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शुद्ध लेखन पर हिंदी कार्यशाला

सीएसआईआर-के न्दरीर् ्लेर ॉननकक


अनिर्ाांनिकक अनुसांधान सांस्ाान, नपलानी में 29
जनवरी 2015 को शुद्ध लेखन पर हिंदी कार्यशाला का
आर्ोजन ककर्ा गर्ा। कार्यशाला का आर्ोजन नवगत
22 जनवरी को हिंदी िाषी सिंकर्ममर्ों के नलए
आर्ोनजत हिंदी श्रुतलेख प्रनतर्ोनगता के पररप्रेक्ष्र् में
ककर्ा गर्ा नजसमें प्रनतर्ोनगता में सनममनलत हुए
सांस्ाान के प्रशासननक व तकनीकक सिंकर्ममर्ों,
पररर्ोजना कर्ममर्ों, जेआरएफ/एसआरएफ,
कार्यशाला में उपनस्ात प्रनतिागी
प्रनशक्षणार्मार्ों आकद के अनतरररत अन्दर् सिंकमी िी
उपनस्ात हुए। कार्यशाला का उद्देश्र् प्रनतिानगर्ों को
नलखते समर् सामान्दर् ूपप से िंोने वाली िुरयर्ों को
बताते हुए िाषा को सिंी व शुद्ध ूपप से नलखने के
नलए प्रेररत करना ाा।

प्रनतिागी कक शांका का समाधान करते हुए


श्री रमेश बौरा, हिंदी अनधकारी
अांत में उन्दिंोंने आशा िर्रत कक कक सिी
प्रनतिागी कार्यशाला से अवश्र् लािानन्दवत हुए िंोंगे
ताा िनवष्टर् में िाषा लेखन में िंोने वाली सामान्दर्
कार्यशाला के दौरान प्रनतिानगर्ों को जानकारी देते हुए
िुरयर्ों से बरेंगे। सिी प्रनतिानगर्ों ने कार्यशाला में
श्री रमेश बौरा, हिंदी अनधकारी
उत्सािंप्वयक िाग नलर्ा।
सांस्ाान के सममेलन कक्ष में आर्ोनजत
कार्यशाला में हिंदी अनधकारी श्री रमेश बौरा ने कार्यशाला के अांत में श्री मिंेन्दर हसिं, वररष्टम
राजिाषा हिंदी व सामान्दर् हिंदी में अांतर बतार्ा। अनुिाग अनधकारी ने ्स आर्ोजन के नलए सांस्ाान
उन्दिंोंने ्स अवसर पर उन्दिंोंने प्रनतिानगर्ों को कक राजिाषा कार्ायन्दवर्न सनमनत के मागयदशयन ताा
सांबोनधत करते हुए बतार्ा कक सांनवधान के अनुच्ेे द प्रत्र्क्ष र्ा परोक्ष ूपप से सिंर्ोग करने के नलए सिी
343 (1) के अनुसार सांघ कक राजिाषा हिंदी िंै ताा सिंकर्ममर्ों के प्रनत आिार िर्रत ककर्ा। साा िंी
नलनप देवनागरी िंै । उन्दिंोंने किंा कक सांघ के शासककर् प्रनतिानगता के नलए सिी सिंकर्ममर्ों को धन्दर्वाद
प्रर्ोजनों के नलए िारतीर् अांकों का अांतरराष्ट ीर् कदर्ा ।
स्वूपप िंी मान्दर् िंै।
उन्दिंोंने उपनस्ात प्रनतिानगर्ों को शुद्ध लेखन
का मिंत्व बताते हुए किंा कक हिंदी िंमारी अपनी
िाषा िंै और ्से सिंी ूपप में नलखना िंमारा नैनतक
िंी निंीं राष्ट ीर् दानर्त्व िी िंै।

कार्यशाला के दौरान श्रुतलेख प्रनतर्ोनगता के


प्रश्न पि पर रराय करते हुए उन्दिंोंने प्रनतिानगर्ों कक
नजज्ञासा व शांकाओं का समाधान ककर्ा। ्सके
अनतरररत कार्यशाला में हिंदी िाषा के मानकककरण धन्दर्वाद ज्ञानपत करते हुए
के नलए िारत सरकार के कें रीर् हिंदी ननदेशालर् व श्री मिंेन्दर हसिं, अनुिाग अनधकारी
अन्दर् सांस्ााओं वारा ककए जा रिंे प्रर्ासों पर िी
्स प्रकार शुद्ध लेखन पर हिंदी कार्यशाला
प्रकाश डाला।
सांपन्दन हुई।

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