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ररैद दास कक पद अरर्थ सहहित – Summary

of Raidas Ke Pad in Hindi


Class 9
ररैद दास कदा जजवन पररचय 
ररैददास नदाम सक हवख्यदात ससंत रहवददास कदा जन्म सनन् 1388 कको बनदारस ममें हिहआ रदा। ररैददास कबजर कक समकदालजन
हिह। ररैददास कक ख्यदाहत सक पभदाहवत हिकोकर हसकसंदर लकोदज नक इन्हिमें हदलज आनक कदा हनमसंतण भकजदा रदा। ससंत ककलभभषण
कहव रहवददास उन महिदान सन्ततों ममें अग्रणज रक हजन्हितोंनक अपनज रचनदाओसं कक मदाध्यम सक समदाज ममें व्यदाप्त बकरदाइयतों कको
दरभ करनक ममें महितवपभणर्थ यकोगददान हकयदा। ररैददास नक ऊऊच-नजच कक भदावनदा तरदा ईश्वर-भहक्ति कक नदाम पर हकयक जदानक
वदालक हववदाद कको सदारहिजन तरदा हनररर्थक बतदायदा और सबकको परस्पर हमल जकल कर पकमपभवर्थक रहिनक कदा उपदकश
हदयदा। उनकदा हवश्वदास रदा हक रदाम, कक ष्ण, करजम, रदाघव आहद सब एक हिज परमकश्वर कक हवहवध नदाम हिह। उनकदा
हवश्वदास रदा हक ईश्वर कक भहक्ति कक हलए सददाचदार, परहहित – भदावनदा तरदा सदव्यवहिदार कदा पदालन करनदा
अतयदावश्यक हिरै।
ररैददास कक वदाणज, भहक्ति कक सचज भदावनदा, समदाज कक व्यदापक हहित कक कदामनदा तरदा मदानव पकम सक ओत-पकोत हिकोतज
रज। इसहलए उनकक हशकदाओसं कदा शकोतदाओसं कक मन पर गहिरदा पभदाव पडतदा रदा। आज भज सन्त ररैददास कक उपदकश
समदाज कक कल्यदाण तरदा उतरदान कक हलए अतयहधक महितवपभणर्थ हिह। उन्हितोंनक अपनक आचरण तरदा व्यवहिदार सक यहि
पमदाहणत कर हदयदा हिरै हक मनकष्य अपनक जन्म तरदा व्यवसदाय कक आधदार पर महिदान नहिहीं हिकोतदा हिरै। हवचदारतों कक शकष्ठतदा,
समदाज कक हहित कक भदावनदा सक पकररत कदायर्थ तरदा सद्व्यवहिदार जरैसक गकण हिज मनकष्य कको महिदान बनदानक ममें सहिदायक हिकोतक
हिह। इन्हिहीं गकणतों कक कदारण सन्त ररैददास कको अपनक समय कक समदाज ममें अतयहधक सम्मदान हमलदा और इसज कदारण आज
भज लकोग इन्हिमें शददापभवर्थक स्मरण करतक हिह।
ररैद दास कक पद कदा सदार 
ससंत कहव ररैददास उन महिदानन् सन्ततों ममें अग्रणज रक, हजन्हितोंनक अपनज रचनदाओसं कक मदाध्यम सक समदाज ममें व्यदाप्त बकरदाइयतों
कको दरभ करनक ममें महित्त्वपभणर्थ यकोगददान हकयदा। इनकक रचनदाओसं कक हवशकषतदा लकोक-वदाणज कदा अदतक पयकोग रहिज हिह
हजससक जनमदानस पर इनकदा अहमट पभदाव पडतदा हिरै। उनकदा सतयपभणर्थ जदान ममें हवश्वदास रदा। उन्हितोंनक भहक्ति कक हलए
परम वरैरदाग्य कको अहनवदायर्थ मदानदा रदा। उनकक अनकसदार इस्वर एक हिरै और वहि जजवदातमदा कक रूप ममें पतयकक जजव ममें
