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JJM Operational Guidelines Hindi-1
JJM Operational Guidelines Hindi-1
अनु म णका
सं ेपा र 3
प रभाषाएं 5
1. तावना 7
2. प ृ ठभू म 9
2.1 ऐ तहा सक प र े य
2.2 सं वधान का 73वाँ संशोधन
2.3 व त आयोग
2.4 बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.)
2.5 ामीण जल आपू त क वतमान ि थ त
ु तयॉ ं एवं एस.ड य.ओ.ट
2.6 चनौ ू . व लेषण
3. आयोजना एवं काया वयन क कायनी त 14
3.1 वज़न
3.2 मशन
3.3 उ े य
3.4 जल जीवन मशन के घटक (8 मु य घटक)
3.5 कायनी त
3.6 आयोजना
3.6.1 गांव, िजला और रा य तर पर काय योजनाएं
3.6.2 भावी कायनी त – सेवा दाय और जन सु वधा वकास
4. जल जीवन मशन म आमे लत पवव ू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू योजनाएं/उप- मशन 4
4.1 कम आय वाले रा य के लए ामीण जल आपू त और व छता प रयोजना (आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.)
ू
4.2 रा य जल गणव ु ता उप- मशन (एन.ड य.ू य.एस.एम.)
ू
4.3 जापानी ए सेफलाइ टस-उ ए सेफलाइ टस सं ोम (जे.ई.-ए.ई.एस.)
4.4 वजल
4.5 जल गणव
ु ता नगरानी एवं चौकसी (ड य.ू य.एम.एं
ू ड.एस.)
4.6 सहायक ग त व धयां
5. सं थागत तं 26
5.1 रा य तर-रा य जल जीवन मशन
5.1.1 डट े ा और लेखन के
5.1.2 काय म बंधन इकाई (पी.एम.य.) ू
5.2 रा य तर – रा य जल एवं व छता मशन (एस.ड य.एस.एम.)ू
5.3 िजला जल एवं व छता मशन (डी.ड य.एस.एम.)
ू
5.4 ाम पंचायत/ और/ या इसक उपस म त अथात ् ाम जल एवं व छता स म त (वी.ड य.एस.सी.)/पानी
ू स म त/
यो ता समह ू आद
5.5 काया वयन सहायता एज सयां (आई.एस.ए.)
5.6 लोक वा य इंजी नय रग ं वभाग (पी.एच.ई.डी.)/ ामीण जल आपू त (आर.ड य.एस.)
ू वभाग
5.7 से टर के साझद े ार
5.8 रा य पेयजल, व छता और गणव ु ता के (एन.सी.डी.ड य.एस.
ू य.)
ू
6. काया वयन 36
6.1 अ त: ाम जल आपू त अवसंरचना
6.1.1 योजना च
6.1.2 सामदा ु यक योगदान
6.1.3 समदायु के लए ो साहन
6.1.4 चालन एवं रख-रखाव (ओ.एंड एम.)
6.2 े ीय जल आपू त और वतरण नेटवक
6.3 मेल-जोल
7. व तीय आयोजना एवं व त-पोषण 44
7.1 लागत
7.2 के य तर पर जे.जे.एम. न ध का आबंटन/ नधारण
1
अनु म णका
2
सं ेपा र
ए.डी.डी. ए यट
ू डाय रया रोग आई.ई.सी. सचना,
ू श ा और संचार
ए.आई. कृ म बु म ता आई.एफ.डी. एक कत
ृ व त भाग
ए.जी.एम. वा षक आम बठ
ै क आई.पी.सी. पार प रक संचार
सी.बी.ओ. समदाय
ु आधा रत संगठन जे.जे.एम. जल जीवन मशन
सी.ड य.पी.पी.
ू सामदा
ु यक जल शोधन संयं एल.पी.सी.डी. ल टर त यि त त दन
डी.डी.ड य.एस.
ू पेयजल और व छता वभाग एम.ई.आई.ट .वाई. इले ॉ न स और सचना
ू ौ यो गक
मं ालय
डी.एम.डी.एफ. िजला ख नज वकास न ध
एम.जी.एन.आर.
डी.पी.ए.पी. सखा-
ू वण े काय म
ई.जी.ए. महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार
डी.पी.आर. व तत
ृ प रयोजना रपोट गारं ट अ ध नयम
डी.ड य.एस.एम.
ू िजला जल और व छता मशन एम.पी.एल.ए.डी.एस. सास
ं द थानीय े वकास योजना
3
सं ेपा र
य.एं
ू ड य.ू गणव
ु ता एवं मा ा य-डी.आई.एस.ई.
ू कल
ू श ा संबधी एक कत
ृ िजला
सचना
ू
आर.एंड डी. अनसं
ु धान और वकास
वी.ए.पी. ाम काय योजना
आर.जे.जे.के. रा य जल जीवन कोष
वी.ओ. ाम संगठन
आर.ड य.एच.
ू वषा जल संचयन
वी.ड य.एस.सी.
ू ाम जल और व छता स म त
आर.ड य.एस.
ू ामीण जल आपू त
ड य.ए.एस.एम.ओ.
ू जल और व छता बंधन संगठन
एस.सी.ए.डी.ए. पयवे ी नयं ण और डट
े ा ाि त
ड य.ू य.एम.
ू
एस.बी.एम.(जी) व छ भारत मशन ( ामीण)
एंड एस. जल गणव
ु ता नगरानी और चौकसी
एस.डी.जी. सतत वकास ल य
4
प रभाषाएं
(जल जीवन मशन के संदभ म)
कायशील घरे लू नल कने शन [एफ.एच.ट .सी.] - नय मत तथा अनस
ु ू चत जा त/अनस
ु ू चत जनजा त बहल ु बसावट को
आधार पर पया त मा ा म नधा रत गणव
ु ता वाला पेयजल भी इसम शा मल कया जाना है । गांव /बि तय से दरू एकल
उपल ध कराने हे तु ामीण प रवार के लए नल कने शन। घर /फाम हाउस के लए एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए
व तपोषण जे.जे.एम. के तहत नह ं कया जाएगा।
कायशीलता - नल कने शन क कायशीलता का अथ है - एक
बु नयाद ढांचा तय
ै ार करना अथात ऐसा घरे लू नल कने शन पीने के पानी का ोत - भजल
ू (खले
ु कएं
ु , बोरवेल, यबवे
ू ल,
उपल ध कराना िजससे पया त मा ा म, अथात कम से कम 55 हडपंप, आ द)/धरातल पानी (सोता, बंध, नद , झील, तालाब,
एल.पी.सी.डी., बीआईएस: 10500 मानक के अनु प, नधा रत जलाशय, आ द)/बा रश का पानी, जो पीने और घरे लू उपयोग के
गणव
ु ता1 वाला जल, नय मत आधार पर द घका लक नरं तर लए उपल ध हो।
आपू त के प म पेयजल ा त होता रहे ।
प रसर - जनगणना काय के लए यथा-प रभा षत।
अत
ं : ाम जल आपू त अवसंरचना – अत
ं : ाम नल जल आपू त
अवसंरचना म नई योजना अवसंरचना/मौजदा कम क ामीण जल आपू त (आर.ड य.एस.)
ू वभाग - रा य म
ू
रे ो फ टग
ं /मौजदा
ू जल ोत या ोत और इनके आव यक ामीण जल आपू त के लए उ तरदायी वभाग िजसम
घटक िजनम ई.एस.आर., सॅ प, वषा जल संचयन, कृ म पी.एच.ई.डी./पंचायती राज/ ामीण वकास/बोड/ नगम, आ द
पनभर
ु ण अवसंरचना, गंदले पानी के बंधन क अवसंरचना, शा मल हो सकते ह।
कपड़े धोने/ नान करने क जगह, मवेशी कंु ड आ द शा मल ह।
जल-संकट त े - समय-समय पर के य भजल
ू बोड
रे ग तानी, सखा-
ू वण, पहाड़ी और जल-संकट त े म,
(सी.जी.ड य.बी.)
ू वारा अ भ नधा रत िजले और वकास खंड
सामू हक जल भंडारण भी, अतं : ाम जल आपू त अवसंरचना
का ह सा होगा। जन-सु वधा – मु यत: सेवा दाय अथात ् पया त मा ा म
नय मत आधार पर नधा रत गणव
ु ता वाले पानी क आपू त
वतरण नेटवक – वतरण नेटवक के अत
ं गत जहां एक ओर,
और प रचालन तथा व तीय था य व पर यान केि त करने
जल- ोत से ाम तर के सॅ प तक क चे/शो धत जल को ले
जाने वाल पाइपलाइन शा मल ह गी, वह ं दसर ओर गाँव के के लए न मत संगठन।
ू
भीतर घर तक पानी ले जाने वाल पाइपलाइन भी। जल गणव
ु ता नगरानी - समान पेयजल गणव
ु ता नगरानी
ब क वाटर ास
ं फर – कसी जल- ोत से उस थान तक, जहां ोटोकॉल के अनसार
ु ामीण जल आपू त के लए िज मेदार
कोई थानीय जल ोत उपल ध न हो, खले ु चन
ै ल या एजसी वारा जल ोत और एफ.एच.ट .सी. से एक पानी के
पाइपलाइन के मा यम से या दोन के मल-जले
ु मा यम से बड़ी नमन
ू के योगशाला और फ ड पर ण।
मा ा म क च/ेशो धत पय
े जल को पहंु चाना। ामीण और शहर
जल गणव
ु ता चौकसी – थानीय समदाय,
ु ाम पंचायत
दोन े म, घरे लू और औ यो गक ज रत के लए पानी का
और/या इसक उप-स म त, अथात ाम जल और व छता
ावधान कया जाना होगा। ामीण े म थोक (ब क) जल
स म त/पानी स म त/ यो ता समह,
ू आ द या फ ड टे ट कट
गाव
ँ क सीमा तक उपल ध कराया जाएगा। इसके बाद, ाम
(फ ड पर ण कट) का योग करने वाले कल
ू वारा कए
पच
ं ायत और/या इसक उप-स म त, अथात ाम जल और
जाने वाले समान पेयजल गणव
ु ता नगरानी ोटोकॉल पर
व छता स म त/पानी स म त/ यो ता समह,
ू आ द को एकल
ाम योजना क भां त इस यव था का बध ं न, सच
ं ालन और आधा रत एक नय मत ग त व ध और वा य के लए खतरा
रखरखाव करना होगा। थोक म जल का अ तरण द घका लक पद
ै ा कर सकने वाले पेयजल से जड़
ु े कारक क पहचान करने
नरं तर आधार पर या समय-समय पर और अ थायी आधार पर और उनका मू यांकन करने के लए इसी तरह के आकलन।
कया जा सकता है और जल आपू त क मा ा, गणवु ता और
कायशीलता मू यांकन - नमना
ू सव ण के आधार पर ामीण
नय मतता को मापने क यव था भी क जानी चा हए।
घरे लू नल कने शन क कायशीलता का आकलन।
समदाय
ु - कसी गाँव/ब ती म रहने वाले लोग का समह।
ू
एन.ए.बी.एल. मा यता ा त योगशालाएँ - रा य पर ण
ब ती - यनतम
ू 20 घर और/या 100 यि तय का समह। ू और अश
ं ाक
ं न योगशाला (एन.ए.बी.एल.) यायन (ए े डटे शन)
तथा प, इससे कम सं या वाले पहाड़ी/आ दवासी और वन े बोड वारा मा यता ा त जल गणव
ु ता पर ण योगशालाए।ँ
5
प रभाषाएं
ाम काय योजना -बेसलाइन सव ण, संसाधन मान च ण और ांसफर और टमट लां स आ द को समे कत करके
ाम समदाय
ु वारा य त ज रत के आधार पर ाम पंचायत एस.ड य.एस.एम.
ू वारा तय
ै ार क गई योजना, िजसका योग
और/या इसक उप-स म त, अथात ाम जल और व छता रा य म सम पेयजल सरु ा ा त करने के लए रा य के
स म त/पानी स म त/ यो ता समह,
ू आद वारा येक सभी ामीण प रवार को कवर करने क ि ट से व तीय
ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने, उ प न े- आयोजना हे तु कया गया हो।
वाटर का उपचार करने और इसके पन:
ु उपयोग क योजना
पानी का मला-जला
ु उपयोग - पानी क अबाध उपल धता और
बनाने, नगरानी ग त व धयां संचा लत करने आ द के लए
ोत के इ टतम उपयोग को सु नि चत करने के लए धरातल
तय
ै ार क गई योजना। ाम काय योजना के अत
ं गत, मशन के
जल, भजल
ू और वषा जल का सामंज यपण
ू उपयोग।
तहत काम को परा
ू करने के लए न ध क आव यकता और
समय सीमा का उ लेख कया जाएगा और ाम सभा वारा उसे कवरे ज - कसी राज व गांव म कसी एक नि चत समय पर,
अनमो
ु दत कया जाएगा। व तपोषण का ोत चाहे कोई भी हो, एफ.एच.ट .सी. ा त प रवार का तशत।
ले कन गांव म पीने के पानी से जड़
ु े सभी काम, ाम काय
सामदा
ु यक नान और कपड़े धोने का थान - नल के साथ
योजना के आधार पर कए जाने ह।
नान और शौचालय थल; िजन े म यि तय के पास
िजला काय योजना (डी.ए.पी.) – सम त ाम काय योजनाओं अपना शौचालय और/अथवा नान एवं कपड़े धोने का थान
और अ त र त काय, यानी थोक (ब क) वॉटर ांसफर, नह ं है , वहां औसतन 20 प रवार के उपयोग के लए एका धक
ड यशन
ू नेटवक, योगशालाओं आ द को समे कत करके नल और े-वॉटर बंधन उपाय के साथ वक सत कया गया
डी.ड य.एस.एम.
ू वारा तय
ै ार क गई योजना, िजसम व तीय कपड़े धोने का थान ।
ववरण और समय-सीमा के साथ िजले के सभी गांव /बि तय
मवेशी कंु ड - जानवर को पीने का पानी उपल ध कराने के लए
म पेयजल सरु ा सु नि चत क गई हो।
एक लंबी, संकर खल ु संरचना।
'रा य काय योजना' (एस.ए.पी.) – सम त िजला काय
योजनाओं और े ीय जल आपू त योजना, थोक (ब क) वॉटर
6
अ याय
तावना 1
जी
वन क मलभत ू ू आव यकता है- जल। जल
नह ,ं तो जीवन नह ।ं मानव वकास के लए
पय
े जल क सु नि चत उपल धता बहत ु
मह वपण ू होती है। द ु नया क कल ु सं या म से 18% लोग और
15% मवश े ी भारत म रहते ह। यह भी यान दे ने यो य है क
द ु नया क कल ु जमीन म से हमारे पास मा 2% जमीन और
मीठे पानी के मा 4% सस ं ाधन ह। एक अनमान
ु के अनसार,
ु
2
जल संसाधन, नद
2
वकास और गंगा संर ण वभाग। जनसं या अनमान
ु के आधार पर भावी आकलन।
7
तावना
(vi) सव
े ा- दान करने पर यान केि त करने के लए 'जन- पचं ायती राज/ ामीण पय
े जल के भार ामीण जल आपू त
सु वधा क मान सकता' वक सत कया जाना आव यक है। वभाग, सं वधान म क गई प रक पना के अनसार,
ु ाम
पच
ं ायत को उनके क त य के नवहन म सहायता दान करग।े
(vii) अत ं : ाम जल आपू त णाल को सतत बनाए रखने के
लए ज र है क समदाय ु म इसके त 'अपन व क इस काय म का काया वयन वके कत,
ृ मांग-आधा रत और
भावना' हो। इस लए यह आव यक है क जल आपू त समदायु बं धत प म कया जा रहा है । इस कारण, थानीय
णा लय क आयोजना, काया वयन, बंधन और समदाय म इस के त 'अपन व का भाव' जागत
ु ृ होगा, व वास
चालन व रख-रखाव म समदाय ु को शा मल कया जाए। का माहौल बनेगा और पारद शता आएगी, िजससे जल आपू त
गजरात
ु म 'जल एवं व छता बंधन संगठन' णाल का बेहतर काया वयन और द घ काल तक चालन व
(ड य.ए.एस.एम.ओ.),
ू उ तराखंड म ' वजल' और रख-रखाव हो सकेगा। ऐसा होने से जल आपू त तक येक
व भ न रा य म सरकार तथा गैर सरकार संगठन प रवार क पहंु च म भागीदार सु नि चत हो सकेगी और आपू त
वारा शु क गई अनेक अ य पहल क सफलता से यह नय मत होगी, िजससे वे इस सेवा के लए भगतान करने को
ु
स होता है क ोत और णा लय के द घकाल न त पर ह गे। जल आपू त का योग, अ य योजन हे तु कए
था य व को सु नि चत करने का मं यह है क समदाय ु जाने क घटनाओं क रोकथाम भी हो सकेगी।
म इनके त अपन व क भावना पद ै ा क जाए।
जल आपू त े म अनेक हतधारक काय कर रहे ह। ये
पछले पांच वष म चंू क सरकार का बल मलभत
ू ू सेवाओं जस ै े
हतधारक ह - अनसं ु धान और वकास सं थान, ट,
आवास, शौचालय, बजल , रसोई गैस, वा य सु वधाएं,
त ठान, गैर सरकार संगठन (एन.जी.ओ.), ाम संगठन
व तीय सेवाएं, सामािजक सरु ा, ॉडबड कनेि ट वट , सड़क
(वी.ओ.), समदायु आधा रत संगठन, वयं सहायता समह, ू
आ द उपल ध कराने पर केि त रहा है , इस लए लोग क
यो ता समह, ू कॉरपोरे ट, अत
ं रा य एज सयां और उ साह -
वाभा वक आकां ा अब यह है क उनके प रसर म पाइप से
जन। जल के त सभी को िज मेदार बनाने क ि ट से, इन
जल आपू त उपल ध हो जाए। इससे उनका जीवन अ धक
सभी सं थान /लोग को भागीदार बनाने और उनके साथ
सगम
ु बनाने म मदद मलेगी। लोग के प रसर के भीतर
मलकर काम करने के लए यह मशन भरसक यास करे गा,
पेयजल क सु नि चत उपल धता से न केवल ामीण आबाद
ता क 'जे.जे.एम' के अत
ं गत नधा रत ल य ा त कए जा सक
के वा य और उनक सामािजक-आ थक ि थ त म सधार ु
और द घ काल तक पेयजल सरु ा सु नि चत क जा सके।
होगा, बि क इससे ामीण म हलाओं और लड़ कय को भी
सरकार ने, जल संकट त िजल म पहले ह जल शि त
क ठनाइय से छटकारा
ु मलेगा।
अ भयान (जे.एस.ए.) नामक सघन अ भयान शु कर दया है ,
'जल जीवन मशन' क शु आत इसी प ृ ठभू म म क गई है। इस ता क जल संर ण के लए यासरत सभी हतधारक के काय
मशन का ल य, वष 2024 तक यके ामीण प रवार को म तालमेल रखा जा सके।
'कायशील घरे लू नल कने शन' (एफ.एच.ट .सी.) उपल ध कराना
है। इस काय म म प रवार तर पर सव े ा उपल ध करान,े अथात ् पेयजल एवं व छता वभाग वारा संचा लत 'एक कत ृ बंधन
नय मत आधार पर पया त मा ा और नधा रत गणव ता वाल सचना
ू णाल ' के अनसार,
ु 31 माच, 2019 तक दे श के कलु
ु
जल आपू त पर बल दया गया है। इसस,े जल आपू त क म 17.87 करोड़ ामीण प रवार म से 3.28 करोड़ अथात ् लगभग
क आयोजना और काया वयन, जल ोत के वकास, जल के 18% प रवार के पास नल कने शन ह। इस कार, लगभग
शु करण और आपू त, ाम पच ं ायत / थानीय समदाय के 14.60 करोड़ प रवार के पास नल कने शन नह ं ह और
ु
सश तीकरण, जल उपल धता पर बल दे न,े अ य हतधारक के रा य /संघ रा य े क भागीदार से, वष 2024 तक उ ह इस
साथ भागीदार करन,े अ य काय म के साथ तालमल े बठ ै ान,े मशन के दायरे म लाने क योजना है ।
काय म क व धवत ् नगरानी करने और सव े ा क गणव ु ता
वतमान प र य को दे खते हए ु यह आव यक है क सभी तर
सु नि चत करने के लए जल उपल धता के आक ं ड़े वचा लत
पर उ चत सं थागत तं के वकास स हत जल आपू त णाल
प से ा त करने म आधु नक टै नोलॉजी का उपयोग
क उ चत आयोजना, कायनी त बनाई जाए और काया वयन
आव यक हो जाता है। ऐसा करने से हम, सह मायन म 'जल
कया जाए। जल जीवन मशन के अत ं गत जल आपू त क म
जीवन मशन' के ल य को ा त करने म सहायता मलग े ी।
क आयोजना और काया वयन के दौरान यह आव यक है क
भारत के सं वधान म 73व सश ं ोधन के मा यम से पय े जल के अतं : ाम जल आपू त अवसंरचना के नमाण हे तु उ चत
वषय को यारहवीं अनसची ु ू म ला दया गया है और इसके तकनीक -आ थक मू यांकन और सामािजक-आ थक व लेषण
बधं न क िज़ मद े ार ाम पच ं ायत को स प द गई है। इसे कया जाए, सवा धक उपयु त वक प का चयन कया जाए एवं
यान म रखते हए,ु 'ज.
े ज.
े एम' क े अतं गत, पय े जल ोत के साथ- थानीय समदाय/
ु यो ता समह ू से आव यक अनमोदन
ु लया
साथ अत ं : ाम जल आपू त णाल क योजना, काया वयन, जाए, ता क यह सु नि चत हो सके क उनम इस णाल के त
बध
ं न, चालन एवं रख-रखाव म ाम पच ं ायत और थानीय 'अपन व का भाव' पद ै ा हो और वे इस णाल के बंधन,
समदाय
ु मह वपण
ू भू मका नभाएग ं ।े रा य के 'लोक वा य चालन एवं रख-रखाव के साथ-साथ पेयजल ोत के
अ भयां क वभाग' (पी.एच.ई.डी.)/ ामीण वकास और द घकाल न था य व के उपाय करने हे तु त पर हो सक।
8
अ याय
प ृ ठभू म 2
2.1 ऐ तहा सक प र े य
वतं ता के बाद भारत के योजनाब वकास क शु आत के
दौरान 'पयावरण व छता स म त' ने एक काय म क
सफा रश क थी। इस काय म के अनसार, ु पहल पंचवष य
योजना (1951-56) के भाग के प म, एक नधा रत अव ध के
दौरान सभी गांव को व छ जल आपू त उपल ध कराई जानी
थी। इस योजन से, वा य े के अत
ं गत 1954 म 'रा य
जल आपू त काय म' क शु आत क गई।
9
प ृ ठभू म
वष 1951 से 2019 के दौरान 'पि लक टड पो ट' वतरण के वषय, पंचायती राज सं थाओं को स पा गया है । इसके साथ ह ,
के प म हड पंप , संर त कओ
ु ं से अथवा पाइपलाइन जल आपू त पंचायत, उपयु त थानीय कर सं ह कर सकती ह तथा इसका
के मा यम से ामीण आबाद को सरु त पेयजल उपल ध कराने इ तमे ाल कर सकती ह और उ त काय को परा
ू करने के लए
पर जोर दे ने के यास कए गए। पछले कछ ु दशक म गजरात,
ु सहायता-अनदान
ु ा त कर सकती ह।
गोवा, ह रयाणा, हमाचल दे श, पंजाब, सि कम, तल
े ंगाना आ द
रा य ने, ा त सचना
ू के अनसार,
ु ामीण प रवार को नल 2.3 व त आयोग
कने शन उपल ध कराने पर बल दया है । पछले कछ
ु समय से, एक के बाद एक ग ठत व त आयोग न,े अ य बात के साथ-साथ,
व भ न रा य सभी ामीण प रवार को पाइप से जल आपू त 'जल आपू त बध
ं न' के लए पच
ं ायत को अनदान
ु एवं रा य व श ट
उपल ध कराने हे तु एकजटु यास कर रहे ह। अनदान
ु के प म, सामािजक से टर को ाथ मकता द है। इसके
'एन.आर.डी.ड य.पी.'
ू के अत
ं गत, ामीण े को कवर करने हत े ु अलावा, जल आपू त को पचं ायत का मल ू काय बताया गया है।
नय मत अवसरंचना के व तपोषण के अलावा जल गणव
ु ता के मु आयोग ने जल आपू त सव
े ाओं के ावधान के लए यो ता भार क
पर भी यान दया गया है और रा य को वशष
े प रयोजना न ध भी वसल
ू और उनक दर म मु ा- फ त के अनसार ु सश
ं ोधन करने क
उपल ध कराई गई ह।ै इन यास के भाग के प म फरवर , 2017 म तथा इन सव
े ाओं को उपल ध कराने के लए पच
ं ायत को पण
ू चालन
'रा य जल गणव
ु ता उप मशन' (एन.ड य.ू य.एस.एम.)
ू क एवं रख-रखाव लागत वसल
ू करने दे ने क सफा रश भी क है।
शु आत क गई, िजसका उ े य माच 2021 तक आस नक और 14व व त आयोग (2015-2020) ने वा य, श ा, पेयजल और
लोराइड भा वत बि तय म सरु त पय
े जल का ावधान करना ह।ै व छता क पहचान, रा य मह व³ क सावज नक सेवा के प म
इस उप मशन के तहत यह प रक पना क गई है क इन बि तय को क और थायी पेयजल आपू त णाल को औपचा रक बध ं न
या तो पाइप से जल आपू त उपल ध कराई जाएगी अथवा अ पका लक मॉडल के अत
ं गत चा लत णाल के प म प रभा षत⁴ कया है ,
उपाय अथात पीने के लए और रसोई के योजन हत े ु 8-10 िजसम 100% घरे लू मीटर लगाए जाने अपे त ह और िजसम जल
एल.पी.सी.डी. पय
े जल के ावधान के साथ समदाय
ु आधा रत शु करण शु क और सि सडी से ा त नवल राज व, कम से कम, इस णाल
सय
ं ं के मा यम से सरु त पय
े जल उपल ध कराया जाएगा। क चालन एवं रख-रखाव लागत को कवर करने के लए पया त
इसके अलावा, वा य एवं प रवार क याण मं ालय ने पांच रा य होने चा हए। इसम यह भी सझाव
ु दया गया है क ामीण तथा शहर
म ि थत 60 िजल क पहचान क है , जो ‘जापानी ए सेफलाइ टस - दोन े के घर के अलग-अलग कने शन , वा णि यक
– उ ए सेफलाइ टस सं ोम' से भा वत ह। वभाग/ रा य इकाइय और सं थान क 100% मीट रग
ं क जाए, तथा कायशील
मशन, इन भा वत िजल म सरु त पेयजल उपल ध कराने हे तु जल मीटर लगे होने पर ह यि तगत कने शन दए जाए।ं
रा य को वशष
े सहायता दान कर रहा है ।
चौदहव व त आयोग ने 9 : 1 के अनपात ु म साधारण और
पी.एच.ई.डी./
ामीण जल आपू त वभाग को जल आपू त क काय न पादन अनदान
ु के दोहरे शीष के तहत थानीय नकाय को
गणव
ु ता क नगरानी म स म बनाने और थानीय समदाय ु को 2 लाख करोड़ पए तक के अनदानु दे ने क सफा रश क है । इस
जल आपू त क गणव
ु ता पर नगरानी का अ धकार दे ने के लए बु नयाद अनदान
ु का योग, ाम पंचायत वारा मलभतू ू सेवाएं
'जल गणव
ु ता नगरानी और चौकसी काय म' का काया वयन दे ने के लए कया जाएगा, िजनम, अ य के साथ-साथ, से टे ज
कया जा रहा है । इन ग त व धय म शा मल ह- रा य, िजला और बंधन, सीवरे ज और ठोस अप श ट बंधन आ द स हत जल
उप- डवीजन तर पर जल गणव
ु ता जांच योगशालाओं क आपू त, व छता शा मल है ।
थापना और उ नयन, मोबाइल योगशालाओं का ावधान (पहंु च
2.4बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.)
के लए और आपदा के दौरान उपयोग हे त),
ु फ ड टे ट कट (फ ड
पर ण कट) का ापण, व भ न पेयजल ोत से जल गणव
ु ता व व बक, ए.डी.बी., एन.डी.बी. जस
ै ी बह-ु तर य एज सयां और
क नय मत नगरानी और बु नयाद जल गणव
ु ता जांच के लए ज.े आई.सी.ए. जस
ै ी वप ीय एज सया,ं व भ न रा य म जल
जमीनी तर पर कायकताओं का मता संवधन। आपू त प रयोजनाओं का व तपोषण करती आ रह ह। यह
व तपोषण बड़े पम
ै ाने पर जल पहंु चान,े वतरण नट
े वक और/ अथवा
2.2सं वधान का 73वां संशोधन
इस े
म सधार
ु को बढ़ावा दे ने हेतु समदाय
ु बं धत, माग
ं -
वष 1992 म सं वधान के 73व संशोधन से सं वधान म “पंचायत” आधा रत, वकेि त जल आपू त काय म पर केि त रहा है, जहां
नामक एक नया भाग 'IX' जोड़ा गया िजसम अनु छे द 243 से 243 ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उप स म तयां जस
ै े ाम जल और
(ओ) तक के ावधान शा मल थे; इसके अलावा, पंचायत के काय व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द इन क म
म शा मल 29 वषय के साथ एक नई ' यारहवीं अनसची'
ु ू जोड़ी गई क आयोजना, काया वयन, बध
ं न, चालन एवं रख-रखाव म
थी। इस अनसची
ु ू क वि ट 11 के तहत, 'पेयजल' के बंधन का मह वपण
ू भू मका नभाते ह। पछले दो दशक के दौरान जल आपू त
आयोग क
3
रपोट का परैा ाफ 11.59
आयोग क
4
रपोट के परैा ाफ 15.49 और 15.50
10
क म के काया वयन म इस बात पर बल दया गया है क चालन
एवं रख-रखाव लागत वसल
ू क जाए और आं शक पज
ंू ीगत योगदान
लया जाए, ता क थानीय समदाय
ु अपनी जल आपू त क म को
अपना सक, इनका बध
ं न, चालन एवं रख-रखाव कर सक।
पण
ू प आं शक प
जल गणव
ु ता-
से कवर से कवर क
उपल धता भा वत7
क गई5 गई6
40
एल.पी.सी.डी.
80.92% 15.63% 3.45%
ता लका 1
5
बि तयाँ, िजनम घर के 100 मीटर के ( ै तज/ ल बवत) दायरे म, परेू वष कम से कम 40 एल.पी.सी.डी. व छ पेयजल उपल ध हो।
6
आं शक प से कवर बि तयाँ : पण
ू प से कवर तथा गणव
ु ता भा वत बि तय के अलावा अ य सभी बि तयाँ।
बि तयाँ, जहां कम से कम एक पेयजल
7
ोत के मामले म नधा रत आईएसः10500 मानद ड के अनसार
ु रसायन संदषण
ू (आस नक, लोराइड, लौह-त व, लवणता,
नाइ े ट और भार धात)ु के मापदं ड परेू न ह और शष
े सरु त ोत से 40 एल.पी.सी.डी. क जल उपल धता सु नि चत न होती हो।
11
प ृ ठभू म
2.6 चनौ
ु तयां और 'एस.ड य.ओ.ट
ू .' व लेषण
पेयजल से टर के स मख
ु आने वाल चनौ
ु तय का उ लेख नीचे कया जा रहा है :
वषा का बदलता व प
भारत म वषा के सब ं ध
ं म भारतीय मौसम व ान वभाग क
रपोट के अनसार,
ु देश म सम प से मौसमी वषा सामा य से
कम हो रह है। जलवायु प रवतन के कारण वषा म था नक
और टै पोरल भ नताएं रह ,ं िजनके प रणाम व प धरातल
जल भडं ारण म कमी आई।
जल गणव
ु ता मु े
के य भजल
ू बोड 2018 के डटे ा के अनसार,
ु लगभग 50%
आकलन इकाइयां ( लॉक/ फरका/ मड ं ल) भू मज नत और
मानवज नत – दोन कारण से आस नक, लोराइड, लोर न,
नाइ े ट और/ अथवा लवणता से सद ं ू षत पाई गई ह।
अपया त अवसंरचना
जल उपल धता को 40 एल.पी.सी.डी. से बढ़ाकर 55
एल.पी.सी.डी. करने, अलग-अलग प रवार को अं तम छोर
तक कने शन उपल ध कराने के लए अवसंरचनाएं अपया त
ह, अवसंरचनाएं परानी
ु हो गई ह, गंदले जल के बंधन का
अभाव है , ोत था य व के उपाय जस ै े वषा जल संचयन
अवसंरचनाएं बनाना, बोरवेल, पनभर
ु ण अवसंरचनाएं तयै ार
करना, आ द काय नह ं कए जा पा रहे ह।
सामदा
ु यक भागीदार क कमी
भारत के सं वधान के 73व संशोधन के बाद पेयजल आपू त
क िज़ मेदार थानीय व-शासन सं थाओं को दे द गई।
तथा प, उनका ि टकोण मु यतः अ भयां क / नमाण पर
संकेि त रहा है । इसके कारण डज़ाइन, आयोजना और
काया वयन म समदायु क भागीदार सी मत रह है ।
सम वय क चनौ
ु तयां
जल से टर से जड़
ु े सरकार वभाग जसै े जल संसाधन, लोक
वा य अ भयां क , शहर वकास, भ-जल, ू ामीण
वकास, ामीण जल आपू त और व छता आ द क बहलता ु
के कारण, सम वय क कमी से जड़ी
ु चनौ
ु तयां उ प न हईु ह।
12
एस.ड य.ओ.ट
ू . व लेषण
ु तयां असं य ह, फर भी जल जीवन मशन से हम बेहतर योजना और काया वयन के लए एस.ड य.ओ.ट
चनौ ू .
व लेषण का अवसर ा त होता है । हमने ऐसे व लेषण का यास कया है और इसके प रणाम न न ल खत ह:
खबी
ू (ताकत) कमजो रयां (क मयाँ)
Ÿ के य और रा य व त आयोग अनदान
ु क Ÿ ऊपर से नद शत काय व ध और समदाय
ु के
उपल धता अपन व/भागीदार वाल सोच क कमी
Ÿ भ न- भ न भौगो लक े म पी.ड य.एस.
ू के Ÿ अपया त व तीय संसाधन
काया वयन का यापक अनभव
ु
Ÿ ाम पंचायत तर पर तकनीक मानव संसाधन का
Ÿ पंचायती राज सं थाओं को शि तयां स पना उपल ध न होना
Ÿ आयोजना और काया वयन के लए अलग तकनीक Ÿ सेवा भार क वसल
ू अ छ न होना/ जल शु क
संवग क उपल धता का अभाव
Ÿ संद ू षत भ-जल
ू ोत से सरु त जल उपल ध कराने Ÿ पण
ू हो चक
ु क म के चालन एवं रख-रखाव पर
के लए ौ यो गक क उपल धता कम यान दया जाना
Ÿ वतमान अवसंरचनाएं Ÿ अ भयां क वभाग क सोच अवसंरचना नमाण
Ÿ जल क अ धकता वाले थान म बि तय क उ मख
ु होना और जन-सु वधा के तौर पर अवसंरचना
सघनता क कायशीलता पर यान न दे ना
एस.ड य.ू
अवसर ओ.ट .
