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Screenshot 2023-10-30 at 7.53.50 PM
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इस खण्ड का उद्देश्य है कक छात्र प्राप्त ज्ञाि का िूति पठिनस्िनत में उपयोग किें ।
इस खण्ड में पठित पािों के शब्दािों को नवचाि में िखकि अपठित गद्ांश कदया जाता है।
प्रश्नों का प्रारुप कु छ इस प्रकाि है - एक पद में उत्ति , पूणण वाक्य में उत्ति, िहुनवकल्पी प्रश्न तिा निदेशािुसाि उत्ति (नवशेषण - नवशेष्य
कत्ताणकियानन्वनत, पयाणय औि नवलोम शब्द, धातु, पुरुष, लकाि, ललंग, नवभनि अिवा वचि पि आधाठित प्रश्न शीषणक लेखि)
सृजिात्मकता (Creativity) एवं सजणिशील नवचाि (Creative thinking) के नवकास के नलए इस खण्ड को नवशेष महत्त्व है।
उपयुणि उद्देश्य की पूर्तण के नलए प्रश्नपत्र एवं अभ्यासकायण में छात्रों को शब्द - मंजूषा से सहायता दी जाती है।
छात्र को अपिी कल्पिा शनि (Imagination) को प्रकट कििे का संपूणण अवसि कदया जाता है।
खण्ड - ग (अिुप्रयुि व्याकिणम्)
व्याकिण को अिुप्रयुिता की सहायता से व्यावहाठिक स्वरुप प्रदाि कििा यह इस खण्ड का उद्देश्य है।
व्याकिण के अभ्यास से छात्र की तार्कण क नवश्लेषण िमता (Logical thinking) को नवकनसत कििा।
संस्कृ तभाषा - व्याकिण के अिेक अंगों से छात्र की कािण-नममांसा (Reasoning) की िमता को नवकनसत कििे में सहयोग नमलता है।
प्रश्नों का प्रारुप वतणिी, उच्चािण स्िाि, वणण संयोजि, वणण- नवन्यास, शब्दरूप, धातुरूप, अव्यय,संख्यावाचीशब्द, उपपद औि नवभनियों के प्रयोग
होते हैं। छात्र उि वाक्यों को पूिा किते हुए संस्कृ त भाषा में पुिः नलखते हैं।
खण्ड - घ (पठित अविोधिम्)
पािगत तथ्य नवचाि मूल्य एवं आकलि का मूल्यांकि (Evaluation) किके छात्र का चठित्र निमाणण (Character building) कििा यह इस
खण्ड का उद्देश्य है।
गद्ांश पद्ांश िाट्ांश आकद पाि के नवनवध अंगों से छात्र की ग्रहण िमता (Understanding) का मूल्यांकि ककया जाता है।
प्रश्नों का प्रारुप प्रश्न निमाणण अशुनि-शोधि शब्दािाणकदमेलिाभ्यास ठििस्िािपूर्तण आकद होता है।
प्रिम सत्र (०३.०४.२०२३ से १५.०९.२०२३) संस्कृ त किा-अष्टमी
धातुरूप प्रकिण - पा,स्िा (पााँचों किे गा। (4) धातुरूप - पा, स्िा (पााँचों लकािों में)
लकािों में )। 4. पािागत अव्ययपदों से (5) समास - अव्ययीभाव
समास प्रकिण -अव्ययीभाव। वाक्य निमाणण का
(6) प्रत्यय - तव्यत्, अिीयि्
अभ्यास छात्र किे गा।
प्रत्यय - तव्यत्, अिीयि्। (7) अव्यय – (इनत, अनप, इव, उच्चैः, एव,
5. वाक्यान्तगणत कािक,
कदा, कु तः, खलु, िूिम्, पुिा)
नवभनि, ललंग, वचि,
माह नवषय संभानवत ज्ञाि कियाकलाप कालांश पूवाणधव
ण ार्षणकी सत्र मूल्यांकि पाठ्यिम
ग. नचत्रवणणि - 1,2
अव्यय - 1-10
पयाणयाः - 1-10
नवपयाणयाः - 1-5
अपठित अविोधि
िचिात्मक कायण -
मंजूषा की सहायता से ।
माह नवषय संभानवत ज्ञाि कियाकलाप कालांश पूवाणधव
ण ार्षणकी सत्र मूल्यांकि पाठ्यिम
ग. नचत्रवणणि - 1,2
िचिात्मक कायण -
मंजूषा की सहायता से ।
माह नवषय संभानवत ज्ञाि कियाकलाप कालांश पूवाणधव
ण ार्षणकी सत्र मूल्यांकि पाठ्यिम
ग. नचत्रवणणि - 1,2
माह नवषय संभानवत ज्ञाि कियाकलाप कालांश उत्तिाधणवार्षणकी सत्र मूल्यांकि पाठ्यिम
संख्यावाची शब्द - 26-40. छात्रों के नलए रूनचकि (7) अव्यय – (ह्यः, अधुिा, िनहः, वृिा,
होिा स्वाभानवक है।
कदानप, शिैः, ककमिणम,् यत्-तत्, यत्र-
वाच्य प्रकिण - कमणवाच्य।
6.अभ्यासान्तगणत तत्र, अत्र-तत्र)
पयाणयाः - 16-26 संप्रेषणात्मक
गनतनवनधयों द्वािा भी (8) संख्यावाची - 26-40
नवपयाणयाः - 11- 15
छात्रों में िैनतक एवं
(9) वाच्य - कतृण वाच्य, कमणवाच्य।
अशुनि शोधि - 11-15 व्यावहाठिक पिों को
सिल ििाया गया है। (10) अशुनि शोधि Page No. – 191 -
अपठित अविोधि
नलनखत्वा दशणयामः वयम् क, ख, ग, घ
एक दीघण गद्ांश (80-100 शब्दों
में) पि आधाठित प्रश्नोत्ति (11) पयाणयाः – Page No. – 125 (तीक्ष्णः,
प्रकषणम,् नित्यः, ििः, नवद्ुत्, ददणिीकः,
िचिात्मक कायण -
वातायिम्, तिं गः, स्िलम्, सोमवासिः,
क, पत्रलेखि -
गुरुवािः )
ख. संकेताधाठित वाताणलाप -
(12) नवपयाणयाः – Page No. 128 –
मंजूषा की सहायता से।
(मतम्, गत्वा, मूढः, सनहतम्, उद्ोगी )
ग. नचत्रवणणि -
(13) अपठित अविोधि Page No. – 217-
1,2।
माह नवषय संभानवत ज्ञाि कियाकलाप कालांश उत्तिाधणवार्षणकी सत्र मूल्यांकि पाठ्यिम
▪ मंजूषा की सहायता से वाक्य (14) िचिात्मक कायण- (क) पत्र – Page No.
निमाणण कििा। – 196-1 and Page No. 197 -1
अपठित अविोधि
क, पत्रलेखि -
ख. संकेताधाठित वाताणलाप -
ग. नचत्रवणणि -
माह नवषय संभानवत ज्ञाि कियाकलाप कालांश उत्तिाधणवार्षणकी सत्र मूल्यांकि पाठ्यिम
प्रत्यय - शािच्
पयाणयाः - 16-30
नवपयाणयाः - 11- 25
अपठित अविोधि
क, पत्रलेखि -
ख. संकेताधाठित वाताणलाप -
ग. नचत्रवणणि –
माचण वार्षणकीपिीिा