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com/sundaynbt जस्ट ज़िंदगी । संडे नवभारत टाइम्स । नई दिल्ली । 4 अक्टूबर 2015

तकरीबन हम सबने कछुए और खरगोश की कहानी सुनी है और कछुए की जीत को भलाई की जीत की तरह देखा है। लेकिन अब वक्त
बदल रहा है, कछुए के जीतने की बात तो बाद की है, अब तो उसे दौड़ में शामिल ही नहीं किया जाएगा। हालात ये हैं कि खरगोशों की
दौड़ में भी स्मार्ट खरगोश बाजी मार लेता है और सीधा-सादा खरगोश हांफता रह जाता है। आखिर क्या है, जो हर अच्छाई के बाद भी
मिस्टर भोलू पीछे रह जाते हैं और तिकड़मी मिस्टर चालू बाजी मार ले जाते हैं। सबकुछ छिपा है एक खास तरह के बैलेंस में।

आप मिस्टर भोलू या मिस्टर चालू


शराफत पवन चौधरी
एक्सपर्ट्स पैनल
शिव खेड़ा

न बन जाए
लेखक मोटिवेशनल
‘नेक व्यक्ति कैसे जीतें’ स्पीकर
जिंदगी की दौड़ में इस बात को जानना सबसे जरूरी है कि आप आखिर आते किस कैटगिरी में हैं। कुछ बेसिक
फर्क कैटगिरी तय कर देते हैं।

आफत
1.चुप्पा सबसे भला! 1.बोल-बोल के बोल
ऐसे लोग अक्सर चुपचाप अपना काम करते हैं और इसे ही आगे बढ़ने का एक जरिया मानते हैं। वे ऑफिसों में अक्सर एक कहावत सुनने को मिलती है ‘काम करो या न करो काम का
यह भूल जाते हैं कि उनके आसपास ऐसे लोग भी हैं जो बिना कुछ किए भी बातों के दम पर जिक्र जरूर करो और अगर जिक्र भी न कर सको तो उसकी फिक्र जरूर करो’।
ही आगे बढ़ने का रास्ता खोज लेते हैं। कई बार तो आसपास के लोग मिस्टर भोलू के कम बोलने मतलब साफ है कि मिस्टर चालू जितना काम करते हैं, उससे ज्यादा उसकी बातें
का फायदा उठा कर उसके काम का क्रेडिट भी खुद ही ले लेते हैं। ऐसे लोग भले ही बेहतर करते हैं। अगर बातें करने में पीछे रह जाते हैं, तो उस काम को लेकर अपनी गंभीरता
बैकग्राउंड से आए हों और अपने जमाने में हरफनमौला रहे हों लेकिन अपने बारे में लोगों का ऐलान हर वक्त करते रहते हैं। ऐसा करने से वह न केवल लोगों में यह इंप्शरे न
बनाने में सफल हो जाते हैं कि वह बहुत काम करते हैं, बल्कि मिस्टर भोलू को नीचा
मिस्टर को बताना बड़बोलापन समझते हैं। चाहे बेहतरीन स्पोर्टस एक्टिविटी हो या गजब की सिंगिगं
क्वॉलिटी मिस्टर भोलू इसे खुद तक ही सीमित रखने को बड़बोलेपन की सबसे बड़ी काट
दुनिया भर की कंपनियां और समाज हार्ड वर्कर दिखाने का मौका भी नहीं गंवाते। मिस्टर
से ज्यादा स्मार्ट वर्कर तलाशने लगी हैं और इस
भोलू समझते हैं। वे मानते हैं कि अपने बारे में बातें करना शालीनता के खिलाफ है और अच्छे लोग
ऐसा कतई नहीं करते। तलाश में भोला-भाला हमेशा काम में लगा रहने कैसे निपटें : बेहतर होगा, अपने काम के साथ आसपास वाले के काम का हिसाब चालू
वाला मिस्टर भोलू कहीं खो गया है। हर काम भी रखें। अगर कोई अपने काम को बढ़ा-चढ़ा कर बताए तो मौका मिलने पर स्थिति
क्या किया : भोलू ने ऑफिस में बड़े इवेंट की तैयारी में क्या करें : भोलू को बॉस से मदद की बात डिस्कस साफ करें। बहस में न पड़ें, तथ्यों पर बात करें। मिस्टर चालू की पोल एक-दो बार खुलने की देर है, उनमें सुधार आने लगेगा।
