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इंदिरा प्रियदर्शिनी शासकीय डिग्री कॉलेज, नामपल्ली, हैदराबाद

हिंदी और कृ त्रिम मेधा


(Hindi and Artificial Intelligence)
तेलंगाना राष्ट्र उच्चतर शिक्षा विभाग, हैदराबाद
द्वारा आयोजित

‘जिज्ञासा’
कार्यक्रम हेतु प्रस्तुत

परियोजना
परिशोधक छात्राएं
अम्बिका, फइज़ा, महादेवी, रेश्मिता, श्रीवेन्नेला
मार्गदर्शिका
श्रीमती हरबंस कौर
जिज्ञासा परियोजना

शीर्षक (Title) : हिंदी और कृ त्रिम मेधा

परिकल्पना : कृ त्रिम मेधा के प्रयोग से पारंपरिक हिंदी


(Hypothesis) नई तकनीक से जुड़ेंगी, जिसके फलस्वरूप
हिंदी भाषा का विस्तार होगा तथा हिंदी
विद्यार्थियों के लिए शिक्षा और रोज़गार
के क्षेत्र में अनेक अवसर प्रदान होंगे।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा

लक्ष्य : इस परियोजना के द्वारा शोध प्रक्रिया को


(Aim) समझना तथा कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी की
संभावनाओं की खोज करना

उद्द्देश्य : १. प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण (Natural


(Objectives) Language Processing-NLP) के बारे में
जानना
२. हिंदी भाषा के विस्तार में कृ त्रिम मेधा की
उपयोगिता जानना
३. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी से संबंधित
शिक्षा और रोज़गार के अवसर की जानकारी
लेना
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
प्रस्तावना (Introduction) :-

• अगर हम सरल शब्दों में कहें तो कृ त्रिम मेधा का अर्थ है एक मशीन में सोंचने, समझने
और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना।
• दुनिया में कृ त्रिम मेधा की वजह से बदलाव हो रहा है और हम मशीनी युग की ओर कदम
बढ़ा चुके हैं।
• इस प्रभाव से हिंदी भी अछू ती नहीं है।
• जो भाषाएँ बदलते युग के साथ तालमेल नहीं बिठा पाती वे अपना अस्तित्व खो बैठती है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
परियोजना की आवश्यकता (Scope and Importance of the
Research Problem) :-
• आज का युग कृ त्रिम मेधा का है। इसीलिए यह समसामयिक विषय है जिस पर
अधिक से अधिक शोध होना चाहिए।
• विश्व हिंदी सम्मलेन का विषय ‘हिंदी – पारंपरिक ज्ञान से कृ त्रिम मेधा तक’ यह
दर्शाता है कि हिंदी को कृ त्रिम मेधा के साथ जोड़ने की आवश्यकता को विश्व-स्तर
पर महसूस किया जा रहा है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
अंतःविषय प्रासंगिकता (Interdisciplinary relevance) :-
• इसमें हिंदी के साथ-साथ कं प्यूटर साइंस भी जुड़ा हुआ है।
• इसीलिए यह अंतःविषय (Interdisciplinary) है।

Computer
हिंदी Science
• यह हमारी नयी शिक्षा नीति (New Education Policy) के अनुकू ल है
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature) :-
हमने इस विषय पर प्रकाशित कु छ पुस्तकें तथा इन्टरनेट से प्राप्त लेख आदि का अध्ययन कर के उनकी
समीक्षा की है जिससे हमें यह पता चला है कि इस विषय पर कितना काम हो चुका है। उसी का सारांश प्रस्तुत
है।

• यह कम्प्यूटर साइंस की एक शाखा है जो सबसे उन्नत है।


• इसमें एक रोबोट या कं प्यूटर में, अल्गोरिदम के द्वारा एक नकली दिमाग बनाया जाता है, जो मनुष्यों जैसा ही
सोचता है।
• कृ त्रिम मेधा के जनक श्री जॉन मैकार्थी हैं।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature) :-

• कृ त्रिम मेधा की शुरुआत 1950 के आसपास हो चुकी थी, लेकिन 1970 में लोग इसका
महत्व जानने लगे।

• सबसे पहला प्रयास जापान का था जिसने 1981 में कं प्यूटर की ‘फिफ्थ जनरेशन’ की
योजना शुरु की थी।

• इस योजना में सुपर-कं प्यूटर विकसित करने के लिए दस वर्ष के कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा
प्रस्तुत की गई थी।

• इसके बाद ही दूसरे देशों ने भी इसके लिए प्रयास करना आरम्भ कर दिया।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature) :-

भारत में कृ त्रिम मेधा : भारत में कृ त्रिम मेधा पर बहुत काम हो रहा है।

• वर्तमान बजट में सरकार ने फिफ्थ जनरेशन टेक्नोलॉजी स्टार्ट अप के लिये


480 मिलियन डॉलर का प्रावधान किया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस,
मशीन लर्निंग इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3-D प्रिंटिंग और ब्लॉक चेन शामिल हैं।

• गूगल और नीति आयोग की साझेदारी से प्रशिक्षण, स्टार्टअप, पी.एच.डी.