जो खम (खतरा)
Ÿ जल जीवन मशन के काया वयन के लए थानीय व-
Ÿ बढ़ती आबाद
शासी सं थान को शा मल करने हेतु समु चत ावधान
Ÿ कृ ष के लए भ-जल
ू का अ नयं त दोहन िजससे ोत
Ÿ जल जीवन मशन के अत
ं गत के य न धय क
घटते जाते ह और रासाय नक सद
ं षण
ू बढ़ता जाता है
उपल धता और रा य जल जीवन कोष के मा यम से
अ त र त संसाधन क उपल धता Ÿ कछ
ु थान पर जल संकट
Ÿ जलवायु प रवतन और जलवायु च प रवतन क
Ÿ काया वयन म मागदशन करने के लए सम पत
एन.जी.ओ., सी.एस.ओ. को पी.आर.ए. के लए शा मल घटनाओं क गंभीरता
करना Ÿ कछ
ु रा य म अपया त ावधान और/अथवा रा य
ं रण म वल ब
व त के अत
Ÿ काया वयन के लए भ न- भ न सं थागत तर पर
सम पत मानव संसाधन को काम पर लेना Ÿ थानीय जलापू त क म अथवा गैर-कायशील क म
पंचायती राज सं थाओं को स पने म रा य सरकार
Ÿ भावी काया वयन के लए नई ौ यो ग कय का
क अ न छा
इ तम
े ाल
Ÿ काय क वशालता
Ÿ भ न- भ न हतधारक के साथ भागीदार क संभावना
तलाशना Ÿ ाम पंचायत तर पर मता का अभाव
13
अ याय
3 आयोजना और
काया वयन हे तु कायनी त
3.1 वज़न ि थत गाव
ं , सासं द आदश ाम योजना (एस.ए.जी.वाई.)
म शा मल गावं आ द म एफ.एच.ट .सी. के ावधान को
येक ामीण प रवार को कफायती सेवा डल वर भार के ाथ मकता देना;
बदले, नय मत और द घकाल न आधार पर नधा रत गणव ु ता
वाल पेयजल आपू त, पया त मा ा म उपल ध कराया जाना, iii.) कल
ू , आग
ं नवाड़ी के , ाम पंचायत भवन , वा य
ता क ामीण समदाय
ु के जीवन तर म सधार
ु हो सके। के , आरो यता के और सामदाु यक भवन म
कायशील नल कने शन उपल ध कराना;
3.2 मशन
iv.) नल कने शन क कायशीलता क नगरानी करना;
जल जीवन मशन म न न ल खत के लए सहायता, शि त
और सु वधा दान क जाएगीः v.) नकद, व तु और/ अथवा मह े नत तथा विै छक मदान
के वारा थानीय समदाय ु म विै छक अपन व को
i.) रा य / संघ रा य े को ामीण जल आपू त कायनी त बढ़ावा दे ना और उसे सु नि चत करना;
क आयोजना म भागीदार करने हे त;ु ता क येक
ामीण प रवार और सावज नक सं था जस
ै े ाम पंचायत vi.) जल आपू त णाल अथात ् जल ोत, जल आपू त
भवन, कल,
ू आगं नवाड़ी के , वा य के , अवसंरचना और नय मत चालन एवं रख-रखाव हे तु
आरो यता के आ द म द घ-काल न आधार पर पीने न धय का था य व सु नि चत करने म सहायता दे ना;
यो य जल क उपल धता सु नि चत क जा सके;
vii.) इस से टर म मानव संसाधन का सश तीकरण और
ii.) रा य / संघ रा य े को जल आपू त अवसंरचनाओं के उनका वकास करना ता क नमाण काय, लं बग ं ,
नमाण हे त;ु ता क येक ामीण प रवार को वष 2024 बजल , जल गणव
ु ता बंधन, जल शोधन, जलागम
तक कायशील नल कने शन उपल ध कराया जा सके और संर ण, चालन एवं रख-रखाव आ द से जड़ी
ु मांग को,
नय मत आधार पर, पया त मा ा म नधा रत गणवु ता अ पकाल और द घकाल म परा
ू कया जा सके; और
वाले जल क आपू त उपल ध हो सके;
viii.) सरु त पेयजल के व भ न प और मह व के बारे म
iii.) रा य / संघ रा य े को; उनक पेयजल सरु ा क
जाग कता पद ै ा करना और हतधारक को इस कार
योजना बनाने हे त;ु
भागीदार बनाना क जल, हर कसी का सरोकार बन सके।
iv.) ाम पंचायत / ामीण समदाय
ु को उनक वयं क ाम
जल आपू त णा लय क आयोजना, काया वयन, 3.4 जल जीवन मशन के घटक
बंधन, अपन व, चालन एवं रख-रखाव हे त;ु
जल जीवन मशन के अत ं गत न न ल खत घटक के लए
v.) रा य / संघ रा य े को; उनके वयं के ऐसे सु ढ़ सहायता दान क जानी है :
सं थान का वकास करने हे त,ु िजनम जन-सु वधा
i.) येक ामीण प रवार को नल जल कने शन उपल ध
ि टकोण को बढ़ावा दे कर से टर म व तीय था य व
कराने के लए अत ं : ाम पाइपलाइन जल आपू त
और जल दाय पर बल दया गया हो;
अवसंरचना का वकास करना;
vi.) जीवन क गणव
ु ता म सधार ु क ि ट से जल के मह व
पर हतधारक क मता बढ़ाने और समदाय म ii.) जल आपू त णाल को द घकाल न था य व उपल ध
ु
जाग कता फैलाने हे त;ु कराने के लए व वसनीय पेयजल ोत का वकास और/
अथवा मौजदाू ोत को बढ़ाना;
vii.) मशन के काया वयन के लए रा य / सघ
ं रा य े के
लए व तीय सहायता का ावधान करने और व त जटाने
ु iii.) जहां आव यक हो, वहां यक
े ामीण प रवार क
हत
े ।ु आव यकता को परा ू करने के लए थोक (ब क) वॉटर
ास
ं फर, शोधन सय
ं ं और वतरण नट े वक था पत करना;
3.3 उ े य
iv.) जहां जल गणवु ता क सम या हो, वहां संदषण
ू के
इस मशन के यापक उ े य न न ल खत ह : नवारण हे तु ौ यो गक य म यवतन करना;
i.) येक ामीण प रवार को कायशील घरे लू नल कने शन v.) 55 एल.पी.सी.डी. के यनतम सवे ा तर पर एफ.एच.ट .सी.
ू
उपल ध कराना;
उपल ध कराने क ि ट से, पहले ह परू हो चक ु और
ii.) गणव
ु ता- भा वत े , सखा
ू त और रे ग तानी े म चालू क म क रे ो फ टग ं करना;
14
vi.) गंदले जल का बंधन;
3.5 कायनी त
डायनै मक
8
ाउं डवॉटर रसोस ऑफ इं डया, 2017 के बारे म सी.जी.ड य.बी.
ू क रपोट म द गई सचना
ू के अनसार
ु लॉक को ह आकलन इकाई माना गया है ।
15
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त
16
बहत ु कम आबाद वाले गरम रे ग तानी दे श आ द म 'रा य जल एवं व छता मशन (एस.ड य.एस.एम.)
ू
यह संभावना हो सकती है क येक ामीण प रवार काम करगे और येक िजले म 'िजला जल एवं
को एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराना यवहाय न हो। ऐसे व छता मशन' (डी.ड य.एस.एम.)
ू ह गे। ाम तर
े के संबंध म, बदं ु (vi) और (vii) म कए गए पर संवैधा नक ावधान के अनसार
ु , ाम पंचायत और/
उ लेख के अनसार
ु , पीने और खाना पकाने के लए 8- अथवा इसक उप-स म त अथात ् ाम जल और
10 एल.पी.सी.डी. तक पेयजल उपल ध कराने क ि ट व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता स म त आ द
काय करे गी। अ य काय म के साथ संबंध और
से, थानीय नवाचार / ौ यो गक उपाय क संभावना
तालमेल बनाते हए
ु सभी तर पर सं थागत यव थाएं
तलाश क जानी चा हए; तथा घरे लू उपयोग के लए
था पत क जानी चा हए। (सं थागत तं का व तार
दसर
ू यव था क जाए।
से ववरण अ याय 5 म दया गया है ।);
xiv.) जल-अभाव वाले े के अधशहर / बड़े गांव म,
सं थागत यव थाओं के सभी तर , वशषे कर ाम तर
मू यवान व छ जल को बचाने क ि ट से, दोहर
पर, म हलाओं क स य भागीदार सु नि चत क जानी
पाइपलाइन जल आपू त णाल वाल नई जल आपू त
चा हए। यह जल जीवन मशन क सफलता क कंु जी ह;ै
क म क आयोजना बनाई जानी चा हए अथात ् एक
पाइप म व छ जल क आपू त और दसरे ू पाइप म xx.) रा य सरकार, पंचायती राज अ ध नयम के तहत
शो धत गंदले जल/ अप श ट जल क आपू त क जानी उपयु त अ धसचनाू जार करे गी, (य द पहले जार नह ं
चा हए। दोन पाइप से येक प रवार को केवल एक- क हो), ता क ाम पंचायत और/ अथवा इसक
एक कने शन दया जाएगा। शो धत गंदले/ अप श ट उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/
जल के पाइप से ा त पानी का उपयोग पेयजल से यो ता समहू आ द को ाम जल आपू त णाल क
अलावा उपयोग/ बागवानी/ शौचालय लश करने के आयोजना, काया वयन, बंधन, चालन व रख-रखाव
लए कया जा सकता है । इसके अलावा, इन े म का अ धकार ा त हो सके। इन अ धकार म अ य के
ि थत प रवार को ो सा हत कया जाएगा क साथ-साथ वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त आ द क
आई.ई.सी. के भाग के प म वे घर के अदं र उपयोग शि तयां, उ तरदा य व, आत ं रक याएं, गठन और
कए जा रहे नल म फॉसेट एअरे टर का उपयोग कर जल सेवा भार आ द के बारे म नणय लेन,े भार
िजससे काफ जल क बचत होती है ; लगाने, सं ह त करने क शि तयां शा मल ह;
xv.) जल के समान वतरण को सु नि चत करने के लए xxi.) एस.ड य.एस.एम.
ू वारा वष भर के लए तमाह -वार
अ भनव ौ यो गक क खोज क जाएगी; और िजला-वार ल य नधा रत कए जाएग ं े और न धय
xvi.) ोत पनभर
ु ण (र चाज) अथात ् सम पत बोरवले पनभर
ु ण क आव यकता और यय का आकलन कया जाएगा;
ढाचं , वषा जल पनभर
ु ण, वतमान जल भडंार के नवीकरण xxii.) एस.ड य.एस.एम
ू ., रा य से टर क ामीण जल
आ द के लए वॉटरशडे/ि ग ं शडे के स ात
ं का उपयोग आपू त क म , इस से टर म बा य सहायता- ा त
मनरग े ा, आई.ड य.एम.पी.,
ू व तीय आयोग अनदान
ु , प रयोजनाओं स हत अ य ोत और जल जीवन
रा य क म , एम.पी.एल.ए.डी., एम.एल.ए.एल.ए.डी., मशन के तहत व तपो षत प रयोजनाओ/ं क म के
सी.एस.आर. आ द के तालमल े से कया जाना चा हए; म य सगम एक करण और तालमेल सु नि चत करगे;
ु
xvii.) वशषे कर शु क और अध-शु क े म, ए वीफर के xxiii.) येक ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. उपल ध
पनभर
ु ण (र चाज) को बढ़ाने के लए, रा य सरकार को कराने के लए गांव म चलाई जाने वाल क म क
वतमान नहर (केनाल) नट े वक को सु ढ़ करन/े बढ़ाने क म के आधार पर ' ाम काय योजना' तय ै ार क
क और/ अथवा नई नहर को बनाने क आव यकता है
जाएगी। 'िजला काय योजना' (डी.ए.पी.) और 'रा य
ता क बाधं / रज़रवायर से बाढ़ के अ त र त पानी को
काय योजना' (एस.ए.पी.) तयै ार करने क ज रत के
पोखर / झील और अ य जल भड ं ार म थानात ं रत
आधार पर, े ीय जल आपू त क म / थोक (ब क)
कया जा सके और वषा ऋतु म भ-जल ू का पनभर
ु ण
जल ा फ़र और शोधन संयं के साथ-साथ िजले म
(र चाज) भी कया जाए। ऐसी ग त व धय के लए,
ि थत सभी गांव क ' ाम काय योजनाओं' और रा य
अ य ोत से न धय का बध ं करना चा हए;
म सभी िजल क 'िजला काय योजनाओं' को मश:
xviii.) अ धक ऊंचाई तक जल पहंु चाने क ज रत वाल जल समे कत कया जाना होगा। इसके अलावा, रा य भी,
आपू त क म / प रयोजनाओं क योजना बनाते व त वा षक आबंटन के अनु प सालाना ल य को नधा रत
बजल क लागत और साथ ह साथ मा सक बजल करते हए
ु वा षक काय योजना तय ै ार करगे। (आगे का
बल को यान म रखे जाने क आव यकता है और ववरण परैा 3.6 म दया गया है );
रा य / संघ रा य े वारा इस आव यकता क पू त
xxiv.) जल आपू त और इससे जड़ ु े सभी काय के लए गांव का
हे तु नी त नधा रत कए जाने क आव यकता है ;
मु य द तावेज़, ' ाम काय योजना' होगा और ाम
xix.) रा य तर पर 'रा य जल जीवन मशन' सभा वारा इसका अनमोदन
ु कर दए जाने पर भ न-
(एन.जे.जे.एम.) काय करे गा। रा य / संघ रा य े म भ न ोत से ा त सभी न धय को जल जीवन
17
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त
18
नमाण म उपयोग क जाने वाल साम ी सग ं त भारतीय घ.) ाम पचं ायत और/ अथवा इसक उप-स म त अथात ्
मानक के अनु प होगी। इसके अलावा, भ न- भ न वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह
ू आ द के
भौगो लक े /ि थ तय म उपयोग क जाने वाल परामश से डी.ड य.एस.एम.
ू और पी.एच.ई.डी./
साम ी ऐसी ि थ त के लए समय-समय पर यथा- आर.ड य.एस.ू वभाग काया वयन के लए सचीबू
सश ं ो धत और अनसं ु शत सी.पी.एच.ई.ई.ओ. सफा रश एज सय क सची ू म से एक एजसी का नधारण करगे
के अनु प हो । उपयोग क गई साम ी क गणव ु ता ता क यह सु नि चत हो सके क कसी एक गावं म सभी
सु नि चत करने क िज़ मद
े ार पी.एच.ई.डी./ काय के लए एक ह एजसी काय करे;
आर.ड य.एस./ू वभाग/ बोड/ कॉप रे शन आ द और
ड.) ाम पचं ायत और/ अथवा इसक उप स म त अथात ्
काय करने वाल एजसी क होगी। इस योजन से वे,
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द के
आपू तक ता से आ ह करगे क आपू तकता इस साम ी
परामश से डी.ड य.एस.एम.
ू वारा चय नत एजसी को
को मानक / व नदश के अनु प स कराने हेतु
काय स पा जाएगा और डी.ड य.एस.एम.,
ू ाम पच ं ायत
या यत (अ डट े े ड) जाच
ं एजसी/ सं थान से इनका
और/ अथवा इसक उप-स म त और काया वयन एजसी
माणन करवाए।ं यह एजसी/सं थान यह मा णत
के बीच प ीय समझौते पर ह ता र कए जाएग ं ।े य द
करे गा क साम ी मानक / व नदश के अनु प है।
वहां पर कोई काया वयन सहायता एजसी हो, तो वह भी
भगतान
ु करने क ि ट से, परेू हो चकु े काय का अ य
समझौते का ह सा बनग े ी। चंू क यह समयब मशन
प एजसी वारा नर ण कए जाने के समय इस
मोड काय म ह,ै इस लए सं वदा द तावज़ े म उपयु त
पहलू क जाच ं क जाएगी और इसे रकाड कया जाएगा;
दाि डक शत शा मल करना भी आव यक है ता क एजसी
xxxvii.) इतने बड़े पम ै ाने पर चलाए जाने वाले काय म का को काया वयन म वल ब करने से हतो सा हत कया
काया वयन करने और ती ता से इसे परा ू करने के लए जा सके। काय करने वाल काया वयन एजसी को, बना
अतं : ाम अवसरंचना नमाण के काय के लए काया वयन कसी वल ब के भगतान
ु कए जाने के बारे म भी इसी
एजसी क आव यकता होगी, िजसके लए के कत ृ ई- कार का ावधान कया जाना चा हए;
न वदा तं को अपनाया जाएगा ता क सवा धक उपयु त च.) ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ्
दर , सव े ठ एज सय क तलाश क जा सके और इतने वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समहू आद
यापक पम ै ाने पर काया वयन को ग त मल सके; तथा िजला जल एवं व छता मशन के परामश से वह
xxxviii.) काय म के काया वयन के लए न न ल खत काय व ध एजसी काय आरंभ करेगी और काया वयन के दौरान
अपनाई जाएगी: हत म टकराव के कसी मामले के समाधान म तथा
समय पर काय परा ू करने हेतु काया वयन एजसी को
क.) ाम पच ं ायत और/ अथवा इसक उपस म त अथात ् आव यक सहायता द जाएगी;
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आ द को
छ.) काया वयन एजसी से, चालू भगतान ु जार कए जाने
शा मल करते हए ं म काय म के काया वयन हेतु हर
ु गाव
का अनरोध ु ा त होने पर (i) ाम पंचायत और/ अथवा
पहलू पर वचार करते हए ु एस.ड य.एस.एम.
ू वारा
इसक उपस म त अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी
भ न- भ न कार के सभ ं ा वत डज़ाइन तय ै ार कए
स म त/ यो ता समह ू आ द; (ii) पी.एच.ई.डी./
जाएगं े और जल आपू त क म के सभी घटक जस ै े
आर.ड य.एस. ू वभाग (iii) एस.ड य.एस.एम.
ू वारा
ई.एस.आर., सप ं , कपड़े धोने और नहाने के थान आ द
सचीब
ू अ य प क जांच एजसी वारा
पर आने वाल लागत का आकलन आबाद , ोफाइल और
डी.डी.ड य.एस. ू वारा तयै ार मानदं ड9 के आधार पर
मदा
ृ क ि थ त के आधार पर कया जाएगा;
मौके पर संयु त नर ण कया जाएगा। सहमत चचा
ख.) एस.ड य.एस.एम.
ू , ऐसी मद / घटक के लए सं वदा म बद ं ओ
ु ं को, ाम पंचायत और/ अथवा इसक उपस म त
मदवार दर नि चत करने और अ भयां क ापण अथात ् वी.ड य.एस.सी./ ू पानी स म त/ यो ता समह ू
( ो योरमट) व नमाण (ई.पी.सी.) व ध पर काय कराने आ द वारा इस काय हे तु न मत 'काय रिज टर' म
के लए एका धक एज सय को सचीब ू करने हेतु ई- नोट कया जाएगा और उस पर ह ता र कये जाएंगे।
न वदा आमं त करेगा। यह सं वदा 2-3 वष के लए इसके आधार पर पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग
वधै रखी जा सकती है; माप पिु तका (एम.बी.) म माप को रकाड करे गा और
फर भगतानु हे तु या शु करे गा;
ग.) जहां भू म-अ ध हण काय पण ू हो चकाु हो और सब ं ं धत
ा धकरण को स प दया गया हो (अथात ् जहां भू म ज.) काय परा
ू होने पर, उपयु त नधा रत या वारा ह
अवसरंचना नमाण के लए तरत अं तम बल का भगतान
ु कया जाएगा और एजसी, दोष
ु ं सलभ
ु हो) वहां
एस.ड य.एस.एम., रा य के वा षक ल य, न धय क दा य व अव ध के दौरान जल आपू त णाल के सगम ु
ू
उपल धता, प रयोजनाओं क सं या और काय करने हत े ु संचलन हे तु िज़ मेदार होगी;
एजसी क मता को यान म रखते हए ु सचीबू झ.) भगतान
ु हे तु बल जमा करने के बाद, अ य प वारा
एज सय को काय स पे जाने क अ धकतम सं या का काय का नर ण कया जाएगा और नर ण के बाद
नधारण करेगा; 30-45 दन म भगतान
ु कर दया जाएगा। भगतान
ु म
अ य प
9
नर ण एजसी के चयन के लए सझाए
ु गए मानदं ड और वचाराथ वषय अनबं
ु ध - VIII पर दए गए ह।
19
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त
वी.ए.पी. हे तु सझाया
10
ु गया ा प अनबं
ु ध- Xक पर दया गया है ।
20
xi.) गांव के सावज नक सं थान अथात ् कल,
ू आग
ं नवाड़ी जल भंडारण टक , संप, जल पंप, सौर पन ै ल, वतरण
के , वा य के , ाम पंचायत भवन आ द म जल नेटवक, एफ.एच.ट .सी., कपड़े धोने/ नहाने के थान,
उपल ध कराने क योजना; मवेशी कंु ड, गंदले जल के शोधन और पनः
ु उपयोग के
उपाय, ोत था य व के उपाय आ द क जांच करना और
xii.) मामल
ू मर मत काय , चालन एवं रख-रखाव आ द के
इनक लागत का आकलन करना;
लए ज़मीनी तकनी शयन क पहचान करना;
viii.) सचीब
ू आई.एस.ए. म से आव यक आई.एस.ए. क
xiii.) फ ड पर ण कट के मा यम से जल क गणव ु ता क
सं या क पहचान करना, उनक तन ै ाती क योजना
जांच करने के लए गांव म सम पत यि तय क पहचान
बनाना और ' ाम काय योजना' क तय ै ार के ारं भ से
करना और उ ह इसके लए श त करना;
गांव म उनक उपल धता सु नि चत करना;
xiv.) गंदले जल के बंधन के उपाय;
ix.) मता सवं धन, श ण, अ य प क जाच ं , चालन एवं
xv.) व छता जांच के लए समय-ता लका नधा रत करना; रख-रखाव और आई.ई.सी. ग त व धय क योजना बनाना;
21
आयोजना और काया वयन हे तु कायनी त
iii.) सभी िजल क 'िजला काय योजना' को यान म रखते पी.आर.ए. काय व धया,ं उपल ध कराई जाने वाल क म
हए
ु और रा य म अ धक जल वाले े क पहचान कर के कार (रे ो फ़ टगं /नई एस.वी.एस./एम.वी.एस./ दगम
ु और
एस.ड य.एस.एम.
ू यह नणय लेगा क या अ धक जल दर-दराज
ू के े के लए वतं योजनाए,ं आ द),
वाले े से कम जल वाले े म जल ा फ़र कया पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.ू वभाग वारा तय ै ार कए
जाए और फर एका धक गांव को कवर करते हएु े ीय जाने वाले अनमान,
ु काया वयन समय-ता लका आ द का
जल आपू त क म के लए वतरण नेटवक तय ै ार कया ववरण शा मल होगा;
जाए या नह ं;
xii.) इसम, एफ.एच.ट .सी. के िजलेवार कवरे ज के अत
ं गत
iv.) सखा-
ू वण और रे ग तानी े वाले रा य म संबं धत अ भ नधा रत सम त ग त व धय और उनक व तीय
एज सय / वभाग के परामश से बह-उु े यी रज़रवायर/ ज रत को शा मल कया जाएगा;
भंडारण से घरे लू आव यकता के लए जल सरु त रखे
xiii.) भ न- भ न तर पर मानव संसाधन क सम
जाने क आव यकता है ;
आव यकता भी रा य काय योजना का ह सा होगी,
v.) एस.ए.पी. म वशषे प से उन अपे त सं थागत सधार
ु िजसम उ त मानव संसाधन का मता नमाण, श ण
का उ लेख कया जाएगा, िजनम जल आपू त के व श ट आ द शा मल होगा;
पहलओु ं अथात थोक म जल पहंु चाने/ अवसंरचना नमाण
xiv.) पाइप से जल आपू त क योजना बनाने के लए सभी
करने, अ तः िजला और अत ं र-िजला वतरण णाल और
तर पर एच.जी.एम. न श /अत
ं र ौ यो गक के
ामीण तर क सं थागत यव था को मदद दे ने पर
उपयोग क आव यकता होती है । ( ौ यो गक का
यान केि त करने वाल भ न- भ न एज सयां तय ै ार
व तत
ृ ववरण अ याय 8 म दया गया है );
करने के लए मौजदाू जल आपू त वभाग को वभािजत
करने क आव यकता भी शा मल होगी; xv.) एस.ए.पी. के अत ं गत गाव ं के जल भड ं ार /पारंप रक जल
सच ं यन सरंचनाओं के नवीकरण और सफाई के लए
vi.) उ त एज सया,ं व श ट जल आपू त सव े ाओं पर यान देने
रा य यापी कायनी त वक सत क जाएगी। गद ं ले जल का
के साथ बु नयाद ढाच
ं े के नमाण के लए जन- सु वधाओं
शोधन और पन: ु उपयोग, जल सर
ु ा कायन ी त का एक
के प म काय करगी। इस काय के लए, ोत से पानी
अ भ न अग ं होगा। पय े जल सरु ा ा त करने म जल
लने े और ड से उसक आपू त करने के लए जल शु क
भडं ार क र ा और उनका सरं ण सहायक होगा। इस
का व नदश भी रा य काय योजना म कया जाएगा;
उ े य स,े एस.ड य.एस.एम.
ू को भ न- भ न ोत
vii.) रा य काय योजना म सावज नक नजी भागीदार अथात मनरेगा, आई.ड य.एम.पी., ू एस.बी.एम.(जी),
(पी.पी.पी.) अथात ् हाइ ड ए यट ु मॉडल (एच.ए.एम.), एम.पी.एल.ए.डी., एम.एल.ए.एल.ए.डी., डी.एम.डी.एफ. आ द
डज़ाइन, नमाण, चालन, वा म व, ह तांतरण क ग त व धय और न धय के साथ तालमल े करने का
(डी.बी.ओ.ओ. ट .), नमाण, चालन, ह तांतरण नणय लन े ा होगा ।
(बी.ओ.ट .), आ द जस ै े भ न- भ न व तपोषण मॉडल
क परे खा भी बताई जाएगी;
viii.) घरे लू नल कने शन और जल गणव ु ता नगरानी और वष 2024 तक रा य ल य ा त करने के लए, जल
चौकसी (ड य.ू य.एम.
ू ए ड एस.) क कायशीलता जीवन मशन 'प रयोजना कायनी त' का पालन करे गा।
सु नि चत करने के लए एस.ए.पी. म व तत ृ
इस योजन स,े रा य काय योजनाए,ं 2024 तक क
काययोजना होनी चा हए। इसम, अ य बात के साथ-
साथ, जल पर ण योगशालाओं क ढांचागत अव ध के लए तय
ै ार क जाएग
ं ी, िजनम, अ य बात के
आव यकताओं और मानव संसाधन जटाने ु के लए साथ-साथ, सम कायनी तक योजना, काया वयन के
आयोजना बनाना भी शा मल होगा; तौर-तर के, कायाि वत क जाने वाल ग त व धया,ँ
समय-सीमा स हत ा त कया जाने वाला आउटपट,
ु
ix.) एस.ए.पी. म वशष े प से उन े (पहाड़ी/आ दवासी/
वन/गम और ठं डे रे ग तानी और दगम े ) क पहचान वा षक व तीय प र यय आ द को कवर कया जाएगा।
ु
क जाएगी, िज ह नवीकरणीय ऊजा का उपयोग करके एस.ए.पी. क कायनी तक योजना म इस णाल के
जल आपू त सु नि चत करने के लए नवीन लए ोत था य व, कायशीलता, नगरानी, काया वयन
ौ यो गक य ह त ेप क आव यकता होगी; के लए अ य प ीय नर ण, जल मापन, गद
ं ले जल
का बध
ं न और रख-रखाव एवं चालन क यापक
x.) िजला काय योजनाओ'ं के आधार पर, एस.ए.पी. म ोत
योजना का व तत
ृ ववरण शा मल होगा। सब
ं ं धत
था य व और गंदले जल के बंधन से संबं धत उपाय के
बीच तालमेल करने क योजना का उ लेख होगा; रा य/सघ
ं रा य े के साथ परामश के आधार पर
डी.डी.ड य.एस.
ू वारा एस.ए.पी. पर वचार कया
xi.) इसके अलावा, एस.ए.पी. म ाम पच ं ायत/गाव
ँ क िजलव े ार
जाएगा और उसका अनमोदन
ु कया जाएगा। एस.ए.पी.
सची
ू तत
ु क जाएगी। इन व तत ृ सू चय म यके
के आधार पर, व तपोषण क यव था क जानी होगी।
गावँ म उपल ध कराए जाने वाले एफ.एच.ट .सी. क सं या,
दान करने हते ु शष
े एफ.एच.ट .सी. क सं या, अपे त
22
ii.) ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात
वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह,
ू आ द के
साथ-साथ नगरपा लका नकाय को जल उपल ध कराने
वा त वक और व तीय िजला-वार ल य को तय
के लए अत ं :-िजला और अत
ं र-िजला जल वतरण णाल
करने के बाद अनमो
ु दत एस.ए.पी. से ह रा य/सघं
क योजना बनाने और उसके या वयन के लए एक
रा य े क वा षक काय योजना (ए.ए.पी.) बनगे ी
एजसी बनाई जाए; तथा
और फर उसे डी.डी.ड य.एस./
ू रा य जल जीवन
मशन के सम तत
ु कया जाएगा। iii.) ामीण तर के सं थान , जो एफ.एच.ट .सी. के मा यम
डी.डी.ड य.एस./
ू रा य जल जीवन मशन वारा से सेवा दाय और लंबे समय तक इसके बंधन, संचालन
सबं ं धत रा य/सघ
ं रा य े के साथ परामश के और रख-रखाव के लए ाम पंचायत और/या इसक उप-
आधार पर ए.ए.पी. को मज ं रू द जाएगी और वा षक स म त यानी वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता
काय योजना (ए.ए.पी.) के तहत ा त उपलि धय समह,ू आ द का ह सा ह गे, के सश तीकरण, सहायता
और मागदशन के लए एक अलग एजसी बनाई जाए।
को यान म रखते हए
ु धनरा श जार क जाएगी।
रा य, यह नणय ले सकते ह क वे अपनी-अपनी ज रत और
पसद ं के अनसार
ु उपयु त तीन वक प म से कम से कम दो
एज सयां बना ल। एस.ड य.एस.एम.,
ू उ त एज सय क थापना
3.6.2 भावी कायनी त – सेवा दाय और जन-सु वधा वकास म मह वपण ू भू मका नभाएगा। इस तरह के सधार
ु से ये सं थान,
मशन क योजना, सम प से, रा य जल आपू त े क चालन और रख-रखाव खच को परा ू करने के लए यो ताओं से
द घका लक योजना पर आधा रत होगी और इसम जल सरु ा व जल शु क क वसल ू और सव े ाओं पर यान देते हए
ु सावज नक
ोत तथा णा लय के था य व से संबं धत मु पर यान सु वधा के प म काय कर पाने म स म हो सकग।े
दया जाएगा। इसके लए, वतमान शास नक संरचना को ाम तर पर काम करने वाल काया वयन सहायता एजसी
वतमान के ' वभाग-आधा रत और नमाण या बु नयाद ढांचे के (आई.एस.ए.) क मदद से आदश बंधन सं वदा तय ै ार क जा
वकास' के ि टकोण से बदलकर 'जन सु वधा-आधा रत' सकती है , ता क ामीण तर पर वतं प से या ल टर-
ि टकोण म बदलना होगा। आव यकता इस बात क है क जल आधा रत मॉडल पर यवा
ु उ य मय / वयं सहायता समह ू वारा
आपू त अवसंरचना नमाण के बजाय जल बंधन अथात सेवा जल आपू त सेवाएं दान क जा सक। इसी व ध का उपयोग
दाय पर यान केि त कया जाए। इस ि टकोण म, अ य गंदले जल के बंधन के लए भी कया जा सकता है । इससे नई
बात के साथ-साथ, इस णाल का सतत चालन एवं रख- ौ यो गक लाने, बंधन क मजबत ू प तयां अपनाने और
रखाव करना, नय मत प से जल बजट और संपर ा का यो ता शु क क वसल ू म मदद मलेगी और इस कार से
काय, लागत वसल ू , जल के सामंज यपण ू उपयोग क व ध णाल म द घका लक था य व आ सकेगा।
अपनाने के साथ-साथ पारं प रक और गैर-पारं प रक ऊजा, वशष
े
प से सौर ऊजा का उपयोग करके ऊजा भार को घटाना, रा य, जल आपू त े के लए एक ऐसा वतं नयामक
दो हत जल क माप और उसका लेखा-जोखा रखना, शकायत नकाय भी बना सकते ह, जो व भ न एज सय वारा जल
का स य प से समाधान करना आ द शा मल है । आपू त उपल ध कराने के नयम और शत तय करे गा, शु क
नधा रत करे गा और इसके सं ह क नगरानी करे गा और
इसके अलावा, जल क उपल धता और व तीय था य व ववाद को हल करे गा तथा जल आपू त लोकपाल के प म भी
सु नि चत करने के लए पहले से तय
ै ार क गई कायनी त के काय करे गा ता क कोई भी य थत यो ता शकायत के
आधार पर, इस े के लए द घका लक योजना तय ै ार कए नवारण के लए उससे संपक कर सके।
जाने क आव यकता है । इस ल य को ा त करने का तकसंगत
रा ता यह है क सं थागत सधार
ु कए जाएं जस
ै े क मौजदा
ू
सं थान को मु त कया जाए और एक वतं एजसी को जल
आपू त नयामक काय स प दया जाए। इससे नजी नवेश का
माग भी श त होगा।
कछ
ु रा य म, मौजदा
ू सं थान म सधार
ु लाने क ि ट से
न न ल खत का सजन
ृ कए जाने क आव यकता है :
23
अ याय
त
काल न एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के तहत चल रहे रा य जल गणव ु ता उप- मशन 31 माच, 2021 को समा त हो
न न ल खत काय म को जल जीवन मशन म जाएगा। तदनसार,
ु रा य को एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू के तहत 31
आमे लत कया गया है : माच, 2021 तक यय करने क अनम ु त होगी। 31 माच, 2021
के बाद रा य के पास शष े बची रा श को जल जीवन मशन के
4.1 कम आय वाले रा य के लए ामीण जल अत ं गत जार होने वाल रा श के साथ समायोिजत कया जाएगा।
आपू त और व छता प रयोजना अपण ू योजनाओं के मामले म, यय होने वाल शष े रा श को
(आर.ड य.एस.एस.पी.-एल.आई.एस.)
ू सबं ं धत रा य/ सघं रा य े वारा वहन कया जाएगा।
60 िजल क सची
13
ू अनबं
ु ध-XII पर है ।
24
नई योजनाए,ँ जल जीवन मशन के तहत शु क जाएग ं ी। परू के नमने
ू भी एक कए जाएंगे। ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस. को
हो चकु वजल योजनाओं िजनम एफ.एच.ट .सी. का ावधान अब जल जीवन मशन के अत ं गत आमे लत कर दया गया है
नह ं है, उनम जल जीवन मशन के तहत सधार
ु कया जाएगा। और इसके लए जल जीवन मशन हे तु नधा रत न धय का
2% तक ह सा इसे दया जाएगा। इस संबंध म व तत ृ
4.5 जल गणवु ता नगरानी और चौकसी ववरण अ याय 10 म दया गया है ।
(ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस.)
