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New Essays 23-24
New Essays 23-24
संके त बिंदु -
प्रथम अनुच्छे द(प्रस्तावना )-
मित्रता का अर्थ तथा महत्व (मित्रता लोगों के बीच पारस्परिक स्नेह संबंध है। जहांँ दो लोग बिना किसी स्वार्थ
के एक दूसरे के लिए जान तक देने के लिए खड़े हो जाएंँ , वही मित्रता है। मित्रता ही आपके उत्थान तथा पतन
का कारण होती है अतः मित्र का चुनाव बहुत सोच समझकर करना चाहिए।)
अनुच्छे द (2 से 5 )-
(विषय वस्तु)
मित्रता शक्ति वर्धक औषधि के समान होती है। मित्र सुख दुख बांँटने के लिए सच्चा साथी होता है ।वह अपने
मित्र के अवगुणों पर पर्दा नहीं डालता बल्कि उसकी ओर संके त करके उसे कु मार्ग से बचकर सन्मार्ग पर जाने
की प्रेरणा देता है। वह विश्वासपात्र, नि:स्वार्थी तथा विपत्ति में साथ देने वाला होता है।
मित्रता में जाति, आयु, स्तर ,स्वभाव आदि की समानता हो यह आवश्यक नहीं। इस प्रकार के अनेक उदाहरण
विख्यात हैं।
सच्चा मित्र वह कवच है जो विपत्ति में हमारी रक्षा करता है ,वह संजीवनी है जो दैन्य तथा निराशा की स्थिति
में उत्साह का संचार करता है , छायादार वृक्ष है जो विषम परिस्थितियों में भी शीतलता प्रदान करता है ,विश्वास
की आधारशिला है अतः सच्चे मित्र के चुनाव के लिए अत्यंत सतर्क ता बरतनी चाहिए।
विषय - समय की उपयोगिता
संके त बिंदु -
(प्रस्तावना)
खोई हुई संपत्ति और खोए हुए वैभव को पुनः प्राप्त करने के लिए मनुष्य अनवरत लगा रहता है। खोई हुई
प्रतिष्ठा पुनः प्राप्त हो सकती है परंतु जीवन के जो क्षण एक बार चले गए वे फिर इस जीवन में कभी नहीं
मिलते। समय पल और क्षण से मिलकर बना हुआ है। समय अपनी गति से चलता रहता है जब हम इसे खो
देते हैं तो पछताने के सिवा कु छ शेष नहीं रहता।
दिवस जात नहीं लागत बारा। रामचरितमानस की यह पंक्ति समय की गति को बताती है । जो व्यक्ति समय
की गति को नहीं समझते समय को नष्ट करते हैं, समय उन्हें नष्ट कर देता है। कबीर दास के अनुसार काल
सबसे अधिक बलवान होता है। काल करे सो आज कर, आज करें सो अब। पल में प्रलय होएगी बहुरि करोगे
कब ।
(विषय वस्तु)
खोया धन फिर पा सकते हैं खोया स्वास्थ्य जुटा सकते हैं किं तु समय यदि बीत गया तो कभी लौट कर नहीं
आता।-
राजा , रंक, सेठ, भिखारी सभी के पास एक ही समय - समय के उचित विभाजन से समय की बचत- समय की
सदुपयोग से आत्म संतुष्टि, धैर्य , रचनात्मक कार्य के लिए अतिरिक्त समय- समय चेतावनी है -समय के
सदुपयोग में ही सफलता का रहस्य छिपा है - मनुष्य की व्यक्तिगत तथा देश व समाज की उन्नति- आलस्य
समय का सबसे बड़ा शत्रु आदि।
(उपसंहार)
समय ईश्वर का वरदान है - काल स्वयं ईश्वर है , हमें इसका आदर करना चाहिए और हर क्षण का सदुपयोग
करना चाहिए।
समय लाभ सम लाभ नहीं। समय चूक सम चूक। चतुरन चित रहिमन लगी समय चूक की हूक।
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इसलिए यदि हम अपनी शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति करना चाहते हैं या अपने देश और अपनी
जाति का उत्थान चाहते हैं तो हमें समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। तभी हमारी उन्नति संभव है।
विद्यार्थियों को तो विशेष रूप से समय का महत्व समझना चाहिए। गया समय फिर हाथ नहीं आता है।
विषय - "भारतीय संस्कृ ति- समन्वय और संस्कार की पाठशाला है "
संके त बिंदु -
भारतीय संस्कृ ति विश्व की प्राचीनतम संस्कृ तियों में से एक है। यह माना जाता है कि भारतीय संस्कृ ति यूनान,
रोम, मिस्र, सुमेर और चीन की संस्कृ तियों के समान ही प्राचीन है। कई भारतीय विद्वान तो भारतीय संस्कृ ति
को विश्व की सर्वाधिक प्राचीन संस्कृ ति मानते हैं....
संस्कृ ति में भूत और वर्तमान के आध्यात्मिक, सामाजिक, और धार्मिक मूल्यों का समावेश होता है।...
1 महिलाओं का सम्मान-
भारतीय संस्कृ ति में महिलाओं की स्थिति अति उनन्त अवस्था में थी।----
सहनशीलता और नम्रता, समझदार भावना और सभी मनुष्यों के लिए एकजुट, शांत करने वाला प्यार
सिखाएगा।" - विल डु रैंट.
2- समन्वयवाद
- प्रकृ ति की उपासना
-सत्य,अहिंसा अस्तेय, ईमानदारी, बड़ों का सम्मान करना, गुरु का आदर, सभी प्राणियों पर दया, करूणा, परोपकार
करना इत्यादि जीवन मूल्यों को हमारे यहां बहुत अधिक महत्व दिया जाता है।
"भारत एक ऐसा देश है जिसमें हर महान धर्म को घर मिलता है।" - एनी बेसेंट।
हमारी संस्कृ ति को मिटाने का प्रयास करने वाले खुद मिट गये और हम आज भी दुनिया को शांति का संदेश दे
रहे हैं।
हमारी संस्कृ ति समन्वयवादी है। अनेकता में एकता....। विश्व के सारे धर्मो का समावेश..।
युनान मिश्र रोमाँ सब मिट गये जहाँ से, बाकी अभी तलक है नामों निशाँ हमारा-------
विश्व कल्याण
संके त बिंदु -
तनाव/अवसाद से आशय -
अके लेपन से प्रेम, किसी कार्य में रुचि न होना , नींद न आना यह अवसाद के ही लक्षण हैं । जिनसे अधिकतर
लोग ग्रसित हैं और चिंताजनक बात यह है कि उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है ।
कारण -
अवसाद की कोई निश्चित उम्र नहीं होती । यह बाल्यावस्था से लेकर वृद्धावस्था तक किसी भी उम्र के व्यक्ति
को प्रभावित कर सकता है । इसके लिए जिम्मेदार कारण हैं-
ज़िम्मेदार कौन - ?
* व्यक्ति
* समाज
* स्थितियाँ
उपाय/समाधान-
तनाव से दूर रहने का सबसे अच्छा तरीका है सच्चे दिल से हँसना । - अनोनिमस
* योग
* ध्यान (मेडिटेशन)
* संगीत सुनना
* सामाजिक गतिविधियों में भागीदारी
* रोजगार व जीविका के अवसरों में बढ़ोत्तरी
निष्कर्ष -
पर जो न हटेगा अपने पथ से