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भारत को गौरिान्वित

करने वाली
महिलाओं

हिन्दी परियोजना कार्य


मलाला युसुफ़ज़ई
• मलाला युसुफ़ज़ई (पश्तो: जन्म: 12 जुलाई 1997) को बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता
होने के लिए जाना जाता है।

• वह पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के स्वात जिले में स्थित मिंगोरा शहर की एक


छात्रा है 13 साल की उम्र में ही वह तहरीक-ए-तालिबान शासन के अत्याचारों के बारे में
एक छद्म नाम के तहत बीबीसी के लिए ब्लॉगिंग द्वारा स्वात के लोगों में नायिका बन गयी।

• अक्टू बर 2012 में, मात्र 14 वर्ष की आयु में अपने उदारवादी प्रयासों के कारण वे
आतंकवादियों के हमले का शिकार बनी, जिससे वे बुरी तरह घायल हो गई और अंतर्राष्ट्रीय
मीडिया की सुर्खियों में आ गई।

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बाल्यावस्था
• मलाला युसुफ़ज़ई मिंगोरा, जो स्वात का मुख्य शहर है, में रहती है। मिंगोरा पर तालिबान ने
मार्च २००९ से मई २००९ तक कब्जा कर रखा था, जब तक की पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र का
नियंत्रण हासिल करने के लिए अभियान शुरू किया।
• संघर्ष के दौरान, ११ साल की उम्र में ही मलाला ने डायरी लिखनी शुरू कर दी थी। वर्ष
२००९ में छद्म नाम "गुल मकई" के तहत बीबीसी ऊर्दू के लिए डायरी लिख मलाला पहली
बार दुनिया की नज़र में आई थी।
• जिसमें उसने स्वात में तालिबान के कु कृ त्यों का वर्णन किया था और अपने दर्द को डायरी में
बयां किया।डायरी लिखने की शौकीन मलाला ने अपनी डायरी में लिखा था, 'आज स्कू ल का
आखिरी दिन था इसलिए हमने मैदान पर कु छ ज्‍यादा देर खेलने का फ़ै सला किया।
• मेरा मानना है कि एक दिन स्कू ल खुलेगा लेकिन जाते समय मैंने स्कू ल की इमारत को इस तरह
देखा जैसे मैं यहां फिर कभी नहीं आऊं गी।’

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पुरस्कार और सम्मान
मैक्सिको का समानता पुरस्कार (2013)
मलाला यूसुफजई को इक्वे लिटी एंड नान डिस्क्रिमीनेशन का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिये जाने की घोषणा हुई है। मैकिसको में भेदभाव निरोधक
राष्ट्रीय परिषद की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई।

संयुक्त राष्ट्र का 2013 मानवाधिकार सम्मान (ह्यूमन राइट अवॉर्ड)


संयुक्त राष्ट्र ने मलाला यूसुफजई को 2013 का मानवाधिकार सम्मान (ह्यूमन राइट अवॉर्ड) देने की घोषणा की। यह सम्मान मानवाधिकार के क्षेत्र
में बेहतरीन उपलब्धियों के लिए हर पांच साल में दिया जाता है। इससे पहले यह सम्मान पाने वालों में नेल्सन मंडेला, पूर्व अमेरिकी
राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर व एमनेस्टी इंटरनैशनल आदि शामिल हैं।

नोबेल पुरस्कार
बच्चों और युवाओं के दमन के ख़िलाफ़ और सभी को शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष करने वाले भारतीय
समाजसेवी कै लाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। १० दिसंबर २०१४
को नाॅर्वे में आयोजित एक कार्यक्रम में यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

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मदर टेरेसा
• मदर टेरेसा (२६ अगस्त १९१० - ५ सितम्बर १९९७) जिन्हें रोमन कै थोलिक
चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म आन्येज़े गोंजा
बोयाजियू के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कु ब, उस्मान साम्राज्य (वर्त्तमान
सोप्जे, मेसेडोनिया गणराज्य) में हुआ था।

• मदर टेरसा रोमन कै थोलिक नन थीं, जिन्होंने १९४८ में स्वेच्छा से भारतीय नागरिकता ले
ली थी। इन्होंने १९५० में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी की स्थापना की।

• ४५ सालों तक गरीब, बीमार, अनाथ और मरते हुए लोगों की इन्होंने मदद की और साथ ही
मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी के प्रसार का भी मार्ग प्रशस्त किया।

