You are on page 1of 70

इसे वेबसाइट www.mpindustry.gov.

in
से भी डाउन लोड किया जा सिता है .

1
मध्यप्रदे श शासन
वाणिज्य, उद्योग और रोजगार ववभाग

मध्यप्रदे श राज्य औद्योगगि भूगम

एवं

भवन प्रबंधन गनयम, 2015

2
अ नु क्र म णि िा

क्र. खण्ड शीर्षि पृष्ठ क्रमांि

(1) (2) (3) (4)


(1) लघु शीर्षि, प्रारं भ एवं प्रभाव 1

(2) पररभार्ायं 2

(3) उददे श्य 6

(4) औद्योगगि क्षेत्र िी भूगम िे आवंटन हे तु पात्रता 6

(5) औद्योगगि क्षेत्रं िा अगभन्यास 7

(6) आवंटन हे तु भूगम िी मात्रा िा गनधाषरि 7

(7) औद्योगगि, व्यवसागयि, वेयर हाणउसंग एवं अनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु 7


भूगम िा आवंटन

भाग– 1 औद्योगगि भूगम एवं भवन िा आवंटन 8

(8) औद्योगगि भूगम/ भवन आवंटन िे अगधिार 8

(9) भूगम िे आवंटन हे तु प्रब्याणज, वविास शुल्ि, भू-भाटि तथा वावर्षि 8


संधारि शुल्ि

(10) प्रब्याणज िी गिना हे तु भूगम िे मूल्य मं छूट/ररयायत 9

(11) आवंटन हे तु आवेदन 10

(12) आवेदनं िे गनरािरि िी प्रकक्रया 11

(13) भू-खण्ड/भवन िा आवंटन आदे श, पटटाववलेख गनष्पादन एवं आगधपत्य 13

(14) पटटे िी अवगध 14

(15) पररयोजना कक्रयान्वयन 14

(16) बंि/ववत्तीय संस्थाओं िे पक्ष मं पटटागधिार िा अगभहस्तांिन 16

(17) अगतररक्त भूगम िा गनयगमगतिरि 16

(18) हस्तांतरि एवं हस्तांतरि प्रकक्रया 17

(19) अनुपयोगी भूगम िा हस्तांतरि 19

(i)
क्र. खण्ड शीर्षि पृष्ठ क्रमांि

(1) (2) (3) (4)


(20) भू-खंड िा ववभाजन 20

(21) भू-खण्डं िे गशिमी/उपपट्टा िी अनुमगत 20

(22) लीज िा नवीनीिरि 20

(23) आवंकटत भवनं िो भाड़ा क्रय पद्धगत अंतगषत ववक्रय 21

(24) पटटे िी भूगम िा समपषि एवं प्रब्याणज िी वापसी 21

भाग – 2 आवासीय, व्यावसागयि एवं वेयरहाउगसंग प्रयोजन हे तु भूगम 23


िा आवंटन

(25, भूगम आवंटन िी अगधिाररता एवं भूगम आवंटन िी दरं एवं आवंटन िी 23
26, प्रकक्रया
27)

(28, पट्टे िी अवगध, पररयोजना िा कक्रयान्वयन, हस्तांतरि एवं लीज िा 24


29, नवीनीिरि
30,
31)

भाग– 3 उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन 25

(32, आवंटन िी अगधिाररता, आवंटन हे तु दरं एवं प्रकक्रया 25


33,
34,
35)

(36, पटटे िी अवगध, पररयोजना िा कक्रयान्वयन, हस्तांतरि एवं लीज िा 26


37, नवीनीिरि
38,
39)

भाग– 4 27

(40) पट्टे िा गनरस्तीिरि 27

(41) अपील एवं पुनववषलोिन 28

(42) पट्टाववलेख िे गनरस्तीिरि पर भूगम/भवन िा िब्जा प्राप्त िरना 29

(43, स्पष्ट िरि, राज्य शासन िे अगधिार, गनरसन 30


44,
45)

(ii)
क्र. खण्ड शीर्षि पृष्ठ क्रमांि

(1) (2) (3) (4)


ववववध पररगशष्ट

पररगशष्ट(ए) अगतप्रदर्
ू ििार एवं खतरनाि श्रेिी िे उद्योग 31
पररगशष्ट(बी) औद्योगगि क्षेत्रं मं आवंटन हे तु प्रगतबंगधत 33
गगतववगधयं िी सूची
पररगशष्ट(सी) - भूगम हे तु गनधाषररत लीजड ड िा प्रारूप 34
पररगशष्ट(ड ) - भवन हे तु गनधाषररत लीजड ड िा प्रारूप 42

पररगशष्ट(ई) - उप-पट्टे िी सामान्य शतं एवं वत्रस्तर य अनुबध


ं 53
िा प्रारूप
पररगशष्ट(एफ) आवंकटत भवनं िा भाड़ा क्रय पद्धगत िे अंतगषत 63
ववक्रय

(iii)
मध्यप्रदे श राज्य औद्योगगि भूगम एवं भवन प्रबंधन गनयम, 2015

मध्यप्रदे श शासन, वाणिज्य, उद्योग और रोज़गार ववभाग मध्यप्रदे श राज्य मं औद्योगगि


अवविगसत भूगम, औद्योगगि क्षेत्र िी वविगसत एवं वविगसत िी जाने वाली भूगम एवं औद्योगगि
भवनं िे प्रबंधन हे तु ''मध्यप्रदे श राज्य औद्योगगि भूगम एवं भवन प्रबंधन गनयम-2015'' एतद
द्वारा जार िरता है ः-

(1) लघु शीर्षि, प्रारं भ एवं प्रभाव -

(i) ये गनयम ''मध्यप्रदे श राज्य औद्योगगि भूगम एवं भवन प्रबंधन गनयम, 2015''
िहलायंगे।

(ii) ये गनयम मध्यप्रदे श िी सीमा मं णस्थत वाणिज्य, उद्योग और रोजगार ववभाग िी


भूगम, औद्योगगि क्षेत्रं एवं भवनं, ववभाग िे अधीन िायषरत, औद्योगगि िेन्र
वविास गनगम द्वारा वविगसत/वविगसत किए जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं, ववशेर्
आगथषि प्रक्षेत्रं मं लागू हंगे तथा उन पर बंधनिार हंगे; परन्तु भारत सरिार
एवं राज्य सरिार द्वारा ववशेर् आगथषि प्रक्षेत्रं िे ववगनमयन हे तु जार अगधगनयम
एवं गनयम िे प्रावधान एवं इन भूगम प्रबंधन गनयमं िे प्रावधानं मे ववरोधाभास
िी णस्थगत मं उपरोक्त भारत सरिार एवं राज्य सरिार द्वारा जार अगधगनयम एवं
गनयम िे प्रावधान लागू हंगे।

(iii) इन गनयमं िे अंतगषत उद्योगं तथा औद्योगगि क्षेत्रं िी आवश्यिता हे तु


अवविगसत भूगम िे आवंटन, वविगसत एवं वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि
क्षेत्रं मं औद्योगगि प्रयोजन हे तु भूगम तथा शेड/भवन, आवासीय प्रयोजन हे तु
भूगम, व्यवसागयि प्रयोजन हे तु भूगम, वेयर हाउगसंग प्रयोजन हे तु भूगम तथा उद्योग
आनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु भूगम िा आवंटन, प्रकक्रया व दस्तावेज िा गनधाषरि किया
गया है ।

(iv) पणब्लि प्राईवेट पाटष नरगशप( पीपीपी) िे तहत वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि
क्षेत्र/स्माटष गसट िी भूगम एवं प्लग एंड प्ले हे तु गनगमषत किये जाने वाले भवन िे
आवंटन िी प्रकिया इन गनयमं िे तहत नह ं होगी। ऐसी पररयोजनाओं िे गलए
गनववदा प्रकक्रया मं सणममगलत दस्तावेजं िे अनुसार ह लीज ड ड संपाकदत होगी
तथा ववत्तीय एवं वैधागनि प्रकक्रयाएं भी गनववदा प्रपत्र अनुसार ह होगी ।

(v) ये गनयम कदनांि 01-04-2015 से प्रभावशील हंगे।

1
(2) पररभार्ाएं -

(ि) जब ति कि, प्रसंग से अन्यथा अपेणक्षत नह ं हो, गनमन पररभार्ाओं िे अनुसार


अथष/आशय इन गनयमं मं प्रभावी रहे गा :-

1. राज्य शासन से अगभप्रेत है , ''मध्यप्रदे श राज्य िा वाणिज्य, उद्योग और


रोज़गार ववभाग।''

2. िेन्र य शासन से अगभप्रेत है , ''भारत सरिार''।

3. उद्योग आयुक्त से अगभप्रेत है , ''मध्यप्रदे श, उद्योग संचालनालय िा आयुक्त।''

4. मध्यप्रदे श ट्रे ड से अगभप्रेत है , ''िमपनी अगधगनयम, 2013 िे अधीन गकित


एंड इन्वेस्टमेन्ट एवं गनगगमत मध्यप्रदे श ट्रे ड एंड इन्वेस्टमेन्ट फैगसलेटेशन
फैगसलेटेशन िापोरे शन गलगमटे ड जो मध्यप्रदे श शासन, वाणिज्य, उद्योग
िापोरे शन गलगमटे ड और रोज़गार ववभाग िे अधीन है ।''
(ट्राईफेि)
5. प्रबंध संचालि से अगभप्रेत है , ट्रायफेि तथा मध्यप्रदे श औद्योगगि िेन्र
वविास गनगमं एवं इण्डणस्ट्रयल इन्रास्ट्रक्चर वविास िेन्र मं
पदस्थ प्रबंध संचालि।

6. मध्यप्रदे श से अगभप्रेत है मध्यप्रदे श ट्रे ड एण्ड इनवेस्टमंट फेगसगलटे शन


औद्योगगि िेन्र िापोरे शन गलगमटे ड िी सहायि िंपगनयां णजन िे वतषमान मं
वविास गनगम उज्जैन, सागर, भोपाल, ग्वागलयर, इं दौर, जबलपुर तथा र वा
मं िायाषलय स्थावपत हं तथा अन्य ऐसी िंपगनयां जो भववष्य
मं मध्यप्रदे श औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िे अथवा अन्य
नाम से राज्य शासन द्वारा गकित िी जायं।

7. महाप्रबंधि, णजला से अगभप्रेत है , ''णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र मं पदस्थ


व्यापार एवं महाप्रबंधि।
उद्योग िेन्र
8 णजला व्यापार से अगभप्रेत है , मध्यप्रदे श शासन वाणिज्य, उद्योग और
एवं उद्योग िेन्र रोजगार ववभाग िे प्रदे श िे समस्त णजलं मं स्थावपत
िायाषलय।

9. वृहद औद्योगगि से अगभप्रेत है , ''भारत सरिार, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय


इिाई द्वारा समय-समय पर पररभावर्त वृहद औद्योगगि

2
इिाई/ववगनमाषि उद्यम।

10. औद्योगगि भूगम उद्योग ववभाग या उनिे गनगमं िे आगधपत्य िी


अवविगसत/वविगसत/वविगसत िी जाने वाली भूगम।

11. औद्योगगि क्षेत्र औद्योगगि क्षेत्र से अगभप्रेत वाणिज्य, उद्योग और रोज़गार


ववभाग िे स्वागमत्व/आगधपत्य िी भूगम पर वविगसत किये
गये/जाने वाले किसी क्षेत्र से है , चाहे उसे किसी भी नाम
यथा वविास िेन्र, औद्योगगि संस्थान, अद्धष शहर औद्योगगि
संस्थान, ग्रामीि िमषशाला, फूड पािष, रे ड मेड गारमेन्टस
िामपलेक्स, स्टोन पािष, जेमस एण्ड ज्वैलर पािष,
टै क्सटाईल पािष, डायमण्ड पािष, साफ्टवेयर टे क्नोलॉजी पािष,
जैव प्रौद्योगगिी पािष, गनयाषत पािष, ववगभन्न औद्योगगि पािष से
राज्य शासन द्वारा नागमत किया जावे एवं चाहे उसिा
संचालन णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र, औद्योगगि िेन्र
वविास गनगम या ववभाग िे अंतगषत अन्य गनगम या गनजी
वविासिताष िे अधीन हो।

12.1 औद्योगगि से अगभप्रेत है , ''भूगम/भवन िा औद्योगगि प्रयोग, णजससे


प्रयोजन उद्योग िी आवश्यिताओं िी पूगतष होती है ।''

12.2 व्यावसागयि प्रयोजन से अगभप्रेत है , नगर तथा ग्राम गनवेश अगधगनयम,1973 िे


अंतगषत पररभावर्त व्यावसागयि प्रयोजन।

12.3 आवासीय प्रयोजन से अगभप्रेत है , नगर तथा ग्राम गनवेश अगधगनयम, 1973 िे
अंतगषत पररभावर्त आवासीय प्रयोजन।

12.4 औद्योगगि औद्योगगि प्रयोजन हे तु उद्योग ववभाग िे आगधपत्य िी


अवविगसत भूगम अवविगसत भूगम।

12.5 औद्योगगि उद्योग ववभाग अथवा उनिे अधीन गनगमं िे द्वारा औद्योगगि
वविगसत भूगम प्रयोजनं हे तु वविगसत िी गई अगधसूगचत भूगम।

12.6 वविगसत िी जाने औद्योगगि वविास हे तु उद्योग ववभाग िे अधीन गनगमं िे


वाली भूगम आगधपत्य िी अवविगसत भूगम।

3
13. उद्योग आनुर्ंगगि से अगभप्रेत है , उद्योगं हे तु सहायि/आवश्यि गगतववगधयां,
प्रयोजन णजनिा सामागयि गनधाषरि राज्य शासन द्वारा समय-समय
पर किया जा सिेगा।

14. आवंटन से अगभप्रेत है , ''गनयमं मं भूगम/भवन आवंटन हे तु अगधिृ त


प्रागधिार प्रागधिार ।''

15. आवंट से अगभप्रेत है , ''औद्योगगि भूगम/औद्योगगि भवन िा आवंटन


प्राप्तिताष इिाई, णजसिा वैध संगिन स्वागमत्व /भागीदार
/पंजीिृ त सगमगत /प्राईवेट गलगमटे ड/ पणब्लि गलगमटे ड
िमपनी /पणब्लि यूकटगलट / एल एल पी/ ट्रस्ट/ एच यू एफ
िा हो सिता है ।''

16. पटटादाता से अगभप्रेत है , ''मध्यप्रदे श राज्य िे राज्यपाल िी ओर से


पटटाववलेख प्रागधिृ त गनष्पादनिताष प्रागधिार , णजसनेआवंट
िो आवंकटत भूगम/ भवन िा पटटाववलेख आवंट िे साथ
गनष्पाकदत किया है ।''

17. पटटाग्रकहता से अगभप्रेत है , ''भूगम/भवन िी वह आवंट इिाई, णजसने


पटटादाता िे साथ पटटाववलेख/ लीज़ड ड गनष्पाकदत िी है ।''

18. सक्षम प्रागधिार से अगभप्रेत है इन गनयमं मं उल्लेणखत िायष संपादन हे तु


अगधिृ त अगधिार तथा इन गनयमं मं उल्लेख मं आए अन्य
ववभागं िे गनयमं/ अगधगनयमं िे अंतगषत ववगभन्न दागयत्वं
िे संपादन हे तु अगधिृ त अगधिार ।

19. उच्च प्रागधिार से अगभप्रेत महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िे
संदभष मं पररक्षेत्रीय उद्योग अगधिार /उद्योग आयुक्त, पररक्षेत्रीय
उद्योग अगधिार िे संदभष मं उद्योग आयुक्त एवं उद्योग आयुक्त
िे संदभष मं प्रमुख सगचव/सगचव, मध्य प्रदे श शासन,वाणिज्य
उद्योग और रोजगार ववभाग से है , प्रबंध संचालि, मध्यप्रदे श
औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िे संदभष मं अध्यक्ष,औद्योगगि
िेन्र वविास गनगम तथा अध्यक्ष, औद्योगगि िेन्र वविास
गनगम िे संदभष मं अध्यक्ष, ट्राईफेि से है ।

4
20. गनगमषत क्षेत्र से अगभप्रेत फैक्ट्र भवन, गोदाम, िायाषलय भवन, टं ि,
साइलोस, (िंटे नर), गसक्यूररट आकफस, पावर सब-स्टे शन,
पमप हाउस एवं पानी िी टं िी, ववद्युत जनरे टर, सेट/बायलर
रूम आकद उत्पादन से सीधे संबंगधत पक्िे गनमाषि से है ।
बाउण्र वॉल, सड़ि, नाली, आकद इन गनयमं िे प्रयोजन हे तु
गनगमषत क्षेत्र िे रूप मं मान्य नह ं हंगे।

21. प्रब्याणज से अगभप्रेत सक्षम प्रागधिार द्वारा, समय-समय पर गनधाषररत,


(प्रीगमयम) भूगम आवंटन िे समय भूगम मूल्य िे संदभष मं इिाई से प्राप्त
िी जाने वाली रागश से है ।

22. किराया से अगभप्रेत सक्षम प्रागधिार द्वारा समय-समय पर गनधाषररत


प्रगत माह शेड/भवन िे आवंट से ली जाने वाली रागश से है ।
23. भू-भाटि से अगभप्रेत सक्षम प्रागधिार द्वारा समय समय पर गनधाषररत
(लीज़ रं ट) प्रगत वर्ष आवंट से ली जाने वाली रागश।

24. वावर्षि संधारि से अगभप्रेत सक्षम प्रागधिार द्वारा समय-समय पर गनधाषररत


शुल्ि िी जाने वाली रागश से है जो प्रगत वर्ष आवंट से औद्योगगि
क्षेत्र िे संचालन एवं संधारि िे उद्दे श्य से प्राप्त िी जाए।

25. वविास शुल्ि से अगभप्रेत औद्योगगि क्षेत्र िे आंतररि वविास िी रागश से है


जो आवंट इिाई से आवंटन िे समय एि मुश्त प्राप्त िी
जावेगी।

26. हस्तानांतरि शुल्ि से अगभप्रेत औद्योगगि प्रयोजन, व्यवसागयि, आवासीय एवं


वेयर हाऊगसंग प्रयोजन हे तु आवंकटत भूगम िे हस्तानांतरि
पर नवीन आवंट से ली जाने वाली रागश।

27. ररक्त भूखण्ड/भूगम (1) ऐसे भूखण्ड/भूगम से है जो वबना आवंटन िे ररक्त है ।

(2) ऐसे भूखण्ड/भूगम से भी है णजसमं आवंटन िे पश्चात


प्रस्तुत मूल पररयोजना रागश िे 25 प्रगतशत से िम
रागश िा पूंजी वैष्ठन गनधाषररत समय-सीमा मं किया
गया हो।

