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ध्यान दें

1. जहााँ भी प्रेशर दे ना हो उन सभी points पर साधारणतः 6 सेकंड के लिए प्रेशर दे ना


है और छोड़ना है .
2. प्रेशर चाहे हाथ से दे सकते हैं या पैरों से. पैरों से दे ना हो तो दोनों साइड पर उचचत
दरू ी पर कुलसियां रखकर उनके सहारा िेकर दें . एवं जजस भाग पर प्रेशर दे ने वािे हों
उस जगह के नीचे तककया जरूर रखें.
3. प्रेशर दे ते समय अपनी एड़ी या हथेिी को इस प्रकार रखें कक वजन एक बड़े सतह
पर पड़े, न कक एक बबंद ु पर, एवं मसल्स अन्दर की ओर खींचे जाएाँ, न कक बाहर
की ओर.
4. बहुत ही छोटे बच्चों को उपचार दे ते समय हथेलियों के नरम भाग से इस प्रकार से
दें कक पूणि हथेिी उनके जांघ पर रहे जजस से प्रेशर महसूस न हो. अगर हथेिी को
टे ड़-े मेढे रखें तो प्रेशर उनसे सहा नहीं जायेगा और वे रोने िगें गे.
5. Gas, Gas I, Gal, Spl, Liv, Mu, Lt.Ov., Rt. Ov, एवं WD - ये सभी पॉइंट
दे ते समय साधारण व्यजतत के लिए तीन जगह काफी है , पर यह पेशेंट के जांघ की
लम्बाई एवं थेरेपपस्ट के पैर की चौड़ाई पर ननर्भर है . मुख्य मुद्दा यह है की एक
जोड़ से दस
ू रे जोड़ तक कोई जगह खािी न रह जाय.
a. िम्बे कद के पेशेंट के लिए एक आम थेरेपपस्ट को चार जगह पयािप्त हो
सकती है पर अगर थेरेपपस्ट कम उमर का बच्चा हो तो 5 जगह भी िग
सकते हैं तो भो ठीक है .
b. बहुत ही छोटे बच्चे हों तो 2 जगह भी काफी हो सकता है , यह तजब
ु े की
बात है .
6. 'Adr', 'Swt' इत्यादद पेट के बि लिटाकर करानेवािे उपचारों के लिए छाती के नीचे
1½ तककया िगाना जरूरी है - यानन नीचे वािे तककये का आधा दहस्सा बाहर
ननकिा हो, ऊपर वािे
नीचे का तककया
पेशेंट इस तरफ लसर तककये पर छाती रहे
एवं उनकी ठोंडी नीचे
रख कर पेट के बि िेटें
वािे तककये पर आराम
ऊपर का तककया से रहे – चचत्र दे खें.
7. Pan, Gas Only, Gas I, WD एवं Pit – ये पॉइंट दे ते समय कुलसियों पर वजन
डािते हुए दोनों पैरों को एक साथ नहीं रखना है . पहिे एक पैर रखें और कफर
कुलसियों के सहारे शरीर के वजन को साँभािते हुए उचचत जगह पर दस
ू रे पैर को रखें.
मरीज के चेहरे पर नजर रखते हुए धीरे धीरे वजन बढ़ाते जाएाँ.
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ननम्न सर्ी उपचार में दोनों हाथों से कुर्सभयों के सहारे लेकर पेशेंट को सीधे पीठ के
बल र्लटाकर दे ना है . जांघ / टांग के नीचे तककया लगाना जरूरी है .
जरूरत न हो तो र्सर के नीचे तककया न दें , ताकक रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रहे .
Pan पेशेंट के दोनों जांघ और कमर की सामने वािी जोड़ पर ऐसे
खड़े हों कक तिवे के बीच वािा नरम भाग उनके जांघ के बीचों बीच
हो, जजस से पेशेंट को आराम िगे. एक ही जगह पर 6 सेकण्ड के
लिये दबायें और छोड़ें. जजतनी संख्या लिखा हो उतनी बार करना है .
Pan
पर यह ध्यान रहे कक हर बार प्रेशर 6 सेकण्ड के लिये उसी जगह पर
पड़े एवं दोनों पैरों पर समान वजन हो.
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Gal अपने दादहने पैर से पेशेंट के बायीं जांघ पर सीधे खड़े होकर
तिवे के मध्य नरम भाग से कमर के जोड़ के नीचे से िेकर घट
ु ने के
जोड़ के पहिे तक तीन या चार जगह पर प्रेशर दे ना है . प्रत्येक जगह पर
6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें ।
Gal
ऐसे कमर से िेकर जांघ तक करने पर उसे (1) Gal कहते हैं.
जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार कमर से िेकर घुटने तक दोहराएं.
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Spl ऊपर Gal जैसा ही करना है , पर दायीं जांघ पर दे ना है . हर
जगह पर 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें. कमर से दादहने घुटने तक
पूरा करने पर उसे (1) Spl कहते हैं.
जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार कमर से िेकर घुटने तक दोहराएं.
Spl प्रत्येक जगह पर 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें ।
(1) Liv -3 वािा एक साथ बायीं हाथ व
बायीं जांघ पर तीन जगह पर दबाना और
छोड़ना है .
पहिे कमर के पास एवं कोहनी के पास;
(1) Liv – 3 वाला कफर हाथ व जांघ के बीच पर; और
अंत में किाई के पास एवं घुटने के नजदीक.
हर जगह पर 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें. अगर (2) Liv -3 वािा या उससे
ज्यादा दे ना हो तो जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार दोहराएं.
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(1) Mu -3 वाला एक साथ दायीं हाथ व
दायीं जांघ पर तीन जगह पर दे ना है . पहिे
कमर के पा एवं कोहनी के पास; कफर हाथ व
जांघ के बीच पर; और अंत में किाई एवं
(1) Mu – 3 वाला घुटने के नजदीक. हर जगह पर 6 सेकण्ड के
लिये दबायें और छोड़ें. अगर (2) Mu- 3वािा
या उससे ज्यादा दे ना हो तो जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार दोहराएं.
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(1) Gas only– 6 वाला - तिवे के मध्य नरम भाग से
दोनों जांघों पर कमर के जोड़ के नीचे से िेकर घुटने के
कुछ पहिे तक दबाना और छोड़ना है . ऐसे कम से कम
6 जगह पर प्रेशर दे ना है हर एक जगह पर 6 सेकण्ड के
(1) Gas only– 6 वाला लिए दबायें और छोड़ें । यह उपचार पेट में प्रोटीन्स की
पाचन को सुधारता है ; एवं पेट के गैस को कम करता है .
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(1) Gas I– 6 वाला इसे "एक गैस आइ – 6 वािा" ऐसे पढ़ना
है . ('आइ' यानन इंटेस्टाइन को सूचचत करता है ).
अपने तिवे और एदढयों से पेशेंट के दोनों पपंडलियों पर, घुटनों
से िेकर एदढयों तक, कम से कम 6 जगह पर प्रेशर दे ना है .

(1) Gas I– 6 वाला


हर जगह पर 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें । यह आंतड़ड़यों में रतत संचार को
बढ़ाता है , आंतड़ड़यों के गैस को कम करता है , एवं पोषण तत्वों के अवशोषण को
बढ़ाता है .
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Liv0 बायें कंधे के जोड़ के ठीक बाहर तथा बायें
जांघ के बीच में एक साथ 6 सेकण्ड के लिये दबायें और
छोड़ें । इसे (1) Liv0 कहते हैं.
(3) Liv0 अगर ज्यादा संख्या दे ना हो तो जांघ पर जगह बदिेगा,
कंधे पर जोड़ के पास ही रहे गा. (चचत्र दे खें)
यह दादहनी ककडनी में रतत संचार को बढ़ाता है
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Mu0 दायें कंधे के जोड़ के ठीक बाहर तथा दायें
जांघ के बीच में एक साथ 6 सेकण्ड के लिये दबायें और
छोड़ें । इसे (1) Mu0 कहते हैं. अगर ज्यादा संख्या दे ना हो
(3) Mu0
तो जांघ पर जगह बदिेगा, कंधे पर जोड़ के पास ही रहे गा.
यह बायीं ककडनी में रतत संचार को बढ़ाता है .
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Const इसे कोंस्टीपेशन पढ़ते हैं
दोनों पैरों से दायां जांघ के बीच में 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें ।
जजतनी संख्या लिखा हो उतनी बार करना है . यह कब्जी में राहत दे ता
Const है .
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Dys इसे ड़डसेंट्री पढ़ते हैं
दोनों पैरों से बायां जांघ के बीच में 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें ।
जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार करना है . यह मामूिी दस्त में आराम
Dys
दे ता है .
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ननम्न उपचारों के र्लए जांघ के नीचे तककये की जरूरत नहीं है . पर जजस जगह पर
प्रेशर दे ना हो उस जगह के नीचे आवश्यकतानुसार तककया दें . जरूरत न हो तो र्सर
के नीचे तककया न दें . ननम्न तीन पॉइंट औरतों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं

WD यानन वाइट ड़डस्चाजि


2 3 3 2 कुलसियों का सहारा िेकर गदि न के दोनों साइड पर पैरों
1 1
को रख िें . कफर एक एक करके उन्हें कोहननयों के पास
1 1
रख कर तिवे के मध्य भाग से दोनों हाथों पर एक ही
WD साथ कोहनी से किाई तक तीन जगह पर प्रेशर दे ना है ;
हर जगह पर 6 सेकण्ड दबायें और छोड़ें ।
यह नाभी के नीचे के ददि को कम करता है और जननांगों में रतत संचार बढ़ाता है .
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2 3 (1) Lt. Ov. (1) िेफ्ट ओवरी
दायीं हाथ पर कोहनी से किाई तक तीन जगह पर तिवे
1

1
के मध्य भाग से प्रेशर दे ना है . हर जगह पर 6 सेकण्ड
Lt. Ov दबायें और छोड़ें । कोहनी से किाई तक एक बार ककया
तो (1) Lt. Ov कहते हैं. यह नाभी के नीचे के बायीं
साइड ददि को कम करता है और खास कर बायीं ओवरी में रतत संचार बढ़ाता है
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(1) Rt. Ov. (1) राईट ओवरी
3 2 बायीं हाथ पर कोहनी से किाई तक तीन जगह पर तिवे
1
के मध्य भाग से प्रेशर दे ना है . हर जगह पर तिवे के
1
मध्य भाग से 6 सेकण्ड दबायें और छोड़ें । कोहनी से
Rt. ov किाई तक एक बार ककया तो (1) Rt. Ov कहते हैं.
यह नाभी के नीचे के दायीं साइड के ददि को कम करता है और खास कर औरतों में
दायीं ओवरी में रतत संचार बढ़ाता है .
(1) Pit पपट यानन पपट्यूटरी ग्िैंड को सूचचत करता है .
चचत्र के अनुसार पैरों को रख कर दोनों बाजुओं पर एक
साथ 6 सेकण्ड के लिये दबायें और छोड़ें ।
1,3
पहिे दोनों कोहननयों के पास, कफर कन्धों के पास, ऐसे
1,3 2,4 2,4

PIT दो राऊण्ड करना. यानन चगनती है चार बराबर एक.


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(1) Thrd ‘P’-6 secs. (1) थाइरोइड P –6 secs.
बायीं भुजा पर पहिे कोहनी की हड्डी के पास और कफर
कंधे के पास प्रेशर दे ना है . हर जगह पर 6 सेकण्ड के

2,4 1,3 लिये दबायें और छोड़ें । दोबारा इन्हीं जगहों पर ऐसे ही


करना.
Thrd ‘P’
यानन चगनती है चार बराबर एक.
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(1) Para पारा यानन पैराथाइरॉइड ग्रंचथ को सूचचत
करता है .
दादहने भुजा पर पहिे कोहनी की हड्डी के पास और कफर
कंधे के पास - हर जगह पर 6 सेकण्ड के लिये दबायें
1,3
2,4 और छोड़ें ।
Para दोबारा इन्हीं जगहों पर वैसे ही करना.
यानन चगनती है चार बराबर एक.
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ONS यानन Old Nabhi Set


