती, अ त र त आ द शषे के खाते म
नह ं क जाएगी।

ख) दसर
ू क त (50%) जार करना : न न ल खत के साथ रा य से अनरोध
ु ताव क ाि त पर:

i) उपल ध शष
े रा श (के य न ध) और रा य समतु य न ध अश
ं के उपल ध शष
े के 60% के बराबर रा श के संबंध म चालू
वष के लए अनं तम उपयोग माणप ;

ii)  पछले वष से पहले के वष क महालेखाकार क रपोट/ पछले वष का संपर त लेखा ववरण;

iii)  पछले वष के लए अं तम के य और रा य उपयोग माणप ।

व तीय वष के ब कल
ु अं तम दन के दौरान इस न ध क उपल धता क ि थ त म, इसक व ध और भाजन या
स म ा धकार के नदशानसार
ु तय होगी।

एन.ड य.ू य.एस.एम.


ू योजन के तहत न ध जार कए जाने क या : एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू के लए अलग दशा- नदश जार
कया गया है और न धयां जार करने का काम, इसी दशा- नदश के अनसार
ु तथा इस सं ब ध
ं म लाग ू सामा य व तीय नयम के
ावधान के अनसार
ु कया जाएगा।

115
नोट:
gj ?kj ty

भारत सरकार
जलशि त मं ालय
पेयजल एवं व छता वभाग
रा य जल जीवन मशन
नई द ल 110003

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