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मध्यकालीन भारत
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In Hindi
िद�ी स�नत
इितहासकारों के अनु सार 1206 से 1526 ई. तक भारत पर शासन करने वाले पाँ च वं शों के सु �ानों - ग़ुलाम
वंश, िख़लजी वंश, तु ग़लक वंश, सै�द वंश, लोधी वं श के के शासनकाल को िद�ी स�नत कहा जाता है ।
इनम� से पहले चार के वंशज मूल �प से तु क� थे और आखरी अफ़गान थे ।
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❏ �ाजा कुतुब-उद दीन ब��यार काकी की याद म� कुतु ब मीनार का िनमा� ण करवाया।
❏ दो प्रिस� म��दों - िद�ी म� कु�त-उल-इ�ाम और अजमेर म� अढ़ाई-िदन-का झोपड़ा,
का िनमा� ण करवाया।
● श�-उद-दीन इ�ुतिमश (1211 - 36 ई.)
❏ इ�ा प्रणाली की शु �आत की।
❏ उसने दो प्रकार के िस�ों - चाँ दी का ‘टका’ तथा ताँ बे का ‘जीतल’ चलवाया।
● रिज़या बेगम/रिज़या सु�ाना (1236-40)
❏ पहली और एकमात्र मु��म मिहला शािसका, जो िद�ी की ग�ी पर बैठी।
● गयास-उद-दीन बलबन (1266-86)
❏ राज� िस�ां त की शु �आत िकया।
❏ तु का� न-ए-चहलगानी को ख� िकया।
❏ िज़�-ए-इलाही (ई�र का प्रितिनिध) की उपािध धारण िकया।
❏ फारसी �ौहार नवरोज शु � करवाया।
❏ िसजदा और पै बोस एक प्रकार से स�ान करने की प�ित थी, िजसम� सु �ान को लेट कर
स�ान दे ते थे और सु�ान का ताज व पै र को चु मते थे ।
िख़लजी वंश
● जलाल-उद-दीन िख़लजी :
❏ िख़लजी वंश का सं स्थापक, जो एक कमजोर शासक था।
❏ उसने मंगोलों के प्रित उदार नीित अपनाया। लेिकन, उसका उ�रािधकारी
● अला-उद-िदन िख़लजी :
❏ अला-उद-दीन िख़लजी एक िव�ारवादी था।
❏ उसके समय, साम्रा� का उ�र और दि�ण दोनों ओर िव�ार �आ।
❏ वह यादव वंश के शासकों को हराया और िवं � �ँ खला को पार िकया।
❏ मंगोलों (िज�ोंने भारत पर आक्रमण करने की कोिशश की) को सफलतापू व�क रोका।
❏ उसकी मृ�ु के बाद, अ� शासक अ�म सािबत �ए और �खलजी वं श का 1320 ई. म� अ�
हो गया।
❏ धम� को राजनीित से अलग कर िकया और राज� िस�ा� को पू री तरह अ�ीकार कर
िदया।
❏ अलाई दरवाजा, कुतुब मीनार के प्रवे श �ार और हज़ार िसतु न के महल का िनमा� ण करवाया।
तुग़लक़ वंश
● अला-उद-दीन िख़लजी की मृ�ु के बाद, गयास-उद-दीन तुग़लक़ ने िसं हासन पर बैठकर तु गलक
वंश की स्थापना की। गयास-उद-दीन ने मदु रै तक दि�ण म� अपने �े त्र का िव�ार िकया और
गुज़रात और बंगाल का िव�ार करने का भी िनण� य िलया, जो िख़लजी वं श के पतन के दौरान मु�
हो गए थे। लेिकन एक दु घ�टना म� गयास-उद-दीन की मृ �ु हो गई, िजसके बाद उसका बेटा मुह�द-
िबन तु ग़लक़ अगला शासक बना।
● मुह�द िबन तुग़लक़ अ�ी तरह से िशि�त था और उसने कई क�ाणकारी उपाय पे श िकए,
लेिकन वह केवल प्रयोगों (असफल प्रयोगों) के �प म� बने रहे । उसने अपनी राजधानी को िद�ी