r{g} k{ krv` s' l'`kr ]fr s}o; l'`n' k{ kh'. : q'r"]pS` unk'
d;]hn' p;.v k' p;s A's' Y2>' rh'. ]k unk} d;]hn} A3>} k' p;s
a;pk} d;]hn} A3>} h{ : ab n}c' 4/kkr apn' d;y'. h;q k' a.g?1;-
tjEn}- a[r mOym; u\g]ly{. k{ r{g} k' d{n{. p;.v k' b2>' a.g?1{. k' b}c es p@k;r i/s;n;
h" ]k unk; d;y' p"r k; a.g?1; a;pk' a.g?1' a[r tjEn} k' b}c m'. rh' a[r unk' b;y'. p"r
k; a.g?1; a;pk' tjEn} a[r mOym; k' b}c rh' : a[r es p@k;r pk2>kr r{g} k' d{n{.
p;.v apn' h;q{. k} uU.c;eE tk u1;kr 9' s"kN2 tk 1hrn; h"- a[r ]fr bh/t h} o}r'
n}c' l;n; h" _ A's' 3 b;r krn; h" : es' k;2E pr (3) ONS ]lYt' h". :
oy;n rh' ]k _
 p"r{. k{ uUpr u1;t' smy apn} h;q{. k} uU\c;eE (Y2' rhn' pr) tk h} u1;n; h" : es s'
uUpr u1;n' pr k{hn}- h;q eTy;]d m'. ddE h{g; ]jss' q'r"]pS` k{ tkl}f h{g}- s{
a]ok uUpr nh}. u1;n; :
 r{g} apn' a;p p;.v u1;n' y; n}c' l' j;n' k; ]bLk/l p@yTn n kr'. :
 agr a;p k{ d;y'. h;q k} jgh pr b;y'. h;q k{ upy{g krn; h" t{ p'x.` k} b;y}. A3>}
k' s;e2 pr Y2>' rhkr w} es' kr skt' h". :
es upc;r s' n;w} k' a;sp;s k' sw} a.g apn' ]no;E]rt jgh pr l[` a;y'.g' ]jss'
p?r; Ab2{mn s"` (set) h{ j;y'g; : phl' es k; n;m "n;w} s"`" h} rY; gy; q; : l']kn
esk' b;d n;w} s"` krn' k; Ak a[r ny; upc;r bn;y; gy;- s{ es upc;r k{ Old
Nabhi Set kh; gy;: Old y;]n p/r;n;- New y;]n ny; :
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TF = Toe fingers (टो क ं गर)
TF
r{g} s}o; l'`; h{n; c;]hy'- unk' d{n{. h;q ]rl|Ks k} ]Sq]t m'. d{n{. j;.i{.
k' p;s rY; rh' : q'r"]pS` r{g} k' p;.v k' tlv' k} trf a;r;m s' b"1kr
k' p"r k' a.g?1{. pr ]nMn upc;r kr'. _
पैरों के उं गलियों के हर जोड़ पर जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार - चगनती करते
हुए - तीनों बाजओ
ु ं को रगडना, जजस से चमड़ी के नीचे की नसें उकसाए जायें, पर
इतना जोर से नहीं कक वहां घाव हो जाय. हर जगह पर उतनी बार मसिना है
जजतना लिखा हो | उदाहरण के लिए अगर 20 TF लिखा हो तो हर जगह पर बीस
बार करना, अगर 6 TF लिखा हो तो हर जगह पर 6 बार करना.
अगर ककसी खास उं गिी पर करना हो तो वैसा लिखा रहे गा. अगर कुछ न लिखा हो
तो बाये पैर के अंगूठे से शुरु कर के छोटी उं गिी तक जाना, कफर दायीं तरफ करना.
अगर बच्चों को मामूली दस्त हो तो क्रम उल्टा दें - यानन दायीं पैर के छोटी उं गिी
से शुरु कर के अंगूठे तक करें , और कफर बायीं तरफ वैसे ही करें तो तुरंत िाभ दे गा.
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NNS = New Nabhi Set (न्यू नार्ी सेट)
पैरों के उं गलियों को जोड के अनुसार क्रमवार हर जोड पर अपने अंगूठे से दबाते हुए
नीचे तिवे की ओर मोडना और 6 सेकंड रुकना. बायी पैर के अंगठ
ू े से शरू
ु कर के
छोटी उं गिी तक जाना, कफर वैसे ही दायी ओर करना. 6NNS लिखा हो तो हर
उं गिी पर 6 बार दे ते हैं. पेशेंट को ददि हो तो टांग के नीचे तककया दे सकते हैं , पर
तककया ऐसे िगायें कक एड़ी तककये से बाहर ही रहे .
CNNS = Complete New Nabhi Set
पेशेंट के टांग के नीचे तककया रखें . अपने
अंगठ
ू े से त्वचा को अंदर दबाते हुए टखने से
िेकर पैर के उं गिी जहााँ से ननकिती हैं, वहां
तक नसों को खींचते जाएाँ. कफर अपने अंगठ
ू े
को उनके ऊपरी जोड़ के पास नाखन
ू के
ककनारे पर रखकर उनकी उं गिी को आराम से
नीचे की ओर दबायें, 6 सेकंड के लिए रुकें
और छोड़ें ।
ऐसे तीन तीन बार करें .
अगर एक ही उं गिी के लिए लिखा हो, तो
उसी पर करना है . अगर कुछ न लिखा हो तो
बड़े अंगूठे से शुरू करें और छोटी उं गिी में
खत्म करें . हर एक उं गिी पर तीन बार करना है . याद रहे कक आपका अंगूठा उनके
उं गिी के छोर पर नहीं रखना है .
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New CNNS ऊपर CNNS जैसा ही अपने अंगठ
ू े से
टखने से िेकर पैर के उं गिी जहााँ से ननकिती हैं, वहां तक
चमड़ी को दबाकर नसों को खींचें. पर इस उपचार में नीचे की
New CNNS
ओर दबाना नहीं, पर अपने अंगूठा और पहिी उं गिी के बीच में
उनकी उं गिी को पकडकर उसे सामने की ओर मध्यम प्रेशर से खींचना है .
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TF & CNNS - ये सभी उपचारों से पाचन संस्थान के अंगों को एक एक करके
set कर सकते हैं. जजस उं गिी में ददि हो उससे नाभी का एक खास जगह जुड़ा हुआ
है . एकाध बार उपचार के बाद पेशेंट अपने आप कहें गे की उं गिी का ददि ननकि
गया. तो आप दे खेंगे कक उससे सम्बजन्धत नाभी का ददि भी ननकि गया है .
CNNS – all 3 sides – जजस उं गिी के लिए लिखा हो उसी पर करना है .
1. पहिे ऊपर CNNS-जैसा ही नस को सेंटर में दबाते हुए टखने से उं गिी के
नाखन
ू के ककनारे तक आना है और उं गिी को नीचे की ओर मोड़ना, 6 सेकंड
के लिए रुकना और कफर छोड़ना है . ऐसे तीन बार करें .
2. कफर नस के बायीं साइड से दादहनी ओर अन्दर दबाते हुए 3 बार करना है
3. कफर नस के दायीं साइड से बायीं ओर अन्दर दबाते हुए 3 बार करना है .
यानन सब लमिाकर कुि 9 बार करना है
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`{ ]f.gr upc;r m'. p"r{. k} u.g]ly;\ ]ks Pv;e.` k; ddE km krt} h". _
usk} j;nk;r} GAS ‘I’ GAS
PAN PAN
SPL GAL

MU LIV

LT.OV. RT.OV.

d;]hn; p"r b;y;. p"r


k; tlv; k; tlv;

q'r']pS` es b;j? b"1kr upc;r d'.


अगर कुछ खास उाँ गलियों पर ही करना हो तो जैसा लिखा हो वैसा करना है - अन्य
उाँ गलियों पर नहीं. उदाहरण:- TF 'Gal-Liv' का मतिब बाये पैर के बीच वािी
तथा उसकी अगिी उं गिी पर ही करना है . TF 'Lt. Ov' का मतिब दाये पैर की
अंनतम यानन सबसे छोटी उं गिी पर ही करना है . CNNS ‘Gas-Gas’ का मतिब
पहिे बाये पैर के बड़े अंगठ
ू े पर करें , कफर दादहने पैर के बड़े अंगठ
ू े पर.
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NNS, CNNS & New CNNS में अंतर – NNS में उं गिी जहााँ से ननकिती है
वहीीँ से उपचार शुरू करना काफी है , जब कक अन्य दोनों उपचारों में ऊपर टखने की
हड्डी के पास से उपचार शरू
ु करना है . New CNNS में ही उं गिी को खींचना है .
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Lymph र्लम् दे खने में यह 'PAN' उपचार जैसे िगता है ,
कफर भी यह उस से लभन्न है .
यह जांघों के लिम्फ नोड्स (lymph nodes) यानन िलसका को िे जाने
वािी नलिकाओं को उकसाता है .
ग्रोईन के बहुत पास दोनों जांघों पर ऐसे खड़े हों कक दोनों एड़ी एक दस
ू रे
Lymph के बहुत ही नजदीक हों. कफर दोनों एड़ड़यों को नीचे और अन्दर की ओर
दबायें,
6 second के लिए रुकें और छोड़ें । जजतनी संख्या हो उतनी बार करना है .

'PAN' उपचार और 'Lymph' उपचार में ननम्न मुख्य अंतर हैं –


1. Lymph में थेरेपपस्ट का वजन एड़ड़यों पर है , जब कक 'PAN' में वजन तल्वे
के मध्य भाग में है .
2. उपचार के दौरान Lymph में दोनों एड़डयााँ एक दस
ू रे को छूना अननवायि है जब
कक 'PAN' उपचार में पेशेंट के जांघ की चौड़ाई अगर ज्यादा हो तो दोनों
एड़ड़यों में कुछ दरू ी हो सकती है .
3. Lymph में थेरेपपस्ट के पैर की उाँ गलियााँ पेशेंट के जांघ के अंदर होंगी, जब
कक 'PAN' में पैर की उाँ गलियााँ जांघ के बाहर भी हो सकती हैं – यह जांघ की
चौड़ाई एवं थेरापपस्ट के पैर की िम्बाई पर ननभिर है .
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Tennis Elbow टे ननस एल्बो मरीज के हाथ को कुसी या
दीवार के सहारे खड़ा रखें जजससे कोहनी जमीन पर हो और
हथेिी सीधा 90o ड़डग्री ऊपर की ओर रहे. पर पेशेंट से कहे

Tennis Elbow कक कुसी को पकड़ना नहीं, तयोंकक ऐसा करने से भुजा की


मसल्स टाइट रहें गी तो उपचार का पूरा िाभ नहीं लमिेगा.
अपने तिवे के नरम अंदरी भाग से भुजा में कोहनी के बहुत पास खडे होकर 90
सेकण्ड या उस से कम समय तक के लिये दबाव दे ना, जब तक कक सुन्नपन
महसूस होने िगे. अगर थोडा सा ददि अब भी रह जाये तो एक बार भुजा के मध्य
भाग में जरा सा प्रेशर दें . जरूरत हो तो दब
ु ारा ऊपर का उपचार दोहराने से उसी ददन
काफी िाभ लमिेगा.
जजस हाथ में समस्या हो उसी में दे ना है . अगर दोनों हाथ में उपचार दे ना हो तो
पहिे ककसी एक हाथ पर करके कफर दस
ू रे पर करें . दोनों हाथों पर एक साथ नहीं
करना है . प्रेशर उतना ही हो कक पेशेंट सह सकें.
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Loveleen
यह तीन पड़ाव में दे ते हैं. पहिे बायीं साइड पर
करना, कफर दायीं साइड पर करना
4 1 1. छाती के ऊपर से कोहनी तक
2. छाती के अंनतम पसिी के नीचे से बाजू तक
5 2
6 3 3. कमर के बाजू से िेकर बगि के अंदर से होते
Loveleen हुए कोहनी तक

जजन्हें पेट में gas के कारण छाती में ददि महसूस हो उन्हें CNNS 'Gas-Gas' all 3 sides दे ने
के बाद Loveleen उपचार दे ने से बहुत िाभ दे ता है .
िेककन ककडनी और ह्रदय रोग के मरीजों को Loveleen नहीं दे ना. ऐसे पेशेंट के card पर
. Loveleen . इस तरह जरूर लिखना ताकक अन्य ददन भी याद रहे कक यह पॉइंट दे ना
नहीं. ऐसे लिखने से आप से या थेरापपस्ट से अनजाने में कोई गिती नहीं होगी जजससे
पेशेंट को कोई नुकसान हो.
दोनों साइड एक साथ नहीं करना है .
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Sulta Ulta सुलटा उल्टा
यह कई पड़ाव में दे ते हैं. तिवे के नरम भाग से ही उपचार दे ना है . कोहनी से
उाँ गलियों तक ज्यादा पाउडर डाि िें ताकक पैर को कफसिने में आसानी हो.
पहले sulta यानन हथेली आसमान की
ओर रख कर उपचार करना है
1. हाथ को 900 ड़डग्री यानन कंधे से
सीधा रखकर कोहनी से किाई तक
Sulta Right SultaLeft हल्के प्रेशर से 6 बार मसल्स को
सहिाएं.
2. कफर थोडा ज्यादा प्रेशर दे कर दटश्यू को खींचते हुए किाई से उाँ गलियों के नोकों
तक 6 बार नघसाई करें .
इसके बाद Ulta यानन हाथ को घुमाकर हथेली जमीन को दे खता हुआ रख कर ऊपर
जैसा ही दोहराना. (इसका चचत्र नहीं ददया गया है )
पहिे बायीं हाथ पर करें और बाद में दादहनी हाथ पर करें .
पहिे sulta करें और बाद में उल्टा करें .
ध्यान दें : अगर छाती में ददि हो
तो चचत्र के अनुसार भुजाओं को ऊपर
1350 की एंगि में या जजतना ऊपर
Ulta 135° Ulta 135° की ओर हो सके उतना ऊपर रखकर
Left
Right दे ना है . सि
ु टा से छाती के सामने
का ददि ननकिेगा; उल्टा से उसी जगह के पीछे पीठ के भाग का ददि ननकिेगा.
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Electrical Waves इलेजरिकल वेव्स
कान के पीछे बाजू से गदि न के side पर एडी या हथेिी के
ककनारे से ऊपर से नीचे की ओर Rubbing करना. यह अस्थमा
एवं अन्य श्वसन सम्बन्धी बीमाररयों के लिए उत्तम है .
इसका चचन्ह है
Electrical Waves
Lu + Sh = Lungs + Shoulder इसे िंग्स प्िस शोल्डर पढ़ते हैं. यह िंग्स
को उकसाने के लिए है . यह श्वास सम्बन्धी समस्याओं के लिए उपयोगी है .
पहिे अपनी हथेलियों के तिवे से दोनों तरफ कािर बोन यानन कंधे की हड्डी के
नीचे की जगह पर बहुत हल्का प्रेशर दें .
कफर हथेिी या तिवे के मध्य भाग से कंधे के ज्वाइंट के
ऊपर जरा जोर दे कर दबायें और तुरंत छोड़ें - जजससे कन्धा
1 1
बाहर की तरफ खींचा जाये । यह छाती की मसल्स को
2 2 खोिने के लिए है .
ये दोनों पॉइंट लमिकर (1) Lu+Sh होते हैं.
LU + SH
जजतनी संख्या लिखी हो उतनी बार इन दोनों को बारी बारी से दोहरायें.
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Stretch स्िे च इसका चचन्ह है ← →
यह कुछ-कुछ सुिटा-उल्टा उपचार जैसे ही िगता है ; पर इस में सुिटा ही करते हैं;
उल्टा नहीं करना है . यानन हथेली आसमान की ओर रख कर ही उपचार करना है
1. हाथ को 1800 ड़डग्री यानन कंधे से सीधा रखकर कुछ प्रेशर दे कर Forearms
के ऊपर की दटशू को कोहनी से किाई की ओर खींचना. ऐसे 6 बार दोहराएं.