छात्रवृत्ति आदि कई योजनाएं बन रही हैं।
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature)
कृ त्रिम मेधा के कु छ अनुप्रयोग :
• कं प्यूटर गेम (Computer Gaming)
• प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing)
• सोफिया, शालू, मानव जैसे बुद्धिमान रोबोट (Intelligent Robot)
• अनुवाद
• प्रवीण प्रणाली (Expert System)
• दृष्टि प्रणाली (Vision System)
• वाक् पहचान (Speech Recognition)
• दुनिया भर के हवाई जहाज़ों का आवागमन
• इसके अलावा, नई दवाएं तैयार करने, खनन उद्योग से लेकर अंतरिक्ष, शेयर बाज़ार से लेकर
बीमा कं पनियां-मानव जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है, जिसमें आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का
दखल न हो।

वर्त्तमान समय को अगर हम कृ त्रिम मेधा का समय कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
साहित्य-समीक्षा (Review of Literature)
बुद्धिमान रोबोट (Intelligent Robot)
सोफिया

शालू (साथ में दिनेश कुं वर पटेल) मानव


हिंदी और कृ त्रिम मेधा
शोध प्रविधि (Research Methodology)

• यह विवरणात्मक शोध पद्धति है।

• इसमें हमने दो शोध प्रविधियों के द्वारा सामग्री जमा की। १.सर्वेक्षण (Survey of
Literature) २.साक्षात्कार(Interview)।

• हमने इन्टरनेट पर उपलब्ध पुस्तकों का सर्वेक्षण किया जो हमारा द्वितीयक


स्रोत(Secondary Source) है।

• साक्षात्कार के लिए हमने इस क्षेत्र के तीन दिग्गज विशेषज्ञों को चुना जो इस परियोजना के लिए
प्राथमिक स्रोत है(Primary Source)।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
शोध प्रविधि (Research Methodology)

• एक विशेषज्ञ श्रीमती अनुराधा पाण्डे जी है जो डी.आर.डी.ओ. में राजभाषा अधिकारी है और


कम्प्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स से जुड़ी हैं।
• दूसरे विशेषज्ञ श्री रवि कु मार रागम जी है जो NLP और हिंदी के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
• तीसरे हैं श्री ताज हस्लानी जो कि अमेरिका के बहुत बड़े उद्योगपति और प्रोग्रामर है। वे कृ त्रिम
मेधा और रोबोटिक्स के क्षेत्र में अत्यंत सक्रिय है।
• हमने इस तीन दिग्गजों से साक्षात्कार किया और इस विषय पर उनसे प्रश्न पूछे।
ज़ूम द्वारा साक्षात्कार (Interview)

श्री ताज हसलानी जी श्रीमती अनुराधा


के साथ पाण्डेय जी के साथ
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
शोध प्रविधि (Research Methodology)
प्रश्नावली
• कृ त्रिम मेधा को आसान भाषा में कै से परिभाषित कर सकते हैं?
एक मनुष्य जैसा दिमाग जिसे अल्गोरिदम के रूप में एक मशीन में विकसित किया जाता है।
• प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण क्या है?
यह कृ त्रिम मेधा की एक शाखा है जिसमें कं प्यूटर या रोबोट एक मनुष्य के द्वारा बोली जाने वाली
भाषा का लिखित पाठ तथा बातचीत, मनुष्य की ही भाषा में बोलता, लिखता और समझता है।
• अल्गोरिदम से क्या तात्पर्य है?
किसी कार्य को करने के लिये आवश्यक चरणों के समूह को कलन विधि (अल्गोरिद्म) कहते है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
प्रश्नावली
• हिंदी और इंग्लिश में से कौन सी भाषा के लिए अधिक जटिल अल्गोरिदम की आवश्यकता पड़
सकती है और क्यों?
हिंदी। क्योंकि अंग्रेजी में बहुत कु छ विकास हो चूका है।
• अगर पहले से इंग्लिश भाषा में इतना काम न हुआ होता तो क्या हिंदी में AI टू ल्स बनाना ज्यादा
आसान होता?
हाँ ।
• कृ त्रिम मेधा किस तरह से हिंदी के विकास में सहायक हो सकती है?
प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण, शिक्षा और प्रशिक्षण, भाषा संग्रहण, अनुवाद आदि।
• कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी के विद्यार्थियों के लिए रोज़गार की क्या संभावनाएं हैं?
उद्यमिता, बाजार रोज़गार, अनुवाद, सामग्री-लेखन, मीडिया नेटवर्किं ग आदि।
• हिंदी के विद्यार्थियों के लिए हिंदी के अलावा और कौन सी शैक्षणिक योग्यताओं की आवश्यकता
होती है, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में नौकरी मिले?
संगणनात्मक भाषाविज्ञान, कं प्यूटर प्रोग्रामिंग
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
डेटा विश्लेषण (Analysis of data)

