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CH12 - Practical Chemistry
CH12 - Practical Chemistry
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पा य म अ भक प स म त
अ य
ो. (डॉ.) नरे श दाधीच
कुलप त
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा(राज.)
संयोजक/ सम वयक एवं सद य
वषय सम वयक सद य स चव / सम वयक
ो. (डॉ) सी. के. ओझा डॉ. अनुराधा शमा
नदे शक सहायक आचाय, वन प त व ान
महा मा गांधी इं ट यू ट ऑफ ए लाइड साइंसेज , जयपु र (राज.) वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा
1. ो. (डॉ.) सी.पी. भसीन 2. ो. (डॉ.) पी.एस. वमा 3. डॉ. के.के . शमा
रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग
नाथ गु जरात व व व यालय, पाटन (गु जरात) राज थान व व व यालय, जयपुर सेवा नवृ त उपाचाय, अजमेर
4. ो. (डॉ.) आर.सी. शमा 5. ो. (डॉ.) रे णु का जैन
रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग
अ बेडकर व व व यालय, आगरा राज थान व व व यालय, जयपुर
6. ो. (डॉ.) पी.के. शमा 7. ो. (डॉ.) पहु प संह
रसायन व ान वभाग रसायन व ान वभाग
जय नारायण यास व व व यालय, जोधपु र राज थान व व व यालय, जयपुर
पा य म उ पादन
योगे गोयल
सहायक उ पादन अ धकार
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा(राज.)
इस साम ी के कसी भी अंश को व. म. खु. व., कोटा क ल खत अनु म त के बना कसी भी प मे म मयो ाफ (च मु ण) के वारा या
अ य पुनः तुत करने क अनु म त नह ं है ।
व. म. खु. व., कोटा के लये कु लस चव व. म. खु. व., कोटा (राज.) वारा मु त एवं का शत
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CH-12
6. यु प न का वरचन 94—104
9. अपवतन म त व ु वण म त 130—146
11. वण म त 164—174
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इकाई 1
व लेषण एवं वरचन
(ANALYSIS & PREPAPATION)
इकाई क परे खा
1.0 उ े य
1.2 तावना
1.2 धाि वक आयन का ोमेटो ाफ य पृथ करण
1.3 संकर म त अनुमापन
1.4 संकल का वरचन
1.4.1 ोमएलम का वरचन
1.4.2 े टाए मीन क पर (II) स फेट का वरचन
1.4.3 न कलडाईमे थल लाईआि सम संकु ल का वरचन
1.4.4 सो डयम है जानाइ ो कोबा टे ट (III) संकुल का वरचन
1.4.5 पोटे शयम ाईऑ सलेटोफेरे ट (III) संकुल का वरचन
1.4.6 cis–पोटे शयमडाईआ सेलेटोडाईए वो ोमेट (III)
1.5 श दावल
1.6 संदभ थ
1.0 उ े य (Objectives):
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप अकाब नक यौ गक के वरचन एवं व लेषण के बारे
म न न जानकार ा त करगे ।
(a) ोमेटो ाफ (b) संकर म त अनुमापन (c) अकाब नक संकु ल का वरचन
(Ethylene diamine tetra acetic acid) के साथ संयु त होकर संकर लवण बनाते ह । इस त य का
उपयोग EDTA के वारा इन धातु आयन के आकलन म कया जाता है ।
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R f का मान कभी एक से अ धक नह ं होगा । यह पेपर क प ी क ल बाई पर नभर करता
है जब R f का मान 0.90 से कम होता है तब पृथ करण अ धक प ट ा त होता है ।
योग-1
उ े य (Object) - पेपर ोमेटो ाफ क सहायता से लेड तथा स वर आयन का पृथ करण करना।
आव यक उपकरण एवं अ भकमक (Required Apparatus and Reagents) -
(1) ोमेटो ाफ पेपर (Chromatography paper) - 30 2 सेमी का वॉटमेन सं या 1,3 अथवा
4 पेपर ।
(2) ोमेटो ाफ जार (Chromatography jar)
(3) लवण वलयन (Salt solution) - स वर नाइ े ट तथा लैड नाइ े ट का 1% जल य वलयन । इन
वलयन को तनु HNO3 क कु छ बूद
ं े मलाकर अ ल य कर लया जाता है ।
(4) डेवलपर या वकासक (Developer) - न न म से कसी एक का उपयोग कया जा सकता है –
(i) तृतीयक यूटेनॉल (40ml) + ऐसीटोन (40ml) + जल (12ml) + सा नाइ क अ त (8ml)।
(ii) मे थल ो पल क टोन (85ml) + 10 N HCl (15ml) ।
(iii) यूटेनॉल का वलयन िजसम 5% (v/v) लैशल ऐसी टक अ त मलाकर इतना जल मलाते ह
क गंदलापन (turbidity) उ प न हो जाये ।
(iv) आसु त जल ।
(5) शीकर अ भकमक या चा ुषीकारक अ भकमक (Spraying reagent or visualising agent) -
न न म से कसी भी एक का उपयोग कया जा सकता है-
(i) अमो नयम स फाइड का रं गह न वलयन िजसे तनु NH 4OH म H2S वा हत करके ा त
करते ह ।
(ii) लोरोफॉम म 0.5% डाइथायोन वलयन ।
(iii) K 2CrO4 वलयन ।
व ध (Procedure)
वॉटमैन फ टर पेपर सं या 1, 3 अथवा 4 को उपयु त आकार (लगभग 20 सेमी ल बा
तथा 1.5 सेमी चौड़ा) म काट लो । उसके एक सरे से 2 सेमी पर एक रे खा प सल से खींचो । एक
बार क केशनल अथवा स रंज क सहायता से तदश (sample) क 5 बुँदे इस रे खा के म य म
रख कर सु खा लो । जब पेपर पूर तरह सू ख जाय तो उसे च 1 क भाँ त उपकरण म यवि थत
कर लो । वलायक को उपकरण के नचले भाग म रखो तथा पेपर को इस कार लटकाओ क पेपर
का नचला कनारा वलायक डेवलपर म डू बा रहे । अब उपकरण को दो घ टे के लए छोड़ दो िजससे
वलायक फ टर पेपर पर ऊपर क तरफ चढ़ने लगे ।
दो घ टे के उपरा त फ टर पेपर को उपकरण से बाहर नकालकर शु क कर लो । इसके
उपरा त फ टर पेपर के ऊपर पोटै शयम ोमेट के तनु वलयन क फुआर (spray) डालो । लैड या
स वर आयन मश: पीले एवं लाल रं ग के अलग-अलग थान पर ध बे (spots) दे ते है । य द ध ब
पर डाइथायोन के लोरोफॉम म बने 0.5% वलयन क फुआर क जाती है तब गुलाबी रं ग लैड को
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और नारं गी रं ग स वर को कट करता है । अ त म मूल थान से वभ त हु ए आयन के ध ब के
म य क दूर ात कर लो ।
योग-2
उ े य (Object) - पेपर ोमेटो ाफ क सहायता से क पर व लैड आयन अथवा कॉपर व कैड मयम
आयन का पृथ करण करना ।
आव यक उपकरण एवं अ भकमक (Required Apparatus and Reagent)
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(1) ोमेटो ाफ पेपर (Chromatography Paper) - 30 2 सेमी का हाटमेन सं या 1 का पेपर।
(2) ोमेटो ाफ जार (Chromatography jar) - यह 30 cm. ऊँचाई और 10cm यास का होता है।
(3) लवण वलयन - यू क लोराइड, कैड मयम लोराइड और लैड नाइ े ट के 1% वलयन । येक
वलयन म तनु HNO3 क कु छ बूँद जल-अपघटन रोकने के लए डाल द जाती है ।
(4) डेवल पंग वलयन या वकासक - न न वलायक म से कसी एक को यु त कया जा सकता
ह ।
(i) एथेनॉल (90 ml) + 5 NHCl (10 ml) ।
(ii) 3 NHCl से संत ृ त n- यूटेनॉल (दोन घटक क समान मा ा को पृथ कार क प म लेकर हलाओ।
नीचे क जल य परत को दूर कर दो, उपर परत को योग म लेते ह) ।
(iii) एथेनॉल (45 ml) + आइसो ो पल ऐ कोहॉल (40ml) + 5 NHCl (10 ml) ।
ु ीकारक वलयन (Visualising solution) - न न म से कोई एक
(5) चा श यु त कया जा सकता
है-
(i) अमो नयम स फाइड का रं गह न वलयन । यह वलयन Cd के साथ पीला और अ य धनायन
के साथ न न ल खत रं ग के ध बे उ प न करता है-
Cu : पपल ाउन
Pb : लाल गुलाबी (Rose pink)
व ध (Procedure) - योग के अनुसार । य द अ ात म ण म Cu 2 व Cd 2 क पहचान करनी
है तब इनलवण के वलयन क बूँद भी फ टर प पर पेि सल क ै तज रे खा क अलग-अलग थान
पर रखकर एवं सुखाकर म ण के साथ-साथ ोमेटो ा फक पृथ करण म चलाते है । फर अ ात
धनायन क ऊँचाई क ात धनायन क ऊँचाई से तु लना करके अ ात केटायन क पहचान कर ल
जाती है ।
योग-3
उ े य (Object) - पेपर ोमेटो ाफ क सहायता से Zn2+ , Co2+ व Ni2+ आयन के वअंगी या
अंगी म ण का पृथ करण करना ।
आव यक उपकरण एवं अ भकमक (Required Apparatus and Reagents)
(1) हाटमैन फ टर पेपर ।
(2) ोमेटो ाफ जार ।
(3) डेवल पंग वलयन का वकासक - ऐसीटोन (44 मल ) + जल (3 मल ) तथा सा HCl (4
मल ) ।
(4) लवण वलयन - िजंक, कोबा ट व न कल लोराइड का जल य वलयन िजसम तनु HCl क
कु छ बूँद डाल द जाती है ।
(5) चा ुषीकारक वलयन (Visualising solution) - ऐल जेर न (Alizarin) का संत ृ त ऐ कोहॉल
वलयन, 0.1% बे नक अ ल (rubeanic acid) और 0.1% सै ल सल ऐ डॉि सम (salicyl
aldoxime) ।
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व ध (Procedure) - योग 11 के अनुसार । ोमेटो ाफ डेवलपमे ट के बाद सुखाकर ोमेटो ाफ
पेपर क प ी सु खाकर अमो नया के धू (fumes) पर रखो और इसके बाद चा ष
ु ीकारक वलयन
(Visualising solution) जो क ऐल जेर न का ऐ काहॉल म बना संत ृ त वलयन तथा 0.1% बे नक
अ ल और 0.1% सै ल सल-ऐ डॉि सम से बना म ण है, उसक फुआर डालो । न न रं ग के ध बे
उ प न होते है-
नीला ध बा : न कल
भू रा ध बा : कोबा ट
पपल ध बा : िजंक
इन आयन के R f मान न न कार ा त होते ह -
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येक करण म बनने वाले संकुल क संरचना समान होती है क तु आवेश क मा ा भ न
होती है । एक वसंयोजक धातु आयन जैस-े Ca , Mg2+ , Zn2+ , Cu2+ आ द के साथ बनने वाले
2+
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जब धाि वक लवण pH 7-11 के म य सू चक के वलयन म डाले जाते ह तब सूचक का रं ग
नीले से लाल हो जाता है। EDTA के साथ अनुमापन म अि तम ब दु पर सूचक धाि वक आयन से
मु त हो जाता है और वलयन का रं ग लाल से नीला हो जाता है ।
2. यूरे साइड (Murexide) - यह पर यू रक अ ल का अमो नयम लवण है िजसके ऐनायन क
न न ल खत संरचना होती है-
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1. M/40 मै नी शयम स फेट वलयन - मै नी शयम स फेट (MgSO4.7H2O) का अणु भार
246.5 है इस लए M/40 वलयन बनाने के लए लगभग 1.5405 ाम शु मै नी शयम स फेट
तोलकर 250 मल . धा रता के मापक ला क म आसु त जल म घोलो और वलयन का आयतन
250 मल बनाओ ।
2. M/40 EDTA वलयन - EDTA का सो डयम लवण यु त कया जाता है िजसका अणु भार
372.24 होता है । EDTA का M/40 वलयन बनाने के लए 2.3265 ाम EDTA को जल म घोलो
और वलयन का आयतन 250 मल बनाओ।
3. बफर वलयन - 70 ाम NH4Cl को 570 मल NH4OH (S.G = 0.88) म घोलो और
तनु करके वलयन का आयतन 1 ल टर करो ।
4. पोटे शयम साइनाइड का वलयन – KCN का 5% वलयन बनाओ।
5. सू चक वलयन-ऐ रयो ोम लैक - (Eriochrome Black-T) का 0.4% वलयन सूचक के प
म यु त कया जाता है ।सदै व ताजा वलयन यु त करना चा हए ।
व ध (Procedure) - यूरेट को EDTA वलयन से खँगालो और भर । पपेट क सहायता
से 10 मल अ ात सा ता का मै नी शयम स फेट वलयन एक शं वाकार ला क म लो और इसम
10 मल आसु त जल, 10 मल बफर वलयन, 1 मल KCN वलयन और 5 बूद
ँ सूचक वलयन
क डालो । यूरेट से EDTA वलयन को नकल ला क म धीरे -धीरे डालो, जब तक क वलयन का
रं ग लाल से थायी नीला (Blue) न हो जाय । अनुमापन क या उपयु त व ध से दुहराओ जब
तक क समान पा यांक ा त न हो जाये । माना क यह आयतन V1 मल है ।
इसी कार ात सा ता वाले मै नी शयम स फेट वलयन के साथ अनुमापन करो । माना
यह आयतन V2 मल है।
गणना (Calculation) - माना मै नी शयम स फेट का भार = W ाम
अत: अ ात मै नी शयम लवण वलयन क सा ता
(अ ात सा ता वाले वलयन म यु त क मा ा)
=
( ात सा ता वाले वलयन म यु त EDTA क मा ा)
गणना क एक अ य व ध के अनुसार -
1 ml 0.1-M EDTA = 2.42 mg Mg
या 1 ml m/40 EDTA =0.6075 mg Mg
सावधा नयाँ (Precautions) - (i) EDTA का मानक वलयन बनाने से पहले उसे 800C तक
गरम करके शु क कर लेना चा हए ।
(ii) अि तम ब दु के नकट रं ग म प रवतन बहु त धीरे-धीरे होता है । इस बात का यान रखना
चा हए क यूरेट से वलयन अ धक न पड़ जाय ।
योग-5
उ े य (Object) - कैि सयम काब नेट का M/10 वलयन बनाओ और इसक सहायता से
अ ात म ण वाले कैि सयम काब नेट वलयन क सा ता ात करो, EDTA को मा य मक वलयन
के प म यु त करना है ।
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आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
1. 0.1M कैि सयम वलयन - 25 ाम शु (A.R.) CaCO3 (अणुभार 100.09) तोलो और
आसु त जल क सहायता से 250 मल के मापक ला क म थाना त रत करो । इसम कु छ तनु
HCl डालो और ठोस को घोलो । HCl के आ ध य को दूर करने के लए मे थल रे ड (Methyl red)
सू चक क उपि थ त म वलयन को NaOH वारा उदासीन करो ।
2. 0.1 M EDTA वलयन - 93 ाम EDTA के डाइसो डयम लवण (अणु भार 372.25) को
250 मल आसुत जल म घोलो।
3. बफर वलयन - 70 ाम NH4Cl को 470 मल NH4OH (S.G. = 0.88) म घोलो और
तनु करके वलयन का आयतन 1 लटर करो ।
4. पोटे शयम साइनाइड वलयन - KCN का 5% वलयन आसुत जल म बनाओ ।
5. सुचक वलयन - ऐ रयो ोम लैक-1 (Eriochrome Black-T) का 0.4% वलयन सू चक के
प म यु त कया जाता है । सदै व ताजा वलयन यु त करना चा हए ।
व ध (Procedure) - यूरेट को EDTA वलयन से खँगालो और भरो । पपेट क सहायता
से अ ात सा ता वाले वलयन का 10 मल वलयन एक शं वाकार ला क म लो और इसम 20
मल आसु त जल, 10 मल बफर वलयन, 1 मल KCN वलयन और 5 बूँद सू चक वलयन क
डालो । यूरेट से EDTA वलयन बीकर म धीरे -धीरे डालो जब तक क वलयन का रं ग लाल (red)
से थायी नीला (blue) न हो जाये ।
गणना (Calculation) - सामा य व ध वारा करो ।
1 ml 0.1 M DTA = 4.008 mg Ca
(नोट-1. अि तम ब दु पर अनुमापन म ण म लाल रं ग क झलक ब कु ल भी नह ं होनी
चा हए । अि तम ब दु पर रं ग प रवतन धीरे -धीरे होता है इस लए इस बात का यान रखना चा हए
क EDTA वलयन अ धक न पड़ जाये । अत: अं तम ब दु के नजद क आने पर EDTA वलयन
एक-एक बू द
ं करके डालने के बाद अ छ तरह से हलाएं ।
2. KCN का काय भार धातु ओ,ं जो क अशु के प म होते है, संयोग करना है । ये धातु
भी EDTA के साथ संकर बनाते है । इस लए इ ह अ भ या े से हटाना आव यक है ।)
योग-6
उ े य (Object) - दये हु ए वलयन म EDTA क सहायता से िजंक (Zn) का आंकलन करना।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
EDTA वलयन (0.1M) ए रयो ोम - T सू चक वलयन, बफर वलयन (pH = 10)
(अ यास 1 के समान बनाइये) ।
(i) िजंक आयन वलयन (0.1 M)-A.R. िजंक गो लय (pellets) क 1.63 ाम मा ा को ठ क
कार से तौलकर हाइ ो लो रक अ ल म घोलो । इसे 1M NaOH वलयन से उदासीन करो तथा
वलयन को 250 मल धा रता के मापन ला क म थाना त रत करो । आसुत जल क आव यक
मा ा डालकर वलयन को 250 मल पूरा करो । िजंक पैलेट के थान पर िजंक ऑ साइड या िजंक
स फेट भी यु त कया जा सकता है ।
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स ा त (Theory) - िजंक आयन EDTA के साथ न न समीकरण के अनुसार अ भ या
करके संकुल बनाते ह -
Zn 2 H 2Y 2
ZnY 2 2H
चूँ क एक मोल Zn2 EDTA आयन के एक मोल के साथ अ भ या करता है, इस लए
िजंक स फेट क समतु यांक मा ा = िजंक स फेट का आि वक यमान
= ZnSO4.7H2O का आि वक यमान
= 287.36
Zn2+
आयन और EDTA के म य अ भ या क पूणता का ान धातु आयन सूचक जैसे
ऐ रयो ोम लैक-T सूचक के वारा हो जाता है ।
ार भ म जब वलयन का pH 7-11 रखा जाता है तब िजंक आयन सू चक अणु से संयोग
करके Zn-सू चक संकु ल बनाता है जो लाल रं ग (wine red) के प म कट होता है । अि तम ब दु
के नकट, EDTA अ भ या म बने Zn सू चक संकुल को अपघ टत कर दे ता है तथा Zn का EDTA
के साथ संकु ल बन जाता है । अि तम ब दु पर मु त हु आ सू चक वलयन म नीला रं ग उ प न करता
है । अत: अि तम ब दु पर लाल रं ग शी ता से नीले रं ग म प रव तत हो जाता है ।
व ध (Procedure) - एक शंकु प ला क म 25ml िजंक वलयन पपेट से लेकर इसम
100ml आसु त जल डालो। इसम 2ml बफर वलयन (pH 10) और 2-3 बूँद ऐ रयो ोम लैक-T सू चक
डालो । इसका अनुमापन 0.1 M EDTA वलयन के साथ तब तक करो जब तक क वलयन का
रं ग लाल से नीला नह ं हो जाता है ।
प रकलन (Calculation) - वलयन म Zn क मा ा का प रकलन न न स ब ध क सहायता
से कया जा सकता है-
0.1 MEDTA को 1 ml = 6.538 mg Zn
4 W M Unknown
अथवा gm/litre
Known
योग-7
उ े य (Object) - पाइरोकैटे कोल वॉयलेट को सूचक के प म यु त करते हु ए EDTA क
सहायता से कॉपर क मा ा ात करना ।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
(i) EDTA का 0.02M वलयन - पहले व णत व धय के अनुसार बनाओ ।
(ii) पाइरोकैटे कॉल वॉयलेट सूचक - 0.1 ाम पदाथ को 100ml जल म वलेय करो ।
(iii) कॉपर आयन का वलयन 0.05M – 3.11 ाम यू क स फेट को 250 ml धा रता के
मापक ला क म आसुत जल म वलेय करो और जल मलाकर आयतन 250ml करो।
व ध (Procedure) - एक को नकल ला क म 25ml कॉपर आयन का वलयन लो । इसम
इतनी पर डीन मलाओ क गहरा नीला रं ग उ प न हो जाय । इसम सूचक क 5-6 बूँद मलाओ ।
इसका EDTA के मानक वलयन के साथ तब तक अनुमापन करो जब तक क वलयन का रं ग पीला-हरा
नह ं हो जाता है ।
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प रकलन (Calculation) – 1 ml 0.02 M EDTA = 1.271mg Cu
योग-8
उ े य (Object) - Fast sulphon black – F सू चक को यु त करते हु ए कॉपर क मा ा ात
करना ।
आव यक उपकरण (Required Reagents) - EDTA वलयन (0.05 M) और कॉपर
वलयन (0.05 M) पछल व ध के अनुसार बनाओ ।
Fast sulphon Black-F सू चक – 0.5 ाम रंजक को 100ml जल म वलेय करो ।
व ध (Procedure) - एक अनुमापन ला क म 25ml कॉपर आयन का वलयन लेकर इसम
25 ml जल मलाओ, 5 ml सा अमो नया वलयन और 5 बूँद सू चक क डालो । इसका EDTA
वलयन के साथ तब तक अनुमापन करो जब तक क वलयन का रं ग नीले से गहरा हरा नह ं हो जाता
ह
प रकलन (Calculation) - 1 ml 0.05 M EDTA = 3.177mg Cu
योग-9
उ े य (Object) - कठोर जल म कैि सयम व मै नी शयम क मा ा अथवा स पूण कठोरता
ात करना ।
आव यक अ भकमक (Required Reagents) -
(i) EDTA वलयन (0.01 M)
(ii) ऐ रयो ोम लैक-T सू चक वलयन
(iii) बफर वलयन pH = 10
(बनाने क व ध योग 1 के अनुसार)
व ध (Procedure) - एक 250 ml धा रता के शंकु प ला क म कठोर जल के नमू ने के
50 ml लो । इसम 10 pH वाले बफर वलयन का 1 ml तथा ऐ रयो ोम लैक-T (Eriochrome
Black-T) सूचक क 3-4 बूँद डालो । इस वलयन का EDTA के 0.01 M सा ता के मानक वलयन
के साथ तब तक अनुमापन करो जब तक क वलयन का रंग लाल से प ट नीला नह ं हो जाता है
। अं तम ब दु पर कोई भी लाल झलक नह ं होनी चा हए ।
प रकलन (Calculation) - दये हु ए नमू ने म CaCO3 क मा ा का प रकलन न न स ब ध
क सहायता से करो -
1 ml 0.01 M EDTA = 1.000 mg CaCO3
(नोट - जल क स पूण कठोरता को जल के त म लयन भाग म व यमान CaCO3 के
भाग (parts) के प म य त कया जाता है।)
[K2SO4.Cr2(SO4)3.24H2O]
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अ ल य पोटे शयम डाइ ोमेट के वलयन को अपच यत (reduce) करके ोम एलम (chrome
alum) के टल बनाये जाते ह । अपचयन ए थल ऐ कोहॉल अथवा टाच वारा स प न कया जाता
हे अ भ या न नानुसार होती है :
K 2 SO4 Cr2 So4 3 4 H 2O 3 O
K 2Cr2O7 4 H 2 SO4
[C2 H 5OH O
CH 3CHO H 2O ] x 3
K 2 SO4 Cr2 SO4 3 24 H 2O
K 2 SO4 .Cr SO4 3 24 H 2O
पूण अ भ या न नानुसार लखी जाती है -
K2Cr2O7 + 4H2SO4 + 3C2H5OH + 17H2O
Violet
K 2 SO4 .Cr2 SO4 3 .24 H 2Oc 3CH 3CHO
तकारक (Reagents)
पोटै शयम डाइ ोमेट (K2Cr2O7) : 5 ाम
सा H2SO4 : 4 म ल.
जल (Water) : 20 म ल.
ऐ कोहॉल (Alcohol) : 3 म ल.