4.6 सहायक ग त व धयां
जल गणव ु ता नगरानी के तहत वभाग वारा व भ न जल
ोत से एक जल के नमन ू का योगशालाओं म जल पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी.ू क सभी सहायक ग त व धय को
गणव
ु ता पर ण कया जाना शा मल है । समदाय
ु वारा जल जीवन मशन के अत ं गत आमे लत कर दया गया है और
नगरानी, जल जीवन मशन के तहत े जांच कट (फ ड इसके लए इ ह, जल जीवन मशन हे तु नधा रत न धय का
पर ण कट), व छता नर ण आ द के मा यम से क 5% तक ह सा दया जाएगा। इस संबंध म व तत ृ ववरण
जाती है । जल जीवन मशन के अत ं गत, एफ.एच.ट .सी. से जल अ याय 9 म दया गया है ।
25
अ याय
5 सं थागत तं
ज
ल जीवन मशन एक समयब मशन-मोड xiii.) सचना,
ू श ा और संचार (आई.ई.सी.) अ भयान चलाना;
काय म है और इसके सफल काया वयन के लए
xiv.) एस.ड य.एस.एम.,
ू डी.ड य.एस.एम.,
ू रा य अ भयां क
मजबतू सं थागत ढांचे क आव यकता है , ता क
वभाग /बोड और उनके मानव सस
ं ाधन के मता सवं धन
नधा रत ल य को ा त कया जा सके। अत: रा य, रा य,
म सहायता देना;
िजला और ाम तर पर एक चार तर य सं थागत तं
था पत कया जाना है जो न नानसार
ु होगा: ं ररा य एज सय के साथ सम वय और सहयोग के
xv.) अत
लए अवसर क तलाश करना;
5.1 रा य तर - रा य जल जीवन मशन
(एन.जे.जे.एम.) xvi.) आव यकता पड़ने पर परामशदाताओ,ं एज सय और
वशष
े क सेवाएं ा त करना;
एक व र ठ अ धकार क अ य ता म 'रा य जल जीवन
मशन' और एक नदे शालय काय करे गा। इस मशन के पास, xvii.) व भ न हतधारक क पहचान करना और उनके
ामीण समदाय को द घका लक पेयजल सरु ा उपल ध काय न पादन को परु कत
ृ करना;
ु
कराकर मशन का सफल काया वयन करने हे तु आव यक सभी xviii.) मशन क ग त व धय को चलाने के लए छा , यवाओ,
ु ं
शि तयां ह गी। रा य जल जीवन मशन क भू मकाएं और म हलाओं जस ै े अ य हतधारक को मशन से जोड़ने से
िज मेदा रयां न नानसार
ु ह: संबं धत ग त व धयां चलाना।
i.) यह, जल जीवन मशन के काया वयन और रा य को नदे शालय के अलावा, रा य जल जीवन मशन म
नी तगत मागदशन, व तीय सहायता और तकनीक
न न ल खत क यव था भी होगी:
मदद दान करने के लए िज मेदार होगा;
5.1.1डट
े ा और लेखन के
ii.) नय मत नगरानी और समय-समय पर आव यक
सधारा
ु मक कारवाई करना; इस मशन के तहत, इसके या वयन क नगरानी, रा य से
जानकार एक करने और सचना ू को संसा धत करने के लए
iii.) व रत काया वयन सु नि चत करने के लए रा य तर
एक डटे ा और लेखन के था पत कया जाएगा। इस के
पर न ध के उपयोग क नगरानी करना;
को मु य प से रा य सचना ू व ान के (एन.आई.सी.)
iv.) नय मत कायशीलता आकलन, मू यांकन और भाव वारा चलाया जाएगा। एन.आई.सी., रा य और रा य तर
आकलन करना; पर एक आई.ट . सलाहकार के प म काम करे गा और इसक
िज मेदा रयां न न ल खत ह गी:
v.) ल य ाि त हे तु अ य सं थान और काय म के साथ
साझद
े ार बनाना; i.) एक कत
ृ बंधन सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.) का
बंधन करना और प रयोजना बंधन तथा म यवतन के
vi.) तालमेल हे तु अ य मं ालय / वभाग के साथ सम वय
लए आव यक रपोट तय ै ार करना;
करना;
vii.) मशन के काया वयन के लए रा य वा षक काय ii.) जल जीवन मशन के तहत नगरानी मापदं ड / घटक के
योजनाओं का अनमोदन करना; सभी मा टर कोड और अवि थ त कोड एन.आई.सी.
ु
वारा बनाए जाएंगे और के य डट
े ाबेस के प म रखे
viii.) बा य ोत से धन ा त करने म रा य को सु वधा ं प त का पालन करगे;
जाएंगे। रा य भी इस को डग
दान करना;
iii.) रा य तर पर, एन.आई.सी. क रा य इकाई, रा य के
ix.) रा य जल जीवन कोष (आर.जे.जे.के.) संचा लत करना एम.आई.एस. काय म को तकनीक सहायता दे गी,
और संसाधन जटाना;
ु िजसम पार प रक प से सहमत ताव के अनसार
ु
x.) सव तम थाओ,ं सफलता क गाथाओं आ द को साझा सॉ टवेयर अनु योग का वकास और श ण
करके आपस म ान बांटना; शा मल होगा;
26
vi.) जल जीवन मशन के ल य को ा त करने के लए करे गी, इस व लेषण के आधार पर आई.एम.आई.एस. रपोट
भ व य म आव यक समझी जाने वाल और वक सत क को डजाइन करे गी, सफलता क गाथाएं खोजेगी और उनके
जाने वाल कोई भी अ य आई.ट . ग त व ध। लेखन के ा प वक सत करे गी, आई.एस.ए., अ य प क
नर ण एज सय के काय- न पादन क नगरानी करे गी,
5.1.2प रयोजना बंधन इकाई (पी.एम.य.)
ू कायशीलता मू यांकन म सम वय करे गी, मता संवधन
जल जीवन मशन को लगभग 15 करोड़ ामीण प रवार को काय म क यव था करे गी, श ण आव यकताओं क
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए कायाि वत कया जा रहा पहचान करे गी, अतं र- े ीय बाहर सम याओं का अ ययन
है । यह सं या आधारभत ू आकं ड़ के पन:स
ु यापन के बाद बढ़ करे गी और काय-प त म सधार ु के लए नी तगत सफा रश
सकती है । चंू क पाइप से जल आपू त क योजनाएं ामीण तर करे गी, मह वपण
ू आई.ई.सी. साम ी अथात ् सचना
ू साम ी,
पर शु क जाएंगी, इस लए काम क मा ा कई गना ु बढ़ व ापन साम ी आ द वक सत करे गी।
जाएगी। इसके अलावा, जल अभाव और गणव ु ता भा वत
े के लए अ भनव ौ यो गक समाधान क तलाश क
5.2 रा य तर - रा य जल एवं व छता
जानी है । साथ ह , इस मशन का उ े य नल कने शन क मशन (एस.ड य.एस.एम.)
ू
कायशीलता क नगरानी करना है ता क हर घर म नय मत
रा य के मु य स चव क अ य ता म वष 1999 म रा य तर
आधार पर पया त मा ा म पीने यो य जल क आपू त
पर सम वय, मेल-जोल और नी तगत मागदशन के लए 'रा य
सु नि चत हो सके। न केवल प रयोजना बंधन के लए, बि क
जल और व छता मशन' (एस.ड य.एस.एम.) ू क संक पना
आई.ई.सी. अ भयान चलाने, उ तम मॉडल खोजकर लाने,
क गई थी। एस.ड य.एस.एम. ू को सं ब ं धत रा य सरकार/ संघ
अत ं : ाम और थोक (ब क) जल ा फ़र एवं वतरण का
रा य े शासन वारा लए गए फैसले के अनसार ु सोसाइट
तकनीक -आ थक व लेषण करने, शोधन ौ यो ग कय , गंदले
के प म पंजीकत ृ कया जा सकता है । रा य सरकार, जल
जल के पन: ु उपयोग, वा त वक और व तीय ग त और
जीवन मशन के सफल काया वयन के लए
प रयोजना को सह माग पर रखने के लए समय पर कारवाई
एस.ड य.एस.एम.ू को आव यक शि तयाँ दान करगी। जल
करने का गु तर काय कया जाना होगा। ौ यो गक के मामले जीवन मशन के उ े य को ा त करने के लए मौजदा ू
म रा य को बहत ु अ धक सचनाू क आव यकता होगी और एस.ड य.एस.एम. को और सु ढ़ कया जा सकता है ।
ू
रा य क योजनाओं के तकनीक -आ थक मू यांकन क नरं तर एस.ड य.एस.एम., एक रा य तर य सं था है , जो रा य म
ू
आव यकता होगी ता क कफायती और सतत जल आपू त जल जीवन मशन के काया वयन के लए िज मेदार संगठन है ,
योजनाएं शु क जा सक। मशन को चालन व रख-रखाव के िजसके अ य रा य के मु य स चव होते ह और पी.एच.ई.डी./
व भ न पहलओ ु ं पर काम करने के साथ-साथ सु ढ़ शकायत आर.ड य.एस. ू वभाग के धान स चव/ भार स चव इसके
नवारण तं के साथ रा य वभाग / बोड / नगम क सहायता मशन नदे शक होते ह।
करनी होगी ता क वे इस मशन पर जन-सु वधा सिजत ृ करने
क सोच से काय कर। अ धकांश मशन अ धका रय को जल जीवन मशन के
समयब काया वयन के लए व भ न वभाग / एज सय /
रा य तर पर इस िज मेदार को नभाने के लए, इस मशन सं थान से त नयिु त पर लया जाएगा। फर भी, नय मत
के पास एक ओर तो लोक वा य इंजी नय रग ं और तकनीक - अ धका रय के अलावा, नवीनतम ान के साथ तालमेल
आ थक मू यांकन म वशष े ता रखने वाल एक प रयोजना था पत करने और ऊजा का संचार करने के लए, वषय
बंधन इकाई (पी.एम.य.)
ू होगी; और दसर
ू ओर इसके पास, वशषे क सेवाएं अनबं
ु ध पर ल जाएंगी। वशष े सहायता
सॉ ट ि कल जस ै े सामदा
ु यक ेरणा, आई.ई.सी., मता दान करने के लए, एस.ड य.एस.एम.
ू वारा परामशदाताओं
संवधन, श ण आ द क सु वधा भी होगी। पी.एम.य.ू के को काम पर लया जा सकता है , िजसके लए सहायता
तहत दो ट म काय करगी - एक तकनीक सहायता के लए ग त व धय के तहत दान क गई न धय का उपयोग कया
और दसर ू बंधन सहायता के लए, िजसके लए उपयु त जा सकता है । मौजदा
ू जल और व छता सहायता संगठन
ोत तं वक सत करने का यास कया जाएगा। (ड य.ू एस.एस.ओ.) को एस.ड य.एस.एम.
ू म आमे लत कर
दया जाएगा। मशन क संरचना और मानव संसाधन का
तकनीक सहायता दल, रा य को तकनीक सहायता दान
नधारण, रा य वारा कया जाएगा। लोक वा य इंजी नयर
करेगा, कफायती काया वयन के लए प रयोजना का तकनीक
के अलावा, मशन म प रयोजना बंधन, व त बंधन,
मू याक
ं न करेगा व सधारा
ु मक कारवाईय के बारे म सझाव
ु देगा,
आई.ट ., आई.ई.सी., मता संवधन और श ण, एन.जी.ओ.
डजाइन टे पले स का वकास करेगा और छोट वतं योजनाओं
सम वय आ द के लए अ धकार / कमचार भी रखे जाएंगे।
के लए लागत का आकलन करेगा, सामा य ौ यो गक य
लोक वा य इंजी नयर के अलावा, काय क मा ा और रा य
म यवतन और आई.ओ.ट .आधा रत नगरानी णाल क राह म
के आकार के आधार पर न न ल खत को नयोिजत कए जाने
आने वाल चनौ ु तय को दरू करने के लए ायो गक तौर पर
का सझाव
ु है :
अ भनव समाधान खोजने म सहायता दान करेगा।
i. कायनी त और काया वयन का भार नदे शक
बंधन सहायता ट म, प रयोजना बंधन/ नगरानी म सहायता
दान करे गी, काया वयन से जड़ी
ु बाधाओं क पहचान और ii. तकनीक , व तीय और नगरानी योजन के लए
व तीय नयोजन के लए डट े ा व लेषण उपकरण का योग प रयोजना बंधक
27
सं थागत तं
iii. काया वयन सहायता एज सय (आई.एस.ए.) के लए vi.) स म त, व तीय नयोजन के लए िज मद े ार होगी, िजसम
सम वयक समय पर न धय का उपयोग सु नि चत करना और
न धय को अ यु त पड़े रहने से बचाना भी शा मल है;
iv. सचना
ू , श ा और संचार (आई.ई.सी.) सम वयक
vii.) तालमेल के लए व भ न वभाग और अ य एज सय
v. मता संवधन और श ण सम वयक
के बीच सम वय था पत करना;
vi. एक कत ृ बंधन सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.)
viii.) शि तयां स पने क िज मद े ार इसी स म त क होगी,
हे तु सम वयक
िजससे अत ं : ाम अवसरंचना के बध ं न के लए ाम
vii. जल गणवु ता नगरानी और चौकसी पच
ं ायत/ उप-स म त को सश त बनाने वाल शि तयाँ उ ह
(ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस.) सम वयक द जा सक, अगर पहले से ऐसा न कर दया गया हो तो;
v.) वभाग/ रा य मशन के साथ चचा के बाद 'रा य काय xix.) जल/ राज व क नरं तर त को रोकने के लए
योजना' (एस.ए.पी.) का मू यांकन और सै ां तक अन धकत/
ृ मीटर र हत/ अ ात कने शन पर कारवाई
अनमोदन
ु करना; करना।
28
एक कायकार स म त, मशन नदे शक क सहायता करे गी। इस काया वयन क नगरानी करना, श क के श ण
स म त म 5 से 10 सद य ह गे। ामीण पेयजल आपू त के (ट .ओ.ट .), आई.ई.सी. साम ी के उपयोग आ द क
भार अ भयंता/ मु य अ भयंता, संबं धत वभाग अथात ् जल यव था करना;
संसाधन, ामीण वकास और पंचायती राज, वा य,
xiii.) सु नि चत करना क उपयो गता माण प (य.सी.)
ू ,
ाथ मक श ा, व त, आ द के अ धकार इसके पदे न सद य
सपं र त लेखा ववरण (ए.एस.ए.) आ द समय पर
ह गे। जल, ामीण वकास, सावज नक/ सामदा ु यक वा य
भारत सरकार को तत
ु कए जाएं;
और साफ-सफाई, व छता के े से संबं धत अ धकतम तीन
वशषे और ति ठत विै छक संगठन को सह-योिजत xiv.) रपोट , सफलता क कहा नय , सव तम थाओं को
सद य के प म शा मल कया जाएगा। आई.एम.आई.एस. और रा य के भीतर साझा करना और
एस.ड य.एस.एम. क कायकार समत के काय रा य के सोशल मी डया वारा उसका सार करना;
ू
न न ल खत ह गे: xv.) के और रा य - दोन क सरकार वारा शु कए
i.) डी.ड य.एस.एम.
ू के नमाण म सहायता दे ना, आव यक अ भयान परेू रा य म चलाना;
मता सवं धन सु नि चत करना, इसके कामकाज क xvi.) अ छे काय न पादन वाले िजल , ाम पच ं ायत और/ या
नय मत नगरानी करना; डी.ड य.एस.एम.
ू के साथ इसक उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी
सम वय करना, जानकार का मलान करना, वा षक स म त/ यो ता समह ू , आ द, और आई.एस.ए. को
काय योजनाओं (ए.ए.पी.) को अं तम प दे ना; समय-समय पर चि नत करना और उ ह ो सा हत
ii.) जल आपू त प रयोजनाओं के वा त वक और व तीय करने के लए नी तयां बनाना;
काय न पादन और बधं न क नगरानी करना;
xvii.) जी.आई.एस. लेटफॉम पर जल जीवन मशन
iii.) एकल नोडल खाता खोलने के लए अनमोदनु दे ना और प रसपं ि तय क डिजटल इ व बनाना और उसे
पी.एफ.एम.एस. का काया वयन सु नि चत करना; अपडटे करना;
29
सं थागत तं
30
vi.) ाम काय योजना' म स य भागीदार के लए xviii.) रा य तर पर मा टर े नर के प म श त कए
पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग को आव यक जाने वाले ऐसे यि तय क पहचान करना, जो ाम
दशा- नदश दे ना और ाम पंचायत और/ या इसक उप- पंचायत और/ या इसक उप-स म त, यानी
स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह ू , आद
यो ता समह ू , आ द के परामश से तकनीक -आ थक का मता संवधन करगे;
फ़ िज़ ब लट शु करना, डी.पी.आर. तय ै ार करना;
xix.) ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
vii.) ाम काय योजना (वी.ए.पी.) को अनमो
ु दत करना, वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समहू , आद
िजसम अत ं : ाम अवसंरचना के नमाण अथात ् से कायार भ का माण प ा त होने के बाद
रे ो फ टग
ं या नई योजना का ा कलन और इसके आई.एम.आई.एस. पर एफ.एच.ट .सी. अपलोड करना;
काया वयन क समय-सारणी शा मल हो;
xx.) जल जीवन मशन के आई.एम.आई.एस. और िजले के
viii.) इकाई क क म के डजाइन का नधारण करना और भीतर क रपोट , सफलता क कहा नय , सव तम
एस.ड य.एस.एम.
ू या पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू थाओं को अनमोदन
ु दे ना और उ ह साझा करना;
वभाग, आई.एस.ए., ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-
स म त, यानी वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता xxi.) जल जीवन मशन के संबंध म के और रा य सरकार
समहू , आ द वारा तय क गई लागत को अनमोदन
ु दे ना। - दोन वारा शु कए गए सभी अ भयान का संचालन
करना;
ix.) ‘ ाम काय योजना’ से उभरने वाल अनमा
ु नत वा षक
आव यकता के आधार पर पन ै ल-सची
ू म से एजसी को xxii.) समय-समय पर अ छे काय न पादन वाल ाम
नयोिजत करना और उसे काय स पना; पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह
ू ,आद
x.) एजसी को भगतान
ु करने से पहले काय के नर ण के
और आई.एस.ए. को मा यता दे ना;
लए अ य प क एजसी को नयु त करना;
xxiii.) सधारा
ु मक कारवाई के लए वा य संकेतक , जल
xi.) ाम पंचायत क उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /
ज नत बीमा रय आ द के आक
ं ड़ का व लेषण करना;
पानी स म त/ यो ता समह ू , आ द के गठन म
सहायता दे ना और योजना के काया वयन को सु नि चत xxiv.) जहां भी आव यक हो, ाम पंचायत और/ या उसक
करने म मागदशन दे ना; उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/
यो ता समहू , आ द के लए य अनभव- ु या ाओं
xii.) ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
क यव था करना;
वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह ू , आद
के साथ सम वय करना, सचनाओू ं का मलान करना, xxv.) सु नि चत कर क जल जीवन मशन आरं भन काय म
'िजला काय योजना' ('िजला काय योजना') तय ै ार करना के ह से के प म गांव म नधा रत ा प म रा य-
और इसे एस.ड य.एस.एम.
ू को भेजना; व श ट नारे च त कए जाएं;
xiii.) पी.एम.के.वी.के. के साथ मलकर जल जीवन मशन के xxvi.) सख/
ू े बाढ़ जस
ै ी आपदाएं आने पर आव यक कदम उठाना;
तहत अ त: ाम अवसंरचना बनाने के लए ाम पंचायत
और/ या उसक उप-स म त, यानी वी.ड य.एस.सी./ू xxvii.) शकायत नवारण करना;
पानी स म त/ यो ता समह ू , आ द वारा नयु त कए xxviii.) सु नि चत करना क सम त जानकार आई.एम.आई.एस.
जाने यो य कशलु मानव संसाधन का एक समहू बनाना। पर उपल ध हो।
उनका पा र मक भगतान ु , सहायता न ध म से कया
जा सकता है ; 5.4 ाम पच
ं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
xiv.) आई.एम.आई.एस. पर जल जीवन मशन क वा त वक ाम जल और व छता स म त (वी.ड य.एस.सी.)/
ू
और व तीय ग त का नय मत अपडट े सु नि चत पानी स म त/ यो ता समह,ू आ द।
करना और उनका स यापन करना;
ज.ेज.ेएम. के तहत यह प रक पना क गई है क समदाय, ु
xv.) वा त वक और व तीय काय न पादन क नगरानी और अतं : ाम जल आपू त अवसरंचना क आयोजना, काया वयन,
मू यांकन करना; बध ं ालन और रख-रखाव म मु य भू मका नभाएगा,
ं न, सच
xvi.) एन.जी.ओ./ वी.ओ./ सी.बी.ओ. भागीदार क तन
ै ाती, िजसके प रणाम व प, हर ामीण घर म एफ.एच.ट .सी. उपल ध
काया वयन सहायता एजसी (आई.एस.ए.) के प म हो सकेगा। ाम सभा सक ं प और सामदाु यक योगदान के
सकर
ु बनाना; मा यम से त बं बत समदाय
ु क त परता, गाव
ं म जल आपू त
णाल क योजना बनाने का सबसे मह वपणू मानदंड होगा।
xvii.) आई.ई.सी./ बी.सी.सी. रणनी त को कायाि वत करना
और उसके लए नधा रत सहायता न ध का भावी ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ्
उपयोग सु नि चत करना; वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह,
ू आ द सं वधान
31
सं थागत तं
32
xviii.) सामािजक संपर ा करवाना; सच ं ालन के लए व तीय सहायता दान क जाएगी।
डी.ड य.एस.एम.
ू वारा आई.एस.ए. के चयन के बाद,
xix.) जल के ववेकपण ू उपयोग पर जाग कता अ भयान
पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग क सहायता से सप ं ण
ू
चलाना; पानी का कोई द ु पयोग न करे , यह सु नि चत
योजना च के लए उसे स पे गए गाव ं क काय योजना एजसी
करने के लए एक तं वक सत करना और द वार पर
को ह तय ै ार करनी होगी और प ट प से तमाह आउटपट ु तय
च कार आ द करवाने स हत नधा रत आई.ई.सी.
करना होगा। यह आयोजना एस.ड य.एस.एम.
ू वारा सझाए
ु गए
अ भयान चलाना;
योजना च के अनु प होगी। आई.एस.ए. को कया जाने वाला
xx.) पंप ऑपरे टर, जमीनी तकनी शयन को नयु त करना/ भगतान
ु समय-ता लका और तमाह आउटपट ु से जोड़ा जाएगा।
काम पर लेना, नय मत प से मर मत एवं रख-रखाव आई.एस.ए. का भगतान,ु सहायता न धय म से कया जाएगा।
काय करना और णाल का संचालन करना।
आई.एस.ए. के काय न न ल खत ह गे:
5.5काया वयन सहायता एज सयां (आई.एस.ए.) i.) ाम पंचायत क उप-स म त अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /
पानी स म त/ यो ता समहू , आ द का गठन सगमु
गैर-सरकार संगठन / वयंसेवी संगठन / म हला व-सहायता
बनाना और इसके कायक ताओं के मता संवधन क
समह ू / सी.बी.ओ./ यास / त ठान को आई.एस.ए. कहा
जाएगा और वे अत ं : ाम आपू त अवसंरचना क आयोजना, यव था करना;
डजाइन, काया वयन, बंधन, चालन और रख-रखाव के लए ii.) परैा 5.4 म नधा रत सभी काय , िजनम अ य के साथ-
समदाय
ु को े रत करने और साथ लाने म एक भागीदार के प साथ बक खाते खोलना, सामदा ु यक अश ं दान जटाना
ु ,
म मह वपण ू भू मका नभाएंगी। एस.ड य.एस.एम.
ू वारा चालन एवं रख-रखाव क यव था करना, ाम सभा
पनै ल म शा मल काया वयन सहायता एज सय 14 म से एक का आयोजन करना, उप-स म त क बठ ै क आयोिजत
आई.एस.ए. क नयु त डी.ड य.एस.एम.ू वारा क जाएगी। करना, ाम सभा म संक प पा रत कया जाना सगम ु
पांच साल क 'िजला काय योजना' के आधार पर, हर साल कवर बनाना और ाम योजना क वीकृ त दे ना, व छता
कए जाने वाले गांव क सं या नधा रत क जाएगी। ये और े-वॉटर बंधन ग त व धय , आ द को सकर ु
चि हत गाँव भ न- भ न े णय अथात ् वतरण नेटवक और बनाना आ द शा मल ह, म ाम पंचायत और/ या इसक
एफ.एच.ट .सी. के ि ट से केवल अं तम छोर क कनेि ट वट उप-स म त अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/
क आव यकता वाले गांव, वे गांव िजनम जल के ववेकपण ू यो ता समहू आ द को सहायता दे ना;
उपयोग पर केवल आई.ई.सी. अ भयान चलाए जाने ह, चालन
iii.) एफ.एच.ट .सी. क आव यकता का मू यांकन करना
एवं रख-रखाव सहायता क ज रत वाले गांव, नई योजनाओं क
और एफ.एच.ट .सी. ा त करने के लए समदाय
ु को
आव यकता वाले गांव आ द के प म वग कत ृ कए जाएंगे,
े रत करना;
और मागदशन के लए आई.एस.ए. को नयु त करने हे तु इन
गांव को समहब ू कया जाएगा। तदनसार,
ु येक वष इन iv.) डी.ड य.एस.एम.
ू और वी.ड य.एस.सी.
ू के बीच
े णय म से येक के लए नयोिजत क जाने वाल सम वय मंच के प म काय करना;
आई.एस.ए. क आव यकतानसार ु सं या और समय-सारणी
नधा रत क जाएगी। नई योजनाओं के लए, येक v.) सामदा
ु यक जाग ृ त हे तु सहभागी ामीण मू यांकन
आई.एस.ए. एक बार म 40-60 गांव के लए अ धकतम 18 (पी.आर.ए.) उपकरण का उपयोग करना और
मह ने के परेू प रयोजना च के लए िज मेदार होगा। आव यकता मू यांकन करना;
िजले क आव यकता के आधार पर और आई.एस.ए. के काय- vi.) भारत सरकार/ रा य सरकार वारा शु कए गए जल
न पादन को दे खते हए अ भयान म समदाय
ु क सहायता करना;
ु उ ह चार से छह मह ने के बाद 40-60
गांव का अगला समह ू दया जाएगा या दसराू आई.एस.ए. vii.) जल के व भ न पहलओ ु ं जस
ै े वषा जल संचयन, कृ म
नयु त कया जाएगा। िजले म, काय और मागदशन क पनभर ण, जल गणव ता, जल ज नत बीमा रय , जल क
ु ु
आव यकता के आधार पर कई आई.एस.ए. नयु त कए जा बचत, जल का रख-रखाव, पेयजल के ोत म व ृ /
सकते ह। आयोजना इस तरह से तय ै ार क जानी चा हए क जल
ु ं आ द के बारे म जाग कता पद
था य व के पहलओ, ै ा
जीवन मशन को मशन मोड म कायाि वत कया जा सके और
करना;
वष 2024 तक िजल के सभी गाँव के सभी ामीण प रवार को
एफ.एच.ट .सी. उपल ध हो सके। viii.) गांव से ा त होने वाल सफलता क कहा नय का
लेखन करना और उ ह अपलोड करना;
आई.एस.ए., अत
ं : ाम जल आपू त णाल और योगदान क
आयोजना, काया वयन, बंधन, चालन और रख-रखाव के ix.) गांव म उ चत थान पर द वार पर च कार सु नि चत
सभी तर पर म हलाओं क भागीदार को सगम
ु बनाएगा। करना;
प रणाम ा त करने के लए, आई.एस.ए. को 6-8 सद य वाल x.) सामािजक यवहारगत प रवतन संचार (एस.बी.सी.सी.)
एक ट म नयोिजत करने और प रयोजना ग त व धय के काय व धयाँ चलाना।
60 िजल क सची
14
ू अनबं
ु ध-XII पर है
33
सं थागत तं
हर रा य म, एस.ड य.एस.एम.
ू वारा जल जीवन मशन के xiii.) अतं : ाम अवसंरचना वाले थान पर चारद वार से घरे
काया वयन के लए इंजी नय रगं वभाग/ बोड/ एजसी चि हत 'जल काय' प रसर का डज़ाइन बनाना और इसे थानीय
क जाएगी। गाँव के भीतर के अवसंरचना नमाण म इस सं कृ त के अनसार
ु उपयु त नाम दे ना।
वभाग/ बोड/ एजसी क भू मका न नानसार
ु होगी :
5.7 से टर साझद
े ार
i.) पी.आर.ए. ग त व धय म भाग लेना, गांव क
आव यकता का आकलन करना, और ' ाम काय योजना' से टर साझद े ार का आशय संयु त रा एज सय , अत ं रा य
तय
ै ार करने म तकनीक सहायता दान करना; वकास एज सय , फाउं डशे न/ यास/ एन.जी.ओ./ सी.बी.ओ./
सी.एस.आर. न ध वाले कॉरपोरे ट जस ै े संगठन से है , जो
ii.) पेयजल ोत क पहचान करने के लए ाम पंचायत
यापक तर पर भावशाल तर के से जल े म स य प से
और/ या इसक उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /
काय कर रहे ह। उनसे उ मीद है क उनके व तत ृ अनभव
ु को
पानी स म त/ यो ता समह
ू , आ द को वै ा नक और
दे खते हए
ु वे जल जीवन मशन के काया वयन म एक बड़ी
तकनीक जानकार दान करना;
भू मका नभाएंगे। सु वधा दाता क उनक भू मका से, दे श के
iii.) संबं धत जल वद (हाइ ोलॉिज ट)/ भजलू अ धका रय ामीण े म बेहतर तर के से सरु त पेयजल उपल ध कराने
को शा मल करते हए
ु थायी प से ोत क मा ा और म सहायता मलेगी। जल जीवन मशन म योगदान करने के
गणव
ु ता के लए ाम पंचायत और/ या इसक उप- लए के , रा य और िजला तर पर, साझद े ार क मता के
स म त, अथात वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ आधार पर उ ह चि नत कया जाएगा।
यो ता समह,ू आ द वारा चय नत ोत का माणन
सु नि चत करना; रा य तर पर भी इसी कार से से टर साझद े ार को चि नत
कया जाएगा। वभाग/ रा य मशन, रा य वारा मानव
iv.) रे ो फट क जा सकने वाल मौजदा
ू प रसंपि तय क संसाधन सहायता उपल ध कराने, डजाइ नग ं अ भयान चलाने,
पहचान करना; जल जीवन मशन सं थागत तं का मता संवधन करने,
v.) ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, अथात ् ौ यो गक म नवाचार लाने, बंधन, नगरानी आ द के लए
वी.ड य.एस.सी./ पानी स म त/ यो ता समह से टर साझदे ार के साथ भागीदार क जाएगी।
ू ू आद
वारा वचारण और वीकृ त के लए अ त: ाम इन साझद
े ार म न न ल खत शा मल हो सकते ह:
अवसंरचना डजाइन का ा कलन तय ै ार करना और
तकनीक वीकृ त दान करना; i.) संयु त रा संघ और अ य अत
ं रा य वकास संगठन;
vi.) जहां भी आव यक हो, काय के न पादन के लए ii.) सी.एस.आर. न धय वाला यापार और उ योग जगत;
वध
ै ा नक/ काननी
ू और अ य अनापि तयां ा त करना; iii.) समदाय-आधा रत संगठन;
ु
vii.) बहु ाम क म के मामले म ोत वकास स हत थोक
iv.) ु धान एवं वकास सं थान;
ान और अनसं
(ब क) जल अत
ं रण के बंधन, शोधन और वतरण
नेटवक क आयोजना, डजाइन, काया वयन, संचालन v.) परैवी भागीदार;
34
vi.) श ण/ कौशल वकास सं थान; वारा आयोिजत कायशालाओं, स मेलन आ द म
शा मल होता है , वहां वा त वक ज रत के आधार पर
vii.) व व व यालय/ तकनीक सं थान।
इसके लए जे.जे.एम. के तहत सहायता न ध म से धन
से टर साझद
े ार न न ल खत काय म सहायता दगे: उपल ध कराया जा सकता है ।
35
अ याय
6 काया वयन
ज
ल जीवन मशन एक समयब मशन-मोड जल पया त मा ा और गणव ु ता के अनसार
ु उपल ध है , वहां
काय म है , िजसके मा यम से यह सु नि चत उन रा य को सलाह द गई है क वे इन ोत के आधार पर
कया जाना है क वष 2024 तक येक ामीण एकल ाम योजनाएं शु कर। बहु ाम क म का सझाव ु उन
प रवार के पास ऐसा कायशील घरे लू नल कने शन वकास खंड के लए दया गया है , जो मा ा और गणव ु ता क
(एफ.एच.ट .सी.) हो, िजसके वारा नय मत प से, नधा रत सम या वाले वकास खंड 17 के अत
ं गत नह ं आते ह।
गणव
ु ता वाला (बीआईएस: 10500) और पया त मा ा म
मोटे तौर पर, जल आपू त अवसंरचना नमाण काय को इन दो
( यनतम
ू 55 एल.पी.सी.डी.) पेयजल उपल ध कराया जा सके।
े णय म वग कत ृ कया जाएगा : -
एफ.एच.ट .सी. के वारा येक घर म तीन थान यानी रसोई,
कपड़े धोने एवं नान करने के थान और शौचालय म पानी i.) ोत वकास/ सु ढ़ करण/ संव न और े-वॉटर बंधन
(नल) उपल ध कराने क योजना बनाई जा सकती है ता क जल स हत अत
ं : ाम अवसंरचना का नमाण; तथा
व छ रहे और इसका द ु पयोग न हो। जल जीवन मशन के
ii.) थोक (ब क) जल ा फ़र, शोधन और वतरण
तहत, इन तीन थान म से त घर केवल एक थान पर ह
णा लय के लए अवसंरचना का नमाण।
नल पहंु चाने के लए व तपोषण कया जाएगा।
इस सब ं ध
ं म, रा य सरकार/ सघ ं रा य े शासन, सबं ं धत एकल ाम योजना (एस.वी.एस.), एक भजल/ू सोता आधा रत/
रा य /सघ ं रा य े के सभी गाव ं को कवर करने क समय थानीय धरातल जल योजना है , िजसे ाम पंचायत और/या
सीमा के साथ बनाई गई 'रा य काय योजना' (एस.ए.पी.) के इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल आपू त स म त/ पानी
आधार पर इस मशन को कायाि वत करग।े पय े जल एवं स म त/ यो ता समह ू आ द वारा नयोिजत और बं धत
व छता मशन वारा ाम पच ं ायत और/ या उनक उप- कया जाता है । बहु ाम योजना (एम.वी.एस.), एक भजल/
ू
स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ धरातल -जल आधा रत योजना है , जो कई गांव क आव यकता
यो ता समह को परा
ू करती है और आमतौर पर पी.एच.ई.डी./ ाम जल
ू आ द और आई.एस.ए. के परामश से मौजदा ू जल
आपू त अवसरंचना के आधार पर येक गावँ का मू याक ं न आपू त वभाग/ बोड/ एजसी वारा इसक आयोजना बनाई
कया जाएगा। उसी के आधार पर, सझाई गई न न ल खत जाती है , िजसम ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त,
ु
े णय म से कसी एक ेणी के तहत गाव ँ के भीतर ोत के अथात ् ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता
वकास स हत जल आपू त अवसरंचना का नमाण करके येक समहू आ द अ त: ाम जल आपू त णाल का बंधन,
ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान कया जाएगा :- संचालन और रख-रखाव करती ह।
सभी ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए, आई.एस.ए. वारा, ाम समदाय
ु को ाम सभा म भाग लेने के
एकल ाम योजना (एस.वी.एस.) / बहु ाम योजना लए े रत कया जाएगा और ाम सभा के सद य बहमतु से
37
काया वयन
38
योजना और अ त: ाम अवसरंचना का ह सा होगा। जस ै ा परैा 6.1.1 योजना च
6.3 म उि ल खत है , इसके लए धन का उपयोग मेल-जोल से
आमतौर पर, अ त: ाम जल आपू त अवसंरचना के वकास म
कया जा सकता है । इस घटक के लए न धयां ' व छ भारत
12 से 18 मह ने लग सकते ह। इसे न न ल खत तीन चरण
मशन' से ा त क जा सकती ह और दान-दाताओ,ं
म वभािजत कया जा सकता है :
सी.एस.आर. और एम.पी.एल.ए.डी./ एम.एल.ए.एल.ए.डी. से
योगदान लेने को ो सा हत कया जा सकता है । इससे, इन i.) योजना और साम ी-संचय चरण;
न धय के उ चत बध ं न और गाव ँ को व छ रखने म इनक
ii.) काया वयन चरण;
भू मका के बारे म सह सदं े श जाएगा।
iii.) काया वयन के बाद का चरण।
शु क और अध-शु क े के अ धकांश गाँव म, घर से
नकलने वाले े वाटर के नपटान हे तु 'सो ता ग ढा' बनाना एकल ाम योजनाओं के लए, योजना च ाम पंचायत
बेहतर वक प होगा। इस पानी का उपयोग गाँव के प रवेश म संक प के दन से 12 से 18 मह ने के बीच का हो सकता है ।
ह रयाल लाने और घरे लू उपभोग के लए फल का उ पादन
योजना और साम ी संचय चरण (3-6 मह ने)
करने म कया जा सकता है । इस लए सझावु दया जाता है क
i) ह रयाल और छाया बढ़ाने के लए एक पेड़ लगाएं; (ii) इन योजना और साम ी-संचय चरण, डी.ड य.एस.एम.
