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दिल्ली बोर्ड ऑफ़ स्कूल एडूकेशन

IB Pattern, MYP Unit Plan 4 Grade 10

करिकुलम निर्माणकर्ता Learner Profile (Subject group and


डा. मंजीत कुमार discipline) विषयगत समह भाषा अर्जन (हिंदी)
ू एवं
ज्ञानशील (Knowledgeable) अनश
ु ासन
Language Acquisition
सैद्धांतिक (Principled)
संयमित (Balanced)

Unit Title तकनीकी, समावेशी और संवहनीय MYP Year 15+ Unit 4


इकाई शीर्षक विकास के साथ प्राकृतिक संरक्षण माध्यमिक वार्षिक योजना GR-10 duration सप्ताह
(Hrs.)
कक्षा-10
इकाई की
समय सीमा

मख्
ु य संप्रत्यय सहायक संप्रत्यय वैश्विक संदर्भ
Key Concept Related Concept(s) Global Context

सम्प्रेषण सन्दे श, अर्थ वैज्ञानिक और तकनीकी नवाचार


(प्रकृति और उसके नियमों की, भाषा साहित्य के सन्दर्भ में
पहचान)

खोजपरक कथन Statement of Inquiry-

वैज्ञानिक नियमों एवं तकनीकी नवाचार के सम्प्रेषण द्वारा सामाजिक संरचना और भाषा में परिवर्तन की समझ एवं प्राकृतिक
संरक्षण का संदेश

खोजपरक प्रश्न (Inquiry Based Questions)-


क -तथ्यपरक (Factual)-
1. आप समाज में तकनीकी विकास के कौन-कौन से पहलू दे खते हैं?
2. समाज के विकास में किन-किन तत्त्वों की भमि
ू का प्रमख
ु होती है ?
3. समाज की संरचना में परिवर्तन के कौन-कौन से कारण हो सकते हैं?
4. भाषा में परिवर्तन के क्या कारण हो सकते हैं?

ख -वैचारिक (Conceptual)-

1. तकनीक के अंधाधंध
ु प्रयोग ने मानव समाजों और अन्य को किस प्रकार हानि पहुँचाना शरू
ु किया है ?
2. प्राकृतिक विरासतों को बचाने की जरुरत क्यों हो गयी है ?
3. वैज्ञानिक और तकनीकी विकास से आप क्या समझते हैं? अपने विचार दीजिए I

ग - तर्क आधारित (Debatable)-

1. ‘’तकनीक और नवाचार ने मानव जीवन को बेहतर बनाया है !’’ अपने तर्क दीजिये|
2. ‘’तकनीक का विकास ही मानवता के विनाश के लिए उत्तरदायी है !’’ अपने तर्क दीजिएI
3. ‘’सभ्य मनष्ु य और संस्कृति के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी विकास ही उत्तरदायी है ’’ विचार कीजिएI
4. ‘’वैज्ञानिक और तकनीकी विकास ही वास्तव में भाषा के संरचनात्मक विनाश के लिए उत्तरदायी है ’’ तर्क
दीजिए?