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प्रारंभिक जीवन
• मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कॉप्जे (अब मेसीडोनिया में) में हुआ था। इनके
पिता निकोला बोयाजू एक साधारण व्यवसायी थे। मदर टेरेसा का वास्तविक नाम ‘अगनेस
गोंझा बोयाजिजू’ था।
• अलबेनियन भाषा में गोंझा का अर्थ फू ल की कली होता है। जब वह मात्र आठ साल की थीं तभी
इनके पिता का निधन हो गया, जिसके बाद इनके लालन-पालन की सारी जिम्मेदारी इनकी
माता द्राना बोयाजू के ऊपर आ गयी। यह पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं।
• इनके जन्म के समय इनकी बड़ी बहन की उम्र 7 साल और भाई की उम्र 2 साल थी, बाकी दो
बच्चे बचपन में ही गुजर गए थे। यह एक सुन्दर, अध्ययनशील एवं परिश्रमी लड़की थीं। पढ़ाई के
साथ-साथ, गाना इन्हें बेहद पसंद था।
• यह और इनकी बहन पास के गिरजाघर में मुख्य गायिकाएँ थीं। ऐसा माना जाता है कि जब यह
मात्र बारह साल की थीं तभी इन्हें ये अनुभव हो गया था कि वो अपना सारा जीवन मानव सेवा
में लगायेंगी और 18 साल की उम्र में इन्होंने ‘सिस्टर्स ऑफ़ लोरेटो’ में शामिल होने का
फै सला ले लिया।
• तत्पश्चात यह आयरलैंड गयीं जहाँ इन्होंने अंग्रेजी भाषा सीखी। अंग्रेजी सीखना इसलिए जरुरी
था क्योंकि ‘लोरेटो’ की सिस्टर्स इसी माध्यम में बच्चों को भारत में पढ़ाती थीं।

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पुरस्कार और सम्मान
• मदर टेरेसा को उनकी सेवाओं के लिये विविध पुरस्कारों एवं सम्मानों से विभूषित किय गया है। १९३१ में उन्हें पोपजान तेइसवें का शांति
पुरस्कार और धर्म की प्रगति के टेम्पेलटन फाउण्डेशन पुरस्कार प्रदान किय गया।
• विश्व भारती विध्यालय ने उन्हें देशिकोत्तम पदवी दी जो कि उसकी ओर से दी जाने वाली सर्वोच्च पदवी है।
• अमेरिका के कै थोलिक विश्वविद्यालय ने उन्हे डोक्टोरेट की उपाधि से विभूषित किया। भारत सरकार द्वारा १९६२ में उन्हें 'पद्म श्री' की उपाधि
मिली।
• १९८८ में ब्रिटेन द्वारा 'आईर ओफ द ब्रिटिश इम्पायर' की उपाधि प्रदान की गयी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने उन्हें डी-लिट की उपाधि से
विभूषित किया।
• १९ दिसम्बर १९७९ को मदर टेरेसा को मानव-कल्याण कार्यों के हेतु नोबल पुरस्कार प्रदान किया गया। वह तीसरी भारतीय नागरिक है जो
संसार में इस पुरस्कार से सम्मानित की गयी थीं।
• मदर टेरेसा के हेतु नोबल पुरस्कार की घोषणा ने जहां विश्व की पीडित जनता में प्रसन्नत का संछार हुआ है, वही प्रत्येक भारतीय नागरिकों ने
अपने को गौर्वान्वित अनुभव किया।

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कल्पना चावला
• कल्पना चावला का नाम महान शख्सियत में से एक माना जाता है। जिन्हें अंतरिक्ष में जाने
वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में जाना जाता है।

• वैसे तो कल्पना चावला मूल रूप से भारतीय थी, लेकिन उनका नाम देश और विदेश में
प्रसिद्ध हुआ और साथ ही साथ उन्होंने भारत का नाम रोशन किया।

• कल्पना चावला ने देश के तमाम छात्र छात्राओं के लिए एक नया उदाहरण पेश किया,
जिसमें उन्होंने कभी पीछे न हटने की बात की थी।

• कल्पना चावला ने हमेशा अपने देश का गौरव बढ़ाया और लोगों को गौरवान्वित महसूस
कराया।

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जीवन परिचय
• कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च, 1962 ई. को हरियाणा के करनाल क़स्बे में हुआ था।
कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय (बाद में उन्होंने अमेरिका की नागरिकता
ले ली थी) महिला थीं।
• कल्पना के पिता का नाम 'श्री बनारसी लाल चावला' और माता का नाम 'संज्योती' था। वह
अपने परिवार के चार भाई बहनों मे सबसे छोटी थी।
• कल्पना चावला ने 1976 में करनाल के 'टैगोर स्कू ल' से स्नातक, 1982 में चंडीगढ़ से
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग तथा 1984 में टेक्सास विश्वविद्यालय से एरोस्पेस इंजीनियरिंग में
एम. ए. किया।
• उन्होंने 1988 में कोलोरेडो विश्वविद्यालय से डॉक्टर ऑफ़ फ़िलॉसफ़ी की डिग्री प्राप्त की।
इसी वर्ष कल्पना ने नासा के एम्स रिसर्च सेंटर में काम करना शुरू किया। 1994 में उनका
चयन बतौर अंतरिक्ष-यात्री किया गया। उन्होंने फ़्रांसीसी व्यक्ति जीन पियर से शादी की थी।

