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पा य म अ भक प स म त
अ य
ो. (डॉ.) नरे श दाधीच
कु लप त
वधमान महावीर खुला व व व यालय , कोटा

संयोजक/ सद य
संयोजक सम वयक
डॉ. ल ला राम गु जर ो. पी.सी. माथु र
सह आचाय, राजनी त व ान वभाग परामशदाता
वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा

सद य
 ो.(डॉ.)एम.के. घडो लया  ी कैलाश भागव
नदे शक(संकाय) परामशदाता
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा
 ी राजे मोहन शमा  ी भागीरथी शमा
भू तपू व ओ.एस.डी. नरे गा आई.ए.एस.(सेवा नवृ त)
राज थान सरकार, जयपुर जयपु र
 ी बी.एस. धान
ोफेसर, ामीण वकास एवं पंचायत राज सं थान
जयपु र

स पादक
ी ल ला राम गु जर
सह आचाय, राजनी त व ान वभाग
वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा

पाठ ले खक इकाई सं या पाठ ले खक इकाई सं या


ो.(डॉ.) नरे श दाधीच 1 ी राजे मोहन शमा 7,12
कु लप त भू तपू व ओ.एस.डी. नरे गा
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा राज थान सरकार, जयपुर

ो.(डॉ.) राधाकृ णन 2 ीमती सरोज भागव 8,9


भारतीय गांधी प रषद स चव, च बल सोसाईट फॉर डवलपमट स वसेज
कोटा
वे म
ी भागीरथी शमा 3,4 ी रव कु मार ीवा तव 10
आई.ए.एस.(से वा नवृ त) आई.ई.सी. सम वयक
िजला प रषद, कोटा
जयपुर
ो.(डॉ.)एम.के. घडो लया 5,6 ी हनु मान सहाय गुजर 11,13
नदे शक(संकाय) तहसीलदार, रामगंजम डी
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा कोटा

अकाद मक एवं शास नक यव था


ो.(डॉ.) नरे श दाधीच ो. (डॉ.)एम.के . घडो लया योगे गोयल
कु लप त नदे शक भार
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा संकाय वभाग पा य साम ी उ पादन एवं वतरण वभाग
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा

पा य म उ पादन
योगे गोयल
सहायक उ पादन अ धकार
वधमान महावीर खुला व व व यालय , कोटा

उ पादन : दस बर, 2010 ISBN-13/978-81-8496-242-0


सवा धकार सु र त : इस साम ी के कसी भी अंश क वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा क ल खत अनु म त के बना कसी भी प म ‘ म मया ाफ ’(च मु ण)
के वारा या अ यथा पु नः तु त करने क अनु म त नह ं है ।
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा के लए कु लस चव, वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा वारा मु त एवं का शत।

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वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा

महा मा गाँधी नरे गा नयम


वषय सू ची
इकाई सं या इकाई का नाम पृ ठ सं या
इकाई- 01 महा मा गाँधी 6—20
इकाई- 02 रचना मक काय म 21—39
इकाई- 03 लोकतां क वके करण 40—46
इकाई- 04 पंचायत राज यव था 47—56
इकाई- 05 भारत मे रोजगार योजनाएँ 57—72
इकाई- 06 रोजगार योजनाओं के उ े य 73—82
इकाई- 07 रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम, 2005 : वशेषताय 83—96
इकाई- 08 रा य तर य मशीनर - नरे गा प रषद 97—109
इकाई- 09 रा य तर य मशीनर - रा य काय म सम वयक 110—124
इकाई- 10 िजला तर य मशीनर - िजला काय म सम वयक 125—148
इकाई- 11 पंचायत स म त तर य मशीनर : काय म अ धकार 149—165
इकाई- 12 नरे गा एवं सरपंच 166—178
इकाई- 13 सामािजक अंके ण 179—196

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इकाई - 1
महा मा गांधी
इकाई क परे खा
1.0 उ े य
1.1 तावना
1.2 जीवन प रचय
1.3 गाँधी च तन पर भाव
1.3.1 पूव भाव
1.3.2 पि चमी भाव
1.4 दाश नक वचार
1.5 स या ह
1.6 आ थक वचार
1.7 राजनी तक वचार
1.8 महा मा गाँधी का च तन म योगदान
1.9 सारांश
1.10 अ यासाथ न
1.11 स दभ थ

1.0 उ े य
इस इकाई को पढ़ने के बाद आप समझ सकते है:
 महा मा गाँधी के जीवन के बारे म।
 महा मा गाँधी का महान च तन या था।
 महा मा गाँधी के च तन क वशेषताय।
 महा मा गाँधी के च तन क मु ख अवधारणाओं को।
 महा मा गाँधी का योगदान।

1.1 तावना
महा मा गाँधी को एक च तक के प म तुत करने म सबसे बडी बाधा यह आती है क
उनका यि त व इतना वशाल था क उनके च तन पर अ धक यान नह ं दया गया। उनका कथन
'’मेरा जीवन ह मेरा स दे श है'' उनको च तक के प म जानने म बाधक है। जैसे क अलबट आई ट न
ने कहा क आने वाल पी ढयाँ यह व वास नह ं करे गी क गाँधी जैसा एक हाड़ मांस का मानव पृ वी
पर रहता था। महा मा गाँधी क तु लना इ तहास बदलने वाले यि तय म क जाती है। उ ह बु और
ईसा जैसे यि त व के समान वग म रखा जाता है। इतने महान यि त व के धनी होने के कारण
तथा समय के स दभ म हमसे इतने नजद क होने के कारण उनको बहु त वष तक एक वचारक के

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प म मह व नह ं दया गया। 21 वीं शता द के आर भ म आज उनको वकास क एक वैकि पक
यव था के जनक के प म तु त कया जा रहा है। आज के सभी समािजक वै ा नक को जब भी
पूँजीवाद , भौ तकतावाद व इि यज य वकास क अवधारणा के वक प क आव यकता होती है,
महा मा गाँधी को याद कया जाता ह। व व म धम क थापना करने वाल के अलावा कसी भी अ य
यि त पर इतना अ धक नह ं लखा गया है और न ह कसी भी यि त क इतनी अ धक और वपर त
यि त व वाले महान लोग से इनक तुलना क गई है । महा मा गाँधी क तुलना बु , स त ां सस,
ऐमरसन, लंकन, सनयातसेन सो, थोरो, मा स और टा सटॉय जैसे यि तय से क गई है।
उनका यि त व भी बहु आयामी था। द णअ का म मानव अ धकार के लए संघष करने
वाला भारत के जन आ दोलन का सफलतापूवक नेत ृ व करने वाला , सामािजक बुराइय , अ पृ यता
के व यु करने वाला , ाकृ तक च क सा व थ भोजन का योग करने वाला, समाज सु धारक,
म हलाओं को समान दजा दलाने वाला, व भ न धम का तुलना मक अ ययन करने वाला, बु मान
चारक, कु शल पे फलेटर, हजार यि तय को नै तक नदशन दे ने वाला तथा आ म और सामु दा यक
जीवन क थापना करने वाला और एक संत के प म पहचाना जाने वाला यि त व महा मा गाँधी
का था। उनके वारा लखे गये लेखन क व तृतता इतनी अ धक है क उसे यवि थत ढं ग से तु त
करना असंभव है। उनके वारा अपने जीवन म डेढ़ करोड़ श द लखे गये िजनका 100 थ म संकलन
कया गया है। उ ह ने जीवन के हर पहलू पर अपने वचार तु त कये है। 1933 म उ ह ने लखा
क मैने जो कु छ लखा है उसम स य और अ हंसा के स ा त का समावेश करना आव यक है। िजन
बात म उनके स ा त का समावेश नह ं होता है, उन बात को याग दे ना चा हये। उ ह ने अपने च तन
के वकासा मक पहलुओं पर जोर दया। 1939 म उ ह ने लखा क लखते समय यह कभी नह ं सोचता
हू ँ क इस वषय पर पहले या लखा? मेरा उ े य अपने पहले लखे गये व त य के त समानता
बनाये रखना नह ं है, अ पतु स य के त तब ता बनाये रखना है। उ ह ने अपने च तन म कई
अवधारणाओं को ज म दया है और पुरानी अवधारणाओं को नये ढं ग से तु त कर वराज, वदे शी,
स या ह, सव दय इ या द अवधारणाओं को संशो धत कया और लोक य बनाया। इतना लखने के
पीछे उनका कारण व तृत पठन क वृ त थी। 1923 म यवदा जेल म 55 वष क आयु म उ ह
ने एक साल म 150 पु तक का अ ययन कया िजसम उ ह ने महाभारत, भारतीय दशन के सभी
छ: स दाय , मनु मृ त , उप नषद, गीता क सभी ट काऐं, व लयम जे स, एच.जी. वे स,
डयाड, कप लंग जैसे लेखक क रचनाय पढ़ थी। 1944 म कालमा स के दास कै पटल
का अ ययन कया और यह ट पणी क क म यह नह ं जानता क मा सवाद सह है या नह ं है?
ले कन जब तक गर ब का शोषण होता रहे गा उनके लए कुछ करना चा हए।
आज व व म भारत क पहचान का एक बहु त बड़ा कारण महा मा गाँधी ह। महा मा गाँधी
वारा कये गये काय और उनके वारा बताये गये स ा त का अनुसरण सारे व व म होता है और
भारत के नाग रक होने के कारण हम उनके काय और वचार के सह प र े य को समझना चा हए
और उस पर गव करना चा हये।

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1.2 जीवन प रचय
महा मा गाँधी का ज म 2 अ टू बर, 1889 को गुजरात ांत के पोरब दर म हु आ था। इनके
पता करमचंद गाँधी ने 4 शा दयां क थी और 3 पि नय क मृ यु के प चात ् चौथी प नी पुतल बाई
से उ ह 3 पु और 1 पु ी हु ए। करमचंद गाँधी क पहल प नी के भी 2 पु यां थी। उनके 3 पु
म सबसे बड़े ल मीदास, दूसरे कृ णदास और तीसरे मोहनदास थे। तीसरे और सबसे छोटे पु मोहनदास
ह महा मा बने। गाँधीजी जा त से ब नया थे तथा जू नागढ रा य के कु टयाना जगह से स बि धत
थे। गाँधीजी के पड़दादा हरजीवन गाँधी ने 1777, म पोरब दर म एक मकान खर दा और यापार के
प म वे वहाँ था पत हु ए। हरजीवन गाँधी के पु उ तमचंद महा मा गाँधी के दादा पोरब दर के शासक
राणा संह जी के द वान नयु त हु ए। 1847 म उ तमचंद इस रा य के 28 वष तक द वान बने रहे ।
करमचंद गाँधी क श ा बहु त कम हु ई थी, ले कन उ ह रा य के काय और यि तय का पया त
अनुभव था। उनक या त एक ईमानदार, तब , स म एवं आ ाकार शासक के प म थी। महा मा
गाँधी क माता पुतल बाई एक धा मक एवं मजबूत म हला थी। वे अनेक त और उपवास से मजबूत
बनी थी तथा वे आंत रक प से सश त म हला थी। महा मा गाँधी ने माना क उनके जीवन के यि त व
म जो कु छ शु ता है वह उनक माता क दे न है। महा मा गाँधी ने 8 वष क उस म पढ़ाई आर भ
क और राजकोट के ता लका कू ल म श ा ा त क , श ा के आरि भक दनो म वे एक भी ब चे
थे। अ य ब च से दो ती करने क अपे ा वयं तक सी मत रहते थे। वे कृ त से झू ठ व फरे ब से
परे थे। 1887 म महा मा गाँधी ने मै क पर ा उ तीण क और उनको प रवार के म माउजी दबे
ने यह सु झाव दया क उ ह कानून क श ा ा त करने के लए इं लै ड जाना चा हए ता क वे बे र टर
बन सके और वापसी म अपने पता का थान ले सके।
4 सत बर, 1888 को वे पानी के जहाज से इं लै ड के लए रवाना हो गये। 3 वष तक
उ ह ने इं लै ड म रहकर कानून क श ा ा त क और पुन : भारत लौट आये। उ ह ने भारत म
वकालत करने क को शश क , ले कन वे अ धक सफल न हु ए। उनम सावज नक भाषण पैने क कला
का अभाव था और वे यायालय के जज के सम अपने तक को सह कार से तु त नह ं कर पा
रहे थे। ऐसे समय उ ह द णअ का जाने का योता मला। द णअ का म एक मु ि लम भारतीय
यापार अ दुला ने उ ह अपना मु कदमा लड़ने के लए आमं त कया। मई 1893 म महा मा गाँधी
डरबन म पहु ँच।े वहाँ एक रे ल या ा के दौरान उ ह रं गभेद का सामना करना पड़ा और इस रं गभेद क
नी त को उ ह ने बाद म कई थान पर एक भयावह प म दे खा। धीरे -धीरे महा मा गांधी ने द ण
अ का सरकार क रं गभेद नी तय के व बढ़ती जन चेतना को संग ठत प दान कया। द ण
अ का म महा मा गाँधी 1915 तक रहे और इस बीच उ ह ने न केवल अपनी राजनी त को वक सत
कया अ पतु राजनी तक संगठन बनाया, राजनी तक वरोध के व प का नधारण कया तथा
राजनी तक वरोध को जनता और व व के कोने-कोने तक फैलाने के सफल यास का तर का सीख
लया। राजनी त म सफल होने के बावजू द उ ह ने वयं के साथ योग करना नह ं छोड़ा। इसे उ ह ने
''स य के साथ योग'' नाम दया। यह 1925 म उनके वारा लखी गई आ मकथा का शीषक भी
था। द ण अ का के वास के दौरान हड़ताल क , अ हंसा मक संघष कया, कई अखबार नकाले,
आ म क थापना क और एक पे फलेटर के प म या त ा त क । इसी दौरान उ ह ने अपनी

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दाश नक सोच को पहल बार एक पु तक ''िजद वरा य'’, म तु त कया। महा मा गाँधी ने 1909
म इस पु तक को लखा। यह पु तक 20 छोटे -छोटे अ याय म वभ त है। 11 अ याय म उस समय
के इ तहास के प र े य म ट प णयाँ है, बाक म दाश नक न पर ट प णयां है। यह पु तक इं लै ड
से द ण अ का जाते समय जहाज पर 13 से 22 नव बर, 1909 म दस दन के भीतर गुजराती
भाषा म लखी गयी। आज इस पु तक को आधु नकता क मु ख आलोचना क पु तक के प म
मह वपूण थान दया जाता है ।
1915 म भारत लौटने के प चात ् महा मा गाँधी ने 1947 तक भारतीय राजनी त म
मह वपूण भू मका नभाई। 1920 से 1947 तक का समय गाँधी युग के प म जाना जाता है । भारत
आने के प चात ् गांधीजी ने गोपाल कृ ण गोखले क सलाह पर एक वष तक भारत का दौरा कया
िजससे क वह भारत के आम आद मय क सभी सम याओं को जान सके और भारतीय समाज के
बारे म समझ सके। भारत म आने से पूव उ ह ने द ण अ का म स ता के वरोध का एक नया
और सफल ह थयार ''स या ह'' खोज लया था। उ ह ने भारत क आजाद क लड़ाई म इसका
सफलतापूवक योग कया। भारत म महा मा गाँधी ने कई आ दोलन का सफलतापूवक नेत ृ व दान
कया। इसम सबसे पहला बड़ा आ दोलन 1917 म च पारण म हु आ। उसके प चात ् 1919 का खलाफत
आ दोलन, 1920 का असहयोग आ दोलन, 1930 का नमक स या ह आ दोलन एवं स वनय अव ा
आ दोलन, 1942 का भारत छोड़ो आ दोलन आ द मुख ह। महा मा गाँधी वारा भारत म कये गये
इन आ दोलन के व तार म न जाते हु ए हम यह कह सकते है क कुछ वृि तयाँ इन आ दोलन
को व श टता दान करती है।
(1) महा मा गाँधी ने रा य आ दोलन क राजनी तक चेतना को सकारा मक प से जानने व संग ठत
करने का अभू तपूव काय कया।
(2) इन आ दोलन के मा यम से राजनी त से आम आदमी को जोड़ने का यास कया। उ ह ने अं ेजी
के बजाय ह दु तानी भाषा का योग, खाद का चलन, म हलाओं को आ दोलन से जोड़ना,
भारतीय पूँजीप तय का सहयोग और अ तरा य जगत को नर तर अखबार के मा यम से अपने
काय से भा वत कया।
(3) रा य आ दोलन के सबसे मह वपूण राजनी तक दल कां ेस को जनतां क संगठन बनाया और
कां ेस क सद यता के लए बनाये गये नयम का न पण कया जो आज भी दल का सद य
बनाने के लए आव यक नयम माने जाते है।
(4) इन आ दोलन म नेत ृ व दे ने क एक नई शैल वक सत क िजसम नेत ृ व और सामा य जनता
के भेद को समा त कया। वे मे स वेबर के क र माई नेत ृ व का जीता जागता उदाहरण ह।
1947 म भारत के वतं होने के समय दे श के बँटवारे के कारण सा दा यक दं गे हो रहे
थे। 15 अग त 1947 को भारत आजाद के ज न म डू बा था। महा मा गाँधी आजाद का ज न न
मनाकर बंगाल म नोआखल सा दा यक दं गे रोकने म लगे हु ए थे। 30 जनवर , 1948 को उनक
ह या कर द गई। उनका जीवन एक संत का जीवन था और उनका यह कहना सह था क उनका जीवन
ह उनका संदेश है। उनके कई व त य दु नया भर म बार-बार उ ृत कये जाते ह जैसे कसी भी नी तगत
नणय करने के बारे म म पैदा हो रहा हो तो उसका एकमा तर का मापद ड यह है क वह नणय

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लेने से पूव अपनी आँख बंद कर के सोचे क या इस नणय से कसी गर ब क आँख का एक आँसू
पूछ जाएगा? अगर ऐसा है तो वह नणय सह है। इसी कार आज पयावरण क र ा के बारे म चि तत
लोग के बारे म उनका मं था क पृ वी के पास सभी मनु य क आव यकताओं को पूरा करने क
मता है ले कन कसी एक यि त के लालच को पूण करने का इसम साम य नह ं है । इस लए वकास
क या ा का आधार मनु य क आव यकता होनी चा हए, लालच नह ।ं

1.3 गाँधी च तन पर भाव


महा मा गाँधी ने अपना बचपन भारत म बताया तथा वे वकालत क श ा के लए इं लै ड
गये थे। उनका काय े 20 वष तक द ण अ का रहा। 1915 म भारत लौटने के प चात ् अपनी
मृ यु तक वे भारत म रहे और भारत क आजाद के लए काम करते रहे। अपने जीवन म उ ह ने
कई नये अनुभव- ा त कये और उनम अनुभव से सीखने क अ ु त मता थी। उ ह ने कसी भी
अनुभव को न सीखने के यो य नह ं माना। उ ह ने न केवल अपने जीवन के अनुभव से जो कुछ सीखा
उसे अपने वचार म ढाल दया, अ पतु उसे जीवन म भी उतारने क को शश क । कम और च तन
के इस सट क सि म ण से उनका च तन अनुभव ज य और आदशवाद स हु आ। अपने बचपन
म उ ह ने कसी भी सामा य ह दू प रवार के ब च क तरह राम, कृ ण, महाभारत एवं पुराण क
कथाएं सु नी। भारतीय सं कृ तय के मू य से ओत ोत इन कथाओं ने उ ह रे णा द । बचपन का भाव
था क वे उस भर राम को अपना आदश मानते थे और उसे उ ह ने राम नाम को एक अ ु त आंत रक
शि त दान करने वाला काश पुज
ं माना।
उनका प रवार एक वै णव प रवार था। इस लए भि त और संत का उन पर काफ भाव पड़ा।
िजसम नर संह मेहता का सु य भजन,'’वै णव जन तो तेने क हए जे पीर पराई जानी रे ’' उनका सवा धक
य था। महा मा गाँधी अपनी युवाव था म जैन धम से भी काफ भा वत हु ए और इं लै ड जाने
पर उ ह ने ईसाई धम को भी समझने का यास कया। द ण अ का म उनके यहू द और अं ेज
म भी बने उनका तथा वहाँ मु ि लम म ने भी उनका साथ नभाया। इस कार वे अनेक धम व
सं कृ त के मा यम से व भ न यि तय के स पक म आये और उनसे कुछ न कु छ बात हण क ।
उनके च तन पर पड़ने वाले भाव को दो भाग म वभ त कर सकते है - पूव भाव तथा
पि चमी भाव।

1.3.1.1 पूव भाव

1. पूव धा मक भाव :- महा मा गाँधी के जीवन पर ह दू धम िजसम वशेष प से वै णव धम


का भाव पड़ा। उ ह ने सार उस वयं को एक ह दू मानने पर बल दया। उनका कहना था क
एक अ छा ह दू ह एक अ छा मु ि लम और अ छा ईसाई हो सकता है और अ छा धा मक यि त
बन सकता है।
ह दू धम म भ त पर परा को उ ह ने सबसे अ धक मह व दया और उसका भाव उन पर
यह था क उ ह ने अपना यवहार भी बनाए रखा और वयं अहंकार पर नय ण रखा। ह दू
धम के अलावा जैन धम उनके जीवन मे बहु त मह वपूण था। अ हंसा का सबसे अ धक मह व
जैन धम म ह है। महा मा गाँधी ने धम के अलावा जीवन के सभी पहलु ओं म अ हंसा को मह व
दया है। महा मा गाँधी के योगदान का वशेष मह व अ हंसा को राजनी त के े म योग करना

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था। गाँधी का धम नै तकता से पूण था। उनका अ हंसा के त लगाव जीवन के सभी े म
प रल त होता था। गाँधी जी इ लाम के समानता के स ा त से ह भा वत थे। वे एक मु ि लम
यापार का मु कदमा लड़ेने के लए द ण अ का गये थे।
2. पूव गैर धा मक भाव :- महा मा गाँधी अपने समय के कई यि तय के काय एवं च तन से
भा वत थे। िजसम मु खत: गोपाल कृ ण गोखले का नाम आता है िज ह उ ह ने अपना राजनी तक
गु माना। महा मा गाँधी ने गोपाल कृ ण गोखले क तरह अं ज
े ी कानून का अ ययन कया और
उसम व श टता ा त क । गोपाल कृ ण गोखले क तरह उ ह ने माना क सम याओं का समाधान
जहाँ तक हो सके संवध
ै ा नक तर क से कया जाना चा हए और य द शासन का वरोध कट करना
हो तो संवध
ै ा नक तर क से वरोध करने चा हए जैसे ापन आ द तु त करना, सावज नक सु झाव
तथा अखबार के मा यम से वचार को य त करना इ या द शा मल है। इन सभी तर क के
मा यम से सरकार से, अपनी बात मनवाने का यास कया जाना चा हए तथा आ दोलन करने
से पूव सभी कार के संवध
ै ा नक यास करने चा हये । महा मा गाँधी कानून तोड़ने और आ दोलन
करने के बावजू द हमेशा मानते थे क वरोधी प से बातचीत करने के दरवाजे हमेशा खुले रखने
चा हए। महा मा गाँधी गोपाल कृ ण गोखले के वचार से भा वत थे क तु वे गोपाल कृ ण गोखले
से कुछ कदम आगे थे। उन पर उ वाद भाव भी पड़ा। वे अपने उ े य को ा त करने के लए
कानून भंग करने को भी तैयार थे । तलक वारा लोक य बनाया गया वदे शी तथा वराज के
नार को आ मसात ् कर उ ह ने अपने आ दोलन को साथक, बनाया। उ ह ने माना क तलक वारा
राजनी त को एक जन आ दोलन बनाने को सव यापकता दान क । इस कारण तलक क मृ यु
के प चात ् गाँधी भारत म जन आ दोलन के तीक बन गए।

1.3.2 पि चमी भाव

1. पि चमी धा मक भाव :- 1888 म इं लड जाने पर महा मा गाँधी अं ज


े ी स यता के नजद क
आये और ारं भ म उ ह ने अं ज
े ी स यता के नजद क अपने आपको ढालने का यास कया। ले कन
शी ह उनका मोह भंग हो गया। ईसा के इस स दे श क अगर तु हारे दाय गाल पर कोई थ पड़
मारे तो बायां गाल भी आगे कर दो, से काफ भा वत थे। ईसाई धम के सामािजक सु धार के स दे श
से वे काफ भा वत थे। कुछ लेखक ने उ ह एक सुधारवाद ईसाई बताया है।
2. पि चमी गैर धा मक भाव :- महा मा गाँधी ने अपनी आ मकथा म िजन मु ख पु तक का उ लेख
कया है, वे तीन पि चमी वचारक वारा ल खत है -
पहल पु तक सी वचारक टा सराय क ‘' द कं गडम ऑफ गॉड इज व थन यू'' है, इस
पु तक म उ ह ने म
े का स दे श दया ह।
दूसर पु तक रि कन क '’अनटू दस ला ट'' है िजसका उ ह ने गुजराती म सव दय नाम
से अनुवाद कया। इस पु तक से उ ह ने 3 श ाऐं ा त क :
थम, सभी के हत म खु द का हत।
वतीय, एक वक ल का काय और एक नाई का काय समान है य क येक को अपना
जीवन यापन करने का समान अ धकार है।
तृतीय , एक मक का जीवन सबसे अ छा जीवन है।

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तीसर पु तक थी हे नर डे वड थोरो क ''ऐसेज ऑन स वल डस ओ ब डये स इस पु तक
म उ ह ने रा य का वरोध करने के आ दोलन का व प पहचाना तथा कु छ वष तक वे स वनय अव ा
के नाम से अपना आ दोलन चलाते रहे।
इस मह वपूण पु तक के अलावा महा मा गाँधी ने 20वीं शता द के ारं भ म च लत लगभग
सभी वचारक तथा पि चमी वचारधाराओं का अ ययन कया और उन पर अपनी वतं ट का- ट पणी
क । उ ह ने समाजवाद, सा यवाद, लोकतं , उदारवाद इ या द सभी पर अपनी ट प णयां लखी है।
बे थम के उपयो गतावाद के वे कटु आलोचक थे। गाँधीजी के अ ययन का दायरा भी बहु त व तृत
था तथा उ ह ने अपने जीवन काल म बहु त लखा भी है। उनके नर तर अ ययनरत रहन का मु ख
कारण ह उ ह ने लगभग सभी वषय पर अपने वचार क अ भ यि त क ।

1.4 दाश नक वचार


सबसे पहले गोपीनाथ धवन ने महा मा गाँधी के जीवनकाल म 1944 म उनके राजनी तक
दशन पर पहला शोध तु त कया, जो बाद म ''पो ल टकल फलोसोफ ऑफ महा मा गाँधी'' के नाम
से का शत हु आ। 50 के दशक म जोन वी बोटॅू रा ने महा मा गाँधी के स या ह क तकनीक को
व वाि मकता के स ा त से समझने का यास कया और उसक तुलना मा सवाद व वाि मकता
से क है। 60 के दशक म जब महा मा गाँधी वारा र चत लेखन का भारत सरकार वारा संकलन
कया गया, तब 1989 म उनके वारा ल खत सा ह य को स पूण गाँधी वां गमय के प म का शत
कया गया। िजसम 100 थ थे तब सबसे पहल बार शोधकताओं को गांधी वचार का संकलन मला।
1980 के दशक म ह व व म आये नये प रवतन वशेष प से पूँजीवाद भु व और आधु नकता
क तानाशाह वृ त के व आ दोलन आर भ हु आ तथा नये आजाद हु ए दे श ने भी अपनी आवाज
को बुल द करना आरं भ कया। ऐसे समय म गाँधी के वचार पर लोग का यान आक षत हु आ और
उनके वचार को यवि थत व प दान करने क को शश क गयी इनम राघवन अ यर, बु दे व
भ ाचाय, यी,एन, गांगल
ु , रामा यराय इ या द मुख है। िज ह ने 70 के दशक म गाँधी को एक वचारक
के पम तु त कया और उ ह कसी भी अ य वचारक के सम बु यवि थत वैकि पक वचार
दे ने वाला दाश नक बताया 80-90 के दशक म गाँधी के वचार क तु लना समकाल न पि चमी
वचारधाराओं से क गई। रचड ऐटे नवेर ने गाँधी फ म से 80 के दशक म गाँधी का मह व बताया
है। िजन लेखक ने गाँधी को इस आधु नक समाज म ासं गक क तथा वचार को समसाम यक का
मह व बताया। उनम मु ख है- भीखू पारे ख, रोना ड वक, थामस पे थम, द त, बी,आर मेहता, नरे श
दाधीच, मागरे ट चटज , डगलस एलन इ या द।
आज गाँधी को एक दाश नक के प म माना जाता है तथा व वतजन उनके वचार से उ तर
आधु नक / आधु नक वैकि पक ववाद नवारण, वैकि पक आ थक सोच, पयावरण, नार वाद इ या द
के स दभ म पर ण कर रहे है।
गाँधी के दशन को कु छ लोग जैसे बी.एम. द ता, धीरे मोहन द त वै णव दाश नक मानते
है। हालां क गाँधी ई वर को नह ं मानकर उसको वचार और व ध का व प मानते है। गाँधी मानते
है क ई वर को प रभा षत करना असंभव है, ले कन हम उनके अि त व को महसूस करते है और केवल
उसका ह अि त व है। गाँधी ई वर को स य के प म भी प रभा षत करते है। 1925 म उ ह ने कहा

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क ई वर और स य दोन एक दूसरे क प रवतनीय इकाईयाँ ह। 1931 म वीटजरलड म गाँधी ने
कहा क म यह चाहू ँ गा क ई वर स य है क अपे ा स य ई वर है कहना अ धक उपयु त होगा। य क
अनी वरवाद के लए इसे अपनाना अ धक सु वधाजनक होगा। गाँधी ई वर क स ता का ववेक से
संचालन नह ं करना चाहते थे। यह मांड नयम से चल रहा है और उन नयम को बनाने और लागू
करने का काय ई वर य स ता के अलावा कोई शि त नह ं कर सकती। रो या रोला उ ह एक रह यवाद
मानते है य क गाँधी कसी भी नणय को लेने से पूव अपने अ दर क आवाज का हवाला दे ते थे
और अ दर क आवाज उ ह सह रा ते पर ले जाती थी। महा मा गाँधी ने अपने जीवन म तप के
वारा अपने आप यि त व को इतना शु बना लया था क उनक आवाज म ई वर क आवाज का
आभास होता था। दाश नक स ा त म महा मा गाँधी स य और अ हंसा को सवा धक मह व दे ते थे।

1.4.1 स य

महा मा गाँधी का स ा त स य और अ हंसा पर आधा रत है। उनके अनुसार वा त वकता


म केवल स य का अि त व ह। उनके स य क अवधारणा सै ाि तक तर पर लेटो के नजद क मानी
जा सकती है ले कन यथाथ म अि त ववाद के नजद क है। यूनानी वचारक ने स य को सबसे
मह वपूण अवधारणा माना है और िजसक परछाई इस दु नया म यथाथ के प म नजर आती है ।
उस नरपे स य के आधार पर ह स ा त का नमाण कया जाता है और यि त को उसके जीवन
म स य तक पहु ँ चने का यास कया जाना चा हए। महा मा गाँधी इस नरपे स य को वीकार करते
है य क अि त व नरपे है। ले कन उस नरपे स य को यि त के स य म मलने का आधार
यि त क चेतना का सव च तर को ा त करना है। जब तक ऐसा न हो यि त के स य को
सापे बाद स य माना जायेगा और हर यि त का स य ह उसका अं तम स य होगा। यह धारणा
अि त ववाद धारणा से मलती जु लती है। नरपे स य, को आ मसात करने के लए महा मा गाँधी
अपने व को नर तर योग के वारा तथा तप के मा यम से उ च चेतना यु त बनाया। इस लए
गाँधी ने त, उपवास, अ हंसा, ब मचय, अ तेय, अप र ह आ द ई वर को अपनाने पर बल दया है।
िजससे यि त क आवाज बन सके। इस कार वे नरपे स य के पराभौ तक वचार और सापे स य
के यथाथवाद वचार का सि म ण तुत करते है । वे स य को केवल आ याि मक े म ह मह व
नह ं दे ते है बि क राजनी तक े म भी इसे बनाये रखते थे। उनके अनुसार राजनी त और समाज
म कये जाने वाले काय म स य प रभा षत होना चा हये। स य के अभाव म मनु य उ े यह न हो
जाता है और अपने काय से समाज का हत नह ं कर पाता ह।

1.4.2 अ हंसा

महा मा गाँधी क पहचान उनक अ हंसा क तब ता के कारण है। उ ह ने मानव इ तहास


म पहल बार अ हंसा का उपयोग राजनी तक े म सफलतापूवक और अ हंसा को एक आधु नक े
बनाकर राजनी त व सामािजक े म एक मह वपूण काय कया है। वयं के और समाज के संघष
नवारण के लए अ हंसा का योग कया गया िजसे व व संघष नवारण के लए वीकाय और सफल
तकनीक माना जाता है। साधारणतया अ हंसा का अथ चोट न पहु ँ चाना और ह या न करना माना जाता
है और व तृत व प दे ने पर इसका अथ है कसी जीव को मन , वचन और कम से दुःख नह ं पहु ँ चाना
है। अ हंसा ह दू ,बौ धम और जैन धम म कसी न कसी प म आव यक त व है। मो ा त

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करने के लए पातंज ल जैसे योग शाि य ने इसे आव यक माना है। जैन धम म इसको अ य धक
मह व दया है और हंसा को कई े णय म जैसे आर भ भज और अनारंभ भज या न जान बूझकर
या अनजाने म क जाने वाल हंसा के प म दे खा जाता है। जैन धम म यवहार म भी इसे लागू
करने पर बल दया जाता है। बौ धम म येक साधू के लए अ हंसा का पालन करना आव यक
है। महाभारत म अ हंसा को सवा धक मह व दया गया है और मा को वीर का आभू षण माना है।
महा मा गाँधी ने टॉ सटोय क पु तक से अ हंसा के मह व को जाना और बाद म भारतीय पर परा
म अ हंसा के कई उदाहरण से इसका मह व समझा। जैसे पौरा णक कथा म भ त हलाद के उदाहरण
म उ ह ने गीता क या या करते हु ए इसे अ हंसक थ के प म का शत कया। महा मा गांधी
ने 1916 म अ हंसा म नकारा मक और सकारा मक भेद तु त कया है। उनके अनुसार अ हंसा का
अथ है कसी भी जीव को शार रक या मान सक प म पीड़ा न पहु ँ चाना। इसके सकारा मक प म
है - म
े और दान। सकारा मक प म अ हंसा क पालना करने पर यि त को अपने श ु से ेम करना
आव यक है तथा ऐसी अ हंसा स य और अभय को सि म लत करती है। इस कार महा मा गाँधी क
अ हंसा का अथ नकारा मक प तक सी मत नह ं था, वे अ हंसा के सकारा मक प को अ धक मह व
दे ते है िजसम अपने वरोधी को म
े करना सि म लत है और इसी कारण वे यह मानते थे क पाप
से घृणा करो पापी से नह ं । उनका ढ़ व वास था क अ हंसा न केवल सावभौ तक प से लागू क
जा सकती है अ पतु यह अं तम प से सह स होती है तथा इसका उपयोग करने वाला ह अं तम
वजय ा त करता है। उनक यह मा यता थी क मनु य मू लत: दे वीय व प होता है, पर उसम पशुता
के अंश मौजू द है और इस लए हंसा करना बहु दा मनु य का वभाव बन जाता है ले कन वे यह भी
मानते थे क नर तर यास से मनु य अपने जीवन म बहु त कु छ हद तक अ हंसक बना रह सकता
है। स य और अस य, हंसा और अ हंसा क लड़ाई मनु य तथा समाज म नर तर चलती रहती है ।
महा मा गाँधी के अनुसार अ हंसा तीन तरह क हो सकती है :-
1. कायर क अ हंसा जो दुबलता के कारण हंसा का सहारा नह ं ले सकता।
2. राजनी तक तर के के प म अ हंसा का योग।
3. अ हंसा के त आ म तब ता जो आ मानुशासन व आंत रक आ मानुभि त से आती है ।
गाँधी कायर क अ हंसा को अ हंसा नह ं मानते है। राजनी त या सामािजक े म सफलता
के लए क जाने वाल सव े ठ अ हंसा नह ं है। जब तक मनु य आंत रक प से अ हंसा के त तब
न हो, सव े ठ अ हंसा नह ं हो सकती। गाँधी यावहा रक अ हंसा को चार े म इं गत कये है :-
1. स ता के व अ हंसा का योग।
2. आंत रक उप व के म य अ हंसा का योग।
3. बा य आ मण म अ हंसा का योग
4. घरे लू े म अ हंसा का योग।

1.5 स या ह
राजनी तक दशन म महा मा गाँधी क मुख दे न थी स या ह। स या ह का शाि दक अथ
है स य के त आ ह। स य के त यह आ ह यि त को शि तशाल बनाता है। इस आ ह को
बनाये रखने के लए एक मा साधन है अ हंसा। द ण अ का म सरकार का तरोध करते समय

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महा मा गांधी ने अपने आ दोलन को नि य तरोध का नाम दया था। धीरे -धीरे महा मा गाँधी
को यह एहसास हु आ क उनके वारा चलाया गया आ दोलन नि य श द से पूणतया नह ं समझा
जा सकता य क उनके आ दोलन म कुछ वशेषताएं ऐसी थीं जो उसे नि य तरोध से अलग
करती थी। महा मा गाँधी का स वनय अव ा आ दोलन उनके स चे भाव और उनके ठोस स ा त
पर आधा रत था िजसम तर कार नह ं था। नि य तरोध कमजोर का ह थयार माना जाता था।
महा मा गाँधी के जीवन म हंसा क कोई गुज
ं ाइश नह ं थी। अपने आ दोलन को अवधारणा मक पहचान
दे ने के लए गाँधीजी ने अपने प ''इं डयन ओ प नयन' म पाठक से इस बारे म सु झाव माँगे। मगनलाल
गाँधी ने 'स या ह'' श द सु झाया। गाँधीजी ने इसको यापक बनाते हु ए अपने आ दोलन का नाम
''स या ह'' दया। यह दो श द से मलकर बना है – सत ्+आ ह। या न स य के त आ ह। यह आ ह
अ हंसा के बना संभव नह ।ं आज सार दु नया म अ हंसक तरोध को स या ह के नाम से जाना
जाता है। गाँधीजी ने द ण अ का म कये गये आ दोलन के इ तहास को 'स या ह का इ तहास'
नामक पु तक म व णत कया गया है । गाँधीजी स या ह को एक मक वकास के प म दे खते
थे। उनके अनुसार यि त वयं को तप के वारा उ कृ ट बनाने के लए नर तर को शश करता है
तथा चेतना के उ च तर को ा त करता है। वह नि य तरोध को गर ब का ह थयार मानते थे
और स या ह को बलवान का अ मानते थे। इसम अ हंसा आव यक त व थी। स या ह का उ े य
स य को ा त करना है और उसे कसी भी क मत पर यागा नह ं जा सकता। स या ह का योग
करने वाला और कानून का वरोध करने वाला हर यि त परे शानी झेलने को तैयार रहता है । वा तव
म स या ह कानून क पालना करने वाला होता है और वे उसी कानून के वरोध क बात करते है
जो नै तकता का वरोधी होता है। गाँधी जी के लए नै तकता सव च थी। स या ह के यावहा रक
प को प ट करते हु ए गांधी जी मानते थे क स या ह करने वाले को अपनी मूल माँग से आगे
नह ं बढ़ना चा हए। उनका वचार था क स या ह से ा त सफलता को बनाये रखने के लए नर तर
स या ह बने रहना आव यक है। हे नर डे वड थोरो के वचार से भा वत होते हु ए गाँधीजी मानते
थे क यि त सबसे पहले है और उसको नै तक मू य को बनाये रखने के लए हमेशा संघषरत रहना
चा हए। अपने अ धकार क र ा के लए स वनय अव ा आ दोलन का योग करना चा हए और इसके
प रणाम को भु गतने के लए तैयार रहना चा हए। गाँधीजी के अनुसार यि तगत हत के लए स या ह
नह ं करना चा हए। स या ह का योग हमेशा जन- हताय, जन-सु खाय होना चा हए। स या ह का योग
करते समय भी महा मा गाँधी वरोधी प से नर तर बात-चीत करने पर बल दे ते थे और सभी यास
म वफल होने पर ह स या ह यु त करने क सलाह दे ते थे । स या ह आर भ करने से पूव स या ह
को लोकमत अपने प म करना चा हए। यह भी यान रखना चा हए क िजन बुराईय के व वह
संघष करता है वे बुराईयाँ वयं म व यमान न हो। वह आ मशु ी और स या ह से अपनी लड़ाई जीत
सकता है। उसे हमेशा अपने वरोधी से बात-चीत करने के लए रा ता खुला रखना चा हए। गाँधीजी
स या ह बनने क बहु त सी शत बताते है स या ह के साथ-साथ रचना मक काय भी करते रहना चा हए।
सेवा तथा ेम क भावना के फल व प ह स या ह सफल हो सकता है। स या ह वन ता का तीक
है और हंसा का वक प है। आमरण अनशन स या ह का अं तम ह थयार है। िजसका योग वशेष
प रि थ त म ह कया जाना चा हए। गाँधीजी ने स या ह म व भ न अ का योग कया था िजस
म असहयोग आ दोलन सबसे मह वपूण था। वे इसम हड़ताल, सामािजक ब ह कार, आ थक ब ह कार,

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धरना, स वनय अव ा, हजरत, उपवास इ या द है। वे स या ह के सकारा मक प को मह व दे ते
थे िजसम केवल वरोध करना ह नह ं अ पतु सकारा मक काय म को बनाये रखना भी आव यक है।
उ ह ने 15 सू ी सकारा मक काय म बनाये थे िजसम खाद का चार- सार, ामो योग का वकास,
ाम वरा य क थापना, बु नयाद श ा, ौढ़ श ा, नार उ ार, आ थक समानता इ या द शा मल
है।
भारत म आने के प चात ् गाँधीजी ने कई स या ह कये। िजसम अ खल भारतीय तर पर
कये गये स या ह म रोलेटए ट के खलाफ 1919 म कया गया आ दोलन, खलाफत आ दोलन,
असहयोग आ दोलन 1920, 1930 म ''स वनय अव ा आ दोलन'' 1940 म यि तगत स या ह,
1942 म भारत छोड़ो आ दोलन मु ख है। थानीय लोग के लए 1917 म च पारन, 1918 म
अहमदाबाद म मक के समथन म कया गया, तथा 1924 म वणकोर का स या ह आ द मु ख
है।

1.6 आ थक वचार
गाँधीजी के आ थक वचार भी स य और अ हंसा से ओत- ोत थे। वे यह मानते थे क
आधु नकता बड़े-बड़े उ योग तथा मशीनीकरण पर आधा रत है और ये हंसा को बढ़ावा दे ते है। एक
आदश समाज क रचना के लए वावल बी गाँव क आव यकता ह। यि त अपनी आव यकताओं
को सी मत रखे और नै तक जीवन यतीत कर। उ ह ने ाम वरा य क क पना म कु ट र उ योग
को अ धक मह व दया है तथा का यक म पर बल दया है। गाँधीजी मानते थे क येक व थ
यि त को दन म कम से कम दो घ टे शार रक म करना चा हए तभी वह भोजन पाने का अ धकार
है। वे मान सक और शार रक म क समानता के ि टकोण को वीकार करते है। वे उस पूँजीवाद
आ थक यव था के व थे जो भौ तकवाद इ छाओं क पू त के लए उ योग क थापना करती
है। गाँधीजी सा यवाद वचारधारा के भी वरोधी थे य क उनके अनुसार वह हंसा पर आधा रत
वचारधारा है और यवहार म त काल न सो वयत संघ क यव था के आधार पर यह मानते थे क
यह यव था के यकृ त यव था को बढ़ावा दे ती है, िजसम शि त का के यकरण होता है। गाँधीजी
शि त के के यकरण को शोषण का आधार मानते है। उनके अनुसार शि त का वके करण होना
चा हए और वे इसी भाव को यान म रखकर आ थक वके करण क वकालत करते थे। उ ह ने पूँजीवाद
व सा यवाद से परे यास के स ा त को अ धक मह व दया है िजसके अनुसार आ थक साधन पर
नय ण नजी हाथ म होगा। ले कन वे उसे यास मानकार यासी के प म काय करगे। पूज
ँ ी का
उपयोग '’सवजन हताय'' करे । राजनी तक े म उ ह ने उपयो गतावाद के थान पर सव दय क
वकालत क । जहाँ उपयो गतावाद यि त के अ धकतम सु ख क क पना करता है वह ं सव दय सभी
के उदय क क पना करता है। उपयो गकतावाद म सु ख क प रभाषा शार रक सुख या इि यज य
सु ख है। जब क महा मा गाँधी के सव दय म सबके उदय म इि यज य सु ख के बजाय आि मक सु ख
को सि म लत कया है। गाँधीजी अपने आदश रा य को राम रा य क सं ा दे ते थे िजसम येक
यि त अ हंसा पर आधा रत जीवन का उपयोग करता है और अपने क त य को पूरा करता ह। गाँधीजी
का मानना था क आदश समाज एक रा य वह न समाज है। िजसम शि त पूण प से वकेि त है
और वह वावल बी गाँव को शा मल कर बना है िजसम यि त का मह व है। ले कन यि त का

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अि त व समाज के बना संभव नह ं है। उ ह ने यि त और समाज के म य के स ब ध को ''सामु क
वतु ल'' “ओशे नक स कल'' के आधार पर समझाया है। िजस कार समु म प थर फकने पर हजार
क सं या म लहर के वतु ल का नमाण होती है िजनके आकार आधार अलग-अलग कार है क तु
िजसका के एक ह होता है। उसी कार समाज म कई कार के समूह है , जो वतु ल के प म एक
दूसरे से जु ड़े है। ले कन उनका के यि त होता है। समू ह यि त के बना प रभा षत नह ं होता है।
वे जातं क यव था म व वास रखते थे और उदारवाद स ा त को मह वपूण मानते थे ले कन
उनक सोच भारतीय पर परा के मूलभू त स ा त पर आधा रत थी। वह अपनी सं कृ त और पर परा
क उदारवाद या या के प धर थे। आधु नक समय म भारतीयता के तीक थे। उनक गणना आज
व व के सवा धक महानतम वचारक म क जाती है वे केवल भारत के त न ध ह न होकर व व
क मानवता के तीक थे और लोकमंगल के साधक-उपासक थे।

1.7 राजनी तक वचार


गाँधी वयं को एक राजनी तक वचारक नह ं मानते थे हालां क उनके दाश नक वचार क
पहल यवि थत तु त ह द वरा य म है। ले कन उ ह ने कभी भी राजनी तक ग त व धय के
बारे म अपने वचार को यवि थत ढं ग से तुत करने का यास नह ं कया। उ ह ने माना है क
वे नर तर स य के रा ते पर चलते रहे और उस रा ते पर उ ह जो सफलताएं मल उस आधार पर
अपने वचार को संग ठत करते रहे । वे सभी राजनी तक ग त व धय को नै तक ि ट से दे खते थे।
उनके अनुसार कोई भी ग त व ध जो नै तक ि ट से नह ं हो उ चत नह ं है । चूँ क वे कसी वशेष
राजनी तक दशन से स बि धत नह ं थे। इस लए उनके वचार म कई बार पार प रक वरोध नजर
आता है। ले कन सामा यत: यह कहा जा सकता है क वे एक राजनी तक अराजकतावाद थे जो शि त
के के यकरण के वरोधी थे और रा य को स य के यकरण का सबसे बड़ा उदाहरण मानते थे।
वे रा य के बढ़ते व प और काय को भय से दे खते थे। उनके अनुसार एक आदश समाज क क पना
म रा य का कोई थान नह ं था। वे आदश समाज को रामरा य क सं ा दे ते थे। वे यह मानते थे
क रा य हंसा का त न ध व करता है और रा य क बढ़ती शि त से सवा धक नुकसान यि त
क अि मता को होता है। यि त के पास आ मा है रा य आ मा वह न है। गाँधीजी ने कहा था क
ऐसे कानून क पालना नह ं करनी चा हए जो हमार नै तक मा यताओं के व हो। उनके अनुसार
राजनी तक शि त अपने आप म एक सा य नह ं है। राजनी तक शि त का उपयोग समाज के सद य
को जीवन क सु वधाएं दान करना है उनक मा यता थी क यि त स भू होता है और उसके
स भू व का आधार उसक नै तक स ता है। गाँधी रा य और समाज म अ तर करते थे। उनके अनुसार
अगर यि त समा त होता है तो कु छ बाक नह ं रहे गा। इस लए यि त के आ धप य को राजनी तक
दशन म वीकार कया जाना चा हए। 1916 म बनारस ह दू व व वधालय म भाषण दे ते हु ए उ हने
कहा था क वे अराजकतावाद है। गाँधी केवल आदशवाद वचारक ह नह ं थे उनका उ े य आदश ा त
करना था। उ ह ने वतीय तर के रा य क बात भी क है। िजसम रा य एक उदारवाद लोकतां क
रा य होगा तथा लोक शि त का वके करण होगा। ऐसे रा य म अ धकतम शि तयाँ गाँव के तर
पर पंचायत के पास रहे गी। वह गाँव आदश गाँव होगा जो आ थक, सामािजक और राजनी तक ि ट
से वाय त नकाय के प म काय करे गा। गाँधी के वरा य क क पना एक ऐसे दे श क क पना
थी िजसम स ता उस दे श के नाग रक के पास हो तथा वे राजनी तक प से वतं हो तथा िजसम

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अपने समाज को बदलने क शि त और अ धकार समाज के यि तय के पास ह । ऐसे रा य म सरकार
यि तय के त उ तरदायी हो तथा िजसम गर ब यि त का शासन हो। गाँधी के वराज क अवधारणा
आ थक और राजनी त दोन तर पर वतं ता को बनाये रखने का समथन करती है। गाँधी यि त
के अ धकार क र ा का भी समथन करते है। गाँधीवाद अ धकार मूलत: वे अ धकार है, िजसके उपयोग
से यि त अपने मू य को बनाये रख सके और एक नै तक समाज क थापना कर सके। गाँधी वतं ता
के साथ-साथ समानता और याय के स ा त म व वास करते थे। इसम वे न केवल ी-पु ष समानता
अ पतु जा तगत समानता, मान सक और शार रक समानता के भी प धर थे। गाँधी हालां क जातं
म व वास करते थे। ले कन उ ह ने ह द वरा य म अं ज
े ी संसद य णाल क आलोचना क और
माना है क अगर भारत इं लै ड क णाल को अपनाता है तो यह उसके लए अ छा नह ं होगा। गाँधीजी
के अनुसार टश संसद के वारा कोई भी अ छा काय नह ं कया गया है और वह मं य के भाव
से संचा लत होती है अत: वह जनता का त न ध व नह ं कर पाती है। पि चमी जातं का आधार
हंसा है। जातं जो अपने यवहार म बना हंसा के जी वत नह ं है वह वा तव म जातं नह ं है।
उसम और फासीवाद म कसी कार का अ तर नह ं है। बु दे व भ ाचाय के अनुसार गाँधी क पि चमी
जातं क आलोचना तीन मु ख कारक पर आधा रत है:
1. पूँजीप तय वारा नधन यि तय का शोषण।
2. पूँजीवाद का व तार जो जन सामा य के शोषण क राह बताता है।
3. गोर चमड़ी वाल क रं गभेद नी त।
हालां क गाँधीजी बोअर यु 1899 म अं ेज क तरफ से ह सा लया था। ले कन वे यु
के खलाफ थे। थम व व यु के आते-आते गाँधी पूणतया यु वरोधी बन गये । गाँधीजी ने थम
और वतीय व व यु क न दा क और कहा क हंसा से कसी सम या का समाधान नह ं होता
है। कोई भी राजनी तक वचारधारा हो और उसके अनुसार आदश समाज का नमाण मू लत: हंसा के
वारा होगा तो वह सह वचारधारा नह ं हो सकती है। गाँधीजी शाि त के प धर थे पर उनक शाि त
क अवधारणा कोई ि थर शाि त नह ं थी। वे शाि त को सकारा मक और प रवतनशील या के प
म दे खते थे। िजसम सम या का समाधान अ हंसा के मा यम से कया जाता ह। गाँधीजी म ढ़ व वास
था क व व क सम या का समाधान केवल अ हंसा के मा यम से संभव है। गाँधी को मू लत: स ता
के वरोध का दाश नक माना जाता है। स ता का वरोध करने पर गाँधी का नाम स मान से लया
जाता है। दुभा यवश: गाँधी के राजनी तक वचार पर आधा रत आदश समाज के नमाण क पुरजोर
को शश नह ं क गई। इस लए गाँधीवाद आदश समाज के अि त व म न आने के कारण उनके
राजनी तक दशन के यावहा रक प का पर ण नह ं कया जा सका।

1.8 महा मा गाँधी का च तन म योगदान


महा मा गाँधी 20वी शता द के सबसे मह वपूण राजनी तक वचारक म से एक थे , िज ह ने
राजनी तक च तन म सवका लक योगदान दया है, िजसे न न कार दे ख सकते है :
1. गाँधी ने राजनी त का वरोध करने के एक नये साधन “स या ह” क खोज क और उसका
सफलतापूवक योग करके भारत को आजाद दलायी। रा य स ता के वरोध म तथा अ तरा य
संगठन क नी तय के व होने वाले आ दोलन म स या ह का यापक तर पर योग कया
जाता है।
18
2. गाँधी के अ हंसा ओर संघष नवारण क तकनीक का समाज के व भ न समू ह और ि थ तय
म नर तर योग कया जा रहा है। उसे “वैकि पक ववाद नपटारा'' म सफलतापूवक मह वपूण
थान दया जाता है। हाल ह म आई भारतीय फ म “लगे रहो मु ना माई'' म ''गांधी गर ” का
इ तेमाल हु आ है, इसम गाँधी के स ा त को यि त के जीवन म छोट -छोट सम याओं के
समाधान हेतु उपयोग म लाने का ववरण तु त कया गया है। “गांधी गर ” आज लोक य श द
बनता जा रहा है जो वरोध कट करने के एक स य तर के को कट करता है।
3. गाँधी ने आधु नक समाज के नकारा मक प को जा त कया और उसे बचाने के उपाय सु झाये
िजनके कारण उ ह वैकि पक सफलता के वचार दे ने वाले वचारक म शा मल कया जाता है।
4. उनके या सता स ा त म अ हंसा से वग संघष को समा त कये जाने का तर का सु झाया है।
िजसम हंसा का उपयोग नह ं करते हु ए समाज म सामािजक याय क थापना क जा सके।
5. उनके पयावरण स ब धी वचार ने वकास क पि चमी अवधारणा को सश त चु नौती द है और
वकास का आधार मनु य क आव यकताओं को पूरा करना बताया है न क उसके लालच को
पूरा करना।
6. गाँधी ने नै तकता को मनु य क सभी ग त व धय का आधार माना है और वे बीसवीं शता द
म उन नै तक वचारक म है जो राजनी त को भी नै तक ि ट से व ले षत करना चाहते है।
7. उ ह ने अ हंसा को राजनी तक ि ट म था पत कया और लेटो के प चात ् स य को राजनी तक
दशन म पुन था पत कया।

1.9 सारांश
तु त पात म महा मा गाँधी के जीवन और वचार का अ ययन कया गया है। इससे हम
यह पता लगता है क महा मा गाँधी ने अपना जीवन एक साधारण यि त के प म आर भ कया
और धीरे -धीरे अपने प र म से एक महान यि त बन। उ ह ने बड़ी से बड़ी मु सीबत म स य और
ई वर का साथ नह ं छोड़ा और स य और अ हंसा के माग पर चलते रहे उनके स य और व वास ने
उ ह महान यि त बनाया। गाँधी अपने च तन म कसी वशेष वचारधारा के तपादक नह ं थे।
उ ह ने अपने जीवन म अनुभव से बहु त कुछ सीखा वे नर तर राजनी त म संल न रहने के उपरा त
भी एक अ छे पाठक थे। खु ले मि त क के होने के कारण उ ह ने अ ययन और जीवन मू य से बहु त
कु छ सीखा और उसे अपनी तरह से वचार के प म तु त कया िजसे हम आज गांधी च तन के
नाम से जानते है वे अपने जीवन के येक पहलू को नै तक ि ट से दे खते थे। वे जीवन के हर े
म नै तकता के प धर थे। इस लए उ ह ने अपने आ थक जीवन और राजनै तक च तन म भी अ हंसा
को मु खता द है। इस अ याय को पढ़ने से हम मालूम होता है क गाँधी न केवल महान यि त व
के धनी थे वरन ् वे एक महान वचारक भी थे।

1.10 अ यास न
1. महा मा गाँधी के च तन पर पड़ने वाले भाव को इं गत क िजए।
2. गाँधी च तन म स य और अ हंसा का मह व बतलाइये।
3. महा मा गाँधी के स या ह क अवधारणा को प ट क िजए।

19
1.11 संदभ थ सू ची
1. महा मा गांधी क आ म कथा : स य के साथ योग, नवजीवन काशन, अहमदाबाद, 1966।
2. महा मा गांधी : ह द वरा य, नवजीवन काशन, अहमदाबाद, 1990।
3. नरे श दाधीच : गांधी एवं ए जे टे श ल म रावत पि लकेशन, जयपुर, 1993।
4. गोपीनाथ धवन : द पो ल टकल फलोसोफ ऑफ महा मा गाँधी, नवजीवन काशन,
अहमदाबाद,1990।
5. बी. अ ण कुमार : गांधीयन ोटे ट, रावत पि लकेशन, जयपुर , 2008।

20
इकाई - 2
रचना मक काय म
इकाई क परे खा
2.0 उ े य
2.1 तावना
2.2 व भ न रचना मक काय म
2.2.1 सवधम समभाव-स यता संघष का तहार
2.2.2 अ पृ यता-मानवा धकार का हनन
2.2.3 मघ नषेध - मानव ग रमा को बढ़ाना
2.2.4 खाद - येक नाग रक म आ म स मान जगाना
2.2.5 थानीय आ म नभरता हे तु ामीण उ योग
2.2.6 ाम सफाई और सामू हक सु र ा के लए ढ होना
2.2.7 नाग रक श ण के लए बु नयाद श ा
2.2.8 ौढ श ा और रा नमाण म भागीदार
2.2.9 म हलाऐं - समान भागीदार के प म
2.2.10 वा य और शु ता क श ा
2.2.11 वरासत और सामािजक स ब ता के संर ण हे तु ा तीय भाषा
2.2.12 एकता व समान सोच के लए रा य भाषा
2.2.13 आ थक समानता - सामािजक क याण क पूव शत
2.2.14 कृ ष ि थरता संर ण हेतु कसान
2.2.15 उ पादन व वतरण म मक क सहभा गता
2.2.16 आ दवासी - मानव भ नता से पी ड़त
2.2.17 कु ठ रोग और सहानुभू तपूण लगाव
2.2.18 व याथ - भ व य के नेत ृ वकता
2.3 एक नयी सामािजक यव था क प रे खा, रचना मक काय म
2.4 वनोबा क रचना मक या या
2.5 रचना मक काय म क समकाल न उपादे यता
2.6 सारांश
2.7 अ यासाथ न
2.8 संदभ थ सूची

21
2.0 उ े य
इस इकाई म आपको महा मा गाँधी के रचना मक काय म क जानकार द जायेगी। इस
इकाई के अ ययन के बाद आप जानगे -
 रचना मक काय म का अथ
 रचना मक काय म का मह व
 वनोबा वारा रचना मक काय म क या या
 रचना मक काय म क समकाल न ांस गकता

2.1 तावना
वराज के लए कए जा रहे अ हंसक आ दोलन म व भ न तर पर समाज के स पूण वकास
के लए गाँधी ने अनेक काय म दए। उ ह ने ' वराज' श द का योग बार-बार कया िजसका आशय
रा क राजनी तक वतं ता से कह ं अ धक था और यि त के आ थक क याण से जु ड़ा था। गाँधी
के लए ' वराज' श द बहु त भावाथ और गहन अथ रखता था। इसका अथ था, भय से मु ि त, व
पर अ धकार, राजनी तक और आ थक आ म नभरता अ य लोग क चेतना और सामािजक सं थाओं
का स मान य क ये सं थाऐं वष क सामू हक वचार और भावनाओं के प रणाम व प अि त व
म आई ह। गाँधीजी क समाज स ब धी मा यता ने सामािजक सं थाओं क प व ता और
अनु लंघनीयता को पुन था पत कया ह। वे िजस आमू ल-चू ल प रवतन क वकालत कर रहे थे वह
ेम, क णा, मू य के स मान और पर पराओं पर आधा रत था और घृणा , अस ह णु ता, हंसा
(र तपात) आ द का पूणतया वरोध करता था। उ ह ने रा को कम क सु वचा रत योजना द िजसे
रचना मक काय म के प म जाना जाता है।

2.2 व भ न रचना मक काय म


इस मॉडल के वकास के लए गाँधी के सु झाव और एक अ हंसक सामािजक पा तर तथा
यि त के उ ार और सशि तकरण क िजन तकनीक को गाँधी ने अपनाया वे कसी भी प म तुर त
पूर करने अथवा बना सोचे वचारे करने से स बि धत नह ं थी। आज िजसे रचना मक काय म के
प म जाना जाता है, िजसे गाँधी ने रा नमाण और इसके खोए हु ए गौरव को पुन: ा त करने
के लए दया है, वह बताता है क प रवतन के लए गाँधी ने वयं इं गत कया क ये काय म केवल
उदाहरण मा ह।
हम इन काय म पर एक नजर डालनी चा हए, िजसके तीन मु य भाग है
1. यि त के वयं के जीवन और जीवन जीने क प त म सुधार
2. हालां क पुराना सामािजक ढ़ाँचा मौजू द है ले कन नये सामािजक ढाच के नमाण के लए
रचना मक काय म और
3. व श ट सामािजक बुराइय के व अ हंसक तकनीक के व भ न प के योग का अ यास
व भ न काय म के सावधानीपूवक व लेषण के बाद जीन शाप ने गाँधी के ि टकोण क
या या इस कार क है। गाँधी क मा यता थी क आ म नभर और वत ता क वशेषताओं
वाल समाज यव था को इस तरह क वशेषताओं से प रपूण आ दोलन चलाना चा हए।

22
इस लए गाँधी ने एक नयी समाज यव था वक सत करने का वचार दया, िजससे रा य
व अ य पुरानी यव था म वे छा से वत रचना मक काय म चलाऐं जाएं। उनके यास
योगा मक थे, इन यास को पया त कहने वाल म वे आ खर थे। रचना मक काय म
के स ांत के त उनक सोच केवल इस दशा म सुझावा मक थी, वे स वा त नमाता नह ं
थे। हालां क यह एक दशा- नदश ह तीत होता है जो इसे समझने के लए गंभीर यास
क साम य रखता है और इसक सम याओं और स भावनाओं को ढू ंढ नकालता है।

2.2.1 सवधम समभाव - मानवा धकार का हनन

स यता संघष का तहार गाँधी ने धम को पूर तरह अनुभव कया क धम का सृजना मक


व प सामािजक मू य के एक करण म मह वपूण भू मका नभा सकता है। एक नये ि टकोण क
वकालत करते हु ए उ ह ने लोग को याद दलवाया क धम, एक ल य तक पहु ँचने का अ भ न माग
ह। और वा तव म जब हम ल य पर पहु ँच जाते ह तो इस बात से कोई अ तर नह ं पड़ता क हमने
कस माग को अपनाया था। सभी धम ेम क शा वत श ा दे ते ह। अभी तक हमने अपने चार और
दूसर के धम को नीचा दखाने क वृि त को वक सत होते और अपने धम का गुणगान करते दे खा
है। बहु त लोग क मू ल सोच म ह इस बात का अभाव होता है क व वध प रि थ तय म स ह णु ता
समाज के ताने-बाने के बनाए रखन म ग द का काम करती है। वे इस सामा य से स य को, मू ल जो
है क स ह णुता हम आ याि मक अ त ि ट और भु जाओं को साहस का ढ़ व वास दे ते ह िजससे
व भ न धम व व वास के बीच के अवरोधक टू ट जाते ह। इससे मानव समझ का दायरा भी बढ़े गा।
इस कार गाँधी ने एक नयी सोच-सव धम समभाव (सभी धम क समानता) क वकालत क ।
गाँधी वारा सम थत 'सवधम समभाव', सभी धम के त समान यवहार क ाि तकार
सोच है और जहाँ येक धम अपने मत के अनुसार समृ , और आशाओं से पुि पत हो। भारत और
व व म अ य थान पर अि त वमान बहु लवाद धम म, येक धम को स मान, मह व और बढ़ावा
दया जाना चा हए। उभरते बहु जातीय, बहु न ल य ,बहु माषायी प र य म, शाि तपूवक एक साथ रहने,
वकास और शाि त को सु नि चत करने के लए एक साझा ल य को पाने हे तु व वधता और बहु लवाद
को येक यि त म बढ़ाना और पो षत करना होगा। यह तब तक संभव नह ं होगा जब तक येक
यि त अपने वचार क संक णता को नह ं हटाता और सभी धम के साथ स मानपूण यवहार करना
नह ं सीखता। स मान और स ह णु ता को धम का ह सा बनना होगा सामंज य तथा बंधु त व को पो षत
करने के लए यि तगत और सामू हक य न करने पड़ेग।े

2.2.2 अ पृ यता - मानवा धकार का हनन

गाँधी का मानना था, कसी वशेष समु दाय म ज म के आधार पर, वचा के रं ग के आधार
पर, यवसाय के आधार पर, जनसं या के कसी भी ह से को पृथक करना मानवा धकार का हनन
है और मानवता के व पाप है। इस लए उन वं चत वग के त होने वाले गलत यवहार को, साहस
व व वास से यि तगत व सामािजक यास से उ मूलन करना चा हए। गाँधी ने कहा क इन द लत
लोग को ढ़वाद और अमानवीय यवहार से मु ि त दलवानी होगी। उ ह ने लखा, '' येक ह दू
को उनक परे शानी के त सहानुभू त होनी चा हए और उनक दुःख भर पृथकता / अलगाव म उनसे

23
म ता करनी च हए। पृथ करण का ऐसा डरावना वशालकाय व प भारत के अलावा शायद और कह ं
दखाई नह ं दे ता। म जानता हू ँ क यह काय कतना क ठन है। पर तु वराज पी वशाल भवन के
नमाण का यह एक ह सा है और वराज तक जाने का माग फसलन भरा और संकरा है। इस माग
म अनेक को रपटने वाल चढ़ाई और गहर खाईयां है। इससे पहले क हम चोट तक पहु ँच सके और
वतं ता क खुल हवा म सांस ल, हम बना लड़खडाऐं बाधा पाल कर लेनी होगी।''
द ण अ का म गाँधी जी के 21 वष के काय को अब ऐसे अ भयान के प म समझा जा
रहा है िजसका उ े य मु य प से तीन चीज को जीतना था -
1. बना रं ग भेद के सभी नाग रक के साथ न प यवहार को सु नि चत करना।
2. शै क काय योजनाओं के वारा भारतीय पर मट मजदूर और अ य लोग को संग ठत और
श त करना।
3. िजनके व अ भयान चल रहा था उनके तक सु नना और दूसरे क भावनाओं का स मान
करना।
गाँधी का द ण अ का वास, जो क गाँधी के जीवन के लए अ य त नणायक था, एक
युवा वक ल से गाँधी के महा मा बनने का भी गवाह बना। गु दे व रवी नाथ टै गोर ने गाँधी को 'महा मा'
क उपा ध द और नेताजी सु भाष च बोस ने गाँधी के योगदान को मह व दे ते हु ए उ ह 'रा पता'
का स बोधन दया।

2.2.3 म य नषेध - मानव ग रमा को बढ़ाना

शराब पीने क बुराई, जो दुः ख इसके मा यम से म हलाओं पु ष व ब च के जीवन म आते


ह, प रवार क बबाद , गाढ़ मेहनत क कमाई का घ टया शराब बेचने वाल हाथ म जाना और शराब
पीने से उ प न वा य स ब धी संकट ने गाँधीजी का यान आक षत कया और वे इस बुराई से
संघष करना चाहते थे। गाँधी वारा म य नषेध स म त क पहल क गई, िजसने शराब क बुराइय
को सामने लाने स ब धी श ा का यापक अ भयान हाथ म लया, इसम संदेह नह ं क इसने सामा य
जाग कता उ प न करने म मह वपूण योगदान दया। इसके साथ ह गाँधी जी के नेत ृ व म भारत
के सभी ह स म शराब बंद का जोरदार अ भयान चलाया गया। गाँधी लखते है ''हम अ हंसक यास
से अपने ल य तक पहु ँचना होगा, हम उन लाख आद मय , म हलाओं के भा य को सरकार पर नह ं
छोड़ सकते जो शराब और नशील व तु ओं के अ भशाप से पी ड़त है। च क सा से जुड़े लोग इस बुराई
को ख म करने म सबसे यादा योगदान दे सकते ह। उ ह शराब छुड़ाने और अफ म के आद अ भश त
लोग को मु त करने के तर के ढू ं ढने पड़ेगे। म हलाओं और व या थय को यह सुधार लाने म आगे
आने का सु अवसर है। बहु त तर क क अ छ सेवा से वे वसन के आद लोग को मना कर इस बुर
आदत को छोड़ने को बा य करने क अपील कर सकते ह।
हांला क भारत म म य नषेध प रषद, रा य और के सरकार तथा हजार वयंसेवी समू ह
ने इस बुराई को ख म करने के लए अनेक कदम उठाऐं ह ले कन वा त वक ि थ त म सुधार अभी
भी नह ं हो पाया है।

