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भावार्थ

फूट रहीं ‘गढ़बो नवा


छत्तीसगढ़’ की रश्मियां

दो साल पहले छत्तीसगढ़ ने प्रदेश के जनजीवन में


बदलाव की उम्मीद के साथ, जो बदलाव का जनादेश
दिया था, उसे पूरा करना वैसे तो 5 साल का कार्यक्रम
होता है, लेकिन जब समस्याएं विकट हों तो जल्दी
बदलाव की उम्मीद भी स्वाभाविक होती है। जनता की
आंखों में जिस तरह के बदलाव के सपने थे, वह वास्तव में राहत की चाहत थी।
विरासत में सरकार को मिला आर्थिक संकट सबसे बड़ी बाधा थी पर हमने बिना
ठिठके पहले साल में खरीदे धान का भुगतान 2500 रू. प्रति क्विंटल की दर
से किया। इस प्रकार जन्मे उत्साह से दूसरे साल धान खरीदी का नया कीर्तिमान
बना और जब सामने बाधा आई तो निदान के लिए हमने ‘राजीव गांधी किसान
न्याय योजना’ ईजाद कर ली, जिससे धान के साथ 14 फसलों को आर्थिक
सहायता देने का नया रास्ता बन गया।
किसानों के साथ जुड़ी न्याय योजना की भावना अनुसूचित जनजाति,
अनुसूचित जाति, भूमिहीन ग्रामीणों, महिलाओं आदि के साथ उन जंगलों में
पहुंची, जहां पहले सिर्फ 7 वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर होती थी,
हमने इसकी संख्या को 52 तक पहुंचाया। फिर तो ‘गोधन न्याय योजना’ के
माध्यम से गोबर भी गांवों में नई आर्थिक क्रांति का प्रतीक बन गया। ‘सुराजी
ग्राम योजना’ ने सुधार से न्याय योजनाओं के आगाज का सफर तय किया। इस
प्रकार बदलाव और न्याय के उपायों से प्रदेश में एक नया वातावरण बना है।
अन्नदाता की चिंताएं दूर होना और बस्तर में बदलाव की बयार बहने से सिर्फ दो
बिम्ब ही नहीं बल्कि अनेक प्रतिबिम्ब भी उभरे हैं, जिनसे बदलाव की आकांक्षा-
भरी- आंखों में अब नई सफलताओं, उपलब्धियों और विश्वास की चमक भी
दिख रही है। ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की रश्मियां फूट रही हैं, जिनसे प्रदेश में
भविष्य के कई नए रास्ते रोशन हो रहे हैं।

आपका,

भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 1


भीतर
संस्कृित
मािसक पत्रिका LXØfeÀf¦fP 64
सरगुजा का
करमा गीत
छत्तीसगढ़ जनसंपर्क
का मािसक प्रकाशन

प्रधान संपादक
तारन प्रकाश िसन्हा
संपादक
उमेश िमश्र
संपादकीय सलाहकार
समरेंद्र शर्मा
सुदीप त्रिपाठी
विंदेश श्रीवास्तव
संपर्क
छत्तीसगढ़ संवाद
अटल नगर नवा रायपुर

4 अब न्याय
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तस्वीरें High Resolution की अपेिक्षत हैं। के अलावा उन पर तीन लाख रुपए का कर्ज था, लेकिन एक साल से भी कम समय में वे दो
मोबाइल नंबर : 94252-90644, लाख रुपए के कर्ज की अदायगी कर चुके हैं अब उन पर केवल एक लाख का कर्ज बचा है।
83198-08273, 93409-31326 यह संभव हुआ है राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए ...
E-Mail : chhattisgarhjanman@gmail.com

लेआउट एवं िडजाइन पत्रिका में प्रकािशत लेख लेखकों के िनजी िवचार हैं। तथ्य एवं आंकड़े परिवर्तनशील होते हैं, इस पत्रिका में उनका उल्लेख केवल सांकेतिक है। पुष्ट
भाविक गंडेचा तथा िवस्तृत जानकािरयों के िलए संबंिधत िवभागों से संपर्क िकया जा सकता है। िकसी भी िववाद की िस्थति में न्याय का क्षेत्र रायपुर न्यायालय होगा।

2। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


सुिर्खयां मािसक पत्रिका

इस अंक में िवशेष


LXØfeÀf¦fP

न्याय की बात
41% भूमिहीनों
12
को नया सहारा
गोधन न्याय योजना
से 41% भूिमहीनों
को िमला लाभ ...

स्वस्थ छत्तीसगढ़ हौसले को सलाम


घर के दरवाजे ताकत वतन की
16 19
पर इलाज हमसे है...
सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बहादुरी का परिचय देने वाले इन
32 गढ़ रहे हैं
नवा बस्तर...
घरों की चौखट तक पहुंचाने बच्चों के जज्बे और हौसलें को हर
का काम किया है ... कोई सम्मान करता है ...

बड़ी उपलब्धि
बदलता बस्तर
उद्योगों को लुभा
20
रहा छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहलाने वाला
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच बस्तर अब अपनी मौलिक सोच में पिछड़ा नहीं रहा।
से राज्य में औद्योगिक क्रांति का जरूरत थी बस सही सोच और सही प्राथमिकता के
माहौल बना है ... साथ सरकारी कामकाज की ...

नया अंदाज ध्वजारोहण बदलता बस्तर बदलता बस्तर


संवाद का लोक सलाम एक फैसले से बस्तरिया जवाब
24 26 34 38
प्रशासन गणतंत्र बदलने लगा ... सामूहिक खेती
मुख्यमंत्री ने जनता के दुख-दर्द को 72 वें गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल डीएमएफ की राशि के असली बस्तर के िकसान अब पूरे साल
जानने के उद्देश्य से संभागवार दौरा सुश्री अनुसुइया उईके ने ध्वजारोहण हकदार वे लोग हैं, जो गांव, शहर सब्जियों और दूसरे अनाजों की
शुरू किया है ... कर परेड की सलामी ली ... और जंगलों में निवास करते हैं ... खेती कर रहे हैं ...

लोकवाणी बदलता बस्तर


मुख्यमंत्री ने बस्तर ब्रांड
28 43
दिलाया भरोसा कॉफी
श्री भूपेश बघेल ने जनता से संवाद छत्तीसगढ़ के बस्तर की कॉफी
बनाए रखने के लिए रेडियो वार्ता जल्द ही ब्रांड बनकर दुनियाभर में
‘लोकवाणी’ की शुरुआत की... मिलने लगेगी ...

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 3


कवर स्टोरी

अन्नदाता के साथ

न्याय
अब

4। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


कवर स्टोरी

जनमन िरपोर्ट

नया कीिर्तमान मंदिरहसौद के नकटा


गांव के किसान हैं श्री

92
हरिराम यादव। खेती-
किसानी के अलावा उन
लाख मीिट्रक पर तीन लाख रुपए का
टन से अिधक कर्ज था, लेकिन एक
धान खरीदी
साल से भी कम समय में

95.38%
किसानों को वे दो लाख रुपए के कर्ज
न्यूनतम समर्थन
मूल्य का लाभ की अदायगी कर चुके
हैं, अब उन पर केवल
5.50
लाख एक लाख का कर्ज बचा
किसान बढ़े
2 सालों में है। यह संभव हुआ है
राजीव गांधी किसान न्याय
योजना के जरिए। उनको
न्याय योजना के जरिए
तीन किश्तों में रािश िमली
है। इसी से वे कर्ज मुक्त
हो रहे हैं। हमारे सामने
श्री हरिराम केवल एक
उदाहरण हैं। उनके सरीखे
हजारों-लाखों किसान हैं,
जिन्होंने न्याय योजना की
मदद से अपनी आर्थिक
स्थिति को तो मजबूत
किया ही, साथ ही आय
बढ़ाने का कोई स्रोत भी
बनाया है। किसी ने बच्चों
की पढ़ाई-लिखाई में न्याय
फोटो : नरेन्द्र बंगाले

योजना का पैसा खर्च


किया तो किसी ने बेटी की
धूमधाम से शादी की।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 5


कवर स्टोरी

मन
: जन
फोटो

न्या य केवल योजना


नहीं है, बल्कि
एक अवधारणा है।
महात्मा गांधी कहते
थे कि वे ऐसा भारत चाहते हैं, जिसमें गरीब
से गरीब लोग यह महसूस करें कि यह उनका
राज्य में धान खरीदी का टूटा 20 साल का रिकॉर्ड
छत्तीसगढ़ में इस साल समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक धान खरीदने का रिकॉर्ड बना
है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली सरकार ने राज्य निर्माण से अब
तक यानी 20 सालों में सर्वाधिक धान खरीदने का कीर्तिमान बनाया है। इस साल
चालू धान खरीदी सीजन में अब तक 92 लाख मीट्रिक टन से अिधक धान की
देश है, जिसके निर्माण में उनकी आवाज का खरीदी हो चुकी है। राज्य में बीते 2 सालों में धान खरीदी की मात्रा और खेती-
महत्व हो, जिसमें विविध सम्प्रदायों के बीच किसानी और किसानों की संख्या में लगातार रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो रही है, जोकि कृषि
पूरा मेल-जोल हो। गांधी के स्वराज का अर्थ प्रधान राज्य छत्तीसगढ़ के लिए एक शुभ संकेत है। राज्य सरकार की किसान
है सब लोगों का राज्य और न्याय का राज्य। हितैषी नीतियों के चलते छत्तीसगढ़ खेती-किसानी के मामले में देश का मॉडल
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल राज्य बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। छत्तीसगढ़ सरकार की राजीव गांधी
नेहरू ने भी कहा था कि जब तक लोगों की किसान न्याय योजना के तहत राज्य में फसल उत्पादन को बढ़ावा मिला है। चालू
आंखों में आंसू है और वे पीड़ित हैं, तब तक वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार इस योजना के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को
हमारा काम खत्म नहीं होगा। छत्तीसगढ़ के 5750 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान कर रही है। अब तक राज्य के 20
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल गांधी-नेहरू के लाख 52 हजार 59 किसान समर्थन मूल्य पर धान बेच चुके हैं। कस्टम मिलिंग के
इन्हीं सिद्धांतों के अनुरूप न्याय की अवधारणा लिए मिलर्स को 31 लाख 55 हजार 536 मीट्रिक टन धान का डी.ओ. जारी किया
को लागू कर रहे हैं। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ जा चुका है, जिसके विरुद्ध अब तक 29 लाख 43 हजार मीट्रिक टन धान का
के संकल्प के साथ भूपेश बघेल सरकार की उठाव कर लिया गया है।
न्याय योजना अन्नदाताओं, गांव-गरीबों और
मजदूर वर्ग को राहत देने के साथ ग्रामीण
अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में अधिक कार्यशील लोग कृषि पर निर्भर है, अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की। कोरोना
महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई है। अर्थशास्त्री भी वहां के विकास का मार्ग गांव से ही होकर काल में सांसद श्री राहुल गांधी ने केन्द्र
मानते हैं कि जिस राज्य की करीब 75 फीसदी निकलना चाहिए। यह कहना सही होगा कि सरकार से आग्रह किया था कि विपत्ति की इस
आबादी गांव में रहती है और 50 प्रतिशत से कोरोना संकट के समय इसी अवधारणा ने घड़ी में कर्ज की नहीं, बल्कि नगद राशि की

6। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


कवर स्टोरी

धान
खरीदी

92.00
83.94
56.88

80.38
लाख
कृषि भूमि के अधिग्रहण
मीिट्रक पर मुआवजा राशि दो गुना
टन 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 से बढ़ाकर चार गुना किया
गई। लोहण्डीगुड़ा में 1707
आदिवासी किसानों को 42 सौ
एकड़ जमीन वापस मिली।
पंजीकृत निरस्त वन अधिकार पट्टों
िकसान की समीक्षा और भूमि का
आबंटन किया गया। लघु
वनोपजों की खरीदी

16.96

19.55

21.52
15.77
िकसानों 7 से बढ़ाकर 52 वनोपजों
की संख्या के लिए हो रही है। तेन्दूपत्ता
लाख में 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 संग्रहण पारिश्रमिक 25 सौ
रुपए प्रति मानक बोरा से
बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति
फोटो : जनमन

मानक बोरा किया गया।


धान का
रकबा घरेलू बिजली उपभोक्ताओं
के िलए बिजली बिल हाफ
24.46

25.60

26.88

27.61

करने से उपभोक्ताओं को
सरकार बनने के लाख हर साल 900 करोड़ रुपए
तुरंत बाद राहत हेक्टेयर
में
की राहत मिली है। जमीन
2017-18 2018-19 2019-20 2020-21
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की गाइडलाइन दर में 30
श्री भूपेश बघेल ने सत्ता फीसदी और पंजीयन शुल्क
संभालते ही 9 हजार करोड़ में 50 प्रतिशत की कमी की
का कृषि ऋ ण माफ किया। गई। देश की सबसे बड़ी और
समर्थन सर्वाधिक राहत देने वाली
इससे 17 लाख 82 हजार मूल्य
किसानों को सीधा फायदा स्वास्थ्य योजना में 20 लाख
पर धान तक के इलाज की व्यवस्था,
94.02%
92.60%

95.38%
76.47%

हुआ है। 17 लाख से अधिक


किसानों का 244 करोड़ 18 बेचने वाले मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य
लाख का सिंचाई कर भी िकसान सहायता योजना लागू की गई।
माफ किया गया। 5 लाख प्रतिशत 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21
से ज्यादा किसानों को मुफ्त में सारभ ्व ौमिक पीडीएस के
और रियायती बिजली देकर माध्यम से सभी गरीब
सालाना 900 करोड़ की परिवारों को प्रति परिवार 35
राहत दी गई। बेचे गए किलो चावल और परिवार
में 5 से अधिक सदस्य होने
धान का पर 7 किलो प्रति व्यक्ति
रकबा अतिरिक्त चावल दिया जा
24.86
19.36

22.68
21.72

जरूरत है। सरकार ने इसका सटीक फार्मूला रहा है। शिक्षाकर्मियों के


निकाला और किसानों को मदद पहुंचाने के मीिट्रक संविलियन की प्रक्रिया
लाख
लिए न्याय योजना का पैसा सीधे उनके खाते टन 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21
पूरी की गई।
में ट्रांसफर किया।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 7


कवर स्टोरी

ऐसे हुई शुरुआत


मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल की सोच थी कि अगर किसी को सबसे पहले देना है तो वे
हैं किसान और वनोपज से आजीविका चलाने वाले आदिवासी। वास्तव में राज्य की
अरव्थ ्यवस्था के लिए उद्यमी तो किसान हैं और वनोपज एकत्र करने वाले आदिवासी
ही हैं। सरकार बनने के बाद राज्य की सबसे बड़ी फसल धान के किसानों को करीब
18 सौ रुपए समरन ्थ मूल्य के बदले 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने
का फैसला लिया गया। साल 2018 में 80 लाख 37 हजार मीट्रिक टन धान खरीदा
गया और 20 हजार करोड़ किसानों के खाते में डाले गए। यह राशि प्रचलित मूल्य से
लगभग 8 हजार करोड़ अधिक थी। यहीं से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने
की शुरुआत हुई। इसके बाद साल 2019 में 82 लाख 70 हजार मीट्रिक धान उपार्जन
का लक्ष्य भूपश े बघेल सरकार ने 2020-21 के बजट में राजीव गांधी न्याय योजना
की घोषणा की। किसानों को वाजिब दाम देने के लिए 21 मई 2020 को राजीव गांधी
न्याय योजना शुरू की। इसके तहत 19 लाख किसानों को 5750 करोड़ रुपए की
प्रोत्साहन राशि की सीधी सहायता मिली। धान के साथ मक्का, गन्ना सहित 14 उपजों
के लिए आदान सहायता अनुदान देने की योजना बनाई गई। गन्ना फसल के लिए
पेराई साल 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के
आधार पर एफआरपी राशि 261 रुपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन राशि 93.75 रुपए
प्रति क्विंटल अर्थात अधिकतम 355 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा
रहा है। इसी के बाद िकसानों की आय दोगुनी होते गई अौर कई िकसान समृद्ध होने
की िदशा में बढ़ते गए।

िवशेष सत्र में पारित हुआ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक
छत्तीसगढ़ विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर अक्टूबर 2020 में एक अहम
फैसला लिया गया। राज्य सरकार की ओर से कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक
फोटो : जनमन

लाया गया, जो ध्वनि मत से पारित भी हो गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश


बघेल ने इस बिल को किसानों को समर्पित किया था। किसानों के हितों के संरक्षण
के लिए कानून बनाया गया है। राज्य सरकार को संविधान में प्रदत्त अधिकारों के
तहत कानून बनाया गया। इस कानून में मंडी की परिभाषा में डीम्ड मंडी को भी
शामिल किया है। सरकार ने निजी मंडियों को डीम्ड मंडी घोषित करने का प्रावधान बेटी की शादी में मदद
इसमें रखा है। इस कानून के मुताबिक राज्य सरकार का अधिसूचित अधिकारी किसान श्री
मंडी में कृषि उपज की आवाजाही की जांच कर सकेगा। निरीक्षण करने वाले विष्णु साहू ने
अधिकारी के पास जब्ती और कृषि उपजों के भंडारण की तलाशी लेने का अधिकार इस बार 25
होगा। साथ ही मंडी कानून का उल्लंघन होने पर मंडी समिति और अधिकारियों को कट्टा धान बेचा
वाद दायर करने का अधिकार होगा। है। वे धान बेचने
अपनी बेटियों के
साथ पहुंचे थे।
छत्तीसगढ़ के किसान मुखिया श्री भूपश े पंजीकृत हुए हैं। इसी तरह धान का रकबा दो समर्थन मूल्य
बघेल के कार्यकाल में उनकी योजनाओं के सालों में 3 लाख 12 हजार 839 हेक्टेयर बढ़ा पर धान बेचने की खुशी किसान
कारण सूबे के किसानों को न्याय मिला है, राज्य है। राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ और उनकी दोनों बेटियों के चेहरे
में खेती को घाटे का सौदा मान बैठे किसान अब पाने वाले किसानों की संख्या में भी लगातार पर दिखाई दे रही थी। उनका
फिर से खेतों की ओर लौट रहे हैं। पिछले दो बढ़ोत्तरी हुई है। साल 2017-18 में करीब 76 कहना था कि धान की अच्छी
बरस में खेती-किसानी का रकबा बढ़ा है। दो फीसदी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य कीमत मिलने के कारण वे अपनी
सालों के भीतर राज्य में पंजीकृत किसानों की का लाभ मिल पा रहा था और बीते सीजन में बेटियों का लालन-पालन अच्छे
संख्या 15 लाख 77 हजार 332 से बढ़कर 21 94 फीसदी किसानों को एमएसपी का फायदा से कर पा रहे हैं। स्कूल बंद है तो
लाख 29 हजार 764 पहुच ं गई है, यानी राज्य मिला। मौजूदा सीजन में यह आंकड़ा बढ़कर वे उनके साथ कामकाज में हाथ
में 5 लाख 52 हजार से ज्यादा नए किसान 98 फीसदी पहुच ं ने का अनुमान है। बंटाती हैं।

8। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


कवर स्टोरी

एक एकड़ खेत
में भी हो रही बचत
धमतरी जिले के
चटौद के किसान
श्री टिकेश्वर छोटे भूखंड की खरीदी
साहू के पास और बिक्री करने वालों
एक एकड़ खेत को बड़ी राहत मिली
है। 25 सौ रुपए है। तत्काल प्रभाव से
प्रति क्विंटल का 5 डिसमिल से कम भू-
भाव मिलने से खंडों की खरीदी-बिक्री
वे काफी खुश हैं। उन्होंने सरकार से रोक हटा दी गई है
के मुखिया श्री भूपेश बघेल का जिसके कारण लगभग
आभार जताया। अपने खेत में 60 हजार भू-खण्डों
खुद काम करते हैं जिससे पैदावार की खरीदी-बिक्री हुई।
भी ठीक-ठाक होती है। अब पैसे साथ ही मध्यम और
बच भी रहे हैं और खुद के उगाए निम्न वर्ग को अपनी
धान का अनाज खाते हैं। आवश्यकता के अनुसार
धनराशि व्यवस्था में
खरीदे जेवर मदद मिली। अब 5
नवागांव के डिसमिल भूमि का
किसान श्री नामांतरण और पंजीयन
जैतराम जांगड़े कराने में आसानी होगी।
के पास 6 एकड़ इस वादे को भी सरकार
खेती जमीन है। ने पूरा किया। जमीन
फोटो : जनमन

पांच ट्रैक्टर धान की गाइडलाइन दर में


हुआ है। न्याय 30 प्रतिशत कमी की
योजना के पैसे गई है।
को बच्चों की पढाई में खर्च किया
और त्यौहार में जो पैसे मिले थे, एनएमडीसी के नगरनार
कार लेने की योजना उससे सोना-चांदी की खरीदी की। प्लांट में ग्रूप सी और
कोंडापारा में वे प्रति क्विंटल धान का ढाई हजार डी की भर्ती परीक्षा
रहने वाले श्री मिलने से काफी खुश हैं। दंतवे ाड़ा में ही कराने
देवेंद्र साहू कहते को लेकर एनएमडीसी
हैं कि सरकार को सहमत कराया गया
के द्वारा समर्थन कर्ज से मिली मुक्ति है। साथ ही नक्सल
मूल्य पर धान कुरूद के श्री पीड़ित युवा बेरोजगारों
खरीदी होने सत्तूराम धीवर को डीएमएफ मद से
पर आर्थिक कहते हैं कि 20 बीएड की डिग्री पूर्ण होने
तौर पर काफी मदद मिल रही हजार रुपए पर रोजगार देने की
है। राशन सहित घर का खर्च कर्ज था, जिसे वे घोषणा की गई है। इसके
चलाने में आसानी होती है। इस न्याय योजना के अलावा भोपालपट्टनम
साल भी धान को समर्थन मूल्य पैसों से अदा कर में बांस आधारित
पर बेचा है। उनका कहना है कि चुके हैं। इसके कारखाना शुरू करने
धान बेचकर और न्याय की राशि अलावा जो पैसा बचा वह शादी- की घोषणा की गई है।
में से कुछ पैसों की बचत हुई है ब्याह में लेनदेन और अन्य खर्च इससे आदिवासियों को
जिससे वे आने वाले साल में कार में काम आया। इस बार भी धान रोजगार मिलेंगे।
खरीदने की योजना बना रहे हैं। की अच्छी पैदावार हुई है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 9


कवर स्टोरी

न्याय जैसी योजनाएं देशभर में लागू होनी चािहए सरकार की किसान न्याय और गोधन
योजना काफी फायदेमदं साबित हो
न्याय योजना से किसानों और गांव की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हुई है। रही है। कोराना काल में इन दोनों
इस तरह की योजनाओं को पूरे देश में लागू करने की जरूरत है। कार्पोरटे ्स को योजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ में
राहत देने के बजाए गांव, गरीब, किसान और मजदूरों के हाथों में पैसा जाएगा मंदी का असर नहीं देखा गया। देश
तो अरव्थ ्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। कोरोना काल में देखा गया कि में कृषि सेक्टर तक मंदी की चपेट
छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं था, उसका सबसे बड़ा कारण यही है कि राज्य में था, लेकिन छत्तीसगढ़ में कृषि में
सरकार ने डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किया। छत्तीसगढ़ में खेती ग्रोथ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की
किसानी से दूर हो रहे किसान अब वापस खेती की तरफ लौट कैश ट्रांसफर योजना के कारण राज्य
रहे हैं, इसका आशय यही है कि इसे फायदे का सौदा माना जा के अंतिम पंक्ति तक लाभ पहुचं ा है।
रहा है। इसी तरह गोधन न्याय योजना के जरिए भी छत्तीसगढ़ नतीजा यह हुआ है कि आपदा काल
सरकार ने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया, साथ ही उनकी में भी बाजार में अप्रत्यक्ष रूप से पैसा
आमदनी बढ़ाने में सहायक हुई है। इस तरह की योजनाओं आया, जिससे मंदी की मार नहीं पड़ी
को लंबे समय तक चलाने की जरूरत है और पूरे देश में एक और न्यूनतम मासिक आय वाले
साथ लागू करने से परिणाम ज्यादा अच्छे आएंग।े व्यक्ति को भी परोक्ष रूप से आय की
प्राप्ति हुई। पक्ष-विपक्ष सभी ने डायरेक्ट
श्री हिमांशु कुमार, प्रोफेसर, जेएनयू ट्रांसफर पर जोर दिया था और सरकार
ने इन दोनों
योजनाओं के
जरिए ऐसा ही
किया। आने वाले
दिनों में इसके
और बेहतर
परिणाम सामने
आएंग।े
श्री रविन्द्र ब्रम्हे, अर्थशास्त्री

राजीव गांधी िकसान न्याय योजना और


गोधन न्याय योजना से लोगों के खाते
में सीधा पैसा पहुंचा है जिससे गांव और
किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो
रही है। किसान पशुओं की देखभाल
के साथ अब कृषि को बढ़ाने का कार्य
कर रहे हैं। कृषि में युवा सामने आ रहे
फोटो : जनमन

हैं। वे माडर्न टेक्नालॉजी का इस्तेमाल


कर रहे हैं। नई तकनीकों के साथ वे
खेती-किसानी को एग्री बिजनेस के
रूप में देख रहे
मक्के की खेती के प्रति बढ़ा रुझान हैं। छत्तीसगढ़ में
कोरोना काल में
छत्तीसगढ़ में मक्का की खेती का रकबा तेजी से बढ़ा है। इसका मुख्य कारण लोगों को सीधा
सरकार द्वारा मक्के की खेती को दिए जाने वाले प्रोत्साहन के साथ ही समरन ्थ मूल्य पैसा मिला,
है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने मक्के की खेती को लेकर किसानों का उसके कारण
उत्साह और बढ़ा दिया है। छत्तीसगढ़ में इस साल खरीफ में मक्के की खेती के रकबे यहां मंदी का
में लगभग 50 हजार हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है। बीते साल राज्य में दो लाख 80 प्रभाव कम रहा।
हजार 850 हेक्टेयर में मक्के की खेती हुई थी। इस साल रकबा बढ़कर लगभग 3
लाख 30 हजार हेक्टेयर होने का अनुमान है। डॉ़ एस के पाटिल
कुलपति, कृषि विवि

10। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


कवर स्टोरी

वरिष्ठ मीडियाकर्मियों के
लिए सम्मान निधि प्रतिमाह
5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार
फोटो : जनमन