2. कफर अपने तिवे से थोडा ज्यादा प्रेशर दे कर किाई से उाँ गलियों के नोकों तक
दटश्यू को खींचते हुए 6 + 6 बार ननम्न तरीके से नघसाई करें .
पहिे एड़ी को जस्थर रख
कर पैर के पंजे को प्रेशर
दे कर बाहर की ओर
घुमायें. ऐसे 6 बार करें .
कफर 6 बार पैर के बड़े अंगूठे
को जस्थर रख कर एड़ी को
बाहर की ओर घुमायें.
यह उपचार गदि न के मसल्स
को ररिैतस करता है . श्वसन सम्बन्धी बीमाररयों तथा मामूिी गदि न ददि के लिए
उत्तम है .
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हथेली सीधा रख कर हथेली उल्टा रख कर


BAFA = Both Arms + both Forearms

कुलसियों का पूरा सहारा िेते हुए शरीर के वजन को अपने हथेलियों पर िेकर उनके
कन्धों के जोड़ों के पास ऐसे खड़े हों कक दोनों एड़ी बगि के अन्दर हो एवं वजन
नीचे की ओर हो.
दोनों साइड पर अपने तिवों के मध्य भाग से नीचे की मसल्स को अंदर की ओर
खींचते एवं दबाते हुए उपचार दे ना है . इसके ननम्न पड़ाव हैं :-
पहले हथेली सीधे यानन आसमान को दे खते हुए रख कर करना
1. शोल्डर जॉइंट से पास पास कदम रखते हुए कोहनी तक चिते जाएाँ, पर
कोहनी के जोड़ पर पैर रखना नहीं.
2. वैसे ही कोहनी के जॉइंट के नीचे से किाई के जोड़ के पहिे तक प्रेशर दे ते
हुए नीचे उतरते जाएाँ.
3. किाई के जोड़ के नीचे हथेिी से होते हुए उाँ गलियों के नोकों तक.
4. ऐसे कम से कम तीन राउं ड करना ।
इसके बाद हथेली उल्टा यानन जमीन को दे खते हुए रख कर ऊपर के सारे वैसे ही
दोहराना.
यह गदि न से किाई या उाँ गलियों तक के ददों, सुन्नपन, जिन इत्यादद के लिए उत्तम
है ।
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ननम्न उपचारों के र्लए कहीं र्ी तककये की जरूरत नहीं है
(1) Thymus Only (थैमस खाली) कुलसियों का सहारा
िेकर कमर के दोनों साइड पर पैरों को रख िें. पहिे
दायीं तिवे के पंजे के नमि भाग से छाती के बीच के
हड्डी पर बबना प्रेशर ददए 3 बार बायीं कंधे की ओर
1 2

नघसना, कफर बायीं तिवे के मध्य भाग से 3 बार दादहनी


Th. Only कंधे की ओर नघसना. ध्यान दें उनकी छाती की चमड़ी या
हड्डी पर जोर न दें . आपका पैर ऐसा स्मूथ (smooth) चिना चादहए जैसे कक
चचकनी लमट्टी पर कफसि रहे हों. चगनती है तीन बराबर एक. इधर Only शब्द
इसलिए जोड़ा है कक केवि Thymus ही दे ना है , Chest या Armpits नहीं दे ना
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Chest Only (चेस्ट ओनली) अपने पैर को जरा नतरछा रखें ताकक एड़ी की
तुिना में पैर का बड़ा अंगूठा जरा अन्दर की ओर हो. तिवे और एड़ी को नीचे पेशेंट
के छाती पर हल्का से रखे रहें . एड़ी या तिवे के बाहरी
ककनारे को न उठायें.
छाती से कन्धों तक इस तरह से हल्का नघसाई करें कक
तिवा कपड़े पर कफसिता हुआ ननकि जाय तो पेशेंट को
बहुत आराम महससू होगा. इसमें चगनती तीन बराबर एक
है . यानन (1) Ch. Only के लिए तीन बार नघसना है.
Ch. Only पहिे बायी ओर, कफर दायी ओर करना.
Rt.Ch.Only लिखा हो तो केवि पेशेंट के दादहनी छाती पर करें ; यह Liv0 के ददि
को कम करे गा. Lt. Ch.Only लिखा हो तो पेशेंट के बायीं छाती पर करें . यह Mu0
के ददि को कम करे गा
Armpit छाती के साइड से िेकर बगि (या कच्छ) के
अन्दर के भाग को दबाते हुए भुजा के मध्य भाग तक जरा
प्रेशर दे कर नघसना. इसकी चगनती दो बराबर एक है . पहिे
बायीं तरफ करना, कफर दादहनी तरफ.
अगर Th + Ch लिखा हो तो Armpit भी दे ना जरूरी है
Armpit
यह बगि में जस्थत लिम्फ नोड्स को उकसाता है .
सावधानी
Thymus या Thymus + Chest में एक समय में ककसी भी साइड पर 12 बार से
ज्यादा न करें . उदाहरण के लिए अगर (6) Thymus Only दे ना हो तो पहिे दोनों
साइड में 12-12 बार करें और बबना रे स्ट ददए तुरंत ही दब
ु ारा दोनों साइड पर 6-6
बार करें .
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Thyroid थाइरोइड पेशेंट से कहें कक वे अपने गदि न को
ढीिा एवं ररिैतस रखें, तो ज्यादा िाभ लमिेगा. अगर जरूरत न हो
तो यह उपचार दे ते समय माथे के नीचे तककया न रहे तो ज्यादा
Thrd
अच्छा है . सब से पहिे उन्हें सतकि कर दें कक कुछ िोगों को उपचार
के दौरान कभी कभी खांसी आ सकती है , तो घबराना नहीं.
अपनी हथेलियों के तिवों को पेशेंट के गिे के घसे के दोनों बाजू त्वचा को छूता
हुआ रख िें. कफर मामूिी प्रेशर से घसे पर हल्का धतका दे ना और तुरंत ही छोड़
दे ना, ऐसे एक ही झटके में दो बार करें . यह हुआ (1) Thrd.
अगर ज्यादा संख्या हो तो उतनी बार ऐसा ही करना – बबना रुके.
ध्यान दें कक एक बबंद ु पर प्रेशर दे ने के बजाय हथेिी का 2-3 इंच का बड़े सतह से
उपचार करने से उनको ज्यादा आराम पहुंचग
े ा .
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Vocal ghisai यह उपचार गिा खराब हो उसे ठीक करने के
लिए है . पेशेंट से कहें कक वे अपने गिे की मसल्स को
ररिैतस करके रखें तो उपचार और ज्यादा िाभ दे गा.
Vocal ghisai अपनी हथेलियों को कप जैसा गोिाकार बनाकर गिे के दोनों
ओर नरम तरीके से सहिाते हुए मध्य से बाहर की ओर नघसना ताकक मसल्स
ररिैतस हो जाएाँ. ऐसे कम से कम दो बार करना है . पर यह ध्यान दें कक उनके
Adam's apple यानन गिे के उभाड पर न पड़ने पाए.
यह उपचार अतसर पेशेंट को लिटाकर दे ते हैं. इसे बबठाकर भी दे सकते हैं, पर उनके
माथे के पीछे दीवार या ककसी ठोस सतह का सहारा होना जरूरी है .
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Folded Legs ोल्डेड लेग्स पेशेंट के दोनों एडी
उनके बटतस (buttocks) के नजदीक हों. उनके अंगूठों को
हथेलियों के अन्दर बन्द कर के मुट्ठी बनाकर नाभी के बगि
में ऐसे रखने के लिए कहें कक बंद हथेिी नीचे को छूता हो.
Folded Legs
अपने हथेलियों से उनके टांगों के बीच में पकडकर पैरों को
घुटनों से मोड़ें और पेशेंट जब सााँस छोड़ रहे हों तब उनके जंघा से मुट्ठी को नीचे
पेट के अन्दर दबायें और तुरंत उठायें.
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ननम्न सर्ी उपचार पेशेंट को कुसी पर बबठाकर दे ते हैं. लेककन अगर पेशेंट बहुत
बीमार या कमजोर हों तो यह उपचार र्लटाकर र्ी कर सकते हैं.
Medulla मेडूला पेशेंट के बायीं साइड पर खड़े हों. अपनी
हथेिी को गोि करके पेशेंट के गदि न के दोनों बाजुओं को ढक
िें. आपके दोनों अंगठ
ू े उनके कान के पीछे खोपड़ी के हड्डी के
नीचे हों. कफर अंगठ
ू ों के बीच - वािे नरम भाग से कान के
पीछे हड्डी के नीचे से शोल्डर तक गदि न के साइड पर बारी बारी
Medulla से चगनती करते हुये नीचे की और नघसना. जजतनी संख्या हो
उतनी बार हर उं गिी से नघसना. यानन दो बराबर एक. इसके
बाद ऊपर जैसा ही दायीं कान के पीछे करें .
 अगर Left Medulla लिखा हो तो लसफि बायीं कान के पीछे करना है
 अगर Right Medulla लिखा हो तो लसफि दायीं कान के पीछे करना है
 अिग अिग चगनती से अिग अिग प्रभाव ददखते हैं, सो चगनती में कोई
गिती न हो, यह ध्यान रहे .
Mesencephalon मेसेन्सेफ्लान यह ब्रेन के मेसेन्सेफ्िान
नामक भाग को उकसाने के लिए ददया जाता है .
गदि न के पीछे और रीढ़ की हड्डी के बीच के नरम जगह
में मेडुिा उपचार जैसे ही अपने दोनों अंगूठों से बारी-बारी
से चगनती करते हुए नघसना. जजतनी संख्या लिखी हो
उतनी बार हर अंगूठे से नघसना.
Mesencephalon

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Dorsal डोसभल
गदि न के पीछे रीढ़ के मनकों के ऊपर मेडुिा उपचार जैसे-ही
अपने दोनों अंगूठों से बारी-बारी से चगनती करते हुए नघसना.
जजतनी संख्या लिखी हो - हर अंगूठे से उतनी बार नघसना है .

Dorsal
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
रामन िीटमें ट दोनों हाथों को पीछे की ओर से कन्धों पर इस तरह
रखें कक दोनों पहिी उाँ गलियााँ गदि न के बहुत ही नजदीक हों एवं दोनों
हथेलियााँ के तिवे एक दस
ू रे के पास पास हों. कफर पीठ के मसल्स
को दोनों तरफ से ऊपर उठाना और उसी जगह 6 सेकंड के लिए पकड़
Raman
के रखना और कफर धीरे से छोड़ दे ना. ऐसे तीन बार करें .
इसके बाद उन्हें 5-6 बार आराम से सााँस अंदर िेने और बाहर छोड़ने के लिए कहें .
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नाक से िम्बी सााँस िेना और मुंह से बाहर छोडना. ठीक से
Mukha dhauti
करने से यह शरीर के ददों में तुरंत राहत दे ता है .
अगर Mu0 में ददि हो तो मुंह को पूरा खोिकर 'हा...' शब्द जैसा सााँस ननकािना.
अगर Liv0 में ददि हो तो मुंह को बंद रखकर 'हू ...' सीटी जैसा सााँस ननकािना
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Endorphin एंडोक भ न
अपने दोनों अंगूठों के नरम भाग से कान के नीचे जहााँ हम मेडूिा
उपचार दे ते हैं वहां से शुरू करके गदि न के पपछिे भाग में C7 मनके के
आसपास तक तीन तीन बार दबायें और छोड़ें. ऐसे कान के नीचे ऊपर
से नीचे तीन जगह पर करना.
यह ददों की महसूसी को कम करता है ; शरीर में ददि के एहसास को C7

कम कराता है Endorphin
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Subclavian सब रलेपवयन िीटमेंट
1. अपने अंगठ
ू े के नरम भाग से दोनों तरफ कंधे की हड्डी के
अंदर अनेक बबन्दओ
ु ं पर दबाव डािते हुए दोनों कन्धों तक
जाना है .
1 1

2 2
2. कफर वहां से नीचे के गड्ढ़े के अंदर गदि न की ओर वैसे ही
3 3
करना है .
Subclavian 3. अंत में गदि न के ककनारे से होते हुए वापस पहिी जगह पर
िौट जाना है .
सारी प्रकक्रया तीन बार दोहराना है .
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उाँ गलियों को इकट्ठा करके गदि न के मसल्स पर घडी की ददशा में
Neck
घुमाते हुये कान से िेकर कंधे तक आना – ऐसे ऊपर से नीचे पवलभन्न
clockwise
ददशाओं में करना. बायीं साइड से शुरू करके दादहनी साइड तक करें .
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Ptyalin Treatment टाइर्लन उपचार

1. दोनों हथेलियों को पेशेंट के दोनों गािों पर चचत्र के


एक नंबर की जगह पर रख िें . हल्का सा दबाव के
1 1
साथ गाि के नीचे की मांस पेलशयों को तीन-तीन बार
ऊपर और नीचे की ओर दहिाएं और छोड़ें. यह उपचार
2 2
4
पैरोदटड ग्रजन्थयों (parotid glands) को उकसाता है .
3 3

Ptyalin Treatment
2. कफर हथेलियों को पेशेंट के जबड़ों के नीचे चचत्र के दो नंबर की जगह पर रखना
और वहां की मांस पेलशयों को सामने और पीछे की ओर तीन-तीन बार दहिाना.
यह उपचार सब-मंडीबुिर िार ग्रजन्थयों (sub-mandibular glands) को उकसाने
के लिए है .