टाच (Starch) : 1.5 ाम
व ध (Procedures)
(a) ऐ कोहॉल अपचायक के प म (Alcohol as reducing agent) :
5 ाम ठोस पोटे शयम डाइ ोमेट 200 म ल. ला क म लेकर इसम 20 म ल. जल मलाओ
। अब इसम 4 मल सा H2SO4 बूँद-बूँद करके हलाते हु ए मलाओ जब तक क ठोस डाइ ोमे ट
वलयन म न चला जाये । वलयन को आइस बाथ (Ice bath) म रखकर 300C तक ठ डा करो तथा
इसम 3 म ल ए थल ऐ कोहॉल बूँद-बूँद करके हलाते हु ए मलाओ । यह यान रहना चा हए क कसी
भी अव था म वलयन का तापमान 500C से अ धक नह ं होना चा हए। इसके लए य द आव यकता
हो तो बफ का छोटा टु कड़ा वलयन म डाला जा सकता है िजससे तापमान 500C स नीचे रहे । वलयन
को बफ या ठ डे जल म रखकर ठ डा करो तथा उसे रात भर (over night) रख दो । ोम एलम के
टल पृथक् हो जाएंगे । इ ह मातृ व (mother liquor) से अलग करो । टल को ठ डे जल
क अ पमा ा म धोओ, सु खाओ, तोलो और लि ध (yield) ात करो ।
(b) टाच अपचायक के प म (Starch as Reducing agent) :
5 ाम ठोस पोटे शयम डाइ ोमेट को 20 मल जल म घोलो । अब इसम सा H2SO4
बूँद-बूँद करके हलाते हु ए तब तक मलाओ जब तक क डाइ ोमेट पूणतया न घुल जाये । अब इसम
1.5 ाम टाच धीरे -धीरे हलाते हु ए मलाओ यहाँ भी तापमान 500C से ऊपर नह ं होना चा हए ।
शेष या भाग (a) क भाँ त स प न करो तथा ोम एलम के टल को पृथक् करो , ओर धोकर
छान-प क परत के बीच रखकर सु खाओ ।
लि ध (Yield) : 10 ाम
19
1.4.2 टे ाऐ मीन कॉपर(II) स फेट का वरचन (Preparation of Tetrammine Copper (II)
Sulphate)
[Cu(NH3)4] SO4.H2O
इसे कॉपर स फेट के वलयन म अमो नया वलयन डालकर बनाया जाता है । पहले यू क
हाइ ॉ साइड बनता है । जो अमो नया क अ धकता म घुलकर गहरा नीला वलयन (deep blue
solution) दे ता है । जल य टे ाऐमीन यू क स फेट का अव ेपण वलयन म ए थल ऐ कोहॉल
मलाकर कया जाता है य क यह संकु ल ऐ थल ऐ कोहॉल म अ वलेय है ।
CuSO4 + 4NH3 + H2O
[Cu(NH3)4]SO4.H2O
टे ाऐमीन यू क स फेट (नीला)
तकारक (Reagents)
कॉपर स फेट (CuSO4) : 5 ाम
सा अमो नया (Conc. NH3) : 10 ाम
ए थल ऐ कोहॉल (C2H5OH) : 30 म ल
व ध (Procedure) : टे ाऐमीन यू क स फेट बनाने के मु ख पद न नानुसार है-
(i) 250 म ल बीकर म 5 ाम टल य क पर स फेट (CuSO4.5H2O) लो तथा इसे जल क
यूनतम मा म घोलो। य द व छ वलयन (clear solution) ा त नह ं होता है तो इसम H2SO4
क कुछ बूँदे मलाओ ।
(ii) अब इसम ब दुकार क प (dropping funnel) वारा सा अमो नया वलयन लगातार हलाते
हु ए मलाओ जब तक क यू क हाइ ॉ साइड का बना नीला अव ेप पूणतया घुलकर व छ
नीला (गहरा) वलयन न दे दे । यहाँ वलयन म अमो नया क ग ध आनी चा हए ।
(iii) अब इसम ब दुकार क प क सहायता से 20 म ल. ऐ कोहॉल हलाते हु ए बूँद-बूँद करके तब तक
मलाओ जब तक क नीला रं ग लगभग लु त न हो जाये । बीकर को 15-20 मनट तक 60-700
पर जल ऊ मक (water bath) पर गम करो । बीकर को जल ऊ मक (water bath) से हटाकर
कु छ समय के लए रख दो । टे ाऐमीन क पर स फेट के ल बे सु ईनुमा (needle shaped) टल
पृथक् होते ह । इ ह छानो तथा ए कोहॉल क कु छ बूँद वारा धोओ ।
(iv) टल को सरक लेट (porous plate) अथवा डेसीकेटर (desicator) म रखकर सु खाओ तथा
तोलो ।
लि ध (Yield) : लगभग 4 ाम
तकारक (Reagents):
नकल लोराइड : 6.0 ाम
डाईमे थल लाई आ सम (ए कोहल म) : 1%
अमो नया वलयन : 1:1
20
2 H 2 DMG Ni 2
Ni ( DMG ) 2 2 H
नकल डाइमे थल लाइऑि समेट संकुल
(लाल अव ेप)
व ध - एक 400 मल बीकर म दए गए नकल लोराइड को 100-125 मल जल म घोलते
ह । अब वलयन को 70-80 C तक गम करते ह तथा इस वलयन म 40-50 मल 1%
0
डाइमे थल लाइआि सम को डालते ह । इसके प चात ् वलयन म 1:1 अमो नया वलयन क बू द
ं -बू द
ं
करके सीधे वलयन म कांच क छड़ से वलो पत करते हु ए वलयन क बू द
ं -बू द
ं करके सीधे वलयन
म कांच क छड़ से वलो पत करते हु ए डा लए जब तक क अमो नया क तेज गंध थायी न हो जाये
(गंध आने तक) । लाल रं ग (Scarlet ppt) के अव ेप ा त होते ह । बीकर को जल ऊ मक पर 20-30
मनट तक गम क िजए । लाल रं ग का अव ेप नीचे बैठ जाने पर नथरे हु ए व म थोड़ा डाइमे थल
लाइ ऑि सम अ भकमक मलाकर जांच कर लेते ह क अव प
े ण पूण हु आ या नह ं । बीकर को आधा
घ टे तक रख दे ते ह । इसे बुकनर फनल से छान लेते ह तथा अव ेप को ठ डे जल से दो-तीन बार
धो लेते ह व अंत म अव ेप को 5 मल ए कोहल से धोकर सु खा लेते ह ।
Na3[Co(NO2)6]
कोबा ट नाइ े ट वलयन म सो डयम नाइ ाइट मलाकर ले शयल ऐसी टक अ त मलाने
से सो डयमकोबा ट नाइ ाइट ा त होता है ।
Co(NO3)2 + 2NaNO2
Co(NO2)2 + 2NaNO3
CH2COOH +NaNO3
CH3COONa +HNO3
2HNO3 + 3NaNO3 + Co(NO2)2
Na3[Co(NO2)6]+NO+H2O
तकारक (Reagents)
सो डयम नाइ ाइट (NaNO2) : 15 ाम
21
यहाँ कु छ अव ेप आता है तो वह पोटे शयम कोबा ट नाइ ाइट का होगा जो क सो डयम नाइ ाइट
क अशु ता के कारण है । इसे छानकर पृथक् (separate) कर दे ते है । इसके बाद व छ वलयन
(clear solution) म धीरे -धीरे 20 मल ए थल ऐ कोहॉल मलाओ तथा ा त अव ेप को रात भर
(overnight) रखने के बाद छानो । पीले रं ग का टल य ठोस ा त होता है । इसे छानो, धोओ
तथा छानप क परत के बीच रखकर सु खाओ ।
लि ध (Yield) : 7.2 ाम
1.4.5 पोटे शयम ाइऑ सेलेटोफैरे ट (III) (Potassium trioxalatoferrate (III)
K3[Fe(C2O4)3]
फेरस अमो नयम स फेट तथा ऑ से लक अ ल क पार प रक या के फल व प फैरस
ऑ सेलेट बनता है जो पोटे शयम ऑ सेलेट तथा हाइ ोजन परॉ साइड से या कराने पर पोटे शयम
फैर ऑ सेलेट दे ता है ।
FeSO4 + H2C2O4
FeC2O4 + H2SO4
6FeC2O4 + 3H2O2 + 6K2C2O4
4K3[Fe(C2O4)3] + 2Fe(OH)3
उपरो त अ भ या से ा त उ पाद फे रक हाइ ॉ साइड क या ऑ से लक अ ल से कराने
पर भी पोटे शयम फैर ऑ सेलेट बनता है । अ भ या न नानुसार है -
2Fe(OH)3 + 3H2C2O4 + 3K2C2O4
2K3[Fe(C2O4)3] + 6H2O
अ भकमक (Reagents)
फेरस अमो नयम स फेट [FeSO4.(NH4)2SO4.6H2O] : 5 ाम
22
वलयन को टल (crystallisation) के लए अ धेरे म रख दो । पोटे शयम फैर ऑ सेलेट के टल
पृथक् होते ह । इ ह छानो तथा पहले 1:1 जल-ए कोहॉल म ण से तथा ऐसीटोन से धोओ । अ त
म पदाथ को शु क (dry) करो तथा तोलो।
लि ध (yield) : 5 ाम (लगभग)
तकारक (Reagents)
ऑ से लक अ ल : 6 ाम
24
इकाई 2
वलायक न कषण व ध वारा Mg(II) तथा
Fe(III) का न कषण एवं आकलन
(SEPARATION AND ESTIMATION OF Mg(II)
AND Fe(III) BY SOLVENT EXTRACTION METHOD)
इकाई क परे खा
2.0 उ े य
2.1 तावना
2.2 Mg(II) तथा Fe(III) का वलायक न कषण व ध वारा पृथ करण
2.3 Mg(II) का आकलन
2.4 Fe(III) का Fe(II) के प म आकलन
2.5 श दावल
2.6 संदभ थ
2.0 उ े य (Objective) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप वलायक न कषण व ध एवं इसक सहायता से Fe(III)
तथा Mg(II) क वलायक न कषण व ध तथा आकलन के बारे म जानकार ा त करगे ।
25
CA
KD
CB
KD को वतरण गुणांक कहते ह ।
वलायक क कुल मा ा को थोड़ी-थोड़ी मा ा म अ धक बार यु त करने पर न कषण क
मा ा बढ़ जाती है । अत: न कषण क मा ा, न कषण क सं या तथा येक न कषण मे वलायक
क यु त मा ा पर नभर करती है ।
य द कोई पदाथ वलयन अव था म है तो पृथ करण के लए सव तम व ध है ।
26
2HQ(org) + M2+(aq) MQ2(org) + 2H+(aq)
27
4. वलयन को ठं डा कर 100 मल तक आसु त जल से तनुकृ त करते ह । इस वलयन म उपि थत
SnCl2 के आ ध य को ऑ सीकृ त करने के लए 1-2 मल 5% HgCl2 वलयन मलाते ह।
सफेद अ वलेयता ा त होने पर Fe3+ का Fe2+ म अपचयन पूरा हो जाता है ।
5. इस कार ा त वलयन का अनुमापन 0.1 N K2Cr2O7 के साथ करते ह । यहाँ डाईफे नल
एमीन का सूचक के प म उपयोग लेते ह ।
डाईए थल ईथर ाव था
वलयन का 0.1N K2Cr2O7 Fe2+ के टॉक वलयन म उपि थत कुल Fe
2+
आयतन का आयतन म. ा क मा ा
जल य ाव था
ाव था का 0.1 M EDTA का Mg2+ के टॉक वलयन म उपि थत कु ल
आयतन आयतन म. ा Mg2+ क मा ा
28
2.6 संदभ थ (Reference Books) :
1. Ion Exchange and Solvent Extraction by Marinsky and Marcus
2. Quantitative Analytic by Vogel.
3. Fundamentals of Analytic Chemistry by Skoog, West holler, Crouch.
4. Analytical Chemistry by Gary. D. Christian.
29
इकाई 3
आयन वनमय व ध वारा Mg(II) तथा
Zn(II) का पृथ करण एवं आकलन
(SEPARATION AND ESTIMATION OF Mg(II)
Zn(II) BY ION EXCHANGE METHOD
इकाई क परे खा
3.0 उ े य
3.1 तावना
3.2 आयन व नमय या व ध एवं स ा त
3.3 Mg(II) और Zn(II) क पृथ करण व ध
3.4 Mg(Ii) और Zn(II) क आकलन व ध
3.5 श दावल
3.6 संदभ थ
3.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात आप आयन व नमय व ध वारा मै नी शयम एवं िजंक
धातु के पृथ करण एवं आकलन के बारे म जानकार ा त करगे ।
1. आयन व नमय या व ध
2. पृथ करण व ध
3. आकलन व ध
30
आयन व नयम एक उ मणीय या है िजसम आयन का व-ठोस अव था म
अ तप रवतन होता है । व अव था से आयन ठोस रे िजन पर आ जाता है (जो अघुलनशील होते ह)
। रे िजन के प म यु त ठोस सामा यत: ऐसे बहु लक य पदाथ है जो जल तथा काब नक वलायक
म अ वलेय ह और आयन का व नमय करने क उनम ती वृ त होती है।
यह पदाथ दो कार के है-
(1) धनआय नक व नमयकार ठोस
यह सामा यत: एरोमै टक काब सी अ ल, स फो नक अ ल या फ नॉ लक यौ गक होते ह
जो धन आयन को हण करके हाइ ोजन आयन उ सिजत कर दे ते ह ।
टाईट न तथा कुछ मा ा डाई वनायल बे जीन क लेकर इसका स फोनीकरण करते ह तो
ा त बहु लक य उ पाद धनआय नक व नमयकार रेिजन का काय करने वाला होता है।
31
धन आय नक व नमयकार रे िजन म चलायमान (H ) हाइ ोजन आयन है । उपरो त रे िजन
+
32
(2) इसी कार ला क (b) म ालक क एक नि चत मा ा इस कॉलम म वा हत करते ह तो C
+
रे िजन रो हटकर ालक के साथ संकुल बनायेगा । C+ क संकुल बनाने क वृ त धीमी होगी
य क यह रे िजन पर अपे ाकृ त यादा बलता से जु ड़ा है ालक को दो-तीन बार रे िजन से वा हत
करके C+ को पृथक कर लगे ।
(3) इसी कार क या दोहराने पर तीसरे ला क (c) म ालक के साथ धनायन छलएक त हो
जायेगा ।
(4) ला क (d) म लये गये ालक क सहायता से सबसे अंत म A को पृथक कर लया जाता
+
है । A सबसे
+
बलता से जु ड़ा है अत: इसे हटाने के लये ालक को कॉलम म कई बार वा हत
करना पड़ता है ।
येक कार के धनायन को पृथक करने के लये ालक अलग-अलग ला क म लया जाता
है । इस कार ालक(a)
33
इकाई संरचना
34
(6) अब कॉलम को 2 M HCl के 50 मल साथ धोते ह तो Mg(II) HCl के साथ नीचे ाह म
एक त हो जाता ह।
(7) Zn(II) अभी भी रे िजन से जुड़ा हु आ है इसे पृथक करने के लए 0.25 M HNO3 के 100 मल
लेकर इसे कॉलम म से वा हत करते ह और वलयन को दूसरे ाह म एक त कर लया जाता
है । इस ाह म Zn +2
संकु ल है ।
(8) 50 ml, 2M HCl म Mg(II) क कुल मा ा = 37.5 mg है ।
(9) 100 ml 0.25 HNO3 म Zn(II) क कुल मा ा = 50 mg है ।
Zn(II) तथा Mg(II) का अलग-अलग EDTA के साथ अनुमापन कया जाता है ।
35
3.5 श दावल (Glossary) :
ालक Eluant
आकलन Estimation
पृथ करण Separation
ऋणा मक वनमयकार रे िजन Anionic Exchange Resin
धना मक वनमयकार रे िजन Cationic Exchange Resin
न कषण Extraction
बहु लक य पदाथ Polymeric Material
36
इकाई 4
सामा य योगशाला तकनी कयाँ
(GENERAL LABORATORY TECHNIQUES)
इकाई क परे खा
4.0 उ े य
4.1 तावना
4.2 गलनांक एवं उसका नधारण
4.3 म त गलनांक एवं योग वारा इसे ात करना
4.4 वथनांक एवं इसका नधारण
4.5 सरल आसवन एवं अ य आसवन व ध
4.6 टल करण, टल को छानना एवं सु खाना
4.7 ऊ वपातन एवं इसक वध
4.8 ोमैटो ाफ
4.9 योग 1 - मे थल ऑरज तथा मे थल न चू के म ण को पतल परत ोमैटो ाफ (TLC)
वारा पृथक करना ।
4.10 योग 2 - हर पि तय (पालक क पि तय ) म उपि थत वणक को पतल परत ोमैटो ाफ
(TLC) वारा पृथक करना ।
4.11 योग 3 - पेपर ोमैटो ाफ वारा ऐमीनो अ त के म ण (फे नल ऐलानीन एवं लाइसीन
के म ण) का पृथ करण करना एवं पहचान करना ।
4.12 योग 5 - पेपर ोमैटो ाफ वारा डी-गेले टोस एवं डी- ु टोस का पृथ करण करना तथा
पहचान करना ।
4.13 श दावल
4.14 संदभ थ
4.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप योगशाला तकनीक के बारे म न न जानकार ा त
करगे -
1. गलनांक, म त गलनांक, वथनांक, आसवन एवं टल करण तथा उनके नधारण क व धयां।
2. ोमेटो ाफ पतल परत (TLC) तथा पेपर ोमेटो ाफ तकनीक एवं योग ।
38
यौ गक के गलनांक ( C) म न न
0
कु छ शु कार ह –
(1) नै थैल न 80-820 (2) बे जोइक अ ल 121.5-1220
(3) यू रया 132.5-1330 (4) सि स नक अ ल 184.5-1850
(5) सनै मक अ ल 132.5-1330 (6) सै ल स लक अ ल 157.5-1580
च 1: गलनांक का नधारण
39
सनै मक अ ल (133 C) एवं शु यू रया (133 C) का म
0 0
योग :- शु त गलनांक ात
किजये ।
व ध - शु सनै मक अ ल एवं शु यू रया का म त गलनांक नकालने के लए दोन क
मश: 1:4,1:1 एवं 4:1 अनुपात म मा ाएँ याल म लेकर पेचु ला से अ छ तरह मलाकर केशनल
म भरते ह और दोन शु यौ गक के गलनांक के साथ-साथ पूव म व णत गलनांक व ध से म त
गलनांक नकालते है । यान पूवक दे खने पर पता चलता है क म ण के पघलने का यवहार शु
यौ गक क अपे ा भ न है और गलनांक म पया त कमी आ जाती है ।
ऐसा ह योग बे जोइक अ ल (1220C) एवं -नै थॉल (1230C) के म ण तथा
-नै थॉल (96 C) एवं बेि जल (950C) के साथ दोहराया जा सकता है ।
0
च 2 : वथनांक का नधारण
40
वध :
एक जलन नल (Ignition tube) को दये गये व से एक चौथाई भरते ह और एक के शका
नल का एक सरा ब द करके उसे जलन नल म उ टा रखते ह िजससे क उसका खुला हु आ सरा
व के अ दर रहे । इसके प चात ् जलन नल को थमामीटर के बल के साथ बाँध कर काक क सहायता
से थील यूब (Thiele tube) से भरे व ि लसर न या सा स यू रक अ ल म इस तरह लटकाते
ह क जलन नल का मु ँह व क सतह से ऊपर रहे । थील यूब क पा व नल को बनर पर धीरे-धीरे
गरम करते है । व के वथनांक के नजद क के शका नल के खु ले हु ए सरे से धीरे-धीरे बुलबुले नकल
कर ऊपर आते हु ए दखाई दे ते ह । जैस-जै
े से ताप बढ़ता है बुलबुल के नकलने क दर भी बढ़ती जाती
है और जब के शका नल के खुले हु ए सरे से ती ग त से लगातार बुलबुले नकलना शु हो जाय
तो उस ताप को नोट करते ह और थील नल को गरम करना ब द कर दे ते है । इसके प चात ् के शका
नल से जब बुलबुल का नकलना ब कुल ब द हो जाये वह ताप भी थमामीटर से नोट कर लेते ह
। इन दोन तापमान का मा य व का सह वथनांक होता है ।
योग :- एथेनॉल (780), साइ लोहै सेन (84.40), टॉलू ईन (110.60), एवं बे जीन (800) का
योगशाला म वथनांक ात क िजये । (नोट- े कट म व के मानक (literature) मान दे रखे ह)
41
क वा प संघ नत होकर आसु त के प म ा त होती है िजसे दूसरे ाह म एक कर लेते ह । यहाँ
संघ न के प म जल संघ न काम म लेते ह ।
च 3 : आसवन उपकरण
(ii) नाइ ोबे जीन एवं ऐ नल न के म ण का आसवन करने पर पहले ताप 1830C के लगभग
ि थर हो जाता है और आसु त के प म ऐ नल न ा त होती है िजसे ाह म एक कर लेते है ।
जब ऐ नल न समा त हो जाती है तो ताप बढ़ने लगता है और ाह को हटा लेते ह । ताप पुन: 2110C
पर ि थर हो जाता है और नाइ ोबे जीन आसु त के प म ा त होती है िजसे दूसरे ाह म एक
कर लेते है । यहाँ जल संघ न क आव यकता नह ं है । केवल वायुसंघ न ह योग म लेते ह ।
च 4. ि वक फट आसवन ऐसे बल
42
पर परागत आसवन उपकरण के अलावा आजकल ि वक फट आसवन ऐसे बल
(Distillation Assembly) आती है िजसम काक आ द लगाने क आव यकता नह ं होती । इसम
एक गोल पदे का ला क होता है िजससे आसवन-हे ड (Distillation Head) लगा होता है । आसवन
हे ड के बाँये भाग म थमामीटर पॉकेट लगाते ह िजसम पारा डालकर थमामीटर रखा जाता है । आसवन
हे ड के पा व म दायीं ओर ल वंग संघ न लगा होता है । संघ न के दूसरे सरे म ाह हे ड (Receiver
Head) लगा होता है िजसका दूसरा सरा ाह से लगा होता है । ला क एवं संघ न को लै प
पर कसकर सीधा या ऊ मक (जल, तेल या बालू ऊ मक) पर गरम करते ह ।
43
टल को छानने के बाद उनम शेष वलायक को फ टर प के पेड म दबाकर हटाते है
। और अ त म डेसीकेटर या ओवन म सु खाते है । यान रहे क ओवन का ताप पदाथ के गलनांक
से नीचे होना चा हये ।
44
इ. टाल को जाता है । इस तकनीक म काँच क लेट पर अवशोषक क एक पतल परत लगाकर
म ण के अवयव को पृथक कया जाता है ।
ट . एल. सी. क तकनीक अ य धक सरल, त
ु व सु प ट है । म ण क अ य धक कम
मा ा के लए भी उपयु त है । ट . एल. सी. तकनीक के मु य चार पद होते ह -
1. पतल परत लेट को तैयार करना
2. पतल परत लेट पर म ण का अनु योग
3. ोमैटो ाम को वक सत करना
4. पृथक हु ए पदाथ क पहचान करना
5. Rf मान क गणना करना
1. पतल परत लेट को तैयार करना (Preparation of thin layer plates) : TLC
लेट सामा यत: काँच क लेट अथवा काँच क माइ ो को पक लाइड पर तैयार क जाती ह । इसक
व ध न नानुसार है :
(i) एक व छ व सूखे बीकर म 5.0 ाम स लका जेल-G (silica gel-G) लेकर उसम
20cm आसु त जल धीरे-धीरे मलाते है । जल डालते समय एक काँच क छड़ से म ण को तब
3
45
से ढक दया जाता है । जार म पड़ा व म ण धीरे -धीरे TLC लेट पर ऊपर क ओर चढ़ने लगता
है । जब व म ण धीरे -धीरे TLC लेट पर लगभग तीन-चौथाई भाग तक ऊपर चढ़ जाये तो लेट
को जार से बाहर नकाल कर वलायक अ (solvent front) को चि हत कर लेते है । लेट को
बाहर हवा म सु खा लेते है ।
च 5 : ोमैटो ाम को वक सत करना ।
4. पृथक हु ए पदाथ क पहचान करना (Identification of separated
substances)- म ण के अवयव य द रं गीन हो तो लेट पर पृथक हु ए ब दु भी रं गीन ह गे तथा
लेट पर प ट प से अलग-अलग दखाई दगे । य द पदाथ रं गह न हो तो पृथक हु ए ब दुओं क
ि थ त को या तो पैरा-बगनी (U.V.) काश म दे खा जा सकता है या लेट को आयोडीन-क म रख
कर दे खा जाता है । कभी-कभी ऐसी ि थ त मे लेट पर सा H2SO4, ननहाइ न, से रक स फेट,
फे रक लोराइड आ द के फुहार (spray) करके ब दु प ट दखाई दे ने लगते ह ।
5. Rf मान क गणना करना (Calculation of Rf values)-Rf मान वा तव म
वलायक व वलेय के संचलन क आपे क दर को कट करते ह ।
इस कार,
पदाथ वारा तय क गई दूर
Rf =
वलायक वारा तय क गई दूर
अवयव A के लए Rf =
dA
dS
dB
अवयव B के लए Rf =
dS
46
च 6 : दो अवयव के म ण का ोमैटो ाम ।
47
जब वलायक-अ (solvent-front) TLC लेट पर लगभग तीन-चौथाई भाग तक ऊपर चढ़ जाये
तो TLC लेट को जार से बाहर नकाल कर वलायक-अ को चि हत कर लो । लेट को हवा म
सु खा लो । रंजक के म ण वाला ब दु (A + B) अब दो ब दुओं म पृथक हो चु का होगा । एक
ब दु रं जक A का होगा तथा दूसरा रं जक B का होगा ।
च 7 : दो रं जक (4 तथा 8) के लए वक सत ोमैटो ाम ।
दोन रं जक के लए Rf मान क गणना करके तथा मानक से तुलना करके उनक पहचान
पृथ करण एवं शु करण कया जा सकता है ।
48
लेट को हवा म सु खा लो। व भ न काश-सं लेषी वणक TLC लेट पर अलग-अलग ब दुओं के प
म पृथक हो जाते है । न न सू वारा व भ न ब दुओं के लए Rf क गणना करो ।
वणक ब दु वारा तय क गई दूर
Rf =
वलायक अ वारा तय क गई दूर
च 8 : हर प ती के वणक का वक सत ोमैटो ाम ।
पेपर ोमैटो ाफ (Paper Chromatography) :
पेपर ोमैटो ाफ म फ टर पेपर का उपयोग अ धशोषक के प म कया जाता है । जल
अथवा काब नक वलायक म पृथ करण हे तु यु त म ण तथा उसम उपि थत पदाथ के सा
वलयन बनाते ह । अब इन वलयन का फ टर पेपर पर उपयु त थान पर एक छोटा ध बा (spot)
के शका नल वारा रखते है तथा इसे शु क कर लेते है । फ टर पेपर क कोर (edge) डेवलेपर म
इस कार रखी जाती है क िजस थान पर तदश (sample) फ टर पेपर लगाया गया है वह डेवलेपर
म ने डू बे । वलायक के शका या (capillary action) वारा ऊपर क तरफ चढ़ता है तथा अपने
साथ व भ न अवयव को उनके वभाजन गुणांक के अनुसार भ न- भ न ग तय से ऊपर ले जाता
है। जब वलायक ऊपर सरे पर पहु ँच जाता है तो उस थान को नोट कर लेते है । इसके उपरा त
फ टर पेपर को बाहर नकाल कर गम वायु म सु खाते ह तथा कसी उपयु त अ भकमक क फुआर
डालकर या आयोडीन क म रखकर म ण म से वभ त हु ए अवयव क पहचान कर लेते है ।
यद ोमैटो ाम (chromatogram) को ऊपर क दशा म डेवलप कया जाता है तो उसे
आरोह (ascending development), नीचे क ओर डेवलप कया जाय तो अवरोह डेवलपन
(descending development) कहते है।
इन दोन कार के डेवलपन म, कसी एक डेवलपर के लए, वलेय एक नि चत दूर तक
चलेगा, और यह दूर वलायक वारा चल गयी दूर के समानुपाती होगी । इस कार येक वलेय
49
के लए एक ि थरांक होता है, िजसे उसका Rf मान कहते है । यह उस वलेय का, उस वलायक वशेष
के लए अ भला णक होता है ।
वले य वारा चल गयी दूर
Rf=
वलायक वारा चल गई दूर
च 9. ोमैटो ाम
50
येक ऐमीनो अ ल तथा इनके म ण का सा वलयन बनाकर इन वलयन क एक बूँद
को इनके लए चि हत वृ त म के शका नल अथवा स र ज क सहायता से डालो ! इन बूँद को गम
वायु वारा सु खाओ । इसके लए हे यर ायर का उपयोग भी कया जा सकता है । डेवलपर से भर
एक रैक को ोमैटो ाफ चै बर म रखते है तथा कुछ समय के लए इस चै बर को ब द कर दे ते है
। अब फ टर पेपर को आरोह अथवा अवरोह डेवलपन व ध के अनुसार चि हत सरे को डेवलपर
रखी हु ई रैक म इस कार रखो क प सल क रे खा व म न डू बे । जब डेवलपन दूसरे सरे तक पहु ँ च
जाय तो फ टर पेपर को चै बर से नकालकर शु क कर लो ।
फ टर पेपर पर डेवलप क गयी सतह को चि हत करो । फर इसके ऊपर 0.1-0.2%
ननहाइ न के ऐ कोहॉल य वलयन का छड़काव करो । अ त म फ टर पेपर को 80-900C पर ओवन
म रखकर शु क करो, दोन पदाथ के ब दु प ट दखलाई दे ने लगते है ।
येक एमीनो या अ ल, अ ल के म ण तथा वलायक वारा चल गई दूर को माप लेते
है ।
े ण (Observation)-क का ताप ..........0C
डेवलप म लगा समय..........