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से दे विगरी स्थानां त�रत कर िदया और इसका नाम दौलताबाद रखा। उनके शासन कुी दू सरी छमाही
के दौरान, साम्रा� के िविभ� िह�ों म� िवद्रोह शु � हो गया, िजसका अ� आ�खरकार तु ग़लक़ वं श
के िवघटन के प�रणाम��प �आ।
● िफ़रोज़ शाह तुग़लक़ अ��म तु ग़लक़ शासकों म� सबसे प्रिस� था। उसने अपने �े त्र का िव�ार
करने की कोिशश नहीं की, ब�� क�ाणकारी काय� म� लगा रहा। उनकी मृ�ु के बाद तु ग़लक़
वंश लगभग समा� हो गया। तु ग़लक़ के अ��म िदनों के दौरान, तै मूर ने भारत पर आक्रमण िकया
और िद�ी पर क�ा कर िलया। उसने इन �े त्रों को सं चािलत करने के िलए िख़ज़्र ख़ान सै �द को
िनयु� िकया और इस तरह भारत म� सै �द राजवं श की शु �आत �ई।
● मुह�द-िबन तुग़लक़
❏ उसका असली नाम जौना या जू ना ख़ान था।
❏ राजधानी को िद�ी से दौलताबाद म� स्थानां त�रत िकया और िफर िद�ी वापस लाया।
❏ क़ुरै िसल और ख़ु रासान, जौना खान के प्रिस� अिभयान थे ।
❏ दीवान-ए-कोही नामक अलग कृिष िवभाग बनवाया।
❏ चाँ दी की वैि�क कमी के कारण चाँ दी की जगह काँ से की टोकन मुद्रा की शु �आत िकया।
❏ इ� बतू ता (मोर�ो यात्री) उसके शासनकाल के दौरान दौरा िकया।
● िफरोज शाह तुग़लक़
❏ कोटला, िहसार और िफरोजाबाद के शहरों का िनमा� ण करवाया।
❏ एक नया िवभाग, ‘दीवान-ए-ख़ै रात’ स्थािपत िकया।
● पहले शासक िख़ज्र ख़ान सै�द थे । सै �द ने 37 वष� तक शासन िकया और अ��म शासक,
अलाउ�ीन आलम शाह ने बहलोल लोधी को स�ा सौंपी।
लोदी वंश भारत म� पहले अफ़ग़ान शासक थे । उसके पहले शासक, बहलोल लोधी ने अफ़ग़ानी राज�
िस�ां त पेश िकया (राजा अ� मंित्रयों की तरह है , लेिकन वही सबसे प्रधान है ) और रईसों को ब�त स�ान
िदया। लेिकन बाद के शासकों, िसक�र लोधी और इब्रािहम लोधी ने अफ़ग़ािन�ान के िस�ां त को खा�रज
कर िदया, और रईसों को िनयं ित्रत करने की कोिशश की। रईसों ने इब्रािहम लोधी के िव�� सािजश रची
और बाबर को भारत पर आक्रमण करने के िलए आमंित्रत िकया। इब्रािहम ख़ान लोधी को पानीपत की पहली
लड़ाई के दौरान सन् 1526 म� बाबर ने मार िदया।
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स�नतकालीन मु� स्थाप� कलाएँ :
इमारत शासक
1. कु�त-उल-इ�ाम म��द कुतु बु�ीन ऐबक
7. सु �ानगढी इ�ुतिमश
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❏ बलबन का मकबरा शु� इ�ामी प�ित म� भारत म� िनिम�त पहला मकबरा है ।
❏ अलाउ�ीन िख़लजी ने सीरी महल और हजार �ंभों वाला महल बनवाया।
❏ अलाउ�ीन िख़लजी ने सभी इमारत� पू ण�तः इ�ामी िवचारधारा के अनु कूल ही बनवायीं।
❏ अलाउ�ीन िख़लजी ने िनजामु�ीन औिलया की दरगाह पर जमात खाना म��द का िनमा� ण
कराया।
❏ अलाउ�ीन ने सीरी के िनकट हौज-ए-अलाई या हौज-ए-ख़ास नामक तालाब बनवाया।
❏ तु गलक कालीन स्थाप� म� ता�ािलक राजनीितक अ�स्थरता और आिथ� क सम�ाओं की झलक