रुपए कर दी गई है। पहले


यह राशि 5 वर्ष तक मिलती
थी, लेकिन अब आजीवन
हर हाल में ़़़ कर दी गई है। सम्मान
निधि के लिए न्यूनतम आयु
छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए 60 वर्ष से प्रारंभ की गई है,
हमने अनेक बड़े कदम उठाए हैं जिनमें से तीन का विशेष जो कि पहले 62 वर्ष थी।
तौर पर जिक्र करना चाहूगं ा- पत्रकारों को स्वयं या उनके
पहला : समरन ्थ मूल्य पर ज्यादा से ज्यादा धान खरीदी का आश्रित परिवार के सदस्यों
कीर्तिमान लगातार तीसरे साल बना। 90 लाख मीट्रिक टन की बीमारियों के इलाज के
का जादुई आंकड़ा पार करना बहुत बड़ी चुनौती थी और यह लिए न्यूनतम राशि 5 हजार
सबसे बड़ी उपलब्धि है। रुपए दी जाती थी, लेकिन
दूसरा : धान सहित 14 फसलों को राजीव गांधी किसान अब 10 हजार रुपए कर दी
न्याय योजना का सहारा दिया और 5700 करोड़ रूपए गई है। वहीं अधिकतम राशि
भुगतान का लक्ष्य भी इसी साल पूरा कर रहे हैं। 50 हजार को बढाकर 2 लाख
तीसरा : तीन नए कानूनों के रूप में आए चुनौतियों से हमारे रुपए कर दी गई।
किसानों को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़
श्री भूपेश बघेल
विधानसभा से कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक पारित मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
होना। हमारे इन कदमों से किसानों का आत्मविश्वास छत्तीगसढ़ ने युवाओं को रोजगार देने
सातवें आसमान पर पहुचं ा है और हमारे प्रति उनका का वादा भी निभाया है।
विश्वास भी चट्टान जैसा मजबूत हुआ है। हजारों पदों पर नियमित
भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर
मुख्यमंत्री ने किया किसानों के साथ न्याय दी गई है। कॉलेजों में
1345 सहायक प्राध्यापकों
हमारी सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा
की भर्ती की प्रक्रिया की
रहा। हमने जो वादे किए थे उसमें से अधिकांश वादे पूरे हो
गई। कॉलेजों में 61
गए। राजीव गांधी न्याय योजना से किसानों और मजदूरों
खेल अधिकारी की भर्ती
के चेहरों में खुशी है। जनता खुश है जो काम मुख्यमंत्री श्री
करने का वादा भी निभा
भूपशे बघेल के नेततृ ्व में प्रदेश में हो रहा है। आने वाले वर्षों
रही है। इसके अलावा
में छतीसगढ़ का माइलस्टोन साबित होगा। न्याय योजना
पुलिस विभाग में 2 हजार
और गोधन न्याय योजना का पैसा सीधे हितग्राहियों के
से अधिक पदों पर भर्ती
खातों में जा रहा है। मार्च में किसानों को न्याय योजना के
प्रक्रियाधीन है। 800 से
तहत चौथी किस्त दी जाएगी। छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य
अधिक नर्सों की भर्ती की
है जो किसानों को इतने पैसे दे रहा है। इस कारण छत्तीसगढ़
प्रक्रिया हुई। वहीं मूल
के बाजारों में मंदी का असर देखने को नहीं मिला। सरकार
ने जो कहा, वो किया है। लोगों को सरकार पर विश्वास
श्री रविन्द्र चौबे निवासियों को आयु सीमा
है, इसलिए छत्तीसगढ़ में नारा बन गया कि ‘भूपश े है, कृषि मंत्री में 5 वर्ष की छूट दी जा रही
छत्तीसगढ़ है। इसके लिए आदेश जारी
तो भरोसा है। अन्नदाता, गरीब और गांव की विकास की
किया गया है।
मुख्यमंत्री की सोच के कारण अब बात है ‘अभिमान की,
छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान की पर चर्चा होती है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 11


न्याय की बात

गाेबर से गोधन

41%
भूमिहीनों को
नया सहारा

फोटो : नरेन्द्र बंगाले

20 जुलाई 2020 रुपए किलो


35.86 गोबर की
71.72 कागोबरभुगतान
को हरेली के दिन से गोधन की दर से खरीदी
गोबर खरीदी लाख क्विंटल अब तक करोड़ रुपए िवक्रेताओं को
न्याय योजना की शुरुआत

12। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


न्याय की बात

जनमन िरपोर्ट

हमारे पास न तो जमीन


थी, और न ही हमारे
पास कोई आमदनी का
जरिया। अब मैं हमारे
म हर्षि वशिष्ठ ने कहा था
कि – यया सर्वमिदं व्याप्तं
जगत् स्थावर जंगमम् तां धेनुं
शिरसा वन्दे भूत-भव्यस्य
मातरम अर्थात जिसने समस्त चराचर जगत को
व्याप्त कर रखा है, उस भूत और भविष्य की
बाइक खरीदने
का सपना हुआ पूरा
बेमेतरा के मोहतरा गांव के
परमेश्वर यादव के बाइक
खरीदने का सपना पूरा हो गया।
गांव की महिलाओं जननी गौमाता को मैं मस्तक झुकाकर प्रणाम परमेश्वर गांव में चरवाहे का काम
करता है। उसने कुछ पैसे जोड़
के साथ मिलकर वर्मी करता हूं। गाय को माता मानने के पीछे यही
रखे थे, लेकिन बाइक खरीदने
आस्था है कि गाय में समस्त देवता निवास करते
कंपोस्ट तैयार कर रही हैं व प्रकृति की कृपा भी गाय की सेवा करने का सपना उसका अधूरा ही रह
हूं। मेरे साथ महिलाओं से मिलती है। भगवान शिव का वाहन नंदी, जाता था। गोधन न्याय योजना
भगवान इन्द्र के पास समस्त मनोकामनाओं के तहत उसने गोबर बेचा और
का पूरा समूह है। हम को पूर्ण करने वाली गाय कामधेनु, भगवान उसका बाइक खरीदने का सपना
सब्जी और फूलों की श्रीकृष्ण का गोपाल होना और अन्य देवियों में साकार हो गया। परमेश्वर ने
बताया कि मेरा मुख्य व्यवसाय
खेती भी करते हैं और माता के गुण को गाय में देखा गया है। कुल
मिलाकर जो बातें हमें अपने वेद-पुराणों से गौ पालन एवं ग्रामीणों का गाय
गोबर के कई उत्पाद देवी-देवताओं से ऋषियों-मुनियों से और अपने चराकर अपना एवं अपने परिवार
का जीवन यापन करना हैं, वैसे
तैयार कर रहे हैं। यह पुरखों से विरासत मिली हैं उसको धरातल
तो गुजर -बसर चल रही थी
पर लाने की योजना गोधन न्याय योजना है।
सबकुछ गोधन न्याय सरकार की दो रुपए किलो की दर से गोबर किन्तु मेरे पास उतना पैसा एकट्ठा
योजना के तहत संभव हो खरीदने की योजना गांवों में बने 2408 गौठानों नहीं हो पाता था कि छोटे छोटे
और नगरीय निकायों में बने 377 गौठानों से सपनो को पूरा कर सकू, क्योंकि
पाया है। ये बातें धमतरी एक साथ खरीदकर शुरुआत की थी। प्रदेश में ग्रामवासियो के गाय चराने से
के चटौद गांव की निर्मला 3 हजार 851 सक्रिय गौठान है जिनमें महिला प्राप्त पैसे से दैनिक उपयोग कि
सामग्री एवं परिवार का भरण-
साहू ने साझा कीं और स्व-सहायता समूह की महिलाएं गोबर से वर्मी
कम्पोस्ट तैयार कर रही है। पोषण ही सम्भव था।
खुशी जाहिर करते हुए प्रदेश में गोधन न्याय योजना के तहत 41
छत्तीसगढ़ सरकार का फीसदी भूमिहीनों को पहुच ं ा है। जिनके पास
जमीनें नहीं थीं, उनके लिए ही गोधन न्याय इसका लक्ष्य था। गाय पालने वालों के द्वारा
शुक्रिया अदा किया। योजना के रूप में गोबर खरीदी और इससे जुड़े गोबर को इकटठा कर गौठानों तक बेचने
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल उत्पाद की व्यवस्था शुरू की गई है। राज्य में अब की व्यवस्था की गई और उनके बैंक खाते में
की गोधन न्याय योजना से 1,45,000 भूमिहीनों में से 59, 412 किसानों से भुगतान दिया जाने लगा। गोबर खरीदी केंद्रों में
गोबर की खरीदी की जा रही है। सरकार के जरिए गोबर से गौ-काष्ठ (गोबर से बनी लकड़ी),
ऐसे ही हजारों भूमिहीनों इन्हें अब तक 71 करोड़ 72 लाख रुपए का कंडे और वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा। इन्हें
को नया सहारा मिला है। भुगतान किया गया। ऐसे बहुत से बेरोजगार युवा शहरों में बेचने की भी व्यवस्था की गई है।
भी इस योजना के जरिए गोबर बेचकर अपनी गौठानों में एकत्र होने वाले गोबर से उच्च दर्जे
धमतरी जिले के चटौद आय बढ़ाने लगे हैं। भूमिहीनों से तात्पर्य उन की वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार की जा रही है,
गांव के गोठान में काम लोगों का है, जिनके पास खेती के लिए जमीनें जिसका उपयोग खेतों से लेकर गार्डनों में होने
नहीं हैं। उन्हें इस योजना से जोड़ने की सरकार लगा है। यह खाद गौठान में बनी छोटी-छोटी
करने वाली महिलाओं की की यह पहल कारगर साबित हो रही है। टंकियों में तैयार की जा रही है। इसके अलावा
तरह प्रदेश के सभी जिलों मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 20 जुलाई गौठान परिसर में ही तालाब का निर्माण किया
के गांवों में भूमिहीनों की 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरुआत गया है। जिसमें मछली पालन किया जा रहा
की थी। ग्रामीण क्षेत्रों में गोपालक, महिलाओं है। इससे भी समूह की महिलाओं को रोजगार
आय बढ़ने लगी है। व युवाओं को आर्थिक तौर पर मजबूत करना मिलने लगा है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 13


न्याय की बात

सुराजी गांव योजना से बदली तस्वीर


महिलाओं छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा, गरवा, घुरवा और बा
को रोजगार संरक्षित करने सुराजी गांव योजना की शुरुआत हुई
इसके तहत 6 हजार 430 गौठानों का
रायपुर गोबर निर्माण किया गया।
खरीदी केंद्र
में काम करने
वाली स्वसहायता
समूह की महिलाओं
के लिए रोजगार के
अवसर खुल गए हैं।
डगनिया के गोबर खरीदी
केंद्र में महिलाएं गोबर से वर्मी
कम्पोस्ट तैयार कर रही हैं।
इसके अलावा गौकाष्ठ और कंडे भी
बनाए जा रहे हैं। स्व सहायता समूह
की महिला गीता डेकाडे का कहना है
कि 7 हजार किलोग्राम तक गोबर की
खरीदी केंद्र में हो चुकी है। समूह में
फोटो : जनमन

काम करने वाली 13 महिलाओं के


द्वारा 500 किलोग्राम तक खाद तैयार
की गई है। इसके अलावा 20 हजार
नग कंडे तैयार किए गए और उसे बेचा
भी जा रहा है। अब तक 300 से ज्यादा
गौकाष्ठ बनाए गए हैं। गौकाष्ठ की
मांग काफी बढ़ गई है। इससे उनकी
कमाई भी हो रही है और गोबर की
खरीदी करने के बाद उसका उपयोग
वर्मी कंपोस्ट बनाने में किया जा रहा है,
जिसे 10 रुपए प्रति किलोग्राम में बेचा
जा रहा है।

सावित्री बन गई लखपति,
द्रोपदी ने खोली डेयरी
दुर्ग ब्लॉक के चंदखुरी की सावित्री यादव
गोबर बेचकर अब तक 1 लाख 10 हजार
रुपए की आय हुई है। इसी गांव की द्रौपदी गोबर बेचकर कमा रहे लाखों रुपए
यादव जो सिंगल मदर है और अपने बच्चों
के लिए द्रौपदी ने डेयरी का व्यवसाय शुरू गोबर खरीदी योजना से रायपुर के गुढ़ियारी निवासी सुरजीत सिंह
किया। सालों पहले पति के छोड़ देने के बाद को बड़ा लाभ मिल रहा है। वे डेयरी का संचालन करते है और
द्रौपदी ने खुद काम करने की सोची, जब गोबर बेचकर एक महीने में एक लाख 25 हजार रुपए तक कमा
द्रौपदी ने हिम्मत दिखाई तो मायके वालों रहे है। पहले वे परिवहन संबंधी कार्य करते थे। उसे छोड़कर 8
का भी सहयोग मिला। आज द्रौपदी के पास साल पहले एक गाय खरीदी। वह गाय 30 लीटर दूध एक दिन में
गाय, भैंस, बछड़े, बछिया, भैंस के पड़वा देती थी, उसी दूध को घर में उपयोग करने के अलावा आसपास
को मिलाकर लगभग 60 से 70 मवेशी है। के लोगों को भी बेचा करते। फिर उन्होंने दूध की खपत बढ़ने के
द्रौपदी ने भी 61 हजार 500 रुपए का गोबर बाद गाय खरीदनी शुरू की। हर साल 10 से 15 गाय खरीदी करते
बेचा है। और 8 सालों में उन्होंने 100 गायों की खरीदी कर ली।

14। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


न्याय की बात


ारी को 125
ई। महिलाओं
को काम
रायपुर जिले सुकमा के नक्सल प्रभावित
के बैहार गांव के जगरगुण्डा सहित 14 गावों
गौठान को मॉडल में मुख्यमंत्री श्री भूपेश
गौठान के रूप में बघेल की सरकार ने शिक्षा
पहचान मिली है। यहां की लौ जलाई है। यहां पूरी
एक साथ 125 महिलाओं एक पीढ़ी 13 वर्षों से शिक्षा
को रोजगार मिला है, जिन्हें से वंचित थी। यहां स्कूल
मनरेगा के तहत भुगतान भवनों का फिर से निर्माण
किया जा रहा है। यहां फल ू - किया गया है। साथ ही
सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है, कक्षा पहली से बारहवीं तक
जिसमें दो समूह की महिलाएं काम बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा
कर रही हैं। 36 एकड़ के गौठान क्षेत्र है। इस तरह तेरह साल के
में फलू गोभी, पत्तागोभी, भाटा, मिर्च, अंधेरे के बाद शिक्षा की लौ
फिर एक बार जल उठी है।
फोटो : जनमन

टमाटर, सेमी के अलावा गेंदे के फल ू


भी उगाए जा रहे हैं। यहां के फलू ों
की डिमांड आसपास के शहरों और श्री भूपेश बघेल ने कर्मचारी
ब्लॉक में भी है जिसकी सप्लाई भी हो कल्याण के लिए भी बड़ा
रही है। गौठान में अलग-अलग काम फैसला लिया है। राज्य
महिलाओं के समूह को सौंपा गया है। के कर्मियों का महंगाई
खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट भत्ता 5 से बढ़ाकर 9% कर
भी तैयार कर रही हैं। साथ ही पैरे को दिया गया हैं। वहीं आरक्षक
आकर्षक तरीके से गौठान में सजाया से निरीक्षक स्तर तक के
गया है। समूह की महिलाओं को कर्मियों को रिस्पांस भत्ता
अगरबत्ती बनाने का काम भी दिया देने का ऐलान किया गया
गया है। इसके अलावा मशरूम भी है। आपदा से निपटने वाले
15-15 दिनों में तैयार किए जा रहे हैं। डीआरएफ के जवानों को
मानदेय का 50% जोखिम
भत्ता देने का सबसे बड़ा
गोबर से बिजली और ऐतिहासिक फैसला है।
आरंग से सटे बनचरौदा गांव के गौठान में गोबर
से बिजली पैदा हो रही है। गोधन योजना के मोर जमीन-मोर मकान
तहत बायोगैस संयंत्र बनाया गया है। इसी की योजना के अंतर्गत भूमिहीन
बिजली से गौठान रोशन होता है। गौठान में व्यक्तियों को भूमिधारण का
गौठानों में गोबर खरीदी प्रारंभ की गई, पहुंचने वाले दुधारू गायों के दूध को गाढ़ा अधिकार मिला है। 1 लाख
तब से रोज 20 क्विंटल तक गोबर करने के लिए अंजोला टैंक में तैयार किए जाने शहरी नागरिकों को मोर
गौठान में ले जाकर बेच रहे हंै और वाला पौष्टिक आहार खिलाया जा रहा है। इस जमीन-मोर मकान योजना
एक माह में 6 हजार क्विंटल तक गौठान में प्रतिदिन गोबर की खरीदी हो रही है। के अंतर्गत 2.50 लाख की
गोबर बेचकर 1 लाख 25 हजार रुपए रोज करीब 20 क्विंटल तक गोबर की खरीदी सहायता राशि मिली है।
तक कमा लेते है। महीने में एक लाख हो रही है। इसके लिए अलग-अलग टंकी बनाई किफायती आवास योजना
रुपए की कमाई गोबर बेचकर होती है, गई है, जिसमें गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाया के तहत 1,250 करोड़ रुपए
उसी पैसे से गाय की खरीदी करते है। जा रहा है। गोबर खरीदी योजना की शुरुआत से 28,694 नवीन आवासों
अब तक 25 गायों की खरीदी कर चुके से अब तक 250 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बेचा की मंजूरी दी गई है।
हैं। डेढ़ एकड़ की डेयरी में अभी आधे में जा चुका है।
गाय पालन किया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 15


स्वस्थ छत्तीसगढ़

घर के दरवाजे पर

इलाज
फोटो : जनमन
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
14 नगर निगम
में 60 मोबाइल
मेडिकल यूनिट
2823 1,54,616
स्वास्थ्य शिविर अब तक मरीजों का हुआ इलाज अब तक
900
स्लम क्षेत्रों में पहुंची योजना

जनमन िरपोर्ट

छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की अधोसंरचना के साथ इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि
वास्तविक मरीजों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे। ज्यादातर मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं।
सामाजिक और आर्थिक कारणों की वजह से बहुत से मरीज मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित
रह जाते हैं। सरकार ने इसी का तोड़ निकालते हुए स्वास्थ्य की सुविधाओं को घरों की चौखट तक
पहुंचाने का काम किया है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट के
जरिए डाक्टरों की टीम लोगों के घरों के द्वार तक पहुंचकर उनका इलाज कर रहे हैं।
16। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन
स्वस्थ छत्तीसगढ़

घर बैठे हो रहा है इलाज


चंगोराभाठा की
कौशल्या बाई
मुख्यमंत्री शहरी
स्लम स्वास्थ्य
1 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री
स्लम स्वास्थ्य योजना की घोषणा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने की
थी। िजसके बाद नवंबर 2020 से
मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिए
लोगों के चौखट तक डॉक्टरों की टीम पहुंचने
बुखार और सिरदर्द
से मिली निजात
कटोरातालाब
की संतोषी
दास लगातार
योजना के दो बार इलाज
तहत मोबाइल लगी और उन्हें अपने घर के दरवाजे पर ही
इलाज की सुिवधा िमलने लगी। लगभग दो ही करवा चुकी हैं।
मेडिकल यूनिट सर्दी-बुखार और
में अपना इलाज माह के भीतर 14 नगर िनगम में 60 मोबाइल
यूिनट के जरिए 2823 िशविर लगाए गए। थायराइड की
कराया। यहां बीपी और शुगर की जांच समस्या थी।
के बाद उनको दवाई दी गई। कौशल्या इसमें अब तक 1 लाख 54 हजार 616 मरीजों
का इलाज किया गया। इस योजना से निचली दवाइयों से तबीयत में सुधार हो
का कहना था कि पहले इलाज के लिए रहा है। संतोषी कहती हैं कि पहले
बड़े अस्पताल जाना पड़ता था, लेकिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को काफी राहत
मिली है। यूनिट में लैब टेस्ट के जरिए खून, इलाज के लिए निजी अस्पताल
अब घर के पास ही इलाज मिलने से जाना पड़ता था, जिसमें काफी
राहत है। बीपी, शुगर और पेशाब आिद की जांच तुरंत
हो जाती है। जांच-पड़ताल के बाद दवाइयां भी पैसा खर्च हो जाता था। अब वही
इलाज यहां फ्री में हो रहा है।
मोहल्ले में इलाज दी जाती हैं।
रायपुर जिले में अब तक 792 कैंप में
होने से िमल रहा फायदा 41 हजार 226 मरीजों का इलाज किया गया।
चंगोराभाठा की इसमें से 12 हजार 296 मरीजों का लैब टेस्ट श्रम कार्ड बनाने के लिए
रामप्यारी यादव किया गया और 36 हजार 213 लोगों को दवा मिले थोक में आवेदन
को चलने-फिरने दी गई। इसी तरह प्रदेश की 14 नगर निगमों
में दिक्कत में 1 लाख 54 हजार से ज्यादा मरीजों को निगम श्रम विभाग आवेदन
थी। जांच के मोबाइल मेडिकल यूनिट का फायदा मिला है। में पंजीकृत प्राप्त
लिए मोबाइल मरीज
मेडिकल यूनिट श्रम कार्ड बनाने का भी काम रायपुर 18202 8966
पहुंची। उनका
भी बीपी और शुगर चेक किया गया। िबरगांव 3813 579
स्लम इलाकों में इलाज के साथ श्रम कार्ड
इसके बाद दवा दी गई, जिससे उन्हें बनाने की भी व्यवस्था है। मोबाइल मेडिकल धमतरी 2319 1011
राहत मिली है। रामप्यारी कहती हैं यूनिट के साथ श्रम कार्ड बनाने वाली भी टीम दुर्ग 631 1334
कि मोहल्ले और घर के करीब में वार्डों में मौजूद रहती है। रायपुर जिले में 792 भिलाई 2041 2468
इलाज होने से फायदा कैंप में 8 हजार 966 लोगों के श्रम कार्ड बनाने रिसाली 1032 1109  
हुआ है। के आवेदन मिले हैं। श्रम विभाग की ओर से
उन्हें कार्ड जारी किए जा रहे हैं। चरोदा 704 758
राजनांदगांव 1857 2800
मरीजों का पंजीयन ऑनलाइन बिलासपुर 3430 5980
कोरबा 3836 2593
मोबाइल मेडिकल यूनिट में मरीजों का पंजीयन
रायगढ़ 636 1198
ऑनलाइन किया जा रहा है। ‘सेवा प्लस’
साफ्टवेयर में प्रत्येक मरीज का नाम, बीमारी अंबिकापुर 1358 867
का पूरा िववरण रखा जाता है। इससे फायदा चिरमिरी 203 441
यह होता है कि दोबारा इलाज के लिए जाने पर जगदलपुर 2677 2736
मरीज की पूरी केस िहस्ट्री मिल जाती है। सभी
कुल 42739 32840
यूनिट में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
नोट- आंकड़े 11 जनवरी 2021 तक के

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 17


स्वस्थ छत्तीसगढ़

प्रदेश भर के मरीजों को मिला फायदा पहले जाना पड़ता था


प्राइवेट अस्पताल
निगम कैंप संख्या मरीज संख्या लैब टेस्ट दवा वितरण रायपुरा निवासी
रायपुर 792 41226 12296 36213 सरिता रहंगडाले
िबरगांव 82 4698 1744 3941 का कैंप में
धमतरी 88 5324 1682 3483 थाइराइड और
शुगर चेकअप
दुर्ग 223 12089 1915 10138 किया गया।
भिलाई 169 10419 2648 9624 उन्होंने बताया
रिसाली 109 5512 1227 4118   कि हाथ, पैर में
चरोदा 111 5695 1044 5278 दर्द होने पर इलाज के लिए पहुंची हुई
थी। डॉक्टरों ने अच्छे से इलाज किया
राजनांदगांव 223 10277 2514 9695  
और दवाइयां भी दीं। पहले प्राइवेट
बिलासपुर 230 17794 3115 16166 अस्पताल में जाना पड़ता था, लेकिन
कोरबा 306 15409 4963 12529 यहां पर नि:शुल्क इलाज हो रहा है।
रायगढ़ 170 9543 2274 8999
अंबिकापुर 110 6854 2561 5760
छोटी जांच के लिए भी
चिरमिरी 52 2989 671 2509
जाना पड़ता था काफी दूर
जगदलपुर 158 6787 1980 4770 रायपुरा में
रहने वाली
कुल 2823 154616 40634 133223 श्यामकला
नोट- आंकड़े 11 जनवरी 2021 तक के गौतम के
हाथ-पैर में दर्द
अस्पताल जाने की जरूरत 50 से अधिक की समस्या का
नहीं, नि:शुल्क इलाज भी मरीजों का इलाज इलाज किया
वार्डों में चार्ट के अनुसार स्वास्थ्य गया। उन्होंने
राजेंद्र नगर में रहने कहा कि सरकार की यह योजना
वाले गोविन्द यादव कैंप का आयोजन किया जाता
है जिसमें महिलाओं की संख्या काफी अच्छी है। घर के आसपास
सीने में दर्द होने पर में ही नि:शुल्क इलाज मिल रहा है।
इलाज के लिए पहुंचे ज्यादा है। कैंप में 30 से 60 वर्ष
तक की महिलाएं इलाज के लिए छोटी-छोटी जांच के लिए काफी दूर तक
हुए थे. गोविन्द कहते अस्पताल में जाना पड़ता था। अब घर
हैं कि पहले इलाज के ज्यादा आती हैं। एक कैंप में 50
से अधिक मरीजों का इलाज के करीब में ही इलाज मिल रहा है।
लिए अस्पताल जाना
पड़ता था, लेकिन किया जा रहा है। मोबाइल मेडिकल यूनिट
अब घर के पास ही बीमारी का इलाज हो रहा के पहुंचने से काफी राहत
है. इससे काफी राहत मिली है और नि:शुल्क
इलाज घर के पास ही हो रहा हैं. उन्होंने होने की शिकायत थी. भीमनगर
इलाज से संतुष्ट होने के बाद कहा कि यह जिसका उन्होंने इलाज निवासी सुप्रिया
योजना काफी राहत दे रही है. इससे दूर किसी कराया. डॉक्टरों की निरापुरे के पैर
अस्पताल में जाने की जरूरत नहीं होगी. तरफ से इलाज होने के में सूजन और
बाद उन्हें दवाइयां भी दर्द की शिकायत
मोबाइल मेडिकल यूनिट दी गईं. मुख्यमंत्री स्लम थी। सुप्रिया
कहती है कि घर
योजना की तारीफ़ स्वास्थ्य योजना की
के पास मोबाइल
उन्होंने तारीफ़ करते
न्यू राजेंद्र नगर निवासी चंद्रशेखर किशोर पहली हुए कहा कि यह योजना काफी अच्छी है. इससे मेडिकल यूनिट लगने से और मोबाइल
बार मोबाइल मेडिकल यूनिट में इलाज कराने लोगों को इलाज में मदद मिल रही है और घर मेडिकल यूनिट के पहुंचने से काफी
के लिए पहंचे. चंद्रशेखर को शरीर में खुजली के करीब में ही. राहत मिली है।

18। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


हौसले को सलाम

ताकत वतन की हमसे है...