हाथ बंटाया और चुपचाप घर रवाना हो गए। न किसी को साथ करनी चाहिए थी और बाकियों को हाथ बंटाने के लिए को चुपचाप और सलीके से करने वाले लोग कैसे
लिया और न किसी को बताया, यहां तक कि अपने बॉस को भी। बुलाना भी चाहिए था। बॉस के साथ बाकी लोग भी भोलू तरक्की के दौर में पिछड़ते जा रहे हैं और
मिस्टर चालू मौके को ताड़ गया और सारे किए कराए का क्रेडिट
लेकर तारीफ बटोरने लगा।
के गुणों से वाकिफ होते। या फिर अकेले सबकुछ कर लेने
के बाद बॉस को अपनी मेहनत के बारे में बताना चाहिए था। कैसे वो स्मार्ट हो कर मिस्टर कूल में 2.मैं हूं सुपरस्टार
अपने को सबसे ऊपर मानना मिस्टर चालू का पहला गुण है। वह भले ही कोई काम
तब्दील हो सकते हैं, एक्सपर्ट्स की अच्छी तरह से न कर सके लेकिन दिखाता यही है कि वह सबसे अच्छा कर सकता
2.मैं नीचे, सब ऊपर मदद से बता रहे हैं अमित मिश्रा: है। पार्टी करना हो या कोई काम या किसी सोसाइटी का कामकाज, खुद को सुपरस्टार
मानना और जताना मिस्टर चालू का पहला हक होता है। ऐसा करके
मिस्टर भोलू खुद को प्राथमिकता की सूची में सबसे नीचे रखते हैं। कितना वह एक तरह का ब्नरे गेम खेलते हैं और अपने कॉम्पिटिशन को
भी अच्छा प्रोग्राम अपने लिए बनाया हो लेकिन दोस्तों का दबाव पड़ते पनपने से पहले ही दबा देते हैं। हरफनमौला को सामने देखते
ही प्रोग्राम डावांडोल हो जाता है और दोस्तों के बनाए प्रोग्राम में शामिल ही बाकियों की सिट्टी-पिट्टी गुम होने लगती है।
हो जाते हैं। इसका कारण यह होता है कि उन्हें लगता है कि दोस्त क्या
कहेंगे या दोस्त बुरा मान जाएंग।े कई बार तो वह यह भी नहीं जान पाते कैसे निपटें : खुद पर भरोसा रखें। एक बात को गांठ बांध लें कि कोई भी इंसान हर काम
कि दोस्त उन्हें इसलिए ही साथ ले जा रहे हैं क्योंकि उन्हें मजा लेने के अच्छी तरह से नहीं कर सकता और कोई भी इंसान ऐसा नहीं होता जो कुछ भी अच्छा न कर
लिए एक ऑब्जेक्ट चाहिए। सके। अपनी खूबियों को पहचानें और मौका पड़ने पर उन्हें सामने लाएं। कॉम्पिटिशन में न उतरना,
हार जाने से भी बुरा है।
क्या किया: मिस्टर भोलू ने छुट्टी के दिन क्या करें: अपने दोस्त को साफ बता देना चाहिए था
परिवार के साथ मूवी देखने का प्रोग्राम बनाया कि मेरा पहले ही फैमिली के साथ प्रोग्राम बन चुका
और जिगरी दोस्त का फोन आ गया। पुरानी
दोस्ती का वास्ता देने पर भोलू ने अपना प्रोग्राम
है और फिलहाल मैं नहीं जा सकता। हां, अगर
ऐसा कोई प्रोग्राम किसी दूसरी छुट्टी के दिन बनाए
3.फूट डालो, राज करो
दोस्त के हिसाब से बदल लिया और दोस्त के तो वह चलने को तैयार है। दोस्त के तानों और ऐसे लोग अपने ऊपर के लोगों में भी फूट डालने का
साथ हो लिया। न खुद एंजॉय किया, न फैमिली उलाहनों को पंचर करने के लिए तो एक मुस्कान ही काम करते रहते हैं। इस काम में वे माहिर होते हैं।
को खुश कर पाया। काफी है। साफ है कि ऊपर के अधिकारियों में ही इस तरह का
कॉम्पिटिशन पैदा कर दिया जाए कि उसका रास्ता
साफ हो जाए। ऐसा करने से मिस्टर चालू अपनी
3.शर्म में सब कुर्बान जिम्मेदारी से बच निकलते हैं क्योंकि अपने पंगे
