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जनमन फरवरी 2021
जनमन फरवरी 2021
आपका,
भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़
प्रधान संपादक
तारन प्रकाश िसन्हा
संपादक
उमेश िमश्र
संपादकीय सलाहकार
समरेंद्र शर्मा
सुदीप त्रिपाठी
विंदेश श्रीवास्तव
संपर्क
छत्तीसगढ़ संवाद
अटल नगर नवा रायपुर
4 अब न्याय
पत्रिका छत्तीसगढ़ जनमन के इस
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िलए कृपया QR कोड स्केन करें। अन्नदाता के साथ
पाठकों/रचनाकारों से
पत्रिका छत्तीसगढ़ जनमन में
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िवषयों पर आधािरत िरपार्ट/आलेख/रचनाएं/
फोटोग्राफ्स आमंित्रत हैं।
कृपया रचनाएं Word File में ही भेजें तथा रायपुर के नजदीक मंदिरहसौद के नकटा गांव के किसान हैं श्री हरिराम यादव। खेती-किसानी
तस्वीरें High Resolution की अपेिक्षत हैं। के अलावा उन पर तीन लाख रुपए का कर्ज था, लेकिन एक साल से भी कम समय में वे दो
मोबाइल नंबर : 94252-90644, लाख रुपए के कर्ज की अदायगी कर चुके हैं अब उन पर केवल एक लाख का कर्ज बचा है।
83198-08273, 93409-31326 यह संभव हुआ है राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए ...
E-Mail : chhattisgarhjanman@gmail.com
लेआउट एवं िडजाइन पत्रिका में प्रकािशत लेख लेखकों के िनजी िवचार हैं। तथ्य एवं आंकड़े परिवर्तनशील होते हैं, इस पत्रिका में उनका उल्लेख केवल सांकेतिक है। पुष्ट
भाविक गंडेचा तथा िवस्तृत जानकािरयों के िलए संबंिधत िवभागों से संपर्क िकया जा सकता है। िकसी भी िववाद की िस्थति में न्याय का क्षेत्र रायपुर न्यायालय होगा।
न्याय की बात
41% भूमिहीनों
12
को नया सहारा
गोधन न्याय योजना
से 41% भूिमहीनों
को िमला लाभ ...
बड़ी उपलब्धि
बदलता बस्तर
उद्योगों को लुभा
20
रहा छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहलाने वाला
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच बस्तर अब अपनी मौलिक सोच में पिछड़ा नहीं रहा।
से राज्य में औद्योगिक क्रांति का जरूरत थी बस सही सोच और सही प्राथमिकता के
माहौल बना है ... साथ सरकारी कामकाज की ...
अन्नदाता के साथ
न्याय
अब
जनमन िरपोर्ट
92
हरिराम यादव। खेती-
किसानी के अलावा उन
लाख मीिट्रक पर तीन लाख रुपए का
टन से अिधक कर्ज था, लेकिन एक
धान खरीदी
साल से भी कम समय में
95.38%
किसानों को वे दो लाख रुपए के कर्ज
न्यूनतम समर्थन
मूल्य का लाभ की अदायगी कर चुके
हैं, अब उन पर केवल
5.50
लाख एक लाख का कर्ज बचा
किसान बढ़े
2 सालों में है। यह संभव हुआ है
राजीव गांधी किसान न्याय
योजना के जरिए। उनको
न्याय योजना के जरिए
तीन किश्तों में रािश िमली
है। इसी से वे कर्ज मुक्त
हो रहे हैं। हमारे सामने
श्री हरिराम केवल एक
उदाहरण हैं। उनके सरीखे
हजारों-लाखों किसान हैं,
जिन्होंने न्याय योजना की
मदद से अपनी आर्थिक
स्थिति को तो मजबूत
किया ही, साथ ही आय
बढ़ाने का कोई स्रोत भी
बनाया है। किसी ने बच्चों
की पढ़ाई-लिखाई में न्याय
फोटो : नरेन्द्र बंगाले
मन
: जन
फोटो
धान
खरीदी
92.00
83.94
56.88
80.38
लाख
कृषि भूमि के अधिग्रहण
मीिट्रक पर मुआवजा राशि दो गुना
टन 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 से बढ़ाकर चार गुना किया
गई। लोहण्डीगुड़ा में 1707
आदिवासी किसानों को 42 सौ
एकड़ जमीन वापस मिली।
पंजीकृत निरस्त वन अधिकार पट्टों
िकसान की समीक्षा और भूमि का
आबंटन किया गया। लघु
वनोपजों की खरीदी
16.96
19.55
21.52
15.77
िकसानों 7 से बढ़ाकर 52 वनोपजों
की संख्या के लिए हो रही है। तेन्दूपत्ता
लाख में 2017-18 2018-19 2019-20 2020-21 संग्रहण पारिश्रमिक 25 सौ
रुपए प्रति मानक बोरा से
बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति
फोटो : जनमन
25.60
26.88
27.61
करने से उपभोक्ताओं को
सरकार बनने के लाख हर साल 900 करोड़ रुपए
तुरंत बाद राहत हेक्टेयर
में
की राहत मिली है। जमीन
2017-18 2018-19 2019-20 2020-21
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की गाइडलाइन दर में 30
श्री भूपेश बघेल ने सत्ता फीसदी और पंजीयन शुल्क
संभालते ही 9 हजार करोड़ में 50 प्रतिशत की कमी की
का कृषि ऋ ण माफ किया। गई। देश की सबसे बड़ी और
समर्थन सर्वाधिक राहत देने वाली
इससे 17 लाख 82 हजार मूल्य
किसानों को सीधा फायदा स्वास्थ्य योजना में 20 लाख
पर धान तक के इलाज की व्यवस्था,
94.02%
92.60%
95.38%
76.47%
22.68
21.72
िवशेष सत्र में पारित हुआ कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक
छत्तीसगढ़ विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर अक्टूबर 2020 में एक अहम
फैसला लिया गया। राज्य सरकार की ओर से कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक
फोटो : जनमन
एक एकड़ खेत
में भी हो रही बचत
धमतरी जिले के
चटौद के किसान
श्री टिकेश्वर छोटे भूखंड की खरीदी
साहू के पास और बिक्री करने वालों
एक एकड़ खेत को बड़ी राहत मिली
है। 25 सौ रुपए है। तत्काल प्रभाव से
प्रति क्विंटल का 5 डिसमिल से कम भू-
भाव मिलने से खंडों की खरीदी-बिक्री
वे काफी खुश हैं। उन्होंने सरकार से रोक हटा दी गई है
के मुखिया श्री भूपेश बघेल का जिसके कारण लगभग
आभार जताया। अपने खेत में 60 हजार भू-खण्डों
खुद काम करते हैं जिससे पैदावार की खरीदी-बिक्री हुई।
भी ठीक-ठाक होती है। अब पैसे साथ ही मध्यम और
बच भी रहे हैं और खुद के उगाए निम्न वर्ग को अपनी
धान का अनाज खाते हैं। आवश्यकता के अनुसार
धनराशि व्यवस्था में
खरीदे जेवर मदद मिली। अब 5
नवागांव के डिसमिल भूमि का
किसान श्री नामांतरण और पंजीयन
जैतराम जांगड़े कराने में आसानी होगी।
के पास 6 एकड़ इस वादे को भी सरकार
खेती जमीन है। ने पूरा किया। जमीन
फोटो : जनमन
न्याय जैसी योजनाएं देशभर में लागू होनी चािहए सरकार की किसान न्याय और गोधन
योजना काफी फायदेमदं साबित हो
न्याय योजना से किसानों और गांव की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हुई है। रही है। कोराना काल में इन दोनों
इस तरह की योजनाओं को पूरे देश में लागू करने की जरूरत है। कार्पोरटे ्स को योजनाओं के कारण छत्तीसगढ़ में
राहत देने के बजाए गांव, गरीब, किसान और मजदूरों के हाथों में पैसा जाएगा मंदी का असर नहीं देखा गया। देश
तो अरव्थ ्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। कोरोना काल में देखा गया कि में कृषि सेक्टर तक मंदी की चपेट
छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं था, उसका सबसे बड़ा कारण यही है कि राज्य में था, लेकिन छत्तीसगढ़ में कृषि में
सरकार ने डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किया। छत्तीसगढ़ में खेती ग्रोथ रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की
किसानी से दूर हो रहे किसान अब वापस खेती की तरफ लौट कैश ट्रांसफर योजना के कारण राज्य
रहे हैं, इसका आशय यही है कि इसे फायदे का सौदा माना जा के अंतिम पंक्ति तक लाभ पहुचं ा है।
रहा है। इसी तरह गोधन न्याय योजना के जरिए भी छत्तीसगढ़ नतीजा यह हुआ है कि आपदा काल
सरकार ने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया, साथ ही उनकी में भी बाजार में अप्रत्यक्ष रूप से पैसा
आमदनी बढ़ाने में सहायक हुई है। इस तरह की योजनाओं आया, जिससे मंदी की मार नहीं पड़ी
को लंबे समय तक चलाने की जरूरत है और पूरे देश में एक और न्यूनतम मासिक आय वाले
साथ लागू करने से परिणाम ज्यादा अच्छे आएंग।े व्यक्ति को भी परोक्ष रूप से आय की
प्राप्ति हुई। पक्ष-विपक्ष सभी ने डायरेक्ट
श्री हिमांशु कुमार, प्रोफेसर, जेएनयू ट्रांसफर पर जोर दिया था और सरकार
ने इन दोनों
योजनाओं के
जरिए ऐसा ही
किया। आने वाले
दिनों में इसके
और बेहतर
परिणाम सामने
आएंग।े
श्री रविन्द्र ब्रम्हे, अर्थशास्त्री
वरिष्ठ मीडियाकर्मियों के
लिए सम्मान निधि प्रतिमाह