हमने जमा की गयी सामग्री का विश्लेषण किया और अपने उद्देश्यों की पूर्ती हेतु परिणामों को (अ)
और (आ) में विभाजित किया ।

(अ) – द्वितीयक स्रोत से प्राप्त परिणाम

(आ) – प्राथमिक स्रोत से प्राप्त परिणाम


हिंदी और कृ त्रिम मेधा
डेटा विश्लेषण (Analysis of data)

(अ) – सर्वेक्षण के परिणाम :


इसमे कृ त्रिम मेधा के द्वारा हो रहे हिंदी के विकास के
बारे में एक रिपोर्ट बनाई गयी।

(आ) – साक्षात्कार के परिणाम :


इसमें हमने साक्षात्कार से प्राप्त सामग्री का विश्लेषण कर के
उसे परियोजना के उद्देश्यों के अनुसार तीन भागों में विभाजित
किया।
1. प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण

2. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी की संभावनाएं और भाषा का


विस्तार

3. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी विद्यार्थियों के लिए रोज़गार


हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
(अ) सर्वेक्षण
हिंदी और कृ त्रिम मेधा :
• हिंदी एक वैज्ञानिक भाषा है और कृ त्रिम मेधा हिंदी के भविष्य को सुनिश्चित करने का एक सशक्त
साधन बन सकती है।
• हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कार्य हो रहे हैं जैसे-
 ध्वनि प्रसंस्करण के द्वारा वाक् से पाठ और पाठ से वाक् (स्पीच टु टेक्स्ट तथा टेक्स्ट टु स्पीच)
 हिंदी के दस्तावेजों को कृ त्रिम मेधा द्वारा स्कै न करके उन्हें सुरक्षित करना
 डेढ़ सौ से अधिक वैश्विक भाषाओं और बीस से अधिक भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी के पाठ
का दोतरफा अनुवाद
 एलेक्सा, कोर्टाना, सिरी, गूगल असिस्टेंट तथा चैटजीपीटी जैसे डिजिटल सहायकों के साथ हिंदी
में संवाद करना
 माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी कं पनियों की एपीआई (Application Programming
Interface) का प्रयोग करके हिंदी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से युक्त एप्लीके शन बनाना
हिंदी और कृ त्रिम मेधा

