You are on page 1of 16

संज्ञा परिभाषा

एवं भेद

ह िं दी

Copyright © 2014-2020 TestBook Edu Solutions Pvt. Ltd.: All rights reserved
Download Testbook App

संज्ञा
 संज्ञा उस ववकािी शब्द को क ते ैं, जिससे ककसी ववशेष वस्तु, भाव औि िीव के नाम का बोध ो, उसे संज्ञा
क ते ैं।

 संज्ञा को अं ग्रेिी में noun क ा िाता ै।

उदा िण :-

 प्राणियों के नाम- मोि, घोड़ा, अकनल, ककिि, िवा िलाल ने रू आहद।

 वस्तुओ के नाम- अनाि, िेकियो, ककताब, सन्दूक, आहद।

 स्थानों के नाम- कुतुबमीनाि, नगि, भाित, मेिठ आहद

 भावों के नाम- वीिता, बुढ़ापा, वमठास आहद

 य ााँ 'वस्तु' शब्द का प्रयोग व्यापक अर्थ में हुआ ै, िो केवल वािी औि पदार्थ का वाचक न ीं, विन उनके धमो
का भी सूचक ै।

 साधािि अर्थ में 'वस्तु' का प्रयोग इस अर्थ में न ीं ोता। अतः वस्तु के अन्तगथत प्रािी, पदार्थ औि धमथ आते ैं।
इन्हीं के आधाि पि संज्ञा के भेद ककये गये ैं।

संज्ञा के भेद
संज्ञा के पााँच भेद ैं –

 व्यजिवाचक संज्ञा

 िावतवाचक संज्ञा

 भाववाचक संज्ञा

 समू वाचक संज्ञा

 द्रव्यवाचक संज्ञा

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 2


Download Testbook App

1. व्यतिवाचक संज्ञा
 जिस शब्द से ककसी ववशेष व्यजि, वस्तु या स्थान के नाम का बोध ो उसे व्यजिवाचक संज्ञा क ते ैं।

 इसे अं ग्रेिी में Proper Noun क ते ैं|

उदा िण :-

 व्यजि का नाम-िवीना, सोकनया गााँधी, श्याम, रि, सुिश


े , सजचन आहद।

 वस्तु का नाम- काि, टाटा चाय, कुिान, गीता िामायि आहद।

 स्थान का नाम-तािम ल, कुतुबमीनाि, ियपुि आहद।

 हदशाओ ं के नाम- उत्ति, पश्र्जचम, दणिि, पूवथ।

 देशों के नाम- भाित, िापान, अमेरिका, पाककस्तान, बमाथ।

 िाष्ट्रीय िावतयों के नाम- भाितीय, रूसी, अमेरिकी।

 समुद्रों के नाम- काला सागि, भूमध्य सागि, ह न्द म ासागि, प्रशान्त म ासागि।

 नहदयों के नाम- गंगा, ब्रह्मपुत्र, बोल्गा, कृष्णा, कावेिी, जसन्धु।

 पवथतों के नाम- ह मालय, ववन्ध्याचल, अलकनन्दा, किाकोिम।

 नगिों, चौकों औि सड़कों के नाम- वािािसी, गया, चााँदनी चौक, रिसन िोि, अशोक मागथ।

 पुस्तकों तर्ा समाचािपत्रों के नाम- िामचरितमानस, ऋग्वेद, धमथयुग, इण्डियन नेशन, आयाथवतथ।

 ऐवत ाजसक युद्धों औि घटनाओ ं के नाम- पानीपत की प ली लड़ाई, जसपा ी-ववद्रो , अिूबि-क्रान्तन्त।

 हदनों, म ीनों के नाम- मई, अिूबि, िुलाई, सोमवाि, मंगलवाि।

 त्यो ािों, उत्सवों के नाम- ोली, दीवाली, ििाबन्धन, ववियादशमी।

2. जातिवाचक संज्ञा
 जिस शब्द से एक िावत के सभी प्राणियों अर्वा वस्तुओ ं का बोध ो, उसे िावतवाचक संज्ञा क ते ैं।

 बच्चा, िानवि, नदी, अध्यापक, बािाि, गली, प ाड़, खिड़की, स्कूटि आहद शब्द एक ी प्रकाि प्रािी, वस्तु औि
स्थान का बोध किा ि े ैं। इसणलए ये 'िावतवाचक संज्ञा' ैं।