ू वारा जल
संरचनाओं के आस-पास फलदार व ृ लगाएं बशत भू म जीवन मशन के काया वयन के लए कसी गांव को चि हत
उपल ध हो। आई.एस.ए. को वी.ड य.एस.सी. ू क सहायता करने से ारं भ होकर डी.ड य.एस.एम.
ू वारा अ त: ाम
करनी चा हए और इसे अलग-अलग प रवार वारा अपनाए अवसंरचना काया वयन के ा कलन के अनमोदन
ु तक बना
जाने और सार के लए आई.ई.सी. ग त व ध का ह सा भी रहता है । इस चरण म न न ल खत चि हत काय शा मल
बनाया जाना चा हए। होते ह:
39
काया वयन
काया वयन चरण का आरंभ, काम स पे जाने और जमीनी तर पर काय शु होने से होता है और योजना चालू हो जाने तक चलता है।
40
और/ या एस.ट . आबाद वाले गांव म समदाय
ु वारा पंज
ू ीगत बजल शु क, रसायन लागत, नवारक एवं टट-फटू ू मर मत
लागत का 5% नकद/ या व तु और/ या म के प म दया पर कया जाने वाला यय, प प ऑपरे टर का पा र मक आ द
जाएगा और अ य गांव म पंज ू ी लागत का 10% भाग दया जसै ी आवत लागत शा मल ह गी। इस लए, नीचे दए गए
जाएगा। मामल म समदाय
ु क मह वपणू भू मका होगी:
समदाय
ु क स म त और गांव के कम से कम 80% घर से i.) सरकार से ा त आवत न ध का उपयोग ववेकपण
ू
अशं दान लेना जल जीवन मशन के तहत जल आपू त योजना तर के से करना;
चलाने क अ नवाय पव- ू आव यकता है । ाम पंचायत और/ या ii.) व त आयोग क सफा रश के ह से के प म ा त धन;
इसक उप-स म त, अथात ् ाम जल और व छता स म त/
पानी स म त/ यो ता समह ू आ द, गर ब, नबल, द यांगजन iii.) जमीनी तकनी शयन के मा यम से स टम के चालन
या वधवा, िजनक आय का कोई नय मत ोत नह ं है , से क यव था करना;
यि तगत अश ं दान न लेने पर वचार कर सकते ह। हालां क, मामल
iv.) ू मर मत काय करना;
यह नयम के बजाय एक अपवाद है ।
v.) लोर नेशन;
समदायु वारा एकमु त नकद भगतान ु कए जाने के बोझ को
कम करने के लए ाम पंचायत और/ या इसक उप-स म त, vi.) पानी क गणव
ु ता क जांच/ चौकसी;
अथात ाम जल और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता vii.) बु नयाद ढांचे का उ चत उपयोग, ोत के आस-पास
समह ू आ द यह अनम ु त दे सकते ह क अलग-अलग प रवार सफाई इ या द सु नि चत करना।
क त म अश ं दान का भगतान
ु कर द। थानीय सं थाओ,ं
परोपकार यि तय , समदाय आधा रत संगठन को ो सा हत ाम पंचायत और/ इसक उपस म त अथात ् ाम जल और
ु
कया जाना चा हए क वे अश ं दान कर। हालां क, इस तरह के व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द को
अशं दान सामदा आवत शु क को परा ू करने के लए जल जीवन मशन से
ु यक योगदान का ह सा नह ं ह गे। इसे योजना
क सम लागत म योगदान के प म लया जाएगा। इसी तरह ो साहन न ध, व त आयोग अनदान ु तथा सामदा
ु यक
से एम.पी.एल.ए.डी. आ द से योगदान को के य शये र के प योगदान जसै े भ न- भ न ोत से चालन व रख रखाव हे तु
म गना जाएगा, एम.एल.ए.एल.ए.डी. आ द को रा य के धनरा श ा त करने के लए एक खाता खोलना होगा।
योगदान म गना जाएगा, डी.एम.डी.एफ. को रा य के योगदान ाम पच
ं ायत और/ अथवा इसक उप स म त अथात ् ाम जल
के प म और अ य दान को सम लागत का ह सा माना और व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द वारा
जाएगा। थानीय वयं सहायता समह ू (एस.एच.जी.) वारा जल आपू त क म का बध ं न, चालन एवं रख रखाव; यो ता
कया गया योगदान सामदा ु यक योगदान का ह सा होगा। के भार क वसल ू तथा पणू चालन व रख रखाव वसलू , इस
(इसका ववरण परैा 7.11 म दया गया है ।) क म के द घका लक था य व क आधार शला होगी।
चल रह पवव ू त एन.आर.डी.ड य.पी. ू क म के संबंध म,
6.2 े ीय जल आपू त और वतरण नेटवक
पंूजी लागत क मद म कोई सामदा ु यक अशं दान नह ं होगा।
तथा प, उ ह जल जीवन मशन के अनु प बनाने के लए जल क गणव ु ता के मु से त तथा धरातल जल ोत क
रे ो फ टग
ं करते समय, समदाय
ु वारा नकद और/ या व तु कमी वाले गांव म, वशष े कर, सखा- ू वण और रे ग तानी
और/या म के तौर पर, यथा-ि थ त, पंज ू ी लागत का 5% या इलाक म, जल सरु ा ा त करने हे तु लंबी दरू से भार मा ा म
10% भाग का अश ं दान कया जाना होगा जो क रे ो फ टग ं / जल ले कर आना एक स चाई है । इसके अलावा, उन सखा- ू वण
व ृ और/ या अ त र त मद जस ै े मवेशी कंु ड, नान और कपड़े तथा रे ग तानी इलाक म, जहां मले-जले ु उपयोग के मा यम
धोने के लॉक, वषा जल संचयन आ द क लागत क मद म से पानी क आपू त संभव नह ं है , लंबी दरू से भार मा ा म जल
योगदान समझा जाएगा। लाने के लए ऐसी ह प त अपनायी जाएगी। जल क कमी
वाले रा य , अपया त वषा वाले विृ ट छाया े म पड़ने वाले
6.1.3 समदाय
ु के लए ो साहन
इलाक म बारहमासी धरातल ोत से पानी क सो सग करके
समदाय
ु को, अपने-अपने गांव क अ त: ाम जल आपू त इस े के शहर और ामीण - दोन े को कवर करते हए, ु
क म पर आने वाले पंज ू ीगत यय के 10% तक े ीय जल आपू त क म क योजना बनाना आव यक है ।
परु कार/ ो साहन रा श चरण-ब तर के से, क म के आरं भन
चंू क जल, बहत ु अ धक लागत पर लंबी दरू से ढोकर लाया
के बाद दान क जाएगी। यह रा श, क म क आपातकाल न
जाता है , अत: आव यक है क जल ढोकर लाने के दौरान जल
मर मत/ रख रखाव को परा ू करने के लए 'आवत न ध' के प
का रसाव कम से कम हो। इस योजन से गैर-राज व जल क
म काम करे गी। इसक भरपाई यो ता समह/ ू थानीय समदाय
ु
मा ा यनतम ू रखने के लए एस.सी.ए.डी.ए. णाल तथा/ या
वारा क जाएगी।
ससर आधा रत तं के साथ िजला मीट रग ं े (डी.एम.ए.) का
6.1.4 चालन एवं रख रखाव होना ज र है ।
41
काया वयन
संसाधन क आव यकता होती है । इस लए रा य को संसाधन ऐसी वशाल योजनाओं के डजाइन, चालन और रख रखाव के
क उपल धता तथा भावी चालन व रख रखाव यय को यान लए रा य को सी.पी.एच.ई.ई.ओ. मानदं ड का कड़ाई से पालन
म रखते हए,
ु इन काय को ववेकपण ू तर के से अं तम वक प करना चा हए। क म म वतरण के अथात ् गांव/ बसावट के
के प म करने क आयोजना बनानी होगी। हौद पर थोक जल मीटर के लए ावधान कया जाना चा हए।
जल के अत ं रण क आव यकता वाल क म क आयोजना, एम.वी.एस. क म के मामले म, अपे त भू म अ ध हण क
काया वयन तथा नगरानी का काय एस.ड य.एस.एम./ ू रा य सीमा, इसक समय-सारणी एवं लागत के साथ भू म अ ध हण
सरकार वारा यथा- नधा रत पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू के व भ न चरण हेतु समय-ता लका का ववरण एस.ए.पी. म
वभाग/ बोड/ एजसी वारा कया जाएगा। तथा प, इस तरह क दए जाने क आव यकता है। अ त: ाम जल नमाण काय के
क म क अ त: ाम जल आपू त अवसरंचना क िज मद े ार , लए भू म, ाम पचं ायत वारा उपल ध कराई जानी होगी। य द
ाम पचं ायत और/ या इसक उपस म त अथात ् ाम जल और ऐसी भू म उपल ध नह ं है तो रा य सरकार वारा भू म उपल ध
व छता स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द क होगी, कराई जाएगी/ भू म क यव था क जाएगी। भू म क लागत
और पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग तथा काया वयन
जल जीवन मशन के के य ह से के तहत वीकाय नह ं होगी।
सहायता एजसी (आई.एस.ए.) इसे सगम ु बनाएग
ं ी। ाम पच
ं ायत
और/ या इसक उपस म त अथात ् ाम जल और व छता 6.3 मेल-जोल
स म त/ पानी स म त/ यो ता समह ू आ द रा य सरकार या
नयामक, जस ै ा भी मामला हो, वारा तय कए गए अनसार ु थोक जल संर ण, भ-जल ू पनभर
ु ण, वषाजल संचयन तथा गंदला
जल के आपू तक ता को थोक जल भार का भगतान ु करग।े जल बंधन के लए वतमान म अनेक के य तथा रा य
पो षत क म चल रह ह, िजनका ल य, जल सरु ा ा त
जल अत ं रण के घटक म हैड वक, इट ं े क वक, नलकप,
ू पि पग ं
करने का है । चल रह ऐसी क म के साथ जल जीवन मशन
टे शन, ं स/ मे स/ पाि वक वतरण नट े वक, शोधन सय
ं ं ,
का मेल-जोल कराने से ग त व धय क धनरा श म व ृ होगी
ए लवट े े ड टोरे ज रजवायर (ई.एस.आर.), हौद, ब क मीटर, थोक
जल आपू त सभ ं ालने के लए उप- टे शन आ द सि म लत ह। तथा गणव
ु ता, मा ा तथा था य व के संबंध म जल संसाधन
बढ़गे। जहां कह ं भी अ त: ाम अवसंरचना के तहत मेल-जोल
एका धक गांव को कवर करने वाल थोक जल अ तरण/ े ीय ग त व धय को शु कया जाना है , वहां डी.डी.पी./ डी.पी.ए.पी.,
जल आपू त क म के लए इस मशन के तहत शु कए जाने वना छा दत तथा जनजातीय े , जल गणव ु ता भा वत
वाले ऐसे काय क सं या को दे खते हए
ु चरणब आधार पर तथा जल-संकट त े आ द म जल सरु ा ा त कए जाने
अलग-अलग ई.पी.सी. सं वदा स पी जा सकती है । के लए वशष े यास कए जाने ह। मेल-जोल के मा यम से
गजरात,
ु तले ंगाना, कनाटक, आं दे श, महारा जस
ै े कछ
ु चलाई जाने वाल जल संर ण ग त व धय के अलावा, यह
रा य ने या तो जल ड/ धरातल जल आधा रत बड़ी योजनाएं मशन के य और रा य सरकार के अ य काय म के साथ
तयै ार कर ल ह या वे धरातल जल का उपयोग करके सभी गांव कौशल वकास, श ण, मता नमाण तथा समदाय ु के बीच
म पेयजल उपल ध कराने के लए ऐसी योजनाएं चलाने क जाग कता पद ै ा करने के उ े य से भी ताल-मेल करे गा।
आयोजना बना रहे ह।
42
योजना का नाम के / रा य घटक िजनका मेल-जोल
सरकार का वभाग कराया जा सकता है
धानमं ी कृ ष सच ं ाई योजना कृ ष, सहका रता और ए वीफस से जल के दोहन को कम करने
(पी.एम.के.एस.वाई.) कसान क याण मं ालय के लए अ धक पानी चाहने वाल व भ न
फसल के लए सू म- सच ं ाई का ावधान।
तपरक
ू वनीकरण कोष बध
ं न पयावरण, वन एवं जलवायु वनीकरण, वन पा रतं का पन
ु :सजन
ृ ,
और योजना ा धकरण प रवतन मं ालय ोत क बहाल और सु ढ करण,
(सी.एम.पी.ए.) वाटरशड
े वकास आ द।
धानमं ी कौशल वकास के कौशल वकास और ामीण जल आपू त क म के लए
(पी.एम.के.वी.के.) उ य मता मं ालय आव यक मानव सस ं ाधन के लए
कौशल वकास श ण आ द।
सम श ा मानव सस
ं ाधन वकास मं ालय व यालय म पये जल
आपू त का ावधान।
43
अ याय
ज
ल जीवन मशन (जे.जे.एम.) एक समयब मशन न ध, दान इ या द जस
ै े उपल ध सभी संसाधन का संचय
मोड काय म है और इसके सफल काया वयन के करके ामीण पेयजल आपू त के लए वष-वार व तीय योजना
लए यह आव यक है क व तीय आयोजना तय
ै ार क जाएगी।
मजबत ू हो, व त पोषण समय से हो, पया त संसाधन जटाए
ु
जल जीवन मशन के लए के से ा त व तीय सहायता के
जाएं और सं चत न धय का ववेकपण ू उपयोग कया जाए।
दो ोत ह गे - सकल बजट य सहायता (जी.बी.एस.) और
एस.ड य.एस.एम./डी.ड
ू य.एस.एम.
ू वारा के य न ध,
अ त र त बजट य संसाधन (ई.बी.आर.) । मशन क न ध
रा य न ध, अ य काय म , एम.पी.एल.ए.डी. योजना,
भागीदार प त न नानसार
ु रहे गी:
एम.एल.ए.-एल.ए.डी. योजना, डी.एम.डी.एफ़., सी.एस.आर.
रा य/सघ
ं रा य े के का भाग तशत म रा य का भाग तशत म
हमालयी और उ तर-पव
ू रा य 90 10
अ य रा य 50 50
वधा यका वाले सघ
ं रा य े 90 10
वधा यका र हत सघ
ं रा य े 100 -
ता लका 6
7.1 लागत
जे.जे.एम. के अतं गत पंज
ू ीगत यय के लए न ध क सं या तय क गई थी। एक औसत घर म यि तय क कल ु
आव यकता का आकलन, भ न- भ न कार क योजनाओं के सं या पाँच मानी गई है । यह गणना केवल और केवल जल
तहत ' त घर लागत' के अनसार ु एफ.एच.ट .सी. दान कए जीवन मशन के लए कल ु प र यय का आकलन करने क ि ट
जाने हे तु शष
े प रवार को आधार बनाकर कया गया है । से क गई है और इस आकलन को, योजनाओं के अनमोदन
ु का
आई.एम.आई.एस. पर रा य वारा दज कए गए आक ं ड़ के आधार नह ं बनाया जा सकता। कल ु न ध आव यकता हे तु
आधार पर, एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए शष े घर क अपनाई गई त प रवार औसत लागत न नानसार ु है :
त प रवार औसत
योजना का कार
लागत ( पये म)
एफ.एच.ट .सी. दान करने क ि ट से अं तम छोर तक सय
ं ोजन
7,500
उपल ध कराने के लए चालू योजनाओं क रे ो फ टग
ं
अ छ गणव
ु ता और सम ृ भजल
ू वाले वकास
15,000
खड
ं म एस.वी.एस.
कठोर च ानी े /शो धत भजल
ू पर आधा रत एस.वी.एस. 25,000
बह-ु ाम योजना 47,000
एका त/ जनजातीय इलाक़ म लघु सौर ऊजा आधा रत
7,00,000
पाइपलाइन जल आपू त योजना
ता लका 6
मशन का अनमा
ु नत प र यय 3.60 लाख करोड़ पये है , और 1.52 लाख करोड़ पये है । तदनसार,
ु पांच वष का
िजसम के और रा य का भाग मशः 2.08 लाख करोड़ पये अनमा
ु नत प र यय इस कार है :
44
(रा श करोड़ म)
वष भारत सरकार का भाग रा य का भाग कल
ु
2019-20 20,798 15,202 36,000
2020-21 34,753 25,247 60,000
2021-22 58,011 41,989 1,00,000
2022-23 48,708 35,292 84,000
2023-24 46,382 33,618 80,000
कल
ु 2,08,652 1,51,348 3,60,000
ता लका 8
मापदंड वट
े ेज तशत
ामीण जनसं या ( पछल जनगणना के अनसार)
ु 30
ामीण एस.सी. और एस.ट . जनसं या ( पछल जनगणना के अनसार)
ु 10
डी.डी.पी., डी.पी.ए.पी., एच.ए.डी.पी. और ामीण े के संदभ म
30
वश ट ेणी के पहाड़ी रा य के अत
ं गत आने वाले रा य
भार धातओ
ु ं स हत रासाय नक संदषकू से भा वत बि तय म
नवास करने वाल जनसं या (आई.एम.आई.एस. के अनसार)
ु 10
(पव
ू व त वष के 31 माच के अनसार)
ु
उपल ध कराने हे तु शष
े यि तगत घरे लू
20
कने शन के लए वेटेज
ता लका 9
45
व तीय आयोजना एवं व त पोषण
7.4 जे.जे.एम. के अत
ं गत आमे लत पवव
ू त एन.आर.डी.ड य.पी.
ू के घटक के लए
न ध भागीदार प त
व भ न उप-घटक/उप- मशन जो पहले क एन.आर.डी.ड य.पी. ू के साथ ह न न ल खत ववरण के अनसार
ु व तपो षत कया
का ह सा थ,े उ ह कायशील घरेलू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) जाएगा:
4. आस नक और लोराइड भा वत े म Ÿ पव
ू तर और हमालयी रा य के लए - 90:10
एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू Ÿ अ य रा य के लए - 50:50
ता लका 10
46
सारणी के भीतर और अनमो ु दत लागत के अनसार
ु परा
ू i.) अगले व तीय वष के दौरान दान कए जाने वाले
करके येक ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान एफ.एच.ट .सी. क तमाह -वार सं या;
कया जायेगा। कसी भी कार से समय या लागत व ृ
ii.) अं तम छोर तक संयोजन के लए, जल गणव ु ता
क अनम ु त नह ं द जाएगी। हालां क, एफ.एच.ट .सी.
भा वत े , रे ग तानी और सखा-
ू वण े , जे.ई.-
दान करने हे तु रे ो फ टग
ं के लए, जल जीवन मशन
ए.ई.एस. िजल और एस.ए.जी.वाई. गांव म रे ो फ टग
ं
म से अ त र त फंड का उपयोग कया जा सकता है ।
के मा यम से वर यता दे कर दान कए जाने वाले
ऐसी कसी भी योजना को, िजसे अपे त समय सीमा म
एफ.एच.ट .सी. क सं या;
परा
ू नह ं कया जा सका है , को परा ू करने के लए यय
रा य न ध से वहन कया जाएगा और अनमो ु दत समय iii.) वा षक न ध आव यकता;
सीमा के बाद के य ह से से परे कोई यय करने क
iv.) वा षक ल य क ाि त हे तु दान कए जाने वाले
अनम ु त नह ं होगी। एफ.एच.ट .सी. क सं या और मा सक यय आयोजना;
7.5.2 जे.जे.एम. के तहत नई योजनाओं के लए v.) के य ह से से इतर न ध के ोत;
जल जीवन मशन के तहत नई योजनाओं क आयोजना बनाते vi.) सहायक ग त व धय क आयोजना;
समय, योजनाओं को परा
ू करने के लए न न ल खत समय-
vii.) ड य.ू य.ू एम. एंड एस. आयोजना
सीमा का अनपालन
ु कया जा सकता है :
माच/ अ ल ै के मह ने म रा य के साथ परामश के बाद ह ,
i.) एस.वी.एस. और एम.वी.एस. को परा
ू करने के लए
दशा नदश के परैा 7.8 म उि ल खत ववरण के अनसार ु ,
अ धकतम अनमतु समय मशः 18 और 36 मह ने है ;
अ लै माह म रा य को न ध जार करने क या शु क
ii.) 3 साल तक क अव ध म परू क जा सकने वाल जाएगी। रा य वारा, जे.जे.एम. के तहत नई योजनाओं के
योजनाओं के संबंध म, काया वयन परा ू करने के लए अलावा, रा य म चल रह / परू हो चक ु पवव
ू त
सं वदा माच, 2021 से पहले जार कर द जानी चा हए। एन.आर.डी.ड य.पी.
ू योजनाओं , पर
ू हो चक
ु ं रा य योजनाओ ं
ऐसी योजना के लए माच, 2021 के बाद कोई सं वदा िज ह जे.जे.एम. के अनु प बनाने हे तु रे ो फ टग ं क
जार नह ं क जाएगी। कसी अ त वशष े मामले, जहां आव यकता है , और िजनके लए काय आदे श 1 अ ल ै , 2019
इस तरह क योजना आव यक है , वहां इस मामले को, के बाद जार कया गया है , को भी शा मल कया जा सकता है ,
व तत ृ औ च य दे ते हए,
ु वचारण/ अनमोदन ु के लए और इस कार एक सम वा षक काय योजना सु नि चत क
डी.डी.ड य.एस./
ू मशन को भे ज ा जाये ग ा; जाएगी। रा य े / एन.आर.डी.ड य.पी. ू से इतर या कसी
अ य ोत के तहत चल रह योजनाओं के मामले म,
iii.) 2 साल तक म परू क जा सकने वाल योजनाओं के एफ.एच.ट .सी. को भी उसी काय म से कवर कया जाना है ।
संबंध म, काया वयन परा ू करने के लए सं वदा माच, ऐसी योजनाओं म जल जीवन मशन फंड का परक ू के तौर पर
2022 से पहले जार कर द जानी चा हए। ऐसी योजना उपयोग नह ं कया जाना चा हए।
के लए माच, 2022 के बाद कोई सं वदा जार नह ं क
जाएगी। कसी अ त वशष े मामले म, इस मामले को, 7.6 काय- न पादन को परु कत
ृ करना
व तत ृ औ च य दे ते हए,
ु वचारण/ अनमोदन
ु के लए
जे.जे.एम. चँ ू क एक समयब दे श यापी काय म है , इस लए
डी.डी.ड य.एस./
ू मशन को भेजा जायेगा;
बेहतर दशन करने वाले रा य / संघ रा य े को, उनके
iv.) कसी मौजदा ू वफ़ल क म अथात ऐसी क म जो काय- न पादन हे तु ो सा हत करने के लए व तीय वष के
अपनी तयशदा ु अव ध से पहले काम करना बंद कर चक
ु अं तम दौर म अ य रा य / संघ रा य े वारा उठाई न गई
है , क एवज म कोई नई क म नह ं लाई जाएगी। धनरा श म से अ त र त फंड, उनके वा षक आबंटन के अनपात
ु
अपवाद व प, य द कोई रा य मौजदा ू योजना को म, उपल ध कराया जाएगा। रा य / संघ रा य े के काय-
यागने के उ चत कारण के साथ त थापन का ताव न पादन का आकलन करने के लए नणायक मापदं ड वभाग/
तत
ु करता है , तो उस ताव को डी.डी.ड य.एस./
ू रा य मशन वारा जार कए जाएंगे।
मशन के सम भेजा जाएगा। इस फंड का लाभ लन े े के लए, आव यक है क रा य/ सघ ं रा य
े अपने वयं के बजट य सस ं ाधन / रा य के अ त र त बजट य
7.5.3 वा षक काय योजना (ए.ए.पी.)
ससं ाधन (ई.बी.आर.)/ बा य सहायता इ या द से मशन के लए
येक वष, रा य/संघ रा य े वारा, 'रा य काय योजना' अ त र त न ध दान करके काय म को परा ू करने क आयोजना
(एस.ए.पी.) के अनु प फरवर माह म एक वा षक काय योजना बनाए,ं ता क के सरकार वारा द त अ त र त धनरा श उसी
(ए.ए.पी.) तय
ै ार क जाएगी और इसे वभाग/ रा य मशन व तीय वष म उपयोग म लाई जा सके। अ त र त फंड,
वारा वक सत ा प म ऑनलाइन जमा कराया जाएगा। इसे जी.बी.एस. या ई.बी.आर. या दोन म स,े परैा 7.3 म व णत आबटं न
वभाग/ रा य मशन और रा य के बीच परामश के आधार पर के मानदडं के आधार पर, काय- न पादन करने वाले रा य / सघ ं
अं तम प दया जाएगा। ए.ए.पी. म, अ य के साथ-साथ, रा य े के बीच वत रत कया जाएगा, िजसका उपयोग केवल
न न ल खत बद ं ु शा मल ह गे; एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के लए कया जाना ह।ै
47
व तीय आयोजना एवं व त पोषण
48
ह से के उपल ध फंड के कम से कम 60% के यय को दशाने 7.8.1.3 अ छा काय- न पादन करने वाले रा य / संघ रा य
वाला उपयोग माणप तत
ु कर दया जाएगा। े को अ त र त न ध जार करना
49
व तीय आयोजना एवं व त पोषण
एक कत ृ बध
ं न सचना
ू णाल (आई.एम.आई.एस.) सॉ टवय े र, 7.10 अमा य यय
लेखाक
ं न णाल के अनु प बनाया जाएगा, और इसम, ामीण
जल आपू त वभाग/ एस.ड य.एस.एम.
ू और सब ं ं धत बक कोई यय जस ै े क लागत व ृ , न वदा ी मयम और काय म
शाखा के लए यह सु वधा होगी क उनके वारा कए जाने वाले स ब धी दसरे ू ख़च जो के य ह से के तहत अमा य ह,
लेनदे न के लए ऑनलाइन डटे ा वि ट क जा सके। जे.जे.एम. के के य ह से के तहत व त पो षत होने के यो य
है अथवा नह ,ं इसका नणय रा य सरकार/ एस.ड य.एस.एम. ू
याज के प म उपािजत धन उसी खाते म जमा कया जाएगा करे गी। इसके अ त र त, भारत सरकार वारा दान क जाने
और संबं धत वष के उपयोग माणप (य.सी.) ू म दशाया वाल अनदान ु सहायता म से कोई भी शु क नह ं लया जाएगा।
जाएगा। याज रा श म से यय, दशा नदश म अनमत ु काय य द इसक आव यकता पड़ती है , तो यह रा य सरकार/ संघ
क मद पर कया जाएगा। यय म कसी भी कार का रा य े शासन क िज मेदार होगी। नय मत कमचा रय
वचलन, समय-समय पर वभाग/ रा य मशन वारा जार को सहायक ग त व धय क रा श म से 'वेतन' का भगतान ु नह ं
नदश / दशा नदश वारा नद शत होगा। बक, कया जाएगा और अनबं ु ध पर रखे गए क मय /
एस.ड य.एस.एम.
ू को उसके वारा जमा क गई याज रा श पेशव े र /परामशदाताओं को केवल पा र मक/ मानदे य का
के स ब ध म मै ा सक आधार पर सू चत करे गा। भगतान
ु कया जा सकता है । जे.जे.एम. के तहत दान क गई
रा य सरकार/ एस.ड य.एस.एम. ू , नधा रत व तपोषण प त भारत सरकार क न ध म से, चालन व रख-रखाव अथात जल
के अनसार ु मै चगं फंड के बारे म नणय लग।े एकल नोडल खाते आपू त काय से संबं धत बजल बल आ द का भगतान ु नह ं
म एस.ड य.एस.एम. ू वारा के और रा य दोन से कया जा सकता है । अमा य यय क एक सांके तक सची ू ,
ज.ेज.ेएम. का ह सा ा त होने पर, िजल के बीच इसका अनबं ु ध - IV पर द गई है ।
आबट ं न, दो स ताह के भीतर कया जाएगा और इसका आधार,
7.11 सामदा
ु यक योगदान
सब ं ं धत एस.ड य.एस.एम. ू वारा तय क गई वा षक िजला
काय योजनाओं ('िजला काय योजनाओं') को बनाया जाएगा। जसै ा क परैा 6.1.2 म उ लख े कया गया है, सामदा ु यक
आबट ं न के आधार पर, एस.ड य.एस.एम. ू वारा येक िजले योगदान नकद और/ या व तु और/या म के प म हो सकता है।
के लए एक आहरण सीमा नधा रत क जाएगी और व तु और/ या म के प म कए गए योगदान क गणना क
एस.ड य.एस.एम. ू ह , भगतान
ु बल तय ै ार करने के लए िजल जाएगी और इसक समक रा श को नकद योगदान के प म
को अ धकत ृ करे गा और भगतान ु , एकल नोडल खाते म से कया ाम पच
ं ायत और/ या इसक उप-स म त यानी वी.ड य.एस.सी./ू
जाएगा। डी.ड य.एस.एम. ू वारा िजला तर पर उपल ध पानी स म त/ यो ता समह ू इ या द वारा एक अलग रिज टर
'िजला काय योजना' और न ध के अनसार ु , यथा-ि थ त, ाम म दज और यवि थत कया जायग े ा। इसे दशा नदश के परैा
पचं ायत और/ या इसक उप-स म त, अथात वी.ड य.एस.सी. ू / 7.16 के अनसार
ु सब
ं ं धत अ धका रय वारा माग ं े जाने पर,
पानी स म त/ यो ता समह ू या पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू उपल ध कराया जाए और इसक सप ं र ा कराई जाए।
वभाग के मा यम से काय को परा ू कराएगा।
अत ं : ाम अवसरंचना के नमाण के लए नकद म कए गए
काय समाि त के बाद, पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग सामदा ु यक योगदान को ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-स म त,
वारा बल, डी.ड य.एस.एम./ ू एस.ड य.एस.एम.
ू को, यथा- अथात वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह, ू आ द के
ि थ त, े षत कया जाएगा, जो, बल ा त होने पर, पन ै लम सबं ं धत बक खाते म जमा कया जाएगा; यह खाता कसी भी
शा मल कसी अ य प एजसी वारा काय का नर ण अनस ु ू चत वा णि यक बक म खोला जा सकता ह।ै इस खाते को
कराएगा। इसके बाद, कए गए काय क गणव ु ता और काम क ाम पच ं ायत और/ या इसक उप-स म त अथात वी.ड य.एस.सी./
ू
मा ा से संतु ट होकर, डी.ड य.एस.एम./ ू एस.ड य.एस.एम.,
ू पानी स म त/ यो ता समहू इ या द के अ य और सब ं ं धत
जस ै ा भी मामला हो, एजसी को भगतान ु कए जाने क यव था पच
ं ायत स चव वारा सय ं ु त प से सच ं ा लत कया जाएगा।
करे गा। डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू वारा उस वष सामदा ु यक योगदान (अत ं : ाम अवसरंचना सजन हत
े ),ु ात
ृ
वशष े म एस.ड य.एस.एम.
