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पा य म अ भक प स म त
 ो. जी. एस. एल. देवड़ा अ य  ो. आर. स यनारायन, (से. न.) सद य
कुलप त पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा इि दरा गांधी रा य मु त व व व यालय
नई द ल

 ो. पी. बी. मंगला, सद य  ो. एन. के. शमा, (से. न.) सद य


पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
द ल व व व यालय, द ल कु े व व व यालय
कु े (ह रयाणा)
 ो. कृ ण कुमार (से. न.) सद य  ो. जी. डी. भागव, (से. न.) सद य
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
द ल व व व यालय, द ल व म व व व यालय, उ जैन(म. .)
 डॉ. दनेश कु मार गु ता,सहायक आचाय सद य  ो. आर. जी. पाराशर, (से. न.) सद य
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
वधमान महावीर खुला व व व यालय , कोटा डॉ. हर संह गौड व व व यालय
 डॉ.एच.बी. न दवाना, वभागा य संयोजक सागर (म ..)
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
वधमान महावीर खुला व व व यालय , कोटा

पा य म नमाण दल
 ी सी. एल. शमा  ो. आई. वी. म हान
सहा. आचाय (से. न.) पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग ज मू व व व यालय, जयपु र
राज थान व व व यालय, जयपु र
 डॉ. एस. पी. सू द  ी जी. एस. च पावत
सह. आचाय (से . न.) सह. आचाय (से . न.)
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
राज थान व व व यालय, जयपु र राज थान व व व यालय, जयपु र
 ो. एम. पी. सतीजा,  ी मनोज कुमार शमा
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग सहायक आचाय
गु नानकदे व व व व यालय, अमृतसर पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
कु े व व व यालय, कु े

स पादक
 ो. जी. डी. भागव, (से. न.)
पु तकालय एवं सू चना व ान वभाग
व म व व व यालय, उ जैन(म. .)
सवा धकार सुर त।इस पा य म का कोई भी अंश वधमान महावीर खुला व व व यालय, कोटा क ल खत अनु म त ा त
कए बना या म मयो ाफ अथवा कसी अ य साधन से पुनः तुत करना विजत है।
वधमान महावीर खुला व व व यालय के पा य म के वषय म और अ धक जानकार व व व यालय के कु लस चव, वधमान
महावीर खुला व व व यालय,रावतभाटा रोड,कोटा से ा त क जा सकती है ।

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अकाद मक एवं शास नक यव था
ो. (डॉ.)नरेश दाधीच ो.(डॉ.) एम. के. घडो लया ो.योगे गोयल
कुलप त नदे शक(अकाद मक) भार अ धकार
वधमान महावीर खुला व व व यालय , कोटा संकाय वभाग पा य साम ी उ पादन एवं वतरण वभाग

पा य म उ पादन
योगे गोयल
सहायक उ पादन अ धकार
वधमान महावीर खुला व व व यालय , कोटा

उ पादन - अग त 2011 ISBN : 978-81-8496-202-4


इस साम ी के कसी भी अंश को व. म. खु. व. कोटा क ल खत अनु म त के बना कसी भी प म अथवा म मयो ाफ (च मु ण)
वारा या अ य पुनः तुत करने क अनु म त नह ं है ।
व. म. खु. व. कोटा के लए कु लस चव व. म. खु. व. कोटा(राज थान) वारा मु त एवं का शत।

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बी.एल.आई.एस.-3
पु तकालय वग करण- ायो गक

वधमान महावीर खु ला व व व यालय, कोटा

इकाई - 1 व ब दु वग करण प त का ायो गक उपयोग 9—29


इकाई - 2 मू ल वग के अनुसार ायो गक वग करण PME के संदभ म 30—74
इकाई – 3 ामा णक वग के अनुसार ायो गक वग करण PME के संदभ म 75—103
इकाई - 4 थान प (S) का ायो गक उपयोग 104—120
इकाई - 5 काल प (T) का ायो गक उपयोग 121—135
इकाई - 6 पूववत एकल (ACI) का ायो गक उपयोग 136—145
इकाई - 7 परवत सामा य एकल (PCI) का ायो गक उपयोग 146—153
इकाई - 8 दशा स ब ध का ायो गक उपयोग 154—160
इकाई - 9 यूई दशमलव वग करण(19वां सं करण) का ायो गक प रचय 161—175
इकाई - 10 सापे अनु म णका का योग 176—187
इकाई – 11 मानक उप वभाजन का योग 188—200
इकाई - 12 भौगो लक उप वभाजन का योग 201—213
इकाई - 13 व श ट सा ह य उप वभाजन का योग 214—227
इकाई – 14 भाषा वषयक उप वभाजन 228—239
इकाई - 15 जातीय वंशानुगत एवं रा जन समू ह एवं यि त समू ह का उपयोग 240—248
इकाई – 16 ‘जो ड़ये’ नदशानुसार वग सं या नमाण 249—260
इकाई - 17 बहु सं लेषण क या वारा वग सं या नमाण 261—271

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इकाई 1: व ब दु वग करण प त का ायो गक उपयोग : इसम व ब दु वग करण
प त म उपयोग म ल गई अंकन प त से आपके प र चत कराया गया है। सामा य
अनु म णका से मु य वग तक पहु ंचने क कया क जानकार भी द गई है ।
इकाई 2 : मू ल वग के अनुसार ायो गक वग करण PME के संदभ म : इस इकाई म
मु य वग के े एवं प रसू का प रचय दया गया है। साथ ह प रसू के व लेषण क
जानकार द गई है ता क आप कसी भी मु य वग म प रसू के अनुसार PME का उपयोग
करते हु ए शीषक के वगाक बना सक।
इकाई 3 : मा णक वग के अनुसार ायो गक वग करण PME के संदभ म इस इकाई
म इकाई 2 क भां त उन मु य वग के े एवं प रसू का प रचय दया गया है िजनम
ामा णक वग बने हु ए है एवं उनका उपयोग हु आ है। प रसू क अनुसार इन ामा णक वग म
PME का उपयोग करते हु ए शीषक के वगाक बनाये जा सकते है ।
इकाई 4 : थान प [S] का ायो गक उपयोग : इस इकाई म थान प का सामा य
प रचय दे ते हु ए थान प के तर क जानकार द गई है । थान प के ायो गक उपयोग
एवं भौगो लक व ध के प म थान प के उपयोग को उदाहरण स हत समझाया गया है ।
इकाई 5 : काल प [T] का ायो गक उपयोग : इस इकाई म काल प क सामा य
जानकार , काल प के तर एवं काल प के ायो गक उपयोग को समझाया गया है । काल
प का काल म व ध के प म ायो गक उपयोग को उदाहरण स हत समझाया गया है ।
इकाई 6 : पूववत सामा य एकल (ACI) का ायो गक उपयोग : इस इकाई म एकल
के कार बताते हु ए पूववत एकल के व भ न कार के उपयोग उदाहरण स हत समझाये गये
है।
इकाई 7 : परवत सामा य एकल (PCI) का ायो गक उपयोग : इस इकाई म परवत
सामा य एकल का प रचय दया गया है । इसके व भ न कार का ायो गक उपयोग उदाहरण
स हत समझाया गया है।
इकाई 8 : दशा संबध
ं का ं का अथ, दशा
ायो गक उपयोग : इस इकाई म दशा संबध
संबध
ं के तर एवं कार के उपयोग को उदाहरण स हत समझाया गया है ।
इकाई 9 : यूई दशमलव वग करण (19वां सं करण) का ायो गक प रचय, म इस
प त के वकास तीन ख ड म शा मल जानकार एवं इनके उपयोग एवं वगाक बनाने क या
से प र चत कराया गया है।
इकाई 10 : सापे अनु म णका का योग : इस इकाई म अनु म णका के
मह व, व तार ,पृ ठ के व प , संरचना, नदश, आ द से अवगत करवाकर यह समझाने का
यास कया है क अनु म णका क सहायता से अनुसच
ू ी एवं सार णय तक कैसे पहु ंचा जा
सकता है ।
इकाई 11 : मानक उप वभाजन का योग : इस इकाई म मानक उप वभाजन क
वशेषताएं एवं उपयोग को उदाहरण स हत व तार से समझाया गया है ।
इकाई 12 : भौगो लक उप वभाजन का योग : इस इकाई म भौगो लक उप वभाजन के
उपयोग क व ध को उदाहरण स हत बताया गया है ।

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इकाई 13 : व श ट सा ह य उप वभाजन का योग : इस इकाई म सा ह य.
उप वभाजन क या या करते हु ए इनके उपयोग को उदाहरण स हत समझाया गया है ।
इकाई 14 : भाषा वषयक उप वभाजन : इस इकाई म सारणी 4 व श ट भाषा वषयक
उप वभाजन एवं सारणी 6 भाषाओं के उपयोग
को उदाहरण स हत बताया गया है ।
इकाई 15 : इस इकाई म सारणी 5 जातीय वंशानुगत एवं रा जन समू ह के उपयोग को
उदाहरण स हत प ट कया गया है ।
इकाई 16 : जो ड़ए’ नदशानुसार वग सं या नमाण : इस इकाई म ‘जो ड़ए’ नदश क
जानकार दान कर इनके उपयोग को उदाहरण स हत समझाया गया है ।
इकाई 17 : बहु सं लेषण क या वारा वग सं या नमाण : इस इकाई म
बहु सं लेषण क या वारा वग नमाण क वध क जानकार द गई है एवं वभ न
ता लकाओं से बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण करने क या को समझाया गया है ।

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इकाई 1 : व ब दु वग करण प त का ायो गक उपयोग
उ े य
1. व ब दु वग करण के उ व एवं वकास क जानकार दे ना,
2. व ब दु वग करण सं करण 6 (पुनमु त) क संरचना एवं परे खा का सामा य
प रचय दे ना,
3. व ब दु वग करण क वै लेषी-सं लेषणा मक या क ववेचना करना,
4. व ब दु वग करण म उपयोग क गई अंकन प त से प र चत कराना
5. व ब दु वग करण म वषय क ि थ त के च ण क जानकार दे ना
6. अनु म णका के ायो गक उपयोग का ववरण दे ना

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
1.1 व ब दु वग करण का उ व एवं वकास
2. व ब दु वग करण सं करण 6: संरचना एवं परे खा
2.1 भाग 1 - नयम
2.2 भाग 2 - वग करण अनुसू चयाँ
2.3 भाग 3- वरे य थ व धा मक थ
3. व ब दु वग करण प त म यु त अंकन
4. व ब दु वग करण प त म वषय क ि थ त का च ण
5. मू लभू त े णयॉ
6. वै लेषी-सं लेषणा मक व प
7. अनु म णका ायो गक उपयोग
8. प र श ट उपयो गता
9. सारांश
10. अ यासाथ न
11. मु य श द
12. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
थालय म योग म लायी जाने वाल अनेक वग करण प तय का अब तक वकास
हो चु का है। एस.आर. रं गनाथन वारा र चत एवं वक सत व ब दु वग करण प त भी इसी
कार क एक प त है। यह प त वयं रं गनाथन वारा तपा दत वग करण के सामा य
स ा त पर आधा रत है। यह अ य उपल ध वग करण प तय से मौ लक प म पूणतया
भ न है। यह मु त प ा मक वग करण प त है। नर तर वधनशील बहु आयामी वषय जगत
का सफलता से वग करण करने म यह प त पूणत: स म है। अब तक इसके सात सं करण

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का शत हो चु के ह क तु पा य म के अनुसार तु त इकाई म इसके छठे सं करण के
ायो गक उपयोग क जानकार ा त करना आव यक है।
1.1 व ब दु वग करण का उ व एवं वकास
व ब दु वग करण क रचना के वचार का सू पात एस.आर. रं गनाथन के मि त क मे
उस समय हु आ जब वे 1924 म लंदन व व व यालय के कू ल ऑफ लाइ े रयन शप म
थालय व ान का श ण ा त कर रहे थे इसी समय इ ह ने वहां खलौन क दुकान पर
एक मैकानोसेट का दशन दे खा। इस दशन म उ ह ने दे खा क मैकानोसैट म अनेक खांचेदार
प यां, शलाकाय, पेच, नट व बो ट थे तथा इ ह अलग-अलग तरह से जोड़कर व भ न मॉडल
बनाये जा सकते थे। इसी आधार पर उ ह ने वचार कया क मैकानोसैट क प य के समान
कसी वषय क मानक इकाइय (प ) को भी नट व बो ट के समान व ब दु (Colon) (:)
योजक च न से जोड़कर व वध प म तु त कया जा सकता है। इस कार मानक इकाइय
ने अनुसू चय का प धारण कर लया तथा वग सं या का नमाण करने के लये आरं भ म
व ब दु का (:) योजक च ह के प म योग कया गया। इस लये इस वग करण प त का
नाम व ब दु वग करण (Colon Classification) रखा गया।
इसका थम सं करण 1933 म का शत हु आ तथा व ब दु (:) का योजक च ह के
प म योग कया गया। समय-समय पर इसके व भ न सं करण का शत कये गये और
अनुसू चय प -प रसू , योजक च ह म आव यक प रवतन भी कये गये। इसका छठा
सं करण 1960 म का शत कया गया तथा आव यक प रवतन से यु त प र श ट के साथ
1963 म इस छठे सं करण का पुनमु ण कया गया एवं चौथा पुनमु ण 1990 म कया गया।
रं गनाथन के दे हावसान के 15 वष बाद, अनेक मह वपूण प रवतन के साथ इसका सातवां
सं करण 1987 म का शत कया गया था। क तु अभी तक इसक अनु म णका का शत
नह ं क गई है अत: इसको योग म लाना क ठन है। तु त इकाई म पा य मानुसार
व ब दु प त के छठे (पुनमु त) सं करण का ववरण दया गया है।

2. व ब दु वग करण सं करण 6 (पु नमु त) : संरचना व परे खा


व ब दु वग करण का पुनमु त छठा सं करण न न ल खत तीन भाग म वभािजत
कया गया है:-
भाग 1- नयम (पृ ठ 1.1 से 1.124 तक)
भाग 2- (क) वग करण अनुसू चयॉ (पृ ठ 2.1 से 2.123 तक)
(ख) अनुसू चय क अनु म णका (पृ ठ 2.124 से 2.172 तक)
भाग 3- (क) वरे य थ एवं धा मक थ क अनुसू चयां (पृ ठ 3.1 से
3.53 तक)
(ख) अनु म णका (पृ ठ 3.54 से 3.126 तक)
इस पु तक के पृ ठ का यव थापन सामा य पु तक से भ न है। पृ ठ सं या येक
पृ ठ के नचले भाग पर अं कत है। येक भाग क पृ ठ सं या को अलग-अलग े णय म

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दया गया है। पृ ठ सं या म ब दु (.) से पूव का अंक संबं धत भाग को सू चत करता है
जब क ब दु (.) से बाद वाला अंक संबं धत भाग म पृ ठ सं या को; जैसे, 1.15 का अथ है
भाग 1 म 15वां पृ ठ , 2.120 का अथ है भाग 2 म 120वां पृ ठ , 3.18 का अथ है भाग 3
म 18वां पृ ठ।
नोट:- पु तक के ार भ म आरं भक पृ ठ के बाद पृ ठ 19 से 28 तक एक प र श ठ
दया गया है।
2.1 भाग 1 : नयम
इस भाग म आव यक प रभाषाओं ायो गक वग करण से संबं धत व भ न सामा य
नयम , अनुसू चय के योग संबध
ं ी नयम या याओं आ द का उदाहरण स हत उ लेख कया
गया है। अ याय 01 से 04 तक मांक ( ामक सं या) (Call Number), वगाक (वग
सं या) (Class Number), ं ांक ( थ
थ ं सं या) (Book Number), सं हांक (सं ह सं या)
(Collection Number) का मशः प रभाषा स हत ववरण दया गया है। तथा इनके
ायो गक प को उदाहरण दे कर समझाया गया है। इसके साथ ह अ याय 02 म इस
वग करण प त वारा योग म लायी गई अंकन प त का भी उ लेख कया गया है।
अ याय 05 म संके (Focus) एवं प (Facet) क अवधारणा के साथ- साथ वग
सं या के नमाण म योग म लायी जाने वाल व भ न व धय (Devices) को भी प ट
कया गया है; जैस-े भौगो लक व ध, वषय व ध आ द।
अ याय 06 म उन सं ेपण (Contractions) का उ लेख है, िजनका योग इस भाग
के व भ न अनु छे द म कया गया है; जैसे (B.C.)-Basic Class (0503) यहां वृत को ठक
म अनु छे द क म सं या अं कत है।
अ याय 07 म ' ोलेगोमेना' पु तक का संदभ दे कर वग करण के उप-सू का उ लेख
कया गया है।
अ याय 06 म सहायक अनु म के स ा त तथा अ भधारणाओं का उ लेख है।
अ याय 1 म मु य वग के ायो गक उपयोग के संबध
ं म जानकार द गई है।
अ याय 2 म सव सामा य एकल (Common Isolates) के ायो गक उपयोग से
संबं धत प ट करण तथा नयम उदाहरण दे कर तु त कये गये ह।
अ याय 3 से 5 तक मशः काल एकल, थान एकल एवं भाषा एकल के ायो गक
उपयोग को उदाहरण दे कर समझाया गया है।
अ याय 6 म दशा संबध
ं क तीन जा तय -अ त वषय, अ तपि त व अ तप – संबध
ं ी
अवधारणा को ायो गक ि ट से उदाहरण दे कर समझाया गया है।
अ याय 7 म वरे य ( े य) ं - व ध के
थ ायो गक उपयोग का वणन कया गया है;
जो भारत व या या ा य व या तथा अ य े से संबं धत े य थ
ं को यवि थत करने
म सहायता दान करती है।
अ याय 9z (Generalia) से Z (Law) तक संबं धत मु य वग के ायो गक उपयोग
के नयम एवं संबं धत व श टताओं को अलग-अलग अ याय म दया गया है। येक अ याय

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म उस वषय के े का उ लेख है तथा इसके साथ ह उस वषय म यु त प क ता लका
भी द गई है। इस ता लका से यह जानकार मलती है क संबं धत मु य वग म, (क) कतने
प का योग कया गया है, (ख) येक प के लये योग म लाये गये पद को या नाम
दया गया है; एवं (ग) येक पद के लये एकल सं याओं को कस कार से ा त कया जा
सकता है।
उदाहरणाथ;- मु य वग (P-Linguistics) (भाषा शा ) क ता लका न न कार से है
(पृ ठ 1.105)
Facet (प ) -Term (पद) (IN) by (एकल सं या) वारा-
[P] -Language (भाषा) Enumeration (भाग 2 क अनुसू ची से)
[P2] -Variant (प रवत प) Enumeration (भाग 2 क अनुसू ची से)
-Stage (चरण) CD (काल म व ध से)
[P3] -Element (त व) Enumeration (भाग 2 क अनुसू ची से)
[E] [2P] -Problem (सम या) Enumeration (भाग 2 क अनुसू ची से)
उपयु त ता लका म (P-Linguistics) (भाषा शा ) के यि त व (P) प का तीन
तर म यु त हु आ है- (P) यि त व प का थम तर भाषा के लये योग म लाया गया
है िजसक एकल सं याय भाग 2 क अनुसच
ू ी से ा त होती है; अथात भाषा एकल अ याय 5
से; (P2) यि त व प का दूसरा तर है, जो दो कार का है- अथात ् Variant (भाषा का
प रवत प) एवं भाषा के वकास का चरण (Stage); भाषा के प रवत प के एकल भाग 2 क
अनुसू ची से तथा वकास का चरण काल म व ध से ा त करने के नदश ह। (P3) यि त व
प का तीसरा तर है, जो भाषा के व भ न त व -वण, श द का भाग, श द आ द को सू चत
करता है तथा इसे भाग 2 क अनुसू ची से ा त करना पडता है। (E) (2P) सम या प को
सू चत करता है- इसक एकल सं याय भाग 2 क अनुसू चय से ा त करनी होती ह। इसके
साथ ह सभी अ याय म मु य वग से संबं धत बने बनाये वगाक उदाहरण के प म दये गये
ह, जो वग करणकार का माग दशन करते ह। अत: वग करण करते समय वग करणकार को इन
अ याय का अवलोकन करते रहना चा हये।
इस भाग के अ त म इस भाग क अनु म णका तु त क गई है। इस अनु म णका
म येक पद के सामने संबं धत अ याय या अनु छे द का उ लेख कया गया है। (पृ. 1.123
से 1.124)
2.2 भाग 2 : वग करण अनुसू चयाँ
इस भाग म वग करण क व भ न अनुसू चय का उ लेख है। वग सं याओं का
नमाण करने के लये संबं धत अनुसू चय से एकल सं याय ा त क जाती ह।
अ याय 02 म थांक नमाण करने के प -प रसू का उ लेख है तथा थांक म
योग म लाये जाने वाले प (Form) उप वभाजन क अनुसू ची द गई है- जैसे स च थ
के लये f(Picture), अनु म णका के लये b(index) कोड (सं हता) के लये q(Code)
इ या द।

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नोट:- थांक का नमाण करते समय इस अ याय के साथ-साथ भाग 1 के अ याय
03 का नरं तर अवलोकन करना पड़ता है।
अ याय 1 म ान जगत का वभाजन मु य वग म कया गया है। येक मु य वग
के लये यु त तीक च ह का भी संबं धत मु य वग के साथ उ लेख कया गया है। जैसे, 2
= Library Science, B= Mathematics, C=Physics, V=History इ या द।
अ याय 2 म सवमा य एकल क अनुसच
ू ी का उ लेख है। यहां पर ायः अ धकांश
सवसामा य एकल के साथ उनसे स बि धत प प रसू दया गया है। इस प प रसू को
यान म रखकर संबं धत सवसामा य एकल का योग कया जाता है। जैसे, m (P), (P2)
=Periodically; Autobiography= w(P),1: Conference Proceeding =p(P),(P2).
सवसामा य एकल का योग करते समय भाग- 1 के अ याय 2 का नरं तर अवलोकन
करना पडता है य क इस अ याय म येक प -प रसू के संबध
ं म दशा नदश दये गये
ह। (पृ. 1.43 से 1.46)
अ याय 3 म काल एकल का दो तर पर वभाजन कया गया है। थम तर
कलै डर पर आधा रत समय को- जैसे, M=1800 से 1899 (उ नीसवीं शता द ) तथा वतीय
तर पृ वी क ग त अथवा ाकृ तक घटना च पर आधा रत काल को- जैसे n3 = Summer
( ी मकाल), d=Night (रा ) य त करता है। कलै डर पर आधा रत काल को B.C. (ई.पू.)
एवं A.D. (ई.) के प म भी य त कया गया है। जैस,े C=999 से 1 B.C.; D=1 से
999 A.D. इ या द।
अ याय 4 म थान एकल अथात ् भौगो लक वभाजन का उ लेख है। थान एकल
क भी दो तर पर अनुसू चयां द गई ह; जैसे (S1) थम तर व व के व भ न भौगो लक
े से संबं धत ह तथा (S2) वतीय तर पर ाकृ तक वभाग का उ लेख है। (S2)
वतीय तर के एकल का संशोधन कर दया गया है तथा इनका संशो धत प परश ट
(Annexure) के पृ ठ 26 पर उपल ध है।
अ याय 5 म भाषा एकल क अनुसू ची उपल ध है। 'सा ह य' एवं 'भाषा शा ' मु य
वग म भाषा का योग होता है तथा भाषा क एकल सं या इसी अ याय से ा त क जाती
है।
अ याय 6 म व भ न जा त एवं कार के दशा संबध
ं के लये योग म लाये जाने
वाले तीक का उ लेख है। ये तीक अ त वषयी, अ तप एवं अ तपि त दशासंबध
ं के
वभ न कार के लये योग म लाये जाते ह।
शेष अ याय -अथात ् अ याय 9a (Generalia Bibliography) से अ याय Z (Law)
तक-म सभी मु य वग से संबं धत वग करण अनुसू चयां द गई ह। येक मु य वग के
अ तगत सव थम उस मु य वग का 'प -प रसू (Facet Formula) दया गया है। इसके
बाद प प रसू क मांग के अनुसार वभ न प से संबं धत एकल सं याओं का मशः
उ लेख कया गया है। इसके साथ ह इनके ायो गक उपयोग संबध
ं ी आव यक दशा नदश
दये गये ह। इन अनुसू चय के येक पृ ठ को दो भाग म वभािजत कया गया है। येक

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भाग म पहले (बायीं ओर) तीक सं या तथा उसके सामने उस तीक सं या से संबं धत पद
(श द) का उ लेख है। प प रसू म मु य वग के वग करण के लये आव यक प का ह
उ लेख होता है। थान एवं काल प का ायः उ लेख नह ं होता य क ये दोन प
सवसामा य प होते ह। इनका योग व श ट वषय क मांग के अनुसार मशः अ याय 3
एवं अ याय 4 के आधार पर कर लया जाता है।
उदाहरणाथ -
अ याय 92 के अ तगत (पृ ठ 2.30) Library Science ( थालय व ान) का प
प रसू इस कार है:-
2 [P]; [M] : [E] [2P]
इस प प रसू म तीन प का योग हु आ है; अथात ् [P], [M] एवं [E]। तदानुसार
इस प प रसू से संबं धत एकल सं याओं का ह उ लेख इस मु य वग म कया गया है।
वग करण करते समय संबं धत प क एकल सं या चु नकर उ ह इस प प रसू के म म
रखकर वगाक का नमाण कया जाता है।
2.2.1 अनुसू चय क अनु म णका एवं व श ट अनु म णकाय
अनुसू चय क अनु म णका
भाग 2 के अ त म (पृ ठ 2.124 से 2.172 तक) अनुसू चय म यु त संघटक पद
क अनु म णका का उ लेख है। इसका यव थापन वण म से है। इसके ायो गक उपयोग का
व तृत ववरण बाद म अनु छे द 7 - अनु म णका ायो गक उपयोग के अ तगत कया गया
है।
व श ट अनु म णकाय
उपयु त अनु म णका के अलावा इस भाग 2 म उपयु त थान पर न न ल खत
व श ट अनु म णकाओं का भी समावेश कया गया है:
(i) अ याय 4 = थान एकल के अ त म (पृ ठ 2.18 से 2.25 तक) थान एकल पद
से संबं धत 'भौगो लक अनु म णका' द गई है। इसका यव थापन वणानु म से है।
इसक सहायता से कसी भी थान क एकल सं या का आसानी से पता लगाया जा
सकता है।
(ii) अ याय I= वन प तशा के अ त म (पृ ठ 2.61 से 2.63 तक) वन प तय के
ाकृ तक वग के एकल पद से संबं धत अनु म णका उपल ध है। इसका यव थापन
वणानु म से है।
(iii) अ याय K= ा णशा के अ त म (पृ ठ 2.73 से 2.78 तक) व भ न ा णय के
ाकृ तक वग के एकल पद से संबं धत अनु म णका उपल ध है। इसका यव थापन
वणानु म से है।
2.3 भाग 3 : वरे य थ व धा मक थ
इस भाग म व वध कार के वरे य थ एवं धा मक थ के बने बनाये वगाक
दये गये ह। जैसे भारतीय व या (Indology), भारतीय धम , दशन शा , आयुवद , भाषा

14
शा , सा ह य समालोचन, अलंकार शा आ द के थ। इन थ का यव थापन संबं धत
वषय या करण के अ तगत वगाक के अनुसार सहायक म म कया गया है, जैसे- LB-
Ayurveda System शीषक के अ तगत आयुवद के वरे य थ का। इन वगाक का नमाण
वरे य थ व ध के अनुसार कया गया है। एक सामा य ेणी के वग करणकार के लये इन
थ का वग करण करना सरल नह ं था। अत: रं गनाथन ने इस काय को इस कार सरल बना
दया है। वरे य थ व धा मक थ के वग करण के लये इस भाग का वशेष मह व है।
2.3.1 अनु म णका : वरे य थ
वरे य थ व धा मक थ क उपयु त अनुसू ची वगाक के अनुसार यवि थत होने
के कारण कसी व श ट धा मक थ या वरे य थ को इस अनु म म ढू ं ढना क ठन है।
अत: इनक अनु म णका इस अनुसच
ू ी के तु र त बाद पृ ठ 3.54 से 3.126 तक द गई है।
यह अनु म णका लेखक के नाम एवं थ क आ या के अनुसार वणानु म म यवि थत है।
इस कार कसी भी ऐसे थ का वगाक आसानी से ढू ं ढा जा सकता है।

3. व ब दु वग करण प त म यु त अंकन
इस वग करण प त म म त अंकन का योग कया गया है। अंकन का अथ है वे
तीक िजनका योग इस प त म वग का न पण करने के लये कया गया है। इसम
यु त अंकन को चार े म वभािजत कया गया है:- जैसे,
थम े : रोमन वणमाला के छोटे अ र a से z तक (i,।,o को छोड़कर); इनका
योग न न ल खत कार से कया गया है:-
(क) सामा य अ भगम परक मु य वग के लये - अथात ् सामा य थ सू ची वग के
लये a, सामा य व वकोश वग के लये k, सामा य मु य वग के लये z, जैसे
z44 = भारतीय व या।
(ख) सवमा य एकल , काल ेणी के वतीय तर तथा दशा संबध
ं के लये।
वतीय े : भारत-अरब सं यांक - 1 से 9 तक। इनका उपयोग आधु नक मा यता
ा त मु य वग , जैसे – 2= Library Science, 4 = Journalism आ द के लये, थान
एकल के लये, एवं मु य वग क एकल सं याओं के लये कया गया है।
तृतीय े : रोमन वणमाला के द घ अ र - A से Z तक। इनका योग पर परागत
मु य वग , जैसे B= Mathematics, C=Physics, Q = Religion, Z=Law के लये तथा
काल प के थम तर पर एक शता द के लये कया गया है। जैसे N=1900 से 1999
चतुथ े : लघु को ठक वेि ठत अंक (Packeted Notation) - इसका उपयोग
नवो दत वधाओं एवं तकनी कयां के लये कया गया है। इनक उ पि त पर परागत मु य वग
से हु यी है तथा इनको भी मु य वग के प म मा यता ा त हो गई है। इस प त के छठे
सं करण म इनको पर परागत मु य वग के बाद म थान दया गया है। उदाहरणाथ (:g) =
Criticism, (p) = Conference Proceedings, (P) = Communication Theory
इ या द। वषय वग करण त थ के अंकन को भी लघु को ठक म रखा जाता है, जैसे 24(Q) =
Religious Library । इसके अ त र त ीक अ र ∆ डे टा का भी योग कया गया है।
15
पहले ∑ ( सगमा) का योग Social Science के लये कया गया था क तु अब Social
Science के लये SZ का योग कया जाता है। उपयु त अंकन के अलावा अ य तीक व
योजक च ह भी योग म लाये गये ह। सभी अंक व तीक का ववरण इस कार है:-
यु त अंक एवं तीक यु त अंकन क सं या
भारत-अरब सं यांक (1-9) 9
रोमन वणमाला के द घा र (A-Z) 26
रोमन वणमाला के लघुअ र (a-z) ilo छोड़कर 23
ीक अ र ∆ (डे टा) 1
लघु को ठक () : वषय व ध के लये, 2
योजक च ह के प म वराम च ह जैसे; 6
वपय त अ प वराम ('): काल प के लये
ब दु (.) : थान प के लये
व ब दु (:) : ऊजा प के लये
अ वराम (;) : पदाथ प के लये
अ प वराम (,) : यि त व प के लये
संयोजक रे खा (-) : अ यारोपण व ध के लये
शू य (0) : दशा संबध
ं का योजक
अ भमु ख वाणाकृ त → : भ व य काल, 1
परोगमु ख वाणाकृ त ← : भू तकाल 2

4. व ब दु वग करण प त म वषय क ि थ त का च ण
इस प त म वषय क ि थ त का च ण न न कार से कया गया है।

रं गनाथन ने वषय जगत को सव थम मानव ान के पर परागत तीन व तृत वग -


ाकृ तक व ान, मान वक व सामािजक व ान- म वभािजत कया है। इन वग को उसने
अध यापक व पी वग क सं ा द है। दूसरे , इस येक व तृत वग को संबं धत मु य वग
म वभािजत कया है। इसके बाद, येक मु य वग को व भ न वशेषताओं क खृं ला के

16
आधार पर अ धक से अ धक पांच प - यि त व, पदाथ ऊजा थान व काल - म वभािजत
कया है। येक प को एकल एवं उप एकल म वभािजत कया है।
उपयु त ववरण के प र े य म वषय क ि थ त के च ण को व तार से
न न ल खत कार से तु त कया जा सकता है:-
I. Neutral Science ( ाकृ तक व ान) = A
इस वशाल पर परागत अथ यापक व वग म सि म लत कये गये मु य वग एवं
संबं धत अ य उप-अध यापक व परक वग इस कार है :
AZ  Mathematical Sciences (ग णतीय व ान)
B  Mathematics (ग णत)
BZ  Physics (भौ तक )
C  Chemistry (रसायन शा )
D  Technology( ौ यो गक )
E  Biology(जीव व ान)
F  Technology( ौ यो गक )
G  Biology(जीव व ान)
H  Geology(भू गभ शा )
HX  Mining(ख नकम)
I  Botany(वन प त शा )
J  Agriculture(कृ ष व ान)
K  Zoology ( ा णशा )
KX  Animal Husbandry(पशु पालन)
L  Medicine( च क सा शा )
LX  Pharmocognosy(औषध व ान)
M  Useful Arts (उपयोगी कलाय)
II. Humanities (मान वक ) = MZA
इस वशाल अध यापक व वग के अ तगत सि म लत कये गये मु य वग आ द इस
कार ह :

N  Fine Arts (ल लत कलाय)


NZ  Literature and Language (सा ह य एवं भाषा)
O  Literature (सा ह य)
P  Linguistics (भाषा व ान)

17
Q  Religion (धम)
R  Philosophy (दशन)
S  Psychology (मनो व ान)
III. Social Sciences (सामािजक व ान) = SZ
इस वशाल अध यापक व वग के अ तगत सि म लत कये गये मु य वग आ द इस
कार ह:
T  Education ( श ा)
U  Geography (भू गोल)
V  History (इ तहास)
W  Political Science (राजनी तशा )
X  Economics (अथशा )
Y  Sociology (समाजशा )
YX  Social Work (सामािजक काय)
Z  Law ( व ध)
Spiritual Experience and Mysticism (आ याि मक अनुभू त व रह यवाद) =
∆ अपने आप म वत मु य वग है। अत: इसे M= ल लतकलाओं के म य म रखा गया है।
z = Generalia (सामा य वग), 1 = Universe of Knowledge ( ान जगत), 2 =
Library Science ( थालय व ान), 3 = Book Science ( थ व ान), 4 =
Journalism (प का रता) आ द नवीन मु य वग को सभी मु ख वग के पहले थान दया
गया है।

5. मू लभू त े णयां (Fundamental Categories)


रं गनाथन के अनुसार कसी भी वषय से संबं धत वचार को अ धक से अ धक पांच
प ( े णय ) म वभािजत कया जा सकता है; अथात ् कसी भी वषय के अ धक से अ धक
पांच प हो सकते ह। ायो गक ि ट से ये कसी भी वषय के मू लभू त संघटक कहलाते ह।
इनम वगाक के प म जोड़ने के लये पृथक -पृथक योजक च ह क यव था क गई है।
इनका ववरण न न ल खत है –

मू लभू त ेणी प के लये यु त तीक योजक च ह


(Fundamental Categories) (Facets) (Connecting Symbol)
Personality [P] अ प वराम (,)
( यि त व) (Comma)
Matter [M] अ वराम (;)
18
(पदाथ) (Semi-colon)
Energy [E] व ब दु (:)
(ऊजा) (Colon)
Space [S] ब दु (.)
( थान) (Dot)
Time [T] वपय त अ प वराम (')
(काल) (Inverted Comma)
नोट :- पांच मू लभूत े णय क व तृत जानकार ा त करने के लये कोस 2A
इकाई-मू लभू त े णय क अवधारणा का अवलोकन क िजए।
5.1 आवतन एवं तर
आवतन (Rounds)
ायो गक ि टकोण से अवलोकन करने पर यह प ट होता है क [P], [M] व [E]
का उसी वषय म एक से अ धक बार योग हो सकता है; अथात ् इनका एक से अ धक बार
आवतन। इनके व भ न आवतन को प -प रसू म न न कार के सं त तीक वारा
य त कया जाता है:-
मू लभू त े णयां थम आवतन वतीय आवतन तृतीय आवतन
[P] [1P] या [P] [2P] [3P]
[M] [1M] या [M] [2M] [3M]
[E] [1E] या [E] [2E] [3E]
नोट – [S] व [T] के आवतन नह ं होते।
[P] एवं [M] का थम आवतन [E] के पूव , वतीय आवतन [E] के थम आवतन
के बाद, तृतीय आवतन [2E] के बाद होता है। ायः सभी प प रसू म [E] के बाद [2P]
तथा [2E] के बाद [3P] को एक यौ गक के प म योग म लाया जाता है, अथात ् [E]
Cum[2P] या [E] [2P] एवं [2E] Cum[3P] या [2E][3P] के प म। इस कार प
प रसू एवं वगाक म इनको अलग नह ं दखाया जाता है।
उदाहरण -
शीषक - X-ray treatment of throat cancer.
वगाक - L 177 : 47257 : 6253
प प रसू – L[P] : [E] [2P] : [2E] [3P]
इस प -प रसू के अनुसार उपयु त वगाक म [P] एवं [E] के आवतन न न ल खत
कार से दखाई दे ते है;-
L[BC]  Medicine (मु य वग)
177 [P]  Throat, [P] का थम आवतन
4 [E]  Disease, [E] का थम आवतन
725 [2]  Cancer, [P] का दूसरा आवतन

19
6[2E]  Treatment, [E] का दूसरा आवतन
253 [3P]  X-ray, [P] का तीसरा आवतन,
यहां [E] के साथ [2P] एवं [2E] के साथ [3P] जु ड़ा हु आ है। मु य वग L, J, Y
आ द म इस कार के आवतन पाये जाते ह।
तर (Levels)
[P] एवं [M] का एक से अ धक बार योग हो सकता है, इसे तर के नाम से जाना
जाता है। [S] एवं [T] के भी तर होते है। इन सभी तर को न न कार के सं त तीक
वारा य त कया जाता है-
[P] के तर [P1], [P2]), [P3], [P4]
[M] के तर [M1], [M2] आ द
[S] के तर [S1], [S2]), [S3], [S4]
[T] के तर [T1], [T2]
मु य वग a= Generalia Bibliography, O= Literature, P= Linguistics,
N= Fine Arts, Z= Law म [P] प का एक से अ धक बार योग हु आ है:-
उदाहरण
शीषक- Injunction in ex parte judgment of Civil Cases in Indian Law.
यहां मु य वग Z=Law है।
प प रसू Z [P], [P2]), [P3], [P4]
वगाक Z44, 71, 73, 5
प प रसू के अनुसार उपयु त वगाक म [P] प का न न चार तर पर योग
कया गया है।
Z [BC]  Law (मु य वग)
44 [P1]  Indian (भारतीय समु दाय) [P] का थम तर
71 [P2]  Civil action, [P] का दूसरा तर,
73 [P3]  Ex Parte Judgment, [P] का तीसरा तर,
5 [P4]  Injunction, [P] का चौथा तर,

6. वै लेषी-सं लेषणा मक या
व ब दु वग करण प त एक वै लेषी-सं लेषणा मक वग करण प त है। इस प त म
वषय के पूव न मत वगाक उपल ध नह ं है। यहां व भ न वषय के अ तगत व भ न प के
लये पृथक -पृथक मानक इकाइय को य त करने वाल अनुसू चयां द गई ह, अथात [P] प
के अ तगत यि त व प क , [M] के अ तगत पदाथ प क , [E] के अ तगत ऊजा प
क अनुसू चयां। व भ न इकाइय क एकल सं याय संबं धत प से लेकर व भ न वषय के
वगाक बनाये जाते ह। वगाक बनाने क या म न न ल खत चरण अपनाये जाते ह:-
(क) व श ट वषय का उसक संघटक इकाईय (पद ) म व लेषण करना,

20
(ख) इकाइय (पद ) क पहचान करके उनके प का नधारण करना
(ग) प का नधारण करने के बाद उनका प -प रसू के अनुसार कम नधारण करना,
(घ) येक इकाई (पद) को अनुसच
ू ी म नधा रत एकल सं या दान करना,
(ङ) येक प का सांके तक च ह लगाकर व भ न एकल सं याओं का सं लेषण करना।
इस या को समझाने के लये न न ल खत उदाहरण तु त कये जा रहे ह :-
शीषक : 19 वीं शता द म यूरोप के रा य पु तकालय म पांडु ल पय का सू चीकरण
Cataloguing of manuscripts in National Libraries of Europe
during 19th Century
इस आ या से प ट है क यह थ Library Science मु य वग से संबं धत है।
इस कार इसका मु य वग Library Science है।
(क) आ या के संघटक पद : Cataloguing, Manuscripts, National Libraries,
Europe, 19th Century.
(ख) संघटक पद क पहचान एवं मू लभू त ेणी का नधारण : Cataloguing या
है अत: यह Energy [E] प को सू चत करती है, Manuscripts पदाथ है अत: यह
Matter [M] प को सू चत करता है; National Libraries एक कार का थालय है अत:
यह Personality [P] प को सू चत करता है; Europe भू भाग है अत: यह Space [S]
प को सू चत करता है 19th Century समय है अत: Time [T] प का योतक है।
(ग) मु य वग Library Science का प प रसू है- 2 [P]; [M]; [E][2P] तथा
Space व Time सवसामा य प है अत: इस प प रसू के अनुसार आ या के पद का
म इस कार है:-
Library Science (MC). National Library [P]. Manuscripts [M].
Cataloguing [E]. Europe [S]. 19th Century [T].
(घ) अनुसू चय म नधा रत एकल सं या येक पद के थान पर रखना –
2[MC].13[P].12[M].55[E].5[S].M[T]
नोट- 12[M] (मु य वग Generalia Bibliography के [P] प से, तथा 5[S]
थान एकल अनुसू ची से (पृ ठ 2.8 से 2.17); M[T] काल एकल अनुसच
ू ी से (पृ ठ 2.7)
लया गया है।
(ड़) संकेतक च ह लगाकर एकल सं याओं का सं लेषण 213; 12: 55.5 ' M=
सं ले षत वगाक
नोट- प प रसू के अनुसार 2[MC] तथा 13[P] के म य Personality का संकेतक
च ह नह ं लगाया गया है। यह अपवाद है।
शीषक : ेमच द वारा र चत गोदान (5 वीं कृ त)
Premchand’s Godan (5th Work)

21
इस आ या से प ट है क यह थ मु य वग Literature से संबं धत है। Godan
उप यास है, भाषा ह द है, Premchand का ज म वष 1880 है।
Literature का प प रसू -
O [P1], [P2], [P3], [P4]
यहां (MC)  Literature
[P1]  Language
[P2]  Form
[P3]  Author
[P4]  Work
(क) आ या के संघटक पद:- Premchand (1880)
Godan (Fifth work). Literature. Hindi. Fiction
(ख) संघटक पद क पहचान व मू लभू त ेणी :-
Premchand (1880) [P3]. Godan (5th work) [P4]. Literature (MC).
Hindi [P1]. Fiction P[2].
(ग) प प रसू के अनुसार पद का अनु म :-
Literature (MC). Hindi [P1]. Fiction P[2]. Premchand (1880) [P3].
Godan (5th work) [P4].
(घ) येक पद क एकल सं या :-
O [MC]. 152[P].3[P2].M80[P3].5[P4]
नोट- Author क एकल सं या नयमानुसार काल म व ध से थ एकल (पृ ठ
2.7) से; Godan क एकल सं या नयमानुसार (पृ ठ 1.101 पर नयम 04 के आधार पर)
(ड) संकेतक च ह लगाकर एकल सं याओं का सं लेषण :- 0152, 3M80, 5
नोट :- प प रसू के अनुसार [P2] व [P3] के म य [P] का संकेतक च ह नह ं
लगाया गया है।

7. अनु म णका : ायो गक उपयोग


अनु छे द म (2.2.1) यह य त कया गया है क इस प त के भाग 2 के अ त म
(पृ ठ 2.124 से 2.172 तक) अनुसू चय म यु त संघटक पद क अनु म णका द गई है।
ायो गक वग करण करते समय, इस अनु म णका का बार-बार अवलोकन करना पड़ता है।
ायो गक ि ट से इसका अ य धक मह व है। यह अनु म णका कसी भी संघटक पद से
संबं धत मु य वग क पहचान करने म सहायक है। इसके वारा यह भी ात होता है क
उि ल खत संघटक पद कस प से संबध
ं रखता है तथा अनुसू चय म उसक एकल सं या
या है। क तु यह अनु म णका अ य सामा य अनु म णकाओं क तरह सरल नह ं है। अत:
इसके उपयोग क व ध जानना आव यक है।

22
अनु म णका के आरं भ म अनु म णका का उपयोग करने के बारे म आव यक नदश
दये गये ह तथा अनु म णका म योग म लाये गये सं त तीक क कं ु जी का भी उ लेख
है। जैसे,
ACI  Anteriorising Common Isolate
LD  Language Division
PCEI  Posteriorising Common Energy Isolate
2E  Second Round Energy Facet.
अनु म णका क येक वि ट क संरचना तथा उसके न हताथ को समझाना
आव यक है। वि ट म येक द घ को ठक [ ] से तु रंत पूव उि ल खत रोमन वणमाला का
छोटा अ र या रोमन वणमाला का बड़ा अ र या ह द-अरबी अंक ायः संबं धत मु य वग को
सू चत करता है। य द रोमन बडे अ र के साथ ह द-अरबी अंक है तो वह कसी पर परागत
वग को सू चत करता है। द घ को ठक के बाद अं कत सं या संबं धत पद (श द) क एकल
सं या है जो वग करण अनुसू चय से ल गई है। वृत को ठक () के तु रंत बाद दया गया रोमन
वणमाला का छोटा अ र संबं धत सवसामा य एकल को सू चत करता है। द घ को ठक म
उि ल खत सं ेपक संबं धत मू लभू त ेणी अथवा उसके आवतन या तर को य त करता है।
उपयु त ब दुओं को समझाने के लये न न ल खत उदाहरण का उ लेख कया जा
रहा है :-
(i) Jainism Q [P], 3
यहां Q रोमन बड़ा अ र मु य वग धम का सू चक है, [P] मु य वग धम का
Personality प है, 3 Jainism क एकल सं या है। द घ को ठक को हटा दया जाता है।
इस कार Jainism = Q3
(ii) Serial (ACI), n
यहां वृत को ठक के बाद n (Serial) Anteriorising Common Isolate (पूववत
सवसामा य एकल का सू चक है।
(iii) Abdomen G [P], K[P2], L[P], 14;
इस वि ट का यह अथ है क 'Abdomen' एकल पद G= Biology म
Personality प , K=Zoology म Personality प के वतीय तर, [P2], L=
Medicine म Personality प के प म अ भ य त होता है। इन सभी मु य वग म
Abdomen क एकल सं या 14 है। द घ को ठक को हटाकर इसक वग सं या इस कार है:-
G14
K,14
L14
(iv) Abnormal S,T[P], 6.X[E], 9P.Z[P2], 16 है। Abnormal श द S=
Psychology एवं T= Education म Personality प के एकल पद के प म योग मे
लाया गया है तथा इन दोन थान पर इसक एकल सं या 6 है; जब क यह श द X=
23
Economics म Energy प के एकल पद के प म अ भ य त हु आ है तथा इसक एकल
सं या 9 P है तथा Z=Law म यह पद Personality प के वतीय तर [P2] के प म
यु त हु आ है तथा इसक एकल सं या 16 है।
उपयु त ववरण के आधार पर Abnormal पद से संबं धत वग सं याय इस कार ह:-
S6
T6
X.9P
Z.16
(v) Abnormal Structure L[E], 4[2P], 71 तथा Y(E), 24 है। यह पद L=
Medicine म Energy Facet [E] क एकल सं या 4 के साथ Personality प के
वतीय आवतन [2P] के प म योग म लाया गया है तथा इसक एकल सं या 71 ह;
जब क यह पद Y= Sociology के Energy प [E] के प म यु त हु आ है तथा यहां
इसक एकल सं या 24 है। इस ववरण के आधार पर इसक वग सं याय न न ल खत कार
से ह:-
L : 471
Y : 24
(vi) Physiology G,I,K,KX,L[E], 3, S[E], 2,3[2E],3
इस पद का योग G=Biology, I= Botany, K=Zoology, KX= Animal
Husbandry, L= Medicine मु य वग म Energy प के प म हु आ है; जब क S=
Psychology म इसका योग Energy प क एकल सं या 2 व 3 के लये Energy के
वतीय आवतन 2[E] के प म हु आ है। सभी जगह इसक एकल सं या 3 है। इसक वग
सं याएं न न ल खत ह :
G:3
I:3
K:3
KX:3
L:3
S: 2:3
S: 3:3
(vii) Executive V,W [P2], 2.X[E]. 87.Z[P2]. 8 [P3]. 8
इस श द का योग V= History, W=Political Science, म Personality प
के वतीय तर [P2] म, X= Economics के Energy [E] प म, Z=Law के [P2]8
के बाद [P3] के प म हु आ है। V एवं W म इसक एकल सं या 2 है X म इसक एकल

24
सं या 87 है तथा Z म इसक एकल सं या 8 है तदनुसार इसक वग सं याएं न न ल खत
ह-
V,2
W,2
X:87
Z,8, 8
एकल सं याय संबं धत अनुसू चय से ा त क गई ह।
नोट – 1. अनु म णका म उि ल खत सू चना का भाग 2 क संबं धत अनुसू चय से
मलान कर लेना चा हये ू ी म कह -ं कह ं मु ण संबध
य क अनुसच ं ी ु टयां
हो सकती ह।
2. यह अनु म णका एक कार से अनुसू चय म उि ल खत एकल पद का
कोश है जो मु य वग के प म न द ट के ब दुओं के थान के
वग करण के ता पय को तु त करती है। अत: येक पद के सापे अथ
को संबं धत अनुसच
ू ी का अवलोकन करने के बाद ह समझा जा सकता है।
(viii) Railway D[P], 415.U[P],6415.X[P], 415
या या : यहां Railway श द (पद) तीन मु य वग म योग म लाया गया है तथा
तीन ह मु य वग म यह [P] प को सू चत करता है। क तु तीन थान पर मु य वग के
संदभ के, अनुसार इसका अथ भ न है। D= Engineering के [P] प म इसका अथ है
Railway (रे लरोड़) क इंजी नय रंग, U= Geography म इसका अथ है Railway (रे ल का
ट) अथात ् प रवहन का रा ता। X= Economics म इसका अथ है रे ल प रवहन का आ थक
प ।
इस कार मु य वषय के संदभ के अनुसार इसका तीन अथ म योग कया गया है।
(ix) Old age G9E, 19E, K9E, L9E. S[P], 38.Y [E] 344
या या यहां Old age पद का योग छ: मु य वग के संदभ म कया गया है
क तु इसका संबं धत मु य वग करण वग के अनुसार अथ भ न है। G,।,K,L म इसका
योग एक व श ट वग (Special) के प म हु आ है। ये व श ट वग भी मु य वग के प
म योग म लाये जाते है। G= Biology (जीव व ान) म G9E का अथ है सामा य जीव
क वृ ाव था। I=Botany (वन प त व ान) म 19E का अथ व भ न वन प तय क
वृ ाव था। K= Zoology ( ा णशा ) म K9E का अथ है वभ न ा णय /ज तु ओं क
वृ ाव था। L=Medicine ( च क सा शा ) म L9E का अथ है वृ मानव क च क सा का
वै श य। S= Psychology (मनो व ान) के [P] प म इसका अथ है वृ जन का
मनो व ान। Y= Sociology (समाज शा ) के [E] प म इसका अथ है वृ ाव था से
संबं धत समारोह।
(x) Seed I [P2], 178, J [P], 38,48,58,68,78

25
या या: वन प त शा के ि टकोण से Seed (बीज) श द का योग I=Botany
(वन प त शा ) के [P2] प म वन प तय के बीज को सू चत करता है। जब क J=
Agriculture (कृ ष शा ) म इसका [P] प के प म तो योग कया गया है क तु इसी
प म यह पांच अथ म योग म लाया गया है अथात ् 38' उस फसल क कृ ष को सू चत
करता है िजसका बीज खा य के प म उपयोग म लाया जाता है- जैसे, चावल, गेहू ं। '48' उस
फसल क कृ ष को सू चत करता है िजसका बीज ताजगी दान करता है- जैसे, काँफ । '58'
उस फसल क कृ ष को सू चत करता है िजसके बीज का तेल उपयोग म लाया जाता है। '68'
उस फसल क कृ ष को सू चत करता है िजसके बीज औष ध के प म उपयोग म लाये जाते
ह। '78' उस फसल क कृ ष को सू चत करता है िजसका बीज के ऊपर का रे शा कपड़ा बनाने
के लये उपयोग म लाया जाता है। जैसे, ई।
इस कार अनु म णका का उपयोग करते समय सभी पद के संदभ को यान म
रखना होगा।

8. प र श ट : उपयो गता
व ब दु वग करण के पुनमु त छठे सं करण (1963) के आरं भक पृ ठ के तु रंत
बाद पृ ठ 19 से 28 तक एक प र श ट दया गया है। छठे सं करण म कये गये अनेक
संशोधन, प रवतन एवं मु ण संबध
ं ी ु टय का सु धार इस प र श ट म सि म लत कये गये ह।
भाग 1 ( नयम भाग) तथा भाग 2 क अनुसू चय म कये गये प रवतन , संशोधन
एवं ु टय के सु धार का उ लेख उनके पृ ठ का संदभ दे कर कया गया है। नयम भाग पृ ठ
1.51 पर भौगो लक एकल से संबं धत नयम 40 म कये गये संशोधन (प रवतन) के अनुसार
भौगो लक एकल के चार ख ड वशेष यान दे ने यो य ह (प र श ट पृ.20)। पृ ठ 1.113 पर
मु य वग T= Education के [E] प के लये [2P] प ा त करने से संबं धत नयम T3
। पृ ठ 1.115 पर मु य वग V= History के [E] प क एकल सं या 19 = Foreign
Policy से संबं धत नयम V3191 म कये गये प रवतन अ य त मह वपूण है।
इसके अ त र त भाग 2 (पृ. 2.88) म M3 से लेकर कॉलम एक के अ त तक कये
गये प रवतन भी वशेष यान दे ने यो य ह। यहां M7= Textiles के प -प रसू एवं अनुसच
ू ी
म आधारभूत प रवतन कया गया है। इस प रवतन का उ लेख प र श ट के पृ ठ 27 पर कया
गया है।
इस कार ायो गक वग करण क ि ट से इस प र श ट का वशेष मह व है।

9. सारांश
इस इकाई म व ब दु वग करण के पुनमु त छठे सं करण (1963) के ायो गक
उपयोग से संबं धत न न ल खत ब दुओं पर मु य प से वचार कया गया है:
(1) व ब दु वग करण का पुनमु त छठा सं करण तीन भाग म वभािजत कया गया
है- जैसे भाग 1 : नयम, भाग 2 : वग करण अनुसू चयां एवं भाग 3 : वरे य
थ एवं धा मक थ क अनुसू चयां;
26
(2) भाग 1 : नयम, ायो गक ि ट से मह वपूण है य क इस भाग म आव यक
प रभाषाओं, ायो गक वग करण से संबं धत सामा य नयम , अनुसू चय के योग
ं ी नयम आ द का उ लेख है। इस भाग म वगाक,
संबध थ
ं ांक आ द के नमाण
क व ध एवं मु य वग के प -प रसू के ायो गक उपयोग के बारे म समझाया
गया है। इसी भाग म सामा य एकल , काल एकल के ायो गक प को प ट
कया गया है।
(3) भाग 2 वग करण अनुसू चयाँ म वग करण क व भ न अनुसू चय का उ लेख है-
जैसे सवसामा य एकल , थान एकल , भाषा एकल व वभ न वषय क
अनुसू चयां आव यक प -प रसू स हत । इसी भाग म उपयु त थान पर
व श ट अनु म णकाओं का उ लेख है- जैसे, भौगो लक अनु म णका, वन प तय
के ाकृ तक वग क अनु म णका एवं ा णय के ाकृ तक वग क अनु म णका।
ये अनु म णकाय ायो गक ि ट से मह वपूण ह।
(4) भाग 3 : वरे य थ एवं धा मक थ म वरे य एवं धा मक थ के न मत
वगाक दये गये ह, साथ ह इनक वणानु म म एक अनु म णका द गई है।
(5) इस प त का अंकन म त है; अथात ् इसम व भ न अंक एवं तीक का योग
कया गया है, जैसे, भारत-अरब अंक, रोमन वणमाला के लघु अ र, रोमन
वणमाला के द घ अ र, ीक अ र तथा कु छ वरामा द च ह। इन अंकन व
तीक का िजस-िजस योजन के लये उपयोग कया गया है उसको भी प ट
कया गया है।
(6) पांच मू लभू त े णय के ायो गक प को उनके आवतन एवं तर स हत
समझाया गया है।
(7) वग करण के ायो गक प को समझाने के लये वगाक बनाने क चरणब या
को उदाहरण दे कर प ट कया गया है।
(8) भाग 2 के अ त म उि ल खत अनुसू चय क अनु म णका के ायो गक उपयोग
क व ध को उदाहरण दे कर समझाया गया है ता क वगाकार इसके ायो गक प
क ज टलता को सरलता से समझ सके।
(9) इस पु तक के आरंभ म पृ ठ 19 से 28 तक दये गये प र श ट म छठे सं करण
म कये गये संशोधन , प रवतन एवं मु ण संबध
ं ी ु टय का उ लेख ह, यह
परश ट ायो गक ि ट से अ य त मह वपूण है। इसका अवलोकन करना
आव यक है।

10. अ यासाथ न
1. व ब दु वग करण सं करण छ: पुनमु त (1963) के भाग 1 का ायो गक ि ट से
मह व प ट क िजए।
2. व ब दु वग करण के भाग 2 म उि ल खत व श ट अनु म णकाओं का ायो गक
उपयोग बताइये।
27
3. व ब दु वग करण क वै लेषी-सं लेषणा मक या को चरणब म म उदाहरण
दे कर प ट क िजए।
4. कसी भी मु य वग के प प रसू का मू लभूत े णय के संदभ म ायो गक ि ट से
व लेषण क िजये।
5. अनुसू चय क अनु म णका क सहायता से न न ल खत एकल पद के वगाक बनाइये
:-
(i) Alien
(ii) Breach of contract
(iii) Etiology
(iv) Management
(v) Pathology
(vi) Public Nuisance
(vii) Morphology
(viii) Nervous System
(ix) Winter
(x) Support
6. प र श ट म उि ल खत थान एकल के चार ख ड का वणन क िजये।

11. मु य श द
(1) अनुसू चयॉ  मू लवग उनके प एकल आ द क सू चयाँ िज ह तीक
च ह का उपयोग करके सु नयोिजत ढं ग से अवि थत
कया गया है,
(2) आवतन  कसी वषय म उसके कसी प का एक से अ धक बार
योग,
(3) अंक  अंकन प त म योग म लाया गया एकल ाथ मक
तीक,
(4) एकल  वह एकल वचार जो कसी मूलवग के साथ मेल खा
सकता है,
(5) प  वग वशेष म एक या एक से अ धक वशेषता का योग
करने के आधार पर एकल का जो स पूण वग ा त होता
है वह प कहलाता है,
(6) प व लेषण  लेख म न हत वषय व तु का उससे संबं धत प म
व लेषण
(7) प संकेतक  दो प को जोड़ने वाला च ह। यह योजक च ह के नाम
से भी जाना जाता है।
(8) वरे य ं (Classic)
थ  ऐसा मौ लक थ जो नवीन वचार एवं नवीन माग क

28
सृि ट करता है तथा नवीन वचार के सृजन क ेरणा
दे ता है
(9) वै लेषी-सं लेषणा मक  वषय व तु का उसके संघटक म व लेषण करके उ ह
एक नि चत म म यवि थत करके जोड़ने वाल ।

12. व तृत अ ययनाथ थ सू ची


(i) Kaula, P.N.A treatise on Colon classification, New Delhi,
Sterling Publishers. (1985).
(ii) Ranganathan, S.R. A descriptive account of Colon
Classification. Reprint. Banglore, Sarda Ranganathan
Endowment for Library Science, 1990.
(iii) Ranganathan, S.R. Colon Classification. Ed. 6. Reprint.
Bangalore, Sarda Ranganathan Endowment for Library
Science, 1990.
(iv) Ranganathan, S.R. Ed. 3 Reprint. Bangalore, Sarda
Ranganathan Endowment for Library Science, 1989.
(v) Satija, M.P. Manual of Practical Colon Classification. Rev. ed.
2 New Delhi, Sterling Publishers.
(vi) Navalani, K. and Gidwani, N.N.A Practical guide to Colon
Classification. New Delhi, Oxford and IBH Publishing Co. 1981
(vii) चाँपावत, जी. एस. व ब दु वग करण : ायो गक अ ययन सं करण 2
संशो धत, जयपुर , आर. बी. एस. ए. पि लशस (1989)

29
इकाई 2 : मू लवग के अनुसार ायो गक वग करण PME के
संदभ म
उ े य
1. व ब दु वग करण वारा ायो गक या क सामा य जानकार दे ना,
2. मू ल (मु य) वग के वषय े के व तार का ान दान करना,
3. मू ल (मु य) वग के प -प रसू के ायो गक व प क जानकार दे ना,
4. मू ल (मु य) वग क PME से संबं धत अनुसू चय के ायो गक अनु योग क
जानकार दे ना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. ायो गक वग करण- व ब दु वग करण सं करण 6 (पुनमु त) वारा,
2.1 वषय जगत
2.2 मू लभू त े णयां
2.3 वै लेषी-सं लेषणा मक या
3. वग करण अनुसू चयां
3.1 a  Generalia Bibliography (सामा य थ सू ची)
3.2 2  Library Science ( थालय व ान)
3.3 D  Engineering (अ भयाि क )
3.4 E  Chemistry (रसायन शा )
3.5 F  Technology ( ौ यो गक )
3.6 G  Biology (जीव व ान)
3.7 HX  Mining (ख नकम)
3.8 I  Botany (वन प त शा )
3.9 J  Agriculture (कृ ष शा )
3.10 K  Zoology ( ा णशा )
3.11 KX  Animal Husbandry (पशुपालन )
3.12 L  Medicine ( च क सा शा )
3.13   Spiritual Experience & Mysticism(आ याि मक एवं
रह यवाद)
3.14 O  Literature (सा ह य)
3.15 P  Linguistics (भाषा व ान)
3.16 Q  Religion (धम)
3.17 S  Psychology (मनो व ान)
3.18 T  Education ( श ा शा )

30
3.19 U  Geography (भूगोल)
3.20 V  History (इ तहास)
3.21 W  Political Science (राजनी त व ान)
3.22 X  Economics (अथशा )
3.23 Y  Sociology (समाजशा )
3.24 Z  Law ( व ध)
3.25 z  Generalia (सामा य वग)
4. सारांश
5. अ यासाथ न
6. मु य श द
7. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
इस पा य म क इकाई 3A.1 म व ब दु वग करण के सं करण-6 (पुनमु त) के
ायो गक उपयोग क व तृत जानकार द गई है। अत: तु त इकाई म उि ल खत मू ल वग
के अनुसार ायो गक वग करण करने क या क जानकार ा त करने से पूव उ त इकाई
3A.1 का अ ययन करना आव यक है।
तु त इकाई म केवल मू ल (मु य) वग क अनुसू चय के अनुसार Personality,
Matter व Energy (PME) के ायो गक अनु योग को व तार से समझाया गया है। अत:
मू ल (मु य) वग के प -प रसू का ान दान करना आव यक समझा गया है। जैसा क
ात है प प रसू का नमाण PME प एवं उनके आवतन एवं तर को यान म रखकर
कया गया है। इन प -प रसू का व लेषण वशेष प से संबं धत वषय के संदभ म कया
गया है। मा णक वग पर आधा रत मु य वग को अगल इकाई म व तार से समझाया गया
है।

2. ायो गक वग करण- व ब दु वग करण सं करण 6 (पु नमु त)


वारा
इकाई 3A.1 का अ ययन करने के प चात यह ात हो चु का होगा क व ब दु
वग करण सं करण 6 (पुनमु त) तीन भाग म वभािजत कया गया है- अथात ् भाग- 1
नयम, भाग-2-वग करण अनुसू चयां एवं भाग -3 वरे य थ। इन तीन भाग क व तृत
जानकार ा त होने पर ह वग करण या को सरलता से समझ सकते ह।
2.1 वषय जगत
वषय जगत बहु आयामी एवं नर तर वधनशाल है। अत: सव थम वषय जगत के
सामा य व प का ारं भक ान ा त करना ज र है। व ब दु वग करण म वषय जगत
को सव थम ाकृ तक व ान, मान वक तथा सामािजक व ान तीन धान वग म वभािजत
कया है, पुन : इन धान वग को मु य वग म, येक मु य वग को प म येक प को

31
त संबध
ं ी एकल वचार म वभािजत कया गया है। इस प त म वषय जगत के मु य वग
म वभाजन को भाग-2 के अ याय 1 म प ट कया गया है। इस अ याय म सभी वग क
तीक सं याओं का उ लेख है। इस अ याय से वषय जगत क सं त जानकार ा त होगी।
2.2 मू लभू त े णयां
येक वषय से संबं धत वचार को अ धक से अ धक पांच मूलभू त े णय - यि त व
[P], पदाथ [M], ऊजा [E], थान [S] तथा काल [T] - म वभािजत कया जा सकता है।
वषय जगत के बहु आयामी व प को यान म रखकर इन पांच े णय का उनसे संब
आवतन एवं तर म व तार कया गया है। पांच मू लभू त े णय क व तृत जानकार ा त
करने के लए आपको इकाई 3A.1 अनु छे द 5 तथा कोस 2A क इकाई 3 का अ ययन करने
क सलाह द जाती है।
2.3 वै लेषी-सं लेषणा मक या
व ब दु वग करण प त एक वै लेषी-सं लेषणा मक वग करण प त है। इस प त म
वषय के पूव न मत वगाक उपल ध नह ं है। यहां व भ न वषय के अ तगत व भ न प
के लए पृथक -पृथक कुछ मानक इकाइय को य त करने वाल अनुसू चयां द गई ह- अथात
[P] के अ तगत यि त व (Personality) प क , (M) के अ तगत पदाथ (Matter) प
क , तथा (E) के अ तगत ऊजा (Energy) प क अनुसू चयां। थालय वग करण म
सव थम कसी लेख क वषय व तु का उसके व भ न प म व लेषण कया जाता है। इस
कार के व लेषण का उ े य व भ न प को एक वां छत म म सं ले षत करना भी होता
है। व लेषण एवं सं लेषण क इस या म न न ल खत चरण अपनाये जाते ह।
1. व श ट वषय का उसक संघटक इकाइय /पद म व लेषण करना,
2. इकाइय /पद क पहचान करके उनके प नधा रत करना,
3. प का नधारण करने के बाद पद का प प रसू के अनुसार म नधारण करना,
4. येक पद (इकाई) को अनुसच
ू ी म नधा रत एकल सं या दान करना,
5. येक प का संकेतक च ह लगाकर व भ न एकल सं याओं का सं लेषण करना।
उदाहरण -
वषय - ''Lending of Manuscripts in the University Libraries of
Europe in 1989.''
उ त शीषक मु य वग (Main Class or MC) – Library Science संबं धत है।
1. वषय का व लेषण – Lending.Manuscripts.University
Libraries.Europe.1989. Library Science.
2. प नधारण Lending [E] [2P] ( या). Manuscripts[M]. University
Libraries[P].Europe[S].1989[T]. Library Science (MC)
3. प प रसू के अनुसार म - Library Science (MC). University
Libraries[P]. Manuscripts[M]. Lending [E] [2P]. Europe[S]. 1989[T].

