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Neurotherapy Points
Neurotherapy Points
1
के मध्य भाग से प्रेशर दे ना है . हर जगह पर 6 सेकण्ड
Lt. Ov दबायें और छोड़ें । कोहनी से किाई तक एक बार ककया
तो (1) Lt. Ov कहते हैं. यह नाभी के नीचे के बायीं
साइड ददि को कम करता है और खास कर बायीं ओवरी में रतत संचार बढ़ाता है
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(1) Rt. Ov. (1) राईट ओवरी
3 2 बायीं हाथ पर कोहनी से किाई तक तीन जगह पर तिवे
1
के मध्य भाग से प्रेशर दे ना है . हर जगह पर तिवे के
1
मध्य भाग से 6 सेकण्ड दबायें और छोड़ें । कोहनी से
Rt. ov किाई तक एक बार ककया तो (1) Rt. Ov कहते हैं.
यह नाभी के नीचे के दायीं साइड के ददि को कम करता है और खास कर औरतों में
दायीं ओवरी में रतत संचार बढ़ाता है .
(1) Pit पपट यानन पपट्यूटरी ग्िैंड को सूचचत करता है .
चचत्र के अनुसार पैरों को रख कर दोनों बाजुओं पर एक
साथ 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें ।
1,3
पहिे दोनों कोहननयों के पास, कफर कन्धों के पास, ऐसे
1,3 2,4 2,4
`{ ]f.gr upc;r m'. p"r{. k} u.g]ly;\ ]ks Pv;e.` k; ddE km krt} h". _
usk} j;nk;r} GAS ‘I’ GAS
PAN PAN
SPL GAL
MU LIV
LT.OV. RT.OV.
जजन्हें पेट में gas के कारण छाती में ददि महसूस हो उन्हें CNNS 'Gas-Gas' all 3 sides दे ने
के बाद Loveleen उपचार दे ने से बहुत िाभ दे ता है .
िेककन ककडनी और ह्रदय रोग के मरीजों को Loveleen नहीं दे ना. ऐसे पेशेंट के card पर
. Loveleen . इस तरह जरूर लिखना ताकक अन्य ददन भी याद रहे कक यह पॉइंट दे ना
नहीं. ऐसे लिखने से आप से या थेरापपस्ट से अनजाने में कोई गिती नहीं होगी जजससे
पेशेंट को कोई नुकसान हो.
दोनों साइड एक साथ नहीं करना है .
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Sulta Ulta सुलटा उल्टा
यह कई पड़ाव में दे ते हैं. तिवे के नरम भाग से ही उपचार दे ना है . कोहनी से
उाँ गलियों तक ज्यादा पाउडर डाि िें ताकक पैर को कफसिने में आसानी हो.
पहले sulta यानन हथेली आसमान की
ओर रख कर उपचार करना है
1. हाथ को 900 ड़डग्री यानन कंधे से
सीधा रखकर कोहनी से किाई तक
Sulta Right SultaLeft हल्के प्रेशर से 6 बार मसल्स को
सहिाएं.
2. कफर थोडा ज्यादा प्रेशर दे कर दटश्यू को खींचते हुए किाई से उाँ गलियों के नोकों
तक 6 बार नघसाई करें .
इसके बाद Ulta यानन हाथ को घुमाकर हथेली जमीन को दे खता हुआ रख कर ऊपर
जैसा ही दोहराना. (इसका चचत्र नहीं ददया गया है )
पहिे बायीं हाथ पर करें और बाद में दादहनी हाथ पर करें .
पहिे sulta करें और बाद में उल्टा करें .
ध्यान दें : अगर छाती में ददि हो
तो चचत्र के अनुसार भुजाओं को ऊपर
1350 की एंगि में या जजतना ऊपर
Ulta 135° Ulta 135° की ओर हो सके उतना ऊपर रखकर
Left
Right दे ना है . सि
ु टा से छाती के सामने
का ददि ननकिेगा; उल्टा से उसी जगह के पीछे पीठ के भाग का ददि ननकिेगा.
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Electrical Waves इलेजरिकल वेव्स
कान के पीछे बाजू से गदि न के side पर एडी या हथेिी के
ककनारे से ऊपर से नीचे की ओर Rubbing करना. यह अस्थमा
एवं अन्य श्वसन सम्बन्धी बीमाररयों के लिए उत्तम है .
इसका चचन्ह है
Electrical Waves
Lu + Sh = Lungs + Shoulder इसे िंग्स प्िस शोल्डर पढ़ते हैं. यह िंग्स
को उकसाने के लिए है . यह श्वास सम्बन्धी समस्याओं के लिए उपयोगी है .
पहिे अपनी हथेलियों के तिवे से दोनों तरफ कािर बोन यानन कंधे की हड्डी के
नीचे की जगह पर बहुत हल्का प्रेशर दें .
कफर हथेिी या तिवे के मध्य भाग से कंधे के ज्वाइंट के
ऊपर जरा जोर दे कर दबायें और तुरंत छोड़ें - जजससे कन्धा
1 1
बाहर की तरफ खींचा जाये । यह छाती की मसल्स को
2 2 खोिने के लिए है .
ये दोनों पॉइंट लमिकर (1) Lu+Sh होते हैं.
LU + SH
जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार इन दोनों को बारी बारी से दोहरायें.
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Stretch स्िे च इसका चचन्ह है ← →
यह कुछ-कुछ सुिटा-उल्टा उपचार जैसे ही िगता है ; पर इस में सुिटा ही करते हैं;
उल्टा नहीं करना है . यानन हथेली आसमान की ओर रख कर ही उपचार करना है
1. हाथ को 1800 ड़डग्री यानन कंधे से सीधा रखकर कुछ प्रेशर दे कर Forearms
के ऊपर की दटशू को कोहनी से किाई की ओर खींचना. ऐसे 6 बार दोहराएं.
