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Syllabus

1. उपसग� एवं प्र�य


2. सं िध एवं सं िध िव�े द

3. पया� यवाची श�

4. िवलोम श�

5. समास एवं समास िवग्रह

6. अने काथ� क श�

7. श� यु �

8. वा�

9. वा� शु ��

10. सं �ा एवं िवशे षण श�

11. िक्रया

12. मु हावरे एवं लोको��

13. सं �ा एवं िवशे षण

14. सरल, सं यु� एवं िमश्र वा�

15. वा�ों का �पां तरण

16. समानथ� क श�

17. वा� क े िलए एक श�


18. एवं अ�
[01] उपसर्ग एवं प्रत्यय:
उपसर्ग

जो शब्दां श किसी शब् िे पहले लर्िर उसिे अर्ग में किशेषतद लदते हैं, उन्हें उपसर्ग िहते हैं।
जैसे - अप + मदन = अपमदन, उपसर्ों िद स्वतांत्र रूप में िोई महत्व नहीां होतद परन्तु जब ये किसी शब् िे
आर्े लर्दए जदते हैं तो उनिे अर्ग िो किशेष रूप दे ते हैं।
उदाहरण:

• अकत - (आकिक्य) अकतशय, अकतरे ि,


• अकि - (मुख्य) अकिपकत, अध्यक्ष
• अकि - (िर) अध्ययन, अध्यदपन,
• अनु - (मदर्ुन) अनुक्रम, अनुतदप, अनुज;
• अप - (खदलीां येणें) अपिषग, अपमदन,
• अनु - (प्रमदणें) अनुिरण, अनुमोदन.
• अप - (किरुद्ध होणें) अपिदर, अपजय,
• अकप - (आिरण) अकपिदन = अच्छददन
• अकि - (अकिि) अकिनांदन, अकिलदप,
• अि - (खदलीां) अिर्णनद, अितरण;
• आ - (पदसून, पयंत) आिांठ, आजन्म;
• उत् - (िर) उत्कषग, उत्तीणग, उद्भिज्ज
• उप - (जिळ) उपदध्यक्ष, उपकदशद;
• उप - (र्ौण) उपग्रह, उपिेद, उपनेत्र
• दु र्, दु स् - (िदईट) दु रदशद, दु रुद्भि, दु किन्ह, दु ष्कृत्य,
• कन - (अत्यांत) कनमग्न, कनबांि
• कन - (निदर) कनिदमी, कनजोर,
• सम् - (चदांर्ले) सांस्कृत, सांस्कदर, सांर्ीत,
• सम् - (बरोबर) सांयम, सांयोर्, सांिीणग,
• सु - (चदांर्ले) सुिदकषत, सुिृत, सुग्रदस;
• सु - (सोपें) सुर्म, सुिर, स्वल्प;
• सु - (अकिि) सुबोकित, सुकशकक्षत.
िुछ शब्ोां िे पूिग एि से अकिि उपसर्ग िी लर् सिते हैं। उददहरण

• प्रकत + अप + िदद = प्रत्यपिदद


• सम् + आ + लोचन = समदलोचन
• कि + आ + िरण = व्यदिरण

उदद ग उपसर्ग:

• अल - कनद्भचचत, अद्भन्तम - अलकिदद, अलबत्तद


• िम - हीन, र्ोडद, अल्प - िमकसन, िमअक्ल, िमजोर
• खुश - श्रेष्ठतद िे अर्ग में - खुशबू, खुशनसीब, खुशकिस्मत, खुशकदल, खुशहदल, खुशकमजदज
• गैर - कनषेि - गैरहदकजर गैरिदनूनी गैरिदकजब गैरमुमकिन गैरसरिदरी गैरमुनदकसब
• दर - मध्य में - दरम्यदन दरअसल दरहिीित
• नद - अिदि - नदमुमकिन नदमुरदद नदिदमयदब नदपसन्द नदसमझ नदलदयि नदचीज नदपदि नदिदम
• फी - प्रकत - फीसदी फीआदमी
• ब - से, िे, में, अनुसदर - बनदम बदस्तूर बमुद्भिल बतिल्लुफ

प्रत्यय

प्रत्यय (suffix) उन शब्दांश िो िहते हैं जो किसी अन्य शब् िे अन्त में लर्दये जदते हैं। इनिे लर्दने से शब्
िे अर्ग में किन्नतद यद िैकशष्ट्य आ जदतद है। उददहरण:-

यह किसी व्यद्भि िी किशेषतद दशदगते समय उपयोर् होतद है। जैसे यह पहलिदन बहुत बलिदन है।

• िन + िदन = िनिदन, किद्यद + िदन = किद्वदन


• बल + िदन = बलिदन, उददर + तद = उददरतद
• सफल + तद = सफलतद, पद्भित + ई = पद्भितदई
• चदलदि + ई = चदलदिी, ज्ञदन + ई = ज्ञदनी

इसिद उपयोर् एि िचन शब्ोां िो बहुिचन शब् बनदने िे कलए कियद जदतद है।
• िदषद + ओां = िदषदओां, शब् + ओां = शब्ोां
• िदक्य + ओां = िदक्योां, िदयग + ओां = िदयों
• नदी + यदाँ = नकदयदाँ , प्रकत + यदाँ = प्रकतयदाँ

प्रत्यय दो प्रिदर िे होते हैं -

1. िृत प्रत्यय
2. तद्भद्धत प्रत्यय
1. िृत प्रत्यय

िह शब्दां श जो कक्रयदओां (िदतुओ)ां िे अांत में लर्िर नए शब् िी रचनद िरते हैं िृत प्रत्यय िहलदते हैं । िृत
प्रत्यय िे योर् से बने शब्ोां िो (िृत+अांत) िृदां त िहते हैं ।
जैसे- िच् + अन् = िचन, घट+ अनद= घटनद, कलख+आिट= कलखदिट आकद।

2. तद्भद्धत प्रत्यय

जो प्रत्यय सांज्ञद, सिगनदम अर्िद किशेषण िे अांत में लर्िर नए शब् बनदते हैं तद्भद्धत प्रत्यय िहलदते हैं।
जैसे- आध्यदत्म+ इि= आध्यदद्भत्मि , पशु+ त्व= पशुत्व आकद।

उपसर्ग एिां प्रत्यय िई बदर शब् इन दोनोां िे मेल से बनते हैं उपसर्ग किकिन्न िदषदओाँ में प्रयोर् होते हैं कजनमे से
प्रमुख कनम्नकलद्भखत हैं -

1. सांस्कृत िे उपसर्ग
2. कहन्दी िे उपसर्ग
3. उदू ग िे उपसर्ग
4. उपसर्ग िी तरह प्रयुि होने िदले सांस्कृत िे अव्यय
[02] सांकि एिां सांकि किच्छे द
सद्भि कि पररिदषद

सांकि िद अर्ग होतद है मेल यद कफर कमलनद। जब हम दो शब्ोां िो कमलदते हैं तो पहले शब् िी अांकतम ध्वनी एिां दु सरे
शब् कि पहली ध्वनी कमलिर जो पररितगन लदती है , उसे ही सांकि िहते हैं ।

जब सांकि किये र्ए दो शब्ोां िो हम अलर् अलर् िरिे कलखते हैं तो िह सांकि किच्छे द िहलदतद है ।

अतः सांक्षेप में यह समझनद चदकहए कि दो िणो िे पदस-पदस आने से उनमें जो पररितगन यद कििदर होतद है उसे
सद्भि िहते है ।

उददहरण

कहम + आलयः = कहमदलयः

रमद + ईशः = रमेंशः

सूयग + उदयः = सूयोदयः

सद्भि िे प्रिदर

सद्भि तीन प्रिदर िी होती है-

स्वर सांकि

व्यांजन सांकि

किसर्ग सांकि

स्वर सद्भि

जब दो स्वर आपस में जुडते हैं यद दो स्वरोां िे कमलने से उनमें जो पररितगन आतद है, तो िह स्वर सांकि िहलदती है ।
जैसे :
किद्यदलय : किद्यद + आलय

कहम+आलय= कहमदलय।

इस उददहरण में आप दे ख सिते है कि जब दो स्वरोां िो कमलदयद र्यद तो मुख्य शब् में हमें अांतर दे खने िो कमलद।
दो आ कमले एिां उनमे से एि आ िद लोप हो र्यद।

स्वर सद्भि िे प्रिदर

स्वर-सांकि पदाँ च प्रिदर िी होती हैं -

दीघग सांकि

र्ुण सांकि

िृद्भद्ध सांकि

यण सांकि

अयदकद सांकि

दीघग सांकि

कनयम– अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ िणों िे बीच होने िदली सांकि दीघग सांकि िहलदती है । क्योांकि इनमें से िणग िोई िी
हो सांकि दीिग हो जदती है । इसे िणों से बनने िदली सांकि िे िुछ उददहरणोां से समझद जद सितद है |

उददहरण

अ + अ= आ िमग + अर्ग= िमदग र्ग

अ + आ= आ कहम +आलय= कहमदलय

आ + अ= आ किद्यद + अर्ी= किद्यदर्ी

आ + आ= आ किद्यद + आलय= किद्यदलय

इ + इ= ई िकि + इच्छद= ििीच्छद

ई + इ= ई नदी + ईश= नदीश


उ + उ= ऊ िदनु + उदय= िदनूदय

उ + ऊ= ऊ लघु + ऊकमग= लघूकमग

ऊ + उ= ऊ ििू + उत्सि= ििूत्सि

ऊ + ऊ= ऊ ििू + ऊजदग= ििूजदग

ऋ + ऋ= ऋ मदतृ + ऋण= मदतृण

र्ुण सांकि

कनयम– जब अ, आ िणग िे आर्े अर्र इ, ई िणग िो जोडद जदए तो ए िणग बनतद है।जब अ, आ िणग िे आर्े उ, ऊ
िणग िो जोडद जदए तो ओ िणग बनतद है । इसी तरह अ, आ िणग िे आर्े जब ऋ िणग जोडद जदए तो अर् बनतद है । इसे
र्ुण-सांकि िहते हैं ।

उददहरण–

अ+ इ= ए नर+ इां द्र= नरें द्र

अ+ ई= ए नर+ ईश= नरे श

आ+ इ= ए महद+ इां द्र= महें द्र

आ+ ई= ए महद+ ईश= महे श

अ+ ई= ओ ज्ञदन+ उपदे श= ज्ञदनोपदे श

आ+ उ= ओ महद+ उत्सि= महोत्सि

अ+ ऊ= ओ जल+ ऊकमग= जलोकमग

आ+ ऊ= ओ महद+ ऊकमग= महोकमग

अ+ ऋ= अर् दे ि+ ऋकष= दे िकषग

आ+ ऋ= अर् महद+ ऋकष= महकषग

िृद्भद्ध सांकि

कनयम– अ, आ िणग िद ए, ऐ, औ से मेल होने पर ऐ, औ बनतद है । इसे िृद्भद्ध सांकि िहते हैं ।
उददहरण–

अ+ ए= ऐ एि+ एि= एिैि

अ+ ऐ= ऐ मत+ ऐक्य= मतैक्य

आ+ ए= ऐ सदद+ एि= सदै ि

आ+ ऐ= ऐ महद+ ऐश्वयग= महैश्वयग

अ+ ओ= औ जिन+ ओषकि= िनौषकि

आ+ ओ= औ महद+ औषि= महौषकि

अ+ औ= औ परम+ औषि= परमौषि

आ+ औ= औ महद+ औषि= महौषि

यण सांकि

कनयम– जब इ, ई, उ,ऊ ,ऋ ,ल िे आर्े िोई स्वर आतद है तो ये क्रमश: य्, ि्, र् , ल् में बदल जदतद है ।

उददहरण-

इ + अ= य् अकत+ अल्प= अत्यल्प

ई + अ= य् दे िी+ अपगण= दे व्यपणग

उ + अ= ि् सु+ आर्त= स्वदर्त

ऊ + आ= ि् ििू+ आर्मन= िध्वदर्मन

ऋ + आ= र् कपतृ+ आज्ञद= कपत्रदज्ञद

लृ + आ= ल् लृ+ आिृकत= लदिृकत

अयदकद सांकि

कनयम– जब ए, ऐ, ओ, औ िे बदद िोई स्वर आतद है तो ए िद अय, ऐ िद आय और औ िद आि् हो जदतद है ।

उददहरण
ए + अ= अय् ने+ अयन= नयन

ऐ + अ= आय् नै+ अि= नदयि

ओ + अ= अि् पो+ अन= पिन

औ + अ= आि् पौ+ अि= पदिि

व्यांजन सद्भि

व्यांजन िद स्वर यद व्यांजन िे सदर् मेल होने पर जो पररितगन होतद है ,उसे व्यांजन सांकि िहते है >

उददहरण

उत + उल्लदस = उल्लदस

अप + ज = अब्ज

कनयम– अर्र ि्, च्, ट् , त्, प् िे बदद किसी िर्ग िद तीसरद यद चौर्द िणग यद य्, र् , ल्, ि् हो यद िोई स्वर हो तो उसी
िर्ग िद तीसरद िणग बन जदतद है अर्दग त ि् िे स्र्दन पर र््, च् िे स्र्दन पर ज्, ट् िे स्र्दन पर ड् , त् िे स्र्दन पर द्
और प् िे स्र्दन पर ब् बन जदतद है ।

उददहरण

कदि् + र्ज = कदग्गज

िदि् + ईश = िदर्ीश

अच् + अांत = अजांत

षट् + यांत्र = षडयांत्र

अप् + ज = अब्ज

सत + िदि = सदिदि

👉कनयम – यकद किसी िर्ग िे पहले िणग (ि्, च्, ट् , त्, प्) िद मेल न् यद म् िणग से हो तो उसिे स्र्दन पर उसी िर्ग
िद पदाँ चिदाँ िणग हो जदतद है |
उददहरण–

िदि् + मय = िदङमय

अच् + नदश = अञ्नदश

षट् + मदस = षण्मदस

उत् + नदयि = नदयि

अप् + मय = अम्मयद

षट् + मुख = षण्मुख

👉कनयम– त् िे बदद च यद छ हो तो त् िद च्, ज यद झ हो तो त् िद ज्, ट यद ठ हो तो त् िद ट् ,ड यद ढ हो तो त् िद


ड् और ल हो तो त् िद ल् बन जदतद है ।

उददहरण–

सत् + चदरण= उच्चदरण

जर्त् + ईश = जर्दीश

िर्ित् + िद्भि = िर्ििद्भि

तत् + रूप = तद्रूप

सत् + िमग = सद्धमग

👉कनयम – म् िे बदद िोई िी स्पशग व्यांजन ( ि से म ति ) हो तो उसी िर्ग िद पांचम िणग यद अनुसदर कलखद जदतद है
|पांचम िणग िी अपेक्षद अनुस्वदर कलखने से आसदनी है।

उददहरण–

अहम् + िदर = अहां िदर

सम् + िि = सांिि

किम् + तु = किांतु

सम् + बांि = सांबांि


कनयम– म् िे बदद िोई िी अन्तस्र् व्यांजन (य्,र,ल,ि) यद िोई िी ऊष्म व्यांजन (श्,स,ष,ह) हो तो म् अनुस्वदर कलखद
जदतद है ।

उददहरण–

सम् + मकत = सम्मकत

सम् + मदन = सम्मदन

👉कनयम– ऋ,र् , ष् िे बदद न् व्यांजन आतद है तो उसिद ण् हो जदतद है ।

उददहरण –

परर + नदम = पररणदम

प्र + मदन = प्रमदण

ऋ + न = ऋण

किष् + नु = किष्णु

👉कनयम– स व्यांजन से पहले यकद अ,आ से किन्न स्वर आ जदए तो स िद ‘ष’हो जदतद है |

उददहरण–

अकि + सेि = अकिषेि

कन + कसद्ध = कनकषद्ध

कि + सम = किषम

👉कनयम – यकद किसी स्वर िे बदद छ िणग आए तो छ से पहले च् िणग जुड जदतद है ।
उददहरण–

स्व + छां द = स्वच्छां द

सांकि + छे द = सांकिकिच्छे द

परर + छे द = पररच्छे द

👉कनयम – सम्+’िृ’ िदतु से बने शब् जैसे-िृत,िदर,िृकत,ितदग ,िदरि आकद हो तो म् िद अनुस्वदर तर्द बदद में स्
िद आर्म हो जदतद है ।

उददहरण–

सम् + ितदग = सांस्कतदग

सम् + िदर = सांस्कदर

👉कनयम – परर+’िृ’ िदतु से बने शब् हो तो परर िे बदद ‘ष्’ िद आर्म हो जदतद है |

उददहरण–

परर + िदर = पररष्कदर

परर + ितदग = पररष्कतदग

👉कनयम – ष् िे बदद टी हो और ष् िे बदद र् हो तो टी िद ट तर्द र् िद ठ हो जदतद है |

उददहरण–

उतिृष् + त = उत्कृष्ट

तुष् + त = तुष्ट

👉कनयम– स्र् से पहले इ यद उ स्वर हो तो स्र् िो ष्ठ हो जदतद है |

उददहरण–

युकि + द्भस्र्र = युकिकष्ठर


कन + स्र्ुर = कनष्ट्ठुर

किसर्ग-सांकि

किसर्ग सांकि िे 10 कनयम होते हैं –

👉कनयम– किसर्ग िे सदर् च यद छ िे कमलन से किसर्ग िे जर्ह पर ‘श्’बन जदतद है । किसर्ग िे पहले अर्र ‘अ’
और बदद में िी ‘अ’ अर्िद िर्ों िे तीसरे , चौर्े , पदाँ चिें िणग, अर्िद य, र, ल, ि हो तो किसर्ग िद ओ हो जदतद है ।

उदहदरण–

कनः + चय = कनिय

दु ः + चररत्र = दु िररत्र

ज्योकतः + चक्र = ज्योकतिक्र

कनः + छल = कनश्छल

👉कनयम– किसर्ग से पहले अ, आ िो छोडिर िोई स्वर हो और बदद में िोई स्वर हो, िर्ग िे तीसरे , चौर्े, पदाँ चिें िणग
अर्िद य्, र, ल, ि, ह में से िोई हो तो किसर्ग िद र यद र् हो जदतद ह। किसर्ग िे सदर् ‘श’ िे मेल पर किसर्ग िे स्र्दन
पर िी ‘श्’ बन जदतद है ।

उददहरण–

दु ः + शदसन = दु श्शदसन

यशः + शरीर = यशश्शरीर

कनः + शुल्क = कनश्शुल्क

👉कनयम– किसर्ग से पहले िोई स्वर हो और बदद में च, छ यद श हो तो किसर्ग िद श हो जदतद है । किसर्ग िे सदर् ट, ठ
यद ष िे मेल पर किसर्ग िे स्र्दन पर ‘ष्’ बन जदतद है ।

उददहरण-

िनुः + टां िदर = िनुष्टांिदर


चतुः + टीिद = चतुष्टीिद

चतुः + षकष्ट = चतुष्षकष्ट

कनः + चल = कनिल

कनः + छल = कनश्छल

दु ः + शदसन = दु श्शदसन

👉कनयम– किसर्ग िे बदद यकद त यद स हो तो किसर्ग स् बन जदतद है । यकद किसर्ग िे पहले िदले िणग में अ यद आ िे
अकतररि अन्य िोई स्वर हो तर्द किसर्ग िे सदर् कमलने िदले शब् िद प्रर्म िणग ि, ख, प, फ में से िोई िी हो तो
किसर्ग िे स्र्दन पर ‘ष्’ बन जदयेर्द।

उददहरण–

कनः + िलांि = कनष्कलांि

दु ः + िर = दु ष्कर

आकिः + िदर = आकिष्कदर

👉कनयम– किसर्ग से पहले इ, उ और बदद में ि, ख, ट, ठ, प, फ में से िोई िणग हो तो किसर्ग िद ष हो जदतद है । यकद
किसर्ग िे पहले िदले िणग में अ यद आ िद स्वर हो तर्द किसर्ग िे बदद ि, ख, प, फ हो तो सद्भि होने पर किसर्ग िी ज्योां
िद त्योां बनद रहे र्द।

उददहरण–

अिः + पतन = अि: पतन

प्रदतः + िदल = प्रदत: िदल

अन्त: + पुर = अन्त: पुर

िय: क्रम = िय: क्रम

👉कनयम– किसर्ग से पहले अ, आ हो और बदद में िोई किन्न स्वर हो तो किसर्ग िद लोप हो जदतद है । किसर्ग िे सदर् त
यद र् िे मेल पर किसर्ग िे स्र्दन पर ‘स्’ बन जदयेर्द।
उददहरण–

अन्त: + तल = अन्तस्तल

कन: + तदप = कनस्तदप

दु : + तर = दु स्तर

👉कनयम– किसर्ग िे बदद ि, ख अर्िद प, फ होने पर किसर्ग में िोई पररितगन नहीां होतद। किसर्ग िे सदर् ‘स’ िे
मेल पर किसर्ग िे स्र्दन पर ‘स्’ बन जदतद है ।

उददहरण-

कन: + सन्दे ह = कनस्सन्दे ह

दु : + सदहस = दु स्सदहस

कन: + स्वदर्ग = कनस्स्वदर्ग

👉कनयम– यकद किसर्ग िे पहले िदले िणग में ‘इ’ ि ‘उ’ िद स्वर हो तर्द किसर्ग िे बदद ‘र’ हो तो सद्भि होने पर
किसर्ग िद तो लोप हो जदयेर्द सदर् ही ‘इ’ ि ‘उ’ िी मदत्रद ‘ई’ ि ‘ऊ’ िी हो जदयेर्ी।

उददहरण-

कन: + रस = नीरस

कन: + रि = नीरि

कन: + रोर् = नीरोर्

दु : + रदज = दू रदज

👉कनयम– किसर्ग िे पहले िदले िणग में ‘अ’ िद स्वर हो तर्द किसर्ग िे सदर् अ िे अकतररि अन्य किसी स्वर िे मेल
पर किसर्ग िद लोप हो जदयेर्द तर्द अन्य िोई पररितगन नहीां होर्द।

उददहरण-
अत: + एि = अतएि

मन: + उच्छे द = मनउच्छे द

पय: + आकद = पयआकद

तत: + एि = ततएि

👉कनयम– किसर्ग िे पहले िदले िणग में ‘अ’ िद स्वर हो तर्द किसर्ग िे सदर् अ, र्, घ, ड॰, ´, झ, ज, ड, ढ़, ण, द, ि,
न, ब, ि, म, य, र, ल, ि, ह में से किसी िी िणग िे मेल पर किसर्ग िे स्र्दन पर ‘ओ’ बन जदयेर्द।