32
4. अनुसू ची से ा त एकल सं या - 2 (MC). 34 [P]. 12 [M]. 62[E] [2P]. 5 [S].
N89 [T].
5. संकेतक च ह वारा सं लेषण - 234; 12: 62.5 'N 89
नोट:1. उपयु त व लेषण का व ब दु वग करण पु तक से स यापन क िजए।
2. सभी वषय के ायो गक वग करण क या को समझने के लये व ब दु
वग करण क पु तक को साथ रख।

3. वग करण अनु सू चयां


मू ल वग से संबं धत अनुसू चयां भाग 2 के पृ ठ 229 से ार भ होती है। अनुसू चय
का यव थापन पु तक म न न कार से है:-
मू ल वग के नाम-जैसे- Library Science;
प प रसू -जैसे-2 [P]; [M] : [E][2P]
इसके बाद [P], [M], [E] पृथक -पृथक शीषक के अ तगत बाई ओर एकल सं या तथा
दायीं ओर एकल पद (श द)। येक पृ ठ का यव थापन दो कॉलम म कया गया है।
3.1 a=Generalia Bibliography (सामा य थ सूची )
वषय े
सामा य थ सू ची म अनेक वषय से संबं धत थ / लेख को सि म लत कया
जाता है। यह एक ऐसी सू ची होती है िजसका संबध
ं कसी एक व श ट वषय से नह ं होता
अ पतु इसम एक से अ धक वषय के थ का उ लेख होता है। ये थ वशेष आकार- कार
के होते ह-जैसे, ह त ल खत थ, संदभ थ साम यक काशन, राजक य काशन, ह द
भाषा म ल खत थ नवीन थ आ द। ये वशेष कार के थ अनेक वषय से संब होते
ह। अत: इन थ क सूची का वग करण सामा य थ सू ची मु य वग म कया जाता है।
प प रसू
a[P],[P2][P3],[P4]
प रसू का व लेषण
[P] प थ सू ची म सि म लत थ को य त करता है - जैसे, ह त ल खत
थ, संदभ थ, राजक य काशन, अनुवा दत थ, तबं धत थ (Proscribed
books) आ द।
उदाहरण -
1. Bibliography of manuscripts = a12
यहां 12 = Manuscripts (ह त ल खत थ)
2. Bibliography of maps = a17
यहां 17= Maps (मान च )
3. Bibliography of Proscribed books =a74
यहां 74 = Proscribed books ( तबं धत थ)

33
[P] प क एकल सं या 2 = By script व 3 = By Language को संबं धत भाषा
एकल सं या से वभािजत कया जाता है। 2 का अथ है कसी नि चत लपी म का शत थ
तथा 3 का अथ है कसी भाषा म ल खत थ।
भाषा क एकल सं या भाषा एकल-अ याय 5 से ा त क जाती है।
उदाहरण -
1. Bibliography of Publications in Arabic script = a228
यहां 2 = By script ( लपी के अनुसार ) [P] प से, 28 = Arabic भाषा एकल -
अ याय 5 से ा त कया गया।
2. Bibliography of Publications in French Language = a3122
यहां 3=by language (भाषा के अनुसार ) [P] प से, 122= French, भाषा एकल-
अ याय 5 से ा त कया गया।
[P] प क एकल सं या 8 = By Social group of readers (पाठक के
सामािजक समू ह के अनुसार ) को Y= Sociology (समाज शा ) मु य वग के [P] प क
कसी भी एकल सं या से आव यकतानुसार वभािजत कया जा सकता है।
उदाहरण -
1. Bibliography of publications for women=a815.
यहां 8 = By social group of readers [P] प से,
15= Women, Y= Sociology के [P] प से लया गया है।
[P] प क एकल सं या 95 = Translation के अ तगत कसी एक मू ल भाषा से
कसी अ य भाषा म अनुवा दत थ क सू ची क वग सं या का नमाण कया जाता है। इस
या म सव थम 95 एकल सं या को मू ल भाषा से वभािजत कया जाता है। त प चात ्
एक छोट -आड़ी रे खा (Hyphen) (-) लगाकर उसके साथ अनुवाद क भाषा जोड़ द जाती है।
जैसे-
Bibliography of Russian Publications translated into Hindi = a95142-152
यहां एकल सं या 95 = Translation [P] प से, 142 = Russian एवं 152 =
Hindi अ याय 5-भाषा एकल से ल गई ह।
[P2] प थ सू ची के कार को य त करता है- जैसे, Publication of
geographical area ( कसी भौगो लक े म का शत थ), Library Catalogue( थालय
सू ची), Publisher’s Catalogue ( काशक सू ची) आ द । इनका ववरण इस कार है-
1. य द [P2] प से एकल सं या 1=List of Publication of a geographical
area का योग कया जाता है तो इसके साथ संबं धत भौगो लक े [P3] के प म तथा
समय अव ध [P4] के प म योग लाये जाते ह । (दे खए पृ ठ 1 .63)
उदाहरण -

34
Bibliography of printed books published in India during 1979 = a14, 144,
N79
यहां 14 = Printed books [P] प से, 1= Publication of geographical
area [P2] प से, 44= India [P3] के प म अ याय 4 थान एकल से, N79= 1979
[P4] प के प म अ याय 3 काल एकल से ा त कये गये ह।
2. य द [P2] प से एकल सं या 2 = Library Catalogue का योग कया जाता है
तो उसके साथ संबं धत भौगो लक े क एकल सं या अ याय 4- थान एकल से [P3] के
प म तथा थालय का थापना वष अ याय 3-काल एकल से [P4] के प म योग म
लाये जाते है।
उदाहरण -
Catalogue of manuscripts available in the imperial Library (Now National
Library) Calcutta, (Library Estt. 1904) = a12, 244, N04
यहां 12= Manuscripts [P] प से, 2=Library catalogue [P2] प से, 44=
India अ याय 4 से प से, [P3] के प म, N04=1904 थालय का थापना वष अ याय
3 से [P4] के प म ा त कये गये है।
(नोट:- रा य तर क सं था के लये दे श क एकल सं या का योग होता है) -
दे खए पृ. 1.63
3. य द [P2] प म एकल सं या 3 = Publisher’s Catalogue तथा 4 =Book
Seller Catalogue योग म लाये जाते ह तो [P3] के प म उनके साथ मशः काशक
एवं पु तक व े ता के नाम का थम अ र [P2] क एकल सं या के साथ जोड़ दया जाता
है। इसे Alphabetical Device (AD) कहते ह।
उदाहरण :
Catalogue of Printed books published by Vikas Publisher, New Delhi =
a14, 3V
यहां 14= Printed books [P] प से, 3 = Publishers Catalogue [P] प से,
Vikash नाम का थम अ र [P3] के प म योग म लाये गये ह।
उदाहरण :
Catalogue of Hindi books available with Atma Ram & Sons, Delhi
=a3152, 4A
यहां 3 = By Language [P] प से, 152 = Hindi अ याय 5 से, 4 =Book
Sellers Catalogue [P2] प से, Atma नाम का थम अ र [P3] के प म योग म लाये
गये ह।
(नोट : काशक एवं पु तक व े ता के थान का उ लेख वगाक म नह ं कया जाता।)

35
4. य द[P2] प म 5 = Exhibition Catalogue का योग कया जाता है तो उसके
साथ संबं धत दे श क एकल सं या [P3] के प म एवं दशनी का वष [P4] के प म योग
म लाये जाते ह।
उदाहरण -
Catalogue of Reference books exhibited at National book fair, Delhi, 1992
=a47, 544, N92
यहां 47 = Reference books [P] प से, 5 = Exhibition Catalogue प से,
44 = India अ याय 4 से [P3] प के प म, N 92= 1992 अ याय 3 से [P4] प के
प मे मशः Geographical Device (GD) तथा Chronological Device (CD) वारा ा त
कये गये ह।
(नोट रा य तर क दशनी है अत: दे श क एकल सं या योग म लाई गई है)
Exhibition = Fair
5. य द [P2] प म 21 = Union Catalogue का योग कया जाता है तो [P3]
प के प म संबं धत भौगो लक े का योग कया जाता है (दे खए प. 1.63)
उदाहरण -
Union Catalogue of learned periodicals available in the libraries of
Rajasthan =a46, 214437
यहां 46 = Periodicals [P] प से, 21= Union catalogue [P2] प से ।
4437 = Rajasthan अ याय 4 से [P3] प के प म Geographical Device वारा ा त
कये गये ह।
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइये-
(1) English books published in India.
(2) Catalogue of children books available with Hind Pocket Books.
(3) Union catalogue of Government publication in the libraries of Delhi.
(4) Library catalogue of maps.
(5) List of new books published in USA.
3.2.2 = Library Science ( थालय व ान)
वषय े
थालय व ान के अ तगत वभ न कार के पु तकालय उनम उपल ध
थ / लेख , थालय म कये जाने वाले काय - जैसे, थालय वग करण, सू चीकरण आ द-
तथा उनक अ य ग त व धय , जैसे थालय सहयोग, संदभ सेवा इ या द को शा मल कया
जाता है।
प प रसू :
2[P];[M]:[E] [2P]
प रसू का व लेषण :

36
[P] प वभ न कार के थालय - जैसे, रा य, सावज नक, व व व यालय
थालय को य त करता है। इस प के अ तगत उि ल खत येक पद के साथ Library
श द जोड़कर पढ़ना चा हये- जैसे Nation = National library, Local= Local library,
University = University library, [P] क एकल सं या 2= Local का योग Public
library (सावज नक पु तकालय) के लये कया जाता है।
उदाहरण -
Public Libraries in Rajasthan = 22.4437
यहां 2= Local (Public library) [P] प से तथा 4437 = Rajasthan थान
एकल अ याय 4 से ा त कये गये है।
[P] प क एकल सं या 4 = Business Library को वषय व ध [SD] वारा
वभािजत करने के नदश दये गये ह। यह योग वश ट कार के पु तकालय (Special
Libraries) क एकल सं याओं का नमाण करने के लये कया जाता है। जो भी वषय जोड़ा
जाता है उसे लघु को ठक म रखा जाता है। जैसे-
24 (L) = Medical libraries, यहां L= Medicine
24 (J) = Agricultural libraries यहां J= Agriculture
24 (D) = Engineering libraries यहां D= Engineering
[M] प थालय म उपल ध व भ न कार के थ जैस,े ह त ल खत थ, संदभ
थ, राजक य काशन आ द को य त करता है। इन सभी कार के थ क एकल सं याय
a=Generalia Bibliography मु य वग [P] प से ा त क जाती है।
[E] [2P] प थालय म कये जाने वाले अनेक काय - जैसे, वग करण सू चीकरण
थचयन, थालय सहयोग आ द को य त करता है । [E] [2P] प क एकल सं या 1
= Book selection का योग थचयन के स ा त के लये तथा 81= Book selection
का योग थचयन क या के लये या न यचया के लये कया जाता है।
उदाहरण -
Principles of selection periodicals in a National library = 213;46:1
यहां 13 = National library [P] प से, 46 = Periodicals, a=Generalia
Bibliography मु य वग के [P] प से [M] प के प म, तथा 1 = Book selection
[E] [2P] प से ा त कये गये। वहां थचयन के स ा त के लये इस एकल सं या का
योग हु आ है।
Routines of book selection.
यहां 81 = Routine of book selection.
[E][2P] प क एकल सं या 51 Classification एवं 55 = Cataloguing के
अ तगत मशः कसी व श ट वग करण प त एवं सू चीकरण सं हता क वगसं या का,
काल म व ध से, इनके साथ संबं धत वग करण प त एवं सू चीकरण सं हता के थम काशन

37
का वष जोड़कर, नमाण कया जाता है। काशन का वष आव यकतानुसार शता द , दशक या
वष अंक के प म योग म लाया जाता है। जैसे-
1. (क) DDC= 2:51 M (1876 काशन वष शता द अंक वारा)
(ख) UDC =2:51 M96 (1898 काशन वष वष अंक वारा)
(ग) Colon Classification = 2: 51N3 (1933 काशन वष वष दशक अंक वारा)
2. Classified Catalogue = 2 : 55N3 ( काशन वष दशक अंक वारा)
Anglo-American Cataloguing Rules = 2 : 55N67 ( काशन वष दशक अंक
वारा)
[E][2P] क एकल सं या 51 = Classification के साथ [2P2] के प म उस
वषय क वग सं या, वषय व ध वारा योग म लाई जाती है, िजसके वग करण का उ लेख
करना होता है। तथा वषय व ध वारा ा त वषय क एकल सं या के पूव अंक 9 जोड़कर
इस कार से ा त [2P2] को कॉमा (,) योजक च ह वारा 51 के बाद जोड़ दया जाता है।
उदाहरण -
Classification of Agriculture literature in UDC (Pub. 1896) =2:51M96, 9(J)
यहां 2:51M96 = UDC, 9 (J) = Agriculture [2P2] के प म है।
न न ल खत क वग सं याय बनाइए-
1. Functions of National libraries.
2. Maintenance of Government publication in Libraries.
3. Classification of pamphlets.
4. Organisation of research libraries.
5. Reference service in a Nuclear engineering library.
6. Lending or manuscripts.
7. Selection Policy of periodicals in a public library.
8. Classification of biological literature in DDC.
3.3 D = Engineering (अ भयाि क)
वषय े
अ भयाि क वषय के अ तगत इंजी नय रंग क व भ न शाखाओं जैसे, Civil
Engineering, Mechanical Engineering, Electronic Engineering, आ द तथा इनसे
संबं धत सम याओं या याओं जैसे, Graphical statics, Design, Construction, Working
आ द का अ ययन होता है।
प प रसू
D[P],[P2]:[E] [2P]
प रसू का व लेषण

38
[P] प वभ न कार के इंजी नय रंग काय - जैसे Civil, Mechanical, Electronic,
Nuclear engineering आ द को य त करता है। इसे वग करण क भाषा म Work facet
क सं ा द है।
उदाहरण -
1. Irrigation Engineering = D2
2. Rail Road Engineering = D415
3. Municipal Engineering = D85
[P2] प के अ तगत D6 को छोड़कर सभी कार के इंजी नय रंग काय के Parts
(भाग) का उ लेख है जब क D6 के लये उसके अनु योग (application) के े का उ लेख
है। Parts (भाग) पृथक -पृथक इंजी नय रंग काय (Work facet) के लये पृथक -पृथक प म
दये गये है। इस कार (Part facet) का नधारण इंजी नय रंग काय (Work facet) के
आधार पर कया गया है।
उदाहरण -
1. River dams = D26, 8
यहां 26 = River irrigation [P] प से तथा 8 = Flood protecting etc.
[P2] प से।
2. Axie of a motor car = D5133,2
यहां 5133 = Motor car [P] प से तथा 2 = Axle [P2] प से।
3. Television Engineering = D65, 45
यहां 65 = Electronic Engineering [P] प से तथा 45 = Television [P2] प
से।
D6 के अ तगत [P2] प क एकल सं या 8 = other Machinery का वषय व ध
(SD) वारा वभाजन करके व भ न वषय या योजन से संबं धत मशीनर क वग सं याओं
का नमाण कया जा सकता है। जैसे-
Agriculture machinery = D6,8(J)
यहां 6= Mechanical Engineering [P] प से 8 = other Machinery प से,
(J) = Agriculture वषय व ध से।
[E][2P] प एक सामा य प है। कसी भी कार के इंजी नय रंग काय से संबं धत
सम याओं व याओं को इस प के अ तगत शा मल कया गया है। जैसे, Applied
Mechanics, Design, Estimate आ द।
उदाहरण –
1. Design of railway station yard = D415, 8 : 4
यहां 415 Railway [P] प से, 8= Station yard [P2] प से, 4 = Design [E]
[2P] प से।
2. Testing the brakes of a motor cycle= D5135, 8 : 81
39
यहां 5135 =Motor cycle [P] प से, 8 = Braking arrangement [P2] प से,
81 Testing [E] [2] प से।
इस वषय क अनुसच
ू ी के अ त म व श ट सवसामा य एकल का उ लेख है। इनका
योग कसी योजक च ह के बना ह D66 के साथ कया जाता है। जैसे
1. Voltage Meter = D66e2; यहां e2 = Voltage meter
2. Watt Meter = D66e41 यहां e41 = Watt meter
न न ल खत के वगाक बनाइये :
1. Windows of a tourist carriage
2. Repairing a refrigerator.
3. Working of an electric lift.
4. Design of the roof of a building.
5. Testing of the brakes of a cycle.
3.4 E= Chemistry (रसायन शा )
वषय े
रसायन शा के अ तगत वभ न कार के य /पदाथ के संयोजन
(Composition), बनावट (Structure), गुणधम (Properties), तथा उनसे संबं धत रासाय नक
प रवतन एवं याओं का अ ययन कया जाता है।
प प रसू
E[P], [P2] : [E] [2P], [2P2]
प रसू का व लेषण
[P] प म वभ न कार के रासाय नक य का उ लेख है। य क एकल
सं याओं का नमाण समू ह अंक (Group number) तथा आवत सारणी (Periodic table) के
आधार पर कया गया है। जैसे:
Lead = 148;
यहां 1 = Inorganic Substance, 4= Group Number, 8= Periodic table
number.
[P2] प म 5= Organic Substance, 6= Aliphatic Compound, 7=
Aromatic Compound एवं 8 = Hetero cyclic compound के संयोजन का उ लेख
है। जैसे, Methane Nitro-compound = E611, 57 यहां 611= Methane [P] प से, 57
Nirto-compund [P2] से।
[E] [2P] प म रासाय नक प रवतन एवं याओं का उ लेख है।
उदाहरण -
1. Atomic weight of sulphur = E161 :14
यहां 161 = Sulphur [P] प से, 14= Atomic weight [E] [2P] प से
2. Qualitative analysis of sodium = E111: 33
40
यहां 111 = Sodium [P] प से, 33= Qualitative analysis [E] [2P] प से
[2P2] प का योग केवल ([E] [2P] क एकल सं या 3 = Analytical
Chemistry तथा इसके उप वभाजन के साथ ह कया जाता है। जैसे – Radiation analysis
of inorganic Substances = E1: 3, E
यहां 1 = Inorganic substances [P] प से, 3 = Analytical Chemistry [E]
[2P] से। E= Radiation [2P2] से।
E9G ( व श ट वग) का योग नयमानुसार मु य वग के प म होता है। E=
Chemistry का पूरा प रसू इसके साथ योग म लाया जा सकता है। केवल [P] क एकल
सं याय कॉमा (,) से जोड़ी जाती है।
उदाहरण -
1. Bio-Chemistry of vitamins = E9G, 97
यहां 97 = Vitamins. यह मु य वग E= Chemistry के [P] प से ा त कया
गया है।
2. Biological annalysis of animal protiens = E9G, 92Z2K : 3, X
यहां 92Z2K = Animal protiens [P] प से, 3 = Annalysis [E] [2P] प से,
X= Biological [2P2] प से।
न न ल खत क वग सं याय बनाइये -
1. Analytical Chemistry of Vitamin B
2. Micro analysis of Barium.
3. Biochemistry of Amino acid.
4. Magneto Chemistry of Gold.
5. Molecular weight of lead.
3.5 F= Techology ( ौ यो गक )
वषय े
व ब दु वग करण के अनुसार इस वषय म रासाय नक ौ यो गक (Chemical
Tehnology) एवं औ यो गक ौ यो गक (Industrial Tehnology) को शा मल कया गया है।
अथात ् ौ यो गक म रासाय नक य /पदाथ के उ पाद तथा उनक उ पादन याओं का
अ ययन कया जाता है। ौ यो गक एवं रसायन शा दोन ह य /पदाथ का अ ययन
करते है। क तु रसायन शा म य /पदाथ के, संघटन, संरचना तथा उनके गुण धम का
सै ाि तक अ ययन कया जाता है जब क ौ यो गक के अ तगत य /पदाथ के उ पाद ,
उनके उ पादन व नमाण क या या सं या का अ ययन कया जाता है। जैसे Steel
(इ पात) का ताि वक अ ययन रसायन शा म तथा इसके नमाण व उ पाद क या का
ौ यो गक म कया जाता है।
प प रसू
F[P] : [E] [2P]
41
प रसू का व लेषण
[P] प म वभ न य /पदाथ का अ ययन शा मल है। [P] प क कु छ एकल
सं याओं का उ लेख तो इसी वषय के अ तगत कया गया है जब क इनके अलावा य या
पदाथ क एकल सं याय E= Chemistry के [P] प से ा त करने के नदश दये गये ह।
जैसे,
1. Chemical Tehnology of sodium = F111
यहां 111= Sodium रसायन शा के [P] प से।
2. Coal Tehnology = F 551
यहां 551 = Coal इसी वषय के [P] प से।
[E] [2P] प म वभ न याओं व सं याओं को शा मल कया गया है। यहां
Chemistry के [E] [2P] प क एकल सं या 8 = Manipulation के उप वभाजन ह
योग म लाये जाते ह। इन एकल सं याओं का आरं भक अंक 8 हटा दया जाता है।
उदाहरण -
1. Distillation of wine = F547 : 35
यहां 547 = Wine [P] प से, 35 = Distillation [E] [2P] प के प म E=
Chemistry के [E] [2P] से 835 एकल सं या का 8 अंक छोड़कर।
2. Electro-metallurgy of Gold = F118: 6
यहां 118 = Gold रसायन शा के [P] प से, 6 = Electrical method [E]
[2P] के प म E= Chemistry के [E] [2P] प से 86 एकल सं या का 8 अंक को
छोड़कर।
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइये –
1. Fuel gas technology
2. Oxidation of gold
3. Colouring of soap
4. Food technology
3.6 G = Biology (जीव व ान)
वषय े
यह वषय जै वक घटना म के सामा य अ ययन से संबं धत है। इस वषय के
अ तगत जीव, उसके मू लत व तथा व भ न प रि थ तय म पनपने वाले जीवन का अ ययन
होता है। जीव से संबं धत सभी सामा य प -जैसे जीव या है, उसका ज म वकास व जनन
कस कार होता है आ द - का अ ययन भी कया जाता है। वन प तय एवं ा णय के जीवन
का अ ययन मशः वन प तशा एवं ा णशा म कया जाता है।
प प रसू
G [P] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण

42
[P] प जीव के मू लभूत अवयव या त व -जैसे, Cell, Tissue, Cytoplasm आ द,
व भ न पा रि थ तक य समू ह अथात ् व भ न वातावरण के आधार पर वक सत जीव समू ह -
जैसे, Desert life, mountain life, forest life आ द को य त करता है।
[P] प क कु छ एकल सं याओं, जैसे-
G11 = Cell Biology का दूसरा नाम है Cytology
G12 = Tissue Biology का दूसरा नाम है Histology.
G91 = Protista Biology का दूसरा नाम है Micro biology
[P] प म 95 एकल सं या के अ तगत Ecological groups (पा रि थ तक य
समू ह ) का उ लेख है। यहां Desert = Desert life, Forest = Forest life आ द है।
उदाहरण -
Desert life = G 95121
Forest life = G 95124
[E] [2P] प जीव से संबं धत सभी याओं - जैसे जनन, जनन, वकास,
वातावरण का भाव आ द को य त करता है।
य द जीवन का सामा य वणन कसी भौगो लक े के आधार पर कया जाता है तो
उसके साथ [E] [2P] प क एकल सं या 12= Natural History का योग करके त प चात ्
संबं धत भौगो लक े क एकल सं या का योग करना चा हए।
उदाहरण -
Mountain life in Nepal = G 9518: 12.44974
यहां 9518 = Mountain life [P] प से, 12 = Natural History [E] [2P]
प से, 44974 = Nepal अ याय 4 थान एकल से ा त कये गये ह।
[E] [2P] प क एकल सं या 346 = Fasting के नीचे दये गये नदश के
अनुसार इसी प क एकल सं या 341= Inanition, 345 = Waster fasting, 346 =
Fasting को इनके उपयु त एकल सं या 33 = Metabolism क तरह वभािजत कया जाता
है, अथात ् 33 के येक उप वभाजन का अंक इनके साथ जोड़ा जा सकता है- जैसे,
1. Physical effect of water fasting on cells = G11 : 345 C
यहां G11 : 345 = Waterfasting cell के साथ 33C= Physical effect से केवल
उप वभाजन अ र 'C' लेकर 345 के साथ जोड़ दया गया है।
भाग 1- नयम के पृ ठ 1.79 पर उि ल खत नदश के अनुसार [E] [2P] प के 33
Metabolism या 341 या 345 या 346 या इनके उप वभाजन के साथ [2M] प जोड़ा जा
सकता है। [M] = matter (पदाथ) क एकल सं याय E= Chemistry मु य वग के [P] प
से ा त क जा सकती है। उदाहरण :
1. Iron Metabolism = G : 33; 182
यहां G= Biology [BC], 33= Metabolism [E] [2P] प से, 182 = Iron [2m]
मु य वग E= Chemistry के [P] प से ा त कये गये ह।
43
2. Chemical effect of sulphur on tissue = G 12: 33 E; 161
यहां G= Biology (मु य वग)
12= Tissue [P] प से
33E = Chemical effect [E] [2P] प से
161 = sulphur [2M] मु य वग E= Chemistry के [P] प से
3. Physical effect of calcium on cell in fasting= G 11: 346 C; 122
यहां G= Biology (मु य वग)
11= cells [P] प से
346 = Fasting [E] [2P] प से
346C= Physical effect in fasting [E] [2P] प के 33C का
नयमानुसार 'C’ अ र जोड़कर 122 = Calcium [2M] मु य वग E=
Chemistry के [P] प से
4. Chemical effect of Alcohol on Cytoplasm = G112 : 33E; (F54)
यहां G= Biology (मु य वग)
112= Cytoplasm [P] प से
33E = Chemical effect [E] [2P] प से
(F 54) = Alcohol, मु य वग F= Technology एवं उसके [P] प को मलकर
2[M] के प म नदश के अनुसार 2[M] प वषय व ध (SD) वारा जोड़ा गया है य क यह
E= Chemistry से नह ं लया गया है।
इस मु य वग के अ त म उि ल खत व श ट वग G9B=Embryo, G9E= Old age
आ द का योग नयमानुसार मु य वग के प म ह होता है। रं गनाथन के अनुसार ये
प रव धत मू ल वग (Amplified Basic Class) कहलाते है। मु य वग का पूरा प प रसू
इनके साथ योग म लाया जा सकता है क तु इनके साथ [P] प क एकल सं या जोड़ने के
लए संकेतक च ह कॉमा (,) का योग कया जाता है।
उदाहरण –
1. Morphology of old age tissues = G9E, 12:2
यहां G9E= Old age ( व श ट वग)
12 = Tissues [P] प से
2= Morphology [E] [2P] प से
2. Development of child’s cells = G9C, 11:7
3. Effect of heat on embryo tissues = G9B,12 : 5594
न न ल खत के वगाक बनाइए :
1. Ecology of microbiology.
2. Forest life of Madhya Prades
3. Effect of summer on old age cells.
44
4. Development of tissues of embryo.
3.7 HX = Mining (ख नकम)
वषय े
इस वषय के अ तगत व भ न कार के ख नज एवं च ान के खनन व दोहन, इनसे
संबं धत अनेक याओं/सं याओं एवं इ ह उपयोगी बनाने के काय का अ ययन कया जाता
है।
प – प रसू
HX [P], [P2] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] प म वभ न कार के पदाथ ख नज व च ान शा मल ह। इस प क एकल
सं याय E= Chemistry, H1=Mineralogy तथा F= Technology के [P] प से ा त
क जाती ह। जैसे,
1. Copper mining = HX 113
यहां 113 =Copper रसायन शा (Chemistry के [P] प से लया है।
2. Coal mining= HX 551, यहां 551 = Coal लया गया है F= Technology के
[P] प से।
3. Diamond mines = HX 91, यहां 91 = Diamond लया गया है H1=Mineralogy
के [P] प से।
[P2] प म खान के व भ न भाग तथा उनम उपल ध सु वधा शा मल ह । जैसे, Pit,
Tunnel, Road आ द।
उदाहरण -
Tunnels in a Coal mine =HX 551, 3
यहां 3 = Tunnel [P2] प से लया गया।
[E] [2P] प म ख नकम से संबं धत याओं का उ लेख है। जैसे-
Washing of Iron ore = HX 182:28
यहां 182 = Iron लया गया है E= Chemistry के [P] प से तथा 28 =
Washing लया गया है HX के ह [E] [2P] प से।
न न ल खत क वग सं याय बनाइये :
1. Safety measures in copper mines.
2. Drilling of petroleum
3. Ventillation in coal mine pits.
4. Deep boring for fuel gas.
3.8 I= Botany (वन प त शा )
वषय े

45
इस वषय के अ तगत व भ न कार क वन प तय के ाकृ तक वग का अ ययन
कया जाता है तथा इन वन प तय क संरचना, इनक शार रक या, इनका वकास म,
इनके व भ न अवयव आ द का अ ययन भी कया जाता है।
प प रसू
I [P], [P2] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] प के अ तगत वन प तय के ाकृ तक वग तथा जा तय , जा तय का उ लेख
है। वन प त जगत को मु यतः दो मु ख भाग म वभािजत कया गया है। जैसे-
1. Crytogamia or non-flowering plant (पु पह न वन प त)
2. Phanerogamia or flowering pland (फूलवाल वन प त)
यहां एकल सं याय 2 से 4 पु पह न वन प त क ेणी म शा मल है तथा 1=
Cryptogamia के उप वभाजन ह। जब क 6-8 एकल सं याय फूलवाल वन प त क ेणी म
शा मल ह तथा 5 = Phanerogamia के उप वभाजन है।
95 के अ तगत पा रि थ तक य समू ह (Ecological Groups) तथा कुछ व श ट
वन प त का उ लेख है। G= Biology मु य वग के [P] प के 95 = Ecological
Groups के सभी उप वभाजन वन प त शा म योग म लाये जा सकते है। यहां ये
वन प तय के Ecological Groups को य त करगे।
उदाहरण -
1. Non-flowering plants = I (Cryptogamia)
2. Flowering plants = I5 (Phanerogamia)
3. Desert plants = I95121 (G= Biology के [P] प से)
4. Forest plants = I95124 (G= Biology के [P] प से)
[P2] प म वन प तय के अवयव का भाग का उ लेख है- जैसे, Tissues =12,
Root = 13, Flower =16 आ द। यहां पर नदशानुसार अ य याशील अवयव क एकल
सं याय है L= Medicine के [P] प के 2 से 8 एकल से ा त क जाती ह- उनके मौ लक
अथ म।
उदाहरण -
1. Bark of flowering plants= I5, 87
यहां I = Botany (मु य वग)
5= Flowering plants [P] प से
87 = Skin [P2] के प म L= Medicine के [P] प से यहां योग Bark
(छाल) के अथ म कया है।
2. Respiratory system of rose plant = I8311, 4
यहां I = Botany (मु य वग)
8311= Rosaceae (Rose) [P] प से
46
4= Respiratory system [P2] के प म L= Medicine के [P] प से।
[E] [2P] प : G= Biology के [E] [2P] प क सभी एकल सं याय I=
Botany के [E] [2P] प के प म योग म लाई जाती है । Botany म केवल 8=
Paleobotany का उ लेख है। उदाहरण :-
1. Ecology of fungi = I23:5
2. Creepers of North India = I952: 12.445
3. Evolution of Flowering plants =I5:66
4. Effect of summer on the leaves of dicotyledons = I8, 15: 5563
उपयु त सभी उदाहरण म [E] [2P] प क सभी एकल सं याय G= Biology के
[E] [2P] प से ा त क गई ह।
(नोट :- G= Biology के [E] [2P] प के 33=Metabolism, 345 या 346
एकल सं याओं व उनके उप वभाजन के साथ [2M] का योग करने के जो नदश ह वे I=
Botany म भी उनके योग के लये लागू होते ह।)
उदाहरण -
(1) Nitrogen metabolism in plants = I : 33; 150
यहां I= Botany (मु य वग)
33= Metabolism [E] [2P] Biology के [E] प से
150 Nitrogen [2M] के प म E=Chemistry के [P] प से।
(2) Chemical effect of sulphur on flowering plants = I5 : 33 E;161
यहां I= Botany (मु य वग)
5= flowering plants [P] प से,
33 E = Chemical effect [E] [2P], Biology के [E] प से,
161 = Sulphur [2M] के प म E=Chemistry के [P] प से।
न न ल खत के वगाक बनाइये :
1. Creepers of Nepal.
2. Desert plants of Rajasthan.
3. Effect of heat on the leaves of flowering plants.
4. Plants respiration.
5. Plant fossils.
3.9 J= Agriculture (कृ ष व ान)
वषय े
कृ ष व ान म मु यतः उपयोगी वन प त व फसल के वधन, संवधन, के लये भू म
उपचार, भू संर ण, उसक बुआई व जु ताई, उसके रोग के उपचार व रोकथाम आ द का
अ ययन कया जाता है।

47
प प रसू
J[P] : [E] [2P] : [2E] [3P]
प रसू व लेषण :
[P] प म सभी कार के उपयोगी पौध का उ लेख है। यहां सव थम Utility Array
(उपयो गता क तीक एकल पंि त) एवं Part Array ( व श ट भाग क तीक एकल पंि त)
क एकल सं याओं का उ लेख है। सभी उपयोगी पौध या फसल क एकल सं याय इ ह ं दो
पंि तय क एकल सं याओं से मलकर बनती ह। इन दोन के बाद Genus (वंश) एवं
Species(जा त) अंक वरे य े णी व ध से लगाया जाता है, जैसे 1, 2,3 आ द। यह अंक
केवल म नधारण के लये लगाया जाता है। व भ न पौधे अनेक कार से उपयोगी हो सकते
ह- जैसे Decoration (सजावट), Feed (पशु आहार), Food (मानव आहार) के लये,
फू तदायक पदाथ (Stimulant), तेल (Oil), औष ध (Drug) के प म। इसके साथ ह पौध
के व भ न भाग अनेक योजन के लये योग म लाये जाते ह- रस (Sap), कंद (Bulb),
जड़ (Root), तना (Stem), प ती (Leaf) आ द।
इस कार सभी पौध क एकल सं याओं मे थम अंक उपयो गता (Utility), तथा
वतीय अंक भाग (Party) का योतक है। इसके बाद वाले अंक व जा त के योतक है। जैसे-
1. Onion = J 321
यहां 3 = Food, 2= Bulb, 1= म नधारक अंक वंश व जा त के लए।
अथात याज मानव का आहार है, इसका कंद आहार के लये उपयोग म लाया जाता है
तथा इसको थम थान दे ने के लये अंक 1 जोड़ दया गया।
2. Potato = J341
यहां 3 = Food, 4= Stem, 1= म नधारक अंक
3. Orange = J 372
यहां 3 = Food, 7= Fruit, 2= म नधारक अंक
4. Tea = J 451
यहां 4 = Stimulant ( फू तदायक),, 5= Leaf, 1= म नधारक अंक
इस कार मु य वग [BC] + उपयो गता अंक (Utility Number) + भाग अंक (Part
Number) + म नधारक अंक (Genus species) = पूण पौधा (Whole Plant)
व श ट क म क फसल को य त करने के लये वण म व ध (AD) से क म के
नाम का थम अ र जोड़ा जाता है-जैसे,
1. Basmati rice = J381B (यहां B=Basmati)
2. Brooke Bond tea = J451 B (यहां B= Brooke Bond)
3. Dasheri mango = J3751D(यहां D= Dasheri)
[P] प का उ लेख केवल भाग-1 ( नयम) म पृ. 1.84 पर है। अत: आव यकता
पड़ने पर पौधे के भाग [P2] प क एकल सं या Part Array से ा त क जा सकती है।
जैसे-
48
1. Stem of wheat plant = J382,4 (यहां 4 = Stem)
2. Root or orange tree = J372,3 (यहां 3 = Root)
[E] [2P] प फसल या पौधे क संरचना संवधन, वधन, या, न ल सु धार, रोग.
खाद दे ना आ द को य त
1. Soil improvement for wheat crop =J382 : 1 :6
यहां 382 = wheat [P], 1= Soil [E] [2P], 6= Improvement [2E][3P] प
से।
2. Appliction of fertilizers in cotton plant = J781 :24 :3
यहां 781 = Cotton [P], 2= Manure [E], 4= Fertilizers [2P], 3= Application
[2E][3P] प से।
3. Transplantation of rice plant= J381 :397 :5
यहां 381 = Rice [P], 3= Propagation [E], 97= Whole Plant [2P] लया
गया है Party Array से नदशानुसार, 5 = Transplantation [2E][3P] प से।
4. Sowing of Wheat = J 382: 38: 3
यहां 382 = Wheat [P], 3= Propagation [E], 8= Seed [2P] लया गया है
Party Array से 3 = Sowing [2E][3P] प से।
5. Treatment of fungus disease of potato plant = J341 : 433 :6
यहां 341 = Potato [P], 4= Disease [E], 33= Fungus [2P] नदशानुसार
L= Medicine [E] प के 4= disease [2P] प से, 6= Treatment [2E][3P] लया गया
है L= Medicine के 4= Disease [E] प के लये नधा रत [2E][3P] प से।
6. Cold Storage of apples = J371 : 77: 84
यहां 371 = Apple[P], 7= Harvesting [E], 7= Fruit [2P] नदशानुसार Party
Array से लया गया, 84 = Cold Storage [2E][3P] प से।
अनुसू ची के अ त म इस मु य वग क कृ ष प तय एवं व श ट संवधन वग
Specials, Systems का उ लेख है। इनका योग मु य वग के प म ह होता है। मु य
वग कृ ष का प -प रसू इनके साथ योग म लाया जा सकता है। केवल [P] प क एकल
सं या अ प वराम (,) से जोडी जाती है । जैसे -
1. Dry Farming of oat = J9D, 383 (oat)
2. Rubber forestry = JB, 711 (rubber)
न न ल खत क वग सं याय बनाइये
1. Disease of the root of cotton plant,
2. Green manure for carrot crop.
3. Conservation of soil for radish.
4. Storage of grapes.

49
5. Uses of tea leaf.
6. Garden plants.
3.10 K = Zoology ( ा णशा )
वषय े :
वभ न कार के ा णय /जानवर व जीव ज तुओं के ाकृ तक वग ,उनक शार रक
संरचना, शार रक या उनके वकास आ द का अ ययन इस मु य वग के अ तगत कया
जाता है।
प प रसू
K[P], [P2] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] प म वभ न कार के ा णय /जानवर के ाकृ तक वग (Natural Groups)
का उ लेख है। इस प क एकल सं याय मु यतः दो भाग म वभािजत क जाती ह- जैसे
1. Invertebrata ( बना र ढ़ क ह डी वाले)
2. Vertebrata (र ढ़ क ह डी वाले) : इस कार एकल सं या 2 से 8 तक
Invertebrata के उप वभाजन ह जब क 9 =Vertebrata एवं इसके सभी उप वभाजन र ढ़ क
ह डी वाले ह। यहां न न ल खत उदाहरण पर यान द िजये:-
K 92  Pisces इसका पयायवाची श द Fishes है
K 94  Reptilla इसका पयायवाची श द Snakes है
K 96  Aves इसका पयायवाची श द Birds है
K 86  Insecta इसका पयायवाची श द Extomology है
[P2] – भाग 2 म Chapter K के अंतगत उि ल खत उपसू म तो इस का उ लेख
नह ं है अ पतु भाग 1 (पृ. 1.86) पर दये गये नयम KO म यह प ट संकेत है- क इसका
प रसू I = Botany के समान है। अत: [P2] प क एकल सं याय L= Medicine के [P]
प से ा त क जा सकती ह य क जानवर के अ धकांश अंग मानव के अंग के समान ह।
जैसे,
1. Respiratory system of fishes = K 92, 4
यहां 92 = fishes [P], 4= Respiratory system [P2] लया गया L= Medicine
के [P] प से
2. Legs of Birds = K 96,134
यहां 96 = Birds [P], 134= legs [P2] लया गया L= Medicine के [P] प
से।
[E] [2P] इस प क ायः सभी एकल सं याय G= Biology के [E] [2P] प से
ा त क जाती है। केवल दो एकल सं याओं का जैसे, 591 = Relation to Young ones
तथा 595 = courting का K= Zoology क अनुसच
ू ी के अ त म उ लेख है।

50
यहां पर भी G= Biology के [E] [2P] प क एकल सं याओं 33, 341, 345,
346 से संबं धत नदश उसी कार से लागू ह।
उदाहरण -
1. Birds of China = K 96 :12.41
यहां 96 Birds [P], 12 Natural History [E] [2P] लया गया है G= Biology
के [E] [2P] प से, 41= China [S] अ याय 4 थान एकल से।
2. Wild life conservation = K 9954 : 527
यहां 9954= Wild life[P], 527= conservation [E] [2P] Biology से लया
गया।
3. Physical effect of sulphur on mammals = K 97: 33C; 161
यहां 97= Mammals [P], 33C = Physical effect [E] [2P] लया गया G=
Biology के [E] [2P] से, 161= Sulphur [2M] लया गया E= Chemistry के [P] से।
न न ल खत क वग सं याओं का नमाण क िजये -
1. Iron metabolism in mammals.
2. Animal ecology
3. Nervous system of snakes
4. Ecology of flying animals
5. Insect of Japan.
3.11 KX = Animal Husbandry (पशु पालन)
वषय े
इस मु य वग म उपयोगी पशु ओं का अ ययन होता है। पशु ओं का इनक उपयो गता
के आधार पर वग करण कया गया है। पशु ओं के भरण पोषण, वा य, जनन इ या द
सम याओं के साथ-साथ उनके उ पाद के सं हण आ द का भी अ ययन कया जाता है।
प प रसू
KX[P] : [E] [2P] : [2E] [3P]
प रसू का व लेषण
[P] प म सभी कार के उपयोगी पशु ओं व ज तु ओं का उ लेख है। यहां सव थम
Utility Array (उपयो गता क तीक एकल पंि त) एवं Part Array ( व श ट भाग क तीक
एकल पंि त) क एकल सं याओं का उ लेख है। इ ह ं दोन पंि तय क एकल सं याओं को
जोड़कर सभी उपयोगी पशु ओं व ज तु ओं क तीक एकल सं याओं का नमाण होता है। इन
दोन एकल सं याओं के बाद Genus (वंश) एवं Species (जा त) अंक वरे य ेणी व ध से
लगाया जाता है- जैसे, 1, 2, 3 आ द। यह अंक केवल म नधारण के लए लगाया जाता है।
व भ न पशु व ज तु अनेक कार से उपयोगी हो सकते है- जैसे, Food (मानव
आहार), Decoration (सजावट), Traction (कषण), Drug (औष ध) आ द के लये। इसके
साथ ह पशु ओं व ज तुओं के व भ न भाग अनेक योजन के लये योग म लाये जाते ह-

51
जैसे Secretion ( ाव), Extract ( नचोड़), Flesh (गो त), Egg (अंडा) आ द। इस कार
सभी जानवर क एकल सं याओं म थम अंक उपयो गता (Utility) तथा वतीय अंक भाग
(Part) का योतक है। इनके बाद वाले अंक वंश व जा त के योतक ह-जैसे,
(1) Cow = KX 311
यहां 3 = Food, 1= Secretion, 1= म नधारक अंक वंश व जा त के लये।
अथात गाय मानव आहार के लये उपयोगी है, इसका Secretion (दूध ) आहार के लये उपयोग
म लाया जाता है तथा इसको थम थान दे ने के लये अंक 1 जोड़ दया गया है।
(2) Fish = KX 332
यहां 3 = Food, 3= Flesh, 2= म नधारक अंक।
(3) Horse = KX 442
यहां 4 = Traction (कषण), 4 = Whole animal, 2 = म नधारक अंक।
इस कार मु य वग [BC] + उपयो गता अंक (Utility number) + भाग अंक (Part
number) + म नधारक अंक (Genus/Species) = पूण पशु/ज तु (Whole animal);
व श ट न ल के पशु को य त करने के लये वण म व ध [AD] से न ल के नाम का
पहला अ र जोड़ा जाता है- जैसे
(1) Haryanvi cow = KX 311H (यहां H= Haryanvi)
[P2] प का उ लेख केवल भाग 1 ( नयम) म कया गया है। व तु तः इस मु य वग
के प संबध
ं ी नयम लगभग J=Agriculture के समान ह । (दे खये पृ ठ 1.87) अत:
आव यकता पड़ने पर कसी पशु के अवयव/अंग क एकल सं या L= Medicine के [P] प
से ा त क जा सकती है। जैसे,
1. Eye of a dog = KX 541, 185 (यहां 185 = Eyes)
2. Cow’s stomach = KX 311, 24 (यहां 24 = Stomach)
[E] [2P] प पशु क संरचना, उसक शार रक या, उसके रोग, उसक न ल
सु धार, उसके उ पाद आ द को य त करता है। यहां पर 1= Feeding, 4 = Disease, 7 =
Produce एकल सं याओं के लये पृथक् -पृथक् [2P] एवं [2E] [3P] प क एकल सं याओं
का उ लेख है- जैसे,
(1) Preparation of pulse feed for parrot = KX 546 : 1 (J 388) : 3
यहां 546= Parrot [P], 1= Feeding [E], (J388) = Pulse [2P] नदशानुसार
वषय व ध वारा जोड़ा गया J=Agriculture से लेकर, 3 = Preparation [2E] [3P] से।
(2) Cold storage of cow’ milk = KX 311 :71 : 84
यहां 311 = Cow [P] , 7= produce [E], 1 = Milk [2P], 84 = Cold
storage [2E] [3P] ( नदशानुसार J=Agriculture के [2E] [3P] से।)
(3) Surgery of the tumour of camel’s stomach = KX 446,24 :472 :7

52
यहां 446= Camel [P], 24 = Stomach [P2] लया गया है L= Medicine के [P]
से, 4= Disease [E], 72= Tumour [2P] नदशानुसार लया गया L= Medicine से, 7=
Surgery [2E] [3P] ( नदशानुसार लया गया L= Medicine के [2E] [3P] से।)
(4) Sheep’s wool = KX 783 : 78
यहां 783= = Sheep [P] , 7= produce [E], 8 = Hair (Wool) [2P], 84
( नदशानुसार Part Array से ा त)।
न न ल खत क वग सं याय बनाइये-
1. Breeding of lac insects
2. Barley feed of horse
3. Training of dogs
4. Uses of honey
5. Treatment of lung infection of cats.
3.12 L = Medicine ( च क सा शा )
वषय े
यह मु य वग मानव क च क सा से संबं धत है। इसके अ तगत मानव के अवयव ,
अंग- यंग तथा उनसे संबं धत या धय , या धय के नदान व उपचार एवं उनक रोकथाम के
उपाय आ द का अ ययन कया जाता है।
प प रसू
L [P] : [E] [2P] : [2E] [3P]
प रसू का व लेषण
[P] प म मानव शर र के अवयव , अंग- यंग तथा उनके संघटक त व का उ लेख
है। कसी याशील अंग के कसी संघटक या भाग क एकल सं या का नमाण अ यारोपण
व ध से कया जाता है। तदानुसार मु ख अंग क एकल सं या के साथ एक छोट आड़ी रे खा
(-) लगाकर उसके संघटक या गौण भाग क तीक एकल सं या को जोड़ दया जाता है - जैसे
1. Veins of eyes = L185-36
यहां 185 = Eyes [P], 36 = Veins [P] दोन एकल सं याय छोट आड़ी रे खा
वारा जोड़ द गई।
2. Bones of leg = L134-82
यहां 134= Leg [P], 82= Bones [P] दोन एकल सं याय छोट आड़ी रे खा वारा
जोडी गई ह।
[E] [2P] प म मानव क शार रक संरचना व या उसके वा य, उसक
या धय आ द का अ ययन होता है-जैसे,
(1) Public Health and Hygiene = L : 5
यहां 5 = Public Health [E] [2P].
(2) Inflammation of eyes = L 185: 415

53
यहां 185 = eyes [P], 4= Disease [E], 15= Inflammation [2P]
इसी प क एकल सं या 3 = Physiology के उप वभाजन G= Biology के [E]
[2P] प क एकल सं या 3 के उप- वभाजन के समान ह, अथात Biology क एकल सं या
3 के सभी उप वभाजन यहां योग म लाये जा सकते ह तथा त संबध
ं ी सभी नयम/ नदश यहां
पर भी लागू होते ह।
उदाहरण -
Chemical effect of salts on human metabolism = L:33E; 4
यहां 33E = Chemical effect on metabolism [E] [2P] नदशानुसार लया गया
G= Biology के [E] [2P] प से, 4= Salt [2M] नदशानुसार लया गया E= Chemistry
के [P] से।
[E] [2P] क एकल सं या 54= Prevention of diseases in general का योग
यापक प से आम जनता म फैलने वाल या धय जैसे, Malaria, Cholera, Smallpox क
रोकथाम के लये कया जाता है। 54 एकल सं या को 4= Disease क तरह वभािजत करने
के नदश ह- जैसे,
Cholera eradication programmes = L 25 : 54251
यहां 25 = Intestine [P], 54= Prevention of disease in general [E],
251 = Metaphyta (Cholera) [2P], [2E] [3P] प म या धय के नदान, उपचार,
श य या आ द का उ लेख है । इसका योग केवल [E] प क एकल सं या 4 =
Disease के लये कया जाता है। जैसे,
1. Diagnosis of infection of intestines = L 25; 42 : 3
यहां 25 = Intestine [P], 4= Disease [E], 2 = infection [2P], 3=
Diagnosis [2E] [3P].
2. Radium theraphy of the cancer of throat = L 177 : 47257 : 63129
यहां 177 = Throat [P], 4= Disease [E], 7257 = Cancer [2P], 63129
Radium theraphy [2E] [3P].
मु य वग क अनुसू ची के अ त म अनेक च क सा प तय जैसे, Ayurveda, Unani
आ द एवं च क सा के व श ट वग जैसे- शशु च क सा, ी रोग च क सा, वृ जन च क सा
आ द का उ लेख है। इन दोन का ह योग मु य वग क तरह कया जाता है केवल [P] प
कॉमा (,) से जोड़ा जाता, है । जैसे
1. Treatment of stomach disease of children = L9C, 24: 4 : 6
यहां L9C = Child Medicine (special), 24= Stomach [P], 4= Disease [E],
6= Treatment [2E] [3[P].
2. Ayurvedic treatment of fever = LB : 414 :6
यहां LB= Ayurveda (System), 4= Disease [E], 14 = Fever [2P], 6 =
Treatment [2E] [3[P].
54
3. Surgery of war wounded soldiers = L9V: 477: 7
यहां L9V= War Medicine (Specials), 4= Disease [E], 77 = Wound [2P], 7
= Surgery [2E] [3[P].
य द Specials म L 9F = Female Medicine (Specials) का योग होता है तो
इसके साथ [E] [2P] प क व श ट एकल सं याय भी 3= Obstertics से 394= Birth
Control तक योग म लाई जाती ह-जैसे,
1. Diagnosis of pregnancy = L9F : 313
यहां L9F= Female Medicine (Specials), 313= Diagnosis of pregnancy [E]
[2[P].
2. Abortion = L9F : 34
यहां 34= Abortion [E] [2[P]
य द Systems एवं Specials दोन एक साथ योग म लाये जाते है तो सव थम
Systems क वग सं या उसके बाद Specials क वग सं या का योग होता है तथा दोन
कॉमा (,) से जोड़ा जाता है, जैसे-
Gynaecology according to Ayrveda = LB, 9F : 4
यहां LB= Ayurveda (System), 9F= Female Medicine (Specials), 4= Disease
[E],
न न ल खत क वग सं याएं बनाइये-
1. Malaria eradication programmes in Delhi.
2. Ayurvedic treatment of ulcer.
3. Drug treatment of cancer.
4. Physical effect of iron on human metabolism.
5. Virus disease of intestines.
3.13 = Spiritual Experience and Mysticism
(आ याि मक अनुभू त एवं रह यवाद)
वषय े
आ त रक बोधन पर आधा रत ववरण तथा पराबौ क व अनुभू तयां या ान इस
वषय का अ ययन े है। यो गय एवं सू फ संत क आ याि मक व गूढ़ अनुभू तयां : इस
वषय म शा मल ह।
प प रसू
∆ [P], [P2] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] प व भ न धम पर आधा रत यौ गक अनुभू तय एवं याओं का है। यहां
व भ न धम क एकल सं याओं का उ लेख है । जैसे,
1. Hindu Yoga or Mysticism = ∆2

55
2. Sufi Mystics = ∆73
3. Hatha Yoga = ∆22
[P2] प म उन सभी स ताओं व प र य का उ लेख है िजनका' ववरण ायः
रह यवाद के थ म पाया जाता है; जैसे God, Angel, Devil, Nature आ द। जैसे,
1. Fairies in Christain mysticism = ∆6, 16
2. यहां 6= Christain Mysticism [P], 15= Fairies [P2]
3. Hindu mysticism and nature = ∆2, 2
4. यहां 2= Hindu Mysticism [P], 2= Nature [P2]
5. Sufi Mystics and moon = ∆73, 282
यहां 73= Sufi Mysticism [P], 2= Nature, 8= Sky, 2= Moon [P2] अथात
282 = Moon [P2], [P2] प म 2= Nature है यहां इसे ND= Sculpture के [P3] क
तरह वभािजत करने के नदश ह, वहां 28= Sky ह। पुन : 26 को B9 = Astornomy के
[P] क तरह वभािजत करने के नदश ह तथा तदनुसार वहां 2 = Moon है। इस कार
2+8+2=282=Moon.
[E] [2P] म आ याि मक अनुभू तय व रह यवाद से संबं धत याओं यो गय क
अनुभू तय के कार का उ लेख है- जैसे Telepathy, occultism आ द। इसी म Palmistry,
Astrology, Witchcraft भी शा मल है।
उदाहरण -
1. Telepathy among Sufi Mystics = ∆73 : 834
यहां 73= Sufi [P], 834= Telepathy [E] [2P]
2. Visions of God by Hindu Mystics = ∆2, 11 : 5
यहां 2= Hindu Mystics [P], 11= God [P2], 5= Vision [E] [2P]
3. Ceremonials of witches = ∆ : 874
यहां 874= Ceremonials, witchcraft [E] [2P]
न न ल खत क वग सं याएं बनाइये -
1. Hindu yoga techniques.
2. Concept of devils in Islam.
3. Bhakti yoga and meditation
4. Telepathy among yogis.
3.10 O = Literature (सा ह य)
वषय े
व भ न भाषाओं का सा ह य, सा ह य के व प-क वता, उप यास, नाटक आ द,
सा ह यकार क कृ तयां इस मु य वग का अ ययन े है।
प प रसू
O[P], [P2], [P3], [P4]
56
प रसू का व लेषण
O= Literature (सा ह य) [MC]
[P] = Language (भाषा)-अ भ यि त क भाषा
[P2] = Form ( व प)-क वता नाटक, उप यास आ द
[P3] = Author(लेखक)
[P4] = Work (कृ त)- रचना
[P] प को य त करने के लये लेखक क कृ त क मू ल भाषा क एकल सं या का
योग करना चा हये। भाषा क एकल सं या अ याय 5-भाषा एकल से ा त क जाती है।
[P2] प म मू लकृ त के मू ल व प क एकल सं या को योग म लाया जाता है।
व प (Form) क एकल सं या अनुसू ची से ा त क जाती है।
[P3] प म लेखक के ज म का वष काल म व ध से ा त करना होता है जो
लेखक क एकल सं या को य त करता है
उपयु त ब दुओं को न न ल खत उदाहरण म प ट कया गया है:-
1. Hindu Drama =O152, 2
यहां 152= Hindi [P], 2= Drama [P2]
2. Novelist Premchand (born 1880)- Hindi Writer = O152, 3M80
यहां 152= Hindi [P], 3= Fiction [P2], M80= 1880 (Premchand) [P3];
लेखक क एकल सं या काल म वध वारा अ याय 3-काल एकल से ा त क गई है।
प रसू क मांग के अनुसार [P2] एवं [P3] के बीच योजक च ह नह ं लगाया गया है।
3. Shakespear’s drama in Hindi-Shakespeare born (1564), Written in English
= 0111, 2J64
यहां 111= English [P] (मू लभाषा), 2= Drama [P2], J64= 1564
(Shakespeare) [P3]
य य प नाटक का अनुवाद ह द म है क तु [P] प म नयमानुसार मू ल भाषा
अं ेजी को ह योग म लाया गया है।
[P4] प म लेखक क कृ त क एकल सं या का योग होता है। लेखक क अनेक
रचनाय होती है। उ ह फलक पर मक प म यवि थत करना होता है। अत: इनका मक
यव थापन थम, वतीय, तृतीय , चतुथ कृ त के प म करना चा हये। य द कसी लेखक ने
केवल आठ या आठ से कम पु तक लखी ह तो उसक कृ तय को 1, 2,3,
4....................8 अंक, अथात थम कृ त के लये 1, वतीय कृ त के लये 2, आठवीं के
लये 8 अंक दान कया जाता है। क तु य द कसी लेखक ने आठ से अ धक कृ तय क
रचना क है और ये रचनाय 64 से अ धक नह ं ह तो कृ त क सं या ा त करने के लये इन
64 कृ तय को आठ समू ह म वभािजत कर लया जाता है। तदनुसार येक समू ह म आठ
कृ तयां शा मल होती ह। इन कृ त सं याओं को दो अंको वारा य त कया जाता है । पहला

57
अंक समू ह (Group) को य त करता है, दूसरा अंक उस समू ह म उस कृ त के म या थान
को।
उदाहरण -
पहला समू ह :- 1 से 8 कृ तयां; कृ त सं या 11,12,13,14, ....... 18
दूसरा समूह :- 9 से 16 कृ तयां; कृ त सं या 21, 22,23,24, ....... 28
तीसरा समू ह :- 17 से 24 कृ तयां; कृ त सं या 31, 32, 33,34, ....38,
चौथा समू ह :- 25 से 32 कृ तयां; कृ त सं या 41, 42, 43, 44, ;?...... 48, आ द
इस कार, पांचवीं कृ त =15
चौदहवीं कृ त = 26
बीसवीं कृ त = 34 इ या द
उदाहरण -
1. Shakespeare’s (1564) Halmlet (13th work) =O111, 2J64, 25
यहां 111= English [P], 2= Drama [P2], J64= Shakespeare [P3], 25=
Halmlet[P4]
2. Godan (17th work)--Premchand (1880) = O152, 3M80, 31
यहां 152= Hindi [P], 2= Fiction [P2], M80= Premchand [P3], 3=
Godan [P4]
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Godan drama
2. Poetry of Rabindra Nath Tagore (born 1861)
3. Good Earth (10th work) by P.S.Buck (born 1912) English Novelish.
4. Bernard Shaw (English dramatist born 1856)
3.15 P= Linguistics (भाषा व ान)
वषय े
यह वषय व भ न भाषाओं, उनक उ पि त व वकास तथा भाषा के संघटक त व -जैसे
वणमाला, श द, वा य व यास, याकरण, उ चारण आ द- का अ ययन करता है।
प प रसू
P[P], [P2] [P3] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] = Language (भाषा) अ याय 5 से ा त क जाती है।
[P2] = Variant (भाषा का प रवत प)- े ीय बोल (Dialect), गंवा बोल
(Slang)- अनुसू ची से ा त ।
[P2] = Stage (भाषा के वकास का चरण)- काल म व ध से ा त
[P3] = Element (भाषा के त व, वण, श द आ द) -अनुसू ची से ा त
[E] [2P] = Problem (उ चारण, संरचना वा य व लेषण, अथ)- अनुसच
ू ी से ा त
58
[P2] प का योग करते समय य द Stage एवं Variant दोन क ह एकल
सं याओं का योग करना हो तो पहले Stage क एकल सं या तथा उसके बाद Variant क
एकल सं या का
योग करना चा हये तथा दोन के बीच कॉमा (,) का योग कया जाता है जैसे,
Old English dialect = P111, D, 9D
यहां 111= English [P], D= Old English (Stage) [P2], 9D Dialect
(Variant) [P2].
य द [P2] म कसी भौगो लक े से संबं धत े ीय बोल (Dialect) क एकल सं या
का नमाण करना हो तो Dialect क एकल सं या के साथ उस व श ट े क एकल सं या
जोड़ दे नी चा हये। जैसे,
Rajasthani dialect = P 152,9D4482
यहां 152 = Hindi [P], 9D= Dialect variant [P2], 4482 = Rajasthan, [P2]
का उप वभाग
य द [P2] म कसी Variant के बाद [P3] का योग कया जाता है तो Variant
[P2] एवं [P3] के म य कॉमा (,) लगाया जाता है। जैसे-
Words in German slang = P113,9B,3
यहां 113 = German [P], 9B= Slang [Variant] [P2], 3 = Word [P3]
[P3] प य द [P2] प के Stage के बाद योग म लाया जाता है तो [P2] एवं
[P3] के म य कोई भी योजक च ह नह ं लगाया जाता है- जैसे
Words in Modern French = P122,H3
यहां 122 = French [P], H= Modern(Stage)[P2], 3 = Words [P3]
[P3] प म एकल सं या 5= Clauses का योग Idioms (मु हावर ) तथा 6 =
Sentences का योग Proverbs (कहावत ) के लये कया जाता है । जैसे-
1. Urdu idioms = P168, 5
यहां 168= Urdu [P], 5= Clauses (Idioms) [P3]
2. Hindi proverbs = P152, 6
यहां 152= Hindi [P], 6= Sentences (Proverbs) [P3],
[E] [2P] प म एकल सं या 2 = Morphology का योग Grammar के लये
कया जाता है- जैसे,
Vedic Sanskrit grammar = P15, A : 2
यहां 15= Sanskrit [P], A= Vedic [P2], 2= Morphology (Grammar) [E]
[2P]

59
कसी भाषा के श द कोष क एकल सं या का नमाण करते समय यह यान रखना
चा हये क [P3] प से 3 = Words (श द) एकल सं या का योग नह ं करना चा हए
य क श द कोश ायः श द के ह होते है। अत: यह अनाव यक है-जैसे,
Dicitionary of French words = P122, : 4k
यहां 122= French [P], 4= Meaning [E] [2P], k= Dictionary (Common
Isolate) (chapter 2 से)
दो भाषाओं क Dictionary क वगसं या का नमाण करने के लये थम भाषा
(मू लभाषा) [P] प म योग म लाई जाती है तथा वतीय भाषा थांक म योग मे लाई
जाती है- जैसे,
Russian-Hindi dicitionary = P142, : 4k 152
यहां 142= Russian [P], 4= Meaning [E] [2P], k= Dictionary (Common
Isolate-chapter 2 से) 152 = Hindi ( थांक म)
(नोट- थांक एवं वगाक के म य दो अंक का थान छोड़ा जाता है।)
कसी े वशेष क अनेक भाषाओं या व व क सभी भाषाओं के तु लना मक
अ ययन क वगसं या का नमाण करने के लए ऊजा के प म (G) का योग कया जाता
है। (दे खये पृ. 1.106)
उदाहरण -
1. Comparative Linguistics = P: (G)
2. Comparative study of Asian Languages = P4 : (G)
यहां 4= Asian Language [P] : (G) Comparative study नदशानुसार।
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Comparative study of Dravidian Languages.
2. Structure of French words.
3. French & German dictionary.
4. Old German slang.
3.16 Q= Religion (धम)
वषय े
इस वषय म व भ न धम , स दाय एवं उनक पूजा, अचना, धा मक मा यता आ द
का अ ययन होता है।
प प रसू
Q[P] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] = Religion (धम, स दाय, मत मता तर)।
[E] [2P] = Problem (पौरा णक गाथा, धम थ, धमाचरण, धम पदे श)

60
[P] प म ह दू धम के आधु नक मत - मता तर को काल म (CD) व ध वारा
दशाया गया है-. जैसे Brahmo samaj= 29M2, Aryasamaj = 29M8 इ या द।
इसी प म 8 = Other Religions एकल सं या के साथ थान एकल जोड़कर अ य
धम क वग सं याओं का नमाण कया जाता है, जैसे,
Q 8441 = Sikhism
यहां 8= Other Religions [P], 44= India (P का उप वभाग), 1 = म नधारक
अंक
[E] [2P] प क एकल सं या 2 = Scripture का प व धा मक थ के लये -
जैसे, कु रान, बाइबल आ द; 33= Founder of religion का धम सं थापक के लये, जैसे,
गौतमबु , ईसामसीह, भगवान महावीर आ द, 6 = Religious Institution का (मि दर,
मि जद, गरजाघर आ द) के लये योग जाता है।
उदाहरण -
1. Bible = Q6 : 21
यहां 6= christainity [P], 2 = Scripture [E] [2P], 1 = म नधारक अंक- थम
थान के लये ।
2. Gautam Buddha = Q4 : 33
यहां 4= Buddhism [P], 33= Founder of religion [E] [2P].
3. Hindu temple = Q2 : 6
यहां 2= Hinduism [P], 6 = Religious Institutions (Temple) [E] [2P].
4. Christain churches = Q6 : 6
यहां 6= christainity [P], 6 = Religious Institutions (Church) [E] [2P].
5. Importance of Haj in Islam = Q7 : 4198
यहां 7= Mohammedanism(Islam) [P], 4198 = Pilgrimage (Haj) [E] [2P].
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Arya Samaj mission in Africa.
2. Roman Catholic prayers.
3. Concept of sacrifice in Islam.
4. Jain rituals.
5. Concept of rebirth in Hinduism.
3.17 S = Psychology (मनो व ान)
वषय े
मानव क मनःि थ त, मान सक त याओं, मनोभाव तथा मनो च क सा आ द का
अ ययन।
प प रसू
S[P] : [E] [2P]
61
प रसू का व लेषण
[P] = Entity (ब चा, बूढ़ा , ी, पु ष यवसायी आ द)
[E] [2P] = Problem (चेतना, नाय वक त या, मनोदशा)
[P] प क एकल सं या 4 = Vocational ( यवसा यक वग) के अ तगत वषय
व ध (SD) वारा व भ न यवसाय म संल न यि तय के मनो व ान क एकल सं याओं
का नमाण कया जाता है। जैसे,
1. Psychology of doctors = S4(L)
यहां 4 = Vocational [P], (L)= Medicine (Doctor) ( वषय व ध से)
2. Psychology of engineers = S4(D)
यहां 4 = Vocational [P], (D)= (Engineers) ( वषय व ध से)
[P] प के ह अ तगत 7 = Race एकल सं या को Y7 = Race, Sociology
क तरह वभािजत कया जाता है। जैसे
1. Social Psychology of rural people = S831
यहां 8= Social Psychology [P], 53 = Middle class लया गया Y=
Sociology के [P] प से।
2. Social Psychology of middle class = S853
यहां 8= Social Psychology [P], 53 = Middle class लया गया Y=
Sociology के [E][2P] प क एकल सं या 2 तथा 3 के लये [2E][3P] का योग
वशेष प से होता है। जैसे -
1. Psychological psychology of Taste = S: 22:3
यहां 22= Taste [E] [2P], 3= Psychology [2E] [3P],
2. Psychology of reflex fuction of attention = S: 31:31
यहां 33= Attention [E] [2P], 31= Reflex fuction [2E] [3P],
System का योग मु य वग क तरह होता है। मु य वग का प प रसू इनके
साथ योग म लाया जा सकता है। जैसे,
Psycho-analytical study of the anger of old people = SM9, 38: 524
यहां SM9= Psycho-analytical (System), 38 = Old age [P], 524 = anger [E] [2P],
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Psychology of criminals
2. Psychology of Dravidians
3. Social Psychology of Harijans
4. Psycho- analysis of emotions of women
5. Psychology of teachers

62
3.18 T= Education ( श ा शा )
वषय े
श ा के वभ न तर, व भ न कार के श ाथ , श ण प तयां, शाला ब ध,
बु पर ण आ द का वग करण अ ययन।
प प रसू
T [P] : [E] [2P], [2P2].
प रसू का व लेषण
[P] = Educand ( श ाथ , श ा के तर)
[E] = Problem (Teaching technique, Curriculum)
[2P] = Subject (अ यापन वषय, पा य म वषय आ द); [E] के 2= Curriculum,
3= Teaching technique, 4= Student work, 5= Educational measurement के लये।
वषय व ध वारा।
[2P2] = Method (तर का) अनुसू ची से।
[P] प क एकल सं या 9 को अ य सामािजक वग क श ा के लये वषय व ध
वारा उप वभािजत करने के नदश ह। जैसे,
1. Eductation of tribal people = T6 (Y 72)
यहां Y72 = Tribal people (Primitive) वषय व ध से।
2. Eductation of slum dwellers = T6 (Y 57)
यहां Y57 = Slum dwellers वषय व ध वारा।
[E] प म 2,3,4,5 एकल वषय व ध वारा वभािजत कये जाते ह। जैस,े
1. Teaching of Geography = T: (3U)
यहां 3 = Teaching Technique [E], (U) = Geography [2P] वषय व ध
वारा।
[2P2] प क एकल सं याय 3,4,5 के लये पृथक -पृथक ह। जैसे,
1. Teaching of Biology in secondary schools through pictures = T 2:3
(G), 97
यहां 2 = Secondary [P], 3= Teaching Technique [E], (G)= Biology
[2P] वषय व ध से, 97 = Picture method [2P2]
2. Music competitions in university = T4 :4 (NR), 6
यहां 4 = university [P], 4= Student work [E], (NR) =Music [2P] वषय
व ध से, 6 = Competitions [2P2]
3. University diplomas in social work = T4 : 5(YX), 8
यहां 4 = University [P], 5= Educational measurement [E], (YX) =Social
work [2P] वषय व ध से, 8= Diploma [2P2].

63
[E] [2P] क एकल सं या 8= Management को X= Economics के [E] म एकल
सं या 8 क तरह विजत कया जा सकता है। जैसे,
Finance for Adult Education = T3: 8D
यहां 3 = Adult Education [P], 8D= Finance [E] [2P] लया गया X =
Economics के [E] प से। Systems (प तयां) यहां पर भी अ य वग क प तय क
तरह ह योग कया जाता है।
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Teaching of History
2. Home work in Mathematics
3. Hostel life of university students
4. Examination in physics.
3.19 U= Geography (भू गोल)
वषय े
पृ वी क ग त, मौसम, जै वक भू गोल, मानव भू गोल, राजनी तक भू गोल, आ थक
भू गोल, या ा वणन आ द।
प प रसू
U [P]. [S] [T]
प रसू का व लेषण
[P] = Geography ( व भ न कार क भौगो लक ि थ त)
[S] = Space ( थान) अ याय 4 से
[T] = Time (काल) अ याय 3 से।
उदाहरण -
1. Climate of Rajasthan in winter = U 287.4437 n7
यहां 287 = Climate [P], 4437 = Rajasthan [S], n7=Winter [T2]
2. Stroms in Indian ocean = U 2835.95
यहां 2835 = Strom [P], 95 = Indian ocean [S].
3. Expeditions to Antarctic ocean = U 8.983
यहां 8 = Expedition [P], 983 = Antarctic ocean [S].
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Rainfall in Delhi in winter
2. Rail routes of Europe
3. Travel accounts of Rajasthan
3.20 V = (इ तहास)
वषय े
64
समु दाय का इ तहास, शासन के अंग, राजनी तक दल, रा य व नाग रक, अ धकार,
कत य, पुरात व, नवाचन आ द।
प प रसू
V [P], [P2] : [E] [2P], [T]
प रसू का व लेषण
[P]= (समु दाय) - जैसे भारतीय, जापानी, भौगो लक व ध से ा त - अथात कसी
थान के लोग का इ तहास।
[P2] = (अंग)- शासन के अंग, जैसे-अ य , कायपा लका, यव था पका, यायपा लका,
राजनी तकदल आ द।
[E] [2P] = Problem शासन के काय, गृहनी त, वदे श नी त, सं वधान, रा य व
नाग रक आ द-अनुसच
ू ी से ा त। [P2] प क कु छ एकल सं याओं क या या :
1= Head इसका योग President, King, Chairman के लये;
2= Executive - इसका योग Cabinet, Council of ministers के लये;
21= First Minister - इसका योग, Prime Minister, Chief Minister के लये;
3 = Legislature -इसका योग Parliament (भारत म), Congress (अमर का म),
Diet (जापान म) के लये;
61= Urban Local body - इसका योग Municipality, Municipal Council,
Municipal Corporation के लये;
63 = Larger Rural body - इसका योग Zila Parishad, District Board के
लये;
64 = Primary Rural body - इसका योग Village Panchayat, Gram
Sabha, Panchayati raj के लये होता है।
उदाहरण -
1. President of India = V44, 1
यहां 44= India [P] अ याय 4 से भौगो लक व ध वारा, 1 = Head President
[P2]
2. Chief Minister of Rajasthan = V4437, 21
यहां 4437= Rajasthan [P], 21= First Minister (Chief Minister) [P2]
3. Village Panchayats in U.P. = V 4452,64
यहां 4452= U.P. [P], 64 = Primary Rural (Panchayats) [P2]
[E] [2P] प म 19 = Foreign Policy एकल सं या का संशो धत व प एवं
फामू ला पृ ठ 28 (प र श ट) से लेना है। दो दे श के वदे श संबध
ं या कसी एक ह दे श क
वदे श नी त क वग सं याय इस संशो धत ावधान के अनुसार बनाना होता है। थम दे श या
धान दे श का भौगो लक े [P] प के प म, तथा वतीय या गौण दे श का भौगो लक
े 19 = Foreign Policy के साथ जोड़ा जाता है, इसके बाद प र श ट (पृ ठ 28) पर
65
उि ल खत ता लका से वदे श नी त का वषय [P2] के प म लगाया जाता है। इस ता लका के
अलावा अ य वषय व ध वारा लगाया जाता है। जैसे,
1. Diplomatic relation between India and China = V44: 1941, (zB)
यहां 44= India [P], 19 = Foreign Policy [E], 41 = China [P] Host class
V : 19 का (zB) = Diplomacy [P2].
2. Cold war between India and Pakistan = V44: 1944Q7, (zE)
यहां 44= India [P], 19 = Foreign Policy [E], 44Q7 = Pakistan [P] Host
class V : 19 का (zE) = Cold war [P2].
3. Foreign Economic relation between India and USA = V44: 1973,
(X)
यहां 44= India [P], 19 = Foreign Policy [E], 73 = USA [P], X=
Economics [P2] वषय व ध वारा।
4. 1999 Lok Sabha election results-India = V44: 31 : 914 ‘N99
यहां 44= India [P], 31 = First House (Lok Sabha) [P2], 914 election
result [E] [2P], N99 = 1999 [T].
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. U.S. Congress
2. Zila parishads in Rajasthan
3. Powers and functions of Indian Prime Minister
4. Indian Archaeology
5. Peace policy of India.
3.21 W = Political Science (राजनी त व ान)
वभ न कार के रा य, शासन के अंग, रा य क ग त व धयाँ, सं वधान, वदे श नी त
के त व आ द सै ाि तक ि टकोण वारा।
प प रसू
W [P], [P2] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] = Type of State ( जात , राजतं , अ धनायक वाद आ द)
[P2] = Part (रा य, शासन के अंग, जैसे कायपा लका, वधा यका)
[E] [2P] = Problem (रा य, शासन क ग त व धयां काय आ द)
[P2] प क एकल सं याय V= History के [P2] प से ा त क जाती ह [E]
[2P] प क एकल सं याय भीं V= History के [E] [2P] प के समान ह।
इ तहास एवं राजनी तशा म अ तर

66
रा य/सरकार के व भ न अंग तथा उनसे संबं धत व भ न सं थाओं व सम याओं का
सै ाि तक अ ययन राजनी तशा म कया जाता है जब क इ ह ं सभी प का सामा य
वतरण दे श व काल के संदभ म इ तहास वषय के अंतगत कया जाता है।
उदाहरण -
1. Functions of a legislature in a democracy = W6, 3:3
यहां 6= Democracy [P], 3 = Legislature [P2] (इ तहास के [P2] से) 3 =
Functions [E] [2P] (इ तहास से)
2. Principles of Diplomacy = W : 19 (zB)
यहां 19= Foreign Policy [E] [2P] इ तहास से, (zB)= Diplomacy (प र श ट
पृ. 28 से)
3. Citizen in a Dictatorship = W64 : 5
यहां 64= Dictatorship [P], 5= State and Citizen [E] [2P] इ तहास से।
जब क State and Citizen in India = V44 :5
(यहां दे श के अनुसार ववरण है अत: मु य वग V= History म रखा गया)
4. Political parties in a Monarchy = W 4,4
यहां 4= Monarchy [P], 4= Political parties [P2] इ तहास से, जब क Indian
Political parties = V44, 4
(यहां दे श के अनुसार सामा य ववरण है)
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Functions of World State,
2. Functions of judiciary in Democracy
3. Principles of foreign policy.
3.22 X = Economics (अथशा )
वषय े
वभ न कार के आ थक सं थान, यावसा यक सं थान, उ पादन, वतरण व उपभोग
क सम या, ब धन, म आ द।
प प रसू
X [P] : [E] [2P]
प रसू का व लेषण
[P] = Business ( व भ न कार के यवसाय, यापार, आ थक सं थान, व त एवं
कर)-अनुसच
ू ी से।
[E] [2P] Problem (उ पादन, वतरण उपभोग, बंधन, म आ द) अनुसच
ू ी से।
[P] प क एकल सं या 54 = By Transport को इसी प के 4 = Transport क
तरह वभािजत करने के नदश ह। जैसे,
Motor transport business = X 5413

67
यहां 54 = By transport [P], 13= Motor Vehicle, [P] प के 413 से ा त
कया गया सामा य अंक 4 छोड़कर।
[P] प क एकल सं या 8 = Industry को वषय वध वारा वभािजत करके
वभ न कार के उ योग क एकल सं याओं का नमाण कया जाता है। जैसे,
1. Jute industry = X8 (J741)
यहां 8 = Industry [P], (J741) = Jute वषय व ध वारा J= Agriculture से।
2. Cycle industry = X8 (D 5125)
यहां 8 = Industry [P], (D 5125) = Cycle वषय वध वारा D=
Engineering से।
[P] प क एकल सं या 61= Money के साथ [M] प का ावधान कया गया है।
जैसे -
Gold currency = X61;1
यहां 61 Money (Currency) [P], 1= Gold [M]
[E] [2P] प म 9 = Labour Problem एकल सं या के व भ न Sector बनाये गये
ह। पृथक -पृथक Sector क एकल सं याय एक साथ योग म लाई जा सकती ह। वगाक बनाते
समय म म अि तम Sector क एकल सं या को सव थम, उसके बाद उ टे म म चलकर
एक के बाद एक एकल सं या को कॉमा से जोड़ दया जाता है तथा येक का बाई तरफ का
common अंक हटा दया जाता है।
उदाहरण -
1. Strike of technical labour = X : 99T, 79 D
यहां 99T= Technical labour [E] [2P], 79D= Strike [E] [2P] एकल सं या
979 D= strike से common अंक 9 से हटाकर।
2. Maternity benefits of female technical labour = X : 9F, 9T, 5855
यहां 9F= Female labour [E] [2P], 9T= Technical [E] [2P] एकल सं या
99T = Maternity का common अंक '9' से हटाकर, 5855 = Maternity [E] [2P] एकल
सं या 95855= Maternity का common अंक 9 हटाकर।
Systems एवं Specials का योग मु य वग क तरह होते है। मु य वग का प रसू
इनके साथ योग म लाया जा सकता है। केवल [P] प क एकल सं याय कॉमा (,) से जोड़ी
जाती है। य द दोन का योग करना हो तो पहले Systems क वग सं या उसके बाद कॉमा
लगाकर Specials क वग सं या रखी जाती है।
उदाहरण -
1. Cooperative banks = XM, 62
यहां XM = Cooperative (System), 62= Banks [P].
2. Management of small scale textile cooperative = XM, 9B, 8(M7):8

68
यहां XM = Cooperative (System), 9B= small scale (Special) (वग सं या
X9B का common अंक 'X' हटाकर, 8 = Industry [P], (M7) = Textile ( वषय व ध
वारा), 8 = Management [E] [2P]
न न ल खत के वगाक बनाइये ।
1. Strike in motorcar industry.
2. Child labour in paper industry.
3. Value of paper money.
4. Wages of unskilled labour.
5. Small scale candle industry.
6. Air transport business.
3.23 Y = Sciology (समाजशा )
वषय े
व भ न सामािजक समूह, उनक ग त व धयां, सामािजक सम याय, वकृ तयां एवं
सम याओं का समाधान आ द।
प प रसू
Y [P] : [E] [2P] : [2E] [3P]
प रसू का व लेषण
[P] = Group (सामािजक समू ह-बालक, वृ , ामीण, शहर , द लत, आ दवासी, ह दू,
ईसाई, डाँ टर, इ जी नयर आ द)
[E] [2P] = Problem (सामािजक ग त व धयां, उ सव, सामािजक सम याय वकृ तयां
जनसं या आ द)
[2E] [3P] = Secondary Problem (सम याओं का नराकरण, उपाय रोकथाम
आ द)
[P] प क एकल सं या 2 = Family को R4 = Ethics के [P] क तरह, 6 =
Abnormal को S= Psychology के [P] प के 6 = Abnormal क तरह वभािजत कया
जाता है-जैसे,
1. Social life of step mothers = Y2218
यहां 2218 = Stepmother [P], लया गया R4 = Ethics के [P] से।
2. Sociology of criminals = Y 65
यहां 65 = Criminal [P], लया गया S= Psychology के [P] से।
[P] प क एकल सं या 7 = Race का योग Anthropology के लये कया
जाता है। इसी प क एकल सं या 73 = Ethnological division को वषय व ध वारा
वभािजत कया जाता है - जैसे,
Social life of bengalis = Y 73 (P 157)

69
यहां 73 = Ethnological division [P] , (P157) = Bengali language
अ याय 5 के अनुसार - वषय व ध वारा।
[P] प क एकल सं या 9 = Others को भी वषय व ध वारा वभािजत कया जा
सकता है-जैसे,
Social life of Doctors = Y9 (L)
यहां 9 = Others [P] , L = Medicine (Doctors) वषय व ध वारा।
[E] [2P] प क एकल सं या 3= Activity को R4= Ethics के [P2] प वारा
वभािजत कया जा सकता है-जैसे,
Marriage among muslims = Y 73 (Q7) : 3217
यहां 73 = Ethnological division [P] , (Q7) = Muslim वषय व ध वारा,
3= Activity [E], 217 = Marriage [2P], लया गया R4= Ethics के [P2] प से।
[E] [2P] प क एकल सं या 45= Crime [E] [2P], 111= Suicides, लया
गया Z= Law के [P2] क एकल सं या 5111 = Suicides से ‘5’ का common अंक
छोड़कर।
इसी प क एकल सं या 7 = Personality को वभािजत कया जा सकता है S=
Psychology के [E] [2P] प क एकल सं या 7 = Personality क तरह - जैसे,
Sociological study of the character of Hindus = Y 73 (Q2) : 74
यहां 73(Q2) = Hindus [P], 74 = Character [E] [2P] लया गया S=
Psychology के [E] [2P] प से।
[2E] [3P] प क दो अनुसू चयां ह अथात ् [E] [2P] प क एकल सं या 1=
Culture, 3= Activity, 7= Personality, तथा 8= Equipment के लये अलग से तथा 4=
Pathology एवं 5 = Dermography के लये अलग से।
जैसे,
1. Cultural hybridisation = Y : 1 : 65
यहां 1 = Culture [E] [2P], 65= Hybridisation [2E] [3P],
2. Influence of tribal folklore = Y 72 : 351 : 5
यहां 72 = Tribals (Primitives) [P], 351 = Folklore [E] [2P], 5= Influence
[2E] [3P]
3. Flood relief work = Y : 4355 : 67
यहां 4355 = Flood [E] [2P], 65= Relief work [2E] [3P]
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Work house for slumdwellers.
2. Sociological study of temperament of tribals.
3. Marriages among Christians.
4. Murders in rural areas.
70
5. Customs of Hindus.
3.24 Z = Law ( व ध)
वषय े
वभ न े ीय समु दाय एवं धा मक समु दाय के कानून, तथा अ तरा य कानून -इनके
व भ न पहलू ।
प प रसू
Z [P], [P2], [P3], [P4]
प रसू का व लेषण
[P] = Community ( े ीय समु दाय भौगो लक व ध वारा धा मक या सां कृ तक
समु दाय वषय व ध वारा)
[P2] एवं [P3] कानून के तर । एवं ।। अनुसू ची से ा त।
[P4] केवल [P4] क एकल सं या 7 = Judgement and decree के लये ह
उदाहरण -
1. Air warfare in international Law = Z1, D
यहां 1= World (international) [P] भौगो लक व ध वारा अ याय 4 से, D= Air
war [P2]
2. Indian contract Law =Z 44, 3
यहां 44= India (समु दाय) [P] भौगो लक व ध से, 3= Contract [P2]
3. Muslim marriage Law = Z (Q7), 122
यहां (Q7) = Muslim [P] भौगो लक वध वारा Q= Religion के [P] प के
आधार पर, 122= Marriage [P2]
4. Injuction in ex parte judgement of civil cases in Indian Law= Z44,
71, 73, 5
यहां 44= India (समु दाय) [P], 71 =Civil Action [P2], 73 = Ex parte
[P3], 5 = Injuction [P4] [E] [2P], प का ावधान केवल [P2] प क एकल सं या
98 के लये कया गया है- जैसे,
1. Cancellation of legal deeds in British Law = Z 56, 981 : 5
यहां 56 = Great Britain [P] भौगो लक व ध वारा, 981 = Legal deed [P2],
5 = Cancellation [E] [2P].
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Buddhist Law
2. Status of neutral state in International law
3. Judges of Supreme court of India
4. Indian adoption law.

