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कम िसि वच व ा त दी ा
यह िन चत है िक कम से बड़ा संसार म कोई त य नह है। बार-बार साधनाय स प कर हम अपने पूव ज म क अशु
कम को ही तो शु करने का यास करते ह। यिद भा य ही सब कछ होता तो मनु य को जीवन म साधना, पूजा, स कम, सि चार, पु य
कम, िम ता आिद की आव यकता ही य पड़ती? जब जो भा य म िलखा है वही होना है तो मनु य िकसी भी कार का कोई यास य
करे? वह प र म ही य करे?
कम िसि म स कम, पु यकम को जा त करने क िलये शारी रक, मानिसक और आ या मक तीन कम की आव यकता
पड़ती है। मानिसक और आ या मक कम क स ब ध म मनु य को एक उ तर की भावभूिम लानी पड़ती है और जब वह भाव आ
जाता है तो मनु य स कम की ओर वृ होता है। साथ ही िनर तर े ठ कम से जीवन की अमू य कमरािश, भा यरािश म प रवितत
होती है, िजससे हमारे जीवन म सुमंगलमय सु थितय का िव तार होता है।
पूव ज म क दोष को, पूव ज म क कम क भाव को, भा य क दोष को वतमान जीवन म िकये गये कम ारा सुधार सकते
ह। जीवन म लगे हुए कांट को भी कम ारा ही िनकाला जा सकता है। इसिलये हम जीवन म िनर तर कमरत रहना चािहये और
स गु देव जी सदैव कहते ह िक कम जीव त है तो आपका भा य सो नह सकता और सोये हुये भा य को भी कम क ारा जा त िकया
जा सकता है। कम क ारा ही दुभा य को सौभा य म प रवितत िकया जा सकता है।
अतः मो दा एकादशी यु त गीता जयंती क सुयोग पर स गु देव जी कम िसि वच व ा त दी ा दान करगे। िजसक
ारा य त अपने जीवन म जो भी कम करता है उसम सफलता ा त होती है और वह अपने प र म से अपनी इ छा को पूण कर
पाता है साथ ही उसे अपने कम का उिचत फल ा त होता है। यह कम िसि कवल गु कपा, आशीवाद से, े ठ ि या, े ठ िवचार
और े ठ वचन ारा ही ा त िकया जा सकता है। कम िसि वच व ा त दी ा यौछावर J 2600
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A/c No.: 10827454848 RTGS Code: SBIN0000649 Branch Code:659
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ENGLISH CORNER
b Rituals & Articles a
Lord Ram & Sita Sadhanas............ 52
Annapurna Siddhi 56
Demolish Your Enemies 58 22
All You Need Is Faith 60
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भु की तरफ पहुँचने क िलये यास तो गहरी चािहये, लेिकन अधैय नह । अभी सा तो पूण चािहये लेिकन ज दबाजी
नह । िजतनी बड़ी चीज को हम खोजने िनकले ह , उतना ही माग देखने की तैयारी चािहये और कभी भी घटना घट, ज द ही है,
य िक जो िमलता है उसे समय से नह तोला जा सकता। अनंत-अनंत ज म क बाद भी भु का िमलन हो, तो बहुत ज दी हो गया।
कभी भी देर नह है। य िक जो िमलता है, अगर उस पर यान द, तो अनंत-अनंत ज म की या ा भी कछ नह है।
िजतना बड़ा धैय, उतनी ही ज दी होती है घटना, िजतना ओछा धैय, उतनी ही देर लग जाती है। धैय का अथ है- अनंत
ती ा की मता और जो स य की खोज पर िनकला हो, जो भु की खोज पर िनकला हो, उनक िलये तो धैय क अित र त और
कोई सहारा भी नह है।
