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पा य म अ भक प स म त
अ य
ो. (डॉ.) नरे श दाधीच
कुलप त
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा(राज.)
संयोजक/ सम वयक एवं सद य
वषय सम वयक सद य स चव / सम वयक
ो. (डॉ) सी. के. ओझा डॉ. अनुराधा शमा
नदे शक सहायक आचाय, वन प त व ान
महा मा गांधी इं ट यू ट ऑफ ए लाइड साइंसेज , जयपु र (राज.) वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा
1. ो. (डॉ.) सी.पी. भसीन 2. ो. (डॉ.) पी.एस. वमा 3. डॉ. के.के . शमा
रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग
नाथ गु जरात व व व यालय, पाटन (गु जरात) राज थान व व व यालय, जयपुर सेवा नवृ त उपाचाय, अजमेर
4. ो. (डॉ.) आर.सी. शमा 5. ो. (डॉ.) रे णु का जैन
रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग
अ बेडकर व व व यालय, आगरा राज थान व व व यालय, जयपुर
6. ो. (डॉ.) पी.के. शमा 7. ो. (डॉ.) पहु प संह
रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग
जय नारायण यास व व व यालय, जोधपु र राज थान व व व यालय, जयपुर

स पादन तथा पाठ लेखन


स पादक
डॉ. महावीर साद डोभाल
रसायन शा वभाग
राज. व व व यालय, जयपु र
1. डॉ. द प पाराशर 2. डॉ. मु दत कुमार गु ता
रसायन शा वभाग रसायन शा वभाग
एल.बी.एस. (पी.जी.) कॉलेज, जयपुर महा मा गांधी इं ट यू ट ऑफ ए लाइड साइंसेज, जयपुर (राज.)
3. डॉ. रो मला करनावट 4. डॉ. जु जर हु सै न
रसायन शा वभाग रसायन शा वभाग
वै दक क या (पी.जी.) कॉलेज, जयपुर राजक य महा व यालय, राजसमंद

अकाद मक एवं शास नक यव था


ो.(डॉ.) नरेश दाधीच ो. अनाम जेटल योगे गोयल
कुलप त नदे शक भार अ धकार
वधमान महावीर खुला व व व यालय,कोटा संकाय वभाग पा य साम ी उ पादन एवं वतरण वभाग

पा य म उ पादन
योगे गोयल
सहायक उ पादन अ धकार
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा(राज.)

उ पादन : अ टू बर 2009 ISBN 13/978-81-8496-137-9

इस साम ी के कसी भी अंश को व. म. खु. व., कोटा क ल खत अनु म त के बना कसी भी प मे म मयो ाफ (च मु ण) के वारा या
अ य पुनः तुत करने क अनु म त नह ं है ।

व. म. खु. व., कोटा के लये कु लस चव व. म. खु. व., कोटा (राज.) वारा मु त एवं का शत

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CH-12

वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा (राज.)


वषय सू ची
ायो गक रसायन

म सं. इकाई का नाम पृ ठ सं या

1. व लेषण एवं वरचन 7—24

2. वलायक न कषण व ध वारा Mg(II) तथा 25—29

Fe(III) का न कषण एवं आकलन

3. आयन वनमय व ध वारा Mg(II) तथा 30—36

Zn(II) का पृथ करण एवं आकलन

4. सामा य योगशाला तकनी कयाँ 37—53

5. दो ठोस अवयव यु त काब नक म ण का गुणा मक व लेषण : 54—93

म ण का पृथ क करण एवं दोनो अवयव क पहचान

6. यु प न का वरचन 94—104

7. काब नक यौ गक का सं लेषण या बनाना 105—116

8. वै युत रसायन 117—129

9. अपवतन म त व ु वण म त 130—146

10. अणुभार नधारण 147—163

11. वण म त 164—174

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इकाई 1
व लेषण एवं वरचन
(ANALYSIS & PREPAPATION)

इकाई क परे खा
1.0 उ े य
1.2 तावना
1.2 धाि वक आयन का ोमेटो ाफ य पृथ करण
1.3 संकर म त अनुमापन
1.4 संकल का वरचन
1.4.1 ोमएलम का वरचन
1.4.2 े टाए मीन क पर (II) स फेट का वरचन
1.4.3 न कलडाईमे थल लाईआि सम संकु ल का वरचन
1.4.4 सो डयम है जानाइ ो कोबा टे ट (III) संकुल का वरचन
1.4.5 पोटे शयम ाईऑ सलेटोफेरे ट (III) संकुल का वरचन
1.4.6 cis–पोटे शयमडाईआ सेलेटोडाईए वो ोमेट (III)
1.5 श दावल
1.6 संदभ थ

1.0 उ े य (Objectives):
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप अकाब नक यौ गक के वरचन एवं व लेषण के बारे
म न न जानकार ा त करगे ।
(a) ोमेटो ाफ (b) संकर म त अनुमापन (c) अकाब नक संकु ल का वरचन

1.1 तावना (Introduction) :


यह दे खा गया है क कु छ धातु आयन जैसे - Ca , Mg , Zn 2  , Cu 2  आ द EDTA
2 2

(Ethylene diamine tetra acetic acid) के साथ संयु त होकर संकर लवण बनाते ह । इस त य का
उपयोग EDTA के वारा इन धातु आयन के आकलन म कया जाता है ।

1.2 धाि वक आयन का ोमेटो ाफ य पृथ करण (Chromatographic


Separation of Metal Ions) :
ोमेटो ाफ (Chromatography)
यह एक नयी तकनीक है िजसका उपयोग ज टल (Complex) काब नक पदाथ , जैसे-ऐमीनो
अ ल, वटा मन और हाम न के पृथ करण एवं शोधन के लए कया जाता है । इस व ध का आ व कार
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सव थम एक सी वन प त (Botanist) वैट (Tswett) ने सन ् 1906 म कया था और कुहन
(Kuhn), व टर टे र न (Wintersterin) और कारे र (Karer) आ द ने इसे वक सत कया । यह व ध
कसी म ण के व भ न घटक के दो ाव थाओं (Phases) म वत रत होने के सामा य नयम पर
आधा रत है । दो ाव थाओं म एक चल (moving) और दूसर अचल (stationary) होती है । अचल
ाव था ठोस या कसी ठोस पर आधा रत व क हो सकती है और चल ाव था व या गैस क होती
है । उदाहरणाथ, अ धशोषण ोमेटो ाफ म अ धशोषक ठोस ाव था और वलायक व दो ाव था
है । म ण के व भ न घटक इन दो ाव थाओं म वलेयता के आधार पर वत रत हो जाते ह ।
ोमेटो ाफ क न न तकनीक योग म लाई जाती है ।
(i) अ धशोषण (adsorption) ोमेटो ाफ ,
(ii) कागज (paper) ोमेटो ाफ ,
(iii) वतरण (partition) ोमेटो ाफ ,
(iv) आयन- व नमय (ion-exchange) ोमेटो ाफ ,
(v) गैस ोमेटो ाफ (gas chromatography)
(vi) पतल परत ोमेटो ाफ (thin layer chromatography) ।
पेपर ोमेटो ाफ (Paper Chromatography)
पेपर ोमेटो ाफ म फ टर पेपर का उपयोग अ धशोषक के प म कया जाता है । जल
अथवा काब नक वलायक म पृथ करण हेतु दए गए म ण म उपि थत व भ न पदाथ क पहचान
क जाती है । योग के लए दए पदाथ 5-10 म. ा) को उपयु त वलायक म घोलते ह । इस वलयन
का फ टर पेपर पर उपयु त थान पर एक छोटा ध बा (spot) रखते ह तथा इसे शु क कर लेते ह
। फ टर पेपर कोर (edge) के सरे को कसी डेवलपर इस कार रखा जाता है क िजस थान पर
तदश (sample) का पाट रखा गया है वह डेवलपर म न डू बे । वलायक के शका या (capillary
action) वारा ऊपर क तरफ चढ़ता है तथा अपने साथ व भ न उपि थत अवयव को उनके वभाजन
गुणांक के अनुसार भ न- भ न ग तय से ऊपर ले जाता है । जब वलायक ऊपर सरे पर पहु ँच जाता
है तो उस थान को नोट कर लेते ह । इसके उपरा त फ टर पेपर को बाहर नकाल कर गम वायु
म सु खाते ह तथा कसी उपयु त अ भकमक क फुआर डालकर म ण से वभ त हु ए अवयव क
पहचान कर ल जाती है ।
यद ोमेटो ाम (chromatogram) को ऊपर क दशा म वक सत कया जाता है तो उसे
आरोह डेवल मट (ascending development) कहते ह । य द नीचे क ओर वक सत कया जाये तो
अवरोह डेवल मट (descending development) कहते ह ।
इन दोन कार के डेवलपन म, कसी एक डेवलपर के लए, वलेय एक नि चत दूर तक
चलेगा, और यह दूर वलायक वारा चल गयी दूर के समानुपाती होगी । इस कार येक वलेय
के लए ि थरांक होता है, िजसे R f मान कहते है। यह उस वलेय का उस वलायक वशेष के लए
अ भला णक होता है । वलेय का R f मान न न सू के वारा गणना करते ह ।
वलेय वारा चल गयी दूर
Rf = वलायक वारा चल गयी दूर

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R f का मान कभी एक से अ धक नह ं होगा । यह पेपर क प ी क ल बाई पर नभर करता
है जब R f का मान 0.90 से कम होता है तब पृथ करण अ धक प ट ा त होता है ।

योग-1
उ े य (Object) - पेपर ोमेटो ाफ क सहायता से लेड तथा स वर आयन का पृथ करण करना।
आव यक उपकरण एवं अ भकमक (Required Apparatus and Reagents) -
(1) ोमेटो ाफ पेपर (Chromatography paper) - 30  2 सेमी का वॉटमेन सं या 1,3 अथवा
4 पेपर ।
(2) ोमेटो ाफ जार (Chromatography jar)
(3) लवण वलयन (Salt solution) - स वर नाइ े ट तथा लैड नाइ े ट का 1% जल य वलयन । इन
वलयन को तनु HNO3 क कु छ बूद
ं े मलाकर अ ल य कर लया जाता है ।
(4) डेवलपर या वकासक (Developer) - न न म से कसी एक का उपयोग कया जा सकता है –
(i) तृतीयक यूटेनॉल (40ml) + ऐसीटोन (40ml) + जल (12ml) + सा नाइ क अ त (8ml)।
(ii) मे थल ो पल क टोन (85ml) + 10 N HCl (15ml) ।
(iii) यूटेनॉल का वलयन िजसम 5% (v/v) लैशल ऐसी टक अ त मलाकर इतना जल मलाते ह
क गंदलापन (turbidity) उ प न हो जाये ।
(iv) आसु त जल ।
(5) शीकर अ भकमक या चा ुषीकारक अ भकमक (Spraying reagent or visualising agent) -
न न म से कसी भी एक का उपयोग कया जा सकता है-
(i) अमो नयम स फाइड का रं गह न वलयन िजसे तनु NH 4OH म H2S वा हत करके ा त
करते ह ।
(ii) लोरोफॉम म 0.5% डाइथायोन वलयन ।
(iii) K 2CrO4 वलयन ।
व ध (Procedure)
वॉटमैन फ टर पेपर सं या 1, 3 अथवा 4 को उपयु त आकार (लगभग 20 सेमी ल बा
तथा 1.5 सेमी चौड़ा) म काट लो । उसके एक सरे से 2 सेमी पर एक रे खा प सल से खींचो । एक
बार क केशनल अथवा स रंज क सहायता से तदश (sample) क 5 बुँदे इस रे खा के म य म
रख कर सु खा लो । जब पेपर पूर तरह सू ख जाय तो उसे च 1 क भाँ त उपकरण म यवि थत
कर लो । वलायक को उपकरण के नचले भाग म रखो तथा पेपर को इस कार लटकाओ क पेपर
का नचला कनारा वलायक डेवलपर म डू बा रहे । अब उपकरण को दो घ टे के लए छोड़ दो िजससे
वलायक फ टर पेपर पर ऊपर क तरफ चढ़ने लगे ।
दो घ टे के उपरा त फ टर पेपर को उपकरण से बाहर नकालकर शु क कर लो । इसके
उपरा त फ टर पेपर के ऊपर पोटै शयम ोमेट के तनु वलयन क फुआर (spray) डालो । लैड या
स वर आयन मश: पीले एवं लाल रं ग के अलग-अलग थान पर ध बे (spots) दे ते है । य द ध ब
पर डाइथायोन के लोरोफॉम म बने 0.5% वलयन क फुआर क जाती है तब गुलाबी रं ग लैड को

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और नारं गी रं ग स वर को कट करता है । अ त म मूल थान से वभ त हु ए आयन के ध ब के
म य क दूर ात कर लो ।

च 1 : ोमेटो ाफ वारा पृथ करण


े ण (Observations) -
पेपर क ल बाई = ................ सेमी
वलायक वारा चल गयी दूर = ................ सेमी
मू ल ब दु से Ag+ आयन के ध बे तक क दूर = ............... सेमी
मू ल ब दु से Pb2+ आयन के ध बे तक क दूर = ............... सेमी
गणना (Calculation) –

आयन वारा चल गयी दूर


Ag + के लए R f =
वलायक वारा चल गयी दूर

आयन वारा चल गयी दूर


Pb2+ के लए R f =
वलायक वारा चल गयी दूर

योग-2
उ े य (Object) - पेपर ोमेटो ाफ क सहायता से क पर व लैड आयन अथवा कॉपर व कैड मयम
आयन का पृथ करण करना ।
आव यक उपकरण एवं अ भकमक (Required Apparatus and Reagent)

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(1) ोमेटो ाफ पेपर (Chromatography Paper) - 30  2 सेमी का हाटमेन सं या 1 का पेपर।
(2) ोमेटो ाफ जार (Chromatography jar) - यह 30 cm. ऊँचाई और 10cm यास का होता है।
(3) लवण वलयन - यू क लोराइड, कैड मयम लोराइड और लैड नाइ े ट के 1% वलयन । येक
वलयन म तनु HNO3 क कु छ बूँद जल-अपघटन रोकने के लए डाल द जाती है ।
(4) डेवल पंग वलयन या वकासक - न न वलायक म से कसी एक को यु त कया जा सकता
ह ।
(i) एथेनॉल (90 ml) + 5 NHCl (10 ml) ।
(ii) 3 NHCl से संत ृ त n- यूटेनॉल (दोन घटक क समान मा ा को पृथ कार क प म लेकर हलाओ।
नीचे क जल य परत को दूर कर दो, उपर परत को योग म लेते ह) ।
(iii) एथेनॉल (45 ml) + आइसो ो पल ऐ कोहॉल (40ml) + 5 NHCl (10 ml) ।
ु ीकारक वलयन (Visualising solution) - न न म से कोई एक
(5) चा श यु त कया जा सकता
है-
(i) अमो नयम स फाइड का रं गह न वलयन । यह वलयन Cd के साथ पीला और अ य धनायन
के साथ न न ल खत रं ग के ध बे उ प न करता है-
Cu : पपल ाउन
Pb : लाल गुलाबी (Rose pink)
व ध (Procedure) - योग के अनुसार । य द अ ात म ण म Cu 2 व Cd 2 क पहचान करनी
है तब इनलवण के वलयन क बूँद भी फ टर प पर पेि सल क ै तज रे खा क अलग-अलग थान
पर रखकर एवं सुखाकर म ण के साथ-साथ ोमेटो ा फक पृथ करण म चलाते है । फर अ ात
धनायन क ऊँचाई क ात धनायन क ऊँचाई से तु लना करके अ ात केटायन क पहचान कर ल
जाती है ।
योग-3
उ े य (Object) - पेपर ोमेटो ाफ क सहायता से Zn2+ , Co2+ व Ni2+ आयन के वअंगी या
अंगी म ण का पृथ करण करना ।
आव यक उपकरण एवं अ भकमक (Required Apparatus and Reagents)
(1) हाटमैन फ टर पेपर ।
(2) ोमेटो ाफ जार ।
(3) डेवल पंग वलयन का वकासक - ऐसीटोन (44 मल ) + जल (3 मल ) तथा सा HCl (4
मल ) ।
(4) लवण वलयन - िजंक, कोबा ट व न कल लोराइड का जल य वलयन िजसम तनु HCl क
कु छ बूँद डाल द जाती है ।
(5) चा ुषीकारक वलयन (Visualising solution) - ऐल जेर न (Alizarin) का संत ृ त ऐ कोहॉल
वलयन, 0.1% बे नक अ ल (rubeanic acid) और 0.1% सै ल सल ऐ डॉि सम (salicyl
aldoxime) ।

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व ध (Procedure) - योग 11 के अनुसार । ोमेटो ाफ डेवलपमे ट के बाद सुखाकर ोमेटो ाफ
पेपर क प ी सु खाकर अमो नया के धू (fumes) पर रखो और इसके बाद चा ष
ु ीकारक वलयन
(Visualising solution) जो क ऐल जेर न का ऐ काहॉल म बना संत ृ त वलयन तथा 0.1% बे नक
अ ल और 0.1% सै ल सल-ऐ डॉि सम से बना म ण है, उसक फुआर डालो । न न रं ग के ध बे
उ प न होते है-
नीला ध बा : न कल
भू रा ध बा : कोबा ट
पपल ध बा : िजंक
इन आयन के R f मान न न कार ा त होते ह -

Ni2+ (0.7), Co2+ (0.6) तथा Zn2+ (0.9) ।

1.3 संकर म त अनु मापन (Complexomatric Titrations) :


प रचय - यह दे खा गया हे क कु छ धातु आयन जैस-े Ca2+ , Mg2+ , Zn2+ , Cu2+ आ द
ए थल न डाइएमीन टे ाऐसी टक अ ल [EDTA] (Ethylene diamine tetra acetic acid) के साथ
संयु त होकर संकर लवण बनाते है । इस त य का उपयोग EDTA के वारा इन धातु आयन के
आकलन म कया जाता है ।

EDTA को सं त प म H4 Y के वारा तथा इसके आयन को H3 Y- , H2 Y22- आ द के


वारा य त कया जाता है । मु त अ ल H4 Y को EDTA मानक वलयन बनाने के लए यु त
नह ं कया जाता है य क यह सी मत मा ा म जल म वलेय होता हे । मु त अ ल के थान पर
इसके डाइसो डयम लवण Na2H2Y का योग करना अ धक उपयु त होता है य क डाइहाइ ेट के
प मे यह शु अव था म उपल ध रहता है तथा इसका जल य वलयन बोरा स लकेट काँच या लाि टक
के पा म अनेक मह न तक थायी बना रहता है ।
EDTA सामा य प से धाि वक आयन के साथ 1, 1 -संकुल (complex) बनाता है । EDTA
(डाइसो डयम लवण) क केटायन के साथ होने वाल अ भ याओं को न न कार दशाया जा सकता
है -
M 2  H 2Y 2   MY 2  2 H 
M 3  H 2Y 2   MY   2 H 
M 4  H 2Y 2   MY  2 H 
 n  4 
M n   H 2Y 2    MY   2H 
(EDTA आयन)

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येक करण म बनने वाले संकुल क संरचना समान होती है क तु आवेश क मा ा भ न
होती है । एक वसंयोजक धातु आयन जैस-े Ca , Mg2+ , Zn2+ , Cu2+ आ द के साथ बनने वाले
2+

संकुल क संरचना च 2 म दशायी गयी ह।


EDTA के साथ अनुमापन कसी वशेष pH परास (range) म कये जाते ह य क इन
अनुमापन म यु त होने वाले सूचक भ न- भ न pH पर भ न- भ न रं ग उ प न करते ह । इस
pH परास को बनाये रखने (maintain) के लए अनुमापन म ण म बफर वलयन मला दये जाते
ह ।

च 2 : वसंयोजक धातु आयन के साथ EDTA के संकुल क संरचना


संकर म त अनुमापन म अनेक रं गीन काब नक यौ गक धाि वक आयन के लए सूचक के
प म यु त कये गये ह। ए रयो ोम लैक (T) मु ख है ।
1. ऐ र ोम लैक T (Erichrome Black T) - इसे सोलो ोम लैक-T (WDFA) भी कहते
ह। यह सो डयम 1-(1-हाइ ॉ सी-2-नै थाइल ऐजो)-6-नाइ ो-2-नै थॉल -4-स फोनेट है िजसक
न न ल खत संरचना होती है-

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जब धाि वक लवण pH 7-11 के म य सू चक के वलयन म डाले जाते ह तब सूचक का रं ग
नीले से लाल हो जाता है। EDTA के साथ अनुमापन म अि तम ब दु पर सूचक धाि वक आयन से
मु त हो जाता है और वलयन का रं ग लाल से नीला हो जाता है ।
2. यूरे साइड (Murexide) - यह पर यू रक अ ल का अमो नयम लवण है िजसके ऐनायन क
न न ल खत संरचना होती है-

यूरे साइडpH 9 पर लाल-बगनी,9-11 के बीच बगनी और pH11से ऊपर नीले-बगनी होते ह।


यूरे साइड ार य वलयन म नारं गी (पर), पीला (Ni तथा Co) और लाल (Co) रं ग का
संकुल बनाता है । अत: न कल अनुमापन म pH=10-11 पर वलयन का रं ग पीले से नीला-बगनी
और कैि सयम के साथ pH11 पर लाल से नीला-बगनी हो जाता है ।
3. जाइल नॉल ऑरज (Xylenol orange) - यह 3,3- बस [N,N'-डाइ (काब सी मे थल)-ऐमीनो
मे थल]-0- साल स फोनै थल न है । यह सू चक अ ल य वलयन म पीले (lemon yellow) रं ग का
होता है तथा इसके Zn, Co, Cd, Pb, Bi और Th के साथ बने संकुल लाल रं ग के होते हे । अि तम
ब दु पर लाल रं ग पीले रं ग म प रव तत होता है।
उपरो त सूचक के अ त र त न न यौ गक भी सूचक के प म योग म लाये जाते ह-
(a)Solochrome dark blue
(b)Eriochrome Blue-Black-B
(c)Eriochrome Red-B
(d)Calmagite
(e)Fast Sulphur Black-F
(f)Pyrocatechol
(g)Bromopyragallol Red
योग-4
उ े य (Object) - मै नी शयम स फेट का M/40 सा ता का वलयन बनाओ तथा EDTA
को मा य मक वलयन के प म यु त करते हु ए दये गये अ ात मै नी शयम स फेट वलयन क
सा ता ( ाम / ल.) म ात करो ।
स ा त (Theory)–Mg2+ आयन वEDTA(H2Y) के वलयन म न न अ भ या होती है-
n 2 2 
Mg  H 2Y  MgY  2 H
अि तम ब दु पर ऐ रयो ोम वलयन क उपि थ त म वलयन का रं ग लाल से नीला हो
जाता है ।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) - इस अनुमापन म न न ल खत अ भकमक
क आव यकता पड़ती है-

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1. M/40 मै नी शयम स फेट वलयन - मै नी शयम स फेट (MgSO4.7H2O) का अणु भार
246.5 है इस लए M/40 वलयन बनाने के लए लगभग 1.5405 ाम शु मै नी शयम स फेट
तोलकर 250 मल . धा रता के मापक ला क म आसु त जल म घोलो और वलयन का आयतन
250 मल बनाओ ।
2. M/40 EDTA वलयन - EDTA का सो डयम लवण यु त कया जाता है िजसका अणु भार
372.24 होता है । EDTA का M/40 वलयन बनाने के लए 2.3265 ाम EDTA को जल म घोलो
और वलयन का आयतन 250 मल बनाओ।
3. बफर वलयन - 70 ाम NH4Cl को 570 मल NH4OH (S.G = 0.88) म घोलो और
तनु करके वलयन का आयतन 1 ल टर करो ।
4. पोटे शयम साइनाइड का वलयन – KCN का 5% वलयन बनाओ।
5. सू चक वलयन-ऐ रयो ोम लैक - (Eriochrome Black-T) का 0.4% वलयन सूचक के प
म यु त कया जाता है ।सदै व ताजा वलयन यु त करना चा हए ।
व ध (Procedure) - यूरेट को EDTA वलयन से खँगालो और भर । पपेट क सहायता
से 10 मल अ ात सा ता का मै नी शयम स फेट वलयन एक शं वाकार ला क म लो और इसम
10 मल आसु त जल, 10 मल बफर वलयन, 1 मल KCN वलयन और 5 बूद
ँ सूचक वलयन
क डालो । यूरेट से EDTA वलयन को नकल ला क म धीरे -धीरे डालो, जब तक क वलयन का
रं ग लाल से थायी नीला (Blue) न हो जाय । अनुमापन क या उपयु त व ध से दुहराओ जब
तक क समान पा यांक ा त न हो जाये । माना क यह आयतन V1 मल है ।
इसी कार ात सा ता वाले मै नी शयम स फेट वलयन के साथ अनुमापन करो । माना
यह आयतन V2 मल है।
गणना (Calculation) - माना मै नी शयम स फेट का भार = W ाम
अत: अ ात मै नी शयम लवण वलयन क सा ता
  (अ ात सा ता वाले वलयन म यु त क मा ा)
=
( ात सा ता वाले वलयन म यु त EDTA क मा ा)
गणना क एक अ य व ध के अनुसार -
1 ml 0.1-M EDTA = 2.42 mg Mg
या 1 ml m/40 EDTA =0.6075 mg Mg
सावधा नयाँ (Precautions) - (i) EDTA का मानक वलयन बनाने से पहले उसे 800C तक
गरम करके शु क कर लेना चा हए ।
(ii) अि तम ब दु के नकट रं ग म प रवतन बहु त धीरे-धीरे होता है । इस बात का यान रखना
चा हए क यूरेट से वलयन अ धक न पड़ जाय ।
योग-5
उ े य (Object) - कैि सयम काब नेट का M/10 वलयन बनाओ और इसक सहायता से
अ ात म ण वाले कैि सयम काब नेट वलयन क सा ता ात करो, EDTA को मा य मक वलयन
के प म यु त करना है ।

15
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
1. 0.1M कैि सयम वलयन - 25 ाम शु (A.R.) CaCO3 (अणुभार 100.09) तोलो और
आसु त जल क सहायता से 250 मल के मापक ला क म थाना त रत करो । इसम कु छ तनु
HCl डालो और ठोस को घोलो । HCl के आ ध य को दूर करने के लए मे थल रे ड (Methyl red)
सू चक क उपि थ त म वलयन को NaOH वारा उदासीन करो ।
2. 0.1 M EDTA वलयन - 93 ाम EDTA के डाइसो डयम लवण (अणु भार 372.25) को
250 मल आसुत जल म घोलो।
3. बफर वलयन - 70 ाम NH4Cl को 470 मल NH4OH (S.G. = 0.88) म घोलो और
तनु करके वलयन का आयतन 1 लटर करो ।
4. पोटे शयम साइनाइड वलयन - KCN का 5% वलयन आसुत जल म बनाओ ।
5. सुचक वलयन - ऐ रयो ोम लैक-1 (Eriochrome Black-T) का 0.4% वलयन सू चक के
प म यु त कया जाता है । सदै व ताजा वलयन यु त करना चा हए ।
व ध (Procedure) - यूरेट को EDTA वलयन से खँगालो और भरो । पपेट क सहायता
से अ ात सा ता वाले वलयन का 10 मल वलयन एक शं वाकार ला क म लो और इसम 20
मल आसु त जल, 10 मल बफर वलयन, 1 मल KCN वलयन और 5 बूँद सू चक वलयन क
डालो । यूरेट से EDTA वलयन बीकर म धीरे -धीरे डालो जब तक क वलयन का रं ग लाल (red)
से थायी नीला (blue) न हो जाये ।
गणना (Calculation) - सामा य व ध वारा करो ।
1 ml 0.1 M DTA = 4.008 mg Ca
(नोट-1. अि तम ब दु पर अनुमापन म ण म लाल रं ग क झलक ब कु ल भी नह ं होनी
चा हए । अि तम ब दु पर रं ग प रवतन धीरे -धीरे होता है इस लए इस बात का यान रखना चा हए
क EDTA वलयन अ धक न पड़ जाये । अत: अं तम ब दु के नजद क आने पर EDTA वलयन
एक-एक बू द
ं करके डालने के बाद अ छ तरह से हलाएं ।
2. KCN का काय भार धातु ओ,ं जो क अशु के प म होते है, संयोग करना है । ये धातु
भी EDTA के साथ संकर बनाते है । इस लए इ ह अ भ या े से हटाना आव यक है ।)
योग-6
उ े य (Object) - दये हु ए वलयन म EDTA क सहायता से िजंक (Zn) का आंकलन करना।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
EDTA वलयन (0.1M) ए रयो ोम - T सू चक वलयन, बफर वलयन (pH = 10)
(अ यास 1 के समान बनाइये) ।
(i) िजंक आयन वलयन (0.1 M)-A.R. िजंक गो लय (pellets) क 1.63 ाम मा ा को ठ क
कार से तौलकर हाइ ो लो रक अ ल म घोलो । इसे 1M NaOH वलयन से उदासीन करो तथा
वलयन को 250 मल धा रता के मापन ला क म थाना त रत करो । आसुत जल क आव यक
मा ा डालकर वलयन को 250 मल पूरा करो । िजंक पैलेट के थान पर िजंक ऑ साइड या िजंक
स फेट भी यु त कया जा सकता है ।

16
स ा त (Theory) - िजंक आयन EDTA के साथ न न समीकरण के अनुसार अ भ या
करके संकुल बनाते ह -
Zn 2   H 2Y 2  
 ZnY 2   2H 
चूँ क एक मोल Zn2 EDTA आयन के एक मोल के साथ अ भ या करता है, इस लए
िजंक स फेट क समतु यांक मा ा = िजंक स फेट का आि वक यमान
= ZnSO4.7H2O का आि वक यमान
= 287.36
Zn2+
आयन और EDTA के म य अ भ या क पूणता का ान धातु आयन सूचक जैसे
ऐ रयो ोम लैक-T सूचक के वारा हो जाता है ।
ार भ म जब वलयन का pH 7-11 रखा जाता है तब िजंक आयन सू चक अणु से संयोग
करके Zn-सू चक संकु ल बनाता है जो लाल रं ग (wine red) के प म कट होता है । अि तम ब दु
के नकट, EDTA अ भ या म बने Zn सू चक संकुल को अपघ टत कर दे ता है तथा Zn का EDTA
के साथ संकु ल बन जाता है । अि तम ब दु पर मु त हु आ सू चक वलयन म नीला रं ग उ प न करता
है । अत: अि तम ब दु पर लाल रं ग शी ता से नीले रं ग म प रव तत हो जाता है ।
व ध (Procedure) - एक शंकु प ला क म 25ml िजंक वलयन पपेट से लेकर इसम
100ml आसु त जल डालो। इसम 2ml बफर वलयन (pH 10) और 2-3 बूँद ऐ रयो ोम लैक-T सू चक
डालो । इसका अनुमापन 0.1 M EDTA वलयन के साथ तब तक करो जब तक क वलयन का
रं ग लाल से नीला नह ं हो जाता है ।
प रकलन (Calculation) - वलयन म Zn क मा ा का प रकलन न न स ब ध क सहायता
से कया जा सकता है-
0.1 MEDTA को 1 ml = 6.538 mg Zn
4  W  M  Unknown
अथवा gm/litre
Known
योग-7
उ े य (Object) - पाइरोकैटे कोल वॉयलेट को सूचक के प म यु त करते हु ए EDTA क
सहायता से कॉपर क मा ा ात करना ।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
(i) EDTA का 0.02M वलयन - पहले व णत व धय के अनुसार बनाओ ।
(ii) पाइरोकैटे कॉल वॉयलेट सूचक - 0.1 ाम पदाथ को 100ml जल म वलेय करो ।
(iii) कॉपर आयन का वलयन 0.05M – 3.11 ाम यू क स फेट को 250 ml धा रता के
मापक ला क म आसुत जल म वलेय करो और जल मलाकर आयतन 250ml करो।
व ध (Procedure) - एक को नकल ला क म 25ml कॉपर आयन का वलयन लो । इसम
इतनी पर डीन मलाओ क गहरा नीला रं ग उ प न हो जाय । इसम सूचक क 5-6 बूँद मलाओ ।
इसका EDTA के मानक वलयन के साथ तब तक अनुमापन करो जब तक क वलयन का रं ग पीला-हरा
नह ं हो जाता है ।

17
प रकलन (Calculation) – 1 ml 0.02 M EDTA = 1.271mg Cu
योग-8
उ े य (Object) - Fast sulphon black – F सू चक को यु त करते हु ए कॉपर क मा ा ात
करना ।
आव यक उपकरण (Required Reagents) - EDTA वलयन (0.05 M) और कॉपर
वलयन (0.05 M) पछल व ध के अनुसार बनाओ ।
Fast sulphon Black-F सू चक – 0.5 ाम रंजक को 100ml जल म वलेय करो ।
व ध (Procedure) - एक अनुमापन ला क म 25ml कॉपर आयन का वलयन लेकर इसम
25 ml जल मलाओ, 5 ml सा अमो नया वलयन और 5 बूँद सू चक क डालो । इसका EDTA
वलयन के साथ तब तक अनुमापन करो जब तक क वलयन का रं ग नीले से गहरा हरा नह ं हो जाता

प रकलन (Calculation) - 1 ml 0.05 M EDTA = 3.177mg Cu
योग-9
उ े य (Object) - कठोर जल म कैि सयम व मै नी शयम क मा ा अथवा स पूण कठोरता
ात करना ।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
(i) EDTA वलयन (0.01 M)
(ii) ऐ रयो ोम लैक-T सू चक वलयन
(iii) बफर वलयन pH = 10
(बनाने क व ध योग 1 के अनुसार)
व ध (Procedure) - एक 250 ml धा रता के शंकु प ला क म कठोर जल के नमू ने के
50 ml लो । इसम 10 pH वाले बफर वलयन का 1 ml तथा ऐ रयो ोम लैक-T (Eriochrome
Black-T) सूचक क 3-4 बूँद डालो । इस वलयन का EDTA के 0.01 M सा ता के मानक वलयन
के साथ तब तक अनुमापन करो जब तक क वलयन का रंग लाल से प ट नीला नह ं हो जाता है
। अं तम ब दु पर कोई भी लाल झलक नह ं होनी चा हए ।
प रकलन (Calculation) - दये हु ए नमू ने म CaCO3 क मा ा का प रकलन न न स ब ध
क सहायता से करो -
1 ml 0.01 M EDTA = 1.000 mg CaCO3
(नोट - जल क स पूण कठोरता को जल के त म लयन भाग म व यमान CaCO3 के
भाग (parts) के प म य त कया जाता है।)

1.4 संकु ल का वरचन (Preparation of Complexes) :


1.4.1 ोम एलम का वरचन (Preparation of Chrome Alum)

[K2SO4.Cr2(SO4)3.24H2O]

18
अ ल य पोटे शयम डाइ ोमेट के वलयन को अपच यत (reduce) करके ोम एलम (chrome
alum) के टल बनाये जाते ह । अपचयन ए थल ऐ कोहॉल अथवा टाच वारा स प न कया जाता
हे अ भ या न नानुसार होती है :
 K 2 SO4   Cr2  So4 3   4 H 2O     3 O 
 K 2Cr2O7   4 H 2 SO4 
[C2 H 5OH  O 
 CH 3CHO  H 2O ] x 3
K 2 SO4  Cr2  SO4 3  24 H 2O 
 K 2 SO4 .Cr  SO4 3  24 H 2O
पूण अ भ या न नानुसार लखी जाती है -
K2Cr2O7 + 4H2SO4 + 3C2H5OH + 17H2O

Violet
 K 2 SO4 .Cr2  SO4 3 .24 H 2Oc  3CH 3CHO
तकारक (Reagents)
पोटै शयम डाइ ोमेट (K2Cr2O7) : 5 ाम
सा H2SO4 : 4 म ल.
जल (Water) : 20 म ल.
ऐ कोहॉल (Alcohol) : 3 म ल.
टाच (Starch) : 1.5 ाम
व ध (Procedures)
(a) ऐ कोहॉल अपचायक के प म (Alcohol as reducing agent) :
5 ाम ठोस पोटे शयम डाइ ोमेट 200 म ल. ला क म लेकर इसम 20 म ल. जल मलाओ
। अब इसम 4 मल सा H2SO4 बूँद-बूँद करके हलाते हु ए मलाओ जब तक क ठोस डाइ ोमे ट
वलयन म न चला जाये । वलयन को आइस बाथ (Ice bath) म रखकर 300C तक ठ डा करो तथा
इसम 3 म ल ए थल ऐ कोहॉल बूँद-बूँद करके हलाते हु ए मलाओ । यह यान रहना चा हए क कसी
भी अव था म वलयन का तापमान 500C से अ धक नह ं होना चा हए। इसके लए य द आव यकता
हो तो बफ का छोटा टु कड़ा वलयन म डाला जा सकता है िजससे तापमान 500C स नीचे रहे । वलयन
को बफ या ठ डे जल म रखकर ठ डा करो तथा उसे रात भर (over night) रख दो । ोम एलम के
टल पृथक् हो जाएंगे । इ ह मातृ व (mother liquor) से अलग करो । टल को ठ डे जल
क अ पमा ा म धोओ, सु खाओ, तोलो और लि ध (yield) ात करो ।
(b) टाच अपचायक के प म (Starch as Reducing agent) :
5 ाम ठोस पोटे शयम डाइ ोमेट को 20 मल जल म घोलो । अब इसम सा H2SO4
बूँद-बूँद करके हलाते हु ए तब तक मलाओ जब तक क डाइ ोमेट पूणतया न घुल जाये । अब इसम
1.5 ाम टाच धीरे -धीरे हलाते हु ए मलाओ यहाँ भी तापमान 500C से ऊपर नह ं होना चा हए ।
शेष या भाग (a) क भाँ त स प न करो तथा ोम एलम के टल को पृथक् करो , ओर धोकर
छान-प क परत के बीच रखकर सु खाओ ।
लि ध (Yield) : 10 ाम

19
1.4.2 टे ाऐ मीन कॉपर(II) स फेट का वरचन (Preparation of Tetrammine Copper (II)
Sulphate)

[Cu(NH3)4] SO4.H2O
इसे कॉपर स फेट के वलयन म अमो नया वलयन डालकर बनाया जाता है । पहले यू क
हाइ ॉ साइड बनता है । जो अमो नया क अ धकता म घुलकर गहरा नीला वलयन (deep blue
solution) दे ता है । जल य टे ाऐमीन यू क स फेट का अव ेपण वलयन म ए थल ऐ कोहॉल
मलाकर कया जाता है य क यह संकु ल ऐ थल ऐ कोहॉल म अ वलेय है ।
CuSO4 + 4NH3 + H2O 
 [Cu(NH3)4]SO4.H2O
टे ाऐमीन यू क स फेट (नीला)
तकारक (Reagents)
कॉपर स फेट (CuSO4) : 5 ाम
सा अमो नया (Conc. NH3) : 10 ाम
ए थल ऐ कोहॉल (C2H5OH) : 30 म ल
व ध (Procedure) : टे ाऐमीन यू क स फेट बनाने के मु ख पद न नानुसार है-
(i) 250 म ल बीकर म 5 ाम टल य क पर स फेट (CuSO4.5H2O) लो तथा इसे जल क
यूनतम मा म घोलो। य द व छ वलयन (clear solution) ा त नह ं होता है तो इसम H2SO4
क कुछ बूँदे मलाओ ।
(ii) अब इसम ब दुकार क प (dropping funnel) वारा सा अमो नया वलयन लगातार हलाते
हु ए मलाओ जब तक क यू क हाइ ॉ साइड का बना नीला अव ेप पूणतया घुलकर व छ
नीला (गहरा) वलयन न दे दे । यहाँ वलयन म अमो नया क ग ध आनी चा हए ।
(iii) अब इसम ब दुकार क प क सहायता से 20 म ल. ऐ कोहॉल हलाते हु ए बूँद-बूँद करके तब तक
मलाओ जब तक क नीला रं ग लगभग लु त न हो जाये । बीकर को 15-20 मनट तक 60-700
पर जल ऊ मक (water bath) पर गम करो । बीकर को जल ऊ मक (water bath) से हटाकर
कु छ समय के लए रख दो । टे ाऐमीन क पर स फेट के ल बे सु ईनुमा (needle shaped) टल
पृथक् होते ह । इ ह छानो तथा ए कोहॉल क कु छ बूँद वारा धोओ ।
(iv) टल को सरक लेट (porous plate) अथवा डेसीकेटर (desicator) म रखकर सु खाओ तथा
तोलो ।
लि ध (Yield) : लगभग 4 ाम

1.4.3 न कलडाईमे थल लाइऑि सम संकुल [Ni(DMG)2] का वरचन [Preparation of


[Ni(DMG)2] Complex]

तकारक (Reagents):
नकल लोराइड : 6.0 ाम
डाईमे थल लाई आ सम (ए कोहल म) : 1%
अमो नया वलयन : 1:1
20
2 H 2 DMG  Ni 2  
 Ni ( DMG ) 2  2 H 
नकल डाइमे थल लाइऑि समेट संकुल
(लाल अव ेप)
व ध - एक 400 मल बीकर म दए गए नकल लोराइड को 100-125 मल जल म घोलते
ह । अब वलयन को 70-80 C तक गम करते ह तथा इस वलयन म 40-50 मल 1%
0

डाइमे थल लाइआि सम को डालते ह । इसके प चात ् वलयन म 1:1 अमो नया वलयन क बू द
ं -बू द

करके सीधे वलयन म कांच क छड़ से वलो पत करते हु ए वलयन क बू द
ं -बू द
ं करके सीधे वलयन
म कांच क छड़ से वलो पत करते हु ए डा लए जब तक क अमो नया क तेज गंध थायी न हो जाये
(गंध आने तक) । लाल रं ग (Scarlet ppt) के अव ेप ा त होते ह । बीकर को जल ऊ मक पर 20-30
मनट तक गम क िजए । लाल रं ग का अव ेप नीचे बैठ जाने पर नथरे हु ए व म थोड़ा डाइमे थल
लाइ ऑि सम अ भकमक मलाकर जांच कर लेते ह क अव प
े ण पूण हु आ या नह ं । बीकर को आधा
घ टे तक रख दे ते ह । इसे बुकनर फनल से छान लेते ह तथा अव ेप को ठ डे जल से दो-तीन बार
धो लेते ह व अंत म अव ेप को 5 मल ए कोहल से धोकर सु खा लेते ह ।

1.4.4 सो डयम है जानाइ ो कोबा टे ट (III) (Sodium hexanitro Cobaltate(III)

Na3[Co(NO2)6]
कोबा ट नाइ े ट वलयन म सो डयम नाइ ाइट मलाकर ले शयल ऐसी टक अ त मलाने
से सो डयमकोबा ट नाइ ाइट ा त होता है ।
Co(NO3)2 + 2NaNO2 
 Co(NO2)2 + 2NaNO3
CH2COOH +NaNO3 
 CH3COONa +HNO3
2HNO3 + 3NaNO3 + Co(NO2)2 
 Na3[Co(NO2)6]+NO+H2O
तकारक (Reagents)
सो डयम नाइ ाइट (NaNO2) : 15 ाम

कोबा ट नाइ े ट Co(NO3)2 : 5 ाम


ले शयल ऐसी टक अ ल : 2.5 ाम
ए थल ऐ कोहॉल (C2H5OH) : 20 म ल.
व ध (Procedure) : 15 ाम शु सो डयम नाइ ाइट 15 मल गम जल म घोलकर वलयन
को 40 C तक ठ डा करो तथा इसम 5
0
ाम कोबा ट नाइ े ट धीरे -धीरे मलाओ । अब इसम धीरे -धीरे
हलाते हु ए 5 मल तनु ऐसी टक अ ल (2.5 मल ले शयल ऐसी टक अ ल + 2.5 मल जल) मलाओ
। अब वलयन को फ टर ला क म लेकर इसम 30 मनट तक वायु (air) वा हत करो । य द

21
यहाँ कु छ अव ेप आता है तो वह पोटे शयम कोबा ट नाइ ाइट का होगा जो क सो डयम नाइ ाइट
क अशु ता के कारण है । इसे छानकर पृथक् (separate) कर दे ते है । इसके बाद व छ वलयन
(clear solution) म धीरे -धीरे 20 मल ए थल ऐ कोहॉल मलाओ तथा ा त अव ेप को रात भर
(overnight) रखने के बाद छानो । पीले रं ग का टल य ठोस ा त होता है । इसे छानो, धोओ
तथा छानप क परत के बीच रखकर सु खाओ ।
लि ध (Yield) : 7.2 ाम
1.4.5 पोटे शयम ाइऑ सेलेटोफैरे ट (III) (Potassium trioxalatoferrate (III)
K3[Fe(C2O4)3]
फेरस अमो नयम स फेट तथा ऑ से लक अ ल क पार प रक या के फल व प फैरस
ऑ सेलेट बनता है जो पोटे शयम ऑ सेलेट तथा हाइ ोजन परॉ साइड से या कराने पर पोटे शयम
फैर ऑ सेलेट दे ता है ।
FeSO4 + H2C2O4 
 FeC2O4 + H2SO4
6FeC2O4 + 3H2O2 + 6K2C2O4 
 4K3[Fe(C2O4)3] + 2Fe(OH)3
उपरो त अ भ या से ा त उ पाद फे रक हाइ ॉ साइड क या ऑ से लक अ ल से कराने
पर भी पोटे शयम फैर ऑ सेलेट बनता है । अ भ या न नानुसार है -
2Fe(OH)3 + 3H2C2O4 + 3K2C2O4 
 2K3[Fe(C2O4)3] + 6H2O
अ भकमक (Reagents)
फेरस अमो नयम स फेट [FeSO4.(NH4)2SO4.6H2O] : 5 ाम

10% ऑ से लक अ ल (10% oxalic acid) : 40 म ल.