71
3.25 z = Generalia (सामा य वग)
वषय े
िजन लेख / थ का व ब दु वग करण क ू ी (अ याय 1) म उि ल खत
अनुसच
कसी अ य मु य वग के अ तगत वग करण करना संभव न हो तो ऐसे लेख को Generalia
वग म रखा जाता है। ऐसे लेख म अनेक वषय का ववरण मलता है। (दे खये भाग 1 पृ.
1.62)- इस वग का प -प रसू नह ं है।
नदशानुसार न न ल खत दो कार से वग सं याओं का नमाण कया जाता है :-
(A) य द कसी थ/ लेख म कसी भौगो लक े के सभी प का सामा य वणन
दया गया हो तो ऐसे लेख का वग करण करने के लये z के साथ संबं धत भौगो लक े क
एकल सं या भौगो लक व ध वारा जोड़ द जाती है। ायः ' े ीय अ ययन' से संबं लेख
का वग करण इस कार कया आता है।
उदाहरण -
1. Indology (भारतीय व या) = z44 - (यहां 44 = India)
2. African studies = z6 - (यहां 6 = Africa)
3. Chinese studies = z41 - (यहां 41 = China)
4. Orientalia = z4 - (यहां 4 = Asia)
(B) य द कसी यि त ने अनेक वषय पर थ
ं / लेख लखे ह तथा उसके बारे म भी
अनेक लोग ने लखा है तो ऐसे सव व ान स प न ेणी के यि त, उसके वारा ल खत
सा ह य का वग करण z के साथ वण म व ध [AD] से उसके नाम का थम अ र जोड़कर
कया जाता है।
उदाहरण –
1. Gandhiana = zG (यहां G= Gandhi)
2. Nehru – the man and his contributions = zN (यहां N= nehru)
न न ल खत के वगाक बनाइये -
1. Japanese studies
2. American studies
3. Gandhian studies

4. सारांश
व ब दु वग करण एक वै लेषी-सं लेषणा मक वग करण प त है। वग करण करते
समय कसी भी वषय का व लेषण पांच मू लभूत े णय Personality [P], Matter [M],
Energy [E], Space [S] तथा Time [T] के आधार पर कया जाता है। अत: कसी वषय का
वग करण करते समय उस वषय क संघटक इकाइय क पांच मू लभूत े णय के अनुसार
पहचान क जाती है। इसके बाद इन संघटक इकाइय (एकल वचार ) को नयमानुसार सहायक

72
अनु म म यवि थत कया जाता है; फर अनुसू चय से इनसे संबं धत एकल सं याओं का
पता लगाया जाता है और अंत म योजक च ह वारा इनका सं लेषण कया जाता है।
इस इकाई म केवल मु य वग क अनुसू चय का ह , उनके PME संदभ म, ायो गक
ि टकोण से व लेषण कया है। मु यतः व भ न मु य वग के वषय े के व तार एवं
उनके प -प रसू के ायो गक व प को व लेषण या वारा समझाया गया है।
पर परागत (Canonical classes) इस इकाई म शा मल नह ं कये गये ह।
उदाहरणाथ a= Generalia bibliography, O= Literature तथा Z= Law के
अंतगत [P] प के चार तर का व तार से व लेषण कया गया है।
X= Economics के [E] [2P] प म एकल सं या 9= Personnel
management के व भ न सै टर (Sectors) के संदभ म वग करण क या को समझाया
गया है।
P = Linguistics म [P2] प क Variant (प रवत व प) तथा Stage (चरण) से
संबं धत एकल सं याओं के ायो गक अनु योग क जानकार द गई है।
यह भी समझाने का यास कया गया है क E= Chemistry का [P] प
(Substance), Biology, Mining, Botany, Zoology तथा L मु य वग म पदाथ प के
प म योग म लाया जाता है।
मु य वग Agriculture =J तथा Animal Husbandry = KX के [P] प के नमाण
के लये Utility Array (उपयो गता एकल पंि त) तथा Party Array (भाग एकल पंि त) क
उपयो गता को प ट प से बताया गया है।
यह भी समझाया गया है क G= Biology, I= Botany, K= Zoology का [E] [2P]
प सभी जगह एक जैसा है। System (प तयां) तथा Specials ( व श ट वग) के ायो गक
वग करण को प ट प से बताया गया है।
Generalia=z मु य वग के अंतगत उन लेख का वग करण कया जाता है िजनम
अनेक वषय का ववरण मलता है तथा िज ह कसी अ य मु य वग म नह ं रखा जा सकता
है।

5. अ यासाथ न
न न ल खत क वग सं याओं का नमाण क िजये:-
1. Military geography
2. Film stips in libraries
3. Marathi short stories
4. Uses of hen’s eggs
5. Stars in Hindu astrology
6. Social Psychology of working class
7. Guru Nanak Dev
8. Cooperative marketing of food grains
73
9. Foreign policy of Japan towards USA
10. Teaching of Geography in Universities.

6. मु य श द
प -  कसी वशेषता का अनु योग करके ा त कया गया सकल
समू ह जैसे वन प तय का ाकृ तक वग वन प त शा
का एक प है।
प व लेषण  लेख म न हत वषय व तु का उससे संबं धत प म
व लेषण करना प संकेतक दो प को जोड़ने वाला
च ह। यह योजक च ह के नाम से भी जाना जाता है;
व तु तः यह संबं धत प का संकेतक है।
मू लवग (मु य वग)  सामा यत: पर परागत वषय का सूचक। कोलन
ला स फकेशन क अ भधारणा के अनुसार मू ल वषय,
मू लप मूलवग, मु य वग सभी पद पयायवाची ह।
सहायक म  वषय उनके प एवं एकल का तक संगत यव थापन
जो थ
ं ालय म नधा नय पर लेख को यवि थत करने
म सहायक होता है।
वग करण अनुसू चयां  मू लवग , उनके प एकल आ द क सू चयां िज ह तीक
च ह का योग करके यवि थत कया गया है।

7. व तृत अ ययनाथ ंथ सू ची
1. Ranganathan, S.R. Colon Classification. Ed. 6. (Reprint) Bombay,
Asia Publishing House, 1963
2. Navalani, K and Gidwani, NN Practical guide to Colon
Classification. New Delhi, Oxford and IBH Publishing Co. 1981
3. Satija, M.P. Manual of Practical Colon Classification. Rev. ed. 2
New Delhi, Sterling Publishers 1989
4. चाँपावत, जी. एस. व ब दु वग करण, ायो गक अ ययन Rev. ed. 2, जयपुर ,
आर. बी. एस. ए. पि लशस (1989)

74
इकाई 3 - ामा णक (Canonical) वग के अनुसार
ायो गक वग करण PME के संदभ म
उ े य
1. ामा णक वग के सै ाि तक प क सामा य जानकार दे ना,
2. ामा णक वग के वषय े के व तार का ान दान करना,
3. ामा णक वग से संबं धत प -प रसू के ायो गक व प का ान दान कराना,
4. ामा णक वग क PME से संबं धत अनुसू चय के ायो गक अनु योग क जानकार
दे ना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. ामा णक वग (Canonical Class)
3. वग करण अनुसू चय
3.1 B = Mathematics (ग णत)
3.2 C = Physics (भौ तक शा )
3.3 H = Geology (भू व ान)
3.4 LX = Pharmacognosy (औषध भाव व ान)
3.5 M = Useful Arts (उपयोगी कलाय)
3.6 N = Fine Arts (ल लत कलाय)
3.7 R = Philosophy (दशन शा )
4. सारांश
5. अ यासाथ न
6. मु य श द
7. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
इस पा य म क इकाई 3A.1 म आपको व ब दु वग करण सं करण (पुनमु त)
के ायो गक उपयोग क व तृत जानकार द गई है। इकाई 3A.2 म मू ल (मु य) वग के
अनुसार ायो गक वग करण को PME के संदभ म व तार से समझाया गया है । इसी इकाई
के अनु छे द 2.1 म वषय जगत, 2.2 म मू लभू त े णय 2.3 म वै लेषी-सं लेषणा मक
या आ द का ान दान कया गया है। तु त इकाई म केवल ामा णक (Canonical)
वग के सै ाि तक प का ान दान करके ामा णक वग क उपल ध अनुसू चय के अनुसार
स ताह के ायो गक अनु योग को समझाया गया है। अत: तु त इकाई का अ ययन करने से

75
पहले इकाई 3A.1 एवं 3A.2 के अनु छे द (2.1 से 2.3 तक) का यानपूवक अ ययन करना
आव यक है। इनका अ ययन करने के बाद तु त इकाई को समझना सरल बन जाएगा।

2. ामा णक वग (Canonical Class)


रं गनाथन के अनुसार ामा णक वग कसी मु य वग का एक पर परागत उप-वग
(Sub-class) होता है िजसक यु पि त कसी नि चत वशेषता के आधार पर नह ं होती है,
अ पतु ान जगत के वग करण के उपयु त वग करण प त म िजसका इस प म उ लेख कर
दया जाता है। अब तक हम यह समझते रहे है क एक मु य वग क उ पि त कु छ
वशेषताओं को लेकर होती है तथा इन वशेषताओं के आधार पर इसको और आगे व भ न प
म वभािजत कया जाता है। जैसे, ' थालय व ान' मु य वग को, थालय पदाथ एवं
सम या वशेषता के आधार पर तीन प म वभािजत कया जाता है क तु ामा णक वग के
वषय म संबं धत मु य वग को वशेषताओं के आधार पर वभािजत नह ं कया जाता है अ पतु
उप -वग के एक समू ह के प म इसका व भ न शाखाओं म व तार होता है तथा ये उप-वग
अपने मु य वग के साथ संब होते ह या कम से कम ऐसा समझा जाता है। उदाहरणाथ सी=
Physics (मु यवग) के उप-वग - Properties of Matter, Sound, Heat, Light क
यु पि त म कसी वशेषता का अनु योग नह ं कया गया है क तु ये सभी अपने मु य वग
के साथ संब ह । इ ह ामा णक वग कहते ह तथा इ ह मू लवग (Basic) क सं ा दान
कर द गई है।

3. वग करण अनु सू चयाँ


कु छ ामा णक वग को ामा णक उपवग म वभािजत कया गया है - जैसे,
arithmetic, Alegebra को; सभी ामा णक वग एवं ामा णक उप-वग के प -प रसू
उपल ध नह ं है। िजन-िजन ामा णक वग के प -प रसू उपल ध ह उनका संबं धत
अनुसू चय के साथ ववरण तु त है।
3.1 B= Mathematics (ग णत)
वषय े
रं गनाथन के अनुसार ऐसी कोई ासं गक वशेषता य त करना संभव नह ं है िजसको
आधार बनाकर 'ग णत' का उसक स पूणता म वग करण कया जा सके। व तु तः हम ग णत
को सव थम उसके ामा णक वग (Canonical Classes) म वभािजत करना पड़ता है तथा
कु छ ामा णक वग को भी केवल ामा णक प त से और आगे उप वभािजत करना पड़ता है।
क तु यह सह है क कु छ ामा णक वग एवं उपवग का कु छ नि चत एवं उपयु त
वशेषताओं क खृं ला के आधार पर वग करण कया जाता है। इस कार ग णत के ाथ मक
ामा णक वग न न ल खत ह –
B1 = Arithmetic B6 = Geometry
B2 = Algebra B7 = Mechanics
B3 = Analysis B8 = Physico- Mathematics

76
B4 = Other methods B9 = Astronomy
B5 = Trigonometry
B1= Arithmetic (अंक ग णत)
नदशानुसार इस ामा णक वग के अ तगत गणन सं या (Cardinal numbers),
मसू चक सं या (Ordinal numbers) तथा Transfinite numbers एवं इसी कार के करण
का वग करण नह ं करना चा हए। इ ह B31 = Foundation of Analysis के अ तगत रखा
जाना चा हये। इस ामा णक वग के कु छ ामा णक उप- वभाग - जैसे, B13= Integer
(Theory of numbers) (पूणाक), B15= Algebraic and Ideal Number तथा B16 =
Complex and Hyper Complex number के लये न न ल खत समान प प रसू ह-
(i) B13 [P], [P2] : [E] [2P]
(ii) B15 [P], [P2] : [E] [2P]
(iii) B16 [P], [P2] : [E] [2P]
नोट : B13 का पर परा के आधार पर पूणाक के गुण धम (Properties of
Integers) के अ ययन को सू चत करने के लए योग म लाया जाता है। इसे Higher
Arithmetic के नाम से भी जाना जाता है।
प प रसू का व लेषण
B13= Integers (Theory of numbers) (CC) (BC)
[P] = Number (पूणाक) - अनुसू ची से ा त
[P2] = Theory ( स ा त) - अनुसच
ू ी से ा त
[E] [2P] = Method (प त) - अनुसू ची से ा त
उदाहरण –
Algebraic methods of distribution of highly composite numbers.
= B1321, 2:2
यहां, B13 = Theory of numbers (CC) (BC)
21 = Highly Composite Number [P]
2 = Distribution [P2]
2 = Algebraic method [E] [2P]
B2 = Algebra (बीजग णत)
इस ामा णक वग के सभी उपवग ामा णक वग ह क तु ये कसी वशेषता पर
आधा रत नह ं ह। तथा प इसके उपवग B23 = Algebraic Equation तथा B25 = Higher
Algebra वशेषताओं के आधार पर वभािजत कये गये ह।
B23 = Algebraic Equation (Theroy of Equation)
प प रसू
B23 [P] : [E]
व लेषण

77
B23 = Theory of Equation (CC) (BC)
[P] = Equation - अनुसू ची से ा त
[E] = Problem - अनुसू ची से ा त
उदाहरण -
Graphical Solution of Cubic Algeraic Equations = B233:6
यहां, B23 = Theory of Equations (CC) (BC)
3 = Cubic Equation [P]
6 = Graphical Solution [E]
B25 = Higher Algebra
प प रसू
B25 [P], [P2] : [E] [2P]
व लेषण
B25 = Higher Algebra (CC) (BC)
[P] = Form - अनुसच
ू ी से ा त
[P2] = Degree - अनुसू ची से ा त
[E] [2P] = Transformation - अनुसू ची से ा त
उदाहरण -
Linear transformations of Binaries in Higher Algebra
= B25 2:1
यहां, B25 = Higher Algebra [CC] [BC]
2 = Binary [P]
1= Linear transformation [E] [2P]
B3 = Analysis
इस ामा णक वग के उप-वग भी ामा णक वग ह। क तु केवल B33 =
Differential Equation का ह वभाजन कु छ वशेषताओं के आधार पर कया गया है। इसका
प -प रसू इस कार है -
B33 [P], [P2] [P3]: [E] [2P]
व लेषण
B33 = Differential and Integral Equation [CC] [BC]
[P] = Equation - अनुसच
ू ी से ा त
[P2] = Degree - अनुसू ची से ा त
[P3] = Order - अनुसू ची से ा त
[E] [2P] = Problem - अनुसच
ू ी से ा त
उदाहरण-
Graphical solution of Integrals = B335 : 6

78
यहां, B33 = Differential and Integral Equation [CC] [BC]
5 = Integral Equation [P]
6= Graphical Solution [E] [2P]
B37 = Real Variable
B38 = Complex Variable
प प रसू
B37 [P] : [E] [2P]
B38 [P] : [E] [2P]
व लेषण
B37 = Real Variable [CC] [BC]
B38 = Complex Variable [CC] [BC]
[P] = Variable - अनुसच
ू ी से ा त
[E] [2P] = Problem - अनुसच
ू ी से ा त
उदाहरण-
Inequalities of two real variables = B372: 8
यहां, B37 = Real Variable [CC] [BC]
2 = Two variables [P]
8 = Inequalities [E] [2P]
B6= Geometry (रे खाग णत)
प प रसू
B6 [P] : [E] [2P]
व लेषण
B6= Geometry (CC) (BC)
[P]= Space ( या म त के आधार - जैसे Line, Plane, Three dimension आ द)
- अनुसच
ू ी से ा त
[E] [2P] = Method - अनुसू ची से ा त
उदाहरण-
(i) Coordinate Geometry of three dimesions = B63 : 23
यहां, B6= Geometry (CC) (BC)
3 = Three dimesions [P]
23 = Elementrary Coordinate [E] [2P]
(ii) Algebraic Solid Geometry = B63 : 2
यहां, B6= Geometry (CC) (BC)
3 = Three dimesions [Solid Geometry] [P]
2 = Algebraic [E] [2P]
79
(iii) Practical Geometry of two dimesions = B62 : 4
यहां, B6= Geometry (CC) (BC)
2 = Plane (Two dimesions) [P]
4 = Practical [E] [2P]
(iv) Foundations of Geometry of one dimesion = B61 : 91
यहां, B6= Geometry (CC) (BC)
1 = Line (one dimesion) [P]
91= Foundation [E] [2P]
B7 = Mechanics (बल व ान)
प प रसू
B7 [P] : [E] [2P]
व लेषण
B7 = Mechanics (CC) (BC)
[P] = Matter (पदाथ) - अनुसू ची से ा त
[E] [2P] = Problem - अनुसच
ू ी से ा त
उदाहरण -
(i) Inertia of Solids = B71 : 11
यहां, B7 = Mechanics (CC) (BC)
1 = Solids [P]
11= Inertia [E] [2P]
(ii) Motion of the Pendulum = B7196 : 3
यहां, B7 = Mechanics (CC) (BC)
196 = Pendulum [P]
3 = Motion [E] [2P]
B9= Astronomy (खगोल व ान) - खगोल य प ड का अ ययन
प प रसू
B9 [P] : [E] [2P]
व लेषण
B9= Astronomy (CC) (BC)
[P] = Body (खगोल य प ड-सू य, च , तारे , उप ह आ द)
[E] [2P] = Problem (सू यवष, च वष, सू यमास, च मास, हण आ द)
उदाहरण -
(i) Solar Eclipse = B93 : 57
यहां, B9= Astronomy (CC) (BC)
3 = Sun [P] -अनुसच
ू ी से,
80
57= Eclipse [E] [2P] -अनुसू ची से।
(ii) Orbit of Comets = B952 : 72
यहां, B9= Astronomy (CC) (BC)
52 = Comet [P]
72 = Orbit [E] [2P]
(iii) Age of earth = B91 : 67
यहां, B9= Astronomy (CC) (BC)
1 = Earth [P]
67 = Age [E] [2P]
न न ल खत के वगाक बनाइये -
(i) Numerical Solution of Cubic equations
(ii) Descriptive Geometry of two dimensions
(iii) Movement of the earth
(iv) Hydrostatics
(v) Atmosphere of the moon
(vi) Lunar month
3.2 C = Physics (भौ तक व ान)
वषय े
पदाथ व ऊजा, इनक पार प रक या, ाकृ तक शि तयाँ, व न (Sound), ऊ मा
(Heat), काश (Light), व युत (Electricity), चु बक व (Magnetism) आ द का अ ययन।
इस मु य वग को न न ल खत ामा णक वग म वभािजत कया गया है –
C1= Fundamentals C5= Light काश
C2= Properties of Matter C6= Electricity व युत
C3= Sound व न C6= Magnetism चु बक व
C4= Heat ऊ मा C8= Cosmic Hypothesis
C2= Properties of Matter (पदाथ के गुण धम)
प प रसू
C2 [P] : [E] [2P]
व लेषण
C2= Properties of Matter (CC) (BC)
[P] = State (पदाथ क अव था) - अनुसच
ू ी से ा त
[E] [2P] = Problem - अनुसच
ू ी से ा त
उदाहरण -
(i) Pressure of Gases = C28 : 7

81
यहां, C2= Properties of Matter (CC) (BC)
8 = Gases [P]
7= Pressure [E] [2P]
(ii) Density of Liquids = C25 : 1
यहां, C2= Properties of Matter (CC) (BC)
5 = Liquids [P]
1 = Density [E] [2P]
C3= Sound ( व न)
प प रसू
C3 [P] : [E] [2P]
व लेषण
C3= Sound (CC) (BC)
[P] = Wave Length ( व न तरं ग का व तार) - अनुसू ची से ा त
[E] [2P] = Problem - अनुसच
ू ी से ा त
उदाहरण -
(i) Frequency of Ultrasound = C35 : 3
यहां, C3= Sound (CC) (BC)
5 = Ultrasound [P]
3= Frequency [E] [2P]
नोट : आव यकता पड़ने पर यहाँ [E] [2P] प के बाद [2M] पदाथ प का दूसरा
आवतन योग म लाया जा सकता है। पदाथ क एकल सं याय C2= Properties of
Matter के [P] प से ा त क जा सकती ह।
उदाहरण -
(ii) Intensity of audible sound in liquids = C31 : 28; 5
यहां, C3= Sound (CC) (BC)
1 = Audible sound [P]
28= Intensity [E] [2P]
5= Liquids [2M] – C2 के [P] प से।
C4= Heat (ऊ मा)
प प रसू
C4 : [E] [2P] (भाग 1 म [P] प ू ी म नह )ं
का उ लेख है क तु अनुसच
व लेषण
C4= Heat (CC) (BC)

82
[E] [2P] = Problem - अनुसू ची से ा त। यह ं पर भी C2 के [P] प क एकल
सं याओं को [2M] के प म योग म लाया जाता है।
उदाहरण -
Melting Point of Glass = C4 : 512; 15
यहां, C4= Heat (CC) (BC)
512 = Melting Point [E] [2P]
15= Glass [2M] – C2 के [P] प से।
C5= Light (Radiation) ( काश व करण)
प प रसू
C5 [P] : [E] [2P]
व लेषण
C5= Light (CC) (BC)
[P] = Wave Length (तरं ग व तार) - अनुसू ची से ा त,
[E] [2P] = Problem - अनुसू ची से ा त। यहाँ पर भी C2 के [P] प क एकल
सं याय [2M] के प म योग म लायी जाती है।
उदाहरण -
Scattering of red light in solids = C512 : 58; 1
यहां, C5= Light (CC) (BC)
12 = Red light [P]
58 = Scattering [E] [2P]
1= Solids [2M] – C2 के [P] प से।
C6= Electricity ( व युत )
प प रसू
C6 [P] : [E] [2P]
व लेषण
C6= Electricity (CC) (BC)
[P] = Electricity ( व युत के कार) - अनुसच
ू ी से ा त।
[E] [2P] = Problem (Generation, Propagation) - अनुसच
ू ी से ा त।
यहाँ पर भी C2 के [P] प क एकल सं याय [2M] के प म योग म लायी जाती
है।
उदाहरण –
Conduction of direct current in liquids = C623 : 21; 1
यहां, C6= Electricity (CC) (BC)
23 = Direct current [P]
21 = Conduction [E] [2P]
83
5= liquids [2M] – C2 के [P] प से।
C7= Magnetism (चु बक व)
प प रसू
C7 [P] : [E] [2P]
व लेषण
C7= Magnetism (CC) (BC)
[P] = Magnetism ((चु बक व के कार) - अनुसच
ू ी से ा त।
[E] [2P] = Problem -यहाँ भी C2 के [P] प क एकल सं याय [2M] के प म
योग म लायी जाती है।
उदाहरण –
Intensity of Ferro Magnetism in Solids = C74 : 2; 1
यहां, C7= Magnetism (CC) (BC)
4 = Ferro-Magnetism [P]
2 = Intensity [E] [2P]
1= Solids [2M] – C2 के [P] प से।
Specials एवं Systems
यहां पर व श टता एवं प तय का ावधान है। सामा य नयम के अनुसार ये
प रव धत मू ल वग कहलाते ह। इनका योग मू ल वग क तरह होता है। यहां भौ तक व ान के
येक ामा णक वग का प -प रसू योग म लाया जा सकता है क तु ामा णक वग का
[P] प या [E] [2P] प इनके योग म लाते समय ामा णक वग क पहचान के प म
ामा णक वग का ह द अरब मू ल का अंक भी [P] प के प म लाया जाता है संकेतक
च न कॉमा के साथ।
उदाहरण -
(i) Molecular Spectroscopy = C9B1, 5: 3
यहां, C9B1= Molecular Ray (Specials)
5 = [P] – C5 = Light (CC) का ह द-अरबी अंक।
= Spectroscopy [E] [2P] - C5 के [E] [2P] से।
(ii) X-ray spectra according to wave-mechanics = CN2, 53: 3
यहां, CN2= wave-mechanics (Systems)
5 = [P] – C5 = Light (CC) का भारत-अरब सं यांक
3 = X-ray - C5 के [P] प से ( नदशानुसार )
= Spectroscopy - C5 के [E] [2P] से।
(iii) Radio-activity of the fission of neutrons = CM96, 9B31: 11
यहां, CM96= Radio-activity (Systems)
9B3 = Nuclear Physics (Specials) – C9B3 से 'C' अ र छोड़कर
84
1 = Neutron [P]- C9B3 के [P] प से,
11= Fission [E] [2P] - C9B3 के [E] [2P] से।
न न ल खत के वगाक बनाइये -
(i) Intensity of audible sound in gases
(ii) Boiling point of liquids
(iii) Scattering of violet rays
(iv) Conduction of direct current in solids
(v) Kinetic theory of gases
(vi) Quantum theory of the reflection of Green light
3.3 H = Geology (भू व ान)
वषय े
पृ वी के इ तहास, उसक संरचना, भू गभ ि थत पदाथ /व तु ओं आ द का अ ययन;
ख नज, च ान , जीवा म आ द का भी अ ययन।
भू व ान को न न ल खत ामा णक वग म वभािजत कया गया है-
H1  Mineralogy (ख नज व ान)
H2  Petrology (शैल व ान)
H3  Dynamic Geology (ग या मक भू- व ान)
H4  Dynamic Geology (ग या मक भू- व ान)
H5  Stratigraphy ( त रत-शैल व ान)
H6  Palaeontology (जीवा म व ान)
H7  Economic Geology (आ थक भू व ान)
H1 = Mineralogy (ख नज व ान)
प -प रसू
H1 [P] : [E] [2P]
व लेषण
H1 = Mineralogy (CC) (BC)
[P] = Substance (पदाथ)-भू गभ ि थत ख नज: इनक एकल सं याएं E=
Chemistry के [P] प से भी ल जाती ह।
[E] [2P] = Problem – (जैसे, Genesis, Prospecting आ द)
इस प क एकल सं या 1 = Preliminaries को G= Biology के [E] प क
एकल सं या '1' क तरह वभािजत करने के नदश ह।
उदाहरण –
(i) Classification of diamonds = H191 : 11
यहां, H1 = Mineralogy (CC) (BC)

85
91 = Diamond [P] - अनुसच
ू ी से ा त
11 = Classification [E] [2P] -- G= Biology के [E] [2P] से।
(ii) Genesis of copper = H1113 : 16
यहां, H1 = Mineralogy (CC);
113 = Copper [P] (E= Chemistry के [P] से);
Genesis [E] [2P] प से।
(iii) Popular description of precious stones = H19 : 13
यहां, H1 = Mineralogy (CC);
Precious Stones [P];
13 = Popular description [E] [2P] - Biology के [E] [2P] से।
H2 = Petrology (शैल व ान)
प -प रसू
H2 [P] : [E] [2P]
व लेषण
H2 = Petrology (CC) (BC)
[P] = Rocks - व भ न कार क च ान-अनुसच
ू ी से,
[E] [2P] = Problem –- H1 = Mineralogy के [E] [2P] के समान केवल एकल
सं या 8= Crystallography को छोड़कर।
उदाहरण -
Genesis of Marble = H22133 : 16
यहां, H2 = Petrology (CC) (BC)
2133 = Marble [P];
16 = Genesis [E] [2P]; (H1 = Mineralogy के [E] [2P] से)
H4 = Dynamic Geology (ग या मक भू- व ान)
वषय े
इस वषय के अ तगत भू गभ म या भू पर होने वाल हलचल व ग त या उथल-पुथल
का अ ययन होता है। जैसे, Valcanos, Earthquakes, Hotsprings
उदाहरण -
Dynamics of Underground Water
= H4224
H6 = Palaeontology (जीवा म व ान)
वषय े
इस वषय के अ तगत केवल व भ न जीव के अवशेष का अ ययन कया जाता है।
वन प तय के अवशेष का अ ययन I: 8 = Palaeontology वग सं या के अ तगत कया
जाता है।

86
(i) H6 वग को K= Zoology के [P] प से वभािजत कया जाता है अथात ् संबं धत
जीव/ ाणी क एकल सं या Zoology के [P] प से लेकर H6 के साथ जोड़ द जाती है।
(ii) काल (Time) प , यहां पर H5 = Stratigraphy के उप वभाजन के आधार पर
योग म लाया जाता है। अथात ् इसके उप वभाजन से 'H5' सं या छोड़कर शेष सं या को 'A'
अ र के साथ जोड़ दया जाता है।
जैसे, H523 = A23
उदाहरण -
(i) Mammals of Jurrassic Age = H697.1 'A33
यहां, H6 = Palaeontology (CC) (BC)
97 = Mammals [P]; K= Zoology के [P] प से,
1 = World [S] - अ याय 4 से,
A33= Jurrassic Age [T]; H533 = Jurrassic इसम H5 के थान पर 'A'
रख दया गया है। अथात ् 'A33'
(ii) Fish fossils of Cambrian age = H692.1 'A21
यहां, H6 = Palaeontology (CC) (BC)
92 = Fish [P]; K= Zoology के [P] प से,
1 = World [S]
A21= Cambrain Age [T]; H521 = Cambrain इसम H5 के थान पर
'A' रख दया गया है। अथात ् 'A21'
H7 = Economic Geology (आ थक भू व ान)
वषय े
आ थक ि ट से मह वपूण ख नज पदाथ , भू मगत क ची धातुओं के न ेप
(Deposits) आ द का अ ययन; ख नज पदाथ क स पदा का दोहन जो क आ थक प से
लाभ द हो इस वषय म शा मल कये जाते ह। अथात,् ख नज पदाथ के न ेप (Deposits)
एवं स पदा (Resources) का अ ययन।
प -प रसू
H7 [P] : [E] [2P]
व लेषण
H7 = Economic Geology (CC) (BC)
[P] = Substance (ख नज, भू गभ स पदा)- H1= Mineralogy, E= Chemistry एवं
F= Technology के [P] प से ा त
[E] [2P] = Problem –- H1 के [E] [2P] के समान
उदाहरण -
(i) Copper deposits in Rajasthan = H7113 : 155. 4437
यहां, H7 = Economic Geology (CC) (BC)
87
113 = Copper [P] - E= Chemistry के [P] प से,
155 = Occurance [E] [2P] - H1= Mineralogy के [E] [2P] प से,
4437 = Rajasthan [S] - अ ययन 4; थान एकल से,
(ii) (Prospecting for underground oil resources in Iraq = H7555 : 15. 467
यहां, H7 = Economic Geology (CC) (BC)
555 = petroleum (Oil)-- [P] - F= Technology के [P] प से
15 = Prospecting [E] [2P] - H1= Mineralogy के [E] [2P] प से।
नोट - H1= Mineralogy तथा H7 = Economic Geology म यह अ तर है क
Mineralogy म ख नज पदाथ का सै ाि तक अ ययन होता है जब क Economic
Geology म आ थक मह व के ख नज पदाथ के न प
े (Deposits) तथा स पदा
(Resources) का अ ययन होता है।
न न ल खत क वग सं याय बनाइये
(i) Iron deposit in Rajasthan
(ii) Microphotography of topaz
(iii) Genesis of plutonic rocks
(iv) Cainozoic bird fossils of Africa
(v) Mineral resources of Africa
(vi) Origin of Zinc ores
3.4 LX = Pharmacognosy (औषध भाव व ान)
वह व ान िजसके अ तगत वन प तय पशु ओं एवं ख नज से ा त औषध-उ पाद का
अ ययन कया जाता है। इसे न न ल खत पर परागत वग म वभािजत कया जाता है -
LX3 = Pharmacology (औषध व ान)
LX5 = Pharmacopoeia (भेषज सं ह, औषध कोश)
LX8 = Pharmacy (औषध नमाण व ान)
LX3 = Pharmacology
वषय े
औष धय एवं उनके भाव का अ ययन।
प -प रसू
LX3 [P] : [E] [2P]
व लेषण
LX3 = Pharmacology (CC) (BC)
[P] = Substance (पदाथ) - लोहा, सोना, गंधक आ द; इ ह E= Chemistry के
[P] प से ा त कया जाता है।
[E] = Action ( भाव) - अनुसू ची से;

88
[2P] = Organ (मानव शर र का अंग) - वषय व ध वारा L= Medicine के
अनुसार ा त करना होता है।
उदाहरण -
(i) Irritation in the human eye after the use of Sulphur =LX3161:5(L185)
यहां, LX3 = Pharmacology (CC) (BC)
161 = Sulphur [P] - E= Chemistry के [P] प से,
5 = irritation [E] - अनुसच
ू ी से,
(L185) = Human eye [2P] - वषय व ध वारा।
(ii) Stimulating effect of iron products on Stomach =LX3182:2(L24)
यहां, LX3 = Pharmacology (CC) (BC)
182 = Iron [P] - E= Chemistry के [P] प से,
2 = Stimulation [E] - अनुसच
ू ी से,
(L24) = Stomach [2P] - वषय व ध वारा।
LX5 = Pharmacopoeia (औषध कोश)
वषय े
व भ न दे श म ाथ मक, वतीयक एवं तृतीयक तर क औष धय का कोश।
अथात,् औष धय क मानक सू ची।
प -प रसू
LX5 [P], [P2]
व लेषण
LX5 = Pharmacopoeia (CC) (BC)
[P] = Nation (रा ) - भौगो लक व ध वारा, दे श क एकल सं या;
[P2] = Kind ( कार) - अनुसच
ू ी से।
उदाहरण –
(i) Official list of Indian drugs =LX544,1
यहां, LX5 = Pharmacopoeia (CC) (BC)
44 = India [P] - भौगो लक व ध वारा - अ ययन 4 से,
1 = Official [P2] - अनुसू ची से।
(ii) Un-official list of British Medicines =LX556, 2
यहां, LX5 = Pharmacopoeia (CC) (BC)
56 = Great British [P] - भौगो लक व ध वारा,
2 = Secondary [P2] - अनुसू ची से।
न न ल खत के वगाक बनाइये -
(i) Irritation in skin and iron drugs.
(ii) Secondary list of German drugs.
89
(iii) Stimulant effect of iron on brain.
(iv) Irritation of zinc products on tongue.
3.5 M = Useful Arts (उपयोगी कलाय)
वषय े
मु य वग उपयोगी कलाय एक कार से अनेक वग का समू ह है। वग करण म उ प न
संकट को दूर करने के लए इसक यव था करना अ याव यक था। इस मु य वग म
सि म लत कये गये वग के म य कोई पार प रक संबध
ं दखाई नह ं दे ता। मु यतः यह अनेक
वजातीय वग का समू ह है। ये वग उन उपयोगी व तु ओं के उ पादन तथा व श ट सेवाओं के
वधन म व ान के अनु योग पर आधा रत है। िजनका वग करण प त के अ य मु य वग
के अ तगत ावधान नह ं कया जा सका। इसम सि म लत कये गये श प या कलाय
यूना धक मा ा म या तो ाकृ तक व ान से मेल खाते ह या कु छ अंश तक उन नि चत
तकनी कय के योतक ह जो सामािजक व ान से संब ह। इस मु य वग को अनेक
ामा णक वग म वभािजत कया गया है। इस मु य वग के पृ ठ 2.88 (कॉलम 1) पर कये
गये संशोधन प र श ट (Annesure) पृ. 27 पर उपल ध है। अत: इन पर वशेष यान दे ना
आव यक है। इस मु य वग
के केवल तीन ामा णक वग के प -प रसू का उ लेख है।
M7= Textile (कपड़ा)
(दे खये पृ ठ 27 - प र श ट)
प -प रसू
M7 [P]; [M] : [E] [2P]
व लेषण
M7= Textile (कपड़ा) (CC) (BC)
[P] = Fabric - अथात ् सू त, र सी, कपड़ा, बुना हु आ कपडा आ द,
[M] = Material (पदाथ-साम ी) - अथात ् ई, ऊन, स क आ द,
[E] [2P] = Problem –- (दो कार का - (i) य द [P] का योग न हो तो अलग
एवं (ii) य द [P] का योग हो तो अलग)
उदाहरण
(i) Baling of Cotton =M7;1:3 (यहाँ पर [P] का योग नह ं है)
यहां, M7= Textile (CC) (BC)
1 = Cotton [M] - अनुसू ची से,
3 = Barling [E] [2P] - अनुसच
ू ी से,
(ii) Washing of Wool = M7;2:7 (यहाँ पर [P] का योग नह ं है)
यहां, M7= Textile (CC) (BC)
2 = Wool [M] - अनुसच
ू ी से,
7 = Washing [E] [2P] - अनुसू ची से।

90
(iii) Spinning of Silk Yarn =M71;3:1 (यहाँ पर [P] का योग है)
यहां, M7= Textile (CC) (BC)
1 = Yarn [P] - अनुसू ची से,
3 = Silk [M] - अनुसू ची से,
1 = Spining [E] [2P] - अनुसू ची से।
(iv) Printing of Cotton Cloth =M73;1:7 (यहाँ पर [P] का योग है)
यहां, M7= Textile (CC) (BC)
3 = Cloth [P] - अनुसू ची से,
1 = Cotton [M] - अनुसू ची से,
7 = Printing [E] [2P] - अनुसच
ू ी से।
MA = Home and Hotel Science (दे खये पृ. 27 Annexure)
प -प रसू
MA [P]- यहाँ, [P] प Maintenance, Cooking, Serving एवं Beauty Culture
को य त करता है ।
उदाहरण -
(i) Maintenance of home = MA2; यहाँ 2 = Maintenance [P]
(ii) Beauty Culture = MA7; यहाँ 7 = Beauty Culture [P]
(iii) The art of cooking or preparing good dishes = MA3; यहाँ 3 = Cooking
[P]
MJ7 = Rope Making (र सी बनाना)
प -प रसू
MJ7 [P] : [E] [2P]
व लेषण
MJ7 = Rope Making (CC) (BC)
[P] = Material (साम ी) - अथात ् ई, सन, जू ट आ द
[E] [2P] = Work - बल दे ना, कातना आ द (M7= Textile के समान)
उदाहरण -
(i) Coir rope twisting =MJ72 : 2
यहां, MJ7 = Rope Making (CC) (BC)
2 = Coir [P] - अनुसू ची से,
2 = Twisting [E] [2P] - M7= Textile के ]E[ [2P] से
(ii) Bleaching of Flax ropes =MJ74 : 5
यहां, MJ7 = Rope Making (CC) (BC)
4 = Flax [P] - अनुसच
ू ी से ,

91
5 = Bleaching [E] [2P] - M7= Textile के ]E[ [2P] से।
कु छ अ य ामा णक वग
M16 Publishing
M5 Glass Industry
M8 Dressmaking = Tailoring
MB9 Dressmaking = Tailoring
MD5133 Motor Driving
MV4 Science of War
MV41 Military Science
MX411 Traffic regulation in road
MYX46 Philately = Stamp Collection
न न ल खत के वगाक बनाइये
(i) Home decoration and maintenance
(ii) Dyeing of woollen carpets
(iii) Carding of Jute
(iv) Twisting of metal ropes
(v) Bird hunting in Japan
(vi) Crossword puzzles.
3.6 N = Fine Arts (ल लत कलाय)
सभी कार क ल लत कलाय - जैसे, वा तु कला, थाप य कला, च कला, संगीत
आ द। इस मु य वग को 22 ामा णक वग म वभािजत कया गया है। इनम से केवल 6
ामा णक वग के प -प रसू उपल ध ह। इनके बारे म न न ल खत बात को जानना ज र
है -
(i) इन सभी ामा णक वग के दो प [P] एवं [P2] समान ह। अथात ् ये सामा य प
ह। इनका योग सभी ामा णक वग के साथ कया जा सकता है। [P] प उस े को य त
करता है जहाँ संबं धत ल लत कला का उदमव या वकास हु आ है। [P2] प उस काल या
शता द को य त करता है िजसम संबं धत े क ल लत कला का वकास हु आ है। [P] प
को भौगो लक व ध वारा तथा [P2] प को काल- म व ध वारा ा त कया जाता है। ये
दोन प मलकर शैल प [Style Facet] के योतक ह।
(ii) NA = Architecture (वा तु कला) के अ तगत उि ल खत [P] एवं [P2] एकल
सं याय शैल प [Style Facet] के प म कसी भी ामा णक वग के साथ योग म लाई जा
सकती ह।
NA = Architecture (वा तु कला)
प -प रसू
NA [P], [P2], [P3], [P4] : [E]

92
व लेषण
NA = Architecture (CC) (BC)
[P], [P2] = Style (शैल ) - [P] के लये े क एकल सं या भौगो लक व ध से
तथा [P2] के लये काल क सू चक एकल सं या काल म व ध से। अथात ् मशः (GD) एवं
(CD) से।
[P3] = Utility (अथात ् इस कला क उपयो गता व भ न कार के भवन के लए-
जैसे, थालय भवन, होटल सराय आ द)
[P4] Part (भाग) - अथात ् भवन का भाग।
[E] = Technique (तकनीक)
उदाहरण -
(i) Moghul Arhitecture of Museums = NA44, J6
यहाँ, NA = Architecture (CC) (BC)
44= India ( े ) [P]- भौगो लक व ध से,
J= Epoch (काल) [P2] - काल म व ध से (Moghul Period)
6= Musem [P3] - अनुसच
ू ी से।
(ii) Domes of City halls in Tudor Style = NA561, J5, 65
यहाँ, NA = Architecture (CC) (BC)
561= England [P]- भौगो लक व ध वारा,
J= Epoch (Tudor period) [P2] - काल म व ध वारा,
5= City Hall [P3] - अनुसू ची से,
65 = Domes [P4] - अनुसू ची से।
नोट- [P3] क एकल सं या 22 = Library building को पु तकालय व ान मु य
वग के [P] प वारा वभािजत कया जाता है। जैसे -
(i) Gothic architecture of University Library building = NA45, F2234
यहाँ, NA = Architecture (CC) (BC)
5= Europe [P] - भौगो लक व ध से,
F= Epoch (Gothic period) [P2] - काल म व ध से,
22= Library building [P3] - अनुसच
ू ी से,
34 = University Library; [P3] का उप वभाजन Library Science के [P]
प से।
नोट- [P3] क एकल सं या 9 = Other buildings को वषय व ध वारा वभािजत
करके व श ट कार के भवन क एकल सं याओं का नमाण कया जा सकता है। जैसे,
(i) Roman architecture of Church building = NA52, D9(Q6)
यहाँ, NA = Architecture (CC) (BC)

93
2= Italy (Rome) [P] - भौगो लक व ध वारा,
D = Roman period [P2] - काल म व ध वारा,
9 = Other building [P3] - अनुसू ची से,
(Q6) = Christainity, [P3] का वभाजन- वषय व ध वारा।
(ii) Architecture of Jain temples in Jain style = NA44, E9(Q3)
यहाँ, NA = Architecture (CC) (BC)
44 = India [P] - भौगो लक व ध वारा,
E = Epoch (Jain period) [P2] - काल म व ध वारा,
9 = Other building [P3] - अनुसू ची से,
(Q3) = Jainism, [P3] का उप वभाजन वषय व ध वारा।
NB = Town Planing (नगर नयोजन)
प -प रसू
NB [P], [P2], [P3], [P4] : [E]
व लेषण
NB = Town Planing (CC) (BC)
[P] = Region
[P2] = Epoch
= शैल प (Style Facet) NA = Architecture क तरह (दे खये-NA के प -प रसू
का व लेषण)
[P3] = Utility (उपयो गता) जैसे, नगर, गाँव
[P4] Part (भाग) – - जैसे, Market, Park, Playground, (अनुसच
ू ी से)
[E] = Technique (तकनीक) – NA = Architecture के [E] प से।
उदाहरण -
(i) Location of theatres in Hellenic town planning of Greek cities= NB51, C5,
691:1
यहाँ, NB = Town Planing (CC) (BC)
51= Greece (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
C= Hellenic Period (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा,
5= City [P3] - अनुसच
ू ी से,
691 = Threatre [P4] - अनुसू ची से,
1= Location [E] – (NA = Architecture के [E] प से)
ND = Sculpture ( थाप य कला) (मू तकला)
प -प रसू
ND [P], [P2], [P3]; [M] : [E] [2P]

94
व लेषण
ND = Sculpture (CC) (BC)
[P] = Region
[P2] = Epoch
= शैल प (Style Facet) NA = Architecture क तरह
[P3] = Figure (आकृ त) - अनुसू ची से,
[M] = Material (साम ी) - अनुसच
ू ी से,
[E] [2P] = Technique (तकनीक) - अनुसू ची से।
उदाहरण -
(i) Preservation of Human bust in wood in Tudor Style= ND561, J18; 1: 98
यहाँ, ND = Sculpture (CC) (BC)
561= England (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
J= Tudor Period (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा,
18 = Human bust [P3] - अनुसच
ू ी से,
1 = Wood [M] - अनुसू ची से,
98= Preservation [E] [2P] - अनुसू ची से।
नोट- [P3] प क 9 एकल सं या को वषय व ध वारा वभािजत करके संबं धत
धम के तमा नमाण क एकल सखा बनाई जा सकती है। अथात ् संबं धत धम क वग सं या
जोड़ द जाती है।
उदाहरण-
Pallava Sculpture of Hindu gods in Bronze = ND441, G9 (Q2); 5
यहाँ, ND = Sculpture (CC) (BC)
441= South India (Region) [P]
G = Pallava (Epoch) [P2]
9 (Q) = Inconography [P3] - अनुसच
ू ी से,
(Q2) = Hinduism, [P3] का वभाजन वषय व ध वारा।
NQ = Painting ( च कला)
प -प रसू
NQ [P], [P2], [P3]; [M] : [E] [2P]
व लेषण
NQ = Painting (CC) (BC)
[P] = Region (भौगो लक व ध वारा)
[P2] = Epoch (काल म व ध वारा)
= Style (Architecture क तरह; दे खये Architecture के प -प रसू का व लेषण)
[P3] = Figure (आकृ त) - ND = Sculpture के [P3] क तरह
95
[M] = Material (साम ी) - अनुसच
ू ी से,
[E] [2P] = Technique (तकनीक) - अनुसू ची से।
उदाहरण -
(i) Water colur paintings of mountain on canvas in Meldieval Irish Style=
NQ564, G216; 7: 3
यहाँ, NQ = Painting (CC) (BC)
564= Ireland (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
G= Medieval (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा,
216 = Mountain (Figure) [P3] – ND = Sculpture के [P3] से,
7 = Canvas (Material) [M] - अनुसू ची से,
3= Water Colour (Technique) [E] - अनुसच
ू ी से।
(ii) Animal painting on glass in Norman Style= NQ561, E5; 6
यहाँ, NQ = Painting (CC) (BC)
561= England (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
E = Norman (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा,
5 = Animal (Figure) [P3] – ND = Sculpture के [P3] से,
6 = Glass (Material) [M] - अनुसच
ू ी से।
(iii) Buddhist Fresco painting of sky = NQ44, C28; 3
यहाँ, NQ = Painting (CC) (BC)
44= India (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
C = Buddhist (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा,
28 = sky (Figure) [P3] – ND = Sculpture के [P3] से,
3 = Fresco (Material) [M] - अनुसच
ू ी से।
NR = Music (संगीत)
प -प रसू
NR [P], [P2], [P3]; [M] : [E] [2P]
व लेषण
NR = Music (CC) (BC)
[P] = Region
= शैल (Style) NA= Architecture क तरह;
[P2] = Epoch
[P3] = Music - अनुसू ची से,
[M] = Instrument - अनुसू ची से,
[E] [2P] = Technique – उपल ध नह ं है।

96
उदाहरण -
(i) Notation of violin in Tudor England = NR561, J18; 32
यहाँ, NR = Music (CC) (BC)
561= England (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
J= Tudor (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा - NA= Architecture क
तरह
18 = Notation [P3] – अनुसू ची से,
32 = Violin (Instrument) [M] - अनुसच
ू ी से।
(ii) Place of Harmonium in Moghul Music = NR44, J; 291
यहाँ, NR = Music (CC) (BC)
44= India (Region) [P] - भौगो लक व ध वारा,
J= Moghul (Epoch) [P2] - काल म व ध वारा - NA= Architecture
क तरह
32 = Harmonium (Instrument) [M] - अनुसच
ू ी से,
नोट- (1) अ य ामा णक वग (Canonical Classes) के प -प रसू उपल ध नह ं
ह। क तु [P] एवं [P2] प (Style) NA= Architecture क तरह सभी जगह योग म लाये
जा सकते। जैसे,
NS44 = Indian Dance
NU4437 = Rajasthani Puppet plays
NW44 = Indian Cinema
Nk42 = Japanese dolls
न न ल खत के वगाक बनाइये
(i) Elevation of the pillars of a mosque in Moghul style.
(ii) Tower of a Jain temple.
(iii) Renaissance town planning
(iv) Buddhist Fresco paintings of nature
(v) Place of violin in Anglo-saxon music
(vi) Jaina Iconography on marble
(vii) Irish Engravings
3.7 R = Philosophy (दशनशा )
दशनशा को न न ल खत ामा णक वग म वभािजत कया गया है –
R1 = Logic (तकशा ) R5 = Aesthetics (स दय शा )
R2 = Epistemology ( ान मीमांसा) R6 = Indian Philosophy (भारतीय दशन)
R3 = Metaphysics (त वमीमांसा) R7 = Favoured System
R4 = Ethics(नी त शा ) R8 = Other System by (GD)

97
इनम R1, R2 को अनेक उप-वग म वभािजत कया गया है। इनके प -प रसू
उपल ध नह ं ह। R5 का भी प -प रसू नह ं है। केवल R3, R4 व R6 के प -प रसू
उपल ध ह।
R3= Metaphysics (त व मीमांसा)
प -प रसू
R3 [P], [P2]
व लेषण
R3= Metaphysics (CC) (BC)
[P] = View ( वचारधारा) - अनुसू ची से,
[P2] = Subject ( वषय) - वषय व ध वारा (SD),
उदाहरण -
(i) Philosophy of Materialism = R33
यहाँ, 3= Materialism [P].
(ii) Materialism in Christainity= R33, (Q6)
यहाँ, R3= Metaphysics (CC) (BC)
3= Materialism (View) [P] - अनुसच
ू ी से,
(Q6) = Christainity [P2] - वषय व ध वारा
(iii) Absolutism in Islam= R31, (Q7)
यहाँ, R3= Metaphysics (CC) (BC)
1= Absolute [P] - अनुसच
ू ी से,
(Q7) = Islam [P2] - वषय व ध वारा
R4 = Ethics (नी तशा )
प -प रसू
R4 [P], [P2]
व लेषण
R4 = Ethics (CC) (BC)
[P] = Topic ( करण) - अनुसच
ू ी से,
[P2] = Controlling Principle ( नय ण का स ा त) - अनुसच
ू ी से तथा वषय
वध वारा।
उदाहरण –
Family morals and conscience = R42,2
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
2 = Family [P] - अनुसच
ू ी से,
3 = conscience [P2] - अनुसच
ू ी से।

98
[P] = प क एकल सं या '3W’ को W= Political Science के [P] प
क एकल सं याओं से वभािजत कया जा सकता है। जैसे -
उदाहरण -
(i) Morals of monarch = R43W4
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
3W = State Ethics [P] - अनुसू ची से,
3W4 = Monarch; [P] क एकल सं या 3W = State ethics के साथ
W= Political Science के [P] प क एकल सं या 4 = Monarch जोड़
द गई।
(ii) Feudal morals = R43W3
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
3W = State Ethics [P] - अनुसू ची से,
3W3 = Feudal- यहां [P] प क एकल सं या 3W = State ethics के
साथ W= Political Science के [P] प क एकल सं या 3 = Feudal
जोड़ द गई।
[P] प क एकल सं या 4 = Professional and business ethics को संबं धत
यवसाय क वगसं या से वभािजत कया जा सकता है। जैसे-
उदाहरण -
(i) Moral principles for teachers = R44T
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
4 = ProfessionalEthics [P] - अनुसच
ू ी से,
4T = Teachers नदश के अनुसार 4 = ProfessionalEthics को T=
Education से वभािजत कर दया।
[P] प क एकल सं या 6 = Ethics of leisure and amusement को MY =
Physical training etc. के उप वभाजन से वभािजत करने का नदश है। जैसे-
उदाहरण -
(i) Morals of Cricket Players = R462141
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
6 = Ethics of leisure [P] - अनुसच
ू ी से,
2141 = Cricket; [P] का उप वभाजन- नदशानुसार MY2141= Cricket का
उप वभाजन '2141' जोड़ दया गया है।
(ii) Ethics of Club life = R468
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
6 = Ethics of leisure [P] - अनुसू ची से,

99
8 = Club life; [P] का उप वभाजन- नदशानुसार MY8= Club life का
उप वभाजन '8' जोड़ दया गया है।
[P2] क एकल सं या वषय व ध वारा भी ा त क जा सकती है।
अथात,् संबं धत वषय क वग सं या वषय व ध से योग म लाई जाती है। जैसे -
(i) Family ethics in Christianity = R42, (Q6)
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
2 = Family [P] - अनुसच
ू ी से,
(Q6) = Christainity [P2] - वषय व ध वारा
(ii) Buddhist morals for a king = R43W4, (Q4)
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
3W = State ethics [P] - अनुसू ची से,
4 = Monarch [P] का उप वभाजन नदशानुसार W= Political Science के
[P] प से।
(Q4) =Buddhism [P2] - वषय व ध वारा।
(iii) Ethical Principles as determined by law = R4, (Z)
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
(Z) = Law [P2] - वषय व ध वारा।
(iv) Happiness and sorrow in Jainism = R494, (Q3)
यहां, R4 = Ethics (CC) (BC)
94= Happiness and Sorrow [P] - अनुसच
ू ी से,
(Q3) = Jainism [P2] - वषय व ध वारा।
R6= Indian Philosophy (भारतीय दशन)
प -प रसू
R6 [P], [P2], [P3], [P4]
व लेषण
R6= Indian Philosophy (CC) (BC)
[P] = System (वाद या दशन) - अनुसू ची से,
[P2] = (i) R61 से R64 तक क वग सं याओं के साथ तो R1 से R5 तक के
ामा णक वग अपने अपने प एकल स हत जोड़े जा सकते ह।
(ii) R65 से R6893 तक (Basic Text अनुसू ची से, थम अ टक (1 से
8) से तथा R1 से R5 तक के ामा णक वग अपने अपने प एकल
स हत दूसरे अ टक म '9' अंक के साथ। [P3] एवं [P4] के एकल का
उ लेख नह ं है।
उदाहरण -

100
(i) Concept of Advaita in Brahma Sutra = R66, 5.
यहाँ, R6= Indian Philosophy (CC) (BC)
6 = Advaita [P]
5= Brahma Sutra [P2] - अनुसू ची से,
(ii) Symbolic logic in Vedanta = R65, 914
यहाँ, R6= Indian Philosophy (CC) (BC)
5 = Vedanta [P]
9= Second Octave (दूसरा अ टक) [P2] का पहला अंक
14 = Symbolic logic [P2]-R14 = Symbolic logic से केवल '14'
( नदशानुसार)
(iii) Logical inference in Nyaya philosopy = R625, 192
यहाँ, R6= Indian Philosophy (CC) (BC)
25 = Nyaya philosopy [P] - अनुसच
ू ी से,
192 = Logical inference [P] ]-R192 = Logical inference से केवल
'192' ( नदशानुसार)
R8 = Other Systems (अ य मत या वाद)
दशन के कसी अ य मत या वाद क वगसं या का नमाण करने के लये संबं धत
भौगो लक े क एकल सं या भौगो लक व ध वारा R8 के साथ जोड़ द जाती है।
उदाहरण -
(i) German Philosophy = R855,
यहाँ 55= German
(ii) Chinese Philosophy = R841,
यहाँ 41= China
(iii) Greek Philosophy = R851,
यहाँ 51= Greece
नोट- यह नदश Indian Philosophy पर लागू नह ं होता है।
न न ल खत के वगाक बनाइये-
(i) Christain concept of an ideal wife
(ii) Wedding etiquettes n Islam
(iii) Idealism in Hindu Philosophy
(iv) Concept of Dvaita in Mahabhrat
(v) Conduct towards animals in Jainism
(vi) Duties of a son in Hinduism
(vii) Concept of right and wrong in Nyaya
(viii) Japanese Philosophy
101
4. सारांश
व ब दु वग करण एक वै लेषी-सं लेषणा मक वग करण प त है। कसी भी वषय का
वग करण करते समय सव थम उसका व लेषण कया जाता है। त प चात ् उसक संघटक
इकाइय क पहचान करके अ त म उनका सं लेषण कया जाता है।
इस यू नट म केवल ामा णक वग (Canonical classes) क जहाँ तहाँ उि ल खत
अनुसू चय का ह , उनके PME संदभ म, ायो गक ि टकोण से व लेषण कया गया है।
मु यतः व भ न ामा णक वग के वषय- े के व तार एवं उनके प -प रसू के ायो गक
व प को व लेषण या वारा समझाया गया है।
इसके अ त र त ामा णक वग क अवधारणा को प ट कया गया है। रं गनाथन के
अनुसार ामा णक वग कसी मु य वग का एक पर परागत उपवग होता है, तथा इसक
यु पि त कसी वशेषता के आधार पर नह ं होती है। व तुतः ामा णक वग संबं धत मु य वग
के उप-वग का एक समू ह मा होते ह। ये उप-वग अपने-अपने मु य वग के साथ संब होते
ह। ये भी सामा य प से मू ल-वग (Basic Class) कहलाते ह। कु छ ामा णक वग को
ामा णक उपवग म भी वभािजत कया गया है। C= Physics के ामा णक वग म [2M] के
उपयोग को समझाया गया है। N= Fine Arts के ामा णक वग म [P] एवं [P2] प को
शैल प के प म प ट प से बताया गया है। R6= Indian Philosophy म [P2] प
का उदाहरण दे कर व लेषण कया गया है।

5. अ यासाथ न
(i) Accidents in the coal mines in Bihar
(ii) Sculpture of moon on stone in Hellenic style
(iii) Swimming competitions in Australia
(iv) Gold deposits in Kilar (India)
(v) Third order cubic total differential equations
(vi) Probabilities in Purva mimansa
(vii) Concept of chastity in Jainism
(viii) Conscience and athletic ethics
(ix) Rigveda and Advaita
(x) Antibiotic action of organic substances.