प रकलन (Calculation)-
ऐमीनो अ ल वारा चल गयी दूर
Rf=
वलायक वारा चल गई दूर
4.12 योग 5 - पेपर ोमेटो ाफ वारा डी-गेले टोस एवं डी- ु टोस का
पृथ करण करना तथा पहचान करना :
उदाहरण (Apparatus) : (i) ोमैटो ाफ चै बर,
(ii) वॉटमैन फ टर पेपर मांक 1 या 3
(iii) के शका न लयाँ या स रंज ।
अ भकमक (Reagents) : (i) डी-गेले टोस एवं डी- टोस तथा इनके म ण का वलयन ।
(ii) डेवलपर (Developer) : n- यूटेनॉल, पर डीन तथा आसु त जल को 6 : 4 : 3 के अनुपात
म मलाकर बनाया गया वलयन।
(iii) छड़काव वलयन (Spraying solution)-ऐ नल न हाइ ोजन थेलेट का 0.01% वलयन।
व ध (Procedure) : ोमैटो ाफ चै बर के आकार के अनुसार आयताकार वॉटमैन फ टर
पेपर लेते है । फ टर पेपर के एक सरे से 2-3 सेमी पर एक सीधी रे खा प सल से खींचते है । इस
रे खा पर तीन छोटे -छोटे वृ त बनाओ या पेि सल से नशान तथा उ ह न न कार से चि नत करो।
G-गेले टोस
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F- टोस
M- म ण
दोन काब हाइ े स तथा उनके म ण के वलयन को के शका नल वारा उपयु त चि हत
थान पर रखकर शु क करो। त प चात फ टर पेपर को आरोह डेवलपन तकनीक के अनुसार, चि हत
सरे को डेवलपर म इस कार डु बाओ क प सल क रे खा डेवलपर से बाहर रहे । जब डेवलपर फ टर
पेपर के दूसरे सरे के नजद क पहु ँच जाये तो फ टर पेपर को चै बर से बाहर नकालकर सु खा लो
। फ टर पेपर पर डेवलप हु ई सतह को प सल से चि हत करने के उपरा त इस पर छड़काव वलयन
क फुहार डालो । अ त म फ टर पेपर को ओवन म 1100C पर शु क करो िजससे म ण के अवयव
के ब दु प ट हो जाते है ।
शु शकरा तथा म ण म शकरा के डेवलप हु ए ब दुओं को चि हत करके इनके वारा तय
क गई दूर को माप लो।
म ण के घटक को पृथक प से ा त करने के लए इन ध ब को काटकर अलग-अलग
वलायक म वलेय करते है। वलायक को वा प वारा पृथक् करने पर शु पदाथ ा त होता है ।
े ण (Observation)-
क का ताप =.......... 0C
धारण समय (डेवलपन म लगा समय) =........... घ टे
ारि भक ब दु के म ण म ब दु के के से वलायक
के से म ण म वारा चल
गई दूर
मांक शकरा काब हाइ ेट वारा चल काब हाइ ेट वारा चल गई
गई दूर दूर
1. गैले टोस
2. टोस
प रकलन (Calculation)-
येक काब हाइ ेट वारा चल गयी दूर
Rf=
वलायक वारा चल गई दूर
े के लए Rf का मान प रक लत करते ह ।
येक काब हाइ ट
प रणाम (Result)- शु काब हाइ ेट के Rf मान का म ण म काब हाइ ेट के Rf मान से
तु लना करके इनक म ण म उपि थ त को ात कया जाता है ।
मांक काब हाइ ेट म ण म Rf मान शु काब हाइ ेट का Rf मान
1. गैले टोस
2. टोस
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पृथ करण Separation
उ वपातन Sublimation
ि थर वाथी म ण Azeotropic Mixture
53
इकाई 5
दो ठोस अवयव यु त काब नक म ण का गुणा मक व लेषण:
म ण का पृथ क करण एवं दोन अवयव क पहचान
(QUALITATIVE ANALYSIS OF AN
OPGANICMIXTURECONTAINING TWO
SOLIDCOMPONENTS: SEPERATION OF
MIXTURE AND IDENTIFICATION OF TWO
COMPONENTS)
इकाई क परे खा
5.0 उ े य
5.1 तावना
5.2 म ण को पृथ करण
5.3 ारि भक पर ण
5.4 त व के पर ण
5.5 वग एवं या मक समू ह का पर ण
5.6 ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म - काबन एवं हाइ ोजन यु त यौ गक
(काब ि स लक अ ल)
5.7 ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म C, H एवं N यु त यौ गक
5.8 ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म C, H एवं हैलोजन यु त यौ गक
5.9 नाइ ोजन या ऑ सीजन क उपि थ त एवं अनुपि थ त म C, H एवं S यु त यौ गक
5.10 श दावल
5.11 संदभ थ
5.0 उ े य (Objectives) :
काब नक यौ गक क पहचान उन व धय के वारा नह ं क जा सकती है, िजनके वारा
अकाब नक यौ गक का पर ण कया जाता है । इसका मुख कारण है दोन कार के यौ गक क
कृ त म व भ नता । अकाब नक यौ गक म ाय: वै युत संयोजक ब ध (electrovalent bond)
होता है इस लए ये जल म घुलकर आयन ( ार य व अ ल य मू लक) दे ते ह । वलयन म उपि थत
इन आयन का पर ण एक मब (systematic) णाल के अनुसार करके अकाब नक यौ गक क
पहचान हो जाती है । काब नक यौ गक म ाय: सहसंयोजक ब ध (covalent bond) होता है, इस लए
54
ये जल म कम वलेय होते ह और य द वलेय होते भी ह तो आयन नह ं दे ते ह । इस लए आयन
के पर ण क सहायता से काब नक यौ गक क पहचान नह ं क जा सकती है।
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य द म ण क मा ा म कमी हो जाती है तब यह न कष नकाला जा सकता है क म ण का एक
घटक जल म वलेय है । यह आभास होने पर क म ण का एक घटक जल म घुलनशील है , इस
वलयन को छानी और छ नत को वाच लास (watch glass) म एक त करके जल-ऊ मक पर
शु क करण तक गरम करो । य द वाच लास पर कोई ठोस अवशेष ा त होता है तब यह न कष
नकलता है क म ण का एक घटक जल म घुलनशील है और म ण का पृथ करण जल क सहायता
से करना चा हए । यह न चय करने के बाद क म ण का एक घटक जल म घुलनशील है, म ण
क अ धक मा ा (लगभग 2 ाम) को जल क उपयु त मा ा के साथ एक अ य परखनल या शं वाकार
ला क या बीकर म लेकर खू ब हलाओ और छानो । छ नत के वाच लास या पो सलेन याल म
एक त करो । अवशेष को एक-दो बार जल क थोड़ी-सी मा ा से धोओ और इस धोवन को भी उसी
याल या वाच लास म एक त करो और इसे जल-ऊ मक पर रखकर शु क करण तक गरम करो
। फ टर प पर ा त हु ए अवशेष को धोकर फ टर प को क प म से बाहर नकालो और शु क
फ टर प के बीच म दबाकर सु खाओ।
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(iii) सो डयम हाइ ॉ साइड से पृथ करण - य द म ण म अ वलेय फनॉल उपि थत है तो इसका
पृथ करण NaOH वलयन से करना चा हए । एक परखनल म म ण क थोड़ी-सी मा ा (2 ाम)
लेकर इसे 2-3 ml NaOH(2N) के साथ खू ब हलाओ और छानो । न य द म सा HCl डालकर
उसे अ ल य बनाओ । अ वलेय फनॉल अव े पत हो जायेगा । अव ेप को छानकर पृथक करो और
जल से धोओ । फर इसे सूखे फ टर प के बीच म दबाकर सु खाओ।
ार म अ वलेय उ पाद को पहले NaOH क थोड़ी सी मा ा के वारा और फर जल से 2-3
बार धोओ।
57
5.3 ारि भक पर ण (Priliminary Tests) :
ारि भक पर ण से यौ गक क सामा य कृ त का बोध होता है । कभी-कभी इन पर ण
के वारा यौ गक म उपि थत त व तथा या मक समूह का भी ान हो जाता है । इसम न न गुण
से स बि धत पर ण कये जाते ह :
1. भौ तक अव था (Physical state)
2. रं ग (Colour)
3. ग ध (Odour)
4. वलेयता (Solubility)
5. तापीय तथा जलन या (Action of heat and ignition)
6. गलनांक तथा वथनांक (Melting point and boiling point)
1. भौ तक अव था (Physical state) - काब नक यौ गक क पहचान करने म उसक
भौ तक अव था (ठोस या व) का ान वशेष मह वपूण है ।
य द पदाथ ठोस है तो यह दे खना चा हए क वह टल य (crystalline) है अथवा
अ टल य (amorphous) है, य क टल के आकार से इसक पहचान करने म सहायता मलती
है । उदाहरणाथ, ऑ से लक अ ल, टाट रक अ ल, स क अ ल, यू रया, चीनी, लोरल हाइ ेट आ द
के रं गह न टल होते है, सै ल स लक अ ल तथा थै लक अ ल के सु ई के आकार (needle shaped)
के टल होते है, हाइ ोि वनोन के सफेद सू ई के आकार के टल होते है, ऐसीटै माइड के आ ता ाह
(hygroscopic) टल होते ह, ने थल न के टल य प होते ह, पायरोगैलोल के रं गह न सुई
के आकार के टल होते है, लू कोस रंगह न टल य चूण तथा टाच अ टल य (amorphous)
ठोस होता है ।
बहु त से काब नक यौ गक व अव था म होते ह । वशेषतया जब वे अ वलेय होते ह तो उनका
घन व (density) तथा गाढ़ापन (viscous nature) उनक पहचान करने म अ धक सहायक स
होते ह ।
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बजीन ह क होने के कारण पानी के साथ ऊपर सतह पर रहती है तथा ऐ थल ोमाइड,
ए थल न लोराइड, लोरोफाम, काबन-टे ा- लोराइड आ द भार होने के कारण नचल सतह म रहते
ह । लाइकॉल तथा ि लसरॉल गाढ़े व (viscous liquids) है।
2. रं ग (Colour) - काब नक पदाथ के रं ग से भी कभी-कभी यह ान हो जाता है क
वह कस वग (class) का यौ गक है । यह इस त य पर नभर करता है क यौ गक म कौन-सा त व
(element) तथा ब धन (bonding) उपि थत है । काबन, हाइ ोजन तथा ऑ सीजन के संयोग से
बने अ धकांश काब नक यौ गक रं गह न होते ह । साधारणत: नाइ ोजन वाले यौ गक रं गीन होते है,
जैसे नाइ ो यौ गक पीले (yellow), ऐजो यौ गक (azo compound) गहरे पीले अथवा नारं गी (dark
yellow or organe) होते ह । ऐरोमै टक ऐमीन तथा फ नॉल ारि भक अव था म रं गह न होते ह,
पर तु कुछ समय तक रखे रहने पर गुलाबी अथवा गहरे भू रे रं ग के हो जाते ह । ऐसीटैमाइड, यू रया
जैसे कु छ नाइ ोजन यु त यौ गक रं गह न भी होते ह । कुछ काब नक यौ गक क अव था तथा रग
सारणी-1 म दये गये ह ।
सा रणी-1 काब नक यौ गक के व श ट रं ग
1. रं गह न ठोस अ ल जैसे-सि स नक, स क, ऑ से लक एवं
(Colorless Solids) टाट रक, ए टर जैसे-मे थल ऑ सलेट, फे नल
बे ज़ोएट, काब हाइ ेट जैस-े चीनी, लु कोस तथा लोरो
यौ गक जैस-े डाइ लोरो बजीन, लोरल हाइ ेट,
नाइ ोजन वाले यौ गक जैस-े ऐसीटै माइड एवं यू रया तथा
साधारण फ नॉल (शु अव था) ।
2. रं गह न व ऐ कोहॉल, ऐि डहाइड, क टोन, ए टर, ऐ लफै टक
(Colourless ऐमीन, ऐ लफै टक अ ल (फा मक, ऐसी टक)
Liquids) लोरोफॉम, काबनटे ा लोराइड, ए थल ोमाइड तथा
न नतर
हाइ ोकाबन आ द ।
3. रं गीन ठोस (i) पीले रं ग से नारं गी-आयोडोफाम, नाइ ो यौ गक
(Coloured Solids) जैसे-डाइ नाइ ोबजीन, नाइ ो फनॉल आ द ।
(ii) रं गह न पर तु रखने पर गुलाबी रं ग के हो जाते
ह, जैसे-फ नॉल, ऐमीन आ द ।
(iii) रं गह न ले कन रखने पर भूरे रं ग हो जाते है ।
जैसे-तृतीयक ने थाइल ऐमीन आ द ।
(iv) भू रा-ऐरोमै टक ऐमीन आ द ।
59
जैसे-ऐ नल न आ द ।
3. ग ध (Odour) - काब नक यौ गक म उपि थत ग ध पहचान म बहु त सहायक
होती है साधारणत: समान ग ध वाले काब नक पदाथ म या मक समू ह भी समान होता है । अ धकांश
काब नक यौ गक क एक वशेष गंध होती है िजसके वारा उनक पहचान आसानी से क जा सकती
है ।
सा रणी-2 काब नक यौ गक क वश ट ग ध
ग ध (Odour) अनुमान (Inference)
1. रोचक (Pleasant) क टोन, ए थल ोमाइड, डाइफे नल
2. फलवत ् (Fruity) ऐमीन ए टर
3. म दरा के समान (Wine like) ऐ कोहॉल
4. व टर ीन (Wine like) मे थल सै ल सलेट
5. काब लक (Carbolic) फ नॉल, सॉल, नै थॉल
6. कड़वे बादाम (Bitter Almonds) बे जेि डहाइड, नाइ ोबे जीन, नाइ ोटॉलूईन
7. सड़े हु ए चू हे जैसी (Mouse like) ऐसीटै माइट
8. मछल जैसी (Fishy) ऐरोमै टक ऐमीन
9. अंतवधी या ती ण (Penetrating) फा मक, ऐसी टक अ ल
10. तीखी (Pungent) ऐि डहाइड जैसे, HCHO, CH3 CHO
11. कपूर जैसी (Camphor like) ऐरोमै टक हैलोजन यौ गक
12. अरोचक (Unpleasant) ऐ लफै टक हैलोजन यौ गक, -नै थाइल ऐमीन
13. ककड़ी जैसी (Cucumber like) लोरल एवं लोरल हाइ ेट
14. सरके जैसी (Vinegar like) ऐसी टक अ ल
15. ऐरोमै टक (Aromatic) बे जीन, टॉलू ईन
16. ग धह न (Odourless) ठोस अ ल जैसे काब से लक अ ल, काब हाइ ेट
ि लसरॉल, यू रया, थायोयू रया
4. वलेयता (Solubility) - काब नक पदाथ क वलेयता उसक पहचान सहायता करता
है । अ धकांश यौ गक क वलेयता जल म अथवा काब नक वलायक जैस-े ऐ कोहॉल, ईथर, बे जीन
आ द म दे खी जाती है । वलेयता नधारण क व ध न नानुसार है -
मू ल पदाथ क अ प मा ा (0.2 ाम य द ठोस है अथवा चार या पाँच बूँद य द व है) म
2 अथवा 3 मल आसु त जल या शु काब नक वलायक (Pure organic solvent) मलाकर हलाते
ह । य द अ वलेय (soluble) रहता है तो ह का सा गम करके भी दे खते ह । इससे वलेयता का ान
हो जाता है । सारणी-3 म काब नक पदाथ क पानी म वलेयता द गई है ।
सा रणी-3 : काब नक यौ गक क वलेयता
वलायक काब नक यौ गक
(Solvent) (Organic Compound)
60
1. ठ डे जल म वलेय ठोस / व ऐ लफै टक अ ल (फा मक, ऐसी टक, ऑ से लक
(Soluble in cold स क, टाट रक), पॉल हाइ क फ नॉल
water-solid/liquid) ( रसॉ सनॉल, ि वनॉल, कैटे कॉल पायरोगैलोल),
यू रया, ऐसीटै माइड, क टोन, काब हाइ ेट,
ि लसरॉल, फ नॉल, ऐसीटे नलाइड तथा लोरल
हाइ ट
े ।
2. गम पानी म वलेय (Soluble in hot सि स नक अ ल, ऐरोमै टक अ ल, बे जऐमाइड
water)
3. पानी म अ वलेय (Insoluble in ऐरोमै टक हाइ ोकाबन जैसे- नै थल न,
water) ऐरोमै टक नाइ ो यौ गक जैस-े डाइनाइ ो बे जीन,
ऐरोमै टक ऐमीन
4. अ वलेय तथा पानी से ह के काब नक बे जीन, टॉलू ईन तथा ए टर आ द
व (पानी पर तैरते है) (Organic
Liquids insoluble and lighter
than water-floats in water)
5. अ वलेय तथा पाना से भार काब नक लोरोफॉम, काबन टे ा लोराइड, यूटेनॉल बेि जल
व (पानी क तह से नीचे रहते ह) ऐ कोहॉल, बजएि डहाइड, लोरो, ोमो एवं
(Organic liquids insoluble but नाइ ोबे जीन
heavier than water-sinks in
water)
61
च : काबन और हाइ ोजन क पहचान
व ध - एक कड़े काँच क परखनल म काब नक पदाथ तथा CuO का चूण लेकर च 4 के अनुसार
उपकरण तैयार करो । परखनल को खू ब गरम करो । य द यौ गक म काबन है तो चू ने का पानी दू धया
हो जायेगा और हाइ ोजन होने पर नजल (anhydrous) CuSO4 नीला हो जायेगा ।
यौ गक म उपि थत अ य त व सो डयम धातु से न न रासाय नक अ भ याएँ करते ह ।
(i) नाइ ोजन क उपि थ त म सो डयम सायनाइड बनता है ।
Na + C + N
NaCN
(काब नक पदाथ) सो डयम सायनाइड
(ii) स फर क उपि थ त म सो डयम स फाइड बनता है ।
2Na + S
Na2S
(iii) नाइ ोजन तथा स फर दोन उपि थत होने पर सो डयम स फोसायनाइड बनता है ।
Na + C + N + S
NaCNS
सो डयम स कोसायनाइड
(iv) हैलोजेन के साथ सो डयम हैलाइड बनते ह ।
Na + Cl
NaCl
Na +Br
NaBr
Na + I
NaI
1. नाइ ोजन का पर ण - एक परखनल से 2 मल सो डयम न कष या लैसे वलयन
लो आर इसम 2 मल ताजा फेरस स फेट का संत ृ त वलयन मलाओ । य द कोई हरे रं ग का अव ेप
नह ं आता है तब 1-2 बूँद क NaOH डालो, अ यथा मत डालो । य द काला अव ेप आता है तब
स फर उपि थत है । वलयन को ह का गरम करके ठ डा करो और तनु H2SO4 क कुछ बूँद डालो
। य द वलयन म नीला रं ग उ प न होता है तब नाइ ोजन नि चत प से उपि थत है ।
अभ या - सो डयम न कष म उपि थत सो डयम सायनाइड NaOH (अ भ या म बना
हु आ अथवा बाहर से डाला गया) व FeSO4 से या करके सो डयम फेरोसायनाइड बनाता है ।
62
FeSO4 + 2NaOH
Fe(OH)2 + Na2SO4
फेरस हाइ ॉ साइड
(गंदला हरा)
Fe(OH)2 + 6NaCN
Na4[Fe(CN)6] + 2NaOH
सो डयम फेरोसायनाइड
सो डयम फेरोसायनाइड फे रक स फेट (जो फेरस स फेट म अशु के प म व यमान रहता
है अथवा फेरस स फेट के H2SO4 वारा ऑ सीकरण से बनता है) से या करके नीले रं ग का फे रक
फेरोसायनाइड बनाता है ।
3Na4[Fe(CN)6] + 2Fe2(SO4)3
Fe4[Fe(CN)6]3 + 6Na2SO4
फे रक फेरोसायनाइड (नीला रं ग)
2. स फर का पर ण - (i) एक परखनल म 2 मल सो डयम न कष लेकर बूँद
सो डयम नाइ ोपुसाइड क डालो। य द बगनी रं ग आता है तो यौ गक म स फर उपि थत है ।
Na2S + Na2[Fe(CN)5NO]
Na4[Fe(CN)5NOS]
बगनी रं ग
(ii) एक परखनल म 2 मल सो डयम न कष लेकर इसे ऐसी टक अ ल से अ ल य बनाओ ।
अब इसम लेड ऐसीटे ट वलयन क कु छ बूँद डालो । लैड स फाइड का काला अव ेप स फर क उपि थ त
बताता है ।
Na2S + (CH3COO)2 Pb
PbS + 2CH3COONa
काला अव ेप
3. नाइ ोजन व स फर का पर ण (जब दोन साथ हो) - सो डयम न कषण (2 मल )
को तनु HCl से अ ल कृ त करके FeCl3 क कु छ बू द
ं े (0.5 मल ) मलाते ह । र त के समान लाल
रं ग दोन क उपि थ त दखाता है ।
3NaCNS + FeCl3
Fe(CNS)3 + 3NaCl
फे रकथायोसाइनेट या फे रकस फोसायनाइड
(र त जैसा लाल रं ग)
4. हैलोजेन का पर ण-(i) बेल टाइन पर ण (Beilstein Test)-हैलोजेन के लए यह
सामा य पर ण है । इसके वारा हैलोजेन क उपि थ त का केवल संकेत ह मलता है ।
पर ण के लए साफ ताँबे का तार लो । इसे वाला म तब तक गरम करो जब तक क
यह वाला को हरा रं ग दान करना ब द न कर दे । तार पर अब थोड़ा-सा काब नक यौ गक लगाकर
गरम करो। य द वाला का रं ग हरा हो जाय तब हैलोजेन उपि थत हो सकते है। यह हरा रं ग क पर
के वा पशील हैलाइड के बनने के कारण उ प न होता है । यह पर ण पूण मा णक (reliable) नह ं
है, य क कु छ यौ गक जैसे - यू रया, पर डीन आ द म हैलोजन नह ं होते हु ए भी वाला को हरा
रं ग दान कर दे ते है ।
63
(ii) लसे पर ण - यह पर ण इस बात पर नभर करता है क यौ गक म नाइ ोजन अथवा स फर
उपि थत ह अथवा नह ।ं
(अ) जब नाइ ोजन और स फर अनुपि थत ह - सो डयम न कष (2 मल ) म कुछ बूँद
तनु HNO3 क डालकर ह का गरम करो और स वर नाइ े ट वलयन डालो । य द कोई अव ेप आता
है तो हैलोजन उपि थत है ।
ा त हु ए अव ेप के गुण का अ ययन न न कार से करो -
(a) लोर न – वेत अव ेप, NH4OH म वलेय तथा तनु HNO3 मलाने पर पुन : अव ेप ा त
होता है ।
NaCl + AgNO3 AgCl + NaNO3
वेत अव ेप
AgCl + 3NH4OH Ag(NH3)2Cl + 2H2O
घुलनशील
Ag(NH3)2 + 2HNO3 AgCl +2NH4NO3
(b) ोमीन-ह के पीले रं ग का अव ेप:अव ेप NH4OH म क ठनता से वलेय होता है और HNO3
मलाने पर अव े पत होता है ।
NaBr + AgNO3 AgBr + NaNO3
AgBr + 2NH4OH Ag(NH3)2 B r + 2H2O
(c) आयोडीन-पीला अव ेप, जो NH4OH म अ वलेय रहता है ।