पोटे शयम ऑ सेलेट (K2C2O4) : 35 ाम
20 आयतन H2O2(20 vol. H2O2) : 8 म ल.
ऐ कोहॉल (C2H5OH) : 20 म ल.
व ध (Procedure) : 5 ाम फैरस अमो नयम स फेट को एक बीकर म लेकर इसम 1 मल तनु
H2SO4 मलाकर इसको 20 मल जल म वलेय करो । अब इसम 10% ऑ से लक अ त वलयन
के 20 मल मलाओ तथा हलाने के बाद म ण को उबालो । अब बीकर को कुछ समय के लए रख
दो । कु छ समय बाद रखने पर फैरस ऑ सेलेट का अव ेप पृथक् हो जाता है । मात ्- व (supernatent
liquid) को नथार कर अलग कर दो । अव प
े को 2-3 बार गम जल से धोकर मातृ व को पुन :
नथारकर अलग कर दो ।
अब 3.5 ाम पोटे शयम ऑ सेलेट का 10 मल गम जल म वलयन बनाकर उपरो त पीले
अव ेप म मलाओ तथा इसम '20 आयतन H2O2' के 8 मल बूँद-बूँद करके हलाते हु ए मलाओ
। यहाँ यह यान रहे क वलयन का ताप 400C से ऊपर न हो जाये । अब म ण को उबलने तक
(till boiling) गम करो । फै रक हाइ ॉ साइड का अव ेप बनेगा। इस अव ेप को वल न करने के
लए इसम 1 मल (10%) ऑ से लक अ ल डालकर हलाओ । म ण को उबालने से एक साफ
वलयन ा त होगा । इस वलयन को गम म ह छानो तथा छ न म 20 मल ऐ कोहॉल मलाकर

22
वलयन को टल (crystallisation) के लए अ धेरे म रख दो । पोटे शयम फैर ऑ सेलेट के टल
पृथक् होते ह । इ ह छानो तथा पहले 1:1 जल-ए कोहॉल म ण से तथा ऐसीटोन से धोओ । अ त
म पदाथ को शु क (dry) करो तथा तोलो।
लि ध (yield) : 5 ाम (लगभग)

1.4.6 cis-पोटे शयमडाईआ सेलेटोडाईए वो ोमेट (III)


(cis(Potassiumdioxalatodiaquochromate(III),K[Cr(C2O4)2(H2O)2])

अभ या - इसम पोटे शयम डाइ ोमेट जब ऑ से लक अ ल से या करता है तो यह यौ गक


बनता है ।

तकारक (Reagents)
ऑ से लक अ ल : 6 ाम

पोटे शयम डाइ ोमेट : 2 ाम


ए कोहल : 40 मल
व ध (Procedure) : साफ व शु क खरल म 6 ाम ऑ से लक अ ल तथा 2 ाम पोटे शयम
डाई ोमेट को लेकर इन दोन को बार क पाउडर होने तक पीस ल । अब इस पाउडर को एक चाइना
याल म लेकर पानी से गीला कर तथा अ धक पानी फक द । इस याल को वाच लास से ढककर
बनर क कम लो (म द आंच) पर गम कर । पदाथ के गम होने पर ती या होगी व तेज बुदबुदाहट
के साथ काबन डाई ऑ साइड गैस व पानी क वा प बाहर नकलेगी तथा म ण एक गहरे रं ग के
व म प रव तत हो जाएगा । इस याल को बनर से नीचे उतारकर इस गम वलयन म 20 मल
ए कोहल डालकर धातु के पेचु ल से अ छ तरह हलाने पर एक ठोस पदाथ बन जाएगा । अगर ठोस
पदाथ नह ं बने तो इसम बने व को नथार कर शेष पदाथ म 20 मल ऐ कोहल और डाल तथा पेचल
ू ा
से खू ब ऊपर नीचे कर ता क पूरा पदाथ ठोस बन जाएगा । अब इसको ह का हलाते हु ए गम कर ता क
टल (crystal) बन जाए । ये टल काले (गहरे गुलाबी) रं ग के बनगे ।

1.5 श दावल (Glossary) :


वणलेखी  Chromatography
संकर म त अनुमापन  Complexometric Titration
आकलन  Estimation
कठोरता  Hardness
अकाब नक संकुल  Inorganic Complex

1.6 संदभ थ (Reference Books) :


1. Quantitative Analysis by Vogel.
2. Fundamentals of Analytic Chemistry by Skoog, West holler, Crouch.
23
3. Analysis Chemistry by Gary. D.Christian.
4. Inorganic Chemistry Practical by Gurdeep Raj.

24
इकाई 2
वलायक न कषण व ध वारा Mg(II) तथा
Fe(III) का न कषण एवं आकलन
(SEPARATION AND ESTIMATION OF Mg(II)
AND Fe(III) BY SOLVENT EXTRACTION METHOD)

इकाई क परे खा
2.0 उ े य
2.1 तावना
2.2 Mg(II) तथा Fe(III) का वलायक न कषण व ध वारा पृथ करण
2.3 Mg(II) का आकलन
2.4 Fe(III) का Fe(II) के प म आकलन
2.5 श दावल
2.6 संदभ थ

2.0 उ े य (Objective) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप वलायक न कषण व ध एवं इसक सहायता से Fe(III)
तथा Mg(II) क वलायक न कषण व ध तथा आकलन के बारे म जानकार ा त करगे ।

2.1 तावना (Introduction) :


कसी वलयन म दूसरे से वलायक क सहायता से इस अवयव का पृथ करण वलायक
न कषण (solvent extraction) कहलाता ह । वलेय क वलेयता अलग-अलग वलायक म
अलग-अलग होती है । वलेय क भ न- भ न वलायक म वत रत मा ा ह इस व ध का आधार
है । य द वलेय पदाथ क वलेयता, एक वलायक म दूसरे क अपे ा अ धक है तो इसका वतरण
पहले वलायक म अ धक होगा और यह अपने मूल वलयन से पृथक हो जाएगा ।
कसी पदाथ का दो अ म णीय वलायक म वतरण का अ ययन न ट के वतरण नयम
वारा कया जा सकता है।
न ट के नयमानुसार जब कोई पदाथ , पर पर स पक म रखे हु ए दो अ म णीय व के
म य वत रत होता है तो ि थर ताप व सा य पर दोन वलायक म वलेय क सा ता का अनुपात
ि थर रहता है बशत पदाथ दोन वलायक म समान आि वक अव था म हो तथा दोन से कोई
रासाय नक अ भ या न करे ।
य द वलेय दो अ म णीय वलायक मश: A तथा B म वयम ् को वत रत कर तथा इसक
सा ता मश: CA व CB हो तो वतरण के नयमानुसार

25
CA
KD 
CB
KD को वतरण गुणांक कहते ह ।
वलायक क कुल मा ा को थोड़ी-थोड़ी मा ा म अ धक बार यु त करने पर न कषण क
मा ा बढ़ जाती है । अत: न कषण क मा ा, न कषण क सं या तथा येक न कषण मे वलायक
क यु त मा ा पर नभर करती है ।
य द कोई पदाथ वलयन अव था म है तो पृथ करण के लए सव तम व ध है ।

2.2 मै नी शयम(II) तथा आयरन(III) का वलायक न कषण व ध


वारा पृथ करण (Separation of Mg(II) and Fe(II) by
Solvent Extraction Method) :
स ा त:
व- व न कषण को वलायक न कषण अथवा पृथ करण भी कहा जाता है । इस व ध म
दो व भ न अ म णीय व (जैसे जल और काब नक वलायक) के वारा यौ गक को उसक आपे क
वलेयता के आधार पर पृथक कया जाता है । इस व ध के वारा पदाथ का न कषण एक व ाव था
से दूसर व ाव था म कया जाता है । रासाय नक योगशालाओं म व- व न कषण एक सामा य
तकनीक है । जहाँ पर इस तकनीक के लए पृथ करण क प (seperatory funnel) का उपयोग कया
जाता है ।
दूसरे श द म यह उ चत वलायक म पदाथ को वलेय कर म ण से पदाथ का पृथ करण
है । इस या वारा सामा यतया वलेय यौ गक, वलयन से एक वलायक म आ जाता है िजसम
इसक वलेयता बहु त अ धक होती है । वलायक न कषण का उपयोग ना भक य पुनच ण, अय क
न कषण, अ तशु काब नक यौ गक का उ पादन, सु गं धत पदाथ का उ पादन एवं अ य उ योग
म कया जाता है ।
Fe(III) तथा Mg(II) का पृथ करण [Seperation of Iron (III) and Magnesium (II)]
आयरन तथा मै नी शयम के म ण को जल य ाव था से मा ा मक प से पृथक कया जा
सकता है । आयरन तथा मै नी शयम को जल य म ण म से पृथक करने के लए व भ न काब नक
वलायक योग म लए जाते ह ।
यह ात त य है क Fe(III) को HCl मा यम अकाब नक परत (Inorganic layer) मे
से डाइए थल ईथर काब नक परत (organic layer) वारा पृथक कया जाता है । Fe(III) का लोरो
संकुल (chloro complex), वलायक के ऑ सीजन परमाणु के साथ संयोग कर लेता है । यह आयन
वलायक डाइए थल ईथर के एक अणु के साथ जुड़ा रहता है ।
{(C2H5)2O : H+, FeCl4-(C2H5)2O]2}
इस कार डाइए थल ईथर को काब नक वलायक के प म योग करके, Fe(III) तथा Mg(II)
के जल य म ण म से, Fe+3 को अलग कया जाता है । जब क Mg(II) जल य वलयन म रह जाता
है ।

26
2HQ(org) + M2+(aq)  MQ2(org) + 2H+(aq)

2.3 Mg(II) का आकलन (Estimation of Mg(II)) :


स ा त
Mg2+ का आकलन, EDTA वलयन से अनुमापन वारा कया जाता है । यहाँ ए रयो ॉम
लैक T का सूचक के प म उपयोग कया जाता है । वसंयोजी धातु आयन (Mg2+) व EDTA
1:1 के अनुपात म या करता है ।
M2+ + H2Y2-  MY2- + 2H+
EDTA का वसंयोजी धनायन के साथ संकुल, ार य अथवा दुबल अ ल य वलयन म
अ धक थायी होता है ।
वध
1. सव थम 0.1 M EDTA वलयन बनाते ह ।
2. Mg2+ आयन का 20 ml वलयन लेकर इसम 4ml बफर वलयन तथा 2-4 बू द
ं ए रयो ॉम लेक
T सूचक मलाते है तथा 0.1 M EDTA वलयन के साथ अनुमापन करते ह । जब वलयन
का रं ग लाल से बगनी नीला हो जाता है तो यह आयतन नोट कर लेते ह ।

2.4 Fe(III) का Fe(II) के प म आकलन (Estimation of Fe(III) in


Fe(II)) :
Fe(II) का आकलन
Fe+3 को Fe+2 म न न कार अपच यत करके आकलन करते ह ।
स ा त
Fe3+ का अ ल य SnCl2 वलयन से Fe2+ म अपचयन कराया -जाता है
2 Fe3++Sn2+ 
 Sn4++2 Fe2+
अब इस वलयन का पोटे शयम डाइ ोमेट के मानक वलयन के साथ अनुमापन कया जाता
है ।
6Fe2++Cr2O72-+14H+ 
 6Fe3++2G3++7H2O
अनुमापन के पूव SnCl2 के आ ध य को तहए।2 वलयन वारा Sn4+ म ऑ सीकृ त कया
जाता है ।
Sn2++2Hg2++2HCl 
 Sn4++Hg2Cl2
(आ ध य)
वध
1. सव थम 0.1 N K2Cr2O7 का वलयन बनाते ह ।
2. 20 मल Fe3+ के पृथक कये हु ये वलयन म सा HCl मलाकर इसे उबलने तक गरम करते
ह । वलयन का रं ग गहरे पीले रं ग का हो जाता है ।
3. SnCl2 का वलयन को बूँद-बूँद कर मलाते ह जब तक पीला रं ग गायब न हो जाए ।

27
4. वलयन को ठं डा कर 100 मल तक आसु त जल से तनुकृ त करते ह । इस वलयन म उपि थत
SnCl2 के आ ध य को ऑ सीकृ त करने के लए 1-2 मल 5% HgCl2 वलयन मलाते ह।
सफेद अ वलेयता ा त होने पर Fe3+ का Fe2+ म अपचयन पूरा हो जाता है ।
5. इस कार ा त वलयन का अनुमापन 0.1 N K2Cr2O7 के साथ करते ह । यहाँ डाईफे नल
एमीन का सूचक के प म उपयोग लेते ह ।
डाईए थल ईथर ाव था
वलयन का 0.1N K2Cr2O7 Fe2+ के टॉक वलयन म उपि थत कुल Fe
2+

आयतन का आयतन म. ा क मा ा

जल य ाव था
ाव था का 0.1 M EDTA का Mg2+ के टॉक वलयन म उपि थत कु ल
आयतन आयतन म. ा Mg2+ क मा ा

0.1 N K2Cr2O7 का 1 मल = 5.585 म. ा Fe3+


0.1 M EDTA का 1 मल = 2.432 म. ा Mg2+
प रणाम
Fe3+ क मा ा (ल गई) = .................
( ा त हु ई) = .................
ाि त % = .................
Mg 2+
क मा ा (ल गई) = ...................
( ा त हु ई) = ....................
ाि त % = ....................

2.5 श दावल (Glossary) :


वलायक न कषण व ध  Solvent Extraction Method
पृथ करण  Separation
आकलन  Estimation
अ म णीय वलायक  Imisible Solvents

28
2.6 संदभ थ (Reference Books) :
1. Ion Exchange and Solvent Extraction by Marinsky and Marcus
2. Quantitative Analytic by Vogel.
3. Fundamentals of Analytic Chemistry by Skoog, West holler, Crouch.
4. Analytical Chemistry by Gary. D. Christian.

29
इकाई 3
आयन वनमय व ध वारा Mg(II) तथा
Zn(II) का पृथ करण एवं आकलन
(SEPARATION AND ESTIMATION OF Mg(II)
Zn(II) BY ION EXCHANGE METHOD

इकाई क परे खा
3.0 उ े य
3.1 तावना
3.2 आयन व नमय या व ध एवं स ा त
3.3 Mg(II) और Zn(II) क पृथ करण व ध
3.4 Mg(Ii) और Zn(II) क आकलन व ध
3.5 श दावल
3.6 संदभ थ

3.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात आप आयन व नमय व ध वारा मै नी शयम एवं िजंक
धातु के पृथ करण एवं आकलन के बारे म जानकार ा त करगे ।
1. आयन व नमय या व ध
2. पृथ करण व ध
3. आकलन व ध

3.1 तावना (Introduction) :


ऐसे अवयव िजनके रासाय नक गुण म काफ समानता हो उ ह साधारण पृथ करण व धय
यथा अव ेपण आ द क सहायता से पृथक नह ं कया जा सकता । ऐसे अवयव को एक-दूसरे से पृथक
करने के लए आयन व नयम न कषण व ध अ धक उपयोगी है । इस व ध म आयन व नमयकार
रे िजन पर धातु आयन रे िजन के हाइ ोजन आयन (H+) को त था पत करके जु ड़ जाते ह । आयन
व नयम पृथ करण व ध ोमेटो ाफ से मलती-जु लती है ।

3.2 आयन व नमय या व ध एवं स ा त (Principle and


Mechanism of Ion Exchange Method) :
स ा त

30
आयन व नयम एक उ मणीय या है िजसम आयन का व-ठोस अव था म
अ तप रवतन होता है । व अव था से आयन ठोस रे िजन पर आ जाता है (जो अघुलनशील होते ह)
। रे िजन के प म यु त ठोस सामा यत: ऐसे बहु लक य पदाथ है जो जल तथा काब नक वलायक
म अ वलेय ह और आयन का व नमय करने क उनम ती वृ त होती है।
यह पदाथ दो कार के है-
(1) धनआय नक व नमयकार ठोस
यह सामा यत: एरोमै टक काब सी अ ल, स फो नक अ ल या फ नॉ लक यौ गक होते ह
जो धन आयन को हण करके हाइ ोजन आयन उ सिजत कर दे ते ह ।

टाईट न तथा कुछ मा ा डाई वनायल बे जीन क लेकर इसका स फोनीकरण करते ह तो
ा त बहु लक य उ पाद धनआय नक व नमयकार रेिजन का काय करने वाला होता है।

31
धन आय नक व नमयकार रे िजन म चलायमान (H ) हाइ ोजन आयन है । उपरो त रे िजन
+

पर जब कोई व लयन िजसम M+ आयन है धीरे -धीरे वा हत करते ह तो व लयन का M+ रे िजन


म वस रत हो जाता है और रे िजन का (H+) मु त होकर व लयन म आ जाता है । इस कार वलयन
के सभी M+ रे िजन पर तथा रे िजन से H+ वलयन म आ जाते ह। रे िजन को जल से एक-दो बार धीरे -धीरे
धो दे ते ह तो रे िजन पर से सभी H हट जायगे ।
+

य द वलयन म एक से यादा कार के धन आयन ह तो वे रे िजन के साथ अलग-अलग


थान पर जाकर जु ड़ते ह य क येक कार के धनायन क रे िजन के साथ जुड़ने क मता
अलग-अलग होती है जो धनायन रे िजन से जु ड़ने क िजतनी यादा वृि त रखता है वह त भ म
सबसे ऊपर एवं सबसे पहले जुड़ने क वृि त द शत करे गा ।
माना A ,B ,C तथा D चार
+ + + +
कार के धनायन वलयन म है और रे िजन पर इनके जु ड़ने
क मता का म न न है
A+> B+> C+> D+>

अब रे िजन पर से धनायन को हटाने के लये कसी संकु लन कारक व ( ालक) का उपयोग


करते ह । यह व रे िजन पर लगे धन आयन के साथ संकु ल बनाकर इ हे रे िजन पर से मु त कर
दे ता है जो धनायन िजतनी बलता से रे िजन पर जु ड़ा होता है उसका संकुलन उतना ह धीमी ग त
से होगा । अत:
(1) संकुलन कारक व ( ालक) क एक नि चत मा ा ला क म लेकर हम रे िजन कालम म वा हत
करते ह तो सव थम D+ धनायन संकुल बनाकर कालम से हट जाता है और D+ अब ला क
(a) एक त हो जायेगा।

32
(2) इसी कार ला क (b) म ालक क एक नि चत मा ा इस कॉलम म वा हत करते ह तो C
+

रे िजन रो हटकर ालक के साथ संकुल बनायेगा । C+ क संकुल बनाने क वृ त धीमी होगी
य क यह रे िजन पर अपे ाकृ त यादा बलता से जु ड़ा है ालक को दो-तीन बार रे िजन से वा हत
करके C+ को पृथक कर लगे ।
(3) इसी कार क या दोहराने पर तीसरे ला क (c) म ालक के साथ धनायन छलएक त हो
जायेगा ।
(4) ला क (d) म लये गये ालक क सहायता से सबसे अंत म A को पृथक कर लया जाता
+

है । A सबसे
+
बलता से जु ड़ा है अत: इसे हटाने के लये ालक को कॉलम म कई बार वा हत
करना पड़ता है ।
येक कार के धनायन को पृथक करने के लये ालक अलग-अलग ला क म लया जाता
है । इस कार ालक(a)

नोट - ालक a, b, c तथा d एक ह संकु लन कारक व है ।


ऋणायन व नमयकार रे िजन
यह एरौमे टक, ासब ध यु त बहु लक य पदाथ है, िजनमे काब नक समूह के साथ सामा यत:
ऋणायन आयन जु ड़ा होता है।
रे िजन – N+Me3Z-+NH2- - रे िजन – N+MeNH2-+Z-
ठोस वलयन से ठोस वलयन म
( व)

33
इकाई संरचना

3.3 Mg(II) तथा Zn(II) क पृथ करण व ध (Separation Method


of Mg(II) and Zn(II)):
आव यक अ भकमक
ए बरलाइट रे िजन 15 ाम, Zn धातु ै यूल 500 म. ा, Mg धातु ै यूल 375 gm,
EDTA, 2M HCl, बफर वलयन, सू चक ।
वध
आयन व नमय पृथ करण क सामा य तकनीक म साधारण यूरेट का कॉलम के प म योग
कर लया जाता है क तु इसक न कासन न लका रबर यूब वाल न हो ।
कॉलम या यूरेट म पहले आयन व नमयकार रे िजन को भर दया जाता है । रे िजन के प
म ए बरलाइट 400 को लेते ह । रे िजन को कॉलम म इस कार भरते ह क इनके बीच कोई र त
थान नह ं रहे । रे िजन को एक बार आसुत जल से धो दया जाता है ।
रे िजन म शेष अशु कोई अ ल य या ार य कृ त क शेष नह ं रहे इसके लए कॉलम को
तनु HCl तथा तनु NaOH से बार -बार से धो दया जाता है । इसके बाद इसे पुन: आसु त जल से
धोकर सूखने दया जाता है ।
अनेक सं मण धातु आयन को HCl म घोलकर जब ऋण आय नक व नमयकार रे िजन
पर वा हत करते ह तो यह लोरो संकु ल बनाकर रे िजन पर अ धशो षत होने क वृि त द शत करते
ह । येक धातु का एक नि चत pH पर लोरो संकुल बनता है । अत: कसी वशेष pH पर एक
धातु आयन लोरो संकु ल बनायेगा जब क दूसरा नह ं ।
2[-N+(CH3)3Z-] + [ZnCl4]2-  [-N(CH3)3]2[ZnCl4] + 2Z-
(1) Zn क 500 mg मा ा लेकर इसे 2 M HCl म घोल लेते ह ।
(2) Mg क 375 mg मा ा लेकर इसे भी 2 M HCl म घोल लेते है ।
(3) इन ला क का आयतन 100 मल कर दया जाता है ।
(4) Zn वलयन के 10 मल तथा Mg वलयन के भी 10 मल ला क से नकाल कर इ ह म त
करते ह और अब इस वलयन को धीरे-धीरे कॉलम म वा हत करते ह । वाह इस कार रखा
जाता है क म ण वलयन को वा हत होने म कम से कम 5 मनट का समय लग ।
(5) Zn(II) लोरो संकुल बनाकर कॉलम पर जु ड़ जाता है क तु Mg(II) का संकुल नह ं बनता ।

34
(6) अब कॉलम को 2 M HCl के 50 मल साथ धोते ह तो Mg(II) HCl के साथ नीचे ाह म
एक त हो जाता ह।
(7) Zn(II) अभी भी रे िजन से जुड़ा हु आ है इसे पृथक करने के लए 0.25 M HNO3 के 100 मल
लेकर इसे कॉलम म से वा हत करते ह और वलयन को दूसरे ाह म एक त कर लया जाता
है । इस ाह म Zn +2
संकु ल है ।
(8) 50 ml, 2M HCl म Mg(II) क कुल मा ा = 37.5 mg है ।
(9) 100 ml 0.25 HNO3 म Zn(II) क कुल मा ा = 50 mg है ।
Zn(II) तथा Mg(II) का अलग-अलग EDTA के साथ अनुमापन कया जाता है ।

3.4 Mg(II) तथा Zn(II) क आकलन व ध (Estimation Method of


Mg(II) and Zn(II) :
Mg(II) का आकलन [Estimation of Mg(II)]
Mg(II) वलयन के 10 मल से लेकर अनुमापन करते ह । समान कार क या से Mg(II) के
लये भी अंत ब दु क गणना कर ल जाती है ।
Zn(II) का आकलन [Estimation of Zn(II)]
Zn(II) के 20 मल पपेट वारा लेकर इसम अमो नया बफर इतनी मा ा म मलाते ह क वलयन
ार य हो जाय तथा pH लगभग 10 हो जाय । अब इसम ए रयो ोम लैक T सू चक क एक-दो बू द

डालते है तो भू रा लाल रं ग उ प न होता है । अब M/100 EDTA को यूरेट म लेकर Zn(II) वलयन
का अनुमापन करते ह । अंत ब दु पर नीला रं ग ा त होता है । अंत ब दु पर यूरेट के पा यांक
को नोट कर लेते ह ।
गणना व ध
20 मल पपेट से लये गये वलयन म Zn(II) क मा ा = 10 mg है । जब क Mg (II) क मा ा
7.5 mg है ।
M/100 EDTA के यु त 1 मल .65 mg Zn(II) के बराबर है । अत: Zn(II) वलयन के अनुमापन
म यु त EDTA वलयन का आयतन = 15.3 मल जब क Mg(II) EDTA का यु त आयतन
= 30.8 मल के लगभग होगा ।
प रणाम
Mg2+ क मा ा (ल गई) = ...................
( ा त हु ई) = ...................
ाि त % = ...................
Zn2+ क मा ा (ल गई) = ...................
( ा त हु ई) = ...................
ाि त % = ...................

35
3.5 श दावल (Glossary) :
ालक  Eluant
आकलन  Estimation
पृथ करण  Separation
ऋणा मक वनमयकार रे िजन  Anionic Exchange Resin
धना मक वनमयकार रे िजन  Cationic Exchange Resin
न कषण  Extraction
बहु लक य पदाथ  Polymeric Material

3.6 संदभ थ (Reference Books) :


1. Ion Exchange and Solvent Extraction by Marinsky and Marcus
2. Quantitative Analysis by Vogel.
3. Fundamentals of Analytic Chemistry by Skoog, West holler, Crouch.
4. Analytical Chemistry by Gary. D. Christian

36
इकाई 4
सामा य योगशाला तकनी कयाँ
(GENERAL LABORATORY TECHNIQUES)

इकाई क परे खा
4.0 उ े य
4.1 तावना
4.2 गलनांक एवं उसका नधारण
4.3 म त गलनांक एवं योग वारा इसे ात करना
4.4 वथनांक एवं इसका नधारण
4.5 सरल आसवन एवं अ य आसवन व ध
4.6 टल करण, टल को छानना एवं सु खाना
4.7 ऊ वपातन एवं इसक वध
4.8 ोमैटो ाफ
4.9 योग 1 - मे थल ऑरज तथा मे थल न चू के म ण को पतल परत ोमैटो ाफ (TLC)
वारा पृथक करना ।
4.10 योग 2 - हर पि तय (पालक क पि तय ) म उपि थत वणक को पतल परत ोमैटो ाफ
(TLC) वारा पृथक करना ।
4.11 योग 3 - पेपर ोमैटो ाफ वारा ऐमीनो अ त के म ण (फे नल ऐलानीन एवं लाइसीन
के म ण) का पृथ करण करना एवं पहचान करना ।
4.12 योग 5 - पेपर ोमैटो ाफ वारा डी-गेले टोस एवं डी- ु टोस का पृथ करण करना तथा
पहचान करना ।
4.13 श दावल
4.14 संदभ थ

4.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप योगशाला तकनीक के बारे म न न जानकार ा त
करगे -
1. गलनांक, म त गलनांक, वथनांक, आसवन एवं टल करण तथा उनके नधारण क व धयां।
2. ोमेटो ाफ पतल परत (TLC) तथा पेपर ोमेटो ाफ तकनीक एवं योग ।

4.1 तावना (Introduction) :


रसायन को रासाय नक यौ गक के सं लेषण, उनका पृथ करण , शु करण, शु ता क जाँच,
पर ण आद याओं क उ चत जानकार होना अ तआव यक है । कसी भी रासाय नक अ भ या
37
के अ त म अ भ या म ण से अवां छत रसायन को पृथक् करके शु उ पाद ा त करने के लए
कई याओं से गुजरना पड़ता है जैसे-आसवन, भाजी आसवन, भापीय आसवन, ऊ वपातन,
वरं जक करण, टल करण आ द । कसी वशेष या का चयन मु यत: अ भ या के उ पाद एवं
अशु य क भौ तक अव था (जैसे व या ठोस), उ पाद या उ पाद एवं अशु य क कृ त आ द
पर नभर करता है । उ पाद को शु अव था म ा त करने के प चात ् उनक शु ता क जाँच के
लए गलनांक या वथनांक ात करना, पे ो कॉ पक अ ययन, रासाय नक पर णआद याओं
को अपनाया जाता है । इस इकाई म हम कुछ सरल तकनीक का अ ययन करगे ।

4.2 गलनांक एवं उसका नधारण (Melting Point and Its


Determination) :
सामा यत: शु काब नक यौ गक का ती ण (sharp) गलनांक होता है । यौ गक के पघलना
शु होने एवं पूणत: व म प रव तत होने म लगभग 0.50C का अ तर ह होता है । अशु यौ गक
म यह अ तर बढ़ जाता है और शु अव था म गलनांक से नीचे ह पघलना शु हो जाता है और
पूणत: पघलने मे समय लगता है। इस कार गलनांक यौ गक क शु ता का आधार भी माना जाता
है । गलनांक ात करने के लए यौ गक क मा ा (लगभग 1 मल ाम) को केशनल म लेकर उ चत
गलनांक उपकरण म गरम करते है और वह ताप ात करते है िजस पर यौ गक पघलता है ।
गलनांक उपकरण मु यत: दो कार के होते ह िजनम के शका नल को गरम कया जाता
है । थम कार के उपकरण म केशनल को गरम व ऊ मक म रखकर गरम करते है जब क दूसरे
कार के उपकरण म केशनल को धातु लॉक म रखकर गरम करते है । योगशाला म व ऊ मक
के प म थील यूब म ि लसर न या सा H2SO4 लेकर के शका नल को थमामीटर के साथ बाँध
कर गरम करते है । धातु लॉक के प म ऐ यू म नयम का लॉक होता है िजसके पा व म या ऊपर
क ओर एक तरफ छे द होता है िजसम थमामीटर लगाते है। और लॉक के ऊपर दये गये पदाथ को
सीधा ह या केशनल म भर कर छ म रखते है तथा लॉक को वै युत या बनर से गरम करते ह।
नधारण व ध (Determination Process)
एक के शका नल (Capillary) का एक सरा गरम करके ब द करते ह और ठं डा करने के
बाद दूसरे खुले सरे से दये गये ठोस यौ गक के चूण क कुछ मा ा डाल कर उसके ब द सरे को
थमामीटर के बल के पास बाँध दे ते है । थमामीटर को थील यूब म भरे सा H2SO4 या ि लसर न
म कॉक क सहायता से इस कार लटकाते है क के शका नल का खु ला मु ँह व क सतह के ऊपर
रहे । इसके प चात ् थील यूब (Thiele Tube) क पा व नल को बनर से धीरे -धीरे गरम करते है
( च -1)। थमामीटर म वह ताप ात करते ह िजस पर पदाथ पघल कर व अव था म आ जाता
है। यह ताप उस पदाथ का गलनांक कहलाता है। शु यौ गक का गलनांक ती ण (sharp) होता है।
गलनांक ात करने के कई कार के इलेि क उपकरण बाजार म उपल ध है। िजससे एक से अ धक
यौ गक का एक साथ गलनांक ात कया जा सकता है। इसम ऐ यू म नयम का एक लॉक आता
है िजसम तीन चार के शका नल एवं थमामीटर लगाने के छ होते है। ऐ यू म नयम लॉक को
इलेि क ए लमे ट (Electric element) से गरम कया जाता है।

38
यौ गक के गलनांक ( C) म न न
0
कु छ शु कार ह –
(1) नै थैल न 80-820 (2) बे जोइक अ ल 121.5-1220
(3) यू रया 132.5-1330 (4) सि स नक अ ल 184.5-1850
(5) सनै मक अ ल 132.5-1330 (6) सै ल स लक अ ल 157.5-1580

(7) ऐसीटै नलाइड 1140 (8) mडाइनाइ ोबे जीन 900


(9) p-डाइ लोरोबे जीन 520 (10) ऐ प रन 1350
इन यौ गक का गलनांक ात करने के लए केशनल म इनक अ प मा ा भरकर धातु लॉक
या थील नल म ि लसर न लेकर नकालते है ।

4.3 म त गलनांक (Mixed Melting Point) :


शु काब नक यौ गक का गलनांक उनम अ य यौ गक (अशु य ) क उपि थ त म घट जाता
है । इस त य को म त गलनांक व ध के प म यौ गक क पहचान करने म कया जाता है ।
माना कसी अ ात यौ गक A के o- लोरोबे जोइक अ ल होने क स भावना है तो इसक पहचान
के लए म त गलनांक व ध को अपनाया जा सकता है । इसके लए अ ात यौ गक A एवं शु
o- लोरोबे जोइक अ ल को भ न- भ न मा ा म मलाकर म ण का गलनांक नकालते ह और दे खते
है क शु o- लोरोबे जोइक अ ल के गलनांक म कोई कमी आयी है या नह ं । य द म त गलनांक
एवं शु यौ गक के गलनांक म कोई अ तर नह ं है तो अ ात यौ गक o- लोरोबे जोइक अ ल ह है
। सामा यत: A एवं शु यौ गक का म ण 1:4, 1:1 एवं 4:1 के अनुपात म लेते ह ।

च 1: गलनांक का नधारण

39
सनै मक अ ल (133 C) एवं शु यू रया (133 C) का म
0 0
योग :- शु त गलनांक ात
किजये ।
व ध - शु सनै मक अ ल एवं शु यू रया का म त गलनांक नकालने के लए दोन क
मश: 1:4,1:1 एवं 4:1 अनुपात म मा ाएँ याल म लेकर पेचु ला से अ छ तरह मलाकर केशनल
म भरते ह और दोन शु यौ गक के गलनांक के साथ-साथ पूव म व णत गलनांक व ध से म त
गलनांक नकालते है । यान पूवक दे खने पर पता चलता है क म ण के पघलने का यवहार शु
यौ गक क अपे ा भ न है और गलनांक म पया त कमी आ जाती है ।
ऐसा ह योग बे जोइक अ ल (1220C) एवं  -नै थॉल (1230C) के म ण तथा 
-नै थॉल (96 C) एवं बेि जल (950C) के साथ दोहराया जा सकता है ।
0

4.4 वथनांक एवं इसका नधारण (Boiling Point and Its


Determination) :
गलनांक के अनु प नि चत दाब पर कसी भी शु व का वथनांक नि चत होता है । दाब
म प रवतन से वथनांक म प रवतन हो जाता है य क कसी व का वथनांक वह ताप है िजस
पर उसका वा प दाब वायुम डल य दाब के बराबर हो जाता है । अत: कसी थान वशेष (जैसे पहाड़)
पर य द वायुम डल य दाब कम है तो वहाँ वथनांक भी कम होगा । ऐसी प रि थ तय म थमामीटर
के पा यांक को उस दाब पर कसी ात वथनांक वाले व का वथनांक ात करके संशो धत कर
लेते है । सामा यत: योगशाला म सवोलोबॉफ (Siwoloboffs) व ध वारा वथनांक ात करते
है ।

च 2 : वथनांक का नधारण
40
वध :
एक जलन नल (Ignition tube) को दये गये व से एक चौथाई भरते ह और एक के शका
नल का एक सरा ब द करके उसे जलन नल म उ टा रखते ह िजससे क उसका खुला हु आ सरा
व के अ दर रहे । इसके प चात ् जलन नल को थमामीटर के बल के साथ बाँध कर काक क सहायता
से थील यूब (Thiele tube) से भरे व ि लसर न या सा स यू रक अ ल म इस तरह लटकाते
ह क जलन नल का मु ँह व क सतह से ऊपर रहे । थील यूब क पा व नल को बनर पर धीरे-धीरे
गरम करते है । व के वथनांक के नजद क के शका नल के खु ले हु ए सरे से धीरे-धीरे बुलबुले नकल
कर ऊपर आते हु ए दखाई दे ते ह । जैस-जै
े से ताप बढ़ता है बुलबुल के नकलने क दर भी बढ़ती जाती
है और जब के शका नल के खुले हु ए सरे से ती ग त से लगातार बुलबुले नकलना शु हो जाय
तो उस ताप को नोट करते ह और थील नल को गरम करना ब द कर दे ते है । इसके प चात ् के शका
नल से जब बुलबुल का नकलना ब कुल ब द हो जाये वह ताप भी थमामीटर से नोट कर लेते ह
। इन दोन तापमान का मा य व का सह वथनांक होता है ।
योग :- एथेनॉल (780), साइ लोहै सेन (84.40), टॉलू ईन (110.60), एवं बे जीन (800) का
योगशाला म वथनांक ात क िजये । (नोट- े कट म व के मानक (literature) मान दे रखे ह)

4.5 सरल आसवन एवं आसवन व ध (Simple Distillation and


Distillation Process) :
सरल आसवन वारा एक व को अवा पशील ठोस से पृथक कया जाता है या दो व , िजनके
वथनांक म पया त अ तर (लगभग 200C) होता है पृथक कर सकते है । दो व के वथनांक मे
बहु त कम अ तर होने के कारण उ ह इस व ध से पृथक नह ं कया जा सकता है और उ ह भाजी
आसवन वारा पृथक करते है ।
एक गोल पदे के आसवन ला क म अशु व या दो व का म ण लेते है । ला क क
पा व नल से संघ न (जल या वायु) जोड़ते है । ला क म कुछ पो सल न के टु कड़े डालते है जो गरम
करते समय व को उछलने (बि पंग) से रोकते है । ला क को ऊ मक (जल या तेल या बालू ऊ मक)
पर रखकर उसम च 3 के अनुसार थमामीटर लगाते ह िजसक घु डी पा व नल क सीध म रखते
है । संघ न एवं ला क को लै प पर कसते ह और गरम करते है िजससे व क वा प बनती है
और संघ न म गुजरते समय संघ न होकर ाह म एक होने लगती है । ऊ मक का चयन वाि पत
होने वाले व के वथनांक पर नभर करता है । िजन व का वथनांक 100 C से कम होता है उनको
0

जल ऊ मक पर गरम करते है और 1000C से ऊपर वथनांक वाले व को तेल या बालू ऊ मक


पर गरम करते ह । एक व के आस वत होते समय ताप लगभग ि थर रहता है । जब पहले वाि पत
होने वाला व लगभग समा त हो जाता है तो ताप बढ़ने लगता है । जैसे ह ताप बढ़ने लगे ाह को
हटा लेते है । जब थमामीटर म पुन: ताप ि थर हो जाये तो दूसरा ाह लगा दे ते ह और दूसरे व
को ाह म एक कर लेते है । उदाहरण के लए
(i) एथेनॉल एवं जल के म ण का आसवन करने पर पहले ताप लगभग 780C पर ि थर हो
जाता है और एथेनॉल आसु त के प म ा त होने लगता है । जब एथेनॉल लगभग समा त हो जाता
ाह को हटा लेते है । ताप पुन: 100 C पर ि थर हो जाता है तो जल
0
है तो ताप बढ़ता है और

41
क वा प संघ नत होकर आसु त के प म ा त होती है िजसे दूसरे ाह म एक कर लेते ह । यहाँ
संघ न के प म जल संघ न काम म लेते ह ।

च 3 : आसवन उपकरण
(ii) नाइ ोबे जीन एवं ऐ नल न के म ण का आसवन करने पर पहले ताप 1830C के लगभग
ि थर हो जाता है और आसु त के प म ऐ नल न ा त होती है िजसे ाह म एक कर लेते है ।
जब ऐ नल न समा त हो जाती है तो ताप बढ़ने लगता है और ाह को हटा लेते ह । ताप पुन: 2110C
पर ि थर हो जाता है और नाइ ोबे जीन आसु त के प म ा त होती है िजसे दूसरे ाह म एक
कर लेते है । यहाँ जल संघ न क आव यकता नह ं है । केवल वायुसंघ न ह योग म लेते ह ।

च 4. ि वक फट आसवन ऐसे बल

42
पर परागत आसवन उपकरण के अलावा आजकल ि वक फट आसवन ऐसे बल
(Distillation Assembly) आती है िजसम काक आ द लगाने क आव यकता नह ं होती । इसम
एक गोल पदे का ला क होता है िजससे आसवन-हे ड (Distillation Head) लगा होता है । आसवन
हे ड के बाँये भाग म थमामीटर पॉकेट लगाते ह िजसम पारा डालकर थमामीटर रखा जाता है । आसवन
हे ड के पा व म दायीं ओर ल वंग संघ न लगा होता है । संघ न के दूसरे सरे म ाह हे ड (Receiver
Head) लगा होता है िजसका दूसरा सरा ाह से लगा होता है । ला क एवं संघ न को लै प
पर कसकर सीधा या ऊ मक (जल, तेल या बालू ऊ मक) पर गरम करते ह ।

4.6 टल करण (Crystallisation) :


कसी रासाय नक अ भ या से पृथ कृ त ठोस यौ गक सामा यत: शु अव था म नह ं होता
य क अभ या म बनने वाले अवां छत उ पाद अशु के प म उसके साथ मले हु ए रहते ह ।
अशु टल करण वारा शु करण दये गये व या व के म ण म उनक वलेयता म भ नता
पर आधा रत होता है । टल करण मु यत: दो कार के होते है िज ह सरल टल करण एवं भाजी
टल करण कहते ह ।
सरल टल करण (Simple Crystallisation) :
सरल टल करण क स पूण या न न पद म होती है ।
1. उपयु त वलायक का चयन (Selection of Suitable Solvent) :
कसी यौ गक के टल करण के लए उपयु त वलायक क आव यकता होती है िजसक
न न वशेषताएँ होनी चा हये
(i) िजस यौ गक का टल करण करते है उससे वलायक या नह ं करना चा हये ।
(ii) वलायक का वथनांक कम होना चा हये िजससे उसे ठोस काब नक यौ गक से
सु गमता से हटाया जा सके ।
(iii) वलायक म काब नक यौ गक क वलेयता उ च ताप पर अ धक होनी चा हये जब क
न न ताप पर अ प वलेय या अ वलेय होना चा हये ।
(iv) वलायक म अशु याँ अ य धक वलय या अ वलेय होनी चा हये ।
(v) वलायक अ य धक वलनशील नह ं होना चा हये ।
(vi) वलायक म अ छे आकार के टल बनने चा हये ।
मु ख वलायक के प म जल, एथेनॉल, मेथेनॉल, ऐसीटोन, बे जीन, लोरोफॉम, पे ो लयम
ईथर, ऐसी टक अ ल, ईथर आ द काम म लेते ह ।
टल को छानना (Filtration of Crystals)
उपयु त वलायक से ा त टल को नवात प प क सहायता से बुकनर क प वारा छानते
है । टल को दो-तीन बार शु वलायक क अ प मा ा से धोते है । टल को पेचल
ु ा से दबाकर
नवात प प से लगभग पूरा पृथक कर लेते ह ।
टल को सु खाना (Drying of Crystal)

43
टल को छानने के बाद उनम शेष वलायक को फ टर प के पेड म दबाकर हटाते है
। और अ त म डेसीकेटर या ओवन म सु खाते है । यान रहे क ओवन का ताप पदाथ के गलनांक
से नीचे होना चा हये ।

4.7 ऊ वपातन एवं व ध (Sublimation and Method) :


कु छ ठोस काब नक यौ गक गरम करने पर व म प रव तत होने के बजाय सीधे वा प म
प रव तत हो जाते है और वा प को ठ डा करने पर वह पुन : ठोस म प रव तत हो जाते ह, इस या
को ऊ वपातन कहते है । ऊ वपा तत होने वाले पदाथ को अवा पशील अशु य से आसानी से पृथक
कया जा सकता है । काब नक यौ गक जैस-े बे जोइक अ ल, नै थेल न, ऐ ासीन, कपूर , इि डगो,
ऐ ाि वनोन आ द को इस व ध से पृथक कया जा सकता है ।
व ध - ऊ वपातन के लए एक पोसल न क याल म पदाथ को लेकर उसे फ टर प से
ढकते है । फ टर प म कई छे द कर दे ते ह िजनम से पदाथ क वा प ऊपर जा सके । फ टर प
के ऊपर उ ट क प रखते है और क प क नल को काँच क ई से ब द कर दे ते है तथा क प के
चार ओर फ टर प को पानी म भगोकर लपेट दे ते है । पोसल न याल को सीधा या बालू ऊ मक
पर रख करके गरम करते है । गरम करने पर पदाथ क वा प बनती है जो फ टर प के छ म
से होकर ठोस के प मे क प क ठ डी द वार पर चपक जाती है । ठोस अ धक मा ा म होने पर
फ टर प के ऊपर एक त हो जाता है । यह व ध उ ह ं काब नक यौ गक पर लाग होती ह िजनका
सामा य दाब पर वा प दाब अ धक होता ह।

4.8 ोमैटो ाफ (Chromatography) :


म ण के अवयव का पृथ करण व शु करण करने क अनेक रासाय नक तथा भौ तक
व धयाँ ह, इनक सहायता से उनक पहचान भी क जा सकती है । भौ तक व धयाँ जैसे आ शक
आसवन, अव ेपण तथा टल करण को इस योजन के लए यु त कया जाता है । ये व धयाँ
अ य त उपयोगी ह पर तु लगभग समान भौ तक और रासाय नक गुण वाले यौ गक के म ण म
से उनके अवयव पृथक करना इन व धय से संभव नह ं हो पाता है । इसके लए ोमैटो ाफ एक
उपयोगी व ध है । इस व ध क खोज सन ् 1903 म एक सी वै ा नक वेट ने क । ोमैट फ

एक व लेषणा मक तकनीक है िजसके वारा ि थर व ग तशील ाव थाओं के त यौ गक क
भ न- भ न ब धुता के आधार पर यौ गक को पृथक कया जाता है ।
ोमैटो ाफ क अनेक तकनीक वक सत क गई, उनम से न न तीन अ धक च लत है:-
1. पतल परत ोमैटो ाफ (Thin Layer Chromatography)
2. पेपर ोमैटो ाफ (Paper Chromatography)
3. त भ ोमैटो ाफ (Column Chromatography)
पतल परत ोमैटो ाफ (Thin Layer Chromatography) :
पतल परत ोमैटो ाफ का च लत सं त नाम ट . एल. सी. (TLC) है । यह तकनीक
सव थम दो सी वै ा नक (इजमैलोव तथा कैबर) वारा द गई पर तु इसे च लत करने का ेय

44
इ. टाल को जाता है । इस तकनीक म काँच क लेट पर अवशोषक क एक पतल परत लगाकर
म ण के अवयव को पृथक कया जाता है ।
ट . एल. सी. क तकनीक अ य धक सरल, त
ु व सु प ट है । म ण क अ य धक कम
मा ा के लए भी उपयु त है । ट . एल. सी. तकनीक के मु य चार पद होते ह -
1. पतल परत लेट को तैयार करना
2. पतल परत लेट पर म ण का अनु योग
3. ोमैटो ाम को वक सत करना
4. पृथक हु ए पदाथ क पहचान करना
5. Rf मान क गणना करना
1. पतल परत लेट को तैयार करना (Preparation of thin layer plates) : TLC
लेट सामा यत: काँच क लेट अथवा काँच क माइ ो को पक लाइड पर तैयार क जाती ह । इसक
व ध न नानुसार है :
(i) एक व छ व सूखे बीकर म 5.0 ाम स लका जेल-G (silica gel-G) लेकर उसम
20cm आसु त जल धीरे-धीरे मलाते है । जल डालते समय एक काँच क छड़ से म ण को तब
3