5. मु य श द
प  कसी वशेषता का अनु योग करके ा त कया गया
एकल समू ह।
प व लेषण  लेख म न हत वषय का उससे संबं धत प म
व लेषण करना।
प संकेतक  दो प को जोड़ने वाला च न इसे योजक च न भी
102
कहते है ।
मा णक वग  कसी मु ख वग का पर परागत उपवग िजसक
(Canonical Classes) यु पि त कसी नि चत वशेषता के आधार पर नह ं
होती।
वग करण अनुसू चयाँ  मू ल वग , उनके प , एकल आद क सू चयाँ
िज ह तीक च न का उपयोग करके यवि थत
कया गया है।

7. व तृत अ ययनाथ थ सू ची
(i) Ranganathan, S.R. Colon Classification. Ed. 6. (Reprint) Bombay,
Asia Publishing House, 1963
(ii) Navalani, K and Gidwani, NN Practical guide to Colon
Classification. New Delhi, Oxford and IBH Publishing Co. 1981
(iii) Satija, M.P. Manual of Practical Colon Classification. Rev. ed. 2
New Delhi, Sterling Publishers, 1989
(iv) चाँपावत, जी. एस. व ब दु वग करण, ायो गक अ ययन Rev. ed. 2, जयपुर ,
आर. बी. एस. ए. पि लशस (1989)

103
इकाई 4 : थान प [S] का ायो गक उपयोग
उ े य
1. थान प क सामा य जानकार ,
2. थान प के तर का ान दान करना,
3. थान प के ायो गक उपयोग को समझाना,
4. भौगो लक व ध के प म थान प के ायो गक उपयोग क जानकार दे ना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. थान प -सामा य प रचय
2.1 थान प के तर
2.2 थान प ता लका. व लेषण
3. थान प का ायो गक उपयोग
3.1 राजनी तक वभाजन।
3.2 जनसं या समू ह वभाजन
3.3 दशानुसार वभाजन
3.4 ाकृ तक वभाजन;
3.5 थान प के वभाजन का म
4. थान प का भौगो लक व ध के प म ायो गक उपयोग
5. व भ न व धय वारा थान एकल का नमाण
6. सारांश
7. अ यासाथ न
8. मु य श द
9. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
आप दे ख चु के ह क डॉ. रं गनाथन वारा तपा दत व ब दु वग करण प त पांच
मू लभूत े णय क अवधारणा पर आधा रत है। उनके अनुसार वग करण का आधार कसी वषय
म न हत वशेषताएं होती ह। ये वशेषताएं इतनी अ धक होती ह क इ ह अपे ाकृ त छोटे -छोटे
मौ लक पहलु ओं म वभािजत करना आव यक हो जाता है। वषय म न हत इन वशेषताओं का
वघटन पांच मू लभू त े णय म कया जा सकता है- काल [T], थान [S], ऊजा [E], पदाथ
[M], और यि त व [P]। व तु तः कसी वषय म न हत वशेषताओं को दशाने वाले ये पांच
प है। व ब दु वग करण प त इसी अवधारणा पर आधा रत है। रं गनाथन ने वष के
अ ययन के बाद इनका उपयोग अपनी व ब दु वग करण प त म कया है। बाद म इनका
उपयोग सामा य वग करण प त व गहन वग करण प तय के नमाण म कया गया।

104
तु त इकाई म व ब दु वग करण के छठव संशो धत सं करण म यु त थान प
ायो गक उपयोग के संबध
ं म व तार से जानकार द गई है।

2. थान प -सामा य प रचय


जब कसी वषय का अ ययन कसी भौगो लक े के संदभ म कया जाता है तो
थान एकल क आव यकता होती है। व ब दु वग करण प त म एकल का उ लेख अनुसच
ू ी
के भाग 2 म द गई ता लका 4 म कया गया है। रं गनाथन ने इ ह मु ख प से थल- े
तथा जल- े दो भाग म वभ त कया है। थल- े के प म महा वीप और उनके अ तगत
आने वाले दे श , दे श , शहर आ द का उ लेख कया है जब क ाकृ तक वशेषताओं वाले े
के प म झील, नद , घाट , पवत इ या द का उ लेख है। जल े के प म महासागर का
उ लेख है। इस कार ं ी ता लका म महा वीप का, महा वीप के अ तगत
थान एकल संबध
आने वाले दे श का, दे श के अ तगत आने वाले दे श का तथा दे श के शहर इ या द का
व तार से उ लेख कया गया है। अ य कार के भौगो लक एकल के वगाक के लये अनुसू ची
के नयम भाग म आव यक संशोधन कये गये है। इ ह थान प के तर के प म ा त
कया जा सकता है। भौगो लक थान एकल को य द दशानुसार न द ट करने क आव यकता
हो तो इसका ावधान भी संशोधन करके कया गया है। ये संशोधन प र श ट के पृ ठ 20 से
23 पर दये गये ह। इनका ववेचन इस इकाई के आगे के पृ ठ म कया गया है।
2.1 थान प के तर
व ब दु वग करण प त के छठव सं करण के भाग 2 क ता लका 4 म थान
एकल के दो तर का उ लेख है। पहला तर [S] राजनी तक वभाग के प म दया गया है।
इसके अ तगत व व के महा वीप , महा वीप के अ तगत आने वाले दे श तथा दे श के शहर
तथा मु ख पांच महासागर के वगाक का उ लेख है। उदाहरणाथ –
1 व व
4 ए शया महा वीप
5 यूरोप महा वीप
8 आ टे लया महा वीप
95 ह द महासागर इ या द
दूसरा तर [S2] ाकृ तक वभाग के प म दया गया है। इसके अ तगत पवत,
झील, नद , घाट , इ या द के वगाक दये गये ह। इन एकल को संशो धत कर पुनमु त
सं करण के प र श ट पृ ठ 26 पर दया गया है । जैसे-
g7 पवत
f जंगल
g1 घाट इ या द
ायो गक वग करण के लये उपयु त दो तर को अपया त समझते हु ये, छठव
सं करण के नयम भाग म क तपय संशोधन कर अ य दो तर का और ावधान कया गया
है। ये दो तर जनसं या समू ह वभाजन तथा दशानुसार वभाजन के प म दये गये ह।
105
जनसं या समू ह वभाजन के आधार पर कसी दे श, रा य, िजला इ या द को
आव यकतानुसार छोटे -छोटे े म वभािजत कया जा सकता है। इ ह राजनी तक वभाजन के
तर के प म ा त कया जाता है इस लये थान प के संयोजन चंह ब दु (.) का योग
कया जाता है और शहर के नाम को वण म व ध से ा त करने का ावधान है। जैसे:
Paris (France) 53.P
Churu (Rajasthan) 4437.C
थान प के चौथे तर के प म दशानुसार वभाजन के वगाक न मत करने का
ावधान है। इन एकल का उ लेख ता लका के पृ ठ 2.8 पर एकल सं या 1 व व के
दशासूचक वगाक का उ लेख करते हु ये कया गया है। जैसे-
Western region of the world 19M
Far Eastern Counteres 19E इ या द।
इस कार व ब दु वग करण प त म थान प के एकल को कु ल चार ख ड
(blocks) म वभािजत कर, न न ल खत चार तर न मत कये ह-
1. राजनी तक वभाजन (Political divisions)
2. ाकृ तक वभाजन (Physical features)
3. जनसं या समू ह वभाजन (Population clusters)
4. दशानुसार वभाजन (Orientation divisions)
ाकृ तक वशेषताओं पर आधा रत वभाजन ख ड 1 का नमाण करते है और उ ह
म डल 1(Zone 1) म रखा गया है। इनके लये रोमन छोटे अ र का योग कया गया है,
जब क बहु तायत से योग म आने वाले राजनी तक वभाजन से संबं धत एकल ख ड 2 का
नमाण करते ह और इ ह म डल 2 (Zone 2) म रखा गया है। इनके लये इ डो-अरब
सं याक का योग कया गया है। जनसं या समू ह वभाजन ख ड 3 का नमाण करते ह और
इ ह म डल 3 (Zone 3) के अि तम से टर म रखा गया है। इनक एकल सं याओं को
वण म व ध (A.D.) से ा त कया जाता है। दशानुसार वभाजन ख ड 3 का नमाण करते
है और इ ह भी म डल 3 के Penultimate sector म रखा गया है। दूसरे श द म इसक
येक एकल सं या का ारं भक अंक 9 र तांक होता है और दूसरा अंक रोमन द घा र।
इनका उ लेख भौगो लक एकल सं या 1 व व के अ तगत कया गया है।
2.2 थान एकल ता लका 4 : व लेषण
थान एकल ता लका 4, प त के भाग (पृ ठ 2.8 से 2.25) पर द गई है। इस
ता लका म थान एकल के लये भारत-अरब सं यांक (Indo-Arabic Numberals) और
रोमन लघु अ र (Roman Small Letters) का योग कया गया है।
इस ता लका का अंक 1 व व के लये योग म लया गया है तथा अंक 4 से 8 तक
का योग व व के पांच महा वीप (ए शया, यूरोप , अ का, अमर का, आ े लया) के लये
कया गया है। अंक 9 का योग शा त महासागर के भू भाग ( वीप व वीप समू ह ) तथा
व व के पांच बडे महासागर ( ह द, एटलां टक, शा त, एंटाक टक, आक टक) के लये हु आ है।
106
उदाहरणाथ -
1 World
4 Asia
5 Europe
8 Australia
937 New Zealand
95 Indian Ocean इ या द।
ता लका क एकल सं या 1 व व को, व भ न क टबंध म वभािजत, कर वगाक
कये गये ह।
उदाहरणाथ -
191 Equitorial Zone
192 Tropical Zone
195 Temperate Zone इ या द
इसी कार भौगो लक एकल सं या 19 के साथ रोमन बड़े अ र का योग करके,
व व के व भ न दशासूचक अंक बनाये जा सकते ह। जैसे -
19S Northern World
19E Far Eastern Countries
उपयु त उदाहरण म थम अंक 1 व व का सूचक है तथा दूसरा अंक 9 र तांक है।
रोमन द घ अ र दशासू चक अंक के प म यु त हु ये ह।
अंक 1 को व भ न व धय वारा वभािजत कर, अनेक कार के भौगो लक े के
वगाक न मत कये गये है।
उदाहरणाथ -
(अ) अ यारोपण व ध (SID) का योग कर, ऐसे सा ा य के वगाक न मत कये
गये ह, जो एक से अ धक े म फैले हु ये ह।
(ब) काल म व ध (CD) का योग कर व व के अनेक लगभग सावभौम े
(Near sovereign areas) के वगाक न मत कये गये ह।
(स) वषय व ध (SD) के आधार पर व व के एक सी वशेषता रखने वाले े का
त न ध व करने वाले थान एकल के वगाक न मत कये गये ह।
उपरो त व धय वारा न मत वगाक का सोदाहरण व तृत ववरण इस इकाई के
आगे के पृ ठ म कया गया है।
मातृदे श के पु तकालय, अपने मातृदे श से स बि धत सा ह य के लए ता लका म दये
गये वगाक का योग न करके, भौगो लक एकल सं या 2 का योग मातृदे श के लये करने का
ावधान है। इस ावधान के प रणाम व प उसके थान पर एकल सं या 2 का योग कर
सकगे। ऐसा करने से थान एकल सं या म कम से कम एक अंक क बचत होगी। य द यह
ावधान नह ं होता तो मातृदे श के भी वगाक, भौगो लक ता लका के अनुसार कम से कम दो

107
या इससे भी अ धक अंक म न मत होते। इस ावधान का एक लाभ यह भी है क मातृदे श
के पु तकालय म अनेक दे श से संबं धत सा ह य, अ य दे श क तु लना म वत: वर यता के
म म यवि थत हो सकेगा। उदाहरणाथ - भारत दे श के पु तकालय म य द इस ावधान के
अनुसार वगाक दान करगे तो ता लका म द गई भौगो लक एकल सं या 44 के थान पर 2
का योग करगे। इस कार वर यता के म म भारत दे श से संबं धत लेख अ य दे श क
तु लना म वत: ह फलक यव था म पहले यवि थत हो सकगे और एक अंक क मी बचत
होगी।
इस स ा त से मत य यता के स ा त क भी अनुपालना हु ई है। इस स ा त से
थानीय भ नता (Principle of Local Variation) को भी संतु ि ट ा त होगी। उदाहरणाथ -
Economic conditions of India का वगाक X.44 बनता है। क तु मातृदे श के
ावधान से यह वगाक X.2 ह बनेगा । इससे थान प क एकल सं या म एक अंक क
बचत हु ई है। य द पा क तान के पु तकालय इस ावधान के अनुसार वग करण करते ह तो वहां
के पु तकालय म भी उ त वषय का वगाक X.44Q7 के थान पर X.2 ह बनेगा। इस
कार इस ावधान से पा क तान दे श के पु तकालय के थान एकल म तीन अंक क बचत
होती है।
भौगो लक एकल सं या 3 का योग वरे य दे श (Favoured country) के लये कया
जा सकता है। वरे य दे श वह दे श होता है, िजस पर मातृदे श के बाद सबसे अ धक सं या म
सा ह य सं ह त होने क संभावना होती है। उदाहरणाथ-भारत के संदभ म वरे य दे श ेट टे न
को माना जाना चा हये, य क इस दे श से भारत के लगभग दो शताि दय तक गाढ़ संबध

रहे है। अत: न चय ह हमारे दे श के पु तकालय म भारत दे श के बाद, ेट टे न से संबं धत
सा ह य का सं ह ह अ धक होगा। व व के अ य दे श के संदभ म वरे य दे श, पृथक -पृथक हो
सकते ह। यह संबं धत दे श के पु तकालय क नी त पर नभर करता है।
रं गनाथन ने मातृदे श के लये अंक 2 तथा वरे य दे श के लये अंक 3 का ावधान
कर, अपने दे श से संबं धत सा ह य को थम थान पर रखने तथा अपने दे श के बाद उस दे श
के सा ह य को दूसरे वर यता म म रखा है िजस दे श के साथ उसके घ न ठ संबध
ं रहे ह तथा
उस दे श से संबं धत सा ह य के अ धक सं या म सं ह त कये जाने क संभावना रहती है।
न न ल खत उदाहरण वर यता के इस म को प ट करते ह-
Economic conditions of IndiaX.2
Economic conditions of Great BritainX.3
उपयु त उदाहरण म भारत के लये थान एकल 44 के थान पर 2 का तथा ेट
टे न के लये 56 के थान पर 3 का योग कया गया है। इस स ा त के भी वे सभी लाभ
ह िजनका उ लेख मातृदेश के संदभ म या जा चु का है।
भौगो लक एकल सं या 4 से 9 का योग व व के राजनी तक वभाग के लये कया
ग य है। 4 से 8 तक के अंक का योग व व के पांच महा वीप के लये कया गया है।
जब क अंक 9 व इसके वभाजन का योग शा त महासागर के भूभाग ( वीप व वीप

108
समू ह ) तथा व व के पांच बडे महासागर (Oceans) के लये कया गया है। इस कार व व
के सम त थल व जल से बनने वाले भौगो लक े को 4 से 9 तक के अंक वारा द शत
कया गया है। उदाहरणाथ
4 ए शया महा वीप
5 यूरोप महा वीप
6 अ का महा वीप
7 अमर का महा वीप
8 आ े लया महा वीप
93 शा त महासागर के अ तगत आने वाले वीप व वीप समू ह
95 ह द महासागर
96 अटलां टक महासागर
97 शा त महासागर
983 ए टाक टक महासागर
987 आक टक महासागर
भौगो लक एकल क ता लका के 4 से 8 तक के येक अंक, एक एक महा वीप के
सूचक अंक ह। इन अंक को दशमलव ख ड व ध से वभािजत कर, उस महा वीप के अ तगत
आने वाले दे श के, दे श के अंक को वभािजत कर, उनके दे श के, दे श के अंक को
वभािजत कर शहर , क ब इ या द से संबं धत सू चक वग अंक न मत कये गये ह। नीचे दये
गये उदाहरण से यह प ट है-
4 ए शया महा वीप
44 भारत (ए शया महा वीप का एक दे श)
4437 राज थान (भारत दे श का एक दे श)
4437.J जयपुर (राज थान दे श का एक शहर)
इसी कार -
5 यूरोप महा वीप
56 ेट टे न तथा आयरलै ड
561 इं लै ड
561.L लंदन
अंक 9 को भी दशमलव ख ड व ध से वभािजत कया गया है। इसके उप वभाजन 93
का उपयोग शा त महासागर के अ दर उभरे भू भाग ( वीप व वीप समू ह ) को दशाने म
कया गया है। उदाहरणाथ -
931 फ ल प स तथा अ य संबं धत वीप
9368 फजी वीप
9392 हवाई वीप इ या द।

109
भौगो लक एकल क इस ता लका म भारत दे श के क तपय दे श के पुनगठन के
कारण तथा भौगो लक सीमाओं म प रवतन के कारण उनके नाम म प रवतन हु ये है। इस
कारण ता लका के पृ ठ 2.12 पर इन दे श के प रव तत नाम व उनके वगाक दये गये ह।
वगकार को इन दे श के वगाक के लये प रव तत एकल सं याओं का ह योग करना
चा हये। उदाहरणाथ –
1956 म राजपूताना के पुनगठन के बाद इसका नाम बदलकर राज थान कर दया
गया है। अत: प रव तत वगाक 4482 के थान पर 4437 दया गया है।
इसी कार म ास का नाम बदलकर त मलनाडु तथा मैसू र का कनाटक कर दया गया
है। ऐसे ह प रवतन उ तर दे श, म य दे श, उड़ीसा, बहार, द ल के वगाक म कये गये ह।
अत: वगकार को इन दे श के लये वगाक न मत करते समय पृ ठ 2.12 पर दये गये
प रव तत वगाक का ह योग करना चा हये। यहां इन प रवतन से संबं धत क तपय उदाहरण
दये जा रहे ह-
भारत म दे श के 1956 के पूव भारत म दे श के 1956 म पुनगठन के बाद
के नाम व उनके वगाक के प रव तत नाम व उनके वगाक
म ास (44111) त मलनाडु (4411)
मैसरू (4424) कनाटक (4413)
राजपूताना (4482) राज थान (4437)
बंगाल (4462) बंगाल (पि चम) (4475)
पंजाब (4436) पंजाब (पूव ) (4443)
वतमान संदभ म प रव तत नाम का ह योग कया जाना चा हये। य द कसी दे श
का अ ययन उसके ाचीन इ तहास इ या द के संदभ म कया जा रहा हो तो वहां पुराने वगाक
का योग करना ह उपयु त होगा।
उदाहरणाथ -
History of Rajputana V4482
History of Punjab before partition V4436
भौगो लक एकल से संबं धत ता लका 4 म िजन एकल का उ लेख कया गया है वे
राजनी तक व ाकृ तक वभाजन से संबं धत है।
ाकृ तक वभाजन से संबं धत जो एकल पृ ठ 2.17 पर डे टा, जंगल, घाट , नद ,
पवत, झील इ या द के लये थान प के दूसरे तर [S2] के प म दये गये ह। उनके
वगाक म संशोधन करने क आव यकता अनुभव क गई अत: इन सभी एकल को नर त कर
इनके थान पर प त के पुनमु त सं करण 6 (1963) के पृ ठ 26 पर ाकृ तक वशेषताओं
(Physical Features) के सू चक नये एकल का उ लेख कर दया गया है। अब इनके लये
रोमन छोटे अ र का योग कया गया है।
संशो धत एकल न न ल खत ह-
A Geosphereg 7 Mountain

110
e5 Delta j Hydrosphere
e6 Island p1 River
f Forest p6 Lake
g1 Valley r Ocean
इन संशो धत एकल के वारा जो वगाक बनगे वे इस कार ह गे
Physical geography of mountainsU2.g7
संशोधन से पूव इसका वगाक U2.124 बनता था।
िजस कार ाकृ तक वभाजन से संबं धत एकल मे संशोधन कया गया है। उसी
कार अनेक संशोधन राजनी तक वभाजन से संबं धत एकल म भी कये गये ह। प त के
नयम भाग के अ याय (पृ ठ 1.51) पर दये गये अनेक नयम म संशोधन कया गया है।
राजनी तक वभाजन का इन संशोधन के वारा जनसं या समूह (Population
cluster) के आधार पर वभािजत कर छोटे भौगो लक े के वगाक न मत कये जा सकते
ह । संशोधन से पूव के ावधान के अनुसार , य द कसी दे श के कसी दे श को, शहर या गांव
जैसी छोट इकाई म वभािजत करना होता था तो दशमलव ख ड व ध का ह योग कया
जाता था। प रणाम व प शहर व गांव क बढ़ती सं या के कारण ये वगाक काफ ल बे बनते
थे। इस कारण थान प के इस तर का ावधान कर, थान एकल क सं या को सी मत
कया जा सका है।
दशानुसार वभाजन के प म एक और संशोधन करने से अब राजनी तक वभाजन
को दशासू चक अंक दान कये जा सकते है। भौगो लक एकल के इन सभी वभाजन के
ायो गक उपयोग का ववेचन इस इकाई के अगले पृ ठ म कया गया है।
भौगो लक एकल क इस ता लका के अ त म, पृ ठ 2.18 से 2.25 पर, वणानु म म
यवि थत एक अनु म णका (Index) भी द गई है।

3. थान प का ायो गक उपयोग


इस इकाई म कये गये अभी तक के ववेचन से यह प ट हो चु का है क पुनमु त
सं करण से पूव थान प के केवल दो ह तर थे क तु बाद म कये गये संशोधन से
जनसं या समूह वभाजन और दशानुसार वभाजन के प म दो और तर का ावधान कर,
इन एकल को और व तार दान कया गया है। यहां थान प के इन एकल के ायो गक
उपयोग का व तृत ववेचन सोदाहरण तु त कया जा रहा है।
3.1 राजनी तक वभाजन
राजनी तक वभाजन का उ लेख ता लका के पृ ठ 2.8 से 2.17 पर कया गया है।
इनके लये भारत-अरब अंक 1 से 9 का योग कया गया है । अंक 1 व व के लये तथा
अंक 4 से 8 का योग मशः ए शया, यूरोप, अ का, अमर का, आ े लया महा वीप के लये
तथा अंक 9 के अ तगत व व के पांच महासागर ( ह द, एटलां टक, शा त, एंटाक टक,
आक टक) को रखा गया है। अ य वभाजन क अपे ा इनका योग बहु तायत से होता है।

111
इनका योग मु य वग व उसके कसी भी प के साथ, जहां कह ं भी आव यकता हो कया
जा सकता है। इसके लये थान प के योजक च ह ब दु (.) का योग कया जाता है।
उदाहरणाथ –
1. Travels round the world U8.1
2. Higher education in Oxford T4.561.O
3. Stroms in Rajasthan U2835.4437
4. Physical geography of Fiji U2.9368
5. Fishing in the Pacific MY65.97
3.2 जनसं या समू ह वभाजन
व ब दु वग करण प त के पुनमु त सं करण के नयम भाग म संशोधन कर
जनसं या समू ह वभाजन के प म थान प के एक और तर का ावधान कर दया गया
है। इसके आधार पर कसी बड़े भौगो लक े को छोटे े म बांटा जा सकता है। संशो धत
ावधान के अनुसार कसी ाम क एकल सं या न मत करने के लये संबं धत िजले क वग
सं या के साथ, कसी शहर या क बे के लये संबं धत दे श क वग सं या के साथ उस क बा
या शहर के नाम के थम अ र को वण म व ध (A.D.) से ा त कर, थान प के तर
के प म लगाया जाता है। थान प के तर के प म योग होने के कारण इनका योग
थान प के योजक च ह ब दु (.) के साथ ह कया जाता है। दूसरे श द म राजनी तक
वभाजन (जो िजला, दे श इ या द के प म हो सकता है) और जनसं या समू ह वभाजन
िजसे कसी शहर या क बा को यि त व दान करने के लये वण म व ध से ा त कया
जाता है के म य योजक च ह ब दु (.) का योग कया जाता है।
उदाहरणाथ
Building engineering of Jaipur city D3.4437.J
Earthquakes in Koyana (M.P) H4132.4455
उपरो त उदाहरण म दे श क एकल सं याओं को वण म व ध के वारा शहर से
संबं धत एकल सं याएं ा त क गई है। थान प के तर के प म यु त होने के कारण
दे श क एकल सं या और जनसं या समूह वभाजन क एकल सं या के बीच थान प के
योजक च ह ब दु का योग कया गया है।
जब एक ह अ र से ारं भ होने वाले जनसं या समू ह के नाम एक से अ धक ह तो
उ ह पृथक-पृथक यि त व दे ने क आव यकता होती है। अत: इसके लये वण म व ध के
नयम का पालन करना चा हये। अथात ् थम यु त होने वाले शहर, क बे या गांव के लये
उसके नाम के थम अ र का योग, तथा उसी अ र से ारं भ होने वाले अ य शहर, क बे या
गांव के नाम के लये उसके थम दो अ र का योग करना चा हये ता क दोन को पृथक-
पृथक यि त व दान कया जा सके।
उदाहरणाथ -
Eduction in Madras city T.4411.M
Eduction in Madurai city T.4411.MA
112
उपरो त उदाहरण म म ास और मदुराई दोन त मलनाडू रा य के शहर ह अत: पृथक-
पृथक यि त व दान करने क ि ट से एक के साथ शहर के नाम का पहला अ र (M)
यु त हु आ है, जब क दूस रे के साथ उसके नाम के थम दो अ र (MA) का योग कया
गया है।
3.3 दशानुसार वभाजन
कसी भी भौगो लक अंक को, चाहे उसका योग कसी दे श, दे श, िजला, शहर, क बा
या ाम के प म य न हु आ हो, उसे कसी व श ट दशानुसार इं गत करने क आव यकता
हो सकती है। भौगो लक एकल क ता लका के पृ ठ 2.8 पर एकल सं या 1, जो व व के
लये यु त हु ई है, के स य दशानुसार वभाजन उ लेख कर दया गया है।
उदाहरणाथ -
South West world 19L
Far Eastern countries 19E
उपरो त उदाहरण म भौगो लक अंक 1 व व का सू चक है तथा इसको वभािजत करने
वाला दूसरा अंक 9 र तांक है। रोमन बडा अ र L द ण पि चम दशा का सू चक है। यहां 1
के साथ यु त अंक 9, कसी नये तर के प म यु त नह ं हु आ है। क तु जब इसका
योग कसी अ य राजनी तक वभाजन के साथ कया जाता है तो ये एक नये तर के प म
यु त होते ह और दोन के म य थान प के योजक च ह ब दु (.) का योग कया जाता
है। कसी राजनी तक वभाजन के साथ योग होने पर व व के सूचक अंक 1 को हटा दया
जाता है।
उदाहरणाथ –
Climate of Western Rajasthan U 287.4437.9M
उपरो त उदाहरण म 4437 (राज थान) एक राजनी तक वभाजन है। इसके साथ
दशासूचक अंक का योग करते समय व व का सू चक अंक 1 हटा दया गया है तथा केवल
9M का योग कया है। थान प के तर के प म यु त होने के कारण, थान प के
संयोजक च ह ब दु (.) का योग कया गया है।
दशासूचक वभाजन से संबं धत संशो धत नयम प र श ट के पृ ठ 21 पर दये गये
ह।
यान रहे क भौगो लक ता लका म, अनेक राजनी तक वभाजन का उ लेख दशाओं
को इं गत करते हु ये कया गया है। अत: ऐसे भौगो लक एकल का योग करते समय उनके
साथ दशासूचक अंक लगाने क आव यकता नह ं है। ऐसे क तपय एकल का यहां उ लेख कया
जा रहा है-
South East Asia 43
West Africa 65
North America 71 इ या द

113
3.4 ाकृ तक वभाजन
भौगो लक एकल क ता लका के पृ ठ 2.17 पर थान प के दूसरे तर [S2] के प
म ाकृ तक वभाजन का उ लेख कया हु आ है। ये वभाजन ाकृ तक वशेषताओं जैसे जंगल,
नद , घाट , झील, समु , पवत इ या द से संबं धत ह। प त म इनके लये ह द अरबी अंक
का योग कया गया है।
उदाहरणाथ -
124 Forest
16 Valley
2 Mountain इ या द।
प त म पुनमु त सं करण म इन सभी एकल को नर त कर दया गया है और
इनके थान पर संशो धत एकल, प र श ट के पृ ठ 26 पर दये गये है। संशो धत एकल रोमन
छोटे अ र से न मत कये गये ह। जैसे –
f Forest
g1 Valley
g7 Mountain
r Ocean इ या द।
इनका योग (अ) राजनी तक वभाजन के साथ थान प के तर के प म कया
जा सकता है। राजनी तक वभाजन व ाकृ तक वभाजन के म य थान प के योजक च ह
ब दु (.) का योग कया जाता है। जैसे-
Physical geography of Asian mountains U2.4.g7
(ब) इनका योग राजनी तक वभाजन के जनसं या समू ह के साथ भी थान प के
तर के प म कया जा सकता है। जैसे-
Lakes of Bhopal city (M.P.) U.4454.B.p6
(स) इनका योग दशानुसार वभाजन के साथ भी थान प के तर के प म
कया जा सकता है। जैस-े
Hills of Northern region of Jaipur city U.4437.J.9S.g7
(द) इनका योग बना कसी भौगो लक वभाजन के भी कया जा सकता है । जैसे-
Physical geography of mountains U2.g7
River valley civilization Y:1.g1
यद कसी ाकृ तक वभाजन को यि त व दान करने क आव यकता हो तो,
संबं धत एकल को वण म व ध (AD) वारा व श टता दान क जा सकती है। ऐसी ि थ त
म ाकृ तक वभाजन जैसे नद , झील, घाट , पवत, इ या द से संबं धत एकल के साथ उसके
नाम का थम एक या दो अ र का योग कर व श टता दान क जा सकती है।
उदाहरणाथ -
Physical geography of Himalayas U2.4.g7H

114
Agriculture on Aravali hills J.4437.g7A
उपरो त उदाहरण म हमालय पहाड को इसके नाम के थम अ र H के वारा तथा
अरावल पवत को उसके नाम के थम अ र A के वारा यि त व दान कया गया है।
3.5 थान प के वभाजन का म
थान प के कु ल चार तर ह जो चार कार के वभाजन को दशाते ह। राजनी तक
वभाजन का बहु तायत से उपयोग होता है। राजनी तक वभाजन को जनसं या समू ह वभाजन
वारा पुन : वभािजत कर छोटे भौगो लक े जैसे शहर, क बा इ या द म बांटा जा सकता है।
राजनी तक वभाजन के साथ दशासूचक एकल सं याओं का योग कर व श ट दशाओं के
साथ इं गत कया जा सकता है। इसी कार ाकृ तक वशेषता वाले वभाजन का योग भी
राजनी तक वभाजन के साथ तथा बना राजनी तक वभाजन के, दोन कार से कया जा
सकता है। क तु जब एक साथ एक से अ धक तर के योग करने क आव यकता हो तो
उनका योग एक सु नि चत म म ह कया जाना चा हये। इस संबध
ं म प र श ट के पृ ठ
19 पर दये गये नयम 407 को ि टगत रखना होगा। इस नयम के अनुसार अ य तर से
पहले राजनी तक वभाजन सबसे पहले यु त ह गे। इसके बाद राजनी तक वभाजन से संबं धत
कोई जनसं या समू ह वभाजन (य द है तो) योग कया जाता है। इसके बाद दशानुसार
वभाजन का योग कया जा सकता है।
उदाहरणाथ -
Crimes in Jaipur city Y:45.4437.J
उपरो त उदाहरण म 4437 (राज थान) एक राजनी तक वभाजन है। जयपुर ,
राज थान दे श का एक शहर है जो जनसं या समू ह वभाजन को दशाता है। वण म व ध का
योग कर इसे राजनी तक वभाजन के तर के प म योग कया गया है। य द इसके साथ
दशानुसार वभाजन भी दशाने क आव यकता हो तो इसे भी एक पृथक तर के प म जयपुर
(4437.J) के बाद योग म लाया जा सकता है, जैसा क न न ल खत उदाहरण म दशाया
गया है-
Crimes inside Jaipur city Y:45.4437.J.9X
उपरो त उदाहरण म inside श द दशानुसार वभाजन का सू चक है, अत: इसे
नयमानुसार जयपुर के बाद एक पृथक तर के प म योग कया गया है। एक तर के बाद,
दूसरे तर का योग करने पर थान प के योजक च ह ब दु (.) का योग कया गया है।
ाकृ तक वभाजन का योग राजनी तक वभाजन के बाद, बना राजनी तक वभाजन
के सीधे मु य वग या उसके कसी प के साथ, तथा जनसं या समू ह वभाजन के बाद भी
ं ने व तृत ववेचन इस इकाई के उप वभाजन 3.4 के अ तगत
कया जा सकता है। इस संबध
कया जा चु का है। यहां एक और उदाहरण वारा इसे प ट कया जा रहा है।
उदाहरणाथ -
Agriculture on Northern Arevalo hills (Raj) J.4437.g7A.9S
यहां 4437  राज थान (राजनी तक वभाजन)

115
g7  पवत ( ाकृ तक वभाजन)
A  अरावल पवत को यि त व दान करने कं लये वण म व ध
वारा ा त कया गया है।
9S  पि चम दशा का सूचक अंक-यह दशानुसार वभाजन है जो थान
प के एक तर के प म यु त हु आ है।
इस कार उपयु त उदाहरण म नयमानुसार पहले राजनी तक वभाजन, उसके बाद
ाकृ तक वभाजन और उसके बाद दशासूचक वभाजन यु त हु ये है।

4. थान प का भौगो लक व ध के प म योग


व ब दु वग करण प त म थान प के एकल को भौगो लक व ध से योग म
लाने के नदश नयम भाग तथा अनुसच
ू ी म यथा थान दये गये ह। इस व ध से मु य वग
इ तहास, कानून , ल लत कला इ या द म यि त व प क एकल सं याएं ा त करने के
नदश दये गये ह। उदाहरणाथ -
History of world V1
French law Z53
Indian paintings NQ44
उपरो त उदाहरण म यि त व प के लये एकल सं याएं भौगो लक व ध से ा त
क गई ह।
इसी कार मु य वग म समाजशा म कसी व श ट भौगो लक े म रहने वाले
समु दाय के वगाक भी भौगो लक व ध से ा त करने के नदश ह। उदाहरणाथ -
Australian social group Y78
यहां Y78= Race as a social group है।
इसके लये भौगो लक व ध से आ े लया का अंक 8 ा त करने से एक ऐसे समु दाय
का वगाक बन गया जो आ े लया के भू भाग पर नवास करता है।
इसी कार के नदश ामा णक वग R8 other systems by (GD) के प म दये
गये ह। अथात, अ य दे श के दशन संबध
ं ी वगाक न मत करने के लये, संबं धत दे श क
एकल सं या भौगो लक व ध से ा त क जानी चा हये।
उदाहरणाथ -
German Philosophy R855
एकल सं या 55 = जमन दे श के लये यु त हु ई है िजसे R8 ामा णक वग के
अ तगत दये गये नदशानुसार , भौगो लक व ध से ा त कया गया है।
मु य वग P linguistics (भाषा शा ) म एकल सं या 4 से 9 का योग कर, दूसरे
दे श क भाषाओं के वगाक न मत कये जा सकते है। जैसे – Sumerian language P467
यहां भौगो लक एकल 467 ईराक (मैसोपोटा मया) का है, जहां से सु मे रयन भाषा का
उ व हु आ।

116
इसी कार अनेक सामा य एकल के लये भी यि त व प क एकल सं याओं को
भौगो लक व ध से ा त करने के नदश दये गये ह। उदाहरणाथ -
British journal of Medical science Lm56
History of Library science in India 2v44
Biography of Chinese cartographers U11w41
उपरो त उदाहरण म पूववत सामा य एकल m= Periodical, v= History तथा w=
Biography के लये यि त व प क एकल सं याएं भौगो लक व ध से ा त क गई ह।

5. व भ न व धय वारा थान एकल का नमाण


व ब दु वग करण प त म भौगो लक व ध के अलावा अ यारोपण व ध (SID),
काल म व ध (CD) तथा वषय व ध (SD) वारा भी थान एकल के नमाण का ावधान
ं म ता लका के पृ ठ 2.8 पर क तपय उदाहरण दये गये ह । प त के नयम
है। इस संबध
भाग म भी इन व धय के योग संबध
ं ी नयम यथा थान दये गये है।
यहां इन व धय वारा वगाक न मत करने के संबध
ं म जानकार द जा रह है।
5.1 अ यारोपण व ध वारा थान एकल का नमाण
इस व ध के वारा ऐसे सा ा य के वगाक न मत कये जा सकते ह, िजनका े दो
अ धक महा वीप म फैला हु आ है। नयमानुसार शासक दे श के अंक को, 1 व व पर
अ यारो पत कया जाता है।
उदाहरणाथ :-
French empire 1-53
British empire 1-56
5.2 काल म व ध वारा थान एकल का नमाण
इस व ध के वारा व व क सू चक एकल सं या 1 को काल मक वशेषताओं के
आधार पर वभािजत कर व व क लगभग सव भु ता स प न सं थाओं (Near sovereign
organisations) के वगाक न मत कये गये ह। ऐसी सं थाऐं दो या अ धक महा वीप के
अ तगत आने वाले दे श से मलकर बनती ह।
उदाहरणाथ -
League of Nations area 1N
United Nations orgainsation 1N4
The Commonwealth area 1N48
उपरो त अ तरा य सं थाओं के े के वगाक, काल म व ध वारा न मत कये
गये ह। सं था के थापना काल को नयमानुसार शता द /दशा द /वष अंक के वारा व श टता
दान क गई है।
5.3 वषय व ध वारा थान एकल का नमाण
इस व ध के वारा ऐसे दे श के वगाक न मत कये जा सकते ह, जो दो या अ धक
महा वीप म फैले हु ए हो, क तु एक जैसी वशेषताओं के कारण एक इकाई का प धारण कर

117
लेते ह। व व के ऐसे े के वगाक न मत करने के लये एकल सं या 1 ( व व) को,
संबं धत वषय वशेषता के आधार पर, वषय व ध वारा वभािजत कर दया जाता है ।
उदाहरणाथ:-
Muslim countries 1(Q7)
English speaking courtries 1(P111)
य द ऐसी वशेषता कसी महा वीप अथवा दे श म न हत है तो उसे भी संबं धत
वशेषता के आधार पर, वषय व ध वारा वभािजत कर, वगाक न मत कये जा सकते ह।
उदाहरणाथ :-
European morarchies 5(W4)
Hindi speaking States of India 44(P152)
उपरो त उदाहरण म भौगो लक एकल को, वषय वशेषताओं के आधार पर, वषय
वध वारा व श टता दान क गई है।

6. सारांश
व ब दु वग करण प त पांच मू लभूत े णय क अवधारणा पर आधा रत है। पांच
मू लभू त े णय के आधार पर कसी वषय को पांच प मे वभािजत कया जा सकता है।
येक प वषय म न हत वशेषताओं का सू चक होता है। थान प भी एक ऐसा ह प है।
प त के भाग 2 म थान प से संबं धत एक व तृत ता लका द गई है, साथ ह ता लका
क वणानु म म यवि थत एक अनु म णका भी द गई है।
व ब दु प त के छठवे सं करण म थान एकल के दो तर का ह उ लेख कया
गया है- पहला राजनी तक वभाजन के प म तथा दूसरा ाकृ तक वभाजन के प म।
क तु प त के पुनमु त सं करण म दो अ य तर का ावधान कया गया है। ये दो नये
तर जनसं या समूह वभाजन और दशानुसार वभाजन है। इस कार कु ल चार तर का
ावधान इस प त म है। राजनी तक वभाजन का बहु तायत से उपयोग कया जाता है।
जनसं या समू ह वभाजन तथा दशानुसार वभाजन का योग राजनी तक वभाजन के साथ
ह हो सकता है, क तु ाकृ तक वशेषताओं वाले वभाजन का योग बना राजनी तक
वभाजन के साथ भी कया जा सकता है। जब एक से अ धक वभाजन का योग करना हो
तो, इस संबध
ं म प त म दये गये नयम का पालन करना चा हये।
थान एकल को व तार दान करने तथा उ ह व श टता दान करने क ि ट से
अनेक कार क व धय का ावधान भी प त म कया गया है। भौगो लक व ध के वारा
थान प के एकल को ा त करने के नदश अनुसच
ू ी म तथा नयम भाग म यथा थान
दये गये ह। ऐसे ह ावधान अ यारोपण व ध, काल म व ध व वषय व ध के वारा इन
एकल को न मत करने के लये कये गये है। वण म व ध का योग भी जनसं या समू ह
वभाजन के लये कया गया है। इस व ध का योग ाकृ तक वभाजन को यि त व दान
करने के लए भी कया गया है। संशो धत ावधान के बाद थान प क ता लका, अ धक
व तृत न होते हु ये भी ायो गक वग करण के लये एक स पूण ता लका है।

118
7. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइए-
1. Economic conditions of Pakistan
2. Oceanography of the Arctic
3. Earthquakes in Gujarat
4. Road transport in Delhi
5. Crimes in Mumbai
6. Rainfall in Barmer (Rajasthan)
7. A trip to Udaipur (Rajasthan)
8. Rail road transport in Zurich (Switzerland)
9. Temperature of Shimla (HP)
10. Higher education in Cambridge (U.K.)
11. Travels to South West India
12. Crimes in North Assam
13. North eastern zone of Asia
14. Climate of Middle-east
15. Folklores of Western Rajasthan.
16. Agriculture in valleys
17. Wheat growing in Gangetic valley
18. Expedition to Himalayas
19. Physical geography of Vindya mountains
20. Wild life in deserts of Africa.
21. Customs of mountain regions of Western Jammu & Kashmir
22. Rice growing in deltas of South West India
23. Economic geography of lakes of Udaipur city
24. Farming of grass in deserts of Jaisalmer (Raj)
25. Chinese philosophy
26. African law
27. Greek architecture
28. Indian music
29. Conference of Indian Library scientists
30. Roman empire
31. Christian countries
32. English speaking states of India
119
33. History of U.N.O. (Established in 1945)
34. Rice growing states of India
35. Under developed countries
36. African countries with gold mines.

4. मु य श द
मातृदे श  जो पु तकालय िजस दे श म अवि थत होता है , वह दे श उस
पु तकालय के लये मातृदे श होता है। व ब दु वग करण प त म ऐसे
दे श के लये थान प क एकल सं या 2 का ावधान है।
वरे य  मातृदे श के बाद िजस दे श को वर यता म म लाना हो, उसे मातृदे श
दे श के पु तकालय, वरे य दे श मान लेते ह। िजससे उस दे श से संबं धत
सा ह य को मातृदे श के बाद वर यता के म म यवि थत कया जा
सके। व ब दु वग करण प त म ऐसे दे श के लये थान प क
एकल सं या 3 का ावधान कया गया है।

9. व तृत अ ययनाथ ंथ सू ची
1. Krishan Kumar, Theory of Classification, Reved.4, New Delhi,
Vikas, Publisher, 1988
2. Ranganathan, S.R. Colon Classification. Ed. 6. (Reprint) Bombay,
Asia Publishing House, 1963
3. Satija, M.P. Manual of Colon Classification. New Delhi, Sterling
Publishers, 1984
4. चाँपावत, जी. एस. व ब दु वग करण, ायो गक अ ययन, वतीय संशो धत
सं करण, जयपुर , आर. बी. एस. ए. पि लशस (1989)

120
इकाई 5 : कालप [T] का ायो गक उपयोग
उ े य
1. कालप क सामा य जानकार दे ना,
2. कालप के तर का ान दान करना,
3. कालप के ायो गक उपयोग को समझाना,
4. काल मक व ध के प म कालप के ायो गक उपयोग क जानकार दे ना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. कालप के तर
2.1 कालप ता लका : व लेषण
2.2 संकेतक च ह
3. कालप का ायो गक उपयोग
3.1 ईसा पूव काल (B.C. Time)
3.2 ईसा काल (A.D. Time)
3.3 अि तम भावी दशक (LED)
3.4 प रसी मत समय अव ध (Bounded duration of Time)
3.5 भू तकाल एवं भ व य काल
3.6 भू वै ा नक काल
4. कालप का काल म व ध के प म ायो गक उपयोग
5. सारांश
6. अ यासाथ न
7. मु य श द
8. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
डॉ. रं गनाथन वारा तपा दत व ब दु वग करण प त का अ याय-3 (पृ ठ 2.7)
कालप के एकल से संबं धत है। व तु तः यह एक सामा य अनुसू ची है िजसका योग प त
के कसी भी मु य वग म कया जा सकता है। प त म इस प के एकल का योग उसी
अथ म कया गया है, िजस अथ म साधरणतया इसे समझा जाता है। इसक आव यकता ायः
उन सभी वषय म होती है जहां थानीय ववरण या थानीय इ तहास का अ ययन समय के
संदभ म कया जाता है। प त के अ याय 3 म जो काल एकल क ता लका द गई है उसम
ईसा से पूव का काल (B.C.Time) संबध
ं ी एकल का उ लेख है, साथ ह ईसवी काल (A.D.
Time) से संबं धत एकल का भी ावधान है। इन एकल को शता द , दशा द , वष के प म
योग म लाया जा सकता है। साथ ह ल त काल (Featured time) तथा वायुमंडल य
121
ग त व धय से होने वाले प रवतन के प म मौसम, ऋतु ऐं इ या द से संबं धत एकल दये गये
ह। इस कार यह प त कसी वषय के काल से संबं धत ववरण को पूण पेण अ भ य त
करने म स म है। य य प प त के छठव सं करण म काल एकल को मह ने, दन, घंट ,
मनट इ या द के प म ा त करने का ावधान नह ं है। पांच मूलभूत े णय म काल े णी
सबसे अ धक अमू त (Abstract) तथा सबसे कम मू त (Concrete) है। इस ेणी को
पहचानना अपे ाकृ त आसान है।
कालप का संयोजक च ह एकल उ टा उ हरण च ह (')

2. कालप के तर
व ब दु वग करण प त के अ याय 3 (पृ ठ 2.7) म कालप के दो तर का
उ लेख है।
थम तर [T] के प म िजन एकल का उ लेख है उनके आधार पर ईसा से पूव के
समय (B.C. Time) को द शत कया जा सकता है। इसके लये द घा र का योग कया
गया है। उदाहरणाथ -
A= Before 9999 BC
B= 9999 से 1000 BC
C= 999 से 1 BC
थम तर म ह ई वी काल (A.D. Time) को द शत करने वाल एकल सं याओं
का भी उ लेख है। इसके लये भी रोमन द घा र D से YC तक का योग कया गया है।
उदाहरणाथ -
D= 1 से 999 A.D. (1 से 10 शताि दयाँ)
E = 1000 से 1099 A.D (11 वीं शता द )
F= 1100 से 1199 A.D (12 वीं शता द )
P= 2000 से 2099 A.D (21 वीं शता द ) इ या द
अ याय 3 के ह उप वभाजन 32 के अ तगत कालप के वतीय तर [T2] के
एकल का उ लेख है। यह तर (Featured Time) से संबं धत है। इसम कालच के आधार
पर बनने वाले समय सू चक एकल जैसे दन, रात, गोधू ल वेला, ऋतु ऐं इ या द तथा
वायुम डल य समय जैसे- सू खा, आ , बफ ला समय इ या द से संबं धत एकल सि म लत कये
गये ह। इनको द शत करने के लये रोमन लघु अ र का योग कया गया है। उदाहरणाथ -
C day time
E twilight
n3 summer इ या द ।
कालप के थम तर के साथ य द इसके दूसरे तर का भी योग करना हो तो,
दोन तर से संबं धत एकल का मशः योग कया जा सकता है। ऐसा करने पर उ ह काल
प के संयोजक च ह एकल उलटा उ हरण च ह

122
(') वारा जोड़ा जाता है। पहले थम तर के एकल का, और उसके बाद दूसरे तर के
एकल का योग करना चा हए। आव यकतानुसार इन तर का पृथक -पृथक भी योग कया जा
सकता है। उदाथरणाथ –
1. Rainfalls during the year 1999 U2855'N99
2. Rainfalls during Winters U2855'n7
3. Rainfalls during Winters of1999 U2855'N99'n7
उपरो त उदाहरण म- थम उदाहरण म काल एकल के थम तर के प म वष
1999 (N 99) का योग कया गया है। दूसरे उदाहरण म काल एकल के दूसरे तर के प
म सद के मौसम क सू चक एकल सं या (n7) का योग कया गया है। जब क तीसरे
उदाहरण म थम तर व दूसरे तर क एकल सं याओं का एक साथ योग करने क
आव यकता होने पर इ ह मशः योग कया गया है, अथात पहले थम तर क एकल
सं या का और उसके बाद दूसरे तर क एकल सं या का। दोन के म य, काल के सू चक
संयोजक च ह का योग कया गया है।
2.1 काल प ता लका : व लेषण
ू ी का अ याय 3 (पृ ठ 2.7), काल एकल क
व ब दु वग करण प त क अनुसच
एक ता लका है। व तु तः यह काल एकल क सामा य अनुसू ची है। इसके एकल का योग
आव यकतानुसार कसी भी मु यवग म कया जा सकता है।
काल एकल के दो तर ह । थम तर [T] म ईसा से पूव का काल (BC Time)
तथा ईसवी काल (A.D.Time) से संबं धत एकल के काल मक वभाजन का उ लेख है,
जब क इस ता लका के उप वभाजन 32 के अ तगत ल त काल (Featured time) के प म
काल प के दूसरे तर [T2] के एकल को दया गया है । इस कार इस ता लका के एकल
को, तीन भाग म वभािजत कया जा सकता है-
(अ) ईसा पूव काल (B.C. Time)
(ब) ईसा काल (A.D. Time)
(स) ल त काल (Featured time)
इसके अ त र त ता लका म दया गया वण A भू वै ा नक काल को दशाता है । यह
ईसा से 9999 पूव के काल का योतक है। इस काल को पुन : A1= Eozoic, A2=
Paleozoic इ या द म वभािजत कया गया है। व तु तः भू वै ा नक वकास व प रवतन क
या इतनी धीमी होती है क उ ह मापने म समय क सामा य इकाईयां असहायक स
होती है। अत: ामा णक वग H6 जीवा म व ान (Paleontology) के लये इन काल एकल
का योग, वहाँ दये गये नयम के अ तगत कया जाता है।
वण B तथा C ईसा से पूव के समय (Before Christ Era) के सू चक है। इसम B
9000 वष (9999 BC से 1000BC) के लये यु त हु आ है, तथा वण C 1000 वष
(999 से 1BC) के लये यु त हु आ है। ईसा से पूव के काल के वगाक न मत करने के

123
लये रं गनाथन ने एक व ध, Method of Complements अपनाई है। इसका ववेचन इस
इकाई के आगे के पृ ठ म कया गया है।
वण D से YC ईसवीं काल के योतक ह। अकेला वण D, ईसवीं काल के थम
1000 वष (1AD से 999 AD) को दशाने के लये यु त हु आ है। जब क E से YC तक
के येक वण, एक एक शता द के लये यु त हुये ह।
उदाथरणाथ –
D = 1 से 999 (1000 वष अथात ् 10 शताि दय के लये)
E = 1000 से 1099 (11वीं शता द के लये)
G = 1200 से 1299 (13 वीं शता द के लये)
I = 1400 से 1499 (15 वीं शता द के लये
L = 1700 से 1799 (18वीं शता द के लये)
N = 1900 से 1999 (20वीं शता द के लये)
YC = 3100 से 3199 (32वीं शता द के लये)
ायो गक वग करण म, शता द (Century) अंक को 0,1 से 9 म वभािजत कर
दशाि दय (Decades) म वभािजत कया जा सकता है। येक दशा द अंक को पुन : 0,1 से
9 अंक वारा वभािजत कर वष (Year) अंक म वभािजत कया जा सकता है।
उदाहरणाथ-
वण N= 19900-1999 (20 वीं शता द के लये यु त हु आ है) इसे 10 दशाि दय
म तथा येक दशा द को पुन : दस वष के ख ड म न न ल खत कार से वभािजत कया
जा सकता है -
N = 1900 से 1999 (100 वष का काल अथात ् एक शता द )
N9 = 1990 से 1999 (10 वष का काल अथात ् एक दशक)
N90 = 1990 (1 वष का काल अथात ् एक वष)
ायो गक वग करण क ि ट से वभाजन क इस या के आधार पर न मत
दशाि दय व वष के वगाक को न मत करने संबं ध नयम का, उदाहरण स हत, ववेचन इस
इकाई के आगे के पृ ठ म कया गया है।
इस ता लका म काल प का दूसरा तर [T2] ल त काल (Featured Time) के
प म यु त हु आ है। इस तर के एकल मौसम, ऋतु ऐ,ं वायुम डल य ग त व धय से होने
वाले प रवतन इ या द से संबं धत ह । इन एकल के लए रोमन लघु अ र का योग कया
गया है। जैसे-
C Day time
D Night
N Season
n1 Spring

124
n5 Autumn
n7 Winter
p1 Dry period इ या द ।
ता लका 3 के एकल का ायो गक उपयोग संबध
ं ी ववेचन इस इकाई के आगे के पृ ठ
म कया गया है।
2.2. संकेतक च ह
काल प का संकेतक च ह एकल उलटा उ हरण (') है। व ब दु वग करण प त के
थम सं करण से तृतीय सं करण तक, काल प का संकेतक च ह व ब दु (:) ह था।
चतुथ सं करण से छठव सं करण तक काल एकल का संकेतक च ह ब दु (.) था। क तु
प त के पुनमु त सं करण 6 (1963) म इसका संकेतक च ह एकल उ टा उ हरण च ह
(') कर दया गया है। क तु यान रहे क व ब दु वग करण प त के छठव सं करण क
अनुसू चय म तथा नयम भाग म भी सभी थान पर इसके लये संयोजक च ह ब दु (.) का
ह योग कया गया है। क तु ायो गक वग करण म काल एकल के लये ब दु के थान पर
एकल उ टा च ह उ हरण का योग ह कया जाना चा हए।

3. काल एकल का ायो गक उपयोग


जैसा क इससे पूव के पृ ठ म बताया जा चु का है क काल प क आव यकता उन
सभी वषय म होती है जहां थानीय ववरण या इ तहास का अ ययन समय के संदभ म
कया जाता है। व ब दु वग करण प त क अनुसू ची के अ याय 3 म द गई एकल ता लका
का उपयोग, ायो गक वग करण म कस कार कया जाता है, इसका व तार से उ लेख यहां
कया जा रहा है।
3.1 ईसा पूव काल (B.C. Time)
ईसा से पूव के समय को द शत करना आसान नह ं है। इसका कारण है, इस कार
के समय गणना वपर त दशा म करनी होती है ता क पु तक को उनके बढ़ते हु ये काल के
म म यवि थत कया जा सके। इसके लये एक व ध अपनाई जाती है िजसे डॉ. रं गनाथन ने
Method of Complements कहा है। इस व ध के अनुसार य द ईसा के पूव के कसी ऐसे
वष को दशाना है जो 9999 से 1000 BC के अ तगत आता है, अथात ् िजसे काल एकल
ता लका म वण B से दशाया गया है तो िजस ईसा से पूव के वष क सं या ा त करनी है
उसे 9999 म से घटाना चा हये। घटाने के बाद जो सं या ा त हो उसे वण B के साथ जोड़
दे ना चा हये।
उदाहरणाथ -
1500 BC के लये एकल सं या न न ल खत कार से ा त करगे -
9999
- 500
-----

125
8849 = B8499
इसी कार -
9000 BC = 9999
- 9000
------
999 = B999
इसी कार 999 से 1 BC तक के काल को दशाने के लये काल एकल ता लका के
वण C का योग कया जाता है। इसके लये भी उपयु त उदाहरण म बतायी गई व ध का
योग करते हु ये, ईसा से पूव के िजस वष क सं या ा त करनी है, उसे 999 म घटाना होता
है तथा घटाने के बाद जो सं या ा त होती है, उसे वण C के साथ जोड़कर रखा जाता है।
नीचे दये गये उदाहरण से इसे समझा जा सकता है।
उदाहरणाथ –
900 ईसा पूव के लये 999
- 900
------
99 = C 99
150 ईसा पूव के लये 999

- 150
------
849 = C849
99 ईसा पूव के लये 999
- 99
-----
900 = C900
5 ईसा पूव के लये 999
- 5
------
994 = C994
उपरो त व ध वारा ईसा से पूव के काल से संबं धत पु तक का यव थापन सहायक
अनु म के स ा त के अनु प हो सकेगा य क इनका यव थापन काल के घटते हु ये म
के अनुसार कया गया है। अथात ् इस व ध से ाचीन काल से संबं धत लेख पहले और
वतमान काल से संबं धत लेख उनके बाद यवि थत हो सकगे।

126
3.2. ईसा काल (A.D. Time)
काल एकल क ता लका वण D से YC तक का योग ईसवीं काल के लये कया
गया है। अकेला वण D दस शताि दय (Ten centuries) का योतक है। जब क E से YC
तक के येक वण एक एक शता द के सूचक है।
वण D, थम दस शताि दय (1 AD से 999 AD) का त न ध व करता है। इस
1000 वष क कालाव ध को 0,1 से 9 अंक के वारा वभािजत करने पर दस शताि दय के
अंक न मत हो सकते ह। शता द अंक को वभािजत करने पर दशक तथा दशक अंक को
वभािजत करने पर वष अंक बनाये जा सकते ह- उदाहरणाथ -
D0 थम शता द (0 AD से 99 A.D.)
D1 दूसर शता द (100 AD से 199 A.D.)
D4 पांचवी शता द (400 AD से 499 A.D.)
D9 दसवीं शता द (900 AD से 999 A.D.)
कसी शता द को दस भाग म वभािजत करने पर दशक अंक न न ल खत कार
बनग-
D4 पांचवी शता द
D40 पांचवी शता द का थम दशक
D41 पांचवी शता द का दूसरा दशक
D49 पांचवी शता द का दसवां दशक
येक दशक अंक को पुन : दस भाग म वभािजत कर वष अंक न मत कये जा
सकते ह। जैसे-
D40 पांचवी शता द का थम दशक
D401 पांचवी शता द का थम दशक का दूसरा वष अथवा 401 AD
इसी कार ईसवी काल के न न ल खत वषा के लये वगाक इस कार से बनगे -
1 AD = D 001
10 AD = D 010
15 AD = D 015
115 AD = D 115
900 AD = D 900
999 AD = D 999
इस कार ईसवीं काल के थम दस शताि दय के शता द वगाक दो अंक म, दशा द
तीन अंक म तथा वष चार अंक म न मत ह गे।
काल एकल ता लका के वण E से YC तक के येक वण का योग एक एक
शता द का त न ध व करने के लये कया गया है। जैसे –
E= 11 वीं शता द (1000-1099 A.D.)

127
F= 12 वीं शता द (1100- 1199 A.D.)
G= 13 वीं शता द (1200- 1299 A.D.)
J= 16 वीं शता द (1500- 1599 A.D.)
N= 20 वीं शता द (1900- 1999 A.D.)
P= 21 वीं शता द (2000-2099 A.D.)
Q= 22 वीं शता द (2100-2199 A.D.)
YC= 32 वीं शता द (3100-3199 A.D.) इ या द ।
उपरो त शता द अंक का वभाजन 0,1 से 9 तक के अंक के योग वारा दस
दशाि दय म, तथा येक दशा द का वभाजन 0,1 से 9 अंक वारा दस वष म कया जा
सकता है। उदाहरणाथ -
P= 21 वीं शता द (2000-2099 A.D.)
इस शता द को न न ल खत कार से दशक म प रव तत कया जा सकता है-
P0 = 21 वीं शता द का थम दशक (2000-2009 A.D.)
P1= 21 वीं शता द का दूसरा दशक (2010-2019 A.D.)
P9= 21 वीं शता द का दसवां दशक (2090-2099 A.D.)
कसी शता द के दशक को अथात ् 10 वष के काल को हम 20's, 30's, 80's के
प म अ भ य त करते ह। इसी कार कसी दशक के दस वष को भी 0,1 से 9 अंक वारा
वभािजत कर पृथक पृथक वष के प म अ भ य त कर सकते ह। उदाहरणाथ -
P0 = 2000 - 2009 A.D.
P01 = 2001 (21 वीं शता द के थम दशक का पहला वष)
P11 = 2011 (21 वीं शता द के थम दशक का पहला वष)
उपयु त उदाहरण म थम अंक P 21 वीं शता द का सू चक है जब क P को
वभािजत करने वाला अंक इस शता द के थम दशक के लये यु त हु आ है। इस दशक अंक
P0 को वभािजत करने वाले अंक 0,1 तथा 8 इस दशक के वष के लये यु त हु ये ह।
3.3 अि तम भावी दशक (Latest Effective Decade)
अनेक वषय म, वशेष ं ी वषय म, समय को नि चत
प से सामािजक व ान संबध
वष के प म दशाना नरथक होता है। ऐसी ि थ त म डॉ. रं गनाथन ने सामािजक व ान के
वषय म होने वाले प रवतन के समय क गणना वष या दशक प म न करके, शता द को
दो दो दशक के पांच भाग म वभािजत करना उपयु त समझा। इसके लए उ ह ने अि तम
भावी दशक क अ भधारणा को ज म दया अथात ् इस अ भधारणा के अनुसार एक शता द को
दस भाग म वभािजत करने के थान पर पांच भाग म वभािजत कया जाता है। इस कार
येक अि तम भावी दशक 20 वष क अव ध का सूचक होता है। दूसरे श द म कसी
शता द के दूसरे , चौथे, छठव, आठव तथा दसव दशक को मशः 1,3,5,7,9 अंक वारा
अ भ य त कया जाता है। ये ह भावी दशक के लये यु त होने वाले अंक ह । प त के

128
नयम भाग म द गई नयम सं या 311 व 312 इन दशक के ायो गक योग को प ट
करती है।
इन नयम के अनुसार -
जब दशक अंक 0 अथवा 1 हो तो अि तम भावी दशक के लये अंक 1 का योग
होगा।
जब दशक अंक 2 अथवा 3 हो तो अि तम भावी दशक के लये अंक 3 का योग
होगा।
जब दशक अंक 4 अथवा 5 हो तो अि तम भावी दशक के लये अंक 5 का योग
होगा।
जब दशक अंक 6 अथवा 7 हो तो अि तम भावी दशक के लये अंक 7 का योग
होगा।
जब दशक अंक 8 अथवा 9 हो तो अि तम भावी दशक के लये अंक 9 का योग
होगा।
उदाहरणाथ -
उ त नयम के अनुसार य द 21वी शता द को अि तम भावी दशक म प रव तत
करना हो तो उसके दशा द अंक न न ल खत कार बनगे-
2000 से 2019 तक के लये P1
2020 से 2039 तक के लये P3
2040 से 2059 तक के लये P5
2060 से 2079 तक के लये P7
2080 से 2099 तक के लये P9
इसी कार न न ल खत वष के लये अि तम भावी दशक के सू चक अंक
न न ल खत कार बनगे-
1900 के लये N1
1942 के लये N5
1979 के लये N8
2020 के लये P3
2069 के लये P7
2080 के लये P9
अि तम भावी दशक के प म काल एकल को ा त करने संबध
ं ी नदश अनुसू ची म
तथा नयम भाग म जहां दये गये है, वहां उन नदश का पालन करते हु ए वगाक न मत
करने चा हये। ऐसे नदश अनेक पूववत सामा य एकल (ACI) जैसे a=Bibliography,
v=History, w= History, w=Biography इ या द के लये दये गये है। इसके अ त र त
अनेक वषय म जहां वषय का अ ययन एक नि चत अव ध को दशाता हो वहां भी काल प
का योग अि तम भावी दशक के प म कया जाना चा हए। जैसे-

129
Indian History period covered upto 1900 v44'N1
British economy upto 1999 X.56'N9
3.4 प रसी मत समय अव ध (uration of TimeBounded D)
जब कसी वषय के अ ययन का काल, उसके ारं भ होने के काल से लेकर समा त
होने तक काल के ं ी वगाक बनाते समय, अि तम वष को
प म दया गया हो तो काल संबध
पहले और ारं भक वष को बाद म दया जाता है। दोन समय अव ध को तीक च ह
प चमुखी तीर (←) वारा जोड़ा जाता है ।
उदाहरणाथ -
Medieval history of India (1556 to 1605) V44'K05←J56
उपयु त उदाहरण म अि तम समय (1605) को पहले तथा ारं भक समय (1556)
को बाद म दया गया है। इसी कार-
History of World War II 1939-1945 V1'N45←N3
Development of Public Libraries
in Europe from 1810 to 1900 22.5’N00←M10
3.5 भू तकाल एवं भ व य काल
जब कसी वषय का अ ययन, बीते हु ये समय को दशाने के अथ म कया जाता है,
तो उसके लये काल क तीक एकल सं या के बाद प चमु खी तीर (←) लगाया जाता है ।
वगाक म प चमुखी तीर का योग िजस काल एकल के साथ कया जाता है उसका अ भ ाय
उस काल से पूव के काल को दशाना होता है ।
उदाहरणाथ -
Indian History before 1947 V44’N47←
उपयु त उदाहरण म 1947 से पूव का समय दशाने के लये प चमु खी तीर का योग
कया गया है। भावी समय को दशाने के लये काल क तीक सं या के साथ अ मु खी तीर
(→) का च ह लगाया जाता है।
उदाहरणाथ –
Future of Library Science in India 2.44'P→
Public library movement in Great Britian after 1850 22.56'M50→
उपयु त उदाहरण म भावी समय को दशाने के लये, काल क एकल सं याओं के बाद
अ मु खी तीर का योग कया गया है।
3.6 भू वै ा नक काल
भू वै ा नक वकास व प रवतन क या इतनी धीमी होती है क समय क सामा य
इकाईयां (वष, शता द , दशा द तथा सह ाि द) इ ह मापने म असहायक स हु ई ह। इस लये
व ब दु वग करण प त मे 9999 BC से पूव के लये A1= Eozoic, A2= Paleozoic
इ या द व श ट कालसूचक एकल का ावधान कया गया है। मु य वग H Geology
(भू व ान) म ामा णक वग H5 Stratigraphy ( त रत शैल व ान) के अ तगत इस कार

130
के काल का व तार से उ लेख कया गया है। साथ ह इसके लये नयम H68u (पृ ठ 1.80)
के अ तगत पर परागत वग H6 Paleontology (जीवा म व ान) के लये व श ट काल
न मत करने संबध
ं ी नयम का ावधान या गया है। दये गये नयम के अनुसार अनुसू ची म
िजन काल एकल का उ लेख है, उनम H5 के थान पर अंक A का योग करने के नदश ह।
अथात इस ामा णक वग के लये काल एकल का नमाण करते समय इस नयम को ि टगत
रखना होगा।
उदाहरणाथ -
अनुसू ची म H526= Permian दया गया है, क तु जब इस काल का योग H6
जीवा म व ान के लये कया जाये तो उपरो त व णत नयम के अनुसार काल एकल न मत
करना होगा। अथात ् H5=A है तो H526= A26 होगा।
इस लये उ त नयमानुसार
Permain bird fossils का वगाक H696.1'A26 बनेगा।
इसी कार-
Meozoic fish fossils का वगाक H692.1'A3 बनेगा।
यहां Meozoic काल के लये अनुसू ची म H53 दया गया है। क तु नयमानुसार
H5=A होने के कारण उपयु त उदाहरण म Meozoic काल के लये, काल एकल के प म
A3 का ह योग कया गया है।

4. कालप का काल म व ध के प म ायो गक उपयोग


कालप अनेक बार वशेषता दशाने वाले गुण के प म भी योग कया जाता है।
ऐसा तब होता है जब कसी व तु स व, या स ता को यि त व दान करने क आव यकता
होती है।
व ब दु वग करण प त म काल म व ध (CD) के वारा अनेक मु य वग म
यि त व प के एकल को व श टता दान क गई है।
मु य वग O Literature (सा ह य) म लेखक के ज म वष के आधार पर लेखक अंक
(Author Number) बनाने म काल म व ध का योग कया गया है।
उदाहरणाथ -
Wiliam Shakespeare (born in 1564 A.D.) 0111, 2J64
उपयु त उदाहरण म शे सपीयर के ज मवष 1564 के आधार पर काल म वध
वारा लेखक अंक J64 न मत कया गया है।
मु य वग V History (इ तहास) म व भ न कार के राजनी तक दल के वगाक इस
वध वारा उनके थापना वष के आधार पर न मत करने के नदश ह। उदाहरणाथ -
Indian National Congress (founded in 1885) V44, 4M85
उपयु त उदाहरण म [P2] प क एकल सं या 4 (राजनी तक दल) को, (दल के
थापना वष 1885 के आधार पर) व श टता दान क गई है।

131
इसी कार मु य वग N Fine Arts (ल लत कलाऐं) म भी व व के व भ न दे श म
पो षत कलाओं को उनके उ व काल के आधार पर व श टता दान क गई है। अथात ् कला
का ारं भ या चलन िजस शता द म हु आ हो उसे आधार मानकर [P2] प के प म
शता द का अंक दान कया गया है।
उदाहरणाथ -
Moghul architecture NA44, J
यहां 16वी शता द के लये वण J यु त हु आ है, य क मु गल वा तु कला, इसी
शता द म ारं भ हु ई थी। व ब दु वग करण प त के अनेक मु य वग म वैचा रक प तय
(System Facets) के वगाक काल म व ध के आधार पर ह न मत कये गये ह।
उदाहरणाथ -
LB Ayurveda system of medicine
TN3 Basic education
SM Experimental psychology
उपयु त उदाहरण म मु य वग क तीक सं या के बाद के अंक उस काल के सू चक
ह िजस काल म व श ट प त का ारं भ हु आ।
अनेक कार के सामा य एकल को, काल के आधार पर व श टता दान करने म भी
काल म व ध का यापक प से योग कया गया है। इससे संबं धत उदाहरण इस पा य म
के सामा य एकल संबध
ं ी अ याय के अ तगत दे खे जा सकते ह।
इस प त म थान एकल को भी काल म व ध वारा व श टता दान क गई है।
जैसे-
United Nations area 1N4
The Commonwealth 1N48
India under Maratha power 44L
काल म व ध वारा कृ म भाषाओं के वगाक न मत कये जाने का ावधान नयम
भाग (पृ ठ 1.54) म कया गया है। इससे संबं धत उदाहरण अनुसच
ू ी के अ याय 5 म दे खे जा
सकते ह। ऐसी भाषाओं के वगाक न मत करते समय अंक 99 को उस काल सू चक सं या से
वभािजत कया जाता है, िजस काल म कसी व श ट भाषा का उ व हु आ है।
उदाहरणाथ -
Cabe Aban language P99M86
Esperanto language P99M87

5. सारांश
व ब दु वग करण प त पांच मू लभू त े णय क अवधारणा पर आधा रत है। प त
के अ याय 3 म काल प से संबं धत एकल क ता लका द गई है। इस ता लका के एकल
का योग कसी भी मु य वग म कया जा सकता है। इस ता लका म ईसा से पूव का काल
(B.C. Time) और ईसवी काल (A.D.Time) से संबं धत एकल का उ लेख है। ईसा पूव के
काल एकल को ा त करने के लए Method of Complements का योग कया गया है।
132
जब क ईसवीं काल के एकल को 0,1 से 9 अंक वारा वभािजत कर शता द , दशा द तथा
वष अंक न मत कये जा सकते ह। साथ ह काल प के वतीय तर [T2] के प म
ल त काल (Featured Time) संबध
ं ी एकल व णत है। इनका योग ऋतु ओ,ं मौसम तथा
वायुम डल य ग त व धय से होने वाले प रवतन से संबं धत एकल के लए कया जा सकता
है।
इस प त म दो काल व धय को अ भ य त करने का भी ावधान है। नयमानुसार
अि तम काल को पहले तथा थम काल को बाद म रखा जाता है और इन दोन कालाव धय
को प चमुखी तीर (←) के च ह वारा जोड़ा जाता है ।
इसी कार भू तकाल को अ भ य त करने के लए संबं धत काल एकल के बाद
प चमु खी तीर (←) का च ह लगाया जाता है और भ व यत ् काल को अ भ य त करने के
लए काल एकल के बाद अ मु खी तीर (→) का च ह लगाने का ावधान है।
भू वै ा नक वकास एवं प रवतन को मापने के लए व श ट काल एकल का ावधान
है। इन एकल को न मत करने संबध
ं ी नयम का पृथक से उ लेख कया गया है।
काल म व ध के वारा अनेक मु य वग म यि त व प के एकल को ा त करने
का ावधान है। इस प त म वैचा रक प तय के वगाक काल म व ध वारा न मत कये
गये ह। इस व ध वारा थान प के एकल को भी व श टता दान क गई है।
अनेक कार के सामा य एकल को भी काल म व ध के आधार पर व श टता दान
क गई है। इस संबध
ं म व ब दु वग करण प त के नयम भाग व अनुसच
ू ी म यथा थान
नदश दये गये ह।

6. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइए-
1. Day time temperature in Rajasthan
2. Humidity during rainy days
3. Rainfall during summer if 2000 A.D.
4. India before 5000 BC
5. History of Greece before 600 BC
6. Roman empire in 560 BC
7. Egyptian civilization in 1200 BC
8. History of Egypt during 15 A.D.
9. India during Gupta period (600 A.D.)
10. Chinese architecture during 785 A.D.
11. Greek civilization during 5th Century A.D.
12. Roman economy in 320 A.D.
13. World history during 1945
14. Library and Information Science in 21st century

133
15. India’s foreign trade in 1990’s
16. Higher education in Great Britain during 19th century
17. City sociology in 2000 A.D.
18. History of Pakistan-period covered upto 1980
19. German economy upto 1945
20. Development of academic libraries in USA brought upto 1965
21. History of Social Sciences in Great Britain upto 1965
22. Bibliography of Medical Science in China upto 1700
23. Adult education in Rajasthan during 1960-1990
24. Rural development in Asia from 1900 onwards
25. History of Moghul India (1498-1605 A.D.)
26. Economic developments in India from 1981 to 2000 A.D.
27. Europe during 16th to 19th Century
28. History of India from Akbar to Aurangzeb. (1556-1707)
29. History of U.N.O. after 1945 A.D.
30. History of First world war(1914-1918)
31. Indo-Pak diplomatic relations brought upto 2001 A.D.
32. India under British rule 1919-1947.
33. Cainozoic invertebrates
34. Evonian reptilias
35. Wild animals of tertiary age

7. मु य श द
अि तम भावी दशक  कसी शता द को 20-20 वष क अव ध म वभािजत
कर अि तम भावी दशक के प म य त करना।
प रसी मत समय अव ध  वह काल िजसम कालाव ध का ारंभ और अंत दया
गया हो। जैस-े 1950-1965
भू वै ा नक काल  वह काल जो पृ वी के वकास क वभ न
अव धय / तर को य त करता हो। जैस-े Permaian
Period.
ल त काल  जो ाकृ तक घटनाच व पृ वी क ग त के आधार पर
नधा रत होता है। जैसे - दन, रात, ऋतु ऐं इ या द।

8. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची


1. Krishan Kumar, Theory of Classification, Reved.4, New Delhi,
Vikas, Publisher, 1988
134
2. Ranganathan, S.R. Colon Classification. Ed. 6. (Reprint) Bombay,
Asia Publishing House, 1963
3. Satija, M.P. Manual of Colon Classification. New Delhi, Sterling
Publishers, 1984
4. चाँपावत, जी. एस. व ब दु वग करण, ायो गक अ ययन, वतीय संशो धत
सं करण, जयपुर , आर. बी. एस. ए. पि लशस (1989)

135
इकाई 6 : पूववत सामा य एकल (ACI) का ायो गक
उपयोग
उ े य
1. पूववत सामा य एकल के व भ न कार से प रचय कराना,
2. पूववत सामा य एकल के वग करण के व भ न ावधान से अवगत कराना,
3. वभ न कार के पूववत सामा य एकल का वग करण करना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. एकल
3. एकल के कार
3.1 व श ट एकल
3.2 सामा य एकल
4. सामा य एकल के कार
5. पूववत सामा य एकल
6. पूववत सामा य एकल के कार
6.1 थान प से पूव यु त एकल
6.2 केवल थान प के प चात ् यु त एकल
6.3 केवल समय प के प चात ् यु त एकल
7. सारांश
8. अ यासाथ न
9. व तृत अ ययनाथ थ सू ची।

1. वषय वेश
डॉ. रं गनाथन क व ब दु वग करण प त म ान के े को मु य वग , संवग म
वभािजत करने के उपरांत एकल एवं पुन : उपएकल म वभािजत कया गया है। इस प त म
दो कार के एकल का योग कया है। इस अ याय म हम एकल के कार - सामा य एकल
एवं व श ट एकल का प रचय दगे। साथ ह सामा य एकल को भी दो भाग म वभािजत
कया गया है - पूववत सामा य एकल (ACI) तथा परवत सामा य एकल (PCI)। इस
अ याय म पूववत सामा य एकल के उपयोग को उदाहरण स हत समझाया गया है।

5. एकल (Isolate)
डॉ. रं गनाथन के अनुसार एकल एक सामा य श द है, जो एकल वचार, एकल श द,
अथवा एकल सं या को अ भ य त करता है। यह तीन श द समू ह वग करण क श दावल म
तीन काय धरातल - वैचा रक धरातल, शाि दक धरातल, तथा अंकन धरातल से स बि धत ह।

136
एकल वचार वह एकल अथवा म त वचार है, जो कसी वषय के अंग के प म
यु त होने यो य तो होता है, क तु वयं एक वषय नह ं बन सकता। अथात ् एकल एक
वचार होते हु ए भी प ट एवं अथपूण नह ं होता। इसे अथपूण होने के लए कसी वषय के
साथ जोड़ना आव यक होता है। जैसे, बालक, खोज, प का दल, गेहू ं आ द।
गेहू ं कहने मा से कोई अथ नह ं नकलता जब तक इसे कसी वषय म अकेले या
कसी अ य एकल के साथ नह ं जोड़ दया जाता। न न ल खत संयु त वषय म गेहू ं का एकल
के प म योग कया गया है:
गेहू ं क बुआई
गेहू ं के लए खाद
गेहू ं का यापार
गेहू ं का प रवहन
गेहू ं का मू य ।
इसी तरह प का एकल का योग न न कार से व भ न संयु त वषय म कया
जा सकता है:
व ान क प का (Journal of Science)
इ तहास क प का (Journal of History)
अथशा क प का (Journal of Economics)
पु तकालय व ान क प का (Journal of Library Science)

3. एकल के कार
एकल न न दो कार के हो सकते है:
2.1 व श ट एकल (Special Isolate)
2.2 सामा य एकल (Common Isolate)
3.1 व श ट एकल (Special Isolate)
व श ट एकल वह एकल ह जो कसी एक मु य वग के अ तगत व भ न संयु त
वषय म यु त होते ह। इनका योग कु छ अ य मु य वग म भी व श ट नदश के वारा
कया जा सकता है।
व श ट एकल उस मु य वग के अ तगत ह अनुसू चत कये जाते ह िजसमे यह
यु त होते ह। सामा यत: एक व श ट एकल वचार का अ य मु य वग के स दभ म कोई
मह व नह ं होता। उदाहरणाथ, स दभ-सेवा नामक व श ट एकल का पु तकालय व ान के
अलावा अ य कसी मु य वग से कोई स ब ध नह ं है। और इसका ग णत, रसायन व ान,
जीव व ान या अथशा जैसे कसी मु य वग म योग नह ं कया जा सकता। व ब दु
वग करण प त म अनेक मु य वग के अ तगत जो व भ न प क अनुसू चयां द गई ह,
वह व श ट एकल को ह दशाती है।

137
3.2 सामा य एकल (Common Isolate)
व श ट एकल के वपर त सामा य एकल वह एकल ह, जो कसी भी मु य वग के
अ तगत व भ न संयु त वषय म यु त हो सकते ह। सामा य एकल क दो मु ख
वशे ताएं ह :
थम, यह कसी भी मु य वग के अ तगत योग कए जा सकते ह।
वतीय, यह कसी एक मु य वग म कसी भी तर पर योग कए जा सकते ह।
अथात यह केवल मु य वग के साथ, या फर मु य वग एक या अनेक व श ट एकल
के साथ भी योग कए जा सकते ह। सामा य एकल के योग से स बि धत एक मह वपूण
त य यह भी है क चाहे कसी भी मु य वग के अ तगत यु त ह इनके लए एक ह एकल
श द (तथा एक ह एकल सं या) का योग कया जाएगा। जैसे, सामािजक व ान क
थसूची, अथशा क थसूची, पु तकालय व ान क थसूची, ग णत क थसूची।
इसी कार, सामािजक व ान के शोधकाय, अथशा के शोधकाय, पु तकालय व ान
के शोधकाय, ग णत के शोधकाय ।
तथा, सामािजक व ान का व वकोष, अथशा का व वकोष, पु तकालय व ान का
व वकोष, ग णत का व वकोष।
और, सामािजक व ान का इ तहास, अथशा का इ तहास, पु तकालय व ान का
इ तहास, ग णत का इ तहास।
सामा य एकल - थसूची, शोधकाय, व वकोष तथा इ तहास को मु यवग -
सामािजक व ान, अथशा , पु तकालय व ान तथा ग णत के साथ य न कया गया है।

4. सामा य एकल के कार


सामा य एकल का व ब दु वग करण प त म अ य त मह वपूण थान है। इसम
अनेक कार के सामा य एकल का योग कया गया है। थान तथा समय क मू लभू त े णय
के अलावा यि त व, पदाथ तथा ऊजा ेणी म अनेक एकल सामा य एकल के प म दए गए
ह।
व ब दु वग करण प त म व णत वभ न कार के सामा य एकल को न न
कार ने दशाया जा सकता है:

138
5. पू ववत सामा य एकल (ACI)
पूववत सामा य एकल वह एकल है जो कसी भी मु य वग के अ तगत कसी भी
वषय (चाहे वह असंयु त वषय हो या संयु त वषय अथवा सि म वषय हो) के साथ बना
कसी भी योजक च ह के जोड़े जाते ह। साथ ह पूव थापन वशेषता के कारण यह उस वषय
क वग सं या का थान बना इन एकल वाल वग सं या से पहले कर दे ते है।
इस ावधान के लए डॉ. रं गनाथन का तक यह था क पूववत सामा य एकल
वभ न कार के उपागम लेख के लए यु त होते ह, जैसे, थसूची, व वकोष, प का,
शास नक पु तक पढ़ने से पहले उस वषय से स बि धत इन उपागम लेख का पूवदशन
करना उ चत समझेगा। अत: इन लेख का थान उस वषय क पु तक से पूव नधा रत
कया जाता है।
व ब दु वग करण प त के छठव संशो धत सं करण म पूववत सामा य एकल के
योग के स ब ध म दो मह वपूण त य पर यान दे ना आव यक है। थम, यह कसी भी
वषय के साथ बना कसी योजक च ह के जोड़े जाते ह। इनके त काल प चात कोई एकल
सं या जु ड़ती है तो वह भी सामा यत: बना कसी योजक च ह के जोडी जाती है।
6. पूववत सामा य एकल के कार
पूववत सामा य एकल तीन कार के होते है:
1. थान प से पूव
2. केवल थान प के प चात ्
3. केवल समय प के प चात ्
139
6.1 थान प से पूव यु त एकल (Before Space Facet)
इसी ेणी के एकल अपने प प रसू के साथ व ब दु वग करण के छठे संशो धत
सं करण म पृ. 2.5 पर दए गए ह। तथा इनके योग से स बि धत नयम पृ. 1.43 - 1.47
पर दए गए ह। अ धकतर एकल के साथ उनके प प रसू भी दए गए ह, िजनम एक
अथवा दो प को जोड़ने का ावधान है।
वभ न प प रसू का अ ययन करने पर ात होता है क इनम केवल तीन
मू लभू त े णय के प को जोड़ने का ावधान है। यह े णयां ह: यि त व, थान तथा
काल। व भ न प रसू से प ट है क पूववत सामा य एकल से जु ड़ने वाला थम प , चाहे
वह यि त व ेणी का हो या थान ेणी का अथवा समय ण
े ी का, बना कसी योजक च ह
के जोड़ दया जाता है। िजन प प रसू म वतीय प भी दया है उनम वतीय प
अपनी मू लभू त ेणी के योजक च ह के साथ जु ड़गे । य द वतीय प यि त व है जैसे
k[P], [P2] यह प रसू म दशाए योजक च ह के अनुसार जोड़ा जायेगा।
यद वतीय प समय ेणी का है जैसे – v[S].[T] यह समय ेणी के योजक च ह
एकल उ रण च ह (') के साथ जुड़ग
े ा। प प रसू म समय ेणी का योजक च ह छठे
सं करण के अनुसार दया है जो संशो धत सं करण म बदल दया गया है (संल नक पृ. 1.9
म दे ख)।
जैसा क व भ न प प रसू से प ट है व भ न एकल के साथ यि त व ेणी के
एक या दो प जोड़े जा सकते ह। यह प उस एकल को सु प ट बनाने का काय करते ह।
यि त व ेणी के दो प वाले एकल का प प रसू इस कार लखा जा सकता है:
वषय वग सं या (पूववत सामा य एकल) [P], [P2]
इसम [P]- भौगो लक व ध (GD) से लया जाता है, जो पृ. 1.45 म दए गए
नदशानुसार k कोष n मक काशन, तथा p स मेलन कायवाह के संदभ म, इनक वषय
व तु के भौगो लक व तार े के बराबर होगा। अ तरा य स मेलन के लए 1 व व क
एकल सं या ल जाएगी। चाहे वह स मेलन कह ं भी हो रहा हो । य द वह स मेलन रा य
तर का है तो उस दे श क एकल सं या ल जाएगी । m प का के संदभ म उपरो त पृ ठ म
उि ल खत नदशानुसार सामा यत: प का का शत करने वाले दे श क एकल सं या यु त
होगी।
[P2] - काल म व ध (CD) से लया जाएगा, जो पृ. 1.45 के नदशानुसार
सामा यत: लेख के थम काशन का वष होगा । येक एकल के संदभ म व तृत नदश
इस पृ. दये गये ह।
जीवनी संबं धत व भ न एकल के प प रसू म भी यि त व प इसी व ध से
लया जाता है।
उदाहरणाथ -
Library Science – a bibliography - 1995
प व लेषण.