5
(3) उददे श्य -

इन गनयमं िा उददे श्य वाणिज्य उद्योग और रोजगार ववभाग िे आगधपत्य िी


औद्योगगि भूगम, भवन/शेड िा श्रेष्ठतम उपयोग किया जाना तथा इनिा प्रभावी संधारि
एवं प्रबंधन किया जाना है ।
(4) औद्योगगि भूगम िे आवंटन हे तु पात्रता -
1. गनमन उद्यगमयं/इिाइयं िो नवीन उद्योग िी स्थापना, स्थावपत इिाई िे ववस्तार
एवं दशाषई गई गगतववगधयं/उपयोग िे गलए भूगम, भवन/शेड िा आवंटन किया
जा सिेगा :-
(i) वृहद उद्योग इिाई ।
(ii) सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इिाई।
(iii) व्यवसागयि, आवासीय, वेयर हाऊगसंग आकद प्रयोजन।
(iv) उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन ।
(v) भारत शासन/राज्य शासन अथवा उनिे उपक्रमं द्वारा स्थावपत िी जाने
वाली औद्योगगि/सेवा/आनुर्ंगगि प्रयोजन इिाई।
(vi) गनयमं िे संलग्न "पररगशष्ट-ए" मं वणिषत अगत प्रदर्
ू ििार एवं खतरनाि
श्रेिी िे उद्योगं िो सामान्यतः भूगम आवंकटत नह ं िी जावेगी, किन्तु इस
श्रेिी िे उद्योगं िो उन्ह ं औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम, भवन/शेड आवंटन िी
पात्रता होगी, णजनमं ऐसे उद्योगं हे तु पृथि जोन गचणन्हत किये गये हं ।
(vi) गनयमं िे संलग्न "पररगशष्ट-बी" मं वणिषत गगतववगधयॉं औद्योगगि क्षेत्रं मं
भूगम आवंटन िी पात्रता नह ं रखंगी।

2. राज्य शासन समुगचत ववचारोपरान्त उद्योग ववभाग िे स्वागमत्व तथा आगधपत्य


िी भूगम पर औद्योगगि क्षेत्रं िी सीमांओ तथा क्षेत्रफल िा गनधाषरि िरे गा ओर
उन्हे राजपत्र मं अगधसूगचत िरे गा।

3. आवंटन प्रागधिार द्वारा औद्योगगि क्ष्ेात्र मं भूखण्ड िा आवंटन सक्ष्म प्रागधिार


द्वारा अनुमोकदत अगभन्यास िे अनुसार किया जावेगा। अगभन्यास मं औदद्योगगि
अनुर्ांगगि व्यवसागयि वेयर हाउगसंग तथा रहवासी क्ष्ेात्रं िो पृथि-पृथि दशाषया
जावेगा।

4 औद्योगगि अवविगसत भूगम िेवल औद्योगगि क्ष्ेात्रो तथा हदहद औद्योगगि इिाईयं
िो ह आवंकटत िी जा सिेगी।

6
(5) औद्योगगि क्षेत्रं िा अगभन्यास -

(i) ये गनयम प्रवृत्त होने िे पश्चात वविगसत होने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं गनमन
मापदण्डं िा पालन िरते हुए अगभन्यास तैयार किया जाएगा -

ि. आवंटन योग्य भूगम िा अगधितम 10 प्रगतशत वेयर हाउगसंग हे तु।

ख. आवंटन योग्य भूगम िा अगधितम 25 प्रगतशत आवासीय एवं व्यवसागयि


प्रयोजन हे तु।

ग. आवंटन योग्य भूगम िा अगधितम 5 प्रगतशत उद्योग आनुर्ंगगि प्रयोजन


हे तु ।

घ. आवंटन योग्य भूगम िा न्यूनतम 20 प्रगतशत एमएसएमई हे तु आरणक्षत


रखने िे प्रावधान किए जायंगे।

(ii) औद्योगगि क्षेत्रं िे अगभन्यास िा अनुमोदन नगर तथा ग्रामीि गनयोजन


अगधगनयम िी धारा 27 िे तहत सक्षम प्रागधिार से प्राप्त किया जावेगा।

(iii) अनुमोकदत अगभन्यास िे अनुरूप ह आवंटन किया जावेगा अथवा अनुमगत द जा


सिेगी, परं तु व्यावसागयि एवं वेयर हाऊगसंग गगतववगध हे तु आवंकटत भूखड
ं पर
सक्षम अगधिार से अनुमगत प्राप्त िर औद्योगगि गगतववगध संचागलत िी जा
सिेगी। उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु आवंकटत भूखड
ं एवं आवासीय भूखड
ं ं मं
अन्य प्रयोजन िे संचालन अथवा पररवतषन िी अनुमगत नह ं होगी।

(6) आवंटन हे तु भूगम िी मात्रा िा गनधाषरि :-

इिाई द्वारा भूगम आवंटन हे तु आवेदन पत्र िे साथ पररयोजना अनुसार प्रस्ताववत
क्षेत्र िा ले-आउट प्लान प्रस्तुत किया जावेगा, तत्पश्चात आवंटन प्रागधिार द्वारा भूगम िी
आवश्यिता/मात्रा िी गिना गनगमषत क्षेत्र िे आधार पर भूगम िी मात्रा िा गनधाषरि
िरे गा। औद्योगगि क्षेत्रं मं गनगमषत क्षेत्र अगधितम 60 प्रगतशत तथा न्यूनतम 40 प्रगतशत
तथा फशी क्षेत्रानुपात (एफ.ए.आर.) अगधितम 1.50 प्रगतशत मान्य किया जावेगा।

(7) औद्योगगि, व्यवसागयि, वेयर हाऊगसंग एवं उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु भूगम िे
आवंटन िी प्रकिया, अगधिाररता, दरं , हस्तांतरि िी प्रकिया आकद पृथि-पृथि होगी।

7
भाग - 1

औद्योगगि भूगम एवं भवन िा आवंटन

(8) औद्योगगि भूगम/भवन आवंटन िे अगधिार :-

(i) वविागसत/वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं इिाईयं िो औद्योगगि


प्रयोजन हे तु भूगम िा आवंटन महाप्रबंधि, णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र एवं
प्रबंध संचालि, औद्योगगि िेन्र वविास गनगमं िे द्वारा प्रदत्त अगधिाररता िे
अनुसार किया जावेगा। औद्योगगि िेन्र वविास गनगमं िे क्षेत्रान्तगषत आने वाले
औद्योगगि वविास िेन्रं मं भू-आवंटन िी अगधिाररता िी सीमा िा गनधाषरि
गनगम िे गनधाषररत संचालि मंडल द्वारा किया जाएगा तथा णजला व्यापार एवं
उद्योग िेन्र िे अधीनस्थ औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम िे आवंटन िी सीमा िी
अगधिाररता गनमनानुसार होगी।

अ. महाप्रबंधि - दो है क्टे यर ति

ब. पररक्षेत्रीय उद्योग प्रागधिार - दो है क्टे यर से चार है क्टे यर ति

स. उद्योग आयुक्त - चार है क्टे यर से 8 है क्टे यर ति

द. राज्य शासन - 8 है क्टे यर से अगधि

(ii) औद्योगगि प्रयोजन हे तु 12 हे क्टे यर ति अवविगसत औद्योगगि भूगम िा आवंटन


उद्योग आयुक्त द्वारा किया जावेगा, 12 हे क्टे यर से अगधि अवविगसत औद्योगगि
भूगम िा आवंटन राज्य शासन िे अनुमोदन उपरान्त उद्योग आयुक्त द्वारा किया
जावेगा।

(iii) औद्योगगि भवनं िे आवंटन िे अगधिार यथा णस्थगत महाप्रबंधि, णजला व्यापार
एवं उद्योग िेन्र /प्रबंध संचालि, औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िो हंगे ।

(9) भूगम िे आवंटन हे तु प्रब्याणज, वविास शुल्ि, भू-भाटि तथा वावर्षि संधारि शुल्ि –

(i) वविगसत एवं वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम आवंटन हे तु
प्रब्याणज, वविास शुल्ि, भू-भाटि तथा वावर्षि संधारि शुल्ि तय होगा।
अवविगसत भूगम िे गलए प्रब्याणज तथा भू-भाटि दे य होगा ।

(ii) प्रब्याणज िी गिना भूगम िे मूल्य मं द जाने वाली छूट िो प्रभावी िर गणित
िी जायेगी तथा वावर्षि भू-भाटि प्रब्याणज िा 2 प्रगतशत होगा ।

8
(iii) वविास शुल्ि िी गिना औद्योगगि क्षेत्र िे आंतररि वविास मं हुए िुल व्यय पर
समानुपागति रूप से िी जायेगी तथा वविास शुल्ि भूगम आवंटन िे समय
एिमुश्त दे य होगा ।

(iv) औद्योगगि क्षेत्रं िे संधारि िो बनाये रखने िी दृवष्ट से णजला उद्योग िेन्र तथा
औद्योगगि िेन्र वविास गनगम अनुमागनत वावर्षि संधारि व्यय िा आिलन
िरं गे तथा इसे समानुपागति रूप से िुल आवंटन योग्य क्षेत्र पर प्रगत वगषमीटर
गणित किया जायेगा । आवंट द्वारा उसे आवंकटत क्षेत्रफल पर वावर्षि संधारि
शुल्ि दे य होगा ।

(v) ग्रामीि क्षेत्रं मं वविगसत/वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम िा
मूल्य संबंगधत क्षेत्र िी अगसंगचत िृ वर् भूगम िे गलए गनधाषररत िलेक्टर गाईड
लाईन िो 0.6 से भाग दे ने पर गनिाला जायेगा । नगर य क्षेत्रं मं
वविगसत/वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम िा मूल्य संबंगधत
क्षेत्र िे आवासीय भूखण्डं िे गलए िलेक्टर द्वारा गनधाषररत गाईड लाईन िे बराबर
होगा ।

(vi) अवविगसत भूगम िा मूल्य णजले िे भूगम से संलग्न क्षेत्रं मं अगसंगचत िृ वर् भूगम
िे गलए गनधाषररत िलेक्टर गाईड लाईन िे बराबर होगा ।

(10) प्रीगमयम िी गिना हे तु भूगम िे मूल्य मं छूट/ररयायत

10.1 प्रब्याणज से आशय उस रागश से है जो आवंट द्वारा भूगम िा आवंटन प्राप्त िरने
िे एवज मं दे य है । प्रब्याणज िी गिना, भूगम िे मूल्य पर द गई छूट िे
अनुसार होगी, अथाषत भूगम िे मूल्य मं द गई छूट िो प्रभावी िरने िे उपरान्त
दे य प्रब्याणज िी रागश होगी। इस छूट िे संबंध मं गनवेश संवंधन
ष पर मंत्री पररर्द
सगमगत िे अनुमोदन उपरांत राज्य शासन द्वारा समय-समय पर सामान्य या
ववगशष्ट आदे श जार किये जावंगे

10.2 औद्योगगि िेन्र वविास गनगम अपने भूखड


ं ं िे आवंटन हे तु प्रीगमयम िी रागश मं
समुगचत िारिं से आवश्यितानुसार वृवद्ध एवं िमी राज्य शासन िी पूवष अनुमगत
से िर सिेगे परन्तु राज्य शासन द्वारा यह अनुमगत ववत्त ववभाग से परामशष िे
उपरान्त ह द जा सिेगी।

10.3 आवंट इिाईयं िी दे यताओं िे संदभष मं ववलंब अवगध हे तु 10 प्रगतशत प्रगतवर्ष


िी दर से साधारि ब्याज रागश दे य होगी।

9
(11) आवंटन हे तु आवेदन -

(i) अवविगसत भूगम :- अवविगसत भूगम हे तु वृहद औद्योगगि इिाई संबंगधत णजले िे
णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र मं/ ट्रायफेि िे वेबसाईट या गनधाषररत प्रपत्र पर
आवेदन एवं चैिगलस्ट िे अनुसार अन्य अगभलेख, आवेदन शुल्ि िी रागश रूपये
10000/- जमा िर अपलोड िरे गा। संबंगधत महाप्रबंधि, णजला व्यापार एवं उद्योग
िेन्र आवेदन िा पर क्षि एवं आवेकदत भूगम िी मात्रा हे तु आवेदन कदनांि िो
प्रचगलत प्रब्याणज िा 25 प्रगतशत अगग्रम रागश जमा िरा िर, भूगम िी मात्रा िी
गिना िर अपनी अनुशंसा िे साथ पररक्षेत्रीय उद्योग िायाषलय िो अग्रेवर्त िरे गा
तत्पश्चात पररक्षेत्रीय उद्योग िायाषलय एि सप्ताह िे अंदर प्राप्त प्रस्ताव िा पर क्षि
िर अपनी अनुशंसा िे साथ आवेदन उद्योग आयुक्त िो अग्रेवर्त िरे गा।

(ii) वविगसत/वविगसत किए जाने वाली भूगम :- पात्र आवेदि इिाईयां गनगमं/ णजला
व्यापार एवं उद्योग िेन्रं द्वारा वविगसत/वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं
मं भूगम हे तु गनधाषररत आवेदन प्रपत्र पर आवेदन एवं चैिगलस्ट अनुसार अन्य
अगभलेख एवं आवेदन शुल्ि िी रागश जमा िर संबंगधत णजले िे णजला व्यापार
एवं उद्योग िेन्र/ औद्योगगि वविास िेन्रं िे िायाषलय िे गसंगल ववण्डो गसस्टम
मं आवेदन जमा िरना होगा। इिाई िो तत्समय प्रचगलत प्रब्याणज िा 25
प्रगतशत अगग्रम रागश जमा िरनी होगी। सूक्ष्म एवं लघु उद्योगं हे तु आवेदन शुल्ि
रागश रूपये 2000/-, मध्यम उद्योग इिाईयं हे तु आवेदन शुल्ि िी रागश रूपये
5000/- एवं वृहद इिाईयं हे तु आवेदन शुल्ि रूपये 10000/- होगा।

(iii) चैि गलस्ट िे अनुसार अगभलेख इिाई िो आवेदन पत्र िे साथ संलग्न/ अपलोड
िरना होगा -

1. औद्योगगि गगतववगध िी पररयोजना प्रगतवेदन, णजसमं यंत्र-संयत्र


ं उपिरि तथा
इनसे सुसग
ं त औद्योगगि शेड, िच्चे माल िी व्यवस्था, ववत्तीय प्रबंधन, प्रस्ताववत
रोजगार सृजन, पररयोजना िी व्यवसागयि आवश्यिता, आवश्यि गनगमषत क्षेत्र
िा ववस्तृत वववरि हो।

2. औद्योगगि अथवा पररभावर्त आनुर्ांगगि प्रयोजन िे गलए इन्टरप्रेन्योर मेमोरे ण्डम


(ई एम पाटष -1) / आई ई एम

3. पररयोजना मं दगशषत गनगमषत क्षेत्र िा प्रस्ताववत मानगचत्र (ले-आऊट प्लान)।

4. पररयोजना कक्रयान्वयन िा समयबद्ध िायषक्रम

5. पररयोजना िी ववत्तीय व्यवस्था िी योजना।

10
(iv) पूिष आवेदन एवं आवेदन-शुल्ि जमा िर दे ने मात्र से आवेदि िो आवेकदत भूगम
िी मात्रा एवं आवंटन िे संबंध मं िोई अगधिार प्राप्त नह ं हंगं। उद्योग िे गलए
आवश्यि भूगम िी मात्रा िा आंिलन गनयमं िे प्रावधान अंतगषत भू-आवंटन
प्रागधिार द्वारा किया जावेगा।

(v) औद्योगगि िेन्र वविास गनगमं िे आगधपत्य िे औद्योगगि क्षेत्रं हे तु रागश


संबंगधत औद्योगगि िेन्र वविास गनगम/ प्रबंध संचालि िे नाम से क्रॉस
चेि/बंि राफ्ट/ई-पेमंट/साईबर ट्रे जर चालान द्वारा जमा िी जायेगी । गनधाषररत
आवेदन पत्र आवश्यि सहपत्रं िी चेि गलस्ट सकहत महाप्रबंधि/प्रबंध संचालि
द्वारा गन:शुल्ि उपलब्ध िराया जायेगा। आवेदन शुल्ि िे अगतररक्त आवेकदत भूगम
हे तु आवेदन कदनांि िो प्रचगलत प्रब्याणज िी 25 प्रगतशत अगग्रम रागश आवेदन िे
साथ जमा िरनी होगी। इस रागश िो आशय पत्र जार िरते समय वबना ब्याज
िे समायोणजत िी जािर दे य रागश िी गिना िी जाएगी।

(12) आवेदनं िे गनरािरि िी प्रकक्रया :-

(i) अवविगसत भूगम

अवविगसत औद्योगगि भूगम हे तु प्राप्त आवेदनं िा गनरािरि समयि तथ्ययं िे


आधार पर होगा। सक्षम प्रागधिार िी स्वीिृ गत पश्चात आवंटन आदे श जार िरने
स्वीिृ गत उद्योग आयुक्त िे द्वारा द जावेगी। उद्योग आयुक्त िी स्वीिृ गत पश्चात
आशय पत्र, आवंटन आदे श एवं लीज ड ड िा गनष्पादन संबंगधत णजले िे
महाप्रबंधि द्वारा किया जावेगा।

(ii) वविगसत एवं वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं/वविास िेन्रं मं
औद्योगगि उपयोग हे तु आवंकटत किये जाने वाले भूखड
ं -

(अ) वविगसत किए जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं वविास योजना बनािर
औद्योगगि िेन्र वविास गनगम/णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र वविास
योजना ववज्ञावपत िर इन गनयमं िे अंतगषत पात्रता रखने वाले आवेदिं से
भूखण्ड/ भवन आवंटन हे तु अगग्रम आवेदन/एक्सप्रेशन फ इन्टरे स्ट प्राप्त
िर सिंगे। प्रबंध संचालि एवं महाप्रबंधि िे द्वारा पूवष से ह समय सारिी
तय िी जावेगी और गनधाषररत समय पर न लाईन पद्वगत से गनयत समय
िे गलए आवेदन पत्र बुलाये जाएगं। महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग
िेन्र,/ प्रबंध संचालि औद्योगगि िेन्र वविास गनगम मात्र औद्योगगि
प्रयोजन हे तु भूखड
ं िे प्राप्त आवेदनं िे साथ गनधाषररत अगग्रम रागश एवं
आवेदन शुल्ि प्राप्त िरं गे। (औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िे अंतगषत आने
वाले औद्योगगि वविास िेन्रं िे गलए अगग्रम रागश अगग्रम वापसी िा

11
गनधाषरि औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िे संचालि मण्डल द्वारा किया
जायेगा।) रागश सकहत प्राप्त आवेदनं िो ''प्रथम आओ प्रथम पाओ'' प्रिाली
िे अंतगषत प्रतीक्षा सूची अंतगषत वर यता मानी जावेगी एवं औद्योगगि क्षेत्र मं
मूलभूत अधोसंरचना वविगसत होने िे पश्चात ् तत्समय गनधाषररत
औपचाररिताओं िी पूगतष जैसे प्रब्याणज एवं अन्य शुल्िं िे भुगतान िरने
पर भूगम आवंटन किया जावेगा। ऐसे प्रिरिं मं आवेदन िे साथ जमा रागश
आवंटन िे समय दे य रागश िे ववरूद्ध वबना ब्याज समायोणजत िी जायेगी।

(ब) न लाईन प्राप्त आवेदनं िा आवंटन प्रागधिार पर क्षि िर आवेदि िे भू-


खण्ड/शेड िी आवश्यिता एवं मात्रा िा आंिलन िरे गा। वविगसत/वविगसत
किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम/भवन िा आवंटन 'प्रथम आओ,
प्रथम पाओ' गसद्धांत अंतगषत आवेदन-क्रम से किया जावेगा।