निपटाने में बिजी सीनियर उस पर ध्यान ही नहीं दे पाते और जो दे भी पाते हैं, वे
शर्म को शरीफों का गहना माना जाता है। अपनी तारीफ होते ही या वाहवाही मिलते ही मिस्टर इसे अपना हितैषी समझ कर कृपा बरसाते रहते हैं। अपने साथियों को भी एक-
भोलू शर्म से पानी-पानी होने लगते हैं और धरती में गड़ने जैसा फील करने लगते हैं। दूसरे के बारे में सीमित जानकारी देकर तनाव बनाए रखते हैं, जिससे उनका
सार्वजनिक रूप से अपनी तारीफ सुनना ऐसे लोगों के लिए सबसे बड़ी झेंप बन जाता है। आगे दबाव कायम रहे।
बढ़ने की राह में उनकी शर्म रोड़े अटकाती रहती है। मिस्टर भोलू को अपनी सफलता हमेशा
तुक्का नजर आती है और उन्हें लगता रहता है कि ऐसा तो कोई भी कर सकता है। मिस्टर कैसे निपटें : अपनी टीम और बॉस को इतना स्सपे दें कि वे किसी कंफ्यूजन में
भोलू की सादगी अपने हर तीर को तुक्का मानने के लिए प्ररे ित करती रहती है। चाहे कोई बड़ा प्रफेशनल माइलस्टोन हो या कोई आपसे बात कर सकें। अगर कोई कहे कि फलां शख्स आपके बारे में ऐसा कह रहा
निजी उपलब्धि वह हर बात को ‘कोई भी कर सकता है’ के जुमले के साथ हवा में उड़ा देते हैं। था तो जाकर दोस्ताना तरीके से मसला सुलझाएं। उसे यह भी बताएं कि आपको ऐसा
किसने बताया। इससे एक तरफ आपकी गलतफहमी दूर होगी, साथ ही लोग जान जाएंगे
क्या किया: बेहतरीन काम के लिए मिस्टर भोलू को टीम ने क्या करें: हिचक को किनारे रखकर पहले कोर कि फूट डालने का काम कौन कर रहा है। याद रखें कि झूठ के पांव नहीं होते।
काफी सराहा और सेलिब्रेट करने का मूड बनाया। बॉस का प्लान टीम का रोल जानना चाहिए था। उसके बाद अपनी
था कि अगले दिन जब पूरा ऑफिस मौजूद हो तो केक काट मिस्टर क्वॉलिटी को जायजा लेकर उसमें शामिल होने पर
भोलू के काम की सराहना की जाए। भोलू अपनी तारीफ के डर से
अगले दिन ऑफिस ही नहीं आया। पूरे ऑफिस के सामने तारीफ
हामी भरनी चाहिए थी। इससे न केवल ऑफिस में
उसका रुतबा बढ़ता, बल्कि कोर टीम में होने से उसके
4.बेहिसाब बेशर्म
सुनने की हिम्मत जुटाना, उसके बस की बात नहीं थी। टैलटं का फायदा पूरे ऑफिस को होता। मिस्टर चालू को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्हें फायदा
उठाने के लिए किसी की मक्खनबाजी करनी होगी या भला-बुरा सुनना
होगा। उन्हें तो बस अपना उल्लू सीधा करने से मतलब होता है। वह
4.जो मुझमें, वह सब में अपनी ईगो को बड़ी चतुराई से दबा लेते हैं। मिस्टर भोलू अपनी ईगो को
संभाल कर रखने में जितना वक्त लगाते हैं, उतने ही वक्त में मिस्टर
मिस्टर भोलू सब कुछ अच्छा करने के चक्कर में यह भूल जाते चालू अपनी ईगो को दबाकर काम निकाल कर चंपत हो जाते हैं। बेशर्म
हैं कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन्हें वह चाह कर भी किसी के लिए साधन का कोई महत्व नहीं होता। उसका फोकस हमेशा साध्य
से शेयर नहीं कर सकते मिसाल के तौर पर अपनी खास (जो उसे चाहिए) पर होता है। मिस्टर चालू भले ही सोसाइटी में इस बात की डींग हांकें कि वह किसी
