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Class 7 - Sanskrit पाठ-1
Class 7 - Sanskrit पाठ-1
कक्षा – VII
विषय – संस्कृत
प्रथमः पाठः
िाताालापः
(लट्– लट्
ृ लकारय ः पुनरािवृ तः)
संस्कृत में ‘काल’ क लकार कहते हैं एिं क्रिया के मूल रूप क ‘धातु’ कहते
हैं|
धातु के इनहहं मल
ू रुपों का प्रय ग हम लकार में करते हैं| ‘लट् लकार’ का
प्रय ग ितामान काल के ललए क्रकया जाता है तथा ‘लट्
ृ ’ लकार का प्रय ग
भविष्यत ् काल के ललए क्रकया जाता है |
वार्ाालापः 1 (संस्कृर् वाक्य)
पपर्ा - अंककर्ः! उपिष्ठ एषा प्रभार्वेला अस्स्र्| सय
ू ोदयः भवतर्|
पुत्रः - उपिष्ठामि पपर्ाश्री! सादरि ् निामि|
पपर्ा - प्रार्ः जागरणि ् स्वास््याय हिर्कारर भवतर्|
पत्र
ु ः - भवान ् कुत्र गच्छतर्?
पपर्ा - अधुना अिि ् प्रार्ः भ्रिणाय उद्यानं गच्छामि|
पुत्रः - अिि ् अपप भवर्ा सि चलामि|
पपर्ा – शोभनि ्| प्रार्ःकालस्य भ्रिणेन शरीरि ् बमलष्ठि ् स्वस्थि ् च भवतर्|
शब्द – अथा
(1) भ्रिणाय – घि
ू ने के मलए
(2) बमलष्ठि ् – बलवान
(3) क्रोत्स्यतर् – क्रोध करें गी
(4) क्रीडनकातन - खखलौने
नई धार्ए ु ूँ
क्रुध ् – क्रोध करना
मिल ् – मिलना
वाञ्छ् – चािना
प्र + पवश ् – प्रवेश करना
आ + गि ् – आना
अव्यय
ककिथाि ् – ककसमलए
सि - के साथ
श्वः – आने वाला कल
बाढि ् – अच्छा
अभ्यास प्रश्न –
प्रश्न.1 हदए गए पवकल्पों से उचचर् उिर चन
ु कर ररक्त स्थानों को परू ा कीस्जए –
(i) बाले प्रार्ः अध्यापपकाि ् नंस्यर्ः |
(क) नमिष्यर्ः (ख) नंस्यतर् (ग) नंस्यर्ः (घ) नमिष्यस्न्र्
(ii) अम्बा भोजनं पचतर्|
(क) पचस्न्र् (ख) पचर्ः (ग) पचतर् (घ) पठथ
(iii) बालाः फलातन खादस्न्र्|
(क) खादथः (ख) खादस्न्र् (ग) खादािः (घ) खादर्ः
(iv) त्वि ् दग्ु धि ् कदा पास्यमस|
(क) पास्यथ (ख) पपबबष्यमस (ग)पास्यमस (घ) पास्यतर्