जनमन िरपोर्ट

बहादुरी का परिचय देने वाले इन बच्चों के जज्बे और हौसले को हर कोई सम्मान करता है। इन
बच्चों ने जिंदगी बचाने के लिए ऐसी बहादुरी दिखाई है कि हर कोई इनकी कहानी सुनना चाहेगा।
जी हां, इन बच्चों के साहस को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य वीरता पुरस्कार 2020-21 के लिए
चयनित किया। राज्य वीरता पुरस्कारों के लिए चयनित बच्चों में रायपुर निवासी 12 वर्षीया कुमारी
उन्नति शर्मा, कुरूद (धमतरी) निवासी 12 वर्षीया कुमारी जानवी राजपूत और खुड़मुड़ा
(दुर्ग) के रहने वाले दुर्गेश सोनकर शामिल हैं।
घर में लगी आग, बोरे में छुपाकर भाइयों
भाई की बचाई जान बांस से पीटकर बिजली को बचाया हत्यारे से
रायपुर के आरडीए कॉलोनी डॉ. हेमन्त शर्मा
के तार से छुड़ाया भाई को दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव के निवासी श्री
अपनी 11 वर्षीय पुत्री कुमारी उन्नति शर्मा कुरूद के श्री भारत भूषण राजपूत बाला सोनकर 21 दिसम्बर 2020 को अपने
और अपने ढाई साल के पुत्र श्रीहान को साथ का 5 वर्षीय पुत्र चिरंजीव शिवांश परिवार के साथ खेत में बने अपने मकान
लेकर अपने भाई श्री मनीष दुबे के वसुन्धरा राजपूत 15 अगस्त 2019 को सुबह में सो रहे थे। रात में आरोिपयों द्वारा श्री
विहार रायपुर स्थित घर गई थीं। 13 मार्च 11.30 बजे अपने घर की छत पर बाला सोनकर, पत्नी दुलारी बाई बेटे श्री
2020 को कुमारी उन्नति के मामा-मामी खेल रहा था। खेलते हुए शिवांश रोहित और बहू श्रीमती कीर्ति सोनकर की
नौकरी पर चले गए थे। घर में उन्नति और बिजली तार की चपेट में आ गया। हत्या कर दी गई। श्री रोहित का कक्षा पांचवीं
उसका छोटा भाई शिवांश को बचाने में अध्ययनरत 11
श्रीहान ही थे। दोपहर की कोशिश में वर्षीय पुत्र दुर्श
गे
में जब श्रीहान सो उसकी मां और चीखने-चिल्लाने
गया तब उन्नति घर बहन भी बिजली की आवाज सुनकर
से बाहर बच्चों के साथ के झटके से दूर जाग गया। किसी
खेल रही थी। खेलते गिर गईं। शिवांश अनजानी आशंका
हुए बच्चों ने अचानक की 12 वर्षीय बड़ी के चलते उसके बाल
देखा कि उन्नति के बहन जान्हवी मन में अपने तीन
मामा के घर से धुआं निकल रहा है। उन्नति राजपूत ने सूझ-बूझ से काम लेते छोटे भाइयों की सुरक्षा की चिन्ता हुई। उसने
के छोटे भाई श्रीहान के रोने की आवाज आ हुए छत में रखे बांस को उठा लिया अपने भाइयों को सब्जी रखने के बोरे से
रही थी। उन्नति ने बिजली के मेन स्वीच और तार पर जोर-जोर से मारने ढंक दिया, जिससे हत्यारे की नजर मासूमों
को बंद किया और दौड़ कर उस कमरे में लगी। इससे शिवांश बिजली के पर नहीं पड़ी और सभी सकुशल बच गए।
गई। वह अपने छोटे भाई को गोद में उठाकर तार से छूट गया लेकिन छत से मां को खून से लथपथ देख कर दुर्श गे रोने
बाहर आ गई और लगभग 200 मीटर दूर नीचे गिरने लगा। बहन जान्हवी ने लगा, तब आरोपी ने दीवार से उसके सिर
निवासरत अपने मौसा श्री हितेन्द्र तिवारी को हिम्मत दिखाते हुए शिवांश का हाथ को दो बार जोरदार टक्कर मार दी, जिससे
मोबाइल फोन से सूचना देकर घर बुलाया। पकड़कर उसे ऊपर खींच िलया। दुर्शगे भी घायल हो गया।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 19


बड़ी उपलब्धि

उद्योगों को लुभा रहा


छत्तीसगढ़
दो साल में

104
एमओयू

42,000
करोड़ का
निवेश

64,000
क लिए
रोजगार

फोटो : गूगल

मुख्यमंत्री श्री भूपश


े बघेल की सोच से जनमन िरपोर्ट
राज्य में औद्योगिक क्रांति का माहौल
बना है। छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने के
लिए उद्योगपति आकर्षित हो रहे हैं।
इसी का परिणाम है कि पिछले दो सालों
में 104 एमओयू हुए हैं। इसके जरिए
पि छले दो सालों में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की
अगुवाई में प्रदेश उद्योग घरानों को लुभा रहा है। असामान्य
परिस्थितियों के बावजूद राज्य को 464 स्टार्टअप शुरू करने में
सफलता मिली है। नई सरकार बनने के बाद एक जनवरी 2019
से लेकर अब तक 104 एमओयू हुए हैं जिसके जरिए राज्य में 42 हजार 714
करोड़ रुपए से अधिक का इन्वेस्टमेंट होगा। अकेले स्टील सेक्टर में सबसे ज्यादा
प्रदेश में 42 हजार 714 करोड़ रुपए का 78 एमओयू हुए हैं। जिसमें 37306.39 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है,
पूजी
ं निवेश प्रस्तावित है। साथ ही प्रदेश सीमेंट सेक्टर में एक एमओयू में 2000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश प्रस्तावित है।
इसी तरह एथेनॉल सेक्टर में 7 एमओयू के जरिए 1082.82 करोड़ का पूंजी निवेश
के युवाओं के लिए 64 हजार से अधिक होगा। फूड सेक्टर में 5 एमओयू के माध्यम से 283.61 करोड़, फार्मास्युटिकल
रोजगार के नए अवसर सृजित होंग।े सेक्टर में 3 एमओयू के माध्यम से 56.41 करोड़ रुपए, डिफेंस सेक्टर में 3

20। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बड़ी उपलब्धि

सेक्टर एमओयू प्रस्तावित निवेश (रू.) रोजगार


स्टील 78 37306.39 करोड़ 53,694
सीमेंट 01 2000 करोड़ 450
एथेनॉल 07 1082.82 करोड़ 986
फूड 05 282.61 करोड़ 2,434
फार्मास्युटिकल 03 56.41 करोड़ 393
डिफेंस 03 529.50 करोड़ 4494
इलेक्ट्रानिक्स 02 30.76 करोड़ 258
सोलर 01 245 करोड़ 280
अन्य 04 1179.99 करोड़ 1,105

कृषि और वनोपज आधारित सरकारी नीतियों


उद्योगों को प्राथमिकता के कारण माहौल
राज्य सरकार की नयी उद्योग नीति में कृषि कोरोना काल में पूरा देश
और वनोपज आधारित उद्योगों को प्राथमिकता आर्थिक मंदी से प्रभावित था, वहीं
दी गई है। खनिज आधारित उद्योगों को हर तरह छत्तीसगढ़ में उद्योग जगत मंदी
का प्रोत्साहन दिया जा रहा है। नई औद्योगिक से अछूता रहा। लॉकडाउन के
नीति के तहत अब इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड दौरान देश में सबसे पहले अप्रैल
स्टील) क्षेत्र के मेगा अल्ट्रा मेगा महीने में छत्तीसगढ़ के उद्योगों
प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष में काम शुरू हुआ। उद्योगों की
निवेश प्रोत्साहन पैकेज की कठिनाइयों को देखते हुए कई
व्यवस्था की गई है। तरह की रियायतें और सुविधाएं
मेगा निवेशकों के लिए दी गईं। कोर सेक्टर के उद्योगों
इस पैकेज में अधिकतम को बिजली शुल्क में छूट दी गई।
500 करोड़ रुपए तक निवेश कच्चे माल की आवक बनी रहे
प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बस्तर और तैयार माल बाजार तक
संभाग के लिए 1000 करोड़ का निवेश पहुंचता रहे, इसके लिए सभी
एमओयू के माध्यम से 529.50 करोड़ रुपए, प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निवेशकों को सिर्फ जरूरी इंतजाम किए गए। दूसरे
इलेक्ट्राॅनिक्स सेक्टर में 2 एमओयू के माध्यम छूट और सुविधा ही नहीं दी जा रही, बल्कि राज्यों से कच्चा माल आसानी
से 30.76 करोड़ रुपए, सोलर सेक्टर में एक इस बात का भी ख्याल रखा गया है कि वे से छत्तीसगढ़ आ सके, इसके
एमओयू के माध्यम से 245 करोड़ रुपए प्रदेश में आसानी के साथ उद्योग स्थापित कर लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए
तथा अन्य सेक्टरों में 4 एमओयू के माध्यम सकें। इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण गए। स्टील और सीमेंट उद्योग
से 1179.99 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन की गतिविधियां चलती रहें, इसके
प्रस्तावित है। इससे स्टील सेक्टर में 53,694, के लिए भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी लिए सड़क और भवन निर्माण का
सीमेंट सेक्टर में 450, एथेनॉल सेक्टर में की गई है। भू-भाटक में एक प्रतिशत की कमी काम जारी रखा गया। बिजली
986, फूड सेक्टर में 2,434, फार्मास्युटिकल की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में 10 एकड़ तक की दरों में कोई बदलाव नहीं
सेक्टर में 393, डिफेंस सेक्टर में 4494, आवंटित भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड किया गया। नियम शर्तों में भी
इलेक्ट्राॅनिक्स सेक्टर में 258, सोलर सेक्टर में करने के लिए नियम बनाए गए हैं। औद्योगिक कोई बदलाव नहीं किया गया।
280 तथा अन्य सेक्टरों में 1,105 रोजगार के भूमि और भवन प्रबंधन नियमों का सरलीकरण राइस मिलों को ऊर्जा प्रभार में
अवसर निर्मित होंगे। किया गया है। पांच प्रतिशत की छूट दी गई।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 21


बड़ी उपलब्धि

उद्योग जगत के लोगों


दिखाई दिलचस्पी
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने
पिछले दिनों असम प्रवास के
दौरान गुवाहाटी में छत्तीसगढ़ में
विनिर्माण और संबद्ध क्षेत्रों में
पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के
लिए उत्तर पूर्व क्षेत्र के विभिन्न
औद्योगिक संगठनों और उद्योगों फोटो : जनमन
के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।
पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स
के प्रतिनिधियों ने उत्तर पूर्व क्षेत्र
के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल की नीतियों ने उद्योगों के लिए बेहतर वातावरण तैयार
उत्तर पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन किया है, उनकी नीति काफी लचीली भी है। अगर सरकार से किसी बड़े उद्योग
कॉर्पोरेशन, श्री मनोज कुमार स्थापना के लिए डिमांड होती है, तो उसे आसानी से पूरा किया जाता है। मौजूदा
दास और उप निदेशक, पीएचडी सरकार इस मामले में काफी गंभीर है। सरकार चाहती है कि हमारे यहां रोजगार
चैम्बर उत्तर पूर्व क्षेत्र श्री एस. के. बढ़।े खासतौर पर पिछड़े इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ने
हजारिका के नेतृत्व में श्री बघेल से िहंसावादी संगठनों से स्थानीय लोग दूर होंग।े जहां पर
से मुलाकात की और छत्तीसगढ़ रोजगार के साधन होते हैं, वहां पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष फायदा
में पूंजी निवेश की संभावनाओं पर सभी को होता है। सरकार को भी होता है और उद्योगों को भी
विचार-विमर्श किया। होता है। सरकार की पॉलिसी से उद्योगों के लिए संभावनाएं
खुल गई हैं। उद्योग लगाने वाले भी काफी गंभीर हैं, जगदलपुर
में जगह मिल गई तो वहां पर काफी उद्योग लगेंग।े राज्य में
ग्रीन वैली राइस टक े और भी जगहों पर लोग उद्योग लगाने की सोच रहे हैं।
की भी छत्तीसगढ़ में रुचि श्री कमल सारडा, उद्योगपति
मुलाकात के दौरान आईआईएम
कलकत्ता इनोवेशन पार्क नई यूनिटों के लिए एमओयू होने से रॉ-मटरे ियल ज्यादा से ज्यादा उद्योगों में लगेंग।े
इनक्यूबेटर के मुख्य परिचालन सामान के परिवहन का कार्य भी बढ़ग े ा। हर यूनिट में रोजगार के द्वार खुलग
ें ।े
अधिकारी श्री प्रांजल कोंवर ने राज्य का कैपिटल इनकम भी बढ़ग े ा। राज्य सरकार के साथ
बताया कि ग्रीन वैली राइस टक े एमओयू होने का सबसे अच्छा पार्ट यह है कि लोकल उद्योगों
प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री की संख्या ज्यादा बढ़ रही है, क्योंकि अब रोड शो के जरिए
आशीष कुमार बजाज ने भी कई उद्योग नहीं आ रहे हैं, बल्कि यहां लगने वाले उद्योग ही हैं।
क्त्षे रों में छत्तीसगढ़ में निवेश करने इससे विशेष तौर पर बस्तर को फायदा होगा। वहां पर स्टील
में अपनी रुचि दिखाई। प्लांट जाएंगे और फूड प्रोसेसिग ं के प्लांट भी लगेंग।े इसमें
कृषि से संबधं ी उद्योग भी तैयार होंग।े बस्तर पहले पिछड़ा हुआ
था, जो अब मेन स्ट्रीम में आएगा।
िनवेशकों से रूबरू श्री अमर परवानी, अध्यक्ष, सीएआईटी
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के
प्रतिनिधियों ने उत्तर पूर्व परिषद के सह अध्यक्ष प्रकाश डाला। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री एण्ड श्री बघेल ने सभी प्रतिनिधियों के साथ
श्री अभिजीत बरूआ और सीआईआई के कॉमर्स और नॉर्थ ईस्टर्न रीजन के निदेशक विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ की
निदेशक श्री शांता सरमा के नेततृ ्व में मुख्यमंत्री श्री बिस्वजीत हजारिका, भारतीय वाणिज्य एवं क्षमताओं, संसाधनों और संभावनाओं पर
से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल उद्योग महासंघ (फिक्की) के प्रतिनिधि और प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ नई औद्योगिक नीति
ने छत्तीसगढ़ में उद्योग और व्यापार को बढ़ावा बीएमजी इन्फॉरमेटिक्स के सह-संस्थापक श्री 2019-24 की प्रमुख विशेषताओं के बारे में
देने की राज्य सरकार की नीति और पूज ं ी निवेश जॉयदीप गुप्ता और श्री मोनोजीत भट्टाचार्जी ने बताया, जो समावेशी आर्थिक विकास पर
आकर्षित करने के लिए भविष्य की योजना पर भी गुवाहाटी में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। केंद्रित है। राज्य में निवेश के प्राथमिकता वाले

22। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बड़ी उपलब्धि

प्रदेश में 798 हेल्थ एंड


वेलनेस सेंटर क्रियाशील
हैं। गैर संचारी रोग और
प्राथमिक डायग्नोस्टिक
की सुविधा उपलब्ध

फोटो : जनमन
कराई गई है। वर्ष 2019-
20 में 1000 नए हेल्थ
एंड वेलनेस सेंटर
उद्योगपतियों व युवाओं, दोनों को फायदा विकसित करने के
लिए मंजूरी दी गई
छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाना इसलिए बेहतर है, क्योंकि
है। मार्च 2019 की
यहां 100 रुपए के निवेश के बदले 150 रुपए का मुनाफा स्थिति में टीकाकरण
हासिल हो रहा है। देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है, जो इतने का 92 प्रतिशत लक्ष्य
मुनाफे के साथ सहुलियत प्रदान करता हो। इतना ही नहीं पूर्ण कर लिया गया है।
सरकार यह उद्योग आदिवासी इलाकों में तो लगावा रही है, नियमित टीकाकरण
वह भी सरकारी जमीनों पर। हम आदिवासियों की एक इंच कार्यक्रम में टीडी वैक्सीन
भी जमीनें नहीं ले रहे। उद्योग लगाने के बाद स्थानीय लोगों का समावेश 613 कोल्ड
को रोजगार दिया जा रहा है, ताकि वहां के लोगों का विकास चैन पाइंट वैक्सीन
हो। हाल ही में बस्तर के लिए 101 एमओयू साइन हुए हैं, के निश्चित तापमान
उम्मीद है, उसमें से ज्यादातर जल्द ही यहां उद्योग स्थापित पर रखरखाव के
करेंग।े बस्तर और सरगुजा संभाग के साथ-साथ प्रदेश श्री कवासी लखमा लिए 17 नए केंद्र बनाए
के ऐसे आदिवासी क्त् षे रों में उद्योगों को बढ़ावा देना हमारी उद्योग मंत्री गए हैं।
प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री भूपेश
बघेल ने जिलों में बंद हो
क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इथेनॉल, रत्न चुकी खदानों को जल
और आभूषण, लघु वनोपज आदि के बारे में संरक्षण स्रोतों के रूप में
प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ की भूमि दरों और विकसित करने के निर्देश
पट्टे के किराए में राज्य सरकार द्वारा दी गई कलेक्टरों को दिए हैं।
फोटो : जनमन

रियायतों के बारे में भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री उन जगहों पर मछली-


ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने पिछले दो सालों में पालन, बोटिंग, फ्लोटिंग
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रगतिशील रेस्टोरेंट जैसी आजीविका
कदम उठाए हैं, जिससे भारत में सबसे पसंदीदा मूलक गतिविधियां प्रारंभ
निवेश स्थलों के रूप में छत्तीसगढ़ भी उभरा है। की जाएंगी। इन जगहों
छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक संसाधनों में वेल्यू को विकसित करने के
एडीशन और विभिन्न प्रकार के उद्योगों के लिए मनरेगा, डीएमएफ,
प्रारंभ होने से विकास की नई संभावनाएं निर्मित सीएसआर, पर्यावरण
हुई हैं। उद्योग और व्यापार जगत में नवाचार और अधोसंरचना
और प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग से छत्तीसगढ़ मद सहित विभागीय
ने भारत में पसंदीदा िनवेश स्थल के रूप में योजनाओं की मदद ली
विशेष पहचान बनाई है। श्री बघेल ने निवेशकों जाएगी।
फोटो : जनमन

को यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में अनुकूल


कारोबारी माहौल है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 23


नया अंदाज
जनमन िरपोर्ट

भूपशे बघेल सरकार ने 17


दिसंबर 2020 को दो साल
का कार्यकाल पूरा किया।
इसके तुरतं बाद मुख्यमंत्री
ने सरकार की योजनाओं
की जमीनी हकीकत
और जनता के दुख-दर्द
को जानने के उद्शदे ्य से
संभागवार दौरा शुरू किया
है। वे जिलों में रात गुजार
रहे हैं। अधिकारियों-
कर्मचारियों से हल्के-फुल्के
फोटो : जनमन

अंदाज में मीटिंग ने उनके


लोक प्रशासन के नए

सरोकार-संवाद का
स्वरूप को देखा है। बीते दो
माह में मुख्यमंत्री ने सरगुजा
और बिलासपुर संभाग के
सभी जिलों का दौरा किया।
इसके बाद वे बस्तर संभाग
के दौरे पर िनकल गए। लोक प्रशासन
2,500 11 9 5,936
सरगुजा व
बिलासपुर
संभाग किलोमीटर जिलों में पहुंचे जिला मुख्यालय में करोड़ रुपए
दौरा की यात्रा मुख्यमंत्री रात्रि िकया विश्राम की दी सौगात

स रगुजा और बिलासपुर संभाग


दौरे के दौरान मुख्यमंत्री
श्री भूपेश बघेल ने 2500
किलोमीटर से अधिक की
यात्रा की। दो संभागों के 9 जिला मुख्यालयों में
रात्रि विश्राम किया। 11 जिलों में जन सुविधा के
विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं
भूमिपूजन किया। शासन की विभिन्न योजनाओं
के तहत हितग्राहियों को 16 करोड़ 35 लाख
रुपए की सामग्री एवं अनुदान सहायता राशि
का चेक प्रदान किया। कोरबा में ऑक्सीजोन
के निर्माण तथा रायगढ़ नगर निगम को विकास
की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने बस्तर
संभाग का दौरा किया।
कोरोना काल में मुख्यमंत्री के दौरे ने उनके
विजन, सोच और स्वभाव को भी रेखांकित
किया है। इसकी झलक बिलासपुर प्रवास के
दौरान उस वक्त देखने को मिली जब उन्हें
लिए 5 हजार 936 करोड़ रुपए की लागत वाले कार्यों के लिए 10-10 करोड़ रुपए दिए जाने स्थानीय विधायक श्री शैलेश पांडे ने राजा

24। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


नया अंदाज

कहकर संबोधित किया तो सहसा वे बोल उठे,


‘मैं राजा नहीं किसान का बेटा हूं और मुझे
किसान ही रहने दीजिए।’ इसी तरह का एक
और वाकया रायगढ़ जिले के बंगुरसिया धान
खरीदी केन्द्र में हुआ, जहां समिति के अध्यक्ष
ने कहा कि वे पहले किसानों को धान बेचने का फोटो : जनमन
मौका देना चाहते हैं, उसके बाद ही वे अपना
धान बेचेंगे। यह सुनकर मुख्यमंत्री काफी खुश
हुए और उन्होंने तुलसीदास के इस प्रचलित दोहे अफसरों-कर्मियों से संवाद का नया अंदाज
‘मुखिया मुख सो चाहिए खान पान कहुँ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने प्रवास दौरान धान खरीदी केन्द्रों में किसानों से
एक। पालइ पोषइ सकल अंग तुलसी सहित सीधी बातचीत कर रहे हैं। वे ठेठ किसानी अंदाज में हाथों से धान को रगड़कर
बिबेक’ के जरिए उनकी तारीफ की। इस दोहे गुणवत्ता जांच रहे हैं। गौठानों में जाकर गोपालकों, महिलाओं से चर्चा कर कामकाज
का अर्थ यह है कि मुखिया मुख के समान होना के साथ उनके रोजगार के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। वे गांवों के पारंपरिक
चाहिए जो खाने-पीने को तो अकेला है, लेकिन कामकाज मसलन चारा काटना, गौ माता को चारा खिलाना काफी सहजता के
विवेकपूर्वक सब अंगों का पालन-पोषण करता साथ करते हैं। स्कूली बच्चों के साथ सेल्फी लेना और उनके साथ खेलना उनको
है। इन दोनों वाकये से मुख्यमंत्री श्री भूपेश आम लोगों के नजदीक ला रहा है। इसके कारण गांव वाले बेखौफ उनसे संवाद
बघेल के स्वभाव, सोच और मंशा का अंदाजा करते हैं। इसी तरह सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ भी बातचीत का
लगाया जा सकता है कि वे मुख्यमंत्री बनने के अंदाज अलग है। जिले के बड़े-छोटे अधिकारियों से मिलते हैं, तो शासन-प्रशासन
बाद भी जनता के लिए उसी तरह सहज हैं, की कम और पारिवारिक बातचीत ज्यादा हो रही है। वे नए अफसरों से शादी के
साथ ही उन्होंने तुलसी के दोहे के आधार पर बारे में चर्चा करते हैं, तो किसी से बच्चों के बारे में पूछते हैं। घर के बुजुर्ग से लेकर
लोक प्रशासन की उस अवधारणा का महत्व परिवार के सदस्यों के बारे में मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए अफसर-कर्मी उत्साहित
बता दिया, जिसकी कल्पना हमारे पुरखों ने की रहते हैं। प्रशासनिक मुलाकातों में डायरी पेन को बाहर छोड़कर आने के निर्देश रहते
थी। मुख्यमंत्री यह भी बताना चाह रहे हैं कि हैं। ऐसी बैठकों के बाद अधिकारी भी तरोताजा होकर बाहर निकलते हैं।
अगर सोसायटी का अध्यक्ष ऐसा सोचते हैं तो
वे अपने लिए भी ऐसा ही सोचते हैं, क्योंकि
उन्हें भी तो जनता ने प्रदेश का मुखिया बनाया श्री भूपेश बघेल ऐसी शख्सियत हैं, जिनकी है। ऐसे में मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति है।
है। मुखिया होने के नाते उनकी जवाबदारी तालीम और संस्कार सरोकार तथा संवाद से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का यह कदम उनकी
जनता और छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करना जुड़े हैं। दरअसल वे जिस इलाके से आते हैं, मजबूत इच्छा शक्ति को दर्शाता है। इससे न
है। मुख्यमंत्री ने तुलसीदास के इस सूत्र वाक्य वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमि है और राजनीति का संक्रमण काल खत्म होगा और
को अपने व्यवहार में भी लाया है और कोरोना उनको यह शैली विरासत में मिली है। जहां अंत्योदय योजना को लागू करने में मदद
काल में मुख्यमंत्री मुख्यालय से नहीं बल्कि व्यवहार और जनमत संग्रह की परंपरा है। सूक्ष्म मिलेगी। उनका कहना है कि मौजूदा समय में
फील्ड में जाकर देख रहे हैं कि शरीर के जनता विषयों को लेकर चलने की फितरत है। पारंपरिक लोक प्रशासन में बदलाव लाने की भी
रूपी अंगों का सही पालन-पोषण हो रहा है श्री चंद्राकर का कहना है कि अब कैपिटल जरूरत है और ये इसी तरह हो सकता है। लोक
अथवा नहीं। से राजनीति का युग बीत गया है, इसलिए यह प्रशासन में विकास का अभिप्राय राजनीतिक,
दुर्गा महाविद्यालय के राजनीितशास्त्र के जरूरी हो गया है कि छोटी-छोटी जगहों पर आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक विकास से
प्रोफेसर श्री अजय चंद्राकर का मानना है कि जाकर देखना होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल है। उनके इस प्रयास से संपूर्ण विकास संभव है।
इससे मुख्यमंत्री और जनता के बीच स्पिरिचुअल भी यही कर रहे हैं और इससे निश्चित तौर पर रिटायर्ड अपर मुख्य सचिव श्री बीकेएस
रिलेशनशिप डेवलप हो रहे हैं। जब छत्तीसगढ़ राज्य का फायदा होगा। जनप्रतिनिधि समस्या रे का भी मानना है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश
में धान खरीदी चल रही हो और सियासतदारों तथा आम लोग योजनाओं का फीड बैक बघेल के दौरे और स्पॉट में रात गुजारने का
के बीच यह बड़ा मुद्दा बना तब उनका दौरे पर बताएंगे। इसके बीच स्टील फ्रेम्ड ब्यूरोक्रेसी के फायदा होगा। इससे नीति बनाने और योजनाओं
निकलना साहसिक कदम है। आमतौर पर ऐसे कारण जो दिक्कतें आती है, वो दूर होंगी। के क्रियान्वयन में आसानी होगी। उनका
समय में राजनेता दौरों से कतराते हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ कॉलेज में लोक प्रशासन की जनता से सीधा संवाद स्थापित हो रहा है। यह
उनको लगता है कि बोरों में ज्ञापन मिलेंगे, प्राध्यापक सुश्री शिल्पी घोष का कहना है लोक प्रशासन के हिसाब से काफी फायदेमंद
लिहाजा वे बचने की कोशिश करते हैं, लेकिन कि यह राजनीति का संक्रमण काल चल रहा साबित होगा।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 25


