You are on page 1of 10

Free PDF

मध्यकालीन भारत
Study Notes
In Hindi

For SSC Exams


मध्यकालीन भारत

भारत म� मु��म आक्रमण


प्रार��क म�यु ग के दौरान, कोई भी प्रमुख शासक नहीं �आ। भारत वा�व म� सौ से अिधक
शासकों �ारा शािसत था। िफर इ�ािमक आक्रमण �आ और उनम� से सबसे मह�पू ण� मुह�द
ग़ोरी था। उसने 1175 ई. म� भारत पर आक्रमण िकया। मु�ान और पं जाब की िवजय के बाद, वह
िद�ी की ओर बढ़ा। यहाँ उसने राजपू त शासकों के साथ यु � िकया।
● तराइन का प्रथम यु� (1191 ई.) : पृ �ी राज चौहान ने इस यु� म� मुह�द ग़ोरी को हराया।
● तराइन का दू सरा यु� (1192 ई.) : मुह�द ग़ोरी ने पृ �ीराज चौहान को इस यु � म� हराया।
● तराइन के दू सरे यु � ने भारत म� इ�ामी शासन की नींव रखी। 1206 ई. म� मुह�द ग़ोरी की मृ�ु
के बाद, िद�ी �ेत्र उसके िव�सनीय से नापित कुतु ब-उद-दीन ऐबक (जो पहले एक तु क� गु लाम था)
के िनयं त्रण म� आ गया और 1206 ई. से ग़ुलाम वं श का शासन शु � �आ।

िद�ी स�नत

इितहासकारों के अनु सार 1206 से 1526 ई. तक भारत पर शासन करने वाले पाँ च वं शों के सु �ानों - ग़ुलाम
वंश, िख़लजी वंश, तु ग़लक वंश, सै�द वंश, लोधी वं श के के शासनकाल को िद�ी स�नत कहा जाता है ।
इनम� से पहले चार के वंशज मूल �प से तु क� थे और आखरी अफ़गान थे ।

● ग़ुलाम वंश/ममलुक वंश :


❏ मुह�द ग़ोरी की मृ�ु के बाद, िद�ी उसके से नापित कुतु ब-उद-दीन ऐबक के िनयं त्रण म�
आ गई, और इस तरह भारत म� ग़ुलाम वं श का शासन शु � िकया। ऐबक ने अपनी राजधानी
लाहौर से शासन िकया। वह एक महान िनमा� ता था। उसने कुतु ब मीनार का िनमा� ण शु �
करवाया। लेिकन 1210 ई. म�, पोलो खे लते समय चोट लगने से उसकी मृ�ु हो गई और
इ�ुतिमश ने अधूरे कुतुब मीनार का िनमा� ण पू रा करवाया।
❏ इ�ुतिमश गुलाम वंश का वा�िवक सं स्थापक था। वह एक महान िव�ारवादी और
समेिकत �ेत्र था। उसने िद�ी से शासन िकया और चं गेज खान के अधीन मं गोल आक्रमण
के दौरान िद�ी की सफलतापू व�क र�ा की। उसने चालीस रईसों के समूह की स्थापना की,
िज�� चालीसा या तु का� न-ए-चहलगानी के �प म� जाना जाता है । इ�ु तिमश के बाद, रिजया
सु�ान, अगली मु� शािसका थी। बाद म� नािसर-उद-दीन महमू द सु �ान बना। लेिकन
उनके काय� काल के दौरान, मु� श�� बलबन के हाथों म� रही।
❏ महमूद की मृ�ु के बाद, बलबन ने काय� भार सं भाला और साम्रा� के प्रशासिनक गठन को
मज़बूत िकया और इ�ुतिमश �ारा शु � िकए गए काय� को पू रा िकया। ग़ुलाम वं श के
शासकों ने दि�णी �ेत्रों पर िवजय प्रा� की, लेिकन िवं � श्रे णी को पार नहीं कर पाए। गुलाम
वंश के अ��म शासक जलाल-उद-दीन िख़लजी �ारा मार िदया गया।

● कुतुब-उद-दीन ऐबक (1206 - 1210 ई.)