पर तु धैय तो हमारे भीतर जरा भी नह है और यही हमारी यूनता है, हम जीवन म असफल इसी कारण वश होते ह।
य िक हम ु क िलये तो ती ा कर लेते ह, पर तु स य क िलये, उस िवराट क िलये हम जरा भी ती ा नह करना चाहते ह।
इससे एक ही बात पता चलती है िक शायद हम खयाल ही नह है िक वह िवराट स ा या है। और हमारी चाह इतनी कम है िक हम
ती ा करने को तैयार ही नह । ु की हमारी चाह बहुत है, इसिलये हम ती ा करने को राजी नह ह।
एक य त थोड़ से पये कमाने क िलये िजंदगीभर दांव पर लगा सकता है और ती ा करता रहता है िक आज नह तो
कल, कल नह तो परस । चाह गहरी है धन को पाने की, इसिलये ती ा कर लेता है। परमा मा क िलये वह सोचता है िक एकाध
बैठक म ही उपल ध हो जाये और वह बैठक भी वह तब िनकालता है जब उसक पास अित र त समय हो, जो धन की खोज से बच
PMY V 06 GurudevKailash fnlEcj 2023
जाता हो। छ ी का िदन हो, अवकाश का समय हो, तब वह बैठक करता है। और िफर वह चाहता है, बस ज दी िनपट जाये। वह
ज दी िनपट जाने की बात ही यह बताती है िक ऐसी कोई चाह नह है िक हम पूरा जीवन दांव पर लगा द।
िवराट तब तक उपल ध नह होता, जब तक कोई अपना सब कछ समिपत करने को तैयार नह होता और सब कछ
समिपत करना भी कोई सौदा नह है। नह तो कोई कहे िक मने सब कछ समिपत कर िदया, अभी नह िमला। अगर इतना भी सौदा
मन म है िक मने सब समिपत कर िदया तो मुझे भु िमलना चािहये, तो भी नह िमल सकगा। य िक हमारे पास है या िजससे
हम भु को खरीद सक? या छोड़गे आप? छोड़ने को है या आपक पास? आपका कछ है ही नह , िजसे आप छोड़ द। सभी
कछ उसी का है। उसी का उसी को देकर सौदा करगे?
है या हमारे पास? शरीर हमारा है, ान हमारा है, या है हमारे पास? और हो सकता है, धन भी हमारा हो, जमीन भी हमारी हो,
लेिकन आप अपने िब कल नह है। य िक यह जो भीतर दीया जल रहा है चेतना का, यह तो भु का ही िदया हुआ है। आपका
इसम कछ भी नह है। आप अपने िब कल नह है, इसिलये आप भु को दगे या?
धैय का अथ है, हमारे पास न दांव पर लगाने को कछ है, न परमा मा को यु र देने क िलये कछ है, न सौदा करने क िलये
कछ है, हमारे पास कछ भी नह है। और मांग हमारी है िक परमा मा िमले। ती ा तो करनी पड़गी। धैय तो रखना पड़गा अनंत
रखना पड़गा।
जमीन म बीज को बोकर भूल जाना चािहये, ती ा करनी चािहये। पानी डाल ज र, पर अब बीज को उखाड़-
उखाड़कर मत देखते रह- अभी तक बीज फटा नह । नह तो िफर कभी नह फटगा, बीज खराब ही हो जायेगा। इसीिलये ज दी
नह कर और बार-बार उखाड़कर नह देख। जब अंकर िनकलेगा तो पता चल जायेगा।
आतुरता से कछ भी ा त नह होने वाला। आतुरता िवचार ला देती है। ज दबाजी िवचार पैदा करवा देती है। अगर ती ा हो, तो
िवचार शांत हो जाते ह। ज दी कछ हो जाये, इसी से मन म तूफान उठते ह। कभी भी हो जाये, जब होना हो और न भी हो, तो भी
परमा मा पर छोड़ देने का नाम ती ा है।
िवचार एक बात है और िवचार की भीड़ िबलकल दूसरी बात है। अगर एक िवचार हो तो हाथ की लकड़ी बन सकता है,
और अगर बहुत िवचार ह , तो हाथ की लकड़ी नह बनता, िफर िसर पर लकड़ी का ग र बन जाता है। िफर वह सहारा नह रहता,