तक लगातार हलाते रहते ह जब तक क यह एक लेई (Paste) का प नह ं लेते । यान रहे क


इस लेई म हवा के बुलबुले न हो । आव यकता के अनुसार आसु त जल और मला सकते ह ता क
एक उपयु त पतला घोल बन जाये ।
(ii) काँच क व छ लेट (अथवा माइ ो को पक लाइड) को एक समतल सतह पर
रख कर स लका जेल का घोल लेट पर डाला जाता है । लेट को हाथ म पकड़ कर आगे-पीछे इस
तरह हलाते ह क घोल लेट पर एक प होकर पूर लेट पर फैल जाये ।
(iii) स लका जेल क परत को कमरे के ताप पर सु खाने के प चात ् लगभग 30 म नट
के लए व युत ओवन (electric oven) म 110-1200C ताप पर रखकर सु खा लेते है । इ ह एक
जलशो ष (desiccator) म रखकर ठ डा कर लेते है । अब ये लेट ोमैटो ाफ के लए तैयार
ह ।
2. पतल परत लेट पर म ण का अनु योग (Application of sample on thin
layer plates) : पृथ करण हे तु दये गये म ण (1-2 म. ा.) का कसी उपयु त वलायक (1
म ल.) म वलयन बनाकर एक व छ के शका नल क सहायता से TLC लेट पर ब दु (spot)
लगाते है । यह ब दु TLC लेट के नीचे वाले कनारे से लगभग 1-2cm ऊपर लगाया जाता है
। ब दु लगाते समय यह यान रहे क ब दु फैल कर अ धक बड़ा न हो जाये।
3. ोमैटो ाम को वक सत करना (Development of chromatogram)- TLC
लेट पर लगे पदाथ के ब दु को सु खा कर इसे काँच के जार म खड़ा कया जाता है । इस जार म
उपयु त वलायक का म ण रखा रहता है। य द TLC लेट काँच क माइ ो को पक लाइड पर
बनायी गयी हो तो काँच के जार के थान पर काँच का बीकर भी यु त कया जा सकता है । TLC
लेट को जार म इस तरह रखा जाता है क लेट का नचला कनारा तो वलायक के म ण म डू ब
जाये पर तु ब दु (spot) व क सतह से ऊपर रहे ( च 5) । अब जार को एक काँच क लेट

45
से ढक दया जाता है । जार म पड़ा व म ण धीरे -धीरे TLC लेट पर ऊपर क ओर चढ़ने लगता
है । जब व म ण धीरे -धीरे TLC लेट पर लगभग तीन-चौथाई भाग तक ऊपर चढ़ जाये तो लेट
को जार से बाहर नकाल कर वलायक अ (solvent front) को चि हत कर लेते है । लेट को
बाहर हवा म सु खा लेते है ।

च 5 : ोमैटो ाम को वक सत करना ।
4. पृथक हु ए पदाथ क पहचान करना (Identification of separated
substances)- म ण के अवयव य द रं गीन हो तो लेट पर पृथक हु ए ब दु भी रं गीन ह गे तथा
लेट पर प ट प से अलग-अलग दखाई दगे । य द पदाथ रं गह न हो तो पृथक हु ए ब दुओं क
ि थ त को या तो पैरा-बगनी (U.V.) काश म दे खा जा सकता है या लेट को आयोडीन-क म रख
कर दे खा जाता है । कभी-कभी ऐसी ि थ त मे लेट पर सा H2SO4, ननहाइ न, से रक स फेट,
फे रक लोराइड आ द के फुहार (spray) करके ब दु प ट दखाई दे ने लगते ह ।
5. Rf मान क गणना करना (Calculation of Rf values)-Rf मान वा तव म
वलायक व वलेय के संचलन क आपे क दर को कट करते ह ।
इस कार,
पदाथ वारा तय क गई दूर
Rf =
वलायक वारा तय क गई दूर

अवयव A के लए Rf =
dA
dS
dB
अवयव B के लए Rf =
dS

46
च 6 : दो अवयव के म ण का ोमैटो ाम ।

4.9 योग 1 - मे थल ऑरज तथा मे थल न लू के म ण को पतल


परत ोमेटो ाफ (TLC) वारा पृथक करना ।
आव यक उपकरण व अ भकमक : स लका जेल-G, काँच क लेट (अथवा काँच क लाइड),
ढका हु आ काँच का जार (अथवा बीकर), के शका नल , साइ लोहे सेन, ए थल ऐसीटे ट (अ य वलायक
जैसे - बजीन, CCl4, CHCl3 आ द भी यु त कये जा सकते है ), मे थल ऑरज, मे थल न लू (अ य
ऐजोरं जक जैसे ऐजोबजीन, p-मेथॉ सी ऐजोबजीन, सू डान पीत, सू डान लाल, p-ऐ मनो ऐजोबे जीन,
ऐ नल न पीत आ द)
वध :
स लका जेल-G क लेई बनाकर इसे व छ काँच क लेट पर फैला दो । इसे हवा म सुखाकर
व युत ओवन म 110-120 C ताप पर लगभग आधे घ टे के लये रख दो । पृथक
0
प से दोन
रं जक के लगभग 1% बजीन म वलयन बना लो। दोन रं जक के वलयन आपस म मलाकर एक
रं जक के म ण का वलयन भी बनाओ । इस कार तीन रं जक वलयन बन जायगे । मे थल ऑरज
का वलयन (A), मे थल न लू का वलयन (B) तथा दोन रंजक के म ण का वलयन (A+B) ।
अब तीन के शका नल लो । एक क सहायता से रंजक (A) का ब दु TLC लेट पर लगाओ । दूसर
के शका नल से रं जक (B) का ब दु तथा तीसर के शका नल से रं जक म ण (4 फ़ 8) का ब दु
1 टइ लेट पर लगाओ । यान रहे क तीन ब दु समान ऊँचाई पर लगाये जाय तथा इनके म य
पया त दूर रहे । यह नोट कर ल क कौन सा ब दु कस रंजक से स बि धत है । जब लगाये गये
रं जक के ब दु सू ख जाय तो इस TLC लेट को काँच के जार (अथवा बीकर) म इस कार खड़ा कर
दे ते ह ता क लेट पर लगी स लका जेल का नीचे वाला कनारा तो वलायक म ण म डू ब जाये पर तु
रं जक के ब दु वलायक म ण को न छूएँ ( च 8.2) । जार को कसी काँच क लेट से ढ़क दो।
अब वलायक म ण धीरे -धीरे स लका जेल क परत पर ऊपर क ओर चढ़ता हु आ दखाई दे गा ।

47
जब वलायक-अ (solvent-front) TLC लेट पर लगभग तीन-चौथाई भाग तक ऊपर चढ़ जाये
तो TLC लेट को जार से बाहर नकाल कर वलायक-अ को चि हत कर लो । लेट को हवा म
सु खा लो । रंजक के म ण वाला ब दु (A + B) अब दो ब दुओं म पृथक हो चु का होगा । एक
ब दु रं जक A का होगा तथा दूसरा रं जक B का होगा ।

च 7 : दो रं जक (4 तथा 8) के लए वक सत ोमैटो ाम ।
दोन रं जक के लए Rf मान क गणना करके तथा मानक से तुलना करके उनक पहचान
पृथ करण एवं शु करण कया जा सकता है ।

4.10 योग 2 - हर पि तय (पालक क पि तय ) म उपि थत वणक


को पतल परत ोमेटो ाफ (TLC) वारा पृथक करना।
आव यक उपकरण व अ भकमक- स लका जेल-G काँच क लेट (अथवा काँच क लाइड),
ढ़का हु आ काँच का जार (अथवा बीकर), के शका नल , ताजी पालक क पि तयाँ (अथवा अ य हर
पि तयाँ), ऐसीटोन, पे ो लयम ईथर (600-800C), बीकर।
वध :
10 ाम पालक क ताजी पि तय को पीस कर उसम 40 cm3, ऐसीटोन म मलाकर पीस
ल। ा त लु द को छान ले तथा फ ट रत को लगभग 1 cm3, वलयन रहने तक वाि पत कर ल।
के शका नल वारा इस गाढ़े व को TLC लेट पर लगा द । एक काँच के जार म पे ो लयम ईथर
(60-80 C) तथा ऐसीटोन को म ण (9 : 1) डाल द । TLC लेट पर लगे वणक ब दु (pigment
0

spot) को सु खा कर लेट को वक सत करने के लए काँच के जार म खड़ा कर दो । यान रहे क


वणक ब दु वलायक म ण क सतह से ऊपर रहे । जार को ढ़क द । वलायक म ण धीरे -धीरे ऊपर
क ओर बढ़ने लगेगा । जब वलायक-अ TLC लेट क लगभग तीन-चौथाई ऊँचाई तक पहु ँच जाये
तो लेट को जार से बाहर नकाल कर वलायक अ (solvent front) को चि हत कर लो । TCL

48
लेट को हवा म सु खा लो। व भ न काश-सं लेषी वणक TLC लेट पर अलग-अलग ब दुओं के प
म पृथक हो जाते है । न न सू वारा व भ न ब दुओं के लए Rf क गणना करो ।
वणक ब दु वारा तय क गई दूर
Rf =
वलायक अ वारा तय क गई दूर

च 8 : हर प ती के वणक का वक सत ोमैटो ाम ।
पेपर ोमैटो ाफ (Paper Chromatography) :
पेपर ोमैटो ाफ म फ टर पेपर का उपयोग अ धशोषक के प म कया जाता है । जल
अथवा काब नक वलायक म पृथ करण हे तु यु त म ण तथा उसम उपि थत पदाथ के सा
वलयन बनाते ह । अब इन वलयन का फ टर पेपर पर उपयु त थान पर एक छोटा ध बा (spot)
के शका नल वारा रखते है तथा इसे शु क कर लेते है । फ टर पेपर क कोर (edge) डेवलेपर म
इस कार रखी जाती है क िजस थान पर तदश (sample) फ टर पेपर लगाया गया है वह डेवलेपर
म ने डू बे । वलायक के शका या (capillary action) वारा ऊपर क तरफ चढ़ता है तथा अपने
साथ व भ न अवयव को उनके वभाजन गुणांक के अनुसार भ न- भ न ग तय से ऊपर ले जाता
है। जब वलायक ऊपर सरे पर पहु ँच जाता है तो उस थान को नोट कर लेते है । इसके उपरा त
फ टर पेपर को बाहर नकाल कर गम वायु म सु खाते ह तथा कसी उपयु त अ भकमक क फुआर
डालकर या आयोडीन क म रखकर म ण म से वभ त हु ए अवयव क पहचान कर लेते है ।
यद ोमैटो ाम (chromatogram) को ऊपर क दशा म डेवलप कया जाता है तो उसे
आरोह (ascending development), नीचे क ओर डेवलप कया जाय तो अवरोह डेवलपन
(descending development) कहते है।
इन दोन कार के डेवलपन म, कसी एक डेवलपर के लए, वलेय एक नि चत दूर तक
चलेगा, और यह दूर वलायक वारा चल गयी दूर के समानुपाती होगी । इस कार येक वलेय

49
के लए एक ि थरांक होता है, िजसे उसका Rf मान कहते है । यह उस वलेय का, उस वलायक वशेष
के लए अ भला णक होता है ।
वले य वारा चल गयी दूर
Rf=
वलायक वारा चल गई दूर

Rf मान क सहायता से कसी म ण म उपि थत व भ न घटक क पहचान क जा सकती


है । Rf का मान कभी एक से अ धक नह ं होगा । जब Rf का मान 0.90 से कम होता है तब पृथ करण
अ धक प ट ा त होता है ।

4.11 योग 3 - पेपर ोमैटो ाफ वारा ऐमीनो अ त के म ण (फे नल


ऐला नन एवं लाइसीन के म ण) का पृथ करण करना एवं पहचान
करना :
उपकरण (Apparatus) : (i) ोमैटो ाफ चै बर (Chromatographic chamber),
(ii) वॉटमैन फ टर पेपर मांक 1 या 3
(iii) के शका न लयाँ या स रंज (syringe) ।
अ भकमक (Reagents) : (i) लाइसीन तथा फे नल ऐला नन तथा इनके म ण का सा
वलयन ।
(ii) छड़काव अ भकमक (Spraying reagent) : ननहाइ न का 0.1-0.2% ऐ कोहॉल य
वलयन ।
(iii) डेवलपर : n- यूटेनॉल, लैशल ऐसी टक अ ल तथा आसु त जल को 4:1:5 के अनुपात
म मलाकर बनाया गया वलयन।
व ध (Procedure) : वॉटमैन फ टर पेपर को आयताकार (30-50 सेमी  3.5 सेमी)
प म काट लो । इसके एक सरे से 2-3 सेमी पर प सल के वारा एक रे खा खींचो । इस रे खा पर
दो छोटे -छोटे वृ त बनाओ , िज ह न न कार से चि नत करते है ।
G- लाइसीन
P- फे नल ऐला नन
V- वैल न

च 9. ोमैटो ाम

50
येक ऐमीनो अ ल तथा इनके म ण का सा वलयन बनाकर इन वलयन क एक बूँद
को इनके लए चि हत वृ त म के शका नल अथवा स र ज क सहायता से डालो ! इन बूँद को गम
वायु वारा सु खाओ । इसके लए हे यर ायर का उपयोग भी कया जा सकता है । डेवलपर से भर
एक रैक को ोमैटो ाफ चै बर म रखते है तथा कुछ समय के लए इस चै बर को ब द कर दे ते है
। अब फ टर पेपर को आरोह अथवा अवरोह डेवलपन व ध के अनुसार चि हत सरे को डेवलपर
रखी हु ई रैक म इस कार रखो क प सल क रे खा व म न डू बे । जब डेवलपन दूसरे सरे तक पहु ँ च
जाय तो फ टर पेपर को चै बर से नकालकर शु क कर लो ।
फ टर पेपर पर डेवलप क गयी सतह को चि हत करो । फर इसके ऊपर 0.1-0.2%
ननहाइ न के ऐ कोहॉल य वलयन का छड़काव करो । अ त म फ टर पेपर को 80-900C पर ओवन
म रखकर शु क करो, दोन पदाथ के ब दु प ट दखलाई दे ने लगते है ।
येक एमीनो या अ ल, अ ल के म ण तथा वलायक वारा चल गई दूर को माप लेते
है ।
े ण (Observation)-क का ताप ..........0C
डेवलप म लगा समय..........
प रकलन (Calculation)-
ऐमीनो अ ल वारा चल गयी दूर
Rf=
वलायक वारा चल गई दूर

येक शु एमीनो अ ल के लए तथा म ण म येक एमीनो अ ल के लए Rf मान का


प रकलन करो।
प रणाम (Result)- दये हु ए म ण म न न ऐमीनो अ ल उपि थत है:
अ ात पदाथ म व यमान ऐमीनो अ ल या अ ल क पहचान ात ऐमीनो अ ल वारा
चल गई दूर से तु लना करके क जा सकती है।

4.12 योग 5 - पेपर ोमेटो ाफ वारा डी-गेले टोस एवं डी- ु टोस का
पृथ करण करना तथा पहचान करना :
उदाहरण (Apparatus) : (i) ोमैटो ाफ चै बर,
(ii) वॉटमैन फ टर पेपर मांक 1 या 3
(iii) के शका न लयाँ या स रंज ।
अ भकमक (Reagents) : (i) डी-गेले टोस एवं डी- टोस तथा इनके म ण का वलयन ।
(ii) डेवलपर (Developer) : n- यूटेनॉल, पर डीन तथा आसु त जल को 6 : 4 : 3 के अनुपात
म मलाकर बनाया गया वलयन।
(iii) छड़काव वलयन (Spraying solution)-ऐ नल न हाइ ोजन थेलेट का 0.01% वलयन।
व ध (Procedure) : ोमैटो ाफ चै बर के आकार के अनुसार आयताकार वॉटमैन फ टर
पेपर लेते है । फ टर पेपर के एक सरे से 2-3 सेमी पर एक सीधी रे खा प सल से खींचते है । इस
रे खा पर तीन छोटे -छोटे वृ त बनाओ या पेि सल से नशान तथा उ ह न न कार से चि नत करो।
G-गेले टोस

51
F- टोस
M- म ण
दोन काब हाइ े स तथा उनके म ण के वलयन को के शका नल वारा उपयु त चि हत
थान पर रखकर शु क करो। त प चात फ टर पेपर को आरोह डेवलपन तकनीक के अनुसार, चि हत
सरे को डेवलपर म इस कार डु बाओ क प सल क रे खा डेवलपर से बाहर रहे । जब डेवलपर फ टर
पेपर के दूसरे सरे के नजद क पहु ँच जाये तो फ टर पेपर को चै बर से बाहर नकालकर सु खा लो
। फ टर पेपर पर डेवलप हु ई सतह को प सल से चि हत करने के उपरा त इस पर छड़काव वलयन
क फुहार डालो । अ त म फ टर पेपर को ओवन म 1100C पर शु क करो िजससे म ण के अवयव
के ब दु प ट हो जाते है ।
शु शकरा तथा म ण म शकरा के डेवलप हु ए ब दुओं को चि हत करके इनके वारा तय
क गई दूर को माप लो।
म ण के घटक को पृथक प से ा त करने के लए इन ध ब को काटकर अलग-अलग
वलायक म वलेय करते है। वलायक को वा प वारा पृथक् करने पर शु पदाथ ा त होता है ।
े ण (Observation)-
क का ताप =.......... 0C
धारण समय (डेवलपन म लगा समय) =........... घ टे
ारि भक ब दु के म ण म ब दु के के से वलायक
के से म ण म वारा चल
गई दूर
मांक शकरा काब हाइ ेट वारा चल काब हाइ ेट वारा चल गई
गई दूर दूर
1. गैले टोस
2. टोस
प रकलन (Calculation)-
येक काब हाइ ेट वारा चल गयी दूर
Rf=
वलायक वारा चल गई दूर
े के लए Rf का मान प रक लत करते ह ।
येक काब हाइ ट
प रणाम (Result)- शु काब हाइ ेट के Rf मान का म ण म काब हाइ ेट के Rf मान से
तु लना करके इनक म ण म उपि थ त को ात कया जाता है ।
मांक काब हाइ ेट म ण म Rf मान शु काब हाइ ेट का Rf मान
1. गैले टोस
2. टोस

4.13 श दावल (Glossary) :


वणलेखी  Chromatography
सरल आसवन  Simple Distillation

52
पृथ करण  Separation
उ वपातन  Sublimation
ि थर वाथी म ण  Azeotropic Mixture

4.14 संदभ ंथ (Reference Books) :


1. Elementary Practical Organic Chemistry, Vol. I &II by Vogel.
2. Advanced Practical Organic Chemistry, J. Leonard, B. Lygo & G. Procter.
3. Comprehensive Practical Organic Chemistry by V.K. Ahluwalia and S.
Dhingra.
4. Advanced Practical Organic Chemistry by F.G. Mann and B.C. Saunders.

53
इकाई 5
दो ठोस अवयव यु त काब नक म ण का गुणा मक व लेषण:
म ण का पृथ क करण एवं दोन अवयव क पहचान
(QUALITATIVE ANALYSIS OF AN
OPGANICMIXTURECONTAINING TWO
SOLIDCOMPONENTS: SEPERATION OF
MIXTURE AND IDENTIFICATION OF TWO
COMPONENTS)

इकाई क परे खा
5.0 उ े य
5.1 तावना
5.2 म ण को पृथ करण
5.3 ारि भक पर ण
5.4 त व के पर ण
5.5 वग एवं या मक समू ह का पर ण
5.6 ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म - काबन एवं हाइ ोजन यु त यौ गक
(काब ि स लक अ ल)
5.7 ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म C, H एवं N यु त यौ गक
5.8 ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म C, H एवं हैलोजन यु त यौ गक
5.9 नाइ ोजन या ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म C, H एवं S यु त यौ गक
5.10 श दावल
5.11 संदभ थ

5.0 उ े य (Objectives) :
काब नक यौ गक क पहचान उन व धय के वारा नह ं क जा सकती है, िजनके वारा
अकाब नक यौ गक का पर ण कया जाता है । इसका मुख कारण है दोन कार के यौ गक क
कृ त म व भ नता । अकाब नक यौ गक म ाय: वै युत संयोजक ब ध (electrovalent bond)
होता है इस लए ये जल म घुलकर आयन ( ार य व अ ल य मू लक) दे ते ह । वलयन म उपि थत
इन आयन का पर ण एक मब (systematic) णाल के अनुसार करके अकाब नक यौ गक क
पहचान हो जाती है । काब नक यौ गक म ाय: सहसंयोजक ब ध (covalent bond) होता है, इस लए
54
ये जल म कम वलेय होते ह और य द वलेय होते भी ह तो आयन नह ं दे ते ह । इस लए आयन
के पर ण क सहायता से काब नक यौ गक क पहचान नह ं क जा सकती है।

5.1 तावना (Introduction) :


काब नक यौ गक क पहचान उनके भौ तक व रासाय नक गुण का अ ययन करके क जाती
है । ये गुण मु य प से यौ गक म उपि थत या मक मू लक पर आधा रत रहते ह । इन गुण का
अ ययन एक दूसरे कार क मब योजना के अनुसार कया जाता है । इस योजना के अनुसार न न
पद का अनुकरण कया जाता है :
(i) ारि भक पर ण (Preliminary Examination)
(ii) ऊ मा का पर ण (Action of Heat)
(iii) त व का पर ण (Detection of Elements)
(iv) या मक समू ह का पर ण अथवा वग ात करना (Detection of Functional
Group or Class Determination)
(v) वथनांक (Boiling Point) अथवा गलनांक (Melting Point) ात करना
(vi) व श ट पर ण (Specific Tests)
(vii) यु प न बनाना (Preparation of Derivative)
उपयु त पर ण क अपनी अलग-अलग मह ता है इस लए कसी भी पर ण को छोड़ा नह ं
जा सकता है । इ ह म म करना चा हए । व भ न पद (steps) क मह ता का वणन आगे कया
गया है ।
य द एकल काब नक यौ गक के थान पर दो काब नक यौ गक से बना म ण दया गया
हो तब म ण के अवयवी काब नक यौ गक क पहचान करने के लए म ण को पहले उसके घटक
(दो काब नक यौ गक) म पृथक कया जाता है । इन घटक क पहचान एकल काब नक यौ गक के
समान उपयु त पद का अनुकरण करके क जाती है ।

5.2 म ण का पृथ करण (Separation of Mixture) :


काब नक म ण का गुणा मक व लेषण करने के लए उसे उसके घटक म पृथक कया जाता
है । यह काय एक मब योजना के अ तगत बड़ी सावधानी से करना चा हए । ठोस वअंगी म ण
का पृथ करण ाय: न न योजना के अनुसार कया जाता है -
(i) ठं डे जल से पृथ करण
(ii) सो डयम बाइकाब नेट से पृथ करण
(iii) सो डयम हाइ ॉ साइड रो पृथ करण
(iv) हाइ ो लो रक अ ल से पृथ करण
(v) काब नक वलायक से पृथ करण ।
(i) जल के वारा पृथ करण - यह व ध तब अपनायी जाती है जब म ण का एक घटक जल
म घुलनशील होता है। इसके लए एक परखनल म थोड़ा-सा म ण और 5 मल जल (1 : 3 या
1 : 4 का अनुपात) लेकर हलाओ और वलयन के रं ग तथा म ण क मा ा का नर ण करो ।

55
य द म ण क मा ा म कमी हो जाती है तब यह न कष नकाला जा सकता है क म ण का एक
घटक जल म वलेय है । यह आभास होने पर क म ण का एक घटक जल म घुलनशील है , इस
वलयन को छानी और छ नत को वाच लास (watch glass) म एक त करके जल-ऊ मक पर
शु क करण तक गरम करो । य द वाच लास पर कोई ठोस अवशेष ा त होता है तब यह न कष
नकलता है क म ण का एक घटक जल म घुलनशील है और म ण का पृथ करण जल क सहायता
से करना चा हए । यह न चय करने के बाद क म ण का एक घटक जल म घुलनशील है, म ण
क अ धक मा ा (लगभग 2 ाम) को जल क उपयु त मा ा के साथ एक अ य परखनल या शं वाकार
ला क या बीकर म लेकर खू ब हलाओ और छानो । छ नत के वाच लास या पो सलेन याल म
एक त करो । अवशेष को एक-दो बार जल क थोड़ी-सी मा ा से धोओ और इस धोवन को भी उसी
याल या वाच लास म एक त करो और इसे जल-ऊ मक पर रखकर शु क करण तक गरम करो
। फ टर प पर ा त हु ए अवशेष को धोकर फ टर प को क प म से बाहर नकालो और शु क
फ टर प के बीच म दबाकर सु खाओ।

जल के वारा डाइबे सक अ ल, पॉल बे सक अ ल, हाइ ॉ सी अ ल, पॉल हाइ ॉ सी फ नॉल,


काब हाइ ेट, ऐमीनो अ ल, ऐमाइड, ऐमीन, यू रया आ द घटक का पृथ करण कया जाता है ।
(ii) सो डयम बाइकाब नेट से पृथ करण - य द म ण म जल म अ वलेय अ ल उपि थत है तब
इसका पृथ करण NaHCO3 वलयन के वारा करना चा हए । घुलनशील अ ल NaHCO3 के साथ
CO2 गैस तु र त व ती ता से उ प न करते ह तथा अघुलनशील अ ल CO2 गैस के बुलबुले धीरे -धीरे
उ प न करते ह ।
एक परखनल म सो डयम बाइकाब नेट का 3-4 ml संत ृ त वलयन लेकर उसम म ण क
थोड़ी सी मा ा (लगभग 0.25 ाम) मलाओ और हलाओ । हलाने क या तब-तक करो जब तक
क CO2, गैस क बुदबुदाहट ब द न हो जाय। इसे छानो और छ नत को बीकर म एक त करो ।
छ नत को तनु HCl डालकर अ ल कृ त करो । अ वलेय अ ल अव े पत हो जायेगा । अव ेप को छानकर
पृथक करो और सू खे फ टर प के बीच म दबाकर सु खाओ । सो डयम बाइकाब नेट म अ वलेय अवशेष
को पहले थोड़े-से NaHCO3 वलयन से धोओ और फर 2-3 बार जल से धोओ ।

56
(iii) सो डयम हाइ ॉ साइड से पृथ करण - य द म ण म अ वलेय फनॉल उपि थत है तो इसका
पृथ करण NaOH वलयन से करना चा हए । एक परखनल म म ण क थोड़ी-सी मा ा (2 ाम)
लेकर इसे 2-3 ml NaOH(2N) के साथ खू ब हलाओ और छानो । न य द म सा HCl डालकर
उसे अ ल य बनाओ । अ वलेय फनॉल अव े पत हो जायेगा । अव ेप को छानकर पृथक करो और
जल से धोओ । फर इसे सूखे फ टर प के बीच म दबाकर सु खाओ।
ार म अ वलेय उ पाद को पहले NaOH क थोड़ी सी मा ा के वारा और फर जल से 2-3
बार धोओ।

(iv) तनु हाइ ो लो रक अ ल के वारा पृथ करण- यह व ध तब अपनायी जाती है जब म ण


म अ वलेय ऐमीन उपि थत हो ।
एक परखनल म म ण क थोड़ी-सी मा ा (0.25 ाम) लेकर उसम 2-3 ml तनु HCl डालो
और खू ब हलाओ । इसे छान और छ नत को तनु NaOH से ार य करो, उपि थत यौ गक अव े पत
हो जायेगा । अव ेप को छानो, धोओ और सु खाओ । अ ल म अ वलेय भाग को पहले तनु HCl के
साथ और फर 2-3 बार जल के साथ धोओ । इसे फ टर प के बीच म रखकर सु खाओ ।

57
5.3 ारि भक पर ण (Priliminary Tests) :
ारि भक पर ण से यौ गक क सामा य कृ त का बोध होता है । कभी-कभी इन पर ण
के वारा यौ गक म उपि थत त व तथा या मक समूह का भी ान हो जाता है । इसम न न गुण
से स बि धत पर ण कये जाते ह :
1. भौ तक अव था (Physical state)
2. रं ग (Colour)
3. ग ध (Odour)
4. वलेयता (Solubility)
5. तापीय तथा जलन या (Action of heat and ignition)
6. गलनांक तथा वथनांक (Melting point and boiling point)
1. भौ तक अव था (Physical state) - काब नक यौ गक क पहचान करने म उसक
भौ तक अव था (ठोस या व) का ान वशेष मह वपूण है ।
य द पदाथ ठोस है तो यह दे खना चा हए क वह टल य (crystalline) है अथवा
अ टल य (amorphous) है, य क टल के आकार से इसक पहचान करने म सहायता मलती
है । उदाहरणाथ, ऑ से लक अ ल, टाट रक अ ल, स क अ ल, यू रया, चीनी, लोरल हाइ ेट आ द
के रं गह न टल होते है, सै ल स लक अ ल तथा थै लक अ ल के सु ई के आकार (needle shaped)
के टल होते है, हाइ ोि वनोन के सफेद सू ई के आकार के टल होते है, ऐसीटै माइड के आ ता ाह
(hygroscopic) टल होते ह, ने थल न के टल य प होते ह, पायरोगैलोल के रं गह न सुई
के आकार के टल होते है, लू कोस रंगह न टल य चूण तथा टाच अ टल य (amorphous)
ठोस होता है ।
बहु त से काब नक यौ गक व अव था म होते ह । वशेषतया जब वे अ वलेय होते ह तो उनका
घन व (density) तथा गाढ़ापन (viscous nature) उनक पहचान करने म अ धक सहायक स
होते ह ।

58
बजीन ह क होने के कारण पानी के साथ ऊपर सतह पर रहती है तथा ऐ थल ोमाइड,
ए थल न लोराइड, लोरोफाम, काबन-टे ा- लोराइड आ द भार होने के कारण नचल सतह म रहते
ह । लाइकॉल तथा ि लसरॉल गाढ़े व (viscous liquids) है।
2. रं ग (Colour) - काब नक पदाथ के रं ग से भी कभी-कभी यह ान हो जाता है क
वह कस वग (class) का यौ गक है । यह इस त य पर नभर करता है क यौ गक म कौन-सा त व
(element) तथा ब धन (bonding) उपि थत है । काबन, हाइ ोजन तथा ऑ सीजन के संयोग से
बने अ धकांश काब नक यौ गक रं गह न होते ह । साधारणत: नाइ ोजन वाले यौ गक रं गीन होते है,
जैसे नाइ ो यौ गक पीले (yellow), ऐजो यौ गक (azo compound) गहरे पीले अथवा नारं गी (dark
yellow or organe) होते ह । ऐरोमै टक ऐमीन तथा फ नॉल ारि भक अव था म रं गह न होते ह,
पर तु कुछ समय तक रखे रहने पर गुलाबी अथवा गहरे भू रे रं ग के हो जाते ह । ऐसीटैमाइड, यू रया
जैसे कु छ नाइ ोजन यु त यौ गक रं गह न भी होते ह । कुछ काब नक यौ गक क अव था तथा रग
सारणी-1 म दये गये ह ।
सा रणी-1 काब नक यौ गक के व श ट रं ग
1. रं गह न ठोस अ ल जैसे-सि स नक, स क, ऑ से लक एवं
(Colorless Solids) टाट रक, ए टर जैसे-मे थल ऑ सलेट, फे नल
बे ज़ोएट, काब हाइ ेट जैस-े चीनी, लु कोस तथा लोरो
यौ गक जैस-े डाइ लोरो बजीन, लोरल हाइ ेट,
नाइ ोजन वाले यौ गक जैस-े ऐसीटै माइड एवं यू रया तथा
साधारण फ नॉल (शु अव था) ।
2. रं गह न व ऐ कोहॉल, ऐि डहाइड, क टोन, ए टर, ऐ लफै टक
(Colourless ऐमीन, ऐ लफै टक अ ल (फा मक, ऐसी टक)
Liquids) लोरोफॉम, काबनटे ा लोराइड, ए थल ोमाइड तथा
न नतर
हाइ ोकाबन आ द ।
3. रं गीन ठोस (i) पीले रं ग से नारं गी-आयोडोफाम, नाइ ो यौ गक
(Coloured Solids) जैसे-डाइ नाइ ोबजीन, नाइ ो फनॉल आ द ।
(ii) रं गह न पर तु रखने पर गुलाबी रं ग के हो जाते
ह, जैसे-फ नॉल, ऐमीन आ द ।
(iii) रं गह न ले कन रखने पर भूरे रं ग हो जाते है ।
जैसे-तृतीयक ने थाइल ऐमीन आ द ।
(iv) भू रा-ऐरोमै टक ऐमीन आ द ।

4. रं गीन व (i) ह के पीले रं ग से नारं गी-नाइ ो यौ गक


(Coloured Liquids) जैसे-नाइ ोबे जीन आ द ।
(ii) लगभग रं गह न से लाल या भू रा-ऐमीन

59
जैसे-ऐ नल न आ द ।
3. ग ध (Odour) - काब नक यौ गक म उपि थत ग ध पहचान म बहु त सहायक
होती है साधारणत: समान ग ध वाले काब नक पदाथ म या मक समू ह भी समान होता है । अ धकांश
काब नक यौ गक क एक वशेष गंध होती है िजसके वारा उनक पहचान आसानी से क जा सकती
है ।
सा रणी-2 काब नक यौ गक क वश ट ग ध
ग ध (Odour) अनुमान (Inference)
1. रोचक (Pleasant) क टोन, ए थल ोमाइड, डाइफे नल
2. फलवत ् (Fruity) ऐमीन ए टर
3. म दरा के समान (Wine like) ऐ कोहॉल
4. व टर ीन (Wine like) मे थल सै ल सलेट
5. काब लक (Carbolic) फ नॉल, सॉल, नै थॉल
6. कड़वे बादाम (Bitter Almonds) बे जेि डहाइड, नाइ ोबे जीन, नाइ ोटॉलूईन
7. सड़े हु ए चू हे जैसी (Mouse like) ऐसीटै माइट
8. मछल जैसी (Fishy) ऐरोमै टक ऐमीन
9. अंतवधी या ती ण (Penetrating) फा मक, ऐसी टक अ ल
10. तीखी (Pungent) ऐि डहाइड जैसे, HCHO, CH3 CHO
11. कपूर जैसी (Camphor like) ऐरोमै टक हैलोजन यौ गक
12. अरोचक (Unpleasant) ऐ लफै टक हैलोजन यौ गक,  -नै थाइल ऐमीन
13. ककड़ी जैसी (Cucumber like) लोरल एवं लोरल हाइ ेट
14. सरके जैसी (Vinegar like) ऐसी टक अ ल
15. ऐरोमै टक (Aromatic) बे जीन, टॉलू ईन
16. ग धह न (Odourless) ठोस अ ल जैसे काब से लक अ ल, काब हाइ ेट
ि लसरॉल, यू रया, थायोयू रया
4. वलेयता (Solubility) - काब नक पदाथ क वलेयता उसक पहचान सहायता करता
है । अ धकांश यौ गक क वलेयता जल म अथवा काब नक वलायक जैस-े ऐ कोहॉल, ईथर, बे जीन
आ द म दे खी जाती है । वलेयता नधारण क व ध न नानुसार है -
मू ल पदाथ क अ प मा ा (0.2 ाम य द ठोस है अथवा चार या पाँच बूँद य द व है) म
2 अथवा 3 मल आसु त जल या शु काब नक वलायक (Pure organic solvent) मलाकर हलाते
ह । य द अ वलेय (soluble) रहता है तो ह का सा गम करके भी दे खते ह । इससे वलेयता का ान
हो जाता है । सारणी-3 म काब नक पदाथ क पानी म वलेयता द गई है ।
सा रणी-3 : काब नक यौ गक क वलेयता
वलायक काब नक यौ गक
(Solvent) (Organic Compound)

60
1. ठ डे जल म वलेय ठोस / व ऐ लफै टक अ ल (फा मक, ऐसी टक, ऑ से लक
(Soluble in cold स क, टाट रक), पॉल हाइ क फ नॉल
water-solid/liquid) ( रसॉ सनॉल, ि वनॉल, कैटे कॉल पायरोगैलोल),
यू रया, ऐसीटै माइड, क टोन, काब हाइ ेट,
ि लसरॉल, फ नॉल, ऐसीटे नलाइड तथा लोरल
हाइ ट
े ।
2. गम पानी म वलेय (Soluble in hot सि स नक अ ल, ऐरोमै टक अ ल, बे जऐमाइड
water)
3. पानी म अ वलेय (Insoluble in ऐरोमै टक हाइ ोकाबन जैसे- नै थल न,
water) ऐरोमै टक नाइ ो यौ गक जैस-े डाइनाइ ो बे जीन,
ऐरोमै टक ऐमीन
4. अ वलेय तथा पानी से ह के काब नक बे जीन, टॉलू ईन तथा ए टर आ द
व (पानी पर तैरते है) (Organic
Liquids insoluble and lighter
than water-floats in water)
5. अ वलेय तथा पाना से भार काब नक लोरोफॉम, काबन टे ा लोराइड, यूटेनॉल बेि जल
व (पानी क तह से नीचे रहते ह) ऐ कोहॉल, बजएि डहाइड, लोरो, ोमो एवं
(Organic liquids insoluble but नाइ ोबे जीन
heavier than water-sinks in
water)

5.4 त व का पर ण (Detection of Elements) :


काब नक यौ गक म त व क पहचान करना अ य त आव यक है । इसके ान से यह ात
होता है क दया हु आ पदाथ कस वग का है । उदाहरणाथ - य द दये हु ए यौ गक म नाइ ोजन है
तब यौ गक उस वग का होगा िजसम काबन, हाइ ोजन, नाइ ोजन के साथ ऑ सीजन क उपि थ त
या अनुपि थ त हो सकती है । अत: दये हु ए यौ गक म केवल उपयु त वग के ह यौ गक के लए
पर ण करना चा हए । इस पर ण को अ य त सावधानी से करना चा हए । ु ट से ठ क प रणाम
ा त नह ं ह गे ।
येक काब नक यौ गक म काबन और हाइ ोजन क उपि थ त मान ल जाती है ।
काबन तथा हाइ ोजन का पर ण -
काबन तथा हाइ ोजन का पर ण न न वध वारा कया जाता है ।
स ा त - जब कसी काब नक यौ गक को कसी ऑ सीकारक पदाथ, जैसे - क पर ऑ साइड
(CuO) चू ण के साथ गरम कया जाता है तब यौ गक म उपि थत सम त काबन तथा हाइ ोजन
ऑ सीकृ त होकर मश: काबन डाइऑ साइड तथा जल बनाते ह । काबन डाइऑ साइड क पहचान
चू ने के पानी वारा तथा जल क पहचान नजल CuSO4 के वारा कर ल जाती है ।

61
च : काबन और हाइ ोजन क पहचान
व ध - एक कड़े काँच क परखनल म काब नक पदाथ तथा CuO का चूण लेकर च 4 के अनुसार
उपकरण तैयार करो । परखनल को खू ब गरम करो । य द यौ गक म काबन है तो चू ने का पानी दू धया
हो जायेगा और हाइ ोजन होने पर नजल (anhydrous) CuSO4 नीला हो जायेगा ।
यौ गक म उपि थत अ य त व सो डयम धातु से न न रासाय नक अ भ याएँ करते ह ।
(i) नाइ ोजन क उपि थ त म सो डयम सायनाइड बनता है ।
Na + C + N 
 NaCN
(काब नक पदाथ) सो डयम सायनाइड
(ii) स फर क उपि थ त म सो डयम स फाइड बनता है ।
2Na + S 
 Na2S
(iii) नाइ ोजन तथा स फर दोन उपि थत होने पर सो डयम स फोसायनाइड बनता है ।
Na + C + N + S 
 NaCNS
सो डयम स कोसायनाइड
(iv) हैलोजेन के साथ सो डयम हैलाइड बनते ह ।
Na + Cl 
 NaCl
Na +Br 
 NaBr
Na + I 
 NaI
1. नाइ ोजन का पर ण - एक परखनल से 2 मल सो डयम न कष या लैसे वलयन
लो आर इसम 2 मल ताजा फेरस स फेट का संत ृ त वलयन मलाओ । य द कोई हरे रं ग का अव ेप
नह ं आता है तब 1-2 बूँद क NaOH डालो, अ यथा मत डालो । य द काला अव ेप आता है तब
स फर उपि थत है । वलयन को ह का गरम करके ठ डा करो और तनु H2SO4 क कुछ बूँद डालो
। य द वलयन म नीला रं ग उ प न होता है तब नाइ ोजन नि चत प से उपि थत है ।
अभ या - सो डयम न कष म उपि थत सो डयम सायनाइड NaOH (अ भ या म बना
हु आ अथवा बाहर से डाला गया) व FeSO4 से या करके सो डयम फेरोसायनाइड बनाता है ।

62
FeSO4 + 2NaOH 
 Fe(OH)2 + Na2SO4
फेरस हाइ ॉ साइड
(गंदला हरा)
Fe(OH)2 + 6NaCN 
 Na4[Fe(CN)6] + 2NaOH
सो डयम फेरोसायनाइड
सो डयम फेरोसायनाइड फे रक स फेट (जो फेरस स फेट म अशु के प म व यमान रहता
है अथवा फेरस स फेट के H2SO4 वारा ऑ सीकरण से बनता है) से या करके नीले रं ग का फे रक
फेरोसायनाइड बनाता है ।
3Na4[Fe(CN)6] + 2Fe2(SO4)3 
 Fe4[Fe(CN)6]3 + 6Na2SO4
फे रक फेरोसायनाइड (नीला रं ग)
2. स फर का पर ण - (i) एक परखनल म 2 मल सो डयम न कष लेकर बूँद
सो डयम नाइ ोपुसाइड क डालो। य द बगनी रं ग आता है तो यौ गक म स फर उपि थत है ।
Na2S + Na2[Fe(CN)5NO] 
 Na4[Fe(CN)5NOS]
बगनी रं ग
(ii) एक परखनल म 2 मल सो डयम न कष लेकर इसे ऐसी टक अ ल से अ ल य बनाओ ।
अब इसम लेड ऐसीटे ट वलयन क कु छ बूँद डालो । लैड स फाइड का काला अव ेप स फर क उपि थ त
बताता है ।
Na2S + (CH3COO)2 Pb 
 PbS + 2CH3COONa
काला अव ेप
3. नाइ ोजन व स फर का पर ण (जब दोन साथ हो) - सो डयम न कषण (2 मल )
को तनु HCl से अ ल कृ त करके FeCl3 क कु छ बू द
ं े (0.5 मल ) मलाते ह । र त के समान लाल
रं ग दोन क उपि थ त दखाता है ।
3NaCNS + FeCl3 
 Fe(CNS)3 + 3NaCl
फे रकथायोसाइनेट या फे रकस फोसायनाइड
(र त जैसा लाल रं ग)
4. हैलोजेन का पर ण-(i) बेल टाइन पर ण (Beilstein Test)-हैलोजेन के लए यह
सामा य पर ण है । इसके वारा हैलोजेन क उपि थ त का केवल संकेत ह मलता है ।
पर ण के लए साफ ताँबे का तार लो । इसे वाला म तब तक गरम करो जब तक क
यह वाला को हरा रं ग दान करना ब द न कर दे । तार पर अब थोड़ा-सा काब नक यौ गक लगाकर
गरम करो। य द वाला का रं ग हरा हो जाय तब हैलोजेन उपि थत हो सकते है। यह हरा रं ग क पर
के वा पशील हैलाइड के बनने के कारण उ प न होता है । यह पर ण पूण मा णक (reliable) नह ं
है, य क कु छ यौ गक जैसे - यू रया, पर डीन आ द म हैलोजन नह ं होते हु ए भी वाला को हरा
रं ग दान कर दे ते है ।

63
(ii) लसे पर ण - यह पर ण इस बात पर नभर करता है क यौ गक म नाइ ोजन अथवा स फर
उपि थत ह अथवा नह ।ं
(अ) जब नाइ ोजन और स फर अनुपि थत ह - सो डयम न कष (2 मल ) म कुछ बूँद
तनु HNO3 क डालकर ह का गरम करो और स वर नाइ े ट वलयन डालो । य द कोई अव ेप आता
है तो हैलोजन उपि थत है ।
ा त हु ए अव ेप के गुण का अ ययन न न कार से करो -
(a) लोर न – वेत अव ेप, NH4OH म वलेय तथा तनु HNO3 मलाने पर पुन : अव ेप ा त
होता है ।
NaCl + AgNO3  AgCl + NaNO3
वेत अव ेप
AgCl + 3NH4OH  Ag(NH3)2Cl + 2H2O
घुलनशील
Ag(NH3)2 + 2HNO3  AgCl +2NH4NO3
(b) ोमीन-ह के पीले रं ग का अव ेप:अव ेप NH4OH म क ठनता से वलेय होता है और HNO3
मलाने पर अव े पत होता है ।
NaBr + AgNO3  AgBr + NaNO3
AgBr + 2NH4OH  Ag(NH3)2 B r + 2H2O
(c) आयोडीन-पीला अव ेप, जो NH4OH म अ वलेय रहता है ।
NaI + AgNO3  Agl + NaNO3

5.5 वग अथवा या मक समू ह का पर ण (Class Determination


or Tests for Functional Group) :
त व के पर ण क सहायता से यह ात हो जाता है क यौ गक कस वग का है ।
वग I - ऑ सीजन क उपि थ त अथवा अनुपि थ त म काबन व हाइ ोजन यु त यौ गक।
वग II - ऑ सीजन क उपि थ त अथवा अनुपि थ त म काबन, हाइ ोजन व नाइ ोजन यु त
यौ गक।
वग III - ऑ सीजन क उपि थ त अथवा अनुपि थ त म काबन, हाइ ोजन व हैलोजेन (Cl,
Br, I) यु त यौ गक।
वग IV - नाइ ोजन औरा/या ऑ सीजन क उपि थ त या अनुपि थ त म काबन, हाइ ोजन
व स फर यु त यौ गक ।