5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार
फोटो : जनमन
गाेबर से गोधन
41%
भूमिहीनों को
नया सहारा
जनमन िरपोर्ट
सावित्री बन गई लखपति,
द्रोपदी ने खोली डेयरी
दुर्ग ब्लॉक के चंदखुरी की सावित्री यादव
गोबर बेचकर अब तक 1 लाख 10 हजार
रुपए की आय हुई है। इसी गांव की द्रौपदी गोबर बेचकर कमा रहे लाखों रुपए
यादव जो सिंगल मदर है और अपने बच्चों
के लिए द्रौपदी ने डेयरी का व्यवसाय शुरू गोबर खरीदी योजना से रायपुर के गुढ़ियारी निवासी सुरजीत सिंह
किया। सालों पहले पति के छोड़ देने के बाद को बड़ा लाभ मिल रहा है। वे डेयरी का संचालन करते है और
द्रौपदी ने खुद काम करने की सोची, जब गोबर बेचकर एक महीने में एक लाख 25 हजार रुपए तक कमा
द्रौपदी ने हिम्मत दिखाई तो मायके वालों रहे है। पहले वे परिवहन संबंधी कार्य करते थे। उसे छोड़कर 8
का भी सहयोग मिला। आज द्रौपदी के पास साल पहले एक गाय खरीदी। वह गाय 30 लीटर दूध एक दिन में
गाय, भैंस, बछड़े, बछिया, भैंस के पड़वा देती थी, उसी दूध को घर में उपयोग करने के अलावा आसपास
को मिलाकर लगभग 60 से 70 मवेशी है। के लोगों को भी बेचा करते। फिर उन्होंने दूध की खपत बढ़ने के
द्रौपदी ने भी 61 हजार 500 रुपए का गोबर बाद गाय खरीदनी शुरू की। हर साल 10 से 15 गाय खरीदी करते
बेचा है। और 8 सालों में उन्होंने 100 गायों की खरीदी कर ली।
र
ारी को 125
ई। महिलाओं
को काम
रायपुर जिले सुकमा के नक्सल प्रभावित
के बैहार गांव के जगरगुण्डा सहित 14 गावों
गौठान को मॉडल में मुख्यमंत्री श्री भूपेश
गौठान के रूप में बघेल की सरकार ने शिक्षा
पहचान मिली है। यहां की लौ जलाई है। यहां पूरी
एक साथ 125 महिलाओं एक पीढ़ी 13 वर्षों से शिक्षा
को रोजगार मिला है, जिन्हें से वंचित थी। यहां स्कूल
मनरेगा के तहत भुगतान भवनों का फिर से निर्माण
किया जा रहा है। यहां फल ू - किया गया है। साथ ही
सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है, कक्षा पहली से बारहवीं तक
जिसमें दो समूह की महिलाएं काम बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा
कर रही हैं। 36 एकड़ के गौठान क्षेत्र है। इस तरह तेरह साल के
में फलू गोभी, पत्तागोभी, भाटा, मिर्च, अंधेरे के बाद शिक्षा की लौ
फिर एक बार जल उठी है।
फोटो : जनमन
घर के दरवाजे पर
इलाज
फोटो : जनमन
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना
14 नगर निगम
में 60 मोबाइल
मेडिकल यूनिट
2823 1,54,616
स्वास्थ्य शिविर अब तक मरीजों का हुआ इलाज अब तक
900
स्लम क्षेत्रों में पहुंची योजना
जनमन िरपोर्ट
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं की अधोसंरचना के साथ इस बात पर भी ध्यान दिया गया है कि
वास्तविक मरीजों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे। ज्यादातर मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं।
सामाजिक और आर्थिक कारणों की वजह से बहुत से मरीज मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित
रह जाते हैं। सरकार ने इसी का तोड़ निकालते हुए स्वास्थ्य की सुविधाओं को घरों की चौखट तक
पहुंचाने का काम किया है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट के
जरिए डाक्टरों की टीम लोगों के घरों के द्वार तक पहुंचकर उनका इलाज कर रहे हैं।
16। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन
स्वस्थ छत्तीसगढ़
बहादुरी का परिचय देने वाले इन बच्चों के जज्बे और हौसले को हर कोई सम्मान करता है। इन
बच्चों ने जिंदगी बचाने के लिए ऐसी बहादुरी दिखाई है कि हर कोई इनकी कहानी सुनना चाहेगा।
जी हां, इन बच्चों के साहस को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य वीरता पुरस्कार 2020-21 के लिए
चयनित किया। राज्य वीरता पुरस्कारों के लिए चयनित बच्चों में रायपुर निवासी 12 वर्षीया कुमारी
उन्नति शर्मा, कुरूद (धमतरी) निवासी 12 वर्षीया कुमारी जानवी राजपूत और खुड़मुड़ा
(दुर्ग) के रहने वाले दुर्गेश सोनकर शामिल हैं।
घर में लगी आग, बोरे में छुपाकर भाइयों
भाई की बचाई जान बांस से पीटकर बिजली को बचाया हत्यारे से
रायपुर के आरडीए कॉलोनी डॉ. हेमन्त शर्मा
के तार से छुड़ाया भाई को दुर्ग जिले के खुड़मुड़ा गांव के निवासी श्री
अपनी 11 वर्षीय पुत्री कुमारी उन्नति शर्मा कुरूद के श्री भारत भूषण राजपूत बाला सोनकर 21 दिसम्बर 2020 को अपने
और अपने ढाई साल के पुत्र श्रीहान को साथ का 5 वर्षीय पुत्र चिरंजीव शिवांश परिवार के साथ खेत में बने अपने मकान
लेकर अपने भाई श्री मनीष दुबे के वसुन्धरा राजपूत 15 अगस्त 2019 को सुबह में सो रहे थे। रात में आरोिपयों द्वारा श्री
विहार रायपुर स्थित घर गई थीं। 13 मार्च 11.30 बजे अपने घर की छत पर बाला सोनकर, पत्नी दुलारी बाई बेटे श्री
2020 को कुमारी उन्नति के मामा-मामी खेल रहा था। खेलते हुए शिवांश रोहित और बहू श्रीमती कीर्ति सोनकर की
नौकरी पर चले गए थे। घर में उन्नति और बिजली तार की चपेट में आ गया। हत्या कर दी गई। श्री रोहित का कक्षा पांचवीं
उसका छोटा भाई शिवांश को बचाने में अध्ययनरत 11
श्रीहान ही थे। दोपहर की कोशिश में वर्षीय पुत्र दुर्श
गे
में जब श्रीहान सो उसकी मां और चीखने-चिल्लाने
गया तब उन्नति घर बहन भी बिजली की आवाज सुनकर
से बाहर बच्चों के साथ के झटके से दूर जाग गया। किसी
खेल रही थी। खेलते गिर गईं। शिवांश अनजानी आशंका
हुए बच्चों ने अचानक की 12 वर्षीय बड़ी के चलते उसके बाल
देखा कि उन्नति के बहन जान्हवी मन में अपने तीन
मामा के घर से धुआं निकल रहा है। उन्नति राजपूत ने सूझ-बूझ से काम लेते छोटे भाइयों की सुरक्षा की चिन्ता हुई। उसने
के छोटे भाई श्रीहान के रोने की आवाज आ हुए छत में रखे बांस को उठा लिया अपने भाइयों को सब्जी रखने के बोरे से
रही थी। उन्नति ने बिजली के मेन स्वीच और तार पर जोर-जोर से मारने ढंक दिया, जिससे हत्यारे की नजर मासूमों
को बंद किया और दौड़ कर उस कमरे में लगी। इससे शिवांश बिजली के पर नहीं पड़ी और सभी सकुशल बच गए।
गई। वह अपने छोटे भाई को गोद में उठाकर तार से छूट गया लेकिन छत से मां को खून से लथपथ देख कर दुर्श गे रोने
बाहर आ गई और लगभग 200 मीटर दूर नीचे गिरने लगा। बहन जान्हवी ने लगा, तब आरोपी ने दीवार से उसके सिर
निवासरत अपने मौसा श्री हितेन्द्र तिवारी को हिम्मत दिखाते हुए शिवांश का हाथ को दो बार जोरदार टक्कर मार दी, जिससे
मोबाइल फोन से सूचना देकर घर बुलाया। पकड़कर उसे ऊपर खींच िलया। दुर्शगे भी घायल हो गया।
104
एमओयू
42,000
करोड़ का
निवेश
64,000
क लिए
रोजगार
फोटो : गूगल
फोटो : जनमन
कराई गई है। वर्ष 2019-
20 में 1000 नए हेल्थ
एंड वेलनेस सेंटर
उद्योगपतियों व युवाओं, दोनों को फायदा विकसित करने के
लिए मंजूरी दी गई
छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाना इसलिए बेहतर है, क्योंकि
है। मार्च 2019 की
यहां 100 रुपए के निवेश के बदले 150 रुपए का मुनाफा स्थिति में टीकाकरण
हासिल हो रहा है। देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है, जो इतने का 92 प्रतिशत लक्ष्य
मुनाफे के साथ सहुलियत प्रदान करता हो। इतना ही नहीं पूर्ण कर लिया गया है।
सरकार यह उद्योग आदिवासी इलाकों में तो लगावा रही है, नियमित टीकाकरण
वह भी सरकारी जमीनों पर। हम आदिवासियों की एक इंच कार्यक्रम में टीडी वैक्सीन
भी जमीनें नहीं ले रहे। उद्योग लगाने के बाद स्थानीय लोगों का समावेश 613 कोल्ड
को रोजगार दिया जा रहा है, ताकि वहां के लोगों का विकास चैन पाइंट वैक्सीन
हो। हाल ही में बस्तर के लिए 101 एमओयू साइन हुए हैं, के निश्चित तापमान
उम्मीद है, उसमें से ज्यादातर जल्द ही यहां उद्योग स्थापित पर रखरखाव के
करेंग।े बस्तर और सरगुजा संभाग के साथ-साथ प्रदेश श्री कवासी लखमा लिए 17 नए केंद्र बनाए
के ऐसे आदिवासी क्त् षे रों में उद्योगों को बढ़ावा देना हमारी उद्योग मंत्री गए हैं।
प्राथमिकता है। छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री भूपेश