(स) भू-खण्ड, भवन हे तु पूिष आवेदन प्रागप्त उपरांत आवेदि िो पात्रता होने पर
आवश्यिता, मांग एवं उपलब्धता िो दृवष्टगत अगनवायषतः पन्रह कदवस मं
गनधाषररत प्रारूप मं आशय पत्र जार िर कदया जायेगा । आशय पत्र िे साथ
आवेदि िी सहमगत प्राप्त िरने हे तु सहमगत पत्र िा गनधाषररत प्रारूप भी
संलग्न किया जायेगा।

(द) अद्यतन आवेदन पत्र सूची ववभागीय/गनगम िी वेबसाइट पर प्रदगशषत होगी।


यह सूची स्थाई रहे गी । सूची िे आवेदिो िो आवंटन किये जाने पर, उनिे
द्वारा आवंटन वापस किये जाने पर या नवीन आवंटन िी प्रागप्त पर सूची िो
अद्यतन िरना होगा। आवेदिं िो आवेदन पत्र मं ई-मेल एवं मोबाईल नमबर
उल्लेणखत िरना होगा ताकि आवंटन िे संबंध मं तत्िाल सूचना द जा
सिेगी ।

(इ) प्राप्त आवेदनं मं आशय पत्र जार िरने िे कदनांि िो लागू प्रब्याणज, भू-
भाटि, वविास शुल्ि एवं संधारि शुल्ि िी दरं िे आधार पर दे य रागशयं
िी गिना िी जावेगी तथावप आवेदन पत्र िे साथ जमा प्रब्याणज िी 25
प्रगतशत अगग्रम रागश समायोजन योग्य होगी। औद्योगगि िेन्र वविास गनगम
द्वारा वविगसत किए जाने वाले क्षेत्र मं से िुछ भूगम वबना आंतररि
अधोसंरचना वविास िे आवंकटत किए जाने पर प्रबंध संचालि द्वारा बाह्य
अधोसंरचना वविास शुल्ि िो शागमल िरते हुए आवंटन किया जा सिेगा।

(फ) सक्षम प्रागधिार किसी इिाई िो ऐसे औद्योगगि क्षेत्र मं जहां अधोसंरचना
वविास िायष प्रारं भ िर कदया गया हो भूगम आवंटन िर सिेगा, बशते कि
इिाई द्वारा गनधाषररत प्रब्याजी एवं वविास शुल्ि िा भुगतान किया जाएगा।
12
आवंकटत भूखड
ं िा अगधपत्य औद्योगगि क्षेत्र िे अगधसूगचत होने िे पश्चात
ह कदया जावेगा।

(13) भू-खण्ड/भवन िा आवंटन आदे श, पटटाववलेख गनष्पादन एवं आगधपत्यः-

(i) आशय-पत्र : आशय-पत्र जार होने िे कदनांि से 30 कदन मं आवंट द्वारा आशय-
पत्र मं उल्लेणखत दे य रागश प्रबंध संचालि / महाप्रबंधि िे िायाषलय मं सहमगत
पत्र सकहत जमा िी जायेगी। इस अवगध िे उपरांत िारि उल्लेणखत िरते हुए
आवंट िो आशय-पत्र गनरस्त िरने हे तु 30 कदवसीय िारि बताओ सूचना-पत्र
जार किया जावेगा। सूचना-पत्र मं वणिषत अवगध मं ववलंवबत अवगध िे 10
प्रगतशत िी दर से साधारि ब्याज सकहत रागश जमा न िरने पर आशय पत्र
गनरस्त िर कदया जायेगा एवं उसिी ववगधवत सूचना पंजीिृ त डाि/स्पीड पोस्ट से
आवेदि िो, उसिे आवेदन पत्र मं दशाषए पते पर भेज द जायेगी। इस प्रावधान
िे तहत आशय पत्र िी वैधता जार िरने िी कदनांि से अगधितम 60 कदन
होगी। आशय-पत्र िी वैधता समाप्त होने पर इिाई िो जमा िी गई प्रीगमयम
रागश िा 90 प्रगतशत वावपस िी जावेगी।
(ii) आवंटन आदे श जार िरना : आशय-पत्र िी शतं िी पूगतष, णजसमं वांगछत रागश
यथा प्रीगमयम, संधारि शुल्ि जमा हो जाने िे उपरांत आवंटनिताष प्रागधिार
द्वारा आवंटन आदे श, ववगशष्ट भू-खण्ड/भवन िा क्रमांि, सेक्टर तथा चतुस
ष ीमा
अंकित िर 7 कदवस मं जार िर पंजीिृ त पावती सकहत डाि से अथवा व्यवक्तगत
रूप से अथवा नलाईन आवेदि िो ववतररत किया जायेगा। प्रत्येि आवंटन
आदे श िी प्रवववष्ट आवंटनिताष प्रागधिार िायाषलय मं लंबी अवगध ति नष्ट न होने
वाले िागज (जैसे-हरा लेजर पेपर) से बनायी गयी पंजी मं िी जावेगी।
(iii) पटटाववलेख िा गनष्पादन : आवंटन आदे श िी शतं िी पूगतष िरने हे तु 30
कदवस िे अंदर आवेदि िो गनधाषररत प्रारूप "पररगशष्ट - सी एवं ड " मं लीजड ड
गनष्पाकदत िर पंजीिृ त िरानी होगी । समयावगध मं लीजड ड गनष्पाकदत िरने िे
अगनच्छुि आवंट िो तीस कदवसीय िारि बताओ सूचना-पत्र जार िर, आवंटन
आदे श गनरस्त किया जा सिेगा।
(iv) आगधपत्य/हस्तांतरि : लीजड ड पंजीयन िे सात कदवस मं भूगम, भवन/शेड िे
आगधपत्य िा पटटादाता िे द्वारा पटटाग्रकहता िे पक्ष मं हस्तांतरि आवश्यि
होगा। अगधपत्य पत्र गनधाषररत प्रारूप मं दो प्रगतयं मं तैयार किया जायेगा,
णजसिी एि प्रगत आवंट िे पास एवं दस
ू र प्रगत आवंटनिताष अगधिार िे
िायाषलय मं रखी जावेगी। पटटाग्रकहता द्वारा गनधाषररत अवगध मं आगधपत्य न प्राप्त
िरने पर यह माना जावेगा कि उसिे द्वारा लीजड ड गनष्पादन कदनांि से
आगधपत्य प्राप्त िर गलया गया (ड मड पजेशन) है ।
13
(v) गनधाषररत अवगध मं पटटाववलेख िा पंजीयन न िराने/आगधपत्य न लेने िी दशा
मं पटटाग्रकहता िो 30 कदवस िी समयावगध िा िारि बताओ सूचना पत्र
पंजीिृ त पावती डाि से प्रेवर्त किया जायेगा, किन्तु इिाई िे अनुरोध पर
अगधितम 90 कदवस िी समयावगध राज्य शासन बढा सिेगा । इसिे उपरांत भी
पंजीिृ त पटटाववलेख प्रस्तुत न िरने/आगधपत्य प्राप्त न िरने पर गनष्पाकदत
पटटाववलेख एवं आवंटन आदे श गनरस्त िर इिाई िो उसिे आवेदन पत्र मं
वणिषत पते पर पंजीिृ त पावती डाि से सूगचत िर कदया जायेगा तथा उसिे द्वारा
जमा प्रब्याणज िी 90 प्रगतशत रागश वबना ब्याज िे महाप्रबंधि/प्रबंध संचालि
द्वारा वावपस िर द जावेगी ।
(vi) ऐसे मामलं, जहॉं उद्योग स्थापनाथष ववगशष्ट अनुमगतयॉ, जैसे प्रदर्
ू ि गनयंत्रि
ववगध/गनयमं, ववस्फोटि पदाथष उत्पाद संबंधी गनयमं, वन ववभाग, आबिार
ववभाग, गनयंत्रि, और्गध एवं प्रसाधन आकद िे गनयमं िे अंतगषत आवश्यि हो,
मं पटटाववलेख गनष्पादन एवं आगधपत्य प्रदान िरने हे तु, ऐसी अनुमगतयं िो
बाध्यिार नह ं माना जायेगा। ऐसे प्रिरिं मं आगधपत्य प्रागप्त िे एि वर्ष िे
अंदर भी अनुमगतयां प्राप्त नह ं होने िी दशा मं, आवंट भूगम समवपषत िर गनयम
(24) िे प्रावधान अंतगषत प्रब्याणज िी रागश िा 90 प्रगतशत प्राप्त िर सिेगा।
यकद उसिे द्वारा भवन आकद िा गनमाषि किया गया है तो उसिो अपनी आणस्तयां
ले जाने/हटाने िी सुववधा होगी। आणस्तयं िो बेचने िी णस्थगत मं क्रयिताष िो
पृथि से समपूिष प्रब्याणज व दे य रागश जमा िर गनयमानुसार भू-आवंटन िरा िर
पटटा गनष्पाकदत िराना होगा।
(14) पटटे िी अवगध -
पटटे िी अवगध औद्योगगि भूगम िे गलये अगधितम 30 वर्ष तथा औद्योगगि
भवन हे तु अगधितम 10 वर्ष होगी।
(15) पररयोजना िा कक्रयान्वयन :-
(i) इिाई द्वारा उत्पादन प्रारं भ िरना :-
प्रत्येि पटटाग्रकहता िो भूगम/भवन िा आगधपत्य प्राप्त िर गनणश्चत
समयावगध मं पररयोजना कक्रयाणन्वत िरना होगी। इस हे तु सभी आवश्यि
प्रभावशील िदम उिा िर गनयमान्तगषत भवन गनमाषि िर यंत्र-संयंत्र िी स्थापना
िर गनमनानुसार समयावगध मं उद्योग मं उत्पादन प्रारं भ िरना होगा। समयावगध
िी गिना इिाई द्वारा आगधपत्य प्राप्त िरने िे कदनांि से होगी -
(अ) सूक्ष्म एवं लघु उद्योग िे मामले मं आगधपत्य कदनांि से दो वर्ष।
(ब) मध्यम उद्योग िे प्रिरिं मं आगधपत्य कदनांि से तीन वर्ं।
(स) वृहद उद्योग िे प्रिरिं मं आगधपत्य कदनांि से चार वर्ं।

14
(ii) अवविगसत भूगम िे प्रिरिं मं गनधाषररत अवगध मं प्रस्ताववत पररयोजना लागत
िा िम से िम 50 प्रगतशत स्थायी पूंजी गनवेश किये जाने िी दशा मं उद्योग
आयुक्त द्वारा गनःशुल्ि एि वर्ष िी समय सीमा मं वृवद्ध किया जावेगा तत्पश्चात ्
पुनः उद्योग आयुक्त द्वारा प्रीगमयम िा 10 प्रगतशत दं ड िी रागश अगधरोवपत िर
एि वर्ष िी समय सीमा अंगतम रूप से बढा सिेगा तत्पश्चात भी इिाई िे
उत्पादन मं न आने पर इिाई िा आवंटन स्वतः गनरस्त हो जावेगा।

(iii) वविगसत भूगम एवं भवन :- वविगसत भूगम एवं भवन िे प्रिरिं मं उत्पादन
प्रारं भ िरने हे तु गनधाषररत समय सीमा िे पश्चात आवंट प्रागधिार द्वारा इिाई
िे प्रस्ताववत पररयोजना िा 50 प्रगतशत स्थाई पूंजी गनवेश किये जाने िी शतष
पर एि वर्ष िी समय सीमा गनःशुल्ि बढा सिेगा तत्पश्चात पुनः अंगतम रूप से
एि वर्ष िी समय सीमा मं वृवद्ध प्रचगलत प्रब्याणज िा 10 प्रगतशत जमा िरािर
िर सिेगा।

(iv) प्रत्येि समयावगध वृवद्ध हे तु इिाई िो समाधानिारि िारिं सकहत आवेदन


संबंगधत अगधिार िो, पूवष प्रदत्त समयावगध िी समागप्त िे पूवष प्रस्तुत िरना
होगा।

(v) उपरोक्तानुसार समयावगध पश्चात भी उद्योग न स्थावपत होने पर भूगम, भवन/शेड


आवंटन आदे श एवं पटटाववलेख िे गनरस्तीिरि िी िायषवाह आवंटन प्रागधिार
द्वारा जार किया जावेगा। गनरस्तीिरि िा औपचाररि आदे श आवंटन प्रागधिार
द्वारा जार किया जाएगा।

(vi) आवंकटत भूगम िा पूिष उपयोग िरना :-

इिाई द्वारा उत्पादन प्रारं भ िरने िे कदनांि से पॉंच वर्ष िे अंदर गनयम 6
अनुसार आवंकटत भूगम पर गनधाषररत न्यूनतम गनमाषि िर भूगम िा उपयोग िरना
होगा अन्यथा मापदं ड िे अगतररक्त भूगम िो अनुपयोगी भूगम घोवर्त िर वापस
प्राप्त िरने िी िायषवाह आवंट /पटटादाता द्वारा िी जावेगी। अनुपयोगी भूगम िी
प्रीगमयम रागश इिाई िो वापस नह ं िी जाएगी, घोवर्त अनुपयोगी भूगम िो ररक्त
भूगम िे रूप मं घोवर्त किया जावेगा तत्पश्चात ् यह भूगम आवंटन िे गलए उपलब्ध
होगी, जो अन्य नवीन इिाई िो प्रचगलत दर पर आवंकटत िी जावेगी।

ऐसे मामलं मं जहां अगतशेर् भूगम िब्जा लेिर अन्य इिाई िो आवंकटत
िरना संभव नह ं है , वहां भूगम िे पूिष उपयोग किए जाने ति अनुपयोगी भूगम
पर प्रचगलत भू-भाटि िा 15 गुना भू-भाटि प्रगतवर्ष दे य होगा।

15
(vii) उपरोक्त िणण्डिा (i) एवं (ii) उन प्रिरिं मं लागू नह ं होगी जहां भूगम/भवन
आवंटन िे समय िोई समय-सीमा राज्य शासन द्वारा सुगनणश्चत/अनु
् बंगधत हो।
ऐसे प्रिरिं मं समय-सीमा बढ़ाने अथवा अन्य िायषवाह िे अगधिार राज्य
शासन िो हंगे।
(16) बंि/ववत्तीय संस्थाओं िे पक्ष मं पटटागधिार िा अगभहस्तांिन :-
(i) भारतीय ररजवष बंि से अनुज्ञा प्राप्त अनुसूगचत बंिं एवं िंपनी अगधगनयम, 1956
िी धारा 4 ए िे अंतगषत घोवर्त लोि ववत्त संस्थाओं अथवा राज्य ववत्त
अगधगनयम 1951 िे अंतगषत स्थावपत ववत्त गनगम एवं अन्य ववत्तीय संस्थान िे
पक्ष मं पटटाग्रह ता द्वारा उसे प्रदत्त पटटागधिारं िो अगभहस्तांिन िरने िी
अनुमगत होगी । इन अगभहस्तांिन मं भूगम या ववभाग/ववभाग द्वारा पूवष गनगमषत
भवन/शेड शागमल नह ं हंगे। प्रत्येि णस्थगत मं भूगम, भवन/शेड पर राज्य शासन
िे दागयत्व िा भार सवोपरर रहे गा ।
(ii) पटटाग्रह ता इिाई एवं ववत्तीय संस्था िे बीच गनष्पाकदत किसी अनुबंध िी शतं िे
तहत वसूली िी िोई भी िायषवाह िरने िे पूवष संबंगधत ववत्तीय संस्था िो िम से
िम तीन माह िा नोकटस प्रबंध संचालि/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग
िेन्र िो दे ना होगा ।
(iii) बंि/ववत्तीय संस्था/गनगम द्वारा अगधग्रकहत इिाई किसी अन्य िो हस्तांतररत
िरने पर भूगम/औद्योगगि भवन िे हस्तांतरि िी अनुमगत जार िर, पटटाववलेख
िा गनष्पादन तभी किया जावेगा जब बंि/ववत्तीय संस्था अथवा नवीन इिाई
शासन िे वाणिज्य, उद्योग और रोज़गार ववभाग िी मूल पटटे दार से प्राप्त होने
वाली लेनदार िा भुगतान िर दे तथा नये आवंट िे पक्ष मं पटटाववलेख
गनष्पाकदत िरायं ।
(17) अगतररक्त भूगम िा गनयगमगतिरि :-
(i) किसी औद्योगगि इिाई िो स्वीिृ त पटटाधीन भूखड
ं से लगी हुई ऐसी िोई भूगम,
(यकद उपलब्ध है ), जो उसे आवंकटत भू-खंड िे क्षेत्रफल से 10 प्रगतशत से अगधि
न हो एवं णजसमं िोई पृथि पहुंच मागष अथवा सावषजगनि उपयोग िा न हो तो
समबणन्धत भूगम िो गनयमं मं वणिषत दर पर प्रब्याणज लेिर इिाई िो आवंकटत
िर पटटाववलेख गनष्पाकदत किया जा सिेगा। यकद पटटे दार इिाई द्वारा ऐसी भूगम
वबना आवंटन िे अपने िब्जे मं रखी गयी हो तो उसिा गनयगमगतिरि आवेदन
कदनांि िो प्रचगलत प्रब्याणज िी 150 प्रगतशत िे मान से रागश जमा िरािर
किया जा सिेगा तथा णजतनी अवगध मं भूगम इिाई िे अगधपत्य मं पायी जाती
है , उस अवगध िा इिाई द्वारा ववभाग िो दे य होगा ।
(ii) अगतररक्त भूगम यकद 10 प्रगतशत से अगधि है , तो उसे पृथि भूखड
ं िी भांगत
नवीन आवंट िो आवंकटत किया जायेगा। यकद ऐसी भूगम मं िोई पहुंच मागष

16
अथवा सावषजगनि सुववधा नह ं है तो उसे उसिी सीमा से लगी इिाई िो, आवेदन
िरने पर आवंटन अगधिार से उच्च प्रागधिार द्वारा गनयगमत किया जा सिेगा।
यकद किसी इिाई द्वारा ऐसी भूगम वबना गनयगमगतिरि िे आगधपत्य मं पायी
जाती है , तो उस पर 17(i) िे समान अगतररक्त रागश गनयगमगतिरििताष अगधिार
द्वारा आरोवपत िी जायेगी ।

(18) हस्तांतरि एवं हस्तांतरि प्रकिया :-

(अ) हस्तांतरि/अंतरि से तात्पयष :-

1. किसी स्वागमणत्वि अथवा भागीदार इिाई मं इिाई िे नाम अथवा वैध


संगिन/गिन पररवतषन िे फलस्वरूप यकद मूल आबंकटयं िे अंश (शेयर)
51 प्रगतशत से िम हो जाये तो इसे इन गनयमं िे प्रयोजन हे तु
हस्तांतरि माना जायेगा।

यकद किसी भागीदार इिाई मं मूल अंशधाररयं मं से किन्ह


भागीदारं िे बाहर हो जाने िे फलस्वरूप यकद किसी मूल भागीदार िे अंश
50 प्रगतशत से अगधि हो जाते हं तो यह हस्तांतरि िी श्रेिी मं नह ं
आयेगा।