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 3


Download Testbook App

 इसे अग्रेज़ी में Common Noun क ते ैं|

उदा िण - लड़का, पशु-पियों, वस्तु, नदी, मनुष्य, प ाड़ आहद।

 'लड़का' से िािेश, सतीश, हदनेश आहद सभी 'लड़कों का बोध ोता ै।

 'पशु-पियों' से गाय, घोड़ा, कुत्ता आहद सभी िावत का बोध ोता ै।

 'वस्तु' से मकान कुसी, पुस्तक, कलम आहद का बोध ोता ै।

 'नदी' से गंगा यमुना, कावेिी आहद सभी नहदयों का बोध ोता ै।

 'मनुष्य' क ने से संसाि की मनुष्य-िावत का बोध ोता ै।

 'प ाड़' क ने से संसाि के सभी प ाड़ों का बोध ोता ैं।

3. भाववाचक संज्ञा
 र्कान, वमठास, बुढ़ापा, गिीबी, आिादी, ाँसी, चढ़ाई, सा स, वीिता आहद शब्द-भाव, गुि, अवस्था तर्ा हक्रया
के व्यापाि का बोध किा ि े ैं। इसणलए ये 'भाववाचक संज्ञाएाँ ' ैं।

 जिन शब्दों से ककसी प्रािी या पदार्थ के गुि, भाव, स्वभाव या अवस्था का बोध ोता ै, उन्हें भाववाचक संज्ञा
क ते ैं।

 व्यजिवाचक संज्ञा की ति भाववाचक संज्ञा से भी ककसी एक ी भाव का बोध ोता ै।

 इस संज्ञा का अनुभव मािी इखियों को ोता ै औि प्रायः इसका बहुवचन न ीं ोता।

उदा िण - उत्सा , ईमानदािी, बचपन, आहद। इन उदा ििों में :-

 'उत्सा ' से मन का भाव ै।

 'ईमानदािी' से गुि का बोध ोता ै।

 'बचपन' िीवन की एक अवस्था या दशा को बताता ै।

अतः उत्सा , ईमानदािी, बचपन, आहद शब्द भाववाचक संज्ञाएाँ ैं।

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 4


Download Testbook App

4. समू वाचक संज्ञा


 जिस संज्ञा शब्द से वस्तुओ ं के समू या समुदाय का बोध ो, उसे समू वाचक संज्ञा क ते ै।

उदा िण –

 व्यजियों का समू - भीड़, िनता, सभा, किा|

 वस्तुओ ं का समू - गुच्छा, कुंि, मिल, घौद।

5. द्रव्यवाचक संज्ञा
 जिस संज्ञा से नाप-तौलवाली वस्तु का बोध ो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा क ते ैं।

 दूसिे शब्दों में - जिन संज्ञा शब्दों से ककसी धातु, द्रव या पदार्थ का बोध ो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा क ते ैं।

उदा िण - ताम्बा, पीतल, चावल, घी, तेल, सोना, लो ा आहद।

भाववाचक संज्ञाएाँ बनाना


 भाववाचक संज्ञाओ ं का कनमाथि िावतवाचक संज्ञा, ववशेषि, हक्रया, सवथनाम औि अव्यय शब्दों से बनती ैं।

 भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के अं त में प्रायः पन, त्व, ता आहद शब्दों का प्रयोग ककया िाता ै।

क) जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा

जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञाा जातिवाचक संज्ञा भाववाचक संज्ञाा