2. कफर अपने तिवे से थोडा ज्यादा प्रेशर दे कर किाई से उाँ गलियों के नोकों तक
दटश्यू को खींचते हुए 6 + 6 बार ननम्न तरीके से नघसाई करें .
पहिे एड़ी को जस्थर रख
कर पैर के पंजे को प्रेशर
दे कर बाहर की ओर
घुमायें. ऐसे 6 बार करें .
कफर 6 बार पैर के बड़े अंगूठे
को जस्थर रख कर एड़ी को
बाहर की ओर घुमायें.
यह उपचार गदि न के मसल्स
को ररिैतस करता है . श्वसन सम्बन्धी बीमाररयों तथा मामूिी गदि न ददि के लिए
उत्तम है .
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कुलसियों का पूरा सहारा िेते हुए शरीर के वजन को अपने हथेलियों पर िेकर उनके
कन्धों के जोड़ों के पास ऐसे खड़े हों कक दोनों एड़ी बगि के अन्दर हो एवं वजन
नीचे की ओर हो.
दोनों साइड पर अपने तिवों के मध्य भाग से नीचे की मसल्स को अंदर की ओर
खींचते एवं दबाते हुए उपचार दे ना है . इसके ननम्न पड़ाव हैं :-
पहले हथेली सीधे यानन आसमान को दे खते हुए रख कर करना
1. शोल्डर जॉइंट से पास पास कदम रखते हुए कोहनी तक चिते जाएाँ, पर
कोहनी के जोड़ पर पैर रखना नहीं.
2. वैसे ही कोहनी के जॉइंट के नीचे से किाई के जोड़ के पहिे तक प्रेशर दे ते
हुए नीचे उतरते जाएाँ.
3. किाई के जोड़ के नीचे हथेिी से होते हुए उाँ गलियों के नोकों तक.
4. ऐसे कम से कम तीन राउं ड करना ।
इसके बाद हथेली उल्टा यानन जमीन को दे खते हुए रख कर ऊपर के सारे वैसे ही
दोहराना.
यह गदि न से किाई या उाँ गलियों तक के ददों, सुन्नपन, जिन इत्यादद के लिए उत्तम
है ।
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ननम्न उपचारों के र्लए कहीं र्ी तककये की जरूरत नहीं है
(1) Thymus Only (थैमस खाली) कुलसियों का सहारा
िेकर कमर के दोनों साइड पर पैरों को रख िें. पहिे
दायीं तिवे के पंजे के नमि भाग से छाती के बीच के
हड्डी पर बबना प्रेशर ददए 3 बार बायीं कंधे की ओर
1 2
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Dorsal डोसभल
गदि न के पीछे रीढ़ के मनकों के ऊपर मेडुिा उपचार जैसे-ही
अपने दोनों अंगूठों से बारी-बारी से चगनती करते हुए नघसना.
जजतनी संख्या लिखी हो - हर अंगूठे से उतनी बार नघसना है .
Dorsal
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रामन िीटमें ट दोनों हाथों को पीछे की ओर से कन्धों पर इस तरह
रखें कक दोनों पहिी उाँ गलियााँ गदि न के बहुत ही नजदीक हों एवं दोनों
हथेलियााँ के तिवे एक दस
ू रे के पास पास हों. कफर पीठ के मसल्स
को दोनों तरफ से ऊपर उठाना और उसी जगह 6 सेकंड के लिए पकड़
Raman
के रखना और कफर धीरे से छोड़ दे ना. ऐसे तीन बार करें .
इसके बाद उन्हें 5-6 बार आराम से सााँस अंदर िेने और बाहर छोड़ने के लिए कहें .
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नाक से िम्बी सााँस िेना और मुंह से बाहर छोडना. ठीक से
Mukha dhauti
करने से यह शरीर के ददों में तुरंत राहत दे ता है .
अगर Mu0 में ददि हो तो मुंह को पूरा खोिकर 'हा...' शब्द जैसा सााँस ननकािना.
अगर Liv0 में ददि हो तो मुंह को बंद रखकर 'हू ...' सीटी जैसा सााँस ननकािना
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Endorphin एंडोक भ न
अपने दोनों अंगूठों के नरम भाग से कान के नीचे जहााँ हम मेडूिा
उपचार दे ते हैं वहां से शुरू करके गदि न के पपछिे भाग में C7 मनके के
आसपास तक तीन तीन बार दबायें और छोड़ें. ऐसे कान के नीचे ऊपर
से नीचे तीन जगह पर करना.
यह ददों की महसूसी को कम करता है ; शरीर में ददि के एहसास को C7
कम कराता है Endorphin
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Subclavian सब रलेपवयन िीटमेंट
1. अपने अंगठ
ू े के नरम भाग से दोनों तरफ कंधे की हड्डी के
अंदर अनेक बबन्दओ
ु ं पर दबाव डािते हुए दोनों कन्धों तक
जाना है .
1 1
2 2
2. कफर वहां से नीचे के गड्ढ़े के अंदर गदि न की ओर वैसे ही
3 3
करना है .
Subclavian 3. अंत में गदि न के ककनारे से होते हुए वापस पहिी जगह पर
िौट जाना है .
सारी प्रकक्रया तीन बार दोहराना है .
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उाँ गलियों को इकट्ठा करके गदि न के मसल्स पर घडी की ददशा में
Neck
घुमाते हुये कान से िेकर कंधे तक आना – ऐसे ऊपर से नीचे पवलभन्न
clockwise
ददशाओं में करना. बायीं साइड से शुरू करके दादहनी साइड तक करें .
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Ptyalin Treatment टाइर्लन उपचार
Ptyalin Treatment
2. कफर हथेलियों को पेशेंट के जबड़ों के नीचे चचत्र के दो नंबर की जगह पर रखना
और वहां की मांस पेलशयों को सामने और पीछे की ओर तीन-तीन बार दहिाना.
यह उपचार सब-मंडीबुिर िार ग्रजन्थयों (sub-mandibular glands) को उकसाने
के लिए है .
