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छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 1

भावार्थ

जनता की ताकत लगातार


बढ़े यही हमारा लक्ष्य है...
क्सर यह बात कही-सुनी जाती है कि कोई सरकार ताकतवर
अ है या कोई सरकार कमजोर है। वास्तव में भारत के संविधान
ने हम भारत के लोगों को लोकतंत्रात्मक गणराज्य से नवाजा
है। इस लोकतंत्रात्मक गणराज्य में जनता को अपना प्रतिनिधि चुनने का
अधिकार होता है और इस तरह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि विधानसभा
अथवा लोकसभा में सरकार का गठन करते हैं और अपना नेता चुनते हैं।
इस तरह हमारे संविधान के अनुसार सरकार अपने आप में कोई ताकत नहीं
है और न ही सरकार की अपनी कोई ताकत होती है बल्कि जनता से मिली
ताकत ही सरकार की ताकत होती है।
मतदाता की शक्ति सिर्फ मताधिकार तक सीमित नहीं रहे बल्कि उसके
मत अथवा इच्छा और अपेक्षा के अनुसार सरकार अपनी योजनाएं बनाएं
और उसे अमल में लाएं तब जनता की असली ताकत का सृजन होता है।
विडम्बना है कि कुछ ऐतिहासिक और कुछ राजनीतिक कारणों से आम
जनता की ताकत सदैव एक दिशा में बढ़ नहीं पाई। लेकिन राज्य की
जनता ने विभेदकारी तत्वों की पहचान करते हुए बाजियां पलटीं और ऐसे
नेतृत्व को सत्ता सौंपी जो जनता की शक्ति बढ़ाने को अहमियत देते हैं, जो
जनता की जरूरतों को समझते हैं और उनको अधिकार, सम्मान, गरिमा
के साथ स्वावलंबन बढ़ाने की पहल करते हैं। मुझे यह कहते हुए खुशी है
कि मार्च 2023 में मैंने जितनी नई घोषणाएं की थीं, उनमें से ज्यादातर का
क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण, बेरोजगारी
भत्ता, विभिन्न वर्गों के मानदेय, छात्रवृत्ति आदि में वृद्धि जैसे कार्यों का असर
शुरू हो गया है वहीं प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी के फैसले से हमारे
किसान भाइयों के लिए भावी फसल की योजना बनाना भी आसान हो गया
है। छत्तीसगढ़ में हमने जो विकास का मॉडल अपनाया है, वह न सिर्फ
जनता का भरोसा जीतने का मॉडल है बल्कि जनता का विश्वास बढ़ाने का
भी मॉडल है। हमारे सारे प्रयासों का लक्ष्य जनता को सामाजिक, आर्थिक,
राजनीतिक अधिकार और ताकत देना है। मुझे खुशी है कि हम अपने लक्ष्यों
को न सिर्फ पूरा कर रहे हैं बल्कि उन्हें लगातार बड़ा करते जा रहे हैं और इस
तरह जनता की ताकत को नई ऊंचाइयों पर भी पहुंचा रहे हैं।
शुभकामनाओं सहित।

आपका,

भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़

2। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 3


भीतर सुिर्खयां
फोकस
65
RNI Regi.-CHHHIN/2010/36902
गौठानों में भी बिजली मािसक पत्रिका LXØfeÀf¦fP
हिंदी मासिक पत्रिका LXØfeÀf¦fP उत्पादन ...

रायपुर, वर्ष: 13, अंक: 1, 15 अप्रैल 2023 भेंट-मुलाकात


भरोसे का एक
मुद्रक एवं प्रकाशक 34
सेतु यह भी...
दीपांशु काबरा IPS
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-
संपादक मुलाकात कार्यक्रम के लिए दुर्ग
जिले का दौरा ...
उमेश कुमार मिश्र
संपादकीय सलाहकार
पहल पर्यटन
सुदीप त्रिपाठी
सुरेंद्र सिंह बजट के दौरान ढोलकल
46 48
विंदेश श्रीवास्तव वादा माहभर ... श्रीगणेश...

12 बेरोजगारी से छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला में


वितरण व्यवस्था प्रभारी सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण शुरू ढोलकल की पहाड़ियों पर बसे
आलोक देव किया है, जिसके तहत... भगवान श्रीगणेश...

मुक्ति की ओर...
6
संपादन सहयोगी
एल.डी. मानिकपुरी, किशन लाल
लेआउट डिजाइन
भरोसा है कि नहीं? बढ़ता रोजगार
सुरेंद्र देवांगन
छायाकार हां है!... मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ अब बेरोजगारी
मुक्त राज्य की ओर बढ़ रहा है। देश में सबसे कम बेरोजगार
वाले राज्यों की सूची में अब छत्तीसगढ़ का नाम भी आने लगा है।
नरेंद्र बंगाले भरोसे का सम्मेलन सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी) आंकड़ों ...
संपर्क मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पिछले साढ़े चार वर्षाें में सरकार ने जो काम किए,
छत्तीसगढ़ संवाद जिन योजनाओं को धरातल पर उतारा, उन्हीं को लेकर बस्तर के जगदलपुर में ‘भरोसे का अमल ग्रामीण कुटीर उद्योग नीतिं
नवा रायपुर सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। भाषण के दौरान जब मुख्यमंत्री ने किसान, आदिवासी,
मिलने लगा स्थानीय आधार:
युवा, महिलाएं, बच्चों के लिए हुए हर काम को गिनाया और पूछा कि सरकार पर भरोसा है कि 18 20 बड़ा बाजार...
नहीं? तो लाखों की तादाद ने मौजूद भीड़ में एक स्वर में हाथ उठाकर कहा कि हां, भरोसा है। बेरोजगारी...
उन्होंने कहा कि पहले बस्तर में गोलियां चलती...

52 भरोसा बिजली
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता देने अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़
की घोषणा के बाद इसके पंजीयन सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-
गोधन न्याय योजना की प्रक्रिया शुरू हो ... छोटे कुटीर उद्योगों...

11
कमाई का सूत्र:
गोबर-गौमूत्र... नई राह पर...
छत्तीसगढ़ के गौपालक और गौठानों में काम फूलों की खेती से फोकस
पत्रिका छत्तीसगढ़ जनमन के इस अंक करने वाले महिला समूहों की कमाई लगातार 22 खुशहाली...
का पीडीएफ प्राप्त करने के िलए कृपया जारी है। अप्रैल महीने में फिर... मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के िवकास को न
QR कोड स्केन करें। खूबसूरत और नरमो-नाजुक फूलों सिर्फ नए आयाम दिए, बल्कि नए प्रतिमान और नई कसौटियों पर
नोट : पत्रिका में प्रकाशित सभी लेख, आलेख व समाचार की जिम्मेदारी ‘‘संपादक’’ की होगी। तथ्य एवं आंकडे़ परिवर्तनशील होते है, इस के बाग की तस्वीर देखकर ही मन रखते हुए संपूर्ण कार्यप्रणाली में बदलाव का भी सूत्रपात किया। श्री
E-Mail : chhattisgarhjanman@gmail.com पत्रिका में उनका उल्लेख केवल सांकेतिक है। पुष्टी तथा विस्तृत जानकारियों के लिए संबंधित विभागों से संपर्क किया जा सकता है। किसी भी
विवाद का न्याय क्षेत्र रायपुर (छत्तीसगढ़) होगा। महक उठता है। फूलों के... बघेल ने कहा कि हमें सिर्फ बिजली उत्पादन वाला...

4। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 5


हां है!
भरोसे का सम्मेलन

आदिवासियों, किसानों,
युवाओं, महिलाओं, बच्चों...

भरोसा
है कि
नहीं?
जनमन िरपोर्ट
मुख्यमंत्री ने कहा- पहले बस्तर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पिछले साढ़े चार वर्षाें में सरकार ने जो काम किए, जिन योजनाओं को में गोलियां चलती थीं आज
धरातल पर उतारा, उन्हीं को लेकर बस्तर के जगदलपुर में ‘भरोसे का सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। नौजवानों के गीत गूंजते हैं
भाषण के दौरान जब मुख्यमंत्री ने किसान, आदिवासी, युवा, महिलाओं, बच्चों के लिए किए गए हर काम को
गिनाया और पूछा कि सरकार पर भरोसा है कि नहीं? तो लाखों की तादाद ने मौजूद भीड़ में एक स्वर में हाथ बस्तर आगे बढ़ रहा है, नौजवानों
उठाकर कहा कि हां, भरोसा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बस्तर में गोलियां चलती थीं, आज नौजवानों के को मिल रहा है रोजगार
गीत गूंजते हैं। पहले बस्तर आने से लोग डरा करते थे। आज बस्तर में रोजगार और नवाचार दिख रहा विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी
है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि बस्तर की संस्कृति और छत्तीसगढ़ में हो
रहे नवाचार की गूंज पूरी दुनिया में है। नेहरू जी और इंदिरा जी के दिल में बस्तर के लोगांे के लिए विशेष
ने की छत्तीसगढ़ सरकार की जमकर
तारीफ, कहा- नेहरू जी और इंदिरा
ज गदलपुर में भरोसे के सम्मेलन कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री
आदिवासी परब सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री श्री
बघेल ने श्रीमती प्रियंका गांधी की विशेष उपस्थिति में आदिवासियों के
जी के दिल में था बस्तर के लोगों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस
सम्मान था। कार्यक्रम में उन्होंने धान खरीदी - लघु वनोपज के एमएसपी मॉडल और स्वास्थ्य मॉडल के लिए योजना की शुरुआत की। इसके तहत अनुसूचित क्षेत्रों की ग्राम पंचायताें को प्रतिवर्ष
छत्तीसगढ़ सरकार की जमकर तारीफ की। लिए विशेष सम्मान 10,000 रुपए की अनुदान राशि दो किस्तों में दी जाएगी।

6। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 7


भरोसे का सम्मेलन

बस्तर को सौगात
इंदिरा गांधी का िदया पट्टा छीन लिया ‘भरोसे का सम्मेलन’ में श्री बघेल ने जगदलपुर के इंदिरा गांधी

गया था, अब फिर राहुल ने लौटाया


प्रियदर्शिनी स्टेडियम का उन्नयन कर अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबाल,
हॉकी और टेनिस मैदान विकसित करने, प्राथमिक वनोपज सहकारी
समिति के प्रबंधकों को तीन स्तरीय संविदा वेतनमान देने, बस्तर संभाग
मुख्यालय जगदलपुर में ‘इन्दिरा गांधी महिला सहकारी बैंक‘ की स्थापना
दिया था। जो बाद में छीन लिया गया था अब करने, शासकीय आदर्श महिला महाविद्यालय नारायणपुर का नामकरण
राहुल गांधी ने आदिवासियों को जमीन का पट्टा वीरांगना रमोतीन माड़िया शासकीय आदर्श महिला महाविद्यालय करने
वापस दिलाया है। अाज बस्तर के नौजवानों को की घोषणा की।
रोजगार मिल रहा है। इसी प्रकार उन्होंने कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र
उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा में आज डेनेक्स केरलापाल का नामकरण घोटुल के संस्थापक देव ‘लिंगो मुदियाल
में कपड़े बनाए जा रहे हैं, ये कपड़े देश-दुनिया कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र केरलापाल नारायणपुर’ करने,
में जा रहे हैं। हमारी बहनें काम कर रही हैं, आगे शासकीय नवीन महाविद्यालय कटेकल्याण का नामकरण ‘हिड़मा
बढ़ रही हैं। हमारी सरकार ने लाखों परिवारों मांझी शासकीय महाविद्यालय कटेकल्याण’ करने एवं शासकीय नवीन
को वनाधिकार पट्टा देने का काम किया। यह महाविद्यालय भैरमगढ़ का नामकरण ‘धुर्वाराव माड़िया शासकीय हर हाथ को मजबूत बनाने का
सम्मेलन आदिवासियों, किसानों, मजदूरों,
माताओं, बच्चों, बस्तर और छत्तीसगढ़ के भरोसे
महाविद्यालय भैरमगढ़’ करने की घोषणा की।
कार्य किया: प्रियंका गांधी
का सम्मेलन है। दंतेश्वरी माई, बस्तर का कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने भरोसे के
दशहरा और यहां के आदिवासियों की संस्कृति सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां पहली बार आई
बस्तर की पहचान है, बस्तर की संस्कृति और हूं, आप मुझे नहीं जानते, आप इसलिए आए हैं क्योंकि आपका
परंपराओं को संरक्षित करने की दिशा में काम मेरे परिवार पर भरोसा है। यहां की कहानियां, आपकी संस्कृति,
करते हुए हम देवगुड़ियों और घोटुलों का आपके संघर्ष के बारे में मैं बचपन से जानती हूं। मेरे घर के सदस्यों
निर्माण कर रहे हैं। हमारी योजनाओं से वन ने आपकी संस्कृति, संघर्षों और चुनौतियों को जाना है। उन्होंने
क्षेत्रों में किसानों और लघु वनोपज विक्रेताओं, छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा यहां के लोगों के हित में चलाई जा रही
तेंदूपत्ता संग्राहकों में सम्पन्नता आई है। योजनाओं की सराहना की और कहा कि छत्तीसगढ़ में हर वर्ग
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने लोक खुशहाल है और आगे बढ़ रहा है। हमारी सरकार ने हर हाथ को
पर्वों पर अवकाश की घोषणा की है। हमारी मजबूत बनाने का कार्य किया है।
कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को श्रीमती गांधी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण
काम दे सकें और लोगों की विकास में भागीदारी भरोसा होता है। यहां जब मैं आई तो एक बहन ने मेरे लिए सुबह से
हो। हम जूते, चप्पल और मोबाइल नहीं दे रहे आइसक्रीम बना कर रखी थी, लेकिन जब मैं वहां पहुच ं ी तो उन्होंने
बल्कि आपकी जेब में सीधे पैसा डाल रहे हैं मुझसे कहा कि आपको अभी मंच से बोलना है आप ठंडी आइसक्रीम
ताकि आप जो चाहें वो खरीद सकें। हमने डेढ़ मत खाइए... यह एक बहन का भरोसा है, एक पल में मेरा उनसे
लाख करोड़ रुपए लोगों की जेब में डाले हैं। रिश्ता बन गया। किसी जगह की पहचान तीन चीजों से होती है।
बैगा, पुजारी, गुनिया और भूमिहीनों को हम संस्कृति का सम्मान, लोगों का मान और सरकार द्वारा जनता का
7000 रुपए प्रतिवर्ष दे रहे हैं। सर्वांगीण विकास सम्मान। मुख्यमंत्री जी ने आप सभी से कहा कि एक समय यहां
के लिए कार्य करते हुए हम लोगों को अधिकार लोगों को आने में डर लगता था। आज यही बस्तर एक ब्रांड बन गया
सम्पन्न बना रहे हैं। हमारी सरकार सबको साथ है। सरकार की मदद के साथ आपकी आमदनी बढ़ रही है। प्रकृति
लेकर चलने वाली सरकार है। हमने किसानों का सम्मान करने के लिए मेरी दादी श्रीमती इंदिरा गांधी आप सभी
का कर्जा माफ किया, इनपुट सब्सिडी और आदिवासी भाई-बहनों का बहुत सम्मान करती थीं। यहां बेरोजगारी की
समर्थन मूल्य के साथ धान का 2500 रुपए दर देश में सबसे कम है और सबसे ज्यादा वनोपज के लिए एमएसपी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित के रास्ते पर हम चल रहे हैं, बस्तर आगे बढ़ दिलाने का वादा पूरा किया है। राजीव किसान यहां का स्वास्थ्य मॉडल देश के लिए उदाहरण है। इस अवसर पर
करते हुए कहा कि यहां पर आदिवासियों की रहा है। योजनाओं का लाभ लोग ले रहे हैं। न्याय योजना से किसानों को 9000 रुपए प्रति कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उद्योग एवं बस्तर जिले के प्रभारी
जमीनें छीन ली गयी थीं। देश में पहला उदाहरण शिक्षा के माध्यम से फिर से बस्तर को आगे एकड़ देने का कार्य किया है। यही कारण है कि मंत्री श्री कवासी लखमा ने बस्तर अंचल के नागरिकों की ओर से
था, जब हमने लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की बढ़ाने का काम चल रहा है। श्रीमती इंदिरा आज प्रदेश के लाखों परिवार उन्नति के रास्ते श्रीमती प्रियंका गांधी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के
जमीनें वापस कराने का काम किया। विकास गांधी आई थी, उन्होंने आदिवासियों को पट्टा चल पड़े हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल देश के अग्रणी मुख्यमंत्री हैं।

8। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 9


भरोसे का सम्मेलन गोधन न्याय योजना

मुख्यमंत्री आदिवासी परब हर साल


मिलेंगे 10
सम्मान निधि योजना लागू हजार रुपए

फोटो : जनमन

कमाई का सूत्र: गोबर-गौमूत्र


धन न्याय योजना के जरिए गोबर और गौमूत्र खरीदने वाले
गौपालकों और समूह की
महिलाओं को अब तक 224 गो छत्तीसगढ़ राज्य की बढ़त जारी है। अप्रैल माह में मुख्यमंत्री
श्री भूपेश बघेल ने 5.32 करोड़ रुपए गौपालकों और गौठान
करोड़ रुपए का भुगतान समितियों को ऑनलाइन जारी किया। योजना की शुरुआत से अब तक
224 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है। 16 से 31
जनमन िरपोर्ट मार्च तक खरीदे गए 1 लाख 45 हजार क्विंटल गोबर के एवज में 2
करोड़ 91 लाख रुपए का भुगतान किया गया। िजसमें गौठान समितियों
छत्तीसगढ़ के गौपालक और को 1.43 करोड़ रुपए और महिला समूहों को 98 लाख रुपए की लाभांश
‘भरोसे के सम्मेलन’ का ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री कैसे लागू होगी योजना
श्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया। इस योजना के तहत आदिवासी पर्व एवं त्यौहारों के गरिमामय गौठानों में काम करने वाले राशि है।
आयोजन के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायतों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। इस < ग्राम स्तरीय शासी निकाय में संबंधित महिला समूहों की कमाई गांवों के आर्थिक स्वावलंबन का काम
अवसर पर श्री बघेल ने बस्तर संभाग के 1840 ग्राम पंचायतों को प्रथम किस्त के रूप में 5-5 ग्राम पंचायत के सरपंच अध्यक्ष होंगे। गायता,
हजार रुपए की राशि जारी की है। पुजारी, सिरहा, गुनिया, बैगा सदस्य होंगे। इस
लगातार जारी है। अप्रैल महीने गोधन न्याय योजना में निरंतर उपलब्धियां हासिल की जा रही हैं, लेकिन
निकाय में ग्राम के दो बुजुर्ग, दो महिला, ग्राम में फिर उन्हें करीब 5.32 करोड़ स्वावलंबी गौठानों की संख्या में जिस तेजी से वृद्धि हो रही है, वह सबसे बड़ी
जानिए इसका उद्देश्य बजट में है प्रावधान कोटवार, पटेल और ग्राम पंचायत के सचिव रुपए की किस्त जारी की गई। उपलब्धि है, क्योंकि इस योजना का मुख्य उद्देश्य ही अपने गांवों को आर्थिक रूप
सदस्य होंगे। से स्वावलंबी बनाना है। गोबर विक्रेताओं को दी जा रही राशि में से 1 करोड़ 67
मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि का उद्शदे ्य
आदिवासियों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 26 जनवरी को
गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदिवासी < जनपद स्तरीय शासी निकाय में
अब तक उन्हें करीब 224 करोड़ लाख रुपए की राशि स्वावलंबी गौठानों की ओर से स्वयं भुगतान की जा रही है।
परम्परा को संरक्षित करना है ताकि इन त्यौहारों, समाज की संस्कृति और पर्वों की परम्परा अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष रुपए का भुगतान किया जा जबकि विभाग की ओर से 1 करोड़ 24 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है।
गौठान समितियों को स्वावलंबन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हम लोगों ने
उत्सवों को मूल स्वरूप से आगामी पीढ़ी तक के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री आदिवासी होंगे और मुख्य कार्यपालन अधिकारी,
जनपद पंचायत इसके सदस्य सचिव रहेंगे।
चुका है। हर जिले, हर गांव से स्वावलंबी गौठान समिति के अध्यक्षों को 750 रुपए और सदस्यों को 500 रुपए
पहुचं ाया जा सकें। अनुसचि ू त क्षेत्र के ग्रामों में परब सम्मान निधि योजना की घोषणा की
जनजातियों के उत्सवों, त्यौहारों, मेला, मड़ई, जात्रा थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में इस इस निकाय में जनपद पंचायत के अध्यक्ष, गोबर बेचकर अच्छी कमाई हर महीने प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।
पर्व, सरना पूजा, देवगुड़ी, नवाखाई, छेरछेरा, अक्ती, योजना के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार और संसाधन जुटाने की खबरें गोबर बेचकर कमाई पौने दो लाख, बनवा रही मकान
हरेली आदि के जरिए संस्कृति को संरक्षित करना किया गया है। यह योजना छत्तीसगढ़ के सदस्य शामिल रहेंगे।
भी है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को हर साल 10,000 समस्त अनुसूचित क्षेत्र (अनुसूचित जनजाति < ग्राम में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि
आ रही हैं। राज्य की इस योजना अभनपुर निवासी हीराबाई के लिए गोधन न्याय योजना
रुपए की अनुदान राशि दो किस्तों में दी जाएगी। विकासखण्ड) में लागू होगी। का उपयोग किया जाना है। इसका निर्धारण को गांवों में रोजगार के लिए वरदान साबित हुई है। गोबर बेचकर हीराबाई ने एक लाख
70 हजार रुपए की कमाई की है। इस पैसे से वे मकान
क्रियान्वयन की प्रक्रिया: इस योजना की इकाई गांव होंगे। योजना के लिए नोडल
ग्राम स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। संजीवनी देने वाली योजना के बनवा रही हैं। घर में बोर खनन का भी काम कराया है।
जनपद स्तर पर इस योजना के क्रियान्वयन की
एजेंसी मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत को बनाया गया है। ग्राम स्तरीय शासी निकाय निगरानी एवं समन्वय हेतु जनपद स्तरीय शासी तौर पर देखा जा रहा है। अब उनका आशियाना भी पक्का हो जाएगा।
एवं अनुभाग स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय जिम्मेदार होगा।

10। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 11


बढ़ता रोजगार

ऐसे घटते गए आंकड़े जनमन िरपोर्ट


मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़
वर्ष न्यूनतम से अधिकतम तक अब बेरोजगारी मुक्त राज्य की ओर बढ़ रहा
है। देश में सबसे कम बेरोजगार वाले राज्यों की
2018 22.2% सूची में अब छत्तीसगढ़ का नाम भी आने लगा
है। सीएमआईई (सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन
इकोनॉमी) आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 की
2019 9.8% बात करें तो राज्य में बेरोजगारी दर का आंकड़ा
22.2 प्रतिशत तक पहुंच गया था। ठीक चुनाव से
पहले सितंबर 2018 में यह आंकड़ा 22.2 प्रतिशत

कोरोना
2020 14.2% था, लेकिन जब दिसंबर 2018 में मुख्यमंत्री श्री
भूपेश बघेल की सरकार ने जिम्मेदारी संभाली
काल तो इन आंकड़ों में धीरे-धीरे कमी आती गई। वर्ष
2021 8.0% 2023 की बात करें तो जनवरी में यह आंकड़ा 0.5,
फरवरी व मार्च माह में यह आंकड़ा 0.8 पर बना
हुआ है। तब और अब में अंतर साफ है। कोविड
2022 0.1 से 3.4% काल के दौरान भी जब देशभर में बेरोजगारी
के आंकड़े बढ़ते जा रहे थे, तो यहां सरकार ने
अपनी योजनाओं के जरिए इस पर नियंत्रण
2023 0.5 से 0.8% बनाए रखा था। आज स्थिति यह है कि छत्तीसगढ़
की बेरोजगारी दर देशभर में अर्थशात्रियों के लिए
स्रोत-सीएमआईई अध्ययन का विषय बनी हुई है।

बेरोजगारी से
रोजगारी दर पर अंकुश को लेकर राज्य में हर वर्ग को सशक्त बनाने का प्रयास इनसे गांवों में निश्चित रोजगार मिलने लगा।
सरकार की बे जब छत्तीसगढ़ की बात होती है
तो मुख्यमंत्री श्री बघेल की उन
किया गया। इनके जरिए ग्रामीण कारोबार
और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए गए, जिससे
वनाधिकार पत्र के जरिए अनुसूचित जनजाति
व अन्य परंपरागत वन निवासियों को संसाधन
रोजगार से जुड़ी तमाम योजनाओं और फैसलों का जिक्र होता
है, जो सीधे लोगों की जेब में पैसा पहुंचाने से
बेरोजगारी दर कम करने में काफी मदद
मिली। सुराजी ग्राम योजना के नरवा-गरुवा-
उपलब्ध करवाए गए। औद्योगिक नीतियों में
बदलाव किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा
योजनाओं के

मुक्ति की ओर
जुड़ी हैं। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी राजीव घुरुवा-बारी कार्यक्रम के तहत गौठान बनाए उद्योग स्थापित किए जा सकें। शिक्षा के क्षेत्र
असर से प्रदेश गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी
ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना,
गए, जिन्हें बाद में ग्रामीण औद्योगिक पार्क
में बदला गया। परंपरागत कारोबार की अब
में नए स्कूल, कॉलेजों की शुरुआत से बड़े
पैमाने पर रोजगार मिला। विभागों, निगमों,
की आर्थिक गोधन न्याय योजना, मिलेट्स व दलहन की सुविधाएं बढ़ाई गईं। ये ग्रामीण अर्थव्यवस्था मंडलों, आयोगों, समितियों आदि में निर्धारित
समर्थन मूल्य में खरीदी, लघु वनोपज की की सबसे बड़ी नींव कहलाई, जिनके जरिए व्यवस्था तथा व्यापम और लोक सेवा आयोग
स्थिति भी हुई समर्थन मूल्य में खरीदी, तेंदूपत्ता संग्रहण सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर दिए गए। के जरिए मिलने वाली नौकरी के लिए पारदर्शी
वर्ष 2018 में जहां राज्य की बेरोजगारी दर 22.2 तक पहुंच गई थी, बेहतर पारिश्रमिक में बढ़ोतरी से लेकर डीएमएफ इसके अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार व्यवस्था बनाकर समय पर परीक्षाएं करवाई
वहीं साढ़े चार वर्षों में घटकर 0.1 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर तक फंड की बुनियादी जरूरतें व आजीविका गारंटी अधिनियम के तहत रोजगार के 100 गईं ताकि नौकरियां निरंतर मिलती रहे। इन
आधारित अधोसंरचनाओं में खर्च वाले फैसलों दिवस की व्यवस्था को निश्चित किया गया तमाम प्रयासों का असर ही बेरोजगारी के
का जिक्र होता है। इन योजनाओं के जरिए और ज्यादा से ज्यादा जॉब कार्ड बनाए गए। आंकड़ों को धीरे-धीरे कम करता गया।

12। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 13


युवा जतन

ऐसी नौकरी के लिए बाहर


जाने की जरूरत नहीं
रायपुर में इस तरह के कॉल सेंटर
बीपीओ में काम
उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां के
युवाओं को इंदौर, बैंगलुरू जैसे अन्य
महानगरों में जाकर रोजगार के अवसर
जिंदगी को नया आयाम
तलाशने पड़ते थे। प्रतिस्पर्धा के दौर
में सीमित संसाधनों के कारण यहां कें राजनांदगांव के बीपीओ सेंटर में 1200 से ज्यादा
युवा इस प्रकार के रोजगार से वंचित को नौकरी मिलने से परिवार हो रहे मजबूत
हो जाते थे। अब रायपुर में बीपीओ
सेंटर खुल जाने से ऐसे युवाओं को
छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाले राज्यों की सूची में इसलिए शामिल है, क्योंकि
रोजगार के नए अवसर मिलेंग।े सेंटर यहां की सरकार लगातार युवाओं के लिए नौकरी और रोजगार के अवसर तैयार कर उन्हें
के मार्फत देश-विदेश की बड़ी कंपनियों सशक्त बनाने का काम कर रही है। युवाओं के साथ-साथ महिलाओं को भी कामकाजी बनने
और वाणिज्यिक सेवा संस्थानों से के लिए मौके दिए जा रहे हैं, ताकि वो भी अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर
जुड़कर स्थानीय युवाओं की रोजगार सकें। बीपीओ सेंटर के जरिए छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के टेड़ेसरा ग्राम में आरोहण बीपीओ
और विकास में भागीदारी भी बढ़ेगी। सेंटर संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल की सरकार इस सेंटर को लेकर
इसके साथ ही नई तकनीकों के उपयोग यही कोशिश करती रही कि यहां ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिल सके। प्रदेश के
से विभिन्न कंपनियों में संपर्क होने से कई जिलों के युवाओं को रोजगार मिल रहा है और उनके कौशल विकास एवं बेहतर भविष्य
युवाओं का संवाद कौशल भी बढ़ेगा, के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म तैयार हुआ है।
जिससे विकास के नए रास्ते खुलग ें ।े

अब रायपुर में भी होगा बीपीओ सेंटर

युवाओं को रोजगार की नई राह


पीओ सेंटर की स्थापना से रायपुर के युवाओं को
जनमन िरपोर्ट
बी उन्नत व आधुनिक सुविधाओं के जरिए रोज़गार
के नये रास्ते मिलेंगे। मल्टीनेशनल कंपनियों
छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध में नौकरी से युवाओं में आत्मनिर्भरता आएगी। बीपीओ के
कराने के लिए रायपुर में बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस जरिए कॉल सेंटर कस्टमर सपोर्ट, सेल्स एंड मार्केटिंग, डाटा
आउटसोर्सिंग) सेंटर की शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री श्री एंट्री, टेक्निकल सपोर्ट, चैट सपोर्ट, बैक एंड फ्रंट ऑफिस
वर्क, सोशल मीडिया हैण्डलिंग, डाटा एनालिसिस जैसे
भूपेश बघेल ने सोमवार 17 अप्रैल 2023 को भूमिपूजन आउटसोर्सिंग व्यवसाय से युवा जुड़ सकेंगे। सूचना क्रांति के
कर इसकी नींव रखी। रायपुर कलेक्टोरेट परिसर में इस दौर में रायपुर में लम्बे समय से ऐसे आधुनिक बीपीओ
सेंटर की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जहां कार्य करते
मल्टीलेवल पार्किंग के पांचवें फ्लोर में इस सेंटर की हुए कम लागत पर बेरोजगार व महाविद्यालयीन शिक्षा प्राप्त
स्थापना होगी, जहां 1200 से ज्यादा युवाओं के लिए कर रहें युवाओं को पूरी दुनिया से जुड़कर अपने कौशल
नौकरी का मौका मिलेगा। करीब 500 सीटर बीपीओ बढ़ाने का समुचित अवसर मिले। कोरोना काल में भी हर
घर तक संदेशों को पहुंचाने के लिए ऐसे बीपीओ आधारित
सेंटर में अलग-अलग पालियों में युवा काम कर हाइटेक कॉल सेंटर की आवश्यकता शहर में महसूस की जा
सकेंगे। इसकी लागत करीब 10 करोड़ रुपए होगी, रही थी। अब इस बीपीओ के बन जाने से रायपुर शहर में भी
कई जन सुविधाएँ शुरू हो सकेंगी जिनसे लोगों को त्वरित फोटो : जनमन
जिसे नगर निगम के जरिए बनाया जाएगा। लाभ मिलेगा।

14। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 15


युवा जतन
नौकरी मिलते ही
राज्य शासन द्वारा जिला ई-गवर्नेन्स
सोसाइटी राजनांदगांव के माध्यम से बीपीओ संवरने लगे भविष्य
संचालन का निर्णय लिया गया। इसके बाद 1
सितंबर 2020 से 100 सीटें के साथ बीपीओ
कोविड ने नौकरी छीनी, बीपीओ
का संचालन 15 माह के अनुबध ं एवं 300 का मिला सहारा
सीटों के संचालन हेतु टेक्नोटॉस्क बिजनेस दुर्ग जिले की कविता निर्मलकर ने बताया कि लॉकडाउन
सॉल्यूशन लिमिटेड कंपनी के साथ करते हुए के दौरान शिक्षिका की नौकरी चली गई। काम नहीं
बीपीओ का संचालन शुरु किया गया। 3 वर्ष एवं होने की वजह से घर की आर्थिक
1500 सीटों का अनुबध ं टेक्नोटॉस्क बिजनेस स्थिति काफी खराब हो गई थी, फिर
सॉल्यूशन लिमिटेड के साथ किया गया है। हमें आरोहण बीपीओ सेंटर के बारे
यहां राजनांदगांव के अलावा, मुगं ल े ी, धमतरी, में जानकारी मिली। फिर यहां से
बिलासपुर, महासमुदं , दुर्ग, मोहला-मानपुर- रोजगार मिला और जीवन की एक
अम्बागढ़ चौकी, रायगढ़ सहित अन्य जिलों के तरह से नई शुरुआत हुई, पिछले डेढ़ साल से यहां पर
युवाओं को भी रोजगार मिला है। जिला प्रशासन काम कर रही हू।ं जिसके बाद से आर्थिक स्थिति मजबूत
द्वारा यहां कार्यरत टेक्नोटास्क कंपनी के माध्यम बनी और संबल मिला।
से समन्वय करते हुए कार्य किया जा रहा है। इस
बीपीओ सेंटर के माध्यम से स्थानीय युवाओं को पिता नहीं हैं, अब मैं भी मां के जैसे
कार्य करने का अवसर मिला है, वहीं उनकी
क्षमता का भी विकास हुआ है।
कमाकर मदद कर रही
कोविड में मेरे पिता चल बसे। हम पांच भाई-बहन
वेतन भी बढ़वाया गया हैं। मां घर में कमाने वाली अकेली हो गई। जैस-े तैसे
बीपीओ के तहत कार्यरत कर्मचारियों को हमारा गुजारा चलता था, लेकिन
पहले 5 से 8 हजार रुपए तक वेतन मिल अब मैं भी कमाने वाली हो चुकी हू।ं
रहा था, लेकिन वर्ष 2019 के उपरांत यहां के बीपीओ सेंटर के कारण अब हमारे
कर्मचारियों को पद अनुरूप 8 से 25 हजार घर की स्थिति थोड़ी ठीक हो रही है।
रुपए तक वेतन मिल रहा है। जिला प्रशासन यह कहना है धीरी गांव की किरन
की ओर से कंपनियों के साथ अनुबंध में वेतन निषाद का जो पिछले 10 महीने से यहां कार्यरत हैं।
की इन शर्तों के पालन को लेकर भी गंभीरता उन्होंने बताया कि पिता खेती किसानी का काम करते
दिखाई गई, ताकि पढ़े-लिखे युवाओं की थे, लिहाजा सारी जिम्मेदारी मां के कंधों पर आ गई।
आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके। काम करने से हमारे घर के हालात ठीक हो गए। यहां
आने से ज्ञान एवं कौशल का दोनों का विस्तार हुआ है।
साल दर साल बढ़ता रोजगार
1 मार्च 2019 से कारवी डाटा मैनज े मेंट द्वारा पढ़ाई के साथ मेरा पॉकेट खर्च
30 सितंबर 2019 तक कार्य किया गया। इस फोटो : जनमन निकल रहा
अवधि में 56 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया बेहतर अधोसंरचना वाला सिस्टम
गया। कोविड की वजह से 1 अक्टूबर 2019 मुझे लगा मैं किसी काम की मैं कॉलेज की पढ़ाई कर रहा हू।ं मुझे आगे चलकर
से 3 1 जुलाई 2020 तक बीपीओ सेंटर पूरी बीपीओ सेंटर में अत्याधुनिक 1000 कम्प्यूटरीकृत
उत्पादन हॉल, हाई-स्पीड इंटरनेट सिस्टम और
नहीं थी, पर अब गर्व है! शिक्षक बनना है। फिलहाल पॉकेट खर्च का इंतजाम
नहीं था, लेकिन बीपीओ सेंटर में
तरह से बंद रहा। इसके बाद सितंबर 2020 से
टेक्नोटॉस्क बिजनेस सॉल्यूशन लिमिटेड द्वारा 24 घंटे निर्बाध बिजली सुविधा, केंद्रीकृत सीसीटीवी मैं दोनों पैरों से दिव्यांग थी। पहले ऐसा लगता था कि क्या मैं किसी नौकरी मिलते ही अब जिंदगी थोड़ी
इसका संचालन किया जा रहा है। शासन ने कैमरा और बायोमेट्रिक उपस्थिति जैसी बुनियादी काम की नहीं हूं। मैं पढ़ी-लिखी तो थी, लेकिन अच्छा काम नहीं मिल आसान हो गई है। मोहला-मानपुर
कोविड के बाद नवाचार और रोजगार के अवसर सुविधाएं, निगरानी व्यवस्था, फर्नीचर, बैठने की रहा था। बीपीओ सेंटर की शुरूआत हुई तो काम मिल गया। अब के रहने वाले नरोत्तम साहू ने कहा
बढ़ाने के लिए फिर से इस सेंटर में भर्तियां शुरू व्यवस्था, स्मार्ट प्रशिक्षण कक्ष, अग्नि दुर्घटना जब मैं काम करती हूं तो मुझे किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ता। मुझे कि बीपीओ सेंटर में काम के साथ
करवाईं और आज 1200 से ज्यादा युवक- सुरक्षा व्यवस्था, कैंटीन और पार्किंग की सुविधा इस बात का अब गर्व है। यह कहना है राजनांदगांव की दुर्गा वैद्य का, वो पढ़ाई भी करते हैं और उन्हें अपने माता-पिता से जेब
युवतियां यहां काम कर रहे हैं। जून 2021 में उपलब्ध कराई गई है। सुसज्जित भवन कुल जिनके आगे अब दिव्यांगता आड़े नहीं आती। उन्होंने बताया कि मेरे खर्च नहीं मांगना पड़ता। नरोत्तम जैसे कई ऐसे लोग है
कामकाजी युवाओं की संख्या 400 थी, जो अब 10,000 वर्ग फुट क्षेत्र में है जो पूरी तरह से पति भी काम करते हैं, लेकिन परिवार में अब मैं भी कमाने वाली बन जो राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का फायदा
अप्रैल 2023 तक 1200 पर पहुच ं गई है। वातानुकूलित है। गई हूं। मैं अपने बच्चों का भी खर्चा उठाती हूं। उठाकर अपना भविष्य संवार रहे है।

16। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 17


अमल

ढाई हजार रुपए मिलने से दूसरों पर निर्भरता होगी कम मैं


दुर्ग में पीएससी की तैयारी के
लिए बालोद से पढ़ने आया
वरदान साबित होगी भत्ता योजना कॅरियर में मदद मिलेगी
हू।ं मेरे पिता खेती बाड़ी और गुढ़ियारी में रहने वाली पूजा चंद्रवंशी अब रायपुर जिले की मुकेश्वरी पाल अपना
शिक्षित बेरोजगार होने के साथ बेरोजगारी

मिलने लगा बेरोजगारी भत्ता


मजदूरी करके परिवार चलाते हैं। यहां दुर्ग भविष्य फिजिकल एजुकेशन में संवार रही
में पढ़ाई के लिए मेरा रूम किराया प्रति माह भत्ता पाने की हकदार बन चुकी है। पूजा है। मुकेश्वरी अपने भविष्य को लेकर चिंतित
1500 और राशन आदि का खर्च करीब बताती हैं कि शिक्षक के तौर पर अपना रहती थी, क्योंकि डाइट के
1000 रुपए तक होता है। थोड़ा बहुत जेब भविष्य सुनिश्चित करना चाहती है, अब लिए या अन्य कोई चीजों
खर्च मिलाकर हर महीने उसी दिशा में पढ़ाई-लिखाई के लिए की खरीदी के लिए परिवार
करीब तीन हजार रुपए आर्थिक मदद उपयोगी साबित होगी। के भरोसे रहना पड़ता था।
खर्च होते हैं। पिताजी तो भत्ते की राशि प्रतिमाह मिलने पर इसका घर से पैसे मिलने पर ही
यह पैसे देते हैं, लेकिन उपयोग पढ़ाई-लिखाई और अन्य चीजों खरीदी कर पाती थी, अब मुकेश्वरी की चिंता
मुझे पता है कि हर महीने की खरीदी में होगा। वह कहती है कि यह दूर हो गई है। राज्य सरकार उन्हें प्रतिमाह
उन्हें यह भेजने में कितनी तकलीफ होती योजना मुझ जैसे हजारों युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता 2500 रुपए देगी और इससे
है। कई बार जब दूसरे खर्च सामने आते हैं, वरदान साबित होगी। वे डाइट या कोई भी चीजें आसानी से खरीद
तो निराशा होने लगती है। बेरोजगारी भत्ता कहा है। सकेगी। वह बताती हैं कि आवेदन और
मिलने का पता चला तो मैंने पंजीयन करा मुख्यमंत्री श्री बघेल के इस ऐलान वेरिफिकेशन का काम पूर्ण हो गया और
लिया। यह सत्यापित भी हो चुका है। अब के बाद बेरोजगार युवा यानी नौकरी की तुरंत ही आवेदन की मंजूरी भी मिल गई।
मुझे ढाई हजार रुपए मिलेंगे तो मेरी पढ़ाई, तैयारी करने वाले, जिनके पास काम नहीं 1 अप्रैल को ही आवेदन की मंजूरी मिलने
रहने-खाने का खर्च तो इससे पूरा हो जाएगा। है और जिन्हें जेब खर्च की सख्त जरूरत से मुकेश्वरी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा
मेरे लिए यह रकम आर्थिक संजीवनी की है, वे अब सरकार का शुक्रियाअदा करते और मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों
तरह है। यह कहना है शेखरचंद साहू का, नहीं थक रहे हैं। भत्ता लेने के लिए बेरोजगारी भत्ता का स्वीकृति आदेश पाकर
जिन्हें यह भत्ता मिलेगा। उन्होंने इस मदद पंजीयन कराने वाले जिलों में नक्सल बहुत अच्छा लगा।
के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद प्रभावित क्षेत्र के युवा भी शामिल हैं।
जानिए, कब मिलेगी भत्ते की राशि
भत्ते के साथ रोजगार के अवसर पंजीयन कराने वाले आवेदक का वेरिफिकेशन
किया जाएगा। पात्र होने के बाद ही उनके खाते
बालोद जिले की तनुजा देशमुख 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वे बताती हैं कि मुख्यमंत्री में भत्ते की राशि ट्रासफर की जाएगी। अप्रैल
श्री भूपश
े बघेल ने विधानसभा में बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की, उस दौरान काफी खुशी 2023 से योजना लागू की गई है। ऐसे में अप्रैल
मिली। यह योजना युवाओं के आत्मविश्वास काे बढ़ाएगा और भत्ता देने के साथ युवाओं को माह का भत्ता मई माह में पात्र आवेदकों के खाते
रोजगार के लिए भी तैयार किया जाएगा। कौशल प्रशिक्षण से युवा हुनरमंद बनेंगे और वे में ट्रासफर किया जाएगा।
रोजगार की तरफ आगे बढ़ते हुए नई जिंदगी की शुरूआत कर सकेंग।े
भत्ते की पात्रता
तरक्की के रास्ते खुले प्रतियोगी परीक्षा में मददगार < आयु सीमा 18 से 35 वर्ष
जनमन िरपोर्ट रायपुर के श्री दीपक कुमार निषाद बताते हैं कुणाल साहू को बेरोजगारी भत्ता योजना का < 2.5 लाख रुपए तक परिवार की वार्षिक आय
1 अप्रैल 2023 को 2 वर्ष पुराना रोजगार पंजीयन
छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा के बाद इसके पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो कि बेरोजगारी भत्ता योजना युवाओं के हित के लाभ प्रतिमाह मिलने जा रहा है। रायपुर के <
लिए काफी अच्छी योजना विकास नगर निवासी
चुकी है। ढाई हजार रुपए मिलने से बेरोजगार युवाओं की अपने पालकों और दूसरों है। इससे तरक्की की राह कुणाल बताते हैं कि आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
पर निर्भरता कम होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत और आसान हो सकेगी। प्रतियोगी परीक्षा की < मूल निवासी प्रमाण पत्र
राज्य सरकार ने शिक्षित तैयारी करने के दौरान
भत्ते की राशि मई माह से खातों में डाली जाएगी। इस योजना को लेकर युवाओं का कहना बेरोजगारों को सहारा आने वाली आर्थिक
< जन्मतिथि के लिए 10वीं की मार्कशीट/ प्रमाणपत्र
< 12 वीं की मार्कशीट/ प्रमाणपत्र
है कि उनके संघर्ष के दिनों की तकलीफ थोड़ी कम होगी और जेब खर्च निकलने से प्रदान करने का काम किया है। इससे युवाओं परेशानियां अब नहीं होंगी। प्रतियोगी परीक्षा < आधार कार्ड और रोजगार पंजीयन कार्ड
परिवार पर निभर्रता से थोड़ी राहत मिल सकेगी। को अपनी रुचि और पसंद का रोजगार प्राप्त
करने में मदद मिलेगी।
की तैयारी के लिए राशि का उपयोग किया
जा सकेगा।
< पासपोर्ट साइज फोटो
< गत 1 वर्ष की परिवार की आय का
प्रमाणपत्र

18। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 19


ग्रामीण कुटीर उद्योग नीति

स्थानीय आधार: बड़ा बाजार पारंपरिक शिल्पकारों की बढ़ेगी आमदनी


महिलाओं, अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जनजाति को 10
ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग
नीति से बढ़ेंगे रोजगार के
जनमन िरपोर्ट प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन अवसर, गांव होंगे समृद्ध
अपना वादा निभाते हुए छत्तीसगढ़
सरकार द्वारा ग्रामीण क्त्षे रों में ज्य में ग्रामीण एवं कुटीर उद्योग
छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के रा को प्रोत्साहन देने के तहत 600
माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार करोड़ रुपए की लागत से 300
रूरल एण्डस्ट्रीयल पार्क की स्थापना को
प्रदान कर उनकी आमदनी स्वीकृति दी गई है। साथ ही 5 वर्षों के भीतर
को बढ़ाने के उद्शदे ्य से ग्रामीण प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक ग्रामीण औद्योगिक
पार्क बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस
एवं कुटीर उद्योग नीति-2022 नीति में छोटे निवेशकों को सेवा क्षेत्र में उद्यम
लागू की गई है। उल्लेखनीय है के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे
विकासखण्डों जिनमें पारंपरिक रूप से ग्रामीण
कि छत्तीसगढ़ में लागू नवीन एवं कुटीर उद्योग प्रचलित है, उन विकासखण्डों
औद्योगिक नीति, सिंगल विंडो को उच्च प्राथमिकता विकासखण्ड के रूप
सिस्टम, कच्चे माल की पर्याप्त में वर्गीकृत कर सामान्य से अधिक अनुदान
प्रदान किये जा रहे हैं। इस नीति के अंतर्गत
उपलब्धता के परिणामस्वरूप अनुदान प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक
राज्य में औद्योगिक विकास नहीं कि इकाई ग्रामीण क्षेत्र में ही स्थापित हो।
ग्रामीण क्षेत्रों की भांति ही शहरी क्षेत्रों में अर्बन
को गति मिली है। मुख्यमंत्री श्री इण्डस्ट्रीयल पार्क की स्थापना का कार्य भी
भूपश े बघेल की पहल पर निर्मित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक पारम्परिक कलाकारों को मिलेगा
नीति 2019-24 निवेशकों को नया बाजार, बढ़ग
े ी आमदनी
आकर्षित करने में सफल रही राज्य की पारम्परिक कलाओं जैसे हैण्डलूम
है। पिछले चार वर्षों में 2218 नवीन वीविंग, मधु मक्खी पालन, लाख, जड़ी बूटी
उद्योग स्थापित हुए हैं। इन उद्योगों संग्रहण, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प, बांस
शिल्प, गोबर एवं गौ मूत्र से बने उत्पाद,
में 21 हजार 457 करोड़ रुपए से वनोपज से बने उत्पाद, अगरबत्ती, मोमबत्ती
अधिक का निवेश हुआ है और निर्माण, सिलाई, बुनाई इत्यादि को उच्च
प्राथमिकता एवं प्राथमिकता निर्धारित कर
40 हजार से अधिक लोगों को विशेष प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है। इस
रोजगार प्राप्त हुआ है। स्थानीय नीति के तहत महिलाओं, अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जनजाति को 10 प्रतिशत अतिरिक्त
संसाधनों और स्थानीय कौशल से प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। आईटीआई,
ग्रामीणों को लाभान्वित करने में पॉलिटेक्निक आदि संस्थाओं में ग्रामीण एवं
इस नीति का बड़ा योगदान होगा। फोटो : जनमन
कुटीर उद्योग के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी तथा
भविष्य के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण
देने की व्यवस्था की जाएगी।

20। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 21


नई राह

फूलों की खेती से
खुशहाली के रंग जनमन िरपोर्ट

खूबसूरत और नरमो-नाजुक फूलों के बाग की तस्वीर देखकर ही मन महक उठता है। फूलों के साथ प्यार
का रिश्ता सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं होता बल्कि फूलों के उपहार के साथ-साथ कोमल भावनाएं भी जुड़ जाती
हैं। फूलों का साथ एक रोमांटिक अहसास जगाता है। आमतौर पर माना जाता है कि फूलों की खूबसूरती
और खुशबू ठंडे मौसम की उपज हैं और इस उपज के लिए बहुत खास पर्यावरण की जरूरत होती है। फूलों
की इन खास अदाओं के साथ अगर आजीविका का नाता जुड़ जाए तो जिंदगी कैसे महकने लगेगी यह
सोच भी अपने आप में बेहद हसीन है। फूलों की खेती और इसका व्यापारिक पैमाने पर उत्पादन छत्तीसगढ़
के लिए एक नया सपना जरूर है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की विशेष पहल के कारण यह सपना भी सच फोटो : जनमन
होने लगा है। धान-दलहन-तिलहन-उद्यानिकी के किसानों की तरह अब छत्तीसगढ़ में फूलों के किसान भी
तरक्की करने लगे हैं। यह छत्तीसगढ़ की खुशहाली का एक नया अध्याय है।

22। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 23


नई राह

डोंगरगढ़ में रजनीगंधा,


जरबेरा की खेती
युवा किसान गिरीश देवांगन करीब 5 एकड़ खेत
में फूलों की खेती कर रहे है। राजनांदगांव जिले
के डोंगरगढ़ में ग्राम कोलिहापुरी के रहने वाले
गिरीश ने शिरडी गुलाब, जरबेरा, रजनीगंधा
और गेंदा जैसे फूलों की फसल लगा रखी है।
सराकर से अनुदान और सहायता मिलने की
वजह से उन्हें इस खेती में अच्छी कमाई हुई।
उन्हें सालाना करीब 14 से 15 लाख रुपए की
आमदनी हो जाती है, उन्होंने बताया कि फ्लावर
डेकोरेशन के लिए इन फूलों की मार्केट में बहुत
अच्छी मांग है। यहां के फूल स्थानीय स्तर पर
बिक्री के साथ ही अन्य राज्यों में भी बिक्री के
लिए भेज रहे है।

रोजगार को भी बढ़ावा
सभी जिलों में गौठान, शासकीय भूमि, निजी भूमि से आमदनी बढ़ने से किसानों श्री देवांगन ने बताया कि उनकी खेती से गांव के
लेकर एफआरए क्लस्टर और समूह बनाकर किसानों के परिवार, गांव आर्थिक दो दर्जन लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप
को फूलों की खेती के लिए किया जा रहा प्रेरित रूप से होने लगे सशक्त से रोजगार मिला है। उनको राष्ट्रीय बागवानी
मिशन अंतर्गत पॉली हाऊस निर्माण के लिए
फोटो : जनमन
16 लाख 88 हजार रुपए और संरक्षित खेती
ज्य के किसान पहले केवल धान सरकार ने बेहतर तकनीक उपलब्ध कराई, इसलिए बढ़ी डिमांड डोंगरगढ़ में खेती के आंकड़ों से समझिए फायदे का गणित के लिए 14 लाख रुपए का अनुदान मिला।
रा की खेती पर ही ज्यादातर निर्भर
थे। फिर उनकी दलहन तिलहन, छत्तीसगढ़ में पहले बाहर राज्यों से फूलों की आपूर्ति होती थी, लेकिन अब यहीं इस बाजार का विस्तार
साथ ही उन्हें शेडनेट हाऊस के लिए 7 लाख 10
हजार रुपए की अनुदान राशि भी मिली, जहां
मिलेट्स की उपज को समर्थन हो रहा है। सरकार के द्वारा बेहतर तकनीक उपलब्ध कराने से न केवल राज्य के कारोबारियों के खेती लागत (प्रति हेक्टेयर) आय (प्रति वर्ष)
उन्होंने ड्रिप एवं मल्चिंग विधि से गेंदा लगाया
मूल्य में खरीदकर संबल दिया गया। किसानों लिए बल्कि बाहर राज्यों के शहरो में भी इसकी डिमांड बढ़ी है। उद्यानिकी विभाग द्वारा शासन की
योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए लगातार काम किया जा रहा हैं। शासन की शेड नेट योजना रजनीगंधा स्टिक 1.5 लाख रुपए 3 लाख रुपए है। शेडनेट पद्धति से खेती करने में पौधों को
की कमाई दोगुनी-तिगुनी करने के मकसद से
1.5 लाख रुपए 3 लाख रुपए
50 प्रतिशत धूप मिलती है और उनके लिए यह
अब उन्हें फूलों की खेती के लिए भी प्रेरित किया का फायदा किसान ले रहे हैं। खेती किसानी के लिए शेड नेट पद्धति बहुत ही कारगर है। इससे फसल गुलाब अनुकूल होता है। उन्होंने अपने खेतों में व्यापक
कीड़े एवं बीमारी से सुरक्षित रहती है। लंबे समय तक फसल के लगे रहने से किसानों को दुगुना
मैरी गोल्ड ( गेंदा) 40 हजार रुपए 1.25 लाख रुपए
जा रहा है। यही वजह है कि इस क्षेत्र में भी पैमाने पर रजनीगंधा के फूल भी लगाए हैं।
किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है और उनके लिए मुनाफा हो रहा है। ऐसी फसल जो गर्मी के मौसम में नहीं ले सकते उसके लिए यह पद्धति उपयोगी
जिससे उन्हें सालाना 14 से 15 लाख रुपए की
2-3 लाख रुपए 7-8 लाख रुपए
कमाई के अवसर बढ़े हैं। वर्ष 2017-18 में 749 है। रबी एवं जायद की फसल के लिए बहुत अच्छी है। वहीं बरसात में मौसम में थरहा सुरक्षित रहता
आमदनी हो रही है। वर्तमान समय में फ्लावर
एकड़ रकबा में 1699 किसान लाभान्वित हुए है और नुकसान नहीं होगा। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत संरक्षित खेती के लिए 50 प्रतिशत जरबेरा डेकोरेशन के लिए बाजार में फूलों की बहुत
थे, वहीं पिछले चार सालों में यह 5621 एकड़ अनुदान दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 710 प्रति वर्ग मीटर पर 355 वर्ग मीटर में अनुदान का (विशेषज्ञों के आकलन पर आधारित स्थानीय परिस्थितिवश परिवर्तनशील) डिमांड है।
रकबे में 8896 किसान लाभान्वित हुए हैं। इन प्रावधान है। किसान अधिकतम 4000 वर्गमीटर में शेड नेट लगा सकते हैं।
किसानों को अनुदान देकर कृषि में उनकी मदद फायदे की खेती श्रमिकों को सालभर मिल रहा रोजगार
की गई और उन्हें अपने उत्पाद बाजार में बेचने में पहले सामान्य तौर पर पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और शादी-ब्याह में फूलों का इस्तेमाल होता था।
सहायता प्रदान की जा रही है। फूलों की खेती करने वाले किसान गांव के दूसरे बेरोजगार लोगों को रोजगार विकासखंड के फूलों की खेती में काम करने वाले श्रमिक किसान जितेन्द्र
लेकिन अब फूलों का इस्तेमाल यहीं तक सीमित नहीं रह गया है। आज इसका उपयोग घर, ऑफिस, देने का काम कर रहे है। दुर्ग के किसान निलेश कुमार बताते है कि वो अपने निषाद, राज कुमार, गंगोत्री और ज्योति ने बताया कि अब हमें सालभर यहां
फूलों की खेती में तकनीक जन्मदिन व शादी सालगिरह के मौके पर सजावट के कार्यों में बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। बढ़ती मांग खेतों के पाली हाउस व अन्य फसलों काम मिल रहा है, पहले सिर्फ एक ही
और उत्पाद को बढ़ावा को देखते हुए छत्तीसगढ़ के किसान अब फूलों की व्यावसायिक खेती भी करने लगे हैं। वर्तमान समय में के लिए कम से कम दस श्रमिकों को सीजन में काम मिलता था। इससे
कई सफल किसान इसकी खेती करके बहुत अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। सालभर रोजगार भी नियमित रूप से हमारे परिवार का खर्चा अच्छे से चल
सरकार आधुनिक शेडनेट, पॉली हाऊस,
ड्रिप सिस्टम एवं मल्चिंग जैसी तकनीकों के विशेषज्ञों के जरिए उन्हें जानकारी देकर उत्पाद लिए उन्हें अन्य महानगरों जैसे हैदराबाद, दे रहे हैं। इन श्रमिकों का काम पौधों रहा है। जीवन का स्तर पहले के हिसाब
इस्तेमाल के जरिए किसानों को फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है और किसानों को अमरावती, नागपुर, भुवनेश्वर और पुणे के को समय-समय पर खाद, पानी देने से बहुत ही बेहतर हो गया है। यह सब
में अनुदान के जरिए मदद कर रही है। साथ ही अपनी उपज का वाजिब मूल्य मिले, इसके बाजारों से जोड़ा जा रहा है। से लेकर फूलों की कटिंग कर बाजार तक पहुंचाने का होता है। डोंगरगढ़ हमारे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की वजह से हो सका है।

24। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 25


अमल

मैनपाट के बाद किसी सेब की खेती को समझिए...


दूसरे कस्बे में सेब की वर्तमान में सेब की खेती हिमाचल प्रदेश, जम्मू

मुख्यमंत्री वृक्ष प्रोत्साहन योजना से


कश्मीर, उत्तराखंड जैसे कम तापमान वाले
सफल खेती से अन्य राज्यों में होती हैं, क्योंकि वहां का मौसम सेब
किसानों की बढ़ी उम्मीदें की खेती के लिए अनुकूल है। छत्तीसगढ़ का
मौसम गर्म है और यहां सेब के पौधों के लिए

बढ़ने लगी खेती छत्तीसगढ़िया सेब की एक एकड़ में सेब


के 110 पौधे तैयार, फल
भी आने लगे
तापमान अनुकूल नहीं माना जाता। छत्तीसगढ़
का मैनपाट एक ऐसा क्षेत्र हैं, जहां ऊंचाई की
वजह से अच्छी ठंड पड़ती है। इसलिए वहां सेब
की खेती की जाती है। लेकिन अब सेब की कई
ऐसी किस्में आने लगी हैं, जो मैदानी इलाके में
भी आसानी से तैयार की जा सकती हैं।

जनमन िरपोर्ट किस्म और रखरखाव


वैकल्पिक फसलों को प्रोत्साहित करने की स रगुजा के सबसे ऊंचे पहाड़ों में
बसे मैनपाट में सेब की खेती
हो रही है, लेकिन इसी जिले
ओर बढ़ रहा है। अब गर्म प्रदेश छत्तीसगढ़ में
सर्द इलाकों का सेब उगाया जा रहा है। इस
नवाचार को राज्य सरकार का भी पूरा सहयोग
के बारे में जानें
किसान के मुताबिक हिमाचल प्रदेश
राज्य सरकार की पहल के परिणाम मिलने के मैदानी क्षेत्र में अधिक तापमान में भी सेब मिल रहा है। के बिलासपुर में हरिवंश शर्मा ने इस
लगे हैं। सरगुजा के प्रतापपुर में पहली बार की खेती होने लगी है। प्रतापपुर में पहली बार
हुए इस सफल प्रयोग की वजह से किसानों
श्री गर्ग ने कहा- मेरे पास 25 एकड़
जमीन है। इसमें करीब 15 एकड़ में मैं धान
(एचआरएमएन 99) किस्म के बीज को तैयार
सेब की सफल खेती होने लगी है। मुख्यमंत्री में फलों की खेती के लिए प्रेरणा जागी है। की खेती करता हूं और बाकी में फल और
किया था। सेब के इस बीज की खासियत यह
है कि यह 50 डिग्री तक तापमान में भी तैयार
द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री वृक्ष प्रोत्साहन मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भी शासन-प्रशासन सब्जियों की फसल लगाने लगा हू।ं जब होने में सक्षम है। हरमन के साथ ‘अन्ना’
की मदद से सेब की खेती करने वाले मुकश े मुख्यमंत्री श्री बघेल की तरफ से मुख्यमंत्री
योजना के जरिए किसानों को आर्थिक तौर गर्ग की सराहना की है। किसानों को धान के वृक्ष प्रोत्साहन योजना की शुरूआत की गई,
और ‘डोरसेट’ किस्म भी यहां के तापमान के
अनुकूल है।रोपण और रखवाली बेहतर तरीके
पर संबल मिलने लगा है। प्रतापपुर के अलावा सब्जियां, फल और फूलों की खेती तो मैंने फलों की खेती करने का फैसला से होने के कारण एक वर्ष की अवधि में पौधे
के लिए सरकार बढ़ावा दे रही है, ताकि किया। खेती का खर्च इस योजना के जरिए
किसान श्री मुकेश गर्ग ने भी इससे प्रेरित उनकी आय में बढ़ोत्तरी की जा सके। किसानों मिल जाता है और उत्पाद तैयार होने से
4 से 8 फुट तक हो चुके हैं। नवंबर से फरवरी
के बीच इसमें फल आएंगे, जिसकी शुरूआत
होकर अपनी एक एकड़ जमीन पर धान की आमदनी दो से तीन गुना तक बढ़ाने के मुनाफा भी आता है। दूसरे किसानों को भी इस हो चुकी है।
की बजाय सेब के पौधे लगा डाले। पौधों उद्देश्य से मुख्यमंत्री वृक्ष प्रोत्साहन योजना की
शुरुआत की गई थी, जिसका असर सेब की
तरह के फलों की खेती करना चाहिए। मुझे
सेब की खेती के लिए शासन के अधिकारियों
को लगाए 13 महीने से ज्यादा बीत गए नवाचार से प्रेरित खेती के तौर पर भी सामने और कृषि जानकारों से जो मदद मिली, उसके ऐसे की गई खेती
और अब इसमें सेब के फल आने लगे हैं। आई है। वो अपनी पारंपरिक खेती धान के बलबूते मैंने सेब की खेती की है। अब इस < पहले से ही दो गुणा दो फीट गड्ढे तैयार किए
बदले दूसरी फसलें लेनी शुरू कर दी है। खेती को यहां के दूसरे किसान भी आसानी से गए, जिसमें दीमक रोधी दवा (रीजेंट) से
कृषि जानकारों ने इसे प्रदेश के किसानों के किसानों का रुझान बागवानी फसलों की कर सकते हैं। उपचार किया गया।
लिए एक नई किरण की उम्मीद बताई है, < गड्ढों में गोबर, मिट्टी और थोड़ा सा डीएपी

क्योंकि किसानों में सेब की खेती को लेकर 50 डिग्री से कम तापमान में भी सेब की खेती संभव डालकर पानी से भरकर रखा गया था।
इससे गड्ढों को जितना बैठना होता है बैठ
जो शंकाएं थीं, वह इससे दूर होने लगी हैं। सेब उत्पादक किसान बताते हैं कि कृषि वैज्ञानिकों ने उनके खेत का निरीक्षण कर अध्ययन किया जाता है और पौधे लगने के बाद इनके रेशे
था। उन्हें यह बताया गया कि सेब की खेती 50 डिग्री सेलसियस से कम तापमान तक की जा
पढ़िए मैदानी इलाके में सेब की सफल खेती सकती है। यह सुनने के बाद मुझे थोड़ा ताज्जुब भी हुआ, क्योंकि आमतौर पर यह कहा जाता है कि
टूटने का डर नहीं होता है।
< फिर 1-2 दिन में पौधे रोपित कर दिए गए।
पर यह विशेष रिपोर्ट... सेब की खेती ठंड वाली जगहों में ही होती है। फिर मैंने सबकुछ समझने के बाद सेब की खेती करने इनके लिए ज्यादा पानी की आवश्यकता
का फैसला किया। प्रति एकड़ करीब 20 हजार रुपए का खर्च आया, जिसमें अभी मुख्यमंत्री वृक्ष नहीं होती है। केवल गर्मियों में दो से तीन
प्रोत्साहन योजना और उद्यानिकी विभाग में पंजीयन के जरिए इसका खर्च मिल रहा है। प्रति एकड़ दिन में पानी देना होता है।
शासन का सहयोग और तकनीकी करीब 110 पौधे मैंने लगाए हैं और सभी जीवित हैं। 13 महीने ही हुए हैं और इसमें फल भी आने < इस बात का ध्यान रखना होता है कि पौधों
जानकारी फायदेमंद साबित हुई लगे हैं। मैंने दोबारा विशेषज्ञों से इसकी जांच करवाई तो वे संतषु ्ट रहे। सेब के फल अब तैयार हो
रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि इसकी फसल हमें आय बढ़ाने में मदद करेगी।
में बारिश के पानी का रुकाव नहीं हो
क्योंकि जड़ों के सड़ने का डर होता है।

26। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 27


अमल

पौधे लगाने, देखरेख लोहा, प्लास्टिक की समर्थन मूल्य तय कर


व खाद-दवा का सारा तुलना में काष्ठ उद्योग लकड़ियों को वापस
व्यय उठाएगी सरकार को मिलेगा बढ़ावा खरीदेगी सरकार

जनमन िरपोर्ट
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने देश में पहली बार एक ऐसी योजना की शुरूआत
की है जिससे ‘आम के आम-गुठलियों के भी दाम’ मिलने वाले हैं। अगर आपके
पास जमीन है तो आप उसमें वृक्षारोपकण कर उनकी लकड़ियां बेचकर अच्छी
कमाई कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि आपकी जमीन में पौधारोपण और
देखरेख का सारा खर्च सरकार उठाएगी। सरकार इस निवेश के बदले पर्यावरण
को बेहतर करने के साथ-साथ युवाओं, किसानों और खाली पड़ी जमीन के
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना हितग्राहियों को रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है। इस योजना की देशभर में
तारीफ हो रही है। इसी साल इसके लिए बजट जारी कर सरकार ने सभी जिलों