स्त्री- स्त्रीत्व भाई- भाईचािा

मनुष्य- मनुष्यता पुरुष- पुरुषत्व, पौरुष

शास्त्र- शास्त्रीयता िावत- िातीयता

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 5


Download Testbook App

पशु- पशुता बच्चा- बचपन

दनुि- दनुिता नािी- नािीत्व

पात्र- पात्रता बूढा- बुढ़ापा

ख) तवशेषण से भाववाचक संज्ञा से बनाना


तवशेषण भाववाचक संज्ञा तवशेषण भाववाचक संज्ञा

लघु- लघुता, लघुत्व, लाघव वीि- वीिता, वीित्व

एक- एकता, एकत्व चालाक- चालाकी

िट्टा- िटाई गिीब- गिीबी

गाँवाि- गाँवािपन पागल- पागलपन

बूढा- बुढ़ापा मोटा- मोटापा

नवाब- नवाबी दीन- दीनता, दैन्य

बड़ा- बड़ाई सुंदि- सौंदयथ, सुंदिता

भला- भलाई बुिा- बुिाई

ढीठ- हढठाई चौड़ा- चौड़ाई

ग) तवशेषण से भाववाचक संज्ञा से बनाना

हिया भाववाचक संज्ञा हिया भाववाचक संज्ञा

िोिना- िोि सीना- जसलाई

िीतना- िीत िोना- रुलाई

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 6


Download Testbook App

लड़ना- लड़ाई पढ़ना- पढ़ाई

चलना- चाल, चलन पीटना- हपटाई

देिना- हदिावा, हदिावट समझना- समझ

सींचना- जसिं चाई पड़ना- पड़ाव

प नना- प नावा चमकना- चमक

लूटना- लूट िोड़ना- िोड़

घटना- घटाव नाचना- नाच

घ) संज्ञा से तवशेषण बनाना


संज्ञा तवशेषण संज्ञा तवशेषण

अं त- अं वतम, अं त्य अर्थ- आजर्ि क

अवश्य- आवश्यक अं श- आं जशक

अहभमान- अहभमानी अनुभव- अनुभवी

इच्छा- ऐच्छच्छक इवत ास- ऐवत ाजसक

ईश्र्वि- ईश्र्विीय उपि- उपिाऊ

उन्नवत- उन्नत कृपा- कृपालु

काम- कामी, कामुक काल- कालीन

कुल- कुलीन केंद्र- केंद्रीय

क्रम- क्रवमक कागि- कागिी

ककताब- ककताबी कााँटा- काँटीला

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 7


Download Testbook App

ड़) हिया से तवशेषण बनाना


हिया तवशेषण हिया तवशेषण

लड़ना- लड़ाकू भागना- भगोड़ा

अड़ना- अकड़यल देिना- हदिाऊ

लूटना- लुटिे ा भूलना- भुलक्कड़

पीना- हपयक्कड़ तैिना- तैिाक

िड़ना- िड़ाऊ गाना- गवैया

पालना- पालतू झगड़ना- झगड़ालू

कटकना- कटकाऊ चाटना- चटोि

वबकना- वबकाऊ पकना- पका

च) सववनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना


सववनाम भाववाचक संज्ञा सववनाम भाववाचक संज्ञा

अपना- अपनापन /अपनाव मम- ममता/ ममत्व

कनि- कनित्व, कनिता पिाया- पिायापन

स्व- स्वत्व सवथ- सवथस्व

अ -ं अ ंकाि आप- आपा

छ) हिया-तवशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना


हिया-तवशेषण भाववाचक संज्ञा

मन्द मन्दी

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 8


Download Testbook App

दूि दूिी

तीव्र तीव्रता

शीघ्र शीघ्रता

ज) अव्यय से भाववाचक संज्ञा बनाना


अव्यय भाववाचक संज्ञा

पिस्पि पािस्पयथ

समीप सामीप्य

कनकट नैकट्य

शाबाश शाबाशी

वा वा वा वा ी

जधक् जधक्काि

शीघ्र शीघ्रता

संज्ञा के रूपांिि (ल िं ग, वचन औि कािक में सम्बन्ध)


 संज्ञा ववकािी शब्द ै।

 ववकाि शब्द रूपों को परिववति त अर्वा रूपान्तरित किता ै।

 संज्ञा के रूप णलिं ग, वचन औि कािक जचह्नों (पिसगथ) के कािि बदलते ैं।

ल िं ग के अनुसाि
 नि िाता -ै नािी िाती ै।

 लड़का िाता ै- लड़की िाती ै।

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 9


Download Testbook App

नोट :-

 इन वाक्यों में 'नि' पुंणलिं ग ै औि 'नािी' स्त्रीणलिं ग। 'लड़का' पुंणलिं ग ै औि 'लड़की' स्त्रीणलिं ग।

 इस प्रकाि, णलिं ग के आधाि पि संज्ञाओ ं का रूपान्ति ोता ै।

वचन के अनुसाि
 लड़का िाता ै- लड़के िाते ैं।

 लड़की िाती ै- लड़ककयााँ िाती ैं।

 एक लड़का िा ि ा ै- तीन लड़के िा ि े ैं।

नोट :-

 इन वाक्यों में 'लड़का' शब्द एक के णलए आया ै औि 'लड़के' एक से अजधक के णलए। 'लड़की' एक के
णलए औि 'लड़ककयााँ' एक से अजधक के णलए व्यवहृत हुआ ै।