NaI + AgNO3 Agl + NaNO3
64
1. काब ि स लक अ ल
2. फनॉल
3. 3 ऐ कोहॉल
4. ऐि डहाइड
5. क टोन
6. काब हाइ ेट
7. ए टर
8. हाइ ोकाबन
1. काब ि स लक अ ल (Carboxylic Acids) - इनम काब ि स लक समू ह (-COOH)
होता है, िजसक पहचान न न पर ण वारा क जाती है ।
(i) पदाथ क थोड़ी सी मा ा को गीले नीले लटमस पर रखो । लटमस प का रं ग लाल
हो जाता है । ( फनॉल भी यह पर ण दे ते ह ।)
(ii) 2mlसो डयम बाईकाब नेट के संत ृ त वलयन म काब नक यौ गक क सू म मा ा
(0.1-0.2 ाम) डालो । ती ता से बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस उ प न होती है और झाग बनता
ह ।
(iii) यौ गक के ऐ कोहॉल या जल य वलयन म उदासीन FeCl3 क दो बूँद डालो ।
कभी-कभी बगनी, लाल या नीला रं ग उ प न होता है ।
2. फनॉल (Phenols) - ये ऐरोमै टक हाइ ॉ सी यौ गक ह िजनम –OH मूलक ना भक
से जु ड़ा रहता है । ।
(i) ये गीले नीले लटमस को लाल कर दे ते ह ।
(ii) फे रक लोराइड पर ण-पदाथ के जल अथवा ऐ कोहॉल म बने हु ए वलयन के 2
मल म 2-3 बूँद FeCl3 वलयन क डालो । बगनी, नीला या हरा रं ग उ प न होता है ।
C6H5OH + FeCl3 (C6H5O)3Fe + 3HCl
हरा रं ग
[नोट - -नै थॉल क उपि थ त म एक वेत अव ेप आता है जो बगनी हो जाता है ।
-नै थॉल के साथ एक हरा अव ेप आता है जो वेत म बदल जाता है । हाइ ोि वनोन के साथ एक
हरा-काला अव ेप आता है ।]
पदाथ (50 म. ा.) को लोरोफॉम म वलेय करके उसम 2-3 बू द
ं फे रक लोराइड डालकर
एक बू द पर डीन मलाने पर हरा, बगनी आ द रं ग ा त होते ह । इस पर ण म FeCl3 से यादा
अ छे प रणाम ा त होते ह ।
(iii) ल बरमैन पर ण - फनॉल क सू म मा ा, NaNO2 के 1-2 टल, 2 ml सा
H2SO4 को एक शु क परखनल म लेकर गरम करो । एक गहरा हरा या नीला रं ग उ प न होता है
। जल से तनु करो, लाल रं ग आता है अब NaOH वलयन को अ धकता म डालो । नीला या नीला-हरा
रं ग उ प न होता है ।
65
3. ऐ कोहॉल (Alcohols) - इन यौ गक म हाइ ॉि सल समू ह होता है और ये उदासीन होते
ह ।
(i) से रक अमो नयम नाइ े ट पर ण - दये गए पदाथ के 2 मल म से रक अमो नयम
नाइ े ट क कु छ बूँद डालो। लाल रं ग उ प न होता है
(NH4)2[Ce(NO3)6] + 2OH [(NH4)2Ce(NO2)5OR)2] + HNO3
से रक अमो नयम नाइ े ट से रक अमो नयम ऐ कॉ सी
(पीला) नाइ े ट (लाल)
[नोट- फनॉल इ ह ं अव थाओं म हरा अव ेप दे ते ह ।]
(ii) दये हु ए व का 1 ml एक शु क परखनल म लो और उसम सो डयम का एक छोटा
टु कड़ा डालो । H2 गैस उ प न होने के कारण बुदबुदाहट होती है ।
(iii) दये हु ए व (1 ml) को एक शु क परखनल मे लो । इसम 1-2 बूँदे ऐसी टल
लोराइड क डालो और गीले नीले लटमस-प को परखनल के मु ँह के समीप लाओ । HCl गैस उ प न
होने के कारण लटमस-प लाल हो जाता है ।
CH3COCl + HOR CH3COOR + HCl
4. ऐि डहाइड - इसम एक काब नल समू ह होता है जो एक हाइ ोजन परमाणु व एक
ऐि कल या ऐ रल मूलक (R) से जु ड़ा रहता है ।
(i) 2,4-डाइनाइ ोफे नल हाइ ेजीन वलयन 2 मल लेकर उसम दये हु ए पदाथ के
ऐ कोहॉल वलयन क कु छ बूँद डालो और हलाओ । पीला अव ेप आता है । यह पर ण काब नल
समू ह का पर ण है, क टोन भी यह पर ण दे ते ह ।
(ii) शफ अ भकमक पर ण - 2 मल शफ अ भकमक म पदाथ क सू म मा ा डालकर
हलाओ । य द गुलाबी रं ग आता है तो ऐि डहाइड नि चत है ।
66
[नोट- वलयन को गरम नह ं करना चा हए अ यथा ऐि डहाइड क अनुपि थ त म भी रं ग आ
जायेगा ।]
(iii) टॉलैन अ भकमक (Tollen’s reagent) पर ण - 2 मल टॉलैन अ भकमक म
पदाथ क 2-3 बूद या पदाथ का ऐ कोहॉल म बना वलयन डालो और परखनल को 5 मनट तक
जल उ मक म गरम करो । धू सर काला (greyish black) अव ेप या रजत दपण बनता है ।
R –CHO + Ag2O RCOOH + 2Ag
टॉलैन अ भकमक
(iv) फेह लग वलयन पर ण - एक परखनल म फेह लग वलयन‘अ’और 'ब' को
एक-एक मल मा ा म मलाओ। इसम दये हु ए पदाथ क कुछ बूँद डालो और गरम करो । लाल-भू रा
अव ेप ऐि डहाइड समू ह क उपि थ त दखाता है।
[नोट-ऐरोमै टक ऐि डहाइड यह पर ण नह ं दे ते ह ।]
5. क टोन (Ketone) - इनम एक काब नल समू ह होता है जो दो ऐि कल मूलक या
ऐ रल मू लक से जु डा रहता है ।
67
(i) जल-अपघटन (Hydrolysis) पर ण – 0.5 ाम पदाथ को 2 मल जल अथवा
ऐ कोहॉल म वलेय करो और 1 बूँद NaOH व 1 बूँद फनो थे लन क डालो । गुलाबी रं ग आता
है । अब परखनल को उबलते हु ए जल म 5 मनट तक गरम करो । य द गुलाबी रं ग लु त हो जाता
है तो ए टर समू ह उपि थत है ।
CH3COOC2H5 + H2O
NaOH
CH3COOH + C2H5OH
इस पर ण के ार भ म गुलाबी रं ग NaOH के कारण आता है । ए टर के जल अपघटन
से उ प न हु ए अ ल से NaOH उदासीन होता है और गुलाबी रं ग लु त हो जाता है ।
8. हाइ ोकाबन (Hydrocarbon) - य द दया हु आ यौ गक उपयु त कसी भी
या मक मू लक का पर ण नह ं दे ता है तब दया हु आ पदाथ हाइ ोकाबन है । इनम कोई या मक
मू लक नह ं होता है और इनक पहचान गलनांक या वथनांक व यु प न बनाकर क जाती है । ाय:
हाइ ोकाबन सधू म H2SO4 म वलेय होते ह ।
68
C6H5NH2 + CHCl3 + 3KOH C6H5NC + 3KCl + 3H2O
फे नल आइसोसायनाइड
(ii) ऐ नलाइड के लए डाइ ोमेट पर ण - काब नक यौ गक क सू म मा ा लेकर उसम
K2Cr2O7 चू ण क सू म मा ा और 2 ml सा H2SO4 मलाओ । लाल रं ग उ प न होता है जो तुर त
ह लु त हो जाता है ।
(iii) रं जक पर ण (Dye Test) - यह पर ण केवल ऐरोमै टक ाथ मक ऐमीन दे ते है
। 0.2 ाम (या 3-4 बूँद) पदाथ को 1 ml सा HCl म वलेय करो और बफ या ठ डे जल म रखकर
ठ डा करो । इसम 2 मल NaNO2 वलयन डालो और हलाओ (य द पीले रं ग क तेल य बूँद बनती
है तब वतीयक ऐमीन है, य द हरे -भू रे रं ग का अव ेप बनता है तब तृतीयक ऐमीन है) । य द कोई
अव ेप नह ं आता है तब 2 मल ार य -नै थॉल वलयन डालो । नारं गी या लाल रं ग का रजक
उ प न होता है । यह अ भ या 0-5 C पर स प न करानी चा हए ।
0
69
(iii) नाइ ो समू ह का ऐमीनो यु प न म अपचयन (Dye Test) – 0.2 ाम (या 3-4
बूँदे) पदाथ को 2 मल सा HCl म वलेय करो, 2 मल जल और 1 ाम SnCl2 (या दानेदार
ज ते के 2-3 छोटे टु कडे) डालो । अब परखनल को उबलते हु ए जल म 10 मनट तक गरम करो
। छानो और छ नत को बफ के जल म रखकर ठ डा करो । इसम 2 मल NaNO2 वलयन और
कु छ बूँद ार य -नै थॉल क डालो । लाल, नारं गी अथवा लाल-भू रा अव ेप या वलयन बनता
है जो क यौ गक म नाइ ो समूह क उपि थत सु नि चत करता है ।
70
हैलोजेन परमाणु ना भक (nucleus) से जु ड़ा रहता है तब यह ग तशील नह ं होता है । ग तशील-हैलोजेन
स य होता है ।
ग तशील हैलोजेन का पर ण (Test for Mobile Halogen) – 0.5 ाम पदाथ को 5 मल
ऐ कोहॉ लक KOH के साथ 5 मनट तक गरम करो । ठ डा करके तनु HNO3 से अ ल य बनाओ
और 1 मल AgNO3 वलयन डालो । वेत या पीला अव ेप हैलोजन क उपि थ त म ा त होता
है ।
71
(ii) 2 ml NaHCO3 वलयन म पदाथ क सू म मा ा डालो । CO2 उ प न होने के कारण
बुलबुले उ प न होते ह।
य द दया हु आ पदाथ उपयु त पर ण दे ता है तब यह न न ठोस अ ल म से कोई एक
हो सकता है ।
ऑ से लक, सि स नक, ऐ ड पक, बे जोइक और थै लक अ ल ।
ठोस (Solids)
ऑ से लक, सि स नक, ऐ ड पक, बे जोइक, थै लक और सने मक अ ल ।
I. ऐ लफै टक II. ऐरोमै टक अ ल, M.P.
ऑ से लक अ ल M.P. 101 C 0
बे जोइक अ ल 1210C
सि स नक अ ल M.P. 1840C थै लक अ ल 195-2130C
सै ल स लक अ ल 1560C
I. स क, ऑ से लक, टाट रक और सि स नक अ ल म वभेद
एक परखनल म सू म मा ा म पदाथ व रे सॉ सनोल लो और उसम 2 मल सा H2SO4
डालो । गरम करके ठ डा करो और परखनल के म ण को एक बीकर म रखे 150 ml जल म डालो
और NaOH आ ध य म मलाओ ।
नारं गी-हरे रं ग कोई तद ि त (Fluorescence) नह ं
क तद ि त स क, ऑ से लक एवं टाट रक अ ल
(Fluorescence) अ ल के उदासीन वलयन म टॉलैन अ भकमक डालकर गरम
सि स नक अ ल करो।
M.P. 1840C रजत दपण कोई रजत दपण नह ं
ऑ से लक या स क अ ल
टाट रक अ ल अ ल के उदासीन वलयन म क कुछ बूद
ँ
M.P. 169 C 0
डालो । ठ डे म वेत अव प
े आता ह जो
NaOH म वलेय है । ऑ से लक अ ल
M.P. 1010C
ठ डे म वेत अव ेप नह ं आता है, गरम
करने पर अव ेप आता है जो NaOH म
अ वलेय है ।
स क अ ल
M.P. 1000C
II. बे जोइक, सै ल स लक और थै लक अ ल म वभेद
पदाथ क सू म मा ा को 2 मल जल म वलेय करो और उदासीन FeCl3 क 2-3 बूँद डालो।
बगनी रं ग कोई बगनी रं ग नह ं
बे जोइक या थै लक अ ल हो सकते है ।
सै ल स लक अ ल एक शु क परखनल म पदाथ व रसॉ सनॉल क सू म मा ा लो और कु छ
M.P. 156° C बूँद सा H2SO4 क डालकर गरम करो । ठ डा करके परखनल के पदाथ
72
को एक बीकर म रखे 100 ml जल म डालो । अब इसम NaOH आ ध य
म मलाओ।
कोई तद ि त नह ं नारं गी-हर तद ि त थै लक अ ल
बे जोइक अ ल M.P. 195-213°C
M.P. 121°C
अ ल का उदासीन वलयन बनाना (Preparation of Neutral Solution of Acid) – 0.1 ाम
(या 1 ml) पदाथ लो और इसम NH4OH धीरे -धीरे इतना मलाओ क हलाने के बाद अमो नया क
ग ध आये । इसम कुछ जल डालो और उबालकर अमो नया क अ धकता को दूर करो । इस कार
ा त होने वाला वलयन अ त का अमो नयम लवण है जो उदासीन वलयन के प म यु त होता
है ।
उदासीन FeCl3 वलयन बनाना - 1 मल जल य FeCl3 वलयन म बूँद-बूँद करके इतना
NH4OH डालो क भू रे रं ग का एक ह का थायी अव ेप आ जाये । इसे छानो । न य द (Filtrate)
ह उदासीन FeC।, वलयन है ।
यि ट अ ल के पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL ACIDS]
(अ) ठोस-ऐ लफै टक
M.P. 1000c वेत, टल य, जल और ऐ कोहॉल म वलेय, ईथर
स क अ ल
म अ प वलेय ( टल य)
( टल य)
(i) अ ल के 1 मल जल य वलयन म 1 मल डे नंग
वलयन (Denige’s solution) डालो और उबालो । अब
इसम 5-6 बूँद तनु KMnO4 वलयन क डालो । बगनी
रं ग लु त हो जाता है और वेत अव ेप आता है
[नोट- डे नंग वलयन बनाने के लए 5 ाम पीला HgO
को 20 मल सा H2SO4 और 100 मल जल के
गरम म ण म वलेय करो । इस वलयन म जल
मलाकर आयतन एक ल टर कर।]
(ii) अ ल के 2 मल उदासीन वलयन म CaCl2 क कु छ
बूँद डालो । ठ डे म कोई अव ेप नह ं आता है । गरम
करो और परखनल क द वार का रगड़ो । वेत अव प
े
आता है ।
(iii) 0.5 ाम पदाथ को 1 ml सा H2SO4 के साथ गरम
करो । म ण पीला हो जाता है । इसम NaOH डालकर
ार य बनाओ और कुछ बूँद सो डयम नाइ ो ु साइड क
डालो । लाल रं ग आता है जो ऐसी टक अ ल के डालने
पर बगनी हो जाता है ।
(iv) अ ल के जल य वलयन म कुछ बूँद AgNO3 क डालो
73
। एक वेत अव ेप आता है जो NH4OH म वलेय है
(रजत दपण नह ं बनता है)
(v) यह अ ल कृ त KMnO4 को रं गह न कर दे ता है
यु प न-ऐमाइड M.P. 210 C
0
74
(vi) पदाथ का 1 मल जल य वलयन, 1 मल कोबा ट
नाइ े ट वलयन और 3 मल NaOH वलयन एक
परखनल म लेकर गरम करो । नीला रं ग आता है जो
ठ डा करने पर लु त हो जाता है ।
184 C
0
वेत, टल य ठोस, जल म वलेय ।
सि स नक अ ल
(i) तद ि त (Fluorescence) पर ण-एक शु क
परखनल म 0.5 ाम पदाथ, ाम रे सा सनोल और 1
मल सा H2SO4 लेकर इतना गरम करो क म ण
लाल-भू रा हो जाय । ठ डा करो और म ण को एक बीकर
िजसम लगभग 100- 150 मल जल रखा हो, डालो और
NaOH आ ध य म मलाओ । एक हरे -नारं गी रं ग क
तद ि त उ प न होती है ।
(ii) 2 मल अ ल के उदासीन वलयन म 1 मल Cal2
डालो, उबालो और ठ डा करो । एक वेत अव ेप आता
है जो ऐसी टक अ ल म वलेय है।
(iii) उदासीन वलयन म कुछ बूँद FeCl3 क डालो। भू रा
अव ेप आता है ।
यु प न - ऐमाइड M.P. 2420C
ऐ नलाइड M.P. 2260C
ऐनहाइ ाइड M.P. 1190C
(ब) ठोस-ऐरोमै टक वेत, चमकदार टल, गरम जल, ऐ कोहॉल और
M.P. 1210C बे जीन म वलेय ।
ब जोइक अ ल (i) उदासीन वलयन के 1 मल म 2 बूँद FeCl, क डालो
। ह के भू रे रं ग का फे रक बे जोएट का अव ेप ा त
होता है जो तनु 1रए। म वलेय है ।
76
रे सॉ सनोल और 1 मल . सा H2SO4 लेकर इतना
गरम करो क म ण लाल-भू रा हो जाय ।ठ डा करो और
म ण को एक बीकर म 100 मल . जल म डालो और
NaOHआ ध य म मलाओ । एक हरे -नारं गी रं ग क
तद ि त उ प न होती है ।
यु प न - (अ) थै लक ऐनहाइ ाइड M.P. 1310C
फनोल [PHENOLS]
सामा य पर ण - (i) जल से भीगा या गीला नीला लटमस प लाल हो जाता है ।
फे रक लोराइड पर ण - पदाथ के जल य अथवा ऐ कोहॉल वलयन के 2 मल म FeCl3
क 2-3 बूँद डालो । य द नीला, बगनी, हरा रं ग उ प न होता है, तब फनोल हो सकते ह । जैसे :
फनोल, -नै थॉल, -नै थॉल, रे सॉ सनोल पाइरोगैलोल हाइ ोि वनोन और अथ मेटा व
पैरा- े सॉल ।
नोट- -नै थॉल का एक वेत अव ेप आता है जो बगनी रं ग का हो जाता है । -नै थॉल,
के साथ हरा रं ग उ प न होता है जो वेत अव ेप म प रव तत हो जाता है ।
FeCl3 पर ण हेतु न न सारणी का अनुकरण करो ।
(अ) मौ लक पदाथ ठोस है - (i) पदाथ के जल य वलयन म FeCl3 डालने पर अ ल खत
रं ग आते ह ।
रं ग न कष
नीला-बगनी या नीला o, m व p- े सॉल, रसॉ सनॉल
नीला जो शी ता से लाल हो जाता है । पाइरोगैलोल
नीला जो शी ता से लाल-भू रा हो जाता है। ि वनोल (Quinol)
(2) ठोस पदाथ के ऐ कोहॉल वलयन म FeCl3 डालने पर न न रं ग आता है:
रं ग न कष
नीला-बगनी -नै थॉल
हरा -नै थॉल
फे रक लोराइड से ारि भक पर ण करने के बाद न न पर ण करो -
पदाथ के 2 मल जल य या ऐ कोहॉल वलयन म 2 मल टॉलैन अ भकमक डालकर गरम
करो और नर ण करो
वेत अव ेप - जो काला हो जाता है । कोई अव ेप नह ं आता है -
मोनोहाइ क फनोल ।
(अ) पॉल हाइ क फनोल व
रे सॉ सनोल M.P 1100C फनोल B.P. 1820C
पाइरोगैलोल M.P. 1320C आथ - े सॉल B.P. 1910C
ि वनोल M.P. 1690C मैटा- े सॉल B.P. 2020C
पैरा- े सॉल B.P. 2020C
77
ठोस
फनोल M.P. 420C
-नै थॉल M.P. 950C
-नै थॉल M.P. 1220C
यु प न का बनाना (Preparation of Derivatives)
(i) ोमो यु प न - एक बीकर म 1 ाम पदाथ और 3ml ऐसी टक अ ल लो और
उसम ऐसी टक अ ल से बना हु आ ोमीन वलयन इतना डालो क वलयन पीला हो जाय । कमरे
के ताप पर 15-20 मनट रख । अव ेप को छानो, ठ डे पानी से धोओ और पोरस लेट पर रखकर
सु खाओ ।
(ii) बे जोएट यु प न - एक शंकु प ला क (Conical flask) म 2 ाम पदाथ लेकर
4 मल ऐसीटोन और 40 मल NaOH डालो । इस म ण म धीरे -धीरे 4 ml बे जोयल (benzoyl)
लोराइड डालो और 10-15 मनट तक हलाओ । ठ डा करके छानो । अव ेप का ठ डे पानी से धोओ
और ऐ कोहॉल से टल कृ त करो । सु खाकर ात करो।
(iii) प े ट बनाना - पदाथ क सू म मा ा को 2 ml बे जीन म वलेय करो और कुछ
बूँद प क अ ल क डालो और भल -भाँ त हलाओ । अव प
े को छानो और बे जीन से धोकर सु खाओ।
फनोल के पर ण [Tests of Phenols]
(अ) मोनोहाइ क फनोल
ल बरमैन पर ण - पदाथ क सू म मा ा (0.1 ाम) म ठोस NaOH2 (2-3 पैलेट) व 2
मल सा H2SO4 डालो और 2 मनट तक हलाओ तथा उ प न हु ए रं ग का नर ण न न कार
से करो ।
लाल रं ग हरा या नीला रं ग
फनोल, आथ - े सॉल या मैटा- े सॉल हो सकता है ।
पैरा- े सॉल एक शु क परखनल म पदाथ एवं थै लक ऐनहाइ ाइड क सू म मा ाएँ लो
और कुछ बूँद सा H2SO4 क डालो और गरम करो । जब म ण भू रा-लाल
हो जाय तब ठ डा करो और 2 ml जल म डालो व आ ध य म NaOH वलयन
मलाओ । रं ग का नर ण करो ।
नीला या बगनी गुलाबी रं ग
मैटा- े सॉल पदाथ क सू म मा ा को सा NH4OH म वलय
करो ।
वलेय अ वलेय
फनोल आथ - े सॉल
78
फनोल गम के दन म यह लाल रं ग का दब. होता है
और जाड़ म यह जल ाह ह के लाल रं ग का
0
M.P. 42 C
B.P. 1810C
ठोस ।
(i) FeCl3 के साथ पर ण - (पृ ठ 38 दे खये) ।
(ii) फनो थे लन पर ण - एक शु क परखनल
म पदाथ एवं थै लक ऐनहाइ ाइड क सू म
मा ाएँ लो और कु छ बूँद सा H2SO4 क
डालकर गरम करो । जब म ण भू रा-लाल हो
जाये तब ठ डा करो और 2 मल जल म डालो
िजसम आ ध य म NaOH (5 मल ) डालो ।
गुलाबी रं ग आता है । (यह पर ण - े सॉल
भी दे ता है, क तु - े सॉल NH4OH म
अ वलेय होता है ।)
(iii) - पदाथ क सू म मा ा को थोड़े-से ठोस
NaNo2 और 2 ml सा H2SO4 के साथ 2
मनट तक हलाओ । हरा या नीला रं ग आता
है ।
यु प न – (i) ाइ ोमो फनोल M.P. 930C
(ii) प े ट M.P.830C
- े सॉल रं गह न, हवा म खुला रहने पर लाल रं ग का हो जाता
B.P. 1900C है । ठ ड के दन म ठोस, जल व ऐ कोहॉल म
वलेय ।
M/P. 310C (i) पदाथ के जल य वलयन म FeCl3 क 2-3 बूँद
डालने पर नीला या बगनी रं ग उ प न होता है
।
(ii) ल बरमैन पर ण दे ता है- दे ख फनोल ।
(iii) फनो थे लन पर ण - फनोल के समान यह
भी पर ण दे ता है, क तु NH4OH म अ वलेय
है (दे खे फनोल) ।
मेटा- े सॉल रं गह न, काब लक ग ध, ऐ कोहॉल म वलेय।
B.P. 2020C
(i) जल य वलयन FeCl3 म क एक बूँद डालने पर
बगनी रं ग उ प न होता है ।
(ii) ल बरमैन पर ण- फनोल के समान ।
(iii) फनो थैल न पर ण - दे खे फनॉल ।
नीला-बगनी रं ग उ प न होता है ।
79
शु अव था म रं गह न, खु ला छोड़ने पर बगनी
रं ग, टल य, जल म कम वलेय, ऐ कोहॉल
और ईथर म वलेय।
(i) पदाथ के जल य वलयन म FeCl3 क एक बूँद
डालो, वेत अव ेप आता है जो लाल और फर
बगनी हो जाता है ।
(ii) एक परखनल म 1 मल NaOH व 2 मल
आयोडीन वलयन लो और इसम पदाथ क
सू म मा ा डालो और हलाओ । बगनी रं ग और
गहरा होता दखेगा और अंत म अव ेप म बदल
जाता है ।
(iii) पदाथ के ऐ कोहॉल वलयन म FeCl3 क एक
बूँद डालो । नीला-बगनी रं ग आता है ।
यु प न –(i) 2,4-डाइ ोमो M.P.