4. अंत में जबड़ों के सामने की मांस पेलशयों को तीन-तीन बार दहिाना. यह भी िार
के उत्पादन को बढायेगा.
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Necklace नेकलेस
अपना बाया हाथ पेशेंट के लसर पर हल्के प्रेशर से रखें ताकक
उपचार के समय उनका माथा न दहिे. कफर अपने दादहने हाथ
की हथेिी को खोिकर ऐसा रखें कक आपका अंगूठा नीचे उनके
खोपड़ी की हड्डी के छोर पर हो और बाकी चार उाँ गलियााँ ऊपर
की ओर हों, एवं वे खि
ु े रहें .
Necklace अपने अंगूठे के नोक से बाईं कान के पीछे से शुरू करके बहुत
ee पास पास अनेक बबन्दओु ं पर तीन तीन बार दबाते हुये दादहनी
कान तक जाना. ऐसे दायें से बायें तीन राउं ड करें .
यह उपचार खोपडी के पपछिे नीचे भाग की हड्डी के ठीक नीचे की मसल्स को
ररिैतस करने के लिए ददया जाता है - जजस से ब्रेन और बाकी शरीर के बीच में
इम्पल्सेस (impulses) यानन संवेदना की तरं गों के आने जाने में कोई रुकावट न हो
एवं उनमें संचार ठीक प्रकार हो.
इस उपचार से सारे शरीर की ददें बहुत ही कम हो जाती हैं.
इसका चचन्ह है
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Brodmann's area 17 & 18
लसर के पीछ के भाग को इस तरह से नघसाई करना कक
चमड़ी के नीचे की मांसपेलशयां ररिैतस हों, मगर बािों में
खखंचाव न आये. यह ब्रेन, आाँखों और स्पीच की तकिीफों
के लिए उत्तम है .
Jaw Points
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(30) Lacrimal point (30) लैकिमल पॉइंट
एक नरम महीन रुमाि से अपने अंगूठे और दस
ू री उं गिी को
िपेट कर उन से नाक के बाजू एवं ऊपर आंख से सटा हुआ भाग
को अन्दर दबाना और छोड़ना. ऐसे तीस बार करना. यह आाँखों
में सूखापन, आाँखों से पानी ननकिते रहना, तथा ग्िौकोमा को
Lacrimal point
ठीक करने के लिए उत्तम उपाय है
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Sinus point
पेशेंट के सामने खड़े होकर हथेलियों को उनके चेहरे
पर ऐसे रखें कक उाँ गलियााँ कनपट्टी के पास और
1
2 3 3 अंगूठे आाँखों के नीचे नाक की हड्डी के पास हों
1. सब से पहिे अपने अंगठ
ू ों से साइनस कैपवटी
की त्वचा को दबाकर नाक से कानों की तरफ खींचना
4 4
है .
2. कफर नाक के दोनों बाजू की त्वचा को नीचे से
Sinus point ऊपर की ओर दबाकर खींचना है .
3. कफर हथेलियों को जगह बदिकर कुछ ऊपर रख िें और अंगूठों से भौंह पर
त्वचा को दबाकर आाँखों के बाहरी ककनारों तक िे जाकर त्वचा को +गोि
गोि घुमाकर छोड़ना है .
4. कफर आाँखों के ककनारों के पास से नीचे की ओर होकर अंदर घुमाते हुए नाक
की साइनस कैपवटी (sinus cavity) तक िाना है और उधर मसल्स को न
छोड़ते हुए नाक के दोनों बाजुओं से गािों की ओर दबाकर खींचना है .
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T1-T2 मनके के आसपास दोनों बाजुओं से शुरू करके पास पास
T1 बाहर की ओर दबाते हुए तिापवति हड्डी (clavicle bone) के
बाहरी ककनारे तक आना
Thoracic T1-T2
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Satnam
यह उपचार लसर ददि के लिए बहुत ही प्रभावशािी है . इसके ननम्न पड़ाव हैं.
1. पेशेंट के पीछे उनके माथे को अपने शरीर से सहारा दे ते हुए खड़े हों. अपने
हथेलियों से उनके लसर को ऐसे ढक िें कक दोनों अंगूठे माथे के पीछे हों और
बाकी उाँ गलियााँ नाक की शरु
ु आत (आज्ञा चक्र) के पास हों. अंगठ
ू ों के सहारे िेकर
अपनी उाँ गलियों से नीचे की दटश्यू और त्वचा को दबाते हुए बारी बारी से ऊपर
लसर के बािों की ओर खींचते िेकर जाना है . ऐसे 6 बार करें .
2. इसके बाद आज्ञा चक्र से उाँ गलियों को अंदर दबाकर रगड़ते हुए दोनों भौंह के
ऊपर की त्वचा एवं नसों को दोनों साइड में कनपट्टी के पास िे जाना है . एवं
साइड में िाने पर बबना मसल्स को ढीिा छोड़े अपनी अंगूठे के नमि मध्य भाग
से 6 बार घडी की सई
ू की ददशा में गोि गोि घुमाना और 6 बार पवपरीत ददशा
में घुमाना है . अब भी मसल्स को पकड़ कर रखें , छोड़ना नहीं.
3. इसके तुरंत बाद ही दोनों साइड पर कनपट्टी के पीछे से मसल्स को खींचते हुए
खोपड़ी की हड्डी जहााँ खत्म होती है उस के ककनारे से होकर पीछे रीढ़ की हड्डी
के सवािइकि वटे ब्रा (cervical vertebra) पर िे जाकर सेट कर दे ना है . यह
सारा करने के बाद ही आपने हाथों को ररिैतस करना है .
4. यह सारा प्रकक्रया 3 बार दोहराएं.
इसी उपचार का एक और रूप भी उतना ही प्रभावशािी है .
पेशेंट के पीठ के पास खड़े होकर ऊपर जैसा ही हथेलियों को रखें. कफर दोनों
हाथों की उाँ गलियों से माथे के बीच से मसल्स और नसों को साइड में खींचकर
कन पट्टी से होकर बबना रुके दटशू को लसर के पपछिे भाग में िे जाकर छोडने
से भी आराम होता है .