दे खने को िमलती है ।
❏ तुगलक शासक अपने इमारतों म� आसानी से उपल� स�ा मटमै ला प�र लगवाते थे ।
❏ तुगलक स्थाप� शै ली की मह�पू ण� िवशे षता ढलवां दीवार� (सलामी प�ित) ह� ।
❏ गयासु �ीन का मकबरा कृित्रम झील के बीच एक ऊँचे चबूतरे पर बना है ।
❏ मुह�द िबन तु ग़लक़ ने िद�ी के िनकट जहाँ पनाह नगर और तु गलकाबाद के िनकट
आिदलाबाद का िकला बनवाया।
❏ िफरोज शाह तु ग़लक़ ने हौज ख़ास पहाड़ी के पास अपना व अपने वजीर खान-ए-जहाँ -ते लंगनी का
मकबरा बनवाया।
❏ खान-ए-जहाँ-तेलंगनी का मकबरा िद�ी म� िनिम�त प्रथम अ�भु जीय मकबरा है ।
❏ िफरोज शाह तु ग़लक़ की सभी इमारतों म� कमल की आकृित के नमू ने िमले ह� ।
❏ िसक�र लोदी के समय एक गु�द की जगह दो गु �दों की शैली की शु �आत �ई।
❏ लोदी काल को मकबरों का काल भी कहा जाता है ।
❏ िद�ी की मोठ म��द का िनमा� ण िसक�र लोदी के समय उसके प्रधानमंत्री �ारा कराया गया।
मुग़ल काल
● ज़ही��ीन मुह�द बाबर (1526-1530):
❏ खानवा की लड़ाई, 1527 : बाबर ने िच�ौड़ के राणा सां गा को लेने का िनण� य िलया, जो
मेवाड़ का शासक था, िजसका राजस्थान और मालवा पर एक मज़बूत प्रभाव था। बाबर ने
आगरा के पास खानवा को इस लड़ाई के िलए अनु कूल स्थल के �प म� चु ना। से ना की
रणनीितक �स्थित और तोपखाने के प्रभावी उपयोग के साथ, बाबर ने राणा साँ गा की से नाओं
को हराया।
❏ पानीपत की पहली लड़ाई, 21 अप्रैल, 1526 : बाबर ने िफर लोिदयों �ारा शािसत पं जाब
की ओर मुड़ा। कई आक्रमणों के बाद, उसने पानीपत म� सं �ा म� छोटी टु कड़ी के साथ
इब्रािहम लोदी के दु ज�य सै िनकों को हराया।
❏ मुगल साम्रा� के संस्थापक बाबर, फारसी और अरबी का िव�ान था। बाबर के सं �रण
तु िज़युक-ए-बाबरी (बाबरनामा) को एक िव� का मह�पू ण� कृित माना जाता है ।
● �मायूँ (1530-1540 और 1555-1556) :
❏ चौसा का यु� (1539) : यह लड़ाई शे र खान ने अपने बेहतर राजनीितक और सै � कौशल
के कारण जीती थी। �मायूँ को हार का सामना करना पड़ा िजसम� 7000 मुगल रईस और
सैिनक मारे गए और �मायूँ को खु द भागना पड़ा।
❏ क�ौज की लड़ाई (1540) : यह लड़ाई शे र खान ने जीती थी और �मायूँ की से ना पू री तरह
से भाग खड़ी �ई और वह िबना रा� का राजकुमार बना।
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❏ जब क�ौज की लड़ाई म� �मायूं ने िसं हासन �ाग िदया, तब सू र वं श के शे रशाह ने 1555 म�
िद�ी पर शासन िकया।
❏ एक जागीरदार के प�रवार म� ज�े और फरीद के �प म� प्रिस� उसने शे र को मारने के
बाद शे र खान की उपािध पाया। जब वह िसं हासन पर बैठा, तो उसे शे रशाह कहा गया।
❏ अपनी �मता और द�ता के मा�म से , वह भारत म� अफगानों के प्रमुख के �प म� उभरा।
❏ शेर शाह को दू सरे शहजादे इ�ाम शाह ने 1553 ई. तक शासन िकया। कम आयु म�
उसकी मृ�ु के बाद उ�रािधकार के बारे म� भ्रम की �स्थित पै दा हो गई। �मायूँ ने इस
अवसर का उपयोग सुर शासकों से िद�ी और आगरा को पु नः प्रा� करने के िलए िकया।
धािम� क नीित : -
❏ सभी धम� का स�ान िकया और गैर-मुसलमानों पर लगाया जाने वाला कर, जिजजा को
समा� कर िदया।
❏ सन् 1572 म� उसने धािम� क चचा� ओं के िलए फते हपु र सीकरी म� इबादत खाना भी बनाया।
सन् 1582 म� दीन-ए-इलाही को धम� घोिषत िकया।
राजपूत नीित : -
िव�ारवादी नीित :-
प्रशासन : -
● अकबर की मृ�ु के बाद, उसका पु त्र जहाँ गीर (मू ल नाम सलीम) अगला शासक बना। यह उनके
शासनकाल के दौरान, गु� अज�न दे व को मु गल से ना �ारा आश्रय प्रदान िकया गया था िक उ�ोंने
उनके �खलाफ िवद्रोह िकया।। 1611 म� सलीम ने मे हर-उल-िनसा (िजसे नूरजहां के नाम से भी
जाना जाता है ) से शादी की। जहाँ गीर अपने िपता की तरह स�म शासक नहीं था। अिधकां श
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प्रशासिनक गितिविधयाँ उनकी प�ी �ारा की जाती थीं। 1627 म� उनकी मृ�ु के बाद, उनका बेटा
खुरम (िजसे 'शाहजहाँ ' के नाम से भी जाना जाता है ) अगला शासक बना।
● शाहजहाँ के शासन काल को म�कालीन भारत के �िण� म काल कारणों से माना जाता है
1. उ� आिथ� क समृ��
2. कला और सं�ृित का िवकास
❏ उसने अपनी राजधानी शाहजहानाबाद से शासन िकया, िजसम� जामा म��द, लाल िकला
और प्रिस� चां दनी चौक था। 1612 म�, उ�ोंने अजु� मंद बानू बेगम से शादी की, जो बाद म�
मुमताज महल के �प म� प्रिस� �ई। उ�ोंने एक मयू र िसं हासन का िनमा� ण भी िकया
और उसे 'वा�ु कार राजा' के �प म� भी जाना जाता है । 1658 म� उ�� उनके बेटे औरं गज़े ब
ने कैद कर िलया और आ�खरकार 1666 म� उनकी मृ �ु हो गई।
● 1658 म� औरं गजे ब अपने िपता शाहजहाँ को कैद करके ग�ी पर बैठा। अकबर की धािम� क और
राजपू त नीितयों को उसने उलट िदया। 1678 म� उ�ोंने जिजया (गैर-मु��मों पर कर) को िफर से
जारी िकया और राजपू तों के िव�� सै � का उपयोग िकया। इस दौरान िशवाजी के अधीन मराठा
�ेत्र म� भी िवद्रोह �आ। वह िव�ारवादी था और यह उसके शासनकाल के समय मुगल साम्रा�
�ेत्रीय िव�ार के मामले म� अपने चरम पर प�ँ च गया। 1707 म� उनकी मृ�ु के बाद, अ� शासक
उतने कुशल और श��शाली नहीं थे । प�रणाम��प ब�त से लगातार उ�रािधकार की लड़ाई म�
उलझे रहे और इस दौरान �ेत्रीय िवघटन भी �आ।
● अकबर (1556-1605)
❏ अकबर ने फते हपु र सीकरी, आगरा िकला, लाहौर महल, फते हपु र सीकरी, इलाहाबाद िकला
म� बुलंद दरवाजा, इबादत खाना बनाया।
❏ अकबर के दरबार के नौ-र� : बीरबल, तानसे न, अबुल फजल, अ�ु र-रहीम खान-ए-खाना,
मु�ा दो �ाजा, टोडर मल, फकीर अज़ु �ीन, फैजी और मान िसं ह।
● जहाँगीर (1605-27)
❏ नू रजहाँ (िजसे मेह-उन-िनसा के नाम से भी जाना जाता है ) से िववाह िकया।
❏ जहाँ गीर के आदे श पर गु� अज� न दे व को मार िदया गया।
