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राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा

(REET Level-II – Sci.Maths)


शिखित परीक्षा योजना एवं पाठ्यक्रम :
िण्ड शिखित परीक्षा का पाठ्यक्रम प्रश्नों की संख्या अंक समय
I. बाल ववकास एवं सशक्षा ववधियााँ 30 30
II. िाषा प्रर्म (विन्दी) 30 30
III. िाषा वितीय (अंग्रेजी, संस्कृत) 30 30
IV. (A) गभणत तर्ा ववज्ञान 60 60 2.30 घंटे
IV. (B) सामाद्धजक अध्ययन 60 60
कुि 150 150
नोट :
1. प्रश्न-पत्र में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगे तथा सभी प्रश्नों के अंक समान होंगे।
2. मूल्यांकन में ऋणात्मक अंकन नहीं वकया जाएगा।

पाठ्यक्रम (Syllabus)

खण्ड-I  अभिप्रेरणा एवं इसके अधिगम के सलए वनवितार्भ।


 सशक्षण अधिगम की प्रवक्रयायें, राष्ट्रीय पाठ्यियाभ रूपरेखा-
बाल विकास एिं शिक्षण विधियााँ
2005 के संदिभ में सशक्षण अधिगम की व्यूि रिना एवं
 बाल विकास : वृद्धि एवं ववकास की संकल्पना, ववकास के
ववधियााँ।
ववभिन्न आयाम एवं ससिान्त, ववकास को प्रिाववत करने
 आकलन, मापन एवं मूल्यांकन का अर्भ एवं उद्दे श्य, समग्र एवं
वाले कारक (ववशेष रूप से पररवार एवं ववद्यालय के संदिभ
सतत् मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का वनमाभण। सीखने के
में) एवं अधिगम से उनका संबि ं ।
प्रवतफल
 वंशानुक्रम एवं वातावरण की िूधमका।
 वक्रयात्मक अनुसन्िान
 व्यशिगत विभिन्नताएाँ : अर्भ, प्रकार एवं व्यसिगत
 सशक्षा का अधिकार अधिवनयम-2009 अध्यापकों की
ववभिन्नताओं को प्रिाववत करने वाले कारक।
िूधमका एवं दावयत्व।
 व्यशित्ि : संकल्पना, प्रकार व व्यसित्व को प्रिाववत करने
वाले कारक। व्यसित्व का मापन।
खण्ड-II
 बुद्धि : संकल्पना, ससिान्त एवं इसका मापन, बहुबुद्धि
ससिान्त एवं इसके वनवितार्भ। िाषा प्रथम-विन्दी
 विविि अधिगमकतााओं की समझ : वपछडे, ववमंददत,  एक अपठित गद्ांि में से वनम्नशलखखत व्याकरण संबंिी
प्रवतिाशाली, सृजनशील, अलािान्न्वत वंधित, ववशेष प्रश्न : शधद ज्ञान- तत्सम, तद्भव, दे शज, ववदे शी शधद।
आवश्यकता वाले बच्िे एवं अधिगम अक्षमता युि बच्िे। पयाभयवािी, ववलोम, एकार्ी शधद । उपसगभ, प्रत्यय, संधि और
 अधिगम में आने वाली कदिनाइयााँ। समास । संज्ञा, सवभनाम, ववशेषण, ववशेष्य, अव्यय । वाकयांश
 समायोजन की संकल्पना एवं तरीके, समायोजन में अध्यापक के सलए एक शधद, शधद शुद्धि।
की िूधमका।  एक अपठित गद्ांि में से वनम्नशलखखत बबिंदुओं पर प्रश्न
 अधिगम का अर्भ एवं संकल्पना। अधिगम को प्रिाववत करने : रेखांवकत शधदों का अर्भ स्पष्ट करना, विन, काल, ललिग ज्ञात
वाले कारक। करना। ददए गए शधदों का विन, काल और ललिग बदलना,
 अधिगम के ससिान्त (व्यविारवाद, गैस्टाल्टवाद, संज्ञानवाद, राजस्र्ानी शधदों के विन्दी रूप।
वनर्मिवतवाद) एवं इनके वनवितार्भ।  वाकय रिना, वाक्य के अंग, वाकय के प्रकार, पदबंि, मुिावरे
 बच्िे सीखते कैसे िै। अधिगम की प्रवक्रयाएाँ। धिन्तन, कल्पना और लोकोसियााँ, ववराम धिन्ि।
एवं तकभ (वनर्मिवतवादी उपागम, आनुिववक अधिगम,  िाषा की सशक्षण ववधि, िाषा सशक्षण के उपागम, िाषा
संकल्पना मानधित्रण, अन्वेषण एवं समस्या समािान) दक्षता का ववकास।