बोझ हो जाता है। जब िवचार अिधक हो जाते ह तो िववेक ीण हो जाता है।
जो य त समिपत होकर िवराट की खोज करता है वह अपनी चेतना क सम एक िवचार से यादा को एक साथ नह
आने देता है। य िक एक आये तो ही उसकी परी ा हो सकती है। एक िवचार को ही चेतना िनणय कर सकती है।
िवचार एक श त है- सोचने की, देखने की, िन प होने की, अपने ही िवचार क ित तट थ होने की। िवचार य त क िलये दंड
का काय करते ह, उस िवराट की खोज म सहारा बनते ह। िवचार की श त ही य त को स य को ा त करने म सहायक होती
है। जब य त अपने िवचार क ित तट थ हो जाता है, िफर उसम आतुरता नह रहती, वह ती ा करने म स म होता है। धैय
धारण करना उसक िलये सरल बात होती है।
धैय से बड़ी कोई मता नह है और जो स य की खोज म िनकले ह , उनक िलये तो धैय क अित र त और कोई सहारा
भी नह है। िजसक पास धैय है, उसक पास स य का धन त ण उपल ध हो जाता है। वह उस िवराट स ा तक पहुँच जाता है,
पर तु उसे पहचान नह पाता, य िक पहले वह कभी िमला नह था। इस अंितम ल य तक पहुंचने पर क दशन करने क
िलये हम गु की ज रत होती है। असल म गु की ज रत हम तभी पड़ती है, िजस िदन घटना घटती है।
य िक उस य त क िलये वह अप रिचत, अनजान, पहले तो कभी जाना हुआ नह है, उस लोक म वेश हो जाता है।
उसे पहचान नह होती िक जो हो गया है, वह या है। तो गु की ज रत पड़ती है ाथिमक चरण मे, वह बहुत साधारण है।
अंितम ण म गु की ज रत बहुत असाधारण है िक वह कह दे िक हां, हो गई वह बात िजसकी तलाश थी, उस दशन से
सा ा कार होने पर। िजसक सा ी गु होते ह।
सफलता पूण जीवन यतीत करता है साथ ही साधक वष भर ऐसी t ा तकता के नाम के साथ, पूरा पता
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ी बलराम
भगवान ी क ण क अ ज ी बलराम को िव णु जी क आठव अवतार माना जाता है। भगवत पुराण, िव णु पुराण म
इ ह महािव णु क दशावतार म से एक माना गया है। ह रवंश पुराण म इ ह संकषण नाम से भगवान िव णु क आठव अवतार क
प म दशाया गया है। वह कई अ य िह दू पुराण म इ ह ी िव णु क शेषनाग िजस पर वे सदा िवराजमान रहते ह, उनका
अवतार माना गया है। ी बलराम अपने शारी रक बल एवं क य िन ठा क िलये अ य त चिलत ह। इ ह बलदेव, बलभ ,
हलधर आिद नाम से बोिधत िकया जाता है। ितवष इनकी जय ती को हलष ठी क प म मनाया जाता है।
महाभारत ंथ म ी बलराम क ज म का वणन करते हुये बताया गया है िक जब इ ािद देवता ने भगवान िव णु से
धरती पर र शासक कस की अनीित का अंत करने क िलये सहायता मांगी तब भगवान िव णु ने अपने िसर से एक सफद बाल व
एक काले वण का बाल िनकाल कर देवता को शी ही कस की अनीित का अंत करने क िलये आ व त िकया था।
इस कार पहले सफद कश क वणानुसार बलराम इसक प चा काले कश यािन िक भगवान क ण माता देवकी की
कोख म िव ट हुये। इसी कारण से बलराम जी गौर वण व ी क ण याम वण थे। भगवान बलराम क ज म की कथा भी अ त
एवं अलौिकक है। कस पहले ही माता देवकी की छः संतान की िनमम ह या कर चुका था। इसिलये जब बलराम जी उनक गभ म थे