❏ तु ज़ुक-ए-जहाँ गीर िलखा।
● शाहजहाँ (1627-1658)
❏ इसे वा�ु कार राजा के �प म� भी जाना जाता है ।
❏ उसने आगरा म�, मोती म��द, लाल िकला, जामा म��द और मुस�न बुज़� का िनमा� ण
करवाया (यहीं उसने अपने अ��म वष� कैद म� िबताए)
❏ उसने लाहौर म� शालीमार बाग़ की नींव रखवाया।
● औरं गजे ब (1658-1707)
❏ आलमगीर की उपािध धारण िकया।
❏ जिजया कर को िफर से शु � िकया।
❏ नव� िसख गु� ते ग बहादु र को उनके शासनकाल के दौरान मरवा िदया।
❏ मोती म��द का िनमा� ण उसके �ारा िकया गया।
❏ फतवा-ए-आलमगरी को सं किलत िकया और नवरोज उ�व को समा� कर िदया।
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मराठा काल
● म�यु ग म� मराठाओं की उप�स्थित के बावजू द उनम� से अिधकां श बँटे �ए थे और वे अलग-अलग
समूहों म� थे। कभी-कभी एक-दू सरे के िव�� लड़ते थे और कभी-कभी सामने वाले से ।
प�रणाम��प एकता का अभाव था। 1627 म� ज�े िशवाजी ने अपने िपता से पू ना के जागीर को
प्रा� िकया। िशवाजी ने अब ब्रा�णों िवशे ष �प से बीजापु र शासक और मुगलों के �े त्रों पर छापा
मारना शु � कर िदया।
● िशवाजी ने अफजल खान को भी मार िदया, िजसे िशवाजी को मारने के िलए आिदल शाह (बीजापु र
शासक) �ारा प्रितिनयु� िकया गया था।
● 1664 म� �े त्रीय िव�ार के िह�े के �प म� िशवाजी ने सू रत पर हमला िकया, जो एक ब�त ही
मह�पूण� मुगल बंदरगाह था, लेिकन 1665 म� जयिसं ह के ने तृ� म� औरं गजे ब �ारा भे जी गई से ना
से हार गए। इस हार के कारण उ�� पु रंदर की सं िध (1665) करनी पड़ी। उ�ोंने अपना �े त्रीय
िव�ार जारी रखा और तं जौर तक के दि�णी �े त्रों पर क�ा कर िलया। बाद म� 1680 म� उनकी
मृ�ु हो गई।
● िशवाजी का प्रशासन: -
❏ अ�प्रधान : आठ सबसे मह�पू ण� मं त्री थे और उनम� से अिधकां श श��शाली पे शवा के
�प म� जाने जाते थे।
❏ चौथ और सरदे शमुखी : ये मराठों �ारा लगातार छापे या हमल से बचने के िलए, मराठा
�ेत्र के बाहर के �ेत्रों पर लगाए गए कर थे ।
❏ सं भाजी (िशवाजी के बड़े बेटे) और शा�जी (सं भाजी के बेटे) को औरं गजे ब ने कैद कर िलया
था और इसिलए राजा राम (िशवाजी का छोटा बेटा) अगला शासक बन गया। उ�ोंने मराठों
को एक नई ऊँचाई पर ले गया, लेिकन 1700 म� उनकी मृ�ु हो गई। तब से 1707 तक,
ताराबाई (राजा राम की प�ी) ने शासन िकया। बाद म� जब सा�जी को बहादु र शाह ने �रहा
कर िदया, तो वह ताराबाई से अपने रा� की माँ ग करने लगा, िजसे उसने अ�ीकार कर
िदया और इसके कारण खे ड़ की लड़ाई �ई और शा�जी ने यह यु � जीत िलया। बालाजी
िव�नाथ (प्रथम पे शवा) ने यु � म� शा�जी की सहायता िकया और अ�तः शा�जी को राजा
राम पर जीत िमली।यहाँ से , स�ा पे शवा को स्थानां त�रत करना शु � �ई, भले ही शासक
भी थे , तब भी।
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