विद्यार्थी लभते विद्यां विद्यां तर्क व्याकरणादिकम।।10।।
इदं स्तोत्रं पठेद्यस्तु सततं श्रद्धयाS न्वित:।
तस्य शत्रु: क्षयं याति महाप्रज्ञा प्रजायते।।11।।
पीडायां वापि संग्रामे जाड्ये दाने तथा भये।
य इदं पठति स्तोत्रं शुभं तस्य न संशय:।।12।।
इति प्रणम्य स्तुत्वा च योनिमुद्रां प्रदर्शयेत।।13।।
नील सरस्वती का पूजा मंत्र: मां नील सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जप करें- ऐं ह्रीं श्रीं नील सरस्वत्यै नम:.
मां नील-सरस्वती का स्वरुप:
मां नील-सरस्वती नील वर्ण की हैं. मां की चार भुजाएं हैं जिनमें से दो हाथों में उन्होंने वीणा ली है. मां नील-सरस्वती की पूजा बसंत पंचमी के अलावा अष्टमी, नवमी एवं चतुर्दशी तिथि को करने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है.