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।। ीह रः ।।
।। ीव लभाचायचरणा वजय ते ।।
।। ीबालाकृ णः भु वजयते ।।
।। वा यवहार वंश तः ।।
(20 दन म सं कृत यवहार सीख)
लेखक - पण
ू ना द गो वामी
2
अनु म णका
।। आमख
ु ।। 5
म गलम ् 7
।। थमः पाठः ।। 8
।। वतीयः पाठः ।। 11
।। तत
ृ ीयः पाठः ।। 14
।। चतथ
ु ः पाठः ।। 17
।। कृ धात,ु तत ् श द का ल ब ल ग म प रचय ।। 17
।। प चमः पाठः ।। 21
।। त -य -एत - कम ् के ल ग यी और य का प रचय ।। 21
।। ष ठः पाठः ।। 24
।। स तमः पाठः ।। 27
।। अ टमः पाठः ।। 31
।। नवमः पाठः ।। 35
।। तदे त -आ द का नपन
ु सक ल ग, त यय और तत
ृ ीया का अ यास ।। 35
।। दशमः पाठः ।। 39
।। मधमपु ष का अ यास ।। 39
।। एकादशः पाठः ।। 41
।। वादशः पाठः ।। 44
3
।। उ मपु षा यास, आसम ् अलम ्-सह ।। 44
।। योदशः पाठः ।। 48
।। चतद
ु शः पाठः ।। 51
।। प चदशः पाठः।। 54
।। चतथ
ु -अ यास ।। 54
।। षोडशः पाठः ।। 58
।। तम
ु न
ु ्-प च य यासः च ।। 58
।। स तदशः पाठः ।। 62
।। लो ।। 62
।। अ टादशः पाठः ।। 67
।। ल और भव छ द ।। 67
।। वंशः पाठः ।। 73
।। रमा-श द और त या द- यय ।। 73
।। प र श ट वभाग ।। 76
4
।। आमख
ु ।।
कसी भी भाषा को सीखने म ब चे को ढाई साल िजतने लग जाते ह, उसम सब ु ह से शाम तक, कम से
कम 8-10 घ ट का भरपरू अ यास मलता है । वह नए श द, धातु और योग को समझता है , और जब
एक ह अथ म, एक नाद हण होता है तो अनम ु ान आ द के वारा उसे उस नाद से स ब ध अथ क
ती त होने लगती है । इसका अथ है , क भाषा हमारे अ दर पहले से समा हत है , बस उसके योग अलग
अलग भाषाओं म, उन बु धगत-अथ क अ भ यि त के तर के अलग ह।
इसी बात को यान म रखते हुए, मने इस पा य म को नधा रत कया है । सामा यतः हमने दे खा होगा,
क कसी भी नयी भाषा को सीखते समय हम मटके को घट कहते ह, गाय को गो कहते ह, ऐसे नाम
(vocabulary) से शु आत करते ह। इससे काफ समय बबाद होता है , और भाषा म योग सीख नह ं
पाते। दस
ू र भाषाओं के श द को आरो पत कर हम ह द म भी वापरते ह, वैसे सं कृत म भी कया जा
सकता है , जो नह ं कया जा सकता, वह धातु और सवनाम का भाषा तर म आरोप। जैसे "तत ् टे बलम ्
अि त" (वह टे बल है ) बोला जा सकता है । ले कन तत ् और अि त का भाषा तर से आरोप संभव नह ।ं
इस लए येक भाषा म, ले कन खास करके सं कृत म धातओ ु ं और उनके व वध योग को न सीखो,
तो श द आते हुए भी बोल न पाओगे। इसका कारण यह है , क िजतने सं कृत श द ह, वे सभी धातओ ु ं से
ह बनते ह, अथात ् उनके मल ू प धातु ह होते ह।
दस
ू र बात यह, क बचपन म 8-10 घंटे हमको भाषा सीखने का अवसर मलता है । उसम ढाई
साल।िजतने लग जाते ह। बड़े होकर दन म 1 घंटे भाषा सीखने से कैसे आएगी और कतना समय
लगेगा? इस लए जब हम बड़े होकर भाषा सीखते ह, तो 3 चीज़ पर अ छे तरह से यान दे ना चा हए 1)
योगवै व य 2) अथ स धा त 3) अ यास ।।
5
भाषा म इतने सारा योगवै व य है ,खासकर सं कृत म, क एक-एक योग को पथ
ृ तया सीखने
जाओगे तो ज म लग जायगे। मने इसी बात को यान म रखकर कई सारे योग को अ छे से एक त
कर सोदाहरण तत ु कया है ।
अ यास तो नाम से ह प ट है । मने योग कैसे करना, उसके पीछे का अथ स धा त और उससे
स ब ध अनेक उदाहरण भी दए ह। यह उदाहरण जानकर आप काफ वत ता से भाषा बोलने म
नपणु हो जाओगे। जहाँ जहाँ मझ
ु े मले, मने गीता सा ह य, सभ
ु ा षत आ द का भी उदाहरण प म
संकलन कया है ।
6
म गलम ्
7
।। ीह रः ।।
।। ीव लभाधीशो जय त ।।
।। ीबालकृ णः भु वजयते ।।
।। वा यवहार वंश तः ।।
।। थमः पाठः ।।
1.1
सः कः अि त? (वह कौन है ?)
रामः कः अि त? (राम कौन है ?)
अ गु ल- नदशेन - सः रामः अि त (उं गल दखाकर = वह राम है ।)
रामः दशरथपु ः अि त। (राम दशरथ-पु है ।)
सीता का अि त?
सा गु ल नदशम ्; सीता सा अि त। (उँ गल दखाकर; सीता वह है ।)
सीता रामप नी अि त। (सीता राम-प नी है । )।
8
रामः कु अि त?
सः गह ृ े अि त।
गहृ े कः अि त?
सः रामः गह ृ े अि त।
___
1.2
व ृ ः कु भव त? (व ृ कहाँ होता है ?)
व ृ ः वने भव त। (व ृ वनम होता है ।)
सः क शः भव त? (वह कैसा होता है ?)
सः परोपकार भव त। (वह परोपकार होता है ।)
यावहा रकवा या न
9
सव कुशलम ्? (सब कुछ कुशल है ?)
आम ् (हाँ)।
पता कुशल , माता कुश लनी, गह ृ े सव कुशलम ् । ( पता कुशल ह, माता कुशल है , घर म सब कुशल है ।)
बाढम ् (ब ढ़या।) 【बाढम ् मतलब ब ढ़या, ओके, अ छा, सु दर आ द।】
उदा = बाढ म य वी ाम तौ चानु ा य राघवम ् ।। रामायण = ७.९४.३० ।।
(लवकुश से रामायणकथा सन ु कर राम बोले "बाढम ्" और दोन राम से अनम ु त लेकर वा मी क के पास
गए।)
रामः कथम ् अि त? (राम कैस ह?)
रामः व थः अि त। (राम व थ ह।)
कथम ् मतलब, कैसे/कैसा या कस कारसे/ कस कारका।
पादलेखाः
*( न+अि त=नाि त।
* " कः " यह पद कौनसा इस अथ म भी योग हो सकता है , कौनसा के लए भी एक अलग श द है । कौन
बालक आया? कौन बेटा अ वल आया? ऐसे उ र भारत म योग काफ होते ह, मु बई क ह द कुछ
अलग है िजसम नह ं होते।)
10
।। वतीयः पाठः ।।
१.१
अहम ् - म। मम - मेरा।
वम ् - तम
ु । तव - तेरा।
कम ् - या? एव - ह ।
आम ्/हुम ् - हाँ।
वं कः अ स? (तम
ु कौन हो?)
अहं य द ः अि म (म य द हूँ।)
11
यु तश द = छा = व याथ /student। एव=ह /only। अ = यहाँ। कु = कहाँ। कु +अ स=कु ा स
(कहाँ हो?)। अ +एव=अ व
ै (यहाँ+ह =यह )ं । नपण
ु ा = कुशल ी। नपण
ु ः = कुशल पु ष। पाकः =
रसोई।
१) कं वम ् पि डतः अ स?
न ह, अहं छा ः अि म। (नह ं म छा हूँ।)
२) वं मम गह
ृ े अ स। अहं तव गह
ृ े नाि म। (तम
ु मेरे घर म हो, म तु हारे घर म नह ं हूँ।)
४) वं पाके नपण
ु ा अ स। अहं भोजने नपण
ु ः अि म। (तम
ु पाक म/रसोई म नपण
ु हो। म भोजन
म/खाने म नपणु हूँ।)
_____
१.२
अथ = हे दे व के दे व! तम
ु ह माता हो, और पता तम
ु ह हो। तमु ह ब धु (भाई) हो और सखा तमु ह हो।
तम
ु ह व या हो, और वड/ वण (धन, बल या सम ृ ध) तम ु ह हो। तमु ह मेरे सव (सब कुछ) हो।
12
टप णी = लोक म कह ं भी "अ स" पद का योग नह ।ं " वमेव माता" बस इतना ह । इस लए हमने
"अ स" का सभी जगह अ याहार (जो पद वा य म नह ं ले कन अगर उसका अथ है , तो पद क क पना
क जाती है , उसी को अ याहार कहते ह।) कया है । और, " वमेव व या वणं" म च नह ं था ले कन च
का अथ था अतः अ वय म च का भी अ याहार कया है । ऐसा सब जगह दे खना चा हए।
ह द म भी सामा य उदाहरण = "आ गए?" "हाँ। आ गया।" ये दोन वा य अधरू े ह। शु ध वा य = "तमु
आ गए?" "हाँ। म आ गया।"
ह द म भी हम कई बार वा य को सन ु कर, हमार बु ध अनु त पद क क पना कर लेती है , इसी
क पना को वा य म लखते समय अ याहार कहते ह।
13
।। तत
ृ ीयः पाठः ।।
अि त = है । अ स = हो। अि म = हूँ।
भव त =होता है , बनता है । भव स = होते हो, बनते हो। भवा म = होता हूँ, बनता हूँ।
ग छ त = जाता है । ग छ स = जाते हो। ग छा म = जाता हूँ।
शनैः शनैः - धीरे धीरे । एव = ह । अ प = भी।
सब
ु ोध (tip): आप ये formula याद कर ल = त- स- म और ायः सभी धातओ
ु ं म इसे लगाएँ।
भव त-भव स-भवा म
अ -अि स-अ म। या त-या स-या म आ द। अ यास-पिु तका म अ धक दया है ।
उदाहरण।
(यु म )
१) वं पवान ् भव स। (तम ु पवान ् बनते हो।)
२) वं शा े व वान ् भव स (तम ु शा म व वान ् होते हो/बनते हो।)
३) वं शनैः शनैः गायने नपण ु ा भव स (तम ु धीरे -धीरे गाने म नपण
ु ा हो रह हो।)
४) वम ् उ सकु ः भव स। (तमु उ सक ु /excited होते हो।)
५) वम ् रामात ् आक षतः भव स। (तम ु राम से आक षत होते हो।)
वं सव व मानः भव स (तम
ु सभी जगह वतमान होते हो।)
___
(अ म )
१) अहं पता भवा म। (म पता बनता हूँ।)
२) अहं व यालये उ ीणः भवा म। (म व यालय म उ ीण/pass होता हूँ।)
३) अहं शनैः शनैः व ृ धः भवा म। (म धीरे -धीरे व ृ ध/बढ़
ू ा हो रहा हूँ।)
४) अहं सु दरभोजनेन त ृ तः भवा म। (म सु दर-भोजन से त ृ त होता हूँ।)
५) अहं रोगमु तः भवा म। (म रोगमु त/बीमार से मु त होता हूँ।)
_____
14
३.२
कु ग छ त दे वद ः? (कहाँ जा रहा है दे वद ?)
सः व यालयं ग छ त। (वह व यालय को जाता है ।)
कं सः भोजनालयं ग छ त? ( या वह restaurant/भोजनालय को जाता है ?)
न ह। सः भोजनालयं न ग छ त, अ पतु व यालयं ग छ त। (नह ,ं वह भोजनालय को नह ,ं अ पतु
व यालय को जाता है ।)
टप णी = हम य य प ह द म हरे क जगह "को" नह ं लगाते, " व यालय जाता है " ऐसे सामा य बोलते
ह। ले कन सं कृत म कोई श द वभि त- यय बना खाल नह ं रह सकता अतः हम " व यालय कम
है " ये बताने के लए कम अथ म वतीया करते ह। कसी भी श द से "अम ्" डालने पर हम ायः "को"
जैसा अथ मलता है , ले कन और भी अथ एक वभि त के हो सकते ह। ह द के "को" से सं कृत के
"अम"् को यथावत ् नह ं समझना चा हए, य क वभि त खाल एक यय है , जो अलग-अलग अथ म
हो सकता है , उसका सफ एक नि चत ् अथ नह ं जैसा हमने ह द म "को", "से" इ या द के नि चत ्
अथ preposition के प म बना लए ह।
राम+अम=् रामम ्। ाम+अम ्= ामम ्।।
__
उदाहरण
कु ग छ स?