ध्वजारोहण
किसानों, ग्रामीणों तथा किसानों-कर्मवीरों-
आम जनता का सबसे वन आश्रितों-स्थानीय

सलाम बड़ा संरक्षक हमारा


संविधान
कलाओं के लिए खोला
सरकारी खजाना

गणतंत्र
72 वें गणतंत्र दिवस पर
प्रदेश की राज्यपाल सुश्री
अनुसुईया उईके ने रायपुर
में ध्वजारोहण कर परेड
की सलामी ली और अपने
उदबोधन में कोरोना योद्धाओं
और वैज्ञानिकों को नमन
किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में
संचालित योजनाओं को भी
सराहा। विधानसभा अध्यक्ष
डॉ. चरणदास महंत समेत
प्रदेश के मंत्रियों ने भी
अपने प्रभार जिलों में सुश्री अनुसुईया उईके डॉ. चरणदास महंत
ध्वजारोहण किया है। राज्यपाल
छत्तीसगढ़
विधानसभा अध्यक्ष
छत्तीसगढ़

श्री ताम्रध्वज साहू श्री टी. एस. सिंहदेव श्री रविन्द्र चौबे डॉ. प्रेमसाय सिंह श्री मोहम्मद अकबर श्री कवासी लखमा
गृह मंत्री पंचायत, स्वास्थ्य मंत्री कृिष मंत्री स्कूल िशक्षा मंत्री परिवहन व वन मंत्री उद्योग मंत्री
छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन

26। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


ध्वजारोहण

कोरोना वैक्सीन की प्रदेश की 97% आबादी 2 वर्षों में औसतन दूरसंचार टॉवर बस्तर का नगरनार
खोज करने वाले को पोषण सुरक्षा: 2 हजार बसाहटों व हवाई सेवाओं से इस्पात संयंत्र खरीदने
वैज्ञानिकों को 99 हजार बच्चे हुए में प्रतिवर्ष पहुंचाई बस्तर में एक नए छत्तीसगढ़ सरकार
किया नमन कुपोषण मुक्त बिजली युग की शुरुआत तैयार

संविधान किसान और जनता


का सबसे बड़ा संरक्षक : सीएम
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के जगदलपुर
के लालबाग मैदान में ध्वजारोहण कर कोरोना
योद्धाओं का सम्मान किया और कहा कि देश
का संविधान किसानों, ग्रामीणों और आम
जनता का सबसे बड़ा संरक्षक है। राज्य में अब
तक का सर्वाधिक रिकाॅर्ड धान खरीदी हुई है।
साथ ही किसानों, कर्मवीरों, वन-आश्रितों और
स्थानीय कलाओं के लिए कई योजनाओं का
जिक्र कर उन्होंने कई सौगातें भी दीं। मुख्यमंत्री
ने छत्तीसगढ़ के मॉडल को देश में सराहे
जाने का भी जिक्र किया। यह भी कहा
कि राम वनगमन पर्यटन परिपथ से
स्थानीय विकास और आजीविका के
नए साधन बन रहे। नगरनार इस्पात
संयत्रं को छत्तीसगढ़ सरकार खरीदने
के लिए तैयार है। इतना ही नहीं, प्रदेश
की 97 फीसदी आबादी को पोषण सुरक्षा दिया
जा रहा है। बस्तर के झीरम गांव तक बिजली
पहुंच चुकी है, जिसे आगे भी विस्तार किया श्री भूपेश बघेल
जा रहा है। मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़

श्री शिव कुमार डहरिया श्रीमती अनिला भेड़िया श्री जयसिंह अग्रवाल श्री गुरू रुद्रकुमार श्री उमेश पटेल श्री अमरजीत भगत
नगरीय प्रशासन मंत्री महिला व बाल विकास मंत्री राजस्व मंत्री लोक स्वा. यांत्रिकी मंत्री उच्च िशक्षा व खेल मंत्री खाद्य व संस्कृित मंत्री
छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 27


फोटो : जनमन
लोकवाणी

मुख्यमंत्री ने दिलाया
युवाओं को भरोसा
नहीं थमेगा प्रतिभा संवारने, रोजगार दिलाने का अभियान
जनमन िरपोर्ट

जनता से संवाद को शासन की मूल आवश्यकताओं में से एक


माना गया है। इसके बिना न जनता की समस्या सामने आ पाती
है और न ही उनका समाधान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री
भूपेश बघेल ने जनता से संवाद बनाए रखने के लिए रेडियो वार्ता
‘लोकवाणी’ की शुरुआत की। इसके माध्यम से वे लोगों से सीधा
संवाद करते हैं। जब संवाद के नए-नए माध्यम आ गए हैं, उसके
बाद भी रेडियो के जरिए संवाद करने के पीछे एक रोचक बात है।

28। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


लोकवाणी

यह बात मुख्यमंत्री ने अपने पहले लोकवाणी कार्यक्रम में साझा की थी। उन्होंने बताया था
कि 12 नवंबर 1947 के दिन जब महात्मा गांधी को देश को संबोधित करना था, तो उन्होंने
भी रेडियो के माध्यम से अपनी बात रखने का फैसला लिया था। तब बापू ने कहा था कि
मैं रेडियो में ईश्वरीय चमत्कार देखता हूं, यदि मैं यही बात किसी सभा में जाकर कहता तो
उसे आप में बहुत लोग नहीं सुन पाते। मुख्यमंत्री का भी यही मानना है कि एक साथ अनेक
लोगों की बात सुननी हो तो रेडियो आज भी सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।

11 अगस्त 2019 अब तक 14 14 फरवरी को उपयोगी निर्माण,जनहितैषी


से शुरू हुआ कड़ियों का हो होगा 15 वीं कड़ी अधोसंरचनाएं, आपकी अपेक्षाएं
संवाद का सफर चुका है प्रसारण का प्रसारण विषय पर करेंगे बातचीत

फोन नंबर 077102430501, 02 और 03 से पूछ सकते हैं सवाल

मु ख्यमंत्री के इस कार्यक्रम का
प्रसारण सभी आकाशवाणी से
होता है। इस दौरान वे समाज
के विभिन्न वर्गों के अलग-
अलग मुद्दों पर आधारित
सवालों के जवाब देते हैं और विचार साझा
साल 2019 में हुई थी शुरुआत
लोकवाणी का पहला प्रसारण 11 अगस्त 2019 काे हुआ था। अब तक कृषि तथा
ग्रामीण विकास, शिक्षा और युवा, स्वास्थ्य एवं मातृ-शक्ति, नगरीय विकास का
नया दौर, आदिवासी विकास-हमारी आस, सेवा का एक साल, बालमन और
तनाव (परीक्षा प्रबंधन और युवा कैरियर के आयाम), महिलाओं को बराबरी
करते हैं। इस रेडियो वार्ता की अभी तक 14 का अवसर, न्याय योजनाएं नयी दिशाएं, समावेशी विकास-आपकी आस और
कड़ियां प्रसारित हो चुकी हैं और अगली कड़ी युवा के विषयों पर बात कर चुके हैं। 14 फरवरी को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
का प्रसारण 14 फरवरी को होगा। आकाशवाणी लोकवाणी की 15 वीं कड़ी में उपयोगी निर्माण, जनहितैषी अधोसंरचनाएं, आपकी
के साथ यह विभिन्न एफएम चैनल और क्षेत्रीय अपेक्षाएं विषय पर बातचीत करेंगे।
समाचार चैनलों पर भी प्रसारित किया जाता
है। हर महीने के दूसरे रविवार को सुबह 10.30
से 11 बजे तक प्रसारित किया जाता है। जो जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया। मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं।
विषय तय किया जाता है, उस पर आम जनता मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में युवाओं को नए वर्ष मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी को स्वामी
से सवाल और सुझाव मांगे जाते हैं। इसके की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विवेकानन्द की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस
लिए रायपुर का फोन नंबर 077102430501, छत्तीसगढ़ की तरुणाई नई अंगड़ाई लेकर उठ के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं
02 और 03 पर तय तारीखों में रिकॉर्ड करा खड़ी हुई है, जो हम सबके सुरक्षित और सुखद और सीख की चर्चा भी युवाओं के साथ की।
सकता है। लोग सवाल कर सकें, इसलिए हर भविष्य का संकते है। श्री बघेल ने युवाओं को उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को उद‍्धृत
कार्यक्रम के अंत में यह बताया जाता है कि उनके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते करते हुए कहा कि ’एक विचार उठाओ, उसे
अगले कार्यक्रम का विषय क्या रहेगा। हुए कहा कि युवाओं की प्रतिभा को संवारने अपना जीवन बना लो’ यह सफलता का मार्ग
14वीं कड़ी में मुख्यमंत्री युवाओं से और उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को
रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं के राज्य सरकार के अभियान में किसी तरह की देखकर यही लगता है कि उन पर गांधी-नेहरू-
को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं की कोई कमी नहीं होगी। हमारे छत्तीसगढ़ी युवा हर स्वामी विवेकानन्द का असर है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 29


लोकवाणी

युवा साहित्यकारों, कलाकारों आजीविका के अवसर स्वामी विवेकानंद ने


को मिलेगा सही मंच दिलाने का अभियान मानव उत्थान की सीख दी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने
मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में युवाओं को मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद
जिन पदों पर भर्ती के लिए
सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने विभिन्न धर्मों की आपसी प्रतियोगिता व
परीक्षाएं दी हैं, उनमें कहीं कोर्ट
ने पहली बार छत्तीसगढ़ में ‘छत्तीसगढ़ वैमनस्यता के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया
केस या प्रक्रियागत बाधाओं के
संस्कृति परिषद’ के गठन का निर्णय लिया था। उन्होंने आडम्बरों का मुखर विरोध
कारण तकलीफें थीं, जिनका
है, जिसके अंतर्गत साहित्य अकादमी, किया। शिकागो की प्रसिद्ध विश्व धर्मसंसद
उचित ढंग से निराकरण किया
कला अकादमी, आदिवासी और लोककला में स्वामी जी ने कहा था कि उन्हें ऐसे धर्म
जा रहा है। बहुत से प्रकरणों में तो
अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, पर गर्व है, जिसने दुनिया को सहिष्णुता और
मामला वेरीफिकेशन तक पहुंच
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, छत्तीसगढ़ सार्वभौमिक स्वीकृति दोनों सिखाई है। हम
गया है, जितनी जल्दी हो सके,
सिंधी अकादमी आदि संस्थाएं काम करेंगी। सभी धर्मों को सच मानते हैं। उन्हें एक ऐसे
नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएं।
हमारा प्रयास है कि यह काम जल्दी से देश से संबंधित होने पर गर्व है, जिसने सभी
इस संबधं में मैंने विभिन्न विभागों
आगे बढ़े ताकि आप लोगों को सही मंच, धर्मों और पृथ्वी के सभी देशों के पीिड़तों और
को निर्देश दे दिए हैं।
मार्गदर्शन तथा प्रोत्साहन मिल सके। शरणार्थियों को शरण दी है।

युवाओं ने हर क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का नाम किया रोशन


मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में बताया कि रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद, स्वामी आत्मानंद
मेरे मन में बचपन से बसे थे। गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था कि यदि भारत को जानना
है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़िए। पंडित जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि युवाओं को चाहिए
कि वे विवेकानंद को बार-बार पढ़ें, उनकी बुद्धिमत्ता, जोश और विवेक से नई पीढ़ी को काफी
मदद मिलेगी। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ प्रवास हमें उस यश और गौरव से जोड़ता
है, जो उन्होंने मात्र 39 वर्ष की उम्र में ही कमा लिया था। यही वजह है कि हम रायपुर में
स्वामी जी की यादों को सहेजने का काम कर रहे हैं। हाल के दो वर्षों की बात करूं तो ऐसा
पहली बार हुआ है कि हमारी बस्तर की एक बेटी नम्रता जैन यूपीएससी में देश में बारहवें
स्थान पर रही हैं। बिलासपुर के वर्णित नेगी तेरहवें स्थान पर रहे। भिलाई की सिमी करण
सहित उमेश गुप्ता, आयुष खरे, योगेश पटेल, प्रसून बोपचे जैसे युवाओं ने एक सिलसिला
फोटो : जनमन

बना दिया है। वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के
तनय राज ने नीट में परचम लहराया।

इंदिरा गांधी के कार्यकाल 2 वर्षों में 46 हजार से नए उद्योगों में ही 15 हजार


में शुरू हुआ युवा दिवस अधिक युवा हुनरमंद लोगों को मिला रोजगार
श्री बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मुझे खुशी है कि मुख्यमंत्री राजीव गांधी न्याय योजना, गोधन न्याय
मन मानव जाति की सेवा में रमा। छोटी-सी कौशल योजना में 2 वर्षों में योजना, सुराजी गांव योजना के कारण भी
आयु में ही वे वेदांत तथा आध्यात्मिक ज्ञान 46 हजार से अधिक युवाओं ने गांव-गांव में रोजगार के नए अवसर बने
के शिखर की ओर बढ़ चले। 11 सितम्बर प्रशिक्षण लिया है, जिसमें से 23 हैं। गोबर हमारी पूरी कृषि और ग्रामीण
1893 को शिकागो की धर्मसंसद में स्वामी हजार ने काम शुरू कर दिया है। अर्थव्यवस्था के केन्द्र में तो आ ही गया है,
विवेकानंद के व्याख्यान ने स्वयं उन्हें तथा हमने ‘रोजगार संगी मोबाइल लेकिन अब इससे बनने वाले कलात्मक
भारत को दुनिया में सर्वोच्च प्रतिष्ठा एप’ शुरू किया, जो प्रशिक्षित उत्पादों के लिए राज्य से लेकर दिल्ली तक
दिलाई। मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव युवा और नियोक्ता के बीच पुल मार्ट खुल जाना एक नई तरह की क्रांति है।
हो रहा है कि ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ का का काम कर रहा है। कोरोना के नई उद्योग नीति से करीब 50 हजार लोगों
आयोजन 12 जनवरी 1984 को तत्कालीन कारण जो प्रवासी श्रमिक लौटे को रोजगार मिलने की संभावना बन गई है।
प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल उनके प्रशिक्षण और रोजगार की सिर्फ नए उद्योगों में ही लगभग दो साल में
में शुरू हुआ। व्यवस्था की जा रही है। 15 हजार लोगों को रोजगार मिल गया है।

30। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


लोकवाणी

सर्व-सुविधायुक्त मल्टी
एक्टीविटी सेंटर में एकीकृत
रूप से एक ही प्रांगण में
आजीविका संवर्धन कार्य
प्रारंभ किया गया है। बिहान
स्व सहायता समूह द्वारा
छत्तीसगढ़ी व्यंजन को
प्रोत्साहन के लिए इंद्रावती
भवन, नवा रायपुर में
फोटो : जनमन कैंटीन का संचालन किया
जा रहा है।

खेलबो-जीतबो-गढ़बो पढ़े िलखे युवाओं सरकार ने छत्तीसगढ़


नवा छत्तीसगढ़ को राेजगार के मुख्य त्यौहारों में भी
सार्वजनिक अवकाश की
मुख्यमंत्री ने उपलब्धियां हासिल मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने यह घोषणा की है। हरतालिका
करने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी व्यवस्था की है कि बेरोजगार युवा तीज, हरेली, भक्त माता
दीपेश कुमार सिन्हा, शिखर यदि स्नातक इंजीनियर हैं तो कर्मा जयंती, छठ पूजा व
सिंह, आकर्षि सहित अन्य सभी इन्हें ई-श्ण
रे ी में एकीकृत पंजीयन विश्व आदिवासी दिवस के
खिलािड़यों को बधाई देते हुए कहा कर ब्लॉक स्तर पर 20 लाख दिन अवकाश देने का
कि मैंने नारा दिया था, ‘खेलबो- तक के कार्य दिए जाएं। इन्हें एक फैसला लिया है।
जीतबो-गढ़बो-नवा छत्तीसगढ़।’ वर्ष में अधिकतम 50 लाख रू.
हमें पता है कि विरासत में हमें तक के कार्यों की पात्रता होगी। सरगुजा में उद्यमिता विकास
बेहद कमजोर खेल अधोसंरचना वहीं अनुसचि ू त क्त्
षे रों में हायर संस्थान की स्थापना होगी।
मिली है, वहीं खिलािड़यों को भी सेकणे ्डरी उत्तीर्ण युवाओं को भी साथ ही जशपुर जिले में
बहुत से अभावों से जूझना पड़ता ई-पंजीयन की सुविधा दी गई मानव तस्करी रोकने के
था। इसलिए हमने ‘छत्तीसगढ़ है, ताकि वे भी निर्माण कार्यों में लिए विशेष सेल का गठन
खेल विकास प्राधिकरण’ का सीधी भागीदारी निभा सकें। इसके किया गया है। वहीं शंकरगढ़
गठन किया। हॉकी, फुटबाल, अलावा बेरोजगार डिग्रीधारी/ विकासखंड में को-आॅपरेटिव
बैडमिंटन, तीरंदाजी, वालीबॉल, डिप्लोमाधारी/राज मिस्त्री को बैंक की शाखा खुलेगी।
कबड्डी आदि खेलों के निःशुल्क भी आसानी से रोजगार दिलाने
प्रशिक्षण की सुविधा दी गई है। के लिए पृथक से निविदा प्रक्रिया नक्सल प्रभावित अंचलों में
अब ‘खेलो इंडिया योजना’ के की व्यवस्था की गई है। जिसके अनुसूचित जनजाति वर्ग के
तहत रायपुर में राष्ट्रीय स्तर की तहत स्नातक इंजीनियरों को एक रहवासियों के विरूद्ध दर्ज
आवासीय हॉकी अकादमी तथा बार में 50 लाख तक और वर्ष में प्रकरणों की समीक्षा करने
बिलासपुर में तीरंदाजी का सेंटर 2 करोड़ रू. तक का काम दिया का निर्णय लिया गया है।
ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। जाएगा। डिप्लोमाधारी इंजीनियरों वहीं आपराधिक प्रकरणों
बिलासपुर में तीरंदाजी, हॉकी और को एक बार में 25 लाख तक तथा से प्रभावित आदिवासियों
एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय वर्ष में अधिकतम 1 करोड़ रू. तक को राहत मिली है। प्रकरण
अकादमी, जगदलपुर में फुटबॉल के कार्यों की पात्रता होगी। राज वापसी के लिए सेवानिवृत्त
तथा रनिंग सिंथेटिक टर्फ ग्राउंड, मिस्त्रियों को एक बार में 15 लाख न्यायाधीश की अध्यक्षता में
अम्बिकापुर इंडोर हॉल की मंजूरी तथा वर्ष में अधिकतम 60 लाख समिति बनाई गई।
प्राप्त की गई है। रू. तक के कार्यों की पात्रता होगी।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 31


बदलता बस्तर

गढ़ रहे हैं न

छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहलाने वाला बस्तर अब अपनी मौलिक सोच में पिछड़ा नहीं रहा। जरूरत थी बस सही
सोच और सही प्राथमिकता के साथ सरकारी कामकाज की। सरकार ने बस्तर के लोगों की वास्तविक जरूरतों को समझा
और इसे ही प्राथमिकता बनाकर काम शुरू किया। इसी आधार पर बस्तर के लिए नए विजन के साथ योजनाएं बनाकर कई
नियमों में बदलाव किए गए। देखते ही देखते दो सालों में बस्तर में अब सकारात्मक बदलाव नजर आने लगा है। बस्तरवासियों
ने जो सपना देखा था, उसे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूरा करना शुरू किया। यह बदलाव इंसानी जीवन को प्रभावित करने
वाले हैं, जिसके तहत लोगों के लिए रोजगार, आजीविका का साधन, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविकोपार्जन के इंतजाम जैसे
मूलभूत आधार को स्तंभ बनाया गया है। डीएमएफ के बजट से सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव से
लेकर बीजापुर तक बदलाव की तस्वीर साफ दिखाई देने लगी है। यह बदलाव बस्तर के लोगों के चेहरों पर, बच्चों के जीवन,
आजीविका और आशियाने से लेकर परिवार और समाज में साफ दिखाई दे रहा है।

फोटो : जनमन

32। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

नवा बस्तर

बस्तर के जंगल, पहाड़, यहां के वनोपज से लेकर यहां उपलब्ध संसाधनों को ही सरकार ने बस्तरवासियों के जीवन का हिस्सा
बनाकर उनकी आय बढ़ाने का काम किया है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल में अब स्वास्थ्य की ऐसी सुविधाएं भी उपलब्ध
हैं, जो राज्य के कुछ बड़े शहरों में भी उपलब्ध नहीं हैं। अाधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब बच्चे कुपोषण से मुक्त होने
लगे हैं। महिलाओं में खून की कमी खत्म हो रही। घने जंगलों और पहाड़ों में भी लोग सामूहिक रूप से पूरे संसाधानों के साथ खेती
कर रही अपनी आय बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़े बता रहे हैं कि बस्तर में सबसे बड़ी मलेरिया की बीमारी को
आधे से ज्यादा खत्म कर लिया गया है। बस्तर के ककनार, कोडेनार और मिचनार जैसे तीन इलाकों की सड़कें पहाड़ों को चीरती
हुई गांवों को जोड़ रही हैं। युवाओं को रोजगार उनके जिले में ही मिलने लगा है। उच्च शिक्षा और मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं का
लाभ उन्हें मिल रहा है। यह सब उन योजनाओं से संभव हो पाया है, जो यहां के लोगों के लिए सरकार ने तैयार किया है। डीएमएफ
का सारा पैसा अब इन्हीं योजनाओं के माध्यम से सीधे इन लोगों के लिए ही खर्च किया जा रहा है।
आगे पढ़िए ... बदलते बस्तर पर जनमन की िवशेष िरपोर्ट

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 33


बदलता बस्तर

एक फैसले से बदलने लगा


ग्रामीणों का जीवन
डीएमएफ की राशि अब सीधे रोजी-रोटी
और जीवन स्तर के सुधार में हो रही खर्च

पहले केवल सजावटी सड़कें और


वैभवपूर्ण भवन बनाने में लगाया गया पैसा

सरकार के
केवल एक
फैसले से
आया बदलाव,
पहले कलेक्टर
के हाथों में
थी डीएमएफ
राशि की
कमान, लेकिन
अब प्रभारी
मंत्री से लेकर
विधायक कर
रहे हैं लोगों
की जरूरतों के
मुताबिक
बजट जारी

34। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन फोटो : दुर्गेश कुमार नेताम


बदलता बस्तर

जनमन िरपोर्ट

डीएमएफ की राशि का खर्च

278.53 करोड़
पेयजल आपूर्ति के िलए
दिसंबर 2020 तक
छत्तीसगढ़ में खनिज
संस्थानों से मिलने वाली
डीएमएफटी (जिला
खनिज संस्थान न्यास)
मु ख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने
पदभार संभालते ही बस्तर का
दौरा किया था। इस दौरे में
ही सभी जिलों के कलेक्टरों
की भी बैठक बुलवाई गई थी।
यह डीएमएफ के बजट को लेकर पहली बैठक
की राशि का छत्तीसगढ़ियों थी। इसमें मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जब कलेक्टरों
101.72 करोड़ के विकास में बड़ा महत्व से यह पूछा कि आखिर डीएमएफ के पैसे को
कैसे खर्च करना है?.. तो कलेक्टर ज्यादा कुछ
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण है। इनके द्वारा खनिज के नहीं कह पाए। उनकी चुप्पी इसलिए भी थी
बदले डीएमएफ की राशि
424.65 करोड़
क्योंकि डीएमएफ की कमेटी के वे स्वयं जिला
अध्यक्ष थे। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने
ग्रामीणों के विकास के लिए सभी के समक्ष अपना नया विज़न रखा। उन्होंने
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार को लौटाई जाती बताया कि कैसे अब डीएमएफ की राशि सीधे