❏ उसकी उदारता के कारण उसे लाख ब� के नाम से भी जाना जाता है ।

www.OliveBoard.in
❏ �ाजा कुतुब-उद दीन ब��यार काकी की याद म� कुतु ब मीनार का िनमा� ण करवाया।
❏ दो प्रिस� म��दों - िद�ी म� कु�त-उल-इ�ाम और अजमेर म� अढ़ाई-िदन-का झोपड़ा,
का िनमा� ण करवाया।
● श�-उद-दीन इ�ुतिमश (1211 - 36 ई.)
❏ इ�ा प्रणाली की शु �आत की।
❏ उसने दो प्रकार के िस�ों - चाँ दी का ‘टका’ तथा ताँ बे का ‘जीतल’ चलवाया।
● रिज़या बेगम/रिज़या सु�ाना (1236-40)
❏ पहली और एकमात्र मु��म मिहला शािसका, जो िद�ी की ग�ी पर बैठी।
● गयास-उद-दीन बलबन (1266-86)
❏ राज� िस�ां त की शु �आत िकया।
❏ तु का� न-ए-चहलगानी को ख� िकया।
❏ िज़�-ए-इलाही (ई�र का प्रितिनिध) की उपािध धारण िकया।
❏ फारसी �ौहार नवरोज शु � करवाया।
❏ िसजदा और पै बोस एक प्रकार से स�ान करने की प�ित थी, िजसम� सु �ान को लेट कर
स�ान दे ते थे और सु�ान का ताज व पै र को चु मते थे ।

िख़लजी वंश

● जलाल-उद-दीन िख़लजी :
❏ िख़लजी वंश का सं स्थापक, जो एक कमजोर शासक था।
❏ उसने मंगोलों के प्रित उदार नीित अपनाया। लेिकन, उसका उ�रािधकारी
● अला-उद-िदन िख़लजी :
❏ अला-उद-दीन िख़लजी एक िव�ारवादी था।
❏ उसके समय, साम्रा� का उ�र और दि�ण दोनों ओर िव�ार �आ।
❏ वह यादव वंश के शासकों को हराया और िवं � �ँ खला को पार िकया।
❏ मंगोलों (िज�ोंने भारत पर आक्रमण करने की कोिशश की) को सफलतापू व�क रोका।
❏ उसकी मृ�ु के बाद, अ� शासक अ�म सािबत �ए और �खलजी वं श का 1320 ई. म� अ�
हो गया।
❏ धम� को राजनीित से अलग कर िकया और राज� िस�ा� को पू री तरह अ�ीकार कर
िदया।
❏ अलाई दरवाजा, कुतुब मीनार के प्रवे श �ार और हज़ार िसतु न के महल का िनमा� ण करवाया।

तुग़लक़ वंश

● अला-उद-दीन िख़लजी की मृ�ु के बाद, गयास-उद-दीन तुग़लक़ ने िसं हासन पर बैठकर तु गलक
वंश की स्थापना की। गयास-उद-दीन ने मदु रै तक दि�ण म� अपने �े त्र का िव�ार िकया और
गुज़रात और बंगाल का िव�ार करने का भी िनण� य िलया, जो िख़लजी वं श के पतन के दौरान मु�
हो गए थे। लेिकन एक दु घ�टना म� गयास-उद-दीन की मृ �ु हो गई, िजसके बाद उसका बेटा मुह�द-
िबन तु ग़लक़ अगला शासक बना।
● मुह�द िबन तुग़लक़ अ�ी तरह से िशि�त था और उसने कई क�ाणकारी उपाय पे श िकए,
लेिकन वह केवल प्रयोगों (असफल प्रयोगों) के �प म� बने रहे । उसने अपनी राजधानी को िद�ी

www.OliveBoard.in
से दे विगरी स्थानां त�रत कर िदया और इसका नाम दौलताबाद रखा। उनके शासन कुी दू सरी छमाही
के दौरान, साम्रा� के िविभ� िह�ों म� िवद्रोह शु � हो गया, िजसका अ� आ�खरकार तु ग़लक़ वं श
के िवघटन के प�रणाम��प �आ।
● िफ़रोज़ शाह तुग़लक़ अ��म तु ग़लक़ शासकों म� सबसे प्रिस� था। उसने अपने �े त्र का िव�ार
करने की कोिशश नहीं की, ब�� क�ाणकारी काय� म� लगा रहा। उनकी मृ�ु के बाद तु ग़लक़
वंश लगभग समा� हो गया। तु ग़लक़ के अ��म िदनों के दौरान, तै मूर ने भारत पर आक्रमण िकया
और िद�ी पर क�ा कर िलया। उसने इन �े त्रों को सं चािलत करने के िलए िख़ज़्र ख़ान सै �द को
िनयु� िकया और इस तरह भारत म� सै �द राजवं श की शु �आत �ई।