इसके बाद उनके साइड पर खड़े होकर अपनी एक हथेिी से खोपड़ी के नीचे गदि न
को अच्छी तरह पकडकर मसिें और छोड़ें. ऐसे तीन से छह बार कर सकते हैं.
हथेिी को ऐसे रखें कक चार उं गिी माथे के ऊपर हों और अंगठ
ू ा बायीं कनपट्टी
के पास हो. कफर अपने अंगूठे को अच्छी तरह दबाकर प्रेशर के साथ नसों को
कनपट्टी से खींचकर गदि न के मध्य भाग में पहुंचाना है . कफर दादहनी ओर भी
ऐसा ही करना है .
यह लसर ददि एवं आाँखों को के लिए बहुत ही िाभदायक है .
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Ear Points इसके चचन्ह हैं Ear Points
उनके बाएं कान के पास खड़े हों और अपने बाये हाथ को उनके माथे पर हल्के प्रेशर
से रखें ताकक उपचार के समय उनका माथा न दहिे. उपचार के ननम्न पड़ाव हैं –
1. अपने दादहने हाथ की उाँ गलियों को ऐसे खोि कर रखें
3
1
कक अंगूठा नीचे की ओर तथा बाकी चार उाँ गलियााँ ऊपर की ओर हों.
2 कफर अपने अंगूठे के नरम भाग से उनके कान के पीछे की नरम
त्वचा को 6 बार ऊपर से नीचे की ओर सहिाएं.
2. कफर कान के नछद्र के पास गाि की त्वचा को भी 6 बार
ऊपर से नीचे की ओर सहिाएं.
3. अंगठ
ू े के मध्य भाग से कुछ प्रेशर दे कर नछद्र के सामने के कादटि िेज को
दबाकर नछद्र के अन्दर प्रेस करना, कुछ क्षणों के लिए रुकना और छोड़
दे ना. ऐसा करने से तरु ं त ही कुछ क्षणों के लिए कान से अच्छी सन
ु ाई
दे ने िगता है .
4. अपनी पहिी ऊाँगिी से नछद्र के ककनारे के कादटि िेज को 45० के 4
एंगि में अंदर और ऊपर की ओर दबाना. (चचत्र दे खें )
5. कफर यह सारा प्रकक्रया दादहने कान पर भी करें .
ननम्न सर्ी उपचार पेशेंट को करवट में
र्लटाकर दे ना है
Acid पेशेंट को दायीं करवट के बि लिटायें, बायीं टांग को
मोडकर दायीं टांग को सीधा िम्बा रखें । दायीं जांघ पर
Acid
दबाते हुये कमर से घुटने तक जायें, िेककन प्रेशर 2-3
सेकण्ड के लिये ही दें , तयोंकक ददि बहुत ज्यादा हो सकता है .
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Fluid or Alkali
ऊपर Acid जैसा ही करना है , पर बायीं करवट पर लिटायें,
और बायीं जांघ के साइड पर दें .
Fluid or Alkali
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Lt Parkhoo
पेशेंट को दायीं करवट पर लिटायें और बायी कुल्हों के दोनों पॉईण्ट
पर बारी बारी से दबायें और छोड़ें । एक बार ऊपर और एक बार
Left Parkhoo नीचे ककया तो उसे (1) Lt Parkhoo कहते हैं. यानन चगनती है
दो बराबर एक.
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Rt Parkhoo
पेशेंट को बायीं करवट पर लिटायें और दायीं कुल्हो के दोनों
पॉईण्ट पर बारी बारी से दबायें और छोड़ें । एक बार ऊपर और
Right Parkhoo एक बार नीचे ककया तो उसे (1) Rt Parkhoo कहते हैं. यानन
चगनती है दो बराबर एक
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Folic पेशेंट को बायीं करवट पर लिटायें और दायीं कुल्हो पर
घुटनों के ददशा में दबायें और छोड़ें ।
Folic
Thia = Thiamine
Thia पेशेंट को बायीं करवट पर लिटायें और दायीं कुल्हो पर लसर के
ददशा में दबायें और छोड़ें ।
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B12
पेशेंट को दायीं करवट पर लिटायें और बायीं कुल्हे पर घुटनों के ददशा
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Nia = Niacin
Nia पेशेंट को दायीं करवट पर लिटायें और बायीं कुल्हे पर लसर के
ददशा में दबायें और तुरंत छोड़ें ।
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Right vitamin formation
पारखू उपचार जैसे ही लिटाकर जांघ की फ़ीमर हड्डी के बॉि
के बाजूमें clockwise करते हुये नीचे से ऊपरजाना
राईट पवटालमन फामेशन ke liye बायीं करवट पर लिटाकर
दादहनी कमर पर करना है .
Right vitamin formation Clockwise करना यानन उाँ गलियों को इकट्ठा करके उन्हें
घडी की सूई घूमने की ददशा में गोि गोि घुमाना .
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Left vitamin formation
पारखू उपचार जैसे ही लिटाकर जांघ की फ़ीमर हड्डी के
बॉि के बाजू में clockwise करते हुये नीचे से ऊपर
जाना
िेफ्ट पवटालमन फामेशन ke liye दायीं करवट पर
T6 T6 T6
L5 L5 L5
3 3
2 2
1 1
ऊपर के चचन्ह में ट्रायंगि यानन बत्रकोण के साइड में जो '1', '2', '3' नंबर लिखा गया है ,
वह उपचार ककधर से शुरू करना और कहााँ समाप्त करना यह बताने के लिए है , पर
ट्रायंगि के ऊपरी िाइन के बीच में जो '3' नम्बर लिखा है - वह ककतने बार दोहराना है ,
यह बताता है .
आम व्यजतत के लिए तीन बार पयािप्त है , पर बहुत सख्त पाईल्स के लिए पहिे एकाध ददन
के लिए 5-6 बार दे सकते हैं, तब बीच का नंबर बदिकर 5 या 6 हो जायेगा.