ू वारा िजले के लए नधा रत ो साहन रा श के लए और चालन व रख-रखाव आव यकताओं
कए गए धन आबंटन / आहरण क सीमा के अधीन, न पा दत को परा ू करने के लए प रवार वारा दान कए गए यो ता
काय के लए एजसी को पी.एफ.एम.एस. मोड म भगतान ु करने शु क के लए अलग- अलग लज़ ै र रखे जाने ह ग।े
के लए कहा जाएगा। े जर मोड के मा यम से तय ै ार कए गए डी.ड य.एस.एम. वारा तय क गई एजसी/ व े ता को
ू
भगतान
ु आदे श क अनम ु त केवल तभी द जाएगी, जब सामदा ु यक योगदान का भगतान ु कया जाएगा।
संबं धत रा य े जर और पी.एफ.एम.एस. के बीच उपयु त
इंटरफेस बनाकर पी.एफ.एम.एस. णाल म इसे दशाया गया 7.12 अत ं : ाम अवसंरचना सजन
ृ हे तु अ य
हो। संबं धत एजसी के खाते म पी.एफ.एम.एस. मोड म, एकल ोत से ा त धन
नोडल खाते से भगतान ु करने के लए, यथा-अ धकत ृ प म,
डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू वारा ह भगतान ु नवा चत त न ध (संसद सद य, वधान सभा के सद य
आदे श भेजा जाएगा। सं वदा के अनसार ु स बं धत एजसी के इ या द), व भ न संगठन, सी.एस.आर. कानन ू के अतं गत
अलावा कसी अ य खाते म कोई अ म भगतान, ु साम ी आने वाल स थाएं, परोपकार लोग भी जे.जे.एम. के तहत
जटाने
ु के लए अ म रा श के तौर पर, नह ं कया जायेगा। ामीण जल आपू त णाल था पत करने हे तु अपना योगदान
50
दे सकते ह। ामीण जल आपू त णाल क थापना के लए रहा है , के बाद ो साहन ा त करने के पा हो जाते ह । इस
कसी सांसद वारा कए गए योगदान को, योजना क पंज ू ीगत न ध को दान करने के लए एस.ड य.एस.एम.ू , ऐसे मतू
लागत का के य ह सा माना जाता है और तदनसार ु , और पारदश मानदं ड वक सत कर सकती है , िजनका उ े य
योगदान म इतनी ह रा श क कटौती करके योजना के के य ाम पंचायत और/ या इसक उप- स म त, अथात
ह से को संशो धत कया जा सकता है । इसी तरह, वधायक या वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह
ू इ या द वारा
रा य के कसी नवा चत त न ध वारा कए गए योगदान जल आपू त णाल और चालन एवं रख-रखाव के था य व
को रा य के ह से से कया गया योगदान माना जाएगा और को ो सा हत करने का हो।
तदनसार
ु , योजना के रा य के ह से के योगदान म कटौती
ो साहन न ध, अत ं : ाम अवसरंचना लागत का 10 तशत
करके उसे संशो धत कया जा सकता है ।
होगी, िजसे पाचं वष क अव ध म चरणब तर के से वत रत
भारत सरकार के अ य मं ालय / वभाग से पेयजल आपू त कया जायग े ा। ो साहन न ध, कसी भी अत ं : ाम अवसरंचना
योजनाओं के लए ा त धन, नि चत प से एफ.एच.ट .सी. के क कसी ऐसी त काल मर मत लागत का भगतान ु करने के लए
लए ह उपयोग म लाया जाएगा। इन योजनाओं म भारत एक आवत न ध के प म इ तम े ाल क जाएगी, िजससे पानी
सरकार का ह सा, य द ये योजनाएं आं शक प से जे.जे.एम. क आपू त बा धत होने क सभ ं ावना हो और समदाय ु वारा फ़र
के तहत व त पो षत ह तो, पंज
ू ीगत लागत के लए के य से इसक तपू त क जाए। ो साहन न ध, च लत व तपोषण
शये र म शा मल माना जाएगा। रा य वारा ामीण जल प त म ज.ेज.ेएम. (के और रा य के म चग ं शये र) के तहत
आपू त के ावधान के साथ ता वत कसी भी नई बा य रा य के पास उपल ध न ध म से दान क जाएगी।
सहायता- ा त प रयोजना को केवल तभी सहायता द जाएगी,
य द इसम एफ.एच.ट .सी. का ावधान हो या इसके 7.14 जे.जे.एम. के तहत उपल ध ले सी फंड
प रणाम व प एफ.एच.ट .सी. ा त होने ह । दोन ह मामल अनबं
ु ध- VII पर रखे दनांक 06.09.2016 के कायालय ापन
म, उनक गणना, उपल ध कराए गए एफ.एच.ट .सी. क सं या 55(5)/पीएफ़-II/2011 और बाद म व त मं ालय के यय
क गनती करते समय वभाग के आई.एम.आई.एस. के ह से वभाग वारा जार कए गए संशोधन के अनसार, जल जीवन
ु
के तौर पर क जाएगी। मशन के तहत ले सी फंड का उपयोग न न ल खत उ े य
अत ं : ाम अवसंरचना सजन ृ क लागत क मद म अ य क ाि त हे तु कया जा सकता है :
संगठन , कॉरपोरे ट सामािजक उ तरदा य व (सी.एस.आर.) म i.) ाकृ तक आपदाओं के मामले म बचाव/ पन ार
ु
शा मल सं थाओ,ं परोपकार यि तय इ या द के योगदान को, ग त व धयाँ सच
ं ा लत करना, या आत
ं रक सरु ा गड़बड़ी से
योजना क कल ु अत ं : ाम अवसंरचना सजन ृ क लागत म से भा वत े म थानीय आव यकताओं को परा ू करना;
घटा दया जाएगा और अ नवाय सामदा ु यक योगदान के
अत ं गत शष े रा श को अनपा ु तक प म संशो धत कया जा ii.) द ता म सधार
ु करने के लए ायो गक तौर पर नवाचार
सकता है । इस तरह के सम त योगदान को योजना के पंज ू ीगत करना;
यय का ह सा माना जाएगा। कटौती करने के बाद के के
रा य / सघ ं रा य े को सलाह द जाती है क वे ाकृ तक
शये र, रा य के शये र और सामदा ु यक योगदान क गणना क आपदाओं और आत ं रक सम याओं से उ प न अ या शत
जाएगी। योजना के अ त: ाम घटक क शष े लागत पर
चनौ
ु तय / म ु से नपटने के लए, ज.ेज.ेएम. के तहत कये गए
सामदा ु यक योगदान फ़र भी अ नवाय होगा। कए गए सभी
वा षक आबट ं न का 5 तशत ह सा अलग रख द और इ तम े ाल
योगदान आई.एम.आई.एस. म दज कये जायगे।
म न लाए जा पाने क दशा म रा य सरकार वारा व तीय वष
डी.ड य.एस.एम./
ू एस.ड य.एस.एम.
ू वारा, जल आपू त के के अं तम दौर म इसका उपयोग कया जा सकता है। इसके
लए तयै ार क गई ' ाम काय योजना' के तहत प रकि पत, अलावा, रा य/ सघ ं रा य े भी ए.ए.पी. के अनु प ज.ेज.ेएम. के
भ न- भ न एज सय के ऐसे सभी यास का सम वय, मेल- तहत नवाचार क आयोजना बना सकते ह। ौ यो गक ह त प े
जोल और संयोजन कया जा सकता है । अनमो ु दत ' ाम काय पर अ धक जानकार के लए अ याय 8 देख।
योजना' के बाहर कोई समांतर काय नह ं कया जाएगा, इससे
संसाधन का इ टतम उपयोग कया जा सकेगा और दोहराव से 7.15 पी.एफ़.एम.एस.
बचा जा सकेगा। जे.जे.एम. के तहत कये जाने वाले सभी लेनदे न अ नवायतः
पी.एफ.एम.एस. के मा यम से ह कये जायगे और समय-
7.13 ो साहन न ध
समय पर पी.एफ.एम.एस. पर भारत सरकार वारा जार
ाम पंचायत और/ या इसक उप- स म त, अथात नदश का पालन कया जाना होगा। जे.जे.एम. के तहत रा य /
वी.ड य.एस.सी.
ू / पानी स म त/ यो ता समह ू इ या द, संघ रा य े वारा न ध का उपयोग कैसे कया जा रहा है ,
योजना को सफलतापवकू एक वष तक सं च ा लत कए जाने, पी.एफ.एम.एस. के मा यम से इसक नगरानी क जाएगी।
िजसम यह सु नि चत हो सके क योजना के तहत कवर कए भ व य म जार क जाने वाल न ध को, पी.एफ.एम.एस. म
गए येक ामीण प रवार को नय मत आधार पर पया त न ध क उपल धता और उपयोग के ववरण के साथ जोड़ दया
मा ा म गणव
ु तापण
ू जल ा त हो रहा है और चालन एवं जाएगा और क गई भौ तक और व तीय ग त क नगरानी
रख-रखाव के लए जल भार नय मत प से एक कया जा आई.एम.आई.एस. के मा यम से क जाएगी।
51
व तीय आयोजना एवं व त पोषण
7.17 वक
ै ि पक व तपोषण वक प/ मॉडल
अ त र त न ध क आव यकता को, रा य वारा, सावज नक
नजी भागीदार (पी.पी.पी.), हाइ ड वा षक मॉडल (एच.ए.एम.),
यवहायता अतं र व तपोषण (वी.जी.एफ.), आ द जस ै े अ भनव
व तपोषण तं के मा यम से परा ू कया जा सकता है। इसके
अलावा, भारत सरकार व व बक एवं ए शयाई वकास बक आ द
52
अ याय
ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशंस)
और नवाचार 8
ा
मीण जल आपू त े को भ-भाग ू , ाकृ तक 8.2 संद ू षत भजलू े म सामदा
ु यक जल शोधन
और अ य कारण ( दषण) ू से जल (जमीनी
संयं (सी.ड य.पी.पी.)
ू
और धरातल जल दोन ) क उपल ध मा ा और
सी.जी.ड य.बी.ू रपोट म यह ववरण दया गया है क भजल ू
1
9
उसक गणव ु ता, लंबी दरू से पानी लाने, पं पग
ं के लए बजल
क आव यकता को परा ू करने, पहले से चलाए जा रहे म छह परैामीटर पाए जाते ह नामत: आस नक, लोराइड,
ौ यो गक ह त ेप को जार रखने (उनका नय मत रख लोराइड, लोहा, नाइ े ट और लवणता। दे श के 6,834 वकास
रखाव करने और उससे नकले गाद/कचरे का उ चत नपटान खड ं / फ़रक /मडं ल /तालक ु म से 3,559 इन परैामीटर के सद ं भ
आ द), दर-दर
ू ू तक फैल णा लय के कारण दै नक म भा वत े ह जो छह मापदं ड म से कसी न कसी से
नगरानी/ बंधन म क ठनाई, वतरण णाल म रसाव, पानी भा वत ह। आस नक, लोराइड, आयरन और अ य भार धातु
का द ु पयोग/अ त योग आ द के कारण कई चनौ ु तय का भा वत बि तय म त काल राहत दान करने के लए, पीने
सामना करना पड़ता है । ौ यो गक से अ धकांश चनौ और खाना बनाने के लए अ पका लक उपाय के प म 8-10
ु तय का
समाधान ा त हो जाता है । तथा प, कछ मामल म , चनौ एल.पी.सी.डी. जल दान करने के लए सी.ड य.पी.पी. ू
ु ु तय
क ज टल कृ त के कारण, उपल ध तकनीक से कोई यापक था पत कया जा सकता है । तथा प, एक थायी उपाय के प
म, सरु त भजलू (आस-पास के गाव ँ से) या धरातल जल
समाधान ा त नह ं होता और इस लए अ भनव समाधान क
आपू त आधा रत णाल को 55 एल.पी.सी.डी. मता के साथ
आव यकता पड़ती है ।
एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए सं था पत कया जाना
अ य धक क ठन जलवायु प रि थ तय वाले े जस ै े अ धक होगा। इस काय को ाथ मकता द जानी चा हए और इन
ऊंचाई वाले ठं डे रे ग तान म, और दगम ु भ-भाग
ू से जड़ी
ु क ठन गणव
ु ता- भा वत बि तय वशष े प से आस नक, लोराइड,
चनौु तय का सामना करने वाले े या कम आबाद वाले गम यरेू नयम आ द जस ै े सद
ं षक
ू से भा वत बि तय म पीने यो य
रे ग तानी इलाक म यह संभावना बन सकती है क हर घर म पानी उपल ध कराने के लए हर सभ ं व यास कए जाने चा हए।
घरे लू नल कने शन दान न कया जा सके। ऐसे े म,
ौ यो गक चयन का काम रा य पर छोड़ दया गया है ता क
थानीय नवाचार / ौ यो गक य समाधान क तलाश क जा
यह सु नि चत हो सके क इस तरह क सी.ड य.पी.पी. ू
सकती है । पीने के पानी के े म नवाचार क खोज से समदाय ु णा लय म सं थापना के बाद सु ढ़ चालन एवं रखरखाव
को मौजदा ू बु नयाद ढांच,े पंज
ू ी नवेश, प रचालन लागत का णाल काय करे और अवशष े का सरु त नपटान होता रहे
इ टतम उपयोग करने और इस तरह से कफायती क मत पर ता क वे नधा रत मानक के अनसार काय करते रह। हालां क
ु
सरु त पेयजल उपल ध कराने म सहायता मलेगी। कृ म भ न- भ न संदषक के लए नन ै ो तकनीक आधा रत, रवस
ू
बु म ता1 8 (ए.आई.), डट े ा एना ल ट स, लॉक-चेन ऑ मो सस20, कैपे स टव डी-आयनीकरण, अवशोषण (सोखना),
टे नोलॉजी, मशीन ल नग, नन ै ो-टे नोलॉजी आ द जसै ी उभरती इले ोलाइ टक डी- लो रडश े न, आ द जस ै े कई जल शोधन
ौ यो ग कय से सरु त जल क उपल धता और जल आपू त समाधान उपल ध ह, फर भी कसी वशष े तकनीक का चयन
णाल तथा नल कने शन क कायशीलता सु नि चत क जा करते समय न न ल खत पर यान दया जाना चा हए i.)
सकती है । पेयजल क आपू त म आने वाल चनौ ु तय का फ़ टर मा यम क उपल धता, ii.) रजे ट जल का बंधन
समाधान करने के लए सांके तक ौ यो गक य समाधान और iii.) समाधान क कफायती लागत, आ द।
न नानसारु ह:
8.2.1 रजे ट जल का बंधन
8.1 छट-पट/एका
ु त/आ दवासी/पहाड़ी गाव ँ म सं था पत रवस ओ मो सस आधा रत शोधन सय ं ं से
गांव के लए सौर ऊजा आधा रत वतं बहत ु सा पानी ( रजे ट जल) नकलता है िजसे वतमान म या तो
जल आपू त णाल खल ु ना लय म बहा दया जाता है या पास म छोड़ दया जाता
है िजससे छोटा-मोटा तालाब बन जाता है। सय ं ं के रकवर
यनतम ू चालन एवं रख रखाव लागत के साथ सौर ऊजा वारा अनपात ु के आधार पर, रजे ट जल क मा ा आमतौर पर बहत ु
सच ं ा लत वतं जल आपू त णाल के वक प को छट- अ धक होती है और अनमान ु है क यह सयं ं म इ तमे ाल पानी
पट/एका
ु त/जनजातीय/पहाड़ी गावं म आजमाया जा सकता ह।ै का लगभग 60% होता है। रजे ट जल क समु चत यव था
सोलर पन ै ल और बट
ै र बक ै -अप, मोटर ऑन-ऑफ ससर , ाई- करने के लए यह सझाव ु दया जाता है क इस जल को, इसके
रन ससर और जल तर ससर जस ै े ससर , ट ल टेिजज के साथ भड ं ारण के लए वशष े प से न मत सरंचनाओं म अलग से
पया त मता के भड ं ारण टक क सु वधा वाल एक सम पत लघु सं ह त कया जाए और इसे पय े जल से इतर तथा गरै-कृ ष े
जल आपू त णाल , इन मामल म था पत क जा सकती ह।ै जस ै े वाहन क धलाई,ु कृ ष उपकरण , घर क धलाई,ु बतन क
सचना
ू है क इस तरह क णा लयां महारा , ओ डशा, धलाई,
ु नजद क सामदाु यक शौचालय क ल ं
शग/सफाई
छ तीसगढ़ और झारखड ं के कछ
ु ह स म चलाई जा रह ह। आ द म इ तम े ाल कया जाए। आर.ओ. के रजे ट जल के
18
कृ म बु मता का उपयोग डट े ा अपलोड करने, मेके नकल वफलताओं का पता लगाने, जल के इ टतम उपयोग आ द म कया जा सकता है ।
19
ाउं ड वाटर वा लट इन शलै ो ए वीफस इन इं डया, 2018
20
रकवर अनपात,ु रजे ट जल बंधन तथा इस संबंध म एनजीट के आदे श के संबंध म उ चत तय ै ार के बाद ह आर.ओ. टे नोलॉजी अपनाई जानी चा हए।
53
ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशंस) और नवाचार
भडं ारण क अवसरंचना पर और उसके आस-पास, रजे ट कए एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस, रा य क योजनाओं के तहत जार
गए पानी का उपयोग पीने और कृ ष हे तु न करने के सब
ं ध
ं म न धय का उपयोग कया जा सकता है ।
सक
ं े त/चत
े ावनी के सद
ं े श च त कए जाने चा हए।
8.4 आयोजना और नगरानी म ौ यो गक का
8.3 ठं डे रे ग तानी/कठोर च ानी/पहाड़ी/तट य े उपयोग
8.3.1 ठं डे रे ग तान माट ौ यो ग कय के आगमन के साथ, त समय के यकतृ
और नरं तर नगरानी करना संभव है । इस उ े य को ा त
ठं डे रे ग तान मु य प से अ णाचल देश, ल ाख, हमाचल
करने के लए इंटरनेट ऑफ थ ं स (आई.ओ.ट .)21, भौगो लक
देश, उ तराखड ं , आ द के हमालयी े म, ऊंचाई पर अवि थत
सचना
ू णाल (जी.आई.एस.) सॉ टवेयर आ द का उपयोग
ह। इन े म पानी का ाथ मक ोत ले शयर के पघलने से
करने क आव यकता होगी। आक ं ड़ा व लेषण व ान का
ा त जल होता है, जो जलवायु प रवतन के कारण भा वत हो
उपयोग करके ामीण े से एक आक ं ड़ का व लेषण संभव
रहा है। इसके अलावा स दय के दौरान पाइपलाइन म पानी
हो सकता है , िजसका उपयोग जन सु वधाओं वारा व भ न
जमने के कारण पानी क आपू त बा धत हो जाती है। बहकर चले
काय के माट बंधन और बेहतर सेवाओं म हो सकता है ।
जाने वाले जल को छोटे जलाशय - पारंप रक जल सच ं यन
क याणकार उपाय के लए आव यक नी तगत तर पर
सरंचना, अथात ् िज़ग ं म एक त करने और इसके भड ं ारण को
म यवतन म यह प त मददगार हो सकती है ।
बढ़ाने के लए समाधान तलाशे जा सकते ह। इसके अलावा बहकर
चले जाने वाले जल को ले शयर के प म ज करके और न न ल खत का उपयोग कया जा सकता है :
उसके भड ं ारण वारा कृ म हमनद जलाशय बनाए जा सकते ह।
भड ं ार कया और जमा हआ आयोजना
ु यह जल वसत ं ऋतु के ारंभ म, पीने
और सच ं ाई - दोन के ोत के प म काम करेगा। सू म सच ं ाई i.) भजल
ू ोत के थान का पता लगाने के लए एच.जी.एम.
के उपयोग को बढ़ावा देने से सच ं ाई के लए जल क आव यकता न श का उपयोग। मौजदा ू जल ोत के थान को
कम हो सकती है और पय े जल सरु ा बढ़ सकती है। खोजने म जी.आई.एस. ौ यो गक मददगार होगी;
8.3.2 कठोर च ानी े ii.) पीने के पानी के बु नयाद ढांचे के थान क खोज के
लए और गांव म पानी क आपू त के बु नयाद ढांचे म
कठोर च ानी े म, भजल
ू तक पहँु चने के लए कशल
ु
या त अत ं राल क पहचान करने के लए, इले ॉ नक
पयवे ण म बोर- ला ट तकनीक, ै चर सील सीमटे शन, म
लाि टं ग आ द के उपयोग क सभ
ं ावना तलाशी जा सकती है। एवं संचार मं ालय (एम.ई.आई.ट .वाई.) वारा तयै ार
मौजदा
ू ाम डिजटल 6 डी कंटरू मान च का उपयोग
8.3.3 पहाड़ी े कया जाना चा हए;
पहाड़ी े म, वशष े प से अ धक ऊंचाई वाले े म, जहां iii.) अ त र त आव यक अवसंरचना क आयोजना हे तु
घर क सं या बहत ु कम होती है , वहां घाट से पानी पंप करना मौजदा
ू प रसंपि तय (हड पंप, बु नयाद ढांचे, आ द) क
आ थक प से यवहाय नह ं होता है । इन थान पर, सोता डिजटल इ व तय ै ार करना और उ ह जी.आई.एस.
(ि ंग) - आधा रत ोत , वषा जल संचयन और वतं बोरवेल मप
ै पर डालना होगा;
स टम (य द संभा य हो तो) को अपनाना कफायती होगा।
iv.) काया वयन क नगरानी के लए प रयोजना बंधन
सोता (ि ंग) आधा रत णा लय को सावधानी से पहचानने
सॉ टवेयर का उपयोग;
और ि ंगशड े का रे खा- च ण करने, सोते म िजन ए वीफस से
पानी आता है , उनका पता लगाने और उ ह थायी बनाए रखने v.) योजनाओं को शु करने के लए गाव
ँ को ाथ मकता देना;
के लए उनका इंजे शन पनभरु ण करना आव यक होगा।
vi.) सभी कार क प रसंपि तय के काया वयन म सहायता
जल सरु ा के लए समदाय ु को वषा जल संचयन (जस ै े दे ने के लए नणय सहायक णाल ।
पव ू तर रा य म बांस का उपयोग करके कया जाता है ) के
पारं प रक ान को अपनाने के लए ो सा हत कया जा सकता
नगरानी
है । ऐसे े म, ड य.ू य.एम.ए
ू ड एस. पर यान केि त i.) जल तर, ड चाज, पानी क गणव ु ता, वचा लत
करने क आव यकता है । मोटर चालन, डट
े ा ा त करने के लए डटे ा लॉगर,
आ द क नगरानी के लए ससर का उपयोग;
8.3.4 तट य े
ii.) उपचार संयं (दाब, पानी क गणव
ु ता, वाह दर, आ द
तट य े म, उ च रकवर अनपात ु वाले ऊजा कशलु छोटे
जसै े परैामीटर) और वतरण णाल क नगरानी के
वलवणीकरण संयं के साथ जल दाय सेवाओं का संव न
लए एम.वी.एस. म पयवे ी नयं ण और डट े ा ए सेस
कया जा सकता है । इसके अलावा, समु जल के वेश को
(एस.सी.ए.डी.ए.) णाल का उपयोग;
रोकने के लए, न दय म उप-धरातल डाइक का नमाण कया
जा सकता है , िजससे आस-पास के े म भजल ू आधा रत iii.) व लेषण के लए मोबाइल नेटवक का उपयोग करके
पेयजल ोत म भी सधार ु हो सकता है । इसक े लए उपयु त डटे ा को ा त और े षत करने के लए
54
आई.ओ.ट .का उपयोग और नणय उपकरण के प म 8.4.2 अत
ं र ौ यो गक का उपयोग
इसका उपयोग;
अतं र ौ यो गक से त समय भ-ू थै तक और टपोरल
iv.) त समय वा त वक और व तीय ग त को कै चर करने आक ं ड़े ा त होते ह। अत ं र आधा रत च ण से य और
के लए वभाग/रा य मशन वारा जल जीवन मशन अ य काय व ध का उपयोग करके मशः जल संसाधन क
का आई.एम.आई.एस. तय
ै ार कया जाएगा। सामािजक उपल धता और गणव ु ता के बारे म जानकार ा त हो जाती है ।
नगरानी के लए यह सु वधा, सावज नक डोमेन म दर-सं
ू वेद उप ह का उपयोग करते हए ु जल उपल धता के बारे
उपल ध होगी; म पवानमान
ू ु लगाना, पीने के पानी के ोत के प म काय
करने वाले धरातल जल क गणव ु ता क भ व यवाणी करना,
v.) घरे लू नल कने शन क कायशीलता क लगातार
े जाँच के लए भजल ू उपल धता के संभा वत े को
नगरानी करने के लए रयल टाइम डश
ै बोड;
सी मत दायरे म लाने और सखे ू के मामल म वक ै ि पक जल
vi.) जल जीवन मशन के तहत सिजतृ प रसप
ं ि तय क ोत क पहचान करने म मदद करना संभव हो सका है । यह
कायशीलता क ि थ त क नगरानी के लए जी.आई.एस. मशन, पेयजल सरु ा ा त करने के लए अत ं र ौ यो गक
ौ यो गक और आई.ओ.ट .आधा रत ससर का उपयोग; का उपयोग करने म रा य /संघ रा य े क सहायता करे गा।
vii.) नवारक चालन एवं रख रखाव आयोजना बनाने और
8.5 तकनीक स म त
उसके काया वयन के लए सभी कार क योजनाओं
(पाइप, वै व, पंप, मोटर, आ द) म पानी क आपू त के वष 2014 म, पववू त पय े जल और व छता मं ालय ने जल
बु नयाद ढांचे का आकलन करने के लए ए.आई. और व छता से सब ं ं धत सव े ठ ौ यो ग कय क जाच ं के
ौ यो ग कय /मशीनी समझ का उपयोग; लए एक थायी स म त का गठन कया था। स म त क
अ य ता वै ा नक एवं औ यो गक अनसध ु ं ान प रषद के पव
ू
viii.) व वसनीय वा त वक और व तीय डट े ा के लए
महा नदेशक डॉ. मशल
े कर ने क थी। जल और व छता क कई
उपयु त लॉक चेन ौ यो गक का उपयोग;
ौ यो ग कय पर स म त वारा वचार कया गया और व भ न
ix.) पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस.
ू वभाग इ या द वारा से टर म उपयोग क ि ट से उनका अनमोदन
ु कया गया।
उपयोग कए जाने वाले नगरानी उपकरण, आ द।
इतने यापक पमै ाने पर और ती ता के साथ, वष 2024 तक हर
रा य को ौ यो गक /नवाचार के उपयोग क योजना बनानी है ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. दान करके सव यापी
और इसे डी.पी.आर. क तय
ै ार म जोड़ना है । कवरे ज के ल य को ा त करने म कई चनौ ु तयां सामने आई
ह, िजनके लए नई ौ यो ग कय के उपयोग के साथ अ भनव
8.4.1 हाइ ो-िजयो मॉफ लॉिजकल (एच.जी.एम.) न शे का
समाधान क आव यकता होगी। इसे यान म रखते हए, ु भारत
उपयोग
सरकार के धान वै ा नक सलाहकार क अ य ता म एक
डी.डी.ड य.एस.
ू क सहायता से, रा य सदर ु ू संवेद के तकनीक स म त का गठन कया गया है । नई स म त के
(एन.आर.एस.सी.), है दराबाद ने दे श के लए 1:50,000 के वचाराथ वषय (ट .ओ.आर.) इस कार ह:
पमै ाने पर हाइ ो-िजयो-मॉफ लॉिजकल (एच.जी.एम.) न शे
i.) वभाग/रा य मशन पोटल के मा यम से पेयजल,
(4,898) तयै ार कए ह, िजनका उपयोग भ-जल ू क उपल धता
व छता, े वाटर बंधन और ठोस अप श ट बंधन
के संभा वत थान और ए वीफस के पनभर ु ण के थान का पता
े म अ भनव ौ यो ग कय को आमं त करना;
लगाने के लए कया जा सकता है । एच.जी.एम. न शे सव ऑफ
इं डया टोपो-शीट पर आधा रत ह, िजनम थानीय वशष े ताएं ii.) तकनीक -आ थक मू यांकन के लए ौ यो ग कय को
भी उपल ध ह और कछ ु रा य ने बोरवे ल के थान का पता सचीब
ू करना;
लगाने के लए इनका सफलतापण ू उपयोग शु कर दया है ।
iii.) ए योड' मै स े मवक के अनसार
ु ौ यो ग कय का
चंू क रा य ने 1:10,000 के पम ै ाने पर न शे बनाने क
तकनीक -आ थक मू यांकन सगम
ु बनाना;
आव यकता य त क है , इस लए उ ह ज रत और वा त वक
मांग के आधार पर गांव /बि तय के ऐसे मान च ा त करने iv.) मू यां कत ौ यो ग कय को वीकृ त दे ने पर वचार
को ाथ मकता दे नी चा हए। करना;
भजल
ू संभावना मान च रा य को स प दए गए ह और वे v.) ऐसी ौ यो ग कय के उपयोग का पम
ै ाना बढ़ाने के
पीडीएफ ा प म वभाग/रा य मशन क वेबसाइट पर लए आव यक समझे जाने वाले क ह ं गैर-
उपल ध ह। एच.जी.एम. मान च से, कृ म भजल ू पनभर
ु ण ौ यो गक य म यवतन क सफा रश करना;
के लए उ पादन कओ ु ं और था य व संरचनाओं के लए सह
vi.) ौ यो ग कय के मू यांकन के संबंध म कोई अ य
थल क तलाश करने म मदद मलती है । भ-भौू तक अ ययन
पहल/इस
ू संबंध म शु क जाने यो य ग त व धयां।
के साथ इन मान च के उपयोग से बोरवेल/ यबवे ू ल क
वफलता को कम करने म और कछ ु रासाय नक संदषकू का यह स म त रा य क सहायता से पानी क आपू त के ावधान
व- थाने डाय यशन
ू करने म भी मदद मलती है । म आने वाल व श ट चनौ
ु तय क पहचान करे गी, उ ह हल
55
ौ यो गक य म यवतन (इंटरवशंस) और नवाचार
56
अ याय
सहायक ग त व धयाँ 9
व
ष 2024 तक हर ामीण प रवार को एफ.एच.ट .सी. सहायक ग त व धय क नगरानी, जल जीवन मशन पोटल के
दान करने के ल य को ा त करने के लए, जल क मा यम से क जाएगी। समाचार प /प काओं म व ापन
आपू त के बु नयाद ढांचे के वकास के साथ-साथ जल जार करने, उपहार , चार आ द के लए प रहाय समारोह क
के ववेकपण ू उपयोग के बारे म जाग कता फैलाने और लोग मेजबानी आ द के लए कसी सहायक ग त व ध न ध का
को संवेदनशील बनाकर सामदा ु यक योगदान और अपन व को उपयोग नह ं कया जाएगा।
बढ़ावा दे ने, ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त अथात ्
वी.ड य.एस.सी./
ू पानी स म त/ यो ता समह ू आद क
9.1 सचना,
ू श ा एवं संचार (आई.ई.सी.)
मता बढ़ाने, अतं : ाम अवसंरचना क आयोजना, जल जीवन मशन का सब ं धं केवल पानी के बु नयाद ढाच ं े का
काया वयन, बंधन, चालन और रख रखाव करने, नमाण करने के वषय से ह नह ं ह,ै बि क इसम भ न- भ न
द घका लक टकाऊ सं थागत तं था पत करने पर यान हतधारक का मता सव ं धन भी शा मल ह,ै वशष े प से
केि त करने, आव यक व भ न मानव संसाधन अथात ् थानीय समदाय ु , िज मदे ार और उ तरदायी नत े ृ व क मताओं
राज म ी, लंबर, इले शयन, मोटर मक ै े नक, पंप ऑपरे टर को बढ़ाना भी इसम शा मल ह,ै ता क वे अत ं : ाम जल आपू त
आ द के कौशल को बढ़ाने क आव यकता है । इस कार क णाल का बध ं न, चालन और रख रखाव कर सक। इस लए,
ग त व धय से जल आपू त णा लय का द घका लक आई.ई.सी. कायनी त, आयोजना और उनका भावी काया वयन
था य व सु नि चत करते हए ु समदाय
ु के बीच िज मेदार और जल जीवन मशन क सफलता क कंु जी होगी। इस मशन के
उ तरदायी नेत ृ व वक सत करने म मदद मलेगी। अत ं गत आई.ई.सी. ग त व धयां जस ै े पी.आर.ए. ग त व धया,ं
अत ं र-वय
ै ि तक स ष े ण (आई.पी.सी.), यवहारगत प रवतन
इस योजन से, इस मशन के अत ं गत सहायक ग त व ध कोष
सच ं ार (बी.सी.सी.) और अ य सभी सब ं ं धत सचं ार ग त व धय का
के प म रा य के वा षक आबंटन क पाँच तशत तक रा श
सचं ालन कया जाएगा। आई.ई.सी./ यवहारगत प रवतन सच ं ार
का ावधान कया है । सभी रा य ए.ए.पी. के ह से के प म,
(बी.सी.सी.) योजनाओं का नत े ृ व एस.ड य.एस.एम.
ू वारा कया
सहायक ग त व धय को चलाने के लए एक व तत ृ
जाएगा और वह , परेू रा य म इस तरह के काय को अमल म
काया वयन कायनी त वक सत करगे।
शा मल कराने के लए िज मद े ार होगा।
न न ल खत काय को संचा लत करने के लए सहायता कोष
वतमान म, ड य.एस.एस.ओ.
ू वारा, कछ ु रा य /सघ ं
रा य के लए उपल ध ह गे:
रा य े म ये काय कए जा रहे ह। ड य.एस.एस.ओ.
ू को
i.) थानीय समदायु के बीच सचना,
ू श ा और संचार एस.ड य.एस.एम.
ू म शा मल कर लए जाने के बाद आई.ई.सी.,
(आई.ई.सी.); एच.आर.डी., श ण, मता नमाण के लए ग त व धय क
एक वा षक आयोजना/कैलडर, एस.ड य.एस.एम.
ू वारा तय
ै ार
ii.) मानव संसाधन वकास (एच.आर.डी.);
क जाएगी और यह आयोजना/कैलडर ए.ए.पी. का ह सा होगा।
iii.) जन सु वधा और नेत ृ व वकास; ये ग त व धयाँ जल जीवन मशन के तहत कए जा रहे मख ु
iv.) श ण और कौशल वकास; कायकलाप का ह सा ह गी और इ ह मखता ु द जाएगी।
57
सहायक ग त व धयाँ
vi.) जल दाय सव े ा सु नि चत करने के लए अपनी जल आपू त सेवाओं के ावधान म मान सकता प रवतन क
आपू त णा लय के बध ं न, चालन और रख रखाव के प रक पना क गई है । सेवा ावधान को 'बु नयाद ढांचे के
त िज मदे ार क भावना पद ै ा करना; वकास के ि टकोण' से 'जन सु वधा आधा रत ि टकोण' म
बदलना चा हए। इसके लए, इंजी नय रग ं और अ य मानव
vii.) 'अपन व क भावना' का सचं ार करने के लए पजंू ीगत
संसाधन - दोन को फर से इस ओर उ मख ु करना आव यक
लागत म सामदा
ु यक योगदान को ो सा हत करना;
है । ज रत के अनसारु नधा रत अ भ व यास काय म, य
viii.) पानी को मापने और जल शु क/ यो ता शु क को बढ़ावा अनभव ु या ा आ द के मा यम से यह काय कया जाएगा। ऐसी
दे ने के लए समदाय
ु को ो सा हत करना; सं थाओं का कत य होगा क वे, मा ा और गणव ु ता दोन के
संबंध म नधा रत सेवा मानक के अनसार, ु जल जीवन मशन
ix.) व भ न हतधारक के काय न पादन क सराहना करना। के तहत येक ामीण घर म पानी क आपू त दान कराएं। वे
वभाग/रा य मशन वारा रा य और िजल के लए अलग पानी का यथा- नधा रत शु क/ यो ता शु क एक करने के
से आई.ई.सी./पी.आर.ए. ग त व धय क परे खा के साथ लए भी िज मेदार ह गे और इस तरह के सेवा ावधान से
आई.ई.सी. दशा नदश जार कए जाएंगे। तथा प, उ प न सावज नक शकायत का समाधान भी करगे। सभी
तर , अथात ् गाँव, ाम पंचायत, िजला और रा य म जल
एस.ड य.एस.एम.
ू को सलाह द जाती है क वे आई.ई.सी.
आपू त सेवाओं का बंधन करने वाले का मक को अपे त प
ग त व धय के लए सहायता न ध के नधारण पर नी त तय ै ार
से तय ै ार श ण और नेत ृ व काय म उपल ध कराए जाने
कर और इसका अनवत ु एवं भावी उपयोग सु नि चत कर।
क आव यकता है ता क वे इन जन सु वधाओं के बंधन म
9.2 मानव संसाधन वकास (एच.आर.डी.) और अपनी भू मका का नवहन कर सक।
श ण प रवतन बंधन का आशय 'एक ऐसी यवि थत कायनी त से
है िजसके वारा यह सु नि चत कया जाएगा क प रवतन परू
मानव संसाधन वकास सहायक ग त व ध के तहत, व भ न
तरह और सचाु प से कायाि वत कए जाएं और प रवतन के
हतधारक के मता संवधन के मा यम से मख ु द ताओं का थायी लाभ ा त होते रह'। यह एक ऐसी या है िजसके
अ भ नधारण और वकास कया जाता है , जो न नानसार
ु ह: अत ं गत यह सु नि चत कया जाएगा क संगठन वारा ऐसे
i.) मक कायनी त पर आधा रत मता संवधन काय म यवहार और साधन क थापना और सहायता का काय कया
चलाने हे तु मु य संसाधन के (के.आर.सी.); जाए, िजससे अ पका लक और द घका लक ल य को अ धक
द ता से ा त कया जा सके।
ii.) एस.ड य.एस.एम.
ू और डी.ड य.एस.एम.