111.01 है। राशि के असली हकदार लोगों की आजीविका के लिए खर्च की जाएगी।

60%
उन्होंने सीधे लफ्जों में कहा कि अब कलेक्टर
करोड़, शिक्षा में वे लोग हैं, जो गांव, शहर के बजाए जिले के प्रभारी मंत्री और विधायक
उच्च और जंगलों में निवास तय करेंगे कि डीएमएफ की राशि किस तरह से
118.84 प्राथमिकता करते हैं। जी हां... बात उसी खर्च की जाएगी। इसका पैसा कहां औऱ कैसे
लगाना है, यह नए प्रावधान में तय किए जाएंगे।
करोड़, स्वच्छता में के क्षेत्र में डीएमएफ की राशि की हो कुछ दिनों बाद डीएमएफ को लेकर 2019 का
संशोधित प्रावधान जारी हुआ और सभी जिलों
रही है, जिसके इस्तेमाल
437.74 करोड़ को लेकर मुख्यमंत्री श्री
में प्रभारी मंत्रियों की विधायकों, कलेक्टर और
ग्रामसभा के सदस्यों के साथ बैठक की गई और
कृषि के क्षेत्र में भूपेश बघेल के एक फैसले लोगों के जीवन में बदलाव से जुड़ी योजनाओं
पर काम शुरू हुआ।
30.98 करोड़ ने छत्तीसगढ़ियों के जीवन
में बदलाव लाया है। इसकी
छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा और
बाड़ी योजना, मुख्यमंत्री हाटबाजार क्लीनिक
वृद्ध एवं नि:शक्तजन कल्याण योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री
वजह यह थी िक डीएमएफ
110.01 करोड़
स्लम स्वास्थ्य अस्पताल योजना, मुख्यमंत्री
की राशि को सीधे लोगों वार्ड कार्यालय योजना, मलेरिया मुक्त बस्तर,
कौशल विकास एवं रोजगार की जरूरतों को पूरा करने सरकारी इंग्लिश स्कूल, अस्पताल निर्माण,
शिक्षा और कौशल विकास एवं आजीविका
में खर्च किया जाए। इसी
186.32 करोड़
संवर्धन जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। ये
सोच के साथ डीएमएफ सभी सीधे प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी योजनाएं
महिला एवं बाल विकास बजट को लेकर नियम
हैं। इन सभी योजनाओं में डीएमएफ की राशि
का इस्तेमाल हो रहा है, जिसका सीधा फायदा
188.72 करोड़ बदले गए और दो ही वर्षों
में छत्तीसगढ़ में अब केवल
लोगों तक पहुंच रहा है। इस राशि के इस्तेमाल
को लेकर सामने आई रिपोर्ट्स अद‍्भुत है।
जनकल्याणकारी योजना छोटे-छोटे स्तर पर खर्च हो रहे डीएमएफ के
अधोसंरचना विकास ही बजट से प्रत्येक व्यक्ति के घर तक लाभ पहुंच
13.20 करोड़ नहीं, बल्कि लोगों का भी रहा है। इन परिणामों को देखते हुए सरकार
जल्द ही डीएमएफ के बजट खर्च का सारा
सतत‍्जीविकोपार्जन विकास होने लगा है। सिस्टम पारदर्शी बनाने में जुटी है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 35


बदलता बस्तर

डीएमएफ जगदलपुर मुख्यमंत्री सुपोषण शिक्षाविहीन एवं एकल बस्तर को सभी जिलों में
की राशि में महारानी अभियान की सफलता, शिक्षक विद्यालयों 65% से ज्यादा अंग्रेजी स्कूलों
अस्पताल का 21% तक आई कुपोषण में 108 बैगा शिक्षा मलेरिया मुक्त के भवन तैयार
से ये बड़े कायाकल्प के आंकड़ों में गिरावट। संगवारियों की नियुिक्त। कराया गया। किए गए।
बदलाव

बदलाव की वजह...
2019 के पहले नियम नई सरकार के गठन बाद
(डीएमएफ 2015 का प्रावधान) (डीएमएफ संशोधन 2019 के संशोिधत प्रावधान)
डीएमएफ कमेटी के अध्यक्ष डीएमएफ की कमेटी का अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री को नियुक्त किया
कलेक्टर होते थे। न तो इसमें गया। सभी जिले के समस्त विधायकों को इसका पदेन सदस्य बनाया गया।
विधायक पदेन सदस्य होते थे ग्राम सभा के 10 सदस्यों और अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा में 50 फीसदी
और न ही ग्रामसभा के सदस्यों महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान रखा गया।
को इसमें जगह दी जाती थी। कार्ययोजनाओं में पांच साल के विजन को आधार बनाने का उल्लेख किया
महिलाओं का भी कमेटी में स्थान गया। जिसे जिले में सर्वेक्षण के आधार पर जरूरतों के मुताबिक वार्षिक
सुनिश्चित नहीं था। कार्ययोजना के लिए तैयार करने की बात कही गई। यह भी प्रावधान किया
सालभर में कौन से कार्य होंग,े गया कि साल में डीएमएफ कमेटी की एक बैठक अनिवार्य होगी तथा कार्य़
इसकी प्री-प्लानिंग का प्रावधान के दो चऱणों में गुणवत्ता की जांच नियम तय होंगे।
नहीं था। 2019 के पहले पांच खनन से प्रत्यक्ष रूप में 2859 गांव और अप्रत्यक्ष रूप में 9524 गांवों
सालों में केवल एक ही बार कमेटी को प्रभावित क्षेत्र घोषित करने का प्रावधान किया गया। 50 फीसदी राशि
की बैठक हुई, जिसमें ज्यादातर प्रभावित जिले में ही खर्च होगी जिसमें सेवा, रोजगार जीविकोपार्जन जैसी
बजट की राशि अधोसंरचना और जरूरतों का उल्लेख होगा। सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण, युवा गतिविधियों
भवन निर्माण में खर्च की गई। को बढ़ावा देने और सार्वजनिक परिवहन में राशि के खर्च के नियम भी तय
प्रभावित जिले में डीएमएफ की किए गए।
राशि खर्च का सेवा, रोजगार, प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की मूलभूत जरूरतों के मुताबिक राशि के खर्च का
जीविकोपार्जन में उपयोग को नियम तय किया गया। स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की सेवाएं,
लेकर प्रावधान अनिवार्य नहीं था। अंधोसंरचना के कार्य़ और पेयजल से संबंधित कार्यों में 20 फीसदी राशि
सांस्कृतिक एवं युवा गतिविधियों से अधिक खर्च किए जाने का प्रावधान किया गया। स्मार्ट क्लास, इंग्लिश
को बढ़ावा देना जैसी बातों का मीडियम स्कूल, अस्पताल जीर्णोद्धार के लिए भी बजट में स्थान दिया गया।
उल्लेख ही नहीं था।
स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि एवं अन्य सेवा से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता में
लोगों की मूलभूत जरूरतों पर शामिल करने के नियम बनाए गए। स्थानीय को रोजगार देना और डाक्टर,
जोर का प्रावधान नहीं था। कृषि, शिक्षक, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य नियुक्तियां स्थानीय भर्ती के नियम तय
उद्यानीकी, वनोपज स्वास्थ्य एवं किए गए। पेयजल, ऊर्जा आधारित परियोजना, नदी नालों का संवर्धन व
सुपोषण जैसे अभियानों को लेकर संरक्षण और बच्चों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक पाठ्यक्रम, छात्रावास जैसे
इसमें स्पष्ट निर्देश नहीं उल्लेखित शुल्क में भी खर्च अनिवार्य किया गया।
थे। पेयजल, ऊर्जा आधारित
परियोजना, नदी नालों का संवर्धन कृषि उत्पादों के लिए संग्रहण, भंडारण, फूड प्रोसिंग यूनिट, लघु वनोपज,
व संरक्षण को भी प्रावधानों में वनौषधि प्रसंस्करण, उन्नत तकनीक का प्रयोग, चारे की व्यवस्था,
शामिल नहीं किया गया था। पशुपालन, गोठान विकास, खनन प्रभावित वन अधिकार पट्टाधारकों के
जीवन में सुधार, उन्नत, फलदार और जैविक कृषि को बढ़ावा देने में राशि
इसमें किसी सलाहकार को खर्च की जाएगी।
शामिल नहीं किया गया, राज्य
स्तर पर निगरानी की व्यवस्था प्रभावित क्षेत्र के परिवार के सदस्यों को नर्सिंग, चिकित्सा, शिक्षा,
नहीं थी, जिससे इसके खर्च को इंजीनियरिंग, विधि, प्रबंधन, उच्च शिक्षा, तकनीकी, कौशल विकास
लेकर ब्यौरा तैयार नहीं किया। के क्षेत्र में पढ़ाई के लिए शैक्षणिक शुल्क और कोचिंग क्लासेस की
व्यवस्था की गई।

36। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

नरवा और बाड़ी अस्पतालों से लेकर स्कूल वन अधिकार अधिनियम के


प्रोजेक्ट के तहत भवन बनाए गए। दूरस्थ तहत 50 लाख से ज्यादा को
किसानों को सामूहिक अंचलों की पहाड़ियों में आजीविका के तहत संसाधन
खेती से जोड़ा गया। सड़कों का निर्माण। उपलब्ध कराए गए।
राज्य सरकार ने गौठान की
सुचारू व्यवस्था के लिए
दो साल में मंजूर कार्यों का ब्यौरा जीविकोपार्जन है गौठान समितियों को प्रतिमाह
पहली प्राथमिकता 10 हजार रुपए की सहायता
जिला नरवा, हाट मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री राशि देने का निर्णय लिया
गरवा बाजार सुपोषण स्लम यह अच्छी बात है कि है। इससे समितियों को भी
घुरवा क्लीनिक योजना अस्पताल छत्तीसगढ़ में अब डीएमएफ आर्थिक तौर पर फायदा हो
बाड़ी योजना योजना की राशि केवल भवन रहा है। साथ ही गौठान में
रायपुर 2.6 0 4.33 0 निर्माण के बजाए प्रभावितों काम करने वाले चरवाहों
बलौदाबाजार 8.79 0 0.47 0 के जीविकोपार्जन में खर्च हो को मानदेय देने का फैसला
गरियाबंद 0.07 0 0.26 0 रही है। डीएमएफ की राशि लिया गया है। लगभग 1908
उन खदानों से आती है, गौठानों के निर्माण के क्रम
धमतरी 0.52 0 0.42 0 जहां लोगों का रहन-सहन में एक हजार से अधिक का
महासमुंद 0.43 0 0.28 0 होता था। यानी अब उनकी लोकार्पण। 1560 चारागाह के
राजनांदगांव 2.33 0 2.76 0.3 नौकरी, खेती से लेकर जीवन काम भी मंजूर किए गए हैं।
कबीरधाम 0.19 0 0.6 0 जीने का साधन खदानों की
दुर्ग 12.11 0 2.53 0.1 वजह से चला गया। तो इस भूपेश सरकार ने सत्ता में
राशि का पहला अधिकार आने के बाद एक ऐतिहासिक
बेमेतरा 1.06 0 0.14 0 उन प्रभावितों का ही होता फैसला लिया है। पिता के
बालोद 6.65 0 2.23 0 है। यह भी संतुष्टि की बात जाति प्रमाण-पत्र के आधार
बस्तर 6.49 0.57 8 0.25 है कि इस राशि के उपयोग पर बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र
नारायणपुर 3.09 0 2.45 0 को लेकर फैसला प्रभावित के साथ जाति प्रमाण-पत्र देने
कांकेर 3.34 0 12.14 0 गांव की ग्रामसभा के सदस्य़ की घोषणा की है।
कर रहे हैं, लेकिन इसमें
कोंडागांव 3.02 0 2.18 0 थोड़ी कसावट भी जरूरी है। सरकार ने फैसले की घड़ी
दंतेवाड़ा 1.58 0.25 10.03 0 सरकार ने नियमों में जो में वन्यप्राणियों के द्वारा
सुकमा 8.87 6.03 4.5 0 संशोधन किए हैं, उससे अब जनहानि होने पर क्षतिपूर्ति
बीजापुर 1.05 0 9.04 0 प्रभावितों को सीधा फायदा की राशि बढाई है। मृत्यु होने
हो रहा है। सरकार को दो पर परिजनों को क्षतिपूर्ति व
बिलासपुर 4.4 0 4.37 0
और सुझावों पर भी अमल सहायता राशि 4 लाख रुपए
मुंगेली 0.47 0 0.09 0 करना चाहिए। एक तो यह से बढ़ाकर 6 लाख रुपए कर
कोरबा 9.29 2.56 15.45 0 राशि बहुत दी है।
जांजगीर 22.43 0 6.08 0 ज्यादा होती
रायगढ़ 12.73 1.28 11.52 0 है, तो इसका राज्य सरकार ने एक और
हिसाब- वादा निभाया है। राजिम
जशपुर 2.46 0 5.06 0
किताब कुंभ का नाम बदल दिया
सरगुजा 0.95 0 3.18 0.3 सार्वजनिक है। राजिम कुंभ का नाम
बलरामपुर 2.53 0.99 5.22 0 पटल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति के
सूरजपुर 0.55 0.67 0.72 0 रखा जाना अनुरूप माघी पुन्नी मेला
कोरिया 2.07 0 2.32 0 चाहिए। करने के लिए विधानसभा में
मरवाही 0.85 0 0 0 श्रेष्ठा बैनर्जीे प्रस्ताव लाया और उसे पारित
120.92 12.32 116.37 0.68 प्रोग्राम हेड, नेचुरल भी करवाया है।
योग
रािश करोड़ में रिसोर्स मैनेजमेंट

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 37


बदलता बस्तर

ठेका खेती के सुलगते सवालों का बस्तरिया जवाब...

सामूिहक खेती
38। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन
बदलता बस्तर

जनमन िरपोर्ट

‘‘ हमारे लिए खेती आसान नहीं थी, क्योंकि हम ऐसे घने


जंगलों में रहते हैं, जहां िजंदगी ही सामान्य नहीं है। हम
जंगल और बरसात के समय धान व सब्जियों की खेती
पर निर्भर थे। पैसे कमाने की बात आती थी तो शहर या
दूसरे राज्य में पलायन करना पड़ता था। अब पूरे साल
हम सब्जियों और दूसरे अनाजों की खेती कर रहे हैं।
यह इसलिए संभव हो पाया है, क्योंकि हमारे पास अब
पानी की सुविधा है। हम अब दलहन-तिलहन जैसी
फसलों को भी लगाने की तैयारी कर रहे हैं। ’’ यह बातें
कोई सामान्य किसान नहीं बल्कि बस्तर के दरभा ब्लॉक
के चीतापुर गांव की 30 वर्षीया फुलमती कश्यप बता
रही हैं। फुलमती पहले आदिवासी ग्रामीण कहलाती थीं,
लेकिन अब एक महिला किसान कहलाती हैं।
फोटो : जनमन

डबल फसल के लिए पानी और संसाधनों


के इंतजाम के बाद हजारों का पलायन बंद
नरवा प्रोजेक्ट ने बदली झीरमघाटी
फु लमती कई परिवारों के साथ
मिलकर सामूहिक खेती कर
रही हैं। उन्होंने बताया कि
गांव से गुजरने वाली नहर
से सरकार ने हमारे खेतों
के नक्सल प्रभावित क्षेत्र की तस्वीर तक पानी पहुंचाकर दिया है। इसका उपयोग
एक साथ कई परिवार कर रहे हैं और सभी की
ग्रामीणों की आजीविका पर आय इससे बढ़ते जा रही है। अब हमें रोजगार
के लिए आंध्रप्रदेश या तेलंगाना जैसे जगहों
खर्च की जा रही डीएमएफ की राशि पर नहीं जाना पड़ता। यह बदलाव मुख्यमंत्री
श्री भूपेश बघेल की नरवा योजना के तहत
बस्तर के आदिवासी आया है।
बने उप्नत किसान सरकार ने वैसे सामूहिक खेती बस्तर में एक नई
आदिवासियों के अवधारणा की तरह बढ़ रही है। भूपेश सरकार
बढ़ने लगी सामूहिक रहन-सहन
के इस प्रयास से हजारों आदिवासी अब इस
किसानों की आय को ही प्रोजेक्ट से जोड़ा
सामूहिक खेती से जुड़कर अपनी आय बढ़ाने
में जुट गए हैं। वैसे आपने अभी तक कांट्रैक्ट
खेती, कर्ज लेकर की गई खेती, किराए की
मनरेगा के अलावा जमीन में खेती जैसे कांसेप्ट के बारे में सुना
होगा। सामूहिक खेती यहां के लोगों के लिए
भी समूह के जरिए आगे बढ़ने का एक ऐसा जरिया है, जिससे
रोजगार के बढ़े अवसर लोग अपने घर, जंगल में ही रहकर अपनी
आय बढ़ा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 39


बदलता बस्तर

सामूहिक खेती से ऐसे बढ़ी आय और मिला रोजगार


ऐसे हुआ काम नतीजा यह रहा
नरवा योजना (गांव के नाले धान के साथ सब्जियों और
से पानी निकालकर इकट्ठा फलों की दूसरी फसल भी
किया गया, फिर पाइप लाइन होने लगी, जिससे अतिरिक्त
के जरिए लिफ्ट इरिगेशन का आय का साधन बन गया
सिस्टम तैयार किया गया) गांव वालों का अपने ही घर
मनरेगा के जरिए लोगों को में रहकर काम करने और
रोजगार देकर गांव में पाइप जैविक सब्जियां खाने से
लाइन बिछाई गई स्वास्थ्य अच्छा होने लगा
सोलर पंप के जरिए खेतों में ग्रामीणों को मनरेगा के साथ
मोटर लगाए गए खेती के जरिए रोजगार मिला
स्वसहायता समूह के जरिए स्वसहायता समूह के जरिए
महिलाओं और परिवारों को बाजारों में उत्पाद बेचने का
जोड़ा गया जरिए बना
आय बढ़ाने वाली उन्नत रोजगार के लिए दूसरे राज्यों
फसलों की खेती की तैयारी में पलायन में कमी आई
हॉर्टीकल्चर विभाग से बीज व बीज उत्पादन और जैविक
खाद उपलब्ध करवाए गए उत्पादन की ओर बढ़े किसान
ग्रामीणों की फार्म स्कूलों में खेती में इस्तेमाल होने वाली
ट्रेनिंग हुई, जहां उन्हें जैविक मशीनों और संसाधनों की

फोटो : जनमन
और ज्यादा उत्पादन की खरीदी से सरकार की आय
तकनीक सिखाए गए भी बढ़ रही

नरवा योजना से पानी के साथ-साथ रोजगार


बस्तर में पानी केवल बारिश के वक्त ही नरवा योजना के असर से बस्तर के इस घने जंगल और पहाड़ों से घिरे इलाके में लोग
मिल पाता है। जिन निचले इलाकों में पानी अग्रसर होने लगे हैं। इन आदिवासी इलाके में केवल जंगल और थोड़ी बहुत खेती से ही
उपलब्ध है, वहां केवल धान की खेती होती है। गुजारा चलता था। लेकिन अब यहां के लोग खेती भी कर रहे हैं और अपने उत्पाद को
बाकी जगहों पर लोग जंगलों के वनोपज पर ही बाजारों में बेचकर अपनी आय को भी दोगुना करने में लगे हैं। भारत में खेती की एक
निर्भर हैं। अब सरकार की इस सामूहिक खेती फसल बारिश पर निर्भर होती है, लेकिन दूसरी और तीसरी फसल के लिए पानी जरूरी
ने लोगों को पूरे साल न सिर्फ खेती से जोड़ा होता है। पानी का अभाव उत्पादन को कम और किसानों की आय को प्रभावित करता है।
है बल्कि मार्केट में उन्हें एक उन्नत किसान के सरकार ने बस्तर में नरवा योजना पर जमीनी स्तर पर काम किया और पानी उपलब्ध
तौर पर तैयार करना शुरू कर दिया है। होने की वजह से लोग अब सामूहिक खेती करने लगे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नरवा, गरवा,
घुरवा और बारी योजना ने सामूहिक खेती के
इस नए कांसेप्ट को लाया है। इस योजना में ज्यादा सरकार की इस सामूहिक खेती की चर्चा डीएमएफ की राशि ग्रामीणों
नरवा प्रोजेक्ट के तहत बस्तर के गांवों में खेतों होती है। बस्तर के दरभा, ककनार, तोकापाल पर ज्यादा खर्च की जा रही
तक पानी पहुंचाया जा रहा है। इसका खर्च से लेकर आसपास का क्षेत्र पांचवीं अनुसूची
सरकार उठा रही है और यही पानी गांव के के दायरे में आता है। इसलिए यहां सामूहिक डीएमएफ फंड की राशि को ग्रामीणों के विकास
विकास का नया आयाम लेकर आया है। गांव खेती से बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। के साथ-साथ उनकी आजीविका पर आधारित
के लोगों को केवल अपनी जमीन पर मेहनत दरभा के झीरमघाटी इलाके की बात करें तो योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है। बस्तर
करनी पड़ती है। उन्हें फसल की जानकारी से यहां सामान्य जीवन भी आसानी से संभव नहीं जिला समन्वयक सुहेल शेख ने बताया कि
लेकर सारी गाइडेंस भी सरकार के माध्यम से था। पर अब सामान्य जीवन सामूहिक खेती से मुख्यमंत्री के निर्देश पर बस्तर जिले के प्रभारी
दी जा रही है। अब इस इलाके में नक्सलियों से बड़ा आसान हो गया है। मंत्री के द्वारा डीएमएफ फंड को लेकर बैठक

40। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

सुपेबेड़ा में तेल नदी के


जल शोधन के लिए
सुपेबेड़ा पेयजल योजना
की शुरुआत की गई।
इसके अलावा दुर्ग जिले
फोटो : जनमन

के चंदखुरी में समस्या


निदान के लिए चंदखुरी
समूह जल प्रदाय योजना
से लाखों लोगों को राहत
पहले संस्कृति और भाषा को समझा, फिर जरूरतें पूरी कीं मिलेगी। आपदाग्रस्त
स्थानों के लिए मुख्यमंत्री
कलेक्टर श्री रजत बंसल का कहना है कि सीएम श्री भूपेश बघेल का साफ मानना
चलित संयंत्र पेयजल
था कि लोगों के लिए काम करना है तो उनके बीच रहकर उन्हें समझना पड़ेगा। हमें
योजना।
पहले लोगों की भाषा को समझना और उनकी संस्कृति को अपनाना जरूरी था।
फिर ग्रामीणों के बीच रहकर उनकी जरूरतों को समझकर पूरा करना शुरू किया।
नगरीय निकायों
सामूहिक खेती पर काम कर रही प्रधान नामक संस्था के प्रोजेक्ट एक्जीक्यूटिव
के विभिन्न वार्डाें में
दिनेश जायसवाल ने बताया िक दरभा में नक्सलियों के प्रभाव से घिरी पहाड़ियों
मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय
पर काम करना आसान नहीं है। यहां के ग्रामीणों का पहले भरोसा जीतना जरूरी
के माध्यम से समय-
था। हमने मिलकर काम किया, हमारी मुख्य भूमिका ग्रामीणों से संवाद स्थापित
सीमा में जन समस्याओं
करने की थी। हमने गांव में रहकर भाषा समझी, फिर उस पूरे इलाके के क्षेत्र और
का निराकरण करने
संस्कृति का अध्ययन किया। ग्रामीणों की जरूरतों के मुताबिक हमने सामूहिक
का फैसला लिया गया
खेती के प्रोजेक्ट की भूमिका तैयार की।
है। साथ ही स्वच्छता व
पर्यावरण, लाइट, जल
ग्रामीणों की आजीविका पर फोकस प्रदाय, सामुदायिक भवन
आरक्षण, लाइसेंस व कर
कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ समेत सभी विभागीय अधिकारियों का इसी बात पर ध्यान
संबंधी कार्य आदि सभी
था कि कैसे भी लोग भरोसे में आकर सरकार पर विश्वास करें और इस प्रोजेक्ट में रुिच
का निराकरण एक छत के
दिखाएं। बस्तर सेवा मंडल के भी सदस्य इस काम में भागीदार बने। सभी ने मिलकर
नीचे होगा।
ग्रामीणों की आजीविका पर फोकस किया। यह साफ हुआ कि उन्हें दूसरी फसल के लिए
पानी और उच्च कोिट के बीज नहीं मिल रहे। नरेगा विभाग से नरवा प्रोजेक्ट के तहत पानी
नरवा, गरवा, घुरवा
उपलब्ध हुआ और फिर हॉर्टीकल्चर विभाग के जरिए बीज पहुचं ाए गए। खेती का काम शुरू
और बाड़ी के तहत वाटर
हुआ और हमने सरकार के साथ मिलकर स्वसहायता समूह के द्वारा उत्पाद को बेचने का
रिचार्जिंग कार्य प्रारंभ
इंतजाम करवाया। धीरे-धीरे सिस्टम स्थापित हुआ और सामूहिक खेती सफल होने लगी।
किया गया है। घरेलू
पेयजल कनेक्शन से
होती है। इस बैठक में यह स्पष्ट निर्देश है कि सारे काम हो रहे हैं और फंड का खर्च लोगों के वंचित बीपीएल परिवारों
फंड का इस्तेमाल क्षेत्र के विकास कार्यों में होना विकास कार्यों में किया जा रहा है। के लिए मिनी माता अमृत
है, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन अधिकार अधिनियम धारा नल योजना भी
से जुड़ी योजनाओं, सामूहिक खेती और ग्राम एक-एक खेत से कई परिवारों बनाई गई है। फिल्टर
समितियों के लिए किया जाना है। इसके लिए की आय हुई शुरू प्लांट के माध्यम से
पैकेज्ड वाॅटर प्रदाय के
योजना का जमीनी अध्ययन किया जाता है और
जरूरत के हिसाब से डीएमएफ की राशि तय फुलमती कश्यप के अलावा साहदेयी नाग, लिए राजीव गांधी सर्वजल
की जाती है। यह फैसला सीएम के निर्देश पर आयती कश्यप, फकनू नाग, महादेव कश्यप, योजना।
प्रभारी मंत्री की अधिकारियों के साथ होने वाली जयदेव कश्यप और सोनानु का परिवार भी एक
बैठक में लिया जाता है। बस्तर में इसी के तहत ही खेत में मिलकर खेती कर रहा है। इस इलाके
छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 41
बदलता बस्तर
फोटो : जनमन

िकसानों की आय बढ़ाने 10 हजार से ज्यादा परिवारों ने की सामूहिक खेती


इन फसलों की खेती सरकार की नरवा-गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत जगदलपुर के दरभा
ब्लॉक में सामूहिक खेती से 10 हजार से ज्यादा परिवार जुड़ चुके हैं। इन परिवारों में
1514 किसानों ने मुनाफे की खेती शुरू कर दी है। अब वो अपनी सब्जियों से लेकर
कॉफी काली मिर्च बाकी उत्पाद को मंडियों तक ले जाने लगे हैं। इस पूरे इलाके में 862 स्व सहायता
समूह भी बनाए गए हैं, जिनके जरिए इस खेती और यहां की मंडी व्यवस्था को जोड़ा
गया है। कई तरह के उत्पाद भी इन समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं, जिसे लेकर
आम भविष्य में फूड प्रोसेसिंग यूनिट और बस्तर को आर्गेनिक हब के तौर पर विकसित
सीताफल कटहल करने की योजना है।