किसी भी तरह िे गिन पररवतषन मं रागश रूपये 10000/-


पटटाववलेख संशोधन शुल्ि िा भुगतान इिाई िो िरना होगा।

2. िंपनी अगधगनयम 1956 िे अंतगषत पंजीिृ त िंपगनयं मं िंपनी िे नाम


पररवतषन अथवा अंशधारिो मं पररवतषन िो इन गनयमं िे प्रयोजन हे तु
हस्तांतरि नह ं माना जावेगा बशते कि रणजस्ट्रार फ िंपनीज द्वारा
िंपनी िा पंजीयन क्रमांि पररवगतषत न किया गया हो। अथाषत ् जब ति
किसी पंजीिृ त िंपनी िा पंजीयन क्रमांि न पररवगतषत हो जाये, हस्तांतरि
नह ं माना जावेगा।

3. पूिष स्वागमत्व वाली सहायि िंपनी िा ववलय उसिी मूल संचालि िंपनी
(होणल्डं ग िंपनी) मं होने पर तथा मूल संचालि िंपनी िा ववलय पूिष
स्वागमत्व वाली सहायि िंपनी मं होने पर यकद इिाई िा सीआईएन
(िापोरे ट आईडं कटफीिेशन नंबर) नंबर पररवगतषत हो जाता है तो ऐसे
प्रिरि हस्तांतरि िी श्रेिी मं नह ं आएगं इन प्रिरिं िे अंतरि मं मात्र
दस हजार रूपये िा हस्तांतरि शुल्ि गलया जािर अनुमगत प्रदान िी जा
सिेगी।

4. स्वागमगति/भागीदार इिाई िे गिन पररवतषन िे मामले मं मूल पटटे दार


िे गनिटस्थ संबंगधयं पगत/पणि, माता/वपता, पुत्र/पुत्री, बहु/दामाद एवं
17
पोते/पोती िो औद्योगगि भूगम/भवन िे अतंरि िी अनुमगत मात्र रूपये
दस हजार रूपये िा हस्तांतरि शुल्ि लेिर आवंट प्रागधिार द्वारा प्रदान
िी जावेगी।

5. पूवष मं आवंकटत ऐसे भू-खंड णजनिे द्वारा वविास िी रागश िा भुगतान नह ं


किया गया है िे हस्तांतरि मं वास्तववि वविास िी रागश िा भुगतान
नवीन इिाई िो िरना होगा।

(ब) हस्तांतरि िी अनुमगत गनमन पररणस्थगतयं/शतं िे अधीन होगी :-

(i) आवंट इिाई िो भूगम आवंटन िे समय प्रस्तुत पररयोजना िी िम से


िम 25 प्रगतशत स्थाई पूंजी रागश िा गनवेश होने पर ह भूगम हस्तांतरि
िी पात्रता होगी।

(ii) वविगसत औद्योगगि क्षेत्रं मं स्थावपत इिाईयं िे भूगम हस्तांतरि िे


प्रिरिं मं नवीन इिाई िो प्रचगलत प्रब्याजी िा दस प्रगतशत हस्तांतरि
शुल्ि िे रूप मं तथा पृथि से वावर्षि संधारि शुल्ि एवं भू-भाटि िी
रागश प्रचगलत दरं पर दे य होगी।

(iii) शासन िे वाणिज्य, उद्योग और रोज़गार ववभाग/मध्यप्रदे श औद्योगगि िेन्र


वविास गनगम/मध्यप्रदे श स्टे ट इण्डणस्ट्रयल डे वलपमेन्ट िापोरे शन िी मूल
आवंट /पटटे दार से प्राप्त होने वाली समस्त लेनदाररयॉं मूल पटटे दार अथवा
नए आवंट द्वारा हस्तांतरि पूवष एिमुश्त चुिानी होगी। बंि/ववत्तीय संस्था
द्वारा अगधग्रकहत इिाई किसी अन्य पटटे दार िो हस्तांतररत िरने पर
हस्तांतरि तभी प्रभावशील होगा, जब बंि/ववत्तीय संस्था अथवा नवीन
इिाई वाणिज्य, उद्योग और रोजगार ववभाग िी मूल पटटे दार से प्राप्त होने
वाली लेनदार िा भुगतान िर दे तथा नये आवंट िे पक्ष मं पटटाववलेख
गनष्पाकदत िरावं।

(स) हस्तांतरि हे तु प्रकक्रया :-

(i) यकद मूल पटटे दार गनगमषत फैक्ट्र भवन, स्थावपत मशीनर िा ववक्रय िरता
है , तो ऐसी ववक्रय हो रह पररसमपवत्तयं िा पूिष वववरि अंकित िरते हुए
एि ववक्रय अनुबंध क्रेता एवं ववक्रेता िे मध्य गनष्पाकदत किया जावेगा एवं
इसिे साथ हस्तांतरििताष हस्तांतरिाधीन भूगम/शेड िे हस्तांतरि िी
अनुमगत हे तु आवंटनिताष अगधिार िो आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। जहॉं
अगग्रम अनुमगत हे तु आवेदन प्रस्तुत नह ं किया जा सिा है , वहॉं भूगम/शेड

18
िे ववक्रय िी गतगथ से अगधितम तीन माह िे अंदर आवेदन िरना
आवश्यि है ।

आवेदन िे साथ ववभाग िी दे यताओं िा भुगतान िरने िे साथ ह


बंि, ववत्तीय संस्था, अन्य शासिीय ववभाग आकद िी दे नदार िे बारे मं
नोटर िृ त शपथ-पत्र प्रस्तुत िर स्पष्ट घोर्िा िरनी होगी, कि ''ऐसी
दे नदाररयं िा दागयत्व हस्तांतरिग्रकहता/हस्तांतरििताष मं से किस िो
होगा।''

(ii) अन्तररती स्थावपत िी जाने वाली इिाई िी पररयोजना, उद्यम


अगभस्वीिृ गत-पत्र (इन्टरवप्रन्योर मेमोरे ण्डम) सकहत भू-आवंटन िा गनधाषररत
प्रारूप भी अपने आवेदन-पत्र िे साथ संलग्न िर प्रस्तुत िरे गा तथा
आवंटनिताष/ हस्तांतरििताष प्रागधिार द्वारा पटटे पर द जा रह भूगम िी
मात्रा िा गनधाषरि ववभागीय गनयमं िे अंतगषत किया जावेगा। यह स्पष्ट
किया जाता है कि ववभाग िी दे यताओं िे भुगतान िे वबना हस्तातंरि िी
अनुमगत नह ं होगी।

(iii) आवंटन प्रागधिार भूगम आवंटन हे तु गनधाषररत आवेदन शुल्ि िी रागश


जमा िरािर एि माह िी समयावगध मं दे य रागशयं िे भुगतान हे तु मांग
पत्र जार िरे गा। दे य रागशयं िो जमािर हस्तांतरिग्रकहता संशोगधत
लीजड ड आवंटन अगधिार िे समक्ष गनष्पादन हे तु प्रस्तुत िरे गा। आवंटन
अगधिार 7 कदवस िे अंदर लीजड ड गनष्पाकदत िर इिाई िे प्रागधिृ त
व्यवक्त िो लीजड ड िे पंजीयन हे तु संपी जावेगी इिाई लीजड ड िी
मूलप्रगत पंजीयन िे उपरांत अपने पास रख सिेगा।

(iv) गनरस्त भूखण्डं िे प्रिरिं मं लीज ड ड बहाल िरते हुए हस्तांतरि िी


अनुमगत अपीलीय अगधिार द्वारा द जाएगी।

(19) अनुपयोगी भूगम िा हस्तांतरि :-

िायषरत इिाई िो आवंकटत भूगम िा अगधितम 50 प्रगतशत तथा न्यूनतम


500 वगषमीटर अनुपयोगी भूगम, पृथि पहुंच मागष उपलब्ध होने िी शतष पर, िे
हस्तांतरि िी अनुमगत 100 प्रगतशत प्रब्याजी िी रागश जमा िरने पर द जा सिेगी।
आवंटन प्रागधिार गनयम 6 िा पालन िरते हुए अनुपयोगी भूगम िी पात्रता िा गनधाषरि
िर अनुपयोगी भूगम घोवर्त िरे गा। यह स्पष्ट किया जाता है कि इस गनयम िे तहत
घोवर्त अनुपयोगी भूगम िे आवंटन िे समय पृथि से प्रब्याणज दे य होगा, जो कि मूल
आवंटन िे समय प्राप्त प्रब्याणज िे अगतररक्त है । इस हस्तांतरि िे पूवष िी अन्य दे यताएं
जैसे भू-भाटि, संधारि शुल्ि आकद िा भुगतान हस्तांतरिग्रकहता िे द्वारा िी जावेगी।

19
(20) भू-खंड िा ववभाजन :-

मूल पटटा गनष्पादन िे उपरांत उत्तरागधिाररयं/वाररसं/भागीदारं िे मध्य भूगम िा


ववभाजन रूपये दस हजार िी अनुमगत शुल्ि जमा िरने पर आवंटन प्रागधिार िी
अनुमगत से किया जा सिेगा शतष यह होगी कि ववभाजन उपरांत बनेभू-खंडो िा क्षेत्रफल
न्यूनतम 500 वगषमीटर से िम न हो।

(21) भूखड
ं ो िे गशिमी/उप-पटटा िी अनुमगत :-

गशिमी/उपपटटा (सबलीज) िी अनुमगत - अवविगसत भूगम पर उद्योग आयुक्त एवं


वविगसत भूगम पर प्रबंध संचालि एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र
द्वारा सभी प्रिार िी इिाईयं िो गुि- दोर् िे आधार पर सबलीज िी अनुमगत जार िर
सिंगे।
उद्योग णजनमं वेन्डर इिाईयं िी स्थापना आवश्यि होती है , िे पररसर मं स्थावपत होने
वाले नवीन वेन्डर यूगनटस ् णजनिे द्वारा अपने ववक्रय िा न्यूनतम 75 प्रगतशत मदर
यूगनट िो ववक्रय/प्रदाय किया जाता है /सेवाएं प्रदान िी जाती है िो मदर यूगनट द्वारा
उन्हं आबंकटत भूगम एवं शेड उपपटटे /सब लीज पर दे ने िी पात्रता होगी।

इस हे तु मूल पटटे दार, पटटादाता एवं उपपटटे दार/ किराएदार िे मध्य वत्रपक्षीय अनुबंध
गनष्पाकदत होगा। उप पटटे िी सामान्य शते एवं वत्रपक्षीय अनुबंध िा प्रारूप क्रय अनुबंध
प्रारूप "पररगशष्ट-इ " पर है ।

(22) लीज िा नवीनीिरि :- गनयगमत उत्पादनरत औद्योगगि इिाईयं िो आवंकटत भूगम िी


लीज अवगध िी समय सीमा समाप्त होने िे पश्चात वविगसत भूगम िे प्रिरिं मं
तत्समय प्रचगलत प्रीगमयम रागश िा दो प्रगतशत िी रागश जमा िरािर तथा अवविगसत
भूगम िे प्रिरिं मं तत्समय अगसंगचत भूगम हे तु गनधाषररत िलेक्टर गाईड लाईन िी रागश
िा एि प्रगतशत िी रागश जमा िरािर लीज अवगध िा नवीनीिरि आवंट अगधिार
द्वारा किया जा सिेगा। प्रत्येि नवीनीिरि पश्चात प्रभावशील लीज रं ट िा दस गुना लीज
रं ट इिाई िो भुगतान िरना होगा। अथाषत गनष्पाकदत लीज ड ड िे अनुसार यकद इिाई
सौ रूपये प्रगतवर्ष लीज रं ट जमा िर रह है तो तीस वर्ष पश्चात नवीनीिरि पर इिाई
िो एि हजार रूपये प्रगतवर्ष लीज रं ट जमा िरना होगा।

20
(23) आवंकटत शेडं िा भाड़ाक्रय पद्धगत िे अंतगषत ववक्रय :-

मध्यप्रदे श िे औद्योगगि क्षेत्रं मं/अन्यत्र, शासन/गनगमं द्वारा गनगमषत भवनं/शेड़ं िे


किराए पर आवंटन एवं एिमुश्त रागश प्राप्त िर ववक्रय िरने हे तु मध्यप्रदे श शासन
वाणिज्य उद्योग और रोजगार ववभाग पूवष गनयम प्रचगलत रहे गं गनयम "पररगशष्ट- एफ" पर
संलग्न।

(24) पटटे िी भूगम िा समपषि एवं प्रब्याणज िी वापसी :-

(अ) समपषि :- पटटाग्रह ता पटटे पर द गई भूगम िा आंगशि या संपूिष समपषि,


पटटादाता िो तीन िैलेण्डर माह िी सूचना मं अपने इस अगभप्राय िो गलणखत
रूप मं दे िर, िर सिता है । पटटादाता पटटाग्रकहता द्वारा पटटे िी भूगम िा पूिष
उपयोग न िरने िी णस्थगत मं अगतशेर् भूगम गनरस्त िर सिंगं। पटटादाता िो
गनरस्त/समवपषत भूगम/पररसर मं पुनप्रषवेश िा अगधिार होगा। ऐसे पुनप्रषवेश पर,
गनमन ढं ग से पटटादाता पटटाग्रकहता िो प्रब्याणज िा प्रत्यपषि िर सिता है ,
णजसिा पटटाग्रकहता िो भूगम आवंकटत िरने/पटटे पर कदए जाते समय
पटटाग्रह ता ने भुगतान किया था -

1. 90 प्रगतशत, यकद आवंकटत/पटटे पर द गई भूगम िा समपषि आगधपत्य


प्राप्त िरने िे कदनांि से, लघु उद्योग िे प्रिरि मं, दो वर्ष िे भीतर और
वृहद एवं मध्यम उद्योग िे प्रिरि मं तीन वर्ष िे भीतर होता है ।

2. 80 प्रगतशत, यकद आवंकटत/पटटे पर द गई भूगम िा समपषि लघु उद्योग


िे प्रिरि मं दो वर्ष िे बाद किन्तु तीन वर्ष िे भीतर और वृहद एवं
मध्यम उद्योग िे प्रिरि मं, तीन वर्ष िे बाद किन्तु चार वर्ष िे भीतर
होता है ।

3. 70 प्रगतशत, यकद आवंकटत/पटटे पर द गई भूगम िा समपषि लघु उद्योग


िे प्रिरि मं तीन वर्ष िे बाद किन्तु चार वर्ष िे भीतर और वृहद एवं
मध्यम उद्योग िे प्रिरि मं चार वर्ष िे बाद किन्तु पांच वर्ष िे भीतर
होता है ।

4. 50 प्रगतशत, यकद आवंकटत/पटटे पर द गई भूगम िा समपषि लघु उद्योग


िे प्रिरि मं चार वर्ष िी समयावगध िे उपरांत परन्तु छः वर्ष िे पूवष
तथा वृहद अथवा मध्यम उद्योग िे प्रिरि मं पांच वर्ष िे उपरांत परन्तु
सात वर्ष िे पूवष होता है ।

आवंटन गनरस्तीिरि /पटटाववलेख गनरस्तीिरि िी दशा मं,


गनरस्तीिरि कदनांि से 3 माह िी समयावगध मं आवंकटत भूगम/भवन िा
आगधपत्य संपने पर उपरोक्त प्रावधान (1) से (4) िे अनुसार रागश वापसी
21
िी जायेगी। आगधपत्य न संपने पर िोई रागश वापसी योग्य नह ं होगी।
अपील प्रिरिं मं यह अवगध अपीलीय अगधिार द्वारा जार आदे श कदनांि
से 3 माह ति मान्य होगी। उपरोक्त समयावगध मं पटटाग्राकहता लीज पर
आवंकटत भूगम पर गनगमषत भवन एवं स्थावपत मशीनर आकद िो ववक्रय
िर यकद पटटाग्राकहता इसी अवगध मं भूगम हस्तांतरि हे तु आवेदन सक्षम
प्रागधिार िे समक्ष प्रस्तुत िर सिेगा। सक्षम प्रागधिार िे द्वारा गुि-दोर्
िे आधार पर हस्तांतारि िी अनुमगत प्रदान किया जावेगा।

22
भाग - दो

आवासीय, व्यवसागयि एवं वेयर हाऊगसंग प्रयोजन हे तु भूगम िा आवंटन


(25) भूगम आवंटन िी अगधिाररता -

वविागसत औद्योगगि क्षेत्रं मं आवासीय, व्यवसागयि एवं वेयर हाऊगसंग प्रयोजन हे तु


भूगम िा आवंटन महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र एवं प्रबंध संचालि
औद्योगगि िेन्र वविास गनगमं िे द्वारा प्रदत्त अगधिाररता िे अनुसार किया जावेगा।
औद्योगगि िेन्र वविास गनगमं िे क्षेत्रान्तगषत आने वाले औद्योगगि वविास िेन्रं मं भू-
आवंटन िी अगधिाररता िी सीमा िा गनधाषरि गनगम िे गनधाषररत संचालि मंडल द्वारा
किया जाएगा तथा णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िे अधीनस्थ औद्योगगि क्षेत्रं मं भूगम
िे आवंटन िी सीमा िी अगधिाररता गनमनानुसार होगी।

अ महाप्रबंधि - 100 वगषमीटर ति

ब पररक्षेत्रीय उद्योग प्रागधिार - 100 वगषमीटर से 1000 वगषमीटर ति

स उद्योग आयुक्त - 1000 वगषमीटर से 10000 वगषमीटर ति

द राज्य शासन - 10000 वगषमीटर से अगधि

(26) भूगम आवंटन हे तु दरं -

इन प्रयोजन िे भूखड
ं ो िा आवंटन पारदगशषता अपनाते हुए खुली प्रकिया िे तहत किया
जावेगा। भूगम आवंटन हे तु प्रीगमयम िी न्यूनतम रागश (बेस प्राईस) उस औद्योगगि क्षेत्र
िे औद्योगगि प्रयोजन िे गलए भूगम आवंटन हे तु गनयम 9 िे अंतगषत गनधाषररत भूगम िे
मूल्य िा 50 प्रगतशत होगा। खुली गनववदा िे पश्चात न्यूनतम रागश एवं गनववदा रागश मं
जो भी रागश अगधितम होगी िे आधार पर आवंटन किया जावेगा। खुली गनववदा िे
द्वारा भूगम आवंटन हे तु गनधाषररत प्रीगमयम िी न्यूनतम रागश (बेस प्राईस) िा 2 प्रगतशत
वावर्षि भू-भाटि (लीज रं ट) होगा।

आवंट इिाईयं िी दे यताओं िे संदभष मं ववलंब अवगध हे तु 10 प्रगतशत प्रगतवर्ष िी दर


से साधारि ब्याज रागश दे य होगी।

(27) आवंटन िी प्रकिया -

वविगसत एवं वविगसत किए जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं/वविास िेन्रं मं आवासीय,
व्यवसागयि एवं वेयर हाऊगसंग प्रयोजन हे तु गचणन्हत भूखड
ं ो िा आवंटन खुली गनववदा
प्रकिया िे तहत (ई-टे ण्डररं ग) िी जावेगी। सक्षम प्रागधिार द्वारा पूवष से ह सारिी तय
िर गनधाषररत समय-सीमा तय िर ई-टे ण्डररं ग िी ववज्ञगप्त दो प्रमुख समाचार पत्रं मं
प्रिागशत िी जावेगी। ई-टे ण्डररं ग िी प्रकिया पृथि से जार िी जावेगी।
23
नीलामी प्रकिया ( ई-टे ण्डररं ग ) मं सफल क्रेता िे पक्ष मं भूखड
ं िे आश्य पत्र, आवंटन
आदे श, लीज ड ड गनष्पादन, लीज ड ड िा पंजीयन एवं अगधपत्य िी प्रकिया भाग - 1
िे गनयम 13 िे अनुसार तथा बंि/ववत्तीय संस्थाओं िे पक्ष मं पट्टागधिार िे
अगभहस्तांिन िी अनुमगत भाग-1 गनयम 16 िे अनुसार, भूखण्डं िे उक्ट पटंटं िी
अनुमगत भाग-1 गनयम 21 िे अनुसार तथा भू-खण्ड िे ववभाजन िी अनुमगत भाग-1
गनयम 20 िे अनुसार होगी।