बघेल ने जिलों में बंद हो
क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इथेनॉल, रत्न चुकी खदानों को जल
और आभूषण, लघु वनोपज आदि के बारे में संरक्षण स्रोतों के रूप में
प्रकाश डाला। छत्तीसगढ़ की भूमि दरों और विकसित करने के निर्देश
पट्टे के किराए में राज्य सरकार द्वारा दी गई कलेक्टरों को दिए हैं।
फोटो : जनमन
सरोकार-संवाद का
स्वरूप को देखा है। बीते दो
माह में मुख्यमंत्री ने सरगुजा
और बिलासपुर संभाग के
सभी जिलों का दौरा किया।
इसके बाद वे बस्तर संभाग
के दौरे पर िनकल गए। लोक प्रशासन
2,500 11 9 5,936
सरगुजा व
बिलासपुर
संभाग किलोमीटर जिलों में पहुंचे जिला मुख्यालय में करोड़ रुपए
दौरा की यात्रा मुख्यमंत्री रात्रि िकया विश्राम की दी सौगात
गणतंत्र
72 वें गणतंत्र दिवस पर
प्रदेश की राज्यपाल सुश्री
अनुसुईया उईके ने रायपुर
में ध्वजारोहण कर परेड
की सलामी ली और अपने
उदबोधन में कोरोना योद्धाओं
और वैज्ञानिकों को नमन
किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ में
संचालित योजनाओं को भी
सराहा। विधानसभा अध्यक्ष
डॉ. चरणदास महंत समेत
प्रदेश के मंत्रियों ने भी
अपने प्रभार जिलों में सुश्री अनुसुईया उईके डॉ. चरणदास महंत
ध्वजारोहण किया है। राज्यपाल
छत्तीसगढ़
विधानसभा अध्यक्ष
छत्तीसगढ़
श्री ताम्रध्वज साहू श्री टी. एस. सिंहदेव श्री रविन्द्र चौबे डॉ. प्रेमसाय सिंह श्री मोहम्मद अकबर श्री कवासी लखमा
गृह मंत्री पंचायत, स्वास्थ्य मंत्री कृिष मंत्री स्कूल िशक्षा मंत्री परिवहन व वन मंत्री उद्योग मंत्री
छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन
कोरोना वैक्सीन की प्रदेश की 97% आबादी 2 वर्षों में औसतन दूरसंचार टॉवर बस्तर का नगरनार
खोज करने वाले को पोषण सुरक्षा: 2 हजार बसाहटों व हवाई सेवाओं से इस्पात संयंत्र खरीदने
वैज्ञानिकों को 99 हजार बच्चे हुए में प्रतिवर्ष पहुंचाई बस्तर में एक नए छत्तीसगढ़ सरकार
किया नमन कुपोषण मुक्त बिजली युग की शुरुआत तैयार
श्री शिव कुमार डहरिया श्रीमती अनिला भेड़िया श्री जयसिंह अग्रवाल श्री गुरू रुद्रकुमार श्री उमेश पटेल श्री अमरजीत भगत
नगरीय प्रशासन मंत्री महिला व बाल विकास मंत्री राजस्व मंत्री लोक स्वा. यांत्रिकी मंत्री उच्च िशक्षा व खेल मंत्री खाद्य व संस्कृित मंत्री
छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन छत्तीसगढ़ शासन
मुख्यमंत्री ने दिलाया
युवाओं को भरोसा
नहीं थमेगा प्रतिभा संवारने, रोजगार दिलाने का अभियान
जनमन िरपोर्ट
यह बात मुख्यमंत्री ने अपने पहले लोकवाणी कार्यक्रम में साझा की थी। उन्होंने बताया था
कि 12 नवंबर 1947 के दिन जब महात्मा गांधी को देश को संबोधित करना था, तो उन्होंने
भी रेडियो के माध्यम से अपनी बात रखने का फैसला लिया था। तब बापू ने कहा था कि
मैं रेडियो में ईश्वरीय चमत्कार देखता हूं, यदि मैं यही बात किसी सभा में जाकर कहता तो
उसे आप में बहुत लोग नहीं सुन पाते। मुख्यमंत्री का भी यही मानना है कि एक साथ अनेक
लोगों की बात सुननी हो तो रेडियो आज भी सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।
मु ख्यमंत्री के इस कार्यक्रम का
प्रसारण सभी आकाशवाणी से
होता है। इस दौरान वे समाज
के विभिन्न वर्गों के अलग-
अलग मुद्दों पर आधारित
सवालों के जवाब देते हैं और विचार साझा
साल 2019 में हुई थी शुरुआत
लोकवाणी का पहला प्रसारण 11 अगस्त 2019 काे हुआ था। अब तक कृषि तथा
ग्रामीण विकास, शिक्षा और युवा, स्वास्थ्य एवं मातृ-शक्ति, नगरीय विकास का
नया दौर, आदिवासी विकास-हमारी आस, सेवा का एक साल, बालमन और
तनाव (परीक्षा प्रबंधन और युवा कैरियर के आयाम), महिलाओं को बराबरी
करते हैं। इस रेडियो वार्ता की अभी तक 14 का अवसर, न्याय योजनाएं नयी दिशाएं, समावेशी विकास-आपकी आस और
कड़ियां प्रसारित हो चुकी हैं और अगली कड़ी युवा के विषयों पर बात कर चुके हैं। 14 फरवरी को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
का प्रसारण 14 फरवरी को होगा। आकाशवाणी लोकवाणी की 15 वीं कड़ी में उपयोगी निर्माण, जनहितैषी अधोसंरचनाएं, आपकी
के साथ यह विभिन्न एफएम चैनल और क्षेत्रीय अपेक्षाएं विषय पर बातचीत करेंगे।
समाचार चैनलों पर भी प्रसारित किया जाता
है। हर महीने के दूसरे रविवार को सुबह 10.30
से 11 बजे तक प्रसारित किया जाता है। जो जिज्ञासाओं का समाधान करने का प्रयास किया। मंच पर छत्तीसगढ़ का झण्डा गाड़ रहे हैं।
विषय तय किया जाता है, उस पर आम जनता मुख्यमंत्री ने इस कड़ी में युवाओं को नए वर्ष मुख्यमंत्री ने 12 जनवरी को स्वामी
से सवाल और सुझाव मांगे जाते हैं। इसके की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विवेकानन्द की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस
लिए रायपुर का फोन नंबर 077102430501, छत्तीसगढ़ की तरुणाई नई अंगड़ाई लेकर उठ के अवसर पर उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं
02 और 03 पर तय तारीखों में रिकॉर्ड करा खड़ी हुई है, जो हम सबके सुरक्षित और सुखद और सीख की चर्चा भी युवाओं के साथ की।
सकता है। लोग सवाल कर सकें, इसलिए हर भविष्य का संकते है। श्री बघेल ने युवाओं को उन्होंने स्वामी विवेकानन्द के शब्दों को उद्धृत
कार्यक्रम के अंत में यह बताया जाता है कि उनके उज्जवल भविष्य के प्रति आश्वस्त करते करते हुए कहा कि ’एक विचार उठाओ, उसे
अगले कार्यक्रम का विषय क्या रहेगा। हुए कहा कि युवाओं की प्रतिभा को संवारने अपना जीवन बना लो’ यह सफलता का मार्ग
14वीं कड़ी में मुख्यमंत्री युवाओं से और उन्हें आजीविका के बेहतर अवसर दिलाने है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को
रूबरू हुए। रेडियोवार्ता की यह कड़ी युवाओं के राज्य सरकार के अभियान में किसी तरह की देखकर यही लगता है कि उन पर गांधी-नेहरू-
को समर्पित रही। मुख्यमंत्री ने युवाओं की कोई कमी नहीं होगी। हमारे छत्तीसगढ़ी युवा हर स्वामी विवेकानन्द का असर है।
बना दिया है। वर्ष 2020 में दुर्ग के कल्पित अग्रवाल गेट की परीक्षा में टॉपर रहे तो रायपुर के
तनय राज ने नीट में परचम लहराया।
सर्व-सुविधायुक्त मल्टी
एक्टीविटी सेंटर में एकीकृत
रूप से एक ही प्रांगण में
आजीविका संवर्धन कार्य
प्रारंभ किया गया है। बिहान
स्व सहायता समूह द्वारा
छत्तीसगढ़ी व्यंजन को
प्रोत्साहन के लिए इंद्रावती
भवन, नवा रायपुर में
फोटो : जनमन कैंटीन का संचालन किया
जा रहा है।
छत्तीसगढ़ का सबसे पिछड़ा क्षेत्र कहलाने वाला बस्तर अब अपनी मौलिक सोच में पिछड़ा नहीं रहा। जरूरत थी बस सही
सोच और सही प्राथमिकता के साथ सरकारी कामकाज की। सरकार ने बस्तर के लोगों की वास्तविक जरूरतों को समझा
और इसे ही प्राथमिकता बनाकर काम शुरू किया। इसी आधार पर बस्तर के लिए नए विजन के साथ योजनाएं बनाकर कई
नियमों में बदलाव किए गए। देखते ही देखते दो सालों में बस्तर में अब सकारात्मक बदलाव नजर आने लगा है। बस्तरवासियों
ने जो सपना देखा था, उसे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूरा करना शुरू किया। यह बदलाव इंसानी जीवन को प्रभावित करने
वाले हैं, जिसके तहत लोगों के लिए रोजगार, आजीविका का साधन, अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, जीविकोपार्जन के इंतजाम जैसे
मूलभूत आधार को स्तंभ बनाया गया है। डीएमएफ के बजट से सुकमा, दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कांकेर, कोंडागांव से
लेकर बीजापुर तक बदलाव की तस्वीर साफ दिखाई देने लगी है। यह बदलाव बस्तर के लोगों के चेहरों पर, बच्चों के जीवन,
आजीविका और आशियाने से लेकर परिवार और समाज में साफ दिखाई दे रहा है।
फोटो : जनमन
नवा बस्तर
बस्तर के जंगल, पहाड़, यहां के वनोपज से लेकर यहां उपलब्ध संसाधनों को ही सरकार ने बस्तरवासियों के जीवन का हिस्सा
बनाकर उनकी आय बढ़ाने का काम किया है। जगदलपुर के महारानी अस्पताल में अब स्वास्थ्य की ऐसी सुविधाएं भी उपलब्ध