3. कफर हथेलियों को पेशेंट के जबड़ों के नीचे रखना और वहां की मांस पेलशयों को


सामने और पीछे की ओर तीन-तीन बार दहिाना. (चचत्र के तीन नंबर दे खें). यह
उपचार जब
ु ान के नीचे के सब-लिंगअ
ु ि िार ग्रजन्थयों (sub-lingual glands) को
उकसाने के लिए है .

4. अंत में जबड़ों के सामने की मांस पेलशयों को तीन-तीन बार दहिाना. यह भी िार
के उत्पादन को बढायेगा.
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Necklace नेकलेस
अपना बाया हाथ पेशेंट के लसर पर हल्के प्रेशर से रखें ताकक
उपचार के समय उनका माथा न दहिे. कफर अपने दादहने हाथ
की हथेिी को खोिकर ऐसा रखें कक आपका अंगूठा नीचे उनके
खोपड़ी की हड्डी के छोर पर हो और बाकी चार उाँ गलियााँ ऊपर
की ओर हों, एवं वे खि
ु े रहें .
Necklace अपने अंगूठे के नोक से बाईं कान के पीछे से शुरू करके बहुत
ee पास पास अनेक बबन्दओु ं पर तीन तीन बार दबाते हुये दादहनी
कान तक जाना. ऐसे दायें से बायें तीन राउं ड करें .
यह उपचार खोपडी के पपछिे नीचे भाग की हड्डी के ठीक नीचे की मसल्स को
ररिैतस करने के लिए ददया जाता है - जजस से ब्रेन और बाकी शरीर के बीच में
इम्पल्सेस (impulses) यानन संवेदना की तरं गों के आने जाने में कोई रुकावट न हो
एवं उनमें संचार ठीक प्रकार हो.
इस उपचार से सारे शरीर की ददें बहुत ही कम हो जाती हैं.
इसका चचन्ह है
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Brodmann's area 17 & 18
लसर के पीछ के भाग को इस तरह से नघसाई करना कक
चमड़ी के नीचे की मांसपेलशयां ररिैतस हों, मगर बािों में
खखंचाव न आये. यह ब्रेन, आाँखों और स्पीच की तकिीफों
के लिए उत्तम है .

कायि के अनुसार ब्रेन को Brodman's area No. 1


Brodmann's area 17 & 18 चािीस से भी ज्यादा प्रदे शों में बांटा गया है , और हर
एक को एक ननजश्चत नंबर एररया जजन्हें कहते हैं. उसमें माथे के पीछे गदि न के ठीक
ऊपर दो भाग हैं जो दृष्टी से सम्बजन्धत हैं. उनमें अन्दर का circle का भाग
Brodman's area 17 है. उसके बाहर का सककिि है Brodman's area 18. ये
दोनों एररया लमि कर आंख तया दे खती है उसके बारे में ब्रेन को पहचान कराते हैं.
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Hammering है मररंग यानन हथौड़ी से थपथपाना
पेशेंट के माथे पर रुई का एक नरम कपडा या तौलिया रख िें .
कफर इसी कायि के लिए बनाया गया एक स्पेशि Hammer
यानन हथौड़ी का उपयोग कर सकते हैं. लसर को चारों तरफ़
पास पास अनेक बबन्दओ
ु ं पर हल्का-हल्का थपथपाना, पर
ध्यान दें कक कान पर मार न िगे.
Hammering
अगर स्पेशि है मर (hammer) न लमिे तो उं गिी के नोकों
से या उं गिी के पौडों से भी थपथपा सकते हैं, िेककन यह सावधानी बरतें कक आप के नाखन

पेशेंट को ना िगे. यह स्पीच, पैरालिलसस एवं ब्रेन की अन्य बबमाररयों के लिए उत्तम है .
जजनका स्पीच बबगड़ा हो उनके Broca's area को उकसाने के लिए माथे के बायीं
साइड पर है मररंग करना है .
इसका चचन्ह है
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Shivaji र्शवाजी
मरीज से कहें कक अपने हथेिी के पंजे को अपने माथे पर रख
कर कंधे को ढीिा छोड़ दें .
आप उाँ गलियों को ढीिी रखें , एवं अपनी हथेिी के तिवे से घडी
की ददशा में घुमाते हुए ननम्न जगहों पर तिॉक वाइज करना है .
Shivaji 1. पेशेंट के सामने खड़े होकर ऊपर कंधे के जोड़ के ककनारे से
िेकर छाती के साइड से नीचे कंधे की हड्डी तक आना है .
2. कफर पेशेंट के साइड में खड़े होकर स्कैपुिा (scapula) बोन के नीचे के
ककनारे से ऊपर पीठ पर कंधे की हड्डी तक करना है .
3. कफर T6 से L3 तक रीढ़ के मनके के दोनों बाजू पर तिॉक वाइज करना है .
यह उपचार कन्धा एवं गदि न के मसल्स (trapezius) को ररिैतस करने के लिए है .
Frozen shoulder यानन कंधे के जकड़न के लिए अनत उत्तम है .
Neck pain में भी राहत दे ता है .
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Bell's Palsy or Facial point
यह उपचार अपने हाथों के बड़े अंगूठे के नरम
भाग से दे ना है . दोनों अंगूठों को एक के
पीछे एक रख कर चमड़ी को न खरोंचते हुए
नीचे की दटश्यू को अंदर की ओर दबाकर कोई
भी जगह खािी न छोड़ते हुए खींचते जाना है .
Bell's Palsy Or Facial point इस प्रकार से जो साइड ठीक से खि
ु ता है उस
साइड से दस
ू रे साइड तक दटश्यू को खींच कर
िे जाना और आखखर में साइड में बािों के
पीछे पहुंचा दे ना.
इसके चचन्ह हैं अथवा
, ,

पेशेंट को दे ख कर दोनों में से जो भी उचचत हो वह चचन्ह काडि पर लिखना जजस से


थेरपपस्ट को पता चिे कक ककस साइड से करना है ताकक कोई गिती न हो.
Teeth points दांत के ददभ के र्लए पॉइंट्स
यह उपचार पेशेंट को लसखा दे ना है और कहें कक चचत्र में
ददखाए अनुसार पॉइंट यानन बबन्द ु को दबायें और छोड़ें ।
1. ऊपरी दांतों के लिए कान के ऊपर एवं आाँखों
के नीचे के पॉइंट्स पर दबाना है . कान के ऊपर का पॉइंट
पता करने के लिए पेशेंट से कहें कक वे अपने दांतों को
चबाएं. उस समय कनपट्टी के ऊपर हाथ िगाने से एक
Teeth points
जगह पर मांस पेलशयां अंदर-बाहर होता महसूस होगा. उधर
जहााँ भी ददि महसूस हो उसी जगह पर सहिाना है .
2. नीचे के दांतों के लिए ठोंड़ी के नीचे एवं जबड़ों के नीचे के पॉइंट्स पर
जहााँ भी ददि महसस
ू हो उसी जगह पर घडी के कांटे की ददशा में सहिाना
3. जजस साइड के दांतों में ददि है उसी साइड पर उपचार करना है
4. िगातार न करते हुए ददन भर छोड़-छोड़ कर करते रहें तो जल्दी ही आराम
लमिेगा.
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
दोनों गािों पर चचत्रानस
ु ार मेजण्डबि
ु र हड्डी के पास ददखाए गए
बबन्द ु यानन पॉइंट पर दबाना और छोडना.
यह दांतों तथा मसूड़ों के ददों के लिए उत्तम है .

Jaw Points

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(30) Lacrimal point (30) लैकिमल पॉइंट
एक नरम महीन रुमाि से अपने अंगूठे और दस
ू री उं गिी को
िपेट कर उन से नाक के बाजू एवं ऊपर आंख से सटा हुआ भाग
को अन्दर दबाना और छोड़ना. ऐसे तीस बार करना. यह आाँखों
में सूखापन, आाँखों से पानी ननकिते रहना, तथा ग्िौकोमा को
Lacrimal point
ठीक करने के लिए उत्तम उपाय है
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Sinus point
पेशेंट के सामने खड़े होकर हथेलियों को उनके चेहरे
पर ऐसे रखें कक उाँ गलियााँ कनपट्टी के पास और
1
2 3 3 अंगूठे आाँखों के नीचे नाक की हड्डी के पास हों
1. सब से पहिे अपने अंगठ
ू ों से साइनस कैपवटी
की त्वचा को दबाकर नाक से कानों की तरफ खींचना
4 4
है .
2. कफर नाक के दोनों बाजू की त्वचा को नीचे से
Sinus point ऊपर की ओर दबाकर खींचना है .
3. कफर हथेलियों को जगह बदिकर कुछ ऊपर रख िें और अंगूठों से भौंह पर
त्वचा को दबाकर आाँखों के बाहरी ककनारों तक िे जाकर त्वचा को +गोि
गोि घुमाकर छोड़ना है .
4. कफर आाँखों के ककनारों के पास से नीचे की ओर होकर अंदर घुमाते हुए नाक
की साइनस कैपवटी (sinus cavity) तक िाना है और उधर मसल्स को न
छोड़ते हुए नाक के दोनों बाजुओं से गािों की ओर दबाकर खींचना है .
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T1-T2 मनके के आसपास दोनों बाजुओं से शुरू करके पास पास
T1 बाहर की ओर दबाते हुए तिापवति हड्डी (clavicle bone) के
बाहरी ककनारे तक आना
Thoracic T1-T2

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Satnam

यह उपचार लसर ददि के लिए बहुत ही प्रभावशािी है . इसके ननम्न पड़ाव हैं.
1. पेशेंट के पीछे उनके माथे को अपने शरीर से सहारा दे ते हुए खड़े हों. अपने
हथेलियों से उनके लसर को ऐसे ढक िें कक दोनों अंगूठे माथे के पीछे हों और
बाकी उाँ गलियााँ नाक की शरु
ु आत (आज्ञा चक्र) के पास हों. अंगठ
ू ों के सहारे िेकर
अपनी उाँ गलियों से नीचे की दटश्यू और त्वचा को दबाते हुए बारी बारी से ऊपर
लसर के बािों की ओर खींचते िेकर जाना है . ऐसे 6 बार करें .
2. इसके बाद आज्ञा चक्र से उाँ गलियों को अंदर दबाकर रगड़ते हुए दोनों भौंह के
ऊपर की त्वचा एवं नसों को दोनों साइड में कनपट्टी के पास िे जाना है . एवं
साइड में िाने पर बबना मसल्स को ढीिा छोड़े अपनी अंगूठे के नमि मध्य भाग
से 6 बार घडी की सई
ू की ददशा में गोि गोि घुमाना और 6 बार पवपरीत ददशा
में घुमाना है . अब भी मसल्स को पकड़ कर रखें , छोड़ना नहीं.
3. इसके तुरंत बाद ही दोनों साइड पर कनपट्टी के पीछे से मसल्स को खींचते हुए
खोपड़ी की हड्डी जहााँ खत्म होती है उस के ककनारे से होकर पीछे रीढ़ की हड्डी
के सवािइकि वटे ब्रा (cervical vertebra) पर िे जाकर सेट कर दे ना है . यह
सारा करने के बाद ही आपने हाथों को ररिैतस करना है .
4. यह सारा प्रकक्रया 3 बार दोहराएं.
इसी उपचार का एक और रूप भी उतना ही प्रभावशािी है .
 पेशेंट के पीठ के पास खड़े होकर ऊपर जैसा ही हथेलियों को रखें. कफर दोनों
हाथों की उाँ गलियों से माथे के बीच से मसल्स और नसों को साइड में खींचकर
कन पट्टी से होकर बबना रुके दटशू को लसर के पपछिे भाग में िे जाकर छोडने
से भी आराम होता है .
 इसके बाद उनके साइड पर खड़े होकर अपनी एक हथेिी से खोपड़ी के नीचे गदि न
को अच्छी तरह पकडकर मसिें और छोड़ें. ऐसे तीन से छह बार कर सकते हैं.
 हथेिी को ऐसे रखें कक चार उं गिी माथे के ऊपर हों और अंगठ
ू ा बायीं कनपट्टी
के पास हो. कफर अपने अंगूठे को अच्छी तरह दबाकर प्रेशर के साथ नसों को
कनपट्टी से खींचकर गदि न के मध्य भाग में पहुंचाना है . कफर दादहनी ओर भी
ऐसा ही करना है .
यह लसर ददि एवं आाँखों को के लिए बहुत ही िाभदायक है .
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Ear Points इसके चचन्ह हैं  Ear Points

उनके बाएं कान के पास खड़े हों और अपने बाये हाथ को उनके माथे पर हल्के प्रेशर
से रखें ताकक उपचार के समय उनका माथा न दहिे. उपचार के ननम्न पड़ाव हैं –
1. अपने दादहने हाथ की उाँ गलियों को ऐसे खोि कर रखें
3
1
कक अंगूठा नीचे की ओर तथा बाकी चार उाँ गलियााँ ऊपर की ओर हों.
2 कफर अपने अंगूठे के नरम भाग से उनके कान के पीछे की नरम
त्वचा को 6 बार ऊपर से नीचे की ओर सहिाएं.
2. कफर कान के नछद्र के पास गाि की त्वचा को भी 6 बार
ऊपर से नीचे की ओर सहिाएं.
3. अंगठ
ू े के मध्य भाग से कुछ प्रेशर दे कर नछद्र के सामने के कादटि िेज को
दबाकर नछद्र के अन्दर प्रेस करना, कुछ क्षणों के लिए रुकना और छोड़
दे ना. ऐसा करने से तरु ं त ही कुछ क्षणों के लिए कान से अच्छी सन
ु ाई
दे ने िगता है .
4. अपनी पहिी ऊाँगिी से नछद्र के ककनारे के कादटि िेज को 45० के 4
एंगि में अंदर और ऊपर की ओर दबाना. (चचत्र दे खें   )
5. कफर यह सारा प्रकक्रया दादहने कान पर भी करें .
ननम्न सर्ी उपचार पेशेंट को करवट में
र्लटाकर दे ना है
Acid पेशेंट को दायीं करवट के बि लिटायें, बायीं टांग को
मोडकर दायीं टांग को सीधा िम्बा रखें । दायीं जांघ पर
Acid
दबाते हुये कमर से घुटने तक जायें, िेककन प्रेशर 2-3
सेकण्ड के लिये ही दें , तयोंकक ददि बहुत ज्यादा हो सकता है .
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
Fluid or Alkali
ऊपर Acid जैसा ही करना है , पर बायीं करवट पर लिटायें,
और बायीं जांघ के साइड पर दें .
Fluid or Alkali

- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
Lt Parkhoo
पेशेंट को दायीं करवट पर लिटायें और बायी कुल्हों के दोनों पॉईण्ट
पर बारी बारी से दबायें और छोड़ें । एक बार ऊपर और एक बार

Left Parkhoo नीचे ककया तो उसे (1) Lt Parkhoo कहते हैं. यानन चगनती है
दो बराबर एक.
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Rt Parkhoo
पेशेंट को बायीं करवट पर लिटायें और दायीं कुल्हो के दोनों
पॉईण्ट पर बारी बारी से दबायें और छोड़ें । एक बार ऊपर और

Right Parkhoo एक बार नीचे ककया तो उसे (1) Rt Parkhoo कहते हैं. यानन
चगनती है दो बराबर एक
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Folic पेशेंट को बायीं करवट पर लिटायें और दायीं कुल्हो पर
घुटनों के ददशा में दबायें और छोड़ें ।

Folic
Thia = Thiamine
Thia पेशेंट को बायीं करवट पर लिटायें और दायीं कुल्हो पर लसर के
ददशा में दबायें और छोड़ें ।
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
B12
पेशेंट को दायीं करवट पर लिटायें और बायीं कुल्हे पर घुटनों के ददशा

B12 में दबायें और तुरंत छोड़ें ।

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Nia = Niacin
Nia पेशेंट को दायीं करवट पर लिटायें और बायीं कुल्हे पर लसर के
ददशा में दबायें और तुरंत छोड़ें ।
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
Right vitamin formation
पारखू उपचार जैसे ही लिटाकर जांघ की फ़ीमर हड्डी के बॉि
के बाजूमें clockwise करते हुये नीचे से ऊपरजाना
राईट पवटालमन फामेशन ke liye बायीं करवट पर लिटाकर
दादहनी कमर पर करना है .
Right vitamin formation Clockwise करना यानन उाँ गलियों को इकट्ठा करके उन्हें
घडी की सूई घूमने की ददशा में गोि गोि घुमाना .
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
Left vitamin formation
पारखू उपचार जैसे ही लिटाकर जांघ की फ़ीमर हड्डी के
बॉि के बाजू में clockwise करते हुये नीचे से ऊपर
जाना
िेफ्ट पवटालमन फामेशन ke liye दायीं करवट पर

Left vitamin formation लिटाकर बायीं कमर पर करना है .


ननम्न सर्ी उपचार पेशेंट को पेट के बल यानन उलटे र्लटाकर दे ना है .
छाती के नीचे 1½ तककया दे ना र्ूलना नहीं.
Adr यह एड्रेनि कोटे तस को उकसाने के लिए दे ते हैं . पीठ के
मध्य भाग में तीन जगह पर बीच से बाहर की ओर उतनी
बार नघसना, जजतनी संख्या लिखी हो, और यही दोबारा करना.
यानन तीन जगह पर दो बराबर एक करना है .
एक जगह पर एक समय में 6 बार से ज्यादा न नघसें.
Adr
अगर ज्यादा दे ना हो तो दब
ु ारा ऊपर से शुरू करें .
- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
SWT - इसे स्वेट पढ़ते हैं. इससे हम एड्रेनि ग्रंचथ की अंदरी मेडुिा भाग को
उकसाते हैं. यह पसीने की ग्रंचथयों को उकसाने के लिए भी उपयोग होता है .

T6 T6 T6
L5 L5 L5

SWT Lt. SWT Rt. SWT

दोनों हथेलियों को T6 -T12 के मनकों के दोनों बाजू खड़े रख कर हाथों के ककनारे


से मनकों के साईड की नसें तथा मसल्स को अंदर की ओर जरा प्रेशर दे कर जजतनी
संख्या लिखा हो उतने बार दबायें और छोड़ें । (6) Swt लिख हो तो 6 बार दबायें
और छोड़ें.
अगर Left Swt दे ना हो तो दादहनी हथेिी को मनके के दादहनी साइड पर परू ा
flat रखना, एवं केवि बायें हथेिी को खड़ा रख कर उसके ककनारे से सीधा नीचे की
ओर प्रेशर दे ना. अगर Right Swt दे ना हो तो बायीं हथेिी को मनके के बायीं
तरफ पर पूरा flat रखना,एवं केवि दादहने पंजे को खड़ा रख कर प्रेशर दे ना.
Back arrow बेक एरो इस का दस
ू रा नाम Blood supply
to lungs है , तयोंकक यह िंग्स को रतत संचार बढाता है .
पैर के तिवे के नरम भाग से पीठ के बीच से कन्धे की ओर
एवं कंधे से भुजा के मध्य भाग तक हल्का नघसाई करें .
पहिे बायीं तरफ, कफर दादहनी तरफ
Back arrow
इस का चचन्ह है
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H arrow (1) ऐच एरो
दोनों कंधों के बीच C7 सवािईकि हड्डी के दोनों तरफ़ नीचे से ऊपर की
ओर नघसाई करना. चगनती है तीन बराबर एक.
H Arrow इस का चचन्ह है ↑o↑
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On the spine ओन द स्पाइन

रीढ की हड्डी के ऊपर गदि न से िेकर L5 हड्डी तक अपने बडे


अंगूठे से नघसना और कफर नीचे से ऊपर तक नघसना.
यह मनकों के बीच मामूिी सी उतार-चढ़ाव हो तो उन्हें ठीक
L5
करने में सहायक है .
On the Spine हाथ को उनके पीठ पर कैसे रखना है चचत्र में दे खें
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Beside the spine
अपनी पहिी उं गिी और बीच वािी
उं गिी को ऐसे रखें कक वे दोनों रीढ की हड्डी के दोनों बाजू
पर हों. कफर उन उाँ गलियों को जरा प्रेशर के साथ नीचे पीठ के
अंदर दबाते हुए गदि न से िेकर L5 हड्डी तक, और हाथ न
L5
उठाते हुए कफर नीचे L5 से ऊपर C7 हड्डी तक नघसना
Beside the Spine
Round Arrow  राउं ड एरो
अपने बडे अंगूठे के ककनारे से नघसाई करनी है . गदि न के नीचे
से शुरु करके रीढ की हड्डी के दादहने तरफ हर एक मनके पर
अंदर की ओर प्रेशर दे ते हुए तथा नीचे की नसों को दबाते हुए
L5 हड्डी तक नघसाई करना, कफर उं गिी को न उठाते हुए
L5
रीढ की हड्डी के बायीं तरफ नीचे से ऊपर गदि न तक करना.
Round Arrow
हर बार मनकों के साइड पर दबाव पड़े - यह ध्यान दे ना है .
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(5) Organ clearance
यह उपचार पेट के बि लिटाकर या कुसी पर
बबठाकर दे सकते हैं. आप उनके बायीं साइड पर
बैठ क्र अपनी हथेिी को उनके पीठ पर ऐसे
रखना कक उाँ गलियााँ शरीर के साइड की ओर हो
एवं बड़ा अंगठ
ू ा माथे की ददशा में रहे . (चचत्र दे खें)
Organ Clearance
पहिे बायें चचत्र के खडे तीर के अनुसार रीढ के हड्डी के ऊपर और
आसपास हल्के हाथों से नघसाई करना । ऊपर से नीचे की ओर तथा हाथ न उठाते हुए नीचे से
ऊपर की ओर भी करना.
कफर दादहने चचत्र के आडे तीर के अनुसार दायें से बाएं और बाएं से दायें नघसाई करना ।
गदि न के पीछे से शुरू करना और बहुत ही कम अंतर में नीचे उतरते जाना. (5) Organ
clearance के लिए हर जगह पर पांच-पांच बार करना है .
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(½) Ku अपनी एढी से गद
ु ा द्वार के नीचे रीढ की हड्डी के
अंनतम छोर पर दबाना और जजतने सेकंड के लिए लिखा हो उतनी
½ KU
दे र तक दबाये रखना और कफर आराम से छोड़ना.
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Triangle for Piles यह बवासीर के लिए दे ते हैं.
इसलिए ही इसे ट्रायंगि फॉर पाईल्स कहते हैं.
दे ने का तरीका
1. कमर के पास आराम से खड़े हों. पहिे एक पैर की एड़ी
को उनके कूल्हे पर टे ि बोन यानन रीढ़ की हड्डी की
अंनतम छोर के पास रखें .
3 3
2. कफर कुलसियों के सहारे शरीर का पूरा वजन हाथों पर
िेते हुए, दोनों एड़ड़यों को कुल्हे के ऊपर S5 मनके
2 2
1 1
के पास (चचत्र के 1 नंबर की जगह पर) रखें .
3. एक साथ एड़ड़यों से ऊपर की ओर जोर दे ते हुए एक
Triangle for Piles jerk के साथ नीचे की मसल्स को ऊपर चढ़ायें.
4. कफर अपनी एड़ड़यों की जगह बदिकर जरा बाहर की ओर
S3 मनके के पास रखकर ऊपर की ओर jerk दें
5. अंत में S1 मनके के पास भी ऊपर जैसा करें .
जजतनी बार जरूरत हो उतनी बार दोहराएाँ.
इसका चचन्ह है 3

3 3

2 2
1 1

ऊपर के चचन्ह में ट्रायंगि यानन बत्रकोण के साइड में जो '1', '2', '3' नंबर लिखा गया है ,
वह उपचार ककधर से शुरू करना और कहााँ समाप्त करना यह बताने के लिए है , पर
ट्रायंगि के ऊपरी िाइन के बीच में जो '3' नम्बर लिखा है - वह ककतने बार दोहराना है ,
यह बताता है .
आम व्यजतत के लिए तीन बार पयािप्त है , पर बहुत सख्त पाईल्स के लिए पहिे एकाध ददन
के लिए 5-6 बार दे सकते हैं, तब बीच का नंबर बदिकर 5 या 6 हो जायेगा.
यह पेशाब पर ननयंत्रण के लिए, एवं औरतों को मालसक धमि में अत्यचधक ब्िीड़डंग पर
ननयंत्रण पाने के लिए भी िाभदायक है .
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(2) S4-S5 दे ने का तरीका
1. कमर के पास आराम से खड़े हों. पहिे एक पैर की एड़ी को
उनके कूल्हे पर पेजल्वक ट्रायंगि के बाहरी बाजू के पास (चचत्र के
अनुसार) रखें;
2.कुलसियों के सहारे शरीर का पूरा वजन हाथों पर िेते हुए,
दोनों एड़ड़यों को कुल्हे के अंदर दबाते हुए S5 मनके के दोनों
बाजुओं पर रखें.
S4
3. कफर अपनी एड़ड़यों को S3-4 केसाईड की मसल्स को
S5
अंदर और नीचे की ओर खींचते-दबाते हुए एक jerk दें .
4. कफर जगह बदिकर कूल्हे के दोनों बाजू S5 के बाहरी
साईड पर ऊपरसे नीचे की ओर दबायें और छोड़ें ।
S4-S5
साधारणतः दो बार करते हैं जजसे (2) S4, S5 लिखते हैं.
उपचार के तरीके से यह साफ पता चिेगा कक यह उपचार ऊपर के ट्रायंगि उपचार
का ठीक पवपरीत है .
पेशाब अगर रुका हुआ हो तो उसे िाने में यह मदद करता है . सो यह हाई BP के लिए भी
उपयोगी है .

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कमर की समस्याओं को ठीक करने के कुछ उपचार

L5 - S1 Ghisai

यह तीन पड़ावों में दे ते हैं.


1. तिवे के नरम मध्य भाग से L1 से S1 के बीच में ऊपर से नीचे और नीचे से
ऊपर की ओर दोनों तरफ नघसाई करें . ऐसे बीस से पच्चीस बार करें .
2. वैसे ही S1 मनके से नतरछी ददशा में लसफि नीचे से बाहर की ओर नघसें. ऐसे
दोनों साइड में सामान्य वजन डािते हुए बारह-बारह बार करें . िेककन पैर उिटी
ददशा में वापस न आये इसका ध्यान रहे .
3. कुलसियों का पूरा सहारा िेते हुए शरीर के वजन को अपने हथेलियों पर िेकर L5-
S1 जोड़ के दोनों बाजू पर ऐसे खड़े हों कक तिवा और एड़ी दोनों ही उनके पीठ को
छूता रहे . कफर पैरों को सीधा ऊपर L3 मनके की ओर कफस्िायें कक नीचे पीठ के
मसल्स ऊपर की ओर खींचते जाएाँ. L3 मनके के पास एड़ड़यों को दटका दें और पंजों
से मसल्स को खींचते हुए बाहर की ओर कफसिते जाएाँ और पंजा एड़ी दोनों को
कमर के बाजू पर रख दें . ऐसे तीन बार करें . जरूरत हो तो एकाध बार और भी करें .
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(6) L3,4,5 इस उपचार का चचत्र एवं दे ने का तरीका Blood Supply To Sides में
दे ख िें. लसफि उपचार का जगह बदिेगा. इसमें पीठ पर नाभी के ठीक पीछे L3
मनके के ऊपर से शुरू करना है और पीठ की मसल्स को साइड की ओर खींचना है
जजस से पेशेंट को काफी आराम पहुाँचता है .
Fracture point
इसमें दो अिग उपचार शालमि हैं जो बबना रुके
एक के बाद एक दे ना है .
पहिे उपचार का चचन्ह इस प्रकार है
इसे ' T ' कहते हैं.
दे ने का तरीका
1. कमर के पास आराम से खड़े हों. पहिे एक
पैर की एड़ी को उनके कूल्हे पर (चचत्र के अनुसार)
पेजल्वक ट्रायंगि के बाहरी बाजू के पास रखें;
2. कुलसियों के सहारे शरीर का पूरा वजन हाथों
T –point or Fracture point पर िेते हुए, दोनों एड़ड़यों को कुल्हे के अंदर दबाते
हुए S5 मनके के पास रखें.
कफर S1 से S5 के साईड की मसल्स को अन्दर की ओर खींचते - दबाते हुए अपनी
एड़ड़यों को ऊपर नीचे उठाते-दबाते रहें . ऐसे 15-20 बार करें .
अगिे उपचार का चचन्ह इस प्रकार है    1 2 3

इसे 1-2-3 कहते हैं.