उद्दे श्य Objectives योगात्मक आकलन Summative Assessment


चयनित मापदं ड (Criterion) विद्यार्थियों का आकलन निम्न आधार पर किया जायेगा-
Criterion A. सन
ु ना Listening ● मानवीय मल्
ू यों के साथ-साथ तकनीकी मल् ू यों और प्राकृतिक
At the end of the capable level, students should be संरक्षण आदि से सम्बंधित ज्ञान के आधार पर
exposed to a wide variety of simple and some complex ● समह
ू के आधार पर तकनीकी विकास से उपजी समस्याओं पर
authentic spoken multimodal texts and be able to- समझ के आधार पर
सक्षम स्तर के अंत में विद्यार्थी सरल और कुछ जटिल
विश्वसनीय मल्टीमोडल बोले गए सन्दे श के प्रति अभिव्यक्ति ● विषय वस्त,ु चित्रों, पात्रों, घटनाओं, मह
ु ावरों, लोकोक्तियों आदि के
कर सकेंगे और निम्न के लिए योग्य हो सकेंगे- विषय पर परियोजना कार्य के माध्यम से
● काव्य, गद्य एवं भाषा व्यवहार के सन्दर्भ में यति, गति, लय, तकु
एवं भावपर्णू वाचन, अर्थग्रहण, भावग्रहण, प्रश्नोत्तर एवं
● Identify explicit and implicit प्रस्तत
ु ीकरण तथा भाषा साहित्य के सन्दर्भ में शैली और सौन्दर्य के
ग्रहण व प्रकटीकरण का आकलन
information (facts, Opinions, Messages
and Supporting details) ● विषयवस्तु और जीवन व्यवहार से सम्बंधित उद्दे श्य एवं कौशलों
का आकलन
(स्पष्ट और निहित जानकारी (तथ्य, राय, सहायक विवरण) की
पहचान करते हैं) ● अपनी कल्पना से कविता लेखन और अन्य गद्य विधाओं में भाषा
का सज
ृ नात्मक प्रयोग
● विभिन्न व्याकरणिक बिन्दओ
ु ं और जीवन व्यवहार की पहचान और
समझ के आधार पर
● Analyze conventions
● रचनात्मक लेखन (प्रतिवेदन और रिपोर्ताज) की गतिविधियों के
आधार पर
(सम्मेलनों / वार्तालापों का विश्लेषण करते हैं )
आकलन हे तु शिक्षक उक्त आधार पर प्रश्न और गतिविधियों का निर्माण
कर सकते हैं -
● Analyze connections उदाहरण (सझ
ु ावात्मक)-
(कारकों का विश्लेषण करते हैं ) ● तकनीक का हमारे लिए साहित्यिक रूप में क्या उपयोग है ?
● प्राचीन धरोहरें हमारे लिए किन मायनों में महत्त्वपर्ण
ू हैं?

सीखने के तरीक़े/दृष्टिकोण Approaches to learning (ATL)

स्व-प्रबंधन कौशल- (Self Management Skills)-


जटिल जानकारी को व्यवस्थित करने के लिए उपयक्
ु त रणनीतियों का प्रयोग करें
संवेदी अधिगम प्राथमिकताओं को समझना और उनका उपयोग करना
अनस
ु ध
ं ानात्मक कौशल-
दीर्घकालिक स्मति
ृ विकसित करने के लिए स्मति
ृ तकनीकों का प्रयोग करना
विभिन्न प्रकार के मिडिया और प्रारूपों का उपयोग करके कई दर्शकों के लिए प्रभावी ढं ग से जानकारी और विचारों को
साझा करना

क्रिया/कार्य: पछ
ू ताछ के माध्यम से शिक्षण और सीखना Action: Teaching and learning through inquiry

पाठ्यवस्तु Content अधिगम प्रक्रिया Learning process


पाठ्य सामग्री सीखने के अनभु व और शिक्षण रणनीतियाँ: Learning
कविता- हिरोशिमा (अज्ञेय) experiences and teaching strategies:-
निबंध-संस्कृति (भदं त आनंद कौशल्यायन) कविता- हिरोशिमा (अज्ञेय)
भाषा व्यवहार- वाक्य एवं उपवाक्य
रचनात्मक-प्रतिवेदन और रिपोर्ताज
पाठगत उद्दे श्य Lesson objectives: -
1. कविता वाचन एवं भावपर्ण
ू प्रस्तत
ु ीकरण करते हैं और
कविता – हिरोशिमा कविता के भाव को ग्रहण करते हैं |
एक दिन सहसा 2. विषय वस्त,ु चित्रों, पात्रों, घटनाओं, आदि के विषय में
बातचीत करते हैं अपनी राय साझा करते हैं और अपनी
सरू ज निकला, बात के लिए तर्क दे ते हैं।
3. अपनी कल्पना से कविता लेखन में भाषा का सज ृ नात्मक
अरे क्षितिज पर नहीं,
प्रयोग करते हैं और व्याकरणिक बिंदओु की पहचान करके
नगर के चौक : जीवन व्यवहार में प्रयोग करते हैं।
4. रिपोर्ट/रिपोर्ताज लेखन, प्रतिवेदन, संवाद लेखन, ब्लॉग
धप
ू बरसी, लेखन, भाषण एवं विज्ञापन आदि विभिन्न विधाओं के
माध्यम से विषयवस्तु द्वारा इंगित समस्या समाधान पर
पर अन्तरिक्ष से नहीं
अपने न्यायसंगत और तर्क संगत विचार प्रस्तत ु करते हैं।
फटी मिट्टी से II पाठ- संस्कृति (भदं त आनंद कौशल्यायन)