उददहरण–

मन: + अकिलदषद = मनोकिलदषद

सर: + ज = सरोज

िय: + िृद्ध = ियोिृद्ध

यश: + िरद = यशोिरद

[03] पयदग यिदची शब्


• आर् – अकग्न, अनल, हुतदसन, पदिि, िृशदनु, िहकन, कशखी, िकि.
• आाँ ख – लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृकष्ट.
• कशक्षि – र्ुरु, अध्यदपि, आचदयग, उपदध्यदय.
• शेर – िेहरर, िेशरी, िनरदज, कसांह.
• शेषनदर् – अकह, नदर्, िुजांर्, व्यदल, उरर्, पन्नर्, फणीश, सदरां र्.
• आिदश – नि, र्र्न, अम्बर, व्योम, आसमदन, अशग.
• इन्द्रदकण – इन्द्रििू, मििदनी, शची, शतदिरी, पोलोमी.
• ईश्वर – परमदत्मद, प्रिु, ईश, जर्दीश, िर्िदन, परमेश्वर, जर्दीश्वर, कििदतद.
• उज्जड – अकशष्ट, असभ्य, र्ाँिदर, जांर्ली, दे हदती, उद्दां ड, कनरिुांश.
• सहे ली – आली, सखी, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री.
• आनांद – हषग, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लदस.
• आश्रम – िुटी, किहदर, मठ, सांघ, अखदडद.
• आत्मद – जीि, चैतन्य, चेतनतत्ति, अांतःिरण.
• उजलद – उज्ज्वल, श्वेत, सफेद, ििल.
• उजदड – जांर्ल, कबयदिदन, िन.
• अकग्न – आर्, अनल, पदिि.
• अपमदन – अनददर, अिज्ञद, अिहेलनद, कतरस्कदर.
• अलांिदर – आिूषण, र्हनद, जेिर.
• अहां िदर – दां ि, अकिमदन, दपग, मद, घमांड.
• अमृत – सुिद, अकमय, पीयूष, सोम.
• र्ज – हदर्ी, हस्ती, मतांर्, िूम्भद, मदिल .
• सुन्दर – िलत, ललदम, मांजुल, रुकचर, चदरु, रम्य, मनोहर, सुहदिनद, कचत्तदिषगि, रमणीि, िमनीय,
उत्कृष्ट, उत्तम, सुरम्य.
• सन्ध्यद – सदयांिदल, शदम, सदाँझ, प्रदोषिदल, र्ोिूकल.
• सांसदर – जर्, किश्व, जर्त, लोि, दु कनयद.
• र्दय – र्ौ, िेनु, िद्रद.
• असुर – दै त्य, ददनि, रदक्षस, कनशदचर, रजनीचर, दनुज, रदकत्रचर, तमचर.
• अकतकर् – मेहमदन, अभ्यदर्त, आर्न्तुि.
• सदाँ प – अकह, िुजांर्, ब्यदल, सपग, नदर्, किषिर, उरर्, पिनदसन.
• सूयग – रकि, सूरज, कदनिर, प्रिदिर, आकदत्य, कदनेश, िदस्कर, कदनिर, कदिदिर, िदनु, आकदत्य.
• समूह – दल, झुांड, समुददय, टोली, जत्थद, मिली, िृांद, र्ण, पुांज, सांघ, समुच्चय.
• सिद – अकििेशन, सांर्ीकत, पररषद, बैठि, महदसिद.
• उद्भि – िर्न, िचन, सूद्भि.
• उग्र – प्रचि, उत्कट, तेज, तीव्र, कििट.
• उकचत – ठीि, मुनदकसब, िदकजब, समुकचत, युद्भिसांर्त, न्यदयसांर्त, तिगसांर्त.
• उच्छृां खल – उद्दां ड, अक्खड, आिदरद, कनरिुांश, मनमजी, स्वेच्छदचदरी.
• अश्व – हय, तुरांर्, घोडद, घोटि, बदकज, सैिि.
• इच्छद – अकिलदषद, चदह, िदमनद, लदलसद, मनोरर्, आिदांक्षद, अिीष्ट.
• इन्द्र – सुरेश, सुरेन्द्र, दे िेन्द्र, सुरपकत, शक्र, पुरांदर, दे िरदज, महेन्द्र, शचीपकत.
• उत्कषग – समृद्भद्ध, उन्नकत, प्रर्कत, उठदन.
• सोनद – स्वणग, िांचन, िनि, हेम, िुांदन.
• कसांह – िेसरी, शेर, मृर्पकत, िनरदज, शददू ग ल, नदहर, सदरां र्, मृर्रदज.
• समुद्र – सदर्र, पयोकि, उदकि, पदरदिदर, नदीश, जलकि, कसांिु, रत्नदिर, िदररकि.
• तरुिर – िृक्ष, पेड, द्रु म, तरु, पददप.
• तलिदर – अकस, िृपदण, िरिदल, चन्द्रहदस.
• तदलदब – सरोिर, जलदशय, पुष्कर, पोखरद.
• सम – सिग, समस्त, सम्पूणग, पूणग, समग्र, अद्भखल, कनद्भखल.
• समीप – सकन्निट, आसन्न, कनिट, पदस.
• स्त्री – सुन्दरी, िदन्तद, िलत्र, िकनतद, नदरी, मकहलद, अबलद, ललनद, औरत, िदकमनी, रमणी.
• सुर्ांकि – सौरि, सुरकि, महि, खुशबू.
• स्वर्ग – सुरलोि, दे िलोि, कदव्यिदम, ब्रह्मिदम, द्यौ, परमिदम, कत्रकदि, दयुलोि.
• उत्कृष्ट – उत्तम, उन्नत, श्रेष्ठ, अच्छद, बकढ़यद, उम्दद.
• उत्कोच – घूस, ररश्वत.
• उत्पकत्त – उद्गम, पैददइश, जन्म, उिि, सृकष्ट, आकििदगि, उदय.
• उद्धदर – मुद्भि, छु टिदरद, कनस्तदर.
• उपदय – युद्भि, सदिन, तरिीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न.
• ऊिम – उपद्रि, उत्पदत, िूम, हुल्लड, हुडदां र्, िमदचौिडी.
• ऐक्य – एित्व, एिद, एितद, मेल.
• ऐश्वयग – समृद्भद्ध, कििूकत.
• ओज – तेज, शद्भि, बल, िीयग.
• ओांठ– ओष्ठ, अिर, होांठ.
• औचि – अचदनि, यिदयि, सहसद.
• औरत – स्त्री, जोरू, घरनी, घरिदली.
• किसदन – िृषि, िूकमपुत्र, हलिर, खेकतहर, अन्नददतद.
• िृष्ण – रदिदपकत, घनश्यदम, िदसुदेि, मदिि, मोहन, िेशि, र्ोकिन्द, कर्रिदरी.
• िदन – िणग, श्रुकत, श्रुकतपटल, श्रिण श्रोत, श्रुकतपुट.
• िोयल – िोकिलद, कपि, िदिपदली, बसांतदू त, सदररिद, िुहुकिनी, िनकप्रयद.
• क्रोि – रोष, िोप, अमषग, िोह, प्रकतघदत.
• िीकतग – यश, प्रकसद्भद्ध.
• ऋकष – मुकन, सदिु, यकत, सांन्यदसी, तत्वज्ञ, तपस्वी.
• िच – बदल, िेश, िुन्तल, कचिुर, अलि, रोम, कशरोरूह.
• िमल– नकलन, अरकिांद, उत्पल, रदजीि, पद्म, पांिज, नीरज, सरोज, जलज, जलजदत, शतदल, पुिरीि
• िबूतर – िपोत, रिलोचन, पदरदित.
• िदमदे ि – मदन, मनोज, अनांर्, िदम, रकतपकत, पुष्पिन्वद, मन्मर्
• िण्ठ – ग्रीिद, र्दग न, र्लद.
• िृपद – प्रसदद, िरुणद, दयद, अनुग्रह.
• अनुपम – अपूिग, अतुल्य, अनोखद, अद् िुत, अनन्य.
• अर्ग – िन, द्रव्य, मुद्रद, दौलत, कित्त, पैसद.
• उपिन – बदग, बर्ीचद, उद्यदन, िदकटिद, र्ुलशन.
• कितदब – पोर्ी, ग्रन्थ, पुस्ति.
• किनदरद – तीर, िूल, िर्दर, तट.
• िपडद – चीर, िसन, पट, िस्त्र, पररिदन.
• किरण – ज्योकत, प्रिद, रद्भि, दीद्भि.
• खर् – पक्षी, किहर्, निचर, अिज, पखेरू.
• खांिद – स्तूप, स्तम्भ, खांि.
• र्ांर्द – दे िनदी, मांददकिनी, िर्ीरर्ी, किश्नुपर्द, दे िपर्द, दे िनदी, जदििी, कत्रपर्र्द.
• र्णेश – किनदयि, र्जदनन, र्ौरीनांदन, र्णपकत, र्णनदयि, शांिरसुिन, लम्बोदर, एिदन्त.
• र्ृह – घर, सदन, ििन, िदम, कनिेतन, कनिदस, आलय, आिदस.
• र्मी – तदप, ग्रीष्म, ऊष्मद, र्रमी.
• र्ुरु – कशक्षि, आचदयग, उपदध्यदय.
• घ, च से शुरू होने िदले पयदगयिदची शब् :
• घट – घडद, िलश, िुम्भ, कनप.
• घर – आलय, आिदस, र्ृह, कनिेतन, कनिदस, ििन, िदस, िदस-स्र्दन, शदलद, सदन.
• घृत – घी, अमृत, निनीत.
• घदस – तृण, दू िदग, दू ब, िुश.
• चरण – पद, पर्, पदाँि, पैर, पदद.
• चतुर – किज्ञ, कनपुण, नदर्र, पटु , िुशल, दक्ष, प्रिीण, योग्य.
• चांद्रमद – चदाँद, चन्द्र, शकश, रजनीश, कनशदनदर्, सोम, िलदकनकि.
• चदाँ दनी – चद्भन्द्रिद, िौमुदी, ज्योत्सनद, चन्द्रमरीकच, उकजयदरी, चन्द्रप्रिद, जुन्हदई.
• चदाँ दी – रजत, सौि, रूपद, रूपि, रौप्य, चन्द्रहदस.
• चोटी – मूिदग , सदनु, शांर्.
• छ, ज से शुरू होने िदले पयदगयिदची शब्
• छतरी – छत्र, छदतद.
• जल – सकलल, िदरर, नीर, तोय, अम्बु, पदनी, पय, पेय.
• जर्त – सांसदर, किश्व, जर्, िि, दु कनयद, लोि
• जीि – रसज्ञद, कजह्वद, िदणी, िदचद, जबदन
• जांर्ल – िदनन, िन, अरण्य, र्हन, िदांतदर, बीहड, किटप.
• जेिर – र्हनद, अलांिदर, िूषण.
• ज्योकत – आिद, छकि, द् युकत, दीद्भि, प्रिद.
• झूठ – असत्य, कमथ्यद.
• तीर – शर, बदण, अनी, सदयि.
• ददस – सेिि, नौिर, चदिर, अनुचर, िृत्य.
• ब्रदह्मण – कद्वज, िूदेि, किप्र, महीदे ि, िूकमसुर, िूकमदे ि.
• िय – िीकत, डर, कििीकषिद.
• िदई – तदत, अनुज, अग्रज, भ्रदतद, भ्रदतृ.
• मोर – िलदपी, नीलिांठ, नतगिकप्रय.
• मिु – शहद, रसद, शहद.
• दकि – दही, र्ोरस, मट्ठद.
• दररद्र – कनिगन, गरीब, रां ि, िांर्दल, दीन.
• कदन – कदिस, यदम, कदिद, िदर.
• दीन – गरीब, दररद्र, रां ि, अकिांचन, कनिगन, िांर्दल.
• युिकत – युिती, सुन्दरी, श्यदमद, किशोरी, तरुणी, नियौिनद.
• रमद – इद्भन्दरद, हररकप्रयद, श्री, लक्ष्मी, िमलद, पद्मद, पद्मदसनद, समुद्रजद, श्रीिदर्गिी, क्षीरोदतनयद.
• रदकििद – रदिद, ब्रजरदनी, हररकप्रयद, िृषिदनुजद.
• लडिद – बदलि, कशशु, सुत, किशोर, िुमदर.
• शहद – पुष्परस, मिु, आसि, रस, मिरन्द.
• षडदनन – षटमुख, िदकतगिेय, षदण्मदतुर.
• हदर्ी – हस्ती, िुांजर, िूम्भद, मतांर्, िदरण, र्ज, कद्वप, िरी, मदिल.
• हस्त – हदर्, िर, पदकण, बदहु, िुजद.
• रदत – रदकत्र, रै न, रजनी, कनशद, यदकमनी, कनकश, यदमद, कििदिरी.
• रदजद – नृप, नृपकत, िूपकत, नरपकत, िूपदल, नरे श, महीपकत, अिनीपकत.
• रदकत्र – कनशद, रै न, रदत, यदकमनी, शिगरी, तमद्भस्वनी, कििदिरी.
• दीपि – दीप, दीयद, प्रदीप.
• दु ःख – पीडद,िष्ट, व्यर्द, िेदनद, सांतदप, शोि, खेद, पीर.
• दू ि – दु ग्ध, क्षीर, पय, र्ौरस, स्तन्य.
• दु ष्ट – पदपी, नीच, दु जगन, अिम, खल, पदमर.
• ददाँ त – दन्त.
• दपगण – शीशद, आरसी, आईनद.
• दु र्दग – चांकडिद, ििदनी, िल्यदणी, महदर्ौरी, िदकलिद, कशिद, चिी, चदमुिद.
• दे ितद – सुर, दे ि.
• िूषण – जेिर, र्हनद, आिूषण, अलांिदर.
• िौांरद – मिुप, मिुिर, कद्वरे प, अकल, षट् पद, िृांर्, भ्रमर.
• मनुष्य – आदमी, नर, मदनि, मदनुष, मनुज.
• मकदरद – शरदब, हदलद, आसि, मद.
• दे ह – िदयद, तन, शरीर.
• िन – दौलत, सांपकत्त, सम्पदद, कित्त.
• िरती – िरद, िरती, िसुिद, जमीन, पृथ्वी, िू, िूकम, िरणी, िसुांिरद, अचलद, मही, रत्नर्िदग .
• िनुष – चदप, शरदसन, िमदन, िोदां ड, िनु.
• नदी – सररतद, तकटनी, सरर, सदरां र्, तरां कर्णी, दररयद, कनझगररणी.
• नयद – नूतन, नि, निीन, नव्य.
• नदि – नौिद, तरणी, तरी.
• पिन – िदयु, हिद, समीर, िदत, मदरुत, अकनल.
• पहदड – पिगत, कर्रर, अचल, शैल, िूिर, महीिर.
• पक्षी – खेचर, दकिज, पतांर्, पांछी, खर्, चकडयद, र्र्नचर, पखेरू, किहांर्, निचर.
• पकत – स्वदमी, प्रदणदिदर, प्रदणकप्रय, प्रदणेश.
• अांििदर – तम, कतकमर, अाँिेरद, तमस, अांकियदरद.
• आम – रसदल, आम्र, सौरि, अमृतफल
• आां सू – नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु.
• षांड – हीजडद, नपुांसि, नदमदग .
• पत्नी – िदयदग , ििू, िदमद, अिदंकर्नी, सहिकमगणी, र्ृहणी, बहु, िकनतद, ददरद, जोरू, िदमदांकर्नी.
• पुत्र – बेटद, आत्मज, सुत, ित्स, तनुज, तनय, नांदन.
• पुत्री – बेटी, आत्मजद, तनूजद, सुतद, तनयद.
• पुष्प – फूल, सुमन, िुसुम, मांजरी, प्रसून.
• फूल – पुष्प, सुमन, िुसुम, र्ुल, प्रसून.
• बददल – मेघ, घन, जलिर, जलद, िदररद, पयोिर.
• बदलू – रे त, बदलुिद, सैित.
• बन्दर – िदनर, िकप, हरर.
• कबजली – घनकप्रयद, इन्द्र्िज्र, चांचलद, सौददमनी, चपलद, ददकमनी, तकडत, किद् युत.
• बर्ीचद – बदग, िदकटिद, उपिन, उद्यदन, फुलिदरी, बकर्यद.
• बदण – सर, तीर, सदयि, किकशख.
• कशि – िोलेनदर्, शम्भू, कत्रलोचन, महददे ि, नीलिांठ, शांिर.
• शरीर – दे ह, तनु, िदयद, िलेिर, अांर्, र्दत.
• शत्रु – ररपु, दु िन, अकमत्र, िैरी, अरर, किपक्षी.
• सीतद – िैदेही, जदनिी, िूकमजद, जनितनयद, जनिनद्भन्दनी, रदमकप्रयद.
• बदल – िच, िेश, कचिुर, चूल.
• छली – छकलयद, िपटी, िोखेबदज.
• छकि – शोिद, सौांदयग, िदद्भन्त, प्रिद.
• छदनबीन – जदाँच, पूछतदछ, खोज, अन्वेषण, शोि.
• छै लद – सजीलद, बदाँिद, शौिीन.
• छोर – नोि, िोर, किनदरद, कसरद.
• ब्रह्मद – कििदतद, स्वयांिू, प्रजदपकत, कपतदमह, चतुरदनन, किरां कच, अज.
• बलदे ि – बलरदम, बलिद्र, हलदयुि, रोकहणेय.
• बहुत – अनेि, अतीि, अकत, बहुल, प्रचुर, अपररकमत, प्रिूत, अपदर, अकमत, अत्यन्त, असांख्य.
• मृर् – कहरण, सदरां र्, िृष्णसदर.
• मछली – मीन, मत्स्य, जलजीिन, शफरी, मिर.
• मदतद – जननी, मदाँ , अांबद, जनयत्री, अम्मद.
• कमत्र – सखद, सहचर, सदर्ी, दोस्त.
• सांसदर – लोि, जर्, जहदन, जर्त, किश्व.
• हनुमदन – पिनसुत,पिनिुमदर, महदिीर, रदमदू त, मदरुततनय, अांजनीपुत्र, आां जनेय, िपीश्वर, िेशरीनांदन,
बजरां र्बली, मदरुकत.
• कहमदां शु – कहमिर, कनशदिर, क्षपदनदर्, चन्द्रमद, चन्द्र, कनकशपकत.
• स्वणग – सुिणग, िांचन, हेन, हदरि, जदतरूप, सोनद, तदमरस, कहरण्य.
• सरस्वती – कर्रद, शदरदद, िदरती, िीणदपदकण, किमलद, िदर्ीश, िदर्ेश्वरी.
• कहमदलय – कहमकर्री, कहमदचल, कर्रररदज, पिगतरदज, नर्ेश.
• कहरण – सुरिी, िुरर्, मृर्, सदरां र्, कहरन.
• होांठ – अक्षर, ओष्ठ, ओांठ.
• लडिी – बदकलिद, िुमदरी, सुतद, किशोरी, बदलद, िन्यद.
• लक्ष्मी – िमलद, पद्मद, रमद, हररकप्रयद, श्री, इां कदरद, पद्मजद, कसिुसुतद, िमलदसनद.
• लक्ष्मण – लखन, शेषदितदर, सौकमत्र, रदमदनुज, शेष.
• लौह – अयस, लोहद, सदर.
• लतद – बल्लरी, बल्ली, बेली.
• िदयु – हिद, पिन, समीर, अकनल, िदत, मदरुत.
• िसन – अम्बर, िस्त्र, पररिदन, पट, चीर.
• किििद – अनदर्द, पकतहीनद.
• किष – जहर, हलदहल, र्रल, िदलिूट.
• िृक्ष – पेड, पददप, किटप, तरू, र्दछ, दरख्त, शदखी, किटप, द्रु म.
• किष्णु – नदरदयण, चक्रपदणी.
• किश्व – जर्त, जर्, िि, सांसदर, लोि, दु कनयद.
• किद् युत – चपलद, चांचलद, ददकमनी, सौददकमनी, तकडत, बीजुरी, घनिल्ली, क्षणप्रिद, िरिद.
• बदररश – िषगण, िृकष्ट, िषदग , पदिस, बरसदत.
• िीयग – जीिन, सदर, तेज, शुक्र, बीज.
• िज्र – िुकलस, पकि, अशकन, दिोकल.
• किशदल – किरदट, दीघग, िृहत, बडद, महदन.
• िृक्ष – र्दछ, तरु, पेड, द्रु म, पददप, किटप, शदखी.
• स, श, और ष से शुरू होने िदले पयदगयिदची शब् :
• शुभ्र – र्ौर, श्वेत, अमल, िलक्ष, शुक्ल, अिददत
• हां स – िलिांठ, मरदल, कसपपक्ष, मदनसौि.
• हृदय – छदती, िक्ष, िक्षस्र्ल, कहय, उर.
• हदर् – हस्त, िर, पदकण.
• यम – सूयगपुत्र, जीकितेश, िृतदांत, अन्ति, दििर, िीनदश, यमरदज.
• यमुनद – िदकलन्दी, सूयगसुतद, रकितनयद, तरकण-तनूजद, तरकणजद, अिगजद, िदनुजद.
• रदमचन्द्र – सीतदपकत, रदघि, रघुपकत, रघुिर, रघुनदर्, रघुरदज, रघुिीर, जदनिीिल्लि, िौशल्यदनन्दन.
• रदिण – दशदनन, लांिेश, लांिदपकत, दशशीश, दशिांि.
• खल – दु जगन, दु ष्ट, घूतग, िुकटल.
• खून – रि, लहू, शोकणत, रुकिर.
• उजदलद – प्रिदश, रोशनी, चदाँदनी

[04] किलोम शब्


महत्त्वपूणग किलोम शब्

शब् किलोम शब्

अांश पूणग

अांतमुगखी बकहमुगखी

अांतरां र् बकहरां र्

अकत अल्प

अपनद परदयद

अपरदकजत परदकजत

अिदग चीन प्रदचीन

अिदल सुिदल

अकिज्ञ अनकिज्ञ

अनन्त अन्त, सदन्त

अज्ञ किज्ञ

अकिमूल्यन अिमूल्यन

अपरदिी कनरपरदिी

अर् (प्रदरम्भ) इकत (समदद्भि)