● मुह�द-िबन तुग़लक़
❏ उसका असली नाम जौना या जू ना ख़ान था।
❏ राजधानी को िद�ी से दौलताबाद म� स्थानां त�रत िकया और िफर िद�ी वापस लाया।
❏ क़ुरै िसल और ख़ु रासान, जौना खान के प्रिस� अिभयान थे ।
❏ दीवान-ए-कोही नामक अलग कृिष िवभाग बनवाया।
❏ चाँ दी की वैि�क कमी के कारण चाँ दी की जगह काँ से की टोकन मुद्रा की शु �आत िकया।
❏ इ� बतू ता (मोर�ो यात्री) उसके शासनकाल के दौरान दौरा िकया।
● िफरोज शाह तुग़लक़
❏ कोटला, िहसार और िफरोजाबाद के शहरों का िनमा� ण करवाया।
❏ एक नया िवभाग, ‘दीवान-ए-ख़ै रात’ स्थािपत िकया।

सै�द राजवंश (1414-1450 ई.)

● पहले शासक िख़ज्र ख़ान सै�द थे । सै �द ने 37 वष� तक शासन िकया और अ��म शासक,
अलाउ�ीन आलम शाह ने बहलोल लोधी को स�ा सौंपी।

लोधी वंश (1451-1526 ई.)

लोदी वंश भारत म� पहले अफ़ग़ान शासक थे । उसके पहले शासक, बहलोल लोधी ने अफ़ग़ानी राज�
िस�ां त पेश िकया (राजा अ� मंित्रयों की तरह है , लेिकन वही सबसे प्रधान है ) और रईसों को ब�त स�ान
िदया। लेिकन बाद के शासकों, िसक�र लोधी और इब्रािहम लोधी ने अफ़ग़ािन�ान के िस�ां त को खा�रज
कर िदया, और रईसों को िनयं ित्रत करने की कोिशश की। रईसों ने इब्रािहम लोधी के िव�� सािजश रची
और बाबर को भारत पर आक्रमण करने के िलए आमंित्रत िकया। इब्रािहम ख़ान लोधी को पानीपत की पहली
लड़ाई के दौरान सन् 1526 म� बाबर ने मार िदया।

● िसक�र लोधी (1489-1517 ई.)


❏ अपनी राजधानी िद�ी से आगरा स्थानां त�रत िकया।
❏ भूिम माप की एक नई प्रणाली शु � की, िजसे गज-ए-िसक�री (िसक�री गज) कहा जाता
है ।

www.OliveBoard.in
स�नतकालीन मु� स्थाप� कलाएँ :

इमारत शासक
1. कु�त-उल-इ�ाम म��द कुतु बु�ीन ऐबक

2. कुतुबमीनार कुतु बु�ीन ऐबक

3.अढाई िदन का झोंपङा कुतु बु�ीन ऐबक

4. इ�ुतिमश का मकबरा इ�ुतिमश

5. जामा म��द इ�ुतिमश

6. अतारिकन का दरवाजा इ�ुतिमश

7. सु �ानगढी इ�ुतिमश

8. लाल महल बलबन

9. बलबन का मकबरा बलबन

10. जमात खाना म��द अलाउ�ीन िख़लजी

11. अलाई दरवाजा अलाउ�ीन िख़लजी

12. हजार िसतू न अलाउ�ीन िख़लजी

13.तु गलकाबाद गयासु �ीन तु ग़लक़

14. गयासु �ीन तु ग़लक़ का मकबरा गयासु �ीन तु गलक

15. शेख िनजामु�ीन औिलया का मकबरा मुह�द िबन तु ग़लक़

16.िफरोजशाह का मकबरा मुह�द िबन तु ग़लक़

17. आिदलाबाद का मकबरा मुह�द िबन तु ग़लक़

18. जहाँ पनाह नगर मुह�द िबन तु ग़लक़

19. काली म��द जूनाशाह खाने जहाँ

20. �खक� म��द जूनाशाह खाने जहाँ

21.बहलोल लोदी का मकबरा लोदी काल म�

22. िसकंदर लोदी का मकबरा इब्राहीम लोदी

स�नत कालीन स्थाप� कला स��ी अ� त� :