ू के तहत
इन उ े य के भाग के प म, रा य म पी.एच.ई.डी./
सं वदा पर कमचार नयोिजत करना;
आर.ड य.एस. ू वभाग के इं ज ी नय रग
ं और बध
ं क य सव ं ग
iii.) काया वयन सहायता एज सयां; के लए ज रत के अनसार ु वा षक श ण कैलडर तय ै ार कया
जाना होगा। इस काय म को व भ न तकनीक , बध ं क य और
iv.) ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ्
नते ृ व-सब ं ध ं ी पहलओ
ु ं को कवर करने वाले भ न- भ न तर
वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह, ू आ द; के अनकल ु ू बनाया जाना चा हए। ामीण जल आपू त उपल ध
v.) ाम तर के कशल ु मानव संसाधन जस ै े राज म ी, कराने म उ कृ ट दशन करने वाले दे श का दो स ताह का
लंबर, इले शयन, पंप ऑपरे टर आ द। श ण और थल दौरा करना अ नवाय होगा और इसके लए
वभाग/रा य मशन वारा दे श और वदे श - दोन म उपयु त
के य और रा य तर के श ण सं थान, के.आर.सी., भागीदार /सं थान क पहचान क जाएगी। द घका लक जल
िजनके नाम के य पन
ै ल म शा मल ह, को रा य और िजल सरु ा के लए, इंजी नयर को लोक वा य इंजी नयर और
वारा पव-
ू नधा रत दर पर सीधे नयोिजत कया जा सकता है ; जन सु वधा/सेवा बध ं क का प दए जाने के लए मान सकता
मता नमाण म अनभव ु रखने वाले सचीब
ू गैर-सरकार म बदलाव लाने के ठोस यास कए जाने क आव यकता है ।
संगठन /आई.एस.ए. को इस तरह के श ण के लए
नयोिजत कया जा सकता है । ए.ए.पी. म उपयु त हतधारक 9.4 कौशल वकास और उ य मता
के लए मता संवधन काय योजना शा मल होगी। येक ामीण प रवार, येक गांव/ब ती को द घका लक
वभाग/रा य मशन वारा येक ाम पंचायत के आधार पर एफ.एच.ट .सी. उपल ध कराने के ल य को ा त
त न धय क मता संवधन के लए पहले से ह 'सजल
ु और करने के लए, राज म ी, लि बंग, फ टग ं , बजल आ द जस ै े
व छ गाँव' श ण काय म कायाि वत कया जा रहा है । े म कशलु मानव सं स ाधन क आव यकता होगी। इसक े
अलावा, योजनाओं को याि वत करने वाल एज सय को बड़े
9.3 जन सु वधा, नेत ृ व वकास और प रवतन पम
ै ाने पर उ च गणव
ु ता वाले मानव संसाधन क आव यकता
होगी य क प रयोजना क अव ध के दौरान काम क मा ा कई
बंधन
गना
ु बढ़ती जाएगी। नरं तर चालन एवं रखरखाव क ि ट से,
जन सु वधा से ता पय उस उप म से है , जो आव यक सेवाएं इन आव यकताओं को परा ू करने के लए थानीय कशल ु
उपल ध कराता है । जल जीवन मशन के अत ं गत पेयजल यि तय क आव यकता होगी।
58
यके िजले और यक
े गाव ं म कशल
ु मानव सस ं ाधन क v.) अ य समान काय म के साथ तालमेल के बारे म ान
यव था के लए आयोजना तय ै ार कए जाने क आव यकता ह,ै और कौशल बढ़ाना;
िजसके लए यक े िजले म कायरत धान मं ी कौशल वकास
vi.) भावी काया वयन के लए सामािजक, आ थक,
के (पी.एम.के.वी.के.) के साथ तालमल े कया जाना होगा।
ौ यो गक य और राजनी तक वातावरण के साथ-साथ
रा य को ऐसे कशल ु मानव ससं ाधन क िजलव े ार आव यकता क
यावसा यक आव यकताओं क बेहतर समझ को बढ़ावा
पहचान करनी होगी और पी.एम.के.वी.के. के मा यम से श ण
दे ना; तथा
देने हत
े ु उ ह ाथ मकता द जानी होगी। उ चत श ण मन ै अल
ु
थानीय भाषा म तय ै ार कया जाना ह।ै यह अनशस ु ं ा क जाती है vii.) संचार और मता वकास इकाई क मता को बढ़ाना।
क ऐसे श त यि तय को माण प जार कए जाएं और
वभाग/रा य मशन वारा के.आर.सी. का पन ै ल बनाया जाएगा
ऐसे लोग क सव े ाओं का उपयोग जल जीवन मशन के तहत शु
और 100% सहायता-अनदानु के आधार पर रा य के.आर.सी.
क जाने वाल योजनाओ/ंकाय म कया जाए।
को व त उपल ध कराया जाएगा तथा उनके ैक रकॉड, अथात ्
लं बग
ं , मेसन, इले शयन, मोटर मक ै े नक, आ द क रा य त ठा, सम अनभव, ु ामीण पय
े जल े म पछला
उभरती मांग को परा
ू करने के लए कशल
ु मानव संसाधन को काय आ द के आधार पर उनका चयन कया जाएगा।
ामीण उ यमी बनने और ामीण जल आपू त े म उ यम
शु करने के लए ो सा हत कया जाएगा। 9.8 ान के
59
अ याय
10 जल गणव
ु ता क नगरानी
और चौकसी
ज
ल आपू त के चालन क नगरानी, पेयजल क नोट: सफाई नर ण णाल का आशय, कसी जल आपू त
सरु ा का स यापन, बीमार के कोप क जांच, के का मौके पर नर ण कए जाने से है ता क बाहर
मा यकरण या और नवारक उपाय के लए पयावरणीय कारक (जस ै े शौचालय क अवि थ त) और जल
जल पर ण कया जाना मह वपण ू है । पेयजल क सरु ा तय आपू त णाल भौ तक सरंचना तथा उसके चालन के
करने के लए जल गणवु ता पर ण उपकरण का उपयोग ोत मू याक
ं न के लए सू मजीव सद ं षणू के वा त वक और सभ ं ा वत
पर; कसी पाइप लाइन वतरण णाल के भीतर या यो ता के ोत क पहचान क जा सके। इस सचना ू का उपयोग, पये जल
सरे पर कए जाने क आव यकता होती है । ोत और आपू त णाल म सधार ु या सरु ा के लए उ चत
उपचारा मक कारवाई तय करने के लए कया जा सकता है।
पेयजल क गणव ु ता क नगरानी और जल गणव ु ता क पानी के सभी नए और मौजदा ोत के लए व छता नर ण
ू
चौकसी के काय अलग-अलग होते ह परं तु फर भी, ये काय एक समय-समय पर कया जाएगा। सफाई नर ण के प रणाम
दसरे
ू से जड़
ु े होते ह। पेयजल क गणव
ु ता क नगरानी और ि थ तय म सधार ु लाने के लए आव यक सधारा ु मक
पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग अथात ् आपू तकता/ पानी कारवाइय के बारे म चचा, समदाय ु के साथ क जाएगी। ज.ेई.-
क गणवु ता के लए िज मेदार/ नधा रत एजसी वारा क ए.ई.एस. और उ द त क बीमार से भा वत िजल म
जाएगी, जब क ज़मीनी तर पर पानी क गणव ु ता क चौकसी व छता नर ण, वष म दो बार करने क सलाह द जाती है।
क िज मेदार ाम पंचायत/ ामीण समदाय ु क होगी।
जनसं या म व ृ , औ यो गक और कृ ष ग त व धय के
पानी क गणव ु ता क नगरानी म जल ोत और कायशील व तार के कारण जल क उपल धता और इसक गणव ु ता म
घरे लू नल कने शन से एक पानी के नमन
ू का योगशाला म गरावट और हाइ ोलॉिजकल च पर जलवायु प रवतन े रत
और मौके पर पर ण करना शा मल है । ामीण े क जल प रवतन अब परू द ु नया म दे खे जा रहे ह। जल गणव
ु ता क
गणवु ता नगरानी के लए रा य/ िजला/ उप-मंडल/ लॉक नगरानी और चौकसी अब अ नवाय हो गई है ।
तर पर पहले से था पत योगशालाओं का उपयोग कया
यह यान रखना मह वपण ू है क समदाय, ु पानी क उपल धता
जाएगा। इसके अलावा, जहां तक संभव हो, मोबाइल जल
को तो बहत ु अ धक ाथ मकता दे त ा है , ले कन पानी क
गणव
ु ता पर ण योगशालाओं को योग म लाया जाएगा।
गणव ु ता के मु े पर समान प से यान नह ं दया जाता है ।
येक ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ् ऐसा इस लए है , य क जमीनी तर पर पानी क गणव ु ता क
वी.ड य.एस ू .सी. / पानी स म त/ यो ता समह ू आ द को पहचान, आमतौर पर, पानी के रं ग, गंध और वाद से ह क
नगरानी ग त व धय का चालन करने के लए हर गाँव म जाती है । अ धकांश रासाय नक संदषक ू क उपि थ त से
पांच-पांच म हलाओं क पहचान करनी है और उ ह श त पेयजल क तलना ु म संद ू षत पानी के रं ग, गंध या वाद म
करना है । थानीय समदाय ु क े तालमे ल क े साथ जल गणव
ु ता कोई भी प रवतन दखाई नह ं दे ता है और लोग इस तरह के
क चौकसी न द ट समय-सारणी के अनसार ु क जानी है । जल द ू षत पानी क े से व न के संभा वत खतर को अनदे खा करके
गणवु ता चौकसी ग त व धय म शा मल ह : गणव ु ता भा वत पानी का उपभोग करना जार रखते ह। कछ ु
समदाय ु का मानना है क पानी को उबालने से यह हा नकारक
i.) ाम पंचायत तर पर े पर ण कट का उपयोग संदषक ू समा त हो जाते ह और वे खाना पकाने के लए
करके संदषण ू क सीमा का पता लगाना और पर ण म गणव ु ता भा वत पानी का उपयोग करना जार रखते ह।
संद ू षत पाए गए नमन ू को पिु ट के लए आस-पास क इस लए, पानी क गणव ु ता के बारे म जाग कता पद ै ा करने
जल गणव ु ता पर ण योगशाला म भेजना; तथा और लोग को जानकार दे ने तथा जल गणव ु ता चौकसी म
ii.) सफाई नर ण: यह एक अ वेषणा मक ग त व ध है , समदाय ु क भागीदार बनाए रखने क नि चत आव यकता है ।
िजसम पेयजल से जड़ ु े ऐसे कारक क पहचान और जल गणव ु ता क नगरानी और चौकसी क ग त व धय म
उनका मू यांकन कया जाएगा जो वा य के लए न न ल खत उपाय शा मल ह:
खतरा पद ै ा कर सकते ह। सफाई नर ण म जो खम क
i.) कल
ू , आग ं नवाड़ी के , वा य के , ाम
रोकथाम और पहचान को म रखा जाता है और
पंचायत/पी.आर.आई., आ द म पानी क गणव ु ता के
सावज नक वा य सम याओं के पद ै ा होने से पहले ह ,
बारे म जाग कता और श ा काय म;
समय पर उपचारा मक कारवाई करने म इससे मदद
मलती है । इसके अलावा, जल ज नत बीमार के कोप ii.) पानी क गणव ु ता के व भ न पहलओ ु ं के बारे म सभी
से जड़ ु े ोत क समय पर पहचान करना और तरंु त ह तर पर इसके मह व, जल ज नत रोग , वा य भाव ,
आव यक सधारा ु मक कारवाई करना भी चौकसी के सरु त चालन, भड ं ारण आ द पर सभी हतधारक म
दायरे म आता है । जाग कता पद ै ा करना और मता सव ं धन करना;
60
iii.) अ नवाय व छता नर ण जस ै ी चौकसी ग त व धय xii.) पानी क गणव
ु ता के आक
ं ड़ का पर पर स यापन और
म समदाय
ु को भागीदार बनाना; रा य/के सरकार क एज सय क अ य
योगशालाओं के साथ इनका एक करण करना।
iv.) फ ड पर ण कट का उपयोग करते हएु समदाय
ु को जल
गणव
ु ता क पवान
ू मा ं करने म स म बनाना;
ु नत जाच रा य /संघ रा य े के पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग,
v.) समदाय
ु के सभी मखु हतधारक अथात ् सरपंच, उप- इस संबंध म 'एकसमान पेयजल गणव ु ता नगरानी ोटोकॉल'
सरपंच, ाम सभा सद य / वी.ड य.एस
ू .सी. / पानी का संदभ ले सकते ह। यह ोटोकॉल सामा य तौर पर सांके तक
स म त के सद य आ द के साथ एस.एम.एस./पो ट है और इसम जल गणव ु ता पर ण, मॉनीट रग ं और चौकसी
काड के मा यम से जल गणव
ु ता पर ण के प रणाम ग त व धय को भावी ढं ग से संचा लत करने क ि ट से
साझा करना। सकारा मक प रणाम आई.एम.आई.एस. रा य /संघ रा य े हे तु मागदशन और सहायता के लए
पर अपलोड कए जाएं और जहां भी पी.एच.ई.डी./ ाम परामश दए गए ह। भ न- भ न तर पर योगशालाओं म
जल आपू त या वा य वभाग से इंटरवशन आ द क जांचे जाने वाले जल गणव ु ता मापदं ड का और ाम पंचायत
आव यकता हो, उनके अ धका रय को सतक करने वाले तर पर फ ड पर ण कट का उपयोग करके पर ण के लए
संदेश भेजे जाएं; आव यक जल गणव ु ता मापदं ड को इस ोटोकॉल म
प रभा षत कया गया है । ोटोकॉल के संशो धत सं करण क
vi.) ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ्
मु य वशष े ताओं म न न ल खत ब द ु शा मल ह- i.)
वी.ड य.एस
ू .सी. / पानी स म त/ यो ता समहू आद
वारा फ ड पर ण कट/बै ट रयोलॉिजकल वायल सं थागत ढांचा जो योगशालाओं को मजबत ू कर सकता है ,
क सहायता से जल गणव ता पर ण करने तथा ii.) पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग और योगशालाओं
ु
प रणाम क सचनाू दे ने के लए 5 म हलाओं क क भू मकाएं और िज मेदा रयां; iii.) गणव ु ता हे तु नगरानी
पहचान, श ण और नयोजन कया जाए; े मवक; iv.) रा य और िजला योगशालाओं क र कग ं ; v.)
ोत का पव-
ू नधा रत रो टर ; और vi.) अ य प वारा
vii.) रा य/िजला/ उप-मंडल/ लॉक/ मोबाइल योगशालाओं स यापन। वशष े प से जी.ई.एम. पोटल, एन.ए.बी.एल.
क थापना/ उ नयन करके जल गणव ु ता पर ण
यायन का उपयोग करते हए ु , पानी क जांच एवं जवाबदे ह
योगशालाओं को सु ढ़ करना और योगशाला
मानक म सधार ु के लए उ नत उपकरण को शा मल करते हए ु
मू यांकन व सधार
ु योजनाओं क नगरानी करना।
ापण याओं पर इसम वशष े यान दया गया है ।
योगशाला मू यांकन के समय, वहां उपल ध मानव
संसाधन और उनके श ण क आव यकता का रा य/सघं रा य े को, इस काय म सावज नक- नजी
व लेषण, भौ तक अवसंरचना ( योगशाला का भागीदार का उपयोग करने के लए ो सा हत कया जाता है,
वातावरण), उपकरण और इं मटे शन, वा षक रख िजसम पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग वारा,
रखाव अनबंु ध तं , ल य और आव यकता के अनसार ु एन.ए.बी.एल./ आई.एस.ओ./ उपयु त प से मा यता ा त
जांचे जा रहे नमनू क सं या को यान म लया अ य नजी फम के साथ सहायता सग ं ठन (एस.ओ.) के प म
जाएगा। येक योगशाला क सधार
ु योजना म, पाई सहयोग कया जा सकता है और सरकार याओं के अनसार
ु
गई कमी को दरू करने क या का उ लेख होगा; सभी मानक चालन प तय का पालन करते हए उनक े पास
ु
viii.) फ ड पर ण कट/बै ट रयोलॉिजकल वायल ापण उपल ध सु वधाओं का उपयोग कया जा सकता है। उदाहरण के
( ो योरमट) /र फल करने क णाल था पत करना लए वा य च क सा के े म हब और पोक मॉडल,
और उनके उपयोग क नगरानी करना; पय
े जल गणव ु ता पर ण े म पि चम बग ं ाल पी.एच.ई.डी.
मॉडल से बहम ु ू य योगदान ा त हो सकता है। इसके अ त र त,
ix.) जल गणव
ु ता पर ण, नगरानी, डट
े ा या या और
सावज नक- नजी भागीदार का भी पता लगाया जा सकता है
रपो टग म भ न- भ न बंधक य तर के क मय को
िजसम पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग वारा, रा य/ के
मागदशन और श ण दान करना;
सरकार क अ य समान एज सय क जल गणव ु ता पर ण
x.) जल गणवु ता संदषण
ू के बड़े मामले म, य द आव यक योगशालाओं के साथ सहयोग कया जाएगा। इसके अलावा,
हो, तो रा य पी.एच.ई.डी./ ाम जल आपू त वभाग रा य/ सघ ं रा य े वारा, सरकार याओं म नधा रत
वारा सधारा
ु मक कारवाई क जाएगी और शमन सम त आचा रक औपचा रकताओं का पालन करते हए, ु क हं
और/या वशष े प से आस नक, लोराइड, यरेू नयम भी एन.ए.बी.एल./ आई.एस.ओ./ उपयु त मा यता ा त अ य
संदषक
ू तथा बै ट रयोलॉिजकल संदषण ू के बारे म सावज नक या नजी जल गणव ु ता पर ण योगशालाओ/ं
वा य वभाग को सचेत कया जाएगा; फम को बार -बार से ना मत कया जा सकता है।
xi.) आई.एस./ आई.एस.ओ./ आई.ई.सी.: 17025 के
उदाहरण : हमाचल दे श आई.पी.एच. वभाग मॉडल।
अनसार,
ु कम से कम बु नयाद जल गणव ु ता मह व के
मापदं ड पर, पेयजल गणव ु ता पर ण योगशालाओं रा य / संघ रा य े वारा थानीय तर पर जल गणव ु ता
का यायन और थानीय प रि थ तय को दे खते हए ु पर ण के लए ामीण उ य मता और उ यम को ो साहन
धीरे -धीरे इसे अ य मापदं ड तक अप ेड करना; और बढ़ावा दया जा सकता है । थानीय उ यम, गांव के एक
61
जल गणव
ु ता क नगरानी और चौकसी
भ न- भ न तर पर ोत /नमन
ू का पर ण कराने के लए 10.2 व त पोषण
यापक दशा नदश:
i.) रा य के आबट ं न का 2% तक ह सा, ड य.ू य.एम.ए
ू ड
i.) उप-मड ं ल/ लॉक योगशाला: यह सझाव ु दया जाता है क एस. ग त व धय को परा ू करने के लए उपयोग म लाया
उप-मड ं ल/ लॉक योगशाला अपने अ धकार े के तहत जा सकता है;
आने वाले 100% जल ोत का पर ण करे गी; एक वष
म एक बार रासाय नक मापदं ड के लए और दो बार ii.) उपयु त सभी ग त व धय के सबं ध
ं म व त-पोषण क
बै ट रयोलॉिजकल मापदं ड (मानसन सरंचना, पव
ू तर और हमालयी रा य के लए 90:10
ू से पहले और बाद)
के लए, िजसम कम से कम 13 बु नयाद जल गणव ता क होगी, जब क शष
े रा य के लए व त–पोषण सरंचना
ु
मानक 22 के लए कसी लॉक के सभी ोत को कवर 60:40 क होगी। वधानमड ं ल र हत सघ ं रा य े म
कया जाएगा। पर ण म सद ं ू षत पाए गए नमन ू को न ध साझीदार क सरंचना के तथा सघं रा य े के
तरंु त िजला योगशाला म भज े ा जाएगा। अ य मापदं ड बीच 100:0 क होगी, जब क वधानमड ं ल वाले सघ
ं
का पर ण थानीय सद ं षण
ू के अनसार ु कया जा सकता रा य े के लए यह सरंचना 90:10 क होगी;
है। य द, लॉक तर क योगशालाएँ उपल ध नह ं ह, तो iii.) न ध का उपयोग, रा य तर य योगशाला क थापना
आसपास के श ण सं थान या व व व यालय क (केवल रा य तर क योगशाला के भवन नमाण
योगशालाओं क सव े ाओं का उपयोग कया जा सकता है लागत के लए), नई िजला/उप-सभ ं ागीय योगशालाओं
और उनका लाभ उठाया जा सकता है। (रा य सरकार वारा नमाण क लागत वहन क जाएगी,
ii.) िजला योगशाला: यह सझाव ु दया जाता है क िजला कराया आ द इस न ध म से लया जा सकेगा), पी.पी.पी.
योगशाला वारा 250 जल ोत /नमन ू का त माह मोड के तहत योगशालाओं, मौजदा ू जल गणव
ु ता
पर ण कया जाएगा (अथात ् वभाग/रा य मशन पर ण योगशालाओं को अप ड े करना िजसम, अ य
आई.एम.आई.एस. पर उपल ध रो टर के ल य के अनसार ु बात के साथ, उपकरण , यं , रसायन /र -एजट , काच ं के
एक वष म 3000), िजसम उस भौगो लक े के औचक बतन , उपभो य साम ी क खर द शा मल है, आउटसोस
प से चने
ु गए सभी ोत को कवर कया जाएगा और पर मानव सस ं ाधन नयु त करने ( नय मत कमचा रय
िजसम कम से कम 13 बु नयाद जल गणव ु ता मानक के वते न का भगतान
ु रा य सरकार/सघ ं रा य े शासन
के लए उप-मड ं ल/ लॉक योगशाला/मोबाइल योगशाला वारा कया जाएगा), पानी के नमन ू को ले जाने के लए
वारा पर ण म सद ं ू षत पाए गए नमन ू को भी शा मल वाहन को कराए पर लन े े से लक े र योगशाला और
कया जाएगा। पर ण म सद ं ू षत पाए जाने वाले नमन ू एन.ए.बी.एल. यायन या (परामशदाता शु क,
को िजला योगशाला वारा तरंु त रा य क योगशाला म सपं र ा लागत, आवद े न शु क और वा षक शु क) के
भजे ा जाएगा। िजला तर पर थानीय सद ं षणू के अनसार
ु खच के लए कया जा सकता है;
अ य मापदंड का पर ण कया जा सकता है।
iv.) इन न धय का उपयोग फ ड पर ण कट, र फल और
iii.) रा य योगशाला: रा य योगशाला वारा, या ि छक बै ट रयल डटे शन कट क खर द के लए भी कया
(रडम) तौर पर तथा समान भौगो लक व तार म, िजला जा सकता है;
13 बु नयाद जल गणव
22
ु ता मानक अनबं
ु ध-XI पर दए गए ह।
62
v.) नय मत कमचा रय के वत े न और कसी भी सव े ा के लए vi.) पोषाहार म अ छ गणव ु ता वाले पेयजल के मह व पर
भगतान
ु , 2% आबट ं न से ऊपर कया गया यय, रा य अतं र-वय
ै ि तक संचार (घर-घर जाकर);
सरकार के कोष म से परा ू कया जाएगा।
vii.) े न के द ु भाव के बारे म, व छता
द ू षत जल के सव
एस.ड य.एस.एम.
ू वारा भी नधा रत समय म फ ड
नर ण के मह व, नजी जल गणव ु ता ोत का पर ण
पर ण कट/बै ट रयोलॉिजकल वायल के मा यम से
करने क या के बारे म य- य चार, आ द;
पानी क गणव ु ता क जाच ं सु नि चत करने और
उ चतर अ धका रय को डट े ा पहंु चाने के लए ाम viii.) नल से जल के उपयोग को बढ़ावा देने वाल सचना ू को
पच
ं ायत तर पर एक सम पत यि त को मानदे य आधार ै े 'यह जल सद
द वार पर लखना- जस ं षण
ू से मु त ',
है और;
पर रखने का नणय लया जा सकता है। ix.) जल गणव
ु ता के बारे म नारे , समह ै क, नु कड़ नाटक,
ू बठ
पी.आर.ए. ग त व धयाँ, दशनी, आ द का आयोजन।
10.3 गणव
ु ता भा वत े म जल गणव
ु ता
क नगरानी 10.5 नगरानी
ऐसे भी जल ोत हो सकते ह, जहां रासाय नक सद ं षक
ू क जल गणव ु ता डट े ा को वत: ा त करने के लए नवीनतम
सां ता ( कॉ स े शन ) सीमा रे खा पर हो, यानी बीआईएस: ौ यो गक के उपयोग स,े नणय लन े े और जल आपू त सु वधाओं
10500 म नधा रत अनम ु य सीमा से थोड़ा ह कम हो। यह के काय न पादन को बढ़ावा मलग े ा। लोक वा य इज ं ी नयर
सु नि चत करने के लए क एफ.एच.ट .सी. के मा यम से पानी वारा भी जल गणवु ता के लए ससर और आई.ओ.ट .आधा रत
क आपू त नधा रत गणव ु ता क है, ऐसे जल ोत का उपयोग नगरानी णाल नयोिजत क जाएगी। एस.ड य.एस.एम./ ू
करने वाले गाव ं क समय-समय पर नगरानी करने क पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस. ू वभाग वारा ऑनलाइन पोटल और
आव यकता होती है और इ ह 'हॉट पॉट' के प म सचीब ू फ ड दौरे के मा यम से नगरानी क वतमान या का पालन
कया जा सकता है। इस तरह के 'हॉट पॉट' क सची ू कया जाएगा। जल गणव ु ता ि थ त क नगरानी के लए
पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस. ू वभाग वारा एस.ड य.एस.एम.,
ू रा य/सघ ं रा य े नय मत समी ा बठ ै क आयोिजत करग।े यह
डी.ड य.एस.एम.
ू और ाम पच ं ायत के साथ साझा क जानी डटे ा सावज नक डोमन े पर उपल ध कराया जाएगा।
चा हए। पी.एच.ई.डी./आर.ड य.एस. ू वभाग ऐसे जल ोत क जल जीवन मशन आई.एम.आई.एस. पोटल पर न न ल खत
पानी क गणव ु ता क नय मत नगरानी करगे और पानी क सचना
ू वत: द शत होगी:
गणव
ु ता क चौकसी ाम पच ं ायत और/या इसक उप-स म त,
i) आविृ त के अनसार
ु सभी तर पर योगशाला पर ण
अथात ् वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह ू आ द और
के मा यम से जलगणव
ु ता क नगरानी;
थानीय समदाय ु वारा क जाएगी। जहां भी और जब भी
आव यक हो, सधारा ु मक उपाय कए जाने चा हए। ii) पर ण क आविृ त के अनसार
ु सभी गांव म फ ड
पर ण कट के मा यम से समदायु वारा जल
जल जीवन मशन आई.एम.आई.एस. के मा यम से 'हॉट
गणव
ु ता क नगरानी;
पॉ स' के जल ोत क जल गणव ु ता के आकं ड़ क वशष े
प से नगरानी क जाएगी। पाइपलाइन जल आपू त णाल के iii) जल गणव
ु ता भा वत िजल और जे.ई.-ए.ई.एस. िजल
लए इस तरह के कसी भी जल ोत का चयन करने से पहले, म एफ.एच.ट .सी. ावधान क ग त;
ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात ् iv) आस नक, लोराइड और लौहत व से भा वत गांव और
वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह ू आ द वारा इस क ह ं अ य, िजनके बारे म नणय वभाग/रा य
पर चचा क जाएगी और ाम सभा के मा यम से उसे मशन वारा लया जा सकता है , क नगरानी के लए
अनमोु दत कया जाएगा, जसै ा क अ याय 6 म उि ल खत है । अलग रपोट तय
ै ार क जाएंगी;
10.4 श ण और आई.ई.सी. ग त व धय क सची
ू v) योगशाला मू यांकन और संबं धत सधार
ु आयोजनाएं;
i.) गांव / वकास खंड /िजल के मखु थान पर नकटतम vi) एन.ए.बी.एल. से या यत रा य/िजला योगशालाओं क
जल गणव ु ता पर ण योगशाला का ववरण दशाना; सं या और लॉक/उप-मड ं ल योगशालाओं क सं या;
63
अ याय
64
i.) ाम काय योजना, 'िजला काय योजना', रा य काय यह सु नि चत कया जाएगा क व भ न प रयोजनाओं क
योजना और रा य-वार वा षक काय योजना को अपलोड वा त वक ग त, प रसप ं ि तय क िजयो-टै गगं , प रयोजनाओं पर
करने का ावधान; कए गए खच, प रयोजनाओं क कायशीलता क ि थ त के सब ं ध
ं
म, रा य से ा त डट
े ा को जल जीवन मशन आई.एम.आई.एस.
ii.) ाम पच
ं ायत उप-स म त, अथात ् वी.ड य.एस.सी.
ू /पानी
पर दज कया जाएगा और उसे सावज नक डोमन े म रखा जाएगा,
स म त/ यो ता समहू , आ द के गठन क नगरानी, बक ता क अं तम यो ता और व भ न सं थागत सरंचनाओं वारा
खाता खोलना, सामदा
ु यक योगदान आ द; इसका पयवे ण और सामािजक सप ं र ा सभं व हो सके।
iii.) आबं टत गांव म आई.एस.ए. के न पादन अथात ् आपू त क बारं बारता, गणव
ु ता और मा ा को मापने के लए
संसाधन मान च ण, पी.आर.ए. ग त व धय आ द क ससर आधा रत जल आपू त यव था अपनाई जाएगी। जल
नगरानी करना; आपू त णाल क कायशीलता क नगरानी करने के लए
iv.) सभी योजनाओं क भौ तक और व तीय ग त क नयं ण और कमांड तथा आई.एम.आई.एस. के साथ इसका
नगरानी करना; लगातार एक करण कए जाने क आव यकता होगी।
11.1.2 रयल-टाइम डश
ै बोड
v.) फ ड पर ण कट का उपयोग करके समदाय
ु वारा पानी
क गणव
ु ता योगशालाओं क नगरानी और चौकसी; एक रयल टाईम डश ै बोड के मा यम से, सभी आव यक
नगरानी मापदं ड अथात ् अब तक दान कए गए
vi.) प रवतन बंधन ग त व धय क नगरानी;
एफ.एच.ट .सी. क सं या, वष 2024 से पहले दान कए जाने
vii.) सहायक ग त व धय क नगरानी आ द। के लए शष े एफ.एच.ट .सी. क सं या, दान कए गए
कायशील नल कने शन और ब द पड़े नल कने शन क सं या
तय
ै ार क गई रपोट का उपयोग े दौर , कायशालाओ,ं वी डयो
दज क जाएगी। यह डट े ा सावज नक डोमेन म उपल ध होगा।
स मल े न आ द के मा यम से नय मत नगरानी के लए कया
जाएगा। योजनाओं के बह े तर बध
ं न और उनक नगरानी के 11.1.3 प रसंपि तय क िजयो-टै गग
ं
लए पय े जल प रसपं ि तय क एक डिजटल िजला व त-सची
ु ू पारद शता लाने और नगरानी के योजन से, जल आपू त
बनाई जाएगी। रा य तर पर एस.सी.ए.डी.ए. णाल के मा यम योजनाओं क सभी प रसंपि तय को रा य वारा िजयो-टै ग
से यक े एम.वी.एस. नटे वक णाल क नगरानी क जाएगी कया जाना आव यक है । हर अवसंरचना प रसंपि त चाहे वह
ता क इसका समु चत कायकरण सु नि चत कया जा सके। नई हो या परानी,
ु सभी को िजयो-टै ग कया जाएगा, िजसम
65
नगरानी एवं मू यांकन
कपड़े धोने और नान करने के थान, े-वाटर सं ह और वारा लए जाने वाले नणय के अनसार)
ु पया त मा ा (55
शोधन संयं , ोत था य व संरचनाएं आ द शा मल ह। एल.पी.सी.डी.) म, नधा रत गणव
ु ता (बीआईएस: 10500)
वाला जल उपल ध कराने वाले घरे लू नल कने शन क
11.1.4 एफ.एच.ट .सी. को आधार के साथ जोड़ना
उपल धता से है । इसम ोत और णाल का द घका लक
ल त डल वर और उसके व श ट प रणाम क नगरानी के था य व भी शा मल होगा।
लए यह ता वत है क सां वधा नक ावधान के अधीन
एफ.एच.ट .सी. को घर के मु खया के आधार नंबर के साथ नल कने शन क कायशीलता का वग करण, ता लका 11 म
जोड़ा जाए। दए गए मानदं ड के आधार पर कया जाएगा।
11.1.5 समदाय
ु वारा चौकसी चंू क नल कने शन क कायशीलता तय करने के लए
नधा रत क गई शत म ोत था य व भी शा मल है , इस लए
समदाय
ु वारा, अपनी जल आपू त योजना के कामकाज पर
कायशीलता आकलन मापदं ड म, भ न- भ न कार क
बार क से नज़र रखी जाएगी और अपनी अत ं : ाम जल आपू त
योजनाओं को चलाने/कायाि वत करने हे तु कए गए ोत
के बु नयाद ढांचे के बंधन, संचालन और रख रखाव के लए
था य व उपाय पर पछे ू जाने वाले न तथा यह काय
भी समदायु ह िज मेदार होगा। समदाय ु वारा, अ याय 10 म
व णत नय मत सफाई नर ण काय कया जाएगा और पानी एम.जी.एन.आर.ई.जी.एस., आई.ड य.एम.पी.
ू के मा यम से
के द ु पयोग को रोकने के लए सामू हक प से नणय लया कए जाने वाले मेल-जोल से कए गए होने का ववरण भी
जाएगा। एक सम पत टोल नंबर, ऑनलाइन पोटल, आ द के शा मल कया जाएगा (मेल-जोल पर अ धक जानकार के लए
मा यम से संबं धत डी.ड य.एस.एम./एस.ड
ू य.एस.एम.
ू म परैा 6.3 का संदभ ल)।
शकायत दज कराने का अ धकार भी समदाय ु को होगा। भारत सरकार वारा, घरे लू नल कने शन क कायशीलता का
11.2 मू यांकन आकलन करने के लए नमना ू सव ण कया जाएगा।
कायशीलता आकलन के आधार पर, रा य को धनरा श जार
कायशीलता आकलन क जाएगी। कायशीलता आकलन23 के अत ं गत, जल आपू त
कायशीलता से ता पय अवसंरचना अथात ् नय मत आधार पर णाल के द घका लक था य व के लए आव यक अ य
( त दन अथवा ाम पंचायत और/अथवा इसक उप-स म त जानकार भी दज क जाएगी।
पणत आं शक प से
ू या कायशील नि य
कायशील
मा ा >=55 एल.पी.सी.डी. >40 एल.पी.सी.डी.
<40 एल.पी.सी.डी.
<55 एल.पी.सी.डी.
