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'जाग तुझको दयू जाना'

(भहादे वी वभाा)

चिय सजग आॉखें उनीॊदी आज कैसा व्मस्त फाना!

जाग तुझको दयू जाना!

अिर हहभचगरय के हॄदम भें आज िाहे कम्ऩ हो रे!

मा प्ररम के आॉसओ
ु ॊ भें भौन अरससत व्मोभ यो रे;

आज ऩी आरोक को डोरे ततसभय की घोय छामा

जाग मा ववद्मत
ु सिखाओॊ भें तनठुय तूपान फोरे!

ऩय तुझे है नाि ऩथ ऩय चिन्ह अऩने छोड आना!

जाग तुझको दयू जाना!

फाॉध रेंगे क्मा तुझे मह भोभ के फॊधन सजीरे?

ऩॊथ की फाधा फनेंगे तततसरमों के ऩय यॊ गीरे?

ववश्व का क्रॊदन बर
ु ा दे गी भधऩ
ु की भधयु गुनगुन,

क्मा डुफो दें गे तझ


ु े मह पूर दे दर ओस गीरे?

तू न अऩनी छाॉह को अऩने सरमे काया फनाना!

जाग तुझको दयू जाना!


वज्र का उय एक छोटे अश्रु कण भें धो गरामा,

दे ककसे जीवन-सध
ु ा दो घॉट भहदया भाॉग रामा!

सो गई आॉधी भरम की फात का उऩधान रे क्मा?

ववश्व का असबिाऩ क्मा अफ नीॊद फनकय ऩास आमा?

अभयता सत
ु िाहता क्मों भत्ृ मु को उय भें फसाना?

जाग तुझको दयू जाना!

कह न ठॊ ढी साॉस भें अफ बर
ू वह जरती कहानी,

आग हो उय भें तबी दृग भें सजेगा आज ऩानी;

हाय बी तेयी फनेगी भाननी जम की ऩताका,

याख ऺणणक ऩतॊग की है अभय दीऩक की तनिानी!

है तुझे अॊगाय-िय्मा ऩय भद
ृ र
ु कसरमाॊ बफछाना!

जाग तुझको दयू जाना!

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