अवहस्रत हिरै। और इसज हवचदार धदारदा कक अनकसदार उन्हिकोनक अपनक परम पद “अब करै सक छभ टरै रदाम नदाम रट
लदागज।”  ममें हिममें यहि हशकदा दज हिरै कक हिममें इस्वर ककोई मसंहदर यदा महस्जद ममें नहिहीं हमलमेंगक यदा हकसज मभहतर्थ ममें नहिहीं
हमलमेंगक। इस्वर कको पदाप्त करनक कदा एक मदात उपदाय यहि हिरै कक अपनक अन्ततः करण ममें झदाकनदा। कहव नक यहिदाऊ पकक हत एवसं
जजवतों कक हवहभन्न रूपतों कदा उपयकोग कर यहि कहिदा हिरै कक भक्ति और भगवदानन् एक दस भ रक कक हबनदा अधभरक हिह। उनकक
अनकसदार ईस्वर सवर्थशष्ठक हिह और हिर जन्म ममें वक हिज सवर्थ शकष्ठ रहिमेंगक।
भ रक पद “ऐसज लदाल तकझ हबनक कउनक कररै। ” ममें ररैददास जज नक ईश्वर कक महितदा कदा वणर्थन हकयदा हिरै।
अपनक दस
उनकक अनकसदार ईश्वर धहन गरजब, छक आ छभत आहद ममें हवस्वदाश नहिहीं करतक। और वक सभज कदा उददार करतक हिह। वक
चदाहिक तको नजच कको भज महिदान बनदा सकतक हिह। ईश्वर नक नक नदामदकव, कबजर, हतलकोचन, सधनदा और सरैनक जरैसक ससंततों कदा
उददार हकयदा रदा और वहि  हिमदारदा भज उददार करमेंगक। इस तरहि उन्हितोंनक हिममें उस समय कक समदाज ममें व्यदाप्त जदातज-
पदातज, छक आ-छभत जरैसक असंधहवस्वदाशको कदा तयदाग करनक कक सलहिदा हिरै।
अब करै सक छभ टरै रदाम नदाम रट लदागज।
पभक जज, तकम चसंद न हिम पदानज, जदाकक अऊग -अऊग बदास समदानज।
पभक जज, तकम घन बन हिम मकोरदा, जरैस क हचतवत चसंद चककोरदा।
पभक जज, तकम दजपक हिम बदातज, जदाकक जकोहत बररै हदन रदातज।
पभक जज, तकम मकोतज हिम धदागदा, जरैस क सकोनहहिसं हमलत सकहि दागदा।
पभक जज, तकम स्वदामज हिम ददासदा, ऐसज भहक्ति कररै ररैद दासदा॥
भदावदारर्थ : पस्तकत पसंहक्तियतों ममें कहव ररैददास जज नक अपनक भहक्ति भदाव कदा वणर्थन हकयदा हिरै। उनकक अनकसदार हजस तरहि पकक हत ममें बहिह त सदारक चजज एक दस भ रक सक जकडक रहितक हिह।
ठजक उसज तरहि एक भक्ति एम भगवदानन् भज एक दस भ रक सक जकडक हिह ए हिह। उन्हितोंनक परम पसंकहक्ति ममें हिज रदाम नदाम कदा गकण गदान हकयदा हिरै। वक बकोल रहिक हिह कक अगर एक बदार रदाम नदाम
रटनक कक लत लग जदाए तको हफिर वको कभज छभ ट नहिहीं सकतज। उनकक अनकसदार एक भक्ति एवसं भगवन चन्दन कक लकडज एवसं पदानज कक तरहि हिकोतक हिह। जब चन्दन कक लकडज कको
पदानज ममें डदालकर छकोड हदयदा जदातदा हिरै तको उसकक सकगसंध पदानज ममें फ़रै ल जदातज हिरै। ठजक उसज पकदार भगवदानन् भज अपनज सकगसंध भक्ति कक मन ममें छकोड जदातक हिह। हजसक सभसंघकर एक
भक्ति सददा पभक भहक्ति ममें लजन रहितदा हिरै।