1 2 3 ऊपर के ' T ' उपचार के तुरंत बाद पेशेंट के
ररश्तेदार या ककसी अन्य व्यजतत से कहें कक मरीज
के पैरों को 450 ड़डग्री तक ऊपर उठायें. जांघ के पीछे के मसल्स को अन्दर और
नीचे की ओर खींचते हुए ऊपर कूल्हे से िेकर नीचे घुटने तक पास पास कदम
रखकर चिते आना है . पर घट
ु ने के जोड़ पर पैर रखना नहीं.

ध्यान दें यह उपचार जांघों की मांसपेलशयों को ढीिी करने के लिए दे ते हैं. अगर
पेशेंट अपने आप टांग उठायेंगे तो नीचे की मसल्स कड़क हो जाएाँगी, जजस से िाभ
कम होगा, कुछ िोगों को उपचार के दौरान या उसके बाद ददि बढ़ भी सकता है .
इधर नंबर 1,2,3 ककसी मनके को सूचचत नहीं करते. वे लसफि यह बताते हैं की हमें
पहिा कदम कुल्हे के पास रखना है , दस
ू रा जांघ के पीछे के मध्य भाग में और
तीसरा कदम घुटने के पास.
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Blood Supply To Sides
कुलसियों का पूरा सहारा िेते हुए शरीर के वजन को अपने
हथेलियों पर िेकर अपने तिवे के नरम अंदरी भाग से
कुल्हे के बाजू में साइड से बाहर की ओर अिग अिग
जगहों पर 6 से 12 बार नघसें.
यह कुल्हे के आसपास के मसल्स को ररिैतस करने के
लिए ददया जाता है .

Blood Supply To Sides इसका चचन्ह है

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+1 for L1-L2-L3
यह अतसर बबठाकर दे ते हैं. पर इसे लिटा कर भी दे
सकते हैं. बबठा कर दे ने से जांघ के नीचे तककया जरूरी
नहीं है . लिटा कर दे ने से जांघ के नीचे तककया जरूरी है .

इसका चचन्ह है +1


कुलसियों पर शरीर का वजन िेते हुए, पास-पास कदम
रखते हुए, जांघ में नीचे और अन्दर की ओर दबाव दे कर
+1 for L1-L2-L3 कमर से िेकर घुटने तक चिना. पर गिती से भी घुटने
के जोड़ पर पैर नहीं पड़ना चादहए. ऐसे तीन राउं ड करें .
पहिे राउं ड में हाथों पर अपने शरीर का वजन िेकर उनके जांघों पर मामूिी प्रेशर
दें . दस
ू रे राउं ड में थोडा प्रेशर बढ़ाएं.
तीसरी बार अपने शरीर का पूरा वजन उन पर िगा सकते हैं.
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+2 for L4-L5-S1 इसका चचन्ह है +2


ऊपर +1 जैसा ही सब कुछ करना है पर इस में पपंडिी के
नीचे तककया दे कर अपनी एड़ी से मसल्स को अंदर खींचते हुए घुटने के नीचे से
टखने तक चिना है . ऐसे तीन राउं ड करें .
BOF = Bottom of Feet इसे संक्षेप में BOF लिखते
हैं. यह गुरुजी की ननरािी सोच का एक अद्भुत नमूना है .
इसमें मसल्स और नसों को एड़ी से दरू , घट
ु ने की ओर
खींचना है . पैरों के नीचे 1½ तककया होनी ही चादहए.
इस उपचार को तीन जस्तचथयों में करते हैं. दादहनी टांग से
3

2
शरू
ु करते हैं और बायीं में खत्म करते हैं.
1
1. हो सके तो पेशेंट की छाती के नीचे भी 1½ तककये
Bottom of Feet दें , माथे को नीचे की ओर सीधा ररिैतस रखने के लिए कहें ,
और अपनी दोनों तिवों के नरम भाग को उनके दोनों एड़डयों के पास रख
कर बारी बारी से दोनों पपण्डलियों पर ऐसे दबाते हुए चिें कक उनके मसल्स
ऊपर की ओर खींचे जाएाँ.
2. कफर दादहनी करवट में लिटाकर टांगों के साईड पर
3. कफर बायीं करवट में लिटाकर दस
ू रे साइड पर.
यह ट्रीटमें ट पैरों की उाँ गलियााँ, तिवे और एड़ी से िेकर पपंडलियों तक के सुन्नपन,
ददि , जिन या ककसी भी प्रकार की समस्या के लिए अनत उत्तम है .
साधारण पेशेंट के लिए तीन बाजू काफी है .
अगर ककसी को मोच आयी हो तो -
BOF – ALL 4 SIDES for sprain ऐसे लिखते हैं तब ननम्न उपचार भी दे ना है :-
पेशेंट को सीधे लिटाना और अपने एड़ड़यों से या हथेलियों के तिवों से पास पास
जगहों पर प्रेशर दे ते हुए उनके एड़ी के सामने से दटशू को नीचे से ऊपर घुटने की
ओर धकेिना. ऐसे तीन बार करें . तुरंत ही इतना आराम लमिेगा कक पवश्वास नहीं
होगा.
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L4 Fracture यह उनको देना है जिनके L4 मनका फ्रैक्चर याजन टूट चूका है
मरीज को सीधा िेटाकर पपण्डलियों के अंदरी बाजू में जोर दे ते हुए घट
ु ने
से एड़ी तक अनेक जगहों पर अपनी एड़ी से जकि (jerk) दे ते हुए उतरते
जाना जजससे कक L4 मनके की नसें खखंची जायें और धीरे धीरे टूटा
L4 Fracture
हुआ मनका सेट हो जाए.
L5 Fracture यह उनको देना है जिनके L5 मनका फ्रैक्चर याजन टूट
चूका है
मरीज को पॆट के बि ऐसे लिटाना कक लसर सीधा हो और पैर की
उाँ गलियााँ बाहर की ओर हों. अपनी एड़ी से पपण्डलियों के बाहरी बाजू में
L5 Fracture जोर दे ते हुए घुटने से एड़ी तक अनेक जगहों पर जकि (jerk) दे ना जजस
से कक L5 मनके की नसें खखंची जाएाँ और धीरे धीरे टूटा हुआ मनका
सेट हो जाए.
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Blood Supply to Legs ब्लड सप्लाई टू लेग्स
ध्यान दें कक इस उपचार में थेरापपस्ट के खड़े रहने की
जस्थनत में एक मुख्य बदिाव है .
कुलसियों का सहारा िेते हुए अन्य उपचारों की तुिना में
उल्टा यानन पेशेंट के एड़ी की ददशा में खड़े होना है . तिवे
के बीच वािा नरम भाग से ही उपचार दे ना है .
उनसे कहें कक वे अपने पैरों को ढीिा रखें, उाँ गलियााँ बाहर
की ओर हो एवं दोनों एड़डयााँ एक दस
ू रे को दे खते हुए हों.
अब आप उनके बायीं जांघ के पपछिे भाग पर अपने दादहने
पैर से कूल्हे से घुटने तक 30 बार नघसाई करें . कफर अपने
Blood Supply to Legs बायीं पैर से उनके दादहने जांघ पर वैसे ही 30 बार नघसाई
करें .
हर बार पैर के तिवे को आराम से ऐसे कफसिाना की नीचे की चमड़ी को ठे स न
िगे, पर नीचे की नसें एवं मांस पेलशयों में रतत संचार बढ़ जाये.
यह पोलियो एवं टांगों में कमजोरी के लिए उत्तम उपचार है . 30

काडि पर लिखते समय इसका चचन्ह है    

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Pelvic पेजल्वक यह पैर में सुन्नपन, ददि या जिन के लिए उत्तम है .
जजस पैर में तकिीफ हो उस पैर को 900 की अवस्था में बाहर की ओर
तककये के ऊपर रखना है . पेशेंट का दस
ू रा पैर सीधा रखना है . थेरापपस्ट
अपने तिवे को टे ढ़ा रख कर अपने पैर के बाहरी ककनारे से फीमर बॉि
के ककनारे पर ज्यादा से ज्यादा 90 सेकण्ड तक खडा होना है . अगर
पेशेंट को सहन न हो तो समय कम कर दें .
उनके बाये फेमुर पर खड़ा होना हो तो अपना दादहने पैर का उपयोग
Pelvic करें . वैसे ही उनके दादहने फेमुर पर खड़ा होना हो तो अपने बाये पैर का
उपयोग करें .
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Bending forward यह उनको दे ना है जजन्हें सामने झुकने
से कमर या पपंडलियों में ददि आ जाये.
तीन पड़ावों में करना है .
अपनी हथेलियों को cup-जैसा गोि आकार में रखें. पहिे
बायीं टांग पर करना, कफर दायीं टांग पर.
Bending forward
1. बारी बारी से हर एक हथेिी से पपंडिी के पीछे की नसों
तथा मांसपेलशयां को घुटने के पीछे से िेकर एड़ी के पीछे तक इस खब
ू ी से खींचना
है कक बाि न खींचे जाए. पपंडलियों में दबाव सामान्य रखें पर एड़ी पर ज्यादा प्रेशर
दें . ऐसे 6 बार करें .
2. टांग के दोनों बाजू को हथेलियों से ढक िें और मांसपेलशयां तथा नसों को नरमी
से नीचे की ओर खींचते हुए एड़ी तक आना है और न रुकते हुए एड़ी के दोनों साइड
की चमड़ी पर जोर दे ते हुए उाँ गलियों के नोकों तक नघसना है . ऐसे 6 बार करें .

3. हर एक हथेिी से पैर के पंजे के ऊपरी भाग पर बारी बारी से एड़ी के जॉइंट से


िेकर उाँ गलियों के नोकों तक हल्का प्रेशर दे ते हुए सहिाना है . ऐसे 6 बार करें .
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मरीज के पैर के पंजे पर हर उं गिी जहााँ से ननकिती है उस
जोड़ पर अपने एड़ी से दबायें और छोड़ें । है . इस प्रकार से पैर
की बड़ी ऊंगिी से िेकर छोटी उं गिी तक करना है . इसके बाद
Standing point अपने तिवे के नरम भाग से उनकी एड़ी से उाँ गलियों तक हल्का
हल्का दबाते आना है . ऐसे तीन बार करें .
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Sciatica point यह उनके लिए उपयोगी है जजनको
एक तीव्र चब
ु न जैसा ददि कमर से पैर की ओर आता है ,
कभी चिा जाता है ओर कभी कभी घंटों तक रह जाता है .
इसे सायदटक ददि या सायदटका कहते हैं. कुछ िोगों को एक
ही पैर में समस्या होती है , जब कक कुछ और िोगों को
दोनों पैरों में जिन या ददि होता है .
चचत्र में दोनों पैरों के लिए ददखाया गया है , पर जजस पैर की
सायदटक नवि में समस्या हो उसी पर करते हैं.
कुलसियों के सहारा िेकर अपने दोनों पैर के अंगूठों को L5
मनके के दोनों बाजू में हल्का-सा दबाव दें .
Sciatica point कफर जजस पैर में ददि है उस पैर के कूल्हे से िेकर एडी
तक दबाते हुए या तिॉक वाइज गोि गोि घुमाते हुए जाना.
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यह परू े पीठ के मसल्स को ररिैतस करता है .
जजनको पीठ के ऊपरी तथा ननचिे भाग में ददि हो,
उनके लिए यह उपयोगी है .

पेशेंट को पेट के बि लिटाकर अपने बाये पैर को


मरीज के बाएं कूल्हे के नीचे रखना है . कफर अपने दायें
पैर को उनके पीठ के L5 मनके से कफसिते हुए दटशू
को दादहने कंधे तक खींचना. ऐसे तीन तीन बार दोनों
साइड पर करें .

