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हिंदी

परियोजना कार्य
भाषा संगम
 विद्यार्थी का नाम:- हेमेश रंजन
 कक्षा/ अनुभाग:- VIIIth/ B
 अनुक्रमांक:- 8214
 विषय अध्यापक:- श्री जय सिंह राठोड
अनुक्रमणिका
 हिंदी में प्रयोग किए जानेवाले अन्य भाषा के शब्द ................................ 4-7
 हिंदी भाषा के शब्द जो अंग्रेजी में प्रयोग होते है .................................... 8
 सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के अनुसार भारत के राज्य .............. 9-12
 हमारी मातृभाषा ............................................................................ 13-17
हिंदी में प्रयोग किए जानेवाले अन्य भाषा के शब्द
भाषा ने अपना विकास ही अनेक भाषाओं और बोलियों के शब्दों को बड़े पैमाने पर अपनाने के साथ किया है।
शब्दों का विस्तार भाषा को ताकतवर और लंबे समय तक जीने के साथ ही लोकप्रिय भी बनाता है। हिन्दी में
उत्पत्ति की दृष्टि से शब्दों के चार भेद किए गए हैं। ये भेद तत्सम, तद्भव, देशज और विदेशज कहलाते हैं। विदेशी
जातियों के संपर्क से उनकी भाषा के बहुत से शब्द हिन्दी में इस्तेमाल किए जाने लगे हैं। ऐसे शब्द विदेशी अथवा
विदेशज कहलाते हैं। अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, फारसी के ऐसे कई शब्द हिंदी में आए और रम गए हैं। हम ऐसे ही
रोजाना के बोलचाल में शामिल हो गए कु छ शब्दों की चर्चा करेंगे।
• हिंदी में अधिक प्रयोग किए जाने वाले कु छ अंग्रेजी शब्द:-
कॉलेज पेंसिल
टेलीविजन डॉक्टर
टिकट मशीन
सिगरेट साइकिल
स्टेशन इंजीनियर
इंजन टेलीफोन

• हिंदी में अधिक प्रयोग किए जाने वाले कु छ फारसी शब्द:-


अनार चश्मा
जमींदार दुकान
नमक नमूना
बीमार रूमाल
आदमी गंदगी
मरीज़ लिफ़ाफ़ा
• हिंदी में अधिक प्रयोग किए जाने वाले कु छ अरबी शब्द:-
औलाद अमीर
कत्ल कलम
कानून रिश्वत
औरत कै दी
मालिक गरीब
औलाद मुकदमा
कद्र बगावत

• हिंदी में अधिक प्रयोग किए जाने वाले कु छ उर्दू शब्द:-


अख़बार आवाज़
आराम अन्दर
अफ़सोस आदत
इन्क़लाब इमारत
जवान ग़जल
हिंदी भाषा के शब्द जो अंग्रेजी में प्रयोग होते है
योग YOGA
पंडित PUNDIT
पजामा PYJAMAS
महाराज/ महाराजा MAHARAJA
लूट LOOT
जंगल JUNGLE
घी GHEE
चटनी CHUTNEY
मंत्र MANTRA
कर्म KARMA
ठग THUG
डकै त DACOIT
सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के अनुसार भारत के राज्य
यहाँ पर भारत के विभिन्न राज्यों और के न्द्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक बोली जाने वाली पाँच भाषाओं की सूची दी
गयी है। यह सूची सन 2011 के जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है।