(28) पटटे िी अवगध -

पटटे िी अवगध भूगम िे गलए अगधितम 30 वर्ष होगी।

(29) पररयोजना िा कक्रयान्वयन -

आवासीय, व्यवसागयि एवं वेयर हाऊगसंग प्रयोजन हे तु आवंकटत प्रिरिं मं आगधपत्य


कदनांि से चार वर्ष िी समयावगध मं भू-खण्ड िे अनुमगत ग्राउण्ड िवरे ज िा िम से
िम 50 प्रगतशत ग्राउण्ड िवरे ज िरना होगा । गनधाषररत समय-सीमा िे पश्चात आवंट
प्रागधिार द्वारा एि वर्ष िी वृवद्ध गनशुल्ि िी जा सिेगी । उपरोक्त िे अगतररक्त एि वर्ष
िी वृवद्ध प्रचगलत प्रब्याणज िा 10 प्रगतशत जमा िरािर िी जा सिेगी । प्रत्येि
समयावृवद्ध हे तु इिाई िो समाधानिारि िारिं सकहत आवेदन सक्षम अगधिार िो
प्रस्तुत िरना होगा ।

पट्टाग्रकहता द्वारा भूगम िा पूिष उपयोग न िरने िी णस्थगत मं पट्टादाता िो पट्टा


गनरस्त िरने िा अगधिार होगा तथा ऐसी भूगम पर पट्टादाता पुन: प्रवेश िर सिेगा ।

(30) हस्तांतरि -

आवासीय, व्यवसागयि एवं वेयर हाऊगसंग हे तु आवंकटत भूखड


ं ो िे हस्तांतरि िी
अनुमगत दस हजार रूपये हस्तांतरि शुल्ि पर सक्षम अगधिार द्वारा प्रदान िी जा
सिेगी।

(31) लीज िा नवीनीिरि -

इस प्रयोजन हे तु आवंकटत भूगम िी लीज अवगध िी समय सीमा समाप्त होने िे पश्चात
तत्समय िलेक्टर गाईड लाईन िी रागश िा 1 प्रगतशत िी रागश जमा िरा िर लीज
अवगध िा नवीनीिरि आवंट अगधिार द्वारा किया जा सिेगा। नवीनीिरि पश्चात
प्रभावशील लीज रं ट िा दस गुना लीज रं ट आवंट िो भुगतान िरना होगा।

24
भाग - तीन

उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन

(32) भूगम आवंटन िी अगधिाररता -

वविगसत एवं वविगसत किये जाने वाले औद्योगगि क्षेत्रं मं उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु
गचणन्हत भूगम मं गनमन उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु रागश रूपये एि प्रब्याजी पर
राज्य शासन िी अनुमगत से आवंकटत िी जाएगी ।

(33) गनमन उपयोग उदयोग अनुर्ांगगि श्रेिी िे उपयोग अंतगषत मान्य हंगे -

उद्योग संघ िायाषलय/ संघ सामुदागयि भवन

िेन्र व राज्य शासन िे ववभाग या संस्था जो औद्योगगि गगतववगध से संबंगधत हो


िेन्र/राज्य शासन द्वारा औद्योगगि वविास /रोजगारोन्मुखी प्रगशक्षि िे गलए
प्रायोणजत संस्था।
ववद्युत उप िेन्र

पुगलस थाना/चौिी

जल शोधन संयंत्र

संयुक्त प्रदर्
ू ि गनयंत्रि संयंत्र

फायर विगेड

सावषजगनि प्याऊ

सावषजगनि शौचालय

शासन िे लोिकहत योजनाओं िी अधोसंरचनाओं हे तु

(34) भूगम आवंटन हे तु दरं -

उद्योग अनुर्ांगगि प्रयोजन हे तु गचणन्हत उक्त प्रयोजनं हे तु भूगम आवंटन रूपये एि िी


प्रब्याजी पर किया जावेगा।

(35) आवंटन िी प्रकिया -

उक्त गचणन्हत प्रयोजनं हे तु आवेदन प्राप्त होने पर सक्षम अगधिार द्वारा आवश्यिता िा
पर क्षि िर भूगम आवंटन िी िायषवाह िी जावेगी।

25
(36) पटटे िी अवगध -

पटटे िी अवगध भूगम िे गलए अगधितम 30 वर्ष होगी।

(37) पररयोजना िा कक्रयान्वयन -

अगधपत्य कदनांि से 2 वर्ष िी अवगध मं पररयोजना िो पूिष िरना होगा।

(38) हस्तांतरि -

इन प्रयोजन हे तु आवंकटत भूखड


ं ं िा हस्तांतरि नह किया जावेगा।

(39) लीज िा नवीनीिरि -

भूगम िी लीज अवगध समाप्त होने िे उपरांत गगतववगध संचागलत होने िी दशा मं
गन:शुल्ि लीज िा नवीनीिरि किया जावेगा।

26
भाग - चार

(40) पट्टे िा गनरस्तीिरि :-

पटटादाता द्वारा पटटाग्रकहता/उसिे अंतररती/उसिे अगभहस्तांकिती िो


प्रदत्त पटटागधिारं/पटटाववलेख िा गनरस्तीिरि पटटाववलेख िी किसी भी
शतष िा उल्लंघन िरने पर किया जा सिेगा।

पटटाववलेख िी शतं िा उल्लंघन पटटाग्रकहता/उसिे अंतररती अथवा


अगभहस्तांकिती द्वारा िरने िी णस्थगत मं पटटादाता द्वारा पंजीिृ त डाि से
अगभस्वीिृ गत /पावती सकहत सूचना-पत्र जार िर पटटाग्रह ता िो गनदे गशत
किया जावेगा कि, वह किए गए उल्लंघन िो समाप्त/गनरािरि सूचना-पत्र
जार होने िे कदनांि से 60 कदवस िी समयावगध मं िरं अन्यथा आवंटन
प्रागधिार /पटटादाता द्वारा पटटे िा गनरस्तीिरि किया जा सिेगा। यह
गनयम पटटाग्रकहता िे ववरुद्ध प्रागधिार या सुधार लागू िरने िी राज्य
शासन िी शवक्तयं िो सीगमत नह ं िर सिेगा। आवंटन प्रागधिार / पटटा
दाता िे द्वारा प्रथम नोकटस जार िरने िी कदनांि से एि वर्ष िे अंदर
प्रिरि िा गनरािरि किया जावेगा। प्रिरि िे अंगतम आदे श एि
Speaking order िे रूप मं जार होगं।

उपरोक्त प्रकक्रया अनुसार जार किये जाने वाले सूचना-पत्र/ गनरस्तीिरि


आदे श अथवा अन्य आवश्यि पत्राचार आवंट द्वारा आवंटन प्राप्त िरते
समय प्रस्तुत आवेदनपत्र मं उल्लेणखत पतं पर पंजीिृ त डाि (पावती
सकहत) द्वारा भेजा जायेगा। यकद आवंट द्वारा गलणखत मं पता पररवतषन इस
िायषवाह िे पूवष सूगचत किया गया है तो पररवगतषत पता उपरोक्त िायषवाह
हे तु मान्य किया जा सिेगा। सूचना-पत्र एवं गनरस्तीिरि आदे शं िी प्रगत
पटटे दार िी ज्ञात ववत्तीय संस्थाओं िो भी पृष्ठांकित िी जावेगी तथा
सूचना-पत्र एवं गनरस्तीिरि आदे श िी एि प्रगत आवंकटत पररसर पर भी
चस्पा िी जायेगी णजसे इिाई िो सूचना प्राप्त होना माना जायेगा।
गनरस्तीिरि आदे श मं अपील प्रावधान, अपीलीय अगधिार िा पदनाम
एवं िायाषलय िा पता, अपील शुल्ि, अपील शुल्ि किसे दे य होगा तथा
अपील हे तु गनधाषररत अवगध िा उल्लेख किया जायेगा तथा यह सूगचत
किया जायेगा कि अपील िी प्रगत गनरस्तीिताष अगधिार िो भी प्रस्तुत िी
जाए।

27
(41) अपील एवं पुनववषलोिन :-

(i) इन गनयमं िे अंतगषत आवंटन अगधिार द्वारा पाररत/जार मूल आदे श से असंतुष्ट
पटटे दार/पक्षिार द्वारा ऐसा आदे श पाररत होने से 30 कदवस िी अवगध मं िंकडिा
41(ii) मं वणिषत क्षेत्रागधिार अनुसार सक्षम प्रागधिार िे समक्ष अपील गनमन
अपील शुल्ि सकहत प्रस्तुत िी जा सिेगीः-
 लघु उद्योगं हे तु रू. 2,000/-
 मध्यम उद्योगं हे तु रू. 5,000/-
 वृहद उद्योगं हे तु रू. 10,000/-

अपील शुल्ि अपीलीय अगधिार िो दे य होगा, जो वापसी योग्य नह ं होगा।

(ii) अपील िे संबंध मं क्षेत्रागधिार गनमनानुसार होगा -


1. अवविगसत भूगम िे प्रिरिं मं उद्योग आयुक्त द्वारा पाररत गनरस्तीिरि मूल
आदे श िे ववरूद्ध प्रथम अपीलीय अगधिार प्रमुख सगचव मध्यप्रदे श शासन
वाणिज्य एवं उद्योग ववभाग िे समक्ष अपील प्रस्तुत िी जावेगी तथा प्रमुख
सगचव मध्यप्रदे श शासन वाणिज्य एवं उद्योग ववभाग िे आदे श िे ववरूद्ध
पुनर क्षि हे तु माननीय मंत्री, मध्यप्रदे श शासन, वाणिज्य एवं उद्योग ववभाग
िे समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जा सिेगा।

2. वविगसत भूगम/शेड िे प्रिरिं मं औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िे द्वारा


पाररत गनरस्तीिरि आदे श िे ववरूद्ध प्रबंध संचालि,ट्राईफेि, प्रथम अपीलीय
अगधिार होगा प्रथम अपीलीय अगधिार िे पाररत गनिषय िे ववरूद्ध समीक्षा
िी अगधिाररता अध्यक्ष ट्राईफेि िो होगी। महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं
उद्योग िेन्र द्वारा पाररत गनरस्तीिरि आदे श िे ववरूद्ध पररक्षेत्र िे संयुक्त
संचालि उद्योग प्रथम अपीलीय अगधिार होगा तथा प्रथम अपीलीय अगधिार
िे पाररत गनिषय िे ववरूद्ध पुनर क्षि िी अगधिाररता उद्योग आयुक्त िो होगी।
(iii) अपील/ पुनर क्षि गनरािरि िी प्रकिया -
अपीलीय अगधिार द्वारा अपील प्राप्त होने िे 15 कदवस िे अंदर सुनवाई हे तु
गतथी गनयत िर अपीलिताष इिाई िो सूगचत किया जावेगा तथा 60 कदवस
िे अंदर अगधितम 3 सुनवाई िा अवसर दे िर अपील िा गनरािरि किया
जावेगा । अपील पुनर क्षि मं मूल आदे श िो यथावत रखा जा सिता है
अथवा गनरस्त किया जा सिता है अथवा मूल आदे श मं आंगशि संशोधन भी
किया जा सिता है ।
28
(42) पटटाववलेख िे गनरस्तीिरि पर भूगम, भवन/शेड िा िब्जा प्राप्त िरना :-

(i) यकद पटटे दार द्वारा आवंकटत भूगम/शेड मं अपनी िोई पररसंपवत्तयां गनगमषत नह ं िी
गयी हो तो पटटाववलेख गनरस्तीिरि उपरांत (लंवबत अपील/न्यायालय से स्थगन
आदे श प्राप्त मामलं िो छोड़िर) संबंगधत भूगम/भवन िा आगधपत्य आवंटन
प्रागधिार द्वारा प्राप्त िर गलया जायेगा।
आवंटन प्रागधिार या उनिे प्रगतगनगध आगधपत्य प्राप्त िरने िे पूवष गनरस्त पटटा
िे पटटाग्रह ता िो पटटाववलेख गनरस्तीिरि आदे श िा वववरि दे ते हुए, गनणश्चत ्
गतगथ व समय अंकित िर गनरस्त पटटा अंतगषत भूगम एवं शेड िा आगधपत्य
वापस संपने हे त,ु पंजीिृ त डाि से उद्योग िे िायषस्थल, िायाषलय तथा गनवास िे
ज्ञात पते पर, पत्र जार िरते हुए गनदे गशत किया जावेगा। गनणश्चत ् गतगथ व समय
पर गनरस्त पटटा िे पटटाग्रह ता िे उपणस्थत न होने पर पुनः पंजीिृ त पत्र से
एि गनणश्चत ् गतगथ व समय गनधाषररत िरते हुए आगधपत्य वापस संपने हे तु
गनदे गशत किया जावेगा, णजसमं यह भी उल्लेख हो कि गनरस्त पटटा िे
पटटाग्रह ता िे उपणस्थत न होने पर एितरफा आगधपत्य पंचनामा िे आधार पर
प्राप्त किया जावेगा। गनरस्त पटटा िे पटटाग्रह ता िे गनयत गतगथ एवं समय पर
उपणस्थत न होने पर आगधपत्य प्राप्तिताष द्वारा ररक्त भूगम िा आगधपत्य पंचनामा
तैयार िर वापस प्राप्त किया जा सिेगा तथा पंचनामा मं अन्य पंच/गवाहं िे पूिष
नाम, पद एवं पता अंकित िर हस्ताक्षर प्राप्त किए जावंगं। आगधपत्य प्राप्त िरने
िे उपरांत इसिी सूचना प्रभाववत पक्ष िो पंजीिृ त डाि से प्रेवर्त िी जावेगी।
अपील मं पटटा गनरस्तीिरि िा गनिषय यथावत ् गनरं तर रखा जाने िी णस्थगत मं
आवंटन प्रागधिार द्वारा उपरोक्त प्रकक्रया अनुसार तत्िाल अगनवायषतः आगधपत्य
प्राप्त किया जावेगा।
(ii) परन्तु पटटाववलेख गनरस्तीिरि िे 3 माह िे अन्दर पटटाग्रकहता लीज पर
आवंकटत भूगम पर गनगमषत भवन एवं स्थावपत मशीनर आकद िो ववक्रय िर भूगम
हस्तांतरि हे तु आवेदन सक्षम प्रागधिार िे समक्ष प्रस्तुत िर सिेगा। आवंटन
प्रागधिार िो गुि-दोर् िे आधार पर 3 माह िे अंदर हस्तांतरि संबंधी गनिषय
लेना अगनवायष होगा।
(iii) इिाई पर बिाया दे य ववभागीय रागशयं िी वसूली हे तु प्रबंध संचालि,
एिेव्ह एन/महाप्रबंधि, णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र मध्यप्रदे श भू-राजस्व
संकहता 1959 िे तहत भू-राजस्व िी वसूली प्रकियानुसार िर सिेगा।
(iv) किसी वववाद िी णस्थगत मं न्यायालयीन क्षेत्रागधिार मध्यप्रदे श उच्च न्यायालय
िा िायषक्षेत्र होगा ।

29
(43) स्पष्टीिरि एवं व्याख्या िे अगधिार :-

गनयमं मं अस्पष्टता, वववाद िी णस्थगत उत्पन्न होने िी दशा मं राज्य शासन


व्याख्या िे गलये अगधिृ त होगा तथा उनिा गनिषय अंगतम एवं बाध्यिार होगा।

इन गनयमं िे अन्तगषत आवश्यिता अनुसार ववववध प्रपत्र उद्योग आयुक्त द्वारा


राज्य शासन िी अनुमगत उपरांत जार किये जा सिंगे।

(44) राज्य शासन िे अगधिार :-

राज्य िे औद्योगगि क्षेत्रं मं किसी उद्योग अथवा उद्योगं िे वगो िो


आवंटन िरने/आवंटन पात्रता से वंगचत िरने, संशोधन िरने अथवा पररवतषन िे
अगधिार राज्य शासन सुरणक्षत रखता है ।

भूगम आवंटन गनयम िे वबन्द ु क्रमांि 01 से 43 ति मं जो भी तथ्यय


स्पष्ट नह ं है या उल्लेणखत नह ं है , िे संबंध मं समपूिष गनिषय िे अगधिार
राज्य शासन सुरणक्षत रखता है ।

(45) गनरसन :-

ये गनयम गनमनगलणखत गनयमं िो अगधक्रगमत िर उनिे स्थान पर प्रभावी हंगेः-

(i) मध्यप्रदे श उद्योग (शेड, प्लाट एवं भूगम) आवंटन गनयम, 2008 (यथा संशोगधत)।

(ii) औद्योगगि शेडं िो भाड़ा क्रय पद्धगत पर प्रदाय िरने िी योजना, से संबंगधत
मध्यप्रदे श शासन, वाणिज्य, उद्योग और रोजगार ववभाग िा आदे श क्रमांि
2517/3299/11/अ भोपाल, कद0 22.02.1972 (यथा संशोगधत) मं आवंकटत शेडं
िे गनयम िो छोड़िर।

******

30
पररगशष्ट - ए

अगत प्रदर्
ू ििार एवं खतरनाि श्रेिी िे उद्योग

1. अिाबषगनि रसायन उद्योग -


 खगनज अमल, क्षार गनमाषि उद्योग।
 अमल प्रगतकक्रया से गनगमषत खगनज लवि।
 िाबषनडाय सल्फाईड, अल्ट्रा मेररन ब्लू क्लोररन, हाइरोजन, अमोगनया गैस
एवं ब्लीगचंग पावडर गनमाषि।

2. िाबषगनि रसायन उद्योग -


 डाई व डाई स्टफ इं टरगमकडएट गनमाषि
 गसंथेकटि, प्लाणस्टि, जैसे- पोगलगथन, पी. व्ह . सी रे णजन, नॉयलान,
गसंथेकटि रबर, गसंथेकटि कडटरजंट।
 िीट नाशि, फफूंद नाशि एवं खरतपतवार नाशि।
 िोलतार कडस्ट लेशन प्रकक्रया से गनगमषत होने वाले उत्पाद।
 आगषगनि साल्वंटस, क्लोररनेटेड गमनरल्स गमथेनॉल, एल्ड हाईड, पायररकडन,
आयडोफामष, क्लोरोफामष, वबटा नेप्थाल एवं गमथेलेटेड णस्प्रट।
 िमप्रेस्ड एवं गलक्वीफाईड गैसेस।

3. पेट्रोगलयम उत्पाद -
 िच्चे तेल िी ररफायगनंग, प्रोसेगसंग एवं क्रेकिंग, पेट्रोगलयम जैली, पेट्रोगलयम
ईथर, नेफ्था क्रेकिंग।
 िाबषन ब्लेि व अन्य गनमाषि।
 पेट्रोगलयम िोि।
 लुवििेकटं ग एवं फ्यूल आईल्स।
 ईल्यूगमनेकटं ग आईल्स आकद।

4. धातु िमष उद्योग -


उद्योग णजनमं गसलटररं ग, स्मेलकटं ग, ब्लास्ट फनेस, ररिॉणस्टं ग फ ओर
सल्फाइड, क्साइड या गमश्रि जैसे िायष किये जाये।

5. रे कडयोएणक्टव तत्व गनमाषि।

6. पेपर, पेपर पल्प, बोडष गनमाषि, न्यूज वप्रंट गनमाषि।

31
7. अल्िोहल कडस्टलर ज।

8. शक्िर िारखाना।

9. जहर ले पदाथष जैसे - साइनाइडस, आसेगनि यौगगि, बेररयम यौगगि,

पायरोगेगलि एगसड।

10. इलेक्ट्रो थमषल इण्डस्ट्र ज जैसे- िेणल्शयम िाबाषइड, फास्फोरस, एल्युगमगनयम डस्ट,

पेस्ट, िॉपर णजंि एलाय आकद।

11. थमषल पावर इण्डस्ट्र ज ।

12. शासन द्वारा समय-समय पर घोवर्त अन्य प्रिार िे उद्योग ।

&&&

32
पररगशष्ट - बी

औद्योगगि क्षेत्रं मं आवंटन हे तु प्रगतबंगधत गगतववगधयं िी सूची

1. गौवंश मांस से संबंगधत िोई भी गगतववगध।

2. पशुवध ¼िसाईखाना½।

3. शहर अपगशष्ट/मृत पशु एवं अपगशष्ट एित्रीिरि एवं संग्रहि।

4. िबाकडयं द्वारा िॉच, पोगलथीन, प्लाणस्टि, पी. व्ह . सी., नॉयलान, रबर, लोहा,

लिड़ जैसी वस्तुओं िा संग्रहि एवं ग्रेकडं ग।

5. रे त संग्रहि एवं ग्रेकडग।

6. ईट भटटा एवं चूना भटटा।

7. खुली संड ब्लाणस्टं ग।

8. टो मोबाईल स्टॉि याडष ।

9. शहर एवं मृत पशु अपगशष्टं िा प्रसंस्िरि एवं उससे खाद बनाना आकद।

10. ववस्फोटि एवं फायर वक्सष गनमाषि व संग्रहि।

11. चारिोल गनमाषि।

12. स्टोन क्रेशर।

13. शासन द्वारा समय-समय पर घोवर्त अन्य गगतववगधयॉं।

33
पररगशष्ट – सी
Lease deed for Land Alloted in
Industrial Area/Growth Centre………………………….