अहं णालयं ग छा म। (म णालय को/अ पताल को जाता हूँ।)
कम ् अभतू ्? कं वं णः अ स? ( या हुआ? या तम
ु ण/बीमार हो?)
न। णालये मम माता अि त। सा णा अि त। (नह ।ं णालय म मेर माता है । वह णा है ।)
अहो! महान ् खेदः। त ह वं त दनं णालयं ग छ स? (अरे ! बड़ा खेद है । तो या तम
ु रोज़ णालय
को जाते हो?)
15
आम ्। त दनं त ग छा म। (हाँ। रोज़ वहाँ जाता हूँ।)
उदाहरण =
दे वद ः गह
ृ ं ग छ त = दे वद घर को जाता है ।
दे वद ः गहृ म ् आग छ त = दे वद घर को आता है ।
सा वग ग छ त = वह वग को पाती है ।
अहं इ पदं ग छा म = म इ पद को पाता हूँ।
वं न अ धग छ स। = तम ु नह ं जानते/समझते हो।
कं वम ् अवग छ स? = या तम ु समझते हो?
दे वद ः शा ाथम ् अ धग छ त = दे वद शा ाथ को समझता है ।
16
।। चतथ
ु ः पाठः ।।
।। कृ धात,ु तत ् श द का ल ब ल ग म प रचय ।।
४.१
करो त = करता है /बनाता है । करो ष = करते हो/बनाते हो। करो म = करता हूँ/बनाता हूँ।
गह
ृ म ् = घर। वनम ् = ज गल। व म ् = कपड़ा। जलम ् = पानी।
नपंस
ु क ल ग के श द वन, गह ृ , ज गल आ द का जब वा य म योग होता है , तो "अम ्" वभि त
लगती है और यह वनम ्, गह
ृ म ्,ज गलम ् ऐसे पद बन जाते ह।
____
श दा:।
गहृ काय = होमवक। दे वालय = मि दर। र ग = ना य थान/stage। च - और। तु - तो। अ प - भी। एव -
ह । त दनम ् - हर रोज़। चा प = च+अ प = और भी।
उदाहरण।
(करो त)
१) रामः गहृ काय करो त। (राम गह ृ काय को/homework को करता है ।)
२) दे वद ः घटं करो त। (दे वद घट को/मटका को बनाता है ।)
३) सीता तु मालां करो त दे वालयं च ग छ त। (सीता तो माला को बनाती है , और दे वालय को जाती है ।)
४) दे वद ः र गे नाटकं करो त, न ृ यं चा प करो त। (दे वद र ग/stage पर नाटक को करता है , और
न ृ य को भी कता है ।)
५) हरद ः पज ू ां करो त, जपं चा प करो त। (हरद पज ू ा को करता है , और जप को भी करता है ।)
17
( ी ल ग श द, स ीता, म
ाला, प
ज
ू ा आ द जब कम बनगे तो इनसे भी "अम"् वभि त लगाकर 'सीताम ्'
'मालाम ्' ' पज
ू ाम ्' प
द बनगे।)
_______
श दाः।
करो ष-करो म
(कुछ पद जैसे म ! द ! माद , सीता इ या द म कोई वभि त (:, अम ् जैसी) प ट दखाई नह ं दे ती।
तो इनका योग वा य म कैसे हुआ? वभि त दखती नह ,ं मतलब ये नह ं के वह है ह नह ।ं जैसे हवा
दखती नह ,ं फर भी है , य क हम उसे महससू कर सकते ह। उसी तरह वभि त अगर न भी दखे, तो
भी अगर उसका अथ समझ सकते हो, तो वह है ।)
____
४.२
नपंस
ु क ल ग म सः (वह) को तत ् बोलते ह।
कं तत ् फलम ् अि त? ( या वह फल है ?)
आम ्। तत ् फलम ् अि त। (हाँ। वह फल है ।)
कं तत ् सु दरम ् अि त? ( या वह सु दर है ?)
आम ्। संभव त। (हाँ। हो सकता है ।)
18
(अगर सः हो तो सु दरः। सा हो तो सु दर । तत ् हो तो सु दरम ्। सः सु दरः। सा सु दर । तत ् सु दरम ्।
सभी जगह ऐसे जान लेना चाहये। नीलः कमलम ् नह ं बोल सकते, नीलं कमलम ्। नीलं व ृ ः गलत है ,
नीलः व ृ ः सह है । वैसे ह नीला गौः = नील गाय।)
तत ् कम ् अि त? (वह या है ?)
तत ् पु पम ् अि त। (वह फूल है ।)
पु पं क शम ् अि त? (फूल कैसा है ?)
पु पं नीलम ् अि त। (फूल नीला है ।)
पु प य नाम कम ्? (पु प का नाम या है ?)
पषु य नाम कमलम ्। (पु प का नाम कमल है ।)
कं तत ् नीलकमलम ्? ( या वह नीलकमल है ?)
आम ्। तदे व। (हाँ। वह है ।)
नपंसु क ल ग म दोन कता बताने वाल और कम बताने वाल वभि त पर एक समान आदे श होते ह,
इस लए प म कोई फक नह ं होता।
गहृ म ् अि त (घर है ), गह
ृ ं ग छ त (घर को जाता है ।)
तत ् फलम ् अि त (वह फल है ।), तत ् फलं खाद त (उस फलको खाता है ।)
कम ् अि त? ( या है ?), दे वद ः कम ् प य त? (दे वद कसको/ या दे खता है ?)
तत ् व म ्। (वह व है ।)
तत ् कः प य त? (उसको कौन दे खता है ?)
व ं प य त दे वद ः। (दे वद व को दे खता है ।)
व े कम ् अि त? (व पर या है ?)
व े जलम ् अि त। (व पर जल है ।)
तत ् कः जाना त? (उसको कौन जानता है ?)
तत ् जाना त दे वद ः। (उसको जानता है दे वद ।)
19
क शं तत ्? (कैसा है वह?)
व ं न शु कं, तत ् तु आ म ्। (व सख
ू ा नह ,ं वह तो गीला है ।)
तत ् कः जाना त? (उसको कौन जानता है ?)
तत ् हरद ः जाना त। (उसको हरद जानता है ।)
फलं कः खाद त? (फल को कौन खाता है ?)
फलं खाद त हरद ः। (हरद फल को खाता है ।)
अ धक अ यास
प य त (दे खता है ), जाना त (जानता है ) धाव त (दौड़ता है ), चल त (चलता है ) आ द धातओ
ु ं का
अ यास-पिु तका से अ यास कर। कम का और नपंस ु क ल ग का भी।
सभी जगह त- स- म जोड़। जाना त-जाना स-जाना म आ द।
20
।। प चमः पाठः ।।
।। त -य -एत - कम ् के ल ग यी और य का प रचय ।।
५.१
उदाहरण
कसी भी श द के आगे " य" लगाने से वह स ब ध बताएगा। राम य गहृ म ् = राम का घर। " य" राम
और घर म स ब ध बताएगा। दे वद य = दे वद का। कमल य = कमल का आ द।
श दावल
21
एत वनम ्। एतत ् पशग ु ण य गह ृ म ्। एतत ् व ृ वग य आ यः। एतत ् अतीव वशालम ् अि त। एतत ्
सवदा परोपकारं करो त, सदै व य छ त।
(यह वन है । यह पशगु ण का घर है । यह व ृ वग का आ य है । यह बहुत वशाल है । यह सवदा/हमेशा
परोपकार करता है , हमेशा दे ता है ।)
_______
५.२
नपंस
ु क ल ग से = तत ् (उसको), यत ् (िजसको), एतत ् (इसको), कम ् ( या, कसको)। ल ब ल ग म
कता म वभि त, और कम म वभि त करने पर आदे श एक समान होते ह, इस लए वभि त अलग होते
हुए भी प एक समान बनते ह। तत ् = वह। तत ् = उसको।
ऐसे सभी म जान।।
५.३
कः धमः? (धम या है ?)
धमः सः यः सव हतं करो त। (धम वह है जो सबके हत को करता है ।)
22
वेद य ानम ् अथः। (वेद का ान अथ है ।)
अथ न यपिु ल ग और ान न य-नपंस
ु क ल ग है । इस लए दोन म से एक का भी एक-दस
ू रे से जड़
ु े
होते हुए भी ल ग नह ं बदला।
कम ् ानम ्? ( ान या है ?)
ानं तत ् यत ् अ धकारम ् अपाकरो त। ( ान वह है जो, अ धकार को अपकारता है /हटाता है ।)
ानं तत ् यत ् सवम ् उपकरो त। ( ान वह है जो सबको उपकारता है / सबपर उपकार करता है ।)
ानं तत ् यत ् मख
ू म ् अ प पज
ू ाहम ् करो त। ( ान वह है जो मख
ू को भी पज
ू ायो य बनाता है ।)
यत ् फलं वं प य स तत ् अहं खादा म। (िजस फलको तम ु दे ख रहे हो, उसको म खा रहा हूँ।)
यत ् पु पं वम ् इ छ स तत ् पु पं मम अि त। (िजस पु प को तमु चाहते हो, वह मेरा है ।)
यान रहे के आप नपंसु क ल ग के श द से आने वाले "अम"् और पिु ल ग श द से आने वाले "अम"् म
ा त/confuse न हो जाय। पिु ल ग से कता अथ म "स/ु :" (: को ह सु कहते ह) और कम अथ म "अम"्
आते ह। नपंस ु क ल ग म भी कता अथ म "स"ु अथवा " : " ह आता है , ले कन वह एक नयम के कारण
"अम"् बन जाता है । तो कह सकते ह, नपंु • म कता और कम दोन अथ म ह "अम"् आता है । जैसे
"फ
लम ् अि त (फल है ।)" | "फ
लं प य त (फल को दे खता है ।)"
अ धक अ यास
जाग त-जाग ष-जाग म (जागता है -हो-हूँ)। पत त-पत स-पता म ( गरता है )। णा त- णा स- णा म
(खर दता है ) आ द का अ यास पिु तका म अ यास कर।
23
।। ष ठः पाठः ।।
___
श दावल = त ठ त- त ठ स- त ठा म = खड़ा रहता है या बैठता है । अथ है एक जगह ि थर रहना या
ठहरना, ायः ि थर रहने म अथवा खड़े रहने म यु त।
24
वा = या (यह भी "च" क तरह अ त म लगेगा।)
ना तु (न+अ त)ु = न हो।
मा तु (मा+अ त)ु = न हो/मत हो।
खलु = ब कुल/एकदम/सह /हाँ आ द। ( न चय बताने के लए, सहम त या वीकृ त बताने के लए
वा य म खल,ु न न,ु कल जैसे श द बोले जाते ह। " खलु आ चयम"् = ब कुल आ चय है । "खलु एतदे व"
= हाँ येह । "न खल"ु = ब कुल नह ।ं क भी बना मतलब ऐसे ह बोल दे ते ह। "खलु आग छ त" = वह
आता है ।)
उदाहरण =
【जब सवनाम के अलावा (एत , त , कम,् सव, एक, इन सबको छोड़के) आपको ी ल ग नाम से
"का" इस स ब ध अथ को बताना हो तो "याः" जोड़ दगे। रमा+याः = रामायाः। या+याः = यायाः।
ऐ वया+याः = ऐ वयायाः। सीता+याः = सीतायाः। इसका अथ होगा रमा का, या का आ द।
ले कन अगर ी ल ग श द "इ" या "ई" से अ त हो, तो अ त का "इ/ई" नकल जायेगा। ल मी+याः =
ल याः। नद +याः = न याः। प ृ थवी+याः = प ृ थ याः। गोपी+याः =गो याः। अ द त+याः = अ द याः।
म त+याः = म याः। ग त+याः=ग याः।।
उदाहरण।
(इन सभी का अनव
ु ाद वयं कर।)
१) ल याः प तः ह रः।
२) उमायाः प तः शवः।
३) सव याः यः केशवः।
४) एक याः पु ः सध
ु ीरः।
५) त याः नाम ल मीः।
६) ल याः माता गह ृ े नाि त, क तु कमलायाः अि त।
25
७) कृ ण य ि म याः च ववाहः अि त।
८) एषः अ य य पु ः, न तु एत य।
९) इ छायाः ोध य च नय णम ् हताय भव त।
१०) यः सष
ु मायाः सं कृ याः ल लतायाः सम
ु याः च पता, सः मम सखा।
अपवाद
26
।। स तमः पाठः ।।
७.१
भव त भवतः भवि त ।
पठ त पठतः पठि त।
लख त लखतः लखि त।
ग छ त ग छतः ग छि त।
अि त तः सि त।
श द म formula = : , औ, आः ।
रामः भव त (राम होता है )। रामौ पठतः (दो राम पढ़ते ह)। रामाः ग छि त (बहुत से राम जाते ह) ।
रामः खेल त । रामौ हसतः। रामाः लखि त।
______
श दावल
य = जहाँ। त = वहाँ। अ = यहाँ। कु = कहाँ।
27
रामः त अि त य बालाः खेलि त। (राम वहाँ है जहाँ ब चे खेल रहे ह)
बालाः कु सि त? (ब चे कहाँ खेल रहे ह)
बालाः उ याने सि त। (ब चे उ यान म खेल रहे ह)
'ते' = " सः" का बहुवचन है । "सः तौ ते" ऐसे प चलगे। उसी तरह "एषः एतौ एते" ये भी। ते = वे सब।
आगे यह सीखगे।
____
आसीत ् = था। यः = कल (बीता हुआ)
दे वद ः मेधावी आसीत ्। (दे वद मेधावी था।)
इदानीं न जाने कं करो त। (अभी न जाने या कर रहा है ।)
यः दवसः क त सु दरः आसीत ्। अ य न रोचते। (कल दन कतना सु दर था, आज नह ं चता।)
यः रामः मि दरे नासीत ्। (कल राम मि दर म नह ं था।)
28
____
७.२
१) बालाः पीठे त ठि त।
२) अ यापकः यामप टे लख त।
३) कमलं वकस त।
४) अ वाः शी ं धावि त।
५) गजाः म दं चलि त तडागे नाि त च।
६) ल याः पु ौ सु दरं गायतः।
७) रमायाः बालकौ अ न तः, कु तः तौ?