छायाएं मानव – जन की पाठगत उद्दे श्य Lesson objectives:-


1. पाठ का वाचन, भावग्रहण एवं अर्थग्रहण करते हैं।
दिशाहीन
2. भारत की प्राचीन परम्पराओं और धरोहरों को आज के
सब ओर पड़ीं – वह सरू ज सन्दर्भ में समझकर तलु ना करते हैंI
3. विषय वस्त,ु चित्रों, पात्रों, घटनाओं आदि के विषय में
नहीं उगा था परू ब में , वह
निपणु ता के साथ बातचीत करते हैं और अपनी राय साझा
बरसा सहसा करते हैं तथा विभिन्न व्याकरणिक बिन्दओ ु ं की पहचान
एवं जीवन व्यवहार में प्रयोग करते हैं।
बीचों बीच नगर के 4. अपनी कल्पना से विषय वस्तु से संबंधित किसी समस्या
और समाधान पर भाषा का सज ृ नात्मक प्रयोग करते हैं।
काल सर्य
ू के रथ के
5. पाठ के माध्यम से संस्कृति, परम्परा, धर्म, दर्शन,
पहियों के ज्यों अरे टूटकर स्वतंत्रता, समानता और आत्मनिर्भरता के गुणों से
परिचित होते हैं।
बिखर गए हों
6. सभ्यता और संस्कृति में अंतर समझ सकेंगे I
दसों दिशा में II
सप्ताह-1. हिरोशिमा (कविता)
कुछ क्षण का वह उदय अस्त
भाषा व्यवहार तथा रचनात्मक लेखन
केवल एक प्रज्ज्वलित क्षण की इस सप्ताह में पर्व
ू ज्ञान से सम्बंधित प्रश्न और भाषिक पष्ृ टभमि
ू को
जानकर शिक्षण कार्य आरम्भ किया जायेगा एवं कविता से सम्बंधित
दृश्य सोख लेने वाली दोपहरी तत्वों से बच्चों को परिचित कराते हुए सम्पर्ण
ू कविता का अध्ययन कराया
जायेगा-
फिर? 1. सर्वप्रथम बच्चों को पर्व
ू ज्ञान से जोड़ते हुए उनके साथ प्राकृतिक
वातावरण और उसके साथ प्राणिजगत के संबध ं ों एवं प्राकृतिक
छायाएं मानव – जन की संरक्षण पर चर्चा की जाएगी और तकनीकी के द्वारा समाज पर प्रभाव
पर चर्चा की जाएगी I
नहीं मिटीं लम्बी हो होकर 2. समहू के माध्यम से चर्चा करवाई जाएगी कि विज्ञान और तकनीक ने
किस प्रकार मनष्ु य के जीवन को सरल, लाभदायक और सवि ु धापर्ण

मानव ही सब भाप हो गए बनाया है , प्रत्येक समह ू अपने विचारों को बोलकर सन
ु ाएगा और बाकी
समह ू ध्यान से सन ु ेंगे (गतिविधि)
छायाएं तो अभी लिखी हैं 3. बच्चों के सहयोग से विज्ञान और तकनीकी विकास के अन्य पहलू के
रूप में प्रस्तत
ु कविता का यति, गति, लय, तक
ु और भाव के साथ
झल
ु से हुए पत्थरों पर वाचन और मर्म उदघाटन किया जायेगा
विज्ञान या तकनीक से उपजी किसी बड़ी त्रासदी या समस्या पर सभी
उजड़ी सड़कों की गच पर II 4.
छात्र व्यक्तिगत रूप से प्रोजेक्ट तैयार करें गे और अपनी तरफ से
समाधान प्रस्ततु करें गे, जिसे कक्षा कक्ष में सनु ाया जायेगा
मानव का रचा हुआ सरू ज
5. कविता के माध्यम से निहित सन्दे श “सतत विकास की अवधारणा”
मानव को भाप बनाकर सोख गया के महत्त्व पर गंभीरतापर्व
ू क चर्चा की जाएगी
6. कविता में प्रयक्
ु त सौन्दर्य बोधक तत्त्वों यथा – रस/अलंकार पर चर्चा
पत्थर पर लिखी हुई यह की जायेगी
7. कविता के माध्यम से वैज्ञानिक नवाचार और साहित्यिक नवाचार पर
जली हुई छाया चर्चा की जाएगी
भाव से यक्
ु त कविता लेखन पर विशेष ध्यान दिया जायेगा
मानव की साखी है II 8.