This deed is made on ………… day of………………year…………


between the Governor of Madhya Pradesh, acting through General
manager district trade &industries centre / Managing Director, MP
Audyogik Kendra Vikas Nigam, …………(herein after called the
'Lessor'which expression shall, where the context so admits, include it’s
successor in office) of the one part &
M/s…………………………….(address)………………………..
District …………….. acting through Shri/Smt………………….

S/o/D/o Shri ………………. and having its registered office at


……………..(herein after called the 'Lessee'which expression shall,
where the context so admits, include its successors and permitted
assigns) of the other part.

Whereas upon the request of lessee, the lessor has agreed to


grant to the lessee, subject to the terms and conditions herein after
specified, a lease of the piece of land in the Industrial Area /Growth
centre at………… comprising of an area measuring……………..
Square Metres situated in the village/city …………. of Tehsil
………… of the ………….. District, more particularly described in the
schedule hereto annexed and for greater clarity delineated on the plan
hereto annexed and thereon shown with boundaries in red colour
(hereinafter referred to as 'the said land') for a term of THIRTY
YEARS commencing from the date……………. and ending on
……………. for the purpose of ………………. (details of the activity)
(herein after referred to as the said activity/business).

34
And whereas the lessee has agreed to take the lease on the said terms
and conditions.

Now, therefore, this deed witnesses and it is hereby agreed


and declared as follows:-

1. It is agreed upon that the referred land is allotted to the Lessee for
the operations of business referred herein, under the provisions of the
Madhya Pradesh Rajya Audyogik Bhumi Evam Audyogik Bhawan
Prabandhan Niyam 2014 issued by the Government of Madhya Pradesh
vide Commerce, Industries &Employment Department's order No.
dated as amended from time to time (herein after called as "Rules")

2. That all the terms and conditions as referred to in the said Rules
are applicable and binding on the Lessee.

3. In consideration of the premium, lease rent, development fee and


maintenance fee herein reserved and the covenants on the part of the
lessee herein contained, the lessor shall demise to the lessee and the
lessee shall accept a lease of the said land/building to hold the same for
the purpose of …………… for a period of THIRTY YEARS
commencing on the date of agreement on which the possession of said
land/premises is handed over to the lessee.

4. The Lessee having paid the following amount to the


Lessor for the said land :-

i Premium of Rs............... Rs........... (in


words)
ii Annual Lease rent Rs…………Rs.in Words
iii. Development Fee Rs..................Rs.................
( in words)
iv. Advance one year annual maintenance fee
(Rs_________________Per Sqm.) Rs.
___________________________
( in words)

35
5. Thereafter, during the term of the lease the lessee shall pay to the
lessor the annual maintenance fee of Industrial Area of Rs…….(Rupees
………………in words) only and such other sum as may be
determined in accordance with the said rules, in the month of April
each year in the office of the District trade &industries centre / MP
Audyogik Kendra Vikas Nigam or such place or places as the General
manager /Managing Director may direct from time to time.
6. The lessee hereby agrees to pay the maintenance fee at the rates
as may be fixed/revised from time to time by the lessor.
7. The lessee shall from time to time and at all times during the
term of the lease pay except as aforesaid, all taxes, rates, assessments
and other charges, which are or may, at any time hereafter during the
said term be assessed, charged or imposed upon the said land/premises,
whether on the lessor or on the lessee.
8. All sums, such as due amount of premium, lease rent,
development fee and maintenance fee or any other charges imposed by
the lessor may be recovered as arrears of land revenue, if the same is
not paid before the due date.
9. The lessee hereby agrees that he shall implement the project
for the said business and start the production/ commence the operation
within the stipulated period, as prescribed in the said rules failing
which action for cancellation of allotment for land/shed and termination
of Lease Deed shall be undertaken.
10. The lessee further agrees that he shall utlize the land as per
norms and within the prescribed period from the date of allotment of
land, failing which action would be intitiated for cancellation of
allotment and termination of Lease Deed.
11. On the expiroy of the lease period. The lessee shall pay 2%
of the then previling premium amount in case of developed land and in
case of undeveloped land, lessee shall pay 1% of the then previling
unirrigated agriculture land Collector guide line rate for the renewal of
the lease, at the time of renewal, the lease rent will be increasel ten time
of the existing lease rent.

36
12. The lessee shall be entitled to surrender the land and obtain
refund of premium as per the provisions of the Rules. In case,
building/other assets have been constructed on the said land, the lessee
shall have the right to remove sell the assets at his/their own cost. In
the event of sale of such assets, the purchaser shall have to execute a
fresh lease deed after the payment of full premium and other
charges/dues as per the Rules.

13. The lessee shall not undertake any construction activity without
obtaining necessary approval of maps by the competent authority.

14. The Lessee shall use the said premises, land and building
structures and works erected or constructed thereon only for the
purpose of the business stated herein above.

15. The lessee shall keep the said premises, land and building
erected thereon secure and in good condition through maintenance and
upkeep at his own cost. The lessee shall also develop his own parking
arrangements on the land/building allotted and shall not do the parking
on the road.

16. The development and maintenance works in the Industrial Area


will be done by the lessor according to its plan which will be completed
as early as possible, depending on availability of funds.

17 The lessee shall not sublet, assign or otherwise transfer the said
premises/land or any part thereof or any building constructed thereon
for any purpose whatsoever, except as provided in the said Rules.

18. On the basis of change in the constitution of ownership of the


unit, the Lessee may with the prior permission of the lessor in writing
and by paying the required fee/charges, tranfer the lease as per the
provisions of the said Rules.

37
19. The lessee shall not carry on any illegal trade or business on the
said land/premises.

20. For closure/transfer of the business, Lessee shall inform the


Lessor at the earliest. In the case of BIFR or declared sick units or court
cases, allotting authority will take decision as per the directions.

21. If the rent hereby reserved or any part thereof shall at any time
be in arrears and unpaid for one year, next after the date whereon the
same shall have become due, whether the same shall have been
lawfully demanded or not or the lessee becomes insolvent and /or goes
into liquidation voluntarily or otherwise or it there be any attachment
on the said premises or there is a breach or non observance by the
lessee of any of the conditions and covenants therein contained and
the lessee fails to remedy the breach within sixty days of the notice in
writing given by the lessor or becomes insolvent or enters into an
agreement with his creditors for composition of the industry, this lease
will be deemed to have been terminated and the lessor may, not
withstanding the waiver of any previous dues, take recourse to right of
re-entry without prejudice to any right or remedy of the lessor for
recovery of rent remaining due under the lease upon the said
land/premises and reposes the same, as if this demise had not been
made.

22. On the expiry of the lease period or termination of the lease due
to breach of the conditions of the lease deed, the lessor shall have the
right of re-entry over the land/premises.

23. On termination/surrender of the lease, the lessee shall be given


an opportunity to transfer or otherwise dispose of the building, plant
and machinery and any other construction on the said premises within
the period of threemonths. After the said three months'period, the
lessor shall take permission of the land as per Rules.

38
24. Lessee may surrender the leased area in part or whole, by
giving to the lessor three calendar months'notice in writing of his
intention to do so. The lessor shall have the right of re-entry over the
surrendered land/premises. On such re-entry , the lessor may refund to
the lessee part of the premium paid by the lessee at the time the land
was allotted/leased out to the lessee in the following manner:-
(i) 90%, if surrender of allotted/leased land occurs
within two year from date of taking over its possession
in case of Micro/Small Scale Industrial Unit and three
years in case of Large and Medium Industrial unit.
(ii) 80%, if surrender of allotted/leased out land
occurs after two years but within three years, in case of
Micro/Small Scale Industrial Unit and after three years,
but within four years in case of Large and Medium
Industrial Unit.
(iii) 70%, if the surrender of the allotted/leased out
land occurs after three years but within four years in
case of Micro/Small Scale Industrial Unit and after four
years but within five years in case of Large and Medium
Industrial Unit.
(iv) 50%, if the surrender of the allotted/leased out
land occurs after four years but within six years in case
of Micro/Small Scale Industrial Unit and after five
years but within seven years incase of large and Medium
Industrial unit.
Explanation:- For the purpose of this clause, the period of possession
of land with the lessee will be reckoned from the date of the lessee
taking possession to handing over possession to the lessor, where
possession of land has not been taken, period between date of execution
of lease deed and date of surrender of land shall be considered for
calculation of refund of premium.
25. All costs and expenses incurred or which may be incurred
for preparation, execution and registration of this lease shall be borne

39
and paid by the lessee.
26. The lessee shall, after registration and execution, deposit a
copy of lease deed, duly certified by the registering authority, with the
lessor and may retain original copy with him.

27. On the request of bank/financial institution and the lessee,


permission in favour of the concerned bank/financial institution, as
referred to in the rules, will be granted as per prescribed format, by the
lessor regarding assignment of lease hold rights. In all circumstances,
the charge of the Department of Commerce, Industry and Employment
on land/shed shall be over and above any subsequent charges to be
created.
28. Consequent infringement / breach of any of clauses of the
lease deed by lessee the alloting authority will serve a notice to lessee
for compliance of clause of lease deed (i.e. rectification of breach)
withing 60 days and in case of non compliance of this notice, the
lease deed may be / deemed terminated.

29. The lessee, if aggrieved by an order of allotting authority,


may prefer an appeal to the designated authority with appropriate fee
within a period of 30 days as per the provisions of the said rules.

30. The allotting authority to which the powers of allotment


have been delegated will also be competent to terminate the lease deed
on behalf of the lessor.
31. This lease deed will be subject to the provision contained
in the Madhya Pradesh Rajya Audyogik Bhumi Evam Audyogik
Bhawan Prabandhan Niyam, 2014 as amended from time to time. For
amendments subsequent to the execution of this lease deed the lessee
shall be bound to amend the lease deed incorporation / such
amendment on his own cost.

32. The lessee shall comply with all Acts, Rules and Regulations
of State Government./Central Government/Local Bodies/any other
competent authority, in force from time to time for the operation of

40
business.

33. The lessor shall not be liable to compensate any loss on


account of any accident occurred or damage caused to other persons
due to the operations being carried out by the lessee in the allotted
premises.

34. The lessee, being a proprietorship entity intending to avail the


option available in the said rules, hereby nominates Shri/Smt/Ku-------
--------- S/o / D/o…………. resident of …………as its sole successor
of the said business. In the event of death of the lessee, such
nominated person shall be accepted by the lessor, as lessee
automatically for the remaining period of lease.

35. The partners in the lessee unit intending to avail the option
available in the said rules, hereby nominate the following persons,
their sole successors respectively, in the said partnership entity owing
the said business-

Name of the partner Nominee Father's name Resident of


In the event of death of a partner, respective nominated person
shall be accepted by the lessor, as partner on his behalf in the lessee
partnership entity for the remaining period of lease, automatically.
However, if any of the original partners has ceased to be a partner in
the lessee partnership entity at any point of time, such nomination
exercised by him shall become null and void automatically.

36. The lessee shall not restrict the entry of the lessor or a person
authorized by him, in the leased premises and shall provide all
information sought in writing by the lessor or the authorized person.

41
पररगशष्ट – ड
Lease deed for Shed Alloted in
IndustrialArea/Growth Centre………………………….

This deed is made on ………… day


of………………year…………between the Governor of Madhya
Pradesh, acting through Managing Director, MP Audyogik
Kendra Vikas Nigam, …………(herein after called the
'Lessor'which expression shall, where the context so admits,
include his successor in office) of the one part
&M/s……………………….(address)………………………..
District …………….. acting through Shri/Smt………………….
S/o/D/o Shri ………………. and having its registered office at
……………..(herein after called the 'Lessee'which expression
shall, where the context so admits, include its successors and
permitted assigns) of the other part.
Whereas upon the request of lessee, the lessor has
agreed to grant to the lessee, subject to the terms and conditions
herein after specified, a lease of the piece of Shed in the
Industrial Area /Growth Centre at………… comprising of an
area measuring…………….. Square Metres situated in the
village/city …………. of Tehsil ………… of the …………..
District, more particularly described in the schedule hereto
annexed and for greater clarity delineated on the plan hereto
annexed and thereon shown with boundaries in red colour
(hereinafter referred to as 'the said land') for a term of THIRTY
YEARS commencing from the date……………….and ending
on ……………. for the purpose of ………………. (details of
the activity) (herein after referred to as the said
activity/business).
And whereas the lessee has agreed to take the lease on
the said terms and conditions. Now, therefore, this deed

42
witnesses and it is hereby agreed and declared as follows:-

1. It is agreed upon that the referred Shed is allotted to the


Lessee for the operations of business referred herein, under the
provisions of the Madhya Pradesh Rajya Audyogik Bhumi Evam
Audyogik Bhawan Prabandhan Niyam 2014 issued by the
Government of Madhya Pradesh vide Commerce, Industries
&Employment Department's order No. dated as amended from
time to time (herein after called as "Rules")

2. That all the terms and conditions as referred to in the said


Rules are applicable and binding on the Lessee.

3. In consideration of the premium, lease rent, development


fee and maintenance fee herein reserved and the covenants on
the part of the lessee herein contained, the lessor shall demise to
the lessee and the lessee shall accept a lease of the said
land/building to hold the same for the purpose of ……………
for a period of THIRTY YEARS commencing on the date of
agreement on which the possession of said land/premises is
handed over to the lessee.

4. The Lessee having paid the following amount to the


Lessor for the said land :-
(i) Premium of Rs............. Rs...........
(in words)
(ii) Annual Lease rent Rs…………Rs.
(in words)
(iii) Development Fee Rs............... Rs.............
( in words)
(iv) Advance one year annualmaintenance fee
(Rs______________________Per Sqm.)
Rs.___________________________
(in words)
5. Thereafter, during the term of the lease the lessee shall pay
to the lessor the annual maintenance fee of Industrial Area of
Rs…….(Rupees ………………) only and such other sum as
43
may be determined in accordance with the said rules, in the
month of April each year in the office of the MP Audyogik
Kendra Vikas Nigam or such place or places as the General
Manager / Managing Director may direct from time to time.

6. The lessee hereby agrees to pay the maintenance fee at


the rates as may be fixed/revised from time to time by the lessor.

7. The lessee shall from time to time and at all times during
the term of the lease pay except as aforesaid, all taxes, rates,
assessments and other charges, which are or may, at any time
hereafter during the said term be assessed, charged or imposed
upon the said premises, whether on the lessor or on the lessee.

8. All sums, such as due amount of premium, lease rent,


development fee and maintenance fee or any other charges
imposed by the lessor may be recovered as arrears of land
revenue, if the same is not paid before the due date.

9. The lessee hereby agrees that he shall implement the


project for the said business and start the production/ commence
the operation within the stipulated period, as prescribed in the
said rules failing which action for cancellation of allotment for
shed and termination of Lease Deed shall be undertaken.

10. The lessee further agrees that he shall utlize the Shed as
per norms and within the prescribed period from the date of
allotment of land, failing which action would be intitiated for
cancellation of allotment and termination of Lease Deed.

11. On the expiroy of the lease period. The lessee shall pay
2% of the then previling premium amount in case of developed
land and in case of undeveloped land, lessee shall pay 1% of the
then previling unirrigated agriculture land Collector guide line
rate for the renewal of the lease, at the time of renewal, the lease
rent will be increasel ten time of the existing lease rent.

44
12. The lessee shall be entitled to surrender the Shed and obtain
refund of premium as per the provisions of the Rules. In case,
other assets have been createdon the said Shed, the lessee shall
have the right to remove sell the assets at his/their own cost. In
the event of sale of such assets, the purchaser shall have to
execute a fresh lease deed after the payment of full premium and
other charges/dues as per the Rules.

13. The Lessee shall used the said premises, land and building
structures and works erected or constructed thereon only for the
purpose of the business stated herein above.

14. The lessee shall keep the said premises, and building
erected thereon secure and in good condition through
maintenance and upkeep at his own cost. The lessee shall also
develop his own parking arrangements in the premised allotted
and shall not do the parking on the road.

15. The development and maintenance works in the Industrial


Area will be done by the lessor according to its plan which will
be completed as early as possible, depending on availability of
funds.

16. The lessee shall not sublet, assign or otherwise transfer


the said premises or any part thereof or any building constructed
thereon for any purpose whatsoever, except as provided in the
said Rules.

17. On the basis of change in the constitution of ownership of


the unit, the Lessee may with the prior permission of the lessor
in writing and by paying the required fee/charges, tranfer the
lease as per the provisions of the said Rules.

45
18. The lessee shall not carry on any illegal trade or business
on the said premises.