❏ तुक� के समय कला का प्रमुख नमूना अरबी िलिप थी।


❏ अलंकरण की सं यु� िविध अरब� कहलाती थी।
❏ इ�ुतिमश ने बदायूँ म� जामा म��द, नागौर म� अतरकीन का दरवाजा बनवाया।
❏ बलबन ने �यं का मकबरा और लाल महल बनवाया।

www.OliveBoard.in
❏ बलबन का मकबरा शु� इ�ामी प�ित म� भारत म� िनिम�त पहला मकबरा है ।
❏ अलाउ�ीन िख़लजी ने सीरी महल और हजार �ंभों वाला महल बनवाया।
❏ अलाउ�ीन िख़लजी ने सभी इमारत� पू ण�तः इ�ामी िवचारधारा के अनु कूल ही बनवायीं।
❏ अलाउ�ीन िख़लजी ने िनजामु�ीन औिलया की दरगाह पर जमात खाना म��द का िनमा� ण
कराया।
❏ अलाउ�ीन ने सीरी के िनकट हौज-ए-अलाई या हौज-ए-ख़ास नामक तालाब बनवाया।
❏ तु गलक कालीन स्थाप� म� ता�ािलक राजनीितक अ�स्थरता और आिथ� क सम�ाओं की झलक
दे खने को िमलती है ।
❏ तुगलक शासक अपने इमारतों म� आसानी से उपल� स�ा मटमै ला प�र लगवाते थे ।
❏ तुगलक स्थाप� शै ली की मह�पू ण� िवशे षता ढलवां दीवार� (सलामी प�ित) ह� ।
❏ गयासु �ीन का मकबरा कृित्रम झील के बीच एक ऊँचे चबूतरे पर बना है ।
❏ मुह�द िबन तु ग़लक़ ने िद�ी के िनकट जहाँ पनाह नगर और तु गलकाबाद के िनकट
आिदलाबाद का िकला बनवाया।
❏ िफरोज शाह तु ग़लक़ ने हौज ख़ास पहाड़ी के पास अपना व अपने वजीर खान-ए-जहाँ -ते लंगनी का
मकबरा बनवाया।
❏ खान-ए-जहाँ-तेलंगनी का मकबरा िद�ी म� िनिम�त प्रथम अ�भु जीय मकबरा है ।
❏ िफरोज शाह तु ग़लक़ की सभी इमारतों म� कमल की आकृित के नमू ने िमले ह� ।
❏ िसक�र लोदी के समय एक गु�द की जगह दो गु �दों की शैली की शु �आत �ई।
❏ लोदी काल को मकबरों का काल भी कहा जाता है ।
❏ िद�ी की मोठ म��द का िनमा� ण िसक�र लोदी के समय उसके प्रधानमंत्री �ारा कराया गया।