८) ि यः मनः च चलं भव त।
९) सु दराः जनाः मधरु ं वदि त।
१०) रामल मणौ त अर ये वचरतः, य ताडका वस त।
कसी भी यापद "हस त गाय त" आ द के पहले अगर उस हँसने या गाने क वशेषता बतलानी हो, तो
मधरु ं हस त, सु दरं गाय त, शी ं धावि त, ऐसे "अम"् -अ त वाले नपंस
ु क ल ग के पद का योग करते
ह। यह पद जैसे ह वैसे ह रहगे, ल ग-वचन-कारक कुछ नह ं बदलगे। जब यह वत वापरे जायेगे तो
बात अलग है , ले कन जब यापद के पहले या क वशेषता बताएँगे, तो नपंस ु क ल ग एकवचन ह
रहगे।
७.३
म
कसी भी वा य के आगे म डालने से "था" का अथ नकलेगा।
उ गाता गाय त म। (उ गाता/सामवेद गा रहा था।)
यः मि दरे ि यः न ृ यि त म। (कल मि दर म ीयाँ नाच रह थी।) त दे वद ः प य त म (वहाँ
दे वद दे ख रहा था।
आसीत ् मष ू कः नमशीलः। सः इत ततो म त म। (था एक चह ू ा म तीखोर। वह यहाँ वहाँ घम
ू ता रहता
था।)
काय = उपरो त ७.२ के सभी वा य को म डालकर भत ू काल बनाएँ।
29
30
।। अ टमः पाठः ।।
८.१
त -श द
सः तौ ते। (वह, वह दोन , वह सब)।
सः करो त (वह करता है ।) | तौ कु तः (वह दोन करते ह।) | ते कुवि त (वह सब करते ह।) |
सः पठ त। तौ पठतः। ते पठि त।
सः अि त। तौ तः। ते सि त।
सः ग छ त। तौ ग छतः। ते ग छि त।।
एत श द
एषः एतौ एते। (यह, यह दोन , यह सब।)
एषः करो त (यह करता है ।) | एतौ कु तः (यह दोन करते ह।) | एते कुवि त (यह सब करते ह।) |
एषः पठ त। एतौ पठतः। एते पठि त।
एषः ग छ त। एतौ ग छतः। एते ग छि त।
एषः अि त। एतौ तः। एते सि त।
____
श दावल । कदा = कब। यदा = जब। तदा = तब। सवदा = सब समय। एकदा = एक समय। अ यदा =
कसी समय/अ य समय।
31
बालाः कु सि त?
ते उ याने सि त।
ते त कं कुवि त?
ते खेलि त।
ते कदा खेलि त? (वह सब कब खेलते ह?)
ते ातः खेलि त। (वे सब
ु ह खेलते ह।)
तव पु ौ कु तः?
एतौ एव मम पु ौ। अ एतौ पठतः। (यह दोन मेरे पु ह। यहाँ यह पढ़ रहे ह।)
एतौ कं पठतः?
एतौ रामायणं पठतः।
एतौ कदा पठतः?
एतौ तदा पठतः यदा सय ू ः हस त। (यह दोन तब पढ़ते ह जब सय ू हसता है ।)
साध।ु एतौ ातः पठतः खल।ु रामायणे कौ तः? (अ छा, तो ये दोन सब ु ह पढ़ते ह। रामायण म कौन
दोन है ?)
रामायणे रामल मणौ तः। (रामायण म राम और ल मण ह।)
कं रामायणे बलकृ णौ न तः? ( या रामायण म बल और कृ ण नह ? ं )
अये, रामायणे न, तौ तु महाभारते तः। (अरे रामायण म नह ,ं वह दोन तो महाभारत म ह।)
जब कसी भी दो श द को जोड़कर "औ" डाल दया जाय तो उसका मतलब "क और ख" ऐसा होता है । कः
खः च इ त "कखौ"। रामः कृ णः च, ऐसे भी कह सकते ह, रामकृ णौ । और यान रहे के जो श द छोटा
हो वो पहले रखते ह, जैसे ह रः श करः च = ह
रश करौ। वैसे दो से यादा हुए तो उ ह लखकर "आः"
अ त म डाल दगे। रामः ल मणः भारतः श ु नः च सि त = राम-ल मण-भरत-श ु नाः सि त।
दे वद -य द -हरद - मद ाः सि त। अगर छोटा उ म हो तो वह बाद म आएगा, भले ह उसम कम
अ र ह , जैसे यु धि ठराजनौु आग छतः। यु धि ठर म अ धक अ र होते हुए भी बड़े होने के कारण
पहले लगेगा।
८.२
ील ग
तत ् श द ी ल ग
सा ते ताः। (वह, वह दोन , वह सब)।
सा अि त। ते तः। ताः सि त।
सा बा लका कु अि त?
32
सा वगह
ृ े अि त, य त याः प रवारजनाः अ प सि त। (वह अपने घर म ह, जहाँ उसके प रवार वाले भी
ह।)
ते बाले कं कु तः?
ते बाले न ृ यतः।
कु न ृ यतः ते?
ते ा गणे न ृ यतः। (वे दोन आँगन म नाचती ह।)
यान रहे क स-ु वभि त (या न के वसग = :) ी ल ग म ायः 90% दखती नह ।ं सु वभि त का
लोप, या न के वह गायब हो जाती है , फर भी उसका अथ व यमान रहता है । ले कन सफ कुछ ऐसे श द
ह, जहाँ वह गायब नह ं होती, दखती है । जैसे ल मी, ी, अवी, त ी, तर , , धी आ द। इनम ल मीः,
ीः आ द सु वभि त दखेगी
रमा, व या, सष ु मा, गौर , ेयसी, दे वक , रो हणी आ द िजतने द घा त ी ल ग श द ह (बड़ी "ई" और
बड़ा "आ" अ त वाले), उन सबसे सु का लोप होगा है , सफ कुछ अपवाद ह उनम सु वभि त दखेगी।
एत श द ी ल ग
एषा एते एताः (यह, यह दोन , यह सब)।
एषा अि त। एते तः। एताः सि त।
कः कौ के। (कौन, कौन दोन , कौन सब।) यः यौ ये। (यह, यह दोन यह सब।) सवः सव सव। (सब)।
का के काः ( कम ् श द (कौन) का ी ल ग)। या ये याः (य श द (यह) का ी ल ग।) सवा सव सवाः
(सब)।
33
काः सव याः भवि त? (कौन ि याँ सबको य होती ह?)
याः सदा मधरु ं वदि त ताः सव याः भवि त। (जो सदा मधरु बोलती ह, वे सभी को य होती ह।)
सवाः म हलाः गायि त।
34
।। नवमः पाठः ।।
।। तदे त -आ द का नपन
ु सक ल ग, त यय और तत
ृ ीया का
अ यास ।।
जैसे =
काय स प नम ्। = काय स प न हुआ। (work was done)।
रामः मतृ ः। = राम मत
ृ हुआ/याद कया गया। (ram was remembered).
यह श द ायः "त" अथवा "इत" से अ त होते ह। कई बार "त" ह "न" या "ध" या "व" बन जाता है ।
जैसे अं ेजी म "ed" या "en" से अ त होता है ।
कुछ उदाहरण = ि थत, र त, ा त, ल ध, शा त, ा त, धत ृ , आ त, गत, नात, समा त,
स प न, इ ट, ुत, मत ृ , प व आ द।
इनक वशेषता है के यह यवाची होने से वशेषण बन जाते ह, और यह िजसके वशेषण होते ह, इनका
ल ग और वचन उसके हसाब से बदल जाता है ।
रामः ा तः, रमा ा ता, फलं ा तम ्।
त
ु ः पाठः, त
ु ा ऋचा, त
ु ं पु यम ्।
_____
तत ् ते ता न,
एतत ् एते एता न।
यह त -श द और एत -श द म नपंस ु क ल ग के प ह।
ऐसे ह सव सव सवा ण। पु पं पु पे पु पा ण। मि दरं मि दरे मि दरा ण। गह
ृ ं गह
ृ े गह
ृ ा ण।
कम ् के का न। ( कम ्-श द नपंस
ु क ल ग।)
35
या, या दोन , या सब।
कं तव नाम? के तव गह
ृ े (कौनसे तेरे दो घर?) का न तव फला न? (कौनसे तेरे फल?)
____
उदाहरण =
१) केन हतः बाल ? रामेण हतः बाल । ( कसके वारा हत है बाल ? राम के वारा बाल हत हुआ/ मारा
गया।) हन ्+ त।
२) केन मत ृ ः पाठः? दे वद ेन मत ृ ः पाठः। ( कसके वारा मत ृ है पाठ? दे वद के वारा मत ृ
हुआ/याद कया गया।) म+ ृ त।
३) वया उ तः अहम ्। (तेरे वारा म कहा गया। इसका ता पय = तम ु ने मझु से कहा।) वच ्+ त=उ त।
४) सयू य य तं पं भा त। (सय ू ा का य त/बताया गया/ कट प चमकता है ।) यहाँ त का वशेषण
जैसे योग कृत ( कया गया) है ।
५) के टाः सि त? ते बालाः टाः सि त। (कौन सब ट ह? वह सब बालक ट ह।) श ्+ त।
६) श केण बाले प ृ टे तः। ( श क के वारा दो बा लकाएँ प ृ ट/पछ ू गयी ह।)
७) कं चतम ् अि त? पु पं चतम ् अि त। ( या चन ु ा हुआ है ? पु प चत/चन ु ा गया है ।) च+ त।
८) का न चता न सि त? एता न पु पा ण चता न सि त। ( या सब चन ु े हुए ह? यह सब पु प चन ु े हुये
ह।)
१०) के न मते तः? एते गह ृ े न मते तः। (लया दोन न मत ह? यह दोन घर न मत/बन गए ह।)
नर्+ म+ त।
36
११) का न केन च शो भता न सि त? एता न मि दरा ण रामेण शो भता न सि त। ( या और कसके
वारा शो भत ह? यह सब मि दर राम के वारा शो भत ह।) शभु + त।
१२) का न केन च खा दता न सि त? सवा ण फला न दे वद ेन खा दता न सि त। ( या सब और कसके
वारा खा दत ह? सारे फल दे वद के वारा खा दत/खा लए गए ह।) खाद+ त।
____
श दावल = व = कु । गत (गम ्+ त) = गया ( ल ग के हसाब से गतः/गता/गतम ्।। वक सत
( व+कस+ त) = खला हुआ। ता न = उन सब को। (यह "तत ् ते ता न", कता अथ या न के थमा
वभि त और कम अथ या न के वतीया वभि त म एक जैसे ह। तो तत ् = वह/उसको। उसी तरह
"एतत ् एते एता न" जहाँ एतत ् = यह/इसको।)
स यम ् = घास। सप ु व = अ छे से पकाया हुआ। स+
ु पच ्+ त=प व।
व धत = बढ़ा हुआ।
उदाहरण =
व गते? (कहाँ गई?)
के व गते? (कौन दोन कहाँ गई?)
मम पु के? (मेर दो पु याँ कहाँ गई?) यहाँ "मम पु के" का करण-अनस ु ार अ याहार कर लगे,
वा य = " व गते मम पु के?" ।
टे ते वया? (वे दोन दे खी गई तु हारे वारा?)