1050C
(ii) प े ट M.P.
1890C
शु अव था म रं गह न, ाय: भू रा-गुलाबी, जल
म कम वलेय, क तु ऐ कोहॉल और ईथर म
वलेय ।
(i) पदाथ के ऐ कोहॉल वलयन म 2-3 बूँद FeCl3
क डालो । हरा रं ग ा त होता है
(ii) एक शु क परखनल म 0.1 ाम पदाथ लो और
इसम 1 मल NaOH और एक बूँद लोरोफॉम
क डालो और गरम करो । हरा-नीला रं ग
उ प न होता है ।
नोट-यह पर -नै थॉल
ण भी दे ता है,
क तु -नै थॉल -नै थॉल के अ तगत
पर ण (ii) नह ं दे ता है ।
(iii) पदाथ को 1 मल गरम जल य वलयन (2
मल ) बनाकर उसम 2 मल ोमीन जल व
1 मल NaOH वलयन डालो। पीला रं ग ा त
होता है । ( -नै थॉल से वभेद, जहाँ ह का
बगनी रं ग ा त होता है ।)
(iv) पदाथ के ठ डे जल य वलयन म FeCl3 क
80
एक बूँद डालो।
यु प न-(i) ोमो2- नै थॉल M.P. 840C
(ii) प े ट M.P.
1560C
(स) पॉल हाइ क फनोल -रे सॉ सनोल पाइरोगैलोल ओर ि वनोल हो सकता है
रे सॉ सनोल - गुलाबी-सफेद, सु ई के आकार के टल, जल,
M.P.110°C ऐ कोहॉल और ईथर म वलेय ।
(i) पदाथ के जल य वलयन म एक बूँद FeCl3
डालो। बगनी-नीला रं ग ा त होता है ।
(ऐ कोहॉल वलयन म हरा रं ग उ प न होता
है ।)
81
(ii) पदाथ के जल य वलयन म ताजा बनाये गये
FeSO4 वलयन क कुछ बूँद डालो और हलाओ
। नीला बगनी रं ग या अव ेप आता है ।
यु प न-(अ)डाइ ोमोपाइरोगैलोल M.P.1580C
(ब) ाइबे जोएट M.P. 890C
ि वनॉल या वेत, सु ई के आकार के टल हवा म खु ला
हाइ ोि वनोन रखने पर भू रा हो जाता है । ऐ कोहॉल और ईथर
M.P. 1690C म वलेय।
(i) पदाथ के जल य वलयन म एक बूँद FeCl3
डालो । नीला रं ग आता है जो लाल-भू रा हो जाता
है ।
(ii) पदाथ के जल य वलयन म कुछ बूँद NaOH
डालो । भू रा रं ग आता है ।
82
न न ल खत क टोन स भव ह
ऐसीटोन, मे थल क टोन और ऐसीटो फनोन ।
6. काब हाइ ेट [CARBOHYDRATES]
सामा य पर ण (मो लश पर ण) - पदाथ के 2 मल जल य वलयन म 0.5 मल
ऐ कोहॉल -नै थॉल वलयन क डालो और हलाओ । परखनल क द वार के सहारे लगभग 1 मल
सा H2SO4 सावधानी से डालो।
बगनी रं ग क वलय (ring) दो सतह के मलान पर बनती है (परखनल को हलाने पर स पूण
म ण बगनी रं ग का हो जाता है ।
यहाँ न न ल खत काब हाइ ट
े के पर ण दए गए ह ।
लू कोस, थू ोस और टाच ।
लू कोस, थू ोस और टाच म वभेद
ं े I2 वलयन क डालो
पदाथ के जल य वलयन म कुछ बु द
84
न न पर ण करो
ठोस व
मे थल ऑ सेलेट या ए थलऐसीटे ट B.P.
फे नल बे जोएट ए थल ऑ सेलेट 770C B.P.
1860C
पदाथ को जल म वलेय करोफे नल ऐसीटे ट B.P. 196०-C
वलेय अ वलेय ए थल बे जोएट B.P. 2130C
मे थल ऑ सेलेट फे नल बे जोएट M.P.680C मे थलसै ल सलेट B.P. 2240C
(एरोमै टक)
0
M.P.54 C
(ऐ लफै टक)
यि ट सद य के पर ण [TESTS OF INDIVIDUAL MEMBERS]
(अ) ठोस ऐ लफै टक
मे थल ऑ सेलेट वेत, टल य ठोस, जल म वलेय ।
M.P. 54 C ०
(i) पदाथ क सू म मा ा को फेह लंग वलयन के साथ गरम करो । भू रा
अव ेप आ सकता है ।
(ii) ाम पदाथ को 5 मल जल म घोलकर उसम सा NH4OH डालो
और हलाओ । वेत अव ेप आता है ।
(iii) 0.5 ाम पदाथ को 5 मल ल त० त के साथ 10 मनट तक गम
करो। तनु H2SO4 से अ ल कृ त करके ार य KMnO4 क एक-दो
बूँद डालो ।गुलाबी रं ग लु त हो जाता है।
यु प न - (i) ऑ से लक अ ल M.P. 1010C
(ब)ठोस ऐरोमै टक
फे नल बे जोएट वेत, टल य, जल म अ वलेय, सा H2SO4 म वलेय ।
M.P. 680C
(i) पदाथ को ार क सहायता से जल-अपघ टत करो और तनु HCl
से अ ल कृ त करो । बे जोइक अ ल का वेत अव ेप आता है ।
अभ या म ण के एक भाग FeCl3 क एक बूँद डालो । बगनी
रं ग आता है ।
यु प न - बे जोइक अ ल M.P. 1210C
85
यि ट ठोस सद य के पर ण [Test for Individual Members]
ठोस-ऐरोमै टक - वेत, टल य, व श ट ग ध, जल म अ वलेय ।
नै थैल न
86
CH3CONH2 म वलेय, ईथर म अ वलेय ।
M.P. 82°C (i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH वलयन के
साथ गम करो । अमो नया क ग ध आती है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा म 2 मल ोमीन-जल और 2
मल NaOH डालो और गरम करो । मे थल ऐमीन के
बनने के कारण अमो नया क ग ध आती है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल H2SO4 के साथ गरम
करो । सरके क ग ध आती है ।
(iv) पदाथ क सू म मा ा को 1 मल ऐ नल न के साथ गरम
करो । ऐसीटै नलाइड का वेत अव ेप आता है और NH3
क ग ध उ प न होती है ।
88
रं ग म प रव तत हो जाता है ।
89
रं ग उ प न होता है ।
(ii) ोमीनीकरण-0.5 ाम पदाथ म 2 मल लै शयल ऐसी टक अ ल
डालो और धीर-धीरे ोमीन वलयन (1 ml Br2, 3-5 ml ऐसी टक
अ ल म) डालो । 10-15 मनट म वेत अव ेप या उ पाद ा त
होता है ।
(iii) एक शु क बीकर म 0.5 ाम पदाथ को 1 मल सा HNO3
तथा 2 मल सा H2SO4 से बने नाइ करण म ण के साथ
गरम करो । इसे ठ डे जल म डालो । प क अ ल के पीले रंग
के टल ा त होते है । छानो धोओ सु खाओ और गलनांक ात
करो ।
यु प न - प क अ ल M.P. 1120C
m-डाइनाइ ोबे जीन पीला, टल य, ठोस, जल म अ वलेय, ऐ कोहॉल ईथर और
M.P. 90 C 0
बे जीन म लेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को 1-2 मल ऐसीटोन म घोलो और NaOH
क एक बूँद डालो ।नीला-बगनी रं ग आता है जो ऐसी टक अ ल
डालने पर बगनी-लाल रं ग हो जाता है ।
(ii) 1 मल NaOH म पदाथ क सू म मा ा डालो और गरम करो
। ह का लाल-भू रा रं ग उ प न होता है ।
यु प न - बे जोएट M.P. 950C
काबन, हाइ ोजन और हैलोजेन यु त यौ गक [Compounds Containing Carbon,
Hydrogen and Halogens]
हैलोजेन यु त यौ गक [Halogen Containing Compounds]
हैलोजेन यु त यौ गक को तीन े णय म बाँट दया गया है ।
(i) लोर न यु त यौ गक
(ii) ोमीन यु त यौ गक
(iii) आयोडीन यु त यौ गक ।
(अ) लोर न यु त यौ गक
न न अवलोकन करो :
ठोस
लोरल हाइ ेट या पैरा-डाइ लोरो बजीन
जल म वलेय जल म अ वलेय
जल य वलयन शफ अ भकमक के शफ अ भकमक के साथ कोई रं ग नह ।ं
साथ लाल रं ग उ प न करता है ।
लोरलहाइ ेट पैरा-डाइ लोरोबजीन
0
M.P. 57 C M.P. 540C
(ऐ लफै टक) (ऐरोमै टक)
90
यि ट सद य के पर ण (Tests for individual Members)
(अ) ठोस-ऐ लफै टक
लोरलहाइ ेट रं गह न, टल य, व श ट ग ध, जल और ऐ कोहॉल म
M.P. 57 C0
वलेय।
CCl3.CHO.H2O (i) 2 मल शफ अ भकमक म पदाथ क सू म मा ा डालो और
हलाओ । गुलाबी रं ग उ प न होता है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल जल म घोलकर कुछ बूँद
टॉलेन अ भकमक क डालो और गरम करो । धूसर (grey) रं ग
का अव ेप आता है ।
(iii) 1 मल फेह लंग वलयन म पदाथ का 1 मल जल य वलयन
डालो और गरम करो ।लाल-भू रा अव ेप आता है ।
(स)आयोडीनयु तयौ गक
ठोस-ऐ लफै टक पीला, टल य ठोस, व श ट अ चकर ग ध, जल म
आयोडो ॉम अ वलेय, ऐ कोहॉल और लोरोफॉम म वलेय ।
M.P.119 °C (i) पदाथ क सू म मा ा को एक शु क परखनल म गरम करो ।
I2 क बगनी वा प उ प न होती है।
CHl3 (ii) पदाथ और रे सॉ सनोल को सू म मा ा म लेकर 2 मल NaOH
वलयन म गम करो । लाल रं ग उ प न होता है जो बगनी हो
जाता है ।
(iii) पदाथ क सू म मा ा को 1 मल ऐ कोहॉल म घोल और 1
मल ऐ कोहॉल AgNO3 डालो और उबालो और 5 मनट
ती ा करो। पीला अव ेप आता है ।
काबन, हाइ ोजन, स फर और नाइ ोजन यु त यौ गक [Compound Containing Carbon,
Hydrogen Sulphur & Nitrogen]
91
स फर यु त यौ गक [Sulphur Containing Compounds]
थायोयू रया [Thiourea]
सामा य पर ण - पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ गरम करो और ठ डा
करके 2 बूँद लैड ऐसीटे ट क डालो । भूरा या काला अव ेप आता है ।
यि ट सद य के पर ण [TESTS FOR INDIVIDUAL MEMBERS]
(अ)ठोस-ऐ लफै टक
थायोयू रया वेत, टल य, ठ डे जल म वलेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को एक सूखी परखनल म इतना
0
M.P. 175-180 C
NH2.CS.NH2
गरम करो क वह पघलने लगे । इसे 2 मल जल म
घोलो और FeCl3 क 1 बूँद डालो । गहरा लाल रं ग उ प न
होता है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल ऐसी टक अ त म घोलो
और गरम करो । गरम वलयन म 2 मल K4[Fe(CN)6]
या K2Cr2O2 वलयन डालो । हरा-नीला रं ग उ प न होता
है ।
(ब) ठोस-ऐरोमै टक
डाइफे नल थायोयू रया वेत, टल य, गरम जल म अघुलनशील ।
M.P. 1510C (i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल सा NaOH के साथ
C6H5.NHCS.NHC6H5
उबालो और ठ डा करो । इसम रंजक पर ण (जैसा क
ऐ नल न) करो ।लाल रं जक (dye) उ प न होता है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल तनु HCl म उबालो
। फे नल आइसोसायनाइड क दुग ध उ प न होती है
फे नल थायोयू रया वेत, टल य, गरम जल म वलेय ।
(i) पदाथ क सू म मा ा को 2 मल NaOH के साथ उबालो
0
M.P. 154 C
C6H5NH.CS.NH2
। NH3 गैस उ प न होती है । और ए नल न क तेल य
बूँद बनती है ।
(ii) पदाथ क सू म मा ा म 5 बूँद सा H2SO4 क डालो,
गरम करो और ठ डा करके 5 मल जल एवं ठोस NaOH
( ार य बनाने के लए) डालो । भीगा हु आ नीला
लटमस-प परखनल के मु ँह पर लाओ । यह लाल हो
जाता है ।
93
इकाई 6
यु प न का वरचन (PREPARATION OF DERIVATIVE)
इकाई क परे खा
6.0 उ े य
6.1 तावना
6.2 काब नक यौ गक के मह वपूण यु प न
6.3 ए स टल यु प न बनाना
6.4 ए नलाइड यु प न बनाना
6.5 नाइ ो यु प न बनाना
8.6 ोमो यु प न बनाना
6.7 फे नल हाइ ोजन एवं ओसाजोन यु प न बनाना
6.8 जल अपघटन वारा यु प न बनाना
6.9 आयडोफाम यु प न बनाना
6.10 श दावल
6.11 संदभ ग थ
6.1 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप यु प न के बारे म न न जानकार ा त करगे -
कस मु य या मक समू ह वाले यौ गक का मु य यु प न या होगा एवं उसका वरचन
कस कार करगे ।
94
2. इसका टल करण शी तथा आसान होना चा हए ।
3. यु प न का गलनांक 500 से 2500C के म य होना चा हए ।
4. यु प न बनने म यादा समय नह ं लगना चा हए, इसके लए यह यान रखना आव यक होगा
क यु प न का बनना योगा मक प से दए गए समय म ह पूरा होना चा हए । इसके लए
उ ह ं रसाय नक अ भ याओं को काम म लेना चा हए िजनके अ भकमक योगशाला म उपल ध
95
7. ोमो फनोल, ऐमीन, ए नलाइड, असंत ृ त अ ल
8. फे नल हाइ ज
ै ोन एवं ओसाजोन एि डहाइड, क टोन
9. ओसाजोन काब हाइ ेट
96
पूण प से वलेय न हो तो 1-2ml ऐ स टक अ ल मलाकर जल ऊ मक पर 25-30 मनट तक गम
करते है । अ भ या म ण को कु छ दे र ठ डा करके एक बीकर िजसम ठ डा जल रखा हो, धीरे -धीरे
डालते है तथा बीकर को थोड़ी दे र तक रखते ह ठोस अव ेप को छान कर तथा शु ठ डे जल से धोकर
सु खा लेते है । त प चात ् ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
R NH2 +(CH3CO)2O RNHCOCH3+CH3COOH
ArNH2 +(CH3CO)2O ArNHCOCH3+CH3COOH
2. प े ट यु प न :
एक परखनल म 0.5 g या 0.5ml काब नक यो गक को बे जीन या ऐ कोहॉल क कम से
कम मा ा म घोलते है । प क अ ल को भी बजीन या ए कोहॉल क कम से कम मा ा म घोलकर
संत ृ त वलयन तैयार करते है । प क अ ल के वलयन को काब नक यौ गक के वलयन म मलाकर,
हलाकर जल ऊ मक पर रखकर 60-700C पर 5-10 मनट तक गम करते है । अ भ या के प चात
अभ या म ण को कमरे के ताप पर ठ डा करते है । यौ गक के प े ट यु प न टल कृ त हो
जाते है । इसको छानकर ऐ कोहॉल से य द आव यक हो तो ट लत करते है । (यहां पर यह यान
रखना होगा क काब नक यौ गक तथा प क अ ल को समान वलायक म ह घोलना चा हए)
3. बे जोऐट यु प न :
एक गोल पदे के ला क (या कोनीकल ला क) म 0.5 मल या 0.5 मल काब नक पदाथ
को लेकर उसको 2-3 मल ऐसीटोन म वलेय करते है । इसके प चात ् ला क म लगभग 10 मल
/ NaCH वलयन मलाकर 2 मल बे जोऐल लोराइड धीरे -धीरे डालकर हलाते है, ला क के मु ँह
को काक के वारा ब द कर दे ते ह, तथा ठ डे जल या बफ म 15-20 मनट रखकर हलाते है । अब
अभ या म ण को एक बीकर िजसम ठ डा जल या बफ हो, डालते ह । बे जोऐट यु प न ठोस
प म ा त होगा िजसे छानकर जल से अ छ तरह धोकर, (िजससे बे जोऐल लोराइड पूण प से
नकल जाए) सु खाकर ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
ROH+C6H5COCI ROCOC6H5+HCI
RNH2 + C6H5COCI RNHCOC6H5+HCI
4. ऐमाइड यु प न :
एक 50 ml के छोटे गोल पे द के ला क म 0.5 ाम ठोस या 0.6 मल यौ गक को लेकर
उसम लगभग 1 मल थायो नल लोराइड (SOCI2) या 0.5 ाम फॉ फोरस पे टा लोराइड (PCI5)
मलाकर 20-25 मनट तक वायु संघ न लगाकर गम करते है । इस अ भ या के फल व प ऐ सड
लोराइड यु प न बनता है । अ भ या म ण को कमरे के ताप तक ठ डा करके उसम धीरे -धीरे
5 मल ठ डा सा अमो नया वलयन मलाते ह, अमो नया वलयन डालते ह ती अभ या होती
है, इस लए ला क को ठ डे बफ यु त जल म रखकर ठ डा करते है । रं गह न (सफेद) टल य
ठोस अव ेप ा त होता है िजसे छानकर, ठ डे जल से धोकर, जल तथा ऐ कोहॉल के म ण से
ट लत करते ह।
97
RCOOH SOCI 2 RCOCI HCI SO2
RCOOH PCI 5 RCOCI HCI POCI 3
RCOCI + NH3 RCONH2 +HCI
नोट : ऐ सटैमाइड जल म अ धक घुलनशील होने के कारण इसे पृथक करना क ठन होता है ।
98
6.6 ोमो यु प न बनाना (Preparation of Bromo Derivatives):
एक शं वाकार ला क मे 0.5 ाम या 0.5 मल काब नक यौ गक को लेकर उसे लेशल
ऐसी टक अ ल क कम से कम मा ा म वलेय करते ह । इस वलयन म धीरे -धीरे लेशल ऐसी टक
अ ल म बने ोमीन वलयन को बूँद-बूँद करके लगातार हलाते हु ए मलाते रहते ह जब तक क ह का
पीला / भू रा रं ग ा त ना हो जाए, अब रं ग ह का नह ं पड़ेगा।
अभ या म ण को 5-10 मनट के लए कमरे के ताप पर रखकर त प चात एक बीकर
िजसम ठ डा जल या बफ यु त जल (50-100 म ल.) हो, धीरे -धीरे डालते हु ए हलाते रहना चा हए
। ोमो यु प न ठोस के प म पृथक हो जाएगा, िजसे छानकर 2-3 बार जल से धोकर ( ोमीन तथा
ऐसी टक अ ल को हटाने के लए) सु खाकर ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
99
6.7 फे नल हाइ ैजोन एवं ओसाजोन यु प न बनाना (Preparation of
Phenyl Hydrazone and Osazone Derivatives) :
(अ) एि डहाइड एवं क टोन के यु प न
100
0.5 ाम या 0.5 मल काब नक पदाथ को ऐ कोहॉल क कम से कम मा ा म वलेय करके
इसम 2-3 मल फे नलहाइ ज
ै ोन वलयन तथा 2-3 बूँद ऐसी टक अ ल मलाते ह अ भ या म ण
को जल ऊ मक पर लगभग 10 मनट के लए गम करते ह । अ भ या म ण को ठ डा करने पर
ठोस अव ेप ा त होता है िजसे छानकर, जल से धोकर ऐ कोहॉल से टल कृ त कर लेते है ।
101
इस कार पदाथ और अ भकमक आपस म घुल जाएंगे । अ भ या म ण को ठ डा करने
के प चात Na2 CO3 वलयन मलाकर ार य करते ह । यु प न ठोस के पम ा त होता है िजसे
छानकर, जल से धोकर, सु खाकर, ऐ कोहॉल से टल करण करते ह ।
102
C6 H 5CH 2OH 2 O
NaOH / KMnO4 /
C6 H 5COOH H 2 O
बिजल ऐ कोहॉल बजोइक अ ल
C6 H 5CHO O
NaOH / KMnO4 /
C6 H 5COOH
बजि डहाइड
C6 H 5CH 3 3 O
NaOH / KMnO4 /
C6 H 5COOH H 2 O
आयोडोफॉम यु प न :
एक वथन नल या 50 मल गोल धा रता के ला क या बीकर म 1 मल काब नक पदाथ
लेकर उसम 1 ाम पोटे शयम आयोडाइड (KI), 4 मल जल तथा 3-4 मल 5% सो डयम
हाइपो लोराइट वलयन धीरे -धीरे हलाते हु ए डालते ह । कु छ दे र बाद आयोडोफॉम के पीले टल
बनने लगगे । अ भ या म ण को 15-20 मनट के लए कमरे के ताप पर रख दे ते ह । ा त ठोस
को छान कर जल से धोकर अलग कर लेते ह तथा सु खा लेते ह, इस कार ा त पीले ठोस पदाथ
को ऐ कोहॉल से ट लत करते है ।
दूसर वध :
एक ला क म 0.5 ाम (0.5 मल ) काब नक पदाथ को लेकर इसमे 3 मल जल व 2
मल 10% NaOH वलयन मलाते ह । इसम आयोडीन वलयन (1 ाम I2,+2 ाम KI +10 मल
जल) को बूद
ं -बूदं करके लगातार हलाते हु ए तब तक डालते ह जब तक क वलयन का रं ग गहरा बगनी
नह ं हो जाता, अ भ या म ण को जल ऊ मक पर रख कर तब तक गम करते है जब तक क पीला
अव ेप ा त नह ं हो जाता । ला क को ठ डा करके ा त ठोस को छान कर धोकर सुखा लेते ह
तथा ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
NaOH + I2 NaOI + H2O
103
2. Adavanced Practical Organic Chemistry, J.Leonard,B.Lygo & G. Procter
3. Comprehensive Practical Organic Chemistry by V.K Ahluwalia and
S.Dhingra.
