Professional Documents
Culture Documents
घना अं धकार फैल रहा हो, ऑंधी सिर पर बह रही हो ,तो हम जो दिया जलाएं , उसकी दीवट सत्य की हो, उसमें ते ल
तप का हो, उसकी बत्ती दया की हो और लौ क्षमा की हो। आज समाज में फैले अं धकार को नष्ट करने के लिए ऐसा ही
दीप प्रज्जवलित करने की आवश्यकता है ।
आपके घरमें अचल महालक्ष्मी बिराजें , आपकी भु जाओं में शत्रु नाशिनी महाकाली बिराजें , आपके मु खमें महा
सरस्वती बिराजें एवं चित्त मु रारि भगवान श्रीहरि के चरणों में लगा रहे !
अयं दीपावली महोत्सवः भवत्कृते भवत्परिवारकृते च क्षे मस्थै र्य आयु ः आरोग्य ऐश्वर्य अभिवृ दघि
् कारकः भवतु अपि
च श्रीसद्गुरुकृपाप्रसादे न सकलदुःखनिवृ त्तिः आध्यात्मिक प्रगतिः श्रीभगवत्प्राप्तिः च भवतु इति||