5.6 वग I - ऑ सीजन क उपि थ त या अनु पि थ त म काबन व


हाइ ोजन यु त यौ गक :
इस वग के अ तगत न न े णय के यौ गक आते है । इनका पर ण इसी म म करना
चा हए ।

64
1. काब ि स लक अ ल
2. फनॉल
3. 3 ऐ कोहॉल
4. ऐि डहाइड
5. क टोन
6. काब हाइ ेट
7. ए टर
8. हाइ ोकाबन
1. काब ि स लक अ ल (Carboxylic Acids) - इनम काब ि स लक समू ह (-COOH)
होता है, िजसक पहचान न न पर ण वारा क जाती है ।
(i) पदाथ क थोड़ी सी मा ा को गीले नीले लटमस पर रखो । लटमस प का रं ग लाल
हो जाता है । ( फनॉल भी यह पर ण दे ते ह ।)
(ii) 2mlसो डयम बाईकाब नेट के संत ृ त वलयन म काब नक यौ गक क सू म मा ा
(0.1-0.2 ाम) डालो । ती ता से बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस उ प न होती है और झाग बनता
ह ।
(iii) यौ गक के ऐ कोहॉल या जल य वलयन म उदासीन FeCl3 क दो बूँद डालो ।
कभी-कभी बगनी, लाल या नीला रं ग उ प न होता है ।
2. फनॉल (Phenols) - ये ऐरोमै टक हाइ ॉ सी यौ गक ह िजनम –OH मूलक ना भक
से जु ड़ा रहता है । ।
(i) ये गीले नीले लटमस को लाल कर दे ते ह ।
(ii) फे रक लोराइड पर ण-पदाथ के जल अथवा ऐ कोहॉल म बने हु ए वलयन के 2
मल म 2-3 बूँद FeCl3 वलयन क डालो । बगनी, नीला या हरा रं ग उ प न होता है ।
C6H5OH + FeCl3  (C6H5O)3Fe + 3HCl
हरा रं ग
[नोट -  -नै थॉल क उपि थ त म एक वेत अव ेप आता है जो बगनी हो जाता है । 
-नै थॉल के साथ एक हरा अव ेप आता है जो वेत म बदल जाता है । हाइ ोि वनोन के साथ एक
हरा-काला अव ेप आता है ।]
पदाथ (50 म. ा.) को लोरोफॉम म वलेय करके उसम 2-3 बू द
ं फे रक लोराइड डालकर
एक बू द पर डीन मलाने पर हरा, बगनी आ द रं ग ा त होते ह । इस पर ण म FeCl3 से यादा
अ छे प रणाम ा त होते ह ।
(iii) ल बरमैन पर ण - फनॉल क सू म मा ा, NaNO2 के 1-2 टल, 2 ml सा
H2SO4 को एक शु क परखनल म लेकर गरम करो । एक गहरा हरा या नीला रं ग उ प न होता है
। जल से तनु करो, लाल रं ग आता है अब NaOH वलयन को अ धकता म डालो । नीला या नीला-हरा
रं ग उ प न होता है ।

65
3. ऐ कोहॉल (Alcohols) - इन यौ गक म हाइ ॉि सल समू ह होता है और ये उदासीन होते
ह ।
(i) से रक अमो नयम नाइ े ट पर ण - दये गए पदाथ के 2 मल म से रक अमो नयम
नाइ े ट क कु छ बूँद डालो। लाल रं ग उ प न होता है
(NH4)2[Ce(NO3)6] + 2OH  [(NH4)2Ce(NO2)5OR)2] + HNO3
से रक अमो नयम नाइ े ट से रक अमो नयम ऐ कॉ सी
(पीला) नाइ े ट (लाल)
[नोट- फनॉल इ ह ं अव थाओं म हरा अव ेप दे ते ह ।]
(ii) दये हु ए व का 1 ml एक शु क परखनल म लो और उसम सो डयम का एक छोटा
टु कड़ा डालो । H2 गैस उ प न होने के कारण बुदबुदाहट होती है ।
(iii) दये हु ए व (1 ml) को एक शु क परखनल मे लो । इसम 1-2 बूँदे ऐसी टल
लोराइड क डालो और गीले नीले लटमस-प को परखनल के मु ँह के समीप लाओ । HCl गैस उ प न
होने के कारण लटमस-प लाल हो जाता है ।
CH3COCl + HOR  CH3COOR + HCl
4. ऐि डहाइड - इसम एक काब नल समू ह होता है जो एक हाइ ोजन परमाणु व एक
ऐि कल या ऐ रल मूलक (R) से जु ड़ा रहता है ।

(i) 2,4-डाइनाइ ोफे नल हाइ ेजीन वलयन 2 मल लेकर उसम दये हु ए पदाथ के
ऐ कोहॉल वलयन क कु छ बूँद डालो और हलाओ । पीला अव ेप आता है । यह पर ण काब नल
समू ह का पर ण है, क टोन भी यह पर ण दे ते ह ।
(ii) शफ अ भकमक पर ण - 2 मल शफ अ भकमक म पदाथ क सू म मा ा डालकर
हलाओ । य द गुलाबी रं ग आता है तो ऐि डहाइड नि चत है ।

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[नोट- वलयन को गरम नह ं करना चा हए अ यथा ऐि डहाइड क अनुपि थ त म भी रं ग आ
जायेगा ।]
(iii) टॉलैन अ भकमक  (Tollen’s reagent) पर ण - 2 मल टॉलैन अ भकमक म
पदाथ क 2-3 बूद या पदाथ का ऐ कोहॉल म बना वलयन डालो और परखनल को 5 मनट तक
जल उ मक म गरम करो । धू सर काला (greyish black) अव ेप या रजत दपण बनता है ।
R –CHO + Ag2O  RCOOH + 2Ag
टॉलैन अ भकमक
(iv) फेह लग वलयन पर ण - एक परखनल म फेह लग वलयन‘अ’और 'ब' को
एक-एक मल मा ा म मलाओ। इसम दये हु ए पदाथ क कुछ बूँद डालो और गरम करो । लाल-भू रा
अव ेप ऐि डहाइड समू ह क उपि थ त दखाता है।
[नोट-ऐरोमै टक ऐि डहाइड यह पर ण नह ं दे ते ह ।]
5. क टोन (Ketone) - इनम एक काब नल समू ह होता है जो दो ऐि कल मूलक या
ऐ रल मू लक से जु डा रहता है ।

(i) क टोन भी 2,4-डाइनाइ ो फे नल हाइ ज


े ीन के साथ पीला अव ेप दे ते है (ऐि डहाइड
से समानता) ।
(ii) सो डयम नाइ ो ु साइड पर ण - 2 मल सो डयम नाइ ो ु साइड म पदाथ क
कु छ बूँद डालकर, NaOH वलयन आ ध य म मलाओ । लाल रं ग आता है जो क ऐसी टक अ ल
से अ ल कृ त करने पर नीला हो जाता है ।

[नोट - ये पर ण वे सभी काब नल यौ गक दे ते है िजनम भाग होता है ।


ऐसीटै ि डहाइड भी यह पर ण दे ता है।]
(iii) मैटा-डाइनाइ ोबजीन पर ण - एक परखनल म सू म मा ा म पदाथ व
मैटा-डाइनाइ ोबजीन चूण लो और इसम NaOH वलयन आ ध य म डालो । बगनी रं ग आता है जो
रखने पर धीरे -धीरे लु त हो जाता है।
[नोट - बजो फनोन यह पर ण नह ं दे ता है ।]
6. काब हाइ ेटस (Carbohydrates) - मो लश (Molish) पर ण - दये हु ए पदाथ
के 1 मल जल य वलयन म 10% ऐ कोहॉल  -नै थॉल वलयन क कु छ बूँद डालो और हलाओ
। अब इसम धीरे -धीरे परखनल क द वार के सहारे 1 ml सा H2SO4 डालो । िजस थान पर दोन
व आपस म मलते ह वहाँ पर लाल-भू रे रं ग क वलय ( रंग) बन जाती है । हलाने पर स पूण म ण
नीला-बगनी हो जाता है ।
7. ए टर (Esters) - इनम RCOOR समू ह होता है, जहाँ R और R ऐि कल या ऐ रल
मू लक हो सकते ह ।

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(i) जल-अपघटन (Hydrolysis) पर ण – 0.5 ाम पदाथ को 2 मल जल अथवा
ऐ कोहॉल म वलेय करो और 1 बूँद NaOH व 1 बूँद फनो थे लन क डालो । गुलाबी रं ग आता
है । अब परखनल को उबलते हु ए जल म 5 मनट तक गरम करो । य द गुलाबी रं ग लु त हो जाता
है तो ए टर समू ह उपि थत है ।
CH3COOC2H5 + H2O 
NaOH
 CH3COOH + C2H5OH
इस पर ण के ार भ म गुलाबी रं ग NaOH के कारण आता है । ए टर के जल अपघटन
से उ प न हु ए अ ल से NaOH उदासीन होता है और गुलाबी रं ग लु त हो जाता है ।
8. हाइ ोकाबन (Hydrocarbon) - य द दया हु आ यौ गक उपयु त कसी भी
या मक मू लक का पर ण नह ं दे ता है तब दया हु आ पदाथ हाइ ोकाबन है । इनम कोई या मक
मू लक नह ं होता है और इनक पहचान गलनांक या वथनांक व यु प न बनाकर क जाती है । ाय:
हाइ ोकाबन सधू म H2SO4 म वलेय होते ह ।

5.7 वग II - ऑ सीजन क उपि थ त या अनु पि थ त म काबन,


हाइ ोजन व नाइ ोजन यु त यौ गक:
इस वग के अ तगत न न े णय के यौ गक आते है :-
1. ऐमाइड (Amides)
2. ऐमीन और ऐ नलाइड
3. नाइ ो यौ गक
1. ऐमाइड (Amides) - इनम ऐमीडो समू ह पाया जाता है । एक
परखनल म पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ गरम करो । अमो नया गैस उ प न
होती है । परखनल के मुहँ के पास गीला नीला लटमस-प लाओ, यह लाल हो जाता है । य द परखनल
के मु ंह पर HCl से भीगी काँच क छड़ ले जाएं तो सफेद धूम बनते ह ।
R-CONH2 + NaOH  RCOONa + NH3
2. ऐमीन एवं ऐ नलाइड (Amines and Anilides) - इसके अ तगत न न यौ गक आते
है :-
(अ) ाथ मक ऐमीन िजसम NH समू ह होता है ।

(ब) वतीयक ऐमीन िजनम समू ह होता है ।


(स) तृतीयक ऐमीन िजनम (  N) समू ह आता है ।
(द) ऐ नलाइड ाथ मक ऐमीन का ऐ सल (ArNHCOCO3) यु प न होता है
(ArNHCOCH3)
(अ) ाथ मक ऐमीन और ऐसीटै नलाइड का पर ण -
(i) का बल ऐमीन पर ण - पदाथ क सू म मा ा को 2-3 बूँद ऐ कोहॉल व लोरोफॉम
और 2 ml KOH के साथ गरम करो । का बल ऐमीन फे नल आइसोसायनाइड के बनने के कारण अ य त
दुग ध उ प न होती है ।

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C6H5NH2 + CHCl3 + 3KOH  C6H5NC + 3KCl + 3H2O
फे नल आइसोसायनाइड
(ii) ऐ नलाइड के लए डाइ ोमेट पर ण - काब नक यौ गक क सू म मा ा लेकर उसम
K2Cr2O7 चू ण क सू म मा ा और 2 ml सा H2SO4 मलाओ । लाल रं ग उ प न होता है जो तुर त
ह लु त हो जाता है ।
(iii) रं जक पर ण (Dye Test) - यह पर ण केवल ऐरोमै टक ाथ मक ऐमीन दे ते है
। 0.2 ाम (या 3-4 बूँद) पदाथ को 1 ml सा HCl म वलेय करो और बफ या ठ डे जल म रखकर
ठ डा करो । इसम 2 मल NaNO2 वलयन डालो और हलाओ (य द पीले रं ग क तेल य बूँद बनती
है तब वतीयक ऐमीन है, य द हरे -भू रे रं ग का अव ेप बनता है तब तृतीयक ऐमीन है) । य द कोई
अव ेप नह ं आता है तब 2 मल ार य  -नै थॉल वलयन डालो । नारं गी या लाल रं ग का रजक
उ प न होता है । यह अ भ या 0-5 C पर स प न करानी चा हए ।
0

C6H5NH2 + HCl  C6H5NH2HCl


ाथ मक ऐमीन

3. नाइ ो यौ गक - ये ाय: ह के पीले या नारं गी होते है । इनमे नाइ ो समूह होता है ।


(i) 2 ml 1 NaOH म पदाथ क सू म मा ा डालो और थोड़ा गरम करो । पीला रं ग
उ प न होता है ।
(ii) नाइ ो समू ह का हाइ ॉि सल ऐमीन यु प न म अपचयन (Mulliken and Barker
Test) - एक परखनल मे 0.2 ाम (या 2-3 बूँद) पदाथ लो । इसम 2 मल ऐ कोहॉल, 0.5 ाम
CaCl2 या NH4Cl और सू म मा ा म 20 चू ण डालो। म ण को 5 मनट तक उबालो और ठ डा
करो । अब म ण को एक परखनल म छानो िजसम क 2 मल टॉलैन अ भकमक रखा हो । धू सर
या काला अव ेप ा त होगा जो क नाइ ो समू ह क उपि थ त दखाता है । यह मु लकन एवं बाकर
पर ण है ।

69
(iii) नाइ ो समू ह का ऐमीनो यु प न म अपचयन (Dye Test) – 0.2 ाम (या 3-4
बूँदे) पदाथ को 2 मल सा HCl म वलेय करो, 2 मल जल और 1 ाम SnCl2 (या दानेदार
ज ते के 2-3 छोटे टु कडे) डालो । अब परखनल को उबलते हु ए जल म 10 मनट तक गरम करो
। छानो और छ नत को बफ के जल म रखकर ठ डा करो । इसम 2 मल NaNO2 वलयन और
कु छ बूँद ार य  -नै थॉल क डालो । लाल, नारं गी अथवा लाल-भू रा अव ेप या वलयन बनता
है जो क यौ गक म नाइ ो समूह क उपि थत सु नि चत करता है ।

5.8 वग III -ऑ सीजन क उपि थ त या अनु पि थ त म काबन,


हाइ ोजन और है लोजेन यु त यौ गक:
ऐ लफै टक काब नक यौ गक म ग तशील (mobile) हैलोजेन परमाणु पाया जाता है, जब क
ऐरोमै टक यौ गक म पाये जाने वाला हैलोजेन परमाणु ग तशील या अग तशील दोन ह कार का
हो सकता है । ग तशील हैलोजेन वह होता है जो पा व खृं ला (side chain) म पाया जाता है जब

70
हैलोजेन परमाणु ना भक (nucleus) से जु ड़ा रहता है तब यह ग तशील नह ं होता है । ग तशील-हैलोजेन
स य होता है ।
ग तशील हैलोजेन का पर ण (Test for Mobile Halogen) – 0.5 ाम पदाथ को 5 मल
ऐ कोहॉ लक KOH के साथ 5 मनट तक गरम करो । ठ डा करके तनु HNO3 से अ ल य बनाओ
और 1 मल AgNO3 वलयन डालो । वेत या पीला अव ेप हैलोजन क उपि थ त म ा त होता
है ।

5.9 वग IV - नाइ ोजन या ऑ सीजन क उपि थ त या अनु पि थ त


म काबन, हाइ ोजन और स फर यु त यौ गक:
(ब) ऑ सीजन क उपि थ त या अनुपि थ त म C, H, S और N यु त यौ गक
1. थायोयू रया (Thiourea) - 2 मल NaOH म यौ गक क सू म मा ा डालकर गरम करो
और ठ डा करके 2 बूँद लैड ऐसीटे ट वलयन क डालो । भू रा या काला अव ेप आता है ।
90  -नै थॉल
118 रसा सनॉल
123  -नै थॉल
133 पाइरोगैलॉल
170 हाइ ोि वनोन
ऐरोमै टक नाइ ो यौ गक
54 o-नाइ ो फनॉल
54 p-नाइ ोटॉ यूइन
60 a-नाइ ोनै थल न
90 m-डाइनाइ ो बजीन
114 p-नाइ ो फनॉल
ऐरोमै टक एमीन
45 p-टॉ यूडीन
ऐ नलाइड
114 ऐसीटै नलाइड
काब हाइ ेट
146 लू कोस
186 सु ोस
203 ले टोस
Decomp. टाच
काबन व हाइ ोजन यु त यौ गक [Compound Containing Carbon and Hydrogen]
1. काब ि स लक अ ल [Carboxylic Acids]
सामा य पर ण (General Tests) - (i) पदाथ गीले नीले लटमस को लाल कर दे ता है ।

71
(ii) 2 ml NaHCO3 वलयन म पदाथ क सू म मा ा डालो । CO2 उ प न होने के कारण
बुलबुले उ प न होते ह।
य द दया हु आ पदाथ उपयु त पर ण दे ता है तब यह न न ठोस अ ल म से कोई एक
हो सकता है ।
ऑ से लक, सि स नक, ऐ ड पक, बे जोइक और थै लक अ ल ।
ठोस (Solids)
ऑ से लक, सि स नक, ऐ ड पक, बे जोइक, थै लक और सने मक अ ल ।
I. ऐ लफै टक II. ऐरोमै टक अ ल, M.P.
ऑ से लक अ ल M.P. 101 C 0
बे जोइक अ ल 1210C
सि स नक अ ल M.P. 1840C थै लक अ ल 195-2130C
सै ल स लक अ ल 1560C
I. स क, ऑ से लक, टाट रक और सि स नक अ ल म वभेद
एक परखनल म सू म मा ा म पदाथ व रे सॉ सनोल लो और उसम 2 मल सा H2SO4
डालो । गरम करके ठ डा करो और परखनल के म ण को एक बीकर म रखे 150 ml जल म डालो
और NaOH आ ध य म मलाओ ।
नारं गी-हरे रं ग कोई तद ि त (Fluorescence) नह ं
क तद ि त स क, ऑ से लक एवं टाट रक अ ल
(Fluorescence) अ ल के उदासीन वलयन म टॉलैन अ भकमक डालकर गरम
सि स नक अ ल करो।
M.P. 1840C रजत दपण कोई रजत दपण नह ं
ऑ से लक या स क अ ल
टाट रक अ ल अ ल के उदासीन वलयन म क कुछ बूद

M.P. 169 C 0
डालो । ठ डे म वेत अव प
े आता ह जो
NaOH म वलेय है । ऑ से लक अ ल
M.P. 1010C
ठ डे म वेत अव ेप नह ं आता है, गरम
करने पर अव ेप आता है जो NaOH म
अ वलेय है ।
स क अ ल
M.P. 1000C
II. बे जोइक, सै ल स लक और थै लक अ ल म वभेद
पदाथ क सू म मा ा को 2 मल जल म वलेय करो और उदासीन FeCl3 क 2-3 बूँद डालो।
बगनी रं ग कोई बगनी रं ग नह ं
बे जोइक या थै लक अ ल हो सकते है ।
सै ल स लक अ ल एक शु क परखनल म पदाथ व रसॉ सनॉल क सू म मा ा लो और कु छ
M.P. 156° C बूँद सा H2SO4 क डालकर गरम करो । ठ डा करके परखनल के पदाथ
72
को एक बीकर म रखे 100 ml जल म डालो । अब इसम NaOH आ ध य
म मलाओ।
कोई तद ि त नह ं नारं गी-हर तद ि त थै लक अ ल
बे जोइक अ ल M.P. 195-213°C
M.P. 121°C
अ ल का उदासीन वलयन बनाना (Preparation of Neutral Solution of Acid) – 0.1 ाम
(या 1 ml) पदाथ लो और इसम NH4OH धीरे -धीरे इतना मलाओ क हलाने के बाद अमो नया क
ग ध आये । इसम कुछ जल डालो और उबालकर अमो नया क अ धकता को दूर करो । इस कार
ा त होने वाला वलयन अ त का अमो नयम लवण है जो उदासीन वलयन के प म यु त होता
है ।
उदासीन FeCl3 वलयन बनाना - 1 मल जल य FeCl3 वलयन म बूँद-बूँद करके इतना
NH4OH डालो क भू रे रं ग का एक ह का थायी अव ेप आ जाये । इसे छानो । न य द (Filtrate)
ह उदासीन FeC।, वलयन है ।
यि ट अ ल के पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL ACIDS]
(अ) ठोस-ऐ लफै टक
M.P. 1000c  वेत, टल य, जल और ऐ कोहॉल म वलेय, ईथर
स क अ ल
म अ प वलेय ( टल य)
( टल य)
(i) अ ल के 1 मल जल य वलयन म 1 मल डे नंग
वलयन (Denige’s solution) डालो और उबालो । अब
इसम 5-6 बूँद तनु KMnO4 वलयन क डालो । बगनी
रं ग लु त हो जाता है और वेत अव ेप आता है
[नोट- डे नंग वलयन बनाने के लए 5 ाम पीला HgO
को 20 मल सा H2SO4 और 100 मल जल के
गरम म ण म वलेय करो । इस वलयन म जल
मलाकर आयतन एक ल टर कर।]
(ii) अ ल के 2 मल उदासीन वलयन म CaCl2 क कु छ
बूँद डालो । ठ डे म कोई अव ेप नह ं आता है । गरम
करो और परखनल क द वार का रगड़ो । वेत अव प

आता है ।
(iii) 0.5 ाम पदाथ को 1 ml सा H2SO4 के साथ गरम
करो । म ण पीला हो जाता है । इसम NaOH डालकर
ार य बनाओ और कुछ बूँद सो डयम नाइ ो ु साइड क
डालो । लाल रं ग आता है जो ऐसी टक अ ल के डालने
पर बगनी हो जाता है ।
(iv) अ ल के जल य वलयन म कुछ बूँद AgNO3 क डालो

73
। एक वेत अव ेप आता है जो NH4OH म वलेय है
(रजत दपण नह ं बनता है)
(v) यह अ ल कृ त KMnO4 को रं गह न कर दे ता है
यु प न-ऐमाइड M.P. 210 C
0

M.P. 1010C  वेत, टल य, जल मे वलेय ।


ऑ से लक अ ल
(i) अ ल के उदासीन वलयन म कुछ बूँद CaCl2 क डालो
।ठ डे म ह वेत अव ेप आता है । यह अव ेप ऐसी टक
अ ल म अ वलेय है ।इस अव ेप को तनु H2SO4 म
वलेय करो और कु छ बूँद तनु KMnO4 क डालो ।गुलाबी
रं ग लु त हो जाता है ।
(ii) 1 ाम अ ल म 2 मल सा H2SO4 डालो और गरम
करो । परखनल के मु ँह पर जलता हु आ कागज लाओ ।
CO गैस के कारण नील लौ उ प न होती है ।
यु प न –
[नोट-यह पर ण क ठनता से आता है।]
169°C  वेत, टल य, जल म वलेय ।
टाट रक अ ल
(i) अ ल के उदासीन वलयन म कुछ बूँद CaCl2 क डालो,
ती ता से हलाओ 5 मनट तक गरम करो । एक वेत
अव ेप आता है जो ऐसी टक अ ल म वलेय है ।
(ii) फे टन पर ण – 0.2 ाम अ ल को 2 मल जल म
वलेय करके इसम 0.1 ाम FeSO4 के टल, 2-3
बूँद H2O2 तथा 2 मल NaOH मलाने पर एक गहरा
बगनी रं ग उ प न होता है ।
(iii) अ ल के उदासीन वलयन म अमो नयामय AgNO3
वलयन क कु छ बूँद डालो । वेत अव ेप आता है ।
परखनल को उबलते हु ए जल म गम करने पर 2-3 मनट
म रजत दपण बनाता है ।
(iv) एक शु क परखनल म पदाथ एवं  - नै थॉल क सू म
मा ाएँ लो और 2-3 बूँद सा H2SO4 क डालो और
उबलते हु ए जल ऊ मक म रखकर गरम करो । हरा रं ग
उ प न होता है जो तनु करने पर पीला हो जाता है ।
(v) अ ल और रे सॉ सनोल क सू म मा ाएँ एक परखनल
म लो और मल सा H2SO4 डालो और गरम करो ।
बगनी रं ग उ प न होता है ।

74
(vi) पदाथ का 1 मल जल य वलयन, 1 मल कोबा ट
नाइ े ट वलयन और 3 मल NaOH वलयन एक
परखनल म लेकर गरम करो । नीला रं ग आता है जो
ठ डा करने पर लु त हो जाता है ।
184 C
0
 वेत, टल य ठोस, जल म वलेय ।
सि स नक अ ल
(i) तद ि त (Fluorescence) पर ण-एक शु क
परखनल म 0.5 ाम पदाथ, ाम रे सा सनोल और 1
मल सा H2SO4 लेकर इतना गरम करो क म ण
लाल-भू रा हो जाय । ठ डा करो और म ण को एक बीकर
िजसम लगभग 100- 150 मल जल रखा हो, डालो और
NaOH आ ध य म मलाओ । एक हरे -नारं गी रं ग क
तद ि त उ प न होती है ।
(ii) 2 मल अ ल के उदासीन वलयन म 1 मल Cal2
डालो, उबालो और ठ डा करो । एक वेत अव ेप आता
है जो ऐसी टक अ ल म वलेय है।
(iii) उदासीन वलयन म कुछ बूँद FeCl3 क डालो। भू रा
अव ेप आता है ।
यु प न - ऐमाइड M.P. 2420C
ऐ नलाइड M.P. 2260C
ऐनहाइ ाइड M.P. 1190C
(ब) ठोस-ऐरोमै टक  वेत, चमकदार टल, गरम जल, ऐ कोहॉल और
M.P. 1210C बे जीन म वलेय ।
ब जोइक अ ल (i) उदासीन वलयन के 1 मल म 2 बूँद FeCl, क डालो
। ह के भू रे रं ग का फे रक बे जोएट का अव ेप ा त
होता है जो तनु 1रए। म वलेय है ।

(ii) 0.5 ाम अ ल को 1 ाम शु क सोडा-लाइम के साथ


एक जलन नल म गरम करो और बे जीन क वा प को
जलाओ धूएद
ँ ार वाला उ प न होती है (सोडा-लाइम
पर ण)
(iii) पदाथ क सू म मा ा को प रशु ऐ कोहॉल व सा
H2SO4 के साथ गरम करो । ऐ थल बे जोएट क सु ग ध
आती है।
यु प न – (i) एमाइड M.P. 1280C
(ii)ऐ नलाइड M.P. 1600C
75
M.P. 1560C  रं गह न, टल य, गरम जल, ऐ कोहॉल और ईथर म
सै ल स लक अ त
वलेय ले कन ठ डे जल म कम वलेय।
(i) अ ल के जल य वलयन म एक FeCl3 क डालो।
फनो लक समूह के कारण बगनी रं ग आता है । HCl
डालने पर यह रं ग लु त हो जाता है।
(ii) व टर ीन का तेल पर ण (Oil of Wintergreen Test)
- एक शुक परखनल म पदाथ क 0.2 ाम सू म मा ा
म लो, उसम 1 मल मे थल ऐ कोहॉल और 1 मल
सा H2SO4 डालो थोडा गरम करो और ठ डा करो । अब
परखनल व को एक बीकर म 5-10 मल जल म डालो।
व टर ीन के तेल (मे थल सै ल सलेट अथात ् आयोडे स)
क व श ट ग ध आती है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 2 ml सा HCl म गरम करके
वलेय करो और ोमीन जल बूँद-बूँद करके डालो । एक
पीला अव ेप आता है । यु प न – (अ) ऐसी टल यु प न
(एि न) M.P. 1350C
ऐसे टल यु प न बनाना - 50 मल गोल पे द के
ला क म 2 ाम सै ल स लक अ ल लेकर इसम 2
मल पर डीन डालो और ला क को बफ म ठ डा करो
। इसम 2 मल ऐसी टल लोराइड धीरे -धीरे डालो ओर
बीकर को जल-ऊ मक पर रखकर 5 मनट तक गरम
करो। ला क को ठ डा करके इसम ठं डा जल डालो ।
फ टर करो, ा त ठोस को जल से धोओ, सु खाओ और
बे जीन टल कृ त करके गलनांक ात करो।
1950C-2130C  वेत, टल य, गरम जल म वलेय ।
थै लक अ ल
(i) फनो थे लन पर ण (Phenolphthalein test)-
एक शु क परखनल म 0.5 ाम पदाथ, 1 ाम फनोल
और कुछ बूँद सा H2SO4 क लेकर थोड़ा गरम करो जब
तक क म ण लाल-भू रा न हो जाय ।ठ डा करके इसे
50 मल जल म डालो और NaOH अ धकता म मलाओ
। फनो थे लन के बनने के कारण गुलाबी रं ग ा त
होता है।
(ii) तद ि त पर ण (Fluorescence test) -
एक शु क परखनल म 0.2 ाम पदाथ, 0.4 ाम

76
रे सॉ सनोल और 1 मल . सा H2SO4 लेकर इतना
गरम करो क म ण लाल-भू रा हो जाय ।ठ डा करो और
म ण को एक बीकर म 100 मल . जल म डालो और
NaOHआ ध य म मलाओ । एक हरे -नारं गी रं ग क
तद ि त उ प न होती है ।
यु प न - (अ) थै लक ऐनहाइ ाइड M.P. 1310C
फनोल [PHENOLS]
सामा य पर ण - (i) जल से भीगा या गीला नीला लटमस प लाल हो जाता है ।
फे रक लोराइड पर ण - पदाथ के जल य अथवा ऐ कोहॉल वलयन के 2 मल म FeCl3
क 2-3 बूँद डालो । य द नीला, बगनी, हरा रं ग उ प न होता है, तब फनोल हो सकते ह । जैसे :
फनोल,  -नै थॉल,  -नै थॉल, रे सॉ सनोल पाइरोगैलोल हाइ ोि वनोन और अथ मेटा व
पैरा- े सॉल ।
नोट-  -नै थॉल का एक वेत अव ेप आता है जो बगनी रं ग का हो जाता है ।  -नै थॉल,
के साथ हरा रं ग उ प न होता है जो वेत अव ेप म प रव तत हो जाता है ।
FeCl3 पर ण हेतु न न सारणी का अनुकरण करो ।
(अ) मौ लक पदाथ ठोस है - (i) पदाथ के जल य वलयन म FeCl3 डालने पर अ ल खत
रं ग आते ह ।
रं ग न कष
नीला-बगनी या नीला o, m व p- े सॉल, रसॉ सनॉल
नीला जो शी ता से लाल हो जाता है । पाइरोगैलोल
नीला जो शी ता से लाल-भू रा हो जाता है। ि वनोल (Quinol)
(2) ठोस पदाथ के ऐ कोहॉल वलयन म FeCl3 डालने पर न न रं ग आता है:
रं ग न कष
नीला-बगनी  -नै थॉल
हरा  -नै थॉल
फे रक लोराइड से ारि भक पर ण करने के बाद न न पर ण करो -
पदाथ के 2 मल जल य या ऐ कोहॉल वलयन म 2 मल टॉलैन अ भकमक डालकर गरम
करो और नर ण करो
वेत अव ेप - जो काला हो जाता है । कोई अव ेप नह ं आता है -
मोनोहाइ क फनोल ।
(अ) पॉल हाइ क फनोल व
रे सॉ सनोल M.P 1100C फनोल B.P. 1820C
पाइरोगैलोल M.P. 1320C आथ - े सॉल B.P. 1910C
ि वनोल M.P. 1690C मैटा- े सॉल B.P. 2020C
पैरा- े सॉल B.P. 2020C

77
ठोस
फनोल M.P. 420C
 -नै थॉल M.P. 950C
 -नै थॉल M.P. 1220C
यु प न का बनाना (Preparation of Derivatives)
(i) ोमो यु प न - एक बीकर म 1 ाम पदाथ और 3ml ऐसी टक अ ल लो और
उसम ऐसी टक अ ल से बना हु आ ोमीन वलयन इतना डालो क वलयन पीला हो जाय । कमरे
के ताप पर 15-20 मनट रख । अव ेप को छानो, ठ डे पानी से धोओ और पोरस लेट पर रखकर
सु खाओ ।
(ii) बे जोएट यु प न - एक शंकु प ला क (Conical flask) म 2 ाम पदाथ लेकर
4 मल ऐसीटोन और 40 मल NaOH डालो । इस म ण म धीरे -धीरे 4 ml बे जोयल (benzoyl)
लोराइड डालो और 10-15 मनट तक हलाओ । ठ डा करके छानो । अव ेप का ठ डे पानी से धोओ
और ऐ कोहॉल से टल कृ त करो । सु खाकर ात करो।
(iii) प े ट बनाना - पदाथ क सू म मा ा को 2 ml बे जीन म वलेय करो और कुछ
बूँद प क अ ल क डालो और भल -भाँ त हलाओ । अव प
े को छानो और बे जीन से धोकर सु खाओ।
फनोल के पर ण [Tests of Phenols]
(अ) मोनोहाइ क फनोल
ल बरमैन पर ण - पदाथ क सू म मा ा (0.1 ाम) म ठोस NaOH2 (2-3 पैलेट) व 2
मल सा H2SO4 डालो और 2 मनट तक हलाओ तथा उ प न हु ए रं ग का नर ण न न कार
से करो ।
लाल रं ग हरा या नीला रं ग
फनोल, आथ - े सॉल या मैटा- े सॉल हो सकता है ।
पैरा- े सॉल एक शु क परखनल म पदाथ एवं थै लक ऐनहाइ ाइड क सू म मा ाएँ लो
और कुछ बूँद सा H2SO4 क डालो और गरम करो । जब म ण भू रा-लाल
हो जाय तब ठ डा करो और 2 ml जल म डालो व आ ध य म NaOH वलयन
मलाओ । रं ग का नर ण करो ।
नीला या बगनी गुलाबी रं ग
मैटा- े सॉल पदाथ क सू म मा ा को सा NH4OH म वलय
करो ।
वलेय अ वलेय
फनोल आथ - े सॉल

78
फनोल  गम के दन म यह लाल रं ग का दब. होता है
और जाड़ म यह जल ाह ह के लाल रं ग का
0
M.P. 42 C
B.P. 1810C
ठोस ।
(i) FeCl3 के साथ पर ण - (पृ ठ 38 दे खये) ।
(ii) फनो थे लन पर ण - एक शु क परखनल
म पदाथ एवं थै लक ऐनहाइ ाइड क सू म
मा ाएँ लो और कु छ बूँद सा H2SO4 क
डालकर गरम करो । जब म ण भू रा-लाल हो
जाये तब ठ डा करो और 2 मल जल म डालो
िजसम आ ध य म NaOH (5 मल ) डालो ।
गुलाबी रं ग आता है । (यह पर ण - े सॉल
भी दे ता है, क तु - े सॉल NH4OH म
अ वलेय होता है ।)
(iii) - पदाथ क सू म मा ा को थोड़े-से ठोस
NaNo2 और 2 ml सा H2SO4 के साथ 2
मनट तक हलाओ । हरा या नीला रं ग आता
है ।
यु प न – (i) ाइ ोमो फनोल M.P. 930C
(ii) प े ट M.P.830C
- े सॉल रं गह न, हवा म खुला रहने पर लाल रं ग का हो जाता
B.P. 1900C है । ठ ड के दन म ठोस, जल व ऐ कोहॉल म
वलेय ।
M/P. 310C (i) पदाथ के जल य वलयन म FeCl3 क 2-3 बूँद
डालने पर नीला या बगनी रं ग उ प न होता है

(ii) ल बरमैन पर ण दे ता है- दे ख फनोल ।
(iii) फनो थे लन पर ण - फनोल के समान यह
भी पर ण दे ता है, क तु NH4OH म अ वलेय
है (दे खे फनोल) ।
मेटा- े सॉल रं गह न, काब लक ग ध, ऐ कोहॉल म वलेय।
B.P. 2020C
(i) जल य वलयन FeCl3 म क एक बूँद डालने पर
बगनी रं ग उ प न होता है ।
(ii) ल बरमैन पर ण- फनोल के समान ।
(iii) फनो थैल न पर ण - दे खे फनॉल ।
नीला-बगनी रं ग उ प न होता है ।

79
शु अव था म रं गह न, खु ला छोड़ने पर बगनी
रं ग, टल य, जल म कम वलेय, ऐ कोहॉल
और ईथर म वलेय।
(i) पदाथ के जल य वलयन म FeCl3 क एक बूँद
डालो, वेत अव ेप आता है जो लाल और फर
बगनी हो जाता है ।
(ii) एक परखनल म 1 मल NaOH व 2 मल
आयोडीन वलयन लो और इसम पदाथ क
सू म मा ा डालो और हलाओ । बगनी रं ग और
गहरा होता दखेगा और अंत म अव ेप म बदल
जाता है ।
(iii) पदाथ के ऐ कोहॉल वलयन म FeCl3 क एक
बूँद डालो । नीला-बगनी रं ग आता है ।
यु प न –(i) 2,4-डाइ ोमो M.P.
1050C
(ii) प े ट M.P.
1890C
 शु अव था म रं गह न, ाय: भू रा-गुलाबी, जल
म कम वलेय, क तु ऐ कोहॉल और ईथर म
वलेय ।
(i) पदाथ के ऐ कोहॉल वलयन म 2-3 बूँद FeCl3
क डालो । हरा रं ग ा त होता है
(ii) एक शु क परखनल म 0.1 ाम पदाथ लो और
इसम 1 मल NaOH और एक बूँद लोरोफॉम
क डालो और गरम करो । हरा-नीला रं ग
उ प न होता है ।
नोट-यह पर  -नै थॉल
ण भी दे ता है,
क तु  -नै थॉल  -नै थॉल के अ तगत
पर ण (ii) नह ं दे ता है ।
(iii) पदाथ को 1 मल गरम जल य वलयन (2
मल ) बनाकर उसम 2 मल ोमीन जल व
1 मल NaOH वलयन डालो। पीला रं ग ा त
होता है । (  -नै थॉल से वभेद, जहाँ ह का
बगनी रं ग ा त होता है ।)
(iv) पदाथ के ठ डे जल य वलयन म FeCl3 क

80
एक बूँद डालो।
यु प न-(i) ोमो2- नै थॉल M.P. 840C

(ii) प े ट M.P.
1560C
(स) पॉल हाइ क फनोल -रे सॉ सनोल पाइरोगैलोल ओर ि वनोल हो सकता है
रे सॉ सनोल - गुलाबी-सफेद, सु ई के आकार के टल, जल,
M.P.110°C ऐ कोहॉल और ईथर म वलेय ।
(i) पदाथ के जल य वलयन म एक बूँद FeCl3
डालो। बगनी-नीला रं ग ा त होता है ।
(ऐ कोहॉल वलयन म हरा रं ग उ प न होता
है ।)

(ii) थै लन पर ण (Phthalein test) - एक शु क


परखनल म पदाथ एवं थै लक ऐनहाइ ाइड क
सू म मा ाएँ लो और 2 बूँद सा H2SO4 डालो
। म ण को इतना गरम करो क यह भूरा हो
जाय । इसे एक बीकर म 100 मल जल म
डालो और NaOH वलयन अ धकता म
मलाओ । एक पीले-हरे रं ग क तद ि त
(fluorescence) उ प न होती है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को NaOH वलयन (2
मल ) व लोरोफॉम 0.5 ml के साथ जल
ऊ मक पर धीरे -धीरे गरम करो । लाल,
बगनी-लाल या हरा रं ग ा त होता है ।
यु प न-(अ) ाइ ामो रे सॉ सनोल M.P.
1120C
(ब)रे सॉ सनोल (M.P.
डाइबे जोएट 1170C)
पायरोगैलोल  वेत टल जो हवा म रखे रहने पर काले हो
जाते है । जल, ऐ कोहॉल और ईथर म अ य त
0
M.P. 132 C
वलेय
(i) पदाथ के जल य वलयन म कुछ बूँद
फॉमि डहाइड और सा HCl क डालो । एक
वेत अव प
े आता है जो गुलाबी हो जाता है
। गरम करने पर यह लाल हो जाता है ।

81
(ii) पदाथ के जल य वलयन म ताजा बनाये गये
FeSO4 वलयन क कुछ बूँद डालो और हलाओ
। नीला बगनी रं ग या अव ेप आता है ।
यु प न-(अ)डाइ ोमोपाइरोगैलोल M.P.1580C
(ब) ाइबे जोएट M.P. 890C
ि वनॉल या वेत, सु ई के आकार के टल हवा म खु ला
हाइ ोि वनोन रखने पर भू रा हो जाता है । ऐ कोहॉल और ईथर
M.P. 1690C म वलेय।
(i) पदाथ के जल य वलयन म एक बूँद FeCl3
डालो । नीला रं ग आता है जो लाल-भू रा हो जाता
है ।
(ii) पदाथ के जल य वलयन म कुछ बूँद NaOH
डालो । भू रा रं ग आता है ।

यू प न - (i) ि वनहाइ ोन M.P. 1710C


[पर ण (ii) दे खो]
(ii)डाइबे जोएट M.P. 1990C
3. ऐ कोहॉल [ALCOHOLS]
सामा य पर ण - (i) पदाथ के (2 ml) म से रक अमो नयम नाइ े ट वलयन क कु छ बूँद
डालो । लाल रं ग उ प न होता है ।
न न ल खत ऐ कोहॉल म से कोई एक हो सकता है :-
मे थल ऐ कोहॉल, ऐ थल ऐ कोहॉल, n- ो पल ऐ कोहॉल, आइसो ो पल ऐ कोहॉल, n- यू टल
ऐ कोहॉल सेके डर यू टल ऐ कोहॉल , लाइकॉल, ि लसरॉल और बेि जल ऐ कोहॉल ।
4. एि डहाइड [ALDEHYDES]
सामा य पर ण - (i) पदाथ क सू म मा ा को लेकर उसम 1 मल
2,4-डाइनाइ ोफे नलहाइ ेजीन अ भकमक मलाओ और हलाओ । य द पीला अव ेप आता है तो
ऐि डहाइड या क टोन हो सकता है ।
ऐि डहाइड का सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा को 2 मल फेह लंग वलयन अ तथा
ब क समान मा ा के साथ हलाओ तथा जल ऊ मक पर 5 मनट गम करो । य द लाल अव ेप उ प न
होता है तो न न ल खत म से कोई एक ऐि डहाइड हो सकता है ।
फॉमि डहाइड, ऐसीटै ि डहाइड और बे जैि डहाइड ।
5. क टोन [KETONES]
सामा य पर ण - (i) परखनल म पदाथ (1 मल ), NaOH वलयन (1 ml) लेकर कु छ
बूँद सो डयम नाइ ो ु साइड क मलाओ । कोक या पे सी जैसा लाल रं ग आता है ।
(ii) एक परखनल म 0.2 ाम पदाथ व 0.1 ाम m-डाइनाइ ो बे जीन लो और इसम NaOH
वलयन आ ध य म डालो - बगनी रं ग आता है जो धीरे -धीरे लु त हो जाता है ।

82
न न ल खत क टोन स भव ह
ऐसीटोन, मे थल क टोन और ऐसीटो फनोन ।
6. काब हाइ ेट [CARBOHYDRATES]
सामा य पर ण (मो लश पर ण) - पदाथ के 2 मल जल य वलयन म 0.5 मल
ऐ कोहॉल  -नै थॉल वलयन क डालो और हलाओ । परखनल क द वार के सहारे लगभग 1 मल
सा H2SO4 सावधानी से डालो।
बगनी रं ग क वलय (ring) दो सतह के मलान पर बनती है (परखनल को हलाने पर स पूण
म ण बगनी रं ग का हो जाता है ।
यहाँ न न ल खत काब हाइ ट
े के पर ण दए गए ह ।
लू कोस, थू ोस और टाच ।
लू कोस, थू ोस और टाच म वभेद
ं े I2 वलयन क डालो
पदाथ के जल य वलयन म कुछ बु द

नीला रं ग कोई नीला रं ग नह ं


टाच लू कोस या यू ोस
पदाथ के 2 ml जल य वलयन म फह लंग
वलयन (अ + ब समान मा ा म) क कु छ बूँद डालो और
गरम करो ।
लाल-भू रा अव ेप कोई अव ेप नह ं
लू कोस यू ोस
0
M.P. 146 C M.P. 1600C
यि ट सद य के पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL MEMBERS]
लू कोस ( नजल) - वेत चू ण, जल म वलेय ।
C6H12O6 (i) मो लश पर ण- (दे खये सामा य पर ण) दे ता है ।
(Dextrose)
M.P. 146°C (ii) पदाथ के 2 मल जल य वलयन म फेह लंग वलयन अ तथा ब
क समान मा ाएं एक अ य परखनल म लेकर मलाकर डालो और
उबालो । लाल-भू रा अव ेप आता है
(iii) पदाथ के 2 मल जल य वलयन म 2 मल टॉलैन अ भकमक
डालो और परखनल को उबलते हु ए जल म 2-3 मनट तक रखो
। रजत दपण या भू रा-काला अव ेप बनता है ।
(iv) पदाथ के 1 मल जल य वलयन म 1 ml लैड ऐसीटे ट डालो और
उबालो । फर इतना NH4OH डालो क अव ेप आ जाये । कु छ
मनट के लए गरम करो । गुलाबी-लाल अव ेप आता है ।
(v) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल सा H2SO4 के साथ गरम करो
। भूरा रं ग आता है ।
83
(vi) एक शु क परखनल म पदाथ क सू म मा ा लो और उसम 1 मल
सा H2SO4 डालो । ठ डे म झु लसकर काला नह ं पड़ता है ।
यू ोस (Canesugar)  वेत, टल य, जल म वलेय ।
C12H22O11 (i) मो लश पर ण - दे खये सामा य पर ण ।
185 C
0
(ii) यह टॉलैन अ भकमक और फेह लंग वलयन के साथ या नह ं
करता अथात ् अपच यत नह ं करता है ।
(iii) एक शु क परखनल म पदाथ क सू म मा ा लो और 1 मल
सा H2SO4 डालो । ठ डे म ह झुलस कर काला पड़ता है ।
(iv) पदाथ के 2 ml जल य वलयन म 2 बूँद सा HCl डालो और
2 मनट उबालकर ठ डा करो । NaOH क कु छ बूद
ँ डालकर
उदासीन करो और कु छ बूँद फेह लंग वलयन (अ+ब) क डालो और
गरम करो । लाल-भू रा अव प
े आता है ।
(v) पदाथ के 2 मल जल य वलयन म 2 मल NaOH और 1 बूँद
CuSO4 क डालो । नीला रं ग उ प न होता है ।
(vi) पदाथ के 2 मल जल य वलयन म सू म मा ा म रे सॉ सनोल
और 2 मल सा HCl डालो और गरम करो । गहरा कोक या
पे सी जैसा लाल रं ग या अव ेप आता है ।
(vii) यह NaOH और कोबा ट नाइ े ट वलयन के साथ बगनी रं ग
दे ता है ।
यु प न - ओ टाऐसीटे ट M.P. 670C
टाच (अपघ टत हो  वेत चूण , ठ डे जल म अ वलेय, क तु गरम जल म घुलनशील
जाता है)–(C6H10O5)n ।
(i) मो लश पर ण ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को जल म घोलो और आयोडीन वलयन क
दो बूँद डालो ।नीला रं ग आता है । गरम करने पर नीला रं ग लु त
हो जाता है और ठ डा करने पर पुन : आ जाता है ।
(iii) यह फेह लंग वलयन और टॉलैन अ भकमक को अपच यत नह ं
करता है ।
7. ए टर [ESTERS]
सामा य पर ण-1 ाम पदाथ म 2 मल जल, एक बूँद NaOH और 1 बूँद फनो थे लन
डालो । गुलाबी रं ग आता है । अब परखनल को जल ऊ मक म 5-10 मनट धीरे -धीरे गम करो ।
गुलाबी रं ग लु त हो जाता है । ए टर नि चत प से है ।
न न ल खत म से एक ए टर हो सकता है
मे थल ऑकसेलेट, फे नल बे जोएट, ए थल ऐसीटे ट, ए थल ऑ सेलेट, फे नल ऐसीटे ट, ए थल
बे जोएट, मे थल सै ल सलेट।

