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Ipgdc-Hindi PPT State Level
Ipgdc-Hindi PPT State Level
‘जिज्ञासा’
कार्यक्रम हेतु प्रस्तुत
परियोजना
परिशोधक छात्राएं
अम्बिका, फइज़ा, महादेवी, रेश्मिता, श्रीवेन्नेला
मार्गदर्शिका
श्रीमती हरबंस कौर
जिज्ञासा परियोजना
• अगर हम सरल शब्दों में कहें तो कृ त्रिम मेधा का अर्थ है एक मशीन में सोंचने, समझने
और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना।
• दुनिया में कृ त्रिम मेधा की वजह से बदलाव हो रहा है और हम मशीनी युग की ओर कदम
बढ़ा चुके हैं।
• इस प्रभाव से हिंदी भी अछू ती नहीं है।
• जो भाषाएँ बदलते युग के साथ तालमेल नहीं बिठा पाती वे अपना अस्तित्व खो बैठती है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
परियोजना की आवश्यकता (Scope and Importance of the
Research Problem) :-
• आज का युग कृ त्रिम मेधा का है। इसीलिए यह समसामयिक विषय है जिस पर
अधिक से अधिक शोध होना चाहिए।
• विश्व हिंदी सम्मलेन का विषय ‘हिंदी – पारंपरिक ज्ञान से कृ त्रिम मेधा तक’ यह
दर्शाता है कि हिंदी को कृ त्रिम मेधा के साथ जोड़ने की आवश्यकता को विश्व-स्तर
पर महसूस किया जा रहा है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
अंतःविषय प्रासंगिकता (Interdisciplinary relevance) :-
• इसमें हिंदी के साथ-साथ कं प्यूटर साइंस भी जुड़ा हुआ है।
• इसीलिए यह अंतःविषय (Interdisciplinary) है।
Computer
हिंदी Science
• यह हमारी नयी शिक्षा नीति (New Education Policy) के अनुकू ल है
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature) :-
हमने इस विषय पर प्रकाशित कु छ पुस्तकें तथा इन्टरनेट से प्राप्त लेख आदि का अध्ययन कर के उनकी
समीक्षा की है जिससे हमें यह पता चला है कि इस विषय पर कितना काम हो चुका है। उसी का सारांश प्रस्तुत
है।
• कृ त्रिम मेधा की शुरुआत 1950 के आसपास हो चुकी थी, लेकिन 1970 में लोग इसका
महत्व जानने लगे।
• सबसे पहला प्रयास जापान का था जिसने 1981 में कं प्यूटर की ‘फिफ्थ जनरेशन’ की
योजना शुरु की थी।
• इस योजना में सुपर-कं प्यूटर विकसित करने के लिए दस वर्ष के कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा
प्रस्तुत की गई थी।
• इसके बाद ही दूसरे देशों ने भी इसके लिए प्रयास करना आरम्भ कर दिया।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature) :-
भारत में कृ त्रिम मेधा : भारत में कृ त्रिम मेधा पर बहुत काम हो रहा है।
वर्त्तमान समय को अगर हम कृ त्रिम मेधा का समय कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature)
बुद्धिमान रोबोट (Intelligent Robot)
सोफिया
• इसमें हमने दो शोध प्रविधियों के द्वारा सामग्री जमा की। १.सर्वेक्षण (Survey of
Literature) २.साक्षात्कार(Interview)।
• साक्षात्कार के लिए हमने इस क्षेत्र के तीन दिग्गज विशेषज्ञों को चुना जो इस परियोजना के लिए
प्राथमिक स्रोत है(Primary Source)।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
शोध प्रविधि (Research Methodology)
हमने जमा की गयी सामग्री का विश्लेषण किया और अपने उद्देश्यों की पूर्ती हेतु परिणामों को (अ)
और (आ) में विभाजित किया ।
2. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी की संभावनाएं बढ़ रही हैं और इसमें हिंदी भाषा के विस्तार के कई
अवसर हैं जैसे -
• शिक्षा और प्रशिक्षण :- हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए नए कोर्स
और पाठ्यक्रम विकसित किए जा सकते हैं, जो युवा पीढ़ी को इस क्षेत्र में प्रेरित करें।
सरकार इस क्षेत्र में विकास करने के लिए कदम बढ़ा चुकी है। इसका एक बड़ा उदाहरण
एन.आई.टी. पटना है जिसमें अब कृ त्रिम मेधा से जुड़े इंजीनियरिंग कोर्स तथा अन्य कोर्स हिंदी
माध्यम के द्वारा दिये जायेंगे तथा इसमें इतना लचीलापन होगा कि हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रित
उत्तर देने पर भी अंक नहीं कटेंगे
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
• उद्यमिता (Entrepreneurship) :- हिंदी भाषा में नए तकनीकी उत्पादों को विकसित
करने के लिए स्थानीय उद्यमिता बढ़ाए जा सकते हैं।
• भाषा संग्रहण : - कृ त्रिम मेधा की सहायता से हिंदी भाषा को सुरक्षित रखने के लिए और उसे