न ह, मया न टे ते व गते। (नह ,ं मेरे वारा नह ं दे खी ग , वे दोन कहाँ ग ।) 【गम ्+ त=गत】
संभवतः, ते उ यानं गते। (संभव है , वे दोन उ यान को गई ह ।)
आम ् स यम ् उ तम ्। त वक सता न पु पा ण, सप ु वा न फला न, व धता न स या न च सि त। ता न
तव पु के बहु अ भलषतः। (हाँ। स य उ त/कहा गया। वहाँ वक सत पु प, सप ु व/अ छ तरह पके हुए
फल, और व धत स य/बढ़ हुयी घास है । वह सब को तु हार पु ी बहुत चाहती है ।)
श दावल =
अप यम ् = पु /पु ी ( यह श द न य-नपंस
ु क ल ग है य य प इसका अथ पु या पु ी दोन होता है । अतः
सामने कोई भी हो, इसके साथ हमेशा वशेषण भी ल ब ल ग के ह लगगे।)
क त = कतने। (यह श द सदा बहुवचन म रहे गा, और यह सभी ल ग म समान चलेगा। क त व ृ ाः।
क त बा लकाः। क त पु पा ण।)
नवस त = रहता है /बसता है ( नवास करता है )।
मम एते अप ये तः। एते बहु सु दरं पठतः। (ये दोन मेरे अप य/पु ह। ये दोन बहुत सु दर पढ़ते ह।
एता न मम अप या न सि त। एता न अ प सदै व सु दरं पठि त। (यह मेरे अप य ह। यह भी हमेशा
सु दर पढ़ते ह।)
तव गह ृ े तः? के च ते? (तु हारे दो घर ह? और वे दोन कौनसे ह?)
मम गह ृ े न ह, बहू न गह
ृ ा ण सि त। ता न भारते य त ि थता न। मया अ प न मत ृ म ् व सवा ण
ि थता न। (मेरे दो घर नह ,ं बहुत से घर ह। वे सब भारत म जहाँ-तहाँ ि थत ह। मेरे वारा मत ृ भी नह ं
है , सारे कहाँ ि थत ह।)
37
अहो धनं बहु र तं वया। एते अप ये तव, कु नवसतः? (अहो, धन बहुत सारा स हाला हुआ है तु हारे
वारा। तु हारे ये दो पु , कहाँ रहते ह?)
ते यथा च नवसतः, ते न एक ि थते। (वे दोन यथा च/ च के अनस ु ार बसते ह, वे दोन एक जगह
ि थत नह ं होते।)
38
।। दशमः पाठः ।।
।। मधमपु ष का अ यास ।।
वम ् यव
ु ां यय
ू म ् ।। (इसे 10 बार ज़ोर से बोल।)
वम ् अ स। यव ु ां थः। ययू ं थ।
वं भव स। यवु ां भवथः। यय ू ं भवथ ।
वं करो ष। यवु ां कु थः। यय ू ं कु थ ।
ववचन
अये पु ौ? यवु ां कु ग छथः? कं यव ु ां मम गह ृ ं ग छथः? त कं कु थः? कम ् उ तम ्? त यवु ां
खेलथः? त ह यव ु ां कदा पठथः? कम ् उ तम ्? सवदा खेलथः? कदा प न पठथः?
(अरे बेट ? तमु दोन कहाँ जा रहे हो? या मेरे घर को जा रहे हो? वहाँ या करते हो? या कहा? वहाँ
दोन खेलते हो? तो तम ु दोन कब पढ़ते हो? या कहा? हमेशा खेलते हो? कभी भी नह ं पढ़ते हो?)
अये मम बाले! यव ु ां व गते थः? अहो कुतः न टे थः? कु ल ने थः? कुतः न एक त ठथः? मम
नकटे कुतः न आग छथः? अहो, म लते यव ु ाम ्, अ ि थते थः। यथा बलकृ णौ च चलौ तः, तथा
यवु ाम ् अ प च चले थः।
(अरे मेर बि चय ! तम ु दोन कहाँ गई हो? अहो, य दखाई नह ं दे ती? दोन कहाँ छुपी हु हो? य एक
जगह नह ं टकती? दोन मेरे पास य नह ं आती? अहो, मल गई दोन , यहाँ ि थत हो। जैसे
बल/बलराम और कृ ण च चल ह, वैसे तम ु दोन भी च चला हो।)
39
काय = (आपको इसी ग यांश को पिु ल ग म प रणत/convert करना है । जैसे जहाँ पु का/पु के,
ि थते, च चले आ द लखा है , वहाँ पु ौ ि थतौ, गतौ, च चलौ लगाना है । बलकृ णौ जहाँ उपमान ह,
उनको उपमेय बनाना है , और उपमान आप रमा- वजये को ले ल िजए। )
बहुवचन
ू ं कं कु थ? कम ् उ तम ्? यय
बालाः! यय ू ं खेलथ? जानीथ अ य कः वारः? स यम ् उ तम ्, गु वारः।
जानीथ गु वारः क य वारः? खलु बह ृ प त-दे वगुरोः। त ह कथं खेलने समयाकु थ?
(बि चय ! तम ु सब या कर रह हो? या कहा? तम ु सब खेल रह हो? जानती हो आज या वार है ? सच
कहा, गु वार। जानती हो गु वार कसका वार है ? नि चत ् बह ृ प त-गु का। तो फर य खेलन
म/खेलने म समय बगाड़ती हो?)
काय = यय ू म ् के साथ आप एक और छोटा सा ग य बनाएँ।
अ धक अ यास
श दावल = क ु तः न = कुतो न (यहाँ कुतः को सि ध होकर "न" परे रहते "कुतो" हो गया। जब वग के
तीसरे , चौथे और पाँचवे अ र परे ह , जैसे ग,् घ,् , ज,् झ,् ञ,् आ द और य,् र्,ल,् व ् परे ह , तो वसग को
"ओ" बोला जा सकता है । ये धीरे धीरे सीख जायगे।)
इत ततः (इतः ततः) = इधर-उधर। प र मथ (प र+ म+थ) = तम ु सब घम ू ते हो।
मथ = तम ु सब थकते हो। ( म त-तः-अि त)।
इत ए ह (इतः ए ह, एकवचन म) = इधर आओ। इत एत (इतः एत, बहुवचन म) = इधर आओ।
उदाहरण =
अ य मम पु ौ गह
ृ म ् आग छतः। अये पु ौ, आगतौ यवु ाम ्? वागतं वागतम ्। अ य यव ु ाम ् अ व
ै
खादथः? अ य वा? अ य माता वा द टम ् अ नं पच त, अतः अ व ै कुतो न खादथः?
अहो, बालाः आग छि त। अ य बालाः! भोजनं कृतम ्? न कृतम ्? त ह अ वै कुतो न खादथ? कुतः यय ू म्
इत ततः प र मथ? तथा प न मथ? कुतो ग छथ? इत एत। माता भोजनं पच त।
40
।। एकादशः पाठः ।।
।। तवत-ु अ यास और
समाना धकरण- य धकरण- वभि तभेद ।।
या।
त म क् नकालकर त बचता है , और त कभी कभी ध, व, न बन जाता है ।
जो प जैसे भी त म बनगे, वैसे ह प तवतु म भी बनगे बस अ त म "वत ्" लग जायेगा।
जैसे कृत = कृतवत ्, प व = प ववत ्, स प न = स प नवत ्, स ध = स धवत ्।
यह श द का मल ू - प है , ल ग वचन और कारक के बना यह ऐसे ि थत है । जैसे कृतवत ्। अभी
वभि त लगाई नह ।ं वभि त लगने पर ह श द पद बनते ह य क नाम से आने वाल वभि त कारक
और वचन बताती है । जब यह पद बनेगा, तो उसम प रवतन आएगा। (कई बार प रवतन नह ं भी हो,
ले कन वभि त हरे क श द से लगेगी, तब वह पद बनेगा और वा य म सफ पद का योग होता है ,
कारक-वचन-र हत श द का नह ।ं )
पिु ल ग म सः कृतवान ् (उसने कया), सः प ववान ् (उसने पकाया), सः स प नवान ् (उसने परू ा कया),
सः स धववान ् (उसने स ध कया)।
ी ल ग म सा कृ वती, सा प ववती, स ा स प नवती, स
ा स धवती।
अब कुछ उदाहरण दे खगे।
नपंस ु क ल ग म हम "अप यम ्" इस पु ाथक नपंस ु क ल ग के थमा त-पद को वापरगे।
अप यं कृतवत ् (बेटे ने कया), अप यं प ववत ् (अप य ने पकाया), अप यं स प नवत ् (अप य ने
स प न कया), अप यं स धवत ् (अप य ने स ध कया)।
ऐसे वान ्, वती, और वत ् भेद से तवतु को जा नये। इसम कोई भी कता, कोई भी पु ष हो, तवतु वा य
म बना बदले बैठ सकता है । सः कृतवान ् (उसने कया)। वं कृतवान ् (तम
ु ने कया)। अहं कृतवान ् (मने
कया)।
येह अगर भत ू काल होता तो कुछ ऐसा लगता = सः अकरोत।् वम ् अकरोः। अ हम ् अकरवम ्।
ले कन ल ग वचन के आधार पर तवतु म भेद नि चत ् है ।
41
यात य = तवतु के साथ कोई यापद का अ याहार कर सकते ह, जैसे "आसीत"् । आसीत ् मतलब
था। सः कृतवान ् आसीत ् (उसने कया था), सा कृतवती आसीत ् (उसने कया था)। इतना फक है = he
did और he had done िजतना।
___
श दावल =
जातः/जाता (जन ्+ त) = पैदा हुआ/हुई या सफ हुआ/हुई।
जातवान ्/जातवती (जन ्+ तवत)ु = पैदा कया अथवा पैदा हुआ ये दोन हो सकता है । (सकमक अकमक
दोन हो सकते ह)
स भत ू ः(सम ्+भ-ू त) हुए, पैदा हुए। जैसे = संभवा म यग
ु े यग
ु े (म यग
ु यग
ु म पैदा होता हूँ।)
स भत ू वान ् (सम ्+भ+
ू तवत)ु = पैदा हुआ। (यहाँ सकमक न हो, उसके लए "संभा वतवान ्" ऐसा योग
है ।)
उदाहरण
दशरथः अयो यां शा सतवान ्। (दशरथ ने अयो या को शा सत कया।) त य न को प (कः अ प) पु ः
जातः। (उसके कोई भी य न हुए।) अतः सः व स ठं म लतवान ्। (अतः वह व स ठ को मले।)
व स ठ वारा द ेन उपायेन त य राम-ल मण-भरत-श ु नाः पु ाः संजाताः। (व स ठ वारा द उपाय से
उसके राम-ल मण-भरत-श ु न पु हुए।)
रामः ये ठः अ भरामः सवल णस प नः संभत ू ः (राम, जो ये ठ था, और अ भराम/मनोहर था, वह
सवल णस प न हुआ।) सः दशरथम ् अ तशयेन स नवान ्। (उ ह ने दशरथ को अ तशय स न
कया।) व ृ धः सन ् रामः वनवासं गतवान ्। (बड़े होकर राम वनबास को गये।) ल कायाम ् सः ल काप तं
रावणं हतवान ्। (ल का म उ ह ने ल काप त रावण को मारा।) सः अयो यां यागतवान ् रामरा यं च
था पतवान ्। (वह अयो या को वापस लौटे और रामरा य को था पत कया।)
बालाः गतव तः। श काः श तव तः। गोपाः नीतव तः। आग तक ु ाः भोजनं कृतव तः। छा ाः
प ठतव तः। (ये सब बहुवचन के योग ह, अ यास पिु तका म व तार से दए जायगे। अभी एकवचन
ह सीख।)
श दावल = भश ृ म ् = अ तशय। काले यतीते = काल बीतने पर। (इसे भवल णा स तमी कहते ह। इसम
कोई चीज़ "हो जाने पर" ऐसा अथ नकलता है । जैसे " याकरणे ाते संशयः न भव त।" = याकरण ात
होने पर संशय नह ं होता है । "प वे फले वणः पीतः भव त।" = फल के प व होने पर र ग पीला हो जाता
है । आ द।)
था पतवान ्/ न तवान ् = रखा/ था पत कया। ( न+ प ्+ तवत)ु । प ् धातु का मतलब फकना,
अपमान करना,रखना आ द है और न प ् का रखना, था पत करना आ द मतलब है ।
चतवती ( च+ तवत+ ु ई) = चयन कया। च का मतलब चयन करना होता है ।
उदाहरण =
सीता महाराज य जनक य गह ृ े जाता। सा जनकं भश
ृ ं स नवती। काले यतीते सा अयो यायाः
राजकुमारं ीरामभ ं वयंवरे चतवती। सा रामेण सह वनवासं गतवती। त रावणः ताम ् (सीताम ्)
42
अप तवान ्। सः अशोकवा टकायां तां था पतवान ्/ न तवान ्। रामः यदा रावणं हतवान ् तदा रामेण
सह सा पन
ु ः राजधानीम ् अयो याम ् आगतवती। सीता लवकुशौ पु ौ जातवती।
( यान रखने वाल बात यह है । क हम जब नील य कमल य लखते ह, तो उसका मतलब "नीलका
कमलका" ऐसा अलग-अलग ष ठ वाला नह ं नकलता, बि क "नील-कमल का" ऐसा एक साथ वाला
अथ नकलता है । य क इसको समाना धकरण-ष ठ कहते ह, मतलब एक साथ रहने वाल ष ठ ।
समाना धकरण-ष ठ के उदाहरण = पीत य अ बर य (पीत/पीले अ बर का), सु दर य राम य (सु दर
राम का)। ऐसे हरे क वभि त म लगाओ। वीरे ण बलरामेण (वीर बलराम से), धीरे ण यु धि ठरे ण (धीर
यु धि ठर से), वशाले व ृ े ( वशाल व ृ पर), प वे फले (पके हुए फल म) आ द।
ले कन सब जगह समाना धकरण- वभि त नह ं होती। कुछ जगह य धकरण- वभि त (अलग-अलग
रहने वाल वभि त) भी होगी। जैसे राम य पु य = राम के पु का।
रामेण बाणेन बाल हतः = राम वारा बाण से बाल मारा गया।
व ृ े शाखे वानरः अवलि बतः = व ृ म शाख पर ब दर अवलि बत है /लटका हुआ है ।)
____
ी ल ग म भी बहुवचन है । बालाः खे लतव यः। गा यकाः गीतव यः। वानयः कू दतव यः। बालाः
भोजनं कृतव यः। ताः कायालयं गतव यः। छा ाः प ठतव यः। ल यः ह रं से वतव यः। गो यः द ु धं
नीतव यः। आ द अ यासपिु तका म है , यह नदशमा है ।
श दावल =
यतीतवत ् = बीत गया। ( दन-श द न य-नपंस ु क ल ग श द है ।)
झ ट त = झटसे। अप य = बेटा (अप य-श द न य-नपंस ु क ल ग है ।)। म = दो त ( म भी
न य-नपंसु क ल ग है ।)। वीकृतवत ् ( व+ि व/इ+कृ+ तवतु = वी+कृतवत ्।) = वीकार कया।