 य ााँ संज्ञा के रूपान्ति का आधाि 'वचन' ै।

 'लड़का' एकवचन ै औि 'लड़के' बहुवचन में प्रयुि हुआ ै।

कािक के अनुसाि
 लड़का िाना िाता -ै लड़के ने िाना िाया।

 लड़की िाना िाती -ै लड़ककयों ने िाना िाया।

नोट :-

 इन वाक्यों में 'लड़का िाता ै' में 'लड़का' पुंणलिं ग एकवचन ै औि 'लड़के ने िाना िाया' में भी 'लड़के'
पुंणलिं ग एकवचन ै, पि दोनों के रूप में भेद ै।

 इस रूपान्ति का कािि कताथ कािक का जचह्न 'ने' ै, जिससे एकवचन ोते हुए भी 'लड़के' रूप ो गया।

 इसी ति , लड़के को बुलाओ, लड़के से पूछो, लड़के का कमिा, लड़के के णलए चाय लाओ इत्याहद
वाक्यों में संज्ञा (लड़का-लड़के) एकवचन में आयी ै।

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 10


Download Testbook App

 इस प्रकाि, संज्ञा वबना कािक-जचह्न के भी ोती ै औि कािक जचह्नों के सार् भी।

 दोनों च्छस्थवतयों में संज्ञाएाँ एकवचन में अर्वा बहुवचन में प्रयुि ोती ै।

उदा िणार्व-

 तबना कािक-चचह्न के-

 लड़के िाना िाते ैं। (बहुवचन)

 लड़ककयााँ िाना िाती ैं। (बहुवचन)

 कािक-चचह्नों के सार्-

 लड़कों ने िाना िाया।

 लड़ककयों ने िाना िाया।

 लड़कों से पूछो।

 लड़ककयों से पूछो।

इस प्रकाि, संज्ञा का रूपान्ति णलिं ग, वचन औि कािक के कािि ोता ै।

संज्ञा के उदा िण
1. िमेश कल कोलकाता िाएगा।

2. व पुस्तक पढ़ ि ा ै।

3. शेि द ाड़ता ै।

4. ईमानदािी अच्छी बात ै।

5. इसकी ऊाँचाई देिो।

उपयुवि वाक्यों में –

 िमेश एक व्यजि का नाम ै।

 कोलकाता एक श ि का नाम ै।

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 11


Download Testbook App

 पुस्तक एक वस्तु का नाम ै।

 शेि एक िानवि का नाम ै।

 ईमानदािी एक भाव का नाम ै।

 ऊाँचाई से ऊाँचा ोना भाव प्रकट ोता ै।

 य सभी पद संज्ञा ै। संज्ञा पद का अर्थ ी ै – नाम।

 संज्ञा व शब्द ै िो ककसी व्यजि, प्रािी, वस्तु, स्थान, भाव आहद के नाम के स्वरूप में प्रयुि ोते ैं।

इस की प चान ननम्नल खखि क्षणों के आधाि पि संज्ञा को प चाना जािा ै -

1. कुछ शब्द प्रािी वाचक ोते ैं औि कुछ अप्रािी वाचक।

* प्राणी वाचक शब्द – बच्चा, भैंस, जचकड़या, आदमी, िमेश आहद।

* अप्राणी वाचक शब्द – पुस्तक, मकान, िेलगाड़ी, िोटी, पवथत आहद।

संज्ञा के सन्दभव में आवश्यक तबिं दु


संज्ञा का प्रयोग कििे समय ननम्नल खखि बािों को ध्यान में िखना चाह ए

(क) िावतवाचक : व्यजिवाचक

 कभी- कभी िावतवाचक संज्ञाओ ं का प्रयोग व्यजिवाचक संज्ञाओ ं में ोता ै।

 िैस-े 'पुिी' से िगत्रार्पुिी का 'देवी' से दुगाथ का, 'दाऊ' से कृष्ण के भाई बलदेव का, 'संवत्' से ववक्रमी संवत्
का, 'भाितेन्द'ु से बाबू रिश्र्चि का औि 'गोस्वामी' से तुलसीदासिी का बोध ोता ै।