तब ी िव णु क िनदश पर देवी योगमाया ने अपनी श त से उनका संकषण कर वासुदेव की दूसरी अधािगनी रोिहणी की कोख
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fnlEcj 2023 +91-99508-09666 PMY V 39
नववष 1 जनवरी
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ना रयल
( Coconut)
हम सभी ना रयल से बड़ी अ छी तरह वािकफ ह। कई सारे रोग म लाभकारी माना जाता है। इसम बहुत सारे
भारतीय िहंदु पौरािणक कथा म ना रयल को पिव फल पौ टक त व भी होते ह जैसे िवटािमन, िमनरल, आयरन,
माना गया है। यह ’कोकोस यूसीफरा’ का फल है, िजसक पोटिशयम आिद। खास कर मिहला क िलये सूखा ना रयल
पानी का इ तेमाल दशक से लगभग हर भारतीय अनु ठान म (Dry Coconut For Women) बहुत अ छा माना जाता है।
िकया जाता रहा है। इसक अलावा इसका उपयोग कई तरह क कई लोग हे दी और हाइ ट रहने क िलये ना रयल
यंजन को बनाने म भी िकया जाता है। यह हे दी फट, पानी का सेवन सबसे यादा करते ह। इसक अलावा तेल और
एंटीऑ सीडट और पोषक त व का बेहतरीन ोत है। इसक चटनी क प म भी ना रयल का उपयोग िकया जाता है।
साथ ही ना रयल म एंटीबै टी रयल और एंटीफगल गुण पाय ना रयल िवटािमन, िमनरल, काब इ ट और ोटीन से भरपूर
जाते ह। इसी वजह से यह हमारे वा य क िलये भी बहुत है, इसिलये यह शरीर को कई तरह से फायदा पहुँचाता है।
अ छा सािबत होता है। पोषक त व से भरपूर ना रयल का एक टकड़ा खाने से न िसफ
ना रयल पानी क साथ-साथ सूखे ना रयल का सेवन शरीर की रोग ितरोधक मता बढ़ती है, ब क या ा त म भी
करना काफी फायदेमंद होता है। यह खाने म तो वािद ट होता सुधार होता है। अगर आप वा य क िलये इसक लाभ को
ही है, साथ म हमारे वा थ क िलये भी काफी लाभदायक है। यह बढ़ाना चाहते ह, तो सोने से ठीक पहले क ा ना रयल खाना
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शु कर द। यह आपकी सेहत क िलये वरदान सािबत हो फाइबर क ज से बहुत ज दी छटकारा िदला सकता है।
सकता है। खून की कमी पूरी करे
वजन िनय त करने म शरीर म खून की कमी होना कई बार जानलेवा भी हो सकता है।
आजकल हर दूसरा य त वजन बढ़ने से परेशान ऐसे म सूखा ना रयल खाने से एनीिमया से राहत िमलती है।
है। शरीर की अित र त चब को कम करना एक चुनौती बन मिहला म अ सर मािसक धम क कारण खून की कमी देखी
गया है। लेिकन इसम ना रयल कारगार सािबत हो सकता है। जाती है। सूखे ना रयल म कई सारे पौ टक त व होते ह िजनमे
सोने से पहले क ा ना रयल खाय। इसम मौजूद फाइबर शरीर आयरन भी शािमल होता है जो खून क लेवल को ऊपर ले जाने
से ए ा फट को बन करने म बहुत मदद करता है। म लाभदायक होता है। इसिलये अगर िजन मिहला म खून
गिठया म लाभदायक की कमी है या िहमो लोिबन लेवल कम होता है उन मिहला
सूखे ना रयल म क शयम भी पाया जाता है जो हि य को को सूखे ना रयल को अपनी डाइट म शािमल करना चािहये।
मजबूत और व थ बनाने म लाभदायक माना जाता है। िजस इससे खून का लेवल बढ़ने म मदद िमलेगी। यिद हर रात सोने
िकसी को भी कमजोर हि य या घुटन आिद जैसे जोड़ क दद से पहले इसका एक टकड़ा खा िलया जाये, तो एनीिमया की