हैं, जो राज्य के कुछ बड़े शहरों में भी उपलब्ध नहीं हैं। अाधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में अब बच्चे कुपोषण से मुक्त होने
लगे हैं। महिलाओं में खून की कमी खत्म हो रही। घने जंगलों और पहाड़ों में भी लोग सामूहिक रूप से पूरे संसाधानों के साथ खेती
कर रही अपनी आय बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आंकड़े बता रहे हैं कि बस्तर में सबसे बड़ी मलेरिया की बीमारी को
आधे से ज्यादा खत्म कर लिया गया है। बस्तर के ककनार, कोडेनार और मिचनार जैसे तीन इलाकों की सड़कें पहाड़ों को चीरती
हुई गांवों को जोड़ रही हैं। युवाओं को रोजगार उनके जिले में ही मिलने लगा है। उच्च शिक्षा और मुफ्त में प्रतियोगी परीक्षाओं का
लाभ उन्हें मिल रहा है। यह सब उन योजनाओं से संभव हो पाया है, जो यहां के लोगों के लिए सरकार ने तैयार किया है। डीएमएफ
का सारा पैसा अब इन्हीं योजनाओं के माध्यम से सीधे इन लोगों के लिए ही खर्च किया जा रहा है।
आगे पढ़िए ... बदलते बस्तर पर जनमन की िवशेष िरपोर्ट
सरकार के
केवल एक
फैसले से
आया बदलाव,
पहले कलेक्टर
के हाथों में
थी डीएमएफ
राशि की
कमान, लेकिन
अब प्रभारी
मंत्री से लेकर
विधायक कर
रहे हैं लोगों
की जरूरतों के
मुताबिक
बजट जारी
जनमन िरपोर्ट
278.53 करोड़
पेयजल आपूर्ति के िलए
दिसंबर 2020 तक
छत्तीसगढ़ में खनिज
संस्थानों से मिलने वाली
डीएमएफटी (जिला
खनिज संस्थान न्यास)
मु ख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने
पदभार संभालते ही बस्तर का
दौरा किया था। इस दौरे में
ही सभी जिलों के कलेक्टरों
की भी बैठक बुलवाई गई थी।
यह डीएमएफ के बजट को लेकर पहली बैठक
की राशि का छत्तीसगढ़ियों थी। इसमें मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जब कलेक्टरों
101.72 करोड़ के विकास में बड़ा महत्व से यह पूछा कि आखिर डीएमएफ के पैसे को
कैसे खर्च करना है?.. तो कलेक्टर ज्यादा कुछ
पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण है। इनके द्वारा खनिज के नहीं कह पाए। उनकी चुप्पी इसलिए भी थी
बदले डीएमएफ की राशि
424.65 करोड़
क्योंकि डीएमएफ की कमेटी के वे स्वयं जिला
अध्यक्ष थे। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने
ग्रामीणों के विकास के लिए सभी के समक्ष अपना नया विज़न रखा। उन्होंने
स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार को लौटाई जाती बताया कि कैसे अब डीएमएफ की राशि सीधे
111.01 है। राशि के असली हकदार लोगों की आजीविका के लिए खर्च की जाएगी।
60%
उन्होंने सीधे लफ्जों में कहा कि अब कलेक्टर
करोड़, शिक्षा में वे लोग हैं, जो गांव, शहर के बजाए जिले के प्रभारी मंत्री और विधायक
उच्च और जंगलों में निवास तय करेंगे कि डीएमएफ की राशि किस तरह से
118.84 प्राथमिकता करते हैं। जी हां... बात उसी खर्च की जाएगी। इसका पैसा कहां औऱ कैसे
लगाना है, यह नए प्रावधान में तय किए जाएंगे।
करोड़, स्वच्छता में के क्षेत्र में डीएमएफ की राशि की हो कुछ दिनों बाद डीएमएफ को लेकर 2019 का
संशोधित प्रावधान जारी हुआ और सभी जिलों
रही है, जिसके इस्तेमाल
437.74 करोड़ को लेकर मुख्यमंत्री श्री
में प्रभारी मंत्रियों की विधायकों, कलेक्टर और
ग्रामसभा के सदस्यों के साथ बैठक की गई और
कृषि के क्षेत्र में भूपेश बघेल के एक फैसले लोगों के जीवन में बदलाव से जुड़ी योजनाओं
पर काम शुरू हुआ।
30.98 करोड़ ने छत्तीसगढ़ियों के जीवन
में बदलाव लाया है। इसकी
छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरवा और
बाड़ी योजना, मुख्यमंत्री हाटबाजार क्लीनिक
वृद्ध एवं नि:शक्तजन कल्याण योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री
वजह यह थी िक डीएमएफ
110.01 करोड़
स्लम स्वास्थ्य अस्पताल योजना, मुख्यमंत्री
की राशि को सीधे लोगों वार्ड कार्यालय योजना, मलेरिया मुक्त बस्तर,
कौशल विकास एवं रोजगार की जरूरतों को पूरा करने सरकारी इंग्लिश स्कूल, अस्पताल निर्माण,
शिक्षा और कौशल विकास एवं आजीविका
में खर्च किया जाए। इसी
186.32 करोड़
संवर्धन जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं। ये
सोच के साथ डीएमएफ सभी सीधे प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी योजनाएं
महिला एवं बाल विकास बजट को लेकर नियम
हैं। इन सभी योजनाओं में डीएमएफ की राशि
का इस्तेमाल हो रहा है, जिसका सीधा फायदा
188.72 करोड़ बदले गए और दो ही वर्षों
में छत्तीसगढ़ में अब केवल
लोगों तक पहुंच रहा है। इस राशि के इस्तेमाल
को लेकर सामने आई रिपोर्ट्स अद्भुत है।
जनकल्याणकारी योजना छोटे-छोटे स्तर पर खर्च हो रहे डीएमएफ के
अधोसंरचना विकास ही बजट से प्रत्येक व्यक्ति के घर तक लाभ पहुंच
13.20 करोड़ नहीं, बल्कि लोगों का भी रहा है। इन परिणामों को देखते हुए सरकार
जल्द ही डीएमएफ के बजट खर्च का सारा
सतत्जीविकोपार्जन विकास होने लगा है। सिस्टम पारदर्शी बनाने में जुटी है।
डीएमएफ जगदलपुर मुख्यमंत्री सुपोषण शिक्षाविहीन एवं एकल बस्तर को सभी जिलों में
की राशि में महारानी अभियान की सफलता, शिक्षक विद्यालयों 65% से ज्यादा अंग्रेजी स्कूलों
अस्पताल का 21% तक आई कुपोषण में 108 बैगा शिक्षा मलेरिया मुक्त के भवन तैयार
से ये बड़े कायाकल्प के आंकड़ों में गिरावट। संगवारियों की नियुिक्त। कराया गया। किए गए।
बदलाव
बदलाव की वजह...
2019 के पहले नियम नई सरकार के गठन बाद
(डीएमएफ 2015 का प्रावधान) (डीएमएफ संशोधन 2019 के संशोिधत प्रावधान)
डीएमएफ कमेटी के अध्यक्ष डीएमएफ की कमेटी का अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री को नियुक्त किया
कलेक्टर होते थे। न तो इसमें गया। सभी जिले के समस्त विधायकों को इसका पदेन सदस्य बनाया गया।
विधायक पदेन सदस्य होते थे ग्राम सभा के 10 सदस्यों और अनुसूचित क्षेत्रों में ग्रामसभा में 50 फीसदी
और न ही ग्रामसभा के सदस्यों महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान रखा गया।
को इसमें जगह दी जाती थी। कार्ययोजनाओं में पांच साल के विजन को आधार बनाने का उल्लेख किया
महिलाओं का भी कमेटी में स्थान गया। जिसे जिले में सर्वेक्षण के आधार पर जरूरतों के मुताबिक वार्षिक
सुनिश्चित नहीं था। कार्ययोजना के लिए तैयार करने की बात कही गई। यह भी प्रावधान किया
सालभर में कौन से कार्य होंग,े गया कि साल में डीएमएफ कमेटी की एक बैठक अनिवार्य होगी तथा कार्य़
इसकी प्री-प्लानिंग का प्रावधान के दो चऱणों में गुणवत्ता की जांच नियम तय होंगे।
नहीं था। 2019 के पहले पांच खनन से प्रत्यक्ष रूप में 2859 गांव और अप्रत्यक्ष रूप में 9524 गांवों
सालों में केवल एक ही बार कमेटी को प्रभावित क्षेत्र घोषित करने का प्रावधान किया गया। 50 फीसदी राशि
की बैठक हुई, जिसमें ज्यादातर प्रभावित जिले में ही खर्च होगी जिसमें सेवा, रोजगार जीविकोपार्जन जैसी
बजट की राशि अधोसंरचना और जरूरतों का उल्लेख होगा। सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण, युवा गतिविधियों
भवन निर्माण में खर्च की गई। को बढ़ावा देने और सार्वजनिक परिवहन में राशि के खर्च के नियम भी तय
प्रभावित जिले में डीएमएफ की किए गए।
राशि खर्च का सेवा, रोजगार, प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की मूलभूत जरूरतों के मुताबिक राशि के खर्च का
जीविकोपार्जन में उपयोग को नियम तय किया गया। स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की सेवाएं,
लेकर प्रावधान अनिवार्य नहीं था। अंधोसंरचना के कार्य़ और पेयजल से संबंधित कार्यों में 20 फीसदी राशि
सांस्कृतिक एवं युवा गतिविधियों से अधिक खर्च किए जाने का प्रावधान किया गया। स्मार्ट क्लास, इंग्लिश
को बढ़ावा देना जैसी बातों का मीडियम स्कूल, अस्पताल जीर्णोद्धार के लिए भी बजट में स्थान दिया गया।
उल्लेख ही नहीं था।