9. कविता के साथ साथ कवि परिचय अपेक्षित है


संस्कृति
रचनात्मक आकलन Formative Assessment
उदाहरण- (सझ
ु ावात्मक )
जो शब्द सबसे कम समझ में आते हैं और
जिनका उपयोग होता है सबसे अधिक ऐसे दो प्रश्न 1. किसी दे खी या सन
ु ी मानव जनित दर्घ
ु टना/त्रासदी पर स्वयं
शब्द हैं सभ्यता और संस्कृति । के अहसासों को रिपोर्ताज (प्रतिवेदन) के रूप में व्यक्त कीजिए और
कक्षा में सन
ु ाइए-
प्रश्न 2. आधनि
ु क मोबाईल फोन हमारे लिए कितने लाभप्रद या
इन दो शब्दों के साथ जब अनेक विशेषण लग कितने नक ु सानदे ह? एक रिपोर्ट तैयार कीजिए?
जाते हैं, उदाहरण के लिए जैसे भौतिक-सभ्यता
और आध्यात्मिक सभ्यता, तब दोनों शब्दों का प्रश्न 5. भाषा, पर्यावरण और हमारे समाज पर कुप्रभाव डालने वाले
जो थोड़ा बहुत अर्थ समझ में आया रहता है , वह तकनीकी/ वैज्ञानिक अनस ु ध
ं ानों की सच
ू ी बनाइए-
भी गलत सलत हो जाता है । क्या यह एक ही
चीज है अथवा दो वस्तए ु ँ? यदि दो हैं तो दोनों में
क्या अंतर है ? हम इसे अपने तरीके पर समझने सप्ताह-2. संस्कृति (भदं त आनंद कौशल्यायन)
की कोशिश करें । 1. सर्वप्रथम बच्चों को पर्व
ू ज्ञान से जोड़ते हुए ,अपने आसपास के
समाज की स्थिति और विशेषताओं आदि पर चर्चा की जाएगी l