से पीिड़त है उनको अपनी डाइट म ना रयल को ज र एड कर सम या से बहुत ज दी छटकारा िमल सकता है।
ल। इससे उनको एनज भी िमलेगी और चलने और शारी रक गभकाल क दौरान खाय ना रयल
गितिविध करने का साहस भी महसूस होगा। सूखे ना रयल म फटी एिसड भी बहुत मा ा म पाये
िदल को व थ रखे जाते ह जो आपको तो एनज दगे ही साथ म आपक ब े को भी
रात म सोने से पहले ना रयल खाने से आपकी िदल की सेहत पोषण दान करगे जो उसे हे दी रखने म मदद करेगा।
दु त बनी रहती है। इसम मौजूद फट शरीर म अ छ इसिलये इसे गभवती होने क दौरान अपनी डाइट म शािमल
कोले ॉल म सुधार कर सकता है। यह खासतौर से फायदेमंद कर तािक आपकी मीठा खाने की इ छा भी शांत हो सक और
है, य िक अित र त पेट की चब आपक दय रोग और आपक ब े को पौ टक आहार भी िमल सक।
मधुमेह क खतरे को बढ़ाती है। यूरीन इंफ शन म भी है सहायक
बेहतर न द लाने म मदद करे मिहला को कभी न कभी यूरीन इंफ शन का
आज की भागदौड़ भरी िज दगी म न द न आने की सम या सामना भी करना ही पड़ता है। इस थित म डॉ टर से राय तो
आम हो गई है। अगर आप भी रातभर करवट लेनी ही चािहये लेिकन साथ म अपनी डाइट को
बदलते रहते ह, तो सोने से पहले क े भी हे दी और लीन रखना चािहये
ना रयल का सेवन कर ल। िनयिमत तािक आपको कम तकलीफ हो।
प से रात को सोने से पहले ना रयल इ फ शन वाले
ना रयल का एक टकड़ा बै टी रया को ख म
खाकर सो जाये। अ छी करने म सहायक है।
न द आने म मदद सूखे ना रयल का
िमलेगी। सेवन करने से
क ज को रोक बहुत सारे
क ा ना रयल खाना इ फ शन और
एक ाकितक उपचार यूटीआई आिद
है, जो क ज को रोकने क र क को कम
म बहुत मदद करता है। िकया जा सकता
िजन लोग को अ सर है।
ही क ज की सम या इसिलये
रहती है और सुबह क ना रयल वा य की
समय पेट ठीक से साफ नह दृ ट से बहुत ही अ छा
होता, तो उ ह रात म सोने से फल है इसिलये इसका
पहले क ा ना रयल का एक टकड़ा योग करना वा य की
खा लेना चािहये। ना रयल म मौजूद हाई दृ ट से अ छा रहता है।
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सदसंगित
हम सभी हमेशा से ही एक PROVERB सुनते आये ह िक ''A MAN IS KNOWN BY THE COMPANY HE KEEPS '' यािन िक
एक य त की पहचान, उसकी आदत की पहचान, उसक साथ रहने वाले लोग कसे ह, उसी से हो जाती है। य िक हमारा
MINDSET, MENTAL LEVEL, APTITUDE, हमारे बातचीत करने का लहजा, हमारे शौक और HOBBIES हमारी संगत, दो त
या कोई COUSIN मतलब िजसक साथ हमारा यादातर समय बीतता है, उसी पर DEPEND करता है और इसिलये संगत हमेशा
अ छी रखो िजसे सदसंगित कहते ह। हमारी क पनी, दो त ऐसे होने चािहये िजनम कोई बुरी आदत या लत न हो साथ ही यह
बात हमारे वयं पर भी लागू होती है। TV, GAMES, मोबाइल फोन से ADDICTIONS ज द से-ज द याग देने चािहये। संगत ऐसी
होनी चािहये िक थोड़ी अ छी आदत हम अपने दो त से सीख और थोड़ी अ छी बात हम उ ह बताय और सीखाएं।
अ छी सोच वाले य त या दो त हमेशा हम आगे बढ़ने क िलये े रत करते ह, वह बुरी सोच वाले लोग हम पीछ खीच लेते ह