स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि एवं अन्य सेवा से संबंधित कार्यों को प्राथमिकता में
लोगों की मूलभूत जरूरतों पर शामिल करने के नियम बनाए गए। स्थानीय को रोजगार देना और डाक्टर,
जोर का प्रावधान नहीं था। कृषि, शिक्षक, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य नियुक्तियां स्थानीय भर्ती के नियम तय
उद्यानीकी, वनोपज स्वास्थ्य एवं किए गए। पेयजल, ऊर्जा आधारित परियोजना, नदी नालों का संवर्धन व
सुपोषण जैसे अभियानों को लेकर संरक्षण और बच्चों को उच्च शिक्षा, व्यावसायिक पाठ्यक्रम, छात्रावास जैसे
इसमें स्पष्ट निर्देश नहीं उल्लेखित शुल्क में भी खर्च अनिवार्य किया गया।
थे। पेयजल, ऊर्जा आधारित
परियोजना, नदी नालों का संवर्धन कृषि उत्पादों के लिए संग्रहण, भंडारण, फूड प्रोसिंग यूनिट, लघु वनोपज,
व संरक्षण को भी प्रावधानों में वनौषधि प्रसंस्करण, उन्नत तकनीक का प्रयोग, चारे की व्यवस्था,
शामिल नहीं किया गया था। पशुपालन, गोठान विकास, खनन प्रभावित वन अधिकार पट्टाधारकों के
जीवन में सुधार, उन्नत, फलदार और जैविक कृषि को बढ़ावा देने में राशि
इसमें किसी सलाहकार को खर्च की जाएगी।
शामिल नहीं किया गया, राज्य
स्तर पर निगरानी की व्यवस्था प्रभावित क्षेत्र के परिवार के सदस्यों को नर्सिंग, चिकित्सा, शिक्षा,
नहीं थी, जिससे इसके खर्च को इंजीनियरिंग, विधि, प्रबंधन, उच्च शिक्षा, तकनीकी, कौशल विकास
लेकर ब्यौरा तैयार नहीं किया। के क्षेत्र में पढ़ाई के लिए शैक्षणिक शुल्क और कोचिंग क्लासेस की
व्यवस्था की गई।
सामूिहक खेती
38। फरवरी 2021 । छत्तीसगढ़ जनमन
बदलता बस्तर
जनमन िरपोर्ट
फोटो : जनमन
और ज्यादा उत्पादन की खरीदी से सरकार की आय
तकनीक सिखाए गए भी बढ़ रही
कॉफी
छत्तीसगढ़ के बस्तर
की कॉफी जल्द ही ब्रांड दरभा की झीरमघाटी में जहां नक्सलियों की
दहशत की गूंज सुनाई देती थी, वहां मुख्यमंत्री की
बनकर दुनियाभर में मिलने पहल से हो रही है बस्तर की ब्रांडेड कॉफी की खेती
लगेगी। इसकी खासियत
यह है कि यह दरभा में
उन क्षेत्रों में तैयार की जा
रही है, जहां कभी खेती
करना आसान नहीं था।
इस नक्सल प्रभािवत क्षेत्र में
दहशत की गूंज सुनाई देती
रही है। यहां जनजीवन
की कल्पना भी आसान
नहीं थी, लेकिन अब यहां
विश्व प्रसिद्ध अरेबिका दरभा की
और रोबूस्टा जैसी कॉफी पहाड़ियों पर
की चुस्कियां ली जा सकती फलने वाली
हैं। इन िकस्मों की खेती को बस्तर कॉफी
बढ़ावा देने की योजना पर दुनियाभर में
काम चल रहा है। बस्तर में बिकने के लिए
तैयार
यह अनोखी खेती मुख्यमंत्री
श्री भूपेश बघेल की नरवा-
गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना
फोटो : जनमन
काली मिर्च, आम व
कटहल की भी खेती
दरभा में ही जहां कॉफी की खेती
की जा रही है, वहां आम, कटहल,
सीताफल और काली मिर्च की पुलिस मुख्यालय में
भी खेती होगी। कॉफी के पौधे को सतर्कता सेल का गठन
छांव की जरूरत होती है, लिहाजा किया गया है। यह सेल
इसके लिए सीलेटेंट के पेड़ लगाए पुलिस कर्मियों के विरुद्ध
गए हैं, ताकि यहां बराबर छांव प्राप्त होने वाली भ्रष्टाचार की
मिल सके। इन्हीं पेड़ों में काली शिकायतों की निष्पक्ष तरीके
मिर्च के पौधे को जोड़ा गया है से जांच करेगी। वहीं सभी
ताकि वे इसके सहारे से बढ़ थानों को आदर्श जनसुविधा
सकें। खास बात यह है कि इस केंद्र के रूप में विकसित
तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। थानों में तीन
छत्तीसगढ़ में पहली बार हो रहा है। पालियों में कार्य संपन्न
यह हिमालय से लगी कुछ पहाड़ी होगा और प्रत्येक पालियों के
इलाकों में इस्तेमाल की जाती है। लिए एक नोडल अधिकारी
नियुक्त किया जाएगा।
राज्य सरकार ने
आदिवासियों को उनका
अधिकार देने का काम
किया है। बस्तर और
सरगुजा आदिवासी विकास
प्राधिकरणों में पहले
मुख्यमंत्री अध्यक्ष होते
थे, लेकिन अब स्थानीय
विधायकों को अध्यक्ष
ये हैं विश्व प्रसिद्ध बनाया गया है। साथ ही
कॉफी की किस्में प्राधिकरणों का उपाध्यक्ष
स्थानीय विधायकों को
कॉफी अरेबिका- सेमरेमन, बनाया गया।
चंद्रगरी द्वार्फ, एस-8, एस-9
ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित है। इतना ही नहीं कॉफी रोबूस्टा – सी x आर बस्तर संभाग के परिवारों
आसपास की पहाड़ियां 800 मीटर तक ऊंची के साथ भी न्याय किया
हैं, जहां कॉफी के पौधे आसानी से तैयार हो गया है। प्रति परिवारों को
सकते हैं। बीज को निकालकर उसे सुखाया जाता है। चने के साथ 2 किलो गुड़ भी
इसे फिर प्रोसेसिंग यूनिट के जरिए बीज रूप में दिया जा रहा है। आदिवासी
सरकार का खेती और अलग किया जाता है। बाद में इसे भुना जाता है, अंचलों में कुपोषण और
आजीविका दोनों पर ध्यान ताकि यह एक कॉफी पीने योग्य तैयार हो सके। एनीमिया से पीड़ित शत-
प्रतिशत महिलाओं व
इसके बाद इसका पॉवडर ही फिल्टर कॉफी
कृषि वैज्ञानिक डॉ केपी सिंह का कहना है के लिए तैयार कहलाता है। बस्तर में बस्तर बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक
कि सरकार ने केवल खेती नहीं बल्कि यहां कॉफी नाम से इस उत्पाद को तैयार किया जा भोजन कराने की व्यवस्था
के लोगों की आजीविका को बढ़ाने के लिए रहा है, जिसमें ग्रामीणों को शामिल कराकर और सभी हाटबाजारों
पूरी योजना बनाई है। आने वाले समय में यहां उनकी आजीविका चलाई जा रही है। आसपास में चिकित्सा सुविधा भी
के किसान कॉफी की खेती करने वाले बड़े के बहुत से ग्रामीण अपनी जमीन में भी फॉफी मिलेगी।
किसान कहलाएंगे। कॉफी के अलग-अलग की खेती के लिए तैयार हो रहे हैं।
डीएमएफ से िखली
मुस्कान
देश में सबसे तेजी से डीएमएफ की 66 करोड़
छत्तीसगढ़ में घट रहे बच्चों की राशि की सबसे बेहतर
में कुपोषण और महिलाओं उपयोग हुआ साबित,
में एनीमिया के आंकड़े 14 महीनों में ही 21% तक
कुपोषण के आंकड़े घटे
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के लोकल और
पौष्टिक भोजन का कमाल
99,000 20,000
फोटो : समीर िमत्रा
जनमन िरपोर्ट
लोकल थाली ने
बढ़ाया वजन
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की सबसे
बड़ी खासियत यह है कि इस अभियान
में लोकल भोजन को ही कुपोषण के
खिलाफ हथियार बनाया गया है।
बस्तर हो या सरगुजा का पठार या
फिर रायपुर-बिलासपुर जैसे मैदानी
इलाके, बच्चों को वही खिलाया जा
रहा है, जो उनके क्षेत्र में पोषणयुक्त
भोजन उपलब्ध है। इसमें प्रोटीनयुक्त
अंडा, सोयाबीन बड़ी, चिक्की, बिस्कुट
से लेकर क्षेत्र में मिलने वाली हरी
सब्जियां, भाजी जैसे व्यंजन उन्हें
परोसे जा रहे हैं। बस्तर इलाके के
बच्चे आमतौर पर रोटी नहीं खा पाते,
लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र से उन्हें रोटी
फोटो : जनमन
इस तरह से चला
सबसे बड़ा अभियान
फोटो : जनमन
जनमन की टीम ने मलेरिया
अभियान के बारे में बीजापुर
से 25 किमी दूर घने जंगल
के हितुलवाड़ा गांव में जाकर
पड़ताल की। हितुलवाड़ा गांव उम्र के हिसाब से दवा
में करीब 100 की जनसंख्या
है। इनमें से लगभग सभी की आरएचओ आरएस राजपूत ने
मलेरिया जांच की जा चुकी बताया कि उनके साथ आरती
है। पहले चरण में करीब 30 कोडियाम, मितानिन लक्ष्मी
ग्रामीणों का मलेरिया पॉजीिटव और मोती मंडावी रहते हैं।
आया था। बाद में इन्हें दवा देकर मितानिन उसी गांव की होती
इनका इलाज किया गया। अब है, जो ग्रामीणों से स्थानीय
दो ही मरीज रह गए हैं। इनके भाषा में संवाद स्थापित करने
ठीक होने के बाद यह गांव में मदद करती है। ग्रामीणों की
मलेरिया मुक्त हो जाएगा। इसी जांच के बाद उनकी उम्र के
तरह बस्तर के एक-एक गांव को हिसाब से उन्हें दवा दी जाती
मलेरिया से मुक्ति दिलाई है और एक पर्ची देकर उनसे
जा रही है। फार्म भरवाया जाता है।
कि दो चरणों में ही मलेरिया को बस्तर से 65 बदलाव आया है, अभी स्थिति बेहतर है
फीसदी तक कम कर लिया गया है। सरकार डीएमएफ की राशि को भी मलेरिया मुक्त बस्तर के अभियान का िहस्सा बनाना