आगक वको कहितक हिह कक जब बषदार्थ हिकोनक वदालज रहितज हिरै और चदारतों तरहि आकदाश ममें बदादल हघर जदातक हिह तको जसंगल ममें उपहस्रत मकोर अपनक पसंख फिरै लदाकर नदाचक हबनदा नहिहीं रहि
सकतदा। ठजक उसज पकदार एक भक्ति रदाम नदाम हलयक हबनदा नहिहीं रहि सकतदा। ररैददास जज आगक कहितक हिह जरैसक दजपक ममें बदातज जलतज रहितज हिरै ठजक उसज पकदार एक भक्ति भज
पभक कक भहक्ति ममें जलकर सददा पज्वहलत हिकोतदा रहितदा हिरै।
कहव कक अनकसदार अगर ईश्वर मकोतज सदामदान हिरै तको भक्ति एक धदागक कक सदामदान हिरै हजसमक मकोहतयतों कक हपरकोयदा जदातदा हिरै अरदार्थत दकोनतों एक दस
भ रक कक हबनदा अधभरक हिह। और इसज कक
हलए कहव नक एक भक्ति सक भगवदानन् कक हमलदान कको सकोनक ममें सकहिदागदा कहिदा हिरै। और अपनज भहक्ति कदा वणर्थन करतक हिहए ररैददास जज स्वयसं कको एक ददास और पभक कको स्वदामज कहितक
हिह।
ऐसज लदाल तकझ हबनक कउनक कररै।
गरजब हनवदाजक गकस ईआ मकर दा मदाररै छतक धररै। ।
जदाकक छकोहत जगत कउ लदागरै तदा पर तकहि हीं ढररै।
नजचहिह ऊच कररै मकर दा गकोहबसंद क कदाहिह तक न डररै॥
नदामदकव कबजरु हतलकोचनक सधनदा सरैन क तररै।
कहहि रहवददासक सकन हिह रक ससंत हिह हिररजजउ तक सभरै सररै॥
भदावदारर्थ : पस्तकत पसंहक्तियतों ममें कहव नक पभक कक कक पदा एवसं महहिमदा कदा वणर्थन हकयदा हिरै। उनकक अनकसदार इस सम्पभणर्थ जगत ममें पभक सक बडदा कक पदालक और ककोई
नहिहीं। वक गरजब एवसं हदन- दहक खयतों कको सदामदान भदाव सक दकखनक वदालक हिह। वक छभ त-अछभत ममें ककोई भकद भदाव नहिहीं करतक। और इसज कदारण वश कहव कको यहि
लग रहिदा हिरै कक अछभत हिकोनक कक बदाद भज उनपर पभक नक असजम कक पदा कक हिरै। पभक कक इस कक पदा कक वजहि सक कहव कको अपनक मदारक पर रदाजदाओसं जरैसदा छत
महिसभस हिको रहिदा हिरै।
कहव खदक कको नजच एवसं अभदागदा मदानतक हिह और उसकक बदाद भज पभक नक उनकक ऊपर जको कक पदा हदखदाई हिरै। कहव उससक फिक लक नहिहीं समदा रहिक हिह। पहभ अपनक
भक्तितों ममें भकद भदाव नहिहीं करतक हिह वक सदरैव अपनक भक्तितों कको समदान दृहस्ट सक दकखतक हिह। वक हकसज सक नहिहीं डरतक एवसं अपनक सभज भक्तितों पर एक समदान कक पदा
करतक हिह। और पभक कक इसज गकण कक वजहि सक नदामदकव, कबजर जरैसक जकलदाहिक सदाधनदा जरैसक कसदाई, सरैन जरैसक नदाइ एवसं हतलकोचन जरैसक सदामन्य वयहक्तियतों कको
इतनज ख्यदाहत पदाप्त हिहई। और पभक कक कक पदा सक उन्हितोंनक इस ससंसदार रूपज सदागर कको पदार कर हलयदा। और अपनक असंहतम पसंहक्तियतों ममें कहव ससंतको सक कहितक हिह
कक हिरज ककछ भज कर सकतक हिह।

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