गणव
ु ता पीने यो य पीने यो य न पीने यो य
नय मतता 12 मह ने अथवा 9-12 मह ने <9 मह ने
दै नक आधार <दै नक आधार <दै नक आधार
ता लका 11
66
अ याय
आउटपट
ु और प रणाम का मापन 12
ज
ल जीवन मशन का मल-भत ू ू आउटपट,
ु वष 2024 पर लड़ कय के कल ू छोड़ने क दर म कमी के तौर पर मापे जा
तक सभी ामीण प रवार को एक कायशील घरे लू सकने यो य 4 मु य प रणाम को ा त करने का यास कया
नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) उपल ध कराना है। जाना और ामीण समदाय ु के लए रोजगार के अवसर म व ृ
इस के समात
ं र, इस मशन के अत ं गत, ामीण समदाय
ु के सु नि चत करना शा मल है। इस तरह क कायनी त से ामीण
वा य क बह े तर ि थ त; म हलाओं और लड़ कय क द ु वार प रवार क सामािजक-आ थक सम ृ सु नि चत होगी। प रणाम
म कमी और म हलाओं का सशि तकरण, उ च ाथ मक तर परे खा म इन व श ट प रणाम का नीचे दया गया है:
67
अ याय
13 आपदा बंधन
ज
लवायु प रवतन के कारण घ टत होने वाल चंड और मानसन ू म दे र होने पर पानी क उपल धता
मौसमी घटनाओं जस ै े सखा
ू और बाढ़ से सु नि चत होगी;
अ या शत तौर पर मीठे पानी क वतमान और
iii.) उ थानशील बु नयाद ढांचे क मौजदगी, ू संकट क
भावी उपल धता म बदलाव आते जा रहे ह। पया त मा ा म
ि थ त म लाभकार होती है और रोकथाम/शमन के लए
और गणव ु ता-यु त पानी क अ नि चत उपल धता के
तथा आपदा के भाव को कम करने के लए यह बहत ु
प रणाम व प होने वाले तकल
ू भाव से भोजन क
भावी स होती है । पहाड़ी े म पाइपलाइन बछाते
उपल धता, वा य मानदं ड , पोषाहार और आजी वका सरु ा
समय भू खलन संभा वत े से बचने क सावधानी
पर भाव पड़ता है । इसके अलावा, भू खलन, भक ू ंप आ द क
बरतनी चा हए। इसके अलावा, पाइप क एंक रग ं भावी
बढ़ती घटनाओं से कभी-कभी जल आपू त के बु नयाद ढांचे को
ढं ग से क जानी चा हए ता क वे बाढ़ म/क चड़ वाह से
भी नकसान
ु पहंु चता है , िजसके प रणाम व प पेयजल आपू त
बह न जाएं। शोधन संयं , भू मगत जलाशय, सावज नक
बा धत होती है । ये घटनाएं, समदाय ु को सरु त पेयजल
पेयजल पहंु च थल आ द जस ै े जल आपू त के बु नयाद
उपल ध कराने का काम कर रहे शहर / ामीण योजनाकार के
ढांचे क अवि थ त का चयन सावधानी से कया जाना
लए एक चनौती
ु बन गई ह और इस लए, जल जीवन मशन के
चा हए ता क उसे बाढ़ और च वात, भू खलन, भ-धाव, ू
अतं गत, आपदा बंधन आयोजना को लागू करने म रा य /संघ
भक ू ं प के द ु भाव आ द से सरु त रखा जा सक े ;
रा य े के यास को मजबती ू द जाएगी।
iv.) आर.ड य.एस.
ू के ढाच
ं े के नमाण के समय, भक ू ं प/ बाढ़
आपदा क ि थ त म मु य प से न न ल खत कार क
या च वात/भू खलन- वण े के लए, भारतीय मानक
चनौ
ु तयां सामने आती ह:
यरो
ू (बीआईएस)/के य लोक वा य तथा पयावरण
i.) आपदा के भाव को दरू करने/कम करने के लए अ म इिंज नय रग ं सग ं ठन (सी.पी.एच.ई.ई.ओ.) जस ै े सं थान
आयोजना और तयै ार करना; वारा जार मानक /सं हता ावधान / दशा नदश का
अनपालन
ु करने से द घकाल तक टकाऊ बने रहने वाले
ii.) आपदा के समय तज
े ी से कारवाई करना; तथा
बु नयाद ढाच ं े का सजन
ृ सु नि चत कया जा सकेगा;
iii.) आपदा के उपरांत एक मजबतू और उ थानशील आपू त
v.) एस.एल.एस.एस.सी. से अपे त है क योजनाओं को
णाल क सहायता से सेवाओं क बहाल ।
मंजूर दे ते समय वह स या पत कर क ता वत जल
इस कार, इस आयोजना से अपे ा है क पेयजल आपू त के आपू त अवसंरचना को आपदाओं से कतना खतरा है
संदभ म उपयु त चनौ
ु तय का समाधान हो सकेगा। और स यापन के बाद बठ ै क के कायवत
ृ म उसे अपना
पव- मत उपयु त पहलओ ु ं को यान म रखत े हए,
ु ल खत म
ू आपदा: इसे आयोजना चरण कहते ह। इस अव ध के दौरान
संसाधन क ठोस आयोजना बनाने और उनक कशल तनै ाती से दज कराना चा हए।
ु
आपदा के समय नकसान
ु कम होता है । vi.) ‘ ाम काय योजना’ तय
ै ार करते समय, इन पहलओ
ु ं पर
थानीय समदाय
ु के ान और जानकार को काय थल
रोकथाम और शमन
तथा आयोजना को अं तम प दे ते समय यान म रखा
i.) ए वीफस क जल भंडारण मता म सधार ु करना जाना चा हए।
सव तम द घाव ध कायनी त है । वशष े प से वन े
आपदा के लए तय ै ार : इस या म ऐसे उपाय शा मल होते ह,
म मौजद ू ए वीफस का वत: पनभर ु ण करना, भ व य
िजनसे सरकार , समदायु और यि तय को आपदा ि थ तय
क पेयजल सरु ा के लए सबसे भावी जल संर ण
म तज
े ी से कारवाई करने और उनसे भावी ढं ग से नपटने म
व ध है । वन, अपने धरातल पर अपे ाकत ृ ल बी अव ध स मता ा त होती है ।
तक बड़ी मा ा म पानी को रोककर रख सकते ह य क
वनभू म पंज का काम करती है और बाद म, जल आकि मक आयोजनाओं म थायी जल ोत क अवि थ त
धाराओं म धीरे -धीरे पानी छोड़ती रहती है । इस उदाहरण और जल-आपू त णा लय क संरचना का उ लेख होना
से पता चलता है क कछ ु पा रतं कस कार से पानी चा हए। भावी आपदा तयै ा रय और आपदा प चात रकवर म
क उपल धता सु नि चत करते ह और बाढ़ के जो खम यह ान मह वपण ू होता है । आकि मक आयोजना म जल हण
म कमी लाते ह। तथा प, इसके लए द घका लक े , जलाशय और वतरण णा लय के त संभा वत
आयोजना और कारवाई क आव यकता होती है ; जो खम पर भी वचार कया जाना चा हए।
ii.) उथले और गहरे ए वीफस से गणवु तायु त पानी क आपदा- वण ( ोन) े जस ै े तट य े , बाढ़- वण ( ोन)
उपल धता बढ़ाने के यास से सखे
ू क अव ध के दौरान े , हमालयी े के रा य को चा हए क वे नकटतम
68
सभ ं ा वत सरु त थान पर थायी मोबाइल जल शोधन सय ं ं iii.) भा वत े म मोबाइल जल शोधन संयं क थापना;
लगाने क योजना बनाएं और इन सय ं ं क एक सची ू तय ै ार
iv.) े पर ण कट का उपयोग करके रोग पर नज़र रखे
कर। इसी तरह, हडपप ं जस ै े बहत
ु से पॉट सोस पवव ू त
जाने के संदभ म पानी क गणव
ु ता क चौकसी;
एन.आर.डी.ड य.पी. ू और व भ न रा य योजनाओं के तहत
तयै ार कए गए ह। च वात और बाढ़ जस ै ी ाकृ तक आपदा क v.) पया त सं या म शु करण कट क आपू त।
ि थ त म, हडपप ं , पीने यो य पानी उपल ध कराने के लए उस
आपदा के बाद: बाढ़, च वात, भक ू ं प आ द जस ै ी आपदाओं क
समय तक के लए अत ं रम समाधान दान करते ह, जब तक
ि थ त म पये जल और व छता क सु वधा दान करना सबसे
क पाइपलाइन के मा यम से पानी क आपू त फर से बहाल
बड़े मु म से एक है और इसे सव च ाथ मकता के प म
नह ं हो जाती। इस कार, इन हड पप ं क कायशीलता क
लया जाना चा हए। कसी आपदा के बाद, मह वपण ू चनौती
ु यह
समय-समय पर जाच ँ करके उनका रख रखाव सु नि चत करने
क आव यकता है। है डप प के लट े फ़ॉम को ऊंचा उठा दे ने से होती है क तजे ी से और थायी रकवर कस कार क जाए,
हडपप ं के पानी म बाढ़ के पानी के म ण को रोका जा सकेगा िजससे सकं ट काल न प रि थ तयां पन: ु पश े न ह । आपदा के
और आपदा क तय ै ा रय के लए रा य के पास उपल ध धन का बाद कए जाने वाले पन ु नमाण का उ े य, आपदापव ू जल
उपयोग करके या टे ट फ़ंड वारा यह काय कया जा सकता है। आपू त क ि थ त को बहाल करना होता है। इसम त त
जल ोत और जल आपू त अवसरंचना के व रत और भावी
जवाबी कारवाई के लए आपातकाल न तय
ै ार त थापन जस ै े कायकलाप शा मल ह। ऐसा करते समय, लब ं ी
अव ध के वकास प र य और सभ ं ा वत आपदा- वणता पर
सभी तर , अथात ् वभागीय (रा य तर), िजला और ाम
यान दया जाना चा हए और यह सु नि चत करना चा हए क
तर पर तयै ार अ य धक मह वपण ू होती है । तय
ै ा रय के
जल आपू त के बु नयाद ढाच ँ े को फर से और बह े तर तर के से
मु य त व इस कार ह:
तयै ार कया जाए। इस कार, साम ी के चयन के साथ-साथ
i.) आपदा प चात ् होने वाल त और ज रत के लए नमाण आयोजना म आपदा के त उ थानशीलता का सायास
श त मानव सस ं ाधन क पहचान और उन तक पहंु च; एक करण करने से जल आपू त के बु नयाद ढाच ं े को आपदा से
अ भा वत रखने वाल अवसरंचना का सजन ृ हो सकेगा बजाय
ii.) सं मणकाल न सेवाएं दान करने के लए आकलन और
इसके क उसी कार क ि थ तयां पन: ु न मत हो जाए।ं
आयोजना; और आपदा भा वत णा लय क
पनबह
ु ाल । रा य सरकार वारा संबं धत वषयगत व त मं ालय के नदश के अनसार,ु के वारा ायोिजत
पा य म म एक ठोस और एक कत ृ श ण दान योजनाओं म रा य को कए जाने वा षक आबंटन के 25%
कया जाना चा हए; भाग का उपयोग ले सी-फंड के प म कया जा सकता है ।
आपदा प चात रकवर काय के लए धन क त काल
iii.) श वर और बड़े पमै ाने पर सामने आने वाल वाल अ य
आव यकता को परा ू करने के लए, जल जीवन मशन के तहत
व थापन प रि थ तय म सं मणकाल न सेवाएं दान
रा य के पास उपल ध ले सी-फंड का उपयोग कया जा
करने के लए आपातकाल न जल आपू त कट क पहले
सकता है । रा य /संघ रा य े को सलाह द जाती है क वे
से यव था करके रखा जाना;
ाकृ तक आपदाओ/ंमहामा रय और आत ं रक संकट से उ प न
iv.) समवत नगरानी के भाग के प म रोग चौकसी के होने वाल अ या शत चनौ ु तय /मु का यान रखने के लए
संदभ म जल गणव
ु ता चौकसी; जल जीवन मशन के तहत उपल ध वा षक आबंटन का कम से
v.) थानीय बाढ़ क ि थ त को कम से कम तर पर लाने, कम 5% भाग अलग करके रख और य द यह रा श अ यु त रहे
सीवेज ओवर लो टग
ं या भंडारण के लए नई तो इसका उपयोग रा य वारा व तीय वष के अत ं म
णा लय का अनकलन करना या डजाइन करना; तथा एफ.एच.ट .सी. कवरे ज के लए कया जा सकता है ।
ु ू
69
आपदा बंधन
आपदा बंधन अ ध नयम, 2005 क धारा 35 खंड 2 (ख) म ाकृ तक आपदाओं से नपटने क मानक प रचालन या
यह उपबंध है क- (एस.ओ.पी.) वभाग/रा य मशन के पोटल पर उपल ध है ।
"भारत सरकार के मं ालय या वभाग वारा अपनी वकास आपदा क ि थ त म पानी क नरं तर आपू त सु नि चत करने
आयोजनाओं और प रयोजना म आपदाओं के शमन और के लए हर रा य को एक सु वचा रत आपदा बंधन कायनी त
रोकथाम के लए उपाय का एक करण सु नि चत कया जाए"। तय
ै ार करनी चा हए।
70
अ याय
बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं 14
अ
त र त व त-पोषण के लए रा य को एक वारा स या पत/प ृ ठां कत कया जाएगा और इस
मह वपणू ोत उपल ध होता है और वह ोत है - पी.पी.आर. को भारत सरकार के अ य मं ालय / वभाग
बा य सहायता- ा त प रयोजनाएं (ई.ए.पी.)। इस को ऑनलाइन े षत कया जाएगा;
ोत के मा यम से रा य, जल जीवन मशन काया वयन म
iii.) िजन नोडल मं ालय / वभाग को पी.पी.आर. े षत कया
उ प न होने वाल धन क कमी को परा ू कर सकते ह। रा य को
गया है, वे मशः पवू तर रा य के मामले म अपनी
यह सु नि चत करना होगा क ऐसे ई.ए.पी. का अं तम ल य
ट पणी 45 दन और अ य रा य के मामले म अपनी
एफ.एच.ट .सी. क यव था करना है , और ऐसी प रयोजनाएं
ट पणी 30 दन के भीतर ऑनलाइन दे सकते ह;
ामीण और शहर - दोन े को कवर करने वाल होनी
चा हए। रा य /संघ रा य े को ो सा हत कया जाता है क iv.) बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं सब ं ध
ं ी ताव का
वे, वप ीय और बहप ु ीय एज सय वारा व तपो षत ताल-मले , रा य तथा भारत सरकार क वकास
ई.ए.पी. के मा यम से बा य व तीय सहायता ा त कर। ाथ मकताओं के साथ होना चा हए। इस प रयोजना के
" व तपोषण लस" त व पर वशष े बल दया जाना है;
ई.ए.पी.के ताव म प ट प स,े यह उ लख े कया जाएगा क
इसके तहत दान कए जाने वाले एफ.एच.ट .सी. क सं या v.) सबं ं धत मं ालय/ वभाग, आव यक तकनीक मू याक ं न
या होगी और यह भी बताना होगा क एस.ए.पी. पर आधा रत करने के बाद आगे क आव यक कारवाई के लए अपनी
ामीण कायशील घरे लू नल कने शन के सम तशत म रपोट आ थक काय वभाग को ऑनलाइन भज े दग।े सघं
कतनी व ृ हो सकेगी। रा य को आ थक काय वभाग, जो रा य े के मामले म, रपोट क एक त, सचना ू क े
बाहर सहायता मण या के लए नोडल वभाग है, के लए गहृ मं ालय को भी प ृ ठां कत क जाएगी;
दनाकं 25.11.2019 के प स.ं 8/1/2019-बी.पी.सी.ए ड ट . के
vi.) सफा रश / ट प णय के साथ ऑनलाइन ा त पी.पी.आर.
अतं गत जार कए गए दशा नदश का अनपालन ु करना होगा।
को आ थक काय वभाग क नगं स म त के सम
बा य सहायता क माग
ं करने क सं त या न नानसार
ु ह:ै रखा जाएगा। मानदंड को परा
ू न करने वाल प रयोजनाओं
को आ थक काय वभाग वारा, यथा-ि थ त, अ वीकत ृ
i.) सभी रा य /सघ ं रा य े क सरकार को, आ थक काय
या वापस कर दया जाएगा।
वभाग वारा नधा रत ा प के अनसार ु अनं तम
व तीय ववरण के साथ एक ारं भक प रयोजना रपोट
(पी.पी.आर.) ताव तय
ै ार करना होगा। उस पी.पी.आर.
को आ थक काय वभाग के ऑनलाइन पोटल24 पर जमा
कराया जाना होगा। रा य/सघ ं रा य े का नोडल
अ धकार ऑनलाइन पी.पी.आर. को स या पत/प ृ ठां कत
करे गा और सब ं ं धत पोटल पर ह इस ताव को, भारत
सरकार के सब ं ं धत मं ालय और नी त आयोग के पोटल
पर ऑनलाइन माक करे गा। य द अपे त ग त व धयाँ
एक से अ धक मं ालय से सब ं ं धत ह , तो इ ह सभी
मं ालय को प ृ ठां कत कया जाना चा हए। उदाहरण के
लए, शहर और ामीण जल आपू त - दोन से जड़ी ु
प रयोजनाओं के लए पी.पी.आर. जमा करते समय
रा य से अपे त होगा क वे, बाहर सहायता लेने के
लए पय े जल एवं व छता वभाग तथा आवासन और
शहर काय मं ालय दोन को पी.पी.आर. टै ग कर;
https://eapdea.gov.in/ppr/
24
71
अनबं
ु ध-I
. सं. रा य/ संघ रा य े कल
ु प रवार कल
ु घरे लू कने शन थायी जल आपू त
वाले कल
ु घरे लू कने शन
का तशत
1 अड
ं मान और नकोबार वीप समह
ू 65,096 6,604 10.15
2 आं दे श 91,29,939 30,60,696 33.52
3 अ णाचल दे श 2,20,826 20,069 9.09
4 असम 57,92,987 127962 2.21
5 बहार 1,78,46,077 3,36,178 1.88
6 छ तीसगढ़ 43,17,108 3,85,417 8.93
7 गोवा* 16,14,59 0 0
8 गजरात
ु 64,77,917 50,82,540 78.46
9 ह रयाणा 32,88,145 17,58,292 53.47
10 हमाचल दे श 13,48,841 7,59,047 56.27
11 ज मू और क मीर 4,91,152 30.02
16,36,151
12 झारखंड 50,28,402 2,88,992 5.75
13 कनाटक 80,72,422 35,36,476 43.81
14 केरल 91,75,250 15,36,707 16.75
15 म य दे श 1,08,90,226 13,28,100 12.2
16 महारा 1,32,03,245 50,74,878 38.44
17 म णपरु 4,38,943 24,512 5.58
18 मेघालय 4,60,527 4,359 0.95
19 मजोरम 1,03,949 16,359 15.74
20 नागालड 3,17,975 15,559 4.89
21 ओ डशा 81,25,852 3,19,955 3.94
22 पदचे
ु ु र 82,258 41,418 50.35
23 पंजाब 33,01,599 17,59,212 53.28
24 राज थान 92,84,150 11,49,036 12.38
25 सि कम 88,013 87,431 99.34
26 त मलनाडु 98,62,767 29,33,243 29.74
27 तल
े ंगाना 54,09,686 18,13,791 33.53
28 परा
ु 8,59,052 27,358 3.18
29 उ तर दे श 2,58,81,064 3,45,452 1.33
30 उ तराखंड 15,09,758 2,16,182 14.32
31 पि चम बंगाल 1,63,35,210 2,14,683 1.31
जोड़ 17,87,14,894 3,27,61,660 18.33
*गोवा म 30.11.2019 तक क ि थ त के अनसार
ु कवरे ज 88.51% है
ोत: आई.एम.आई.एस., डी.डी.ड य.एस.
ू
72
अनबं
ु ध-II
(आर.ड य.एस.
ू के स चव/ भार धान स चव वारा मा णत कया जाना होगा)
के य न ध / रा य न ध*
म सं या प सं या और दनांक .....
ii) यह सु नि चत कया गया है क वा त वक और व तीय न पादन, भारत सरकार/रा य सरकार* वारा जार काय म
दशा नदश म यथा- नधा रत अपे ाओं के अनसार
ु रहा हो ।
4. पव
ू त न ध के उपयोग के प रणाम व प न न ल खत प रणाम ा त हए
ु ह:
i) कवरे ज के संदभ म प रणाम (स यापन यो य व प म)
73
अनबं
ु ध-II
ii) कायशील घरे लू नल कने शन (एफ.एच.ट .सी.) के मा यम से कवरे ज और योजनाओं के काया वयन के संदभ म प रणाम
(स यापन यो य व प म)
74
अनबं
ु ध-III
लेखापर ा रपोट के लए ा प
(रा य ामीण पेयजल काय म/जल जीवन मशन (जे.जे.एम.) और सहायता/ जल गणव
ु ता नगरानी एवं चौकसी न ध क
लेखा पर ा रपोट अलग-अलग तत ु क जाएं )
इसम न न ल खत बद
ं ु शा मल ह गे: -
ii.) ाि त और भगतान
ु लेखा
iii.) आय और यय लेखा
iv.) तलन
ु प
75
ु ध-III
अनबं
सेवा म
रा य जल एवं व छता मशन
डाक पता:
1. हमने, 31 माच, 20.. तक क ि थ त के अनसार ु रा य जल एवं व छता मशन ('अनदान ु ा तकता') - ''लेखा - पव
ू
रा य ामीण पेयजल काय म (एन.आर.डी.ड य.पी.) ू और जल जीवन मशन (जस ै ा भी मामला हो)” के संल न तलन
ु प
क लेखा पर ा क है और साथ ह , उसके साथ संल न, उसी तार ख को समा त वष के लए आय और यय लेखे तथा ाि त
एवं भगतान
ु लेखे क भी लेखा पर ा क है । ये व तीय ववरण अनदान
ु ा तकता के बंधकवग क िज मेदार ह। हमार
िज मेदार , अपनी लेखा पर ा के आधार पर, इन व तीय ववरण पर राय य त करने क है ।
2. हमने अपनी लेखा पर ा, सामा य तौर पर भारत म वीकत ृ लेखा पर ा मानक के अनसार ु संचा लत क है । उन मानक म
यह अपे त है क हम अपनी लेखापर ा क आयोजना इस कार तय ै ार कर क हम इस आशय का पया त आ वासन ा त
हो सके क ये व तीय ववरण, गंभीर म याकथन से मु त ह। कसी लेखा पर ा म यह काय शा मल होता है क व तीय
ववरण म द गई रा शय और कए गए कट करण क , पर ण के आधार पर जाँच क जाए। लेखापर ा के अत ं गत,
बंधकवग वारा यु त लेखांकन स ांत और मह वपण ू अनमान
ु का मू यां क न करने के साथ-साथ व तीय ववरण क
सम तु त का मू यांकन कया जाना भी शा मल होता है । हम मानते ह क हमार लेखा पर ा से हमार राय के लए एक
उ चत आधार ा त हआ ु है ।
3. ऊपर उि ल खत अनल
ु नक म हमार ट पणी के अलावा, हम यह भी रपोट करते ह क:
क. तलन
ु प से 31.3.20.. तक क ि थ त के अनसार,
ु अनदान
ु ा तकता “लेखा - पव
ू रा य ामीण पेयजल काय म
(एन.आर.डी.ड य.पी.)/
ू जल जीवन मशन-जे.जे.एम. (जस ै ा भी मामला हो)” के याकलाप और ि थ त क वा त वक
और सह त वीर ा त होती है ।
ग. ाि त और भगतान
ु लेखे से, काय म/योजना के अत
ं गत, 31.03.20.. को समा त हई
ु अव ध म हए
ु लेनदे न क
वा त वक और सह त वीर ा त होती है ।
(महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम _____________________________
सद यता सं.___________________________
सी.ए.जी पन
ै ल सचीकरण
ू सं या एवं वष/ संपक सं.
76
ii.) ाि त और भगतान
ु लेखा
1अ ल
ै , 20.. से 31 माच, 20.. तक क अव ध के लए ाि त और भगतान
ु लेखा
( . लाख म)
ाि तयां रा श भगतान
ु रा श
1. आ द शष े 1. न न ल खत को दए गए अ म
i) रोकड़ शष े
ii) बक म नकद i) काया वयन एज सयाँ
iii) मंडल/िजल आ द म जमा रा शयाँ ii) अ य कोई एज सयाँ आ द
5. व वध 4. अत
ं शष
े
स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________
कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________
77
ु ध-III
अनबं
iii.) आय और यय लेखा
1 अ ल
ै , 20.. से 31 माच, 20.. तक क अव ध के लए आय और यय लेखा
2. अनदानु क ाि त 4. व वध ाि तयाँ
i) के सरकार
ii) रा य सरकार 5. तलन
ु प म अ ेनीत अ त र त
iii) अ य एज सयाँ यय
3. बक से ा त याज
4. न न ल खत से ा त अ म/ऋण/
अनदान
ु का पनभग
ु ु तान
i) काया वयन एज सयाँ
ii) अ य कोई एज सयाँ आ द
5. व वध
स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________
कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________
78
iv.) तलन
ु प
( . लाख म)
पँज
ू ी न धय क आव यकता पछले वष क चालू वष क
धनरा श धनरा श
सं चत न ध
आ द शष
े
जोड़/घटाएँ
आय और यय खाते से अत
ं रत बकाया
मौजदा
ू दे यताएँ
i.) बकाया यय/दे य
ii.) अ य कोई दे यता
जोड़
प रसंपि तयां
जोड़
स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________
कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________
79
ु ध-III
अनबं
ाि तय का घटक-वार ववरण
आ द शष
े अनदान
ु बक से यय अत
ं शष
े
ा त याज
सामा य घटक (एफ.एच.
ट .सी. का कवरे ज)
एन.ड य.ू य.एस.एम.
ू
जे.ई. – ए.ई.एस.
जोड़
स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________
कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________
80
v.) लेखाओं के भाग के प म द गई ट प णयाँ
रा य जल और व छता मशन
i. हडप प
- धरातल ोत
- भजल
ू ोत
- धरातल ोत
- भजल
ू ोत
स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________
कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________
संपक सं.
81
ु ध-III
अनबं
अनदान
ु ा तकता संगठन का नाम:
लेखा पर क
. सं. मु े
क ट प णयाँ
ाि त और भगतान
ु लेखे का आ द शष े और
1.
अतं शषे रोकड़ बह से मेल खाता है ।
2. गत वष का अत
ं शष
े , अग
ं ीकत
ृ आ द शष
े से मेल खाता है ।
3. या अनदान
ु ा तकता या अ य काया वयन एज सय ने इस अव ध के दौरान, मौजदा ू
दशा नदश के उ लंघन म एक योजना से दसर
ू के य योजना म या रा य वारा व त-पो षत
योजना म न धय को डायवट/अतं :अत
ं रत कया है ? य द हाँ, तो त संबंधी यौरा या है ।
4. या वष के दौरान अनदान
ु ा तकता या अ य काया वयन एज सय वारा धन का
कोई गलत उपयोग/ असंगत यय कया गया है और धन क हे राफेर क गई है ? य द हाँ,
तो त संबंधी यौरा या है ।
5. योजना के लए बक खाते नधा रत सं या म ह ह
6. वष के दौरान कसी भी समय पर नकारा मक शष
े नह ं था।
7. या धनरा श जार करते समय मं ालय वारा सं वीकृ त आदे श म
कछ
ु शत को न द ट कया गया है , या वे शत परू क गई ह।
स म ा धकार के ह ता र (महर
ु स हत सनद लेखाकार के ह ता र)
परा
ू नाम परा
ू नाम: ______________________
कायालय क महर
ु सद यता सं._____________________
संपक सं.
82
अनबं
ु ध-IV
i) भू म, वाहन आ द क खर द
iii) भवन, कायालय भवन का नमाण/ नवीनीकरण/ मर मत, भवन का व तार, कॉ स हॉल, गे ट हाउस, आवासीय
भवन, आ द का नमाण/नवीनीकरण/ मर मत।
83
अनबं
ु ध-V
एस.ड य.एस.एम.
ू वारा एक पारदश या के मा यम से ऐसी उपयु त काया वयन सहायता एज सय क
पहचान क जाएगी जो न न ल खत े म काम कर रह ह -
i) पेयजल और सामदा
ु यक बंधन
ii) जल गणव
ु ता
v) लोक वा य इंजी नय रग
ं
vi) जडर और जल
i) सोसाइट पंजीकरण अ ध नयम, 1860 के तहत पंजीकतृ संगठन या भारतीय ट अ ध नयम 1982 के
तहत पंजीकतृ सावज नक यास या कंपनी अ ध नयम क धारा 8 के तहत पंजीकत ृ नगम या िजल के
अं दर मौजद
ू अनभवी
ु वयं सहायता समहू (एस.एच.जी.) स हत 4 (क) के तहत आने वाले पंजीकत
ृ
संगठन, िज ह यनतमू 3 साल का अनभव
ु हो;
ii) संगठन को एक गैर-लाभकार संगठन होना चा हए या ऐसा संगठन होना चा हए, जो अपने लाभ या अ य
आय, य द कोई हो, का उपयोग धमाथ उ े य को बढ़ावा दे ने म करता हो;
iv) सामदा
ु यक मो बलाइजेशन म सहभागी ामीण मू यांकन (पी.आर.ए.) तकनीक और अ य संचार साधन
का उपयोग करने का अनभव;
ु
ii) संबं धत े म अ छा ै क रकॉड रखने वाले संगठन पर ह वचार कया जा सकता है और समदाय-
ु
आधा रत ामीण जल आपू त को सकर
ु बनाने क तकनीक वशष े ता रखने वाले आई.एस.ए. को
ाथ मकता द जाएगी।
i) व तीय सहायता ा त करने के लए संगठन वारा अलग बक खाता खोला जाएगा।
84
अनबं
ु ध-VI
कायशीलता मू यांकन
1. डी.डी.ड य.एस.,
ू भारत सरकार वारा एफ.एच.ट .सी. क कायशीलता का मू यांकन कया जाएगा।
2. परेू हो चक
ु े एस.वी.एस. और एम.वी.एस. के साथ-साथ उन प रवार के नमना
ू सेट का सव ण कया जाएगा, जो इन
योजनाओं के अत ं गत कवर कए गए ह।
85
अनबध
ु ं -VII
के ायोिजत योजनाओं के अत
ं गत
ले सी-फंड के लए दशा- नदश
नई द ल ,
कायालय ापन
2. मु यमं य के उप-समहू क सफा रश और हतधारक के साथ वचार- वमश के आधार पर, नी त आयोग ने दनांक 17
अग त, 2016 के कायालय ापन सं या. ओ-11013/02/2015-सी.एस.एस. और सी.एम.सी. के मा यम से सी.एस.एस. के
यिु तकरण के लए नदश जार कए ह। उ त का. ा. के परैा 6 के अनसार,
ु येक सी.एस.एस. म उपल ध ले सी-फंड को
रा य के संबंध म, येक योजना के तहत सम वा षक आबंटन के 10% के वतमान तर से बढ़ाकर 25% और संघ
रा य े के लए 30% कर दया गया है ।
3. ये नदश के य ायोिजत योजनाओं के लए लागू ह गे, सवाय उन योजनाओं के, जो कसी वधान से बनी ह (जस ै े
मनरे गा), या, ऐसी योजनाओं के, जहाँ बजट य आबंटन का परा
ू या काफ बड़ा अनपात
ु लचीला होता है (जस
ै े रा य कृ ष
वकास योजना, सीमा े वकास काय म, यामा साद मखज ु रबन मशन आ द)। इस वभाग के का. ा. सं या.
55(5)/ पीएफ-II/ 2011 दनांक: 6 जनवर , 2014 के ावधान को न नानसारु त था पत कया गया है :
उ े य
4. के ायोिजत योजनाओं के अत
ं गत आने वाले ले सी-फंड घटक का उपयोग न न ल खत उ े य को ा त करने के लए
कया जा सकता है :
न ध आबंटन और अनमोदन
ु
5. रा य, य द चाह, तो के वारा ायोिजत कसी भी योजना का 25% ( कसी व तीय वष म कसी नि चत योजना के लए
के और रा य क ह सेदार स हत) ह सा, कसी भी ऐसी उप-योजना या घटक या नवाचार पर खच कए जाने वाले
ले सी फंड के प म नधा रत कर सकते ह, जो अनमो
ु दत योजना के सम उ े य और ल य के अनु प हो।
86
7. यह बात नोट क जा सकती है क कसी भी के ायोिजत योजना क मु य वशष े ता नाम, सं ता र और लोगो होते ह,
िज ह ले सी फंड घटक के लए भी बरकरार रखा जाना चा हए। य द रा य वारा, इन मख ु वशष े ताओं म से कसी को भी
बदल दया जाता है , तो के य योगदान समा त हो जाएगा और ले सी फंड घटक, वशु प से एक रा य योजना का प
ले लेगा।
ले सी-फंड का उपयोग
8. ले सी-फंड, मलू के ायोिजत योजना का ह सा बना रहे गा। इस न ध को योजना, उप-योजना और इसके घटक के
तर पर संचा लत कया जा सकता है , ले कन अ ेला काय म के तर पर नह ं; उदाहरण के लए, ले सी-फंड का उपयोग,
ाथ मक श ा योजना के तहत कोई अ भनव घटक सिजत ृ कए जाने स हत कसी भी उप-योजना या घटक पर कया जा
सकता है , ले कन उ च श ा या कसी अ य े म ाथ मक श ा न ध को थानांत रत करने के लए इ तम े ाल नह ं
कया जा सकता है । हालां क, प रणाम क द ता और भावशीलता म सधार ु लाने के लए एक अ ल ै ा काय म के तहत
भ न- भ न योजनाओं को आमे लत करने के लए ले सी-फ़ंड का उपयोग करने क अनम ु त होगी; उदाहरण के लए,
पोषाहार मशन का उपयोग आग ं नवाड़ी सेवाओं को, मात ृ व लाभ के साथ आमे लत करने के लए कया जा सकता है और
वा यचया नेटवक का उपयोग ाथ मक, मा य मक और ततीयक ृ तर म वा य दे खभाल सेवाओं को एक नरं तरता
दान करने के लए कया जा सकता है ।
ू एम.आई.एस. म मॉ यल
10. मौजदा ू जोड़कर, ले सी-फंड के उपयोग के लए वेब-आधा रत रपो टग को डज़ाइन कया जा
सकता है । सभी रा य म अ धक पारद शता और अ भगम सु नि चत करने के लए प रणाम (म यम अव ध) और आउटपट
ु
(अ पाव ध) क जानकार को, च / छ वय और उ तम थाओं के साथ-साथ एम.आई.एस. का ह सा बनाया जाना चा हए।
12. येक सी.एस.एस. के अत ं गत आने वाले ले सी-फंड उ ह ं लेखापर ा अपे ाओं के अधीन ह गे, जो क मल ू के
ायोिजत योजना पर लागू होती ह, इनम नयं क महालेखा पर क वारा क जाने वाल लेखापर ा भी शा मल है ।
(अ णीश चावला)
संयु त स चव, भारत सरकार
87
अनबध
ु ं -VIII
अ य प नर ण एज सय के चयन के लए मानदं ड:
i) फम/ एजसी/ सं था के पास जल आपू त और/ या स वल अवसंरचना से संबं धत प रयोजना काय के नर ण का यनतम
ू
5 साल का अनभव
ु होना चा हए;
iv) फम का यनतम
ू कारोबार 5 करोड़ पये होना चा हए।
अ य प नर ण एज सय के वचाराथ वषय:
क. न न ल खत क नमना
ू जाँच
ख. भगतान
ु के लए जमा बल के अनसार
ु न पा दत काय क मा ा और गणव
ु ता
ग. न पा दत काय के लए भगतान
ु के बारे म सफा रश।
घ. ायल रन के दौरान अत
ं : ाम अवसंरचना का कायकरण
2.) स वल, मकै े नकल और इलेि कल घटक से संबं धत सभी इंजी नय रग ं काय का नर ण करने के लए अ त: ाम
इं ा चर (इनटे क चर, टमट लांट, इं ा और इंटर डि ट डि यशन
ू नेटवक, बल
ै सग
ं / इंटरमी डएट जलाशय,
पि पंग और इलेि कल णाल आ द) को छोड़कर अ य न पा दत काय का नर ण करना, इस नर ण म
न न ल खत पहलओ ु ं को कवर कया जाएगा-
क. न न ल खत क नमना
ू जाँच
ख. भगतान
ु के लए जमा बल के अनसार
ु न पा दत काय क मा ा और गणव
ु ता
ग. न पा दत काय के लए भगतान
ु के बारे म सफा रश।
घ. ायल रन के दौरान अत
ं : ाम अवसंरचना का कायकरण
3.) अ य प वारा नर ण कराए जाने क ि ट से रा य सरकार/ संघ रा य े शासन वारा यथा- नधा रत कोई
अ य काय।
88
अनबध
ु ं -IX
बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं क तु त,
काया वयन और नगरानी संबंधी दशा नदश
सं. 8/1/2019-बी.पी.सी.एंड ट .