4. Advanced Practical Organic Chemistry by F.G.Mann and B.C Saunders
104
इकाई7
काब नक यौ गक का सं लेषण या बनाना
(SYNTHESIS OR PREPARATION OF ORGANIC
COMPOUND)
इकाई क परे खा
7.0 उ े य
7.1 तावना
7.2 एसी टल करण या वारा यो गक का सं लेषण
7.3 सै ल स लक अ ल से ऐि प रन का नमाण
7.4 ए नल न से बिज नलाइड का नमाण
7.5 नाइ ोबे जीन से m-डाइनाइ ोबे जीन का नमाण
7.6 ऑ सीकरण अ भ या
7.7 टालू ईन से बै जोइक अ ल बनाना
7.8 डाईएजोट करण अ भ या
7.9 ोमोनीकरण या
7.10 श दावल
7.11 संदभ थ
ं
7.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के बाद आप व भ न मह वपूण काब नक यौ गक के वरचन के बारे
म न न जानकार ा त करगे
1. एसी टल करण या वारा एनीलाइड का सं लेषण करना ।
2. बे जोल करण या वारा बे जेनीलाइड बनाना ।
3. नाइ करण वारा नाइ ो यौ गक का वरचन ।
4. डाईएजोट करण या वारा मै थल ऑरज का वरचन ।
5. ोमोनीकरण वारा p - ोमो यौ गक का वरचन ।
105
सह मा ा म और शु मा ा म ा त हो । सं लेषण क व धय को ायो गक प से समझाना ह
इस इकाई का मूल आधार है ।
अ भकमक :
(1) ऐ नल न 5 मल
(2) ऐसी टक ऐनहाइ ाइड 5 मल
(3) लैशल ऐसी टक अ ल 10 मल
आव यक उपकरण :
(1) 50 मल या 100 मल धा रता का गोल पे दे का ला क
(2) वायु संघ न या जल संघ न
(3) 250 म ल. का बीकर
व ध : गोल पे दे (50 मल या 100 मल ) के ला क म 5 म ल. ऐ नल न लेकर 10
मल ऐसी टक अ ल म वलेय करके 5 मल ऐसी टक ऐनहाइ ाइड मलाते ह तथा पो सल न के 2-3
टु कड़े डालते है । ला क के ऊपर संघ न लगाकर धीरे -धीरे उबालते ह । अ भ या म ण को 25-30
106
मनट तक धीरे - धीरे गम करते रहते ह, अ भ या क पूणता को नि चत करने के लए अ भ या
म ण क कु छ बूद
ं े (2-5) एक बीकर िजसम ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो थाना त रत करते
ह य द ठोस ा त होता है तो अ भ या पूण हो गयी है । य द ठोस पदाथ ा त नह ं हो तो अ भ या
म ण को कुछ दे र (1 0-15 मनट) और गम करते ह । अ भ या पूण होने के प चात अ भ या
म ण को एक बीकर िजसम 100- 150 मल ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो उसम थाना त रत
करते ह तथा काँच क छड़ से हलाते रहते ह । ा त ठोस को छानकर, जल से अ छ तरह धोकर
सु खा लेते ह ।
इस कार जो ठोस पदाथ ा त होता है उसको जल क अ प मा ा म गम करके घोल कर
टल करण करते ह । उ पाद एकदम सफेद या रं गह न ा त होना चा हए ।
यद ा त उ पाद म रं ग हो तो उसे जल या ऐ कोहॉल या जल तथा ऐ कोहॉल के म ण
म 2-3 ाम चारकोल डालकर 2-3 मनट तक उबालने के बाद गम-गम छान लेते है । छ नत को ठ डा
करने के प चात ् ा त ठोस को छान लेते है तथा ठ डे जल से धोकर सुखा लेते ह , ा त उ पाद
ऐसीटऐ नलाइड सफेद (रं गह न) चमकदार टल ा त होते ह ।
लि ध = 5 ाम
गलनांक = 113 C
0
सावधानी
1. अ भ या म ण को ल बे समय तक गम नह ं करना चा हए ।
2. 2. अ भ या क पूणता जानने के लए अ भ ं े (4-5 बू द
या म ण क कुछ बू द ं )े ठ डे जल (10
मल ) म डालकर दे खनी चा हए । य द ठोस पदाथ मलता है तो अ भ या पूण हो गयी है ।
3. अ भ या म ण को ठ डे जल म थाना त रत करने से पहले ठ डा करना आव यक है ।
अ भकमक :
(1) सै ल स लक अ ल 5 ाम
(2) ऐसी टक ऐनहाइ ाइड 5 मल
(3) सा H2SO4 (उ रे क य मा ा) 0.2 मल
आव यक उपकरण :
107
(1) गोल धा रता का ला क
(2) थमामीटर
(3) बीकर
वध :
गोल पे दे के ला क म 5.0 ाम सै ल स लक अ ल लेकर उसम 5 मल ऐसी टक
ऐनहाइ ाइड तथा 0.2 मल सा H2SO4 डालकर हलाते ह । अ भ या म ण म 1 या 2 पोस लन
के टु कड़े डालकर 50-600C ताप म पर जल ऊ मक के ऊपर 15-20 मनट तक गम करते ह ।
अभ या म ण को कमरे के ताप पर ठ डा करने के प चात एक बीकर िजसम लगभग 100-150
मल ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो, थाना त रत करते ह । ऐि प रन ठोस पदाथ के प
म पृथक हो जाता है । िजसको छानकर जल से धोते ह , ता क एसी टक ऐनहाइ ाइड क अ धकता और
H2SO4 नकल जाए । ठोस पदाथ को सु खाकर 50% एथेनॉल (ऐ कोहॉल) क कम से कम मा ा म
वलेय करके तथा गम-गम छानकर कमरे के ताप पर टल बनने के लए रख दे ते ह । सु ई के आकार
के रं गह न टल ा त होते है ।
लि ध 5.5 ाम
भौ तक अव था सु ई के आकार के वेत टल
गलनांक 136-137 C
o
वतीय व ध
य द ऐसी टक ऐनहाइ ाइड योगशाला म उपल ध न हो तो ऐसी टल लोराइड का उपयोग
करके भी ऐि प रन बनाया जाता है ।
अभ या :
अ भकमक
(1) सै ल स लक अ ल 5 ाम
(2) ऐसी टल लोराइड 4 मल
(3) पर डीन 5 मल
आव यक उपकरण :
इससे पूव अ भ या म दशाए गये है ।
व ध:
एक गोल धा रता वाले ला क मे 5 ाम सै ल स लक अ ल लेकर उसम 5 मल पर डीन
मलाकर घोलते है । पदाथ य द पूर तरह से वलेय न हो तो जल ऊ मक के ऊपर ह का सा गम
करते ह, फर भी अ वलेय रहे तो 1-2 मल पर डीन और मलाते है । सै ल स लक अ ल के पूण
वलेय होने के प चात 4.0 मल ऐसी टल लोराइड मलाते ह ला क को अ छ तरह हलाते ह ।
108
उ मा ेपी अ भ या होगी, अ भ या म ण का ताप म 50-600C से ऊपर नह ं बढ़ना चा हए। य द
ताप म 600C से ऊपर जाए तो ला क को जल म रखकर ठ डा करते ह । अ भ या म ण को
5 मनट तक कमरे के ताप पर हलाते हु ए फर संघ न लगाकर 15 मनट के लए जल ऊ मक पर
600C पर गम करते ह । अ भ या म ण को ठ डा होने के बाद एक बीकर िजसम 100-120 मल
ठ डा जल या बफ यु त जल रखा हो उसम धीरे -धीरे डालते ह । ठोस पदाथ का पृथक होना ह अ भ या
क पूणता द शत करता है । ठोस पदाथ को छानकर, जल से धोकर सु खा लेते ह । ा त उ पाद को
जल तथा ऐसी टक अ ल (40-50%) या 50% ऐ कोहॉल से ट लत करते ह ।
भौ तक अव था रं गह न, सु ई के आकार के टल
लि ध 5.5 ाम
गलनांक 135-1370C
बे जोल करण अ भ या (Benzoylation reaction)
ऐ कोहॉल म उपि थत हाइ ो सी (-OH) समू ह या ऐमीन म उपि थत ाथ मक ऐमीन
(-NH2 ), वतीयक ऐमीन (>NH) समू ह के स य हाइ ोजन परमाणु का बे जोयल (-COC6H5 )
समू ह वारा त थापन करना ह बे जोल करण कहलाता है । यह अ भ या शोटन-बोमैन के नाम
से स है । इस अ भ या म काब नक पदाथ को 10% NaOH वलयन तथा बे जोयल लोराइड
क उपि थ त म तेजी (vigorous) से हलाते ह ।
ROH +C6H5COCI ROCOC6H5 +HCI
RNH2 +C6H5COCI RNHCOC6H5+HCI
ArNH2 + C6H5COCI ArNHCOC6H5+HCI
109
अ भकमक :
(1) ऐ नल न 5 मल
(2) बे जोइल लोराइड 5 मल
(3) सो डयम हाइ ो साइड वलयन (10%) 40 मल
उपकरण : 250 मल . शं वाकार ला क, बीकर, क प आ द
वध
250 म ल. के शं वाकार ला क म 5 म ल. ऐ नल न लेकर इसम 40 म ल.NaOH वलयन
(10%) तथा 5 म ल. बे जोयल लोराइड मलाते ह । ला क के मु ंह पर काक लगाकर 10-15 मनट
के लए तेज-तेज हलाते है । अ भ या के फल व प ला क गम हो जाता है िजसे बाहर से जल
म रखकर ठ डा करते रहते ह । 20-25 मनट म अ भ या पूण हो जाती है ( ला क से बे जोइल
लोराइड क ग ध नह ं आती है' ।) इसम लगभग 100 मल जल मलाने पर सफेद ठोस पदाथ ा त
होता है । ा त ठोस को छानकर जल से धोकर (NaOH क अ धकता य द हो तो दूर हो जाएगी)
सु खा लेते ह । उ पाद को ऐ कोहॉल से ट लत करने के बाद वेत टल ा त होते ह ।
लि ध 75 ाम
गलनांक 162-1630C
111
ार य मा यम म बजेि डहाइड का पोटे शयम परमगनेट वलयन क उपि थ त म बजोइक
अ ल म आ सीकरण हो जाता है ।
वलयन
2KMnO4 H 2O ⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯⎯ 2MnO2 2 KOH 3[O ]
अ भकमक :
(1) बे जैि डहाइड 5 मल
(2) सो डयम हाइ ो साइड वलयन (10%) 40-50 मल
(3) पोटे शयम परमगनेट 10% जल य वलयन
(4) तनु हाइ ो लो रक अ ल 5 मल
वध
एक 250 मल के गोल पे दे के ला क म 5 मल बे जैि डहाइड, 40 मल (10%) NaOH
वलयन तथा 50 मल पोटे शयम परमगनेट का वलयन (10%) लेते है । अ भ या म ण म
पोस ल न के दो तीन छोटे -छोटे टु कड़े डाल दे ते है । ला क के मु ँह पर वायु संघ न लगाकर 45 मनट
तक धीरे -धीरे उबालते ह । य द KMnO4 वलयन रं गह न हो जाए तो इसक और मा ा मलानी चा हए
। अभ या क पूणता बे जैि डहाइड क ग ध नह ं आने से मालूम पड़ जाती है । अ भ या म ण
को ठ डा करने के प चात छान लेते है । छ नत को सा HCI से अ ल कृ त करते है । वलयन के
अ ल य होते ह बे जोइक अ ल का सफेद अव ेप ा त होता है िजसे छान कर जल से धोकर सु खा
लेते है । य द अ भ या म ण बगनी या भूरा काला हो तो सो डयम स फाइट (Na2SO4) मलाने
पर साफ कया जाता है । इस कार ा त उ पाद को गम जल के वारा ट लत करते है ।
भौ तक अव था रं गह न टल
112
लि ध 4 ाम
गलनांक 121 C0
अ भकमक:
(1) टालू ईन 5 मल
(2) पोटे शयम परमगनेट (10% वलयन) 100 मल
(3) तनु हाइ ो लो रक अ ल आव यकता के अनुसार
उपकरण : 500 मल गोल पे दे का ला क, जल संघ न
व ध:
एक 500 मल का गोल पे दे का ला क लेकर उसमे 5 मल टालू ईन, 100 मल जल
मलाकर जल ऊ मक पर गम करते है । एक शं वाकार ला क म 10 ाम KMnO4 का 100 मल
जल म वलयन बनाते ह । KMnO4 के वलयन को गोल पे दे के ला क म धीरे -धीरे करके मलाते
रहते ह । ला क को समय -समय पर हलाते रहते है । KMnO4 का गुलाबी रं ग गायब होता रहे गा
जब गुलाबी रं ग का गायब होना या ह का पड़ना ब द हो जाए तो पोटे शयम परमगनेट वलयन का
डालना ब द कर दे ते है । अ भ या म ण को लगभग 45 मनट तक गम करने के बाद ठ डा करके
उसम स यूर स अ ल (H2SO4) मलाते हे िजससे क KMnO2 का भूरा अव ेप जो क अ भ या
के स प न होने म बनता है, घुल जाएगा, इस कार ा त वलयन को छान करके ठ डा करते ह
। कु छ दे र बाद रं गह न ठोस पदाथ ा त होता है िजसको छानकर जल से धोकर सुखा लेते है । इस
कार ा त पदाथ को गम जल या ऐ कोहॉल से ट लत करते है ।
भौ तक अव था ठोस रं गह न टल
लि ध 4 ाम
गलनांक 1210C
पर अ भ या कराने पर बे जीन डाइजो नयम लोराइड बनता है िजसको पुन : N,N-ऐि कल ऐरोमै टक
113
एमीन यु प न के साथ यु मन (अ भ या) कराने पर रंजक ा त होते ह । उदाहरण: डाइऐजोट कृ त
उ पाद का N,N-डाइमे थल ऐनील न के साथ यु मन अ भ या कराने पर, मे थल ऑरज बनता है ।
अ भकमक :
(1) स फै न लक अ ल 5.0 ाम
(2) सो डयम काब नेट 2.0 ाम
(3) सो डयम नाइ ाइट 2.0 ाम
(4) N,N-डाइमे थल ऐ नल न 3.6 ाम
(5) सा हाइ ो लो रक (HCI) अ ल
(6) तनु हाइ ो लो रक (HCI) अ ल
(7) सो डयम लोराइड (NaCl)
(8) बफ
उपकरण: 50 म ल. एवं 250 म ल. के शं वाकार ला क, बीकर थमामीटर आ द
वध :
(a) 50 म ल. के शं वाकार ला क या वथन नल म 2.0 ाम NaNO2 को 10 मल जल म
घोल लेते है ।
(b) इसी कार 5.0 ाम स फै न लक अ ल म 50 मल जल मलाकर 20 ाम सो डयम काब नेट
मलाते है तथा अ छ तरह हलाकर वलयन बनाते है ।
उपयु त बनाए गये दोन वलयन को हमकु ड (Ice bath) म रखकर 0-50C तक ठ डा
होने दे ते है । सो डयम नाइ ाइट के वलयन का तापमान जब 0-50C के बीच म आ जाए तो उसम
6-8 म ल. सा HCl धीरे -धीरे हलाते हु ए मलाते है तथा तापमान 0-50C (बफ रखते हु ए) के म य
ह रहना चा हए ।
114
(3) एक परखनल या बीकर म 3.6 ाम ए नल न को लेकर 10 म ल तनु HCI म वलयन बनाकर
हमकु ड म रखकर ठ डा करते है ता क ताप 0-50C रहे ।
इसके प चात ् (a) सो डयम नाइ ाइट (NaNO2) तथा HCl का हम श तत वलयन उस
ला क म मलाते है िजसमे स फै न लक अ ल का वलयन रखा गया हे । (अ भ या म ण को
लगातार बफ म रखते है ।) (b) N,N-डाइमे थल ए नल न के वलयन को भी इस अ भ या म ण
म मलाते हु ए हलाते रहते है । लगभग 10 मनट तक बफ म रखकर हलाने के बाद 20 म ल.
20%NaOH वलयन और 5 ाम NaCl (ठोस) इसम डालते है । लाल नारं गी ठोस ा त होगा,िजसे
छान कर ठ डे जल से धोकर सु खा लेते है । टलन करने के लए गम जल का उपयोग करते है,
Na लवण के प म ा त इस रं जक का गलनांक नि चत नह ं आता है । इसका रं जक के प म
उपयोग होता है ।
भौ तक अव था नारं गी लाल टल / ठोस
लि ध 6 ाम
115
(4) ऐ कोहॉल आव यकता अनुसार
उपकरण : बीकर, शं वाकार ला क
वध
250 मल के एक शं वाकार ला क म 5.0 ाम ऐसीटऐ नलाइड को 15 मल ले शयल
ऐसी टक अ ल म घोलते है। एक यूरेट क सहायता से ोमीन का 30% वलयन जो क ऐसी टक
अ ल से बना हु आ है, धीरे -धीरे मलाते है तथा ला क को हलाते रहते है । अ भ या के शु होने
से ोमीन वलयन रं गह न होता रहे गा और जब अ भ या म ण का रं ग ह का नारं गी हो जाए तो
ोमीन वलयन मलाना ब द कर दे ते है और कमरे के ताप पर 15-20 मनट रखने के बाद एक बीकर
िजसम 150-200 मल बफ यु त ठ डा जल रखा हो डाल दे ते है । इस कार ा त ठोस को छानकर ,
जल से धोकर (िजससे ोमीन एवं एसी टक अ ल नकल जाए) सु खा लेते है, और ऐ कोहॉल से
टल करण करते है।
भौ तक अव था सफेद (रं गह न) टल
लि ध 6 ाम
गलनांक 1670C
116
इकाई 8
वै युत रसायन
(ELECTROCHEMISTRY)
इकाई क परे खा
8.0 उ े य
8.1 तावना
8.2 चालकता
8.3 तु यांक चालकता
8.4 तु यांक चालकता व व श ट चालकता म स ब ध
8.5 आण वक चालकता
8.6 चालकता का नधारण
8.7 चालकता सेल
8.8 सेल नयतांक
8.9 कोलरॉउस का नयम
8.10 कोलरॉउस नयम के अनु योग
8.11 योग – 1
8.12 योग – 2
8.13 योग – 3
8.14 श दावल
8.15 संदभ थ
8.0 उ े य (Objective) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप न न जानकार ा त करगे
1. वै युत चालकता एवं उसका नधारण ।
2. कोलरॉउस का नयम एवं उसके अनु योग ।
3. चालकता मूलक अनुमापन एवं अव ेपण अनुमापन ।
117
ये वै युत अपघटनी या आय नक चालक कहलाते ह । इन चालक म वै युत धारा के वाह के साथ
रासाय नक प रवतन होता है तथा पदाथ आयन मे अपघ टत हो जाता है इन पदाथ को वै युत अपघ य
कहते ह । वै युत अपघ य का उपयोग चालकता मापन म कया जाता है ।
1
k
...... (1.5)
118
समीकरण (1.4) के अनुसार
1 l 1 1
k ..... (1.6)
a R
l 1
k
a R
l
k c
a ..... (1.7)
-1 -1
व श ट चालकता क इकाई ओम सेमी होती है ।
क इकाई न न होगी ।
Ohm 1cm 1 cm3equiv 1 Ohm 1cm 2equiv 1
119
क चालकता को आण वक चालकता कहते है । (अथात ् व श ट चालकता व 1 ाम मोल के आयतन
का गुणनफल ह आण वक चालकता कहलाता है इसे M से द शत करते है) ।
1000
M k
C ......(1.9)
120
इलै ॉड काँच क नल म संग लत (Fused) होते है । व युत स पक के लए नल म कुछ
पारा लेते है । इलै ॉड के बीच क दूर नि चत होती है । इनका ु वण कम करने के लए लै टनम
लैक से लेप करते है ।
121
क व भ न सा ताओं के वलयन क व श ट चालकता मान भ न ताप पर न न सारणी म दये
गये है ।
सारणी : KCl वलयन क व श ट चालकताएँ
व श ट चालकता (ohm-1cm-1)
सा ता
123
क चालकता म प रवतन के अ ययन से अि तम ब दु का प रकलन कया जाता है । इस व ध से
मु यत: न न अनुमापन अ भ याएँ क जाती है -
(i) अ ल- ार अनुमापन (Acid-Base titration)
(ii) अव ेपण अनुमापन (Precipitation titration)
अ ल ार अनुमापन
(a) बल अ ल Vs बल ार :
इस अ भ या पर वचार करो िजसम 0.01 NHCl म 0.1N NaOH मलाया जाता है ।
इस तरह क अ भ या न न तरह द शत होगी :
H
CI Na OH
Na CI H 2O
इस अ भ या म उ च चालकता वाला हाइ ोजन आयन कम चालकता वाले Na के वारा
त था पत हो रहा है एवं लोराइड आयन क चालकता ि थर है । इस कार जैस-जैसे NaOH मलाते
है वलयन क चालकता घटती जाती है। एक ि थ त म सभी H , Na के वारा त था पत हो जायगे
च 8.3 बल अ ल तथा बल ार
(b) बल अ ल Vs दुबल ार :
जब एक बल अ ल (HCl) का दुबल ार NH4OH के साथ अनुमापन कया जाता है तो
व का पहला भाग बल अ ल और बल ार के अनुमापन क तरह क होता है । पर तु अि तम
ब दु के बाद चालकता म यादा प रवतन नह ं होता है य क OH दुबल अपघ य क तरह यवहार
करता है । इस अनुमापन का व च 8.3 म दशाया गया है ।
124
च 8.4 : बल अ ल एवं दुबल ार
(c) दुबल अ ल Vs बल ार :
एक दुबल अ ल CH 3COOH और बल ार (NaOH) के अनुमापन म न न
अभ या होती है ।
CH COO
3
H Na OH
CH 3COONa H 2O
इस अनुमापन का व च 8.4 के अनुसार होता है । ार भ म दुबल अ ल क चालकता
कम होती है एवं बल ार मलाने पर और कम हो जाती है ।
125
इस अनुमापन के व का अ भाग च -C के अनुसार होता है पूण अनुमापन व च 8.6
के अनुसार होता है । अि तम ब दु के बाद मु त OH आयन दुबल व युत अपघ य होने से
चालकता ि थर रहती है ।
K
Cl
Ag
NO
3 AgCl K
NO
3
126
8.11 योग 1 - कमरे के ताप पर न न यु म का चालकतामापी
अनु मापन अ ात अ ल क सा ता ात क िजये
1. बल अ ल (HCl) क बल ार (NaOH) के साथ
2. बल ार (HCl) क दुबल ार (NH4OH) के साथ
3. दुबल अ ल CH 3COOH क बल अ ल (NaOH) के साथ
उपकरण एवं रसायन
1. चालकतामापी बीकर, माइ ो युरेट, पपेट, काँच क छड़
2. आसु त जल, HCl,NaOH,CH3COOH,NH4OH
वध
(i) 0.1 NaOH को ऑ से लक अ ल के मानक वलयन से अनुमापन कर बनाये एवं 0.1N
HCI,0.1N CH 3COOH एवं 0.1N NH4OH के लगभग सा ता के वलयन अनुमान से बना
ल ।
(ii) माइ ो युरेट म 0.1NaOH का मानक वलयन भर ल एवं सावधानी से 0.1ml बीकर म डाल
। बीकर को अ छ तरह हलाने के प चात ् चालकतामापी से पा यांक ल । इस तरह 0.1ml ार
मलाने पर चालकता का पा यांक ल ।
े ण :
उपयु त पा यांक को न न कार सारणीब कर -
चालकतामापी अनुमापन.................... ....... अ ल का.................. ार से
अ ल का आयतन 10 मल
ार य वलयन क सा ता 0.1N
अ ात अ ल क सा ता ात करने के लए अ ल क चालकता ात करते ह एवं ाफ क
सहायता से उसक संगत ार का आयतन ात कर लेते ह एवं अ ल क सा ता न न समीकरण
से ात करते ह -
N1 V1 = N2V2
यहाँ N1 एवं N2 मश: अ ल एवं ार क नामलता है एवं V1 एवं V1 मश: अ ल एवं
ार के आयतन है ।
127
जब एक बल अ ल (HCl) एवं दुबल अ ल CH 3COOH का एक ार के साथ अनुमापन
कया जाता है तो बल अ ल पहले उदासीन होता है, उसके प चात ् दुबल उदासीन होता है ।
ार मलाने पर अ ल ( H ) एवं ार ( OH ) क या होने से चालकता घटती है । बल
अव ेपण पूण होने के प चात ् AgNO3 के आ ध य होने से चालकता का मान ती ता से बढ़ता है।
वध :
0.1m NaCl के वलयन के 10 मल को बीकर म लेकर उस म चालकतामापी सेल डु बो
दे ते ह एवं माइ ो युरेट से 0.1MAgNO3 के वलयन को मलाते हु ए योग-1 के अनुसार चालकता
ात करते ह ।
े ण :
ा त चालकता को न न कार सारणीब करते ह :-
128
AgNO3 के आयतन एवं चालकता म ाफ खंचने पर न न कार का ाफ ा त होता है
। इसम संगम ब दु पूण अव ेपण क ि थ त म दशाता है ।
129
इकाई 9
अपवतन म त एवं ुवण म त
(REFRACTOMETRY AND POLARIMETRY)
इकाई क परे खा
9.0 उ े य
9.1 तावना
9.2 व श ट तथा मोलर अपवतकता
9.3 म ण क अपवतकता
94 अपवतनांक का मापन
9.5 ु वण मि त
9.6 ु वणमापी तथा ु वण घुणकता का मापन
9.7 वश ट ु वण घूणन
9.8 मोलर घूणन
9.9 घूणन कोण का मापन
9.10 श दावल
9.11 संदभ थ
9.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् अपवतन म त एवं ु वण म त के संदभ म न न जानकार
ा त करगे -
1. व श ट एवं मोलर अपवतकता या है?