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उपलब्धियाँ
• कल्पना को मरणोपरांत काफी पुरूस्कार और सम्मान मिले, जिनमें कांग्रेशनल स्पेस मेडल ऑफ़
ऑनर,नासा अन्तरिक्ष उडान पदक और नासा विशिष्ट सेवा पदक प्रमुख है।

• 2003 में कल्पना के देहांत के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने मौसमी सेटेलाईट के नाम कल्पना के नाम
पर रखने की घोषणा की जिस कारण MetSat-1 नाम के सेटेलाइट का नाम कल्पना के नाम पर
रखा गया। MetSat-1 को 12 सितम्बर 2002 लांच किया गया था।

• इसी दौरान 2004 में कर्नाटक सरकार द्वारा यंग महिला वैज्ञानिको के लिए कल्पना चावला अवार्ड
भी स्थापित किया गया।

• नासा ने कल्पना चावला की याद में उन्हें सुपरकं प्यूटर भी समर्पित किया.

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इंदिरा गांधी
• इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी जी देश की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री थी,
जो कि अपने राजनैतिक कौशल और सूझबूझ के लिए भी पहचानी जाती थी। उन्होंने उस
समय देश का प्रधानमंत्री के रुप में नेतृत्व किया जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने तक
की इजाजत नहीं दी जाती थी।

• तमाम चुनौतियों का सामना कर वे न सिर्फ देश के पीएम के पद पर आसीन हुई, बल्कि


अपनी राजनैतिक प्रतिभा से उन्होंने देश के लिए कई अहम फै सले लिए। इंदिरा गांधी जी के
शासनकाल में ही बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

• उन्होंने 1966 से लेकर 1977 तक और 1980 से लेकर मृत्यू तक देश के प्रधानमंत्री


का पदभार सम्भाला था।

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जीवन परिचय
• स्वतंत्र भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री रही इंदिरा गांधी का जन्म प्रसिद्ध नेहरू परिवार में 19
नवंबर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था। इंदिरा गांधी का पूरा नाम इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी है।
• इनके पिता पं. जवाहर लाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ साथ वकालत के पेशे से
भी संबंधित थे। इंदिरा गांधी का परिवार आर्थिक रूप से संपन्न होने के साथ-साथ बौद्धिक रूप से
भी काफी सशक्त था। इनके पिता और दादा (मोतीलाल नेहरू) दोनों ही स्वतंत्रता आंदोलनों में
अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे थे जिसका प्रभाव इंदिरा गांधी पर भी पड़ा।
• परिवार की राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम में अत्याधिक सक्रियता और मां कमला नेहरू की
बीमारी की वजह से बालिका इंदिरा को शुरू से ही पढ़ाई के लिए अनुकू ल माहौल उपलब्ध नहीं हो
पाया था, जिस कारण इनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई।
• आगे की शिक्षा इन्होंने पश्चिम बंगाल के विश्वभारती विश्वविद्यालय और इंगलैंड के ऑक्सफोर्ड
यूनिवर्सिटी से प्राप्त की।

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उपलब्धियाँ
• देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी को साल 1971 में देश के सर्वोच्च सम्मान
”भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था।

• साल 1972 में उन्हें बांग्लादेश को आजाद करवाने के लिए मेक्सिकन अवॉर्ड से नवाजा गया।

• साल 1976 में उन्हें नागरी प्रचारिणी सभा के द्वारा हिन्दी में साहित्य वाचस्पति सम्मान से
नवाजा गया था।

• इसके अलावा उन्हें मदर्स अवार्ड, हॉलैंड मेमोरियल प्राइज से भी सम्मानित किया गया था।

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नाम:
मोहम्मद सिनान
मलाला युसुफ़ज़ई और मदर टेरेसा

निखिल निर्मल कु मार


कल्पना चावला और इंदिरा गांधी

कक्षा:
9

वर्गः
C

क्रमांक:
Mohammed Sinaan - Roll no. 24
Nikhil Nirmal Kumar - Roll no. 25

विद्यालय: 14

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