Bindu
घुटने के ददों के र्लए कुछ उपचार
घट
ु ने की कटोरी को लचीला बनाने के र्लए दो उपचार हैं -
a. Back of knees इस उपचार को उल्टा र्लटाकर करना है :-
( इन चचत्रों में घट
ु ने की कटोरी को इस चचन्ह द्वारा चचबत्रत ककया है --> )
1. अपने तिवे के नरम मध्य भाग से घट
ु ने के पीछे के भाग को
ऊपर-नीचे, नीचे-ऊपर – ऐसे 20 से 25 बार नघसाई करें .
2. कफर अपने पैरों या हथेिी के तिवों को घुटने के जोड़ के ऊपरी
ककनारे के पास रख कर नीचे की त्वचा एवं मसल्स को हल्के
प्रेशर दे कर बीच से दोनों बाजू की ओर खींचें ताकक वहां की मांस
पेलशयााँ ढीिी हो जाएाँ. ऐसे 6 बार करें .
3. कफर घुटने के जोड़ के नीचे के ककनारे पर भी त्वचा को ऊपर-जैसा 6
बार करें .
ऊपर के तीनों से कटोरी के पीछे की मांस पेलशयों नरम और िचीिी हो जाती हैं,
जजस से ददि में तुरंत ही राहत लमिने िगती है.
4. इसके बाद ऊपर के तीनों उपचार दस
ू रे घुटने के पीछे भी करें .
b. Knee Cap Free इसे सीधा र्लटाकर या बैठाकर करना है .
पेशेंट से कहें कक घुटने को एकदम ढीिा छोड़ दें और
ररिैतस होकर िेटें या बैठें. जजस घुटने में ज्यादा तकिीफ
हो, उसे पहिे करें , बाद में दस
ू रे पर कर सकते हैं.
1. हथेलियों को ऐसे रखें कक अंगूठे एक दस
ू रे के
पास हों और उाँ गलियााँ जांघ के दोनों साइड पर हों. मसल्स
को हल्के प्रेशर दे कर तीर की ददशा में दायें-बायें मसिें .
ऐसे कमर से घुटने तक जांघ पर दो तीन जगहों पर करें .
2. घुटने के नीचे के त्वचा पर भी 2-3 जगहों पर ऐसा
ही करें .
3. हथेलियों को घुटने की कटोरी के दोनों बाजू खड़े रखकर ककनारों से घट
ु ने के
साइड की मसल्स को ऊपर-नीचे एवं नीचे-ऊपर मसिकर उन्हें ररिैतस कराएाँ.
4. कफर कटोरी के चारों कोनों पर हथेिी के तिवे से रगडकर एवं चारों ओर
गोि-गोि हाथ फेरकर कटोरी को नीचे की मसल्स से मुतत करायें.
ये सब करने से knee cap यानन कटोरी एक दम िूस हो जाएगी, जजस से घुटने
का जकड़न कम हो जाता है , इसलिए ही इसे cap free कहते हैं.
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Giriraj िीटमें ट
यह घुटने के ऊपर और नीचे के मसल्स को ढीिे करने के
लिए दे ते हैं.
पेशेंट को लिटाकर दे ने से जांघ के नीचे तककया दें .
अपनी उाँ गलियों को इकट्ठा करके घुटने के पास से शुरू
करके ग्रोईन (groin) तक पास पास अनेक जगहों पर
clockwise करते हुए मसल्स को ऊपर चढाना. वैसे ही तीन
चार अिग अिग जगहों में करना. अंत में जांघ के बाहरी बाजू
की मांस पेलशयों को फीमर हड्डी के पास िे जाकर ऊपर चढ़ा दे ना.
दोनों पैरों पर एक के बाद एक करना है .
इसके बाद calf muscle ghisai करना है .
Giriraj
Calf muscle ghisai
बायें पैर पर तीन पड़ावों में करना है .
8
1. दोनों हथेलियों के बड़े अंगूठों के
नोकों से बायां पैर के अंदरी बाजू में
6 1
4 5 2 जोर िगाकर दबाते हुए घट
ु ने के नीचे
3 7
से िेकर टखने तक अन्दर की नसों

Left calf muscle ghisai तथा मांसपेलशयों को एड़ी की ओर


खींचना है . ऐसे 3 बार करना.
इसी प्रकार चचत्र के अनस
ु ार 3 अिग जगह पर घट
ु ने से टखने तक करना.
चचत्र में 1 2 3 दे खें.
2. कफर दोनों हथेलियों के बाकी चार उाँ गलियों के नोकों से पपंडिी के बाहरी बाजू पर तीन
4 5 6
अिग अिग जगहों पर तीन तीन बार करना. चचत्र में दे खें.
3. कफर अपने अंगूठे के साइड से पैर के पंजे की अंदरी साईड पर एड़ी से िेकर पैर के
अंगूठे के जोड़ तक 6 बार एवं उस जोड़ से उं गिी की नोक तक 6 बार नघसना.
चचत्र मे 7 8 दे खें.
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3 3
2
Pradeep treatment प्रदीप िीटमें ट
2
1 1
1
इसमें ननम्न पड़ाव हैं. पहिे बाएं घुटना पर करें , कफर दादहने पर.
1
मरीज से कहें कक उपचार के समय चचत्र के अनुसार जजस घुटने पर
2 2
3 3

Pradeep उपचार ककया जा रहा हो, उसे अंदर की ओर मोड़ कर रखना है .


1. घुटने के नीचे तककया ऐसा टे ढ़ा रखें कक कोना घुटने के
जरा बाहर हो और तककये का िम्बा भाग जांघ के नीचे हो और चौड़ाई का
कुछ भाग टांग के नीचे रहे .
2. आप उनके टांगों के बीच घुटने को दे खता हुआ खड़े हों.
3. कुलसियों के सहारे हाथों पर अपने शरीर का वजन िें और अपने पैरों को उनके
घुटने के दोनों बाजू रखें और एड़ड़यों को नीचे की ओर एक jerk के साथ प्रेशर
दें . कफर दोनों पैरों को घट
ु ने के ऊपरी ककनारे के पास रखकर मसल्स को अंदर
दबाते हुए पास-पास कदम रखते हुए घुटने से कमर की ओर चिते आयें.
ऐसे तीन राउं ड करें .
4. अब दोनों पैरों को घुटने के ठीक नीचे रखें और मसल्स को नीचे तथा अंदर
दबाते हुए एड़ी तक चिते जाएाँ. ऐसे तीन राउं ड करें .
5. अंत में तिवे के मध्य नरम भाग को घट
ु ने के हड्डी के बीचों बीच रखें और उस पर
अपना परू ा वजन डािते हुए सीधे खड़े हों.
इसके बाद यह सारी प्रकक्रया दस
ू रे घट
ु ने पर करें .
ऊपर के तीन और चार नंबर के बदिे में कुछ थेरेपपस्ट इस प्रकार भी करते हैं 
घट
ु ने के दोनों बाजू तिवों को रखकर दोनों पैरों को बारी बारी से पवपरीत ददशा में
चिाते हैं – यानन बाया पैर घुटने से कमर की ओर चिेगा जब कक दायााँ पैर उसी
समय घुटने के नीचे से एड़ी की ओर चिेगा. ऐसे तीन राउं ड करते हैं. उसके बाद
ऊपर का पांच नम्बर करना है .
JJ groin अन्य उपचार के बाद भी जजन्हें घुटना
के अंदरी बाजू में ककसी एक बबंद ु पर ददि हो उन्हें यह
उपचार सीधा लिटाकर ही दे ते हैं. इसमें फीमर के
ऊपरी सामने भाग में मसल्स और दटश्यू को नीचे से
3 ऊपर भेजना है .
2
कमर से करीब 6 इंच की दरू ी से उपचार शुरू करते
1
हैं. कफर चचत्र के अनुसार ऊपर दो दो इंची की दरू ी पर
जांघ की मसल्स को जरा जोर से ऊपर की ओर दबायें
और छोड़ें । इस प्रकार करते हुए कमर की हड्डी तक
करना है . उपचार चाहे एड़ी से दें या इसके लिए हाथों
के तिवे का भी उपयोग ककया जा सकता है .
इसका चचन्ह है
groin

- - - - - - - - - - - - - - - - - - -
JJ back यह उपचार पेशेंट को उल्टा लिटाकर दे ते हैं.
यह उनको दे ना है जजन्हें सारे अन्य उपचार के बाद भी
घुटना के बाहरी बाजू में ककसी एक बबंद ु पर ददि हो.
इसमें बटतस के साइड पर पेजल्वक बोन के बाहर एवं

3
फीमर के ऊपरी भाग में जो मसल्स और दटश्यू उतर गए
हैं, उन्हें नीचे से ऊपर पहुाँचाना है .
2
1

कमर से करीब 6 इंच की दरू ी से उपचार शरू ु करते हुए


चचत्र के अनस ु ार ऊपर दो दो इंची की दरू ी पर जरा जोर से
दबायें और छोड़ें । इस प्रकार करते हुए कमर की हड्डी
तक करना है . उपचार चाहे एड़ी से दें या इसके लिए
हाथों के तिवे का भी उपयोग ककया जा सकता है .

JJ back जजस घुटने में तकिीफ हो उसी पर उपचार करना है .


इसका चचन्ह है
back
कु छ अन्य उपचार
Lower shoulder blade
जैसे तीर के ननशान से ददखाया गया है , यह
उपचार स्कैपुिा (scapula) यानी शोल्डर ब्िेड के
नीचे के भाग में ददों को ठीक करने के लिए दे ते
हैं. इसलिए ही इसका नाम lower shoulder
blade रखा गया है .
इसका चचन्ह है    
दे ने का तरीका -
Lower shoulder blade 1. चचत्र के अनस
ु ार कोहननयों को मोडकर
हथेलियााँ आसमान को दे खते हुए रखें .
2. अपनी बायीं हथेिी को रीढ़ की हड्डी के बायीं तरफ रख िें. दादहनी हथेिी से
उनके दादहनी भुजा को पकड़कर दबाते हुए एवं नीचे की मसल्स को खींचते
हुए कोहनी तक पहुंचाएं.
3. अब दादहनी हथेिी के प्रेशर को कायम रखते हुए बायीं हथेिी को भी कंधे के
जोड़ से घसीटते हुए कोहनी तक िाइये.
4. कफर दोनों हथेलियों से मसल्स को खींचते हुए किाई को पार करके उाँ गलियों
के नोकों तक िाइए.
5. ऊपर की पूरी प्रकक्रया तीन बार दोहराएाँ.
अब दादहनी साइड पर भी ऐसा ही करें .
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Upper shoulder blade जैसे तीर के ननशान से
ददखाया गया है , यह उपचार स्कैपुिा (scapula)
यानी शोल्डर ब्िेड के ऊपर के भाग में ददों को ठीक
करने के लिए दे ते हैं. इसलिए ही इसका नाम
upper shoulder blade रखा गया है .
इसका चचन्ह है    
Upper shoulder blade
दे ने का तरीका
चचत्र के अनुसार कोहननयों को मोडकर हथेलियााँ जमीन को दे खते हुए रखें . दोनों पैरों
से दोनों भुजाओं पर कफसिते हुए शोल्डर जॉइंट से कोहनी तक जाना, कफर मसल्स
को अंदर खींचते हुए पास पास कदम रखते हुए कोहनी से हथेिी तक चिते जाना.
इन दोनों उपचारों के बाद BAFA दे ने से सवािइकि प्रॉब्िम में बहुत ही िाभ दे गा.
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Up arrow अप एरो

T1
यह उपचार पेशेंट को लिटा कर ही दे ना है . पेशेंट के
कमर के पास बैठ जाएाँ. चचत्र के अनुसार हथेिी को
उनके L5 मनके के ऊपर ऐसे रखें कक तिवे के बीच
का भाग उनके मनके के बीच हो. कफर जरा जोर दे कर
स्पाईन के ऊपर L5 से िेकर T1 तक ऐसे दबाते हुए
L5
नघसते जाना है कक मनकों के दोनों बाजू के दटशू, नसें
Up arrow
इत्यादद ऊपर की ओर खींचे जाएाँ.
इसका चचन्ह है    
कान में अगर फ्िूइड कम हो जाये तो उस से चतकर आते हैं, जजसे वदटि गो
(vertigo) कहते हैं, उसे ठीक करने के लिए यह उपचार उपयोगी है
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Down arrow पेशेंट के लसर के पास बैठ जाएाँ. चचत्र
T1 के अनस
ु ार हथेिी को उनके गदि न के नीचे ऐसे रखें कक
तिवे के बीच का भाग उनके T1 मनके के बीच हो.
कफर जरा अंदर की तरफ जोर दे कर L5 मनके तक ऐसे
नघसते जाना कक मनकों के दोनों बाजू के दटशू, नसें
L5 इत्यादद नीचे की ओर खींचे जाएाँ. यह उपचार पेशेंट को

Down arrow कुसी पर बबठाकर भी दे सकते हैं.


इसका चचन्ह है    
कान में अगर फ्िूइड बढ़ जाये तो उस से भी चतकर आते हैं, जजसे मेननयेसि ड़डजीज
(Meniere's disease) कहते हैं, उसे ठीक करने के लिए यह उपयोगी है |
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T8
T1 थोरलसक T8 वटे ब्रा के चारों ओर के भाग को दबाएाँ और छोड़ें,
पर प्रेशर इतना ज्यादा न हो कक ददि और बढ़ जाये.
T8
इसका चचन्ह है
T8
T8

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Hydrocele point हाइड्रो सील पॉइंट


यह उपचार उन के लिये है जजनकी अंडकोष में सूजन हो.
ऐसे व्यजततयों में एड़ी की जॉइंट के तीन चार इंच के ऊपर
Calf muscle यानन पपंडिी में बहुत ददि होगा. उस पॉइंट पर
अपनी एड़ी से साईड से दबायें और छोड़ें । ऐसे दो चार बार
करे आर उन्हें ददि से बहुत आराम होगा.
ददि के अनुसार एक पैर में या दोनों पैरों में एक साथ या
अिग अिग कर सकते हैं.
इसका चचन्ह है     

Hydrocele point
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Prolapse Point इसे P point भी लिखते हैं.
यह उन औरतों के लिए उपयोगी है जजन का गभािशय अपनी
जगह से हठ गया हो.
जांघ के मध्य भाग की मसल्स को एडी से दबाकर ऊपर की
ओर jerk दे ना.
पहिे बायीं जांघ पर करें , कफर दादहनी जांघ पर.