43
।। वादशः पाठः ।।
अब formula =
म, वः, मः /आ म, आवः, आमः।
अ धातु म "अ म (खाता हूँ) अ वः (दोन खाते ह) अ मः (हम सब खाते ह)" ऐसे " म-वः-मः" का
formula लगेगा। ( हसाब इसी को बनाके रखो, मल
ू तः जहाँ "आ म" दखता है , वहाँ बस पहले वाले वण
को द घ हुआ है , यय तो " म" ह है ।)
44
अलम ् = बस/बहुत/enough। अनस ु रावः = हम दोन अनस ु रते ह/अनस
ु रण करते ह। अथात ् कसी चीज़
का पीछा करना या कसी के अनस ु ार चलना। to follow the map/आ द।
म ये = शायद, लगता है , मानता हूँ। जब आश का बतानी हो, तो म ये, श के ऐसे योग होते ह। म ये
सः दे वद ः। (लगता है /सोचता हूँ वो दे वद है ।) । म ये त आ मः। (लगता है वहाँ आ म है ।)
अलं के योग म तत
ृ ीया वभि त (टा=इन; रामेण कृ णेन आ द) लगेगी अगर बस/enough अथ हुआ।
यहाँ करण अथ म (राम के वारा हसाब म, रामसे अथ म नह ं होती) तत ृ ीया नह ं होती, इस लए ह द
क "से वभि त" का हसाब यहाँ लागू नह ं होता। यह वभि त बस अलं श द दे खके लगेगी, न क
कारक दे खकर। जैसे कोलाहलेन अलम ् = क
ोलाहल बहुत हुआ/कोलाहल बस करो। इसका अं ेजी से
अ छा हसाब समझ जाओगे = enough of noise/enough with noise।
व ामेण अलम ् = व ाम बहुत हुआ/ व ाम बस करो। enough of rest/enough with rest।
उदाहरण =
आवां गह
ृ ं ग छावः। अहो! वल बः संजातः। अये! कयत ् सु दरम ् उ यानं प या म। म ,
कि च कालम ् अ व ै त ठावः। भवत,ु अलं व ामेण, इदानीं पन
ु ः चलावः। अये व आगतौ वः? ना
प या म कि चत ् अ प प र चतम ्। म ये आवां ा तौ वः। एतत ् मान च ं समाकृषा म, अये इदानीं
ातं व आगतौ वः। भवतु उ चतमागम ् अनस ु रावः।
(हम दोन घर जाते ह। अहो! दे र हो गई। अरे ! कतना सु दर उ यान दे ख रहा हूँ। म , कुछ दे र यह ं बैठते
ह। ठ क है , व ाम बहुत हुआ, अब पन ु ः चलते ह। अरे ! हम दोन कहाँ आ गए ह? म यहाँ कुछ भी
प र चत/पहचाना हुआ नह ं दे खता। लगता है हम दोन ा त ह/खो गये ह। इस मान च को नकालता
हूँ। अरे अब ात हुआ हम दोन कहाँ आए हुए ह। ठ क है , सह माग अनस ु रते ह/सह माग के अनस ु ार
चलते ह।)
___
श दावल = एवम ् = इस कार, ऐसे। एव = ह । एवमेव = ऐसे ह । 【 जाग ृ धातु के प =
जाग त-जागत ृ ः-जा त | जाग ष-जागथ ृ ः-जागथ
ृ | जाग म-जागव
ृ ः-जागम
ृ ः| 】
कि चत ् = थोड़ा सा। याग छामः ( त+आ+गम+मस ्) = हम वापस आते ह।
पन
ु रावतन = revision।
ततः = उससे, उसके बाद, उस हे तु से आ द कई अथ ह।
अन तरम ् = तरु त बाद म। (अ तर मतलब जगह रखना, अन तर मतलब ब कुल खाल न रहना,
तरु त बादम बना छोड़े आना।)
शेमहे = सोते ह। ले कन इसके वक प म " न ां कुमः" अथवा नामधातु (नाम को धातु बनाना)
न ा त- न ातः- न ाि त…….... न ामः। इसका भी योग कर सकते ह।
कं कु थ बालाः?
वयं खेलामः तात!
ययू ं केन खेलथ भोः? ।
वयं क दक ु े न उ याने खेलामः।
45
त दनम ् एवमेव कु थ?
न। अ य र ववासारः। त दनं तु वयं ातः शी ं जागम ृ ः। अन तरं नानं कुमः, ततः व यालयं
ग छामः। त सान दं पठामः। ततः गह ृ म ् याग छामः, कि चत ् भोजनं व ामं च कुमः। ततः
गह
ृ काय पाठ य पन ु रावतनं च कुमः। कि चत ् खेलनेन मनो र जयामः, ततः खादामः, अन तरं शेमहे ।
______
अब परू े का एक प
भव त-भवतः-भवि त/ भव स-भवथः-भवथ/ भवा म-भवावः-भवामः//
अि त- तः-सि त/ अ स- थः- थ/ अि म- वः- मः//
ग छ त-ग छतः-ग छि त/ ग छ स-ग छथः-ग छथ/ ग छा म-गछावः-ग छामः//
श दावल
पतरौ = ववचना त-पद, माता- पता, पतरौ को माता- पतरौ भी बोलते ह।
तात! = हे तात/हे पता।
अवकाश ाि तः = छु ट - मलना। दल
ु भा = दल
ु भ/क ठन का ी ल ग।
अधनु ा = इदानीम ् = इस समय।
नन
ू म ् = नि चत ्/100%
पद यास = चरण- थापन
आग छावः = दोन आयगे। ( य क आपने अबतक भ व य सीखा नह ,ं इस लए भ व य अथ म ह ल
लकार को ला णक प म वापरा है ।)
जाना त,जानीतः,जानि त/जाना स,जानीथः,जानीथ,जाना म,जानीवः,जानीमः।।
म उदाहरण
तात! रामे वरतीथ ीरामेण था पतं शव ल गम ् अि त। वयं त ग छामः।
कदा ग छथ यय ू म ्?
शी मेव।
वया सह तव म ा ण आग छि त?
आम ्, सवा ण मम म ा ण। क तु थमं तात, तव आशीवादम ् इ छा म।
सख
ु ी भव पु । अहम ् अ प तीथगमनम ् इ छा म, क तु कायालये बहु कायम ् अि त,अतः अधन ु ा
अवकाश ाि तः दल ु भा। एकदा यदा अहं बालः, तदा तातेन सह रामे वरं गतवान ्। इदानीं सव न मरा म
क तु बहु र यं थलम ् अि त इ त नन ू ं जाना म।
स यम ् उ तम ् तात। य रामल मणौ पद यासं कु तः सा भू मः परमप व ा एव। यव ु ां पतरौ कदा प
या ां कुतः न कु थः।
जाना म पु , शी म ् एव वया सह आवाम ् आग छावः।
46
आशीवाद को चाहता हूँ। 0सख
ु ी हो बीटा। म तीथगमन को चाहता हूँ, क तु कायालय म बहुत काय है ,
अतः इस समय छु ट - मलना मिु कल है । एक समय जब म ब चा था, तब पताजी के साथ रामे वर को
गया था। इस समय सब कुछ नह ं याद ले कन बहुत र य थल है यह ब कुल जानता हूँ। ∆सह कहा
पताजी। जहाँ राम और ल मण चरण- थापन करते ह वह भू म परमप वत ा ह है । आप दोन
माता- पता कभी भी तीथया ा को य नह ं करते हो। 0जानता हूँ बेटा, ज द ह तु हारे साथ हम दोन
आयगे।)
47
।। योदशः पाठः ।।
।। वा यय और वतीया का ल ग य म, और वना के
योग म अ यास ।।
वा म क् नकलके वा बचता है ।
खाकर जाता है , नहाकर खाता है , नाचकर सोता है । ऐसे एक या करके जब दस
ू र या होती है , तब
अ त म वा लगाते ह।
भू वा = होकर। ग वा = जाकर। कृ वा = करके। प ठ वा = पढ़कर 【कुछ धातओ ु ं म 'इ ' (इ) ये बीचम
घस
ु जाता है तो इ वा अ त म लगता है । ये इ (इ) बहुत सी जगह पर घस
ु ेगा, आगे दे खगे।】। ना वा
= नहाकर। खा द वा (खाद+इ + वा)= खाकर आ द।।
48
___
अब वा को ह एक आदे श (replacement/प रवतन) होता है । उसको " यप ्" ये आदे श
(replacement) होता है , जब भी कोई समास करना हो, जैसे जब उपसग लगगे तब और अ य भी समास
हो तब। यप ् म य बचता है ।
उदाहरण
_________
सः तौ ते कया था। वैसे ह "तम ् तौ तान ्" (उसको, उन दोन को, उन सबको) और "एतम ् एतौ एतान ्"
(इसको, इन दोन को, इन सबको।) "कम ् के कान ्"। यम ् ये यान ् आ द भी दे ख लेने चा हये।
ऐसे ी ल ग म "रमा रमे रमाः" कया है । अब "रमाम ् रमे रमाः" (रमा को, 2 रमा को, रामाओं को)।
"मालाम ् माले मालाः" आ द।
वैसे ह "सा ते ताः" का "ताम ् ते ताः" "एताम ् एते एताः"। "काम ् के काः" ( कसको, कन 2 को, कनको)।
याम ् ये याः। आ द।
49
ऐसे ह ल ब म भी "पु पम ् पु पे पु पा ण" कया था, वैसा ह बना बदलाव के वतीया- वभि त म भी
पद रहगे। आपने ऊपर दे खा ह पु पा ण व च य (फूल को चन ु कर)।
तत ् ते ता न, एतत ् एता न, कम ् के का न, सभी म एक जैसे प, थमा के भी वतीया के भी। यह बात
परू े ल ब ल ग म जाननी चा हए।
उदाहरण
बालौ आकारय त। (बालक को बल ु ाता है ) [आकारय= बल ु ाना]
बालाः आकार य वा श य त (बालाओं को बल ु ाकर सखाता है ।)
बालः रामल मणौ भज त। (बालक राम और ल मण को भजता है ।)
ह रः भ तान ् र त। (ह र भ त को र ता है /बचाता है /र ा करता है ।)
दे वद ः अजाः नय त। (दे वद बक रय को ले जाता है /हाँकता है ।)
बालाः पु पा ण च वा मालाः थयि त। (बालाएँ पु प को चन ु कर मालाओं को गँथ
ू ती ह।)
श कः श यान ् श य वा पर ते। ( श क श य को सखाकर पर ा लेता है ।)
काः ताः गोपबालाः याः कृ णे न मु यि त? सवाः अ प बालाः मोहय त ह रः। (कौन ह वे गोपबालाएँ जो
कृ ण पर मो हत नह ं होती? सभी बालाओं को मोह लेता है ह र।)
राजा जाम ् अनशु ाि त। (राजा जो को अनश ु ा सत करता है ।)
ह रः ने े नमील त। (ह र आख को मीचता है /ब द करता है ।)
50
।। चतद
ु शः पाठः ।।
ल ृ लकार ब कुल ल लकार जैसे चलेगा, बस इसम एक " य" त-तः-अि त के पहले बीचम डालना है ।
उससे " य त- यतः- यि त" ऐसे यय लगगे। उदाहरण "या" धातु है मतलब जाना/ले जाना।
या त-यातः-याि त ल है । या य त-या यतः-या यि त ल ृ हो गया।
जैसे हमने वा म "इ " आगम बीच म घस ु ाया था (खा द वा, प ठ वा आ द), वैसे यहाँ भी " य त" जो
ययसमह ू लगा है , उसको भी कुछ जगह पर "इ " आगम लगेगा(इ + य+ त)। तब व प कुछ ऐसा
होगा "इ य त-इ यतः-इ यि त"।
भ+ू इ + य त = भ व य त। भ+ ू इ यतः = भ व यतः। भ+ ू इ यि त = भ व यि त।
ऐसे ह प ठ य त प ठ यतः प ठ यि त।
क र य त क र यतः क र यि त।
खा द य त खा द यतः खा द यि त।
ग म य त-ग म यतः-ग म यि त।। य और इ य अपने हसाब से त-तः-अि त के पहले बैठ जायगे,
बाक परू े प म कोई फक नह ं ब कुल ल जैसा चखेगा।
१) "इ " जैसे बहुत आगम होते ह, जो बीच म घस ु जाते ह। ऐसे " " अ त वाले आगम ायः यय के
पहले ह घस ु गे, जैसे यहाँ " य त" के पहले "इ " घस
ु गया। ऐसे बहुत से उदाहरण ह।
२) त-तः-अि त ये सब यय को त - यय कहते ह, इनसे कई बार कुछ additions/सि न वशेष
जड़ु ते ह और ऐसे जो सि नवष ह उनको " वकरण- यय" कहते ह। ये मल ू यय म ह
additions/सि नवेष प होते ह जैसे " त" म " य" जड़ ु गया, उससे ययसमह ू
" य त- यतः- यि त" ऐसे हो गया।
51
पलाय त = भागता है /पलायन करता है । पला य य त = पलायन/escape करे गा।
इसका पयाय है व त=भागता है , ो य त = भागेगा/पलायन करे गा। ( ो य त- ो यतः- ो यि त)।।
उदाहरण =
कौस या राम य श ृ गारं क र य त। तेन सि जतः सन ् रामः सु दरः भ व य त।
रामः रावणं ह न य त। तं ह वा सः सीतां ा य त। सीता रामं ा ता सती लवकुशौ ज न य त। (सीता
रामको ा त होकर लव और कुश को जनेगी/पैदा करे गी।)
दामोदरः ब धः सन ् अ प व ृ ौ मो य त। (दामोदर/कृ ण ब धे होकर भी 2 व ृ को छुड़ाएँगे।)
मो हनी व ृ धा सती अ प जनान ् मोह य य त। (मो हनी बढ़
ू होकर भी जन को मोहे गी।)
पा डवाः यव सताः स तः धातरा ान ् ह न यि त। (पा डव यव सत/तैयार होकर धातरा
को/धतृ रा के बेट को मारगे।)
अजाः भीताः स यः पला य यि त। (बक रयाँ भीत/डर हुयी होकर पलायन करगी।
गावः ब धाः स यः गो व दे न द धाः भ व यि त। (गौएँ ब धा होकर गो व द के वारा दह ु जाएँगी/द ु ध
क जाएँगी)।
___
श दावल =
यावत ् = जबतक/जहाँ तक। तावत ् = तबतक/तहाँ तक।
कुतः = य ?/ कस हे तु से आ द।
कुतः यावत ् = कबतक? इतो यावत ्/इतः पय तम ् = यहाँ तक।
यतो ह = य क। अतः = इस लए।
त ह =तो।
ताडय त=पीटता है । ताड य य त=पीटे गा।।
गोचर/गोचरा=इि य ा य/आँख नाक आ द वारा ा य।
उदाहरण =
कुतो यावत ् खे ल यथ ययू म ्? (तम ु सब कब तक खेलोगे?)