19. In the case of allotment of building, it shall be mandatory


for the lessee to insure the building. He shall insure the building
and shall at all time during the said term keep the same insured
independently and separately against any loss or damage by fire
and all other risks.

20. The lessee shall complete all formalities required under


clause -19 above and deposit the insurance policy and receipts of
the payment towards the same with the lessor within one month
from the date of taking over possession of the said premises by
the lessee.

21. For closure/transfer of the business, Lessee shall inform the


Lessor at the earliest. In the case of BIFR or declared sick units
or court cases, allotting authority will take decision as per the
directions.

22. If the rent hereby reserved or any part thereof shall at any
time be in arrears and unpaid for one year, next after the date
whereon the same shall have become due, whether the same
shall have been lawfully demanded or not or the lessee becomes
insolvent and /or goes into liquidation voluntarily or otherwise
or it there be any attachment on the said premises or there is a
breach or non observance by the lessee of any of the conditions
and covenants therein contained and the lessee fails to remedy
the breach within sixty days of the notice in writing given by the
lessor or becomes insolvent or enters into an agreement with his
creditors for composition of the industry, this lease will be
deemed to have been terminated and the lessor may, not
withstanding the waiver of any previous dues, take recourse to

46
right of re-entry without prejudice to any right or remedy of the
lessor for recovery of rent remaining due under the lease upon
the said premises and reposes the same, as if this demise had not
been made.

23. On the expiry of the lease period or termination of the


lease due to breach of the conditions of the lease deed, the lessor
shall have the right of re-entry over the premises. No refund of
premium or ground rent or security deposit shall be admissible
due to the termination of the lease deed under such condition.

24. On termination/surrender of the lease, the lessee shall be


given an opportunity to transfer or otherwise dispose of the plant
and machinery the said premises within the period of
threemonths. After the said three months'period, the lessor shall
take possession of the land as per Rules.

25. The lessee shall handover the said building to the lessor, at
the expiry of the said term of lease or on the earlier termination
of the lease in the same condition as was handed over when
occupied or received allowing for the normal wear and tear.

26. Lessee may surrender the leased Shed, by giving to the


lessor three calendar months'notice in writing of his intention to
do so. The lessor shall have the right of re-entry over the
surrendered premises. On such reentry, the lessor may refund to
the lessee part of the premium paid by the lessee at the time the
Shed was allotted/leased out to the lessee in the following
manner :-

(i) 90%, if surrender of allotted/leased shed


occurs within two year from date of taking over its
possession in case of Micro/Small Scale Industrial
Unit and three years in case of Large and Medium
Industrial unit.

47
(ii) 80%, if surrender of allotted/leased out
shed occurs after two years but within three years, in
case of Micro/Small Scale Industrial Unit and after
three years, but within four years in case of Large and
Medium Industrial Unit.

(iii) 70%, if the surrender of the allotted/leased


out shed occurs after three years but within four years
in case of Micro/Small Scale Industrial Unit and after
four years but within five years in case of Large and
Medium Industrial Unit.

(iv) 50%, if the surrender of the allotted/leased


out Shed occurs after four years but within six years
in case of Micro/Small Scale Industrial Unit and
after five years but within seven years incase of large
and Medium Industrial unit.

Explanation:- For the purpose of this clause, the period of


possession of Shed with the lessee will be reckoned from the
date of the lessee taking possession to handing over possession
to the lessor where possession of Shed has not been taken,
period between date of execution of lease deed and date of
surrender of Shed shall be considered for calculation of refund
of premium.

27. All costs and expenses incurred or which may be


incurred for preparation, execution and registration of this lease
shall be borne and paid by the lessee.

28. The lessee shall, after registration and execution, deposit a


copy of lease deed, duly certified by the registering authority,
with the lessor and may retain original copy with him.

29. On the request of bank/financial institution and the lessee,


permission in favour of the concerned bank/financial

48
institution, as referred to in the rules, will be granted as per
prescribed format, by the lessor regarding assignment of lease
hold rights. In all circumstances, the charge of the Department
of Commerce, Industry and Employment on land/shed shall be
over and above any subsequent charges to be created.

30. It is FURTHER DECLARED THAT THE lessee shall


deposit a sum of Rs…………(Rupees………………….) only
as security in pursuance of clause 4/6 of this lease deed for the
due payment of the rent and observance and performance by
him of the several conditions herein contained.

31. Consequent infringement / breach of any of clauses of


the lease deed by lessee the alloting authority will serve a
notice to lessee for observance for compliance of clause of
lease deed (i.e. rectification of breach) withing 60 days and in
case of non compliance of this notice, the lease deed may be /
deemed terminated .

32. All sums, such as premium/maintenance charges, etc.


imposed by the Lessor may be recovered as arrears of land
revenue, if the same is not paid before the due date.

33. In the matter of utilization of building, compliance of


relevant provision in the Rules is mandatory, otherwise lessor
may take action as per rules.

34. Any payment on account of premium/ground rent or


security deposit or building rent shall not be acceptable after
termination or expiry of lease deed. Any such amount
deposited by any person in such circumstances shall be deemed
to be forfeited.

35. The security deposit, unless forfeited as aforesaid and


after deducting all such sums as may be due to and recoverable
by the lessor under these presents, shall be returned to the
lessee after termination of the lease by afflux of time or

49
otherwise.

36. The lessee, if aggrieved by an order of allotting


authority, may prefer an appeal to the designated authority with
appropriate fee within a period of 30 days as per the provisions
of the said rules.

37. The allotting authority to which the powers of allotment


have been delegated will also be competent to terminate the
lease deed on behalf of the lessor.

38. This lease deed will be subject to the provision


contained in the Madhya Pradesh Rajya Audyogik Bhumi
Evam Audyogik Bhawan Prabandhan Niyam, 2014 as amended
from time to time. For amendments subsequent to the
execution of this lease deed, the lessee shall be bound to amend
the lease deed incorporation/ amendment on his own cost.

39. The lessee shall comply with all Acts, Rules and
Regulations of State Government./Central Government/Local
Bodies/any other competent authority, in force from time to
time for the operation of business.

40. The lessor shall not be liable to compensate any loss on


account of any accident occurred or damage caused to other
persons due to the operations being carried out by the lessee in
the allotted premises.

41. The lessee, being a proprietorship entity intending to


avail the option available in the said rules, hereby nominates
Shri/Smt/Ku---------------- S/o / D/o…………. resident of
…………as its sole successor of the said business. In the event
of death of the lessee, such nominated person shall be accepted
by the lessor, as lessee automatically for the remaining period
of lease.

42. The partners in the lessee unit intending to avail the option

50
available in the said rules, hereby nominate the following
persons, their sole successors respectively, in the said
partnership entity owing the said business-

Name of the partner Nominee Father's name Resident of

In the event of death of a partner, respective nominated


person shall be accepted by the lessor, as partner on his behalf
in the lessee partnership entity for the remaining period of
lease, automatically. However, if any of the original partners
has ceased to be a partner in the lessee partnership entity at any
point of time, such nomination exercised by him shall become
null and void automatically.

43. The lessee shall not restrict the entry of the lessor or a
person authorized by him, in the leased premises and shall
provide all information sought in writing by the lessor or the
authorized person.

51
SCHEDULE

Name of Village …………………………………………………………………


Name of Tehsil …………………………………………………………………
Name of District……………………………………………………………………
Name of Industrial Area / Estate…………………………………………………...
Plot No. ……………………………………………………….……………….
Size …………………………………………………………………………………
Block No. …………………………………………………………………………
Building …………………………………………………………………………
Shed No. …………………………………………………………………………
Covered Area ..………………………………………………………………………
open Space …………………………………………………………………………
Surrounded by……………………………………………………………………….

………………………………………………….. on the East


………………………………………………….. on the North
………………………………………………….. on the West
………………………………………………….. on the South

Above details shown in the annexed plan

In the Witness wherof the parties hereto have singned this deed on the date and year
respectively mentioned against their signatures.

(Lessor)
Witnesses (Please give full name, Singnature of Chief GeneralManager/General
father's name, age & address) Manager, District Trade & Industry Centre
on behalf of the Governor of M.P.

1 ……………………..…. Nmae …………………………


2 ………………………… Date …………………………..

…………………………
………………………… Singnature on behalf of
………………………… (Lessee) M/s…………………………………
Date …………………….…… Name ………………………………………...
Father's Name ……………………………….
Age …………. (inwords) …………………..
Address………………………………………
………………………………………

52
पररगशष्ट - ई

उप पटटे िी सामान्य शते (प्रारूप)


प्रभावशीलता तथा पात्रता

1. िोई भी इिाई उसे आवंकटत पटटे िी भूगम मं, भूगम/भवन उप- पटटे पर दे सिेगा।
पटटे पर िेवल भूगम या ऐसी भूगम णजस पर भवन पर मशीनर स्थावपत है , द जा
सिेगी।
2. उप पटटा प्राप्तिताष उस उत्पाद िे गलये उप पटटा चाहता है जो मूल पटटाधार प्राप्तिताष
िे उत्पादन हे तु आवश्यि हो तो उसे प्राथगमिता द जायेगी।
3. उसी इिाई िो वेण्डर इिाई माना जायेगा जो कि अपने िुल उत्पादन िा न्यूनतम 75
प्रगतशत उत्पादन / सेवाएं, मातृ इिाई/इिाई से संबंगधत गगतववगध िो प्रदान िरने हे तु
अनुबंगधत हो / प्रदान िरती हो।
4. वह वतषमान धारि उपपटटे पर भूगम दे सिेगा णजसिे द्वारा अनुमत पररयोजना (एप्रूव्ड
प्रोजेक्ट) अनुसार इिाई स्थावपत िी गई हो।
5. वह मातृ इिाई/इिाई से संबंगधत गगतववगध उप पटटे पर भूगम दे सिेगी णजसिे द्वारा
मूल पररयोजना मं वेण्डर इिाईयं िी संख्या, भूगम आवश्यिता तथा उनिे द्वारा उत्पाकदत
वस्तु/सेवाएं णजनिा 75 प्रगतशत मातृ इिाई/इिाई से संबंगधत गगतववगध द्वारा क्रय किया
जाना सुगनणश्चत हो, िा पूिष ब्यौरा भूगम प्राप्त िरते समय अपनी पररयोजना मं कदया गया
हो।
6. उप पटटे पर द जाने वाली भूगम पृथि से पहुंच मागष रखती हो, अथवा आबंट द्वारा उसे
पृथि पहुंच मागष उपलब्ध िराया जा सिता हो। प्रबंध संचालि,एिेव्ह एन/महाप्रबंधि
णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र भूगम पर पहुंच मागष व बुगनयाद सुववधाएं उपलब्ध िराने
हे तु उत्तरदायी नह ं हंगे।
7. ऐसी भूगम जो नगर एवं ग्राम गनवेश ववभाग िे गनयमानुसार गनगमषत क्षेत्र िे अनुपात मं
खुली रखा जाना आवश्यि हो, उपपटटे पर नह ं द जा सिेगी।
8. उप पटटे पर द जा रह भूगम पर भू आबंटन गनयमं मे स्वीिृ त गनधाषररत औद्योगगि
गगतववगधयॉं ह िी जा सिेगी। यकद मूल पटटा भूगम अगत प्रदर्
ू ििार व खतरनाि
उद्योगं हे तु गनधाषररत क्षेत्रान्तगषत नह ं है तो उपपटटे िी भूगम पर औद्योगगि भूगम एवं
औद्योगगि भवन प्रबंधन गनयम 2015 िे ''पररगशष्ट सी'' मं उल्लेणखत अगतप्रदर्
ू ििार एवं
खतरनाि श्रेिी िे उद्योग स्थावपत नह ं किए जा सिंगे।
9. उद्योग आनुर्ंगगि प्रयोजन हे तु आबंकटत भूगम उपपटटे पर नह ं द जा सिेगी।

53
उप पटटे िी अवगध

1. उप पटटे िी अवगध एि बार मं न्यूनतम 1 वर्ष एवं अगधितम 10 वर्ष अथवा मूल पटटे
िी अवगध िी समागप्त िे 1 वर्ष पूवष ति जो भी पहले हो, होगी।
2. उप पटटे िी अवगध िा नवीनीिरि तीनो पक्षं िी सहमगत से तत्समय प्रचगलत गनयमं
िे अन्तगषत किया जा सिेगा।
3. प्रत्येि नवीनीिरि न्यूनतम 1 वर्ष व अगधितम 10 वर्ष हे तु किया जा सिेगा।
4. नवीनीिरि हे तु इन गनयमं मं वणिषत शुल्ि दे य होगा।
उप पटटा प्रदाय हे तु प्रकक्रया
1. मूल पटटा धारि अपने आवेदन िे साथ उप पटटे दार िी सहमगत, उपपटटे दार िा
पररयोजना ररपोटष सकहत प्रचगलत भूगम प्रबंधन गनयम अनुसार गनधाषररत प्रपत्र मं आवेदन,
उप पटटे पर द जाने वाली भूगम, भवन एवं मशीन आकद िा वववरि, भूगम िा आिार व
क्षेत्रफल, पहुंच मागष आकद नक्शं पर दशाषते हुये संबंगधत ए.िे.व्ह .एन./णजला व्यापार एवं
उद्योग िेन्र िो आवेदन िरे गा। उप पटटा आवेदि िी पररयोजना हे तु भूगम िी पात्रता
िा गनधाषरि भू आबंटन गनयमं िे अन्तगषत किया जायेगा।
2. आवेदन प्राप्त होने पर प्रबंध संचालि एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग
िेन्र द्वारा प्रिरि िा पर क्षि किया जायेगा व स्थल गनर क्षि किया जायेगा। तदप
ु रांत
गनर क्षि प्रगतवेदन व अपनी अनुशंसा एवं अगभमत िे साथ प्रिरि औद्योगगि भूगम एवं
भवन प्रबंधन गनयम 2015/तत्समय प्रचगलत गनयम, िे अंतगषत उपपटटे िी अनुमगत
प्रदाय िरने हे तु सक्षम अनुमगत प्रदाता िो प्रस्तुत िरे गा। यह िायषवाह आवेदन प्रागप्त िे
15 कदवस मं पूिष िी जायेगी गनयमं मं सक्षम अनुमगत प्रदाता द्वारा प्रिरि प्रागप्त िे 60
कदवस मं अनुमगत जार िी जायेगी।
3. अनुमगत प्राप्त होने पर वतषमान पटटे दार, उपपटटा प्राप्तिताष एवं प्रबंध संचालि
एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िे मध्य वत्रपक्षीय उपपटटा
अनुबन्ध गनधाषररत प्रारूप मं गनष्पाकदत किया जायेगा (प्रारूप संलग्न)। यह िायषवाह
संबंगधत प्रबंध संचालि एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र द्वारा िी
जायेगी। ये सक्षम अगधिार अनुबंधिताष अगधिार हंगे। उपटटा प्राप्तिताष द्वारा यह
अनुबंध पंजीिृ त िराया जािर, इसिी अगभप्रमाणित प्रगत मूल पटटे दार िी भू आबंटन
नस्ती मं रखी जायेगी। यह अनुबंध मूल पटटागभलेख िा एि भाग होगा।
4. उप पटटाधार द्वारा भूगम प्रागप्त उपरांत पररयोजना गनधाषररत समयावगध मं कक्रयान्वयन िी
पूिष णजममेदार उप पटटा प्राप्तिताष इिाई िी होगी। यकद गनधाषररत समयावगध मं उप
पटटाधार द्वारा उत्पादन प्रारं भ नह किया जाता है तो उप पटटा अनुबन्ध अनुबंधिताष
अगधिार द्वारा गनरस्त किया जा सिेगा।

54
5. यकद मूल पटटे दार िे पटटागभलेख बंि/ववत्तीय संस्था िो अगभहस्तांकित किए गये हं तो
उप पटटा स्वीिृ त किये जाने िे पूवष संबंगधत बंि/ ववत्तीय संस्था िी सहमगत आवश्यि
होगी। गनष्पाकदत उपपटटा अनुबन्ध िी प्रगत बंि/ववत्तीय संस्था िो भी पृष्ठांकित िी
जावेगी। उप पटटा अनुमगत गनरस्तीिरि िी प्रगत संबंगधत बंि/ ववत्तीय संस्था िो भी
प्रेवर्त िी जाएगी।

उप पटटा हे तु दे य रागश

1. उप पटटे पर कदये गये भूगम िे क्षेत्रफल पर अनुमगत कदनांि िो प्रचगलत प्रब्याणज िी 3


प्रगतशत रागश प्रगतवर्ष उप पटटा शुल्ि िे रूप मं प्रबंध संचालि, एिेव्ह एन/महाप्रबंधि
णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िे िायाषलय मं अगग्रम रूप से 31 माचष ति जमा िी
जाएगी। दे य रागश जमा न िरने पर 30 कदवसीय नोकटस कदया जािर अनुबन्ध रद्द
किया जा सिेगा।

2. उपपटटा अवगध मं संपूिष भूगम िे गलए दे य भू-भाटि/संधारि शुल्ि/जलप्रदाय


शुल्ि/स्ट्र ट लाईट चाजेस अथवा प्रबंध संचालि एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं
उद्योग िेन्र द्वारा गनधाषररत अन्य शुल्ि मूल पटटे दार द्वारा प्रबंध संचालि
एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िो दे य हंगे। यकद उप पट टा धारि
द्वारा जल प्रदाय, ववद्युत प्रदाय अथवा अन्य सुववधाओं हे तु पृथि से संयोजन/ सुववधा ली
जाती है तो वह इस सुववधा हे तु गनधाषररत शुल्ि सीधे सेवा प्रदाता िो भुगतान िरे गा।

3. उप पटटे िे प्रत्येि नवीनीिरि पर जो कि न्यूनतम एि वर्ष व अगधितम 10 वर्ष


अथवा मूल पटटे िी समागप्त िे 1 वर्ष पूवष ति जो भी पहले हो िी अवगध िे गलये होगा
पर तत्समय प्रचगलत प्रब्याणज िा 3 प्रगतशत नवीनीिरि शुल्ि दे य होगा। इसिे
अगतररक्त नवीनीिरि कदनांि िो प्रचगलत प्रब्याणज िी 3 प्रगतशत रागश प्रगतवर्ष अगग्रम
तौर पर 31 माचष ति उपपटटा शुल्ि िे रूप मं दे य होगी।

उप पटटा प्रदाय िे अगधिार

1. उप पटटा स्वीिृ गत, नवीनीिरि एवं पटटा गनरस्तीिरि िे अगधिार वतषमान मं प्रचगलत
औद्योगगि भूगम एवं भवन प्रबंधन गनयम 2015 अथवा तत्समय प्रचगलत भू आबंटन
गनयमं िे अनुसार अनुमगत प्रदाता अगधिार िो हंगं।

2. सक्षम अगधिार द्वारा अनुमगत जार िरने िे उपरान्त अनुवती िायषवाह एवं अनुबंध
गनष्पादन, शतो िे पालन िी गनगरानी, शतष उल्लंघन पर नोकटस आकद जार िरना,
प्रबंध संचालि एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िी जायेगी।

55
राज्य शासन द्वारा गनयत भू आबंटन गनयमं िी प्रभावशीलता

1. मूल पटटे दार प्रबंध संचालि, एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िे
मध्य गनष्पाकदत पटटाववलेख िी अन्य शते यथा आवश्यि उपपटटे दार पर भी लागू हंगी।