में नरवा प्रोजेक्ट का संचालन करने वाले नरेगा


विभाग के एपीओ पवन कुमार सिंह ने बताया
कि मुख्यमंत्री के नरवा प्रोजेक्ट में हमें हर गांव
के आसपास नालों को चिन्हांकित करना था,
फोटो : जनमन

जिससे इस योजना को खेती से जोड़ा जा सके।


चीतापुर गांव में ही एक नरवा है, जहां से कई
खेतों को सोलर पंप योजना के तहत जोड़ा गया
है। यहां एक बड़ी टैंक में पानी एकत्र किया कर लेते हैं। इन्हें इतने पैसे तो मिल जाते हैं, की बाड़ी तैयार करवाई है। इन बाड़ियों के
जाता है, जिसके बाद इसे बारी-बारी से सभी जिससे इन्हें रोजगार के लिए कहीं बाहर जाने जरिए लोगों को जैविक सब्जियां खाने को मिल
अलग-अलग खेतों में छोड़ा जाता है, जिससे की जरूरत नहीं पड़ती। रही हैं। साथ ही वे स्थानीय हाट बाजारों में
हर एक खेत से जुड़े किसान परिवारों को पानी इसे बेचकर अपनी आय भी बढ़ा रहे हैं। बस्तर
मिलता है। ये सातों परिवार इस एक खेत पर बस्तर में 30 हजार से ज्यादा के 7 ब्लॉक में 2663 हितग्राहियों के घरों में
10 से ज्यादा प्रकार की सब्जियां उगा रहे हैं। के घरों में शुरू करवाई बाड़ी नरवा और बाड़ी योजना के तहत संसाधन
सब्जियां होती जाती हैं और ये दूसरे की तैयारी उपलब्ध करवाकर उनके घरों में बाड़ी शुरू
शुरू कर देते हैं। बाजू में इन्होंने एक नया खेत बस्तर संभाग में जो सामूहिक खेती में शामिल कराई गई। इसी तरह दंतेवाड़ा, बीजापुर,
भी तैयार कर लिया है, जहां वे दलहन-तिलहन नहीं हो पाए, उन्हें सरकार ने बाड़ी योजना का नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव से लेकर
जैसी फसलें भी लगाने वाले हैं। साल के कई लाभ प्रदान किया है। संभाग की बात करें तो कांकेर तक सैकड़ों लोगों को इस योजना का
सीजन में ये खेतों से निकलने वाली सब्जियों अब तक 30 हजार से ज्यादा हितग्राहियों के लाभ दिया जा रहा है।
को पास के बाजार में बेचकर पैसों का बंटवारा घरों में सरकार ने बाड़ी योजना के तहत सब्जी

42। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर स्वस्थ छत्तीसगढ़

झीरमघाटी में तैयार हो रही


बस्तर ब्रांड

कॉफी

फोटो : दुर्गेश कुमार नेताम

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 43


बदलता बस्तर

छत्तीसगढ़ के बस्तर
की कॉफी जल्द ही ब्रांड दरभा की झीरमघाटी में जहां नक्सलियों की
दहशत की गूंज सुनाई देती थी, वहां मुख्यमंत्री की
बनकर दुनियाभर में मिलने पहल से हो रही है बस्तर की ब्रांडेड कॉफी की खेती
लगेगी। इसकी खासियत
यह है कि यह दरभा में
उन क्षेत्रों में तैयार की जा
रही है, जहां कभी खेती
करना आसान नहीं था।
इस नक्सल प्रभािवत क्षेत्र में
दहशत की गूंज सुनाई देती
रही है। यहां जनजीवन
की कल्पना भी आसान
नहीं थी, लेकिन अब यहां
विश्व प्रसिद्ध अरेबिका दरभा की
और रोबूस्टा जैसी कॉफी पहाड़ियों पर
की चुस्कियां ली जा सकती फलने वाली
हैं। इन िकस्मों की खेती को बस्तर कॉफी
बढ़ावा देने की योजना पर दुनियाभर में
काम चल रहा है। बस्तर में बिकने के लिए
तैयार
यह अनोखी खेती मुख्यमंत्री
श्री भूपेश बघेल की नरवा-
गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना
फोटो : जनमन

के तहत संभव हो सकी है।

मु ख्यमंत्री श्री भूपश


े बघेल ने
बस्तर में खेती की संभावनाओं
पर अपना विजन साझा किया
था। यह देखा गया कि
बस्तर की वादियों में क्या-
क्या उगाना संभव है। इसके बाद कॉफी की
की पूरी तकनीक यहां के हॉर्टीकल्चर कॉलेज के
जरिए ग्रामीणों को िसखा रही है। वैज्ञानिकों का
कहना है कि बस्तर के दरभा से लेकर ककनार
और कोलेंग जैसे इलाके की पहाड़ियों पर कॉफी
की खेती आसानी से की जा सकती है। क्योंकि
कॉफी के लिए समुद्री तल से 500 मीटर की
बस्तर कॉफी उत्पादन के
लिए इसलिए अनुकूल
इंदिरागांधी कृषि विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर
विभाग के कृषि वैज्ञानिक डॉ केपी सिंह ने बताया
कि छत्तीसगढ़ में बस्तर कॉफी उत्पादन के लिए
कार्ययोजना बनाई गई और कृषि वैज्ञानिकों के ऊंचाई जरूरी होती है। लेकिन बस्तर में ऐसे इसलिए अनुकूल है, क्योंकि यहां समुद्री तल से
साथ कलेक्टर ने पूरा प्रोजेक्ट बनाया। सरकार बहुत से इलाके हैं, जहां 600 मीटर से ज्यादा 500 मीटर से ज्यादा ऊंची पहाड़ियां हैं, जिसमें
की नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना के ऊंची पहाड़ियां हैं और उन पहाड़ियों पर स्लोप खेती के लिए पर्याप्त स्लोप है। यहां बारिश के
तहत इस खेती को शामिल किया गया। इसका वाली खेती की जगह भी उपलब्ध है। दरभा साथ-साथ इलाकों में ह्यूमिडिटी भी होती है।
नतीजा यह हुआ कि बस्तर में कॉफी आसानी से ब्लॉक के इन गांवों में 687 से 800 मीटर ऊंचे कॉफी उत्पादन के लिए जमीन में छांव जरूरी
फलने लगी। बस्तर के दरभा ब्लॉक के दरभा, इलाके हैं। इसके साथ इन ऊंचाइयों पर खेत है, जिसके लिए यहां कुछ पेड़ भी आसानी से
ककालगुर और डिलमिली गांव में कॉफी की स्लोप में बने हुए हैं, जो कॉफी की खेती के लिए लग रहे हैं, जिससे कॉफी के खेतों में छांव मिल
खेती की जा रही है। सरकार इस कॉफी की खेती बेहद ही अनुकल ू जगह है। सके। दरभा घाटी अपने आप में 600 मीटर से

44। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

काली मिर्च, आम व
कटहल की भी खेती
दरभा में ही जहां कॉफी की खेती
की जा रही है, वहां आम, कटहल,
सीताफल और काली मिर्च की पुलिस मुख्यालय में
भी खेती होगी। कॉफी के पौधे को सतर्कता सेल का गठन
छांव की जरूरत होती है, लिहाजा किया गया है। यह सेल
इसके लिए सीलेटेंट के पेड़ लगाए पुलिस कर्मियों के विरुद्ध
गए हैं, ताकि यहां बराबर छांव प्राप्त होने वाली भ्रष्टाचार की
मिल सके। इन्हीं पेड़ों में काली शिकायतों की निष्पक्ष तरीके
मिर्च के पौधे को जोड़ा गया है से जांच करेगी। वहीं सभी
ताकि वे इसके सहारे से बढ़ थानों को आदर्श जनसुविधा
सकें। खास बात यह है कि इस केंद्र के रूप में विकसित
तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। थानों में तीन
छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहा है। पालियों में कार्य संपन्न
यह हिमालय से लगी कुछ पहाड़ी होगा और प्रत्येक पालियों के
इलाकों में इस्तेमाल की जाती है। लिए एक नोडल अधिकारी
नियुक्त किया जाएगा।

राज्य सरकार ने
आदिवासियों को उनका
अधिकार देने का काम
किया है। बस्तर और
सरगुजा आदिवासी विकास
प्राधिकरणों में पहले
मुख्यमंत्री अध्यक्ष होते
थे, लेकिन अब स्थानीय
विधायकों को अध्यक्ष
ये हैं विश्व प्रसिद्ध बनाया गया है। साथ ही
कॉफी की किस्में प्राधिकरणों का उपाध्यक्ष
स्थानीय विधायकों को
कॉफी अरेबिका- सेमरेमन, बनाया गया।
चंद्रगरी द्वार्फ, एस-8, एस-9
ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है। इतना ही नहीं कॉफी रोबूस्टा – सी x आर बस्तर संभाग के परिवारों
आसपास की पहाड़ियां 800 मीटर तक ऊंची के साथ भी न्याय किया
हैं, जहां कॉफी के पौधे आसानी से तैयार हो गया है। प्रति परिवारों को
सकते हैं। बीज को निकालकर उसे सुखाया जाता है। चने के साथ 2 किलो गुड़ भी
इसे फिर प्रोसेसिंग यूनिट के जरिए बीज रूप में दिया जा रहा है। आदिवासी
सरकार का खेती और अलग किया जाता है। बाद में इसे भुना जाता है, अंचलों में कुपोषण और
आजीविका दोनों पर ध्यान ताकि यह एक कॉफी पीने योग्य तैयार हो सके। एनीमिया से पीड़ित शत-
प्रतिशत महिलाओं व
इसके बाद इसका पॉवडर ही फिल्टर कॉफी
कृषि वैज्ञानिक डॉ केपी सिंह का कहना है के लिए तैयार कहलाता है। बस्तर में बस्तर बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक
कि सरकार ने केवल खेती नहीं बल्कि यहां कॉफी नाम से इस उत्पाद को तैयार किया जा भोजन कराने की व्यवस्था
के लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए रहा है, जिसमें ग्रामीणों को शामिल कराकर और सभी हाटबाजारों
पूरी योजना बनाई है। आने वाले समय में यहां उनकी आजीविका चलाई जा रही है। आसपास में चिकित्सा सुविधा भी
के किसान कॉफी की खेती करने वाले बड़े के बहुत से ग्रामीण अपनी जमीन में भी फॉफी मिलेगी।
किसान कहलाएंगे। कॉफी के अलग-अलग की खेती के लिए तैयार हो रहे हैं।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 45


बदलता बस्तर

डीएमएफ से िखली

मुस्कान
देश में सबसे तेजी से डीएमएफ की 66 करोड़
छत्तीसगढ़ में घट रहे बच्चों की राशि की सबसे बेहतर
में कुपोषण और महिलाओं उपयोग हुआ साबित,
में एनीमिया के आंकड़े 14 महीनों में ही 21% तक
कुपोषण के आंकड़े घटे
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लोकल और
पौष्टिक भोजन का कमाल

99,000 20,000
फोटो : समीर िमत्रा

बच्चों को कुपोषण महिलाओं को


से निजात एनीमिया से छुटकारा

46। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

जनमन िरपोर्ट

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री 20 हजार महिलाओं


4.92
अक्टूबर
भूपेश बघेल के सुपोषण 2019 से ने एनीमिया को हराया
पहले लाख
अभियान से बस्तर के प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या
सुदूर गांवों के बच्चों और
महिलाओं की मुस्कुराहट
लौट रही है। बीजापुर
के घने जंगलों में बसे
जीवारम गांव में रहने
मु ख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल ने 2
अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री
सुपोषण अभियान की शुरुआत
की थी। इस अभियान को डेढ़
साल से ज्यादा का वक्त बीत
चुका है। अक्टूबर 2019 से नवंबर 2020 तक
वाली 6 साल की चांदनी की बात करें तो प्रदेश में 99 हजार से ज्यादा
आठ महीने पहले तक बच्चे कुपोषण के प्रकोप से बाहर आ चुके हैं।
अक्टूबर 2019 से पहले प्रदेश में वजन के
कुपोषण की शिकार थी। अनुसार 4.92 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार
आठ महीने में ही उसका थे। नवंबर 2020 तक यानी केवल 14 माह में इस अभियान के तहत ग्रामीण
21 फीसदी कमी आई है। अब राज्य में 3.93 अंचलों की 20 हजार महिलाओं
वजन साढ़े सात किलो से लाख बच्चे ही कुपोषित रह गए हैं। 99 हजार ने एनीमिया को हराया है। बस्तर
बढ़कर 15 किलो 600 सौ बच्चे कुपोषण से सुपोषण की श्रृंखला में दर्ज में ज्यादातर महिलाएं एनीमिया
की शिकार मिल रही थीं। उन्हें
किए जा चुके हैं। यह कहना सही होगा कि
ग्राम हो गया है। चांदनी छत्तीसगढ़ में अब बच्चों का सकारात्मक वजन जांच के बाद आंगनबाड़ी केंद्र में
की तरह आशमान ने भी बढ़ने लगा है। सरकार की सेहतमंद थाली ने भोजन के लिए बुलाया गया। हर
बच्चों के चेहरे पर मायूसी हटाकर एक चमक रोज दिए जा रहे पौिष्टक भोजन
अपना वजन 7 किलो लाने में सफल रही। बस्तर के बीजापुर, सुकमा और हरी सब्जियों की वजह
से 13 किलो 3 सौ ग्राम जैसे घोर नक्सल प्रभावित इलाके हों या सरगुजा, से उनमें खून की कमी को दूर
बिलासपुर जैसे संभाग। प्रदेश के हर हिस्से में करने में सफलता हासिल हुई।
तक बढ़ा लिया है और चलाए जा रहे मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अब महिलाएं स्वस्थ हो रही हैं।
9 साल की रेशमा 10 से उत्साहजनक आंकड़े सामने आने लगे हैं। जनमन की टीम ने बीजापुर के
अंदरुनी इलाके के जीवारम गांव
18 किलो की हो गई
अंदरुनी गांवों तक पहुंचा लाभ में जाकर इस योजना के बारे में
है। यह संभव हुआ है जाना। जीवारम के आंगनबाड़ी
केंद्र में करीब 100 बच्चों और
मुख्यमंत्री श्री बघेल के बीजापुर जिले के लिए वर्ष 2020-21 के लिए
महिलाओं को पोषणयुक्त थाली
करीब 13 करोड़ की राशि डीएमएफ के जरिए
उस आदेश से जिसमें मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लिए स्वीकृत परोसी जाती है। यह भोजन उन्हें
रोज दिया जाता है। महिला एवं
उन्होंने डीएमएफ की गई थी। इसमें अब तक 3 करोड़ 86 लाख
बाल विकास विभाग के अधिकारी
रुपए जारी हो चुके हैं। जिसमें करीब तीन करोड़
के पैसों का उपयोग 20 लाख रुपए तक खर्च किए जा चुके हैं। मार्च इसकी देखरेख करते हैं। यहां
आंगनबाड़ी 2021 तक यह राशि खर्च की जाएगी। यह पैसा उन्हें रोटी, प्रोटीन और विटामिन
जिले के कोने-कोने के गांवों तक आंगनबाड़ी से भरपूर सब्जियां, दाल, अंडे
के भोजन को केंद्रों के जरिए पहुंचाया जा रहा है। इसके तहत जैसे व्यंजन दिए जा रहे हैं। इसके
सेहतमंद बनाने के बच्चों और महिलाओं को गर्म भोजन, पौष्टिक बाद उन्हें सोयाबीन से बनी चिक्की
और फाइबर से भरपूर बिस्कुट भी
बिस्कुट, अंडा और फोर्टिफाइड चिक्की वितरित
लिए दिया था। की जा रही है। दिए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 47


बदलता बस्तर

लोकल थाली ने
बढ़ाया वजन
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सबसे
बड़ी खासियत यह है कि इस अभियान
में लोकल भोजन को ही कुपोषण के
खिलाफ हथियार बनाया गया है।
बस्तर हो या सरगुजा का पठार या
फिर रायपुर-बिलासपुर जैसे मैदानी
इलाके, बच्चों को वही खिलाया जा
रहा है, जो उनके क्षेत्र में पोषणयुक्त
भोजन उपलब्ध है। इसमें प्रोटीनयुक्त
अंडा, सोयाबीन बड़ी, चिक्की, बिस्कुट
से लेकर क्षेत्र में मिलने वाली हरी
सब्जियां, भाजी जैसे व्यंजन उन्हें
परोसे जा रहे हैं। बस्तर इलाके के
बच्चे आमतौर पर रोटी नहीं खा पाते,
लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र से उन्हें रोटी
फोटो : जनमन

भी बनाकर खिलाई जा रही है। इससे


अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं।

शरीर के साथ होने पहले अब


लगा मानसिक विकास 15 दिन में ही मीनाक्षी का
कुपोषण से कुछ सालों से बच्चों बढ़ा डेढ़ किलो वजन
का शारीरिक और मानसिक कांकेर जिले के घोर नक्सल प्रभावित पखांजूर
विकास प्रभावित हो रहा था। उन्हें
इलाके की नन्ही मीनाक्षी का वजन अब बढ़
जो पोषण शरीर की जरूरत के
गया है। मीनाक्षी पहले 10.38 किलोग्राम की
मुताबिक चाहिए, नहीं मिल पा रहा
था। अब बेहतर पोषण को लेकर थी, लेकिन 15 ही दिनों में उसका वजह अब
भूपेश सरकार ने पूरी कार्ययोजना 11.95 किलोग्राम हो गया है। यह संभव हुआ
बनाई है ताकि बच्चों को संतुलित है सुपोषण अभियान योजना की वजह से।
और स्वस्थ भोजन मिल सके। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की
बच्चों के शरीर और मन का गई और देखते ही देखते प्रदेशभर से अब बच्चों
विकास ही प्रदेश के विकास में का वजन बढ़ने लगा है। यानी वे स्वास्थ्य की
अहम भूमिका निभा सकता है। दृष्टि से स्वस्थ होने लगे हैं। यह उन माता-पिता
लाकडाउन के वक्त भी शहर और के लिए भी संतोषजनक बात है। बस्तर, सरगुजा
गांव-गांव में बच्चों और महिलाओं जैसे संभाग के कई जिलों में बच्चों के कमजोर
होने की शिकायतें थीं, लेकिन सरकार के इस
फोटो : जनमन

को सूखा राशन एवं पौष्टिक


आहार पहुंचाया गया। सरकार के पोषण अभियान से न सिर्फ कुपोषण को मात
इस वितरण व्यवस्था की वजह से देने में सफलता मिल रही, बल्कि बच्चों का आने
यह संभव हो पाया और सालभर वाला भविष्य भी संवरने की दिशा में आगे बढ़
के भीतर ही सकारात्मक परिणाम रहा है। इसकी देखभाल होने लगी। उसे संतुलित
आने लगे। इतना ही नहीं कोरोना पोषण पुनर्वास केन्द्र में डॉ. बी.के. सिन्हा आहार दिया गया और उसके शारीरिक और
संक्रमण काल में भी एनीमिया एवं फीडिंग डेमोस्ट्रेटर केशरी ठाकुर की मानसिक विकास का बारीकी से परीक्षण किया
प्रभावित महिलाओं को आयरन, देख-रेख में इलाज किया गया। ग्राम पंचायत गया। पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती करते समय
फोलिक एसिड और बच्चों को आंकमेटा के आश्रित ग्राम चाकुरकल की बच्ची मीनाक्षी का वजन 10.38 किलोग्राम था।
कृमिनाशक गोलियां नियमित मीनाक्षी कवाची कुपोषित थी। उसे पखांजूर 15 दिनों में ही उसका वजन बढ़कर 11.95
रूप से दी गई हैं। के इस पुनर्वास केन्द्र भर्ती कराया गया और किलोग्राम हो गया।

48। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

पोषणयुक्त स्थानीय भोजन का बैलेंस है इस अभियान में


मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान देश की एक ऐसी सुपोषण योजना है, जो बेहद ही
लोकल है। लोकल का अर्थ है, जो उन इलाकों में मौजूद है, उसी को पोषण का
हिस्सा बनाया गया है। इससे महिलाओं और बच्चों का भोजन नहीं बदलता और
उन्हें इसे ग्रहण करने में आसानी होती है। छत्तीसगढ़ में कुपोषण काफी हद तक जल संवर्धन कार्य के
कम हुआ है। इसकी प्रमुख वजह मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत दिए जाने लिए भी सरकार ने बड़ा
वाले स्थानीय पौष्टिक खानपान हैं। एनीमिया बस्तर से लेकर सरगुजा तक के कदम उठाया है। रायपुर
अंदरुनी इलाके में काफी फैला हुआ है और इन इलाकों में जिले के धरसींवा और
सबसे नजदीक आंगनबाड़ी केंद्र होता है और अगर वहीं से बालोद जिले के गुरूर
इस योजना का संचालन हो तो सीधा लाभ मिलेगा। महिलाएं विकासखंड में जल शक्ति
राज्य का भविष्य हैं। 70 फीसदी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ की अभियान के तहत वर्षा
महिलाएं रोजगार में भूमिका निभा रही हैं। उनका स्वस्थ जल संचयन, संरक्षण,
होना तो आने वाले भविष्य के लिए भी जरूरी है। बच्चों को सघन वनीकरण जल
निकायों, वाटरशेड प्रबंधन
भी पोषित भोजन इस योजना से मिल रहा है, जिसका असर
व पारंपरिक और टैंकों के
आने वाले समय में देखने को मिलेगा। नवीनीकरण कार्य प्रारंभ
डॉ. अरूणा पलटा, किए गए है।
कुलपति, दुर्ग विश्वविद्यालय
सर्व-सुविधायुक्त मल्टी
एक्टीविटी सेंटर में
एकीकृत रूप से एक ही
िवश्व स्वास्थ्य संगठन के िनर्धािरत मानकों यह अच्छी बात है कि मुख्यमंत्री प्रांगण में आजीविका
के अनुरूप 6 से 54 माह तक के बच्चों को सुपोषण अभियान विकेंद्रीकरण के तहत संवर्धन कार्य प्रारंभ
अच्छे पोषण की जरूरत होती है। इसमें इस चलाया जा रहा है। सरकार ने बच्चों किया गया है। बिहान
बात की भी अनुशंसा की गई है कि बॉडी, मास और महिलाओं के पोषण पर ध्यान दिया स्व सहायता समूह द्वारा
इंडैक्स यानी BMI के अनुरूप बच्चों की लंबाई है, जो बेहद जरूरी था। डीएमएफ के छत्तीसगढ़ी व्यंजन को
और उनका वजन होना चाहिए। मुख्यमंत्री बजट का सही इस्तेमाल इस योजना में प्रोत्साहन देने के लिए
सुपोषण योजना के अंतर्गत जो मानक तैयार हो रहा है, लेकिन इस योजना के लिए इंद्रावती भवन, नवा
किए गए हैं, वो इस पर खरे उतरते हैं। इसलिए राज्य सरकार को विस्तृत बजट भी रायपुर में कैंटीन का
इस योजना में पांच वर्ष तक के बच्चों को शामिल उपलब्ध कराना चाहिए। कई जिले ऐसे संचालन किया जा रहा है।
किया गया है। साथ ही छत्तीसगढ़ की भौगोलिक होते हैं, जहां इस योजना का परफॉर्मेंस
परिस्थिितयों और खानपान का भी इस योजना अलग-अलग हो सकता है, इसलिए बैंिकंग काॅरसपौंडेंट के
में ध्यान रखा गया है। जब इस योजना को लांच इसका केंद्रीकरण कर बराबर मॉनटरिंग माध्यम से सुदूर अंचलों
किया गया, तब छत्तीसगढ़ राज्य में कुपोषित किया जाए, तो और अच्छा होगा। में बैंकिंग सेवा का विस्तार
बच्चों की संख्या 4.92 लाख थी। लेकिन मार्च अंडा पोषण का सबसे बेहतर स्रोत है। किया जा रहा है। बैंकिंग
2020 तक यह आंकड़ा घटकर 3.93 लाख हालांकि सरकार अंडा उपलब्ध करवा काॅरसपौंडेंट के माध्यम
रह गया। अब इसमें अभूतपूर्व कमी दर्ज की रही है, लेकिन इस पर थोड़ा बारीकी से से ग्रामीण-दूरस्थ अंचलों
जा रही है। सरकार की मानें तो आने वाले तीन ध्यान देकर अंडे को योजना का अहम में पेंशन वितरण, मनरेगा
सालों के भीतर ही कुपोषण के इस आंकड़े को हिस्सा बनाया जाना चाहिए। भुगतान, स्कूली बच्चों के
पार लिया जाएगा। श्रीमती रितिका खेड़ा बैंक खाते, नए बैंक खाते,
बीमा की प्रीमियम, छोटी
एसोसिएट प्रोफेसर, आईआईटी, दिल्ली
दंतेवाड़ा से हुई थी शुरुआत बचत, गांवों में ही राशि
जमा, निकासी बिजली
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से इस सुपोषण बिल भुगतान आदि कार्य
अभियान की शुरुआत हुई थी, जिसे एक गया है। केवल तीन सालों के भीतर महिलाओं की सुविधा उपलब्ध कराई
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया में एनीमिया और बच्चो में कुपोषण को दूर करने जा रही है।
और अब इसे पूरे राज्य में िवस्तृत कर दिया का लक्ष्य निधार्रित किया गया है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 49


बदलता बस्तर
जनमन िरपोर्ट

ठीक एक दिन पहले हमें


यह बताया जाता है कि हमें
कहां जाना है। हम अपने
कंधों पर मलेरिया की किट
लादते हैं और सीधे निकल
पड़ते हैं। कोई गांव पहाड़ों
फोटो : जनमन