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2.2.4 खाद - येक नाग रक मे आ मस मान जगाना

खाद को स चे अथ म गाँधी क ाि त क आ मा पुकारा जा सकता ह और गाँधी के लए


खाद , यि त व रा दोन के लए वावलंबन का तीक था। गाँधी ने खाद को 'आ थक' आ म नभरता
क शु आत और दे श म सभी के लए समानता के प म व णत कया है। यंजन क पहचान खाने
पर ह होती है। हर यि त को यास करने दो, और म जो कह रहा हू ँ उसे न हताथ म समझना
होगा। इसका अथ है स पूण प म वदे शी मान सकता। भारत म जीवन क सभी आव यकताओं को
पूरा करने का न चय और यह भी ामवा सय क मेहनत व बु मता के मा यम से। इसका अथ
है वतमान म मौजू द या को ब कुल उलटना।
उ पादन म रचना मक लगाव उ प न करके येक नाग रक म रा गौरव उ प न करना और
अ छ आय के लए काय वयं और व व को म के त तब ता था पत करना खाद के मूलभूत
स ा त म है। गाँधी का कताई, बुनाई और हाथ के बुने कपड़े पर जोर दे ना उस समय एक ां तकार
वचार था जो व व म कह ं भी कसी भी प म नह ं था। आज भारत म खाद के रोजगार दे रहे
ह, और दूर दराज इलाक म रहने वाले उपे त लाख म हलाओं, पु ष और द तकार को अ छ आय
का ोत है। गाँधी ने यह भल भां त जान लया था क आधु नक युग के सभी वकास सीधे नाग रक
के आ थक क याण से जुड़े है। गाँधी के लए खाद , भारतीय मानवता और इसक आ थक आ म नभरता
तथा समानता का तीक था। जवाहर लाल नेह ने का य प म, खाद को भारतीय वतं ता क पोशाक
(वद ) कहा। इस कार गाँधी के मतानुसार खाद जीवन क आव यकताओं का पूरा करने का साधन
है। यह ाम वावल बन क ओर भी एक कदम था और ाम के येक सद य के लए अ त र त
आय का साधन। इस कार गाँधी को आशा थी क यह कई तर वाला एक ऐसा काय म था, जो
ामीण लोग म नई आशा का संचार करे गा।

2.2.5 थानीय आ म नभरता के लए ामीण उ योग

आम जनता वारा उ पादन, गाँधी के मतानुसार, वकास समानता और शां त क आव यक


शत है जो इस बात पर जोर दे ता है क येक गांव को एक वतं , आ म नभर इकाई माना जाएं
जहाँ ह त शि पय , द तकार , मजदूर को उपयोगी काय म लगे रहने के पया त अवसर मले जो उ ह
इनके पर परागत और जीवन जीने यो य साधन को ा त करने म स म है। ये भ न ग त व धयाँ
न केवल रोजगार उ प न करे गी वरन ् गांव म यि त क आय म वृ भी सु नि चत करे गी। बुनाई,
तेल पराई, शहद नकालना, पापड़ बनाना, चावल तैयार करना, ह त न मत कागज साबुन बनाना,
ामीण उ योग क उस स पूण सू ची म ये कुछ थोड़े से काम है जो गांव म हाथ से क जा सकते
है। गांधी ने लखा ''हाथ से पसाई, कटाई, साबुन बनाना, कागज बनाना, मा चस बनाना, रं गाई तेल
पराई आ द जैसे आव यक ामीण उ योग के बना ामीण अथ यव था पूर नह हो सकता। सभी
को जब भी जहां भी यह उपल ध हो इसके उपयोग को आ मस मान का मसला मानना चा हए। मांग
आने के बाद इसम संदेह नह क हमार यादातर आव यकताओं क पू त गांव से हो सकती है। जब
हम गांव के बारे म सोचगे तो हम पि चम क नकल और मशीन से बनी व तु ओं का उपयोग ह नह ं

25
करगे बि क हम एक नये भारत क क पना पर आधा रत स ची रा य भावना वक सत करग िजसम
द र ता, भू ख, व बेकार ब कु ल नह ं होगी।''

2.2.6 ाम सफाई एवं सामू हक सुर ा के लए ढ़ होना

गाँधी जी ने सह कहा है क ''रा य और सामािजक सफाई ( व छता) का गुण हम लोग


म नह ं है। हम नान कर सकते है ले कन हम कु एँ, तालाब या नद गंदा करते समय नह सोचते िजनके
कनारे या उनम अ दर हम न यकम करते है। म इस दोष को एक बड़े दुगण
ु के प म दे खता हू ँ
जो हमारे गांव , प व न दय के प व तट क अस मान जनक ि थ त बीमा रय के लए िज मेदार
है।''
भारत के शहर और ामीण दोन इलाक म सबसे घृ णत बात सफाई को नकारना है। गांव
म ि थ त कह ं यादा भयानक है। जीवन शैल से नाग रक समझ क कमी दे खी जा सकती है। यहां
तक क श त लोग भी इस यापक प क अवहे लना करते है।
आज भी बहु त से गांव म, मानव मल को हाथ से उठाना और सर पर ढोने का य दखाई
दे ता है। शौचालय के बाहर पेशाब करना भी ऐसा ह य है और, ऐसे भी अनेक उदाहरण है जहां पूरा
गांव ह शौचालय के प म बदल गया है। यहां तक क गांव तक पहु ँचने वाल सड़क भी इस बीमार
से मु त नह ं है। इन सभी बात से इस मह वपूण पहलू क तरफ लोग के यवहार को त बि बत
करता है।

2.2.7 नाग रक श ण के लए बु नयाद श ा

गांधी ने श ा पर एक ढ़ वचार वक सत कया जो ब च को एक चैत य मानव के प


म मह व दे ने पर बल दे ता है और तीन ‘र’ के गुण पर जोर दे ने वाल श ा के सामा य वचार क
आलोचना करता है।
उनका तक था क जो वराज के ढाच को मजबूत नींव पर रखना चाहते ह वे ब च क उपे ा
नह कर सकते। हांला क नि चत प से नह ले कन वदे शी शासन ने अनजाने ह ब च को श ा
दे ना शु कया। बु नयाद श ा, भारत म रहने वाले सभी ब च को सबसे अ छ और थायी यव था
से जोड़ती है, फर ब चे चाहे शहर हो या ामीण। यह शर र और मि त क दोन का वकास करती
है और भ व य क सु नहर क पना के साथ ब चे को उसक जड से इस बात क अनुभू त के साथ
जोड़े रखती है क उसक कूल श ा शु होने के साथ ह उसे उसके ह से का ान मलेगा। गांधी
श ा के पर परागत ि टकोण का वरोध नह करते, उनका व वास था क श ा क उपयो गता तभी
है जब यह ब चे को उसके आ म ान को वक सत करने के रचना मक अवसर दे और समाज और
सामािजक ज रत से खु द को जोड़ने का मा यम बने। उ होन इस बात पर जोर दया क एक ब चे
को मशीनी साधन बनाने के थान पर श ा यव था बालक क पूण मता को वक सत कर बाहर
लाए।
बु नयाद श ा अथवा नई ताल म 'एच' के सार पर जोर दे ती है 'एच' (हड) मि त क (बु ),
एच (हाट) दय, एच (हड) हाथ (शर र)। ब चे को मि त क अथवा बु से सोचना चा हए। दय से
त या दे नी चा हए और हाथ (शर र) से काय करना चा हए।

26
इस कार तीन भाग के समान वकास आव यक है य क इससे ह ब चे का आ म ान
वक सत होगा और ब चा वतं , वावलंबी तथा रचना मक बनेगा। गाँधी ने इस बात पर भी बल
दया क तयोगी बनने के थान पर श ा वाभा वक प से बालक को सहभागी बनाय। तयो गता
ब चे म बुर वृ तयां लाती है जब क सहभा गता इसे योग और उ पादक काय म इ छा से संल न
करती है। बाहर सूचनाओं को इक ा कर ब चे को मशीन के तर पर लाने के बजाय गाँधी चाहते थे
उसम मानवीय भावनाएं, मू य व गुण वक सत हो। यह केवल तभी स भव है जब ब चे को पढ़ाई
के साथ साथ द तकार कृ ष काय अपने पास-पड़ोस क साफ-सफाई और अपने कू ल क दे खभाल
करने जैसे हाथ के काम के मह व को भी सखलाया जाए। इन ग त व धय म सहभा गता शार रक
व बौ क दोन तरह से व थ ब चे का वकास करता है।

2.2.8 ौढ़ श ा और रा नमाण म भागीदार

दे श म अ र ान से वं चत और उपे त ौढ़ जो अपने क त य व अ धकार से अन भ


है, य द श ा से वं चत रह जाते है तो यह शमनाक व पाप है। गाँधी ने इसे येक यि त क सामािजक
िज मेदार मानते हु ए ौढ़ श ा के मह व पर जोर दया। गाँधी ौढ़ श ा काय म सरकार (रा य)
वारा चलाऐं जाने का समथन नह ं करते। इसके वपर त, येक श त यि तय वारा ौढ़ श ा
का दा य व अपने कंध पर उठाने पर बल दे ते ह। गाँधी लखते है ''य द ौढ़ य क श ा का दा य व
मु झ पर हो तो मु झे इन य क श य के दमाग को उनके दे श क वशालता और महानता क ओर
ले जाना चा हए। एक ामीण का भारत उसके गांव म है। य द वह दूसरे गांव म जाता है तो वह अपने
गांव क बात ऐसे करता है जैसे वह उसका घर हो। अ ान का कोई वचार गांव म फैला नह मलता।
गांववासी वदे शी शासन और उसक बुराईय के बार म कु छ नह जानते। जो थोड़ी बहु त जानकार उ ह
थी उससे वदे शय के त भय होता था। इसका प रणाम वदे शय और उनके शासन के त भय,
आशंका व घृणा थी। इससे पीछा छुड़ाना उ ह नह ं आता। वे लोग ये नह ं जानते क वदे शय के भारत
म होने का कारण उनक वयं क कमजोर और शासन से मु त होने क शि त पर यान नह ं दे ना
है। इस कार य क श ा से मेरा अथ है - श द से लोग को स ची राजनी तक श ा द जाए।
इसे दे खते हु ए ऐसी परे खा तैयार क जाए िजसके वारा बना भय क श ा द जा सके। मेर क पना
म इस कार क श ा म स ता के ह त ेप क बहु त दे र हो चु क ह पर य द ह त ेप होता है तो
इस अ धकार के लए संघष अव य होना चा हए य क इसके बना वराज का कोई अि त व नह ं
होगा।‘'
वतं ता के बाद दे श म ौढ़ श ा के े म भावशाल उपलि धयां ा त हु ई। यह यान
रखना मह वपूण है क 1970 से 1993 के दौरान ौढ़ श ा क दर 34 तशत से बढ़कर 51 तशत
हो गई। सकल ाथ मक भत दर का औसत लगभग व व औसत के बराबर आ गया, श ा पर
सावज नक यय (सकल रा य उ पाद के अनुसार) 1970 से 1993 के बीच बढ़कर 61 तशत हो
गया। जहाँ ये आकड़े- मानव उ न त के संतोषजनक वकास को इं गत करते ह वह कुछ नराशाजनक
पहलू भी है, जब यह यान आता है क 1995 म भारत म 291 लाख ौढ़ अभी भी अ श त ह और
45 लाख ब चे ाथ मक व यालय भी नह ं जा रहे ह।

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2.2.9 म हलाऐं -समान भागीदार के प म

गाँधी ने म हलाओं को याय वत ता और मानव स मान के सभी अ भयान म


आ दोलनका रय क अ म पंि त म खड़ा कया। इससे पूव भारतीय इ तहास म सावज नक
ग त व धय म म हलाओं ने वे छा से भाग नह ं लया था जैसा क महा मा के आ वान पर उ ह ने
लया।
गाँधी जी म हलाओं का बेहद स मान करते थे और मानते थे क उनम अ हंसा क उ च
आ त रक मता होती है। िजस तरह गाँधी म हलाओं को जाग कता अ भयान के के म लाए और
मानव अ धकार सु नि चत करने के लए द ण अ का और भारत दोन जगह भेदभाव के व
राजनी तक संघष म पहल क वो भी उस समय जब आज का नता त प र चत व अ धकतर बोला
जाने वाला 'मानव अ धकार' श द यु त नह ं होता था, यह बताता है क वे म हलाओं के त कैसा
यवहार करते थे और सामािजक जीवन म म हलाओं क रचना मक भू मका के त उनक या अपे ा
थी। द ण अ का म स या ह के दौरान वशेष प से 'फ न स ब हन ' और 'टाल टाय ब हन ' क
पहले अ भयान क भू मका िजसम रे णा ा त म हलाऐं पु ष के बराबर भाग लेती है, हला दे ने वाला
था।
अपने दूसरे पु म णलाल क शाद के अवसर पर गाँधी वारा द गई सीख याद रखने यो य
है। अपने पु क दु हन को वीकृ त दे ते हु ए गाँधी जी अपने पु से एक आ वासन चाहते थे क वह
अपनी प नी क वतं ता का स मान करे गा, उसके साथ अपने साथी क तरह यवहार करे गा, गुलाम
क तरह नह ,ं जैसे वह वयं क सु र ा, दे खभाल करता है वैसे ह उसक करे गा।
द ण अ का के समय म गाँधी के सहयोगी ी पोलक ने गाँधी के बारे म जो कहा था वह
उनका म हलाओं के त यवहार को य त करता है -
यादातर म हलाऐं पु ष से नेह करती है िजसे अ धकतर पु ष के त आकषण के प
म जाना जाता है जब क अनेक म हलाओं वारा गाँधी को नेह इस लए मला य क उनम वे गुण
थे जो ी वभाव से मेल खाते थे। ि यां समझती थी क गाँधी म उ ह एक सहयोगी दखाई दे ता
है जो उनके साथ-साथ चल रहा ह और उ ह बना काम भावना के गहरा, नमल और अनछुआ लोह
दे सकता है। सभी म हलाऐं उनसे अपने जीवन क सभी सम याओं पर खु लकर वचार कर सकती थी,
यह हैरानी और परे शानी का वषय था। उ ह पूण व वास था क उनक सम याओं को दूर कया जा
सकता था और गाँधी क राह उ ह अ धक क ठन नह ं लगती थी।

2.2.10 वा य व शु ता ( व छता) क श ा

भारत म नजी व सावज नक व छता, ामीण व शहर दोन ह शहर म उपे त रह है


और गाँधी जी ने वशेष तौर पर ामीण म, अपने गाँव व आस-पास के वातावरण को साफ रखकर
व छता का माहौल करने क व रत आव यकता पर बल दया है। गाँव तब तक साफ नह ं रहे ग जब
तक क वयं का घर, ग लयां और सावज नक थान को साफ नह रखा जाएगा। जगह-जगह एक
कूड़ा-करकट, अव ना लयां, कु ते व सु अर का आवारा घूमना, मि खय का भन भनाना और आवारा
गाय व भैस का घूमना न केवल घृणा उ प न करने वाला होता है वरन ् एक ऐसा य तु त करता
है िजसे वा तव म नरक कहा जा सकता है और बहु त से गाँव बीमा रय के जनन े बन गए ह।
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गाँधी जी इस ि थ त से बेहद चं तत थे और इ ह ने येक यि त म सफाई और व छता क भावना
जगाने के लए एक समि वत काय योजना का सुझाव दया।
गाँधी ने एक सु वचा रत काय योजना क क पना क िजसम येक गाँव, घर, ग लय और
सावज नक थान क सफाई म स य भागीदार दे गा। गाँधी के वा य यव था के व न म कूड़े
को डालने के लए खाद के ग डे, ाम वा य के और रोग मु त जीवन के लाभ बताकर श त
करने वाले वा यकम थे।
गाँधी के वा य व व छता क बढाने से जुड़ाव, का मह व समझने के लए, गाँधी के श द
को समझना उपयोगी है -
अपने शर र क र ा करना और त दु ती के नयम को जानना एक अलग ह वषय है िजसका
संब ध अ यास से और अ यास वारा ा त ान के आचरण से है। जो समाज सु यवि थत है उसम
रहने वाले सभी लोग वा य के नयम को जानते ह और उन पर अमल करते है। अब तो यह बात
न ववाद स हो चु क है क वा य के नयम को न जानने से और उन नयम के पालन म लापरवाह
रहने से ह िजन-िजन रोग से मनु य जा त का प रचय हु आ है उनम से यादातर रोग उसे होते ह।
हमारे दे श क दूसरे दे श से अ धक मृ युदर का मु य कारण न चय ह वह गर बी है जो हमारे दे शवा सय
के शर र को कुरे द कर खा रह है ले कन अगर उनको सेहत के नयम क सह श ा द जाए तो
इसम बहु त कमी क जा सकती ह।
वा य ब धन के े म ा त भावशाल उपलि धयां -
वत ता के बाद के समय म वा य और क याणकार योजनाओं के मा यम से वा य
ब धन के े म महती उपलि धयां ा त क गई ह।
1960 म त 1000 पर 21 ब च क मृ युदर 1994 म घटकर 10 हो गई। 1960 से 1990
के बीच वा य पर सावज नक यय दो तहाई से भी अ धक बढ़ गया। अभी भी यह च ताजनक
है क 135 लाख लोग मू लभू त वा य सु वधाओं से वं चत ह। इसी कार 226 लाख लोग साफ पीने
के पानी और 640 लाख लोग शौचालय क बु नया द सु वधा के अभाव म जीवनयापन कर रहे ह।
15 से 49 वष क गभवती म हलाओं म से 88 तशत म हलाऐं ए न मया (खू न क कमी) से पी ड़त
ह।

2.2.11 वरासत व सामािजक स ब ता को संर ण हे तु

एक वत रा िजसे अपनी अनेक भाषाओं पर गव है उसे व भ न भाषाओं के वकास


को ो सा हत करना चा हए। गाँधी का मानना था क ा तीय भाषाऐं महान ् बु म ता क घाट है
और सा ह य समाज का दपण है। लोग के भा य नमाण म भाषाओं क मह वपूण भू मका को कोई
रा नकार नह ं सकता है।
गाँधी ने इस स ब ध मे लखा, ''भारतीय भाषाओं ने द र ता भोगी है। जब हमने अपनी
मातृभाषा म अ प ट वचार को कट करने का यास कया तो हमने हाथ-पैर मार। यहां वै ा नक
श दावल के सम प श द नह ं है। प रणाम वनाशकार है। आम जनता आधु नक वचार से ब कु ल
अप र चत रह जाती ह। भाषायी उपे ा के कारण भारत म होने वाले नुकसान को अपने ह समय मे
अंक रहे है। यह समझना काफ सरल है क जब तक हम इस भू ल को उलट नह ं दे ते साधारण जनता
क सोच गुलाम क ह रहे गी। आम जनता वराज नमाण म कोई महती भू मका नह नभा सकती।

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2.2.12 एकता व समान सोच के लए रा य भाषा

व व म मौजू द कु छ ाचीनतम स यताओं म से एक भारत जैसे दे श क एक रा भाषा होनी


चा हए जो बना ा तीय भाषा अथवा अ तरा य भाषा जैसे अं ेजी के त पूवा ह हु ऐ बना रा य
भावनाओं को स चे प म त बि बत करे । जब सभी भाषाएं सां कृ तक जीवन और त दन के
शासन म समान थान ा त करती ह तब एक भाषा बहु मत क सहम त से रा भाषा के प म
उभरकर सामने आती है जो वाभा वक प से दे श के लए सूची म सबके ऊपर होती है । इसम कोई
दो राय नह है क एक वतं रा क अपनी रा भाषा होनी चा हए और भारत के संदभ म ' ह दु तानी'
इस खाई को पाटे गी य क यह लोग के बड़े बहु मत के वारा बोल जाती है।

2.2.13 आ थक समानता - सामािजक क याण क पूव शत

गाँधी जी इस बात पर ढ़ थे क कसी भी दे श म बना आ थक समानता, के जनता जनादन


के लए वतं ता का कोई अथ नह ं ह। सामा य जन को अपने हाल पर अकेला नह ं छोड़ा जा सकता,
और जब तक कसी स भू गणतं के वारा उनके भोजन, व और मकान क आव यकताऐं पूर
नह क जाती, वतं ता क बात करना अथह न और खोखला नजर आता है। एक जातं क ि थरता
स चे अथ म इस बात पर नभर करती है क यह सामा य यि त के वकास के अवसर दे ने के लए
कतना चि तत है। वशेष प से रोजगार के और रा य से जुड़े सभी ोत तक उसक समान पहु ँच
हो। गाँधी जी ने आ थक समानता को 'अ हंसक वतं ता क कं ु जी' के प म वणन कया है। उ होन
इसे व तार दे ते हु ए कहा ''यह अ हंसक वतं ता क कं ु जी है । आ थक समानता के लए काम करने
का अथ है पूँजी व म के बीच मौजू द सनातन संघष को समा त करना। इसका अथ है एक ओर उन
थोड़े से धनवान को नचले तर पर लाना िजनके हाथ म दे श क अ धकांश स प त केि त है दूसर
ओर अधभूखे नंगे लाखो लोग को ऊपर उठाना। जब तक क अमीर और लाख भू खे लोग के बीच
खाई बनी रहे गी सरकार क अ हंसक यव था को पाना प टतया नामु म कन है। नई द ल के महल
और गर ब मक वग क टू ट फूट झोपड़ी के बीच का अ तर एक दन वतं भारत म ख म हो
सकता है। तब गर ब भी उसी तरह आनंद मनाएंगे जैसे धनवान मनाते है। य द धनवान वे छा से
अपने धन का प र याग नह ं करते और अपनी शि त को आम यि त के हत म यु त नह करते
तो एक दन नि चत प से हंसक व खू नी ां त होगी।
उभरते समकाल न प र य म यह एक च काने वाला वरोधाभास है क पछले तीन दशक
ु े हो जाने के बावजू द भी औसत वा त वक जी.डी.पी.
म जनसं या के दुगन त यि त दुगन
ु ी हो गई
और पूर जनंस या के 44 तशत लोग पूर तरह गर बी म रह रहे है । यह त य दय वदारक है
क व व के गर बी के लगभग एक तहाई लोग भारत म रहते है।

2.2.14 कृ ष क ि थरता संर ण हेतु कसान

पांच लाख से अ धक गांव वाले इस दे श म खेती वाभा वक प से ामीण े का सबसे


बड़ा यवसाय है और आय का ोत है। इसके अलावा भारत कृ ष धान दे श है और दुभा य से जो
अ छ फसल दे ने के लए उ तरदायी है उन कसान के साथ स मानजनक यवहार नह ं होता और
उ चत ग त आ द के लए अवसर दान नह कये जाते य क जाग कता और सु वधाओं के अभाव

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म खेती के पुराने तर के और काय व ध ह काम म ल जा रह है। जब तक कसान के उ पादन के
लए आधु नक तकनीक और तयोगी मू य के लए लगातार यास नह कये जायग, दे ष म कृ ष
के े म ां त क आशा एक दूरगामी सपने क तरह रहे गी। च पारण आ दोलन म जो गाँधी जी
ने कहा था उसे याद करना चा हए - जो कसान को संग ठत करने के मेरे तर के को जानना चाहते
है उनके लए च पारण आ दोलन का अ ययन करना उपयोगी रहे गा। जब भारत म स या ह क पहल
पहल बार क गई थी और उसका प रणाम पूरा भारत जानता है । यह जन आ दोलन बन गया था
जो शु से अ त तक अ हंसक रहा था। इसने 20 लाख से यादा कसान को भा वत कया था। एक
शता द से भी पुरानी एक व श ट शकायत को केि त कर यह संघष कया गया था। इस सम या
से छुटकारा पाने के लए बहु त सी हंसक ां तया क गई। कसान शो षत थे। अ हंसक उपाय से पूरे
6 मह न मे सफलता ा त क गई। च पारण के कसान बना कसी सीधे यास के राजनी तक प
से जाग क हो गये।

2.2.15 उ पादन व वतरण म मक क सहभा गता

अ य वकासशील दे श क तहर, इस दे श के म को बजाय पि चमी मॉडल को सामने रखने


के अ हंसक नी तय को वक सत करना चा हए जो उनके सामा य यवहार म न चय और जुड़ाव के
साथ बदलाव लाएगा। म का शोषण पाप है जो वाभा वक प से मु य भाग तक फैलकर घृणा व
अ व वास को ज म दे गी। गाँधी के अनुसार , अ हंसा के त तब ता और सेवा भाव के साथ
अहमदाबाद मक संगठन पूरे भारत के लए एक मॉडल है। गाँधी के समय म इसने बहु त सी लोक
क याणकार ग त व धय को हाथ म लया और मक के स पूण वकास के लए ढे र सार तब ताऐं
द । इसने अपना पूरा यास मक क ि थ त को सुधारने पर केि त कया और राजनी त के धम
संकट से अपने आपको अलग कर लया।

2.2.16 आ दवासी - मानव भ नता से पी ड़त

आ दवासी के प म पहचाने जाने वाले कबीले समृ सं कृ त के उ तरा धकार है और उनको


कसी भी तरह अलग-अलग नह ं कया जा सकता है। उ ह न केवल वकास के लए ो सा हत कया
जाना चा हए वरन ् आधु नकता के सपने दखाकर उनक जी वका छ नना तथा ग त व स यता के
नाम पर उनका शोषण करने का य न करना अपराध है, ऐसा गाँधी का व वास था। श ा स ब धी
अवसर दे ना और जंगल से इक ा कए गए उनके उ पादन क क मत नधा रत करने तथा उनक
सां कृ तक वरासत को बनाए रखने के अवसर दे ने चा हए। आ दवा सय क सम याओं का यानपूवक
अ ययन करने क आव यकता है और उनके त संवेदनशील रवैया भी ज र है। गाँधी ने बताया क
इस मह वपूण मु े पर कसी भी कार का भेदभाव रा य हत को हा न पहु ँ चाएगा।

2.2.17 कु ठ रोग और सहानुभू तपूण लगाव

गाँधी लखते है, ''कु ठ श द से ह बुर गंध आती है। म य अ का के बाद केवल भारत ह
शायद कु ठ रोग का घर है। फर भी वे समाज के उतने ह मह वपूण ह से ह िजतने क हम है । वे
हमारा यान आक षत करते ह जब क उ ह उसक सबसे कम आव यकता होती है। अ धकतर कु ठ

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रोगी िजन पर यान दे ने क आव यकता है वे उपे त रहते है। म इसे दयह नता कहता हू ँ जो अ हंसा
के संदभ म नि चत प से ह।
गाँधी चाहते थे क कु ठ को एक असा य रोग और कु ठ रोगी को घृ णत मानव मानने के
यवहार को छोड़कर एक सहानुभू तपूण ओर मानवीय ि टकोण अपनाना चा हए। लोग को यह व वास
दलाने क आव यकता है क अनेक दूसरे रोग के समान कु ठ रोग का भी इलाज है और उ चत च क सा
आ द क सु वधाओं के साथ-साथ रोगी को उ चत पुनवास का यास होना भी आव यक है। गाँधी ने
वयं कु ठ रोग का गहन अ ययन कया और एक ेरणा पद घटना गाँधी के जीवन से जुड़ी है िजसम
बापू कु ट र के नकट ि थत अपने वयं के आ म सेवा ाम म उ ह ने परचुरे शा ी क सेवा क । गाँधी
ने कु ठ के त िजस तरह के सकारा मक कदम उठाएं ऐसे बहु त ह कम उदाहरण ह। गाँधी क पहल
से ह वतं भारत म कु ठ रोग उ मूलन काय म को बड़े पैमाने पर चलाया गया है।

2.2.18 व याथ - भ व य के नेत ृ वक ता

भारत और द ण अ का दोन ह जगह, िजस तरह युवाओं के साथ गाँधी ने संचार कया
और उनके आ वान पर युवाओं ने जो तब ता दखाई है और प रवतन के रे क ऐजट क तरह उनके
चार तरफ इक े हो गए, यह उ लेखनीय प है। गाँधी चाहते थे क पुरानी पीढ़ युवाओं पर व वास
करे और न केवल उनक भावनाओं का स मान करे वरन ् युवाओं को नेत ृ व क भू मका दे ने पर जोर
दया। न संदेह, गाँधी छा के राजनी त म उतरने को उनके माता- पता क मेहनत क कमाई को
उड़ाना और इन सबसे व याथ वारा अपना बहु मू य समय गंवाना मानते थे। इसके साथ-साथ वे
छा को केवल कताबी क ड़ा बनाने के भी व थे।
गाँधी ने व या थय को सामािजक प रवतन के बैरोमीटर के प म व णत कया था पर ऐसा
बैरोमीटर बनने के लए व याथ को उ चत मनोवृि त वक सत करनी होगी। ह त श प के साथ श ा
और उ पादक सामािजक ग त व धय म संल नता व या थय को स मानजनक नाग रक बनाएगी।
गाँधी ने व या थय के लए यारह सू ीय काय म दया-
1. व या थय को दलगत 'राजनी त म भाग नह ं लेना चा हए। वे व याथ , शोधाथ है न क
राजनी त ।
2. उ ह राजनी तक हड़ताल म शा मल नह ं होना चा हए। उनके अपने आदश (पु ष) होने चा हए।
उनके अपने आदश पु ष के त ा, उ ह अ छाइय को अपनाना चा हए न क हड़ताल
पर जा ने म, जेल जाने म अथवा फाँसी पर चढ़ने म त परता।
य द दुःख असहनीय है और य द सभी व याथ समान प से ऐसा ह महसूस करते
ह तो उनके ाचाय क यहम त से कूल अथवा कॉलेज को ऐसे मौको पर बंद रखा जा सकता
है। य द ाचाय नह ं सु नते है तो व याथ अपनी सं थाओं को छोड़ सकते ह जब तक क
सं था ब धक प चाताप कर उ ह नह ं बुलाता। बना कसी कारण वे असहमत और
स ताधा रय के व अवपीड़न का योग नह ं कर सकते। उ ह यह व वास होना चा हए
क य द वे संग ठत ह और अपने यवहार म स मानजनक है तो वे नि चत प से वजयी
ह गे।

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3. इन सभी को वै ा नक तर के से कताई अव य करनी चा हए उनके औजार साफ, व छ व
अ छ हालत म होने चा हए। उन औजार को बनाना भी उ ह सखना चा हए। उनका काता
हु आ धागा, वाभा वक प से अ छ गुणव ता का होगा। उ ह कताई के आ थक सामािजक,
नै तक और राजनी तक न हताथ से स बि धत सा ह य का अ ययन करना चा हए।
4. वे हमेशा खाद का योग करगे और वदे शी अथवा मशीन से बनी पुज वाल या अ य व तुओं
को छोड़ कर गाँव मे उ पा दत दत व तु का योग करगे।
5. उ ह व दे मातरम ् अथवा रा य वज को अ य लोग पर नह ं थोपना चा हए। वे रा य वज
के बटन ( ब ले) पहन सकते ह पर ऐसा करने के लए दूसर को बा य नह कर सकते।
6. वे अपने लोग के बीच तरं गे झ डे का संदेश दे सकते ह और उनको सा ादा यकता तथा
अ पृ यता दल से नकाल दे ना चा हए। उ ह अपने से अ य धम को मानने वाले व ह रजन
के साथ स ची दो ती इस कार करनी चा हए मानो उनसे खू न का र ता हो।
7. वे अपने घायल पड़ौ सय को ाथ मक च क सा अव य दे तथा पड़ौसी गाँव म कूड़ा करकट
इक ा कर सफाई कर साथ ह गाँव के ब च व बड़ को इस बार मे बताऐं।
8. वे रा भाषा सीखगे ह दु तानी के वतमान व प म दोहरा प, दो बोल और दो ल प िजससे
वे सहज महसू स कर चाहे ह द बोले अथवा उदू ओर ल प लखे अथवा उदू।
9. जो भी वह नया सीखगे उसे अपनी मातृभाषा म अनुवाद कर पड़ौसी गांव के अपने सा ता हक
दौरे के दौरान वहां के लोग म सा रत करगे।
10. वे रह यमयी प से कुछ भी करने से वयं को पृथक रखगे। वे नै तक जीवन यापन करगे
जो आ म नयं ण और भयमु ि त के मू य से प रल त हो। वे अपने कमजोर सा थय क
र ा करने के लए त पर रहगे तथा अ हंसक यास से हंसक उप व को समा त करने के
लए तैयार रह गे। आव यकतानुसार सं घष के आखर पड़ाव म वे अ ययन सं थाओं को छोड़
रा क वतं ता के लए अपना जीवन भी यौछावर करने के लए तैयार रहगे।
11. अपनी सह-छा ाओं के त उदा त एवं वशाल दय रहगे।

2.3 एक नयी सामािजक यव था क प रे खा: रचना मक काय म


बहु त से व वान ने गाँधी के रचना मक काय म को एक ऐसी नयी समाज यव था क
संक पना के प म दे खा है जहाँ गर बी, अ श ा और इसी तहर क अ य सामािजक असमानताऐं बीते
समय क बात होगी। जीने शाप इ ह एक ऐसे अ थायी ढांचे के प म स बो धत करते ह िजसके ऊपर
नये समाज का नमाण कया जाएगा। शाप लखते ह, ''रचना मक काय म पुराने सामािजक ढांचे
के व यमान रहते हु ए नई समाज यव था के नमाण का यास है। अ हंसक ाि तकार - जैसा क
गाँधी दावा करते ह - इस कार, नये सम (समान) के नमाण का ार भ है जब यह वषम ( वपर त)
के व संघष कर रहा है।
15 अग त, व 947 को भारत का राजनी तक वत होना गाँधी के लए अि तम उ े य
नह ं था। उनके लए दे श क अपनी अि मता और वराज क यह खोज के दूसरे प क शु आत थी।
फरवर , 1948 के थम स ताह म जैसे ह वे सेवा ाम लौटे वैसे ह अपने संघष को मजबूत करने

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का प का इरादा उ होन कर लया था, एक सपना, िजसे वो पूरा नह ं कर सक, य क द ल यास
के दौरान बड़ला हाऊस के लॉन म 30 जनवर , 1948 को ह गोल मार कर उनक ह या कर द गई।

2.4 वनोबा क रचना मक या या


गाँधी के रचना मक काय तथा ट शप स ब धी वचार को उनके आ याि मक
उ तरा धकार वनोबा भावे ने आगे बढ़ाया। उ होन गाँधी को इन स ा त म भू दान और ामराज
जोड़कर नया जीवन और शि त फूं क ।
वनोबा भावे ने उनके काय का मह व इस कार गनाया :-
1. गर बी से मु ि त।
2. भू मप तय के दय म लगाव और ेम क भावना जगाना, इस कार दे श म नै तक वातावरण
वक सत करना।
3. समाज को पर पर सहयोग और ब धु व क भावना से मजबूत करना। इस कार भू मप त
व भू मह न के म य जहां कह ं भी वग य घृणा , कसी भी प म मौजू द है, उसे दूर करना।
4. 'य ’ ‘दान’ और 'तप' जैसे व श ट दशन पर आधा रत भारतीय सं कृ त को पुनज वत कर
आगे बढ़ाना, इस कार स चे धम म मानव व वास को मजबूत करना।
5. वैि छक का यक म अप र ह सहयोग और आ म नभरता पर आधा रत नयी समाज
यव था का नमाण करना।
6. दे श के सभी राजनी तक दलो को एक साथ एक मंच पर आने और संग ठत होकर काय करने
का अवसर दे ना। इससे कड़वाहट और आ म शंसा ख म होगी।
7. व व शाि त बढाने म सहायता करना।
एक समाज सुधारक के प म , गाँधी हम सखाते है क भौ तक स पि त और दासता, हंसा,
अ याय और भेद-भाव स य के साथ मेल नह ं खाते। गाँधी हम जो बतात ह वह सै ाि तक फामू ल
का कोई समू ह नह है। इसके वपर त. उनके वचार आं गक प से मजबूत . पर पर सहयोगी. और
वत समाज यव था का आदर करने वाल वक सत सोच पर आधा रत है। तीन महा वीप म,
सावज नक जीवन के छ: दशक (6 दशक) म गाँधी ने नये सामािजक और राजनी तक ढांचे के लए
अनेक आ दोलन का नेत ृ व कया , िजसम सभी ी व पु ष के साथ भाई व ब हन क तरह यवहार
कया गया, प रवतन के लए ाि तकार लालसा क व वसनीय स दयता द शत क गई - सवसहम त
से प रवतन -िजसका दे श या व व राजनी त म अभी तक योग नह ं हु आ था। स ह णु त.ा मेलजोल
(भाईचारा) सभी धा मक व नाि तक ा ण क एकता म गहरा व वास. गाँधी क क पना के संसार
का सार है िजसम भगवान के बनाऐं सभी ा णय को सामंज य. सभी य व अ य म आव यक
प म अ छाई का पोषण करे गा और स पूण मानवता को एक पहचान के प म संग ठत करे गा।
20वीं शता द के बाद के आधे दशक म व ान और तकनीक के ती वकास से अ व वसनीय
बदलाव आया है यहां तक क सभी समाज के येक तर पर भी। उ च उपभो तावाद और भौ तकवाद
सं कृ त म पो षत नयी पीढ़ अि त व म आयी है। तेज र तार और आ चयजनक प रवतन एक के
बाद एक तेजी से बदल रहे ह. यहां तक क समाज पी बड़ी इमारत िजस नींव पर खड़ी है उसम भी
ये बदलाव आ रहे ह। गाँधी व अ य व वान, जो मू य आधा रत सामािजक पा तरण पर बल दे ते

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ह, आज क क यूटर पीढ़ का वरोध करते नजर आते है जो नये, मौज म ती के संसार के अलावा
और कु छ नह ं जानते येक यि त क ाथ मकताओं और लगाव को पुन: प रभा षत करना, नया
आकार दे ना जैसी बात आज या तो क पना लोक माना जाता है या इस संसार के लायक नह है। नयी
समाज यव था म जो महसूस कया गया वह था, जीवन स ब धी मू य जैसे चेतना, च र , नै तकता,
मानवीय याग इ या द मह वपूण नह ं रहे ह अथवा अ ासं गक हो गए ह। सामा य तौर पर भौ तक
सफलता या ाि तय के पीछे भागना ह ग त के प म दे खा जाता है। भौ तक वकास को ह साधारण
तौर पर, वकास के प म समझा और वक सत कया जाता है। ऐसा दखाई दे ता है क अन गनत
व तु ओं क सूची म, सबसे नया नाम 'मानव' का जुड़ा ह िजसक क मत या मू य का आकलन, पैसे
और केवल पैसे पर उसके अ धकार से होता है।
गाँधी को आशा थी क रचना मक काय म आशा का ोत बनगे और आमजन तथा कामगार
के बीच पुल का काम करगे तथा िजन लोग के नाम से यह सब कया जाएगा उनके साथ सीधा स ब ध
बनाएग। इस स ब ध म शाप के वचार थे -
“साधारण तौर पर थोड़े-थोड़े ह स म यास कर पुन नमाण करने के थान पर रचना मक
काय म के व भ न पहलुओं क क पना, सामािजक पुन नमाण को अ तरस बि धत काय म के
प म थी। यह काय म, नये समाज को मूलभूत स वा त वारा एक करने तथा व श ट काय के
आपसी जुड़ाव के प मे दखाई दया। स पूण योजना को याि वत करते हु ए- जैसे -जैसे काय आगे
बढ़े य द पुनर ण क आव यकता हो - यह स भव था क इसके व श ट भाग ( ह स ) के साथ आगे
काय कया जाए ता क स पूण काय म अपनी भागीदार दे सके।”
गाँधी वारा दए गऐ रचना मक काय का बाहर व प, सं मण काल म भारत का आ थक
और सामािजक उ वार करना था, यवहार म अ हंसा इसका सार था और स या ह इसका मूल सु ंदर
प। रचना मक कायनी त गाँधी के उन सा थय और श य के त त या का त ब ब भी था
जो स या ह को केवल राजनी तक कायसाधक समझते थे। गाँधी जानते थे क उनके यादातर अनुयायी
स या ह और अ हंसा के मूलभू त स वा त के प म नह ं मानते। उनके लए (अनुया यय ) अ हंसा
व स या ह केवल यु नी त थी। आ याि मक अथवा नै तक च र ह स या ह को सव नय अव ा
से अलग पहचान दे ता या जो या तो नये शासक क समझ से परे था अथवा उ ह ती आ थक गत
को रामबाण औषधी मानने के वचार क धु न सवार थी। गाँधी क सोच जब क बु मता पूण व ि थरता
दे ने वाल थी और वृह तर प म अ त न हत मताओं और वदे शी को था पत करने पर नभर थी,
पर तु राजनी तक े म गाँधी के श य ने राजनी तक और आ थक दोन ह े मे अलग मॉडल
अपनाए।
राजनी तक दासता से मु ि त 1947 म मल गई थी जब टे न ने भारत को वत कर दया
था। दुभा य से पि चम क सां कृ तक वजय का जादू चलता रहा, अब इसके साथी समाजवाद और
अमेर क े से आये थे।
येक यि त यह आंकलन करने म असफल रहा क इस उभरते प र य म हंसा, गर बी.
गंदगी क अंधेरा गहरा हु आ है और स ह णुता, तथा सां कृ तक राजनी तक पतन बढा है। आ याि मक
पर पराओं का पोषण करना मा कमका डी दावे रह गए। गाँधी के आ याि मक उ तरा धकार वनोबा

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भावे और महान ् जैन संत आचाय तुलसी महा नये काय म के मा यम से जन सामा य को शा मल
करते हु ए अ हंसा के या मक व प क मशाल को लेकर आगे चले। उनका सारा यान आ याि मक
पर पराओं के पोषण और पुन : वीकृ त दलवाने पर केि त था। उ ह ने अलग तर के अपनाए। जहाँ
वनोबा भावे और जय काश नारायण ने भू म बटवारे के काम को हाथ म लया और गाँधी के रचना मक
काय म म सु वधाजनक व उ चत फेर बदल कया वह आचाय तु लसी व आचाय महा ने अणु त
और जीवन व ान के मा यम से यि त म प रवतन लाने के काय पर अपना यान केि त कया।
यह दे खा जा सकता है क बहु त से कारण से, गाँधी ने जो रचना मक काय म दए थे वे
गाँधीवाद सं थाओं और सव दय आ दोलन के साह सक यास के बावजू द भी आमजन का यान अपनी
ओर बनाए रखने म असफल रहे । जैसा क मैर कं ग ने व ले षत कया, '' क दुभा य से रचना मक
काय बहु त से लोग को आक षत नह ं कर सका और ये काय स वनय अव ा क तरह उ तेिजत करने
वाले या खुशनुमा नह ं था , यह अ य धक आ मानुशासन जनभावना और समपण चाहता था, इस लए
यह लोक य नह ं हु आ।'' वत ता के बाद का नेत ृ व और कु छ हद तक भारतीय जनता का एक
बड़ा भाग गाँधी वारा द गई जन भावना और आ मानुशासन के लए तैयार नह थी। गाँधी के श य
डॉ.जी. रामच न इस ि थ त का सार बताते हु ए कहते ह-
“रचना मक काय योजना, जैसा क इसके बारे म ाय दावा कया जाता है, एक ाि तकार
काय म है न क केवल राहत काय है। हर कार का राहत काय अपने आप म अ छा है और य द
रचना मक काय को इस तरह दे खा जाए और इसम कमी भी मले तो भी यह अपने आप म बहु त
अ छा काय म ह। रचना मक काय म म होने वाले बहु त सी ठोस योजनाऐं नि चत प से राहत
काय है। पर तु रचना मक काय क क पना. योजना और उसे याि वत करना अपने आप म
ाि तकार काय था। आ खर ाि त क आधारभू त वशेषता या है? लोग क पना करते ह क हंसा
और र तपात हर ाि त क वशेषता होती ह यह मू खतापूण वचार है। नि चत प से बहु त सी
ाि तयां हंसक और खू नी हु ई ह। पर तु इ तहास म हु ई महानतम ् ाि तयां ेम व शाि त से हु ई
है न क घृणा और हंसा से। यूनानी दाश नक , भारतीय ऋ षय , बु , ाइ ट और मोह मद साहब
के ान से आयी स पूण ाि त क तु लना म च, अमेर क , सी, चीनी व दूसर अ य ाि तयां
बहु त छोट ह। इन ाि तय (युनानी. भारतीय आ द) ने यि तय के च र और सोच को पूर तरह
बदल दया और स यता और सं कृ त का नया युग ार भ हु आ। केवल राजनी तक ाि त और महान ्
पैग बर के वारा बु और सोच से स पूण जीवन म प रवतन क ाि त म अ तर केवल इतना
ह नह ं है क पहल केवल ाि त है जब क दूसर केवल नै तक पा तरण अथवा सुधार मा ह। इसके
वपर त येक ाि त म नै तक पा तरण होना चा हए। येक राजनी तक ाि त भी केवल तभी
तक वैध है जब यह मानव समाज के च र म नै तक प रवतन करता है।''

2.5 रचना मक काय म क समकाल न उपादे यता


उभरते रा य और वैि वक प र य म समाज प रवतन और यि त के सशि तकरण म
रचना मक काय म क ासं गकता नह ह जब पी ड़त मानवता वैि वकरण के वक प ढू ंढ़ रह है,
ऐसे म पयावरण के े नशील, स पूण व ि थर समाज यव था के लए गाँधीवाद सोच और
त संवद
योग पूरे व व के व भ न भागो म अब बाजार वारा संचा लत अथ यव था और वैि वकरण के

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ाि तकार वक प के प म सामने आये ह जो येक यि त के लए याय को सु नि चत करता
है। शायद इसके लए ज र है अंधी नकल करने के थान पर उभरते रा य और वैि वक ि थ तय
क वा त वकताओं को रचना मक और वा त वक प म बदलना। अचानक से अथशा ने मानव यास
क सभी शाखाओं को पीछे छोड़ दया है और उन सभी को मह वह न ि थ त म धकेल दया है। धा मक
और नै तक मू य, जो स दय से स यता को पो षत और था य व दान कर रह थी, अब मह वपूण
नह ं माने जाते।
पर परागत समाज टू टने क खतरनाक ि थ त म ह और हंसा के त व वास बढ़ रहा है।
अनै तक राजनी तक यव था और उ े यह न सां कृ तक वरासत का पोषण करने सै नक तं को
आव यकता से अ धक ो साहन दे ना, गर बी और पोषण का बने रहना, जो जैसी ि थ तय क ओर
व व के भा य नमाताओं का यान नह ं है। सभी बहादुर पूण बयान और पहल के बावजू द, उदासीनता
और एक कार क सनक, िजससे नै तकता और मू य को गलत कहा गया, धरती माता के और मू य
के त उदासीनता और िजस तरह कृ त वदोहन यह सोच कर कया जा रहा है क पृ वी के नीचे
अथाह स प त छुपी है िजसे मनचाहे भौ तक सु ख के लए योग कया जा सकता है। और इसी कार
के अ य बाधक और गलत वृ तय से, िजन से आधु नक स यता जु डी है, खतरनाक संकेत दे रह
है।
पर य पूर तरह असहाय नजर आता है और कसी भी यि त का अपने भ व य पर कोई
नय ण होता तीत नह ं होता। उन लोग क धन जमा करने क वृि त इसे बढ़ा रह है जो बाजार
वारा द जा रह सभी चीज से आक षत होते ह। ऐसा तीत होता है क हम सभी पर एक संतु ट
न होने वाले लोभ ने नय ण कर लया है और अपनी आव यकताओं को सी मत करने का कोई यास
कह ं भी नह ं कया जा रहा है। यह वैि यक य बन गया है और कोई भी दे श इससे मु त नह ं है।
इस कार एक सामा य यि त वयं को पूर तरह नराशा और असहाय ि थ त म पाता है। वह
भौ तकवाद और उपभोगवाद क शि तशाल आंधी म पीछे छोड़ दए गए ह। जीवन का एकमेव उ े य
आ थक क याण के प म सामने आया है और िजस तरह मू य यव था को कु चला गया है उससे
यह बड़ा न उठता है : हम कहाँ जा रहे है?
आयोजक, हमायती और इस उभरती वृि त के वयंभू संर क इन वरोधाभास क ओर से
आँख मू ंदे है :-
 जब स पूण गर बी व व तर पर घट , सापे गर बी बढ़ ।
 अ धक लोग श त हु ए पर तु सू चना और तकनीक तक पहु ँ च के कृ त हु ई ह।
 पहले से अ धक दे श जातां क हु ए ह ले कन शि त का अ य धक के करण हु आ है।
 जबरद त ाि त हु ई है पर अलगाव बढा है, प रवार टू टे, यि तगत तर पर संवादह नता
अपने चरम पर पहु ँची है।
आज ग त का अथ है आ थक ग त और अचानक, मानव व तु के तर पर आ गया िजसक
क मत उन चीज से नधा रत हो रह है जो मानव व पशु म भेद करते है।
लोबल क यू नट वारा ता वत इस शता द के वकास के उ े य क पहु ँच गाँधी के सोच
संघष के नजद क नजर आती है गाँधी ने सव दय समाज के लए ऐसे आदश रखे थे जैसे याय दलवाना
और समाज के अि तम यि त तक सभी समान अवसर पहु ँचाना। अब जब क बड़े अवसर सामने आ

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रहे ह और बहु त से े म समझदार पूण और शंसनीय सुधार हु आ ह ले कन साथ ह साथ खेदजनक
क मयां भी व यमान है िजसे सामू हक काय करके दूर कया जाना चा हए।
इस खाई को पाटने के लए येक नाग रक क मह वपूण भू मका है और सभी को साहस
और ढ़ता से आगे आना होगा जैसा गाँधी ने अपने दे शवा सय को े रत कया था।

2.6 सारांश
सभी समाज म कुछ ऐसे नायक या ना यका होती ह िजनके दशन व जीवन से े रत होकर
उनके शंसक या श य उनक याद अथवा उनके काय को आगे बढ़ाने का य न करते ह। फर भी
गाँधी के सु झाव जो उ ह ने लखे और कये, उनके बाद भी जी वत और फलदायी है। अब गाँधी के
काय , वचार और सोच के मह व पर स पूण व व म उभरते प र य के संदभ म एक बहस छड़ी
हे जो उनके च तन के मह व क पड़ताल कर रह है। आज िजसे 'गाँधी दशन' के नाम से जाना जाता
है वह उनके जीवन, काय , यि तय और समाज के स ब ध म उनके वचार से वक सत हु आ है।
गाँधी के काय और जीवन से यह कट होता है क वे वचार के महान ् संगम थे। उ होन
पि चम से बहु त कुछ सीखा और उसे आ मसात ् कया और व व के सभी मुख धम क श ाओं
क हण कया। उ होन टॉल टाय रि कन और अ य पि चमी वचारक तथा भारतीय व वान और
च तक से वचार लये। इस या म वे अनेक वचार और मु ख यि तय के मलने का आधार
बन गए। 'एक यवहा रक आदशवाद , जैसा वे वयं के लए कहते थे, के प म उ ह ने अपने पीछे
मानव उ ार क समृ पर परा छोड़ी है। संदेश दे ने के लए बल दे ने पर वे काफ च लत कहावत
'मेरा जीवन ह मेरा संदेश है' दे ते थे। गाँधी के पर परागत तर के का दाश नक म पुकारना या व णत
करना गलत होगा। इसम कोई संदेह नह ं क उनक जीवन के त अपना अलग दशन था।
गाँधी क व श ट पहचान का एक मह वपूण पहलू उनक शंसा म दए गए वे कथन है जो
बताते है क जो वे कहते थे वह करते थे. इसी से वे 20 वीं शता द के महान ् यि त के प म जाने
गए। मा यताओं. धारणाओं और अनुमान पर आधा रत यव था वक सत करने के थान पर गाँधी
ने कठोर प र म से यह द शत कया क अनुनय श ा यि तगत याग और सामू हक हत था लाभ
हे तु सावज नक सहम त वक सत करके कैसे सामािजक पा तरण भा वत हो सकता है। गाँधी क
पहल अपने आप म अलग थी और पूरे व व म अन गनत वतं ता सेनानी तथा सामािजक सु धारक
गाँधी से े रत हु ए और आज पूरे व व म जीवन के सबसे गंभीर दशन और सामािजक प रवतन क
बहस म गाँधी के पूण वकास क सोच क बहस सबसे अ धक हो रह है।
गाँधी क समाज यव था क सोच, िजसम सभी बराबर है और सभी समान अवसर के लए
यो य है, आज सव दय समाज के प म जाना जाता है। गाँधी ऐसे समाज को राम-रा य के प म
व णत करते ह। दुभा य से राम-रा य श द को धा मक क रता क वन दान करने के कारण गैर
यि त के मन म संदेह उ प न हो गया है। गाँधी ने इसक या या करते हु ए कहा क उनका राम
अयो या के ह दू राजा नह थे, न ह वे रा य म राजा दशरथ के पु थे। यह एक ह दू राज नह
था अ पतु 'स य और याय पर आधा रत रा य था जहाँ कसी के साथ भेद-भाव नह होता। यह पृ वी
पर ई वर का रा य है।

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गाँधी मानते थे क इस यव था म मानव का ह सव च मह व ह और ज म, रं ग, ाि तयां,
धा मक व वास, लंग आ द कोई ऐसा कारक त व नह ं ह िजनसे यि त का मह व ख म हो अथवा
याय समा त हो या उसे वशेषा धकार मले। इस कार गाँधी दशन मानव, उसके समाज और कृ त
और उसके समा तर वकास के चारो ओर घूमता ह। यह वकास तभी स भव है जब जीवन के त
स मान, जैसा बौ लाना चाहते थे, येक यि त के लए व वास के प म आये। जीवन ई वर
वारा द त मू यवान उपहार है और मानव एक े ठ रचना। गाँधी के अनुसार जीवन का ल य इसे
े ठतर बनाना है जो केवल मले-जु ले और पूण ि टकोण से ह स भव है। एक अ तस बि धत और
अ त नभर ि टकोण समय क आव यकता है। गाँधी ने इं गत कया क सामािजक. धा मक. आ थक
और राजनी तक पहलुओं को अलग-अलग नह ं कया जा सकता।
वकास से गाँधी का ता पय है समा तर प से और दै वीय संरचना के अनुसार , बना जीवन
क मूल लय को बगाड़े. सभी भागो म सुधार करना।
ु न और कु पता ह उ प न करे गी, इस कार
ऐसा न करना मानव यि त व म केवल असंतल
समाज के सभी अंग के समा तर प से वकास को सु नि चत करने के य न करने क आव यकता
है। यह वचार ह पूणतावाद है। सं त म यह स पूण वकास ह।

2.7 अ यासाथ न
1. 'गाँधी के रचना मक काय म ’ के बारे म आप या जानते है?
2. गाँधी जी वारा दए गए व भ न रचना मक काय म कौन से थे?
3. गाँधी के रचना मक काय म क ासं गकता बताइये।

2.8 संदभ थ सू ची
1. टरचेक, रोना ड जे : गाँधी: ग लंग फॉर ऑटोनॉमी, व तार पि लशस, यू द ल 2006
2. परे ल, ए.जे. : ह द वराज एंड़ अदर राइ टंगस, कैि ज यू नव सट े , यू दे हल 2004

3. वेबर, थॉमस : गाँधी : एज डि पि लन एंड़ मटर, कैि ज यू नव सट ेस , यू दे हल 2007

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इकाई - 3
लोकतां क वके करण
इकाई क परे खा
3.0 उ े य
3.1 तावना
3.2 ऐ तहा सक संदभ
3.3 वत भारत म पुनसंरचना के यास
3.4 सारांश
3.5 अ यासाथ न
3.6 संदभ थ सूची

3.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पायगे -
 वके करण क ऐ तहा सक पृ ठभू म के बारे म।
 वके करण क दशा म कये गये यास के बारे म।
 वतं सरकार म प रव तत राजनी तक संरचना के बारे म।
 वके करण को मू त प दे ने म आने वाल बाधाओं के बारे म।

3.1 तावना
हमारे रा पता महा मा गाँधी ने वत ता से पूव 1948 मे ह रजन प का मे लखते हु ए
प ट प से यह बात कह थी क “ वत ता नीचे के तर से ार भ होनी चा हए िजसम येक
ाम अपने आप म पूण शि तस प न पंचायत गणतं का व प हण कर सक ”। आगे एक अ य
थान पर पुन : उनके वारा यह बात दोहराते हु ए कहा गया था क “स चे अथ मे के म 20 नवा चत
यि तय के बैठने से जनतं का नमाण नह ं हो सकता इसे बनाने के लए हर ाम को नीचे से जोड़ना
होगा।''
दुभा य से हमने वत ता ा त होते ह अपने जनतं का नमाण “नीचे'' के बजाय “ऊपर”
से ार भ कर केवल के एवं रा य के तर पर ह जनतां क शासन यव था कायम कर यह सोच
लया क हम ने पूरे दे श म जनतं क थापना कर ल है। ले कन कसी भी जनतां क णाल म
जब तक जन-जन को नह ं जोड़ा जाये एवं हर तर पर अपने मामल म अपनी वयं क ाथ मकताओं
के आधार पर वयं नणय लेने का अ धकार नह ं दया जाये तब तक जनतं के अि तम उ े य को
ा त कया जाना स भव नह ं है।

3.2 ऐ तहा सक संदभ


यह सवमा य त य है क कसी दे श का सामािजक एवं आ थक वकास जनतं के बना अधू रा
होगा इसी कार यह भी सह है क जन-जन के जुड़ाव के अभाव मे जनतं भी एक खोखला कवच
बन कर रह जायेगा. इस लए जनतां क वके करण के लए '' ढ़ इ छाशि त'' एवं न ठा का होना
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आव यक है िजसके अ तगत के से रा य को, रा य से िजल को एवं िजल से ख ड इकाइय एवं
ाम पंचायत तक अ धक से अ धक वकास से स बि धत काय एवं अ धकार का ह तांतरण नरं तर
कया जा सक। पंचायती राज यव था एक '' थानीय वशासन'' के प म उमर कर सामने आनी
आव यक है जो न केवल वकास शासन एवं थानीय आव यकताओं क पू त कर बि क अंततोग वा
थानीय तर पर याय एवं कानून यव था क शि तयाँ भी हण कर सक।
वत ता के प चात ् गत 5 दशक से ऊपर के हमारे अनुभव के आधार पर शि तय के
वके करण म कई बाधाएं ि टगत हु ई है िजनम मु य प से माननीय वधायक गण सांसद व रा य
सरकार तर पर यह मान सकता भी हावी रह है क य द थानीय वषय के लए शि तय का ह तांतरण
नीचे क इकाइय म कर दया जायेगा तो रा य सरकार कमजोर हो जायेगी। साथ ह यह भी आशंका
नरं तर य त क जाती रह है क पंचायती राज सं थाएं एवं उनके नवा चत त न ध अभी वशासी
इकाइय के प म िज मेवार नवहन करने के लए स म नह ं हो पाए ह एवं वे स पे गये काय को
भी कुशलता से स प न नह ं कर पाए है। व तुत: यह दोन ह आशंकाएँ नमू ल है एवं स ता को के कृ त
रखने क मान सकता क प रचायक है य क अपनी शि तयाँ ह तांत रत करने वाल सरकार कभी
भी शि त वह न नह ं होती बि क थानीय काय के ह तांतरण से वे काय अ धक कारगर ढं ग से संप न
हो पायेग एवं रा य सरकार को रा य तर य मामल को और अ धक कारगर ढं ग से नपटाने के लए
अ धक समय मल सकेगा िजससे हमार जनतां क यव था अ धका धक सु ढ़ व प हण कर
सकेगी।
जहां तक थानीय तर पर स मता का न है, यह न तो भारत छोड़ने से पूव वदे शी
शासक ने भी उठाया था क हम अभी अपनी रा य यव था वयं चला पाने के लए स म नह ं है
ले कन यह बात गत 60 वष से भी अ धक समय से सफलतापूवक चल रह हमार जनतां क यव था
ने नमू ल स कर द है एवं भारत व व के एक सबसे बड़े सफल जनतं के प मे उभर कर सामने
आया है। उपरो त आशंकाओं से यह भी प रल त होता है क हम अपनी वयं क था पत थानीय
जनतां क णाल म वयं ह व वास नह ं कर रह है जब क इसके वप रत आज से लगभग 127
वष पूव टश रा य के एक अं ज
े शासक. लाड रपन ने 1882 म िजला बोड था पत करने के उनके
ताव पर उनके आलोचक को तीखा जबाव दे ते हु ए यह कहा था क '' थानीय तर पर ार भ म
क गई ु टय का नराकरण तो जन सामा य के जीवन पर बना कसी अ धक नुकसान के कया
जा सकता है ले कन के तर जो भी गल तयाँ होती है उसका खा मयाजा पूरे दे श को भु गतना पड़ता
है एवं उनका सहज नराकरण भी संभव नह है।'' उ ह ने आगे यह भी कहा था क ''िजला तर पर
थानीय वशासन यव था का यह ताव शासन म सु धार लाने के उ े य से नह ं रखा जा रहा
है बि क मु य प से इस यव था से थानीय तर पर राजनै तक श ा के लए ठोस एवं कारगर
णाल का ादुभाव हो सकेगा। कालांतर म य- य थानीय तर पर वशासन क िज मेदार बहन
करने एवं थानीय हत को समझने क मता म वृ होगी, शासन मे कु शलता अपने आप बढ़
जायेगी। इसम कोई संदेह नह ं है क ार भ म इस यव था के या वयन म कई असफलताएं ि टगत
होगीं उनसे नराश होने के बजाय हम इसम और अ धक सु धार के लए मौका मल सकेगा। ले कन
यह भी सह है क इस नी त के या वयन म नौकरशाह का िजतना अ धक सहयोग मल सकेगा

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उतने ह असफलता के मौके कम आयेग'े ' लाड रपन का उपरो त कथन सवा शता द के बाद आज
भी अ रशः: स य है।
व तु त: कसी भी लोकताि क यव था म स पूण शि तयाँ जनता से ह वा हत होती ह।
जनता ह नवा चत त न धय को सं वधान के अ तगत शि तस प न बनाती है। अब यह सवमा य
त य है क हर तर पर जब तक जन-भागीदार सु नि चत नह ं होगी वकास क या को सतत ्
ग तमान बनाया जाना संभव नह ं है। इस हेतु स ता का वके करण नता त आव यक है। रा य
एवं रा य तर क भाँ त िजला, पंचायत स म त एवं ाम तर तक ' वशासन' सु नि चत कर इन
वशासी इकाइय को थानीय नणय के लए पूणत: शि त स प न बनाया जाना आव यक है।
यह सव व दत है क भारत म ाम वरा य क प रक पना आ दकाल से चल आ रह है।
यह त य न केवल ऋ वेद म ह व णत है बि क अथव द क ऋचाओं म भी '' ाम सभा'' एवं '' ाम
स म तय ” एवं ाम नेत ृ व का जगह- जगह उ लेख मलता है। आगे कसी ऋचा म यह उ लेख है
क '' जा पालक'‘‘'सामा य जन, श पकार एवं द तकार, ा य अ ज एवं समृ जन सभी ाम सभा
म एक त होकर सवजन हताय काय मे सहयोग कर। जापालक एवं ा य अ ज साथ मलकर
काय कर इसके साथ ह अथवद क 3/4/2 ऋचा म भी नवा चत जनताि क यव था म प ट प
से उ लेख है क ''रा य क शासन यव था हेतु जनता तु हारा नवाचन कर एवं चार दशाओं और
आकाश से तु हारे ऊपर आ शवाद क वषा हो। तुम रा के शासन क बागडोर स भाल । शासन क
शि तयाँ हण कर हमारे रा क स पि त का उ चत बंटवारा कर हम लाभाि वत करो।''
राम व व मा द य जैसे जन य राजा भी हर मह वपूण नणय लेते समय जनसाधारण क
सलाह एवं वचार को ग भीरता से सु नते थे एवं पूण मह व दे ते थे। इस आ दकाल से चल आ रह
प रपाट से ह आगे चलकर ‘‘ ाम वशासन” एवं ‘‘पंचपरमे वर” क प रक पना एवं आ द का लन
पंचायत का ादुमाव हु आ जो न केवल ाम के सभी मामल म नणय लेने म स म थे बि क उनम
पु लस एवं याय यव था क शि तयाँ भी अ त न हत थी। र त रवाज एवं धा मक वचार के आधार
पर उ ह ाम समाज म बहु त ह प व एवं उ च थान ा त था। त का लन पंचायत गांव के छोटे
मोटे झगड़ थानीय तर पर ह नपटा दया करते थे िजससे सभी तर पर सवस मत प से वैधा नक
शि तय के समान ह मा यता द जाती थी एवं आज क तरह जनता को पी ढ़य तक अदालत के
च कर नह लगाने पड़ते थे। उपरो त पंचायत णाल मु गल काल म भी च लत रह ले कन उनक
या यक शि तयां त का लन नकुश शासक वग ने अव य ह थया ल थी।
व तु त: नवा चत एवं जनता के त जवाबदे य वाय त शासन यव था का थम बजारोपण
टश शासनकाल म 1667 म म ास नगर प रष से हु आ हांला क उस समय तक ाम पंचायती
एवं ‘‘पंचपरमे वर” यव था लगभग लु त ाय सी हो चुक थी िजसे 1835-36 म ‘‘लघु ामीण गणत
के प म मा यता दे ने का यास कया गया एवं इस यव था को लोड मेय के समय म कर वसूल
का काय स पकर कु छ मह व अव य दया गया ले कन लोड रपन के 1882 के ताव से भारत म
वाय त शासन यव था क ठोस बु नयाद रखने का यास माना जाता है। लोड रपन ने इस यव था
के आलोचक पर तीखा हार करते हु ए कहा था क ‘‘ थानीय तर पर क गई भू लो को तो सुधारा
जा सकता है ले कन के य तर पर क गई गल तयां िजनका जनमानस पर यापक असर होता है
सु धार नह जा सकती। लोड रपन के इस यव था को अ धक मह व दे ने के बावजू द भी इस णाल

42
के रा त म ता का लन नौकरशाह के रोड़ के कारण अ धक सफलता नह मल पाई। अ ततः 1919
म ‘‘च स फोड सु धार '' क या से कई ा त म इसे वैधा नक प दान कर त संबि धत अ ध नयम
लागू करने पर इस यव था को वैधा नक व प मल सका है साथ ह 1935 म कई ा त म लागू
क गई लोक य नवा चत शासन यव था के अ तगत भी पंचायत को मह वपूण थान दया गया।

3.3 वत भारत म पु नसंरचना के यास


वतं ता के प चात ् सं वधान के अनु छे द 40 के अनुसरण म व भ न रा य म पंचायती
राज सं थाओं के लए अ ध नयम लागू कर साकार प दान कया गया। बलव त राय मेहता कमेट
क शफा रश के प र े य म दे श म सव थम 2 अ टू बर 1959 को त काल न धानमं ी. जवाहर
लाल नेह ने नागौर म द प जलाकर एक सु यवि थत पंचायती राज यव था लागू करने का गौरव
राज थान को दान कया था िजसके प रणाम व प लगभग एक दशक तक रा य म पंचायती राज
को अ धका धक मह व दया गया। पर काला तर म शनै: शनै: सभी काय वापस ले लये गये एवं पंचायती
राज एक नज व ढाँचा बन कर रह गया। गत लगभग तीन चार दशक तक पंचायती राज को आधे
अधूरे मन से इ के दु के काय ह ता त रत करने व वापस लेने क ‘‘आँख मचोल ” का खेल त काल न
सरकार वारा खेला जाता रहा है।
राज थान क तरह पूरे दे श म - तर य पंचायती राज यव था को कई अ य रा य ने भी
अंगीकृ त कया, ले कन काला तर म सभी रा य के नयम म एक पता नह ं होने, शि तय के
ह ता तरण एवं व तीय संसाधन व आव यक या वयन अमले के अभाव म ये सं थाएं पूरे दे श
म एक पता, शि त स प न एवं पूण पेण वशासी सं थाओं के प म वक सत नह ं हो पाई। इसी
ि ट से थम बार इस वषय को राजीव गांधी वारा रा य वचार मंच पर लाया जाकर भारत के
सं वधान म 62वां संशोधन करवाने वन यास कया गया जो रा य सभा म बहु मत के अभाव म पास
नह ं हो पाया पर काला तर म वष 1993 म पुन: यह महती नणय 73व संशोधन के प म पा रत
करवाया गया जो जनतां क वके करण एवं थानीय वशासन णाल लागू करने के इ तहास म
एक ाि तकार कदम था।
सं वधान के 73व संशोधन के आदे शा मक ावधानुसार पूरे दे श म - तर य ढांचे क थापना.
कमजोर वग यथा अनुसू चत जा त/जनजा त के लए जनसं या के अनुपात म आर ण, म हलाओं के
लए एक तहाई थान पर आर ण, तीन ह इकाइय के लए त न धगण का सीधा चु नाव, ाम
सभाओं को अ धक शि तस प न बनाने, रा य नवाचन आयोग एवं रा य व त आयोग क थापना
आद क ि ट से पूरे दे श म एक पता आ गई है एवं एक सु ढ़ ढांचा था पत हो चु का है।
सं वधान के ावधानुसार इन सं थाओं को सामािजक याय एवं आ थक वकास क योजनाएं
बनाने एवं याि वत करने का दा य व स पा गया है एवं यह प रक पना क गई है क थानीय तर
पर ये सं थाएं वशासी इकाइय के प म काय करे गीं, पर काय के ह ताना तरण के वषय म सं वधान
क अनुसू ची 11 म 29 वषय अं कत कर उनके ह ता तरण का नणय रा य वधा यका/सरकार के
ववेकाधीन कर दया गया है। िजसके प रणाम व प केरल कनाटक, महारा व गुजरात आ द क तपय
रा य को छोड़कर राज थान स हत अ य रा य म काय, व तीय ावधान, कया वयन अमले एवं
नणय लेने क शास नक, व तीय एवं राजनै तक शि तय का ह ता तरण एवं सं वधान क धारा

