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Class -VII ( Main subject Hindi)

व्याकरण पाठ –

(शब्द विचार , शब्द रचना, अनेक शब्दओं के लिए एक शब्द, लिन्नार्थक शब्द,
संज्ञा, लिंग)

1.शब्द ककसे कहतें हैं ?

- दो या अधिक िणों के मेि से बनी सार्थक ध्िनी को शब्द कहा जाता हैं |

2.रचना के विचार से शब्द के ककतने िेद हैं ?

- रचना के विचार से शब्द के तीन िेद हैं, रूढ़, यौधगक, योगरूढ़ |

3.स्रोत के आिार पर शब्द के ककतने िेद हैं ?

- स्रोत के आिार पर हहंदी में चार प्रकार के शब्द होते हैं, तद्िि, तत्सम, दे शज,
विदे शज|

4.विकारी और अविकारी शब्द ककसे कहते हैं ?

जजन शब्दों का पुरुष , लिंग , िचन , आहद के कारण रूप बदि जाता हैं उन्हें
विकारी कहा जाता हैं. जैसे – बादि-बादिों , विद्िान- विदष
ु ी , पिथत- पिथतों|

जजन शब्दों में ककसी प्रकार का विकार या रुप पररितथन नहीं होता , उन्हें
अविकारी शब्द कहते हैं . जैसे – और , यहााँ, िहााँ , अर्िा ,आहद|

5. नीचे हदए गए शब्दओं में तत्सम शब्द छााँटीए |

क) आग, आगाज़, अजनन, अंदाज = अजनन.

ख)प्रस्तर , पादरी, पहाड़, पड़ोस = प्रस्तर.

ग) ख़ता , क्षेत्र , खोखिा , खुशहदि = क्षेत्र


6.ननम्नलिखखत शब्दों में तद्िि शब्द छााँटीए |

- क) इत्र , आम , शादी , कंपनी = आम

ख) मुाँह , चमका , रसीद , मशीन = मह


ुाँ

ग) खखचड़ी , पत्र्र , हिा , चेहरा = पत्र्र

7.अर्थ के आिार पर हहंदी शब्दों के ककतने िगथ हैं ?

- अर्थ के अनुसार हहंदी शब्दों के पयाथयिाची शब्द, वििोम शब्द , सूक्ष्म अर्थ िेद
िािे शब्द , समोच्चाररत लिन्नार्थक शब्द , अनेकार्थक शब्द और अनेक शब्दों के
लिए एक शब्द|

8.ननम्नलिखखत शब्दों का पयाथयिाची शब्द लिखें |

- क)हदिस – हदन , िार |

ख) पिन- हिा , िायु |

ग) उपकार – हहत , ििा |

घ) उषा- प्रिात , सिेरा |

9. हदए गए शब्दों का वििोम शब्द लिखखए |

उजािा – अंिेरा, एकता – अनेकता |

उत्तम- अिम चेतन- जड़ |

त्यागी – स्िार्ी कोमि – कठोर |

10.नीचे हदए गए समुच्चाररत लिन्नार्थक शब्दों का अर्थ िेद समझाईए |

क) अंश- हहस्सा अंस- कंिा |


ख) अननि- िायु अनि- आग |

ग)अलिराम- संद
ु र अविराम- ननरं तर|

घ) कुि- िंश कूि- ककनारा |

11.अनेकार्थ शब्द ककसे कहते हैं उदाहरण दीजजए |

- जजन शब्दों के एक नहीं , अवपतु अनेक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थक शब्द कहते
हैं| जैसे –

अकथ – सूयथ , ज्योनत, रस, अजनन , आक का पौिा |

कनक – सोना , ितरु ा , गेँहूाँ |

नाग – सपथ , हार्ी , केशर , एक दे श का नागररक |

अंबर – िस्त्र , आकाश, मेघ , अभ्रक , शुन्य |

12.नीचे हदए गए अनेक शब्दओं के लिए एक शब्द लिखखए |

- क) जजसका आहद न हो – अनाहद |

ख) जो कहा न जा सके – अकर्नीय |

ग) जो दे खनेिािा हो – दशथक |

घ) कानों कान फैिी हुई बात – ककं िदं ती |

13.उपसगथ ककसे कहते हैं ? उदाहरण सहहत समझाईए |

- जो शब्दांश ककसी शब्द के आरं ि में जड़


ु कर उसके अर्थ बदि दे ते हैं उन्हें उपसगथ
कहते हैं . जैसे – प्र + बि – प्रबि , अप +मान – अपमान , अलि + राम –
अलिराम |

14.प्रत्यय ककसे कहते हैं ? उदारहण दीजजए |


- जो शब्दांश मूि शब्द के बाद में जड़
ु कर नए शब्द रचना करते हैं उन्हें प्रत्यय
कहते हैं . जैसे – पढ़+ आई – पढ़ाई , चन
ु + आि – चन
ु ाि , घट + नत – घटनत|

15.संज्ञा ककसे कहते हैं ? उदाहरण दीजजए |

-ककसी िस्तु , व्यजतत , जीि, स्र्ान , गुण ,िाि , आहद के नाम को संज्ञा कहते
हैं . जैसे – पस्
ु तक , िड़का , हदल्िी , आहद|

16. लिंग ककसे कहते हैं ? उदाहरण दीजजए|

- संज्ञा के जजस रुप से स्त्री या पुरुष जानत का बोि हो, उसे लिंग कहते हैं . जैसा
– िड़का , िड़की शेर, शेरनी आहद |

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