अिमगि सिमगि

अमृत किष
अर्दह कछछलद

अिर प्रिर

अितल उत्तल

अकतकर् आकतर्ेय

अकतिृकष्ट अनदिृकष्ट

अिोर्कत ऊध्वगर्कत

अघोष सघोष

अकियुि अकियोर्ी

अग्र पि

अत्यकिि स्वल्प

अनुिूल प्रकतिूल

अनुरदर् किरदर्

अनुरि किरि

अनुरूप प्रकतरूप

अनदहूत आहूत

अग्रज अनुज

अिम उत्तम

अपेक्षद उपेक्षद

अल्पज्ञ बहुज्ञ

अल्पदयु कचरदयु/दीघदग यु

अिकन अांबर

असीम ससीम

अनुनदकसि कनरदनुनदकसि

अकनिदयग ऐद्भच्छि/िैिद्भल्पि
अिुनदतन पुरदतन

अस्त्रीिरण कनरस्त्रीिरण

आकद अांत

आकििदग ि कतरोिदि

आरोह अिरोह

आर्मन कनर्गमन

आद्भस्ति नदद्भस्ति

आग्रह दु रदग्रह

आिुकनि प्रदचीन

आकििूगत कतरोिूत/कतरोकहत

आितगि अनदितगि

आर्दमी किर्त

आज्ञद अिज्ञद

आद्रग शुष्क

आलस्य उद्यम

आिदश पदतदल

आचदर अनदचदर

आत्मकनिगर परजीिी

आद्य अांत्य

आध्यदद्भत्मि सदां सदररि

आनन्द शोि

आह्लदद किषदद

आभ्यांतर बदह्य

आिुांचन प्रसदरण
आह्वदन किसजगन

आलोचनद प्रशांसद

आिषगण कििषगण

आकमष कनरदकमष

आसि अनदसि

आशीिदग द अकिशदप

आशद कनरदशद

आर पदर

आिृत्त अनदिृत्त

आस्र्द अनदस्र्द

आयदत कनयदग त

आददन प्रददन

आयद र्यद

आय व्यय

आकश्रत अनदकश्रत

इहलोि परलोि

इष्ट अकनष्ट

इच्छद अकनच्छद

ईश्वर अनीश्वर

उत्थदन पतन

उद्धत किनीत

उपद्भस्र्त अनुपद्भस्र्त

उत्कृष्ट कनिृष्ट

उपिदर अपिदर
उत्कषग अपिषग

उन्मीलन (द्भखलनद) कनमीलन

उन्नकत अिनकत

उद् घदटन समदपन

उन्मूलन स्र्दपन/रोपण

उन्मुख किमुख

उपमदन उपमेय

उिगर ऊसर/अनुिगर

उत्पकत किनदश

उत्तरदयण दकक्षणदयण

उत्तरदद्धग पूिदग द्ध

उदयदचल अस्तदचल

उपमेय अनुपमेय

उपचदर अपचदर

उषद सांध्यद

उच्छ्वदस कनःश्वदस

उज्ज्वल िूकमल

उत्तीणग अनुत्तीणग

उपदकजगत अनुपदकजगत

उल्लदस किषदद

उपसर्ग प्रत्यय

उददर अनुददर

उिि अिसदन

उपजदऊ अनुपजदऊ
उध्वग अिर

उिदर निद

उत्पददि अनुत्पददि

उपयोर् अनुपयोर्/दु पगयोर्

ऊपर नीचे

ऊाँच नीच

ऋत अनृत

ऋण उऋण

ऋणी िनी

ऋजु िक्र

एि अनेि

एडी चोटी

एितद अनेितद

एिदन्त अनेिदन्त

एिदिी समग्र

एिदर्गि अनेिदर्गि

एिदकििदर सिदग कििदर

ऐकहि पदरलौकिि

ऐक्य अनेक्य

ऐश्वयग अनैश्वयग

औजस्वी कनस्तेज

औकचत्य अनौकचत्य

औददयग अनौददयग

िटु मिुर
िददचदर सददचदर

िदपुरुष पुरुषदर्ी

िकनष्ठ िररष्ठ/ज्येष्ठ

िठोर मुलदयम

क्रय किक्रय

िल्यदण अिल्यदण

िदयर िीर

िडु िद मीठद

िपूत सपूत

िपटी कनष्कपट

िमजोर बलिदन

िमी िृद्भद्ध, बेशी

ििगश मिुर

िलांकित कनष्कलांि

िद्भल्पत यर्दर्ग

िलुकषत कनष्कलांि

िसूरिदर बेिसूर

िटु िदषी मृदुिदषी

िदलद र्ोरद

िुलदीप िुलदां र्दर

िुमदरी कििदकहतद

क्रोि शदद्भन्त

िोलदहल नीरितद

िमगण्य अिमगण्य
िरणीय अिरणीय

िदयग अिदयग

िुपर् सुपर्

िुर्कत सुर्कत

िुमदर्ग सुमदर्ग

िुमकत सुमकत

िुरूप सुरूप

िृकत्रम नैसकर्गि

िृष्ण शुक्ल

िुलटद पकतव्रतद

िृपद िोप

िृश पुष्ट/स्र्ूल

कक्रयद प्रकतकक्रयद

िीकतग अपिीकतग

िुख्यदत किख्यदत

िृपण उददर

िृतज्ञ िृतघ्न

िुकटल सरल

िोमल िठोर

क्षुण्ण अक्षुण्ण

क्षुद्र किरदट

खांडन मांडन

खरद खोटद

खर्ोल िूर्ोल
खीझनद रीझनद

खुशी र्म

खुशकिस्मत बदकिस्मत

खुशबू बदबू

खेद प्रसन्नतद

र्णतांत्र रदजतांत्र

र्ांिीर िदचदल/चांचल, चपल

र्रल सुिद

र्ररमद लकघमद

र्हरद उर्लद

र्ृहस्र् सांन्यदसी

ग्रदम नर्र

ग्रदह्य अग्रदह्य/त्यदज्य

र्ुि प्रिट

र्ुरु लघु

र्ोचर अर्ोचर

र्ौरि लदघि

र्ौण मुख्य

र्ुण अिर्ुण/दोष

र्मी सदी

र्मन आर्मन

घनद कछतरद

घदत प्रकतघदत

घृणद प्रेम
चांचल द्भस्र्र

चपल र्ांिीर

चर अचर

चतुर मूखग

चढ़दि उतदर

कचाँकतत कनकिाँत

कचर द्भस्र्र

चेतन अचेतन/जड

चेतनद मूच्छदग

छली कनश्छल

छदयद िूप

जांर्म स्र्दिर

जय परदजय

जन्म मृत्यु

जदर्रण सषुद्भि/कनद्रद

जदग्रत सुषुि

जकटल सरल

जल र्ल

जीत हदर

जीकित मृत

जीि जड

ज्योकत तम

जीणग अजीणग

ज्येष्ठ लघु
ज्ञदत अज्ञदत

ज्ञदन अज्ञदन

ज्ञेय अज्ञेय

झूाँठ सदाँ च

झूठद सच्चद

झोाँपडी महल

ठोस द्रि/तरल

ढ़दल चढ़दई

तटस्र् पक्षपदती

तर शुष्क

तरुण िृद्ध

ति शीतल

त्यि र्ृहीत

त्यदज्य ग्रदह्य

तदमकसि सदद्भत्वि

तदरीफ बुरदई

कतकमर प्रिदश

तीव्र मांद/मन्थर

तुच्छ महदन

तृष्णद कितृष्णद

तृषद तृद्भि

त्यदर् िोर्

तीक्ष्ण सरल

र्दह अर्दह
र्ोि खुदरद

र्ोडद बहुत

दररद्र िनी

दयद क्रूरतद

दकक्षण उत्तर

ददतद र्ृहीतद, िृपण

कदन रदत

कदिद रदकत्र

दीघग लघु

दीघगिदय लघुिदय

दु र्गि सुर्ि

दृश्य अदृश्य

दु रदचदर सददचदर

दु जगन सज्जन

दु रुपयोर् सदु पयोर्

दु रदचदरी सददचदरी

दु ष्कर सुिर

दु ष्प्रदप्य सुप्रदप्य

द्रु त मांर्र

दू र पदस

दे ि ददनि

दे नददर लेनददर

दे शिि दे शद्रोही
शब् किलोम शब्

िमग अिमग

ध्वांस कनमदग ण

ध्वल श्यदम

िरद र्र्न

िनदत्मि ऋणदत्मि

िीर अिीर

िीरज उतदिलदपन

िृष्ट किनम्र

िूप छदाँ ि

नयद पुरदनद

नश्वर शदश्वत

न्यून अकिि

नर्र ग्रदम

निीन प्रदचीन

नत उन्नत

नरदिम नरपुांर्ि

नम्र अनम्र

नमिहरदम नमिहलदल

कनिीि िीरु

कनरुद्देश्य सोद्देश्य

कनमगल मकलन

कनकषद्ध किकहत

कनबगल सबल
कनलगज्ज सलज्ज

कनरर्गि सदर्गि

कनर्ुगण सर्ुण

कनरदिदर सदिदर

कनरदिदर सदिदर

कनाँद्य िांद्य

कनद्भिय सकक्रय

कनन्दद स्तुकत

कनरपेक्ष सदपेक्ष

कनिल चांचल

कनस्वदर्ग स्वदर्ी

नीरस सरस

नूतन पुरदतन

नेिी बदी

नैकति अनैकति

कनष्कदम सिदम

नर नदरी

कनरक्षर सदक्षर

पकठत अपकठत

परमदर्ग स्वदर्ग

पद्भित मूखग

परतांत्र स्वतांत्र

पकित्र अपकित्र

परदिीन स्वदिीन
परिीय स्विीय

पहले पीछे

प्रिदन र्ौण

प्रशांसद कनन्दद

प्रिृकत्त कनिृकत्त

प्रदिृकति अप्रदिृकति

प्रत्यक्ष परोक्ष/अप्रत्यक्ष

पररतोष दां ड

पदिदत्य पौिदग त्य/पौरस्त्य

प्रसदरण सांिुचन

पदोन्नत पददिनत

पदप पुण्य

पदिन अपदिन

पदत्र अपदत्र

पेय अपेय

पुरुष स्त्री

पूणग अपूणग

पदठ्य अपदठ्य

पदस्र् अपदस्र्

पक्ष किपक्ष

पल्लिन सांक्षेपण

पररश्रम किश्रदम

प्रलय सृकष्ट

प्रश्न उत्तर
प्रर्कत अिनकत

प्रर्म अांकतम

प्रिेश कनिदस

प्रतीची प्रदची

प्रफुल्ल ग्लदन

प्रसदद किषदद

प्रज्ञ मूढ़

प्रदरां किि अांकतम

पदकर्गि अपदकर्गि

पदलि घदलि/सांहदरि

पदपी कनष्पदप

प्रीकत द्वे ष

पुरस्कृत दां कडत

पुरोर्दमी पिर्दमी

पुष्ट क्षीण

पूकणगमद अमदिस्यद

पूिगिती परिती

प्रेम घृणद

प्रेषि प्रदपि

पैनद िौर्रद

प्रोत्सदकहत हतोत्सदकहत

फूल िदाँ टद

बकहष्कदर स्वीिदर

बद्ध मुि
बांिन मुद्भि/मोक्ष

बकढ़यद घकटयद

बलिदन िमजोर

बांजर उिगर

बकलष्ठ दु बगल

बसांत पतझड

बहददु र डरपोि

बबगर सभ्य

बदढ़ सूखद

बदह्य आां तररि

िद्र अिद्र

िलदई बुरदई

िदरी हल्कद

िूत िकिष्य

िोर्ी योर्ी

भ्रदन्त कनभ्रदन्त

िलद बुरद

िौकति आध्यदद्भत्मि

िेद अिेद

िेद्य अिेद्य

ममत्व परत्व

मग्न दु खी/ऊपर

मांर्ल अमांर्ल

मसृण रुक्ष
मनुज दनुज

ममतद कनष्ट्ठुरतद

महीन मोटद

मत किमत

मकत िुमकत

मनुष्यतद पशुतद

मदन अपमदन

कमत्र शत्रु

कमतव्यय अपव्यय

कमलन कबछोह

कमथ्यद सत्य

मुनदफद घदटद

मुख्य र्ौण

मूढ़ ज्ञदनी

मूि िदचदल

मेहमदन मेजबदन

मौद्भखि कलद्भखत

मौन मुखर, िदचदल

मदनिीय अमदनिीय

मूल्यिदन मूल्यहीन

यश अपयश

युर्ल एिल

युद्ध शदां कत

योर् कियोर्
यौिन िदिगक्य

रत किरत

रक्षण िक्षण

रक्षि िक्षि

रद्द बहदल

रचनदत्मि ध्वांसदत्मि

रसीलद नीरस

रकत किरकत

रदर् द्वे ष, किरदर्

रदजद रां ि

ररि पूणग

रीतद िरद

रुकच अरुकच

रुग्ण स्वस्र्

रुदन हदस्य

लकलत िुरूप

लघु किशदल/र्ुरु/दीघग

लदि हदकन

कलि कनकलगि

कलद्भखत अकलद्भखत

लुि व्यि

लुिदिनद कघनौनद

लोि परलोि

लोि त्यदर्• लौकिि – अलौकिि


िक्र सरल

ििद श्रोतद

िर ििू

िफदददर बेिफद

िरददन अकिशदप

व्यद्भि समदज

व्यद्भिर्त सदमूकहि/समकष्टर्त

व्यकष्ट समकष्ट

व्यकिचदरी सददचदरी

व्यर्ग अव्यर्ग

िन्य पदलतु

िददी प्रकतिददी

िदकिफ नदिदकिफ

व्यिस्र्द अव्यिस्र्द

किििद सििद

कििि परदिि

किश्लेषण सांश्लेषण

किपदद सम्पदद

किकि कनषेि

किस्तदर सांक्षेप

कििल अकििल

किज्ञ अकिज्ञ

किजयी परदस्त

किनीत उद्धत
किपकत सम्पकत्त

किशेष/किकशष्ट सदिदरण

किरदट क्षुद्र

किस्तृत सांकक्षि

किरह कमलन

कििल्प सांिल्प

किद्वदन मूखग

कििदकदत कनकिगिदद

किजेतद किकजत

कियोर् सांयोर्

किददई स्वदर्त

किपुल अल्प

किलदस तपस्यद

िेदनद आनन्द

िैमनस्य सौमनस्य

िैतकनि अिैतकनि

शिुन अपशिुन

श्लील अश्लील

शत्रुतद कमत्रतद

शयन जदर्रण

शमगददर बेशमग

शहरी दे हदती

श्लदघद कनाँदद

श्वेत श्यदम
शदयद अिश्य

शदसि शदकसत

शदलीन िृष्ट

शदन्त अशदन्त

कशि अकशि

शीत उष्ण

शीषग तल

कशष्ट अकशष्ट

श्रीर्णेश इकतश्री

शुि अशुि

शूरतद िीरुतद

शांखकलत किशांखकलत

शोहरत बदनदमी

शोि हषग

शोषि पोषि

समर्ग असमर्ग

सूम उददर

सुबोि दु बोि

सन्दे ह किश्वदस

सौिदग्य दु िदग ग्य

सम्पन्नतद किपन्नतद

सद्भि किग्रह

सम्भोर् किप्रलम्भ

समदस व्यदस
स्र्ूल सूक्ष्म

सक्षम अक्षम

सजीि कनजीि

सत्यदग्रह दु रदग्रह

सभ्य असभ्य

सांघठन किघटन

सजल कनजगल

सत्य असत्य

सांतोष असांतोष

सफलतद असफलतद

सांिीणग किस्तृत/किस्तीणग

सांन्यदसी र्ृहस्र्

सांयुि कियुि

सांध्यद प्रदतः

सददशय दु रदशय

सत्कदर कतरस्कदर

समूल कनमूगल

सहज िकठन

सम किषम

सचेष्ट कनिेष्ट

सघन किरल

स्मरण किस्मरण

स्मृत किस्मृत

स्वदे श परदे श/किदे श


सदिम्यग िैिम्यग

सदहचयग पृर्क्करण

सदर कनस्सदर

कसत अकसत

सुपुत्र िुपुत्र

सुखदां त दु खदां त

सुरीलद बेसुरद

सृजन सांहदर

हरद सूखद

हषग किषदद

हृस्व दीघग

ह्रदस िृद्भद्ध

कहाँ सद अकहाँ सद

कहत अकहत

हे य प्रेय

होनी अनहोनी

क्षकणि शदश्वत।

[05] समदस एिां समदस किग्रह


समदस
समदस िद तदत्पयग है ‘सांकक्षिीिरण’। दो यद दो से अकिि शब्ोां से कमलिर बने हुए एि निीन एिां सदर्गि शब् िो
समदस िहते हैं । जैसे-‘रसोई िे कलए घर’ इसे हम ‘रसोईघर’ िी िह सिते हैं ।

सदमदकसि शब्- समदस िे कनयमोां से कनकमगत शब् सदमदकसि शब् िहलदतद है। इसे समस्तपद िी िहते हैं । समदस
होने िे बदद कििद्भियोां िे कचि (परसर्ग) लुि हो जदते हैं । जैसे-रदजपुत्र।

समदस-किग्रह- सदमदकसि शब्ोां िे बीच िे सांबांि िो स्पष्ट िरनद समदस-किग्रह िहलदतद है । जैसे-रदजपुत्र-रदजद िद
पुत्र।
पूिगपद और उत्तरपद- समदस में दो पद (शब्) होते हैं । पहले पद िो पूिगपद और दू सरे पद िो उत्तरपद िहते हैं ।
जैसे-र्ांर्दजल। इसमें र्ांर्द पूिगपद और जल उत्तरपद है ।

समदस िे िेद

समदस िे चदर िेद हैं -

1. अव्ययीिदि समदस।

2. तत्पुरुष समदस।

3. द्वां द्व समदस।

4. बहुव्रीकह समदस।

1. अव्ययीिदि समदस

कजस समदस िद पहलद पद प्रिदन हो और िह अव्यय हो उसे अव्ययीिदि समदस िहते हैं । जैसे-यर्दमकत (मकत िे
अनुसदर), आमरण (मृत्यु िर) इनमें यर्द और आ अव्यय हैं।

िुछ अन्य उददहरण-

आजीिन - जीिन-िर, यर्दसदमथ्यग - सदमथ्यग िे अनुसदर

यर्दशद्भि - शद्भि िे अनुसदर, यर्दकिकि किकि िे अनुसदर

यर्दक्रम - क्रम िे अनुसदर, िरपेट पेट िरिर

हररोज - रोज-रोज, हदर्ोांहदर् - हदर् ही हदर् में

रदतोांरदत - रदत ही रदत में, प्रकतकदन - प्रत्येि कदन

बेशि - शि िे कबनद, कनडर - डर िे कबनद

कनस्सांदेह - सांदेह िे कबनद, हरसदल - हरे ि सदल

अव्ययीिदि समदस िी पहचदन- इसमें समस्त पद अव्यय बन जदतद है अर्दग त समदस होने िे बदद उसिद रूप ििी
नहीां बदलतद है । इसिे सदर् कििद्भि कचि िी नहीां लर्तद। जैसे-ऊपर िे समस्त शब् है ।

2. तत्पुरुष समदस

कजस समदस िद उत्तरपद प्रिदन हो और पूिगपद र्ौण हो उसे तत्पुरुष समदस िहते हैं । जैसे-तुलसीददसिृत=तुलसी
द्वदरद िृत (रकचत)

ज्ञदतव्य- किग्रह में जो िदरि प्रिट हो उसी िदरि िदलद िह समदस होतद है । कििद्भियोां िे नदम िे अनुसदर इसिे छह
िेद हैं -

(1) िमग तत्पुरुष कर्रहिट कर्रह िो िदटने िदलद

(2) िरण तत्पुरुष मनचदहद मन से चदहद

(3) सांप्रददन तत्पुरुष रसोईघर रसोई िे कलए घर


(4) अपदददन तत्पुरुष दे शकनिदलद दे श से कनिदलद

(5) सांबांि तत्पुरुष र्ांर्दजल र्ांर्द िद जल

(6) अकििरण तत्पुरुष नर्रिदस नर्र में िदस

(ि) नञ तत्पुरुष समदस

कजस समदस में पहलद पद कनषेिदत्मि हो उसे नञ तत्पुरुष समदस िहते हैं । जैसे-

समस्त पद समदस-किग्रह समस्त पद समदस-किग्रह

असभ्य न सभ्य अनांत न अांत

अनदकद न आकद असांिि न सांिि

(ख) िमगिदरय समदस

कजस समदस िद उत्तरपद प्रिदन हो और पूिगिद ि उत्तरपद में किशेषण-किशेष्य अर्िद उपमदन-उपमेय िद सांबांि हो
िह िमगिदरय समदस िहलदतद है । जैसे-

समस्त पद समदस-किग्रह समस्त पद समदत किग्रह

चांद्रमुख चांद्र जैसद मुख िमलनयन िमल िे समदन नयन

दे हलतद दे ह रूपी लतद दहीबडद दही में डूबद बडद

नीलिमल नीलद िमल पीतदां बर पीलद अांबर (िस्त्र)

सज्जन सत् (अच्छद) जन नरकसांह नरोां में कसांह िे समदन

(र्) कद्वर्ु समदस

कजस समदस िद पूिगपद सांख्यदिदचि किशेषण हो उसे कद्वर्ु समदस िहते हैं । इससे समूह अर्िद समदहदर िद बोि होतद
है । जैसे-

समस्त पद समदत-किग्रह समस्त पद समदस किग्रह

निग्रह नौ ग्रहोां िद मसूह दोपहर दो पहरोां िद समदहदर

कत्रलोि तीनोां लोिोां िद समदहदर चौमदसद चदर मदसोां िद समूह

निरदत्र नौ रदकत्रयोां िद समूह शतदब्ी सौ अब्ो (सदलोां) िद समूह

अठन्नी आठ आनोां िद समूह


3. द्वां द्व समदस

कजस समदस िे दोनोां पद प्रिदन होते हैं तर्द किग्रह िरने पर ‘और’, अर्िद, ‘यद’, एिां लर्तद है , िह द्वां द्व समदस
िहलदतद है । जैसे-

समस्त पद समदस-किग्रह समस्त पद समदस-किग्रह

पदप-पुण्य पदप और पुण्य अन्न-जल अन्न और जल

सीतद-रदम सीतद और रदम खरद-खोटद खरद और खोटद

ऊाँच-नीच ऊाँच और नीच रदिद-िृष्ण रदिद और िृष्ण

4. बहुव्रीकह समदस

कजस समदस िे दोनोां पद अप्रिदन होां और समस्तपद िे अर्ग िे अकतररि िोई सदां िेकति अर्ग प्रिदन हो उसे बहुव्रीकह
समदस िहते हैं । जैसे-

समस्त पद समदस-किग्रह

दशदनन दश है आनन (मुख) कजसिे अर्दग त् रदिण

नीलिांठ नीलद है िांठ कजसिद अर्दग त् कशि

सुलोचनदसुांदर है लोचन कजसिे अर्दग त् मेघनदद िी पत्नी

पीतदां बर पीले है अम्बर (िस्त्र) कजसिे अर्दग त् श्रीिृष्ण

लांबोदर लांबद है उदर (पेट) कजसिद अर्दग त् र्णेशजी

दु रदत्मद बुरी आत्मद िदलद (िोई दु ष्ट)

श्वेतदां बर श्वेत है कजसिे अांबर (िस्त्र) अर्दग त् सरस्वती

सांकि और समदस में अांतर

सांकि िणों में होती है । इसमें कििद्भि यद शब् िद लोप नहीां होतद है । जैसे-दे ि+आलय=दे िदलय। समदस दो पदोां में होतद
है । समदस होने पर कििद्भि यद शब्ोां िद लोप िी हो जदतद है । जैसे-मदतद-कपतद=मदतद और कपतद।

िमगिदरय और बहुव्रीकह समदस में अांतर- िमगिदरय में समस्त-पद िद एि पद दू सरे िद किशेषण होतद है । इसमें
शब्दर्ग प्रिदन होतद है । जैसे-नीलिांठ=नीलद िांठ। बहुव्रीकह में समस्त पद िे दोनोां पदोां में किशेषण-किशेष्य िद सांबांि
नहीां होतद अकपतु िह समस्त पद ही किसी अन्य सांज्ञदकद िद किशेषण होतद है। इसिे सदर् ही शब्दर्ग र्ौण होतद है और
िोई किन्नदर्ग ही प्रिदन हो जदतद है । जैसे-नील+िांठ=नीलद है िांठ कजसिद अर्दग त कशि।
[06] अनेिदर्गि शब्
‘अनेिदर्ी’ शब् िद अकिप्रदय है , किसी शब् िे एि से अकिि अर्ग होनद। बहुत से शब् ऐसे है ,ाँ कजनिे एि से
अकिि अर्ग होते है ।ाँ ऐसे शब्ोाँ िद अर्ग किन्न–किन्न प्रयोर् िे आिदर पर यद प्रसांर्दनुसदर ही स्पष्ट होतद है । िदषद सौष्ठि
िी दृकष्ट से इनिद बडद महत्त्व है ।

प्रमुख अनेिदर्ी शब् िी कलस्ट :

• अांि – सांख्यद िे अांि, नदटि िे अांि, र्ोद, अध्यदय, पररच्छे द, कचि, िदग्य, स्र्दन, पकत्रिद िद नांबर।

• अांर् – शरीर, शरीर िद िोई अियि, अांश, शदखद।

• अांचल – कसरद, प्रदे श, सदडी िद पल्लू।

• अांत – कसरद, समदद्भि, मृत्यु, िेद, रहस्य।

• अांबर – आिदश, िस्त्र, बददल, किशेष सुर्द्भित द्रि जो जलदयद जदतद है ।

• अक्षर – नष्ट न होने िदलद, अ, आ आकद िणग, ईश्वर, कशि, मोक्ष, ब्रह्म, िमग, र्र्न, सत्य, जीि।

• अिग – सूयग, आि िद पौिद, औषकियोाँ िद रस, िदढ़द, इन्द्र, स्फकटि, शरदब।

• अिदल – दु किगक्ष, अिदि, असमय।

• अज – ब्रह्मद, बिरद, कशि, मेष रदकश, कजसिद जन्म न हो (ईश्वर)।

• अर्ग – िन, ऐश्वयग, प्रयोजन, िदरण, मतलब, अकिप्रद, हे तु (कलए)।

• अक्ष – िुरी, आाँ ख, सूयग, सपग, रर्, मिल, ज्ञदन, पकहयद, िील।

• अजीत – अजेय, किष्णु, कशि, बुद्ध, एि किषैलद मूषि, जैकनयोाँ िे दू सरे तीर्गिर।
ाँ

• अकतकर् – मेहमदन, सदिु, यदत्री, अपररकचत व्यद्भि, अकग्न।

• अिर – कनरदिदर, शून्य, कनचलद ओष्ठ, स्वर्ग, पदतदल, मध्य, नीचद, पृथ्वी ि आिदश िे बीच िद िदर्।

• अध्यक्ष – कििदर् िद मुद्भखयद, सिदपकत, इां चदजग।

• अपिदद – कनाँदद, िलांि, कनयम िे बदहर।

• अपेक्षद – तुलनद मे,ाँ आशद, आिश्यितद, इच्छद।

• अमृत – जल, दू ि, पदरद, स्वणग, सुिद, मुद्भि, मृत्युरकहत।

• अरुण – लदल, सूयग, सूयग िद सदरर्ी, कसाँदूर, सोनद।

• अरुणद – ऊषद, मजीठ, िुाँिली, अकतकिषद, इन्द्र, िदरुणी।

• अनन्त – सीमदरकहत, ब्रह्मद, किष्णु, कशि, शेषनदर्, लक्ष्मण, बलरदम, बदाँ ह िद आिूषण, आिदश, अन्तहीन।
• अग्र – आर्े िद, श्रेष्ठ, कसरद, पहले।

• अब्ज – शांख, िपूर, िमल, चन्द्रमद, पद्य, जल मे ाँ उत्पन्न।

• अमल – मलरकहत, िदयदगन्वयन, नशद-पदनी।

• अिस्र्द – उम्र, दशद, द्भस्र्कत।

• आिर – खदन, िोष, स्रोत।

• अशोि – शोिरकहत, एि िृक्ष, सम्रदट अशोि।

• आरदम – बर्ीचद, किश्रदम, सुकििद, रदहत, रोर् िद दू र होनद।

• आदशग – योग्य, नमूनद, उददहरण।

• आम – सदमदन्य, एि फल, मदमूली, सिगसदिदरण।

• आत्मद – बुद्भद्ध, जीिदत्मद, ब्रह्म, दे ह, पुत्र, िदयु।

• आली – सखी, पांद्भि, रे खद।

• आतुर – कििल, रोर्ी, उत्सुि, अशि।

• इन्दु – चन्द्रमद, िपूर।

• ईश्वर – प्रिु, समर्ग, स्वदमी, िकनि।

• उग्र – क्रूर, ियदनि, िष्टददयि, तीव्र।

• उत्तर – जिदब, एि कदशद, बदलद, पिदतदप।

• उत्सर्ग – त्यदर्, ददन, समदद्भि।

• उत्पदत – शरदरत, दां र्द, हो-हल्लद।

• उपचदर – उपदय, सेिद, इलदज, कनददन।

• ऋण – िजग, ददकयत्व, उपिदर, घटदनद, एितद, घटदने िद बूटी िदलद पत्तद।

• िांटि – िदाँ टद, किघ्न, िीलि।

• िांचन – सोनद, िदाँ च, कनमगल, िन-दौलत।

• िनि – स्वणग, ितूरद, र्ेहूाँ, िृक्ष, पलदश (टे सू)।

• िन्यद – िुमदरी लडिी, पुत्री, एि रदकश।

िलद – अांश, एि किषय, िुशलतद, शोिद, तेज, युद्भि, र्ुण, ब्यदज, चदतुयग, चदाँ द िद सोलहिदाँ अांश।

• िर – किरण, हदर्, सूाँड, िदयदग देश, टै क्स।

• िल – मशीन, आरदम, सुख, पुजदग , मिुर ध्वकन, शदद्भन्त, बीतद हुआ कदन, आने िदलद कदन।
• िक्ष – िदाँख, िमरद, िछौटद, सूखी घदस, सूयग िी िक्षद।

• ित्तदग – स्वदमी, िरने िदलद, बनदने िदलद, ग्रन्थ कनमदग तद, ईश्वर, पहलद िदरि, पररिदर िद मुद्भखयद।

• िलम – लेखनी, िूाँची, पेड-पौिोाँ िी हरी लिडी, िनपटी िे बदल।

• िकल – िलड, दु ःख, पदप, चदर युर्ोाँ मे ाँ चौर्द युर्।

• िकशपु – चटदई, कबछौनद, तकियद, अन्न, िस्त्र, शांख।

• िदल – समय, मृत्यु, यमरदज, अिदल, मुहूतग, अिसर, कशि, युर्।

• िदम – िदयग, नौिरी, कसलदई आकद िांिद, िदसनद, िदमदे ि, मतलब, िृकत।

• किनदरद – तट, कसरद, पदश्वग, हदकशयद।

• िुल – िांश, जोड, जदकत, घर, र्ोत्र, सदरद।

• िुशल – चतुर, सुखी, कनपुण, सुरकक्षत।

• िुांजर – हदर्ी, बदल।

• िूट – नीकत, कशखर, श्रेणी, िनुष िद कसरद।

• िोकट – िरोड, श्रेणी, िनुष िद कसरद।

• िोष – खजदनद, फूल िद िीतरी िदर्।

• क्षुद्र – नीच, िांजूस, छोटद, र्ोडद।

• खांड – टु िडे िरनद, कहस्सोाँ मे ाँ बदाँ टनद, प्रत्यदख्यदन, किरोि।

• खर् – पक्षी, बदण, दे ितद, चन्द्रमद, सूयग, बददल।

• खर – र्िद, कतनिद, दु ष्ट, एि रदक्षस, तीक्ष्ण, ितूरद, दिद िूटने िी खरल।

• खत – पत्र, कलखदई, िनपटी िे बदल।

• खल – दु ष्ट, चुर्लखोर, खरल, तलछट, ितूरद।

• खेचर – पक्षी, दे ितद, ग्रह।

• र्ांदद – मैलद, अश्लील, बुरद।

• र्ड – ओट, घेरद, टीलद, अन्तर, खदई।

• र्ण – समूह, मनुष्य, िूतप्रेत, कशि िे अनुचर, दू त, सेनद।

• र्कत – चदल, हदलत, मोक्ष, रफ्तदर।

• र्द्दी – छोटद र्द्दद, महदजन िी बैठिी, कशष्य परम्परद, कसाँहदसन।

• र्हन – र्हरद, घनद, दु र्गम, जकटल।


• ग्रहण – लेनद, सूयग ि चन्द ग्रहण।

• र्ुण – िौशल, शील, रस्सी, स्विदि, किशेषतद, हुनर, महत्त्व, तीन र्ुण (सत, तम ि रज), प्रत्यांचद (िनुष िी डोरी)।

• र्ुरु – कशक्षि, बडद, िदरी, श्रेष्ठ, बृहस्पकत, कद्वमदकत्रि अक्षर, पूज्य, आचदयग, अपने से बडे ।

• र्ौ – र्दय, बैल, इद्भन्द्रय, िूकम, कदशद, बदण, िज्र, सरस्वती, आाँ ख, स्वर्ग, सूयग।

• घट – घडद, हृदय, िम, शरीर, िलश, िुांि रदकश।

• घर – मिदन, िुल, िदयदग लय, अांदर समदनद।

• घन – बददल, िदरी हर्ौडद, घनद, छः सतही रे खदर्कणतीय आिृकत।

• घोडद – एि प्रकसद्ध चौपदयद, बांदूि िद खटिद, शतरां ज िद एि मोहरद।

• चक्र – पकहयद, भ्रम, िुम्हदर िद चदि, चििद पक्षी, र्ोल घेरद।

• चपलद – लक्ष्मी, कबजली, चांचल स्त्री।

• चिद – ऐनि, झरनद, स्रोत।

• चीर – िस्त्र, रे खद, पट्टी, चीरनद।

• छन्द – पद, किशेष, जल, अकिप्रदय, िेद।

• छदप – छदपे िद कचि, अाँर्ूठी, प्रिदि।

• छदिद – बच्चद, बेटद, हदर्ी िद पट्ठद।

• जलज – िमल, मोती, मछली, चांद्रमद, शांख, शैिदल, िदई, जलजीि।

• जलद – बददल, िपूर।

• जलिर – बददल, समुद्र, जलदशय।

• जिदन – सैकनि, योद्धद, िीर, युिद।

• जनि – कपतद, कमकर्लद िे रदजद, उत्पन्न िरने िदलद।

• जड – अचेतन, मूखग, िृक्ष िद मूल, कनजीि, मूल िदरण।

• जीिन – जल, प्रदण, आजीकििद, पुत्र, िदयु, कजन्दर्ी।

• टां ि – तोल, छे नी, िुल्हदडी, तलिदर, म्यदन, पहदडी, ढदल, क्रोि, दपग, कसक्कद, दरदर।

• ठस – बहुत िडद, िदरी, घनी बुनदिट िदलद, िांजूस, आलसी, हठी।

• ठोिनद – मदरनद, पीटनद, प्रहदर द्वदरद िीतर िाँसदनद, मुिदमद ददयर िरनद।

• डहिनद – िांचनद, छलनद, िोखद खदनद, फूट-फूटिर रोनद, कचाँघदडनद, फैलनद, छदनद।

• ढरदग – रूप, पद्धकत, उपदय, व्यिहदर।


• तांर् – साँिरद, पहनने मे ाँ छोटद, परे शदन।

• तांतु – सूत, िदर्द, रे शद, ग्रदह, सांतदन, परमेश्वर।

• तट – किनदरद, प्रदे श, खेत।

• तप – सदिनद, र्मी, अकग्न, िूप।

• तम – अििदर, पदप, अज्ञदन, र्ुण, तमदल िृक्ष।

• तरां र् – स्वर लहरी, लहर, उमांर्।

• तरी – नौिद, िपडे िद छोर, शोरबद, तर होने िी अिस्र्द।

• तरकण – सूयग, उद्धदर।

• तदत – कपतद, िदई, बडद, पूज्य, प्यदरद, कमत्र, श्रद्धे य, र्ुरु।

• तदरद – नक्षत्र, आाँ ख िी पुतली, बदकल िी पत्नी िद नदम।

• तीर – किनदरद, बदण, समीप, नदी तट।

• र्दप – र्प्पड, आदर, सम्मदन, मयदग दद, र्ौरि, कचि, तबले पर हर्ेली िद आघदत।

• दां ड – सजद, डां डद, जहदज िद मस्तूल, एि प्रिदर िी िसरत।

• दकक्षण – ददकहनद, एि कदशद, उददर, सरल।

• दशगन – दे खनद, नेत्र, आिृकत, दपगण, दशगन शदस्त्र।

• दल – समूह, सेनद, पत्तद, कहस्सद, पक्ष, िदर्, कचडी।

• ददम – िन, मूल्य, रस्सी।

• कद्वज – पक्षी, ब्रदह्मण, ददाँ त, चन्द्रमद, नख, िेश, िैश्य, क्षकत्रय।

• िन – सम्पकत्त, स्त्री, िूकम, नदकयिद, जोड कमलदनद।

• िमग – स्विदि, प्रदिृकति र्ुण, ितगव्य, सांप्रददय।

• िनांजय – िृक्ष, अजुगन, अकग्न, िदयु।

• ध्रुि – अटल सत्य, ध्रुि िि, ध्रुि तदरद।

• िदरणद – किचदर, बुद्भद्ध, समझ, किश्वदस, मन िी द्भस्र्रतद।

• नर् – पिगत, नर्ीनद, िृक्ष, सांख्यद।

• नदर् – सपग, हदर्ी, नदर्िेशर, एि जदकत किशेष।

नदयि – नेतद, मदर्गदशगि, सेनदपकत, एि जदकत, नदटि यद महदिदव्य िद मुख्य पदत्र।

• कनऋकत – किपकत्त, मृत्यु, क्षय, नदश।


• कनिदग ण – मोक्ष, मृत्यु, शून्य, सांयम।

• कनशदचर – रदक्षस, उल्लू, प्रेत।

• कनशदन – ध्वजद, कचि।

• पक्ष – पांख, पदांख, सहदय, ओर, शरीर िद अद्धग िदर्।

• पट – िस्त्र, पददग , दरिदजद, स्र्दन, कचत्र िद आिदर।

• पत्र – कचट्ठी, पत्तद, रर्, बदण, शांख, पुस्ति िद पृष्ठ।

• पद्म – िमल, सपग किशेष, एि सांख्यद।

• पद – पदाँ ि, कचि, किशेष, छन्द िद चतुर्दगश,


ाँ कििद्भि युि शब्, उपदकि, स्र्दन, ओहदद, िदम।

• पतांर् – पकताँर्द, सूयग, पक्षी, नदि, उडदने िद पतांर्।

• पय – दू ि, अन्न, जल।

• पयोिर – बददल, स्तन, पिगत, र्न्नद, तदलदब।

• पदनी – जल, मदन, चमि, जीिन, लज्जद, िषदग , स्वदकिमदन।

• पुष्कर – तदलदब, िमल, हदर्ी िी सूाँड, एि तीर्ग, पदनी मद।

• पृष्ठ – पीठ, पीछे िद िदर्, पुस्ति िद पेज।

• प्रत्यक्ष – आाँ खो ाँ िे सदमने, सीिद, सदफ।

• प्रिृकत – स्विदि, िदतदिरण, मूलदिस्र्द, िुदरत, िमग, रदज्य, खजदनद, स्वदमी, कमत्र।