कल्पना कीजिए उस समय की जब मानव 2. ऐसे समाजों के विषय में बातचीत की जाएगी जिनमें कुछ
समाज का अग्नि दे वता से साक्षात नहीं हुआ विशेष प्रकार के रिवाज या परम्पराएँ पाई जाती हैं | (शिक्षक
था। आज तो घर-घर चल् कुछ विशेष परम्पराओं की जानकारी दे सकते हैं)
ू हा जलता है । जिस
आदमी ने पहले पहल आग का आविष्कार 3. विषय वस्तु से संबधि
ं त, चित्रों, पात्रों, घटनाओं आदि के विषय
किया होगा, वह कितना बडा आविष्कर्ता होगा। में बातचीत की जाएगी।
4. भारतीय विवाह परम्पराओं पर जानकारी के साथ ग्लोबल
अथवा कल्पना कीजिए उस समय की जब स्तर पर कुछ विशेष विवाह परं पराओं पर चर्चा |
मानव को सई ु -धागे का परिचय न था, जिस
(गतिविधि)
मनष्ु य के दिमाग में पहले-पहल बात आई होगी 5. पाठ में आए विशेष शब्दों पर व्याकरण की दृष्टि से चर्चा
कि लोहे के एक टुकड़े को घिसकर उसके एक की जाएगी l
सिरे को छे दकर और छे द में धागा पिरोकर कपड़े
के दो टुकड़े एक साथ जोड़े जा सकते हैं, वह भी रचनात्मक मल्
ू यांकन Formative Assessment
कितना बड़ा आविष्कर्ता रहा होगा! सझ
ु ावात्मक-
१.सामाजिक परम्पराओं में विज्ञान की भमि
ू का पर प्रोजेक्ट
इन्हीं दो उदाहरणों पर विचार कीजिए पहले बनाइए?
उदाहरण में एक चीज़ है किसी व्यक्ति विशेष २.सामाजिक धरोहर से क्या आशय है ?
की आग का आविष्कार कर सकने की शक्ति
और दस सप्ताह-3. संस्कृति (भदं त आनंद कौशल्यायन)
ू री चीज है आग का आविष्कार। इसी
प्रकार दस ू रे सई
ु -धागे के उदाहरण में एक चीज़ भाषा व्यवहार तथा रचनात्मक लेखन
है सईु -धागे का आविष्कार कर सकने की शक्ति पाठ्य वस्तु को भावार्थ के साथ आगे बढ़ाते हुए-
और दस ू री चीज है सई ु -धागे का आविष्कार।
1. संबधि
ं त सभी व्याकरणिक विन्दओ ु ं पर चर्चा एवं लेखन
अभ्यास करना
जिस योग्यता, प्रवत्ति
ृ अथवा प्रेरणा के बल पर 2. पाठ में आए अव्ययों की पहचान और प्रयोग
आग का व सई ु -धागे का आविष्कार हुआ, वह है
3. विषयवस्तु से संबधि
ं त प्रश्नों का लिखित अभ्यास
व्यक्ति विशेष की संस्कृति; और उस संस्कृति
द्वारा जो आविष्कार हुआ, जो चीज उसने 4. तकनीकी के कारण आए सामाजिक परम्पराओं में बदलाव पर
अपने तथा दस ू रों के लिए आविष्कृत की, उसका रिपोर्ट तैयार करवाना और उसे कक्षा कक्ष में सन
ु ाना
नाम है सभ्यता। (गतिविधि)
5. समाज को दिशा दिखाने वाले क्षेत्रीय हस्तियों के बारे में चर्चा
करना
जिस व्यक्ति में पहली चीज़, जितनी अधिक व
जैसी परिष्कृत मात्रा में होगी, वह व्यक्ति उतना 6. पाठ में आए वाक्यों की सहायता से उपवाक्य पर चर्चा
ही अधिक व वैसा ही परिष्कृत आविष्कर्ता की जायेगी
होगा। 7. सामाजिक और सांस्कृतिक परम्पराओं में तकनीक के
योगदान पर चर्चा और निबंध करवाया जा सकता है
8. पाठ में आए नवीन शब्दों पर चर्चा की जा सकती है
एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज
करता है ; किंतु उसकी संतान को वह अपने रचनात्मक आकलन
पर्व
ू ज से अनायास ही प्राप्त हो जाती है । जिस
व्यक्ति की बद् उदाहरण- (सझ
ु ावात्मक)
ु धि ने अथवा उसके विवेक ने
किसी भी नए तथ्य का दर्शन किया, वह व्यक्ति 1. दे श और समाज के विकास से जड़ ु े कुछ लब्धप्रतिष्ठ