यावत ् वयं स तोषं न ा यामः। (जबतक हमको संतोष नह ं मलता।)
त ह अहं ताड य या म। (तो म तम ु को पीटूँगा।)
वयं त ह धा व यामः। (तो फर हम भाग जायगे।)
कुतो यावत ् धा व यथ भोः! (कहाँ तक भागोगे भई?)
यावत ् भू मः गोचरा तावत ् (जहाँ तक भू म गोचरा/ दखाई दे ती है , वहाँ तक।)
_____
श दावल
श ्+ य त = य त (दे खेगा)। [प य त=दे खता है ।]। न त य त=नाचेगा। म ल वा = मलकर।
कृशरा न = खचड़ी। सीद त = खश ु होता है ( सीद त, सीदतः, सीदि त) । स य त = खश ु होगा
( स य त, स यतः, स यि त) ।
52
(यह सफ extra अ त र त जानकार के लए है , इस पाठ को करके जब यह नीला ग य दब ु ारा पढ़गे तो
शायद समझ आये, न आये तो कोई बात नह ,ं आगे के करण /कोस म सीख जायगे। ए क बात यान रहे ,
क अगर धातु म "इ, उ, ऋ, ल"ृ ह तो आगे " य" या "इ य" आने पर इनको मशः "ए, ओ, अर, अल ्"
हो जायेगा। जैसे लख ्+इ य त=ले ख य त। // मच ु ्+ य त = मो य त। // म+
ृ इ य त = मर्+इ य त
= म र य त। // लप ृ ्+ य त = क् +अल ्+प ्+ य त= क य त।)
उदाहरण
अ य र ववारः। वयं सनेमागह
ृ ं ग म यामः। त चलनाटकं यामः। य सव न ृ यि त त वयम ् अ प
न त यामः।
वः कं क र य स? (कल या करोगी?)
अहं मम भ गनी च म ल वा कृशरा नं प च यावः। (म मेर बहन मलकर खचड़ी पकाएँगी)।
वं कं क र य स? तव प तः च कदा भारतम ् आग म य त? (तम ु या करोगी? और तु हारा प त कब
भारत आएगा?)
न जाने कं क र या म। क तु म ये वया सह तव गह ृ म ् आग य अहम प पाके तव सहायतां
क र या म। (न जाने या क ँ गी, ले कन सोचती हूँ तेरे साथ, तेरे घर आकर म भी पाक म तेर सहायता
क ँ ।)
अहो सु दरम ्। यदा तव प तः आग म य त तदा यव ु ां दं पती मम गह ृ े भोजनं क र यथः, तेन अहं बहु
स या म। (जब तु हारा प त आएगा तब तम ु दोन द पती मेरे घर पर भोजन करना, उससे म बहुत
स न ह गी।)
अ ये उदाहरणा न
१) ह रः भ तान ् पा य त। (पा= र णे। पा त पातः। पा य त पा यतः।…)
२) यव
ु ां गह
ृ ं य वा व ग म यथः? (तम ु दोन घर छोड़कर कहाँ जाओगे?)
३) आवां व ृ ान ् न ह न यावः। आवां व ृ ान ् पा यावः। तेन कृ तः सी य त।
४) यावत ् धम र य स, धमः यु मान ् र य त। (जबतक धम को बचाओगे, तबतक धम तम ु सबको
बचायेगा।)
५) याव अहं न आ दशा म तावत ् वम ् अ व ै त ठ। (जबतक म आदे श न दँ ,ू तब तक तम
ु यह ं बैठो।)
53
।। प चदशः पाठः।।
।। चतथ
ु -अ यास ।।
यहाँ सब = "नमः- वि त- वाहा- वधा" यह सब उपपद (नज़द क म पढ़ा गया पद) कहलाते ह। इनके
नज़द क रहते कारक कोई भी हो, वभि त तो चतथ ु ह लगेगी। इस लए यह वभि त कारक अथ न
बताकर उपपद के योग से बनी "उपपद- वभि त" है ।
चतथ
ु अ य अथ म भी हो सकती है ।
54
जैसे = र च का वषय (मोदका द) का ीयमाण (चाहक/चाहने वाला) जो भी हो, उससे चतथ
ु होगी।
जैसे = रामाय रोचते मोदकः = रामको पस द है मोदक। (मोदक राम क च का वषय ह, ऐसे च के
वषय, मोदक को चाहने वाला ीयमाण राम, उससे चतथ ु होगी।)
____
【 1) यह सं कृत का सामा य नयम है , क दान अथ म सदै व चतथ ु ह होगी। दान दे ना, समपण
करना, नवेदन करना, कसी को कुछ कहना/बताना, "के लए" अथ म, और अ य कुछ अथ म चतथ ु
लगेगी।
2) "नमः- वि त- वाहा- वधा" जैसे श द के योग म भी चतथु लगेगी】
3) जो च के वषय (मोदका द) का चाहक (दे वद ा द) हो, उस चाहक म भी चतथु लगेगी।
श दावल =
55
अ नये वाहा। अ नये इदं न मम। (अ ने को वाहा। यह अि न के लए, मेरे लए नह ।ं )
हरये नमः। इ ाय वि त। (ह र को नमः। इ को वि त)
श दावल
सवनाम म " मै" और " यै" लगते ह। सव मै (प)ु = सबके लये। सव यै ( ी) = सबके लए। ऐसे
अ य मै/अ य यै, एत मै/एत यै (इसके लए), त मै/त यै (उसके लए), क मै/क यै आ द।
अजा = बकर । स य = घास। वि त = बोलता है ल म वि त। 【वि त व तः, ___। व व थः
व थ।वि म व वः व मः।। (यहाँ ल म थमपु ष-बहुवचन है ह नह ।ं कुछ कहते ह उ म पु ष भी
गायब है ।)】 व य त (बोलेगा) ल ृ म बराबर चलेगा।
उदाहरण
पु ाय पच त माता। (पु के लए माता पकाती है ।)
सव मै सख ु दः रामः। (सबके लए सख ु द ह राम।)
अ य मै न व या म एतत ् रह यम ्। (अ य को नह ं बोलँ ग
ू ी ये रह य।)
त मै ीगुरवे नमः। (उन ीगु को नमः।)
या दे वी सवभत ू ष
े ु शि त पेण संि थता।
नम त यै नम त यै नम त यै नमो नमः।। (जो दे वी सारे भत ू / ा णय म शि त प से संि थता/ठहर
हुई है । उसको नमः उसको नमः उसको नमः, नमो नमः/बार बार नमः।)
क मै य छ त दे वद ः? ( कसको दे ता है दे वद ?)