140
Library Science (MC) Bibliography (ACI), 1995 [T]
वग सं या : 2aN9
इस वग सं या म समय क एकल सं या N95 न होकर N9 है । पृ. 1.45 म दए
गए नदशानुसार थसूची के संदभ म समय प से 'नवीनतम भावी दशक (LED) क
सं या ल जाएगी। (LED के लए नयम पृ. 1.49 म दे खए।)
थसूची क वगसं या के नमाण क दो व धयां ह।
(अ) कसी वषय के लेख क सू ची का वग करण करना हो तो उपरो त व ध का
योग कया जाएगा।
(ब) शीषक म कसी व श ट कार के लेख का अथवा व श ट कार क थसू ची
(Generalia Bibliography) के साथ दए गए व श ट एकल क अनुसू ची (पृ. 2.29) तथा
इसके योग के लए दए नयम (पृ. 1.62-1.63) का उपयोग कया जाता है।
उदाहरणाथ-
शीषक : Library Science Reference Books – a bibliography
प व लेषण : Library Science (MC), Bibliography (ACI), Reference Books[P]
वग सं या : 2a47
Catalogue of Reference Book- ANMOL
शीषक : Bibliography (ACI), Reference Books[P]
प व लेषण : Publishers catalogue [P2] Annul [P3]
वग सं या : a47, 3A
यहां यह प ट करना आव यक है क पृ.162 के नयम 9z4 के नदशानुसार य द
लेख के वषय क वग सं या z – व वध, हो और उसके तु रंत बाद पूववत सामा य एकल
सं या का योग कया गया ह तब मु य वग सं या z को छोड़ दया जाता है तथा उस लेख
के वषय क वग सं या पूववत सामा य एकल सं या से आरं भ क जाती है । इस कार वग
सं या za के थान पर वग सं या a से आरं भ क जाती है, उदाहरणाथ -
शीषक : English Dictionary
प व लेषण: Linguistic(MC) English [P] Words [P3] Meaning [E], Dictionary (ACI)
वग सं या : P111:5k
इस वग सं या म श द [P3] क एकल सं या 3 को पृ.1.106 के नयम P44 के
अनुसार छोड़ दया गया है। श द कोष क वग सं या नमाण से संबं धत अ य नयम भी इसी
अ याय (अथात भाषा व ान) म दए गए ह। इसी कार, वभाषीय श दकोष के लए पृ.
1.106 म नयम P9k दया हु आ है। इस नयम के अनुसार एक वभाषीय श दकोष क
वगसं या बनाते समय उस भाषा को वग कृ त कया जाता है िजसम श द दए हु ए ह। तथा
िजस भाषा म श द के अथ दए ह उसे पु तक सं या के थम भाग म दया जाता है। अत:
अं ेजी- ह द श दकोष क वग सं या भी P111: 4k ह होगी । वा त वक पु तक को वग कृ त

141
करते समय पु तक सं या वाले भाग म ह द क एकल सं या दये जाने का ावधान है। इस
बारे म इकाई सं या 2 म P main class म व तार से समझाया गया है।
वश ट वषय के श दकोष के संदभ म पृ. 1.106 के नयम P48 के अनुसार ,
व श ट वषय के प चात, श दकोष क वग सं या ऊजा ेणी म वषय व ध (SD) के वारा
न मत क जाती है। अत: शीषक 'समाज शा का श दकोष' क वग सं या Y : (P152:4)k
होगी। इस वग सं या म एकल सं या 152 ह द भाषा को दशाती है िजसम श दकोष के
श द दए गए ह। उदाहरणाथ -
शीषक  International Encyclopedia of Natural Science (Published 1968)
प व लेषण  Natural Science (MC), Encyclopedia (ACI), International [P]
1968 [P2]
वग सं या  ∑k1, N68
शीषक  Herald of Library Science (1962)
प व लेषण  Library Science (MC), Periodical (ACI), India [P], 1962[P2]
वग सं या  2m44, N62
जीवनी को वग कृ त करने के लए दो अलग-अलग एकल सं याऐं यु त होती ह। 1.
य द कसी वषय से संबं धत यि त क जीवनी का वग करण करना है तो w एकल सं या का
योग होगा। 2. य द कसी राजनी त , संत, अथवा उ योगप त जैसे यि त क जीवनी
वग कृ त करनी हो तो एकल सं या y7 का योग कया जाता है। उदाहरणाथ -
शीषक  LENIN – a Biography – born 1870
प व लेषण  History (MC) Russia [P] Biography(ACI), 1870 [P]
वग सं या  V58y7M70
शीषक  Jawahar Lal Nehru – Biography - born 1869
प व लेषण  History (MC) India [P], Biography(ACI), 1869 [P]
वग सं या  V44y7M69
शीषक  Ramanujan : An Autobiography - born 1892
प व लेषण  Mathematics (MC) Autobiography (ACI), 1882 [P]
वग सं या  BwM87
शीषक  Librarian looks back : An Autobiography of Dr. SR
Ranganathan (b. 1892)
प व लेषण  Library Science (MC), Autobiography (ACI), 1892 [P]
वग सं या  2wM92, 1
आव यकतानुसार एक शीषक म दो या अ धक पूववत एकल एक साथ भी यु त हो
सकते ह।
उदाहरणाथ -
शीषक  Indian Science Abstracts (1965)

142
प व लेषण  Science (MC), Bibliography (ACI), Journal (ACI), India [P],
1965 [P2]
वग सं या  Aam44, N65
इस शीषक म थ
ं सूची तथा प का दो पूववत सामा य एकल एक साथ यु त हो रहे
ह। िजसम व ान वषय के भारतीय लेख क सार सू ची बनाकर उनको प का क तरह
का शत कया जा रहा है। प व लेषण म यु त [P] तथा [P2] प का के प प रसू के
अनुसार जोड़े गए ह।
6.2 केवल थान प के प चात यु त एकल (Only after Space)
इस ेणी के अंतगत केवल दो एकल दए गए ह : शासक य तवेदन, तथा
सांि यक (आवत )। इस ेणी के एकल क मु ख वशेषता यह है क ये िजस कसी वषय से
संबं धत ह उसका वणन कसी नि चत े के संदभ म करते ह। साथ ह इनम आवत वृ त
होती है। अथात यह एक नि चत समयाव ध पर पुन : उस वषय क नवीन सूचनाओं के साथ
का शत हो जाते ह। अत: इनका योग सदै व थान प के बाद ह कया जाता है।
उदाहरणाथ–
शीषक  Education in Madhya Pradesh – an Administrative Report
प व लेषण  Education (MC), Madhya Pradesh [S], Administrative Report
(ACI)
वग सं या  T.4455r
शीषक  Commerce statistics – published in India from 1950
प व लेषण  Economics (MC), commerce [P], India [S], Statistics (ACI),
1950 [Pof ACI]
वग सं या  X5.44sN50
6.3 केवल समय प के प चात यु त एकल ((Only after Time
इस ेणी के पूववत सामा य एकल क मु ख वशेषता यह है क इनम आवत वृ त
नह ं होती। अथात यह िजस वषय के साथ यु त होते ह उसका वणन एक नि चत समय
तक ह करते ह। उसके प चात उस वषय क नवी सूचनाओं को दे ने क मता इनम नह ं
होती। अत: इस ेणी के एकल क एकल सं या से पहले समय प क एकल सं या
आव यक होती है। उदाहरणाथ -
शीषक  India Education Commision (Kothari Commission Report)- 1969
प व लेषण  Education(MC), India[S] 1996 [T] Report (ACI)
वग सं या  T.44'N66t
शीषक  Elementary Schools of Panjab – a Survey (1991)
प व लेषण  Education (MC) Elementary Schools[P] Panjab [S], 1991 [T]
Survey (ACI)
वग सं या  T15.4443'N91t4

143
7. सारांश
इस कार प ट है क पूववत सामा य एकल का व ब दु वग करण प त म
बहु तायत होता है। ये सामा य एकल तीन कार के हो सकते है - थान प से पूव यु त
एकल, केवल थान प के प चात ् यु त एकल एवं केवल समय प के प चात ् यु त
एकल, िजनका उदाहरण स हत योग आपने दे खा। ये एकल बना कसी योजक च ह के योग
होते ह तथा पूव थान वशेषता के कारण यह उस वषय क वग सं या का थान बना इन
एकल वाल वग सं या से पहले कर दे ते ह।

8. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइए-
1. भारतीय इ तहास पर नवीन पु तक क अ ययन सू ची
(Bibliography of new books on Indian History)
2. दु नया के साम ी रा त क एटलस (Atlas of Indian trade routes)
3. व ब दु वग करण का काय े (Scope of Colon Classification)
4. अं ेजी क वताओं का सं ह (सबसे युवा क व का ज म 1965)
(Collection of English Poem, latest born 1965)
5. डा. रं गनाथन के लेख का सं ह (ज म 1892)
(Collection of S.R. Ranganathan’s works)
6. इि दरा गांधी क जीवनी (ज म 1917)
(Biography of Smt. Indira Gandhi, born 1917)
7. पु तकालय एवं सूचना व ान वभाग, द ल व व व यालय वारा का शत प का
(Journal of Library and Information Science-1975)
8. सन 1950 से लाइ ेर एसो सएशन, नंदन से का शत सार प का
(Library and Information Science Abtracts)
9. भारत म सावज नक पु तकालय : आठवीं पंचवष य योजना (1992-1997)
(Public libraries in India : 8 th five year plan, 1992-1997)

वग सं याएं (Class Numbers)


1. V44a66,7 2. U6425.1f
3. 2:51 N3y4 4. O111,1xN7
5. 2xM92 6. 6. V44y7N17
7. 2m44,N75 8. 2am56,N50
9. 22.44'N70t4 10. T4.44'N97- N92t5

144
9. व तृत अ ययनाथ ंथ सू ची
1. सतीजा, मो ह दर ताप, ायो गक व ब दु वग करण, अनुवादक रमाकांत शमा, नई
द ल , एस.एस. 1992
2. रं गनाथन, एस.आर., पु तकालय वग करण के मू ल त व, अनुवादक उमेश द त शमा,
ब बई, ए शया पि ल शंग. 1967
3. Kaul, PN., A Treatise on Colon Classification, New Delhi, Sterling,
1985
4. Kumar, PSG, Practical Classification, V1. Colon Classification with 1116
graded examples and exercises and 116 objective questions, New Delhi,
Metropolitan, 1979.
5. Satija, M.P. Manual of Practical Colon Classification, New Delhi,
Sterling, 1984

145
इकाई 7 : परवत सामा य एकल (PCI) का ायो गक
उपयोग
उ े य
1. परवत सामा य एकल के व भ न कार से प रचय कराना,
2. परवत सामा य एकल के वग करण के व भ न ावधान से अवगत कराना,
3. वभ न कार के परवत सामा य एकल का वग करण करना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. परवत सामा य एकल
3. परवत सामा य एकल के कार
3.1 यि त व परवत सामा य एकल
3.2 ऊजा परवत सामा य एकल
4. सारांश
5. अ यासाथ न
6. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
पछले अ याय म हमने दे खा क सामा य एकल दो कार के होते ह - पूववत
सामा य एकल तथा परवत सामा य एकल। पूववत सामा य एकल का योग हमने पछले
अ याय म कया है। तु त अ याय म हम परवत सामा य एकल के ायो गक उपयोग को
व तार से समझायगे। परवत सामा य एकल भी तीन कार के होते ह - यि त व परवत
सामा य एकल, उजा परवत सामा य एकल, पदाथ परवत सामा य एकल। हम यहां अ ययन
क ि ट से थम दो कार के परवत सामा य एकल के ायो गक उपयोग को बताएंग।े

2. परवत सामा य एकल


व ब दु वग करण प त म सामा य एकल क अ य त मह वपूण भू मका है । दो
मू लभू त े णयां, थान तथा समय, सामा य एकल के अंतगत आती ह। इसके अ त र त
सामा य एकल के दो मु ख कार ह :
पूववत सामा य एकल (Anteriorising Common Isolate)
तथा परवत सामा य एकल (Posteriorising Common Isolate)
पूववत सव न ठ एकल का व तृत अ ययन पा य म 3A क इकाई-6 म तु त
कया गया है। इस इकाई मे परवत सामा य एकल के योग क व ध का व तारपूवक
अ ययन कया जाएगा। व ब दु वग करण प त म यु त सामा य एकल को न न कार
से दशाया जा सकता है :

146
पूववत एवं परवत सामा य एकल म कु छ समानताऐं ह। जैसे - दोन कार के एकल
का योग वषय के वग करण के बाद ह कया जा सकता है, तथा दोन के लए एक ह
जा त क एकल सं या - रोमन लघु अ र का योग कया जाता है।
क तु दोन म अनेक भ नताऐं ह। पूववत सामा य एकल कसी भी वगसं या के
साथ बना कसी योजक च ह के जु डते ह। य द इनके आगे कोई एकल सं या जु ड़ेगी तो वह
भी बना योजक च ह के जु ड़ेगी। इसके वपर त परवत सामा य एकल सदै व अपने योजक
च ह के साथ जु ड़ते ह इसी कारण, सामा य एकल यु त वग सं या का थान, समान मु य
वग एवं अ य एकल वाल वग सं या के बाद नधा रत होगा।
उदाहरण -
1. Political Science
(राजनी त व ान) W
2. Political Science – a bibliography
(राजनी त व ान क थसूची) Wa
3. Researches in Political Science
(राजनी त व ान के शोधकाय) W : f
इन तीन वग सं याओं का म न नवत होगा:
Wa W W : f

3. परवत सामा य एकल का कार


परवत एकल न न तीन कार के होते ह:
1. यि त व परवत सामा य एकल (Personality PCI)
2. पदाथ परवत सामा य एकल (Matter PCI)
3. ऊजा परवत सामा य एकल (Eenergy PCI)

147
इन तीन म से पदाथ परवत सामा य एकल का योग व ब दु वग करण प त
स तम सं करण म कया गया है। अ य दोन कार का योग छठे संशो धत सं करण म भी
कया गया है। अत: यहां इन दोन कार का व तृत अ ययन कया गया है।
3.1 यि त व परवत सामा य एकल (Personality PCI)
यि त व परवत सामा य एकल के अंतगत मु यतः वभ न कार क सं थाऐं
वग कृ त करने का ू ी छठे संशो धत सं करण के पृ. 2.6 पर ( योग
ावधान है। इनक अनुसच
ं ी नयम पृ. 1.48 पर) तथा इन नयम म कए गए संशोधन पृ. 20 पर द गई है।
संबध
अनुसू ची के आरं भ म, इन एकल के योगाथ न न प प रसू दया गया है:
(CI), [P], [P2] : [E]
भाग 1 म दए गए सामा य एकल तथा परवत सामा य एकल के योगाथ व णत
नयम के अनुसार उपयु त प प रसू को न नवत व तार से दया जा सकता है:
(MC), [S], (PCI), [P], [P2] : [E]
इस प रसू म वषय असंयु त (मु य वग) संयु त (मु य वग तथा एक या अ धक
एकल) अथवा सि म (एक से अ धक मु य वग), म से कुछ भी हो सकता है।
सामा यत: वषय के प चात थान क एकल सं या यु त होगी। जैसा क पहले
प ट कया जा चु का है इस ेणी के एकल व भ न कार क सं थाऐं है। अत: थान क
एकल सं या इन सं थाओं के गुण पर नभर करे गी। कसी अ तरा य सं था के साथ थान
प म व व क एकल सं या लगेगी । जब क कसी रा य कृ त क सं था के साथ उस
दे श क एकल सं या और कसी ादे शक सं था के साथ सामा यत: उस दे श क एकल सं या
का योग होगा।
यि त व परवत सामा य एकल सं या, सं था चा र क वशेषताओं के आधार पर
नधा रत क जाएगी। जैसे, एक शोध सं थान के लए f एक सामा य सं था के लए d,
यावसा यक संगठन के लए g, शै णक सं था के लए t आ द।
उपयु त प प रसू म यु त [P], यि त व परवत सामा य एकल को व श टता
दान करता है। अथात यह एक ह तरह क अनेक सं थाओं म से एक सं था क पहचान
कराता है। इसके लए दो कार के युि त साधन का योग कया जाता है-
वण व ध (AD)
तथा काल म व ध (CD)
वण व ध का योग थानीकृ त सं थाओं के साथ तथा काल म व ध का योग
अ थानीकृ त सं थाओं के साथ कया जाता है। इन सं थाओं म सामा यत: व भ न कार क
रा य तथा अ तरा ं म यह मह वपूण है क पृ. 20 म दए
य सं थाऐं आती ह। इस संबध
गए संशो धत नदशानुसार , काल म व ध वारा बनाई गई एकल सं या से पूव 9 (नौ का
अंक) जोड़ा जाएगा।
प प रसू म दए गए अि तम दो प [P2] तथा [E] क एकल सं याएं मु य वग
V-इ तहास क अनुसू ची के इ ह ं दो प से ल जाएंगी।

148
न न ल खत उदाहरण म उपयु त प प रसू का योग करते हु ए व भ न वग
सं याओं का नमाण कया गया है :
उदाहरण -
शीषक  Teaching profession
प व लेषण  Eduction (MC), Profession (PCI)
वग सं या  T, b
इस शीषक म वषय तथा परवत सामा य एकल के म य थान प का न पण
आव यक नह ं है।
शीषक  University of Rajasthan, Jaipur
प व लेषण  Education (MC) University [P] Rajasthan [S], Institution
(PCI), Jaipur [P of PCI]
वग सं या  T4.4437, d, R
राज थान व व व यालय एक सामा य व व व यालय है। अत: इसका वषय
व व व यालय श ा होगा। साथ ह यह व व व यालय एक रा य व व व यालय है अत:
थान प म राज थान रा य क एकल सं या का योग होगा। यि त व परवत सामा य
एकल म से सं था के लए यु त एकल सं या का योग कया जाएगा। य क
व व व यालय पहले ह वषय के अंतगत आ चु का है। सं था के साथ व श ट करण हे तु
यि त व प क एकल सं या वण व ध (AD) वारा बनाई गई है।
केि त व व व यालय के संदभ म उपरो त ावधान म सं त प रवतन कया
जाता है। व व व यालय श ा के थान पर, उस व व व यालय का वषय वग कृ त कया
जाता है। तथा यि त व परवत सामा य एकल म से सं था के थान पर उ च श ा सं थान
क एकल सं या का योग कया जाता है।
शीषक  Himachal Agriculture University
प व लेषण  Agriculture (MC), Himachal Pradesh [S], Higher
Institutions (PCI), Himachal [P]
वग सं या  J.4445, e4, H
यहां उ च श ा सं थान के लए e4 एकल सं या का योग कया गया है । पृ. 2.6
म इसके लए e4 सं या द गई है ।
व ब दु वग करण म कसी सं या के अ धकार अथवा सं था से स बि धत
याकलाप को भी वग कृ त कया जा सकता है।
शीषक  Functions of the Vice-chancellor, Himachal Agriculture
University
प व लेषण  Agriculture (MC), Himachal Pradesh [S], Higher
Institutions (PCI), Himachal [P]. Vice-chancellor [P2]
Functions [E]

149
वग सं या  J.4445, e4, H, 12 :3
इस उदाहरण म कु लप त तथा उनके काय क एकल सं या मु य वग V - इ तहास के
प सू से ल गई है। य य प 12, [P2] प म रा यपाल के लए यु त होता है क तु इन
एकल सं याओं को सं था के व श ट स दभ म प रभा षत कया जाता है। इसी कारण से पृ.
20 के पूव व णत उदाहरण म डॉ. रं गनाथन ने कुलप त (Vice chancellor) के लए 12
एकल सं या का योग कया है।
शीषक  Indian Library Association (est. 1933)
प व लेषण  Library Science (MC), India [S] Learned Society (PCI),
1933 [P] of (AcI)
वग सं या  2.44, g, 9N33
भारतीय थालय संघ एक रा य तर क व वत सं था है तथा ऐसी सं थाएं
अ थानीकृ त मानी जाती है। अत: एकल के [P] प क एकल सं या काल म व ध वारा
बनेगी। इस कार न मत एकल सं या के पहले अंक 9 का योग कया जाएगा।
इसी तरह, न न ल खत शीषक वग कृ त कए जा सकते ह :
शीषक  Indian Library Association – an administrative report
प व लेषण  Library Science (MC), India [S] Learned Society (PCI),
Administrative report (ACI) 1933 [P] of (PCI)
वग ररं या  2.44,g,9N33r
शीषक  Constitution of Indian Library Association
प व लेषण  Library Science (MC), India [S] Learned Society (PCI),
Administrative report (ACI) 1933 [P] of (PCI)
वग सं या  2.44,g,9N33:2
शीषक  IFLA- International Federation of Library Association
(1927)
प व लेषण  Library Science (MC), World [S] Learned Society (PCI),
1927 [P] of (PCI)
वग सं या  2.1,g,9N27
3.2 ऊजा परवत सामा य एकल
ऊजा परवत सामा य एकल व ब दु वग करण प त के छठे सं करण के पृ. 2.6 म
गए ह। यह सामा य एकल कसी भी असंयु त, संयु त अथवा सि म वषय के साथ योजक
च ह व ब दु (:) लगाकर जोड़ा जा सकता है।
शीषक  Research in Library Science
प व लेषण  Library Science (MC), Research (PCI) [E]
वग सं या  2 : f

150
शीषक  Research on University libraries
प व लेषण  Library Science (MC), University Libraries [P], (PCI) [E]
वग सं या  234 : f
शीषक  Research on Book selection in University Libraries
प व लेषण  Library Science (MC), University Libraries [P], Book
Selection [E], (PCI) [E]
वगयं या  234 : 81 : f
शीषक  Designing of the circulation system in Public Libraries
प व लेषण  Library Science (MC), Public Libraries [P], Circulation [E],
Designing (PCI) [E]
वग सं या  22 : 6 : b2
शीषक  Calculating the dispersion of the Gamma Rays
प व लेषण  Light-Physics (MC), Gamma Rays [P], Dispersion [E],
Calculating (PCI) [E]
वग सं या  C54 : 3 : b1
शीषक  Literary criticism
प व लेषण  Literature (MC), Criticism (PCI) [E]
वग सं या  O : g
मु य वग सा ह य म कसी भी कृ त, लेखक, वधा, अथवा भाषा क आलोचना को
वग कृ त कया जा सकता है।
शीषक  Criticism of Hindi Litrature
प व लेषण  Literature (MC), Hindi [P] Criticism (PCI) [E]
वग सं या  0152 : g
शीषक  Hindi Poetry – a critical study
प व लेषण  Literature (MC), Hindi [P], Poetry [P2], Criticism (PCI) [E]
वग सं या  0152, 1 : g
शीषक  Premchand-an evalution (born 1880)
प व लेषण  Literature (MC), Hindi [P], Novel [P2], Premchand [P3],
Criticism (PCI) [E]
वग सं या  0152 : 3M80 : g
शीषक  Gaban – A critical study (18th work)
प व लेषण  Literature Hindi (MC), Hindi [P], Novel [P2], Premchand
[P3], Gaban [P4], Criticism (PCI) [E]
वग सं या  0152 : 3M80, 32 : g

151
य द आलोचना कसी व श ट स दभ या ि टकोण से क जाती है तो उस स दभ या
ि टकोण को वषय व ध वारा आलोचना क एकल सं या के साथ जोड़ दया जाता है।
शीषक  Rural life in the novesl of Premchand
प व लेषण  Literature (MC), Hindi [P], Novel [P2], Premchand [P3],
Criticism of Rural life (PCI) [E]
वग सं या  0152 : 3M80 : g (y31)

4. सारांश
इस कार दो कार के परवत सामा य एकल - यि त व परवत सामा य एकल तथा
उजा परवत सामा य एकल व ब दु वग करण प त म योग कये गये ह, िजनका आपने
व भ न उदाहरण म उपयोग कया । इन एकल का योग योजक च ह के साथ ह कया
जाता है तथा थान नधारण म भी इनको बाद म रखा जाता है।

5. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइये :
1. Powers of The Vice-Chancellor- Delhi University ( द ल व व व यालय
के कु लप त के अ धकार)
2. Financial powers of Jammu University Registrar (ज मू व. व. के
कु लस चव के व तीय अ धकार)
3. College of Architecture, New Delhi (वा तु महा व यालय, नई द ल )
4. Election of President of IASLIC के अ य का चुनाव ) (ग ठत 1955),
5. Shakespeare : A psychological study (शे सपीयर : एक मनोवै ा नक
अ ययन) (ज म 1564)
6. A survey of Privary Schools in rural India ( ामीण भारत म ाथ मक
व यालय हे तु सव ण)

वग सं याएं
1. T4.4481, d, D, 12 : 3 2. T4.4447, d, J, 21 : 3 (X)
3. NA.4481, e4, C 4. 24.44,g,9N55, 1:91
5. O111, 2J64 : g(S) 6. T15.44 (Y31) : u

6. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची


1. सतीजा, मो ह दर ताप, ायो गक व ब दु वग करण, अनुवादक रमाकांत शमा, नई
द ल , एस. एस, 1992
2. रं गनाथन, एस. आर., पु तकालय वग करण के मू ल त व, अनुवादक उमेश द त शमा,
ब बई, ऐ शया पि ल शंग. 1967

152
3. Kaula, PN, A Treatise on Colon Classification, New Delhi, Sterling
Publishers. 1985.
4. Kumar, PSG, Practical Classification. V1. Colon Classification with
1116 graded examples and exercises and 116 objective questions.
New Delhi, Metropolitan, 1979.

153
इकाई 8 : दशा संबध
ं का ायो गक उपयोग
उ े य
1. दशा संबध
ं के व भ न तर का प रचय कराना,
2. दशा संबध
ं के व भ न कार से प र चत कराना,
3. दशा संबध
ं के व भ न तर तथा कार के वग करण के ावधान से अवगत कराना,
4. दशा संबध
ं के व भ न तर तथा कार का वग करण करना।

संरचना / वषय व तु
1. वषय वेश
2. दशा संबध

3. दशा संबध
ं के तर
3.1 अ तर वषय दशा संबध

3.2 अंत: प दशा संबध

3.3 अंत: पंि त दशा संबध

4. दशा संबध
ं के कार
4.1 सामा य दशा संबध

4.2 अ भनत दशा संबध

4.3 तु लना मक दशा संबध

4.4 भेदा मक दशा संबध

4.5 भाव दशा संबध

5. दशा संबध
ं के ज टल उदाहरण
6. सारांश
7. अ यासाथ न
8. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
व भ न अ याय के अ ययन से यह प ट है क व ब दु वग करण प त एक
सं लेषणा मक प त है। इसम वगाक बनाने क वग करणकता को पया त वतं ता ा त है।
क तु वतमान म हो रहे अ त वषय शोध एवं काशन म व भ न वषय म आपसी तालमेल
बहु त अ धक बढ़ गया है। िजससे यह आव यक होता है क एक वषय को दूसरे वषय म
अ ययन कस कार कया जावे जैसे - सामा य अ ययन, तु लना मक अ ययन, भेदा मक
अ ययन भाव अ ययन आ द। रं गनाथन ने इस कार दो वषय के अ ययन को वग करण
क ि ट से दशा संबध
ं के योग का व ब दु वग करण प त म कया है, िजनका व तृत
अ ययन हम इस अ याय म करगे।

154
2. दशा संबंध (Phase relation)
उ नीसवीं शता द तक ान का वकास सामा यत: एक आयामी होता था। कसी
व श ट वषय के शोधकता उसी वषय क कसी शाखा पर नरं तर शोध कर उसे वक सत करते
जाते थे। कालांतर म वह शाखा वयं एक पूण वषय बन जाती थी। बीसवीं शता द तक आते-
आते ान के वकास का व प बदलने लगा। ान से समाज क ता का लक सम याओं के
समाधान क अपे ा क जाने लगी। इन प रि थ तय म व श ट वषय म शोध के साथ साथ,
अंतः शा ीय तथा ल य अ भमुख शोध का भाव बढ़ने लगा। इससे ऐसे वषय अि त व म
आने लगे जो दो या अ धक वषय के संबध
ं से उ प न हु ए ह।
इन सि म वषय के समु चत वग करण हे तु व ब दु वग करण प त म अनेक
ावधान कए गए है। इन ावधान का अ ययन दशा संबध
ं के अंतगत कया जाता है।
दशा संबध
ं के स पूण अ ययन को दो भाग म बांटा जा सकता है
1. दशा संबध
ं के तर, तथा
2. दशा संबध
ं के कार।
दशा संबध
ं तीन तर पर संभव है तथा येक तर पांच भ न कार का हो सकता
है। इस कार कु ल प ह (3x5=15) तरह के दशा संबध
ं संभव ह। य य प व ब दु वग करण
के स तम सं करण म एक और कार के दशा संबध
ं का भी उ लेख कया गया है। तथा प इस
इकाई म छठे संशो धत सं करण म व णत उपयु त प ह तरह के दशा संबध
ं तक ह सी मत
रखा गया है।
दशा संबध
ं के ावधान का योग करने के लए यह आव यक है क वग कृ त कए
जाने वाले वषय म दो न न दशाएं ह ।
1. दो भ न मु य वग के असंयु त वषय या संयु त वषय या फर एक संयु त तथा
एक असंयु त वषय के म य कोई संबध
ं हो
2. एक ह मु य वग के एक ह प के दो एकल के म य कोई संबध
ं हो अथवा एक ह
मु य वग के एक ह प के अंतगत एक ह पंि त के दो एकल के म य कोई संबध

हो।
दोन दशाओं म से वह घटक जो लेख म व णत ाथ मक वषय है अथवा िजसको
वग करण प त के ावधान के अनुसार ाथ मक माना जाएगा, वह थम दशा कहलाता है।
वह घटक जो क थम दशा के तपादन को केवल भा वत कर रहा है वह वतीय दशा
कहलाता है।
दो दशाओं वाले कसी वषय क वग सं या बनाने के लए दोन दशाओं क वग
सं याओं के म य योजक च ह शू य (0) तथा उसके प चात पृ. 2.28 म द गई दशा संबध

क अनुसू ची से उपयु त दशा संबध
ं को दशाने के लए एक सं या जोड़ द जाती है।
उदाहरणाथ :
Relation between History and Political Science = VoaW
इस उदाहरण म इ तहास तथा राजनी त व ान दो भ न मु य वग के म य सामा य
ं ह, िजसके लए पृ. 2.28 म एकल सं या (a) द गई है। अत: इ तहास तथा राजनी त
संबध
155
व ान क वग सं याओं के म य शू य (0) के साथ (a) लगाकर वगसं या पूण कर ल जाती
है।

3. दशा संबंध के तर (Levels of Phase relations)


व ब दु वग करण प त म तीन भ न तर पर दशा संबध
ं के लए ावधान कया
गया है: अ तर वषय, अंत: प , तथा अंत: पंि त।
3.1 अ तर वषय दशा संबध
ं Inter – Subject Phase Relation
ं सामा यत: दो
अ तर वषय दशा संबध भ न मु य वग के अंतगत वग कृ त कए
जाने वाले वषय के म य होते ह। यह दोन वषय असंयु त , संयु त अथवा एक संयु त व
दूसरा असंयु त हो सकते ह।
उदाहरणाथ :
1. Relation between Language and Literature = O0aP (दोन असंयु त
वषय)
2. Relation between Ecological environment and Meteorology = G :
550aU28 (दोन संयु त वषय)
3. Difference between Fiction and History = O,30dV (एक संयु त तथा
दूसरा असंयु त वषय)
3.2 अंत: प ं (facet Phase Relation-Intra)
दशा संबध
एक ह मु य वग के एक ह प के दो एकल के म य संबध
ं को अंत: प संबध

कहते ह। ऐसे संबध
ं क वग सं या बनाते समय मु य वग तथा अ य प क वग सं या
अपने सामा य थान पर ह रहती है। तथा केवल संबं धत प क दोन एकल सं याओं को
दशा संबध
ं के योजक च ह व संबं धत एकल सं या के साथ जोड़ दया जाता है।
उदाहरणाथ :
1. Difference between Research and Industrial libraries = 2360n42
2. Comparison between Crime laws of India and USA = Z440m73,5
3.3 अंत: पंि त दशा संबध
ं (array Phase Relation-Intra)
एक ह मु य वग के अंतगत एक ह प क एक ह पंि त ( थम ेणी (First
order) क पंि त को छोड़कर) के दो एकल के म य संबध
ं को अंत: पंि त दशा संबध
ं कहा
जाता है।
पु तकालय व ान मु य वग म यि त व ेणी क अनुसच
ू ी का एक अंश
2 Local
21 District
22 City
3 Academical
31 Elementary school

156
32 Secondary School
33 College
34 University
36 Research
अनुसू ची के उपयु त भाग म एकल सं या 21 तथा 22 एक पंि त म है। ऐसे ह 31,
32, 33, 34 तथा 36 एक पंि त म ह। अत: 34 तथा 36 के म य अंत: पंि त दशा संबध

ह गे। य य प 2 तथा 3 एक पंि त म ह, क तु यह थम ेणी क पंि त म आते ह। अत:
इनके म य अंत: प दशा संबध
ं ह गे।
अंत: पंि त दशा संबध
ं क वग सं या अंत: प दशा संबध
ं क तरह ह बनाई जाती
है। केवल वतीय दशा क एकल सं या म से थम दशा क एकल सं या के समान अंक
(Common digits) को छोड़ दया जाता है। इस कार, अंत: पंि त दशा संबध
ं क वग सं या
लखने म कम से कम एक अंक क बचत होती है।
उदाहरणाथ :
1. Difference between Book Selection in University and Research Libraries =
2340w6 : 81
उपयु त उदाहरण म थम प म एकल सं या 34 का योग कया गया है। दशा
ं के बाद एकल सं या 36 म से समान सं या 3 को हटाकर केवल 6 का
संबध योग कया
गया है।

4. दशा संबंध का कार (Types of Phase relation)


उपरो त तीन तर के दशा संबध
ं पांच कार के हो सकते है: सामा य, अ भनत,
तु लना मक, भेदा मक तथा भाव
4.1 सामा य दशा संबध
ं (General Phase relation)
दो वषय के म य हर कार के संबध
ं का अ ययन सामा य दशा संबध
ं के अ तगत
आता है। सामा य दशा संबध
ं म थम दशा उस दशा को माना जाता है िजसका मबोध मान
(Ordinal value) कम हो । इसम वतीय दशा को संबध
ं दशा कहा जाता है।
उदाहरणाथ :
1. Relation between Engineering and Technology = D0aF (Inter-subject)
2. Relation between Hindu and Budha religion = Q20j4 (Intra-facet)
3. Relation between College and University libraries = 2330t4 (Intra-array)
4.2 अ भनत दशा संबध
ं (Bias Phase relation)
य द कसी वषय क या या इस कार क जाती है क वह कसी अ य वषय से
संबं धत यि तय के लए वशेष उपयोगी हो तो ऐसी ि थ त म दोन के म य अ भनत दशा
संबध
ं ह गे।

157
वह वषय िजसक या या क गई है वह थम दशा होगा, तथा िजसके ि टकोण से
क गई है या िजसके लए वह या या वशेष उपयोगी है वह वतीय दशा होगा। यह अ भनत
दशा संबध
ं कहलाता है।
उदाहरण :
1. Psychology for doctors = S0bL (Inter-subject)
2. Anatomy for Physiologists = L : 20k3 (Intra-facet)
3. Breath control for Meditation = ∆ : 340u6 (Intra-array)
4.3 तु लना मक दशा संबध
ं (Comparision Phase relation)
य द कसी लेख म दो वषय के म य तु लना क गई हो तो तु लना मक दशा संबध

का योग होगा। ऐसी ि थ त म िजस वषय का मबोध मान कम होगा उसे थम दशा माना
जाएगा तथा वतीय दशा तु लना मक दशा कहलाएगी।
उदाहरण :
1. Geography and Geology–a Comparative study = H0cU (Inter-subject)
2. Hindu and Jain Philosophy-a Comparative view = R610m93 (Intra-
facet)
3. Comparision of atomic weight of Gold and Silver = E1150v8:14
(Intra-array)
4.4 भेदा मक दशा संबध
ं (Difference (Phase relation
य द दो वषय के म य अंतर को अ भ य त कया जाता है तो भेदा मक दशा संबध

को योग होगा। ऐसे म िजस वषय का मबोध मान कम होगा उसे थम दशा माना जाएगा
तथा वतीय दशा भेदा मक दशा कहलाएगी।
उदाहरण :
1. Biology and bio-chemistry- a difference = E9G0dG (Inter-subject)
2. Difference between Gold and Paper currency = X61;10n4 (Intra-
facet)
3. Difference between Vaisnava and Saivasiddhanta = R6720w3
(Intra-array)
4.5 भाव दशा संबध
ं (Influencing Phase relation)
जब एक वषय के दूसरे वषय पर भाव को द शत कया जाता है तो दूसरा वषय
थम दशा माना जाएगा और वतीय दशा को भाव दशा कहा जाएगा।
उदाहरण :
1. Influence of Literature on Society = Y0gO (Inter-subject)
2. Influence of Buddhism on Christain religion = Q60r4 (Intra-facet)
3. Influence of Temperature on Atmospheric pressure = U2820y4

158
5. दशा संबंध के ज टल उदाहरण
1. Abnormal psychology with particular reference to genius = S60k61
इस शीषक म य य प दोन दशाओं क एकल सं या का मूल एक ह है, ले कन एक पंि त
म न होने के कारण इनके म य अंतः प दशा संबध
ं बनगे।
2. Industrial relations between China and Japan = X5.410j42
इस शीषक म चीन तथा जापान क एकल सं याय एक ह पंि त म आती ह, क तु दो
दे श के म य संबध
ं द शत करने के लए अंतः प दशा संबध
ं का योग होगा।
3. Influence of Hindi literature on Punjab fictions = O153,30g0152
इस शीषक म ह द सा ह य का पंजाबी कथा सा ह य पर भाव का वणन कया गया है।
य य प ह द तथा पंजाबी सा ह य दोन क एकल सं याएं एक ह पंि त के अ तगत द गई
ह, क तु जैसा क शीषक से प ट है इस लेख म ह द सा ह य का पंजाबी सा ह य पर
भाव नह ं दशाया गया है, बि क पंजाबी कथा सा ह य पर भाव दशाया गया है। जो क
यि त व ेणी के वतीय तर म है। अत: दोन दशाओं के अंतगत भ न- भ न प द शत
करने के लए, इस शीषक का वग करण करते समय अंतर - वषय दशा संबध
ं का योग कया
जाएगा।
4. Quantitative analysis of Hydrogen in Water = E2100k10 : 34
मु य वग E रसायन व ान क अनुसू ची के योग से संबं धत भाग (पृ. 1.76) म व णत
नयम सं या E18 के अनुसार व लेषणा मक रसायन के संदभ म, य द कसी मूल पदाथ म
उसके अवयव क उपि थ त क व लेषणा मक जांच क जाती है, तो उ त अवयव यि त व
ेणी म अंत: प अ भनत एकल के प म यु त होगा। अत: उपरो त उदाहरण म पानी क
एकल सं या 210 के साथ हाइ ोजन क एकल सं या 10(110 नह )ं को अंतः प अ भनत
दशा संबध
ं वारा दशाया गया है।

6. सारांश
इस कार दशा संबध
ं क ह भी दो वषय से संबं धत शीषक को वग कृ त करने के
लए एक उ तम यव था है। वग करणकार को कसी भी शीषक को वग कृ त करने से पूव
पु तक को अ छ तरह अ ययन कर आ व त हो जाना चा हए क व भ न वषय म कस
कार का संबध
ं है। त प चात ह वग करण चा हए अ यथा एक वषय क पु तक को दूसरे
वषय के वगाक दान करने क संभावना हमेशा बनी रहती है। यहां यह भी यान दे ना उ चत
होगा क दोन वषय म आपसी संबध
ं कस कार का है जो क पु तक के आ या या
अ ययन वारा ह प ट हो सकता है।

5. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइये.
1. Comparative study of Hindu and Muslim scriptures
2. Relation between classification and development of plants.

159
3. Cultural relations between India and Sri Lanka.
4. Science for social development.
5. Shakespeare (bron 1564) and Bernard Shaw (bron 1856) – a comparative
study
6. Difference between Reference Services in University and Research
libraries.
7. Influence of Computer on the Working Class.
8. Quantitative analysis of Oxygen in the air.

वग सं याएं
1. Q20m6 : 2 2. I : 110j66
3. Y:1.440j4498 4. A0By : 7 : 7
5. O111, 2J640mM56 6. 2340w6 : 7
7. Y490gD65, 8 (B) 8. E19810k60 : 34

8. व तृत अ ययनाथ ंथ सू ची
1. सतीजा, मो ह दर ताप, ायो गक व ब दु वग करण, अनुवादक रमाकांत शमा, नई
द ल , एस.एस, 1992
2. रं गनाथन, एस.आर, पु तकालय वग करण के मू ल त व, अनुवादक उमेश द त शमा,,
ब बई,'' ए शया पि ल शंग, 1967
3. Kaul, PN., A Treatise on Colon Classification, New Delhi, Sterling,
1985
4. Kumar, PSG, Practical Classification, V1. Colon Classification with 1116
graded examples and exercises and 116 objective questions, New Delhi,
Metropolitan, 1979.
5. Satija, M.P. Manual of Practical Colon Classification, New Delhi,
Sterling, 1984

160
इकाई 9 : यूई दशमलव वग करण (19 वां सं करण) का
ायो गक उपयोग : एक प रचय
उ े य
1. दशमलव प त से ारि मक प रचय कराना,
2. दशमलव क मू ल संरचना से अवगत कराना,
3. वभ न कार के नदश से अवगत कराना,
4. वगाक नमाण क व ध से प र चत कराना,

संरचना
1. वषय वेश
2. दशमलव वग करण का 19 वां सं करण
2.1 थम ख ड : तावना सार णयां
2.11 सहायक सार णयां
2.12 पुनः थापन नधारण तथा अनुसू ची का लघुकरण
2.13 तीन सारांश
2.2 वतीय ख ड: अनुसू चयां
2.21 व भ न कार के नदश
2.22 म यवत शीषक
2.23 ब दु एवं र त थान
3. तृतीय ख ड : सापे अनु म णका
4. वगाक नमाण व ध
4.1 व श ट वषय नधारण
4.11 वषय व लेषण
4.2 वगाक नमाण
4.21 सारांश का योग
4.22 अनुसच
ू ी का योग
5. सारांश
6. अ यासाथ न
7. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
पु तकालय एवं सू चना व ान े म सवा धक च लत यूई दशमलव वग करण
प त (डी. डी. सी.) का थम सं करण (44 पृ ठ म) 'A classification and subject index
for cataloguing and arranging the books and pamphlets of a library' शीषक से सन ्
1876 म का शत हु आ था। तब से ह यह प त नर तर वक सत होती चल गई और

161
प त के जनक मेल वल यूई क मृ यु के प चात ् भी पु तकालय जगत म सवा धक च लत
प त बनी हु ई है और प त के जनक मेल वल यूई क मृ यु के प चात ् भी पु तकालय
जगत म सवा धक च लत प त बनी हु ई है।
गत एक शता द से भी अ धक अ तराल म डी. डी. सी. ने अपनी वकास या ा म,
बा य तथा आ त रक दोन व प म अनेक प रवतन कए है। अपने येक नए सं करण के
साथ यह प त, पूणत: प रगणना मक वग करण से प ा मक वग करण क ओर बढ रह है।
वह ं बा य व प म भी यह, एक 44 पृ ठ क एक पुि तका से 3000 से भी अ धक पृ ठ क
बहु ख डीय पु तक का प ले चु क है। थम सं करण से 15 व सं करण (1951) तक
अंत वषय क बु को एक ह ख ड म समायोिजत कया गया, पर तु 16 व सं करण (1958)
म प त के आकार को यथो चत बनाए रखने के लए इसे वख डीय कर दया गया। थम
ख ड म मु यतः अनुसूची तथा वतीय ख ड म प वभाजन, भौगो लक सारणी, तथा
अनु म णका दए गए थे। डी. डी. सी. के इ तहास म 18 वां सं करण थम बार तीन ख ड म
सन ् 1971 म का शत हु आ। इसी कार 19 वां सं करण भी सन ् 1979 म तीन ख ड म
का शत हु आ। इसके प चात ् 20 वां सं करण सन ् 1989 म का शत हु आ। िजसके 3383
पृ ठ चार ख ड म समायोिजत कए गए। डीडीसी का नवीनतम 21 वां सं करण सन ् 1996 म
पुन : चार ख ड म का शत हु आ इस सं करण का काशन एक साथ दो मा यम -
पर पारागत मु त मा यम के अ तगत बहु ख डीय पु तक के प म तथा इले ॉ नक मा यम
के अ तगत सीडी-रोम के प म हु आ। इले ॉ नक सं करण को यूई फॉर व डोज (Dewey
for Windows) कहा जाता है।
नधा रत पा य म के अनुसार , इस अ याय के अ तगत डीडीसी के 19 व सं करण
का ह अ ययन कया जाएगा।

2. दशमलव वग करण का 19 वां सं करण


19 वां सं करण 1979 म तीन ख ड म (3361 पृ ठ म) का शत हु आ था।
वग करण के अ यास से पूव इसके तीन ख ड के अंत वषय तथा उनक संरचना से प र चत
होना आव यक है।
2.1 थम ख ड : तावना, सार णयां (Tables ,Introdution)
थम ख ड (जो क अपे ाकृ त आकार म छोटा है) के 482 पृ ठ के आरं भ म
काशक य ा कथन (पृ.xi-xiii), दशमलव वग करण संपादक य नी त स म त आमु ख (पृ.xv-
xvii), तथा सबसे म वपूण संपादक य तावना (पृ. Xxi-Ixxv) द गई है। इसी भाग म एक
अ य त मह वपूण श दावल (पृ. ।xxvii-Ixxxii) भी द गई है, जो संपादक य तावना म
यु त सम त तकनीक श द के साथ-साथ अनुसू चय से संबं धत श द का भी पया त वणन
करती है।
संपादक य तावना डीडीसी के सै ाि तक आधार तथा उसके व प को समझने के
लए अ य त मह वपूण है। इसम प त क मू ल योजना से लेकर, ायो गक वग करण के
वभ न ावधान का व तृत उ लेख कया गया है।
162
2.11 सहायक सार णयां ((Auxiliary Tables
थम ख ड के वतीय भाग म सात सहायक सार णयां द गई ह। इन सार णय क
मु ख वशेषता यह है क इनम दए गए अंक कसी अनुसच
ू ी के वगाक के साथ जोड़े जा सकते
ह। क तु यह अपने आप म पूण वगाक नह ं बन सकते। साथ ह थम सारणी अथात मानक
उप वभाजन के अलावा और कसी भी सारणी का योग बना प ट नदश के नह ं कया जा
सकता है। व भ न सार णय के योग से संबं धत ावधान का उ लेख आगे सबं धत अ याय
म कया गया है।
इस भाग म व णत सात सहायक सार णयां न न ल खत ह :-
1. Standard Subdivisions (मानक उप वभाजन)
2. Areas( े )
3. Subdivisions of Individual Literature (सा ह य वशेष के उप वभाजन)
4. Subdivisions of Individual Languages (भाषा वशेष के उप वभाजन)
5. Racial, Ethnic, National Groups (जातीय, वंशानुगत, रा जन समू ह)
6. Languages (भाषाएं)
7. Persons ( यि त)
2.12 पुन थान नधारण तथा अनुसच
ू ी का लघुकरण
सातवीं सारणी के प चात दो अ याय, सं करण 18 से 19 म प रव तत वगाक से
संबं धत ह। थम अ याय म ऐसे वगाक क सू ची द गई है जो सं करण 18 से 19 म या तो
प रव तत थान पर दए गए है या िजनका 19 व सं करण म योग ह नह ं कया गया है।
दूसरे अ याय म तीन वषय : समाजशा , राजनी तक या तथा टश वीप के अ तगत
यु त ऐसी धारणाओं या नाम क वणानु म म सू ची द गई है िजनके वगाक 19 व सं करण
म नए थान पर प रव तत हो गए ह।
2.13 तीन सारांश (Three Summaries)
थम ख ड के अ त म तीन सारांश (Summaries) के प म (पृ. 471-482) इस
प त क स पूण परे खा द गई है। व श टता वृ के म म व णत तीन सारांश-मु य वग,
भाग एवं अनुभाग ह। मु य वग (Main Classes) थम सारांश (पृ. 471) सम त ान को
इस प त के अनुसार 10 मु य वग म वभािजत करता है। मु य वग तथा उनके वगाक
न न ल खत ह-
000 Generalities
100 Philosophy & related disciplines
200 Religion
300 Social sciences
400 Language
500 Pure sciences
600 Technology (Applied sciences)

163
700 The arts
800 Literature (Belles-lettres)
900 General geography & history
भाग (Divisions):- इससे अगले पृ ठ (अथात पृ. 472) पर येक मु य वग को
10 भाग म वभ त कया गया है, िज ह भाग कहा जाता है। इस वतीय सारणी म मांड
के सम त ान को 10 x 10 = 100 भाग म वभ त कर दशाया गया है।
छा क सु वधा के लए वतीय सारणी को यहां पुन : तु त कया गया है :
Second Summary
The 100 Divisions
000 Generalities 500 Pure sciences
010 Bibliography 510 Mathematics
020 Library & Information sciences 520 Astronomy & allied sciences
030 General encyclopedic works 530 Physics
040 540 Chemistry & allied sciences
050 General serial publications 550 Sciences of earth & other worlds
060 General organizations & museology 560 Paleontology
070 Journalism, publishing, newspapers 570 Life sciences
080 General collections 580 Botanical sciences
090 Manuscripts & book rarities 590 Zoological sciences

100 Philosophy & related disciplines 600 Technology (Applied sciences)


110 Metaphysics 610 Medical sciences
120 Epistemology, causation, humankind 620 Engineering & & allied operations
130 Paranormal phenomena & arts 630 Agriculture & related technologies
140 Specific philosophical view points 640 Home economics & family living
150 Psychology 650 Management & auxiliary services
160 Logic 660 Chemical & related technologies
170 Ethics (Moral Philosophy) 670 Manufactures
180 Ancient, medieval, oriental 680 Manufacture for specific uses
190 Modern western philosophy 690 Building

200 Religion 700 The arts


210 Natural religion 710 Civic & landscape art
220 Bible 720 Architecture
230 Christian Theology 730 Plastic arts Sculpture
240 Christian moral & devotional 740 Drawing, decorative & minor arts
250 Local church & religious orders 750 Painting & paintings
260 Social & ecclesiastical theology 760 Graphic arts Prints
270 History & geography of church 770 Photography & photographs
280 Christian denominations & sects 780 Music

164
290 Other & comparative religions 790 Recreational & performing arts

300 Social sciences 800 Literature (Belles – letters)


310 Statistics 810 American literature in English
320 Political science 820 English & Anglo-Saxon Literature
330 Economics 830 Literature of Germanic languages
340 Law 840 Literature of romance languages
350 Public administration 850 Italian, Romanian, Rhaeto-Romanic
360 Social problems & services 860 Spanish & Portuguese languages
370 Education 870 Italic literatures Latin
380 Commerce (Trade) 880 Hellenic literatures Greek
390 Customs, Etiquette, Folklore 890 Literatures of other languages

400 Languages 900 General Geography & History


410 Linguistics 910 General geography & genealogy
420 English & Anglo-Saxon Languages 920 General biography & genealogy
430 Germanic languages German 930 General history of ancient world
440 Romanic languagesFrench 940 General history of Europe
450 Italian, Romanian, Rhacto-Romanic 950 General history of Asia
460 Spanish & Portaguese languages 960 General history of Africa
470 Italic languages Latin 970 General history of North America
480 Hellenic Classical Greek 980 General history of South America
490 Other languages 990 General history of other areas

अनु भाग (Sections)


तृतीय सारणी (पृ. 473-482) म येक भाग को पुन : 10 भाग म वभ त करके
दशाया गया है, िज ह अनुभाग कहा जाता है । अत: तृतीय सारणी म कु ल 100 x 10 =
1000 अनुभाग दए गए है।
उपरो त तीन सार णयां व भ न मु य वग तथा उनके भाग के प र े को भी
प ट करने का काय करती ह।
2.2 वतीय ख ड : अनु सू चयां (Schedules)
वतीय ख ड के 1574 पृ ठ म 001 से 999 तक वगाक क अनुसू चयां द गई ह,
िजनको 17व सं करण तक सारणी कहा जाता था। अनुसू चय से ता पय 'अंक क ऐसी खृं ला
से है जो डी डी सी के दस मु य वग तथा उनके सम त उप वभाजन हे तु अंकन का काय
करती है। 'यह व तु तः दस मु य वग के पदानु म म स पूण व तार को दशाती है। डी डी सी
प त से वग करण के अ यास के लए इस ख ड का योग तथा इसके व भ न ावधान क
जानकार अ य त आव यक है।
अनुसू चय के अ तगत एक वत:पूण इकाई को वि ट कहा जाता है, िजसम एक या
अ धक अंक, एक शीषक, तथा अकसर एक या अ धक ट प णयां/ नदश न हत होते ह। येक

165
वि ट म बायीं ओर को वगाक तथा दा हनी ओर को वषय शीषक दए गए ह। अधीन थ तथा
समक संबध
ं को बायीं ओर दए वगाक क ल बाई, तथा दा हनी ओर शीषक के प रव तत
आरं भक थान वारा द शत कया गया है।
2.21 व भ न कार के नदश
अनेक वगाक के अ तगत व भ न कार के ' प ट करण एवं अनुदेश तरह के नदश
दए गए ह। कसी उ चत वगाक के नधारण तथा नमाण के लए यह अ य त आव यक ह।
कु छ मु य नदश का वणन अ ल खत उपशीषक के अ तगत कया ग
(1) पा रभा षक नदश (Definition notes)
यह नदश कसी वगाक के वषय े या े ा धकार को प रभा षत करते है। जैसे,
वगाक-379.11 Financial administration in public education के अ तगत
न न ल खत नदश दया गया है : Costs, expenditures, allocation and management
of funds, budgeting, financial reports
यह वषय- े व तार नदश उन े को भी प ट द शत करता है जो वगाक के
स मु ख दए गए शीषक से प ट नह ं होते ह। कु छ थान पर वषय क सीधी एवं औपचा रक
प रभाषा द गई है। जैसे,
वगाक '020 Library & information sciences’ के अ तगत यह प रभाषा द गई
है:
The science and art utilized in indentification, collection,
organization, dissemination, use of books, other printed and written
records, audio visual materials, information
कु छ पा रभा षक नदश को उदाहरण वारा दशाया गया है। जैसे
वगाक- 343.0742 Specific kinds of assistance (Law of--) के अ तगत
न न ल खत नदश है:
Examples : loans, price supports, subsidies, maortgage insurance
व भ न पा रभा षक नदश के दो मु य उ े य ह : कु छ अ प ट या वषयेतर
उप वषय को प ट करना तथा डी डी सी प त म कसी वषय क प रसीमाओं को नधा रत
करना।
(2) समावेशन नदश (Inclusion notes)
समावेशन नदश के अ तगत ऐसे अधीन थ उप वषय को दशाया गया है जो न द ट
शीषक के भाग तो नह ं ह क तु इसी शीषक के वगाक म वग कृ त कए जाएंग।े इन उप वषय
पर वतमान म बहु त कम सा ह य होने के कारण इनको अलग वगाक से नह ं द शत कया
गया है। अ थायी प से एक न द ट शीषक के वगाक म ह समावे शत कर दया गया है।
जैसे,
वगाक- 530.41 Solid state physics के अ तगत दया गया नदश Including thin
films, electron theory of metals

166
इस नदश का ता पय यह है क 'बार क फ स' जैसे उप वषय, आव यक प से
'ठोस अव था भौ तक ' के भाग नह ं होते हु ए भी इसके वगाक के अ तगत वग कृ त कए
जाएंग।े ऐसा इस लए कया गया है क 'बार क फ स' के लए इस सं करण म कोई व श ट
वगाक नह ं है। यह ब ध केवल उस समय तक है िजस समय तक इस उप वषय को कोई
व श ट वगाक नह ं मल जाता।
समावेशन नदश म दए गए उप वषय के साथ मानक उप वभाजन (सारणी-1) के अंक
को नह ं जोड़ा जा सकता है। तथा साथ ह , ऐसी ट प णय को न द ट शीषक के उप वभाजन
के साथ भी यु त नह ं कया जा सकता है।
(3) यहां वग कृ त कर नदश (Class here notes)
कभी- कभी कसी वगाक के अ तगत, कु छ उप वषय ''यहां वग कृ त करे '' नदश के
साथ दए गए ह। ऐसे उप वषय वा तव म िजस वगाक के अ तगत दए गए ह। उससे भी
व तृत होते ह। और केवल कसी सु वधा क ि ट से इस थान पर दए जाते ह। यह नदश
सामा यत: सहायक उप म उपसू का उ लंघन करते ह।
वगाक – 343.08 Regulation of trade (Law) के अ तगत यह नदश दया गया
है:
Class here commodity exchanges, and exchanges transactions
इस कार के नदश म पदानु मक मह व होता है।
(4) अ य वग कृ त कर नदश (Class elsewhere notes)
यह नदश ''यहां वग कृ त कर'' नदश के वपर त है। जब कसी यापक शीषक के
भाग क तरह तीत होने वाले उप वषय को एक वतं वगाक दे दया जाता है तब उसे इस
यापक शीषक के अ तगत दए गए'' ..... के अंतगत वग कृ त कर'' नदश वारा दशाया जाता
है।
वगाक – 181.12 Japan (Philosopghy of-) के अंतगत यह नदश दया गया है:
Class Shinto philosophy in 181.095 61
यह नदश वतं वगाक वाले संबं धत उप वषय के लए भी दए जा सकते ह ।
वगाक – 181.4 India (Philosopghy of-) के अंतगत यह नदश दया गया है:
Class philosophy of Pakistan and Bangladesh in 181.15
(5) पूव वगाक नदश (Formerly notes)
जब पुन थान नधारण के प रणाम व प कसी वषय का वगाक नए सं करण म
बदल जाता है तब नए वगाक के साथ-साथ उसी थान पर पूव वगाक भी दया जाता है । यह
-''पूव वगाक' उपसग के साथ द घ को ठक म दया जाता है।
वगाक – 287.5 Methodist churches in British Isles [Formerly 287.97]
इस कार के नदश का मु य उ े य दो लगातार सं करण के म य प रवतन को
चि हत करना है। इन नदश से संबं धत वगाक अनुसू चय म अपने मब थान पद द घ
को ठक के अ दर दए जाते ह-

167
[581.075] Collecting botanical specimens
यह को ठकब वगाक अब चलन म नह ं ह तथा इनका योग नह ं कया जा सकता
है। कु छ को ठकब वगाक का योग ( वशेषकर 920 जीवनी के संदभ म) एक वैकि पक
यव था है। व तु तः इन वषय का पुन थापन नधारण कर इनको एक नया तथा अ धक
उपयु त थान दान कर दया गया।
इस तरह के को ठकब वगाक के अंतगत हमेशा एक ''अ य वग कृ त कर'' कार का
नदश दया रहता है।
[581.075] Collecting botanical specimens
Do not use ; class in 579.6
इस कार सामा यत: नवीन वगाक के साथ द घको ठक म ''पूव वगाक' नदश तथा
पूव थान पर पूव वगाक को द घको ठक म दे कर ''अ य वग कृ त कर'' नदश वारा दोन
उपगाम से उपयु त वगाक तक पहु ंचने के नदश दए गए ह।
''पूव वगाक'' नदश के दो मु य उ े य है: थम, यह नवीन तथा इसके पूव सं करण
के म य व भ न प रवतन का प ट वणन करते ह, तथा वतीय, यह पूव सं करण के
योगकताओं के इस संशय को दूर कर दे ते ह क कह ं नवीन वगाक मु ण क असावधानी के
कारण तो नह ं है।
र त अनुभाग को भी द घ को ठक म दया गया है। तथा यह त य शीषक के थान
पर द घ को ठक म द गई ट पणी वारा प ट कर दया है। य द पूव म इस अनुभाग का
योग कभी गया हो तो उस नवीनतम सं करण को एक अ य ट पणी वारा दशाया गया है।
[005] [Never assigned]
[006] [Unassigned]
Most recently used in Eidition 16
यूई दशमलव के 19 व सं करण म द घको ठक का योग एक अ य उ े य के लए
भी कया गया है। भाग 920 तथा कु छ अ य थान पर वैकि पक वगाक भी द घको ठक के
अ दर दए गए ह। पछले सं करण म 'जीवनी -सा ह य' वगाक 920-928 के अ तगत
वग कृ त कया जाता था। क तु 19 व सं करण म व भ न वषय- वशेष क जीवनी उनके
वषय के अ तगत वग कृ त क जाती है। तथा केवल व वध वषय से स बि धत यि तय क
जीवनी को भाग 920 के अ तगत वग कृ त करने का ावधान है। वषय वशेष क जीवनी
के वग करण हे तु उनके वषय के वगाक के साथ मानक उप वभाजन (सारणी -1) से - 092
जोड़ दया जाता है।
इन नवीन ावधान के साथ एक वैकि पक यव था के प म, सम त 'जीवनी-
सा ह य' को वगाक 920-928 के अ तगत वग कृ त करने का पूव च लत ावधान भी बनाए
रखा गया है। ऐसे सम त थाना त रत वगाक द घको ठक म इनके वैकि पक योग के नदश
के साथ दया गया है तथा अ धका रक प से वर य ावधान का वणन 920.1-928.9 (ख ड
2, पृ. 1445) के अ तगत कया गया है। उदाहरण -

168
एक अथशा ी क जीवनी 923.3 (वैकि पक वगाक)
330.092 (अ धका रक वर य वगाक)
इसी कार, वगाक
[848.99] Fench language literatures not requiring local emphasis
के अंतगत दए नदशानुसार इस वगाक का योग पु तकालय हे तु वैकि पक ऐसे
नदश के अंतगत आ धका रक प से वर य, अथात लाइ ेर ऑफ कां ेस के दशमलव
वग करण भाग वारा यु त वगाक भी दया जाता है। उपयु त वगाक [848.99] के अ तगत
वैकि पक योग के नदश के प चात, आ धका रक प से वर य ावधान का नदश भी दशाया
गया है-
Prefer 840-848 for literature of all countires
इसी तरह, जब कसी वषय को अ य थान पर भी वग कृ त कया जा सकता है तो
यह भी एक ट पणी if preferred, class with…… के वारा दशाया गया है। यह भी एक
वक प है क तु इसको दशमलव वग करण प त क आ धका रक योगशाला अथात लाइ ेर
ऑफ कां ेस के दशमलव वग करण भाग वारा यु त नह ं कया जाता है। क तु य द यह
वक प कसी भी पु तकालय को उपयु त लगता है तो वह इसका लाभ उठा सकता है।
वगाक - 016 Subject bibliographies and catalogues if preferred, class
with the specific discipline or subject, using ‘Standard
Subdivisions’ notation 016 from Table 1, eg. Bibliographies
of astronomy 520.16
(6) वगाक नमाण के नदश (Formation of Class Number Notes)
यह नदश दशमलव प त के सं लेषणा मक ावधान का मु य आधार ह। वैसे तो,
सामा यत: अनुसच
ू ी के कसी भी वगाक को आगे बढ़ाया जा सकता है। चाहे इसके लए दए ह
अथवा नह ं। सारणी-1 म दए गए मानक उप वभाजन को कसी भी वगाक के साथ बना
नदश के भी जोड़ा जा सकता है। इन अ त न हत ावधान के अ त र त अनेक वगाक के साथ
''जो ड़ए'' नदश मल जाते ह। इनक सहायता से अनुसू ची या कसी सारणी के अंको को
न द ट वगाक क आधार सं या के साथ जोड़ा जा सकता है। आधार सं या अंको क कसी
खृं ला का वह भाग है जो पूर खृं ला म अप रव तत रहता है। इस सं या के आगे अनुसू ची या
सारणी से नदशानुसार अंक जोड़े जा सकते ह:
यह ''जो ड़ए'' नदश दो कार के हो सकते ह:
(अ) एकल 'योजक' नदश'
अनेक वगाक के अंतगत, उस वगाक क आधार सं या के आगे अनुसू ची से कोई अ य
स पूण वगाक अथवा उसका एक अंश जोड़ने हे तु नदश मल जाते ह-
547.35 Quantitative chemistry (Add to base number 547.35 the
numbers following 545 in 545.01- 545.89)
ऐसे नदश के साथ सामा यत: कम से कम एक उदाहरण दया जाता है ।
169
(ब) सामू हक 'योजक' नदश
कभी-कमी समजातीय वगाक क पूर खृं ला के साथ दूसरे अंक को जोड़ा जा सकता
है । ऐसी ि थ त म खृं ला के येक वगाक म एकल 'योजक’ नदश दे ने के बजाय पूर
खृं ला के लए नदश एक थान पर दे दए जाते ह । यह नदश खृं ला के थम वगाक के
पूव दए जाते ह तथा िजन वगाक के लए भावी होते ह उनके शीषक के आरंभ म तारा (*)
या कटार च ह (t) अं कत कर दया जाता है। इन तारां कत कटारां कत शीषक वाले येक
पृ ठ म एक पा ट पणी द जाती है िजससे सामू हक 'योजक' नदश तक पहु ंचने म सहायता
मलती है-
547.4  Aliphatic compounds
547.41  Hydrocarbons
547.411  Paraffins
547.412  Olefins (Alkenes)
547.413  Acetylenics (Alkynes)
इस पृ ठ पर न न ल खत पा ट पणी द गई है :
* Add as instructed under 547
वगाक 547 के अंतगत न न ल खत नदश दए गए ह:
Add to notation for each term identified by * as follows:
04 Special topics of general applicability
044 Theoretical Chemistry
045 Physical Chemistry
046 Analytical Chemistry
0464 Qualitative
0465 Quantitative
उपयु त नदश के अनुसार अनेक सं ले षत वगाक का नमाण कया जा सकता है।
उदाहरण-
Theoretical chemistry of paraffins 547.411 + 044 = 547.411 044
Analytical chemistry of paraffins 547.411 + 046 = 547.411 046
इन नदश के वारा व भ न प का प ट उ रण म नधारण कर दे ने से, वगाक
नमाण क मता म बु तथा या म सरलता आ जाती है।
2.22 म यवत शीषक (Centered headings)
कमी-कभी कसी वषय को एक वगाक से न पत करने के थान पर, मक वगाक
क एक खृं ला तक व तृत कर दया जाता है। इसे दशाने के लए खृं ला के थम तथा
अि तम दोन सीमावत वगाक को हाइफन (-) वारा जोड़ा जाता है। यह म यवत शीषक
अथवा वि ट अनुसच
ू ी म अनुभाग या उसके कसी उप वभाजन के तर पर हो सकती है। यह

170
हमेशा पंि त के म य क ओर द जाती है िजसके बायीं ओर से हा शये पर एक नदशक
कोण [ ] म यवत शीषक क ओर संकेत करते हु ए दखाई दे ता है। उदाहरण -
383 – 384 Specific kinds of communications
384.1 – 384.7 Telecommunication
यह ावधान प ट प से पदानु म के स ा त क अवहे लना करता है। क तु साथ
ह व भ न उप वभाजन के वग करण हे तु असामा य थान भी दान करता है। म यवत
ू ी के अंतगत एक मु ण युि त साधन है। अत:
शीषक अनुसच ायो गक वग करण म इसका
योग उसी कार नह ं कया जा सकता िजस कार यह दया हु आ है। इस वषय पर यापक
कृ तय के वग करण हे तु सदै व एक व श ट वगाक का योग करने के नदश अव य ह दए
रहते ह। उपयु त वतीय उदाहरण म म यवत शीषक
384.1-384.7 Telecommunication के प चात यह नदश दया गया है :
Class comprehensive works in 384
इस कार, दूरसंचार के लए यु त एक वगाक 384 होगा।
2.23 ब दु एवं र त थान
डी डी सी प त म यु त सम त सं यांक दशमलव अंश क तरह माने जाते ह।
क तु अंकन क सरलता के ि टकोण से होने वाला दशमलव ब दु वगाक के थम अंक के
पूव नह ं लगाया जाता है। इस प त म कोई भी वगाक कम से कम तीन अंक का होता है।
मु य वग तथा उनके भाग के संदभ म (िजनम मशः एक तथा दो भावी अंक यु त होते
ह) इन अंक के बाद शू य जोड़कर यूनतम तीन अंक क आव यकता को पूरा कया जाता है।
अत: मु य वग 'सामािजक व ान' का वगाक 300 होगा न क 3, इसी कार 'अथशा ' का
वगाक भी 330 ह हो जाता है। तीसरे तथा चौथे अंक के म य एक ब दु (.) लगा दया जाता
है। यह ब दु दशमलव ब दु नह ं है अ पतु एक वराम है िजसका योग मनोवै ा नक
ि टकोण से अ धक सं याओं क एकरसता को तोड़ने के लए कया जाता है। इसका अ य
कोई उपयोग अथवा उ े य नह ं है।
य द कोई वगाक छ: से अ धक अंक का हो तो छठे तथा सातव अंक के म य एक
अंक का र त थान छोड़ दया जाता है। इसी कार, आव यकतानुसार नव तथा दसव अंक के
म य और फर बारहव तथा तेरहव अंक के म य भी एक अंक का थान छोड़ा जाएगा। अत:
ब दु के प चात आने वाले येक अंक के बाद एक अंक का तु तीकरण 530.133 2 होगा न
क 530.133 2 । इसी कार, 'ग णतीय अथशा ' के वगाक का तु तीकरण 330.154 3
होगा।
यह ब दु तथा र त थान आंख को आराम पहु ंचाने और सू ची से थ
ं सं ह क
म थ
ं तक पहु ंचने क अ प समयाव ध म वगाक को याद रखने म मदद करते ह।

3. तृतीय ख ड : सापे अनु म णका (Relative Index)


इस 1217 पृ ठ के तृतीय ख ड म स पूण प से सापे अनु म णका समा हत है।
अनु म णका के मूल पाठ से पूव सं त नदश (पृ. x) तथा इस ख ड म यु त श द के

171
सं त प क कं ु जी (पृ. xi = xiii) द गई ह। सापे अनु म णका मेल वल यूई का एक
अ य त मह वपूण योगदान माना जाता है। यह वगकार के लए अ य त उपयोगी है तथा
अनेक यि त अनु म णका क सहायता से अनुसू चय के योग को ाथ मकता दे ते ह।
अनु म णका म कसी भी वषय के सभी प को (जो अनुसू चय के व याशाखानुसार
यवि थत होने के कारण अलग-अलग मु य वग , भाग या अनुभाग म बखर जाते ह) एक
साथ एक थान पर दखाया जाता है। इसी लए इसको सापे अनु म णका कहा जाता है। अत:
अनुसू ची तथा अनु म णका एक दूसरे के पूरक ह।

4. वगाक नमाण व ध
ायो गक वग करण क स पूण या दो अव थाओं म पूण होती है :
(अ) लेख के व श ट वषय नधारण का बौ क काय,
(ब) कसी वग करण प त म न हत ावधान के अनुसार उस व श ट वषय के लए
उपयु त वगाक नधारण का श प कौशल।
4.1 व श ट वषय नधारण
कसी लेख के व श ट वषय का नधारण वग करण क स पूण या म सबसे
मह वपूण है। यह कसी भी वग करण प त के व श ट ावधान से वतं एक बौ क काय
है। इसके लए वगकार का स पूण ान से सामा य प रचय होना आव यक है। आज के
व श ट करण के युग म ऐसा हो पाना नता त असंभव है। फर भी सामा य वग करण प तय
म ान के व भ न वग तथा उनके उप वभाजन से प र चत हो जाने के प चात अ यास हे तु
ारं भक जानकार मल जाती है।
4.11 वषय व लेषण
कसी भी लेख के व श ट वषय का नधारण करने के लए उसके शीषक, उपशीषक,
तावना, वषय-सूची, मू ल पाठ तथा अ य संबं धत ोत का अ ययन कया जा सकता है।
एक पु तकालय के वगकार को वषय व लेषण करते समय न केवल लेख म व णत
वश ट वषय का थान नधा रत करना होता है बि क वग करण क यु त प त के
ावधान का भी मरण रखना होता है। अत: व श ट वषय नधारण के प चात, वगकार का
मु य काय प त के अनुसार मू ल वषय, तथा तीन वभ न प का नधारण करना है।
थम, मू ल वषय के न पण का ि टकोण जैसे दशन, स ा त, इ तहास, शोध या फर
योगा मक ि टकोण। 'पु तकालय वग करण के स ा त', वतीय वह लेख िजसम मू ल
वषय को कसी ि टकोण से न पत कया गया है, वयं एक श दकोश, प का या व वकोश
कु छ भी हो सकता है। तथा तृतीय उपरो त आ त रक तथा बा य दोन वशेषताओं के
अ त र त वह लेख कसी भी भौ तक मा यम म हो सकता है, जैसे पु तक, माइ ो फश,
वी डयो कैसेट, दशमलव फ म, फोनो रकाड सी डी रोम या एक म ट मी डया इकाई।
अत: एक वगकार को लेख के तीन भ न प को पहचानना होता है। यह काय पूण
हाने पर वषय तथा उसके न पण के प को दशमलव प त के ावधान के अनुसार
वग कृ त कर लया जाता है। इसके लए सव थम हम मूल वषय को वग कृ त करते ह।

172
त प चात उसके ि टकोण तथा भौ तक मा यम को तथा अंत म प त के ावधान के अनुसार
सं ले षत वगाक का नमाण कर लया जाता है।
4.2 वगाक नमाण
डी डी सी प त म वगाक का नमाण दो कार से कया जा सकता है:
(अ) य या अनुसू चय के वारा।
(ब) परो या अनु म णका के वारा। सापे अनु म णका के योग क वध
संबं धत अ याय म व तारपूवक द गई है।
य व ध ह डी डी सी के स पादक म डल वारा सं तुत व ध भी है य क इससे
प त क आ त रक संरचना तथा ावधान को शी समझने म सहायता मलती है।
य व ध से वग करण क या मे सव थम तीन सारांश का योग कया जाता
है।
4.21 सारांश का योग
तीन सारांश का वणन इसी अ याय म थम ख ड के अंतगत पहले ह कया जा
चु का है। यहां पर उनके योग क व ध से अवगत कराया जा रहा है।
कसी लेख के व श ट वषय का नधारण करने के प चात वगाक नमाण हे तु थम
चरण म सारांश का योग कया जाता है। कसी एक मु य वग का नधारण करता है। 'चु नाव
णा लयां’ वषय के वग करण के लए आसानी से मु य वग 300 Social sciences नधा रत
कया जा सकता है।
अब, नौ मु य वग को छोड़कर, दूसरे चरण म वतीय सारणी म से, िजसम येक
मु य वग को दस भाग म वभ त कया गया है, केवल मु य वग 300 के भाग पर
यान केि त कया जाता है। इस चरण म दस भाग म से एक भाग का नधारण कया
जाता है। नि चत प से 'चु नाव णा लयां’ राजनी त व ान के अंतगत एक उप वभाजन है।
अत: इस चरण म
320 Political science भाग नधा रत कया जा सकता है।
तृतीय चरण म, तृतीय सारांश का योग कया जाएगा, िजसम येक भाग को पुन :
दस अनुभाग म वभ त कया गया है । तृतीय सारांश म 320 के दस अनुभाग म से
324 The political process सवथा उ चत अनुभाग तीत होता है, य क चु नाव
राजनी तक या का ह एक अंग है। अत: तृतीय सारांश से अनुभाग 324 नधा रत कया जा
सकता है।
वग करण के चरण म अनुसू ची का योग कया जाएगा।
4.22 अनुसू ची का योग
इसी अ याय म पहले बताया जा चु का है क वतीय ख ड म व णत अनुसू चयां दस
मु य वग के पदानु म म संपण
ू व तार को दशाती ह।
अनुसू ची का योग व श ट अनुभाग के आरं भक थान से कया जा सकता है, जहां
सामा यत: उपअनुभाग का एक और सारांश मल जाता है। उपयु त उदाहरण म अनुभाग 324
के आरंभ (पृ. 223) म उप अनुभाग क एक सारणी द गई है। इसके अंतगत वगाक
173
324.6 Elections दया गया है।
अब वगाक 324.6 के व भ न उप वभाजन के अंतगत वगाक 324.63 Electroal
systems मल जाता है। अत: 'चु नाव णा लयां’ शीषक का व श ट वगाक 324.63 होगा।
इसी कार, शीषक Anatomy of human lungs ‘(मानवीय फेफड क संरचना)' को
वग कृ त कया जा सकता है। यह पु तक मानव शर र के अंग से संबं धत है। अत: कोई
सामा य वगकार भी बना समय यतीत कए यह बता सकता है क इसका वषय, मु य वग
अनु यु त व ान के अ तगत च क सा शा भाग (वगाक 610) म वग कृ त होगा। अब
भाग 610 के अ तगत तृतीय सारांश म दे खने पर
611 Human anotomy अनुभाग मल जाता है। इसके प चात,् वगाक 611 क
अनुसू ची के आरं भ म द गई अनुभाग क सारणी ( वतीय ख ड, पृ. 829) म वगाक
611.2 Respiratory system सवथा उपयु त होता है, िजसके उप वभाजन पर एक
नजर डालने पर व श ट वगाक
611.24 Lungs मल जाता है। अत: 'मानवीय फेफड क संरचना’ शीषक का वगाक
611.24 होगा।
यहां यह प ट करना अ य त आव यक है क एक ज टल वषय वग करण इतना
आसान नह ं होता। उसके लए सं लेषण के व भ न ावधान का उपयोग करने क आव यकता
पडती है। इन ावधान को उपयोग करने क आव यकता पड़ती है। इन ावधान को वगाक के
अंतगत दए गए व भ न नदश , (िजनका वणन इसी अ याय म पहले कया जा चु का है),
तथा सारणी -1 के मानक उप वभाजन के योग स ब धी सामा य नदश के वारा दशाया
गया है।

5. सारांश
इस इकाई को पढ़ने के बाद आप यह जान चु के ह गे क डी. डी. सी. एक मह वपूण
वग करण प त है, िजसके अब तक 21 सं करण का शत हो चु के ह। अ ययन के लए इस
प त का 19 वां सं करण योग म लाया जा रहा है। इस सं करण म प त को 3 भाग म
वभािजत कया गया है तथा येक के उ े य भ न- भ न ह। येक के उपयोग के बारे म
ारि भक जानकार इस अ याय म द गई है जो क आगे आने वाले अ याय को समझने के
लए मु य भू मका नभाएगी।

6. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक को वग कृ त क िजए:
1. Industrial psychology (औ यो गक मनो व ान)
2. Dewey Decimal Classification (दशमलव वग करण प त)
3. International politics (अ तरा य राजनी त)
4. Problem of poverty (गर बी क सम या)
5. Solar eclipse (सू य हण)
174
6. Marketing management ( वपणन ब धन)

वगाक :--
1. 158.7 2. 3825
3. 025.431 4. 523.78
5. 327.11 6. 658.8

7. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची:


1. DEWEY (Melvi), Dewey Decimal Classification and Relative Index, Ed 19,
1979, V1.
2. SATIJA (MP), Exercise in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, 2001, Concept, New Delhi.