ही वास्तविक संस्कृत व्यक्ति है और उसकी व्यक्तियों पर चर्चा के बाद सम्बंधित प्रश्न किए जायेंगे
संतान जिसे अपने पर्व ू ज से वह वस्तु अनायास
ही प्राप्त हो गई है , वह अपने पर्व
ू ज की भाँति 2. विभिन्न समाजों में विभिन्न प्रकार की पाई जाने वाली
सभ्य भले ही बन जाए, संस्कृत नहीं कहला परम्पराओं पर समह ू में निबंध लेखन या रिपोर्ट लेखन के बाद
सकता। एक आधनि ु क उदाहरण लें। न्यटू न ने कक्षा में सन
ु ाना और फीडबैक लेना
गरु
ु त्वाकर्षण के सिद्धां त का आविष्कार किया।
वह संस्कृत मानव था। आज के यग ु का भौतिक ● अपने समाज की किसी विशिष्ट परम्परा में
विज्ञान का विद्यार्थी न्यट
ू न के ग रु
ु त्वाकर्षण से तकनीकी योगदान पर रिपोर्ट तैयार कीजिए और
तो परिचित है ही लेकिन उसके साथ उसे और कक्षा में सन
ु ाइए-
भी अनेक बातों का ज्ञान प्राप्त है जिनसे शायद ● तकनीक ने सामाजिक परम्पराओं के निर्वहन में
न्यट
ू न अपरिचित ही रहा। ऐसा होने पर भी हम किस प्रकार की भमि ू का का निर्वहन किया है ?
आज के भौतिक विज्ञान के विद्यार्थी को न्यट ू न
की अपेक्षा अधिक सभ्य भले ही कह सके; पर सप्ताह 4. वाक्य (रचना के आधार पर) और
न्यट
ू न जितना संस्कृत नहीं कह सकते। उपवाक्य
पंचम सप्ताह में बच्चों से थोड़ी सी ‘अव्यय’ पर चर्चा करने के
आग के आविष्कार में कदाचित पेट की ज्वाला बाद वाक्य और उपवाक्य का विधिवत भेद और उदाहरण
की प्रेरणा एक कारण रही। सई
ु -धागे के सहित अध्ययन कराया जाएगा-
आविष्कार में शायद शीतोष्ण से बचने तथा
वाक्य की परिभाषा और भेद उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट
शरीर को सजाने की प्रवत्ति ृ का विशेष हाथ रहा।
किया जाएगा-
अब कल्पना कीजिए उस आदमी की जिसका
पेट भरा है , जिसका तन ढँ का है , लेकिन जब वह 1. सरल वाक्य
खल ु े आकाश के नीचे सोया हुआ रात के
जगमगाते तारों को दे खता है . तो उसको केवल 2. संयक्
ु त वाक्य
इसलिए नींद नहीं आती क्योंकि वह यह जानने 3. मिश्र वाक्य
के लिए परे शान है कि आखिर यह मोती भरा
थाल क्या है ? पेट भरने और तन ढकने की गतिविधि- किसी वस्तु को दे खकर उस पर कुछ बिंद ु लिखने
इच्छा मनष्ु य की संस्कृति की जननी नहीं है । को कहे जा सकते हैं, फिर उनको सरल, संयक्
ु त और मिश्र के
पेट भरा और तन ढँ का होने पर भी ऐसा मानव आधार पर समझा जा सकता है
जो वास्तव में संस्कृत है , निठल्ला नहीं बैठ इसी सप्ताह में उपवाक्य का भी अध्ययन कराया जायेगा-
सकता। हमारी सभ्यता का एक बड़ा अंश हमें
ऐसे संस्कृत आदमियों से ही मिला है , जिनकी परिभाषा - ऐसा पद समहू , जिसका अपना अर्थ हो, जो एक
चेतना पर स्थल ू भौतिक कारणों का प्रभाव वाक्य का भाग हो और जिसमें उद्दे श्य और विधेय हों,
प्रधान रहा है , किंतु उसका कुछ हिस्सा हमें उपवाक्य कहलाता है I
मनीषियों से भी मिला है जिन्होंने तथ्य विशेष
को किसी भौतिक प्रेरणा के वशीभत ू होकर नहीं,
1. संज्ञा उपवाक्य
बल्कि उनके अपने अंदर की सहज संस्कृति के 2. विशेषण उपवाक्य
ही कारण प्राप्त किया है । रात के तारों को 3. क्रिया विशेषण उपवाक्य
दे खकर न सो सकने वाला मनीषी हमारे आज के
ज्ञान का ऐसा ही प्रथम परु स्कर्ता था। रचनात्मक आकलन