अजायै स यम ् आनय त (अजा/बकर के लए घास लाता है ।)
क यै अ प द वा गतवान ्। ( कसी को भी दे कर गया।)
सव यै मनोहरः कृ णः (सभी के लये मनोहर ह कृ ण। यहाँ " यै" से ी ल ग का ता पय है ।)
ल यै वद त ह रः। (ल मी को बोलते ह ह र।)
दे यै ब लं य छ त। (दे वी को ब ल दे ता है ।)
(साथ ह , कसी मल
ू -श द के साथ, "अथ" पद को लगाने से भी चतथ ु का ह अथ नकलता है । रामाथम ्
= रामाय। रमाथम ् = रमायै। तदथम ् = त मै। एतदथम ् = एत मै आ द। ले कन चतथ
ु के सभी अथ
नह ,ं सफ "के लए" या न के योजन बताना हो तो ह "अथ" के साथ समास हो।)
3) मझ
ु े पस द है इस अथ म भी चाहने वाले को चतथ
ु लगेगी।
रोचते = चता है /अ छा लगता है ।। रोचसे = चते हो/भाते हो।। रोचे = चता हूँ/पस द आता हूँ।।
56
भ ग यै मोदकः रोचते। (बहन को मोदक चता है ।)
अजायै स यं रोचते। (बकर को स य/घास पस द है ।)
57
।। षोडशः पाठः ।।
।। तम
ु न
ु ्-प च य यासः च ।।
तम
ु न
ु ् भी चतथु के अथ का है , बस यह धातओ ु ं से लगेगा और चतथु आ द सप ु ् वभि तयाँ नाम से
लगती ह। तम ु नु ् म तम ु ् बचता है । जैसे वा और त म "इ " घस ु ता है , य म भी "इ " बीचम घसु
गया। वैसे ह तम ु न
ु ् के पहले भी कुछ धातओ ु ं से ह "इ " आगम होगा।
तम
ु न
ु ् म भी एक fix/ व
ु अथ न समझो। जब दस
ु रे या म कोई या न म बने, उसम न म या
म तमु नु ् लगेगा।
___
58
अब प चमी का अ यास कर लेते ह। यहाँ वभि त के भी कारक (अपादान/अलग होना) के अलावा अ य
अथ ह उनको रखता हूँ।
ह द म तो करण-कारक और अपादान-कारक, दोन म "से" वभि त ह लगती है , सं कृत म दोन म
भेद है ।
यह अ त म "आत ्" (प)ु और "आयाः/याः" ( ी) जैसी लगेगी। सवनाम से " मात ्" (प)ु और " याः"
( ी) जैसी लगेगी।
१) कसी से अलग होने म (अपादान), २) जब कसीसे भय बताना हो/ कसी से बचना हो, ३) कसी क
वजह से/हे तु म ४) दे श-काल- दशा-स ब धी अ तराल ५) कसी से तल
ु ना अथ म।
श दावल
क मात ् ( कम ्+ मात ्) = कहाँ से, कुतः भी बोल सकते ह। (जब हे तु अथ म प चमी हो तो क मात ्/कुतः
मतलब = " कस हे तु से? कस लए? य ?" ऐसे नकलगे।)
आया त (आ+या+ त) = आता है । (जैसे या त यातः चलाया था वैसे ह आया त आयातः आयाि त।)
आन य य त (आ+नय ्+इ य त) = लाएगा। [नय त मतलब ले जाता है , और आनय त मतलव ले आता
है ।]
नगतः ( नर्+गम ्+ त) = नकला। ( नग छ त नग छतः = नकलता है , 2 नकलते ह आ द।
नग म य त = नकलेगा। नगतवान ् = नकल गया।)
अपादान
व ृ ात ् प ं पत त। (व ृ से प ा गरता है ।)
पवतात ् पाषाणं पत त। (पवत से प थर गरता है ।) यह दोन अपादान/अलगाव अथ के थे।
दे वद ः क मात ् आया त? गह ृ ात ् आया त। (दे वद कहाँ से आता है ? घर से आता है ।) यहाँ दे शस ब धी
अ तराल भी है ।
हमालयात ् वह त ग गा। ( हमालय से बहती है ग गा।)
य मात ् ग धः न नगतः न तत ् पु पम ् अन य या म। (िजससे ग ध न नकल हो, उस पु प को नह ं
लाऊँगा।)
सव मात ् स गुणान ् चेतम ु ् इ छ त हं सः, काकः च दग ु ुणान ् चेतम
ु ् इ छ त। (सब म से स गुण को
चन ु ना चाहता है हं स और कौआ दग ु ुण को चन
ु ना चाहता है ।)
___
श दावल
बभे त = डरता है । (यह क ठन है इस लए सफ बभे त- बभे ष- बभे म एकवचन का वापरगे। बाक म
य त_ यतः_ यि त….वापर लगे।)
भे य त (भी+ य त) = डरे गा। (भे य त_भे यतः_भे यि त)
( कसी भी श द से "तः" जोड़ने से प चमी के सारे अथ नकलग। व ृ तः प ं पत त, ामतः गौः आया त,
गौर तः म हषः बभे त आ द।)
59
भय/हा न+र ा
रामात ् बभे त वाल । (राम से डरता है वाल ।)
अजनातु ् यि त धातरा ाः। (अजन ु से डरते ह धातरा /धत ृ रा के बेटे।)
दगु ायाः य त म हषासरु ः। (दग ु ा से डरता है म हषासरु ।)
क याः अ प श याः न बभे त वीरः। ( कसी भी शि त से नह ं डरता है वीर।)
हे तु
पवतः अि नमान ् धम ू ात ्। (पवत आग वाला है , धम
ू क वजह से।)
क मात ्/कुतः यज स ाणान ्? ( कस वजह से/ य छोड़ते हो ाण को?)
ब धज ु नदशनात ् अजनः
ु वषीद त। (ब धज
ु न के दशन से अजन
ु दःु खी होता है ।)
ब धनात ् अश तः संहः। (ब धन क वजह से/बंधे हुए होने से अश त है संह।)
व यायाः पिू जतः व वान ्। ( व या क वजह से पिू जत है व वान ्।)
तल
ु ना
सव मात ् उ मः दे वद ः। (सबसे उ म है दे वद ।)
रमायाः े ठा गौर । (रमा से े ठा है गौर ।)
नरोधः वरम ् उपचारात ्। (उपचार करने से नरोध वर/ े ठ है ।)
अ तराल/अव ध
द
े शकृत (यत चा वकाल नमानम ्/दरू ाि तकाथः ष य यतर याम ्)
अयो यायाः नकटम ् काशी। (अयो या से नकट है काशी।)
रामे वरात ् दरू म ् अयो या। (रामे वर से दरू है अयो या।)
हमालया समु ं यावत। ( हमालय से समु तक)
ज मत ू ः क याकुमार ं यावत ्। (ज मू से क याकुमार तक)
यावत ् का मतलब तक भी है । वहाँ तक।
कालकृत (यहाँ पव
ू से अ छा अ ता त-अ त ाक् अ यय श द का हण करगे, और ऊ व जो मकारा त
अ यय श द है , उसका हण करगे।)
60
बा यात ् मरणं यावत ् भज त गो व दम ्। (बचपन से मरण तक, गो व द को भजता है ।)
कृ णात ् ाक् जातः बलरामः। (कृ ण से पहले पैदा हुए बलराम।)
बलात ् ऊ व जातः ह रः। (बल से बाद पैदा हुये ह र।)
चै ात ् पव
ू ः/ ाक् फा गुनः। (चै से पव
ू है फा गुन।)
द कृत
का चीतः उदक् उ ज यनी। (का ची से उ र है उ ज यनी।)
ज मत ू ः द णा यागः। (यहाँ आज त अ यय श द का हण उ म है । "द णा" ह मल ू श द है ,
ी ल ग म "आ" लगाके नह ं बनाया। न य कृ त से ह ी ल ग है ।)
काशी कुतः पवू ा/ ाक् ? यागात ् पव
ू ा/ ाक् । (काशी कहाँ से पव
ू है ? याग से पवू ा है ।) (जब पव
ू र-आ द
श द वापरोगे तो ल ग प रवतन होगा, य क ये अ यय नह ।ं इस लए पव ू क जगह ाक् , उ र
(later/बादम वाला उ र) क जगह ऊ वम ्, उ र (direction/ दशा अथ म) के बजाय उदक् श द, द ण
क जगह द णा, पि चम के बजाय यक् वापरना चा हए।)
कुतः यक् व गः? यागात ् यक् । (कहाँ से पि चम म बंगाल है ? याग से पि चम म है ।)
61
।। स तदशः पाठः ।।
।। लो ।।
लो मतलब कसी को वतना दे ना। "करो", "बोलो", "जाओ" आ द। इसके प ऐसे चलगे।
२】कुछ धातु जैसे दाण ् (दे ना), था ( टकना/ि थर रहना/खड़े रहना), इष ् (इ छा गरना) गम ् (जाना), श ्
(दे खना), आ द का ल , लो , ल , ल लकार म प ह बदल जाता है । इनम भी वोह करना है , जो ल
म बनाया, वो ह बनाके स नकालदो।।
दाण ् = य छ । ठा = त ठ। इष ् = इ छ। गम ् = ग छ । श ् =प य। ऐसे इनको आदे श
(replacements) होते ह।
62
श दावल
अ प = भले, अ ववसग। यहाँ अ प मतलब "भी" नह ,ं अ प मतलब कसी चीज़ म अनम ु त दे ना, या
मना न करना, कोई बात नह ं बोलना। होने दो, भले करे । let him do, let him play ऐसे अथ म। इसी
को अ ववसग कहते ह।
यथे छम ् = जो मज हो वो।
ैरेय हम = आइस म।। ( ीरे सं कृतं ैरेयम ्, "सं कृतं भ ाः" इ यथ ीरा ढञ ् इ त ढ ञ स धम ्।
ीरे सं कृतं ैरेयम ्, ैरेयं च तत ् हमं ैरेय हमम ्।)
तू णीम ् = चप ु चाप।
उदाहरण।
म यमपु ष एकवचन अ यास।
आयु मान ् भव = आयु मान ् हो। (आयु मान ् ए ध भी बोल सकते ह। अस ् धातु का ह ए ध बनेगा)
सख
ु ी भव। = सखु ी ए ध।
सौभा यवती भव/ए ध। (सौभा यवती हो।)
"भज गो व दं भज गो व दं गो व दं भज मढ़
ू मते।" (भजो गो व द को, भजो गो व द को। गो व द को
भजो हे मख
ू म त!)
वशेष नयम
63
पा ह = बचाओ। ा ह = बचाओ। या ह = जाओ/ले जाओ। शा ध = शासन करो/ नयमन करो। तु ह =
तवन/तार फ करो। ू ह (बोलो)।
२】कुछ म "उ" अ त म सन
ु ाई दे गा। कु (करो), शण
ृ ु (सन
ु ो), तनु (फैलाओ) आ द।
श दावल
उदाहरण
१) वं पा ह पा ह परमे वर कंसपापात ्! (तम ु बचाओ, बचाओ, हे परमे वर! कंस पाप से।) 【यह दे वक
चतभ ु जक
ु ृ ण से कारागह ृ म कहती है , गगसं हता।】
२) ा ह माम ्! ा ह माम ्! (बचाओ मझ ु !े बचाओ मझ ु !े )
३) जानी ह माम ्। (मझु को जानो।)
इदानीम ् अनज ु ानी ह माम ् (मझ
ु े अनम
ु त/आ ा दो अब।) 【यह वदा लेते समय बोलते ह।】
४) " श यः ते अहम ्, शा ध माम ्।" ( श य हूँ तेरा, मझु े शा सत करो।)【यह दःु खी और हारा हुआ अजन
ु
कृ ण से गीत म कहता है ।】
५) गां वनं या ह। (गाय को वन ले जाओ।)
६) वं जय (तम ु जीतो)
" वं जय सततं गोवधनधर! पालय ् नजदासान ्।" (तम ु जीतो सतत हे गोवधनधार ! पालो नजदास को।)
जय ीराम! (हे ीराम! तम ु जीतो)
७) स यं वद। धम चर। (स य को बोलो, धम को चरो/आचरण करो।)
१) गहृ काय कु ।
२) शण ृ ु रामकथाम ्। (सन
ु ो रामकथा को।)
३) धम तन।ु (धम फैलाओ।)
४) पु पा ण चन।ु (फूल को चन ु ।)
५) भारतं र (भारत को र ो।)
64
सखु ी भवा न। (म सखु ी होऊँ।)
सदा स नं भवा न। (म सदा स न रहूँ।)
ह रं भजा न। (ह र को भजँ।ू )
व यालयं ग छा न। ( व यालय को जाऊँ।)
स यं वदा न। (स य को बोलँ ।ू )
आ न/आ ण-आव-आम।
थमपु ष
त को तु और अि त को अ त।ु बस।
65
भव त = भवत।ु भवि त = भव त।ु
अि त = अ त।ु सि त = स त।ु
करो त = करोत।ु कुवि त = कुव त।ु
जो धातओ
ु ं म "न/ु उ" अ धक जड़
ु ता है वैसे च (चन
ु ना), तन (फैलाना), ु (सन
ु ना), कृ (करना), आ द ऐसे
चलगे =
तनो त - तनोत।ु त वि त - त व तु (कृ जैसे ह )।।
चनो त - चनोत।ु च वि त - च व त।ु ।
उदाहरण
शभ
ु ं भवत/ु अ तु = शभ
ु हो।
क याणम ् अ तु = क याण हो।
तथा तु = वैसा हो।
वषा भवत।ु
सः ह रं जानात।ु (वह ह र को जाने।)
भ तान ् पातु ह रः। (ह र भ त को पाले/र ा करे ।)
66
।। अ टादशः पाठः ।।
।। ल और भव छ द ।।
वं म य व व तः भवेः। (तम ु मझ
ु म व व त हो जाओ।)
वं सं ामे वजयी याः। (तमु सं ाम म वजयी होने चा हए।)
ऐसे याः, ग छे ः, भवेः आ द जानलो।
67
अब ाथना के अथ म ल बताता हूँ। ाथना मतलब नम ण दे ना, कसी से स कारपव ू क यापार को
कहना, नवेदन करना, माँगना आ द। जहाँ भी ह द म "कृपया/please" आ द वापरोगे।
अब सं न
कं नु वं व यालयं ग छे ः? ( य न तम ु व यालय चले जाओ?)
कं नु वं याकरणं पठे ः? ( य न तम ु याकरण पढलो?)
कं भोः वं सं कृतं न जानीयाः? ( य भाई तम ु को सं कृत न आती?) इसम ख़ास बात यह है के यह कोई
काल वशेष म यु त नह ,ं अ पतु व वध अथ को बताएगा। सं न या न "है या नह ? ं " "ऐसा तो नह ?
ं "
आ द वक पा मक श का।
मम पु ं श येः? ( या मेरे बेटे को पढ़ाओगे?)
अ य कः वारः यात ्? (आज कौनसा वार होगा?)
कं याः तव प ? े वं जयेः न वा? ( या होगा तु हारे प म? तम ु जीतोगे या नह ? ं )
मम गह ृ े आयाः? (तमु मेरे घर आओगे?)
यान रहे म यम पु ष म त ् को ◌ः हो जाता है ।
अ य पाठः यात ्? (आज पाठ होगा?)
भवत ् श द का स बोधन भी होता है । वम ्, अहम ् आ द का नह ।ं हे भवन ्! = दे व! हे भव त! दे व!
हे भवन ्! मम पु ं पाठयेः? (हे भवन ्/आप! या तमु मेरे पु को सखाएंगे?)