निवेश सरकार का में कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है।

कमाई आपकी
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों, युवाओं को का सारा खर्च हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया
मु आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने, रोजगार
और पर्यावरण में सुधार करने की दिशा
जाएगा। इसके लिए मापदंड तैयार किए गए हैं। इसकी
देखभाल उन हितग्राहियों को करनी होगी, जिसकी जमीन
में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना की शुरूआत की है। पर पौधे लगेंगे। जितना अधिक काष्ठ उत्पाद तैयार होगा,
इस योजना के दायरे में कोई भी आ सकता है, बशर्तें उतना ही फायदा उन्हें पहुंचेगा। बाद में सरकार निश्चित
उसके पास खुद की आधा एकड़ से अधिक जमीन सीमा के भीतर इन काष्ठ उत्पादों को समर्थन मूल्य तय
होनी चाहिए। इस योजना के जरिए किसानों और अन्य कर वापस क्रय करेगी। इस संबंध में शासन के साथ
पर्यावरण सुधार संग रोजगार हितग्राहियों को अच्छी आय तो होगी साथ ही पर्यावरण
भी हरा-भरा रहेगा। योजना के दायरे में पांच प्रकार
योजना के क्रियान्वयन में हितग्राही से अनुबंध किया
जाएगा। साथ ही इसके मापदंड में रोजगार को बढ़ावा
के व्यावसायिक पौधों का रोपण कराया जाएगा। पौधा देने की शर्तें भी शामिल होगी, ताकि स्थानीय लोगों को भी
बांटने से लेकर उसे लगाने, खाद-दवा के छिड़काव इसका फायदा पहुंचे।

28। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 29


अमल

इन प्रजातियों के पौधे लगाने पर प्रतिवर्ष मिलेगी राशि (रुपए प्रति पौधा)


सबके फायदे वाली योजना वर्ष क्लोनल टिश्यू कल्चर टिश्यू कल्चर मिलिया अन्य
पर्यावरण का ख्याल रखने के साथ-साथ इस 21 मार्च को मुख्यमंत्री ने प्रदेश के 33 जिलों नीलगिरी बांस सागौन डुबिया पौधे
क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना और भूमि
स्वामी हितग्राहियों की आय बढ़ाने और काष्ठ
के 42 स्थानों पर योजना का वर्चुअल शुभारंभ
किया। इस योजना के तहत पांच वर्षों में एक प्रथम वर्ष 21 54.50 94.50 44.50 33.50
व प्लाईवुड आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने लाख 80 हजार एकड़ में 15 करोड़ वृक्षारोपण द्वितीय वर्ष 7 7 7 7 7
के उद्देश्य से वृक्ष संपदा योजना की शुरुआत का लक्ष्य रखा गया है। 20 हजार से अधिक
की गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों ने 30 हजार एकड़ निजी भूमि में तृतीय वर्ष 7 7 7 7 7
वर्ष 2023-24 के बजट में निजी भूमि पर वृक्षारोपण के लिए पंजीयन कराया है। इस
वाणिज्यिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने के योजना से किसानों को हर साल प्रति एकड़ योग 35 68.50 108.50 58.50 47.50
लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। 15 से 20 हजार रुपए की आमदनी होगी।
प्रति एकड़ पौधों की संख्या एवं अंतराल
धान के साथ पौधे की करेंगे देखरेख, आय भी अच्छी होगी पौधे की प्रजाति अंतराल (मीटर में) पौधों की संख्या
गरियाबंद जिले के दशपुर के किसान श्री लोकेश कुमार ध्रुव अब मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा टिशू कल्चर सागौन 4 X 4 मी. 250
योजना के हितग्राही बन गए है। वे बताते हैं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों की आय सरकार ने नि:शुल्क पौधे देकर मिलिया डुबिया 3 X 3 मी. 444
जलवायु परिवर्तन
बढ़ाने के लिए काफी अच्छी योजना शुरू की है। धान की खेती में अच्छा फायदा मिल रहा है,
आमदनी बढ़ाने का किया काम रोकने में सहायक
लेकिन पेड़-पौधों से भी अब अच्छी आय होगी। दो एकड़ खेत में क्लोनल नीलगिरी के पौधे
लगाए हैं। उन्होंने खेत को पशुओं से बचाने के लिए घेरे की व्यवस्था की है। वे बताते हैं कि दो महासमुदं जिले के ग्राम लभराखुर्द गांव के टिशू कल्चर बांस 8 X 12 इंच 450 मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना
एकड़ में पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। इसकी मजदूरी का खर्च भी मिल गया है और
वर्मी खाद के लिए भी राशि खाते में दी गई है। लगभग चार साल बाद प्रति एकड़ 20 हजार
किसान श्री महेश चंद्राकर अब टिश्यू कल्चर
सागौन की भी खेती कर रहे हैं। उन्होंने
क्लोनल नीलगिरी 3 X1.5 मी. 1000 वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले
हितग्राहियों के लिए आर्थिक दृष्टि से,
रुपए से अधिक की कमाई होगी। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का लाभ लेते चंदन 5 X 5 मी. 160 पर्यावरण, मृदा स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण
हुए अपने एक एकड़ खेत में 250 टिश्यू योजना साबित होगी। यह प्रसन्नता का
कल्चर के पौधे लगाए है। वे बताते हैं कि इन विषय है कि बस्तर और सरगुजा के लोगों
ऑक्सीजन बढ़ाने में नि:शुल्क मिलेगा पौधा, तीन वृक्षों से करीब 12 वर्ष के बाद 26 लाख 11 ने वृक्षारोपण की इस योजना में गहरी रुचि
मददगार होगी योजना साल तक मिलेगी राशि हजार रुपए की आमदनी होगी। पूर्व में वे बांस दिखाई है। छत्तीसगढ़ के जंगल और यहां की
की भी खेती करते थे, जिसे बेचकर अच्छी जैव विविधता छत्तीसगढ़ की पहचान है। हमारी
मुग
ं ल
े ी जिले के देवरी गांव के किसान श्री डनलक किसान व अन्य हितग्राही खेत में अगर आमदनी हुई है। अब उनका इरादा है कि कला, संस्कृति, परम्पराएं, दर्शन, चिंतन,
मंडलोई बताते हैं कि मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना पौधे लगाने के लिए पंजीयन कराएंगे तो सरकारी योजना का लाभ लेते हुए अधिक से अध्यात्म, इतिहास सब कुछ हमारे जंगलों से
का लाभ लेते हुए डेढ़ एकड़ में उन्हें वन विभाग की ओर से नि:शुल्क पौधे अधिक वृक्ष लगाकर आमदनी प्राप्त करने जुड़ा है। छत्तीसगढ़ के वन पूरे देश की धरोहर
सागौन के पौधे लगाए हैं। वे दिए जाएंगे और पौधे के परिवहन का खर्च, की। पेशे से किसान श्री चंद्राकर मुख्यमंत्री श्री हैं। इन वनों से पूरे देश का पर्यावरण जुड़ा हुआ
बताते हैं कि मुख्यमंत्री भूपश
े गड्ढों की खुदाई व खाद की राशि किसान के भूपश े बघेल की तारीफ करते हुए कहते हैं कि है। हमारे जंगल बचे रहें, हमारा पर्यावरण बचा
बघेल ने काफी अच्छी योजना खाते में ट्रांसफर की जाएगी। दो वर्ष तक ऐसे योजनाओं से किसानों को सीधे आर्थिक रहें, जंगल से जुड़ी हमारी गौरवशाली संस्कृति
लाई है। इससे खेतों में पौधे हितग्राहियों को पौधे सुरक्षित रखने और तौर पर काफी फायदा होगा और पर्यावरण का बची रहे और खूब फले-फूले इस दिशा में बीते
लगाने वाले हितग्राहियों को अच्छी आमदनी होगी कीटनाशक का इस्तेमाल करने के लिए संतल ु न बना रहेगा। और भी किसानों को इस चार वर्षों के दौरान हमारी सरकार ने लगातार
और पर्यावरण भी बेहतर होने से ऑक्सीजन बढ़ेगा। राशि दी जाएगी। योजना का लाभ लेना चाहिए। काम किया है। यह योजना देश में एक अनूठी
योजना है, जिसमें वाणिज्यिक प्रजातियों का
वृक्षारोपण कर निजी व्यक्ति, संस्था अथवा
मिट्टी कटाव रोकने में मिलेगी मदद कम्पनियों के माध्यम से अधिकाधिक लाभ
कवर्धा जिला के हितग्राही श्री हाशिम खान ने बताया कि 2 एकड़ जमीन में कमा सकते हैं। यह केवल वृक्षारोपण की
सागौन लगा रहे हैं। जिससे योजना के तहत लाभ मिलेगा। ग्राम निवासी श्री योजना न होकर देश के जलवायु परिवर्तन
जलेश्वरपाली ने बताया कि 2 एकड़ भूमि में सागौन का पौधा लगा रहे हैं। रोकने की दिशा में भी हमारी सहभागिता और
इनकी जमीन सकरी नदी के किनारे है। पेड़ लगने से अब बारिश में मिट्टी के प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
कटाव को रोकने में मदद होगी। भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

30। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 31


मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना

यह होगी पात्रता
वृक्षारोपण एवं व्यापार प्रणाली < सभी वर्ग के इच्छुक
< कृषकों/शासकीय/गैर शासकीय/ साथ-साथ कृषकों की आय में भूमि स्वामी।
अर्ध-शासकीय/पंचायतों/स्वायत्त वृद्धि संभव होगी।
< शासकीय, अर्ध-शासकीय एवं
संस्थानों की भूमि पर वाणिज्यिक < निजी भूमि का समुचित उपयोग स्वायत्त संस्थाएं जो स्वयं की भूमि
प्रजातियों के वृक्षारोपण बाद वृक्षारोपण के लिए करते हुए पर रोपण करना चाहते हैं।
सहयोगी संस्था/ निजी कंपनियों के पर्यावरण में सुधार एवं जलवायु
माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य < निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी
परिवर्तन के विपरीत प्रभाव को कम
पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें,
करना तथा गैर वन भूमि में वानिकी
करते हुए एक सुदढ़ृ बाजार व्यवस्था भूमि अनुबध ं धारक जो अपनी भूमि
का विस्तार करना संभव होगा।
विकसित की जाएगी। में रोपण करना चाहते हैं।
< वाणिज्यिक प्रजातियों के
< काष्ठ आधारित उद्योग जैसे- ऐसे होगा लाभ
वनोपज के उत्पादों में वृद्धि करते हुए
पौधों की विशेषताएं और फायदे पेपर मिल, प्लाई वुड, विनियर,
फर्नीचर आदि को बढ़ावा देते
काष्ठ आधारित उद्योगों को कच्चा
माल की आपूर्ति करना संभव होगा।
< सहयोगी संस्था/ निजी कंपनी
के माध्यम से कृषकों से वापस
हुए प्रदेश में ही कच्चे माल की
< भविष्य में इन वृक्षारोपण खरीद की व्यवस्था से उनकी आय
उपलब्धता बढ़ेगी।
टिशू कल्चर क्लोनल मिलिया डूबिया < प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप
क्षेत्रों से कार्बन क्रेडिट के रूप में में वृद्धि।
बीमा बांस नीलगिरी मालाबार नीम से स्थानीय रोजगार में वृद्धि के
कृषकों को अतिरिक्त आय की < काष्ठ एवं प्लाईवुड आधारित
तेजी से बढ़ने वाली प्रजाति, नीलगिरी एक अत्यंत तेजी तेजी से बढ़ने वाला वृक्ष है
संभावना है। उद्योगों को बढ़ावा देते हुए
उत्पादन चौथे-पांचवें वर्ष से से बढ़ने वाली प्रजाति है। और 8 से 10 वर्षों में काटा जा अप्रत्यक्ष रूप से शासन के राजस्व
प्रारंभ, अधिक बायोमास, कम क्लोनल नीलगिरी 5 से 7 वर्षों सकता है। इसमे 8-15 मीटर में वृद्धि।
पोला एवं कांटा रहित, मोटाई 8 में कटाई के लिए तैयार हो साफ बल्ली मिलती है। पल्प
से 15 से.मी., लंबाई 30 मीटर जाती है। एक एकड़ असिंचित के लिए 6 वर्षो में काटा जा < सहयोगी संस्थाओं की
तक। छत्तीसगढ़ की जलवायु रोपण क्षेत्र में 20-30 टन सकता है। बल्ली, प्लाईवुड या सहभागिता से शासन के वित्तीय
एवं मिट्टी इस प्रजाति के रोपण उत्पादन पांचवें साल में प्राप्त काष्ठ के लिए 8-10 वर्षों में भार में कमी।
हेतु उपयुक्त है। होता है और सिंचित रोपण काटा जा सकता है।
< गैर वनभूमि में वानिकी
क्षेत्र में 30-50 टन उत्पादन
उपयोग होता है। उपयोग विस्तार।
निर्माण कार्य, बायोफ्यूल प्लाईवुड उद्योग में उपयोग, < प्रतिवर्ष अतिरिक्त मानव दिवस
बनाने में, बांस की लकड़ी उपयोग पल्पवुड के रूप में उपयोग, रोजगार सृजन।
बनाने में, कागज बनाने में, निर्माण कार्य, कागज 90 से.मी. गोलाई से अधिक < पड़त भूमि का विकास।
बांस का कपड़ा बनाने में, बनाने, प्लाईवुड उत्पाद को काष्ठ के रूप में
बिक्रेट बनाने में। उद्योग में। उपयोग किया जा सकता है। < आदिवासी एव अन्य पिछड़े
वर्गों की आय में वृद्धि।
< पर्यावरण में सुधार एवं
टिशू कल्चर सागौन सफेद चंदन जलवायु परिवर्तन के विपरीत
प्रभावों में कमी।
सागौन लकड़ी का उपयोग बल्लियों के रूप में उचित जल निकास वाली सभी प्रकार की मिट्टी काली, लाल दोमट मिट्टी, रूपांतरित चट्टानों में
तथा महत्वपूर्ण इमारती काष्ठ के रूप में किया में इसे लगाया जा सकता है। मेड़ों पर, बगीचों उगता है। 15 वर्ष के होने के बाद वृक्ष के विकास < भविष्य में वृक्षारोपण क्षेत्रों से
जाता है। कम जमीन पर ज्यादा पौधे लगाए जा में व अन्य रिक्त भूमि में तथा घर के अहातों के आधार पर काटा जा सकता है। पेड़ को जड़ से कार्बन क्रेडिट के रूप में कृषकों को
सकते हैं। आदि लगाया जा सकता है। चंदन प्रमुख रूप से उखाड़ना चाहिए। अतिरिक्त आय।

32। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 33


भेंट-मुलाकात

बुनियादी जरूरतें, रोजगार और बेहतर


भविष्य से जुड़ी योजनाओं का खोला पिटारा

भरोसे का एक सेतु यह भी...


चौखट पर िदल की बातें और सौगातें
जनमन िरपोर्ट
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के लिए दुर्ग जिले का दौरा किया। यह उनका
गृह जिला है, जहां की जनता से उनका बरसों पुराना रिश्ता है। लोगों से भेंट-मुलाकात कर श्री बघेल
अपनों के बीच इस तरह से मिले कि किसी को लगा ही नहीं कि कोई मुख्यमंत्री उनके बीच आया है। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा
दुर्ग जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों का उन्होंने दौरा किया, जिसमें दुर्ग ग्रामीण, दुर्ग शहर, वैशालीनगर
और भिलाईनगर शामिल हैं। इन चारों विधानसभा क्षेत्रों में करोड़ों रुपए की सौगातों का पिटारा खोला
और बुनियादी व जरूरी अधोसंरचनाओं से जुड़ी योजनाओं की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने लोगों से
मु ख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने दौरे की
शुरूआत दुर्ग ग्रामीण विधानसभा
के ग्राम पुरई से की, जहां उन्होंने
अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैराकी,
खोखो, निशानेबाजी, तीरंदाजी जैसे खेलों में
बड़ा मुकाम हासिल कर चुके हैं। पुरई के साथ
भूमिपूजन किया गया है। इनमें 10 करोड़ 71
लाख 11 हजार रुपए के 24 विकास कार्यों का
लोकार्पण एवं 37 करोड़ 26 लाख 8 हजार
मुलाकात कर रोजगार से जुड़े कार्यों और नवाचार के बारे में जानकारी ली, फिर दुख-सुख बांटकर खेल अकादमी बनाने का ऐलान किया। इसके ही क्षेत्रवासियों को विभिन्न विकास कार्यो की रुपए के भूमिपूजन और 30 करोड़ 30 लाख
पीछे वजह, यहां से निकलने वाले खिलाड़ी हैं। सौगातें दी गईं। जिले में 78 करोड़ 27 लाख 51 हजार रुपए के 6249 कार्यों की सामग्री का
उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने किसानों के घर जाकर भोजन किया। छत्तीसगढ़ का पुरई एक ऐसा गांव है, जहां से से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं वितरण शामिल है।

34। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 35


भेंट-मुलाकात

दुर्ग ग्रामीण विधानसभा में सौगातों की घोषणा


< नगपुरा गांव में आर्ट्स, कॉमर्स
और साइंस विषय के लिए नया
< नवीन हायर सेकेण्डरी स्कूल
ग्राम- खोपली और ग्राम- मुंडेरा।
< सर्व समाज के लिए मांगलिक
प्रांगण।
दुर्ग शहर के लिए
कॉलेज। < हाईस्कूल भवन ग्राम रूदा में < शासकीय उच्चतर माध्यमिक घोषणाएं
< पुरई गांव में खेल अकादमी निर्माण कार्य हेतु स्वीकृति। विद्यालय पुरई के लिए नया शाला < बौद्ध समाज, डॉ.
(तैराकी एवं खो-खो)। < पुरैना और
भवन। अम्बेडकर नगर विकास
< रसमड़ा गांव में आई. टी. आई। कातरो गांव में स्वामी आत्मानंद < आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक-1 से समिति के अम्बेडकर
< अंजोरा (ख) गांव में प्राथमिक
अंग्रेजी माध्यम विद्यालय। पौहा तालाब तक 01 किमी सड़क दुर्ग शहर विधानसभा सांस्कृतिक भवन के लिए
चौड़ीकरण। 10 लाख रुपए।

शिवनाथ रिवर फ्रंट बनेगा


स्वास्थ्य केन्द्र। < पाउवारा गांव में स्वामी
आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय। < आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक- < तंबोली समाज को दुर्ग
< शासकीय महाविद्यालय उतई में में जमीन और भवन के
01 से पाउवारा मोड़ तक सड़क
08 अतिरिक्त कमरों का निर्माण। < मतवारी और उमरपोटी गांव में
< मरोदा, कुथरेल, बिरेझर और
हनोदा के शासकीय हाईस्कूल
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला।
< नगपुरा गांव के प्राथमिक
चौड़ीकरण अथवा बाइपास सड़क
का निर्माण।
< पुरैना, रसमड़ा, मचांदूर,
दुर्ग की शान, बढ़ेंगे रोजगार <
लिए 20 लाख रुपए की
स्वीकृति।
जन समर्पण सेवा समिति
का शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्वास्थ्य केन्द्र का 30 बिस्तर से 50 दुर्ग शहर में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान में शिवनाथ रिवर फ्रंट तैयार किया जाएगा। यह
कोलिहापुरी और कातरो गांव में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने रोजगार और भविष्य में दुर्ग शहर की शान बनेगा। यहां रोजगार के भी
को 5 लाख रुपए स्वेच्छा
विद्यालय में उन्नयन। बिस्तर में उन्नयन। नया पशु औषधालय। अनुदान।
विकास से जुड़ी योजनाओं की सौगातें दीं। दुर्ग बड़े पैमाने पर अवसर खुलेंगे। 11 करोड़ की
शहर के क्षेत्रवासियों के लिए 39 करोड़ 75 लागत से बनने वाले शिवनाथ रिवर फ्रंट में < बोरसी और पटरीपार में
लाख के विकास कार्यों की घोषणाएं की गई हैं। चौपाटी और दुकानें भी बनाई जाएंगी। इसके आत्मानंद स्कूल।
इसमें लोकार्पण के तौर पर 12 करोड़ 48 लाख अलावा पुलगांव गौठान के पास चिन्हित जमीन
के 10 विकास कार्य और भूमिपूजन के तौर पर पर अर्बन कॉटेज एंड सर्विस इंडस्ट्रीज पार्क का < दीपक नगर में स्वामी
27 करोड़ 27 लाख के 09 कार्य शामिल है। निर्माण होगा, जिससे इस क्षेत्र की महिलाओं आत्मानंद अंग्रेजी उ.मा.
रायपुर के खारून रिवर फ्रंट की तर्ज पर दुर्ग और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बनेंगे। विद्यालय।
गोबर बना सोना, बिजनेस भी बढ़ा और रोजगार भी < जेल तिराहा से मिनी माता
चौक तक फोरलेन सड़क।
दुर्ग शहर के गंज मंडी में जब भेंट-मुलाकात का कार्यक्रम शुरू हुआ तो श्री बघेल
ने सरकार की कई योजनाओं के बारे में बताया। फिर लोगों से जब उन्होंने इसके < नगर निगम दुर्ग के
फायदों के बारे में पूछा तो श्री राज कुमार यादव माइक लेकर खड़े हुए। उन्होंने बताया कार्यालय भवन का
कि गोकुल नगर गौठान से जुड़कर 5 लाख 40 हजार का गोबर बेचा है। उन्होंने निर्माण।
धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारे यहां गोबर सोना बन गया। इतनी कमाई तो उन्होंने
कभी नहीं की। वो डेयरी चलाते हैं, लेकिन गाय के दूध के साथ गोबर से भी पैसे मिलेंग,े यह नहीं सोचा < बैडमिन्टन कोर्ट व खेल
था। डेयरी में 80 गाय और 35 भैंस हैं। पैसों से उन्होंने डेयरी में पशुओं के लिए शेड का विस्तार करने के मैदानों का उन्नयन।
साथ-साथ नए दुधारु मवेशी भी खरीदे और तीन अन्य को रोजगार भी दिए।
< शिवनाथ रिवर फ्रंट का
तत्काल रोजगार के दिए निर्देश डेव्हलपमेंट
सुश्री जयश्री ने श्री बघेल से कहा है कि मेरा भाई बारहवीं में पढ़ता है। उसे इंजीनियर < पुलगांव के गौठान के
बनाना है। मैं अभी एमए की पढ़ाई कर रही हू।ं हमारे माता-पिता दोनों नहीं है। इसलिए पास चिन्हित जमीन
मुझे रोजगार की तत्काल जरूरत है। इस पर श्री बघेल ने तत्काल अधिकारियों को
पर अर्बन कॉटेज एंड
जयश्री के लिए रोजगार की व्यवस्था करने के लिए कहा। साथ ही उसके भाई की
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के खर्च के लिए इस्टीमेट तैयार करने के निर्देश दिए है। उन्होंने सर्विस इंडस्ट्रीज पार्क का
जयश्री को उसके भाई की पढ़ाई का खर्चा उठाने का आश्वासन दिया है। निर्माण।

36। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 37


भेंट-मुलाकात

भिलाईनगर को सौगातें
< भिलाई के बच्चे खेलकूद में भी आगे हैं।
क्रिकेट स्टेडियम।
< सर्व समाज नागरिक भवन।
< भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र के
अंतर्गत प्रत्येक वार्ड में 50 लाख रुपए
के विकास कार्य।
< बिजली की समुचित व्यवस्था।
< भिलाई के सिविक सेंटर का
सौंदर्यीकरण।
< विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत छत्तीसगढ़
महतारी की मूर्ति स्थापना एवं
सौंदर्यीकरण।
< सेंट्रल एवेन्यू मार्ग व फॉरेस्ट एवेन्यू
मार्ग का सौंदर्यीकरण।
< विभिन्न स्थानों पर डोम, शेड निर्माण
कार्य।
< खुर्सीपार क्षेत्र के आंतरिक रोड का
डामरीकरण एवं नवीनीकरण।
दुर्गा ने अपनी बात कही तो सीएम ने सराहा < शहीद वीरनारायण सिंह जयंती
भिलाई नगर विधानसभा बीएससी फाइनल ईयर की छात्रा दुर्गा साहू ने बताया कि उन्होंने बेरोज़गारी भत्ता
स्टेडियम के पास बिजली की उचित
के लिए पंजीयन करा लिय़ा है। मुझे अब बेरोजगारी भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा,
व्यवस्था।

बीएसपी टाउनशिप में हाफ बिजली मेरे दैनिक खर्चो के लिए अपने माता-पिता पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। दुर्गा ने
मुख्यमंत्री को इसके लिए शुभकामनाएं दी हैं। श्री बघेल ने भी यह बातें साझा
<
<
खेल अकादमी का निर्माण।
सेक्टर-09 स्थित उच्चतर माध्यमिक
बिल का लाभ देने का वादा
करने के लिए दुर्गा की सराहना की।
शाला का स्वामी आत्मानंद इंग्लिश
भिलाईनगर में खुलेगी गारमेंट मीडियम स्कूल के रूप में संचालन।
खुर्सीपार में स्थित शासकीय आई.टी.
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दुर्ग ग्रामीण के बाद
भिलाई नगर विधानसभा का दौरा किया। यह
भिलाई नगर के खुर्सीपार में मोहन लाल
जैन शासकीय महाविद्यालय कैंपस में भेंट-
भी यहां पहुंची थी। उन्होंने बताया कि उनके
बच्चे के हाथ की हड्डी टूट गई थी, जिसका
फैक्ट्री और बीपीओ सेंटर <
आई को स्वामी आत्मानंद आई.टी.आई
क्षेत्र भिलाई का शहरी इलाका कहलाता है। मुलाकात कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इलाज आयुष्मान कार्ड से शंकराचार्य भिलाई-नगर विधानसभा में श्री बघेल ने भेंट-मुलाकात के दौरान महिलाओं अंतर्गत संचालन।
इस क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा भिलाई स्टील मुख्यमंत्री के साथ यहां प्रभारी मंत्री मोहम्मद अस्पताल में कराया है, धीरे-धीरे वह पूरी और युवाओं को बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने रोजगार का जिक्र किया और यहां
प्लांट (बीएसपी) के इलाके में आता है, अकबर, क्षेत्र के विधायक देवेंद्र यादव से तरह ठीक हो रहा है। इस तरह की आर्थिक गारमेंट फैक्ट्री खोलने का ऐलान किया। साथ ही राजनांदगांव के जैसे यहां भी < 2013-2019 तक जिन घरों में नल
जहां सरकार की हाफ बिजली बिल योजना लेकर कलेक्टर और सभी अधिकारी मौजूद सहाय़ता से काफी राहत मिल रही है। राधा युवाओं को नौकरी के अवसर दिलाने बीपीओ सेंटर की शुरूआत करने की कनेक्शन था और उन उपभोक्ताओं
का फायदा नहीं पहुंच रहा था। मुख्यमंत्री थे। आम जनता के साथ श्री बघेल ने सीधे ने भी बताया कि वह मुख्यमंत्री सुपोषण घोषणा की। यह सुनते ही लोग खुश हुए और नारे लगाते हुए उनका धन्यवाद तक जल प्रदाय नहीं हो पाया है, उन
के समक्ष लोगों ने यह मांग रखी और संवाद किया और उनसे योजनाओं के बारे में अभियान का लाभ ले रही है, बच्चा कमजोर किया। गारमेंट फैक्ट्री में करीब एक हजार महिलाओं को रोजगार दिया जाएगा। उपभोक्ताओं का पानी का टैक्स माफ
उन्होंने कैबिनेट के जरिए इसे पूरा करने का पूछा। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता था। अब उसे पूरक पोषण आहार मिल रहा इसकी रूपरेखा जल्द तैयार होगी। इसी तरह बीपीओ कॉल सेंटर के जरिए 500 करने के संबंध में परीक्षण।
आश्वासन दिया। योजना का लाभ मिलने के बाद सुश्री भारती है, उसकी सेहत अच्छी हो रही है। युवाओं को रोजगार मिलेगा।

38। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 39


भेंट-मुलाकात नई योजनाएं

वैशालीनगर विधानसभा
सेवा, जतन, सरोकार का विस्तार
बुनियादी विकास के साथ युवाओं मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल
ने बजट 2023-24 में 17
बच्चों के लिए बेहतर अधोसंरचना नई योजनाएं प्रारंभ करने
की घोषणा की है। इन नई
वैशालीनगर में खुला मिलेट्स कैफे योजनाओं का उद्देश्य, इसे
मुख्यमंत्री श्री भूपश
े बघेल ने वैशाली नगर के प्रारंभ करने की वजह
गुरुनानक जी सरोवर के पास मिलेट्स कैफे का और इससे होने वाले लाभ
लोकार्पण किया। इस दौरान बड़ी तादात में लोग
मौजूद थे। उन्होंने कहा कि मिलेट्स कैफे खुलने
की जानकारी का संकलन
से लोगों को पौष्टिक व्यंजन उपलब्ध होंग।े यहां किया गया है। महिलाओं,
स्वादिष्ट व्यंजन मिलने के साथ ही एक स्वस्थ
छत्तीसगढ़ का सपना भी साकार हो सकेगा।
युवाओं, किसानों और राज्य
की जनता के लिए ये नई
चार मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू योजनाएं क्या हैं और इसका
प्रदेश में घर-घर स्वास्थ्य सुविधा के नाम से
चर्चित मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत
क्रियान्वयन कैसे होगा,
वैशालीनगर में चार नए मोबाइल मेडिकल यूनिट इसके बारे में जानिए...
की शुरूआत की गई। श्री बघेल ने फीता काटकर
इस योजना को संजीवनी बताया। इस यूनिट में 5
लैब टेस्ट अलग से जोड़े गए हैं, ताकि इनसे जुड़े
मरीजों को निजी अस्पतालों के चक्कर न काटना अब गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ कल्चरल कनेक्ट योजना
पड़े। इनमें सिक्लिंग टेस्ट, विडाल टेस्ट, ब्लड ग्परु
टेस्ट, यूपीटी प्रेगनेंसी टेस्ट और मलेरिया टेस्ट छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना प्रदेश की ख्याति को लोगों तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़
शामिल हैं। इससे लोगों की चिकित्सा सुविधा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं कल्चरल कनेक्ट योजना की शुरूआत की गई है। इस
और विस्तार होगा। परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना योजना के तहत छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विस्तार किया
वैशालीनगर विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते हुए यहां के कैंप में स्थित शासकीय हाई स्कूल को प्रारंभ की गई है। योजना का उद्देश्य प्रदेश के गैर-अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज- जाएगा। अन्य राज्यों में स्थित तीर्थस्थलों के भ्रमण के दौरान
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बुनियादी जरूरतों वाले स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के रूप लोगों ने साझा कीं अपनी बातें त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करना और इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल राज्य के नागरिकों की सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ जननिवास
अधोसंरचनाओं की सौगातें दीं। स्कूल, स्पोर्ट्स में संचालन करने का ऐलान किया। साथ ही स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन भवन का निर्माण किया जाएगा।
श्री दिलीप कुमार भगत ने बताया कि उन्होंने बिना
कॉम्पलेक्स के साथ-साथ सड़क, बिजली, पानी वार्ड 07 रानी अवंतीबाई सरोवर के सौंदर्यीकरण अनुमति के भवन बनवा लिया था, अब वर्तमान में करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का
से जुड़े 45 करोड़ रुपए से अधिक के विकास की बात कही। उन्होंने कहा कि जवाहर नगर नियमितीकरण करा लिया विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित योजना के क्रियान्वयन के लिए
कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन कर घोषणाएं स्पोर्टस् कॉम्पलेक्स में बॉक्सिंग, टेबल टेनिस है। इसके लिए मुख्यमंत्री को करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई गई है। योजना की पहल और विशेषताएं
कीं। वैशाली नगर के शांतिनगर मैदान में भेंट- एवं वॉलीबॉल एकेडमी प्रारंभ की जायेगी। इसके धन्यवाद। झुग्गी झोपड़ी योजना इकाई ग्राम पंचायत होगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किस्तों में 10 हजार रुपए < राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक महत्व के
मुलाकात कार्यक्रम में उन्होंने सभी वार्डों में साथ ही उन्होंने नेहरू नगर एवं हाउसिंग बोर्ड में अंतर्गत श्री अनुसइु या मरकाम दिए जाएंगे। प्रदेश में 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। यह राशि स्थानों में भ्रमण व निवास हेतु छत्तीसगढ़ संस्कृति केंद्रों
50 लाख रुपए तक के सीमेंटीकरण, पॉथ-वे, सीवरेज लाइन संधारण एवं नवीनीकरण कराने, को लाभ मिला है। पहले उनका केवल सामुदायिक विकासखण्ड क्षेत्र के 6 हजार 111 ग्राम पंचायतों को दी जाएगी। की स्थापना।
पुलिया संधारण एवं अन्य निर्माण कार्य कराने हाउसिंग बोर्ड एवं अन्य कॉलोनी, जो नगर निगम घर मिट्टी का था, अब पट्टा मिल
की घोषणा की। इसके अलावा क्षेत्रीय सड़कों को हस्तांतरित हुई हो, उनका आंतरिक विकास जाने से उन्होंने अपना घर बनवा पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन < छत्तीसगढ़ के परंपरागत हस्तशिल्प उत्पादों की भी अन्य
की मरम्मत एवं नवीनीकरण का आदेश दिया। कार्य कराने, संजय नगर तालाब के सौंदर्यीकरण राज्यों एवं देशों से आने वाले पर्यटकों को जानकारी
लिया है। राशन कार्ड, श्रम योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन
उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापना के साथ विभिन्न स्थानों पर डोम शेड निर्माण मिल सकेगी।
कार्ड भी मिला। श्रम विभाग से किया जाएगा। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 2 बुजुर्ग सदस्य,
एवं सौंदर्यीकरण कार्य किए जाने का भी ऐलान सहित राधिका नगर मैदान का सौंदर्यीकरण सिलाई मशीन भी मिली है। ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल < मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 7 राज्यों के
किया। बच्चों से बात करते हुए श्री बघेल ने कराने का भी ऐलान किया। सिलाई का कार्य भी वह कर रही हैं। किया गया है। मुख्यमंत्री को भूमि आबंटन हेतु पत्र।

40। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 41


नई योजनाएं

योजना के लाभ और नियमों मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना किसे मिलेगा लाभ
के बारे में जानें < कन्या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले
< योजना के दायरे में वे महिलाएं
आएंगी, जो पशुपालन, बेकरी,
25000 से बढ़कर अब परिवार/ मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत
पात्र राशन कार्ड धारित होनी चाहिए।
बाजार व्यवसाय, फल उत्पादन एवं
कृषि संबंधित सहायक उत्पाद से
संबंधित कार्य करना चाहती हैं।
50000 रुपए मिलेंगे < एक ही परिवार की अधिकतम दो कन्याएं लाभान्वित
की जा सकेंगी।
< कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक तथा वर की आयु
< योजना के तहत 25 हजार से 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
50 हजार तक की राशि बतौर ऋण < कन्या प्रथम विवाह के लिए इस सहायता की पात्र होगी।
स्वीकृत की जाएगी, जिसमें करीब
< सामूहिक विवाह में सम्मलित होने वाली कन्या को ही
3 फीसदी वार्षिक ब्याज देना
होगा। उक्त सहायता की पात्रता होगी।
< कन्या एवं उसके परिवार को छत्तीसगढ़ राज्य का
< ऋण को सरल बनाने के लिए
शुरुआत के 6 माह तक कोई ब्याज निवासी होना चाहिए।
और किस्त नहीं लिया जाएगा। < साक्षर कन्याओं को सहायता प्रदान करने की
इसमें 6 माह के लिए ब्याज एवं प्राथमिकता दी जाएगी।
किस्त मुक्त अवधि प्रदान की < कन्या को छत्तीसगढ़ निर्धन कन्या सामू हि क
जाएगी। विवाह योजना नियम 2005 अथवा अनुसूचित
< आवेदन जमा करने, ऋण की जाति तथा जनजाति विकास विभाग द्वारा
स्वीकृति, राशि का प्रदाय तथा ऋण संचालित सामूहिक विवाह योजनाओं में से किसी
की राशि की वसूली से संबंधित एक योजना के तहत लाभ पाने की पात्रता होगी।
सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। < वर्ष 2014-15 से विधवा, अनाथ एवं निराश्रित कन्याओं
< सरकार ने पहले साल करीब को भी पात्रता अंतर्गत सम्मिलित किया गया है।
फोटो : जनमन
5 हजार महिलाओं को ऋण देने
कौशल्या समृद्धि योजना का लक्ष्य बनाया है, जिसके तहत 50 हजार रुपए इन व्यवस्थाओं पर होंगे खर्च
करीब 20 करोड़ रुपए की राशि विवाह आयोजन व्यवस्था एवं परिवहन व्यय
महिलाओं को 50 हजार खर्च होगी।
मुझे पैकिंग का काम आता है। मैं
विवरण
प्रति कन्या 7,500 रुपए की सीमा के अधीन पंडाल
राशि
7500

रुपए तक व्यवसाय ऋण
इसे सीख भी चुकी हूं। मैं चाहती हूं कि भवन किराया, प्रति जोड़ा 20 अतिथियों के लिए भोजन एवं
अपने साथियों के साथ इस नाश्ता इत्यादि, बैठक व्यवस्था पर व्यय, विवाह का फोटो
व्यापार को शुरू कर सकूं। एवं प्रमाण-पत्र, आकस्मिक व्यय, परिवहन व्यय

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को व्यवसाय लिए महिलाओं को इस योजना के तहत


मुझे इस बात की खुशी है
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत गरीब परिवारों को कन्या विवाह
उपहार सामग्री पर व्यय
कि हमारे मुख्यमंत्री ने हम
का अवसर देने और उन्हें आर्थिक सहायता 50 हजार रुपए तक का ऋण प्रदान किया जैसे समूह की महिलाओं में दी जाने वाली आर्थिक सहायता के तौर पर 25 हजार रुपए की राशि विवरण राशि
प्रदान करने के लिए कौशल्या समृद्धि जाएगा। योजना में शुरुआत के छह महीने को 50 हजार रुपए तक कर्ज देने की योजना को बढ़ाकर 50 हजार रुपए कर दिया गया है। योजना के तहत सादगीपूर्ण चांदी का मंगलसूत्र, वर-वधू के कपड़े, शृंंगार सामग्री 7500
योजना की शुरुआत की जा रही है। महिलाएं ब्याज देने की जरूरत नहीं होगी और न तो बनाई है। यह सुनने के बाद से मैं अब तैयारी में विवाहों को बढ़ावा मिलता है और सामूहिक विवाहों के आयोजन से जूते-चप्पल, चुनरी, साफा इत्यादि
स्वावलंबी बन सकें और उनके अतिरिक्त कोई किस्त देना अनिवार्य होगा। बजट में जुट गई है। निर्धनों के मनोबल व आत्मसम्मान में वृद्धि और उनकी सामाजिक स्थिति वधू को ड्राफ्ट/बैंक खाते के माध्यम से भुगतान 5000
आय से परिवार को मजबूत मिले, यह इस इसके लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान पुष्पा साहू, गौमाता समूह, राजनांदगांव में सुधार, सामूहिक विवाहों को प्रोत्साहन मिलता है। ऐसे विवाह समारोह अन्य उपहार सामग्री की सुझावात्मक सूची अनुसार 30000
योजना का उद्देश्य है। व्यवसाय करने के किया है। के आयोजन से दहेज के लेन-देन की रोकथाम भी होती है। (अधिकतम व्यय योग्य राशि)

42। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 43


नई योजनाएं

मुख्यमंत्री बाल उदय योजना मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना ई-धरती परियोजना

अपराध में फंसे बच्चों में सुधार छत्तीसगढ़ की संस्कृति और


और पुनर्वास की पहल धरोहरों से रू-ब-रू हाेगं े युवा
छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से राज्य के लोगों को परिचित कराने और प्राचीन
धरोहरों की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति जागरुकता लाना आवश्यक है। इसके अलावा इसका
बाल संप्रेक्षण गृह में दाखिल बालकों के लिए बाल उदय प्रचार-प्रसार भी जरूरी है। ऐसे में युवाओं को पुरानी संस्कृति और धरोहरों से रू-ब-रू कराने भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली विकसित करने
योजना की शुरुआत की गई है। बालकों को आवश्यक के लिए मुख्यमंत्री धरोहर दर्शन योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत सरकारी और के लिए डिजिटल इंडिया लैण्ड रिकॉर्ड
सहयोग देकर समाज में पुनर्वासित एवं पुनर्स्थापित करने अर्द्ध सरकारी स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राओं को ऐतिहासिक धरोहर के इतिहास, पुरातत्व मैनेजमेंट प्रोग्राम के विभिन्न घटकों में भूमि
के उद्देश्य से इस योजना को प्रारंभ किया गया है। महत्व व संस्कृति की समझ विकसित की जाएगी। का पुन: सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस
परियोजना को शुरू करने का उद्देश्य यह
है कि भूमि का पारदर्शी रिकॉर्ड, आधुनिक
उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों के दैनिक और व्यापक प्रबंधन की जा सके। वर्तमान में
गाइडलाइन <
व्यय हेतु आर्थिक सहायता (4,000 मिशन
आफ्टर केयर की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
राज्य मे ऐसे ग्राम जिनका सर्वेक्षण नहीं किया
< कक्षा 10 वीं से 12 वीं में अध्ययनरत
सामुदायिक सामूहिक आवास व्यवस्था वात्सल्य+3,000 गया है और जिन ग्रामों का सर्वेक्षण हो चुका
बच्चों को एप्टीट्यूड टेस्ट कराया जाएगा ताकि
है और उनका अभिलेख उपलब्ध नही है एवं
< सामुदायिक सामूहिक आवास व्यवस्था में पात्रता रूझान अनुसार शिक्षा हेतु विषय/ व्यवसायिक
वनग्राम का सर्वे का कार्य किया जा रहा है।
निवासरत बालकों को आर्थिक सहायता (3,000 किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और पाठ्यक्रम का चयन किया जा सके।
< तकनीक से सर्वे कार्य की लाग डीजीपीएस
दैनिक व्यय व 1,000 आवास किराया कुल संरक्षण) अधिनियम, 2015 यथा संशोधित < बाल देखरेख संस्था में निवासरत ऐसे बच्चे जो सर्वे की लागत से लगभग दोगुनी है। लीडार
4,000) 2021 के अंतर्गत पंजीकृत बाल देखरेख संस्था आगामी 6 माह में 18 वर्ष के आयु पूर्ण करने वाले तकनीक से सर्वे मे जो भी अतिरिक्त लागत
< सामुदायिक सामूहिक आवास व्यवस्था में निवासरत बालक/बालिका जिनकी आयु 18 है, को आफ्टर केयर कार्यक्रम से जोड़ने के लिए आएगी, वह राज्य सरकार वहन करेगी।
हेतु चिन्हित स्वयं सेवी संगठन/ संस्था के लिए वर्ष पूर्ण हो चुकी है। उनकी सूची सभी आवश्यक विवरण के साथ तैयार राज्य सरकार ने वर्ष 2023-24 के बजट में
अनुदान 3000 प्रतिमाह प्रति बालक < बाल देखरेख संस्था में निर्मुक्ति दिनांक की करने की जवाबदारी संबधं ित बाल देखरेख संस्था ई-धरती परियोजना के लिए 50 करोड़ का
< सामुदायिक सामूहिक आवास व्यवस्था हेतु स्थिति में न्यूनतम 3 वर्ष तक निरंतर निवासरत प्रभारी एव जिला बाल संरक्षण इकाई की होगी। प्रावधान किया है।
चिन्हित स्वयं सेवी संगठन/ संस्था द्वारा किराए बच्चे पात्र होंगे। < प्रारूप 07 में व्यक्तिगत देखरेख योजना
के भवन हेतु 10000 प्रतिमाह < बालक/ बालिका को अधिकतम 21 एवं जिला बाल संरक्षण इकाई की अनुशंसा के
साथ बाल न्यायालय या किशोर न्याय बोर्ड या
मुख्यमंत्री विरासत
< मनोवैज्ञानिक/परामर्शदाता/काउंसलर/
चिकित्सक का मानदेय 700 प्रति विजिट
वर्ष की आयु तक लाभान्वित किया जाएगा।
अपवादात्मक परिस्थितियों में इसे 2 वर्ष तक बाल कल्याण समिति को प्रेषित की जाएगी। झरोखा योजना
और बढ़ाया जा सकेगा। < जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा यह
ऐसे ले सकेंगे योजना धरोहर मित्र की होगी नियुक्ति कॉलेज और शासकीय कार्यालयों में प्राचीन
उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता सुनिश्चित किया जाएगा कि उक्त प्रस्ताव का लाभ मिलेंगे 5 हजार रुपए शिल्प स्थापत्य के प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री
< उच्च शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता, निर्धारित
< निर्धारित फीस- संबंधित शिक्षण संस्थान समयावधि अथवा 25 वर्ष की आयु जो भी पहले बालक/ बालिका के निर्मुक्त होने से कम से विभिन्न जिलों के तीन स्कूल व कॉलेज धरोहर दर्शन के लिए धरोहर मित्र की विरासत झरोखा योजना की शुरुआत की गई
को सीधे भुगतान हो, तक दी जाएगी। कम 2 माह पूर्व संबंधित बाल न्यायालय या का चयन जिला स्तर पर गठित समिति के नियुक्ति की जाएगी, जो कि राज्य संरक्षित है। इससे विद्यार्थियों और आम लोगों में अपने
< हॉस्टल फीस, मेस फीस, परिवहन, किशोर न्याय बोर्ड या बाल कल्याण समिति के माध्यम से किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल व स्मारकों/स्थल पर आने वाले स्कूलों/कॉलेज धरोहर के प्रति लगाव, जागरुकता का प्रसार,
स्टेशनरी, ड्रेस फीस/अन्य शुल्क
प्रक्रिया समक्ष पहुंच जाए। कॉलेज को धरोहर दर्शन के लिए 10 हजार के विद्यार्थियों को जानकारी देंगे। 58 संरक्षित इतिहास, पुरातत्व और संस्कृति के विविध पक्षों
< 14 से 18 साल की आयु के बच्चों के लिए रुपए जिला कलेक्टर के माध्यम से दी स्मारकों व स्थलों पर स्थानीय शिक्षित की जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान
जाएगी। इस राशि से स्कूल व कॉलेज के बेरोजगारों को धरोहर मित्र के रूप में मानदेय करना है। 33 जिलों के 66 महाविद्यालय व
बच्चों का अपराधी बन जाना समाज की देन है। सामाजिक व्यवस्था इसका एक महत्वपूर्ण कारण है। ऐसे बच्चों को सजा के विद्यार्थियों को धरोहर दर्शन कराए जाएंगे पर नियुक्त किया जाएगा। उन्हें प्रतिमाह पांच शासकीय कार्यालय मे विरासत झरोखा तैयार
बाद बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जाता है, जहां उन्हें सुधार का मौका मिलता है। बच्चों को सुधारने के साथ-साथ एक बेहतर जिंदगी और राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र, हजार रुपए एकमुश्त दिए जाएंगे। धरोहर किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए संबंधित
दी जा सके और उन्हें अपराध की दुनिया से दूर ले जाया जा सके, इसके लिए इस तरह की सोच जरूरी है। यह काम सरकार का ही है प्रतिवेदन व छायाचित्र/वीडियो कलेक्टर के मित्रों को संचालनालय एवं छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग व महाविद्यालय द्वारा स्थान उपलब्ध
और सरकार द्वारा बनाई गई इस योजना से ऐसे बच्चों की अपराध की दुनिया से वापसी समाज में उन्हें नई जिंदगी प्रदान करेगी। माध्यम से संचालक पुरातत्व, अभिलेखागार मंडल के विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया कराया जाएगा। विरासत झरोखा निर्माण के
डॉ. मनजीत कौर बल, समाजसेविका एवं संग्रहालय को उपलब्ध कराए जाएंगे। जाएगा। लिए 99 लाख का बजट रखा गया है।

44। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 45


पहल

छत्तीसगढ़ राज्य सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण सर्वेक्षण इन बिंदुओं पर किया जा रहा


सर्वेक्षण के दौरान प्रतिनिधि नाम, पता, जिला, विकासखंड,

बजट के दौरान वादा


<
वर्ष 2011 पंचायत, गांव के नाम के साथ मकान नंबर नोट करेंग।े
जनगणना के < परिवार के मुखिया की जानकारी ली जाएगी, जिसमें नाम,
12 वर्ष बाद नए आधार नंबर, लिंग, आयु, मोबाइल नंबर, शैक्षणिक योग्यता

माहभर में निभाया हितग्राहियों की


पहचान
और रोजगार की जानकारी का उल्लेख होगा।
< प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत है या नहीं, यह पूछा जाएगा।
साथ ही जनगणना 2011 का एसईसीसी क्रमांक नंबर, पीएम
आवास स्थाई प्रतीक्षा सूची, आवास प्लस सूची, राशन कार्ड
वर्ष 2011 की जनगणना के हिसाब से आज बारह क्रमांक, धान विक्रय का किसान पंजीयन क्रमांक, नरेगा जॉब
वर्ष बाद के पात्र हितग्राहियों का चयन करना
कार्ड इत्यादि की जानकारी ली जाएगी।
और उनको ही गरीब परिवारों को मिलने वाली योजनाओं
का लाभ वास्तव में न्याय संगत नहीं होगा। बारह वर्ष में < परिवार के अन्य सदस्यों की जानकारी, नाम, मुखिया से
एक पीढ़ी बदल जाती है, 13 साल का संबधं से लेकर शैक्षणिक व रोजगार की जानकारी ली जाएगी।
व्यक्ति व्यस्क अथवा अपने परिवार
का पालक बन जाता है। 2011 में जो < समस्त स्रोतों से परिवार की कुल वार्षिक आय जैसे कृषि,
13 साल का था और एक परिवार का मजदूरी, नौकरी, स्वरोजगार अन्य की जानकारी प्राप्त की
सदस्य था, अब वह अपने परिवार जाएगी। वे आयकर दाता हैं या नहीं, यह भी पूछा जाएगा।
का पालक बन चुका होगा। ऐसी परिस्थिति में वर्तमान
< परिवार की भूमि की जानकारी ली जाएगी, जिसमें कृषि
सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के बिना 2011 के पात्र
हितग्राहियों को ही लाभ देना और 12 वर्ष के अंतराल में भूमि, सिंचित-असिंचित, आवासीय प्लॉट, व्यावसायिक प्लॉट
पात्र हुए हितग्राहियों को छोड़ देना बिलकुल उचित नहीं समेत आवास की जानकारी ली जाएगी।
है। इस दृष्टि से छत्तीसगढ़ सरकार की पहल का स्वागत < स्वयं का अगर आवास है तो कच्चे-पक्के कमरों की संख्या,
किया जाएगा।
डॉ. अल्पना दुबे, विभागाध्यक्ष, वाणिज्य संकाय, आवास की फोटो, आवास में शौचालय आदि की जानकारी
डॉ.खूबचंद बघेल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिलाई-3 ली जाएगी। निराश्रित परिवार भी है या नहीं, पूछा जाएगा।
< सिंचाई साधन जैसे खुला कूप, नलकूप, डीजल पंप, सोलर
मैं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की इस बात पंप, स्प्रिंकलर, ड्रिप आदि की जानकारी ली जाएगी। साथ ही
जनमन िरपोर्ट से सहमत हूं कि सामाजिक आर्थिक दृष्टि से
कमजोर तबकों की सही पहचान जरूरी है। 12 वर्षों
वाहन या अन्य सामग्री जैसे ट्रैक्टर, चार पहिया वाहन, तीन
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण शुरू किया है, जिसके तहत परिवारों पुराने आंकड़ों के आधार पर यदि हितग्राहियों का चयन पहिया वाहन, दो पहिया वाहन, अन्य कृषि उपकरण, टीवी,
की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आकलन कर, उन सभी तक योजनाओं को पहुंचाने का किया जाएगा तो यह संभव है कि फ्रिज, एयर कंडीशनर की जानकारी ली जाएगी।
चयनित हितग्राही की परिस्थितियां < घरलू ईंधन की व्यवस्था, लकड़ी, गोबर उपले, हीटर,
प्रयास किया जाएगा, जिनसे वे पात्रता के बावजूद वंचित हैं। केंद्र सरकार द्वारा जनगणना नहीं इन 12 वर्षों में बदल गई हों। ऐसी
कुकिगं गैस अन्य की जानकारी ली जाएगी। साथ ही कुकिगं
कराए जाने की स्थिति में इसकी शुरूआत की घोषणा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्थिति में जो अपात्र हितग्राही होंगे
गैस, उज्ज्वला कनेक्शन में रिफिल की संख्या पूछी जाएगी।
उनको तो लाभ मिल जाएगा, लेकिन
की थी। अब इसके लिए चार पन्नों में बिंदुवार फार्मेट बनाया गया है, जिसके जरिए यह सर्वेक्षण वास्तव में जो जरूरतमंद हितग्राही होंगे वे वंचित रह < क्या परिवार के सदस्यों ने कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है
कराया जा रहा है। 1 अप्रैल 2023 से प्रत्येक गांव-शहर में हर परिवार के पास पहुंचकर यह जाएंगे। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कराया या नहीं, आय में वृद्धि के बारे में जानकारी ली जाएगी। घर में
सर्वेक्षण कराया जाएगा और पात्रता के आंकड़े जुटाए जाएंगे, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन जा रहा सामाजिक, आर्थिक सर्वेक्षण अत्यंत आवश्यक
कार्यवाही है।
बिजली कनेक्शन भी नोट किए जाएंग।े
में सकारात्मक बदलाव किए जा सकंे। मनेश अग्रवाल, चार्टेड एकाउंटेंट < इन तमाम जानकारियों के साथ प्रगणक, पर्यवेक्षक के नाम
और हस्ताक्षर लिए जाएंग।े

46। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 47


पर्यटन

दुर्गम पहुंच मार्ग को सुगम िरपोर्ट

ढोलकल श्रीगणेश
जनमन
बनाने विस्तृत कार्ययोजना दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला
में ढोलकल की पहाड़ियों
तैयार किया जा रहा पूर्ण पर्यटन स्थल पर बसे भगवान श्रीगणेश
की प्रतिमा के दर्शन अब
6 किलोमीटर की ट्रैकिंग आसान होंगे। समुद्र तल से
2750 फीट ऊंचाई तक अधोसंरचना विकास के लिए 2750 फीट ऊंचे पहाड़ पर
आसानी से पहुंचेंगे श्रद्धालु हो रहे कई कार्य पहाड़ पर रात्रि विश्राम की सुविधा विराजे श्रीगणेश की प्रतिमा
तक पहुंचने के लिए अब
होम स्टे की सुविधा भी आसान रास्ता बनाया जा रहा
है। घने जंगल और दुर्गम
पहाड़ियों के बीच प्रतिमा
तक पहुंचना आसान नहीं
होता था। यहां कुछ ही लोग
हिम्मत जुटाकर मशक्कत
के बाद पहाड़ चढ़कर दर्शन
करते रहे हैं। अब इसे एक
पूर्ण पर्यटन स्थल के तौर पर
विकसित किया जा रहा है,
जिसकी कार्ययोजना पर काम
शुरू हो चुका है।

लकल की पहाड़ियों पर बसे


ढो भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा का
एक लंबा इतिहास है। गणेश
चतुर्थी, नवरात्रि और त्यौहारों के दौरान यहां
स्थानीय लोग दूर से दर्शन करने आया करते
हैं। कुछ लोग जो पहाड़ चढ़ने में सक्षम हैं, वे
यहां तक पहुंच जाते हैं, लेकिन ज्यादातर को
प्रतिमा के दर्शन नहीं हो पाते। यह स्थल घोर
नक्सल प्रभावित इलाका रहा है, लेकिन अब
सरकार यहां कई स्तर पर विकास के कार्य
कराने में जुटी है। ढोलकल के पर्यटन स्थलों
को लेकर पूरी विस्तृत कार्ययोजना पर काम
चल रहा है।

48। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 49


पर्यटन
इस तरह से विकसित होंगी सुविधाएं
पार्किंग करीब साढ़े पांच
किलोमीटर दूर होगी, जहां गाड़ियां
खड़ी करने के बाद श्रद्धालु पैदल
ही पहाड़ तक का सफर तय करेंगे।
इसके लिए इस रास्ते के पूरे हिस्से
को बेहतर ढंग से बनाया जा रहा है,
ताकि चलने में दिक्कत न हो।

जिस पहाड़ पर गणेशजी की प्रतिमा जहां से यह रास्ता शुरू होगा, वहां


फोटो : गूगल
विराजी है, वहां तक जाने के लिए भव्य गेट का निर्माण किया जा रहा
करीब 6 किलोमीटर पहले अपने है, जो इस पर्यटन स्थल के प्रवेश
ढोलकल के श्री गणेश के बारे में वाहन को खड़ा करना पड़ता है। इसके द्वार के तौर पर विकसित होगा।
मान्यताओं को जानिए आगे जंगल और पथरीला रास्ता है, यहां लोगों को तमाम जानकारियां
ढोलकल पहाड़ पर विराजे भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा ढोलक के जहां पैदल ही जाना होता है। इस पूरे भी उपलब्ध होंगी।
आकार की कहलाती है। इसलिए यहां की पहाड़ियों को ढोलकल रास्ते को विकसित किया जा रहा है।
पहाड़ी के नाम से पुकारा जाता है। ढोलकल के आसपास के
क्षेत्रों में यह कथा भी सुनने को मिलती है कि भगवान गणेश और
परशुराम का युद्ध इसी पहाड़ी पर हुआ था। युद्ध के दौरान भगवान इस पर्यटन स्थल के आसपास पहाड़ों में स्थानीय निवासियों पैदल चलने के दौरान पर्यटकों की सुविधा के लिए जगह-
गणेश का एक दांत यहीं टूटकर गिरा था। परशुरामजी के फरसे से
गणेशजी का दांत टूटा था, इसलिए पहाड़ी के नीचे के गांव का नाम
के घर को होम स्टे के तौर पर विकसित किया जा रहा है, जगह पेयजल की व्यवस्था की जाएगी और साथ ही स्थानीय
फरसपाल रखा गया। इस घटना को सृष्टि के अंत तक याद रखा ताकि पर्यटक यहां आकर रुकना चाहें तो उन्हें सारी सुविधाएं लोगों को छोटी दुकान व गुमटी चलाने की अनुमति दी
जाए इसलिए छिंदक नागवंशी राजाओं ने पहाड़ी पर गणेशजी की आसानी से मिल सकं।े इससे स्थानीय लोगों को रोजगार जाएगी। रास्ते में खूबसूरत वादियों और रोमांचक स्पॉट पर
प्रतिमा स्थापित की। मिलने के साथ-साथ कमाई के रास्ते खुलगें ।े बैठने की व्यवस्था के लिए शेड बनाए जाएंग।े

पहाड़ में रेलिंग वाली सीढ़ियां 11वीं शताब्दी की प्रतिमा


मूर्ति को लेकर पुरातत्वविदों का मानना है कि इस प्रतिमा का निर्माण स्थानीय महिलाओं और पुरुषों ढोलकल पहाड़ों के घने जंगल
गणेशजी की प्रतिमा तक पहुंचने के लिए पहाड़ पर सीढ़ियां
11वीं शताब्दी में हुआ था। नाग वंशी शासकों द्वारा बनाई गई थी। के समूह के जरिए टूरिस्ट गाइड औषधीय और पर्यावरण को
बनाई जा रही है। इसका काम शुरू हो चुका है। सुरक्षा के
लिहाज से इसमें रेलिंग भी तैयार की जाएगी, ताकि लोगों
6 फीट ऊंची 2.5 फीट चौड़ी ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित यह प्रतिमा तैयार किए जाएंगे, जिन्हें पर्यटकों संरक्षित करने वाले पेड़-पौधों से
वास्तुकला की दृष्टि से अत्यंत कलात्मक है। स्थानीय लोगों की को जानकारी देने के साथ-साथ घिरे हंै। इनकी जानकारी के लिए
को चढ़ने में दिक्कत न हो। बुजर्ग और बच्चे भी यहां आसानी
मान्यता है कि गणेशजी की इस प्रतिमा में ऊपरी दांये हाथ में फरसा, सेवा करने का भी मौका मिलेगा, रास्तों में सूचना वाले बोर्ड भी
से पर्वत में चढ़ सकेंगे, इसका भी इंतजाम किया जा रहा है।
ऊपरी बांये हाथ में टूटा हुआ एक दंत, नीचे दांये हाथ में अभय मुद्रा में
पर्यावरण नियमों के अनुरूप इसका निर्माण होगा ताकि इस
अक्षमाला धारण किए हुए तथा नीचे बांये हाथ में मोदक धारण किए
जिससे उन्हें रोजगार मिल लगाए जाएंगे, ताकि लोग इस पूरे
ऐतिहासिक धरोहर को किसी तरह का नुकसान भी न पहुंचे। सकेगा। जगह से बेहतर ढंग से परिचित हो
हुए आयुध के रूप में विराजित है।
सकें।

सूर्यदेव और पार्वती माता की प्रतिमा गायब पहाड़ पर नाइट स्टे का


भी इंतजाम किया जा
स्थानीय निवासी सोना पोड़ियाम बताते हैं कि यहां के लोकल आदिवासी भगवान श्रीगणेश को एकदंत अपना रक्षक मानकर पूजा करते हैं। उनके चुका है, ताकि लोग रात
अनुसार ढोलकल शिखर के पास स्थित दूसरे शिखर पर देवी पार्वती और सूर्यदेव की भी प्रतिमा स्थापित थी। जो कि तकरीबन 16 साल पहले चोरी हो
चुकी है। आज तक इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। पहाड़ी तक पहुंचने के मार्ग में जंगली जानवरों का भी भय रहता रहा है, लेकिन अब
और सुबह का भी आनंद
पर्यटन स्थल के रूप में इसे विकसित करने से लोगों का यह भय कम होने लगा है। लोग यह भी कहते हैं कि कोई भी जानवर कभी भी बप्पा के दर्शन ले सकेंगे।
करने जा रहे भक्तों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते।

50। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 51


फोकस
जनमन िरपोर्ट
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के िवकास
को न सिर्फ नए आयाम दिए, बल्कि नए प्रतिमान और नई
कसौटियों पर रखते हुए संपूर्ण कार्यप्रणाली में बदलाव का
भी सूत्रपात किया। श्री बघेल ने कहा कि हमें सिर्फ बिजली
उत्पादन वाला राज्य नहीं बनना है, बल्कि बिजली के अधिक
उपभोग वाला राज्य भी बनना है। बिजली के उपभोग की
कसौटी पर विकास की सार्थकता देखनी है। यहां बिजली
की खपत से ही यह तय होगा कि हमारे प्रदेश के लोगों को
विकास का कितना लाभ मिला।

हमें सिर्फ बिजली उत्पादन वाला राज्य ही नहीं, बल्कि


अधिक उपभोग वाला राज्य भी बनना है : मुख्यमंत्री
स्थापना का कार्य शामिल है, जिनमें 2 टेमरी, मस्तूरी-मल्हार, मेटलपार्क, बेतर,
विद्युत उपकेन्द्र 400 के.व्ही. क्षमता के, जनकपुर, केशकाल, सरोरा, बिलाईगढ़,
11 उपकेन्द्र 220 के.व्ही. क्षमता के तथा उरला कॉलोनी, चोटिया, अर्जुनी, रायगढ़
29 उपकेन्द्र 132 के.व्ही. क्षमता के हैं। मेडिकल कॉलेज, भिल्मी/बेलतरा, हांफा
इस कार्ययोजना को पूरा करने की (उसलापुर), जेवरा-सिरसा, महाराजपुर,
दिशा में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई अण्डा, जामगॉंव - आर एवं तरेकेला
है। इस प्रकार 132/33 के.व्ही. क्षमता (पिथौरा) में हैं, इन सबको 2 वर्षों में पूर्ण
के 6 उपकेन्द्रों का निर्माण कार्य पूर्ण कर करने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है।
इन्हें लोकार्पित किया जा चुका है। इनमें से छत्तीसगढ़ में पारेषण प्रणाली को सुदृढ़
खैरागढ़ उपकेन्द्र को 2 फरवरी 2022 को, करने हेतु पूंजी निवेश योजना के अंतर्गत
इंदामारा उपकेन्द्र को 28 अप्रैल 2022 को, वर्ष 2025 तक केन्द्रीय ग्रिड से हस्तांतरण
खरमोरा उपकेन्द्र को 22 मई 2022 को, क्षमता (अवैलेबल ट्रांसफर कैपेसिटी
इंदागॉंव उपकेन्द्र को 11 जनवरी 2023 -ATC) बढ़ाने हेतु पावर ग्रिड कार्पोरेशन
को, माठ-खरोरा उपकेन्द्र को 17 जनवरी लिमिटेड के धमधा (765/400 के.व्ही
2023 को एवं सिलतरा-2 उपकेन्द्र को 25 रायपुर पूल), धरमजयगढ़ (765/400
जनवरी 2023 को ऊर्जीकृत किया गया है। के.व्ही. भैसमा) एवं भाटापारा स्थित
फोटो : जनमन शेष 39 उपकेन्द्रों जिनमें 400 के.व्ही. उपेकन्द्रों से छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर
क्षमता के 2 उपकेन्द्र जो कि धरदेही, ट्रांसमिशन कंपनी के स्थित एवं प्रस्तावित

भरोसा बिजली पर
त्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन पिथौरा में है, 220 के.व्ही. क्षमता के 400 एवं 220 के.व्ही. उपकेन्द्रों तक
छ कंपनी लिमिटेड ने राज्य की
दीर्घकालीन विद्युत की मांग
11 उपकेन्द्र जो पाटन, दलदल सिवनी,
सेमरिया, अहिवारा, राजिम, कांकेर,
नवीन पारेषण लाइनों के निर्माण तथा 01
नग नवीन 400 के.व्ही. उपकेन्द्र तहसील
का आकलन कर विद्युत पारेषण प्रणाली धरमजयगढ़, कुम्हारी, माल्दा/सारंगढ़, - पिथौरा, जिला-महासमुंद एवं संबंधित
में क्षमता में वृद्धि के लिए वर्ष 2025 तक मुरेठी/परसतराई एवं बचेली/किरंदुल में 400, 220 के.व्ही. लाइनों के निर्माण हेतु
की कार्ययोजना तैयार की जिसके अंतर्गत हैं, 132 केव्ही क्षमता के 23 उपकेन्द्र 1606 करोड़ के निर्माण कार्यों की स्वीकृति
42 नग अतिउच्चदाब विद्युत उपकेन्द्रों की बैजलपुर, छावनी, अमलेश्वर, आरंग, प्रदान की गई है।

52। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 53


फोकस

दूरस्थ, दुर्गम, अंतिम गांवों तक बिजली बस्तर के 196 गांवों तक पहुंची बिजली
बीजापुर-सुकमा के
छत्तीसगढ़ के जिलों में अब अंतिम पिछले चार सालों में गांवों में गांव हुए रोशन
गांवों तक नियमित बिजली सपना नहीं भरोसा स्थापित करने के साथ-
बीजापुर में 103 गांवों में बिजली पहुंचाई जा
रह गया। खंभों के जरिए नियमित रूप साथ वहां के लोगों को विश्वास
चुकी है, जबकि सुकमा जिले के 61 सुदूर गांवों
से बिजली की लाइन करीब हर अंतिम में लिया गया है। सरकार की
गांवों तक पहुंचाई जा चुकी है। सुकमा में वनांचल के लोग अब बिजली का नियमित
योजनाओं के जरिए आर्थिक
के पोटकपल्ली गाँव में पहली बार उपयोग करने लगे हैं। हाल ही में नक्सल
लाभ उठाने की वजह से लोगों का
बिजली से अब लोगों के घर रोशन हो प्रभावित चार गांवों में भी बिजली पहुंचने से
नक्सलियों की बजाय सरकार पर
चुके हैं। यह वह गांव है जहां बाहर से लोगों की जिंदगी आसान होने लगी है। इन
विश्वास बढ़ा है, जिसके कारण
लोगों का पहुंचना मुश्किल था। आजादी पांच गांवों में रहने वाले 653 परिवारों को अब
उन्हें योजनाओं का लाभ देने में
के बाद पहली बार इस गांव में बिजली खेती से लेकर के घर तक रौशन हो उठे हैं।
आसानी होने लगी है। यही वजह है
पहुंचाई गई है। यह वह गांव है जहां यह पांच गांव सिलगेर, कोलईगुड़ा, कमारगुड़ा,
कि संवदे नशील और दुर्गम इलाकों
कभी नक्सलियों का राज चलता था। नागलगुण्डा, और करीगुण्डम है, जो अब तक
में बिजली पहुचं ाना आसान हुआ
सुकमा, सूरजपुर, कवर्धा, जशपुर से विद्युत सुविधा से वंचित थे। इन गांवों में बिजली
है। माओवादी घटनाओं की बात
लेकर बीजापुर के अंतिम गांवों तक पहुंचने से ग्रामीण बेहद खुश है। बिजली नहीं
करें तो पिछले चार वर्षों में करीब
बिजली पहुंचाई जा चुकी है। पहुंचने के कारण इन गांवों में लोग शासकीय
56 फीसदी तक कमी आयी है ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने योजनाओं और कार्यक्रमों के लाभ से भी वंचित
इसलिए बस्तर संभाग के 196
जब राज्य की कमान संभाली थी, थे। छत्तीसगढ़ सरकार की विकास, विश्वास
गांवों को रोशन किया जा सका।
तब उन्होंने हर जिले के उन अंतिम और सुरक्षा की नीति के चलते पूरे बस्तर
गांवों तक बिजली पहुंचाने के निर्देश अंचल में बदलाव की बयार बहने लगी है। वहां
दिए थे, जो दूसरे राज्यों की सीमा से के वातावरण और जनजीवन में सकारात्मक
लगे थे। इसके बाद तुरंत उन गांवों में लोगों में देखिए भरोसे की मुस्कान बदलाव दिखाई देने लगा है। विकास एवं निर्माण
पहले सोलर लाइटें पहुंचाई गईं, इसके सुकमा जिले के नक्सल प्रभावित इलाके बच्चों की पढ़ाई की थी । बिजली ना होने से कार्यों में शासकीय मिशनरी के साथ-साथ
बाद बिजली के खंभों को बिछाने का गुफड़ी के हुर्रा मरकाम बेहद खुश हैं । खुशी शाम के बाद पढ़ाई नहीं हो पाती थी । लेकिन आम जनता की भागीदारी बढ़ी है, जिसके चलते
काम शुरू हुआ। अब स्थिति यह है कि की वजह है कि उनके घर में अंधेरे की जगह अब बच्चे देर रात तक पढ़ पा रहे हैं । इसी बस्तर का हर इलाका तेजी से विकास की मुख्य
अंतिम गांव नियमित बिजली के जरिए रोशनी ने ले ली है । मुख्यमंत्री मजराटोला गांव के अजय कलमू का कहना है कि बिजली धारा से जुड़कर तरक्की की राह चल पड़ा है।
रोशन होने लगे हैं। विद्युतीकरण योजना से उनके गांव में बिजली आने के बाद मोबाइल से बात कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के
पहुंचने खुशी का माहौल है । हुर्रा बताते हैं बिजली ना होने से मोबाइल चार्ज कर पाना तहत कोलईगुड़ा के 82 परिवारों, करीगुण्डम
के 160, कमारगुड़ा के 120, नागलगुण्डा के
बिहारपुर के अंदरुनी कि अब यहां रात के अंधेरे में सांप बिच्छू के बड़ी समस्या थी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के
81 तथा सिलगेर के 210 घरों में विद्युत लाईन
काटने का डर तो दूर होगा ही साथ ही बच्चे प्रयासों से ऐसा ही अंधकारमय जीवन व्यतीत
गांवों में उजाला अपना भविष्य भी गढ़ सकेंगे, जिसका उन्हें करने को विवश बस्तर संभाग के 196 गांवों कनेक्शन किया गया है जिससे ग्रामीणों में
सूरजपुर के बिहारपुर उप-तहसील से बरसों से इंतजार था। सबसे ज्यादा तकलीफ में बिजली पहुंच पायी है । उत्साह है। इन गांवों में पूर्व में नक्सल अवरोध
लगे अंतिम गांवों में पहली बार बिजली के कारण विद्युत व्यवस्था किया जाना संभव हो
पहुंच चुकी है। आजादी के बाद यहां के नहीं पा रहा था, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में
गांवों में लोग बिन बिजली रहते आए हैं।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से गायब हुआ अंधेरा ग्रामीणों की सहभागिता से इन गांवों में विद्युत
दो साल पहले सरकार ने यहां सोलर के गौरेला विकासखंड के सुदरू वनांचल पूटा के पहाड़ पर बसे विद्युत विहीन 7 आदिवासी परिवारों के घर सुविधा पहुंचाना संभव हुआ है।
जरिए पहले वैकल्पिक व्यवस्था कर लोगों क्रेडा के माध्यम से सौर बिजली की सविधा पहुचं ने से उनका जीवन जगमगा उठा है। बिजली कनेक्शन
तक बिजली पहुंचाई, फिर खंभों के जरिए नहीं पहुचने के कारण पूटा गांव के आदिवासी परिवार अंधरे में गुजारा कर रहे थे। यह बात मुख्यमंत्री बस्तर संभाग में बिजली के आंकड़े
इन गांवों को रोशन किया जा चुका है। श्री भूपश
े बघेल के संज्ञान में आने पर उनके निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में 103 गांव,
बिहारपुर उप-तहसील के पासल, जलहा (क्रेडा) द्वारा डीएमएफ मद से छह माह के भीतर सोलर होम संयत्र ं स्थापित कर प्रकाश की व्यवस्था की सुकमा जिले के 61 गांव, बस्तर जिले के 12,
और बगवईं गांव में जहां बिजली पहुंची गई। प्रत्येक संयत्रं में 5 नग एल.ई.डी. ट्बयू लाइट, 1 नग पंखा एवं मोबाइल चार्जर पोर्ट शामिल है। दंतेवाड़ा जिले के 11, कांकेर के 05, कोंडागांव के
है, वह मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश राज्य सोलर होम लाइट स्थापित होने से आदिवासी परिवार लाइट, पंखे की सुविधा के साथ ही रात में बच्चों को 03 और नारायणपुर के 01 गांव समेत कुल 196
से लगे बार्डर इलाके हैं। पढ़ने-लिखने के लिए केरोसिन का चिमनी-दीया नहीं जलाना पड़ेगा। गांव में बिजली पहुंचा दी गयी है।

54। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 55


फोकस

हाफ बिजली बिल योजना


बचत के पैसों से दूसरी जरूरतें हो रही पूरी
लाखेनगर रायपुर की रहने वाली त्रिवेनी योजना का पूरा लाभ ले रहे है। उन्होंने बताया
बगरिया बताती है कि वो इस योजना का कि बिजली बिल पहले 700 से 1000 रुपए
लाभ लेकर काफी खुश है। इससे हमारे आता था, वह अब सिमट कर आधा रह गया
घर पर लगभग 800- है। अगर साल भर का हिसाब लगाया जाए तो
900 रुपए की बचत हो करीब 4000 रुपए की सीधी बचत हो रही है।
जाती है। इस बचत का रायपुर के बंधवापारा के मनोहर लाल
हमारे परिवार के लिए कौशिक योजना के लिए सरकार के प्रति
बड़ा महत्व है। परिवार आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि योजना
में स्वास्थ्य से संबंधित से मिली छूट से राहत मिली है। मुझे हर
सदस्यों की दवाइयां इसी बचत से आती महीने 500-600 रुपए की बचत हो रही है। ये
है, तो यह बचत हमारे परिवार के लिए बड़े बचत महीने के खर्च में बड़ी मदद की तरह है।
काम की लगती है। इस पैसे का उपयोग मैं अपने बच्चे की पढ़ाई
रायपुर के चंगोराभाठा के गेंदराम महार पर कर रहा हूं।

< घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा < प्रदेश में दिसंबर 2022 की


फोटो : जनमन
प्री-पेड स्मार्ट मीटर
प्रतिमाह खपत की गई 400 स्थिति में योजना के अंतर्गत की स्थापना
यूनिट तक की बिजली पर घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या 48 प्री-पेड स्मार्टमीटर की स्थापना
प्रभावशील विद्युत दरों के आधार लाख 61 हजार 22 तथा ग्रामीण के लिए कुल 4,089 करोड़ की
स्वीकृति प्राप्त है। स्मार्टमीटर
पर आंकलित बिल की राशि को औद्योगिक पार्क एवं गौठानों के स्थापना हेतु उपभोक्ता मीटरिंग
आधा किया गया है। 334 कनेक्शन हैं। 59.62 लाख मीटर, वितरण
ट्रांसफॉर्मर मीटरिंग के 2.10
< मार्च 2019 से दिसंबर 2022 तक < सुराजी गांव योजना के लाख मीटर एवं फीडर मीटरिंग
42.20 लाख घरेलू उपभोक्ताओं तहत प्रदेशभर में स्थापित हेतु 6720 मीटर के कार्य
को 3453.17 रुपए करोड़ की तथा ग्रामीण औद्योगिक पार्क स्वीकृत हैं।
ग्रामीण औद्योगिक पार्क एवं गौठानों एवं गौठानों को मिल रहा
के 334 कनेक्शन को रियायत। लाभ।
फोटो : जनमन

56। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 57


फोकस

ट्रांसमिशन क्षमता का िवकास वितरण क्षमता का िवकास


< 400 के.व्ही. के 01 नग उपकेन्द्र
कुरुद (धमतरी) को ऊर्जीकृत किया
विगत चार वर्षों में मुख्यमंत्री अधोसंरचना
विकास योजना (एसटीएन) के अंतर्गत कुल
वितरण प्रणाली-तब और अब
गया है। 399 करोड़ रुपए की लागत से 67 नये विवरण 2018 2023
< 220 के.व्ही. के 03 नग 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र निर्माण के कार्य, 156 अधिकतम मांग 4,160 मेगा वॉट 5,443 मेगा वॉट
अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापना के कार्य एवं 191
उपकेन्द्रों को जगदलपुर, नारायणपुर
क्षमता वृद्धि के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। 33/11 के.व्ही. उपकेन्द्र 1,213 1342
एवं बिलासपुर (धरदेही) में ऊर्जीकृत
किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 33/11 के.व्ही. के वितरण ट्रांसफार्मर 1.56 लाख 2.12 लाख
< 132 के.व्ही. के 08 नग उपकेन्द्रों को
135 नग नये उपकेन्द्र की स्थापना, 64 नग
अतिरिक्त ट्रांसफार्मर की स्थापना तथा 40 नग
33 के.व्ही. लाइन 21,870 किलोमीटर 24,038 किलोमीटर
बीजापुर, उदयपुर, खैरागढ़ खरमोरा, ट्रांसफॉर्मरों में क्षमता वृद्धि का लक्ष्य है। 11 के.व्ही. लाइन 1.07 लाख किलोमीटर 1.27 लाख किलोमीटर
इन्दामारा, इंदागॉंव, माठ-खरोरा एवं
सिलतरा फेस -II में ऊर्जीकृत किये
अधोसंरचना विकास के कार्याें के लिए निम्नदाब लाइन 1.81 लाख किलोमीटर 2.18 लाख किलोमीटर
3,544 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की
गये है। गई है, जिसके तहत लाइनलॉस में कमी लाने उच्चदाब उपभोक्ता 2,890 3546
< 400 के.व्ही. उपकेन्द्र में स्थापित हेतु 18,181 किलोमीटर 11 के.व्ही लाइन निम्नदाब उपभोक्ता 55.15 लाख 61.20 लाख
ट्रांसफार्मर की क्षमता 2,205 विस्तार, 974 नग 11के.वही अतिरिक्त बे
का निर्माण, 17,619 वितरण ट्रांसफार्मर
कृषि पंप 4.92 लाख 6.36 लाख
एम.व्ही.ए. थी, जो बढ़कर 2,835
एम.व्ही.ए. हो गई है। की स्थापना के कार्य, 44,168 किलोमीटर स्वीकृत राशि 3,544 करोड़ के कार्यों में से कार्य प्रक्रियाधीन हैं। इस अधोसंरचना के
निम्न दाब एबी केबल लाइन विस्तार के कार्य 2,222 करोड़ रुपए के कार्य हेतु कार्यादेश कार्यों को मार्च 2026 तक पूर्ण किए जाने
< 220 के.व्ही. उपकेन्द्र में स्थापित एवं 01 नग आईटी/ओटी कार्य स्वीकृत हैं। जारी किए जा चुके हैं एवं शेष के निविदा का लक्ष्य है।
ट्रांसफार्मर की क्षमता 7,470
एम.व्ही.ए. थी, जो बढ़कर 10,100
एम.व्ही.ए. हो गई है।
< 132 के.व्ही. उपकेन्द्र में स्थापित
बिजली ट्रांसमिशन-तब और अब
ट्रांसफार्मर की क्षमता 7,989 क्र. विवरण दिसंबर 2018 की स्थिति में फरवरी 2023की स्थिति में 4 वर्षों की उपलब्धि
एम.व्ही.ए. थी, जो बढ़कर 10,019 1 पारेषण प्रणाली के ट्रांसफार्मरों की क्षमता 17664एम.व्ही.ए. 22954 एम.व्ही.ए. 5290 एम.व्ही.ए.
एम.व्ही.ए. हो गई है। 400/220 के0व्ही0 2205एम.व्ही.ए. 2835एम.व्ही.ए. 630एम.व्ही.ए.
< 400 के.व्ही. लाइनों की लंबाई 1916 220/132 के0व्ही0 7470एम.व्ही.ए. 10100 एम.व्ही.ए. 2630 एम.व्ही.ए.
सर्किट किलोमीटर थी जो बढ़कर 132/33 के0व्ही0 7989एम.व्ही.ए. 10019 एम.व्ही.ए. 2030 एम.व्ही.ए.
1918 सर्किट किलोमीटर हो गई है। 2 पारेषण लाइनों की लम्बाई 12012 सर्किट कि0मी0 13731 सर्किट कि0मी0 1719 सर्किट कि0मी0
विद्यमान 132 के.व्ही. और 220 के.व्ही. एम.व्ही.ए. बढ़कर कुल 22694 एम.व्ही.ए. हो < 220 के.व्ही. लाइनों की लंबाई 3602 400 के0व्ही0 1916 सर्किट कि0मी0 1918 सर्किट कि0मी0 2 सर्किट कि0मी0
उपकेन्द्रों यथा सेक्टर-ए उरला, ठेल्काडीह गई है। इसी प्रकार पारेषण लाइनों की लंबाई माह सर्किट किलोमीटर जो बढ़कर 4032 220 के0व्ही0 3602 सर्किट कि0मी0 4032 सर्किट कि0मी0 430 सर्किट कि0मी0
राजनांदगॉंव, बोरझरा, बनारी, गरियाबंद, जनवरी - 2019 में 13422 सर्किट किलोमीटर सर्किट किलोमीटर हो गई है।
बेमेतरा, मुंगेली, कसडोल, रायगढ़, उरला, थी जो माह जनवरी -2023 की स्थिति में कुल 132 के0व्ही0 6494 सर्किट कि0मी0 7781 सर्किट कि0मी0 1287 सर्किट कि0मी0
< 132 के.व्ही. लाइनों की लंबाईं 6494 3 उपकेन्द्रों की संख्या 118नग 130 नग 12 नग
अकलतरा, बारसूर, गेरवानी, नगरी एवं जशपुर 13647 सर्किट किलोमीटर हो गई है। सर्किट किलोमीटर थी जो बढ़कर
में नये अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाकर क्षमता इस तरह सतत् विकास कार्यों से विगत 7781 सर्किट किलोमीटर हो गई है। 400 के0व्ही0-उपकेन्द्र 3 नग 4 नग 1 नग
बढ़ाई गई है। में ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता फैक्टर 220 के0व्ही0-उपकेन्द्र 23 नग 26 नग 3 नग
पारेषण प्रणाली में ट्रांसफार्मरों की कुल 99.79 हासिल किया गया जो कि राज्य < 400 के.व्ही. उपकेन्द्रों की संख्या
3 नग, जो बढ़कर 4 नग , 220 132 के0व्ही0-उपकेन्द्र 92 नग 100 नग 8 नग
क्षमता जनवरी 2018 में 17664 एम.व्ही.ए. नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 99.00
थी जो बढ़कर जनवरी- 2023 की स्थिति में से अधिक है एवं इसी प्रकार ट्रांसमिशन हानि के.व्ही. उपकेन्द्रों की संख्या 23 नग, 4 ट्रांसफार्मरों की संख्या 259 नग 316 नग 57 नग
कुल 22873.50 एम.व्ही.ए. हो गई है। माह 3.02 प्रतिशत रही, जो कि राज्य नियामक जो बढ़कर 26 नग एवं 132 के.व्ही. 400 के0व्ही0-ट्रांसफार्मर 7 नग 9 नग 2 नग
जनवरी-2022 में 21265 एम.व्ही.ए. थी, आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 3.22 प्रतिशत उपकेन्द्रों की संख्या 92 नग थी, जो 220 के0व्ही0-ट्रांसफार्मर 51 नग 65 नग 14 नग
जो माह जनवरी -2023 की स्थिति में 1429 से कम है। बढ़कर 100 नग हो गई है।
132 के0व्ही0-ट्रांसफार्मर 201 नग 242 नग 41 नग

58। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 59


फोकस

कृषि पंपों के ऊर्जीकरण का कीर्तिमान बिजली उपभोक्ताओं को नई सुविधाएं


< उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये ” मोर बिजली एप “
कृषि पम्पों के विद्युत कनेक्शन के लिए लाइन विस्तार हेतु प्रति पंप औसत 1 लाख रुपए एवं प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में किसी भी स्थान से इस ऐप के
वर्ष 2017-18 तक माध्यम से विद्युत देयक से संबधं ित समस्त जानकारी एवं
66,669 अधिकतम 1.50 लाख रुपए तक अनुदान दिया जाता था। अब मछली पालन के विद्युत कनेक्शन
के लाइन विस्तार के लिए भी समान लाभ प्राप्त होगा। भुगतान की सुविधा के साथ शिकायत दर्ज करने की सुविधा
पंप कनेक्शन दिए प्रदाय की जा रही है। मोर बिजली एप की इतनी सुविधाओं के
2022-23 में 20,550 4 वर्षों में करीब 621 88,048 नग साथ अब बन गया है विद्युत उपभोक्ता का मोबाइल उनका
वर्ष 2022-23 फरवरी तक पंपों का विद्युतीकरण करोड़ रुपए का अनुदान कृषि पंप ऊर्जीकृत अपना बिजली दफ्तर।
1,11,730 वर्ष 2018 तक प्रतिवर्ष 21,075 पम्प ऊर्जीकृत किए गए थे, जबकि 20 दिसम्बर 2018 से वर्ष < प्रदेश के सभी एच.टी. कनेक्शनों के लिये आटोमेटिक
पंप कनेक्शन दिए 2022-23 तक प्रतिवर्ष 24,806 पम्प ऊर्जीकृत किए गए। मीटर रीडिंग व बिलिंग की व्यवस्था लागू।
< 15 हार्स पावर के ऊपर सभी एल.टी. कनेक्शनों के लिये
आटोमेटिक मीटर रीडिंग व बिलिंग की व्यवस्था प्रभावशील।
कृषि पम्पों को निःशुल्क < छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनी के 66 संभागों के

