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मुझे अपनी शरण में ले लो राम: भजन (Mujhe Apni Sharan Me Lelo Ram)

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!


लोचन मन में जगह न हो तो
जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!
जीवन देके जाल बिछाया
रच के माया नाच नचया
चिन्ता मेरी तभी मिटेगी
जब चिन्तन में ले लो राम, ले लो राम!
मुझे अपनी शरण में ले लो राम!

तू ने लाखोँ पापी तारे


मेरी बारी बाजी हारे, बाजी हारे
मेरे पास न पुण्य की पूँजी
पद पूजन में ले लो राम, ले लो राम!
मुझे अपनी शरण में ले लो राम!

राम हे राम, राम हे राम


दर दर भटकूँ घर घर अटकूँ
कहाँ कहाँ अपना सर पटकूँ
इस जीवन में मिलो न तुम तो राम, हे राम!
इस जीवन में मिलो न तुम तो,
मुझे मरण में ले लो राम, ले लो राम!

मुझे अपनी शरण में ले लो राम, ले लो राम!


लोचन मन में जगह न हो तो
जुगल चरण में ले लो राम, ले लो राम!

मन तड़पत हरि दरसन को आज


मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
आ, विनती करत, हूँ, रखियो लाज, मन तड़पत...

तुम्हरे द्वार का मैं हूँ जोगी


हमरी ओर नज़र कब होगी
सुन मोरे व्याकु ल मन की बात, तड़पत हरी दरसन...

बिन गुरू ज्ञान कहाँ से पाऊँ


दीजो दान हरी गुन गाऊँ
सब गुनी जन पे तुम्हारा राज, तड़पत हरी...

मुरली मनोहर आस न तोड़ो


दुख भंजन मोरे साथ न छोड़ो
मोहे दरसन भिक्षा दे दो आज दे दो आज, ...

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