• प्रसदद – िृपद, अनुग्रह, हषग, नैिेद्य।

• प्रदण – जीि, प्रदणिदयु, ईश्वर, ब्रह्म।

• फल – लदि, खदने िद फल, सेिद, नतीजद, लद्भि, पददर्ग, सन्तदन, िदले िी नोि।

• फेर – घुमदि, भ्रम, बदलनद, र्ीदड।

• बांिन – िैद, बदाँ ि, पुल, बदाँ िने िी चीज।

• बट्टद – पत्थर िद टु िडद, तौल िद बदट, िदट।

• बल – सेनद, तदित, बलरदम, सहदरद, चक्कर, मरोड।

• बकल – बकलददन, उपहदर, ददनिीर रदजद बकल, चढ़दिद, िर।

• बदकज – घोडद, बदण, पक्षी, चलने िदलद।

• बदल – बदलि, िेश, बदलद, ददनेयुि डां ठल (र्ेहूाँ िी बदल)।

• कबजली – किद् युत, तडकत, िदन िद एि र्हनद।


• बैठि – बैठने िद िमरद, बैठने िी मुद्रद, अकििेशन, एि िसरत।

• िि – सांसदर, उत्पकत, शांिर।

• िदर् – कहस्सद, दौड, बदाँ टनद, एि र्कणतीय सांकक्रयद।

• िुजांर् – सपग, लम्पट, नदर्।

• िुिन – सांसदर, जल, लोर्, चौदह िी सांख्यद।

• िृकत – नौिरी, मजदू री, िेतन, मूल्य, िृकत्त।

• िेद – रहस्य, प्रिदर, किन्नतद, फूट, तदत्पयग, छे दन।

• मत – सम्मकत, िमग, िोट, नहीाँ, किचदर, पांर्।

• मददर – मस्त हदर्ी, सुअर, िदमुि।

• मिु – शहद, मकदरद, चैत्र मदस, एि दै त्य, बसांत ऋतु, परदर्, मीठद।

• मदन – सम्मदन, घमांड, रूठनद, मदप।

• कमत्र – सूयग, दोस्त, िरुण, अनुिूल, सहयोर्ी।

• मूि – र्ूाँर्द, चुप, कििश।

• मूल – जड, िांद, पूाँजी, एि नक्षत्र।

• मोह – प्यदर, ममतद, आसद्भि, मूच्छदग, अज्ञदन।

• यांत्र – उपिरण, बांदूि, बदजद, तदलद।

• युि – जुडद हुआ, कमकश्रत, कनयुि, उकचत।

• योर् – मेल, लर्दि, मन िी सदिनद, ध्यदन, शुििदल, िुल जोड।

• रां र् – िणग, नदच-र्दन, शोिद, मनोकिनोद, ढां र्, रोब, युद्धक्षेत्र, प्रेम, चदल, दशद, राँ र्ने िी सदमग्री, नृत्य यद अकिनय िद
स्र्दन।

• रस – स्वदद, सदर, अच्छद दे खने से प्रदि आनन्द, प्रेम, सुख, पदनी, शरबत।

• रदर् – प्रेम रां र्, लदल रां र्, सांर्ीत िी ध्वकन (रदर्)।

• रदकश – समूह, मेष, ििग, िृकिि आकद रदकशयदाँ ।

• रे णुिद – िूल, पृथ्वी, परशुरदम िी मदतद।

• लक्ष्य – कनशदनद, उद्दे श्य, लक्षणदर्ग।

• लय – तदन, लीन होनद।

• लहर – तरां र्, उमांर्, झोाँिद, झूमनद।


• लदल – बेटद, एि रां र्, बहुमूल्य पत्थर, एि र्ोत्र।

• लदिद – एि पक्षी, खील, लदिद।

• िन – जांर्ल, जल, फूलोाँ िद र्ुच्छद।

• िर – अच्छद, िरददन, श्रेष्ठ, उत्तम, पकत (दु ल्हद)।

• िणग – अक्षर, रां र्, रूप, िेद, चदतुिगण्यग (ब्रदह्मण, क्षकत्रय, िैश्य ि शूद्र), जदकत।

• िदर – कदन, आक्रमण, प्रहदर।

• िृकत्त – िदयग, स्विदि, नीयत, व्यदपदर, जीकििद, छदत्रिृकत्त।

• किचदर – ध्यदन, रदय, सलदह, मदन्यतद।

• किकि – तरीिद, कििदतद, िदनून, व्यिस्र्द, युद्भि, रदख, मकहमदमय, पुरुष।

• कििेचन – तिग-कितिग, परीक्षण, सत्-असत् किचदर, कनरुपण।

• व्योम – आिदश, बददल, जल।

• शद्भि – तदित, अर्गित्तद, अकििदर, प्रिृकत, मदयद, दु र्दग ।

• कशि – िदग्यशदली, महददे ि, शर्दल, दे ि, मांर्ल।

• श्री – लक्ष्मी, सरस्वती, सम्पकत्त, शोिद, िदद्भन्त, िोयल, आदर सूचि शब्।

• सांकि – जोड, पदरस्पररि, युर्ोाँ िद कमलन, कनकित, सेि


ाँ , नदटि िे िर्दां श, व्यदिरण मे ाँ अक्षरोाँ िद मेल।

• सांस्कदर – पररशोिन, सफदई, िदकमगि िृत्य, आचदर-व्यिहदर, मन पर पडने िदले प्रिदि।

• सम्बि – ररश्तद, जोड, व्यदिरण मे ाँ अक्षरोाँ िद मेल-जोल, छठद िदरि।

• सर – अमृत, दू ि, पदनी, तदलदब, र्ांर्द, मिु, पृथ्वी।

• सरल – सीिद, ईमदनददर, खरद, आसदन।

• सदिन – उपदय, उपिरण, सदमदन, पदलन, िदरण।

• सदरां र् – एि रदर्, मोर िी बोली, चदति, मोर, सपग, बददल, कहरन, पपीहद, रदजहां स, हदर्ी, िोयल, िदमदे ि, कसांह,
िनुष, िौांरद, मिुमक्खी, िमल, स्त्री, दीपि, िस्त्र, हिद, आाँ चल, घडद, िदमदे ि, पदनी, रदजकसाँह, िपूर, िणग, िूषण,
पुष्प, छत्र, शोिद, रदकत्र, शांख, चन्दन।

• सदर – तत्त्व, कनष्कषग, रस, रसद, लदि, िैयग।

• कसरद – चोटी, अांत, समदद्भि।

• सुिद – अमृत, जल, दु ग्ध।

• सुरकि – सुर्ांि, र्ौ, बसांत ऋतु।


• सूत – िदर्द, सदरर्ी, र्ढ़ई।

• सूत्र – सूत, जनेऊ, र्ूढ़ अर्ग िरद सांकक्षि िदक्य, सांिेत, पतद, कनयम।

• सूर – सूयग, िीर, अांिद, सूरददस।

• सैि
ाँ ि – घोडद, नमि, कसिुिदसी।

• हां स – जीि, सूयग, श्वेत, योर्ी, मुि पुरुष, ईश्वर, सरोिर िद पक्षी (मरदल पक्षी)।

• हाँ सदई – हाँ सी, कनन्दद, बदनदमी, उपहदस।

• हय – घोडद, इन्द्र।

• हरर – हदर्ी, किष्णु, इां द्र, पहदड, कसांह, घोडद, सपग, िदनर, मेढि, यमरदज, ब्रह्मद, कशि, िोयल, किरण, हां स, इन्द्र, िदनर,
िृष्ण, िदमदे ि, हिद, चन्द्रमद।

• हल – समदिदन, खेत जोतने िद यांत्र, व्यांजन िणग।

• हस्ती – हदर्ी, अद्भस्तत्व, है कसयत।

• कहत – िलदई, लोि।

• हीन – दीन, रकहत, कनिृष्ट, र्ोडद।

• क्षेत्र – तीर्ग, खेत, शरीर, सददव्रत दे ने िद स्र्दन।

• त्रुकट – िूल, िमी, िसर, छोटी इलदइची िद पौिद, सांशय, िदल िद एि सूक्ष्म कििदर्, अांर्हीनतद, प्रकतज्ञद-िांर्, स्कांद
िी एि मदतद।
[07] शब् युग्म
कहां दी िे अनेि शब् ऐसे हैं , कजनिद उच्चदरण प्रदयः समदन होतद हैं । किांतु, उनिे अर्ग किन्न होते
हैं । इन्हें 'युग्म शब्द' िहते हैं ।
दू सरे शब्ोां में, िैसे शब्, जो उच्चदरण िी दृकष्ट से असमदन होते हुए िी समदन होने िद भ्रम पैदद
िरते हैं , युग्म शब्द अर्िद 'श्रुतिसमतिन्नार्गक' शब् िहलदते हैं । श्रुकतसमकिन्नदर्गि िद अर्ग ही
है - सुनने में समदन; परन्तु किन्न/अलर् अर्गिदले।
उददहरण िे कलए- यकद आप किसी िो बतदओ कि 'पक्षी नीर में रहते हैं ', तो िह व्यद्भि आपिो
मुखग समझेर्द क्योांकि 'नीर' िद अर्ग होतद है 'पदनी' और पक्षी पदनी में नहीां रहते। आपिो िहनद र्द
'पक्षी नीड में रहते हैं ' 'नीड' अर्दग त 'घोांसलद'।
इस तरह आप दे ख सिते हैं कि एि शब् िे र्लत कलख यद बोल दे ने से पुरे अर्ग िद अनर्ग हो
जदतद है । अतः इस तरह िे शब्ोां िद प्रयोर् ध्यदन से िरनद होतद है । इसिे कलए आपिो इन
शब्ोां िे अर्ग पतद होने चदकहए।
यहदाँ ऐसे युग्म शब्ोां िी सूची उनिे अर्ो िे सदर् दी जद रही है कजनिो आप जदने-अनजदने में
र्लत कलख दे ते हो और आपिो स्वयां पतद नहीां होतद कि आप किस अर्ग िद अनर्ग िर रहे हैं –

युग्म शब्द उदाहरण

क्रमांक युग्म शब्द अर्ग

1 अली सखी

अकल िौांरद

2 अणु िण

अनु एि उपसर्ग, पीछे

3 अपेक्षद इच्छद, आिश्यितद, तु लनद में

उपेक्षद कनरददर

4 अशि असमर्ग , शद्भिहीन


असि किरि

5 अिय कनिगय

उिय दोनोां

6 अरर शत्रु

अरी सम्बोिन (स्त्री िे कलए)

7 िुल िांश, सब

िूल किनदरद

8 िमग िदम

क्रम कसलकसलद

9 ग्रह सूयग, चन्द्र, आकद

र्ृह घर

10 र्ुड शक्कर

र्ूढ़ र्म्भीर

11 कचर पुरदनद

चीर िपडद

12 कचतद लदश जलदने िे कलए लिकडयोां िद ढे र

कचांतद परे शदनी

चीतद बदघ िी एि जदकत

13 कजलद मांडल
जीलद चमि

14 जलज िमल

जलद बददल

15 जर्त िुएाँ िद चौतरद

जर्त् सांसदर

16 तरकण सूयग िी किरणें

तरणी नदि

तरुणी युिती

17 ददरु लिडी

ददरू शरदब

18 कनयत कनद्भचचत

नीयत मांशद, इरददद

19 कनश्छल छलरकहत

कनचचल अटल

20 कनशदिर चन्द्रमद

कनशदचर रदक्षस

21 नीड घोांसलद, खोांतद

नीर पदनी

22 प्रसदद िृपद, िोर्


प्रदसदद महल

23 पररणदम नतीजद, फल

पररमदण मदत्रद

24 पदस नजदीि

पदश बिन

25 परीक्षद इम्तहदन

पररक्षद िीचड

26 फण सदाँ प िद फण

फन िलद, िदरीर्र

27 लुटनद लूटद जदनद, बरबदद होनद

लूटनद लूट लेनद

28 कसतद चीनी

सीतद जदनिी

29 सन्दे ह शि

सदे ह दे ह िे सदर्

30 समिेदनद सदर्-सदर् दु खी होनद

सांिेदनद अनुिूकत

31 हरर किष्णु

हरी हरे रां र् िी


32 सदमदन बरदबर

समदन िस्तु

सम्मदन आदर

33 िली अिद्भखलद फूल

िकल िकलयु र्

34 िरण एि िदरि, इद्भन्द्रयदाँ

िणग िदन, एि नदम

35 िोष खजदनद

िोश शब्-सां ग्रह (कडक्शनरी)

36 कदन कदिस

दीन र्रीब

37 िूरद िूल

िुरद अक्ष

38 प्रकतषे ि कनषे ि मनदही

प्रकतशोि बदलद

39 पट्ट तख्तद, उल्टद

पट िपडद

40 पदनी जल

पदकण हदर्
41 बकल बकलददन

बली िीर

42 बन बननद, मजदू री

िन जांर्ल

43 बदन शरीर

िदन मुख/चेहरद

44 मल र्न्दर्ी

मल्ल पहलिदन, योद्धद

45 लिण नमि

लिन खेती िी िटदई

46 किस्मृ त िूलद हुआ

किद्भस्मत आियग में पडद

47 शुल्क फीस, टै क्स

शुक्ल उजलद

48 शिल टु िडद

शक्ल चेहरद

49 श्व िुत्तद

स्व अपनद

50 सदस पकत यद पत्नी िी मदाँ


सदाँ स नदि यद मुाँह से हिद लेनद

[08] िदच्य
पररिदषद

कक्रयद िे कजस रूपदां तरण से यह जदनद जदए िी कक्रयद द्वदरद किए र्ए कििदन िद िेंद्र कबांदु ितदग है , िमग है , अर्िद कक्रयद
िदि, उसे िदच्य िहते हैं ।

िदच्य िे तीन प्रिदर हैं -

1. ितृगिदच्य।

2. िमगिदच्य।

3. िदििदच्य।

(1) ितृगिदच्य
कजस िदक्य में िदच्य कबांदु ितदग है उसे ितृगिदच्य िहते है ।

जैसे-
रदम पुस्ति पढ़तद है ।
मोहन सदइकिल चलदतद है ।

(2) िमगिदच्य
जहदां िदच्य कबांदु, ितदग न होिर 'िमग' हो िहदां िमगिदच्य होतद है ।

जैसे-
रदम से पुस्ति पढ़ी जदती है ।
मोहन से सदइकिल चलदई जदती है ।

(3) िदििदच्य
कजस िदक्य में िदच्य-िेंद्र कक्रयद हो, अर्दग त जहदां न ितदग िी प्रिदनतद हो, न िमग िी, बद्भल्क जहदां 'कक्रयद िद िदि' ही
मुख्य हो उसे िदििदच्य िहते हैं ।

जैसे:
बच्चोां से घूमद जद रहद है ।
िुणदल द्वदरद िदर्द जदएर्द।
कटप्पणी-
ितृगिदच्य में कक्रयद सिमगि और अिमगि दोनोां हो सिती है , किन्तु िमगिदच्य में िेिल सिमगि, और िदििदच्य में
अिमगि होती है ।

ितृगिदच्य से िमगिदच्य
1. सरोज पत्र कलखती है ।
1. सरोज से पत्र कलखद जदतद है।

2. बच्ची ने र्ुकडयद िो सुलद कदयद।


2. बच्ची द्वदरद र्ुकडयद िो सुलद कदयद र्यद।

3. रोहन खदनद नहीां खदएर्द।


3. रोहन द्वदरद खदनद नहीां खदयद जदएर्द।

4. हम इस िदम िो नहीां िर सिते।


4. हमदरे द्वदरद इस िदम िो नहीां कियद जद सितद।

5. ऋकति टहनी तोडे र्द।


5. ऋकति से टहनी तोडी जदएर्ी।

6. सुरेश कचत्र बनदतद है ।


6. सुरेश से कचत्र बनदयद जदतद है ।

7. मैंने िोजन खदयद।


7. मेरे द्वदरद िोजन खदयद र्यद।

8. प्रजद िो िष्ट कदयद


8. प्रजद िो िष्ट कदयद र्यद।

9. डॉक्टर दिदई बदां ट रहे है ।


9. डॉक्टर से दिदई बदां टी जद रही है ।

10. िह नजदरद दे ख नहीां सिद


10. िह नजदरद दे खद नहीां र्यद
ितृगिदच्य से िदििदच्य
1. मनीष बदहर सो रहद है।
1. मनीष से बदहर सोयद जद रहद है ।

2. चील आिदश में उड चुिे हैं।


2. चील द्वदरद आिदश में उडद जद चुिद है ।

3. क्यद सुरेश खेलेर्द?


3. क्यद सुरेश से खेलद जदएर्द?

4. िह सो र्यद।
4. उसिे द्वदरद सोयद र्यद।

5. घनश्यदम चल रहद र्द।


5. घनश्यदम द्वदरद चलद जद रहद र्द।

6. मैं सोच रहद हूाँ ।


6. मुझसे सोचद जद रहद है ।

7. सदक्षी बैठ नहीां सिी।


7. सदक्षी द्वदरद बैठद नहीां जद सिद।

8. चलो, अब सोयें।
8. चलो, अब सोयद जदए।

9. बहु लड नहीां सिी।


9. बहु द्वदरद लडद नहीां जद सिद।

10. खरर्ोश दौड रहद र्द।


10. खरर्ोश से दौडद जद रहद र्द।

िमगिदच्य से ितृगिदच्य बनदनद-


1. बच्चे से िहदनी सुनदई जदएर्ी।

1. बच्चद िहदनी सुनदएर्द।

2. मदां द्वदरद कमठदई बनदई जदती है ।

2. मदां कमठदई बनदती है ।

3. रोहन से मूकतग बनदई जदती है।

3. रोहन मूकतग बनदतद है ।

4. कनकितद द्वदरद िोजन बनदयद र्यद।

4. कनकितद ने िोजन बनदयद ।

5. र्रीबोां में जूते बदां टे र्ए।

5. र्रीबोां में जूते बदटें ।

िदििदच्य से ितृगिदच्य बनदनद-

1. बच्चे से खूब द्भखलद्भखलदयद र्यद।

1. बच्चद खूब द्भखलद्भखलदयद ।

2. हमसे रहद नहीां र्यद।

2. हम रह नहीां पदए।
3. हनी से हां सद जदतद है ।

3. हनी हां सतद है।

4. उससे रोयद िी नहीां जद सिद।

4. िह रो िी नहीां सिी।

5. सररतद से घर में सोयद जदतद है ।

5. सररतद घर में सोती है ।

[09] िदक्य शुद्भद्ध


अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य

वचन-संबंधी अशुद्धियााँ

पदकिस्तदन ने र्ोले और तोपोां से आि्रमण कियद। पदकिस्तदन ने र्ोलोां और तोपोां से आि्रमण कियद।

उसने अनेिोां ग्रांर् कलखे। उसने अनेि ग्रांर् कलखे।

महदिदरत अठदरह कदनोां ति चलतद रहद। महदिदरत अठदरह कदन ति चलतद रहद।

तेरी बदत सुनते-सुनते िदन पि र्ए। तेरी बदतें सुनते-सुनते िदन पि र्ए।

पेडोां पर तोतद बैठद है । पेड पर तोतद बैठद है ।


त ंर् संबंधी अशुद्धियााँ

उसने सांतोष िद सदाँस ली। उसने सांतोष िी सदाँ स ली।

सकितद ने जोर से हाँ स कदयद। सकितद जोर से हाँ स दी।

मुझे बहुत आनांद आती है। मुझे बहुत आनांद आतद है ।

िह िीमी स्िर में बोलद। िह िीमे स्िर में बोलद।

रदम और सीतद िन िो र्ई। रदम और सीतद िन िो र्ए।

तविद्धि-संबंधी अशुद्धियााँ

मैं यह िदम नहीां कियद हूाँ। मैंने यह िदम नहीां कियद है।

मैं पुस्ति िो पढ़तद हूाँ। मैं पुस्ति पढ़तद हूाँ ।

हमने इस किषय िो किचदर कियद। हमने इस किषय पर किचदर कियद

आठ बजने िो दस कमनट है। आठ बजने में दस कमनट है।

िह दे र में सोिर उठतद है । िह दे र से सोिर उठतद है ।

संज्ञा संबंधी अशुद्धियााँ

मैं रकििदर िे कदन तुम्हदरे घर आऊाँर्द। मैं रकििदर िो तुम्हदरे घर आऊाँर्द।


िुत्तद रें ितद है। िुत्तद िौांितद है ।

मुझे सफल होने िी कनरदशद है । मुझे सफल होने िी आशद नहीां है ।

र्ले में गुलदमी िी बेकडयदाँ पड र्ई। पैरोां में गुलदमी िी बेकडयदाँ पड र्ई।

सर् वनाम की अशुद्धियााँ

र्ीतद आई और िहद। र्ीतद आई और उसने िहद।

मैंने तेरे िो कितनद समझदयद। मैंने तुझे कितनद समझदयद।

िह क्यद जदने कि मैं िैसे जीकित हूाँ । िह क्यद जदने कि मैं िैसे जी रहद हूाँ ।

तवशेषण-संबंधी अशुद्धियााँ

किसी और लडिे िो बुलदओ। किसी दू सरे लडिे िो बुलदओ।

कसांह बडद बीित्स होतद है । कसांह बडद ियदनि होतद है ।

उसे िदरी दु :ख हुआ। उसे बहुत दु :ख हुआ।

सब लोर् अपनद िदम िरो। सब लोर् अपनद-अपनद िदम िरो।

तक्रया-संबंधी अशुद्धियााँ
क्यद यह सांिि हो सितद है ? क्यद यह सांिि है ?

मैं दर् शन दे ने आयद र्द। मैं दर् शन िरने आयद र्द।

िह पढ़नद मदाँर्तद है । िह पढ़नद चदहतद है ।

बस तुम इतने रूठ उठे बस तुम इतने में रूठ र्ए।

तुम क्यद िदम िरतद है ? तुम क्यद िदम िरते हो ?

मुहावरे -संबंधी अशुद्धियााँ

युर् िी मदाँर् िद यह बीडद िौन चबदतद है । युर् िी मदाँ र् िद यह बीडद िौन उठदतद है ।

िह श्यदम पर बरस र्यद। िह श्यदम पर बरस पडद।

उसिी अि्ल चि्िर खद र्ई। उसिी अि्ल चिरद र्ई।

उस पर घडोां पदनी कर्र र्यद। उस पर घडोां पदनी पड र्यद।

तक्रया-तवशेषण-संबंधी अशुद्धियााँ

िह लर्िर् दौड रहद र्द। िह दौड रहद र्द।

सदरी रदत िर मैं जदर्तद रहद। मैं सदरी रदत जदर्तद रहद।
तुम बडद आर्े बढ़ र्यद। तुम बहुत आर्े बढ़ र्ए।

इस पर् ितीय क्षेत्र में सर् िस्ि शदांकत है। इस पर् ितीय क्षेत्र में सर् ित्र शदां कत है ।

[10] सांज्ञद एिां किशेषण शब्


सांज्ञद (Sangya)

संज्ञा (Sangya) – “संज्ञा” शब्द “सम् + ज्ञा” के मे से बना है | तिसका शाद्धब्दक अर्ग है –
“संपदणग ज्ञान कराने वा ी” | िबतक संज्ञा शब्द का शाद्धब्दक अर्ग – “नाम” है |

िैसे – वेदान्त तवद्या य से घर लौटद | उसिी प्रसन्निा िद कठिदनद न र्द | उसे तनबंध प्रकतयोकर्तद
में पुरस्कार कमलद र्द प्रधानाचायग ने उसे पुरस्कार कदयद र्द |

संज्ञा के िेद (Sangya ke bhed )


(1) व्यद्भििदचि सांज्ञद ( Vyaktivachak Sangya )

(2) जदकतिदचि सांज्ञद (Jativachak Sangya )

(3) िदििदचि सांज्ञद ( Bhavvachak Sangya )

जदकतिदचि सांज्ञद िे िेद

(1) समूहिदचि सांज्ञद

(2) द्रव्यिदचि सांज्ञद

1. व्यद्भििदचि सांज्ञद (Vyaktivachak Sangya)

तिन शब्ददं से तकसी तवशेष व्यद्धि, तवशेष स्र्ान या तवशेष वस्तु के नाम का बदध हद उन्हें
व्यद्धिवाचक संज्ञा कहिे है |
िैसे → 1. राम अयदध्या िे रदजद र्े |

2. कुरान पकित्र ग्रन्थ है |

2. जदकतिदचि सांज्ञद (Jativachak Sangya )

तिस संज्ञा शब्द से तकसी प्राणी वस्तु अर्वा स्र्ान की िाति या पदरे वर्ग का बदध हद उसे
िातिवाचक संज्ञा कहिे हैं |

िैसे → 1. ड़के खेल रहे हैं |

2. घदड़े दौड रहे हैं |


3. मनुष्य िो समय िद महत्व समझनद चदकहए |

3. िदििदचि सांज्ञद ( Bhavvachak Sangya )

तिन संज्ञा शब्ददं से तकसी प्राणी या वस्तु की द्धस्र्ति, र्ुण, ददष, िाव और दशा आतद का पिा
च िा है , उन्हें िाववाचक संज्ञा कहिे हैं |

िैसे → 1. तकशदरावस्र्ा में सिी उत्सदकहत रहते हैं |

2. इस तदलदब में र्हराई अकिि है |

4. द्रव्यिदचि सांज्ञद→

िैसे → 1. दो किलो आटा दीकजए |

2. यह हदर सदने िद है |
3. र्दय िद दद ध कितने रुपए लीटर है |

→ िद संज्ञा शब्द तकसी धािु द्रव्य या पदार्ग का बदध करािे हैं, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहिे है |

5. समूहिदचि सांज्ञद→

िैसे → चदकबयोां िद र्ुच्छा िहदाँ है ?