बनने के बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बेहद ही महत्वपूर्ण साबित हुआ। मितानिनों के साथ-साथ नर्सों को दुर्गम इलाकों में
बस्तर को मलेरिया मुक्त करने को लेकर भेजना अच्छा निर्णय था। क्योंकि अंदरुनी इलाकों के मरीज
विजन बनाया था। स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस अस्पताल तक नहीं पहुंच पाते। बस्तर, दंतेवाड़ा से लेकर
सिंहदेव ने अधिकारियों के साथ मिलकर इस बीजापुर में भी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बेहतर हुई हैं। मैंने दौरा
विजन को मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान में किया है। लेकिन अभी जिला अस्पतालों के अलावा ब्लॉक
बदल दिया। सरकार के इस अभियान की खास और गांवों के अस्पतालों में भी व्यवस्था ठीक करना जरूरी
बात यह थी कि इसमें कोई अस्पताल तैयार है। हालांकि इस पर काम चल रहा है, लेकिन व्यवस्था
नहीं किया गया, बल्कि अस्पताल की टीम को सरकार को ऐसी करनी होगी कि लोगों को गांवों से जिला
मरीजों तक भेजा गया। बस्तर के कोने-कोने अस्पताल या शहर से बाहर जाने की जरूरत न पड़े।
तक मलेरिया जांच के लिए टीम गाड़ियों में,
पैदल और नाव में सवार होकर घने जंगलों और डॉ. सुलक्षणा नंदी, राज्य संयोजक, पब्लिक हेल्थ नेटवर्क
दूरस्थ अंचलों तक पहुंची। एक-एक शख्स की
दो चरणों में जांच की गई और इस अभियान को
भव्य रूप दिया गया। सातों जिलों में मलेरिया के कुल 4230 प्रकरण जांच की गई। जिसमें पॉजिटिव पाए गए 64
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान दो साल मिले थे, वहीं इस साल सितम्बर में कुल 1458 हजार 646 लोगों का पूर्ण उपचार किया गया।
पहले शुरू हुआ, लेकिन एक साल बाद मामले ही सामने आए हैं। मलेरिया मुक्त बस्तर वहीं दूसरे चरण में कोरोना संक्रमण से बचने
मलेरिया के मरीजों में 65 फीसदी तक कमी अभियान के अंतर्गत इस वर्ष जनवरी-फरवरी की चुनौतियों के बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम
दर्ज की गई। सितंबर 2019 से सितम्बर-2020 में इसका पहला चरण और जून-जुलाई में ने 23 लाख 75 हजार लोगों की जांच कर
में मलेरिया के मामलों में 65.53 प्रतिशत की दूसरा चरण संचालित किया गया था। पहले मलेरिया पीड़ित 30 हजार 076 लोगों को
िगरावट आई। पिछले सितम्बर में संभाग के चरण में 14 लाख छह हजार लोगों की मलेरिया तत्काल इलाज उपलब्ध कराया।
मलेरिया किट के साथ सामान्य संभागवार मलेरिया मुक्त अभियान 15 िदसंबर 2020 से 31 जनवरी 2021
बीमारियों की भी जांच डिटेल बस्तर सरगुजा कुल
मलेरिया जांच दल में एक एएनएम, आरएचओ उप स्वास्थ्य केन्द्र 529 174 703
के साथ नर्स और मितानिन साथ होते हैं। गांव 1918 391 2309
इनके पास रेपिड मलेरिया किट, मलेरिया की घरों में हुई जांच 213372 75904 289276
गोलियां, बीपी मशीन, फॉलिक एसिड की दवा, सर्वे दल 1380 689 2069
एचआईवी किट, ओआरएस की दवाइयां और
स्टेथिस्कोप होता है। मलेरिया की जांच के बाद सर्वे दल के सदस्य 6629 1688 8317
हर उम्र के हिसाब से दवाइयों का पैकेट बना है, कवरेज जनसंख्या 1029437 328341 1357778
जिसे मरीज को दिया जाता है। कुछ गांव में तो मलेरिया प्रकरण 14500 22 14522
ग्रामीणों तक पहली बार कोई स्वास्थ्य का जांच रोगियों की संख्या 14500 22 14522
दल इस तरह से दवा लेकर पहुंचा है। मलेरिया दर 1.41% 1.01% 1.07%
के साथ-साथ एचआईवी और दूसरी बीमारियों
की भी जांच की जाती है। अगर मरीज गंभीर हो जाँच की गई गर्भवती महिलाएं 6834 1819 8653
तो एंबुलेंस बुलवाकर उसे अस्पताल में दाखिल धनात्मक गर्भवती महिलाएं 117(1.7%) 1(0.1%) 118(1.4%)
कराया जाता है और नहीं तो उसे दवा दे दी लक्षण रहित प्रकरण 8539(58.9%) 7(31.8%) 8546(58.8%)
जाती है। लक्षण पाए गए रोगी 5961(41.1%) 15(68.2) 5976(41.2%)
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल से नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के आदिवासी
बच्चों का डॉक्टर बनने का सपना साकार हो रहा है। यहां के तीन बच्चों का एमबीबीएस की पढाई के
लिए जयपुर के जेएनयू में एडमिशन हुआ है। इनकी पढ़ाई का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी।
छ त्तीसगढ़ सरकार ने
दंतेवाड़ा के बालक
आवासीय विद्यालय
बालूद के दो और कन्या
आवासीय विद्यालय कारली की एक बच्ची
को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए राजस्थान
मुख्यमंत्री की वजह से
बेटे का सपना होगा पूरा
दंतेवाड़ा जिला
में रहने वाले
सुधीर कुमार
किसान का बेटा
जयंत बनेगा डॉक्टर
दंतवे ाड़ा में
रहने वाले
जयंत कुमार
के जेएनयू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस रजक को किसान
एंड रिसर्च सेंटर में दाखिला करवाया है। मुख्यमंत्री श्री परिवार से
आवासीय विद्यालय में पढाई करने वाले भूपेश बघेल है। उन्हें
सुधीर कुमार रजक, जयंत कुमार और की वजह से मुख्यमंत्री श्री
ऐश्वर्या नाग का स्टेट काउंसिलिंग में पंजीयन डॉक्टरी की भूपेश बघेल
नहीं हो पाया था। इस वजह से तीनों छात्र- पढ़ाई करने का मौका मिला है। सुधीर की की पहल पर जयपुर के जेएनयू में दाखिला
छात्राएं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश से वंचित नीट में रैंकिंग अच्छी थी,लेकिन छत्तीसगढ़ मिला है। जयंत के पिता खेती-किसानी
रह गए। फिर मुख्यमंत्री ने इनकी पढाई का के मेडिकल कॉलेज में पंजीयन नहीं हो का कार्य करते हैं। ऐसे में निजी कॉलेज
खर्च उठाने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री के पाया। अब निजी कॉलेज में पढाई करने का में एमबीबीएस की पढाई करना संभव नहीं
निर्देश पर इन छात्र-छात्राओं की पढाई के मौका मिला है। जिसको लेकर परिवार में था, लेकिन सरकार एमबीबीएस की पूरे 5
लिए दंतेवाड़ा जिला प्रशासन में 1 करोड़ 36 भी काफी खुशी है। सुधीर के पिता विजय साल तक की पढाई का खर्च उठाएगी, तो
लाख 74 हजार रुपए जमा कराया गया। इन कहते हैं कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी वे डॉक्टर बन जाएंगे। परिवार के लोग भी
बच्चों की एमबीबीएस की पढाई पर कुल 3 नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते जयंत को एमबीबीएस की पढाई करने का
करोड़ 32 लाख 25 हजार रुपए खर्च होंगे। हुए कहा कि इससे उनके बच्चे का सपना भी मौका सरकार की तरफ से दिए जाने पर
यह पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। पूरा हो सकेगा। उत्साहित हैं।
गांव में दंतेवाड़ा के मैलावाड़ा में रहने वाली ऐश्वर्या नाग का डॉक्टर बनने का सपना पूरा होने जा रहा
पहली है। ऐश्वर्या बताती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री की पहल पर
जयपुर के जेएनयू में उन्हें दाखिला मिला है। गांव में अब तक किसी ने डॉक्टरी की पढ़ाई नहीं
बार कोई की है, लेकिन ऐश्वर्या के पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बने। उनका सपना अधूरा रह जाता,
डॉक्टरी अगर सरकार मदद नहीं करती। ऐेश्वर्या ने कहा कि सरकार ने उनके भविष्य की चिंता करते
पढ़ेगा हुए आगे की पढाई करने का मौका दिया है। इसके लिए वे हमेशा आभारी रहेंगी।
का सुकून भी है कि सही
समय में इलाज मिलने की
दोबारा
की 22 साल की श्रीमती
ममता दास का। ममता
ने जगदलपुर के इस
सरकारी अस्पताल में बच्चे
को जन्म दिया है, बच्चे की
हालत नाजुक है और इसी
अस्पताल के एनआईसीयू
में उसका इलाज चल रहा
है। अब ममता को मलाल है
कि काश तीन साल पहले
इलाज हुआ आसान
पिता की बीमारी के वक्त
अस्पताल में आज जैसी गंभीर बीमािरयों, दुर्घटनाओं और नक्सल
सुविधा होती तो उनके पिता हमलों में हताहत का बस्तर में ही इलाज
की जान बच जाती।
पद संभालते ही लिया
मुख्यमंत्री ने फैसला
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जैसे ही
पद संभाला, उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री
टीएस सिंहदेव के साथ बैठक कर
बस्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक
करने की योजनाओं पर बात की।