मुग़ल काल
● ज़ही��ीन मुह�द बाबर (1526-1530):
❏ खानवा की लड़ाई, 1527 : बाबर ने िच�ौड़ के राणा सां गा को लेने का िनण� य िलया, जो
मेवाड़ का शासक था, िजसका राजस्थान और मालवा पर एक मज़बूत प्रभाव था। बाबर ने
आगरा के पास खानवा को इस लड़ाई के िलए अनु कूल स्थल के �प म� चु ना। से ना की
रणनीितक �स्थित और तोपखाने के प्रभावी उपयोग के साथ, बाबर ने राणा साँ गा की से नाओं
को हराया।
❏ पानीपत की पहली लड़ाई, 21 अप्रैल, 1526 : बाबर ने िफर लोिदयों �ारा शािसत पं जाब
की ओर मुड़ा। कई आक्रमणों के बाद, उसने पानीपत म� सं �ा म� छोटी टु कड़ी के साथ
इब्रािहम लोदी के दु ज�य सै िनकों को हराया।
❏ मुगल साम्रा� के संस्थापक बाबर, फारसी और अरबी का िव�ान था। बाबर के सं �रण
तु िज़युक-ए-बाबरी (बाबरनामा) को एक िव� का मह�पू ण� कृित माना जाता है ।
● �मायूँ (1530-1540 और 1555-1556) :
❏ चौसा का यु� (1539) : यह लड़ाई शे र खान ने अपने बेहतर राजनीितक और सै � कौशल
के कारण जीती थी। �मायूँ को हार का सामना करना पड़ा िजसम� 7000 मुगल रईस और
सैिनक मारे गए और �मायूँ को खु द भागना पड़ा।
❏ क�ौज की लड़ाई (1540) : यह लड़ाई शे र खान ने जीती थी और �मायूँ की से ना पू री तरह
से भाग खड़ी �ई और वह िबना रा� का राजकुमार बना।

शेर शाह और सु र वंश

www.OliveBoard.in
❏ जब क�ौज की लड़ाई म� �मायूं ने िसं हासन �ाग िदया, तब सू र वं श के शे रशाह ने 1555 म�
िद�ी पर शासन िकया।
❏ एक जागीरदार के प�रवार म� ज�े और फरीद के �प म� प्रिस� उसने शे र को मारने के
बाद शे र खान की उपािध पाया। जब वह िसं हासन पर बैठा, तो उसे शे रशाह कहा गया।
❏ अपनी �मता और द�ता के मा�म से , वह भारत म� अफगानों के प्रमुख के �प म� उभरा।
❏ शेर शाह को दू सरे शहजादे इ�ाम शाह ने 1553 ई. तक शासन िकया। कम आयु म�
उसकी मृ�ु के बाद उ�रािधकार के बारे म� भ्रम की �स्थित पै दा हो गई। �मायूँ ने इस
अवसर का उपयोग सुर शासकों से िद�ी और आगरा को पु नः प्रा� करने के िलए िकया।

● सम्राट अकबर (1556-1605) :


13 वष� की आयु म�, अकबर मुगल सम्राट बना। शु �आती कुछ वष� के िलए, महाम अं ग ने उसकी
प्रशासन म� मदद की और इसे पे टीकोट सरकार के �प म� जाना जाता है , लेिकन बाद म� उ�ोंने
खुद ही शासन करना शु � कर िदया। अकबर को उनकी चार महान नीितयों के िलए जाना जाता
था।

धािम� क नीित : -

❏ सभी धम� का स�ान िकया और गैर-मुसलमानों पर लगाया जाने वाला कर, जिजजा को
समा� कर िदया।
❏ सन् 1572 म� उसने धािम� क चचा� ओं के िलए फते हपु र सीकरी म� इबादत खाना भी बनाया।
सन् 1582 म� दीन-ए-इलाही को धम� घोिषत िकया।

राजपूत नीित : -

❏ िवचार-िवमश� के मा�म से उसने राजपू तों के साथ सम�ाओं को हल िकया।


❏ उनम� से कुछ के साथ वैवािहक स�� भी स्थािपत िकया।

िव�ारवादी नीित :-

❏ वह 1556-1605 से, लगातार �े त्रीय िव�ार म� शािमल रहा।

प्रशासन : -

❏ मुगल प्रशासन, कला, सं�ृित आिद के वा�िवक सं स्थापक के �प म� माना जाता है ।


❏ प्र�ु त जागीरदारी प्रणाली - एक सं पि� के राज� का सं ग्रह और इस पर शासन करने की
श�� रा� के एक अिधकारी को दी गई थी।
❏ इसके अलावा महलवाडी प्रणाली भी शु � की गई - महल कई िकसानों के साथ एक सं पि�
को सं दिभ� त करता है । महल श� का ता�य� राजकोषीय इकाई/राज� म�ल से है ,
िजसम� अकबर �ारा पू री भू िम को िवभािजत िकया गया था।

