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यण संधि के उदाहरण स्पष्टीकरण सहित

यदि + अपि = यद्यपि - इसमें यदि के अंत इ और अपि के शुरू में अ


जुड़कर य् हो गया है।
इति + आदि = इत्यादि - इस उदाहरण में इ और आ मिलकर या बन
गया है।
नदी + अर्पण = नद्यर्पण - इसमें ई और अ के बदले य् बन गया है।
सु + आगत = स्वागत - इसमें उ और आ मिलकर व् बन गया है।
वधू + अर्पण = वध्वर्पण - इसमें ऊ और अ के बदले व् प्रयुक्त हुआ है।
पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा - इसमें ऋ और आ के स्थान पर र प्रयुक्त
हुआ है।

ये थे यण संधि के कु छ उदाहरण स्पष्टीकरण के साथ। आशा करते हैं कि इनसे


आपको यण संधि के मूलभूत नियम समझ में आ गया होगा। चलिए अब यण
संधि के 100+ उदाहरण देखते हैं जिनसे आपको यण संधि और बेहतर तरीके से
समझ आएगा।

यण संधि के 100+ उदाहरण -


Yan Sandhi ke Udaharan

संधि विच्छेद यण संधि


यदि + अपि यद्यपि
इति + आदि इत्यादि
अति + अधिक अत्यधिक
अति + अंत अत्यंत
रीती + अनुसार रीत्यनुसार
जाति + अभिमानजात्यभिमान
गति + अवरोध गत्यवरोध
इति + अर्थ इत्यर्थ
अति + अल्प अत्यल्प
प्रति + अर्पण प्रत्यर्पण
प्रति + अभिज्ञ प्रत्यभिज्ञ
परि + अवसान पर्यवसान
वि + अर्थ व्यर्थ
प्रति + अंतर प्रत्यंतर
गति + अनुसार गत्यनुसार
अधि + अक्ष अध्यक्ष
अभि + अंतर अभ्यन्तर
अधि + अयन अध्ययन
राशि + अंतरण राश्यंतरण
अभि + अर्थना अभ्यर्थना
वि + अवधान व्यवधान
त्रि + अक्षर त्र्यक्षर
वि + असन व्यसन
अग्नि + अस्त्र आग्न्यस्त्र
बुद्धि + अनुसार बुद्ध्यनुसार
विधि + अर्थ विध्यर्थ
त्रि + अम्बकम् त्र्यम्बकम्
हरि + अंक हर्यंक
परि + अटन पर्यटन
वि + अय व्यय
देवी + अंग देव्यंग
देवी + अर्पण देव्यर्पण
स्त्री + अधिकार स्त्र्यधिकार
नदी + अंबु नघंबु
मही + अर्चन मह्यर्चन
नदी + अर्पण नघर्पण
नदी + अर्चन नघर्चना
सती + अर्पण सत्यर्पण
देवी + अर्पित देव्यर्पित
नदी + अन्त नघन्त
परि + अंक पर्यंक
परि + अवेक्षण पर्यवेक्षण
वि + अंजन व्यंजन
वि + अभिचार व्यभिचार
वि + अवसाय व्यवसाय
अभि + अर्थी अभ्यर्थी
प्रति + अर्पण प्रत्यर्पण
वि + अंग्य व्यंग्य
अधि + अक्षर अध्यक्षर
प्रति + अपकार प्रत्ययकार

धि के
यण संधि के 50 उदाहरण
संधि विच्छेद यण संधि
द्वि + अर्थी द्व्यर्थी
वि + अक्त व्यक्त्त
आदि + अंत आघंत
ध्वनि + अर्थ ध्वन्यर्थ
स्वस्ति + अयन स्वस्त्ययन
वृद्धि + आदेश वृध्यादेश
इति + अलम् इत्यलम्
यदि + अपि यघपि
नि + अस्त न्यस्त
वि + अग्र व्यग्र
परि + अवेक्षक पर्यवेक्षक
वि + अष्टि व्यष्टि
वि + अवहार व्यवहार
परि + आवरण पर्यावरण
वि + आस व्यास
अधि + आदेश अध्यादेश
प्रति + आशी प्रत्याशी
वि + आकु ल व्याकु ल
प्रति + आवर्तन प्रत्यावर्तन
प्रति + आभूति प्रत्याभूति
वि + आवृत्त व्यावृत्त
वि + आहत व्याहत
वि + आवर्तन व्यावर्तन
शक्ति + आराधनाशक्त्याराधना
अभि + आस अभ्यास
नि + आय न्याय
प्रति + आघात प्रत्याघात
अति + आवश्यकअत्यावश्यक
अति + आधुनिक अत्याधुनिक
प्रति + आरोप प्रत्यारोप
वि + आकरण व्याकरण
प्राप्ति + आशा प्राप्त्याशा
वि + आघात व्याघात
नि + आस न्यास
वि + आपक व्यापक
ध्वनि + आत्मक ध्वन्यात्मक
ध्वनि + आलोक ध्वन्यालोक
प्रति + आशा प्रत्याशा
प्रति + आख्यान प्रत्याख्यान
वि + अस्त व्यस्त
वि + अवस्था व्यवस्था
प्रति + अय प्रत्यय
परि + अंत पर्यंत
प्रति + अक्षि प्रत्यक्ष
इति + अर्थ इत्यर्थ
मति + अनुसार मत्यनुसार
प्रति + अंचा प्रत्यंचा
वि + आप्त व्याप्त
इति + आदि इत्यादि
अभि + आगत अभ्यागत
वि + आयाम व्यायाम
वि + आख्यान व्याख्यान
अधि + आपक अध्यापक
अधि + आत्म अध्यात्म
प्रति + आशित प्रत्याशित
प्रति + आरोपण प्रत्यारोपण
वि + आधि व्याधि
अग्नि + आशय अग्न्याशय
वि + आगत व्यागत
प्रति + आहार प्रत्याहार
परि + आप्त पर्याप्त
अति + आनंद अत्यानंद
परि + आय पर्याय
अति + आचार अत्याचार
अधि + आय अध्याय

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