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Class VII Hindi Byakaran
Class VII Hindi Byakaran
व्याकरण पाठ –
(शब्द विचार , शब्द रचना, अनेक शब्दओं के लिए एक शब्द, लिन्नार्थक शब्द,
संज्ञा, लिंग)
- दो या अधिक िणों के मेि से बनी सार्थक ध्िनी को शब्द कहा जाता हैं |
- स्रोत के आिार पर हहंदी में चार प्रकार के शब्द होते हैं, तद्िि, तत्सम, दे शज,
विदे शज|
जजन शब्दों का पुरुष , लिंग , िचन , आहद के कारण रूप बदि जाता हैं उन्हें
विकारी कहा जाता हैं. जैसे – बादि-बादिों , विद्िान- विदष
ु ी , पिथत- पिथतों|
जजन शब्दों में ककसी प्रकार का विकार या रुप पररितथन नहीं होता , उन्हें
अविकारी शब्द कहते हैं . जैसे – और , यहााँ, िहााँ , अर्िा ,आहद|
- अर्थ के अनुसार हहंदी शब्दों के पयाथयिाची शब्द, वििोम शब्द , सूक्ष्म अर्थ िेद
िािे शब्द , समोच्चाररत लिन्नार्थक शब्द , अनेकार्थक शब्द और अनेक शब्दों के
लिए एक शब्द|
ग)अलिराम- संद
ु र अविराम- ननरं तर|
- जजन शब्दों के एक नहीं , अवपतु अनेक अर्थ होते हैं उन्हें अनेकार्थक शब्द कहते
हैं| जैसे –
ग) जो दे खनेिािा हो – दशथक |
-ककसी िस्तु , व्यजतत , जीि, स्र्ान , गुण ,िाि , आहद के नाम को संज्ञा कहते
हैं . जैसे – पस्
ु तक , िड़का , हदल्िी , आहद|
- संज्ञा के जजस रुप से स्त्री या पुरुष जानत का बोि हो, उसे लिंग कहते हैं . जैसा
– िड़का , िड़की शेर, शेरनी आहद |
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