उदाहरणों के माध्यम से उपवाक्य आधारित प्रश्न पछ


ू े जा
भौतिक प्रेरणा, ज्ञानेप्सा-क्या ये दो ही मानव सकते हैं I
संस्कृति के माता-पिता हैं? दस ू रे के मँह
ु में कौर
डालने के लिए जो अपने मँह ु का कौर छोड़ दे ता समह ू गतिविधि द्वारा अलग अलग बच्चों के वाक्यों को
है , उसको यह बात क्यों और कैसे सझ ू ती है ? आपस में जोड़कर वाक्य संरचना को स्पष्ट किया जा सकता
रोगी बच्चे को सारी रात गोद में लिए जो माता है I
बैठी रहती है , वह आखिर ऐसा क्यों करती है ?
सन ु ते हैं कि रूस का भाग्यविधाता लेनिन
अपनी डैस्क में रखे हुए डबल रोटी के सख ू े टुकड़े
स्वयं न खाकर दस ू रों को खिला दिया करता था।
वह आखिर ऐसा क्यों करता था? संसार के
मजदरू ों को सख ु ी दे खने का स्वप्न दे खते हुए
कार्ल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दख ु में बिता
दिया। और इन सबसे बढ़कर आज नहीं, आज
से ढाई हजार वर्ष पर्व ू सिद्धार्थ ने अपना घर
केवल इसलिए त्याग दिया कि किसी तरह
तष्ृ णा के वशीभत ू लड़ती-कटती मानवता सख ु
से रह सके।

हमारी समझ में मानव संस्कृति की जो योग्यता


आग व सई ु -धागे का आविष्कार कराती है ; वह
भी संस्कृति है जो योग्यता तारों की जानकारी
कराती है , वह भी है ; और जो योग्यता किसी
महामानव से सर्वस्व त्याग कराती है , वह भी
संस्कृति है ।

और सभ्यता ? सभ्यता है संस्कृति का परिणाम


हमारे खाने-पीने के तरीके, हमारे ओढ़ने पहनने
के तरीके, हमारे गमनागमन के साधन, हमारे
परस्पर कट मरने के तरीके; सब हमारी सभ्यता
है । मानव की जो योग्यता उससे आत्म विनाश
के साधनों का आविष्कार कराती है . हम उसे
उसकी संस्कृति कहें या असंस्कृति ? और जिन
साधनों के बल पर वह दिन-रात आत्म-विनाश
में जटु ा हुआ है , उन्हें हम उसकी सभ्यता समझें
या असभ्यता ? संस्कृति का यदि कल्याण की
भावना से नाता टूट जाएगा तो वह असंस्कृति
होकर ही रहे गी और ऐसी संस्कृति का
अवश्यंभावी परिणाम असभ्यता के अतिरिक्त
दसू रा क्या होगा ?

संस्कृति के नाम से जिस कूड़े-करकट के ढे र का


बोध होता है , वह न संस्कृति है न रक्षणीय
वस्त।ु क्षण-क्षण परिवर्तन होने वाले संसार में
किसी भी चीज़ को पकड़कर बैठा नहीं जा
सकता। मानव ने जब-जब प्रज्ञा और मैत्री भाव
से किसी नए तथ्य का दर्शन किया है तो उसने
कोई वस्तु नहीं दे खी है , जिसकी रक्षा के लिए
दलबंदियों की ज़रूरत है । मानव संस्कृति एक
अविभाज्य वस्तु है और उसमें जितना अंश
कल्याण का है , वह अकल्याणकर की अपेक्षा
श्रेष्ठ ही नहीं स्थायी भी है ।

लेखक परिचय- भदं त आनंद कौसल्यायन


भदं त आनंद कौसल्यायन का जन्म सन ् 1905
में पंजाब के अंबाला जिले के सोहाना गाँव में
हुआ। उनके बचपन का नाम हरनाम दास था।
उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलिज से बी.ए.
किया। अनन्य हिंदी सेवी कौसल्यायन जी
बौद्ध भिक्षु थे और उन्होंने दे श-विदे श की काफ़ी
यात्राएँ कीं तथा बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार के
लिए अपना सारा जीवन समर्पित कर दिया। वे
गांधी जी के साथ लंबे अर्से तक वर्धा में रहे । सन ्
1988 में उनका निधन हो गया।

भदं त आनंद कौसल्यायन की 20 से अधिक


पस्ु तकें प्रकाशित हैं। जिनमें भिक्षु के पत्र, जो
भल ू ना सका, आह! ऐसी दरिद्रता, बहानेबाजी,
यदि बाबा ना होते, रे ल का टिकट, कहाँ क्या
दे खा आदि प्रमख ु हैं। बौद्धधर्म-दर्शन संबधि ं त
उनके मौलिक और अनदि ू त अनेक ग्रंथ हैं
जिनमें जातक कथाओं का अनव ु ाद विशेष
उल्लेखनीय है ।