84
न न पर ण करो
ठोस व
मे थल ऑ सेलेट या ए थलऐसीटे ट B.P.
फे नल बे जोएट ए थल ऑ सेलेट 770C B.P.
1860C
पदाथ को जल म वलेय करोफे नल ऐसीटे ट B.P. 196०-C
वलेय अ वलेय ए थल बे जोएट B.P. 2130C
मे थल ऑ सेलेट फे नल बे जोएट M.P.680C मे थलसै ल सलेट B.P. 2240C
(एरोमै टक)
0
M.P.54 C
(ऐ लफै टक)
यि ट सद य के पर ण [TESTS OF INDIVIDUAL MEMBERS]
(अ) ठोस ऐ लफै टक
मे थल ऑ सेलेट  वेत, टल य ठोस, जल म वलेय ।
M.P. 54 C ०
(i) पदाथ क सू म मा ा को फेह लंग वलयन के साथ गरम करो । भू रा
अव ेप आ सकता है ।
(ii) ाम पदाथ को 5 मल जल म घोलकर उसम सा NH4OH डालो
और हलाओ । वेत अव ेप आता है ।
(iii) 0.5 ाम पदाथ को 5 मल ल त० त के साथ 10 मनट तक गम
करो। तनु H2SO4 से अ ल कृ त करके ार य KMnO4 क एक-दो
बूँद डालो ।गुलाबी रं ग लु त हो जाता है।
यु प न - (i) ऑ से लक अ ल M.P. 1010C

(ब)ठोस ऐरोमै टक
फे नल बे जोएट  वेत, टल य, जल म अ वलेय, सा H2SO4 म वलेय ।
M.P. 680C
(i) पदाथ को ार क सहायता से जल-अपघ टत करो और तनु HCl
से अ ल कृ त करो । बे जोइक अ ल का वेत अव ेप आता है ।
अभ या म ण के एक भाग FeCl3 क एक बूँद डालो । बगनी
रं ग आता है ।
यु प न - बे जोइक अ ल M.P. 1210C

8. हाइ ोकाबन [Hydrocarbon]


य द दया हु आ पदाथ उपरो त कसी भी या मक समू ह का पर ण नह ं दे ता है तब यह
हाइ ोकाबन हो सकता है। जैसे-बे जीन, टॉलू ईन और नै थल न ।
सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा म लगभग 1 ml सा H2SO4 डालो और हलाओ
। य द पदाथ अ वलेय है तो हाइ ोकाबन हो सकता है ।

85
यि ट ठोस सद य के पर ण [Test for Individual Members]
ठोस-ऐरोमै टक - वेत, टल य, व श ट ग ध, जल म अ वलेय ।
नै थैल न

M.P. 800C (i) नाइ करण - पदाथ क सू म मा ा को 2 मल ले शयल ऐसी टक


अ ल म वलेय करो और इसम 2 मल नाइ करण म ण (1 मल
सा HNO3 और 2 मल सा H2SO4) धीरे -धीरे डालो । इसे
2 मनट तक गरम करके बीकर म रखे जल म डालो ।  -नाइ ो
नै थल न का पीला अव ेप आता है ।
(ii) 0.5 ाम पदाथ को 2 मल बे जीन म घोलो और 2 मल प क
अ ल का बे जीन म बना हु आ वलयन डालो । अ छ तरह हलाकर
कु छ समय के लए रखा रहने दो ।नै थल न पपेट के पीले टल
ा त होते ह ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल लोरोफॉम म वलेय करो और
सू म मा ा म नजल AlCl3 डालो । गहरा हरा रं ग आता ह
यु प न -  -नाइ ो नै थल न M.P. 610C
काबन, हाइ ोजन और नाइ ोजन यु त यौ गक [Compounds Containing Carbon,
Hydrogen and Nitrogen]
1. ऐमाइड [Amides]
सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH वलयन के साथ गरम करो,
य द अमो नया गैस उ प न होती है तो न न ऐमाइड का पर ण करो :
ऐसीटै माइड, यू रया और बे जैमाइड ।
ऐसीटै माइड, यू रया और बे जै माइड म वभेद
पदाथ क सू म मा ा को 2 मल जल के साथ खू ब हलाओ।
ठ डे जल म घुल जाता है । गरम जल म घुलता है ।
यू रया या ऐसीटैमाइड बे जैमाइड
(ऐ लफै टक) M.P. 1280C
पदाथ क सू म मा ा को एक सू खी परखनल म
गरम करो और अवशेष को 2 ml जल म वलेय करो।
इसम 1 ml NaOH और एक बूँद CuSo4 क डालो।
बगनी रं ग कोई रं ग नह ं
यू रया ऐसीटै माइड
M.P. 1320C M.P. 820C
यि ट ऐमाइड के पर ण [TEST FOR INDIVIDUAL AMIDES]
(i) ठोस-ऐ लफै टक
ऐसीटैमाइड - रं गह न, टल य, पसीजने वाला जल और ऐ कोहॉल

86
CH3CONH2 म वलेय, ईथर म अ वलेय ।
M.P. 82°C (i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH वलयन के
साथ गम करो । अमो नया क ग ध आती है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा म 2 मल ोमीन-जल और 2
मल NaOH डालो और गरम करो । मे थल ऐमीन के
बनने के कारण अमो नया क ग ध आती है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल H2SO4 के साथ गरम
करो । सरके क ग ध आती है ।
(iv) पदाथ क सू म मा ा को 1 मल ऐ नल न के साथ गरम
करो । ऐसीटै नलाइड का वेत अव ेप आता है और NH3
क ग ध उ प न होती है ।

यु प न - (i) ऐसीटै नलाइड M.P. 1140C


(ii) प े ट M.P. 1700C
यू रया  वेत, टल य, जल म वलेय ।
NH2CONH2 (i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ गरम
करो। अमो नया क ग ध आती है ।
M.P. 132°C (ii) पदाथ क सू म मा ा को एक शु क परखनल म गरम
करो। अमो नया गैस उ प न होती है और अवशेष रह
जाएगा । अवशेष को 2 मल जल म घोलकर 0.5 मल
CaSO4 और 2 मल NaOH डालो । बगनी रं ग आता
है (बाइयूरेट पर ण) ।
(iii) पदाथ के जल य सा वलयन म कुछ बूँद सा HNO3
डालो, गम करो और ठ डा करो । यू रया नाइ े ट के वेत
टल ा त होते है ।

यु प न - (i) यू रया नाइ े ट M.P. 1630C


(ii) ठोस- ऐरोमै टक
बे जैमाइड  वेत, टल य, गरम जल म वलेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ गरम
0
M.P. 128 C
करो। अमो नया क ग ध आती है ।
(ii) एक जलन नल म पदाथ क सू म मा ा को सोडालाइम
(अ धक मा ा) के साथ गरम करो । बे जोनाइ ाइल बनने
के कारण कडु वे बादाम क ग ध आती है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा मे, 5 मल NaOH डालो और 10
मनट तक उबालो, ठ डा करो और तनु HNO3 आ ध य
87
म डालो । बे जोइक अ ल का वेत अव ेप आता है ।
(iv) 1 ाम पदाथ को 1 मल ऐ नल न के साथ गम करो
। अमो नया गैस उ प न होती है और बे जै नलाइड का
वेत अव ेप आता है ।
यु प न - (i) बे जोइक अ ल M.P. 1210C

2. ऐमीन और ऐसीटै नलाइड [AMINES AND ACTANILIDE]


ाथ मक ऐमीन और ऐसीटै नलाइड
(i) सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा म 1 मल ऐ कोहॉल, 1 मल लोरोफॉम और
1 मल सा NaOH डालकर हलाओ और जल ऊ मक पर गम करो। तीखी दुग ध उ प न होती
है (Carbylamines test) ।
(ii) रं जक पर ण (Dye test) - पदाथ क सू म मा ा (0.2 ाम) को 2 मल सा HCl म,
घोलकर 2 मल जल डालो और वलयन को ठ डा करो । इसम 2 मल NaNO2 वलयन डालो (य द
हरा अव ेप नह ं आता है, तृतीयक ऐमीन अनुपि थत) और कुछ बूँद ठ डे (बफ म ठं डा कर) ार य
 -नै थॉल क डालो । लाल रंजक (Dye) उ प न होता है।
य द पदाथ उपयु त पर ण दे ता है तब यह ाथ मक ऐमीनो यौ गक या ऐसीटै नलाइड हो
सकता है ।
न न यौ गक के लए पर ण करो
ठोस - पैरा-टॉलू डीन, - और  -नै थैलेमीन और ऐसीटै नलाइड।
ऐसीटै नलाइड का पर ण - पदाथ क सू म मा ा लेकर उसम ठोस K2Cr2O7 तथा 2-3 बूँद
सा H2SO4 क डालो । य द लाल रं ग आता है जो हरे रं ग म बदल जाता है तब ऐसीटै नलाइड है
अ यथा न न पर ण करो ।
पदाथ क सू म मा ा को तनु H2SO4 म घोलो और कुछ बूँद तनु HNO3 क डालो और रं ग
को दे खो ।
नीला रं ग कोई रं ग नह ं
जो बगनी और भू रा हो जाता है ।  -नै थैलेमीन या -  नै थैलेमीन
पैरा- टॉलू डीन पदाथ क सू म मा ा को तनु HCl म
वलेय करो और FeCl3 क 1 बूँद डालो ।
0
M.P. 42 C
नीला अव ेप नीला अव ेप नह ं
 -नै थैलेमीन  -नै थैलेमीन
M.P. 420C M.P. 1120C
यि ट सद य के लए पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL MEMBERS]
ऐसीटै नलाइड  वेत, चमकदार टल, गरम जल म वलेय ।
M.P.1140C (i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल सा H2SO4 म घोलो और ठोस
क K2Cr2O7सू म मा ा डालो । लाल या बगनी रं ग आता है जो हरे

88
रं ग म प रव तत हो जाता है ।

(ii) पदाथ क सू म मा ा को 05 ाम NaNO2 व 1 मल सा HCl


के साथ हलाओ ।पीला रं ग उ प न होता है जो गरम करने पर हरा हो
जाता है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल सा HCl म घोलो और लोर न
जल डालो । एक गुलाबी-बगनी रं जक उ प न होता है ।
(iv) का बल ऐमीन पर ण और रं जक पर ण जल-अपघटन के बाद होता
है।
यु प न - (i) पैरा- ोमो ऐसीटै नलाइड M.P. 1670C
3. नाइ ो यौ गक [nitro compounds]
(i) सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा को 1-2 मल NaOH के साथ हलाओ । पीला
या नारं गी रं ग उ प न होता है।
(ii) मु ल केन (Mulliken’s) पर ण - पदाथ क सू म मा ा (0.5 ाम) म 2 मल ऐ कोहॉल,
कु छ बूँद NH4Cl या CaCl2 वलयन (या ठोस) और सू म मा ा Zn चू ण क डालो । इसे गरम करो
और सीधे ह एक ऐसी परखनल म छानो िजसम 2 मल टॉलैन अ भकमक उपि थत हो । य द काला
धू सर (grey) रं ग का अव ेप आता है तब नाइ ो यौ गक उपि थत है ।
(iii) रं जक पर ण - एक परखनल म 0.2 ाम पदाथ म 2 मल सा HCl , 2 मल जल
व 2-3 टु कड़े दानेदार टन (अथवा 0.25 ाम SnCl2) लो । परखनल को उबलते हु ए जल म 5 मनट
तक रखो । बफ म ठं डा कर और इसम 2 मल NaNO2 वलयन और कुछ बूँद ार य  -नै थॉल
क डालो । लाल, नारं गी अथवा लाल-भू रा अव ेप या वलयन बनता है ।
न न नर ण करो :
यौ गक (ठोस) गलनांक
ऑथ -नाइ ो फनोल 440C
पैरा-नाइ ो फनोल 540C
मैटा-डाइनाइ ो बे जीन 900C
मैटा-नाइ ो फनोल 970C
पैरा-नाइ ो फनोल 1140C
यि ट नाइ ो यौ गक के पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL NITRO COMPOUNDS]
ठोस-ऐरोमै टक
ऑथ -नाइ ो फनोल  चमक ले, पीले टल, व श ट ग ध, जल म अ य धक वलेय
M.P. 44 C 0
(i) पदाथ क सू म मा ा म 1 मल NaOH म डालो । नारं गी-लाल

89
रं ग उ प न होता है ।
(ii) ोमीनीकरण-0.5 ाम पदाथ म 2 मल लै शयल ऐसी टक अ ल
डालो और धीर-धीरे ोमीन वलयन (1 ml Br2, 3-5 ml ऐसी टक
अ ल म) डालो । 10-15 मनट म वेत अव ेप या उ पाद ा त
होता है ।
(iii) एक शु क बीकर म 0.5 ाम पदाथ को 1 मल सा HNO3
तथा 2 मल सा H2SO4 से बने नाइ करण म ण के साथ
गरम करो । इसे ठ डे जल म डालो । प क अ ल के पीले रंग
के टल ा त होते है । छानो धोओ सु खाओ और गलनांक ात
करो ।
यु प न - प क अ ल M.P. 1120C
m-डाइनाइ ोबे जीन  पीला, टल य, ठोस, जल म अ वलेय, ऐ कोहॉल ईथर और
M.P. 90 C 0
बे जीन म लेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को 1-2 मल ऐसीटोन म घोलो और NaOH
क एक बूँद डालो ।नीला-बगनी रं ग आता है जो ऐसी टक अ ल
डालने पर बगनी-लाल रं ग हो जाता है ।
(ii) 1 मल NaOH म पदाथ क सू म मा ा डालो और गरम करो
। ह का लाल-भू रा रं ग उ प न होता है ।
यु प न - बे जोएट M.P. 950C
काबन, हाइ ोजन और हैलोजेन यु त यौ गक [Compounds Containing Carbon,
Hydrogen and Halogens]
हैलोजेन यु त यौ गक [Halogen Containing Compounds]
हैलोजेन यु त यौ गक को तीन े णय म बाँट दया गया है ।
(i) लोर न यु त यौ गक
(ii) ोमीन यु त यौ गक
(iii) आयोडीन यु त यौ गक ।
(अ) लोर न यु त यौ गक
न न अवलोकन करो :
ठोस
लोरल हाइ ेट या पैरा-डाइ लोरो बजीन
जल म वलेय जल म अ वलेय
जल य वलयन शफ अ भकमक के शफ अ भकमक के साथ कोई रं ग नह ।ं
साथ लाल रं ग उ प न करता है ।
लोरलहाइ ेट पैरा-डाइ लोरोबजीन
0
M.P. 57 C M.P. 540C
(ऐ लफै टक) (ऐरोमै टक)
90
यि ट सद य के पर ण (Tests for individual Members)
(अ) ठोस-ऐ लफै टक
लोरलहाइ ेट रं गह न, टल य, व श ट ग ध, जल और ऐ कोहॉल म
M.P. 57 C0
वलेय।
CCl3.CHO.H2O (i) 2 मल शफ अ भकमक म पदाथ क सू म मा ा डालो और
हलाओ । गुलाबी रं ग उ प न होता है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल जल म घोलकर कुछ बूँद
टॉलेन अ भकमक क डालो और गरम करो । धूसर (grey) रं ग
का अव ेप आता है ।
(iii) 1 मल फेह लंग वलयन म पदाथ का 1 मल जल य वलयन
डालो और गरम करो ।लाल-भू रा अव ेप आता है ।

(ब) ठोस-ऐरोमै टक वेत, टल य, व श ट ग ध, जल म अ वलेय ।


पैरा-डाइ लोरोबे जीन (i) नाइ करण - लोरोबे जीन का पर ण करो । 2,5- डाइ लोरो
नाइ ोबे जीन का पीला अव ेप ा त होता है ।
M.P.54 C ०
यु प न- 2,5-डाइ लोरो नाइ ोबे जीन M.P.540C

(स)आयोडीनयु तयौ गक
ठोस-ऐ लफै टक पीला, टल य ठोस, व श ट अ चकर ग ध, जल म
आयोडो ॉम अ वलेय, ऐ कोहॉल और लोरोफॉम म वलेय ।
M.P.119 °C (i) पदाथ क सू म मा ा को एक शु क परखनल म गरम करो ।
I2 क बगनी वा प उ प न होती है।
CHl3 (ii) पदाथ और रे सॉ सनोल को सू म मा ा म लेकर 2 मल NaOH
वलयन म गम करो । लाल रं ग उ प न होता है जो बगनी हो
जाता है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 1 मल ऐ कोहॉल म घोल और 1
मल ऐ कोहॉल AgNO3 डालो और उबालो और 5 मनट
ती ा करो। पीला अव ेप आता है ।
काबन, हाइ ोजन, स फर और नाइ ोजन यु त यौ गक [Compound Containing Carbon,
Hydrogen Sulphur & Nitrogen]

91
स फर यु त यौ गक [Sulphur Containing Compounds]
थायोयू रया [Thiourea]
सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ गरम करो और ठ डा
करके 2 बूँद लैड ऐसीटे ट क डालो । भूरा या काला अव ेप आता है ।
यि ट सद य के पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL MEMBERS]
(अ)ठोस-ऐ लफै टक
थायोयू रया  वेत, टल य, ठ डे जल म वलेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को एक सूखी परखनल म इतना
0
M.P. 175-180 C
NH2.CS.NH2
गरम करो क वह पघलने लगे । इसे 2 मल जल म
घोलो और FeCl3 क 1 बूँद डालो । गहरा लाल रं ग उ प न
होता है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल ऐसी टक अ त म घोलो
और गरम करो । गरम वलयन म 2 मल K4[Fe(CN)6]
या K2Cr2O2 वलयन डालो । हरा-नीला रं ग उ प न होता
है ।
(ब) ठोस-ऐरोमै टक
डाइफे नल थायोयू रया वेत, टल य, गरम जल म अघुलनशील ।
M.P. 1510C (i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल सा NaOH के साथ
C6H5.NHCS.NHC6H5
उबालो और ठ डा करो । इसम रंजक पर ण (जैसा क
ऐ नल न) करो ।लाल रं जक (dye) उ प न होता है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल तनु HCl म उबालो
। फे नल आइसोसायनाइड क दुग ध उ प न होती है
फे नल थायोयू रया  वेत, टल य, गरम जल म वलेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ उबालो
0
M.P. 154 C
C6H5NH.CS.NH2
। NH3 गैस उ प न होती है । और ए नल न क तेल य
बूँद बनती है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा म 5 बूँद सा H2SO4 क डालो,
गरम करो और ठ डा करके 5 मल जल एवं ठोस NaOH
( ार य बनाने के लए) डालो । भीगा हु आ नीला
लटमस-प परखनल के मु ँह पर लाओ । यह लाल हो
जाता है ।

5.10 श दावल (Glossary) :


संत ृ त वलयन  Saturated Solution
पृथ करण  Separation
व श ट पर ण  Specific Test
92
अ भकमक  Reagent

5.11 संदभ ंथ (Reference Books) :


1. Elementary Practical Organic Chemistry, Vol. I & II by Vogel.
2. Advanced Practical Organic Chemistry, J. Leonard, B. Lygo & G. Procter.
3. Comprehensive Practical Organic Chemistry by V.K. Ahluwalia and S. Dhingra.

93
इकाई 6
यु प न का वरचन (PREPARATION OF DERIVATIVE)

इकाई क परे खा
6.0 उ े य
6.1 तावना
6.2 काब नक यौ गक के मह वपूण यु प न
6.3 ए स टल यु प न बनाना
6.4 ए नलाइड यु प न बनाना
6.5 नाइ ो यु प न बनाना
8.6 ोमो यु प न बनाना
6.7 फे नल हाइ ोजन एवं ओसाजोन यु प न बनाना
6.8 जल अपघटन वारा यु प न बनाना
6.9 आयडोफाम यु प न बनाना
6.10 श दावल
6.11 संदभ ग थ

6.1 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप यु प न के बारे म न न जानकार ा त करगे -
कस मु य या मक समू ह वाले यौ गक का मु य यु प न या होगा एवं उसका वरचन
कस कार करगे ।

6.1 तावना (Introduction) :


कभी-कभी यह भी स भव है क दो व भ न यौ गक के भौ तक एवं रासाय नक गुण ब कुल
एक समान ह तथा उनके पर ण भी एक से हो ऐसी प रि थ त म पर ण के लए दये गये अ ात
यौ गक से कु छ अ य दूसरे यौ गक तैयार करने के लये पुन : अ भ या करायी जाती है । इस कार
िजस नये यौ गक का वरचन होता है उसे यु प न कहते ह ।
य द दये गये अ ात यौ गक का गलनांक यु प न से भ न होता है तो अ ात यौ गक क
स पुि ट हो जाती है ।

6.2 काब नक यौ गक के मह वपू ण यु प न


(Important Derivative of Organic Compounds) : -
कसी भी काब नक यो गक क न चया मक पहचान करने के लए उसके यु प न बनाए
जाते ह । उपयु त यु प न बनाने के लए न न शत क पालना क जाती है -
1. यो गक का यु प न सरलता या आसानी पूवक बनना चा हए ।

94
2. इसका टल करण शी तथा आसान होना चा हए ।
3. यु प न का गलनांक 500 से 2500C के म य होना चा हए ।
4. यु प न बनने म यादा समय नह ं लगना चा हए, इसके लए यह यान रखना आव यक होगा
क यु प न का बनना योगा मक प से दए गए समय म ह पूरा होना चा हए । इसके लए
उ ह ं रसाय नक अ भ याओं को काम म लेना चा हए िजनके अ भकमक योगशाला म उपल ध

न ह (या हो सकते ह ), यादा क मती तथा वा य के लए हा नकारक न ह ।


5. काब नक यो गक तथा उसके यु प न (जो बनाया गया हो) के गलनांक म अ तर होना चा हए।
मु यतया न न काब नक यो गक क ेणी के लए उनके सामने दए गये यु प न का
नमाण सु गमता पूवक कया जा सकता है । सारणी - 1
सारणी- 1
यौ गक मु य यु प न
1. काब ि स लक अ ल ऐमाइड, ऐ नलाइड, ऐनहाइ ाइड, ए टर
2. ऐ कोहॉल ऐ स टल 3,5-डाइनाइ ो बजोएट, ऑ सीकरण अ भ याएँ
(ऐि डहाइड या क टोन)
3. फ नॉल ऐ स टल बे जोएट, नाइ ो, प े ट
4. ऐि डहाइड तथा क टोन 2,4 -डाइनाइ ो फे नल हाइ ज
ै ोन, ऑि सम

5. काब हाइ ेटस ऐ स टल ओसाजोन


6. ए टर ऐ सड (जल अपघटन वारा), ऐमाइड, 3,5 -डाइनाइ ोबजोऐट
7. ईथर 3,5-डाइनाइ ोबे जोएट, ोमो
8. हाइ ोकाबन प े ट, नाइ ो, आ सीकरण उ पाद
9. ऐमाइड ऐ सड (जलअपघटन वारा), ऐ नलाइड, प े ट
10. ए नलाइड ऐ सड (जलअपघटन), ोमो, नाइ ो
11. ऐमीन ऐ स टल बे जोएट, प े ट
12. नाइ ो डाइनाइ ो, प े ट
काब नक यौ गक के मु य यु प न सा रणी-2 म दए जा रहे ह
सारणी-2
काब नक यौ गक के मह वपूण यु प न
यु प न यौ गक
1. ऐ स टल ऐ कोहॉल, फनोल, काब हाइ ेट, ऐमीन
2. प ेट ऐरोमे टक हाइ ोकाबन, ऐमीन, फनोल
3. बे जोएल फनोल, ाथ मक एवं वतीयक ऐमीन
4. ऐमाइड अ ल
5. ऐ नलाइड अ ल, ऐमाइड
6. नाइ ो ऐरोमे टक हाइ ोकाबन, नाइ ो यौ गक, हैलोजन,
ऐरोमे टक यौ गक

95
7. ोमो फनोल, ऐमीन, ए नलाइड, असंत ृ त अ ल
8. फे नल हाइ ज
ै ोन एवं ओसाजोन एि डहाइड, क टोन
9. ओसाजोन काब हाइ ेट

10. 3,5 - डाइनाइ ो बे जोएट ऐ कोहॉल एवं ए टर


11. 2,4 -डाइनाइ ोफे नल हाइ ज
ै ोन ऐि डहाइड एवं क टोन
12. जल अपघटन वारा यु प न ए टर, ऐमाइड
13. ऑ सीकरण उ पाद ऐरोमे टक ऐ कोहॉल, ऐि डहाइड एवं हाइ ोकाबन
14. आयोडोफॉम ऐसीटै ि डहाइड, मे थल क टोन, ाथ मक ऐ कोहॉल
 CH3CH 2OH  , वतीयक ऐ कोहॉल

15. अपच यत उ पाद नाइ ो यौ गक

6.3 ए स टल यु प न बनाना (Preparation of Acetyl


Derivatives) :
(अ) ऐ कोहॉल एवं फनोल के लए:
एक छोटे गोल पदे के ला क म 0.5 मल या 0.5 ाम काब नक यो गक को लेते है, इसके
बाद इसम लगभग 3.0 ml ऐ स टक ऐनहाइ ाइड तथा अ पमा ा म सो डयम ऐसीटे ट मलाते ह,
ला क के ऊपर वायुसंघ न लगाकर अ भ या म ण को जल ऊ मक के ऊपर रखकर 10-15 मनट
के लए गम करते ह । अ भ या म ण को कमरे के ताप पर ठ डा करके इसको एक बीकर िजसम
लगभग 50 मल ठ डा पानी हो, थाना त रत करते ह । इस कार ा त ठोस को छ नत प के
वारा छानकर सु खा लेते ह । ा त ठोस यो गक को ए थल ऐ कोहॉल (एथेनॉल) वारा टल कृ त
करते ह

(ब) काब हाइ ेट के लए :


काब हाइ ेट के यु प न भी उपर ल खत व ध वारा ह बनाये जाते है ले कन इसम ऐ स टक
ऐनहाइ ाइड क मा ा यादा लेनी पड़ती है य क काब हाइ ेट म हाइ ॉि सल समू ह क सं या यादा
होती है तथा अ भ या म ण को 2-3 घट के लए गम करना पड़ता है ।
(स) ऐमीनो यौ गक के यु प न:
ऐमीनो यौ गक के ऐ स टल यु प न भी आसानी से बन जाते ह,
एक गोल पद के ला क म 0.5 मल . या 0.5 ाम काब नक यौ गक को लेकर उसम 1-2
मल ऐ स टक ऐनहाइ ाइड तथा कुछ मा ा सो डयम ऐसीटे ट डालकर मलाते है । य द ऐमीनो यो गक

96
पूण प से वलेय न हो तो 1-2ml ऐ स टक अ ल मलाकर जल ऊ मक पर 25-30 मनट तक गम
करते है । अ भ या म ण को कु छ दे र ठ डा करके एक बीकर िजसम ठ डा जल रखा हो, धीरे -धीरे
डालते है तथा बीकर को थोड़ी दे र तक रखते ह ठोस अव ेप को छान कर तथा शु ठ डे जल से धोकर
सु खा लेते है । त प चात ् ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
R NH2 +(CH3CO)2O  RNHCOCH3+CH3COOH
ArNH2 +(CH3CO)2O  ArNHCOCH3+CH3COOH
2. प े ट यु प न :
एक परखनल म 0.5 g या 0.5ml काब नक यो गक को बे जीन या ऐ कोहॉल क कम से
कम मा ा म घोलते है । प क अ ल को भी बजीन या ए कोहॉल क कम से कम मा ा म घोलकर
संत ृ त वलयन तैयार करते है । प क अ ल के वलयन को काब नक यौ गक के वलयन म मलाकर,
हलाकर जल ऊ मक पर रखकर 60-700C पर 5-10 मनट तक गम करते है । अ भ या के प चात
अभ या म ण को कमरे के ताप पर ठ डा करते है । यौ गक के प े ट यु प न टल कृ त हो
जाते है । इसको छानकर ऐ कोहॉल से य द आव यक हो तो ट लत करते है । (यहां पर यह यान
रखना होगा क काब नक यौ गक तथा प क अ ल को समान वलायक म ह घोलना चा हए)
3. बे जोऐट यु प न :
एक गोल पदे के ला क (या कोनीकल ला क) म 0.5 मल या 0.5 मल काब नक पदाथ
को लेकर उसको 2-3 मल ऐसीटोन म वलेय करते है । इसके प चात ् ला क म लगभग 10 मल
/ NaCH वलयन मलाकर 2 मल बे जोऐल लोराइड धीरे -धीरे डालकर हलाते है, ला क के मु ँह
को काक के वारा ब द कर दे ते ह, तथा ठ डे जल या बफ म 15-20 मनट रखकर हलाते है । अब
अभ या म ण को एक बीकर िजसम ठ डा जल या बफ हो, डालते ह । बे जोऐट यु प न ठोस
प म ा त होगा िजसे छानकर जल से अ छ तरह धोकर, (िजससे बे जोऐल लोराइड पूण प से
नकल जाए) सु खाकर ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
ROH+C6H5COCI  ROCOC6H5+HCI
RNH2 + C6H5COCI  RNHCOC6H5+HCI

4. ऐमाइड यु प न :
एक 50 ml के छोटे गोल पे द के ला क म 0.5 ाम ठोस या 0.6 मल यौ गक को लेकर
उसम लगभग 1 मल थायो नल लोराइड (SOCI2) या 0.5 ाम फॉ फोरस पे टा लोराइड (PCI5)
मलाकर 20-25 मनट तक वायु संघ न लगाकर गम करते है । इस अ भ या के फल व प ऐ सड
लोराइड यु प न बनता है । अ भ या म ण को कमरे के ताप तक ठ डा करके उसम धीरे -धीरे
5 मल ठ डा सा अमो नया वलयन मलाते ह, अमो नया वलयन डालते ह ती अभ या होती
है, इस लए ला क को ठ डे बफ यु त जल म रखकर ठ डा करते है । रं गह न (सफेद) टल य
ठोस अव ेप ा त होता है िजसे छानकर, ठ डे जल से धोकर, जल तथा ऐ कोहॉल के म ण से
ट लत करते ह।
97
RCOOH  SOCI 2 RCOCI  HCI   SO2 
RCOOH  PCI 5 RCOCI  HCI   POCI 3
RCOCI + NH3  RCONH2 +HCI
नोट : ऐ सटैमाइड जल म अ धक घुलनशील होने के कारण इसे पृथक करना क ठन होता है ।

6.4 ए नलाइड यु प न बनाना (Preparation of Anilide


Derivatives) :
50 मल के एक गोल पे द के ला क म 0.5 ाम या 0.5 मल काब नक यो गक लेकर
इसम 2 मल SOCI2 या PCI5 मलाते ह । अ भ या म ण को 20-25 मनट तक वायु संघ न
लगाकर गम करते ह, इस अ भ या म ऐ सड लोराइड यु प न बनता है । इसके बाद अ भ या
म ण को ठ डा करके इसम लगभग 4-5 मल ईथर ऐसीटोन या बजीन मलाकर हलाने के प चात ्
1 मल ऐ नल न मलाते ह तथा ला क को बफ यु त जल या ठ डे जल मे रखकर ठ डा करते ह
। ला क या अ भ या म ण के ठ डे हो जाने के प चात ् उसम 15 मल NaOH वलयन मलाते
ह तथा हलाते रहते है । ऐ नलाइड का वेत अव ेप ा त होगा िजसे छानकर, तनु HCI से धोते
है िजससे क ऐ नल न क अ धकता य द हो तो नकल जाए । इसके बाद जल से धोकर (HCI हटाने
के लए) जल तथा ए कोहॉल के म ण से ट लत करते है ।
RCOOH + SOCI2  RCOCI + SO2 +HCI
RCOOH + PCI5  RCOCI + POCI3 + HCI
RCOCI + C6H5NH2  RCONHC6H5 + HCI

6.5 नाइ ो यु प न बनाना (Preparation of Nitro Derivatives) :


इस अ भ या को शु करने से पहले नाइ करण म ण तैयार कया जाता है, एक छोटे
शं वाकार ला क म 4 मल सा H2SO4 लेकर उसम 2 मल सा HNO3 बूँद-बूँद करके मलाते
है तथा म ण को ठ डे जल या बफ पर रखकर ठ डा करते हु ए हलाते रहते ह ।
इसके प चात ् काब नक यौ गक (0.5 ाम या 0.5 मल ) को एक शु क वथन नल या गोल
प द के ला क म लेकर उसम नाइ करण म ण को धीरे-धीरे मलाते है । नाइ करण म ण को
पूरा मलाने के बाद अ भ या म ण को जल ऊ मक पर 10 मनट के लए गम करते ह ।
अभ या क पूणता ात करने के लए अ भ या म ण क कु छ बू दे ठ डे जल यु त
बीकर म डालते ह य द ठोस यौ गक ा त होता है तो अ भ या पूण मानी जाती है । इसके प चात
अभ या म ण को ठ डे जल यु त उसी बीकर या दूसरे बीकर म थाना त रत करते ह । ठोस नाइ ो
यु प न पृथक हो जाता है िजसे छानकर, धोकर तथा ट लत कर लेते ह न न यो गक के नाइ ो
यु प न आसानी से बनाए जा सकते ह ।

98
6.6 ोमो यु प न बनाना (Preparation of Bromo Derivatives):
एक शं वाकार ला क मे 0.5 ाम या 0.5 मल काब नक यौ गक को लेकर उसे लेशल
ऐसी टक अ ल क कम से कम मा ा म वलेय करते ह । इस वलयन म धीरे -धीरे लेशल ऐसी टक
अ ल म बने ोमीन वलयन को बूँद-बूँद करके लगातार हलाते हु ए मलाते रहते ह जब तक क ह का
पीला / भू रा रं ग ा त ना हो जाए, अब रं ग ह का नह ं पड़ेगा।
अभ या म ण को 5-10 मनट के लए कमरे के ताप पर रखकर त प चात एक बीकर
िजसम ठ डा जल या बफ यु त जल (50-100 म ल.) हो, धीरे -धीरे डालते हु ए हलाते रहना चा हए
। ोमो यु प न ठोस के प म पृथक हो जाएगा, िजसे छानकर 2-3 बार जल से धोकर ( ोमीन तथा
ऐसी टक अ ल को हटाने के लए) सु खाकर ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।

99
6.7 फे नल हाइ ैजोन एवं ओसाजोन यु प न बनाना (Preparation of
Phenyl Hydrazone and Osazone Derivatives) :
(अ) एि डहाइड एवं क टोन के यु प न

100
0.5 ाम या 0.5 मल काब नक पदाथ को ऐ कोहॉल क कम से कम मा ा म वलेय करके
इसम 2-3 मल फे नलहाइ ज
ै ोन वलयन तथा 2-3 बूँद ऐसी टक अ ल मलाते ह अ भ या म ण
को जल ऊ मक पर लगभग 10 मनट के लए गम करते ह । अ भ या म ण को ठ डा करने पर
ठोस अव ेप ा त होता है िजसे छानकर, जल से धोकर ऐ कोहॉल से टल कृ त कर लेते है ।

2,4-डाइनाइ ोफे नल हाइ ज


ै ोन यु प न.
0.5 ाम या 0.5 मल काब नक पदाथ को एक शु क परखनल या वथन नल म लेकर
ऐ कोहॉल म वलेय करके उसम 2-4 मल अ भकमक मलाते है ।
इसके बाद 2 बूँद सा H 2 SO4 क मलाकर 3-5 मनट के लए जल ऊ मक पर ह का गम
करते ह, अ भ या म ण को ठ डा करने पर 2,4-डाइनाइ ोफे नल हाइ ज
ै ोन का पीला अव ेप ा त
होता है । िजसे छानकर, जल से धोकर, सु खाकर ऐ कोहॉल से टल कृ त करते ह ।
ऑि सम यु प न :
काब नल यो गक (एि डहाइड या क टोन) क हाइ ॉि सल ऐमीन के साथ अ भ या कराने
पर ऑि सम ा त होते ह।
एक शं वाकार ला क म 0.5 ाम हाइ ॉि सल ऐमीन हाइ ो लोराइड को 3 मल जल म
घोलते ह । इसके बाद 2 मल 10% NaOH वलयन मलाकर इस म ण को एक गोल पे द के
ला क म िजसम क 0.5 ाम या 0.5 मल काब नक यो गक का ऐ कोहॉल म बना वलयन रखा
हो, म त करते है । वायु संघ न लगाकर 15-20 मनट तक जल ऊ मक पर गम करते ह । इसके
प चात अ भ या म ण को बफ म ठ डा करते ह ा त अव ेप को छानकर जल से धोकर, सु खाकर
बे जीन या ए कोहॉल से ट लत करते ह ।

3,5 डाइना ोबे जोएट यु प न


यह व ध ऐ कोहॉल एवं ए टर के यु प न बनाने के लए उपयोगी ह ।
ऐ कोहॉल एवं ए टर के यु प न :
एक गोल पे दे के ला क म 0.5 ाम या 0.5 मल काब नक पदाथ लेकर उसम 0.8-1.0
ाम 3,5-डाइनाइ ोबे जोइक अ ल तथा 2 बूँद सा H 2 SO4 क डालते ह । जल संघ न लगाकर
10-15 मनट हलाते हु ए जल ऊ मक पर गम करते ह ।

101
इस कार पदाथ और अ भकमक आपस म घुल जाएंगे । अ भ या म ण को ठ डा करने
के प चात Na2 CO3 वलयन मलाकर ार य करते ह । यु प न ठोस के पम ा त होता है िजसे
छानकर, जल से धोकर, सु खाकर, ऐ कोहॉल से टल करण करते ह ।

6.8 जल अपघटन वारा यु प न बनाना (Preparation of


Derivatives by Hydrolysis) :
वथन नल या परखनल म 0.5 ाम या 0.5 म ल. काब नक यो गक लेकर उसे 10 म ल.
NaOH का 10% वलयन मलाते है ( ार य अपघटन) या 10 म ल. सा HCI मलाते है (अ ल य
अपघटन) अ भ या म ण को 30 मनट तक गम करने के प चात उदासीन ( ार य अपघटन करने
पर तनु HCI या H 2 SO4 तथा अ ल य अपघटन करने पर तनु NaOH या Na2 CO3 वलयन को
योग म लया जाता है) कया जाता है ।
RCOOR1 +NaOH  RCOONa + R1OH
RCONH2 + NaOH  RCOONa + NH3
RCOONa + HCl  RCOOH + NaCl

RCOOR1 + H2O 


HCl
 RCOOH +R1OH
RCONH2 + H2O  RCOOH + NH3
ार य पोटै शयम परमगनेट (KMnO4) के साथ ऑ सीकरण :
एक गोल पे दे के ला क म 0.5 ाम या 0.5 मल यौ गक लेते ह, इसम 5 मल जल
तथा 10 मल KMnO4 वलयन मलाते है म ण को उबालने के प चात इसम धीरे -धीरे
3-4%KMnO4 वलयन तब तक डालते है जब तक KMnO4 वलयन का गुलाबी रं ग ह का होना
ब द न हो जाए । अ भ या म ण को ठ डा करके छान लेते है । छ नत को तनु HCl से अ ल य
करते ह, ा त अव ेप को छान कर गम जल या जल तथा ऐ कोहॉल के म ण से ट लत करते
ह ।

102
C6 H 5CH 2OH  2  O  
NaOH / KMnO4 / 
 C6 H 5COOH  H 2 O
बिजल ऐ कोहॉल बजोइक अ ल

C6 H 5CHO   O  
NaOH / KMnO4 / 
 C6 H 5COOH
बजि डहाइड
C6 H 5CH 3  3 O  
NaOH / KMnO4 / 
 C6 H 5COOH  H 2 O
आयोडोफॉम यु प न :
एक वथन नल या 50 मल गोल धा रता के ला क या बीकर म 1 मल काब नक पदाथ
लेकर उसम 1 ाम पोटे शयम आयोडाइड (KI), 4 मल जल तथा 3-4 मल 5% सो डयम
हाइपो लोराइट वलयन धीरे -धीरे हलाते हु ए डालते ह । कु छ दे र बाद आयोडोफॉम के पीले टल
बनने लगगे । अ भ या म ण को 15-20 मनट के लए कमरे के ताप पर रख दे ते ह । ा त ठोस
को छान कर जल से धोकर अलग कर लेते ह तथा सु खा लेते ह, इस कार ा त पीले ठोस पदाथ
को ऐ कोहॉल से ट लत करते है ।
दूसर वध :
एक ला क म 0.5 ाम (0.5 मल ) काब नक पदाथ को लेकर इसमे 3 मल जल व 2
मल 10% NaOH वलयन मलाते ह । इसम आयोडीन वलयन (1 ाम I2,+2 ाम KI +10 मल
जल) को बूद
ं -बूदं करके लगातार हलाते हु ए तब तक डालते ह जब तक क वलयन का रं ग गहरा बगनी
नह ं हो जाता, अ भ या म ण को जल ऊ मक पर रख कर तब तक गम करते है जब तक क पीला
अव ेप ा त नह ं हो जाता । ला क को ठ डा करके ा त ठोस को छान कर धोकर सुखा लेते ह
तथा ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
NaOH + I2  NaOI + H2O

CH3CHO +3NaOI  I3CCHO + 3NaOH


I3CCHO + NaOH  CHI3 HCOONa
आयोडोफॉम

6.10 श दावल (Glossary) :


काब नक यु प न  Organic Derivatives
एसी टल करण अ भ या  Acetylation Reaction
काब नक वलायक  Organic Solvents
जल अपघटन अ भ या  Hydrolysis Reaction

6.11 संदभ थ (Reference Books) :


1. Elementary Practical Organic Chemistry, Vol.I & IIby Vogel

103
2. Adavanced Practical Organic Chemistry, J.Leonard,B.Lygo & G. Procter
3. Comprehensive Practical Organic Chemistry by V.K Ahluwalia and
S.Dhingra.
4. Advanced Practical Organic Chemistry by F.G.Mann and B.C Saunders

104
इकाई7
काब नक यौ गक का सं लेषण या बनाना
(SYNTHESIS OR PREPARATION OF ORGANIC
COMPOUND)

इकाई क परे खा
7.0 उ े य
7.1 तावना
7.2 एसी टल करण या वारा यो गक का सं लेषण
7.3 सै ल स लक अ ल से ऐि प रन का नमाण
7.4 ए नल न से बिज नलाइड का नमाण
7.5 नाइ ोबे जीन से m-डाइनाइ ोबे जीन का नमाण
7.6 ऑ सीकरण अ भ या
7.7 टालू ईन से बै जोइक अ ल बनाना
7.8 डाईएजोट करण अ भ या
7.9 ोमोनीकरण या
7.10 श दावल
7.11 संदभ थ

7.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के बाद आप व भ न मह वपूण काब नक यौ गक के वरचन के बारे
म न न जानकार ा त करगे
1. एसी टल करण या वारा एनीलाइड का सं लेषण करना ।
2. बे जोल करण या वारा बे जेनीलाइड बनाना ।
3. नाइ करण वारा नाइ ो यौ गक का वरचन ।
4. डाईएजोट करण या वारा मै थल ऑरज का वरचन ।
5. ोमोनीकरण वारा p - ोमो यौ गक का वरचन ।

7.1 तावना (Introduction) :


काब नक रसायन का इ तहास लगभग 200 वष ह पुराना है । इतने कम समय म लाख
काब नक यौ गक सं ले षत कये जा चु के ह । कसी उ पाद को ा त करने के लए याकारक क
एवं अ भकमक क कतनी मा ा लेकर एवं कतने समय तक अ भ या क जाय िजससे क उ पाद

105
सह मा ा म और शु मा ा म ा त हो । सं लेषण क व धय को ायो गक प से समझाना ह
इस इकाई का मूल आधार है ।