िदरतीय सेना हमदरी रक्षद िरती है |


िहदाँ िूडे िद ढे र लर्द हुआ है |

→ िद संज्ञा शब्द एक ही िाति के व्यद्धि या वस्तुओ ं के समदह का बदध करािे हैं, उन्हें
समदहवाचक संज्ञा शब्द कहिे हैं |

िदििदचि सांज्ञद िद कनमदगण

िाववाचक संज्ञा का तनमागण शब्ददं के अंि में प्रत्यय र्ाकर तकया िािा है|

िदििदचि सांज्ञद िद कनमदगण →

1. जदकतिदचि सांज्ञद से

2. सिगनदम से

3. किशेषण से

4. कक्रयद से

5. अव्यय

1.जदकतिदचि सांज्ञद से िदििदचि सांज्ञद →

→ बच्चा = बच्चद + पन = बचपन

→ ड़का = लडिद + पन = ड़कपन

→ महात्मा = महदत्मद + य = महात्म्य


2. सिगनदम से िदििदचि सांज्ञद →

→ अपना = अपनद + त्व = अपनत्व

→ अपना = अपनद + पन = अपनापन

→ अहम् = अहम् + कार = अहंकार

→ तनि = कनज + िा = तनििा

→ तनि = कनज + त्व = तनित्व

3. किशेषण से िदििदचि सांज्ञद →

→ सुंदर = सुांदर + िा = सुंदरिा

→ सुंदर = सुांदर + य = स द
ं यग

→ ा = लदल + इमा = ात मा

→ चिुर = चतुर + आई = चिुराई

→ चिुर = चतुर + िा = चिुरिा

4. कक्रयद से िदििदचि सांज्ञद →

→ त ख = कलख + आवट = त खावट

→ पढ़ = पढ़ + आई = पढ़ाई
5. अव्यय से िदििदचि सांज्ञद →

→ तधक् = किि् + कार = तधक्कार

→ दद र = दू र + ई = दद री

→ समीप = समीप + य = सामीप्य

किशेषण ( Visheshan )

“तवशेषण” का शाद्धब्दक अर्ग है – तवशेषिा उत्पन्न करने वा ा या तवशेषक

जैसे → कहांदी िे नए अध्यदपि श्री तरुण र्ुिद है |


→ िे पररश्रमी हैं |
→ िे स्वच्छ िस्त्र पहनिर आते हैं |
→ उनिद रां र् र्दरा है |
→ िे शांि स्विदि िे व्यद्भि हैं |

→ संज्ञा या सवगनाम शब्ददं की तवशेषिा बिाने वा े शब्ददं कद तवशेषण कहिे हैं |

तवशेष्य → तिस संज्ञा या सवगनाम शब्द की तवशेषिा बिाई िािी है उसे तवशेष्य कहिे हैं |

िैसे →

1. राधा सुंदर है |
तवशेष्य तवशेषण
2. रदिद सुांदर
आिदश में पााँच पिंर् उड रही हैं |
तवशेष्य तवशेषण
पतांर् पदाँ च
3. यह इमदरत ऊाँची है |
तवशेष्य तवशेषण
इमदरत ऊाँची

प्रतवशेषण
तवशेषण शब्ददं की तवशेषिा प्रकट करने वा े तवशेषणदं कद प्रतवशेषण कहिे हैं |
जैसे →

1. अकपगत बहुि बुद्भद्धमदन है |


2. नीतू बड़ी चतुर है |
3. यह समस्यद अत्यंि िकठन है |

वाक्य में तवशेषण का स्र्ान

1. किशेष्य से पूिग
2. किशेष्य िे बदद

तवशेष्य से पदवग →
→ इसे किशेष्य किशेषण िहते हैं |
जैसे → ा िस्त्र, सुंदर लडिी, ऊाँचा पहदड |

तवशेष्य के बाद →
→ इसे कििेय किशेषण िहते हैं |
जैसे →

1. यह ड़की अच्छी है |
तवशेष्य तवशेषण
लडिी अच्छी
2. यह बा क ईमानदार है |
तवशेष्य तवशेषण
बदलि ईमदनददर

किशेषण िे िेद
र्ुणिदचि किशेषण

→ िद तवशेषण तकसी संज्ञा या सवगनाम के र्ुण, ददष, दशा, रं र्, स्र्ान, आकार आतद का
बदध करािे हैं , वे र्ुणवाचक तवशेषण कह ािे हैं |

िैसे→

1. टोिरी में िािे फल रखे हुए हैं |


2. मोहन स्विदि से तनदग यी है |
3. च ड़े मैददन िे चदरोां ओर दशगि बैठे र्े |
4. यह दही खट्टा है |
5. उस पौिे में नी े फद द्भखल रहे हैं |

पररमदणिदचि किशेषण

→ संज्ञा और सवगनाम शब्ददं की मात्रा और माप-ि आतद का बदध कराने वा े तवशेषणदं कद


पररमाणवाचक तवशेषण कहिे है |
िैसे – िीन मीटर कपड़ा, िीन तक द आ द, दद ीटर दद ध आतद |

पररमदणिदचि किशेषण िे प्रिदर

1. अकनकित पररमदणिदचि किशेषण


2. कनकित पररमदणिदचि किशेषण

कनकित पररमदणिदचि किशेषण→

→ सज्ञद यद सिगनदम शब्ोां िे कनकित पररमदण िद बोि िरदने िदले शब्ोां िो कनकित पररमदणिदचि
किशेषण िहते हैं |

जैसे – दद तक द आलू दे दो
मोहन चार मीटर िपडद लदयद |
दु िदनददर ने िीन स ग्राम चीनी दी |
अकनकित पररमदणिदचि किशेषण →

→ कजन किशेषण शब्ोां से सांज्ञद और सिगनदम िे कनकित मदप-तौल िद पतद नहीां चलतद है उन्हें
अकनकित पररमदणिदचि किशेषण िहते है |

जैसे – मदाँ बदजदर से र्दड़े चदिल लेिर आयी |


मोहन ने िरा – सा दू ि कपयद |

सांख्यदिदचि किशेषण →

तिन तवशेषण शब्ददं से संज्ञा और सवगनाम शब्ददं की संख्या का बदध हदिा है , उन्हें संख्यावाचक
तवशेषण कहिे है |

िैसे → एि, दस, पहलद, आिद, चौर्द, आकद |

सांख्यदिदचि किशेषण िे प्रिदर

1. कनकित सांख्यदिदचि किशेषण


2. अकनकित सांख्यदिदचि किशेषण

कनकित सांख्यदिदचि किशेषण →

कजन किशेषण से कनकित सांख्यद िद बोि होतद है , िह कनकित सांख्यदिदचि किशेषण होतद है |

िैसे →
→ मोहन चार के े लदयद |
→ मैददन में साि घोडे दौड रहे हैं |
→ मेरी िक्षद में दस बच्चे हैं |

अकनकित सांख्यदिदचि किशेषण→

कजन किशेषणोां से कनकित सांख्यद िद बोि नहीां होतद है , िे अकनकित सांख्यदिदचि किशेषण होतद हैं |
िैसे →
→ बदढ़ में अनेि मिदन डूब र्ए |
→ िुछ हदर्ी जांर्ल में घूम रहे र्े |
→ मोहन बदजदर से र्ोडे अांर्ूर लदयद |

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किशेषण | किशेषण िे िेद


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किशेषण ( Visheshan )

“तवशेषण” का शाद्धब्दक अर्ग है – तवशेषिा उत्पन्न करने वा ा या तवशेषक

जैसे → कहांदी िे नए अध्यदपि श्री तरुण र्ुिद है |


→ िे पररश्रमी हैं |
→ िे स्वच्छ िस्त्र पहनिर आते हैं |
→ उनिद रां र् र्दरा है |
→ िे शांि स्विदि िे व्यद्भि हैं |

→ संज्ञा या सवगनाम शब्ददं की तवशेषिा बिाने वा े शब्ददं कद तवशेषण कहिे हैं |

तवशेष्य → तिस संज्ञा या सवगनाम शब्द की तवशेषिा बिाई िािी है उसे तवशेष्य कहिे हैं |

िैसे →

1. राधा सुंदर है |
तवशेष्य तवशेषण
2. रदिद सुांदर
आिदश में पााँच पिंर् उड रही हैं |
तवशेष्य तवशेषण
पतांर् पदाँ च
3. यह इमदरत ऊाँची है |
तवशेष्य तवशेषण
इमदरत ऊाँची
प्रतवशेषण
तवशेषण शब्ददं की तवशेषिा प्रकट करने वा े तवशेषणदं कद प्रतवशेषण कहिे हैं |
जैसे →

1. अकपगत बहुि बुद्भद्धमदन है |


2. नीतू बड़ी चतुर है |
3. यह समस्यद अत्यंि िकठन है |

वाक्य में तवशेषण का स्र्ान

1. किशेष्य से पूिग
2. किशेष्य िे बदद

तवशेष्य से पदवग →
→ इसे किशेष्य किशेषण िहते हैं |
जैसे → ा िस्त्र, सुंदर लडिी, ऊाँचा पहदड |

तवशेष्य के बाद →
→ इसे कििेय किशेषण िहते हैं |
जैसे →

1. यह ड़की अच्छी है |
तवशेष्य तवशेषण
लडिी अच्छी
2. यह बा क ईमानदार है |
तवशेष्य तवशेषण
बदलि ईमदनददर
किशेषण िे िेद

र्ुणिदचि किशेषण

→ िद तवशेषण तकसी संज्ञा या सवगनाम के र्ुण, ददष, दशा, रं र्, स्र्ान, आकार आतद का
बदध करािे हैं , वे र्ुणवाचक तवशेषण कह ािे हैं |

िैसे→

1. टोिरी में िािे फल रखे हुए हैं |


2. मोहन स्विदि से तनदग यी है |
3. च ड़े मैददन िे चदरोां ओर दशगि बैठे र्े |
4. यह दही खट्टा है |
5. उस पौिे में नी े फद द्भखल रहे हैं |

पररमदणिदचि किशेषण

→ संज्ञा और सवगनाम शब्ददं की मात्रा और माप-ि आतद का बदध कराने वा े तवशेषणदं कद


पररमाणवाचक तवशेषण कहिे है |
िैसे – िीन मीटर कपड़ा, िीन तक द आ द, दद ीटर दद ध आतद |
पररमदणिदचि किशेषण िे प्रिदर

1. अकनकित पररमदणिदचि किशेषण


2. कनकित पररमदणिदचि किशेषण

कनकित पररमदणिदचि किशेषण→

→ सज्ञद यद सिगनदम शब्ोां िे कनकित पररमदण िद बोि िरदने िदले शब्ोां िो कनकित पररमदणिदचि
किशेषण िहते हैं |

जैसे – दद तक द आलू दे दो
मोहन चार मीटर िपडद लदयद |
दु िदनददर ने िीन स ग्राम चीनी दी |

अकनकित पररमदणिदचि किशेषण →

→ कजन किशेषण शब्ोां से सांज्ञद और सिगनदम िे कनकित मदप-तौल िद पतद नहीां चलतद है उन्हें
अकनकित पररमदणिदचि किशेषण िहते है |

जैसे – मदाँ बदजदर से र्दड़े चदिल लेिर आयी |


मोहन ने िरा – सा दू ि कपयद |

सांख्यदिदचि किशेषण →

तिन तवशेषण शब्ददं से संज्ञा और सवगनाम शब्ददं की संख्या का बदध हदिा है , उन्हें संख्यावाचक
तवशेषण कहिे है |

िैसे → एि, दस, पहलद, आिद, चौर्द, आकद |

सांख्यदिदचि किशेषण िे प्रिदर

1. कनकित सांख्यदिदचि किशेषण


2. अकनकित सांख्यदिदचि किशेषण
कनकित सांख्यदिदचि किशेषण →

कजन किशेषण से कनकित सांख्यद िद बोि होतद है , िह कनकित सांख्यदिदचि किशेषण होतद है |

िैसे →
→ मोहन चार के े लदयद |
→ मैददन में साि घोडे दौड रहे हैं |
→ मेरी िक्षद में दस बच्चे हैं |

अकनकित सांख्यदिदचि किशेषण→

कजन किशेषणोां से कनकित सांख्यद िद बोि नहीां होतद है , िे अकनकित सांख्यदिदचि किशेषण होतद हैं |

िैसे →
→ बदढ़ में अनेि मिदन डूब र्ए |
→ िुछ हदर्ी जांर्ल में घूम रहे र्े |
→ मोहन बदजदर से र्ोडे अांर्ूर लदयद |

सदिगनदकमि किशेषण

→ सावगनातमक तवशेषण शब्द संज्ञा शब्ददं के ठीक पह े आकर उनकी तवशेषिा प्रकट करिे है
|

िैसे→
→ यह लडिद तेज िदर्तद है |
→ इस िबूतर िो कपांजरे से कनिदलो |
→ उस मटिे में पदनी िरो |
→ जो सिगनदम किशेषण िे रूप में प्रयुि होते हैं , उन्हें सदिगनदकमि किशेषण िहते हैं |
→ इन्हें सांिेतिदचि किशेषण िी िहते हैं |

सिगनदम और सदिगनदकमि किशेषण में अांतर

→ सिगनदम शब् सांज्ञद शब्ोां िे स्र्दन पर आते हैं |


→ सिगनदकमि किशेषण शब् सांज्ञद शब्ोां िे ठीि पहले आिर उनिी किशेषतद प्रिट िरते हैं |
िैसे→ इस बदलि िो पुरस्कदर कमलद | (इस सिगनदकमि किशेषण)

→ र्ृह िदयग इसने कियद र्द | (इसने सिगनदम)


→ यह शहर िपडोां िे कलए प्रकसद्ध है | (यह-सिगनदकमि किशेषण)
→ रदिद यह लेर्ी | (यह-सिगनदम)

सांख्यदिदचि और पररमदणिदचि किशेषणोां में अांतर

सांख्यदिदचि किशेषणोां से सांज्ञद तर्द सिगनदम शब्ोां िी सांख्यद िद पतद चलतद है |


→ पररमदणिदचि किशेषणोां से सांज्ञद तर्द सिगनदम िी मदत्रद, मदप – तौल आकद िद बोि होतद है |
िैसे→ िहदाँ आठ लडकियदाँ आयी हैं | (सांख्यदिदचि किशेषण)
→ दीदी बदजदर से चदर मीटर िपडद लदई | (पररमदणिदचि किशेषण)
→ रदम तीन सदू ि लदयद | (सांख्यदिदचि किशेषण)
रदम आिद किलो मटर लदयद | (पररमदणिदचि किशेषण)

किशेषणोां िी तुलनदिस्र्द

1. मूलदिस्र्द
2. उत्तरदिस्र्द
3. उत्तमदिस्र्द

मद ावस्र्ा → इस अिस्र्द में किसी िस्तु , व्यद्भि यद स्र्दन िी किसी से तुलनद नहीां होती |
→ िैसे → रदम ईमदनददर है |
→ शदलू अच्छी लडिी है |
→ यह लांबद पेड है |

उत्तरावस्र्ा → इस अिस्र्द में दो िस्तुओां यद व्यद्भियोां िे र्ुण – दोषोां िी परस्पर तुलनद िरिे एि
िो दू सरे से श्रेष्ठ यद हीन बतदयद जदतद है |
→ िैसे →

िेददांत, इशदन से िुशल कचत्रिदर है |


प्रमोद, बलबीर से लांबद है |
उत्तमावस्र्ा → इसमें दो से अकिि िस्तुओ,ां व्यद्भियोां यद स्र्दनोां िी तुलनद िरिे किसी एि िो
सबसे अच्छद यद बुरद बतदयद जदतद है |
िैसे →
चीतद सब िन्य पशुओां से तेज दौडतद है |
मोहन सबसे िुशल पत्रिदर है |

किशेषण शब्ोां िी रचनद

संज्ञा शब्ददं से तवशेषणदं की रचना →


जैसे = सांज्ञद
िषग = िषग + एि = िदकषगि (किशेषण)

सांज्ञद
बुद्भद्ध = बुद्भद्ध + मदन = बुद्भद्धमदन (किशेषण)

सांज्ञद
बल = बल + िदन = बलिदन (किशेषण)

सवगनाम से तवशेषणदं की रचना →


जैसे = सिगनदम किशेषण
मैं मुझ – सद
जो जैसद
िह िैसद

तक्रया से तवशेषण बनाना →

तक्रया
पढ़नद = पढ़ + आिू = पढ़दिू (किशेषण)

तक्रया
लडनद = लड + आिू = लडदिू (किशेषण)

तक्रया
तैरनद = तैर + आि = तैरदि (किशेषण)
तक्रया
लूटनद = लूट + एरद = लुटेरद (किशेषण)

अव्यय से तवशेषण बनाना →

िैसे –

अव्यय
िीतर = िीतर + ई = िीतरी (किशेषण)
अव्यय
बदहर = बदहर + ई = बदहरी (किशेषण)

[11] कक्रयद
तक्रया :- कजस शब् से किसी िदयग िद होनद यद िरनद समझद जदय , उसे कक्रयद िहते हैं ! जैसे - खदनद , पीनद , सोनद ,
रहनद , जदनद आकद !

कक्रयद िे दद िेद हैं :-

1- सकमगक तक्रया :- जो कक्रयद िमग िे सदर् आती है , उसे सिमगि कक्रयद


िहते हैं !

जैसे - मोहन फल खािा है ! ( खदनद कक्रयद िे सदर् िमग फल है )

2- अकमगक तक्रया :- अिमगि कक्रयद िे सदर् िमग नहीां होतद तर्द


उसिद फल ितदग पर पडतद है !

जैसे - रदिद रदिी है ! ( िमग िद अिदि है तर्द रोती है कक्रयद िद फल


रदिद पर पडतद है )

- रचनद िे आिदर पर कक्रयद िे पााँच िेद है :-


1- सामान्य तक्रया :-िदक्य में िेिल एि कक्रयद िद प्रयोर् ! जैसे
- तुम च द , मोहन पढ़ा आकद !

2- संयुि तक्रया :- दो यद दो से अकिि िदतुओां िे मेल से बनी कक्रयदएाँ


सांयुि कक्रयदएाँ होती है ! जैसे - र्ीतद स्कूल च ी र्ई आकद !

3- नामधािु तक्रयाएाँ :- कक्रयद िो छोडिर दु सरे शब्ोां ( सांज्ञद ,


सिगनदम , एिां किशेषण ) से जो िदतु बनते है , उन्हें नदमिदतु कक्रयद िहते
है जैसे - अपनद - अपनाना , र्रम - र्रमाना आकद !
4- प्रेरणार्गक तक्रया :- ितदग स्वयां िदयग न िरिे किसी अन्य िो िरने
िी प्रेरणद दे तद है जैसे - त खवाया , तप वािी आकद !

5- पदवगकात क तक्रया :- जब िोई ितदग एि कक्रयद समदि िरिे दू सरी


कक्रयद िरतद है तब पहली कक्रयद ' पूिगिदकलि कक्रयद िहलदती है जैसे
- िे पढ़कर च े र्ये , मैं नहाकर िाउाँ र्ा आकद !
[12] मुहदिरे एिां लोिोद्भि

तहं द ी मु ह ावरे और अर्ग व दकदद्धियााँ


Hindi Muhavare / Idioms
मु ह दिरे (Muhavare) िदषद िो सहज और रुकचिर बनदने िदले िदक्यदां श होते हैं |
मु ह दिरोां िो िहदितें और लोिोद्भियदाँ िी िहते हैं इनिद इस्ते म दल िदषद में व्यां र् िे
रूप में कियद जदतद है | मु ह दिरोां िद शदद्भब्ि अर्ग बहुत सरल होतद है ले क िन इनिद
िदिदर्ग बहुत र्ू ढ़ होतद है | मु ह दिरोां िो उनिे िदिदर्ग िे आिदर पर ही प्रयोर् कियद
जदतद है |

मु ह दिरे और िहदितें एि उददहरण िी तरह होती हैं कजनिो िदषद में इस्ते म दल
िरिे हम िकठन बदतोां िो िी बडी सहजतद िे सदर् दू सरोां िो समझद सिते हैं |
आइये िु छ मु ह दिरे पढ़ते हैं और उनिद अर्ग समझते हैं –
अिर्र करे ना चाकरी पं छ ी करे ना काम,
दास म द क ा कह र्ए सब के दािा राम….
अर्ग – अजर्र िो किसी िी नौिरी नही ां िरनी होती और पक्षी िो िी िोई िदम
नही ां िरनद होतद, ईश्वर ही सबिद पदलनहदर है , इसकलए िोई िी िदम मत िरो ईश्वर
स्वयां दे र्द। आलसी लोर्ोां िे कलए श्री मलू ि ददस जी िद ये िर्न बहुत ही उकचत है !

मु ह ावरा – अधि र्र्री छ कि िाय।


अर्ग – जो व्यद्भि बहुत िम जदनतद है , िह किद्वदन ही होने िद कदखदिद ज़्यददद िरतद
है ।

मु ह ावरा – अपने मु ाँ ह तमयााँ तमट् ठद बनाना।


अर्ग – अपनी बडदई आप ही िरनद।

मु ह ावरा – अब पछिाए हदि क्या िब तचतिया चु र् र्ई खे ि ।


अर्ग – समय रहते िदम नद िरनद और नु क़ सदन हो जदने िे बदद पछतदनद। कजससे
िोई लदि नही ां होतद है ।

मु ह ावरा – अं िे से वे कदई, बच्चे े वे कदई॥


अर्ग – पररश्रम िोई व्यद्भि िरे और लदि किसी दू सरे िो हो जदए।

मु ह ावरा – अं ि ि ा िद सब ि ा।
अर्ग – पररणदम अच्छद हो जदए, तो सिी िु छ अच्छद मदन कलयद जदतद है ।

मु ह ावरा – अढ़ाई तदन की बादशाहि।


अर्ग – र्ोडे कदन िी शदन-शौक़त।

मु ह ावरा – अन्‍न ि उठ िाना।


अर्ग – किसी जर्ह से चले जदनद।

मु ह ावरा – अन्‍न न र्ना।


अर्ग – खद-पीिर िी मोटद न होनद।

मु ह ावरा – अपना-अपना रार् अ ापना।


अर्ग – अपनी ही बदतें िहनद।
मु ह ावरा – अपना उल्‍ द सीधा करना।
अर्ग – अपनद मतलब कनिदलनद।

मु ह ावरा – अपना सा मु ाँ ह े क र रह िाना।


अर्ग – लद्भज्जत होनद।

मु ह ावरा – अपनी द्धखचड़ी अ र् पकाना।


अर्ग – अलर्-र्लर् रहनद।

मु ह ावरा – अपने पां व पर आप कु ल्‍ह ाड़ी मारना।


अर्ग – अपनद अकहत स्वयां िरनद।

मु ह ावरा – अपने पै र द ं पर खड़ा हदना।


अर्ग – स्‍ि दिलां ब ी होनद।

मु ह ावरा – अपने में न हदना।


अर्ग – होश में न होनद।

मु ह ावरा – अं धे र नर्री च पट रािा,


टके से र िािी टके से र खािा।
अर्ग – जहदाँ मु द्भ खयद ही मू खग हो, िहदाँ अन्यदय होतद ही है ।

मु ह ावरा – अके ा चना िाड़ नही ं फदड़ सकिा।


अर्ग – अिे लद व्यद्भि बडद िदम नही ां िर सितद।

मु ह ावरा – अके ा हाँ स िा ि ा न रदिा ि ा।


अर्ग – सु ख -दु :ख में सदर्ी िी आिश्यतद पडती है , व्यद्भि नद अिे लद रो सितद है
और नद ही अिे लद हाँ स सितद है ।

मु ह ावरा – अक्ल बड़ी या िैं स ।


अर्ग – शदरीररि शद्भि िद महत्त्व िम होतद है , बु द्भ द्ध िद अकिि।

मु ह ावरा – अच्छी मति िद चाहद, बद ढ़े पद छ न िाओ।


अर्ग – बडे –बू ढ़ ोां िी सलदह से िदयग कसद्ध हो जदते हैं , क्योांक ि उनिद अनु ि ि िदम
आतद है ।
मु ह ावरा – अब के बतनया दे य उधार।
अर्ग – अपनी जरुरत आ पडती है , तो आदमी सब िु छ मदन जदतद है , हर शतग
स्वीिदर िर ले त द है ।

मु ह ावरा – अटके र्ा सद िटके र्ा।


अर्ग – दु कििद यद सोच–किचदर में पड जदते हैं , तो िदम अिू र द ही रह जदतद है ।

मु ह ावरा – अपना-अपना कमाना, अपना-अपना खाना।


अर्ग – किसी िे सदर् सदझद िरनद अच्छद नही ां होतद।

मु ह ावरा – अपना रख पराया चख।


अर्ग – अपनी चीज सम्भदल िर रखनद और दू सरोां िी चीज िो इस्ते म दल िरनद।

मु ह ावरा – र्धे कद बाप बनाना


अर्ग – स्वदर्ग िे कलए व्यद्भि िो छोटे आदमी िी खु श दमद िी िरनी पडती है ।

मु ह ावरा – अपनी र् ी में कु त्ता िी शे र ।


अर्ग – व्यद्भि िद अपने घर में ही जोर होतद है ।

मु ह ावरा – अपनी र्ााँ ठ पै स ा िद, पराया आसरा कै सा।


अर्ग – आदमी स्वयां समर्ग हो तो किसी दू सरे पर आकश्रत क्योां रहे र् द।

मु ह ावरा – अपनी तच म िरने कद मे र ा झदपड़ा ि ािे हद।


अर्ग – अपने जरद से लदि िे कलए किसी दू सरे िी बडी हदकन िरनद।

मु ह ावरा – अपनी नी द ं सदना, अपनी नी द


ं िार्ना।
अर्ग – पू णग रूप से स्वतां त्र होनद।

मु ह ावरा – अपनी पर्ड़ी अपने हार्,


अर्ग – अपनी इज्जत अपने हदर् होनद।

मु ह ावरा – अिी िद िु म्ह ारे दद ध के दााँ ि िी नही ं टद टे ।


अर्ग – अिी तो तु म्ह दरी उम्र िम है और अिी तु म बच्चे हो और नदददन और अनजदन
हो।
मु ह ावरा – अिी तदल्ली दद र है ।
अर्ग – अिी िसर बदिी है , अिी िदम पू र द नही ां हुआ।

मु ह ावरा – अरहर की टतट्टया, र्ु ि रािी िा ा।


अर्ग – मदमू ल ी िस्तु िी रक्षद िे कलए इतनद बडद इन्तजदम।

मु ह ावरा – अक्‍ के पीछे ट्ठ त ए तफरना।


अर्ग – मू खग त द िद िदम िरनद।

मु ह ावरा – अक्‍ पर पत्‍र् र/परदा पड़ना।


अर्ग – समझ न रहनद।

मु ह ावरा – आसमान से तर्रा खिद र में अटका।


अर्ग – एि मु स ीबत से कनिलिर दू सरी मु स ीबत में फां स जदनद।

मु ह ावरा – आस-पास रबी बीच में खरीफ।


मु ह ावरा – नदन-तमचग िा के , खा र्या हरीफ।।
अर्ग – खरीफ िी फसल िे बीच में रबी िी फसल अच्छी नही ां होती है ।

