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भारत के विश्व धरोहर स्थल
भारत के विश्व धरोहर स्थल
घोषित
धरोहर होने स्थान,
क्र. चित्र मानदंड विवरण
स्थल का राज्य
वर्ष
242;
औरंगाबाद,
१ अजंता गुफाएँ १९८३ 1983; i, ii,
महाराष्ट्र
iii, vi
आगरा का आगरा,
२ १९८३
किला उत्तर प्रदेश
आगरा,
३ ताज महल १९८३
उत्तर प्रदेश
कोणार्क सूर्य
५ १९८४ ओडिशा
मंदिर
महाबलिपुरम
६ के स्मारक १९८४ तमिलनाडु
समुह
घोषित
धरोहर होने स्थान,
क्र. चित्र मानदंड विवरण
स्थल का राज्य
वर्ष
के वलादेव
७ १९८५ राजस्थान
राष्ट्रीय उद्यान
काज़ीरंगा
८ १९८५ असम
राष्ट्रीय उद्यान
मानस राष्ट्रीय
९ १९८५ असम
उद्यान
गोवा के
१० गिरजाघर एवं १९८६ गोवा
कॉन्वेंट
फतेहपुर
१२ १९८६ उत्तर प्रदेश
सीकरी
खजुराहो
१३ १९८६ मध्य प्रदेश
स्मारक समूह
घोषित
धरोहर होने स्थान,
क्र. चित्र मानदंड विवरण
स्थल का राज्य
वर्ष
सुंदरवन पश्चिम
१४ १९८७
राष्ट्रीय उद्यान बंगाल
एलिफें टा की
१५ १९८७ महाराष्ट्र
गुफाएँ
महान चोल
१७ १९८७ तमिलनाडु
मंदिर
नन्दा देवी
राष्ट्रीय उद्यान १९८८,
१८ उत्तराखण्ड
एवं फू लों की २००५
घाटी
साँची के बौद्ध
१९ १९८९ मध्य प्रदेश
स्तूप
हुमायूँ का
२० १९९३ दिल्ली
मकबरा
घोषित
धरोहर होने स्थान,
क्र. चित्र मानदंड विवरण
स्थल का राज्य
वर्ष
कु तुब मीनार
२१ एवं अन्य १९९३ दिल्ली
स्मारक
बोधगया का
२३ महाबोधि २००२ बिहार
विहार
भीमबेटका
२४ २००३ मध्य प्रदेश
शैलाश्रय
चंपानेर-
२५ पावागढ़ २००४ गुजरात
पुरातत्व उद्यान
छत्रपति
२६ शिवाजी २००४ महाराष्ट्र
टर्मिनस
घोषित
धरोहर होने स्थान,
क्र. चित्र मानदंड विवरण
स्थल का राज्य
वर्ष
दिल्ली का
२७ २००७ दिल्ली
लाल किला
जंतर मंतर,
२८ २०१० राजस्थान
जयपुर
महाराष्ट्र,
गोवा,
२९ पश्चिमी घाट २०१२ कर्नाटक,
तमिलनाडु
और के रल
३० राजस्थान के २०१३ राजस्थान राजस्थान के पहाड़ी दुर्ग,
पहाड़ी दुर्ग राजस्थान की अरावली
पर्वतमाला में स्थित विभिन्न
स्थलों की श्रंखला है। वे
एक राजपूती सैन्य पहाड़ी
स्थापत्य-कला का नमूना
पेश करते हैं, जिनकी
पहचान उनके पहाड़ी
शिखरों पर स्थित होने, वहां
के भौगोलिक स्थिति का
रक्षात्मक उपयोग करने से
होती है। राजस्थान के ये
दुर्ग, व्यापक श्रृंखला के
भौगोलिक एवं सांस्कृ तिक
क्षेत्रों में स्थित मजबूत
राजपूत सैन्य शक्ति का
प्रतिनिधित्व करते हैं। इन
दुर्गों से राजपूत रक्षात्मक
वास्तुकला के विकास का
अंदाज़ा लगाया जा सकता
घोषित
धरोहर होने स्थान,
क्र. चित्र मानदंड विवरण
स्थल का राज्य
वर्ष
है तथा ये राजपूत सैन्य
वास्तुकला के उदाहरण हैं।
राजपूत दुर्ग अपने बेमिसाल
स्थापत्य कला के लिए
प्रसिद्ध हैं। अक्सर, उनकी
सीमा में कई बड़े क्षेत्र, यहां
तक कि कई गांव भी सुरक्षा
दीवारों के भीतर आ जाते
हैं। इन दुर्गों में चित्तौड़ दुर्ग,
कुं भलगढ़ दुर्ग, रणथंभौर
दुर्ग, गागरोन दुर्ग, आमेर दुर्ग
तथा जैसलमेर दुर्ग आते हैं।
इन किलों के परिसरों में
महल, हिंदू और जैन मंदिर,
शहरी कें द्र और व्यापारिक
कें द्र शामिल हैं।
1645; iii,
यह हड़पा सभ्यता का
40 धोलावीरा 2021 गुजरात iv
ऐतिहासिक स्थल है।
(सांस्कृ तिक)