यह पेशाब पर ननयंत्रण के लिए, एवं औरतों को मालसक धमि में अत्यचधक ब्िीड़डंग पर
ननयंत्रण पाने के लिए भी िाभदायक है .
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(2) S4-S5 दे ने का तरीका
1. कमर के पास आराम से खड़े हों. पहिे एक पैर की एड़ी को
उनके कूल्हे पर पेजल्वक ट्रायंगि के बाहरी बाजू के पास (चचत्र के
अनुसार) रखें;
2.कुलसियों के सहारे शरीर का पूरा वजन हाथों पर िेते हुए,
दोनों एड़ड़यों को कुल्हे के अंदर दबाते हुए S5 मनके के दोनों
बाजुओं पर रखें.
S4
3. कफर अपनी एड़ड़यों को S3-4 केसाईड की मसल्स को
S5
अंदर और नीचे की ओर खींचते-दबाते हुए एक jerk दें .
4. कफर जगह बदिकर कूल्हे के दोनों बाजू S5 के बाहरी
साईड पर ऊपरसे नीचे की ओर दबायें और छोड़ें ।
S4-S5
साधारणतः दो बार करते हैं जजसे (2) S4, S5 लिखते हैं.
उपचार के तरीके से यह साफ पता चिेगा कक यह उपचार ऊपर के ट्रायंगि उपचार
का ठीक पवपरीत है .
पेशाब अगर रुका हुआ हो तो उसे िाने में यह मदद करता है . सो यह हाई BP के लिए भी
उपयोगी है .
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कमर की समस्याओं को ठीक करने के कुछ उपचार
L5 - S1 Ghisai
ध्यान दें यह उपचार जांघों की मांसपेलशयों को ढीिी करने के लिए दे ते हैं. अगर
पेशेंट अपने आप टांग उठायेंगे तो नीचे की मसल्स कड़क हो जाएाँगी, जजस से िाभ
कम होगा, कुछ िोगों को उपचार के दौरान या उसके बाद ददि बढ़ भी सकता है .
इधर नंबर 1,2,3 ककसी मनके को सूचचत नहीं करते. वे लसफि यह बताते हैं की हमें
पहिा कदम कुल्हे के पास रखना है , दस
ू रा जांघ के पीछे के मध्य भाग में और
तीसरा कदम घुटने के पास.
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Blood Supply To Sides
कुलसियों का पूरा सहारा िेते हुए शरीर के वजन को अपने
हथेलियों पर िेकर अपने तिवे के नरम अंदरी भाग से
कुल्हे के बाजू में साइड से बाहर की ओर अिग अिग
जगहों पर 6 से 12 बार नघसें.
यह कुल्हे के आसपास के मसल्स को ररिैतस करने के
लिए ददया जाता है .
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+1 for L1-L2-L3
यह अतसर बबठाकर दे ते हैं. पर इसे लिटा कर भी दे
सकते हैं. बबठा कर दे ने से जांघ के नीचे तककया जरूरी
नहीं है . लिटा कर दे ने से जांघ के नीचे तककया जरूरी है .
2
शरू
ु करते हैं और बायीं में खत्म करते हैं.
1
1. हो सके तो पेशेंट की छाती के नीचे भी 1½ तककये
Bottom of Feet दें , माथे को नीचे की ओर सीधा ररिैतस रखने के लिए कहें ,
और अपनी दोनों तिवों के नरम भाग को उनके दोनों एड़डयों के पास रख
कर बारी बारी से दोनों पपण्डलियों पर ऐसे दबाते हुए चिें कक उनके मसल्स
ऊपर की ओर खींचे जाएाँ.
2. कफर दादहनी करवट में लिटाकर टांगों के साईड पर
3. कफर बायीं करवट में लिटाकर दस
ू रे साइड पर.
यह ट्रीटमें ट पैरों की उाँ गलियााँ, तिवे और एड़ी से िेकर पपंडलियों तक के सुन्नपन,
ददि , जिन या ककसी भी प्रकार की समस्या के लिए अनत उत्तम है .
साधारण पेशेंट के लिए तीन बाजू काफी है .
अगर ककसी को मोच आयी हो तो -
BOF – ALL 4 SIDES for sprain ऐसे लिखते हैं तब ननम्न उपचार भी दे ना है :-
पेशेंट को सीधे लिटाना और अपने एड़ड़यों से या हथेलियों के तिवों से पास पास
जगहों पर प्रेशर दे ते हुए उनके एड़ी के सामने से दटशू को नीचे से ऊपर घुटने की
ओर धकेिना. ऐसे तीन बार करें . तुरंत ही इतना आराम लमिेगा कक पवश्वास नहीं
होगा.
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L4 Fracture यह उनको देना है जिनके L4 मनका फ्रैक्चर याजन टूट चूका है
मरीज को सीधा िेटाकर पपण्डलियों के अंदरी बाजू में जोर दे ते हुए घट
ु ने
से एड़ी तक अनेक जगहों पर अपनी एड़ी से जकि (jerk) दे ते हुए उतरते
जाना जजससे कक L4 मनके की नसें खखंची जायें और धीरे धीरे टूटा
L4 Fracture
हुआ मनका सेट हो जाए.
L5 Fracture यह उनको देना है जिनके L5 मनका फ्रैक्चर याजन टूट
चूका है
मरीज को पॆट के बि ऐसे लिटाना कक लसर सीधा हो और पैर की
उाँ गलियााँ बाहर की ओर हों. अपनी एड़ी से पपण्डलियों के बाहरी बाजू में
L5 Fracture जोर दे ते हुए घुटने से एड़ी तक अनेक जगहों पर जकि (jerk) दे ना जजस
से कक L5 मनके की नसें खखंची जाएाँ और धीरे धीरे टूटा हुआ मनका
सेट हो जाए.
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Blood Supply to Legs ब्लड सप्लाई टू लेग्स
ध्यान दें कक इस उपचार में थेरापपस्ट के खड़े रहने की
जस्थनत में एक मुख्य बदिाव है .