दे श-विदे श के भ्रमण ने भदं त जी को अनभ ु व की


व्यापकता प्रदान की और उनकी सज ृ नात्मकता
को समद् ृ ध किया। उन्होंने हिंदी साहित्य
सम्मेलन, प्रयाग और राष्ट्र भाषा प्रचार
समिति, वर्धा के माध्यम से दे श-विदे श में हिंदी
भाषा के प्रचार-प्रसार का महत्त्वपर्ण
ू कार्य किया।
वे गांधी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से विशेष
प्रभावित थे। सरल, सहज बोलचाल की भाषा में
लिखे उनके निबंध, संस्मरण और यात्रा वत्त ृ ांत
काफ़ी चर्चित रहे हैं।

आवश्यकतापर्ण
ू प्रयास
Differentiation
जिन छात्रों को सहयोग की आवश्यकता होगी उन्हें शिक्षक द्वारा
सहयोग दिया जाएगा और उन्हें स्रोत की जानकारी दी जाएगी।

स्रोत- भाव साम्य की कविता


कविता- हिरोशिमा (अज्ञेय) (अंधा यग
ु -गीति नाट्य- धर्मवीर भारती)
भाव साम्य का निबंध
https://thehindigiri.com/hiroshima-hindi-kavit (अजंता-भगवत शरण उपाध्याय)
a/
पाठ- संस्कृति (भदं त आनंद कौशल्यायन)
https://thehindigiri.com/hiroshima-hindi-kavit
a/

अनक्रि
ु या: प्रक्रिया और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जांच की योजना
Reflection: Considering the planning, process and impact of the inquiry

शिक्षण से पर्व
ू Prior to teaching शिक्षण के दौरान During teaching शिक्षण के पश्चात ् After teaching the
the unit unit

1. मैंने जो विषयवस्तु ली है ● हमें यनि


ू ट आगे बढ़ाने में क्या ● इस पाठ्यक्रम के सीखने के
क्या वह रूचिपर्ण
ू होगी? परे शानी/चन
ु ौती आ रही है ? प्रतिफल क्या हैंl
2. बच्चों को इस विषयवस्तु के ● कौन से स्रोत कारगर साबित हो ● योगात्मक आकलन इसे परू ा करने
बारे मे कितनी जानकारी हैं सकते हैं? में कैसे सहायक हैं?
और कितना ग्रहण कर
● किस कौशल पर अधिक अभ्यास ● क्या यह गतिविधियाँ हमारे सीखने
पाएँगे?
की आवश्यकता है ? के प्रतिफल (Learning outcome)
3. क्या हमारी यनि
ू ट छात्रों हे तु को परू ा करने मे सहायक हैं?
● विद्यार्थी कितनी रूचि ले रहे हैं?
लाभदायक होगी?
● आप अपने अनभ ु व को अगले
● वैश्विक प्रचलन के अनस ु ार
4. क्या वह इस शिक्षण से सोंच ईकाई योजना (यनि ू ट Unit Plan)
कौन-से तत्व शिक्षण प्रक्रिया में
में बदलाव ला सकेंगे l में कैसे प्रयोग करें गे?
सम्मिलित किए जा सकते हैं?
5. क्या हमारी यनि ू ट ● इस कार्य को परू ा कराने में
● हमारे शिक्षण, हमारे यनि
ू ट के
विद्यार्थियों हे तु प्रेरणादायक क्या-क्या समस्याएँ/ चन ु ौतियाँ
उद्दे श्यों की पर्ति
ू कर रहे हैं?
हैं? आई?
● वे कौनसे विद्यार्थी है जिन्हे
6. हम बहुभाषीय विद्यार्थियों ● परू ी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में
अधिक सहयोग की जरूरत है ?
को अपने शिक्षण से किस आपको क्या नया अनभ ु व मिला?
प्रकार लाभान्वित कर
● अगली बार किन विषयों के साथ
पाएँगे?
सहयोग से कार्य करना है ?
● योगात्मक और रचनात्मक
आकलन में क्या संभावित
परिवर्तन करना है ?
● विद्यार्थियों की अधिक से अधिक
भागीदारी पर किस तरह कार्य
करना है ?

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