7.2 एसी टल करण या वारा यौ गक का सं लेषण (Synthesis of


the Compound by Acetylation Reaction)
(अ) एसी टल करण (Acetylation) अ भ या
काब नक यो गक जैसे ऐ कोहॉल, फनोल, ऐमीन आ द म एसी टल (COCH3) समूह को
जोड़ना या लगाना ह ऐसी टल करण अ भ या कहलाती है । इस अ भ या म एक स य हाइ ोजन
का त थापन ऐसी टल (COCH3) समू ह से हो जाता है । यह अ भ या ऐसी टक ऐनहाइ ाइड,
ऐसी टल लोराइड या ऐसी टक ऐनहाइ ाइड तथा ऐसी टक अ ल क उपि थ त म स प न होती है।
ROH +CH3 COCl  ROCOCH3 +HCI
C6H5OH + CH3COCI  C6H5OCOCH3 + HCI
RNH2 + CH3COCI  RNHCOCH3 +HCI
CH3COOH
ROH +(CH3CO)2O 
 ROCOCH3 +CH3COOH
C6H5OH + (CH3CO)2O  C6H5OCOCH3 +CH3COOH
3 CH COOH

RNH2 +(CH3CO)2O  RNHCOCH3 +CH3COOH


3 CH COOH

ए नल न से ऐसीटऐ नलाइड बनाना (Preparation of acetanilide from aniline)


स ा त. जब ए नल न को ऐसी टक ऐनहाइ ाइड और ऐसी टक अ ल क उपि थ त म उबालते
(Reflux) ह तो ऐसीटे ऐ नलाइड बनता है ।

अ भकमक :
(1) ऐ नल न  5 मल
(2) ऐसी टक ऐनहाइ ाइड  5 मल
(3) लैशल ऐसी टक अ ल  10 मल
आव यक उपकरण :
(1) 50 मल या 100 मल धा रता का गोल पे दे का ला क
(2) वायु संघ न या जल संघ न
(3) 250 म ल. का बीकर
व ध : गोल पे दे (50 मल या 100 मल ) के ला क म 5 म ल. ऐ नल न लेकर 10
मल ऐसी टक अ ल म वलेय करके 5 मल ऐसी टक ऐनहाइ ाइड मलाते ह तथा पो सल न के 2-3
टु कड़े डालते है । ला क के ऊपर संघ न लगाकर धीरे -धीरे उबालते ह । अ भ या म ण को 25-30

106
मनट तक धीरे - धीरे गम करते रहते ह, अ भ या क पूणता को नि चत करने के लए अ भ या
म ण क कु छ बूद
ं े (2-5) एक बीकर िजसम ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो थाना त रत करते
ह य द ठोस ा त होता है तो अ भ या पूण हो गयी है । य द ठोस पदाथ ा त नह ं हो तो अ भ या
म ण को कुछ दे र (1 0-15 मनट) और गम करते ह । अ भ या पूण होने के प चात अ भ या
म ण को एक बीकर िजसम 100- 150 मल ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो उसम थाना त रत
करते ह तथा काँच क छड़ से हलाते रहते ह । ा त ठोस को छानकर, जल से अ छ तरह धोकर
सु खा लेते ह ।
इस कार जो ठोस पदाथ ा त होता है उसको जल क अ प मा ा म गम करके घोल कर
टल करण करते ह । उ पाद एकदम सफेद या रं गह न ा त होना चा हए ।
यद ा त उ पाद म रं ग हो तो उसे जल या ऐ कोहॉल या जल तथा ऐ कोहॉल के म ण
म 2-3 ाम चारकोल डालकर 2-3 मनट तक उबालने के बाद गम-गम छान लेते है । छ नत को ठ डा
करने के प चात ् ा त ठोस को छान लेते है तथा ठ डे जल से धोकर सुखा लेते ह , ा त उ पाद
ऐसीटऐ नलाइड सफेद (रं गह न) चमकदार टल ा त होते ह ।
लि ध = 5 ाम
गलनांक = 113 C
0

सावधानी
1. अ भ या म ण को ल बे समय तक गम नह ं करना चा हए ।
2. 2. अ भ या क पूणता जानने के लए अ भ ं े (4-5 बू द
या म ण क कुछ बू द ं )े ठ डे जल (10
मल ) म डालकर दे खनी चा हए । य द ठोस पदाथ मलता है तो अ भ या पूण हो गयी है ।
3. अ भ या म ण को ठ डे जल म थाना त रत करने से पहले ठ डा करना आव यक है ।

7.3 सै ल स लक अ ल से ऐि प रन का नमाण (Preparation of


Aspirin Salicylic Acid) :
अभ या :
सै ल स लक अ ल का ऐसी टक ऐनहाइ ाइड वारा ऐसी टल करण अ भ या के फल व प
ऐि प रन बनती है ।

अ भकमक :
(1) सै ल स लक अ ल  5 ाम
(2) ऐसी टक ऐनहाइ ाइड  5 मल
(3) सा H2SO4 (उ रे क य मा ा)  0.2 मल
आव यक उपकरण :
107
(1) गोल धा रता का ला क
(2) थमामीटर
(3) बीकर
वध :
गोल पे दे के ला क म 5.0 ाम सै ल स लक अ ल लेकर उसम 5 मल ऐसी टक
ऐनहाइ ाइड तथा 0.2 मल सा H2SO4 डालकर हलाते ह । अ भ या म ण म 1 या 2 पोस लन
के टु कड़े डालकर 50-600C ताप म पर जल ऊ मक के ऊपर 15-20 मनट तक गम करते ह ।
अभ या म ण को कमरे के ताप पर ठ डा करने के प चात एक बीकर िजसम लगभग 100-150
मल ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो, थाना त रत करते ह । ऐि प रन ठोस पदाथ के प
म पृथक हो जाता है । िजसको छानकर जल से धोते ह , ता क एसी टक ऐनहाइ ाइड क अ धकता और
H2SO4 नकल जाए । ठोस पदाथ को सु खाकर 50% एथेनॉल (ऐ कोहॉल) क कम से कम मा ा म
वलेय करके तथा गम-गम छानकर कमरे के ताप पर टल बनने के लए रख दे ते ह । सु ई के आकार
के रं गह न टल ा त होते है ।
लि ध  5.5 ाम
भौ तक अव था  सु ई के आकार के वेत टल
गलनांक  136-137 C
o

वतीय व ध
य द ऐसी टक ऐनहाइ ाइड योगशाला म उपल ध न हो तो ऐसी टल लोराइड का उपयोग
करके भी ऐि प रन बनाया जाता है ।
अभ या :

अ भकमक
(1) सै ल स लक अ ल  5 ाम
(2) ऐसी टल लोराइड  4 मल
(3) पर डीन  5 मल
आव यक उपकरण :
इससे पूव अ भ या म दशाए गये है ।
व ध:
एक गोल धा रता वाले ला क मे 5 ाम सै ल स लक अ ल लेकर उसम 5 मल पर डीन
मलाकर घोलते है । पदाथ य द पूर तरह से वलेय न हो तो जल ऊ मक के ऊपर ह का सा गम
करते ह, फर भी अ वलेय रहे तो 1-2 मल पर डीन और मलाते है । सै ल स लक अ ल के पूण
वलेय होने के प चात 4.0 मल ऐसी टल लोराइड मलाते ह ला क को अ छ तरह हलाते ह ।

108
उ मा ेपी अ भ या होगी, अ भ या म ण का ताप म 50-600C से ऊपर नह ं बढ़ना चा हए। य द
ताप म 600C से ऊपर जाए तो ला क को जल म रखकर ठ डा करते ह । अ भ या म ण को
5 मनट तक कमरे के ताप पर हलाते हु ए फर संघ न लगाकर 15 मनट के लए जल ऊ मक पर
600C पर गम करते ह । अ भ या म ण को ठ डा होने के बाद एक बीकर िजसम 100-120 मल
ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो उसम धीरे -धीरे डालते ह । ठोस पदाथ का पृथक होना ह अ भ या
क पूणता द शत करता है । ठोस पदाथ को छानकर, जल से धोकर सु खा लेते ह । ा त उ पाद को
जल तथा ऐसी टक अ ल (40-50%) या 50% ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
भौ तक अव था  रं गह न, सु ई के आकार के टल
लि ध  5.5 ाम
गलनांक  135-1370C
बे जोल करण अ भ या (Benzoylation reaction)
ऐ कोहॉल म उपि थत हाइ ो सी (-OH) समू ह या ऐमीन म उपि थत ाथ मक ऐमीन
(-NH2 ), वतीयक ऐमीन (>NH) समू ह के स य हाइ ोजन परमाणु का बे जोयल (-COC6H5 )
समू ह वारा त थापन करना ह बे जोल करण कहलाता है । यह अ भ या शोटन-बोमैन के नाम
से स है । इस अ भ या म काब नक पदाथ को 10% NaOH वलयन तथा बे जोयल लोराइड
क उपि थ त म तेजी (vigorous) से हलाते ह ।
ROH +C6H5COCI  ROCOC6H5 +HCI
RNH2 +C6H5COCI  RNHCOC6H5+HCI
ArNH2 + C6H5COCI  ArNHCOC6H5+HCI

7.4 ऐ नल न से बेि जनैलाइड का नमाण (Preparation of


Benzanilide from Aniline) :
स ा त
जब ऐ नल न को बे जोयल लोराइड क थोड़ी सी अ धकता म तथा NaOH वलयन क
उपि थ त म तेजी से हलाया जाता है तो ए नल न का बे जोयल यु प न ा त होता है । बे जोयल
लोराइड क अ धकता NaOH वलयन वारा जल अपघ टत हो जाती है िजसके फल व प बे जोयल
लोराइड, सो डयम बे जोएल तथा सो डयम लोराइड म बदल जाता है । दोन उ पाद जल म वलेय
होते ह िजनको जल से धोकर आसानी से अलग कर लेते है ।
अभ या :

109
अ भकमक :
(1) ऐ नल न  5 मल
(2) बे जोइल लोराइड  5 मल
(3) सो डयम हाइ ो साइड वलयन (10%)  40 मल
उपकरण : 250 मल . शं वाकार ला क, बीकर, क प आ द
वध
250 म ल. के शं वाकार ला क म 5 म ल. ऐ नल न लेकर इसम 40 म ल.NaOH वलयन
(10%) तथा 5 म ल. बे जोयल लोराइड मलाते ह । ला क के मु ंह पर काक लगाकर 10-15 मनट
के लए तेज-तेज हलाते है । अ भ या के फल व प ला क गम हो जाता है िजसे बाहर से जल
म रखकर ठ डा करते रहते ह । 20-25 मनट म अ भ या पूण हो जाती है ( ला क से बे जोइल
लोराइड क ग ध नह ं आती है' ।) इसम लगभग 100 मल जल मलाने पर सफेद ठोस पदाथ ा त
होता है । ा त ठोस को छानकर जल से धोकर (NaOH क अ धकता य द हो तो दूर हो जाएगी)
सु खा लेते ह । उ पाद को ऐ कोहॉल से ट लत करने के बाद वेत टल ा त होते ह ।
लि ध  75 ाम
गलनांक  162-1630C

7.5 नाइ ोबजीन से m-डाइनाइ ोबजीन बनाना (Preperation of


Nitrobenzene from benzene) :
नाइ करण अ भ या (Nitration reaction)
स ा त:
यह ऐरोमै टक इले ो फ लक त थापन अ भ या ह, िजसम एक ोटोन (हाइ ोजन) का
या म H ( ोटोन) नकलता है तथा NO2
+
नाइ ो समू ह वारा त थापन होता है । अ भ
(नाइ ो नयम आयन) जु ड़ता है ।

जब सा HNO3 व सा H2SO4 क या कराते है तो नाइ ो नयम आयन (NO2) बनता


है जो क बे जीन ना भक पर आ मण करके उ पाद बनाता है ।

 H 2 ONO 2  HSO4 
HONO2  H 2 SO4 
110
  
 H 3 O  N O2  HSO4 
H 2 O NO2  H 2 SO4 
 
 H 3 O  NO2  2 HSO4
HONO2  2 H 2 SO4 
*य द गंध आए तो 10-20 म ल. NaOH वलयन और मलाकर अ छ तरह से हलाते ह ।
नाइ करण अ भ या शु करने से पहले नाइ करण म ण तैयार करते है । इसके लए
100 मल का गोल पे दे का ला क या शं वाकार ला क लेकर उसम 20 मल सा H2SO4
अ ल लेते है इसम10 मल सा HNO3 अ ल धीरे -धीरे बूदं -बू द
ं करके मलाते ह । अ भ या के
दौरान ला क गम होता है िजसे ठ डे जल यु त बतन म रखकर ठ डा करते रहते है । इस कार
जब पूण HNO3 अ ल मल जाता है तो इस म ण को नाइ करण म ण कहते ह ।
सा HNO3 अ ल एवं सा H2SO4 अ ल का अनुपात हमेशा (1:2) या इससे अ धक
(1:3) रखना चा हए, य क H2SO4 अ ल यहाँ पर H2O का ोटोनेशन करके H3O बनाता है िजससे
+

क अभ या नर तर चलती रहती है अथात ् जल बनते ह अ भ या क जाएगी और उ पाद कम


ा त होगा ।
अ भकमक:
(1) नाइ ोबजीन  5 मल
(2) सधूम या सा नाइ क अ ल  7 मल
(3) सा स यू रक अ ल  14 मल
वध :
शु क 100 मल के गोल पे दे के ला क म 7 मल सघूम या सा HNO3 अ ल लेते
है ला क को ठ डे जल म रखते हु ए इसमे 14 मल सा H2SO4 अ ल धीरे -धीरे मलाया जाता
है येक योजन के बाद ला क को हलाया
जाता है । जब सा H2SO4 अ ल पूण प से मला लया गया हो तो उसमे 5 मल
नाइ ोबजीन धीरे-धीरे हलाते हु ए मलाते है । ला क के मु ंह पर वायु संघ न लगाकर अ भ या म ण
को जल ऊ मक पर गम करते ह । 45 मनट तक गम करने के प चात ् ठ डा करके अ भ या म ण
क 4-5 बू द
ं े एक परखनल िजसम ठ डा जल रखा हो डाल दे ते है य द ठोस ा त होता है तो अ भ या
का पूण होना जाना जाता है , य द यह ं पर ठोस ा त नह ं होता है तो म ण को पुन : (10-15 मनट)
और गम करते है । अ भ या म ण को ठ डा करके ठ डे जल यु त बीकर म धीरे -धीरे डालते है
तथा काँच क छड से हलाते रहते है । m-डाइनाइ ोबजीन ह के पीले ठोस के प म पृथक हो जाता
है । ठोस को छान लेते है तथा जल क अ धकता से धोकर (िजससे HNO3 व H2SO4 नकल जाए)
सु खा लेते है । इस कार ा त उ पाद को ऐ कोहॉल से ट लत करते है ।
लि ध  6 ाम
गलनांक  90 C 0

7.6 ऑ सीकरण अ भ या (Oxidation Reaction) :


स ा त

111
ार य मा यम म बजेि डहाइड का पोटे शयम परमगनेट वलयन क उपि थ त म बजोइक
अ ल म आ सीकरण हो जाता है ।

वलयन
2KMnO4  H 2O ⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯ 2MnO2  2 KOH  3[O ]

अ भकमक :
(1) बे जैि डहाइड  5 मल
(2) सो डयम हाइ ो साइड वलयन (10%)  40-50 मल
(3) पोटे शयम परमगनेट  10% जल य वलयन
(4) तनु हाइ ो लो रक अ ल  5 मल
वध
एक 250 मल के गोल पे दे के ला क म 5 मल बे जैि डहाइड, 40 मल (10%) NaOH
वलयन तथा 50 मल पोटे शयम परमगनेट का वलयन (10%) लेते है । अ भ या म ण म
पोस ल न के दो तीन छोटे -छोटे टु कड़े डाल दे ते है । ला क के मु ँह पर वायु संघ न लगाकर 45 मनट
तक धीरे -धीरे उबालते ह । य द KMnO4 वलयन रं गह न हो जाए तो इसक और मा ा मलानी चा हए
। अभ या क पूणता बे जैि डहाइड क ग ध नह ं आने से मालूम पड़ जाती है । अ भ या म ण
को ठ डा करने के प चात छान लेते है । छ नत को सा HCI से अ ल कृ त करते है । वलयन के
अ ल य होते ह बे जोइक अ ल का सफेद अव ेप ा त होता है िजसे छान कर जल से धोकर सु खा
लेते है । य द अ भ या म ण बगनी या भूरा काला हो तो सो डयम स फाइट (Na2SO4) मलाने
पर साफ कया जाता है । इस कार ा त उ पाद को गम जल के वारा ट लत करते है ।
भौ तक अव था  रं गह न टल

112
लि ध  4 ाम
गलनांक  121 C0

7.7 टालू ईन से बे जोइक अ ल बनाना (Preparation of Benzoic


Acid from Toluene) :
अभ या:

अ भकमक:
(1) टालू ईन  5 मल
(2) पोटे शयम परमगनेट (10% वलयन)  100 मल
(3) तनु हाइ ो लो रक अ ल  आव यकता के अनुसार
उपकरण : 500 मल गोल पे दे का ला क, जल संघ न
व ध:
एक 500 मल का गोल पे दे का ला क लेकर उसमे 5 मल टालू ईन, 100 मल जल
मलाकर जल ऊ मक पर गम करते है । एक शं वाकार ला क म 10 ाम KMnO4 का 100 मल
जल म वलयन बनाते ह । KMnO4 के वलयन को गोल पे दे के ला क म धीरे -धीरे करके मलाते
रहते ह । ला क को समय -समय पर हलाते रहते है । KMnO4 का गुलाबी रं ग गायब होता रहे गा
जब गुलाबी रं ग का गायब होना या ह का पड़ना ब द हो जाए तो पोटे शयम परमगनेट वलयन का
डालना ब द कर दे ते है । अ भ या म ण को लगभग 45 मनट तक गम करने के बाद ठ डा करके
उसम स यूर स अ ल (H2SO4) मलाते हे िजससे क KMnO2 का भूरा अव ेप जो क अ भ या
के स प न होने म बनता है, घुल जाएगा, इस कार ा त वलयन को छान करके ठ डा करते ह
। कु छ दे र बाद रं गह न ठोस पदाथ ा त होता है िजसको छानकर जल से धोकर सुखा लेते है । इस
कार ा त पदाथ को गम जल या ऐ कोहॉल से ट लत करते है ।
भौ तक अव था  ठोस रं गह न टल
लि ध  4 ाम
गलनांक  1210C

7.8 डाईएजोट करण अ भ या (Diazotization Reaction) :


स ा त
ऐरोमै टक ाथ मक ऐमीन क सो डयम नाइ ाइट (NaNO2) व HCI क उपि थ त म 0-5 C
0

पर अ भ या कराने पर बे जीन डाइजो नयम लोराइड बनता है िजसको पुन : N,N-ऐि कल ऐरोमै टक

113
एमीन यु प न के साथ यु मन (अ भ या) कराने पर रंजक ा त होते ह । उदाहरण: डाइऐजोट कृ त
उ पाद का N,N-डाइमे थल ऐनील न के साथ यु मन अ भ या कराने पर, मे थल ऑरज बनता है ।

अ भकमक :
(1) स फै न लक अ ल  5.0 ाम
(2) सो डयम काब नेट  2.0 ाम
(3) सो डयम नाइ ाइट  2.0 ाम
(4) N,N-डाइमे थल ऐ नल न  3.6 ाम
(5) सा हाइ ो लो रक (HCI) अ ल
(6) तनु हाइ ो लो रक (HCI) अ ल
(7) सो डयम लोराइड (NaCl)
(8) बफ
उपकरण: 50 म ल. एवं 250 म ल. के शं वाकार ला क, बीकर थमामीटर आ द
वध :
(a) 50 म ल. के शं वाकार ला क या वथन नल म 2.0 ाम NaNO2 को 10 मल जल म
घोल लेते है ।
(b) इसी कार 5.0 ाम स फै न लक अ ल म 50 मल जल मलाकर 20 ाम सो डयम काब नेट
मलाते है तथा अ छ तरह हलाकर वलयन बनाते है ।
उपयु त बनाए गये दोन वलयन को हमकु ड (Ice bath) म रखकर 0-50C तक ठ डा
होने दे ते है । सो डयम नाइ ाइट के वलयन का तापमान जब 0-50C के बीच म आ जाए तो उसम
6-8 म ल. सा HCl धीरे -धीरे हलाते हु ए मलाते है तथा तापमान 0-50C (बफ रखते हु ए) के म य
ह रहना चा हए ।

114
(3) एक परखनल या बीकर म 3.6 ाम ए नल न को लेकर 10 म ल तनु HCI म वलयन बनाकर
हमकु ड म रखकर ठ डा करते है ता क ताप 0-50C रहे ।
इसके प चात ् (a) सो डयम नाइ ाइट (NaNO2) तथा HCl का हम श तत वलयन उस
ला क म मलाते है िजसमे स फै न लक अ ल का वलयन रखा गया हे । (अ भ या म ण को
लगातार बफ म रखते है ।) (b) N,N-डाइमे थल ए नल न के वलयन को भी इस अ भ या म ण
म मलाते हु ए हलाते रहते है । लगभग 10 मनट तक बफ म रखकर हलाने के बाद 20 म ल.
20%NaOH वलयन और 5 ाम NaCl (ठोस) इसम डालते है । लाल नारं गी ठोस ा त होगा,िजसे
छान कर ठ डे जल से धोकर सु खा लेते है । टलन करने के लए गम जल का उपयोग करते है,
Na लवण के प म ा त इस रं जक का गलनांक नि चत नह ं आता है । इसका रं जक के प म
उपयोग होता है ।
भौ तक अव था  नारं गी लाल टल / ठोस
लि ध  6 ाम

7.9 ोमोनीकरण अ भ या (Bromonination Reaction) :


ऐसीटऐ नलाइड से p- ोमोऐसीटऐ नलाइड बनाना (Preperation of p-bromoacetanilide
from acetanilide)
स ा त :
ऐसीटऐ नलाइड को ऐसी टक अ ल म वलेय करके ोमीन के वारा ोमीनीकरण करते ह
। इस अ भ या म p- ोमोऐसीटए नलाइड कम मा ा म तथा p- ोमोऐसीटऐ नलाइड मु य उ पाद के
प म ा त होता है।

o- ोमोऐसीटऐ नलाइड क वलेयता ऐ कोहॉल म अ धक होने के कारण टलन करते समय


p- ोमोऐसीटऐ नलाइड के टल छानने पर ा त हो जाते है, तथा o- ोमोऐसीटए नलाइड छ नत म
उपि थत रहता है िजसको क ऐ कोहॉल के आसवन करने के प चात ा त कया जाता है ।
अ भकमक :
(1) ऐसीटऐ नलाइड  50 ाम
(2) ले शयल ऐसी टक अ ल  आव यकतानुसार (10-15 मल )
(3) ोमीन  ोमीन का ले शयल ऐसी टक अ ल म 30% वलयन

115
(4) ऐ कोहॉल  आव यकता अनुसार
उपकरण : बीकर, शं वाकार ला क
वध
250 मल के एक शं वाकार ला क म 5.0 ाम ऐसीटऐ नलाइड को 15 मल ले शयल
ऐसी टक अ ल म घोलते है। एक यूरेट क सहायता से ोमीन का 30% वलयन जो क ऐसी टक
अ ल से बना हु आ है, धीरे -धीरे मलाते है तथा ला क को हलाते रहते है । अ भ या के शु होने
से ोमीन वलयन रं गह न होता रहे गा और जब अ भ या म ण का रं ग ह का नारं गी हो जाए तो
ोमीन वलयन मलाना ब द कर दे ते है और कमरे के ताप पर 15-20 मनट रखने के बाद एक बीकर
िजसम 150-200 मल बफ यु त ठ डा जल रखा हो डाल दे ते है । इस कार ा त ठोस को छानकर ,
जल से धोकर (िजससे ोमीन एवं एसी टक अ ल नकल जाए) सु खा लेते है, और ऐ कोहॉल से
टल करण करते है।
भौ तक अव था  सफेद (रं गह न) टल
लि ध  6 ाम
गलनांक  1670C

7.10 श दावल (Glossary) :


जल ऊ मक  Water Bath
शं वाकार ला क  Conical flask
सं लेषण या वरचन  Synthesis or Preparation
डाइएजोट करण या  Diazotisation Reaction

7.11 संदभ थ (Reference Books) :


1. Elementary Practical Organic Chemistry, Vol.I & II by Vogel.
2. 2.Advanced Practical Organic Chemistry by F.G Mann and B.C.Saunders.
3. Comprehensive Practical Organic Chemistry by V.K.Ahluwalia and
S.Dhingra
4. Advanced Practical Organic Chemistry,J.Leonard, B.Lygo & G.Procter

116
इकाई 8
वै युत रसायन
(ELECTROCHEMISTRY)

इकाई क परे खा
8.0 उ े य
8.1 तावना
8.2 चालकता
8.3 तु यांक चालकता
8.4 तु यांक चालकता व व श ट चालकता म स ब ध
8.5 आण वक चालकता
8.6 चालकता का नधारण
8.7 चालकता सेल
8.8 सेल नयतांक
8.9 कोलरॉउस का नयम
8.10 कोलरॉउस नयम के अनु योग
8.11 योग – 1
8.12 योग – 2
8.13 योग – 3
8.14 श दावल
8.15 संदभ थ

8.0 उ े य (Objective) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप न न जानकार ा त करगे
1. वै युत चालकता एवं उसका नधारण ।
2. कोलरॉउस का नयम एवं उसके अनु योग ।
3. चालकता मूलक अनुमापन एवं अव ेपण अनुमापन ।

8.1 तावना (Introduction) :


वे पदाथ जो वै युत धारा को वा हत होने दे ते ह, उ ह वै युत के चालक कहते ह तथा िजन
पदाथ म से होकर वै युत धारा वा हत नह ं हो सकती वै युत अचालक कहलाते ह ।
वे पदाथ िजनम व युत धारा का वाह आयन क ग त के कारण या आयन का वपर त
आवे शत इले ोड पर अ भगमन के कारण होता है अथात ् ऐसे पदाथ म आवेश वाहक आयन होते ह

117
ये वै युत अपघटनी या आय नक चालक कहलाते ह । इन चालक म वै युत धारा के वाह के साथ
रासाय नक प रवतन होता है तथा पदाथ आयन मे अपघ टत हो जाता है इन पदाथ को वै युत अपघ य
कहते ह । वै युत अपघ य का उपयोग चालकता मापन म कया जाता है ।

8.2 चालकता (Conductance) :


धाि वक चालक व वै युत अपघ य ओम के नयम का पालन करते है । ओम के नयम के
अनुसार कसी चालक म वा हत धारा I उसके वभवा तर E के अनु मानुपाती व उसके तरोध R
के यु मानुपाती होती है । अत.
1
E
R ..... (1.1)
व युत धारा को ऐ पीयर, वभव को वो ट व तरोध को ओम (Ohm) म नापते है ।
व युत रसायन म तरोध क जगह चालकता (C) को यादा काम म लेते है । यह चालक
म वा हत धारा को आसानी से य त करती है । यह तरोध का यु म है ।
1
C
R ..... (1.2)
इसे तरोध क यु म इकाई से द शत करते है अत: इसक इकाई Ohm-1 (ओम-1) या
हो (Mho) होती है ।
व श ट चालकता (Specific Conductance) :
हम जानते है क कसी चालक का तरोध उसक ल बाई ( l ) के अनु मानुपाती व उसके
अनु थ काट े फल (a) के यु मानुपाती होता है । अत:
1
R
a ...... (1.3)
1
R
a ...... (1.4)
यहाँ   rho  एक नयतांक है जो पदाथ क कृ त पर नभर करता है इसे व श ट तरोध
(Specific resistance) कहते है ।
य द समीकरण 1.4 म l = 1 cm व a =1cm2 हो तब R = 
2
अत: कसी 1 सेमी. ल बे व 1 सेमी अनु थ काट े फल वाले पदाथ का ओम म तरोध
वश ट तरोध कहलाता है । अथात ् 1cm3 पदाथ का तरोध व श ट तरोध कहलाता है ।
1
वश ट तरोध के यु म को व श ट चालकता कहते है इसे k (Kappa) से द शत

करते है ।
अत: 1cm ' पदाथ क चालकता व श ट चालकता कहलाती है । अत:
3

1
k
 ...... (1.5)

118
समीकरण (1.4) के अनुसार
1 l 1  1
  k    ..... (1.6)
 a R  
l 1
k 
a R
l
k  c
a ..... (1.7)
-1 -1
व श ट चालकता क इकाई ओम सेमी होती है ।

8.3 तु यांक चालकता (Equivalent Conductance) :


यह कसी वलयन म घुले व युत अपघ य के एक ाम तु यांक वारा बने सभी आयन
क चालकता है । अथात ् इस सारे वलयन को दो काफ बड़े इलै ॉड के म य रखकर ात क गयी
चालकता तु यांक चालकता है, इसे  से य त करते है ।

8.3 तु यांक चालकता तथा व श ट चालकता म स ब ध (Relation


Between Specific Conductance and Equivalent
Conductance) :
एक सेमी दूर पर दो इलै ॉड के बीच रखे एक ाम तु यांक व युत अपघ य के स पूण
आयतन म सभी आयन क चालकता, उस तनुता पर तु यांक चालकता कहलाती है । अथात ् व श ट
चालकता व एक ाम तु यांक व युत अपघ य रखने वाले आयतन के गुणनफल को तु यांक चालकता
कहते है ।
तु यांक चालकता = व श ट चालकता  1 ाम तु यांक व युत अपघ य का CC म
आयतन
  k V
यहाँ, V=1 ाम व युत अपघ य रखने वाले वलयन का आयतन है ।
माना वलयन क सा ता C ाम तु यांक त ल टर है तो एक ाम तु यांक रखने वाला
आयतन 1/C ल टर या (1000/C) CC होगा ।
1000
  k 
C .......(1.8)
चूँ क व श ट चालकता क इकाई Ohm cm -1 -1
आयतन क cm है अत: तु यांक चालकता
3

क इकाई न न होगी ।
Ohm 1cm 1  cm3equiv 1  Ohm 1cm 2equiv 1

8.5 आण वक चालकता (Molar Conductance) :


य द सा ता मोल तल टर म हो तो चालकता के थान पर आण वक चालकता श द यु त
होता है । एक सेमी दूर पर दो इलै ॉड के बीच रखे एक ाम मोल व युत अपघ य के सभी आयन

119
क चालकता को आण वक चालकता कहते है । (अथात ् व श ट चालकता व 1 ाम मोल के आयतन
का गुणनफल ह आण वक चालकता कहलाता है इसे  M से द शत करते है) ।
1000
M   k 
C ......(1.9)

8.6 चालकता का नधारण (Determination of Conductance) :


कसी वलयन क चालकता नधा रत करने के लए उसके तरोध का मापन करते है य क
चालकता तरोध क यु म होती है । वलयन का तरोध ात करने के लए ह ट टोन- ज
(Wheatstone Bridge) व ध पर आधा रत मीटर ज काम मे आते है इस च 8.1 म दशाया
गया है ।

च 8.1: व युत अपघ य क चालकता का नधारण


इसम समान यास का तार AB है जो मीटर केल पर लगा हु आ है । एक सप पश (Sliding
Contact) X इस तार पर चल सकता है यह यावत धारा के ोत S से जु ड़ा हु आ है, R एक
तरोध बॉ स व शू य ि थ त ात करने के लए हैड फोन है । T है| C एक चालकता सेल िजसम
वह वलयन भरते है िजसक चालकता ात करनी हो ।
जब धारा बहे तो तरोध बॉ स क सहायता से एक ात उपयु त तरोध लगाते है , व तार
AB पर पश स पक तब तक खसकाते है जब हैड फोन से यूनतम व न सु नाई दे जो शू य व ेप
क ि थ त है । इस अव था के लए
वलयन का तरोध ल बाई
=
तरोध ल बाई
चूँ क तरोध ात है व ल बाई XB व XA को पढ़ लेते है, अत: वलयन का तरोध ात
कर लेते है । इस तरोध का यु म करने पर वलयन क चालकता ात हो जाती है ।

8.7 चालकता सेल (Conductivity Cells) :


चालकता सेल के कई प होते है । कुछ को च 8.2 म दशाया गया है । ये पाइरे स काँच
के बने होते है व ले टनम के इले ो स होते ह ।

120
इलै ॉड काँच क नल म संग लत (Fused) होते है । व युत स पक के लए नल म कुछ
पारा लेते है । इलै ॉड के बीच क दूर नि चत होती है । इनका ु वण कम करने के लए लै टनम
लैक से लेप करते है ।

च 8.2 : चालकता सेल

8.8 सेल नयतांक (Cell Constant) :


जैसा हम पढ़ चुके है क व श ट चालकता 1cm3 वलयन क चालकता है । अत: य द दोन
इलै ॉड 1cm2 े फल के हो व इ ह 1 सेमी दूर पर रख तो उपरो त व ध से ात चालकता वलयन
क व श ट चालकता होगी । ले कन ऐसा नह ं होने पर व श ट चालकता ा त करने के लए चालकता
को एक नयतांक से गुणा करना पड़ेगा इस नयतांक को सेल नयतांक कहते है ।
अत: समीकरण 1.7 के अनुसार –
l
k     conduc tan ce
a ...... (1.10)
अत: सेल से नापी गई चालकता को एक गुणा l / a से गुणा करके व श ट चालकता ा त
करते है यह गुणांक l / a सेल नयतांक है जहाँ l सेल के दो इलै ॉड के बीच क दूर सेमी म व
a इलै ॉड को अनु थ काट का े फल cm म है ।
2

कसी सेल का सेल नयतांक ात करने के लए इसम ात व श ट चालकता का वलयन


लेकर चालकता ात कर लेते है । इसके लए साधारणतया KCl वलयन काम म लाते है । KCl वलयन

121
क व भ न सा ताओं के वलयन क व श ट चालकता मान भ न ताप पर न न सारणी म दये
गये है ।
सारणी : KCl वलयन क व श ट चालकताएँ

व श ट चालकता (ohm-1cm-1)
सा ता

00C 180C 250C


1.0 N 0.06543 0.09820 0.11173
0.1 N 0.007154 0.0111192 0.012886
0.01N 0.0007751 0.0012227 0.0014114
माना उपरो त म से कसी एक KCl वलयन को सेल म रखने पर इसक चालकता C है
तो व श ट चालकता k = सेल नयतांक  चालकता (C)
व श ट चालकता
सेल नयतांक =
ात क गई चालकता
या
सेल नयतांक = व श ट चालकता  तरोध
कसी भी सेल का सेल नयतांक एक बार ात करने के बाद कसी भी वलयन क व श ट
चालकता को इसक चालकता ात कर प रक लत कर सकते है ।

8.9 कोलरॉउस का नयम (Kohlarusch’s Law)


जैसा क ऊपर हमने दे खा, तनुता बढ़ने के साथ तु यांक चालकता का मान भी बढ़ने लगता
है और एक सीमांत मान (Limiting Value) तक बढ़कर ि थर हो जाता है । कोलरॉउस ने अन त
तनुता पर आयन क आय नक चालकताओं के म य न न स ब ध दया ।
 0    
……(1.11)
यहाँ  एवं  मश: धनायन एवं ऋणायन क आय नक चालकताएँ है ।

8.10 कोलरॉउस नयम के अनु योग (Cell Constant) :


(1) अ भगमनांक ात करना -
अ भगमनांक क प रभाषा से
v
t  .....(1.12)
uv
एवं
v
t  ......(1.13)
u v
यहाँ t  एवं t  तथा u और v मश: धनायन और ऋणायन के अ भगमनांक एवं
ग तशीलताएँ है ।
अंश एवं हर को दा हने तरफ F से गुणा करने पर ,
122
uF
t  ......(1.14)
uF  vF

t  .....(1.15)
  

t   .....(1.16)
0
  t . 0
इसी कार हम ऋणायन के लए न न सू नकाल सकते है :-
  t 0

(2) दुबल व युत अपघ य क अन त तनुता पर तु यांक चालकता ान करना


चूँ क दुबल व युत अपघ य कसी भी तनुता पर पूण प से अपघ टत नह ं होते है । अत :
दुबल व युत अपघ य क य प से अन त तनुता पर तु यांक चालकता क गणना नह ं क
जा सकती । इसके लए समान आयन वाले बल व युत अपघ य क अन त तनुता पर चालकता
ात कर अ य प से दुबल व युत अपघ य क अन त तनुता पर तु यांक चालकता का नधारण
करते है । जैसे -
एसी टक अ ल के लए अन त तनुता पर तु यांक चालकता न न तर के से ात होगी
0  CH 3COOH    0  CH 3COO  Na    0  HCI    0  NaCI 
यहाँ  0  CH 3COONa   0  HCI  और ...Λ0(NaCl) अन त तनुता पर तु यांक
चालकताएँ है ।
(3) अ प वलेय लवण क वलेयता ात करना
कु छ अ वलेय पदाथ जैसे BaSO4,AgCl,PbS आ द, पानी म बहु त कम मा ा म घुलते है,
एवं कसी V तनुता पर इसक तु यांक चालकता , अन त तनुता पर तु यांक चालकता के बराबर होगी
। अथात
0  k V ...... (8.17)
यहाँ k व श ट चालकता का मान है ।
अब पुन :
V मल आयतन म 1 ाम तु यांक घुला हु आ है ।
1000
अत: 1000 मल आयतन म ाम तु यांक घुला होगा ।
V
1000
इस लए वलेयता प रभाषानुसार ाम तु यांक 1 लटर होगी ।
V
(4) चालकता-मू लक अनुमापन (Conductometric titration)
चालकतामापी व ध को उन वलयन के अनुमापन म काम म लेते है जहाँ वा त वक वलयन
म अनुमापक मलाने पर वचारणीय व श ट चालकता प रवतन होता है । इस अनुमापन म वलयन

123
क चालकता म प रवतन के अ ययन से अि तम ब दु का प रकलन कया जाता है । इस व ध से
मु यत: न न अनुमापन अ भ याएँ क जाती है -
(i) अ ल- ार अनुमापन (Acid-Base titration)
(ii) अव ेपण अनुमापन (Precipitation titration)
अ ल ार अनुमापन
(a) बल अ ल Vs बल ार :
इस अ भ या पर वचार करो िजसम 0.01 NHCl म 0.1N NaOH मलाया जाता है ।
इस तरह क अ भ या न न तरह द शत होगी :
H 
 CI     Na   OH   
 Na  CI   H 2O
इस अ भ या म उ च चालकता वाला हाइ ोजन आयन कम चालकता वाले Na के वारा
त था पत हो रहा है एवं लोराइड आयन क चालकता ि थर है । इस कार जैस-जैसे NaOH मलाते
है वलयन क चालकता घटती जाती है। एक ि थ त म सभी H , Na के वारा त था पत हो जायगे
 

। इस ि थ त म चालकता का यूनतम मान होगा । अब NaOH मलाने पर वलयन म OH  क


अ धकता होगी । िजसके फल व प चालकता का मान बढ़े गा । इस या को च 8.3 के वारा
समझा जा सकता है । दोन सरल रे खा जहाँ कटती है वह अि तम ब दु कहलाता है ।

च 8.3 बल अ ल तथा बल ार
(b) बल अ ल Vs दुबल ार :
जब एक बल अ ल (HCl) का दुबल ार NH4OH के साथ अनुमापन कया जाता है तो
व का पहला भाग बल अ ल और बल ार के अनुमापन क तरह क होता है । पर तु अि तम
ब दु के बाद चालकता म यादा प रवतन नह ं होता है य क OH  दुबल अपघ य क तरह यवहार
करता है । इस अनुमापन का व च 8.3 म दशाया गया है ।

124
च 8.4 : बल अ ल एवं दुबल ार
(c) दुबल अ ल Vs बल ार :
एक दुबल अ ल  CH 3COOH  और बल ार (NaOH) के अनुमापन म न न
अभ या होती है ।
 CH COO
3

 H     Na   OH   
 CH 3COONa  H 2O
इस अनुमापन का व च 8.4 के अनुसार होता है । ार भ म दुबल अ ल क चालकता
कम होती है एवं बल ार मलाने पर और कम हो जाती है ।

च 8.5 : दुबल अ ल एवं बल ार


हालां क सो डयम एसीटे ट बल व युत अपघ य है पर तु एसीटे ट आयन के सम आयन भाव
से सो डयम एसीटे ट अपघटन अव हो जाता है, और ार मलाने पर एसीटे ट आयन क सा ता
बढ़ने से चालकता का मान बढ़ता है । अि तम ब दु के बाद चालकता का मान OH  के आ ध य
होने से और बढ़ता है ।
(d) दुबल अ ल Vs दुबल ार :

125
इस अनुमापन के व का अ भाग च -C के अनुसार होता है पूण अनुमापन व च 8.6
के अनुसार होता है । अि तम ब दु के बाद मु त OH  आयन दुबल व युत अपघ य होने से
चालकता ि थर रहती है ।

च 8.6 : दुबल अ ल एवं दुबल ार


(ii) अव ेपण अनुमापन :
इस अनुमापन को तनु वलयन एवं ए कोहॉल के आ ध य म स प न करने पर अ छे प रणाम
ा त होते है । ए कोहॉल अव ेप क वलेयता को कम करता है एवं अव ेप के अवशोषण को कम
करता है ।
य द KCl क AgNO3 के सापे अनुमापन करते है तो न न अ भ या होती है -

K 
 Cl 
   Ag 
 NO 
3   AgCl  K 
 NO 
3

ार भ म चालकता का मान ि थर रहता है । अि तम ब दु के बाद चालकता का मान तेजी


से बढ़ता है । इस ि थ त को च 8.7 म दशाया गया है ।

च 8.7 : अव ेपण अनुमापन

126
8.11 योग 1 - कमरे के ताप पर न न यु म का चालकतामापी
अनु मापन अ ात अ ल क सा ता ात क िजये
1. बल अ ल (HCl) क बल ार (NaOH) के साथ
2. बल ार (HCl) क दुबल ार (NH4OH) के साथ
3. दुबल अ ल  CH 3COOH  क बल अ ल (NaOH) के साथ
उपकरण एवं रसायन
1. चालकतामापी बीकर, माइ ो युरेट, पपेट, काँच क छड़
2. आसु त जल, HCl,NaOH,CH3COOH,NH4OH
वध
(i) 0.1 NaOH को ऑ से लक अ ल के मानक वलयन से अनुमापन कर बनाये एवं 0.1N
HCI,0.1N CH 3COOH एवं 0.1N NH4OH के लगभग सा ता के वलयन अनुमान से बना
ल ।
(ii) माइ ो युरेट म 0.1NaOH का मानक वलयन भर ल एवं सावधानी से 0.1ml बीकर म डाल
। बीकर को अ छ तरह हलाने के प चात ् चालकतामापी से पा यांक ल । इस तरह 0.1ml ार
मलाने पर चालकता का पा यांक ल ।
े ण :
उपयु त पा यांक को न न कार सारणीब कर -
चालकतामापी अनुमापन.................... ....... अ ल का.................. ार से
अ ल का आयतन  10 मल
ार य वलयन क सा ता  0.1N
अ ात अ ल क सा ता ात करने के लए अ ल क चालकता ात करते ह एवं ाफ क
सहायता से उसक संगत ार का आयतन ात कर लेते ह एवं अ ल क सा ता न न समीकरण
से ात करते ह -
N1 V1 = N2V2
यहाँ N1 एवं N2 मश: अ ल एवं ार क नामलता है एवं V1 एवं V1 मश: अ ल एवं
ार के आयतन है ।

8.12 योग 2 - चालकतामापी अनु मापन वारा एक म ण म उपि थत


HCI एवं CH 3COOH क सा ता-मानक NaOH वलयन से अनु मापन
कर ात करना :
उपकरण :
योग- 1 म यु त
स ा त :

127
जब एक बल अ ल (HCl) एवं दुबल अ ल  CH 3COOH  का एक ार के साथ अनुमापन

कया जाता है तो बल अ ल पहले उदासीन होता है, उसके प चात ् दुबल उदासीन होता है ।
ार मलाने पर अ ल ( H ) एवं ार ( OH ) क या होने से चालकता घटती है । बल
 

अ ल के उदासीन हो जाने के प चात ् ती आय नत होने वाले CH 3COOH के बनने से चालकता


का मान बढ़ता है एवं CH 3COOH के पूण उदासीन होने के उपरा त केवल (NaOH) क वजह
से चालकता तेजी से बढ़ती है ।
वध :
(i) लगभग 0.1 N सा ता केHCl एवं CH 3COOH बना ल एवं येक के 5 मल लेकर एक
बीकर म ले ल । इस बीकर म चालकता सेल डु बो द, आव यकता होने पर चालकता जल का उपयोग
कर ले ।
(ii) माइ ो यूरेट म 0.1N NaOH का वलयन ले ल एवं योग- 1 के अनुसार 0.1mlNaOH मलाते
हु ए चालकता के पा यांक लेकर योग- 1 के अनुसार ह इ ह सारणीब कर ल ।
चालकता एवं NaOH के आयतन के म य आरे ख खींचने पर ाफ म पहला संगम ब दु
बल अ ल के उदासीनीकरण से एवं वतीय संगम ब दु दुबल अ ल के उदासीनीकरण से ा त होता
है । इनके सा ताओं क गणना N1V1 = N2V2 सू से ात कर लेते ह ।

8.13 योग 3 - चालकतामापी अनु मापन वारा अव ेपण अ भ या


(NaCl एवं AgNO3) का अ ययन करना :
उपकरण:
योग-। के अनुसार
स ा त : अव ेपण अ भ या
NaCI  AgNO3 
 AgCl  NaNO3
का चालकतामापी वारा अ ययन सु गमता से कया जाता है । ार भ म CI आयन NO3
 

वारा त था पत होने से चालकता म कम प रवतन होता है । CI आयन के पूण त थापन अथात ्


अव ेपण पूण होने के प चात ् AgNO3 के आ ध य होने से चालकता का मान ती ता से बढ़ता है।
वध :
0.1m NaCl के वलयन के 10 मल को बीकर म लेकर उस म चालकतामापी सेल डु बो
दे ते ह एवं माइ ो युरेट से 0.1MAgNO3 के वलयन को मलाते हु ए योग-1 के अनुसार चालकता
ात करते ह ।
े ण :
ा त चालकता को न न कार सारणीब करते ह :-

.सं. 0.1MAgNO3 चालकता


का आयतन

128
AgNO3 के आयतन एवं चालकता म ाफ खंचने पर न न कार का ाफ ा त होता है
। इसम संगम ब दु पूण अव ेपण क ि थ त म दशाता है ।

8.14 श दावल (Glossary) :


वै युत अपघ य  Electrolyte
वै युत अनअपघ य  Nonelectrolyte
म त चालक  Mixed Conductor