43
243 (जी) क मंशा के अनु प ‘‘आ थक वकास एवं सामािजक याय” क वके कृ त योजनाएं बनाने
का काय सह प म लगभग डेढ दशक के अ तराल पर भी नह ं हो पाया है एवं सं वधान म न हत
मंशा क पूण पेण पू त नह ं हो सक है एवं न ह गाँधीजी के ' ाम वरा य' का व न ह साकार
हो पाया है।
रा य वधा यका के नणयानुसार संयोगवश राज थान म पंचायती राज अ ध नयम 1994 म
काय के ह ता तरण हेतु उ त अ ध नयम क धारा 50, 51 व 52 के अ तगत ाव धत अनुसू ची 1,2,
व 3 म ‘‘आदे शा मक” ावधान होते हु ए भी सभी 29 काय , त स ब धी व तीय संसाधन एवं
कमचार गण का अमला अभी भी इन सं थाओं को ह ता त रत नह हो पाया है िजसके अभाव म ये
सं थाएं वशासी इकाइय ' के थान पर रा य सरकार क एजसी' के प म ह कायरत है एवं अपना
सह व प व आव यक शि तयां हण कर पाने म असमथ रह है। इसका प ट कारण अ ध नयम
क उपरो त स बं धत धाराओं म एक पंख लगा कर रा य सरकार को “ह ता तरण हे तु शत तय करने''
का अ धकार भी दे दया जाना है। उ त शत अभी तक भी नधा रत नह ं क गई है। क तपय व ध
वशेष क यह भी राय है क य द रा य सरकार ने कोई शत का नयम म ावधान ह नह ं कया
है तो उपरो त अनुसू चय म अं कत सम त काय पंचायती राज सं थाओं म अ ध नयम के आदे शा मक
ावधान के कारण वत: ह न हत हो जाते है। पर यह मत य द स ा तत: सह भी है तो इन वषय
के लए उपल ध योजना व योजना भ न क रा य बजट क धनरा श व स बि धत या वयन अमला
जब तक ह ता त रत नह ं हो जाता है तब तक पंचायती राज सं थाएं इन काय को अंजाम दे ने के
लए स म नह ं हो सकगी।
रा य शास नक सुधार आयोग ने इस स ब ध म व तृत तवेदन रा य सरकार को माच,
2001 म तुत कया था। त प चात ऐसा लगा था क त काल न सरकार ने ढ़ इ छाशि त से इस
आयोग क अनुसंशाओं को लागू करने का मानस बना लया था िजसके तफल व प ह जनवर
2002 म ह इन सं थाओं के सामािजक याय व आ थक वकास क योजनाएं नीचे के तर पर इन
सं थाओं वारा वयं बनाने, अपनी ाथ मकताएं वयं तय करने एवं योजनाओं को वीकृ त कर
याि वत करने के महती उ े य से त काल न मु यमं ी क अ य ता म ग ठत रा य आयोजना बोड
ने रा य आयोजना का कु छ अंश इन सं थाओं को नब ध रा श के प म दे ने का नणय लया था
और रा य सरकार वारा वके कृ त योजनाओं क या नधा रत करने हे तु रा य तर पर ी
भागीरथ शमा क अ य ता म एक स म त का भी गठन कर दया था। िजसका तवेदन भी कई रा य
का अ ययन करने के प चात जु लाई 2002 म ह तु त कर दया गया था। इस वषय के स ब ध
म ह अलग से एक मं ीम डल य उपस म त भी बनाई गई थी और िजला मु ख , धान , सरपंच व
पंचायती राज से जुड़े अ धका रय आ द क अलग-अलग कायशालाएं बुलाकर इस स ब ध म वचार
वमश भी शु कर दए गये थे एवं यह भी तय कया गया था क वधान सभा का इस वषय पर
अलग से एक अ धवेशन आयोिजत कया जाय। इससे ऐसा ि टगत हो रहा था क जहां कह ं वैधा नक
ावधान म संशोधन क ज रत है संशोधन करवाए जाकर पूण वकेि त यव था लागू कर द जायेगी।
चाहे दे र से ह सह त काल न रा य सरकार के उपरो त कदम जनताि क वके करण क दशा
म एक बहु त ह मह वपूण एवं वागत ् यो य कदम होते पर दुभा य से त काल न सरकार ने भी आधे
अधूरे मन से केवल कागज पर 16 वभाग के क तपय काय सौपने क लपापोती ह क पर वा त वक

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प से आव यक धनरा श एवं कायकार अमला व पूण प से स ता का ह ता तरण इन काय के लए
भी नह ं हो सका एवं सरकार का समय समा त हो गया और पंचायती राज का उस समय भी यह व न
फर अधूरा ह रह गया।
गत भाजपा सरकार ने भी शास नक सुधार आयोग क सफा रस पर वचाराथ ी अ नल
वै य अ त मु य स चव क अ य ता म स म त अव य बनाई थी पर इस संदभ म यह सरकार भी
ढ़ इ छाशि त नह ं बना पाई और पूरे पांच साल के कायकाल म भी कुछ नह ं कर पाई, जब क वै य
क मट क कई बैठक हु ई पर उ त क मट ने या रपोट द यह भी जन जा हर कया गया और न
ह कोई कायवाह ह क गई और पूरे पांच वष के कायकाल क समाि त तक गत सरकार वारा भी
आयोग क रपोट पर कोई कायवाह नह ं क गयी। कसी भी वषय क कोई भी शि तयां ह ता त रत
करना तो दूर रहा बि क अशोक गहलोत क पूव सरकार वारा वष 2002-03 म जो 15 वषय के
काय का आधा अधू रा ह ता तरण कया था. को भी वापस लेकर पुन : पूण पेण रा य के य यव था
कायम कर वष 2004-05 म हु ये पंचायती राज नवाचन म लगभग सवा लाख नवा चत जन त न धय
के मा यम से उभर वशासन क जन आकां ाओं पर भी पानी फेर दया गया। रा य म उसी समय
सभी तर पर पंचायत का नवाचन काय भी स प न कया गया एवं फरवर 2005 के ार भ म
नई पंचायत ग ठत हो गई एवं पुन : सवा लाख नव नवा चत त न ध पदासीन हो गये। वे भी पूव क
भाँ त वतमान यव था म जनआकां ाओं को फल भूत करने म अपने आपको असमथ महसूस कर
रहे है।
वके कृ त आयोजना कया नधारण हे तु ग ठत शमा स म त क रपोट (जुलाई 2002)
भी अभी तक ठ डे ब ते म बंधी हु ई है जब क इस हे तु योजना आयोग के वके कृ त आयोजना के
संबध
ं म आदे शा मक ावधान क पालना भी नह ं क जा रह है िजससे अनुसार िजला से टर अलग
से सृिजत कर िजला , ख ड, पंचायत तर पर धनरा श उपल ध करवाकर थानीय ाथ मकताओं के
अनु प योजनाय बनाकर िजला आयोजन स म त के मा यम से समे कत कर रा य योजना के साथ
जोड़ी जाने के प ट नदश है। वा तव म इन नदश क भी रा य सरकार वारा अब तक ख ल
ह उड़ाई जा रह है एवं िजला तर पर नौकरशाह के मा यम से योजना बनाकर िजला आयोजना स म त
के वारा समे कत कर महज औपचा रकता पूर कर योजना आयोग को भी इसे वकेि त आयोजना
के पम तु त कर गुमराह कया जा रहा है। य द केरल जैसे इस संबध
ं म अ गण रा य के उदाहरण
ले तो यह व दत होगा क वहा रा य कु ल आयोजना रा श का लगभग 43 तशत भाग िजला से टर
को आवं टत होता है जो नधा रत मापद ड के आधार पर नगर नकाय एवं पंचायती राज सं थाओं
म ाम पंचायत तर तक आवं टत कया जाता है एवं वा त वक प म वके कृ त आयोजना णाल
क अ रशः पालना हो रह है जब क राज थान जैसे दे श म इस णाल को योजना आयोग के बार-बार
नदश क पालना के बावजू द भी नह ं लागू कर तृणमू ल तर पर कायरत जनतां क यव था के साथ
खलवाड़ कया जा रहा है।
त काल न भारत सरकार के पंचायतीराज मं ी ी म णशंकर अ यर क पहल पर पंचायती
राज को सश त करने के उ े य से पूरे दे श म गोलमेज स मेलन बुलाये गये िजसका अि तम दशवा
चरण राज थान म ह पूरा हु आ। इससे पुन: आशाएं अव य जागृत हु ई थी पर रा य सरकार क
उदासीनता के कारण ‘‘वह ढाक के दो पात रहे ” िजससे प ट है क ‘‘अभी भी व न दूर है”। यहां
यह उ लेख करना आव यक है क पूरे दे श म पंचायती राज सं थाओं के लगभग 35 लाख नवा चत

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जन त न ध है एवं हमारा दे श इस ि टकोण से व व म सबसे बडी वके कृ त जनताि क णाल
के प म उभर कर आया है पर इन सं थाओं को संवध
ै ा नक दजा ा त होते हु ए भी केवल केरल,
महारा , गुजरात आ द रा य को छोड़कर सं वधान म उ ले खत काय . व तीय संसाधन एवं कायकार
अमले के ह ता तरण के अभाव म तृणमू ल पर था पत इतनी बडी जनताि क यव था का ढाँचा
नि यता एवं नराशा के अंधकार म धकेल दया गया है।

3.4 सारांश
अब चूँ क पुन : राज थान म नई सरकार का गठन हो चु का है एवं उनक पूव कायकाल म
ह शास नक सुधार आयोग एवं वके कृ त आयोजना कया स म त आ द का गठन कया गया
था एवं उस समय उ त सरकार क प ट इ छाशि त भी प रल त हु ई थी क राज थान म
पंचायतीराज को पूण पेण सशि तकृ त कर दे श म इस रा य को पंचायती राज यव था क ि ट से
अ गण रा य का दजा दलवाये गे। इसी प र े य म यह माना जा रहा है क नई सरकार आयोग
क सफा रश के अनुसार पंचायती राज का त काल सशि तकरण करगी िजससे वे भी वतमान सरकार
वारा इस रा य के सवागीण वकास हे तु लए गए मह ती संक प को पूरा करने म स य भागीदार
नभा सके।

3.5 अ यासाथ न
1. लोकतां क वके करण के मह व पर काश डा लये?
2. वके करण क ऐ तहा सक पृ ठभू म क ववेचना क िजये?
3. वके करण के फल व प बदलती संरचना पर काश डा लये?
4. वके करण क दशा म आने वाल बाधाओं का उ लेख क िजये?

3.6 संदभ थ सू ची
1. एस. आर. माहे वर : भारत म थानीय शासन, आगरा, ल मी नारायण अ वाल, 2008
2. अशोक शमा : भारत म थानीय शासन, जयपुर, आर. बी. एस. ए., 2000
3. के. के. शमा : भारत म पंचायती राज, जयपुर, कॉलेज बुक डपो , 2005
4. बस ती लाल बाबेल : राज थान पंचायती राज अ ध नयम, 1994, जयपुर , बाफना पि लकेशन,
1994।

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इकाई - 4
पंचायत राज यव था
इकाई क परे खा
4.0 उ े य
4.1 तावना
4.2 भारतीय सं वधान म 73 व संशोधन के मु य ावधान
4.3 राज थान म पंचायती राज सं थाओं का ढांचा एवं काय
4.3.1 िजला प रषद
4.3.2 पंचायत स म तयां
4.3.3 ाम पंचायत
4.4 या हो वतमान व प एवं सशि तकरण
4.5 सारांश
4.6 अ यासाथ न
4.7 संदभ थ सूची

4.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पाय गे -
 73 व सं वधान संशोधन के मु य ावधान के बारे म।
 पंचायत राज यव था क संरचना के बारे म।
 िजला प रषद, पंचायत स म त एवं ाम पंचायत के काय के बारे म।
 पंचायत राज सं थाओं को और अ धक सश त बनाने के लए उठाये जाने वाले कदम के बारे
म।

4.1 तावना
73 व सं वधान संशोधन के वारा पंचायत राज यव था को एक संवध
ै ा नक दजा दया गया।
इसके बाद पंचायत राज नकाय के नय मत चु नाव, म हलाओं को 1/3 आर ण, अलग से नवाचन
आयोग, रा य व त आयोग का गठन आ द ावधान कये गये। क तु पंचायत राज सं थाओं क
भावशीलता के लए कु छ और कदम उठाने क ज रत है, ता क ाम वराज का सपना साकार हो
सके।

4.2 भारतीय सं वधान म 73 व संशोधन के मु य ावधान


73वां सं वधान संशोधन संसद से 1993 म पा रत हु आ जो एक ऐ तहा सक कदम था। सं वधान
संशोधन म क तपय आदे शा मक ावधान कये गये है िजससे पूरे दे श म पंचायती राज यव था म
एक पता आ गई है। उ त ावधान न नानुसार है :-

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(1) ी तर य पंचायतीराज यव था - ाम तर पर ाम पंचायत, लाक तर पर पंचायत स म त
एवं िजला तर पर िजला प रषद।
(2) येक पंचायत से ाम सभा का गठन - जो ाम संसद के प म काय करती है।
(3) म हलाओं हे तु यूनतम एक तहाई सीट का अ नवाय आर ण।
(4) अनुसू चत जा त जन जा त हेतु उनक जन सं या के अनुपात म आर ण।
(5) ाम पंचायत के सभी वाड मे बर एवं सरपंच का तथा पंचायत स म त एवं िजला प रषद के सद य
का भी नवाचन े बनाकर सीधा चु नाव।
(6) रा य नवाचन आयोग का गठन जो न प प से समय पर चु नाव कराने के लए िज मेदार।
(7) हर तर पर नवा चत त न धय का 5 वष का समान कायकाल।
(8) हर रा य म येक 5 वष के लए रा य व त आयोग का गठन जो रा य कर आय का समु चत
ह सा पंचायती राज सं थाओं को आवं टत करने क सफा रश करने हे तु उ तरदायी।
(9) येक िजले म िजला आयोजना स म त का गठन (74 व सं वधान संशोधन से)
73 व सं वधान संशोधन के अनुसार पंचायत को 29 वषय से संबं धत काय करने क शि तयां
एवं अ धकार दे ने का उ लेख भी है उ त वषय सं वधान संशोधन क 11वीं अनुसू ची म दज है िजनका
ववरण प र श ट 1 पर अं कत है। पर यह ावधान आदे शा मक नह ं होकर उ त काय एवं शि तय
के ह ता तरण हे तु रा य सरकार को अ धकृ त कया गया है। इस कार यह ावधान रा य सरकार
के व ववेकाधीन होने के कारण उ त वषय के ह ता तरण क ि थ त व भ न रा य म भ न भ न
है।
केरल, महारा , गुजरात, आ ध दे श आ द रा य म अ धकांश वषय ह ता त रत कर दये
गये है, जब क राज थान म वतमान म ाथ मक श ा के अ त र त कोई काय ह ता त रत नह ं है।

4.3 राज थान म पंचायती राज सं थाओं का ढांचा एवं काय


रा य म पंचायती रा य सं थाओं का ी तर य ढांचा न नानुसार है :-
िजला तर पर - िजला प रषद (33)
( लाक तर) - पंचायत स म तयां (249)
ाम तर पर - ाम पंचायत (9166)
उपरो त सं थाओं क संरचना एवं वैधा नक काय का ववरण न नानुसार है :-

4.3.1 िजला प रषद

िजला मु ख का पद सव च है िजसका नवाचन िजला प रषद सद य वारा कया जाता


है, एक पद उप मु ख का होता है िजला प रषद क आमसभा म मुख, उप मु ख िजला प रषद के
सद य भाग लेते है िज ह मतदान का अ धकार है। िजले क सभी पंचायत स म तय के धान, िजला
कले टर मु य कायकार अ धकार व प रषद एवं िजले के अ य वभागीय अ धकार भी भाग लेते ह,
िज ह मतदान का अ धकार नह ं है।

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काय संचालन हेतु पंचायतीराज अ ध नयम क धारा 55 के ावधान अनुसार 6 थाई स म तयां
बनी हु यी है जो (1) शासन व थापन (2) व त एवं करारोपण (3) श ा (4) वकास व उ पादन
(5) ामीण जल दाय वा य एवं सामािजक सेवाएं तथा (8) ामीण वकास से संबं धत है।
राज थान पंचायती राज अ ध नयम क धारा 52 के अ तगत तृतीय अनुसू च म अं कत
कायानुसार िजला प रषद वारा- िजले के आ थक वकास और सामािजक याय के लए योजनाऐं बनाने,
कृ ष वकास, कृ षक श ण एवं भू संर ण संबं धत काय, सांि यक , एक ीकरण, ामीण सड़क एवं
भवन, वा य, श ा, ामीण आवासन व गर बी उ मूलन से संबं धत काय रा य सरकार वारा
नधा रत शत के अधीन स पने का ावधान है।

4.3.2 पंचायत स म तयां

पंचायत स म तय के धान का पद सव च है िजसका नवाचन सीधे नवाचन से नवा चत


पंचायत स म त सद य वारा कया जता है। आमसभा म धान, उप धान, पंचायत स म त सद य
िज ह मतदान का अ धकार है एवं वकास अ धकार , पंचायत स म त म कायरत अ य अ धकार गण
एवं लाक तर य अ धकार भाग ले सकते है िज ह मतदान का अ धकार नह ं है।
राज थान पंचायती राज अ ध नयम क धरा 51 म पंचायत स म तय के काय एवं शि तय
का उ लेख अ ध नयम म संल न वतीय अनुसच
ू ी म कया गया है। तदानुसार मु खत: स पे गये
काय व वषय से संबं धत वा षक योजनाऐं तथा रा य वा षक बजट तैयार करना ऐसे कृ य का पालन
जो उसे सरकार एवं िजला प रषद वारा सोप जाय, ाकृ तक आपदाओं म सहायता उपल ध कराना
आ द साधारण काय के अ त र त कृ ष वकास एवं व तार, गर बी उ मूलन काय म , पशु पालन, डेयर
और कु कु ट पालन, पेयजल, ाथ मक श ा एवं सा रता काय म क नगरानी वा य एवं प रवार
क याण, म हला एवं बाल वकास, आपात सहायता, पंचायत का पयवे ण एवं माग दशन आ द व श ट
काय है जो रा य सरकार वारा नधा रत शत के अधीन स पे जाने का ावधान है।

4.3.3 ाम पंचायत

ाम पंचायत म सरपंच एवं वाड पंच का जनता वारा सीधा नवाचन होता है। पंचायत क
बैठक म सरपंच, उप सरपंच एवं सभी वाड पंच िज ह मतदान का अ धकार है के अलावा ाम सेवक
एवं पदै न स चव एवं वशेष आमं त अ य वभागीय कमचार भाग लेते है।
राज थान पंचायती राज अ ध नयम क धारा 50 के अधीन ाम पंचायत के मु य काय एवं
शि तय का उ लेख थम अनुसू ची म अं कत है तदानुसार साधारण कृ य म पंचायत े क वकास
योजनाऐं तैयार करना, वा षक बजट बनाना, गाँव क आव यक सांि यक रखना, शासन के े म-
पंचायत क सावज नक स पि तय का सं यांकन जनगणना करना शकायत का उ चत तर पर रपोट
एवं नपटान, पंचायत अ भलेख क तैयार करण एवं साधारण ज म मृ यु और ववाह का नयमानुसार
पंजीकरण सि म लत है। रा य सरकार वारा व श ट शत के अधीन स पे जाने वाले काय म (1)
कृ ष व तार स हत कृ ष, (i) बंजर भू मय का वकास (ii) चरागाह वकास (iii) कृ ष पयवे क क
नगरानी (2) पशु पालन डेयर एवं कु कु ट पालन, (3) पेयजल (4) गर बी उ मू लन (5) ारि मक श ा
(8) ामीण व छता (7) लोक वा य एवं प रवार क याण (8) म हला एवं बाल वकास (9) लोक

49
वतरण (राशन) यव था एवं (10) आि तय (प रस प तय ) का रख रखाव आ द काय सि म लत
है।
उपरो त सभी तर पर अं कत काय का उ लेख वैधा नक ावधान म है पर उ त सभी काय
हर तर पर राज थान पंचायती राज अ ध नयम 1993 क धारा 50, 51 व 52 के अ तगत मश:
वतीय व तृतीय उ लेख है जो 73व सं वधान संशोधन क अनुसू च 11 के अनुसरण म अं कत क
गई है पर जब तक रा य सरकार वारा व श ट आदे श वारा उ त काय पंचायती राज सं थाओं को
स पे नह ं जायग वे उ त सभी काय करने हे तु अ धकृ त नह ं हो सकेगी। अत: वतमान म ारि मक
श ा के अलावा पंचायती राज सं थाऐं रा य एवं के सरकार वार उ ह स पी गई क तपय वकास
योजनाओं क याि व त एजे सी के प म ह संचा लत कर रह है। उ त मुख योजनाऐं न नानुसार
है :-
1. गर बी उ मू लन काय म -
(1) वण जय ती वरोजगार योजना - गर बी क रे खा से नीचे वाले प रवार का चयन कर
वरोजगार एवं आ थक वावल बन से जोड़ना।
(2) िजला गर बी उ मूलन प रयोजना - (डी.पी.आई.पी.) व व बक क सहायता से रा य से 7
िजल म यथा - बांरा, चू , दौसा धौलपुर, झालावाड़, राजसम द एवं ट क के 7039 गाँव
म गर ब प रवार को गैर सरकार सं थाओं के मा यम से समान च समूह म जोड़कर उनक
मता वकास कर आय सृजन ग त व धय से जोड़ने हे तु ऋण व अनुदान क सु वधाएं दान
करना है।
(3) महानरे गा - यह सवा धक मह वपूण योजना है िजस के अ तगत येक ाम के येक ऐसे
प रवार को जो रोजगार के लए आवेदन करे वष म 100 दन का रोजगार कानूनी हक के
तौर पर ‘‘गारं ट ” के प म दे ने का कानूनी ावधान है।
(4) ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग क अ य मु ख योजनाऐं जो पंचायत के मा यम
से याि वत हो रह है। न नानुसार है :-
(i) पछड़ा े अनुदान न ध - रा य म 12 पछड़े िजल म 1 करोड़ . तवष रा श से
मू ल भू त ढाँचे का वकास करना है। रा य म बांसवाडा, बाड़मेर, च तोडु गढ़ डू ग
ं रपुर,
जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, करौल , सवाईमाधोपुर , सरोह , ट क एवं उदयपुर िजले
सि म लत है।
(ii) ामीण आवासीय योजना - इं दरा गाँधी आवास योजना - अनुसू चत जा त जनजा त एवं
गर बी क रे खा से नीचे के प रवार को आवास हे तु सहायता उपल ध कराना।
(iii) सांसद न ध - येक सांसद े के लए के सरकार वारा तवष 2 करोड़ . उपल ध
कराये जाते है िजससे वकास काय कराये जाते है।
(iv) वधायक थानीय े वकास योजना - येक वधान सभा े के लए रा य सरकार
वारा न करोड़ . त वष उपल ध कराये जाते है। िजससे व भ न वकास काय कराये
जा सकते है।

50
(v) ामीण व छता काय म - के सरकार के व तीय योगदान से ामीण े म
यि तगत व छता, घरे लू व छता, पीने का साफ पानी, कचरे का नपटान, मलमू
का नपटारा, गंदे पानी क नकासी आ द काय सि म लत है।
(vi) व भ न सामािजक सुर ा एवं खा य सुर ा योजना - इन काय म म इि दरा गाँधी
रा य वृ ाव था पशन एवं वधवा प र य ता पशन योजना , नश तजन पशन,
अ नपूणा योजना , अ योदय अ न योजना, मु य मं ी जीवन र ा योजना, जन ी
बीमा योजना आ द सि म लत है।
(vii) मानव वकास संबं धत योजनाओं म - वा य संबं धत दाई, आंगनबाड़ी, वा य
उप के जनन व बाल वा य काय म, रा य ामीण वा य मशन के काय म
जननी सुर ा, भोजन तथा श ा संबं धत योजनाओं म बा लका श ा, श ा के अ ध
कार कानून म ारि भक तर तक अ नवाय एवं नशु क श ा ामीण पोषाहार एवं मड़
डे मील आ द सि म लत है।
(viii) आजी वका संवधन हे तु - धान मं ी रोजगार योजना तथा अ य योजनाओं म म हला
एवं बाल वकास योजनाऐं आ द सि म लत है।

4.4 या हो वतमान व प एवं सशि तकरण


थम आव यकता ढाँचागत सु धार क है। वतमान यव था म पंचायती राज यव था के लये
ाव धत तर य ढांचे म सभी तर पर त न धगण के सीधे चु नाव क या के कारण अ तर
तर य सम वय म कमी आ गई ह। पूव यव था म सीधा चुनाव पंचायत तर पर ह होता था एवं
सरपंच, पंचायत स म त म एवं धान, िजला प रषद म उस े का त न ध व करते थे िजसम तीन
ह तर पर सीधा तालमेल था। चु नाव या भी बहु त खच ल एवं ज टल हो गई ह। अत: रा य सरकार
वारा इस हे तु सं वधान म संशोधन करने हे तु भारत सरकार को लखा जाकर पूव यव था लागू करवाई
जावे तो उपयु त होगा। जब तक पूव यव था लागू न हो िजला प रषद के सीधे नवा चत सद य अपने
े क पंचायत स म तय क एवं पंचायत स म त के त न ध संबं धत पंचायत क सभी बैठक म
भाग लेने हे तु अ धकृ त कये जाय। वतमान यव था म सीधे चुने हु ए िजला प रषद एवं पंचायत स म त
के सद य अपने आपको खाल महसूस कर रहे है। अत: िजला प रषद एवं पंचायत स म तय क थाई
स म तय क सं या बढा कर 10 क जाय िजससे सीधे नवा चत सभी सद य कसी न कसी स म त
के सद य बन कर सेवाएं दे सके। साथ ह ऊपर तर क सं थाओं को नीचे के तर क सं थाओं
के पयवे ण क शि तयां भी दान क जाय। इससे काय क गुणव ता म वृ हो सकेगी। पि चमी
बंगाल म लागू यव था के समान ह राज थान म भी िजला तर पर एक ‘‘िजला पयवे ण स म त”
( डि ट काउं सल) बनाई जाय िजसके अ य उस िजले के वप के नेता हो। यह स म त वकास
काय का सतत मू यांकन कर व तीय नयम क पालना एवं काय क गुणव ता सु नि चत कर सकेगी।
िजला ामीण वकास अ भकरण के पंिजयन को रह कर उ ह िजला प रषद म समामे लत कर दया
जाय। इसके अ त र त हर ाम म ‘‘ ाम सभा” हो एवं वतमान म पंचायत तर पर ग ठत ाम सभा
को ‘‘पंचायत सभा” का प दया जाय। साथ ह ‘‘ याय पंचायत ” क यव था पुन : चालू क जाय
िजससे छोटे मामल म ाम तर पर ह स ता एवं व रत याय सु लभ हो सके।

51
पंचायती राज सं थाओं के सशि तकरण क दशा म काय का ह तांतरण सवा धक मह वपूण
पहलू है अत: रा य सरकार ू ी 1, 2 व 3 व सं वधान क अनुसू ची 11
वारा अ ध नयम क अनुसच
म अं कत सभी वषय /काय के ह ता तरण हे तु सु प ट आदे श अब त काल जार कर दये जाय एवं
इस हे तु जहां भी अ ध नयमानुसार ‘‘ क ह ं शत ” को लगाना आव यक हो, उनका नयम म ह ावधान
कर दया जाय। उ त आदे श त काल जार कए जाय िजससे ये सं थाएं अपना वां छत व प हण
कर शी ा तशी याशील हो सके। इस हे तू पूरे दे श म समान यव था लागू करने के उ े य यह भी
ू ी 11 म ‘‘ वकास काय ” के साथ ह ‘‘वैधा नक” (रे गल
आव यक है क सं वधान क अनुसच ू ेटर ) एवं
“ यव था मक” (मे टे ने स) संबं धत वषय जोड़ कर इस सू ची को ‘‘के '' व “रा य सू चय ” क तरह
आदे शा मक बनाने हे तु रा य सरकार वारा सं वधान संशोधन के लये भी भारत सरकार को नवेदन
कया जाय। इस हे तू यह भी उपयु त होगा क सं वधान म के व रा य सरकार के लये लागू ‘‘समवत
सू ची” क तरह रा य व पंचायत के बीच काय क एक ‘‘समवत सूची” भी तैयार कर आदे शा मक
ावधान से लागू क जाये, िजससे सं वधान के अ तगत ह स चे अथ म िजला सरकार क थापना
स भव हो सक।
सं वधान क मंशा इन सं थाओं को केवल ‘‘ वकास काय ” तक ह सी मत रखने क नह ं है
बि क स चे अथ म इ ह स ता व सरकार म भागीदार बनाना है। अत: पंचायती राज सं थाओं एवं
थानीय नकाय के सद य वारा मलजुल कर अपना अ य चु न कर ‘‘िजला सरकार” क थापना
क जाये एवं िजला कल टर या िजला वकास आयु त एवं मु य कायकार अ धकार , िजला प रषद
को िजला सरकार का “मु य स चव” बनाया जाकर िजला तर तक के सारे नणय का अ धकार एवं
सभी शि तयां िजला सरकार को स पी जाय। अ तिजला करण व रा य तर के काय / प रयोजनाओं
से संबं धत काय एवं शि तयां ह रा य सरकार के पास रखी जाय।
रा य सरकार वारा जब तक इन सं थाओं को समु चत व तीय संसाधन का ह तांतरण नह ं
कया जायेगा इन सं थाओं को स पे गये आ थक वकास एवं सामािजक याय क योजनाएं बना कर
ै ा नक ावधान एक ‘‘प व इ छा” के प म ह अं कत रह जायेगा।
लागू करने का मह ती काय हेतू संवध
अत: रा य सरकार शी ह अपने कर व अ य ोत से आय का समु चत ह सा इन सं थाओं को
ह ता त रत करने हे तु अ ध नयम म संशोधन कर आदे शा मक ावधान से लागू करे ।
सं वधान के अनु छे द 243(2) म नयु त थम रा य व त आयोग ने भी रा य क शु
आय का केवल 2.18 तशत ह सा ह दे ने क सफा रश कर इ त ी करल । िजस पर पूव मं ी व
उ त आयोग के सद य ी च दनमल बैद ने अपना वमत दे कर इसे 10 तशत तक बढ़ाने एवं
काला तर म के क आय म से रा य के 29 तशत ह से के बराबर करने का सु झाव दया था।
रा य व त आयोग क वतीय एवं तृतीय रपोट म भी मश: केवल 2.25 तशत एवं 3.50 तशत
ह सा दे ने क ह सफा रश क गई है जो इन सं थाओं के साथ एक कार से छलावा ह कया गया
है। अत: वतमान प र े य म यह आव यक है क पंचायत का ह सा रा य क शु आय का कम
से कम 30 तशत होना चा हये। साथ ह रा य के व तीय संसाधन को “रा य से टर” एवं ‘‘िजला
से टर” दो ह स म बांटा जाये। िजला व नीचे के तर क वकास योजनाएं, टाफ आ द से संबं धत

52
सम त ावधान ‘‘िजला से टर” म कर दए जाय। “रा य से टर” म केवल रा य तर य व अ तिजला
योजनाओं के काय के ह ावधान रखे जाय।
आयोजना व आयोजना भ न के अ य स पूण ावधान भी जो 11 बी अनुसच
ू ी म 29 काय
व राज थान पंचायती राज अ ध नयम क 1, 2 व 3 अनुसच
ू ी के सम त याकलाप व त संबं धत
टाफ से संबं धत है, वह सम त रा श भी पंचायती राज सं थाओं को त काल ह तां रत कया जाना
भी आव यक है। इसके अ त र त आयोजना ावधान का कम से कम 40 तशत ह सा ‘‘ नब ध
रा श” के प म िजला आयोजना स म त को आंव टत कया जाय िजससे िजला योजनाएं बनाने का
काय थानीय ाथ मकताओं के आधार पर वा त वक प म स प न कया जा सके। भू राज व क
स पूण रा श भी पंचायती राज सं थाओं को आवं टत कर द जाय। एवं िजला एवं ख ड तर पर
‘‘वैधा नक कोष” सृिजत कये जाय व सम त आय, अनुदान व आं वटन क रा श उ त कोष म रखी
जाकर नयमानुसार उपयोग कया जाय।
पंचायत थानीय तर पर टै स लागू करने के लये नयम म ावधान होते हु ये भी हच कचाती
है। अत: गृह कर , मनोरं जन कर, वाहन कर, मवे शय व सामान के आयात पर चु ंगी आ द पंचायत
वारा वसूल के ‘‘आदे शा मक ावधान” अ ध नयम म कए जाने आव यक ह। इसी कार पंचायत
स म तय के लये यवसाय, उ योग, यापार, मेले आ द पर कर एवं भू राज व व श ा के लये “सेस”
लागू कया जाय। िजला प रषद को टा प डयूट पर 15 तशत सरचाज व मंडी शु क जलदर पर,
आबकार एवं ख नज आ द पर “सेस” लागू करने के भी आदे शा मक ावधान कर लागू कये जाय।
रा य तर पर एक “पंचायत व त बोड/ नगम” क थापना क जाय िजससे पंचायती राज
सं थाओं को लाभकार पू ज
ं ीगत नमाण काय के लये ल बी अव ध के ऋण इरा सं था के मा यम
से रा य/अ तरा य सं थाओं से सु लभ हो सके। भौ तक संसाधन के संबध
ं म आंकड़े एक त कर
पंचायत, ख ड व िजला तर पर योजनाएं/प रयोजनाएं बनाई जाकर लागू क जाय। इन योजनाओं के
चह ंकरण करने, योजनाएं बनाने, याि वत करने एवं प चातवत दे खरे ख आ द काय जनभागीदार
से कए जाय। कमचार गण बाहर से तकनीक मदद दान कर।
जन त न धय के थान पर लेखा साधारण व व तीय संसाधन के नयमानुसार सह उपयोग
का दा य व संबं धत स चव/ वकास अ धकार /मु य कायकार अ धकार को स प कर िज मेवार बनाया
जाय। साथ ह नजी आय व अ य ह तांत रत सभी काय के लये सम त व तीय अ धकार पंचायती
राज सं थाओं को स पे जाय।
ह तांत रत सभी काय , योजनाओं से संबं धत िजला तर व उससे नीचे के तर के सम त
ू ी 11 व अ ध नयम क अनुसू ची 1, 2 व 3 से संबं धत
या वयन अमले को जो सं वधान क अनुसच
काय के लये सृिजत है , त काल भाव से पंचायत राज सं थाओं को ह तांत रत करना आव यक
है साथ ह उन पर शास नक व अनुशासनाताक नय ण के सभी अ धकार भी इ ह ं सं थाओं को
दए जाय। इस स दभ से शास नक सु धार आयोग वारा भी पुरजोर सफ क गई है क सम त
शि तय /काय , संसाधन व कायकार अमले का ह तांतरण ‘‘एक ह आदे श” से कया जाय। टु कड़
म क गई कायवाह से काय न पादन व वां छत प रणाम म बाधा आती है, जैसा क अब तक होता
आया है।

53
पंचायती राज के सशि तकरण के साथ-साथ वकास शासन म आमूलचू ल प रवतन करना
भी आव यक है। वकास आयु त के पद को मु य स चव क वेतन खृं ला म प रव तत कया जा
चु का ह अत: अब ामीण वकास से संबं धत सभी वभागो के स चव उनके अधीन थ कये जाय। व श ट
योजना संगठन (अब ामीण वकास वभाग) एवं पंचायती राज वभाग जो अलग-अलग कायरत थे
को एक ह वभाग म प रव तत कर एक ह मु ख स चव व 2 शासन स चव के अधीन कया जा
चु का है। पर इस यव था म यह आव यक है क एक आयु त शास नक व व तीय यव था दे ख,े
दूसरे आयु त काय म या वयन काय दे खे। इससे तालमेल सु ढ़ होगा एवं दोहरे टाफ के पद को
समा त कर भार बचत भी क जा सकेगी।
रा य तर पर एक ‘‘रा य तर य वकास प रषद” का मु यमं ीजी क अ य ता म गठन
कया जाय जो अ तिजला रा य-िजला एवं पंचायती राज सं थाओं से संबं धत मामल मे एवं वकास
काय के भावी संचालन हे तु नी तगत नणय ले एवं एक वचार मंच ( थकटक) के प म भी काय
कर।
िजला तर पर ‘‘ वकास शासन” को ‘‘राज व शासन” से अलग कर िजला प रषद को साँप
दया जाय। िजला प रषद के मु य कायकार अ धकार के पद पर भारतीय शास नक सेवा के चय नत
वेतनमान ( व श ट शासन स चव तर) के अ धकार को ‘‘िजला वकास आयु त” के पदनाम से लगाया
जाय, जो िजला कले टर से व र ठ हो। िजला कले टर को राज व वसू ल से संबं धत, ब कर, खान,
आबकार आ द सम त राज व वभाग का काम साँप कर त संबं धत िजला अ धकार गण को उनके
अधीन कया जाये। इससे राज व आय क वृ होगी। साथ ह उनके वतमान काय कानून यव था,
जन सम या नराकरण, व िजला मिज े ट के काय क गुणव ता म भी वृ के लये उ ह अ धक
समय मल जायेगा।
ामीण वकास से संबं धत सभी िजला धकार गण को िजला वकास आयु त व िजला प रषद
के अधीन कया जाय। ख ड तर य अ धकार /कमचार गण को पंचायत स म त के अधीन एवं ाम
तर य कमचार गण को ाम पंचायत के अधीन कर दया जाय। वकास अ धकार के पद को ‘‘सहायक
वकास आयु त” के पद नाम से उ चतर वेतन खृं ला म कर अलग से राज थान वकास सेवा लागू
क जाय। तब तक इस पद पर व र ठ वेतन खृं ला के रा य शास नक सेवा या क न ठ वेतन खृं ला
के भारतीय शास नक सेवा के अ धकार गण को लगाया जाय। भारतीय शास नक सेवा के अ धका रय
के लये िजला कल टर बनने से पूव एक वष सहायक वकास आयु त के पद पर काय करना अ नवाय
कया जाय। ाम सेवक एवं कृ ष पयवे क के पद का एक करण कर सभी पंचायत म बना अ त र त
व तीय भार के पूण का लक स चव के पद पर पद थापन कया जाय। पटवार के पदनाम को ‘‘लेखपाल”
म बदल कर उसे पंचायत के अधीन कर दया जाय। सभी ाम तर य अ धकार पंचायत के अधीन,
यथास भव पंचायत घर म ह बैठे, िजससे ‘‘ ाम स चवालय” था पत हो सके एवं एक ह थान पर
ामीण के सभी काय हो सके।
िजला तर पर एक ‘‘सतकता अ धकार ” (ओ बुडसमेन) क नयुि त क जाय , जो पंचायती
राज सं थाओं एवं वकास शासन के काय पर नगाह रख कर पारद शता सु नि चत कर सके।
पंचायती राज के सशि तकरण का काय बना श ण के पूरा नह ं हो सकेगा। इस हेतु इि दरा
गाँधी पंचायती राज सं थान को जन त न ध/अ धकार गण के श ण, ामीण वकास से संबं धत
54
शोध काय व संदभ के के प म वक सत कर सु ढ़ बनाया जाय। यो य अकाद मक टाफ एवं
नदे शक का खु ले प म चयन कर लगाए जाय। वतमान म कायरत 3 े ीय श ण के इस सं था
के अधीन कर दये गये ह। अब इसी सं था के अधीन हर िजले म े ीय श ण के भी था पत
कये जाये। िजससे िजला तर पर भी श ण सु वधाएं उपल ध हो सके।
आधारभू त संरचना नमाण हे तु ाम तर व पंचायत स म त तर पर कमचार आवासीय
यव था हेतु एक वृहद काय म हु ड़को से ऋण लेकर हाथ म लया जा सकता है िजससे ‘‘ ाम स वल
लाईन”, ‘‘पंचायत स म त स वल लाईन” व 'िजला प रष स वल लाइन” का नमाण कया जाय।
सभी कमचार िजनके वयं के मकान मु यालय पर नह ं है उ ह इन आवास म रहना अ नवाय कर
दया जाय। कराए क रा श से सम त ऋण का भु गतान कुछ ह वष म हो जायेगा एवं एक वशाल
प रस पि त व सु वधा सृिजत हो सकेगी एवं रा य कोष पर कोई व तीय मार भी नह ं आयेगा। अ य
आयवधक ‘‘पुज
ं ीगत नमाण काय'' भी वृहत तर पर ‘‘पंचायत व त नगम” के मा यम से ऋण
आक षत कर पंचायती राज सं थाओं के सभी तर पर कराये जाय। इनम मजदूर यय जवाहर रोजगार
सु नि चत रोजगार योजनाओं (अब वण जयंती रोजगार योजना) से आक षत कया जा सकेगा इससे
रा य कोष पर कोई भार नह ं आयेगा। िजला प रषद , पंचायत स म तय व पंचायत के भवन का भी
व तार/ नमाण एक बडी योजना बना कर कया जाय िजससे वा त वक प से ये सं थाएं एक ह भवन
म ‘‘ वकास शासन” से संबं धत सम त अ धकार कमचार गण को बठा कर सु गमता से काय संचालन
कर सके एवं ‘‘िजला/ख ड/ ाम स चवालय” क प रक पना साकार हो सके। इस हे तु भी धनरा श ामीण
रोजगार काय म एवं रा य “पंचायत व त नगम” के मा यम से आक षत क जा सकेगी, िजससे
रा य कोष पर व तीय मार नह ं आयेगा।

4.5 सारांश
राज थान पंचायती राज यव था लागू करने मे अ णी रा य रहा है और वतमान सरकार
िजसका कायकाल अभी ार भ ह हु आ है एवं यह सरकार इस हे तु ढ़ इ छाशि त भी रखती है, एवं
यह सबके उपयु त समय है जब पुन : राज थान को दे श क पंचायती राज यव था म आगे क पंि त
म लाया जा सकता है। इन ऐ तहा सक नणय से राज थान म न केवल गाँधीजी क ाम वरा य
क प रक पना को साकार प मल सकेगा बि क रा य के सवागीण वकास म जन-जन क भागीदार
भी स भव हो सकेगी एवं नव नवा चत लगभग सवा लाख नवा चत जन त न धय को त काल ह
वकास शासन क मु य धारा से जोड़ने का यह सबसे उपयु त समय होगा।

4.6 अ यासाथ न
1. 73 व सं वधान संशोधन के ावधान का उ लेख क िजये।
2. पंचायत राज सं थाओं के ढांचे क ववेचना क िजये।
3. पंचायत राज नकाय के काय क ववेचना क िजये।
4. पंचायत राज सं थाओं को भावी बनाने के लए सु झाव द िजये।

4.7 संदभ थ सू ची
1. एस. आर. माहे वर : भारत म थानीय शासन, आगरा, ल मी नारायण अ वाल, 2008

55
2. अशोक शमा : भारत म थानीय शासन, जयपुर, आर. बी. एस. ए., 2000
3. के. के. शमा : भारत म पंचायती राज, जयपुर, कॉलेज बुक डपो , 2005
4. बस ती लाल बाबेल राज थान पंचायती राज अ ध नयम, व 1994, जयपुर, बाफना पि लकेशन,
1994।

56
इकाई - 05
भारत म रोजगार योजनाएँ
इकाई क परे खा
5.0 उ े य
5.1 तावना
5.2 मु ख रोजगार योजनाएँ
5.2.1 वण जयि त ाम वराज योजना
5.2.2 जवाहर ाम समृ योजना
5.3 अ योदय अ न योजना
5.4 धानमं ी ामोदय योजना
5.5 सू खा आशं कत े काय म
5.6 रोजगार आ वासन योजना
5.7 स पूण ामीण रोजगार योजना
5.8 वण जयि त शहर रोजगार योजना
5.9 धानमं ी क रोजगार योजना
5.10 रा य ामीण रोजगार अ ध नयम (महानरे गा)
5.11 सारांश
5.12 श दावल
5.13 अ यासाथ न
5.14 स दभ थ सूची

5.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के बाद आप जान सकगे क :
 भारत म वतं ता ाि त के बाद कौन कौन सी मु ख योजनाएं ार भ क गई थी?
 वतमान म संचा लत मु ख योजनाओं क मु य बात या थी? एवं;
 महा मा गाँधी नरे गा योजना के उ े य एवं ग त के बारे म व तृत जानकार ा त कर पाएंग।े

5.1 तावना
सामािजक याय के साथ ती वकास क मह वाकां ी अ भलाषा के साथ दे श म वतं ता
ाि त के बाद से ह वकास और क याण क अनेकानेक योजनाओं और काय म को संचा लत कया
जाता रहा है। य क जनसं या े म भारत व व म वतीय थान पर होने से दे श म रोजगार
चाहने वाल क सं या म जहाँ एक ओर तवष भार वृ हो रह है वह ं दूसर ओर संग ठत े

57
म रोजगार म कमी वगत 7-8 वष म (2003-2010) म दज क गई है। ात य है क दे श म संग ठत
े म कु ल रोजगार का केवल 7 या 8 तशत ह सा ह कायरत है।
ता लका 1.1
भारत म कु ल मशि त एवं रोरजगार
( म लयन म)
.स. ववरण 1983 1988 1994 1999-2000
1. कु ल जनसं या 718 790 895 1004
2. कु ल मशि त 309 333 382 406

3. कु ल रोजगार 303 324 374 397


4. संग ठत े म रोजगार 24 26 27 28

5. कु ल रोजगार म 7.93 7.93 7.3 7.08


संग ठत े का
तशत
ोत - योजना आयोग 2001
दे श के व भ न वग के लोग को रोजगार के नये अवसर दान कराना सरकार क हमेशा
ाथ मकता रह है। ार भ म वकास क इन योजनाओं और काय म क सं या काफ कम रह क तु
चौथी पंचवष य योजना के समय इस पर वशेष यान दया गया, िजसके फल व प कई रोजगार
काय म व योजनाएँ याि वत क गई िजनम न न ल खत योजनाएँ मुख थी:-
(1) लघु कृ षक वकास एजे सी (S.D.F.A.)
(2) सीमा त कसान एवं कृ ष मक एजे सी (M.F.A.L.A.)
(3) सू खा वृ त े काय म (D.P.A.P.)
(4) ामीण, रोजगार के लए पुरजोर कम
पाँचवीं पंचवष य योजना म ''काम के बदले अनाज'' काय म व '' यूनतम आव यकता
काय म'' (Minimum Needs Programme) चलाये गए। ये सम त योजनाएँ ामीण े के
अ त नधन लोग के लए थीं। इन प रयोजनाओं वारा दो कार से सहायता द जाती थी- एक तो
व तीय तथा दूसर सरकार लोक काय प रयोजनाओं म अ त नधन कसान व मजदूर के लए य
रोजगार क यव था उ पादक रोजगार अवसर उपल ध कराकर उ ह नधनता के कु च से बाहर
नकालने के लए अ योदय काय म'' वष 1977-78 म ार भ कया गया।
छठ पंचवष य योजना के दौरान 1980 म सरकार ने '' ामीण म शि त काय म''; ''पुरजोर
योजना'' तथा ''काम के बदले अनाज'' के थान पर ''रा य ामीण रोजगार काय म” (N.R.E.P.)
योजना आर भ क । 1979 म '' ाइसेम योजना''; 1983 म '' ामीण भू मह न रोजगार गार ट योजना''
(R.L.E.P.G.) ार भ क गई। 1978-79 म ह ''एक कृ त ाम वकास काय म (I.R.D.P.) शु
कया, िजसे पूरे दे श म 2 अ टू बर 1980 से लागू कर दया गया।
सातवीं पंचवष य योजना के अ त म 1989 म सरकार ने -जवाहर रोजगार योजना ार भ
क । 2 अ टू बर 1993 से सरकार ने ''रोजगार आ वासन योजना'' लागू क तथा 1 जनवर 1998 से
58
ामीण े म एक नया '' वरोजगार काय म'' शु कया गया। 1 फरवर 1997 से सरकार ने कसान
क सहायताथ एक नई योजना ''गंगा क याण योजना'' ार भ क । 1999 से सरकार ने ''अ नपूणा
योजना'' का शु भार भ कया।
इसी म म वष 1999-2000 म सरकार वारा योजनाओं क सं या म कमी लाने के उ े य
से ामीण वकास क छ: मु ख योजनाओं IRDP, TRYSEM, DWCRA, SITRA, डै तथा गंगा
क याण योजना का एक साथ वलय कर '' वण जय ती ाम वरोजगार योजना'' के नाम से एकल
योजना क घोषणा क ।

5.2 मु ख रोजगार योजनाएं


वतमान म मुख प से न न ल खत योजनाएँ संचा लत ह-

5.2.1 वण जय ती ाम वरोजगार योजना (SGSY)

े , 1999 को
यह योजना 1 अ ल ार भ क गई। यह योजना गाँव म रहने वाले गर ब के
लए वरोजगार क एक अकेल योजना है। सरकार वारा पूव म संचा लत 6 योजनाओं का इसम वलय
कया गया है। ये 6 योजनाएँ न न ल खत है।
(i) समि वत ाम वकास काय म (IRDP)
(ii) वरोजगार के लए ामीण युवाओं का श ण काय म (TRYSEM)
(iii) ामीण े म म हला एवं बाल वकास काय म (DWCRA)
(iv) ामीण द तकार को उ नत औजार क कट क आपू त का काय म (SITRA)
(v) गंगा क याण योजना (GKY)
(vi) दस लाख कुआँ योजना (MWS)
इस योजना का उ े य ामीण े म भार सं या म सू म उ योग क थापना करना है।
इस योजना म सहायता ा त यि त “ वरोजगार ” कहलाएंग;े लाभाथ नह ।ं इस योजना के मु य
ब दु न न ल खत ह-
 इस योजना का उ े य सहायता ा त येक प रवार को 3 वष क अव ध म गर बी रे खा से
ऊपर उठाना है। कम से कम 50 तशत अनुसू चत जा त/जनजा त 40 तशत म हलाओं
तथा 3 तशत वकलांग को योजना का ल य बनाया गया है। आगामी 5 वष म येक
वकास ख ड म रहने वाले ामीण गर ब म से 30 तशत को इस योजना म लाने का ताव
था।
 योजना म द जाने वाल धनरा श के और रा य सरकार 75:25 के अनुपात म वभािजत
करगी।
 इस योजना के दो मु ख घटक ह – Activity Cluster एवं Group Approach.
येक वकास ख ड पर चार या पाँच मु य ऐसी ग त व धय का चयन पंचायत स म तय
वारा करने का ावधान है जो थानीय संसाधन , श प और वपणन उपल धता के अनु प ह ; ता क
वरोजगार अपने व नयोग से लाभकार आय ा त कर सक। ऐसी मु य ग त व धयां एक गु छ

59
(Cluster) प म समि वत क जायेगी ता क पूवगामी एवं अ म याओं के बीच एक उ चत सम वय
कया जा सके।
समू ह व ध (Group Approach) का स ब ध गर ब को संग ठत करके वयं सहायता समू ह
(Self Help Group) का नमाण करना है। एक व-सहायता समू ह म गर बी क रे खा के नीचे के
प रवार से स बि धत 10-20 यि त हो सकते ह तथा एक यि त एक से अ धक समू ह का सद य
नह ं होना चा हए। लघु संचाई योजनाओं के मामले म तथा वकलांग यि तय के मामले म यह सं या
कम से कम 5 हो सकती है। इस समय वयं सहायता समू ह म म हलाओं को वर यता दान क गई
है।
 यह योजना एक ऋण एवं अनुदान (सि सडी) योजना है िजसम ऋण मुख त य है जब क
सि सडी केवल एक समथकार त व है। सि सडी प रयोजना लागत के 30 तशत के एक
समान दर पर होगी क तु इसक अ धकतम सीमा 7500 पये होगी। अनुसू चत
जा त/जनजा त के लए यह बीमा 50 तशत या 10,000 पये होगी। आ म नभर समू ह
के लए सि सडी प रयोजना लागत का 50 तशत ले कन अ धकतम 125 लाख पये होगी।
संचाई प रयोजनाओं के लए सि सडी क कोई व तीय सीमा नह ं है।
 इस काय म के अ तगत 1999 से 2004 तक 19.69 लाख वयं सहायता समू ह का गठन
कया जा चु का है िजसम 45.67 लाख वरोजगार शा मल है, इ ह अब तक कु ल 9385.11
करोड़ पये क सहायता दान क गई है। इन कुल वरोजगा रयो म 45.69 तशत
अनुसू चत जा त/जनजा त से और 52.80 तशत म हलाएँ ह। वष 2004-2005 म इस
योजना के लए 1000 करोड़ पये का ावधान कया गया।

5.2.2 जवाहर ाम समृ योजना

इस योजना का मौ लक उ े य गाँव म मांग आधा रत सामु दा यक अवसंरचना


(Infrastructure) का सृजन करना है िजसम टकाऊ सामु दा यक एवं सामािजक प रस पि तय का
सृजन सि म लत है। इस योजना का ाथ मक उ े य ामीण े म बेरोजगार एवं अ प बेरोजगार
यि तय के लए लाभकार रोजगार अवसर का सृजन करना है। साथ ह गौण उ े य के प म ामीण
े म बेरोजगार गर ब के लए मजदूर आधा रत रोजगार अवसर का सृजन करना है। यह योजना
द ल और च डीगढ़ को छोड़कर पूरे दे श क सभी ाम पंचायत म लागू क गई। योजना म खच
क जाने वाल रा श 75:25 के अनुपात म के व रा य सरकार करती है। योजना को पूणत: ाम
तर पर ह लागू कया गया है। के शा सत दे श म योजना का स पूण खच के वहन करे गा।
योजना के अ तगत मजदूर रा य सरकार नधा रत करे गी। ाम पंचायत को जनसं या के आधार
पर धनरा श का आवंटन बना कसी सीमा के कया जावेगा। इस योजना क 22.5 तशत धनरा श
अनुसू चत जा त/जनजा त क अलग लाभाथ योजनाओं के लए नधा रत क गई है। वा षक आवंटन
का 3 तशत शार रक तौर अपंग लोग के लए अब संरचना मक वकास पर यय करने का ावधान
भी रखा गया है। मांग आधा रत ामीण अवसंरचना के नमाण म मजदूर व क चे माल का अनुपात
60:40 के अनुपात म रखा गया है। ाम पंचायत को ाम सभा क मंजू र से 50,000 पये तक
के नमाण काय /योजनाओं को कायाि वत करने का अ धकार होगा।
60
5.3 अ योदय अ न योजना
पूव धान म ी अटल बहार वाजपेयी ने 25 दस बर 2000 को अपने 76व ज म दवस
के अवसर पर दो नई योजनाओं का शुभार भ कया। इनम से एक योजना नधन को खा य सु र ा
उपल ध कराने के उ े य से अ योदय अ न योजना के नाम से ार भ क गई। इसके तहत दे श के
एक करोड़ नधनतम प रवार को तमाह 25 कलो ाम जो बाद म बढ़ाकर 35 कलो ाम कर दया
गया; अनाज वशेष रयायती मू य पर उपल ध कराया जायेगा। इससे एक वष म सरकार पर 2300
करोड़ पये क अ त र त खा य सि सडी का भार पड़ने का अनुमान था। इस योजना के तहत जार
कये जाने वाले गेहू ँ व चावल का के य नगम मू य 2 पये व 3 पये त कलो ाम है। इस
योजना से लगभग 5 करोड़ लोग नधनतम प रवार के लाभाि वत ह गे। यह योजना के य उपभो ता
मामले, खा य एवं सावज नक वतरण म ालय के तहत ार भ क गई है।
सरकार ने गर बी क रे खा से नीचे रहने वाले 50 लाख अ त र त प रवार को इस योजना
म सि म लत करने के लए अ योदय अ न योजना का व तार कया गया है। िजनम न नां कत
ाथ मकता समू ह से प रवार को सि म लत कया गया है -
(i) ऐसे प रवार िजनक मुख वधवा या मरणास न. बीमार यि त या वकलांग यि त या 60
वष या उससे अ धक आयु का ऐसा यि त हो िजसके पास आजी वका का सु नि चत साधन
अथवा सामािजक सहारा न हो।
(ii) वधवाएँ या मरणास न यि त या वकलांग यि त या 60 वष या अ धक आयु का यि त
ऐसी अकेल म हला या अकेला पु ष िजसका कोई पा रवा रक या सामािजक सहारा न हो।
(iii) सभी मूल जनजातीय प रवार।
रा य/के शा सत दे श से कहा है क वे इन अ त र त प रवार क पहचान करके उ ह वशेष
राशनकाड जार कर, ता क वे अ योदय अ न योजना का लाभ उठा सके।

5.4 धानम ी ामोदय योजना (PMGY)


यह सु नि चत करने के लए क आ थक सुधार के लाभ. समाज के सभी वग तक पहु ँ च;े
ामीण े म जीवन तर के लए मह वपूण सामािजक तथा आ थक आधारभू त ढांचे के पाँच त व
क पहचान क गई है, जो इस कार है – वा य, श ा, पेयजल, आवास तथा सड़क। इस योजना
क शु आत 2000-2001 म क गयी थी। इस योजना के तहत न न ल खत काय म ार भ कये
गए ह -
1. धान म ी ाम सड़क योजना (PMGSY)
ामीण सड़क वारा गाँव को जोड़ने का उ े य न केवल दे श के ामीण वकास म सहायक
है बि क इसे गर बी उ मूलन काय म म एक भावी घटक वीकार कया गया है। वत ता के 5
दशक बाद भी लगभग 40 तशत भारत के गाँव अ छ सड़क से जुड़े हु ए नह ं है। व त म ी ने
सन ् 2000-2001 के बजट भाषण म ामीण सड़क काय म को धानम ी ामोदय योजना
(PMGSY) के घटक के प म घो षत कया था। िजसे 15 अग त 2000 को '' धानम ी ाम सड़क

61
योजना (PMGSY) घो षत क तथा 25 दस बर 2000 से यह योजना ार भ क गई। इस योजना
के मु ख ब दु न न ल खत है -
(1) योजना के पहले चरण म 1000 से अ धक आबाद वाले गाँव को अगले 3 वषा (2003 तक)
म अ छ बारहमासी सड़क से जोड़ने क योजना।
(2) दूसरे चरण म 500 से अ धक आबाद वाले गाँव को सन ् 2007 तक अ छ बारहमासी सड़क
से जोड़ने क घोषणा।
(3) इस योजना पर 60,000 करोड़ पये यय होने का अनुमान।
(4) इस योजना का व तीयन ''के य सड़क न ध'' से कये जाने क घोषणा। 1 अ ल
ै 2000
म डीजल पर लगाए गये उपकर क धनरा श का 50 तशत भाग ामीण सड़क के वकास
के लए ामीण वकास म ालय को उपल ध कराया जाता है। इसके अ त र त इस काय म
के लए व व बक तथा ए शयाई बक क व तीय सहायता ा त करने का भी यास कया
जा रहा है।
(5) इस योजना के ार भ म 2500 करोड़ पय का आवंटन कया गया जो लगातार दूसरे , तीसरे
एवं चौथे वष भी जार रहा।
इस योजना का ाथ मक यानाकषण नई सड़क के नमाण पर है। इसके लए 7 वष म
एक लाख गाँव को सड़क से जोड़ने का ताव है। यह काय म सभी रा य तथा 6 संघ रा य े
म न पा दत कया जा रहा है। लगभग 3.7 लाख कलोमीटर ल बी सड़क का नमाण इस योजना
म करने का ल य था।
2. ामीण आवास
आवास मानव जीवन के लए एक मौ लक आव यकता है। गर बी आवास क उपल धता म
बाधक है। 1998 म के सरकार ने रा य आवास एवं पुनवास नी त घो षत क थी, िजसका उ े य
सभी को आवास उपल ध कराना था। सरकार दसवीं योजना के अ त तक सभी को प के मकान सुलभ
कराने के लए संकि पत है। इस योजना के मुख काय म न न ल खत ह -
(i) इि दरा आवास योजना के अ तगत नए आवास नमाण के साथ-साथ क चे मकान का
उ नयन।
(ii) धानम ी ामोदय योजना अथात ामीण आवास काय म।
(iii) ामीण आवास के लए '' े डट कम सि सडी'' योजना।
(iv) सम आवास योजना।
(i) इि दरा आवास योजना
यह योजना 1985-86 म ार भ क गई थी, िजसका उ े य अनुसू चत जा त/जनजा त तथा
मु त ब धुआ मजदूर को नःशु क आवास उपल ध कराना है। इस योजना के मह वपूण ब दु
न न ल खत ह-
(अ) वष 1993-94 से इस योजना के काय े म गैर अनुसू चत जा तय , अनुसू चत जनजा तय
के गर बी रे खा के नीचे 'को भी सि म लत कया है, क तु उनको मलने वाला लाभ योजना

62
क आवंटन रा श का 40 तशत से अ धक नह ं हो सकता। वष 1995-96 से लड़ाई म मारे
गये र ा क मय क वधवाओं या नकट स ब धी को भी दे ने का ावधान कया है।
(ब) कु ल न मत मकान का 3 तशत भाग ामीण े म रहने वाले गर बी क रे खा के नीचे
के अपंग एवं मान सक प से पी ड़त यि तय के लए आर त कया गया है। इस योजना
क कम से कम 60 तशत रा श का उपयोग अनुसू चत जा त/अनुसू चत जनजा तय के
लोग के लए करना होता है।
(स) इस योजना के अ तगत मकान का आवंटन लाभाथ प रवार क म हला सद य के नाम अथवा
प त-प नी के संयु त नाम पर कया जाता है।
(द) इस योजना के अ तगत एक मकान के लए द जाने वाल सहायता रा श मैदानी े म
20000 पये और पहाड़ी या दुगम े म 22000 पये है। क चे मकान को प के बनाने
के लए अ धकतम नमाण सहायता 10000 पये है।
(य) ाम सभा को इस योजना के अ तगत लाभा थय का चयन करने का अ धकार ा त है।
(र) व छ शोचालय और धु आं र हत चू हा इस योजना का अ भ न अंग है।
(ल) यह योजना के और रा य के बीच 75:25 के लागत बंटवारे के आधार पर व त पो षत
क जा रह है।
(व) इस योजना म 1 माच 2004 तक 114.78 लाख मकान का नमाण कया गया। िजन पर
20023 करोड़ पये यय हु ए।
(ii) धानम ी ामोदय योजना तथा ामीण आवास काय म
इस योजना का मु य उ े य ामीण तर पर लाभकार मानव वकास है। इस उ े य क पू त
के लए इस योजना म रा य एवं के शा सत दे श को अ त र त के य सहायता आवं टत करने
का ावधान है ता क ामीण े म ामीण आवास क मौ लक आव यक सेवा म सु धार कया जा
सके। इस योजना को इि दरा आवास योजना के पैटन क तरह ह कायाि वत कया जाना है। सन ्
2001-2002 म इस योजना म 407 करोड़ पये आवं टत कये गये थे।
(iii) ामीण आवास के लए ' े डट कम सि सडी' योजना
यह योजना 1 अ ल
ै 1999 से आर भ क गई और इसम 32000 पये तक क वा षक आय
वाले ामीण प रवार को ल त लाभा थय म सि म लत करने का ावधान है। इस योजना म
अ धकतम 10000 पये तक क सि सडी और 40000 पये तक का अ धकतम ऋण दे ने का ावधान
है। इस योजना म सि सडी रा श म के व रा य क ह सेदार 75:25 के अनुपात म है और ऋण
भाग यापा रक बक . े ीय ामीण बक एवं आवास व त सं थाओं वारा बांटा जाता है।
(iv) सम आवास योजना
यह योजना 1999-2000 म लागू क गई थी। इसका मु य उ े य आवास व छता एवं
जलापू त के लए एक कृ त उपाय सु नि चत करना है। योजना के थम चरण म दे श के 24 रा य
के 25 िजल म एक-एक वकास ख ड म एवं एक के शा सत दे श के एक वकास ख ड म लागू
करने का नणय लया गया है।

63
5.5 सू खा आशं कत े काय म (Drought-prone area
programme – (DAPA)
सू खे क स भावना वाले चु न दा े म यह रा य काय म 1973 म ार भ कया गया
था। काय म का उ े य इन े म भू म, जल एवं अ य ाकृ तक संसाधन का अनुकू लतम वकास
करके पयावरण संतल
ु न को बहाल करना है। 1 अ ल
ै 1995 से यह काय म जलसंमर वकास के लए
तय कये गए साझा दशा- नदे श के तहत याि वत कया जा रहा है। 1999 से के व स बि धत
रा य वारा 75:25 के अनुपात म व त क यव था क जा रह है। वतमान म यह काय म 16
रा य के 182 िजल के 972 लॉक म चलाया जा रहा है। यह काय म ामीण वकास म ालय
वारा चलाया जा रहा है। योजना आयोग के सद य डॉ. जय त पा टल क अ य ता म सूखा े
के लए 25 वष य भावी योजना तैयार करने के न म त एक उ च शि त ा त स म त का गठन कया
गया है।
 म धर वकास काय म (Desert development programme (DDP)
म भू म को बढ़ने से रोकने. म भू म म सू खे के भाव को समा त करने, भा वत े म
पा रि थ तक य संतल
ु न बहाल करने व इन े म भू म क उ पादकता तथा जल संसाधन को बढाने
के उ े य से म थल वकास काय म चु ने हु ए े म 1977-78 म ार भ कया गया था। यह काय म
शत- तशत के य सहायता के आधार पर कायाि वत कया जा रहा है। 1 अ ल
ै 1995 से यह काय म
जलसंभर वकास के लए तय कए गए साझा दशा- नदश के तहत याि वत कया जा रहा है। येक
िजले के लए अ धकतम 8.50 करोड़ पये का आवंटन कया जाता है। यह काय म दे श के 7 रा य
के 4॰58 लाख वग कलोमीटर े फल वाले 40 िजल के 235 लॉक म चलाया जा रहा है। यह काय म
ामीण वकास म ालय वारा चलाया जा रहा है।

5.6 रोजगार आ वासन योजना (EAS)


रोजगार आ वासन योजना 2 अ टू बर 1993 से ामीण े के 257 िजल के 1778 वकास
ख ड म ार भ क गई थी। बाद म यह योजना चरणब प से दे श क शेष पंचायत स म तय म
भी लागू क गई और 1997-98 म इसे सावभौ मक कर दे श क सभी ामीण पंचायत स म तय को
इसम सि म लत कया गया। इस योजना के मह वपूण ब दु न न ल खत है --
(i) इस योजना का मु य उ े य गर बी रे खा से नीचे रह रहे ज रतम द येक प रवार से
अ धकतम दो युवाओं को 100 दन तक का लाभ द रोजगार उपल ध कराना है। योजना का
दूसरा गौण उ े य पया त रोजगार तथा वकास के लए आ थक अ योरचना तथा सामु दा यक
प रस पि तय का सृजन करना है।
(ii) इस योजना का यय 75:25 के अनुपात म के तथा रा य सरकार वारा वहन कया जाता
है।
(iii) इस योजना म मजदूर साम ी के 60:40 के अनुपात को बनाए रखना है।

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5.7 स पू ण ामीण रोजगार योजना (SGRY)
धानम ी वारा इस योजना क घोषणा 15 अग त 2001 को लाल कले क ाचीर से क
गई थी क तु इसका शुभार भ 25 सत बर 2001 को फरह (िजला-मथु रा) से कया गया। इस योजना
म “रोजगार आ वासन योजना (EAS) और ''जवाहर ाम समृ योजना '' (JGSY) को एक म मला
दया गया। साथ ह ''काम के बदले अनाज'' काय म को भी इसी योजना म मला लया गया था I
ामीण वकास म ालय वारा संचा लत 10 हजार करोड़ वा षक क के ायोिजत इस
योजना का उ े य ामीण े म रोजगार के अ त र त सु नि चत अवसर उपल ध कराने के साथ-साथ
खा या न उपल ध कराना भी है। योजना 75:25 के अनुपात म के व रा य सरकार रा श यय
करे गी। इस योजना म टकाऊ ामीण प रस पि तय के नमाण से स बि धत प रयोजनाओं के लए
तर य पंचायत के मा यम से रोजगार के अवसर सृिजत कये जाते ह। के वारा 5000 करोड़
पये का अनाज रा य को उपल ध कराया जाता है। योजना म 100 दवस रोजगार के सृजन का ल य
नधा रत कया गया ह इस योजना म 5 कलो अनाज और 25 तशत मजदूर नकद द जाती है।
यह काय म िजला और ख ड पंचायत तथा ाम पंचायत के मा यम से कायाि वत कया जाता है।
िजला प रषद और पंचायत स म त के संसाधन के ह से का 22.5 तशत अनुसू चत जा त/जनजा तय
के लए लागू नजी लाभाथ योजना पर खच कया जाना आव यक है। इस योजना म कोई भी काम
ठे केदार से कराने क अनुम त नह ं है।