खूबियां जैसे बेहतरीन प्लानिंग करने का तरीका या लैंग्वेज पर कमांड। चूकि
ं से नहीं डरते और न किसी की फिक्र करते हैं लेकिन असल में जरूरत पड़ने पर वह किसी के भी पैर
सादगी का तकाजा है कि जो भी आपका है, वो सबका है इसलिए अपनी पकड़ने से गुरज े नहीं करते। अक्सर मिस्टर चालू अपनी चरण चंपन की तकनीक उस माहौल में काफी
पर्सनैलिटी के बेशकीमती नगीनों को दुत्कार कर मिस्टर भोलू अपनी राह अच्छी तरह से चला पाते हैं, जहां बॉस को चापलूसी का शौक हो। मिस्टर चालू अपने बॉस की एक ऐसी
मुश्किल बनाते जाते हैं। जैसे वह अपने घर और सोसाइटी की जरूरत के लिए हर चीज कुर्बान करने को तैयार खूबी को पकड़ लेते हैं, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हों और फिर वह तब तक तारीफ करते हैं,
रहते हैं, वैसे ही वह अपनी पर्सनैलिटी के बेहतरीन पक्ष को भी भाव नहीं देत।े जब तक कि बॉस तरीफ के सामने नतमस्तक न हो जाए।
क्या किया: : मिस्टर भोलू के खास टैलटं को क्या करें: हिचक को किनारे रख कर पहले कोर कैसे निपटें : ईगो को सेल्फ रेस्पेक्ट का नाम देकर सफलता के रास्ते न बंद करें। अगर किसी से
देखते हुए उन्हें ऑफिस की कोर टीम में शामिल टीम का रोल जानना चाहिए था। उसके बाद अपनी फेवर मांगना है या संबधं ों में गर्माहट लानी है तो अपनी तरफ से पहल करने में कोई बुराई नहीं है। किसी
होने का बुलावा आया। मिस्टर भोलू ने अपने क्वॉलिटी को अनलाइज करके उसमें शामिल होने सुधार के लिए दिए गए टिप्स जरूरी नहीं कि बेइज्जती करने के लिए गए हों। इसे परखकर देखें। जिंदगी में
स्वभाव के मुताबिक इसमें शामिल होने से मना कर पर हामी भरनी चाहिए थी। इससे न केवल ऑफिस दोस्तों से बेहतर सुधार आलोचक लाते हैं।
दिया। साथ ही यह भी कहा कि मुझमें ऐसा कुछ में उसका रुतबा बढ़ता बल्कि कोर टीम में होने से
खास नहीं है और यह तो कोई भी कर सकता है। उसके टैलटं का फायदा पूरे ऑफिस को होता।
5.उलटी पैरवी का जाल
5.पैरवी में पस्त मिस्टर चालू सबके बीच भला रहने और मिस्टर भोलू को राइट खुश
चाहें अच्छी हो या बुरी, पैरवी नाम से मिस्टर भोलू को सख्त करने के लिए उलटी पैरवी का खतरनाक जाल बुनते हैं। उलटी पैरवी का
दिक्कत होती है। बुरे या कमतर की पैरवी न करना तो ठीक है लेकिन सीधा मतलब है कि किसी इंसान की पैरवी तो करना, लेकिन उसमें ऐसे
अच्छा काम करने वाला भी जब मौका पड़ने पर मिस्टर भोलू से तारीफ या ढीले फैक्ट डाल देना कि ऊपर बैठा अधिकारी मन बदल ले। मिसाल के
रिक्मंडेशन के दो शब्द नहीं सुनता, तो मायूस हो जाता है और इस तरह मिस्टर भोलू जैसे तौर पर किसी की होम डिस्ट्रिक्ट में पोस्टिंग की पैरवी करने में यह जोड़
लोग अकेले पड़ते जाते हैं। उसूलों को पत्थर की लकीर बना कर जीने वाला मिस्टर भोलू यह देना कि होम डिस्ट्रिक्ट में पहुचं कर मिस्टर भोलू अपने फैमिली बिजनेस
भूल जाता है कि उसके ऐसा करने से कई मिस्टर भोलू पिछड़ते जा रहे हैं और उनकी राह और घर का ख्याल रखने के साथ दोस्तों के साथ भी टाइम बिता सकेंग।े
मुश्किल होती जा रही है। यह होम डिस्ट्रिक्ट में ट्रांसफर के सारे प्लान पर पानी फेर सकता है। कोई भी कंपनी अपने एंप्लॉयी का