जांच–परिणाम (Findings) :- (अ) सर्वेक्षण


सरकार द्वारा हिंदी के लिए योजनायें : भारत सरकार कृ त्रिम मेधा का
उपयोग करके न के वल हिंदी बल्कि सभी भारतीय भाषाओं के विकास
के लिए कई योजनाएं बना रही है जैसे -
• भाषा संगम : यह एक ऐप है जिसे एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत विकसित किया गया है। इसमें
कृ त्रिम बुद्धि के आधार पर अनुवाद, उच्चारण, शब्दकोश आदि की जानकारी मिलती है।
• राजभाषा लीला : यह ऐप राजभाषा विभाग और सी-डैक द्वारा बनाया गया । लीला (Learn
Indian languages through Artificial Intelligence) का उपयोग करके ,
हिंदी भाषा को स्व-शिक्षा द्वारा सीखा जा सकता है ।
• हिंदी भाषा मॉडल : हिंदी भाषा मॉडल हिंदी में लिखे गए पाठ को समझने और नए पाठ बनाने में
सहायक है। यह मॉडल हिंदी भाषा प्रशिक्षण, अनुवाद, और अन्य अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया
जा सकता है।
• भाषा अनुवाद : कृ त्रिम बुद्धि का उपयोग करके बनाया गया ‘बड़ा भाषा मॉडल’ (Large
Language Model) से भारतीय भाषाओं के बीच अनुवाद की सटीकता और गति में सुधार
होगा
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :- (अ) सर्वेक्षण
माइक्रोसॉफ़्ट कं पनी के कु छ महत्त्वपूर्ण भाषा उपकरण
• हिंदी में लिखें : विंडोज़ इंक से आप अपने विचारों को तुरंत क्रिया में बदल सकते हैं। आप Word
दस्तावेज़ों, PowerPoint स्लाइड्स को संपादित कर सकते हैं या OneNote में नोट्स ले
सकते हैं।
• डीप न्यूरल नेटवर्क्स एक नई तकनीक है जिससे हिंदी, बंगाली और तमिल में रीयल-टाइम भाषा
अनुवाद को बेहतर बनाया जा रहा है । डीप न्यूरल नेटवर्क मानव-मस्तिष्क के सिद्धांतों से प्रेरित है।
इसमें लिंग (स्त्रीलिंग, पुल्लिंग, तटस्थ), शिष्टता स्तर (स्लैंग, कै जुअल, लिखित, औपचारिक), और
शब्द का प्रकार (क्रिया, संज्ञा, विशेषण) आदि पर ध्यान दिया जाता है।
• लाइव हिंदी कै प्शन : वेब पर माइक्रोसॉफ्ट टीम अब जर्मन, जापानी सहित लाइव हिंदी कै प्शन की
अनुमति देती है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
(आ) साक्षात्कार
1. प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण :- यह कृ त्रिम मेधा की एक शाखा है जिसमें कं प्यूटर,
प्राकृ तिक भाषा में ही समझता और संभाषण करता है चाहे लिखित पाठ हो या
भाषण ।
उदाहरण - लिखित में चैट जीपीटी तथा भाषण में एलेक्सा। अब भारत में नया आया
है भारत.जी.पी.टी.
• हम सब प्रतिदिन अनजाने में ही एनएलपी का उपयोग कर रहे हैं जैसे वेब-खोज,
ईमेल स्पैम फ़िल्टरिंग, ऑनलाइन खरीदारी आदि।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-

2. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी की संभावनाएं बढ़ रही हैं और इसमें हिंदी भाषा के विस्तार के कई
अवसर हैं जैसे -
• शिक्षा और प्रशिक्षण :- हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए नए कोर्स
और पाठ्यक्रम विकसित किए जा सकते हैं, जो युवा पीढ़ी को इस क्षेत्र में प्रेरित करें।
 सरकार इस क्षेत्र में विकास करने के लिए कदम बढ़ा चुकी है। इसका एक बड़ा उदाहरण
एन.आई.टी. पटना है जिसमें अब कृ त्रिम मेधा से जुड़े इंजीनियरिंग कोर्स तथा अन्य कोर्स हिंदी
माध्यम के द्वारा दिये जायेंगे तथा इसमें इतना लचीलापन होगा कि हिंदी और अंग्रेजी के मिश्रित
उत्तर देने पर भी अंक नहीं कटेंगे
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
• उद्यमिता (Entrepreneurship) :- हिंदी भाषा में नए तकनीकी उत्पादों को विकसित
करने के लिए स्थानीय उद्यमिता बढ़ाए जा सकते हैं।
• भाषा संग्रहण : - कृ त्रिम मेधा की सहायता से हिंदी भाषा को सुरक्षित रखने के लिए और उसे
विकसित करने के लिए योजनाएं बनाई जा सकती हैं।
• बाजार और रोजगार : - हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में उत्पादों और सेवाओं के नए बाजार खोल
सकते हैं, जिससे नए रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सकते हैं और हिंदी का विस्तार भी होगा।
• मीडिया तथा नेटवर्किं ग : - सामाजिक मीडिया और अन्य नेटवर्किं ग प्लेटफ़ॉर्मों के उपयोग द्वारा
हिंदी के विस्तार की बहुत सम्भावना है।