8.15 संदभ थ (Reference Books) :


1. Practical Physical Chemistry by Findlay Alexander
2. Advanced Practical Physical Chemistry by Gurdeep Raj
3. Experiments in Physical Chemistry by Carl W Garland and Joseph W
Nibler

129
इकाई 9
अपवतन म त एवं ुवण म त
(REFRACTOMETRY AND POLARIMETRY)

इकाई क परे खा
9.0 उ े य
9.1 तावना
9.2 व श ट तथा मोलर अपवतकता
9.3 म ण क अपवतकता
94 अपवतनांक का मापन
9.5 ु वण मि त
9.6 ु वणमापी तथा ु वण घुणकता का मापन
9.7 वश ट ु वण घूणन
9.8 मोलर घूणन
9.9 घूणन कोण का मापन
9.10 श दावल
9.11 संदभ थ

9.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् अपवतन म त एवं ु वण म त के संदभ म न न जानकार
ा त करगे -
1. व श ट एवं मोलर अपवतकता या है?
2. ाि तक कोण का स ा त
3. एले अपवतनमापी एवं उसका समायोजन
4. अपवतनमापी वारा दो व के म ण का अपवतनांक ात करना
5. ु वणमापी एवं ु वण घूणकता का मापन
6. ु वणमापी वारा का शक स य पदाथ के वलयन क सां ता ात करना ।

9.1 तावना (Introduction) :


जब काश- करण वरल मा यम (वायु) से सघन मा यम म वेश करती है तो यह अ त:सतह
के अ भल ब क ओर वच लत होती है ( च 9.1) । पर तु जब काश सघन से वरल मा यम म
वेश करता है तो अ भल ब से दूर वच लत होता है । इस घटना को अपवतन (refraction) कहते
है ।

130
च 9.1 :
नेल के नयमानुसार
Sini वरल मा यम म काश का वेग
=n=
Sinr सघन मा यम म काश का वेग

जहाँ, n=अपवतनांक (refractive index)


य द आप तत करण (incident ray) सघन मा यम म हो तो n का मान एक से कम होगा
(n<1) और य द यह वरल मा यम म हो तो n का मान सदै व एक से यादा होगा (n> 1) ।
साधारणतया, n का मान एक से यादा जाता है अथात काश- करण वरल से सघन मा यम म वेश
करती है ।
व का अपवतनांक (n), योग म यु त ताप व काश क तरं ग-दै य पर नभर करता है
। सभी ायो गक उ े य के लए, सो डयम क D रे खा का योग कया जाता है ।

9.2 व श ट तथा मोलर अपवतकता (Specific and Molar


Refractivity) :
चूँ क अपवतनांक (n), योग म यु त ताप व काश क तरं गदै य पर नभर करता है अथात ्
दये गये तरं गदै य पर, ताप बढ़ाने पर घटता है तथा तरं गदै य बढ़ाने पर भी घटता है । इसी लए
लॉरे ज व लौरे टज (Lorentz & Lorentz) ने 1810 म सव थम व श ट अपवतन (Specific
refraction) या व श ट अपवतकता (Specific refractivity) का प रचय दया, िजसका नधारण
न न समीकरण से कया जाता है जो यह दशाता है क यह व श ट अपवतन ( यु त तरं गदै य पर)
ताप पर नभर नह ं करता है,
 n1  1  1
R 2 
n  2 d ...... (9.2)
जहाँ, R = व श ट अपवतन

131
n = अपवतनांक
d = पदाथ का घन व
य द व श ट अपवतकता को पदाथ के अणु भार से गुणा कया जाता है तो ा त गुणनफल
को मोलर अपवतकता (Molar refractivity) कहते है ।
 n2  1  M
RM  R  M   2 
n  2 d ..... (9.3)

जहाँ,
 RM  = मोलर अपवतन
M = पदाथ का अणु भार
तथा प, यौ गक का मोलर अपवतन RM , जो क सफ तरं गदै य पर नभर करता है, संयोजी
 
व अवयवी गुण है ।

9.3. म ण क अपवतकता (Refractivity of Mixture) :


समांगी म ण ( वलयन) का मोलर अपवतन, उसम उपि थत अवयव के योगदान का जोड़
होता है इस लए दये गये म ण के  RM  का ायो गक मान न न कार से दया जाता है :-

 RM mix  X1  RM 1  X 2  RM 2 .....(9.4)
जहाँ, X1 व X2 म ण म उपि थत दो अवयव के मोल- भ न ह तथा RM  1 व  RM 2 उन

अवयव के मोलर अपवतन है । यथा म, RM  mix का मान न न यंजक से भी ात कया जा सकता

है,
2
 nmix  1  X1  RM 1  X 2  RM 2
 RM mix   2  .... (9.5)
 nmix  2  d mix
जहाँ, M1 व M2 म ण म उपि थत दो अवयव के मश: अणुभार ह और nmix व d mix
म ण के लए यु त कये जाते है ।

9.4. अपवतनांक का मापन (Measurement of Refractive Index):


वह उपकरण जो पदाथ ( व) के अपवतनांक मापन के लए यु त कया जाता है , उसे
अपवतनमापी (Refractometer) कहते है । मु यत: तीन कार के अपवतनमापी योग म लये जाते
है :-
1. ऐबे अपवतनमापी (Abbe refractometer) 128
2. पुि क अपवतनमापी (Pulfrich refractometer)
3. एमरजन या ड पंग अपवतनमापी (Immersion or dipping refractometer)
ये सभी अपवतनमापी न न स ा त पर आधा रत है -
ां तक कोण स ा त (Critical angle principle)

132
जब आपतन कोण (i) का मान बढ़ाते है तो अपवतन कोण (r) का मान भी बढ़ता है और
जब आप तत ै तज (horizontal) होती है अथात ् i = 900 तब यह अ धकतम मान rc ( ां तक
कोण) ा त करता है । अत: इसके अनुसार, येक अ तःसतह (Interface) के लए अपवतन कोण
का मान ां तक कोण (rc) से अ धक नह ं होना चा हए । जब i = 900 होता है तब काश करण,
ां तक कोण (rc) पर अपव तत होती है और य द i >90 होता है तो करण भीतर क ओर पूणत:
0

पराव तत हो जाती है । इससे यह न कष नकलता है क जब काश- करण वरल से सघन मा यम


म वेश करती है तो उसका आपतन कोण का मान  900 होना चा हये ।
अपवतनांक के शी तथा यथाथ मापन के लये, कई अपवतनमा पयाँ उपल ध है पर तु व
क कम मा ा के लये ऐबे अपवतनमापी का उपयोग उपयु त रहता है ।
(1) ऐबे अपवतनमापी (Abbe refractometer)
ाय: यह उपकरण, काब नक व के अपवतनांक मापन के लये योग म लया जाता है ।
अ य अपवतनमा पय क तु लना म, इस उपकरण के मु य लाभ न न है -
i मापन के लये, व क कम मा ा ( सफ कु छ बूँद) ह पया त होती है ।
ii यह अपवतनांक के 1.300 से 1.850 मान तक के मापन के लए उपयु त होता है ।
iii इस उपकरण म, एकवण य काश ोत क आव यकता नह ं होती है ।
ऐबे अपवतनमापी, न न मु य भाग से बना होता है :-
(i) एबे म या म बॉ स (Abbe’s prism or prism box)
(ii) दूरबीन (Telescope)
(iii) तकार म (Compensation prisms
(iv) से टर (Sector)
एबे म सामा यत: ि ल ट काँच के दो म से बना होता है, िजनके अपवतनांक उ च
(1.75) होते है । नचले म P  क ऊपर सतह को घसा जाता है ( च 9.3), िजससे यह
l

वस रत प (Diffusing Screen) के समान काय कर करण को सब दशाओं म फैला सके व व


क कम मा ा को रख सके । ऊपर वाले म P क नचल सतह को अपवतक म (Refracting
Prism) कहते ह िजसको अ य धक चमकाया जाता है ।
दोन म को धातु केस L म था पत करते है । इन म के बाहर भाग म जल का
वाह कर, ताप ि थर कया जाता है । दोन म के बीच म व क पतल परत डाल जाती है तथा
इन म को ग तशील भुजा (Movable Arm) वारा घुमाया जा सकता है , िजसम ऊपर क ओर
एक पा यांक लास (Reading Glass)R व एक अंशां कत पैमाना (Graduated Scale) A लगा
होता है, िजससे अपवतनांक का मान 0.001 तक यथाथता (Accuracy) से पढ़ा जा सकता है ।

133
च 9.2 : ऐबे अपवतनमापी
टे ल कॉप T से पूण प रवतन क सीमा रे खा (Border Line) क ि थ त को े त कर,
इसका मलान, ग तशील भु जा M को घुमाकर , टे ल कॉप के ास-तार के कटाव (Intersection) से
कराते है । अपवतनांक का मान, ऊपर भाग पर लगे हु ए R से पढ़ते है ।
एबे अपवतनमापी म साधारण काश का भी योग कया जा सकता है । इसके लए,
टे ल कॉप, क णत तका र (Dispersion Compensator) C यु त होना चा हये, जो दो
आमीसी (Amici) म से बना होता है तथा एक-दूसरे पर इस कार यवि थत होते ह क इ ह
रे खो क ण शीष (Milled Head) वारा घुमाकर , वप रत दशाओं म घुमाया जाता है । यहाँ धातु दपण
G योग म लया जाता है, जो काश को, ोत से नचले म P पर डालता है तथा दपण को
1

इस कार समायोिजत कया जाता है क इससे अ धकतम काश ा त कया जा सक ।


अपवतनमापी क काय व ध को समझने के लए इस उपकरण के का शक त (Optical
System) के रे खां कत च को दे खते है ।
जब व क बूँद म P क सतह पर डाल जाती है और उसे दूसरे म P के साथ
1 1

ले प कया जाता है तो व क पतल झ ल (Film) इन दोन के बीच म फैल जाती है ।


दपण G से पराव तत काश नचले म P म वेश करता है व इसक ऊपर घसी हु ई
1

सतह से काश सब दशाओं म फैल जाता है और दोन म के बीच के संक ण (narrow) थान,
जहाँ व क झ ल होती है, म वेश करता है । यहाँ से काश- करण वच लत हो जाती है तथा इसका
वचलन आपतन कोण के मान पर नभर करता है अथात ् जब आपतन कोण (i) का मान 900 से कम

134
होता है तब करण व क झ ल व अपवतक म (refracting prism) से अपव तत होती है ।
म P से नकलने वाले काश को जब टे ल कॉप
से दे खा जाता है तो वस रत (diffused) रं गीन ं ज (Fringe) दखाई दे ती है । अब तकार
म (Compensating Prisms) को रे खो क ण शीष (Compensation) पूण न हो जाये अथात ्
रं गीन ं ज लु त हो जाये व एक ती ण चमक ल काल (Light - Dark) रे खा दखाई दे ने लगे ।
दो म P व P से बने म बॉ स को सूचक भुजा (Index Arm) वारा आगे-पीछे घुमाते है
1

िजससे ॉस तार के कटाव (Intersection) का मलान सीमा रे खा से हो सके, यह से टंग ां तक


कोण के अनु प होती है । इस कार दो म के बीच म रखे हु ए व का अपवतनांक सीधा पढ़ा
जा सकता है ।

च 9.3. एबे अपवतनमापी


अपवतनमापी का समायोजन (Adjustment of Refractometer)
अपवतनमापी के समायोजन (Adjustment) के लये ाय: मानक (िजसका अपवतनांक ात
हो) काँच का टु कड़ा योग म लेते है । इसके लये, म को खोलते है व मोनो ोमोने थल न क
1-2 बूँद मानक काँच के टु कड़े क चमक ल सतह पर डालकर, उसे ऊपर वाले म क सतह पर
इस कार रखते है क काँच के टु कड़े क घसी हु ई (Ground) सतह दपण क ओर हो ।
अब सूचक भु जा (Index Arm) को घुमाकर , काँच के टु कड़े के अपवतनांक के अनु प सेट
करते है । इसके साथ ह तकार म को भी घुमाते है , िजससे रं गीन ं ज लु त हो जाये । य द

135
टे ल कॉप से दे खने पर, सीमा रे खा व ॉस तार के कटाव (Intersection) का एक-दूसरे से मलान
हो तो अपवतनमापी को समायोिजत कया जा सकता है और इससे अपवतनांक का मापन कया जा
सकता है । य द कनारे नह ं मलते है तो उपकरण म उपि थत समायोिजत घु डी (Adjustment
knob) को तब तक घुमाते है , जब तक क मलान पूण नह ं होता है ।
योग 1 : एबे अपवतनमापी वारा दये गये व (ऐ कोहॉल) का अपवतनांक ात करो तथा उसक
व श ट व मोल अपवतकता भी ात करो ।
आव यक उपकरण व रसायन :
(अ) एबे अपवतनमापी, ई, प नोमीटर, साधारण काश आ द ।
(ब) दया गया शु व (ऐ कोहॉल) प रशो धत ि प रट, आसु त जल आ द ।
वध :
(i) सव थम अपवतनमापी को कायकार टे बल पर इस कार रखो क ोत से आने वाला काश
दपण G से पराव तत हो सके । लॉक नट (Lock Nut) को घुमाकर , म बॉ स को (जबड़े
क तरह) खोलो! अब दोन म क सतह को पहले ऐ कोहॉल व फर ऐसीटोन से भीगी हु ई
ई से साफ करो । यान रहे, म क फलक को खुरचना नह ं चा हए । कमरे के ताप पर ,
म के बाहर भाग म ओ कट वारा जल का वाह जे कट वारा करो (अ य कसी ताप पर,
जल ताप थायी वारा ह वा हत कया जा सकता है) । दपण का समायोजन इस कार कर
क अ धकतम काश म बॉ स म पराव तत हो सके ।
(ii) अब अपवतनमापी का संशोधन (Correctness) के लए जाँच करो । इसके लये, आसु त जल
क कु छ बूँद नचले म क घसी हु ई सतह पर डालो और म बॉ स को लॉक नट वारा
ब द कर दो । दपण को, अ धकतम काश ा त करने हेतु समायोिजत करो तथा ग तशील भुजा
(Movable Arm) को इस कार घुमाओ क सीमा रे खा ि ट े म दखाई दे और टे ल कॉप
के ास तार को फोकस करो । तकार म (Compensating Prims) को रे खो क ण रंग
(Milled ring) वारा घुमाओ िजससे रं गीन बड लु त हो जाये व एक ती ण रे खा ि ट े को
सफेद व काले भाग म वभािजत करे । अब सूचक भुजा (Index Arm) को घु डी (Knob) वारा
आगे या पीछे , तब तक घुमाओ जब तक क टे ल कॉप के ास तार का, सीमा रे खा से मलान
न हो जाय । अपवतनांक का मान केल पर पढ़ो (अ धक यथाथता के लए पा यांक लै स का
उपयोग करो) ।
जल के लए इस म को दो बार दोहराओ व ा त मान का मा य नकालो । य द यह मा य
मान, योग म यु त ताप पर जल के अपवतनांक के बराबर हो तो यह उपकरण के उ चत
समायोजन को दशाता है । य द नह ,ं तो ा त अ तर को शू य ु ट लेकर उसे अ य व के मश:
मान म से घटा दो ।
(iii) म को खोलकर, उसक फलक को सू खने दो । अब दये गये व क कुछ (2-3) बूँद नचले
म क घसी हु ई सतह पर डालो व लॉक नट वारा दान म को इस कार ले प करो
क व बॉ स से बाहर न नकले । इससे दो म के बीच म य व क पतल परत ा त होती
है । तकार म को पुन : समायोिजत कर टे ल कॉप के ि ट तल म व श ट रे खा क सीमा

136
का नधारण कर तथा ऊपर दये गये वणन के अनुसार, व का अपवतनांक नोट करो । य द
व वा पशील हो तो, उसे म बॉ स म उपि थत नल वारा डालते है।
व के लये, कम से कम तीन अवतनाक के मान नोट करो व उनका मा य (Mean) नकालो।
(iv) योग म यु त ताप नोट करो तथा इसी ताप पर, व का घन व प नोमीटर वारा ात करो।
े ण :
प नोमीटर वारा, आपे क घन व ात करना
(i) र त प नोमीटर का भार = W1 ाम
(ii) प नोमीटर + जल का भार= W2 ाम
(iii) प नोमीटर + व का भार = W3 ाम
W3  W1
अत: व का घन व  जल का घन व
W3  W
योग म यु त ताप ..................... 0C
यु त ताप पर जल का उपवतनांक = a
जल व
अपवतनांक मा य(b) संशोधन अपवतनांक मा य यथाथ व का
गुणांक (c) अपवतनांक घन व
(b-a)=x n= (c-x) (d)
..... ....
... .... .... .... .... ..... ....
.... ......
प रकलन :
(i) व का मोलर अपवतन
 n2  1  1
R 2 
n  2 d
(ii) के लये मोलर अपवतन
 n2  1  M
RM  R  M   2 
n  2 d
जहाँ, M = दये गये व का अणुभार
n = दये गये व का अपवतनांक
d = दये गये व का घन व
प रणाम :
(i) दये गये व का अपवतनांक 
(ii) दये गये व का व श ट अपवतन 
(iii) दये -गये व का मोलर अपवतन 

137
सावधा नयाँ
(i) एबे अपवतनमापी के म क चमक ल सतह को खु रचना नह ं चा हये ।
(ii) व क सफ 2-3 बूँद पया त होती है ।
योग 2 : एबे अपवतनमापी वारा दये गये दो व (ि लसरॉल व जल) के म ण का अपवतनांक
ात करो तथा म ण के अपवतन के नयम का भी स यापन करो ।
आव यक उपकरण व रसायन :
(अ) ऐबे अपवतनमापी, ई, प नोमीटर, साधारण काश लै प आ द ।
(ब) दये गये दो शु व, प रशो धत ि प रट, आसु त जल आ द ।
वध :
योग- 1 म वणन के अनुसार एबे अपवतनमापी वारा, कसी ताप पर (या कमरे के ताप
पर), शु व व उनके म ण का अपवतनांक ात करो ।
प नोमीटर वारा दोन व व उनके म ण का घन व भी ात करो ।
े ण : योग- 1 के अनुसार ( येक व व उनके म ण के लये)
प रकलन :-
(i) येक व (ि लसरॉल व जल) का मोलर अपवतन
 n2  1  1
R 2 
n  2 d ......(i)
माना क जल व ि लसरॉल का मोलर अपवतन मश: RM  1 व  RM 2 है ।

(ii) म ण के लये मोलर अपवतन


 n 2 mix  1 
 M mix  2
R   X R  X R
n  2
 mix  1 m 2 m
......(ii)
d mix
nmix म ण का अपवतनांक
जहाँ,

d mix  म ण का घन व
X1  जल का मोल भ न
X2  ि लसरॉल का मोल भ न
M1  जल का अणु भार
M2  ि लसरॉल का अणु भार
(iii) म ण का मोलर अपवतन
 RM mix  X1  RM 1  X 2  RM 2 ......(iii)
समीकरण (ii) व (iii) से ा त  RM mix के मान क तुलना करने पर, य द RM  mix का

समान मान ा त होता है, तो समीकरण (iii) क वै यता को दशाता है । अत: म ण के अपवतन
का नयम स होता है ।

138
प रणाम: समीकरण (ii) से ा त  RM mix का मान=

समीकरण (iii) से ा त  RM mix का मान=


अत: म ण के अपवतन का नयम स होता है ।
सावधा नयाँ
योग-I के अनुसार

9.5. ु वण म त (Polarimetry) :
ु वण घुणकता (Optical Activity)
वे यौ गक जो समतल ु वत काश (Plane Polarised Light) के तल को ु वत कर दे ते
है ु ण (Optically Active) यौ गक कहलाते है तथा इस गुण को
व ु वण घूणकता कहते है । ऐसे
अणु जो अपने दपण त ब ब (Mirror Image) पर अ यारो पत नह ं कये जा सकते है, वे ह ु वण
घूणकता द शत करते है ।
ु वण घूणकता क खोज सन ् 1811 म अरे गो (Arago) ने क । अरे गो तथा बायोट ने पाया
क वा ज, सो डयम लोरे ट, पौटे शयम ोमेट आ द कुछ अकाब नक पदाथ टल य अव था म
ु वण घूणक होते है, जब क ग लत अव था या उनके वलयन म ु वण घूणकता न ट नह ं पाई जाती
है । इसका कारण है क ु वण घूणकता का गुण टल क असम मतता के कारण होता है । सन ्
1815 म बायोट ने काब नक यौ गक म व
ु ण घुणकता के गुण क खोज क । बायोट ने पाया क
लू कोस, टोस, टाट रक अ ल, लेि टक अ ल आ द पदाथ ठोस ग लत, गैसीय अव था या वलयन
म ु वण घूणक होते है । सन ् 1848 म लू ई पा चर (Louis Pasteur) ने सो डयम पोटै शयम टा ट
के टल को इनक आकृ त म भ नता के आधार पर दो व
ु ण घूणक प म पृथक कया , िजसम
से एक प द ण ु वण घूणक तथा दूसरा प वाम ु वण घूणक पाया गया । पा चर ने पाया क
ये दोन प एक दूसरे के दपण त ब ब है । इस कार सव थम टाट रक अ ल के दो ु वण घुणक
समावय वय क खोज हु ई ।
ु वण घूणकता दशाने वाले यौ गक के अणु एवं उसके दपण त ब ब वारा समतल ु वत
काश का घूणन समान मा ा म वप रत दशा म पाया जाता है । ु वण घूणक यौ गक के इन दो
प को का शत समावयवी (Optical Isomers) कहते है तथा इस प रघटना को का शक
समावयवता (Optical Isomerism) कहते है ।
यद ु वण घूणक यौ गक समतल ु वत काश के तल का घूणन दायीं ओर अथवा द णावत
(Clockwise) दशा म करता है, उसे द ण ु वण घूणक (Dextro Rotaroty) कहते है, तथा जो
समतल ु वत काश के तल का घूणन बायीं ओर अथवा वामावत (Anticlockwise) दशा म करता
है उसे वाम ु वण घूणक (Laevo Rotatory) कहते है । द ण ु वण घूणक यौ गक के नाम को
d- तथा वाम ु वण घूणक यौ गक के नाम को 1- पूवल न लगाकर द शत करते है ।
यदद ण ु वण घूणक तथा वाम ु वण क तु य मा ा पर पर मला द जाये तो ऐसा म ण
ु वण अघूणक (Optically Inactive) हो जाता है, य क म ण के एक भाग का भाव दूसरे भाग
वारा न ट कर दया जाता है । इस कार के म ण को रे सी मक म ण के नाम से जाना जाता है

139
और यौ गक के नाम के पूव dl या (  ) लखते है । कु छ ु वण घुणक यौ गक का एक ऐसा समावयवी
भी पाया जाता है जो द ण तथा वाम व
ु ण घूणक का तु य म ण नह ं होता है पर तु फर भी ु वण
अघूणक होता है । इसे मेसो (Meso) समावयवी कहते है । अणु क इस ु वण अघूणकता को अणु
क आ त रक संरचना के आधार पर समझाया जा सकता है ।
ु वण घूणकता पदाथ म अणु क असम मतता के कारण होती है । काब नक यौ गक म
असम मतता का मु य कारण असम मत काबन परमाणु (Asymmetric Carbon Atom) क
उपि थ त है । काबन परमाणु िजस पर चार भ न- भ न परमाणु या समू ह बि धत होते है, उसे
असम मत काबन ( करै ल काबन) परमाणु कहते है तथा इसे (*) वारा द शत करते है ।
जैसे: लेि टक अ ल, ि लसरि डहाइड आ द ।

9.6 ु वणमापी तथा ु वण घु णकता का मापन (Polarimeter and


measurement of optical activity) :
वह उपकरण िजसक सहायता से ु ण घूणकता को मा ा मक प म मापते ह, उसे
व व
ु णमापी
कहते है ।
ु वणमापी का यव था मक आरे ख च 9.4 म दशाया गया है । इसम काश ोत वारा
उ सिजत सामा य काश को ु वक ( नकोल म) म से वा हत करने पर ा त समतल ु वत काश
को ु वणमापी धातु न लका िजसम ु वण घूणक पदाथ का उपयु त वलायक म मानक वलयन रखा
होता है, म से गुजारा जाता है । िजससे समतल ु वत काश का घूणन तल का एक व श ट कोण
वारा घूणन हो जाता है । व लेषक क सहायता से यह ात कया जाता है क समतल ु वत काश
का तल दायीं ओर अथवा बायीं ओर कतना घू णत होता है । समतल ु वत काश के तल क घूणन
क मा ा ात हो जाती है । घूणन कोण का मान न न कारक पर नभर करता है :-
(i) पदाथ क कृ त
(ii) यु त काश का तरं ग-दै य
(iii) वलयन क सा ता
(iv) धातु न लका क ल बाई
(v) वलायक क कृ त
(vi) वलयन का तापमान

140
च 9.4 : व
ु णमापी वारा ु वण घूणकता का मापन
कसी ु वण घूणक यौ गक के ु ण घूणकता को घूणन (Specific Rotation) के
व वारा
द शत कया जाता है ।

9.7 वश ट ु वण घू णन (Specific Optical Rotation) :


कसी पदाथ क ु वण घूणकता को उसके व श ट घूणन वारा य त करते है, जो कसी
व श ट पदाथ के लए नि चत होता है । ु वणमापी वारा हम घूणन क मा ा ात करते है, इसक
सहायता से व श ट घूणन क मा ा न न सू वारा प रक लत क जा सकती है :-
 abs 
   
t

 lc 
 abs े त घूणन (अंश म)
जहाँ,

1  े ण नल क ल बाई डेसीमीटर म
c  वलयन के 1 मल म पदाथ क ाम म मा ा
t0C  वलयन का ताप म
  समतल ु वत काश का तरं ग दै य
अत: पदाथ के घूणन के अंश क वह सं या, जो पदाथ के 1 ाम / मल सा ता के वलयन
को 1 डेसीमीटर ल बी नल म मापने पर ा त होती है, उसे पदाथ का व श ट घूणन कहते है । व श ट
घूणन के मान म यु त (+) या (-) संकेत मश: पदाथ के द णावत या वामावत घूणन को द शत
करता है ।

9.8 मोलर घू णन (Molar Rotation) :


िजस कार पदाथ का गलनांक वथनांक आ द व श ट गुण होता है, उसी कार कसी ु वण
घूणक पदाथ का व श ट घूणन भी एक मु य गुण है । इसक सहायता से पदाथ क शु ता का ान
भी होता है ।
व श ट घूणन के मान को पदाथ के अणुभार (M) से गुणा करने पर आण वक घूणन
(Molecular Rotation) ा त होता है ।
t
 M      M
कसी अस य वलायक म का शक स य पदाथ के वलयन के व श ट घूणन क न न
सू वारा गणना क जाती है,
100 
   
t

 lc 
व भ न पदाथ क घूणन मताओं (Rotating Powers) क तुलना के लये,
मोलर घूणन (Molar rotation), पर वचार करना अ धक सु वधाजनक होता है,

t
 M   t  100 
 M   
 

 100   lc 

141
जहाँ,M का शक स य पदाथ का अणु भार है ।
का शक घूणन (Optical rotation) ाय: श कर क सा ता के आकलन (Estimation)
के मा ा मक व लेषण के लये उपयोग म लया जाता है । यह काब नक यौ गक क संरचना के नधारण
के लये भी उपयोग म लाया जाता है।

9.9 घू णन कोण का मापन (Measurement of Angle of Rotation):


वह उपकरण जो, का शक स य पदाथ वारा होने वाले, घूणन कोण के मापन के लये
उपयोग म लये जाते है, उ ह ु वणमापी (Polarimeter) कहते है । ु वणमापी का केल इतना
अंशां कत (Graduated) होता है क श कर के वलयन क सा ता सीधे ह मापी जा सकती है,
यह उपकरण शकरा मापी (Saccharimeter) कहलाता है ।
सामा यत: मु य प से दो कार क व
ु णमा पयो का उपयोग कया जाता है जो अ छाया
रचना यु त उपकरण होते है अथात ् ि ट े को एक समान चमक वाले दो अ म वभािजत करते
है । यह (i) ल पक (Lippich) ु वणमापी और (ii) व वा ज (Biquartz) यु त ु वणमापी है ।
ु वणमापी के मु य भाग : ु वणमापी न न ल खत भाग से बना होता है -
(i) काश ोत (Light Source) : साधारण ु वणमापी म सो डयम लै प ( काश ोत के प
म) का उपयोग करते है, जो 5890 A व 5896A तरं ग-दै य (सो डयम D-रे खा) का योग उ सिजत
करता है । व वा ज यु त ु वणमापी म वेत काश ोत का उपयोग कया जाता है ।
(ii) ु वक (polarizer) : यह नकोल म होता है जो दो काशीय शु के साइट टल के म
को कनाडा बालसम क पतल परत वारा पर पर जोड़ने से बना होता है ।
(iii) ु वणमापी यूब (Polarimeter Tube) : यह एक मोट काँच क यूब होती है िजसके दोन
घसे हु ए सरे (समाना तर तल) काँच क च काओं (Glass Discs) से ब द होते है । ू केप
(Screw Cap) व रबड़ धा व (rubber washer) वारा इन च काओं क ि थ त आप तत
काश (incident light) के ल बवत ् होनी चा हये अ यथा इसम से नकलने वाले काश क ती ता
घटती है । ु वणमापी यूब क ल बाई साधारणतया 10 सेमी व चौड़ाई लगभग 1 सेमी होती
है । इस यूब म नमू ना (Sample) वशु व के प म या वलयन के प म लेते है ।
(iv) व लेषक (Analyser) : यह भी नकोल म होता है । यह घूण (rotatable) होता है तथा
व नयर केल (Vernier Scale) से संल न होता है, जो घूणन कोण का ड ी म मापन करता
है ।
अत: व
ु णमापी उपकरण दो नकोल म से बना होता है जो य के अ पर आरो पत
होते है । थम म को ु वक (Polarizer) कहते है जो क ि थर होता है और वतीय म को
व लेषक (Analyser) कहते है िजसे य के अ के सहारे घुमा सकते है । इन दोन म के बीच
म एक यूब रखी जाती है , िजसम वह अ ात वलयन, िजसका व श ट घूणन ात करना हो, भरा
जाता है ।
योग 1: ु वणमापी वारा दये गये का शक स य यौ गक, इ ु शकरा (Canesugar) का व श ट
घूणन ात करो।

142
आव यक उपकरण व रसायन
(a) ु वणमापी, बीकर, तु ला, सी डयम लै प या वेत काश ोत आ द ।
(b) शु इ ु शकरा, आसु त जल आ द ।
वध -
(A) शू य पा यांक ( ब दु) का नधारण
(i) सो डयम लै प (साधारण ु वणमापी के लए) या वेत काश ोत ( व वा ज ु वणमापी के
लए) को, ु वणमापी के सरे से, लगभग 20 सेमी दूर रखो और इसे उपकरण क का शत अ वा
पर इस कार से करो क ु वणमापी समान प से का शत हो सके । टे ल कोप को, ि ट े
को वभािजत करने वाल रे खा पर फोकस करो ।
(ii) ु वणमापी यूब और काँच क च काओं (Glass discs) को पहले ो मक अ ल के वलयन
और फर आसु त जल से कई बार खंगालो । अब यूब को आसु त जल से पूणतया भरो ( यान
रहे, यूब म वायु का बुलबुला न रहे ) और इसक केप को संतु लत कसाव (Moderate tightness)
से ू करो ।
(iii) काँच क च काओं क बाहर सतह को सु खाओ और यूब को उपकरण म उपि थत ु वक व
व लेषक के बीच म रखो । व लेषक को तब तक घुमाओ, जब तक क ि ट े समान प
से का शत न हो जाए और धीमी ग त ू वारा, व लेषक को सव तम मलान (जब दो अ
का रं ग समान, (अथात ि ट े समान प से का शत) हो तथा से टंग से कसी भी दशा म
अ प घूणन, एक अ को काला व दूसरे अ को सफेद करता हो) के लए सेट करो । इस नि चत
ि थ त के पा यांक को पैमाने के दोन ओर के व नयर वारा (उ के ता के कारण उ प न ुट
को समा त करने के लए) नोट करो, जो शू य पा यांक (Zero Reading) होता है । इस शू य
पा यांक के कम से कम तीन पा यांक दोन ओर से लो और इन पाठयांक का औसत, दोन व नयर
पर पृथक प से लो । यह औसत मान शू य ब दु पा यांक (Zero point Reading) कहलाता
है, िजसे का शक स य पदाथ के पा यांक म से घटाते है ।
(B) घूणन कोण α का नधारण
(iv) 20 ाम इ ु शकरा (जो ओवन म 1050C तक गरम कया हु आ हो और कमरे के ताप पर डेसीकेटर
म ठ डा कया हो) को तोलो और उसे 100 मल आयतनमापी ला क म लेकर आसु त जल से
तनुकृ त कर च ह तक भरो वलयन पूणतया पारदश होना चा हये और य द आव यक हो तो,
इसे फ टर करो ।
ु वणमापी यूब को दो बार इस वलयन से खंगालो और इसे पहले समझाये अनुसार वलयन
से भरो । काँच क च काओं (Glass Discs) क बाहर सतह को धोने व सु खाने के प चात ् यूब
को अब उ चत ि थ त म रखो । ने का वारा अवलोकन करने पर य द दा हना अ काला हो तो पदाथ
द णावत ु वण घूणक (Dextrorotatory होगा और य द बायाँ अ काला हो तो यह वामावत ु वण
घूणक (Laevorotatory) होगा। अब व लेषक को घुमाओ और ऐसी ि थ त ा त कर जब दोन अ
समान प से का शत (illuminated)हो । दान व नयर पर पा यांक नोट करो । कम से कम तीन

143
पा यांक लो और उनका मा य लो । इस पा यांक और संगत व नयर पर शू य पा यांक का अ तर,
ात सा ता के पदाथ का घूणन कोण दे ता है ।
कमरे का तापमान नोट करो ।
े ण:
कमरे का तापमान (t) =.......... 0C
ु वणमापी यूब क ल बाई (l) = ......... dm
(I) शू य पा यांक के लए
(i) (ii) (iii) मा य
व नयर I ... ... ... a
व नयर ll ... ... ... b
(II) घूणन कोण के लए :
वलयन पैमानेकापा यांक घूणन कोण (  )
क व नयरI व नयरll 1 = 2 = मा य= वश ट
सा ता (a) (b) (a'a) (b' b) 1 2 /2 घूणन
प रकलन:
न न यंजक वारा व श ट घूणन का प रकलन,
100 
 2   
t

 lc 
प रणाम:
कसी नि चत ताप (0C) पर इ ु शकरा का व श ट घूणन=............. ड ी
सावधा नयाँ :
(i) ु वणमापी यूब म वायु का एक भी बुलबुला नह ं रहना चा हए ।
(ii) धातु केप को बहु त ह के से ू करना चा हए ।
(iii) वृ ताकार काँच क च काएँ साफ होनी चा हए व ऊपर सतह सू खी होनी चा हए ।
(iv) वलयन पूणतया पारदश होना चा हए ।
योग 2 : ु वणमापी वारा दये गये का शत स य पदाथ (इ ु शकरा या टाट रक अ ल) के अ ात
वलयन क सा ता ात करो ।
आव यक उपकरण व रसायन: योग 1 के अनुसार ।
स ा त :अ ात वलयन क सा ता न न यंजक वारा ात करते है, ।
t
 2 
जहाँ, मा य व श ट घूणन
t
 2 
 दये गये अ ात वलयन का घूणन कोण
यथा म, अ ात वलयन क सा ता, अंशाकन व (वा तव म एक सीधी रे खा) वारा ात
कर सकते है इसके लए सा ता व घूणन कोण के म य ाफ खींचा जाता है ।

144
वध
(1) सव थम दये गये पदाथ के ात सा ता के वलयन (20%, 15%, 10%, 5%, 2.5%) बनाओ
। इसके लये पदाथ का 20 ाम तोलो और इसे आसु त जल म घोलकर 100 मल वलयन बनाओ
(आयतनमापी ला क म) । अब इस टॉक वलयन के 30,20,10 तथा 5 मल लेकर उ ह 40
मल तक तनुकृ त करो, िजससे 15% ,10%,5% और 2.5% के वलयन ा त ह ।
ु वणमापी यूब को आसुत जल वारा भरकर, उपकरण का शू य पा यांक ात करो । योग-
के अनुसार , येक वलयन का घूणन कोण ात करो ।
(2) ु वणमापी यूब म अ ात वलयन लो और घूणन कोण का मापन करो ।
(3) येक वलयन का व श ट घूणन ात करो व मा य नकालो ।
े ण - योग- 1 के अनुसार ।
प रकलन :
(i) सभी ात वलयन के घूणन कोण वारा, येक वलयन का व श ट घूणन ात करो और इसका
औसत लो।

च 9.5 : अ ात वलयन क सा ता एवं घूणन कोण म आरे ख


(ii) अब अ ात वलयन के लये घूणन कोण का मान ात कर , न न यंजक म  , l .... व
का मान रखकर, अ ात वलयन क सा ता ात करो,
t
 D
 100 

c t

 l   
जहाँ C = पदाथ क सा ता ( ाम त 100 मल )
यथा म, सा ता (%) व घूणन कोण ( ड ी म) के म य ाफ आले खत करने पर सरल रे खा
ा त होती है । इस ाफ वारा, घूणन कोण के मापन मान के अनु प अ ात वलयन क सा ता
ात करो ।

145
प रणाम :-
दये गये अ ात वलयन क सा ता =........ %
सावधा नयाँ :-
योग- 1 के अनुसार ।

9.10 श दावल (Glossary) :


मोलर अपवतता  Molar Refractivity
ु वण घूणकता  Optical Activity
व श ट घूणन  Specific Rotation
मोलर घूणन  Molar Rotation

9.11 संदभ थ (Reference books) :


1. Practical Physical Chemistry by Findlay Alexander.
2. Advanced Practical Physical Chemistry by Gurdeep Raj.
3. Experiments in Physical Chemistry by Carl W Garland and Joseph W
Nibler

146
इकाई 10
अणु भार नधारण (MOLECULAR WEIGHT
DETERMINATION)

इकाई क परे खा
10.0 उ े य
10.1 तावना
10.2 हमांक म अवनमन वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण
10.3 बेकमान व ध
10.4 योग 1 - हमांक अवनमन व ध वारा अवा पशील वलेय पदाथ - लूकोस , यू रया के
अणुभार का नधारण
10.5 रा ट कपूर व ध
10.6 योग 2 - कपूर के मोलर अवनमन ि थरांक का (नै थेल न का वलेय के प म काम लेते
हु ए) नधारण तथा एसीटै नलाइड के अणु भार का नधारण ।
10.7 वथनांक म उ नयन वारा कसी अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण ।
10.8 लै डसबगर व ध
10.9 योग 3 - वथनांक म त वारा अवा पशील वलेय-यू रया के अणु भार का नधारण
10.10 असामा य अणुभार तथा वा ट हाफ गुणांक
10.11 योग 4 - वथनांक म त वारा कसी एक संयोजी व युत अपघ य (NaCl) के आभासी
अणुभार तथा इसके वयोजन क मा ा का प रकलन
10.12 श दावल
10.13 संदभ थ

10.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप अणुभार नधारण के बारे म न न जानकार ा त
करगे -
1. हमांक अवनमन के नधारण हे तु बेकमान व ध व रा ट कपूर व ध
2. हमांक अवनमन व ध वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण
3. वथनांक म उ नयन नधारण के लए लै डसबगर व ध
4. वथनांक म त वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण
5. असामा य अणुभार , वा ट हाफ गुणांक व व युत अपघ य क वयोजन मा ा का प रकलन ।

10.1 तावना (Introduction) :


कसी पदाथ का अणु भार काबन के परमाणु भार अथात ् 12µ क तु लना म इसका औसत सापे भार
होता है अथात ् पदाथ क अणु भार से यह ता पय है क यह काबन के 1/12 भाग से कतने गुणा भार

147
है । कसी व म अवा पशील वलेय पदाथ मलाने पर इसके हमांक म कमी आ जाती है तथा वथनांक
बढ़ जाता है । साधारणतया हमांक म अवनमन तथा यथनांक म उ नयन वलेय क अणु क सा ता
के समानुपाती होता है य द वलेय का वलायक म संगण
ु न या वयोजन न हो । अत: कसी वलयन
के हमांक म अवनमन अथवा वथनांक म उ नयन का उपयोग उसम उपि थत अवा पशील वलेय
के अणु भार के नधारण के लए कया जाता है ।

10.2 हमांक मे अवनमन वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का


नधारण (Determination of molecular weight of
non-volatile solute by depression freezing point) :
कसी व का हमांक वह ताप है िजस पर व तथा ठोस अव था का वा प दाब समान होता
है । य द कसी अवा पशील वलेय को वलायक म घोला जाता है तो वलयन का वा प दाब, वलायक
क तुलना म कम होता है फल व प वलयन का हमांक भी वलायक के हमांक से कम होगा । इस
कमी को हमांक म अवनमन कहते ह । तनु वलयन के लए हमांक म अवनमन वा प दाब के आपे क
अवनमन के समानुपाती होता है ।
चू ं क राउल के नयमानुसार कसी वलयन के वा प दाब म आपे क अवनमन, उसम उपि थत
वलेय पदाथ के मील भ न के समानुपाती होता है । अत:
n
T f 
nN
 n 
T f  k  
 n N  ……(10.1)
यहाँ T f हमांक म अवनमन, k समानुपाती ि थरांक , N व n मश: वलायक व वलेय

के मोल क सं या है । य द w व W मश: वलेय व वलायक का भार तथा m व M मश: वलेय


व वलायक के अणु भार हो तो ।
 w/m 
T f  k  
 w / m W / M 
w M
T f  k 
m W
 k  kM
w 1
T f  k . यहाँ K(=kM) अवनमन ि थरांक है
m W
1000 K f  w
T f 
m W ……(10.2)
य द 1000 ाम वलायक म एक मोल अवा पशील वलेय घोले तो वलायक के हमांक म
अवनमन, मोलल अवनमन ि थरांक ( K f ) के बराबर होता है ।

148
K f  w  1000
अत: m 
T f  W
.......(10.3)
w ाम वलेय को W ाम वलायक म घोल कर हमांक म अवनमन ायो गक तौर पर
ात कर उस वलेय का अणुभार ात कर सकते ह ।
हमांक म अवनमन न न व धय वारा ात कया जा सकता है -
(i) बेकमान व ध (Beckmann’s method)
(ii) रा ट कपूर व ध (Rast’s comphar method)

10.3 बेकमान व ध (Beckmann’a Method) :


ई. बेकमान ने सव थम हमांक म अवनमन के मापन के लए इस व ध का उपयोग कया
। इस व ध म एक वशेष कार के थमामीटर का उपयोग कया जाता है िजसे बेकमान थमामीटर
कहते ह ।
बेकमान थमामीटर (Beckmann’s Thermometer) : च 10.1 म दशाए इस थमामीटर
के नचले सरे पर मकर का एक बल B तथा ऊपर सरे पर कु ड (Reservoir) R होता है िजसम
थोडी मकर होती है । इस थमामीटर क वशेषता यह है क नीचे के बल म आव यकतानुसार मकर
क मा ा, कु ड के वारा थाना त रत कर या हटा कर समायोिजत क जा सकती है ता क कसी भी
ताप प रसर म मापन कया जा सके । इस थमामीटर म 5 से 60C तक का केल होता है तथा येक
ड ी, 100 समान भाग म वभािजत होती है । अत: 0.01 C क परास तक के तापमान का मापन
0

यथाथतापूवक कर सके ।
बेकमान थमामीटर का समायोजन (Setting of Beckmann’s thermometer)
सव थम बेकमान थमामीटर के नचले बल को एक साधारण थमामीटर के साथ जल अथवा
बफ के टु कड़ से भरे हु ए बीकर म लेते ह । थमामीटर का ताप बीकर के समान होने पर मकर का
उ च थ सरा केल पर है या नह ?
ं इस पर तीन ि थ तयाँ स भा वत ह -
(i) मकर का तर सह थान (अथात ् ऊपर तर) पर होना चा हए इस उ चतम तर से मकर का
तर कम अथवा अ धक होने पर शनैः-शनै: समायोिजत करना चा हए ।
(ii) य द मकर का तर केल के नीचे हो तो इस ि थ त म कु ड क सहायता से मकर को नीचे
के बल म थाना त रत कया जाता है । इसके लए थमामीटर को उ च ताप पर जल ऊ मक
म रखते ह िजससे मकर के शका नल म ऊपर चढ़ जाए तथा कु ड के अ त म एक बूद
ं बन
जाए । फर थमामीटर का उ टा कर -सार मकर कु ड क ओर वा हत होने दे ते ह । अब पुन:
इसे सीधा कर लेते ह, इस या म यह यान रखते है क मकर का सतत ् वाह बीच म से
न टू टे । इस समायोजन क जाँच पुन: बफ म रख कर मकर के तर को दे ख कर करते ह ।
सह थान पर नह ं होने पर यह म दोहराते ह ।
(iii) य द मकर का तर केल के ऊपर हो तो इसका ता पय यह है क बल म मकर अ धक है ।
इस ि थ त म थमामीटर को ऐसे ऊ मक म रखते है िजसका ताप, हमांक से 2-30 उ च हो ।
कु छ मनट प चात ् थमामीटर के ऊपर सरे से के शका के अ त पर बनने वाल बू द
ं को नकाल

149
दे ते है । हालां क इस बू द
ं को कु ड म इक ा करना अ धक उपयु त रहता है । अब इि छत ताप
वाले ऊ मक म थमामीटर डाल कर मकर के तर क जाँच कर लेते ह ।

च 10.1 : बेकमान थमामीटर


बेकमान थमामीटर का समायोजन एक ज टल म है । अत: इस म म न न सावधा नयाँ
रखनी आव यक है -
(i) यह थमामीटर अ य त महँ गा तथा भंगरु कृ त का होता है । अत: इसे सावधानीपूव क उपयोग
म लेना चा हए।
(ii) थमामीटर एक बार समायोिजत होने पर इसे सदै व सीधा रखना चा हए ।
(iii) कमरे के ताप से कम ताप पर समायोिजत करने के लए थमामीटर को इि छत ताप के पा
म रखते ह ।
(iv) हमांक म अवनमन ात करते समय मकर का तर उ चतम च ह तथा वथनांक म उ नयन
ात करते समय मकर तर न नतम च ह पर होना चा हए ।