मिस्टर भोलू
अटेंशन लूज नहीं करना चाहेगी।
क्या किया: मिस्टर भोलू के एक टैलटेड
ं जूनियर ने जब क्या करें: टैलटेड
ं इंसान के आगे बढ़ने का भाषण
उनसे अपने प्रमोशन के लिए रिक्मंडेशन मांगा तो यह बात तो ठीक था लेकिन संतलितु ढंग से किसी की पैरवी कैसे निपटें : किसी बड़े बदलाव की जानकारी बदलाव के पुख्ता हो जाने से पहले कतई न दें। बेहतर
मिस्टर भोलू को अपने उसूलों पर चोट जैसी लगी। उन्होंने करने में कोई बुराई नहीं है। मिस्टर भोलू को रिक्मंडेशन होगा, अपनी खुशी का इजहार खुद न करें। जिन लोगों से आप ट्रांसफर से मिलने वाली सहूलियतों की

कैसे बनें
साफ कह दिया अगर कि टैलटेड ं होगे तो खुद-ब-खुद आगे बढ़ के साथ यह बता देना चाहिए था कि पैरवी के पीछे खुशियां बांट रहे हैं, उनमें खुद मिस्टर चालू या उनका कोई भेदिया हो सकता है।
जाओगे। मैं क्यों करूं पैरवी? इसका नतीजा यह हुआ कि भोलू जूनियर का अच्छा काम है और उसके बेहतर रोल में
ने ऑफिस में अपना एक हमदर्द साथी खो दिया। होने पर पूरे ऑफिस को फायदा होगा।

एक बार जंगल में एक सांप ने एक ऋषि से प्रभावित होकर


खुद को बदलने के बारे में सोचा। ऋषि ने उसे समझाया कि
अगर शरीफ बनना है तो काटना छोड़ दो। सांप ने ऐसा ही
किया। जब वह एक गांव पहुचं ा तो लोगों ने उसे पत्थर मारने
शैली बदलें, आदर्श नहीं
अक्सर देखने आता में कि मिस्टर भोलू
जिसे आदर्श मान लेते हैं, उसे पकड़ कर
मिस्टर परफेक्ट भूल जाओ, आगे बढ़ो
आमतौर पर जो किसी का दिल नहीं
दुखाता, वह दूसरे के बर्ताव से काफी
आहत हो जाता है। खुद को एक खोल
बैठ जाते हैं। वह यह नहीं सोचते कि जिस में समेट लेता है और घुलता रहता है।
शुरू कर दिए। बच्चे उसे उठा कर इधर-उधर पटकने लगे। मिस्टर चालू मिस्टर भोलू को जहनी तौर
लहूलहु ान होकर सांप फिर ऋषि के पास पहुचं ा और बोला कालक्रम में उनका आदर्श पैदा हुआ था श्रेय चोरी होने से बचाएं पर झकझोरने की कोशिश करते हैं। पैंतरे
आपकी न काटने की सलाह मान कर मेरा यह हाल हुआ है, उसमें बदलाव आ चुका है। आदर्श को अपने विचार और काम का श्रेय लिए बिना मिस्टर भोलू मिस्टर परफेक्ट नहीं बन
अब मैं क्या करूं? ऋषि ने मुस्कुराते हुए कहा मैंने काटने के अपनी शैली में ढालें और बहाव के साथ सकते। ऐसे में श्रेय बचाना बहुत जरूरी है। मिस्टर भोलुओं को जोड़ें के तौर पर खुलआ े म मजाक
बहें, न कि उसके खिलाफ। मिस्टर चालू अपनी चिकनी-चुपड़ी बनाना या बुलींग करना
लिए मना किया था, फुंफकारने के लिए नहीं। दुनिया का दस्तूर n अपने बेहतरीन विचारों को दस्तावेज की शक्ल में रखें। आप उन्हें गूगल ड्राइव
आदर्श पर अडिग रहें बातों और चमक-दमक से लोगों को आदि जैसी हरकतें करते हैं।
है कि जब तक डरेंगे नहीं, तब तक मानेंगे नहीं। आदि पर भी सेव करके रख सकते हैं। बेहतर होगा कि मिस्टर भोलू
लेकिन स्टाइल वही ऐसा करने से आप कभी भी सिद्ध कर खुद से बांधे रखते हैं। ऐसा करने से
जब भी एक मिस्टर भोलू हारते हैं तो एक मिस्टर चालू जीत उनका गुट काफी मजबूत हो जाता है इन बातों को नजरअंदाज