बिजली 190 जोन/उप संभाग में स्पॉट/फोटो स्पॉट बिलिंग की सुविधा


का विस्तार।
3 अश्वशक्ति तक के कृषि पम्प के बिजली बिल में < डायल नंबर 1912 पर केन्द्रीयकृत कॉल संेटर सुविधा
6000 यूनिट प्रति वर्ष एवं 3 से 5 अश्वशक्ति के संपूर्ण प्रदेश में प्रारंभ। प्रदेश में कहीं से भी उपभोक्ता द्वारा
कृषि पम्प के बिजली बिल में 7500 यूनिट प्रति बिजली से संबंधित तकनीकी अथवा कॉमर्शियल शिकायत
वर्ष छूट दी जा रही है। कृषकों को फ्लेट रेट दर
पर बिजली प्राप्त करने का विकल्प भी दिया गया
मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना दर्ज कराई जा सकती है।
ऐसे आंशिक रूप से विद्युतीकृत ग्रामों के मजरे-टोले/बसाहटों का विद्युतीकरण < नये विद्युत कनेक्शन/विद्यमान विद्युत कनेक्शन में
है। फ्लेट रेट विकल्प चुनने वाले कृषकों को, उनके
द्वारा की गई विद्युत खपत की कोई सीमा न रखते किया जा रहा है जो राज्य में चल रही अन्य योजनाओं यथा राजीव गांधी परिवर्तन हेतु ऑनलाइन सुविधा।
हुए, मात्र 100 रुपए प्रतिमाह प्रति अश्वशक्ति की ग्रामीण विद्युतीकरण योजना/दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में < नये विद्युत कनेक्शन हेतु आठ की जगह केवल दो
दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। साथ शामिल नहीं है। इसके अतिरिक्त इन मजरे-टोले/बसाहटों के बी.पी.एल. दस्तावेजों की आवश्यकता।
ही 5 अश्वशक्ति तक द्वितीय पम्प के लिए 200 परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन भी प्रदान भी किया जा रहा है। राज्य < नये विद्युत कनेक्शन हेतु नगर निगम की अनापत्ति
रुपए प्रति अश्वशक्ति प्रतिमाह, 5 अश्वशक्ति से शासन द्वारा विगत चार वर्षों में 275.55 करोड़ रुपए की राशि प्रदाय की गई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने से छूट।
अधिक प्रथम एवं द्वितीय पम्पं के लिए 200 रुपए है। विगत 4 वर्षों में कुल 234.37 करोड़ रुपए व्यय कर 4,735 कार्य पूर्ण,
< नये विद्युत कनेक्शन हेतु लायसेंसी ठेकेदार से टेस्ट
अश्वशक्ति प्रतिमाह, 5 अश्वशक्ति एवं 5 अश्वशक्ति वर्तमान में लगभग 79 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर हैं।
रिपोर्ट लेकर प्रस्तुत करने की अनिवार्यता समाप्त।
से अधिक तृतीय एवं अन्य पंप के लिए 300 रुपए
प्रति अश्वशक्ति प्रतिमाह की दर से बिल भुगतान हेतु मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना < विद्युत कनेक्शन हेतु जारी डिमांड नोट की ऑनलाइन
भुगतान की सुविधा।
सुविधा प्रदान की गई है। प्रदेश में स्थित 14 नगर निगम एवं अन्य नगरीय निकायों में भी बीपीएल
मछली पालन करने वाले विद्युत कनेक्शनों को भी < नये विद्युत कनेक्शन हेतु आवश्यक लाइन विस्तार
कनेक्शन दिये जाने तथा इस हेतु आवश्यक लाइन विस्तार कार्य संपादित
योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है। इस योजना का लाभ के लिये मांग की जाने वाली राशि में प्रत्येक श्रेणी के
कराया जाता है। विगत चार वर्षों में राज्य शासन द्वारा जन सामान्य की विद्युत
अस्थायी एवं स्थायी कृषि पम्प कनेक्शनों को समान उपभोक्ताओं के लिये एक समान गणना की सुविधा।
संबंधी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए 182.03 करोड़ रुपये की राशि प्रदाय
रूप से प्राप्त है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित की गई है। विगत चार वर्षों में कुल 97.44 करोड़ रुपए व्यय कर 2,780 कार्य < नये औद्योगिक कनेक्शनों के लिये पर्यावरण संबंधी
जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई पूर्ण किये जा चुके हैं। वर्तमान में लगभग 58 करोड़ रुपए के कार्य प्रगति पर हैं। प्रमाण पत्र जमा करने की आवश्यकता से छूट।
सीमा नहीं रखी गई है। उनके द्वारा खेती में उपयोग < छत्तीसगढ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की
की जा रही पूरी बिजली को निःशुल्क रखा गया है। बीपीएल परिवारों को नि:शुल्क बिजली आधिकारिक वेबसाइट www.cspdcl.co.in पर उपभोक्ता
कुल कृषि पम्प उपभोक्ता लगभग 6 लाख 36 हजार आनलाइन सुविधाएं उपलब्ध।
हैं। इनमें से 5 लाख 05 हजार स्थायी एवं 1 लाख 31 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को प्रत्येक माह 30 यूनिट
< वेबसाइट www.cspdcl.co.in पर नये विद्युत कनेक्शन
हजार अस्थायी सिंचाई पम्प उपभोक्ता हैं। विगत चार तक निःशुल्क विद्युत प्रदाय किया जाता है। इन बीपीएल कनेक्शनधारियों के 30
की माहवार प्रगति हेतु डेशबोर्ड की सुविधा।
वर्षों में राशि 11,356 करोड़ अनुदान प्रदाय किया यूनिट खपत के विद्युत देयक राशि की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जाती है।
प्रदेश के 16 लाख से अधिक बीपीएल उपभोक्ता लाभान्वित हो चुके हैं। राज्य < बिजली बंद की सूचना Outage पर कंपनी की बेबसाइट
गया है तथा वर्तमान में 6.22 लाख पंप उपभोक्ताओं
को तथा 326 मछली पालन उपभोक्ताओं को छूट शासन द्वारा विगत चार वर्षो में 2,085 करोड़ रुपए का अनुदान प्रदाय किया पर उपलब्ध एवं एसएमएस के माध्यम से एक दिन पूर्व
प्रदाय किया जा रहा है। गया है। बिजली बंद की सूचना।

60। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 61


फोकस

बनेगा सबसे बड़ा बिजली घर


छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय राज्य की
बिजली उत्पादन
की उपलब्धियां
विद्युत उत्पादन क्षमता 1360 मेगावाट थी, जो < केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के
वर्तमान में 2978.7 मेगावाट हो गयी है। विगत मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में देशभर के
22 वर्षों में स्टेट सेक्टर की उत्पादन क्षमता में ताप विद्युत गृहों के औसत पी.एल.एफ. 58.87
119 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्तमान में कंपनी प्रतिशत की तुलना में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर
में कुल 2840 मेगावाट तापीय एवं 138.70 जनरेशन कंपनी के विद्युत गृहों ने 70.40
मेगावाट जल विद्युत के विद्युत गृह शामिल हैं। प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर अर्जित किया है, जो
वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल कि राष्ट्रीय औसत से अधिक व देश के 33 स्टेट
17945.918 मिलियन यूनिट तापीय पॉवर सेक्टर द्वारा संचालित विद्युत गृहों में चतुर्थ
17514.53 मिलियन यूनिट PLF 70.40 स्थान पर है।
प्रतिशत जलीय 431.388 मिलियन यूनिट एवं < इस अवधि में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
अन्य सह-उत्पादन 6.2696 मिलियन यूनिट ताप विद्युत गृह, कोरबा पूर्व ने देश के समस्त
विद्युत का उत्पादन हुआ। केन्द्र व राज्य के ताप विद्युत गृहों में 89.22
प्रतिशत पी.एल.एफ. के साथ चतुर्थ स्थान
नवीन 2X660 मेगावाट प्राप्त किया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप
सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत विद्युत गृह, कोरबा पूर्व की यूनिट क्रमांक 02
परियोजना की स्थापना ने सर्वकालिक 292 दिन लगातार चलने का
कीर्तिमान भी स्थापित किया।
25 अगस्त 2022 को छत्तीसगढ़ स्टेट
पॉवर जनरेशन कंपनी की समीक्षा के दौरान < 0.0427 मि.ली. प्रति यूनिट का
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह निर्णय लिया कीर्तिमान स्थापित किया एवं संयुक्त तौर पर
कि छत्तीसगढ़ राज्य की भविष्य में आने वाली सर्वकालिक 0.0864 मि.ली. प्रति यूनिट का
बिजली की मांग को पूरा करने के लिए हसदेव कीर्तिमान स्थापित किया। जो कि छत्तीसगढ़
ताप विद्युत गृह, दर्री एवं कोरबा पश्चिम मंे राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित
नवीन 2X660 मेगावाट सुपर क्रिटिकल 0.5 मि.ली. प्रति यूनिट से बहुत कम है
थर्मल पावर प्रोजेक्ट स्थापित किया जाएगा। जिससे पॉवर जनरेशन कंपनी को करोड़ रुपए
यह प्रदेश का सबसे बड़ा बिजली घर होगा। की बचत हुई।
इन दोनों इकाइयों को वित्तीय वर्ष 2029 एवं
< वित्तीय वर्ष 2018-19 में कंपनी द्वारा
2030 में पूर्ण करने की योजना है। परियोजना
उत्पादित बिजली की उत्पादन लागत 3.03
की अनुमानित लागत 12915 करोड़ रुपए
रुपए प्रति यूनिट थी जो वित्तीय वर्ष 2021-22
िजसमें से 20 प्रतिशत राशि लगभग 2561
में 3.30 रुपए प्रति यूनिट रही। इस अवधि के
करोड़ रुपए अंशपूंजी के रूप में राज्य शासन
दौरान देश कोरोना जैसी भीषण राष्ट्रीय आपदा
से प्राप्त किया जाना है तथा शेष राशि का जल विद्युत परियोजना स्थापना नीति होगी। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रदेश में 07
स्थलों पर लगभग 10 हजार मेगावाट अनुमानित क्षमता के पंप स्टोरेज से गुजरा एवं महँगाई दर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई
वहन छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी
प्रदेश में ‘विद्युत क्षेत्र में हरित ऊर्जा भंडारण को बढ़ावा देने के लिए’ छत्तीसगढ़ राज्य आधारित जल विद्युत परियोजना स्थलों का चिन्हांकन किया गया है। तथापि विद्युत कंपनी बिजली के उत्पादन दर को
लिमिटेड के द्वारा किया जाएगा। विस्तृत
शासन द्वारा पम्प स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना हेतु निवेश को उक्त चिन्हित परियोजना स्थलों में से 05 स्थलों पर लगभग 7700 अपेक्षाकृत नियंत्रित करने में सफल रही।
परियोजना रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसकी
पर्यावरण स्वीकृति हेतु सलाहकार नियुक्त प्रोत्साहन देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य जल विद्युत परियोजना (पम्प स्टोरेज आधारित) मेगावाट क्षमता के पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजना की < वित्तीय वर्ष 2021-22 में (3X40 मेगावाट)
किया जा चुका है। आगे की कार्यवाही की स्थापना नीति, 2022 का अनुमोदन कैबिनेट की बैठक में किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य जल स्थापना हेतु साध्यता प्रतिवेदन (फिजीबिलिटी रिपोर्ट) एवं विस्तृत मिनीमाता हसदेव-बांगो जल विद्युत गृह
जा रही है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट विद्युत परियोजना (पंप स्टोरेज आधारित) स्थापना नीति 2022 दिनांक 26 सितम्बर 2022 परियोजना प्रतिवेदन (डीपीआर) बनाने हेतु 16.11.2022 को मेसर्स माचाडोली द्वारा माह - अक्टूबर 21 में स्थापना
में राज्य शासन द्वारा 25 करोड़ रुपए का का राजपत्र में प्रकाशन दिनांक 18 नवम्बर 2022 से प्रभावशील हो चुकी है। उक्त नीति वाप्कोस लिमिटेड (भारत सरकार का उपक्रम, अंतर्गत जल शक्ति काल से सर्वकालिक अधिकतम मासिक
प्रावधान बजट में नवीन मद के रूप में किया अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में पम्प स्टोरेज आधारित जल विद्युत परियोजनाओं की स्थापना मंत्रालय) को कार्यादेश दिया गया है। उक्त पंप स्टोरेज आधारित जल विद्युत उत्पादन 90.10 मिलियन यूनिट (CPU
गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निविदा हेतु सर्वे, अनुसंधान उपरांत परियोजना स्थल का चयन, चिन्हांकन एवं विकास आदि के लिए विद्युत परियोजनाओं की क्षमता का अंतिम निर्धारण डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट 100.92% के साथ किया गया है।
जारी किए जाने का लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड, रायपुर राज्य की अधिकृत नोडल एजंेसी तैयार होने के पश्चात् की जा सकेगी।

62। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 63


फोकस

गौठानों में भी बिजली उत्पादन


प्रदेश के गौठानों में उपलब्ध गोबर के उपयोग के
लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC)
बायोगैस बिजली उत्पादन संयंत्र
मुंबई के ‘निसर्गऋण’ टेक्नोलॉजी के माध्यम से क्र. ग्राम/गौठान का नाम विकासखंड जिला
बायोगैस से बिजली उत्पादन संयंत्र स्थापना हेतु 1 ग्राम-कुकानार छिंदगढ़ सुकमा
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में 26 फरवरी 2022
को MOU हस्ताक्षरित किया गया है। इस तरह 2 नगर गौठान-जगदलपुर जगदलपुर बस्तर
गौठानों में बायोगैस से विद्युत उत्पादन कर ग्रामीण 3 नगर गौठान-दंतेवाड़ा दंतेवाड़ा दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा
ओद्यौगिक पार्क (RIPA) अंतर्गत विकसित
4 नगर गौठान-गीदम गीदम दक्षिण बस्तर, दंतेवाड़ा
किये जा रहे सूक्ष्म एवं लघु ग्रामीण कृषि प्रसंस्करण
इकाइयों जैसे- चारा कटाई मशीन, आटा चक्की, 5 ग्राम-खोखरा नवागढ़ जांजगीर-चांपा
दोना पत्तल, दीया, गमला मशीन आदि को निर्बाध 6 ग्राम-खरमुड़ा कोरबा कोरबा
विद्युत आपूर्ति की जानी है। इन संयंत्रों से बिजली
के साथ-साथ सह-उत्पाद जैविक खाद प्राप्त होगी 7 ग्राम-निरधी पाली कोरबा
जो किसानों के लिये उपयोगी साबित होगी।
गौठानों में स्थापित किये जा रहे 25 घनमीटर

सौर सुजला योजना


के प्रति ‘निसर्गऋण’ बिजली संयंत्र में 500 किलो
ग्राम प्रतिदिन गोबर/ कृषि अपशिष्टों से 17.5
किलोवॉट बिजली उत्पादित होगी तथा 300 किलो
ग्राम जैविक खाद प्राप्त होगी।
वर्ष 2017-18 तक वर्ष 2022-23 जनवरी तक संयंत्र के संचालन के लिये संबंधित गौठान

36,525 84,744
समितियों के सदस्यों को तीन माह का निःशुल्क
प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इसके पश्चात् प्रशिक्षित
पंप कनेक्शन पंप कनेक्शन गौठान प्रबंधन समिति/स्व-सहायता समूहों द्वारा
संयंत्रों का संचालन एवं रखरखाव किया जाएगा।
फोटो : जनमन
सौर सुजला योजना अंतर्गत विगत चार वर्षों कर ग्रामों का विद्युतीकरण किया गया है। अब
में 72 हजार से अधिक सौर सिंचाई पम्पों की तक कुल 860 ग्रामों का सौर विद्युतीकरण
इंदिरा गांव गंगा योजना
स्थापना की गई है। उक्त सौर सिंचाई पम्प कार्य किया गया है जिससे लगभग 1.40 लाख सौर ऊर्जा प्रणाली (सोलर पम्प) के माध्यम से
कृषकों को केवल 07 हजार से 20 हजार रुपए से अधिक घर/परिवार लाभान्वित हो रहे है। नदी/एनीकट के समीप स्थित ग्रामों के तालाबों को
के अंशदान पर उपलब्ध कराया जा रहा है तथा उल्लेखनीय है कि विगत 4 वर्षों मेें 80859 जल से भरे जाने हेतु इंदिरा गांव गंगा योजना का
सौर सुजला योजनांतर्गत ही राज्य शासन की घरों का सौर विद्युतीकरण का कार्य किया क्रियान्वयन/संचालन राज्य शासन द्वारा किया
महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना नरवा, गरुवा, गया है, जिसमें मुख्य रूप से बस्तर संभाग जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजना के
घुरुवा एवं बारी अंतर्गत गौठानों, चारागाहों एवं के दूरस्थ तथा नक्सल प्रभावित ग्रामों के क्रियान्वयन हेतु राज्य बजट से 15 करोड़ रुपए
पंजीकृत गौशालाओं में भी सोलर पम्पों की 47914 घर/परिवार सम्मिलित हैं। राज्य में स्वीकतृ किया गया है। स्वीकतृ बजट अंतर्गत वित्तीय
स्थापना की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य की ग्रामीण स्तर पर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता वर्ष 2022-23 में 14 ग्रामों के 19 तालाबों को भरे जाने
सौर ऊर्जा नीति 2017-27 में संशोधन करते सुनिश्चित करने हेतु सौर ऊर्जा आधारित पंप हेतु सोलर पम्पों (क्षमता 10 एच.पी.) की स्थापना का
हुए सौर विद्युत उत्पादन संयंत्रों को औद्योगिक लगाने का काम भी किया गया है। विगत 4 कार्य पूर्ण किया जा चुका है। योजना अंतर्गत अब तक
नीति मंे परिभाषित प्राथमिकता उद्योगों की श्रेणी वर्षों में ऐसे लगभग 8314 सोलर पंप स्थापित कुल 23 ग्रामों में स्थित 35 तालाबों में जल भरे जाने
में लिया गया है। उक्त संशोधन से राज्य में सौर किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 4 वर्षों में ही हेतु सोलर पंपों के स्थापना का कार्य पूर्ण किया जा
ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। गांव के हाट बाजार एवं चौक-चौराहों पर चुका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में योजना अंतर्गत 40
छत्तीसगढ़ राज्य के वन बाधित, दूरस्थ एवं उन रात्रिकालीन प्रकाश व्यवस्था उपलब्ध कराने तालाबों में जल भरे जाने हेतु सोलर पंपों की स्थापना
पहुंचविहीन ग्रामों में जहां परंपरागत विद्युत नहीं हेतु 3691 स्थलों पर सौर ऊर्जा आधारित का लक्ष्य रखा गया है जिस हेतु 20 करोड़ रुपए का
पहुंच पाता है, वहां सौर संयंत्रों की स्थापना हाईमास्ट लाइट स्थापित की गई है। प्रावधान राज्य बजट में किया गया है।

64। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 65


फोकस

अधिशेष खाद्यान्न से बायो जैव ईंधन का विकास


< सीबीडीए द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय जैव

एथेनॉल उत्पादन की पहल


ऊर्जा अनुसधं ान एवं गुणवत्ता परीक्षण
प्रयोगशाला के अंतर्गत इंस्ट्रुमेंटश
े न
प्रयोगशाला एवं इंजन जांच प्रयोगशाला में
जैव ईंधन के विभिन्न प्रकार जैसे कि- जैव-
डीजल, जैव-एथेनॉल, जैव-सीएनजी एवं
एडवांस बायोफ्यूल के विषय में अनुसधं ान
कार्य किया जा रहा है।
< वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसधं ान
विभाग, विज्ञान और प्रौद्याेगिकी मंत्रालय,
भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा सीबीडीए
की वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसधं ान
संगठन (एसआईआरओएस) मान्यता को
01.04.2022 से 31.03.2025 तक के लिये
नवीनीकरण किया गया है।
< सीबीडीए एवं भारत सरकार के अधीन संस्था
भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून
(सीएसआईआर-आईआईपी) के संयकु ्त
प्रयास से जैव ईंधन आधारित बायोजेट
फ्यूल के प्रसंस्करण कार्य में छत्तीसगढ़ में
उपलब्ध विभिन्न प्रकार के अखाद्य तैलीय
बीजों का प्रयोग तथा परीक्षण किया जा
रहा है।
बायो एथेनॉल के क्षेत्र में विद्यार्थियों, निवेशकों, प्रतिदिन क्षमता के बायो एथेनॉल प्रदर्शनी संयंत्र < राज्य में उपार्जित सभी प्रकार के अधिशेष
किसानों एवं आम जनता में जागरुकता लाने स्थापना का कार्य प्रगति पर है। भारत सरकार खाद्यान्नों जैसे धान, मक्का आदि से बायो-
तथा अधिशेष खाद्यान्न आधारित जैव ईंधन की संस्था सीएसआईआर- सीएसएमसीआरआई एथेनॉल उत्पादन की प्रक्रिया में उपयोग
का अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने भावनगर, गुजरात के वैज्ञानिकों के सक्रिय किये जाने वाले एन्जाइन्मस पर विस्तृत
के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की तकनीकी मार्गदर्शन में इस संयंत्र का निर्माण अनुसधं ान कार्य सीएसआईआर की संस्था
मंशानुसार छत्तीसगढ़ बायो डीजल विकास किया जा रहा है। संयंत्र में कच्चे माल के रूप सीएसएम सीआरआई भावनगर, गुजरात
प्राधिकरण (सीबीडीए) के माध्यम से ग्राम में राज्य में उपलब्ध अधिशेष धान, मक्का के साथ संयकु ्त रूप से किया जा रहा है।
गोढ़ी, ब्लॉक धमधा, जिला दुर्ग में 50 लीटर आदि का उपयोग किया जावेगा। < सीबीडीए एवं आईआईटी भिलाई के द्वारा
संयकु ्त रूप से जैव ईंधन के प्रयोग विषय
पर विस्तृत अनुसधं ान कार्य जारी है।
छत्तीसगढ़ में सीबीजी के उत्पादन हेतु एसएटीएटी कार्यक्रम को प्रोत्साहन < सीबीडीए द्वारा राज्य में बायो एथेनॉल
राज्य शासन द्वारा सीबीजी (कम्प्रेस्ड बायो गैस) उत्पादन हेतु सार्वजनिक तेल उपक्रम की से बायोजेट फ्यूल उत्पादन विषय पर
एसएटीएटी (वहनीय परिवहन के लिए सतत विकल्प) योजना के तहत सीबीजी उत्पादन को राज्य अनुसधं ान कार्य के लिये भारत सरकार
में बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा ऊर्जा विभाग के भारसाधक सचिव की अध्यक्षता में के जैव प्रौद्योगिकी विभाग को विस्तृत
गठित समिति की वर्ष 2022 के दौरान 2 बैठकों का आयोजन किया गया। उक्त बैठकों में निजी परियोजना प्रतिवेदन प्रेषित किया गया है।
निवेशकों को राज्य शासन के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा दिये जा रहे विभिन्न प्रोत्साहन < अन्तरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक प्रकाशन
के बारे में अवगत कराया गया तथा परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु उनकी समस्याओं के ईंधन में ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में
निराकरण हेतु संबंधित विभाग जैसे-राजस्व, कृषि, उद्योग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, बायोएथेनॉल उत्पादन के संभावित उपयोग
इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लि., नेशनल फर्टिलाईजर लि. को आवश्यक निर्देश दिये गये। वर्तमान के लिए चावल धान की पराली से चीनी
में इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लि. द्वारा नवा रायपुर क्षेत्र में सीबीजी का रिटेल आउटलेट स्थापित निकालने की क्षमता की जांच पर एक शोध
किया जा रहा है। कार्य किया गया।

66। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन छत्तीसगढ़ जनमन। अप्रैल 2023। 67


68। अप्रैल 2023 । छत्तीसगढ़ जनमन

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