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 िाषायी कौशलों का ववकास (सुनना, बोलना, पढ़ना,  संस्कृतिाषाकौशलस्य ववकासाः, (श्रवणम्, सम्िाषणम्,
सलखना) हििदी िाषा सशक्षण में िुनौवतयााँ, सशक्षण अधिगम पिनम्, लेखनम्) संस्कृतसशक्षणे -अधिगमसािनावन,
सामग्री, पाठ्य पुस्तक, बहु-माध्यम एवं सशक्षण के अन्य संस्कृतसशक्षणे संप्रेषणस्यसािनावन, संस्कृतपाठ्यपुस्तकावन।
संसािन।  संस्कृतिाषाशिक्षणस्य मूलयांकन सम्बन्न्िनः प्रश्नाः-
 िाषा सशक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का वनमाभण मौखखक - सलखखतप्रश्ानां प्रकारााः सततमूल्यांकनम्
समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपिारात्मक सशक्षण। उपिारात्मक - सशक्षणम्।

SECTION-III खण्ड – IV (a)


LANGUAGE-II ENGLISH गभणत और विज्ञान
 Unseen Prose Passage:- Linking Devices,
Subject-Verb Concord, Inferences
गभणत
 Unseen Poem:- Identification of  घातांक: समान आिार की घातीय संख्याओं का गुणा तर्ा
Alliteration, Similie, Metaphor िाग, घातांक वनयम।
Personification, Assonance, Rhyme  बीजीय व्यंजक : बीजीय व्यंजकों का योग, व्यवकलन, गुणा
 Modal Auxiliaries, Common Idioms and एवं िाग, सवभसधमकाएं।
Phrases, Literary Terms : Elegy, Sonnet,  गुणनखण्ड : सरल बीजीय व्यंजकों के गुणनखण्ड।
Short Story, Drama.  समीकरण : सरल एकघातीय समीकरण।
 Basic knowledge of English sounds and  वगभ और वगभमूल
their Phonetic Symbols.  घन और घनमूल
 Principles of Teaching English,  ब्याज : सरल धयाज, िक्रवृद्धि धयाज, लाि-िावन,
Communicative Approach to English  अनुपात एिं समानुपात : समानुपाती िागों में वविाजन,
Language Teaching, Challenges of Teaching भिन्न।
English: Difficulties in learning English (role  प्रवतशतता, जन्म व मृत्यु दर, जनसंख्या वृद्धि, ह्रास।
of home language multilingualism)  रेखा तर्ा कोण, रेखा खण्ड, सरल एव वक्र रेखाएाँ, कोणों के
 Methods of Evaluation, Remedial Teaching.
प्रकार।
 समतलीय आकृवतयााँ : वत्रिुज, वत्रिुजों की सवाांगसमता,
ितुिुभज तर्ा वृत्त, बहुिुज
खण्ड-III  समतलीय आकृवतयों का क्षेत्रफल एिं पररमाप : वत्रिुज,
िाषा-वितीया-संस्कृतम् आयत, समान्तर ितुिुभज एवं समलम्ब ितुिुभज।
 एकम् अपठितं गद्ांिम् आिारीकृत्य वनम्नशलखखत –  पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन : घन, घनाि एवं लम्बवृत्तीय
व्याकरण - सम्बन्न्ितः प्रश्नाः- शधदरूप – िातुरूप – बेलन।
कारक – वविसि – उपसगभ – प्रत्यय – सन्न्ि – समास –  सांख्ययकी : आाँकडों का संग्रि एवं वगीकरण, बारम्बारता
लकार – सवभनाम – ववशेष्य - ववशेषण ललिग – संख्याज्ञानम् – बंटन साररणी, धमलान धिह्न, स्तम्ि (बार) लेखाधित्र एवं
समयज्ञानम् - अव्ययेषु प्रश्ााः। आयत लेखाधित्र, वृत्तीय ग्राफ (पाई धित्र)।
 एकम् अपठितं पद्ांिं िा श्लोकम् राजस्थानस्य इवतिास  लेखाधित्र (ग्राफ) : ववभिन्न प्रकार के लेखाधित्र।
- कलां-संस्कृवत आठदनाम् आिारीकृत्य वनम्नशलखखत -  प्रावयकता
वबन्दुसम्बन्न्िन: व्याकरण प्रश्ना:- सन्न्ि – समास – कारक  गभणत की प्रकृवत एवं तकभ शसि
– प्रत्यय – छन्द – अलंकारसम्बन्न्िनाः-मिेश्वर सूत्राभण प्रश्ााः।  पाियक्रम में गभणत की मित्ता
ववशेष्य - ववशेषण - ललिगसम्बन्न्िनाः प्रश्ााः।  गभणत की िाषा
 संस्कृतानुवादाः, स्वर-व्यंजन - उच्िारणस्र्ानावन,  सामुदावयक गभणत