और बुरी आदत डाल देते ह। इसीिलये ऐसे लोग क साथ रह, उनक आसपास रह जो ो ेिसव ह और िजनकी जीवन क ित
POSITIVE APPROACH हो।
अ छी संगत से हम रोज कछ न कछ नया सीख पाते ह, हमारी अ छी HABITS होती है, िजससे हमारी GROWTH होती
है, PERSONALITY म िनखार आता है, जो जीवन पय त साथ रहती है और हमे एक सफल य त बनने म मदद करती है।
इसीिलये हमेशा सोच-समझकर दो त बनाये और पेर स का भी कहना मान।
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Gain Virtues
Attaining virtues of Lord Ram like Mantra
patience, tolerance, valor, love, hypnotism,
policy, moral values, good behavior & an | | Om Kleem Hum Shodasha
unquenchable faith can help a person emerge Kalaa Kalaayen Valbhaaya Phat | |
victorious in every aspect of life. AA Å¡ Dyha gqa “kksM”k
This Sadhana should be started in the
morning. Take a bath & get into fresh pink dyk dyk;sa oYHkk; QV~ AA
clothes. Sit on a red mat facing east. Take a Drop all the Sadhana articles in a pious river
copper plate & put Shodash Shakti Yantra in it or pond after the completion of the Sadhana.
& chant 5 rounds of below mantra for with Sadhana Articles J750/-
Shodash rosary for next 7 days.
Annapurna Siddhi
Gain Abundance In Life
Nityanandakari Varabhayakari Soundarya Ratnakari
Nirdhutakhila Ghora Paavanakari Pratyaksha Maheshwari
Praleyaachala Vamsa Paavanakari Kasi-Puradeeshwari
Bhiksham Dehi Krupavalambanakari Mata-
Annapurneshwari
Bestower of eternal happiness, one who grants boons as well as assures
fearlessness, the ocean of beauty, the one who can negate the most terrible sins
and gives purity, the manifested form of Goddess Maheshwari who puried the
lineage of snow lled mountain, the Goddess of the city of Kashi, be gracious on
me and grant me the blessings.
Lord Shiva & Goddess Parvati used Vishnu approached Shiva who told him
to play the game of dice. Once they were everything about what had happened. Lord
playing & the game became very interesting. Vishnu then told Shiva to play the game again.
They started betting. Parvati kept her jewels He told him that he will win back everything
& Shiva kept his trident. Shiva lost the game he had lost in the next game. Shiva took Lord
& thus he lost his trident. So, in the next game Vishnu's advice & went back to play the
he bet his snake to get back the trident. He lost game again.
in this game too. He played more & bet more Goddess Parvati became suspicious of
and kept on losing. Eventually he lost Shiva's sudden turn of fortunes that led him to
everything including his begging bowl. win back everything. She called him a cheat.