राज्य/ के न्द्रशासित प्रदेश भाषा-1 भाषा-2 भाषा-3 भाषा-4 भाषा-5


अंडमान एवं निकोबार बांग्ला हिन्दी तमिल तेलुगु मलयालम
आंध्र प्रदेश तेलुगु उर्दू हिन्दी तमिल मराठी
अरुणाचल प्रदेश निशी आदी बांग्ला नेपाली हिन्दी
असम असमिया बांग्ला हिन्दी बोडो नेपाली
बिहार हिन्दी (भोजपुरी और मैथिली उर्दू बांग्ला संथाली
मगही)
चण्डीगढ़ हिन्दी पंजाबी उर्दू नेपाली बांग्ला
छत्तीसगढ़ हिन्दी (छत्तीसगढ़ी) ओड़िया बांग्ला तेलुगु मराठी
दादरा और नगर हवेली गुजराती हिन्दी मराठी कोंकणी बंगला
एवं दमन और दीव
दिल्ली हिन्दी पंजाबी उर्दू बांग्ला मैथिली
गोवा कोंकणी मराठी हिन्दी कन्नड उर्दू
गुजरात गुजराती हिन्दी सिन्धी मराठी उर्दू
हरियाणा हिन्दी (हरियाणवी और पंजाबी उर्दू बांग्ला मैथिली
मेवाती)
हिमाचल प्रदेश हिन्दी पंजाबी नेपाली कश्मीरी डोगरी
जम्मू और कश्मीर कश्मीरी डोगरी हिन्दी पंजाबी पहाड़ी
झारखण्ड हिन्दी (भोजपुरी, मगही संथाली बांग्ला उर्दू ओड़िया
और नागपुरी
कर्नाटक कन्नड उर्दू तेलुगु तमिल मराठी
के रल मलयालम तमिल तुलू कन्नड कोंकणी
लद्दाख लद्दाखी (भोटी) पुर्गी शिना हिन्दी बाल्टी
लक्षद्वीप मलयालम तमिल हिन्दी बांग्ला तेलुगु
मणिपुर मणिपुरी नेपाली हिन्दी बांग्ला अंग्रेजी
मेघालय खासी गारो बांग्ला नेपाली हिन्दी
मिज़ोरम मिज़ो अंग्रेजी हिन्दी मणिपुरी चकमा
नागालैण्ड नागा भाषाएँ अंग्रेजी हिन्दी असमिया मणिपुरी
ओड़ीसा ओड़िया हिन्दी संथाली उर्दू तेलुगु
पुदुचेरी तमिल तेलुगु मलयालम फ़्रें च अंग्रेजी
पंजाब पंजाबी हिन्दी उर्दू बांग्ला अंग्रेजी
राजस्थान हिन्दी (राजस्थानी) पंजाबी उर्दू सिन्धी गुजराती
सिक्किम नेपाली हिन्दी बांग्ला उर्दू पंजाबी
तमिलनाडु तमिल तेलुगु कन्नड उर्दू मलयालम
तेलंगाना तेलुगु उर्दू मराठी कन्नड हिन्दी
त्रिपुरा बांग्ला ककबरक असमिया अंग्रेजी मणिपुरी
उत्तर प्रदेश हिन्दी (अवधी, भोजपुरी, उर्दू पंजाबी नेपाल बांग्ला
ब्रज भाषा और खड़ी बोली
सहित)
उत्तराखण्ड हिन्दी (गढ़वाली, उर्दू पंजाबी बांग्ला नेपाली
कु माऊँ नी और जौनसारी
सहित)
पश्चिम बंगाल बांग्ला हिन्दी संथाली उर्दू नेपाली