मु ह ावरा – आाँ ख के अं धे नाम नै न सु ख ।


अर्ग – नदम बडद होनद और व्यद्भि िद व्यिहदर और र्ु ण उसिे किपरीत होनद।

मु ह ावरा – आटे के सार् घु न िी तपसिा है ।


अर्ग – दोषी व्यद्भि िे सदर् कनदोष व्यद्भि िी मदरद जदतद है ।

मु ह ावरा – आम के आम र्ु ठ त यद ं के दाम।


अर्ग – दोहरद लदि होनद।

मु ह ावरा – आाँ ख और कान में चार अं र्ु का फ़र्कग ।


अर्ग – आाँ खोां दे खी बदत िद किश्वदस िरनद, िदनोां से सु न ी बदत िद नही ।ां

मु ह ावरा – आस्तीन का सााँ प ।


अर्ग – किश्वदसघदती कमत्र।

मु ह ावरा – आर् खाएर्ा िद अं र् ार उर् े र् ा


अर्ग – बु रे िदम िरने िद बु र द फल ही कमलतद है ।

मु ह ावरा – आर् तबना धु आाँ नही ।ं


अर्ग – हर चीज िद िदरण अिश्य ही होतद है ।

मु ह ावरा – आधा िीिर आधी बटे र।


अर्ग – बे मे ल चीजोां िद सद्भम्मश्रण होनद।

मु ह ावरा – आधी छदड़ पद र ी कद धावे , आधी रहे ना पद र ी पावे ।


अर्ग – अकिि लदलच िरने से हदकन ही होती है ।

मु ह ावरा – आप ि ा िद िर् ि ा।
अर्ग – िले आदमी िो सब लोर् िले ही कमलते हैं ।

मु ह ावरा – आए र्े हरर ििन कद ओटन र्े कपास।


अर्ग – उच्च लक्ष्य ले ि र चलनद पर िोई घकटयद सद िदम िरने लर्नद।

मु ह ावरा – आसमान का र्द क ा मु ाँ ह पर आिा है ।


अर्ग – बडे लोर्ोां िी कनां द द िरने से अपनी ही बदनदमी होती है ।

मु ह ावरा – आकाश चद म ना।


अर्ग – बु ल न्द होनद।

मु ह ावरा – आर् बबद ा हदना।


अर्ग – बहुत र्ु स्स द होनद।

मु ह ावरा – आसमान तसर पर उठाना।


अर्ग – बहुत हो-हल्लद मचदनद।

मु ह ावरा – आड़े हार्द ं े न ा।


अर्ग – बदतोां से लद्भज्जत िर दे नद।

मु ह ावरा – आपे से बाहर हदना।


अर्ग – क्रोि से अपने िश में न रहनद।
मु ह ावरा – आव न दे खा िाव।
अर्ग – कबनद िदरण।

मु ह ावरा – आवाज़ उठाना।


अर्ग – किरोि प्रिट िरनद।

मु ह ावरा – आसमान टद ट पड़ना।


अर्ग – अचदनि किपकत्त आ पडनद।

मु ह ावरा – इधर कु आाँ उधर खाई।


अर्ग – हर हदल में मु स ीबत िद आनद।

मु ह ावरा – इस हार् े उस हार् दे ।


अर्ग – िमग िद फल तु रां त ही कमलतद है ।

मु ह ावरा – इधर- उधर की हााँ क ना।


अर्ग – व्यर्ग िी बदतें िरनद।

मु ह ावरा – इधर की उधर र्ाना / करना।


अर्ग – चु र् ली िरिे िडिदनद।

मु ह ावरा – इशारद ं पर नाचना।


अर्ग – किसी िी इच्छदओां िद तु रां त पदलन िरनद।

मु ह ावरा – ईद का चााँ द ।
अर्ग – बहुत कदनोां िे बदद कदखदई दे ने िदले (व्यद्भि) िो ईद िद चदाँ द िहद जदतद है ।

मु ह ावरा – ईं ट का िवाब पत्थर से दे ना।


अर्ग – किसी िे आरोपोां िद िरदरद जिदब दे नद।

मु ह ावरा – ईं ट से ईं ट बिाना।
अर्ग – किनदश िरनद।

मु ह ावरा – उल्टा चदर कदिवा कद िााँ टे ।


अर्ग – दोषी होने पर िी दू सरे िो दोषी बतदनद।
मु ह ावरा – उ टी र्ं र् ा पहाड़ च ी।
अर्ग – असां ि ि यद किपरीत बदत होनद, असां ि ि िदम िरने िी िोकशश िरनद।

मु ह ावरा – उ टे बााँ स बरे ी कद।


अर्ग – किपरीत िदयग िरनद, असां ि ि िदम िरने िी िोकशश िरनद।

मु ह ावरा – उाँ र्त यद ं पर नाचना।


अर्ग – किसी िी इच्छदओां िद तु रां त पदलन िरनद।

मु ह ावरा – उाँ र् ी उठाना।


अर्ग – कनां द द िरनद।

मु ह ावरा – उर् दे ना।


अर्ग – िे द खोल दे नद।

मु ह ावरा – उड़न छद हदना।


अर्ग – र्दयब हो जदनद।

मु ह ावरा – उन्नीस-बीस हदना।


अर्ग – बहुत र्ोडद अन्तर होनद।

मु ह ावरा – उल्टी पट्टी पढ़ाना।


अर्ग – गलत िहिर बहिदनद।

मु ह ावरा – ऊाँ ट के मु ं ह में ज़ीरा हदना।


अर्ग – आिश्यितद से बहुत िम होनद।

मु ह ावरा – ऊाँ ची दु कान फीका पकवान।


अर्ग – जहदाँ बदहरी कदखदिद अकिि हो और र्ु ण िमग बहुत ही िम हो।

मु ह ावरा – एक पं र् दद काि
अर्ग – एि िदम िे प्रयत्न से दो िदम पू रे होनद।

मु ह ावरा – एक करे ा, दद सरे नीम चढ़ा।


अर्ग – एि दोष होने िे सदर् ही सदर् दू सरद दोष िी होनद।
मु ह ावरा – एक अनार स बीमार।
अर्ग – चीज िद िम होनद और चदहने िदले ज़्यददद होनद।

मु ह ावरा – एक और एक ग्यारह हदिे हैं ।


अर्ग – एितद में बल होतद है ।

मु ह ावरा – एक र्ं द ी मछ ी सारे िा ाब कद र्ं द ा कर दे िी है ।


अर्ग – एि बु र द आदमी सदरी कबरददरी िी बदनदमी िरदतद है ।

मु ह ावरा – एक िद चदरी दद सरे सीना-िदरी।


अर्ग – िोई अपरदि िरिे अपरदि न मदननद और उल्टे रौब र्दाँ ठ नद।

मु ह ावरा – एक मु ाँ ह दद बािें ।
अर्ग – अपनी बदत से पलट जदनद।

मु ह ावरा – एक म्यान में दद ि वारें नही ं समा सकिी।


अर्ग – समदन अकििदर िदले दो व्यद्भि एि ही क्षे त्र में नही ां रह सिते हैं

मु ह ावरा – एक हार् से िा ी नही ं बििी।


अर्ग – झर्डे िे कलए दोनोां पक्ष कजम्मे द दर होते हैं , एि िे झर्डद िरने से झर्डद
नही ां होतद है ।

मु ह ावरा – एक ही कड़ी से सबकद हााँ क ना।


अर्ग – छोटे - बडे िद ध्यदन न रखिर सबिे सदर् एि जै स द ही व्यिहदर िरनद।

मु ह ावरा – एक आाँ ख से दे खना।


अर्ग – सबिो बरदबर समझनद।

मु ह ावरा – एक-एक नस पहचानना।


अर्ग – सब िु छ समझनद।

मु ह ावरा – एक ही र्ै ी के चट्टे -बट्टे ।


अर्ग – एि जै से चररत्र और किचदर िे लोर्।

मु ह ावरा – एत ियााँ रर्ड़ना।


अर्ग – बहुत दौड-िू प िरनद।

मु ह ावरा – एड़ी-चदटी का पसीना एक करना।


अर्ग – घोर पररश्रम िरनद।

मु ह ावरा – ऐसी की िै स ी करना।


अर्ग – दु दग शद िरनद

मु ह ावरा – ओख ी में तसर तदया िद मद स का क्या िर।


अर्ग – यकद िकठन िदयग हदर् में ले कलयद है तो िकठनदइयोां से नही ां डरनद चदकहए।

मु ह ावरा – ओस चाटे प्यास नही ं बु झ िी।


अर्ग – बहुत र्ोडी सी िस्तु से आिश्यितद िी पू क तग नही ां होती है ।

मु ह ावरा – ओख ी में तसर दे ना।


अर्ग – जोद्भखम मोल ले न द।

मु ह ावरा – आाँ ख का िारा।


अर्ग – बहुत प्यदरद।

मु ह ावरा – आाँ खें चार हदना।


अर्ग – आमने - सदमने होनद।

मु ह ावरा – अक्ल का दु श्मन


अर्ग – बु द्भ द्ध िम होनद।

मु ह ावरा – अक्ल के पीछे ठ त ए तफरना


अर्ग – मू ख ों जै स ी हरितें और िदम िरनद।

मु ह ावरा – आाँ खद ं में धद झद क


ं ना
अर्ग – िोखे से यद नजरोां से बचिर िदम िरनद।

मु ह ावरा – आाँ ख उठाना


अर्ग – सदहस िरनद।
मु ह ावरा – आसमान से बािें करना
अर्ग – सफलतद िी ऊाँ चदई ति जदनद।

मु ह ावरा – उ टी र्ं र् ा बहाना


अर्ग – किपरीत यद र्लत तरीिे से िदम िरनद।

[13] सरल, सांयुि एिां कमश्र िदक्य

तमश्र वाक्य की पररिाषा


• ऐसे िदक्य कजनमें सरल िदक्य िे सदर्-सदर् िोई दू सरद उपिदक्य िी हो, िे िदक्य कमश्र
िदक्य िहलदते हैं ।
• कमश्र िदक्योाँ िी रचनद एि से अकिि ऐसे सदिदरण िदक्योाँ से होती है , कजनमे ाँ एि प्रिदन
िदक्य होतद है एिां दू सरद िदक्य आकश्रत होतद है ।
• इस िदक्य में मुख्य उद्दे श्य और मुख्य कििे य िे अलदिद एि यद अकिि समदकपिद
कक्रयदएाँ होती हैं ।
• कमश्र िदक्य में प्रिदन िदक्य िो आकश्रत उपिदक्य से जोडने िे कलए जो आपस में ‘तक’;
‘िद’; ‘क्यदंतक’; ‘तििना’; ‘उिना’; ‘िैसा’; ‘वैसा’; ‘िब’; ‘िब’; ‘िहााँ’; ‘वहााँ’;
‘तिधर’; ‘उधर’; ‘अर्र/यतद’; ‘िद’; ‘यद्यतप’; ‘िर्ातप’; आकद िद प्रयोर् कियद जदतद
है ।

तमश्र वाक्य के उदाहरण


• वह क न–सा मनुष्य है तिसने महाप्रिापी रािा िदि का नाम न सुना हद।

ऊपर कदए र्ए उददहरण में जैसद िी आप दे ख सिते हैं यहदां एि उपिदक्य नहीां दो दो उपिदक्य हैं ।
इनमें से एि उपिदक्य प्रिदन है एिां दू सरद उपिदक्य आकश्रत है ।

ऊपर कदए िदक्य में ‘िह िोनसद मनुष्य है ’ यह उपिदक्य प्रिदन है ि ‘कजसने महदप्रतदपी रदजद िोज
िद नदम नद सुनद हो’ यह िदक्य आकश्रत िदक्य है । जै सद िी हम दे ख सिते हैं इस िदक्य में दो कििेय
हैं एिां दो कििेय कमश्र िदक्य में होते हैं । अतएि यह उददहरण कमश्र िदक्य िे अांतर्गत आएर्द।

• अतमि ने वह घर खरीदा िद उसके चाचा का र्ा।


जैसद िी आप ऊपर कदए र्ए उददहरण में दे ख सिते हैं िी इसमें दो उद्दे श्य हैं एिां दो उपिदक्य है ।
इन दो उपिदक्योां में ‘अकमत ने िह घर खरीदद’ यह प्रिदन िदक्य है एिां ‘जो उसिे चदचद िद र्द’ यह
िदक्य आकश्रत िदक्य है ।

जैसद िी हम जदनते हैं कि जब िदक्य में दो उद्दे श्य होते हैं एिां दो उपिदक्य होते हैं तो िह कमश्र होतद
है । अतः यह उददहरण कमश्र िदक्य िे अांतर्गत आएर्द।

• यह वही िारि दे श है तिसे पह े सदने की तचतड़या कहा िािा र्ा।

ऊपर कदए र्ये उददहरण में जैसद िी आप दे ख सिते हैं िी इसमें दो उपिदक्य हैं । इसमें ‘यह िही
िदरत दे श है ’ यह उपिदक्य प्रिदन है एिां ‘कजसे पहले सोने िी कचकडयद िहद जदतद र्द’ यह आकश्रत
उपिदक्य है ।

जैसद िी हम जदनते हैं कि जब दो उपिदक्य हो जदते है एिां एि यद एि से अकिि समदकपि कक्रयदएां


होती हैं , तो िह कमश्र िदक्य हो जदतद है । अतः यह उददहरण कमश्र िदक्य िे अांतर्गत आएर्द।

कमश्र िदक्य िे िुछ अन्य उददहरण


• जो औरत िहदां बै ठी हैं िो मेरी मदाँ है ।
• जो लडिद िमरे में बै ठद है िह मेरद िदई है ।
• यकद पररश्रम िरोर्े तो उत्तीणग हो जदओर्े।
• मैं जदनतद हूाँ कि तुम्हदरे अक्षर अच्छे नहीां बनते।

वाक्य रूपांिरण

कमश्र िदक्य से सरल िदक्य


• तमश्र वाक्य : जब दु घगटनद िी खबर सुनी, तब मन दु खी हो र्यद।
• सर वाक्य : दु घगटनद िी खबर सुनिर मन दु खी हो र्यद।
• तमश्र वाक्य : उसने िहद कि मैं कनदोष हूाँ ।
• सर वाक्य : उसने अपने आप िो कनदोष घोकषत िर कदयद।
• तमश्र वाक्य : कशक्षि ने िहद कि सिी िो र्ृहिदयग स्वयां िरनद है ।
• सर वाक्य : कशक्षि ने सबिो अपनद र्ृहिदयग स्वयां िरने िो िहद है ।
• तमश्र वाक्य : जो लोर् पररश्रमी र्े, िे सफल हो र्ए।
• सर वाक्य : पररश्रमी लोर् सफल हो र्ए।
• तमश्र वाक्य : किशदल ने जो मोबदइल खरीदद है िह नयद है ।
• सर वाक्य : किशदल ने एि नयद मोबदइल खरीदद है ।
• तमश्र वाक्य : जैसे ही हम बस से उतरे , ररक्शे िदले दौड पडे ।
• सर वाक्य : हमदरे बस से उतरते ही ररक्शे िदले दौड पडे ।
• तमश्र वाक्य : जैसे ही छु ट्टी हुई, बच्चे घर चले र्ए।
• सर वाक्य : छु ट्टी होते ही बच्चे घर चले र्ए।

कमश्र िदक्य से सयुांि िदक्य


• तमश्र वाक्य : जब दु घगटनद िी खबर सुनी, तब मन दु खी हो र्यद।
• सर वाक्य : दु घगटनद िी खबर सुनी और मन दु खी हो र्यद।
• तमश्र वाक्य : जब िी मैं कििदस िे घर र्यद, मेरद आदर सत्कदर हुआ।
• सर वाक्य : कििदस िे घर मेरद आदर िी हुआ और सत्कदर िी।
• तमश्र वाक्य : किशदल ने जो मोबदइल खरीदद है , िह नयद है ।
• सर वाक्य : किशदल ने एि मोबदइल खरीदद है और िह नयद है ।
• तमश्र वाक्य : कशक्षि ने िहद कि सबिो र्ृहिदयग स्वयां िरनद है ।
• सर वाक्य : कशक्षि ने सबिो र्ृहिदयग िरने िो िहद एिां स्वयां िरने िो िहद।

सर वाक्य की पररिाषा
• ऐसद िदक्य कजसमे एि ही कक्रयद एिां एि ही ितदग होतद है यद कजस िदक्य में एि ही
उद्दे श्य एिां एि ही कििे य होतद है , िे िदक्य सरल िदक्य िहलदते हैं ।
• सरल िदक्य िो सदिदरण िदक्य िी िहद जदतद है ।
• इस िदक्य में एि उद्दे श्य अर्दग त ितदग एिां एि कििे य अर्दग त कक्रयद है ।

सर वाक्य के उदाहरण
• अतमि खाना खािा है।

ऊपर कदए र्ए उददहरण में जैसद कि आप दे ख सिते हैं कि एि ही उद्दे श्य अर्दग त ितदग है जो िी
अकमत है एिां एि ही कििे य अर्दग त कक्रयद है जो िी ‘खदनद खदतद है ’ है ।

जैसद िी हम जदनते हैं िी जब एि िदक्य में एि ही उद्दे श्य एिां कििेय होतद है तो िह िदक्य सरल
होतद है । अतः यह उददहरण सरल िदक्य िे अांतर्ग त आएर्द।
• रामु पुस्तक पढिा है।

जैसद िी आप ऊपर कदए र्ए उददहरण में दे ख सिते हैं िी िदक्य में एि ही उद्दे श्य अर्दग त ितदग है
जो कि रदमु है एिां िदक्य में एि ही कििे य अर्दग त कक्रयद है जो िी पुस्ति पढ़नद है ।

जैसद िी हमें पतद है िी जब िदक्य में एि ही उद्दे श्य एिां एि ही कििे य होतद है तो िह िदक्य सरल
यद सदिदरण होतद है । अतः यह उददहरण सरल िदक्य िे अांतर्गत आएर्द।

• मीना नाचिी है।

ऊपर कदए र्ए उददहरण में जैसद िी आप दे ख सिते हैं िी इस िदक्य में एि ही उद्दे श्य अर्दग त
ितदग है जो िी मीनद है एिां इस िदक्य में एि ही कििेय अर्दग त कक्रयद है जो िी नदचनद है ।

जैसद िी हम जदनते हैं कि िदक्य में जब एि ही उद्दे श्य अर्दग त ितदग हो एिां एि ही कििेय अर्दग त
कक्रयद हो तो िह िदक्य सरल यद सदिदरण हो जदतद है । अतः यह उददहरण सरल िदक्य िे अांतर्गत
आएर्द।

• तशशु सदिा रहिा है ।

जैसद िी आप ऊपर कदए र्ए उददहरण में दे ख सिते हैं िी िदक्य में एि ही उद्दे श्य अर्दग त ितदग है
जो कि कशशु है एिां िदक्य में एि ही कििे य अर्दग त कक्रयद है जो िी सोनद है ।

जैसद िी हमें पतद है िी जब िदक्य में एि ही उद्दे श्य एिां एि ही कििे य होतद है तो िह िदक्य सरल
यद सदिदरण होतद है । अतः यह उददहरण सरल िदक्य िे अांतर्गत आएर्द।

सरल िदक्य िे िुछ अन्य उददहरण


• रोहन खेलतद है ।
• मीतद दौडती है ।
• आिदश िदर्तद रहतद है ।
• श्यदम पढ़दई िरतद है ।
• सीतद खदनद खदती है ।
• सांर्ीतद चलती है ।
• कबजली िडिती है ।
• मेहमदन आते हैं ।
• छदत्र मै ददन मे ाँ खे ल रहे है ।ाँ
वाक्य रूपांिरण

सरल िदक्य से कमश्र िदक्य


• सर वाक्य : उसने अपने िदई िद खदनद खदयद।
• तमश्र वाक्य : उनने िह खदनद खदयद जो उसिे िदई िद र्द।
• सर वाक्य : िदरतीय लोर् सांस्कदरी होते हैं ।
• तमश्र वाक्य : जो लोर् िदरतीय होते हैं िे सांस्कदरी होते हैं ।
• सर वाक्य : ईमदनददर आदमी िद सिी सम्मदन िरते हैं ।
• तमश्र वाक्य : जो आदमी ईमदनददर होतद है उसिद सिी सम्मदन िरते हैं ।
• सर वाक्य : अकितर्द दीपि खेल िूद रहे हैं ।
• तमश्र वाक्य : जो खे ल िूद रहे हैं िे अिी तर्द दीपि हैं ।
• सर वाक्य : सूरज पढ़-कलखते ही अकििदर बन र्यद।
• तमश्र वाक्य : जैसे ही सूरज पढ़द कलखद, िह अकििदरी बन र्यद।

सरल िदक्य से सांयुि िदक्य


• सर वाक्य : सदकहल हां सिर बोलद।
• सयुंि वाक्य : सदकहल हां सद और बोलद।
• सर वाक्य : आयु ष आते ही खे लने लर्द।
• सयुंि वाक्य : आयु ष आयद और आते ही खे लने लर्द।
• सर वाक्य : अस्वस्र् रहने िे िदरण िह परीक्षद में सफल न हो सिद।
• सयुंि वाक्य : िह अस्वस्र् र्द और इसकलए परीक्षद में सफल न हो सिद।
• सर वाक्य : र्रीब िो लूटने िे अकतररि उसने उसिी हत्यद िी िर दी।
• सयुंि वाक्य : उसने न िेिल र्रीब िो लूटद, बद्भल्क उसिी हत्यद िी िर दी।

[13] िदक्योां िद रूपदां तरण


‘शब्ोां िद िह सदर्गि समू ह , जो किसी न किसी िदि िो प्रिट िरतद है , िह िदक्य िहलदतद
है |’

रचना के आधार पर वाक्य िेद / वाक्य रूपांिरण


रचनद िे आिदर पर िदक्य िे िीन िेद होते हैं -

1. सदिदरण यद सरल िदक्य

2. सांयुि िदक्य

3. कमश्र यद कमकश्रत िदक्य

1. सदिदरण यद सरल िदक्य


1. सरल िदक्य में एि उद्दे श्य और एि कििेय होतद है |
2. इसमें एि ही कक्रयद होती है जो मुख्य कक्रयद होती है |
3. इसमें उपिदक्य नहीां होते |
जैसे -

1) रदम र्ेंद से खेलतद है |


2) रदिण तीनोां लोिोां िद स्वदमी बननद चदहतद र्द |

3) िह प्रकतकदन घर िद िदयग िरने िे बदद िी समय पर िदयदग लय पहुाँ चती है |

नोट – यह आिश्यि नहीां कि सरल िदक्य छोटे ही होते हैं िरन िे लम्बे िी हो सिते हैं |

2. सांयुि िदक्य
1. सांयुि िदक्य में दो यद दो से अकिि स्वतांत्र िदक्य योजि कचिोां िे द्वदरद जुडे रहते हैं |
2. किन्तु ,परन्तु ,और ,तर्द ,इसकलए ,यद ,अर्िद, अन्यर्द, अत: इत्यदकद योजि शब् होते
हैं |
3. योजि शब् समुच्चय बोिि अव्यय होते हैं |
जैसे -
1) मुझे बुखदर र्द , इसत ए मैं किद्यदलय नहीां जद सिद |

2) िह बदजदर र्यद और उसने सदमदन ख़रीदद |

3) मजदू र मेहनत िरतद है , परन्तु उसे लदि नहीां कमलतद |

4) बददल कघरे िर्ा अाँिेरद छद र्यद |

5) मैंने उसिी बहुत प्रतीक्षद िी , तकन्तु िह नहीां आयद |

नदट - सांयुि िदक्योां में ििी – ििी अव्यय शब्ोां िद लोप िी कियद जदतद है ;

जैसे –

1) क्यद सोचद र्द , क्यद हो र्यद |

3. कमश्र / कमकश्रत िदक्य


1. कमश्र िदक्य में एि से अकिि उपिदक्य होते हैं |
2. इस प्रिदर िे िदक्य में एि प्रिदन उपिदक्य होतद है तर्द शेष अन्य उपिदक्य उस पर
आकश्रत होते हैं |
3. जो उपिदक्य आकश्रत होते हैं | उन्हें आकश्रत उपिदक्य िहते हैं |
4. ये उपिदक्य आपस में व्यदकििरण योजिोां से जुडे रहते हैं |
5. ये योजि जो , जब , तब, जहदाँ , िहदाँ , कि , क्योांकि , अर्र , यकद इत्यदकद होते हैं |
जैसे -
1) िब र्ीतद ने मेहनत िी , िब िह प्रर्म आई |
2) िद छदत्र पररश्रम िरते हैं , वे ही सफल होते हैं |

3) िैसे ही सूयदग स्त हुआ , चदरोां तरफ अाँिेरद छद र्यद |

4) यद्यतप िह दु बलद – पतलद है िर्ातप िह तदितिर है |

5) िह किद्यदलय नहीां आयद क्यदंतक िह बीमदर है |

उपिदक्य – एि िदक्य में अनेि उपिदक्य होते हैं ; कजनमें एि प्रिदन तर्द शेष आकश्रत
उपिदक्य होते हैं | मुख्य उपिदक्य िी कक्रयद मुख्य होती है |

आकश्रत उपिदक्योां िद आरम्भ प्रदय: ‘जो’ , ‘कि’ , ‘क्योांकि’ , ‘कजसे’ , ‘यकद’ इत्यदकद शब्ोां से होतद
है |

जैसे - र्ीतद अब ति ठीि नहीां हुई, क्यदंतक उसने दिदई समय पर नहीां ली |
कमश्र िदक्योां में िीन प्रिदर िे आकश्रत उपिदक्य होते हैं –

1. सांज्ञद उपिदक्य

2. किशेषण उपिदक्य

3. कक्रयदकिशेषण उपिदक्य

1. संज्ञा उपवाक्य
1. यह उपिदक्य प्रिदन उपिदक्य िी सांज्ञद िे स्र्दन पर प्रयुि होतद है |
2. यह उपिदक्य िदक्य में सांज्ञद िद िदम िरते हैं |
3. सांज्ञद उपिदक्य प्रिदन उपिदक्य से ‘तक’ योजि द्वदरद जुडे रहते हैं |
जैसे -

िृष्णि ने िहद तक िह खदनद नहीां खदएर्द |

रदजद ने िहद तक युद्ध में जीतनद िकठन है |

2. तवशेषण उपवाक्य
1. यह उपिदक्य प्रिदन उपिदक्य िी सांज्ञद यद सिगनदम िी किशेषतद बतदतद है |
2. यह उपिदक्य सांज्ञद यद सिगनदम िे किषय में किकिन्न सूचनदएाँ दे तद है |
3. यह उपिदक्य प्रिदन उपिदक्य से सांबांििदचि सिगनदम ‘िद’ , ‘तिसके’ , ‘तिसने’ ,
‘तिसे’ आकद शब्ोां से जुडद रहतद है |

जैसे -

1) उस लडिे िो अांदर बुलदओ, िद बदहर आयद है |

2) यह िही औरत है , तिसने िल सदमदन चुरदयद र्द |


3) िद मेहनत िरतद है , िह सफलतद प्रदि िरतद है |

3. तक्रयातवशेषण उपवाक्य
1. यह उपिदक्य प्रिदन उपिदक्य िी कक्रयद िी किशेषतद बतदतद है |
2. इन उपिदक्योां से कक्रयद िे घकटत होने
िी रीति , समय , तदशा ,स्र्ान ,पररणाम इत्यदकद िी सूचनद कमलती है |