पर होता है, तो कोई नदी के


पार। कुछ दूर गाड़ी साथ
जाती है, उसके बाद 8-10
किलोमीटर हमें पैदल ही
जाना पड़ता है। पहले जब मलेरिया मुक्त बस्तर
अब सपना नहीं
हम गांव पहुंचते थे तो लोग
हमें आश्चर्यजनक ढंग से
देखते थे। कुछ तो दूर भी
भागते थे। पर अब उनके
चेहरे पर उम्मीद नजर आजादी के बाद का सबसे बड़ा अभियान
आती है। इलाज के सुकून
की उम्मीद। ये अनुभव मरीज अस्पतालों तक जहां कभी फोर्स भी
बीजापुर के माटवाड़ा नहीं, अस्पताल पहुंच नहीं पहुंच पाई, वहां
रहा मरीजों तक मलेरिया पहुंचा जांच दल
की 35 वर्षीया नर्स दुर्गा
कोटरंगी के हैं। उन्होंने बस्तर संभाग में
मुक्त नदी पार, घने जंगलों
बताया कि मलेरिया बस्तर मलेरिया के 65 बस्तर के बीच ढूंढ-ढूंढकर
की बेहद ही घातक बीमारी फीसदी मामले घटे लोगों की की गई जांच
है। बहुत से लोगों में तो यह बिना लक्षण वाले मलेरिया को लेकर भी आई जागरूकता
लक्षण के रूप में नजर नहीं
आती, लेकिन कई बार जब
यह बढ़ती है तो मरीज को
बचाना मुश्किल हो जाता है।
हमारे बस्तर में ऐसे हजारों
ए नएनएम मलेरिया मुक्त
बस्तर अभियान की अहम
कड़ी हैं। ऐसे एनएनएम और
मितानिनों के कंधों पर ही इस
पूरे अभियान की कमान है।
पहली बार अस्पताल तक मरीजों के आने की
जगह मरीजों तक अस्पताल पहुंच रहा है। जी
हां... ये मलेरिया जांच करने वाली टीम कई
तरह के जांच की किट और जरूरी दवाओं के
साथ निकलती हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य
लोगों की मलेरिया से मौत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में इस
अभियान की शुरुआत की गई थी, जिसकी मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस पूरे अभियान की
हो चुकी है। रूपरेखा इस तरीके से बनाई गई कि देश में व्यापक रूपरेखा बनाई थी। नतीजा यह हुआ

50। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

इस तरह से चला
सबसे बड़ा अभियान

फोटो : जनमन
जनमन की टीम ने मलेरिया
अभियान के बारे में बीजापुर
से 25 किमी दूर घने जंगल
के हितुलवाड़ा गांव में जाकर
पड़ताल की। हितुलवाड़ा गांव उम्र के हिसाब से दवा
में करीब 100 की जनसंख्या
है। इनमें से लगभग सभी की आरएचओ आरएस राजपूत ने
मलेरिया जांच की जा चुकी बताया कि उनके साथ आरती
है। पहले चरण में करीब 30 कोडियाम, मितानिन लक्ष्मी
ग्रामीणों का मलेरिया पॉजीिटव और मोती मंडावी रहते हैं।
आया था। बाद में इन्हें दवा देकर मितानिन उसी गांव की होती
इनका इलाज किया गया। अब है, जो ग्रामीणों से स्थानीय
दो ही मरीज रह गए हैं। इनके भाषा में संवाद स्थापित करने
ठीक होने के बाद यह गांव में मदद करती है। ग्रामीणों की
मलेरिया मुक्त हो जाएगा। इसी जांच के बाद उनकी उम्र के
तरह बस्तर के एक-एक गांव को हिसाब से उन्हें दवा दी जाती
मलेरिया से मुक्ति दिलाई है और एक पर्ची देकर उनसे
जा रही है। फार्म भरवाया जाता है।

कि दो चरणों में ही मलेरिया को बस्तर से 65 बदलाव आया है, अभी स्थिति बेहतर है
फीसदी तक कम कर लिया गया है। सरकार डीएमएफ की राशि को भी मलेरिया मुक्त बस्तर के अभियान का िहस्सा बनाना
बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बेहद ही महत्वपूर्ण साबित हुआ। मितानिनों के साथ-साथ नर्सों को दुर्गम इलाकों में
बस्तर को मलेरिया मुक्त करने को लेकर भेजना अच्छा निर्णय था। क्योंकि अंदरुनी इलाकों के मरीज
विजन बनाया था। स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। बस्तर, दंतेवाड़ा से लेकर
सिंहदेव ने अधिकारियों के साथ मिलकर इस बीजापुर में भी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर हुई हैं। मैंने दौरा
विजन को मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान में किया है। लेकिन अभी जिला अस्पतालों के अलावा ब्लॉक
बदल दिया। सरकार के इस अभियान की खास और गांवों के अस्पतालों में भी व्यवस्था ठीक करना जरूरी
बात यह थी कि इसमें कोई अस्पताल तैयार है। हालांकि इस पर काम चल रहा है, लेकिन व्यवस्था
नहीं किया गया, बल्कि अस्पताल की टीम को सरकार को ऐसी करनी होगी कि लोगों को गांवों से जिला
मरीजों तक भेजा गया। बस्तर के कोने-कोने अस्पताल या शहर से बाहर जाने की जरूरत न पड़े।
तक मलेरिया जांच के लिए टीम गाड़ियों में,
पैदल और नाव में सवार होकर घने जंगलों और डॉ. सुलक्षणा नंदी, राज्य संयोजक, पब्लिक हेल्थ नेटवर्क
दूरस्थ अंचलों तक पहुंची। एक-एक शख्स की
दो चरणों में जांच की गई और इस अभियान को
भव्य रूप दिया गया। सातों जिलों में मलेरिया के कुल 4230 प्रकरण जांच की गई। जिसमें पॉजिटिव पाए गए 64
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान दो साल मिले थे, वहीं इस साल सितम्बर में कुल 1458 हजार 646 लोगों का पूर्ण उपचार किया गया।
पहले शुरू हुआ, लेकिन एक साल बाद मामले ही सामने आए हैं। मलेरिया मुक्त बस्तर वहीं दूसरे चरण में कोरोना संक्रमण से बचने
मलेरिया के मरीजों में 65 फीसदी तक कमी अभियान के अंतर्गत इस वर्ष जनवरी-फरवरी की चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम
दर्ज की गई। सितंबर 2019 से सितम्बर-2020 में इसका पहला चरण और जून-जुलाई में ने 23 लाख 75 हजार लोगों की जांच कर
में मलेरिया के मामलों में 65.53 प्रतिशत की दूसरा चरण संचालित किया गया था। पहले मलेरिया पीड़ित 30 हजार 076 लोगों को
िगरावट आई। पिछले सितम्बर में संभाग के चरण में 14 लाख छह हजार लोगों की मलेरिया तत्काल इलाज उपलब्ध कराया।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 51


बदलता बस्तर

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर


से पिछले सितम्बर की तुलना में इस सितम्बर
में मलेरिया के मामलों में कांकेर जिले में 75.2
प्रतिशत, कोंडागांव में 73.1 प्रतिशत, सुकमा
में 71.9 प्रतिशत, बीजापुर में 71.3 प्रतिशत,
नारायणपुर में 57 प्रतिशत, बस्तर में 54.7
प्रतिशत और दंतेवाड़ा में 54 प्रतिशत की कमी
आई है। कांकेर जिले में पिछले सितम्बर में जहां
फोटो : जनमन
मलेरिया के 491 प्रकरण थे, वहीं इस साल
केवल 122 मामले सामने आए हैं। कोंडागांव
में पिछले वर्ष के 294 मामलों की तुलना में
इस साल 79, सुकमा में 480 की तुलना में बीमारी बढ़ती जा रही थी इसलिए जरूरी था अभियान
135, बीजापुर में 1314 की तुलना में 377, बस्तर में मलेरिया की बीमारी को खत्म करना बेहद
नारायणपुर में 328 की तुलना में 141, बस्तर ही जरूरी था। एपीआई के अनुसार देश में प्रति हजार
में 594 की तुलना में 269 तथा दंतेवाड़ा में की जनसंख्या में जहां 0.21 मलेरिया के मरीज हैं,
पिछले वर्ष के 729 मामलों की तुलना में इस तो बस्तर में 40 मरीजों की संख्या थी। मलेरिया से
वर्ष 335 मामले मलेरिया के दर्ज किए गए हैं।     लोगों में खून की कमी, गर्भवती महिलाएं और बच्चे
मुख्यमंत्री की अपील पर पूरे बस्तर संभाग में कुपोषण के भी शिकार होते जा रहे थे। साथ ही बस्तर में
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को जन अभियान सीएससी और पीएससी सेंटरों से दूर भी सैकड़ों गांव बसे
के रूप में विस्तारित किया गया है। अभियान हैं, इसलिए वहां के दुर्गम इलाकों तक पहुचं कर जांच
के पहले चरण के दौरान दंतवे ाड़ा प्रवास पर करना ही एकमात्र उपाय था। इसलिए इस अभियान
पहुचं े मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल ने सार्वजनिक को शुरू किया गया और दो चरणों में ही 65% तक की
सभा में बस्तर को मलेरियामुक्त करने लोगों कमी हासिल की गई। तीसरा चरण भी होना है जिसमें
को शपथ दिलाई थी। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. प्रदेश को मलेरिया मुक्त करना लक्ष्य़ है। एनएचएम के
सिंहदेव भी वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों और श्री टीएस सिंहदेव अलावा डीएमएफ की राशि भी सीधे व्यक्तियों के लिए
बस्तर के सभी जिलों के कलेक्टरों की बैठक स्वास्थ्य मंत्री खर्च की जा रही है, जिससे योजनाओं को बल मिला।
लेकर अभियान की शत-प्रतिशत सफलता के हमारा लक्ष्य यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को लागू करना है,
छत्तीसगढ़
लिए लगातार इसकी मॉनीटरिंग कर आवश्यक जिसके तहत सरकार ऐसी सेवा में लगी है।
दिशा-निर्देश देते रहे हैं।

मलेरिया किट के साथ सामान्य संभागवार मलेरिया मुक्त अभियान 15 िदसंबर 2020 से 31 जनवरी 2021
बीमारियों की भी जांच डिटेल बस्तर सरगुजा कुल
मलेरिया जांच दल में एक एएनएम, आरएचओ उप स्वास्थ्य केन्द्र 529 174 703
के साथ नर्स और मितानिन साथ होते हैं। गांव 1918 391 2309
इनके पास रेपिड मलेरिया किट, मलेरिया की घरों में हुई जांच 213372 75904 289276
गोलियां, बीपी मशीन, फॉलिक एसिड की दवा, सर्वे दल 1380 689 2069
एचआईवी किट, ओआरएस की दवाइयां और
स्टेथिस्कोप होता है। मलेरिया की जांच के बाद सर्वे दल के सदस्य 6629 1688 8317
हर उम्र के हिसाब से दवाइयों का पैकेट बना है, कवरेज जनसंख्या 1029437 328341 1357778
जिसे मरीज को दिया जाता है। कुछ गांव में तो मलेरिया प्रकरण 14500 22 14522
ग्रामीणों तक पहली बार कोई स्वास्थ्य का जांच रोगियों की संख्या 14500 22 14522
दल इस तरह से दवा लेकर पहुंचा है। मलेरिया दर 1.41% 1.01% 1.07%
के साथ-साथ एचआईवी और दूसरी बीमारियों
की भी जांच की जाती है। अगर मरीज गंभीर हो जाँच की गई गर्भवती महिलाएं 6834 1819 8653
तो एंबुलेंस बुलवाकर उसे अस्पताल में दाखिल धनात्मक गर्भवती महिलाएं 117(1.7%) 1(0.1%) 118(1.4%)
कराया जाता है और नहीं तो उसे दवा दे दी लक्षण रहित प्रकरण 8539(58.9%) 7(31.8%) 8546(58.8%)
जाती है। लक्षण पाए गए रोगी 5961(41.1%) 15(68.2) 5976(41.2%)

52। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


छू लो आसमां

जब तकनीकी चूक से हताश बच्चों का अचूक सहारा बने सीएम

अब पढ़ेंगे डॉक्टरी ... जनमन िरपोर्ट

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी
बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना साकार हो रहा है। यहां के तीन बच्चों का एमबीबीएस की पढाई के
लिए जयपुर के जेएनयू में एडमिशन हुआ है। इनकी पढ़ाई का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी।

छ त्तीसगढ़ सरकार ने
दंतेवाड़ा के बालक
आवासीय विद्यालय
बालूद के दो और कन्या
आवासीय विद्यालय कारली की एक बच्ची
को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए राजस्थान
मुख्यमंत्री की वजह से
बेटे का सपना होगा पूरा
दंतेवाड़ा जिला
में रहने वाले
सुधीर कुमार
किसान का बेटा
जयंत बनेगा डॉक्टर
दंतवे ाड़ा में
रहने वाले
जयंत कुमार
के जेएनयू इंस्टीट‍्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस रजक को किसान
एंड रिसर्च सेंटर में दाखिला करवाया है। मुख्यमंत्री श्री परिवार से
आवासीय विद्यालय में पढाई करने वाले भूपेश बघेल है। उन्हें
सुधीर कुमार रजक, जयंत कुमार और की वजह से मुख्यमंत्री श्री
ऐश्वर्या नाग का स्टेट काउंसिलिंग में पंजीयन डॉक्टरी की भूपेश बघेल
नहीं हो पाया था। इस वजह से तीनों छात्र- पढ़ाई करने का मौका मिला है। सुधीर की की पहल पर जयपुर के जेएनयू में दाखिला
छात्राएं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से वंचित नीट में रैंकिंग अच्छी थी,लेकिन छत्तीसगढ़ मिला है। जयंत के पिता खेती-किसानी
रह गए। फिर मुख्यमंत्री ने इनकी पढाई का के मेडिकल कॉलेज में पंजीयन नहीं हो का कार्य करते हैं। ऐसे में निजी कॉलेज
खर्च उठाने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री के पाया। अब निजी कॉलेज में पढाई करने का में एमबीबीएस की पढाई करना संभव नहीं
निर्देश पर इन छात्र-छात्राओं की पढाई के मौका मिला है। जिसको लेकर परिवार में था, लेकिन सरकार एमबीबीएस की पूरे 5
लिए दंतेवाड़ा जिला प्रशासन में 1 करोड़ 36 भी काफी खुशी है। सुधीर के पिता विजय साल तक की पढाई का खर्च उठाएगी, तो
लाख 74 हजार रुपए जमा कराया गया। इन कहते हैं कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी वे डॉक्टर बन जाएंगे। परिवार के लोग भी
बच्चों की एमबीबीएस की पढाई पर कुल 3 नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते जयंत को एमबीबीएस की पढाई करने का
करोड़ 32 लाख 25 हजार रुपए खर्च होंगे। हुए कहा कि इससे उनके बच्चे का सपना भी मौका सरकार की तरफ से दिए जाने पर
यह पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। पूरा हो सकेगा। उत्साहित हैं।

गांव में दंतेवाड़ा के मैलावाड़ा में रहने वाली ऐश्वर्या नाग का डॉक्टर बनने का सपना पूरा होने जा रहा
पहली है। ऐश्वर्या बताती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री की पहल पर
जयपुर के जेएनयू में उन्हें दाखिला मिला है। गांव में अब तक किसी ने डॉक्टरी की पढ़ाई नहीं
बार कोई की है, लेकिन ऐश्वर्या के पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बने। उनका सपना अधूरा रह जाता,
डॉक्टरी अगर सरकार मदद नहीं करती। ऐेश्वर्या ने कहा कि सरकार ने उनके भविष्य की चिंता करते
पढ़ेगा हुए आगे की पढाई करने का मौका दिया है। इसके लिए वे हमेशा आभारी रहेंगी।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 53


बदलता बस्तर
जनमन िरपोर्ट

बात वर्ष 2017 की है, जब


मेरे पिता की पीलिया से
मौत हुई थी। उन्हें इलाज
के लिए कोई अस्पताल
नहीं मिला। उनकी तबीयत
ज्यादा बिगड़ गई, तो हम
उन्हें लेकर विशाखापटनम
तक गए, लेकिन उन्हें
बचाया नहीं जा सका।
इलाज के अभाव में पिता
की मौत का हमें बेहद दुख
है, लेकिन अब इस बात
फोटो : जनमन

का सुकून भी है कि सही
समय में इलाज मिलने की

िजंदगी िमलने लगी


वजह से मेरे बच्चे की जान
बच गई। यह कहना है
कि बस्तर के मंगना गांव

दोबारा
की 22 साल की श्रीमती
ममता दास का। ममता
ने जगदलपुर के इस
सरकारी अस्पताल में बच्चे
को जन्म दिया है, बच्चे की
हालत नाजुक है और इसी
अस्पताल के एनआईसीयू
में उसका इलाज चल रहा
है। अब ममता को मलाल है
कि काश तीन साल पहले
इलाज हुआ आसान
पिता की बीमारी के वक्त
अस्पताल में आज जैसी गंभीर बीमािरयों, दुर्घटनाओं और नक्सल
सुविधा होती तो उनके पिता हमलों में हताहत का बस्तर में ही इलाज
की जान बच जाती।

54। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

पद संभालते ही लिया
मुख्यमंत्री ने फैसला
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जैसे ही
पद संभाला, उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री
टीएस सिंहदेव के साथ बैठक कर
बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक
करने की योजनाओं पर बात की।
सीएम के निर्देश पर बस्तर में स्वास्थ्य
सुविधाओं को लेकर पूरा कार्यक्रम
तैयार किया गया। इसमें अस्पतालों के
आधुनिकीकरण से लेकर इलाज की
व्यवस्था को बस्तर में ही सुिनश्चित
किए जाने पर जोर दिया गया। इसके
बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का
पहला बस्तर दौरा हुआ और इस
अस्पताल को सर्वसुविधायुक्त बनाने
का काम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री की
सोच थी कि यह अस्पताल ऐसा हो कि
बस्तर के लोगों को इलाज के लिए
कहीं और जाने की जरूरत न
पड़े, बल्कि इलाज के लिए लोग
बस्तर आएं।

डीएमएफ की 268 करोड़


की राशि से महारानी
अस्पताल का कायाकल्प म मता के जैसे ऐसे कई मरीज हैं,
जिन्होंने इलाज और अस्पताल
के अभाव में अपनों को खोया
है। उन्हें इस बात से सुकून
मिल रहा है कि उनकी आने वाली पीढ़ी को
औसतन 150 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की
डिलीवरी होने लगी है। आपको यह जानकर
अच्छा लगेगा कि बेहद नाजुक स्थिति में जन्म
लेने वाले नवजात बच्चों का बस्तर में बचना
मुश्किल होता था, लेकिन उनके लिए इस

300
अब बस्तर में इलाज या अस्पताल की कमी से अस्पताल का एनआईसीयू यूनिट जीवन रक्षक
जूझना नहीं पड़ेगा। यह सब कुछ संभव हो पाया की तरह काम करने लगा है। इतना ही नहीं
है प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल वर्ल्ड क्लास ऑपरेशन थिएटर, सिटी स्कैन
से। उनके एक फैसले ने मरणासन्न अस्पताल से लेकर पैथालॉजी की सभी बुनियादी
वर्ग किलोमीटर को फिर से जीवित कर दिया। हम बात कर रहे और जरूरी जांच की सुविधाएं
के दायरे में सबसे बड़ा हैं जगदलपुर के महारानी अस्पताल की, जिसे भी अब इस अस्पताल में
लाइफ सेविंग अस्पताल सर्वसुविधा के साथ शुरू किया गया है। मौजूद हैं। अच्छी बात
छत्तीसगढ़ के बस्तर में जगदलपुर का यह है कि अब बस्तर के
85 वर्ष पुराना महारानी अस्पताल अब जीवन दुर्गम इलाकों के लोगों को
बस्तर की गर्भवती रक्षक अस्पताल बन गया है। मुख्यमंत्री श्री रायपुर या दूसरे राज्यों के
महिलाओं के चेहरों पर भूपेश बघेल के निर्देश पर तैयार हुए इस अस्पतालों तक जाने
अब दिखने लगी खुशी अस्पताल में आने वाले मरीजों के चेहरे पर अब की जरूरत नहीं
सुकून नजर आने लगा है। यहां अब हर रोज पड़ती।

सिटी स्कैन से लेकर


पैथालॉजी की सभी
महत्वपूर्ण जांच की
फोटो : जनमन

सुविधाएं मिल रहीं मुफ्त

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 55


बदलता बस्तर

अस्पताल में राहत भरी डिलीवरी


बस्तर के खारपांग ब्लॉक के चीवरगांव की
श्रीमती कमला बघेल ने अपने तीसरे बच्चे
को इस अस्पताल में जन्म दिया है। उनके

फोटो : जनमन
दोनों बच्चों ने गांव में ही जन्म लिया, जिसमें
काफी तकलीफ हुई और खतरा भी था, लेकिन
इस बार महारानी अस्पताल में डॉक्टरों की
निगरानी में बिना डर बच्चे को जन्म दिया। यहां
बिना पैसे खर्च किए प्राइवेट अस्पताल जैसी
सुविधा मिली।

3 सौ युवाओं को रोजगार
डीएमएफ फंड का इस्तेमाल निर्माण कार्यों
में होता रहा है, लेकिन लोगों को फायदा
मिले, इसलिए मूलभूत सुविधा जुटाने में हाईटेक ओटी बस्तर का सबसे बड़ा
मद के पैसों के उपयोग का फैसला लिया और आईसीयू ब्लड बैंक और लैब
गया। महारानी अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर महारानी अस्पताल का आॅपरेशन अस्पताल में बस्तर संभाग का
से लेकर स्थानीय लोगों को रोजगार देने थिएटर और आईसीयू प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लड बैंक है। यह नई
के लिए जिला डीएमएफ फंड का एक बड़ा सबसे अच्छा माना जाता है। यहां तकनीक से जुड़ा है, जिसकी
हिस्सा खर्च किया गया। अस्पताल में के ओटी को इंफेक्शनरहित और निगरानी रायपुर से होती है। इस
डाक्टरों के वेतन बढ़ाने के साथ-साथ 300 अच्छी क्वालिटी का बनाया गया ब्लड बैंक में 300 यूनिट तक रक्त
नर्स, वार्ड बॉय जैसे स्टाफ को डीएमएफ के है। यहां टॉप लेवल का आईसीयू स्टॉक में रखा जा सकता है, जो
मद से रोजगार दिया गया। ये सभी स्थानीय है, जहां अब तक 557 लोगों आपात स्थिति में वरदान है। यहां
हैं और इससे यहां के क्षेत्र के विकास में भी को उपचार का लाभ मिल चुका आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं।
योगदान का अवसर मिल रहा है। है। इस आईसीयू की शुरुआत इसके अलावा यहां के पैथालॉजी
दिसंबर 2019 में हुई थी। डाक्टरों लैब में अत्य़ाधुनिक मशीनें लगाई
का कहना है कि अगर यह गई हैं। इन मशीनों से वो सब
ऑपरेशन थिएटर के आईसीयू नहीं होता तो इन मरीजों जांच संभव होने लगा है, जिसके
बाहर भी तसल्ली को दूसरे शहर या राज्य का रूख लिए लोगों को बाहर निजी लैब के
जगदलपुर के बड़े पारा के श्री जगमोहन कश्यप करना पड़ता। चक्कर लगाने पड़ते थे।
की पत्नी श्रीमती रणबती ऑपरेशन थिएटर में
थी। उस वक्त उनके पति और परिवार के तमाम
लोग ओटी के बाहर नए मेहमान का इंतजार कर मुफ्त में सिटी स्कैन और एक्स-रे से राहत
रहे थे। ऑपरेशन के कारण थोड़ी चिंता जरूर महारानी अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में सिटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे जैसी
थी, लेकिन तसल्ली थी कि अस्पताल में विशेषज्ञ सुविधाओं से मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। यह सुविधा इस पूरे क्षेत्र में दूर-दूर
डॉक्टरों के साथ तमाम सुविधाएं भी हैं। पहले तक नहीं है। कोंडागांव, कांकेर से लेकर जगदलपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा तक से
दाई बिना डॉक्टरों के डिलीवरी करवाती थीं, लोग यहां आकर मुफ्त में इस तरह की जांच का लाभ ले रहे हैं।
जिसमें जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा रहता था।

जुलाई सामान्य 13 ओपीडी 6317


2018 तक
प्रसव 150-160 जांच 10146
साल में 2018
बदली से दिसंबर ऑपरेशन 0 इंडोर पेशेंट 505
तस्वीर 2020 तक प्रसव 25-30 डिपार्टमेंट 750

56। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

फोटो : जनमन
मुख्यमंत्री कन्यादान
योजना के तहत प्रति जोड़ा
15 हजार से बढ़ाकर 25
हजार रुपए कर दिया गया
है। क्रियान्वयन के लिए
आदेश भी जारी किया गया
है। साथ ही दिव्यांगजनों के
लिए विवाह बाद प्रोत्साहन
राशि प्रति जोड़ा 50 हजार
से बढ़ाकर एक लाख रुपए
किया गया है।
एकमात्र सर्वसुविधायुक्त पहले दौरे में ही मुख्यमंत्री ने
अस्पताल, श्रेय मुख्यमंत्री को दिया कायाकल्प का प्लान भू-जल स्तर को बढ़ाने और
वर्षा जल संरक्षण के लिए
अस्पताल के मुख्य अधीक्षक एवं बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर मिशन मोड पर रेन वाटर
सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद ने आईएएस श्री अयाज तंबोली ने हार्वेस्टिंग का कार्य किया जा
बताया कि वो बस्तर में पिछले 18 बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद रहा है। साथ ही रायपुर की
सालों से हैं। उनके मुताबिक बस्तर में श्री भूपेश बघेल बस्तर के पहले दौरे जीवनदायिनी खारून को
सामान्य इलाज की कल्पना ही बड़ी पर आए थे, तो यहां के स्थानीय लोगों प्रदूषण मुक्त करने मिशन
बात थी। लेकिन पिछले दो सालों में से मिलने के बाद उन्होंने अस्पताल क्लीन खारून प्रारंभ किया
जो अस्पताल का कायाकल्प हुआ, वह को सर्वसुविधायुक्त बनाने का फैसला गया है।
अद‍्भुत है। श्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लिया और उन्होंने बस्तर के विकास
के विजन के अनुरूप यह अस्पताल का अपना विजन साझा किया। टॉस्क सभी 168 नगरीय-निकायों में
नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार बड़ा था, क्योंकि मेडिकल कॉलेज शहर पारंपरिक पौनी-पसारी बाजार
है। यहां इको-कार्डियोलॉजी से लेकर से काफी दूर है। शहर के बीचों-बीच बनाने का सरकार ने निर्णय
एनआईसीयू, सिटी स्कैन, डिजिटल महारानी अस्पताल से लोगों की लिया है। साथ ही इस बाजार
एक्स-रे, हाईटेक ओटी जैसी सुविधाएं भावनाएं भी जुड़ी थी। सीएम के निर्देश में स्थानीय लुहार, बढ़ई,
उपलब्ध हैं। साथ ही यहां अब पर्याप्त पर डीएमएफ फंड से इस अस्पताल को बुनकरी, बांस के सामान,
डाक्टरों और नर्सों का स्टाफ भी है, सर्वसुविधायुक्त बनाया गया। डॉक्टर चटाई आदि की खरीदी-
जिनके लिए डीएमएफ की राशि सेटअप भी बस्तर आना नहीं चाहते थे, लेकिन बिक्री। 50 प्रतिशत शेड
के बजट में अहम योगदान निभा रही सुविधा मिलने लगी तो उन्होंने भी रुचि महिलाओं के लिए सुरक्षित
है। कोरोना के बाद जब लोगों का दिखाई। डॉक्टरों और स्टाफ की सैलरी रखा जाएगा।
बाहर यात्रा करना मुश्किल हो रहा है, भी डीएमएफ फंड से बढ़ाई गई। यहां
तो बस्तर का यह महारानी अस्पताल कुल 6 भवन थे, िजसमें ओटी, लैब, राज्य सरकार ने पहली बार
जीवनदाता साबित हो रहा है। महिला वार्ड, इमरजेंसी और आईसीयू बच्चों के हित में भी फैसला
नए कलेवर में तैयार किए गए। लिया है। कक्षा बारहवीं तक
के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा
का अधिकार दिया जा रहा है।
सिटी 0 लैब 2840 इससे स्कूलों में बच्चों
स्कैन 127 टेस्ट 7413 की संख्या भी बढ़ेगी और
अल्ट्रा साऊंड 0 1097 पालकों का आर्थिक बोझ भी
सोनोग्राफी एक्स-रे कम होगा।
452 1312

