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बाल दिवस

हर वर्ष 14 नवं बर को पूरे उत्साह के साथ भारत में बाल दिवस को


मनाया जाता है । इस दिन महत्वपूर्ष है क्ोंदक इस दिन पंदित जवाहरलाल
नेहरू का जन्म दिन ही । वे आजाि भारत के पहले प्रधान मं ितरी थे । वे
बच्ों से बहुत प्यार करते है । उन्हें बच्ों के साथ खेलना और बात करना
अच्छा लगता था । बच्े उन्हें चाचा नेहरू कहकर बुलाते थे । बल दिवस
बच्ों के दलए ख़ुशी का उत्साह है । भारत में सभी स्कूल और कॉलेजो में बाल
दिवस के अवसर पर अनेक कायषक्रम आयोजन की करते हैं । कई
प्रदतयोदगता भी आयोजन की जाती है जैसे रं गोली, संगीत, नृत्य आदि के भाव
प्रकट करते हैं ।

पुस्तकालय
पुस्तकालय शब्द 'पु स्तक' और 'आलाय' िो शब्दों का अथष हुआ
पुस्तकों का घर । जहााँ पर पढ़ने के दलए अलग-अलग प्रकार की पुस्तके
होता है । हर एक दवद्यालय में भी एक पुस्तकालय होती है । दवद्याथी अपने
रुची के अनुसार वहााँ से पु स्तक ले सकते है और पढ़ सकते है ।
पुस्तकालय ज्ञान और अध्ययन का एक बड़ा केंद्र होता है । आज कल
दवदवध प्रकार की पु स्तकों से आनंि, ज्ञान या मनोरं जन करने के दलए दजतनी
सुदवधा प्राप्त हो चुकी है उतनी इस से पहले नहीं थी ।
पुस्तकालय अनेक प्रकार के होते है । व्यक्तिगत, सावषजदनक और
सरकारी पुस्तकालय होते है । इन पु स्तकालयों का लाभ और उपयोग उठाने
वाले दवद्याथी होते है । इसदलए हमें पु स्तकालयों का अवश्य अदधक से
अदधक उपयोग करना चादहए ।
श्रम का महत्व
मनुष्य के पास श्रम के अदतररि कोई वास्तदवक सम्पदि नहीं है । यदि
यह कहा जाये दक, श्रम ही जीवन है तो यह गलत न होगा । जीवन में श्रम
अदनवायष है । कमष करना जीवन है तो कमष का न करना मृत्यु । श्रम न करने से
ही जीवन नकष बनता है और कमष करने से स्वगष । ईमानिारी से श्रम करने से
मानव फररश्ता कहलाता है और श्रम न करने से शै तान । जै सा दक, कहा भी
गया है खाली दिमाग शैतान का घर होता है ।

श्रम िो प्रकार का होता है – शारीररक तथा मानदसक । दकसी वस्तु, धन


अथवा उद्दे श्य की प्राक्तप्त के दलए दकये गये प्रयत्न का नाम श्रम है ।

श्रम अपने आप में ही एक लक्ष्य है । श्रम करके दचि प्रसन्न होता है । िे ह


तंिरूस्त रहती है । श्रम करने वाला व्यक्ति कभी भी हारता नहीं है । होनहार
और मेधावी छात्र अपने आलस्य के कारर् कुछ नहीं कर पाता । इसदलए हर
छात्र को आलस्य छोड़ना चादहए । मनुष्य दजतना श्रम करता है उतनी ही
उन्नदत कर लेता है ।

प्रिूषण की समस्या
संकेत दबंिु
1. प्रिू र्र् के कारर्
2. प्रिू र्र् के प्रकार
3. प्रिू र्र् काम करने के उपाय
प्रिू र्र् की समस्या
आज के दवज्ञान युग में प्रिू र्र् की समस्या बड़ी हो गयी है । थरती का
वायुमंिल ख़राब हो गया है । सां स लेने में भी मुक्तिल हो रहा है । प्रिू र्र् के
बहुत सारे प्रकार है जैसे जल प्रिू र्र्, वायु प्रिू र्र् ध्वदन प्रिू र्र् । इन
प्रिु र्र्ों काम करने के दलए हमें पेड़ नहीं काटना चादहए । उपकरर्ों का
पयोग काम करने से हवा स्वच्छ रहे गा, तभी हमारे आस पास के जगह को
बचा सकते है ।
रक्षा बंधन
रक्षा बं धन भाई बहन का बड़ी त्योहा है जो मुख्यतः दहन्िु ओं में प्रचदलत है पर
इसे भारत के सभी धमों के लोग समाज उत्साह और भाव से मानते है ।

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