जैसे -

1) जैसे िह समझदतद है , िैसे िोई नहीां समझदतद |


2) जहदाँ िह रोज जदती है , िहदाँ मेरद घर है |
वाक्य – संश्लेषण – दद या दद से अतधक वाक्यदं कद सार्गक रूप से तम ाना वाक्य
संश्लेषण कह ािा है | यदिकदं की सहायिा से संयुि और तमतश्रि वाक्य बनाए िािे हैं
|
जैसे –

1. सीतद ने मेहनत िी | 2. सीतद सफल हो र्ई |

सीतद ने मेहनत िी और सफल हो र्ई | ( संयुि वाक्य )

जब सीतद ने मेहनत िी , तब िह सफल हुई | ( तमतश्रि वाक्य )

वाक्य रूपांिरण – एक वाक्य का दद सरे वाक्य में रचना की दृति से रूपांिररि हदना वाक्य
रूपांिरण कह ािा है |

सर वाक्य – सांयुि िदक्य तर्द कमश्र िदक्य में


संयुि वाक्य – सरल िदक्य तर्द कमश्र िदक्य में

तमश्र वाक्य – सरल िदक्य तर्द सांयुि िदक्य में

इन तीनोां िदक्योां िे आपस में रूपदां तरण होते समय इनिे अर्ग में पररितगन नहीां होनद चदकहए |

जैसे –
प्रदत:िदल पक्षी चहचहदते हैं | ( सर वाक्य )

प्रदत:िदल हुआ, और पक्षी चहचहदने लर्े | ( संयुि वाक्य )

जब प्रदत:िदल हुआ तब पक्षी चहचहदने लर्े | ( तमतश्रि वाक्य )

[14] समदनर्गि शब्


शब् िे समदन अर्िद लर्िर् समदन अर्ग िद बोि िरदने िदले शब्ोां िो पयदगयिदची (Synonyms) शब्
िहते हैं जैसे– सूयग िद पयदग यिदची – कदनिर, कदिदिर, िदनु, िदस्कर, आि, आकदत्य, कदनेश, कमत्र,
मदतगि, मन्ददर आकद, पयदग यिदची शब्ोां िो ‘प्रकतशब्’ यद ‘समदनदर्ी शब्’ िी िहते हैं , क्योांकि ये समदन
अर्ग (लर्िर् समदन अर्ग) व्यि िरते हैं। किसी िी िदषद िी सबलतद िे प्रतीि पयदगयिदची शब् होते है।
कजस िदषद में कजतने ही अकिि पयदगयिदची शब् होांर्े िह िदषद उतनी ही अकिि समृद्ध होर्ी। इस दृकष्टिोण
से कहन्दी सम्पन्न िदषद है।

अाँधेरा (Andhera) िद पयदग यिदची शब् – कतकमर, अांििदर, तम।


अंर्दर (Angoor) िद पयदगयिदची शब् – द्रदक्षद, ददख, इां र्ुर।
अंधकार (Andhakar) िद पयदगयिदची शब् – कतकमर, अाँिेरद, तम।
अंधा (Andha) िद पयदगयिदची शब् – नेत्रहीन, चक्षुकिहीन, सूरददस।
अति (Agni) िद पयदगयिदची शब् – अनल, पदिि, दहन, ज्वलन, िूमिेतु, िृशदनु, हुतदशन, िैश्वदनर, शुकच,
ज्वदलद, आर्।
अतितर् (Atithi) िद पयदगयिदची शब् – पदहून, आां र्तुि, अभ्यदर्त, मेहमदन।
अतिमान (Abhimaan) िद पयदगयिदची शब् – दपग, मद, घमांड, दां ि, अांहिदर, र्िग।
अमृि (Amrit) िद पयदगयिदची शब् – सुिद, अकमय, कपयूष, सोम, मिु, अमी।
अर्ग (Arth) िद पयदग यिदची शब् – तदत्पयग, मदयने, मतलब, अकिप्रदय, आशय।
अश्व (Ashv) िद पयदगयिदची शब् – िदकज, घोडद, घोटि, रकिपुत्र, हय, तुरांर्।
असुर (Asur) िद पयदग यिदची शब् – दै त्य, ददनि, रदक्षस, कनशदचर, रजनीचर, दनुज।
आाँ ख (Aankh) िद पयदगयिदची शब् – लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृर्, किलोचन, दृकष्ट।
आाँ र्न (Angan) िद पयदगयिदची शब् – आां र्नद, बर्र, प्रदांर्ण, अकजर।
आाँ च (Aanchal) िद पयदग यिदची शब् – घेरद, ददयरद।
आं च (Aanch) िद पयदग यिदची शब् – आर्, ज्वदलद, फदयर, आां च, प्रिदश, उत्सदह, बुरदई, क्षकत, हदकन, चोट,
अकहत, आां च।
आं सद (Aansoo) िद पयदगयिदची शब् – नेत्रजल, नयनजल, चक्षुजल, अश्रु।
आकाश (Aakash) िद पयदगयिदची शब् – नि, र्र्न, अम्बर, व्योम, अनन्त, आसमदन।
आर् (Aag) िद पयदगयिदची शब् – अकग्न, अनल, पदिि, दहन, ज्वलन, िूमिेतु, िृशदनु।
आदमी (Aadmi) िद पयदगयिदची शब् – नर, मदनि, मदनुष, मनुज, मनुष्य।
आदर (Aadar) िद पयदगयिदची शब् – सम्मदन, इज्जत, िद्र, पूज्यिदि, प्रकतष्ठद, समददर, उत्सुितद, प्रयत्न,
प्रेम, आां रि, सत्कदर।
आनंद (Anand) िद पयदगयिदची शब् – हषग, सुख, आमोद, मोद, प्रमोद, उल्लदस।
आम (Aam) िद पयदगयिदची शब् – रसदल, आम्र, सौरि, मददि, अमृतफल, सहुिदर।
आसमान (Aasman) िद पयदगयिदची शब् – आिदश, नि, र्र्न, अम्बर, व्योम, अनन्त।
इं द्र (Indra) िद पयदगयिदची शब् – दे िरदज, सुरेन्द्र, सुरपकत, अमरे श, दे िेन्द्र, िदसि, सुररदज, सुरेश।
इच्छा (Ichchha) िद पयदगयिदची शब् – अकिलदषद, चदह, िदमनद, लदलसद, मनोरर्, आिदांक्षद।
इनाम (Inaam) िद पयदगयिदची शब् – पुरस्कदर, पदररतोकषि, बख्शीश।
इम ी (Imali) िद पयदगयिदची शब् – अद्भििद।
ईंधन (Indhan) िद पयदगयिदची शब् – जलदऊ लिडी, ईांिन िी लिडी।
ईमान (Imaan) िद पयदगयिदची शब् – कनष्ठद, यक़ीन, िद्भि, यक़ीन, ईमदन, शुकचतद, सत्यिदकदतद,
नेिनीयती, सच्चदपन।
ईमानदार (Imaandar) िद पयदगयिदची शब् – कनष्पक्ष, र्ोरद, स्वच्छ, न्यदयोकचत, स्पष्ट, ईमदनददर, सीिद,
खडद, सच्चद, न्यदयी, जोशीलद, उत्सुि, तत्पर, अिपट।
ईष्याग (Irshya) िद पयदग यिदची शब् – द्वे ष, जलन, मत्सर, िुढ़न।
ईश्वर (Ishwar) िद पयदगयिदची शब् – िर्िदन, परमेश्वर, जर्दीश्वर, कििदतद।
उत्तर (Uttar) िद पयदगयिदची शब् – प्रकतकक्रयद, प्रकतिचन, पत्युत्तर, कनिदगकचत होनद, कनिदगकचत िरनद,
परिती, उत्तरिती, उत्तर, पिदतिकर्त, जिदब, जोड, सददृश्य।
उत्सव (Utsav) िद पयदगयिदची शब् – त्योहदर, जशन, िोज, त्योहदर, प्रीकतिोज, सांतोष, पिग, उत्सि, त्योहदर,
समदरोह, पिग, त्योहदर, पिग िद कदन, आडां बर जशन, ददि।
उत्साह (Utsah) िद पयदगयिदची शब् – आिेर्, जोश, उमांर्।
उदास (Ishwar) िद पयदगयिदची शब् – सुनसदन, कनजगन, किषददपूणग, मनहूस, अांििदरपूनग, द्भखन्न, किषददी,
मलीन, बेकदल, कनरदश, सुस्त, द्भखन्न।
उदाहरण (Udaharan) िद पयदगयिदची शब् – कमसदल, नजीर, दृष्टदांत।
उद्यान (Udyan) िद पयदगयिदची शब् – बर्ीचद, बदर्, िदकटिद, उपिन।
उन्नति (Unnati) िद पयदगयिदची शब् – उत्कष, समृद्भद्ध, प्रर्कत, प्रशांसद, बढ़ती, उठदन।
उपवन (Upvan) िद पयदगयिदची शब् – बदग, बर्ीचद, उद्यदन, िदकटिद, र्ुलशन।
उपहार (Uphaar) िद पयदग यिदची शब् – तोहफद, सौर्दत, िेंट।
उपाय (Upay) िद पयदगयिदची शब् – युद्भि, सदिन, तरिीब, तदबीर, यत्न, प्रयत्न।
उम्र (Umr) िद पयदग यिदची शब् – आयु, िय, जीिनिदल।
उल्लास (Ullas) िद पयदगयिदची शब् – आनांद, हषग, सुख, आमोद, मोद, प्रसन्नतद, आह्रदद, प्रमोद।
उषा (Usha) िद पयदग यिदची शब् – सुबह, िोर, किनसदर, अलस्सुबह, ब्रह्ममुहूतग।
ऊाँट (Oont) िद पयदगयिदची शब् – िरि, उष्टर, लांबोष्ठ, सदाँकडयद।
ऋण (Ran) िद पयदगयिदची शब् – िजग, िजदग, उिदर, उिदरी।
ऋिु (Ritu) िद पयदगयिदची शब् – ऋतुरदज, बहदर, मिुमदस, िसांत, ऋतुपकत, मिुऋतु।
ऋषि (Rishabh) िद पयदगयिदची शब् – िृष, िृषि, बैल, पुांर्ि, बलीिदग , र्ोनदर्।
ऋतष (Rishi) िद पयदगयिदची शब् – सदिु, महदत्मद, मुकन, योर्ी, तपस्वी।
एक (Eak) िद पयदगयिदची शब् –िोई, प्रकत, अिेलद।
एकिा (Ekta) िद पयदगयिदची शब् – ऐक्य, एित्व, एिद, मेल।
एकतत्रि (Ekatrit) िद पयदग यिदची शब् – इिट्ठद हुआ।
एकाग्रिा (Ekagrata) िद पयदगयिदची शब् – सांिेंद्रण, पररश्रम, एिदग्रतद, िुन।
ऐतिहातसक (Aitihasik) िद पयदगयिदची शब् – अयर्दर्ग।
ऐनक (Ainak) िद पयदगयिदची शब् – उपनेत्र, उपनेत्र, घोडे िी लोहे िी नदर्, चिद।
ऐब (Aib) िद पयदगयिदची शब् – खदमी, खरदबी, िमी, अिर्ुण।
ओठ (Oth) िद पयदगयिदची शब् – ओष्ठ, अिर, लब, होठ।
ओस (Os) िद पयदगयिदची शब् – नीहदर, तुकहन, शबनम।
ओसारा (Osara) िद पयदग यिदची शब् – बरदमदद, दिदगजद, सदयबदन, ओसदरदछप्पर, सदयबदन, झोांपडद,
ओसदरद, र्ैरेज, िुकटयद।
ओहदा (Ohada) िद पयदगयिदची शब् – िदयग, िदम, दफतर, सेिद, ितगव्य,क़ब्जद, आक्रमण, ओक्यूपेशन,
ितगन।
औतचत्य (Auchitya) िद पयदगयिदची शब् – उपयुितद, तिगसांर्कत, तिगसांर्ततद।
और (Aur) िद पयदग यिदची शब् – तर्द, तत्थद,कफर से, अकिि मदत्रद में, अकिितद से, ऊपर से, इस िे
कसिद,िी, तर्द, सर् ही,अन्य, और, दू सरद, इतर, पर, दू सरद, कद्वतीय, दोबदरद, सहदयि, र्ौण।
औषध (Aushadh) िद पयदग यिदची शब् – औषकि, दिद, दिदई।
औसि (Ausat) िद पयदगयिदची शब् – मदध्य, नरम, सदिदरण।
कपड़ा (Kapda) िद पयदगयिदची शब् – मयुख, िस्त्र, चीर, िसन, पट, अांशु, िर, अम्बर, पररिदन।
कब (Kab) िद पयदग यिदची शब् – जब, िब।
कमिदर (Kamjor) िद पयदगयिदची शब् – कनबगल, बलहीन, दु बगल, मररयल, शद्भिहीन।
कम (Kamal) िद पयदगयिदची शब् – लक्ष्मी, महदलक्ष्मी, श्री, हरकप्रयद।
क म (Kalam) िद पयदगयिदची शब् –छे नी, िलम, नक्कदशी िरने िद औजदर, िलम, िटदि, िदट-
छदांट।
तकनारा (Kinara) िद पयदग यिदची शब् – तीर, िूल, िर्दर, तट।
तकरण (Kiran) िद पयदग यिदची शब् – र्िद्भस्त, रद्भि, अांशु, अकचग, र्ो, िर, मयूख, मरीकच, ज्योकत, प्रिद।
कृष्ण (Krishna) शब् िद पयदगयिदची – रदिदपकत, घनश्यदम, िदसुदेि, मदिि, मोहन, िेशि, र्ोकिन्द,
मुरदरी, नन्दनन्दन, रदिदरमण, ददमोदर, ब्रजिल्लि, र्ोपीनदर्, मुरलीिर, द्वदररिदिीश, यदु नन्दन, िांसदरर,
रणछोड, बांशीिर, कर्रिदरी।
कदय (Koyal) िद पयदगयिदची शब् – िोकिलद, कपि, िदिपदली, बसांतदू त, सदररिद, िुहुकिनी,
िनकप्रयद।
कदष (Kosh) िद पयदगयिदची शब् – िांडदर, खजदनद, कनकि।
क्षमिा (Kshamata) िद पयदगयिदची शब् – िदयगक्षमतद, कनपुणतद, योग्यतदपदत्रतद, सांपन्नतद, सुघडतद,
िदयगकनिदगह-क्षमतद, शद्भि, सदमथ्यग, मदनकसि शद्भि, बुद्भद्ध।
क्षमा (Kshama) िद पयदगयिदची शब् –रहम, िृपद, मेहरबदनी, मृदुतद, रदज-दयददयद, तरस, सहदनुिूकत,
िृपद, िस्र्णद।
तक्षतिि (Kshitij) िद पयदगयिदची शब् – ज्ञदन आकद िी सीमद।
खबर (Khabar) िद पयदगयिदची शब् – जदनिदरी, सूचनद।
खुश (Khush) िद पयदग यिदची शब् – मुबदरि, प्रसन्न, शुि, सुखप्रद, आरदम िद, खुश, सुखमय, प्रसन्न-
कचत्त, हाँसमुख, मसखरद, सदनन्द, मग्न।
खुशबद (Khushboo) िद पयदगयिदची शब् – सुर्ांकि, सौरि, सुरकि, महि।
खुशी (Khushi) िद पयदगयिदची शब् – आनांद, हषग, सुख, आमोद, प्रसन्नतद, प्रमोद, उल्लदस।
खदन (Khoon) िद पयदगयिदची शब् – रि, लहू, रुकिर, शोकणत, लोहू।
खेि (Khet) िद पयदगयिदची शब् – फदमग, िृकषक्षेत्र, िृकष-िूम,क्षेत्र, मैददन, खेत, िूकम, रणिूकम,
किस्तदर,फदमग, क्षेत्रजोतदई, जुतदई।
खे (Khel) िद पयदगयिदची शब् – खेल-िूद, नदटि, क्रीडद, अकिनय, जुआ, कक्रयदशीलतद, तमदशद, क्रीडद,
बहलदि, किनोद, कशिदर किनोद, किहदर, क्रीडद, द्भखलिदड, मनोकिनोद, तदश िद रमी।
खदि (Khoj) िद पयदगयिदची शब् –तलदश, तलदशी, अन्वेषण, जदाँच, ढू ां ढ़, खोज, तलदश, अनुसांिदन,
अांिेषण, ढू ां ढ़, प्रदर्गनद।
र्ंर्ा (Ganga) िद पयदगयिदची शब् – दे िनदी, मांददिनी, िर्ीरर्ी, किश्नुपर्द, दे िपर्द, ध्रुिनांदद।
र्र्न (Gagan) िद पयदगयिदची शब् – अांबर, आिदश, आसमदन, फलि, नि।
र्णेश (Ganesh) िद पयदगयिदची शब् – एिदां त, र्जदनन, किनदयि, लांबोदर, किघ्नेश, िक्रतुांड।
र्रीब (Garib) िद पयदगयिदची शब् – िांर्दल, कनिगन, रां ि, िनहीन।
र्ााँव (Gaon) िद पयदग यिदची शब् – ग्रदम, दे हदत, खेडद, पुरिद, टोलद।
र्ाय (Gaay) िद पयदगयिदची शब् – र्ौ, िेनु, सुरकि, िद्रद, रोकहणी।
र्ुण (Gun) िद पयदग यिदची शब् –लक्षण, िमग र्ुण, उत्तमतद, हुनर, किकशष्ट लक्षण, किकशष्ट र्ुण, र्ुणपूणगतद।
र्ुरु (Guru) िद पयदगयिदची शब् – मुदररग स, कशक्षि, अध्यदपि, आचदयग, उस्तदद।
र्ु ाब (Gulab) िद पयदगयिदची शब् – र्ुलदब िद फूल, र्ुलदब िद पौिद, र्ुलदबी रां र्, फीते िद र्ुच्छद।
र्ुस्सा (Gussa) िद पयदगयिदची शब् – क्रोि, रोष, िोप, अमषग, आक्रोश, िोह, प्रकतघदत।
ग्रह (Grah) िद पयदगयिदची शब् – घर, सदन, र्ेह, ििन, िदम, कनिेतन, कनिदस, आलय।
घटा (Ghata) िद पयदग यिदची शब् – मेघ, बददल, घन, अांबुद, अांबुिर।
घन (Ghan) िद पयदग यिदची शब् – मेघ, बददल, जलिर, जलद, िदररद, नीरद, सदरां र्, पयोद, पयोिर।
घमंि (Ghamand) िद पयदग यिदची शब् – र्िग, अकिमदन, दपग, मद, अांहिदर।
घर (Ghar) िद पयदगयिदची शब् – र्ृह, सदन, र्ेह, ििन, िदम, कनिेतन, कनिदस।
घास (Ghas) िद पयदगयिदची शब् – तृण, दू िदग , दू ब, िुश, शदद।
घी (Ghee) िद पयदगयिदची शब् – घृत, अमृत, निनीत।
घृणा (Ghrna) िद पयदगयिदची शब् – नफरत, द्वे ष, िीनद, किरद्भि, असांतोष, नदरदजर्ी, द्वे ष, किरोि,
किमुखतद, किरद्भि,कचढ़, सहज-किरोकि।
घदंस ा (Ghonsla) िद पयदग यिदची शब् – पोटे , र्दांर्, झांुड, रोर्ोां िद घर, जांर्ली पौिे।
घदटक (Ghotak) िद पयदगयिदची शब् - अश्व, तुरर्, तुरांर्, तुरांर्म, िदकज, सैंिि, हय।
घदड़ा (Ghoda) िद पयदगयिदची शब् – अश्व, घोटि, तुरर्, तुरांर्, तुरांर्म, िदकज, सैंिि, हय।
चंद्रमा (Chandrama) िद पयदगयिदची शब् – चदाँद, चन्द्र, शकश, रजनीश, कनशदनदर्, सोम, िलदकनकि।
चिुर (Chatur) िद पयदगयिदची शब् – किज्ञ, कनपुण, नदर्र, पटु , िुशल, दक्ष, प्रिीण, योग्य।
चरण (Charan) िद पयदगयिदची शब् – पद, पर्, पदाँि, पैर, पदद।
चााँद (Chand) िद पयदग यिदची शब् – चन्द्र, शकश, रजनीश, कनशदनदर्, सोम, िलदकनकि।
चांदनी (Chandni) िद पयदग यिदची शब् – चद्भन्द्रिद, िौमुदी, ज्योत्सनद, चन्द्रमरीकच, उकजयदरी, चन्द्रप्रिद,
जुन्हदई।
चातहए (Chahiye) िद पयदग यिदची शब् – चदहनद, इच्छद िरनद, अकिलदषद िरनद, किसी चीज िी जरूरत
होनद, ख़्वदकहश िरनद, इच्छद िरनद, लदलसद िरनद, िदमनद िरनद, मदांर्नद, मनोरर् िरनद।
तचत्र (Chitr) िद पयदगयिदची शब् – फोटो, तसिीर, छदयदकचत्र, छकब, तसिीर, प्रकतमद, चेहरद, शिल,
आिृकत,कचत्रदांिन, बयदन, िणगन।
चदर (Chor) िद पयदगयिदची शब् – ठर्, ठर्नद, िूतग, िुददल, चुननेिदलद, चोर, जेबितरद, अलर्दने िद एि
यांत्र, किक्षु, ठर्, मांर्तद, लूटेरद, चोर, कशिदर िी खोज में घूमनेिदलद।
छ (Chhal) िद पयदगयिदची शब् – िपट, चिमद, ठर्ी, िोखद, प्रपांच।
छतव (Chhavi) िद पयदगयिदची शब् - िदद्भन्त, शोिद, सुन्दरतद, सौांदयग।
छािी (Chhati) िद पयदगयिदची शब् – हृदय, िक्ष, िक्षस्र्ल, कहय।
छात्र (Chatr) िद पयदगयिदची शब् – छदत्रद, अध्येतद, शदकर्दग ,पांकडत, अध्येतद, िैज्ञदकनि, शदकर्दग ,
शदस्री,कशष्य, पुतली, शदकर्दग , चेलद, तदरद, कशष्य, स्कूली बच्चद।
छाया (Chhaya) िद पयदगयिदची शब् – परछदई, प्रकतिृकत, प्रकतकबम्ब, प्रकतमूकतग, कबम्ब।
छु ट्टी (Chutti) िद पयदगयिदची शब् – त्योहदर, मनोरां जन, अिक्षदश िद कदन, अििदश, छूट, ररहदई, मुद्भि,
छु टिदरदकिदद, प्रस्र्दन, आज्ञद।
छदट (Chhut) िद पयदगयिदची शब् – ररबेट, बट्टद, ररयदयत, ररआयत, सुकििद, किशेष सुकििद, ररयदयत में दी
र्ई िस्तु, ित्तद, छूट, अनुमकत, अनुज्ञद, आज्ञद, अनुमोदन, िमी, छां टनी, न्यूनन, परदिि।
छदटा (Chhota) िद पयदगयिदची शब् – िकनश्ठ, तुच्छ, लघु, हीन।
िंर् (Jungle) िद पयदगयिदची शब् – अरण्य, िदनन, िदांतदर, िन, किकपन।
िर् (Jag) िद पयदगयिदची शब् – सांसदर, जर्त, दु कनयद, ब्रह्मदि, िि, ििन, लोि, किश्व।
िर्ि (Jagat) िद पयदगयिदची शब् - जर्, दु कनयद, ब्रह्मदि, िि, ििन, लोि, किश्व।
िन (Jan) िद पयदगयिदची शब् – आदमी, नर, मनुज, मनुष्य, मदग ।
िननी (Janani) िद पयदगयिदची शब् – अम्बद, अद्भम्बिद, िदत्रद, प्रसू, मदाँ , मदतृ।
िमीन (Zameen) िद पयदग यिदची शब् – िरद, िरती, िसुिद, पृथ्वी, िू, िूकम, िरणी, िसुांिरद, अचलद, मही,
रत्नर्िदग।
िय (Jay) िद पयदगयिदची शब् – किजय, तदड िद पेड,जीत फतह, अकििदिितद।
िरूरी (Zaroori) िद पयदग यिदची शब् – महत्वपूणग, जरूरी, आिश्यि, प्रिदिदशदली, अत्यदिश्यि,
अकनिदयग, पहले से आिश्यि।
ि (Jal) िद पयदगयिदची शब् – सकलल, िदरर, नीर, तोय, अम्बु, पदनी, पय, पेय।
िल्दी (Jaldi) िद पयदगयिदची शब् – आतुरतद, जल्दबदजी, हडबडी, शीघ्रतद, प्रेषण, िेजनद, द्भस्र्रतद, तेजी,
मौत िी सजद, तेजी।
िानवर (Janwar) िद पयदग यिदची शब् – पशु, क्रूर व्यद्भि।
तिंदर्ी (Zindagi) िद पयदग यिदची शब् – जदन, जीिन-िदल, िदयगिदल, आयु।
तज़क्र (Zikr) िद पयदगयिदची शब् – उल्लेख, हिदलद, िर्न।
िीि (Jeebh) िद पयदग यिदची शब् – जबदन, कजह्वद, रसनद।
िीवन (Jivan) िद पयदगयिदची शब् – अिदंकर्नी, िलि, िदन्तद, र्ृकहणी, सांकर्नी, ददरद, कप्रयद, िदयदग, ििू,
िदमदांकर्नी, िदमद, स्त्री।
ज्ञान (Gyan) िद पयदगयिदची शब् – सूचनद, किद्यद, बोि, सूचनद, बुद्भद्ध, बुद्भद्धमत्तद, प्रज्ञद, मेिद, समझ, अक़्ल।
ज्ञानी (Gyani) िद पयदग यिदची शब् – ददनद, ज्ञदनी, िरदमदती, िैज्ञदकनि, जददू र्र, पांकडत, ऋकष, सांत,
समझददर, सूक्ष्मदशी।
झंिा (Jhanda) िद पयदगयिदची शब् – िेतु, ध्वज, ध्वजद, कनशदन, पतदिद।
झर्ड़ा (Jhagda) िद पयदगयिदची शब् – कििदद, बहस, िलह, कबर्दड, तिरदर,पांद्भि, पदांकत, झर्डद,
उपद्रि, सतर, सफ।
झरना (Jharna) िद पयदगयिदची शब् – जल-प्रपदत, प्रपदत, झदलर, जल-प्रपदत, फौिदरद।
झरदखा (Jharokha) िद पयदगयिदची शब् – सदाँस लेने िद कछद्र, िदयु-मदर्ग, रोशनददन, िमरे में छत िे पदस
िी द्भखडिी, द्भखडिी, छज्जद, तदि।
झी (Jheel) िद पयदगयिदची शब् – सरोिर, िूल, सर, एि प्रिदर िद र्ुलदबी रां र्, सरोिर।
झुंि (Jhund) िद पयदगयिदची शब् – दल, झुांड, समुददय, टोली, जत्थद, मिली, िृांद, र्ण, पुांज, सांघ,
समुच्चय।
झदठ (Jhoot) िद पयदगयिदची शब् – असत्य, कमथ्यद।
झदठा (Jhootha) िद पयदगयिदची शब् – गलत, िृकत्रम, अिदस्तकिि, कनरदिदर, खोटद, पदखांडी, ख़यदली,
तर्द-िकर्तिर्द में बणगन कियद हुआ।
झद ा (Jhula) िद पयदगयिदची शब् – झूलन खटोलद, दोलन, लय, कहडोलद, अद्भस्र्रतद, उतदर-चढ़दि,कहांडोरद,
सांघषग, ढें िुल, लडदई,शद्भिशदली, ख़ुशकमजदज।
टहनी (Tahani) िद पयदगयिदची शब् – आफसेट, खसिद, अन्तलगम्ब, समदयोजन िरनद, र्दांठ, कनिलद हुआ
ददांत,छोटी शदखद, अऋखुआ, िृष्ट पुस्र्ष, कबनद मदर्े िी छोटी िील।
तटप्पणी (Tippani) िद पयदग यिदची शब् – समीक्षद, टीिद, व्यदख्यद, कििेचनद, ररमदिग, िदषण, उद्भि,
आख्यद, टीिद-कटप्पणी, नोट, सुर, शब्, कनशदन, पत्री।
टीका (Tika) िद पयदगयिदची शब् – कटप्पणी, समीक्षद, व्यदख्यद, कििेचनद, टीिद-कटप्पणी।
टीस (Tish) िद पयदगयिदची शब् – ददग ।
ठं ि (Thand) िद पयदगयिदची शब् – ठां ड, शीत, सदी, जुिदम, ठां ढ, ठां डि,कठठु रन, शीतलतद।
ठं िा (Thanda) िद पयदग यिदची शब् – उददसीन,िठोिर िदिनदशून्य, ठां ड से जमदयद अिडद हुआ।
ठीक (Thik) िद पयदगयिदची शब् – मुनदकसब, िदकजब, समुकचत, युद्भिसांर्त, न्यदयसांर्त, तिगसांर्त।
िकैिी (Dakaiti) िद पयदगयिदची शब् – लूट, लूट िद मदल, लूटद हुआ मदल।
िर (Dar) िद पयदगयिदची शब् – िय, िीकत, कििीकषिद।
िरपदक (Darpok) िद पयदग यिदची शब् – शमीलद, सांिोची, लजीलद, आसदनी से डरनेिदलद।
िरावना (Daravana) िद पयदगयिदची शब् – ियदनि, डरपोि, आसदनी से डरनेिदलद, डरद हुआ,
ख़ौफनदि।
िातकया (Dakiya) िद पयदग यिदची शब् – पोस्टमैन, पत्रिदहि।