कुलसियों का सहारा िेते हुए अन्य उपचारों की तुिना में
उल्टा यानन पेशेंट के एड़ी की ददशा में खड़े होना है . तिवे
के बीच वािा नरम भाग से ही उपचार दे ना है .
उनसे कहें कक वे अपने पैरों को ढीिा रखें, उाँ गलियााँ बाहर
की ओर हो एवं दोनों एड़डयााँ एक दस
ू रे को दे खते हुए हों.
अब आप उनके बायीं जांघ के पपछिे भाग पर अपने दादहने
पैर से कूल्हे से घुटने तक 30 बार नघसाई करें . कफर अपने
Blood Supply to Legs बायीं पैर से उनके दादहने जांघ पर वैसे ही 30 बार नघसाई
करें .
हर बार पैर के तिवे को आराम से ऐसे कफसिाना की नीचे की चमड़ी को ठे स न
िगे, पर नीचे की नसें एवं मांस पेलशयों में रतत संचार बढ़ जाये.
यह पोलियो एवं टांगों में कमजोरी के लिए उत्तम उपचार है . 30
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Pelvic पेजल्वक यह पैर में सुन्नपन, ददि या जिन के लिए उत्तम है .
जजस पैर में तकिीफ हो उस पैर को 900 की अवस्था में बाहर की ओर
तककये के ऊपर रखना है . पेशेंट का दस
ू रा पैर सीधा रखना है . थेरापपस्ट
अपने तिवे को टे ढ़ा रख कर अपने पैर के बाहरी ककनारे से फीमर बॉि
के ककनारे पर ज्यादा से ज्यादा 90 सेकण्ड तक खडा होना है . अगर
पेशेंट को सहन न हो तो समय कम कर दें .
उनके बाये फेमुर पर खड़ा होना हो तो अपना दादहने पैर का उपयोग
Pelvic करें . वैसे ही उनके दादहने फेमुर पर खड़ा होना हो तो अपने बाये पैर का
उपयोग करें .
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Bending forward यह उनको दे ना है जजन्हें सामने झुकने
से कमर या पपंडलियों में ददि आ जाये.
तीन पड़ावों में करना है .
अपनी हथेलियों को cup-जैसा गोि आकार में रखें. पहिे
बायीं टांग पर करना, कफर दायीं टांग पर.
Bending forward
1. बारी बारी से हर एक हथेिी से पपंडिी के पीछे की नसों
तथा मांसपेलशयां को घुटने के पीछे से िेकर एड़ी के पीछे तक इस खब
ू ी से खींचना
है कक बाि न खींचे जाए. पपंडलियों में दबाव सामान्य रखें पर एड़ी पर ज्यादा प्रेशर
दें . ऐसे 6 बार करें .
2. टांग के दोनों बाजू को हथेलियों से ढक िें और मांसपेलशयां तथा नसों को नरमी
से नीचे की ओर खींचते हुए एड़ी तक आना है और न रुकते हुए एड़ी के दोनों साइड
की चमड़ी पर जोर दे ते हुए उाँ गलियों के नोकों तक नघसना है . ऐसे 6 बार करें .
Bindu
घुटने के ददों के र्लए कुछ उपचार
घट
ु ने की कटोरी को लचीला बनाने के र्लए दो उपचार हैं -
a. Back of knees इस उपचार को उल्टा र्लटाकर करना है :-
( इन चचत्रों में घट
ु ने की कटोरी को इस चचन्ह द्वारा चचबत्रत ककया है --> )
1. अपने तिवे के नरम मध्य भाग से घट
ु ने के पीछे के भाग को
ऊपर-नीचे, नीचे-ऊपर – ऐसे 20 से 25 बार नघसाई करें .
2. कफर अपने पैरों या हथेिी के तिवों को घुटने के जोड़ के ऊपरी
ककनारे के पास रख कर नीचे की त्वचा एवं मसल्स को हल्के
प्रेशर दे कर बीच से दोनों बाजू की ओर खींचें ताकक वहां की मांस
पेलशयााँ ढीिी हो जाएाँ. ऐसे 6 बार करें .
3. कफर घुटने के जोड़ के नीचे के ककनारे पर भी त्वचा को ऊपर-जैसा 6
बार करें .
ऊपर के तीनों से कटोरी के पीछे की मांस पेलशयों नरम और िचीिी हो जाती हैं,
जजस से ददि में तुरंत ही राहत लमिने िगती है.
4. इसके बाद ऊपर के तीनों उपचार दस
ू रे घुटने के पीछे भी करें .
b. Knee Cap Free इसे सीधा र्लटाकर या बैठाकर करना है .
पेशेंट से कहें कक घुटने को एकदम ढीिा छोड़ दें और
ररिैतस होकर िेटें या बैठें. जजस घुटने में ज्यादा तकिीफ
हो, उसे पहिे करें , बाद में दस
ू रे पर कर सकते हैं.
1. हथेलियों को ऐसे रखें कक अंगूठे एक दस
ू रे के
पास हों और उाँ गलियााँ जांघ के दोनों साइड पर हों. मसल्स
को हल्के प्रेशर दे कर तीर की ददशा में दायें-बायें मसिें .
ऐसे कमर से घुटने तक जांघ पर दो तीन जगहों पर करें .
2. घुटने के नीचे के त्वचा पर भी 2-3 जगहों पर ऐसा
ही करें .
3. हथेलियों को घुटने की कटोरी के दोनों बाजू खड़े रखकर ककनारों से घट
ु ने के
साइड की मसल्स को ऊपर-नीचे एवं नीचे-ऊपर मसिकर उन्हें ररिैतस कराएाँ.
4. कफर कटोरी के चारों कोनों पर हथेिी के तिवे से रगडकर एवं चारों ओर
गोि-गोि हाथ फेरकर कटोरी को नीचे की मसल्स से मुतत करायें.