175
इकाई 10 : सापे अनु म णका का योग
उ े य
1. सापे अनु म णका क आव यकता तथा मह व से प र चत कराना,
2. अनु म णका क संरचना से प र चत कराना,
3. इसके व भ न ावधान क उपयो गता से अवगत कराना,
4. वभ न कार के नदश से अवगत कराना,
5. वगाक नधारण क व ध से प र चत कराना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. आव यकता एवं मह व
3. सापे अनु म णका का व तार
4. अनु म णका पृ ठ का व प
5. अनु म णका क संरचना
6. वि टय म यु त सं त प
6.1 सार णय के सं त प
7. त नदश
7.1 ''दे खए'' नदश
7.2 ''और भी दे खए'' नदश
8. अनु म णका म अंक का नधारण
9. अनु म णका के साथ अनुसच
ू ी का योग
10. सारांश
11. अ यासाथ न
12. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
अब आप जान चु के क डी डी सी के 19व सं करण का तृतीय ख ड अनु म णका है।
1217 पृ ठ वाले इस ख ड म मू ल पाठ से पूव सं त नदश (पृ. x) तथा श द के सं त
प क कं ु जी (पृ. xi-xiii) द गई है। अनु म णका थम सं करण से ह डी डी सी का एक
अ वभा य अंग रह है तथा अपने वश ट व प के कारण अनुसू चय के योग म सदै व
अ य त मह वपूण भू मका नभाती है। इस अ याय म इसक आव यकता, मह व, उपयोग आ द
पर व तार से चचा करगे।
दशमलव क अनु म णका को सापे अनु म णका कहा जाता है य क यह वषय
क संि थ त को उलटकर दशाती है। जैसा क सव व दत है दशमलव क अनुसू चयां ान क
शाखाओं के अनुसार यवि थत ह। एक ह वषय के वभ न प अलग-अलग मु य वग ,

176
भाग या अनुभाग के अंतगत वखर जाते ह। उदाहरणाथ तांबे का वै ा नक अ ययन मु य
वग 5 Pure sciences; तांबे क ौ यो गक मु य वग 6 Technology; तथा तांबा उ योग
के आ थक प मु य वग 3 Social sciences के अंतगत वग कृ त कए जाएंगे । इसके
वपर त, सापे अनु म णका म तांबा वषय से संबं धत येक प मु य शीषक तांबा के
अंतगत एक थान पर दए हु ए मल जाएंग।े
इस कार सापे अनु म णका एक ह वषय के, अनुसू चय म व भ न थान पर
बखरे हु ए, अनेक प को एक थान पर उनके आपसी संबध
ं स हत दशाती ह।

2. आव यकता एवं मह व
दशमलव म सम त अनुसू चयां मु य वग के उ तरोतर उप वभाजन तथा उनके
वगाक का यवि थत सं ह ह। कोई भी यि त िजसे ान के व प क सामा य जानकार हो
उपयु त अनुसू ची म आव यक थान तक आसानी से पहु ंच सकता है। क तु एक सामा य
वगकार के लए स पूण ान से ारं भक प म प र चत हो पाना भी नता त असंभव है।
इसके अ त र त दशमलव प त म व भ न वषय को िजस कार मु य वग तथा उनके
उप वभाजन म संग ठत कया गया है वह ता कक ि ट से अनेक थान पर उ चत नह ं है।
एसी ि थ त म सीधे अनुसू चय से वगाक तक पहु ंचना मु ि कल हो जाता है। प त के
प रगणना मक व प के कारण अनेक थान पर वि टय क सं या अ य धक हो जाने से
वां छत वगाक तक पहु ंचना एक समयसा य काय है।
सापे अनु म णका उपयु त सभी सम याओं का समाधान तु त करते हु ए, दशमलव
प त के योग को अ य त सरल बना दे ती है। इसम वभ न वषय को वणानु म म
यवि थत कया गया है। साथ ह येक वषय के व भ न प को उनके आपसी संबध
ं को
दशाते हु ए एक साथ दया गया है। इससे अनु म णका का मह व और भी अ धक बढ गया है।

3. सापे अनु म णका का व तार


सापे अनु म णका म कु ल 80,000 से अ धक वि टय का ावधान कया गया है।
ये वि टयां अनुसू चय तथा सार णय म सि म लत प से प रग णत 29,528 वि टय के
संदभ म अ धक ह।
अनु म णका म न न ल खत श द को वणानु म क एक ेणी म दया गया है:
i) अनुसू चय म व णत सम त मह वपूण श द या धारणाएं
ii) सात सहायक सार णय म व णत धारणाएं
iii) वि टय के अ तगत दए गए सम त उदाहरण
iv) योजक नदश वारा बनने वाल कु छ संयु त धारणाएं
v) पयायवाची श द तथ स बि धत धारणाओं के संदभ म त नदश
vi) इनके अ त र त, न न ल खत श द को अनु म णका म सि म लत नह ं कया गया
है:
i) अनुसू चय तथा सार णय म सि म लत नह ं कए गए श द - सम त थान के नाम,
ख नज के नाम पौध के नाम, बीमा रय के नाम आ द;
177
ii) कुछ अपवाद को छोड़कर यि तय के नाम, जैसे धम के सं थापक, धा मक ं ;

iii) व श ट दे श अथवा भाषाओं के लए कलाओं अथवा सा हि यक वधाओं के नाम,
उदाहरण के लए अं ेजी क वता, ांसीसी पाककला;
iv) मानक उप वभाजन के अंतगत व णत सामा य धारणाएं जो अ धकतर वषय म
यु त होती ह, जैसे- शै क शासन, ग ण तय सार णयां
v) कुछ धारणाएं संदभ म बार-बार आती ह । उ ह संदभ के थान पर व श ट धारणा
के थान पर शा मल कया गया है, जैसे – Organic acids के थान पर Acids
organic क वि ट मल जाएगी।

4. अनु म णका पृ ठ का व प
सापे अनु म णका का येक पृ ठ एक उ व रे खा वारा वभािजत दो कॉलम म
संग ठत है। येक कॉलम म अनु म णका क वि टयां द गई ह । अनु म णका के अंतगत
वि ट को इस कार प रभा षत कया गया है:
A term of phrase followed by information in the form either of a number
or of a reference to another term or phrase.
अथात एक श द या वा यांश िजसके प चात एक सं या अथवा दूसरे श द या
वा यांश के संदभ के कार क सू चना द गई हो।
अत: अनु म णका वि ट एक यो ता को कसी सं या अथवा त नदश तक
पहु ंचाने का काय करती है।
उदाहरण –
Flats
architecture 728.314
building 690.8314
housekeeping 647.92
Other aspects see
Residential buildings
इस उदाहरण म लै स के तीन प के वगाक दए गए ह। त प चात अ य प के
वग करण हे तु रहाइशी भवन के अ तगत दे खने का नदश दया गया है।
इसी कार,
Inert gases see Rare gases
इस वि ट म प ट है क नि य गैस तथा दुलभ गैस म से दुलभ गैस वा यांश
का योग कया गया है तथा नि य गैस के कसी भी प का वग करण दुलभ गैस क
वि ट म कया जाएगा।
सापे अनु म णका के कसी भी सामा य पृ ठ पर ि ट डालने से कसी वषय के
वभ न प के आपसी संबध
ं के तर भी प ट हो जाते ह।
उदाहरण -

178
Corn
agriculture
field crops
food 633.15
forage 633.255
garden crops 635.67
soc. & econ. aspects see
Primary Industries
Flour & meal
Comm. proc. 644.725
Foods 641.356 7
preparation
commercial 664.805 67
domestic 641.656 7
Oil
comm, proc.664.369
Other aspects see Oils
इस उदाहरण म वभ न वि टय के प रव तत आरं भक थान से उनके पर पर
संबध
ं का भी पता चल जाता है। इसके अंतगत Corn के तीन प को दया गया है: कृ ष,
आटा एवं भोजन, तथा तेल। कृ ष प के अंतगत पुन : दो उप प तथा एक त नदश दया
गया है। इनम से एक उप प खेत म उगाई जाने वाल फसल के अंतगत पुन : दो वक प
दए गए ह अनाज तथा चारा । अत: एक वगकार को लेख के वषयानुसार इन अनेक
वक प म से उ चत
वक प का नधारण कर उ चत वि ट तक पहु ंचना होता है।

5. अनु म णका क संरचना -


सापे अनु म णका म वषय को श दशः वणानु म म यवि थत कया गया है।
साथ ह एक वषय के समान तर के व भ न प को भी वणानु म म ह रखा गया है।
येक वषय के थम श द का आरं भ रोमन द घा र से होता है, जब क उसके व भ न प
के थम श द का आर भ रोमन लघु अ र से ह हो जाता है। भाषा के याकरण के सामा य
नयम का पालन करते हु ए यि तवाचक सं ा हमेशा द घा र से आरं भ होती है। संयोजक
रे खा स हत संयु त श द, एक श द क तरह यु त कए गए ह ।
उदाहरण -
Highballs
Highboys
High-caloric cookery

179
High-carbohydrate
High-compression-ignition
High-energy
Higher
High-explosive ammunition
High-fat
High-fidelity systems
High-frequency
Highland
वा यांश को नयमानुसार बना उ मण के ' वशेषण + सं ा' क दशा म दशाया गया
है।
उदाहरण -
Agricultural banks
Fabian socialism
Indian desert
Indian ocean
Inorganic chemistry
Physical geography
Postal insurance
Roral sociology
इस नयम के कु छ अपवाद भी ह, जैसे –
Roman catholic Bishops के थान पर
Bishops Roman Catholic वि ट द गई है।
मू त सं ाएं बहु वचन के प म द गई ह, जैसे
Islands
Isomers
Isotops
keys
Laces
Lagoons
Lamps
Lampshades
अमू त सं ाएं एक वचन के प म द गई ह, जैसे -
Morality
System

180
Thought
Truth
वकृ त वर के साथ मब करते समय ऐसे यवहार कया जाता है, जैसे उनम कोई
वकृ त न हो।
उदाहरण –
Haute – Saone FranceकोHaute – Saone France क तरह
Hautes – Pyrenees France को Hautes – Pyrenees France क तरह

6. वि टय म यु त सं त प
सापे अनु म णका म अ धकतर वि टय के अंतगत व भ न तर पर श द के
सं त प का योग कया जाता है। इसम यु त सम त सं त श द को मू ल पाठ के
पूव (पृ. xi-xiii) सू चीब कया गया है। इस सू ची क सहायता से वि ट म यु त सं त
श द के अथ आसानी से समझे जा सकते ह कु छ मु ख सं त श द को यहां पर दया गया
है:
appl(s)  application(s), applied
gen. wks.  general works
misc.  miscellaneous, miscellany
s.a.  see also
soc.  social, socialization, sociology
spec.  specific
subj.  subject(s)
इसके अ त र त, संयु त रा य अमे रका के ा त के भी सं त प सू ची म दए
गए ह।
उदाहरण -
Ariz.  Arizona
Ark.  Arkansas
Calif.  California
Colo.  Colorado
6.1 सार णय के सं त प
जैसा क पहले उ लेख कया गया है सापे अनु म णका म अनुसू चय के अलावा
सात सार णय म व णत धारणाओं को भी सि म लत कया गया है। कसी भी सारणी से
संबं धत वि ट म; अनुसू ची क वि ट से भ न दो वशेषताऐं होती है : थम, सारणी का
सं त नाम; तथा वतीय, डैश (-) जो सारणी के सं त नाम तथा उस धारणा के लए
यु त अंक के म य योग कया जाता है।

181
अत: सारणी क कसी भी वि ट म न नां कत यवि थत चार भाग होते : धारणा
सारणी का सं त नाम, डैश, यु त अंक।
उदाहरण -
Indic peopler.e.n.---914
इस वि ट म r.e.n. सारणी 5 Racial, Ethnic, National Groups का सं त
नाम है । तथा 914 इस सारणी म भारतीय मू ल के यि तय के लए यु त अंक है।
व भ न सार णय के लए यु त सं त प न न ल खत ह :
सारणी सं या सारणी का नाम सं त प
1. Standard Subdivisions (मानक उप वभाजन) s.s.
2. Areas ( े ) area
3. Subdivisions of Individuals Litaures
(सा ह य वशेष के उप वभाजन) lit. sub.
4. Subdivisions of Individuals Languages
(भाषा वशेष के उप वभाजन) lang. sub.
5. Racial, Ethnic, National Groups
(जातीय, वंशानुगत, रा जन समू ह) r.e.n.
6. Languages (भाषाऐं) lang.
7. Persons ( यि त) pers.

7. त नदश (Cross references)


स पूण सापे अनु म णका म त नदश का अ धक योग कया गया है। अ धकतर
वषय के अंतगत त नदशा मक वि टयां एक आव यक भाग के प म उपि थत ह । इतनी
अ धक सं या म त नदश का योग मु यतः थान क बचत करते हु ए भी यो ताओं को
अ धकतम सूचना दे ने के उ े य से कया गया है। साथ ह , अनु म णका म यु त नदश
ं ी व भ न श द तरछे (Italics) दए गए है।
संबध
अनु म णका म यु त व भ न नदश को दो वग म रखा जा सकता है. ''दे खए'',
तथा ''और भी दे खए'' नदश।
7.1 ''दे खए'' नदश (''see'' (references
सापे अनु म णका म यु त 'दे खए' नदश दो कार के ह : य (Direct) तथा
सामा य (generalized)/ य नदश पुन : दो तरह के हो सकते ह : थम - जो समान
तर के दूसरे श द क ओर नदश करते ह, तथा वतीय - जो यापक तर (broad level)
के श द क ओर नदश करते ह । थम तरह के नदश के अंतगत पयायवाची, भ न लेखन
शैल , तथा प रवत वतनी के अ यु त श द से अनु म णका म यु त श द क ओर नदश
कया जाता है।
उदाहरण -

182
Hansen’s disease see prosy
Ape see Pongidate
Ante see Formicidae
Unesco see UNESCO
Mats see table linens
Keramic see ceramic
दूसर तरह के नदश (अथात जो यापक तर के श द क ओर नदश करते ह) वारा
वगकार को उन उप वषय क अनुसच
ू ी म प ट ि थत ात करने म सहायता मलती है
िजनके वयं कोई वगाक नह ं होते िज ह कसी यापक धारणा के अ तगत सि म लत कया
गया है।
उदाहरण -
Tents see Camping equipment
अब पुन : Camping वषय के अंतगत दे खने पर न नां कत वि टयां मलती ह :
Camping
equipment
armed forces 355.81
s.a.spec.mil.branches
manufacturing
soc. & econ. Aspects see
Secondary industries
Technology 685.53
Sports 796.54
other aspects see Sports
उपयु त वि टय से प ट है क ' श वर उपकरण’ के अंतगत दए गए व भ न प
तंबू के लए भी यु त हो सकते ह। ' श वर उपकरण’ के अंतगत द गई दोन वि टय के
ू ी म उ लेख है-
वगाक का अनुसच
355.81 Clothing, equipment, food .......... (of military)
including camp equipment
685.53 Camping equipment (Manufacture of ---)
Examples : tents, Camp beds, camp/stools, sleeping bags
अनुसू ची क इन दोन वि टय से यह प ट है क 'तंब’ू वषय का कोई व श ट
वगाक नह ं है। ' श वर उपकरण नमाण ौ यो गक ' वषय के अंतगत इसे उदाहरण म दया
गया है। जब क 'सश सेवाओं के श वर उपकरण’ वषय के अंतगत 'तंब’ू को वग कृ त करने
के लए अनु म णका ह एकमा संद शका है।

183
सामा य ''दे खए'' नदश के अंतगत कसी उप वषय के व भ न अनु योग , कार ,
उपयोग तथा अ भ यि तय तक पहु ंचने का माग मलता है। कभी- कभी कसी वषय के अनेक
प म से कु छ प के वयं के व श ट अंक होते ह। क तु अ य प के लए उस वषय
को कसी अ य यापक धारणा के साथ अंक बांटने पड़ते ह। ऐसी अव था म, वषय के साथ
योग कए जाने वाले अंक को उस वषय के अंतगत दया जाता है तथा अ य प के लए
सामा य नदश दए जाते ह। जैसे-
Other aspects see या misc.aspects see । इन नदश के प चात संबं धत
यापक धारणा का उ लेख होता है।
उदाहरण -
Jacobean
architecture 724.1
spec. places 720.9
Other aspects see
Architectural schools
7.2 ''और भी दे खए' नदश ("see also'' references)
दशमलव के 19व सं करण म ''और भी दे खए'' नदश का योग मह वपूण है। इन
नदश के लए सं त प s.a. का योग कया गया है। यह मु यतः उन प क ओर
नदश करते है िजनके अंतगत उस वषय से संबं धत साम ी मल सकती है, तथा िजनको
वश ट वि ट के प म यहां पर नह ं दया गया है।
उदाहरण -
Everyday
life
art representation 704.949
painting 754
s.a. other spec. art forms
lit. & stage trmt. see
social themes
living
personal rel. see Condact
s.a. Daily
उपयु त उदाहरण म दो ''और भी दे खए'' नदश ह। व भ न वि टय से प ट है
क 'कलाओं के े म के जीवन' के न पण के लए एक वि ट है तथा एक अ य वि ट
' च कला म त दन के जीवन' के न पण के लए है। इसके प चात ''और भी दे खए'' नदश
वारा यह दशाया गया है क कला अ य वधाओं म त दन के जीवन के न पण को दे खने
के लए उस व श ट वधा के अंतगत दे खए। इस वषय क अं तम वि ट म यह नदश

184
दया गया है क ' त दन' (Everyday) से संबं धत कु छ साम ी ‘दै नक’ (Daily) वषय के
अंतगत भी मल सकती है।
इसी कार
Physiology
cells574.876
animals 591.876
plants 581.876
s.a.spec. organisms
उपयु त उदाहरण म प ट है क व श ट जीव के 'को शका शर र व ान' हे तु उन
जीव के नाम के अंतगत द गई वि टय को दे खना होगा। यह नदश येक जीव के
'को शका शर र- या व ान' का वगाक यहां दे ने के थान पर एक सामा य नदश दे दे ता है।
तथा अनु म णका के मह वपूण थान क बचत करता है।

8. अनु म णका म अंक का नधारण


अनु म णका के वणानु म म यवि थत होने के कारण थम ि ट म इसका योग
अ य त आसान सा लगता। क तु इसके भावी योग के लए कु छ त य का यान रखना
अ य त आव यक है।
य य प अनु म णका म सम त पयायवाची अ यु त श द से यु त श द तक पहु ंचने
के लए त नदश दए ह, तथा प कु छ थानीय मह व के श द इसक प र ध के बाहर भी हो
सकते ह। उदाहरण- Primary education के लए अनु म णका म Elementary education
वा यांश का योग कया गया है। तथा ाथ मक श ा क कोई वि ट ह नह ं है। अत: य द
कसी वषय क वि ट नह ं मलती है तो उसके पयायवाची- वशेषकर पि चमी जगत म यु त
श द के अ तगत दे खना लाभदायी होगा।
इसके अ त र त संयु त वषय (िजनम एक से अ धक श द पृथक वि टय म पृथक
वगाक के साथ मल जाते ह) को अनु म णका म दे खते समय अ य त सावधानी रखनी पड़ती
है। य क इनम से कु छ वगाक के अंतगत अ य प को जोड़ने के लए 'जो ड़ए' नदश मल
जाते ह, जब क कु छ अ य के अंतगत ऐसे कोई नदश नह ं होते। आरंभ म संयु त वषय को
वग कृ त करने के लए, कसी यो ता को अनेक वगाक के अंतगत दे खने क आव यकता पड़
सकती है। क तु धीरे -धीरे अ यास के साथ, थम अनुमान भी उपयोगी लगते ह।
संयु त वषय के वग करण म न न ल खत नयम अपनाया जा सकता है: य द कसी
संयु त वषय म दो धारणाऐं ह िजनम से एक कोई पदाथ या व तु है तथा दूसर कोई
तकनीक, या या या है। तो पदाथ या व तु के अंतगत दे खना उ चत होगा। य क
सामा यत: दशमलव क अनुसू चय म कसी व याशाखा से संबं धत सामा य प जैसे या,
या या तकनीक पहले एक साथ दए जाते ह। उसके प चात वह पदाथ या व तु एं द जाती
ह िजनके साथ यह सामा य प एकल या सामू हक योजक नदश क मदद से जोड़े जा सकते

185
ह। अत: शीषक 'गेहू ं क बीमा रयां’ को वग कृ त करने के लए गेहू ं श द के अंतगत दे खना
उ चत होगा िजसम 'बीमा रयां’ प को जोड़ने के लए नदश मल जाते ह।
यहां एक मह वपूण त य यह भी है क य द कोई व श ट तकनीक या या हो तो
उसके नाम से दे खना यादा उपयोगी होगा। उदाहरण - लौह धातु कम क सीम स या
(Siemens process of metallurgy of ferrous metals) क वि ट सीम स या
(Siemens process) के अंतगत मल जाएगी।

9. अनु म णका के साथ अनु सू ची का योग


अनु म णका के योग म सदै व इस त य को यान रखना आव यक है क कभी भी
कोई सं या केवल अनु म णका मा से दे खकर योग नह ं क जानी चा हए। सदै व उस सं या
को संबं धत अनुसच
ू ी अथवा सारणी म दे खने के प चात ह योग म लाना चा हए।
इसका मु य कारण यह है क अनुसू ची म संबं धत वगाक पदानु म म दया होने के
कारण उसके संदभ का पता चल जाता है, जो क अनु म णका म कमी-कभी प ट नह ं हो
पाता। साथ ह , अनुसू ची म कसी वगाक के साथ दए गए वभ न नदश अं तम वगाक
नधारण म अ य त मह वपूण भू मका नभाते है।
अंत म यह कहा जा सकता है क दशमलव प त म वगाक नमाण के लए सापे
मह वपूण साधन है। यह वशेषकर ज टल तथा अ प ट धारणाओं के वग करण म मु ख भू मका
नभाता है।

10. सारांश
इस कार यह प ट है क अनु म णका शेष दो ख ड क कं ु जी है, िजसक सहायता
से सार णय तथा अनुसू ची तक आसानी से पहु ंचा जा सकता है। इस अ याय म अनु म णका
के व प, इसम यु त व भ न अनुदेश , नदश आ द को उदाहरण स हत प ट कया गया
है। अनु म णका का ठ क तरह से उपयोग हम उ चत वगाक बनाने म वशेष सहायता दान
करगे जो क आगे आने वाले अ याय के अ ययन पर प ट होगा।

11. अ यासाथ न
सापे अनु म णका मे न न ल खत वषय के वगाक नका लये :
1. Agriculture libraies (कृ ष पु तकालय)
2. Analytical biochemistry of plants (पौध का व लेषणा मक जैव रासाय नक
अ ययन)
3. Awadhi language (अवधी भाषा)
4. Technology of manufacturing blankets (क बल नमाण ौ यो गक )
5. Management of change (प रवतन बंधन)।
6. Collection of stories (कहा नय का सं ह)
7. Technology of air-to-air guided missiles (हवा से हवा म मार करने वाल
नद शत मसाइल ौ यो गक )
186
8. Keynesian school of economics (अथशा म क स के स ा त)
9. Curriculum in Political science (राजनी त व ान का पा य म)
10. Numismetics of gold coins ( वण मु ाशा )

वगाक
1. 026.63 2. 808.83
3. 581.192 85 4. 623.451 91
5. 491.49 6. 330.156
7. 677.626 8. 375.32
9. 958.4.06 10. 737.43

12. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची


1. DEWEY (Melvil), Dewey Decimal Classification and Relative Index, Ed
19, 1979, V1.
2. SATIJA (MP), Exercise in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, 2001, Concept, New Delhi.

187
इकाई-11 : सारणी-1 : मानक उप वभाजन का योग
उ े य
1. मानक उप वभाजन क वशेषताओं से अवगत कराना,
2. सारणी 1. मानक उप वभाजन के उपयोग क जानकार दे ना,
3. सारणी 1 म ाथ मक सारणी के योग क जानकार दे ना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. मानक उप वभाजन क वशेषताएं
3. सारणी 1 का उपयोग
4. मानक उप वभाजन के साथ एक से अ धक शू य का योग
5. मानक उप वभाजन को एक साथ जोड़कर बनाए गए ख ड दो क अनुसू च म ल खत
अंकन
6. सारणी 1 म ाथ मक सारणी का योग
7. मानक उप वभाजन का व तार
8. वग कृ त शीषक
9. सारांश
10. अ यासाथ न
11. व तृत अ ययनाथ थ सू ची

1. वषय वेश
पु तकालय वग करण के अ गामी वगाचाय Melvil Dewey ने यूई दशमलव
वग करण (डी डी सी) के थम सं करण से ह उप वभाजन का योग आरंभ कर दया था।
दशमलव प त के थम सं करण म मानक उप वभाजन क कोई अलग सारणी का ावधान
नह ं था ले कन व भ न मु य वभाजन के लेख के व प म भ नता दखाने के लए कु छ
तैयार वगाक दए गए थे। दशमलव के दूसरे सं करण (1885) म प वभाजन (Form
Division) क सारणी का ावधान कया गया। 17 व सं करण (1965) म प वभाजन क
सारणी का नाम मानक उप वभाजन (Standard Subdivision) कर दया गया। 19व सं करण
(1979) म मानक उप वभाजन क सारणी 1 म ाथ मकता म सारणी को सि म लत कया
गया। इसका उ े य यह नि चत करना है क दो या इससे अ धक मानक उप वभाजन म से
वगाकार को कसे ाथ मकता दे नी चा हए। 19व सं करण के ख ड एक पृ ठ 1 पर ाथ मकता
म सारणी का ववरण दया गया है और ख ड एक पृ ठ 2-13 पर सभी मानक उप वभाजन
दए गए है। ख ड Editor’s Introduction के Section 5.24, 8.53 और 8.7 म मानक
उप वभाजन को जोड़ने के नयम दए गए ह।

188
2. मानक उप वभाजन क वशेषताएं
मानक उप वभाजन का योग अकेले नह ं कया जा सकता। इसका उपयोग ख ड दो
क अनुसू चय म उि ल खत वग सं याओं के साथ कया जाता है। इसका अथ यह है क
मानक उप वभाजन का उपयोग कभी भी आधार सं याओं (Base Number) के प म नह ं
कया जा सकता । सारणी एक से स ब मानक उप वभाजन अंकन का आरं भ शू य से होता
है। जैसे क - 012 वग करण - 0683 कमचार वग का बंधन।

3. सारणी 1 का उपयोग
कसी थ का वग करण कए जाने से पहले यह जान लेना आव यक है क या
इसके वषयव तु के साथ कसी मानक उप वभाजन का उपयोग होगा? थ
ं के वषय क आधार
सं या ख ड दो क अनुसच
ू ी से नधा रत कए जाने के प चात ख ड एक क सारणी एक म से
व भ न मानक उप वभाजन से संबं धत उप वभाजन अंकन को आधार सं या के साथ जोड़ा
जाता है। सारणी 1 का उपयोग ख ड दो क अनुसू चय क सं याओं के साथ बना कसी
नदश के भी कया जा सकता है। जैसे क -
शीषक - असा हि यक समाज का अ ययन
Study of Non-literate Societies301.720 7
इस शीषक म असा हि यक समाज वषय (V2, P200) और अ ययन एक मानक
उप वभाजन है। मानक उप वभाजन का अंकन 07 बना कसी नदश से सारणी 1 से लया
गया है और वषय के अंकन 301.72 के साथ जोड़ा गया है।
301.72 + - 07 = 301.720 7
शीषक - पु तकालय अ भ व यास का मू य
Value of Library Orientation025.60 13
इस शीषक म मानक उप वभाजन के अंकन-013 को बना कसी नदश के 025.56
(V2, P29) के साथ जोड़ा गया है।
025.56 + - 013 = 025.560 13
शीषक - सामािजक काय क प का
Journal of Social Work361.305
उपयु त शीषक म आधार अंक 361.3 (V2, P464) के साथ मानक के अंक -05 को
ख ड 2 क अनुसू चय म बना कसी नदश के जोड़ा गया है।
361.3 + - 05 = 361.305
शीषक - मनोवै ा नक योग म शोध
Research in Experimental Psychology 152.072
189
अनुसू ची म मनोवै ा नक योग क आधार सं या 152 द गई है (V2, P 66) तथा
सारणी 1 म मानक उप वभाजन का अंकन-072 लाकर जोड़ने पर अि तम वगाक बनेगा -
152 + - 072 = 152.072

4. मानक उप वभाजन के अंकन के साथ एक से आ थक शू य का


योग
ख ड दो क अनुसू चय म कह -ं कह ं उदाहरण या नदश दया गया है। जहां
उप वभाजन के अंकन को आधार अंक के साथ जोड़ने के लए उप वभाजन के अंकन के साथ
एक से अ धक शू य का उपयोग अ नवाय है। जैसे क -
शीषक - शै क शासन का व वकोश
Encyclopaedia of Educational Administration 371.200 3
अनुसू ची के अंकन 371.2 के साथ यह नदश दया गया है क अगर इस अंकन के
साथ मानक उप वभाजन का योग करना हो तो मानक उप वभाजन के अंकन के साथ एक के
बजाय दो शू य का योग करना होगा (V2, P514) । अनुसू ची म दए गए संकेत के अनुसार
अि तम वगाक -
371.2 + -003 = 371.200 3
शीषक - गुणा मक रसायन शा क व ध पुि तका
Mannual of Qualitative Chemistry 544.002 02
अनुसू ची म गुणा मक रसायन शा क आधार सं या 544 के साथ यह नदश दया
गया है क इस आधार सं या के साथ कसी भी मानक उप वभाजन अंकन को जोड़ने से पहले
मानक उप वभाजन के अंकन के साथ एक से अ धक शू य का योग कया जाए (V2, P687)
। नदशानुसार अि तम वगाक -
544 + - 00202 = 544.00202
शीषक - 21वीं शता द म कमचार वग का बंधन
Personnel Management in the 21st Century 658.300 906
अनुसू ची म आधार अंक 658.3 के साथ (V2, P1119) मानक उप वभाजन के योग
के लए यह लखा गया है: Use 658.3001- 658.3009 for Standard Subdivisions.
मानक उप वभाजन सारणी म 21वीं शता द का अंकन -0905 मलता है। नदशानुसार जोड़ने
पर अि तम वगाक -
658.3 + - 00905 = 658.300 905
शीषक - मानव के आ त रक शर र का अ ययन
Study of Human Anatomy 611 .007
अनुसू ची के आधार अंक 611 के नीचे (दे खए, V2, P828) मानक उप वभाजन 001-
009 को अनुसू ची का ह भाग बनाया गया है। इसके साथ यह संकेत दया गया है क इसके
लए अंकन सारणी 1 से लया जाए। इस संकेत के अनुसार वगाक -

190
611 + - 007 = 611 .007
शीषक - 18वीं शता द म व श प
18th Century Textiles 677.009 033
अनुसू ची के आधार अंक 677 के साथ (V2, P1188) अंकन 033-009 को Textile
वषय के मानक उप वभाजन के लए अनुसू ची म दया गया है। यह संकेत दया गया है क
अंकन सारणी 1 से लया जाए। इस संकेत के अनुसार वगाक बनेगा
677 + - 009033 = 677.009 033
शीषक - पा य म म शोध
Research in Curriculum 375.000 72
अनुसू ची म Curriculum का अंकन 375 दया गया है (V2, P540), तथा इसी के
नीचे उप वभाजन का अंकन 0001-0009 दए गए ह और मानक उप वभाजन का अंकन
सारणी 1 से लाकर जोड़ने का संकेत दया गया है। संकेत के अनुसार अि तम वगाक –
375 + - 00072 = 375. 000 72
शीषक - सागर व ान का श दकोश
Dictionary of Oceanography 551.460 003
अनुसू ची म अंकन 551.46 के नीचे (V2, P714) यह नदश दया गया है क अंकन
551.46 मानक उप वभाजन का योग 551.460001 – 551.460009 तक होगा।
नदशानुसार जब श दकोश के मानक उप वभाजन को सारणी 1 से लाकर आधार अंकन के साथ
जोड़ा जाएगा तो अि तम वगाक इस कार होगा -
551.46 + - 0003 = 551. 460 003
शीषक - अ भयो यता पर ा क काय पुि तका
Workbook of Aptitute Tests 153.940 007 6
ू ी म आधार अंक 153.94 के नीचे (V2, P71)
इस शीषक म अनुसच नदशानुसार
मानक उप वभाजन-072 को सारणी 1 से लाकर साथ जोड़ा गया है। अनुसू ची म मानक
उप वभाजन को जोड़ने के लए एक शू य के बजाय तीन शू य लगाने का ावधान कया गया
है। इस लए अि तम वगाक इस कार होगा -
153. 94 + - 00076 = 153. 940 007 6
शीषक - वै तक उ योग और सेवा उ पादक का वग करण
Classification of Products of Secondary Industries and Services 381.450
0012
अनुसू ची म Products of Secondary Industries and Services का अंकन
381.45 दया गया है (V, P556)। इसी अंकन के नीचे इसके साथ मानक उप वभाजन को
जोड़ने का नदश इस दया गया है। Use 381.450001 - 381.450009 for Standard

191
Subdivisions । इस नदश के अनुसार सारणी 1 से अंकन -00012 लाकर जोड़ने पर
अि तम वगाक इस कार होगा-
381.45 + - 00012 = 381.450 0012
शीषक - व वध ले टन लेखन का अ ययन
Study of Latin miscellaneous writings 878.000 7
ू ी म आधार 878 दया गया
इस शीषक म Latin miscellaneous writings का अनुसच
है (V2, P1419) और इस आधार अंक के साथ मानक उप वभाजन के लए अंकन 0001-
0009 कए गए ह। इस लए सारणी 1 से अंकन-0007 लाकर जोड़ने पर अि तम वगाक इस
कार बनेगा-
876 + - 0007 = 876.000 7
ट पणी :
अगर अनुसूची के कसी अंक के उप वभाजन के अंकन क शु आत 0 होती है तो
मानक उप वभाजन को जोड़ने का आम तौर पर जोड़ने का नदश 00 से दया गया होता है।
अगर का उस अंक के साथ उप वभाजन के अंकन 00 से होती है तो मानक उप वभाजन के
अंकन को जोड़ने का 000 से दया गया होता है। जैसे क उपरो त उदाहरण म दया गया है।

5. मानक उप वभाजन को साथ जोड़कर बनाए गए ख ड दो क


अनु सू ची म ल खत अंकन :
अनुसू ची म कह -ं कह ं मानक उप वभाजन के अंकन को मु य वग अंकन के साथ
जोड़कर अनुसू ची म ह दया गया है। जैसे क -
शीषक - दशनशा का अ ययन
Study of Philosophy 107
अनुसू ची म Philosophy का मु य वग अंक 100 है (V2, P53)। इस वग अंक के
साथ मानक उप वभाजन का अंकन 07 को जोड़े जाने से पहले मु य वग अंकन 100 म दोन
शू य को छोड़कर शेष के आधार सं या के साथ मानक उप वभाजन 07 को जोड़ा गया है और
अि तम अंक 107 अनुसू ची म ह गया है (V2, P53)।
1 + 07 = 10
शीषक - ायो गक क प का
Journal of Technology 605
ख ड दो क अनुसू ची म Serial Publictions of Technology का अंकन 605 (V2,
P824) दया गया है। इस शीषक म भी मु य आधार अंक 600 से दोन शू य अंक को
छोड़कर शेष अंक 6 के साथ मानक उप वभाजन अंकन 05 को जोड़ा गया है।
6 + 05 = 606
ट पणी :

192
ख ड दो क अनुसच
ू ी म मु य वग अंक के साथ से अि तम शू य अंक मानक
उप वभाजन अंकन जोड़ने से पहले हटाने का ावधान है। ले कन अगर ऐसे अंकन के वषय
भाग अगर मानक उप वभाजन क जगह तक बढ़ाया गया है तब मानक उप वभाजन को
अनुसू ची म दए हु ए ावधान के अनुसार ह जोड़ा जाता है। जैसे क Philosophy and theory
of the arts का वगाक 700.1 है न क 701 और Study and Teachings of Religion का
अनुसू ची म वग अंक 200.7 दया हु आ है न क 207 ।

6. सारणी-1 म ाथ मकता सारणी का योग


आमतौर पर सारणी 1 म द गई मानक उप वभाजन म से कसी दो मानक
उप वभाजन को एक के बाद एक कसी एक वग अंक के साथ नह ं जोड़ा जाता। वगाकार को
दोन मानक उप वभाजन म से एक को जोड़ने का नदश है। वगाकार क सहायता के लए
सारणी 1 से पहले एक ाथ मक सारणी द हु ई है। िजसके योग से वगाकार यह तय कर
सकता है क अगर कसी शीषक म दो मानक उप वभाजन का वणन हो तो वगाकार को कस
मानक उप वभाजन को ाथ मकता दे नी चा हए जैसे क-
शीषक - याि क इंजी नय रंग क तकनीक म य- य उपचार
Audio Visual treatment of techniques of mechanical engineering 621.028
इस शीषक म Technique 028 तथा Audio-visual treatment 0208 दोन मानक
उप वभाजन ह, इस लए दोन म से एक को ह आधार अंक 621 (V2, P926) के साथ जोड़ा
जा सकता है। सारणी 1 के शु म ह दए गए ाथ मकता सारणी के अनुसार मानक
उप वभाजन technique के अंकन 028 को Audio-visual treatment के अंकन -0208 से
ाथ मकता द गई है। इस लए शीषक 18 का सह वगाक है 621 + - 028 = 621.028 न
क 621 + - 0208 = 621.0208 ।
शीषक - अथशा के े म संगठन क ता लका
Tables of organizations in the field of Economics 330.021 2
अथशा शीषक म Organisation तथा Tables दोन मानक उप वभाजन ह। क तु
सारणी 1 के साथ Prefix ाथ मक सारणी म Tables के मानक उप वभाजन के अंकन -
0212 को organisations के मानक उप वभाजन के अंकन -06 से ाथ मकता द गई है।
इस लए इस शीषक के आधार अंक 330 (V2, P240) के साथ जोड़ा जाएगा ।
330 + - 0212 = 330.021 2
ट पणी :
उपयु त शीषक से यह संकेत मलता है क अगर कसी शीषक म दो मानक
उप वभाजन ह तो वगाकार वर यता सू ची (Table of Precedence) क सहायता से यह तय
कर सकता है क दोन मानक उप वभाजन म से आधार अंक के साथ कस मानक उप वभाजन
को जोड़ा जाएगा। ले कन सारणी 1 म -04 एक ऐसा मानक उप वभाजन है िजसके साथ -01
से -09 तक कोई भी मानक उप वभाजन जोड़ा जा सकता है।

193
शीषक - संरचना मक इंजी नय रंग आकलन क साम ी का अ ययन
Study of Structural Engineering estimates of materials 624.104 207
ख ड दो क अनुसू ची म Structural Engineering का आधार अंक 624.1 दया हु आ
है (V2, P984)। इस अंक के साथ मानक उप वभाजन -042 को जोड़कर Structural
Engineering estimates का अंकन 624.1042 अनुसू ची म दया गया है। सारणी 1 म दए
गए मानक उप वभाजन 04 के साथ दए गए नदशानुसार इस मानक उप वभाजन के साथ 01-
09 तक कोई भी मानक उप वभाजन जोड़ा जा सकता है। नदशानुसार अि तम वगाक -
624.1042 + 07 = 624.104 207
शीषक - शा ीय संगीत का अ यापन
Teachings of Classical Music 780.430 7
अनुसू ची म संगीत का आधार अंक 780 है। और 780.43 अंकन Classical संगीत को
नधा रत कया गया है । इस अंकन म 043 मानक उप वभाजन के अंक 04 का व तार है।
मानक उप वभाजन -07 को जोड़ने के बाद अि तम वगाक --
780.43+07= 780.430 7 बनेगा।

7. मानक उप वभाजन का व तार


बहु त से मानक उप वभाजन का व तार सारणी 1 म दए गए मानक उप वभाजन के
साथ नदशानुसार सारणी 2 से 7 को साथ जोड़ने से कया जा सकता है। मानक उप वभाजन
के सार के लए कह -ं कह ं ख ड 2 क अनुसू ची से भी अंकन लए जाने का नदश मानक
उप वभाजन क सारणी 1 म दया गया है। मानक उप वभाजन के सार का अनु योग
न नां कत उदाहरण से प ट हो जाएगा।
शीषक - यावसा यक बक म ईलै ो नक डाटा मण
Electronics data processing in commercial Banks 382.120 285 4
अनुसू ची म यावसा यक बक का अंकन 332.12 दया हु आ है (V2, P263)। इस
अंकन के साथ सारणी 1 से data processing का मानक उप वभाजन अंकन -0285 जोड़ा
जाना चा हए। ले कन मानक उप वभाजन अंकन -0285 के नीचे यह नदश दया गया है।
Add to the base number -0285 the number following 011.61 – 00.64 ।
अथ यह है क वगाकार को केवल 001.61 – 00.64 या इसी के आगे के वभाजन म से
Electronics data processing का अंकन ख ड 2 क अनुसच
ू ी से दे खकर उसम से 006.6
अंक को हटाकर बाक अंक को 001.6 के साथ जोड़ना है।
ख ड 2 क अनुसच
ू ी म Electronics data processing का अंकन 001.64 दया
हु आ है। ऊपर दए हु ए नदशानुसार Electronics data processing का मानक उप वभाजन
बनेगा -0285 + 4 = -02854 और शीषक 21 का अि तम अंकन बनेगा।
332.12 + 02854 = 332.120 285 4
शीषक - संगीत उपकरण के नमाण म सं लेषण व न के स ांत
194
Principles of Synthesis of sound in manufacturing Musical
Instruments 681.801 534 4
अनुसू ची म Musical Instruments Manufacturing का आधार अंक है 681.8
(V2, P1199)। इस शीषक म Scientific Principles का अंकन 015 मानक उप वभाजन है।
सारणी 1 म इस मानक उप वभाजन के नीचे यह नदश दया गया है क इस मानक
उप वभाजन के साथ 510-590 तक अंक 5 को हटाकर बाक अंक को 015 के साथ जोड़ा जा
सकता है। शीषक 23 म Synthesis of sound का अंक है 534.4 । अंक 5 को हटाकर
बाक के अंकन को अगर 015 से जोड़ा जाए तो अि तम वगाक बनेगा-
681.8+015+344 = 681.801 534 4
शीषक - जैव टै नोलोजी व के भू-अथ व ान
Land Economics for Biotechnologists 333.002 462 08
अनुसू ची म Land Economics का अंकन 333 दया हु आ है (V2, P275) । इस
अंकन के साथ मानक उप वभाजन जोड़ने के लए जैसे क अनुसच
ू ी म संकेत दया है एक
अ त र त शू य लगानी होगी। मानक उप वभाजन -024 के नीचे यह नदश दया हु आ है क
अगर कोई एक थ का कसी दूसरे वशेष वषय के लए लखा जाता है तो उस का अंकन
सारणी 7 से लया जाए। नदशानुसार शीषक का वगाक इस कार बनेगा –
333 + 0024 + 6208 = 333.002.462 08
शीषक - पे नश भाषा के अ तरा य वधान का व वकोश
Encycopaedia of International Law in Spanish Language 341.036 1
अनुसू ची म International Law का अंकन मलता है 341 (V2, P317) । इस अंकन
के साथ व वकोश का अंकन -03 मानक उप वभाजन क सारणी 1 से लेकर जोड़ा गया है।
मानक उप वभाजन -03 का आगे और वभाजन -032- 039 म कया गया है। इस वभाजन
के नीचे भाषा का अंकन सारणी 6 म से लए जाने का नदश दया हु आ है। नदशानुसार जोड़ने
पर अि तम वगाक --
341 + 03 + 61 = 341.036 1
शीषक - युवा वय क के लए ह द सा ह य
Hindi Literature for Young Adults 891.430 024 055
अनुसू ची म Hindi Literature का अंकन 891.43 दया गया है (V2, P1453) ।
इसी के नीचे मानक उप वभाजन को ह द सा ह य के साथ जोड़ने के लए एक अ धक 0 का
योग करने का नदश है। सारणी 1 म Works for specific types of users के मानक
उप वभाजन का अंकन 024 मलता है। तथा इसी अंकन के नीचे सारणी 7 म से 03-99 अंक
लेकर जोड़ने पर अि तम वगाक
891.43 + 0024 + 055 = 891.430 024 055
शीषक - खा य टै नोलोजी व के लए खा य सू म जीव- व ान
Food Microbiology for Food Technologists 576.163 024 664
195
अनुसू ची म Food Microbiology क आधार सं या 576.163 द गई है (V2,
P761)। इस आधार सं या के साथ सारणी 1 से मानक उप वभाजन -024 को जोड़ा गया है।
और वहां दए गए नदशानुसार सारणी 7 Food Technologists का अंकन -664 को लाकर
जोड़ा गया है।
576.163 + 024 + 664 = 576.163.024 664
शीषक - भारतीय व य यव था ( बंध) म व यालय और पा य म
Schools & Courses in Sales Management in India 658.810 071
054
अनुसू ची म Sales Management का आधार अंक 658.81 दया गया है (V2,
P1133)। इस आधार अंक के साथ मानक उप वभाजन को 00 से जोड़ने का संकेत दया गया
है। सारणी 1 म मानक उप वभाजन -071 को Schools & Courses के नि चत कया गया
है। इस अंकन के नीचे सारणी 2 से जगह का अंक लाकर -0710 से जोड़ने का नदश दया
हु आ है। नदशानुसार अि तम वगाक -
658.81 + 00710 + 54 = 658.810 071 054 बनेगा ।
शीषक - बहा रय म नधनता (गर बी)
Poverty among Biharis 362.508 991 45
अनुसू ची म Poverty का आधार अंकन 362.5 है (V2, P474) । इस अंकन के
साथ सारणी 1 से मानक उप वभाजन का अंकन -089 लाकर जोड़ा जाना चा हए। इस मानक
उप वभाजन के साथ सारणी 5 म बहार का अंकन -9145 है। नदशानुसार जोड़ने पर अि तम
वगाक इस कार बनेगा --
362.5 + 089 + 9145 = 362.508 991 45
शीषक - वकासशील दे श म पयावरण इंजी नय रंग म शोध
Research in Environment Engineering in Developed Countries
620.807 201 722
अनुसू ची म Environment Engineering का वग अंक 620.6 दया गया है (V2,
P925)। इस वग अंक के साथ मानक उप वभाजन का अंकन -072 सारणी 1 से लेकर जोड़ा
जाएगा। मानक उप वभाजन के अंकन -072 के साथ थान का अंकन सारणी 2 से लाकर
जोड़ने का नदश है। नदशानुसार सारणी 2 से थान का अंकन -720 के साथ जोडे जाने पर
वगाक बनेगा -
620 + 0720 + 1722 = 620.807 201 722

8. वग कृ त शीषक (Worked out Titles) :


उपयु त व णत व ध वारा न न ल खत थ
ं के वगाक बनाइए तथा सामने दए गए
वगाक से मलाइए ।
1. Journalism in the 21st Century

196
070 + - 0905 = 070.090 5
2. Dictionary of Molecular Physics
539.6 + - 03 = 539.603
3. Study of Automation linked Unemployment
331.137042 + - 07 = 331.137 042 07
4. Research in Plate tectonics
551.136 + - 072 = 551.136 072
5. Journal of Biochemistry
574.192 + - 05 = 574.192 05
6. Schools & Courses in Interior Decoration
747 + - 071 = 747.071
7. History of Cricket
796.358 + - 09 = 796.358 09
8. Standards for String Instruments and their Music
787 + - 00218 = 787.002 18
9. Research in Engineering geology
624.151 + - 072 = 624.151 072
10. Study of Plastic Arts
730 + - 07 = 730.07
11. Encyclopaedia of Invertebrates
592 + - 003 = 592.003
12. Manual of Maintenance & Repair of Computers
621.381954 + - 0202= 621.381 954 020 2
13. Historical Research in Public Finance
336 + - 00722 = 336.007 22
14. Chemical Engineering Patents
660.2 + - 0272 = 660.202 72
15. Study of credit & loan functions of Insurance companies
332.38 + - 07 = 332.380 7
16. Politics as a profession in the 19th Century
324.22 + - 09034 = 324.220 903 4
17. Data processing in the incidences of crime
364.042 + - 0285 = 364.042 028 5
18. Study of classical Language

197
480 + - 17 = 480.07
19. Adult Education through pictures
374 + - 00222 = 374.002 22
20. Cartography for Geologists
526 + 024 + - 553 = 526.024 553
21. Directory of Singers of Rajasthan
784.092 + -025 + -544 = 784.092 025 544
22. Drug addiction among South Asians
362.293 + - 089 + -914 = 362.293 089 914
23. Statistical Mathematics for Economists
519.5 + - 024 + - 339 = 519.502 433 9
24. Research in the History of Eastern Europe
947 + - 00072 = 947.000 72
25. Study of controlled Subject vocabularies
025.49 + - 0007 = 025.490 007
26. History of Public Works Laws
344.06 + - 0009 = 344.060 009
27. Homeopathy profession in India
615.532 + - 023 + -54 = 615.532 023 1
28. English language Encyclopaedia of Religions
of Indic origin
294 + - 03 + - 21 = 294. 032 1
29. Dictionary of Physical Anthropology
573 + - 03 = 573.03
30. Manual of Machine Engineering
621.8 + - 0202 = 621. 802 02

9. सारांश
1. मानक उप वभाजन का योग कभी भी आधार अंक के प म नह ं कया जाता।
मानक उप वभाजन को अनुसू ची म दए हु ए आधार सं याओं के साथ जोड़ा जाता है।
2. दशमलव के ख ड 1 और सारणी 1 म मानक उप वभाजन को 01-09 सू चीकरण
कया गया है। सारणी 1 का योग ख ड 1 क अनुसू चय क सं याओं के साथ बना
कसी नदश के भी कया जा सकता है। ले कन अगर मानक उप वभाजन के योग के
लए ख ड म कोई नदश दया हो तो वगाकार को उसे अपनाना चा हए।

198
3. कह -ं कह ं अनुसू चय के साथ मानक उप वभाजन को जोड़ने के लए एक से अ धक
शू य का ावधान है। िजसका उ लेख आधार सं याओं के साथ अनुसू चय मे कया
गया है।
4. कसी दो मानक उप वभाजन का योग आमतौर पर एक वग अंक के साथ नह ं कया
जाता। दशमलव म वगाकार को दो उप वभाजन म से कसी एक को जोड़ने का नदश
है। वगाकार क सहायता के लए सारणी से पहले एक ाथ मकता सारणी द गई है।
िजसको दे खकर वगाकार यह तय कर सकता है क अगर कसी शीषक म दो मानक
उप वभाजन का वणन हो तो वगाकार को कस मानक उप वभाजन को ाथ मकता
दे नी चा हए।
5. सारणी 1 म दए मानक उप वभाजन के सार का ावधान है। िज ह क सारणी 2-7
क सहायता से और यहां तक क कह -ं कह ं अनुसू चय क सहायता से भी सतत ् कया
जा सकता है।

10. अ यासाथ न
न न ल खत ग थ के वगाक बनाइये _
1. Encyclopaedia of Ancient, Medieval and oriental Philosophy.
2. Descriptive Research in the psychology of exceptional children.
3. Study of classical Greek Language.
4. Experimental Research in Inorganic Chemistry of rare earth
elements.
5. Manual of Structural crystallography.
6. Surveys and appraisals of causes of physical differences of human
races.
7. Teaching of Plant psychology.
8. Value of Trees.
9. Journal of Economic Development and Growth.
10. Encyclopaedia of Fashion
11. Electronic data processing in extractive metallurgy.
12. Workbook of Algebra.
13. Research in Applied Linguistics.
14. Methodology of Sociology.
15. Descriptive research on field crops.
16. Study of political parties of Australia.
17. Study of Sanskrit literature.
18. Communication in Social sciences.

199
19. Techniques and equipment for petrology.
20. Journal of Higher Education.
21. Courses in differential and integral Geometry.
22. Dictionary of Arts.
23. Industrial psychology for managers.
24. History of Western Hindi Literatures.
25. Alcoholism among oriyas.
26. Research in Insect Microphysiology.
27. Correspondence courses in Law.
28. Operations research in Revenue administration.
29. Study of vanishing animals.
30. Manual of Analytical Biochemistry.

200
इकाई-12 : सारणी - 2 : भौगो लक उप वभाजन का योग
उ े य
1. सारणी 2 : भौगो लक उप वभाजन क या या करना,
2. सापे क अनु म णका से भौगो लक उप वभाजन अंकन खोजने क व ध को समझाना,
3. भौगो लक उप वभाजन के योग क जानकार दे ना।

संरचना/ वषय वेश


1. वषय वेश
2. यूई दशमलव वग करण प त म भौगो लक उप वभाजन
3. सापे क अनु म णका से भौगो लक उप वभाजन अंकन ढू ं ढने क वध
4. भौगो लक उप वभाजन के योग क वध
4.1 नदशानुसार भौगो लक उप वभाजन का योग
4.2 बना नदश के भौगो लक उप वभाजन का योग
4.3 दो दे श के म य संबध

4.4 भौगो लक उप वभाजन सारणी के - 11 - 19 तक के अंकन व -3 से -9 तक
के अंकन का संयोजन
4.5 4.5 अ य सार णय के अंकन के साथ भौगो लक उप वभाजन सारणी के अंकन
का योग
5. सारांश
6. अ यासाथ न
7. अ यास के लये शीषक के उ तर
8. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
यूई दशमलव वग करण म यु त वतीय सारणी भौगो लक उप वभाजन का योग
है। इस सारणी म थान से संबं धत व भ न कार के े का उ लेख है। इस सू ची का योग
वतीय ख ड म व णत अनुसू चय म 001 से 999 तक कसी भी वगाक के साथ कया जा
सकता है, चाहे नदश मले या नह ं। इस अ याय म आपको व भ न कार से इस सारणी का
उदाहरण स हत उपयोग करना बताया है।

2. यू ई दशमलव वग करण प त म भौगो लक उप वभाजन


यूई दशमलव वग करण ख ड 1 के पृ ठ 14 से 386 पर भौगो लक उप वभाजन क
एक व तृत सारणी द गई है। इस सारणी का उपयोग भौगो लक े के अंकन को वग
सं याओं के साथ जोड़ने के लये कया जाता है, जैसे महा वीप (Continents), दे श
(Country), ा त (State), शहर (City), गांव (Village), समु सीमाय आ द। लगभग सभी
वषय व व तु ओं का अ ययन या वणन व भ न कार के भौगो लक े के संदभ म कया
201
जा सकता है. जैसे भारत क वदे श नी त, जापान का वदे शी यापार, राज थान वधान सभा,
चीन म उ च श ा आ द।
भौगो लक उप वभाजन सारणी दशमलव वग करण ख ड 1 म द गई सात सहायक
सार णय म सबसे बडी सारणी है। इ डो-अरे बक अंक (Indo-Arabic numerals) के सी मत
आधार के कारण स पूण सारणी को 9 भाग म भौगो लक वभ त कया गया है। अंकन -1 से
-19 का उपयोग न न ल खत कार के व भ न सामा य े (General areas) के लये
कया गया है:
1. क टब धीय दे श (Zonal regions) जैसे उ ण क टब ध, शीत क टब ध आ द।
2. भू म और भू म के आकार पर आधा रत (Land and land forms) जैसे वीप, पहाड़,
पठार, समतल े , सीमा त े आ द।
3. वन प त के आधार पर (Types of vegetation) जैसे वन, घास वाल भू म, रे ग तान
आ द।
4. वायु व जल क (Air and water) सीमाओं पर आधा रत दे श, जैसे वायुम डल ,
अटलां टक महासागर, शा त महासागर, ह द महासागर आ द।
5. सामािजक, राजनै तक आ थक, धा मक व ाकृ तक त व पर आधा रत दे श जैसे
टश सा ा य, रोमन सा ा य, वक सत दे श, वकासशील दे श, शहर े , अ
शहर े , ामीण े , मुि लम बाहु य े , ह दू बाहु य े आ द।
6. अ य कार के लौ कक े (Other kinds of terrestrial regions) जैसे पि चमी
गोला ।
7. अ त र (Space)।
इस कार के कु छ भौगो लक े क वग सं याय न नानुसार है:
 11 Frigid zones (शीत क टब ध)
 12 Temperate zones (शीतो ण क टब ध)
 13 Torrid zone (उ ण क टब ध)
 143 Mountains etc. (पहाड़ आ द)
 162 Oceans and seas (महासागर व समु आ द)
 17 Soci-economic regions (सामािजक व आ थक)
 1717 Communist bloc (सा यवाद गुट )
 1734 Rural regions( ामीण े )
 1811 Eastern regions (पूव े )
 1812Western regions (पि चमी े )
अंकन -3 से -9 का योग महा वीप और दे श के लए कया गया है। भौगो लक
अंकन -3 ाचीन व व को आवं टत कया गया है तथा उसको न न ल खत भाग म बांटा गया
है:

202
 3 The acient world ( ाचीन व व)
 31 China(चीन)
 32 Egypt ( म )
 33Palestine ( फल तीन)
 34India (भारत)
 35Mesopotamia and Iranian Plateau (मेसोपोटा मया एवं इरानी पठार)
 36Europe North & West of Italian Peninsula (उ तर यूरोप एवं पि चमी
इटे लयन ाय वीप)
 37 Italian Peninsula & adjacent territories (इटे लयन ाय वीप एवं समीप थ
े )
 38 Greece ( ीस)
 39 Other parts of ancient territories ( ाचीन व व के अ य भाग)
भौगो लक अंकन -4 से -9 तक का योग आधु नक व व के भौगो लक े को
दशाने के लए कया गया है। आधु नक व व के े को न न ल खत महा वीप म बांटा गया
है :
 4 Europe (यूरोप )
 5 Asia (ए शया)
 6 Africa (अ का)
 7 North America (उ तर अमे रका)
 8 South America (द ण अमे रका)
 9 Other parts of the world ( व व के अ य भाग)
येक महा वीप को नौ मु ख दे श म बाटा गया है। उदाहरणाथ अंकन को
न न ल खत दे श म बांटा गया है:
 51 China and adjacent (चीन व समीप थ े )
 52 Japan and adjacent islands (जापान व समीप थ वीप)
 53 Arbian Peninsula and adjacent areas (अरे बयन ाय वीप एवं समीप थ
े )
 54 South Asia, India (द णी ए शया, भारत)
 55 Iran (Persia) (इरान, फारस)
 56 Middle East (Near East) (म य पि चमी े )
 57 Siberia (Asiatic Russia) (साइबे रया (ए शया टक स))
 58 Central Asia (म य ए शया)
 59 South East Asia (द णी - पूव ए शया)

203
इसी कार अ य माह वीप को भी उनके दे श के अनुसार बांटा गया है। यहां एक बात
वशेष यान दे ने क है क India का अंकन दो थान पर मलता है- अंकन-34 एवं -54 के
अ तगत। पहल वग सं या-34 को ाचीन भारत के लए तथा दूसर वग सं या-54 का
आधु नक भारत के लये योग कया जायेगा। इसी कार अ य दे श क वग सं याओं का
योग कया जायेगा।

3. सापे क अनु म णका से भौगो लक उप वभाजन अंकन ढू ं ढने क


व ध (Procedure to find out Notation of Geographical area
from Relative Index)
भौगो लक सारणी क व तृता के कारण इसम कसी भी भौगो लक इकाई का अंकन
ढू ं ढने म काफ खोज करनी पडती है। येक दे श क वि ट सापे क अनु म णका ख ड 3 म
मलती है। उदाहरणाथ Germany दे श का अंकन ढू ं ढने के लए अनु म णका म अ र ''G'' के
नीचे खोजने पर Germany के अंतगत Country पद मलता है िजसके सामने area-43 लखा
मलता है जो यह सू चत करता है Area Table म जमनी का अंकन-43 है।
Germany
Countryarea-43
इसी कार India का अंकन ा त करने के लए अनु म णका म अ र ''।'' के नीचे
खोजने पर India पद के सामने area-54 अं कत है तथा इसके नीचे Ancient के सामने
area-34 अं कत मलता है। इसका ता पय यह हु आ है क भौगो लक सारणी म आधु नक
भारत का अंकन -54 तथा ाचीन भारत का अंकन -34 है।

4. भौगो लक उप वभाजन के योग नयम (Rules of using Area


Table)
भौगो लक उप वभाजन सारणी के अंकन अपने आप म पूण वगाक नह ं ह। इनका
उपयोग कभी भी अकेले नह ं कया जाता। इ ह अनुसू चय म दये गये कसी भी अंकन के
साथ ह जोड़ा जा सकता है।
4.1 नदशानुसार भौगो लक उप वभाजन का योग
(of Area Table as per instruction Use)
अनुसू चय म अनेक वग सं याओं के नीचे भौगो लक उप वभाजन जोड़ने का नदश
''Add Area Notation'' के प म दया गया है। इस नदश के अनुसार संबं धत आधार सं या
के साथ भौगो लक े जोड़ा जा सकता है।
उदाहरणाथ :
शीषक - जापान म उ च श ा
Higher education in Japan 378.52

204
अनुसू ची म अंकन 378 के सामने पद Higher education दया गया है तथा अंकन
378.009 के सामने Historical and geographical treatment के नीचे Class treatment
by specific continents, countries, localities in modern world.in 378.4-378.9 (not
378.0094-378.0099) के बारे म नदश दया गया है। 378-4&-9 Higher education
and institutions by specific continents, countries, localities in modern world के नीचे
भौगो लक उप वभाजन सारणी से भौगो लक े के अंकन -4-9 आधार सं या 378 के साथ
जोड़ने का नदश मलता है। भौगो लक उप वभाजन सारणी म जापान का अंकन -52 दया गया
है। इस कार दोन को जोड़ने पर
Higher education in Japan = 378 + 52 = 378.52 वगाक बना।
शीषक - संयु त रा य अमे रका के सामा य थ
ं ालय
General libraries of U.S.A 027.073
अनुसू ची म General libraries क वग सं या 027 द गई। इसके नीचे .001 -
.008 तक मानक उप वभाजन जोड़ने का ावधान है। पर तु कसी दे श के सामा य थ
ं ालय
का 027.01 - 027.09 के अंतगत वग करण करने का नदश दया गया है तथा आधार सं या
027.0 के साथ भौगो लक उप वभाजन जोड़ने का भी नदश दया गया है। भौगो लक
उप वभाजन सारणी म U.S.A का अंकन -73 दया गया है। इस कार दोन को जोड़ने पर
General libraries in U.S.A = 027.0 + -73 = 027.073 वगाक बना।
शीषक - ाचीन चीन म शकार
Hunting in ancient China 799.293 1
अनुसू ची म अंकन 799.2 के सामने पद Hunting मलता है तथा इसके नीचे .29
Historical and geographical treatment दया गया है। भौगो लक उप वभाजन जोड़ने संबध
ं ी
नदश अंकन 799.291 - .299 Geographical treatment के अंतगत दया गया है।
भौगो लक उप वभाजन सारणी म Ancient China का अंकन-31 मलता है। नदशानुसार आधार
अंक 799.29 के साथ ाचीन चीन का अंकन जोड़ने पर
Hunting in ancient China 799.29 + 31 = 799.293 1 वगाक बनेगा ।
शीषक - सहारा रे ग तान के प ी
Birds of Shara desert 598.296 6
अनुसू ची म अंकन 598.29 के सामने Birds के लये Geographical treatment का
ावधान मलता है। अंकन 598.29 - .299 के अंतगत आधार सं या 598.29 के साथ
भौगो लक उप वभाजन -3-9 का जोड़ने का नदश दया गया है। भौगो लक सारणी म Shara
desert का अंकन 66 मलता है। नदशानुसार दोन को जोड़ने पर
Birds of Shara desert = 598.29 + 66 = 598.296 6 वगाक बनेगा।