2. ाि तक कोण का स ा त
3. एले अपवतनमापी एवं उसका समायोजन
4. अपवतनमापी वारा दो व के म ण का अपवतनांक ात करना
5. ु वणमापी एवं ु वण घूणकता का मापन
6. ु वणमापी वारा का शक स य पदाथ के वलयन क सां ता ात करना ।
130
च 9.1 :
नेल के नयमानुसार
Sini वरल मा यम म काश का वेग
=n=
Sinr सघन मा यम म काश का वेग
131
n = अपवतनांक
d = पदाथ का घन व
य द व श ट अपवतकता को पदाथ के अणु भार से गुणा कया जाता है तो ा त गुणनफल
को मोलर अपवतकता (Molar refractivity) कहते है ।
n2 1 M
RM R M 2
n 2 d ..... (9.3)
जहाँ,
RM = मोलर अपवतन
M = पदाथ का अणु भार
तथा प, यौ गक का मोलर अपवतन RM , जो क सफ तरं गदै य पर नभर करता है, संयोजी
व अवयवी गुण है ।
RM mix X1 RM 1 X 2 RM 2 .....(9.4)
जहाँ, X1 व X2 म ण म उपि थत दो अवयव के मोल- भ न ह तथा RM 1 व RM 2 उन
है,
2
nmix 1 X1 RM 1 X 2 RM 2
RM mix 2 .... (9.5)
nmix 2 d mix
जहाँ, M1 व M2 म ण म उपि थत दो अवयव के मश: अणुभार ह और nmix व d mix
म ण के लए यु त कये जाते है ।
132
जब आपतन कोण (i) का मान बढ़ाते है तो अपवतन कोण (r) का मान भी बढ़ता है और
जब आप तत ै तज (horizontal) होती है अथात ् i = 900 तब यह अ धकतम मान rc ( ां तक
कोण) ा त करता है । अत: इसके अनुसार, येक अ तःसतह (Interface) के लए अपवतन कोण
का मान ां तक कोण (rc) से अ धक नह ं होना चा हए । जब i = 900 होता है तब काश करण,
ां तक कोण (rc) पर अपव तत होती है और य द i >90 होता है तो करण भीतर क ओर पूणत:
0
133
च 9.2 : ऐबे अपवतनमापी
टे ल कॉप T से पूण प रवतन क सीमा रे खा (Border Line) क ि थ त को े त कर,
इसका मलान, ग तशील भु जा M को घुमाकर , टे ल कॉप के ास-तार के कटाव (Intersection) से
कराते है । अपवतनांक का मान, ऊपर भाग पर लगे हु ए R से पढ़ते है ।
एबे अपवतनमापी म साधारण काश का भी योग कया जा सकता है । इसके लए,
टे ल कॉप, क णत तका र (Dispersion Compensator) C यु त होना चा हये, जो दो
आमीसी (Amici) म से बना होता है तथा एक-दूसरे पर इस कार यवि थत होते ह क इ ह
रे खो क ण शीष (Milled Head) वारा घुमाकर , वप रत दशाओं म घुमाया जाता है । यहाँ धातु दपण
G योग म लया जाता है, जो काश को, ोत से नचले म P पर डालता है तथा दपण को
1
सतह से काश सब दशाओं म फैल जाता है और दोन म के बीच के संक ण (narrow) थान,
जहाँ व क झ ल होती है, म वेश करता है । यहाँ से काश- करण वच लत हो जाती है तथा इसका
वचलन आपतन कोण के मान पर नभर करता है अथात ् जब आपतन कोण (i) का मान 900 से कम
134
होता है तब करण व क झ ल व अपवतक म (refracting prism) से अपव तत होती है ।
म P से नकलने वाले काश को जब टे ल कॉप
से दे खा जाता है तो वस रत (diffused) रं गीन ं ज (Fringe) दखाई दे ती है । अब तकार
म (Compensating Prisms) को रे खो क ण शीष (Compensation) पूण न हो जाये अथात ्
रं गीन ं ज लु त हो जाये व एक ती ण चमक ल काल (Light - Dark) रे खा दखाई दे ने लगे ।
दो म P व P से बने म बॉ स को सूचक भुजा (Index Arm) वारा आगे-पीछे घुमाते है
1
135
टे ल कॉप से दे खने पर, सीमा रे खा व ॉस तार के कटाव (Intersection) का एक-दूसरे से मलान
हो तो अपवतनमापी को समायोिजत कया जा सकता है और इससे अपवतनांक का मापन कया जा
सकता है । य द कनारे नह ं मलते है तो उपकरण म उपि थत समायोिजत घु डी (Adjustment
knob) को तब तक घुमाते है , जब तक क मलान पूण नह ं होता है ।
योग 1 : एबे अपवतनमापी वारा दये गये व (ऐ कोहॉल) का अपवतनांक ात करो तथा उसक
व श ट व मोल अपवतकता भी ात करो ।
आव यक उपकरण व रसायन :
(अ) एबे अपवतनमापी, ई, प नोमीटर, साधारण काश आ द ।
(ब) दया गया शु व (ऐ कोहॉल) प रशो धत ि प रट, आसु त जल आ द ।
वध :
(i) सव थम अपवतनमापी को कायकार टे बल पर इस कार रखो क ोत से आने वाला काश
दपण G से पराव तत हो सके । लॉक नट (Lock Nut) को घुमाकर , म बॉ स को (जबड़े
क तरह) खोलो! अब दोन म क सतह को पहले ऐ कोहॉल व फर ऐसीटोन से भीगी हु ई
ई से साफ करो । यान रहे, म क फलक को खुरचना नह ं चा हए । कमरे के ताप पर ,
म के बाहर भाग म ओ कट वारा जल का वाह जे कट वारा करो (अ य कसी ताप पर,
जल ताप थायी वारा ह वा हत कया जा सकता है) । दपण का समायोजन इस कार कर
क अ धकतम काश म बॉ स म पराव तत हो सके ।
(ii) अब अपवतनमापी का संशोधन (Correctness) के लए जाँच करो । इसके लये, आसु त जल
क कु छ बूँद नचले म क घसी हु ई सतह पर डालो और म बॉ स को लॉक नट वारा
ब द कर दो । दपण को, अ धकतम काश ा त करने हेतु समायोिजत करो तथा ग तशील भुजा
(Movable Arm) को इस कार घुमाओ क सीमा रे खा ि ट े म दखाई दे और टे ल कॉप
के ास तार को फोकस करो । तकार म (Compensating Prims) को रे खो क ण रंग
(Milled ring) वारा घुमाओ िजससे रं गीन बड लु त हो जाये व एक ती ण रे खा ि ट े को
सफेद व काले भाग म वभािजत करे । अब सूचक भुजा (Index Arm) को घु डी (Knob) वारा
आगे या पीछे , तब तक घुमाओ जब तक क टे ल कॉप के ास तार का, सीमा रे खा से मलान
न हो जाय । अपवतनांक का मान केल पर पढ़ो (अ धक यथाथता के लए पा यांक लै स का
उपयोग करो) ।
जल के लए इस म को दो बार दोहराओ व ा त मान का मा य नकालो । य द यह मा य
मान, योग म यु त ताप पर जल के अपवतनांक के बराबर हो तो यह उपकरण के उ चत
समायोजन को दशाता है । य द नह ,ं तो ा त अ तर को शू य ु ट लेकर उसे अ य व के मश:
मान म से घटा दो ।
(iii) म को खोलकर, उसक फलक को सू खने दो । अब दये गये व क कुछ (2-3) बूँद नचले
म क घसी हु ई सतह पर डालो व लॉक नट वारा दान म को इस कार ले प करो
क व बॉ स से बाहर न नकले । इससे दो म के बीच म य व क पतल परत ा त होती
है । तकार म को पुन : समायोिजत कर टे ल कॉप के ि ट तल म व श ट रे खा क सीमा
136
का नधारण कर तथा ऊपर दये गये वणन के अनुसार, व का अपवतनांक नोट करो । य द
व वा पशील हो तो, उसे म बॉ स म उपि थत नल वारा डालते है।
व के लये, कम से कम तीन अवतनाक के मान नोट करो व उनका मा य (Mean) नकालो।
(iv) योग म यु त ताप नोट करो तथा इसी ताप पर, व का घन व प नोमीटर वारा ात करो।
े ण :
प नोमीटर वारा, आपे क घन व ात करना
(i) र त प नोमीटर का भार = W1 ाम
(ii) प नोमीटर + जल का भार= W2 ाम
(iii) प नोमीटर + व का भार = W3 ाम
W3 W1
अत: व का घन व जल का घन व
W3 W
योग म यु त ताप ..................... 0C
यु त ताप पर जल का उपवतनांक = a
जल व
अपवतनांक मा य(b) संशोधन अपवतनांक मा य यथाथ व का
गुणांक (c) अपवतनांक घन व
(b-a)=x n= (c-x) (d)
..... ....
... .... .... .... .... ..... ....
.... ......
प रकलन :
(i) व का मोलर अपवतन
n2 1 1
R 2
n 2 d
(ii) के लये मोलर अपवतन
n2 1 M
RM R M 2
n 2 d
जहाँ, M = दये गये व का अणुभार
n = दये गये व का अपवतनांक
d = दये गये व का घन व
प रणाम :
(i) दये गये व का अपवतनांक
(ii) दये गये व का व श ट अपवतन
(iii) दये -गये व का मोलर अपवतन
137
सावधा नयाँ
(i) एबे अपवतनमापी के म क चमक ल सतह को खु रचना नह ं चा हये ।
(ii) व क सफ 2-3 बूँद पया त होती है ।
योग 2 : एबे अपवतनमापी वारा दये गये दो व (ि लसरॉल व जल) के म ण का अपवतनांक
ात करो तथा म ण के अपवतन के नयम का भी स यापन करो ।
आव यक उपकरण व रसायन :
(अ) ऐबे अपवतनमापी, ई, प नोमीटर, साधारण काश लै प आ द ।
(ब) दये गये दो शु व, प रशो धत ि प रट, आसु त जल आ द ।
वध :
योग- 1 म वणन के अनुसार एबे अपवतनमापी वारा, कसी ताप पर (या कमरे के ताप
पर), शु व व उनके म ण का अपवतनांक ात करो ।
प नोमीटर वारा दोन व व उनके म ण का घन व भी ात करो ।
े ण : योग- 1 के अनुसार ( येक व व उनके म ण के लये)
प रकलन :-
(i) येक व (ि लसरॉल व जल) का मोलर अपवतन
n2 1 1
R 2
n 2 d ......(i)
माना क जल व ि लसरॉल का मोलर अपवतन मश: RM 1 व RM 2 है ।
d mix म ण का घन व
X1 जल का मोल भ न
X2 ि लसरॉल का मोल भ न
M1 जल का अणु भार
M2 ि लसरॉल का अणु भार
(iii) म ण का मोलर अपवतन
RM mix X1 RM 1 X 2 RM 2 ......(iii)
समीकरण (ii) व (iii) से ा त RM mix के मान क तुलना करने पर, य द RM mix का
समान मान ा त होता है, तो समीकरण (iii) क वै यता को दशाता है । अत: म ण के अपवतन
का नयम स होता है ।
138
प रणाम: समीकरण (ii) से ा त RM mix का मान=
9.5. ु वण म त (Polarimetry) :
ु वण घुणकता (Optical Activity)
वे यौ गक जो समतल ु वत काश (Plane Polarised Light) के तल को ु वत कर दे ते
है ु ण (Optically Active) यौ गक कहलाते है तथा इस गुण को
व ु वण घूणकता कहते है । ऐसे
अणु जो अपने दपण त ब ब (Mirror Image) पर अ यारो पत नह ं कये जा सकते है, वे ह ु वण
घूणकता द शत करते है ।
ु वण घूणकता क खोज सन ् 1811 म अरे गो (Arago) ने क । अरे गो तथा बायोट ने पाया
क वा ज, सो डयम लोरे ट, पौटे शयम ोमेट आ द कुछ अकाब नक पदाथ टल य अव था म
ु वण घूणक होते है, जब क ग लत अव था या उनके वलयन म ु वण घूणकता न ट नह ं पाई जाती
है । इसका कारण है क ु वण घूणकता का गुण टल क असम मतता के कारण होता है । सन ्
1815 म बायोट ने काब नक यौ गक म व
ु ण घुणकता के गुण क खोज क । बायोट ने पाया क
लू कोस, टोस, टाट रक अ ल, लेि टक अ ल आ द पदाथ ठोस ग लत, गैसीय अव था या वलयन
म ु वण घूणक होते है । सन ् 1848 म लू ई पा चर (Louis Pasteur) ने सो डयम पोटै शयम टा ट
के टल को इनक आकृ त म भ नता के आधार पर दो व
ु ण घूणक प म पृथक कया , िजसम
से एक प द ण ु वण घूणक तथा दूसरा प वाम ु वण घूणक पाया गया । पा चर ने पाया क
ये दोन प एक दूसरे के दपण त ब ब है । इस कार सव थम टाट रक अ ल के दो ु वण घुणक
समावय वय क खोज हु ई ।
ु वण घूणकता दशाने वाले यौ गक के अणु एवं उसके दपण त ब ब वारा समतल ु वत
काश का घूणन समान मा ा म वप रत दशा म पाया जाता है । ु वण घूणक यौ गक के इन दो
प को का शत समावयवी (Optical Isomers) कहते है तथा इस प रघटना को का शक
समावयवता (Optical Isomerism) कहते है ।
यद ु वण घूणक यौ गक समतल ु वत काश के तल का घूणन दायीं ओर अथवा द णावत
(Clockwise) दशा म करता है, उसे द ण ु वण घूणक (Dextro Rotaroty) कहते है, तथा जो
समतल ु वत काश के तल का घूणन बायीं ओर अथवा वामावत (Anticlockwise) दशा म करता
है उसे वाम ु वण घूणक (Laevo Rotatory) कहते है । द ण ु वण घूणक यौ गक के नाम को
d- तथा वाम ु वण घूणक यौ गक के नाम को 1- पूवल न लगाकर द शत करते है ।
यदद ण ु वण घूणक तथा वाम ु वण क तु य मा ा पर पर मला द जाये तो ऐसा म ण
ु वण अघूणक (Optically Inactive) हो जाता है, य क म ण के एक भाग का भाव दूसरे भाग
वारा न ट कर दया जाता है । इस कार के म ण को रे सी मक म ण के नाम से जाना जाता है
139
और यौ गक के नाम के पूव dl या ( ) लखते है । कु छ ु वण घुणक यौ गक का एक ऐसा समावयवी
भी पाया जाता है जो द ण तथा वाम व
ु ण घूणक का तु य म ण नह ं होता है पर तु फर भी ु वण
अघूणक होता है । इसे मेसो (Meso) समावयवी कहते है । अणु क इस ु वण अघूणकता को अणु
क आ त रक संरचना के आधार पर समझाया जा सकता है ।
ु वण घूणकता पदाथ म अणु क असम मतता के कारण होती है । काब नक यौ गक म
असम मतता का मु य कारण असम मत काबन परमाणु (Asymmetric Carbon Atom) क
उपि थ त है । काबन परमाणु िजस पर चार भ न- भ न परमाणु या समू ह बि धत होते है, उसे
असम मत काबन ( करै ल काबन) परमाणु कहते है तथा इसे (*) वारा द शत करते है ।
जैसे: लेि टक अ ल, ि लसरि डहाइड आ द ।
140
च 9.4 : व
ु णमापी वारा ु वण घूणकता का मापन
कसी ु वण घूणक यौ गक के ु ण घूणकता को घूणन (Specific Rotation) के
व वारा
द शत कया जाता है ।
1 े ण नल क ल बाई डेसीमीटर म
c वलयन के 1 मल म पदाथ क ाम म मा ा
t0C वलयन का ताप म
समतल ु वत काश का तरं ग दै य
अत: पदाथ के घूणन के अंश क वह सं या, जो पदाथ के 1 ाम / मल सा ता के वलयन
को 1 डेसीमीटर ल बी नल म मापने पर ा त होती है, उसे पदाथ का व श ट घूणन कहते है । व श ट
घूणन के मान म यु त (+) या (-) संकेत मश: पदाथ के द णावत या वामावत घूणन को द शत
करता है ।
t
M t 100
M
100 lc
141
जहाँ,M का शक स य पदाथ का अणु भार है ।
का शक घूणन (Optical rotation) ाय: श कर क सा ता के आकलन (Estimation)
के मा ा मक व लेषण के लये उपयोग म लया जाता है । यह काब नक यौ गक क संरचना के नधारण
के लये भी उपयोग म लाया जाता है।
142
आव यक उपकरण व रसायन
(a) ु वणमापी, बीकर, तु ला, सी डयम लै प या वेत काश ोत आ द ।
(b) शु इ ु शकरा, आसु त जल आ द ।
वध -
(A) शू य पा यांक ( ब दु) का नधारण
(i) सो डयम लै प (साधारण ु वणमापी के लए) या वेत काश ोत ( व वा ज ु वणमापी के
लए) को, ु वणमापी के सरे से, लगभग 20 सेमी दूर रखो और इसे उपकरण क का शत अ वा
पर इस कार से करो क ु वणमापी समान प से का शत हो सके । टे ल कोप को, ि ट े
को वभािजत करने वाल रे खा पर फोकस करो ।
(ii) ु वणमापी यूब और काँच क च काओं (Glass discs) को पहले ो मक अ ल के वलयन
और फर आसु त जल से कई बार खंगालो । अब यूब को आसु त जल से पूणतया भरो ( यान
रहे, यूब म वायु का बुलबुला न रहे ) और इसक केप को संतु लत कसाव (Moderate tightness)
से ू करो ।
(iii) काँच क च काओं क बाहर सतह को सु खाओ और यूब को उपकरण म उपि थत ु वक व
व लेषक के बीच म रखो । व लेषक को तब तक घुमाओ, जब तक क ि ट े समान प
से का शत न हो जाए और धीमी ग त ू वारा, व लेषक को सव तम मलान (जब दो अ
का रं ग समान, (अथात ि ट े समान प से का शत) हो तथा से टंग से कसी भी दशा म
अ प घूणन, एक अ को काला व दूसरे अ को सफेद करता हो) के लए सेट करो । इस नि चत
ि थ त के पा यांक को पैमाने के दोन ओर के व नयर वारा (उ के ता के कारण उ प न ुट
को समा त करने के लए) नोट करो, जो शू य पा यांक (Zero Reading) होता है । इस शू य
पा यांक के कम से कम तीन पा यांक दोन ओर से लो और इन पाठयांक का औसत, दोन व नयर
पर पृथक प से लो । यह औसत मान शू य ब दु पा यांक (Zero point Reading) कहलाता
है, िजसे का शक स य पदाथ के पा यांक म से घटाते है ।
(B) घूणन कोण α का नधारण
(iv) 20 ाम इ ु शकरा (जो ओवन म 1050C तक गरम कया हु आ हो और कमरे के ताप पर डेसीकेटर
म ठ डा कया हो) को तोलो और उसे 100 मल आयतनमापी ला क म लेकर आसु त जल से
तनुकृ त कर च ह तक भरो वलयन पूणतया पारदश होना चा हये और य द आव यक हो तो,
इसे फ टर करो ।
ु वणमापी यूब को दो बार इस वलयन से खंगालो और इसे पहले समझाये अनुसार वलयन
से भरो । काँच क च काओं (Glass Discs) क बाहर सतह को धोने व सु खाने के प चात ् यूब
को अब उ चत ि थ त म रखो । ने का वारा अवलोकन करने पर य द दा हना अ काला हो तो पदाथ
द णावत ु वण घूणक (Dextrorotatory होगा और य द बायाँ अ काला हो तो यह वामावत ु वण
घूणक (Laevorotatory) होगा। अब व लेषक को घुमाओ और ऐसी ि थ त ा त कर जब दोन अ
समान प से का शत (illuminated)हो । दान व नयर पर पा यांक नोट करो । कम से कम तीन
143
पा यांक लो और उनका मा य लो । इस पा यांक और संगत व नयर पर शू य पा यांक का अ तर,
ात सा ता के पदाथ का घूणन कोण दे ता है ।
कमरे का तापमान नोट करो ।
े ण:
कमरे का तापमान (t) =.......... 0C
ु वणमापी यूब क ल बाई (l) = ......... dm
(I) शू य पा यांक के लए
(i) (ii) (iii) मा य
व नयर I ... ... ... a
व नयर ll ... ... ... b
(II) घूणन कोण के लए :
वलयन पैमानेकापा यांक घूणन कोण ( )
क व नयरI व नयरll 1 = 2 = मा य= वश ट
सा ता (a) (b) (a'a) (b' b) 1 2 /2 घूणन
प रकलन:
न न यंजक वारा व श ट घूणन का प रकलन,
100
2
t
lc
प रणाम:
कसी नि चत ताप (0C) पर इ ु शकरा का व श ट घूणन=............. ड ी
सावधा नयाँ :
(i) ु वणमापी यूब म वायु का एक भी बुलबुला नह ं रहना चा हए ।
(ii) धातु केप को बहु त ह के से ू करना चा हए ।
(iii) वृ ताकार काँच क च काएँ साफ होनी चा हए व ऊपर सतह सू खी होनी चा हए ।
(iv) वलयन पूणतया पारदश होना चा हए ।
योग 2 : ु वणमापी वारा दये गये का शत स य पदाथ (इ ु शकरा या टाट रक अ ल) के अ ात
वलयन क सा ता ात करो ।
आव यक उपकरण व रसायन: योग 1 के अनुसार ।
स ा त :अ ात वलयन क सा ता न न यंजक वारा ात करते है, ।
t
2
जहाँ, मा य व श ट घूणन
t
2
दये गये अ ात वलयन का घूणन कोण
यथा म, अ ात वलयन क सा ता, अंशाकन व (वा तव म एक सीधी रे खा) वारा ात
कर सकते है इसके लए सा ता व घूणन कोण के म य ाफ खींचा जाता है ।
144
वध
(1) सव थम दये गये पदाथ के ात सा ता के वलयन (20%, 15%, 10%, 5%, 2.5%) बनाओ
। इसके लये पदाथ का 20 ाम तोलो और इसे आसु त जल म घोलकर 100 मल वलयन बनाओ
(आयतनमापी ला क म) । अब इस टॉक वलयन के 30,20,10 तथा 5 मल लेकर उ ह 40
मल तक तनुकृ त करो, िजससे 15% ,10%,5% और 2.5% के वलयन ा त ह ।
ु वणमापी यूब को आसुत जल वारा भरकर, उपकरण का शू य पा यांक ात करो । योग-
के अनुसार , येक वलयन का घूणन कोण ात करो ।
(2) ु वणमापी यूब म अ ात वलयन लो और घूणन कोण का मापन करो ।
(3) येक वलयन का व श ट घूणन ात करो व मा य नकालो ।
े ण - योग- 1 के अनुसार ।
प रकलन :
(i) सभी ात वलयन के घूणन कोण वारा, येक वलयन का व श ट घूणन ात करो और इसका
औसत लो।
145
प रणाम :-
दये गये अ ात वलयन क सा ता =........ %
सावधा नयाँ :-
योग- 1 के अनुसार ।
146
इकाई 10
अणु भार नधारण (MOLECULAR WEIGHT
DETERMINATION)
इकाई क परे खा
10.0 उ े य
10.1 तावना
10.2 हमांक म अवनमन वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण
10.3 बेकमान व ध
10.4 योग 1 - हमांक अवनमन व ध वारा अवा पशील वलेय पदाथ - लूकोस , यू रया के
अणुभार का नधारण
10.5 रा ट कपूर व ध
10.6 योग 2 - कपूर के मोलर अवनमन ि थरांक का (नै थेल न का वलेय के प म काम लेते
हु ए) नधारण तथा एसीटै नलाइड के अणु भार का नधारण ।
10.7 वथनांक म उ नयन वारा कसी अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण ।
10.8 लै डसबगर व ध
10.9 योग 3 - वथनांक म त वारा अवा पशील वलेय-यू रया के अणु भार का नधारण
10.10 असामा य अणुभार तथा वा ट हाफ गुणांक
10.11 योग 4 - वथनांक म त वारा कसी एक संयोजी व युत अपघ य (NaCl) के आभासी
अणुभार तथा इसके वयोजन क मा ा का प रकलन
10.12 श दावल
10.13 संदभ थ
10.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप अणुभार नधारण के बारे म न न जानकार ा त
करगे -
1. हमांक अवनमन के नधारण हे तु बेकमान व ध व रा ट कपूर व ध
2. हमांक अवनमन व ध वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण
3. वथनांक म उ नयन नधारण के लए लै डसबगर व ध
4. वथनांक म त वारा अवा पशील वलेय के अणु भार का नधारण
5. असामा य अणुभार , वा ट हाफ गुणांक व व युत अपघ य क वयोजन मा ा का प रकलन ।
147
है । कसी व म अवा पशील वलेय पदाथ मलाने पर इसके हमांक म कमी आ जाती है तथा वथनांक
बढ़ जाता है । साधारणतया हमांक म अवनमन तथा यथनांक म उ नयन वलेय क अणु क सा ता
के समानुपाती होता है य द वलेय का वलायक म संगण
ु न या वयोजन न हो । अत: कसी वलयन
के हमांक म अवनमन अथवा वथनांक म उ नयन का उपयोग उसम उपि थत अवा पशील वलेय
के अणु भार के नधारण के लए कया जाता है ।
148
K f w 1000
अत: m
T f W
.......(10.3)
w ाम वलेय को W ाम वलायक म घोल कर हमांक म अवनमन ायो गक तौर पर
ात कर उस वलेय का अणुभार ात कर सकते ह ।
हमांक म अवनमन न न व धय वारा ात कया जा सकता है -
(i) बेकमान व ध (Beckmann’s method)
(ii) रा ट कपूर व ध (Rast’s comphar method)
यथाथतापूवक कर सके ।
बेकमान थमामीटर का समायोजन (Setting of Beckmann’s thermometer)
सव थम बेकमान थमामीटर के नचले बल को एक साधारण थमामीटर के साथ जल अथवा
बफ के टु कड़ से भरे हु ए बीकर म लेते ह । थमामीटर का ताप बीकर के समान होने पर मकर का
उ च थ सरा केल पर है या नह ?