5.8 वण जय ती शहर रोजगार योजना (Swaran Jayanti


Shashari Rozgar Yojana(SJSRY)
वत ता के वण जय ती वष म सरकार ने शहर े म नधनता नवारण क एक नई
योजना ार भ क िजसका नाम '' वण जय ती शहर रोजगार योजना'' रखा गया। यह योजना 1997
के अ त म ार भ क गई। यह योजना शहर े म पहले से ह कायाि वत (1) नेह रोजगार योजना
(NRY) (2) नधन के लए शहर बु नयाद सेवाएँ (UBSP) (3) धानम ी क समि वत शहर गर बी
उ मूलन (PMIUPEP) योजना को जोड़कर बनाई गई है।
इस योजना का मु य उ े य शहर नधन को वरोजगार उप म था पत करने हे तु व तीय
सहायता दान करना तथा सवेतन रोजगार सृजन हे तु उ पादक प रि थ तय का नमाण करना है।
वण जय ती शहर रोजगार योजना के लए धन क यव था के तथा रा य के म य 75:25 के
अनुपात म क गई ह इस योजना क दो वशेष क म है—
(A) शहर वरोजगार काय म(Urban Self Employment Programme-USEP)
(B) शहर मजदूर रोजगार काय म (Urban Wage Employment Programme-UWEP)
(A) शहर वरोजगार काय म (Urban Self Employment Programme-USEP)
इस योजना के तीन भाग ह --
(i) येक शहर गर ब लाभाथ को लाभ द वरोजगार उ यम लगाने के लए सहायता।
(ii) शहर गर ब म हलाओं के समू ह को लाभ द वरोजगार उ यम लगाने के लए सहायता दे ना।

65
(iii) लाभा थय , स भा वत लाभा थय और शहर रोजगार काय म से स ब अ य यि तय को
यावसा यक और उ यम मू लक कौशल के उ नयन के लए श ण दे ना।
यह काय म भारत के सभी शहर नगर पर लागू होगा तथा इसे शहर गर ब समू ह पर वशेष
यान दे ते हु ए सम नगर आधार पर कायाि वत कया जायेगा।
इस काय म के तहत म हलाओं, अनुसू चत जा त एवं अनुसू चत जनजा त के यि तय . अपंग
यि तय ओर सरकार वारा समय-समय पर दशायी गई ऐसी े णय के यि तय पर वशेष यान
दया जायेगा। इसम म हला लाभा थय का तशत, 30 तशत तथा वकलांग का 3 तशत से कम
नह ं है। सह लाभा थय के चु नाव के लए घर-घर जाकर सव ण कया जाना चा हए। इस योजना म
50,000 पये तक क प रयोजनाओं के लए सहायता द जाती है। िजसम 15 तशत क सरकार
वारा सि सडी द जाती है। लाभाथ को प रयोजना क 5 तशत रा श बक के पास मािजन मनी के
प म जमा करनी होती है।
(iv) शहर े म म हलाओं और ब च का वकास (UWCUA)
इस योजना म शहर गर ब म हलाओं को वशेष सहायता द जाती है जो यि तगत यास
क जगह समू ह के प म वरोजगार उ यम लगाने का नणय लेती है। समू ह म कम से कम 10
शहर गर ब म हलाएँ होना चा हए। इस योजना म 50 तशत क सि सडी ा त करने क वो हकदार
होती है जो प रयोजना लागत होती है। अ धकतम 1,25,000 पये तक क सि सडी को ा त कर
सकती है।
(B) शहर मजदूर रोजगार काय म (Urban Wage Employment
Programme-UWEP)
इस काय म का उ े य शहर थानीय नकाय के अ धकार े म गर बी रे खा से नीचे रहने
वाले लाभा थय को उनके म का सामािजक और आ थक प से उपयोगी सावज नक स पि त के
नमाण म उपयोग करके मजदूर रोजगार उपल ध कराना है। यह काय म 5 लाख से कम आबाद
वाले शहर थानीय नकाय पर लागू कया गया है। इस काय म के अ तगत काय के लए साम ी
म अनुपात 60:40 रखा गया है। इस काय म का सव ण सामु दा यक वकास स म तयाँ करती है।
यह स म तयाँ अपने े म उपल ध बु नयाद यूनतम सु वधाओं क सू ची तैयार करती है।

5.9 धानम ी क रोजगार (Prime Minister’s Yojana-PMRY)


2 अ टू बर 1993 से ार भ यह योजना उ योग म ालय वारा शा सत क जा रह है।
यह योजना शहर तथा ामीण दोन े म लागू है। श त बेरोजगार के लए वरोजगार क योजना
को भी इस योजना म सि म लत कर लया गया है। इस योजना के अ तगत चु ने हु ए आठवीं क ा
उ तीण श त बेरोजगार िजनक आयु 18 से 35 वष के बीच है तथा िजनक पा रवा रक आय 40,000
पये वा षक से कम है एवं जो उस े म पछले तीन वष से नवास कर रहा है को यापा रक कारोबार
के लए 1 लाख पये तक तथा अ य ग त व धय के ' लए 2 लाख पये तक तथा दो या दो से अ धक
लोग क भागीदार वाल प रयोजनाओं के लए 10 लाख पये तक का ऋण दया जाता ह इसके लए
कु ल प रयोजना लागत का 15 तशत जो क अ धकतम 15000 पये होता है सरकार वारा अनुदान
के प म दान कया जाता है। 1 लाख पये तक क प रयोजनाओं के लए कसी जमानत गार ट

66
क आव यकता नह ं होगी। इन लघ तर इकाइय के साह सय को श ण दया जाता है। आव यकता
होने पर क चा माल एवं वपणन सहायता भी द जाती है।
धानम ी रोजगार सृजन काय म
ामीण रोजगार सृजन काय म और धानम ी रोजगार योजना का वलय कर सू म, लघु
और म यम उ यम म ालय. भारत सरकार ने ामीण व शहर े म उ यम था पत करने के उ े य
से धानम ी रोजगार सृजन काय म के नाम से एक नई योजना क शु आत 14 अग त 2008
से क है। रा य तर पर योजना के या वयन हे तु भारत सरकार वारा खाद और ामो योग आयोग
को एक मा नोडल एजे सी नयु त कया गया है। साथ ह रा य खाद ामो योग बोड व रा य सरकार
के िजला उ योग के भी इस योजना के या वयन म सहयोगी ह गे। इस योजना के अ तगत उ यम
था पत करने के लए 15 से 35 तशत तक के वशेष अनुदान का ावधान है।
इस योजना के न न ल खत उ े य ह -
 वरोजगार उ यम / प रयोजनाओं / सू म उघम के मा यम से दे श के ामीण और शहर े
म रोजगार के अवसर का सृजन।
 दूर थ थान पर बसे हु ए पर परागत कार गर / ामीण और शहर बेरोजगार युवाओं को साथ
लाना और यथा स भव उनके नवास थान के नकट उ ह वरोजगार के अवसर उपल ध कराना।
 दे श के पर परागत और स भा वत कार गर , ामीण और शहर बेरोजगार युवाओं को बेह तर जीवन
यापन के लए नर तर और द घकाल न रोजगार उपल ध कराना।
 कार गर क पा र मक अजन मता बढ़ाना और ामीण तथा शहर रोजगार उपल धता क वकास
दर म वृ करना।
 सू म उ योग के लए उ च तर ऋण वाह हे तु व तीय सं थाओं क सहभा गता करवाना।
पा ता
1. लाभाथ क उस 18 वष से अ धक न हो।
2. कम से कम आठवीं पास हो।
3. वयं सहायता समूह।
4. सोसायट पंजीकरण अ ध नयम 1860 के तहत पंजीकृ त सं थाएं।
5. उ पादन आधा रत सहकार सं थाएं / स म तयाँ।
6. दानदाता यास।
7. प रयोजना क थापना के लए कोई आय सीमा नह ं।
8. योजना के अ तगत केवल था पत क जाने वाल नई इकाइय को सहायता।
9. रा य या के सरकार क कसी योजना म सि सडी का लाभ ले चु क अथवा ले रह इकाइयाँ वतमान
योजना हे तु पा नह ं होगी।
10. योजना के अ तगत नई प रयोजनाएं था पत क जा सकगी। पूव था पत उ योग को इस योजना
का लाभ नह ं मलेगा।
पा ग त व धयाँ
 खाद और ामो योग आयोग वारा जार नष सूची म उ ले खत प रयोजनाओं को छोड़कर
सभी उ योग।

67
 त यि त अचल पूँजी नवेश समतल े म अ धकतम पये 1 लाख एवं पूव तर े म 1.50
लाख पये।
 प रयोजना क अ धकतम लागत व नमाण इकाई के लए अ धकतम 25 लाख पये और सेवा
इकाई के लए 10 लाख पये।
काया वयन अ भकरण
स पक को आसान बनाने के लए येक िजले म तीन अ भकरण काय करगे।
 खाद और ामो योग आयोग।
 राज थान खाद तथा ामो योग बोड।
 दे श के सम त िजला उ योग के ।
प रचालन काय व ध
 प रयोजना क मंजू र के बाद लाभा थय को यथाि थ त प रयोजना लागत 5 तशत या 10
तशत रा श बक म जमा करानी होगी।
 ऋण क पहल क त उ य मता वकास श ण पूरा होने के बाद ह जार क जायेगी।
 प रयोजना लागत म पूँजीगत ऋण और एक च क कायशील पूँजी का समावेश होगा।
 व तृत जानकार हेतु खाद और ामो योग आयोग क वेबसाइट www.pmegp.in को भी दे खा
जा सकता है।

5.10 रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम (महानरे गा)


रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम को म ी म डल क सं तु त के बाद संसद के
शीतकाल न स म तुत कया गया है। इस अ ध नयम क मु य वशेषताएँ न न है।
1. रा य सरकार येक व तीय वष म येक प रवार को िजसके वय क सद य अकुशल शार रक
म करना चाहे, कम से कम 100 दन का गार ट शु दा वेतन रोजगार मु हैया कराने के लए
उ तरदायी है।
2. अ ध नयम के वृ त हो जाने के बाद स पूण ामीण रोजगार योजना और काम के बदले अनाज
का रा य काय म जैसे कई अ य काय म इस योजना म सि म लत कर लए गए ह। इस कानून
क योजना व या वयन म पंचायती राज सं थान क अहम भू मका है।
3. के य सरकार वारा वेतन दर नयत कये जाने तक कृ ष मजदूर के लए यूनतम मजदूर
लागू होगी। ाम सभा समी काय व आवेदन क नगरानी रखेगी एवं कसी भी तर पर म य थ
क भू मका नह ं होगी। इस योजना म पारद शता, जवाबदे ह , सामािजक अंके ण व जनभागीदार
सु नि चत क गई है।
4. य द आवेदक को 15 दन के भीतर रोजगार मु हैया नह ं कराया जाता तो वह रा य सरकार क
आ थक मता के अधीन रहते हु ए उसके वारा न द ट बेरोजगार भ ते का हकदार होगा। बशत
क यह दर व तीय वष के दौरान पहले तीस दन के लए वेतन दर के एक चौथाई से कम न
हो और व तीय वष क शेष अव ध म वेतन दर के आधे से कम न हो।
5. के य रोजगार गार ट प रषद ग ठत क जाएगी जो इसे स पे गए व भ न काय और क त य
नभाएगी। येक रा य सरकार भी इसी योजनाथ रा य प रषद का गठन करे गी।

68
6. पंचायत िजले के भीतर ह योजना के काया वयन क दे ख-रे ख, उसे मॉनीटर करने और नर ण
हे तु िजला तर पर थायी स म त का गठन करे गी।
7. इस योजना के लए रा य सरकार येक लॉक के लए एक ो ाम अ धकार क नयुि त करे गी।
8. ाम सभा क सफा रश पर प रयोजनाओं क पहचान करने तथा उ ह न पा दत करने ओर ऐसे
नमाण काय क दे ख-रे ख के लए पंचायत उ तरदायी होगी।
9. के य सरकार रा य रोजगार गार ट नध था पत करे गी। रा य सरकार इस योजना के
काया वयन के लए रा य रोजगार गार ट न धयाँ था पत करे गी।
10. यह योजना इस अथ म वयं चयन करे गी क गर ब लोग म िज ह यूनतम वेतन पर काम क
ज रत है; वे योजना के अ तगत काम कर।
11. शकायत नवारण यव था होगी।
12. लाभा थय म एक तहाई म हलाएं होगी।
13. पंजीकरण पूरे वष खुला होगा एवं अकुशल म का इ छुक वय क इसे पंजीकरण करवाकर जॉबकाड
ा त कर सकता है। जॉबकाड धारक रोजगार ाि त का कानूनी हकदार होगा।
14. ाथ को पाँच कलोमीटर के दायरे म रोजगार उपल ध करवाया जाएगा अ यथा उसे रोजगार भ ते
का भु गतान कया जायेगा।
15. काय थल पर मु त च क सा उपल ध होगी एवं काय के दौरान मृ यु होने अथवा वकलांग होने
पर उसे मु आवजा ा त करने का हक है।
ता लका 1 .2
नरे गा का या वयन
. सं. वष िजले
1. 2005 200 िजले
2. 2007 130 िजले
3. 2008 614 िजले

वतमान म महानरे गा का या वयन दे श के 34 रा य और के शा सत दे श के 619


िजल , 6096 वकास ख ड एवं 2.65 लाख ाम पंचायत म हो रहा है।
 नरे गा म काय
नरे गा अ ध नयम क अनुसच
ू ी 1 म न नां कत काय को करवाए जाने का उ लेख है :
सामु दा यक भू म निज भू म
जल संर ण एस.सी. / एस.ट . / आईएवाई / भू म सु धार के
लाभाथ / बीपीएल / छोटे एवं सीमा त कृ षक
के वा म व वाल भू म पर
जल सं हण संचाई सु वधा (कं ु आ खु दवाना, बनवाना)
सू खा वरोधी ारोपण काय
वानक करण बगवानी काय
पर परागत जलसाधन का िजण वार

69
,टको क सफाई
ामीण स पक सड़क हेतु काय
बाढ़ नयं ण
भू म वकास
चु नौ तयाँ एवं उपाय
सरकार के स मु ख काय म का लाभ सह हाथ म पहु ँ चाना सबसे बड़ी चु नती
ौ है। इस योजना
के शै वकाल म इसम टाचार व गड़बढ़डी के कु छ मामल को ेस व मी डया ने उजागर कर अपने
सामािजक दा य व का नवहन कया है। इस काय म को सफल बनाने के लए सरकार नरे गा कामगार
को बायोमे क काड दे ने पर वचार कर रह है। इससे भु गतान पारदश हो जाएगा। केवल' काडधारक
को ह पैसा नकालने के लए हक होगा। नरे गा से 100 दवस का काय का अ भ ाय त प रवार 10,000
/ - पये क यशि त का ह ता तरण है िजससे वह प रवार अपने लए वषभर का अ न एवं अ य
आव यक साम ी आसानी से य कर सकता है इससे उसक सौदाशि त बढ़ है एवं उसक मजबूर
का फायदा भावशाल वग नह ं उठा पा रहा है।
ता लका 1.3
नरे गा रा य तर पर (2008—2009)
.स. ववरण व त वष व त वष व त वष
रोजगार उपल ध 2006—07 2007—08 2008—09
(200 िजले) (330 िजले) (619 िजले)

1. कु ल मानव दवस (करोड़ मे) रोजगार सजन 90.5 143.59 216.01

2. कु ल बजट रा श ( करोड़) ( ता वत) 11,300 12,000 30,000


3. कु ल यय ( करोड़) 8823 15,857 27,138
4. औसत मजदूर त दन ( पये) 65 75 84
इस कार ता लका 1.2 के अ ययन से प ट है क वष 2008-09 म 4.5 करोड़ प रवार
को रोजगार उपल ध करवाने के लए भारत सरकार ने 27138 करोड़ पये यय कया। त प रवार
48 काय दवस रोजगार उपल ध करवाया गया एवं औसत मजदूर 84 /- पये रह । इस कार वष
2008-09 म औसत पा रवा रक आय 4032 /- रह । इस सम त काय म सबसे मह वपूण बात यह
रह क इसम म हलाओं क भागीदार 48 तशत थी। 2009-10 म जु लाई तक के आकड़े बताते ह
क 2.5 करोड़ प रवार को रोजगार उपल ध करवाया गया है िजसम 52 तशत म हलाएं ह। वष
2009-10 म कुल बजट 39100 करोड़ पये रखा गया। वतमान म भू- वकास व जल संर ण काय म
को मह व दया जा रहा है।

5.11 सारांश
भारत म ामीण बेरोजगार क सम या एवं नधनता क रे खा के नीचे जीवन यतीत करने
वाले यि तय के लए समय-समय पर व भ न योजनाएं ार भ क गई है। इन योजनाओं का ल य
सीधे गर बी व बेरोजगार जैसी सम याओं पर हार करना एवं ामीण े म बेरोजगार लोग को
यूनतम आय उपल ध करवाना है िजससे वे जीवन जीने लायक आय ा त कर सके। वष 2005 म
70
भारत सरकार ने ामीण े क व भ न योजनाओं को सि म लत कर एक समि वत योजना लागू
क है िजसम ामीण प रवार को वष म 100 दन काम दे ने क गार ट द गई है। अपने तरह क
यह व व म अनूठ योजना है। चूँ क अभी इस योजना को अ धक समय नह ं हु आ है इसका मू यांकन
करना ज दबाजी होगी।

5.12 श दावल
 मशि त (Labour Force)
सामा य पम मशि त म मान सक एवं शार रक म को सि म लत कया जाता है िजसे
आ थक उ े य के लए योग कया जाय। इससे अ धकांशत: 15-59 आयु वग के यि तय को रखा
जाता है िजसम वृ एवं नश तजन, ब चे. गृह णयाँ . व याथ आ द ऐसे लोग को सि म लत नह ं
कया जाता जो म के लए उपल ध नह ं है।
 मु य रोजगार मक (Principal Status Worker)
पछले स दभ अव ध एक वष (365 दन) म मक के काय के आधार पर उसका मु य
रोजगार तय कया जाता है अथात ् वह काय िजसे उसने ल बे समय तक कया हो।
 सहायक रोजगार (Subsidiary Status Worker)
ऐसे मक िजनके पास मु य रोजगार उपल ध न हो अथात वषभर उ ह कोई ल बी अव ध
का काय नह ं मला हो पर तु कु छ अव ध के लए छोटे मोटे काय कए ह वह सहायक रोजगार मक
है। रोजगार म लगे हु ए यि त के दो कार हो सकते ह - मु य रोजगार (UPSS) एवं सहायक रोजगार
(SSW) ा त यि त।
 सा ता हक ि थ त (Current Weekly Status,CWS)
स दभ स ताह म िजसे कु छ दन का काम मला हो।
 दै नक ि थ त (Current Daily Status,CDS)
स दभ स ताह म एक भी दन पूरा काम न मला पर तु कुछ घ टे काम मला हो।
 रोजगार दर मक रोजगार ा त
 बेरोजगार दर जनसं या कायशीलन सं या म बेरोजगार
 गर बी रे खा यूनतम कैलोर को ा त करने के लए आव यक उपभोग यय के आधार पर
प रभा षत कया गया है। इसे क मत बढ़ने पर समय-समय पर बढ़ाया जाता है।

5.13 अ यासाथ न
1. बेरोजगार का अथ एवं इसक कृ त पर एक ट पणी ल खए।
2. महानरे गा के उ े य. काय णाल एवं ग त पर सं ेप म उ तर द िजए।
3. ट प णयाँ ल खए :
(अ) महानरे गा (ब) वण जयि त ाम वरोजगार योजना
(स) धानमं ी रोजगार योजना (द) सू खा आशं कत े काय म
(य) अ योदय अ न योजना (र) धानमं ी ामोदय योजना

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5.14 संदभ थ सू ची
1. भारत सरकार, 2009
2. रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम 2005 - ामीण वकास मं ालय।
3. दै नक समाचार प -प काएँ
4. NREGA Operational Guidelines, 2006, Ministry of Rural Development,
Govt.of India.

72
इकाई – 06
रोजगार योजनाओं के उ े य
इकाई क परे खा
6.0 उ े य
6.1 तावना
6.2 रोजगार योजनाओं क आव यकता
6.3 बेरोजगार का अथ एवं कृ त
6.3.1 भारत म बेरोजगार क कृ त
6.4 रोजगार योजनाओं के उ े य
6.5 सारांश
6.6 श दावल
6.7 अ यासाथ न
6.8 स दभ थ सूची

6.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के बाद आप :
 जान सकगे क भारत म रोजगार योजनाओं क आव यकता य है?
 बेरोजगार का अथ एवं इसक कृ त के बारे म व त त जानकार ा त कर सकगे।
 समझ सकगे क गर बी एवं बेरोजगार म या स ब ध है ; एवं
 रोजगार योजनाओं के मु य उ े य या है?

6.1 तावना
भारत एक वकासशील दे श है यहाँ बेरोजगार क कृ त अ य दे श क तुलना म भ न है।
वक सत दे श म बेरोजगार मु य प से च य होती है जो आ थक उ चावचन के कारण होती है
जब क कुछ दे श म बेरोजगार का कारण तकनीक ग त है। जब कोई नई तकनीक आ जाती है तो
पुरानी तकनीक म नयोिजत यि त कुछ समय के लए बेरोजगार हो जाते ह। धीरे -धीरे ये यि त
नई. तकनीक का श ण लेकर पुन : रोजगार ा त कर लेते ह। भारत जैसे वकासशील दे श म
बेरोजगार का कारण संरचना मक है। यह बेरोजगार बहु त गहर जड जमाए रहती है। मजदूर आ श त,
अकु शल व कम उ पादक े म लगे होते ह। कई बार उनक उ पादकता का तर शू य भी हो सकता
है अथात ् य द उ ह काम पर से हटा दया जाय तो भी उ पादन पर कोई असर नह ं होता है। ऐसे मक
को अथवा इस कार क बेरोजगार को छपी हु यी बेरोजगार कहा गया है।
चूँ क रोजगार क कृ त भ न होती है अत: यह उ चत होगा क हम पहले बेरोजगार का
अथ, कृ त आ द का अ ययन कर ल एवं बाद म रोजगार योजनाओं के उ े य क चचा कर।

73
6.2 रोजगार योजनाओं क आव यकता
भारत क अथ यव था म तेजी से मह वपूण प रवतन हो रहे ह। वतं ता ाि त से पूव भारतीय
अथ यव था आ थक पछड़ेपन, नि यता एवं नधनता से सत थी। यद प अं ेज के शासन से
पूव भारत क अथ यव था औधो गक प से पि चम यूरोपीय अथ यव थाओं क तुलना म यादा समृ
थी। अं ेज के शासनकाल म भारतीय अथ यव था को करारा झटका लगा। भारत के पर परागत
औधो गक व सामािजक ढ़ाच को अं ेज ने न ट कर डाला और औप नवे शक शासनकाल म दे श क
अथ यव था कमजोर एवं झझर हो गई।
ऐ तहा सक प र य
अं ेज के भारत आगमन के समय भारत का ामीण अंचल आ म नभर एवं खुशहाल था।
लोग का मु य काय कृ ष था। कृ ष जीवन नवाह का साधन था। कृ ष पया त प से वक सत था।
भारतीय कसान उ यमी थे एवं गाँव खु शहाल थे। अठारहवीं शता द म भारत क अथ यव था कृ ष
धान होने के बावजू द यहाँ उ योग गाँव का औधो गक आधार पया त प म वक सत था। भारत
म अं ेज के आने से पूव यहाँ के उ योग का तर यूरोप के उ योग से ऊँचा था। भारत का यापा रक
ढाँचा भी काफ सश त था ओर अ तरा य यापार भी बहुत समृ था। भारत दूसरे दे श के साथ
यापार भी करता था। ढाका म बनी मलमल का कपड़ा व व स था। भारत म , रोम, म य पूव
के दे श को नयात करता था उसके बदले म सोना-चाँद ा त करता था इस लए भारत को सोने क
च ड़या कहते थे।
अं ेज के 190 वष के औप नवे शक शासनकाल ने भारतीय पर परागत ढाँचे को तहस-नहस
कर डाला। ई ट इि डया क पनी के शासनकाल म अं ेज यापार के नाम पर लू ट करते थे। वे कसान ,
यापा रय से उनका उ पादन बहु त ह कम क मत दे कर खर द लेते एवं उसे मनमाने दाम पर बेचकर
भार मु नाफा कमाते। कसान से भार मालगुजार वसू ल कर उसे इं लै ड भेज दया जाता। इस कार
टे न क अथ यव था स प न होती गई व भारत क अथ यव था का पतन होता गया। अं ेज ने
भारत से इक ी क गई पूज
ँ ी से औ यो गकरण कया एवं तैयार माल भारत म बेचने के लए भारतीय
उ योग ध ध को जानबूझकर न ट करना ार भ कर दया। अं ेज ने मु त यापार क नी त को
एक तरफा लागू कया िजसके अ तगत भारत म बनी व तुओं पर भार आयात शु क लगाया एक इं लै ड
वारा भेजी गई व तु ओं को भारत म आयात शु क से मु त गया। रा वाद इ तहासकार का मत
रहा है क टशशासन ने भारतीय पर परागत ढाँचे क कमर तोड़ द । उ ह ने वकास के नाम पर
वनाश कया एवं भारत एक गर ब बेरोजगार रा के प म आजाद हु आ। टश शासनकाल म भार
रोजगार दे ने वाला भारत का सश त कपड़ा उ योग न ट हो गया। त यि त आय म कमी, गर बी,
भु खमर , बेरोजगार , पर परागत ह त श प एवं द तकार उ योग का पतन एवं औधो गक नगर के
उजड़ जाने से भारत का खु शहाल ामीण एक भू मह न, अ श त बेरोजगार मक बन गया। भारत
म रोजगार क सम या को समझने से पूव बेरोजगार का अथ समझना आव यक है।

6.3 बेरोजगार का अथ एंव कृ त


सभी यि तय को जो काम करना चाहते ह उ ह रोजगार उपल ध करना भारत ह नह ं व व
के सभी दे श के लए एक क ठन काय है। इसके साथ ह कस यि त को रोजगार म एवं कसे बेरोजगार

74
माना जाय यह भी क ठन है य क खुले प से रोजगार चाहने वाल क अ भ यि त भी मह वपूण
है। रोजगार कायालय म जाकर रोजगार के लए पंजीकृ त करवाने के बाद ह हम कसी यि त को
बेरोजगार मान सकते ह। पढ़े - लखे श त वग एवं औधो गक उ पाद े म तो यह प रभाषा स भव
है पर तु ामीण कृ ष े के लए यह अनुपयोगी है। ामीण यि त अ श त है एवं वह रोजगार
क मांग को पंजीकृ त भी नह ं करवाता है अत: बेरोजगार के सम त आकड़े मा अनुमान के अ त र त
कु छ भी नह ं है। इस लए हमारे लए यह आव यक है क हम बेरोजगार के व भ न कार से प र चत
ह।
1. संरचना मक बेरोजगार : अथ यव था क ढाँचागत कमजोर के कारण जब रोजगार के पया त
अवसर उ प न नह ं हो पाते है तब ऐसी बेरोजगार को संरचना मक बेरोजगार कहते ह। भारत
क जनसं या म हो रह ती वृ के अनुपात म रोजगार के अ त र त अवसर नह ं बढ़ ने
से बेरोजगार क सं या म वृ हुई है। इसके लए द घकाल न नी त बनाकर रोजगार के अवसर
बढ़ाने क आव यकता है।
2. च य बेरोजगार : यापा रक जगत म कभी तेजी कभी म द क ि थ त आती रहती है।
जब तेजी क ि थ त होती है तो उ पादक लाभ कमाने क लालसा म अ धक लोग को रोजगार
दान करते ह। अ धक मा ा म क मत से अ धक लाभ होता है िजससे उ पादक और उ पादन
बढ़ाता है पर तु यह ि थ त ल बे समय तक नह ं चलती। अ त उ पादन से यापा रक धारणा
बदलती है एवं धीरे -धीरे मंद आती है। मंद म घाटा होने क स भावना बढ़ जाती है एवं
यापा रक एवं उ पादक लोग को रोजगार से हटाने लगते ह। इस कार आ थक उ चावचन
के प रणाम व प बेरोजगार उ प न होती है इसे च य बेरोजगार कहते ह।
3. छपी हु ई बेरोजगार : कृ ष धान दे श म खेती पूरे प रवार के जीवन नवाह का साधन होती
है। प रवार के लोग के पास जब भी समय होता है वे थोड़ी दे र खेत पर जाकर काय करते
ह एवं खेत से जो भी उ पादन होता है उससे अपनी जी वका चलाते ह। इन लोग को ऐसा
लगता है क वे काय कर रहे ह पर तु य द कृ ष म से कुछ लोग को हटा दया जाय तो
भी बचे हु ये सद य उतना ह उ पादन ा त कर सकते ह। वा तव म ऐसे यि तय को छपा
हु आ बेरोजगार माना जाता है। कृ ष म छपी हु ई बेरोजगार के अ त र त अ य कार क
बेरोजगार भी होती है िजसे अ -रोजगार अथवा मौसमी बेरोजगार कहा जाता है। कहने का
अ भ ाय यह है क ऐसे लोग को पूरे वष काय नह ं मलता एवं साल के कुछ मह न म अ धक
काम होता है एवं गम के दन म ब कु ल काय नह ं होता।
4. श त बेरोजगार : बेरोजगार का सवा धक च चत व प यह है। पढ़े - लखे युवक को जब
अ छ नौक रयाँ नह ं मलती है तो वे अपना नाम रोजगार कायालय म दज करवाते ह एवं
रोजगार क तलाश करते ह। यह श त बेरोजगार है।

6.3.1 भारत म बेरोजगार क कृ त

भारत एक वकासशील दे श है। योजनाकाल के ारि भक वष म यहाँ यापक मा ा म बेरोजगार


व यमान थी। बेरोजगार पर बी. भगवती क वशेष स म त ने मई 1973 म अपनी रपोट म प ट
लखा क 1971 म 187 लाख यि त बेरोजगार है एवं इसम से 90 लाख यि तय के पास कोई
रोजगार उपल ध नह ं है एवं 97 लाख यि तय के पास पूरा काम नह ं है। इसम से अ धकांश यि त

75
गाँव म रहते ह। बेरोजगार क भारत म कृ त खु ल बेरोजगार न होकर अ प रोजगार क है। रा य
से पल सव ण ने अपनी 19वे च क रपोट म बताया क अ धकांश यि तय के पास एक स ताह
म 14 घ टे का भी काय नह ं है। ामीण े म 235 लाख यि तय के पास एक स ताह म 28
घ टे से कम का काय है। भारत म बेरोजगार क सम या गर बी के साथ जु डी हु ई है। अ धकांश यि तय
को हम छुपी हु यी बेरोजगार क ेणी म गन सकते ह। इस कार खुल बेरोजगार के कम रहते हु ये
भी अ प रोजगार, मौसमी बेरोजगार एवं अकुशल मक तथा भू मह न मजदूर क सम या मह वपूण
है। भारतीय ामीण े से रोजगार क तलाश म बाहर जाकर मजदूर करने वाले भू मह न मजदूर
के लए शहर म पया त रोजगार के अवसर व सु वधाएँ उपल ध नह ं है। अत: जब ामीण मजदूर
शहर म जाता है तो कई मानवीय एवं सामािजक सम याएँ भी अपने साथ ले जाता है। अत: आव यकता
है क हम गर बी एवं बेरोजगार के इस स ब ध को तोड़कर उ ह स मानजनक जीवन के लए ामीण
े म रोजगार उपल ध कराएं िजससे उनका शहर क ओर पलायन के एवं वे ामीण े म रहकर
खु शहाल जीवन तर ा त कर सक।

6.4 रोजगार योजनाओं के उदे य


भारतीय सं वधान के नी त नदशक स ा त म यह उ लेख मलता है क रा य अपनी नी त
को इन उ े य को ा त कराने के लए उपयोग कर:
 सभी नाग रक पु ष . ि य स हत जी वकोपाजन के लए उपल ध साधन समानता के आधार
पर हो;
 समाज म उपल ध संसाधन का वा म व एवं नयं ण इस कार हो क उनका समाज हत
म उपयोग कया जा सके;
 आ थक णाल के संचालन के प रणाम व प आ थक शि त अथवा स ता का के करण
न हो वह कुछ मु ीभर लोग के हाथ म न समट जाए।
इस कार सं वधान नमाताओं क मंशा प ट हो जाती है क वह आ थक वकास अथवा
तर क के लए रा य एवं संसाधन का उपयोग करना चाहते थे। इसके लए भारत सरकार वारा
नयोिजत आ थक वकास का माग चु ना गया। योजनाओं के चार द घका लक उ े य नधा रत कये
गए :
(i) उ पादन म उ चतम स भा वत वृ कर रा य एवं त यि त आय म वृ ;
(ii) पूण रोजगार के तर क ाि त;
(iii) आय एवं स प त क असमानताओं म कमी; एवं
(iv) एक समाजवाद समाज क थापना करना िजसम समानता, याय एवं शोषण के लए कोई
थान न रहे।
थम पंचवष य योजना म योजना के द घका लक ल य का वणन करते हु ये अ धकतम
उ पादन वृ एवं रोजगार को बताया गया। ती ग त से आ थक वकास के ल य को ा त करने
हे तु कृ ष के तेजी से वकास के साथ-साथ उ योग, यातायात, ऊजा, संचार जैसे मह वपूण े म वकास
दर बढाने पर बल दया गया। इस कार आ थक वकास के लए रा य एवं त यि त आय म वृ
का माग चु ना गया। यह वृ जीवन म खु शहाल का माग श त करे गी। इस कार योजना नमाताओं
ने यह स ा त अपनाया क रा य आय एवं त यि त आय म उ तरो तर वृ से लोग क गर बी
76
दूर होगी एवं उनके जीवन तर म सुधार आएगा पर तु आजाद के प ह वष के बाद जब इन उ े य
क ाि त क दशा म समी ा क गई तो यह पाया क वकास के साथ लोग क गर बी नह ं हट
है एवं उनका जीवन तर भी नह ं सु धरा है। अत: चतुथ पंचवष य योजना म यह अनुभव कया क
केवल आ थक वकास अथवा वृ से भारत म स दय से जड़े जमाकर बैठ गर बी दूर नह ं होगी। इस लए
इस योजना म गर बी पर हार करने के लए सीधी नी त क आव यकता अनुभव क गई एवं “गर बी
हटाओ” के साथ-साथ वकास के साथ सामािजक याय का नारा दया गया। इस कार चतुथ योजना
से भारत के नी त नमाताओं ने केवल रा य आय क वृ को ह ल य नह ं बनाया बि क गर बी
उ मूलन के लए भी वशेष यास कए गए।
गर बी उ मूलन के वशेष यास के लए व वान वारा कए गए अ ययन से यह बात
सामने आई क गर बी का मु य कारण भारत म अ प रोजगार एवं बेरोजगार है। अत: गर बी दूर करने
के लए बेरोजगार पर हार करना पड़ेगा। योजना आयोग ने ार भ से यह नी त बनाई थी क नवेश
बढ़ने के साथ-साथ रोजगार के नये-नये अवसर बढ़गे एवं रोजगार के साथ रा य आय म वृ होगी।
इस कार रोजगार का सृजन करना हमार व भ न योजनाओं का ल य तो था पर तु इस ल य को
कभी सव च ाथ मकता नह ं द गई। भारतीय नी त नमाता एवं योजनाकार आ थक वकास एवं नवेश
के मा यम से वत: रोजगार सृजन क तकनीक पर काय करते रह यह कारण था बेरोजगार लगातार
बढ़ती रह ।
इस कार वशेष एवं य यास क आव यकता अनुभव क गई। भारत म रोजगार
योजनाओं के मु ख उ े य इस कार ह :
1. गर बी नवारण
कसी भी सम या के समाधान से पूव यह आव यक है क हम उसे पहचाने अथात ् गर बी
से हमारा या आशय है। वैसे तो हर यि त अपने आपको गर ब मानता है य क गर बी क धारणा
सापे क है पर तु सरकार कसे गर ब मानती है। इसक प रभाषा के लए योजना आयोग ने एक वशेष
समू ह का गठन कया था। वशेष समूह ने पी.डी. ओझा वारा गर बी क रे खा के नीचे रहने वाले
लोग का अनुमान लगाने के लए 2250 कैलोर भोजन ( त दन) को आधार बनाया। यह अनुमान
लगाया गया क 1960-61 क क मत के आधार पर उ त भोजन ा त करने के लए शहर े म
यूनतम 15-18 पये तमाह त यि त एवं ामीण े म 8-11 पये तमाह त यि त क
आव यकता है। इस आधार पर ओझा ने अनुमान लगाया क 184 म लयन यि त अथवा (व तशत)
यि त ामीण े एवं 6 म लयन यि त (76 तशत) शहर े म गर बी क रे खा -के नीचे जीवन
यतीत कर रहे ह। स पूण भारत के लए अथात ् ामीण व शहर े को मलाकर यह तशत 44
था।
स अथशा ी वी.एम. दा डेकर एवं नीलक ठ रथ वारा 2250 कैलोर भोजन को यूनतम
पोषण का तर मानते हु ए लागत नकाल । इ ह ने बताया क योजना आयोग वारा त यि त तमाह
20 पये (240 पये तवष) का एक प तर लया गया है जब क यह ामीण व शहर े के लए
अलग-अलग होना चा हए। दा डेकर एवं रथ ने ामीण े के लए 180 पये तवष तथा शहर
े के लए 270 पये तवष त यि त (1960-61 क क मत पर) आव यक है। योजना आयोग
वारा सु झायी गई गर बी रे खा को समय-समय पर शहर व ामीण े के लए क मत तर के आधार

77
पर बढ़ाया जाता है। वष 2004-2005 म NSSO वारा ामीण े के लए 356 पये त यि त
तमाह एवं शहर े म 538 पये त यि त तमाह सु झायी गयी है।
उ त आय ा त नह ं होने के लए मु य प से रोजगार क कमी को िज मेदार माना गया।
अत: रोजगार उपल ध कराने का उ े य गर बी का उ मू लन है।
2. यशि त का ह ता तरण
रोजगार योजनाओं का एक उ े य ामीण े क जनता को यशि त का ह ता तरण करना
है िजससे वह अपनी ज रत क व तु एँ आसानी से खर द सके।
3. शोषण से मु ि त
वधान वारा कये गए व भ न अ ययन म यह बात उभरकर आई क ामीण े म
बेरोजगार के कारण कु छ प रवार ऊँची याज क दर पर ऋण लेने को बा य हो जाते ह। उनके पास
गरवी रखने के लए स पि तय का अभाव होता है, ऐसी ि थ त म ामीण यि त अपने म को
गरवी रखकर बंधु आ मजदूर हो जाते ह एवं ऋण का याज चुकाने के लए मजदूर करते ह। ामीण
ऋण तता के कारण कसान अपनी उपज वतं प से बाजार म नह ं बेच पाता है एवं उसक फसल
को भी ऋणदाता बहु त ह कम दाम पर खर द लेता है अथवा य कह क ामीण मजदूर/ कसान मजबूर
होकर उपज इ ह बेच दे ता है िजस पर साहू कार वग बाद म मु नाफा कमाता है। इस कार ामीण यि त
ऋण तता के जाल म ऐसा उलझता है क पी ढ़य तक ऋणमु त नह ं हो पाता। सर मे कम डा लग
ने लखा था क ामीण यि त ऋण म ज म लेता है, ऋण म पलता है एवं ऋण त ह मर जाता
है।
4. वा य म सु धार
भारत म सावज नक यय वा य सेवाओं म बहु त ह नग य है अथात ् दे श क सकल घरे लू
उ पाद का 1.3 तशत सावज नक वा य सेवाओं पर यय होता है जब क नजी यय 5 तशत
तक है। अ धकांश यि तय तक सावज नक वा य सेवाओं का लाभ नह ं पहु ँ चता है। ऐसी ि थ त
म वा य सेवाओं पर यय के लए रोजगार ज र है।
5. आवास यव था हे तु
आवास यव था हेतु ामीण रोजगार योजनाओं का एक मु ख उ े य ामीण आवास उपल ध
करवाना है।
6. ामीण जलापू त काय म (ARWSP)
ामीण े म व छ जल आपू त क यव था रा य क है क तु योजना म तेजी लाने
के लए के सरकार ने 1972-73 म '' व रत ामीण जलापू त काय म” (ARWSP) लागू कया
था। इसका उ े य रा य सरकार के यास म सहायता दे कर ामीण लोग को व छ तथा पया त
पेयजल सु वधाएँ दान करना है। 1986 म भारत सरकार ने ''रा य पेयजल मशन'' क थापना
क िजसका नाम बदलकर 1991 म राजीव गाँधी रा य पेयजल मशन (RGNDWM) कर दया
गया। 1999 म ामीण वकास म ालय के अ तगत एक पेयजल आपू त वभाग बनाया गया। ाम
तर पर थायी मानव संसाधन वकास के ल य को ा त करने के लए भारत सरकार ने सन ्
2000-2001 से धानम ी ामोदय योजना के पाँच घटक म से ामीण पेयजल घटक को मह वपूण
थान दया है।

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7. ामीण व छता (CSRSP)
वष 1986 म के ायोिजत '' ामीण व छता काय म''(CSRSP) लागू कया। इस योजना
का उ े य ामीण े के लोग के जीवन म गुणा मक सुधार लाना और म हलाओं को समु चत थान
दे ना है। व छता म मलमू एवं अ य मानवीय नि य पदाथ का उ चत प से न पादन करके
पयावरण को व छ बनाना सि म लत है। 1993 म गृह व छता , शु जल, कूड़ेकचरे मलमू और
नाल के पानी के न तारण को शा मल कया है।
इस काय म म गर बी क रे खा के नीचे रहने वाले यि तय , वशेष प से अनुसू चत
जा त/जनजा त तथा मु त बंधआ
ु मजदूर के लए यि तगत सु लभ शौचालय का नमाण कया जाता
हे । यह काय म 1999 से ''मांग आधा रत काय म'' हो गया िजसका उ े य अ धका धक ामीण
जनसं या को इस काय म म सि म लत करना है।
रा य सामािजक सहायता काय म (CSRSP)
यह काय म 15 अग त 1995 से लागू कया गया। इस काय म के न न ल खत तीन घटक
ह-
1. रा य वृ ाव था पशन योजना (नेशनल Old Age Pension Scheme)
2. रा य प रवार लाभ योजना (National Family Benefit Scheme)
3. रा य सव लाभ योजना (National Maternity Benefit Scheme)
उपयु त सभी योजनाएँ वृ ाव था प रवार के कमाने वाले सद य क मृ यु तथा मातृ व के
दौरान सामािजक सु र ा दान करती है। इन योजनाओं से स बि धत मह वपूण ब दु न न ल खत
है—
1. रा य वृ ाव था पशन योजना के अ तगत गर बी रे खा से नीचे वग के 65 वष अथवा उससे
अ धक आयु वाले आवेदक को 75 पये तमाह क रा य वृ ाव था पशन दये जाने का
ावधान है।
2. रा य प रवार लाभ योजना के तहत प रवार के मु य आय अजक क मृ यु होने पर नधन
प रवार को 10,000 पये क एक मु त रा श उ तरजीवी लाभ के प म द जाती हैI
3. रा य सव लाभ योजना के अ तगत नधन प रवार क 19 वष तथा उससे अ धक आयु
क म हलाओं के लए पहले दो ब च के ज म पर सव पूव और सवो तर मातृ व दे खभाल
हे तु 500 पये क व तीय सहायता द जाती है। यह काय म 100 तशत के पो षत
काय म है जो पंचायत / नगरपा लका जैसी थानीय सं थाओं वारा कायाि वत कया जाता
है।
8. अ नपूणा योजना
नधन एवं बेसहारा व र ठ नाग रक को नःशु क खा या न उपल ध कराने के लए के
सरकार के ामीण वकास म ालय ने ' 'अ नपूणा योजना' ' को 1 अ ल
ै 2000 से ार भ कया।
यह योजना मूलत: नधनता रे खा से नीचे के ऐसे व र ठ नाग रक के लए ार भ क थी जो रा य
वृ ाव था पशन के पा थे तथा क ह ं कारण से यह पशन ा त नह ं कर पा रहे थे। इस कार से
मू लत: यह योजना नधनता रे खा से नीचे के 14 लाख व र ठ नाग रक के लए ल त थी।

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अब रा य वृ ाव था पशन पा रहे लोग को भी इस योजना के दायरे म लाया गया है। िजससे
68 लाख अ त र त लोग को खा य सुर ा ा त हो रह है। वष 2002-2003 से यह काय म रा य
योजना के अ तगत ह ता त रत कर दया गया है।
9. बालवाड़ी पोषाहार काय म
बालबाड़ी पोषाहार काय म 3-5 वष क आयु के ब च को पूरक पोषाहार , मनोरंजन सु वधाएँ
और अनौपचा रक कूल पूव श ा दे ने के लए वष 1970-71 म ार भ कया गया था। यह काय म
रा य तर के पाँच वयं सेवी संगठन वारा लागू कया जा रहा है , िज ह सरकार व तीय सहायता
दे ती है।
10. वभेद याज दर योजना
जू न 1972 म शु क गई वभेद याज दर योजना के अ तगत सरकार े के बक को
पछले वष दये गए कु ल ऋण का कम से कम 1 तशत समाज के कमजोर वग म भी सबसे कमजोर
वग को 4 तशत क वा षक याज दर से उधार दे ने का ल य पूरा करना पड़ता है। उधार द गई
रा श का 40 तशत भाग अनुसू चत जा त / अनुसू चत जनजा त के यि तय को दया जाना चा हए।
इस योजना के अ तगत ऐसे गर ब लोग को ऋण दया जाता है िजनक पा रवा रक आमदनी ामीण
े म 6400 पये और अ य े म 7200 पये से अ धक न हो तथा िजनके पास 2.5 एकड़
से यादा अ सं चत भू म अथवा एक एकड़ से अ धक सं चत भू म न हो उ ह साव ध ऋण उ पादक
काय के लए कायपालन पूँजी के प म 6500 पये तक क ऋण सहायता द जाती है। इसके अ त र त
योजना के अ तगत अनुसू चत जा त / अनुसू चत जनजा त के यो य लाभाथ को 5000 पये तक
का आवास ऋण भी दया जाता है। शार रक वकलांग यि त भी आव यक उपकरण हे तु 5000 पये
तक क लागत का ऋण ा त कर सकते ह। यह रा श योजना के अ तगत दये गये 6500 पये के
उ पादक ऋण से अलग है।
11. काम के बदले अनाज का रा य काय म
इस योजना का शु भार भ धानम ी डॉ. मनमोहन संह ने 14 नव बर 2004 को आ दे श
म रं गारे डी िजले म अलू र गाँव म कया। यह काय म दे श के 150 सवा धक पछड़े िजल म इस
उ े य के साथ शु कया गया क पूरक वेतन रोजगार के सृजन को बढ़ाया जाए। इस काय म के
अ तगत मु यत: जल संर ण सू खे से सुर ा और भू म वकास स ब धी काय स प न कराए जाएंगे।
मजदूर के यूनतम 25 तशत भाग का भु गतान नकद रा श म कया जाएगा, शेष मजदूर अनाज
के प म अदा क जायेगी।
यह काय म ऐसे ामीण गर ब के लए है िज ह वेतन रोजगार क ज रत है ओर जो शार रक
कु शल म करना चाहते ह। यह काय म शत- तशत के य तर पर ायोिजत है और रा य को
खा या न मु त उपल ध कराया जाता है।
12. श ा सहयोग योजना
यह योजना 31 दस बर 2001 को ार भ क गई। इस योजना का मु य उ े य गर बी रे खा
के नीचे जीवन यापन कर रहे प रवार के ब च को आठवीं क ा के बाद अपनी श ा जार रखने
के लए आ थक सहायता दान करना है ता क पैसे क कमी के कारण उनक श ा बा धत नह ं हो।
योजना के अ तगत गर बी क रे खा के नीचे गुजर-बसर कर रहे प रवार के ब च को नवीं से बारहवीं

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क ा तक क श ा ा त करते समय 100 पये तमाह का श ा भ ता दान कये जाने क यव था
है।
13. व णम योजना
सरकार वारा पछड़े वग क ऐसी म हलाओं हे तु जो गर बी क रे खा के नीचे के प रवार क
है, उ ह आ थक प से स म बनाने के अहम उ े य को लेकर इस योजना को संचा लत कया गया
है। इस योजना के अ तगत पछड़े वग क म हलाओं को 50 हजार पये तक का ऋण उपल ध कराने
क यव था क गई है। इस ऋण पर उ ह 4 तशत वा षक याज दे ना होगा। ऋण वापस करने क
अव ध 12 वष नधा रत क है। योजना के मा यम से गर ब म हलाओं को वावल बी बनाने हे तु माग
श त करने का यास कया गया है।
14. रोजगार गार ट
इसके अ तगत रोजगार गार ट अ ध नयम 2005 पास कया गया है। इसका वणन थम
इकाई म कया जा चु का है।
15. पंचायती राज सं थान को सश त करना
महा मा गाँधी नरे गा योजना म रोजगार दान करने का दा य व ाम पंचायत का है। इस
अ ध नयम म सामु दा यक भागीदार के लए ाम सभा म नणय लेने क यव था क गई है।

6.5 सारांश
इस इकाई म हमने यह अ ययन कया क भारत म बेरोजगार क कृ त या है एवं व तु त:
बेरोजगार का या अथ होता है। हमने पढ़ा क गर बी एवं बेरोजगार दोन म आपसी गहरा स ब ध
है एवं गर बी पर हार करने के लए सीधे हार करना होगा। इस इकाई म रोजगार योजनाओं के व भ न
उ े य क भी चचा क गई है।

6.6 श दावल
च य बेरोजगार Cyclical Unemployment
सं थना मक बेरोजगार Structural Unemployment
छपी हु ई बेरोजगार Disguised Unemployment
गर बी रे खा Poverty Line
कैलोर Calorie
म लयन Million

6.7 अ यासाथ न
1. बेरोजगार का अथ एवं कृ त का ववेचन क िजए।
2. ''गर बी एवं बेरोजगार म सहस ब ध है'' ववेचन क िजए।
3. भारत म रोजगार योजनाओं के व भ न उ े य का वणन क िजए।

81
6.8 संदभ थ सू ची
1. R.L. Raina, Etal (2008) ''Implementation of National Rural Employment
Guarantee Scheme” Ess Ess Publication New Delhi.
2. M.K. Ghadoliya “Structure of Employment and Assets in India”, Mittal
Publication, New Delhi, 1988.

82
इकाई - 7
रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम, 2005 : वशेषताय
इकाई क परे खा
7.0 उ े य
7.1 तावना
7.2 रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम, 2005: मुख वशेषताय
7.3 सारांश
7.4 अ यासाथ न
7.5 संदभ थ सूची

7.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पायगे -
 नरे गा अ ध नयम क मु ख वशेषताओं के बारे म।
 नरे गा अ ध नयम से स बि धत व भ न धाराओं के बारे म।
 नरे गा अ ध नयम के व भ न ावधान के बारे म।
 रोजगार गार ट एवं बेरोजगार भ ता के ावधान के बारे म।

7.1 तावना
दे श के ामीण े म गृहि थय क आजी वका क सु र ा को, येक व तीय वष म, येक
गृह थी को िजसके वय क सद य अकुशल शार रक काय करने के लए वे छा से आगे आते ह , कम
से कम सौ दन का गार द कृ त मजदूर नयोजन उपल ध कराकर, व धत करने तथा उससे संस त
या उससे आनुषं गक वषय का उपबंध करने के लए भारत गणरा य के छ पनव वष म संसद वारा
न न ल खत प म अ ध नय मत कया गया है।

7.2 रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम, 2005: मु ख


वशेषताय
रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम के मु ख ावधान को न न कार दे ख सकते
ह :-
मनरे गा
1. महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट कानून 2005 के तहत हर वय क जो मा य
यूनतम मजदूर दर पर अकु शल शार रक मजदूर करने के लए तैयार हो, उसे आवेदन दे ने
के 15 दन क अव ध के अ दर काम पाने का हक होगा।
2. सभी ि य और पु ष को समान वेतन का हक है।
3. कसी भी तरह का लंग आधा रत भेदभाव करना कानूनन मना है।

83
4. उपल ध काम म म हलाओं को ाथ मकता दे ना : कम से कम 33 तशत म हलाएँ होनी
चा हए।
5. रोजगार गारं ट कानून के लागू होने के 6 माह के अ दर येक रा य को “रोजगार गारं ट
योजना” बनानी होगी।
6. या वयन क मू ल इकाई है लॉक (ख ड)।
7. येक ख ड म एक “काय म अ धकार ” रोजगार गारं ट योजना का भावी होगा।
8. ाम पंचायत मु य या वयन एजे सी है।
9. ाम पंचायत के दायरे म हु ए काय के या वयन क जवाबदे ह ाम पंचायत क होगी।
या वयन एजे सी
1. ाम पंचायत (कम से कम 50 तशत काय) ।
2. अ य पंचायती राज सं थाएँ (पी.आर.आई.) ।
3. सरकार वभाग (सावज नक नमाण व वन वभाग, संचाई वभाग आ द) ।
4. गैर-सरकार सं थाएँ।
नोट : नजी ठे केदार का तब ध है।
वकेि त नयोजन
1. ाम सभा के ताव के आधार पर काय म अ धकार , प रयोजनाओं क सूची (से फ ऑफ
ोजे टस) तैयार करे गा।
2. येक ाम पंचायत भी ामसभा क अनुशंसा के आधार पर संभा वत काय क सूची बनाएगी।
वीकृ त काय
1. लघु सचाई काय,
2. जल संर ण व जल सं हण : अकाल से बचाव, जल ोत का नवीनीकरण, बाढ नय ण,
आ द।
3. भू म वकास,
4. ामीण इलाक को जोड़ने के लए प क सड़क का नमाण,
5. ''कोई भी अ य काम िजसक अ धसूचना के सरकार , रा य सरकार के साथ परामश के
बाद जार करे ।''
''मांग आधा रत'' काय म
1. माँग के आधार पर 15 दन के अ दर काम उपल ध करवाना।
2. काय म अ धकार ोजे ट अनुमोदन करते समय यह सु नि चत कर क सभी आवेदक को
काम मलेगा।
3. य द आवेदक को काम नह ं मला, तो काय म अ धकार को उ ह बेरोजगार भ ता दे ना होगा।
काम का आवेदन
1. चरण 1 (पंजीकरण) : ाम पंचायत म अपना पंजीकरण कराना। पंजीकरण का मु य उ े य
है काम पाने क या को आसान बनाना।
2. चरण 2 (आवेदन) : पंजीकृ त प रवार के वय क सद य काम के लए आवेदन दे सकते ह।
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पंजीकरण या
1. पंजीकरण क इकाई प रवार है।
2. ाम पंचायत को हर एक आवेदक प रवार को ''जॉब काड'' दे ना होगा।
3. ाम सभा एक वशेष बैठक रख और लोग को आवेदन दे ने के लए े रत कर।
आवेदन या
1. पंजीकृ त प रवार का कोई भी वय क सद य कसी भी समय काम के लए आवेदन दे सकता
है।
2. आवेदन कम से कम 14 दन के लगातार काम के लए होना चा हए।
3. अ म आवेदन दे ने का भी ावधान है।
मजदूर साम ी तशत
1. मजदूर -साम ी का अनुपात 60 : 40 है।
2. कुशल व अध-कुशल मजदूर को लगाने पर आने वाला खचा 'साम ी यय'' म गना जाता
है।
खच का बंटवारा
1. के सरकार वहन करे गी :
 मजदूर का खच, ॰ साम ी का 75 तशत खच, ॰ कुछ शास नक खच।
2. रा य सरकार वहन करगी :
 साम ी का 25 तशत खच, ॰ अ य शास नक खच. बेरोजगार भ ता।
पारद शता व जवाबदे ह
1. एन.आर.ई.जी.ए. से संबं धत सभी हसाब- कताब और रकाड सावज नक नर ण के लए
उपल ध करवाए जाएंग।े
2. हरे क यि त को द तावेज क तयाँ : “योजना म उ ले खत शु क पर” पाने का हक होगा।
3. पंचायत भवन म मा टर रोल का स य दशन कराना होगा।
4. सू चना का. अ धकार कानून के तहत भी द तावे ज क तयाँ ा त क जा सकती है।
सामािजक अंके ा (सो शयल ऑ डट)
1. ाम सभा क िज मेदार होगी क वह ाम पंचायत म लागू सभी प रयोजनाओं का नय मत
सामािजक अंके ण आयोिजत कराय।
2. ाम पंचायत व अ य या वयन एजे सी सभी संबं धत द तावेज ाम सभा को उपल ध
करवाएगी ता क इनका सामािजक अंके ण हो सके।
3. य द अनुदान के दु पयोग क शकायत मलती है तो भाग 27 के अनुसार के सरकार योजना
के लए व तीय अनुदान को रोकने का आदे श दे सकती है।
4. सरकार अपनी मज से टाचार के पया त सबूत के बना ह अनुदान बंद कर सकती है।
यह धारा टाचार करने वाल के बदले टाचार पं डत पर वार करती है।
इस कानून से मले मक को अ धकार :
1. रोजगार क मांग करने का अ धकार।

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2. रोजगार क मांग कये जाने पर 15 दन के अंदर रोजगार ा त करने का अ धकार।
3. 15 दन के अंदर रोजगार न मलने क ि थ त म बेरोजगार भ ता पाने का अ धकार।
4. काय े म काय करते व त पीने यो य साफ पानी. ब च के लए छत तथा ाथ मक उपचार
क सु वधा ा त करने का अ धकार।
5. रा य म वैधा नक नधा रत मजदूर दर को ा त करने का अ धकार।
6. इस कानून का भाव सबसे अ धक ामीण प रवार क गर बी और भु खमर से बचाने म
मददगार होगा।
7. रोजगार को लेकर शहर या दूसरे रा य क ओर होने वाले पलायन म कमी आयेगी य क
अब 100 दन का रोजगार थानीय तर पर मल जायेगा।
8. ामीण म हलाओं क आ थक ि थ त सश त होगी।
9. रोजगार के साथ-साथ गांव के बु नयाद संसाधन का उ चत उपयोग हो सकेगा।
10. समाज म संतल
ु न बनेगा, समाज एक समतामूलक समाज क तरफ बढ़ने म अ सर होगाI
11. मजदूर क ताकत बढ़े गी, वे संग ठत हो सकगे।
12. असंग ठत े म मजदूर क दर तथा अपनी सुर ा संबं धत मामल म अपनी शत मनवा
सकते ह।
काम पाने का अ धकार :
1. यह कानून सभी वय क जो 18 साल क उ पार कर चु के ह उ ह यह अ धकार देता है क
वे थानीय तर पर रोजगार ा त कर सकते ह, बशत उ ह काम करने क इ छा हो। यह
कानून कसी भी जा त, धम एवं वग के लए है। शत यह है क काय करने क इ छा हो
और उसके लए ाम पंचायत म अपना पंजीयन कराया गया हो।
नह ं मलेगा बेरोजगार भ ता :
1. य द आवेदक कसी क म के अधीन उपल ध रोजगार वीकार नह ं करता है।
2. य द िजस यि त ने काय के लए आवेदन कया है और वह या उसके प रवार का कोई भी
सद य काय थल पर उपि थत नह ं होता है।
3. काम के लए रपोट करने के लए काय म अ धकार या काया वयन अ भकरण वारा
अ धसू चत कये जाने के 15 दन के भीतर काय के लए रपोट नह ं करता है।
4. संबं धत काया वयन अ भकरण से कोई आदे श ा त कये बना एक स ताह से अ धक क
अव ध के लए काय से लगातार अनुपि थत रहता है।
5. अगर वह अव ध ख म हो जाये िजसके लए उसने रोजगार क मांग क थी।
6. भ ता पाने वाले यि त का कसी एक व तीय वष म 100 दवस के काम का कोटा समा त
हो जाये।
7. उस प रवार को कसी एक व तीय वष म रोजगार का भु गतान और बेरोजगार भ ता मलाकर
उतनी रा श ा त हो जाये जो 100 दन के काम से ा त हो सकती है।
म हलाओं के लए वशेष ावधान

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1. इस कानून म म हलाओं को ाथ मकता द जायेगी। कुल काम िजतने लोग को मलेगा उसम
एक तहाई सं या म हलाओं क होगी। यानी एक गांव म अगर 100 लोग को रोजगार दया
जाता है तो उसम 33 म हलाओं क सं या होगी।
2. जहां पर काय चल रहा हो वहां पर म हलाओं के साथ आने वाले 6 वष से कम उ के ब च
के िजनक सं या 5 से अ धक हो उनके लए झू लाघर बनाया जायेगा। ब च के लए पानी
व अ य सु वधाय उपल ध ह गी।
3. इस कानून के मा यम से म हलाओं को इस आधार पर वं चत नह ं कया गया है क आपके
ब चे छोटे ह बि क कानून उ ह भी ो सा हत करता है 1 मजदूर को अपनी पसंद का काम
करने क छूट नह ं है :
ाम पंचायत या काय म अ धकार उ ह जो रोजगार दे ते ह, उ ह वह करना पड़ता है। हाँ,
ाम सभा एवं अ य काया वयन एजेि सयाँ जब काय क योजनाएँ बनाती ह, तब वे अपने सु झाव दे
सकते ह।
1. ाम पंचायत या काय म अ धकार उसे रोजगार उपल ध करा द।
2. िजतने दन का रोजगार माँगा था, वह अव ध समा त हो गई हो।
3. मजदूर के प रवार ने एक व तीय वष के लए नधा रत 100 दन के रोजगार का “कोटा”
पूरा कर लया हो।
4. प रवार ने बेरोजगार भ ते और मजदूर रोजगार दोन से मलाकर एक व तीय वष मे 100
दन के काम िजतनी मजदूर अिजत कर ल हो।
ामीण रोजगार गारं ट योजना म काय म अ धकार क िज मेदा रयाँ
काय म अ धकार ामीण रोजगार गारंट योजना म लॉक तर पर सम वयक के प म
काय करता है याद रख, लॉक काया वयन क बु नयाद इकाई है। लॉक के भीतर ह दो अलग याएँ
एक जगह पर होती ह। एक तरफ, लोग ाम पंचायत के मा यम से या सीधे काय म अ धकार को
रोजगार के लए आवेदन दे ते ह। दोन ह ि थ तय म आवेदन काय म अ धकार के पास ह पहु ंचते
ह। दूसर तरफ ाम पंचायत और अ य काया वयन एजेि सयाँ प रयोजना ताव बनाकर भी उसी
के पास, भेजती ह। वह दोन का मलान करके योजनाएँ मंजरू करता है, ता क रोजगार क माँग समु चत
प से पूर क जा सके। इसके अलावा मंजरू काम के काया वयन , मजदूर भु गतान, शकायत- नवारण,
पारद शता के नयम लागू करना आ द उसक िज मेदा रयाँ ह।
ाम पंचायत क मु य िज मेदा रयाँ
1. वकास योजना तैयार करना और ामीण रोजगार गारं ट योजना के तहत संभा वत काय क
सू ची बनाना और ाम सभा क सफा रश के लए उसके पास भेजना।
2. योजना के तहत रोजगार माँगने वाल का पंजीयन करना और उ ह जॉब काड जार करना।
3. रोजगार के लए आवेदन लेना और त थ-यु त पावती जार करना।
4. आवेदक को काय आवं टत करना।
5. िजन आवेदक को काम का आवंटन कर दया गया हो, उनके नाम पंचायत के सूचना-प पर
दशाना।

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6. काय म अ धकार वारा मंजू र काय को कायाि वत करना।
7. सामािजक लेखा-पर ा हे तु ाम सभा को ासं गक द तावेज उपल ध कराना।
8. म टर रोल क एक त सावज नक जाँच-पड़ताल हेतु पंचायत कायालय म रखना।
9. योजना के काया वयन क वा षक रपोट तैयार करना।
रोजगार क पा ता
1. ामीण े म रहने वाला हर य क नवासी जो भी अकुशल म करना चाहता हो, इसके
लए आवेदन प दे सकता है।
2. एक घर के सभी वय क सद य इसके पा ह।
3. आवेदक को उस ाम पंचायत का नवासी होना ज र है।
4. आवेदक अकुशल म करने को तैयार हो।
जॉब काड कसके पास रहे गा
1. जॉब काड वयं मक के पास ह रहे गा।
2. काय थल पर म टर रोल म इ ाज उपरांत जॉब काड मेट वारा मक को लौटा दया जावेगा।
3. जॉब काड कसी भी सूरत म मे ट अथवा ाम पंचायत के पास नह ं रहे गा।
4. पंजीकरण/जॉब काड से केवल रोजगार क हकदार मलेगी। रोजगार पाने के लए ाम पंचायत
म नधा रत प म आवेदन प दे ना होगा।
आवेदन प कैसे और कसको दे ना
1. रा य सरकार वारा आवेदन प का मु त फाम जार कया है जो ाम पंचायत से ा त
कया जाकर उसम आवेदन कया जावे।
2. मु त आवेदन प ा त न होने क दशा म आवेदन प सादा कागज पर ाम पंचायत/काय म
अ धकार को दया जाना है, िजसम यि त का नाम, पता, लंग, अनुसू चत जा त/अनूसू चत
जनजा त अं कत हो। य द आवेदक वकलांग है तो उसे आवेदन प म व णत कर।
3. आवेदन प का छपा हु आ होना ज र नह ं है।
4. कोई भी यि तगत प से जाकर मौ खक प से भी आवेदन कर सकता है।
5. आवेदन प पूरे साल दए जा सकते ह।
6. आवेदन प यि तगत अथवा सामू हक प से दए जा सकगे।
7. आवेदन प पूरे वष के लए एक साथ 100 दन के रोजगार हे तु भी दया जा सकता है व
इसे टु कड़ म भी दया जा सकता है।
8. रोजगार का आवेदन ल खत म नधा रत प म करना होगा य द लखने म स म नह ं हो
तो प क पू त रोजगार सहायक वारा क जावेगी। पर तु आवेदन क ल खत म उसे रसीद
अ नवाय प से द जावेगी।
9. काय थल व काय पर जाने क त थ क सू चना, ल खत म 15 दन के अ दर-अ दर द
जावेगी।
10. रोजगार के लए एक प रवार से एक से अ धक यि त भी काम पर आ सकते ह, बशत क
एक प रवार के कु ल नयोिजत काय दवस क सं या 100 से अ धक नह ं होगी।

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11. जी नह ं। नधा रत टा क पूरा करने पर मक काय थल से जा सकेगा। मेट वारा म टर
रोल म उसके जाने के समय का इ ाज कर लेना होगा। ता क नर ण केदौरान इसे प ट
कया जा सके।
12. योजना के अ तगत सफ अकुशल शार रक काय क ह गारंट होगी। तथा प, काया वयन
एजेि सयाँ काय के न पादन के लए ज र अ कु शल और कु शल मजदूर को आव यकतानुसार
काम पर लगा सकती है।
रोजगार कब और कैसे
1. रोजगार कब से और कहाँ मलेगा, इसक सू चना ाम पंचायत आवेदक को खु द करेगी। सू चना
प वारा एवं ाम पंचायत के नो टस बोड पर च पा कर द जावेगी।
2. आवेदन प जमा करने के 15 दन के अ दर-अ दर ाम पंचायत आवेदक को रोजगार उपल ध
कराएगी।
3. वकलांग यि तय को भी उनक मता के अनुसार रोजगार दया जाएगा।
4. रोजगार यथासंभव आवेदक के गाँव के 5 कलोमीटर के अ दर-अ दर ह दया जायेगा।
5. य द आवेदक को अपने गाँव से 5 कलोमीटर के दायरे के बाहर रोजगार मलता है तो उसे
प रवहन और नवहन यय के लए 10 तशत अ त र त मजदूर द जाएगी 1
मजदूर को कतनी मजदूर
1. इस योजना के अ तगत रा य सरकार वारा कृ ष मक के लए नधा रत यूनतम मजदूर
क दर से भु गतान कया जायेगा। नधा रत टा क से कम काम करने पर इसम आनुपा तक
कमी क जायेगी।
2. मजदूर पूणत: नकद या कुछ नकद और कुछ व तु के प म द जायेगी।
3. कम से कम 25 तशत मजदूर नकद द जाएगी।
4. मजदूर त स ताह द जाएगी पर कसी भी हाल म 15 दन से अ धक समय नह ं लगेगा

5. मजदूर का भु गतान पहले से घो षत तार ख पर स बि धत को सीधे और समु दाय के वतं
यि तय क उपि थ त म अथात मजमा-ए-आम म कया जायेगा।
6. य द आवेदक को अपने गाँव से 5 कलोमीटर के दायरे के बाहर रोजगार मलता है तो उसे
प रवहन और नवहन यय के लए 10 तशत अ त र त मजदूर द जाएगी।
7. मजदूर के भु गतान के उपरांत भु गतान का इ ाज मक के जॉब काड म अ नवाय प से
भु गतानकता वारा कया जायेगा। पंचायत को यह सु नि चत करना होगा क कसी भी मक
के भु गतान उपरांत उसका इ ाज उसके जॉब काड म हो जावेगा।
8. काय पर मजदूर समू ह म नयोिजत कये जावगे। समूह म कम से कम 5 मक ह गे।
9. समू ह का गठन मक अपनी सु वधा के अनुसार करने के लए वतं ह गे।
10. मेट वारा रोजाना मक को उनके वारा न पा दत कये जाने वाले काय क जानकार द
जावेगी।