ये सब करने से knee cap यानन कटोरी एक दम िूस हो जाएगी, जजस से घुटने
का जकड़न कम हो जाता है , इसलिए ही इसे cap free कहते हैं.
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Giriraj िीटमें ट
यह घुटने के ऊपर और नीचे के मसल्स को ढीिे करने के
लिए दे ते हैं.
पेशेंट को लिटाकर दे ने से जांघ के नीचे तककया दें .
अपनी उाँ गलियों को इकट्ठा करके घुटने के पास से शुरू
करके ग्रोईन (groin) तक पास पास अनेक जगहों पर
clockwise करते हुए मसल्स को ऊपर चढाना. वैसे ही तीन
चार अिग अिग जगहों में करना. अंत में जांघ के बाहरी बाजू
की मांस पेलशयों को फीमर हड्डी के पास िे जाकर ऊपर चढ़ा दे ना.
दोनों पैरों पर एक के बाद एक करना है .
इसके बाद calf muscle ghisai करना है .
Giriraj
Calf muscle ghisai
बायें पैर पर तीन पड़ावों में करना है .
8
1. दोनों हथेलियों के बड़े अंगूठों के
नोकों से बायां पैर के अंदरी बाजू में
6 1
4 5 2 जोर िगाकर दबाते हुए घट
ु ने के नीचे
3 7
से िेकर टखने तक अन्दर की नसों
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JJ back यह उपचार पेशेंट को उल्टा लिटाकर दे ते हैं.
यह उनको दे ना है जजन्हें सारे अन्य उपचार के बाद भी
घुटना के बाहरी बाजू में ककसी एक बबंद ु पर ददि हो.
इसमें बटतस के साइड पर पेजल्वक बोन के बाहर एवं
3
फीमर के ऊपरी भाग में जो मसल्स और दटश्यू उतर गए
हैं, उन्हें नीचे से ऊपर पहुाँचाना है .
2
1
T1
यह उपचार पेशेंट को लिटा कर ही दे ना है . पेशेंट के
कमर के पास बैठ जाएाँ. चचत्र के अनुसार हथेिी को
उनके L5 मनके के ऊपर ऐसे रखें कक तिवे के बीच
का भाग उनके मनके के बीच हो. कफर जरा जोर दे कर
स्पाईन के ऊपर L5 से िेकर T1 तक ऐसे दबाते हुए
L5
नघसते जाना है कक मनकों के दोनों बाजू के दटशू, नसें
Up arrow
इत्यादद ऊपर की ओर खींचे जाएाँ.
इसका चचन्ह है
कान में अगर फ्िूइड कम हो जाये तो उस से चतकर आते हैं, जजसे वदटि गो
(vertigo) कहते हैं, उसे ठीक करने के लिए यह उपचार उपयोगी है
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Down arrow पेशेंट के लसर के पास बैठ जाएाँ. चचत्र
T1 के अनस
ु ार हथेिी को उनके गदि न के नीचे ऐसे रखें कक
तिवे के बीच का भाग उनके T1 मनके के बीच हो.
कफर जरा अंदर की तरफ जोर दे कर L5 मनके तक ऐसे
नघसते जाना कक मनकों के दोनों बाजू के दटशू, नसें
L5 इत्यादद नीचे की ओर खींचे जाएाँ. यह उपचार पेशेंट को
T8
T1 थोरलसक T8 वटे ब्रा के चारों ओर के भाग को दबाएाँ और छोड़ें,
पर प्रेशर इतना ज्यादा न हो कक ददि और बढ़ जाये.
T8
इसका चचन्ह है
T8
T8
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Hydrocele point
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Prolapse Point इसे P point भी लिखते हैं.
यह उन औरतों के लिए उपयोगी है जजन का गभािशय अपनी
जगह से हठ गया हो.
जांघ के मध्य भाग की मसल्स को एडी से दबाकर ऊपर की
ओर jerk दे ना.
पहिे बायीं जांघ पर करें , कफर दादहनी जांघ पर.
इसका चचन्ह है
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Abdomen Setting एब्डोमेन सेटटंग
1. मरीज को सीधा िेटाकर उनके पैर
को फोल्ड कर के बटर फ्िाई butterfly की
तरह तीन बार अन्दर-बाहर करें .
2. कफर दोनो घुटनों को जोड़ िें
और पैरों को मोड़ कर ऐसा रखें की दोनों
एड़डयााँ buttocks के पास हों. इस जस्थनत में
घुटनों को पकडकर तीन बार दायां व तीन
बार बाईं ओर मोड़ें.
3. कफर बारी बारी से एक पैर को
िम्बा करके दस
ू रे घुटने को अंदर जमीन की
ओर मोड़ें. ऐसे दोनों बाजू तीन बार करें .
4. अंत में चेहरे को एक ददशा में
Abdomen setting
घुमाना एवं दोनों घुटनों को दस
ू री ददशा में
जमीन की ओर घुमाना है . ऐसे दोनों बाजू तीन बार करें .
जजनका पेट बहुत ही ख़राब है उनके लिए पेट सेट करने के लिए यह एक
और उत्तम उपचार है .
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Opposite point अपोजजट पॉइंट
प्रभापवत अंगो के अनुसार पवपरीत हाथ व पैर को दबाना, घडी की ददशा में व
पवपरीत ददशा में घुमाना इत्यादद. (दादहने हाथ का अपोजजट यानन पवपरीत साईड
बाया पैर को व बाया पैर का अपोजजट दादहना हाथ को उपचार दे ना होता है )
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Superfast जब अचानक पैर कफसि जाय तो एक तरफ की
1
3
2 मसल्स दस
ू री तरफ चिी जाती हैं जजसके कारण ग्रोइन पर तीव्र
ददि आ जाता है . उस में राहत दे ने के लिए यह उपयोगी है . जजस
4
5
6
7 ग्रोइन में ददि हो उसी में करना है .