● अकबर की मृ�ु के बाद, उसका पु त्र जहाँ गीर (मू ल नाम सलीम) अगला शासक बना। यह उनके
शासनकाल के दौरान, गु� अज�न दे व को मु गल से ना �ारा आश्रय प्रदान िकया गया था िक उ�ोंने
उनके �खलाफ िवद्रोह िकया।। 1611 म� सलीम ने मे हर-उल-िनसा (िजसे नूरजहां के नाम से भी
जाना जाता है ) से शादी की। जहाँ गीर अपने िपता की तरह स�म शासक नहीं था। अिधकां श

www.OliveBoard.in
प्रशासिनक गितिविधयाँ उनकी प�ी �ारा की जाती थीं। 1627 म� उनकी मृ�ु के बाद, उनका बेटा
खुरम (िजसे 'शाहजहाँ ' के नाम से भी जाना जाता है ) अगला शासक बना।

● शाहजहाँ के शासन काल को म�कालीन भारत के �िण� म काल कारणों से माना जाता है
1. उ� आिथ� क समृ��
2. कला और सं�ृित का िवकास
❏ उसने अपनी राजधानी शाहजहानाबाद से शासन िकया, िजसम� जामा म��द, लाल िकला
और प्रिस� चां दनी चौक था। 1612 म�, उ�ोंने अजु� मंद बानू बेगम से शादी की, जो बाद म�
मुमताज महल के �प म� प्रिस� �ई। उ�ोंने एक मयू र िसं हासन का िनमा� ण भी िकया
और उसे 'वा�ु कार राजा' के �प म� भी जाना जाता है । 1658 म� उ�� उनके बेटे औरं गज़े ब
ने कैद कर िलया और आ�खरकार 1666 म� उनकी मृ �ु हो गई।
● 1658 म� औरं गजे ब अपने िपता शाहजहाँ को कैद करके ग�ी पर बैठा। अकबर की धािम� क और
राजपू त नीितयों को उसने उलट िदया। 1678 म� उ�ोंने जिजया (गैर-मु��मों पर कर) को िफर से
जारी िकया और राजपू तों के िव�� सै � का उपयोग िकया। इस दौरान िशवाजी के अधीन मराठा
�ेत्र म� भी िवद्रोह �आ। वह िव�ारवादी था और यह उसके शासनकाल के समय मुगल साम्रा�
�ेत्रीय िव�ार के मामले म� अपने चरम पर प�ँ च गया। 1707 म� उनकी मृ�ु के बाद, अ� शासक
उतने कुशल और श��शाली नहीं थे । प�रणाम��प ब�त से लगातार उ�रािधकार की लड़ाई म�
उलझे रहे और इस दौरान �ेत्रीय िवघटन भी �आ।

● अकबर (1556-1605)
❏ अकबर ने फते हपु र सीकरी, आगरा िकला, लाहौर महल, फते हपु र सीकरी, इलाहाबाद िकला
म� बुलंद दरवाजा, इबादत खाना बनाया।
❏ अकबर के दरबार के नौ-र� : बीरबल, तानसे न, अबुल फजल, अ�ु र-रहीम खान-ए-खाना,
मु�ा दो �ाजा, टोडर मल, फकीर अज़ु �ीन, फैजी और मान िसं ह।
● जहाँगीर (1605-27)
❏ नू रजहाँ (िजसे मेह-उन-िनसा के नाम से भी जाना जाता है ) से िववाह िकया।
❏ जहाँ गीर के आदे श पर गु� अज� न दे व को मार िदया गया।
❏ तु ज़ुक-ए-जहाँ गीर िलखा।
● शाहजहाँ (1627-1658)
❏ इसे वा�ु कार राजा के �प म� भी जाना जाता है ।
❏ उसने आगरा म�, मोती म��द, लाल िकला, जामा म��द और मुस�न बुज़� का िनमा� ण
करवाया (यहीं उसने अपने अ��म वष� कैद म� िबताए)
❏ उसने लाहौर म� शालीमार बाग़ की नींव रखवाया।
● औरं गजे ब (1658-1707)
❏ आलमगीर की उपािध धारण िकया।
❏ जिजया कर को िफर से शु � िकया।
❏ नव� िसख गु� ते ग बहादु र को उनके शासनकाल के दौरान मरवा िदया।
❏ मोती म��द का िनमा� ण उसके �ारा िकया गया।
❏ फतवा-ए-आलमगरी को सं किलत िकया और नवरोज उ�व को समा� कर िदया।