205
4.2. बना नदश के भौगो लक उप वभाजन का योग
(Use of Area Table when not instructed)
य द कसी वग सं या के साथ भौगो लक उप वभाजन जोड़ने के नदश का अभाव हो
तो मानक उप वभाजन -09 क सहायता से भौगो लक उप वभाजन का योग कया जा सकता
है। क तु -09 मानक उप वभाजन का योग करते समय उन सभी नयम व नदश का पालन
करना चा हए जो क पछले पृ ठ म मानक उप वभाजन के योग के लये बनाये गये ह।
शीषक - रोमा नया म के सर रोग
Cancer disease in Romania 616.994 009 498
अनुसू ची म अंकन 616.994 के सामने पद Maligant neoplasms (Cancer) दया
गया है तथा इसके साथ कटार का च ह लगा हु आ है। अथात ् इसम 616.1-616.8 के अंतगत
दये गये नदशानुसार दो शू य के वारा मानक उप वभाजन जोड़े जा सकते है। चू ं क Cancer
ं ी नदश नह ं दये गये ह, इस लये इसके साथ
के अंतगत भौगो लक उप वभाजन जोड़ने संबध
भौगो लक उप वभाजन -09 मानक उप वभाजन क सहायता से ह जोड़ा जा सकता है।
भौगो लक उप वभाजन सारणी म Romania का अंकन -498 ा त होता है। इसे Cancer के
वगाक के साथ जोड़ने पर अि तम वगाक
Cancer disease in Romania = 616.94 + 009 + 498 = 616.994 009
498 बना।
शीषक - यूरोप म वै लै षक रसायन शा का इ तहास
History of Analytical Chemistry in Europe 547.300 94
अनुसू ची म Analytical Chemistry क वग सं या 547.3 है। इसके साथ मानक
उप वभाजन 09 जोड़कर यूरोप का भौगो लक े जोड़ना है। य क यहां पर भौगो लक े को
जोड़ने के नदश नह ं दये गये ह। क तु 547.3 के साथ मानक उप वभाजन जोड़ने के नदश
अव य मलते ह, जैसे ''Use 547.3001-3009 for Standard subdivision''. इस नदश के
अनुसार 547.3 के साथ मानक उप वभाजन -09 को दो शू य लगाकर जोड़ा जा सकता है तथा
उसके बाद यूरोप का अंकन -4 जोड़ा जा सकता है। इस कार -
History of Analytical Chemistry in Europe = 547.3 + 009 + 4 =
547.300 94 वगाक बना।
शीषक - जमनी म बाल रोग
Diseases of infants in Germany 618.920 009 43
अनुसू ची म अंकन 618.92 के सामने पद Pediatrics दया गया है, िजसके नीचे पद
Diseases of infants मलता है। इस पद के नीचे 618.920001-618.920009 for
Standard subdivisions का नदश दया गया है। अथात मानक उप वभाजन का योग तीन
शू य के साथ करना चा हये। भौगो लक सारणी म Germany का अंकन -43 दया गया है।
नदशानुसार जोड़ने पर अि तम वगाक
618.92 + 009 + 43 = 918.920 009 43 बनेगा ।
206
4.3. दो दे श के म य संबध
ं (Relations between two countries)
दो दे श के म य वैदे शक, आ थक, यापा रक आ द अनेक कार के संबध
ं हो सकते
ह। इस कार के स ब ध क वग सं याय बनाने के लये अनुसू चय म यथा थान नदश दये
गये ह। नदशानुसार दो दे श के तीक च ह को योजक अंक 0 अथवा 09 वारा जोड़ने का
ावधान कया गया है। य द इस कार के नदश नह ं दये गये हो, तो कसी मी प रि थ त म
दो दे श के तीक च ह का योग एक साथ नह ं करना चा हए।
जहां दो दे श को जोड़ने संबध
ं ी नदश दये गये ह वहां पहले कस दे श क तीक
सं या को ाथ मकता द जानी चा हए इस संबध
ं म न न ल खत ावधान कये गये ह:
1. िजस दे श को थ
ं म अ धक मह व दया गया हो, उस दे श के अंकन को ाथ मकता
द जानी चा हए।
2. य द थ
ं म दोन दे श को समान मह व दया गया हो तो भौगो लक सारणी म िजस
दे श का अंकन गणा मक ि ट से पहले आता हो तो उसे ाथ मकता द जानी चा हए।
3. य द चाह तो मातृ-दे श को मह व दे ने के लए, गणा मक आधार को यान म न रखते
हु ए मातृ-दे श के अंकन को ाथ मकता द जा सकती है।
ट पणी - क तु कु छ वग सं याओं के नीचे इस बारे म प ट नदश मलते ह। अत: उस
नदश के अनुसार ह कसी दे श को थम थान दे ना चा हए।
शीषक - भारत एवं चीन म म य वैदे शक संबध

Foreign relation between India and China 327.540 51
अनुसू ची म अंकन 327 के सामने पद Inter-national relation दया गया है इसके
नीचे ''-3 -9 Foreign policies of and foreign relations between specific nations” के
अंतगत आधार सं या 327 के साथ भौगो लक सारणी से अंकन -3 -9 को लाकर जोड़ने का
नदश दया गया है। भौगो लक सारणी म भारत का अंकन -54 एवं चीन का अंकन-51 मलता
है। भारत के अंकन को मातृ-दे श का अंकन होने के कारण ाथ मकता दे ते हु ए पहले जोड़ा
जाएगा त प चात ् इस कार बनाये गये वगाक के साथ शू य जोड़ने के बाद चीन के अंकन को
जोड़ा जाएगा। इस कार
Foreign relation between India and China = 327 + 54 + 0 + 51 =
327.540 51 वगाक बना।
शीषक - ांस का इटल के साथ यापार
French trade with Italy 382.094 404 5
अनुसू ची म अंकन 382 के सामने पद International Commerce (Foreign
trade) मलता है। तथा इसके नीचे .09 अंकन के सामने पद Historical and geographical
treatment के अ तगत भौगो लक उप वभाजन -1 -9 का योग आधार सं या 382.09 के
साथ करने का नदश दया गया है। भौगो लक उप वभाजन सारणी म ांस का अंकन -44 तथा
इटल का अंकन -45 दया गया है। नदशानुसार दोन को जोड़ने पर
French trade with Italy = 382.09 + 44 + 0 + 45 = 382.094 404 5

207
शीषक - अफगा न तान म सी पूज
ं ी नवेश
Russian Investment in Afganistan 332.673 470 581
अनुसू ची म 332.6733-.6739 Investments originating in specific continents
and countries शीषक दया गया है तथा इसम आधार अंक 332.673 के साथ भौगो लक
सारणी से अंकन -3 -9 लाकर जोड़ने का नदश दया गया है। नदश के अनुसार पू ज
ं ी नवेश
करने वाले रा कर अंकन पहले जोड़ा जाएगा, त प चात योजक अंक शू य का योग करते
हु ए उस दे श का अंकन जोड़ा जायेगा जहां पू ज
ं ी नवेश कया है। भौगो लक सारणी म स का
अंकन -47 एवं अफगा न तान का अंकन -581 मलता है। नदशानुसार
Russian Investment in Afganistan = 332.673 + 47 + 0 + 581 = 332.673
470 581 वगाक बना।
शीषक - डच वारा सु दरू -पूव म उप नवेश
Colonization by the Dutch in the Far East 325.349 209 5
अनुसू ची म अंकन 325.3 के सामने पद Colonization दया गया है तथा इसके नीचे
.33-.39 Colonization by specific countires के अंतगत आधार सं या 325.3 म िजस
रा वारा उप नवेशन कया गया है, उसका अंकन भौगो लक सारणी से लेकर पहले जोड़ने का
ावधान है, त प चात ् इसके प रणाम व प बने वगाक के साथ योजक अंक 09 जोड़कर दूसरे
दे श का अंकन जोड़ा जायेगा। भौगो लक सारणी म डच का अंकन -492 एवं सु दरू पूव का अंकन
-5 दया गया। इस कार- दोन को जोड़ने पर
Colonization by the Dutch in the Far East = 325.3 + 492 + 09 + 5 =
325.349 209 5 वगाक बना।
4.4. भौगो लक सारणी के -11 से -19 तक के अंकन व -3 से -9 तक के अंकन का
संयोजन
(Use of Notation -11 to -19 of Area Table with notation -3 to -9)
यह संयोजन दो कार से कया जाता है :
(1) भौगो लक सारणी 2 के -11 से -19 तक के सामा य भौगो लक े को य त
करने वाले कसी भी अंकन के साथ शू य लगाकर उसके साथ -3 से -9 तक के अनु म का
कोई भी अंकन जोड़ा जा सकता है; जैसे-
Forest regions in india= 152 (Forest regions) + 0 + 54 (India) =
152054
Rural regions of Rajasthan = 1734 (Rural regions) + 0 + 544
(Rajasthan) = 17340544
(2) य द -3 से -9 तक के अनु म के अंकन के साथ 11 से 19 तक के अंकन
जोड़ना हो तो पहले -3 से -9 तक के कसी भी अंकन के साथ 009 अंकन जोड़ना चा हये तथा

208
उसके बाद -11 से -19 तक के अनु म के अंकन का 1 हटाकर शेष अंकन को जोड़ दे ना
चा हये, जैसे-
Forest regions in india= 54 (India) + 009 + [1] 52 = 5400952
Rural regions of India = 54 (India) + 009 + [1] 734 = 54009734
शीषक - ामीण म य दे श म म हला श ा
Female Education in Rural Madhya Pradesh
(i) 376.917 340 543 अथवा
(ii) 376.954 300 973 4
अनुसू ची म अंकन 376 के सम Education of Women पद मलता है। इसके नीचे
.91 - .99 के सामने Historical and geographical treatment पद के अ तगत आधार
सं या 376.9 के साथ भौगो लक अंकन -1-9 के योग का नदश दया गया है। भौगो लक
उप वभाजन सारणी म ामीण े का अंकन -1734 दया गया है। नदशानुसार इसके साथ
शू य जोड़कर भौगो लक सारणी से म य दे श का अंकन -543 लाकर जोड़ने पर अि तम
वगाक-
376.9 + 1734 + 0 + 543 = 376.917 340 543 बना।
अथवा वैकि पक ावधानानुसार
376.9 + 543 + 009 + [1] 734 = 376.954 300 973 4 वगाक बना।
4.5. अ य सार णय के अंकन के साथ भौगो लक उप वभाजन सारणी के अंकन का योग
(of Area Table with notations of other tables Use)
उपयु त अनु छे द 32 म बना नदश के भौगो लक उप वभाजन के योग के अ तगत
कसी वग सं या के साथ भौगो लक उप वभाजन के योग के नदश के न होने क ि थ त म
मानक उप वभाजन 09 क सहायता से भौगो लक उप वभाजन का योग कये जाने का उ लेख
कया जा चु का है। इसके अ त र त इस सारणी के अंकन 023 The subject as a
profession, occupation, hobby के अंतगत भी आधार सं या 23 के साथ भौगो लक
उप वभाजन के योग का नदश दया गया है।
शीषक - भारत म थ
ं ाल य व यवसाय के प म
Librarianship as a Carrer in India 020.235 4
अनु म णका म पद Library and information sciences का वगाक 020 दया गया
है। मानक उप वभाजन सारणी के अंकन 023 के आगे पद The subject as a
profession, occupation, hobby के अ तगत भौगो लक अंकन के योग का नदश दया
गया है। इस कार तीन को जोड़ने पर अि तम वगाक
020 + 023 + 54 = 020.235 4 बनेगा।
इसी कार सारणी 3A के अंकन 91 के नीचे भौगो लक उप वभाजन के योग का
नदश मलता है।

209
शीषक - शहर े का पंजाबी सा ह य सं ह
Punjabi Literature collections from urban regions 891.420 809 173 2
अनुसू ची म पंजाबी सा ह य का तारां कत अंकन 891.42 दया गया है िजसके साथ
सारणी 3 सा ह य उप वभाजन को आधार अंक 080 के साथ सारणी 3A का अंकन 91 जोड़कर
नदशानुसार भौगो लक सारणी से शहर े का अंकन 1732 लाकर जोड़ने पर अि तम वगाक
891.42 + 080 + 91 + [1] 732 = 891.420 809 173 2 बना।

5. सारांश (Summary)
ायः सभी वषय का ववरण कसी भौगो लक े के संदभ म कया जा सकता है।
जैसे, भारत म उ च श ा। अत: वभ न कार के भौगो लक े का उ लेख भौगो लक
सारणी-2 म कया गया है। भौगो लक सारणी म दये गये े को मु य प से तीन भाग म
वभािजत कया जाता है। (1) सामा य भौगो लक े - अथात वे भौगो लक े जो भू म या
भू म के आकार पर आधा रत ह, जैसे पठार, पहाडी दे श, वे े जो आ थक व सामािजक
वशेषताओं पर आधा रत ह, जैसे ामीण े , शहर े , वक सत दे श, वकासशील दे श,
दशाओं के ि टकोण पर आधा रत े जैसे पूव दे श, पि चमी दे श, वन प त क वशेषता पर
आधा रत े , घास वाले े । (2) ाचीन दु नया - जैसे ाचीन भारत, ाचीन ीस। (3)
आधु नक व व- जैसे, भारत, जापान, स। सामा य ेणी के े को 1 से 19 तक के तीक
च ह वारा दशाया गया है। ाचीन दु नया क ेणी वाले े को -3 से -39 तक के तीक
च ह वारा दशाया गया है। आधु नक व व क ेणी वाले े को -4 से -9 तक के तीक
च ह वारा-दशाया गया है।
भौगो लक सारणी के योग, अनुसू चय म दये गये नदश के अनुसार हो सकता है;
जैसे 374.91-.99 अंकन शीषक के नीचे जो नदश दया गया है वह इस कार है - ''Add
areas notation 1-9 from table 2 to the base number 374.9'' । जहां पर इस कार
के नदश ह वहां तो आधार सं या (Base number) के साथ भौगो लक े का अंकन जोड़ा
जाता है। क तु िजस वग सं या के नीचे इस कार के नदश न ह वहां उस वग सं या के
साथ पहले मानक उप वभाजन -09 Historical and Geographical Treatment जोड़ा जाता है
तथा उसके बाद संबं धत भौगो लक े का अंकन जोड़ा दया जाता है। जैसे,
Rail Road Transportation in India 385.095 4
दो दे श के म य संबध
ं , यापार आ द को योजक च ह 0 अथवा 09 जोड़ने का
ावधान है।
भौगो लक सारणी के -1 से -19 तक के अंकन को -3 से -9 तक के अंकन के साथ
नयमानुसार जोड़ा जा सकता है।

6. अ यासाथ न
1. Political parties in China
चीन के राजनै तक दल
210
2. Indian parliament
भारतीय संसद
3. Political condition of Bihar
बहार क राजनै तक दशा
4. Standard of living in rural areas
ामीण े म रहन-सहन का तर
5. Birds of Bhutan
भू टान के प ी
6. Foreign trade of Japan
जापान का वदे शी यापार
7. Tex Revenue in Uttar Pradesh
उ तर दे श म कर राज व
8. Human Diseases in West Bengal
पि चमी बंगाल म मानवीय बीमा रयां
9. Geology of moon
च मा का भू व ान
10. Botanical gardens of tropical countries
उ णक टब धीय दे श के वन प त उ यान
11. A study of curriculum for rural regions of India
भारतीय ामीण े के लये पा य म का अ ययन
12. Adult Education in rural Rajasthan
ामीण राज थान म ौढ श ा
13. Immigration of Indian labourers to Dubai
दुबई म अ वासी भारतीय मक का पलायन
14. Exchange rate of currencies between France and Japane
ांस एवं जापान के म य मु ा व नमय दर
15. Trade agreement between Brazil and Colombia
ाजील एवं कोलि बया के म य यापा रक समझौता
16. Japanese investment in India
जापान वारा भारत म पू ज
ं ी नवेश
17. Colonization by Portugese in India
भारत म पुतगा लय वारा औप नवेशीकरण
18. Cultural treaties between India and China
भारत एवं चीन के म य सां कृ तक सि धयां
19. Economic policy of Germany towards France
जमनी क ांस के त आ थक नी त

211
20. Palmistry as a profession in Asia
ए शया म ह तरे खा व या यवसाय के प म
21. Cattles of torrid Zone of Asia
ए शया के उ णक टब धीय दे श म गोधन
22. Special libraries in United Kingdom
यूनाइटे ड कं गडम म व श ट थ
ं ालय
23. Diseases of Infants in Europe
यूरोप म बाल रोग
24. Agricultural Sociology of under developed countries
अ वक सत दे श का कृ ष समाज शा
25. Bhartiya Janta Party
भारतीय जनता पाट
26. Population movement from Bangladesh to India – social implications
बां लादे श से भारत म जनसं या का दे शा तरण : सामािजक भाव

7. अ यास के लए शीषक के उ तर (Check Answer to self


Exercises)
अ यास के अ तगत दये गये शीषक के उ तर न न ल खत उ तर से मलान क िजये
1. 324.251 14. 332.456 044 052
2. 328.54 15. 382.810 861
3. 320.954 12 16. 332.673 520 54
4. 339.470 917 34 17. 325.309 54
5. 598.295 498 18. 341.767 026 654 051
6. 382.095 2 19. 337.430 44
7. 336.200 954 2 20. 133.602 35
8. 616.009 541 4559.91 21. (i) 636.200 913 05
(ii) 636.200 950 093
9. 559.91 22. 026. 000 941
10. 580.744 13 23. 009 4
11. (i) 375.009 173 405 4 24. 307.720 917 24
(ii) 375.009 540 097 34
12. (i) 374.917 340 544 25. 324.254 B
(ii) 374.954 400 973 4
13. 331.127 954 095 357 26. 304.854 054 92

212
8. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची
1. DEWEY (Melvil), Dewey Decimal Classification and Relative Index. 3V.
Ed 19, Albany, Forest Press, 1979.
2. SATIJA (MP), Exercise in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, 2001, Concept, New Delhi, Sterling 1987
3. Batty (CD), An introduction to the nineteenth edition of the Dewey
Decimal Classification, London, Clive Bingley, 1981.
4. सू द (एस पी) एवं रावतानी (एम आर), या मक यूई दशमलव वग करण, जयपुर ,
आर बी.एस.ए पि लशस 1987.
5. गौतम (जे एन) एवं नरं जन संह, यई दशमलव वग करण : या मक व लेषण,
आगरा, वाई के पि लशस, 1996.
6. यानी (पी), डीवी दशमलव वग करण : ायो गक या व ध, नई द ल, व व
काशन, 1994.

213
इकाई -13 : सारणी-3 एवं 3: A व श ट सा ह य
उप वभाजन का योग
उ े य
1. सारणी 3 एवं 3A : व श ट सा ह य उप वभाजन क या या करना,
2. सारणी 3 एवं 3A : व श ट सा ह य उप वभाजन के योग क जानकार दे ना,
3. शे सपीयर क कृ तय क ता लका के योग का ान कराना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. व श ट सा ह य उप वभाजन के योग
3. व श ट सा ह य उप वभाजन पर आधा रत थ
ं का वग करण
4. शे सपीयर संबध
ं ी ता लका का योग
5. सारांश
6. अ यासाथ न
7. अ यास के लये शीषक के उ तर
8. व तृत अ ययनाथ थसूची

1. वषय वेश
सारणी 3 एवं 3A यूई दशमलव के ख ड 1 पृ ठ 387-403 पर द गई है। सारणी 3
म भाषाओं के सा ह यपरक उप वभाजन-का य, नाटक, कथासा ह य, नबंध सं ह आ द दये गये
है। सारणी 3 म उि ल खत उप वभाजन का योग कभी भी अकेले नह ं कया जा सकता। इन
दोन सार णय का उपयोग मु य वग 800 क वग सं याओं के साथ कया जाता है। वशेष
प से ख ड 2 क अनुसू चय म उि ल खत 810 से 890 तक क उन वग सं याओं के साथ
कया जा सकता है िजनके साथ तारक (*) च ह लगा हु आ है। वग सं या 810 से 890 म
भी कु छ तारां कत वग सं याओं के अ तगत तो आधार सं याय (Base Number) न द ट
कर द गई है जब क कु छ तारां कत (*) वग सं याओं के अ तगत आधार सं याय नह ं द गई
ह। जहां आधार सं याय (Base Number) द गई ह वहां तो सारणी 3 से कोई भी उप वभाजन
लेकर उ त आधार सं या के साथ जोड़ा जा सकता है। क तु जहां आधार सं या नह ं द गई
है वहां तारां कत वग सं या को ह आधार सं या मान लया जाता है और उसके साथ सारणी
3 का कोई भी उप वभाजन जोड़ा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर 820 तारां कत वग सं या
े ी सा ह य क आधार सं या 82 द गई है। अत: सारणी 3 से कोई भी वभाजन
के नीचे अं ज
लेकर 82 के साथ ह जोड़ा जा सकता है, जैसे English drama 82 + 2 = 822 इसके
वपर त मराठ सा ह य के वगाक 891.46 को ह आधार सं या मानकर इसके साथ सारणी-3

214
का कोई भी उप वभाजन जोड़ा जा सकता है। सारणी 3A सारणी 3 क अनुपरू क है। अत:
सारणी 3A म उि ल खत तीक च ह का योग सारणी 3 के उप वभाजन के साथ नदश के
अनुसार कया जा सकता है।

2. सारणी 3 : व श ट सा ह य उप वभाजन का योग


(Use of Table 3 : Subdivisions of Individual Literature)
सारणी 3 : व श ट सा ह य उप वभाजन का नमाण थम बार यूई दशमलव के 18व
सं करण म कया गया था। इसके नमाण के फल व प मु य वग सा ह य से संबं धत थ
को वग कृ त करने म काफ सु वधा होने लगी है। 19व सं करण म इस सारणी को पूण प से
संशो धत एवं प रव त करके दो भाग म वभािजत कर दया गया है : सारणी 3 व सारणी
3A। सारणी 3A के ं ी नदश सारणी 3 म यथा
योग संबध थान दये गये ह। साधारणतया
सारणी 3A के एकल का योग सारणी 3 के एकल के साथ नदशानुसार कया जाता है ।
क तु ख ड 2 क अनुसू चय म 808.8 व 809 के कु छ उप वभाजन के साथ भी सारणी 3A
के एकल का सीधा योग करने के नदश मलते ह । जैसे 808.801-.803 शीषक के अ तगत
Add notations 1-3 from Table 3-A to base number 808.8" तथा 809.89 के
अ तगत Add notations 91-99 from table 3-A to base number 809.8 '' जोड़ने
का नदश दया गया है। इसी कार 808.1, 808.2, 808.3, आ द के साथ सारणी 3 के
उप वभाजन के योग के बारे म नदश दये गये ह।
यहां सारणी 3 का व तृत ववेचन न न ल खत ब दुओं के आधार पर कया जा रहा
है।
य द शीषक म भाषा अनुपि थत हो :
य द कसी थ
ं क वषय व तु म केवल सामा य सा ह य तथा उससे संबध
ं ी प का
वणन हो और उसके वषय शीषक म कसी सा ह य क भाषा का उ लेख न हो अथवा वह
सा ह य एक से अ धक भाषाओं से संबं धत हो तो उसे वग सं या 801 व 809 के अ तगत
वग कृ त कया जायेगा। यान पूवक अ ययन करने से यह प ट होता है क यह संशो धत
मानक उप वभाजन ह ह, िजनका क योग मा मु य वग 800 हे तु कया गया है।

3. व श ट सा ह य उप वभाजन पर आधा रत ंथ का वग करण


(Classification of Titles based on Subdivisions of
Individual Literature)
शीषक - युवा सा ह यकार संघ
Young Literators Association 806
य द शीषक म मानक उप वभाजन -01 से -07 स बि धत पद दया गया हो, उसे वग
सं या 801 से 807 म वग कृ त कया जायेगा। उपयु त शीषक म संघ एक मानक उप वभाजन
है। इस लए वगाक न न ल खत कार बनेगा

215
8[00] + - 06 = 806
शीषक - सा ह य म प ाचार पा य म
Correspondece courses in Literature 807.154
इस शीषक का वगाक भी शीषक 1 के समान उपयु त वगाक के समान ह बनेगा:
8[00] + - 7154 = 807.154
शीषक - लघु कथाओं का सं ह
Collection of Short Stores 808.831
अनुसू ची म 808.831 - .838 Specific scopes and types शीषक के नीचे
आधार अंक 808.83 के साथ सारणी 3 के -301 से -308 अंकन का इनम से -30 को
छोड़कर योग करने का नदश दया गया है। सारणी 3 म लघु कथाओं का अंकन -301
मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर अं तम वगाक -
808.83 + [30] = 808.831 बनेगा।
शीषक – 20वीं शता द का सा ह य सं ह
Collection of 20th Century Literature 808.800 4
ख ड 2 क अनुसू ची म 808.8001-.8005 Collection from specific periods
शीषक के नीचे दये गये नदश के अनुसार सारणी 1 से 0901-0905 अनु म का कोई भी
मानक उप वभाजन लेकर उसम से 090 छोड़कर शेष अंक को 808.800 आधार सं या के साथ
जोड़ा जा सकता है। सारणी 1 म 20वीं शता द का अंकन -0904 है। इसम से -090 छोड़कर
शेष 4 को 808.800 आधार सं या के साथ जोड़ दया; इस कार अं तम वगाक बनेगा:
808.800 + [-090] 4 = 808.800 4
ट पणी : जब भाषा का नाम ह नह ं दया हो तो मानक उप वभाजन सारणी 1 के अंकन 09
के अंतगत द त समय क वग सं या लेकर योग म लाई जाती है।
शीषक - 19वीं शता द का क वता सं ह
Collection of 19th Century Poetry 808.810 34
अनुसू ची म अंकन 808.81 के सामने तारां कत पद Collections of poetry मलता
है। पाद ट पणी म तारां कत पद क वग क सं या के साथ केि त शीषक 808.81-808.88
के नीचे द गई व श ट ता लका के उपयोग का नदश दया गया है। व श ट ता लका म 01-
05 Historical periods शीषक के नीचे मानक उप वभाजन सारणी से समय क वगसं या
लाने का नदश दया गया है। उसम से -090 छोड़कर शेष अंक को 808.810 के साथ जोड़ने
का नदश है। सारणी 1 म 19वीं शता द का अंकन -09034 मलता है। नदशानुसार
न न ल खत वगाक बना-
808.81 + 0 + [090] 34 = 808.810 34
शीषक - 20वीं शता द का महाका य
Collection of epic poetry of 20th Century 808.813

216
अनुसू ची म Collection of poetry का अंकन 808.81 दया गया है तथा इसी के
नीचे शीषक 808.812-.812 के नीचे व भ न कार के का य के अंकन को सारणी 3 के -
102- 108 अनु म से लाकर उसम से 10 हटाकर शेष अंक को 808.81 आधार सं या के
साथ जोड़ने का नदश दया गया है। सारणी 3 म महाका य का अंकन-103 दया गया है। यहां
यह बात वशेष प से यान म रखी जानी चा हये क सा ह य क व श ट वधा के व श ट
कार के साथ काल का योग नह ं कया जाता है। इस कार अं तम वगाक -
808.81 + [-10]3 = 808.813 बनेगा।
शीषक - आदशवाद सा ह य सं ह
Collection of Literature displaying idealism 808.801 3
अनुसू ची म शीषक 808.801-.803 Collection of displaying specific
features मलता है तथा इसके अंतगत यह नदश दया गया है क आधार अंक 808.80 के
साथ सारणी 3A के 1-3 अंकन का योग क िजये। सारणी 3A म Idealism का अंकन 13
मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर अं तम वगाक-
808.80 + 13 = 808.801 3 बनेगा।
शीषक - 20वीं शता द के सा ह य का समी ा मक मू यांकन
Critical appraisal of 20th Century Literature 809.04
सामा य सा ह य के इ तहास, ववरण, समी ा मक मू यांकन, जीवनी आ द को वगाक
809 के अंतगत वग कृ त कये जाने का ावधान है।
अनुसू ची म शीषक 809.0105 Literature of Specific periods के अंतगत
आधार अंक 8 के साथ मानक उप वभाजन -.0901-.0905 को जोड़ने का नदश दया गया है।
मानक उप वभाजन सारणी म 20वीं शता द का अंकन 0904 मलता है। नदशानुसार जोड़ने
पर अं तम वगाक-
8 + 0904 = 809.04 बनेगा।
शीषक - ना यका य का इ तहास
History of dramatic poetry 809.12
अनुसू ची म शीषक .809.1-.7 Literature of specific froms के अंतगत आधार
सं या 809 के साथ 809.81-808.87 अंकन को उनम से 808.8 हटाकर शेष अंक को
जोड़ने का नदश दया गया है। नदशानुसार अं तम वगाक-
809 + [808.8] 1 + [-10] 2 = 809.12 बनेगा।
य द शीषक म भाषा उपि थत हो
य द कसी थ
ं के वषय शीषक म सा ह य क भाषा का नाम दया गया हो अथात
कसी वशेष भाषा का सा ह य हो, तो उसे अनुसच
ू ी म 810-890 Literature of specific
language अनु म के अंतगत स बि धत भाषा के सा ह य म वग कृ त कया जायेगा। ऐसे
शीषक का वगाक बनाने के लये सबसे पहले व श ट भाषा के नाम क आधार सं या 810-

217
890 के अनु म से ल जाती है। त प चात आव यकतानुसार सारणी 3 म दये गये सा हि यक
उप वभाजन का योग कया जाता है।
शीषक - ह द सा ह य का व वकोश
Encyclopaedia of Hindia Literature 891.430 3
अनुसू ची म तारां कत पद ह द सा ह य क आधार सं या 891.43 द गई है तथा
इसम सारणी 3 के संकेत के अनुसार मानक उप वभाजन सारणी- 1 से व वकोश का अंकन-03
लाकर जोड़ने पर अं तम वगाक -
891.43 + -03 = 891.430 3 बनेगा।
शीषक - सं कृ त सा ह य का सं ह
Collection of Sanskrit Literature 891.208
अनुसू ची म तारां कत पद सं कृ त क आधार सं या 891.2 द गई तथा सारणी 3 म
सं ह का अंकन -08 मलता है। दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक -
891.2 + 08 = 891.208 बनेगा।
शीषक - 1917- 1945 का सी सा ह य सं ह
Collection of Russian Literature for 1917-1945 891.708 004 2
अनुसू ची म तारां कत पद सी सा ह य क आधार सं या 891.7 द गयी है
नदशानुसार इस आधार सं या के साथ सारणी 3 से अंकन 080 लाकर जोड़ा गया है तथा
सारणी 3 म -08 के नीचे, दये गये नदश के अनुसार सारणी 3 । से अंकन - 01-09
Specific periods शीषक ा त हु आ तथा इसी शीषक के नीचे दये गये नदश के अनुसार -
080 के साथ 0 अंक जोड़ा गया फर उसके बाद संबं धत सा ह य के लये द गई काल
ता लका का अंकन 42 जोड़ दया गया। ( सी सा ह य के साथ समय जोड़ने हे तु अंकन 891.7
के नीचे काल ता लका द गई है।) इस ता लका म 1917-1945 का अंकन 42 दया गया है।
इस कार नदशानुसार अं तम वगाक -
891.7 + - 080 + 0 + 42 = 891.708 004 2 बनेगा।
शीषक - त मल सा ह य का इ तहास
History of Tamil Literature 894.811 09
अनुसू ची म तारां कत पद त मल सा ह य का अंकन 894.811 दया गया है। सारणी
3 म इ तहास, समी ा मक मू यांकन, ववरण आ द का अंकन -09 दया गया है। दोन को
जोड़ने पर अं तम वगाक -
894.811 + - 09 = 894.811 09 बनेगा।
शीषक - (1645-1845) के त मल सा ह य का इ तहास
History of Tamil Literature of (1645-1845) 894.811 090 03
अनुसू ची म तारां कत पद त मल सा ह य का अंकन 894.811 दया गया है। सारणी
3 म अंकन -09001-09009 के अंतगत भाषा के सा ह य के इ तहास का काल जोड़ने का

218
नदश मलता है। नदश के अनुसार 894.11 के साथ सारणी 3 से 0900 अंकन जोड़ा गया।
इसके साथ सारणी 3 म -09009 शीषक के नीचे दये गये नदश के अनुसार 1645 से 1845
को सू चत करने वाले अंकन 3 का योग कर लया गया। इसे ख ड 2 से 894.8 के नीचे द
गई ता लका से लया गया है िजसम 1645- 1845 के लए अंकन 3 दया गया है। इस
कार इनको जोड़ने पर अं तम वगाक -
894.811 - 0900 + - 3 = 894.811 090 03 बनेगा।
ट पणी : यहां यह बात वशेष प से यान म रखी जानी चा हए क व श ट भाषाओं के
सा ह य हे तु येक सा ह य के नीचे द गई काल ता लका का ह योग कया जायेगा, न क
मानक उप वभाजन सारणी के अंकन 09 के अ तगत क गई काल ता लका का। एक अ य
उ लेखनीय बात यह है, क य द कसी भाषा का सा ह य एक से अ धक दे श म लखा गया हो
तो मु य-मु य दे श के सा ह य क अलग-अलग काल ता लकाएं ख ड दो म उस भाषा के नीचे
े ी सा ह य क इं लड, ए शयाई दे श , द
द गई है उदाहरणाथ अं ज णी अ का के अ त र त
अ य अ क दे श , आ े लया, आयरलड, यूजीलड, द णी अ का के लए पृथक -पृथक काल
ता लकाएं 820 के नीचे द गई है।
शीषक – सी क वता क प का
Journal of Russian Poetry 891.710 05
यद थ
ं क वषयव तु के शीषक म भाषा के नाम के साथ सा ह य का व श ट प
जैसे क वता, नाटक, कथा सा ह य आ द दया गया हो तो सारणी 3 के पृ ठ 391-398 पर
दये गये उप वभाजन -1 से -8 एवं उनके उप वभाजन का योग आव यकतानुसार कये जाने
का ावधान है।
अनुसू ची म तारां कत पद सी सा ह य का अंकन 891.7 दया गया है। सारणी 3 म
अंकन -1001-1007 का योग मानक उप वभाजन हे तु कया गया है। मानक उप वभाजन
सारणी 1 म प का का अंकन -05 दया गया है । इस कार इनको जोड़ने पर अं तम वगाक
891.7 + 1005 = 891.710 05 बनेगा ।
शीषक - सी नाटक क प का
Journal of Russian drama 891.720 05
इस शीषक का वगाक भी उपयु त शीषक के समान ह बनाया जायेगा। -1005 म ''1
प य'' के अंकन के थान पर ''2 नाटक'' का अंकन त थापन करके उप वभाजन -2005
जोड़ने पर अं तम वगाक -
891.7 + [-1] 2005 = 891.720 05 बन गया।
शीषक - जमन प य सं ह
Collection of German poetry 831.008
अनुसू ची म तारां कत पद जमन सा ह य क आधार सं या 83 मलती है। सारणी 3
म प य सं ह का अंकन-1008 दया गया है। इन दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक -

219
83 + -1008 बन गया।
शीषक - जमन नब ध सा ह य सं ह
Collection of German essays 834.008
जमन सा ह य क आधार सं या 83 के साथ उपयु त शीषक म प य के लये यु त
अंकन ''1'' के थान पर नब ध के लये नधा रत अंकन ''4'' लगा दया। इस कार अं तम
वगाक -
88 + [-1] - 4 008 = 834.008
शीषक - क पना मक पे नश कथा सा ह य सं ह
Collection of Spanish fiction dealing with fantasy 863.008 015
इस शीषक का वगाक भी शीषक 17 के समान ह बनाया जायेगा। यहां पर भी 86
आधार सं या के साथ सारणी -3 से -1008 के थान पर कथा सा ह य के अंकन -3008 का
योग कया गया तथा वहां पर -1008 के नीचे दये गये नदश के अनुसार -3008 के साथ
शू य (0) जोड़कर सारणी 3A से Fantasy का अंकन 15 लाकर जोड़ दया गया। इस कार
अं तम वग सं या -
86 + [-1] - 30080 + 15 = 863.008 015 बनाई गई।
शीषक - पे नश प य का इ तहास
History of Spanish poetry 861.009
अनुसू ची म तारां कत पद पे नश सा ह य क आधार सं या 86 द गई है। सारणी 3
म प य के इ तहास, ववरण, समी ा, मू यांकन आ द का अंकन-1009 दया गया है। दोन को
जोड़ने पर अं तम वगाक -
86 + 1009 = 861.009 बन गया।
शीषक - पे नश नाटक का इ तहास
History of Spanish Drama 862.009
इस शीषक का वगाक भी उपयु त शीषक के समान ह बनेगा। प य के अंकन ''1'' के
थान पर नाटक के अंकन ''2'' को लगा दया। इस कार अं तम वगाक -86 + [-1] – 2
009 = 862.009 बन गया ।
शीषक – च क वता म मानवीय गुण का अ ययन
Studies of Human qualities in French poetry 841.009 353
अनुसू ची म तारां कत पद च सा ह य क आधार सं या 84 द गयी है। सारणी 3 म
अंकन-1009 के अ तगत आधार अंक 1009 के साथ सारणी 3A के 1-9 अंकन के योग का
नदश दया गया है। सारणी 3A मानवीय गुण का अंकन 353 दया गया है। नदशानुसार
जोड़ने पर अं तम वगाक -
84 + 1009 + 353 = 841.009 353 बन गया।
शीषक - सु धारकाल न डे नश का का य सं ह

220
Collection of Danish poetry of Reformation period 839.811 208
अनुसू ची म तारां कत सा ह य क सं या 839.81 द गई है। तथा इसी के नीचे काल
ता लका म Reformation period का अंकन 2 दया गया है। सारणी 3 म -11-19 poetry
of specific periods शीषक के अंतगत दये गये नदशानुसार 839.81 के साथ -1 Poetry
का अंकन जोड़कर उसके बाद उपयु त अंकन 2 = Reformation period जोड़ दया। तथा -
11 -19 के नीचे दये गये नदश के अनुसार ह [-1008] म से 10 छोड़कर शेष 08 सं ह
(Collection) का अंकन 2 के साथ जोड़ दया गया। इस कार नदशानुसार अं तम वग
सं या-
839.81 + -1+ 2 + [-10] 08 = 839.811 208 बनाई गई।
शीषक - पंजा बय वारा ह द के ेम कथा सा ह य का मू यांकन
Evaluation of Hindi love stories by Punjabis 891.433 085 098 914
2
अनुसू ची म तारां कत पद हंद सा ह य का अंकन 891.43 दया गया है। सारणी 3 म
तारां कत पद ेम कथाओं का अंकन -3085 दया गया है। पाद ट पणी म तारां कत अंकन के
साथ सारणी 3 म ह केि त शीषक-1-8 Specific forms के अंतगत व श ट-ता लका म
दये गये अंकन के योग का नदश दया गया है। इस व श ट ता लका म पद critical
appraisal का अंकन 09 मलता है। तथा Evaluation भी इसी पद का पयायवाची श द है।
इसी अंकन 09 के नीचे सारणी 3A से अंकन 1-9 लाकर 09 के ह साथ जोड़ने का नदश
दया है। सारणी 3A म 8 = Literature for and by various special racial
enthnic…. शीषक के नीचे अंकन 8 के साथ सारणी 5 से व श ट जा त का अंकन लाकर
जोड़ने का नदश दया गया है। सारणी 5 म पंजा बय का अंकन 9142 है। इस कार
नदशानुसार तथा मानुसार सभी उपयु त अंकन को जोड़ने पर शीषक का अि तम वगाक -
891.43 + - 3085 + 09 + 8 + 9142 = 891.433 085 098 9142 बनेगा।
सारणी 3A क अ ता म ता लका (Table of Precedence of Table 3A)
इस सारणी के केि त शीषक 8-9 Literatures for and by specific kinds of
persons के अ तगत पृ ठ 402-403 पर अ ता म ता लका द गई है िजसम व भ न
यि तय पर तथा उनके वारा ल खत सा ह य का अ ता म न न ल खत वशेषताओं पर
नधा रत कया गया है-
अ ता म वशेषता अंकन
1. वशेष आयु समू ह के यि त 9282 – 9285 जैसे बालक, नव युवक , वृ
आद
2. लंग वशेष के यि त 9286 - 9287 जैसे पु ष , ी आद
3. यवसा यक तथा अ यवसा यक 9204-9287, 929 जैसे डॉ टर,
वशेषता के यि त इंजी नयर, पे टर आ द

221
4. जातीय मानववंशीय रा य 8 जैसे भारतीय, चीनी, वड़ आ द
वशेषता समूह के यि त
5. व श ट महा वीप, दे श, थान आद 93-99 जैसे अ का, भारत, पा क तान,
के नवासी पंजाब के नवासी आ द
6. वश ट े के नवासी 91 जैसे शहर लेखक, ामीण लेखक आ द
य द कसी वगाक म उपयु त ता लका के एक से अ धक समू ह के अंकन को जोड़ने क
आव यकता हो तोता लका के अ ता म के अनुसार उनके उपयोग का म नधा रत कया जाना
चा हए।
शीषक – ामीण पु ष वारा ल खत पुत गाल सा ह य क आलोचना
Criticism of Portuguese Literature of rural male painters. 869.099
286
अनुसू ची पृ ठ 1417 पर तारां कत पद Portuguese Literature का अंकन 869 दया
गया है। सारणी 3 म पद को अ ता म म दूसरा थान दया गया है जब क यावसा यक
वशेषता को तीसरा एवं व श ट े के नवा सय को ठा थान गया है। इस कार अं तम
वगाक –
869 + 09 + 9286 = 869.099 286 बना

4. शे सपीयर क कृ तय क ता लका (Table or works about


and by Shakespeare)
शे सपीयर क कृ तय क ू ी म अंकन 822.33 के नीचे द गई
वशेष ता लका अनुसच
है। िजसके अंतगत शे सपीयर वारा अथवा शे सपीयर पर लखे गये थ
ं को यवि थत कया
गया है। वग (Alphabet) A से N शे सपीयर क कृ तय के व वध प यथा ं सूची,

जीवनी, आलोचना मक अ ययन आ द के लए योग म लाये गये ह और वण O से Z
शे सपीयर क अलग-अलग कृ तय व उनक आलोचना के लए यु म अंक के प म यु त
कये गये ह। येक यु म के थम अंक का योग मू ल पाठ के लए तथा वतीय अंक के
प म यु त कये गये ह। येक यु म के थम अंक का योग मूल पाठ के लए तथा
वतीय अंक का योग ववरण (Description) एवं आलोचना मक अ ययन (Critical
appraisal) के लये कये जाने का नदश है। उदाहरणाथ -
शीषक - शे सपीयर क जीवनी
Biography of Shakespeare 822.33B
अनुसू ची म 822.33 Wiliam Shakespeare शीषक मलता है एवं इसके नीचे
शे सपीयर क कृ तय , सं ह, जीवनी आ द क ता लका द गई है िजसम अंकन 822.33B के
सामने Biography श द दया गया है िजसका ता पय है Biography of Shakespeare ।
यह इस थ
ं का अं तम वगाक होगा।
शीषक - शे सपीयर क आं ल भाषा म ट पणी र हत सम त-कृ तयां
Complete works of Shakespeare in English without notes822.33I
222
अनुसू ची म अंकन 822.33 के अ तगत वण I के सामने पद The complete work
in English without notes मलता है। यह इस शीषक का अं तम वगाक होगा।
शीषक - शे सपीयरकृ त एज यू लाइक इट
As you like it by Shakespeare 822.33O3
अनुसू ची म अंकन 822.33 के अंतगत O3-4 पद के सामने पद As you like it
मलता है। चू ं क यु म के थम अंक का योग मू ल पाठ के लए करने का नदश है, इस लए
इस ं का अं तम वगाक -

822.33O3 बनेगा।
शीषक - मरचै ट ऑफ वे नस क आलोचना
Criticism of the Merchant of Venice 822.33P4
अनुसू ची म अंकन 822.33 के अ तगत P3-4 के सामने पद The Merchant of
Venice दया गया है। चू ं क यु म के वतीय अंक का योग ववरण एवं आलोचना मक
अ ययन के लए करने का नदश है, इस लए इस ं का अं तम वगाक -

822.33P4 बनेगा।
शीषक - शे सपीयर के दुखा त नाटक
Tragedies of Shakespeare 822.33S-V
अनुसू ची म अंकन 822.33 के अंतगत S-V के सामने tragedies पद मलता है।
इस लए इस ं का अं तम वगाक -

822.33S-V बनेगा।

5. सारांश (Summary)
1. य द कसी थ
ं क वषयव तु म केवल सामा य सा ह य या उसके कसी प का ह
उ लेख हो, अथात उस ं म कसी व श ट भाषा के सा ह य का वणन न हो, तो

उसका वग करण ख ड 2 के 801 से 809 के अनु म म संबं धत वग सं या के
अंतगत करना चा हये । जैसे- History of Literature = 809 (सा ह य का
इ तहास)
2. य द सामा य सा ह य का वणन समय के अनुसार हो तो मानक उप वभाजन सारणी-1
म 0901-0905 के अनु म से संबं धत समय का तीक च ह लेकर उसका नदश के
अनुसार योग करना चा हये। जैसे Collection of 20th Century Literature
(बीसवीं शता द के सा ह य का सं ह) = 808.8004
3. सारणी 3 का योग-
(क) 801 से 809 के अनु म म कु छ वग सं याओं के साथ (जैसे 808.1, 802.1,
808.3 आ द) सारणी 3 के कुछ अंकन का योग नदश के अनुसार कया
जाता है।

223
(ख) 810 से 890 के अनु म म तारां कत (*) सा ह य क आधार वग सं याओं के
साथ अथवा आधार सं याओं के अभाव म केवल तारां कत सा ह य के नाम के
पहलेअं कत वग सं या के साथ सारणी 3 के सभी अंकन का योग नदश के
अनुसार कया जाता है। जैसे Hindi Drama ( हंद नाटक) = 891.432
4. सारणी 3A का योग-
(क) 801 से 809 के अनु म म कु छ वग सं याओं के साथ (जैसे 808.819,
808.829, 808.839 आ द) सारणी 3A के कुछ अंकन का योग नदश के
अनुसार कया जा सकता है । जैसे Collection of poetry about animals
(पशु ओं संबध
ं ी प य का सं ह) = 808.819 36
(ख) सारणी 3 म -08 तथा -091-099 उप वभाजन के नीचे दये गये नदश के
अनुसार , अथवा सारणी 3 के ह तारां कत अंकन के लये दये गये नदश के
अनुसार सारणी 3A का योग होता है। जैसे Idealism in English epic
poetry (अं ेजी महाका य म) = 821.030 913
5. य द कसी भाषा के सा ह य का वणन समय क अव ध के हो तो ख ड 2 म संबं धत
भाषा के अंतगत द गई समय सारणी का योग नदश के अनुसार करना चा हए।
क तु आधु नक भारतीय भाषाओं के लये 891.4 के अ तगत तथा वड़ मू ल क
भाषाओं जैसे त मल, तेलगु आ द के लये 894.8 के नीचे उि ल खत समय सारणी का
योग करना चा हए।
6. य द कसी थ
ं क वषय-व तु म संबं धत सा ह य क भाषा, उसके प (form),
समय तथा उसके कसी प का एक साथ वणन हो तो, उ ह नदश के अनुसार भाषा
+ प + समय + प के म म रखना चा हये,
जैसे:-
English 82
Poetry 1
Later 20th Century 914 821.914 08
Collection 08

6. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक को वग कृ त क िजये तथा इकाई के अ त म द त उ तर से मलान
क िजये:
1. Scholarships in Literature
सा ह य क छा वृ तयां
2. Rhetoric of epic poetry
महाका य क सा ह य रचना म अलंकार
3. Collection of Literature displaying naturalism

224
कृ तवाद न पक सा ह य का सं ह
4. Collection of 19th Century poetry
19वी शता द क क वताओं का सं ह
5. Collection of drama a Social theme
सामािजक वषयक नाटक का सं ह
6. Gujarati drama
गुजराती नाटक
7. Encyclopedia of Russian Literature
सी सा ह य का व वकोश
8. Hindi drama from 1920 to 1940
1920-1940 के काल के हंद नाटक
9. International Conference of American Literature
अ तरा य अमेर कन सा ह य स मेलन
10. Urdu One Act Plays
उदू के एकांक नाटक
11. History of 20th century Hindi Literature
20वी शता द के हंद सा ह य का इ तहास
12. Collection of English fiction of Victorian period
वकटो रयन काल न अं ेजी कथा सा ह य
13. Tamil suspense fiction
त मल रह य रोमांचयु त कथा सा ह य
14. Collection of Literature of Punjabis
पंजा बय वारा र चत सा ह य का सं ह
15. Biography of English Poets
आं ल भाषा के क वय का जीवन च र
16. Journal of Hindi Drama
ह द नाटक क प का
17. Human Qualities in French drama
च नाटक म मानवीय गुण
18. Criticism of Urdu poetry displaying horror
सं ास वषयक उदू क वताओं क समालोचना
19. Collection of English fiction dealing with seasons
आं ल ऋतु च ण कथा सा ह य का सं ह
20. Collection of Sanskrit fiction describing chivalry
सं कृ त का शौय संबध
ं ी कथा सं ह

225
21. Collection of German fiction related to war and peace
यु एवं शाि त संबध
ं ी जमन कथा सं ह
22. Italian essays of renovation period.
पुर ार युगीन इतालवी नब ध सा ह य
23. Criticism of Bengali Literature by Bengali male urban doctors
बंगाल शहर पु ष डॉ टर वारा र चत बंगाल सा ह य
24. Description of Protuguese Literature by Dutch children
डच बालक वारा पुतगाल सा ह य का ववरण
25. Anthology of English Literature displaying romanticism.
रोमांसपरक अं ेजी कथा सं ह
26. Collection of Romantic Hindi drama for motion pictures
चल च हे तु रोमा सपरक हंद नाटक का सं ह
27. Collection of French science fiction
च व ान कथा सा ह य का सं ह
28. Biography of Hindi dramatists
हंद नाटककार का जीवन च र
29. Criticism of Shakespeare
शे सपीयर का मू यांकन
30. Quatations of Shakespeare
शे सपीयर के उ रण
31. The Merchant of Venice by Shakespeare
शे सपीयर कृ त द मच ट ऑफ वे नस
32. Criticism of Hamlet of Shakespeare
शे सपीयर कृ त हे मलेट क समालोचना

7. अ यास के लए शीषक के उ तर (Answers to Self Check


Exercises)
1. 807. 154 10. 891.439 204 1
2. 808. 13 11. 891. 430 900 5
3. 808.801 2 12. 822.809
4. 808.801 34 13. 894.811 308 72
5. 808. 829 355 14. 808.898 914 2
6. 891.472 15. 821.009
7. 891.703 16. 891.432 005
8. 891.482 6 17. 842.009 353

226
9. 810. 601 18. 891.439 100 916
10. 822.008 033 19. 891.432 030 814 5
11. 891.230 080 353 20. 843.087 608
12. 882.300 803 58 21. 891.432 009
13. 854.6 22. 822.33H
14. 891.440 992 86 23. 822.33P3
15. 869.099 282 24. 822.33P3
16. 820.801 45 25. 822.33S 8

8. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची


1. DEWEY (Melvil), Dewey Decimal Classification and Relative Index. 3V.
Ed 19, Albany, Forest Press, 1979.
2. SATIJA (MP), Exercise in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, 2001, Concept, New Delhi, Sterling 1987
3. Batty (CD): An introduction to the nineteenth edition of the Dewey
Decimal Classification, London, Clive Bingley, 1981.
4. सू द (एस पी) एवं रावतानी (एम आर): या मक यूई दशमलव वग करण, जयपुर ,
आर. बी.एस.ए पि लशस 1987.
5. गौतम (जे एन) एवं नरं जन संह, यई दशमलव वग करण : या मक व लेषण,
आगरा, वाई के पि लशस, 1996.
6. यानी (पी), डीवी दशमलव वग करण : ायो गक या व ध, नई द ल, व व
काशन, 1994.

227
इकाई 14 :
सारणी-4 भाषा वषयक उप वभाजन एवं सारणी 6: भाषाओं
का योग
उ े य
1. सारणी-4 : व श ट भाषा वषयक उप वभाजन के योग को समझाना,
2. सारणी 6 : भाषाओं के योग का ान कराना।

संरचना/ वषय व तु
1. सारणी 4 : व श ट भाषा वषयक उप वभाजन तथा इनके योग के नयम,
2. व श ट भाषा वषयक उप वभाजन पर आधा रत थ
ं का वग करण
3. एक भाषा श दकोश, व श ट कोश एवं वभाषी श दकोश के बनाने क व ध का
वणन
4. सारणी 4 : व श ट भाषा वषयक उप वभाजन पर आधा रत वअ यास के लए शीषक
5. भाषाएं सारणी 6 के योग के नयम
6. भाषाएं सारणी 6 पर आधा रत थ
ं का वग करण
7. सारणी 6: भाषाओं पर आधा रत अ यास के लए शीषक
8. सारांश
9. अ यासाथ न
10. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. सारणी 4 : भाषा वषयक उप वभाजन


(Table 4: Subdivision of Individual Languages)
भाषा वषयक उप वभाजन सारणी का योग मु य वग 400 के अंतगत कया जाता
है। यह सारणी दशमलव वग करण के ख ड 1 पृ ठ 404-407 पर द गई है। व भ न भाषाओं
के व वध - पहलु ओं जैसे - व नशा (Phonology), व ल प (Notation), पुरा ल पशा
(Paleography), कोश (Dictionary), याकरण (Grammar) आ द का अ ययन करने के
लए इस सारणी का योग कया जाता है। इस सारणी म दये गये अंकन का योग अकेले
नह ं कया जा सकता अ पतु उ ह आव यकतानुसार कसी भाषा वशेष क सू चक आधार सं या,
िजसके साथ तारं क (*) का च ह लगा हु आ हो, के साथ ह जोड़ा जा सकता है। ये आधार
सं याएं ख ड 2 म 420 से 490 तक के वग समू ह के अंतगत द गई ह। 420 से 490 तक
के वग समू ह म कु छ तारां कत भाषा शीषक के अंतगत तो आधार सं याएं नधा रत कर द
गई ह, जो संबं धत भाषा क आधार सं या कहलाती है। क तु कु छ तारां कत भाषा शीषक के

228
अंतगत आधार सं या नह ं द गई ह। अत: जहां आधार सं या नधा रत कर द गई है, वहां
तो सारणी 4 का कोई भी उप वभाजन (Sub-division) न द ट आधार सं या के साथ जोड़
दया जाता है। कं तु जहां आधार सं या नह ं द गई है वहां तारां कत भाषा शीषक के सामने द
गई वग सं या को ह आधार मान लया जाता है और उसके साथ, आव यकतानुसार , सारणी 4
के उप वभाजन जोड़ दये जाते ह । जैसे आं लभाषा 420 के अंतगत आं ल भाषा क आधार
सं या 42 द गयी है। कं तु 491.2 सं कृ त भाषा क वग सं या के आधार सं या नह ं द गई
है। ऐसी ि थ त म 491.2 को ह आधार सं या मान लेना चा हए।

2. सारणी 4 : भाषा वषयक उप वभाजन पर आधा रत ंथ का


वग करण
(Classfication of Titles based on Table 4 : Sundivisions of
Individual Language)
शीषक - ह द श द क यु पि त
Derivation of Hindi words 491.432
अनुसू ची म तारां कत पद ह द भाषा का अंकन 491.43 दया गया है । यह हंद
भाषा क आधार सं या भी है। सारणी 4 भाषा वषयक उप वभाजन सारणी पद म पद
Etymology का अंकन-2 दया गया है। Etymology श द Derivation का ह पयायवाची
है। य द कसी भाषा के श द के Roots तथा उनके Origin का तीक च ह लगाना हो तो
भी -2 अंकन का ह योग करना चा हए । इस कार उपयु त शीषक क वग सं या 491.43
+ 2 = 491.432 बनाई गई है।
शीषक - े च-वणमाला
French Alphabets 441.1
अनुसु ची म तारां कत च भाषा क आधार सं याओं का अंकन 44 दया गया है।
भाषा वषयक उप वभाजन सारणी म alphabets का अंकन -11 दया गया है। इस कार
दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक 44 + 11 + 441.1 बनाया गया है।
शीषक - मराठ र डर (पाठशाला)
Marathi Reader 491.468 6
अनुसू ची म तारां कत मराठ भाषा का अंकन 49।.46 दया गया है। तथा आधार
सं या के अभाव म इसी को आधार सं या मान लया गया है। भाषा वषयक उप वभाजन
सारणी म र डर का अंकन 86 दया गया है। इस कार दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक-
491.46 + 86= 491.468 6 बनेगा।
शीषक - क नड़ भाषा क पुरा ल प का अ ययन
A study of early Kannad writings 49481417

229
अनुसू ची म तारां कत क नड भाषा का अंकन 494.814 दया गया है। भाषा वषयक
उप वभाजन सारणी म पुरा ल पशा का अंकन -1 7 दया गया है। इस कार दोन को जोड़ने
पर अं तम वगाक = 491.4681 + 17= 494.81417 बनेगा।
शीषक - बंगाल श द का उ चारण
Pronunciation of Bengali Words 491.448 1
अनुसू ची म तारां कत बंगाल भाषा का अंकन 491.44 दया गया है। भाषा वषयक
उप वभाजन सारणी म श द के Pronunciation का अंकन -18 दया गया है। इस कार
दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक 491.44 + 81 = 491.448 1 बनेगा।
शीषक - मलयालम याकरण
Malayalam Grammar 494.812 5
अनुसू ची म तारां कत मलयालम भाषा का अंकन 494.812 दया गया है। भाषा
वषयक उप वभाजन सारणी म याकरण का अंकन -5 दया गया है। इस कार दोन को
जोड़ने पर अं तम वगाक – 494.812 + 5 = 494.812 5 बनेगा।
शीषक - छ तीसगढ़ भाषा का याकरण
Grammar of Chattisgarhi Language 491.49
य क छ तीसगढ़ भाषा के अंकन 491.49 को तारां कत नह ं कया गया है, इस लये
नयमानुसार इसके साथ सारणी 4 के अंकन का योग नह ं कया जा सकता है। इस लए इस
शीषक का वगाक 491.49 बनेगा।
भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 क भाषाओं का सारणी 6 वारा व तारण (Extension
of Subdivision of Individual Languages by Language Table 6)
सारणी 4 म कु छ अंकन जैसे -24, -32 से -39, -824 -864 के नीचे उ ह सारणी
6 के अंकन वारा व ता रत करने का नदश दया गया है। जैसे -
शीषक - आं ल भाषा म ले टन श द का योग
Use of Latin words in English Language 422.471
अनुसू ची म तारां कत आं ल भाषा क आधार सं या 42 द गई है। भाषा वषयक
उप वभाजन सारणी म अंकन -24 Foreign elements के अंतगत सारणी 6 से उस भाषा का
अंकन लाकर जोड़ने का नदश दया गया है, िजसके श द का योग हु आ है। यहां ले टन भाषा
के श द का योग हु आ है तथा सारणी 6 म ले टन भाषा का अंकन -71 दया गया है। इस
कार तीन को जोड़ने पर अं तम वगाक - 42 + -24 + 71 = 422.471 बनेगा।
शीषक - ह द भाषी यि तय के लए अं ेजी र डर (पाठशाला)
English Reader for Hindi speaking People 428.649 143 1
े ी भाषा का अंकन 420 दया गया है। इसक आधार सं या
अनुसू ची म तारां कत अं ज
42 है। भाषा वषयक उप वभाजन सारणी म -864 के आगे पद '' Fore those whose
native language is different'' दया गया है िजसके अंतगत सारणी 6 अंकन के योग

230
का नदश दया गया है। सारणी 6 म हंद भाषा का अंकन 91431 दया गया है। तीन को
जोड़ने पर अं तम वगाक – 42 + - 864 + 91431 = 428.649 143 1 बनेगा।
ट पणी : यहां पर याद रखना ज र है क िजस भाषा क पाठशाला होती है उस भाषा
का अंकन 420 से 490 के वग समूह से लया जाता है।

3. एकभाषी श दकोश (Unilingual Dictionary)


एक भाषा के श दकोश, वे श दकोश होते ह िजनम कसी भाषा के श द का अथ उसी
भाषा म दया गया हो, अथात य द श दकोश एक ह भाषा का हो तो उसका वगाक बनाने के
लये सारणी 4 के पृ ठ 405 पर दये गये अंकन -3 का योग तारां कत व श ट भाषा क
आधार सं या के साथ जोड़कर बनाने का ावधान है। यहां यह बात वशेष प से यान म
रखनी चा हये क भाषा के श दकोश क वग सं या का नमाण करने के लये मानक
उप वभाजन सारणी 1 से -03 का योग नह कया जाता। मानक उप वभाजन -03 का योग
केवल व श ट वषय के कोश का वगाक बनाने हे तु कया जाता है।
शीषक - सी श दकोश
Russian dictionary 491.73
अनुसू ची म तारां कत सी भाषा का अंकन 491.7 दया गया है। सी भाषा क
आधार सं या भी यह है। भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 म श दकोश का अंकन -3 दया
गया है। इस कार दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक- 491.7 + 3 = 491.73 बनेगा।
3.1 व श ट कोश (Specialized Dictionary)
कसी भाषा के व श ट कोश जैसे श द सं ेप (Abbreviations); वलोमश द
(Antonmys); पयायवाची श द (Synonyms), भ नाथक श द (Homonyms) कोश आ द
क वग सं याओं का नमाण करना हो तो सारणी 4 के अंकन -31 Specialzed
Dictionary का उपयोग कया जाता है। जैसे,
शीषक - वी डश श द-सं ेप कोश
Dictionary of Swedish abbreviations 439.731
अनुसू ची म तारां कत वी डश भाषा का अंकन 439.7 दया गया है। िजसक आधार
सं या भी यह है। भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 म श द-सं ेप कोश का अंकन -31
दया गया है। इस कार दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक –
439.7 + 31= 439.731 बनेगा।
32. वभाषी श द कोश (Bilingual Dictionary)
दो ाषाओं के श दकोश का वगाक बनाने से पूव सारणी 4 व श ट भाषा वषयक
उप वभाजन पृ ठ 405 पर अंकन -32 -39 (Bilingual dictionary) के नीचे द गई ट पणी
को वशेष यान से पढ़ा जाना चा हये। इसम आधार अंक -3 के साथ सारणी 6 से वतीय
भाषा का अंकन -2 से -9 लाकर जोड़ने का नदश दया गया है। इन नदश के अनुसार कम
योग म (कम च लत) आने वाल भाषा का अंकन पहले आता है, य क ऐसे श द कोश को

231
कम च लत भाषा म वग कृ त कये जाने का ावधन है। क तु य द कसी भौगो लक े म
दोन ह भाषाय समान प से योग म लायी जाती ह या दोन ह समान मह व क हो या
कौन सी भाषा कम च लत है व कौन सी अ धक च लत है, इसका नधारण न कया जा
सके, तो ऐसी अव था म िजस भाषा का अंकन गणना मक ि ट से अनुसू ची म बाद म आता
हो, उसे पहला थान दे कर उसम वग कृ त करना चा हए। इस कार एक ह वभाषी कोश का
वगाक व भ न भौगो लक सीमाओं म अलग-अलग हो सकता है। जैसे English-French
dictionary को य द इं लड के थ
ं ालय म वग कृ त कया जायेगा तो च भाषा म वग कृ त
कया जायेगा तो इसको अं ेजी भाषा म वग कृ त करके अि तम वगाक 443.21 बनाया
जायेगा। क तु इसी श दकोष को ांस के थ
ं ालय म वग कृ त कया जायेगा तो इसको अं ेजी
भाषा म वग कृ त कया जायेगा। य क ांस म अं ेजी भाषा का चलन कम है। इस कार
अं तम वगाक 42341 बनेगा। क तु य द उपयु त कोश को भारतीय थ
ं ालय म वग कृ त
कया जाये तो इसको च भाषा के अंतगत वग कृ त कया जायेगा, य क भारत म दोन ह
भाषाओं का कम चलन है तथा यह नणय करना क कौन सी भाषा कम चलन म है, और
कौन सी अ धक, क ठन है। ऐसी ि थ त म नयमानुसार च भाषा का अंकन 44 जो क
गणना मक ि ट से अं ेजी भाषा के अंकन 42 के बाद आता है, को पहले रखते हु ए अं तम
वगाक – 44 + 3 + 21 = 443.21 बन जायेगा।
शीषक - जमन- च श दकोश
German French dictionary 443.31
भारत म दोन ह भाषाओं का चलन कम है अत: च भाषा का अंकन 44 जो
गणना मक म म 43 (German) के बाद आता है, पहले लया जायेगा और जमन भाषा का
अंकन सारणी 6 से लाकर -31 श दकोश के अंकन के साथ जोड़ा जायेगा। इस कार अं तम
वगाक -
44 + 3 + 31 = 443.31 बनाया जायेगा।
शीषक - सी- ह द श दकोश
Russian-Hindi Dictionary 491.739 143 1
उपयु त म सी भाषा ह द भाषा क तु लना म कम योग म आने वाल भाषा है।
इस कार सी भाषा क आधार सं या 491.7 के साथ भाषा वषयक उप वभाजन सारणी से
श दकोश का अंकन -3 जोड़कर सारणी 6 से ह द भाषा का अंकन -91431 लाकर जोड़ने पर
अं तम वगाक - 491.7 + 3 + 91431 = 491.739 143 1 बनाया जाएगा।

4.सारणी 4 : व श ट भाषा वषयक उप वभाजन पर आधा रत


वअ यास के लये शीषक (Self Check Exercise based on
Table 4 : Subdivisions of Individual Languages)
न न ल खत थ
ं के वगाक बनाइये तथा इकाई के अंत म द त उ तर से मलान क िजये:-
1. Chinese Grammar
232
चीनी भाषा का याकरण
2. Derivation of Gujarati words
गुजराती के श द क यु पि त
3. German Alphabets
जमन वणमाला
4. Pronunciation of Japanese words
जापानी श द का उ चारण
5. Spelling of English words
आं ल श द क वतनी
6. Italian Readers
इटा लयन र डस (पाठमालाएं)
7. Hindi Readers for Russian Speaking People
सी भाषी पाठक के लये ह द र डस
8. Marathi Language Dictionary
मराठ भाषा का श दकोश
9. Dictionary of Swedish idioms
वी डश भाषा के मु हावर का कोश
10. Russian Punjabi Dictionary
सी-पंजाबी श दकोश
11. English Hindi Dictionary
अं ेजी- ह द श दकोश
12. Use of Persian words in Urdu
उदू म फारसी श दकोश
13. Learn Hindi through Structural approach
संरचना मक व ध वारा हंद का ान
14. Meaning of Japanese words
जापानी श द का अथ
15. Persian intonation
फारसी वर शैल
16. How to translate in English from other Languages
अ य भाषाओं से अं ेजी म अनुवाद कैसे कर
17. Dictionary of Punjabi Proverbs
पंजाबी कहावत का कोश
18. Sanskrit Paleography
सं कृ त पुरा ल पशा

233
19. German Phonology
जमन व नशा
20. Punctuation marks in Russian Language
सी भाषा के वराम च ह

5. भाषाय सारणी 6 के योग के नयम (Use of Table 6 :


Languages)
सारणी 6 भाषाय दशमलव वग करण ख ड 1 के पृ ठ 418-31 पर द गई है। इसम
व व क अ धकांश भाषाओं के अंकन दये गये ह। इस सारणी के अंकन का योग वतं प
से नह ं कया जा सकता है तथा अनुसू चय म केवल उ ह ं थान पर इनका उपयोग कया जा
सकता है जहां पर इनके योग के नदश दये गये ह। अ य सहायक सार णय के कु छ अंकन
के साथ भी जहां पर इस सारणी के अंकन के ं ी नदश दये गये हो, वहां भी इसका
योग संबध
कया जा सकता है । उदाहरणाथ मानक उप वभाजन सारणी 1 म -032 -039 के अंतगत दये
गये नदशानुसार -03 के साथ सारणी 6 का अंकन जोड़ा जा सकता है। भौगो लक उप वभाजन
सारणी 2 म अंकन -175, भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 के अंकन -24, -32 -39, -
824 एवं -864 के अंतगत इस सारणी के अंकन के योग का ावधान कया गया है। इसी
कार अनुसू चय म भी अंकन 033 से 036, 038 से 039, 220.5, 372.65, 398.9 आ द
के अंतगत भी इस सारणी के अंकन के योग का ावधान है।
इस सारणी के अंकन का योग उपयु त भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 के
शीषक 8, 9 एवं 12 के अंतगत कया जा चु का है। कु छ अ य उदाहरण वारा इस सारणी के
योग को और अ धक प ट कया जा रहा है।

6. भाषाय सारणी 6 पर आधा रत ंथ का वग करण


(Classification of Titles based on Table 6 : Languages)
शीषक - बाइबल का उदू अनुवाद
Translation of Bible in Urdu 220.591 439
अनुसू ची म उदू अंकन 220.5 के सामने Modern versions and translation(of
Bible) दया गया है तथा इसके नीचे अंकन 220.53-59 के अंतगत बाइबल का अ य भाषाओं
मे अनुवाद का अंकन बनाने के लए 220.5 आधार सं या के साथ सारणी 6 के अंकन -3 से
-9 के योग का नदश दया गया है। सारणी 6 म उदू का अंकन 91439 दया गया है। इस
कार इन दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक – 220.5 + 91439 = 220.591 439 बनेगा।
शीषक – पे पयामे टो भाषा म व वकोश
Papiamento Language Encyclopaedia 036.8
अनुसू ची म Spanish and Portuguesse भाषा के व वकोश का अंकन 036 दया
गया है तथा इसके नीचे आधार सं या 03 के साथ सारणी 6 के अंकन -61 -69 के योग का

234
नदश दया गया है। सारणी म Papiamento Language का अंकन -68 दया गया है।
दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक – 03 + 68 = 036.8 बनेगा।
शीषक - मराठ कहावत का कोश
Dictionary of Marathi Proverbs 398.991 460 3
अनुसू ची म Proverbs का अंकन 398.9 दया गया है तथा इसके नीचे सारणी 6 के
अंकन के योग का नदश दया गया है। सारणी 6 मराठ भाषा का अंकन -9142 दया गया
है। कोश का अंकन मानक उप वभाजन सारणी म 03 दया गया है। इस कार तीन को जोड़ने
पर अं तम वगाक – 398.9 + 9146 + 03 = 398.991 460 3 बनेगा।
शीषक - उदू सु लेख
Urdu Calligraphy 745.619 914 39
अनुसू ची म अ य भाषाओं के सु लेख का अंकन 745.619 दया गया है। तथा इस
शीषक के नीचे आधार अंक 745.619 के साथ सारणी 6 के अंकन -91 -99 के योग का
नदश दया गया है। सारणी 6 म उदू का अंकन – 914.39 दया गया है। इस कार दोन को
जोड़ने पर अि तम वगाक – 745.619 + 91439 = 745.619 914 39 बनेगा।
शीषक - स धी भाषा म कुरान का अनुवाद
Translation of Koran in Sindhi Language 297.122 591 411
अनुसू ची म कु रान के अनुवाद का अंकन 297.1225 दया गया है तथा इसके नीचे
सारणी 6 के अंकन के योग का नदश दया गया है। सारणी म 6 स धी भाषा का अंकन -
91411 दया गया है । दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक- 297.1225 + 91411 =
297.122 591 411 बनेगा।
शीषक - ाथ मक व यालय म उदू
Urdu in elementary schools 372.659 143 9
अनुसू ची म Foreign Languages in Elementary Education का अंकन
372.65 गया है तथा इसके नीचे आधार सं या 372.65 के साथ सारणी 6 के अंकन -1 से -
9 के योग का नदश दया गया है। सारणी 6 म उदू भाषा का अंकन -91439 दया गया है।
इस कार दोन को जोड़ने पर अं तम वगाक - 372.65 + 91439 = 372.659 143 9
बनेगा।
शीषक - च भाषा के उ रण का सामा य संकलन
General collection of quotations in French Language 084.1
अनुसू ची म French languages के सामा य संकलन का अंकन 084 दया गया है।
इसके नीचे आधार अंक 08 के साथ सारणी 6 के अंकन -41 से -49 के योग का नदश
दया गया है। सारणी 6 म च भाषा का अंकन -41 दया गया है। दोन को जोड़ने पर अं तम
वगाक – 08 + 41 = 084.1 बनेगा।

235
शीषक - इं डया टु डे, हंद भाषा म सामा य प का
India Today , a general magazine in Hindi 059.914 31
इं डया टु डे, ह द भाषा म का शत एक सामा य प का है। अनुसच
ू ी म कु छ भाषाओं
क सामा य प काओं के लए अंकन 051 से लेकर 058 तक का ावधान कया गया है, तथा
शेष भाषाओं क सामा य प काओं का अंकन 059 के अंतगत वग कृ त करने का ावधान है।
इसके नीचे आधार सं या 059 के साथ सारणी 6 के अंकन -2 से -9 के योग का नदश
दया गया है। सारणी 6 म ह द भाषा का अंकन -91431 दया गया है। इस कार दोन के
जोड़ने पर अं तम वगाक – 059 + 91431 = 059.914 31 बनेगा।
शीषक - च भाषी दे श म थ
ं ालय का इ तहास
History of general libraries in French speaking countries 027.017
541
अनुसू ची म सामा य ं ालय का अंकन 027
थ दया गया है। इसके नीचे .01 -.09
Geographical treatment के अंतगत आधार सं या 027.0 के साथ भौगो लक उप वभाजन
सारणी के अंकन 1-9 के योग का नदश दया गया है। भौगो लक उप वभाजन सारणी-S 'म
अंकन -175 के सामने 'regions where specific languages predominate' पद दया
गया है एवं इसके नीचे भी आधार सं या -175 के साथ सारणी 6 के अंकन -1 से -9 के
योग का नदश दया गया है। सारणी 6 म च भाषा का अंकन -41 दया गया है। इस
कार तीन को जोड़ने पर अं तम वगाक – 027.0 + 175 + 41 = 027.017 541 बनेगा।

7. सारणी 6 भाषाओं पर आधा रत अ यास के लये शीषक


(Self Check Exercises based on Table 6: Languages)
न न ल खत थ
ं के वगाक बनाइये तथा इकाई के अंत म द त उ तर से मलान क िजये:-
1. Translation of Bible in Hindi.
बाइ बल का ह द अनुवाद
2. Spanish Languages Encyclopedia
पे नश भाषा म व वकोश
3. Dictionary of Gujarati Proverbs
गुजराती कहावत का कोश
4. Translation of Koran in Tibetan Language
कु रान का त बती भाषा म अनुवाद
5. Bangali Language general serial publications
बंगाल भाषा के सामा य आव धक काशन
6. Hindi Vishwarkhosh
ह द व वकोश
7. General collection of essays of Romanian Languages

236
रोमा नयम भाषा के सामा य नबंध का सं ह
8. English Calligraphy
अं ेजी सु लेख
9. Translation of Talmudic literature in Italian language
तालमु डक सा ह य का इतालवी भाषा म अनुवाद
10. History of General Libraries in German speaking countries
जमन भाषा-भाषी दे श म थ
ं ालय का इ तहास
11. Adult Education in French speaking countries
च भाषा-भाषी दे श म ौढ श ा
12. Women Eduction in Arabic speaking countries
अरबी भाषा भाषी दे श म म हला श ा
13. Teaching of Latin in Elementry schools
ाथ मक व यालय म ले टन का अ ययन
14. Sarita – a general Hindi magazine
स रता- हंद भाषा क सामा य प का

8. सारांश
व भ न भाषाओं के व भ न पहलु ओ,ं जैसे व नशा , वणमाला, श द का उ व,
वकास, याकरण, कोश आ द से संबध
ं ी थ
ं भी का शत होते ह। इस कार के पहलुओं को
य त करने के लये भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 का उपयोग कया जाता है। इस
सारणी के अंकन का योग ख ड 2 क अनुसू चय 420 से 490 के अनु म म तारां कत (*)
भाषाओं के नीचे द गई सभी आधार सं याओं के साथ अथवा आधार सं याओं के अभाव म
तारां कत भाषा के नाम के पहले अं कत वग सं या के साथ नदश के अनुसार कया जा
सकता है। जैसे-
Hindi Grammar = 491.43 + 5 = 491.435
सारणी 4 म -24 = Foreign elements, -32-39 = Bilingual (dictionaries),
-824 = (Structural approach to expression) for those whose native
language is different, -864 = (Readers) for those whose native language
is different, आ द अंकन के साथ नदशानुसार सारणी 6 से दूसर भाषा का अंकन लाकर
जोड़ा जा सकता है। जैसे, ह द भाषा म अं ेजी के श द का योग का वगाक -
491.43 + 24 + 21 = 491.482 421 बनेगा।
दो भाषाओं के श दकोश क वग सं या बनाने के लये -32 -39 अंकन शीषक के
अंतगत दये नदश का पालन करना चा हये। जैसे जो भाषा कसी े म कम योग म लाई
जाती है या उस े म उसका चलन कम हो तो उसक तीक सं या 420 से 490 के

237
अनु म से लेकर पहले योग म लाई जाती है। और उसके साथ - 30 = श दकोष का अंकन
जोड़कर दूसर भाषा का अंकन सारणी 6 से लेकर जोड़ दया जाता है। जैसे,
सी- ह द कोश = 491.7 + 3 + 91431 = 491.739 143 1,
य द दोन ह भाषाय उस े म कम योग म लाई जाती ह तो 420 से 490 के
अनु म म गणना मक ि ट से जो भाषा बाद म अं कत हो उसे पहले थान दया जायेगा,
तथा उसके बाद – 3 = कोश का अंकन जोड़कर सारणी 6 से दूसर भाषा का अंकन लाकर जोड़
दया जायेगा।
सारणी 4 से -864 अंकन का योग करते समय भी यह यान रखना चा हये क
िजस भाषा क र डर (पाठमाला) हो, उसका अंकन 420 से 490 के अनु म से लाकर पहला
थान दया जाता है, तथा -864 अंकन उसके साथ जोड़कर सारणी 6 से उस भाषा का अंकन -
864 के साथ जोड़ दया जाता है िजस भाषा-भा षय के लये यह पाठमाला लखी गई है।
सारणी 6 म व व क सभी भाषाओं के अंकन दये गये है। इस सारणी के अंकन का
योग वतं प से नह ं कया जा सकता है। ख ड 2 क अनुसू चय म तथा कु छ सहायक
सार णय म यथा थान इसके उपयोग के नदश दये गये ह। उदाहरणाथ, मानक उप वभाजन
सारणी 1, भौगो लक उप वभाजन सारणी 2, भाषा वषयक उप वभाजन सारणी 4 म कु छ
थान पर सारणी 6 के अंकन के योग के नदश दये गये है। जैसे,
सारणी 2 म -175 अंकन के नीचे दया हु आ नदश: ''Add language notation
1-9 from table 6 to base number 175''. अनुसू चय म 398.9 के नीचे दया हु आ
नदश : ''Add language notation 1-9 from table 6 to base number 398.3''.