Shiva felt very humiliated & went to This led to an argument between the two of
Deodar forests to meet Lord Vishnu. Lord them. Finally, Lord Vishnu appeared as he
PMY V 56 info@pmyv.net fnlEcj 2023
could not take the fight anymore. He told them power to purchase it or by cooking it
that the dice in the game had moved according ourselves. In both the cases, the person can
to his wish & they were only under an illusion fulfill the desire.
that they had been playing. This Sadhana should be performed on
To this Shiva added that everything Annapurna Jayanti. If somehow you are
materialistic was just an illusion or Maya. unable to do so, one can also perform this
Everything that we possessed was an illusion. Sadhana during the Navaratri, Diwali, Holi
Even the food we ate was Maya. This made or any other auspicious day related.
Goddess Parvati angry. She did not agree that
food was an illusion. She said that calling food
Sadhana Procedure
an illusion was equivalent to calling her an One needs Annapurna Yantra &
illusion. So, to show Lord Shiva & the world Kamal Gatta rosary for this procedure. Take a
her importance she disappeared saying that she bath after 10 pm & wear clean yellow clothes.
wanted to see how the world would survive Sit on a yellow mat facing North & place a
without food. wooden plank before you. Cover the plank
Her disappearance meant that nature with a yellow cloth & place a picture of
came to a standstill. There were no changes in revered SadGurudev on it. Light a ghee lamp
seasons. Everything became barren. The which should continue to lit during the entire
lands became infertile. Nothing grew sadhana duration. Now worship Him with rice
anymore. This led to severe drought & a huge grains, vermillion and flowers and chant one
shortage of food. The Gods, humans & round of Guru Mantra. After this pray to
demons all kept praying for food. Goddess SadGurudev for success in the Sadhana.
Parvati heard the prayers & she could not see Next make a slightly big mound of rice
her children dying out of hunger. So, she grains on the plank & put some vermillion &
appeared in Kashi & started distributing food. flower petals on the mound and place the
Shiva realized his mistake & the fact Annapurna Yantra on it. Also place a picture
that he was incomplete without Shakti. So he of Goddess Lakshmi in front of you. Offer
appeared before Goddess Parvati in Kashi some food made with milk to the Mother
with a begging bowl in his hands. He said her Goddess.
that he had realized his mistake that food could Now take the Kamal Gatta rosary &
not be dismissed as an illusion & it was chant 11 rounds of the following mantra.
required to nourish the body as well as the Mantra
inner soul. Since then, Goddess Parvati is || Om Kreem Krum Krom Hoom Hoom Hoom Hreem
worshipped as the Goddess of food – Goddess Hreem Om Om Om Om Annpurnaayai Namah ||
Annapurna. ea=
It is a fact that we become what we eat.
There is a very famous saying, “A lamp eats AA Å¡ Øha Øwa Øksa âha âha Å¡ Å¡ Å¡ Å¡
darkness, but in turn produces lampblack.”
The essence of this saying is if the food we vUuiw.kkZ;S ue%AA
consume is not earned from righteous means, Chant one round of Guru Mantra
the food is going to harm us in all ways. If the again at the end of the Sadhana & then
food grain that we have bought from grocery consume the offerings made to the Goddess
store is not bought by the seller by fair means with full joy.
but is rather a theft commodity, the food Offer food to seven girls the next day.
consumed by such a grain is definitely going to It is observed that the person performing this
harm us. Thus, it is very important to sanitize Sadhana starts getting good financial gains by
the food from these evil karmas & that is the the end of this Sadhana. Also, the health of
reason why people first offer the food to God such a person starts to become better as the
or Guru. grains get detached from any sins that were
Annapurna Siddhi doesn't mean that done to procure or sell it. For even better
whatever we wish to eat should appear before results, one should chant the above mantra 51
us as a magic, but it means to gain the times daily in the morning before the Yantra.
capability in life to eat whatever we wish for. This helps the person to gain continuous health
If we wish to eat sweets in life, we should & wealth in life.
somehow get access to it – either by having the Sadhana Articles KRs 750/-
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ChhinnaMasta Sadhana 23rd December
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9198295051] vt; 'kqDyk 9956843555] eukst 'kekZ Madhuri Suryawanshi, Divya Bais, Uday Singh Thakur,
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