वाच्यपररवतभनम् (लट् लकार) अशुद्धिसंशोिनम्,  मूल्यांकन
संस्कृतसूियाः।  उपिारात्मक सशक्षण
(i) संस्कृत िाषा सशक्षण-ववियाः।  सशक्षण की समस्यायें
(ii) संस्कृतिाषा-सशक्षण-ससिान्तााः।
(iii) संस्कृत सशक्षणाभिरुधिप्रश्ााः।
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विज्ञान  विद्ुत एिं िुंबकत्ि:- ववद्युत िारा, ववद्युत पररपर्, ववद्युत िारा
 सजीि एिं वनजीि : पररिय, अन्तर एवं लक्षण के ऊष्मीय, िुंबकीय एवं रासायवनक प्रिाव, िुंबक एवं िुंबकत्व।
 सूक्ष्म जीि : जीवाणु, वायरस, कवक (लािकारी एवं  विज्ञान एिं प्रौद्ोवगकी:- दै वनक जीवन में ववज्ञान का मित्त्व,
अलािकारी) संश्लेवषक रेशे तर्ा प्लान्स्टक - संश्लेवषक रेशों के गुणिमभ एवं
 सजीि : पौिे के प्रकार एवं ववभिन्न िाग, पादपों में पोषण, प्रकार, प्लान्स्टक एवं इसके गुणिमभ, प्लान्स्टक एवं पयाभवरण,
श्वसन एवं उत्सजभन, पादप और जंतु कोसशकाओं की संरिना धडटजेंट, सीमेंट आदद, धिवकत्सा के क्षेत्र में ववज्ञान एवं प्रौद्योवगकी
और कायभ, कोसशका वविाजन (एकस वकरण, सी.टी. स्कैन, शल्य धिवकत्सा, अल्रासाउण्ड तर्ा
 मानि िरीर एिं स्िास््य : सूक्ष्म जीवों से फैलने वाले रोग लेजर वकरणें), दूरसंिार के क्षेत्र में फैकस मशीन, कम्प्यूटर,
इन्टरनेट, ई-मेल तर्ा वेबसाइट की सामान्य जानकारी।
(क्षय रोग, खसरा, धडप्र्ीररया, िैजा, टाइफाइड), रोगों से
 सौर मण्डल:- िन्रमा एवं तारे, सौर पररवार-सूयभ एवं ग्रि,
बिाव के उपाय; मानव शरीर के ववभिन्न तंत्र; संक्रामक रोग
िूमकेतु, तारामण्डल ।
(फैलने के कारण और बिाव); िोजन के स्त्रोत, िोजन के  पदाथा की संरिना:- परमाणु एवं अणु, परमाणु की संरिना;
प्रमुख अवयव और इनकी कमी से िोने वाले रोग, संतुसलत तत्त्व, यौवगक और धमश्रण; धमश्रण के अवयवों का
िोजन। पृर्ककरण; तत्त्वों के प्रतीक, यौवगकों के रासायवनक सूत्र तर्ा
 जन्तु प्रजनन एिं वकिोरािस्था : जनन की ववधियााँ : रासायवनक समीकरण, िौवतक एवं रासायवनक पररवतभन।
लैंवगक एवं अलैंवगक, वकशोरावस्र्ा एवं यौवनारम्ि :  रासायवनक पदाथा:- ऑकसाइड् स, िररत गृि प्रिाव और
वैभश्वक तापन, िाइड्रोकाबभन (सामान्य जानकारी), अम्ल, क्षार
शारीररक पररवतभन, जनन में िामोन्स की िूधमका, जननात्मक
और लवण, ऑकसीजन गैस, नाइरोजन गैस, नाइरोजन िक्र,
स्वास््य।
कोयला, पेरोसलयम तर्ा प्राकृवतक गैस।
 यांवत्रकी : बल एवं गवत, बलों के प्रकार (पेशीय बल, घषभण  कृवष प्रबंिन:- कृवष पिवतयााँ, फसलों के प्रकार उदािरण।
बल, गुरुत्व बल, िुम्बकीय बल, ब्स्र्र वैद्युत बल, आदद), गवत  विज्ञान की संरिना एिं प्रकृवत
के प्रकार (रेखीय, वृत्ताकार, कम्पन, आवत्तभ एवं घूणभन गवत), प्राकृवतक विज्ञान:- लक्ष्य एवं उद्दे श्य, प्राकृवतक संसािन,
कायभ एवं ऊजाभ, ऊजाभ के परम्परागत तर्ा वैकब्ल्पक स्रोत, पयाभवरण, प्रदूषण व वनयन्त्रण, जैव वववविता,अनुकूलन,
ऊजाभ संरक्षण, दाब, वायुमण्डलीय दाब, उत्प्लावन बल। किरा प्रबंिन।
जैव ववकास
 ताप एिं ऊष्मा : ताप एवं ऊष्मा का अभिप्राय, तापमापी,
ववज्ञान को समझना।
ऊष्मा संिरण। ववज्ञान की सशक्षण ववधियााँ।
 प्रकाि एिं ध्िवन:- प्रकाश के स्रोत, प्रकाश का परावतभन,  निािार
गोलीय दपभण, समतल दपभण व गोलीय दपभण से प्रवतवबम्ब पािय सामग्री / सिायक सामग्री मूल्यांकन समस्याएाँ,
बनना, प्रकाश का अपवतभन, लैंस एवं लैंस से प्रवतवबम्ब का उपिारात्मक सशक्षण।
वनमाभण, ध्ववन, ध्ववन के अभिलक्षण, ध्ववन संिरण, ध्ववन

प्रदूषण

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