ं इस पर तीन ि थ तयाँ स भा वत ह -
(i) मकर का तर सह थान (अथात ् ऊपर तर) पर होना चा हए इस उ चतम तर से मकर का
तर कम अथवा अ धक होने पर शनैः-शनै: समायोिजत करना चा हए ।
(ii) य द मकर का तर केल के नीचे हो तो इस ि थ त म कु ड क सहायता से मकर को नीचे
के बल म थाना त रत कया जाता है । इसके लए थमामीटर को उ च ताप पर जल ऊ मक
म रखते ह िजससे मकर के शका नल म ऊपर चढ़ जाए तथा कु ड के अ त म एक बूद
ं बन
जाए । फर थमामीटर का उ टा कर -सार मकर कु ड क ओर वा हत होने दे ते ह । अब पुन:
इसे सीधा कर लेते ह, इस या म यह यान रखते है क मकर का सतत ् वाह बीच म से
न टू टे । इस समायोजन क जाँच पुन: बफ म रख कर मकर के तर को दे ख कर करते ह ।
सह थान पर नह ं होने पर यह म दोहराते ह ।
(iii) य द मकर का तर केल के ऊपर हो तो इसका ता पय यह है क बल म मकर अ धक है ।
इस ि थ त म थमामीटर को ऐसे ऊ मक म रखते है िजसका ताप, हमांक से 2-30 उ च हो ।
कु छ मनट प चात ् थमामीटर के ऊपर सरे से के शका के अ त पर बनने वाल बू द
ं को नकाल
149
दे ते है । हालां क इस बू द
ं को कु ड म इक ा करना अ धक उपयु त रहता है । अब इि छत ताप
वाले ऊ मक म थमामीटर डाल कर मकर के तर क जाँच कर लेते ह ।
150
10.4 योग 1 - हमांक अवनमन व ध (बेकमान व ध) वारा दये गए
अवा पशील वलेय ( लू कोस, यू रया आ द) का अणु भार ात
क िजए ।
आव यक उपकरण एवं रसायन : बेकमान थमामीटर, बेकमान उपकरण, वलोडक, बीकर,
नमक, बफ, वलेय पदाथ आ द।
स ा त: कसी अवा पशील वलेय पदाथ के w ाम को वलायक के W ाम म घोलने पर
इसके हमांक म अवनमन ( T f ) होता है । इसके नधारण वारा न न सू वारा इस पदाथ का
151
अब इस नल को एक चौडी नल D म इस कार फट कया जाता है क दोन के म य म वायु का
थान रहे इससे शीतलन धीरे -धीरे होता है । अब इस स पूण सेट को बीकर अथवा पा E म रख
दे ते ह िजसम हम म ण (बफ + साधारण नमक) होता है । हम म ण का ताप, शु वलायक
के हमांक से 5-7 C कम होना चा हए । इस बीकर म एक अ य वलोडक S2 लगा रहता है ।
0
152
म वलेय का वलयन का वलायक के हमांक म वलेय
सं या भार(w) हमांक हमांक का अवनमन का
ाम T म यमान To T T
f o T अणुभार
(m)
1.
2.
3.
प रकलन - अवा पशील वलेय का अणुभार
K f w 1000
m
T f W
सू म w, W, T f और K f का मान रखने पर m का मान ात कया जा सकता है ।
जल के लए K f का मान 1.860 होता है ।
सावधा नयाँ
(i) वलयन तनु होना चा हए ।
(ii) हम म ण के ताप तथा वलायक के हमांक म अ तर लगभग - 4 से -50C तक ह होना चा हए
।
(iii) हम म ण तथा वलायक को भल भां त वलो डत करते रहना चा हए ।
(iv) अ धक अ तशीतलन से हमांक म अवनमन यथाथ प से ात नह ं कया जा सकता है ।
म अवनमन 1.860C होता है । अत: कपूर के योग से अवनमन का मान इतना अ धक ा त होता
है क इसे साधारण थमामीटर से भी मापा जा सकता है । य य प यह व ध अ य त सरल है क तु
इस स ा त के तपादन म उपयोग म लए गए कई त य क वै यता म कमी के कारण प रणाम
लगभग सह आते ह ।
153
10.6 योग 2 - कपू र के मोलल अवनमन ि थरांक का (नै थेल न को
वलेय के प म काम लेते हु ए) नधारण क िजए और ए सटै नलाइड
का अणु भार ात क िजए ।
आव यक उपकरण एवम ् रसायन - गलनांक उपकरण, के शका नल , थमामीटर (0.10C तक
मापने वाला) वलन नल , कपूर , नै थेल न, ए सटै नलाइड आ द ।
स ा त - नै थेल न का अणु भार 128.1 ाम, हमांक 80.30C तथा इसका मोलल अवनमन
ि थरांक 690 है । कसी अवा पशील वलेय जो कपूर म वलेय है , का अणुभार न न सू वारा ात
कया जा सकता है-
K f w 1000
m
T f W
व ध-
(i) कपूर को ईथर वारा नम कर उसका खरल म चूण बनाते है ।
(ii) अब वलन नल के एक सरे को गरम कर ब बनुमा आकृ त बनाएंगे और ओवन म सू खा कर
इसका सह ं भार ात करते ह ।
(iii) नल म 5 मल ाम कपूर भर कर तु ला वारा सह भार ात करते है तथा फर लगभग 100
ाम कपूर भर इसका पुन : सह भार नकालते है । इसके प चात ् नल का खु ला ह सा गरम कर
ब द कर दे ते है।
(iv) इसी कार दो अ य न लयाँ िजनम मश: 10 मल ाम व 15 मल ाम नै थेल न तथा 100
मल ाम कपूर हो तैयार कर लेते है ।
(v) पैरा फन तेल से भरे हु ए बीकर म इन न लय को डु बोकर लगभग 1800C तक गरम करते है ।
इस से अ दर का पदाथ पघल जाता है और कपूर का उ वपातन नह ं होता है । इन न लय को
इस कार हलाते है क इन के अ दर समांगी वलयन बन जाए । अब इ ह ठ डा होने दे ते है।
(vi) न लय के ठ डा होने पर इनके अ दर के पदाथ को बाहर नकाल खरल म पीसते है ता क समांगी
म ण ा त हो जाए ।
(vii) इस कार ा त म ण को पृथक-पृथक के शका नल म लेकर येक को थमामीटर के साथ
रबर बड से संल न कर थीले नल (िजसम पैरा फन व भरा हुआ हो) क सहायता से गलनांक
ात करते है । गलनांक ात करने के लए सव थम वह ताप नोट करते ह िजस पर म ण
स पूणत: पघल जाय तथा फर इसे ठ डा करते है और वह ताप नोट करते है जब पदाथ के टल
पुन : कट हो जाए ।
(viii) उपरो त व ध तब तक दोहराते है जब तक सु संगत मान ा त न हो जाये । दोन तापमान
का मा य मान नमू ने का गलनांक होता है ।
(ix) ऊपर व णत व ध वारा कपूर का गलनांक नधा रत करते है ।
(x) अब दए गए पदाथ (एसीटै नलाइड) िजसके अणुभार का नधारण करना है का कपूर म 5%, 10%
व 15% वलयन बनाकर इसी कार गलनांक ात करते ह ।
154
े ण
(i) शु कपूर का गलनांक
0C
(अ) ...................................
(ब) .................................... 0C
(स) .................................. 0C मा य मान =......................... 0C
कपूर के मोलल अवनमन ि थरांक के प रकलन के लए सारणी -
155
(i) वलेय क बहु त कम मा ा वलायक म घोलनी चा हए अथात ् वलयन तनु होना चा हए ।
(ii) वलेय कपूर म घुलनशील होना चा हए । कपूर के गलनांक तक वलेय क कपूर से कोई रसाय नक
अभ या नह ं होनी चा हए ।
(iii) वलेय का गलनांक कपूर से कम होना चा हए ।
10.7 वथनांक म उ नयन वारा कसी अवा पशील वलेय के अणु भार
का नधारण (Determination of molecular weight by
Elevation of boiling point) :
कसी व का वथनांक वह ताप है िजस पर व का वा य दाब वायुम डल य दाब के बराबर
हो जाता है । जब कसी अवा पशील वलेय को वलायक म घोलते ह तो इस वलयन को वा प दाब,
शु वलायक के वा प दाब क तुलना म कम हो जाता है । अत: वलयन को उबलने के लए इसका
ताप बढाया जाता है ता क इसका वा प दाब, वायुम डल य दाब के बराबर हो जाय अथात ् शु वलायक
क तु लना म वलयन का वथनांक अ धक होता है । वलयन व शु वलायक के वथनांक म अ तर
को वथनांक म उ नयन (Elevation of boiling point) कहते ह ।
कसी तनु वलयन के लए वथनांक म उ नयन वा प दाब के आपे क अवनमन के
समानुपाती होता है ।
चू ं क राउल के नयमानुसार वा प दाब म आपे क अवनमन वलेय के मोल भ न के
समानुपाती होता है । अत:
n
Tb
n N
n
Tb k
या n N
यहाँ k समानुपाती ि थरांक, Tb वथनांक म उ नयन,n व N मश: वलेय व वलायक
के गोल क सं या है ।
यद w ाम वलेय W ाम वलायक म घोलते है तो तनु वलयन के लए
w/m wM
Tb k k
W Wm
w/ m
M
यहाँ m व M मश: वलेय व वलायक के अणु भार है । कसी वलायक के लए अणु भार
का मान ि थर होता है । अत:
Tb K w
K kM
Wm
यहाँ K उ नयन ि थरांक है ।
1000 ाम वलायक म वलेय के एक मोल घोलने पर
K b w 1000
Tb (11.5)
m W
156
यहाँ K b मोलल उ नयन ि थरांक (Molal Elevation constant) है । इसे न न कार
प रभा षत कर सकते है-
य द कसी एक मोल अवा पशील वलेय को 1000 ाम शु वलायक म घोलते है तो इस
के वथनांक म उ नयन, मोलल उ नयन ि थरांक के बराबर होता है ।
Kb w 1000
m (11 .6)
Tb W
वथनांक म उ नयन के नधारण के लए अ तताप (Superheating) को रोकना चा हए
। इसके लए लै डसबगर व ध (Landsbergis’s method), काटरे ल व ध (Cottrell’s method)
व मे कॉय व ध (McCoy’s method) का उपयोग कया जाता है । यहाँ वथनांक म उ नयन के
मापन के लए लै डसबगर व ध का उपयोग करगे ।
157
च 11.3 ले डसबगर उपकरण
158
(iii) ला क को गम करना ब द करते ह तथा ठ डा होने पर वथन नल को नकाल कर इसमे वलेय
पदाथ िजसका अणुभार ात करना है क सह तोल हु ई मा ा (1 अथवा 1.5 ाम) डाल कर हलाते
है ता क यह जल म पूण प से वलेय हो जाये ।
(iv) अब पुन : ला क को गरम कर वा प वा हत कर इसका वथनांक पूव व णत व ध से ात करते
ह ।
(v) ताप ि थर होते ह इसे नोट करने के प चात ् त काल T नल का स पक ला क से हटा दे ते
है और अब वथन नल को कमरे के ताप तक ठ डा कर, इसम से नल व थमामीटर नकाल
कर अंशा कत भाग वारा वलयन का आयतन ात कर लेते ह ।
(vi) अब पदाथ क अलग-अलग मा ा (2.0 ाम, 2.5 ाम) सह तोल कर वथन नल म लेकर पुन:
इस व ध वारा वलयन के वथनांक व आयतन ात करते है ।
(vii) वलयन के वथनांक व वलायक के वथनांक म अ तर नकाल कर येक सेट के लए
वथनांक म उ नयन ( Tb ) ात कर लेते ह ।
े ण: जल का वथनांक ......................... 0C
कमरे के माप पर जल का घन व (d) = ................................. ाम / मल
े ण सारणी
2.
3.
प रकलन
वलायक का भार W = V d
येक वलयन के े त आयतन को वलायक के घन व से गुणा कर वलायक का भार
प रक लत करते ह ।
वथनांक म उ नयन Tb Tb To
यहाँ Tb व To मश: वलयन व वलायक के वथनांक ह ।
1000 K b w
वलेय का अणुभार m
Tb W
जल के 1000 ाम के लए K b का मान 0.52 C है W,w व Tb के मान रख कर m
0
159
(i) थमामीटर व रोजहड को इस कार समायोिजत करते है क ये वलायक म डू बे रह ।
(ii) वलेय पदाथ क मा ा इतनी ह लेनी चा हए ता क तनु वलयन ह ा त हो ।
(iii) वथन नल म लया गया वलायक शु होना चा हए । ला क म लए गए वलायक म कोई
भी वा पशील अशु उपि थत नह ं होनी चा हए ।
(iv) वलायक का मोलल अवनमन ि थरांक अ धक होना चा हए ता क तनु वलयन के लए वथनांक
म उ नयन अ धक हो सके और हम यथाथतापूवक इसका मापन कर सके ।
(v) येक सेट के े ण लेने से पूव वथन नल को आसुत जल से साफ कर सु खा लेना चा हए ।
चू ं क 1 अणुभारα
हमांक म अवनमन ( T f ) अथवा वथनांक म उ नयन ( Tb )
या अणुभार α
वलेय के कण क सं या
अत: सामा य अणु भार (सै वाि तक मान)α
वयोजन / संगु णन के पू ण कण क सं या
े त या असामा य अणु भारα
ु न के प चात ् कण क सं या
वयोजनासंगण
( े त मान)
उपरो त दोन यंजक का अनुपात वा ट हाफ गुणांक (Vant Hoff factor) कहलाता है ।
सा य अणु भार
वा टहाफ गुणांक i =
े त अणुभार
वयोजन / संगु णन के प चात ् कण क सं या
=
वयोजन / संगु णन के पू ण कण क सं या
160
NaCl Na+ + Cl
1 0 0
1- α α α
सामा य अणुभार ( ) Mt Mo
α = -1 .....(10.7)
े त अणुभार ( ) Mo
161
े ण -
शु वलायक - जल का वथनांक To ....................0C
कमरे के ताप पर जल का घन व d = ......................... ाम / मल
. वलेय NaCl का वलयन का वलायक का वलयन का वथनांक म NaCl
सं. भार (w ाम) आयतन भार(W ाम) वथनांक उ नयन का
(V मल ) Tb Tb अणुभार
1.
2.
3.
प रकलन वलायक का भार W=V d
वथनांक म उ नयन Tb Tb T
येक सेट के लए W व Tb का मान ात कर लेते है तथा NaCl का अणु भार न न
सू वारा ात करते ह ।
1000 K b w
m
Tb W
Mt
वा टहॉफ गुणांक i
Mo
NaCl क व भ न सा ताओं के लए इसक वयोजन क मा ा (α) का प रकलन -
Mt Mo
Mo
प रणाम -
(i) NaCl का े त अणु भार = ......................... ाम
(ii) NaCl का वा टहाफ गुणांक i = ....................
(iii) NaCl क वयोजन मा ा α ..............................
162
2. Advanced Practical Physical Chemistry by Gurdeep Raj.
3. Experiments in Physical Chemistry by Carl W Garland and Joseph W
Nibler.
163
इकाई 11
वण म त
(COLORIMETRY)
इकाई क परे खा
11.0 उ े य
11.1 तावना
11.2 वण म तय व लेषण
11.3 वण म त व पे मी काश म त का स ा त
11.3.1 लै बट का नयम
11.3.2 बीयर का नयम
11.3.3 बीयर लै बट नयम क सीमाएं
11.3.4 बीयर लै बट नयम के अनुपयोग
11.4 वणमापन क व धयाँ
11.5 योग 1 कॉपर स फेट वलयन क सा ता का वण म त वारा नधारण
11.6 योग 2 पोटे शयम परम नेट के वलयन के लए अवशोषण व बनाना तथा बीयर लै बट
नयम का स यापन करना
11.7 श दावल
11.8 संदभ थ
11.0 उ े य (Objectives) :
इस इकाई के अ ययन के प चात ् आप वण म त के बारे म न न ल खत जानकार ा त
करगे -
1. लै बट का नयम
2. बीयर का नयम
3. बीयर लै बट नयम क सीमाएं तथा इनके अनु योग
4. कसी दये पदाथ क सा ता का वण म त वारा नधारण
5. कसी रासाय नक त के वारा बीयर लै बट नयम का स यापन
164
वण म तय व लेषण का आधार है । इस कार य द वलयन म उपि थत पदाथ िजसक सा ता ात
करनी है तो वह वयं रं गीन होना चा हए अथवा इसके वारा न मत संकुल रं गीन होना चा हए । इस
ि थ त म इसका मा ा मक व लेषण, रं ग क ती ता के आधार पर कया जा सकता है । इस व लेषण
मे पदाथ क सा ता का नधारण पदाथ क ात सा ता के स दभ म काश के आपे क अवशोषण
(relative absorption) के मापन वारा करते ह ।
Io Ia Ie (11.2)
I a Io It (11.3)
कसी मा यम क मोटाई तथा वलयन क व भ न सा ताओं के साथ काश अवशोषण म
प रवतन को काश अवशोषण के न न नयम वारा समझाया गया, िज ह संयु त प से बीयर-लै बट
नयम (Beer- Lambert’s law) कहते है।
165
11.3.1 लै बट का नयम (Lambert’s law)
166
11.3.2 बीयर का नयम (Beer’s Law)
167
2. काश व करण का अवशोषण केवल वलेय पदाथ वारा ह होना चा हए ।
3. तनुता म प रवतन के साथ-साथ वलेय क कृ त प रव तत नह ं होनी चा हए अथात ् वलयन म
इनका अपघटन, संगण
ु न (association) अथवा रासाय नक प रवतन नह ं होना चा हए ।
4. वलेय पदाथ का वलयन म क दन (coagulation) अथवा बहु ल करण (polymerisation)
नह ं होना चा हए।
5. इस नयम का पालन केवल तनु वलयन के लए ह होता है । अत: वलयन क सा ता अ धक
नह ं होनी चा हए।
6. अवशोषण गुणांक (E) ताप पर नभर करता है । अत: योग के समय ताप ि थर रहना चा हए।
7. य द अवशोषण, मा यम क pH पर नभर करता है तो अ ल ार बफर का उपयोग करना चा हए।
168
च 11.2 बीयर लै बट नयम का स यापन
य द सा ता बढ़ने के बाद सरल रे खा ा त न हो तो इस ि थ त म यह नयम वै य नह
होगा ।
169
च 11.3 एकल करण पे मी काशमापी
सारणी – 11.1 तरं गदै य, वलयन का रं ग व उनके पूरक रंग
170
(iii) अब 5 ाम कॉपर स फेट को 100 मल जल म घोल कर वलयन बनाते हे । कॉपर स फेट
के वलयन से न न सा रणी (10.2) के अनुसार तनुकरण व ध वारा अलग-अलग सा ता वाले
वलयन बना लेते ह-
सारणी 11.2
1. 0 10
2. 1 9
3. 2 8
4. 3 7
5. 4 6
6. 5 5
7. 6 4
8. 7 3
9. 8 2
10. 9 1
171
6. 3.0
7. 3.5
8. 4.0
9. 4.5
10. 5.0
11. अ ात
172
(ii) सेल म KMnO4 का वलयन रख कर उस फ टर का चयन करते है जहाँ का शक घन व (O.D)
का मान सवा धक हो । अब उस फ टर पर व भ न तरं गदै य के मान के अनुसार का शक घन व
का मान ात कर इन दोन के म य आलेख खींचते है तथा (λmax) का मान नधा रत करके
उसे समायोिजत कर लेते ह ।
(iii) 0.002MKMnO4 के मानक वलयन से न न वलयन तैयार करते है-
(iv) वलयन I (जल य मा यम): 50 मल 0.002MKMnO4 वलयन + 50 मल आसु त जल
(v) वलयन II (अ ल य मा यम): 50 मल 0.002एम KMnO4 वलयन + 50 मल 0.5 M H2
SO4 अब
(vi) KMnO4 के वलयन से तनुकरण व ध वारा न न वलयन आयतनमापी ला क म तैयार कर
लेते ह ।
सा रणी 11.3
173
वलयन सं या सा ता (मोल त ल टर) का शक घन व
-5
1. 2×10
2. 4×10-5
3. 1×10-5
4. 1.2×10-5
5. 2.6×10-5
6. 2×10-5
प रकलन -
(i) व भ न तरं गदै य के मान तथा का शक घन व के म य आलेख खींचने पर वह तरं गदै य िजस
पर का शक घन व का अ धकतम मान आता है ात कर लेते ह ।
(ii) वलयन क सा ता व का शक घन व के म य आलेख खींचते ह ।
प रणाम -
(i) KMnO4 के लए max का मान.................. nm है ।
(ii) वलयन क सा ता (जल य व अ ल य मा यम म) व का शक घन व के म य आलेख खींचने
पर उ गम से गुजरती हु ई एक सीधी रे खा ा त होती है । अत: लै बट-बीयर नयम का स यापन
होता है ।
ट पणी - यह योग 0.002M K2Cr2O7 के वलयन का उपयोग कर दोहराया जा सकता है क तु
पौटे शयम डाई ोमेट जल य वलयन म लै बट बीयर नयम का पालन नह ं करता है । इसके लए
हम अ ल य मा यम ह उपयोग करना पडता है ता क पौटे शयम डाई ोमेट का जल अपघटन न हो
सके । पोटे शयम डाई ोमेट का जल अपघटन जल य वलयन म न न रसाय नक अ भ या वारा
दशाया जाता है -
K 2Cr2O7 H 2O
K 2CrO4 H 2CrO4
174
11.8 संदभ थ (Reference Books) :
1. Practical Physical Chemistry by Findlay Alexander.
2. Advanced Practical Physical Chemistry by J.B.Yadav.
3. Experiments in Physical Chemistry by Carl W Garland and Joseph W
Nibler
175
176