 इसी ति बहुत-सी योगरूढ़ संज्ञाएाँ मूल रूप से िावतवाचक ोते हुए भी प्रयोग में व्यजिवाचक के अर्थ में चली
आती ैं। िैसे- गिेश, नुमान, ह मालय, गोपाल इत्याहद।

(ि) व्यजिवाचक : िावतवाचक

 कभी-कभी व्यजिवाचक संज्ञा का प्रयोग िावतवाचक (अनेक व्यजियों के अर्थ) में ोता ै।

 ऐसा ककसी व्यजि का असाधािि गुि या धमथ हदिाने के णलए ककया िाता ै।

 ऐसी अवस्था में व्यजिवाचक संज्ञा िावतवाचक संज्ञा में बदल िाती ै। िैसे- गााँधी अपने समय के कृष्ण र्े;
यशोदा मािे घि की लक्ष्मी ै; तुम कणलयुग के भीम ो इत्याहद

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 12


Download Testbook App

(ग) भाववाचक : िावतवाचक :

 कभी-कभी भाववाचक संज्ञा का प्रयोग िावतवाचक संज्ञा में ोता ै।

उदा िणार्व -

 ये सब कैसे अच्छे प िावे ैं।

 य ााँ 'प िावा' भाववाचक संज्ञा ै, ककन्तु प्रयोग िावतवाचक संज्ञा में हुआ। 'प िावे' से 'प नने के वस्त्र' का बोध
ोता ै।

प्रश्नोत्तिी
1. संज्ञा नकसे क िे ैं?

1) स्थान के नाम को

2) वस्तु के नाम को

3) प्रािी के नाम को

4) ये सभी

उत्ति : 4) ये सभी

2. संज्ञा के नकिने भेद माने जािे ैं?

1) पााँच

2) दो

3) सात

4) छः

उत्ति : 1) पााँच

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 13


Download Testbook App

3. जातिवाचक संज्ञा शब्द कौन-सा ै?

1) िॉक्टि

2) कामायनी

3) सुशील

4) बचपन

उत्ति : 1) िॉक्टि

4. ननम्नल खखि में कौन – सा शब्द, संज्ञा ै?

1) क्रुद्ध

2) क्रोध

3) क्रोजधत

4) क्रोधी

उत्ति : 2) क्रोध

5. ‘हमठास’ कौन-सा शब्द ै?

1) व्यजिवाचक संज्ञा

2) िावतवाचक संज्ञा

3) भाववाचक संज्ञा

4) समू वाचक संज्ञा

उत्ति : 3) भाववाचक संज्ञ ा

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 14


Download Testbook App

6. ‘म ामात्य’ कौन-सा शब्द ै?

1) हक्रया

2) ववशेषि

3) हक्रया-ववशेषि

4) भाववाचक संज्ञा

5) इनमें से कोई न ीं

उत्ति : 4) भाववाचक संज्ञ ा

7. ननम्नल खखि तवकल्पों में से नकस तवकल्प में सभी शब्द व्यतिवाचक संज्ञाएाँ ैं?

1) ममता, बैल, िाधेश्याम

2) िाधेश्याम, पन्नालाल, ह मालय

3) आम, साधना, उं चाई

4) उदासी, शेि, चालाकी

5) इनमें से कोई न ीं

उत्ति : 2) िाधेश्य ाम, पन्नालाल, ह मालय

8. ननम्नल खखि तवकल्पों में से नकस तवकल्प में सभी शब्द समू वाचक संज्ञाएाँ ैं?

1) सेना, किा, सभा

2) अध्यापक, वमठाई, समाचाि

3) पशु, मानव, अच्छा

4) चोिी, गुरुता, साधू

5) उपयुथि सभी

उत्ति : 1) सेन ा, किा, सभा

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 15


Download Testbook App

9. ननम्नल खखि में से कौन-सा शब्द व्यतिवाचक संज्ञा से सम्बंतधि ै?

1) आगिा

2) गिीब

3) पानी

4) बचपन

5) हदल्ली

उत्ति : 1) आगिा

10. संज्ञा के चजस रूप से पुरुषत्व या स्त्रीत्व का बोध ो उसे क्या क िे ैं?

1) वचन

2) कािक

3) णलिं ग

4) हक्रया

5) ववभजि

उत्ति : 3) ललिं ग

ह िं दी | संज्ञा परिभाषा एवं भेद पृष्ठ 16

You might also like