मध्य प्रदेश हिन्दी मराठी उर्दू सिंधी गुजराती


महाराष्ट्र मराठी हिन्दी उर्दू गुजराती तेलुगु
हमारी मातृभाषा
“मातृभाषा बिन व्यर्थ है, दुनिया का सब ज्ञान,
भारत माँ की बोली हिन्दी, करो इसका सम्मान। ”
मातृभाषा का शब्ददिक अर्थ है “माता की भाषा”। मातृभाषा उस भाषा को कहा जाता है जो
मानव के जन्म लेने के बाद सबसे पहले सीखता है। मातृभाषा व्यक्ति की सामाजिक, सांस्कृ तिक और जातीय
पहचान होती है।
मातृभाषा को मूल भाषा, देशी भाषा या प्रथम भाषा (First Language) भी कहा जाता
है। मातृभाषा को अंग्रेजी में “Native Language” कहते है।
हमारी मातृभाषा हिन्दी है। हिन्दी दुनिया में सबसे अधिक बोली जानी वाली भाषाओं में से
एक है। हिन्दी भाषा की लिपि देवनागरी है। इस भाषा में 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं।
एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों,
संस्कृ ति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने
के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले
लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यह विश्व में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है जो हमारे पारम्‍
परिक ज्ञान, प्राचीन सभ्‍यता और आधुनिक प्रगति के बीच एक सेतु भी है। हिंदी भारत संघ की राजभाषा होने के
साथ ही ग्यारह राज्यों और तीन संघ शासित क्षेत्रों की भी प्रमुख राजभाषा है। संविधान की आठवीं अनुसूची में
शामिल अन्य इक्कीस भाषाओं के साथ हिंदी का एक विशेष स्थान है।
देश की स्‍वतंत्रता से लेकर हिन्‍दी ने कई महत्‍वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्‍त की हैं। भारत सरकार द्वारा विकास योजनाओं तथा
नागरिक सेवाएं प्रदान करने में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिंदी के माध्यम से हम बेहतर जन सुविधाएँ लोगों
तक पहुंचा सकते हैं। विश्‍वभर में करोड़ों की संख्‍या में भारतीय समुदाय के लोग एक संपर्क भाषा के रूप में हिन्‍दी का इस्‍तेमाल
कर रहे हैं। इससे अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर हिन्‍दी को एक नई पहचान मिली है। यूनेस्‍को की सात भाषाओं में हिंदी को भी मान्‍यता
मिली है।
भारतीय विचार और संस्‍कृ ति का वाहक होने का श्रेय हिन्‍दी को ही जाता है। आज संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं में भी हिंदी की
गूंज सुनाई देने लगी है। पिछले वर्ष सितंबर माह में हमारे प्रधानमंत्री द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में ही अभिभाषण दिया
गया था।
विश्व हिंदी सचिवालय विदेशों में हिंदी का प्रचार-प्रसार करने और संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए
कार्यरत है। उम्मीद है कि हिंदी को शीघ्र ही संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा भी प्राप्त हो सके गा।
हिंदी आम आदमी की भाषा के रूप में देश की एकता का सूत्र है। सभी भारतीय भाषाओं की बड़ी बहन होने के नाते हिंदी
विभिन्न भाषाओं के उपयोगी और प्रचलित शब्दों को अपने में समाहित करके सही मायनों में भारत की संपर्क भाषा होने
की भूमिका निभा रही है। हिंदी जन-आंदोलनों की भी भाषा रही है। हिंदी के महत्त्व को गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर ने बड़े
सुंदर रूप में प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा था, ‘भारतीय भाषाएं नदियां हैं और हिंदी महानदी’। हिंदी के इसी महत्व को
देखते हुए तकनीकी कं पनियां इस भाषा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही हैं। यह खुशी की बात है कि सूचना प्रौद्योगिकी
में हिन्‍दी का इस्‍तेमाल बढ़ रहा है। आज वैश्वीकरण के दौर में, हिंदी विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली भाषा बनकर उभरी
है। आज पूरी दुनिया में 175 से अधिक विश्वविद्यालयों में हिन्दी भाषा पढ़ाई जा रही है। ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकें बड़े
पैमाने पर हिंदी में लिखी जा रही है। सोशल मीडिया और संचार माध्यमों में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है।
भाषा का विकास उसके साहित्य पर निर्भर करता है। आज के तकनीकी के युग में वि‍ज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी
हिंदी में काम को बढ़ावा देना चाहिए ताकि देश की प्रगति में ग्रामीण जनसंख्‍या सहित सबकी भागीदारी सुनिश्चित हो
सके । इसके लिए
यह अनिवार्य है कि हिन्‍दी और अन्‍य भारतीय भाषाओं में तकनीकी ज्ञान से संबंधित साहित्‍य का सरल अनुवाद किया
जाए। इसके लिए राजभाषा विभाग ने सरल हिंदी शब्दावली भी तैयार की है। राजभाषा विभाग द्वारा राष्ट्रीय ज्ञान-विज्ञान
मौलिक पुस्तक लेखन योजना के द्वारा हिंदी में ज्ञान-विज्ञान की पुस्तकों के लेखन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
हिंदी भाषा के प्रसार से पूरे देश में एकता की भावना और मजबूत होगी।
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