सीएम के निर्देश पर बस्तर में स्वास्थ्य
सुविधाओं को लेकर पूरा कार्यक्रम
तैयार किया गया। इसमें अस्पतालों के
आधुनिकीकरण से लेकर इलाज की
व्यवस्था को बस्तर में ही सुिनश्चित
किए जाने पर जोर दिया गया। इसके
बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का
पहला बस्तर दौरा हुआ और इस
अस्पताल को सर्वसुविधायुक्त बनाने
का काम शुरू हुआ। मुख्यमंत्री की
सोच थी कि यह अस्पताल ऐसा हो कि
बस्तर के लोगों को इलाज के लिए
कहीं और जाने की जरूरत न
पड़े, बल्कि इलाज के लिए लोग
बस्तर आएं।
300
अब बस्तर में इलाज या अस्पताल की कमी से अस्पताल का एनआईसीयू यूनिट जीवन रक्षक
जूझना नहीं पड़ेगा। यह सब कुछ संभव हो पाया की तरह काम करने लगा है। इतना ही नहीं
है प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल वर्ल्ड क्लास ऑपरेशन थिएटर, सिटी स्कैन
से। उनके एक फैसले ने मरणासन्न अस्पताल से लेकर पैथालॉजी की सभी बुनियादी
वर्ग किलोमीटर को फिर से जीवित कर दिया। हम बात कर रहे और जरूरी जांच की सुविधाएं
के दायरे में सबसे बड़ा हैं जगदलपुर के महारानी अस्पताल की, जिसे भी अब इस अस्पताल में
लाइफ सेविंग अस्पताल सर्वसुविधा के साथ शुरू किया गया है। मौजूद हैं। अच्छी बात
छत्तीसगढ़ के बस्तर में जगदलपुर का यह है कि अब बस्तर के
85 वर्ष पुराना महारानी अस्पताल अब जीवन दुर्गम इलाकों के लोगों को
बस्तर की गर्भवती रक्षक अस्पताल बन गया है। मुख्यमंत्री श्री रायपुर या दूसरे राज्यों के
महिलाओं के चेहरों पर भूपेश बघेल के निर्देश पर तैयार हुए इस अस्पतालों तक जाने
अब दिखने लगी खुशी अस्पताल में आने वाले मरीजों के चेहरे पर अब की जरूरत नहीं
सुकून नजर आने लगा है। यहां अब हर रोज पड़ती।
फोटो : जनमन
दोनों बच्चों ने गांव में ही जन्म लिया, जिसमें
काफी तकलीफ हुई और खतरा भी था, लेकिन
इस बार महारानी अस्पताल में डॉक्टरों की
निगरानी में बिना डर बच्चे को जन्म दिया। यहां
बिना पैसे खर्च किए प्राइवेट अस्पताल जैसी
सुविधा मिली।
3 सौ युवाओं को रोजगार
डीएमएफ फंड का इस्तेमाल निर्माण कार्यों
में होता रहा है, लेकिन लोगों को फायदा
मिले, इसलिए मूलभूत सुविधा जुटाने में हाईटेक ओटी बस्तर का सबसे बड़ा
मद के पैसों के उपयोग का फैसला लिया और आईसीयू ब्लड बैंक और लैब
गया। महारानी अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर महारानी अस्पताल का आॅपरेशन अस्पताल में बस्तर संभाग का
से लेकर स्थानीय लोगों को रोजगार देने थिएटर और आईसीयू प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लड बैंक है। यह नई
के लिए जिला डीएमएफ फंड का एक बड़ा सबसे अच्छा माना जाता है। यहां तकनीक से जुड़ा है, जिसकी
हिस्सा खर्च किया गया। अस्पताल में के ओटी को इंफेक्शनरहित और निगरानी रायपुर से होती है। इस
डाक्टरों के वेतन बढ़ाने के साथ-साथ 300 अच्छी क्वालिटी का बनाया गया ब्लड बैंक में 300 यूनिट तक रक्त
नर्स, वार्ड बॉय जैसे स्टाफ को डीएमएफ के है। यहां टॉप लेवल का आईसीयू स्टॉक में रखा जा सकता है, जो
मद से रोजगार दिया गया। ये सभी स्थानीय है, जहां अब तक 557 लोगों आपात स्थिति में वरदान है। यहां
हैं और इससे यहां के क्षेत्र के विकास में भी को उपचार का लाभ मिल चुका आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं।
योगदान का अवसर मिल रहा है। है। इस आईसीयू की शुरुआत इसके अलावा यहां के पैथालॉजी
दिसंबर 2019 में हुई थी। डाक्टरों लैब में अत्य़ाधुनिक मशीनें लगाई
का कहना है कि अगर यह गई हैं। इन मशीनों से वो सब
ऑपरेशन थिएटर के आईसीयू नहीं होता तो इन मरीजों जांच संभव होने लगा है, जिसके
बाहर भी तसल्ली को दूसरे शहर या राज्य का रूख लिए लोगों को बाहर निजी लैब के
जगदलपुर के बड़े पारा के श्री जगमोहन कश्यप करना पड़ता। चक्कर लगाने पड़ते थे।
की पत्नी श्रीमती रणबती ऑपरेशन थिएटर में
थी। उस वक्त उनके पति और परिवार के तमाम
लोग ओटी के बाहर नए मेहमान का इंतजार कर मुफ्त में सिटी स्कैन और एक्स-रे से राहत
रहे थे। ऑपरेशन के कारण थोड़ी चिंता जरूर महारानी अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग में सिटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे जैसी
थी, लेकिन तसल्ली थी कि अस्पताल में विशेषज्ञ सुविधाओं से मरीजों को बड़ी राहत मिल रही है। यह सुविधा इस पूरे क्षेत्र में दूर-दूर
डॉक्टरों के साथ तमाम सुविधाएं भी हैं। पहले तक नहीं है। कोंडागांव, कांकेर से लेकर जगदलपुर, सुकमा और दंतेवाड़ा तक से
दाई बिना डॉक्टरों के डिलीवरी करवाती थीं, लोग यहां आकर मुफ्त में इस तरह की जांच का लाभ ले रहे हैं।
जिसमें जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा रहता था।
फोटो : जनमन
मुख्यमंत्री कन्यादान
योजना के तहत प्रति जोड़ा
15 हजार से बढ़ाकर 25
हजार रुपए कर दिया गया
है। क्रियान्वयन के लिए
आदेश भी जारी किया गया
है। साथ ही दिव्यांगजनों के
लिए विवाह बाद प्रोत्साहन
राशि प्रति जोड़ा 50 हजार
से बढ़ाकर एक लाख रुपए
किया गया है।
एकमात्र सर्वसुविधायुक्त पहले दौरे में ही मुख्यमंत्री ने
अस्पताल, श्रेय मुख्यमंत्री को दिया कायाकल्प का प्लान भू-जल स्तर को बढ़ाने और
वर्षा जल संरक्षण के लिए
अस्पताल के मुख्य अधीक्षक एवं बस्तर के तत्कालीन कलेक्टर मिशन मोड पर रेन वाटर
सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद ने आईएएस श्री अयाज तंबोली ने हार्वेस्टिंग का कार्य किया जा
बताया कि वो बस्तर में पिछले 18 बताया कि मुख्यमंत्री बनने के बाद रहा है। साथ ही रायपुर की
सालों से हैं। उनके मुताबिक बस्तर में श्री भूपेश बघेल बस्तर के पहले दौरे जीवनदायिनी खारून को
सामान्य इलाज की कल्पना ही बड़ी पर आए थे, तो यहां के स्थानीय लोगों प्रदूषण मुक्त करने मिशन
बात थी। लेकिन पिछले दो सालों में से मिलने के बाद उन्होंने अस्पताल क्लीन खारून प्रारंभ किया
जो अस्पताल का कायाकल्प हुआ, वह को सर्वसुविधायुक्त बनाने का फैसला गया है।
अद्भुत है। श्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लिया और उन्होंने बस्तर के विकास
के विजन के अनुरूप यह अस्पताल का अपना विजन साझा किया। टॉस्क सभी 168 नगरीय-निकायों में
नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार बड़ा था, क्योंकि मेडिकल कॉलेज शहर पारंपरिक पौनी-पसारी बाजार
है। यहां इको-कार्डियोलॉजी से लेकर से काफी दूर है। शहर के बीचों-बीच बनाने का सरकार ने निर्णय
एनआईसीयू, सिटी स्कैन, डिजिटल महारानी अस्पताल से लोगों की लिया है। साथ ही इस बाजार
एक्स-रे, हाईटेक ओटी जैसी सुविधाएं भावनाएं भी जुड़ी थी। सीएम के निर्देश में स्थानीय लुहार, बढ़ई,
उपलब्ध हैं। साथ ही यहां अब पर्याप्त पर डीएमएफ फंड से इस अस्पताल को बुनकरी, बांस के सामान,
डाक्टरों और नर्सों का स्टाफ भी है, सर्वसुविधायुक्त बनाया गया। डॉक्टर चटाई आदि की खरीदी-
जिनके लिए डीएमएफ की राशि सेटअप भी बस्तर आना नहीं चाहते थे, लेकिन बिक्री। 50 प्रतिशत शेड
के बजट में अहम योगदान निभा रही सुविधा मिलने लगी तो उन्होंने भी रुचि महिलाओं के लिए सुरक्षित
है। कोरोना के बाद जब लोगों का दिखाई। डॉक्टरों और स्टाफ की सैलरी रखा जाएगा।
बाहर यात्रा करना मुश्किल हो रहा है, भी डीएमएफ फंड से बढ़ाई गई। यहां
तो बस्तर का यह महारानी अस्पताल कुल 6 भवन थे, िजसमें ओटी, लैब, राज्य सरकार ने पहली बार
जीवनदाता साबित हो रहा है। महिला वार्ड, इमरजेंसी और आईसीयू बच्चों के हित में भी फैसला
नए कलेवर में तैयार किए गए। लिया है। कक्षा बारहवीं तक
के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा
का अधिकार दिया जा रहा है।
सिटी 0 लैब 2840 इससे स्कूलों में बच्चों
स्कैन 127 टेस्ट 7413 की संख्या भी बढ़ेगी और
अल्ट्रा साऊंड 0 1097 पालकों का आर्थिक बोझ भी
सोनोग्राफी एक्स-रे कम होगा।
452 1312
डीएमएफ के फंड ने
बस्तरवासियों के उड़ान
का सपना किया पूरा