8
9
10 अपने दोनों तिवों के नरम मध्य भाग से जांघ से िेकर टखने
तक पास पास कदम ओवर िैप (overlap) करते हुए टांग के
Superfast
अन्दर की मसल्स को नीचे की ओर दबाकर खींचते हुए आना है.
कफर घुटने को उिटाकर नीचे सहारा के लिए दो या तीन तककया रखें . जांघ के बाहर
से िेकर पपंडिी के साइड से होकर एड़ी तक दब
ु ारा वैसे ही चिते आयें. ऐसे तीन
चार राउं ड करने से काफी आराम लमिता है .
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Sangam संगम पॉइंट्स
1. Fore arm के ऊपरी भाग पर कोहनी के जोड़ के कुछ नीचे जहााँ C6, C7, C8 की
नविस का संगम है वहां
अंगठ
ू े व पहिी उं गिी के बीच के जंतशन पर
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Sciatica setting
पैर जमीन में सीधा रखकर पांव के नीचे तककया रखें
आपके एक हाथ से टखने के नीचे सहारा दे ने के लिए उसे
पकड़ िें. कफर दस
ू री हथेिी के पंजे से पैरों की उाँ गलियों
को अच्छी तरह पकड़ते हुए पंजे को ऊपर की ओर
मॊडना, कफर नीचे की ओर मोडना.
Sciatica setting
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Katka कटका
मरीज को पेट के बि लिटाकर पीठ के मसल्स को
ररिैतस करने के लिए कहें . पेशेंट ने गदि न को सीधा
रखना है .
1. पैरों के तिवों को L5 मनके के पास रख कर
Clockwise बाहर की बाजू में नीचे से ऊपर यानन किाई से कोहनी और कोहनी
से कंधे तक करके कंधे के पीछे मसल्स को चढ़ाना.
पैर में करने का तरीका:- अन्दर की बाजू में ऊपर से नीचे यानन जांघ से घुटना और घुटना से
एड़ी की ददशा में करना. कफर बाहर की बाजू में नीचे से ऊपर यानन एड़ी से घुटने की बाहरी बाजू
तक और घट
ु ने से जांघ के साइड तक करके कमर के पीछे और ऊपर मसल्स को चढ़ाना.
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Shukla शर
ु ला उपचार यह प्रभापवत हाथ और पैर दोनों पर करते हैं.
तरीका यह दो पड़ावों में दे ते हैं – a. हाथ में ; b. पैर में
हाथ में उपचार करने का तरीका
अपने एक हथेिी से उनके हाथ को किाई के पास जकड़ िें ताकक किाई के ऊपर का हाथ
या भुजा न दहिे. कफर अपने दस
ू रे हाथ की उाँ गलियों को उनके उाँ गलियों के अन्दर फंसाकर
उनकी हथेिी को ननम्न तरीके से 6-6 बार दहिाएं –
1. ऊपर एवं नीचे की ओर 2. दायें - बायें,
एवं ननम्न तरीके से गोि गोि घुमायें.
3. घडी की ददशा में (clock-wise) तथा 4. पवपरीत ददशा में (anti-clock-wise)
पैर में उपचार करने का तरीका
Shukla
ऊपर की तरह एक हथेिी से उनके एड़ी की हड्डी के पास जकड़ कर पैर की उं गलियों को
अच्छी तरह पकड़े हुए उनके पैर के टखने को भी ऊपर जैसा चार तरीके से दहिायें.
यह िकवा एवं हाथ-पैर के जकडन इत्यादद बबमाररयों के लिए उपयोगी है .
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Vasanti वसंती पेशेंट को सीधा लिटाकर उनके दोनों
पैरों के बीच में खड़े रहें . कफर अपने तिवे के नरम मध्य भाग
से टांगों के दोनों बाजू बारी बारी से बहुत ही नरम तरीके से एड़ी से
घुटने तक नघसाई करें .
उसके बाद उनको उल्टा लिटाकर उनके पपंडिी के पीछे भाग में
नीचे से ऊपर की ओर उसी तरह 15 से 20 बार नघसना है .
यह खास कर डायबबटीज की मरीजों में अंगों के सुन्नपन को दरू
करने के लिए िाभदायक है .
Vasanti
अगर हाथों में सुन्नपन है तो तिवे से उाँ गलियों से कोहनी तक
इसी तरह से नरम नघसाई करें .
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Feather touch हाथों की Finger tips यानन उाँ गलियों की नोकों से मयूर पंख
जैसे बहुत ही नरम स्पशि से मरीज के शरीर के अपेक्षक्षत भाग को सहिाना
यह सारे शरीर में इम्पल्सेस (impulses) भेजने के लिए ददया जाता है .
पैरालिलसस, कड़कपन, ददें तथा ब्रेन की सभी बबमाररयों में बहुत ही िाभदायक है .
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1
Ton – T 3
&P
TON 'P' – यह गाि के बाजू में जस्थत पैरोदटड ग्रंचथयों को उकसाने के लिए है .
TON 'T' – यह गदि न में जस्थत टॉजन्सल्स ग्रंचथयों को उकसाने के लिए है .
दोनों उपचार में एक जैसे ही करना है , लसफि चगनती में फकि है .
ननम्न तीन जगह में इस क्रम से सामान्य प्रेशर से नघसना है –
TON 'P' TON 'T'
1. गाि पर - ऊपर कान के सामने से नीचे गदि न तक. 12 बार 6 बार
2. गाि के नीचे – सामने ठोड़ी से पीछे कान के नीचे 6 बार 12 बार
तक
3. गदि न के साइड पर जहााँ गदि न और कन्धा लमिते हैं 3 बार 3 बार
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2 1 2
3 3
1 2 1
2 2
3
3 3
1 2 3 3 2 1
3 3
3
2 2
1 2 3
1
Upper Shoulder Cervical pain
blade pain
Pain of Pancreas
Pain due to
spleen disorders
Appendix / Rt.
Ov. pain
Lumbar/ Lt.Ov.
pain, Uterus/
prostate gland/
Urinary tract Tail Bone pain
disorders