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11. मक वारा नधा रत टा क को पूण करने पर उसके माप का इ ाज मेट वारा अपनी
डायर म कया जाएगा।
12. मक वारा कये गये काय के इ ाज उपरांत उस पर मक के ह ता र/अंगठ
ू ा करवाया
जावेगा।
13. य द मक मेट क माप से संतु ट नह ं है , तो उसका स यापन तकनीक सहायक वारा कये
गये नर ण के दौरान करा सकेगा।
14. म टर रोल काय थल पर मौजू द रहता है और वह ं भरा जाता है। आपको अ धकार है क कभी
भी उसक जाँच कर सक।
15. काय थल पर पयवे ण (दे खभाल) और हािजर लेने के लए येक काय के लए एक मेट
क नयुि त क जाती है। मेट म म हलाओं का पया त त न ध व होना चा हए। पचास
मजदूर पर एक मेट को नगरानी पर लगाया जाना चा हए, अथात ् मेट और मजदूर का अनुपात
1:50 होना चा हए। मेट को बदल-बदलकर काम पर लगाना चा हए। कभी एक जगह-आमतौर
पर 15 दन के लए और कभी दूसर जगह।
मेट के मु य काय न न ल खत ह -
मजदूर का समू ह बनाना। तय दर के अनुसार यूनतम मजदूर भु गतान हे तु दए जाने वाले
काय का नधारण करना। म टर रोल म काय- थल पर ह मजदूर के नाम, हािजर और काय
क माप का ववरण भरना। म टर रोल म ववरण क मा णकता और काय क गुणव ता
के लए मेट िज मेदार होगा। येक समू ह वारा काम दै नक या सा ता हक आधार पर कया
जाएगा। काय- थल पर सु वधाएँ सु नि चत करना, जैसे छ पर, ब च क दे खभाल क सु वधा,
पानी दवाईयाँ इ या द। काय थल क सामा य दे खरे ख। आपात-ि थ त से नबटना, अथात ्
काय थल पर दुघटना होने पर आव यक कदम उठाना।
1. एक खास सं यावाला म टररोल, काय म अ धकार ाम पंचायत और सभी काया वयन
ऐजेि सय को जार करे गा।
2. म टर रोल का रख-रखाव ाम पंचायत ओर अ य काया वयन एजेि सयाँ करगी। वे इसम
अ य बात के अलावा न न ल खत जानका रयाँ भरगी-
3. मजदूर का नाम, उसक जॉब काड सं या, कतने दन हािजर रहा, कतने दन गैर-हािजर
रहा और भु गतान क गई मजदूर । येक मजदूर के जॉब काड म भी ये सू चनाएँ दज क
जाएँगी।
1. काम को एक खास सं या द जाएगी।
2. मजदूर के ह ता र या अँगठ
ू े का नशान।
4. मू ल म टर रोल काया वयन एजसी वारा गए खच के रकाड के प म काम करे गा।
5. म टर रोल क एक फोटोकॉपी हरे क ाम पंचायत और काय म अ धकार के कायालय को
सू चना सम वय और सावज नक दशन हे तु भेजी जाएगी।
6. काय म अ धकार के तर पर म टर रोल कं यूटर कृ त होना चा हए और य द संभव हो तो
ाम पंचायत तर पर भी।

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7. काय म अ धकार कायालय के अलावा अ य कसी भी जगह से जार कया गया म टर रोल
अना धक त 'माना जाएगा।
8. संचालन याओं म पारद शता और काय-कु शलता म सुधार के लए सूचना ौ यो गक का
स य उपयोग करते हु ये नरे गा से संब सार जानकार कं यूटर म दज होनी चा हए और
उसे सावज नक अवलोकन हे तु वेबसाइड पर डालना चा हए। दे शभर म लॉक तर पर
न न ल खत यूनतम सु वधाएँ उपल ध होनी चा हए - चालू हालत म क पयूट र, टे ल फोन
लाइन, मोडेम, श त नगरानी एवं सूचना- णाल , श त कमचार ।
9. हरे क ाम पंचायत स ताह के एक खास दन को ‘रोजगार गारंट दवस' या ‘रोजगार दवस'
के प म नधा रत करे गी। इस दन रोजगार के लए आवेदन लेना, उससे संबं धत जानकार
दे ना, काय का आवंटन करना, मजदूर का भु गतान करना ओर वे रोजगार भ ता बांटना जैसे
काय करने चा हए। ‘रोजगार गारं ट दवस' के दन ये सभी ग त व धयाँ जार रहनी चा हए।
खासकर रोजगार के लए आवेदन काय- दवस म कसी भी दन वीकार कया जाना चा हए।
10. 'रोजगार गारं ट दवस' पर रोजगार के लए ा त आवेदन को ाम पंचायत तर पर रकॉड
म दज करके त काल आवेदन क सं या दशाते हु ऐ काय म अ धकार को भेज दे नी चा हए।
11. ‘रोजगार गारं ट दवस' पर ाम पंचायत अ य और ाम पंचायत वारा नयु त कमचा रय
(जैसे ाम रोजगार सहायक) को मजदूर क सहायता के लए मौजू द रहना चा हए।
12. 'रोजगार गारं ट दवस' क कारबाइं खु ले सावज नक थान पर आयोिजत क जानी चा हए।
इसम योजना से संबं धत सभी द तावेज जैसे म टर रोल, रोजगार सू चयाँ, बेरोजगार भ ता
सू चयाँ आ द द शत क जानी चा हए।
नरे गा के अंतगत योजनाओं के काया वयन म के सरकार न न ल खत खच उठाती है :-
1. अकुशल शार रक काम करने वाले मजदूर का पूरा खच।
2. साम ी लागत और कुशल तथा अ -कुशल कमचा रय के वेतन भु गतान का 75 तशत खच।
3. के सरकार वारा तय शास नक खच। अ य बात के साथ इसम शा मल ह – काय म
अ धकार और उसके सहायक टाफ के वेतन-भ ते तथा काय-थल पर सु वधाओं पर होने वाला
खच।
4. के य रोजगार गारं ट प रषद के शास नक खच।
योजना के अंतगत रा य सरकार न न ल खत खच उठाती है -
1. साम ी लागत और कुशल तथा अ -कुशल कमचा रय के वेतन भु गतान का 25 तशत खच।
2. य द आवेदन के 15 दन के भीतर रा य सरकार आवेदक को रोजगार उपल ध नह ं करवाती
तो बेरोजगार भ ते का भु गतान।
3. रा य रोजगार गारं ट प रष के शास नक खच।
4. के सरकार वारा इस योजना के काया वयन हे तु एक रा य रोजगार गारं ट कोष बनाया
गया है। नरे गा के काया वयन हे तु रा य सरकार या िजल को इस कोष अनुदान दया जाता
है।

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5. रा य सरकार भी अ धसूचना वारा एक कोष था पत कर सकती है , िजसे रा य ‘रोजगार
गारं ट कोष' कहा जाता है। इस कोष को आवत कोष क तरह रखा जाता है, िजसका उपयोग
अ ध नयम के अनुसार कया जाता है।
पारद शता एवं सावज नक जवाबदे ह
1. सभी काय क सामािजक लेखा-पर ा।
2. समय पर शकायत और सा भ ाय दो षय के खलाफ कारवाई।
3. मजदूर भु गतान के लए बक या डाकघर म खाते खोलना।
6. रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना के काया वयन के लए येक ाम पंचायत का एक
ह बक खाता होगा। इस खाते को ाम पंचायत के अ य और स चव संयु त प से संचा लत
करगे।
7. रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना से संब ाम पंचायत के खात को पूव - नधा रत ा प
म अ वा षक सामािजक लेखा-पर ा हे तु ाम सभा के सामने तु त करना होगा।
8. गाँव म होने वाले हर काय पर ाम सभा नजर रखेगी। वह काय के लए आवेदन करने वाले
यि त पर भी नगरानी रखेगी। वह मजदूर के पंजीयन. जॉब काड जार होने और म खी
भु गतान क भी नगरानी करे गी।
9. नरे गा के तहत मजदूर का भु गतान बक या डाकघर के मा यम से करके भु गतान एज सय
एवं सम वय एज सय को पर पर अलग कया जा सकता है।
10. बेरोजगार भ ते का भु गतान दे य त थ से 15 दन के भीतर कर दया जाए। दे र होने पर
रा य सरकार को इसका मुआवजा अदा करना होगा।
बेरोजगार भ ता कन प रि थ तय म
1. य द रोजगार के लए आवेदन प दे ने के 15 दन के अ दर रोजगार नह ं मला तो ाथ
बेरोजगार भ ता पाने का हकदार हो जाएगा।
बेरोजगार भ ते क दर कसी व तीय वष के दौरान पहले 30 दन के लए यूनतम मजदूर
दर के 1/4 से कम नह ं होगी तथा उसके बाद शेष अव ध के लए मजदूर दर क 1/2 से
कम नह ं होगी बशत प रवार इसका पा हो।
2. बेरोजगार भ ता न न प रि थ तय म दे य नह ं होगा -
1. य द ाथ उसे दए गए अकुशल म को वीकार नह ं करता है।
2. य द काम क सूचना मल जाने के बाद 15 दन के अ दर काय थल पर उपि थत नह ं
होता है।
3. य द अपने काय थल से बना अनुम त के लगातार 7 दन तक उपि थत नह ं होता
है।
य द कसी आवेदक को रोजगार नह ं दया जाता है, तो उसे उतनी अव ध के लए बेरोजगार
भ ता मलेगा िजतने के लए आवेदक के प रवार ने उतनी मजदूर और बेरोजगार भ ता अिजत नह ं
कया है, जो व तीय वष के दौरान 100 दन के काय क मजदूर के बराबर होता।
म हलाओं के लए ावधान

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1. म हलाओं को रोजगार के आवंटन म ाथ मकता द जाएगी और एक तहाई रोजगार म हलाओं
को मलेगा।
2. म हलाओं को पु ष के बराबर मजदूर द जायेगी। म हला मजदूर के साथ कोई भेदभाव नह ं
कया जायेगा।
3. य द काय थल पर पाँच से अ धक ब चे 8 वष से कम उस के ह गे तो उ ह संभालने के
लए भी एक म हला मजदूर को लगाया जाएगा िजसको इसी योजना के तहत मजदूर का
भु गतान कया जायेगा।
4. मेट के पैनल म 30 तशत म हलाओं को शा मल कया जायेगा।
मजदूर को काय थल पर सु वधाएँ
1. व छ पेयजल, व ाम काल. मजदूर के लए शेड (छाया), ब च के लए े च क यव था
और ाथ मक उपचार के लये फ ट एड बा स उपल ध कराया जाएगा।
2. य द 5 से अ धक ब चे काय थल पर म हला मजदूर के साथ आते ह तो े च क यव था
क जावेगी, िजसम एक म हला को उनके दे खभाल के लए लगाया जायेगा तथा छोटे ब च
के लए पालना आ द क यव था भी क जायेगी।
3. य द मक रोजगार के दोरान काय थल पर घायल हो जाता है तो वह रा य सरकार वारा
नःशु क ईलाज का हकदार होगा।
4. घायल मक को अ पताल म भत कराने के मामले म पूरा उपचार, प रवहन, दवाईयाँ, आवास
क सु वधा नःशु क उपल ध कराई जावेगी। घायल मक को दै नक भ ता दे य होगा जो
क मजदूर दर के आधे से कम नह ं होगा।
5. पंजीकृ त मक के काय थल पर दुघटना/अ य कारण से मृ यु अथवा हमेशा के लये वकलांग
होने क ि थ त म म तक के वैध उ तरा धकार अथवा वकलता, जैसा भी मामला हो. को
अनु ह रा श के प म पये 25,000 अथवा के सरकार वारा अ धसू चत रा श का भु गतान
कायकार अ भकरण वारा कया जावेगा।
6. गाँव का कोई प रवार रोजगार के लए अपना पंजीकरण करा सकता है। इसके लये बी.पी.एल.
आ द क सीमा म होना ज र नह ं है।
7. पंजीकरण के लए आवेदन करना होता है। आवेदन के 15 दन के अंदर जॉब काड मल जाता
है। इस जॉब काड पर प रवार के वयसक सद य के फोटो लगे होते ह।
8. जॉब काड बन जाने के बाद काम मांगने के लए अज दे नी होती है।
9. जॉब काड धारक को काम माँगने क रसीद द जाती है। काम माँगने के 15 दन के अंदर
ह आवेदक को रोजगार मल जाता है।
10. य द 15 दन म काम नह ं मले तो वह यि त बेरोजगार भ ता पाने का अ धकार हो जाता
11. इस योजना म जल और भू म संर ण तथा भू म सुधार के काय पर जोर दया जाता है। बन
वकास और वृ ारोपण के काय को भी ाथ मकता द जाती है।
12. कम से कम 50 तशत काय ाम पंचायत वारा करवाने होते ह।

93
13. ाम सभा वारा काय योजना ता वत क जाती है या न गाँव म कौन-कौन से काम ह गे
इसका नणय ाम सभा ह करती है। िजला प रष वारा इस काय योजना को वीक ती
मलती है।
14. इस योजना म मशीन या ठे केदार क मनाह है।
15. काम का भु गतान 15 दन के अंदर होने का नयम है।
16. अगर काय थल पर 6 वष से कम उ के 5 से अ धक ब चे ह तो वह ं एक म हला मजदूर
ब च क दे खभाल के लए होनी चा हए। इस म हला को एक मजदूर क मजदूर मलेगी।
17. तय काम पूरा करने के बाद मक समू ह घर जा सकता है। मेट उसके जाने का समय अपने
म टररोल म दज कर समू ह के अ य के ह ता र कराएगा िजससे नर ण के दौरान इसे
प ट कया जा सके।
18. इस योजना का मु य उ े य ामीण गर ब बरे । आजी वका का साधन मु हैया कराना है। इस
योजना म ठे केदार वारा काय नह ं कराया जायेगा।
19. कसी ामीण प रवार का वह वय क/बा लग सद य यानी िजसक उ 18 वष से अ धक
है एवं िजसका नाम जॉब काड म दज है, रोजगार के लए आवेदन कर सकता है।
20. जॉब काड म आवेदक का फोटो लगा होता है। इस फोटो का खच योजना मद से ाम पंचायत
करे गी। आवेदक से इसके लए कोई पैसा नह ं लया जाता है। म हलाओं को इस योजना म
ाथ मकता द गई है। लाभा थय क एक तहाई सं या म हलाओं क होनी चा हए।
21. इस योजना के लए पंजीकरण तो प रवार का होता है। पर जॉब काड पर प रवार के हर बा लग
सद य का फोटो होता है। उसी जॉब काड के आधार पर प रवार का कोई भी बा लग सद य
काम क माँग कर सकता है। एक प रवार को सौ दन का ह रोजगार मलेगा।
22. एक वय क िजसका इस योजना म पंजीकरण हो चु का है वह कभी भी काम माँग सकता है।
इसके लए उसके पास जॉब काड होना ज र है। वह एक नधा रत फाम भरकर काम मांग
सकता है। फाम न हो तो एक सादे कागज पर काम क माँग क जा सकती है और तो और
इसम काम मौ खक भी माँगा जा सकता है। आवेदन प गाँव म ाम पंचायत या लॉक म
काय म अ धकार को दे ना चा हए। इस आवेदन क एक ाि त रसीद भी मलती है। यह
रसीद ज र लेनी चा हए। इससे यह पता रहता है क आवेदन कस तार ख म कया गया था।
23. जॉब काड खोने पर डु ल केट जॉब काड जार कया जाएगा। इसके लए प रवार के मु खया
को आवेदन करना होगा। इस आवेदन प के ज रए नया पंजीकरण कया जायेगा। उसके बाद
अ य याओं के बाद डु ल केट जॉब काड जार कया जाएगा।
24. एक साल म एक प रवार को एक सौ दन का रोजगार मलेगा। इस 100 दन म उस प रवार
का कोई भी वय क सद य काम कर सकता है। एक बार म लगातार 14 दन का काम मलेगा।
एक स ताह म 6 दन से यादा काम नह ं लया जायेगा।
25. ाम पंचायत या काय म अ धकार , आवेदक को प वारा सू चना दगे। ाम पंचायत तथा
काय म अ धकार के ऑ फस म नो टस बोड पर भी यह सूचना द जाएगी। यह सूचना 15

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दन के अंदर द जाएगी। इस सूचना म काम पाने वाल के नाम, काम क तार ख, समय,
थान इ या द सभी क जानकार द जाएगी।
26. रोजगार क सूचना मलने पर आवेदक को तुर त तय समय और थान पर अपने जॉब काड
के साथ पहु ंचाना चा हए जहाँ उसे काम मला है।
27. अगर आवेदक सू चना ाि त के 15 दन के अंदर काम पर नह ं पहु ँ चेगा तो उसे बेरोजगार
भ ता नह ं दया जाएगा।
28. आवेदक काम के लए दुबारा आवेदन कर सकता है।
29. भु गतान काम के आधार पर ह दया जाएगा। यह बक अथवा पो ट ऑ फस मा यम से मलेगा।
30. मजदूर का भु गतान हर स ताह कया जाना चा हए। अगर कसी कारण स ताह नह ं हु आ तो
काम के 15 दन के अ दर तो हो ह जाना चा हए।
कु छ काम जो इस योजना के अंतगत कराए जा सकते ह, वे ह -
1. जल संर ण एवं जल सं हण
2. सू खे को रोकने के काय िजसम बन वकास एवं व ारोपण काय शा मल है।
3. संचाई नहर िजसम माईनर एवं माई ो संचाई के काय शा मल ह।
4. अनुसू चत जा त एवं अनुसू चत जनजा त के प रवार के जमीन मा लक को जमीन के लए
संचाई काय या भू म सुधार के लाभा थय क जमीन के लए संचाई काय। इनके सम त
काय पूण होने के प चात सीमांत एवं लघु कसान के इसी कार के काय।
5. पर परागत जल ोत का जीण ार/नवीनीकरण िजसम तालाब , पोखर, बावड़ी आ द से गाद
म ी नकालने का काय शा मल है।
6. भू म वकास के काय
7. बाढ़ नयं ण एवं बाढ़ बचाव काय िजसम जल अव े म जल नकासी काय शा मल है।
8. बारहमासी सड़क का नमाण। सड़क नमाण के काय म कलवट का नमाण भी शा मल होगा।
गाँव के बीच क ची सड़क नमाण काय भी इसम शा मल होगा।
9. ाम पंचायत तर पर भारत नमाण राजीव गाँधी सेवा के का नमाण काय भी इसम शा मल
कया गया है।
10. अ य कोई काय िजसे के सरकार, रा य सरकार क सलाह से तय करे ।
सू चना का अ धकार
सू चना का अ धकार कानून 12 अ टू बर, 2005 को हमारे दे श म लागू हु आ। इस कानून के
तहत हर नाग रक को यह अ धकार है क वह के और रा य सरकार के कसी भी वभाग अथवा
कायालय से कसी भी तरह क सूचना ा त कर सकता है। कसी भी द तावेज क मा णक तलप
ले सकता है। काम म आने वाल साम ी के नमू ने भी ले सकता है। सी.डी. या लॉपी म सूचना भी
ले सकता है। मजदूर के म टररोल, लॉगबुक, टडर के द तावेज, कैश बुक, वभाग क योजनाएँ, खच
क गई रा श, लाभ लेने वाल क सू ची, वाउचर, ऑ डट रपोट आ द तरह-तरह क सू चना ले सकता
है। रकाड का नर ण भी कर सकता है।

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नरे गा के बारे म कसी भी तरह क जानकार आप सूचना का अ धकार कानून के तहत ले
सकते ह। नरे गा योजना का सामािजक अंके ण साल म दो बार ाम सभा वारा कराए जाने का ावधान
है।

7.3 सारांश
नरे गा अ ध नयम वारा ामीण े के येक प रवार को रोजगार ा त करने का अ धकार
दया गया है। येक प रवार से 100 दन का एक यि त को रोजगार ा त करने का अ धकार है।
रोजगार माँगने पर 15 दन म रोजगार दान नह ं कया जाता है तो उसे बेरोजगार भ ता ा त करने
का अ धकार है। नरे गा के या वयन के लए स पूण सं था मक संरचना का वकास कया गया है।
इसके वारा नरे गा का या वयन होता है। अ ध नयम म पारद शता के लए सामािजक अंके ण का
भी ावधान कया गया है।

7.4 अ यासाथ न
1. नरे गा अ ध नयम क वशेषताओं का उ लेख क िजये।
2. नरे गा के या वयन करने वाले अ भकरण क ववेचना क िजये।
3. नरे गा म रोजगार ा त करने क या का ववेचन क िजये।

7.5 संदभ थ सू ची
1. रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम, 2005, हनुमान संह गुजर , राज थान ह द थ

अकादमी, जयपुर।
2. राज थान क रोजगार गारं ट योजना, राज थान सरकार का राज-प वशेषांक जुलाई 24, 2006
3. रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम के या वयन हेतु मागद शका, भारत सरकार, नई
द ल।
4. सामािजक अंके ण नद शका, राज थान सरकार, जयपुर।

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इकाई - 8
रा य तर य मशीनर - नरे गा प रषद
इकाई क परे खा
8.0 उ े य
8.1 तावना
8.2 रा य तर य नरे गा प रषद
8.3 नरे गा प रषद के काय
8.4 कायकार स म त
8.5 क म क जानकार
8.6 ह रत राज थान
8.7 अ ध नयम के मुख ावधान
8.8 मु ख काय के फोटो
8.9 महानरे गा अ ध नयम म सजा/जुमाने का ावधान
8.10 सारांश
8.11 अ यासाथ न
8.12 संदभ थ सूची

8.0 उ े य
क म का मू ल उ े य ामीण े के ऐसे प रवार को एक व तीय वष के दौरान कम से
कम 100 दवस का गारं ट शु दा रोजगार उपल ध कराना है जो अकु शल शार रक म करने के इ छुक
ह , ता क ामीण े म रोजगार सुर ा क ि थ त को बेहतर बनाया जा सके। ामीण रोजगार गारं ट
क म के अ य उ े य यथा रोजगार गारं ट से स पदाओं का नमाण करने, पयावरण क र ा करने,
ामीण औरत के सश तीकरण, गाँव से शहर क और पलायन पर अंकु श लगाने और सामािजक
समानता सु नि चत करना भी है।

8.1 तावना
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम 2005 के सु चा या वयन हे तु
रा य सरकार वारा येक तर पर शास नक एवं कायकार यव थाय था पत क गयी ह। इसी
य म रा य तर पर व- तर य शास नक एवं नयं ण यव था था पत क गयी है. रा य मे
सव च तर पर नरे गा प रषद क थापना क गयी है। जो क इस काय म के रा य तर पर
या वयन, बोधन एवं काय म म सु झाव दे ने हे तु सव च तर पर उ तरदायी है।

97
8.2 रा य तर य नरे गा प रषद

.सं. प रषद के सद य पदनाम


1 माननीय मं ी महोदय, ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग राज थान अ य
अ य राज थान सरकार, जयपुर।
2 माननीय मं ी महोदय, सावज नक नमाण वभाग, राज थान सरकार, जयपुर। सद य
3 माननीय मं ी महोदय,जल संसाधन वभाग,राज थान सरकार,जयपुर। सद य
4 माननीय मं ी महोदय, 'कृ ष वभाग,राज थान सरकार, जयपुर। सद य
5 माननीय मं ी महोदय, वन वभाग, राज थान सरकार,जयपुर। सद य
6 माननीय मं ी महोदय, व ध वभाग, राज थान सरकार, जयपुर। सद य
7 माननीय मं ी महोदय, जल हण वकास एवं भू-संर ण, राज थान सद य
सरकार,जयपुर।
8 माननीय मं ी महोदय, म एवं रोजगार, राज थान सरकार, जयपुर। सद य
9 ीमान मु य स चव,राज थान सरकार, जयपुर। सद य
10 ीमान शासन स चव एवं आयु त (नरे गा) सद य स चव

8.3 नरे गा प रषद के मु ख काय


रा य प रषद वारा मु ख प से न न ल खत काय स पा दत कये जायग :-
1. क म एवं इसके या वयन के संबध
ं म सु झाव दे ना।
2. क म के अ तगत कराये जा रहे काय क ाथ मकता का नधारण।
3. मॉनीट रंग एवं रहसल मैके न म क समय-समय पर समी ा एवं सुधार हे तु सु झाव।
4. अ ध नयम के ावधान एवं क म के संबध
ं म नीचे तर तक जानकार दे ना।
5. अ ध नयम के ावधान एवं क म के या वयन क रा य तर पर मॉ नट रंग एवं के य
रोजगार गारं ट प रषद के साथ सम वय।
6. अ ध नयम क अनुसू ची 1 के ख ड 1 (ix) के संदभ म, क म के अ तगत अ य नये काय को
जोड़े जाने का अनुमोदन कर अपनी अ भशंषा के साथ भारत सरकार को े षत करना।
7. राज थान ामीण रोजगार गारं ट क म क वा षक रपोट तैयार कर रा य वधान सभा म तु त
करना।
8. योजना का रा य म या वयन तथा रा य क ामीण अथ यव था के संबध
ं म सू चना एक त
कराने एवं मॉनीट रंग कराने का अ धकार।
9. अ य काय जो रा य ामीण रोजगार गारं ट प रषद एवं रा य सरकार वारा नधा रत कये जाव।
10. अ ध नयम के अ य सम त काय एवं दा य व का नवहन करना।

98
8.4 कायकार स म त
रा य प रषद को उसके काय के संपादन म सहायता दे ने हे तु एक कायकार स म त का गठन
न नानुसार कया गया है -
.सं. कायकार स म त के सद य पदनाम
1 अ त र त मु य स चव,( वकास) राज थान सरकार अ य
2 मु ख शासन स चव, ामीण वकास एंव पंचायती राज. वभाग, राज थान सद य
सरकार
3 मु ख शासन स चव, आयोजना एवं वत, राज थान सरकार सद य
4 मु ख शासन स चव, सावज नक नमाण वभाग, राज थान सरकार सद य
5 मु ख शासन स चव, वन वभाग, राज थान सरकार सद य
6 मु ख शासन स चव, जल संसाधन, राज थान सरकार सद य
7 शासन स चव, ामीण वकास वभाग, राज थान सरकार सद य
8 शासन स चव, पंचायती राज वभाग, राज थान सरकार सद य
9 शासन स चव, व ध वभाग राज थान सरकार सद य
10 शासन स चव, म एवं रोजगार, राज थान सरकार सद य
11 प रयोजना नदे शक एवं पदे न उप स चव ( ा.रो.) सद य-स चव

8.5 क म क जानकार
अ ध नयम के ावधान एवं क म क जानकार येक गांव के येक पा यि त को दे ने
के लए न नानुसार कायवाह क जावेगी -
(1) अ ध नयम के ावधान एवं कम क ाम सभाओं म जानकार दे ना।
(2) अ ध नयम के ावधान एवं क म के बारे म येक गांव / मजरा / ढाणी तक लाउड- पीकर
वारा जानकार दे ना।
(3) ाम के मु ख थान यथा व यालय, आगनबाड़ी पटवार-घर, ाम पंचायत भवन, ाम क
चौपाल एवं अ य मु ख थान पर पो टर लगाकर जानकार दे ना।
(4) नु कड़ नाटक, सामािजक स मेलन आ द म जानकार दे ना।
(5) रे डयो / दूरदशन के मा यम से चार- सार करना।
(6) थानीय समाचार प म व ापन के मा यम से चार करना।
(7) अ य भावी मा यम िजनका िजला काय म सम वयक वारा चयन कया जावे।
अ ध नयम के ावधान एवं योजना के संबध
ं म वशेष जानकार दे ने क यव था सु नि चत
क जावेगी।

99
8.6 ह रत राज थान
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना के अ तगत ‘ह रत राज थान योजना''
को माननीय मु यमं ी महोदय क पहल पर रा य ने हाथ म लया है। यह पंचवष य योजना होगी,
जो 2009 - 10 से ार भ होकर 2013 - 2014 तक चलेगी।
18 जू न, 2009 को जयपुर के श ा संकुल प रसर म माननीय मु यमं ी महोदय के सा न य
म सामू हक वृ ारोपण के साथ साथ ''ह रत राज थान” अ भयान का शुभार भ कया। योजना जु लाई,
2009 से सम त रा य म ार भ क गयी।
ामीण े म महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारंट योजना के अंतगत ह रत
राज थान के काय करवाये जायगे तथा शहर े म ह रत राज थान काय म के लये संबि धत
शहर नकाय या संबि धत सं था यय करे गी।
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना के मु य उ े य म एक पयावरण क
र ा करना भी है। इस बात को यान म रखते हु ए योजना अ तगत अनुमत काय क सूची म सूखे
के बचाव के लये वृ ारोपण एवं बन संर ण के काय को ाथ मकता म दूसरे थान पर रखा गया
है। रा य म वैसे भी अकाल क ि थ त रहती है। िजसका कारण रा य म वन े क कमी है। इसके
कारण वषा क मा ा एवं वषा क कमी रहती है। इससे सबसे यादा ामीण गर ब जनता भा वत
होती है, ऐसी ि थ त म ह रत राज थान के मा यम से दे श को हरा भरा करने के लये ामीण इलाक
म नरे गा अ तगत ह रत राज थान क योजना सघन वृ ारोपण , वन संर ण एवं चारागाह के वकास

100
के लये बनायी गयी। इससे ामीण प रवार को रोजगार उपल ध के साथ-साथ पयावरण क र ा के
मह वपूण उ े य क पू त क जा सकेगी।
इस योजना म नरे गा के तहत सघन वृ ारोपण कया जाना है। इसके भावी या वयन हे तु
यह आव यक है क येक ाम पंचायत के जन त न धय एवं गांव के बु यि तय को इस योजना
के या वयन से जोड़ा जाये। अत: पंचायत के मु खया का यह उ तरदा य व बनता है, क वह ह रत
राज थान के संब ध म वशेष बैठक का आयोजन करे । वन वभाग के अ धका रय / का मक तथा
गांव के बु यि तय को इन बैठक म आमं त करे तथा इस योजना क पूण जानकार उ ह दे
तथा उनके अनुभव एवं जानकार उनसे ा त कर ता क योजना अ तगत सघन वृ ारोपण कया जा
सके।
रा य म पूरे े फल का केवल 9.23 तशत े ह बन े है, जब क रा य औसत 23.28
तशत है। इस ि थ त म सुधार के लये यह आव यक है क सघन वृ ारोपण का काय कया जावे।
नरे गा के मु य उ े य म से एक पयावरण क र ा कया जाना भी है। इसी बात को यान म रखते
हु ए रा य म ह रत राज थान योजना शु क गयी है। ह रत राज थान योजना अ तगत ामीण े
म रा य िजला / राजमाग के कनार पर, शालाओं म अ य सावज नक थल एवं ाम पंचायत चरागाह
के साथ साथ बन भू म म वृ ारोपण का वशाल काय म हाथ मे लया है। इस योजना के अ तगत
न केवल वृ ारोपण का काय कया जाता है. बि क उनके रख रखाव पर भी वशेष यान दया जाता
है।
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना अ तगत ह रत सड़क काय म रा य
म शु कया गया है। ह रत सड़क के वकास काय सावज नक नमाण वभाग वारा स पा दत कये
जा रहे है। काय शु होने के पहले स बि धत ाम पंचायत म मक / जॉब काड धा रय को ाम
पंचायत वारा स बि धत वभाग को उपल ध करवाया जाना है। इस योजना के अ तगत पौधारोपण
के लये पौधे बन वभाग या रा य सरकार वारा अ धकृ त नसर से ा त कये जाते है तथा सड़क
क बागड़ी के साथ ह वृ ारोपण कया जाता है। इस हे तु पौध का चयन इस कार कया जाता है
क उ ह पानी क कम ज रत हो तथा िज ह पशु नह ं खाते ह । जैस-े नीम, चु रैल, के सया-सा मया
आ द। पौध क सुर ा े ीय चलन / उपल ध साम ी यथा रंग पट / हनीकॉम स चर /
कांटेदार झा ड़य का उपयोग कया जाता है।

8.7 अ ध नयम के मु ख ावधान


महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम - 2005 क मु य वशेषताएं : -
ऐ तहा सक अ ध नयम - भारत के इ तहास म इस कानून से पहल बार येक ामीण प रवार
को एक व त वष म 100 दन के गारं ट शु दा रोजगार के मा यम से अपनी आजी वका का अ धकार
मला है।
काम मांगने का अ धकार - येक ामीण प रवार को सरकार से 100 दन का रोजगार मांगने
का अ धकार है।
बेरोजगार भ ता - य द रा य सरकार कसी ामीण प रवार क मांग पर उसे 100 दन का रोजगार
उपल ध करा पाने म असफल रहती है, तो वह बेरोजगार भ ते का भु गतान करे गी।

101
ामवा सय वारा काय का चयन - ाम / वाड के वारा अनुमत काय म से येक गांव के
वकास के लये शु कये जाने वाले काय को अ ध नयम म अं कत ाथ मकता के आधार पर
चयन कया जायेगा।
म हलाओं को ाथ मकता -रोजगार के आवंटन म कम से कम एक तहाई म हलाओं को रोजगार
उपल ध करवाया जाना आव यक है।
पूण पारद शता - योजना म पूण पारद शता होगी और मजदूर का भु गतान उनके वयं के बक
/ पो ट ऑ फस के खाते के मा यम से होगा। म टररोल अब गु त नह रहे गा, और काय लोग
क जानकार म ह ग। भु गतान उपरा त भु गतान शु दा म टररोल क वेज ल ट नो टस बोड पर
द शत क जायेगी।
ठे केदार पर तब ध - इस योजना के अ तगत काय हे तु ठे केदार को अनुम त नह ं द गयी है।
पंचायत क नणायक भू मका- सभी तर पर पंचायत सं थाएं, योजना के नयोजन एवं
या वयन म नणायक भू मका नभायगी।
मक के लये काय थल पर सु वधाएं- योजना के अ तगत काय थल पर छाया, पानी, दवाइयां
व छोटे ब चे के लये पालना यव था क जायेगी।
काय थल पर दुघटना - काय थल पर घायल होने के मामले के नःशु क च क सा का और मक
क मृ यु या थायी प से वकलांग होने के मामले म मु आवजे का ावधान है।
मशीन के योग पर तब ध - काय पर मशीन का योग विजत है। सफ उसी दशा म जब
कोई काय मजदूर के वारा कया ह नह जा सकता हो, तो िजला कले टर क पूव अनुम त से
मशीन का उपयोग कया जा सकता है।
मजदूर के अ धकार :-
महा मा गांधी रा य रोजगार गारं ट अ ध नयम - 2005 म मक को न न अ धकार दये
गये है :-
येक प रवार को अपनी ह पंचायत म एक साल म 100 दन के रोजगार क गारं ट का हक
है। इसके लये वह पंचायत म प रवार के पंजीकरण हेतु ाथना प दे सकते है।
रिज े शन के बाद प रवार को जॉब काड पाने का हक है।
काम के आवेदन क दनांक स हत रसीद पाने का हक है।
काम मांगने के 15 दवस के भीतर 5 कलोमीटर क दूर म काम पाने का हक है।
काय थल पर मजदूर के लये छाया, पानी, ाथ मक उपचार, छोटे ब च के लए पालना पाने
का हक है।
काय से स बि धत सभी द तावेज जैस-े म टररोल, काय थल पुि तका एवं जॉब काड म क
गयी वि टय को दे खने व जानने का हक है।
नधा रत टॉ क काय पूरा करने पर रा य सरकार वारा नयत यूनतम मजदूर पाने का हक
है।
पखवाड़ा समाि त पर 15 दन म मजदूर का भु गतान पाने का हक है। अथात ् िजतना काम उतना
दाम।

102
काम मांगने के 15 दन के भीतर काय उपल ध नह ं करवाया जाता है, तो बेरोजगार भ ता पाने
का हक है।
शकायत दज कराने पर एक स ताह के भीतर नपटारे का हक है।
अनु ह रा श के भु गतान के संब ध म ावधान : -
महा मा गाँधी नरे गा अ ध नयम 2005 क अनुसू ची 2 के ब दु सं या 26 म ावधान है क
य द क म के अधीन नयोिजत कसी यि त क नयोजन के उदभुत दुघटना या उसके म म मृ यु
हो जाती है या वह थायी प से नःश त हो जाता है तो या वयन अ धकरण वारा उसे 25000
/- ( पये प चीस हजार) क दर पर या ऐसी रकम जो के य सरकार वारा अ धसू चत क जाये
अनु हपूवक संदाय कया जायेगा और वह रकम , यथा ि थ त, मृत या नःश त यि त के व धक
वा रस को संद त क जाएगी। इसी कार रा य ामीण रोजगार गारं ट क म राज थान क
अ धसू चना 24 जुलाई,. 2006 के ब दु सं या 34(3) के अनुसार पंजीकृ त मक के काय थल पर
दुघटना / अ य कारण से मृ यु , हमेशा के लए वकलांग होने क ि थ त म मृतक के वैध उ तरा धकार
अथवा वकलांग जैसा भी मामला हो, को अनु ह रा श के पम पये 25000 /- भु गतान कया जाना
है।
इस संबध
ं म समय समय पर कई िजल वारा रा य तर से भुगतान के संब ध म मागदशन
चाहा जाता रहा है। जब क अ ध नयम के ावधानुसार िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक
तर पर ह इस संब ध म नणय लया जाना है। य द इस संबध
ं म िजला कल टर एवं िजला काय म
सम वयक अपने तर पर अनु ह रा श के भु गतान के संबध
ं म नणय लेने म असमथ ह तो ामीण
वकास अनुभाग -3 (नरे गा) को ताव के साथ पूण करण न न द तावेज के आव यक प से
भजवाए. िजससे रा य तर पर नणय लया जा सक -
1. मृतक के संबध
ं म दज करवायी गयी एफ.आई.आर. रपोट।
2. मृतक क पो टमाटम रपोट।
3. काय थल पर कायरत मेट क रपोट एवं बयान।
4. अनु ह रा श के संबध
ं म िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक क ट पणी।
राज थान म 73 व सं वधान संशोधन वधेयक के अनु प पंचायती राज क यव था :-
हमारे दे श म पंचायत राज क यव था बहु त पुरानी है। वेद म भी इस यव था का उ लेख
मलता है। वै दक काल म इ ह पंचपरमे वर कहा जाता था। वतं भारत म पंचायत राज यव था
का 2 अ टू बर 1959 को नागौर म त काल न धानमं ी पं डत जवाहर लाल नेह ने शु भार भ कया
था।
आव यकतानुसार समय समय पर पंचायत राज यव था म संशोधन कर इसे भावी बनाया
गया। 73 व सं वधान संशोधन वारा पंचायत राज क यव था को अ नवाय और एक पता दान
क गयी। राज थान म 23.04.1994 को नया पंचायती राज अ ध नयम 1994 लागू कया गया। महा मा
गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 के लागू होने के साथ ह ामीण रोजगार क
महती िज मेदार ाम पंचायत के पास आ गयी है।
ै ा नक सं था ह, एवं इसके मु खया होने के नाते सरपंच के मह वपूण
ाम पंचायत एक संवध
पदे न क त य एवं िज मेदा रयां है।

103
ाम सभा के अ धकार एवं दा य व :-
महा मा-गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 म ाम सभा के अ धकार
एवं दा य व न न है :-
ाम सभा को नरे गा अ तगत कराये जाने वाले काय क सफा रश का हक है।
नरे गा योजना तगत येक 6 माह म काय क सामािजक अंके ण कराने का ाम सभा का दा य व
है।
ाम सभा को योजना के संबध
ं म ाम पंचायत से सम त सू चनाएं बना मांगे ा त करने का
हक है।
सू चनाओं के आदान दान के लये मंच के प म काम करने का दा य व है ाम पंचायत के
दा य व:-
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 म ाम पंचायत के दा य व
न न है :-
ाम सभा 15 अ टू बर तक आगामी व तीय वष क वा षक काय योजना बना कर पास करवाना।
प रवार के ाथना पा को रिज े शन के लये ा त करना।
ा त ाथना प का स यापन कर प रवार का पंजीयन करना।
प रवार जॉब काड जार करना।
रोजगार मांग का ाथना प ा त केर आवेदन को दनांक शु दा ाि त रसीद जार करना।
काम मांगने के 15 दन के अंदर फाम नं.8 म काय आवंटन केर आवेदक को सूचना दे ना।
काय का सह एवं ईमानदार से या वयन एवं मो नटे र ंग करना।
रकाड का सु यवि थत संधारण करना।
सामािजक अंके ण करवाना।

8.9 मु ख काय के फोटो

ए नकट नमाण

104
तलाई एंव वे वीयर नमाण

तलाई नमाण

105
ह रत राज थान

खरं जा नमाण काय

106
8.10 महानरे गा अ ध नयम म सजा / जु माने का ावधान
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम एवं अ य अ ध नयम / नयम के
मु ख ावधान का उ लंघन करने / दोष स होने पर सजा / जुमाने का ावधान के सं ब ध म आव यक
जानकार सरपंच को होनी चा हए। इसी उ े य के म ेनजर नरे गा कानून एवं अ य कानून / नयम
के मु ख ावधान नाचे दये जा रहे है : -
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम - 2005 :-
जो कोई इस अ ध नयम के उपब ध का उ लंघन करे गा वह दोष स होने पर जुमाने का,
जो 100/ - पये तक हो सकेगा दायी होगा।
रा य तर पर बनाये गये नरे गा के जनअ भयोग नराकरण एवं सामािजक अंके ण नयम
क भी पालना सम त नरे गा के या वयन से जुड़े हु ए संबं धत अ धका रय / कमचा रय / अनुबि धत
कमचा रय एवं पंचायत राज सं था के पदा धका रय को करनी होगी। पालना नह ं करने पर, दोष स
होने पर उ त नयमानुसार भी द ड के भागी ह गे।
सरकार कमचार के स ब ध म : -
पंचायत म कायरत सरकार कमचार य वारा नरे गा कानून के या वयन के संब ध म
कसी भी कार का उन पर कोई चाज लगता है, और दोष स होता है तो उनके व सरकार कमचार
होने के नाते संबि धत सरकार सेवा नयम के अ तगत सजा / जु माने का ावधान तो है ह साथ
ह उन पर भारतीय द ड सं हता एवं अ य कानूनी ावधान के अ तगत भी कायवाह अमल म लायी
जा सकती है।
राज थान सरकार के का मक (क-3) वभाग क अ धसू चना सं या एफ 3(1)डीओपी / ए-III
/ 2004 दनांक: 08.02. 2010 के वारा राज थान स वल सेवा (वगीकरण, नयं ण और अपील)
नयम, 1958 के उप नयम (1) वार द त शि तय का योग करते हु ए रा य सरकार, रा य
ामीण रोजगार गारं ट क म के अधीन काय करने वाले सरकार कमचा रय के संब ध म लघु शाि तयां
(तीन ेड वेतन वृ रोकने तक) (संचयी भाव के बना) अ धरो पत करने के लए सम त िजला
कल टर को इसके वारा वशेष प से सश त करती है।
यह अ धसूचना इस क म के वतन म रहने तक भावी रहे गी।
अनुबि धत कमचा रय के संबध म :-
पंचायत म कायरत अनुबि धत कमचा रय पर काय म कसी भी कार क लापरवाह , चाज
स होने पर उन पर उनके साथ कये गये अनुब ध क शत के मु ता बक कायवाह अमल म लायी
जायेगी। साथ ह भारतीय द ड सं हता एवं अ य कानूनी ावधान के अ तगत भी कायवाह अमल
म लायी जा सकती है।
राज थान पंचायती राज अ ध नयम, 1994 क धारा 38 :-
धारा 38 के ावधान अनुसार रा य सरकार को कसी भी पंचायती राज सं था के सद य अ य
एवं उपा य को न न कारण से : -
काय करने से मना करने, असमथ होने, कत य के पालन म दुराचरण का दोषी होने, न धय
का दु पयोग करने एवं अपने पद क ग रमा को आघात पहु ँचाने पर हटाये जाने का अ धकार है।

107
क त य के नवहन म अवचार या दुराचरण येक ऐसा काय आ जाता है िजसका य
प से प रणाम सं था को हा न हो एवं सं था को हा न पहु ँचाने वाला येक काय या चूक भी इसी
ेणी म आते है।
सू चना का अ धकार अ ध नयम -2005
सू चना के अ धकार अ ध नयम - 2005 के अ तगत सू चना मांगना और सू चना पाने का
अ धकार दया गया है। इस अ ध नयम म सभी नाग रक को शासन और वकास से संबं धत सवाल
पूछने और जवाब मांगने का अ धकार है।
ाम पंचायत म ाम सेवक (स चव) लोकसू चना अ धकार होता है, और सरपंच अपील
अ धकार होता है, इसी नाते सरपंच का दा य व और भी बढ़ जाता है, क मांगी गयी सूचना पूण सह
एवं तु र त द जावे। सू चना के अ धकार अ ध नयम के अ तगत सू चना 30 दन म दये जाने का ावधान
है। सू चना दे ने म दोषी पाये जाने पर 25000 /- पये तक का जुमाना हो सकता है।
भारतीय द ड सं हता - 1860 :-
ाम पंचायत म भारतीय द ड सं हता के उपब ध के अनुसार दोषी पाये जाने पर सरपंच एवं
अ य पदा धकार / कमचार सं हता के अधीन द डनीय ह गे। सामा यतया ाम पंचायत म न न कार
के आपरा धक कृ य पाये गये है, जो द ड सं हता के अ तगत अपराध क ेणी म आते है -
1. धारा 167 - लोक सेवक जो तका रत करने के आशय से अशु द तावेज रचना है, तो धारा
167 भारतीय द ड सं हता के ावधान अनुसार तीन वष के कारावास या जुमाना से या दोन से
दि डत कया जायेगा।
2. धारा 168 - जो कोई लोक सेवक होते हु ए और ऐसे लोकसेवक के नाते इस बात के लये वैध प
से आब होते हु ए क वह यापार म न लगे, यापार म लगेगा तो िजसक अव ध एक वष तक
ह होगी कारावास या जु माने या दोन से दि डत कया जायेगा।
3. धारा 169 – क, जो व ध व ज म से स पि त य करता है या उसके लये बोल लगाता
है, ऐसे लोकसेवक के नाते इस बात के लये वेध प से आब होते हु ए क वह अमु क स पि त
को न तो य करे और न उसके लये बोल लगाये अपनी नजी नाम म या दूसरे के नाम म य
या बोल लगायेगा तो उसे दो वष तक क सजा या जुमाना या दोन से दि डत कया जायेगा।
4. धारा 171 - कपटपूण आशय से लोकसेवक होने का दशन करना, कई बार म हला सरपंच के
प त / पु / जेठ वयं को सरपंच जा हर कर बैठक म राजक य कायालय म बैठ जाते है, यह
द डनीय अपराध है। इसके लये तीन मास तक क सजा या जु माना से या दोन से दि डत कया
जायेगा।
5. धारा 405 - आपरा धक यास भंग जो कोई राजक य धन एवं चल चल / अचल स प त का यासी
( ट ) होते हु ये बेईमानी क नयत से उस स पि त का दु पयोग करता है या व प प रवतन
करता है तथा बेईमानी क नीयत से वयं योग करता है या बेच दे ता है या अ य यि त का
ऐसा करना सहन करता है तो वह आपरा धक यास भंग करता है। जो अमानत म खयानत का
अपराध माना जाकर तीन वष तक क कारावास या जुमाने से या दोन से दि डत कया जायेगा।
6. धारा 420 - छल करना और स पि त प रद त करने के लये बेईमानी से उ े रत करे गा तो उसे
सात साल क अव ध का कारावास और जु माने से भी दि डत कया जायेगा।

108
7. धारा 487 - जो कोई कसी ऐसे द तावेज क मू यवान तभू त क कू ट रचना करे गा, वह आजीवन
कारावास से या दस वष तक के कारावास क सजा से दि डत कया जायेगा और जु माने से भी
दि डत होगा।
8. धारा 468 - जो कोई द तावेज म फज वाड़ा करे या फज द तावेज बनाता है। छल के योजन
के उपयोग म लाता है, तो सात वष तक का कारावास और जु माने से भी द डनीय होगा।
9. धारा 147- कूट र चत द तावेज को असल के प म योग लाने पर िजसके बारे म वह यह जानता
या व वास करता है क वह कू ट र चत है, कपट पूवक है , बेईमानी से असल के प म उपयोग
मे लायेगा वह उसी कार दि डत कया जायेगा मान उसने ऐसी कूट रचना क है।

8.10 सारांश
इस इकाई के मा यम से श णा थय को यह बताने का यास कया गया है क महा मा
गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 के तहत काय म के या वयन, बोधन
एवं सु झाव तथा संशोधन हे तु रा य सरकार वारा या यव था क गयी है, एवं इनका कस कार
उपयोग संभव है। अ ध नयम के मु ख ावधान क जानकार का भी इसम समावेश कया गया है।

8.11 अ यासाथ न
1. महानरे गा अ ध नयम के चार मु य ावधान का वणन कर?
2. नरे गा प रषद के दा य व का उ लेख कर।
3. कायकार स म त म कस- कस वभाग के अ धकार गण त न ध है?
4. ाम पंचायत के दा य व का वणन कर।

8.12 संदभ थ सू ची
1. ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग, जयपुर , अ टू बर 13, 2005।
2. ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग, शासन स चवालय, जयपुर , सरपंच हे तु महा मा गाँधी
रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना नद शका वष – 2010।

109
इकाई - 9
रा य तर य मशीनर - रा य काय म सम वयक
इकाई क परे खा
9.0 उ े य
9.1 तावना
9.2 शास नक यव थाएं
9.3 रा य तर य मशीनर
9.4 मु य कायकार सं थाऐं एवं उनक भू मका
9.5 आयोजना
9.6 काय एवं उनका या वयन
9.7 मजदूर भु गतान एवं बेरोजगार भ ता
9.8 व त पोषण
9.9 सामािजक अंके ण
9.10 सू चना का अ धकार
9.11 रा य तर य सूचनाय
9.12 सारांश
9.13 अ यासाथ न
9.14 संदभ थ सूची

9.0 उ े य
इस अ ध नयम का मूल उ े य ामीण े के ऐसे येक प रवार को एक व तीय वष के
दौरान कम से कम 100 दन का गारंट शु दा रोजगार उपल ध करवाना है, िजसके वय क सद य अकु शल
शार रक म करने का तैयार ह . ता क ामीण े म रोजगार क सुर ा क ि थ त को और बेहतर
बनाया जा सके।

9.1 तावना
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 ाम पंचायत को एक
मह वपूण भू मका स पता है। योजना तगत कम से कम 50 तशत काय ाम पंचायत को करने
होते ह। रोजगार के लये पंजीकृ त आवेदक को 15 दवस म काय दे ना होता है। यह कानून ाम सभाओं
वारा योजना का नमाण एवं सामािजक अंके ण के मा यम से रोजगार गारं ट योजना को या वयन
म लोग को स य भू मका अदा करने का अवसर दे ता है। पारद शता और उ तरदा य व के त न ठा
का भाव इस कानून क मह वपूण वशेषता है। बक खात के मा यम से मजदूर का समयब भु गतान
काय थल बोड, द वार लेखन वारा सू चनाओं को दखाया जाना सभी कार क सूचना वेब आधा रत
डाटा बेस ब धन सूचना णाल (एम. आई. एस.) के ज रये जनता को उपल ध करवाया जाना। सभी

110
तर पर शकायत दूर करने क यव था है। नरे गा योजना के तहत ह रत राज थान क म माननीय
मु य मं ी जी क पहल पर बनायी गयी है। सघन वृ ारोपण के इस काय म से रा य म अ धका धक
वृ लगाने एवं उनके संर ण का माग श त हु आ है।

9.2 शास नक यव थाएं


क म के या वयन हे तु ामीण वकास एवं पंचायतीराज वभाग, राज थान, सरकार,
शास नक वभाग होगा। क म के लये रा य तर पर मुख शासन स चव, ामीण वकास एवं काय
म सम वयक (State Programme Co-ordinator) होगा। िजला तर पर क म के या वयन
के लए िजला कल टर, िजला काय म सम वयक (District Programme Co-ordinator) ह ग
जो क िजला तर पर इस योजना के या वयन के लए पूण प से उ तरदायी ह ग। पंचायत स म त
तर पर क म के या वयन के लये काय म अ धकार (Programme Officer) ह ग। पंचायत
समत े म क म के या वयन एवं सम वय क संपण
ू जानकार काय म अ धकार क होगी।
रा य तर, िजला तर, पंचायत स म त तर एवं ाम पंचायत तर पर क म के भावी
या वयन एवं बोधन के लये आव यक अ धकार कमचा रय क यव था क जायेगी।

महानरे गा काय म चार सार

111
9.3 रा य तर य मशीनर

9.4 मु य कायकार सं थाऐं एवं उनक भू मका


क म के या वयन हेतु व भ न तर पर एज सयां एवं उनके दा य व न नानुसार रहगे-
(i) ाम तर पर ाम सभा, ाम म क म के अ तगत कये जाने वाले काय क अ भशंषा करे गी,
ाम पंचायत के अ धकार े म कये जाने वाले सभी काय क नगरानी करे गी एवं सामािजक
लेखा पर ण करायेगी।
(ii) ाम तर पर ाम पंचायत क क म के अंतगत न न ल खत मुख िज मेदा रयां ह गी-
(a) ाम पंचायत, पंचायत े के अ तगत हर प रवार के पा वय क का पंजीकरण एवं उ ह
जॉब काड जार करे गी।
(b) ाम पंचायत, वाड सभा क सफा रश के आधार पर क म के अ तगत अपने े म शु
क जाने वाल प रयोजनाओं क पहचान करने एंव ाम सभा के अनुमोदन उपरांत , उ ह
अनुमोदन के लये काय म अ धकार को अ े षत करने के लये िज मेदार होगी।
(c) ाम पंचायत वारा पंचायत े क एक सम वकास योजना तैयार क जावेगी। काम क
मांग पैदा करने प, क म के अ तगत कये जा सकने वाले संभा वत काय क सू ची तैयार
करे गी।
(d) ाम पंचायत रोजगार चाहने वाले आवेदक के बीच रोजगार के अवसर को आंव टत करे गी
और उ ह काय थल पर रपोट करने के लये कहे गी।
(e) क म के अ तगत, ाम पंचायत के तर पर कये जाने वाले सम त काय म से कम से
कम 50 तशत काय का या वयन ाम पंचायत वारा कया जावेगा।
(iii) पंचायत स म त तर पर काय योजना का अनुमोदन पंचायत स म त वारा कया जाकर काय
योजना को िजला प रषद को े षत कया जावेगा।

112
(iv) ाम पंचायत एवं पंचायत स म त तर पर ार भ कये गये काय का पयवे ण और नगरानी
भी पंचायत स म त वारा क जावेगी।
(अ) काय म अ धकार क मु ख िज मेदा रयां न न ल खत ह गी -
(a) अपने े क ाम पंचायत तथा पंचायत स म त एवं अ य कायकार एज सय वारा तैयार
कये गये प रयोजना ताव को समे कत करके पंचायत स म त तर य योजना तैयार करना।
(b) रोजगार के लए आवेदक का पंजीकरण एवं योजना के अ तगत रोजगार चाहने वाल को
रोजगार क उपल धता सु नि चत करने के लए सम त पयवे ण एवं सम वय का दा य व।
(c) रोजगार क मांग को यान म रखते हु ए रोजगार के अवसर का सम वय तथा बेरोजगार
भ ते का भु गतान।
(d) क म के अ तगत कायकार एज सय को रल ज करने के लये िजला काय म सम वयक
से रा श ा त करना।
(e) क म के अ तगत ा त रा श, या वयन को नमु त रा श एवं उपयोग क गयी रा श आ द
के यवि थत तर के से रकाड संधारण का दा य व।
(f) ाम पंचायत से एवं अ य कायकार एज सय वारा याि वत कये जा रहे काय क
मॉनीट रंग करना।
(g) क म के अ तगत, मक को दे य मजदूर का पूण पारद शता से भु गतान सु नि चत करना।
(h) क म क नगरानी, शकायत का नयमानुसार नपटारा और नय मत सामािजक लेखा पर ा
करना।
(i) क म के संबध
ं म पंचायत स म त क साधारण बैठक क आव यकतानुसार सहायता करना।
(j) काय म अ धकार , िजला काय म सम वयक के शास नक नयं ण म होगा एवं उनके
नदशानुसार काय का संपादन करे गा।
(k) रा य सरकार एवं िजला काय म सम वयक वारा नद शत सभी काय का न पादन करना।
(l) अ ध नयम के अ तगत अ य सम त दा य व एवं क त य का नवहन करना।
(vi) िजला तर पर िजला प रषद का मु ख काय व भ न पंचायत स म तय से ा त काय ताव
को अं तम प दे कर मंजरू दे ना तथा िजला प रषद / पंचायत स म त तर पर शु क गई
प रयोजनाओं का पयवे ण एवं नगरानी करना है।
(vii) िजला काय म सम वयक क मु ख िज मेदा रयां न न ल खत ह गी :-
(a) िजले म क म के या वयन हे तु आव यक सभी शास नक एवं अ य वीकृ तयां जहां
आव यक हो, जार करना।
(b) िजले म काय म अ धका रय एवं या वयन ऐजेि सय के साथ सम वय कर रोजगार हे तु
आवे दत मक को, अ ध नयम के ावधान के अनुसार रोजगार उपल ध कराना सु नि चत
कराना।
(c) काय क ग त क समी ा, बोधन एवं पयवे ण नय मत प से करना।
(d) ग तरत काय का साम यक नर ण करना।
(e) ा त शकायत / प रवेदनाओं का समाधान करना।

113
(f) येक आगामी व तीय वष के लये माह दस बर म लेबर बजट तैयार करना, िजसम िजले
म संभा वत अकुशल म रोजगार क मांग एवं योजना के अंतगत अनुमत काय पर मक
को लगाये जाने क योजना, िजला प रषद के अनुमोदन हेतु तु त करना।
(g) िजला काय म सम वय, िजला तर पर क म के न पादन के लए िज मेदार होगा एवं
िजला प रषद को उसके काय के न पादन म सहयोग करे गा।
(h) िजला काय म सम वयक ाम पंचायत के अ त र त संबं धत राजक य वभाग वयंसेवी
सं थाएं, वयं सहायता समू ह आ द का क म के या वयन के लए कायकार एज सय
के प म चयन कर सकेगा।
(i) रा य सरकार वारा समय-समय पर जार दशा नदश क पालना करना।
(j) अ ध नयम के अंतगत अ य सम त क त य एवं दा य व क पालना करना।
(viii) अ ध नयम क धारा 12 (1) के अंतगत रा य प रषद का गठन कया जावेगा।
(ix) रा य प रषद वारा मु ख प से न न ल खत काय स पा दत कये जावगे :-
(a) क म एवं इसके या वयन के संबध
ं म सु झाव दे ना।
(b) क म के अ तगत कराये जाने वाले काय क ाथ मकता का नधारण।
(c) मॉनीट रंग एवं रहसल मैके न म क समय-समय पर समी ा एवं सुधार हे तु सु झाव।
(d) अ ध नयम के ावधान एवं क म के संबध
ं म नीचे तर तक जानकार दे ना।
(e) अ ध नयम के ावधान एवं क म के या वयन क रा य तर पर मॉनीट रंग एंव के य
रोजगार गारं ट प रषद के साथ सम वय।
(f) अ ध नयम क अनुसूची 1 के ख ड व (ix) के संदभ म, क म के अ तगत अ य नये काय
को जोड़े जाने का अनुमोदन कर अपनी अ भशंषा के साथ भारत सरकार को े षत करना।
(g) राज थान ामीण रोजगार गारं ट क म क वा षक रपोट तैयार कर रा य वधान सभा म
तु त करना।
(h) योजना का रा य म या वयन तथा रा य क ामीण अथ यव था के संबध
ं म सूचना
एक त कराने एवं मॉनीट रंग कराने का अ धकार।
(i) अ य काय जो रा य ामीण रोजगार गारं ट प रषद एवं रा य सरकार वारा नधा रत कये
जाव।
(j) अ ध नयम के अ तगत अ य सम त काय एवं दा य व का नवहन करना।
(x) रा य प रषद को उसके काय के संपादन म सहायता दे ने हे तु एक कायकार स म त का गठन।

9.5 आयोजना
आयोजना, रोजगार गारं ट योजना क सफलता का मु ख आधार है। गारं ट योजनाएं इस कार
से तैयार क जावेगी ता क रोजगार क मांग उ प न होने पर नधा रत 15 दवस म रोजगार उपल ध
कराया जा सक। अ ध नयम म ऐसी आयोजना या क प रक पना क गई है िजसम नधा रत समय
से पूव व भ न तर क रोजगार क मांग, आव यक संसाधन एवं रोजगार के अवसर को यान म
रखते हु ए रोजगार क मांग के अनुसार यथासमय मु हैया कराया जा सक।

114
अ ध नयम के ावधान के अनुसार रोजगार गारं ट योजना के पसपेि टव लान
(Perspective Plan) वा षक योजना (Annual Plan) एवं से फ ऑफ ोजे ट (Shelf of
Project) तथा म बजट (Labour Budget) तैयार कराया जावेगा।

9.6 काय एवं उनका या वयन


(1) क म के अ तगत न न काय को उनक वर यता के आधार पर कायाि वत कराया जा सकेगा
:-
(a) जल संर ण एवं जल सं हण।
(b) सू खे को रोकने के काय, िजसम वन वकास एवं वृ ारोपण काय सि म लत है।
(c) संचाई नहर (िजसम माईनर एवं माई ो संचाई के काय सि म लत है)
(d) अनुसू चत जा त एवं अनुसू चत जनजा त के प रवार के भू- वा मय क भू म अथवा भू म
सु धार के लाभा थय क भू म के लए अथवा इि दरा आवास योजना तगत लाभा थय क भू म
के लये संचाई सु वधाओं के काय।
(e) पर परागत जल ोत का जीण ार / नवीनीकरण िजसम तालाब से गाद ( म ी) नकालने
का काय सि म लत है।
(f) भू म वकास काय।
(g) बाढ़ नयं ण एवं बाढ़ बचाव काय मय जल अव े म जल नकासी काय सि म लत
है।
(h) बारह मासी सड़क का नमाण। सड़क नमाण के काय म कलवट का नमाण भी सि म लत
होगा। ाम के म य सड़क काय (नाल नमाण स हत) भी इसम सि म लत होगा।
(i) अ य कोई काय िज ह के य सरकार, रा य सरकार के परामश से अ धसू चत कर।
(2) े क आव यकता एवं मह व को ि टगत रखते हु ए उपरो त के अ त र त अ य काय के ताव
िजल से ा त कर रा य सरकार व रा य प रषद के अनुमोदन उपरांत भारत सरकार को अ धसू चत
करने के लये े षत कये जाय गे।
(3) क म के अ तगत सृिजत प रस पि तय के रख-रखाव पर होने वाला यय इस क म के अ तगत
अनुमत होगा। साथ ह अ य योजनाओं म कराये गये काय , जो उपरो त उपख ड- (1) म व णत
काय क सूची म सि म लत है के अंतगत सृिजत स पि तय के रख-रखाव पर होने वाला यय
भी इस क म के अ तगत कया जा सकेगा।
(4) क म के अ तगत सृिजत कराये जाने वाले काय म म एवं साम ी का मश: 60:40 का अनुपात
रहे गा। यह अनुपात जहां तक संभव हो सभी तर यथा ाम पंचायत पंचायत स म त / िजला तर
पर सु नि चत कया जाये। बडी प रयोजनाओं म यह अनुपात िजला तर पर सु नि चत कया
जाव। कु शल एवं अ कुशल मक पर होने वाला यय साम ी भाग म माना जावेगा।
(5) क म के अ तगत गैर अनुमत काय पर यय रा श भारत सरकार वारा कसी भी ि थ त म वहन
नह ं क जावेगी। यह सु नि चत कया जावेगा क केवल अनुमत काय जो भावी योजना एवं वा षक
काय योजना म सि म लत ह का या वयन ह कया जावे।

115
(6) एक कृ त से स बि धत सम त काय को एक ेणी म सि म लत करते हु ए एक काय माना
जावेगा, जैस-े कसी ाम पंचायत े म जल संर ण एवं जल सं हण से स बि धत सम त काय ,
इस काय के अ तगत सि म लत करते हु ए एक काय माना जावेगा।
(7) क म के अ तगत वीकृ त येक काय को एक अलग वशेष (Unique) न बर दया जायेगा,
ता क काय क अलग पहचान हो तथा दोहरापन न हो।
(8) व भ न कार के नमाण काय के मॉडल डजाइन, लागू ामीण काय नद शका म व णत अनुसार
एवं िजला दर नधारण स म त वारा अनुमो दत दर के अनुसार काय के अनुमान तैयार कर काय
संपा दत कराये जावगे। िजन काय के मॉडल डजाइन नह ं दये गये है। ऐसे काय के मॉडल डजाइन
एवं काय क इकाई लागत अनुमान िजला दर नधारण स म त से मो दत कराई जाकर काय संपा दत
कराये जा सकगे'। अनुमान तैयार कर काय संपा दत कराये जावगे। िजन काय के मॉडल डजाइन
नह ं दये गये है ऐसे काय के मॉडल डजाइन एवं काय क एकाई लागत अनुमान िजला दर नधारण
सी मत से अनुमो दत कराई जाकर काय संपा दत कराये जा सकग।

काय थल पर कायरत मक

महानरे गा रोजगार क आशा

116
नरे गा के तहत न मत जल सं हण काय

नरे गा काय थल पर कायरत मक


काय का स पादन -
(1) िजला काय म सम वयक वारा जार शास नक एवं व तीय वीकृ त के अनुसरण म संबं धत
पंचायत स म त के काय म अ धकार वारा काय ारंभ करने क वीकृ त पृथक से जार क

117
जावेगी। इस वीकृ त के उपरा त ह संबं धत कायकार एजसी को इस काय के पेटे म टररोल
काय म अ धकार वारा जार कया जावेगा।
(2) काय म अ धकार वारा कसी भी नये काय को ार भ करने क वीकृ त जार करने से पूव.
अ ध नयम के ावधान अनुसार क म के अ तगत चालू काय पर मक को समायोिजत करने
क संभावना नह ं होने व यूनतम आव यक मक क सं या क उपल धता सु नि चत करने
के उपरांत ह नवीन काय ार भ करने क वीकृ त जार क जावेगी।
(3) अ ध नयम के - ावधान के अनुसार. ाम पंचायत े म कराये जाने वाले काय क संपण
ू लागत
के कम से कम 50 तशत लागत के काय ाम पंचायत वारा स पा दत कराये जावगे।
(4) अ य कायकार एजि सयां म पंचायत स म त, िजला प रषद, अ य राजक य वभाग. सहकार
स म तयां, अ छे रकाड वाल वयं सेवी सं थाएं, वयं सहायता समू ह आ द भी हो सकगे।
(5) अ य ऐजेि सय का चयन िजला काय म सम वयक वारा उनके पास उपल ध तकनीक द ता,
एजसी क साख एवं लाभाि वत के हत को ि टगत रखते हु ए कया जायेगा। अ य कायकार
ऐजेि सय का एक पैनल तैयार कया जायेगा।, िजसका उपयोग वक प के प म आव यक होने
पर कया जा सकेगा। कायकार ऐजेि सय का उ लेख वा षक काय योजना म भी करना होगा।
(6) य द कोई ाम पंचायत क ह ं कारण से आवं टत काय व 5 दवस के भीतर ार भ करने मे
असमथ रहती है तो इस ि थ त का पूव आकलन कर इस आशय क सूचना स बि धत काय म
अ धकार को द जावेगी। काय म अ धकार वारा अ य कायकार एजेि सयां जो पैनल म उपल ध
ह म से कसी एक कायकार एजे सी को ऐसे ाम पंचायत म काय याि वत करने के लए
कायकार ऐजे सी के प मे काय करने हे तु नद शत कया जा सकेगा।
(7) क म के या वयन म ठे केदार था तबि धत रहे गी।
(8) काय क संरचना क सु र ा तथा गुणव ता मापद ड को सु नि चत करते हु ए मानव म के थान
पर काय करने वाल मशीन (Labour Displacing Machine) का योग तबि धत रहे गा।
(9) म टररोल पा क रखे जाव गे, िजसम सा ता हक अवकाश गु वार को होगा।

9.7 मजदूर भु गतान एवं बेरोजगार भ ता


म टररोल भु गतान -
(1) मक को मजदूर का भु गतान नधा रत टॉ क अनुसार दै नक प से आवं टत काय के लए
पेटे उनके वारा संपा दत काय क मा ा के आधार पर दे य होगा।
(2) पु ष एवं म हला मक को एक समान मजदूर का भु गतान कया जावेगा।
(3) मजदूर का भु गतान 15 दवस क अव ध म सु नि चत कया जावेगा।
(4) टॉ क आधा रत मजदूर के भु गतान का आधार एवं दर काय थल पर द शत क जायेगी।
(5) क म के अ तगत मजदूर बक खाते के मा यम से द जावेगी पर तु फलहाल कुछ िजल म
''रा य काम के बदले अनाज काय म (NFFWP) व संपण
ू ामीण रोजगार योजना (SGRY)
इस क म मे सि म लत होने क ाि जट अव ध म आ शक मजदूर गेहू ँ के प म द जा सकेगी।