2. उप पटटा धारि पर मघ्यप्रदे श औद्योगगि भूगम एवं भवन प्रबंधन गनयम 2015 अथवा
समय-समय पर जार संबंगधत गनयमं िे प्रावधान लागू होगं।

3. उप पटटा धारि इिाई उप पटटे पर प्राप्त भूखण्ड िा हस्तांतरि नह िर सिेगी तथा


उप पटटा अवगध िे दौरान अपने गिन / संगिन मं पररवतषन वबना उपपटटा अनुमगत
प्रदाता िी पूवाषनुमगत एवं मूल पटटे दार िी सहमगत िे नह ं िर सिेगी।

4. उप पटटा अवगध िे दौरान उप पटटा गनरस्त होने अथवा उप पटटे िी अवगध समाप्त होने
तथा नवीनीिरि न होने पर भूगम िा आगधपत्य मूल पटटा धारि िे पास आ जावेगा।
उप पटटा धारि द्वारा उप पटटे िी भूगम पर गनगमषत अधोसंरचनायं/स्थावपत यंत्र एवं
सयंत्र आकद िा गनरािरि उप पटटे दार द्वारा किया जािर ररक्त भू-खण्ड मूल पटटे दार िो
संपा जावेगा। उभय पक्ष चाहे तो ऐसी संरचनाओं िा मूल्य आपसी सहमगत से तय िर
मूल पटटे दार द्वारा संरचनाएं क्रय िी जा सिेगीं।

5. वैध उपपटटा धारि द्वारा अपनी इिाई िे ववगधवत संचालन िे दौरान यकद मूल पटटा
धारि िा पटटा भूगम प्रबंधन गनयमं िे अंतगषत किन्ह ं प्रावधानं िे उल्लंघन िे
फलस्वरूप गनरस्त होने िी दशा मं उपपटटे दार द्वारा चलायी जा रह गगतववगध िे सुचारू
संचालन िे दृवष्टगत उपपटटा धारि िे अनुरोध पर अनुमगत प्रदाता अगधिार द्वारा
प्रिरि िे गुि-दोर् िे आधार पर उपपटटे िी भूगम िा आवंटन प्रचगलत गनयमं िे
प्रावधानं िे अनुसार उपपटटे दार िो किया जा सिेगा। ऐसी णस्थगत मं शेर् भूगम (मूल
पटटाधारि िे आगधपत्य िी भूगम) ह गनरस्त रखी जािर आगामी िायषवाह योग्य होगी।

6. उप पटटाधार िो आबंकटत क्षेत्र िे पास णस्थत किसी अगतररक्त भूगम िा गनयगमगतिरि


उप पटटे दार िे पक्ष मं नह ं किया जायेगा।

7. उप पटटे िी समपूिष अवगध मं भूगम िा ववभाजन नह किया जा सिेगा। िेवल वैध


उत्तरागधिार िो सक्षम न्यायालय िे गनिषय उपरांत गनष्पाकदत उपपटटा अनुबन्ध मं
वाररस िे रूप मं सणममगलत किया जा सिेगा।

8. उप पटटा अवगध िे दौरान उप पटटाधार भूगम िा समपषि िर सिता है । उप पटटे पर


द गई भूगम िा समपषि होने पर उप पटटाधार िो िोई रागश वावपस नह िी जायेगी।

56
9. उपपटटा धारि द्वारा, संचागलत इिाई िी प्रगगत एवं आय-व्यय िा ब्यौरा प्रगतवर्ष 30
गसतमबर ति प्रबंध संचालि एिेव्ह एन/महाप्रबंधि णजला व्यापार एवं उद्योग िेन्र िो
प्रस्तुत किया जायेगा।

अपील, वववाद गनरािरि तथा मागषदशषन

1. उप पटटे से संबंगधत किसी भी प्रिरि िी अनुमगत प्रदाता अगधिार द्वारा स्व-प्रेरिा से


समीक्षा िर सिंगं तथा ऐसे आदे श पाररत िर सिंगं जैसा कि उगचत समझे।

2. इन गनयमं िे अन्तगषत अनुमगत प्रदाता अगधिार द्वारा जार उप पटटा गनरस्तीिरि


अथवा अन्य आदे श िे ववरूद्ध संबंगधत पक्ष ऐसा आदे श पाररत होने िे 30 कदवस मं भूगम
प्रबंधन गनयमं िे प्रावधानं िे अनुसार सक्षम प्रागधिार िो अपील िर सिंगे। अपील
अगधिार द्वारा कदया गनिषय अंगतम व संबंगधतो पर बंधनिार होगा।

3. मूल पटटा धारि तथा उप पटटा धारि िे मध्य पटटे संबंधी वववाद होने पर अनुमगत
प्रदाता अगधिार संबंगधत पक्षं िो सुनवाई िा मौिा दे िर गनिषय दे सिंगे , जो उभय
पक्षं पर बाध्यिार होगा।

4. इन गनयमं िे अंतगषत उप पटटा दे ने िे संबंध मं यथा आवश्यिता समुगचत गनदे श एवं


मागषदशषन अनुमगत प्रदाता अगधिार द्वारा कदये जा सिंगे , जो उभय पक्षं पर बंधनिार
हंगे।

57
Draft tripartite Agreement between Lessor, Lessee and Sub Lessee

This deed of sub lease is made on ……………..between,

1) The governor of Madhya Pradesh acting through Managing "Director,


Madhya Pradesh Audyogik Kendra Vikas Nigam (………..) Limited/General
Manager , District Trade and Industries Centre, ……….. having its registered
office at ……………………………. (full address of the office) hereinafter to as
"lessor" (which expression shall, unless repugnant to the context or meaning
thereof, be deemed to mean and include its successors-in-interest) of the FIRST
PART;
2) M/s ………….. acting through shri ………………..
Director/partner/proprietor, having its office at …………… hereinafter referred to
as "Licensee" (which expression shall, unless repugnant to the context or meaning
thereof, be deemed to mean and include its successors-in-interest and permitted
assigns) of the SECOND PART;
3) M/s ………….. acting through shri ………………..
Director/partner/proprietor, having its office at …………… hereinafter referred to
as "Sub-lessee/Licensee" (which expression shall, unless repugnant to the context
or meaning thereof, be deemed to mean and include its successors-in-interest and
permitted assigns) of the THIRD PART;

Whereas the lessor had allotted and granted lease of the land admeasuring
………….. square meters situated at Plot No …………. Industrial Area (Name and
address) …………… District…………….. under a registered lease deed
no………….. dated ………….. for a period of 30 years commencing from……….
for the purpose stated therein.

Whereas the lessee has approached the lessor vide letter dated……….. seeking
permission of the lessor to grant sub lease of the leasehold land admeasuring
…………. square meters/a part of land admeasuring …………. square meters/and
constructions thereon or to give theindustrial unit on license under management
contract o on leave and license basis for a period of ………….. years as fully
described in the schedule annexed hereto.

And Whereas the Madhya Pradesh state industrial Land and Industrial Bulding
management Rules provides for sub lease tenancy of the land/bulding leased by
lessor under clause as under.
58
And Whereas the lease deed exected between lessor and lessee under clause (16)
provides that lessee shall not sublet/ assign or otherwise transfer the said premise/
land or any part thereof or any building structure or work constructed thereon for
any purpose whatsoever except as provided in Rule 19 of the said Rulesh.

And Whereas as required under Rule 19 of said Rules, the lessor has obtained the
approval to the terms conditionsof the tripartite agreement for sub lease/license
from state government vide letter no………….. dated………….

NOW THIS AGREEMENT WITNESSETH AND IT IS HEREBY


AGREED BY AND BETWEEN THE PARTIES AS UNDER :

1) That, the period of sub lease/license in respect of leasehold land and


construction thereon shall be ………… years or the unexpired period of
main lease whichever is earlier.
2) The terms and conditions of main lease deed shall apply and binding on sub
lessee/licensee mutatis mutandis.
3) That, the sub lessee/licensee shall comply and follow all terms and
conditions, restrictions and prohibitions as contained in the main lease deed
as if he is the lessee in respect of the demised leasehold land.
4) The sub lessee/licensee shall obtain necessary consents, permissions,
approvals as may be required under any law as applicable from time to time
from appropriate authorities.
5) That, in case of any breach or default committed by sub lessee/licensee, the
lessee shall be responsible and liable and in such circumstances the lessor
shall exercise all such rights and powers as available to him under main
lease deed and the under said Rules as amended from time to time against
the main lessee as well as sub lessee/licensee.
6) That, in case of any default in payment of dues of lessor whatsoever may
be or in case of any breach of any terms and condition of main lease deed
or "Sub-lessee/Licensee" by the lessee or the Sub-lessee/Licensee, the
lessor shall have the right to terminate the lease, Sub-lessee/Licensee as the
case may be at its discretion by giving a notice of not less than 30 days in
writing to remedy the default/breach and within the period stipulated, the
lease or sub lease/license as the case may be shall stand terminated and
lessor shall re-enter in the demised land/premise forthwith. In such event,

59
the lessee or Sub-lessee/Licensee shall have remedy of appeal as provided
under the rules.
7) The sub lessee/licensee shall not sub lessee/assign or otherwise transfer or
shall create any third party interest whatsoever in the demised land/bulding
or part thereof.
8) The Sub-lessee/Licensee shall pay to the lessor annual lease rent for Sub-
lessee/Licensee-land equivalent to 3% (Three percent), of the premium
prevailing on the date of agreement. This annual leas rent shall be paid in
advance each year on 31 st march.
9) That, in case of default of payment of lease rent or any dues either by lessee
or by Sub-lessee/Licensee the lessor shall have right to deand and recover
the same either from lessee or Sub-lessee/Licensee and vice versa or from
both lessee and sub lessee/licensee as provide in the main lease deed.
10) The lessee shall provide a copy of sub-lease deed, contract or any
agreement entered into with the Sub-lessee/Licensee in respect of the
demised land and building constructed thereon or in respect of industrial
unit and shall always keep the lessor informed about any amendment or
change in the terms and conditions in the said deed, contract or agreement.
11) The lessor shall not be responsible to provide any passage or approach road
or any other facility independently to the Sub-lessee/Licensee.
12) In case of any inconsistency in the terms and condition of Sub-
lessee/Licensee, the terms and conditions contaioned in the main lease shall
prevail.
13) The lessee and and Sub-lessee/Licensee shall bear all expenses, fees stamps
duty and registration charges if any.
14) The lessor shall have the right to decide any issue/ matter or dispute arises
between the lessee and sub-lessee keeping in view the provisions of the
prevailing Land and Shed Allotment Rules of the industries Department
after giving an opportunity to all concerned to be heard and his decision
will be final and binding on lessee and sub- lessee.
15) The lessee and sub- lessee, if aggrieved by an order of the lessor may prefer
an appeal to the designated authority as per the provisions of the
main lease/prevailing Land and shed Allotment Rules.
16) Rules, Conditions and Instructions issued by the State Government from
time to time under Rule 20 of the Madhya Pradesh Audyogik Bhumi Avam
Audyogik Bhavan Prabandhan Niyam 2008 Shall be binding on all the

60
parties signing the Tripartite Agreement and shall be treated as a part of
this Agreement.

IN WITNESS WHEREOF, the Parties herein above have set their hands
entered into this Deed the day and year first above written.

Witness For Lessor, Governor of Madhya Pradesh,


through MP Audyogik Kendra Vikas Nigam
1. (..........) Ltd./General Manager, District Trade
and Industries Centre, District .........................

Managing Director/ General Manager


2. For Lessee ...............................

3. For Sub- Lessee/ Licensee

61
SCHEDULE

A. Details of land leased to lessee under registered lease deed


No....................................... Dated..............................................

Plot No .............................

Size of Plot .................................

Surrounded by
On north
On south
On east
On west

Road on

B Details of land/building sub-lease/license by lessee under these


present

Size of Plot (under sub-lease ) .................................

Surrounded by

On north
On south
On east
On west

Road on

Building/ premises (under sub-lease ) ..............................

Area ...............................

Site plan of the land/building under sub-lease/ license is annexed and


areas is delineated in red

62
पररगशष्ट - एफ

आवंकटत शेडं िा भाड़ा क्रय पद्धगत िे अंतगषत ववक्रय

(i) मध्यप्रदे श िे औद्योगगि क्षेत्रं मं/अन्यत्र, शासन/गनगमं द्वारा गनगमषत भवनं िे


गलए भाड़ा क्रय योजना गनमन व्यवक्तयं/फमष/संस्था/िंपनी आकद िे संबंध मं लागू
होगीः-

(अ) णजन्हं ववभाग/गनगमं द्वारा गनगमषत भवन आवंकटत हो ।

(ब) वे योजना िे अंतगषत लाभ उिाने िी सहमगत दे ने िे कदनांि िो तथा उसिे


दो वर्ष पहले से आवंकटत भवन मं उद्योग चला रहे हं , तथा

(स) वे आवेदन िे कदनांि िो किराये एवं संधारि शुल्ि िे बिायादार न हो

(ii) इस योजना िे अंतगषत िेवल भवन भाड़ा क्रय पर कदये जा सिंगे , भूगम नह ।ं
भूगम, णजस पर भवन गनगमषत है , तथा पास िी खुली भूगम गनयमं मं वणिषत
अवगध िी लीज पर द जायेगी, णजसिे गलए एि लीजड ड अलग से गनष्पाकदत
िरनी होगी । खुली भूगम तथा शेड अंतगषत गनगमषत क्षेत्र िी भूगम सणममगलत िर
आवंटन योग्य िुल भूगम िी मात्रा गनयमं िे अंतगषत 'भूगम िी मात्रा िा
गनधाषरि' समबन्धी गनयम से शागसत होगी।

(iii) भवन िे मूल्य गनधाषरि िे गसद्धांत गनमनानुसार हंगे :-

(अ) भवन िे गनगमषत क्षेत्र िा मूल्य रूपये 22 प्रगत वगषफुट आंिा जाएगा और
इस मूल्य मं से, णजतना पुराना गनगमषत भवन है उतनी अवगध िे गलए
3.50 प्रगतशत प्रगतवर्ष िी दर से िटौती िी जाएगी, परन्तु यह िटौती
रूपये 22 प्रगत वगषफुट से आंिी गयी िीमत िे 50 प्रगतशत से अगधि
नह ं होगी । णजन भवनं िा गनमाषि 1972 िे बाद हुआ है वे भवन णजस
वर्ष मं गनगमषत किये गये उस, वर्ष मं उनिी प्रगत वगषफुट लागत िे 50
प्रगतशत से अगधि िी िटौती नह ं होगी।
(ब) गनधाषररत मूल्य िा 10 वर्ं मं समान वावर्षि किश्तं मं भुगतान िरना
होगा, णजस पर 7.5 प्रगतशत प्रगतवर्ष िा सामान्य ब्याज दे य होगा। पूवष
जमा गसक्यूररट रागश अंगतम किश्त िे साथ समयोणजत िी जायेगी।

(स) भवन और उसिे साथ लगी हुई खुली भूगम, दोनं पर वतषमान प्रचगलत
औद्योगगि दर से प्रीगमयम ली जािर लीज गनष्पाकदत िी जाएगी। क्रयिताष
िो प्रचगलत दरं िे अनुसार संधारि शुल्ि प्रगतवर्ष दे ना होगा ।

63
(द) भवन खर दने वाले व्यवक्त/संस्था /िंपनी िे ऊपर यकद भवन िा पुराना
किराया शेर् हो तो लीजड ड गनष्पाकदत िरने िे पूवष उसिी पूर वसूली
होना अगनवायष हं ।

(इ) यकद एि ह औद्योगगि संस्थान मं गभन्न-गभन्न वर्ं मं भवन बने हो तो


उपरोक्त िंकडिा (अ) िे अनुसार प्रत्येि िा मूल्यांिन किया जािर औसत
दर गनिाली जाएगी, णजसिे अनुसार भवन िा ववक्रय हे तु मूल्य गनधाषररत
होगा।

(फ) आवेदन िे पूवष जो भवन िा किराया गलया गया हो वह भवन िी िीमत


नह ं माना जाएगा। भाड़ा क्रय आवेदन कदनांि से आवंट द्वारा शेड किराया
दे य नह ं होगा ।

(iv) यकद िोई व्यवक्त गनधाषररत कदनांि पर किश्त जमा नह ं िरता है , णजसमं छूट िी
अवगध अथाषत एि माह सणममगलत है , तो ब्याज सकहत दे य रागश पर 10 प्रगतशत
अगतररक्त शाणस्त ब्याज उस कदन से वसूल किया जाएगा, णजस कदन किश्त जमा
िरना थी ।

(v) यकद िोई व्यवक्त 2 से ज्यादा किश्त नह ं दे ता है तो भवन राज्य शासन िे पक्ष मं
वावपस माना जाएगा एवं पूवष मं जमा िी गयी किश्त रागश राज्य शासन िे कहत
मं राजसात हो जाएगी। यकद ऐसी णस्थगत मं आवंट पुनः किराये पर पूवव
ष त भवन
आवंटन हे तु आवेदन िरता है तो उसे वतषमान प्रचगलत किराये िी दर से कडफाल्ट
अवगध िी मागसि किश्तं चुिाने पर वतषमान प्रचगलत दर पर ह भवन किराये पर
कदया जा सिेगा ।

(vi) भाड़ा क्रय योजना िे अंतगषत प्राप्त भवन महाप्रबंधि/ प्रबंध संचालि िी पूवष
स्वीिृ गत िे वबना किसी िो ववक्रय/सबलीज या अन्य प्रिार से हस्तांतररत नह ं
किया जा सिेगा ।

(vii) भाड़ा क्रय योजना िे अंतगषत प्राप्त भवन िा उपयोग औद्योगगि क्षेत्र मं अनुमत
प्रयोजन से गभन्न किसी अन्य प्रयोजन िे गलए नह ं किया जाएगा।

(viii) भाड़ा क्रय अनुबंध िी अवगध मं भवन राज्य शासन िी संपवत्त रहे गी।

(ix) स्टामप डयूट , जो पंजीयन पर लगेगी, भवन खर दने वाले िो वहन िरना होगी।

64
(x) भाड़ा क्रय योजना िी अवगध मं भवन िो अच्छी णस्थगत मं रखने तथा उसिी
मरममत एवं संरक्षि िी णजममेदार भवन क्रय िरने वाले िी होगी।

(xi) भाड़ा क्रय योजना िे अन्तगषत प्राप्त शेडं िे पुनगनषमाषि िी अनुमगत उद्योग आयुक्त
द्वारा प्रदान िी जा सिेगी। बशते िी शेड िा उपयोग औद्योगगि प्रयोजन िे गलए
हो।

(xii) भवन क्रय िरने वाले िो भवन िा बीमा, उद्योग आयुक्त/प्रबंध संचालि, म.प्र.
स्टे ट इण्डणस्ट्रयल डे वलपमेन्ट िापोरे शन गलगमटे ड िे पक्ष मं अपने खचष से भाड़ा
क्रय िी अंगतम किश्त िे भुगतान िी अवगध ति िरना होगा।

(xiii) भाड़ा क्रय योजना अंतगषत अनुमगत िे अगधिार पदे न महाप्रबंधि औद्योगगि िेन्र
वविास गनगम/प्रबंध संचालि, औद्योगगि िेन्र वविास गनगम िो हंगे।



65

You might also like