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विशेष लेख प्रधानमंत्री जनमन योजना शासन की योजनाओं का लाभ देने घर
विशेष लेख प्रधानमंत्री जनमन योजना शासन की योजनाओं का लाभ देने घर
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आ रहा बड़ा बदलावरू पक्के आवास मिलने से घूमंतु प्रवृत्ति की विशेष पिछड़ी
जनजाति कमार अब गांवों में करने लगी है स्थायी रूप से निवास
कांके र जिले के नरहरपुर ब्लॉक के 13 ग्रामों में निवासरत हैं कमार जनजाति के
72 परिवार
ताराशंकर सिन्हा
शासन की योजनाओं की वास्तविक सफलता तभी मानी जाती है जब उनकी पहुंच और
क्रियान्वयन समाज के सबसे निचले तबके तक सुनिश्चित हो। प्रदेश में निवासरत पांच
विशेष पिछड़ी जनजातियों में से एक कमार जनजाति भी है, जिसमें अभी भी शिक्षा और
जागरूकता का अभाव है। अपनी लोक संस्कृ ति और पारम्परिक विरासत एवं मूल्यों के
साथ जीवन-यापन करने वाली यह जनजाति कई मायनों में आज भी पिछड़ी हुई है।
कांके र जिले के नरहरपुर ब्लॉक के 13 ग्रामों में इस जनजाति के 72 परिवार निवासरत
हैं, जिनकी जनसंख्या 283 है। इन्हीं में से एक ग्राम मावलीपारा में कमार जनजाति की
बहुलता है, लेकिन शासन की योजनाओं का लाभ लेने के मामले में इनकी बात औरों से
जुदा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना से इनके जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना से जीवन में आया स्थायित्व
पेशे से बांस की टोकरी और दैनंदिनी के अन्य पारम्परिक सामान बनाकर बेचने वाली यह
जनजाति भी अब शासन की योजनाओं का लाभ लेने में पीछे नहीं है। प्रायः कमार
जनजाति के लोग घुमंतू और खानाबदोश प्रवृत्ति के होते हैं लेकिन यहां के कमारजन जो
प्रायः घासफू स, खदर और मिट्टी से निर्मित अस्थायी घरों में रहते थे, उनको एक तरह से
स्थायित्व मिल गया है, क्योंकि स्थायी ठौर के तौर पर अब उन्हें प्रधानमंत्री आवास
योजना के तहत पक्के आवास मिल चुके हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति के कमार लोगों को
इसका सबसे बड़ा फायदा यह हुआ। पक्के मकान मिलने से उन लोगों में स्थायी तौर पर
निवास करने की रुचि पैदा हुई है। परिणामस्वरूप, ये अब घर छोड़कर कहीं जाने के मूड
में नहीं हैं। एक तरह से उनकी घुमंतू व खानाबदोशी जीवन शैली पर विराम लग गया है।
श्री नेताम ने बताया कि उनकी जनजाति के लोग स्थायी रूप से निवास करना फायदेमंद
और बेहतर है। इसी तरह ग्रामीण श्री पनकू राम कमार (नेताम) ने बताया कि पहले
आजीविका के तौर पर मछली का शिकार करके , शहद इकट्ठा करके बेचने सहित अन्य
लघु वनोत्पादों को शहर जाकर बेचने का काम किया जाता था। उसी से परिवार का
जीवनयापन होता था। अब पीडीएस से मुफ्त राशन के अलावा बीपीएल कार्ड व आधार
आदि बनाए जा चुके हैं। घर पहुंच सेवाएं मुहैया कराने के लिए उन्होंने शासन को
धन्यवाद दिया।
इसी तरह कमार जनजाति की महिलाएं श्रीमती शांति बाई, अमिता नेताम व बृजबती
मरकाम ने बताया कि उनके परिवारों को भी शासन की अधिकांश योजनाओं का लाभ
मिल रहा है। छू टे हुए लोगों को दायरे में लाने के लिए गांव में कै म्प भी लगाया जा रहा है।
इस प्रकार कमार जनजाति का जुड़ाव शनैः शनैः विकास की मुख्यधारा से हो रहा है।
नरहरपुर ब्लॉक के 13 ग्राम मावलीपारा, बिहावापारा, बतबनी, भीमाडीह, सांईमुड़ा,
मुसुरपुट्टा, दुधावा, बासनवाही, गंवरसिल्ली, भैंसमुण्डी, दलदली, बादल और ग्राम
डोमपदर में कमार जनजाति के लोग वर्तमान में निवासरत हैं।