118
(6) मजदूर के भु गतान मे पूर पारद शता बरती जायेगी। नकद मजदूर तथा बेरोजगार भ ते क
भु गतान पहले से घो षत तार ख पर स बि धत यि त को सीधे और समु दाय के वतं यि तय
क उपि थ त म कया जाय।
(7) य द आवेदक को उसके आवास के 5 क.मी. के दायरे के बाहर रोजगार मु हैया कराया जाता है
तो उसे प रवहन और नवाह यय के लये 10 तशत अ त र त मजदूर द जायेगी।
(8) पु ष एवं म हलाओं वारा टॉ क के आधार पर वषवार, एवं िजलेवार अिजत औसत मजदूर क
सू चना रा य प रषद को द जावेगी।
(9) मक क सहम त एवं उनक इ छा पर उनके क याण हे तु सामािजक सुर ा क योजनाएं यथा
वा य बीमा. दुघटना , बीमा उ तरजीवी (survivors) एवं मातृ व लाभ आ द के लये मजदूर
के एक भाग का अंशदान कया जा सकता है। यह यव था पूण प से पारदश एवं जवाबदे ह
हो। इसक या पृथक से नधा रत क जा सकेगी।
(10) काय का या वयन ाम पंचायत वारा करवाये जाने पर मजदूर का भु गतान ाम पंचायत
वारा कया जावेगा। य द काय का या वयन अ य कायकार एजे सी / सं था वारा कया जाता
है तो ऐसे संपा दत काय का भु गतान संबं धत कायकार एजे सी वारा उपरो त नधा रत या
के अनुसार सु नि चत करना होगा, िजसक सूचना संबं धत ाम पंचायत एवं काय म अ धकार
को दे नी होगी तथा भु गतानशु दा म टररोल क काँपी तु त करनी होगी।
बेरोजगार भ ता -
(1) य द कसी पा आवेदक को काम क मांग कये जाने अथवा उस तार ख से िजससे वह काम क
मांग करता है, जो भी बाद म हो, 15 दवस के भीतर रोजगार नह ं दया जाता है उसे बेरोजगार
भ ता दया जायेगा।
(2) बेरोजगार भ ते क दर, अ ध नयम क धारा 7(2) के अ तगत रा य सरकार वारा रा य प रषद
के सलाह से समय-समय पर अ धसू चत क जावेगी। पर तु बेरोजगार भ ते क रा श व तीय
वष म थम 30 दवस हे तु यूनतम मजदूर दर के एक चौथाई से कम नह ं होगी।
(3) य द कसी आवेदक को रोजगार नह ं दया जाता है तो उसे उतनी अव ध के लये बेरोजगार भ ता
मलेगा, िजतनी अव ध के लये आवेदक के प रवार ने मजदूर और बेरोजगार भ ता अिजत नह ं
कया है जो व तीय वष के दौरान अ धकतम 100 दन के काय क मजदूर के बराबर हो सकता
है।
(4) रोजगार उपल ध नह कराये जाने क ि थ त म संबं धत को बेरोजगार भ ते का भु गतान सु नि चत
करने का दा य व काय म अ धकार का होगा।
(5) रा य सरकार का बेरोजगार भ ते के भु गतान का दा य व न न ि थ तय म समा त हो जायेगा:-
(i) ाम पंचायत अथवा काय म अ धकार वारा आवेदक को काय पर वयं के उपि थत होने
अथवा अपने प रवार के कसी एक सद य को उपि थत होने के नदश दये जाने पर, अथवा
(ii) समयाव ध िजसके लए काय क मांग क गई है, के समा त होने तथा प रवार के कसी सद य
के काय पर उपि थत नह ं होने पर, अथवा

119
(iii) आवेदक के वय क सद य वारा व तीय वष म कम से कम 100 दवस का काय ा त
कर लये जाने पर अथवा
(iv) य द प रवार के आवेदक वारा मजदूर एवं बेरोजगार भ ते दोन को मलाकर व तीय वष
म 100 दवस क मजदूर के बराबर भु गतान ा त कर लया गया है।

(6) आवेदक जो
(i) अपने प रवार के सद य वारा क म के अ तगत रोजगार को वीकार नह ं करता है. अथवा
(ii) काय म अ धकार या कायकार ऐजे सी वारा काय पर उपि थत होने हे तु अ धसू चत करने
के व 5 दवस म काय पर उपि थत नह होता है, अथवा
(iii) स बि धत कायकार ऐजे सी से बना अनुम त के एक स ताह से अ धक अव ध के लये काय
से नर तर अनुपि थत रहता है अथवा कसी माह म एक स ताह से अ धक अव ध के लये
काय से नर तर अनुपि थत रहता है अथवा कसी माह म एक स ताह से अ धक अव ध के
लये अनुपि थत रहता है , पर तीन माह क अव ध के लये बेरोजगार भ ते के लये पा
नह होगा, पर तु कसी क म के अ तगत कसी भी समय रोजगार ा त करने का पा होगा।

9.8 व त पोषण
न धय का उपयोग एवं ा धकृ त अ धकार
(1) क म के अ तगत िजला तर. पंचायत स म त तर एवं ाम पंचायत तर पर ा धकृ त अ धकार
होग :-
(a) िजला एवं पंचायत स म त तर पर बक खात का संचालन, रा य सरकार वारा इस बाबत
अ धकृ त अ धका रय के संयु त ह ता र से कया जावेगा।
(b) ाम पंचायत तर पर बक खाते का संचालन संबं धत ाम पंचायत के सरपंच एवं ाम स चव
/ ाम सेवक के संयु त ह ता र से कया जावे गा।
व तीय मापद ड
(1) अकुशल मजदूर के लये 60 तशत एवं काय के साम ी घटक (िजसम अ कु शल एवं कु शल
मक क मजदूर शा मल है ) के लये 40 तशत न धय का उपयोग कया जायेगा।
(2) के सरकार एवं रा य सरकार वारा इस क म के अ तगत न न ल खत मद हे तु रा श उपल ध
करवाई जावेगी :
A के सरकार वारा :-
(i) अकुशल शार रक मक के लये मजदूर पर होने वाला स पूण यय।
(ii) योजना क साम ी लागत पर होने वाले यय का तीन चौथाई तक ह सा, िजसम प रयोजनाओं
के न पादन के लये कु शल और अ कुशल मक का मजदूर भु गतान शा मल है।
(iii) काय म अ धका रय एवं उनके सहयोगी टॉफ पर होने वाला यय।
B रा य सरकार वारा :-

120
(i) योजना क साम ी लागत का 174 ह सा, िजसम प रयोजनाओं के काया वयन के लये कुशल
और अ कु शल मक को मजदूर का भु गतान शा मल है।
(ii) योजना के अंतगत बेरोजगार भ ता, य द कोई हो, पर आने वाल लागत।
(iii) रा य प रषद पर होने वाला शास नक यय।
कम क न धय का ब धन :-
(i) क म के अ तगत भारत सरकार वारा न धय का वाह, के सरकार के संबं धत िजल
के रवाि वंग फ ड म, िजला से संबं धत पंचायत स म तय के रवाि वंग फ ड म, पंचायत
स म तय से संबं धत ाम पंचायत / कायकार सं थाओं के खात म थाना त रत कया
जावेगा। रा य सरकार वारा रा य तर. िजला तर. पंचायत स म त तर एवं ाम पंचायत
तर पर बैक खाते खोले जाकर रवाि वंग फ ड था पत कये जायगे।
(ii) रवाि वंग फ ड क उ त यव था के तहत ाम पंचायत क वीकृ त रा श का 60 तशत
यय करने के उपरा त काय म अ धकार को रा श क मांग भेजी जाकर रा श ा त क
जावेगी। पंचायत स म त तर पर रवाि वंग फ ड म उपल ध रा श का 60 तशत रा श
यय होने के उपरा त िजला काय म सम वयक को मांग े षत कर रा श ा त क जावेगी।
िजला तर पर रवाि वंग म उपल ध रा श का 60 तशत यय हो जाने पर आगामी क त
के लये ताव रा य सरकार को भेजे जावगे। रा य सरकार वारा ताव का पर ण कर
उपयो गता माण प एवं अ य आव यक द तावेज के साथ क त जार करने के लये भारत
सरकार को ताव े षत कये जायग।

9.9 सामािजक अंके ण


येक याि वत कये जाने वाले काय के स पादन, पयवे ण, ग त तथा गुणव ता का
आकलन करने के लये येक ाम तर पर एक स म त का गठन कया जायेगा। स म त का काय े
स पा दत कये जाने वाले काय थल से संबं धत ाम होगा। ाम सभा के येक -ै मास क बैठक
म रोजगार क मांग, पंजीयन, जॉव काड, काय पर कायरत लोग क सूची अथवा ऐसे लोग क सूची
िज ह रोजगार ा त नह ं हु आ है कये गये भु गतान क रा श अकु शल मानव म पर कये गये भु गतान,
काय पूण करने म लगा समय, कु शल मक साम ी सृिजत मानव दवस, सतकता एवं मू यांकन
स म त क रपोट, म टररोल क तयां के सम अवलोकनाथ तु त क जावेगी। म टररोल पर दशाये
गये मक , भु गतान क रा श, काय दवस, अकाय दवस के संबध
ं म ाम सभा के सम पढ़कर
सु नाया जाना अ नवाय होगा।

9.10 सू चना का अ धकार


सू चना के अ धकार के संबध
ं म अ ध नयम के ावधान एवं रा य सरकार वारा जार नदश
के अनुसार येक तर पर आवेदक को क म के स ब ध म जानकार उपल ध कराई जावेगी।

9.11 रा य तर य सू चनाएं
नरे गा योजना का या वयन -

121
राज थान रा य के 32 िजल म इस योजना का या वयन 3 चरण म कया गया है जो
न नानुसार है –

चरणवार िजल का नाम


.स. थम चरण वतीय चरण तृ तए चरण
1 बांसवाड़ा टक दौसा
2 डू ग
ं रपुर सवाईमाधोपुर राजसम द
3 झालवाड च तौडगढ़ अलवर
4 करौल बाडमेर बांरा
5 सरोह जालौर नागौर
6 उदयपुर जैसलमेर धौलपुर
7 बू द
8 भरतपुर
9 हनुमानगढ
10 भीलवाडा
11 झु ंनझु ंनू
12 सीकर
13 पाल
14 गंगानगर
15 चू
16 जौधपुर
17 बीकानेर
18 अजमेर
19 जयपुर
20 कोटा
रा य क गत
वष िजल क यय सृिजत मानव 100 दवस पूण ार भ पूण
सं या (करोड़ ) दवस (लाख म) करने वाले प रवार काय काय
क सं या (लाख म)
2005-06 6 2227 42.20 - 1685 2

2006-07 6 693.06 998.87 6.36 21767 8771


2007-08 12 1511.85 1678.38 9.11 10302 34028
6
2008-09 32 6175.55 4829.38 25.94 24177 10589
8 5
2009-10 33 5666.64 4498.09 17.63 20241 92221

122
1
वष 2009-10 म 31.03.10 तक रा य क गत
मानव दवस सृजन
कुल 4498.09 लाख
अनुसू चत जा त 1193.52 लाख (27 तशत)
अनुसू चत 1011.87 लाख (22 तशत)
म हला 3009.31 लाख (67 तशत)
नयोिजत प रवार को दये गये ओसत रोजगार दवस 69 दवस
कुल यय 5666.64 करोड़
औसत म दर पये 877- त दवस
रा य म कुल ामीण प रवार (प रवार गढ़ना आधार - 92.93 लाख
बीपीएल से सस 2002)
नरे गा म पंजीकृ त एंव जॉब काड धार प रवार 89.28 लाख (96 तशत)
रोजगार उपल ध करवाये गये प रवार क सं या 65.277 लाख (पंजीकृ त प रवार का 73
तशत)
100 दवस पूण करने वाले प रवार क सं या 17.63 लाख

रा य क तुलना मक ग त रा य पर य के साथ
मापद ड रा य औसत रा य का औसत रा य औसत से
तु लना
त िजला यय 6256 करोड़ 171.72 करोड़ 27 गुणा अ धक
सृिजत मानव दवस त िजला 45.99 लाख 136.31 लाख 3.0 गुणा अ धक
प रवार वारा रोजगार क मांग त िजला 85891 197645 23 गुणा अ धक
त प रवार को रोजगार उपल ध कराये 54 दन 69 दन 1.3 गुणा अ धक
गये दन क सं या
100 दवस पूण करने वाले प रवार का उपल ध नह ं 27 तशत
तशत
अनुसू चत जा त 31 तशत 27 तशत
अनुसू चत जनजा त 21 तशत 22 तशत 1.3 गुणा अ धक
म हलाऐं 49 तशत 67 तशत
नवाचार
जन अभाव अ भयोग, शकायत के नवारण एवं सामािजक अंके ण हे तु नये नयम का ा प
काशन।
म टररोल जार करने एवं पखवाड़े क माह अ ेल, 2010 से नई यव था।
लघु शाि त आरो पत करने क शि तय को िजला कल टर एवं मु य कायकार अ धका रय को
दये जाने हे तु पंचायती राज अ ध नयम, 1994 म संशोधन ता वत।
123
योजना से संबं धत अ धका रय के व तीन वेतन वृ रोकने क िजला कल टर को शि तयां।
ाम पंचायत तर पर पाँच सद यीय नरे गा थाई स म त का गठन।

9.12 सारांश
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 म कायकार सं थाओं को
मह वपूण भू मका स पी गई है। कायकार सं थाओं का मुख काय उन गर ब ामीण पर यान दे ना
है, िज ह रोजगार क स त ज रत है। यह अ ध नयम आवेदक को काम क मांग का अ धकार दे ता
है एवं काम कये जाने के 15 दन के भीतर मजदूर का भु गतान कया जाना आव यक है। पारद शता
इस अ ध नयम क दूसर सबसे मह वपूण वशेष ता है। सभी सूचनाओं को वैि छक प से जार करे ।
साम ी के भु गतान म रा य सरकार के नदश का समु चत पालन कर ता क या वयन एजे सी के
तर पर कोई खामी नह ं रहे ।
ाम सभा को नरे गा अ ध नयम के तहत 6 माह म यूनतम एक बार काय का सामािजक
अंके ण करने का अ धकार भी है। इस सामािजक दा य व एवं कानूनी िज मेदार को नवहन सु नि चत
कया जाना आव यक है।
पंचायत तर पर योजना बनाने म अ धका धक सावधानी बरती जाकर अनुमत काय म ऐसे
काय को शा मल कर, िजससे ऐसी थाई प रस पि तय के नमाण के साथ जल संर ण वृ ारोपण
एवं चारागाह का वकास हो ता क पंचायत के नवा सय के लये आजी वका के थाई साधन वक सत
हो सके।

9.13 अ यासाथ न
1. क ह ं चार अनुमत काय का वणन करो।
2. रा य काय म सम वयक क भू मका का उ लेख कर।
3. बेरोजगार भ ता दे ने के या नयम है?

9.14 संदभ थ सू ची
1. ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग. जयपुर , अ टू बर 13, 2005।
2. ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग, शासन स चवाल, जयपुर , गाँधी रा य ामीण रोजगार
गारं ट योजना नद शका वष - 2010।

124
इकाई - 10
िजला तर य मशीनर : िजला काय म सम वयक
इकाई क परे खा
10.0 उ े य
10.1 तावना
10.2 िजला तर य शास नक यव था
10.3 िजला काय म सम वयक क भू मका एवं उ तरदा य व
10.4 अ धका रय के नर ण मापद ड
10.5 नर ण माप प
10.6 िजला तर य दा य व एवं िज मेदा रयां
10.7 सारांश
10.8 अ यासाथ न
10.9 संदभ थ सूची

10.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पायगे
 नरे गा के या वयन क िजला तर य मशीनर के बारे म।
 िजला काय म सम वयक क भू मका एवं दा य व के बारे म।
 िजला तर पर नर ण क यव था के बारे म।
 िजला तर पर दा य व एवं िज मेदा रय के बारे म।

10.1 तावना
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम 2005 के तहत काय म के सुचा
या वयन के लये रा य, रा य, िजला, पंचायत स म त, तथा ाम पंचायत तर पर काय म के
बोधन, नर ण, पयवे ण एवं या वयन के लये मशीनर था पत क गयी है। िजला तर य
मशीनर के मु ख िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक है जो क योजना के अनु प िजला
तर पर काय म के या वयन के लये उ तरदायी है।
महानरे गा काय म का मु य उ े य ामीण यि तय को एक व तीय वष म 100 दवस
क गार ट शु दा रोजगार उपल ध कराना ह नह ं है अ पतृ ऐसी प रस पि तय का नमाण भी करवाना
है िजससे ामीण आव यकताय पूण होती हो तथा आजी वका के साधन म वृ ह । काय म के सफल
या वयन के लये सरकार वारा येक तर पर बोधन एवं या वयन के लये था पत मशीनर
के मु ख िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक है, तथा िजला तर य शास नक यव था
न न कार है।

125
10.2 िजला तर य शास नक यव था
क म के या वयन हे तु ामीण वकास एवं पंचायतीराज वभाग. राज थान सरकार
शास नक वभाग है।
क म के लये रा य तर पर मुख शासन स चव, ामीण वकास एवं पंचायतीराज रा य
काय म सम वयक (State Programme Co-ordinator) होगा।
िजला तर पर क म के या वयन के लए िजला कल टर, िजला काय म सम वयक
(District Programme Co-ordinate) ह ग जो क िजला तर पर इस योजना के या वयन
के लए पूण प से उ तरदायी ह ग।
पंचायत स म त तर पर क म के या वयन के लये काय म अ धकार (Programme
Officer) ह ग। पंचायत स म त े म क म के या वयन एवं सम वय क संपण
ू िज मेदार
काय म अ धकार क होगी।
रा य तर, िजला तर, पंचायत स म त तर एवं ाम पंचायत तर पर क म के भावी
या वयन एवं बोधन के लये आव यक अ धकार / मचार क यव था क जायेगी।

िजला तर य दशनी एवं चार सार

126
िजला तर य दशनी एंव चार सार

10.3 िजला काय म सम वयक क भू मका एवं उ तरदा य व


1. िजले म क म के या वयन हे तु आव यक सभी शास नक एवं अ य वीकृ तयां जहां आव यक
ह , जार करना।

127
2. िजले म काय म अ धका रय एवं या वयन एज सय के साथ सम वय कर रोजगार हे तु आवे दत
मक को, अ ध नयम के ावधान के अनुसार रोजगार उपल ध कराना सु नि चत करना।
3. काय क ग त क समी ा, बोधन एवं पयवे ण नय मत प से करना।
4. ग तरत काय का साम यक नर ण करना।
5. ा त शकायत /प रवेदनाओं का समाधान करना।
6. येक आगामी व तीय वष के लए माह दस बर म लेबर बजट तैयार करना, िजसम िजले म
संभा वत अकु शल म रोजगार क मांग एवं योजना के अंतगत काय पर मक को लगाये जाने
क योजना, िजला प रषद के अनुमोदन हे तु तुत करना।
7. िजला काय म सम वयक, िजला तर पर क म के न पादन के लए िज मेदार होगा एवं िजला
प रषद को उसके काय के न पादन म सहयोग करे गा।
8. िजला काय म सम वयक ाम पंचायत के अ त र त संबं धत राजक य वभाग, वयंसेवी
सं थाएं, वयं सहायता समूह आ द का क म के या वयन के लए कायकार एज सस के प
म चयन कर सकेगा।
9. रा य सरकार वारा समय-समय, पर जार दशा- नदश क पालना करना।
10. अ ध नयम के अंतगत अ य सम त क त य एवं दा य व क पालना करना।

10.4 अ धका रय के नर ण मापद ड


. नाम अ धकार माह म कया जाने नर ण रपोट जहां वशेष ववरण
सं वाले यूनतम तु त क जानी हे
नर ण क सं या
1 िजला कल टर 10 काय(एक मु ख शासन स चव त तमाह म एक बार
एंव िजला पंचायत स म त म ा. व.एंव एक पंचायत समत
काय म अ धकतम 3 काय) पंचा.राज. वभाग कायालय का नर ण भी
सम वयक कया जावे।
2 मु य 12 काय (एक मु ख शासन स चव त तमाह म एक बार
कायकार पंचायत स म त म ा. व.एंव पंचा. राज. एक पंचायत समत
अ धकार अ धकतम 4 काय) वभाग कायालय का नर ण एंव
एंव तलप िजला येक माह दो ाम
कल टर को भी द जाय। पंचायत कायालय का भी
नर ण कया जावे।

3 अतर त 15 काय (एक मु ख शासन स चव त दो माह म एक बार


िजला काय म पंचायत स म त म ा. व.एंव पंचा. राज. काय म
सम वयक अ धकतम 4 काय) वभाग अ धकार कायालय का
एंव तलप िजला नर ण एवं येक माह

128
कल टर को भी द जाय। 3 पंचायत स म तय क 3
ाम पंचायत कायालय म
योजना के रकाड का भी
नर ण कया जाव। माह
म मु य कायकार
अ धकार वारा िजस
पंचायत समत म
नर ण कया गया है उसे
छोड़कर िजले क अ य
पं.स. का नर ण कया
जावे।

4 अतर त 15 काय (एक मु ख शासन स चव त दो माह म एक बार


मु य पंचायत स म त म ा. व.एंव पंचा. राज. काय म
कायकार अ धकतम 4 काय) वभाग अ धकार कायालय का
अ धकार एंव तलप िजला नर ण एवं येक माह
कल टर को भी द जाय। 3 पंचायत स म तय क 3
ाम पंचायत कायालय म
योजना के रकाड का भी
नर ण कया जाव। माह
म मु य कायकार
अ धकार वारा िजस
पंचायत समत म
नर ण कया गया है उसे
छोड़कर िजले क अ य
पं.स. का नर ण कया
जावे।

5 उपख ड 15 काय (एक िजला काय म येक माह एक ाम


अ धकार पंचायत स म त म सम वयक,ईजीएस। पंचायत कायालय म नरे गा
( लॉक अ धकतम 4 काय) त ल प अ त. िजला क सम त वक फाइल,
का डनेटर) काय म सम वयक, साम ी य, नरे गा रोकड़
ईजीएस को सू चनाथ बह , सू चना दशन,
रवोि वंग फ ड एंव
व तीय अनुशासन , नरे गा
काय के असेट कम

129
कमुले टव ए सपे डीचर
रिज टर का पा क
अपडेशन एवं पंचायत
कायालय के नय मत
खु लने सबसी ब दुओं
स हत व तृत नर ण
कया जावे। येक
तमाह म एक बार
काय म अ धकार ,
ईजीएस के कायालय का
उ त ब दुओं पर नर ण
कया जावे।

6 प रयोजना माह म एक पंचायत िजला कल टर को, नरे गा ऑपरे शनल गाइड


अ धकार लेखा स म त म काय म त ल प अ त. िजला लाईन 2008 के अ याय 8
अ धका रय के काय म सम वयक को के दशा नदशानुसार
कायालय म एवं एक द जावे। काय म अ धकार वारा
ाम पंचायत नध ब धन संबध
ं ी
कायालय म जाकर, सम त व तीय
नरे गा रोकड़ बह , अनुशासन, काय म

बक टे टमट, जार अ धकार , लाइन वभाग


अ म रा श के एवं मु य पो ट ऑ फस
व समायोजन को जार अ म रवोि वंग
क गत रा श लेख का मा सक
सु नि चत करना। समायोजन सु नि चत
करना। ाम पंचायत तर
पर संधा रत नरे गा
काय म के असेट कम
कमुले टव अपडेशन
सु नि चत करवाना।
.स. नाम अ धकार माह म कये जाने नर ण रपोट जहां वशेष ववरण
वाले यूनतम तु त क जानी है
नर ण क सं या
7 लेखा धकार माह म दो पंचायत मु य कायकार जीएफए डएआर,
िजला प रषद समत कायालय अ धकार को, राज थान पंचायती राज
एवं एक गम तलप अतर त नयम 1996 के

130
पंचायत म जाकर िजला काय म अ याय-11 के नयम 183
पंचायत स म त क सम वयक को भी द से 255 के अनुसार ा.प.
रोकड़ वह , एवं जाय। पंस. एवं ाम पं. एवं पं.स. के लेख का
नरे गा रोकड़ बह , के लेख के संबध
ं म सधारण, प ा वह , रसीद

बक टे टमे ट, जार नर ण क त बुक का स यापन एवं


अतर त मु य नरे गा ऑपरे शनल गाइड
अ म रा श के
कायकार अ धकार को लाईन 2008 के अ याय-8
व समायोजन
भी द जाव। के दशा नदशानुसार
क गत
सु नि चत करना। नर ण।

8 सहायक माह म दो प.स. िजला कल टर को, नरे गा ऑपरे शनल गाईड


लेखा धकार कायालय काय म तलप लाइन 2008 के अ याय 8
अ धका रय के अतर त िजला के दशा नदशानुसार
कायालय म एवं एक काय म सम वयक को काय म अ धकार वारा
ा.पं.कायालय म भी द जाये। नध ब धन संबध
ं ी
जाकर नरे गा रोकड़ सम त व तीय अनुशासन
बह , बक टे टमे ट, काय म अ धकार लाइन
जार अ म रा श के वभाग एवं मु य पो ट
व समायोजन ऑ फस को जार अ म
क गत रवोि वंग रा श लेख का
सु नि चत करना। मा सक समायोजन
सु नि चत करना, ाम
पंचायत तर पर संधा रत
नरे गा काय म के असेट
कम कु मुलेटव
ए सपे डीचर रिज टर का
पा क अपडेशन
सु नि चत करवाना।
9 वकास 15 ाम पंचायत म मु य कायकार त चार माह म एक बार
अ धकार 20 काय अ धकार को, प.स. कायालय का
तलप नर ण एवं येक माह
अ त. िजला काय म तीन ा.पं. कायालय का
सम वयक को द जावे। सामािजक सेवा व तार,
माप पुि तका इ ाज,
गुणव ता, लि बत पूणता
माणप , जॉब काड

131
स यापन, द वार पर
सूचना
दशन, नरे गा रवोि वंग
फंड एंव व तीय अनुशासन
नरे गा काय के
असेट कम कमुले टव
ए सपे डीचर रिज टर का
पा क अपडेशन एवं
पंचायत कायालय के
नय मत खु लने संबध
ं ी
ब दुओं के मददे नजर
व तृत नर ण कया
जाव।
10 काय म / 20 ाम पंचायत के िजला कल टर को येक माह 3 ाम
सहायक 30 काय त ल प अ त। िजला पंचायत कायालय म
काय म काय म सम वयक को सम त वक फाईल,
अ धकार द जावे। साम ी य, नरे गा रोकड़
बह , सूचना दशन
रवाि वंग फ ड एवं
व तीय अनुशासन नरे गा
काय के असेट कम
केमुले टव रिज टर का
पा क अपडेशन एवं
पंचायत कायालय के
नय मत खु लने संबध
ं ी
ब दुओं स हत व तृत
नर ण कया जावे।

.स. नाम अ धकार माह म कये जाने नर ण रपोट जहां वशेष ववरण
वाले यूनतम तु त क जानी है
नर ण क सं या
11 अ धशाषी कम से कम 3 िजला कल टर को येक माह 2 ाम
अ भय ता पंचायत स म त के त ल प अ त. िजला पंचायत कायालय म
ईजीएस 15 ा. प. 20 काय काय म सम वयक को सम त वक फ़ाइल,
द जावे। सामा ी य, नरे गा रोकड़

132
बह , माप पुि तका के
इ ाराज क काउं टर
चे कं ग एवं योजना के
रकाड का भी नर ण
कया जावे।
12 अ धशाषी कम से कम 3 िजला कल टर को, येक माह 2 ाम
अ भय ता, पंचायत स म त के त ल प अ त, िजला पंचायत कायालय म
(एल आर). 15 ा. पं. के 20 काय म सम वय को द नरे गा एवं ामीण वकास
काय जावे। क सम त वक फाइल,
साम ी य', माप
पुि तका के इ ाज क
'काउ टर चै कं ग एंव
योजना के रकाड का भी
नर ण कया जावे।

13 अ धशाषी कम से कम तीन पं. िजला कल टर को, येक माह 2 ाम


अ भय ता, सं. क 15 ा. प. के त ल प अ त. िजला पंचायत कायालय नरे गा
(एल आर). 20 काय काय म सम वय को द एवं ामीण वकास क
जावे। सम त य वक फाइल,
साम ी य, समा य एवं
नरे गा रोकड़ बह , माप
पुि तका एवं रकाड का
नर ण भी कया जावे।
14 िजला सम वय कम से कम दो पं. िजला कल टर को, रा य सरकार के प रप
अ भय ता, सं. म मेट के ाम तलप का वषयवार संकलन एवं
( श ण) पंचायत कल टर अ त. िजला काय म अ ययन। श ण के
मु यालय को दो सम वयक को द जावे। लए वयं लगातार काय
ाम पंचायत म थल का नर ण कर
जेट ए के साथ मेट वयं को तकनीक
श ण सु नि चत गुणव ता, माप पुि तका
करना। पठन, एमआईएस
क यूटर का ान एवं
लेखा या के संबध
ं म
अपडेट रखगे ता क
श ण का काय द ता
पूवक कया जावे।

133
15 िजला कम से कम चार िजला कल टर को, नरे गा वेबसाइट के सम त
सम वयक पं.सं. के चार तलप डोमैन
(आ.ई.ई.सी) काय क अ त. िजला काय म ( वशेषतया शकायत
सफलता क चार सम वयक को द जावे। नवारण डोमैन) म, द ता
कहा नय का वक सत कर सू चनाओं का
संकलन, इले ो नक सा ट तम
डॉ यूमटे शन ोएि टव डस लोजर
मी डया म करवाकर नरे गा के अि तम
काशन करवाना। लाभाथ क शकायत दज
करवाना व समाधान
करवाना।
16 िजला सम वय तीन पंचायत कम से कम पस से नरे गा ए ट अनुसच
ू ी – 1 के
( नगरानी) स म तय के कम से संबि धत नरे गा पेरा -13 मीन अं कत
कम 5 काय का वेबसाईट क अलट एवं या अनुसार सामािजक
नर ण अ नय मतता डोमैन का अंके ण हे तु पंचायत
पंचायत स म तवार स म तय को मता
रपोट संव न का काय करना,
तैयार कर िजला सम त अ धकार के
कल टर को उपल ध मा सक िजला कल टर एवं
करवाना। िजला काय म सम वयक
को तवेदन तु त
करना।
.स. नाम अ धकार माह म कये जाने नर ण रपोट जहां वशेष ववरण
वाले यूनतम तु त क जानी है
नर ण क सं या
17 सहायक 15 ाम पंचायत म वकास अ धकार को, येक माह 3 ाम पंचाट
अ भय ता 20 काय तलप काय म कायालय के रकाड का,
पंचायत अ धकार को द जावे काय क गुणव ता सामा ी
स म त / िजला िजला प रषद के सहायक के बल वाउचर एवं माप
प रषद अ भय ता अपना पुि तका इंदराज का
नर ण तवेदन भौ तक स यापन एवं
एडीपीसी को तु त व तीय अनुशासन को
करते हु ए तलप के ब दु रखते हु ए
काय म अ धकार को व तृत नर ण भी कया
दगे। जावे।
18 पंचायत सार 5 ाम पंचायत म वकास अ धकार को पंचायतीयराज क सम त

134
अ धकार 10 काय एवं माह म नरे गा काय के नर ण योजनाओं, ज म, मृ यु ,
3 ाम पंचाट का क त ल प काय म ववाह पंजीयन, प नाधाय
व तृत नर ण अ धकार क भी द योजना, नामांतरण, नजी
जावे।
आय, प ा वह को के
ब दु रखते हु ए।

19 लेखाकार / आवं टत ाम काय म अ धकार को, नरे गा ऑपरे शनल गाईड


कन ठ पंचायत क नरे गा तलप वकास लाइन 2008 के अ याय
लेखाकार रोकड़ बह का हर अ धकार को भी द -8 के दशा नदशानुसार
पखवाड़े म एक बार जवेगी। ाम पंचाट को उपल ध
स यापन करना। करवाए गए रवोि वंग
फ ड, अ म एवं नध
ब ध संबि धत सम त
व तीय अनुशासन एवं
लेख का मा सक
समायोजन सु नि चत
करना, ाम पंचायत तर
पर संधा रत नरे गा काय
के असेट काम कु मुले टव
ए सपे डीचर रिज टर का
पा क उपड़ेशन
सु नि चत करना।
20 जेट ए आवं टत ाम सहायक अ भय ता के वयं को आवं टत ाम
पंचायत े के त ह ता र करवाकर पंचायत के कल टर म से
सम त ग तरत काय म अ धकार को बार बार से एक पंचायत
काय का पखवाड़े के मु यालय पर येक
थम 10 दवस म गु वार को मेट को माप
ह यूनतम एक बार पुि तका एवं नरे गा काय
व तृत तकनीक पर य क गयी सामा ी
एवं शास नक एवं बल स यापन।
नर ण। येक
काय थल पुि तका
सम त प का
आ दनां करण एवं
नय मत संधारण
सु नि चत करना

135
एवं नर ण प
म नय मत अंकन
करना।
21 लेखा सहायक आवं टत ाम काय म अ धकार को नरे गा ऑपरे शनल गाइड
पंचायत क नरे गा लाईन, 2008 के अ याय
रोकड़ बह का हर -8 के दशा नदशानुसार
पखवाड़े म एक बार ाम पंचायत के उपल ध
स यापन करना करवाये गए रवोि वंग
फ ड, अ म एवं नध
ब ध संबध
ं ी सम त
व तीय अनुशासन एवं
लेख का मा सक
समायोजन सु नि चत
करना, ाम पंचाट तर प
संधा रत नरे गा काय के
असेट कम कु मुले टव
ए सपे डीचर रिज टर का
पा क अपडेशन
सु नि चत करना।

10.5 नर ण माप प
रा य ामीण रोजगार गार ट योजना िजला.......................... के तहत काय नर ण
दनांक........................ का तवेदन
1. ाम............................ ाम पंचायत ........................ पंचायत स म त.......................
2. ाम सेवक का नाम......................................................... काय हण त थ.....................
3. ाम पंचायत े म नरे गा म अब तक वीकृ त काय ....... अ ार भ काय ...... ार भ होकर
ब द पड़े काय........ एवं आ दनांक को ग तरत काय क सं या.......
4. अब तक वीकृ त यि तगत लाभ के नरे गा काय क सं या.... पूण काय क सं या...
5. पंचायत म कुल पंजीकृ त प रवार क सं या रिज टर सं या 2 के अनुसार ..................
एमआईएस के अनुसार
6. इस व तीय वष म नर ण दनांक तक ाम पंचायत वारा साम ी म यय क गई रा श
............................ है, इसम से ऑनलाईन एमआईएस म फ ड रा श .................. ह एंव
ाम पंचायत के पास असमायोिजत रा श ................................ पाई गई।
7. नर ण दनांक को पंचायत क नरे गा कैशबुक क अि तम वि ट दनांक ................ है एवं
कैशबुक शेष ................... है, बक पासबुक शेष ............................... है। पंचायत क

136
सामा य के कैशबुक दनांक.................. तक लखी पाई गई एवं कैशबुक शेष
.............................. है।
8. या य क गई साम ी के बल पंजीकृ त फम के पाये गये? हां/नह ं
9. या ाम पंचायत म प रस पि त रिज टर को अब तक कायवार यय रा श का उ लेख करते
हु ए सधा रत कया गया है? हां/नह ं
10. या ाम पंचायत म य क गई नमाण साम ी का टॉक रिज टर संधा रत कया गया है?
हां/नह ं
11. या माह के अं तम गु वार को पंचायत घर म सभी जॉब काड क जांच कर स यापन का काय
कया जाता है? हां/नह ं
12. या य क गई साम ी के बल का एमआईएस म फ ड करवा दया गया है? हां/नह ं
13. या ाम पंचायत वारा गत व तीय वष के म व साम ी यय क सूचना रा य सरकार के
दनांक 20.04.2009 वारा नधा रत प म पंचायत घर क द वार पर लखवाई गयी है? हां/नह ं
14. या ाम पंचायत क काय मेजरमट बुक नर ण कर अि तम पृ ठ पर आप वारा ह ता र
कये गये है? हां/नह ं
15. य द ाम पंचायत क काय मेजरमट बुक ाम पंचायत म उपल ध नह ं पाई गई तो या ाम
पंचायत मेजरमट बुक मू वमट रिज टर म अ भयंता के एम.बी. ाि त के दनां कत ह ता र पाये
गये? हां/नह ं
16. या ाम पंचायत कायालय नय मत प से खुलता है ? हां/नह ं
17. या ाम पंचायत क अं तम बैठक दनांक ..................... म यय के सम त बल वाउचस पर
पंचायत सद य क आपि त/अनापि त दज कर बैठक त ल प वकास अ धकार को भेजी गयी
थी? हां/नह ं
18. या काय क नमाण क गुणव ता स तोशजनक एंव काय जनोपयोगी पाया गया?हां/नह ं
19. या मेट वारा काय 5-5 के प
ु म मक नयोजन कर करवाया जा रहा है?हां/नह ं
20. या जॉब काड म मक को कये गये भु गतान का ववरण अं कत है? हां/नह ं
21. या मक को रोजगार मांग प 6 क रसीद द जाती है? हां/नह ं
22. ाम पंचायत क अि तम बैठक दनांक................ को हु ई थी, िजसम कुल..............वाड पंच
मे से..................... वाड पंच उपि थत थे।
23. नर ण कये गये काय का नाम ...................
24. कायकार एजे सी. ............................................ 15 काय ार भ होने क त थ
25. कायरत मेट .............................................. (नाम) है जो इस काय पर दनांक..................
से कायरत है।
26. मक का भु गतान माह ..................... पखवाड़ा थम/ वतीय तक हो चु का है एंव गत टा क
............. था।

137
27. त दन काय समाि त पर माप कर मक को उनक अिजत मजदूर मेट वारा बताई जाती
है? हां/नह ं
28. या मक समूह वारा टा क म छोड़ी गई कमी को मेट वारा उसी पखवाड़े म दूसरे दन पूरा
करवाया जाता है? हां/नह ं
29. या काय थल पर ठ क कार से इ ाजयु त काय थल पुि तका पाई गई?हां/नह ं
30. मौके पर पायी गई कुल ........... म टररोल क म सं या .........
31. म टररोल म अं कत मक क सं या..................
32. नर ण के समय उपि थत दखाये गये मक क सं या .....................
33. वा त वक उपि थत मक क सं या ................... 34 अ तर मक (32-33) मय
कारण..................
34. काय थल पर आव यक ड ले बोड / टा क / मे डकल कट / पानी / छाया / पालना म से उपल ध
नह ं
था................................................................................................................................
...................................................................................................................................
.................................
35. जेट ए/अ भयंता वारा अि तम नर ण क दनांक ................ ए.एन.एम क नर ण क
दनांक............
36. मु य ब दु िजन पर कायवाह अपे त है .......................................................
...................................................................................................................................
.................. .........................................................................................................
ाम पंचायत का रकाड एंव काय स तोशजनक नह ं पाये जाने पर पयवे णीय लापरवाह क ता
पदा धकार का ववरण
नाम पदनाम पद थापन त थ
ह ता र
नाम नर णक ता........................................... पदनाम........................................................
मांक: दनांक:
त ल प :- सू चनाथ एवं पालनाथ (कायकार एजे सी को एवं नर णक ता के इ म डएट सु पी रयर
अ धका रय को)
ह ता र नर णक ता

10.8 िजला तर य दा य व एवं िज मेदा रयां


काय क उपल धता
येक काय योजना एवं म बजट क या पूव वष के अनुसार 2 अ टू बर को होने वाल ाम
सभा वारा काय का चयन कया जाये।
ाम सभा के आयोजन का चार सार िजले क था के अनुसार कया जाये, िजससे अ धक से
अ धक लोग ाम सभा म भाग ले सक।

138
गांव म प पले स, पो टस, नारा लेखन एवं अ य सु वधाओं के मा यम से गांव वा सय को योजना
अ तगत अनुमत काय से अवगत कराया जावे। काय थल पर मक को ाम सभा के बारे म
अवगत करवाया जाये।
मांग के मुता बक रोजगार उपल ध करवाया जा सके, इसके लये ामवार से फ ऑफ ोजे ट तैयार
कया जाये।
काय योजना म काय अ ध नयम के अ तगत अनुमत काय क ाथ मकता के आधार पर सि म लत
कये जाये।
योजना अ तगत सृिजत प रस प तय के रख रखाव के काय योजना अ तगत करवाये जा सकते
ह। साथ ह अ य योजनाओं मे कराये गये काय जो क योजना अ तगत अनुमत काय म शा मल
है, के अ तगत सृिजत स पि तय के रख रखाव के काय भी इस योजना के अ तगत करवाये
जा सकते ह।
योजना अ तगत अनुमत यि तगत लाभा थय के काय के लये प रवार का एवं काय थल का
चयन प ट प से कया जाये।
रा य सू खे क चपेट मे है एवं माननीय मु यमं ी महोदय वारा वृ ारोपण को एक योजना के
प मे लेने का आ ह कर ह रत राज थान का नारा दया है। अत: बन वकास एवं वृ ारोपण
के काय भी वा षक काय योजना म अ धक से अ धक जोड़े जाने का यास कया जावे।
संचाई वभाग वारा पंचायती राज वभाग को ह ता त रत एवं संचाई वभाग के टक/बांध तथा
नहर क मर मत, गाद नकालना आ द के काय वा षक काय योजना म सि म लत कये जाये।
काय तकनीक ि ट से यवहा रक होना चा हये।
अ तर ाम पंचायत, अ तर पंचायत स म त के काय अ ध नयम म व णतानुसार पंचायत स म त
/ िजला तर पर काय योजना म सि म लत कये जाये।
कायकार वभाग को पूव म सू चत कर दया जावे ता क उनके वारा ताव अ ध नयम के ब दु
सं या 14(3) (ब) म व णत ावधानुसार िजला तर पर सि म लत करने हे तु े षत कये जा सक।
येक पंचायत तर पर ह म एवं साम ी का अनुपात 60:40 नयत कया जावे।
वा षक काय योजना अनुमो दत कये जाने वाल ाम सभा क वी डयो रका डग आव यक प
से क जावे एवं ाम सभा क कायवाह ववरण का इ ाज वा षक काय योजना म कया जावे।
भारत सरकार वारा दये गये न न समयब काय म के अनुसार 2 अ टू बर तक ाम सभा
वारा काय का चयन एवं 15 अ टू बर तक ाम पंचायत वारा ाम सभा क सफा रश के अनुसार
वा षक काय योजना तैयार कर काय म अ धकार को तुत कर द जाये।
सामािजक अंके ण
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम क धारा 17 एवं अनुसच
ू ी 1 के पैरा
13 मे हर 6 माह म यूनतम एक बार सामािजक अंके ण का कानूनी उ तरदा य व ाम सभा का
नधा रत कया गया है। अत: सामािजक अंके ण ाम पंचायत क वैधा नक अ नवायता है। सामािजक
अंके ण जन नर ण क एक सतत ् या है। यह सूचना के वैि छक घोषणा का एक भावकार
मा यम है। सामािजक अंके ण वारा नरे गा के या वयन के सभी चरण क जांच क जाती है।
सामािजक अंके ण सबको साथ लेकर चलने क सफल सामू हक या है। इससे न केवल वकास

139
काय म भागीदार बढ़ती है बि क यह टाचार को समा त करने एवं लोकतं को मजबूत बनाने का
एक अ छा औजार है।
गुणव ता नयं ण
क म के अ तगत याि वत कये जा रहे काय म गुणव ता आकलन एवं संधारण हेतु रा य
एवं िजला तर पर वा लट मॉनीटर का पैनल तैयार कया जावेगा। वा लट मा नटस यह सु नि चत
करग क कये जाने वाले काय क गुणव ता नधा रत मापद ड के अनु प हो। पंचायती राज सं थाओं
एवं अ य या वयन एज सय वारा गुणव ता नयं ण काय के अ त र त वा लट मा नटस भी
गुणव ता नयं ण के दा य व का स पादन करगे। रा य एवं िजला तर य वा लट मा नटस का पैनल
मश: रा य एवं िजला तर पर तैयार कया जावेगा। िजला तर य वा लट मा नटस िजला काय म
सम वयक को रपोट दगे तथा रा य तर य वा लट मा नटस रा य सरकार को रपोट दगे। वा लट
मा नटस के चयन हे तु व तृत दशा- नदश रा य सरकार वारा जार कये जायग।
शकायत नवारण
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम म शकायत के नवारण क यव था
क गयी है। शकायत के पंजीकरण एवं नवारण पर वशेष यान दे ते हु ए शकायत ा त होते ह
तु र त उ ह शकायत रिज टर म दज कया जाना उ त कानून म ज र कया गया है। नरे गा म
जनअभाव अ भयोग नराकरण नयम का रा य सरकार ने काशन करवाया है, िजसम शकायत का
भावी नवारण नह ं करने पर द डा मक ावधान भी है। लॉक तर पर काय म अ धकार और िजला
तर पर िजला काय म सम वयक शकायत नपटारा अ धकार होते है। शकायत क सु नवाई के लये
रा य सरकार उ चत या और ा प तैयार करती है।
जैसे ह कसी शकायत पर कायवाह क जाती है उसके बारे म शकायतक ता को त काल
जानकार भेजी जानी ज र है। शकायत से संबं धत अ धकतर मु े मक के अ धकार के हनन
से संबं धत होते है। िजनम यह मु े मु य है :-
प रवार के पंजीकरण से मना करना।
जॉब काड जार करने से मना करना।
जॉब काड संबं धत प रवार का न दे ना।
रोजगार आवेदन के 15 दन के अ दर काम न दे ना।
काम का माप सह नह ं कराना।
मजदूर का भु गतान कम करना।
मशीन का उपयोग करना।
ठे केदार से काम करवाना।
काय थल पर सु वधाएं नह ं दे ना।
मजदूर का भु गतान काय समाि त के पखवाडे के प चात ् 15 दन के अ दर नह ं करना।
बेरोजगार भ ते का भु गतान नह ं करना।
शकायत क जांच ाि त के 7 दन म करवाना अ ध नयम के ावधान के अनुसार अ नवाय
है।
सरपंच को चा हए क य द उसको कोई शकायत ा त होती है तो उसे त काल शकायत
रिज टर म दज करे तथा उसका नपटान 7 दवस के अ दर- अ दर कर। य द शकायत उसके अ धकार

140
े क नह ं है तो उसे संबं धत अ धकार को शी भजवाए। शकायत के ज द नपटारे के लये
ाम सभा और सावज नक जनसु नवाई आयोिजत कर शकायत क सावज नक सु नवाई कर नपटान
कर।
रा य म िजला तर पर नरे गा संबं धत कसी भी कार क शकायत टोल है प लाईन
न बर 1077 पर दज करवाने क यव था क गयी है।
रा य तर पर:-
रा य तर पर शकायत को ा त होते ह दज कया जाता है। तथा उसके नपटान के लये
समु चत कायवाह क जाती है। व रत कायवाह के लये रा य म रा य तर पर रा य तर य 55
पयवे क क नयुि त क जा चुक है। यह पयवे क योजना के या वयन क मॉनीट रं , काय का
नर ण एवं योजना के या वयन से जु डी शकायत क जांचो एवं उनके न तारण हे तु काय कर
रहे ह।
लोकपाल क नयुि त :-
नरे गा अ तगत शकायत के नपटान के लये िजल म लोकपाल क नयुि त क या
रा य तर पर चल रह है। ज द ह रा य के येक िजले म लोकपाल नयु त कये जाएंग।े
अ ध नयम पालन
महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम -2005 :-
जो कोई इस अ ध नयम के उपब ध का उ लंघन करे गा वह दोष स होने पर जुमाने का,
जो 100/- पये तक हो सकेगा दायी होगा।
रा य तर पर बनाये गये नरे गा के जनअ भयोग नराकरण एवं सामािजक अंके ण नयम
क भी पालना सम त नरे गा के या वयन से जुड़े हु ए संबं धत अ धका रय/कमचा रय /अनुबि धत
कमचा रय एवं पंचायत राज सं था के पदा धका रय को करनी होगी। पालना नह ं करने पर, दोष स
होने पर उ त भी नयमानुसार भी द ड के भागी ह ग।
सरकार कमचार के स ब ध म :-
पंचायत म कायरत सरकार कमचा रय वारा नरे गा कानून के या वयन के संब ध म कसी
भी कार का उन पर कोई चाज लगता है, और दोष स होता है तो उनके व सरकार कमचार
होने के नाते संबि धत सरकार सेवा नयम के अ तगत सजा/जु माने का ावधान तो है ह साथ ह
उन पर भारतीय द ड सं हता एवं अ य कानूनी ावधान के अ तगत भी कायवाह अमल म लायी
जा सकती है।
राज थान सरकार के का मक (क-3) वभाग क अ धसू चना सं या एफ 3(1)डीओपी
/ए-III/2004 दनांक: 08.02. 2010 के वारा राज थान स वल सेवा (वग करण, नयं ण और अपील)
नयम, व 958 के उप नयम (1) वार द त शि तय का योग करते हु ए रा य सरकार रा य
ामीण रोजगार गारं ट क म के अधीन काय करने वाले सरकार कमचा रय के स ब ध म लघु
शाि तयां (तीन ड
े वेतन वृ रोकने तक) (संचयी भाव के बना) अ धरो पत करने के लए सम त
िजला कल टर को इसके वारा वशेष प से सश त करती है। यह अ धसूचना इस क म के वतन
म रहने तक भावी रहे गी।
अनुबि धत कमचा रय के संबध
ं म :-

141
पंचायत म कायरत अनुबि धत कमचा रय पर काय म कसी भी कार क लापरवाह चाज
स होने पर उन पर उनके साथ कये गये अनुब ध क शत के मु ता बक कायवाह अमल म लायी
जायेगी। साथ ह भारतीय द ड सं हता एवं अ य कानूनी ावधान के अ तगत भी कायवाह अमल
म लायी जा सकती है।
सू चना का अ धकार अ ध नयम -2005
सू चना के अ धकार अ ध नयम -2005 के अ तगत सू चना मांगना और सूचना पाने का अ धकार
दया गया है। इस अ ध नयम म सभी नाग रक को शासन और वकास से संबं धत सवाल पूछने और
जवाब मांगने का अ धकार है।
ाम पंचायत म ाम सेवक (स चव) लोकसू चना अ धकार होता है, और सरपंच अपील
अ धकार होता है, इसी नाते सरपंच का दा य व और भी बढ़ जाता है, क मांगी गयी सूचना पूण सह
एवं तु र त द जाये। सूचना के अ धकार अ ध नयम के अ तगत सू चना 30 दन म दये जाने का ावधान
है। सू चना दे ने म दोषी पाये जाने पर 25000 - पये तक का जुमाना हो सकता है
भारतीय द ड स हता-1860 :-
ाम पंचायत म भारतीय द ड सं हता के उपब ध के अनुसार दोषी पाये जाने पर सरपंच एवं
अ य पदा धकार / कमचार सं हता के अधीन द डनीय ह गे। सामा यतया ाम पंचायत म न न कार
के आपरा धक कृ य पाये गये है, जो द ड सं हता के अ तगत अपराध क ेणी म आते है-
¤ धारा 167- लोक सेवक जो तका रत करने के आशय से अशु द तावेज रचता है ,तो धारा 167
व भारतीय द ड सं हता के ावधान अनुसार तीन वष के कारावास या जु माना से या दोन से दि डत
कया जायेगा।
¤ धारा 168- जो कोई लोक सेवक होते हु ए और ऐसे लोकसेवक के नाते इस बात के लये वैध प
से आब होते हु ए क वह यापार म न लगे, यापार म लगेगा तो िजसक अव ध एक वष तक
ह होगी कारावास या जु माने या दोन से दि डत कया जायेगा।
¤ धारा 169- क, जो व ध व प से स पि त य करता है या उसके लये बोल लगाता है,
ऐसे लोकसेवक के नाते इस बात के लये वैध प से आब होते हु ए क वह अमुक स पि त को
न तो य करे और न उसके लये बोल लगाये अपनी नजी नाम म या दूसरे के नाम म य
या बोल लगायेगा तो उसे दो वष तक क सजा या जुमाना या दोन से दि डत कया जायेगा।
¤ धारा 171 - कपटपूण आशय से लोकसेवक होने का दशन करना, कई बार म हला सरपंच के
प त पु जेठ वयं को सरपंच जा हर कर बैठक म राजक य कायालय म बैठ जाते है, यह द डनीय
अपराध है। इसके लये तीन मास तक क सजा या जु माना से या दोन से दि डत कया जायेगा।
¤ धारा 405- आपरा धक यास भंग जो कोई राजक य धन एवं चल अचल स प त का यासी ( ट)
होते हु ये बेईमानी क नीयत से उस स प त का दु पयोग करता है या व प प रवतन करता है
तथा बेईमानी क नीयत से वयं योग करता है या बेच दे ता है या अ य यि त का ऐसा करना
सहन करता है तो वह आपरा धक यास भंग करता है। जो अमानत म खयानत का अपराध माना
जाकर तीन वष तक क कारावास या जुमाने से या दोन से दि डत कया जायेगा।
¤ धारा 420 -छल करना और स पि त प रद त करने के लये बेईमानी से उ पे रत करे गा तो उसे
सात साल क अव ध का कारावास और जु माने से भी दि डत कया जायेगा।

142
¤ धारा 467- जो कोई कसी ऐसे द तावेज क मू यवान तभू त क कू ट रचना करे गा, वह आजीवन
कारावास से या दस वष तक के कारावास क सजा से दि डत कया जायेगा और जुमाने से भी
दि डत होगा।
¤ धारा 468 - जो कोई द तावेज म फज वाड़ा कर या फज द तावेज बनाता है। छल के योजन
के उपयोग म लाता है. तो सात वष तक का कारावास और जु माने से भी द डनीय होगा।
¤ धारा 471- कू ट र चत द तावेज को असल के प म योग लाने पर िजसके बारे म वह यह जानता
या व वास करता है क वह कू ट र चत है, कपट पूवक है , बेईमानी से असल के प म उपयोग
मे लायेगा वह उसी कार दि डत कया जायेगा मान उसने ऐसी कू ट रचना क , है।
एम.आई.एस.
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना कानून म ाम पंचायत ह मु य
या वयन सं था है, इस लये उसके तर पर ह नरे गा या वयन से संबि धत सभी मह वपूण आंकड
को रखा जाता है। इ ह ं आंकड़ से रा य तर पर नरे गा क ग त का आकलन कया जाता है। इन
आंकड म जार कये गये जॉब काड क सं या, म टररोल क स पूण जानकार , मजदूर भु गतान
तथा बक/पो ट ऑ फस के खात क सूचना, काय क सू चना आ द जो न न द तावेज म पंचायत
म उपल ध रहती है, रा य तर पर नरे गा क वैब साइट पर दज क जाती है। अत: यह सभी द तावेज
मह वपूण है -
1. पंजीकरण रिज टर
2. जॉब काड जार करना
3. रोजगार रिज टर
4. प रस पि त रिज टर
5. व त संबध
ं ी पु तक
6. शकायत रिज टर
7. म टर रोल फाइल
8. अ य यथा पंजीकरण हे तु ा त आवेदन प , काम मांगने के आवेदन प ।
क यूटर आधा रत सू चना एवं अनुसरण णाल (एम.आई.एस) म कसी भी ाम पंचायत
क नरे गा के या वयन संब धी जानकार ा त क जा सकती है। नरे गा संब धी सम त ाम पंचायत
क जानका रय को कसी भी यि त वारा दे खा व जांचा जा सकता है।
नरे गा क रा य वैबसाइट है - www.nrega.nic.in
इस कार रा य सरकार ने भी नरे गा वैबसाइट बनाई है िजस पर नरे गा संबं धत रा य क
ग त क जानकार कसी भी यि त वारा ा त क जा सकती है।
नरे गा क राज थान रा य क वैबसाइट है - ww.rdprd.gov.inlacfU/kr fyad NREGS-
राज थान या :-
रा य म क यूटर क िजन ाम पंचायत तर पर सु वधा है वहां पर अ यथा पंचायत स म त
तर पर, एम.आई.एस. स बि धत वि टयां क जाती ह तथा िजला तर पर उ ह भारत सरकार

143
क वैबसाइट पर लोड़ कया जाता है। नीचे द गयी ववरणी म आंकड़ का संकलन और उसके लये
िज मेदार यि तय तथा सं थाओं क जानकार तुत क गयी है।
ाम पंचायत = सरपंच
काय म अ धकार से व श ट सं या वाले म टररोल एवं काय थल पुि तका ा त क जाती है।
काय थल = मेट
म टररोल और काय थल पुि तका को काय थल पर संभालते ह।
ाम= नगरानी एवं सतकता स म त
सभी द तावेज क जांच करती है- यथा म टररोल, काय थल पुि तका, माप पुि तका आ द
ाम पंचायत = ाम सेवक ( ाम स चव)
सभी द तावेज एवं रिज टर म आंकड़ को दज करते है, यह आकड़े म टररोल काय थल पुि तका,
माप पुि तका तथा अ य द तावेज से मलते ह
ाम पंचायत = ाम रोजगार सहायक
सभी द तावेज एवं रिज टर म आंकड़ को दज करते ह, यह आंकड़े म टररोल काय थल पुि तका,
माप पुि तका तथा अ य द तावेज से मलते ह। तथा आंकड को लॉक म जमा करवाता ह /कराती
है।
लाक काय म = अ धकार
सभी द तावेज व आंकड क जांच करते ह। क यूटर आधा रत मा सक रपोट म डालते ह।
िजला= िजला काय म सम वयक
िजले के सभी आंकड़ को सि म लत करते ह।
रा य क ामीण रोजगार गारं ट कम महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट
वैबसाइट पर आंकड को डाला जाता है अ ध नयम क वैबसाइट पर आंकड का डाला जाता है
ये आंकड़े जन सामा य के लये उपल ध होते ह। महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट
ै बार म –www.nrega.nic.in टाइप करग िजससे नरे गा
योजना क वैबसाइट को खोलने के लये ए स
वैबसाइट का होम पेज खु ल जाता है, इस पेज पर ि थत टे ट टै ब को ि लक करने पर बांयी साइड
म टे ट क ल ट आ जाती है, इस ल ट म से संबि धत टे ट को चु नते हे, तो उस टे ट से संबि धत
सभी -िजल क ग त अलग-अलग मोडयूल अनुसार दशा द जाती है।
संबि धत िजले को चु न करके पंचायत स म त के टै ब को ि लक करके ाम पंचायत के टै ब
को ि लक करके ाम पंचायत क सम त नरे गा संब धी ग त दे खी जा सकती है।
पारद शता :-
पारद शता रखने के लये सूचना को वैि छक प से (Proactive Disclosure) जार कया
जाना आव यक है -
नयमानुसार काय थल पर काय से स बि धत सूचना का बोड लगाना ज र है। यह बोड काय
थल के पास ि थत भवन क द वार पर पे ट करवाया जा सकता है। य क यह दे खा गया है
क लोहे के बोड कई बार चोर हो जाते ह।
येक काय दवस क समाि त पर सभी मक के सम म टररोल को पढ़कर सु नाना चा हये.
िजसम उपि थ त. काय तथा मजदूर भु गतान का ववरण हो।

144
इस कार काय क माप को माप पुि तका से पढ़कर सु नाना चा हये।
ाम पंचायत तर पर सूचनाओं को सूचना प पर दखाया जाना ज र है।
काय के आवंटन. ा त रा श और खच क गयी रा श तथा काय क सूची. नयोिजत प रवार
(कु शल मक स हत) को कये गये मजदूर का भु गतान एवं नमाण काय म उपयोग लायी गयी
साम ी पर यय क गयी रा श क सूचनाओं का लेखन ाम पंचायत क सहज ि टयाँ द वार
पर कया जाना आव यक है।
नरे गा म आम जनता को सूचना उपल ध कराने हे तु द वार पर लेखन संब धी रा य सरकार के दशा
नदश:-
रा य सरकार वारा नरे गा योजना अ तगत आम जनता को सू चना उपल ध करवाने हे तु न न
दशा नदश जार कये है –
सहज या ऐसी द वार पर लखवाया जाना सरपंच सु नि चत करे िजस पर लखी गयी सू चना
वष के दौरान भी अगले तीन चार वष तक सुर त रह सक।
सू चना म रोजगार उपल ध करवाये गये सम त प रवार का ववरण मय मजदूर भु गतान एवं
साम ी के उपयोग तथा उस पर यय क गयी रा श हर ि थ त म नधा रत ा प म येक ाम
पंचायत पर राजक य व यालय आंगनबाडी सावज नक थान आ द के बाहर क और सहज या
द वार पर लखवाया जाय।
सू चना त वष व तीय वष समाि त के प चात ् अ ल
े माह म लखबाया जाना सरपंच सु नि चत
कर।
उ त ड पले बोड (द वार पर) यूनतम चार फुट म य चौड़ाई म एवं आव यकतानुसार ल बा
हो पर तु एक बोड 100 से यादा प रवार का नह हो। ाम पंचायत म ाय: लगभग 800
ाम प रवार नरे गा म वष म नयोिजत हो रहे ह। अत: ड पले बोड (द वार पर) क सं या
नधा रत क जाये।
िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक उ त काय करवाने हे तु नयमानुसार यूनतम
यायो चत रा श त प रवार यय रा श तय करग।
न न ा प म द वार पर लखवाया जाव -
ाम .................................................. ाम पंचायत ..................................... म नरे गा म
न न प रवार को रोजगार / यि तगत लाभ पहु ंचाया गया : -
. प रवार पता / MI वग वष भु गतान दया गया अ य यि तगत वष 6
स. के प त का S (S म यो य/क लाभ लाभ क से 9 के
मु खया नाम फ डं C/ उप गई कु ल (मडब द /कुआं/धो रा श अनु प
के नाम ग ST ल रा श रा/इि दरा
पर ध आवास/पे शन
/
वार करा रा श)
BP
का ये
L
कोड गये

नं. रोज
य)
गार

145
के



सं
या
1 2 3 4 5 6 7 8 9

कालम नं. 6 से 9 तक क वि ट वषवार इसी कार आगे हर वष क अं कत क जावे।


इसी कार वष पय त कायवार यु त साम ी क सूचना न न ा प म द वार पर लखवाना सु नि चत
कर
ाम............................................. ाम पंचायत.......................................... म नरे गा म
कायवार उपयोग म ल गयी साम ी का ववरण :-
वष....................
. काय का MIS के उपयोग म ल गई साम ी का ववरण – इस काय पर वष
स. नाम अनुसार आईटम क सं या एवं रा श पय त कुल यय
काय का
यू नक
कोड नं.
सी बजर प थर अ य म सामा ी कु ल
मे

क दर ॉल दर ॉल दर नग दर
े त
बैग
1
2
3
रा य के सम त िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक को नरे गा योजना अ तगत
करवाये गये काय क सूचना आम जनता को उपल ध करवाने हे तु ाम पंचायत म सावज नक थान
पर सहज ट या दखने वाल द वार पर लखवाने के नदश रा य सरकार ने दये है। अत: उ त
नदश क पालना सु नि चत करवाय।
सरपंच को चा हए क िजला कल टर एंव िजला काय म सम वयक / अ त. िजला काय म
सम वयक एवं मु य काय कार अ धकार िजला प रषद से स पक था पत कर इस काय को व त
वष समाि त के प चात ् अ ल
े माह म करवाना सु नि चत करवाय।
VMC :-

146
वी.एम.सी (Vigilance & Monitoring Committees) /
सतकता एवं नगरानी स म तयां का गठन एवं दा य व :-
1. गठन :-
इस योजना के तहत येक वीकृ त काय के लए. एक थानीय सतक ता एवं नगरानी स म त
का गठन कया जाना चा हए।
इस स म त म उस थानीय आबाद या गांव के लोग को लया जाएगा जहां स बि धत प रयोजना
को लागू कया जा रहा है।
येक नगरानी स म त म 9 सद य ह ग। इस स म त के लए सद य का चयन ाम सभा करगी
तथा सद य का चु नाव करते हु ए इस बात क सु नि चतता करे गी क उसम एस.सी. एस.ट तथा
औरत को भी उ चत त न ध व हो तथा इस स म त म कम से कम 50 तशत सद य नरे गा
के मक ह । इस स म त का गठन ाम सभा वारा एक वष के लए कया जाना चा हए।
समत येक ाम वशेष क होगी न क कसी काय वशेष क तथा ाम सभा वारा आयोिजत
सामािजक अंके ण को भी फे स लटे ड करे गी।
2. स म त के अ धकार एवं दा य व :-
ाम पंचायत कायकार सं था के ार भ कये जा रहे काय के यौरे , समय अव ध तथा गुणव ता
मानक के बारे म इस स म त को बताने का दा य व होगा।
समत ाम तर पर होने वाले सम त काय क नगरानी करे गी तथा यह भी दे खेगी क येक
यि त को रोजगार का अवसर मल गया है. िजसके वारा काय के लए आवेदन कया गया है
एवं पंजीकरण जॉब काड जार करने तथा म का भु गतान समय पर हो रहा ह।
समत या वयन के दौरान काय क ग त और गुणव ता पर नजर रखेगी।
प रयोजना प रपूणता माण प के साथ इस स म त क अि तम रपोट भी न थी क जायेगी
और उसे पंचायत क अगल ाम सभा क बैठक म पेश कया जावेगा। इस ??? क एक त
काय म अ धकार . पंचायत स म तय व िजला काय म सम वयक (ई जी.एस) एवं िजला कल टर
महोदय को भी भेजी जावेगी।
नोट :-
सतकता एवं नगरानी स म त के सद यो वारा पखवाड़े म एक बार ग त पर चल रहे काय का
नर ण कया जाये और उसक ल खत रपोट तुत क जावे। स म त के नर ण करने वाले
सद य को . 75 - त दवस क दर से मानदे य दे य होगा. जो नरे गा क शास नक यय क
रा श म से दया जावेगा (शासन स चव एंव आयु त ई जी एस. प दनांक 200409)

10.7 सारांश
इस इकाई का सारांश यह है क महानरे गा योजना के तहत योजना के सु चा या वयन
हे तु सरकार वारा व भ न तर पर बोधन एवं या वयन मशीनर क थापना क गयी है. एवं
उनक िज मेदा रयां तथा उ तरदा य व नधा रत कये गये ह िजनका उ ह नवहन करना है। िजला
तर पर था पत मशीनर के मु ख िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक ह। तथा उनके अधीन
सहयोग हे तु स पूण शास नक ढांचा था पत है। िजला तर य मशीनर का मु य उ तरदा य व िजले
म काय क पया त उपल धता. रोजगार चाहने वाल को रोजगार उपल ध कराना. समय पर मक

147
को मजदूर का भु गतान कराना, काय योजना तैयार कराना, सामािजक अंके ण तथा व भ न कायकार
सं थाओं के म य आपसी सम वय था पत कराना है।

10.8 अ यासाथ न
1. सतकता एवं नगरानी स म त के अ धकार एवं दा य व का वणन कर।
2. िजला कल टर एवं िजला काय म सम वयक के मु य उ तरदा य व का वणन कर।
3. क ह ं तीन अ धका रय के नर ण मापद ड का उ लेख कर।
4. शकायत नवारण हे तु था पत यव था का वणन कर।

10.9 संदभ थ सू ची
1. ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग. शासन स चवालय. जयपुर सरपंच हे तु महा मा गाँधी
रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना नद शका वष 2010।
2. ामीण वकास एवं पंचायती राज वभाग, अ धसू चना, जयपुर , अ टू बर 13, 2005।

148
इकाई – 11
पंचायत स म त तर य मशीनर : काय म अ धकार
इकाई क परे खा
11.0 उ े य
11.1 तावना
11.2 काय म अ धकार के ाथ मक क त य
11.3 काय म अ धकार क व वधतापूण भू मका
11.4 सारांश
11.5 अ यासाथ न
11.6 संदभ थ सूची

11.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पायगे -
 महनरे गा के या वयन के लए पंचायत स म त तर य मशीनर के बारे म।
 काय म अ धकार के मु ख क त य के बारे म।
 काय म अ धकार क व भ न भू मकाओं के बारे म।
 काय म अ धकार क नर ण एवं नय णकार भू मका के बारे म।