िाकद (Dakoo) िद पयदग यिदची शब् – लुटेरद, चुरद लेनेिदलद, कनयमकिरोिी, चोर।
िा ी (Dali) िद पयदगयिदची शब् – शदखद, डदल, उपखांड, लतद िद तनद।
ढे र (Dher) िद पयदगयिदची शब् – रदकश, सांचय, समुददय ढे र, स्तूप, रदस।
ढद क (Dholak) िद पयदगयिदची शब् – तबलद, तम्बूरद, मृदांर्।
िन (Tan) िद पयदग यिदची शब् – िलेिर, िदयद, र्दत्र, तन, िपु, शरीर।
िबीयि (Tabiyat) िद पयदग यिदची शब् – प्रिृकत, स्विदि, स्वरूप, रूप, क़ुदरत, स्विदि, प्रिृकत, प्रबांि,
कमजमदज, तबीअत, तबीयत कमजदज, प्रिृकत, कमजमदज।
िम (Tam) िद पयदगयिदची शब् – अांििदर – तम, कतकमर, अाँिेरद, तमस, अांकियदरद।
िरु (Taru) िद पयदगयिदची शब् – तरुिर िृक्ष, पेड, द्रु म, पददप।
ि वार (Talwar) िद पयदग यिदची शब् – अकस, िृपदण, िरिदल, चन्द्रहदस।
िाकि (Takat) िद पयदगयिदची शब् – शद्भि।
िारक (Tarak) िद पयदग यिदची शब् – तदरद उडु , तदररिद, नक्षत्र, नखत।
िारा (Tara) िद पयदगयिदची शब् – उडु , तदरि, तदररिद, नक्षत्र, नखत।
िा ाब (Talab) िद पयदग यिदची शब् – जलदशय, तडदर्, तदल, पुष्कर, पोखर, सर, सरोिर।
िीर (Teer) िद पयदगयिदची शब् – आशुर्ू, इषु, बदण, शर, कशलीमुख।
िदिा (Tota) िद पयदगयिदची शब् – झक्की, र्प्पी, बििददी, एि प्रिदर िद छोटद सुग्गद,परां परदर्त िर्नोां
और तिो िद प्रयोर् िरने िदलद।
त्रास (Tras) िद पयदगयिदची शब् – डर, िय, आशांिद, कचांतद, शांिद।
र्कान (Thakan) िद पयदग यिदची शब् – र्िदिट, कशकर्लतद, क्लदांकत, हदर, तांद्रद।
दया (Daya) िद पयदगयिदची शब् – िृपद ,प्रसदद, िरुणद, दयद, अनुग्रह।
तदखाओ (Dikhao) िद पयदगयिदची शब् – नोिददर बनदनद, कनशदनद लर्दनद, सांिेत िरनद, सीमेंट से
िरनद।
तदन (Din) िद पयदगयिदची शब् – कतकर्, कदन िद समय, िदल, युर्।
दीपक (Deepak) िद पयदगयिदची शब् – दीप, दीयद, प्रदीप।
दु तनया (Duniya) िद पयदगयिदची शब् – किश्व – जर्त, जर्, िि, सांसदर, लोि, दु कनयद।
दद ध (Doodh) िद पयदग यिदची शब् – दु ग्ध, क्षीर, पय, र्ौरस, स्तन्य।
दे विा (Devata) िद पयदगयिदची शब् – सुर, दे ि।
दे श (Desh) िद पयदगयिदची शब् – िूकम, िू, पृथ्वी, स्र्ल, क्षेत्र।
ददस्त (Dost) िद पयदगयिदची शब् – कमत्र, बांिु, मीत, सखद, सहचर, सदर्ी, सुहृद।
धन (Dhan) िद पयदगयिदची शब् – अर्ग, दौलत, मुद्रदरदकश, पूाँजी, लक्ष्मी, कििूकत, कित्त, श्री, सम्पकत्त, सम्पदद।
धन्यवाद (Dhanyavad) िद पयदगयिदची शब् – िृतज्ञतद, िन्यिदद, आिदर, शुकक्रयद, ितगव्य, िदम, िददद,
इनदयत, प्रकतज्ञद।
धरिी (Dharti) िद पयदगयिदची शब् – िरद, िरती, िसुिद, जमीन, पृथ्वी, िू, िूकम, िरणी, िसुांिरद, अचलद,
मही, रत्नर्िदग।
धरा (Dhara) िद पयदगयिदची शब् – िरती, िसुिद, जमीन, पृथ्वी, िू, िूकम, िरणी, िसुांिरद, अचलद, मही,
रत्नर्िदग।
धमग (Dharm) िद पयदगयिदची शब् – ऋण, उिदर, ितगव्य, आिदर िृतज्ञतद, आिदर, एहसदनमांदी।
धार्ा (Dhaga) िद पयदगयिदची शब् – सूत्र, सूत, तांतु, तदर्द।
धदप (Dhoop) िद पयदगयिदची शब् – सूरज, रकि, कदनिर, तपस, पतांर्।
धद (Dhool) िद पयदग यिदची शब् – र्ांदर्ी, कमट्टी, िूल, िीचड, मैल, िचरद।
ध्वि (Dhvaj) िद पयदगयिदची शब् – बैनर, झांडद, पतदिद, झांडी।
ध्विा (Dhvaja) िद पयदगयिदची शब् – िेतु, ध्वज, कनशदन, पतदिद।
निर (Nazar) िद पयदगयिदची शब् – दृकष्ट, अिलोिन।
नदी (Nadi) िद पयदगयिदची शब् – सररतद, तकटनी, सरर, सदरां र्, तरां कर्णी, दररयद, कनझगररणी।
नि (Nabh) िद पयदगयिदची शब् – आिदश, र्र्न, अम्बर, व्योम, आसमदन, अशग।
नयन (Nayan) िद पयदगयिदची शब् – आाँ ख – लोचन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृकष्ट।
नर (Nar) िद पयदगयिदची शब् – मनुष्य,आदमी, मदनि, मदनुष, मनुज।
नाखदन (Nakhun) िद पयदग यिदची शब् – झपट्टद, उछदल, छलदाँर्।
नारी (Nari) िद पयदगयिदची शब् – स्त्री, अबलद, औरत, िदन्तद, िदकमनी, मकहलद, रमनी, ललनद, िकनतद,
िदमद, सांदुरी।
नाव (Nav) िद पयदगयिदची शब् – जलदितरण, नए जहदज िो पदनी में उतदरनद।
तनमंत्रण पत्र (Nimantran Patra) िद पयदगयिदची शब् – आमांत्रण, बुलदिद, कनमन्त्रण।
तनिगय (Nirbhaya) िद पयदग यिदची शब् – कनडर।
नेत्र (Netra) िद पयदगयिदची शब् – आाँ ख - अकक्ष, चक्षु, दृर्, नयन, नेत्र, लोचन, किलोचन।
न कर (Naukar) िद पयदग यिदची शब् – अनुचर, ददस, पररचदरि, िृत्य, सेिि।
न का (Nauka) िद पयदगयिदची शब् – नैयद, बेडद, पटे लद, उतरनद, खेिद।
पंख (Pankh) िद पयदगयिदची शब् – िलाँर्ी, जुल्फफ, पर, घूांघर।
पक्षी (Pakshi) िद पयदगयिदची शब् – खर्, पक्षी, किहर्, निचर, अिज, पखेरू।
पत्ता (Patta) िद पयदगयिदची शब् – पत्ती, पन्नद, पत्र, िरक़।
पत्र (Patra) िद पयदगयिदची शब् – पत्तद,किसलय, दल, पत्र, पणग, पदत।
पर (Par) िद पयदगयिदची शब् – िे मदध्यम से, िे द्वदरद, से, पर, िे जररये, िे रदस्ते।
पवगि (Parvat) िद पयदगयिदची शब् – अचल, अकद्र, कर्रर, चट्टदन, नर्, पहदड, िूिर, महीिर, शैल।
पवन (Pawan) िद पयदगयिदची शब् – अकनल, बयदर, मदरुत, िदत, िदयु, समीर, समीरण, हिद।
पतवत्र (Pavitra) िद पयदगयिदची शब् – अिलुश, कनमगल, कनष्कलुष, पदिन, पुण्य, पूत, शुकच, शुद्ध।
पहाड़ (Pahad) िद पयदग यिदची शब् – पिगत, अचल, अकद्र, कर्रर, चट्टदन, नर्, , िूिर, महीिर, शैल।
पानी (Pani) िद पयदगयिदची शब् – जल, अांबु, उदि, जीिन, तोय, नीर, पय, पदनी, िदरर, सकलल।
तपिा (Pita) िद पयदगयिदची शब् – जनि, बदप, बदपू।
पुत्री (Putri) िद पयदगयिदची शब् – आत्मजद, िन्यद, तनयद, तनुजद, दु कहतद, नद्भन्दनी, बेटी, लडिी, लदली,
सुतद।
पेड़ (Ped) िद पयदगयिदची शब् – िृक्ष - तरु, दरख्त, द्रु ि, पददप, पेड, किटप।
फकीर (Fakeer) िद पयदगयिदची शब् – मुसलमदन सांन्यदसी, फिीर िद िब्र।
फ (Phal) िद पयदगयिदची शब् – आम–रसदल, आम्र, सौरि, अमृतफल।
फायदा (Fayda) िद पयदगयिदची शब् – िलदई, सुकििद, नफद।
फद (Phool) िद पयदगयिदची शब् – पुष्प, सुमन, िुसुम, र्ुल, प्रसून।
फैस ा (Faisla) िद पयदगयिदची शब् – कनिय, कनपटदरद, किकनश्यच।
फदटद (Photo) िद पयदगयिदची शब् – फोटोग्रदफ, छदयदकचत्र, छकब।
बंदर (Bandar) िद पयदगयिदची शब् – िकप, िीश, मिगट, िदनर, शदखदमृर्, हरर।
बर्ीचा (Bagicha) िद पयदग यिदची शब् – उद्यदन, उपिन, िुसुमदिर, फुलिदरी, बर्ीचद, बदर्, िदकटिद।
बहन (Behen) िद पयदगयिदची शब् – दीदी, िकर्नी, सहोदरद, स्वसद।
बार् (Bagh) िद पयदगयिदची शब् – उपिन - आरदम, उद्यदन, बदर्, िदकटिद।
बाद (Badal) िद पयदगयिदची शब् – अांबुद, घन, जलद, जलिर, तोयद, नीरद, पयोद, पयोिर, मेघ,
िदररिर।
बाररश (Barish) िद पयदगयिदची शब् – िषदग - बरसदत, बदररश, मेहां, िृकष्ट।
बा क (Balak) िद पयदगयिदची शब् – बच्चद, बदल, लडिद, शदिि, कशशु।
तबि ी (Bijli) िद पयदगयिदची शब् – चांचलद, चपलद, तकडत, ददकमनी, किद् युत, सौददकमनी।
बुक (Book) िद पयदगयिदची शब् – पुस्ति, कितदब, बही, ग्रांर्, सुरकक्षत िरद लेनद, मदल बूि िरनद।
बदढ़ा (Budha) िद पयदग यिदची शब् – बूढ़ोां िद सद, िृद्धदिस्र्द-सांबांिी, जरद-जीणग।
बेटा (Beta) िद पयदगयिदची शब् – पुत्र – बेटद, आत्मज, सुत, ित्स, तनुज, तनय, नांदन।
बेटी (Beti) िद पयदगयिदची शब् – पुत्री, आत्मजद, तनूजद, सुतद, तनयद।

िर्वान (Bhagwan) िद पयदगयिदची शब् – ईश्वर – परमदत्मद, प्रिु, ईश, जर्दीश, परमेश्वर, जर्दीश्वर,
कििदतद।
िव (Bhav) िद पयदगयिदची शब् – जर्त – सांसदर, किश्व, जर्, िि, दु कनयद, लोि।
िवन (Bhawan) िद पयदगयिदची शब् – र्ृह – घर, सदन, िदम, कनिेतन, कनिदस, आलय, आिदस, इमदरत।
िाई (Bhai) िद पयदगयिदची शब् – तदत, अनुज, अग्रज, भ्रदतद, भ्रदतृ।
िाग्य (Bhagya) िद पयदगयिदची शब् – किस्मत, दै ि, कनयकत, प्रदरि, किकि, होनहदर, होनी।
िदतम (Bhoomi) िद पयदगयिदची शब् – िरती – िरद, िरती, िसुिद, जमीन, पृथ्वी, िू, िूकम, िरणी, िसुांिरद,
अचलद, मही, रत्नर्िदग।
िदर (Bhor) िद पयदगयिदची शब् – सिेरद - अरुणोदय, उषद, प्रदतः, िोर, सूयोदय िदल।
ि रा (Bhaura) िद पयदगयिदची शब् – अकल, कद्वरे फ, िाँिरद, िृांर्, भ्रमर, मिुिर, मिुप, षट् पद।
मछ ी (Machli) िद पयदगयिदची शब् – मीन - अांडज, झष, मिर, मत्स्य।
मि ब (Matlab) िद पयदग यिदची शब् – उद्दे श्य - अकिप्रदय, आशय, तदत्पयग, मतलब, लक्ष्य।
मधुर (Madhur) िद पयदग यिदची शब् – प्यदरद, मिुर, आिषगि, सुर्ांकित, सुहदिनद।
मन (Man) िद पयदगयिदची शब् – किचदर, बुद्भद्ध, मदनस, मत, अकिप्रदय।
मनुष्य (Manushya) िद पयदगयिदची शब् – पुरुष - आदमी, जन, नर, मनुज, मदग ।
मस्तक (Mastak) िद पयदग यिदची शब् – खोपडी, मस्ति, चोटी, शीषगकबांदु, बुद्भद्ध, मदांस िरद हुआ समोसद।
मााँ (Maa) िद पयदगयिदची शब् – मदतद, जननी, अांबद, जनयत्री, अम्मद।
मािा (Mata) िद पयदग यिदची शब् – जननी, अांबद, जनयत्री, अम्मद।
तमत्र (Mitra) िद पयदगयिदची शब् – सखद, सहचर, सदर्ी, दोस्त।
मेघ (Megh) िद पयदगयिदची शब् – बददल, घन, जलिर, जलद, िदररद, पयोिर।
मदर (Mor) िद पयदगयिदची शब् – िलदपी, नीलिांठ, नतगिकप्रय।
यमराि (Yamraaj) िद पयदगयिदची शब् – यम – सूयगपुत्र, जीकितेश, िृतदांत, अन्ति, दििर, िीनदश।
यमुना (Yamuna) िद पयदग यिदची शब् – िदकलन्दी, सूयगसुतद, रकितनयद, तरकण-तनूजद, तरकणजद, अिगजद,
िदनुजद।
यश (Yash) िद पयदग यिदची शब् – िीकतग, प्रकसद्भद्ध।
यात्रा (Yatra) िद पयदगयिदची शब् – दौरद, दौर, सफर, रौांद, िदलगचक्र।
यात्री (Yatri) िद पयदगयिदची शब् – घुमांतू, घुमक्कड, मौकसमी, ख़दनदबदोश।
याद (Yaad) िद पयदगयिदची शब् – स्मृकत, यददर्दर, स्मरणशद्भि, िदरणद, चेतनद।
युि (Yudh) िद पयदगयिदची शब् – लडदई, सांग्रदम, सांघषग, समर, किग्रह।
युवक (Yuvak) िद पयदगयिदची शब् – जिदन, तरुण, नौजिदन, युिद।
यदर् (Yog) िद पयदगयिदची शब् – रदकश, जोड, सदरदांश, िनरदकश, रक़म।
यदिा (Yoddha) िद पयदगयिदची शब् – लडदिद, लडनेिदलद मनुष्य, लडदिद हिदई जहदज।
रतव (Ravi) िद पयदगयिदची शब् – जमुनद, िदकलांदी, यमुनद, रकिनांकदनी, रकि-सुतद, श्यदमद, सूयग-तनयद।
राक्षस (Rakshas) िद पयदग यिदची शब् – दै त्य, कनदग य मनुष्य, िुरूप मनुष्य, बडे आिदर िद किलक्षण
प्रदणी, किशदल-िदय पशु।
रािा (Raja) िद पयदगयिदची शब् – बददशदह, सम्रदट, शदह, प्रिु, िूपकत।
राि (Raat) िद पयदगयिदची शब् – रदकत्र, शदम, सांध्यद, अांिेरद, अांििदर।
रातत्र (Ratri) िद पयदगयिदची शब् – तमसद, कनशद, कनकश, यदमद, यदकमनी, रजनी, रदत, रै न, कििदिरी।
रानी (Rani) िद पयदगयिदची शब् – महदरदनी, बेर्म, सजदई हुई स्री।
रािर (Rashtra) िद पयदगयिदची शब् – कत, अिस्र्द, सरिदर, दशद।
रास्ता (Rasta) िद पयदग यिदची शब् – रदह, पर्, शैली, शिल, तदबीर।
राह (Raah) िद पयदगयिदची शब् – पर्, शैली, शिल, तदबीर।
रुतच (Ruchi) िद पयदगयिदची शब् – चयन, इच्छद, पसन्द।

रूप (Roop) िद पयदगयिदची शब् – फदमग, शैली, आिृकत, फदरम।


रदशनी (Roshni) िद पयदगयिदची शब् – दीपि, चमि, आलोि, कचरदर्।
क्ष्मी (Lakshmi) िद पयदग यिदची शब् – िन, सांपकत्त, दौलत, मदल, बहुतदयत।
िका (Ladka) िद पयदग यिदची शब् – नौजिदन, छोिरद, नियुिद।
ड़की (Ladki) िद पयदगयिदची शब् – िन्यद, बच्ची, बदकलिद, प्रेकमिद, बदलद।
िा (Lata) िद पयदगयिदची शब् – पिगतदरोही, आरोही, बेल, चढ़दई िरनेिदलद, पहदड पर चढ़नेिदलद।
हर (Lahar) िद पयदगयिदची शब् – िेि, तरां र्, बडी, मौज।
ा (Laal) िद पयदगयिदची शब् – िदिरे जी, बैंर्नी, र्ुलदबी, लदल कसरिदलद, ऐयदशी।
वन (Van) िद पयदगयिदची शब् – जांर्ल, सहरद।
वषाग (Varsha) िद पयदगयिदची शब् – टू ट, टु िडद, खांड, बौछदड।
वस्त्र (Vastra) िद पयदगयिदची शब् – सन, पोशदि, िपडद, तैयदर िपडे ।
वाणी (Vani) िद पयदगयिदची शब् – आिदज, स्वर, मत, रदय, िोट।
तवद्यार्ी (Vidyarthi) िद पयदगयिदची शब् – किद्वदन, पद्भित, छदत्रिृकत्तिदरी।
तवश्व (Vishv) िद पयदगयिदची शब् – किश्व व्यिस्र्द, व्यिद्भस्र्त, क्रमबद्ध।
तवश्वास (Vishwas) िद पयदग यिदची शब् – िरोसद, यिीन।
तवष (Vish) िद पयदगयिदची शब् – जहर, र्रल, हदकनिदरि िस्तु।
वृक्ष (Vriksh) िद पयदग यिदची शब् – पेड, िनस्पकत, दरख़्त।
व्याकरण (Vyakaran) िद पयदगयिदची शब् – िदषद, लेखन िी िूल िरने िदलद।
शद्धि (Shakti) िद पयदगयिदची शब् – सत्तद, अकििदर, बल, िश, तदक़त।
शत्रु (Shatru) िद पयदगयिदची शब् – दु िन, किरोिी, िैरी, ररपु, शत्रुसेनद।
शरीर (Sharir) िद पयदगयिदची शब् – कनिदय, सांस्र्द, प्रिदन िदर्।
शहर (Shahar) िद पयदग यिदची शब् – कसटी, नर्र।
शाम (Sham) िद पयदगयिदची शब् – रदत, रदकत्र, सांध्यद, अांिेरद, अांििदर।
तशष्य (Shishya) िद पयदगयिदची शब् – चेलद, अनुयदयी, शदकर्दग , छदत्र, अनुर्दमी।
शेर (Sher) िद पयदगयिदची शब् – बदघ, व्यदघ्र।
शदिा (Shobha) िद पयदगयिदची शब् – मकहमद, प्रतदप, प्रकतष्ठद, र्िग, यश।
संसार (Sansar) िद पयदग यिदची शब् – दु कनयद, लोि, अांड, िू।
संस्कृि (Sanskrit) िद पयदग यिदची शब् – शुद्भद्धिृत, पुनरुज्जीकित।
सदा (Sada) िद पयदगयिदची शब् – ििी, सिगदद, कनरां तर, किसी िी समय।
समुद्र (Samundar) िद पयदग यिदची शब् – सदर्र, समुांदर, ज्वदर, कसांिु, बेडद।
सरस्विी (Saraswati) िद पयदगयिदची शब् – िदव्य प्रकतिद, र्ांिीर किचदर, िकित्व-शद्भि।
सार्र (Sagar) िद पयदगयिदची शब् – महदसदर्र, समुद्र, समुांदर, कसांिु।
तसर (Sir) िद पयदगयिदची शब् – मुद्भखयद, सर, शीषग, मद्भस्तष्क, मद।
सुबह (Subah) िद पयदग यिदची शब् – िेरद, तडिद, सुबह िद उजदलद, ऊषद, शुरू।
सदरि (Suraj) िद पयदगयिदची शब् – रकि, िूप, कदनिर, तपस, पतांर्।
सदयग (Surya) िद पयदगयिदची शब् – सूरज, यूनदकनयोां िे सूयग दे ितद।
सदना (Sona) िद पयदगयिदची शब् – सुिणग, िन, सांपकत्त।
स्त्री (Stree) िद पयदगयिदची शब् – पत्नी, बीबी, जोरू।
हवा (Hava) िद पयदगयिदची शब् – िदयु, िदत, तदन, िदयु-मांडल, हदि-िदि।
हार् (Hath) िद पयदगयिदची शब् – हस्तदक्षर, िुजद, कलखदिट, सहदयतद, िुज।
हार्ी (Hathi) िद पयदग यिदची शब् – र्ढ़, दु र्ग, कक़लद, पनदह, बचदिघर।
हार (Haar) िद पयदगयिदची शब् – परदजय, परदकजत, कशिस्त, परदिि, किनदश।
तहम्मि (Himmat) िद पयदग यिदची शब् – कदरे ली, सदहकसितद, सहनशीलतद, सहन-शद्भि।
तहरण (Hiran) िद पयदगयिदची शब् – बदरहकसांर्द, िुांिदरद, बकियद कियद हुआ सदाँड।
हृदय (Hrdaya) िद पयदगयिदची शब् – हृद, हृद्भत्पांड।

[15] अनेि शब्ोां िे कलए एि शब्


अनेि शब्ोां िे कलए एि शब्
कहां दी िदषद में अनेि शब्ोां िे स्र्दन पर एि शब् िद प्रयोर् िर सिते हैं । िदषद में िई
शब्ोां िे स्र्दन पर एि शब् बोल िर हम िदषद िो प्रिदिशदली एिां आिषगि बनदते हैं ।

यहदाँ पर अनेि शब्ोां िे कलए एि शब् िे िुछ उददहरण कदए जद रहे हैं ।
मदस में एि बदर आने िदलद मदकसि
सिदह में एि बदर होने िदलद सदिदकहि
िषग में एि बदर होने िदलद िदकषगि
कजसिे मन मे दयद हो दयदलु
फल-फूल खदने िदलद शदिदहदरी
जो कचत्र बनदतद हो कचत्रिदर
किद्यद िी चदह रखने िदलद किद्यदर्ी
जो कदखदई न दे अदृश्य
मदां स खदने िदलद मदां सदहदरी
प्रकतकदन होने िदलद दै कनि
दे खने योग्य दशगनीय

र्दाँ ि में रहने िदलद ग्रदमीण


शहर में रहने िदलद शहरी
जो किज्ञदन जनतद है िैज्ञदकनि
जहदाँ इलदज कियद जदतद हो अस्पतदल
जहदाँ पुस्तिे पढने िे कलए रखी जदती हो पुस्तिदलय
जो जूते ठीि िरतद है मोची
जो रोर् से ग्रस्त है रोर्ी
जो कमठदई बनदतद है हलिदई
लेख कलखने िदलद लेखि
जो दू सरोां िे सदर् िलदई िरे परोपिदरी
िदरत में रहने िदलद िदरतीय
आलस िरने िदलद आलसी
सोने-चदां दी िी चीजें बनदने िदलद सुनदर
बहुत मेहनत िरने िदलद पररश्रमी
किसी से िी न डरने िदलद कनडर
कजसिे मदतद–कपतद न होाँ अनदर्

जो पढ़द -कलखद न हो अनपढ़


जो अक्षर (पढ़नद- कलखनद) जदनतद है सदक्षर/कशकक्षत
दे खने (दशगन) िदले लोर् दशगि
पढ़ने िदलद व्यद्भि पदठि
सुनने िदलद व्यद्भि श्रोतद
तीन पकहए िदलद िदहन कतपकहयद
दो पकहए िदलद िदहन दु पकहयद
सदर् पढ़ने िदलद सहपदठी

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