इन संभावनाओं के अलावा, हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में और भी कई अवसर हो सकते हैं, जो
सामाजिक, आर्थिक, और तकनीकी दृष्टि से समृद्धि और विकास में मदद कर सकते हैं।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
3. कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में ऐसे रोज़गार भी हैं जो सिर्फ हिंदी के द्वारा ही संभव है :
• प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing) : हिंदी में NLP
के क्षेत्र में रोजगार के अवसर हो सकते हैं, जिसमें भाषा संबंधित तकनीकी परियोजनाओं का
निर्माण और संचालन शामिल है।
• अनुवाद सेवाएं : कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में हिंदी में विशेषज्ञता रखने वाले अनुवादकों की
आवश्यकता हो सकती है, जो हिंदी से अन्य भाषाओं में और अन्य भाषाओं से हिंदी में तकनीकी
और वैज्ञानिक सामग्री का अनुवाद कर सकें ।
• हिंदी में सामग्री लेखन : विभिन्न डिजिटल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों और वेबसाइट्स के लिए हिंदी में
सामग्री लेखन जैसे रोज़गार के अवसर मिल सकते हैं ।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
जांच–परिणाम (Findings) :-
• शिक्षा और प्रशिक्षण : - हिंदी में कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी
रोजगार के अवसर हो सकते हैं, जहां हिंदी में तकनीकी सामग्री को समझाने और प्रस्तुत करने
की आवश्यकता हो सकती है।
• सामाजिक मीडिया मैनेजमेंट: - हिंदी में सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों के लिए सामग्री तैयार करने
वाले और उन्हें प्रबंधित करने वाले लोगों की आवश्यकता हो सकती है, जो कृ त्रिम मेधा के क्षेत्र
में काम कर रहे हैं।
• उद्यमिता (Entrepreneurship) : - हिंदी और कृ त्रिम मेधा से सम्बंधित नए तकनीकी
उत्पादों और सेवाओं की शुरुआत कर सकते हैं या भाषा सम्बन्धी तकनीकी स्टार्टअप्स में
शामिल हो सकते हैं।
• टेक्निकल सपोर्ट :- हिंदी में तकनीकी समस्याओं का समाधान प्रदान करने के लिए, तकनीकी
सपोर्ट, विभिन्न कं पनियों में आवश्यक हो सकता है।

इन रोजगार अवसरों के लिए, हिंदी विद्यार्थियों को अपनी तकनीकी और भाषा कौशलों को बढ़ाने
के लिए उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण, और स्वनिर्भरता की आवश्यकता हो सकती है।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
अनुसन्धान सीमाएं (Research Limitations) :- इस अनुसंधान की कु छ
सीमाएं भी है।

• हिंदी में इस विषय पर सीमित पुस्तकें हैं।

• अधिकतर पुस्तकें अंग्रेजी में है, जिनका हिंदी में मशीनी अनुवाद किया गया है, जैसे पीटर
स्काल्फिस्ट द्वारा लिखी गयी “रोबोटिक्स क्रांति”, जिसकी भाषा अत्यंत नीरस है और हिंदी की
प्रकृ ति के अनुकू ल नहीं है।

• इस क्षेत्र में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है।


हिंदी और कृ त्रिम मेधा
निष्कर्ष (Conclusion) :-
निष्कर्ष यह है कि
• हिंदी के विकास में कृ त्रिम मेधा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है
• कृ त्रिम मेधा के द्वारा हिंदी में नए रोज़गार उत्पन्न होंगे।
सुझाव (Suggestions) :-
• हिंदी के पाठ्यक्रम में साहित्य के साथ साथ AI से जुड़े पाठ हों
भविष्य-योजना (Future Plans) :-
• प्राकृ तिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing), बड़े
भाषा मॉडल (Large Language Model) तथा डीप न्यूरल नेटवर्क
(Deep Neural Network) के बारे में अनुसंधान करना।
हिंदी और कृ त्रिम मेधा
सहायक ग्रन्थ सूची (Bibliography) :

• करीम मस्सिमोव, विश्व का अगला शासक – कृ त्रिम बुद्धिमत्ता, प्रोवेस पब्लिशिंग, चेन्नई,
तमिलनाडू , 2019

• Peter skalfist, अनुवादक - C.S.B. Equipment, Robotics kranti –


रोबोटिक्स क्रांति, Cambridge Stanford Books,2008

• त्रिभुवननाथ शुक्ल, हिंदी का आधुनिकीकरण एवं मानवीकरण, वाणी प्रकाशन, पटना, 2015
हिंदी और कृ त्रिम मेधा

सहायक ग्रन्थ सूची (Bibliography) :

लेख (Articles) :
• प्रो. जेन स्नेज्दर, लेख- ‘Introduction to Artificial Intelligence’, यूनिवर्सिटी ऑफ़
जगरेब (Article by Prof. Jan Snajder, University of Zagreb)

वेबसाइट्स (Websites) :
• https://kushalpathshala.com/step-of-research-process/
• https://leverageedu.com/blog/hi/artificial-intelligence-in-hindi/
• https://www.drishtiias.com/hindi/printpdf/artificial-intelligence-in-indi
a
• https://en.wikipedia.org/wiki/Natural_language_processing
• https://www.geomorallife.com/2023/06/machine-learning-hindi.html
• https://www.cdac.in/index.aspx?id=mlc_gist_nlp
• https://www.oracle.com/in/artificial-intelligence/what-is-natural-langu
`

धन्यवाद

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