इसका चचन्ह है

ध्यान रहे कक इस उपचार के तुरंत ही बाद में (6) WD दे ना


Prolapse Point है , तो नीचे उतरा हुआ गभािशय अपनी जगह में सेट हो
जायेगा, एवं ऑपरे शन की नौबत से बच सकते हैं.
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कन्धा, गदि न या हाथ पर कोई मार िगने पर मसल्स नीचे
उतर जाते हैं तो वे हाथ उठा नहीं पाते उन्हें ऊपर चढाने के
लिए यह दे ते हैं.
अपने हथेिी के तिवे से जजस हाथ में प्रॉब्िम है , उसकी
किाई से मसल्स को ऊपर खींचते हुए ऊपर कंधे की ओर
Rocket point चढ़ाना है . ऐसे तीन बार करते हैं. कफर अंगठ
ू े के नोक से कान
के पपछिे भाग के दटशू को काफी जोर से प्रेशर दे कर ऊपर
चढाते हैं. पेशेंट को चाहे बैठे हुए दे सकते हैं या लिटाकर.
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Big toe Gas अपनी एडी से मरीज के पैर के बड़े अंगूठे


Big toe Gas
पर खडा होना. चाहे दोनों पैरों पर एक साथ या एक एक पैर
करके खड़े रह सकते हैं. साधारणतः 6 या 12 सेकंड के लिए खड़े रह सकते हैं. पर
अपना पैर ऐसा रखना कक पेशेंट की चमड़ी को चचमटी जैसा न िगे.
यह पेट में गैस की तकिीफ के लिए बहुत ही बदढ़या है .
Gal – Spl ghisai गाल एंड स्प्लीन जिसाई

पेशेंट को सीधे लिटायें. कमर के दोनों साइड पर कुलसियों पर


अपने हथेलियों को अच्छी तरह सहारा दे ना है . कफर कुलसियों
पर परू ा वजन डािते हुए एक ही समय में पेशेंट के पेजल्वक
बोन (कमर की हड्डी) के बाहरी बाजू में अन्दर से बाहर की
ओर नरम तरीके से 6 बार नघसना है .
ध्यान रहे कक अपने दोनों पैरों के तिवों के नरम मध्य भाग
का ही उपयोग करना है , और इस तरह नघसना है कक हड्डी
पर वजन न आये. यह लिम्फ नोड्स में ब्िॉकेज को ठीक
करता है एवं पैर में सज
ू न को कम करता है . खास करके जो
टाइट पैन्ट्स पहनते हैं, उन्हें इस प्रकार की तकिीफ हो तो
यह उपचार बहुत िाभदायक है .
Gal – Spl ghisai

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Abdomen Setting एब्डोमेन सेटटंग
1. मरीज को सीधा िेटाकर उनके पैर
को फोल्ड कर के बटर फ्िाई butterfly की
तरह तीन बार अन्दर-बाहर करें .
2. कफर दोनो घुटनों को जोड़ िें
और पैरों को मोड़ कर ऐसा रखें की दोनों
एड़डयााँ buttocks के पास हों. इस जस्थनत में
घुटनों को पकडकर तीन बार दायां व तीन
बार बाईं ओर मोड़ें.
3. कफर बारी बारी से एक पैर को
िम्बा करके दस
ू रे घुटने को अंदर जमीन की
ओर मोड़ें. ऐसे दोनों बाजू तीन बार करें .
4. अंत में चेहरे को एक ददशा में
Abdomen setting
घुमाना एवं दोनों घुटनों को दस
ू री ददशा में
जमीन की ओर घुमाना है . ऐसे दोनों बाजू तीन बार करें .
जजनका पेट बहुत ही ख़राब है उनके लिए पेट सेट करने के लिए यह एक
और उत्तम उपचार है .
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Opposite point अपोजजट पॉइंट

प्रभापवत अंगो के अनुसार पवपरीत हाथ व पैर को दबाना, घडी की ददशा में व
पवपरीत ददशा में घुमाना इत्यादद. (दादहने हाथ का अपोजजट यानन पवपरीत साईड
बाया पैर को व बाया पैर का अपोजजट दादहना हाथ को उपचार दे ना होता है )
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Superfast जब अचानक पैर कफसि जाय तो एक तरफ की
1

3
2 मसल्स दस
ू री तरफ चिी जाती हैं जजसके कारण ग्रोइन पर तीव्र
ददि आ जाता है . उस में राहत दे ने के लिए यह उपयोगी है . जजस
4
5
6
7 ग्रोइन में ददि हो उसी में करना है .
8
9
10 अपने दोनों तिवों के नरम मध्य भाग से जांघ से िेकर टखने
तक पास पास कदम ओवर िैप (overlap) करते हुए टांग के
Superfast
अन्दर की मसल्स को नीचे की ओर दबाकर खींचते हुए आना है.
कफर घुटने को उिटाकर नीचे सहारा के लिए दो या तीन तककया रखें . जांघ के बाहर
से िेकर पपंडिी के साइड से होकर एड़ी तक दब
ु ारा वैसे ही चिते आयें. ऐसे तीन
चार राउं ड करने से काफी आराम लमिता है .
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Sangam संगम पॉइंट्स

इसमें तीन जगह पर दबाना है

1. Fore arm के ऊपरी भाग पर कोहनी के जोड़ के कुछ नीचे जहााँ C6, C7, C8 की
नविस का संगम है वहां

अंगठ
ू े व पहिी उं गिी के बीच के जंतशन पर

एड़ी की हड्डी के ठीक नीचे एक जगह है जहााँ पर नब्ज चिती


हुयी पता चिता है . उस जगह पर हल्के प्रेशर दे ते हुए बारह बार
नघसाई करनी है .
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Ankle point टखने (ankle) के चमड़ी की चारों ओर
उाँ गलियों को clockwise करना यानन घडी की ददशा में
घुमाना ताकक नीचे की दटश्यू ढीिी हों. पहिे बाहर की तरफ
करें , कफर अंदर की तरफ. जजस पैर में समस्या हो, उसी पैर
पर करना है .
Ankle point

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Sciatica setting
पैर जमीन में सीधा रखकर पांव के नीचे तककया रखें
आपके एक हाथ से टखने के नीचे सहारा दे ने के लिए उसे
पकड़ िें. कफर दस
ू री हथेिी के पंजे से पैरों की उाँ गलियों
को अच्छी तरह पकड़ते हुए पंजे को ऊपर की ओर
मॊडना, कफर नीचे की ओर मोडना.
Sciatica setting

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Katka कटका
मरीज को पेट के बि लिटाकर पीठ के मसल्स को
ररिैतस करने के लिए कहें . पेशेंट ने गदि न को सीधा
रखना है .
1. पैरों के तिवों को L5 मनके के पास रख कर

L5 मनकों के ऊपर दबाते हुए ऊपर T1 तक जाना है. ऐसे


तीन बार करें . यह स्पाइन को ररिैतस करने के लिए है .
Katka
2. कफर अपने पैरों को टे ढ़ा कर के बाहरी ककनारों से
स्पाईन के दोनों बाजू को जोर िगाते हुये jerk यानन झटका दे ना. कभी कभी
इसमें हल्की सी आवाज भी आ सकती है तो समझना कक मनके सेट हो रहे
हैं.
3. कफर पेशेंट से कहें कक गदि न बायीं तरफ रखे. अब दो नंबर प्रकक्रया को कफर
से दोहराना और बबना रुके तुरंत ही अपने पैरों के तिवों से शोल्डर ब्िेड से
एल्बो तक कफसिते हुए जाना है .
4. अंत में पेशेंट से कहें कक गदि न दायीं तरफ रखे और तीन नंबर की प्रकक्रया
को दोहराना है .
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Motor neuron point मोटर न्यूरॉन पॉइंट

इसमें चार तककयों की जरूरत होती है . तीन छाती के


नीचे एवं एक ठोड़ी के नीचे. तककया रखने के बाद हाथ
िगाकर दे खें कक उनके गिे के उभाड के पास तीन
ऊाँगिी का गैप होना चादहए ताकक यह उपचार दे ते समय
सााँस न रुके.
T1
कुलसियों के सहारे हाथों के बि शरीर का वजन िेकर
Motor neuron एक एक करके अपनी एड़ड़यों को C7-T1 joint के दोनों
बाजू पर ऐसे रखें कक पैर के पंजे का अगिा भाग उनकी खोपड़ी पर न िगे. कफर
सीधे खड़े होकर कुछ क्षणों के लिए एडी से प्रेशर दें और छोड़ें. साधारणतः पांच बार
ही ददया जाता है .
ध्यान दें :- प्रेशर दे ते समय आपके पैर पेशेंट के पीठ पर 900 का एंगि बनायें ताकक
सवािइकि मनकों पर दबाव न आये.
इसका चचन्ह है

NOTE: Katka तथा Motor Neuron पॉइंट दे ते समय मामूिी jerk ही दे ना है .


ज्यादा जोर दे ने से पेशेंट को बहुत तकिीफ हो सकती है .
इसीलिए इन दोनों पॉइंट का उपयोग बहुत ही सोच समझ कर करना है .
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6 पैरालिलसस के मरीजों के हाथ अन्दर की ओर मुड़े रहते हैं, एवं पैर
को खखंच कर चिते हैं उन्हें खोिने के लिये यह उचचत उपचार है .
1
5
2
4
3 थेरापपस्ट ने अपनी उाँ गलियों को इकट्ठा करके हाथ एवं पैर की
3
4 मांसपेलशयों पर तिोक वाइज (clockwise) यानन घडी की कांटे
5
2
6 की ददशा में गोि गोि घम
ु ाना है .
1
हाथ में करने का तरीका:- अन्दर की बाजू में ऊपर से नीचे यानन

Paralysis कन्धा से कोहनी और कोहनी से किाई की ददशा में करना. कफर

Clockwise बाहर की बाजू में नीचे से ऊपर यानन किाई से कोहनी और कोहनी
से कंधे तक करके कंधे के पीछे मसल्स को चढ़ाना.
पैर में करने का तरीका:- अन्दर की बाजू में ऊपर से नीचे यानन जांघ से घुटना और घुटना से
एड़ी की ददशा में करना. कफर बाहर की बाजू में नीचे से ऊपर यानन एड़ी से घुटने की बाहरी बाजू
तक और घट
ु ने से जांघ के साइड तक करके कमर के पीछे और ऊपर मसल्स को चढ़ाना.
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Shukla शर
ु ला उपचार यह प्रभापवत हाथ और पैर दोनों पर करते हैं.
तरीका यह दो पड़ावों में दे ते हैं – a. हाथ में ; b. पैर में
हाथ में उपचार करने का तरीका
अपने एक हथेिी से उनके हाथ को किाई के पास जकड़ िें ताकक किाई के ऊपर का हाथ
या भुजा न दहिे. कफर अपने दस
ू रे हाथ की उाँ गलियों को उनके उाँ गलियों के अन्दर फंसाकर
उनकी हथेिी को ननम्न तरीके से 6-6 बार दहिाएं –
1. ऊपर एवं नीचे की ओर 2. दायें - बायें,
एवं ननम्न तरीके से गोि गोि घुमायें.
3. घडी की ददशा में (clock-wise) तथा 4. पवपरीत ददशा में (anti-clock-wise)
पैर में उपचार करने का तरीका

Shukla

ऊपर की तरह एक हथेिी से उनके एड़ी की हड्डी के पास जकड़ कर पैर की उं गलियों को
अच्छी तरह पकड़े हुए उनके पैर के टखने को भी ऊपर जैसा चार तरीके से दहिायें.
यह िकवा एवं हाथ-पैर के जकडन इत्यादद बबमाररयों के लिए उपयोगी है .
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Vasanti वसंती पेशेंट को सीधा लिटाकर उनके दोनों
पैरों के बीच में खड़े रहें . कफर अपने तिवे के नरम मध्य भाग
से टांगों के दोनों बाजू बारी बारी से बहुत ही नरम तरीके से एड़ी से
घुटने तक नघसाई करें .
उसके बाद उनको उल्टा लिटाकर उनके पपंडिी के पीछे भाग में
नीचे से ऊपर की ओर उसी तरह 15 से 20 बार नघसना है .
यह खास कर डायबबटीज की मरीजों में अंगों के सुन्नपन को दरू
करने के लिए िाभदायक है .
Vasanti
अगर हाथों में सुन्नपन है तो तिवे से उाँ गलियों से कोहनी तक
इसी तरह से नरम नघसाई करें .
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Feather touch हाथों की Finger tips यानन उाँ गलियों की नोकों से मयूर पंख
जैसे बहुत ही नरम स्पशि से मरीज के शरीर के अपेक्षक्षत भाग को सहिाना
यह सारे शरीर में इम्पल्सेस (impulses) भेजने के लिए ददया जाता है .
पैरालिलसस, कड़कपन, ददें तथा ब्रेन की सभी बबमाररयों में बहुत ही िाभदायक है .
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1

Ton – T 3
&P

TON 'P' – यह गाि के बाजू में जस्थत पैरोदटड ग्रंचथयों को उकसाने के लिए है .
TON 'T' – यह गदि न में जस्थत टॉजन्सल्स ग्रंचथयों को उकसाने के लिए है .
दोनों उपचार में एक जैसे ही करना है , लसफि चगनती में फकि है .
ननम्न तीन जगह में इस क्रम से सामान्य प्रेशर से नघसना है –
TON 'P' TON 'T'
1. गाि पर - ऊपर कान के सामने से नीचे गदि न तक. 12 बार 6 बार
2. गाि के नीचे – सामने ठोड़ी से पीछे कान के नीचे 6 बार 12 बार
तक
3. गदि न के साइड पर जहााँ गदि न और कन्धा लमिते हैं 3 बार 3 बार

पहिे दो उपचार हथेिी को flat रखकर दे ना है , पर तीन नम्बर का उपचार हथेिी के


ककनारे से दे ना है . पहिे बायीं साइड पर करें , कफर दादहनी साइड पर.

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TON 'P' उपचार उन औरतों को नहीं दे ते जो मााँ बनना चाहते हैं.

TON 'T' उपचार के तुरंत बाद संगम पॉइंट्स Sangam points दे ना है .


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vh kl;eE k' p;s db;n' s' h} j;y'g;- n ]k k{hn} k' p;s db;n' s' :
1 1

2 1 2
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1 2 1
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1 2 3 3 2 1

3 3
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1 2 3

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