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 57


बदलता बस्तर

डीएमएफ के फंड ने
बस्तरवासियों के उड़ान
का सपना किया पूरा
फोटो : जनमन

अब और ऊंची उड़ान
जनमन िरपोर्ट

बस्तर में आधे से ज्यादा


ऐसे इलाके हैं, जहां
आसानी से जाना संभव नहीं
स रकार अब इस कोशिश में
लगी है कि जल्द ही उड़ानों
की संख्या बढ़ाकर बस्तर को
देश के अन्य बड़े शहरों और
विशाखापटनम जैसे समुद्री तट से लगे एयरपोर्ट
ही नहीं ओडिशा जैसे राज्य से भी यहां लोग
आकर रायपुर और हैदराबाद और वहां से दूसरे
बड़े शहरों के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट की टिकटें
बुक करा रहे हैं।

से भी जोड़ा जाए। जमीन अधिग्रहण के साथ- एयरपोर्ट के विस्तार से


है। वहीं अब बस्तर के लोग साथ बस्तर एयरपोर्ट पर बोइंग जैसे विमानों के बस्तर बनेगा MFP हब
उड़ान को लेकर भी प्रोजेक्ट पर काम किया जा
अपने सपनों की उड़ान रहा है। एयरपोर्ट के टर्मिनल मैनेजर पुष्पेंद्र सिंह बस्तर कलेक्टर श्री रजत बंसल ने बताया कि
हवाई यात्रा के जरिए भरने राठौर ने बताया कि बस्तर एयरपोर्ट पर उड़ानों बस्तर को एक माइनर फारेस्ट प्रोड्स यू यानी
लगे हैं। बस्तर अब रायपुर को शुरू करना आसान नहीं था। बात तब की जंगल से निकलने वाले उत्पाद का हब बनाने की
है जब एयरपोर्ट तो बन चुका था, लेकिन यहां योजना है। मां दंतशे ्वरी एयरपोर्ट से उड़ानों के
और हैदराबाद से सीधे फ्लाइट शुरू नहीं हो पा रही थी। एयरपोर्ट शुरू होने से यहां के लोगों को काफी सहूलियत
घंटभे र की दूरी से जुड़ चुका एथारिटी के नियमों को लेकर मापदंड पूरे नहीं हो रही है। इनमें व्यापारी वर्ग, बाहर पढ़ाई करने
थे। तत्कालीन कलेक्टर आयाज तंबोली और वाले विद्यार्थी और कामकाजी युवक-युवतियां
है। मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल उनकी टीम ने एयरपोर्ट में उड़ाने शुरू करने को शामिल हैं। इसके अलावा यहां से बहुत से लोग
ने बस्तर दौरे के दौरान लेकर सारी प्रक्रिया पूरी करने पर प्रतिबद्ध हुए। अपनों के इलाज के लिए भी बाहर लेकर जाते
अधिकारियों को उड़ानें शुरू श्री राठौर का कहना है कि दो ही महीनों में यहां
प्रति माह के हिसाब से 4-5 हजार तक यात्रियों
थे, जिन्हें फ्लाइट के शुरू होने से सबसे ज्यादा
मदद मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपश े बघेल
करने के लिए एयरपोर्ट का आवागमन शुरू हो चुका है। इसे भविष्य में के निर्देश पर बस्तर जिला प्रशासन ने रायपुर
अथारिटी को मदद पहुचं ाने दूसरी उड़ानों के लिए अच्छा यात्री संख्या माना और हैदराबाद को जोड़ते हुए उड़ाने शुरू
जा रहा है। इस एयरपोर्ट से बीजापुर, दंतेवाड़ा करवाने में मदद की। अब राज्य शासन इस
के निर्देश दिए थे। जिसके से लेकर नारायणपुर, सुकमा और दूर-दूर तक प्रयास में जुटी है कि एयरपोर्ट में ज्यादा संख्या
बाद ही उड़ानें शुरू हो गईं। के यात्री अपनी टिकटें बुक करा रहे हैं। इतना में उड़ानें शुरू हो जाएं। साथ ही ट्रांसपोर्टेशन

58। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


बदलता बस्तर

फोटो : जनमन फोटो : जनमन

बस्तर में 24x7 दलपत सागर में


लाइब्रेरी की शुरुआत एडवेंचर्स स्पोर्ट्स
बस्तर के युवाओं के लिए जगदलपुर शहर जगदलपुर के दलपत सागर में
के बीचों-बीच चौबीस घंटे सातों दिन खुली रोमांचक स्पोर्ट्स के साथ चौपाटी
रहने वाली लाइब्रेरी की शुरुआत की गई की भी शुरुआत होने जा रही
है। इस लाइब्रेरी में स्कूल और कॉलेज के है। इस सागर को जगदलपुर
पहला कामकाजी छात्र-छात्राओं के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के बीचों-बीच एक बड़े पिकनिक
के लिए परीक्षा की तैयारी करने वाले स्पॉट के तौर पर तैयार किया
महिला हॉस्टल प्रतिभागियों की भी किताबों का इंतजाम जाएगा। कलेक्टर श्री रजत
छत्तीसगढ़ का पहला कामकाजी किया गया है। आदिवासी क्षेत्र में इस तरह बंसल ने बताया कि धरमपुरा और
महिला हॉस्टल का निर्माण बस्तर की लाइब्रेरी की लंबे वक्त से मांग थी, जिसे जगदलपुर दोनों इलाकों को इस
के जगदलपुर में किया गया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सागर से जोड़ा जाएगा और यहां
है। इस हॉस्टल में इस क्षेत्र की सरकार ने शुरू किया है। जिला प्रशासन सैलानियों के लिए एक व्यवस्थित
महिलाओं को बेहद ही कम खर्च की ओर से शुरू की गई इस लाइब्रेरी में रात टूरिस्ट प्लेस के तौर पर विकसित
में रहने के साथ-साथ खाने की में भी वो तमाम इंतजाम किए गए हैं, ताकि किए जाने की तैयारी है। सैलानी
भी सुविधा मिली हुई है। जिला युवा और बच्चे पढ़ाई कर सकें। बेहतरीन जब आते हैं, तो वो यहां होटलों में
प्रशासन की तरफ से गढ़बो नवा वातावरण के साथ-साथ यहां पढ़ाई के रुककर चित्रकूट और तीरथगढ़
बस्तर की योजना के तहत इस दौरान सुख-सुविधाओं का भी ख्याल रखा जलप्रपात देखने जाते हैं। लेकिन
हॉस्टल का निर्माण कराया गया गया है। इस तरह की लाइब्रेरी अब तक अब जगदलपुर को सरकार इस
है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह रायपुर में उपलब्ध थी, लेकिन अब बस्तर तरह से विकसित करने के लिए
पहला हॉस्टल जरूर है, लेकिन जैसे नक्सल प्रभावित इलाकों के युवाओं को ऐसे स्पॉट तैयार कर रही है, जहां
जल्द ही प्रदेश में ऐसे बहुत से मुफ्त में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। सैलानी जगदलपुर में भी रुककर
हॉस्टल का निर्माण होने वाला है। यहां पर्यटन का आनंद ले सकेंगे।

के लिए बोइंग जैसे विमानों को भी उड़ान भरने चुका है। यहां के जैविक और स्थानीय उत्पाद में मदद मिलेगी।
का मौका मिले, ताकि यहां की अर्थव्यवस्था को को पूरी दुनिया में पहुच
ं ाने के लिए एयरपोर्ट का
भी बूम मिल सके। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट विस्तार एक बड़ा माध्यम साबित होगा। इससे
को विस्तार करने की योजना पर काम शुरू हो बस्तर को एक बड़े हब की तरह विकसित करने

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 59


पर्यटन

चलो िदलदार चलो


चित्रकोट के
उस पार चलो

2 बड़े पर्यटन स्थल


तीरथगढ़ जलप्रपात
और कांकेर राष्ट्रीय
उद्यान भी है नजदीक

90 300 40 305 540


फुट ऊंचाई मीटर वाला देश किलोमीटर है किलोमीटर किलोमीटर है
से गिरती है का सबसे बड़ा जगदलपुर की दूरी है आंध्रप्रदेश के
इंद्रावती की धार जलप्रपात से दूरी रायपुर से हैदराबाद से दूरी

60। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


पर्यटन

जनमन िरपोर्ट

बस्तर के चित्रकोट में


इंद्रावती नदी के सबसे
बड़े जलप्रपात पर इको
टूरिज्म का बड़ा हब तैयार
किया जा रहा है। यहां
अभी फॉल के एक ही
तरफ पर्यटन को विकसित
किया गया है लेकिन अब
फॉल के दूसरी ओर भी
पर्यटन सेंटर विकसित
किया जा रहा है। यहां
लोग आसानी से पूरे
फॉल को नजदीक से देख
सकेंगे। साथ ही उनके
रहने के लिए रिजार्ट से
हवाई मार्ग से भी पहुंच लेकर छोटे होटल भी
सकते हैं चित्रकोट तैयार किए जा रहे हैं।
जगदलुपर के लिए रायपुर और मार्च में चित्रकोट महोत्सव
हैदराबाद से सीधी फ्लाइट होने के की तैयारी की जा रही है,
बाद अब चित्रकोट जाना आसान
हो गया है। लोग एयरपोर्ट से सिर्फ
जिसे ध्यान में रखते हुए
40 किलोमीटर दूर सड़क मार्ग से चित्रकोट के दूसरी तरफ
चित्रकोट पहुंच सकते हैं। इसके
अलावा महाराष्ट्र से बीजापुर के
पर्यटन को बढ़ावा देने पर
रास्ते बारसूर होते हुए चित्रकोट काम किया जा रहा है।
फॉल तक पहुंचा जा सकता है। सरकार ने इको पर्यटन
सुकमा से आंध्रप्रदेश और तेलंगाना
के लोग भी 120 किलोमीटर की दूरी के तौर पर इस पूरे इलाके
तय कर चित्रकोट पर्यटन स्थल तक को विकसित करने का
फोटो : िजला पंचायत िवभाग

आ सकते हैं। रायपुर से सड़क मार्ग


की दूरी 300 किलोमीटर है।
लक्ष्य बनाया है। इसमें बड़े
पैमाने पर स्थानीय लोगों
को रोजगार और इलाके
के विकास का भी मॉडल
शामिल किया गया है।

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 61


गंवई के बात

संजीव तिवारी

हमर

फोटो : गूगल
सरकार
क ई बछर पहिली सरग
भरोसे खेती करइया
सुखरू मंडल के खेत मन
के कूत धीरे-धीरे कम होए
लागिस अऊ परिवार बाढ़त गीस। बर-बिहाव
म एकड़-डिसमिल करत जम्मो खेत तको बेचा
रहिस ते मेर उमन ल थिरबांह मिलिस। उँहा
पहिलिच ले अड़बड़ झन छत्तीसगढ़ के मनखे
रहिन, जे मन अपन गांव छोड़ के रोजगार बर
परदेस म रहत रहिन। सुखरू मंडल के नाती
मन के मन उँहा रम गए। दू-चार बछर होरी-
देवारी म गांव आवयं त अपन डोकरी दाई-
उमन अंटियावयं, कहयँ ‘तुम्हारे छत्तीसगढ़ में
क्या है इंहा उपि म आ के देखो।’
दिन बदलत बेरा नई लागय, छत्तीसगढ़ के
गांव म खुशहाली के अंजोर पंगपंगाय लागिस।
नवा सरकार ह आतेच अपन किरिया खाये
जम्मो बचन ल पूरा करिस। किसान ल अपन
गए। एक दिन अईसे आइस के पहिली बेटा बबा बर ओढ़ना-कपड़ा ले के आवयं। रंग-रंग धान के वाजिब कीमत मिलिस अऊ करजा म
फेर नाती मन ल मजबूरी म आन के काम म के फेसन वाला कपड़ा अऊ तस्मा पहिर के बूड़े किसान मन के करजा माफ होगे। मजदूर
मजदूरी कमाए बर परिस। गांव म कहाँ खंती- जब सुखरू मंडल के नाती मन गांव के गली मन के रोजगार के भरपूर इंतजाम होइस अऊ
माटी के काम, कभू रोजगार मिलय, कभू नई म निकलयं त देखनी हो जाय। गांव के मुरझाए गांव के पुरखौती अर्थव्यवस्था के मुताबिक
मिलय। गांव म न रोड न रस्ता, न रोजगार किसान अऊ लेसाए मजदूर मन लोभावयं अऊ नरवा गरुवा घुरुवा बारी योजना के सोर चारो
के ठिकाना न खेती के ठिकाना। बीमार परे म एको-दू बछर म उंकरो मोटरा-गठरी कानपुर बर मुड़ा बगर गए। सुखरू मंडल के नाती मन जब
मरीज तड़फ-तड़फ के मर जाए काबर के सहर बंधा जावय। अइसनहे करत-करत कई बछर ये बात ल सुनिन त उमन ल चिटिको भरोसा नई
रहय दुरिहा अऊ अस्पताल के खरचा उठाये बीत गए। अब ओमन कानपुर ले छत्तीसगढ़ होइस, कहिन ‘सब लबारी मार रहे हैं।’
के ताकत गरीब मनखे मेर रहय नहीं। हार खा आए म ओतियाये लागिन। उंहे झोपड़ा बना के अईसे-तइसे करत उहू दिन आ गए जब
के मंडल के नाती मन परिवार सहित कानपुर रहे लागिन। एती ले फोन जावय के ‘अब वो पूरा देश म कॅरोना महामारी फइल गे अऊ
कमाए-खाय ल चल दीन। हाल नई ये जी गांव के, अब हमर राज आ गए लॉकडाउन पर गए। सुखरू मंडल के नाती
कानपुर म एक ठन बड़का बिल्डिंग बनत हे, छत्तीसगढ़िया सरकार हे, लहुट आवव।’ त मन के काम बंद हो गे। लॉकडाउन के सेती

62। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन


गंवई के बात

उमन रासन बर तरस गयं। एती छत्तीसगढ़ म के खम्‍भा ले रात म घलव गांव म अंजोर बगरे
सरकार ह मानो गरीब जनता बर राशन गोदाम दिखय। बाहिर निकल के जब गांव ल देखिन 10 वर्षों से अधिक अवधि
के मुहड़ा खोल दीस। कोरोना गाईड लाईन त मुह फार दीन, उमन ल लागिस गांव म सरग से संचालित 2 हेक्टेयर क्षेत्र
के पालन करत राहत कार्य तको खुल गए। उतर गए हे। गली-गली म सड़क, पानीटंकी, तक के उद्योगों की भूमि
वोती सुखरू मंडल के नाती संग दुसर सहर स्‍कूल, अस्‍पताल, आगनबाड़ी खुल गए हे। फ्री होल्ड करने का ऐलान
कमाए-खाए गए मनखे मन के हालत खराब खेत मन म किसान मन बिजली मोटर ले पानी किया गया है। साथ ही
होए लागिस, उंकर रासन खतम हो गए अऊ पलोवत हें, फसल लहलहावत हे। बुड़ती डहर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित
लांघन रहे के पारी आ गे। के तरिया म नरेगा के काम चलत हे गांव के गोदामों का नियमितीकरण
गांव के मनखे मन सुखरू मंडल के नाती मनखे मन तिर अब भरपूर रोजगार हे। गांव के किया जाएगा। इसके
मन करा हाल-चाल लेहे बर फोन करिन त दईहान म गोठान खुल गए हे जिहां गरुवा मन अलावा औद्योगिक भूमि के
उंकर खस्‍ता हाल के पता चलिस। गांव वाले के चारा-पानी बर टांका बने हे, स्‍व-सहायता हस्तांतरण शुल्क में कमी
मन लॉकडाउन के बाद घलव सरकार उंकर समूह गोबर ले खातू बनावत हें अऊ परिया परे की जाएगी और प्रक्रिया का
जउन सहायता करत रहिस तेला बताईन। दईहान के दाबा म साग-भाजी उबजावत हें। सरलीकरण किया जा रहा
सुखरू मंडल के नाती मन गांव वाले मन ल सुखरू मंडल के नाती मन के सांस फूल गे, है। उद्योगों के पास उपलब्ध
गिलोली करे लागिन ‘भईया हमर लईका भूख पूरा गांव ल दंउड़त घूम डरिन अऊ अपन गांव रिक्त भूमि आबंटन बाद
के मारे मर जाही गा, छत्तीसगढ़ सरकार मेर के उन्‍नती ल देख के मगन होगें। उद्योग लगाने अधिकतम
हमर गोहार लगावव भईया, हमन ल जीया लव चारेच दिन म उंनला कानपुर के बंधुवा एक वर्ष का अंतिम अवसर,
भईया। सियान मन कहिन ‘छत्तीसगढ़ सरकार जिनगी अऊ गांव के हरहिंछा जिनगी के अंतर फिर भूमि आबंटन दरों पर
ह गांव ले आन प्रदेश कमाए खाए गए मनखे मन समझ म आ गे। सरकार के नरवा गरुवा घुरुवा वापस लेकर अन्य पात्र
के तको सहायता करत हे, सरपंच ल बतावव बारी उमन ल बिकट पसंद आईस, काबर के उद्यमियों को दी जाएगी।
अऊ ये टूरा मन ल सहायता पहुंचावव।’ गांव के बढ़ोतरी के ये तीनों आधार ये। बीच के
सरपंच मेर संदेसा गीस अऊ सरपंच ह समें म ये आधार ल कोनो नई सोरियाए रहिन, कोर सेक्टर के उद्योगों को
सुखरू मंडल के नाती मन के संग गांव ले खासकर गांव म गरुवा ल पोंसई बड़ पिचकाट प्रतिबंधित सूची से हटाने का
बाहिर कमाए-खाए गए जम्‍मो मनखे के अऊ झंझट के बुता हो गए रहिस जबकि इही निर्णय सरकार द्वारा लिया
जानकारी सरकार ल दीस। तुरते सुखरू हमर असल धन ये। उंकर घरवाली मन गांव गया है। वहीं औद्योगिक
मंडल के नाती मन संग ओकर गांव के जम्‍मो के स्‍व-सहायता समूह के सदस्‍य बन गीन क्षेत्रों में भूमि आबंटन के
कमईया मन ल कानपुर जिला प्रसासन ह रासन अऊ गौठान म रोजगार कमाए लागिन। थोरकन लिए निर्धारित दरों में 30
पहुचा दीस संग म सरकार ह उंकर खाता म दिन बाद सरकार ह गोबर तको बिसाए लागिस, प्रतिशत की कमी की गई
पईसा तको डार दीस। सुखरू मंडल के नाती येकर से गांव म जेला सबले छोट काम कहे है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र
मन के जीव म जीव आईस। उमन पहिली पईत जाए तेला मान मिलिस। उमन अपन रोज के में आबंटित भूमि पर लीज
अपन दाई के कोरा ल सोरियाईन, गांव वाले काम के संग अब अबन बबा के राखे गरुवा रेंट की दर 3 प्रतिशत से
मन के गोठ के सुरता आईस के अब छत्तीसगढ़ मन के सेवा करके गोबर सकेलथें अऊ बाहिर घटाकर 2 प्रतिशत कर दी
म छत्‍तीसगढ़िया सरकार हे जेन अपन जनता के गोबर ल तको संइतत हें। देखते-देखत इमन गई है। उद्योगों की स्थापना
के दुख-सुख के पुछइया हे। ल अतका फायदा होए लागे हे के इमन कानपूर के लिए क्लीयरेंस समय-
लाकडाउन म जब ढ़ील मिलिस त ल भुला गए हें। गांव के उंखर घर म लछमी सीमा में उपलब्ध कराने
छत्तीसगढ़ सरकार ह सुखरू मंडल के नाती दाई के असीस छाहित हो गए हे, सुखरू मंडल प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम
मन संग बाहिर कमाए-खाए गए अपन जम्‍मो अपन घर म अपन जम्‍मो परिवार ल हांसत- का निर्णय लिया गया है।
मजदूर मन ल ट्रेन अऊ बस म बइठा के उंखर- बोलत देख के बिकट खुस हे। जेवन के बेरा सभी जिला उद्योग केंद्रों में
उंखर घर पहुचा दीस। अपन जनम भूमि के म बासी के कंउरा ल मुह म लेजत नाती मन नए आवेदन लेन शुरू व
माटी ल अपन मूड़ी म लगा के सुखरू मंडल सुखरू मंडल ल पूछत हे ‘बबा हमर गांव म फस्र्ट कम फस्र्ट सर्वे के
के नाती मन गांव के बाहिर बने स्‍कूल म चउदा ये चमत्‍कार कइसे होगे गा।’ बबा के आंखी आधार पर भूमि आबंटन
दिन कोरेंटीन काटिन। जब स्‍कूल के खिड़की म भरोसा के चमक जाग गे वो ह कहत हे किया गया।
ले ओ मन अपन गांव अऊ अपन गांव वाले मन ‘छत्तीसगढ़ म अब हमर सरकार हे बेटा।’
ल देखयं त उंकर मन हरसा जावय। बिजीली

छत्तीसगढ़ जनमन। फरवरी 2021। 63


फोटो : जनमन
संस्कृित

सरगुजा का करमा गीत


छ त्तीसगढ़ के सरगुजा का एक प्रमुख गीत करमा है।
सरगुजा के जनजीवन में करमा गीत रच-बस गया है।
वर्षा के प्रारंभ से लेकर फसल के कटने तक उत्साह
के प्रत्येक अवसर पर ये गीत गाये जाते हैं, उत्साह की
अभिव्यक्ति नृत्य के साथ होती है। करमा के सम्बंध में एक प्रचलित मत
है कि यह करम देवता की पूजा का नृत्य है अर्थात आनुष्ठानिक नृत्य।
नय गिरय पानी बूंदी, नई पाके धान,
नई मिलय गढ़ा कुदारी, नय बांचय परान,
देश दुनिया के अइसन, दुरदशा हो गय ना।
आगू-आगू पानी चलय पाछू मा गेजा
कागज में नोट बनय कपड़ा के तेजा, देश-दुनिया के...।
लोक में यह मान्यता है कि करमसेन नाम का एक राजा था जिस पर एक व्यापारी और सूद खोरन करथय अड़बड़ मजा,
समय भारी विपत्ति आ गयी। राजा ने उस विपत्ती को दूर करने के लिए हमर जान सांसत में पड़ गय, हमर हो गय सजा,
करम देवता की प्रार्थना की एवं उनकी पूजा-अर्चना में उत्सव के आयोजन देश दुनिया के...।
के साथ ही नृत्य-गान प्रस्तुत करने का वचन लिया। इससे उसकी विपत्ति
दूर हो गयी। बाद में उसने अपने राज्य में भव्य उत्सव का आयोजन किया करमा नृत्य में स्त्रियां श्रृंगार करके करमा के लिए नियत स्थल में
जिसमें जो नृत्य-गीत प्रस्तुत किया गया कालांतर में वही करमा नृत्यगीत एकत्रित होती हैं। पुरुष भी नए वस्त्र पहन-कर पारंपरिक वेशभूषा में वहां
के रूप में प्रतिष्ठित हुआ। पहुंचते हैं। नृत्य में स्त्री-पुरुष गीत की एक पंक्ति को गाते हुए झुककर
किसान को अपने खेत-गांव से इतना लगाव होता है कि वह सुविधा आगे बढ़ते हैं और दूसरी पंक्ति गाते हुए सीधा होकर अपने पूर्व स्थान पर
विहीन गांव में फटा-पुराना पहनकर व रूखा-सूखा रहना मंजूर करता है- लौट आते हैं। यह क्रम लगातार चलता है। लोक के िवद्वान लोग करमा
गीत में गायन शैली के अनुसार इसके कुछ भेद भी बताते हैं जो नृत्त्य के
हरे मैं तो गांव मा रहिहौंगा, शारीरिक अंग संचालन की विधि पर आधारित होता है। जैसे एक पैर को
बिरदा बसंती हां मोला नीक लागेगा। झुकाकर गाये जाने वाले करमा को लंगड़ा कहा जाता है। जिस गीत को
तता तता नागर जोते तात कलेवा खाय झूम-झूम कर गाया जाता है उसे झूमर कहते हैं। वंदना के गीतों से करमा
फटे पुराना कपड़ा पहिन, अपन दिन बिताय। आरंभ होता है जिसमें देवी-देवताओं का आह‍्वान किया जाता है। करमा
जैसे-जैसे घर बने वैसे है फुलवारी गीतों में प्रेम रस प्रधान होता है अन्य विषयों में पारिवारिक सामाजिक
भाई-भाई मा मेल बने है, मालिक हे बलिहारी। विषय भी इसमें समाहित होते हैं। हंसी-ठिठोली, व्यंग के साथ ही शिक्षाप्रद
पंक्तियों का समावेश करमा गीतों में होता है। मांदर के थाप पर थिरकते
गांव में अकाल पड़ जाने से किसान परिवार की जो हालत होती है वह स्त्री-पुरुषों का यह नृत्य इतना मोहक होता है कि हर किसी का हृदय
अवर्णनीय है। देखिये एक बानगी- मचल उठता है।

64। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन

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