विकसित करने के लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं।
• बाजार और रोजगार : - हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में उत्पादों और सेवाओं के नए बाजार खोल
सकते हैं, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं और हिंदी का विस्तार भी होगा।
• मीडिया तथा नेटवर्किं ग : - सामाजिक मीडिया और अन्य नेटवर्किं ग प्लेटफ़ॉर्मों के उपयोग द्वारा
हिंदी के विस्तार की बहुत सम्भावना है।
इन संभावनाओं के अलावा, हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में और भी कई अवसर हो सकते हैं, जो
सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी दृष्टि से समृद्धि और विकास में मदद कर सकते हैं।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
3. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में ऐसे रोज़गार भी हैं जो सिर्फ हिंदी के द्वारा ही संभव है :
• प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing) : हिंदी में NLP
के क्षेत्र में रोजगार के अवसर हो सकते हैं, जिसमें भाषा संबंधित तकनीकी परियोजनाओं का
निर्माण और संचालन शामिल है।
• अनुवाद सेवाएं : कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी में विशेषज्ञता रखने वाले अनुवादकों की
आवश्यकता हो सकती है, जो हिंदी से अन्य भाषाओं में और अन्य भाषाओं से हिंदी में तकनीकी
और वैज्ञानिक सामग्री का अनुवाद कर सकें ।
• हिंदी में सामग्री लेखन : विभिन्न डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों और वेबसाइट्स के लिए हिंदी में
सामग्री लेखन जैसे रोज़गार के अवसर मिल सकते हैं ।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
• शिक्षा और प्रशिक्षण : - हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी
रोजगार के अवसर हो सकते हैं, जहां हिंदी में तकनीकी सामग्री को समझाने और प्रस्तुत करने
की आवश्यकता हो सकती है।
• सामाजिक मीडिया मैनेजमेंट: - हिंदी में सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों के लिए सामग्री तैयार करने
वाले और उन्हें प्रबंधित करने वाले लोगों की आवश्यकता हो सकती है, जो कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र
में काम कर रहे हैं।
• उद्यमिता (Entrepreneurship) : - हिंदी और कृ त्रिम मेधा से सम्बंधित नए तकनीकी
उत्पादों और सेवाओं की शुरुआत कर सकते हैं या भाषा सम्बन्धी तकनीकी स्टार्टअप्स में
शामिल हो सकते हैं।
• टेक्निकल सपोर्ट :- हिंदी में तकनीकी समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए, तकनीकी
सपोर्ट, विभिन्न कं पनियों में आवश्यक हो सकता है।
इन रोजगार अवसरों के लिए, हिंदी विद्यार्थियों को अपनी तकनीकी और भाषा कौशलों को बढ़ाने
के लिए उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण, और स्वनिर्भरता की आवश्यकता हो सकती है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
अनुसन्धान सीमाएं (Research Limitations) :- इस अनुसंधान की कु छ
सीमाएं भी है।
• अधिकतर पुस्तकें अंग्रेजी में है, जिनका हिंदी में मशीनी अनुवाद किया गया है, जैसे पीटर
स्काल्फिस्ट द्वारा लिखी गयी “रोबोटिक्स क्रांति”, जिसकी भाषा अत्यंत नीरस है और हिंदी की
प्रकृ ति के अनुकू ल नहीं है।
• करीम मस्सिमोव, विश्व का अगला शासक – कृ त्रिम बुद्धिमत्ता, प्रोवेस पब्लिशिंग, चेन्नई,
तमिलनाडू , 2019
• त्रिभुवननाथ शुक्ल, हिंदी का आधुनिकीकरण एवं मानवीकरण, वाणी प्रकाशन, पटना, 2015
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
लेख (Articles) :
• प्रो. जेन स्नेज्दर, लेख- ‘Introduction to Artificial Intelligence’, यूनिवर्सिटी ऑफ़
जगरेब (Article by Prof. Jan Snajder, University of Zagreb)
वेबसाइट्स (Websites) :
• https://kushalpathshala.com/step-of-research-process/
• https://leverageedu.com/blog/hi/artificial-intelligence-in-hindi/
• https://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/artificial-intelligence-in-indi
a
• https://en.wikipedia.org/wiki/Natural_language_processing
• https://www.geomorallife.com/2023/06/machine-learning-hindi.html
• https://www.cdac.in/index.aspx?id=mlc_gist_nlp
• https://www.oracle.com/in/artificial-intelligence/what-is-natural-langu
`
धन्यवाद