भव त! भ ां दे ह। (हे भव त! भ ा दे ।)
भव त! भ ां द याः? (हे भव त! भ ा दगी?)
अब स भावना
म ये र ववारः यात ्। (लगता है र ववार होगा।)
कः अि त? दे वद ः यात ्। (कौन है ? दे वद होगा।)
सवकारे ण नयमः पा रतः यात ्/भवेत ्। (सरकार वारा नयम पा रत होगा। ता पय = ऐसी संभावना है ।)
पीनः दे वद ः दवा न खाद त। त ह सः न श खादे त ्। (पीन/मोटा दे वद दनम नह ं खाता। तो वह रातको
खाता होगा।)
68
उ मपु ष म "एयम ्" (भवेयम ्, पठे यम ् आ द) और "याम ्" (कुयाम ् याम ् द याम ्) आयगे।
अहं वया मो हता सती गह ृ यागं न कुयाम ्। (म तझ
ु से मो हता होकर, गह ृ याग न करदँ ।ू ता पय =
शायद कर लँ ।ू )
अहं अ तशयं खा द वा पीनः न भवेयम ्। (म बहुत खाकर मोटा न हो जाऊँ। ता पय = शायद हो जाऊँगा।)
म ये अ मे स ताहे तव ववाहः यात ्। त ह वः तव गह ृ े आग छे यम ्। (लगता है अगले स ताह तेरा
ववाह होगा। तो कल तेरे घर आ जाऊँ। ता पय = मेरे आने क स भावना है ।)
बध
ु वारे कु याः? न जाने कु याम ्। म ये तटे याम ्। (बध ु वार कहाँ होगे तम
ु ? न जाने म कहाँ ह गा।
शायद तट पर होऊँ।)
म ये वः कुयाम ्। (शायद कल करलँ ।ू )
69
।। एकोन वंशः पाठः ।।
वभि त १ २ बहु
लेखक का परामश =
यह यान रहे क आज और कल के पाठ एक दन म याद हो जाएँ ऐसे नह ,ं इस लए इनको याद अपनी
अनकु ू लता अनस
ु ार कर। ले कन जो स धा त/concept और नयम समझने यो य ह, उनको समझल।
य क भाषा एक बौ धक concept ह तो है , जो हमारे ज म से हमारे बु ध म सि न हत है । य द
concept समझ लगे तो समय के साथ बोलने म भी आपको कोई द कत होगी नह ।ं आज एक साथ
नह ,ं ले कन धीरे धीरे अ यास के साथ, कहा नयाँ पढ़ते पढ़ते, भाषा बोलते बोलते अपने आप याद हो
जायेगा।
यह वभि त के ७ कार अथवा group बना दए गए। ३-३ वभि त/ यय का एक। ऐसे सु और जस ् =
थमा। अम ् औ शस ् = वतीया। ऐसे स तमी तक।
अब 'स'ु क थमा सं ा हो गयी, 'औ' क और 'जस ्' क भी।
70
जैसे पा डु के ५ पु के वत नाम यु धि ठर अजन
ु आ द ह, ले कन पाँच म से कोई भी सामने खड़ा
हो, तो उसको "पा डव" कहकर बल
ु ा सकते ह।
थमा आ द वभि तयाँ कसी न कसी अथ को बताती ह। सु औ जस ् तीन वत अपने अपने वचन
को (एकवचन ववचन आ द) बोलगे ले कन थमा द क सं ा ा त कर कुछ वशेष अथ म यु त
ह गे।
कारक अथ उसम से एक है , अ य भी कई अथ हो सकते ह एक ह वभि त के वो हमने दे खा। जैसे थमा
और तत ृ ीया, दोन कता कारक को बता सकती ह। नधारण अथ को (बहुत म से एक मतोअब नधारण)
ष ठ और स तमी दोन बता सकती ह। एक ह अथ म 1 से अ धक वभि त भी वापर सकते ह। और १
वभि त बहुत से अथ म वायर सकते ह, जैसे तत ृ ीया का योग करण-कारक म, कता-कारक म, "के
साथ" इस अथ म, आ द अनेक अथ म होगा। और, कसी अ य वभि त का अ य वभि त के अथ म
भी योग होता है , जैसे " वतीया" का कुछ ि थ तय म चतथ ु अथ म, प चमी अथ म भी योग होता
है । इस लए "अम ्" दे खके fix न कर लेना के कम ह अथ है , अपादान भी हो सकता है , कारक के अलावा
अथ भी हो सकता है ।
इस लए जैसे हमने पहले सीखा के "एन" "आय" "आत ्" ये सब सरलता के लए बता दया। ये सब मल ू
वभि त पर आदे श ह। एक जगह एक वभि त लगने से हम सरलता हो जायेगी क कौनसी वभि त
लगी है , थमा है वतीया है आ द। य क सं कृत म वभि त का concept काफ व तत ृ है । य द हम
अलग अलग करते, यहाँ "आय" वभि त है , वहाँ " य" वभि त है तो काफ confusion/सं म उ प न
हो जाता। अतः २१ मा और ७ group/ वभाग से पा ण न भगवान ् ने हमारा काम आसान कर दया।
________
रामं भजेत ्। रामौ भजेत ्। रामान ् भजेत ्। (अथ न सोच, हसाब समझ ल फर भी, रामौ मतलब राम
और बलराम को भजे और रामान ् मतलब राम, बलराम और परशरु ाम को भजे।)
रामेण हतः। रामा यां हतः। रामैः हतः। (कताथ। रामसे हत)
रामेण ग छ त। " " ग छ त। " " ग छ त। (राम के साथ जाता है ।)
बाणेन हतः। बाणा यां हतः। बाणैः हतः। (करण,बाण साधन है ।)
71
व ृ ात ् पत त। व ृ ा यां पत त। व ृ े यः पत त। (अपादान)
रामात ् य त। रामा यां य त। रामे यः य त। (भय अथ)
रामात ् यन ू ः। " " यन
ू ः। रामे यः यन ू ः। (राम से छोटा है , तल
ु ना)
सवः सव सव।
सव सव सवान ्।
सवण सवा यां सवः।
सव मै सवा यां सव यः।
सव मात सवा यां सव यः।
सव य सवयोः सवषाम ् ।
सवि मन ् सवयोः सवष।ु
लेखक का परामश =
आज आप सफ स धा त समझल और प आप दनम २-३ बार ज़ोर से पाठ कर। जैसे ग णत के टे बल
याद होते ह वैसे पाँच-छह दन म ये प भी याद हो जायगे। आपको अगर अथ स धा त/concept
दया ढ़ हो गया है , तो जब आप इसके योग पढ़गे, सन ु गे तो भाषा बु ध म सि न हत होने क वजह
से आप वतः पकड़ लगे और आपको पता ह नह ं चलेगा और आप बोलने लगगे। अ यासपिु तका म
मने यथासंभव यास कया है के म योग सोचसोचकर लख,ूँ क तु अ य छोट कहा नयाँ और सा ह य
भी पढ़ना ज़ र है ।।
72
।। वंशः पाठः ।।
।। रमा-श द और त या द- यय ।।
१ २ बहु
ऐसे इसके प चलाय, 3-4 बार पाठ कर त दन और फर वैसे ह माला के, अजा के, बा लका के भी
चलाय।
इसम यान रहे के स बोधन अथ म भी थमा वभि त "सु औ जस ्" ये तीन यय ह लगगे। वशेष
बात या है ? स बोधन अथ म सफ "स"ु इस थमा वभि त एकवचन म कभी-कभी बदलाव आ सकते
ह, कभी न भी आय। 'औ' और 'जस ्' वभि त म कोई अ तर् नह ं होगा। "स"ु वभि त ( थमा-एकवचन)
से ह स बोधन अथ म बदलाव दे खने मलगे।
73
यह ब कुल त के जैसे कम म लगता है और यह वशेषण भी बनेगा।
जैसे प ठता पिु तका (पु तक पढ़ ल गई), वैसे ह पिु तका प ठत या (पिु तका पढ़ने यो य है )।
घटः नेत यः। (घट ले जाने यो य है ), व यालयः ा त यः = व यालय ा त करने यो य है ।।
अब वा य दे खो = रमया प ठत या पिु तका, आनेत या। (रमा के वारा पढ़ने यो य पु तक लानी
चा हए।)
______
रमायाः पु ः लवः। रमयोः नाथः ह रः (२ रमाओं के नाथ ह र ह)। रमाणां नाथः ह रः।
रमायां रतः ह रः। (रमा म रत है ह र)। मालयोः ि थतः म णः (मालाओं म ि थत है म ण)। बालासु
च चलता अि त। (बालाओं म च चलता है ।) ।।
इससे हमारे वा यवहार वंश त क समाि त होती है । इसके अगले करण म हम सि ध, समास,
अलग-अलग श द प, दशगण के वशेष धात-ु प और सामा य- ल गानश ु ासन का ान लगे, िजससे
74
भाषा पर पकड़ और भी मज़बतू हो जाएगी। फर आपको इ छानस
ु ार याकरण के और सा ह य के व वध
थ गु के साि न य म पढ़ने चा हए।
।। वि त ीहरये ।।
।। ीकृ णापणम ् अ तु ।।
75
।। प र श ट वभाग ।।
पशप
ु वगः
व ृ ा दवगः
(पिु ल ग रखो तो व ृ , नपंस
ु क ल ग करदो तो फल)
से वफलम ् = सेब/apple || आलक ु म ् = आलू (नत ू नाः) || दा डमम ् = अनार || ना रकेलम ् = ना रयल ||
कदल फलम ् = केला || अ ोटम ् = अखरोट || अ कोलम ् = प ता || अ जीरम ् = अ जीर || व गा जीरम ्
= पे /अम द/गुआवा (guava)/आ लम ् इ त नत ू नाः || नार गम ् = नार गी || कक टका = ककड़ी ||
टमट रम ् (टमाटरकृते नतू नाः) || मातल ु ु गम ् = मौस बी || ा ा = अ गूर || भ लातकम ् = काजू ||
ब ब = टंडोरा/ivy gourd || खबजम ु ् = खरबज ू ा (उवा कम ्/ककट भी कहते ह) || कू मा डम ् =
कोला/pumpkin || व ृ ककट = तरबज ू || मधक ु कट = पपाया
ल चका = ल च (नत ू नाः) ||
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क वी/ चकू वगेरह को यथावत ् नत
ू न ने वीकारा है ।
______________
काया दवग
कायम ् = job || करणम ् = department || भ ृ यः/वैत नकः = नौकर/employee || भता/भ ृ तदः =
मा लक/employer|| धानः/ मख ु ः = HoD/boss || भ ृ तः = पा र मकम ्/वेतनम ्/sallary || को ठकः
= desk/small room || स गणकः = क यट ू र || वणपटलम ् = keyboard || मु य त = types/टाइप
करता है || ल प यास = टाइप/to type || उपयोजनम ् = अि लकेशन/app || नवे यम ् = डाटा/data ||
स हः = storage || कागदम ् = कागज/paper || अनच ु रः = assistant ||
गह
ृ ा दवगः
शि पवगः
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शर रवगः
ह तः = हाथ/ पादः = पैर/ म तकम ् = माथा/ ललाटम ् = भाल/ केशः = बाल/ नयनम ् = आँख/ ना सका =
नाक/ कपोलः = गाल/ ओ ठः = होठ/ चबक ु म ् = ठु डी/ गलः = गला(क ठः)/ व ः(स ्) = छाती/ दयम ् =
दल/ भज
ु ा = बाहु/ उदरम ् = पेट/ ज घा = जा घ/ जानःु = घट ु ना/ गा म ् = शर रम ्।।
व वगः
पाकवगः
चमसः- चमचा || वे धका - fork || छु रका - knife || कत रका - कची || ष (च क ) - a stone used
for grinding flour.
चू या/चिु लका(चल ू ा) - a stove used in olden days to cook food ||
अ धपाक(अ धप यते अ ) - a stove used in modern days, like a gas stove ||
अ ध यणम ् = तपेल || उ मानम ् (भ ट ) - a furnace.
छागणचिु लका(भ ट ) - a stove made of dried cowdung ।। पणम ्(तपेला/पतीला) ।।
बा पपाचक: - a pressure cooker || क द:ु - a frying pan/metal pan || कटोरम ् - a bowl ||
त तकम ्(तवा) ।। कटाह(कढ़ाई) ।। दव (करछुल) ।। अव ायणम ्/संदंशकम ्( चमटा) ।। पग ू ीभे दका - a
nutcracker ।। कु दालक:(तवेथा/खरु पी) ।। हि डका(हांडी) ।।
अ लंजर:(डोया) - a jar for pouring water or milk ।।
चालनी(छननी) ।। शप ू म ्(सप
ू डी) ।। मष
ु लम ्(मस
ू ल/कूटनी) ।।
उलखू लम ् = ऊखल ।। शल ू : -शलू ।। शल ू पाक: - a grill.
ा :/भ ृ जनम ्(भँज
ू ने क कढ़ाई) - a utensil for roasting.
वपाक/आपाक: - oven.
अ कवगः
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