9. अ यास के लये शीषक के उ तर (Answer to Self Check


Exercises)
सारणी - 4 के शीषक के उ तर
1. 495.15 11. 423.914 31
2. 491.472 12. 491.439 249 155
3. 431.1 13. 491.438 2
4. 495.681 14. 495.681
5. 428.1 15. 492.551 6
6. 458.6 16. 428.02
7. 491.438 249 171 17. 398.991 420 3
8. 491.463 18. 491.217
9. 439.731 19. 431.5
10. 491.739 142 20. 491 .71.5

238
सारणी - 7 के शीषक के उ तर
1. 220.591 431 8. 745.619 21
2. 036.8 9. 296.120 551
3. 398.991 470 3 10. 027.017 531
4. 297.122 595 41 11. 374.917 541
5. 059.914 4 12. 376.917 592 7
6. 039.914 31 13. 372.657 1
7. 085.91 14. 059.914 31

10. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची


1. Dewey (Melvil), Dewey Decimal Classification and Relative Index. 3V. Ed
19, Albany, Forest Press, 1979.
2. Satija (M.P.), and Camaroni (John P) : Introduction to the practice
of Dewey Decimal Classification, Delhi, Sterling 1987.
3. Batty (CD): An introduction to the nineteenth edition of the Dewey
Decimal Classification, London, Clive Bingley, 1981.
4. सू द (एस पी) एवं रावतानी (एम आर), या मक यूई दशमलव वग करण, जयपुर ,
आर.बी.एस.ए पि लशस 1987.
5. गौतम (जे एन) एवं नरं जन संह, यई दशमलव वग करण : या मक व लेषण,
आगरा, वाई के पि लशस, 1996.
6. यानी (पी), डीवी दशमलव वग करण : ायो गक या व ध, नई द ल, व व
काशन, 1994.

239
इकाई 15 : सारणी-5 : जातीय वंशानु गत एवं रा जन समू ह
एवं सारणी-7 : यि त समू ह
उ े य
1. सारणी 5 म जातीय वंशानुगत एवं रा जन के उप वभाजन के योग क जानकार
दे ना।
2. सारणी 7 म यि तय के समू ह क जानकार दे ना।

संरचना/ वषय व तु
1. वषय वेश
2. सारणी 5 सं ेप म
3. सारणी 5 के योग के नयम
4. सारणी 7 क भू मका
5. सारणी 7 का सारांश
6. सारणी 7 के योग के नयम
7. सारांश
8. अ यासाथ न
9. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
यूई दशमलव वग करण (19व सं करण) के ख ड 1 पृ ठ 408 - 417 पर यह
सारणी द गई है। सारणी 5 म जातीय, वंशानुगत एवं रा जन क सू ची मानुसार द गई है।
इस सारणी का योग नदश के अनुसार कया जाता है। कसी वग सं या (Class number)
म जातीय, वंशानुगत एवं रा जन को मानक उप वभाजन -089 (S.S. 089) जोड़ा जा सकता
है। इस नयम का योग थम बार दशमलव के 19व सं करण म कया गया है। िजस से
सारणी 5 सव यापक हो गई। इस लए कसी वषय के अधीन जातीय, वंशानुगत एवं रा जन
के संबध
ं को नयोिजत कया जाता है। य द इस उ े य के लए कोई यव था न हो तो सारणी
1 का योग कसी भी सं या के साथ बना नदश के कया जा सकता है।

2. सारणी 5 सं ेप म
1. उ तर अमे रका का यि त (North Americans)
2. एं लो-से शन, टश यि त (Anglo-saxon, British, English)
3. डैनमाक के यि त (Nordics)
4. आधु नक ले टन यि त (Modern Latins)
5. इटल , मा नया एवं संबं धत यि त समू ह Italians, Romanians, Related
groups)
240
6. पेन एवं पुतगाल के यि त (Spanish and Portuguese)
7. अ य इटे लक यि त (Other Italic People)
8. यूनानी एवं अ य संबं धत यि त (Greeks and related groups)
9. अ य जातीय, वंशानुगत एवं रा जन (Other Racial, Ethnic National groups)
91411 भारतीय (Indian)

3. सारणी 5 : योग के नयम


सारणी 5 म येक ेणी को व तार से ेणीब कया गया है। तु त वग सं या क
जानकार न होने पर सापे अनु म णका का योग कया जाता है।
सारणी 5 का व तृत ववेचन न नां कत ब दुओं के आधार पर कया जा रहा है:-
शीषक - जमन यि तय का वंशानुगत मनो व ान
Ethnopsychology of German People 155.843 1
अनुसू ची म Ethnopsychology के लए 155.8 अं कत है। इस के आगे वशेष
जातीय, वंशानुगत एवं रा जन के लए आधार सं या 155.84 अं कत है। इसके अंतगत
सारणी 5 से उ चत अंक जोड़ने का नदश मलता है। जमन यि तय के लए अंक-31 है।
नदशानुसार जोड़ने पर – 155.84 + 31 = 155.843 1
शीषक - जमन यि तय का सामािजक तर
Social stratification of German people 305.831
ख ड 2 क अनुसू ची म जातीय, वंशानुगत एवं रा जन के सामािजक तर क वग
सं या 305.8 अं कत है। 305.8 आधार सं या म सारणी 5 से अंक जोड़ने का नदश मलता
है। जमन यि तय के लए अंक-31 मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर – 305.8 + 31 =
305.831
शीषक - भारतीय यि तय के लये सामािजक क याणकार सेवाएं
Social Welfare services to Indians 362.797 914 11
अनुसू ची म वग सं या 362.797 म यि तय के व भ न जातीय वंशानुगत एवं
रा जन के सामािजक क याणकार काय का उ लेख है। यहां सारणी 5 से अंक जोड़ने का
नदश मलता है। भारतीय के लए अंक - 914.11 मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर –
362.797 + 91411 = 362.797 914 11
शीषक - आ े लयन पाक व ध
Australian Cookery 641.592 24
अनुसू ची म Cookery क वग सं या 641.592 अं कत है। 641.592 का आधार
सं या म सारणी 5 से अंक जोड़ने का नदश दया गया है। यहां आ े लयन के लए -24
अंक मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर -
641.592 + 24 = 641.592 24
शीषक - पंजाबी खा य कला
241
Punjabi Culinary art 641.592 914 2
इस शीषक का वगाक भी उपयु त शीषक के समान बनाया जायेगा। अनुसू ची म
Culinary art क वग सं या 641.592 अं कत है इसम सारणी 5 से अंक जोड़ने का नदश
मलता है। यहां पंजाबी के लए -9142 अंक मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर - 641.592
+ 9142 (सारणी 5) = 641.592 914 2
3.1 Zero का योग कर सारणी -5 का व तार
शीषक - ाजील म नवास करने वाले जमन नवा सय के सामािजक क याणकार काय
Social welfare Services to Germans in Brazil 362.797 310 81
अनुसू ची म Social welfare services क वग सं या 362.797 अं कत है। सारणी
5 से जमन यि तय का अंक -31 है। इसम Zero को जोड़कर सारणी 2 से Brazil का अंक
जोड़ा जाएगा यहां Brazil का अंक -81 मलता है।
362.797 + 31 + 0 + 81 = 362.797 310 81
ट पणी :- अगर अनुसू ची म कोई नदश न दया हो तो Zero का योग करके वगाक
बनाया जा सकता है।
शीषक - जमनी म नवास करने वाले यहू द नवा सय का सामािजक तर
A study of the Social Stratification of Portugese in German
305.831 0.69
अनुसू ची म सामािजक तर क वग सं या 305.8 मलती है। सारणी 5 म German
यि तय के लए अंक -31 मलता है। इसम Zero को जोड़कर सारणी 5 से Portugese का
अंकन -69 जोड़ा जायेगा। 305.8 + 31 + 0 + 69 = 305.831 069
शीषक - अमे रका म रहने वाले अ वेत यि तय के संबध
ं का राजनी तक अ ययन
Relation of state to Negroes in USA : a political Study323.119 607
3
अनुसू ची म Political Study क वग सं या 323.11 है। यहां सारणी 5 से अंकन
जोड़ने का नदश मलता है। इस सारणी म Negroes का अंकन 96 दया गया है। इस म
Zero को जोड़कर सारणी 2 से U.S.A. का अंकन जोड़ा जाएगा। सारणी 2 म U.S.A. का
अंकन 73 मलता है।
323.11 + 96 (सारणी 5 से) + 0 + 73 (सारणी 2 से) = 323.119 607 3
शीषक - टे न म रहने वाले बंगाल बालक क श ा
Education of Bengali children in U.K.371.979 177 041
अनुसू ची म व भ न वग क श ा के लए वग सं या 371.97 अं कत है।
नदशानुसार सारणी 5 से Bengali Children का अंक लेकर उसम Zero जोड़कर सारणी 2
से U.K. का अंक जोड़ा जाएगा।
371.97 + 9177 (सारणी 5 से) + 0 + 41 (सारणी 2 से) 371.979 177 041

242
3.2 सारणी 5 का सारणी 2 वारा सीधा व तार
सारणी 5 म कु छ वभाजन को आगे सारणी 2 वारा सीधे वभािजत कया जाता है ।
शीषक - चल रा के नाग रक
Chilean Nationals 6883
सारणी 5 म मु ख रा य यि तय का अंक 68 मलता है सारणी 2 Chilean का
अंक 83 जोड़ा जाएगा। इस कार – 68 + 88 = 6883 इस अंक को अब कसी भी वगाक
के साथ नयमानुसार जोड़ा जा सकता है।
3.3 सारणी 5 का मानक उप वभाजन (Standard Subdivision) वारा योग
सारणी 5 का योग अनुसू ची के कसी भी वग सं या म मानक उप वभाजन वारा
जोड़ा जा सकता है ।
शीषक - पंजाबी नवा सय म हॉक खेल का वकास
Development of Hockey among Punjabi People 796.355 089 914 2
हॉक क 796.355 के साथ मानक उप वभाजन का योग। वशेष वंश जातीय एवं
रा य वग के लए सारणी 1 म मानक उप वभाजन 089 मलता है। यहां आधार सं या म
089 उप वभाजक जोड़कर सारणी 5 से अंक 01-49 के जोड़ने के नदश दए गए ह। इस
कार -
796.355 + 089 (सारणी 1) + 9142 (सारणी 5) = 796.355 089 914 2
3.4 सारणी 5 का सारणी 3 ए के वारा योग
शीषक - पंजाबी लेखक वारा र चत अं ेजी का य थ

A collection of English Poetry composed by Punjabis 821.008 089
142
सारणी 3ए म वशेष, वंश जातीय एवं रा य वग के लेखक के सा ह य का उ लेख
मलता है। इसको आगे व तार करने के लए सारणी 5 से अंक जोड़ने का नदश मलता है।
अनुसू ची म अं ेजी सा ह य का वग सं या 820 म तारां कत के नीचे आधार सं या 82 द गई
है। इस कार -
82 + 10080 (सारणी 3) + 8 (सारणी 3ए) + 9142 (सारणी 5) = 821.008
089 142
शीषक - यूरोप म रहने वाले पंजाबी लेखक वारा र चत अं ेजी का य का समी ा मक
मू यांकन Critical Appraisal of English Poetry composed by Punjabi living in
Europe 821.009 891 420 4
इस शीषक का वगाक भी उपयु त शीषक के समान ह बनाया जायेगा।
82 + 1009 (सारणी 3) + 8 (सारणी 3ए) + 9142 (सारणी 5) +0+ 4 (सारणी
3) = 821 .009 891 420 4
शीषक - भारत म रहने वाले स धी लेखक वारा र चत अं ेजी का य सं ह

243
Collection of English Poetry written by Sindhis in India 821.008
894 805 4
यह वगाक इस कार बना - 82 + 1008 (सारणी 3 से) + 8 (सारणी 3ए से) +
948 (सारणी 5) + 0 + 54 (सारणी 2) = 821.008 894 805 4
शीषक - व व म पंजा बय का इ तहास
History of Punjabis in the world 909.049 142
अनुसू ची म वग सं या अं कत है। 904.04 म मु य वंश जातीय और रा य वग के
लए यहां सारणी 5 से अंक जोड़ने का नदश मलता है। सारणी 5 म पंजा बय के लए 9142
अंक दया गया है।
944.04 9142 (सारणी 5 से) = 909.049142

4. सारणी 7 क भू मका
दशमलव के 19व सं करण के ख ड 1 म पृ ठ 432 - 452 पर सारणी 7 द गई है।
इस सारणी म व भ न - व भ न यि तय के यवसाय तथा े णय का उ लेख कया गया
है। इस सारणी म दो कार के यि त दये गए ह । 01-08 अंक म यि तय को आयु, लंग,
सामािजक, आ थक तर और यि तगत वशेषताओं का उ लेख मलता है। इन यि तय को
उनके यवसाय के अनुसार 091-097 और 1-9 म वभािजत कया गया है।

5. सारणी 7 सं ेप म
1. दशनशा और संबं धत वषय के यि त
(Persons occupied with philosophy and related disciplines)
2. धा मक अनुयायी
(Persons occupied with or adherent to religions)
3. सामािजक व ान के वषय से संबं धत यि त
(Persons occupied with social sciences)
4. भाषा वषयक तथा कोश व ान से संबं धत यि त
(Persons occupied with Linguistic Lexicograph)
5. शु व ान से संबं धत यि त
(Persons occupied with Pure Science)
6. ायो गक व ान से संबं धत यि त
(Persons occupied with applied sciences)
7. कला से संबं धत यि त
(Persons occupied with the arts)
8. सजना मक लेखन तथा व ता से संबं धत यि त
(Persons occupied with Creative Writing and speaking)

244
9. भूगोल-इ तहास तथा अ य वषय से संबं धत यि त।
(Persons occupied with geography, history, related disciplines
Activities)

6. सारणी 7 उपयोग के नयम


सारणी 7 योग दो कार से कए जाते ह-
1. सारणी 7 के अनुसच
ू ी के नदश वारा
2. नदश न दया गया हो, तो सारणी 7 का योग अनुसच
ू ी क कसी भी वग सं या
म मानक उप वभाजन जोड़कर योग कया जाता है।
6.1 सारणी 7 का नदश वारा योग
शीषक - च क सक के र त- रवाज
Customs of Doctors 390461
अनुसू ची म मु य यवसाय के यि तय के र त- रवाज क सू ची का 390.4 अंक
मलता है। िजसके आधार सं या बनाकर सारणी 7 से अंक जोड़ने को नदश मलता है, यहां
Doctors का अंकन 61 मलता है। नदशानुसार जोड़ने पर – 390.4 + 61 (सारणी 7 से) =
390.461
शीषक - मुि लम कलाकार
Muslim Artists 704.297
अनुसू ची म 704.04 - .87 के अंतगत कला से संबं धत यि तय के वग का उ लेख
मलता है। 704 के आधार सं या म सारणी 7 से अंकन जोड़ने का नदश मलता है। यहां
Muslim Artists का अंकन 297 मलता है।
704 + 297 (सारणी 7 से) = 704.297
6.2 सारणी 7 का अ य सारणी के साथ योग।
शीषक - अ भयंताओं के लए ग णत
Mathematics for Engineers 510.246 2
ू ी म Mathematics का वग सं या 510 है। िजसम 51
उपयु त शीषक म अनुसच
को आधार सं या बनाकर सारणी 1 से उप वभाजक 024 जोड़कर सारणी 7 से Engineer का
अंकन जोड़ने का नदश मलता है । यहां Engineer के लए 62 अंक मलता है। इस कार
- 51 + 024 (सारणी 1 से) + 62 (सारणी 7 से) = 510.246 2
शीषक - बु धम के अनुयायी दे श क राजनी तक अव था
Political Conditions in Buddhist Countries 320.917 643
अनुसू ची म Political Conditions का वग सं या 320.9 मलता है। सारणी 2 म
176 के अंतगत मु य धम का अंक दया गया है इस सारणी से 29 अंकन के बाद का अंक
जोड़ने का नदश मलता है। यहां Buddhist धम के लए 2943 अंक दया गया है।
320.9 + 176 (सारणी 2 से) + 43 (29 43 सारणी 7 से) = 320.917 643
245
शीषक - ई लामी दे श म सामा य पु तकालय
General libraries in Islamic Countries 027.017 671
इस शीषक का वगाक भी उपयु त शीषक के समान ह बनाया जायेगा
027.0 + 176 (सारणी 2 से) + 71 ((29) 71 सारणी 7 से) = 027.017 671
शीषक - सेवा नवृत यि तय से संबं धत लघु कथाओं का समी ा मक मू यांकन
Hindi short stories about retired person : a Critical
evaluation891.413 010 906 92
सारणी 3ए के अंकन 352 के अंतगत Specific Kinds of person as themes
and subject of Literature अं कत है। इसम सारणी 7 से अंकन जोड़ने के नदश मलता
है। 891.41 + 301 (सारणी 3 से) + 09 (सारणी 3 ए से) + 0692 (सारणी 7 से) =
891.413 010 906 92
शीषक - वै ा नक वारा र चत अं ेजी का य-सं ह
English Poetry by Scientists – A collection 821.008 092 5
सारणी 3ए म 92 अंक के अंतगत Literature for and by persons of
specific occupational and non-occupational characteristics, अं कत है। िजसम
सारणी 7 से 04-79 अंकन जोड़ने का नदश मलता है। इस कार –
82 + 1008 (सारणी 3 से) + 92 (सारणी 3ए) + 5 (सारणी 7) = 821.008
092 5
6.3 सारणी 7 का मानक उप वभाजन वारा योग
शीषक - व यालयी व या थय वारा न मत यं य च
Cartoons drawn by school children 741.508 805 44
अनुसू ची म वग सं या के अंतगत नदश न मले तो सारणी 7 का योग मानक
उप वभाजन वारा योग कया जाता है। यहां - 088 (treatment of a subject among
group of specific kind of persons) उप वभाजक दया गया है।
यहां सारणी 7 के अंकन 04-99 म जोड़ने का नदश मलता है। इस कार -
741.5 + 088 (सारणी 1 से) + 0544 (सारणी 7 से) = 741.508 805 44
शीषक - ने ह न यि तय का संगीत म योगदान
Contribution to Music by Blind Persons 780.880 816 1
अनुसू ची म Music क वग सं या 780 अं कत है। सारणी 1 से 088 जोड़कर सारणी
7 से Blind Persons का अंक 08161 मलता है। इस कार-
780 + (0)88 (सारणी 1 से) + 08161 (सारणी 7 से) = 780.880 816 1
ट पणी - वग सं या 780 के साथ मानक उप वभाजन 088 का योग Zero को
छोड़कर कया जाता है।
शीषक - ह दुओं वारा श य- व ान म योगदान

246
Contribution to surgery by Hindus 617.008 829 45
अनुसू ची म Surgery क वग सं या 617 अं कत है। यहां मानक उप वभाजन का
योग दो Zero को जोड़कर करने का नदश मलता है। इस कार -
617 + 0088 (सारणी 1 से) + 2945 (सारणी 7 से) = 617.008 829 45
शीषक - व यालयीन व या थय वारा चमड़ा द तकार
Leather Handicraft by School Children 745.531 088 055 4
अनुसू ची म Leather Handicraft क वग सं या 745.531 अं कत है। सारणी 1 से
088 उप वभाजन जोड़कर तथा सारणी 7 से School Children का अंकन जोड़ने पर
745.531 + 088 (सारणी 1 से) + 0544 (सारणी 7 से)= 745.531 088 054 4
शीषक - भारत म ईसाईय का सामािजक तर
Social Stratification of Christains in India 305.661 054
अनुसू ची म Social Stratification क वग सं या 305.6 द गई है। नदशानुसार
सारणी 7 म Christains का अंकन 61 जोड़ा जाएगा। इस कार -
305.6 + 61 (सारणी 7 से) + 0 + 54 (सारणी 2 से) = 305.661 054
शीषक - व यालयीन व या थय वारा न मत ए तहा सक च
Historical painting drawn by School Children 756.088 054 4
इस शीषक का वगाक उपयु त शीषक 11 के समान बनेगा।
756 + 088 (सारणी 1 से) + 0544 (सारणी 7 से) = 756.088 054 4
शीषक - ने ह न यि तय वारा ल खत पाक-कला
Cookery by Blind Persons 641.508 808 161
अनुसू ची म Cookery क वग सं या 641.5 अं कत है। इसम सारणी 1 से मानक
उप वभाजन 088 जोड़कर सारणी 7 से Blind Persons का अंक 08161 जोड़ा जाएगा।
641.5+ 088 (सारणी 1) + 08161 (सारणी 7 से) = 641.508 808 161
शीषक - पु लस अ धका रय के लए व ध का प रचय समूह
Introduction to Law for Police officials 340.024 3632
अनुसू ची म Law का वग सं या 340 अं कत है
340 + 024 (सारणी 1 से) + 3632 (सारणी 7 से) = 340.024 363 2

7. सारांश
1. यूई दशमलव क सारणी 5 म जातीय, वंशानुगत तथा रा य वग का उ लेख कया
गया है। इस सारणी म सामािजक वषय पाक कला और रा य वग का अ य दे श
म नवास करने वाल का उ लेख कया गया है।
2. सारणी 7 म व भ न यि तय को उनके यवसाय एवं े णय का उ लेख कया गया
है।
3. सारणी 5 और 7 का योग दो कार से कया जाता है।

247
(क) सारणी 5 और 7 का अनुसच
ू ी म दये गए नदशानुसार कया जाता है।
(ख) य द कोई नदश नह ं दया गया हो, तो सारणी 5 और 7 का योग अनुसू ची क
वग सं या म सारणी 1 के मानक उप वभाजन को जोड़कर कया जाता है।

8. अ यासाथ न
न न ल खत शीषक के वगाक बनाइये :
(1) Folk songs of Punjabis
(2) Psycology of Negroes
(3) A Social study of Bengalis
(4) Reading Habits of Indians
(5) Reading Habits of Indians in England
(6) Statistical Mathematics for Librarians
(7) Ethics of Librarians
(8) Circulation services to Blinds in Libraries
(9) Costumes of Buddhists
(10) Historical paintings by poets.

वगाक
(1) 784.769 142
(2) 155.840 36
(3) 305.892 4
(4) 028.908 991 411
(5) 028.908 911 411 042
(6) 519.502 409 2
(7) 174.909 2
(8) 025.608 808 161
(9) 390. 424 7
(10) 756.088 81

9. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची


1. DEWEY (Melvil), Dewey Decimal Classification and Relative Index. 19th
ed., Ed by Benjamin A Custer. Albany, N.Y. The Forest Press,
1979.
2. SATIJA (MP), Exercise in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, New Delhi, Concept, Publishing Co., 2001,

248
इकाई 16 : 'जो ड़ए' नदशानुसार वग सं या नमाण
उ े य
1. ता लकाओं से वग सं या व ता रत करने के लए व भ न 'जो ड़ए' नदश क
जानकार दे ना,
2. एकल 'योजक नदश, अथात कसी एक वग सं या के साथ दए 'जो ड़ए' नदश का
योग करना ,
3. सामू हक 'योजक' नदश, अथात कसी वग सं या खृं ला हे तु भावी 'जो ड़ए' नदशो
का योग करना।

संरचना/ वषयव तु
1. वषय वेश
2. ता लकाओं से जोड़ने हे तु नदश
3. एकल 'योजक' नदश
3.1 001-999 क ता लकाओं से संपण
ू वग सं या को जोड़ना
3.2 ता लकाओं के कसी दूर थ छोटे भाग से वग सं या का एक अंश जोड़ना
3.3 उसी भाग/अनुभाग से जोड़ना
3.4 उसी भाग/अनुभाग से प संकेतक के साथ जोड़ना
4. सामू हक 'योजक' नदश
5. अ यासाथ न
6. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
पछले अ याय म आपने पढ़ा क व भ न सार णय का अनुसू चय म 001 से 999
वगाक के साथ कस कार उपयोग कया जा सकता है। क तु अनुसू चय 001 -999 के म य
के व भ न वगाक म ता लकाओं से संपण
ू वग भी बनाया जा सकता है। क ह ता लकाओं के
कसी दूर थ छोटे भाग से वग सं या का एक अंश जोड़ा जा सकता है, उसी भाग/अनुभाग से
जोड़ा जा सकता है, उसी भाग/अनुभाग से प संकेतक के साथ, योजक नदश आ द के बारे
म चचा क जाएगी। कसी भी वषय क गहनता को दे खते हु ए इस तरह के वगाक मनाने क
आव यकता है। इस कार के नदश इस णाल प रगणना मक वभाव को प ा मक वग करण
का व प करते ह।

2. ता लकाओं से जोड़ने हे तु नदश


दशमलव वग करण णाल क ता लकाओं म अ धकतर वषय क पूव न मत वग
सं या मल जाने क संभावना होती है। य क इसम मु य वग को उनके भाग तथा भाग
को अनुभाग एवं अनुभाग को उप-अनुभाग म उ तरो तर वभ त करते जाते ह। क तु
बहु पा क वषय के वग करण के लए पूव न मत वग सं या पया त नह ं होती। इसम एक या
249
अ धक प का न पण होना रह जाता है। ऐसे वषय का वग करण करने हे तु दशमलव
वग करण म वषय वशेष के शीषक के प चात व भ न कार के 'जो ड़ए' नदश दए ह। यह
नदश इस णाल के प रगणना मक वभाव को प ा मक वग करण कर व प दान करते
ह।
इन नदश के वारा कसी वग सं या (आधार सं या) के आगे ता लकाओं के उसी
भाग या कसी दूर थ भाग से, कोई पूण वग सं या या उसका एक अंश जोड़ने का ावधान
कया जाता है। कभी-कभी जोड़ने क इस या म कसी प संकेतक का भी नदशानुसार
योग कया जा सकता है। 'जो ड़ए' नदश के संदभ म यह समझना आव यक है क सं लेषण
क या म, िजस वग सं या या उसके अंश को जोड़ा जाता है उसके केवल अंक पर ह
यान केि त कया जाता है। य द बीच म कोई दशमलव ब दु आ जाए तो उसको छोड़ दया
जाता है। सं लेषण के प चात जो अं तम वग सं या बनती है उसम थम तीन अंको के बाद
एक दशमलव ब दु लगाकर वग सं या को पूण कर लया जाता है। साथ ह , सं ले षत वग
सं या म दशमलव ब दु के बाद अं तम अंक शू य के अलावा कोई भी हो सकता है । य द
वग सं या शू य म समा त होती है, तो उस शू य को अं तम पूण वग सं या से हटा दया
जाता है।
कसी आधार सं या के आगे, संपण
ू वग सं या अथवा उसके एक अंश को जोड़ने हे तु
दए गए नदश दो कार के हो सकते ह।
एकल 'योजक' नदश व श ट आधार सं याओं के शीषक के प चात द गई ट पणी के
कार होते है। इनका भाव े मा वह शीषक होता है िजसके प चात यह दए गए ह।
सामू हक 'योजक' नदश कसी व तृत वग सं या खृं ला पर भावी होते ह। यहां यह
प ट करना आव यक है क यह नदश उस खृं ला क येक वग सं या पर न होकर केवल
उन वग सं याओं पर भावी होते ह िजनके शीषक पर तारां कत च ह या कटार- च ह अं कत
होते ह।

3. एकल 'योजक' नदश


ता लकाओं से कसी आधार सं या के साथ दए '' .... म जो ड़ए'' नदशानुसार
सं लेषण क व ध का अ ययन न न ल खत कार से कया जा सकता है।
1. 011-999 क ता लकाओं से संपण
ू वग सं या को जोड़ना
2. ता लकाओं के कसी दूर थ छोटे भाग से वग सं या का एक अंश जोड़ना
3. उसी भाग /अनुभाग से जोड़ना
4. उसी भाग/ अनुभाग से प -संकेतक के साथ जोड़ना
3.1 001-999 क ता लकाओं से संपण
ू वग सं या को जोड़ना
'जो ड़ए' नदश म 001-999 क ता लकाओं से संपण
ू वग सं या को जोड़ने के लए
दए गए नदश अ य त प ट तथा सरल ह। इन नदश के अंतगत कसी न द ट आधार
सं या के आगे सम त ता लकाओं म कसी भी स पूण वग सं या को जोड़ा जा सकता है।
उदाहरणाथ :-

250
025.46 Classification of specific disciplines and subjects के
अंतगत न न ल खत नदश दया हु आ है:
''Add 011-999 to base number 025.46…….''
इसका ता पय यह हु आ क कसी वश ट वषय के पु तकालय वग करण क वग
सं या बनाने के लए आधार सं या 025.46 के आगे उस वषय क वगसं या जोड़ द
जाएगी। जैसे-
(i) Library classification of science
025.46 + 500 = 025.465
(ii) Library classification of Indian philosophy
025.46 + 181.4 = 025.461 814
इसी तरह 'Add 001-999 to base number……..' कार के 'जो ड़ए' नदश का
पालन करते हु ए Libraries on inorganic chemistry शीषक क वग सं या बनायी जा
सकती है। इसके लए सव थम शीषक को पढ़कर उसम न हत वषय को समझने क को शश
क जाती है। उपयु त शीषक से प ट है क इसम मु य मह व का वषय Library है न क
Inorganic chemistry । इसके प चात तृतीय सारांश म Library and information
sciences के व भ न अनुभाग को दे खने पर वग सं या 026 तथा शीषक Library
devoted to various specific disciplines and subjects मल जाता है। यह यापक
शीषक है क तु व भ न अनुभाग म यह सवथा उपयु त अनुभाग है। ता लका म दे खने पर
वग सं या 026 के शीषक के प चात व भ न ट पणी तथा नदश मलते ह। इनम से एक
नदश, ''Add 011-999 to base number 026……..'' उपयु त शीषक क वग सं या
बनाने के लए ासं गक है। इस नदशानुसार In organic chemistry क वग सं या (जो क
तृतीय सारांश म 546 है) को ता लका म दे खने के प चात आधार सं या 026 के आगे जोड़
दया जाता है। अत:
(i) Libraries on inorganic chemistry क वग सं या
026 + 546 = 026.546 होगी।
इसी कार, शीषक Museum of zoology क वग सं या का नमाण कया जाता
है। Museum of zoology शीषक से प ट है क इसम मु य मह व Museum पर दया
गया है। तृतीय सारांश म 069 Museology (Museum science) ह उपयु त अनुभाग है।
069 क ता लका म व श ट सारांश 069.1 – 069.9 के अंतगत 069-9 Museums
devoted to specific disciplines and subjects मल जाता है, िजसके साथ
न न ल खत नदश दया हु आ है: ''Add 011-999 to base number 069.9……..'' इस
नदशानुसार कसी भी व श ट वषय के Museums क वग सं या बनाने के लए ता लका म
उस व श ट वषय क द हु ई वग सं या को आधार सं या 069 के आगे जोड़ दे ते ह। उपयु त
शीषक म zoology क वग सं या 590 को आधार सं या 069.9 के आगे जोड़ने पर

251
(i) Museums of zoology क वग सं या
069.9 + 590 = 069.959 ा त होती है।
001-999 का नदश-सम त ता लकाओं म कह ं से भी वग सं या जोड़ने के नदश
अनेक अ य थान पर मल जाते ह। न न ल खत उदाहरण म ऐसे ह नदशानुसार सं ले षत
वग सं याओं का नमाण कया गया है:
(a) वग सं या 331.1241 के शीषक [Job opportunities] in occupations other
than extractive, maunufacturing, construction के साथ नदश ''Add 001-
999 to base number 331.1241...'' के अनुसार Job opportunities in
military service क वग सं या का नमाण कया जा सकता है।
(i) Job opportunities in military service
331.1241 + 355 = 331.124 135 5
(ii) Job opportunities in library and information science
331.1241 + 020 = 331.124 102
(b) वग सं या 375 के अंतगत 375.01 - .99 के शीषक Curriculums and
courses of study in specific subjects के प चात न न ल खत नदश दए
हु ए ह: ''Add 010-990 to base number 375...'' अथात वग सं या 375 के
साथ 010 या उसके बाद अं कत ता लकाओं से कोई भी वग सं या जोडी जा सकती
है। उपयु त नदशानुसार न न ल खत सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा
सकता है:
(i) Curriculums in library and information sciences
375 + 020 = 375.02
(ii) Curriculums in mathematics
375 + 510 = 375.51
3.2 ता लकाओं के कसी दूर थ छोटे भाग से वग सं या का एक अंश जोड़ना
कसी आधार सं या के आगे कसी भी ता लका से कोई भी वग सं या को पूण प से
जोड़ने के अलावा भी वग सं या सं लेषण के नदश दशमलव म अनेक थान पर मल जाते
ह। इन 'जो ड़ए' नदश क ेणी म कसी न द ट आधार सं या के आगे ता लकाओं के कसी
दूर थ छोटे भाग से वग सं या का एक अंश जोड़ने हे तु नदश अ य त मह वपूण ह। इस तरह
के नदश का ढांचा ''Add to base number….the numbers following…in….'' कार का
होता है। इन नदश के अंतगत ता लकाओं के कसी छोटे भाग जैसे कसी एक मु य वग, या
एक भाग, या एक अनुभाग या अनुभाग म व णत आधार सं या के साथ जोड़ा जाता है। यह
अंश उस भाग के सजातीय अंक के बाद के अंक से मलकर बनता है। अथात न द ट वग
सं या खृं ला के सजातीय सव न ठ अंक को छोड दया जाता है।
उदाहरणाथ, Buddhistic philosophy क वग सं या बनाने के लए सव थम शीषक
को पढ़कर इसके मु य वषय का नधारण कया जाता है। उपयु त शीषक से प ट है क

252
मह व का वषय Philosophy है न क Buddhism। अत: philosophy के वभ न
अनुभाग को तृतीय सारांश म दे खने पर वग सं या 181 तथा शीषक Oriental philosophy
मलता है। वग सं या 181 क ता लका म 181.04-.09-[Oriental philosophy] Based
on specific religions शीषक के प चात यह नदश दया गया है: ''Add to base
number 181.0 the numbers following 29 in 294-299…..'' वग सं या खृं ला
294-299 म Buddhism क वग सं या 294.3 है, िजसम से 29 के बाद के अंक अथात
43 को आधार सं या 181.0 के आगे जोड़कर सं ले षत वग सं या ा त क जा सकती है ।
अत: शीषक
(i) Buddhism philosophy क वग सं या
181.0 + 43 होगी।
इसी तरह, Confucious philosophy क वग सं या बनाने के लए आधार सं या
181.0 के आगे Confucianism क वग सं या 299.512 म से 29 के बाद के अंक 95
12 जोड़ दे ते है। अत: शीषक
(ii) Confucious philosophy क वग सं या
181.0 + 9512 = 181.095 12 होगी।
अ य थान पर भी ता लकाओं के कसी दूर थ छोटे भाग से वग सं या का एक अंश
जोड़ने के लए नदश मल जाते है। न न ल खत उदाहरण म ऐसे ह नदशानुसार सं ले षत
वग सं याओं का नमाण कया गया है:
(a) वग सं या 331.28 के शीषक Wages in specific industries and
occupation and specific groups of industries and occupations के
अंतगत 331.282 - .289 Extractive, manufacturing, construction
[industries] के साथ न न नदश दया गया है: ''Add to base number
331.28 the numbers following 6 in 620-690…..'' इस नदशानुसार , शीषक
(i) Wages in agriculture क वग सं या
331.28 + 30 (630 Agriculture म से 6 छोड़कर) = 331.283
(ii) Wages in mines क वग सं या
331.28 + 22 (622 Mining म से 6 छोड़कर) = 331.282 2 होगी।
(b) वग सं या 395.1 के शीषक [Etiquette] for specific ages and sexes के
प चात यह नदश दया गया है ''Add to base number 395.1 the numbers
following 170.202 in 170.2022- 170.2024…..'' इस नदशानुसार न न ल खत
सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है:
(i) Ettiquette for men
395.1 + 232 (170.202232 men म से 170.202 छोड़कर) = 395.123 2
(ii) Ettiquette for children

253
395.1 + 22 (170.20222 children म से 170.202 छोड़कर) = 395.122
(c) इसी कार, अनेक अ य थान पर दए गए नदश का पालन करते हु ए न न ल खत
सं ले षत वग सं याओं को बनाया जा सकता है:
(i) Wheat trade
380.141 + 311 (633.11 Wheat म से 63 छोड़कर) = 380.141 311
(ii) Air conditioning in secondary school buildings
697.93 + 72 (727.2 secondary school buildings म से 72 छोड़कर)
= 697.937 2
(iii) Reviews of documents in microforms
028.13 + 6 (011.36 microforms म से 011.3 छोड़कर) = 028.136
(iv) Reviews of Braille books
028.16 + 3 (011.63 braille publications म से 011.6 छोड़कर) =
028.163
3.3 उसी भाग / अनुभाग से जोड़ना
दशमलव म उसी भाग या अनुभाग से जोड़ने के लए दए गए नदश बहु प क
वषय के वग करण म अ य त सहायक होते है। इन नदश के वारा णाल क अंत न हत
सीमाओं को व तार दे ने का यास कया गया है।
इन नदश क सहायता से एक ह वषय के वभ न प एक भाग के अनेक
अनुभाग म वग कृ त कए गए है, या एक ह अनुभाग के व भ न उप-अनुभाग म दए गए ह
को जोड़ने क सु वधा ा त होती है। इस तरह के नदश एकल या सामू हक दान कार से दए
जा सकते ह सामू हक नदश का अ ययन व तृत प से कया जाएगा। यहां पर कसी एक
वग सं या के साथ दए नदश पर ह यान क त कया गया है।
शीषक sacred books of Jains क वग सं या नमाण हे तु तृतीय सारांश म दे खने
पर 294 Religions of Indicorigin मलता है, िजसक ता लका म वग सं या 294.4 तथा
शीषक Jainism मल जाता है। अब Sacred books के लए 294.4 - .48 General
principles शीषक के प चात यह नदश मल जाता है : "Add to base number 294.4
the number following 291 in 291.8… '' वग सं या खृं ला 291.1 - 291.8 के
अंतगत Sacred books क वग सं या 291.82 है। उपयु त नदशानुसार इस वग सं या म
से 291 के बाद के अंक अथात 82 को आधार सं या 294.4 के आगे जोड़ दे ते है। अत
(i) Sacred books of Jains
294.4 + 82 = 294.482 होगी ।
(ii) Sacred places for Jains
294.4 + 35 = 294.435
(iii) Worship in Jainism
294.4 + 43 = 294.443
254
(iv) Jains Saints
294.4 + 61 = 294.461
अ य थान पर भी ता लकाओं के उसी भाग या अनुभाग से जोड़ने हे तु नदश मल
जाते ह। न न ल खत उदाहरण म ऐसे ह नदशानुसार सं ले षत वग सं याओं का नमाण
कया गया 'है:
(a) वग सं या 025.527 के शीषक Reference and information services in
specific types of libraries के प चात यह नदश दया हु आ है: ''Add to base
number 025.527 the numbers following 02 in 026 – 027…….'' इस
नदशानुसार
(i) Reference service in public libraries क वग सं या
025.527 + 74 (027.4 Public libraries म से 02 छोड़कर) = 025.527
74 होगी ।
(ii) Reference service in government libraries
025.527 + 75 (027.5 Government libraries म से छोड़कर) =
025.527 75
(iii) Reference service in prison libraries
025.527 + 7665 (027.665 Prison libraries म से 02 छोड़कर) =
025.527 766 5
(b) वग सं या 025.34 के शीषक-cataloguing, classification, indexing of
special materials के प चात यह नदश दया गया है Add to base number
025.34 the number following 025.17 in 025.171-025.179… '' इस
नदशानुसार
(i) Cataloguing and indexing of microforms क वग सं या
025.34 + 94 (025.1794 Microforms म से 025.17 छोड़कर) =
025.349 4 होगी।
(ii) cataloguing, classification, indexing of manuscripts
025.34 + 12 (025.1712 Manuscripts म से 025.17 छोड़कर) =
025.341 2
3.4 इसी भाग / अनुभाग से प संकेतक के साथ जोड़ना
अनेक थान पर उसी भाग या अनुभाग से प -संकेतक के साथ जोड़ने के नदश
दए हु ए है। प -संकेतक जो क अ धकतर '0' या '04' अंक होते ह, क आव यकता म त
वग करण से बचने के लए होती है। म त वग करण से ता पय है एक ह वग सं या वारा
एक से अ धक वषय का न पण, जो क वग करण के मू ल स ा त के वपर त है।

255
प -संकेतक एकल तथा सामू हक दोन कार के नदश म योग कए जाते ह। प -
संकेतक अंक को सं लेषण क या म आधार सं या के बाद तथा दूसरे प के अंक के
पहले जोड़ा जाता है। इस कार सं लेषण क या न न ल खत म म पूर होती है:
आधार सं या + प -संकेतक + अ य प = वग सं या
एकल वग सं या के साथ दए गए नदश म प -संकेतक सामा यतया आधार सं या
के साथ ह जु ड़ा हु आ रहता है।
शीषक Reproduction in invertibrates क वग सं या बनाने के लए तृतीय
सारांश म दे खने पर 592 Invertibrates शीषक मल जाता है। अब ता लका म वग सं या
592 के अंतगत व भ न उपवग का अवलोकन करने पर 592.01-08 के शीषक General
principles के प चात न न ल खत नदश मलता है: Add to base number592.0 the
number following 591 in 591.1-591.8...'' इस नदश म आधार सं या 592.0 का ' 0
' प -संकेतक के प म योग हु आ है। अब वग सं या खृं ला 591.1 - 591.8 को दे खने
पर Reproduction क वग सं या 591.16 मलती है, िजसम से 591 के बाद के अंक
अथात 16 को आधार सं या 592.0 के साथ उपयु त नदशानुसार जोड़ने पर न न ल खत
सं ले षत वग सं या बनती है:
(i) Reproduction in invertibrates
592.0 + 16 = 592.016
इसी कार Invertibrates के General principles के लए 592.0 आधार सं या
पर अनेक वग सं याएं न मत क जा सकती ह।
(ii) Physiology of invertibrates
592.0 + 1 = 592.01
(iii) Biophysics and biochemistry of invertibrates
592.0 + 19 = 592.019
(iv) Evolution of invertibrates
592.0 + 38 = 592.038
(v) Anatomy of invertibrates
592.0 + 4 = 592.04
(vi) Ecology of invertibrates
592.0 + 5 = 592.05
इसी तरह, प संकेतक के साथ उसी भाग या अनुभाग से जोड़ने हे तु नदश अ य
थान पर भी मल जाते ह। न न ल खत उदाहरण म नदशानुसार प -संकेतक का योग
करते हु ए सं ले षत वग सं या न मत क गई ह
(i) Facilities for mentally retarded students

256
371 .928 + 0 + 5(371.9045 Facilities म से 371.904 छोड़कर)=
371.928 05
(ii) Poisonous trees
528.160 + 69(581.69 Poisonous plants म से 581 छोड़कर)=
582.160 69
(iii) Respiratory organs of fishes
597.0 + 42(591.42 Respiratory organs म से छोड़कर)= 597.042

4 सामू हक 'योजक' नदश


दशमलव प त म वग सं या नमाण हे तु सं लेषण क या म सामू हक 'योजक'
नदश का अ य त मह वपूण थान है। इन नदश के अंतगत कसी एक वग सं या खृं ला म
उससे संबं धत दूसर वग सं या खृं ला के न द ट अंक को जोड़ने का ावधान होता है।
सै ाि तक ि टकोण से यह कहा जा सकता है क िजस कार व ब दु प त म एक ह
वषय के व भ न प क एकल सं याओं को उनक अपनी-अपनी ता लकाओं से लेकर जोड़ने
का सामा य ावधान है। उसी कार सामू हक 'योजक' नदश भी कसी एक वषय के अंतगत
वभ न प क वग सं याओं को (जो एक ह भाग या अनुभाग म अलग-अलग थान पर
द गई है) जोड़ने क सामा य सु वधा दान क गई है।
यह नदश िजन वग सं याओं को भा वत करते ह, उस वग सं या को खृं ला क
थम वग सं या के ठ क पहले दए जाते ह। इन नदश के शीषक से पहले सामा यत: कोण
( ) क ं आकृ त बनी होती है। तथा शीषक उस वग सं या खृं ला को य त करता है िजस
पर यह नदश भावी ह गे। एक अ य मह वपूण त य यह है क यह नदश उपरो त वग
सं या खृं ला क येक वग सं या पर भावी नह ं होते, बि क यह केवल उ ह ं वग सं याओं
के साथ योग कए जा सकते ह िजनके शीषक के आरंभ म तारा- च ह (*) या कटार च ह
(t) अं कत कया गया हो। इन तारां कत या कटारां कत शीषक वाले येक पृ ठ म अं तम वग
सं या के प चात एक पा ट पणी द हु ई होती है जो इन नदश तक पहु ंचने म सहायक ह।
सामू हक 'योजक' नदश म तारां कत या कटारां कत शीषक क वग सं या के आगे जोड़ने के
लए या तो अंक क एक खृं ला द जाती है या ता लकाओं म अ य द गई वग सं याओं को
जोड़ने के नदश मल जाते ह। इन नदश का पालन करते हु ए कब कभी आधार सं या के
आगे दूसर वग सं या के अंश को सीधे तो कभी प संकेतक के साथ जोड़ा जाता है। दोन ह
ि थ तय को सामू हक 'योजक' नदश म प ट प से दया जाता है।
शीषक Cotton harvesting क वग सं या नमाण हे त,ु सव थम आधार सं या का
नधारण कया जाता है। इस शीषक म Cotton अ धक मू त वषय होने के कारण वग सं या
नमाण के लए आधार बनेगा। तृतीय सारांश तथा संबं धत ता लका को दे खने पर Cotton क
वग सं या 633.51 मल जाती है। इस वग सं या का शीषक तारां कत है अत: उस पृ ठ क
पा ट पणी, Add as instructed under 633-635'' का अनुसरण करते हु ए पृ. 1041 पर

257
दए गए सामू हक 'योजक' नदश पर पहु च जाते है इनम से न न ल खत नदश उपरो त
शीषक क वग सं या नमाण म सहायक है : Cultivation and harvesting "Add the
numbers following 631.5 in 631.51 – 631.57…..''
अब वग सं या खृं ला 631.51 – 631.57 म दे खने पर Harvesting क वग सं या
631.55 मलती है। उपरो त नदशानुसार 631.55 म से 631.5 के बाद के अंक अथात 5
को, इन नदश के आरं भक भाग म द गई ट पणी, Add to the notation for each
term identified by * as follows : '' के अनुसार आधार सं या 633.51 के आगे जोड़
दया जाता है-
अत: Cotton harvesting क वग सं या
633.51 + 5 = 633.515
आधार सं या 633.51 पर 631.51 - 63157 से वग सं याओं क पूर खृं ला
बनायी जा सकती है:
(i) Soil preparation for cotton
633.51 + 1 = 633.511
(ii) Cotton Seeds
633.51 + 21 = 633.512 1
(iii) New Varieties of cotton
633.51 + 23 = 633.512 3
(iv) Cotton yield
633.51 + 58 = 633.515 8
सामू हक 'योजक' नदश व भ न वषय क ता लकाओं म अनेक थान पर मल जाते
ह। न न ल खत उदाहरण म सामू हक 'योजक' नदश का पालन करते हु ए सं ले षत वग
सं या का नमाण कया गया है:
(a) शीषक First aid in heart diseases क वग सं या का नमाण करने के लए
सव थम तृतीय सारांश तदुपरा त संबं धत ता लका म दे खने पर वग सं या 616.12 तथा
शीषक [Diseases] of heart मल जाता है। यह एक तारां कत शीषक है अत: पा ट पणी
"Add as instructed under 616.1 - 616.9 '' का अनुसरण करते हु ए पृ. 868 - 869
म दए गए नदश तक पहु ंच जाते ह । इन नदश का अवलोकन करने पर 0252 First aid
मल जाता है। अब, नदश के आरं भक भाग म द गई ट पणी A side from….add to
notation for each Term identified by* as follows:'' के अनुसार First aid क वग
सं या 0252 को आधार सं या 616.12 के आगे जोड़ दे ते है। अत: शीषक –
First aid in heart diseases क वग सं या
616.12 + 0252 = 616.120 252

258
(b) शीषक Violin performance क वग सं या का नमाण करने हे त,ु सव थम तृतीय
सारांश म दे खने पर 787 String instruments and their music शीषक मल जाता है।
787 क ता लका म 787.1 Violin शीषक दया हु आ है क तु इसके आगे तारा- च ह अं कत
है। अत: हम पृ ठ के नीचे द गई पा ट पणी "Add as instructed under 787 - 789
'' का अनुसरण करते हु ए, उसके पहले पृ ठ म दए गए नदश तक पहु ंच जाते ह । इन
नदश का अवलोकन करने पर 0714 performance शीषक मल जाता है । फर इन नदश
के आरं भक भाग म द गई ट पणी Add to each subdivision identified by * as
follows : के अनुसार performance क सं या 0714 को आधार सं या 787.1 के आगे
जोड़ दे ते ह। अत: शीषक
Violin performance क वग सं या -
787.1 + 0714 = 787.107 14

5. अ यासाथ न
i) Management of cooperative enterprises
ii) Remodeling the architecture of post office buildings
iii) Flute concerts
iv) Society of library science students
v) Motion-picture photography of science
vi) Problems in acquisition of government publications in libraries
vii) Book selection in national libraries
viii) Surgical treatment of ovary diseases
ix) Physical chemistry of Potassium
x) Preservation of knitted laces

वग सं याएं
1) 658.047 2) 725.160 286
3) 788.510 73 4) 371.840 2
5) 778.538 5 6) 025.283 4
7) 025.218 75 8) 618.110 7
9) 546.383 5 10) 746.220 488

259
6. व तृत अ ययनाथ ंथसू ची
1. DEWEY (Melvil), Dewey Decimal Classification and Relative Index. 19th
ed., Ed by Benjamin A Custer. Albany, N.Y. The Forest Press,
1979.
2. SATIJA (MP), Exercise in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, New Delhi, Concept, Publishing Co., 2001,

260
इकाई - 17 : बहु सं लेषण क या वारा वग सं या
नमाण
उ े य
1. बहु सं लेषण क या वारा वग सं या नमाण क व ध क जानकार दे ना,
2. व भ न ता लकाओं से बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण करना।

संरचना/ वषयव तु
1. वषय वेश
2. बहु सं लेषण क या
3. बहु सं लेषण का उदाहरण स हत अ ययन
4. सारांश
5. अ यासाथ न
6. व तृत अ ययनाथ थ
ं सू ची

1. वषय वेश
दशमलव वग करण णाल का मू ल वभाव सामा यतया प रगणना मक। होने के कारण
इस णाल मे सम त वषय को सव थम मु य वग म त प चात येक मु य वग को
भाग म। येक भाग को अनुभाग म, तथा येक अनुभाग को उप-अनुभाग म उ तरो तर
वभ त करते जाते है। इस संपण
ू या म कसी एक वषय के व भ न प अलग-अलग
अनुभाग या उप-अनुभाग या फर सार णय म वग कृ त कए हु ए मल सकते ह। पछले
अ याय म सं लेषण क या वारा वग सं या नमाण क व धय का अ ययन कया। उन
अ याय म कसी आधार सं या के आगे ता लकाओं अथवा सार णय से स पूण वग सं या या
उसका एक अंश जोड़ने के नदश दए गए थे।
इस अ याय म दए गए व भ न उदाहरण म बहु सं लेषण क या वारा वग
सं या नमाण क व ध का व लेषण कया गया है। साथ ह , वग सं याओं या उनके उन
अंश , िज ह बहु सं लेषण क या म जोड़ना है, को टांत म समा तर चतु भु ज के अंदर रखा
गया है। कसी वग सं या के आगे दए गए शीषक के अथ को प ट करने के लए
आव यकतानुसार उसके व तृत शीषक को द घ को ठक म दया गया है। जो उदाहरण से
प ट होगा।

2. बहु सं लेषण क या
व श ट करण तथा मशन-अ भमु ख शोध के युग म बहु प क वषय पर लेख का
का शत होना एक साधारण बात हो गई है। अनेक बार ऐसे वषय के वग करण क
आव यकता हो जाती है िजनके व भ न प ता लकाओं तथा सार णय म दो से भी अ धक
थान पर व णत ह। ऐसे बहु प क वषय के वग करण के लए सं लेषण क या को
अनेक बार दोहराने क आव यकता पड़ती है। वग करण क स पूण या म सं लेषण क
261
येक अव था के लए प ट नदश दो तरह से दए जा सकते ह। यह नदश या तो मू ल
आधार सं या के ह साथ दए होते ह या मू ल आधार सं या के साथ केवल एक अ य वग
सं या या उसके अंश को जोड़ने के नदश मलते ह। यहां पहु ंचने पर पुन : जो ड़ए नदश मल
जाते ह। इस कार अंक क एक कड़ी के साथ दूसर कड़ी जुड़ती चल जाती है। और अंत म
व भ न वग सं याओं या उनके अंश को जोड़कर बनी अं तम वग सं या म तीसरे अंक के
प चात एक दशमलव ब दु लगाकर बहु सं लेषण क या पूण क जाती है।
बहु सं लेषण क या म आधार सं या का नधारण अ यंत मह वपूण होता है। इसी
आधार सं या के साथ अ य प को जोड़ने के नदश मलते ह। आधार सं या के नधारण म
दशमलव वग करण णाल के आधारभू त ढांचे क जानकार क मु ख भू मका होती है। य द
उ चत आधार सं या का नधारण कर लया जाय तो अ य प को जोड़ने के लए उ तरो तर
नदश मलते जाते ह। वैकि पक प म, वानुभा वक व ध का योग कया जा सकता है।
और येक उ चत होने वाले प से आरं भ करके सं लेषण क या क जांच क जा सकती
है। िजस प क वग सं या के अंतगत सं लेषण का ावधान है उसी को आधार सं या मानकर
बहु सं ले षत वग सं या का नमाण कया जा सकता है।
इस या म अनेक तर पर पूण वग सं या अथवा उसका एक अंश जोड़ने का
ावधान होता है। अत: सं लेषण क या के येक तर से संबं धत वग सं याओं को
अ यास पुि तका म उ तरो तर लखते जाना चा हए। इससे अं तम बहु सं ले षत वग सं या
न मत करते समय जोड़ने म असु वधा न हो।

3. बहु सं लेषण का उदाहरण स हत अ ययन


शीषक : Reference service in agricultural libraries क वग सं या नमाण
हे तु सव थम तृतीय सारांश से 025 Library operation अनुभाग पर पहु ंचते ह। अब इस
अनुभाग क ता लका को दे खने पर 025.52 Reference and information services तथा
इसके अंतगत 025.527 Reference and information services in specific types
of libraries मल जाता है। इस वग सं या के साथ दए गए नदश, ''Add to base
number 025.527 the numbers following 02 in 026–027…….'' का पालन करते हु ए
हम अनुभाग 026 Libraries devoted to various specific disciplines and
subjects पर पहु ंच जाते ह इस अनुभाग के शीषक के बाद अनेक नदश दए गए ह। इनम से
न न ल खत नदश उपरो त शीषक क वग सं या नमाण के लए ासं गक है: ''Add 011-
999 to base number 026……'' इस नदशानुसार ता लका से Agriculture क वग सं या
630 को आधार सं या 026 के आगे जोड़ दे ते ह। इस कार अब पहले नदश तक लौटने पर,
Agriculture libraries क वग सं या 026 + 630 = 026.63 हो जायेगी। अब पहले
नदश तक लौटने पर, Agricultural libraries क वग सं या 026.63 म से 02 के बाद के
अंक अथात 663 को आधार सं या 025.527 के आगे जोड़ दे ते ह। अत: शीषक -
(i) Reference service in agricultural libraries क वग सं या
025.527 + 663 = 025.527 663

262
इस संपण
ू या को न न कार से दशाया जा सकता है:
Reference service in agricultural libraries
025.527 Reference and information services in specific
types of libraries
+ नदश : Add to base number 025.527 the
numbers following 02 in 026–027
026 Libraries devoted to various specific disciplines
and subjects
+ नदश : Add 001-999 to base number 026
630 Agriculture
=025.527+6+630 = 025.527 663
इसी कार इ ह ं नदश का पालन करते हु ए न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं
का नमाण कया जा सकता है:
(i) Information services in libraries of textile technology
025.527 + 6 + 677 = 025.527 667 7
(ii) Reference and information services in political science libraries
025.527 + 6 + 025.527 632
शीषक : Manufacture of equipments for shooting crocodiles क वग
सं या बनाने के लए भाग 680 Manufacture of products for specific uses के
अंतगत अनुभाग 688 Other final products… ासं गक है। इस अनुभाग क ता लका का
अवलोकन करने पर 688.79 Equipment for fishing, hunting, shooting शीषक मल
जाता है। इसके साथ दए गए नदश ''Add to base number 688.79 the numbers
following 799 in 799.1 - 799.3...'' का पालन करते हु ए वग सं या 799.279 के
शीषक [Hunting and shooting] Reptiles पर पहु ंचते ह इसके साथ दये नदश "Add to
base number 799.279 the numbers following 597.9 in 597.92 – 597.98….."
के अनुसार Crocodiles क वग सं या 597.98 म से 597.9 को छोड़कर बचे अंक अथात
8 को आधार सं या 799.297 के आगे जोड़ दे ते है। अत: Shooting of crocodiles क
वग सं या 799.279 + 8 = 799.2798 होगी। अब पुन : मू ल आधार सं या 688.79 तथा
इसके साथ दए गए नदश तक लौटने पर, वतीय वग सं या अथात 799.2798 म से 799
छोड़कर बचे अंक अथात 2798 को आधार सं या के आगे जोड़ दे ते ह। इस कार शीषक -
(i) Manufacture of equipments for shooting crocodiles क वग सं या
688.79 + 2798 = 688.792 798
इस कार संपण
ू या को न न कार से दशाया जा सकता है :
Manufacture of equipments for shooting crocodiles

263
688.79 [Manufacture of ] Equipments for fishing,
Hunting, shooting
नदश : Add to base number 688.79 the numbers
+ following 799 in 799.1 - 799.3...
799.279 [Hunting and shooting of] Reptiles
नदश : Add to base number 799.279 the numbers
+ following 597.9 in 597.92
597.98 Crocodiles
=688.79+279+8 = 688.792 798
इसी कार न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है :
(i) Manufacture of equipments for shooting turtles (Reptiles)
698.79 + 279 + 2 = 688.792 792
(ii) Manufacture of equipments for shooting ducks (Birds)
698.79 + 248 + 41 = 688.792 484 1
(iii) Manufacture of equipments for shooting turkey (Birds)
698.79 + 248 + 619 = 688.792 486 19
शीषक : International law of trade in coffee के तीन मु य प है :
International law of trade in coffee शीषक से प ट है क मु य मह व का
प International law है। अत: ता लका म 341 International law के अंतगत व भ न
उपवग को दे खने पर वग सं या 341.7547 तथा शीषक Trade in specific
commodities मल जाता है। अब
(i) International law of trade in coffee
341.7547 [International law] Trade in specific commodities
नदश : Add to base number 341.7547 the number
following 380.14 in 380.141 – 380.145...
+ नदशानुसार वग सं या खृं ला 380.141 -- 380.145 के
अंतगत दे खने पर
380.141 Product of agriculture [Trade in]
+ नदश : Add to base number 380.141 the numbers
following 63 in 633 – 638...
633.73 नदशानुसार वग सं या खृं ला 633 - 638 म Coffee क वग
सं या
न न ल खत है:
=341.7547 1+373 = 341.754 713 73

264
अत: शीषक International law of trade in coffee क वग सं या 341.754
713 73
इसी कार न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है:
(i) International law of trade in horses
341.7547 + 1 + 61 = 341.754 7161
(ii) nternational law of trade in rice
341.7547 + 1 + 318 = 341.754 713 18
(iii) International law of trade in diamonds
341.7547 + 2 + 82 = 341.754 728 2
शीषक : (i) Job opportunities in cotton harvesting से प ट है क इसके
तीन मु ख प म से Job opportunities मु य मह व का है। और तृतीय सारांश तथा
तदुपरा त ता लका म दे खने पर :
331-1242-1249 [Job opportunities] in extractive, manufacturing,
construction occupations
आधार सं या नदश: Add to base number 331.124 the numbers
following 6 in 620–
331.124 690...
+ नदशानुसार वग सं या खृं ला 620-690 के अंतगत दे खने पर
633.51 *Cotton
यह एक तारां कत शीषक है। अत: पृ ठ के नीचे द गई पा
ट पणी ''Add as instructed under 633-635'' के अनुसार
हम न न ल खत सामू हक 'योजक' नदश पर पहु ंच जाते ह:
+ Add to the notation for each termidentified by *
as follows:
1-7 cultivation and harvesting Add the numbers
following 631.5 in 631.51-631.57….
अब वग सं या खृं ला 631.51-631.57 म दे खने पर
Harvesting क वग सं या मल जाती है।
633.51 Harvesting
= 331.124 + 3351+ 5 = 331.124 335 15
अत: शीषक Job opportunities in cotton harvesting क वग सं या 331.1 24 335
15 होगी।
इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है :
(i) Job opportunities in law librarianship

265
331.124 + 026 + 340 = 331.124 102 634
(ii) Job opportunities in international wheat trade
331.1241 + 382.41 + 311 = 331.124 138 241 311
शीषक: (i)
(i) Economic conditions in Indian during 1970s का मु य प Economic
conditions है। इसको 330 Economics म दे खने पर 330.9 Economic
situation conditions शीषक मल जाता है । अत:
330.91-.99 Geographical treatment [of
economic situation
and conditions]
नदश: Add ''Areas" notation 1-9 from Table 2
to base number 330.9….; then to the result
add historical period number from
appropriate subdivision of 930-990…..
उपरो त नदशानुसार
आधार सं या
330.9 [Economic conditions]
+
54 India [in Table 2]
+
954.05 [India] 1971—
=330.9 + 54 + 05 =330.954 05
अत: शीषक Economic conditions in India during 1970s क वग सं या
330.954 05 होगी।
इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है:
(i) Economic conditions in France in 20th century
330.9 + 44 + 08 = 330.944 08
(ii) Economic conditions in Great Britain during 1970s
330.9 + 41 + 0857 = 330.941 085 7
शीषक : (i) Treatment of muscular diseases in old age by
Acupuncture क वग सं या का नमाण न न ल खत तर के से करगे
618.97 Geriatrics[i.e. diseases of old persons]
शीषक के अंतगत व भ न उपवग व ावधान का अवलोकन
करने पर न न ल खत ावधान मल जाता है :

266
आधार सं या 618.976 - .978 Specific diseases
618.97 नदश : Add to base number 618.97 the numbers
following 61 in 616-618…
+ वग सं या खृं ला 616-618 म Muscular diseases क
वग सं या मल जाती है ।
616.74 [Diseases] * Of muscular
यह शीषक तारां कत * है अत: पृ ठ के नीचे द गई पाद
+ ट पणी Add as instructed under 616.1 - 616.9'' के
अनुसार हम न न ल खत सामू हक 'योजक' नदश पर पहु ंच
जाते ह
… add to notation for each item identified by *
as follows :…..
06 062 - 069 Other therapies
Add to 06 the number following
615.8 in 615.82 - 615.89...
+ अब वग सं या खृं ला 615.82 – 615.89 के अंतगत व भ न
वग सं याओं को दे खने पर Acupuncture क न न ल खत
वग सं या मल जीती है:
615.892 Acupuncture
= 618.97 + 674 + 06 +92 = 618.976 740 692
अत: शीषक Treatment of muscular diseases in old age by
Acupunture क सं या 618.976 740 692
इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है:
(i) Electrotherapy of children’s bone diseases
618.92 + 71 + 06 + 45 = 618.927 106 45
(ii) Chemical diagnosis of blood related diseases in old age
618.97 + 615 + 07 + 56 = 618.976 150 756
शीषक : (i) Death statistics due to lung tubercuiosis क वग सं या
नमाण हेतु न न ल खत तर पर सं लेषण क आव यकता होगी :
312.2 [Statistics] on death शीषक के अंतगत व भ न उपवग व
ावधान को दे खने पर न न ल खत ावधान मल जाता है :
आधार 312.261 -.269 [Deaths caused by] Specific diseases
सं या
312.26 नदश : Add to base number312.26 the number
+ following 616 in 616.1 – 616.9....
267
वग सं या खृं ला 616.1–616.9 के अंतगत Tuberculosis शीषक
मल जाता है ।
616.995 Tuberculosis
+ नदश : Add to base number 616.995 the number
following 611 in 611.1 - 611.9..
नदशानुसार वग सं या खृं ला 611.1 - 611.9 के अंतगत दे खने पर
lung शीषक मल जाता है।
611.24 Lungs
= 312.26 + 995 + 24 = 312.269 952 4
अत: शीषक Death statistics due to lung tuberculosis क वग सं या
312.269 952 4 होगी । इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का
नमाण कया जा सकता है:
(i) Death statistics due to lung cancer
312.26 + 994 +24 = 312.269 942 4
(ii) Death statistics due to diseases of frigid climate
312.26 + 988 + 1 = 312.269 881
शीषक : (i) Ministry of Social welfare, Government of India क वग
सं या नमाण के लए न न ल खत चरण ह गे।
354.3 - .9 Specific central governments other than
those of United States
आधार सं या नदश : Add "Areas" notation 3-9 from Table 2 to
354 base number 354….; then add further as follow :
+ उपरो त नदशानुसार दे खने पर Table 2 म India शीषक मल
जाता है।
54 India [in Table 2]
+ अब नदश क कडी म दए गए व भ न नदश म से न न ल खत
ासं गक नदश का चयन कया जा सकता है :
06 Specific executive departments and ministries
06 of cabinet rank
Add to 06 the numbers following 351.0
in 351.01 – 351.08..
+ इस नदशानुसार वग सं या शृंखला 351.01-351.08 के अवलोकन
पर न न ल खत ासं गक उपवग मल जाता है:
351.07 - .08 Other departments

268
नदश : Add to base number 351.0 the numbers
following
351 in 351.7 - 351.8 ...
+ अब वग सं या खृं ला 351.7 - 351.8 के अवलोकन पर Social
welfare शीषक मल जाता है।
351.84 Social welfare and corrections
= 354 + 54 + 06 + 84 = 354.540 684
अत: शीषक Ministry of Social welfare, Government of India को वग सं या
354 540 684 होगी।
इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया सकता है:
(i) Department of Libraries, Government of Karnataka
354 + 5487 + 06 + 852 = 354.548 706 852
(ii) Cabinet of Madhya Pradesh
354 + 543 + 0 +4 = 354. 543 04
शीषक : (i) Rats as wheat pests क वग सं या नमाण के व भ न चरण को
न न ल खत कार से दशाया जा सकता है:
633.11 *Wheat
इस तारां कत ' शीषक क वग सं या के आगे अ य प को
+ जोड़ने के लए सामू हक नदश उसी पृ ठ के ऊपर वाले भाग
म दए गए ह।
नदश : Add to the notation for each term identified
by * as follow :
9 9 Injuries , diseases, pests
Add to 9 the numbers following 632 in 632.1 -
632.9…..
नदशानुसार वग सं या खृं ला 632.1 -632.9 के अंतगत
दे खने पर Animals pests शीषक मल जाता है।
632.6 Animals pests
नदश : Add to base number 632.6 the numbers
following 59 in 592 - 599 ...
+ वग सं या खृं ला 592-599 म मु यतया ज तुओं के वै ा नक नाम
दए गए ह । साथ ह , को ठक म सामा य नाम भी दए हु ए है। क तु
मु ि कल होने पर सापे क अनु म णका का सहारा लया जा सकता है।
599.3233 Myomorpha [Rats]

269
= 633.11 + 9 + 6 +93233 = 633.119 693 233
अतः शीषक Rats as wheat pests क वग सं या 633.119 693 233 होगी
इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है:
(i) Monkey as apple pests
634.11 + 9 + 6 + 982 = 634.119 698 2
(ii) Rats as potato pests
633.491 + 9 + 6 + 93233 = 633.491 969 323 3
शीषक : (i) Organo nickle synthetic drugs क वग सं या को सं लेषण क
न न ल खत या वारा बनाया जा सकता है:
615.31 Synthetic drugs
नदश : Add to base number 615.31 the numbers
following 547.01-547.08…
+ नदशानुसार वग सं या खृं ला 547.01 – 547.08 का
अवलोकन करने पर न न ासं गक शीषक मलता है
547.053 - 056 Specific organo metalic compounds
नदश : Add to base number 547.05
547.05 The number following 546 in, 546.38-546.68
+ वग सं या खृं ला 546.38 – 546.68 के अंतगत Nickle
क वग सं या मल जाती है।
546.625 Nickle
= 615.31+5+625 = 615.315 625
अत: शीषक Organo nickel synthetic drugs क वग सं या 615.315 625
होगी।
इसी कार, न न ल खत बहु सं ले षत वग सं याओं का नमाण कया जा सकता है:
(i) Organo sodium synthetic drugs
615.31 + 5 + 382 = 615.315 382
(ii) Organo zinc synthetic drugs
615.31 + 5 + 661 = 615.315 661

4. सारांश
इस कार आपने दे खा क व भ न उदाहरण म वगाक बनाने म बहु सं लेषण या
कस कार क जा सकती है। गहन वग करण के लए इस या का ान अ त आव यक है।
इस या के तहत वगाक बनाने म जो नदश वग वशेष म मलते ह, उनको ठ क ढं ग से
समझ कर वगाक बनाने चा हएं।

270
5. अ यासाथ न
1. Lung cancer in horses
2. Administration of libraries on Indian history
3. Rajya Sabha (Upper House of the Indian parliament)
4. Local administration of public telephones
5. Genetical variations in mollusca
6. Curriculum on Jain philosophy
7. Immigrant workers from India in USA
8. Effects of cosmic rays on super matophyta plants
9. Classification of books on safety measures in
10. Costumes of Cooks

वग सं याय
1. 636.1+ 0+ 89 + 6994 + 24  636.108 969 944 4

2. 025.19 + 6 + 954  025.196 954


3. 328 + 54 + 07 + 1  328.540 71
4. 352.91 + 4 6 +  6 352.914
5. 594.0 + 15 +8  594.015 8
6. 375 + 181.0 + 44  375.181 044
7. 331.62 + 0 54 + 73  331.625 407 3
8. 582. 0+ 19 + 157  582.019 157
9. 025.46 + 725.1 + 0289  025.467 251 028 9
10. 391.0 + 4 + 641  391.046 41

व तृत अ ययनाथ थ सू ची
1. DEWEY (Melvil). Dewey Decimal Classification and Relative Index,
3V.Ed19, Albany , Forest Press, 1979.
2. SATIJA (MP), Exercises in the 19th edition of Dewey Decimal
Classification, 2001, Concept, New Delhi.

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272

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