जाते हैं लेकिन साथ ही एक परिवार या ऑर्गेनाइजेशन एक अपनाएं जो सकेंगे कि आपके विचार के पीछे की
हिट हो। इसे और आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो करें। कुछ बुरा लगे भी तो
मिस्टर परफेक्ट को भी खो देता है। एक ऐसे मिस्टर परफेक्ट तैयारी कहां से हुई है। भूल कर आगे बढ़ें।
ऐसे समझ n काम का प्रमाण छोड़ने की आदत जाता है। इसके विपरीत मिस्टर भोलू
को जो सीधा-सच्चा तो है लेकिन हर पैंतरे से सतर्क है और अपनी ईगो को पाल कर तितर-बितर
सीढ़ियां चढ़ता जाता है। मिस्टर भोलू और मिस्टर चालू के बारे सकते हैं कि बनाएं। बेहतर होगा अपने विचार या
अगर आप आइडिया ईमेल या नोट के जरिए अपने पड़े रहते हैं और जरूरत पड़ने पर एक
में जानने के बाद हम सबको लग सकता है कि हममें ये दोनों दूसरे के काम नहीं आते। जरूरी है भलाई हार नहीं सकती
ही हैं। किसी में मिस्टर भोलू ज्यादा तो किसी में मिस्टर चालू। ईमानदार हैं बॉस तक पहुचं ाएं। इससे श्रेय चुराना
तो दबंग बनें। मुश्किल होगा। कि कई मिस्टर भोलू इकट्ट्ठा हों और एक कहावत है कि दुर्भाग्य से सारे बुद्धिमान अपने हर विचार को
चुनौती है इसे बैलेंस करने की। सीधा-सा फंडा है जिसे जितना दुनिया को कई मिस्टर परफेक्ट दें। लेकर कंफ्यूजन में हैं तो सारे बेककूफ अपने विचारों को लेकर
मजबूत करेंग,े वह इतना ही कारगर होगा। एक बार जब महात्मा आश्वस्त। कुछ ऐसा ही हाल मिस्टर भोलू और मिस्टर चालू
गांधी से जब पूछा गया कि अगर आपको हिंसा और कमजोरी में का है। मिस्टर चालू सफलता को लेकर जितने आश्वस्त
किसी को चुनना पड़े तो किसे चुनेंग।े इस पर महात्मा गांधी का होते हैं, मिस्टर भोलू अपने को लेकर उतने ही कंफ्यूज। पर
जवाब था-हिंसा। मिस्टर भोलू या कोई भी शरीफ इंसान तब डींग को करें बेअसर मिस्टर चालू से निपटेंगे सुपर मिस्टर चालू सच यह है कि भलाई परेशान हो सकती है, पर आखिरी में
तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक उसके पास ताकत न हो। अगर कोई मिस्टर चालू डींग हांक रहे हों एक बात अच्छी तरह से समझ लें कि मिस्टर चालू को खत्म करने जीत उसी की होती है। मिस्टर
मिस्टर भोलू को यह समझना होगा कि ताकत और कुछ ट्रिक्स तो खामोश रहें और इग्नोर करें। अगर यह की जिम्मेदारी मिस्टर भोलू की नहीं है। उसके लिए तो वहां मौजूद भोलू दिल को मजबूत रखें और
के जरिए ही वह मिस्टर चालू से पार पा सकता है। काम न आए तो उनकी डींगों के गुब्बारे मिस्टर चालू ही काफी हैं। हर मिस्टर चालू अपने आसपास मिस्टर मान लें कि वह मिस्टर भोलू से
आइए जानते हैं ऐसे टिप्स, जो मिस्टर चालू को मात देकर को अपनी डींगों के पिन से फोड़ दें। ऐसा चालू ही जमा करता है। ऐसे में जाने अनजाने वह अपने आसपास मिस्टर परफेक्ट की यात्रा पर
मिस्टर भोलू को बना देंगे मिस्टर परफेक्ट: करते ही मिस्टर चालू पटरी पर आते भारी कंपिटिशिन तैयार कर देते हैं। बस मौके का इंतजार होता है चल चुके हैं।
नजर आएंग।े और कोई सुपर मिस्टर चालू मिस्टर चालू को पटखनी दे देता है।

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