11.1 तावना
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम क धारा 15 म काय म अ धकार
के संबध
ं म ावधान कया गया है। काय म अ धकार लॉक तर पर सम त कारवाइयाँ पूर कराने
के लए नयुि त कया जाता है। वह एक लॉक तर य अ धकार होता है तथा पद कम से कम लॉक
वकास अ धकार (बी0डी0ओ0) के तर का होता है। यह अ धकार इस अ ध नयम के अनुसरण म
बनाई गई रोजगार गारं ट योजना के अधीन म यवत तर पर पंचायत स म त को उसके कृ य के
नवहन म सहायता करने के लए लगाया जाता है। काय म अ धकार िजला काय म सम वयक के
नदशन, नयं ण और अधी ण के अधीन रहते हु ए मौ लक प से लॉक तर पर रोजगार गार ट
योजना के या वयन म एक सम वयक के प म काम करता है।
काय म अ धकार क सबसे बडी िज मेदार यह सु नि चत करना है क अगर कोई यि त
रोजगार के लए आवेदन करता है तो उसे 15 दन के भीतर काम मल जाए तथा समय पर मजदूर
या बेरोजगार भ ता जैसी भी ि थ त हो, का भु गतान हो जाए। इस अनु म म उसे अपने अ धकार
े म चलाई जा रह प रयोजनाओं म उपल ध रोजगार अवसर और रोजगार क मांग के बीच संतल
ु न
था पत करना होता है। उसे रोजगार के लए आवेदक के पंजीकरण तथा अ ध नयम के ावधान व
रा य वारा अ धसू चत योजना के अनुसार रोजगार उपल ध करवाने क या पर नजर रखनी होती
है और उसम सम वय था पत करना होता है। ाम पंचायत वारा भेजी गई प रयोजनाओं का समावेश
करते हु ए उसे अपने लॉक क एक कृ त योजना तैयार करनी होती है।

149
रा य सरकार क योजनाओं के अनुसार िजला काय म सम वयक से अनुदान ा त करने
और उ ह या वयन एज सय को उपल ध करवाने का काय काय म अ धकार को करना होता है।
इसके अ त र त उसे अनुदान के ा त करने , उसे जार करने और उसके उपयोग कए जाने के संबध

म खात के समु चत संधारण को सु नि चत करना होता है। उसे अपने अंतगत आने वाल ाम पंचायत
तथा अ य या वयन एज सय वारा लागू क जा रह प रयोजनाओं पर नजर रखते हु ए यो य प रवार
को बेरोजगार भ ते का समय पर भु गतान करवाना होता है।
उसे आने अ धकार े म चल रह योजनाओं म काम करने वाले मजदूर को समय पर और
यह वेतन भुगतान क यव था करनी होती है और यह सु नि चत करना होता है क ाम पंचायत
के काम का ाम सभा लगातार सामािजक अंके ण करती रहे और अगर इस अंके ण म कसी तरह
क कोई आपि त उठाई जाती है तो उस पर त काल कारवाई क जाती रहे। पूरे लॉक म योजना के
या वयन से स बि धत कसी भी शकायत पर त काल कारवाई करने का दा य व काय म अ धकार
होता है। उसे िजला काय म सम वयक या रा य सरकार वारा अ य काम मो स पा जा सकते ह तथा
वह िजला काय म सम वयक के नदशन, नयं ण और दे खरे ख म काम करे गा।
काय म अ धकार के पद के संबध
ं म अ ध नयम क धारा 15 म प ट उ लेख कया गया
है। अ ध नयम क धारा 15 इस कार से है:-
धारा- 15
1. म यवत तर पर येक पंचायत के लए, रा य सरकार कसी यि त को, जो लॉक वकास
अ धकार से नीचे क पंि त का न हो, ऐसी अहताओं और अनुभव के साथ जैसी क रा य सरकार
वार अवधा रत क जाएं, म यवत तर पर पंचायत के लए काय म अ धकार के प म नयु त
करे गी।
2. काय म अ धकार , इस अ ध नयम और उसके अधीन बनाई गई कसी यो जना के अधीन म यवत
तर पर पंचायत को उसके कृ य का नवहन करने म सहायता करे गा।
3. काय म अ धकार अपनी अ धका रता के अधीन े म प रयोजनाओं से उदभू त नयोजन अवसर
के साथ नयोजन क मांग का मेल करने के लए उ तरदायी होगा।
4. काय म अ धकार , ाम पंचायत वारा तैयार कए गए प रयोजना ताव और म यवत
पंचायत से ा त ताव का समेकन करके अपनी अ धका रता के अधीन लॉक के लए एक
योजना तैयार करे गा।
5. काय म अ धकार के कृ य म न न ल खत सि म लत ह गे -
(क) लॉक के भीतर ाम पंचायत और अ य काया वयन अ भकरण वारा कायाि वत क जाने
वाल प रयोजनाओं का मॉनीटर करना,
(ख) पा गृहि थय को बेकार भ ता मंजरू करना और उसका संदाय सु नि चत करना ,
(ग) लॉक के भीतर योजना के कसी काय म के अधीन नयोिजत सभी मक को मजदूर का
तु रंत और उ चत संदाय सु नि चत करना,

150
(घ) यह सु नि चत करना क ाम सभा वारा ाम पंचायत क अ धका रता के भीतर सभी काय
क नय मत सामािजक अंके ण क जा रह है और यह क सामािजक अंके ण म उठाए गए
आ ेप पर अनुवत कारवाई क जा रह है ,
(ङ) सभी शकायत को त परता से नपटाना जो लॉक से भीतर योजना से काया वयन के संबध

म उ प न ह , और
(च) कोई अ य काय करना जो िजला काय म सम वयक या रा य सरकार वारा उसे समनुदे शत
कया जाए।
6. काय म अ धकार , िजला काय म सम वयक के नदे शन, नयं ण और अधी ण के अधीन कृ य
करे गा।
7. रा य सरकार, आदे श वारा नदश दे सकेगी क कसी काय म अ धकार के सभी या क ह ं कृ य
का ाम पंचायत या कसी थानीय ा धकार वारा नवहन कया जाएगा।
िजला तर क पंचायत के बाद दूसरा मह वपूण पंचायती राज सं थान लॉक तर य पंचायत
स म त है। यह जहां एक ओर ाम तर य पंचायत के काय क वीकृ त का काय करती है वह ं दूसर
ओर अपनी अ धका रता के वे ताव िजला पंचायत के पास वीकृ त हे तु भेजती है जो उसक शि तय
से बाहर ह। अ ध नयम के तहत लॉक तर पर योजना क परे खा तैयार करने और या वयन के
दौरान उस पर नजर रखने का दा य व पंचायत स म त को स पा गया है। पंचायत स म त तर पर
रोजगार गारं ट के काय के संचालन हे तु काय म अ धकार का पद सृिजत कया गया है। अ ध नयम
क धारा 13 (3) के अनुसार पंचायत स म त के न न ल खत कृ य ह गे -
(क) अं तम अनुमोदन के लए िजला तर पर िजला पंचायत को भेजने के लए लॉक योजना
का अनुमोदन करना ,
(ख) ाम पंचायत तर पर और लॉक तर पर कायाि वत क जाने वाल प रयोजनाओं का
पयवे ण ओर मॉनीट रंग करना, और
(ग) ऐसे अ य कृ य करना, जो रा य प रष वारा समय-समय पर उसे समनुदे शत कए जाएं।

11.3 काय म अ धकार कर ाथ मक क त य


रोजगार गारं ट योजना के या वयन म पंचायत स म त तर पर काय म अ धकार क
अहम ् भू मका होती है। इस अ ध नयम के तहत उसके मु य क त य इस कार से ह :-
1. ाथ मक तैया रयाँ
काय म अ धकार अपने तर पर कई कार क तैया रय के लए िज मेदार होता है। जैसे
जॉब काड जार करवाना, टे शनर क आपू त, समय पर म टररो स जार करना आ द। ये ऐसे काम
ह िजनके बना योजना का या वयन स भव नह ं हो सकता है। इनम न न शा मल होते ह :-
योजना के उ े य के अनु प लाभा थय क पा ता क जाँच करना।
रोजगार हे तु आवेदक के पंजीकरण क यव था करना।
जॉब काड जार करवाना।
गुम हु ए या न ट हु ए जॉब काड के साथ-साथ नए आवेदक एवं वतमान प रवार के वख डन
पर बढ़े हु ए आवेदक को जॉब काड जार करवाना।

151
काय के लए आवेदन करने क समु चत यव था करना।
रोजगार के अवसर का आवंटन करना।
रोजगार के रकाड का संधारण करना।
रोजगार दवस के आयोजन को सु नि चत करना और भावी बनाना।
योजना के या वयन हे तु शास नक यव थाओं का न पण करना।
या वयन सं थाओं क पहचान और उनक भू मका का नधारण करना।
ाम पंचायत और ाम सभाओं के तर क कायवाह समय पर स पा दत करवाना।
िजला काय म सम वयक के तर क वीकृ तयाँ समय पर ा त करना।
जन सामा य को योजना क समु चत जानकार दे ना।
2. नयोजन एवं सम वय
काय म अ धकार अपने पंचायत स म त े के लए योजना के नयोजन का काय भी करता
हे । वह अपने े के सभी या वयन नकाय वारा कए जाने वाले काय म नयोजन एवं सम वय
का काय करता है। या वयन नकाय म मु यतया ाम पंचायत होती है पर वन वभाग, सावज नक
नमाण वभाग, संचाई वभाग और जल संसाधन वभाग ऐसे अ य वभाग ह जो उनक वभागीय
ग त व धय के लए इस योजना म या वयन नकाय होते ह। इन सभी नकाय के काय का नयोजन
व उनम सम वय था पत करने का काम काय म अ धकार करता है। इस संबध
ं म उसके तर से
न न काय कए जाते ह :-
योजना के अंतगत कए जाने वाले काय क पूण आयोजना तैयार करना।
भावी योजना एवं वा षक योजना क पूण परे खा न पत करना।
म बजट क तैयार एवं वीकृ त।
या वयन नकाय के बीच काय का आवंटन करना।
ाम पंचायत व अ य नकाय के काय के बीच सम वय था पत करना।
3. काय क वीकृ त एवं उनका या वयन
काय म अ धकार इस योजना के अ तगत कए जाने वाले काय क योजना बनाने के बाद
उनके ताव तैयार करवा कर अपने तर क तकनीक वीकृ त जार करता है और व तीय वीकृ त
के लए उ ह िजला प रष को भजवाता है। िजला प रष से वीकृ त ा त हो जाने के बाद काय म
अ धकार संबं धत या वयन नकाय के मा यम से उन वीकृ त काय का या वयन करवाता है।
काय म अ धकार ह संबं धत नकाय को म टररो स जार करता है। कु छ मह वपूण ब दु इस कार
से है :-
ऐसे काय का ववरण तैयार करना िजनके तहत मजदूर को रोजगार उपल ध करवाया जाना
है।
काय क व तीय एवं तकनीक वीकृ त क यव था करना।
राजक य वभाग वारा स पा दत कए जाने हे तु काय को आर त करना।
अ य या वयन नकाय के वारा स पा दत कए जाने हे तु वतं छोड़े गए काय का ववरण
तैयार करना।
या वयन नकाय को म टररो स जार करना।
4. मजदूर एवं बेरोजगार भ ते का भु गतान
152
काय के या वयन के बाद उनक माप का नधारण कर मजदूर का आकलन व भु गतान
काय म अ धकार का काम है। ाम पंचायत के अ त र त अ य वभाग अपने अ भय ताओं से काय
क माप करवा कर भु गतान क कायवाह करते ह पर ाम पंचायत काय क माप करवाने के लए
काय म अ धकार पर नभर रहती है। अ धकांश काय ाम पंचायत के पास होने के कारण काय म
अ धकार के तर पर यह एक बहु त मह वपूण काय हो जाता है। इस संबध
ं म मह वपूण पहलू इस
कार से ह :-
मक क मजदूर के भु गतान का आधार प ट करना।
नधा रत टॉ क और संपा दत काय क मा ा के आधार पर मजदूर का भु गतान करना।
पु ष एवं म हला मक को एक समान मजदूर का भु गतान करना।
नि चत अव ध म मजदूर का भु गतान करना।
कए गए मजदूर भु गतान क ाि त रसीद आ द के रकाड का संधारण करना।
आ शक प से अ म मजदूर भु गतान क ि थ त. या एवं उसके रकाड संधारण क पूर
परे खा तैयार करना।
टॉ क आधा रत मजदूर के भु गतान का आधार एवं दर काय थल पर द शत करना।
मजदूर के भु गतान म पूर पारद शता सु नि चत करना।
नकद मजदूर तथा बेरोजगार भ ते का भु गतान पहले से घो षत तार ख पर समु दाय के वतं
यि तय क उपि थ त म सीधे संबं धत यि त को करना।
5. व त पोषण
योजना के अ तगत व त पोषण काय म काय म अ धकार क भू मका बहु त मह वपूण
है वह एक ओर सरकार से धन ा त करता है और दूसर ओर उ ह या वयन ा धका रय को भेजता
है। उस धन का हसाब रखना और आव यकतानुसार धन क ाि त व वतरण करना काय म अ धकार
क िज मेदार है। इस संबध
ं म मह वपूण ब दु इस कार से ह :-
योजना के अंतगत पंचायत स म त एवं ाम पंचायत तर पर ा धकृ त अ धका रय का
न पण करते हु ए उनके बक खात का संचालन करवाना।
व तीय मापद ड के अनुसरण म रा य क योजना म अकु शल मजदूर के लए 60 तशत
(िजसम अ कुशल एवं कुशल मक क मजदूर शा मल है) एवं काय के साम ी घटक
के लए 40 तशत न धय का उपयोग कए जाने के ावधान का पालन सु नि चत करना।
योजना म न धय का ब धन करना।
योजना के अंतगत न धयाँ पंचायत स म त से संबं धत ाम पंचायत एवं अ य कायकार
सं थाओं के खात म थाना त रत करना।
रवाि वंग फ ड क उ त यव था के तहत ाम पंचायत, काय म अ धकार , िजला काय म
सम वयक और रा य सरकार के बीच धन क मांग एवं पू त के वाह को सु चा प से
सु नि चत करना।
रवाि वंग फ ड के योजन हेतु आव यक उपयो गता माण प एवं अ य आव यक द तावेज
को तैयार करना।
6. गुणव ता नयं ण और मू यांकन

153
काय क गुणव ता और मू यांकन के लए काय म अ धकार िज मेदार होता है। वह समय
पर काय के थल नर ण क यव था करता है और काय समाि त पर उनका मू यांकन करवा कर
उनके भु गतान क यव था करता है। गुणव ता नयं ण और मू यांकन के संबध
ं म उसके क त य
इस कार से ह :-
रा य क रोजगार गार ट योजना म नधा रत काय के मू यांकन एवं गुणव ता नयं ण क
व ध का पालना करना।
इसके अंतगत याि वत कए जाने वाले काय म गुणव ता आकलन एवं उसके संधारण हेतु
वा लट मॉ नटस क यव था करना।
काय क गुणव ता सु नि चत कए जाने हेतु पंचायती राज सं थाओं एवं अ य या वयन
एज सय पर दा य व नधारण करना।
रा य एवं िजला तर से जार गुणव ता नयं ण संबध
ं ी व तृत दशा- नदश क पालना
सु नि चत करना।
काय के नय मत मू यांकन क यव था करना।
ाम सभाओं म काय के बंधन एवं रोजगार सृजन का लेखा जोखा रखवाना।
रोजगार हे तु पंजीयन करने, जॉब काड जार करने एवं समय पर भु गतान करने जैसे काय
क मॉ नट रंग ाम सभा वारा सु नि चत करवाना।
अ य कायकार सं थाओं वारा याि वत कए जाने वाले काय हे तु म टररोल जार करने
एवं समय पर उनके भु गतान आ द क मॉ नट रंग करना।
पंजीकरण, रोजगार चाहने वाले प रवार को उपल ध करवाए गए रोजगार दवस, बेरोजगार
भ ते का भु गतान, सामािजक अंके ण, व तीय एवं भौ तक ग त के ल य अिजत करना।
िजला काय म सम वयक को आव यक तवेदन समय पर े षत करना।
7. सामािजक अंके ण एवं पारद शता
सामािजक अंके ण एवं पारद शता के संबध
ं म काय म अ धकार क के य भू मका है।
अ धका रय के नदशानुसार अपने े ा धकार के काय का सामािजक अंके ण वह करवाता है। इसके
अ त र त योजना के अ तगत पारद शता के व भ न आयाम के संदभ म नर तर कायशील रहता
है। इस संबध
ं म मु य ब दु इस कार से ह :-
योजना के सामािजक अंके ण एवं पारद शता हे तु वे सभी उपाय काम म लेना जो अ ध नयम
के ावधान क पालना म सहायक हो सक तथा काय क गुणव ता एवं योजना क
कायकु शलता सु नि चत क जा सके।
सामािजक अंके ण के तहत याि वत कए जाने वाले येक काय के स पादन, पयवे ण
ग त तथा गुणव ता का आकलन करने के लए येक ाम तर पर सतकता स म तय
का गठन करना।
उ त स म त का नय ण उस ाम के सभी काय पर भावी बनाना।
येक -ै मास के अ तराल पर ाम सभा क बैठक आयोिजत करवा कर उसम रोजगार क
मांग, पंजीयन, जॉब काड, काय पर कायरत लोग क सू ची अथवा ऐसे लोग क सू ची िज ह
रोजगार ा त नह ं हु आ है, कए गए भु गतान क रा श, अकुशल मानव म पर कए गए

154
भु गतान, काय पूण करने म लगा समय, कुशल मक, साम ी, सृिजत मानव दवस , सतकता
एवं मू यांकन स म त क रपोट, म टररोल क तयां अवलोकनाथ तु त कए जाने क
यव था करना।
म टररोल पर दशाए गए मक , भु गतान क रा श, काय दवस, अकाय दवस के संबध
ं म
व तृत तवेदन तैयार कर ाम सभा क बैठक म पढ़कर सु नवाया जाना।
पारद शता एवं उ तरदा य व के लए सम त काय के भौ तक एवं व तीय अंके ण क
यव था सु नि चत करना।
सू चना के अ धकार के संबध
ं म अ ध नयम के ावधान एवं रा य सरकार वारा जार नदश
के अनुसार येक तर पर आवेदक को योजना के संबध
ं मे सू चना समय पर उपल ध करवाना।
योजना के सफल या वयन हे तु संबं धत जन त न धय , अ धका रय एवं कमचा रय के
श ण क यव था करना।

11.4 काय म अ धकार क व वधतापू ण भू मका


रोजगार गारं ट योजना के या वयन म काय म अ धकार के य ि थ त म है। वह अपने
पद य दा य व के नवहन म अनेक काय स पा दत करता है। उसक व वधतापूण भू मका का ववरण
इस कार से है :-
1. रोजगार अवसर क मांग एवं पू त म संतुलन बनाना
अ ध नयम क धारा 15(3) के अनुसार लॉक तर पर ामीण रोजगार गार ट योजना के
अ तगत चलाई जाने वाल प रयोजनाओं के तहत रोजगार क मांग और रोजगार अवसर के बीच
लगातार संतल
ु न बनाए रखने क िज मेदार काय म अ धकार क है। धारा व 15(4) के अंतगत इस
उ े य क पू त के लए उसके वारा पूरे लॉक को यान म रखते हु ए एक सम योजना तैयार क
जाती है। यह योजना तैयार करते समय उसे व भ न ाम पंचायत और पंचायत स म त से मले ताव
को यान म रखना होता है। धारा व 13(3) के तहत काय म अ धकार को लॉक तर य योजना
को वीकृ त दान कर उसे िजला पंचायत के वचाराथ े षत करनी होती है।
2. प रयोजनाओं क वीकृ त और म टररोल जार ' करना
रोजगार गार ट योजनाओं के तहत दो तरह के काम कए जाएंगे -
एक, ऐसे काम जो ाम पंचायत के ज रए लागू ह गे (“पंचायती काम'') और
दो, ऐसे काम िज ह अ य या वयन नकाय लागू करगे (“सामा य काम'')।
येक लॉक म काय म अ धकार को कम से कम 50 तशत लागत वाले काम का
या वयन ाम पंचायत को स पना होता है। (रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम, अनु छे द
16(5))।
दोन सू चय के अंतगत होने वाले सभी काय (पंचायती काम और सामा य काम) के लए
समय रहते शासक य और तकनीक वीकृ त ा त करना आव यक होता है। यह वीकृ त या वयन
वष से गत वष के दसंबर माह तक ा त कर ल जानी चा हए।
रोजगार के लए आवेदन करने वाले नए आवेदक के बारे म ाम पंचायत को स ताह म कम
से कम एक बार काय म अ धकार को जानकार दे नी होती है। इसके साथ ह ाम पंचायत को यह

155
भी बताना होता है क नए आवेदक म से कतने लोग को पंचायती काम म रोजगार दया जा रहा
है और कतने समय तक के लए, और कतने लोग को काय म अ धकार वारा ''सामा य काम ''
म रोजगार दे ना होगा।
ामीण रोजगार गार ट योजना क सभी ग त व धय के लए काय म अ धकार क ओर
से म टर रोल जार कए जाते ह। येक म टर रोल क एक व श ट पहचान सं या होती है। कोई
भी काम शु करने से पहले ाम पंचायत काय म अ धकार को इस बारे म सू चत करती है ता क
समय रहते काय म अ धकार म टर रोल जार कर सके। काय म अ धकार लॉक म ि थत सभी
ाम पंचायत और पंचायत स म त से मले ताव के आधार पर पूरे लॉक के लए प रयोजनाओं
क एक व तृत सूची तैयार करता है। इस सूची म पंचायती काम और सामा य काम को अलग-अलग
इं गत कया जाता है। अ य या वयन नकाय पंचायत स म त के ज रए काय म अ धकार के पास
ताव भेज सकते ह।
काय म अ धकार जब भी सामा य काय के अंतगत कसी प रयोजना क शु आत करे गा
तो उसे इस बारे म संबं धत ाम पंचायत/पंचायत को सू चत करना होगा और यह भी बताना होगा
क उस प रयोजना म येक ाम पंचायत के कतने लोग को रोजगार मल सकता है। ाम पंचायत
के भीतर व भ न आवेदक को काम का आंवटन करना ाम पंचायत क िज मेदार होती है। य द
काय म अ धकार इस कारण से कसी े म रोजगार चाहने वाले सभी आवेदक को रोजगार नह ं
दे पाता है य क प रयोजना सू ची म सामा य काय क सं या बहु त कम है तो वह अपने े क
कु छ ाम पंचायत को यह नदश दे सकता है क वह पंचायती काम क सूची म उि ल खत काम
का या वयन जार रख।
3. वेतन और भौ तक साम ी अनुपात बनाए रखना
वेतन संबध
ं ी लागत और साम ी लागत का अनुपात अ ध नयम म नधा रत यूनतम 60:40
के अनुपात से कम नह ं होना चा हए। इस अनुपात को ाथ मकता के आधार पर ाम पंचायत, लॉक
एवं िजला तर पर लागू कया जाना चा हए। कुशल मक और कार गर का वेतन साम ी लागत
म शा मल कया जाना चा हए।
4. वीकाय प रयोजनाओं का यान रखना
रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम का उ े य ामीण े म मूलभूत रोजगार गार ट
सु नि चत करना है। इस अ ध नयम म ऐसी ग त व धय या प रयोजनाओं का भी उ लेख कया गया
है जो इस उ े य क पू त के लए चलाई जाएंगी। काय म अ धकार को यान रखना चा हए क
अ ध नयम क अनुसू ची 1 के अनुसार न न कार के काम को ाथ मकता द जाए:-
जल संर ण एवं जल संचय ;
सू खे से बचाव के लए वृ ारोपण और बन संर ण;
संचाई के लए सू म एवं लघु संचाई प रयोजनाओं स हत नहर का नमाण;
अनुसू चत जा त / अनुसू चत जनजा त प रवार या भू म सुधार के लाभाि वत या इं दरा
आवास योजना के लाभाि वत क भू म तक संचाई क सु वधाएं पहु ँचाना;
परं परागत जल ोत के पुननवीकरण हे तु जलाशय से गाद क नकासी
भू म वकास;

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बाढ नयं ण एवं सु र ा प रयोजनाएं. िजनम जल भराव से त े से पानी क नकासी
भी शा मल है;
गांव म सड़क का यापक जाल बछाना ता क सभी गांव तक बारह मह ने सहज आवाजाह
हो सके। सड़क नमाण प रयोजनाओं म आव यकता। के अनुसार पु लयाएं भी बनाई जा सकती
ह और गांव के भीतर सड़क के साथ-साथ ना लयां भी बनाई जा सकती ह
रा य सरकार के साथ परामश के आधार पर, के सरकार वारा अ धसू चत कोई भी अ य
काय।
5. नयमानुसार बेरोजगार भ ते का समय पर भु गतान करना
काय म अ धकार मजदूर भु गतान के साथ-साथ बेरोजगार भ ते के भु गतान के लए भी
दायी होता है। इस संबध
ं म उसका दा य व दोहरा है। एक तो उसे इस बात का यान रखना चा हए
क आवेदक को समय पर रोजगार उपल ध हो ता क कसी भी आवेदक को बेरोजगार भ ता नह ं चु काना
पड़े। इस संबध
ं म उसका दूसरा काय यह है क पा यि तय को बेरोजगार भ ते का समय पर भु गतान
हो।
अगर रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम के तहत रोजगार के लए आवेदन दे ने वाले
कसी मजदूर को उस तार ख के 15 दन बाद तक भी रोजगार नह ं मल पाता है िजस तार ख से वह
काम करना चाहता है तो रा य सरकार को अ ध नयम म नधा रत दर के हसाब से आवेदक को
बेरोजगार भ ता दे ना होगा। जैसे ह इस अ ध नयम को कसी िजले या े म अ धसू चत कया जाएगा,
यह ावधान त काल भाव म आ जाएगा। पूरे लॉक म बेरोजगार भ ते का तु रंत भु गतान सु नि चत
करने का दा य व काय म अ धकार का होगा। बेरोजगार भ ते का भु गतान भी उसी तरह कया जाएगा
िजस तरह वेतन का भु गतान कया जाता है।
बेरोजगार भ ते के भु गतान म उस तार ख के बाद 15 दन से यादा दे र नह ं होनी चा हए
िजस दन से संबं धत आवेदक बेरोजगार भ ते का अ धकार हो चु का है (अ ध नयम का अनु छे द 7
(5))। य द इसम कसी तरह क दे र होती है तो आवेदक को उसी स ा त के आधार पर मु आवजा
पाने का अ धकार होगा िजस स ा त के आधार पर वेतन भु गतान अ ध नयम, 1936 के तहत वेतन
संबध
ं ी मुआवजा अदा कया जाता है। इस मु आवजे के मद म होने वाला खचा रा य सरकार को उठाना
होगा।
य द कसी पा आवेदक को काम क मांग कए जाने अथवा उस तार ख से िजससे वह काम
क मांग करता है, जो भी बाद म हो, 15 दवस के भीतर रोजगार नह ं दया जाता है तो उसे बेरोजगार
भ ता दया जाएगा। बेरोजगार भ ते क दर, अ ध नयम क धारा 7 (2) के अंतगत रा य सरकार वारा
रा य प रष क सलाह से समय-समय पर अ धसू चत क जाएंगी।
बेरोजगार भ ते क रा श व तीय वष म थम 30 दवस हे तु यूनतम मजदूर दर के एक
चौथाई से कम नह ं होगी तथा शेष अव ध के लए यूनतम मजदूर क दर से आधी से कम नह ं होगी।
राज थान म इस समय बेरोजगार भ ते क दर व तीय वष म थम 30 दवस के लये 19 पये
त दन और उसके बाद शेष अव ध के लए 38 पये से कम नह ं होगी य क यहां पर यूनतम
मजदूर क वतमान दर 73 पये त दन नयत है।

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रोजगार उपल ध नह ं करवाए जाने क ि थ त म संबं धत आवेदक को बेरोजगार भ ते का
भु गतान सु नि चत करने का दा य व काय म अ धकार का होता है।
अ ध नयम क धारा 7 (3) के ावधान के अनुसार बेरोजगार भ ते के भु गतान का दा य व
न न ि थ तय म समा त हो जाता है :-
(क) ाम पंचायत अथवा काय म अ धकार वारा आवेदक को काय पर वयं के उपि थत होने
अथवा अपने प रवार के कसी एक वय क सद य को उपि थत होने के नदश दए जाने पर,
अथवा
(ख) समयाव ध िजसके लए काय क मांग क गई है, के समा त होने तथा प रवार के कसी सद य
के काय पर उपि थत नह ं होने पर, अथवा
(ग) आवेदक के वय क सद य वारा व तीय वष म कम से कम 100 दवस का काय ा त
कर लए जाने पर, अथवा
(घ) य द प रवार के आवेदक वारा मजदूर एवं बेरोजगार भ ते दोन को मलाकर व तीय वष
म 100 दवस क मजदूर के बराबर भु गतान ा त कर लया गया है।
अ ध नयम क धारा 9 के ावधान के अनुसार क तपय प रि थ तय म आवेदक क बेरोजगार
भ ते क हकदार नह ं बन पाती है। इस धारा के अनुसार कोई आवेदक तीन माह क अव ध के लए
बेरोजगार भ ते के लए पा नह ं होगा (पर तु रोजगार योजना के अंतगत कसी भी समय रोजगार
ा त करने का पा होगा) य द वह
(क) अपने प रवार के सद य वारा योजना के अंतगत रोजगार को वीकार नह ं करता है, अथवा
(ख) काय म अ धकार या कायकार एजे सी वारा काय पर उपि थत होने हे तु अ धसू चत करने
के 15 दवस म काय पर उपि थत नह ं होता है, अथवा
(ग) संबं धत कायकार एजे सी से बना अनुम त के एक स ताह से अ धक अव ध के लए काय
से नर तर अनुपि थत रहता है अथवा कसी माह म एक स ताह से अ धक अव ध के लए
अनुपि थत रहता है।
6. या वयन नकाय को रा श उपल ध करवाना
काय म अ धकार लॉक के अ य या वयन नकाय को रा श उपल ध करवाता है। उसके
वारा वीकृ त रा श क जानकार सभी ाम पंचायत को भेज द जाती है। वह अपने पास उपल ध
अनुदान का 80 तशत अंश खच हो जाने के बाद अगल क त क मांग कर सकता है। इस संबध

म काय म अ धकार के ताव के साथ ाम पंचायत स हत येक या वयन नकाय वारा कए
गए खच का यौरा तथा या वयन नकाय वारा काय म अ धकार के पास भेजे गए सदु योग
माण-प क तयां भी न थी होनी चा हए।
7. खात का मा सक हसाब - कताब करना
आ थक रसाव के खतरे को कम करने और आ थक बंधन म पारद शता व सट कता को
ो सा हत करने के लए काय म अ धकार को खात के मा सक हसाब - कताब क यव था करनी
होती है। इस या म इस बात का यान रखा जाना ज र है क योजना के अंतगत जार कए गए
पूरे पैसे का न न ल खत तीन शीषक के तहत -लेखा-- जोखा रखा जा रहा है : -
(क) व भ न तर पर बक खात म उपल ध धन;
158
(ख) या वयन या भु गतान नकाय को द गई अ म रा श;
(ग) वा त वक खच क रसीद।
काय म अ धकार को खात के मा सक हसाब- कताब का यौरा इंटरनेट पर सावज नक
प से भी उपल ध कराना होता है।
8. प रणाम पर नगरानी और उनका मू यांकन करना
ामीण रोजगार गार ट योजना का एक मह वपूण उ े य थायी संपदाओं का नमाण करना
तथा ामीण गर ब के लए जी वकोपयोगी संसाधन आधार का 'सु ढकरण करना है (अनुसच
ू ी 1,
अनु छे द 2)।
अ ध नयम के अंतगत कए जाने वाले नवेश से रोजगार संवधन, य शि त म सु धार, आ थक
उ पादकता म वृ , म शि त म म हलाओं क सहभा गता को ो साहन, थायी संपदाओं क रचना
के ज रए ामीण अवरचनागत ढांचे के सु ढ़ करण, आजी वका के लए व थापन पर अंकुश लगाने
तथा ाकृ तक संसाधन का संर ण व पुननवीकरण करने म सहायता मले गी। इसका अथ यह है क
ामीण रोजगार गार ट योजना के मद म होने वाले नवेश के ठोस प रणाम सामने आने चा हए।
पंचायत स म त तथा काय य अ धकार अपने अ धकार े म प रवार के पंजीकरण, येक
आवेदक को मले रोजगार, बेरोजगार भ ते के भु गतान, सामािजक अंके ण, अनुदान के वाह , वेतन
के समयब और सह भुगतान तथा काम क ग त और गुणव ता पर नजर रखगे। काय म अ धकार
को अपने पास आने वाल सभी रपोट तथा जानका रय क तयां िजला काय म सम वयक को भेजनी
होती है िज ह वह रा य एवं के सरकार के पास भेजता है।
9. काय म अ धका रय वारा रखे जाने वाले रकॉडस ्
काय म अ धका रय वारा रखे जाने वाले रकॉडस ् का ववरण इस कार से है :-
रोजगार रिज टर
येक काय म अ धकार को रोजगार के लए अपने पास आए आवेदन का एक रिज टर
रखना होगा। ऐसे सभी आवेदन को रिज टर म दज कया जाता है और उ ह संबं धत ाम पंचायत
के पास, भेज दया जाता है। आवेदन क तयां काय म अ धकार के कायालय म भी रखी जाती
ह।
रोजगार काड रिज टर
येक ाम पंचायत म उपल ध रोजगार काड रिज टर क त ल पयां क यूटर कृ त प
म काय म अ धकार कायालय म भी रखी जाती है।
म टर रोल नगमन रिज टर
काय म अ धकार के कायालय म एक रिज टर रखा जाता है िजसम व भ न या वयन
नकाय के नाम पर जार कये गये म टर रोल का यौरा दज कया जाता है।
संपदा रिज टर
ाम पंचायत तथा अ य या वयन वारा अपने संपदा रिज टर म दज सूचनाएं उसी ा प
म काय म अ धकार को भेजी जाती है। काय म अ धकार इन जानका रय को क यूटर कृ त प
म संक लत करता है और उसक एक त िजला काय म सम वयक को भेजता है।
शकायत रिज टर

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काय म अ धकार के पास एक शकायत रिज टर रखा जाता है। काय म अ धकार को अपने
कायालय म एक शकायत पेट रखनी होती है और नय मत अंतराल पर उसे वयं खोलना होता है।
शकायत पेट ऐसी जगह पर होनी चा हए जहां लोग आसानी से उसम अपनी शकायत डाल सक।
शकायत पे टय के ज रए ा त होने वाल शकायत को भी शकायत रिज टर म दज कया जाना
चा हए।
10. म टर रोल (हािजर पुि तका) के संबध
ं म काय म अ धकार के दा य व
काय म अ धकार अपने अंतगत आने वाल ाम पंचायत तथा या वयन नकाय को एक
व श ट पहचान सं या वाल म टर रोल जार करता है। ाम पंचायत तथा अ य या वयन नकाय
वारा म टर रोल रिज टर रखे जाते ह। इन पुि तकाओं म येक प रयोजना से संबं धत न न ल खत
जानका रयां दज क जाती ह-
(क) काम पर आए यि त का नाम; उसका रोजगार काड मांक; उसने कतने दन काम कया
और कतने दन अनुपि थत रहा; और उसे कतना वेतन दया गया। उसे दए गए वेतन तथा
उसने कतने दन काम कया,इस आ य क जानकार येक मक के प रवार रोजगार काड
म भी दज कर द जाती ह।
(ख) संबं धत काय / प रयोजना क व श ट पहचान सं या।
(ग) भु गतान ा त करने वाले का ह ता र या अंगठ
ू े का नशान।
मू ल म टर रोल या वयन नकाय के यय रकाड का भाग होती ह। म टर रोल क एक
त सावज नक नर ण के लए येक ाम पंचायत तथा काय म अ धकार के कायालय म रखी
जाती है। काय म अ धकार कायालय म इन म टर रोल को क यूटर कृ त प म संक लत कया जाता
है। य द संभव हो तो ाम पंचायत के तर पर भी ऐसा कया जा सकता है। ऐसे कसी भी म टर
रोल को अना धकृ त और गैरकानूनी माना जाएगा िजसे काय म अ धकार कायालय वारा जार नह ं
कया गया है।
11. काय थल पर सु वधाएं उपल ध करवाना
या वयन नकाय वारा काय थल पर ज र सु वधाओं क यव था करवाने का दा य व
काय म अ धकार को होता है। उसे काय थल पर च क सक य सहायता, पीने के पानी, छाया और
अगर 6 वष से कम उस के 5 या उससे यादा ब चे ह तो बालवाड़ी क यव था या वयन नकाय
को करनी होगी (अ ध नयम क अनुसू ची 2, अनु छे द 27 एवं 28)।
अगर काय थल पर 6 वष से कम उस के 5 से अ धक ब चे ह तो उनक दे खभाल के लए
ामीण रोजगार गार ट योजना के अंतगत एक यि त (औरत हो तो बेहतर रहे गा)को काम पर रखना
होगा। इस खच को भी लागत अनुमान म जोड़ा जाएगा।
12. व तीय एवं भौ तक अंके ण स पा दत करवाना
रा य सरकार के नदशानुसार अपने े ा धकार के काय का व तीय एवं भौ तक अंके ण
करवाने का दा य व काय म अ धकार का है। यह अंके ण गा तो थानीय न ध अंके क वारा या
रा य सरकार वारा नयु त कए गए चाटड अकाउं टट क दे खरे ख म स प न होता ह। अंके ण नोट
क एक त रा य सरकार को भी भेजी जाती है। इस अंके ण के साथ-साथ एक समवत अंके ण
भी कया जाता है। चाटड अकाउं टट वारा कए गए अंके ण के अलावा लेखा महा नर क भी अ ध नयम

160
के खात का अंके ण करता है। लेखा मह नर क के अंके ण दल को चाटड अकाउं टट वारा कए
गए अंके ण क रपोट भी उपल ध कराई जाती है।
चाटड एकाउं टट क अंके ण रपोट तथा पछले वष से संबं धत सदुपयोग माण-प काय म
अ धकार वारा िजला काय म सम वयक को त काल े षत करने होते ह।
इसी कार योजना के अंतगत कए गए काम का भौ तक अंके ण भी कया जाता है ता क
न केवल यह पता लगाया जा सके क अब तक कए गए काम क गुणव ता कैसी रह है बि क यह
भी सु नि चत कया जा सके क थायी संपदाओं का नमाण हो रहा है या नह ।ं
काय म अ धकार का दा य व है क वह उ त अंके ण काय स पा दत करवाने हे तु अंके क
वारा चाहा गया रकाड उ ह उपल ध करवाए तथा अंके ण रपोटस क पालना समय पर उ च
अ धका रय को े षत करे ।
13. नाग रक चाटर क पालना करवाना
पंचायत स म त तर पर नाग रक चाटर के संबध
ं म मु य भू मका काय म अ धकार क
होती है। राज थान सरकार के ामीण वकास वभाग वारा अपने प रप दनांक 24 जनवर 2006
के मा यम से नाग रक-चाटर का ा प जार कया हु आ है जो इस कार से है:-
1. योजना के तहत येक ामीण प रवार िजसका वय क सद य अकुशल शार रक म करने को
तैयार हो, को येक व तीय वष म 100 काय दवस रोजगार उपल ध कराया जाएगा।
2. रोजगार चाहने वाले प रवार का मु खया अपने नाम, आयु और घर का पता ाम पंचायत को दे ते
हु ए पंजीकरण हे तु आवेदन करे गा।
3. ाम पंचायत पंजीकरण हे तु दये गये आवेदन क जांच पड़ताल करने के बाद सभी पा प रवार
का पंजीकरण करे गी।
4. पंजीकरण के प चात ् येक प रवार के मु खया के नाम से एक ''जॉब काड'' दया जायेगा जो
आगामी पांच वष के लए वैध होगा।
5. आवेदन प जमा करने के 15 दन के अ दर-अ दर ाम पंचायत आवेदक को रोजगार उपल ध
करवाएगी। जहां तक संभव हो आवेदक को उसके नवास थान के 5 कलोमीटर क प र ध म
ह रोजगार उपल ध करवाया जायेगा। य द 5 कलोमीटर से अ धक क प र ध म रोजगार उपल ध
करवाया जाता है तो आवेदक को मजदूर क 10 तशत रा श अ त र त दे य होगी। रोजगार क
सू चना ाम पंचायत वारा आवेदक को सू चना प के मा यम से एवं ाम पंचायत के नो टस
बोड पर च पा करके द जाएगी।
6. य द रोजगार के लए आवेदन प दे ने के 15 दन के अ दर रोजगार नह ं मलता है तो आवेदक
बेरोजगार भ ता पाने का हकदार होगा।
7. ाम पंचायत वारा सभी ऐसे मक को रोजगार उपल ध कराया जायेगा जो अवकाश को छोड़कर
एक पखवाडा लगातार काय करने को तैयार हो।
8. मजदूर का भु गतान अकाल राहत एवं ामीण योजनाओं पर कए जाने वाले भु गतान क तरह
ह कया जाएगा।
9. मजदूर का भु गतान काय करने के 15 दन अव ध के अ दर कर दया जाएगा।

161
10. बेरोजगार भ ते क दर कसी व तीय वष के दौरान पहले 30 दन के लये मजदूर दर का एक
चौथाई तथा उसके बाद मजदूर दर क आधी होगी क तु आवेदक अकुशल म वीकार नह ं करता
है, 15 दन के अ दर काय थल पर उपि थत नह ं होता है एवं काय थल से बना अनुम त
के लगातार 7 दन अनुपि थत रहता है तो ऐसी ि थ त म उसे बेरोजगार भ ता दे य नह ं होगा।
11. म हलाओं को रोजगार के आवंटन म ाथ मकता द जाएगी एवं यास यह कए जाएंगे क कम
से कम एक तहाई रोजगार म हलाओं को दया जाएं। वकलांग यि तय को भी उनक मता
के अनुसार रोजगार दया जाएगा।
12. काय थल पर य द मक के साथ 5 से अ धक ब चे 6 वष से कम उ के ह गे तो उ ह संभालने
के लए भी एक म हला मजदूर को लगाया जाएगा, िजसको इसी योजना से अ य मजदूर क भां त
मजदूर का भु गतान कया जाएगा।
13. मक को काय थल पर व छ पेयजल, व ाम काल एवं छाया तथा ाथ मक उपचार के लये
आव यक औष धयाँ इ या द उपल ध करवायी जाएंगी।
14. य द कोई मक रोजगार के दौरान काय थल पर घायल हो जाता है तो वह रा य सरकार वारा
नःशु क इलाज का अ धकार होगा एवं अ पताल म भत करवाने पर उसे पूरा उपचार,दवाईयॉ
एवं आवास क सु वधा नःशु क उपल ध कराई जाएगी। घायल मक को दै नक भ ता दे य होगा
जो क मजदूर दर के आधे से कम नह ं होगा।
15. मक के काय थल पर दुघटना अ य कारण से मृ यु अथवा हमेशा के लये वकलांग होने क
ि थ त मे मृतक के वैध उ तरा धकार अथवा वकलांग को अनु ह रा श के पम पये 25000
अथवा के सरकार वारा अ धसू चत रा श का भु गतान कायकार वभाग वारा कया जाएगा।
16. योजना के अ तगत वीकृ त काय , ा त धन रा श एवं यय आ द का सम त ववरण ाम पंचायत
के नो टस बोड पर लगाया जाएगा एवं तमाह आधार पर ाम सभा के सम भी रखा जाएगा।
17. ाम सभा वारा येक गांव के लए सतकता स म त का गठन कया जाएगा िजसम अनुसू चत
जा त जनजा त के सद य व म हला को भी शा मल कया जाएगा।
18. योजना म कये गये यय का सामािजक अंके ण करवाया जाएगा एवं कसी भी नाग रक वारा
नधा रत रा श जमा करा कर कये गये यय का ववरण गया वाउचर ा त कया जा सके गा।
14. चौकसी एवं नगरानी स म तयां क यव था करना
इस योजना के तहत वीकृ त येक काय के लए एक थानीय चौकसी एवं नगरानी स म त
का गठन कया जाता है। इस स म त म उस थानीय आबाद या गांव के लोग को लया जाएगा जहां
संबं धत प रयोजना को लागू कया जा रहा है। यह स म त या वयन के दौरान काम क ग त और
गुणव ता पर नजर रखती है। इस स म त के लए सद यो का चयन ाम सभा करती है और सद य
का चु नाव करते हु ए इस बात का याल रखा जाता है क उसम अनुसू चत जा त अनुसू चत जनजा त
तथा म हलाओं को भी उ चत त न ध व मले। लागू कए जा रहे काम के यौरे , समयाव ध तथा
गुणव ता मानक के बारे म इस स म त को बताना या वयन नकाय का दा य व होता है। प रयोजना
प रपूणता माण-पु के साथ इस स म त क अं तम रपोट भी न थी क जाती है और उसे पंचायत
क अगल ाम सभा बैठक म पेश कया जाता है। इस रपोट क एक त काय म अ धकार तथा
िजला काय म सम वयक को भेजी जाती है।

162
थानीय लाभाि वत के अ धकार क अ भ यि त तथा सूचनाओं तक उनक पहु ंच सु नि चत
करने के लए थानीय लाभाि वत स म तय का गठन कया जा सकता है। यह सु नि चत करना
काय म अ धकार का दा य व होता है क थानीय चौकसी एवं नगरानी स म तय / लाभाि वत
स म तय का समय पर गठन कया जाए।
15. शकायत क सु नवाई और उनका नपटारा करना
रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम के या वयन हे तु भारत सरकार वारा जार
ं म व तृत दशा- नदश दए गए ह, जो इस
मागद शका म शकायत क सुनवाई के संबध कार से
है : -
लॉक तर पर काय म अ धकार और िजला तर पर िजला काय म सम वयक शकायत
नपटारा अ धकार ह गे।
येक तर पर शकायत से नपटने के लए अपील क यव था वक सत क जाएगी। ाम
पंचायत के खलाफ काय म अ धकार के पास अपील क जाएगी जब क काय म अ धकार
के खलाफ िजला काय म सम वयक के पास अपील क जाएगी। िजला। काय म सम वयक
के खलाफ अपील करने के लए रा य सरकार कसी उ चत अ धकार या नकाय क नयुि त
करे गी।
शकायत क सु नवाई के लए रा य सरकार उ चत या और ा प तय करे गी। इन कार
क तय को बडी सं या म आम लोग को उपल ध करवाया जाएगा और वे इंटरनेट पर
भी उपल ध ह गी। ा प क फोटो तय पर लखी शकायत को भी वीकार कया जाएगा।
शकायत या या चका दज कराने वाले के नाम, शकायत के व प तथा तार ख को एक रिज टर
म दज कया जाएगा और इन जानका रय को हर ह ते इंटरनेट पर अपलोड कया जाएगा।
शकायत दज कराने वाले यि त को शकायत का पावती मांक दया जाएगा िजस पर
शकायत दज कराने क तार ख अं कत होगी। इस पावती मांक के आधार पर वह काय- म
अ धकार के कायालय म बने काउं टर या इंटरनेट से इस बात का पता लगाया जा सकता है
क उसक शकायत पर कोई कारवाई हु ई है या नह ।ं
जैसे ह कसी शकायत पर कारवाई क जाती है, उसके बारे म शकायतकता को त काल
जानकार भेजी जाएगी। इन जानका रय को इंटरनेट पर भी उपल ध करवाया जाएगा।
सभी शकायत -का वग करण करके येक े और क म के आधार पर उनका माहवार
व लेषण कया जाएगा ता क इस बात का पता लगाया जा सके क कौन-कौन से े म
वर ठ तर पर ह त ेप क ज रत है।
सभी शकायत पर अ ध नयम म तय समय सीमा के भीतर कारवाई क जाएगी।
सामािजक अंके ण मंच के लए ''अ नवाय एजडा'' के प म सू चीब वषय से
संबं धत शकायत के न तारण पर वशेष यान रखा जाएगा।
अ ध नयम और दशा- नदश के तहत सभी अ धका रय तथा नकाय के शकायत नपटारा
दशन से संबं धत जानका रयां सा ता हक आधार पर अपलोड क जाएंगी।
शकायत के ज द नपटारे के लए ाम सभा और सामािजक अंके ण मंच वारा शकायत
क सावज नक सु नवाई क भी यव था क जाएगी।

163
रा य सरकार लॉक, िजला और रा य तर पर वैकि पक शकायत नपटारा ा धकरण का
गठन कर सकती है।
रा य सरकार िजला तर पर संवी क (ओ ब समैन) क नयुि त के वक प पर भी वचार
कर सकती है। इस काम के लए साफ छ व वाले लोग को ह चुना जाएगा।
शकायत क सु नवाई के लए हे पलाईन का भी बंदोब त कया जा सकता है।
काय म अ धकार तथा िजला काय म सम वयक के पास आई शकायत पर क गई कारवाई
से संबं धत जानका रय को मश: पंचायत स म त और िजला पंचायत क बैठक म पेश कया
जाएगा।

11.4 सारांश
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम के अ तगत रोजगार गारं ट योजना
का या वयन मु यतया ाम पंचायत वारा कया जाता है। इन काय से संबं धत सभी यव थाएं
करने के लए पंचायत स म त तर पर एक अ धकार क नयुि त क जाती है िजसे काय म अ धकार
कहा जाता है। वह एक लॉक तर य अ धकार होता है तथा पद कम से कम लॉक वकास अ धकार
(बी.डी.ओ.) के तर का होता है। काय म अ धकार िजला काय म सम वयक के नदे शन, नयं ण
और अधी ण म रहते हु ए लॉक तर पर रोजगार गार ट योजना के या वयन म एक सम वयक
के प म काम करता है। काय म अ धकार आवेदक को रोजगार उपल ध करवाता है। कायकार
नकाय के मा यम से काय थल पर आव यक सु वधाएं मु हैया करवाता है। वह समय पर काय का
मू यांकन और मजदूर का भु गतान करवाता है। वह बेरोजगार भ ते के भु गतान क यव था करता
है। वह रोजगार उपल ध करवाने क या पर नजर रखता है और उसम सम वय था पत करता
है। रा य सरकार से धन ा त कर उसे या वयन एज सय को उपल ध करवाने का काय भी काय म
अ धकार का है।
काय म अ धकार को जॉब काड बनवाने, काय क वीकृ त करवाने, उनके लए म टररो स
जार करने, काय व भु गतान का रकाड रखने, अंके ण करवाने, नाग रक अ धकार प क पालना
करवाने, व भ न कायकार नकाय के काय म सम वय था पत करने, मजदूर व बेरोजगार भ ते
का भु गतान करने, योजना के व त पोषण क यव था करने, गुणव ता बनाए रखने और काय का
समय पर मू यांकन करने, सामािजक अंके ण स पा दत करवाने, रोजगार अवसर क मांग एवं पू त
म संतु लन बनाने जैसे मह वपूण काय करने होते ह।
काय म अ धकार वारा कम से कम 50 तशत लागत वाले काम का या वयन ाम
पंचायत को स पना होता है। रोजगार के लए आवेदन करने वाले नए आवेदक के बारे म ाम पंचायत
को स ताह म कम से कम एक बार काय म अ धकार को जानकार दे नी होती है। ामीण रोजगार
गार ट योजना के सभी काय के लए काय म अ धकार क ओर से म टर रोल जार कया जाता
है। काय म अ धकार क िज मेदार है क वह वेतन संबध
ं ी लागत और साम ी लागत का अनुपात
अ ध नयम म नधा रत यूनतम 60:40 के अनुपात म बनाए रखे। आ थक रसाव के खतरे को कम
करने और आ थक बंधन म पारद शता को ो सा हत करने के लए खात के मा सक हसाब- कताब
क यव था काय म अ धकार को करनी होती है। काय म अ धकार को खात के मा सक
हसाब- कताब का यौरा इंटरनेट पर सावज नक प से भी उपल ध करवाना होता है। काय म अ धकार
164
को कई तरह का रकाड रखना होता है िजनम रोजगार रिज टर, रोजगार काड रिज टर, म टर रोल
नगमन रिज टर, संपदा रिज टर, शकायत रिज टर आ द मु ख ह।

11.5 अ यासाथ न
1. काय म अ धकार के क त य क ववेचना क िजये।
2. काय के व तीय एवं भौ तक अंके ण के संदभ म काय म अ धकार क भू मका का उ लेख
क िजये।
3. नरे गा के या वयन म काय म अ धकार क भू मका का उ लेख क िजये।

11.6 संदभ थ सू ची
1. हनुमान संह गुजर : रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम, 2005, राज थान ह द थ

अकादमी, जयपुर।
2. राज थान क रोजगार गारं ट योजना, राज थान सरकार का राज-प वशेषांक जुलाई 24,2006
3. रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम के या वयन हेतु मागद शका, भारत सरकार, नई
द ल।
4. सामािजक अंके ण नद शका, राज थान सरकार, जयपुर।

165
इकाई - 12
नरे गा एवं सरपंच
इकाई क परे खा
12.0 उ े य
12.1 तावना।
12.2 महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम-2005 क मु य वशेषताएं
12.3 महा नरे गा एवं पंचायत राज यव था
12.4 ाम पंचायत के दा य व
12.5 सरपंच को या नह ं करना चा हये
12.6 सारांश
12.7 अ यासाथ न
12.8 संदभ थ सूची

12.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पायगे -
 महा नरे गा म पंचायत राज क भू मका के बारे म।
 महा नरे गा म ाम पंचायत के दा य व के बारे म।
 सरपंच के दा य व के बारे म।

12.1 तावना
भारत के ामीण वकास के संदभ म यह पहला अवसर है, जब ामीण मक के लये रोजगार
के अ धकार को एक कानून के मा यम से सु नि चत कया गया है। रा य ामीण रोजगार गारं ट
अ ध नयम-2005 भारत सरकार का एक ाि तकार कदम है। यह न केवल भारत का बि क व व
का ऐसा पहला कानून है िजसम अकुशल काय के लये इ छुक येक ामीण प रवार को वष म 100
दन का मांग आधा रत काम आंव टत कया जाता है। इस कानून के अ तगत काम मांग कर रोजगार
ा त करना ामीण मक का कानूनी अ धकार है।
भारत सरकार ने 31 दस बर, 2009 को अपने राजप म इस अ ध नयम म संशो धत कर
इसका नाम महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम कर दया है।
ाम सभा और वाड सभा वारा त वष 15 अ टू बर से पूव वा षक काय योजना को तैयार
कया जाता है। यह पंचायत क िज मेवार होती है। इस अ ध नयम म ाम पंचायत मु य या वयन
सं था है। वाभा वक प से पंचायत का मु खया होने के नाते सरपंच महा नरे गा के या वयन के
लए उ तरदायी है।
इस अ ध नयम का मूल उ े य ामीण े के ऐसे येक प रवार को एक व तीय वष के
दौरान कम से कम 100 दन का गारंट शु दा रोजगार उपल ध करवाना है, िजसके वय क सद य अकु शल

166
शार रक म करने को तैयार है, ता क ामीण े म रोजगार क सुर ा क ि थ त को और बेहतर
बनाया जा सक। इस मु य उ े य के साथ कु छ अ य उ े य न न ह :-
¤ ामीण इलाक म थायी प रस प तय का नमाण करना, िजससे आजी वका म वृ हो
¤ गांव के जंगल, जल एवं पयावरण क र ा करना।
¤ म हलाओं का सशि तकरण।
¤ गांव से शहर क ओर होने वाले पलायन पर अंकुश लगाना।
¤ सामािजक समरसता व समानता सु नि चत करना।

12.2 महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम-2005 क


मु य वशेषताएं
महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम-2005 क मु य वशेषताएं िजसके
संदभ म सरपंच भावी भू मका है। अत: सरपंच को महानरे गा के स दभ म ात होना चा हए -
ऐ तहा सक अ ध नयम-
भारत के इ तहास म इस कानून से पहल बार येक ामीण प रवार को एक व त वष म
व 100 दन के गारं ट शु दा रोजगार के मा यम से अपनी आजी वका का अ धकार मला है।
काम मांगने का अ धकार-
येक ामीण प रवार को सरकार से 100 दन का रोजगार मांगने का अ धकार है।
बेरोजगार भ ता -
य द रा य सरकार कसी ामीण प रवार क मांग पर उसे 100 दन का रोजगार उपल ध
करा पाने म असफल रहती है, तो वह बेरोजगार भ ते का भु गतान करे गी।
ामवा सय वारा काय का चयन -
ाम /वाड सभा के वारा अनुम त काय म से येक गांव के वकास के लये शु कये जाने
वाले काय को अ ध नयम म अं कत ाथ मकता के आधार पर चयन कया जायेगा।
म हलाओं को ाथ मकता –
रोजगार के आवंटन म कम से कम एक तहाई म हलाओं को रोजगार उपल ध करवाया जाना
आव यक है।
पूण पारद शता -
योजना म पूण पारद शता होगी और मजदूर का भु गतान उनके वयं के बक/पो ट ऑ फस
के खाते के मा यम से होगा। म टररोल अब गु त नह ं रहे गा, और काय लोग क जानकार म ह गे।
भु गतान उपरा त भु गतान शु दा म टररोल क वेज ल ट नो टस बोड पर द शत क जायेगी।
ठे केदार पर तब ध-
इस योजना के अ तगत काय हे तु ठे केदार को अनुम त नह ं द गयी है।
पंचायत क नणायक भू मका -
सभी तर पर पंचायत सं थाऐं योजना के अ तगत एवं या वयन म नणायक भू मका
नभायगी।
मक के लये काय थल पर सु वधाऐं -

167
योजना के अ तगत काय थल पर छाया, पानी, दवाईयां व छोटे ब च के लये पालना यव था
क जायेगी।
काय थल पर दुघटना
काय थल पर घायल होने के मामल म नःशु क च क सा का और मक क मृ यु या थायी
प से वकलांग होने के मामल म मु आवजे का ावधान है।
मशीन के योग पर तब ध -
काय पर मशीन का योग विजत है। सफ उसी दशा म जब कोई काय मजदूर के वारा
कया ह नह ं जा सकता हो, तो िजला कले टर क पूव अनुम त से मशीन का उपयोग कया जा सकता
है।

12.3 महा नरे गा एवं पंचायत राज यव था


हमारे दे श म पंचायत राज क यव था बहु त पुरानी है। वेद म भी इस यव था का उ लेख
मलता है। वै दक काल म इ ह पंच परमे वर कहा जाता था। वतं भारत म पंचायत राज यव था
का 2 अ टू बर 1959 को नागौर म त काल न धानमं ी पं डत जवाहर लाल नेह ने शु भार भ कया
था।
आव यकता अनुसार समय समय पर पंचायत राज यव था म संशोधन कर इसे भावी बनाया
गया। 73 व सं वधान संशोधन वारा पंचायत राज क यव था को अ नवाय और एक पता दान
क गयी। राज थान म 23.04.1 994 को नया पंचायती राज अ ध नयम 1994 लागू कया गया।
महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम-2005 के लागू होने के साथ ह
ामीण रोजगार क महती िज मेदार ाम पंचायत के पास आ गयी है।
ै ा नक सं था है, एवं इसके मु खया होने के नाते सरपंच के मह वपूण
ाम पंचायत एक संवध
पदे न कत य एवं िज मेदा रयां है। सश त ाम सभा और ाम पंचायत के बीच सरपंच कड़ी के प
म काय करता है।
सरपंच ाम समा क बैठक बुलायेगा और न चय करे गा क महा मा गांधी रा य ामीण
रोजगार गारं ट अ ध नयम -2005 म ाम सभा व अपने अ धकार एवं दा य व या वयन कर :-
¤ ाम सभा को नरे गा अ तगत कराये जाने वाले काय क सफा रश का हक है।
¤ नरे गा योजना तगत येक 6 माह म काय क सामािजक अंके ण कराने का ाम सभा का
दा य व है।
¤ ाम सभा को योजना के स ब ध म ाम पंचायत से सम त सू चनाएं बना मांगे ा त करने
का हक है।
¤ सू चनाओं के आदान दान के लये मंच के प म काम करने क दा य व है।

12.4 ाम पंचायत के दा य व
महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम-2005 म ाम पंचायत के दा य व
न न है -
¤ ाम सभा म त वष 15 अ टू बर तक आगामी व तीय वष क वा षक काय योजना बना
कर पास करवाना।

168
¤ प रवार के ाथना प को रिज े शन के लये ा त करना ा त ाथना प को स यापन
कर प रवार का पंजीयन करना।
¤ प रवार जॉब काड जार करना।
¤ रोजगार मांग का ाथना प ा त कर आवेदक को दनांक शु दा ाि त रसीद जार करना।
¤ काम मांगने के 15 दन के अ दर अ दर फाम नं. 8 म काय आवंटन कर आवेदक को सू चना
दे ना।
¤ काय का सह व ईमानदार से या वयन एवं मॉ नट रंग करना।
¤ रकाड का सु यवि थत संधारण करना।
¤ सामािजक अंके ण करवाना।
¤ पंजीकरण एवं रोजगार
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना पंचायत े म रहने वाले सभी ामीण
प रवार के लये उपल ध है, एक व तीय वष के दौरान 100 दन के गारं ट शु दा रोजगार का अ धकार
ामीण प रवार को दया गया है। अगर कसी प रवार म एक से अ धक यि त काम करना चाहते
है, तो उ ह काम पर रखा जा सकता है, पर तु एक प रवार क अ धकतम पा ता व 100 दन के रोजगार
क होगी।
प रवार पंजीकरण के लये आवेदन :-
पंजीकरण करवाने वाले प रवार के सभी वय क सद य पंजीकरण सकते है। उ ह न न शत
पूर करनी होगी-
¤ वह थानीय नवासी हो।
¤ वह अकुशल शार रक म करने को तैयार हो।
¤ वह ाम पंचायत के सम एक प रवार के प म आवेदन कर।
जॉब काड :-
¤ जांच पूर करने के बाद ाम पंचायत 15 दन के अ दर प रवार को जॉब काड जार करे गी।
इस जॉब काड पर सम वय क सद य के नाम, आयु और फोटो लगाना अ नवाय है।
¤ जॉब काड पर व श ट पंजीकरण न बर अं कत होगा।
¤ जॉब काड तथा उसके लये खचवाय फोटो क लागत आवेदक से नह ं ल जलेगी अथात यह
नशु क ह गे।
¤ प रवार के सद य क मृ यु होने अथवा प रवार के सद य वय क होने पर रिज टर सं या
5 एवं जाँघ काड म दनां कत संशोधन कर ह ता र कये जाव।
¤ जॉब काड क अवधी 5 वष क होगी, पर तु जॉब काड स यापन सतत ् प से कये जाय।
¤ जॉब -काड हमेशा उसी प रवार के पास रहना चा हये िजसे वह जार कया गया है। काय पर
आते समय जॉब काड साथ लाया जायेगा।
काम के लये आवेदन :-
पंजीकृ त ामीण प रवार का येक वय क सद य िजसका नाम जॉब काड म अं कत है,
अकु शल शार रक म करने के लये आवेदन कर सकता है। आवेदन छपे हु ये फाम ( प -6) म कया

169
जाना चा हये। छपे हु ये फाम नह ं मलने पर सादा कागज पर भी आवेदन कया जा सकता है। इस
आवेदन म न न ल खत जानकार द जानी चा हये :-
¤ आवेदक का नाम, पता, जा त, जॉब काड क सं या।
¤ आवेदक कस दनांक के बाद काम पर आना चाहता है।
¤ उसे कतने दन रोजगार क ज रत है।
¤ आवेदक वारा काम के लये जो आवेदन जमा करवाया है, उसके बदले आवेदक को ाम
पंचायत वारा दनां कत रसीद जार क जायगी।
काम का आवंटन :-
¤ काम मागंने के 15 दन के अ दर, काम मांगने के लये कये गये आवेदक को काम दया
जाना अ नवाय है। काम के आवंटन क सू चना ल खत म ( प -8) ाम पंचायत वारा द
जानी ज र है। ाम पंचायत के कायालय म सावज नक सू चना वारा भी काम आवंटन क
सू चना द जानी चा हये।
¤ रोजगार आवेदक के गाव से 5 कलोमीटर के दायरे म होना चा हये, अ यथा 10 तशत
मजदूर अ त र त दे य है।
¤ अगर ाम पंचायत काम दे ने म असफल होती है, तो काय म अ धकार क भी िज मेदार
है क वह मक को काम दे व।
¤ काम मांगने के 15 दन के अ दर काम नह ं दया गया तो दै नक बेरोजगार भ ता दे य होगा।
काम और उनका कय वयन
महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम का उ े य थायी प रस प तयां
सृिजत करते हु ये ामीण इलाक म रोजगार गारं ट सु नि चत करना है। इस अ ध नयम म इस उदे य
क पू त के लए न न काय को ाथ मकतावार करने का ावधान है
¤ जल संर ण एवं जल संचय।
¤ सू खे के बचाव के लये वृ ारोपण एवं वन संर ण।
¤ संचाई के लये सू म एवं लघु संचाई प रयोजनाओं सं हत नहर का नमाण।
¤ अनुसू चत जा तय और अनुसू चत जनजा तय क गृहि थय या गर बी रे खा से नीचे जीवन
यापन करने वाले प रवार एवं उनके उपरा त भू म सु धार के हता धका रय या भारत सरकार
क इि दरा आवास योजना के अधीन हता धका रय या कृ षक क वा म वाधीन भू म के
लये संचाई सु वधा, फलदार बागवानी एवं भू म क वकास के काय पर तु प रवार अथात:-
¤ भू म वामी जॉब काड धारक हो और योजना म भी काय कर रहा हो।
¤ ऐसे येक प रयोजना के लये मक साम ी का अनुपात 60.40 म नाम म ाम पंचायत
तर पर रखा जायेगा।
¤ प रयोजना ाम सभा और ाम पंचायत वारा अनुमो दत होगी तथा प रयोजनाओं, के वा षक
से फ का भाग होगी।
¤ काय के न पादन म कोई ठे केदार या मशीनर यु त नह ं होगी।
¤ कोई मशीनर य नह ं क जायेगी।

170
¤ पार प रक जल नकाय का नवीनीकरण िजसके अ तगत तालाब का शु करण भी है
जलाशय से गाद नकासी।
¤ भू म वकास।
¤ बाढ नयं ण एवं सु र ा प रयोजनाएं िजनम जल भराव से त इलाक से पानी क नकासी
भी शा मल है।
¤ गाँव म सड़क को बछाना ता क सभी गांव तक सभी मौसम म सहज आवा जाह हो सक,
सड़क नमाण काय म ज रत के हसाब से पु लया भी बनायी जा सकती है।
¤ कोई अ य काय, िजसे रा य सरकार के परामश से केि य सरकार वारा अ धसू चत कया
जाये ( ाम पंचायत तर पर ाम ान संधान के और ाम पंचायत भवन के प म भारत
नमाण राजीव गांधी सेवा के का नमाण)
यह सभी काय ाम सभा वारा प ट नामजद पा रत कये जाने चा हये। काय को पंचायत
म पंजीकृ त प रवार क सं या म खोला जाना चा हये, िजससे क काय करने के इ छुक सभी मक
को काय मल सक।
सरपंच यह भी यान द क उ त अनुमत काय से टकाउ प रस प तय का सृजन और नमाण
हो ता क ामीण नधन यि तय के आजी वका का संसाधन के लये आधार को सु ढ़ कया जा सक,
यह योजना का मह वपूण उ े य है।
म और साम ी अनुपात :-
काय म ाम पंचायत तर पर म और साम ी का 60.40 का अनुपात नधा रत कया गया
है, क पालना कानूनी प से अ नवाय है। कुशल मक और कार गर क मजदूर साम ी लागत
म शा मल क जानी चा हये।
या वयन ऐजे सी :-
¤ कम से कम 50 तशत काय ाम पंचायत वारा कये जाने क वैधा नक अ नवायता है।
¤ अ य या वयन नकाय म पंचायत स म त, िजला प रष , स बि धत सरकार वभाग ,
केि य एवं रा य सरकार के सावज नक े के उप म , सहकार स म तय और ति ठत
वैि छक संगठन (एन.जी.ओ) को शा मल कया जा सकता है। वयं सहायता समू ह को भी
संभा वत या वयन क ेणी म रखा जा सकता है।
पंचायत े का 15 वष का मा टर लान बनाना :-
या करना है, इसका पूव नधारण ह लान है। पंचायत का मु खया होने के नाते सरपंच को
पंचायत के वकास के लये सृजना मक चंतन एवं क पना के लये जाग क होना ज र है। सरपंच
को 15 वष य एक मा टर लान पंचायत वकास का बनाना चा हये इस प र े य म सरपंच को पंचायत
े के गांव के सभी कार के आंकड का व लेषण कर थान को चि हत कर आगामी 15 वष क
आव यकताओं यथा-खेल के मैदान, सड़क, जल संर ण एवं जल सं ह, भू म वकास, बाढ नयं ण,
संचाई के लये प रयोजनाएं, चारागाह, वृ ारोपण कूल, कॉलेज, छा ावास, कृ ष, डेयर , बागवानी
वकास, अ पताल, बाजार, म डी, आवास योजनाऐं, पाक, बजल सु वधा, बक पो ट ऑ फस,
सामु दा यक के , बस टै ड आ द का द घकाल न लान बनाना चा हये।