फोटो : जनमन
अब और ऊंची उड़ान
जनमन िरपोर्ट
के लिए बोइंग जैसे विमानों को भी उड़ान भरने चुका है। यहां के जैविक और स्थानीय उत्पाद में मदद मिलेगी।
का मौका मिले, ताकि यहां की अर्थव्यवस्था को को पूरी दुनिया में पहुच
ं ाने के लिए एयरपोर्ट का
भी बूम मिल सके। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट विस्तार एक बड़ा माध्यम साबित होगा। इससे
को विस्तार करने की योजना पर काम शुरू हो बस्तर को एक बड़े हब की तरह विकसित करने
जनमन िरपोर्ट
संजीव तिवारी
हमर
फोटो : गूगल
सरकार
क ई बछर पहिली सरग
भरोसे खेती करइया
सुखरू मंडल के खेत मन
के कूत धीरे-धीरे कम होए
लागिस अऊ परिवार बाढ़त गीस। बर-बिहाव
म एकड़-डिसमिल करत जम्मो खेत तको बेचा
रहिस ते मेर उमन ल थिरबांह मिलिस। उँहा
पहिलिच ले अड़बड़ झन छत्तीसगढ़ के मनखे
रहिन, जे मन अपन गांव छोड़ के रोजगार बर
परदेस म रहत रहिन। सुखरू मंडल के नाती
मन के मन उँहा रम गए। दू-चार बछर होरी-
देवारी म गांव आवयं त अपन डोकरी दाई-
उमन अंटियावयं, कहयँ ‘तुम्हारे छत्तीसगढ़ में
क्या है इंहा उपि म आ के देखो।’
दिन बदलत बेरा नई लागय, छत्तीसगढ़ के
गांव म खुशहाली के अंजोर पंगपंगाय लागिस।
नवा सरकार ह आतेच अपन किरिया खाये
जम्मो बचन ल पूरा करिस। किसान ल अपन
गए। एक दिन अईसे आइस के पहिली बेटा बबा बर ओढ़ना-कपड़ा ले के आवयं। रंग-रंग धान के वाजिब कीमत मिलिस अऊ करजा म
फेर नाती मन ल मजबूरी म आन के काम म के फेसन वाला कपड़ा अऊ तस्मा पहिर के बूड़े किसान मन के करजा माफ होगे। मजदूर
मजदूरी कमाए बर परिस। गांव म कहाँ खंती- जब सुखरू मंडल के नाती मन गांव के गली मन के रोजगार के भरपूर इंतजाम होइस अऊ
माटी के काम, कभू रोजगार मिलय, कभू नई म निकलयं त देखनी हो जाय। गांव के मुरझाए गांव के पुरखौती अर्थव्यवस्था के मुताबिक
मिलय। गांव म न रोड न रस्ता, न रोजगार किसान अऊ लेसाए मजदूर मन लोभावयं अऊ नरवा गरुवा घुरुवा बारी योजना के सोर चारो
के ठिकाना न खेती के ठिकाना। बीमार परे म एको-दू बछर म उंकरो मोटरा-गठरी कानपुर बर मुड़ा बगर गए। सुखरू मंडल के नाती मन जब
मरीज तड़फ-तड़फ के मर जाए काबर के सहर बंधा जावय। अइसनहे करत-करत कई बछर ये बात ल सुनिन त उमन ल चिटिको भरोसा नई
रहय दुरिहा अऊ अस्पताल के खरचा उठाये बीत गए। अब ओमन कानपुर ले छत्तीसगढ़ होइस, कहिन ‘सब लबारी मार रहे हैं।’
के ताकत गरीब मनखे मेर रहय नहीं। हार खा आए म ओतियाये लागिन। उंहे झोपड़ा बना के अईसे-तइसे करत उहू दिन आ गए जब
के मंडल के नाती मन परिवार सहित कानपुर रहे लागिन। एती ले फोन जावय के ‘अब वो पूरा देश म कॅरोना महामारी फइल गे अऊ
कमाए-खाय ल चल दीन। हाल नई ये जी गांव के, अब हमर राज आ गए लॉकडाउन पर गए। सुखरू मंडल के नाती
कानपुर म एक ठन बड़का बिल्डिंग बनत हे, छत्तीसगढ़िया सरकार हे, लहुट आवव।’ त मन के काम बंद हो गे। लॉकडाउन के सेती
उमन रासन बर तरस गयं। एती छत्तीसगढ़ म के खम्भा ले रात म घलव गांव म अंजोर बगरे
सरकार ह मानो गरीब जनता बर राशन गोदाम दिखय। बाहिर निकल के जब गांव ल देखिन 10 वर्षों से अधिक अवधि
के मुहड़ा खोल दीस। कोरोना गाईड लाईन त मुह फार दीन, उमन ल लागिस गांव म सरग से संचालित 2 हेक्टेयर क्षेत्र
के पालन करत राहत कार्य तको खुल गए। उतर गए हे। गली-गली म सड़क, पानीटंकी, तक के उद्योगों की भूमि
वोती सुखरू मंडल के नाती संग दुसर सहर स्कूल, अस्पताल, आगनबाड़ी खुल गए हे। फ्री होल्ड करने का ऐलान
कमाए-खाए गए मनखे मन के हालत खराब खेत मन म किसान मन बिजली मोटर ले पानी किया गया है। साथ ही
होए लागिस, उंकर रासन खतम हो गए अऊ पलोवत हें, फसल लहलहावत हे। बुड़ती डहर औद्योगिक क्षेत्र में संचालित
लांघन रहे के पारी आ गे। के तरिया म नरेगा के काम चलत हे गांव के गोदामों का नियमितीकरण
गांव के मनखे मन सुखरू मंडल के नाती मनखे मन तिर अब भरपूर रोजगार हे। गांव के किया जाएगा। इसके
मन करा हाल-चाल लेहे बर फोन करिन त दईहान म गोठान खुल गए हे जिहां गरुवा मन अलावा औद्योगिक भूमि के
उंकर खस्ता हाल के पता चलिस। गांव वाले के चारा-पानी बर टांका बने हे, स्व-सहायता हस्तांतरण शुल्क में कमी
मन लॉकडाउन के बाद घलव सरकार उंकर समूह गोबर ले खातू बनावत हें अऊ परिया परे की जाएगी और प्रक्रिया का
जउन सहायता करत रहिस तेला बताईन। दईहान के दाबा म साग-भाजी उबजावत हें। सरलीकरण किया जा रहा
सुखरू मंडल के नाती मन गांव वाले मन ल सुखरू मंडल के नाती मन के सांस फूल गे, है। उद्योगों के पास उपलब्ध
गिलोली करे लागिन ‘भईया हमर लईका भूख पूरा गांव ल दंउड़त घूम डरिन अऊ अपन गांव रिक्त भूमि आबंटन बाद
के मारे मर जाही गा, छत्तीसगढ़ सरकार मेर के उन्नती ल देख के मगन होगें। उद्योग लगाने अधिकतम
हमर गोहार लगावव भईया, हमन ल जीया लव चारेच दिन म उंनला कानपुर के बंधुवा एक वर्ष का अंतिम अवसर,
भईया। सियान मन कहिन ‘छत्तीसगढ़ सरकार जिनगी अऊ गांव के हरहिंछा जिनगी के अंतर फिर भूमि आबंटन दरों पर
ह गांव ले आन प्रदेश कमाए खाए गए मनखे मन समझ म आ गे। सरकार के नरवा गरुवा घुरुवा वापस लेकर अन्य पात्र
के तको सहायता करत हे, सरपंच ल बतावव बारी उमन ल बिकट पसंद आईस, काबर के उद्यमियों को दी जाएगी।
अऊ ये टूरा मन ल सहायता पहुंचावव।’ गांव के बढ़ोतरी के ये तीनों आधार ये। बीच के
सरपंच मेर संदेसा गीस अऊ सरपंच ह समें म ये आधार ल कोनो नई सोरियाए रहिन, कोर सेक्टर के उद्योगों को
सुखरू मंडल के नाती मन के संग गांव ले खासकर गांव म गरुवा ल पोंसई बड़ पिचकाट प्रतिबंधित सूची से हटाने का
बाहिर कमाए-खाए गए जम्मो मनखे के अऊ झंझट के बुता हो गए रहिस जबकि इही निर्णय सरकार द्वारा लिया
जानकारी सरकार ल दीस। तुरते सुखरू हमर असल धन ये। उंकर घरवाली मन गांव गया है। वहीं औद्योगिक
मंडल के नाती मन संग ओकर गांव के जम्मो के स्व-सहायता समूह के सदस्य बन गीन क्षेत्रों में भूमि आबंटन के
कमईया मन ल कानपुर जिला प्रसासन ह रासन अऊ गौठान म रोजगार कमाए लागिन। थोरकन लिए निर्धारित दरों में 30
पहुचा दीस संग म सरकार ह उंकर खाता म दिन बाद सरकार ह गोबर तको बिसाए लागिस, प्रतिशत की कमी की गई
पईसा तको डार दीस। सुखरू मंडल के नाती येकर से गांव म जेला सबले छोट काम कहे है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र
मन के जीव म जीव आईस। उमन पहिली पईत जाए तेला मान मिलिस। उमन अपन रोज के में आबंटित भूमि पर लीज
अपन दाई के कोरा ल सोरियाईन, गांव वाले काम के संग अब अबन बबा के राखे गरुवा रेंट की दर 3 प्रतिशत से
मन के गोठ के सुरता आईस के अब छत्तीसगढ़ मन के सेवा करके गोबर सकेलथें अऊ बाहिर घटाकर 2 प्रतिशत कर दी
म छत्तीसगढ़िया सरकार हे जेन अपन जनता के गोबर ल तको संइतत हें। देखते-देखत इमन गई है। उद्योगों की स्थापना
के दुख-सुख के पुछइया हे। ल अतका फायदा होए लागे हे के इमन कानपूर के लिए क्लीयरेंस समय-
लाकडाउन म जब ढ़ील मिलिस त ल भुला गए हें। गांव के उंखर घर म लछमी सीमा में उपलब्ध कराने
छत्तीसगढ़ सरकार ह सुखरू मंडल के नाती दाई के असीस छाहित हो गए हे, सुखरू मंडल प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम
मन संग बाहिर कमाए-खाए गए अपन जम्मो अपन घर म अपन जम्मो परिवार ल हांसत- का निर्णय लिया गया है।
मजदूर मन ल ट्रेन अऊ बस म बइठा के उंखर- बोलत देख के बिकट खुस हे। जेवन के बेरा सभी जिला उद्योग केंद्रों में
उंखर घर पहुचा दीस। अपन जनम भूमि के म बासी के कंउरा ल मुह म लेजत नाती मन नए आवेदन लेन शुरू व
माटी ल अपन मूड़ी म लगा के सुखरू मंडल सुखरू मंडल ल पूछत हे ‘बबा हमर गांव म फस्र्ट कम फस्र्ट सर्वे के
के नाती मन गांव के बाहिर बने स्कूल म चउदा ये चमत्कार कइसे होगे गा।’ बबा के आंखी आधार पर भूमि आबंटन
दिन कोरेंटीन काटिन। जब स्कूल के खिड़की म भरोसा के चमक जाग गे वो ह कहत हे किया गया।
ले ओ मन अपन गांव अऊ अपन गांव वाले मन ‘छत्तीसगढ़ म अब हमर सरकार हे बेटा।’
ल देखयं त उंकर मन हरसा जावय। बिजीली