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प्रेस नोट

रक्षा भू-सूचना िवज्ञान अनुसंधान प्रित ठान (डीजीआरई) ने, चंडीगढ़ क्ल टर की अ य डीआरडीओ
प्रयोगशालाओं (टीबी आर अल, िडहार, आरसीएमए और सीसीई-आर एंड डी) के सहयोग से, अनुसंधान
और िवकास गितिविधय म आिधकािरक भाषा के उपयोग को बढ़ावा दे ने के िलए रा ट्रीय वैज्ञािनक
और तकनीकी संगो ठी -2022 का आयोजन िकया। यह दो िदवसीय वािषर्क कायर्क्रम (03-04 नवंबर,
2022), 2017 म अपनी थापना के बाद से अपने छठे सं करण म है और राजभाषा िह दी म हमारी
वैज्ञािनक और तकनीकी उपलि धय का ज न मनाने के िलए एक गवर् का अवसर है ।

स मेलन का उ घाटन मुख्य अितिथ डॉ शैलद्र वी गाडे, उ कृ ट वैज्ञािनक एवं महा-िनदे शक, आयुध एवं
युद्धक अिभयांित्रकी प्रणाली (एसीई) और गे ट ऑफ ऑनर, डॉ रिव द्र िसंह, िनदे शक, संसदीय मामले
एवं राजभाषा तथा संगठन पद्धित िनदे शालय (ऑनलाइन मोड वारा) के करकमल वारा िकया गया।
अपने उ घाटन संबोधन म मुख्य अितिथ ने चंडीगढ़ क्ल टर की डीआरडीओ प्रयोगशालाओं (डीजीआरई,
टीबीआरअल, िडहार और आरसीएमए) के प्रयास की सराहना करते हुए राजभाषा िह दी म इस वषर् के
रा ट्रीय वैज्ञािनक और तकनीकी संगो ठी-2022 के आयोजन म डीजीआरई के प्रयास का िवशेष उ लेख
िकया। उ ह ने प्रशासिनक और तकनीकी काय म राजभाषा िहंदी के सरलतम प के उपयोग व मह व
पर बल िदया। िनदे शक डीजीआरई डॉ पी के स यावली जी ने सभी प्रितिनिधय का वागत िकया और
बताया िक संगो ठी के दौरान रक्षा प्रौ योिगिकय , क्रायो फीयर, प्राकृितक आपदाओं, ऊजार् और खा य
सुरक्षा, सामा य िवज्ञान, िचिक सा आिद से संबंिधत कई प्रकार के वैज्ञािनक और तकनीकी िवषय पर
िवचार-िवमशर् िकया जाएगा। उ ह ने आगे उ लेख िकया िक, संगो ठी को भारी प्रितिक्रया िमली है और
यह गवर् की बात है िक ९० से अिधक लेख और शोध पत्र पंजीकृत िकए गए ह जो आिधकािरक भाषा
िहंदी म िलखे गए ह। इस रा ट्रीय संगो ठी म उड़ीसा, बगलू , है दराबाद, िवशाखापटनम, पण
ु े, अंबरनाथ,
कानपरु , दे हरादन
ू और नई िद ली के िविभ न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और अ य अनस
ु ंधान सं थान
के प्रितभािगय ने भाग िलया है जो िविभ न तकनीकी सत्र के दौरान राजभाषा िहंदी म अपने शोध
कायर् प्र तत
ु करगे।

संगो ठी ने रक्षा वैज्ञािनक / इंजीिनयर , शोधकतार्ओं और िशक्षािवद को एक सामा य मंच प्रदान िकया
िजसम क्रॉस-िडिसि लनरी शोध गितिविधय को प्र तत
ु करने, चचार् करने और िहंदी म अपने अनभ
ु व
को साझा करने का अवसर िमला। चचार् िकए गए िवचार नए शोध ोत का पता लगा सकते ह जो
रक्षा अनप्र
ु योग और सामािजक लाभ के िलए सीधे योगदान कर सकते ह। संगो ठी िवज्ञान और
प्रौ योिगकी के क्षेत्र म राजभाषा िहंदी के उपयोग के प्रित यव
ु ा मन को प्रो सािहत करने का एक प्रयास
है । इस संगो ठी के मा यम से िवज्ञान को प्रयोगशालाय से सरल भाषा वारा सीधा समाज और आम-
जन के साथ जोड़ने का प्रयास िकया गया।

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