171
यह लान पंचायत के वकास का माग श त करे गा तथा भारत सरकार, रा य सकार वारा
समय समय पर लागू ामीण वकास क योजनाओं जैसे महा मा गांधी नरे गा , बी.आर.जी.एफ.,
बी.ए.डी.पी. (BRGF,BADP) आ द म इस लान को समायोिजत कया जा सकेगा िजससे पंचायत
े का सु दर, सु यवि थत, सु वधायु त, ामीण रोजगार उ मुख वकास एवं इि छत ल य क ाि त
होगी।
ह रत राज थान योजना
महा मा गाँधी रा य गांधी रा य योजना गारं ट योजना के मु य उ े य म एक पयावरण
क र ा करना भी है। इस बात को यान म रखते हु ये योजना अ तगत अनुमत काय क सू ची म
सू खे के बचाव के लये वृ ारोपण एवं बन संर ण के काय को ाथ मकता म दूसरे थान पर रखा
गया है। रा य म वैसे भी लगातार अकाल क ि थ त रहती है। िजसका कारण रा य म बन े क
कमी है। इसके कारण वषा क मा ा एवं वषा क कमी रहती है। इससे सबसे यादा ामीण गर ब जनता
भा वत होती है, ऐसी ि थ त म ह रत राज थान म मा यम से दे श को हरा भरा करने के लये ामीण
इलाक म नरे गा अ तगत ह रत राज थान क योजना सघन वृ ारोपण बन संर ण एवं चारागाह के
वकास के लये बनायी गयी। इससे ामीण प रवार को रोजगार उपल ध के साथ साथ पयावरण क
र ा के मह वपूण उ े य क पू त भी क जा सकेगी।
इस योजना म नरे गा के तहत सघन वृ ारोपण कया जाना है। इसके भावी या वयन हे तु
यह आव यक है क येक ाम पंचायत, के नवा चत जन त न धय एवं गांव के बु यि तय
को इस योजना के या वयन से जोड़ा जाये। अत: पंचायत का मु खया होने के नाते सरपंच का यह
उ तरदा य व बना है, क वह ह रत राज थान के स ब ध म वशेष बैठक का आयोजन कर। वन वभाग
के अ धका रय का मक तथा गांव के बु यि तय को इन बैठक म आमि त कर तथा इस योजना
क पूण जानकार उ ह द तथा उनके अनुभव एवं जानकार उनसे ा त कर ता क योजना अ तगत
सघन वृ ारोपण कया जा सक।
नरे गा अ तगत ह रत सड़क काय म :-
महा मा गांधी रा य ामीण रोजगार गारं ट योजना अ तगत ह रत सड़क काय म रा य
म शु कया गया है। ह रत सड़क के वकास के काय सावज नक नमाण वभाग वारा स पा दत
कये जा रहे है। काय शु होने के पहले स बि धत ाम पंचायत म मक जॉब/काडधा रय को ाम
पंचायत वारा स बि धत वभाग को उपल ध करवाया जाना है। इस योजना के अ तगत पौधारोपण
के लये पौधे वन वभाग या रा य सरकार वारा अ धकृ त नसर से ा त कये जाते है। तथा सड़क
क बाउ ी के साथ हो वृ ारोपण कया जाता है। इस हे तु पौध का चयन इस कार कया जाता है
क उ ह पानी क कम ज रत हो तथा िज ह पशु नह ं खाते हो। जैस-े नीम, चु रैल, के सया-सा मया
आ द। पौध क सुर ा े ीय चलन उपल ध साम ी यथा रंग पट हनीकॉम स चर कांटेदार
झा ड़य का उपयोग कया जाता है।
मजदूर , मजदूर भु गतान और बेरोजगार भ ता :-
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम के अनुसार रा य सरकार वारा
खेतीहर मजदूर के लये यूनतम वेतन अ ध नयम 1948 के ावधान के अनुसार नधा रत यूनतम
मजदूर टा क पूरा करने पर मलेगी।

172
¤ सरपंच को मजदूर भु गतान के स ब ध म न न बात को यान म रखना चा हये –
¤ मजदूर का भु गतान काम समा त होने के एक स ताह के अ दर और कसी भी ि थ त
म 15 दन के अ दर हो जाना चा हये।
¤ म हला एवं पु ष मक को समान मजदूर द जानी चा हये।
¤ भु गतान का आधार कये गये काम का माप होना चा हये।
¤ काम का माप स म तकनीक यि त के वारा होना चा हये। पर तु मेट भी त दन
मक समू हवार माप कर म टररोल म इ ाज करे गा।
¤ मजदूर का भु गतान केवल बैक एवं पो ट ऑ फस के खात के मा यम से होना चा हये।
¤ भुगतान क गयी मजदूर का ववरण जॉब काड म लखा जाकर ह ता र कया जाना
चा हये।
बेरोजगार भ ता :-
अगर नरे गा के तहत रोजगार के लये आवेदन दे ने वाले मजदूर को उस तार ख के 15 दन
म भी रोजगार नह ं मल पाता है, िजस तार ख से वह काम करना चाहता है, तो रा य सरकार को
अ ध नयम म नधा रत दर के हसाब से आवेदक को बेरोजगार भ ता दे ना होगा।
बेरोजगार भ ते का भु गतान सु नि चत करने क िज मेदार काय म अ धकार क होगी।
बेरोजगार भ ते का भु गतान उसी तरह कया जायेगा िजस तरह से मजदूर का भु गतान कया जाता
है।
न न प रि थ तय म मक को बेरोजगार भ ता नह मलेगा-
¤ अगर कोई मक दये गये काय को वीकार नह ं करता है।
¤ य द 15 दन के अ दर काम मलने पर भी आवेदक काम पर नह ं आता है।
¤ अगर वह नधा रत पखवाड़े म काम से एक स ताह अनुपि थत रहता है।
माट काड के वारा नरे गा म मजदूर का भु गतान :-
मजदूर का भु गतान समय पर हो सक तथा सह यि त को ह मजदूर का भु गतान हो अथात
बोगस यि तय को मजदूर का भु गतान कसी भी प रि थ त म नह ं हो सक। इस उ े य को ा त
करने के लये भारत सरकार ने बको/पो ट ऑ फस के साथ साझेदार म माट काड वारा मजदूर का
भु गतान ार भ कया है। रा य म ज द ह यह योजना ार भ क जा रह है।
माट काड का योग करते हु ये टे नोलोजी को कई गुणा बढाते हु ये नरे गा मजदूर को मजदूर
का भु गतान उनके अंगठ
ू ा मु ण मा यता के वारा क म के लाभा थय क शना त ह नह ं होगी,
बि क उ ह बना कसी परे शानी के समय पर भु गतान मलेगा।
सरपंच को चा हये क िजला कले टर एवं िजला काय म सम वयक/अ त र त िजला काय म
सम वयक एवं मु य कायकार अ धकार िजला प रष से स पक था पत कर इस काय को व त
वष के प चात ् अ ल
े माह म द वार लेखन नरे गा सूचनाओं का करवाना सु नि चत करवाये।
ाम तर य नगरानी एवं सतकता स म त :-
ाम सभा वारा येक ाम म एक ाम तर य नगरानी एवं सतकता स म त का गठन
कया जाव। स म त म 9 सद य होते है, िजनम नरे गा मक स हत अनुसू चत जा त/अनुसू चत
जनजा त एवं म हलाओं क त न ध का होना आव यक है। स म त का दा य व अपने े म काय

173
थल पर जाकर काय का नर ण करना, नगरानी करना तथा इस स ब ध म तवेदन नर णकता
अ धकार एंव ाम सभा स हत काय म अ धकार को े षत करना है।
सामािजक अंके ण :-
महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम क धारा 17 एवं अनुसच
ू ी 1 पैरा
13 म हर 6 माह म यूनतम एक बार सामािजक अंके ण का कानूनी उ तरदा य व ाम सभा का
नधा रत कया गया है। अत: सामािजक अंके ण ाम पंचायत क वैधा नक अ नवायता है।
सामािजक अंके ण जन नर ण क एक सतत या है। यह सूचना के वैि छक घोषणा
का एक भावकार मा यम है। सामािजक अंके ण वारा नरे गा के या वयन के सभी चरण क
जांच क जाती है।
सामािजक अंके ण सबको साथ लेकर चलने क सफल सामू हक या है। इससे न केवल
वकास काय म भागीदार बढ़ती है बि क यह टाचार को समा त करने एवं लोकतं को मजबूत
बनाने का एक अ छा औजार है।
सरपंच या कर महानरे गा के सफल और अ छे या वयन के लए :-
¤ सरपंच गांव का मु खया होता है अत: वह मु खया होने के नाते गांव के वकास के लये न ठा
व ईमानदार से काय कर। सरकार नदश , आदे श का अ रशः: पालन कर।
¤ यह सु नि चत कर क ाम पंचायत कायालय नय मत प से समय पर खु ल।
¤ नये प रवार के पंजीकरण के लये छपे हु ये फाम म आवेदन ा त कर, छपा हु आ फाम नह ं
मलने पर सादे कागज पर आवेदन ा त कर।
¤ पंजीकरण उन सभी थानीय प रवार का करे जो अकुशल म करने के लये इ छुक हो।
¤ पंजीकरण ाम पंचायत े के थानीय नवा सय का ह कर।
¤ एक प रवार को एक ह जॉब काड जार कर।
¤ केवल उ ह ं यि तय को काम पर लगाय, जो ल खत या मौ खक आवेदन ाम पंचायत को
तु त कर (1 व 16 तार ख को सीधे ह कायालय पर उपि थत होने वाल से पहले आवेदन
ा त कर)
¤ जॉब काड म केवल वय क यि तय के नाम ह दज कर।
¤ वय क यि तय को ह काम पर लगाय।
¤ जॉब काड नःशु क जार कये जाये, प रवार के वय क सद य का फोटो ाफ पंचायत तर
पर नःशु क खचवाय।
¤ यह सु नि चत कर क जॉब काड उसी प रवार के मु खया के पास हो िजसके नाम से इसे
जार कया गया हो।
¤ ठे केदार से काम नह ं करवाये।
¤ काय म मशीन का उपयोग नह ं कर मशीन केवल वह अनुमत है जो काम मानव म से
हो ह नह ं सकता।
¤ नरे गा कानून के अनुसार ाम पंचायत के काय म म साम ी का अनुपात 60.40 के अनुसार
ह हो।

174
¤ फाम नं, 6 काय म अ धकार को भेजकर मक के पूव मु त कभी भी खाल म टररोल
ा त नह ं कर, नाम स हत ह म टररोल 7 ई-म टररोल ा त कर।
¤ प रवार पंजीकरण के साथ ह 15 दन के अ दर जॉब काड जार कर।
¤ काम के लये आवेदन करने वाल को त थयु त पावती रसीद दे व।
¤ रोजगार आंवटन का काय पारदश ढं ग से कर, वृ , अश त एवं वकलांग को उनके यो य
काय यथा पालना, पानी आ द का काय दे व।
¤ फाम सं या 6 ा त करने के 15 दवस म रोजगार उपल ध करवाय, 15 दन म रोजगार
नह ं दे ने पर बेरोजगार भ ता दलाये।
¤ मक को काय थल पर काम के दौरान द जाने वाल मू ल सु वधाएं जैसे- छाया, पीने के
लये पानी, ाथ मक उपचार का ब सा, 6 वष से कम आयु के ब च के लये समु चत यव था
करवाना सु नि चत कर।
¤ य द काम के दौरान मक को चोट लग जाये तो उसक सरकार अ पताल म च क सा
यव था करवाय।
¤ रोजगार आवेदन क ाि त काम के आवंटन और बेरोजगार भ ते के भु गतान आ द से
स बि धत कोई शकायत हो तो उसे ा त कर उसका 7 दन म नपटारा करवाये।
¤ नरे गा कानून के हसाब से कम से कम 33 तशत म हलाओं को रोजगार आवंटन कर।
¤ पंचायत क येक पा क बैठक म सम त यय का वाड पंच को बता कर आपि तयां ा त
क पाये एज काय म अ धकार को भेज।
¤ वा षक काय योजना को 15 अ टू बर से पूव ाम सभा क बैठक म वीकृ त करवा कर भजवाये।
¤ काय थल पर काय क वीकृ त रा श काम के व वध आयाम और ज र जानका रय का
बोड लगवाये।
¤ यह सु नि चत कर क काय थल पर हमेशा म टररोल एवं काय थल पुि तका उपल ध रहे ।
¤ गांव के सभी नवा सय को काय से जुड़े तमाम रकाड क जांच पड़ताल करने का यौता दे ।
¤ मजदूर का भु गतान काय समा त होने के एक स ताह के अ दर करवाय, ले कन कसी भी
सू रत म 15 दवस के अ दर अ दर भु गतान करवाये।
¤ मजदूर का भु गतान केवल बैक/पो ट ऑ फस के खात के मा यम से ह करवाये।
¤ अ य सम त भु गतान एकाउ ट पेय चैक वारा ह कर।
¤ सामािजक अंके ण स म त को कम से कम 15 दन पहले सभी द तावेज जांच के लये उपल ध
करवाये।
¤ सामािजक अंके ण के लये बुलायी गयी ाम सभा हेतु पया त चार सार करवाय।
¤ सामािजक अंके ण करवाने म पूण सहयोग कर।
¤ पा क प से ाम पंचायत क बैठक बुलाई जाय तथा इसका उपयोग नरे गा के बारे मे
जानकार का चार सार करने के लये भी कर।
¤ सतकता एवं नगरानी ाम तर य स म तय का गठन करवाये।
¤ नरे गा स बि धत सभी मह वपूण आंकड़ का क यूटर एम,आई एस- म नय मत फ डंग
करवाये। इ ह ं आंकड से आपक पंचायत क नरे गा क ग त का आकलन कया जाता है।

175
नरे गा थायी स म त का अ य होने के नाते थायी स म त के सभी सद य को ाम सभा
म आव यक प से उपि थत रहना सु नि चत कर तथा वा षक काय योजना मे नरे गा थायी
स म त का पूण सहयोग लेव।
¤ नरे गा योजना तगत म मद के अ त र त कसी भी कार के यय को कये जाने से पूव
नरे गा थायी स म त क सं तु त लेव।
¤ सामािजक अंके ण म नरे गा थायी स म त का पूण सहयोग लेव।
¤ नरे गा थायी स म त क रपोट ाम पंचायत क येक पा क बैठक म तुत करवाय।
¤ नरे गा थायी स म त क ाम पंचायत वारा योजना अ तगत सम त यय ( म मद ने
अ त र त) भु गतान करने से पूव ल खत सं तु त ा त कर।
¤ य द थायी स म त के कसी सद य वारा साम ी य दर , या, गुणव ता, मा ा अथवा
स उपयोग के स ब ध म कोई अ यथा ट पणी क है तो अ वल ब थायी स म त सं तु त
को पंचायत स म त के वकास अ धकार एवं काय म अ धकार को भजवाये।
¤ नरे गा या वयन से स बि धत काय म थायी स म त का पूण सहयोग लेव।
¤ नरे गा थायी स म त से नधा रत या का पालन सु नि चत करवाय।
¤ नरे गा थायी स म त नय मत प से पा क बैठक बुलाना सु नि चत कर।
¤ यह सु नि चत' कर क प रस प त एवं संचयी यय रिज टर म नरे गा के यि तगत काय
स हत सम त काय का काय ार भ होते ह पखवाड़ावार यय रा श का उ लेख करते हु ये
सम त इ ाज पूण करवाय।
¤ येक काय क मा सक यूसी तैयार करवाये।
¤ नरे गा क रोकड़ बह एवं बैक टे मटम ट का मलान करवाय, तथा उसम आव यकता
समायोजन करवाय।
¤ नरे गा काय हे तु यय क गयी साम ी का इ ाज ाम पंचायत वारा संधा रत नरे गा टॉक
रिज टर म करवाया जाना सु नि चत कर।
¤ त दन म टररोल पर मेट वारा ह ता र कये जाय गे उसके प चात ् म टररोल क समय
अव ध समा त होने के प चात ् क न ठ अ भय ता वारा म टररोल क जांच कर मा णत
करते हु ये ह ता र कये जायगे, त प चात ् स चव एवं सरपंच भी ह ता र कर।
¤ काय क माप लेते हु ये काय क माप एम.बी. म जेईन वारा इ ाज कया जायेगा, त प चात
स चव एवं सरपंच ह ता र कर।
¤ रोकड़ वह नय मत प से संधा रत क जाय। रोकड़ बह म स चव के ह ता र के बाद सरपंच
भी ह ता र कर।
¤ नाग रक अ धकार प को पंचायत कायालय के सहज या थान पर सावज नक सूचना
प पर लखवाये।
¤ व तीय वष समा त होते ह 15 दवस म नरे गा स बि धत सभी सू चनाओं का लेखन द वार
पर करवाय।

176
12.5 सरपंच या न कर
¤ ाम पंचायत नय मत प से नह ं खोलना एक गंभीर अ नय मतता है। इससे आम
ामीण म अ व वास फैलता है। अपने नवास थान पर रकाड रख कर पंचायत का
काय नह ं कर।
¤ प रवार पंजीकरण के लये मौ खक आवेदन को अ वीकार नह ं कर।
¤ नव प रवार के पंजीकरण के लये गर बी रे खा, जा त, लंग अथवा अ य कसी कार
का भेदभाव नह ं कर।
¤ थानीय पर तु अ थायी पलायन करने वाले पंचायत े के प रवार को पंजीयन के लये
मना नह ं कर।
¤ एक ह प रवार के अलग अलग वय क यि तय को जॉब काड जार नह ं कर।
¤ जॉब काड म नाबा लग के नाम दज नह ं कर।
¤ एवजी को काम पर नह ं लगाव।
¤ जॉब काड पंचायत म अथवा मेट के पास नह ं रखा जाव।
¤ टे डर अपने पु प नी/प त के नाम से वीकार नह ं कर।
¤ सम प से ाम पंचायत के काय पर साम ी मद पर 40 तशत से यादा यय नह ं
कर।
¤ अ ध नयम म अनुमत काय के अ त र त और कोई काय नह ं करवाये।
¤ मक अं कत म टररोल ाि त उपरा त कसी भी मक का नाम नह ं जोड़े।
¤ नरे गा म अनुमत काय क ाथ मकता खि डत नह ं कर।
¤ कसी भी साम ी का नकद एवं बीयरर चैक वारा भु गतान नह ं करे ।
¤ कभी भी खाल म टररोल पंचायत स म त से ा त न कर। म टररोल पर मक के
नाम मु त करवाकर ह म टररोल ा त कर।

12.6 सारांश
नरे गा के या वयन म ाम पंचायत क मह वपूण भू मका होती है। सरपंच का यह दा य व
है क वह रोजगार मांगने वाले यि त को रोजगार दान करने तथा नरे गा से स बि धत रकाड रखे।

12.7 अ यासाथ न
1. नरे गा के या वयन म पंचायत राज यव था क ववेचना क िजये।
2. नरे गा के काय म ाम पंचायत के दा य व का उ लेख क िजये।
3. नरे गा के संदभ म सरपंच से या या अपे ाय क गयी ह?

12.8 संदभ सू ची
1. हनुमान सह गुजर , रा य ामीण रोजगार गारंट अ ध नयम, 2005, राज थान ह द थ

अकादमी, जयपुर।
2. राज थान क रोजगार गारं ट योजना, राज थान सरकार का राज-प वशेषांक जु लाई 24,2006

177
3. रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम के या वयन हेतु मागद शका, भारत सरकार, नई
द ल।
4. सामािजक अंके ण नद शका, राज थान सरकार, जयपुर।

178
इकाई - 13
सामािजक अंके ण
इकाई क परे खा
13.0 उ े य
13.1 तावना
13.2 सामािजक अंके ण क आव यकता
13.3 एक सतत ् या के प म सामािजक अंके ण
13.4 सामािजक अंके ण मंच
13.5 सारांश
13.8 अ यासाथ न
13.7 संदभ थ सूची

13.0 उ े य
इस इकाई के अ ययन के उपरा त आप जान पायगे -
 सामािजक अंके ण के बारे म।
 सामािजक अंके ण क आव यकता के बारे म।
 महा नरे गा म सामािजक अंके ण के मह व के बारे म।
 महा नरे गा म सामािजक अंके ण क या के बारे म।

13.1 तावना
समाज वारा काय और उनके या वयन क समी ा कए जाने को सामािजक अंके ण
कहा जाता है। महा मा गाँधी रा य ामीण रोजगार गार ट अ ध नयम का एक रचना मक पहलू
यह है क इसम लगातार सावज नक नगरानी के लए “सामािजक अंके ण” को एक के य भू मका
दान क गई है (अ ध नयम क धारा 17)।
सामािजक अंके ण का मु य उ े य प रयोजनाओं, कानून और नी तय के या वयन म
सावज नक उ तरदा य व सु नि चत करना होता है। सामािजक अंके ण का एक सरल तर का यह है
क एक खु ल सभा म संबं धत प रयोजना का यौरा पेश कया जाए और उस पर सभी प के बीच
गंभीर संवाद हो। ले कन ''सामािजक अंके ण'' को एक यापक अथ म भी समझा जा सकता है।
अ ध नयम म सामािजक अंके ण मंच के संबध म ावधान कए गए ह। इसम ''सामािजक अंके ण
मंच'' पद का उपयोग सामािजक अंके ण या के तहत ाम सभा वारा बुलाई जाने वाल बैठक
के लए कया गया है।
इस कार सामािजक अंके ण नरंतर चलने वाल एक ऐसी या है िजसके ज रए रोजगार
गारं ट योजना के संभा वत लाभाि वत तथा अ य सामािजक प को संबं धत ग त व ध या प रयोजना
के नयोजन से लेकर या वयन, नगरानी और मू यांकन तक हर अव था म शा मल रखा जाता
है। इससे यह सु नि चत करने म सहायता मलती है क स बि धत ग त व ध या प रयोजना क परे खा

179
और या वयन क या थानीय प रि थ तय के सबसे यादा अनुकू ल ढं ग से, भा वत होने वाले
प क ाथ मकताओं और अपे ाओं का पया त प से समावेश करते हु ए और जन हत को यान
म रखते हु ए संचा लत क जा रह है।

13.2 सामािजक अंके ण क आव यकता


सामािजक अंके ण को सावज नक मामल म न न ल खत मूलभू त मानक क थापना और
ो साहन करने वाले साधन के प म दे खा जा सकता है :-
(क) पारद शता
शासन एवं नणय या म पूर पारद शता रखी जाए और सरकार को इस बात के लए
िज मेदार ठहराया जाए क उसे अपनी पहल पर लोग को सभी आव यक सूचनाएं बना कसी रोक-टोक
के उपल ध करानी ह गी। कसी भी काय से संबं धत सूचनाएं थानीय भाषा म काय थल पर और ाम
पंचायत म कसी मह वपूण थान पर चपका द जाएंगी ता क कोई भी यि त उ ह दे ख सके।
(ख) सहभा गता
सभी भा वत यि तय (न क केवल उनके जन त न धय ) को यह अ धकार होगा क वह
नणय और वीकृ त क या म ह सा ले सकते ह।
(ग) परामश और सहम त
िजन कु छ मामल म कसी ववशता क वजह से वक प पहले ह नधा रत कर लए गए
ह वहां भी भा वत यि तय को सचेत सहम त दान करने का अ धकार ज र दया जाएगा। यह
सहम त प रि थ त के अनुसार समू ह के प म या यि तगत तर पर द जा सकती है।
(घ) उ तरदा य व
नवा चत त न धय और सरकार कमचा रय क िज मेदार होगी क वे कसी भी ग त व ध
या अकम यता के बारे म संबं धत एवं भा वत यि तय क तरफ से उठाए गए सवाल का जवाब
और प ट करण दगे।
(ङ) सु नवाई
सामािजक अंके ण तथा सावज नक जांच-पड़ताल के न कष को अ धकृ त वीकृ त दान
करते हु ए उनसे स बं धत नये कायदे -कानून क जानकार संबं धत शकायत के जवाब म क गई
कारवाई के साथ लोग तक पहु ंचाया जाएगा।

13.3 एक सतत ् या के प म सामािजक अंके ण


अ ध नयम के अंतगत या वयन के न न ल खत 11 चरण के दौरान सामािजक अंके ण
या म सावज नक नगरानी और पुि ट का समावेश होना चा हए
(1) प रवार का पंजीकरण,
(2) रोजगार काड का वतरण,
(3) रोजगार आवेदन क ाि त,
(4) प रयोजना सूची क तैयार और थान का चयन,
(5) तकनीक अनुमान क तैयार , वीकृ त तथा काय आदे श का जार होना,
(6) यि तय म काम का बटवारा,
180
(7) काम का या वयन और उनक दे ख-रे ख,
(8) वे रोजगार भ ते का भु गतान,
(9) वेतन का भु गतान,
(10) काम का मू यांकन,
(11) ाम सभा म अ नवाय सामािजक अंके ण (सामािजक अंके ण मंच)।
इन सभी चरण म ऐसे कई तर के सामने आ सकते ह िजनके ज रए या वयन या कायदे
-कानून का अनुसरण करने म वफल पाई जाएगी। अ ध नयम के या वयन हे तु भारत सरकार वारा
जार मागद शका म ऐसी ''आशंकाओं'' क एक नमू ना सूची चाट - प म द गई है। इस चाट म इन
आशंकाओं को रोकने या उनसे नपटने के संभा वत उपाय भी सु झाए गए ह, जो इस कार से है :-
-सं. चरण संभा वत दोष पारद शता तथा सामािजक अंके ण
1. ऐसे प रवार का पंजीकरण 1-संबं धत 1-पंजीकरण क या पारदश होगी। यह
िजनके सद य ामीण अ धकार का काम सावज नक प से होना चा हए और उसम
रोजगार गार ट योजना म अभाव लोग को यह सु वधा मलनी चा हए क वह
संभा वत मजदूर हो सकते 2-यो य अपने या और के बारे म दज क जा रह
ह। (दा य व: सरपंच / ाम आवेदक का जानका रय क पुि ट कर सके।
पंचायत स चव) पंजीकरण न 2-शु आती पंजीकरण इसी उ े य के लए
करना बुलाई गई वशेष ाम सभा क बैठक म कए
3- कसी प रवार जाएंग।े
के वय क क 3-पंजीकरण के यो य सभी प रवार और उनके
अधूर सूची वय क सद य क सूची तैयार करने के लए
4-फज प रवार ाम पंचायत को एक सव ण करना होगा इस
/ यि तय का सव ण के आधार पर सु नि चत कया जाना
पंजीकरण चा हए क जो वय क ह और इस योजना म
5-“अधू र”े काम करने के इ छुक ह ऐसे सभी लोग क
पंजीकरण फाम पहचान कर ल जाए।
को नर त कर
दे ना
6-पंजीकरण के
बदले पैसे
मांगना
-सं. चरण संभा वत दोष पारद शता तथा सामािजक अंके ण
5.शु आती पंजीकरण के बाद न न ल खत सू चय
को ाम सभा क बैठक म पढ़ कर सु नाया जाएगा:
(क)सभी पंजीकृ त प रवार क
(ख) येक पंजीकृ त प रवार पंजीकृ त, वय क क
सू ची

181
6.पंजीकरण के लए जो फॉम उपयोग कया जाएगा
उसके नचले ह से को फाड़ कर पावती के प म
पंजीकृ त प रवार / यि त को दे दया जाएगा।
7.य द कोई फॉम कसी भी ि ट से अधूरा है तो
उसे पूरा करने / करवाने क िज मेदार संबं धत
कमचार के ऊपर होगी।
8.पंजीकृ त प रवार / सद य क अं तम सूची क
जांच क जाएगी और अगर कसी नाम / प रवार के
बारे म कोई आपि त उठाई जाती है तो इस ववाद
को भी हल कया जाएगा।
9. कसी भी प रवार के सद य को अपना प
तु त करने का अवसर दए बना उ ह पंजीकरण
के अ धकार से वं चत नह ं कया जाएगा। कसी का
पंजीकरण न करने से संबं धत सभी मामल को ाम
सभा के सामने लाया जाएगा।
10.पंजीकरण प रवार / यि तय क अं तम सूची
को ाम पंचायत कायालय म कसी ऐसी जगह लगा
दया जाएगा जहां सभी लोग उसे दे ख सके। इस सूची
को हर तीन मह ने म अधतन कया जाएगा।
11. शु आती पंजीकरण के बाद भी ाम पंचायत
म पंजीकरण क या लगातार रहे गी।

2. रोजगार काड 1.रोजकार काड 1. पंजीकरण क तार ख के बाद सभी यो य


का वतरण मलने म दे र आवेदक को एक माह (बा यकार समय सीमा) के
(दा य व: 2.झू ठे रोजगार काड भीतर रोजगार काड जार करने ह गे।
सरपंच/ स चव: जार कर दे ना 2. रोजगार काड धारक क सूची का हर मह ने
ाम पंचायत) 3. न न ल खत अधतन करना ज र होगा और उसे जांच के लए
अयो य यि तय को ाम पंचायत कायालय म उपल ध कराया जाएगा।
रोजगार काड जार 3. जार कए गए सभी रोजगार काड क
कर दे ना फोटो तय को एक फाइल म पंचायत कायालय म
(क)अ नवासी रखा जाएगा ता क कोई भी यि त उनक जब चाहे
(ख)नाबा लग जांच कर सके।
4.रोजगार काड का 4. रोजगार काड पर इस बात का साफ उ लेख होना
जार न कया जाना चा हए क इस काड क कोई क मत नह ं है। उस पर
5.रोजगार काड जार अ ध नयम के तहत मजदूर को मलने वाले
करने के लए पैसे अ धकार ( यूनतम वेतन स हत)का भी उ लेख

182
मांगना होना चा हए।

3.रोजकार के 1. संबं धतअ धक रय वारा 1. आवेदक अपना आवेदन डाक के मा यम से भी


लए आवेदन रोजगार आवेदन वीकार न भेज सकता है और उसे वयं जाकर भी जमा करा
(दा य व : सरपंच करना सकते है।
/ काय म 2. रोजगार आवेदन पर गलत 2. आवेदक को त काल एक ल खत
अ धकार ) तार ख का होना या तार ख न ,ह ता रयु त और तार खी पावती मलनी
होना चा हए।
3. ''अधू र'े ’ आवेदन को नर त 3. सा ता हक अधतन पर आधा रत एक
कर दे ना तार खवार सू ची ाम पंचायत कायालय म लगाई
कसी जाएगी। एक रिज टर भी कायालय म रखा
वशेष अ प- ाथ मकता जाएगा िजसम सभी आवेदन से संबं धत, यौर
ाम वाले या अनाव यक काम का को दज कया जाएगा।
पंचायत म लागू चु नाव 4. कसी यि त को यह कह कर समय पर
होने वाले 2. ऐसे काम का चु नाव कर रोजगार न दे ना क उसने -केवल मौ खक आवेदन
सावज नक काय लेना िजनसे कसी को नजी दया था। य द कोई आवेदन कसी से अधूरा रह
का चु नाव लाभ होने वाला है जाता है तो उसे पूरा करवाने क िज़ मेदार
करना (दा य व 3. उस काम के लए जनता क संबं धत अ धकार के ऊपर होगी। कोई आवेदन
सरपंच) सहायता /समथन का अभाव सफ इस आधार पर नर त नह ं कया जाएगा
4. गलत काय थल का चु नाव क वह अधूरा है।
1.बढा-चढा कर या गलत 5. रोजगार आवेदन के लए एक नि चत ा प
तकनीक आकलन तैयार करना वाला फाम उपल ध होना चा हए ता क अगर कोई
2.तकनीक आकलन म यि त मौ खक आवेदन दे रहा है तो ाम
अनाव यक खच को शा मल पंचायत म मौजू द अ धकार त काल उसे भर कर
कर लेना जमा करा सके।
3.ऊंची दर और ज रत से 1.योजना के तहत कए जाने वाले काय /
यादा माल क मांग प रयोजनाओं क सूची तैयार करने का दा य व
4.ऐसे अ प ट काय आदे श ाम सभा के ऊपर रहना चा हए।
िजनसे काम के बारे म सह पता 2. ाम सभा ले ासं गकता और ाथ म ता के
नह ं चलता या िजनम म क आधार पर काय / प रयोजनाओं क सूची क
5. तकनीक
गु ज
ं ाइश रह जाती है। जांच करनी चा हए।
आंकलन
3. ाथ मकता आधा रत काय / प रयोजनाओं क
पर वीकृ त और
सूची ाम पंचायत कायालय म सावज नक प
काय आदे श
से लगा द जाएगी ता क सभी उसे दे ख सक।
जार
करना
1.तकनीक आंकलन तैयार करने क या म

183
थानीय लोग क भागीदार ज र होनी चा हए।
2.तकनीक आंकलन को वीकृ त के लए ाम
सभा क बैठक म अव य पेश कया जना चा हए।
3.तकनीक आंकलन का ा प सरल होना चा हए
ता क आम लोग भी उसे सरलता से समझ सक।
4. वीकृ त और काय आदे श के लए भी एक
सरल और आसानी से समझ मे आने वाला ा प
तैयार कया जाना चा हए।
5.यह ा प सावज नक प से कह ं लगा दया
जाना चा हए ता क लोग उससे संबं धत
जानका रयाँ ा त कर सक और काय आदे श का
ववरण ा त कर सके।
6. रोजगार आंवटन 1. कसी को उसक 1. ाम पंचायत कायालय म रोजगार आंवटन से
(दा य व : बार आने से पहले ह संबं धत रिज टर रखा जाना चा हए ता क लोग वयं
सरपंच /काय म रोजगार दे दे ना दे ख सके क कस को कैसा काम मला है।
अ धकार ) 2.रोजगार क क म 2. सु नि चत कया जाना चा हए क जब भी कभी नए
/ थान के आंवटन रोजगार आवं टत होने वाले ह तो नो टस बोड तथा
म भेदभाव अ य मा यम (जैसे मु नाद ) के ज रए आम जनता को
3.म हलाओं के लए इस बारे म अ छ तरह पता हो। जब भी रोजगार
नधा रत सीट को न आवं टत कए जाएं तो लोग को इस बात क जानकार
भरना दे द जानी चा हए क कस तार ख तक आए आवेदन
4.आवेदक को के बदले रोजगार दया जा चु का है।
सू चत न करना और 3. ामीण रोजगार गार ट योजना के बारे म
बाद मे उ ह जानका रयां उपल ध कराने के लए एक दन (र ववार
अनुपि थत घो षत या हाट का दन) तथा एक खास व त और जगह (जैसे
कर ाम पंचायत) तय कर दया जाना चा हए।
दे ना 4.उस दन जनता को इस बारे म बता दया जाना
5.काम के बदले पैसे चा हए क कौन-कौन से काम आवं टत कए जा चुके
मांगना। ह या आंव टत होने वाले ह। इसके साथ ह आवं टय
के नाम उनके आवेदन क तार ख, काम क जगह और
अ य ज र जानका रयां भी दे द जानी चा हए।
7. या वयन और 1.अनुपि थत 1.काय योजना का ववरण और काम क ज रत के
दे खभाल (फज ) मजदूर के बारे म सभी संबं धत प को बताने के लए संभा वत
(दा य व : नाम दज करना मजदूर के साथ एक खुल ''प रयोजना बैठक'' होनी
सरपंच /काय म 2.जाल (फज ) चा हए। इस बैठक म ाम पंचायत के सभी लोग को
अ धकार काम को दज करना आने क छूट होगी। इसी बैठक म चौकसी और नगरानी

184
नयु त नकाय) 3.काम का तय स म त के सद य का मी चु नाव कया जाना चा हए।
मानक या शत के 2.इन बैठक म आवं टत कए जाने वाले सभी तरह के
अनु प न होना काम के लए तय वेतन क दर के बारे म जानकार
4. वीकृ त के द जानी चा हए तथा इस जानकार को नो टस बोड पर
मु काबले कम या लगा दया जाना चा हए। बैठक मे इन सवाल के जवाब
घ टया सामान क ज र सामने आने चा हए :-
आपू त (क)वेतन कतना होगा?
(ख)वेतन नधारण का तर का या है? (एक दन के
म का नधारण कस आधार पर होगा?)
(ग)जनता को यह भी ज र बताया जाना चा हए क
येक मजदूर के काम को अलग-अलग ह मापा
जाएगा हालां क अगर कु छ मजदूर चाह तो उनके काम
को सामू हक आधार पर भी मापा जा सकता है।
3. येक काय थल पर एक बोड पर इस बारे म
जानका रयां लखा कर लगा द जाएं क उस काम पर
कतना खचा आने वाला है, अनुमा नत लागत या है
आ द। इन जानका रय को भी नय मत प से
अ यतन होना चा हए। इस जानकार का ा प सरल
ह होना चा हए।
4.जनता को हािजर रिज टर जब चाहे दे खने का
अ धकार मलना चा हए।
5.हर ह ते पांच मजदूर को अपने काय थल से
संबं धत बल / रसीद आ द क जांच और पुि ट करनी
चा हए।

6.काय थल पर वीकृ त काय आदे श क एक


त जनता के लए उपल ध होनी चा हए।
7.सूचना अ धकार अ ध नयम ,2005 के
ावधान के अनुसार इक ा कए जाने वाले काम
के नमू न तक लोग क सहज पहु ंच होनी
चा हए।
8.काय थल पर एक दै नक साम ी रिज टर
होना चा हए और कम से कम पांच मजदूर को
उसक हर रोज जांच करनी चा हए।
9. येक काम और मजदूर के काम क माप का
185
दै नक रिज टर रखा जाना चा हए और वह
सावज नक प से उपल ध होना चा हए।
10.चौकसी स म त को तय चैक ल ट (मानको)
के अनुसार काम क नय मत प से जांच करनी
चा हए और उसक मू यांकन रपोट मु य पाठ
म उि ल खत ढं ग से आयोिजत होने वाल
येक अधवा षक सामािजक अंके ण मंच से
पहले तैयार कर ल जानी चा हए।

8. वेतन भु गतान 1.वेतन भु गतान न होना 1.वेतन भु गतान नि चत दन को कसी


(दा य व : 2.वेतन का दे र से भु गतान सावज नक थान पर ह होना चा हए ता क
या वयन 3.कम वेतन का भु गतान भु गतान म कसी तरह के म या शक क
नकाय) कसी गलत यि त को गु ज
ं ाइश न रहे।
वेतन भु गतान 2.िज ह भुगतान होने वाला है उनके नाम तथा
4.अनुपि थत मजदूर के उ ह मलने वाल रा श को ऊंची आवाज म पढ़ा

नाम पर वेतन भु गतान जाना चा हए िजससे यह सु नि चत कया जा

5.गैर-मौजू द सके क जो पढ़ना- लखना नह ं जानते उनके

प रयोजनाओं के मद म साथ भी कसी तरह क धोखाधड़ी न होने पाए

भु गतान और फज मजदूर को भु गतान न हो।

6. यूनतम वेतन का 3.वेतन पाने वाल क सूची को पढ़ कर सु नाने

भु गतान न कर पाना से पहले सभी भु गतान क एक सूची कसी ऐसे


सावज नक थान पर लगा द जानी चा हए जहां
कोई भी उसे दे ख सके।
4.डाकखाने तथा अ य व तीय सं थान के
ज रए वेतन भु गतान क यव था क जानी
चा हए।
5.इकाई माप पर आधा रत गणनाओं को
यि तगत प से ह लोग को बताया जाना
चा हए ता क हर मजदूर को पता चल जाए क
उसके ह से म कतनी रा श आने वाल है। इस
तरह फज मजदूर के नाम पर होने वाले भु गतान
को रोकने म सहायता मलेगी।
9. बेरोजगार भ ते 1.बुलाने के बावजू द काम 1. बेरोज़गार भ ते का भु गतान नि चत दन
का भु गतान पर न आने का आरोप को कसी सावज नक थान पर ह होना चा हए
(दा य व : लगाते हु ए कसी यि त ता क भु गतान म कसी तरह के म या शक क
काय म को बेरोजगार भ ते से गु ज
ं ाइश न रहे।

186
अ धकार ) वं चत कर दे ना। 2.िज ह भुगतान होने वाला है उनके नाम तथा
2.बेरोजगार भ ते का दे र उ ह मलने वाल रा श को ऊंची आवाज म पढ़ा
से भु गतान। जाना चा हए िजससे यह सु नि चत कया जा
3.अनुपि थत सके क जो पढ़ना- लखना नह ं जानते उनके
मजदूर के नाम पर वेतन साथ भी कसी तरह क धोखाधड़ी न होने पाए
भु गतान और फज मजदूर को भु गतान न हो।
4.बेरोजगार भ ते के बदले 3. बेरोजगार भ ता पाने वाल क सूची को पढ़
पैसे मांगना कर सु नाने से पहले सभी भु गतान क एक सूची
कसी ऐसे सावज नक थान पर लगा द जानी
चा हए जहां कोई भी उसे दे ख सके।
4.डाकखाने तथा अ य व तीय सं थान के
ज रए बेरोजगार भ ते के भु गतान क यव था
क जानी चा हए।
5. ाम पंचायत को येक सा ता हक बैठक से
पहले ऐसे यि तय क सूची तैयार करनी
चा हए िज ह बेरोजगार भ ते का भु गतान कया
जान है।
10. पूरे हो चुके 1.काम क गलत माप 1.लागू कए गए काम म गुणव ता के लहाज
काम का 2.काम के बारे म उपल ध से काय आदे श का पूर तरह पालन कया गया
मू यांकन जानका रय को एक जगह है या नह ं इस बात क पुि ट करने के लए
(दा य व : इक ा न करना एक खुल ''प रयोजना बैठक'' बुलाई जानी
सरपंच / 3.झू ठे प रपूणता माण-प चा हए। इस बैठक म ामीण रोजगार गार ट
काय म जार कर दे ना योजना म काम कर चु के सभी मजदूर को
अ धकार 4.काम का नधा रत मानक बुलाया जाएगा और यह बैठक पंचायत के सभी
या वयन के अनुसार न होना लोग के लए खु ल होगी।
नकाय) 5.जानका रय को ामक या 2.इस बैठक म प रपूणता आंकड़ को एक
ज टल ढं ग से दज करना थल ा प म पेश कया जाएगा। जब तक
''प रयोजना बैठक‘' संप न नह ं हो जाती और
जब तक क बैठक म सामने आए सवाल को
हल नह ं कर लया जाता तब तक प रपूणता
माण-प जार नह ं कया जाएगा।
3.इस बैठक के साथ-साथ ाम सभा क
सामािजक अंके ण मंच म भी संबं धत
प रयोजना क ासं गकता और औ च य
आंकलन कया जाना चा हए।
4.अंके ण और शकायत नपटारा यव था

187
के लए नय मत रपोट भेजी जानी चा हए
और उनका लॉक िजला तर य वा षक रपोट
म समावेश कया जाना चा हए।
5.संबं धत अव ध के दौरान पूरे हु ए काम तथा
उनम यि तगत अ धकार से जुड़े सवाल पर
एक समावेशी जनसु नवाई होनी चा हए।
11. शकायत का 1.ऊपर उि ल खत ब दुओं 1.संबं धत अव ध के दौरान पूरे हु ए काम तथा
नपटारा व और दशा- नदश म नधा रत उनम यि तगत अ धकार से जुड़े सवाल पर
जनसु नवाई पारद शता मानक का पालन एक समावेशी जनसु नवाई होनी चा हए िजसे
(दा य व : न कए जाने के कारण सूचनाएं सामािजक अंके ण मंच का नाम दया जा
सरपंच / उपल ध न कराया जाना। सकता है।
काय म 2.मजदूर को बकाया रा श का
अ धकार / भु गतान न हो पाना और
नयु त अफसर क जवाबदे ह
नकाय) सु नि चत न कर पाना;
योजना के बारे म उठे सवाल
पर कोई उ तर या प ट करण
न दे पाना।
3.काय म के वभ न
पहलु ओं के या वयन म
लोग क ह सेदार न होना।
4. शकायत नपटारा यव था
क वफलता।
5.काय म के वभ न
पहलु ओं क समी ा के लए
यि तगत या ाम सभा के
तर पर अ सर का अभाव

13.4 सामािजक अंके ण मंच


रोजगार गारं ट काय के सामािजक अंके ण के लए ाम सभा को सामािजक अंके ण मंच
का दजा दया गया है। सामािजक अंके ण क पहले से चालू या के अलावा ाम सभा क बैठक
म भी सामािजक अंके ण के तमाम पहलुओं क अ नवाय प से समी ा क जाती ह। इस काम के
लए ाम सभा क बैठक कम से कम छ: माह म ज र होनी चा हए। इस वशेष सामािजक अंके ण
मंच म सभी सूचनाएं जोर-जोर से पढं कर सु नाई जाती ह। और लोग को अफसर से सवाल पूछने,
जानका रयां हा सल करने, खच क जांच और त द क करने, अपने अ धकार क पड़ताल करने, िजन
काम का चु नाव कया गया उनके बारे म चचा करने तथा काम क गुणव ता व काय म से जुड़े
कमचा रय के यवहार का आलोचना मक ढं ग से मू यांकन करने का मौका दया जाता है।
188
इस तरह सामािजक अंके ण मंच लोग को न केवल यह जांचने का अवसर दे ता है क
पारद शता और जवाबदे ह के मानक का पालन कया जा रहा है या नह ं बि क यह एक ऐसा सं थागत
मंच होता है जहां बैठकर लोग अपने इलाके म पछले छ: माह के दौरान कए गए रोजगार गार ट
योजना के सम त काय का सावज नक अंके ण कर सकते ह।
सामािजक अंके ण मंच को भावी प दे ने के लए तीन तरह के मु पर यान दे ना ज र
होता है:
(क) बैठक से पहले चार और तैयार ;
(ख) मंच के सांगठ नक और यागत आयाम;
(ग) ामीण रोजगार गार ट योजना आरoईoजीoएसo सामािजक अंके ण मंच का अ नवाय
एजडा।
इन मु को अगले तीन ह स म एक-एक करके उठाया गया है।
सामािजक अंके ण मंच : तैयार का चरण
मंच क सफलता का सबसे बड़ा पैमाना यह है क उसम सभी लोग, खासतौर से संभा वत
लाभाि वत कतना खु लकर और कस हद तक नभ क ढं ग से भागीदार कर पाते ह। लोग क असरदार
सहभा गता के लए ज र है क मंच के बारे म पया त प से चार कया जाए और वे सोच-समझ
कर अपनी बात कह। इसके लए लोग को पंचायत के सरपंच से सभी जानका रयां आसानी से मलती
रहनी चा हए। मंच क तार ख, समय, अह मयत और गंभीरता के बारे म यापक चार- सार कया
जाना चा हए ता क यादा से यादा लोग उसम ह सा ले सक। इसके लए न न ल खत कदम उठाए
जा सकते ह :
(क) सामािजक अंके ण मंच क तार ख के बारे म समय पर लोग को सू चत कर द (कम से कम
एक माह पहले) और आमतौर पर हर वष कुछ खास मह न म ह बैठक बुलाई जानी चा हए।
(ख) सामािजक अंके ण मंच के बारे म यादा से यादा लोग तक जानकार पहु ंचाने के लए चार
के परं परागत तर के (जैसे मु नाद करवाना) और आधु नक संचार साधन (जैसे माईक पर ऐलान
करना), दोन का उपयोग कया जाना चा हए।
(ग) बैठक के बारे म चार करने के लए नो टस बोड, अखबार , और परच आ द का सहारा लेना
चा हए।
(घ) सामािजक अंके ण मंच के लए एक मु हम के अंदाज म तैयार क जानी चा हए ता क समू चा
शास नक तं उसक सं थागत ज रत के बारे म संजीदगी से तैयार करे ।
सामािजक अंके ण मंच म लोग क भावी भागीदार सु नि चत करने के लए ज र है क
उ ह सभी जानका रयां आसानी से उपल ध ह । इसका अथ है क लोग को उसी समय सभी द तावेज
और जानका रयां मल िजस समय कसी प रयोजना को लागू कया जा रहा हो। ले कन सूचनाओं को
यवि थत करना और उ ह सरल प म उपल ध करवाना भी सामािजक अंके ण मंच क तैयार का
एक अहम ह सा है। उदाहरण के तौर पर, पहले से उपल ध जानका रय का सार-सं ेप भी तैयार कया
जाना चा हए ता क लोग उ ह यादा आसानी से समझ सक। इन सारांश को समय रहते लोग को
उपल ध करवा दया जाए और सामािजक अंके ण मंच के दौरान उ ह पढ़कर भी सु नाया जाए ता क

189
(क) सामािजक अंके ण मंच से कम से कम 15 दन पहले सभी काम क फाइल या उनक तयां
जांच-पड़ताल के लए ाम पंचायत, कायालय म उपल ध करा द जाएं। इस दौरान ाम पंचायत
के लोग को इन द तावेज क जांच करने क पूर छूट होनी चा हए। इसके लए उनसे कोई
शु क नह ं लया जाएगा। इस बीच अगर कोई यि त कलो द तावेज क त मांगता है
तो उसे एक स ताह के भीतर केवल ज र लागत के बदले वह त उपल ध करा द जाए।
(ख) सामािजक अंके ण मंच म पेश करने के लए म टर रोल और रसीद (खच) का सारांश समय
रहते तैयार कर लया जाए। हो सके तो इन सारांश को बैठक वाले दन चाट के प म
सावज नक थान पर चपका दे ना चा हए। ाम पंचायत म यह जानकार 15 दन पहले ह
चाट के प म लगा द जाए।
(ग) मंच वाले दन मूल फाइल को भी लोग के सामने रखा जाएगा ता क सारांश मे उि ल खत
जानका रय का उनके साथ मलान कया जा सके।
(घ) अंके ण के लए िजन काम पर चचा क जानी है उनक सूची पहले से तय होनी चा हए और
बाक मु के साथ इस सूची को भी नो टस बोड पर चपका दे ना चा हए।
सामािजक अंके ण मंच यागत और सांगठ नक ज रत
कसी भी सामािजक अंके ण मंच क व वसनीयता बनाए रखने के लए ठोस याओं का
होना ज र है। मंच क कारवाई पारदश और न प ढं ग से चलाई जाए ता क समु दाय के गर ब तबके
के लोग भी आ म व वास के साथ और नभ क ढं ग से अपनी बात कह सक। इस बात का पूरा यान
रखा जाए क न हत वाथ त व मंच का अपने हत म उपयोग न कर। भारत सरकार वारा जार
मागद शका म इसके लए न न बात ज र बताई गई है :-
1. मंच का समय ऐसा होना चा हए िजससे सभी लोग, वशेष प से ामीण रोजगार गार ट योजना
म काम करने वाले मजदूर, म हलाओं और नधन समु दाय, उसम आसानी से भाग ले सक।
2. सामािजक अंके ण मंच के लए भी कोरम उतना ह रहे गा िजतना ाम सभा के लए तय कया
गया है ले कन इस बैठक म सभी समू ह (जैसे म हलाएं, अनुसू चत जा त, अनुसू चत जनजा त
और अ य पछड़ी जा तयां) का कोरम अलग-अलग भी पूरा होना चा हए। य द कोरम पूरा नह ं
हो पाता है और औपचा रक प से बैठक संप न नह ं हो पाती है तो भी उपि थत सद य क तरफ
से आए सवाल या शकायत तथा सामािजक अंके ण संबध
ं ी आपि तय को दज कर लया जाना
चा हए।
3. सामािजक अंके ण मंच क अ य ता के लए कसी ऐसे यि त का चु नाव कया जाए जो पंचायत
या कसी भी या वयन नकाय से जुड़ा हु आ नह ं हो। बैठक क अ य ता का िज मा सरपंच
या वाड पंच को कसी भी दशा मे नह ं स पा जाएगा।
4. मंच का स चव भी ाम पंचायत से बाहर का अ धकार होना चा हए।
5. मंच के सामने जो यि त व भ न जानका रयां पेश करे गा वह संबं धत काम के या वयन से
जुड़ा हु आ नह ं होना चा हए। उदाहरण के तौर पर, चौकसी स म त या कू ल श क को मंच म
द तावेज को पद कर सु नाने का िज मा स पा जा सकता है।
6. ाम समा सद य के सवाल का जवाब दे ने के लए उन सभी अ धका रय को सामािजक अंके ण
मंच म ज र आना चा हए जो या वयन क या से जुड़े रहे ह।

190
7. मंच के सारे ताव और फैसले मतदान के आधार पर लए जाएंगे ले कन जो लोग / प अ पमत
म ह उनक बात भी नोट क जानी चा हए।
8. बैठक क कारवाई का यौरा एक नधा रत ा प म लखा जाए और इसे लखने के लए ऐसे यि त
को चु ना जाए जो कसी या वयन नकाय से जुड़ा हु आ नह ं है। कारवाई रिज टर पर बैठक शु
होने से पहले और बैठक समा त होने के बाद सभी सहभा गय के ह ता र करवाए जाएंगे।
9. पारद शता चैक ल ट स हत बैठक के अ नवाय एजडा पर चचा ज र होनी चा हए। सभी आपि तय
को नधा रत ा प के अनुसार दज कया जाए।
10. पछल सामािजक अंके ण मंच से बं धत ''कारवाई रपोट’' को अगले मंच म सबसे पहले पढ़ा
जाना चा हए।
11. िजला शासन चाहे तो चार- सार के लए जानका रयां तैयार करने, सामािजक अंके ण मंच म
ह सा लेने और व तृत ट प णयां तैयार करने के लए बाहर वशेष (जैसे इंजी नयर और
एकाउं टट) को भी बुलाया जा सकता है। मंच के बाद वे काय थल का दौरा कर सकते ह और िजन
काम के बारे म लोग ने आपि तयां उठाई थी या जहां धांधल क आशंका य त क गई थी उन
काम क व तृत जांच कर सकते ह।
12. सामािजक अंके ण मंच और तकनीक दल क रपोट एक नि चत समय के भीतर काय म
अ धकार और िजला पंचायत को भेज द जानी चा हए ता क वे उन पर उ चत कारवाई कर सक।
13. सामािजक अंके ण मंच के दौरान सूचना का अ धकार अ ध नयम और सामािजक अंके ण
नयमावल का चार कया जाए िजससे यह मंच सावज नक चौकसी या के लए एक थायी
श ण मंच के प म काम करता रहे ।
सामािजक अंके ण मंच का आयोजन सु नि चत करना काय म अ धकार क िज मेदार है।
िजला काय म सम वयक नय मत प से इस बात क समी ा करे गा क सामािजक अंके ण संप न
हो रहा है या नह ।ं समय-समय पर रा य व के य रोजगार प रष भी सामािजक अंके ण णाल
और याओं क समी ा करगी। हर तर पर सामािजक अंके ण क फॉलोअप कारवाई ज र होनी
चा हए।
सामािजक अंके ण मंच : अ नवाय एजडा
''अ नवाय एजडा’' का आ य ाम सभा के तहत होने वाले सामािजक अंके ण के यूनतम
एजडे से है। अ ध नयम के या वयन हे तु भारत सरकार वारा जार मागद शका म यह दे खने के
लए क अ ध नयम, नयमावल और दशा- नदश का समु चत पालन हो रहा या नह ,ं सामािजक
अंके ण के अ नवाय एजे डे क एक चैक ल ट द है, िजसके अनुसार सामािजक अंके ण के अ नवाय
एजडे म इन सवाल / मु को ज र शा मल कया जाना चा हए:-
(क) पंजीकरण क या पारदश ढं ग से चलाई गई थी या नह ं:
1. या ाम पंचायत क ओर से ऐसे प रवार क सूची तैयार क गई थी जो पंजीकरण के इ छुक
हो सकते ह?
2. या शु आती पंजीकरण वशेष ाम सभा बैठक म ह कए गए थे?

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3. या ाम सभा बैठक म पंजीकृ त यि तय क सू ची पढ़कर सु नाई ग थी ता क पंजीकृ त नाम
क पुि ट क जा सक?
4. या ाम पंचायत म पंजीकरण क या लगातार चलती रहती है?
5. या पंजीकरण सू ची को लगातार अ यतन कया जाता है और उसे ाम पंचायत के नो टस बोड
पर लगाया जाता है?
6. या कोई ऐसा यि त दखाई दे ता है जो पंजीकरण कराना चाहता है ले कन उसका अब तक
पंजीकरण नह ं हु आ है?
(ख) या रोजगार काड को तैयार करने, जार करने और उनको अ यतन करने का काम पारदश ढं ग
से संप न कया गया :
1. या रोजगार काड पंजीकरण के बाद 15 दन म जार कर दए गए थे?
2. या रोजगार काड सू ची को लगातार अ यतन कया जाता है और उसे ाम पंचायत के नो टस
बोड पर लगाया जाता है?
3. या रोजगार काड क फोटो तय वाल फाइल ाम पंचायत कायालय म नर ण के लए उपल ध
है?
4. या रोजगार काड नःशु क जार कए गए या उनके लए कोई शु क वसू ल कया गया था?
5. या कोई ऐसा आवेदक भी है िजसे अभी तक रोजगार काड जार नह ं कया गया है या कोई शकायत
लं बत है?
(ग) या काम के लए आने वाले आवेदन पर नधा रत मानक के हसाब से कारवाई क जा रह है:
1. काम के लए आवेदन करने वाल को त थयु त पावती रसीद द जा रह है या नह ं?
2. या लोग को समय पर काम दया जा रहा है?
3. या रोजगार आवंटन का काम पारदश ढं ग से कया जा रहा है? या रोजगार आवंटन क सूची
पंचायत के नो टस बोड पर चपका द जाती है?
4. िज ह समय पर काम नह ं मल पाया है या उ ह बेरोजगार भ ता दया जा रहा है? कतने लोग
ह िजनके बेरोजगार भ ते का भु गतान बकाया है और या उ ह दशा- नदश के अनुसार वलं बत
भु गतान का हजाना दया जा रहा है?
5. पछले छ: माह म िजन लोग को बेरोजगार भ ते का भु गतान कया गया या उनके नाम , उ ह
द गई रा श, और भ ते क गणना- व ध पद कर सु नाई गई थी?
6. या रोजगार आवेदन क ाि त, काम के आवंटन, और बेरोजगार भ ते के भु गतान से संबं धत
कोई शकायत वचाराधीन है?
7. या नधा रत कोटे के हसाब से म हलाओं को 33 तशत रोजगार आबं टत कए जा रहे ह?
8. या रोजगार आबंटन के लए आवेदन ाि त क तार ख पर आधा रत रो टर णाल का पालन
कया जा रहा है?
9. िज ह अपने नवास थान से 5 कलोमीटर दूर काम दया गया है या उ ह यूनतम वेतन के
10 तशत के बराबर रा श यातायात और आजी वका भ ते के प म द जा रह है?

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(घ) काम क वीकृ त म पारद शता :
1. या ता वत काय क सूची ाम सभा क बैठक म तैयार क गई थी?
2. या तकनीक आंकलन तैयार करने के दौरान जू नयर इंजी नयर ने गांव के नवा सय से सलाह
ल थी?
3. या प रयोजनाओं क वीकृ त सूची म से काम को तय नयम के हसाब से ह चु ना गया था?
4. या ाम पंचायत े म पछले छ: माह के दौरान वीकृ त और लागू कए गए काम के लए
वीकृ त रा श और वा त वक यय का यौरा पढ़ कर सु नाया गया था?
5. ाम पंचायत के नो टस बोड पर लख काम क सूची को अ यतन कया गया है?
(ङ) या वयन म पारद शता :
1. या ''काय आदे श '' को न प और पारदश ढं ग से जार कया गया और या उनके बारे म पया त
चार कया गया था?
2. या काय थल पर ऐसा कोई बोड था िजस पर संबं धत काय के लए वीकृ त रा श, काम के व वध
आयाम और अ य ज र जानका रयां द गई ह ?
3. या काम शु होने से पहले ''प रयोजना बैठक'' बुला कर मजदूर को यह समझाया गया था क
उ ह या काम करना है और उस काम के बारे म तयशु दा भौ तक एवं म स ब धी अनुमान
या ह?
4. या काय थल पर म टर रोल हर व त उपल ध थे ता क लोग जब चाह उसक जांच कर सक?
5. या काय थल पर साम ी रिज टर रखा गया था और या ऐसी यव था थी क जब भी काय थल
पर नया सामान आएगा तो कम से कम 5 मजदूर उसक जांच करगे?
6. जहां इकाई दर के हसाब से भु गतान कया जाना था या वहां सभी मजदूर के काम क हर रोज
पारदश ढं ग से जांच क जाती थी?
7. या काम क अं तम पैमाइश (सा ता हक वेतन भु गतान के लए) जू नयर इंजी नयर वारा मजदूर
क मौजू दगी म क गई थी?
8. या चौकसी स म त के सद य नय मत प से काय थल पर जाकर या वयन के व भ न
पहलु ओं को दे खते थे?
9. या कोई शकायत आई? या शकायत नपटारा यव था ने अ ध नयम म तय मानक के हसाब
से उस पर सात दन के भीतर कारवाई क थी?
10. या काम पूरा होने के बाद सात दन के भीतर एक खु ल ''प रयोजना बैठक'' बुलाई गई थी िजसम
सभी मजदूर और संबं धत गांव के सभी नवा सय को काम से जुड़े सम त रकॉडस क
जांच-पड़ताल करने का यौता दया गया था?
(ढ) वेतन भु गतान :
1. या सात दन के भीतर वेतन का भु गतान कर दया गया था?
2. या पूव नधा रत थान और पूव नधा रत समय पर वेतन भु गतान कया गया था?

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3. या वेतन भु गतान से पहले भु गतान संबध
ं ी यौरे उपल ध करा दए गए थे (नो टस बोड पर हािजर
रिज टर क तयां आ द चपका कर) ता क लोग यह दे ख सक क उनम कोई ु ट तो नह ं रह
गई है?
4. ं ी यौर को सबके सामने पढ़ कर सु नाया गया था?
या वेतन भु गतान के समय भु गतान संबध
5. वेतन भु गतान का िज मा या वयन नकाय क बजाय कसी और नकाय को स पा गया था
या नह ?

6. या नधा रत समय-सीमा के बाद कए गए भु गतान का कोई रकॉड रखा गया है?
7. या वलं बत भु गतान के लए वेतन भु गतान अ ध नयम, 1938 के ावधान के अनुसार मु आवजा
दया गया?
8. या कसी मजदूर का वेतन अभी भी बकाया है?
9. या कसी मजदूर को यूनतम वेतन से भी कम वेतन दया गया है ? य द हां तो य?
(च) याि वत कए जा चु के येक काय के रकॉडस ् तथा द तावेज क जांच:
1. या फाइल म सभी द तावेज मौजू द ह?
2. या सामािजक अंके ण मंच से कम से कम 15 दन पहले सभी द तावेज जांच के लए उपल ध
करा दए गए थे?
3. या सामािजक अंके ण मंच से पहले और उसके दौरान सावज नक जांच-पड़ताल के लए सभी
सारांश उपल ध थे?
4. म टर रोल का सारांश पढ़ कर सु नाया जाना चा हए ता क कसी तरह क कोई वकृ त न रह जाए।
5. यय रसीद का सारांश पढ़ कर सु नाया जाना चा हए ता क कसी तरह क कोई वकृ त न रह
जाए।
6. माप पुि तका का सारांश पढ़ कर सु नाया जान चा हए।
7. काम शु होने से पहले, काम के दौरान, और काम पूरा होने के बाद खींची गई त वीर सामािजक
अंके ण मंच के अवसर पर सावज नक प से उपल ध होनी चा हए।
8. या नगरानी और चौकसी स म त का तय नयम के हसाब से गठन कया गया था?
9. या चौकसी स म त ने अपनी रपोट स प द है?
(छ) ामीण रोजगार गार ट योजना के काय से संबं धत अ य मह वपूण आयाम :
चौकसी स म त क रपोट के उन ह स को पढ़कर सु नाया जाए जो न न ल खत वषय
से संबं धत ह ता क ाम सभा म उनके बारे म पया त चचा हो सके :
1. काम क गुणव ता
2. काम के व वध कयाम
3. थान का चु नाव
4. यूनतम वेतन का भु गतान कया गया या नह ं
5. या वेतन का समय पर भु गतान कया गया
6. या खर द गई सभी चीज का भु गतान हो चुका है

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7. या काम के दौरान चौकसी स म त के पास कोई शकायत आई?
8. जो शकायत आई उन पर या कारवाई क गई?
9. काय थल पर नधा रत मानक के हसाब से सु वधाएं उपल ध कराई गई या नह ?ं
10. प रयोजना के लए कस तरह क मर मत और रखरखाव क ज रत पड़ेगी
11. ाम पंचायत म वकास काय से संबं धत मर मत के सामा य मु को भी सामािजक अंके ण
मंच म दज कया जाना चा हए और उन पर चचा क जानी चा हए।
12. ाम पंचायत स चव को अधूरे काम और इ तेमाल नह ं क जा रह चीज क सू ची तैयार करनी
चा हए और ि थ त को बेहतर बनाने के लए उस पर चचा होनी चा हए।
13. सामािजक अंके ण मंच के सामने पछल व तीय अंके ण रपोट पेश क जाएगी और अगर उसम
कोई आपि त उठाई गई है तो उसे पढ़ कर सु नाया जाएगा।
14. पछल सामािजक अंके ण मंच क बैठक के बाद जार कए गए सदुपयोग माण-प (यू.सी.)
या प रपूणता माण-प (सी.सी.) को भी पढ़ कर सु नाया जाएगा।
15. य द कसी के वेतन या बेरोजगार भ ते का अब तक भु गतान नह ं कया गया है तो सार बकाया
-रा श का पूरा यौरा बैठक म पेश कया जाएगा। यह पूर जानकार त काल काय म अ धकार
को भेज द जाएगी ता क उस पर उ चत कारवाई क जा सके।
16. सामािजक अंके ण मंच के ज रए यह दे खने का एक अ छा मौका मलता है क ाम पंचायत
के सभी बोड को तय शत के हसाब से अ यतन कया जा रहा है या नह ं।
17. सेवाओं क गुणव ता का अंके ण करने के लए ामीण रोजगार गार ट योजना के तहत काम
करने वाले कमचा रय , जैसे ाम रोजगार सेवक, जू नयर इंजी नयर आ द, क सेवाओं क भी
ऑ ड टंग क जा सकती है।
18. इस बात पर भी नजर रखी जाए क काय म अ धकार क ओर से ाम पंचायत को समय पर
अनुदान जार होता है या नह ।ं

13.5 सारांश
समाज के वारा योजनाओं के या वयन क समी ा करना सामािजक अंके ण है। इसम
काय का ववरण समाज क बैठक मे रखा जाता है और उपि थत जनसमु दाय के न का उ तर दया
जाता है। बैठक म काय के व भ न पहलु ओं के औ च य को स कया जाता है।
सामािजक अंके ण नरं तर चलने वाल एक ऐसी या है िजसके वारा कसी ग त व ध
या प रयोजना के संभा वत लाभाि वत तथा अ य सामािजक प को संबं धत ग त व ध या प रयोजना
के नयोजन से लेकर या वयन, नगरानी और मू यांकन तक क हर अव था म शा मल कया जाता
है। काय म पारद शता, या वयन म सहभा गता, आपसी परामश, सहम त का नमाण, उ तरदा य व
का नधारण और खुल जन सु नवाई सामािजक अंके ण के मु य आधार त भ ह। रोजगार गारं ट
योजना के लए अ ध नयम म सामािजक अंके ण क यव था कए जाने का व धक ावधान कया
गया है। रोजगार गारंट योजना के सामािजक अंके ण म प रवार का पंजीकरण, रोजगार काड का
वतरण, रोजगार आवेदन क ाि त, प रयोजना सूची क तैयार और थान का चयन , तकनीक
अनुमान क तैयार , वीकृ त तथा काय आदे श का जार होना, यि तय म काम का बंटवारा, काम

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का या वयन और दे ख-रे ख, बेरोजगार भ ते का भु गतान, वेतन का भु गतान, काम का मू यांकन
आ द जानका रयां शा मल क जाती ह। यह सामािजक अंके ण ाम समा वारा एक सतत ् या
के प म कया जाता है। ाम सभा को यहाँ सामािजक अंके ण मंच के प म न पत कया गया
हे । इस काम के लए ाम सभा क बैठक कम से कम छ: माह म ज र होनी चा हए। इस वशेष
सामािजक अंके ण मंच म सभी सूचनाएं जोर-जोर से पढ़कर सु नाई जाती ह और लोग को अफसर
से सवाल पूछने , जानका रयां हा सल करने, खच क जांच और तसद क करने, अपने अ धकार क
पड़ताल करने, िजन काम का चु नाव कया गया उनके बारे म चचा करने तथा काम क गुणव ता व
काय म से जुड़े कमचा रय के यवहार का आलोचना मक ढं ग से मू यांकन करने का मौका दया जाता
है।
सामािजक अंके ण मंच लोग को न केवल यह जांचने का अवसर दे ता है क पारद शता और
जवाबदे ह के मानक का पालन कया जा रहा है या नह ं बि क यह एक ऐसा सं थागत मंच भी होता
है जहां बैठकर लोग अपने इलाके म पछले छ: माह के दौरान कए गए रोजगार गार ट योजना के
सम त काय का सावज नक अंके ण कर सकते ह। कसी सामािजक अंके ण मंच को भावी प
दे ने के लए तीन तरह के मु पर यान दे ना ज र है:-
(क) बैठक से पहले चार और तैयार ; (ख)मंच के सांगठ नक और यागत आयाम
(ग) सामािजक अंके ण मंच का अ नवाय एजड़ा।

13.6 अ यासाथ न
1. सामािजक अंके ण के मूलभूत मानक बताइये।
2. सामािजक अंके ण म कौनसी ग त व धय को सि म लत कया जाता है?
3. सामािजक अंके ण मंच क तैयार एवं या का वणन क िजये।

13.6 संदभ थ सू ची
1. हनुमान सह गुजर , रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम, 2005, राज थान ह द थ

अकादमी, जयपुर।
2. राज थान क रोजगार गारं ट योजना, राज थान सरकार का राज-प जु लाई 24, 2006।
3. रा य ामीण रोजगार गारं ट अ ध नयम के या वयन हे तु मागद शका भारत सरकार।
4. सामािजक अंके ण नद शका, राज थान सरकार

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