150
10.4 योग 1 - हमांक अवनमन व ध (बेकमान व ध) वारा दये गए
अवा पशील वलेय ( लू कोस, यू रया आ द) का अणु भार ात
क िजए ।
आव यक उपकरण एवं रसायन : बेकमान थमामीटर, बेकमान उपकरण, वलोडक, बीकर,
नमक, बफ, वलेय पदाथ आ द।
स ा त: कसी अवा पशील वलेय पदाथ के w ाम को वलायक के W ाम म घोलने पर
इसके हमांक म अवनमन ( T f ) होता है । इसके नधारण वारा न न सू वारा इस पदाथ का

अणुभार (m) ात कर सकते है ।


1000  K f  w
m
T f  W
यहाँ K f वलायक का मोलल अवनमन ि थरांक है ।
वध -
(i) सव थम बेकमान थमामीटर को समायोिजत करते ह ।
(ii) च 11.2 के अनुसार बेकमान उपकरण का उपयोग कया जाता है । इस उपकरण म एक आ त रक
हम नल A होती है िजसक ल बाई लगभग 15-20 सेमी होती है । इस के पा व म एक नल
T होती है । इसके वारा वलेय पदाथ अ दर डाला जाता है । इस नल म एक बेकमान थमामीटर
B और एक वलोडक S1 लगा होता है ।

च 10.2 : बेकमान उपकरण

151
अब इस नल को एक चौडी नल D म इस कार फट कया जाता है क दोन के म य म वायु का
थान रहे इससे शीतलन धीरे -धीरे होता है । अब इस स पूण सेट को बीकर अथवा पा E म रख
दे ते ह िजसम हम म ण (बफ + साधारण नमक) होता है । हम म ण का ताप, शु वलायक
के हमांक से 5-7 C कम होना चा हए । इस बीकर म एक अ य वलोडक S2 लगा रहता है ।
0

(iii) आ त रक नल म 25-40 मल पपेट से नाप कर आसुत जल लेते ह । आयतन ात होने पर


घन व से गुणा कर जल का भार ात कर लया जाता है । जल का आयतन इतना होना चा हए
क इसम समायोिजत थमामीटर का बल डू ब जाए । इसम वलोडक लगा दे ते ह ।
(iv) अब बेकमान थमामीटर तथा वलोडक को काक वारा हम नल म फट कर दे ते है ।
(v) आ त रक हम नल को बाहर नल म रख कर हम म ण से भरे हु ए बीकर म फट कर दे ते
है ।
(vi) वलायक को इस कार वलो डत करते ह क इसका ताप धीरे-धीरे कम होने लग । जब थमामीटर
म ताप का पा यांक जल के हमांक से 0.3 से 0.50C कम हो जाये तो वलोडन क ग त तेज
कर दे ते है ता क ठोस (य द वलायक जल है जो ठोस बफ होगा) पृथक होने लगे अथात इसका
टल करण ार भ हो जाएगा । ऐसा न होने क ि थ त म बफ के एक छोटे टु कड़े को डालकर
इस म का व रत कया जा सकता है ।
इस समय ताप म वृ हो जाती हे तथा ताप ि थर होने पर इसका पा यांक ले लेते है । यह ताप
वलायक का हमांक (T) है ।
(vii) हम नल को बाहर नकाल कर हथेल क गम वारा पुन : वलायक को पघला लेते ह ।
अब पा व नल क सहायता से वलेय क सह तु ल हु ई मा ा (0.2 से 0.5 ाम) डालते ह
। तथा वलायक वारा पूण प से घोल दे ते ह ।
(viii) हम नल को पुन : हम म ण म रख कर उपरो त व ध वारा हमांक ( Tf ) नकालते ह।

(ix) वलेय क भ न- भ न मा ा लेकर येक वलयन के लए हमांक का नधारण करते ह । वलायक


के हमांक व वलयन के हमांक म अ तर वारा हमांक म अवनमन ( T f ) ात कर लेते ह।
े ण
(i) वलायक का आयतन (V) =................ मल
(ii) कमरे के ताप पर वलायक का घन व (d) =..................... ाम / मल
(iii) वलायक का भार (W) = V  d =. .................. ाम
(iv) वलायक का हमांक (बेकमान केल पर)
(अ).................. (ब)............. (स).................... मा यमान ..........0C
े ण सारणी - हमांक अवनमन व ध वारा वलेय के अणुभार का नधारण

152
म वलेय का वलयन का वलायक के हमांक म वलेय
सं या भार(w) हमांक हमांक का अवनमन का
ाम T म यमान To T   T
f o T  अणुभार
(m)
1.
2.
3.
प रकलन - अवा पशील वलेय का अणुभार
K f  w  1000
m
T f  W
सू म w, W, T f और K f का मान रखने पर m का मान ात कया जा सकता है ।
जल के लए K f का मान 1.860 होता है ।
सावधा नयाँ
(i) वलयन तनु होना चा हए ।
(ii) हम म ण के ताप तथा वलायक के हमांक म अ तर लगभग - 4 से -50C तक ह होना चा हए

(iii) हम म ण तथा वलायक को भल भां त वलो डत करते रहना चा हए ।
(iv) अ धक अ तशीतलन से हमांक म अवनमन यथाथ प से ात नह ं कया जा सकता है ।

10.5 रा ट कपू र व ध (Rast’s Camphor Method) :


रा ट कपूर व ध म वलायक के तौर पर कपूर को काम मे लया जाता है । अत: इस व ध
वारा उन पदाथ का अणु भार नधा रत कया जाता है जो कपूर म घुलनशील है । इनक कपूर के
साथ कोई योग म काम म लए जाने वाले ताप प रसर म कोई रसाय नक अ भ या नह ं होती है
। इन पदाथ का कपूर के गलनांक (1770C) से नीचे अपघटन नह ं होना चा हए । चू ं क कपूर के कई
यवसा यक नमू ने उपल ध है िजनक गुण म व वधता पायी जाती है । इस ि थ त म कसी ात
अणुभार वाले पदाथ से इसका सह हमांक व मोलल अवनमन ि थरांक नधा रत करना चा हए । इस
वध क वशेषता यह है क कपूर का मोलल अवनमन ि थरांक (37.70C) कसी पदाथ क तु लना
म लगभग 20 गुणा अ धक होता है । इस कार 1000 ाम कपूर म य द कोई पदाथ घोला जाय
तो हमांक म अवनमन 37.7 होगा जब क यह पदाथ समान मा ा म य द जल म घोलते है तो हमांक
0

म अवनमन 1.860C होता है । अत: कपूर के योग से अवनमन का मान इतना अ धक ा त होता
है क इसे साधारण थमामीटर से भी मापा जा सकता है । य य प यह व ध अ य त सरल है क तु
इस स ा त के तपादन म उपयोग म लए गए कई त य क वै यता म कमी के कारण प रणाम
लगभग सह आते ह ।

153
10.6 योग 2 - कपू र के मोलल अवनमन ि थरांक का (नै थेल न को
वलेय के प म काम लेते हु ए) नधारण क िजए और ए सटै नलाइड
का अणु भार ात क िजए ।
आव यक उपकरण एवम ् रसायन - गलनांक उपकरण, के शका नल , थमामीटर (0.10C तक
मापने वाला) वलन नल , कपूर , नै थेल न, ए सटै नलाइड आ द ।
स ा त - नै थेल न का अणु भार 128.1 ाम, हमांक 80.30C तथा इसका मोलल अवनमन
ि थरांक 690 है । कसी अवा पशील वलेय जो कपूर म वलेय है , का अणुभार न न सू वारा ात
कया जा सकता है-
K f  w  1000
m
T f  W
व ध-
(i) कपूर को ईथर वारा नम कर उसका खरल म चूण बनाते है ।
(ii) अब वलन नल के एक सरे को गरम कर ब बनुमा आकृ त बनाएंगे और ओवन म सू खा कर
इसका सह ं भार ात करते ह ।
(iii) नल म 5 मल ाम कपूर भर कर तु ला वारा सह भार ात करते है तथा फर लगभग 100
ाम कपूर भर इसका पुन : सह भार नकालते है । इसके प चात ् नल का खु ला ह सा गरम कर
ब द कर दे ते है।
(iv) इसी कार दो अ य न लयाँ िजनम मश: 10 मल ाम व 15 मल ाम नै थेल न तथा 100
मल ाम कपूर हो तैयार कर लेते है ।
(v) पैरा फन तेल से भरे हु ए बीकर म इन न लय को डु बोकर लगभग 1800C तक गरम करते है ।
इस से अ दर का पदाथ पघल जाता है और कपूर का उ वपातन नह ं होता है । इन न लय को
इस कार हलाते है क इन के अ दर समांगी वलयन बन जाए । अब इ ह ठ डा होने दे ते है।
(vi) न लय के ठ डा होने पर इनके अ दर के पदाथ को बाहर नकाल खरल म पीसते है ता क समांगी
म ण ा त हो जाए ।
(vii) इस कार ा त म ण को पृथक-पृथक के शका नल म लेकर येक को थमामीटर के साथ
रबर बड से संल न कर थीले नल (िजसम पैरा फन व भरा हुआ हो) क सहायता से गलनांक
ात करते है । गलनांक ात करने के लए सव थम वह ताप नोट करते ह िजस पर म ण
स पूणत: पघल जाय तथा फर इसे ठ डा करते है और वह ताप नोट करते है जब पदाथ के टल
पुन : कट हो जाए ।
(viii) उपरो त व ध तब तक दोहराते है जब तक सु संगत मान ा त न हो जाये । दोन तापमान
का मा य मान नमू ने का गलनांक होता है ।
(ix) ऊपर व णत व ध वारा कपूर का गलनांक नधा रत करते है ।
(x) अब दए गए पदाथ (एसीटै नलाइड) िजसके अणुभार का नधारण करना है का कपूर म 5%, 10%
व 15% वलयन बनाकर इसी कार गलनांक ात करते ह ।

154
े ण
(i) शु कपूर का गलनांक
0C
(अ) ...................................
(ब) .................................... 0C
(स) .................................. 0C मा य मान =......................... 0C
कपूर के मोलल अवनमन ि थरांक के प रकलन के लए सारणी -

म कपूर का नै थेल न का वलयन का हमांक म मोलल अवनमन


सं या भार (w) भार (w) गलनांक ( C) 0
अवनमन ि थरांक
ाम ाम
1.
2.
3.
K f का मा य मान = .........
दये गये अ ात पदाथ (एसीटै नलाइड) के अणुभार का नधारण -

म कपूर का एसीटै नलाइड वलयन का गलनांक हमांक म वलेय का


सं या भार (W) का भार (w) (i) (ii) (iii) मा य अवनमन अणुभार
(m)
1.
2.
3.
एसीटै नलाइड का मा य अणुभार = ................................... ाम
प रकलन
m T  W
K  f

(i) मोलल अवनमन ि थरांक


f
10 0 0  w

येक सेट के लए T f का मान रख K f का प रकलन करते है तथा इसका मा य मान ात


करते है ।
(ii) अब K f के मा य मान वारा दए पदाथ का अणु भार न न सू वारा ात करते ह|
K f  w  1000
m =
T f  W
तीन म ण के लए अणु भार प रक लत कर इनका मा य मान नकाल लेते ह ।
प रणाम
(i) कपूर के लए मोलल अवनमन ि थरांक का मान = ................ 0C क ा मोल-1
(ii) दये गए पदाथ (एसीटै नलाइड) के अणु भार का मा य मान = ................ ाम
सावधा नयाँ

155
(i) वलेय क बहु त कम मा ा वलायक म घोलनी चा हए अथात ् वलयन तनु होना चा हए ।
(ii) वलेय कपूर म घुलनशील होना चा हए । कपूर के गलनांक तक वलेय क कपूर से कोई रसाय नक
अभ या नह ं होनी चा हए ।
(iii) वलेय का गलनांक कपूर से कम होना चा हए ।

10.7 वथनांक म उ नयन वारा कसी अवा पशील वलेय के अणु भार
का नधारण (Determination of molecular weight by
Elevation of boiling point) :
कसी व का वथनांक वह ताप है िजस पर व का वा य दाब वायुम डल य दाब के बराबर
हो जाता है । जब कसी अवा पशील वलेय को वलायक म घोलते ह तो इस वलयन को वा प दाब,
शु वलायक के वा प दाब क तुलना म कम हो जाता है । अत: वलयन को उबलने के लए इसका
ताप बढाया जाता है ता क इसका वा प दाब, वायुम डल य दाब के बराबर हो जाय अथात ् शु वलायक
क तु लना म वलयन का वथनांक अ धक होता है । वलयन व शु वलायक के वथनांक म अ तर
को वथनांक म उ नयन (Elevation of boiling point) कहते ह ।
कसी तनु वलयन के लए वथनांक म उ नयन वा प दाब के आपे क अवनमन के
समानुपाती होता है ।
चू ं क राउल के नयमानुसार वा प दाब म आपे क अवनमन वलेय के मोल भ न के
समानुपाती होता है । अत:
n
Tb
n N
 n 
Tb k  
या  n N 
यहाँ k समानुपाती ि थरांक, Tb वथनांक म उ नयन,n व N मश: वलेय व वलायक
के गोल क सं या है ।
यद w ाम वलेय W ाम वलायक म घोलते है तो तनु वलयन के लए
w/m wM
Tb  k k
W Wm
w/ m
M
यहाँ m व M मश: वलेय व वलायक के अणु भार है । कसी वलायक के लए अणु भार
का मान ि थर होता है । अत:
Tb  K w
 K  kM 
Wm
यहाँ K उ नयन ि थरांक है ।
1000 ाम वलायक म वलेय के एक मोल घोलने पर
K b  w  1000
Tb  (11.5)
m W

156
यहाँ K b मोलल उ नयन ि थरांक (Molal Elevation constant) है । इसे न न कार
प रभा षत कर सकते है-
य द कसी एक मोल अवा पशील वलेय को 1000 ाम शु वलायक म घोलते है तो इस
के वथनांक म उ नयन, मोलल उ नयन ि थरांक के बराबर होता है ।
Kb  w  1000
m (11 .6)
Tb  W
वथनांक म उ नयन के नधारण के लए अ तताप (Superheating) को रोकना चा हए
। इसके लए लै डसबगर व ध (Landsbergis’s method), काटरे ल व ध (Cottrell’s method)
व मे कॉय व ध (McCoy’s method) का उपयोग कया जाता है । यहाँ वथनांक म उ नयन के
मापन के लए लै डसबगर व ध का उपयोग करगे ।

10.8 लै डसबगर व ध (Landsberger’s method)


इस व ध म उबलते हु ए वलायक क वा प को वलयन मे वा हत कर इसे गरम कया जाता
है । इस कार अ ततापन को पूण पेण रोक दया जाता है य क वथनांक के नकट व करण के
भाव से हु ए ऊ मा के ास को पूरा करने के लए ह वा प संघ नत होती है अ यथा नह ं ।
लै डसबगर उपकरण (Landsberger’s apparatus)
च (11.3) म दशाए लै डसबगर उपकरण म एक अंशा कत वथन नल (Graduated
Boiling Tube) होती है ।
इस नल के ऊपर सरे पर एक ब ब होता है िजसके नकट एक छ H होता है इस नल
वारा मल के दसव भाग का मापन आसानी से कया जा सकता है । इस नल म बेकमान थमामीटर
अथवा ऐसा थमामीटर िजसक मापन मता 0.010C हो तथा एक रोजहड (Rose head) सरे वाल
काँच क नल T लगी रहती है । रोजहड से ता पय एक छोटे ब ब से है िजसम कई सू म छ होते
ह ता क वलयन म वा प का वतरण समान प से हो सके । यह वथन नल एक बाहर जैकेटनुमा
नल J िजसके अ त म संघ न C से जु डी हु ई नकास नल होती है मे फट होती है । H छ वारा
जो भी असंघ नत वा प बाहर आती है, इसे यह जैकेटनुमा नल इक ा कर व करण के मा यम से
ऊ मा के ास को रोकती है । ला क A है िजसम वलायक को उबाला जाता है । इस से दो न लयाँ
एक सीधी सुर ा नल तथा एक मुडी हु ई नल जो T नल से रबड नल R वारा जु डी होती है नकलती
है ।

157
च 11.3 ले डसबगर उपकरण

10.9 योग 3 - वथनांक म त (लै डसबगर व ध) वारा कसी दए गए


अवा पशील वलेय (यू रया. लू कोस) का जल के वलायक के प
म उपयोग करते हु ए अणु भार नधा रत क िजए ।
आव यक उपकरण एवं रसायन : लै डसबगर उपकरण, बेकमान थमामीटर, यू रया, आसु त
जल आ द ।
स ा त - कसी अवा पशील को शु वलायक म घोलने पर इसके वथनांक म उ नयन
होता है । जो इसके मोल भ न के समानुपाती होता है । इस वलेय का अणुभार न न सू वारा
ात कया जा सकता है -
1000  K b  w
m
Tb  W
यहाँ K b जल का मोलल उ नयन ि थरांक, w वलेय का भार, W वलायक का भार, Tb
वथनांक म उ नयन तथा m वलेय का अणु भार है ।
वध -
(i) सव थम वथन नल म 10 मल जल लेते है । अब इसम रोजहड नल व समायोिजत बेकमान
थमामीटर ले च 10.3 के अनुसार उपकरण को सेट कर लेते है ।
(ii) ला क A म उपि थत वलायक (जल) को गरम करते है ता क इसक वा प वथन नल म रोजहड
नल के मा यम से वा हत हो सक । वथन नल म यह संघनन क गु त ऊ मा संघ नत हो
जाती है फल व प वथन नल म उपि थत जल का ताप बढ़ने लगता है और अ तत: जल उबलने
लग जाता है । अब वा प का और अ धक संघनन नह ं होता है। यह बाहर जैकेट मे छ H के
वारा चल जाती है तथा संघ न वारा संघ नत हो जाती है । इस समय थमामीटर म ताप ि थर
हो जाता है, यह जल का वथनांक है।

158
(iii) ला क को गम करना ब द करते ह तथा ठ डा होने पर वथन नल को नकाल कर इसमे वलेय
पदाथ िजसका अणुभार ात करना है क सह तोल हु ई मा ा (1 अथवा 1.5 ाम) डाल कर हलाते
है ता क यह जल म पूण प से वलेय हो जाये ।
(iv) अब पुन : ला क को गरम कर वा प वा हत कर इसका वथनांक पूव व णत व ध से ात करते
ह ।
(v) ताप ि थर होते ह इसे नोट करने के प चात ् त काल T नल का स पक ला क से हटा दे ते
है और अब वथन नल को कमरे के ताप तक ठ डा कर, इसम से नल व थमामीटर नकाल
कर अंशा कत भाग वारा वलयन का आयतन ात कर लेते ह ।
(vi) अब पदाथ क अलग-अलग मा ा (2.0 ाम, 2.5 ाम) सह तोल कर वथन नल म लेकर पुन:
इस व ध वारा वलयन के वथनांक व आयतन ात करते है ।
(vii) वलयन के वथनांक व वलायक के वथनांक म अ तर नकाल कर येक सेट के लए
वथनांक म उ नयन ( Tb ) ात कर लेते ह ।
े ण: जल का वथनांक ......................... 0C
कमरे के माप पर जल का घन व (d) = ................................. ाम / मल
े ण सारणी

. वलेय का वलयन का वलायक का वलयन वथनांक वलेय का


सं. भार (w ाम) आयतन भार (W ाम) का वथनांक म उ नयन अणुभार
(V मल ) (T C) (m
0
Tb ाम)
1.

2.

3.

प रकलन
वलायक का भार W = V  d
येक वलयन के े त आयतन को वलायक के घन व से गुणा कर वलायक का भार
प रक लत करते ह ।
वथनांक म उ नयन Tb  Tb  To
यहाँ Tb व To मश: वलयन व वलायक के वथनांक ह ।
1000  K b  w
वलेय का अणुभार m 
Tb  W
जल के 1000 ाम के लए K b का मान 0.52 C है W,w व Tb के मान रख कर m
0

का मान येक सेट के लए ात कर लेते ह तथा फर इसका मा यमान प रक लत करते ह ।


सावधा नयाँ

159
(i) थमामीटर व रोजहड को इस कार समायोिजत करते है क ये वलायक म डू बे रह ।
(ii) वलेय पदाथ क मा ा इतनी ह लेनी चा हए ता क तनु वलयन ह ा त हो ।
(iii) वथन नल म लया गया वलायक शु होना चा हए । ला क म लए गए वलायक म कोई
भी वा पशील अशु उपि थत नह ं होनी चा हए ।
(iv) वलायक का मोलल अवनमन ि थरांक अ धक होना चा हए ता क तनु वलयन के लए वथनांक
म उ नयन अ धक हो सके और हम यथाथतापूवक इसका मापन कर सके ।
(v) येक सेट के े ण लेने से पूव वथन नल को आसुत जल से साफ कर सु खा लेना चा हए ।

10.10 असामा य अणु भार तथा वा ट हाफ गु णांक (abnormal


molecular weight and Vant Hoff factor) :
तनु वलयन के लए अणु सरं क गुणधम (colligative properties) - हमांक म अवनमन,
वथनांक म उ नयन, परासरण दाब, वा पदाब म अवनमन आ द वलायक के इकाई आयतन म
उपि थत वलेय पदाथ के अणुओं क सं या पर नभर करते ह । इस ि थ त म ये मान सै ाि तक
या सामा य मान (Theortical or normal values) कहलाते ह । क तु य द कोई वलेय पदाथ
वलायक म वयोिजत (dissociated) या संगु णत (Associated) अव था म उपि थत हो तो अब
वलायक के इकाई आयतन म वलेय के कण क सं या प रव तत हो जाएगी । फल व प अणु सं या
गुण के े त मान, सै ाि तक मान से भ न ा त होते ह । अणु सं या गुण के े त मान असामा य
मान (Abnormal) कहलाते ह ।

चू ं क 1 अणुभारα
हमांक म अवनमन ( T f ) अथवा वथनांक म उ नयन ( Tb )

या अणुभार α
वलेय के कण क सं या
अत: सामा य अणु भार (सै वाि तक मान)α
वयोजन / संगु णन के पू ण कण क सं या
े त या असामा य अणु भारα
ु न के प चात ् कण क सं या
वयोजनासंगण
( े त मान)
उपरो त दोन यंजक का अनुपात वा ट हाफ गुणांक (Vant Hoff factor) कहलाता है ।
सा य अणु भार
वा टहाफ गुणांक i =
े त अणुभार
वयोजन / संगु णन के प चात ् कण क सं या
=
वयोजन / संगु णन के पू ण कण क सं या

हमांक म अवनमन का े त मान


=
हमांक म अवनमन का सै ाि तक मान

वथनांक म उ नयन का े त मान


=
वथनांक म उ नयन का सै ाि तक मान
य द कोई एक-एक संयोजी (Uni-Uni valent) व युत अपघ प वयोिजत होता है तो –

160
NaCl  Na+ + Cl
1 0 0
1- α α α

यहाँ वलेय क वयोजन मा ा (degree of dissociation) है ।


वयोजन के पूव कण क सं या = 1
वयोजन प चात ् कण क सं या =
1-α+α+α=1+α
1   सामा य कार
अतः वा टहाफ गुणांक i = =
1 े त अणु भार

सामा य अणुभार ( ) Mt  Mo
α = -1   .....(10.7)
े त अणुभार ( ) Mo

10.11 योग 4- वथनांक म त वारा कसी एक-एक संयोजी व यु त


अपघ य (NaCl) का आभासी अणु भार ात करो तथा इसके
वयोजन क मा ा प रक लत कर ।
आव यक उपकरण एवं रसायन : लै डसबगर उपकरण, बेकमान थमामीटर, NaCl आसु त
जल आ द।
स ा त - कसी अवा पशील वलेय पदाथ (w ाम) को वलायक (W ाम) म घोलने पर
इसके वथनांक म उ नयन ( Tb ) हो जाता है । वलेय के अणुभार (m) का प रकलन न न सू
वारा कया जाता है -
1000  K b  w
m
Tb  W
चू ं क NaCl जल म वयोिजत हो जाता है अत: इसके लए वा टहाफ गुणांक (i) व वयोजन
क मा ा (a) का मान न न सू वारा दया जाता है-
Mt
i
वा टहॉफ गुणांक
Mo
Mt  Mo

वयोजन क मा ा
Mo
वध
(i) योग 3 के अनुसार उपकरण को समायोिजत कर वलायक-जल का वथनांक ात करते है ।
(ii) इसके प चात ् NaCl के मश: 1 ाम, 1.5 ाम व 2.0 ाम लेकर येक वलयन के लए
पूव म द गई व ध के अनुसार वथनां क ात करते है ।
(iii) अंशा कत वथन नल वारा येक सेट मे वलयन का आयतन ात करते ह । \

161
े ण -
शु वलायक - जल का वथनांक To ....................0C
कमरे के ताप पर जल का घन व d = ......................... ाम / मल
. वलेय NaCl का वलयन का वलायक का वलयन का वथनांक म NaCl
सं. भार (w ाम) आयतन भार(W ाम) वथनांक उ नयन का
(V मल ) Tb Tb अणुभार

1.
2.
3.
प रकलन वलायक का भार W=V  d
वथनांक म उ नयन Tb  Tb  T
येक सेट के लए W व Tb का मान ात कर लेते है तथा NaCl का अणु भार न न
सू वारा ात करते ह ।
1000  K b  w
m
Tb  W
Mt
वा टहॉफ गुणांक i 
Mo
NaCl क व भ न सा ताओं के लए इसक वयोजन क मा ा (α) का प रकलन -
Mt  Mo

Mo
प रणाम -
(i) NaCl का े त अणु भार = ......................... ाम
(ii) NaCl का वा टहाफ गुणांक i = ....................
(iii) NaCl क वयोजन मा ा α ..............................

10.12 श दावल (Glossary) :


आपे क अवनमन  Relative Lowering
ऊ मक  Bath
अवा पशील वलेय  Nonvolatile Solute
वयोजन  Dissociation
संगण
ु न  Association

10.13 संदभ थ (Reference Books) :


1. Practical Physical Chemistry by Findlay Alexander.

162
2. Advanced Practical Physical Chemistry by Gurdeep Raj.
3. Experiments in Physical Chemistry by Carl W Garland and Joseph W
Nibler.

163
इकाई 11
वण म त
(COLORIMETRY)

इकाई क परे खा
11.0 उ े य
11.1 तावना
11.2 वण म तय व लेषण
11.3 वण म त व पे मी काश म त का स ा त
11.3.1 लै बट का नयम
11.3.2 बीयर का नयम
11.3.3 बीयर लै बट नयम क सीमाएं
11.3.4 बीयर लै बट नयम के अनुपयोग
11.4 वणमापन क व धयाँ
11.5 योग 1 कॉपर स फेट वलयन क सा ता का वण म त वारा नधारण
11.6 योग 2 पोटे शयम परम नेट के वलयन के लए अवशोषण व बनाना तथा बीयर लै बट
नयम का स यापन करना
11.7 श दावल
11.8 संदभ थ

11.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप वण म त के बारे म न न ल खत जानकार ा त
करगे -
1. लै बट का नयम
2. बीयर का नयम
3. बीयर लै बट नयम क सीमाएं तथा इनके अनु योग
4. कसी दये पदाथ क सा ता का वण म त वारा नधारण
5. कसी रासाय नक त के वारा बीयर लै बट नयम का स यापन

11.1 तावना (Introduction) :


कु छ रासाय नक त रं गीन दखाई दे ते ह । इनक वरणा मक काश अवशोषी मता होती
है । जब काश व करण को त म से वा हत करते है तो इसका कु छ भाग अवशो षत हो जाता
है । अवशो षत काश क मा ा व करण क तरं गदै य तथा पदाथ क सा ता पर नभर करती है
। चू ं क पदाथ क सा ता प रवतन से रं ग प रव तत होता है और रं ग क ती ता म प रवतन ह

164
वण म तय व लेषण का आधार है । इस कार य द वलयन म उपि थत पदाथ िजसक सा ता ात
करनी है तो वह वयं रं गीन होना चा हए अथवा इसके वारा न मत संकुल रं गीन होना चा हए । इस
ि थ त म इसका मा ा मक व लेषण, रं ग क ती ता के आधार पर कया जा सकता है । इस व लेषण
मे पदाथ क सा ता का नधारण पदाथ क ात सा ता के स दभ म काश के आपे क अवशोषण
(relative absorption) के मापन वारा करते ह ।

11.2 वण म तय व लेषण (Colorimetric Analysis) :


कसी रासाय नक त के रं ग के आधार पर उसक सा ता का मापन वण म तय व लेषण
कहलाता है । ये न न कार के होते है-
1. य वण म त (Visual colorimetry) - इसम काश ोत के प म ाकृ तक अथवा अ ाकृ तक
वेत काश का उपयोग कया जाता है ।
2. काश-वै युत वण म त (Photoelectric colorimetry) - इस कार के व लेषण म
काश-वै युत सेल का उपयोग कया जाता है । इसम आप तत काश क तरं गदै य क एक नि चत
परास होती है िजसे काश के समु चत फ टर म से वा हत कर ा त कया जाता है ।
यद काश ोत क तरं ग दै य म पराबगनी े भी सि म लत हो तो व लेषण के लए
उपयोग म लए जाने वाले उपकरण को पे ोफोटोमीटर (spectrophotometer) कहते है ।
वण म त मु यत: य े से स बि धत होती है जब क पे मी काश म त
(spectrophotometry) पराबगनी य व नकट अवर त े से स बि धत होती है ।

11.3 वण म त व पे मी काश म त का स ा त (Principle of


Colorimetry and Spectrophotometry) :
जब एकवण य काश, कसी समांगी मा यम पर आप तत होता है तो इस व करण का कु छ
भाग पराव तत, कु छ भाग अवशो षत तथा शेष भाग पारग मत हो जाता है । य द आप तत, पराव तत,
अवशो षत व पारग मत काश क ती ता मश: I o , I f , I a व I e हो तो -
Io  I f  I a  It (11.1)

चू ं क वण म त क ायो गक व ध म वा ज सेल (cubet) का उपयोग होता है और इनके


वारा आप तत काश का मा 4% ह पराव तत होता है
अत: I f को नग य माना जा सकता है । 163

Io  Ia  Ie (11.2)
I a  Io  It (11.3)
कसी मा यम क मोटाई तथा वलयन क व भ न सा ताओं के साथ काश अवशोषण म
प रवतन को काश अवशोषण के न न नयम वारा समझाया गया, िज ह संयु त प से बीयर-लै बट
नयम (Beer- Lambert’s law) कहते है।

165
11.3.1 लै बट का नयम (Lambert’s law)

सन ् 1760 म लै बट ने यह नयम दया । इस नयम के अनुसार जब एक वण य काश


क सामाना तर करण कसी समांगी पारदश मा यम से गुजरती है तो मा यम क मोटाई ( l ) के
साथ काश क ती ता ( I ) के दर म कमी आप तत काश क ती ता के समानुपाती होती है अथात ्
dI
 I (11.4)
dl
dI
  kI (11.5)
dl

च 11.1 कसी समांगी मा यम वारा आप तत एकवण य काश व करण का अवशोषण,


परावतन तथा पारगमन
य द l  0 हो तो I  I o होगा । इसी कार l  lt होने पर I , I t के बराबर होगा ।
उपरो त समीकरण (11 .5) का इन सीमाओं म अवकलन करने पर
I 
In  t    kt
 Io 
I t  I o e kt
या (11.5)
I t  I o 10 ( k /2.303)t
या
I t  I o 10 kt
या (11.6)
k
यहाँ K  है । इसे अवशोषण गुणांक (Absorption coefficient) कहते ह ।
2.303

166
11.3.2 बीयर का नयम (Beer’s Law)

चू ं क मा ा मक व लेषण म वलयन का उपयोग होता है अत: बीयर ने वलयन म उपि थत


पदाथ क सा ता का काश अवशोषी मता पर पड़ने वाले भाव का अ ययन कया । इस नयम
के अनुसार अवशोषक पदाथ क सा ता (c) बढ़ने पर उसम रो पारग मत एकवण य काश व करण
क ती ता घातीय प से घटती है अथात ्
.......(1.17)
1
It  I o ek e
1
k
It  I o  c
या 10 2.303
......(1.18)
1
I t  I o10 k e
या
I 
log  o   Elc
या  It  .....(1.19)
यहाँ C वलेय क सा ता, l मा यम क मोटाई तथा E मोलर अवशोषण गुणांक (molar
absorption coefficient)या मोलर अवशोषण मता (molar absorptinty) अथवा मोलर
वलोपन गुणांक (molar extinction coefficient) है।
आप तत काश का वह अंश जो मा यम क मोटाई I वारा पारगत होता है, पारग यता
(Transmittance) कहलाती है। इसे T वारा द शत करते है ।
It
T
या
Io .......(11.10)
इसी कार अवशोषणांक (Absortance) 'A' या का शक घन व (optical density) 'D'
अथवा वलोपन (Extinction) 'E' को न न समीकरण वारा य त करते है -
Io
D  EorA  log ........(11.11)
It
I t  I o 10 D .........(11.12)
समीकरण (11.9), (11.10) व (11.11) से
Io 1
A  lc  log  log  log T ……….(11.13)
It T
वण म तय व लेषण म का शक घन व को सीधे पढ़ा जा सकता है जब क
पे मी काश म तय व लेषण मे उपकरण वारा तशत पारग यता व अवशोषणांक को सीधे पढ़ा
जा सकता है । इस व ध म शु वलायक वारा पारग मत काश क ती ता I o तथा वलयन वारा
पारग मत काश क ती ता I t मानी जाती है ।

11.3.3 बीयर लै बट नयम क सीमाएँ (Limitation of Beer – Lambert law)

बीयर-लै बट के नयम क कु छ सीमाएँ न न कार से है -


1. सदै व एकवण य काश व करण का ह उपयोग होना चा हए ।

167
2. काश व करण का अवशोषण केवल वलेय पदाथ वारा ह होना चा हए ।
3. तनुता म प रवतन के साथ-साथ वलेय क कृ त प रव तत नह ं होनी चा हए अथात ् वलयन म
इनका अपघटन, संगण
ु न (association) अथवा रासाय नक प रवतन नह ं होना चा हए ।
4. वलेय पदाथ का वलयन म क दन (coagulation) अथवा बहु ल करण (polymerisation)
नह ं होना चा हए।
5. इस नयम का पालन केवल तनु वलयन के लए ह होता है । अत: वलयन क सा ता अ धक
नह ं होनी चा हए।
6. अवशोषण गुणांक (E) ताप पर नभर करता है । अत: योग के समय ताप ि थर रहना चा हए।
7. य द अवशोषण, मा यम क pH पर नभर करता है तो अ ल ार बफर का उपयोग करना चा हए।

11.3.4 बीयर लै बट नयम के अनु योग (Applications of Beer – Lambert’s law)

बीयर लै बट नयम का उपयोग कसी अ ात सा ता वाले वलयन क सा ता नधारण


करने के लए कया जाता है । यह नधारण, ात सा ता वाले वलयन क अवशोषकता से तुलना
करके ात कया जाता है ।
य द दए गए पदाथ के दो वलयन क सा ताएं मश: c1 व c2 ह तथा इनक मोटाई मश:
l1 व l2 है तो समान ती ता वाले एकवण य काश व करण का इनम से गुजारने पर त काशीय
प से संतु लत होता है । अत: इस ि थ त म पारगत काश क ती ताएँ मश: I t1 व It2 भी समान
होती है अथात ्
I t1  I o10 el1e1 ......(11.14)
I t2  I o10 el2e2 ......(11.15)
∵ I t1  It2
समीकरण (11.14) व (11.15) से
l1c1  l2 c2
lc
c2  1 1 ......(11.16)
l2
उपरो त समीकरण क सहायता से बीयर लै बट नयम क वै यता क जाँच क जा सकती
है तथा कसी अ ात सा ता वाले वलयन क ात सा ता वाले वलयन से तु लना कर, सा ता
नधा रत क जाती है ।
य द वलयन क सा ता और अवशोषणता (A) के म य आलेख ( ाफ) खींचे जाने पर मूल
ब दु से गुजरती हु ई सरल रे खा ा त होती है तो यह इस नयम क वै यता का स यापन करती है
। (च 11.2)

168
च 11.2 बीयर लै बट नयम का स यापन
य द सा ता बढ़ने के बाद सरल रे खा ा त न हो तो इस ि थ त म यह नयम वै य नह
होगा ।

11.4 वणमापन क व धयाँ (Methods of Colour Measurement) :


वण म त म ात सा ता वाले अवयव के वलयन के वण क ती ता तथा दए गए वलयन
म उपि थत उसी अवयव के वण क ती ता क तुलना न न ल खत कसी भी व ध वारा क जा
सकती है -
(i) मानक ेणी व ध (Standard series method)
(ii) अनु ल पकरण व ध (Duplication method)
(iii) संतु लन व ध (Balancing method)
(iv) तनुकरण व ध (Dilution method)
(v) काश व युत काश मापी व ध (Photoelectric photometric method)
(vi) पे मी काशमापी व ध (spectrophotometric method)
कसी वलयन म पदाथ क सा ता नधा रत करने के लए पे मी काशमापी व ध एक
अ धकतम यथाथ व ध है। एक पे मी काशमापी म य व समीपवत पराबगनी व करण का
ोत-टं ग टन लै प व दूर थ पराबगनी व करण का ोत- यूट रयम लै प होता है । वलायक अथवा
वलयन, काँच अथवा स लका क बनी हु ई सेल म लया जाता है। े ण हेतु लए गए वलायक अथवा
वलयन के रं ग के अनुसार फ टर का चयन कया जाता है (सारणी 11.1)। सव थम वलायक के
लए काश करण पुज
ं क 100% पारग यता ा त क जाती है । इसके प चात ् वलयन के लए
अलग-अलग तरं गदै य पर अवशोषणता के पा यांक लए जाते है । इसके प चात ् उस फ टर के लए
का शक घन व और तरं गदै य के म य आलेख खींच कर वह तरं गदै य ात क जाती है िजस पर
अ धकतम अवशोषण होता है और योग के लए इस फ टर क अ धकतम तरं गदै य ( max ) को
समायोिजत कर लया जाता है ।

169
च 11.3 एकल करण पे मी काशमापी
सारणी – 11.1 तरं गदै य, वलयन का रं ग व उनके पूरक रंग

तरं गदै य (nm) वलयन का रं ग पूरक रं ग

400-435 नीला पीत-हरा


435-480 नीला पीला
480-490 ह रत नीला नारं गी
490-500 नीला-हरा लाल
500-560 हरा फरोजी
560-580 पीत-हरा बगनी
580-595 पीला नीला
595-610 नारं गी ह रत-नीला
610-750 लाल नीला-हरा
उपरो त म से िजस फ टर के लए वलयन अ धकतम काश घन व दशाता है उसी का
चयन कर सारे े ण लए जाते ह ।

11.5 योग- 1 दए गए वलयन (CuSO4.5H2O) क सा ता वण म त


वध वारा ात क िजए:
आव यक उपकरण - पे मी काशमापी अथवा वणमापी (colorimeter), यूवेट , यूरेट , पपेट,
आयतनमापी ला क, बीकर, टे ट यूब आ द ।
रसायन - कॉपर स फेट का 5% वलयन (5 ाम त 100 मल )
वध
(i) सव थम उपकरण को चालू कर 15 मनट तक रहने दे ते है ता क इसका ताप ि थर हो जाए ।
(ii) सेल म कॉपर स फेट का वलयन डालकर उस फ टर का चयन करते है िजसम का शक घन व
का मान अ धकतम आता हो ।

170
(iii) अब 5 ाम कॉपर स फेट को 100 मल जल म घोल कर वलयन बनाते हे । कॉपर स फेट
के वलयन से न न सा रणी (10.2) के अनुसार तनुकरण व ध वारा अलग-अलग सा ता वाले
वलयन बना लेते ह-
सारणी 11.2

म सं या 5% कॉपर स फेट वलयन आसु त जल का आयतन ( मल )

1. 0 10
2. 1 9
3. 2 8
4. 3 7
5. 4 6

6. 5 5
7. 6 4
8. 7 3
9. 8 2
10. 9 1

(iv) चय नत फ टर पर शु वलायक वारा 100% पारग यता समायोिजत कर येक वलयन के


लए का शक घन व ात कर लेते ह ।
(v) अ ात सा ता वाले वलयन का भी का शक घन व इसी फ टर पर ात करते ह ।
े ण
कमरे का तापमान =...........0C
कॉपर स फेट के जल य वलयन के लए अ धकतम अवशोषण वाल तरं गदै य ( max ) का
मान = ........nm
े ण सा रणी :

म सं या कॉपर स फेट वलयन का शक घन व


क तशत मा ा (O.D)
1. 0.5
2. 1.0
3. 1.5
4. 2.0
5. 2.5

171
6. 3.0
7. 3.5
8. 4.0
9. 4.5
10. 5.0
11. अ ात

प रकलन - कॉपर स फेट वलयन क तशत मा ा व का शक घन व अथवा अवशोषणांक के म य


आलेख खींचते है तो उ गम से गुजरती हु ई सीधी रे खा ा त होती है । अ ात सा ता वाले वलयन
क सा ता अंशाकन व (calibration curve) क सहायता से नधा रत क जाती है ।

च 11. 4 अ ात सा ता वाले वलयन क सा ता का अंशांकन व वारा नधारण


प रणाम - अंशाकन व वारा यह स होता है क क पर स फेट का जल य वलयन बीयर-लै बट
नयम को वै यता का स या पत करता है । दये गये वलयन क सा ता ............. ाम / ल टर
है ।
सावधा नयाँ -
(i) येक े ण के पूव वलायक के लए 100% पारग यता समायोिजत करनी चा हए ।
(ii) वलयन सदै व तनु होना चा हए ।

11.6 योग-2 : पे मी काशमापी वारा KMnO4 के दए गये वलयन


के लए अवशोषण व बनाइए तथा लै बट बीयर नयम का
स यापन क िजए :
आव यक उपकरण एवम ् रसायन : पे मी काशमापी, सेल, 0.002KMnO4 ,0.5H2SO4
आयतनमापी ला क, यूरेट, पपेट, बीकर आ द ।
वध -
(i) सव थम उपकरण को चालू कर 15 मनट तक रहने दे ते ह ता क इसका ताप ि थर हो सके ।

172
(ii) सेल म KMnO4 का वलयन रख कर उस फ टर का चयन करते है जहाँ का शक घन व (O.D)
का मान सवा धक हो । अब उस फ टर पर व भ न तरं गदै य के मान के अनुसार का शक घन व
का मान ात कर इन दोन के म य आलेख खींचते है तथा (λmax) का मान नधा रत करके
उसे समायोिजत कर लेते ह ।
(iii) 0.002MKMnO4 के मानक वलयन से न न वलयन तैयार करते है-
(iv) वलयन I (जल य मा यम): 50 मल 0.002MKMnO4 वलयन + 50 मल आसु त जल
(v) वलयन II (अ ल य मा यम): 50 मल 0.002एम KMnO4 वलयन + 50 मल 0.5 M H2
SO4 अब
(vi) KMnO4 के वलयन से तनुकरण व ध वारा न न वलयन आयतनमापी ला क म तैयार कर
लेते ह ।
सा रणी 11.3

म सं या 2 104 M KMnO4 आसु त जल का


आयतन ( मल )
वलयन I व II का
आयतन ( मल )
1. 0 10
2. 2 8
3. 4 6
4. 5 5
5. 6 4
6. 8 2
7. 10 0
(iv) वलयन l व वलयन ll के तनुकरण वारा ा त व भ न सा ता वाले वलयन के लए मवार
का शक घन व का मान, समायोिजत तरं गदै य पर ात कर लेते ह ।
(v) अब वलयन को सा ता तथा का शक घन व के म य आलेख खींचते है
े ण : कमरे का तापमान =................ 0C
अ धकतम अवशोषण वाल तरं गदै य का मान =..........nm
े ण सा रणी

173
वलयन सं या सा ता (मोल त ल टर) का शक घन व
-5
1. 2×10
2. 4×10-5
3. 1×10-5
4. 1.2×10-5
5. 2.6×10-5
6. 2×10-5

प रकलन -
(i) व भ न तरं गदै य के मान तथा का शक घन व के म य आलेख खींचने पर वह तरं गदै य िजस
पर का शक घन व का अ धकतम मान आता है ात कर लेते ह ।
(ii) वलयन क सा ता व का शक घन व के म य आलेख खींचते ह ।
प रणाम -
(i) KMnO4 के लए max का मान.................. nm है ।
(ii) वलयन क सा ता (जल य व अ ल य मा यम म) व का शक घन व के म य आलेख खींचने
पर उ गम से गुजरती हु ई एक सीधी रे खा ा त होती है । अत: लै बट-बीयर नयम का स यापन
होता है ।
ट पणी - यह योग 0.002M K2Cr2O7 के वलयन का उपयोग कर दोहराया जा सकता है क तु
पौटे शयम डाई ोमेट जल य वलयन म लै बट बीयर नयम का पालन नह ं करता है । इसके लए
हम अ ल य मा यम ह उपयोग करना पडता है ता क पौटे शयम डाई ोमेट का जल अपघटन न हो
सके । पोटे शयम डाई ोमेट का जल अपघटन जल य वलयन म न न रसाय नक अ भ या वारा
दशाया जाता है -
K 2Cr2O7  H 2O 
 K 2CrO4  H 2CrO4

11.7 श दावल (Glossary) :


आप तत व करण  Incident radiation
पराव तत व करण  Reflected radiation
अवशो षत व करण  Absorbed radiation
पारग मत व करण  Transmitted radiation
एकवण य व करण  Monochromatic radiation

174
11.8 संदभ थ (Reference Books) :
1. Practical Physical Chemistry by Findlay Alexander.
2. Advanced Practical Physical Chemistry by J.B.Yadav.
3. Experiments in Physical Chemistry by Carl W Garland and Joseph W
Nibler

175
176

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