व त म ांलय
आ थक काय वभाग
(बी.पी.सी.एंड ट . अनभाग)
ु
वषय: बा य सहायता ा त प रयोजनाओं (ई.ए.पी. ) क तु त, काया वयन और नगरानी संबंधी दशा- नदश
2. आ थक काय वभाग ने समय-समय पर बा य सहायता के लए प रयोजना ताव से संबं धत दशा नदश जार कए ह
ता क इसक याओं को अ धक सरल बनाकर बा य व त पोषण को और अ धक भावी बनाया जा सके। इस वभाग के
कायालय ापन सं. 3/3/2004-पी.एम.य.ू दनांक 9 मई 2005, सं. 3/6/2017- बी.पी.सी. एंड ट ., दनांक 5 अ ल
ै , 2018
और सं. 3/9/2015 दनांक 17 मई 2018 का संदभ हण करने का अनरोध ु है । इन कायालय ापन के मा यम से बा य
सहायता प रयोजनाओं क तु त, काया वयन और नगरानी स ब धी दशा नदश जार कए गए थे। उपयु त
दशा नदश के अ ध मण म, इस संबंध म न न ल खत दशा नदश जार कए जाते ह:
89
ु ध-IX
अनबं
सं था को माक करगे। य द नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती है , तो यह माना जाएगा क
संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था को कोई ट पणी नह ं दे नी है । पव ू तर े के नोडल मं ालय के प म,
एम.डी.ओ.एन.ई.आर. क वयं क ट प णय के साथ-साथ नी त आयोग और संबं धत के य मं ालय क ट प णयां,
नधा रत समय के भीतर ा त करना सु नि चत करने क िज़ मेदार एम.डी.ओ.एन.ई.आर. क होगी।
8. संघ रा य े से ताव
(iii) आ थक काय वभाग म संबं धत बहप ु ीय/ वप ीय संभाग क सलाह पर आ थक काय वभाग का बजट वभाग,
यय बजट म संबं धत संघ रा य े के अनदान
ु क मांग म उ त बा य सहायता- ा त प रयोजना के लए आव यक
बजट आबंटन करे गा।
(iv) वधा यका वाले संघ रा य े म इन प रयोजनाओं के लए व त वाह भी नरं तर होना चा हए। चँ ू क वधा यका वाले
संघ रा य े क अपनी अलग समे कत न ध होती है , इस लए के सरकार से बा य ऋण के मा यम से ा त कोष
एवं उसका पनभग
ु ु तान भी, स बं धत सं घ रा य े के अपने लोक ऋण के तहत दशाया जाना चा हए।
(v) इस कार क प रयोजनाओं के न पादन क नगरानी क िज मेदार , संबं धत संघ रा य े शासन क होगी।
तथा प जब भी आव यकता होगी, गह
ृ मं ालय शास नक सम वय करे गा।
(i) ग़ैर वधा यका वाले संघ रा य े के मामले म, ऐसे संघ रा य े वारा, पी.पी.आर. पव
ू ि ल खत ढं ग से वेब पोटल
पर दज कराए जाएंगे। इस कार से तत
ु पी.पी.आर. को गह
ृ मं ालय के संबं धत नोडल अ धकार वारा ऑनलाइन
90
स या पत/ एंडोस कया जाना होगा। नोडल अ धकार उस ताव को भारत सरकार के संबं धत मं ालय, और नी त
आयोग क ववेचना हे तु (पोटल पर ह ) ऑनलाइन माक करे गा। य द ता वत ग त व धयाँ एक से अ धक के य
मं ालय के डोमेन से संबं धत ह, तो उन सभी मं ालय हे तु ताव को माक कया जाना चा हए। संबं धत के य
मं ालय और नी त आयोग इस ताव क जांच करगे और अपने सझाव/
ु ट प णयां दगे और साथ ह पोटल पर इस
ताव के ा त होने के 30 दन के भीतर उसे वेब पोटल पर अपलोड करगे तथा संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था
को माक भी करगे। य द नधा रत समय सीमा के भीतर कोई ट पणी ा त नह ं होती है , तो यह माना जाएगा क
संबं धत मं ालय/ वभाग/ सं था को कोई ट पणी नह ं करनी है । वयं गह
ृ मं ालय क ट प णय के साथ-साथ नी त
आयोग और संबं धत के य मं ालय क ट प णयां नधा रत समय के भीतर ा त ह , इसे सु नि चत करना गह ृ
मं ालय क िज़ मेदार होगी।
(iii) आ थक काय वभाग का बजट डवीजन, आ थक काय वभाग के संबं धत भाग/ ऑ फस ऑफ़ कं ोलर ऑफ़ एड,
अकाउं स एंड ऑ डड (सी.ए.ए.ए.) क सलाह पर, संबं धत संघ रा य े क अनदान
ु मांग म ऐसी बा य सहायता-
ा त प रयोजनाओं के लए यय बजट म आव यक बजट य आबंटन करे गा।
(iv) वधा यक र हत संघ रा य े के पास अलग समे कत न ध नह ं होती है । उनका राज व वाह, भारत के समे कत
कोष (सी.एफ.आई.) म से होता है और कायशील मु य लेखा-शीष के मा यम से उनके यय भी सी.एफ.आई. म से परेू
कये जाते ह। अतः वधा यका र हत संघ रा य े क बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं के मद म जटाई
ु गई न ध,
संघ सरकार के खात के मा यम से वा हत होगी और के सरकार के ऋण म गनी जाएगी।
(v) ऐसी प रयोजनाओं के न पादन/ काया वयन क नगरानी संबं धत संगत मं ालय
वारा क जाएगी। तथा प, गह
ृ
मं ालय ऐसे ताव के सम सम वय और शास नक पयवे ण के लए िज मेदार होगा।
(III) बह-रा
ु यीय/ के य से टर के लए वधा यका स हत अथवा वधा यका र हत संघ रा य े म बा य सहायता-
ा त प रयोजनाएं
(i) वधा यका वाले स बं धत संघ रा य े , सीधे संबं धत संगत मं ालय को अपनी आव यकताओं से अवगत कराएंगे
ृ मं ालय को सू चत करगे। वधा यका र हत संघ रा य े , संगत मं ालय को अपनी आव यकताओं का
एवं गह
ृ मं ालय के मा यम से दगे।
ताव, गह
(iii) ऐसी योजनाओं के संदभ म बजट ावधान, वधा यका र हत संघ रा य े के संबंध म कायशील लेखा-शीष के अधीन
संगत मं ालय/ वभाग क अनदान ु मांग म उपल ध कराया जाएगा और वधा यका वाले संघ रा य े के संबंध म,
मु य लेखा-शीष ' वधा यका वाले संघ रा य े के लए 3602-अनदान
ु सहायता' के तहत कया जायेगा।
9. व तत ृ प रयोजना रपोट (डी.पी.आर.) ततु करना: आ थक काय वभाग क नगं कमेट वारा ताव के अनमोदन
ु
के बाद, रा य सरकार / संघ शा सत े को शी तशी संगत मं ालय और व त पोषण एजसी के सम , स म ा धकार
वारा व धवत अनमो
ु दत व तत ृ प रयोजना रपोट (डी.पी.आर.) तत
ु करनी चा हए। के य े क प रयोजनाओं के
मामले म डी.पी.आर. संबं धत मं ालय/ वभाग वारा व तपोषण एजसी के सम ततु क जानी चा हए। व तत
ृ
प रयोजना रपोट म मापे जा सकने यो य व प म प रयोजना के डजाइन म तकनीक -आ थक (आ थक यवहायता,
सामािजक लागत-लाभ, मू य संवधन, आ द), पा रि थ तक य (भू म उपयोग, पा रतं ीय था य व आ द), सामािजक-
सां कृ तक (ल त जनसं या और लग ं मामले, भागीदार , सामािजक भाव, आ द) और सं थागत (सं थागत और
संगठना मक व लेषण, मता नमाण, श ण, आ द) आयाम के कायनी तक त व का समु चत उ लेख कया गया
होना चा हए।
91
ु ध-IX
अनबं
10. समतु य व तपोषण और बजट ावधान: रा य सरकार /संबं धत के य मं ालय को यह सु नि चत करने क आव यकता
है क प रयोजना के लए आव यक समतु य न ध, जहां भी लागू हो, सु नि चत क जाए। उ ह यह भी सु नि चत करने क
आव यकता है क बा य सहायता- ा त प रयोजनाओं के लए पया त बजट य ावधान कए गए ह । इस संबंध म आव यक
नदश अ शासक य प सं या 5/1/99-एफबी-II दनांक 12 मई, 1999 और सं. 12/24/94-ई.एफ.सी. (सम वय) दनांक
20 सतंबर 1994 के अत
ं गत जार कए गए ह ( तयां संल न)।
11. तकनीक सहायता ताव: तकनीक सहायता (ट .ए.) अनदान ु या तकनीक सहायता ऋण के ताव भी स बं धत
पी.आई.ए./रा य सरकार/के य मं ालय वारा, यथा-ि थ त, ऋण/ े डट (पी.पी.आर.) के लए नधा रत ा प म
ऑनलाइन पोटल के मा यम से ततु कए जाएंगे। उन ताव िजनम एम.डी.बी./ आई.एफ.आई./ वप ीय एज सय से
लेन-दे न सलाहकार सेवाएँ लेने क मांग क गई है , के संबंध म भी इसी प त का पालन कया जाना होगा।
14. बा य सहायता- ा त सभी प रयोजनाओं के लए, एक प रयोजना काया वयन ट म ग ठत क जानी चा हए, िजसे वीकत ृ
समय और लागत के भीतर प रयोजना के न पादन के लए परू तरह से जवाबदे ह लेनी होगी। ट म के पास कोई समवत
िज मेदार नह ं होनी चा हए और यह सु नि चत कया जाना चा हए क प रयोजना क समाि त तक यह सचा ु ढं ग से काय
करे गी। यह भी सु नि चत कया जाना चा हए क प रयोजना ट म को, प रयोजना के काया वयन से पहले समु चत श ण
दया जाए। ई.एफ.सी./ पी.आई.बी. मेमो म इस बात का प ट प से उ लेख होना चा हए। िजस प रयोजना म इस तरह क
प ट यव था नह ं होगी, उस प रयोजना पर वचार नह ं कया जाएगा।
15. बा य सहायता का ताव कसी के य मं ालय या रा य सरकार वारा सीधे वप ीय या बहप
ु ीय व त पोषण
एज सय को नह ं भेजा जाएगा। बा य सहायता के नयम और शत के बारे म, आ थक मामल के वभाग के मा यम से
चचा को छोड़कर बाहर व तपोषण एजसी से चचा नह ं क जानी चा हए। अतः, रा य सरकार / के य मं ालय से यह
अनरोध
ु है क एम.डी.बी./ आई.एफ.आई./ वप ीय एज सय से बा य व तीय सहायता/ तकनीक सहायता ा त करने के
लये उपयु त नधा रत या का पालन कर ।
16. नगरानी और मू यांकन: प रयोजना ा धकार , प रयोजना के काय- न पादन और भाव दोन के संदभ म, यापक
मू यांकन को, प रयोजना क डज़ाइन म शा मल करके प रयोजनाओं क नगरानी म सधार ु ला सकते ह। प रयोजना के
मू यांकन चाहे वह समवत हो, म याव ध या प रयोजना-प चात ् हो, क यव था का उ लेख ता वत प रयोजना म कया
जाना चा हए। समवत मू यांकन के अतं गत प रयोजना च / काय म म मह वपण ू समझे जाने वाले कसी बद
ं ु पर गहनता
से यान केि त कया जाना चा हए।
92
17. प रयोजना अ धका रय से यह अपे ा क जाती है क वे प रयोजना के पण ू होने पर (अ) भौ तक- व तीय मापदं ड पर
प रयोजना क पणत ू ा रपोट और (ख) प रयोजना ल य- ाि त मापदं ड के बारे म मू यांकन रपोट तत ु कर। प रयोजना
के पणू होने के दो या तीन वष बाद, कसी चय नत प रयोजना का एक भाव आकलन अ ययन भी कया जा सकता है
िजससे प रयोजना के उ े य और ल त प रयोजना उ े य क तलना ु म प रयोजना के उ े य क ाि त और वा त वक
उपलि ध का पता लगाया जा सके। यह काय कसी ति ठत न प सं थान या संगठन वारा कया जाना चा हए। इस
तरह के द घका लक भाव मू यांकन से यह अपे ा क जाती है क इससे, प रयोजनाओं के भाव क नरं तरता क सहायता
से प रयोजनाओं क एक आदश सची ू न मत क जा सकेगी, िज ह ो सा हत कया और दोहराया जा सकता है । साथ ह , उन
प रयोजनाओं क नकारा मक भाव सची ू भी बनाई जा सकती है , जो अपने ल त उ े य क ाि त म असफ़ल रह ं, और
उनम सधारु कया जा सकता है । के य से टर क प रयोजनाओं क नगरानी और मू यांकन क िज मेदार संबं धत
के य से टोरल मं ालय/ वभाग के पास होगी। रा य/ संघ रा य े से टर क प रयोजनाओं के मामले म, संबं धत रा य/
संघ रा य े ह प रयोजनाओं क नगरानी और मू यांकन के लए िज मेदार ह गे।
(रजत कमार
ु म ा)
संयु त स चव, भारत सरकार
दरभाष:
ू 011 23094818
नोट,
3. सी.इ.ओ., नी त आयोग
93
ु ध-IX
अनबं
मै स क एक परे खा
ग त व धयां इनपट
ु / लागत
( योगकता संसाधन , अथात ् मानव,
व तीय, उपकरण आ द वारा
कए जाने वाले काय)
94
यय वभाग
का. ा. सं या - 1 (2) - दनांक 7 मई, 2003
(i) संदभ/ प ृ ठभू म: इस खंड म से टर/ उप-से टर, रा य ाथ मकता, कायनी त और नी तगत प-रे खा के एक सं त
ववरण के साथ-साथ मौजदा ू ि थ त का एक सं त ववरण दान कया जाना चा हए।
(ii) हल क जाने वाल सम याएं: इस खंड म थानीय/ े ीय/ रा य तर पर, यथा-ि थ त, प रयोजना/ योजना के मा यम
से हल क जाने वाल सम याओं का व ततृ यौरा दया जाना चा हए। आधारभतू डटे ा/ सव ण / रपोट क सहायता से,
इन सम याओं क कृ त और प रमाण के बारे म सा य तत ु कए जाने चा हए। हल क जाने वाल सम याओं क कृ त
और प रमाण के बारे म प ट माण उपल ध होना चा हए।
(iv) ल त लाभाथ : ल त लाभा थय क प ट पहचान द जानी चा हए। प रयोजना नमाण के समय हतधारक के साथ
कए जाने वाले परामश स हत हतधारक व लेषण कया जाना चा हए। प रयोजना म लागत सहभा गता और लाभाथ क
भागीदार के वक प तलाशे और शा मल कए जाने चा हए। समाज के अपे ाकत
ृ कमजोर वग पर प रयोजना के
सकारा मक या नकारा मक भाव का मू यांकन कया जाना चा हए औरतकल
ू भाव के मामले म उपचारा मक उपाय
सझाए
ु जाने चा हए।
(vi) काननी
ू प-रे खा: इस खंड म वह काननी
ू प-रे खा तत
ु क जानी चा हए िजसके भीतर प रयोजना को लागू कया जाएगा
और जहाँ तक प रयोजना के उ े य क उपलि ध पर भाव का न है , उस सीमा तक काननी ू प-रे खा क ताकत और
कमजोर के बारे म बताया जाना चा हए।
(vii) पयावरणीय भाव आकलन: पयावरणीय भाव का, जहां भी आव यक हो, आकलन कया जाना चा हए, और तकलू
भाव को कम करने के उपाय , य द कोई ह , का अ भ नधाराण कया जाना चा हए। इस खंड म भू म अ ध हण, वन भू म
के डायवजन, पनवास
ु और पनु थापन से संबं धत मु पर भी चचा क जानी चा हए।
(viii) चल रह पहल: इस खंड म उन चालू पहल का ववरण दया जाना चा हए और उन तौर-तर क का ववरण भी दया जाना
चा हए, िज ह अपनाकर ता वत प रयोजना के मा यम से दोहराव से बचा जाएगा और तालमेल बनाया जाएगा।
(xi) व त और प रयोजना बजट के साधन: इस खंड म व त के साधन , वक प के मू यांकन, प रयोजना बजट, अनमा
ु नत
लागत और यय क चरणब ता पर यान केि त कया जाना चा हए। लागत साझीदार और लागत वसल ू ( यो ता
शु क) के वक प पर वचार कया जाना चा हए और कल
ु प रयोजना लागत म इसका समावेशन कया जाना चा हए।
95
ु ध-IX
अनबं
(xii) समय सीमा: इस खंड म प रयोजना ारं भन के लए ता वत 'आरं भ' त थ का संकेत दे ना चा हए और जहाँ भी ासं गक
हो, एक पी.ई.आर.ट ., सी.पी.एम. चाट दया जाना चा हए।
(xv) सफलता मानदं ड: यह नधा रत करने क वकास के उ े य हा सल कर लए गए ह या नह ं, सफलता के मापदं ड, मापे जाने
यो य व प म बताए जाने चा हए। बेस-लाइन डट
े ा उपल ध होना चा हए िजसक तलना
ु से प रयोजना क सफलता का
आकलन प रयोजना के अत
ं म कया जा सके ( भाव आकलन)। इस संबंध म, यह आव यक है क बड़ी, लाभाथ -उ मख ु
प रयोजनाओं के मामले म बेस-लाइन सव ण कए जाएं।
(xvi) व तीय और आ थक व लेषण: प रयोजना का व तीय और आ थक व लेषण कया जाए, जहां व तीय रटन प रग णत
कए जा सकते ह । यह व लेषण आम तौर पर नवेश और बु नयाद ढांचा प रयोजनाओं के लए आव यक होगा, ले कन
सामािजक े क प रयोजनाओं के लए हमेशा संभव नह ं हो सकता है य क ऐसी प रयोजनाओं म लाभ को आसानी से
प रग णत नह ं कया जा सकता है ।
96
अनब
ु ध-Xक
1. तय
ै ार क तार ख: ______________________________________________________________________
ाम सभा म अनमोदन
ु क तार ख : __________________________________________________________
डी.ड य.एस.एम.
ू को तत
ु कए जाने क तार ख : _______________________________________________
2. ाम का नाम: _________________________________________________________________________
ाम पंचायत का नाम: ___________________________________________________________________
लॉक का नाम: ________________________________________________________________________
िजला का नाम: ________________________________________________________________________
रा य का नाम: ________________________________________________________________________
ाम जनगणना कोड: ____________________________________________________________________
I. ाम पंचायत संक प
3. ाम समदाय
ु क आकां ा : ....... (सं या) मवेशी कंु ड को औऱ ...... (सं या) कपड़े धोने/ नान करने के थान को
जल आपू त करने स हत त दन नय मत आधार पर अथात ...... घ टे नधा रत गणव ु ता * वाले..... एल.पी.सी.डी.
जल क आपू त वष ...... तक ..... ामीण प रवार को उपल ध कराने के लए एफ.एच.ट .सी. दान करना
यह संक प लया जाता है क पंूजी लागत का ___%, चालन और रख-रखाव लागत के प रग णत ह से का भगतान
ु कया
जाएगा और जल आपू त णाल के बंधन म योगदान कया जाएगा।
* पानी क गणव
ु ता का माण प पी.एच.ई.डी./ आर.ड य.एस.
ू वभाग वारा जार कया जाएगा।
सद य का नाम लग
ं आयु
97
अनब
ु ध-Xक
6.
2011 क जनगणना के अनसार
ु : वतमान पंचायत/ आग
ं नवाड़ी रकॉड के अनसार:
ु
जनसं या: _________________________________ वतमान जनसं या: _____________________________
प रवार क सं या: ___________________________ प रवार क सं या: ____________________________
म हलाओं क सं या: __________________________ म हलाओं क सं या: ___________________________
पु ष क सं या: _____________________________ पु ष क सं या: ______________________________
ब च क सं या: ____________________________ ब च क सं या: ______________________________
एफ.एच.ट .सी. क सं या: ______________________ एफ.एच.ट .सी. क सं या:_________________________
7. जनसं या अनमान:
ु
म यवत चरण – वतमान से 15 वष (वतमान जनसं या म 18% व ृ ): ____ कलोल टर/ दन (के.एल.डी.) अं तम चरण
–वतमान से 30 वष (वतमान जनसं या म 32% व ृ ): ____ कलोल टर/ दन (के.एल.डी.)
9. कृ ष फसल पट
ै न: _____________________
मख
ु फसल खर फ रबी
ग ना
धान
म का
कपास
गेहू ँ
अ य
IV. ि थ त व लेषण
98
पानी क कल
ु दै नक आव यकता
15. पानी क वतमान आव यकता - जनसं याn X दर: ________ के.एल.डी.
मवे शय के लए पानी क वतमान आव यकता: __________ के.एल.डी.
मवेशी कंु ड क आव यक सं या:______
म यवत चरण के लए पानी क आव यकता - जनसं याn X दर:_____________के.एल.डी.
अं तम चरण के लए पानी क आव यकता - जनसं याएन X दर: ____________ के.एल.डी.
पानी क आपू त का इ तव ृ त
19. जल ज नत रोग का इ तव ृ त:
पानी क गणव
ु ता
मापदं ड तर का प रणाम
गंदगी य तलना
ु
पीएच प ी रं ग तलना
ु
पण
ू लवणता ट मे क व ध
पण
ू ार यता ट मे क व ध
लोराइड ट मे क व ध
अमो नया य रं ग तलना
ु
फा फेट य रं ग तलना
ु
अव श ट लोर न य रं ग तलना
ु
आयरन य रं ग तलना
ु
नाइ े ट य रं ग तलना
ु
लोराइड य रं ग तलना
ु
आस नक (हॉट पॉट म) य रं ग तलना
ु
99
अनब
ु ध-Xक
ोत था य व
24. भ-जल
ू ोत के मामले म, या बोरवेल रचाज संरचना है ? (हाँ/नह ं)
गंदले जल का बंधन
V. जल आपू त योजना
VI. मेल-जोल
100
योजना का नाम के /रा य संभा वत ग त व धयाँ जो ता वत
सरकार का वभाग शु क जा सकती ह नध
एक कतृ वाटरशड
े भू म सस
ं ाधन वभाग वाटरशड
े बध ं न/ आर.ड य.एच./
ू
बध
ं न काय म कृ म पनभर
ु ण, जल नकाय का
(आई.ड य.एम.पी.)
ू नमाण/ व ृ आ द।
एम.एल.ए.एल.ए.डी. रा य अत
ं : ाम अवसरंचना
दानदाता/ ायोजक
101
अनब
ु ध-Xक
अ य का ह ता र: _________
संपक ववरण
ाम पंचायत और/या इसक उप-स म त, अथात वी.ड य.एस.सी./पानी
ू स म त/ यो ता समह,
ू आ द का अ य :
पंचायत स चव का नाम और फोन नंबर:
जमीनी तकनी शयन का नाम और फोन नंबर:
पानी क गणव
ु ता क चौकसी सु नि चत करने के लए पांच म हलाओं के नाम और फोन नंबर:
1.
2.
3.
4.
5.
102
अनब
ु ध-Xख
िजला जल और व छता मशन, 'िजला काय योजना' क तय ै ार करने और उसे अं तम प दे ने के लए िज मेदार है । यह योजना
िजले म तयै ार सभी ाम काय योजनाओं को मलाकर तय ै ार क जाएगी। वष 2024 तक एफ.एच.ट .सी. का ल य ा त करने के
लए रोड-मप ै दे ने के अलावा, इस योजना म िजले क द घका लक पेय जल सरु ा योजना भी शा मल होगी। इसके लए, इस काय
योजना के अत ं गत धरातल और भ-जल ू क मा ा के आधार पर, रा य के बाहर से लंबी दरू के जल अत ं रण से उपल ध होने वाले
पानी के आधार पर एक िजला वा षक जल बजट तय ै ार कया जाएगा, और घरे लू, कृ ष, औ यो गक, आ द उपयोग का आकलन
कया जाएगा। इसम उन जल संर ण ग त व धय का ववरण भी होगा जो क जल भंडार के कायाक प और पन ु थापन वारा
धरातल ोत क मता बढ़ाकर और भ-जल ू ए वीफस को र चाज करके पेयजल सरु ा सु नि चत करने क ि ट से शु क
जानी ह गी।
i) िजले का नाम
ii) िजले के कले टर/डी.एम./िजला पंचायत के सी.ई.ओ. और ामीण जल आपू त के भार इंजी नयर
के मोबाइल नंबर और ईमेल आई.डी. स हत संपक का पण ू ववरण। य द ामीण जल आपू त म
एका धक वभाग शा मल ह, तो इन वभाग से िजला तर के सभी अ धका रय का संपक ववरण
दान कर।
iv) ाम पंचायत क सं या
vi) गांव म घर क कल
ु सं या
vii) जल जीवन मशन के तहत शा मल कए जाने वाले गांव क सं या
II िजला जल सरु ा
क. या िजला जल बजट तय
ै ार कया गया है ?
103
अनब
ु ध-Xख
दसर
ू तमाह
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
दसर
ू तमाह
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
इसम, मेल-जोल के मा यम से गंदले जल के बंधन और ोत था य व
के लए व त पोषण क आव यकता भी शा मल होगी।
104
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
VII गाँव के जल ोत और शु कए जाने वाले अपे त काय $ का अ भ नधारण। ' ाम काय
योजना' के
. सं. ोत का कार कवर कए जाने दान कए जाने आधार पर
वाले गाव
ं क वाले एफ.एच.ट .सी. तयै ार कया
सं या क सं या
जाना है। घर
क. रे ो फटे ड पी.ड य.एस.
ू योजनाएं - मौजदा
ू कायशील के भीतर
योजनाएं िजनम टड पो ट और/ या आं शक एफ.एच.ट .सी. यनतम
ू
सव े ा तर 55
शा मल ह और इसम नवीकरण क आव यकता वाल
एल.पी.सी.डी.
योजनाएं शा मल ह ।
है।
1 ोत पया त है । रे ो फ टग
ं क आव यकता है ।
क. भजल
ू आधा रत योजनाओं क सं या
ख. धरातल जल आधा रत योजनाओं क सं या
ग. े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर के धरातल जल ोत क सं या -मौजदा
ू
योजनाएं
2 न न ल खत पर आधा रत बढ़ोतर और रे ो फ टग
ं
क. थानीय भजल
ू ोत क सं या
ख. धरातल जल ोत क सं या
ग. े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर के धरातल जल ोत क सं या
3 अ य कार क योजनाएँ
उप-जोड़ जोड़ क
ख. नई योजनाएँ
4 े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर के धरातल जल ोत क सं या ।" (सं या)
5 भ-जल
ू आधा रत योजनाओं क सं या*
105
अनब
ु ध-Xख
सकल जोड़ (क + ख)
$ कपया
ृ उन िजल म मौजदा ू प रसपं ि तय क एक सची
ू दान कर िजनका उपयोग ज.ेज.ेएम. के तहत कया
जा सकता है। यह उ लख े करना उ चत होगा क केवल अपने इ टतम उपयोग के लए मौजदा ू प रसपं ि तय
क वतमान ि थ त का आकलन करने के बाद, नई प रसप ं ि तय को नमाण के लए ता वत कया
जाना/ लया जाना चा हए।
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
IX आई.ई.सी. ग त व धयाँ
क. िजला म आई.ई.सी. ग त व धयां संचा लत करने के लए आव यक एज सय क सं या
ख. गांव म आई.ई.सी. ग त व धय के लए एज सय क ता वत तन
ै ाती का ववरण।
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
106
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
X जल गणव ता योगशालाएं
ु
क. िजले म जल गणव
ु ता योगशालाओं क सं या ।
घ. ड य.ू य.एम.एस.
ू के लए िजला तर क आयोजना।
107
अनब
ु ध-Xग
रा य काय योजना
II रा य जल सरु ा
क. या रा य जल बजट तय
ै ार कर लया गया है ?
ख. जल बजट के आधार पर, या परेू वष के लए पेयजल सरु ा सु नि चत करने हे तु जल क उपल धता
पया त है ?
ग. जल सरु ा ा त करने के लए कए जाने वाले संर ण के यास - भजल
ू पनभर
ु ण, वषा जल संचयन,
िजल म जल भंडार क बहाल /कायाक प, गंदले जल के बंधन आ द के मा यम से धरातल जल
ोत मता संवधन।
घ. जल संर ण और उसके लए न ध अ भ नधारण हे तु ता वत काय योजना ।
ड. अ भ नधा रत व त-पोषण ोत के साथ-साथ कए जाने वाले काय का वष-वार ववरण।
108
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
III एफ.एच.ट .सी. दान करने के लए म
ै ा सक और वा षक काय योजना एक कतृ
'िजला काय
एफ.एच.ट .सी. का ावधान (सं या) योजनाओ'ं
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल
ु के अनसार
ु
20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
व त पोषण क आव यकता के अत
ं गत, मेल-जोल के मा यम से गंदले
जल के बंधन और ोत था य व काय भी शा मल ह गे।
IV जल जीवन मशन के काया वयन के लए अपे त भू म
क. जे.जे.एम. के तहत अपे त कल
ु भू म सीमा - हे टे यर म
ख. जे.जे.एम. के तहत उपयोग के लए उपल ध कल
ु सरकार / पंचायती भू म - हे टे यर म
ग. अ ध ह त क जाने वाल कल
ु भू म (जनवर -माच 2019 तमाह से लेकर आगे क म
ै ा सक
योजना द जाए)
घ. उन योजनाओं क सं या िजनके नमाण के लए नबाध भू म उपल ध है ।
109
अनब
ु ध-Xग
1 ोत पया त है । रे ो फ टग
ं क आव यकता है ।
क. भजल
ू आधा रत योजना
ग. े ीय योजना/ थोक जल अत ं रण के ह से के प म
गाँव के बाहर से धरातल जल - मौजदा
ू योजनाएं
2 न न ल खत पर आधा रत बढ़ोतर और रे ो फ टग
ं
क. थानीय भजल
ू ोत
ख. धरातल जल ोत
ग. े ीय योजना/थोक जल अत
ं रण के ह से के प म गाँव
के बाहर से धरातल जल
3 अ य कार क योजनाएँ
उप-जोड़ जोड़ क
ख. नई योजनाएँ
4 े ीय योजना/थोक जल अत ं रण के भाग के प म
गाँव के बाहर से धरातल जल*
5 भ-जल
ू आधा रत योजना*
110
. सं. घटक का नाम ट प णयाँ
11 अ य कार क योजनाएं ( न द ट कर)
कल
ु जोड़ (क + ख)
$ कपया
ृ िजल क उन मौजदा
ू प रसप
ं ि तय क एक सची
ू उपल ध कराए,ं िजनका उपयोग ज.ेज.ेएम. के तहत
कया जा सकता है। यह उ लखे करना उ चत होगा क केवल अपने इ टतम उपयोग के सब ं ध
ं म मौजदाू
प रसपं ि तय क वतमान ि थ त का आकलन करने के बाद ह , नई प रसप
ं ि तय का नमाण ता वत/ शु
कया जाना होगा।
VIII काया वयन सहायता एज सय (आई.एस.ए.) क आव यकता
क. काया वयन सहायता एज सय को पन
ै ल म शा मल करने क ि थ त
ख. रा य म ऐसे गाँव और िजल क सं या िज ह काया वयन सहायता एज सय क आव यकता है
ग. रा य के ऐसे गाँव क सं या िजनके पास मजबत
ू वी.ड य.एस.सी.
ू ह और िज ह काया वयन सहायता
एज सय क आव यकता नह ं है
घ. एकल आई.एस.ए. वारा कवर कए जाने वाले गांव क सं या
ङ. आई.एस.ए. क तमाह -वार ता वत तन
ै ाती का ववरण
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
IX आई.ई.सी. ग त व धयाँ
क. आई.ई.सी. एज सय को पन
ै ल म शा मल करने क ि थ त।
ख. रा य म आई.ई.सी. शु करने के लए आव यक एज सय क सं या ।
ग. गांव म आई.ई.सी. ग त व धयां चलाने के लए एज सय क ता वत तन
ै ाती का ववरण।
घ. रे डयो िजंग स, नु कड़ नाटक , वॉल प टग
ं , पै फलेट आ द के मा यम से आई.ई.सी. क कायनी त को
समझाया जाए।
ामीण े म काया वयन सहायता एज सय क तन
ै ाती
तमाह 2019- 2020- 2021- 2022- 2023- कल
ु
20 21 22 23 24
पहल तमाह
दसर
ू तमाह
तीसर तमाह
चौथी तमाह
जोड़
111
अनब
ु ध-Xग
ङ. ड य.ू य.एम.एस.
ू के लए आयोजना।
क. ामीण जल आपू त के लए कल
ु चालन और रख रखाव लागत
क. ऊजा लागत
कल
ु
ख. अपनाया जाने वाला ता वत जल शु क
ङ. मौजदा
ू चालन व रख-रखाव फंड का आबंटन - त वष लाख पए म
XII अ यप नर ण एज सयां
क. पन
ै ल म शा मल कए जाने क ि थ त
ख. रा य म अपे त एज सय क सं या
ग. येक एजसी को स पे गए िजल क सं या
112
अनबध
ु ं -XI
बु नयाद जल गणव
ु ता मानक क सची
ू
. सं. वशष
े ता इकाई अपे ा वकै ि पक ोत क
( वीकाय सीमा) अनपि
ु थ त म अनमेु य सीमा
1. पी.एच. मान – 6.5-8.5 कोई ढ ल नह ं
2. पणत
ू ः घले
ु हए
ु ठोस पदाथ मल ाम/ ल टर 500 2000
3. गंदगी एनट यू 1 5
4. लोराइड मल ाम/ल टर 250 1000
5. पण
ू ार यता मल ाम/ल टर 200 600
6. पण
ू खारापन मल ाम/ल टर 200 600
7. स फेट मल ाम/ल टर 200 400
8. आयरन मल ाम/ल टर 1.0 कोई ढ ल नह ं
9. पण
ू आस नक मल ाम/ल टर 0.01 कोई ढ ल नह ं
12. पण
ू कोल फॉम बै ट रया 100 मल ल टर के कसी भी नमने
ू म पता लगने यो य नह ं होना चा हए।
ई, कोल या थम टॉलरे ट
13. 100 मल ल टर के कसी भी नमने
ू म पता लगने यो य नह ं होना चा हए।
कोल फॉम बै ट रया
113
अनबध
ु ं -XII
रा य रा य
. सं. रा य िजला . सं. रा य िजला
. सं. . सं.
1. असम 1. बारपेटा 31. उ तर दे श 1. आजमगढ़
114
अनबध
ु ं -XIII
या
iv) कल
ु जार क गई रा श के 10% को ह अगले व तीय वष म अ ेनीत करने क अनम ु त द जाएगी। य द कोई रा श ऐसी है ,
िजसके लए माच के मह ने म सं वीकृ त आदे श जार कया गया है , तो उस रा श क गनती, अ त र त आ द शषे के खाते म
नह ं क जाएगी।
ख) दसर
ू क त (50%) जार करना : न न ल खत के साथ रा य से अनरोध
ु ताव क ाि त पर:
i) उपल ध शष
े रा श (के य न ध) और रा य समतु य न ध अश
ं के उपल ध शष
े के 60% के बराबर रा श के संबंध म चालू
वष के लए अनं तम उपयोग माणप ;
व तीय वष के ब कल
ु अं तम दन के दौरान इस न ध क उपल धता क ि थ त म, इसक व ध और भाजन या
स म ा धकार के नदशानसार
ु तय होगी।
115
नोट:
gj ?kj ty
भारत सरकार
जलशि त मं ालय
पेयजल एवं व छता वभाग
रा य जल जीवन मशन
नई द ल 110003