www.OliveBoard.in
मराठा काल
● म�यु ग म� मराठाओं की उप�स्थित के बावजू द उनम� से अिधकां श बँटे �ए थे और वे अलग-अलग
समूहों म� थे। कभी-कभी एक-दू सरे के िव�� लड़ते थे और कभी-कभी सामने वाले से ।
प�रणाम��प एकता का अभाव था। 1627 म� ज�े िशवाजी ने अपने िपता से पू ना के जागीर को
प्रा� िकया। िशवाजी ने अब ब्रा�णों िवशे ष �प से बीजापु र शासक और मुगलों के �े त्रों पर छापा
मारना शु � कर िदया।
● िशवाजी ने अफजल खान को भी मार िदया, िजसे िशवाजी को मारने के िलए आिदल शाह (बीजापु र
शासक) �ारा प्रितिनयु� िकया गया था।
● 1664 म� �े त्रीय िव�ार के िह�े के �प म� िशवाजी ने सू रत पर हमला िकया, जो एक ब�त ही
मह�पूण� मुगल बंदरगाह था, लेिकन 1665 म� जयिसं ह के ने तृ� म� औरं गजे ब �ारा भे जी गई से ना
से हार गए। इस हार के कारण उ�� पु रंदर की सं िध (1665) करनी पड़ी। उ�ोंने अपना �े त्रीय
िव�ार जारी रखा और तं जौर तक के दि�णी �े त्रों पर क�ा कर िलया। बाद म� 1680 म� उनकी
मृ�ु हो गई।

● िशवाजी का प्रशासन: -
❏ अ�प्रधान : आठ सबसे मह�पू ण� मं त्री थे और उनम� से अिधकां श श��शाली पे शवा के
�प म� जाने जाते थे।
❏ चौथ और सरदे शमुखी : ये मराठों �ारा लगातार छापे या हमल से बचने के िलए, मराठा
�ेत्र के बाहर के �ेत्रों पर लगाए गए कर थे ।
❏ सं भाजी (िशवाजी के बड़े बेटे) और शा�जी (सं भाजी के बेटे) को औरं गजे ब ने कैद कर िलया
था और इसिलए राजा राम (िशवाजी का छोटा बेटा) अगला शासक बन गया। उ�ोंने मराठों
को एक नई ऊँचाई पर ले गया, लेिकन 1700 म� उनकी मृ�ु हो गई। तब से 1707 तक,
ताराबाई (राजा राम की प�ी) ने शासन िकया। बाद म� जब सा�जी को बहादु र शाह ने �रहा
कर िदया, तो वह ताराबाई से अपने रा� की माँ ग करने लगा, िजसे उसने अ�ीकार कर
िदया और इसके कारण खे ड़ की लड़ाई �ई और शा�जी ने यह यु � जीत िलया। बालाजी
िव�नाथ (प्रथम पे शवा) ने यु � म� शा�जी की सहायता िकया और अ�तः शा�जी को राजा
राम पर जीत िमली।यहाँ से , स�ा पे शवा को स्थानां त�रत करना शु � �ई, भले ही शासक
भी थे , तब भी।

मह�पूण� पेशवाओं की सू ची इस प्रकार है :-

● बालाजी िव�नाथ (1713-20)


● बाजी राव I (1720-40)
● बालाजी बाजी राव (1740-61)
❏ 1761 म� पानीपत की तीसरी लड़ाई म� हार के बाद, अहमद शाह अ�ाली के िव��, मराठा
श�� म� भारी कमी आई। तीसरे आँ �-मराठा यु � म� हार के बाद मराठा साम्रा� लगभग
समा� हो गया।

www.OliveBoard.in
FREE Ebooks Current Affairs
Download Now Explore Now

FREE MOCK TESTS + TOPIC TESTS + SECTIONAL TESTS

For Banking, Insurance, SSC & Railways Exams


Web APP

BLOG FORUM

Your one-stop destination Interact with peers & experts,


for all exam related exchange scores
information & preparation & improve your preparation.
resources.

Explore Now Explore Now

www.OliveBoard.in

You might also like